ऊना: व्यास नदी की तरह स्वां नदी किनारे लगे क्रेशर बंद करे सरकार: शारदा
अवैध खनन के चलते स्वां नदी व खडडों की चैनालाईजेशन को भी हो रहा भारी नुकसान
प्रदेश में आपदा से निपटने के लिए सरकार कार्य कर रही है, लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर यह आपदा आई कैसे, अब प्रदेश सरकार भी इसको लेकर कहीं न कहीं अवैध खनन को एक बड़ा कारण मान रही है। ऊना जिले में स्वां नदी में रेत और बजरी का अवैध खनन धड़ल्ले से चल रहा है, खासकर सुबह के समय यह ज्यादा बढ़ जाता है। संतोषगढ़ को टाहलीवाल से जोड़ने वाले स्वां पर बने मुख्य पुल के पास अवैध गतिविधियों को अंजाम देने के लिए खनन माफिया बड़ी संख्या में ट्रैक्टर ट्रॉलियों का उपयोग करते हैं।
ऊना जिले से संबंधित समाजसेवी मनीष शारदा ने कहा कि अब सरकार ने नई गाइडलाइन जारी कर दी है, लेकिन खनन माफिया को इसका कोई असर नहीं पड़ रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से अपील की है कि व्यास नदी की तरह स्वां नदी को भी बचाने के लिए सरकार कार्य करें।
मनीष शारदा भी स्वां में अवैध खनन का मुद्दा बार-बार उठा चुका हैं। उन्होंने कहा कि नदी में अवैध खनन के कारण राज्य को रॉयल्टी और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के रूप में करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है। शारदा ने कहा कि जिला ऊना में हाल ही में उफान पर आई स्वां नदी व सहायक खड्डें रेत से भर गई हंै। ऐसे में खनन माफिया फिर से अपने मंसूबों में जुट गया है। स्वां नदी में दिन-रात अवैध खनन को अंजाम दिया है। स्वां का रेत पंजाब में पहुंचाया जा रहा है।
शारदा ने कहा कि सरकार ने अवैध खनन को रोकने के लिए कई विभागों को शक्तियां प्रदान की हैं, लेकिन अकेले पुलिस प्रशासन ही खनन माफिया के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है। पुलिस आए दिन रेत लेकर जा रहे वाहनों के चालान काट रही है। इसके अलावा स्वां नदी व खड्डों का निरीक्षण किया जा रहा है, लेकिन पुलिस की कार्रवाई के बावजूद अवैध खनन का काम जोरों-शोरों से चल रहा है। अवैध खनन के चलते स्वां नदी व खडडों की चैनालाईजेशन को भी भारी नुकसान हो रहा है।