ऊना: जल शक्ति विभाग को अब तक 1842 करोड़ का नुकसान : मुकेश
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उप मुख्यमंत्री ने पेयजल योजनाओं के नुकसान का लिया जायज़ा
सभी स्कीमों से 48 घंटे के भीतर पेयजल आपूर्ति बहाल करने के दिए निर्देश
उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने बारिश और बाढ़ से पेयजल को हुए नुकसान का जायज़ा लेने के लिए जल शक्ति विभाग के अधिकारियों के साथ वर्चुअल समीक्षा बैठक की। बैठक में जल शक्ति विभाग के प्रमुख अभियंता संजीव कौल, धर्मेेंद्र गिल, मुख्य अभियंताओं सहित प्रदेश के सभी अधीक्षण अभियंता व अधिशाषी अभियंता शामिल रहे।
बैठक में प्रमुख अभियंता ई. संजीव कौल ने जानकारी दी कि पिछले महीने हुई बरसात में क्षतिग्रस्त हुई स्कीमों में से विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों की दिन-रात मेहनत से लगभग सभी स्कीमों को आंशिक और पूर्णरूप से बहाल कर दिया था परन्तु हाल ही में हुई बारिश और बाढ़ में पेयजल योजनाओं को पुन: भारी नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि अभी तक बारिश और बाढ़ के कारण 9508 पेयजल स्कीमें क्षतिग्रस्त हो गई हैं जिनमें से 8273 को आंशिक और पूर्णरूप से बहाल कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि अब तक विभाग को 1842 करोड़ का नुकसान हो चुका है। पिछले 4 दिनों के भीतर हुई बारिश में ही विभाग को 212 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है।
उप मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से जिलावार व वृतवार हुए नुकसान और प्रगति रिपोर्ट की जानकारी ली। उन्होंने विभाग के कर्मचारियों और फील्ड अधिकारियों के काम पर संतुष्टि जताते हुए कहा कि विभाग बरसात, भूस्खलन और उफनते नदी-नालों के बावजूद स्कीमों को ठीक करने और बहाल करने में जुटा हुआ है।
उन्होंने माना कि हालांकि इस बार मुश्किलें ज्यादा हैं। रोड़ टूटे हुए हैं। स्कीमों तक पहुंचने में भी कठिनाई आ रही है लेकिन इसके बावजूद उन्होंने उम्मीद जताई कि विभाग जल्दी ही स्कीमों को सुचारू रूप से चलाने में सक्षम हो पाएगा। उप मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जहां अधिक नुकसान की वजह से देरी से स्कीमों की बहाली की संभावना है वहां 48 घंटे के भीतर पेयजल की वैकल्पक व्यवस्था की जाए। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि स्टाफ दिन-रात काम करके लोगों को पेयजल मुहैया करवाने की कोशिश करें मगर साथ ही ध्यान दें कि किसी कर्मचारी या अधिकारी का जीवन जोखिम में न पड़े।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले दिनों उनकी टीम केंद्रीय मंत्री से भी मिली थी। उन्होंने राज्य सरकार की ओर से केंद्र सरकार से आग्रह किया कि प्रदेश में हो रहे नुकसान के मद्देनज़र केंद्र सरकार इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित करे। उन्होंने पेयजल स्कीमों की बहाली के लिए भी वित्तीय सहायता प्रदान करने का आग्रह किया। उप मुख्यमंत्री ने विभाग की स्कीमों को हुए नुकसान के बारे में केन्द्र को अवगत करवाने के निर्देश भी दिये।
उप मुख्यमंत्री ने अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि स्कीमों की बहाली के लिए धन की कमी को आड़े नहीं आने दिया जाएगा। उप मुख्यमंत्री ने स्कीमों की मरम्मत के लिए विभाग को तुरंत 50 करोड़ रुपये की राशि जारी करने का आश्वासन दिया। उप मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि पेयजल की गुणवत्ता के साथ कोई समझौता न करें। पानी के सैंपल नियमित तौर पर लिए जाएं और पानी में उचित मात्रा में क्लोरिनेशन भी की जाए। उन्होंने सभी मुख्य अभियंताओं से व्यक्तिगत तौर पर इसकी निगरानी करने के निर्देश दिए।