लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा है प्रत्यूष और उत्कर्ष की गायकी का जादू
बिलासपुर नगर के साथ सटे लखनपुर कस्बे से ताल्लुक रखने वाले प्रत्यूष और उत्कर्ष की गायकी का जादू लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा है। कर्णप्रिय एवं मंत्र मुग्ध कर देने वाली आवाज के धनी प्रत्यूष और उत्कर्ष बोलने में तो दो नाम लेकिन सुनने में एक आवाज का एहसास कराते हैं। महज 16-17 साल के भाइयों की ये जोड़ी अपनी सधी हुई गायकी से इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब धमाल मचा रही है। यू-ट्यूब और फेसबुक पर उनकी बढ़ती पसंद सूची उनकी लोकप्रियता बता रही है कि हर कोई उनकी गायकी का कायल है। शास्त्रीय संगीत व विभिन्न श्रेणी की शैली के गीतों को सुन कर उनके बचपन से किया गया रियाज और मेहनत बखूवी झलकता है। इन्होंने शास्त्रीय संगीत में राग, देश भक्ति गीत, भजन, गजल, फिल्मी गीत व अन्य गीत गाए हैं जिनमें प्रसिद्ध पहाड़ी गीत माये नी मेरिये जम्मुए दी राहें, चंबा जे कितनी कि दूर......चल मेरी जिन्दे, नवीं दुनिया बसाणी, फौजियो, कबीर के भजन, जाग उठो देश और आयत जैसे गीत गा कर खूब वाहवाह बटोरी है। इन दोनों युवाओं ने गायकी के साथ-साथ फकीरी और बाबा कुल्लू वाला दो गानों में संगीत भी दिया है जो अभी बन कर तैयार हो रहे हैं। उनकी गायकी की शैली किराना घराना की है। इन्होंने शास्त्रीय संगीत की शिक्षा पंडित भीम सेन शर्मा से ली है जो हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में शास्त्रीय संगीत के प्रोफेसर रहे हैं। इसके अतिरिक्त वे उस्ताद आमिर खान, बड़े गुलाम अली खान, अजय चक्रवर्ती, राशिद खान को भी अपना आदर्श मानते हैं और उनका अनुसरण करते है। संगीत के माध्यम से छात्रवृति पाना बड़ी बात है। उत्कर्ष को शास्त्रीय गायन में सीसीआरटी राष्ट्रीय संस्था से लगातार दो बार से छात्रवृत्ति मिल रही है। इन दोनों ने विभिन्न राष्ट्रीय स्तर के शास्त्रीय संगीत उत्सवों में भाग लिया है। इन्होंने लगातार 6 साल तक राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता को जीता है।
उनका कहना है कि भारत की लुप्त होती इस संस्कृति को बचाने के लिए और आगे बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास करते रहेंगे। संगीत के प्रति उनकी लगन और संगीत को ही अपना भविष्य बनाने के लिए उन्होंने अपने घर पर ही कुदरत नाम का स्टूडियो बनवाया है जिसमें सभी तरह के वाद्य उपलब्ध हैं जिसकी वजह से वह घर पर ही गानों की रिकॉर्डिंग कर लेते हैं। दोनो भाइयों की संगीत शिक्षा बचपन से ही अपने घर पर ही अपने पिता के सानिघ्य में शुरू हो गई थी क्योंकि। उनके पिता अनूप शर्मा राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला छात्र बिलासपुर में संगीत के प्रवक्ता है और माता ऋचा शर्मा एक गृहणी हैं। प्रत्यूष पीजी कालेज बिलासपुर में प्रथम वर्ष और उत्कर्ष जमा दो के छात्र हैं।