राजकीय दन्त महाविद्यालय एवं चिकित्सालय मे जाइगोमेटिक और टेरीगवाइड इम्पलान्टस पर आज कार्यशाला का हुआ आयोजन
आज राजकीय दन्त महाविद्यालय एव चिकित्सालय मे जाइगोमेटिक और टेरीगवाइड इम्पलान्टस के विषय मे एक कार्यशाला का आयोजन किया गया इसमें मुख्य वक्ता डॉ राघव ने दान्तो ओर मुंह की उस विकृति जिसमे जबडे की हडडी गल गइ हो उसमे डेन्टल इम्पलांट प्रत्यारोपण करके कैसे ठीक किया जाता हे यह बताया। दन्त महाविद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ आशु गुप्ता ने इस कार्यशाला के लिए शुभ कामनाये दी। इसमें 14 प्रध्यापक 6 स्नातोकतर और 25 प्रशिक्षुओं ने भाग लिया जिसमें उन्होने इम्पलांट के बारे में नइ तकनीक की विस्तृत जानकारी दी, एवं अतिथियों का सम्मान व स्वागत किया। सबसे पहले जायेगोमटिक इम्पलांट 1998 में प्रोफेसर ब्रेन मार्क ने शुरू किये थे ओर इसका प्रयोग पूरे विषव मे किया जाता है।
इस कार्यक्रम को आयोजित करने मे दन्त चिकित्यालय के नोडल आफिसर डॉ मोनिका परमार ने अपना सहयोग दिया। इस कार्यशाला को इम्पलांटस स्वस कम्पनी ने प्रायोजित किया। श्री अनील मिस रिया और श्री रोहित जम्वाल और श्री संदीप जी ने अपना सहयोग दिया। इस कार्यशाला में करीब 40 लोगो ने प्रशीक्षण लिया जिसमें उन्हे डॉ राघव द्वारा संबोधित किया गया जिसके बाद उन्हे इम्पलांट की नई तकनीक की विस्तृत जानकारी दी गई। इस नई तकनीक से दन्त महाविद्यालय में आने वाले मरीजों को बहुत लाभ मिलेगा।