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पाकिस्तान द्वारा कश्मीर से लेकर राजस्थान तक हमलों की कोशिशों के बाद धर्मशाला में चल रहा आईपीएल मैच सुरक्षा कारणों से बीच में रोक दिया गया। यह मैच पंजाब किंग्स और दिल्ली कैपिटल्स के बीच खेला जा रहा था।सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मैच को रोका गया और फ्लड लाइट्स बंद करवा दी गईं। इसके बाद, दर्शकों को स्टेडियम से सुरक्षित बाहर निकाला गया और कुछ ही मिनटों में पूरा स्टेडियम खाली करवा लिया गया। पंजाब किंग्स की टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 10.1 ओवर में एक विकेट खोकर 122 रन बनाए थे। पाकिस्तान की ओर से देश के 15 शहरों में हमले की कोशिशों के बाद हिमाचल प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया गया है। खासकर राज्य के पर्यटन स्थलों, शक्तिपीठों, जल विद्युत परियोजनाओं और सीमावर्ती क्षेत्रों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। राज्य सरकार और सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह सतर्क हैं, और स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की लंबी छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर अधिकारियों से फीडबैक लिया और इसे और सख्त बनाने के निर्देश दिए हैं।
चंडीगढ़: पंजाब और हरियाणा की राजधानी चंडीगढ़ को एक बार फिर से दहलाने की साजिश का बड़ा खुलासा हुआ है। आतंकी संगठन के दो बदमाश चंडीगढ़ में भारी मात्रा में आरडीएक्स और टाइम बम लेकर पहुंचे थे, लेकिन पुलिस की मुस्तैदी के कारण एक बड़ी वारदात टल गई। चंडीगढ़ क्राइम ब्रांच ने आतंकी हैप्पी पसिया के दो बदमाशों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के पास से भारी मात्रा में हथियार, टाइम बम और आरडीएक्स बरामद हुआ है। इस ऑपरेशन का नेतृत्व क्राइम ब्रांच के एसपी जसबीर सिंह ने किया। इंस्पेक्टर सतविंदर सिंह की अगुवाई में टीम ने दोनों बदमाशों को वारदात से पहले ही दबोच लिया। पुलिस ने इन्हें सेक्टर-39 स्थित जीरी मंडी के पास जंगल इलाके से गिरफ्तार किया। पुलिस सूत्रों के अनुसार, आरोपी चंडीगढ़ में बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में थे। हाल ही में, इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) ने चंडीगढ़ पुलिस को सूचना दी थी कि हैप्पी पसिया चंडीगढ़ के साउथ एरिया में स्थित एक थाने को उड़ाने की साजिश रच रहा है। इसके बाद, पुलिस ने थानों की सुरक्षा बढ़ा दी थी। गौरतलब है कि अमेरिका में रह रहे मोस्ट वांटेड गैंगस्टर हैप्पी पसिया को अप्रैल में एफबीआई और अमेरिकी इमीग्रेशन एंड कस्टम्स एनफोर्समेंट ने गिरफ्तार किया था।
चंडीगढ़: सभी मेडिकल अधिकारियों की छुटि्टयां रद्द, 24 घंटे सातों दिन इमरजेंसी ड्यूटी के लिए तैयार रहने के आदेश
आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए चंडीगढ़ प्रशासन ने अपनी तैयारियों को और भी सख्त कर दिया है। राज्य स्वास्थ्य सोसाइटी और नेशनल हेल्थ मिशन चंडीगढ़ ने आज आदेश जारी कर सभी आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में तैनात मेडिकल ऑफिसर्स और स्टाफ की छुट्टियां अगले आदेश तक रद्द कर दी हैं। कर्मचारियों को 24 घंटे, सातों दिन ड्यूटी के लिए तैयार रहने के सख्त निर्देश दिए गए हैं। साथ ही, यदि कोई कर्मचारी फोन बंद पाए गए या जवाब नहीं दिया, तो उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। पीजीआई के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट प्रो. विपिन कौशल ने बताया कि आपदा प्रबंधन के लिए अस्पताल में नेहरू ग्राउंड फ्लोर पर एक विशेष आपदा वार्ड तैयार किया गया है। इस वार्ड के लिए एक अलग एंट्री गेट भी बनाया गया है, हालांकि फिलहाल इसे सामान्य मरीजों के इलाज के लिए भी इस्तेमाल किया जा रहा है। डायरेक्टर हेल्थ सर्विस डॉ. सुमन सिंह ने बताया कि कोविड काल की तरह आपदा प्रबंधन के लिए नोडल अधिकारियों की नियुक्ति जल्द की जाएगी, लेकिन फिलहाल की व्यवस्थाएं पहले से कहीं अधिक बेहतर हैं। आपातकालीन तैयारियों के तहत उठाए गए कदम आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए अस्पतालों में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। नर्सिंग अधीक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे स्टाफ को आपातकालीन स्थिति में मरीजों और उनके परिजनों को संभालने का प्रशिक्षण दें। इसके अलावा, जिन वार्डों में गोपनीयता की कमी थी, वहां अब ब्लैक चार्ट पेपर लगाकर गोपनीयता सुनिश्चित की जा रही है। मॉक ड्रिल के दौरान मरीजों और परिजनों को मोबाइल के उपयोग से भी रोका गया है, ताकि जानकारी लीक होने से बचा जा सके। सुरक्षा व्यवस्था को और भी मजबूत किया गया है। डॉ. अमनदीप सिंह की देखरेख में अस्पताल में सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की जा रही है, ताकि आपातकालीन स्थिति में तुरंत प्रतिक्रिया दी जा सके। इसके अलावा, पीए सिस्टम का इस्तेमाल किया जा रहा है ताकि सभी संदेश तुरंत और स्पष्ट रूप से कर्मचारियों तक पहुंच सकें।
प्रदेश में बारिश-अंधड़ का येलो अलर्ट, ऊना में फिर 35 डिग्री पहुंचा तापमान, इस तारीख से बदलेगा मौसम का मिजाज
शिमला, धर्मशाला, सोलन, कांगड़ा, डलहौजी, नारकंडा समेत कई जगह बुधवार को बादल बरसे। ऊना में धूप खिलने से अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया। मौसम विभाग ने 11 मई तक हिमाचल प्रदेश के कई क्षेत्रों में बारिश और अंधड़ का दौर जारी रहने का येलो अलर्ट जारी किया है। प्रदेश में बदले मौसम से अधिकतम तापमान में भी कमी दर्ज हुई है। पहाड़ी क्षेत्रों में सुबह और शाम के समय मौसम में ठंडक बढ़ गई है। शिमला में बुधवार सुबह के समय मौसम साफ रहा। दोपहर बाद कुछ देर के लिए बादल झमाझम बरसे। शाम के समय फिर शिमला में धूप खिल गई। प्रदेश में कई जगह अंधड़ और ओलावृष्टि से सेब के साथ जौ और गेहूं की फसल को नुकसान हुआ है। पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता से प्रदेश में 11 मई तक मौसम खराब बना रहने का पूर्वानुमान है। इस दौरान ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी होने की संभावना है। मध्य पर्वतीय जिलों शिमला, सोलन, सिरमौर, मंडी, कुल्लू, चंबा और मैदानी जिलों ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर व कांगड़ा के कई क्षेत्रों में बारिश और अंधड़ का पूर्वानुमान है। 40 से 50 किलोमीटर की रफ्तार से हवाएं चलने के आसार जताए गए हैं।
उत्तरकाशी जिले में आज सुबह एक हेलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें छह लोगों की मौत हो गई। पुलिस, प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीम मौके पर पहुंच चुकी है और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया गया है। गुरुवार सुबह करीब पौने नौ बजे गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर गंगनानी के पास हेलिकॉप्टर क्रैश होने की सूचना मिली। इसके बाद पुलिस, एसडीआरएफ, फायर, मेडिकल और अन्य आपदा राहत दल घटनास्थल पर पहुंच गए और राहत एवं बचाव कार्य में जुट गए। जानकारी के मुताबिक, हेलिकॉप्टर एयरोट्रांस कंपनी का था, जो आज सुबह सहस्त्रधारा हेलीपैड से हर्षिल के लिए उड़ान भरा था। हेलिकॉप्टर में पायलट सहित सात लोग सवार थे, जिनमें से छह यात्रियों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। एक यात्री घायल है, जिसे अस्पताल भेजा गया है। बताया जा रहा है कि सवार चार यात्री मुंबई और दो आंध्रप्रदेश के निवासी थे। इस हादसे के बाद उत्तराखंड में मौसम को लेकर चेतावनी भी जारी की गई है, क्योंकि इस समय राज्य में चारधाम यात्रा चल रही है। केदारनाथ, बदरीनाथ और गंगोत्री-यमुनोत्री जाने के लिए बड़ी संख्या में यात्री पहुंच रहे हैं, जिनमें कुछ पैदल यात्रा पर निकले हैं और कई हेली सेवा का इस्तेमाल कर रहे हैं।
सरकार और सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले कश्मीर में भारतीय सशस्त्र बलों की स्ट्राइक 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करने के लिए कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह मौजूद थीं। प्रेस कॉन्फ्रेंस में संसद हमले, मुंबई हमले, पुलवामा हमले और पहलगाम हमले के दृश्य दिखाए गए। सबसे पहले विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। इसके बाद कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने 'ऑपरेशन सिंदूर' की पूरी जानकारी साझा की। उन्होंने बतायास कि ऑपरेशन सिंदूर 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए वीभत्स आतंकी हमले के शिकार नागरिकों और उनके परिवारों को न्याय देने के लिए किया गया। नौ ठिकानों की पहचान कर उन्हें बर्बाद किया गया। इन ठिकानों में आतंकियों को प्रशिक्षित किया जाता था। ये आतंकियों के लॉन्च पैड थे। ऑपरेशन सिंदूर के लिए इन लक्ष्यों का चयन विश्वसनीय खुफिया सूचनाओं के आधार पर हुआ। इसमें यह ध्यान रखा गया कि रिहाइशी इलाकों और आम नागरिकों को नुकसान न पहुंचे। विक्रम मिस्री ने कहा, '22 अप्रैल 2025 को लश्कर-ए-तैयबा से पाकिस्तान से प्रशिक्षित आतंकियों ने कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर बर्बरतापूर्ण हमला किया। 25 भारतीयों और एक विदेशी नागरिक को कायरतापूर्ण तरीके से मार दिया गया। यह मुंबई हमले के बाद आतंकी हमलों में आम नागरिकों के मारे जाने की सबसे गंभीर घटना रही। इस हमले में वहां मौजूद लोगों को करीब से और उनके परिवार के सामने सिर पर गोली मारी गई। परिवार के सदस्यों को जानबूझकर आघात पहुंचाया गया। यह नसीहत भी दी गई कि वे हमले का संदेश पहुंचाएं। यह जम्मू-कश्मीर में बहाल हो रही सामान्य स्थिति को बाधित करने के लिए हुआ। इस हमले का उद्देश्य पर्यटन को प्रतिकूल रूप से नुकसान पहुंचाना था। पिछले साल यहां पौने करोड़ पर्यटक आए थे। आतंकियों का यह मकसद था कि इस इलाके को पिछड़ा रखा जाए। हमले का यह तरीका जम्मू-कश्मीर और अन्य राज्यों में साम्प्रदायिक दंगे भड़काने के उद्देश्य से भी था। हमने प्रयासों को विफल कर दिया। एक समूह ने खुद को रजिस्टेंस फ्रंट कहते हुए हमले की जिम्मेदारी ली है। यह प्रतिबंधित समूह लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा हुआ है। भारत ने संयुक्त राष्ट्र के समक्ष रिपोर्ट में इस संगठन के बारे में इनपुट दिए थे। इससे पाकिस्तान के आतंकी समूहों के मुखौटे के रूप में टीआरएफ की भूमिका सामने आई थी।'
Cabinet Decision: महिलाओं को मिलेगा लाभ, कृषि उत्पादों के लिए बढ़ेगा MSP और परिवहन सेवाओं में सुधार
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आज हुई मंत्रिमंडल की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए हैं। इन निर्णयों से प्रदेश के विकास में तेजी आएगी और राज्यवासियों को कई लाभ मिलेंगे। मंत्रिमंडल ने घरेलू सहायिका के रूप में कार्य करने वाली महिलाओं को इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना में शामिल करने का निर्णय लिया है। जिन महिलाओं ने 100 दिन काम किया है, वे इस योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के पात्र होंगी। इसके साथ ही, 21 वर्ष या उससे अधिक आयु की बेटियां भी इस योजना में शामिल होंगी और उन्हें 1500 रुपये प्रति माह पेंशन दी जाएगी। कृषि क्षेत्र में भी मंत्रिमंडल ने बड़ा कदम उठाया है। प्राकृतिक खेती से संबंधित उत्पादों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में वृद्धि की गई है। गेहूं और मक्की के एमएसपी में बढ़ोतरी के साथ ही, हल्दी और जौ के लिए भी नई दरें तय की गई हैं। इसके अलावा, पांगी को राज्य का पहला प्राकृतिक खेती उप-मंडल घोषित किया गया है। यह कदम प्रदेश में कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होगा। स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार के लिए मंत्रिमंडल ने कुछ नए कदम उठाए हैं। सुजानपुर में जल शक्ति विभाग का एक नया मंडल खोला जाएगा और चंबा के पांगी उप-मंडल में आयुर्वेदिक अस्पताल की क्षमता बढ़ाई जाएगी। इसके अलावा, ऊना जिले के पंजावर में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बदला जाएगा, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर होंगी। परिवहन क्षेत्र में भी सुधार की दिशा में कदम उठाए गए हैं। मंत्रिमंडल ने 422 स्टेज कैरिज रूट आवंटित करने का निर्णय लिया है, जिससे बेरोजगार युवाओं को रोजगार के अवसर मिल सकेंगे और लोगों को बेहतर परिवहन सेवाएं मिलेंगी। आईटीआई संस्थानों के विलय के फैसले से भी प्रदेश में शिक्षा और कौशल विकास के क्षेत्र में सुधार होगा। सात एसओए औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) को अन्य आईटीआई में विलय किया जाएगा, और सात महिला आईटीआई को भी विलय किया जाएगा। प्रदेश के पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए नई होमस्टे नीति को मंजूरी दी गई है। चंबा जिला के पांगी उप-मंडल में होमस्टे पंजीकरण शुल्क को 50 प्रतिशत तक कम किया गया है, जिससे यह योजना और अधिक लोगों तक पहुंचेगी और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा, मंत्रिमंडल ने जल शुल्क में राहत देने का निर्णय लिया है। 14 नगर पंचायतों और हमीरपुर, ऊना, और बद्दी नगर निगम के विलयित क्षेत्रों में अगले तीन साल तक जल शुल्क ग्रामीण दरों पर लिया जाएगा, जिससे स्थानीय लोगों को बड़ी राहत मिलेगी।
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