** कहा, जाखू में हनुमान की मूर्ति की तरह अब राम की भी मूर्ति स्थापित की जाएगी अयोध्या राम मंदिर में 22 जनवरी यानी कल भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम होगा। इसको लेकर केंद्र सरकार ने आधे दिन की छुट्टी की घोषणा की है। वहीं, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य में पूरे दिन के लिए सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की है। मुख्यमंत्री राम मंदिर शिमला में अखंड ज्योति पाठ के शुभारंभ पर पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि जाखू में हनुमान की मूर्ति की तरह अब श्री राम की भी मूर्ति स्थापित की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान श्री राम किसी एक पार्टी के नहीं हैं, वे पूरे देश के आराध्य हैं। उन्होंने कहा कि भगवान राम के आदर्शों को हमें अपने जीवन में अपनाना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने लोगों से आग्रह किया है कि सभी लोग कल अपने घर में दीपक जलाएं, वे स्वयं भी दीपक जलाएंगे।
** पॉलिसी पर विस्तृत विचार-विमर्श पर दिया जोर हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अवधि आधारित अतिथि शिक्षक भर्ती नीति के क्रियान्वयन को अगले आदेशों तक स्थगित करने के निर्देश दिये हैं। सीएम सुक्खू ने भर्ती पर अस्थायी रोक लगाते हुए इस बात पर जोर दिया कि शिक्षा मंत्री के शिमला लौटने के बाद ही इस मामले पर विस्तृत चर्चा होगी। उन्होंने कहा कि इस नीति को गहन विचार-विमर्श के बाद लागू किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने शनिवार को राज्य सचिवालय में पत्रकारों से बातचीत के दौरान यह जानकारी दी। उन्होंने स्पष्ट किया कि अतिथि शिक्षक भर्ती अस्थायी है। अतिथि शिक्षकों को अवधि के अनुसार घंटे के आधार पर भुगतान किया जाएगा और मासिक या वार्षिक आधार पर कोई स्थायी भर्ती नहीं होगी।
** पंप ऑपरेटर, पैरा फिटर और मल्टीपर्पज वर्कर्स की होगी भर्ती ** कर्मचारियों की पंचायत स्तर पर की जाएगी तैनाती हिमाचल प्रदेश में सरकारी नौकरी के सपने संजाये बैठे युवाओं के लिए अच्छी खबर है। जल शक्ति विभाग में हजारों पद भरे जाएंगे, जिसकी अधिसूचना भी जारी हो गई है। जानकारी के मुताबिक विभाग में 4500 पद भरे जाएंगे, जिनमें पंप ऑपरेटर, पैरा फिटर और मल्टीपर्पज वर्कर्स (एमपीडब्ल्यू) की भर्ती की जाएगी। ये कर्मचारी शिमला, हमीरपुर, मंडी और धर्मशाला जोन में रखे जाएंगे। विभाग ने भर्ती के लिए अधीक्षण, अधिशासी अभियंता और अधीक्षक की कमेटी गठित की है। पंचायत स्तर पर कर्मचारियों की तैनाती की जानी है। विभाग में कर्मचारियों की कमी है। इनकी तैनाती से विभाग को काफी हद तक राहत मिलेगी, वहीं गांवों में पानी की सप्लाई को लेकर आ रही समस्या भी दूर होगी। मंत्रिमंडल से मंजूरी मिलने के बाद विभाग भर्ती प्रक्रिया शुरू कर रहा है। आईटीआई और डिप्लोमा प्राप्त उम्मीदवारों को वरीयता मिलेगी। आवेदनकर्ता का 10वीं पास होना अनिवार्य है। वर्कर पॉलिसी के तहत इनकी तैनाती की जानी है। विभाग कर्मचारियों को 5,500 रुपये तक मासिक मानदेय देगा। पानी के पंप स्टेशन, स्टोरेज टैंक की देखरेख समेत सप्लाई देने का काम इनका रहेगा और 6 घंटे काम लिया जाएगा। जानकारी देते हुए उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने बताया कि जल शक्ति विभाग में वर्करों की तैनाती को लेकर अधिसूचना जारी कर दी गई है। जल्द लोगों से आवेदन मांगे जाएंगे और भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इस फैसले से जहां युवाओं को रोजगार मिल सकेगा, वहीं जनता को भी राहत मिलेगी।
** राज्य में बेहतरीन स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने के लिए मिला सम्मान ** मुख्यमंत्री बोले, ग्रामीण अर्थव्यवस्था आधारित नई स्टार्ट-अप नीति लेकर आएगी राज्य सरकार आज भारत मंडपम नई दिल्ली में उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग द्वारा राज्यों के स्टार्ट-अप रैंकिंग-2022 कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश को श्रेणी-बी (एक करोड़ से कम आबादी वाले राज्य) में सर्वश्रेष्ठ परफोर्मर पुरस्कार प्रदान किया गया। यह पुरस्कार राज्य में बेहतरीन स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने के लिए प्रदान किया गया। प्रदेश का मूल्याकंन 7 सुधार क्षेत्रों और 27 कार्य बिंदुओं पर किया गया। जिनका राज्य में स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान है। राज्य को क्षमता निर्माण में अर्ग्रणी, फंडिग लीडर, सस्टेनेबिलिटी प्रमोटर, इनक्यूबेशन हब, मेंटरशिप चौंपियन, इनोवेटिव लीडर और संस्थागत चैंपियन के रूप में मान्यता दी गई। वहीं, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने उद्योग विभाग और स्टार्टअप टीम की सराहना करते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश न केवल देश बल्कि दुनिया भर में स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण में अग्रणी बनने के लिए प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में औद्योगिकीकरण की गति बढ़ाने के साथ-साथ रोजगार के अवसर सृजित करने के लिए स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इसके तहत सभी हितधारकों के लिए इंटरेक्टिव पोर्टल का निर्माण, उच्च शिक्षा संस्थानों में जागरूकता और पहुंच के लिए प्रभावी तंत्र बनाने तथा स्टार्ट-अप को प्रदर्शन एवं विपणन के अवसर प्रदान करने के लिए विभिन्न पहल शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इस वर्ष राज्य सरकार नई स्टार्टअप नीति लेकर आएगी जिसमें ग्रामीण आधारित स्टार्टअप और महिला नेतृत्व वाले स्टार्टअप के लिए विशेष प्रावधान होंगे। राज्य सरकार भारतीय प्रबंधन संस्थान सिरमौर, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान बिलासपुर और डिजिटल प्रौद्योगिकी एवं गवर्नेंस विभाग में नए इन्कुवेशन केंद्र स्थापित करेगी।
** शीघ्र शुरू होगी मुख्यमंत्री विधवा एवं एकल नारी आवास योजना ** योजना के तहत घर बनाने के लिए दिए जाएंगे 1.50 लाख रुपये मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार शीघ्र ही मुख्यमंत्री विधवा एवं एकल नारी आवास योजना शुरू करेगी। उन्होंने कहा कि इस योजना के अंतर्गत पात्र विधवा एवं एकल नारियों को घर निर्मित करने के लिए 1.50 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत 7 हजार महिलाओं को घर निर्मित करने के लिए सहायता प्रदान करने का लक्ष्य रखा गया है। योजना को मंत्रिमंडल की बैठक में मिल चुकी है मंजूरी मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला उत्थान के लिए समर्पित इस योजना को हाल ही में आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में सैद्धांतिक मंजूरी प्रदान की गई है। योजना की अन्तिम रूपरेखा तैयार की जा रही है। आश्रय प्रदान इस योजना के अंतर्गत निर्मित घर में बिजली, पानी और अन्य आवश्यक सुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार समाज के समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध है और वंचित वर्गों के कल्याण के लिए विभिन्न योजनाएं शुरू की गई हैं। उन्होंने कहा कि वह स्वयं एक सामान्य परिवार से संबंध रखते हैं और समाज के कमजोर वर्गों के दुख और परेशानियों से भली-भांति परिचित हैैं। एक वर्ष के दौरान राज्य सरकार ने उनके जीवन स्तर में सुधार के लिए कई अभिनव पहल की हैं। अनाथ बच्चों को दिया 'चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट' का दर्जा मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा चार हजार से अधिक अनाथ बच्चों को 'चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट' के रूप में अपनाकर उनके लिए मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हिमाचल देश का पहला राज्य है जहां अनाथ बच्चों की देखभाल और शिक्षा की जिम्मेदारी राज्य सरकार उठा रही है। प्रदेश सरकार द्वारा इन बच्चों को 27 वर्ष की आयु तक 4 हजार रुपये प्रतिमाह जेब खर्च के रूप में प्रदान किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की यह पहल वंचित वर्गों के सामाजिक उत्थान की पहल को दर्शाती है। प्रदेश सरकार राज्य का चहुंमुखी विकास सुनिश्चित करते हुए समाज के वंचित वर्गों को विकास की मुख्य धारा में शामिल कर रही है।
** मार्ग पर स्थापित होंगे सात चार्जिंग स्टेशन राज्य सरकार ने किरतपुर-बिलासपुर-मंडी-कुल्लू-मनाली-केलांग ग्रीन कॉरिडोर के संचालन से एक ऐतिहासिक कीर्तिमान हासिल किया है, जिसमें सात इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन का शीघ्र ही शुभारंभ किया जाएगा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने पहले बजट भाषण में इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने को बढ़ावा देने के उद्देश्य से राज्य भर में छह ग्रीन कॉरिडोर स्थापित करने की घोषणा की है। इंडियन ऑयल कार्पोरेशन लिमिटेड ने रणनीतिक रूप से किरतपुर-बिलासपुर-मंडी-कुल्लू-मनाली-केलांग ग्रीन कॉरिडोर पर घंडल, दाड़लाघाट के समीप दसेरन, बिलासपुर के पास नौणी, जडोल, नेर चौक बाईपास, कुल्लू में भूतनाथ मंदिर पुल के सामने और केलांग में सात ईवी चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए हैं। शिमला से केलांग जाने वाले इलेक्ट्रिक वाहन चालकों को भी चार्जिंग स्टेशनों से लाभ होगा। इन स्टेशनों को स्थापित करने का उद्देश्य परिवहन के बेहतर साधन को बढ़ावा देने के साथ-साथ ई-चालकों को सुखद यात्रा की सुविधा प्रदान करना है। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि छह घोषित ग्रीन कॉरिडोर में परवाणू-नालागढ़-ऊना-हमीरपुर-देहरा-अंब-मुबारकपुर-संसारपुर-टैरेस-नूरपुर, पांवटा-नाहन-सोलन-शिमला, परवाणू-सोलन-शिमला-रामपुर-पिओ-पूह-ताबो-काजा-लोसर, शिमला-बिलासपुर-हमीरपुर-कांगड़ा-नूरपुर-बनीखेत-चंबा, मंडी-जोगिंदरनगर-पालमपुर-धर्मशाला-कांगड़ा-पठानकोट तथा किरतपुर-बिलासपुर-मंडी-कुल्लू-मनाली-केलांग-जिंगजिंगबार जैसे प्रमुख मार्ग शामिल हैं। इसके अतिरिक्त अन्य पांच ग्रीन कॉरिडोर को पूरी तरह संचालित करने के प्रयास जारी हैं। परिवहन विभाग ने अन्य प्रस्तावित ग्रीन कॉरिडोर के साथ 45 अतिरिक्त ईवी चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना के लिए निविदा प्रक्रिया शुरू की है। राज्य सरकार इन स्टेशनों को स्थापित करने के लिए निजी ऑपरेटरों को 50 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान कर रही है। सुविधाजनक मार्ग पर चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए उपयुक्त स्थानों की पहचान करने के महत्व पर बल देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहे हैं और हमें इस समस्या को रोकने के लिए पहले से ही कदम उठाने चाहिए। यही कारण है कि राज्य सरकार 31 मार्च, 2026 तक हिमाचल प्रदेश को हरित ऊर्जा राज्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्ट-अप योजना के तहत ई-टैक्सी, ई-बस और ई-ट्रक की खरीद पर 50 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान करने सहित विभिन्न प्रावधान पहले ही लागू किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने इस वर्ष से सरकारी क्षेत्र में डीजल-पेट्रोल वाहनों की खरीद पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ई-वाहनों को बढ़ावा देना बेहतर परिवहन के प्रति सरकार के समर्पण को दर्शाता है, जिसका लक्ष्य कार्बन उत्सर्जन को कम करना तथा स्वच्छ और स्वस्थ भविष्य की ओर हरित ऊर्जा के क्षेत्र में हिमाचल प्रदेश को अग्रणी राज्य बनाना है।
** प्रदेश सरकार ने नए शैक्षणिक सत्र को लेकर जारी किए दिशा-निर्देश ** छात्राओं के लिए घुटने से नीचे तक स्कर्ट, कमर से नीचे तक शर्ट पहनना जरूरी हिमाचल प्रदेश सरकार ने नए शैक्षणिक सत्र से सरकारी स्कूलों में वर्दी के रंग-रूप और अन्य पहनावों को लेकर दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। अब विद्यार्थी बालों में जेल, हाथों में नेल पॉलिश, शरीर पर टैटू और खुली या तंग मोरी की पैंट-सलवार पहनकर नहीं आ सकेंगे। वहीं, छात्राओं के लिए घुटने से नीचे तक स्कर्ट, कमर से नीचे तक शर्ट पहनना और लंबे बाल होने पर दो चोटी बनाना अनिवार्य होगा। पहली से बारहवीं कक्षा तक पढ़ने वाले करीब साढ़े सात लाख विद्यार्थियों को नए सत्र से पहनावे में बदलाव लाना होगा। अस बाबत शिक्षा विभाग ने प्रारंभिक और उच्च शिक्षा निदेशकों को तय नियमों का नए सत्र से पालन सुनिश्चित करवाने के लिए पत्र भेज दिए हैं। बालों में जेल लगाने पर भी रोक शिक्षा सचिव की ओर से जारी निर्देशों में स्पष्ट है कि छात्राओं के सूट की लंबाई घुटनों से एक इंच नीचे होगी। सलवार की मोरी न तो बहुत अधिक होगी और न अधिक तंग। स्कूल शर्ट-स्कर्ट चुनते हैं तो शर्ट के कॉलर सफारी सूट जैसेे होंगे। सूट और शर्ट पूरे बाजू के बनाने होंगे। लंबी जुराबें पहननी होंगी। टाई को शर्ट के पहले बटन को बंद करते हुए लगाना होगा। लंबे बालों वाली छात्राओं को रिबन बांध कर दो चोटी करनी होगी। छोटे बाल वाली छात्राओं को हेयर बैंड के साथ हेयर पिन लगानी होगी। छात्राओं को दुपट्टा भी पहनना होगा। छात्रों को छोटे बाल रखने होंगे। सिख समुदाय के छात्रों को सफेद पटका पहनना होगा। बालों में जेल लगाने पर रोक लगाई गई है। इसके अलावा मेकअप कर आने, आभूषण पहनने, ऊंची एड़ी के जूते या बूट पहनने पर रोक लगाई है। स्कूल प्रमुख-एसएमसी करेंगे वर्दी का चयन सरकार ने वर्दी का रंग और रूप तय करने का अधिकार स्कूल प्रमुख और स्कूल मैनेजमेंट कमेटी (एसएमसी) को दिया है। इसके लिए वर्दी के रंगों के छह विकल्प हैं। वर्दी का कोई भी विकल्प तय नहीं होने पर स्कूल पुरानी वर्दी चुन सकेंगे। बैग फ्री डे या अन्य किसी विशेष दिवस पर स्कूल ट्रैक सूट भी लगा सकेंगे।
-एक वर्ष में राज्य में स्थापित किए 102 स्वचालित मिल्क कलेक्शन यूनिट -दूध का खरीद मूल्य 6 रुपये बढ़ाने की मुख्यमंत्री ने की है घोषणा पशु पालन और दुग्ध उत्पादन गतिविधियां प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों के जीवन का अभिन्न अंग हैं। प्रदेश में ये रोजगार का साधन और महिला सशक्तिकरण की संभावनाओं वाला क्षेत्र है। डेयरी क्षेत्र को विस्तार प्रदान कर प्रदेश सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत कर हिमाचल को देश का समृद्ध राज्य बनाने की ओर अग्रसर है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने दुग्ध उत्पादकों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से दूध का खरीद मूल्य 6 रुपये बढ़ाने की घोषणा की है। यह निर्णय दुग्ध उत्पादकों की खुशहाली और समृद्धि की दिशा में सहायक सिद्ध होगा। दुग्ध उत्पादकों की आर्थिकी सुदृढ़ करने और दुग्ध उत्पादन में पारदर्शिता लाने के लिए हिमाचल प्रदेश दुग्ध प्रसंघ ने इस वर्ष राज्य में 102 स्वचालित मिल्क कलेक्शन यूनिट (एएमसीयू) में स्थापित किए हैं। प्रदेश में 455 स्वचालित मिल्क कलेक्शन यूनिट कार्यशील हैं। इसके अतिरिक्त प्रदेश में विभिन्न परियोजनाओं के अन्तर्गत अब तक 106 बल्क मिल्क कूलर लगाए जा चुके हैं। दूध की गुणवत्ता में सुधार के लिए सोसायटी स्तर पर राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम के तहत 35 केन मीटर कूलर प्रदान किए गए हैं। 500 करोड़ की श्वेत क्रांति की शुरुआत प्रदेश सरकार राज्य में सहकार को बढ़ावा प्रदान कर ग्रामीणों की उन्नति के द्वार खोल रही है। डेयरी क्षेत्र के विकास में सहकार महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। सरकार द्वारा ग्रामीण स्तर पर समितियों को संगठित किया जा रहा है। वर्तमान में इन समितियों की संख्या बढ़कर 1,107 हो गई है। प्रदेश में श्वेत क्रांति की शुरुआत कर प्रदेश सरकार ने 500 करोड़ रुपये के बजटीय प्रावधान से महत्वाकांक्षी हिम गंगा योजना आरंभ की है। योजना के तहत प्रथम चरण में लोगों को जागरूक करने के लिए समितियां गठित की गई हैं। जिला हमीरपुर और कांगड़ा में 201 नई दुग्ध सहकारी सोसायटियों का गठन किया गया है। जिला हमीरपुर में 11 महिला सोसायटियां और जिला कांगड़ा में 8 महिला सोसायटियां गठित की गई हैं जो प्रदेश में महिला सशक्तिकरण की दिशा में सरकार के प्रयासों को इंगित करती हैं। हमीरपुर जिला में 4 सोसायटियों को पुनर्गठित किया गया है। इन दुग्ध सहकारी सोसायटियों के माध्यम से 4064 किसानों को जोड़ा गया है। कांगड़ा के डगवार में 250 करोड़ का दूध प्रसंस्करण संयंत्र डेयरी क्षेत्र में महिलाओं की सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए इस योजना के अंतर्गत अधिक से अधिक महिला दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों का गठन किया जा रहा है। डेयरी फार्मिंग से जुड़े किसानों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से जिला कांगड़ा के डगवार में 250 करोड़ रुपये की लागत से अत्याधुनिक पूर्ण रूप से स्वचालित दूध प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित किया जाएगा। इस परियोजना के प्रथम चरण में 180 करोड़ रुपये के निवेश से संयंत्र का निर्माण किया जाएगा। इस संयंत्र के स्थापित होने से दही, लस्सी, मक्खन, घी, पनीर, स्वादिष्ट दूध, खोया और मोजेरेला पनीर सहित विभिन्न प्रकार के डेयरी उत्पाद तैयार किए जाएंगे। रोजगार सृजन का मार्ग प्रशस्त करने के साथ-साथ डेयरी क्षेत्र कुपोषण जैसी समस्याओं के समाधान में भी सहायक सिद्ध हो रहा है। हिमाचल प्रदेश दुग्ध प्रसंघ ने महिला एवं बाल कल्याण विभाग के लिए पंजीरी तैयार करने की गतिविधियों में विविधता लाई है। दुग्ध प्रसंघ द्वारा फोर्टीफाइड पंजीरी, फोर्टीफाइड बेकरी बिस्कुट, फोर्टीफाइड गेहूं सेवियां और होल मिल्क पाऊडर उपलब्ध करवाया जा रहा है। सरकार की यह पहल प्रदेश के नौनिहालों के स्वस्थ्य और खुशहाल भविष्य की नींव रख रही है।
हिमाचल में नए साल का जश्न बड़े ही धूमधाम से मनाया गया . रविवार को करीब पांच लाख सैलानी नए साल को मानने के लिए हिमाचल पहुंचे । रविवार देर शाम तक प्रदेश के पर्यटन स्थलों पर हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, पंजाब समेत राज्यों से सैलानियों के आने का क्रम रहा। देर रात तक लोगों ने जश्न मनाया। शिमला, मनाली, चायल, कसौली, धर्मशाला और डलहौजी के होटल सैलानियों से पैक रहे। सोमवार-मंगलवार के लिए भी होटलों में 80 से 100 फीसदी तक एडवांस बुकिंग है। बर्फ की चाह में बड़ी संख्या में सैलानियों ने मनाली और लाहौल का भी रुख किया। अटल टनल रोहतांग से रविवार को सुबह से शाम तक 11,850 गाड़ियां आर-पार हुईं। उधर, कांगड़ा में 6,000 और चंबा जिले में 2,000 पर्यटक वाहन रविवार को पहुंचे। पंजाब सीमा से सटे बिलासपुर के गरामोड़ा टोल बैरियर से रविवार को 8800 वाहन गुजरे। रविवार को हिमाचल में पर्यटकों ने ठंड के मौसम में बड़े की धूमधाम से नए साल का आगाज किया .
हिमाचल को हरित ऊर्जा राज्य बनाने तथा ई-वाहनों को प्रोत्साहित करने के दृष्टिगत मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सभी सरकारी विभागों को एक जनवरी, 2024 से डीजल या पैट्रोल वाहन न खरीदने के निर्देश दिए हैं। अति-आवश्यक होने पर केवल प्रदेश मंत्रिमण्डल की स्वीकृति के बाद ही विभाग पैट्रोल या डीजल वाहनों की खरीद कर सकेंगे। अपने पहले बजट में ही ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने व्यवस्था परिवर्तन की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए विद्युत चालित वाहन (ई-वाहन) पर राज्य सरकार का विज़न स्पष्ट किया और आगे बढ़कर स्वयं भी इलेक्ट्रिक वाहन का उपयोग कर मिसाल पेश की। राज्य सरकार के प्रयासों के कारण ही आज सरकारी ई-वाहनों की संख्या 185 हो गई है, जबकि प्रदेश में पंजीकृत निजी इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या 2733 तक पहुंच गई है। ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा ‘‘राज्य सरकार हिमाचल में ई-व्हीकल को बढ़ावा दे रही है। परिवहन विभाग पहला ऐसा विभाग है, जिसमें ई-वाहन का उपयोग शुरू किया गया तथा चरणबद्ध तरीके से सभी सरकारी महकमों में भी इन वाहनों का संचालन सुनिश्चित किया जा रहा है। ई-वाहन केवलमात्र एक नई शुरूआत नहीं है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण के प्रति राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को भी दर्शाती है। आने वाली पीढ़ियों के लिए हमें पर्यावरण को सुरक्षित बनाना होगा तथा इसकी शुरूआत आज से ही करनी होगी।’’ सरकारी विभागों में गाड़ियों की आवश्यकता पूरी करने के लिए राज्य सरकार ने ई-टैक्सी अनुबंध पर लेने की अनुमति प्रदान की है। 680 करोड़ रुपये की राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्टअप योजना के तहत युवाओं को ई-टैक्सी के परमिट प्रदान किए जा रहे हैं। ई-टैक्सी की खरीद पर 50 प्रतिशत की सब्सिडी भी दी जा रही है। इन गाड़ियों को घर पर भी चार्ज किया जा सकता है तथा राज्य सरकार भी चार्जिंग के लिए आधारभूत ढांचा तैयार कर रही है। ई-वाहनों को बढ़ावा देने के लिए 6 राजमार्गों को ग्रीन कोरिडोर के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया गया है। प्रदेश में ई-वाहन चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना के लिए परिवहन विभाग ने 54 स्थानों को अंतिम रूप दिया है, जिनमें से कुछ लगभग बनकर तैयार हैं। इसके अतिरिक्त हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम की सभी डीजल गाड़ियों को चरणबद्ध तरीके से ई-बसों में बदला जा रहा है। हाल ही में ई-बसें बनाने वाली कंपनियों के साथ बैठक में हिमाचल की भौगोलिक परिस्थितियों के अनुरूप गाड़ियां तैयार करने का अनुरोध किया गया है। ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा ‘‘राज्य सरकार लंबे रूटों पर भी ई-बसें चलाने जा रही है। एचआरटीसी के बेड़े में टाइप-1, 2 और 3 ई-बसों को चरणबद्ध तरीके से शामिल किया जा रहा है, ताकि 31 मार्च, 2026 तक हिमाचल को स्वच्छ व हरित ऊर्जा राज्य बनाने का लक्ष्य हासिल किया जा सके। ’’
-जनवरी के पहले सप्ताह में बारिश-बर्फबारी होने की संभावना -हालांकि प्रदेश में तीन दिनों तक साफ रहेगा मौसम हिमाचल प्रदेश में 29 दिसंबर से एक बार फिर मौसम का मिजाज बिगड़ सकता है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने 29 दिसंबर से प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से बारिश और बर्फबारी की संभावना जताई है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक सुरेंद्र पॉल ने बताया कि आगामी तीन दिन तक मौसम साफ बना रहेगा, लेकिन 29 दिसंबर को प्रदेश में एक बार फिर पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा, जिसके चलते मौसम करवट बदल सकता है। नए साल के पहले हफ्ते में ही प्रदेश में बर्फबारी हो सकती है। फिलहाल प्रदेश के पहाड़ी इलाकों में तापमान में बढ़ोतरी हुई है। शिमला की बात करें तो यहां पर भी तापमान में करीब 5 डिग्री की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
लाहौल-स्पीति जिले में आज एक बहुत ही दर्दनाक सड़क दुर्घटना पेश आई है। लाहौल में हिडिंबा मंदिर के समीप दोपहर बाद करीब तीन बजे हुए हादसे में एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत हो गई। ये लोग पांगी से मनाली की तरफ जा रहा थे, मौके पर ही तीनों की मौत हो गई। गाड़ी में नेवी जवान के साथ उसके माता-पिता थे। वहीं, सूचना मिलते ही पुलिस चौकी जाहलमा की टीम मौके पर पहुंच गई है। दुर्घटना के कारणों की जांच की जा रही है।
-खाद्य आपूर्ति निगम ने प्रति पैकेट 4 रुपये बढ़ाए दाम हिमाचल प्रदेश के सरकारी राशन डिपुओं में चीनी के बाद अब सरसों का तेल भी महंगा हो गया है। सरकार ने प्रति पैकेट चार रुपये की बढ़ोतरी कर दी है। खाद्य आपूर्ति निगम की ओर से बढ़ी हुई कीमतें इसी माह से लागू कर दी गई हैं। इससे प्रदेश के करीब 19 लाख उपभोक्ताओं को महंगाई की मार झेलनी पड़ेगी। उपभोक्ताओं को बीते माह 110 रुपये सरसों का तेल दिया गया था। लेकिन, अब 114 रुपये प्रति पैकेट दिया जाएगा। सभी कार्ड धारकों के लिए एक ही दाम गौर रहे कि कांग्रेस सरकार ने कुछ माह पहले एपीएल, बीपीएल और एनएफएसए समेत सभी कार्ड धारकों को तेल के एक ही दाम तय कर दिए थे। जिसके बाद अब सभी को एक ही दरों पर तेल उपलब्ध होता है। अधिकारियों के अनुसार तेल के दाम टेंडर पर निर्धारित होते हैं। जो हर माह बढ़ते-घटते हैं। लेकिन बीते कई माह से इसके दाम 110 रुपये पर टिके हुए थे। जो अब सरकार की ओर से फिर बढ़ा दिए गए हैं। वहीं इससे पहले इसी माह सरकार ने चीनी के दाम भी 30 रुपये से बढ़ाकर 33 रुपये प्रतिकिलो कर दिए थे, जो अगले माह से मिलेगी। वहीं मलका की दाल में भी नौ रुपये की बढ़ोतरी कर दी है। यह दाल पहले एपीएल परिवारों को पहले 64 रुपये प्रति पैकेट दिया जा रहा था, अब 73 रुपये मिल रहा है। साथ ही एनएफएसए व अन्य कार्ड धारकों को 54 रुपये बढाकर 63 रुपये कर दिया है। उधर, खाद्य आपूर्ति नियंत्रक नरेंद्र धीमान ने बताया कि राशन डिपुओं में आने वाले राशन और तेल के दाम ऑनलाइन अपडेट होते हैं। जिसका पता पीओएस मशीनों में ही लग पाता है।
-पेयजल परियोजनाओं के साथ नदी-नाले भी जम गए -क्रिसमस से पूर्व बर्फबारी से पर्यटन कारोबारियों के चेहरे चहके हिमाचल प्रदेश के कई भागों में मौसम ने करवट ली है। आज कुल्लू और लाहौल-स्पीति जिले की चोटियों पर ताजा बर्फबारी हुई है। रोहतांग दर्रा के साथ, बारालाचा, कुंजम दर्रा सहित ऊंची चोटियों में सुबह से बर्फबारी का दौर जारी रहा। मौसम में आए इस बदलाव से पूरी घाटी शीतलहर की चपेट में आ गई है। तापमान शून्य तक पहुंचने से पेयजल स्कीमों के साथ नदी-नाले भी जम गए हैं। क्रिसमस से पूर्व हो रही बर्फबारी से पर्यटन कारोबारियों के चेहरे भी खिल गए हैं। खराब मौसम के बीच भी शनिवार को सैलानी अटल टनल, कोकसर तथा सिस्सू में पर्यटक पहुंचे हैं। वहीं, राजधानी शिमला व आसपास भागों में भी आज सुबह से ही मौसम खराब बना हुआ है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला की ओर से प्रदेश के मध्य व उच्च पर्वतीय कई भागों में आज बारिश-बर्फबारी की संभावना जताई गई है। 24 से 29 दिसंबर तक राज्य क सभी भागों में मौसम साफ रहने का पूर्वानुमान है।
-राजस्व के लंबित मामले निपटाने को ली जाएंगी सेवानिवृत्त पटवारियों, कानूनगो व नायब तहसीलदारों की सेवाएं बुधवार देर शाम धर्मशाला के तपोवन स्थित परिसर में हुई हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में स्वास्थ्य विभाग में पैरा मेडिकल स्टाफ के 1,500 पद भरने का फैसला लिया गया है। ये भर्तियां ऑपरेशन थियेटर असिस्टेंट (ओटीए) सहित अन्य श्रेणियों के विभिन्न पदों पर होंगी। ऑपरेशन थियेटर असिस्टेंट की भर्ती राज्य चयन आयोग के माध्यम से पायलट आधार पर होगी। बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने की। मीटिंग में निर्णय हुआ कि राजस्व विभाग में लंबित मामलों के निपटारे के लिए सरकार सेवानिवृत्त पटवारियों, कानूनगो और नायब तहसीलदार को सेवाओं पर रखेगी। इन्हें दिया जाने वाला मानदेय भी तय किया गया। पटवारी को 20,000 रुपये प्रतिमाह, कानूनगो को 25,000 और नायब तहसीलदार को 35,000 रुपये मानदेय मिलेगा। यह राजस्व विभाग में निशानदेही, इंतकाल आदि के लंबित मामले निपटाएंगे। इनकी नियुक्तियों से लोगों को राहत मिलेगी। राजीव गांधी स्वरोजगार योजना की ड्राफ्ट अधिसूचना मंजूर मंत्रिमंडल ने राजीव गांधी स्वरोजगार योजना की ड्राफ्ट अधिसूचना को भी मंजूरी दी। यह भी फैसला लिया गया कि अगले शैक्षणिक सत्र से पहली कक्षा से अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई शुरू होगी। यह कांग्रेस की गारंटी में शामिल है। इसे पहले ही तय किया जा चुका है। यह भी निर्णय हुआ कि स्कूल अपने स्तर पर स्मार्ट वर्दी खरीद पाएंगे। ऊर्जा और राज्य चयन आयोग की भी दो प्रस्तुतियां दी गई। कुछ विधेयकों के ड्राफ्ट को भी मंजूरी मिली है। यह आगामी दिनों में शीत सत्र में ही पेश किए जाएंगे।
-तीन दिन से फंसे लोगों को प्रशासन ने सुरक्षित निकाला -17 दिसंबर को लोसर से मनाली के लिए हुए थे रवाना लाहौल-स्पीति जिला प्रशासन ने स्पीति के लोसर गांव से 40 किलोमीटर दूर काजा-मनाली मार्ग पर फंसे पर्यटकों को रेस्क्यू कर लिया है। पिछले तीन दिन से बर्फ में फिसलन होने के चलते बीच रास्ते में फंसे लोगों का प्रशासन ने स्थानीय लोगों की मदद से रेस्क्यू किया। दरअसल प्रशासन को सूचना मिली थी कि 17 दिसंबर को एक गाड़ी लोसर से मनाली के लिए निकली। स्थानीय लोगों ने गाड़ी सवारों को जाने से रोका भी, लेकिन वे नहीं माने। जब ये टूरिस्ट मनाली नहीं पहुंचे तो पर्यटकों के परिजनों ने प्रशासन को इस बारे में जानकारी दी। इसके बाद डीसी ने स्पीति के काजा और लाहौल के केलांग से रेस्क्यू टीमें भेजीं। 18 दिसंबर को स्पीति की तरफ से रेस्क्यू टीम कुंजम टॉप से तीन किलोमीटर ही पीछे तक ही जा पाई. बर्फ अधिक होने के कारण गाडियां फंस रही थीं। ऐसे में टीम को आधे रास्ते से लौटना पड़ा। फिर टीम लोसर विश्राम गृह में रुकी। मंगलवार सुबह 10 गाड़ियों के साथ रेस्क्यू टीम फिर से बातल के लिए निकली। करीब दोपहर ढाई बजे टीम बातल रेस्ट हाउस पहुंची, जहां पर पांचों पर्यटक रुके हुए थे। सड़क पर जमी बर्फ के चलते फंस गई गाड़ी ऐसे पहुंचे थे बातल में बंद पड़े रेस्ट हाउस बातल से करीब दस किलोमीटर दूर चढ़ाई में इन पर्यटकों को गाड़ी बर्फ के कारण फिसल कर लटक गई थी और ये पांचों फंस गए थे। जब इन लोगों की गाड़ी फंस गई तो तीन दोस्त पैदल छतडू तक मदद मांगने गए, लेकिन इन्हें कोई मदद नहीं मिली और थक हार कर वापिस आ गए. फिर इन्होंने फैसला किया कि बातल में बंद पड़े रेस्ट हाउस में ताला तोड़ कर रात के ठरहने का इंतजाम करते हैं और फिर पांचों रेस्ट हाउस पहुंचे।
-राजभवन में राज्यपाल ने दिलाई मंत्री पद की शपथ हिमाचल प्रदेश को दो नए मंत्री मिल गए हैं। आज शाम राजभवन शिमला में बिलासपुर जिले के घुमारवीं से विधायक राजेश धर्माणी और कांगड़ा जिले के जयसिंहपुर से यादविंदर गोमा सुक्खू कैबिनेट में शामिल हो गए। शाम करीब 4:45 बजे राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने दोनों मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। देर रात ही यह फैसला हुआ और आज शपथ हुई। शपथ कार्यक्रम में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री सहित मंत्री व अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे। बता दें कि राजेश धर्माणी बिलासपुर जिले से कांग्रेस पार्टी के एकमात्र विधायक हैं। वे घुमारवीं विधानसभा से विधायक हैं। बिलासपुर को बीते एक साल से मंत्री पद का इंतजार था। वहीं, कांगड़ा जिले के जयसिंहपुर से विधायक यादविंदर गोमा को भी मंत्री बनाया गया है। काफी समय से उनको मंत्री बनाए जाने की अटकलें लग रही थीं।
आपदा प्रबंधन को सलाम, महिलाओं को 1500 का इंतजार **पुरानी पेंशन बहाल कर सरकार ने निभाया बड़ा वादा ** सुखाश्रय योजना से सुक्खू सरकार ने जीता दिल ** सियासी संतुलन बनाने में असफल रही सरकार "...सत्ता परिवर्तन का जो सियासी रिवाज हिमाचल प्रदेश में 1990 से चला आ रहा था उसे जनता ने 2022 में भी बरकरार रखा। 8 दिसंबर 2022 को विधानसभा चुनाव के नतीजे आएं और कयासों के मुताबिक ही कांग्रेस सत्तासीन हुई। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के दो मुख्य कारण अगर देखे जाएँ, तो सम्भवतः पहला कारण रहा भाजपा का कमजोर चुनाव लड़ना। एक तिहाई सीटों पर भाजपा के बागी मैदान में थे और ये उसकी हार का बड़ा कारण बना। दोनों पार्टियों के वोट शेयर में अंतर एक प्रतिशत से भी कम रहा, जबकि निर्दलीयों के खाते में करीब दस प्रतिशत वोट गए। इनमें अधिकांश भाजपा के बागी थे। दूसरा कारण था, कांग्रेस की गारंटियां। कांग्रेस ने भाजपा से बेहतर चुनाव लड़ा और उसका गारंटी कार्ड चल गया। ये ही कारण है कि सिमटते कैडर के बावजूद कांग्रेस ने दमदार वापसी की। कांग्रेस के खाते में 40 सीटें आई, लेकिन भाजपा भी तमाम गलतियों के बावजूद 25 का आंकड़ा छू गई। यानी सरकार बेशक कांग्रेस ने बना ली हो लेकिन पहले दिन से उस पर परफॉरमेंस प्रेशर है। फिर तारीख आई 11 दिसंबर 2022, जगह थी हिमाचल की राजधानी शिमला का रिज मैदान, सर्दी का मौसम मगर तेज़ धूप और उस धूप में उबाल खाता हज़ारों कांग्रेस कार्यकर्ताओं का उत्साह। अर्से बाद वीरभद्र सिंह की जगह कोई और कांग्रेसी चेहरा सीएम पद की शपथ ले रहा था। जो सुखविंदर सिंह सुक्खू सालों वीरभद्र सिंह के सामने एक किस्म से अपने सियासी रसूख को बचाये रखने की लड़ाई लड़ते रहे थे, वे अब उनके बाद मुख्यमंत्री बन चुके थे। पार्टी के 40 विधायक जीत कर आए थे और इन 40 विधायकों में से सबसे ज्यादा सुक्खू के पक्ष में थे। होली लॉज खेमे के विधायक प्रतिभा सिंह और मुकेश अग्निहोत्री के बीच बंटे हुए थे। ये ही सुक्खू के पक्ष में गया था। राजधानी कांग्रेसमय दिख रही थी, मैदान खचाखच भरा था और नारे लग रहे थे 'प्रदेश का मुख्यमंत्री कैसा हो, सुक्खू भाई जैसा हो। कांग्रेस में ये नए दौर की शुरुआत थी। शपथ ग्रहण मंच पर पूर्व मुख्यमंत्री स्व राजा वीरभद्र सिंह की तस्वीर भी रखी गई थी, उन्हें शपथ से पहले श्रद्धांजलि दी गई और फिर मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ने शपथ ली। धुआंधार लॉबिंग और मैराथन बैठकों के बाद सुक्खू मुख्यमंत्री तो बन गए थे लेकिन ये ताज काँटों भरा ताज है। सुक्खू सरकार के सामने पहले दिन से न सिर्फ परफॉर्म करने की चुनौती है बल्कि पार्टी के भीतर भी सामंजस्य बैठाना है। एक साल बीत गया है और कई मोर्चों पर सरकार हिट साबित हुई है, तो कई पैमानों पर अब सरकार का असल इम्तिहान होना है। " सुक्खू सरकार एक साल की हो गई है ...सत्ता पक्ष इसे 'सुख की सरकार' कह रहा है तो विरोधी 'दुख की सरकार', कांग्रेस उपलब्धियों की बुकलेट बाँट रही है तो भाजपा नाकामी के पर्चे। ये तो सियासत के रस्म-ओ-रिवाज है जो सत्ता पक्ष को भी निभाने है और विपक्ष को भी। बहरहाल एक साल की सुक्खू सरकार को लेकर भी सबका अपना-अपना विश्लेषण है। सरकार का कामकाज उसकी गारंटियों की कसौटी पर भी आँका जा रहा है, आपदा प्रबंधन पर भी और सरकार की जमीनी पकड़ भी इसका मापदंड है। कहीं शांता कुमार जैसे दिग्गज सरकार की तारीफ कर रहे है, तो कहीं पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष ही सीएम को पत्र लिखकर वादे याद दिला रहे है। इस बीच सुक्खू सरकार जनता के बीच सुछवि गढ़ने के प्रयास में लगी है, तो भाजपा छवि बिगाड़ने का कोई मौका नहीं चूक रही। खेर, बनती बिगड़ती सियासी इक्वेशन अपनी जगह, लेकिन कामकाज की कसौटी पर आंके तो सुक्खू सरकार ने कई ऐसे काम किये है जो अपनी छाप छोड़ गए। पुरानी पेंशन बहाली का वादा भी सरकार ने पूरा किया और सुख आश्रय योजना से सरकार का मानवीय चेहरा भी दिखा। वहीँ आपदा में सुक्खू सरकार के कामकाज पर तो वर्ल्ड बैंक और नीति आयोग ने भी ताली बजाई। हालांकि, सरकार के लिए सब हरा हरा नहीं है, महिलाओं को 1500 रुपये देने की गारंटी भी अभी अधूरी है और सियासी संतुलन बनाने में भी सरकार असफल दिखती है। पुरानी पेंशन के अलावा भी कर्मचारियों के मसले है जो अनसुलझे है। युवा एक साल में ही सड़कों पर उतर आए थे, कोई रिजल्ट मांग रहा है तो कोई नौकरी। प्रयास तो जारी है मगर फिलहाल खाली खजाना सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती है। सरकार के बड़े काम ... अनाथ बच्चे अब 'चिल्ड्रन ऑफ़ स्टेट' हिमाचल प्रदेश के सभी अनाथ बच्चे अब 'चिल्ड्रन ऑफ स्टेट' है। ये सुक्खू सरकार का वो फैसला है जिसने सबका दिल छुआ। अनाथ बच्चों का पालन पोषण, शिक्षा, आवास, विवाह आदि का खर्चा सरकार ने उठाने का निर्णय लिया है। सुक्खू सरकार की इस मानवीय पहल को चौतरफा तारीफ मिली है। सुख आश्रय योजना निसंदेह सुक्खू सरकार का वो काम है जो सदा याद रखा जायेगा। राज्य में अब तक 4000 अनाथ बच्चों को पात्रता प्रमाण पत्र जारी कर दिए गए हैं, जिससे अब वह मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना का लाभ उठा सकेंगे। इस योजना के तहत 27 वर्ष की आयु तक अनाथ बच्चे की देखभाल का ज़िम्मा राज्य सरकार का है। इसके साथ ही अनाथ बच्चों को क्लोथ अलाउंस व त्यौहार मनाने के लिए भत्ता प्रदान किया जा रहा है। उनकी उच्च शिक्षा, रहने का खर्च, 4000 रुपए पॉकेट मनी राज्य सरकार की ओर से प्रदान की जाएगी। राज्य सरकार अनाथ बच्चों को नामी स्कूलों में दाख़िला दिलाने के लिए भी प्रयास कर रही है। इसके साथ ही उन्हें आत्मनिर्भर बनाने तथा घर बनाने के लिए 3 बिस्वा भूमि तथा 2 लाख रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। पुरानी पेंशन बहाल करके दिखाई वादे के मुताबिक सुक्खू सरकार ने कर्मचारियों को पुरानी पेंशन बहाली का तोहफा दिया है। प्रदेश की ख़राब आर्थिक स्थिति के बावजूद सरकार ने कर्मचारियों से वादा निभाया है। प्रदेश सरकार द्वारा चौथी कैबिनेट की बैठक में ही पुरानी पेंशन बहाली की एसओपी को मंज़ूरी दे दी गई थी और 1 अप्रैल, 2023 से पुरानी पेंशन लागू कर दिया गया । चुनाव से पहले कांग्रेस द्वारा जनता को दी गई गारंटियों में से पुरानी पेंशन बहाली पहली गारंटी थी। प्रदेश की नई सरकार ने कर्मचारियों की पेंशन की सबसे बड़ी टेंशन को खत्म कर दिया। हिमाचल में करीब सवा लाख कर्मचारी इस समय एनपीएस के दायरे में आते थे जिन्हे इसका लाभ मिला । इस फैसले से प्रदेश सरकार पर सालाना करीब 1,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त वित्तीय बोझ बढ़ गया मगर सरकार अपने वादे से पीछे नहीं हटी। अब इसका सियासी लाभ कांग्रेस को होगा या नहीं, ये तो वक्त ही बताएगा लेकिन ये सुक्खू सरकार का बड़ा फैसला है। ग्रीन हिमाचल मुहीम हरित राज्य प्रदेश सरकार ने राज्य को 31 मार्च, 2026 तक हरित ऊर्जा राज्य के रूप में विकसित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रदेश सरकार ने राज्य के प्रत्येक जिले में दो-दो ग्राम पंचायतों को पायलट आधार पर हरित पंचायत के रूप में विकसित करने की रूपरेखा तैयार की है। इन पंचायतों में 500 किलोवाट से एक मेगावाट विद्युत उत्पादन क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित की जाएंगी। हिमाचल प्रदेश ऊर्जा क्षेत्र विकास कार्यक्रम के तहत इन परियोजनाओं की स्थापना के लिए 50 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। सुक्खू सरकार ने 100 किलोवाट से लेकर एक मेगावाट तक की सौर ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना पर युवाओं को 40 प्रतिशत सब्सिडी देने की भी घोषणा की है। इन परियोजनाओं से उत्पन्न बिजली की खरीद राज्य विद्युत बोर्ड करेगा। सरकार सार्वजनिक परिवहन को विद्युत परिवहन के रूप में विकसित करने के लिए भी प्रयास कर रही है। इसके लिए इलेक्ट्रिक वाहनों को सरकारी महकमों में भी इस्तेमाल किया जा रहा है और इलेक्ट्रिक टैक्सी की खरीद पर सरकार सब्सिडी भी दे रही है। हिमाचल को ग्रीन राज्य बनाने में सुक्खू सरकार जुटी है, और ये सरकार की बेहतरीन पहल है। दशकों से लंबित इंतकाल के मामलों का निबटारा इंतकाल और तकसीम के दशकों पुराने मामलों को लेकर सुक्खू सरकार एक्शन मोड में है। सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अधिकारियों को 24 जनवरी तक इंतकाल और तकसीम के मामलों को सुलझाने के निर्देश दिए हैं। इससे सालों से लंबित मामलों का निपटारा हो सकेगा। राजस्व लोक अदालतों का आयोजन कर सरकार हाज़ों मामले निबटा चुकी है। अब तक इंतकाल के लम्बित कुल 45 हजार 055 मामलों का निपटारा किया जा चुका है। किलो के हिसाब से सेब, अगले सीजन से यूनिवर्सल कार्टन किलो के हिसाब से सेब बेचने का फैसला हो या अगले सीजन से यूनिवर्सल कार्टन लागू करने का निर्णय, सुक्खू सरकार ने सेब बागवानों के हितों को महफूस रखने की दिशा में इच्छाशक्ति भी दिखाई है और फैसले भी लिए है। बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी हर मसले पर एक्टिव दिखे है और उनकी कार्यशैली की असर साफ दिख रहा है। एचपीएमसी को लेकर भी सरकार ने बड़े बदलाव लाने की दिशा में काम शुरू किया है और उम्मीद है इसके अच्छे नतीजे सामने आएंगे। अब 40 साल तक ही लीज पर जमीन सुक्खू सरकार ने लीज पर जमीन लेने की अवधि को 99 वर्ष से घटाकर अब अधिकतम 40 साल कर दिया है। हालांकि पुरानी लीज की अवधि नहीं बदलेगी। उद्योग लगाने और अन्य विकास परियोजनाओं को स्थापित करने के लिए अब 40 साल के लिए ही लीज पर जमीन का प्रावधान है। सरकार का कहना है कि अब धौलासिद्ध, लुहरी फेज-1 तथा सुन्नी जल विद्युत परियोजनाओं को 40 वर्ष के बाद हिमाचल प्रदेश को वापिस सौंपना होगा। वाईल्ड फ्लावर हॉल होटल को वापिस पाने के लिए राज्य सरकार कानूनी लड़ाई लड़ रही है। शानन प्रोजेक्ट को वापस लेने के लिए भी हिमाचल सरकार एक्शन मोड में दिखी है। आपदा प्रबंधन पर सुक्खू सरकार हिट... एक साल के कार्यकाल में सुक्खू सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती थी आपदा। आपदा में खुद सीएम सुक्खू दिन रात मैदान में डेट दिखे और हिमाचल सरकार ने बेहतरीन काम किया। वर्ल्ड बैंक और नीति आयोग ने भी सरकार के काम की तरफ की। सुक्खू सरकार 4500 करोड़ का बड़ा आपदा राहत पैकेज लेकर आई और मुआवजे की राशि में भारी वृद्धि कर पीड़ितों को राहत पहुँचाने का काम किया। राजनीति से इतर कई दूसरी विचारधारा के लोगों ने भी सरकार के कामकाज को सराहा। वहीँ केंद्र से मिलने वाली मदद को लेकर भी खूब सियासत हुई। भाजपा कहती है कि केंद्र से भरपूर मदद मिली और सीएम सुक्खू खुलकर कहते है कि अगर मदद मिली है तो भाजपा बताएं। इसमें कोई संशय नहीं है कि केंद्र ने हिमाचल को कोई विशेष आपदा राहत पैकेज नहीं दिया है। वहीँ प्रदेश की आर्थिक स्थीति भी खराब है। बावजूद इसके सुक्खू सरकार ने साहस भी दिखाया और बड़ा दिल भी। बहरहाल, सीमित संसाधनों के बीच सरकार के सामने अब चुनौती बड़ी है और सुक्खू सरकार का असल इम्तिहान अभी बाकी है। बढ़ता कर्ज सबसे बड़ी चुनौती .... हिमाचल प्रदेश पर 78,430 करोड़ रुपए कर्ज है। राज्य सरकार पर डीए और एरियर के रूप में करीब 12 हजार करोड़ रुपए के करीब देनदारियां हैं। यदि इसी रफ्तार से कर्ज लिया जाता रहा तो अगले साल हिमाचल पर कर्ज का बोझ एक लाख करोड़ रुपए को पार कर जाएगा। कर्ज को लेकर सियासत भी खूब हुई है। सुक्खू सरकार विधानसभा में श्वेत पत्र लेकर इसका ठीकरा पूर्व की जयराम सरकार पर फोड़ चुकी है तो भाजपा का कहना है कि सुक्खू सरकार प्रतिमाह एक हज़ार करोड़ रुपये का कर्ज ले रही है। बहरहाल, प्रदेश की आर्थिक हालत पतली है, केंद्र ऋण लेने की सीमा कम कर चुका है, ओपीएस का बोझ भी सरकार पर अभी पड़ना है और आपदा ने भी कमर तोड़ दी है। ऐसे में सुक्खू सरकार के लिए आने वाला समय बेहद कठिन होने वाला है। राजस्व बढ़ाने के हुए प्रयास, पर इतना काफी नहीं .... इस वर्ष हिमाचल प्रदेश सरकार के राजस्व में 1100 करोड़ रुपये की वृद्धि का अनुमान है। वर्तमान राज्य सरकार ने राजस्व बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिनके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। शराब के ठेकों की नीलामी से राज्य सरकार को 500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व मिलेगा। इसके अलावा कई छोटे छोटे फैसलों से सरकार को राजस्व बढ़ोतरी हो रही है, हालंकि ये नाकाफी है। फिर भी सरकार के प्रयास जरूर दिखे है। हिमाचल सरकार ने प्रदेश की आर्थिकी को पटरी पर लाने के लिए ऊर्जा उत्पादकों पर वॉटर सेस लगाने का निर्णय लिया था। वॉटर सेस की दर 0.06 से लेकर 0.30 रुपये प्रति घन मीटर तय की गई थी। राज्य जल उपकर आयोग ने सितंबर में कई ऊर्जा उत्पादकों को वाटर सेस के बिल जारी कर दिए थे। बीबीएमबी,एनटीपीसी,एनएचपीसी समेत कई अन्य ऊर्जा उत्पादकों ने प्रदेश सरकार के इस निर्णय को हाई कोर्ट में चुनौती दे रखी है। वहीँ केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने 25 अक्टूबर को सभी राज्यों को एक पत्र लिख वॉटर सेस को अवैध व असंवैधानिक बताते हुए इसे शीघ्र बंद करने के निर्देश दिए हैं। सुक्खू सरकार की तरफ से पर्यटन को बढ़ावा देने के कुछ प्रयास भी दिखते है और इच्छाशक्ति भी। हालांकि आपदा ने सरकार को बड़ा झटका जरूर दिया है। अलबत्ता पर्यटन आधारभूत या पॉलिसी सुधार की दिशा में अब तक कोई बड़ी कामयाबी सरकार को नहीं मिली है, लेकिन उम्मीद जरूर जगी है कि जल्द सरकार एक्शन मोड में दिखेगी। एडवेंचर टूरिज्म, धार्मिक पर्यटन की दिशा में सरकार के थोड़े प्रयास दिखे है, लेकिन सरकार से अपेक्षा किसी बड़ी योजना है। माहिर भी मानते है कि पर्यटन की दिशा में कोई बड़ा कदम उठाकर ही सरकार आत्मनिर्भर हिमाचल के लक्ष्य की तरफ बढ़ सकती है। धर्म संकट...खाली खजाना और 1500 देने का अधूरा वादा हिमाचल में कांग्रेस पर गारंटियां पूरी करने का दबाव है। जिन दस गारंटियों के बुते कांग्रेस सत्ता में आई उनमे से एक मुख्य गारंटी थी महिलाओं को हर माह पंद्रह सौ रुपये देना। बढ़ते कर्ज के बीच सुक्खू सरकार कैसे इसे पूरा करती है , इस पर निगाह टिकी है। जाहिर है हिंदी पट्टी के तीन राज्यों में कांग्रेस की हार के बाद हिमाचल सरकार पर आधी आबादी से किया गया वादा पूरा करने का दबाव है, लेकिन खराब आर्थिक स्थीति इसमें रोड़ा है। भाजपा इसे जमकर भुना रही है और अब ये 1500 रुपये का वादा बड़ा मुद्दा बन चूका है। लोकसभा चुनाव दस्तक दे रहे है और ये गारंटी कांग्रेस के गले की फांस बन चुकी है। खाली खजाने के बीच सरकार धर्म संकट में है। कई अन्य गारंटियां भी अभी अधूरी है जिनमें 300 यूनिट मुफ्त बिजली और पांच लाख रोजगार प्रमुख है। कैबिनेट में असंतुलन..10 विधायक देने वाले कांगड़ा को एक मंत्री पद ! एक साल में विपक्ष द्वारा सुक्खू सरकार को घेरना इतना चर्चा में नहीं रहा जितनी चर्चा अपनों की नाराजगी की हुई। किसी ने नाराजगी खुलकर जाहिर की तो किसी ने सोशल मीडिया पर चेतावनी दी। बात पार्टी के भीतरी संतुलन की ही नहीं, बात कैबिनेट असन्तुलन की भी हुई। सीएम सहित 9 लोगों की कैबिनेट कई पैमानों पर असंतुलित है। कांगड़ा और मंडी संसदीय क्षेत्र से सिर्फ एक-एक मंत्री है। ज़िलों के हिसाब से बात करें तो सबसे बड़े जिला कांगड़ा से कांग्रेस के दस विधायक है, पर मंत्री सिर्फ एक। जबकि सात विधायक वाले शिमला से तीन मंत्री है। ये असंतुलन सिर्फ सियासी मसला नहीं है, जिस जनता ने कांग्रेस को वोट दिया वो भी अपेक्षा रखती है कि क्षेत्र में कोई मंत्री होगा तो विकास को रफ़्तार मिलेगी। इसी तरह हिमाचल कैबिनेट में अभी 9 में से 6 क्षत्रिय है, जबकि ब्राह्मण, एससी और ओबीसी सिर्फ एक-एक है। पांच साल के लिए सरकार चुनी गई है और एक साल बीत चुका है लेकिन अब तक कैबिनेट पूरी नहीं हुई है। ये ही हाल बोर्ड निगमों का है। अब सरकार का रुख जल्द विस्तार का दिख जरूर रहा है लेकिन इच्छा से ज्यादा शायद मजबूरी है। तीन राज्यों की हार ने कांग्रेस को बड़ा झटका दिया है और संभवतः अब आलाकमान भी पार्टी के भीतरी संतुलन को सुनिश्चित करे। बहरहाल मुख्यमंत्री का ताजा बयान ये है कि नए मंत्री इसी साल में मिलेंगे। कोर्ट में गया सीपीएस नियुक्ति का मामला सुक्खू सरकार ने ने छह सीपीएस नियुक्त किए थे – अर्की विधानसभा क्षेत्र से संजय अवस्थी, कुल्लू से सुंदर सिंह, दून से राम कुमार, रोहड़ू से मोहन लाल बराकटा, पालमपुर से आशीष बुटेल और बैजनाथ से किशोरी लाल। इनके अलावा मुकेश अग्निहोत्री को उप मुख्यमंत्री बनाया गया है। भाजपा नेताओं ने इनकी नियुक्ति को कोर्ट में चुनौती दे दी है।मामले की सुनवाई जारी है और कोर्ट के फैसले का इंतजार है। इस मामले में अब 20 दिसंबर को हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में अगली सुनवाई है। बीजेपी नेता सतपाल सिंह सत्ती और 11 अन्य बीजेपी विधायकों ने अदालत में याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि सीपीएस और डिप्टी सीएम का ऐसा कोई पद संविधान के तहत या संसद द्वारा पारित किसी कानून या अधिनियम के तहत मौजूद नहीं है। उन्होंने याचिका में दलील दी कि सीपीएस के पदों पर नियुक्ति राज्य के खजाने पर बोझ है। याचिका के अनुसार, 91वें संशोधन में मंत्री पदों की संख्या सदन की कुल संख्या का 15 प्रतिशत कर दी गई और इस मानदंड के अनुसार राज्य में 12 मंत्री हो सकते हैं क्योंकि विधानसभा की सदस्य संख्या 68 है।आगे आरोप लगाया गया कि 6 सीपीएस की नियुक्तियां संविधान के विपरीत हैं। उन्हें सीपीएस के रूप में नियुक्त किया गया है, जो बिना बुलाए ही वास्तविक मंत्री हैं और मंत्रियों की सभी शक्तियों और सुविधाओं का आनंद लेते हैं। बहरहाल इस मामले में, विशेषकर सीपीएस की नियुक्ति को लेकर कोर्ट का क्या फैसला आता है, इस पर सबकी निगाह टिकी है। शिमला नगर निगम चुनाव जीते ...अब सोलन ने दिया झटका सुक्खू सरकार के एक साल के कार्यकाल में शिमला नगर निगम का चुनाव हुआ जहाँ कांग्रेस को शानदार जीत मिली। इसके बाद हालहीं में चार नगर निगमों में नए मेयर और डिप्टी मेयर चुनने की बारी थी। किस्मत की बदौलत कांग्रेस धर्मशाला नगर निगम में कब्ज़ा करने में कामयाब रही लेकिन सोलन में बहुमत होते हुए भी पार्टी की फजीहत हुई। कांग्रेस के दोनों अधिकृत उम्मीदवार हार गए। यहाँ मेयर पद कांग्रेस की बागी ने कब्जाया तो भाजपा को डिप्टी मेयर का पद मिल गया। वो फैसला जिसपर हुई विपक्ष ने जमकर घेरा सुक्खू सरकार ने आते ही सैकड़ों संस्थानों को डी नोटिफाई कर दिया। संस्थानों की डेनोटिफिकेशन पर भाजपा सरकार को जमकर घेरती रही है। भाजपा का आरोप है कि इस सरकार ने 10 महीने के कार्यकाल में ही हिमाचल के 1000 से अधिक चले हुए संस्थान बंद किए बंद कर दिए थे। कई शिक्षण स्थान भी बंद हुए और निसंदेह इससे कई छात्रों को कई दिक्क्तों कि खबरें भी सामने आई।
-सर्वश्रेष्ठ साहसिक पर्यटन गंतव्य और इको पर्यटन गंतव्य बना हिमाचल -प्रदेश पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष आरएस बाली ने हासिल किए पुरस्कार -मुख्यमंत्री ने हिमाचल में पर्यटन क्षेत्र में उदारतापूर्वक निवेश का किया आह्वान हिमाचल प्रदेश ने शुक्रवार देर सायं नई दिल्ली में आयोजित आउटलुक ट्रैवलर अवॉर्ड्स-2023 समारोह में दो प्रतिष्ठित पुरस्कार जीते। इस समारोह में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू बतौर मुख्यातिथि उपस्थित रहे। उन्होंने विभिन्न श्रेणियों के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किये। हिमाचल प्रदेश ने कांगड़ा जिले के बीड़-बिलिंग के लिए सर्वश्रेष्ठ साहसिक पर्यटक गंतव्य स्वर्ण श्रेणी और लाहौल-स्पीति जिले के स्पीति के लिए सर्वश्रेष्ठ इको-पर्यटन गंतव्य स्वर्ण श्रेणी में पुरस्कार जीते। हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष आरएस बाली ने यह पुरस्कार प्राप्त किए। मुख्यमंत्री सुक्खू ने निवेशकों से हिमाचल में पर्यटन क्षेत्र में उदारतापूर्वक निवेश करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पर्यटन परियोजनओं को शीघ्र स्वीकृति की सुविधा प्रदान करेगी। हिमाचल सभी मौसमों के लिए उपयुक्त पर्यटन गंतव्य है। यहां की घाटियां, बर्फ से ढकी घाटियां, हरा-भरा वन क्षेत्र, जल निकाय और शानदार होम-स्टे पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पर्यटकों के यात्रा अनुभव को और शानदार बनाने के लिए प्रयासरत है और इसके लिए बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं। ठहरने के लिए शानदार होम-स्टे भी विकसित किए जाएंगे जिससे पर्यटक नजदीक से यहां के जन-जीवन व वादियों को निहार सकेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार नए पर्यटन गंतव्यों को विकसित कर, पर्यटन अधोसंरचना का सुदृढ़ीकरण कर रही है। पर्यटकों को अत्याधुनिक सुविधाएं प्रदान कर रही है ताकि वे अधिक अवधि तक यहां समय बिताएं और प्रदेश की आर्थिकी में वृद्धि हो। प्रदेश में हवाई सेवा में सुधार के दृष्टिगत कांगड़ा हवाई अड्डे के विस्तार के साथ-साथ सभी जिला मुख्यालयों में हेलीपोर्ट निर्मित्त किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार प्रतिवर्ष लगभग 5 करोड़ पर्यटकों का आगमन सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है और राज्य सरकार कांगड़ा जिले को पर्यटन राजधानी के रूप में विकसित कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार कांगड़ा घाटी में पर्यटक अधोसंरचना विकसित करने के लिए लगभग 3000 करोड़ रुपये व्यय करेगी। वन्य जीव पर्यटन में रुचि रखने वाले पर्यटकों को प्रोत्साहित करने के लिए कांगड़ा जिला में अंतर्राष्ट्रीय स्तर का चिड़ियाघर विकसित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हिमाचल धार्मिक पर्यटन का मुख्य केंद्र है, प्रदेश प्रसिद्ध शक्तिपीठों की भूमि है और शीघ्र ही प्रदेश आध्यात्मिक पर्यटन का मुख्य केंद्र बन कर उभरेगा। उन्होंने कहा कि सरकार राज्य में ईको-टूरिज्म को भी बड़े पैमाने पर विकसित करने पर कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार मार्च, 2026 तक हिमाचल को देश के हरित राज्य के रूप में विकसित करने की दिशा में कार्य कर रही है और राज्य में हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए अभिनव कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए सौर ऊर्जा, हरित हाइड्रोजन, नवीकरण ऊर्जा के अन्य स्रोतों के दोहन पर बल दे रही है। प्रदेश सरकार डीजल वाहनों के स्थान पर इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा प्रदान कर रही है। आउटलुक ट्रैवलर की प्रकाशक मीनाक्षी मेहता ने मुख्यमंत्री और अन्य अतिथियों का स्वागत किया। इस अवसर पर आउटलुक ग्रुप के सीईओ इंद्रनील राय ने भी अपने विचार व्यक्त किए। विभिन्न पुरस्कार विजेता राज्यों के प्रतिनिधियों के साथ संवाद-सत्र आयोजित किए गए। इस अवसर पर गोवा के पर्यटन मंत्री रोहन खौंटे, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार मीडिया नरेश चौहान, मुख्यमंत्री के ओएसडी केएस बांशटू, पत्रिका की संपादक आनंदिता घोष और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
-सभी जिला मुख्यालयों में पायलट आधार पर ट्रैफिक वालंटियर योजना शुरू प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में अब ट्रैफिक पुलिस के साथ ट्रैफिक वालंटियर भी ट्रैफिक कंट्रोल करते दिखाई देंगे। इसी कड़ी में प्रदेश पुलिस मुख्यालय ने वीरवार को प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में पायलट आधार पर ट्रैफिक वालंटियर योजना का शुभारंभ किया। राज्य में यातायात के बेहतर प्रबंधन, सड़क सुरक्षा और जन जागरूकता के लिए इस योजना को शुरू किया गया है। यदि जिला मुख्यालयों में ट्रैफिक वलंटियर योजना सफलतापूर्वक संचालित होती है तो इसे राज्य के अन्य जिलों में भी लागू किया जाएगा। स्कीम के तहत राज्य में 18 वर्ष से अधिक आयु के स्वैच्छिक लोगों का एक समूह होगा, जो सेवा की भावना से यातायात प्रबंधन और जागरूकता में भाग लेगा और विभिन्न यातायात कार्यों को नि:शुल्क करने में योगदान देगा। स्वयंसेवकों का अनुरोध प्राप्त होने के बाद जिला एएसपी, डीएसपी मुख्यालय व एसडीपीओ उन्हें बातचीत के लिए बुलाएंगे और सत्यापन करेंगे। इसके बाद जिला एसपी की मंजूरी के बाद ट्रैफिक वालंटियर की सूची को अंतिम रूप दिया जाएगा। ट्रैफिक जन जागरूकता के लिए योजना में लड़कियों व महिलाओं की भागीदारी भी सुनिश्चित की जाएगी। जिला एसएसपी द्वारा रिफ्लैक्टिव सुरक्षा जैकेट, टोपी और आईडी कार्ड उपलब्ध करवाए जाएंगे। इस पर प्रमुखता से ट्रैफिक वालंटियर लिखा होगा, ताकि आम जनता को उनकी पहचान ट्रैफिक पुलिस से अलग दिखे।
-सरकार ने सुलभ और किफायती स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्धता जताई प्रदेश सरकार सुलभ और किफायती स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। स्वास्थ्य क्षेत्र में हो रहे नित नए प्रयोग, तकनीक और अनुसंधानों का उपयोग कर लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाई जा रही है। राज्य में इस क्षेत्र में आवश्यक अधोसंरचना का सुदृढ़ीकरण किया जा रहा है। प्रदेश में स्वास्थ्य सेवा अधोसंरचना को मजबूत करने के लिए, सरकार प्रदेशभर में 40 शहरी स्वास्थ्य और वेलनेस सेंटर स्थापित करने पर विचार कर रही है। यह केंद्र राज्य के लोगों को घर-द्वार के समीप आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने में नई आशा की किरण साबित होंगे। प्रत्येक शहरी स्वास्थ्य और वेलनेस सेंटर में एक समर्पित स्वास्थ्य टीम होगी, जिसमें एक चिकित्सा अधिकारी, फार्मासिस्ट, सहायक नर्स मिडवाइफ (एएनएम) और एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी शामिल होंगे। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू का कहना है कि शहरी क्षेत्रों में प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली का विस्तार और सुदृढ़ीकरण आवश्यक है। सार्वभौमिक व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल के महत्व पर बल देते हुए, मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल, मरीजों की संख्या और मृत्यु दर कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इससे दूसरे और तीसरे स्तर के ईलाज की आवश्यकता कम होती है, जिससे उपचार पर होने वाला खर्च भी कम होता है। वर्तमान में, एक शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र 50,000 व्यक्तियों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करता है। इस दूरदर्शी और महत्त्वाकांक्षी योजना का लक्ष्य प्रत्येक शहरी स्वास्थ्य वेलनेस केन्द्र द्वारा लगभग 20,000 लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित करना है ताकि शहरी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाई जा सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह रणनीतिक पहल अत्याधुनिक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।इन शहरी स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों की स्थापना एक मजबूत और समावेशी स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। यह नवीन प्रयास शहरी क्षेत्र में रहने वाले लोगों और आजीविका के लिए अन्य राज्यों से आए लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में सहायक सिद्ध होगा। यह पहल हालिया कोविड-19 महामारी के दौरान देखी गई फ्रंटलाइन स्वास्थ्य कार्यबल की कमी का भी समाधान प्रदान करेगी। सुक्खू ने कहा कि यह महत्वाकांक्षी योजना सर्वजन तक बेहतर स्वास्थ्य देखभाल उपलब्ध करवाने में मील पत्थर साबित होगी, जिसके माध्यम से शहरों में स्वास्थ्य क्षेत्र में आने वाली चुनौतियों का समाधान सुनिश्चित हो सकेगा।
-1226 पदों को भरने के लिए कैबिनेट ने दी संशोधित मंजूरी -मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना में जोड़े जाएंगे कुछ और प्रावधान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आज यहां आयोजित राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में पुलिस विभाग में कांस्टेबल के पद पर 30 प्रतिशत महिला आरक्षण प्रदान करने का निर्णय लिया गया और कांस्टेबल के 1226 पदों को भरने के लिए संशोधित मंजूरी दी गई। कैबिनेट ने अनाथों और समाज के वंचित वर्गों को लाभान्वित करने के लिए मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना में कुछ और प्रावधान जोड़ने को भी मंजूरी दी। नए प्रावधानों के तहत राज्य का प्रत्येक अनाथ 27 वर्ष की आयु तक 4,000 रुपये प्रतिमाह जेब खर्च प्राप्त करने का पात्र होगा। इसके अलावा योजना शुरू होने के बाद बाल देखभाल संस्थान छोड़ने वाले ऐसे अनाथ बच्चों को 2 लाख रुपये विवाह अनुदान देने का भी निर्णय लिया, जिन्होंने योजना के शुरू होने बाद विवाह किया। यह राशि एक बार ही देय होगी। सीमावर्ती क्षेत्रों के गांवों में विद्युत अधोसंरचना होगी सुदृढ़ बैठक में पूह से काजा तक के सीमावर्ती क्षेत्रों में भरोसेमंद एवं गुणवत्तापूर्ण विद्युत उपलब्ध करवाने के दृष्टिगत 486.47 करोड़ रुपये की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट को स्वीकृति प्रदान की गई। राज्य के लाहौल-स्पीति जिला के स्पीति ब्लॉक और किन्नौर जिला के सीमावर्ती क्षेत्रों के 32 गांवों में विद्युत अधोसंरचना विकसित व सुदृढ़ करने के लिए 6.49 करोड़ रुपये की विस्तृत योजना रिपोर्ट को भी स्वीकृति प्रदान की गई। इन पदों को भरने के लिए मिली मंजूरी बैठक में कृषि विभाग में कृषि विकास अधिकारियों के 40 पद, गृह रक्षक और नागरिक सुरक्षा विभाग में हवलदार प्रशिक्षकों के 10 पद भरने को भी स्वीकृति प्रदान की गई। इसके अलावा शिमला के चमियाना में अटल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सुपर स्पेशलिटीज के नेफ्रोलॉजी विभाग में सहायक प्रोफेसर के दो पद, आईजीएमसी शिमला में ओर्थोपेडिक्स विभाग में सहायक प्रोफेसर का एक पद और जिला मंडी के नेरचौक स्थित श्री लाल बहादुर शास्त्री राजकीय आयुर्विज्ञान महाविद्यालय एवं अस्पताल के ईएनटी विभाग में सहायक प्रोफेसर का एक पद भरने का भी निर्णय लिया गया। 40 नए शहरी स्वास्थ्य और वेलनेस सेंटर खुलेंगे मंत्रिमंडल ने प्रदेश के लोगों की सुविधा के लिए शहरी क्षेत्रों में प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली को सुदृढ़ करने के लिए प्रदेश में 40 नए शहरी स्वास्थ्य और वेलनेस सेंटर खोलने को स्वीकृति प्रदान की। कांगड़ा जिले के देहरा के बनखंडी में वन्य प्राणी उद्यान की चाहरदीवारी, जल संचयन निर्माण और सेवा पथों के निर्माण और हिमाचल प्रदेश चिड़ियाघर संरक्षण प्रजनन सोसायटी के माध्यम से परियोजना लागू करने को स्वीकृति प्रदान की। औद्योगिक निवेश नीति में भी होगा संशोधन मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश औद्योगिक निवेश नीति-2019 में संशोधन करने और इसके संबंधित नियमों में संशोधन करने की स्वीकृति प्रदान की। इससे उदार प्रोत्साहन को बढ़ावा मिलेगा। अब बिजली परियोजनाएं 40 साल की लीज पर ही दी जाएगी( लोगों को सुविधा प्रदान करने के दृष्टिगत हमीरपुर में हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड निगम लिमिटेड का जोन सृजित करने तथा हमीरपुर में मुख्य अभियंता (ऑपरेशन) का कार्यालय स्थापित करने को भी स्वीकृति प्रदान की। कैबिनेट ने ग्रांट इन एड के उपयोगिता प्रमाणपत्र सरकार को भेजने के लिए एक समय सीमा निर्धारित करने को भी स्वीकृति प्रदान की।
-कहा, जागरूकता से एड्स के प्रति समाज के दृष्टिकोण में आया बदलाव मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां 'लेट कम्यूनिटीज लीड' विषय पर आयोजित राज्य स्तरीय विश्व एड्स दिवस समारोह की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार आने वाले बजट में एड्स पीड़ित बच्चों की सहायता के लिए एक योजना लेकर आएगी, जिसमें ऐसे बच्चों को शिक्षा के अवसर प्रदान करने और उन्हें मुख्य धारा में शामिल करने के प्रावधान होंगे। उन्होंने कहा कि पहले समाज में एड्स ग्रसित व्यक्ति को घृणा की दृष्टि से देखा जाता था, लेकिन लगातार जागरूकता कार्यक्रमों के कारण आज एड्स के प्रति समाज के दृष्टिकोण में बदलाव आया है। उन्होंने आह्वान किया कि बीमार अपनी बीमारी न छुपाएं, बल्कि समाज के सामने स्वीकार करें। उन्होंने कहा कि एड्स पीड़ित व्यक्तियों की सहायता के लिए वर्तमान राज्य सरकार हर संभव सहायता प्रदान कर रही है। उन्होंने कहा कि आगामी बजट में सरकार विधवाओं और मूक बधिर बच्चों के लिए भी एक योजना लाने जा रही है। दिव्यांग बच्चों की पढ़ाई के लिए एक अच्छा स्कूल और कॉलेज खोलने पर भी सरकार विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार उस वर्ग की आवाज बन रही है, जो सहज अपनी आवाज सरकार तक पहुंचा नहीं सकते। मुख्यमंत्री ने कहा कि निराश्रित बच्चों के कल्याण के लिए मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना चलाई गई है, जिसके तहत बच्चों के रहने और उनके भरण-पोषण का दायित्व राज्य सरकार का होगा। उन्होंने कहा कि अब 27 वर्ष की आयु तक अनाथ बच्चों को रहने और उनके पालन पोषण के लिए सरकार की ओर से व्यवस्था की गई है तथा इसके लिए राज्य सरकार ने कानून भी बना दिया है। उन्होंने युवाओं से जीवन में सफलता के लिए चुनौतियों का दृढ़ता के साथ सामना करने का आह्वान भी किया। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा ''मैं आपके सामने सबसे बड़ा उदाहरण हूं। सब कहते थे कि सरकारी नौकरी करो, लेकिन कड़ी मेहनत से मुख्यमंत्री के पद पर पहुंचा।ÓÓ मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में बड़े सुधार लाने जा रही है। अगले शैक्षणिक सत्र से सरकारी स्कूलों में पहली कक्षा से अंग्रेजी की कक्षाएं शुरु करेंगे। स्कूलों में शिक्षक उपलब्ध करवाए जाएंगे व खेल की सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी। इसके साथ-साथ राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल भी खोले जा रहे हैं। सरकारी शिक्षण संस्थानों में गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने के लिए राज्य सरकार वचनबद्धता के साथ कार्य कर रही है। राज्य सरकार गेस्ट फेकल्टी लेक्चरर लगाने पर विचार कर रही है। इसके साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सहित नए समय से कोर्स शुरू किए गए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी बड़े बदलाव करने जा रही है, ताकि प्रदेश के लोगों को राज्य में ही बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्राप्त हो सकें। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सीमित संसाधनों और कर्ज का भारी बोझ होने के बावजूद राज्य सरकार चार साल में हिमाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाएगी और दस वर्षों में हिमाचल प्रदेश देश का सबसे समृद्ध राज्य होगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इसके लिए कड़े फैसले कर रही है, जिनके सकारात्मक परिणाम आने वाले समय में दिखेंगे।इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने इस बीमारी को फैलने से रोकने में, बहुमूल्य योगदान देने पर विभिन्न संगठनों को पुरस्कार प्रदान किए। स्टैंड अलोन इंटीग्रेटेड काउंसलिंग एंड टेस्टिंग सेंटर ऊना, डॉ. राधा कृष्णन राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय हमीरपुर (एसटीआई क्लीनिक), एआरटी आईजीएमसी शिमला (एआरटी सेंटर) और एनजीओ सनराइज-टार्गेटेड इंटरवेंशन प्रोजेक्ट (टीआईपी) ऊना को सर्वश्रेष्ठ सेवा केंद्र के रूप में सम्मानित किया गया। सुखविंदर सिंह ने जिला बिलासपुर के राजकीय आईटीआई बरठीं, जिला चंबा के राजकीय महाविद्यालय चौरी, जिला हमीरपुर के सिद्धार्थ राजकीय उत्कृष्ट महाविद्यालय नादौन, जिला कांगड़ा के शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा राजकीय महाविद्यालय पालमपुर, जिला किन्नौर के टीएस नेगी राजकीय महाविद्यालय रिकांगपिओ, जिला कुल्लू के रामेश्वरी शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान शाढ़ाबाई, जिला लाहौल-स्पीति के राजकीय महाविद्यालय कुकुमसैरी उदयपुर, जिला मंडी के वल्लभ राजकीय महाविद्यालय, जिला शिमला के राजकीय महाविद्यालय धामी, जिला सिरमौर के इंस्टीट्यूूट ऑफ डेंटल साईसिंस पांवटा साहिब, जिला सोलन के राजकीय महाविद्यालय अर्की और जिला ऊना के राजकीय महाविद्यालय अंब को सर्वश्रेष्ठ रेड रिबन क्लब के रूप में पुरस्कृत किया। उन्होंने राज्य स्तरीय समारोह को सफल बनाने के लिए आरकेएमवी कॉलेज शिमला, आरजीजीडीसी कोटशेरा शिमला, सेंटर ऑफ एक्सीलेंस राजकीय महाविद्यालय संजौली, जेएलएन फाइन आर्ट्स कॉलेज, चौड़ा मैदान, सेंट बीड्स कॉलेज शिमला, राजकीय संस्कृत महाविद्यालय शिमला, राजकीय नर्सिंग महाविद्यालय शिमला, एचपी कॉलेज ऑफ एजुकेशन टुटू शिमला, शिवालिक नर्सिंग महाविद्यालय भट्टाकुफर शिमला, आईटीआई शिमला, मॉडर्न नर्सिंग महाविद्यालय, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय टुटू, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय संजौली और राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय अनाडेल के प्राचार्यों के प्रयासों की भी सराहना की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जागरूकता रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने विश्व एड्स दिवस के अवसर पर लगाई प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। इस अवसर पर एड्स पीड़ित एक महिला ने अपने जीवन के अनुभव साझा किए। मुख्यमंत्री ने इस महिला को एक लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान करने की घोषणा की।
सीबीएसई बोर्ड ने दसवीं और बारहवीं परीक्षा की डेटशीट रिलीज करने से पहले एक अहम नोटिस जारी किया है। बोर्ड ने आगामी 10वीं और 12वीं परीक्षाओं 2024 के संबंध में जारी एक अहम सूचना में कहा है कि बोर्ड दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षाओं में कोई ओवरऑल डिवीजन या डिस्टिंक्शन नहीं देगा। जारी नोटिस में कहा है कि बोर्ड परीक्षाओं में स्टूडेंट्स के मार्क्स कैलकुलेट करने के लिए क्या क्राइटेरिया रहेगा, इस संबंध में सीबीएसई को कई अनुरोध प्राप्त हो रहे थे। परीक्षा उपनियमों के अध्याय-7 के सब सेक्शन 40.1 (3) के अनुसार, कोई समग्र डिवीजन/डिस्टिंक्शन या एग्रीगेट नहीं दिया जाएगा। विदित रहे कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, सीबीएसई जल्द ही कक्षा 10वीं, 12वीं बोर्ड परीक्षा 2024 की डेट शीटजारी करेगा। संभावना है कि बोर्ड इसी महीने के आखिर में या फिर दिसंबर माह के सेकंड वीक तक टाइमटेबल जारी कर दे। सीबीएसई बोर्ड की इस बार भी फरवरी में आयोजित होनी है। बोर्ड की ओर से पहले जारी सूचना के अनुसार 15 फरवरी 2024 से परीक्षाएं शुरू होंगी। वहीं यह एग्जाम अप्रैल तक आयोजित किए जाएंगे। डेटशीट आधिकारिक वेबसाइट पर रिलीज की जाएगी। स्टूडेंट्स पोर्टल पर जाकर इसे पीडीएफ मोड में डाउनलोड कर पाएंगे।
-इच्छुक अभ्यर्थी 30 दिसंबर तक कर सकते हैं आवेदन हिमाचल प्रदेश में वन मित्र भर्ती प्रक्रिया आज से शुरू हो गई। इच्छुक अभ्यर्थियों को 30 दिसंबर तक आवेदन करना होगा। सरकार वन विभाग में 2,061 वन मित्र भर्ती कर रही है। भर्ती के लिए वन विभाग की वेबसाइट या संबंधित वन परिक्षेत्राधिकारी (रेंज ऑफिसर) कार्यालय से आवेदन पत्र प्राप्त कर सकते हैं। वन मित्र के लिए आयु सीमा 18 से 25 वर्ष है। वन मित्रों के लिए 100 अंकों का टेस्ट होगा। जो टॉप पर होगा, उसे वन मित्र लगाया जाएगा। अभ्यर्थियों की न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता 12वीं पास रखी है। वन मित्रों को 10 हजार रुपये प्रति माह मानदेय और सरकारी छुट्टियों के अलावा साल में 12 अतिरिक्त छुट्टियां मिलेंगी। ग्राउंड टेस्ट पास करने के बाद ही वन मित्र बन सकेंगे। वन मित्रों को वनों की आग से सुरक्षा, पौधरोपण समेत अन्य काम करने होंगे। जिस बीट में वन मित्र रखे जाएंगे, वहां से उनका तबादला नहीं होगा।
-विद्यार्थियों-शिक्षकों को समय पर सामग्री और जानकारी उपलब्ध करवाएगा केंद्र राज्य सरकार की अभिनव पहल विद्या समीक्षा केंद्र (वीएसके) सरकारी स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने में निर्णायक कदम है। यह केंद्र एआई तकनीक को एकीकृत करके डेटा विश्लेषण के माध्यम से विद्यार्थियों, शिक्षकों और प्रशासकों को समय पर सामग्री और जानकारी उपलब्ध करवाएगा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि स्विफ्टचैट एआई हिमाचल प्रदेश के सभी स्कूलों में प्रौद्योगिकी और डाटा संचालित संस्थागत प्रणाली में सक्षम करेगा। यह केंद्र इन टूलकिट के डाटा को राज्य, जिला और ब्लॉक स्तर के लिए डैशबोर्ड और रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा। इससे छात्र की प्रगति, शिक्षक प्रशिक्षण और स्कूल के समग्र प्रदर्शन संबंधी डाटा उपलब्ध होगा। वास्तविक समय में प्रतिक्रिया और सुधार के आधार पर शिक्षक, शिक्षण संबंधी रणनीतियों में सकारात्मक बदलाव किया जाएगा ताकि प्रत्येक विद्यार्थी को सीखने के अवसर प्रदान किए जा सके। वीएसके विद्यार्थियों को डिजिटल शिक्षण की ज्ञानता प्रदान करता है, जिससे उनकी वैश्विक सामग्री और जानकारी तक सार्वभौमिक पहुुंच सुनिश्चित होती है। इसका मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को डिजिटल होम लर्निंग तथा अनुभव प्रदान कर शैक्षिक असमानताओं को समाप्त करना है। चैटबॉट पर साप्ताहिक अभ्यास विद्यार्थियों को उनके प्रदर्शन के आधार पर उत्तर तथा जानकारीपूर्ण वीडियो के साथ पाठयक्रम के अनुरूप उन्हें विषयों को सुदृढ़ करने में मदद करता है। विद्यार्थी विभिन्न भाषाओं में गणित का अभ्यास कर सकते हैं और वीडियो देख कर अपने संदेह दूर कर सकते हैं। चैटबॉट विद्यार्थियों की आवाज का उपयोग कर विभिन्न भाषाओं का उपयोग कर, क्विज के माध्यम से सामान्य ज्ञान और ज्ञानवर्द्धन कर उनकी शिक्षा में गुणात्मक सुधार में सहयोग करता है। चैटबॉट विद्यार्थियों के साथ-साथ शिक्षकों को ऑन डिमॉंड (आवश्यकतानुसार) कार्य योजना, पाठ तैयार करना, वर्कशीट और वीडियो बनाने में भी सहायता प्रदान करता हैै। इससे शिक्षक समयबद्ध शिक्षण सामग्री तैयार कर सकते हैं और विद्यार्थियों के रिपोर्ट कार्ड का त्वरित अध्ययन करने के साथ-साथ उनकी उपस्थिति दर्ज कर सकते हैं। चैटबॉट शिक्षण विधियों को विद्यार्थी अनुकूल बनाने में सहायता करता है। इसके माध्यम से अभिवावक शिक्षा संबंधी प्रश्नों का समाधान कर सकते हैं। इसके माध्यम से प्रशासक राज्य स्तर पर शैक्षणिक प्रदर्शन का मूल्यांकन कर सीखने के परिणामों के आधार पर रणनीति, योजना और प्रशिक्षण पहल का मूल्यांकन कर सकते हैं, जिसके माध्यम से राज्य स्तर पर प्रशासक विद्यार्थी, अध्यापक और विद्यालय संबंधी जानकारी अपडेट कर सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह केंद्र एआई चैटबॉट के माध्यम से विद्यार्थियों के एक डिजिटल साथी के रूप में, शिक्षक को शिक्षण में सहायक और प्रशासक को महत्वपूर्ण डाटा उपलब्ध करवाएगा। चैटबॉट का डेटा शिक्षकों को विद्यार्थी आधारित रणनीतियों को समायोजित करने में सशक्त बनाता है, जिससे विद्यार्थियों के प्रदर्शन में और सुधार होगा।
हिमाचल प्रदेश में मौसम विभाग के अनुसार आगामी 72 घंटे में मौसम खराब होने का पूर्वानुमान जताया गया है। इस दौरान ऊपरी इलाकों में बर्फबारी हो सकती है जबकि निचले क्षेत्रों में बारिश होने की संभावना है। बर्फबारी का असर तापमान पर भी पड़ेगा। 26 नवंबर की शाम से प्रदेश में तेजी से तापमान में गिरावट आने की संभावना जताई गई है। बर्फबारी का यह असर किन्नौर, चंबा और कुल्लू जिलों में देखने को मिलेगा। जबकि मैदानी इलाकों में बादल छाये रहने की संभावना है। मौसम विभाग ने इस दौरान कम विजिविल्टी होने की भी बात कही है। मौसम विभाग के अनुसार रविवार से मौसम करवट बदलेगा और सोमवार को यैलो अलर्ट रहेगा। प्रदेश में 30 नवम्बर तक मौसम खराब रहने का पूर्वानुमान जताया गया है। मौसम विभाग के अनुसार 26 नवम्बर से एक ताजा पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा जो उत्तर-पश्चिम और पश्चिम भारत को प्रभावित करेगा और इसका असर हिमाचल में भी देखने को मिलेगा।
हिमाचल प्रदेश में 'विकसित भारत संकल्प यात्रा' के अंतर्गत आज यह यात्रा 14000 फुट से ऊपर स्पीति घाटी के दुर्गम पंचायत लंगचा के हिक्किम एवं चिचम गांव पहुंची। इन ग्राम पंचायतों में जागरुकता शिविरों का आयोजन किया गया। कड़ाके की ठंड के बावजूद लोग केंद्र सरकार की योजनाओं की जानकारी लेने के लिये पहुंचे । शिविर के दौरान विभिन्न विभागों के अधिकारियों द्वारा लोगों को सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं की बारीकी से जानकारी प्रदान की गई। इन शिविरों में मुफ्त हेल्थ चेकअप स्टाल भी लगाए गए और बहुत सारे लोगों द्वारा अपना हेल्थ चेकअप इन स्टॉलों पर करवाया गया। जागरुकता शिविर के दौरान लोगों ने भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने हेतु अपना योगदान देने की शपथ भी ग्रहण की। लोगों ने स्पीति के विकास के लिये धन उपलब्ध कराने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया। इसी प्रकार जिला चंबा के ब्लॉक भरमौर की ग्राम पंचायत जगत और रुणूकोठी में आज विकसित भारत संकल्प यात्रा के संबंध में आयोजित कार्यक्रम में भाग लेने आए लोगों को केंद्रीय सरकार की विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी दी गई। इस यात्रा के दौरान लोगो को ड्रोन खेती-बाड़ी व सामान/ दवाइयां पहुंचाने में इसके उपयोग के बारे में प्रदर्शित किया गया। इस यात्रा के दौरान जिला चंबा के ब्लॉक भरमौर की ग्राम पंचायत कुठेर के रहने वाली सारिका शर्मा, रसपाल और दलीपा राम ने केंद्र सरकार की योजनाओं, जैसे उज्ज्वला योजना, जल जीवन मिशन, पीएम किसान निधि योजना आदि के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार का आभार व्यक्त किया। राष्ट्रव्यापी विकसित भारत संकल्प यात्रा की शुरुआत 15 नवम्बर की गई। यह यात्रा हिमाचल के तीन जनजातीय बहुल जिलों- चंबा, किन्नौर एवं लाहौल स्पीति में निकाली जा रही है। भारत विकास संकल्प यात्रा वाहन 15 दिनों में तीनों ज़िलों की 109 जनजातीय बहुल ग्राम पंचायतों से होकर गुज़रेगे। इस यात्रा का उद्देश्य उन लोगों तक पहुंचना है जो सरकारी योजनाओं से वंचित हैं ।
-हिमाचल में राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल भरमौर से हरी झंडी दिखाकर करेंगे रवाना सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के लक्ष्यों को पूरी तरह हासिल करने की दिशा में एक बड़े कदम के रूप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर 15 नवंबर को भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली खूंटी, झारखंड से विकसित भारत संकल्प यात्रा का शुभारंभ करेंगे। प्रधानमंत्री सरकार के व्यापक आउटरीच कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए विशेष रूप से डिजाइन की गई 5 आईईसी (सूचना, शिक्षा और संचार) वैन को झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। राज्यपाल, मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री, राज्य मंत्री जैसे गणमान्य व्यक्ति देश भर में जनजातीय आबादी वाले 68 जिलों में इसी तरह की वैन को झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। हिमाचल प्रदेश में भी यह यात्रा तीन जनजातीय बहुल जिलों, चंबा, किन्नौर एवं लाहौल स्पीति में निकाली जाएगी । राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल भारत विकास संकल्प यात्रा को चंबा ज़िले के भरमौर से हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। भारत विकास संकल्प यात्रा वाहन अगले 15 दिनों में तीनों ज़िलों की 109 जनजातीय बहुल ग्राम पंचायतों से होकर गुज़रेगे और जगह जगह केंद्र सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देंगे।
-वापिस लौटने पर शिमला में कार्यकर्ताओं ने किया भव्य स्वागत मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का आज दिल्ली से वापिस शिमला लौटने पर भव्य स्वागत किया गया। कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं ने होटल मरीना से लेकर ओक ओवर तक मुख्यमंत्री पर पुष्प वर्षा की और ढोल-नगाड़ों के साथ उनका स्वागत किया। इससे पहले मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि हिमाचल प्रदेश के देवी-देवताओं और जनता की दुआओं से वह स्वस्थ होकर वापस लौटे हैं। उन्होंने कहा कि चिकित्सकों ने कुछ दिनों तक उन्हें आराम करने और समय पर खाना खाने की सलाह दी है, लेकिन वह सरकार की जिम्मेदारियों का भी निर्वहन करेंगे। उन्होंने राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि चार वर्षों में हिमाचल प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने और अगले 10 वर्षों में देश का सबसे समृद्ध राज्य बनाने का लक्ष्य रखा है और वर्तमान राज्य सरकार इसी दिशा में प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि 18 नवंबर को मंत्रिमंडल की बैठक भी रखी गई है। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि उनकी कुछ दिन की अनुपस्थिति के दौरान मंत्रिमंडल के सभी सदस्यों और अधिकारियों ने अपने दायित्व को बखूबी निभाया है, जिसके लिए वह उनके धन्यवादी हैं। एक प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि वह पांच राज्यों के चुनाव प्रचार में नहीं जाएंगे, लेकिन इन चुनावों में कांग्रेस की जीत निश्चित है। मुख्यमंत्री ने सभी प्रदेशवासियों को दीपावाली की शुभकामनाएं दी और प्रदेश में सुख-समृद्धि की कामना की। उन्होंने कहा कि अब सभी मिलकर दोबारा से विकास कार्यों में जुटेंगे और हिमाचल प्रदेश को विकास के रास्ते पर आगे लेकर जाएंगे। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल, उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान, शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह, मुख्य संसदीय सचिव चौधरी राम कुमार, संजय अवस्थी, आशीष बुटेल, विधायक, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार सुनील शर्मा, प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना सहित वरिष्ठ अधिकारी तथा विभिन्न बोर्डों एवं निगमों के अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष, कांग्रेस के पदाधिकारियों सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
-रोहतांग, कुंजम, बारालाचा और शिंकुला दर्रा में 20 से 35 सेंटीमीटर बर्फबारी -मनाली लेह सामरिक मार्ग दारचा से आगे बंद - घाटी में कड़ाके की ठंड ने दी दस्तक हिमाचल के जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति के कई इलाकों में बर्फबारी हुई है। ताजा बर्फबारी के बाद मनाली लेह सामरिक मार्ग वाहनों की आवजाही के लिए बंद हो गया है। बर्फबारी के साथ घाटी में कड़ाके की ठंड ने दस्तक दी है। जिले की चंद्रा वैली में करीब 12 सेंटीमीटर तक बर्फ गिरी है, वहीं रोहतांग, कुंजम, बारालाचा और शिंकुला दर्रा में 20 से 35 सेंटीमीटर तक हिमपात होने की सूचना है। सीमा सड़क संगठन के फीडबैक के बाद जिला प्रशासन ने मनाली लेह सामरिक मार्ग दारचा से आगे बंद कर दिया है, वहीं मनाली-ग्राम्फू-कुंजम के साथ कोकसर-रोहतांग मार्ग भी ट्रैफिक के लिए बंद कर दिया है। हालांकि दारचा-शिंकुला-जांसकर और तांदी-किलाड़ मार्ग वाहनो की आवजाही के लिए खुला है। बीआरओ 70 आरसीसी के ओसी मेजर रवि शंकर ने बताया कि यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए मनाली लेह मार्ग दारचा से आगे बंद कर दिया है। उपायुक्त राहुल कुमार ने कहा कि कोकसर-कुंजम-काजा के साथ कोकसर-रोहतांग मार्ग पर ट्रैफिक रोक दिया गया है, जबकि अटल टनल होकर केलांग-मनाली और मनाली किलाड़ मार्ग खुला है।
शिक्षा विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि मेधा प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत सत्र 2023-24 के लिए उच्चतर शिक्षा विभाग द्वारा आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि इच्छुक एवं पात्र विद्यार्थी इस योजना का लाभ उठाने के लिए 25 नवम्बर, 2023 तक आवेदन कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के दृष्टिगत बारहवीं कक्षा तक के छात्र-छात्राएं अपना आवेदन संबंधित जिला के उच्चतर शिक्षा उप-निदेशक के पास डाक द्वारा अथवा ई-मेल के माध्यम से भेज सकते हैं। स्नातक स्तर के छात्र-छात्राएं अपना आवेदन पत्र अतिरिक्त/संयुक्त निदेशक (कॉलेज), शिक्षा निदेशालय के पास डाक अथवा ई-मेल medha.protsahan@gov.in के माध्यम से भेज सकते हैं। आवेदन जमा करवाने की अन्तिम तिथि 25 नवंबर निर्धारित की गई है और इसके उपरांत कोई भी आवेदन स्वीकार नहीं किया जाएगा। उन्होंने बताया कि एक ई-मेल से केवल एक ही आवेदन पत्र स्वीकार किया जाएगा। योजना से संबधित पूर्ण जानकारी उच्चत्तर शिक्षा निदेशक की वैबसाईट www.education.hp.gov.in पर उपलब्ध है। प्रवक्ता ने यह भी बताया कि योजना के तहत कोचिंग संस्थानों को उच्चतर शिक्षा विभाग को एक लाख रुपये की बैंक गारंटी जमा करवानी अनिवार्य है। यदि अभी तक किसी संस्थान द्वारा यह राशि जमा नहीं की होगी तो उन्हें यह तुरन्त प्रभाव से यह जमा करवानी होगी और तभी वह कोचिंग संस्थान इस उद्देश्य के लिए पात्र होगा।
सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेशों के अनुसार हिमाचल प्रदेश में दिवाली की रात 8 से 10 बजे के बीच ही ग्रीन पटाखे जलाए जा सकेंगे। राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सभी जिलों के उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षकों को पत्र लिखकर आदेशों को सख्ती से लागू करवाने के निर्देश दिए हैं। बोर्ड के सदस्य सचिव अनिल जोशी ने बताया कि एनजीटी की ओर से वायु प्रदूषण के लिहाज से अति संवेदनशील शहरों में पटाखों पर प्रतिबंध लगाया है। जबकि मॉडरेट और सामान्य श्रेणी में आने वाले शहरों में सिर्फ ग्रीन पटाखे दो घंटे चलाने की छूट दी गई है।
कृषि सचिव सी पालरासू ने बताया कि प्रदेश में गेहूं के बीज का उत्पादन बढ़ाने के दृष्टिगत विभाग द्वारा इस वर्ष 800 क्विंटल प्रजनक बीज राज्य के विभिन्न जिलों में आबंटित किया जा रहा है। इस वर्ष गेहूं के प्रजनक बीज का मूल्य 7050 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया है, जिसे विभाग के अपने फार्मों व पंजीकृत किसानों को वितरित किया जा रहा है। इसके अलावा गेहूं के प्रमाणित बीज पर राज्य सरकार द्वारा इस वर्ष 1500 रुपए प्रति क्विंटल की दर से अनुदान दिया जा रहा हैै। राज्य में किसानों की आर्थिकी को देखते हुए इस वर्ष लगभग 600 क्विंटल प्रजनक बीज किसानों में वितरित किया जा रहा है, प्रदेश सरकार द्वारा गेहूं के प्रजनक बीजों पर 3000 रुपए प्रति क्विंटल की दर से अनुदान देने का फैसला लिया है, जिसे सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। इसके अलावा 200 क्विंटल प्रजनक बीज जिलों में स्थित विभागीय फार्मों में उपलब्ध करवाया जाएगा। सरकार के इस निर्णय से किसानों में बीज उत्पादन के प्रति और ज्यादा जागरूकता आएगी व इससे प्रदेश में बीज उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा। कृषि निदेशक कुमद सिंह ने बताया कि प्रदेश में अधिकतर किसान लघु एवं सीमांत है। कृषि व्यवसाय की सफलता व पैदावार बहुत कुछ उच्च गुणवता बीजों की उपलब्धता पर निर्भर करती है। प्रदेश में उत्तम बीजों की मांग बढ़ती जा रही है क्योंकि कोरोना महामारी के बाद अधिकतर नौजवान कृषि से जुड़े है। विभाग खाद्यान्नों आदि के बीजों को प्रदेश में ही उत्पादित कर किसानों को वितरित करने की ओर आत्मनिर्भर हो रहा है।
हिमाचल को पर्यटन राज्य बनाने के लिए साहसिक गतिविधियों पर दिया जा रहा ध्यान आधुनिक जरूरतों के अनुरूप पर्यटन गतिविधियों के विकास को दिया जा रहा बढ़ावा 'पर्यटक ग्राम' जहां हिमाचली संस्कृति से रू-ब-रू होंगे सैलानी हिमाचल प्रदेश की वर्तमान सरकार हिमाचल को पर्यटन राज्य के रूप में विकसित करने को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान कर रही है, ताकि युवाओं के लिए रोजगार तथा स्थानीय लोगों की आय में बढ़ोतरी सुनिश्चित की जा सके। इसके दृष्टिगत ट्रैकिंग, कंैपिंग, पैराग्लाइडिंग तथा रिवर राफ्टिंग जैसी साहसिक गतिविधियों को विशेष तौर पर बढ़ावा दिया जा रहा है। प्रदेश सरकार के प्रयास अब हकीकत में भी नज़र आने लगे हैं। हाल ही में हमीरपुर जिला के नादौन में ब्यास नदी में तीन दिवसीय एशियन राफ्टिंग चैंपियनशिप का सफल आयोजन किया गया। इसमें नेपाल, भूटान और कजाकिस्तान जैसे देशों से प्रतिभागियों ने भाग लिया। कुल्लू-मनाली के उपरान्त नादौन ब्यास नदी पर राफ्टिंग का नया केंद्र बनकर उभरा है। नादौन क्षेत्र में पर्यटन विकास के दृष्टिगत एशियन विकास बैंक की मदद से 2500 करोड़ रुपये की परियोजना भी प्रस्तावित है। इससे पूर्व बिलासपुर जिला में स्थित गोविन्द सागर झील में भी जल क्रीड़ा से संबंधित गतिविधियां आयोजित की गईं। मण्डी जिला के ततापानी में कोल बांध झील में भी जल क्रीड़ा पर आधारित साहसिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा रहा है। कांगड़ा जिला के पौंग डैम में वाटर स्पोर्ट्स, शिकारा, क्रूज़ तथा यॉट इत्यादि की भी व्यवस्था की जा रही है। प्रदेश सरकार पारम्परिक पर्यटन के साथ-साथ आधुनिक जरूरतों के अनुरूप पर्यटन गतिविधियों के विकास को बढ़ावा दे रही है। पर्यटन राजधानी कांगड़ा में अंतरराष्ट्रीय स्तर के गोल्फ कोर्स का निर्माण प्रस्तावित है। बनखण्डी में 300 करोड़ रुपये की लागत से चिड़िया घर का निर्माण किया जा रहा है। सरकार ने अपने प्रथम बजट में ही 60 करोड़ रुपये का प्रावधान इसके पहले चरण के निर्माण के लिए किया है। स्थानीय कला एवं संस्कृति को प्रोत्साहित करने के लिए 'पर्यटक ग्रामÓ की स्थापना भी की जा रही है। इसमें स्थानीय कला, संस्कृति, हस्तकला, संगीत इत्यादि को प्रसारित करते हुए स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान किए जाएंगे। पर्यटन क्षेत्र को नए आयाम देते हुए वरिष्ठ नागरिकों के लिए 'ओल्ड एज होमÓ विकसित किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त एशियन विकास बैंक की सहायता से 1311 करोड़ रुपये की एक व्यापक पर्यटन विकास योजना की घोषणा सरकार ने इस वर्ष के बजट में की है। इसके अंतर्गत कांगड़ा जिला में 390 करोड़ रुपये, हमीरपुर जिला में 257 करोड़ रुपये, कुल्लू जिला में 229 करोड़ रुपये, शिमला जिला में 123 करोड़ रुपये तथा मण्डी जिला में 138 करोड़ रुपये व अन्य स्थानों पर 174 करोड़ रुपये पर्यटन विकास पर व्यय किए जाएंगे। इसके तहत पर्यटन स्थलों पर आधुनिक सुविधाएं, इलैक्ट्रिक बसें, जल क्रीड़ा, थीम पार्क, सड़क किनारे प्रसाधन सहित अन्य सुविधाएं, उच्च स्तरीय फूड कोर्ट, विरासत स्थलों के सौन्दर्यकरण और ईको टूरिज्म के लिए विस्तृत कार्य योजना तैयार की गई है। ग्रीष्म एवं शीतकालीन खेलों का सुचारू आयोजन सुनिश्चित करने के दृष्टिगत शिमला आईस स्केटिंग रिंक का उन्नयन करने के साथ ही मनाली में आईस स्केटिंग तथा रोलर स्केटिंग का निर्माण किया जाएगा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का मानना है कि स्थानीय युवाओं को पर्यटन के साथ जोड़कर रोजगार के स्थायी अवसर सृजित किए जा सकते हैं। इससे पर्यटन विकास सुनिश्चित होगा और प्रदेश के राजस्व में भी बढ़ौत्तरी हो सकेगी। पर्यटन तथा आतिथ्य क्षेत्रों में क्षमता निर्माण से संबंधित प्रशिक्षण प्रदान कर युवाओं को पर्यटन क्षेत्र की वर्तमान आवश्यकताओं के अनुरूप दक्ष बनाने पर भी विशेष ध्यान केन्द्रित किया जा रहा है।
-एसआईटी के पास पहुंचा ढाई लाख निवेशकों का रिकॉर्ड -घोटाले में संलिप्त आरोपियों का जल्द होगा पर्दाफाश क्रिप्टोकरेंसी में निवेश का लालच देकर बनाई गई ढाई लाख निवेशकों की आईडी का पूरा रिकॉर्ड एसआईटी ने जुटा लिया है। ढाई लाख आईडी में नेता, डॉक्टर, अधिकारी, पुलिस, ठेकेदार और किसान शामिल हैं। अब यह देखा जा रहा है कि किस व्यक्ति ने डबल रिटर्न के लालच में कितने का निवेश किया है। किसके खाते में कितनी राशि आई है। इस रिकॉर्ड से एसआईटी जल्द ही घोटाले में संलिप्त आरोपियों का पर्दाफाश करेगी। इस मामले में और गिरफ्तारियां होनी हैं। 2000 करोड़ रुपये का घोटाला जांच में सामने आया है कि क्रिप्टोकरेंसी घोटाला में ढाई लाख के करीब लोगों की आईडी बनी और करीब 2,300 करोड़ रुपये की ट्रांजेक्शन सामने आई है। इसमें 2000 करोड़ का घोटाला है। आरोपियों ने साल दर साल धोखाधड़ी को अंजाम देने के लिए नए-नए नाम से कंपनियां बनाईं। अब तक की जांच में पूरे फ्रॉड का मास्टरमाइंड सुभाष और अभिषेक को माना जा रहा है। इसके साथ ही घोटाले में संलिप्त कुछ अन्य आरोपियों को भी विभिन्न कपंनियों के एमएलएम से जुड़े बिजनेस में काम करने का अनुभव था। ऐसे में घोटाले से जुड़ी गैंग के सदस्यों को मालूम था किस तरह से लोगों को लालच देकर में जल्द से जल्द चेन को आगे बढ़ाना है। यही कारण रहा कि चंद सालों में करोड़ रुपये के घोटाले को अंजाम देने में आरोपी सफल रहे। इसी बीच जब आरोपियों को पूरे खेल का भंडाफोड़ होने का अंदेशा हुआ तो मास्टर माइंड सुभाष पुलिस का शिकंजा कसने से पहले ही विदेश फरार हो गया। कई आरोपी भूमिगत हो गए। पुलिस एसआईटी घोटाले में अब तक साढ़े 9 करोड़ की संपत्तियों को सीज किया जा चुका है। एसआईटी की ओर से इन दिनों आरोपियों की संपत्तियों को सीज करने का सिलसिला जारी है।
खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि विभाग द्वारा उपभोक्ताओं के राशन कार्ड की ई-केवाईसी करवाने की तिथि 30 नवंबर तक बढ़ा दी गई है। पहले यह 31 अक्तूबर तक निर्धारित की गई थी। उन्होंने कहा कि कुछ उपभोक्ता अपना व अपने परिवार के सदस्यों का ई-केवाईसी करवाने से वंचित रह गए थे। विभाग द्वारा ऐसे लोगों की सुविधा के लिए ई-केवाईसी प्रक्रिया पूर्ण करने की तिथि बढ़ाई गई है। विभाग द्वारा राशन वितरण में पारदर्शिता लाने के लिए ई-केवाईसी के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि राशन कार्ड में दर्ज व्यक्ति का नाम, जन्मतिथि तथा लिंग, आधार में दर्ज डाटा के अनुरूप हो, इसके दृष्टिगत प्रदेश भर में ई-केवाईसी की प्रक्रिया आरम्भ की गई है। उन्होंने सभी उपभोक्ताओं से आग्रह किया कि वे ई-केवाईसी की प्रक्रिया को सयमबद्ध पूर्ण करने में सहयोग प्रदान करें। सरकार की
-'मेरी माटी, मेरा देश' कार्यक्रम में हिमाचल की रही शानदार भागीदारी 'मेरी माटी, मेरा देश' कार्यक्रम के अंतर्गत वीरभूमि हिमाचल के गांवों की मिट्टी लेकर दिल्ली पहुंचे 143 युवाओं ने केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण और युवा एवं खेल मामलों के मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर के साथ कर्तव्य पथ पर विशाल कलश में अर्पित की। इसी विशाल कलश की मिट्टी से कर्तव्य पथ पर अमृत उद्यान का निर्माण होगा। इस दौरान मीडिया कर्मियों से वार्तालाप करते हुए ठाकुर ने बताया कि हमारी वीरभूमि हिमाचाल वीरों की जननी है, वीरों की भूमि है। वीरभूमि हिमाचल प्रदेश बलिदानियों की भूमि है। यहां गांव के गांव हमारे वीरों के किस्सों से पटे पड़े हैं। मेरी माटी मेरा देश हमारे शहीदों, स्वतंत्रता संग्राम के गुमनाम नायकों को याद करने का उन्हें श्रद्धांजलि देने का प्रयास है। मेरी माटी, मेरा देश आजादी के अमृत महोत्सव का अंतिम कार्यक्रम है। पूरे देश ने पिछले दो वर्षों में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया। लाखों कार्यक्रम हुए, करोड़ों लोग इससे जुड़े। माननीय प्रधानमंत्री जी ने मेरी माटी, मेरा देश कार्यक्रम की शुरुआत करने को कहा तो पूरे देश के 6 लाख से ज्यादा गांवो और 7500 ब्लॉक्स में अमृत कलश यात्राएं निकलीं और मिट्टी इक_ा की गई और हिमाचल प्रदेश ने भी इसमें बढ़-चढ़कर भाग लिया। पूरे देश से इक_ी की गई इस मिट्टी से कर्तव्य पथ पर अमृत उद्यान बनेगा। आज विजय चौक से लेकर इंडिया गेट तक युवाओं का हुजूम देश की मिट्टी को नमन और वीरों का वंदन करने हेतु जमा है। केंद्रीय मंत्री ने आगे बताया कि कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस कार्यक्रम का विधिवत समापन कर देशवासियों को संबोधित करेंगे। आज कर्तव्य पथ पर आपकी विशाल कलश देख सकते हैं जिसमें पूरे देश के 6 लाख गांव से आई मिट्टी रखी गई है।तमिलनाडु से लेकर जम्मू कश्मीर तक और नागालैंड से लेकर गुजरात तक संपूर्ण देश के युवाओं में देशभक्ति की भावना कूट-कूट कर भरी है। आज तपती धूप में पूरे देश से युवा नई दिल्ली में एकत्रित हैं। हाथों में तिरंगा लिए युवाओं का जोश देखते ही बनता है।
-प्रदेश सचिवालय में भी गैर फॉर्मल कपड़े पहनने पर होगी अनुशासनात्मक कार्रवाई -प्रधान सचिव सामान्य प्रशासन भरत खेड़ा ने जारी किया सर्कुलर प्रधान सचिव सामान्य प्रशासन भरत खेड़ा ने एक सर्कुलर जारी किया है, जिसके अनुसार हिमाचल प्रदेश सचिवालय समेत सरकारी दफ्तरों में अधिकारी और कर्मचारी अगर जीन, टी-शर्ट या अन्य गैर फॉर्मल कपड़े पहनकर आए तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी। प्रदेश हाईकोर्ट और अन्य अदालतों में भी अधिकारियों और कर्मचारियों को फॉर्मल ड्रेस पहनकर ही जाना होगा। इसके अलावा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को वर्दी पहन कर ही कार्यालय में आना होगा। सर्कुलर में स्पष्ट किया गया है कि प्रदेश उच्च न्यायालय ने वर्ष 2017 में इस संबंध में निर्देश जारी किए थे। उसके बाद कार्मिक विभाग ने सभी विभागों को दिशा-निर्देश तैयार कर जारी किए थे, जिसमें ड्रेस कोड के बारे में जानकारी दी थी। इसमें स्पष्ट किया था कि सरकारी अधिकारी और कर्मचारी उपयुक्त, औपचारिक, साफ और अच्छे दिखने वाले और सही रंग के कपड़े पहनकर ही सरकारी दफ्तर में आएंगे। वे उच्च न्यायालय या अन्य अदालतों में उपस्थित होते हुए भी फॉर्मल और सही तरीके के कपड़े पहनेंगे। इस सर्कुलर के अनुसार हालांकि यह ध्यान में आया है कि इन निर्देशों की ठीक से अनुपालना नहीं की जा रही है। यही नहीं, प्रदेश के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भी सही कपड़ों में नहीं पहुंच रहे हैं। उनके लिए पहले से ही वर्दी तय है। अधिकारियों और कर्मचारियों के कपड़े पहनने का अंदाज कार्यालय की व्यावसायिकता, गंभीरता और अनुशासन की शैली को भी प्रदर्शित करता है। ऐसे में राज्य सचिवालय के सभी अधिकारी और कर्मचारी इन निर्देशों की अनुपालना करें। अगर इस संबंध में किसी भी तरह की कोताही बरती जाती है तो ऐसे में अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए कंडक्ट रूल्स में प्रावधान होने की भी बात की गई। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों में केवल वही वर्दी नहीं पहनेंगे, जिन्हें इससे पहले अनिवार्य नहीं किया गया है।
हिमाचल प्रदेश के लोगों की सुविधा को देखते हुए राज्य सरकार ने सफेदा, पॉपलर, बांस की लकड़ी के साथ-साथ कुठ (औषधीय पौधे) को प्रदेश से बाहर ले जाने पर लगी रोक को हटा दिया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस संबंध में जानकारी प्रदान करते हुए आज यहां कहा कि अब राज्य के लोग इन चार प्रजाति की लकड़ी को बिना परमिट के प्रदेश से बाहर ले जा सकते हैं। साथ ही इन प्रजाति की लकड़ी की ढुलाई राज्य के भीतर भी बिना अनुमति के हो पाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य में बहुत से किसान इन प्रजाति के पेड़ों को व्यवसायिक स्तर पर उगाते हैं, ऐसे में उनके हितों को देखते हुए राज्य सरकार ने इन चार प्रजातियों पर लगे प्रतिबंध को हटाने का निर्णय लिया है। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि इसके अतिरिक्त प्रदेश सरकार ने खैर की लकड़ी, कत्था, देवदार के तेल सहित प्रदेश में उगने वाली अन्य जड़ी-बूटियों को प्रदेश से बाहर ले जाने पर लगे प्रतिबंध को भी हटा दिया है। हालांकि इन वन उत्पादों को प्रदेश से बाहर ले जाने के लिए वन विभाग से परमिट लेना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार वन विभाग से विभिन्न प्रकार के ई-परमिट प्राप्त करने के लिए हिमाचल प्रदेश में नेशनल ट्रान्ज़िट पास सिस्टम शुरू करने जा रही है। यह सिस्टम शुरू करने वाला हिमाचल प्रदेश देश का छठा राज्य होगा, जिसके शुरू होने से जहां लोगों को ई-परमिट प्राप्त करने में सुविधा होगी, वहीं विभाग के कार्यों में पारदर्शिता और दक्षता आएगी।
-पंचायती राज मंत्री बोले, प्रदेश की स्थिति सुधरने पर पूरी करेंगे मांगें -टर्मिनेशन लेटर भी लिए जाएंगे वापस जिला परिषद कैडर अधिकारी व कर्मचारियों की २२ दिनों से चली आ रही हड़ताल आज समाप्त हो गई। सोमवार से सभी कर्मचारियों व अधिकारियों ने कार्य पर लौटने का फैसला लिया है। शनिवार को जिला परिषद कर्मचारी महासंघ का एक प्रतिनिधिमंडल पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह से मिला और लगभग एक घंटे तक चली बैठक के बाद सरकार की ओर से मिले आश्वासन पर हड़ताल समाप्त करने का फैसला लिया गया। पंचायती राज मंत्री ने कर्मचारियों को चरणबद्ध तरीके से उनकी मांगें पूरी करने का आश्वासन दिया है। वहीं, पंचायती राज मंत्री ने कहा कि आज जिला परिषद कर्मियों का प्रतिनिधिमंडल उनसे मिला और बैठक की गई, जिसमें उन्हें विश्वास दिलवाया गया है कि उनकी मांगें सरकार चरणबद्ध तरीके से पूरा करेगी। उन्होंने कहा कि इनकी हड़ताल के चलते आपदा के समय कार्य में रुकावट आ रही थी। उन्होंने कहा कि 30 अक्टूबर को कर्मचारियों व अधिकारियों की महत्वपूर्ण बैठक रखी गयी है, जिसमें इनकी सभी मांगों पर मंथन किया जाएगा। मंत्री ने कहा कि जिन कर्मचारियों को बर्खास्तगी पत्र जारी किए गए थे, सोमवार को काम पर लौटने पर उनके टर्मिनेशन लेटर भी वापस ले लिए जाएंगे।
खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि राशन वितरण में पारदर्शिता लाने के लिए उपभोक्ताओं के राशन कार्डों में उनकी आधार संख्या पंजीकृत की जा रही है। ई-केवाईसी के माध्यम से यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि राशन कार्ड में दर्ज व्यक्ति का नाम, जन्म तिथि तथा लिंग, आधार में दर्ज डाटा के अनुसार ही हो। इस प्रक्रिया को 31 अक्तूबर पूर्ण किया जा रहा है। प्रवक्ता ने बताया कि विभागीय सर्वर में अचानक आई तकनीकी समस्या के दृष्टिगत ई-केवाईसी की प्रक्रिया बाधित हो गई थी, जिसे दुरूस्त किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 21 अक्तूबर से ई-केवाईसी की प्रक्रिया पुन: सुचारू रूप से कार्य करना आरंभ कर देगी। उन्होंने उपभोक्ताओं से अपील की है कि संबंधित उचित मूल्य की दुकान पर जाकर ई-केवाईसी की प्रक्रिया पूर्ण करने के लिए विभाग का सहयोग करें। उन्होंने कहा कि यदि किसी उचित मूल्य की दुकान में राशन प्राप्त करने में कोई असुविधा हो रही हो तो इसका समाधान 24 अक्तूबर तक कर दिया जाएगा।
-मुख्यमंत्री सुक्खू ने किया मिल्कफेड के नए उत्पादों का शुभारंभ मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां ओक ओवर से मिल्कफेड के नए उत्पादों का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने दुग्ध प्रसंघ को बाजार में मांग आधारित उत्पाद तैयार करने के निर्देश देते हुए कहा कि राज्य सरकार गुणवत्तापूर्ण उत्पाद तैयार करने में हर संभव सहायता प्रदान करेगी। त्योहारों के मौसम को देखते हुए हिमाचल प्रदेश मिल्कफेड ने गिफ्ट पैक, शादी की भाजी और शुगर फ्री मिठाइयां बाज़ार में उतारी हैं। नए गिफ्ट पैक तीन तरह की पैकिंग में उपलब्ध होंगे, जिनका मूल्य क्रमश: 620, 1000 तथा 1500 रुपए रखा गया है। मिल्कफेड के सभी बिक्री केंद्रों तथा जिला मुख्यालयों पर यह उपलब्ध होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला कांगड़ा के डगवार में लगभग 226 करोड़ रुपये की लागत से 'स्टेट ऑफ द आर्टÓ दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र का निर्माण प्रस्तावित है, जहां दूध के अनेक तरह के उत्पाद तैयार किए जाएंगे। इसके साथ-साथ अन्य संयंत्रों में भी आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने अपने प्रतिज्ञा-पत्र में किसानों से 80 रुपए प्रति किलो गाय का दूध और 100 रुपये प्रति किलो भैंस का दूध खरीदने का वादा किया है, जिसके लिए मिल्कफेड के प्लांट को आधुनिक बनाया जा रहा है, ताकि किसानों से खरीदे गए दूध से गुणवत्तापूर्ण उत्पाद तैयार किए जा सकें। मिल्कफेड के प्रबंध निदेशक डॉ. विकास सूद ने मुख्यमंत्री को अवगत करवाया कि सभी उत्पादों को तैयार करने में उच्च गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। शुगर फ्री मिठाइयों की मांग को देखते हुए मिल्कफेड ने इन्हें बाज़ार में उतारा है। इसके साथ-साथ मिल्कफेड की मिल्क केक, पहाड़ी बर्फी, कोकोनट बर्फी, के साथ-साथ 16 प्रकार की मिठाइयां बाज़ार में उपलब्ध होंगी। इस अवसर पर उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान, निदेशक सूचना एवं जन संपर्क राजीव कुमार सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
-बार-बार नोटिस जारी किए जाने के बावजूद ड्यूटी पर नहीं पहुंचे हड़ताल पर चल रहे जिला परिषद कैडर के कर्मचारियों पर प्रदेश सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। निदेशक पंचायती राज रुग्वेद ठाकुर की ओर से वीरवार को सीईओ जिला परिषद को जारी आदेशों में 167 जूनियर इंजीनियर की सेवाएं समाप्त करने के निर्देश जारी हुए हैं। इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई है। बिलासपुर में 6, चंबा 13, हमीरपुर 10, कांगड़ा 38, किन्नौर 3, कुल्लू 11, लाहौल स्पीति 2, मंडी 32, शिमला 17, सिरमौर 13, सोलन 12 और ऊना में 10 जूनियर इंजीनियर की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं। 167 जूनियर इंजीनियर के पद अब आउटसोर्स आधार पर भरे जाएंगे। आउटसोर्स आधार पर बिलासपुर और चंबा में 7-7 पद, हमीरपुर 13, कांगड़ा 35, किन्नौर 3, कुल्लू 13, लाहौल स्पीति 1, मंडी 25, शिमला 22, सिरमौर 13, सोलन 16 और ऊना में 9 पद भरे जाएंगे। आउटसोर्स पदों को भरने की जानकारी हिमाचल प्रदेश राज्य इलेक्ट्रॉनिक विकास निगम को भेजी जाएगी और यह पद एक साल के लिए भरे जाएंगे। बार-बार नोटिस जारी किए जाने के बावजूद भी यह इंजीनियर ड्यूटी पर नहीं पहुंचे। सरकार का तर्क है कि जेई की अनुपस्थिति से मनरेगा के विकार्स कार्य, मनरेगा मजदूरों को भुगतान और आपदा कार्यों की बहाली में बाधा उत्पन्न हो रही थी।
हिमाचल में करीब 80,000 शिक्षकों के तबादलों के लिए प्रदेश सरकार ने पुराने नियम बदल दिए हैं। अब शिक्षकों के तबादले 30 किलोमीटर के दायरे से बाहर होंगे। एक स्थान पर तीन वर्ष का सेवाकाल पूरा करने के बाद अब शिक्षकों को 30 किलोमीटर दूर जाना अनिवार्य कर दिया गया है। तबादले करने के लिए सरकार ने दूरी को पांच किलोमीटर बढ़ा दिया है। पहले 25 किलोमीटर के भीतर तबादले होते थे। राज्य मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद शिक्षा विभाग ने इस बाबत अधिसूचना जारी कर दी है। प्रदेश में इसी माह से यह व्यवस्था लागू होगी। एक स्कूल में तीन वर्ष का सेवाकाल पूरा होते ही आपसी सहमति से नजदीकी शिक्षक के साथ स्कूल बदलने के तबादला आदेश जारी करवाने वाले शिक्षकों के लिए अब राह आसान नहीं रहने वाली है। शहरों के आसपास सटे स्कूलों में ही सेवाएं देने वाले शिक्षकों को थोड़ा और बाहर के क्षेत्रों में भेजने के लिए सरकार ने तबादला नीति में बदलाव कर दिया है। विभागीय अधिकारियों की ओर से 30 की जगह 40 किलोमीटर के दायरे से बाहर शिक्षकों के तबादले करने का प्रस्ताव था, लेकिन सरकार ने इस दूरी को 30 किलोमीटर ही रखने की मंजूरी दी है। इस नई व्यवस्था से अब ऐसे स्कूलों में शिक्षकों की कमी दूर होगी, जहां कोई भी जाने को तैयार नहीं होता था।
-मनाली-लेह एनएच-3 दारचा से सरचू के बीच बंद हिमाचल के लाहौल व कुल्लू की ऊंची चोटियों पर बर्फबारी, जबकि निचले क्षेत्रों में बारिश हुई है। नेशनल हाईवे तीन मनाली-लेह बर्फबारी के चलते दारचा से सरचू के बीच बंद हो गया है। इसके साथ दारचा-शिंकुला सड़क भी बर्फबारी से बंद हो गई है। वहीं पुलिस ने शिकुंला में बर्फबारी के चलते फंसे नौ मजदूरों को रेस्क्यू किया है। यह मजदूर रात को बर्फबारी में फंस गए थे। जिन्हें रेस्क्यू कर सकुशल दारचा पहुंचाया गया। वहीं नेशनल हाईवे 505 ग्रांफू के रास्ते बर्फबारी के चलते बंद हो गया है। ग्रांफू-काजा-समदो सड़क फिलहाल सभी प्रकार के वाहनों के लिए ठप है। हालांकि तांदी-तिंदी, किलाड़-संसारी सड़क में वाहनों की आवाजाही जारी है। लाहौल-स्पीति प्रशासन ने सड़कों की स्थिति को देखकर ही यात्रा करने का आग्रह किया है। हिमाचल प्रदेश के कई क्षेत्रों में रविवार और सोमवार को भारी बारिश और बर्फबारी का ऑरेंज अलर्ट जारी हुआ है। 17 अक्तूबर तक प्रदेश में मौसम खराब बना रहने का पूर्वानुमान है। 18 अक्तूबर से मौसम साफ रहने की संभावना है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार 15 और 16 अक्तूबर को चंबा, कुल्लू, कांगड़ा और लाहौल-स्पीति के कई क्षेत्रों में ऑरेंज अलर्ट का असर रहेगा। इस दौरान इन जिलों के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी और अन्य क्षेत्रों में बारिश की चेतावनी जारी हुई है। शेष जिलों के लिए इस दौरान येलो अलर्ट जारी हुआ है।
-मुख्यमंत्री ने अंतर्राष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण दिवस पर दिया सम्मान -स्कूल सेफ्टी मोबाइल ऐप का किया शुभारंभ -कहा, राज्य में बादल फटने की बढ़ती घटनाओं का अध्ययन आवश्यक -सीबीआरआई रुड़की और हिमकॉस्टे के मध्य समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अंतर्राष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण दिवस के अवसर पर आज शिमला में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान आपदा के दौरान बेहतरीन कार्य करने वाले विभागों और अधिकारियों को सम्मानित किया। साथ ही संकट की इस घड़ी में प्रदेशवासियों एवं विभिन्न संगठनों के प्रयासों की भी सराहना की। आपदा के दौरान विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों के बेहतर कार्यों की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रभावितों की मदद में सभी ने अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान दिया है। राज्य सरकार द्वारा राहत एवं बचाव अभियान के लिए उन्हें सभी तरह के संसाधन उपलब्ध करवाए गए। इसके अतिरिक्त स्थानीय लोगों एवं स्वयंसेवी संगठनों का भी भरपूर सहयोग मिला है। इस आपदा में हिमाचली लोगों के परस्पर सहयोग तथा संकट का एकजुट होकर सामना करने का जीवट भी सामने आया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बादल फटने की बढ़ती घटनाओं का अध्ययन करने की भी आवश्यकता है, क्योंकि राज्य के पहाड़ी क्षेत्रों के साथ-साथ मैदानी क्षेत्रों में इस तरह की घटनाएं सामने आई हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सुरक्षित भवन निर्माण के दृष्टिगत विभिन्न उपायों पर चर्चा के साथ ही इन्हें अमल में लाने के लिए कड़े कानून बनाने पर भी विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस बार मानसून में भारी तबाही हुई है, लेकिन प्रशासन के सामूहिक प्रयासों से विभिन्न स्थानों में फंसें 75 हजार लोगों को सुरक्षित निकाला गया और 48 घंटों में सभी आवश्यक सेवाएं अस्थाई रूप से बहाल की गईं। ट्रैफिक में फंसे लोगों के लिए खाने-पीने सहित अन्य आवश्यक सुविधाएं प्रदान की गईं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रभावित परिवारों के लिए 4500 करोड़ रुपये का विशेष राहत पैकेज घोषित किया गया है। बेघर हुए परिवारों को किराए के आवास के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में 5 हजार और शहरी क्षेत्रों में 10 हजार रुपए प्रदान करने के साथ-साथ नि:शुल्क राशन भी दिया जा रहा है। आपदा में भूमिहीन हुए परिवारों को घर बनाने के लिए शहरी क्षेत्रों में दो बिस्वा तथा ग्रामीण क्षेत्रों में तीन बिस्वा भूमि देने का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस भीषण आपदा का दृढ़ता के साथ सामना करने के बाद अब राज्य सरकार हिमाचल को फिर से विकास की राह पर आगे ले जाने के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। प्रदेश पर 75 हजार करोड़ रुपए का कर्ज है, लेकिन सरकार केवल कर्ज के सहारे ही नहीं चल सकती। ऐसे में राज्य सरकार अपने आर्थिक संसाधन बढ़ाने पर विशेष ध्यान दे रही है। उन्होंने कहा कि आने वाले चार वर्षों में हिमाचल को आत्मनिर्भर तथा दस वर्षों में देश का सबसे समृद्ध राज्य बनाने का लक्ष्य रखा है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर स्कूल सेफ्टी मोबाइल ऐप का शुभारम्भ भी किया। इस ऐप के माध्यम से स्कूल आपदा प्रबंधन की योजना बना सकेंगे और उसी के अनुरूप मॉकड्रिल का आयोजन कर सकेंगे, जिसकी निगरानी उच्च स्तर पर भी आसानी से की जा सकेगी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री की उपस्थिति में केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई) रुड़की और हिमाचल प्रदेश विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं पर्यावरण परिषद (हिमकॉस्टे) के मध्य एक समझौता ज्ञापन भी हस्ताक्षरित किया गया। सीबीआरआई की ओर से एसके नेगी और हिमकॉस्टे की ओर से डी.सी. राणा ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर भूकंप से भवनों की सुरक्षा तथा ग्रामीण हिमाचल में राज मिस्त्रियों की प्रशिक्षुता से संबंधित पुस्तक एवं मार्गदर्शिका का भी विमोचन किया। प्रधान सचिव राजस्व ओंकार चंद शर्मा ने समर्थ कार्यक्रम की विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत की और इस दौरान आयोजित गतिविधियों की जानकारी प्रदान की। विशेष सचिव डीसी राणा ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया। इस अवसर पर नगर निगम शिमला के महापौर सुरेंद्र शर्मा, उप-महापौर उमा कौशल, उपायुक्त आदित्य नेगी, पुलिस अधीक्षक संजीव गांधी सहित अन्य गणमान्य उपस्थित थे।
-जल रक्षकों, मल्टी टास्क वर्कर्स, पैरा फिटर तथा पैरा पंप ऑपरेटर के मानदेय में बढ़ोतरी मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आज यहां हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में वन विभाग की 'वन मित्र' योजना को मंजूरी देने का निर्णय लिया गया, जिसके तहत 2061 वन बीटों में एक-एक वन मित्र को लगाया जाएगा। जमीनी स्तर के संस्थानों को शामिल करके वन क्षेत्रों की सुरक्षा, संरक्षण और विकास में स्थानीय समुदायों की भागीदारी और वन विभाग में अनुबंध के आधार पर वन रक्षकों के 100 रिक्त पदों को भरने की मंजूरी दी गई। मंत्रिमंडल ने जल शक्ति विभाग के जल रक्षकों, बहुउद्देश्यीय कार्यकर्ताओं, पैरा फिटर तथा पैरा पंप ऑपरेटरों के मानदेय में 200 रुपये की वृद्धि करने का निर्णय लिया। बैठक में जल शक्ति विभाग के जल रक्षकों, बहु उद्देशीय कार्यकर्ताओं, पैरा फिटर और पैरा पम्प ऑपरेटर के मानदेय को 500 रुपये मासिक बढ़ाकर क्रमशः 5000 रुपये, 4400 रुपये, 6000 रुपये और 6000 रुपये करने का निर्णय लिया गया। मंत्रिमंडल ने ऊना जिला में श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत 76.50 करोड़ रुपये की लागत से पीपीपी मोड में बाबा माई दास भवन पार्किंग चिन्तपूर्णी से मंदिर तक यात्री रोपवे प्रणाली स्थापित करने को सैद्धांतिक तौर पर मंजूरी प्रदान की। परिवहन विभाग में 15 ई-टैक्सियां किराए पर लेने को मंजूरी मंत्रिमंडल ने परिवहन विभाग में 15 ई-टैक्सियां किराए पर लेने को मंजूरी पदान की। बैठक में राज्य के सभी जिलों में आपात स्थिति के दौरान वैकल्पिक संचार के लिए एमेच्योर और सामुदायिक रेडियो को बढ़ावा देने का निर्णय लिया गया। इससे सूचना स्रोतों, आपातकालीन प्रबन्धकों और आपदा या आपातकालीन स्थितियों से प्रभावित लोगों के बीच प्रभावी सूचना आदान-प्रदान सुनिश्चित होगा। बैठक में सीसे (लैड) पर अतिरिक्त माल कर 25 पैसे प्रति किलोग्राम की दर से कम करने का निर्णय लिया गया। मंत्रिमंडल ने प्रदेश में लोगों को बेहतर परिवहन सुविधा के लिए राज्य में निजी संचालकों के लिए 234 रूट और टैम्पो ट्रेवलर्ज के 100 अतिरिक्त रूट प्रदान करने का निर्णय लिया। बैठक में परिवहन विभाग के यातायात निरीक्षकों, मोटर वाहन निरीक्षकों, वरिष्ठ मोटर वाहन निरीक्षकों तथा पुलिस विभाग के सहायक उप-निरीक्षकों व हैड कांस्टेबल को मोटर वाहन अधिनियम-1988 की विभिन्न धाराओं के तहत अपराधों को कम करने के लिए नामित प्राधिकारी घोषित करने की भी मंजूरी दी। मंत्रिमंडल ने आपदा के कारण बेघर हुए लोगों और जिन लोगों के पास नया घर बनाने के लिए उपयुक्त भूमि उपलब्ध नहीं है उन्हें शहरी क्षेत्र में दो बिस्वा भूमि और ग्रामीण क्षेत्रों में तीन बिस्वा भूमि प्रदान करने का निर्णय लिया। मंत्रिमंडल ने प्रदेश में आपदा प्रभावित परिवारों के लिए 30 सितम्बर, 2023 को घोषित विशेष राहत पैकेज को मंजूरी प्रदान की। इस विशेष पैकेज के तहत घर के पूरी तरह क्षतिग्रस्त होने पर दिए जाने वाले 1.30 लाख रुपये के मुआवजे को साढ़े पांच गुणा बढ़ाकर सात लाख रुपये किया गया है। इसके अलावा कच्चे मकान के आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त होने पर दिए जाने वाले मुआवजे को 25 गुणा बढ़ाकर 4000 रुपये से एक लाख रुपये तथा पक्के घर के आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त होने पर दिए जाने वाले मुआवजे को साढ़े 15 गुणा बढ़ाकर एक लाख रुपये किया गया है। दुकान तथा ढाबा के क्षतिग्रस्त होने पर दिए जाने वाले मुआवजे को 25000 रुपये से चार गुणा बढ़ाकर एक लाख रुपये किया गया है। प्रदेश सरकार गऊशाला को हुए नुकसान की भरपाई के लिए दी जाने वाली राशि को 3000 रुपये से बढ़ाकर 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करेगी। प्रदेश सरकार किराएदारोें के सामान के नुकसान के लिए दी जाने वाली 2500 रुपये की राशि को 20 गुणा बढ़ाकर 50 हजार रुपये की सहायता राशि प्रदान करेगी। दुधारू तथा भार उठाने वाले पशुओं की क्षति पर 55 हजार जबकि बकरी, सुअर, भेड़ तथा मेमने की मुआवजा राशि 6000 रुपये प्रति पशु की दर से प्रदान की जाएगी। कृषि तथा बागवानी भूमि के नुकसान की भरपाई के लिए दी जाने वाली राशि मुआवजा राशि को 3615 रुपये प्रति बीघा से बढ़ाकर 10,000 रुपये प्रति बीघा कर दिया है। फसलों कोे हुए नुकसान की भरपाई के लिए दी जाने वाली राशि को 500 रुपये प्रति बीघा को आठ गुणा बढ़ाकर 4000 रुपये किया गया है। कृषि तथा बागवानी भूमि से सिल्ट हटाने के लिए दी जाने वाली आर्थिक सहायता को 1384.61 प्रति बीघा से बढ़ाकर 5000 रुपये किया गया है। यह विशेष पैकेज 24 जून, 2023 से 30 सितम्बर, 2023 तक प्रदान किया जाएगा। मंत्रिमंडल ने शिमला विकास योजना को संशोधित करने का निर्णय लिया। सड़क से ऊपर स्थित ग्रीन बेल्ट क्षेत्र में नवबहार से रामचन्द्रा चौक से मछीवाली कोठी से क्राइस्ट चर्च से लक्कड़ बाजार से आईजीएमसी से संजौली चौक से नवबहार तक जहां पेड़ नहीं हैं वहीं निर्माण की अनुमति दी जाएगी। शिमला विकास योजना के तहत ग्रीन बेल्ट क्षेत्र में सिर्फ उन्हीं प्लाटों पर आवासीय निर्माण को अनुमति प्रदान की जाएगी जहां पेड़ नहीं हैं। मंत्रिमंडल ने नाला और खड्ड से क्रमशः पांच और सात मीटर की दूरी पर निर्माण को अनुमति देने के लिए हिमाचल प्रदेश नगर एवं ग्राम योजना नियमों को संशोधित करने का निर्णय लिया।
-प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने जिला रोजगार कार्यालयों से मांगी सूची हिमाचल प्रदेश में 1,409 प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (टीजीटी) की बैचवाइज भर्ती प्रक्रिया शुरू हो गई है। भर्ती प्रक्रिया शुरू होने से 25 वर्ष पहले बीएड करने वालों को भी सरकारी नौकरी करने का मौका मिलने जा रहा है। प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय टीजीटी कला संकाय के 652, नॉन मेडिकल के 492 और मेडिकल के 265 पद भरेगा। टेट पास अभ्यर्थी भर्ती के लिए पात्र होंगे। अनुबंध आधार पर भर्ती होने वाले शिक्षकों को 22,860 रुपये का फिक्स वेतन मिलेगा। विभाग ने प्रदेश के दुर्गम और दूरदराज के स्कूलों में सेवाएं नहीं देने के इच्छुक अभ्यर्थियों से काउंसलिंग में न आने की अपील की है। किस कोटे में कितने पद टीजीटी के 898 पद अनारक्षित, ईडब्ल्यूएस, ओबीसी, एससी और एसटी वर्ग से भरे जाएंगे। इसके अलावा पूर्व सैनिक कोटे से 353, खेल कोटे से 68 और दिव्यांग कोटे से 90 पद भरे जाएंगे। 898 पदों के लिए जिला रोजगार कार्यालयों से पात्र अभ्यर्थियों की सूची मांगी गई है। बीए, बीएससी और बीकॉम में 50 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले और बीएड पास अभ्यर्थी भर्ती के लिए पात्र होंगे। टीजीटी के 898 पदों की भर्ती के लिए नॉन मेडिकल संकाय में बीएड करने वालों का वर्ष 1999 का बैच पात्र होगा पूर्व सैनिक कोटे के तहत टीजीटी कला में 159, नॉन मेडिकल में 130 और मेडिकल में 64 पद भरे जाएंगे। निदेशक सैनिक कल्याण विभाग से पात्र अभ्यर्थियों की सूची प्राप्त होते ही प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को शुरू करेगा। बैचवाइज भर्ती के लिए कला संकाय में अनारक्षित वर्ग के लिए वर्ष 2001, मेडिकल में 2002 का बीएड बैच चल रहा है। कला संकाय की भर्ती के लिए आर्थिक तौर पर कमजोर वर्ग का मई 2003, ओबीसी का 2003, एससी और एसटी वर्ग का वर्ष 2004 का बैच चल रहा है। नॉन मेडिकल भर्ती के लिए ईडब्लूएस का 2002, ओबीसी का 2003, एससी का 2006 और एसटी का 2008 का बैच चल रहा है। मेडिकल संकाय में ईडब्लूएस का 2005, ओबीसी का 2006, एससी-एसटी का वर्ष 2006 का बैच चल रहा है 6 से 15 नवंबर तक जिला स्तर पर होगी काउंसलिंग टीजीटी की बैचवाइज भर्ती के लिए जिला स्तर पर 6 से 15 नवंबर तक काउंसलिंग होगी। जिला उप निदेशक शिक्षा भर्ती करेंगे। प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने जिला रोजगार कार्यालयों से 20 अक्तूबर तक पात्र अभ्यर्थियों की सूची देने को कहा है। शिक्षा निदेशालय की जगह जिला उप निदेशक कार्यालयों में अभ्यर्थियों के नाम देने को कहा गया है।
एचआरटीसी प्रबंध निदेशक रोहन चंद ठाकुर के निर्देश के बाद परिवहन निगम ने बसों में सामान ले जाने को लेकर रिवाइज्ड भाड़ा सूची जारी की है। इसमें बसों में नि:शुल्क ले जाने वाली वस्तुओं के साथ नए उत्पादों के लिए किराया विवरण भी जारी किया है। बस में सवारी अपने साथ घरेलू सामान 30 किलोग्राम तथा किसी भी साइज के दो बैग, बच्चों की ट्राली, तिपहिया साइकिल, व्हील चेयर, लैपटॉप, सेब बॉक्स के साथ सेब का एक गिफ्ट पैक फ्री में कहीं भी ले जा सकते हैं, लेकिन अगर सवारी साथ नहीं है, तो फिर एक गिफ्ट पैक का हाफ टिकट कटेगा। सवारी के साथ एक से ज्यादा गिफ्ट पैक पर एक चौथाई किराया लिया जाएगा, जबकि फुल पेटी का पूरा एक सवारी का किराया कटेगा। एचआरटीसी प्रबंधन ने सवारियों के साथ और बिना सवारी के साथ एचआरटीसी की बसों में ढोए जाने वाले सामान के लिए रिवाइज्ड भाड़ा निर्धारित किया है। एचआरटीसी की ओर से रिवाइज्ड भाड़े के मुताबिक सवारी के साथ ऑफिस या डाइनिंग चेयर का एक चौथाई किराया वसूल किया जाएगा। डाइनिंग व ऑफिस टेबल फुल टिकट होगा। पांच सीटर सोफा सेट का डबल टिकट कटेगा। सिंगल बेड बॉक्स का फुल टिकट कटेगा। डबल बेड बॉक्स का डबल टिकट कटेगा, अलमारी का भी डबल टिकट कटेगा। सिलाई मशीन व पंखे का एक चौथाई किराया कटेगा। प्लास्टिक व फोल्डिंग चेयर का एक से तीन कुर्सियों का एक चौथाई किराया कटेगा। छह कुर्सियों का हॉफ टिकट व इससे ज्यादा का फुल टिकट कटेगा। साइकिल का हाफ किराया। बच्चों की ट्रॉली व दिव्यांगों की व्हील चेयर का कोई किराया नहीं लगेगा। दिव्यांग व्यक्ति के बस में न होने पर कुर्सी का एक चौथाई किराया काटा जाएगा। कंप्यूटर, एलईडी, एलसीडी का एक चौथाई किराया कटेगा। सवारी के साथ दो लैपटॉप बिना किराए के ले जा सकते हैं। दो से ज्यादा पर एक चौथाई किराया काटा जाएगा। वहीं, वॉशिंग मशीन का फुल टिकट कटेगा।