पर्यटकों का रुख जम्मू-कश्मीर की ओर, कुल्लू-मनाली में प्रभावित हुआ कारोबार
कुल्लू मनाली में पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं। कोरोनाकाल के बाद भी यहां पर्यटन की असीम संभानाएं तराशी जा रही थीं। मगर इस वर्ष घाटी में पर्यटकों की आमद कम आंकी जा रही है। माना यह जा रहा है कि इस साल मई में पर्यटकों की संख्या में 25 से 30 प्रतिशत तक की कमी है। बात स्पष्ट है कि मनाली में पर्यटकों की रूचि घटी है और पर्यटक फिर जम्मू-कश्मीर की ओर रुख करने लगे हैं। लंबे अरसे बाद श्रीनगर में पर्यटकों के लिए हरी झंडी है। इससे साफ जाहिर है मनाली में पर्यटन कारोबार प्रभावित हुआ है। मगर माना यह जा रहा है कि शायद 15 मई के बाद मनाली में पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी हो। वर्ष 2020 और 2021 में कोरोना संकट के कारण मनाली का पर्यटन कारोबार प्रभावित हुआ है। कोरोना के चलते लगी बंदिशों में यहां के पर्यटन कारोबारियों को नुकसान उठाना पड़ा। इस वर्ष मनाली में अच्छा पर्यटन सीजन होने की उम्मीद की जा रही है। मई से शुरू होने वाला पर्यटन सीजन फिलहाल फीका चल रहा है। इस वर्ष अपेक्षा के अनुरूप पर्यटक मनाली नहीं पहुंच पा रहे। पर्यटन कारोबारियों की मानें तो इस वर्ष लेह-लद्दाख और श्रीनगर के लिए अच्छी बुकिंग है। पर्यटक हवाई सेवा के माध्यम से सीधा श्रीनगर जा रहे हैं, जिससे मनाली में पर्यटकों की संख्या कम दर्ज की जा रही है। होटलियरों की मानें तो मई 2019 के मुकाबले इस बार अप्रैल और मई के प्रथम सप्ताह यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या में 25 से 30 प्रतिशत तक की कमी आई है। होटलियर एसोसिएशन के अध्यक्ष मुकेश ठाकुर का कहना है कि इन दिनों बड़े होटलों की ऑक्यूूपेंसी बहुत कम है। पर्यटक जम्मू-कश्मीर की ओर जा रहे हैं। मई के दूसरे सप्ताह के बाद मनाली के पर्यटन कारोबार में इजाफा होने की उम्मीद है। मनाली के लिए बुकिंग चल रही है। हाई एडवेंचर ट्रेवल कंपनी के संचालक राकेश रावत ने बताया कि इस बार पर्यटक श्रीनगर को तवज्जो दे रहे हैं। बीएस ओक्टा, एजीएम, हिमाचल पर्यटन विकास निगम ने इस संबंध में कहा की फिलहाल मनाली में पर्यटन सीजन यौवन पर नहीं पहुंच पाया है। होटलों की ऑक्यूपेंसी 50 से 60 प्रतिशत तक ही चल रही है। आने वाले दिनों में पर्यटन कारोबार में इजाफा होने की उम्मीद है।