**टाइडमैन सेब 800 से 1,400 रुपये पेटी बिका हिमाचल प्रदेश में आधिकारिक तौर पर सेब सीजन 15 जुलाई से शुरू हो गया। हर वर्ष इस समय तक फल मंडियों में बेहतर गुणवत्ता वाले सेब की खेप पहुंचनी शुरू हो जाती थी, लेकिन इस वर्ष अभी तक मंडी में बेहतर गुणवत्ता वाली पैदावार नहीं पहुंची है। भट्ठाकुफर फल मंडी में टाइडमैन, रेड जून और पराला फल मंडी में गाला सेब की खेप पहुंचनी शुरू हो गई है। आढ़तियों के अनुसार गत वर्ष के मुकाबले इस वर्ष सेब सीजन देरी से शुरू हो रहा है, क्योंकि सूखे की वजह से अधिकतर पैदावार प्रभावित हो गई है। इसकी वजह से फसल का आकार और रंग भी सही नहीं बन पाया है। अभी जो सेब आ रहा है उसे बागवान पूरी तरह तैयार होने से पहले ही तोड़कर मंडी में ला रहे हैं, जिसके चलते बागवानों को शुरुआत में ही फसल के बेहतर दाम नहीं मिल रहे हैं। शनिवार को भट्ठाकुफर फल मंडी में 2,986 सेब की पेटियां पहुंची, वहीं रविवार को 1,500 से 1,800 के बीच सेब की पेटियां मंडी में पहुंची। इस दौरान टाइडमैन सेब 800 से 1,400 रुपये प्रति पेटी के हिसाब से बिका। भट्ठाकुफर फल मंडी आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान प्रताप चौहान ने बताया कि गत हफ्ते के मुकाबले इस हफ्ते मंडी में सेब की आवक में बढ़ोतरी हुई है, लेकिन गुणवत्ता अच्छी नहीं आई है। आने वाले दिनों में यदि मौसम अनुकूल रहता है तो आवक बढ़ने के साथ बागवानों को बेहतर दाम मिलेंगे। पराला फल मंडी आढ़ती एसोसिएशन के उपप्रधान सुशील ठाकुर ने बताया कि गत वर्ष 15 जुलाई से पहले सेब की स्पर किस्म मंडी में पहुंचनी शुरू हो गई थी, वहीं गाला सेब और टाइडमैन सेब भी अच्छी गुणवत्ता का आ रहा था, लेकिन इस वर्ष तो टाइडमैन ही मंडी में पहुंचा है जिसका आकार छोटा और रंग भी फीका है।
**प्रदेश के कुछेक स्थानों पर अच्छी बारिश का पूर्वानुमान हिमाचल प्रदेश में मॉनसून कमजोर पड़ गया है। मौजूदा मॉनसून सीजन में नॉर्मल से 35 प्रतिशत और बीते एक सप्ताह के दौरान 78 प्रतिशत कम बादल बरसे है। कई क्षेत्रों में मानसून सीजन में भी सूखे जैसे हालात बनने लगे हैं। आज और कल भी कुछेक क्षेत्रों में ही हल्की बारिश का पूर्वानुमान है। ज्यादातर क्षेत्रों में मौसम साफ रहेगा। मौसम विभाग के अनुसार, 7 से 14 जुलाई के बीच लाहौल स्पीति जिला में पानी की एक बूंद भी नहीं बरसी। बिलासपुर जिला में भी नॉर्मल से 80 प्रतिशत कम, चंबा में 81 प्रतिशत, हमीरपुर में 69 प्रतिशत, कांगड़ा में 79 प्रतिशत, किन्नौर में 35 प्रतिशत, कुल्लू में 72 प्रतिशत, मंडी में 58 प्रतिशत, सिरमौर में 71 प्रतिशत, सोलन में 70 प्रतिशत और ऊना जिला में भी 97 प्रतिशत कम बारिश हुई है। इस अवधि में प्रदेश में मात्र 12.6 मिलीमीटर बारिश हुई है, जबकि नॉर्मल बारिश 58.5 मिलीमीटर होती है। मानसून सीजन के दौरान 1 जून से 14 जुलाई तक प्रदेश औसत 203 मिलीमीटर नॉर्मल बारिश होती है, लेकिन इस बार 131.9 मिलीमीटर बारिश ही हुई है। मौसम विभाग की माने तो 17 और 18 जुलाई को मानसून थोड़ा एक्टिव हो सकता है। इस दौरान कुछेक स्थानों पर अच्छी बारिश का पूर्वानुमान है। इसे देखते हुए मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी किया है। प्रदेश में बारिश नहीं होने के बाद तापमान में उछाल आया है। कई शहरों का पारा नॉर्मल से 5 डिग्री तक ज्यादा हो गया है।
हिमाचल प्रदेश की 5,000 करोड़ की सेब आर्थिकी को ओलों से बचाने के लिए आईआईटी मुंबई की ओर से विकसित स्वदेशी एंटी हेलगन को डॉप्लर रडार से जोड़ा जाएगा। रडार की मदद से ओलों वाले बादलों की स्टीक जानकारी मिलेगी और हेलगन का प्रभाव बढ़ेगा। शिमला जिले के मंढोल में स्थापित स्वदेशी एंटी हेलगन के तीन साल का ट्रायल पूरा होने के बाद आईआईटी मुंबई के इंजीनियरों ने निरीक्षण के बाद यह निर्णय लिया है। डीआरडीओ की पुणे लैब के वैज्ञानिक इसमें तकनीकी सहयोग देंगे। हेलगन को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जोड़ने की भी संभावना तलाशी जाएगी। विदेशों से आयातित एंटी हेलगन की कीमत करीब डेढ़ करोड़ है जबकि आईआईटी मुंबई की ओर से विकसित स्वदेशी एंटी हेलगन की कीमत महज 31 लाख है। विदेशी हेलगन चलाने के लिए एसिटिलीन गैस इस्तेमाल होती है। यह बहुत मंहगी है और आसानी से नहीं मिलती। स्वदेशी हेलगन एलपीजी से चलती है। इसलिए इसके संचालन का खर्चा कम है। रक्षा मंत्रालय के अधीन रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की एचईएमआरएल पुणे के निदेशक डाॅ. एपी दास ने बताया कि स्वदेशी एंटी हेलगन से पर्यावरण को नुकसान की संभावना नहीं है। हेलगन से नियंत्रित तरीके से तरंगें वायुमंडल में जाती हैं। जिससे पर्यावरण को नुकसान नहीं होता। उनकी टीम ने परीक्षण के दौरान आंकड़ों का अध्ययन किया है, रिपोर्ट आईआईटी मुंबई को जल्द सौंपी जाएगी। डाॅप्लर वेदर रडार स्थापित कर सटीक आंकड़ों से इसका प्रभाव बढ़ाया जा सकता है। सरकार ओलों से बचाव करने वाली जाली पर 80 फीसदी अनुदान दे रही है। इसके स्थान पर स्वदेशी एंटी हेलगन स्थापित करने पर अनुदान दिया जाना चाहिए। इससे छोट-बड़े सभी बागवान लाभान्वित होंगे। बागवानों को बगीचों में नेट चढ़ाने-उतारने का खर्चा भी बचेगा मंढोल में स्थापित स्वदेशी एंटी हेलगन का प्रयोग सफल रहा है। सेब उत्पादक क्षेत्रों में एंटी हेलगन का ग्रिड नेटवर्क स्थापित कर सेब की फसल ओलों से बचाई जा सकती है। प्रदेश सरकार को भी इसका प्रस्ताव सौंपा जाएगा। डीआरडीओ की एचईएमआरएल लैब के साथ मिलकर डाॅप्लर रडार स्थापित कर इसका प्रभाव बढ़ाने की भी योजना है।
हिमाचल प्रदेश के जिला हमीरपुर के थाना बड़सर के तहत बणी के नशा मुक्ति केंद्र में टौणी देवी क्षेत्र के एक युवक की ह*त्या का मामला सामने आया है। मामले में रविवार सुबह बड़सर थाना को सूचना मिली इसके बाद पुलिस अधीक्षक हमीरपुर भगत सिंह ने भी मौके का निरीक्षण किया है। श*व कब्जे में लेने के बाद पोस्टमार्टम करवाया जा रहा है। फॉरेंसिक टीम को भी जांच के लिए बुलाया गया है। पुलिस की प्रारंभिक छानबीन में यह पता चला है कि युवक के साथ शुक्रवार को मारपीट हुई। शनिवार के रात को उसकी मौ*त हो गई थी। नशा मुक्ति केंद्र के संचालक फरार है। मृत*क की पहचान अमित कुमार निवासी टौणी देवी के रूप में हुई है। नशा मुक्ति केंद्र के संचालक की पहचान तुषार निवासी भोरंज के रूप में हुई है। पुलिस की प्रारंभिक जांच में यह खुलासा हुआ है कि पंजाब निवासी एक युवक भी यहां पर नशा छुड़ाने के लिए आया था, लेकिन अब उसे जाहू स्थित नशा मुक्ति केंद्र में शिफ्ट किए जाने की बात सामने आ रही है। पंजाब के इस युवक का नाम अमनप्रीत है। हालांकि अभी तक यह लापता है। जाहू स्थित नशा मुक्ति केंद्र में पुलिस टीम जांच के लिए रवाना हो गई है। पुलिस अधीक्षक हमीरपुर भगत सिंह ने कहा कि मामले में छानबीन की जा रही है।
शक्तिपीठ ज्वालामुखी में माता ज्वाला का प्रकटोत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है। रविवार सुबह से ही लंबी लाइनों में श्रद्धालु दर्शनों के लिए पहुंचे। मंदिर में भजन कीर्तन, चौकी का आयोजन हो रहा है। स्थानीय लोग, पुजारी वर्ग तरह तरह के भंडारे माता ज्वाला के दरबार में लगा रहे हैं। ज्वालामुखी मंदिर गर्भ गृह को सुंगधित रंग बिरंगे पांच लाख फूलों से सजाया गया है। मंदिर में हजारों श्रद्धालु रविवार को पहुंचे और माता ज्वाला की दिव्य ज्योतियों का आशिर्वाद प्राप्त किया। मंदिर में विशेष पुलिस कर्मी तैनात किए गए, ताकि भीड़ को नियंत्रित किया जा सके। शनिवार देर रात भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के चलते मंदिर रात 11 बजे बंद किया गया। मंदिर पुजारी व न्यास सदस्य अविनेद्र शर्मा ने बताया कि सोमवार को गुप्त नवरात्र का समापन होगा और विशाल यज्ञ व पूर्णाहुति का आयोजन किया जाएगा और इसी दिन विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा। माता ज्वाला के जन्मदिवस के उपलक्ष्य पर मंदिर में पुजारी वर्ग द्वारा विशेष देसी घी के हलवे के प्रसाद का वितरण किया जा रहा है। वहीं, देवी भागवत कथा का भी समापन पूर्णाहुति के साथ सिंवर नवमी को किया जाएगा। उन्होंने बताया माता ज्वाला का प्रकटोत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है और मंदिर प्रसाशन की तरफ से श्रद्धालुओं के लिए माता के दर्शनों के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं। माता ज्वाला सभी भक्तों को आशीर्वाद दे और सभी की अभीष्ट मनोकामनाओं को पूर्ण करें। वर्ष में प्रकटोत्सव का यह सबसे बड़ा व महत्वपूर्ण दिन होता है। इस उपलक्ष्य पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंच रहे हैं।
शिमला: हिमाचल में बाहरी राज्यों के लोगों की ओर से धारा 118 की मंजूरी लेकर खोले गए होम स्टे को बंद करने पर सरकार आने वाले दिनों में बड़ा फैसला ले सकती है। प्रदेश में बेरोजगार युवाओं के लिए सरकार ने विकल्प के तौर पर स्टे खोलने की योजना शुरू की थी, लेकिन हिमाचल के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों पर बाहरी राज्यों के बहुत से लोगों ने सरकार से अनुमति लेकर धारा 118 के नियमों का दुरुपयोग कर होम स्टे खोल दिए हैं। शिमला में हिमाचल प्रदेश होमस्टे नियम-2024 का प्रस्ताव तैयार करने के लिए गठित मंत्रिमंडलीय उप-समिति की बैठक उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान की अध्यक्षता में आयोजित हुई। जिसमें इस तरह कड़े फैसले लिए जाने को लेकर चर्चा की गई। जिस पर अब अगली बैठक में अंतिम निर्णय होना है। प्रदेश में बिना पंजीकरण चल रहे होम स्टे और बीएंडबी को बंद करने पर भी चर्चा हुई। उप-समिति के सदस्य ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह, लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह और नगर एवं ग्राम नियोजन मंत्री राजेश धर्माणी ने प्रस्तावित प्रारूप तैयार करने के लिए भी बहुमूल्य सुझाव दिए। इस दौरान पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन विभाग प्रारूप नियमों को संशोधित कर आगामी बैठक में उप-समिति के समक्ष लाया जाएगा। हिमाचल प्रदेश किरायेदारी और भूमि सुधार अधिनियम, 1972 के तहत हिमाचल के लोगों के हितों को सुरक्षित रखने के लिए एक विशेष प्रावधान किया गया है। इस एक्ट में धारा 118 के तहत गैर-कृषकों को जमीन ट्रांसफर करने पर प्रतिबंध होगा, यानी हिमाचल का गैर-कृषक भी यहां पर जमीन नहीं खरीद सकता है. हिमाचल में धारा 118 की जरूरत इसलिए पड़ी कि प्रदेश को साल 1971 में पूर्ण राज्य का दर्जा मिला था। देश के 18वें राज्य के रूप में हिमाचल अस्तित्व में आया तो एक साल बाद ही भूमि सुधार कानून लागू हो गया। कानून की धारा 118 के तहत कोई भी बाहरी व्यक्ति कृषि की जमीन निजी उपयोग के लिए नहीं खरीद सकता है। फिर लैंड सीलिंग एक्ट में कोई भी व्यक्ति 150 बीघा जमीन से अधिक नहीं रख सकता। भौगोलिक दृष्टि से हिमाचल के ज्यादातर क्षेत्र देश के दुर्गम इलाकों में आते हैं। हिमाचल के पास सीमित भूमि है और पहाड़ी पर्यटन राज्य होने के नाते निर्माताओं ने पहले से भविष्य को भांपते हुए हिमाचल के छोटे और सीमांत किसानों के हितों की रक्षा के लिए ये कदम उठाया है। धारा 118 के तहत प्रदेश का कोई भी जमीन मालिक किसी भी गैर कृषक को किसी भी जरिए से जमीन नहीं दे सकता। भूमि सुधार अधिनियम 1972 की धारा 2(2) के मुताबिक जमीन का मालिकाना हक उसका होगा जो हिमाचल प्रदेश में अपनी जमीन पर खेती करता है। जो व्यक्ति किसान नहीं है और हिमाचल में जमीन खरीदना चाहता है उसे प्रदेश सरकार से अनुमति लेनी पड़ती है। सरकार से अनुमति लेने पर मालिकाना हक मिल सकता है। उद्योग या पर्यटन विकास से जुड़े मामलों में ही सरकार हर मसले और जानकारी की पूरी तरह से जांच परख के बाद जमीन पर फैसला लेती है। जमीन का CLU यानी चेंज लैंड यूज भी नहीं किया जा सकता। यानी जमीन जिस उद्देश्य के लिए ली गई, उस पर केवल वही नियम लागू होंगे। इस पर अन्य व्यावसायिक गतिविधियां नहीं की जा सकती हैं, लेकिन बाहरी राज्यों के लोगों ने हिमाचल में धारा 118 के तहत उद्योग और मकान बनाने की अनुमति लेकर होम स्टे खोल दिए हैं। बता दें कि प्रदेश में पर्यटन विभाग के पास 4 हजार से अधिक होम स्टे पंजीकृत हैं। बड़ी संख्या में गैर पंजीकृत होम स्टे और बेड एंड ब्रेकफास्ट इकाइयां भी प्रदेश में संचालित हो रही हैं। ऐसे में होम स्टे के साथ बेड एंड ब्रेकफास्ट इकाइयों को भी पर्यटन विभाग की कार्रवाई के दायरे में लाने पर भी विचार-विमर्श किया गया।
**17 से 19 जुलाई तक कई क्षेत्रों में बारिश होने का पूर्वानुमान हिमाचल प्रदेश में मॉनसून फिर कमजोर हो गया है। रविवार और सोमवार को भी हल्की बारिश होने के आसार हैं। शनिवार को प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में धूप खिली। बारिश नहीं होने से मौसम में उमस बढ़ गई है। 17 से 19 जुलाई के दौरान प्रदेश के कई क्षेत्रों में बारिश होने का पूर्वानुमान है। प्रदेश में 12 सड़कें और 6 बिजली ट्रांसफार्मर अभी भी ठप हैं। मंडी जिले में पांच, शिमला में चार और कांगड़ा में तीन सड़कें शनिवार शाम तक बंद रहीं। चंबा जिले में पांच और मंडी में एक बिजली ट्रांसफार्मर बंद है। राजधानी शिमला में कई दिनों के बाद शनिवार को दिनभर धूप खिली रही। प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में भी मौसम साफ रहने के साथ धूप खिली। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार प्रदेश में मानसून कुछ कमजोर हो गया है। आगामी दो-तीन दिनों के दौरान मानसून की सक्रियता कम रहने की संभावना है। 16 जुलाई की रात से बारिश के आसार हैं। 17 से 19 जुलाई तक सभी क्षेत्रों में मौसम खराब बना रहने का पूर्वानुमान है।
**हाजिरी और अवकाश के नियम हुए तय अटल मेडिकल एंड रिसर्च विवि ने हाजिरी और अवकाश के नियम तय कर लिए हैं। आने वाले नए सत्र से विवि समेत इससे संबद्ध छह सरकारी-निजी मेडिकल कॉलेजों में ये नियम लागू कर दिए जाएंगे। नियमों के तहत अब एमडी, एमएस और एमडीएस कोर्स के अभ्यर्थियों के लिए संस्थानों में 80 प्रतिशत हाजिरी जरूरी है। अगर कोई अभ्यर्थी अधिक अवकाश करता है तो उस स्थिति में उतने ही दिन उसके कोर्स की अवधि बढ़ाई जाएगी। तीन साल के कोर्स में 751 दिन और दो साल के कोर्स में 501 दिन संस्थान आना आवश्यक है। अवकाश और न्यूनतम उपस्थिति के नियम लागू करने के लिए विवि के प्रबंधन बोर्ड की बैठक मे मंजूरी मिल गई है। नियमों के मुताबिक अंतिम परीक्षा तक तीन वर्षीय कोर्स में साप्ताहिक एक दिन की छुट्टी की जाएगी, वह भी कार्य की आवश्यकता में ही। 25 दिन की सवेतन आकस्मिक छुट्टियां कर सकते हैं। एक छात्र 52 साप्ताहिक अवकाश का भी हकदार है। इसमें महिला स्नातकोत्तर अभ्यर्थियों को मौजूदा नियमों के अनुसार मातृत्व अवकाश की अनुमति दी जाएगी। सरकारी नियम और कानून के अनुसार पुरुष स्नातकोत्तर अभ्यर्थियों को भी पितृत्व अवकाश मिलेगा। प्रसूति या पितृत्व के लिए प्रशिक्षण को उतने ही दिनों तक बढ़ाया जाएगा जितनी छुट्टियां की गई हो। अटल मेडिकल एंड रिसर्च विवि नेरचौक के परीक्षा नियंत्रक एवं डीन प्रशासनिक मामले डॉ. प्रवीण कुमार शर्मा ने बताया कि अवकाश-हाजिरी के नियम तय कर दिए हैं। अधिक अवकाश करने वालों के कोर्स की अवधि उतने ही दिन बढ़ाई जाएगी, जितने दिन छुट्टी पर रहेंगे। तीन साल के कोर्स में कुल दिन 1,095 दिन होंगे। इसमें 939 दिन कार्य दिवस होंगे। इनमें से 751 दिन यानी की 80 प्रतिशत उपस्थिति जरूरी होगी। वहीं, दो साल के कोर्स में कुल दिन 730 दिन होंगे इनमें कुल कार्य दिवस 626 होंगे। साप्ताहिक अवकाश काटने के बाद 501 दिन यानी 80 प्रतिशत उपस्थिति होना जरूरी होगा। हाजिरी और छुट्टियों के नियम अटल विवि समेत इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज शिमला, डॉ. राजेंद्र प्रसाद गवर्नमेंट कॉलेज कांगड़ा, लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज नेरचौक, डॉ. वाईएस परमार गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज नाहन, डॉ. राधाकृष्णन गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज हमीरपुर, पंडित जवाहर लाल नेहरू गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज चंबा के अलावा महर्षि मार्कंडेश्वर निजी विश्वविद्यालय कुनिहार सोलन में लागू होंगे।
केंद्र सरकार की ओर से कार्टन पर जीएसटी की दरों में 6 फीसदी कटौती का लाभ बागवानों को नहीं मिल पा रहा है। बाजार में बागवानों से कार्टन पर 18 फीसदी जीएसटी की वसूली हो रही है। प्रदेश सरकार ने इस साल से यूनिवर्सल कार्टन को अनिवार्य तौर पर लागू किया है। बागवानों को उम्मीद थी कि जीएसटी में कटौती के बाद यूनिवर्सल कार्टन की कीमत घट जाएगी, लेकिन कुछ रिटेलर कार्टन पर अब भी 18 फीसदी जीएसटी वसूल रहे हैं। इसको लेकर बागवानों ने सरकार से शिकायत भी की है। जून में जीएसटी परिषद की बैठक में सेब कार्टन बॉक्स पर जीएसटी 18 से घटाकर 12 फीसदी करने का फैसला लिया गया था। परिषद की 53वीं बैठक में उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने यह मामला उठाया था। बीते साल भी हिमाचल ने कार्टन पर जीएसटी की दर घटाने की मांग उठाई थी, जो सिरे नहीं चढ़ पाई। जीएसटी छह फीसदी कम होने के बाद बागवानों को उम्मीद थी कि अब सेब कार्टन तीन से चार रुपये तक सस्ता मिलेगा। संयुक्त किसान मंच ने कार्टन पर जीएसटी के एवज में हो रही मनमानी वसूली पर कड़ी नाराजगी जताई है। मंच के संयोजक संजय चौहान का कहना है कि प्रदेश के कई जिलों में रिटेलर कार्टन पर 18 फीसदी जीएसटी वसूल रहे हैं। 500 पीस कार्टन खरीदने वाले बागवान को 5,400 रुपये जीएसटी चुकाने पड़ रहे हैं। संयुक्त किसान मंच सभी कृषि लागत वस्तुओं पर जीएसटी खत्म करने की मांग उठाता रहा है और भविष्य में भी बागवानों के हित में यह मांग जोर-शोर से उठाई जाएगी।
हिमाचल प्रदेश में जल्द ही लोकसेवा आयोग के माध्यम से कंप्यूटर शिक्षा के 769 प्रवक्ता भर्ती होंगे। उच्च शिक्षा निदेशालय ने लोकसेवा आयोग को पत्र लिखकर जल्द भर्ती प्रक्रिया शुरू करने का आग्रह किया है। प्रवक्ता स्कूल न्यू के भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के तहत ही कंप्यूटर साइंस प्रवक्ताओं के 769 पद भरे जाएंगे। उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा ने बताया कि लोकसेवा आयोग के सचिव को भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के संबंध में पत्र भेजा गया है। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में प्रवक्ता कंप्यूटर साइंस के 985 पदों को भरा जाना है। मार्च 2024 में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इन पदों को भरने की मंजूरी दी गई थी। कुल 985 पदों में से लोकसेवा आयोग के माध्यम 769 पद भरे जाएंगे। शिक्षा विभाग की मांग पर अब लोकसेवा आयोग की ओर से भर्ती से संबंधित विज्ञापन जारी किया जाएगा। वर्तमान में प्रदेश के सरकारी स्कूलों में आउटसोर्स आधार पर कार्यरत करीब 1300 कंप्यूटर शिक्षक राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन के तहत काम कर रहे हैं। सरकार ने बीते वर्ष नाइलेट कंपनी से नाता तोड़ लिया था। अब कॉरपोरेशन के माध्यम से चयनित कंपनियों के माध्यम से शिक्षकों को वेतन दिया जा रहा है। अब लोकसेवा आयोग के माध्यम से सीधी भर्ती होने से कई बेरोजगारों का सरकारी नौकरी पाने का सपना पूरा होगा।
**श्रीखंड महादेव यात्रा आज से शुरू महादेव के पंच कैलाशों में से एक और उत्तर भारत की सबसे कठिनतम धार्मिक यात्राओं में शुमार श्रीखंड महादेव यात्रा आधिकारिक तौर पर आज यानि रविवार से शुरू हो गई है। आज से 27 जुलाई तक चलने वाली इस यात्रा के शुभारंभ के लिए पिछले कल 13 जुलाई को यात्रा ट्रस्ट की अध्यक्ष एवं डीसी कुल्लू तोरुल एस रवीश ने जाओं, बड़ींगचा से 3 किलोमीटर पैदल चलकर बेस कैंप सिंह गाड़ देर शाम पहुंची। बेस कैंप सिंह गाड़ में उन्होंने श्रीखंड सेवा समिति अरसू, रामपुर, हमीरपुर, के पंडाल में शिव भक्तों के साथ संध्याकाल की शिव आरती में हिस्सा लिया। इस दौरान उनके साथ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ट उपाध्यक्ष एवं यात्रा ट्रस्ट के संस्थापक बुद्धि सिंह ठाकुर, जिला परिषद अध्यक्ष कुल्लू पंकज परमार, यात्रा ट्रस्ट के उपाध्यक्ष एसडीएम निरमंड मनमोहन सिंह, तहसीलदार निरमंड जयगोपाल शर्मा, डीएसपी चंद्र शेखर कायथ, ट्रस्ट, सदस्य गोविंद शर्मा, जिला परिषद सदस्य पूर्ण ठाकुर, स्थानीय पंचायत की प्रधान सुषमा कटोच उप प्रधान ओम प्रकाश ठाकुर, जुआगी के उप प्रधान रणजीत ठाकुर,मौजूद रहे। इस दौरान उन्होंने लंगर का विधिवत उद्घाटन भी किया और अपने हाथों से शिव भक्तों को लंगर का स्वादिष्ट खाना भी परोसा। आज सुबह करीब 5 बजे डीसी ने महादेव के पवित्र धाम श्रीखंड कैलाश पर्वत के लिए हरी झंडी दिखाकर 70 श्रद्धालुओं का पहला जत्था रवाना किया। 8 बजे तक करीब 1100 शिव भक्त श्रीखंड कैलाश पर्वत के लिए रवाना हो गए हैं। डीसी ने बताया कि इस बार की श्रीखंड यात्रा के लिए प्रशासन द्वारा यात्रियों के लिए पूरे इंतजाम किए गए हैं। यात्रा से पूर्व श्रीखंड के रास्ते बनकर तैयार किए हैं और रास्ते में पानी की व्यवस्था सुचारू रूप से तैयार कर दी गई है। यात्रा में पुलिस, रेस्क्यू, एसडीआरएफ, मेडिकल, रेवन्यू, की टीमें हर बेस कैंप पर तैनात की गई है। उन्होंने शिव भक्तों से यात्रा में द्रव्यों मादक पदार्थों का सेवन न करें और साफ सफाई का विशेष ध्यान रखने की अपील भी की है।
गद्दी छात्र कल्याण संघ हिमाचल प्रदेश द्वारा यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के डायरेक्टर ए जे सिंह को ज्ञापन सोपा गया, जिसमें गद्दी छात्र कल्याण संघ हिमाचल प्रदेश के कार्यकारिणी सदस्य एवं यूआईटी हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी के सदस्य भी शामिल रहे इस ज्ञापन के माध्यम से हमने यूआईटी डायरेक्टर व प्रशासन का ध्यान उन ट्राइबल छात्रों की और आकर्षित किया जिसमे वह अध्यनरत है। आपको एक बात बता दी जाए कि यूआईटी हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय का एक अभिन्न अंग है परंतु इस बात से हैरानी है कि यूआईटी में पढ़ रहे छात्रों को हॉस्टल की सुविधा से वंचित रखा जा रहा है । संघ द्वारा इस मुद्दे को कई बार प्रशासन के सामने रखा है और आगे भी गद्दी छात्र कल्याण संघ हिमाचल प्रदेश इसी भांति इन मुद्दों के लिए प्रशासन के खिलाफ लड़ते रहेंगे और इन्हें सुलझाने के लिए हर सार्थक प्रयास करते रहेंगे। अनुसूचित जनजाति के छात्र हिमाचल प्रदेश के उन क्षेत्रों से आते है जो मूलभूत आवश्यकताओं से वंचित रहते हैं और उनके पास फीस को भरने के लिए भी पैसे नहीं होते हैं वह अपना जीवन यापन अनेक कठिनाइयों से करते हैं परंतु शिमला में पहुंचकर उन्हें भारी भरकम बोझ जिसमें रूम रेंट व पीजी में रह रहे छात्रों को एक आर्थिक बोझ का सामना करना पड़ रहा है जो की उन अनुसूचित जनजाति के छात्रों लिए सम्भव नही दिखता है आपको ये बात भी बता दी जाए की जो विश्वविद्यालय का जो ट्राईबल हॉस्टल है वह ट्राइबल छात्रों के लिए आरक्षित हैं परंतु विश्वविद्यालय यहां सामान्य वर्ग के छात्रों को भी भरने का काम कर रहा है परंतु यह अनुचित है क्योंकि जब तक विश्वविद्यालय में ट्राइबल छात्र किराए के रूम में रह रहे हैं तब तक हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के ट्राईबल हॉस्टल को सामान्य वर्ग के छात्रों को नहीं भरना चाहिए। विश्व विद्यालय कई बार इस बात का हवाला देता है की यह सिर्फ पोस्टग्रेजुएट (PG) व उससे ऊपर के छात्रों के लिए है परंतु यहां बीएड डिग्री के छात्र भी रहते है अत: गद्दी छात्र कल्याण संघ हिमाचल प्रदेश सदैव छात्र कल्याण के पक्ष में खड़ा है और इसी भांति छात्र हित कार्य में लगा है और लगा रहेगा ।
** अपनी पत्नी को एक्टिव पॉलिटिक्स में शामिल करने वाले तीसरे मुख्यमंत्री बने सीएम सुक्खू डॉ. यशवंत सिंह परमार और स्वर्गीय वीरभद्र सिंह की फेहरिस्त में अब मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू भी शामिल हो गए। इन दोनों के बाद सुखविंदर सिंह सुक्खू ऐसे तीसरे मुख्यमंत्री है जिनकी पत्नी एक्टिव पॉलिटिक्स शामिल हो गई है। इससे पहले भी हिमाचल प्रदेश के ऐसे दो मुख्यमंत्री रहे है जिनकी पत्नियां भी राजनीति में ही रही है। हिमाचल प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री रहे स्वर्गीय डॉ. यशवंत सिंह परमार की पत्नी भी राजनीति में ही थी। हालाँकि उनकी पत्नी शादी से पहले ही राजनीति में आ चुकी थी और शायद ये बात बेहद कम लोग जानते होंगे कि डॉ. यशवंत सिंह परमार की वो दूसरी पत्नी थी। 65 साल के डॉ. परमार को 55 साल की महिला राज्यसभा सांसद सत्यवती डांग से प्यार हो गया था और उन्होंने तब दूसरी शादी की थी। सत्यवती डांग 1964 से 1969 तक हिमाचल कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भी रहीं है। दूसरे मुख्यमंत्री थे स्वर्गीय वीरभद्र सिंह। वीरभद्र सिंह के मुख्यमंत्री रहते ही प्रतिभा सिंह भी पॉलिटिक्स में आ गई थी और अभी प्रतिभा सिंह कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की कमान संभाल रही है। अब सुखविंदर सिंह सुक्खू प्रदेश के सातवें मुख्यमंत्री है और अपनी पत्नी को पोलटिक्स में लाने वाले तीसरे मुख्यमंत्री।
**कांग्रेस के पास 40 का आकड़ा कायम **आखिर उपचुनावों से हासिल हुआ क्या ? 23 मार्च 2024 वो तारिख जब कांग्रेस के 6 विधायक रूठ कर भाजपा के खेमे में शामिल हो गए थे । 13 जुलाई 2024 वो तारिख है जब प्रदेश कांग्रेस के पास उनकी जगह पर 6 नए विधायक है। तीन उपचुनावों के नतीजों के बाद अब हिमाचल प्रदेश विधानसभा में कांग्रेस के कुल 40 और भाजपा के कुल 28 विधायक बैठेंगे। 2022 विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद की तस्वीर भी इससे ज़्यादा इतर नहीं थी, तब भी कांग्रेस के 40 ही विधायक विधानसभा की दहलीज़ तक पहुंचे थे यानि कांग्रेस के 6 विधायक अगर छिटके तो जनता ने 6 अन्य विधायकों को जितवा कर विधानसभा पहुंचा दिया। हां मगर तब भाजपा के महज़ 25 ही विधायक सदन तक पहुंचे थे और अब ये आकड़ा 28 का हो गया है। अब आप पूछेंगे की ये आकड़ा तो भाजपा निर्दलीय विधायकों को अपने साथ मिलाकर भी प्राप्त कर सकती थी फिर 3 विधानसभा सीटों की जनता पर उपचुनाव थोपने का आखिर क्या अर्थ निकला। ये सवाल जनता अब भाजपा से पूछेगी और पूछेगी उन निर्दलीय विधायकों से जिन्होंने विधायक होने के बावजूद भी पद से इस्तीफ़ा दे दिया। पुछा जाएगा की आखिर इन 3 उपचुनावों से भाजपा को हासिल क्या हुआ। सवाल तो भाजपा हाईकमान भी पूछेगा, प्रदेश के उन भाजपा नेताओं से जिनके काँधे पर भाजपा को चुनाव जितवाने की ज़िम्मेएदारी सौंपी गई थी। सवाल जवाब अब चलते रहेंगे मगर फिलवक्त इन चुनावों का लब्बोलुबाब ये है की अभी के लिहाज़ से प्रदेश की 40 विधायकों वाली कांग्रेस सरकार बिलकुल सुरक्षित है। वहीँ प्रदेश की जनता ने ये सन्देश भी सांझा कर दिया है कि हिमचाल प्रदेश की जनता दल-बदल की राजनीति से ज़्यादा इत्तेफ़ाक़ नहीं रखती।
**सरकार गिराने के दावे फेल **अपनों ने डूबोई भाजपा की नाव कोशिश तो बहुत की मगर हासिल कुछ नहीं हुआ। भाजपा के तथाकथित ऑपरेशन लोटस को हिमाचल प्रदेश में मुँह की खानी पड़ी है। प्रदेश में पांच-छह महीने से सरकार बनाने का दावा कर रही भाजपा के लिए ये नतीजे बड़ा झटका है। पहले छह और अब तीन, कुल नौ उपचुनाव में से भाजपा 6 पर चुनाव हार गई है। न बिंदल का जादू चला न जयराम ठाकुर अपनी साख बचा पाए। हां सांसद अनुराग ठाकुर ज़रूर हमीरपुर में जीत दिलवाने में कामयाब रहे मगर इसका मार्जिन इतना कम है की 'यहाँ कुछ भी हो सकता था। वहीँ इस बार भले ही बाल-बाल जीत गए मगर इससे पहले अनुराग के संसदीय क्षेत्र के तहत हुए 4 में से पार्टी 3 चुनाव हार गई थी। यहां तक की प्रोफेसर प्रेम कुमार धूमल के गढ़ में भाजपा प्रत्याशी राजेंद्र राणा को भी हार मिली। यानि इन नेताओं में से किसी एक के भी रिपोर्टकार्ड पर स्टार नहीं लग पाए। ज़ाहिर है अब भाजपा आलाकमान की कचेहरी में प्रदेश के दिग्गज भाजपा नेताओं की पेशी होगी और इन्हें हार स्वीकारनी भी होगी और जो संभावित नतीजे होंगे उन्हें गले भी लगाना होगा। सूची तो उनकी भी बनेगी जो साथ दिख तो रहे थे मगर साथ दे नहीं रहे थे। इन चुनावों में भाजपा की लुटिया भाजपा के अपने ही नाराज़ नेताओं ने डूबोई है। अब देखना ये होगा कि देश की सबसे बड़ी पार्टी भाजपा इस हार पर क्या एक्शन लेती है और क्या सबक ।
**आशीष शर्मा ने बचाई भाजपा की लाज **गृह जिले में सीएम की लोकप्रियता पर सवाल हिमाचल की तीन में से दो सीटों पर हुए उपचुनाव में तो सत्तारूढ़ कांग्रेस जीत गई मगर मुख्यमंत्री के अपने जिले की सीट हमीरपुर में पार्टी को हार का मुँह देखना पड़ा है। आपको याद होगा कि इस सीट पर कांग्रेस द्वारा एक नारा बुलंद किया गया था। मुख्यमंत्री भी अपना और विधायक भी अपना, मगर हमीरपुर की जनता ने इस नारे को सिरे से नकार दिया है। इन चुनावों में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू मजबूत नेता के तौर पर जरूर उभरे हैं मगर उनके घर व गृह जिला हमीरपुर में कांग्रेस की हार सीएम की अपने क्षेत्र की लोकप्रियता पर कुछ प्रश्न खड़े कर रही है। यहाँ ये तक कहा गया की जो लोग प्रो. प्रेम कुमार धूमल को मुख्यमंत्री नहीं रहने देना चाहते थे आज वहीँ लोग सीएम सुक्खू को मुख्यमंत्री नहीं रहने देना चाहते हैं। ये वो लोग है जो सीएम को मुख्यमंत्री नहीं रहने देना चाहते मगर इस बात का भी कोई असर नहीं हुआ। वहीँ हमीरपुर की जनता ने इस्तीफे के बावजूद एक बार फिर आशीष शर्मा को अपना विधायक चुन लिया है। अब आशीष उन तीन विधायकों की फेहरिस्त में शामिल हो गए है जो एक बार फिर से विधानसभा की दहलीज़ लगेंगे। हालांकि आशीष की जीत का मार्जिन इस बार पिछली बार के मुकाबले काफी घटा है। पिछली बार आशीष शर्मा 12,899 के मार्जिन से जीते थे जो अब घट कर 1,571 ही रह गया है।
** पति मुख्यमंत्री और पत्नी विधायक .... **सीएम सुक्खू की पत्नी कमलेश ने जीता देहरा का उपचुनाव कांग्रेस का एक अनोखा प्रयोग अब सियासी संयोग बन चूका है। देहरा से मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की धर्मपत्नी कमलेश ठाकुर चुनाव जीत चुकी है। सत्ता की गाड़ी में सवार हो कर अब पति पत्नी दोनों ही विधानसभा में नज़र आएंगे। उपचुनाव के नतीजों के साथ ही ये तो स्पष्ट हो चूका है कि आखिरकार ससुराल वालों ने सीएम सुक्खू को जीत का शगुन दे कर कमलेश ठाकुर को देहरा का विधायक बना ही दिया। अब कमलेश बार-बार अपने मायके वालों से यही गुज़ारिश कर रही थी कि ससुराल में उनका मान रहे इसके लिए देहरा की जनता से उन्हें प्यार मिलना बेहद ज़रूरी है। हुआ भी कुछ ऐसा ही अब मायके वालो ने तो अपना धर्म निभा दिया है अब बारी है देहरा की बेटी की। जो बाते, जो वादे कमलेश और सीएम सुक्खू ने देहरवासियों से किये थे क्या वो पुरे होंगे ये देखना दिलचस्प होगा। राज्यों की राजनीति में पति पत्नी की विधानसभा में एक साथ एंट्री के उदाहरण न के बराबर ही देखने को मिले है, हां सिक्किम में एक बार ऐसा देखने को ज़रूर मिला था जब पति मुख्यमंत्री बने और पत्नी विधायक, लेकिन तब सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तामांग की पत्नी कृष्ण कुमारी राई ने शपथ ग्रहण करने के एक दिन बाद ही विधायक पद से त्याग-पत्र दे दिया था। अब राज्यों की सियासत में ये दूसरा मौका है जब पति प्रदेश के मुख्यमंत्री होंगे और पत्नी विधायक।
मुख्यमंत्री बोले, हिमाचल प्रदेश की जनता ने देश भर की राजनीति को दिया संदेश हिमाचल प्रदेश में तीन विधानसभा क्षेत्रों में हुए उप-चुनाव में दो सीटों पर जीत हासिल करने पर भारी संख्या में जश्न मनाने ओक ओवर पहुंचे पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि जनता ने धनबल को हराया है और जनबल की जीत हुई है। उन्होंने कहा कि यह प्रदेश के मतदाताओं के साथ-साथ कांग्रेस पार्टी के मेहनती कार्यकर्ताओं की जीत है। प्रदेश की जनता ने खरीद-फरोख्त की राजनीति को नकार कर अपना वोट राज्य में राजनीतिक पारदर्शिता को बनाए रखने के लिए दिया है। उन्होंने कहा कि देहरा में 25 वर्षों के बाद कांग्रेस प्रत्याशी की जीत हुई है और नालागढ़ में भी कांग्रेस प्रत्याशी बड़े अंतर से जीते हैं। हिमाचल प्रदेश में अब कोई भी पार्टी आने वाले 50 साल में खरीद-फरोख्त की राजनीति करने की हिम्मत नहीं जुटा पाएगी और प्रदेश से यह संदेश पूरे देश की राजनीति में जाएगा। ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि 28 फरवरी, 2024 को प्रदेश में राजनीतिक अस्थिरता पैदा कर चुनी हुई सरकार को गिराने का षडयंत्र रचा गया, लेकिन इस ऐतिहासिक जीत के बाद अब विधानसभा में कांग्रेस पार्टी के विधायकों की संख्या एक बार फिर 40 हो गई है। उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर बार-बार भाजपा की दो सरकारें बनाने की बातें करते थे, लेकिन उनका ऑपरेशन लोट्स विफल हो गया है। जनता से सबक मिलने के बावजूद नेता प्रतिपक्ष प्रदेश के लोगों को ठगने और गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि तीन निर्दलीय विधायकों ने यह उप-चुनाव प्रदेश की जनता पर थोपे, अगर वह प्रदेश सरकार से नाराज थे तो विधानसभा में भाजपा के साथ बैठकर विपक्ष को अपना समर्थन देते। उन्होंने कहा कि निर्दलीय विधायक सरकार को गिराने के षडयंत्र के तहत एक माह तक प्रदेश से बाहर रहे और अपना इस्तीफा स्वीकार करवाने के लिए धरने पर बैठे। उनके इसी रवैये के कारण उप-चुनाव हुए, लेकिन जनता ने अब उन्हें करारा जवाब दिया है। यह जीत उन सभी के लिए भी एक सबक है जिन्होंने लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को अस्थिर करने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि देश में 13 विधानसभा क्षेत्रों में हुए उप-चुनावों में भाजपा ने केवल दो सीटें बहुत कम मार्जन से जीती हैं, जिससे यह साबित होता है कि देश के लोगों ने भाजपा के एकछत्र राज और उनकी गुमराह करने वाली नीतियों व विचारधारा को पूरी तरह से नकार दिया है।
**इनमे ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, चम्बा, कागंड़ा, शिमला, सोलन और सिरमौर शामिल **19 जुलाई तक प्रदेश में मौसम रहेगा खराब हिमाचल प्रदेश के कई भागों में आगामी एक सप्ताह तक मानसून की बारिश जारी रहने का पूर्वानुमान है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला की ओर से राज्य के कई हिस्सों में 19 जुलाई तक मौसम खराब बने रहने की संभावना जताई गई है। 16 व 17 जुलाई के लिए कुछ भागों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। राजधानी शिमला में आज हल्की धूप खिलने के साथ बादल छाए हुए हैं।
शिमला में शुक्रवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में प्रदेश के विभिन्न विभागों में 1,093 पदों को भरने की मंजूरी दी गई। इनमें शिक्षा विभाग में लेक्चरर शारीरिक शिक्षा के 486 पद और प्रधानाचार्य स्कूल कैडर के 157 अतिरिक्त पद सृजित करने, शिक्षा विभाग में ही विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए स्पेशल एजूकेटर के 245 पद भरने का भी निर्णय लिया गया है। कैबिनेट ने गृह विभाग में अग्निशमन अधिकारियों व कर्मचारियों के विभिन्न श्रेणियों के 53 पद भरने को स्वीकृति प्रदान की। पुलिस कर्मियों के विभिन्न श्रेणियों के 60 पद सृजित कर इन्हें भरने को स्वीकृति प्रदान की गई, जिन्हें प्रदेश के हेलीपोर्ट पर तैनात किया जाएगा। बैठक में हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग हमीरपुर के सुचारु संचालन के लिए विभिन्न श्रेणियों के 30 पद भरने को मंजूरी प्रदान की गई। लोक निर्माण विभाग में जूनियर आफिस असिस्टेंट (आईटी) के 30 पद भरने का निर्णय भी लिया गया। बैठक में निर्णय लिया गया कि खंड विकास अधिकारी के 27 अतिरिक्त पद भरे जाएंगे, जिससे कैडर की क्षमता 123 हो जाएगी। डॉ. राधाकृष्णन चिकित्सा महाविद्यालय, हमीरपुर में पृथक कार्डियोलॉजी विभाग स्थापित करने को स्वीकृति प्रदान की गई है। इसके सुचारू संचालन के लिए प्रोफेसर, अस्सिटेंट प्रोफेसर और सीनियर रेजिडेंट चिकित्सकों के तीन पद सृजित कर भरे जाएंगे। बैठक में खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग में जिला नियंत्रक, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले के दो पदों को सीधी भर्ती के माध्यम से भरने की मंजूरी प्रदान की गई। जेओए पोस्ट कोड-903, 939 के परिणामों को घोषित करने का निर्णयबैठक में मंत्रिमंडलीय उप-समिति के सिफारिशों को स्वीकार करते हुए जूनियर ऑफिस अस्सिटेंट के पोस्ट कोड-903 और 939 के लंबित परिणामों को घोषित करने का निर्णय लिया गया। हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग, हमीरपुर को दोनों पोस्ट कोड के अंतिम परिणाम घोषित करने का कार्य सौंपा गया है। 18 ग्रामीण विद्या उपासकों को जेबीटी के रूप नियमित करने का निर्णयशिक्षा विभाग में तीन वर्षों का सेवाकाल पूर्ण करने वाले एवं राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद के मापदंडों को पूरा करने वाले 18 ग्रामीण विद्या उपासकों को जूनियर बेसिक टीचर (जेबीटी) के रूप नियमित करने का निर्णय लिया गया है।
हिमाचल प्रदेश की तीन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के नतीजे सामने आए है। प्रदेश की हमीरपुर सीट में उपचुनाव को लेकर आए नतीजों के तहत भाजपा प्रत्याशी आशीष शर्मा जीत गए हैं। आशीष शर्मा ने कांग्रेस के डॉ. पुष्पिंद्र वर्मा को 1571 मतों से हरा दिया है। हमीरपुर से भाजपा प्रत्याशी की जीत हुई है। प्रचार के दौरान कांग्रेस प्रत्याशी के आंसू भी काम नहीं आए हैं। आशीष शर्मा लगातार दूसरी बार यहां से विधायक चुने गए हैं। आशीष शर्मा ने 1571 वोटों से जीत हासिल की है। आशीष शर्मा ने दूसरी बार यहां से जीत हासिल की है। 2022 में वह आजाद चुनाव जीते थे। लेकिन राज्यसभा चुनाव के बाद हुई सियासी हलचल के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया और फिर यहां पर उपचुनाव तय हुए। हमीरपुर विधानसभा सीट पर बीते कई दशक से चल रहा भाजपा का दबदबा कायम रहा है। अब तक यहां पर 11 बार विधानसभा चुनाव हुए हैं, जिनमें कांग्रेस केवल एक बार ही चुनाव जीत पाई है। भाजपा को 9 बार जीत मिली है। एक बार इस सीट पर 1967 में जनसंघ का कब्जा यहां पर रहा था। कांग्रेस की अनीता वर्मा एक बार 2003 में चुनाव जीती थी। 1967 में यहां पर पहली बार चुनाव हुए थे।
हिमाचल प्रदेश की देहरा विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की पत्नी कमलेश ठाकुर चुनाव जीत गई हैं। देहरा सीट पर उन्होंने बीजेपी के होशियार सिंह को हराया है। देहरा में 10 राउंड की गिनती हुई, जिसमें कमलेश ठाकुर को 32737, होशियार सिंह को 23338 वोट मिले। इस तरह कमलेश ठाकुर 9399 वोटों से जीत गईं। उधर, हमीरपुर से भाजपा प्रत्याशी आशीष शर्मा 1433 वोट से चुनाव जीत चुके है जबकि नालागढ़ सीट पर हरदीप बावा 8990 मतों से जीते। बता दें कि आज हिमाचल प्रदेश के तीन विधानसभा क्षेत्रों देहरा, नालागढ़, हमीरपुर में हो रहे उपचुनाव के लिए आज मतगणना हुई। 10 जुलाई को हुए मतदान के बाद सभी आज के दिन का इंतजार कर रहे थे। BIG BREAKING : नालागढ़ से हरदीप बावा 8990 मतों से जीते नालागढ़ विधानसभा उपचुनाव... हरदीप बावा, कांग्रेस: 34608 कृष्ण लाल ठाकुर, बीजेपी: 25618 हरप्रीत सैनी : 13025 BIG BREAKING : आशीष शर्मा जीते, सीएम के गृह जिला में कांग्रेस को झटका ** सभी 9 राउंड की गिनती के बाद 1433 वोट ज्यादा मिले आशीष शर्मा , बीजेपी: 26617 पुष्पिंदर वर्मा, कांग्रेस: 25184 BIG BREAKING : सीएम की पत्नी कमलेश ठाकुर देहरा से जीती चुनाव ** 9 हजार से अधिक अंतर से होशियार सिंह को हराया ** दो बार के निर्दलीय विधायक होशियार सिंह को भारी पड़ा इस्तीफा देकर फिर चुनाव लड़ना LIVE UPDATE: 12.03 PM (8th Round) नालागढ़ विधानसभा उपचुनाव... हरदीप बावा, कांग्रेस: 31298 कृष्ण लाल ठाकुर, बीजेपी: 24428 हरप्रीत सैनी : 11614 ( जीत की ओर अग्रसर हरदीप बावा मात्र एक राउंड शेष ) LIVE UPDATE: 11.50 AM (7th Round) नालागढ़ विधानसभा उपचुनाव... हरदीप बावा, कांग्रेस: 26785 कृष्ण लाल ठाकुर, बीजेपी: 22207 हरप्रीत सैनी : 8663 LIVE UPDATE: 11.30 AM (6th Round) नालागढ़ विधानसभा उपचुनाव... हरदीप बावा, कांग्रेस: 23038 कृष्ण लाल ठाकुर, बीजेपी: 18901 हरप्रीत सैनी : 7393 UPDATE: 11.25 AM (9th Round) देहरा विधानसभा उपचुनाव... कमलेश ठाकुर, कांग्रेस: 28641 (+ 7860) होशियार सिंह, बीजेपी: 20781 LIVE UPDATE: 11.13 AM (6th Round) हमीरपुर विधानसभा उपचुनाव... आशीष शर्मा , बीजेपी: 18319 (+ 743) पुष्पिंदर वर्मा, कांग्रेस: 17576 LIVE UPDATE: 11.00 AM (8th Round) देहरा विधानसभा उपचुनाव... कमलेश ठाकुर, कांग्रेस: 24957 (+ 6115) होशियार सिंह, बीजेपी: 18842 LIVE UPDATE: 11.00 AM (5th Round) हमीरपुर विधानसभा उपचुनाव... आशीष शर्मा , बीजेपी: 15120 (+ 67) पुष्पिंदर वर्मा, कांग्रेस: 15053 LIVE UPDATE: 10.42 AM (4th Round) नालागढ़ विधानसभा उपचुनाव... हरदीप बावा, कांग्रेस: 15253 कृष्ण लाल ठाकुर, बीजेपी: 12275 हरप्रीत सैनी : 5141 LIVE UPDATE: 10.42 AM (7th Round) देहरा विधानसभा उपचुनाव... कमलेश ठाकुर, कांग्रेस: 21723 होशियार सिंह, बीजेपी: 16694 LIVE UPDATE: 10.35 AM (3rd Round) नालागढ़ विधानसभा उपचुनाव... हरदीप बावा, कांग्रेस: 10767 कृष्ण लाल ठाकुर, बीजेपी: 8573 हरप्रीत सैनी : 3536 नोटा : 157 LIVE UPDATE: 10.30 AM (4th Round) हमीरपुर विधानसभा उपचुनाव... पुष्पिंदर वर्मा, कांग्रेस: 12021 आशीष शर्मा , बीजेपी: 11138 LIVE UPDATE: 10.17 AM (6th Round) देहरा विधानसभा उपचुनाव... कमलेश ठाकुर, कांग्रेस: 16984 होशियार सिंह, बीजेपी: 15169 LIVE UPDATE: 10.17 AM (2nd Round) हमीरपुर विधानसभा उपचुनाव... डॉ पुष्पेंद्र वर्मा 6750 आशीष शर्मा 5046 नंद लाल शर्मा 13 LIVE UPDATE: 10.12 AM (2nd Round) नालागढ़ विधानसभा उपचुनाव... हरदीप बावा, कांग्रेस: 7577 कृष्ण लाल ठाकुर, बीजेपी: 6006 हरप्रीत सैनी : 2342 डॉ केे एल शर्मा : 132 विजय सिंह : 65 नोटा : 103 LIVE UPDATE: 9.50 AM (5th Round) देहरा विधानसभा उपचुनाव... कमलेश ठाकुर, कांग्रेस: 13300 होशियार सिंह, बीजेपी: 12664 LIVE UPDATE: 9.40 AM (1st Round) नालागढ़ विधानसभा उपचुनाव... हरदीप बावा , कांग्रेस: 3358 कृष्ण लाल ठाकुर, बीजेपी: 2712 LIVE UPDATE: 9.40 AM (4th Round) कमलेश ठाकुर, कांग्रेस: 2655 होशियार सिंह, बीजेपी: 2135 LIVE UPDATE: 9.00 AM (1st Round) हमीरपुर विधानसभा उपचुनाव... पुष्पिंदर वर्मा, कांग्रेस: 3004 आशीष शर्मा , बीजेपी: 2804 LIVE UPDATE: 9.00 AM (2nd Round) देहरा विधानसभा उपचुनाव... कमलेश ठाकुर, कांग्रेस: 2530 होशियार सिंह, बीजेपी: 2629 LIVE UPDATE: 8.50 AM (1st Round) देहरा विधानसभा उपचुनाव... कमलेश ठाकुर, कांग्रेस: 2530 होशियार सिंह, बीजेपी: 2629 ❝नालागढ़ सीट से पांच प्रत्याशी मैदान में हैं। कांग्रेस से हरदीप सिंह बावा, भाजपा से केएल ठाकुर, स्वाभिमान पार्टी से किशोरी लाल शर्मा, निर्दलीय हरप्रीत सिंह और विजय सिंह मैदान में हैैं। उधर ,हमीरपुर में तीन प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं। यहां मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच में है। हमीरपुर से भाजपा के आशीष शर्मा, कांग्रेस के डॉ. पुष्पेंद्र वर्मा और निर्दलीय प्रत्याशी नंद लाल शर्मा मैदान में हैं। साल 2022 में भी कांग्रेस के डॉ. पुष्पेंद्र और आशीष शर्मा आमने-सामने थे। आशीष ने निर्दलीय चुनाव लड़ा था और जीते थे। भाजपा के प्रत्याशी नरेंद्र ठाकुर थे। इस उपचुनाव में सबसे हॉट सीट देहरा सीट है जहाँ से पांच प्रत्याशी मैदान में हैं। इनमें कांग्रेस से कमलेश ठाकुर चुनावी मैदान में है जो सीएम सुक्खू की धर्मपत्नी है जबकि भाजपा से होशियार सिंह चुनावी मैदान में है। इसके अलावा निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर सुलेखा देवी, अंकेश सायल और एडवोकेट संजय शर्मा किस्मत आजमा रहे हैं। ❞
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आज यहां हुई| राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में कांगड़ा हवाई अड्डे के विस्तार से प्रभावित होने वाले परिवारों के लिए भूमि अधिग्रहण और मुआवजे की घोषणा को मंजूरी दी गई। इसके अलावा, ऊना जिले के हरोली विधानसभा क्षेत्र में बल्क ड्रग पार्क के निर्माण के लिए पूंजीगत लागत का राज्य हिस्सा प्रदान करने का भी निर्णय लिया गया और इसकी निविदा बुलाने को मंजूरी दी गई। मंत्रिमंडल ने रिट्रीट, मशोबरा, बैंड टुकड़ा आंद्री, शिव मंडी आंद्री, ताल और गिरी के अतिरिक्त क्षेत्रों को डी.पी.एफ. खलिनी, बी.सी.एस. शिमला विकास योजना में मिस्ट चैंबर और परिमहल ग्रीन एरिया के दायरे में। इसने जूनियर ऑफिस असिस्टेंट से संबंधित पोस्ट कोड 903 और 939 के लंबित परिणामों पर कैबिनेट उप-समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया और दोनों पोस्ट कोड के लिए अंतिम परिणाम घोषित करने का कार्य एच.पी. को सौंपा। राज्य चयन आयोग हमीरपुर। बैठक में शिक्षा विभाग में लेक्चरर फिजिकल एजुकेशन के 486 पद और प्रिंसिपल स्कूल कैडर के 157 अतिरिक्त पद सृजित करने और भरने को मंजूरी दी गई। विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को शिक्षा प्रदान करने के लिए शिक्षा विभाग में विशेष शिक्षकों के 245 पद भरने का भी निर्णय लिया गया। मंत्रिमंडल ने राज्य में हेलीपोर्टों पर तैनाती के लिए गृह विभाग में अग्निशमन अधिकारियों और अधिकारियों की विभिन्न श्रेणियों के 53 पद और विभिन्न श्रेणियों के पुलिस कर्मियों के 60 पदों को बनाने और भरने की मंजूरी दी। हिमाचल प्रदेश में विभिन्न श्रेणियों के 30 पद भरने का निर्णय लिया गया। इसके सुचारू संचालन के लिए राज्य चयन आयोग हमीरपुर। मंत्रिमंडल ने लोक निर्माण विभाग में जेओए (आईटी) के 30 पद भरने को मंजूरी दी। इसमें खंड विकास अधिकारी के 27 अतिरिक्त पद सृजित करने का निर्णय लिया गया, जिससे कुल कैडर की संख्या 123 पदों तक बढ़ जाएगी। कैबिनेट ने शिक्षा विभाग में जूनियर बेसिक शिक्षकों के रूप में 18 ग्रामीण विद्या उपासकों की सेवाओं को नियमित करने का निर्णय लिया, जिन्होंने तीन साल की सेवा पूरी कर ली है और राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद के मानदंडों को पूरा करते हैं। डॉ. राधाकृष्णन राजकीय मेडिकल कॉलेज, हमीरपुर में कार्डियोलॉजी विभाग बनाने का निर्णय लिया गया और तीन पद सृजित करने और भरने का निर्णय लिया गया। इसके सुचारू संचालन के लिए प्रोफेसर, सहायक प्रोफेसर और वरिष्ठ रेजिडेंट डॉक्टर। मंत्रिमण्डल ने खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग में जिला नियंत्रक, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले के दो पदों को सीधी भर्ती के माध्यम से भरने की मंजूरी दी। मंत्रि-परिषद ने राजस्व विभाग में पटवारी, कानूनगो के जिला कैडर और नायब तहसीलदार के संभागीय कैडर को राज्य कैडर घोषित करने का निर्णय लिया। हिमाचल विज्ञान प्रौद्योगिकी और पर्यावरण परिषद के तत्वावधान में आर्यभट्ट भू-सूचना विज्ञान और अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र में कार्यरत पदधारियों को तीन प्रतिशत वार्षिक वृद्धि के साथ परिलब्धियां देने का निर्णय लिया गया। मंत्रिमंडल ने 40 प्रतिशत की न्यूनतम विकलांगता के साथ अपने बच्चों की देखभाल के लिए एक महिला सरकारी कर्मचारी को उसकी पूरी सेवा के दौरान अधिकतम 730 दिनों की बाल देखभाल छुट्टी देने का भी निर्णय लिया।
हिमाचल प्रदेश के शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि शिक्षा क्षेत्र को सुदृढ़ करने के लिए आज समय के अनुसार बदलाव की आवश्यकता है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि करीब 2200 शिक्षकों की बैचवाइज भर्ती की जा रही है और जल्द इनकी तैनाती होगी। कहा कि शिक्षकों की तैनाती के लिए भी पैरामीटर तय किए गए हैं। राज्य में बिना शिक्षक 350 स्कूल चल रहे हैं। 3200 स्कूल एक शिक्षक के सहारे हैं और करीब 800 स्कूल ऑफ एक्सीलेंस हैं। इन स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती प्राथमिकता रहेगी। कहा कि सरकार चाहती है कि प्री प्राइमरी स्कूल जल्द शुरू किए जाए। इसके लिए करीब 6100 एनटीटी शिक्षक भर्ती किए जाएंगे। कम संख्या वाले स्कूलों को मर्ज करने के सवाल पर रोहित ने कहा कि वित्त आयोग के हिमाचल दौरे के दौरान पर भी इस विषय पर विस्तार से चर्चा हुई। आयोग से भी सुझाव आया है कि जहां बच्चों की संख्या कम है, ऐसे स्कूलों को मर्ज किया जाना चाहिए। सरकार के ध्यान में यह मामला पहले से ही है। स्कूलों में एनरोलमेंट में भी कमी आई है। बीते वर्ष भी दो या दो से कम विद्यार्थी संख्या वाले स्कूलों को मर्ज किया गया था। जहां बच्चों की संख्या दो या दो से कम है, ऐसे करीब 700-800 स्कूलों को मर्ज किया जाएगा। प्रथम चरण में उन्हीं स्कूलों को चिन्हित करेंगे, जिनकी अधिक बच्चों की संख्या वाले स्कूल से दूरी डेढ़ से दो किलोमीटर है। शिक्षा निदेशालय इस संबंध में प्रारूप तैयार कर रहा है, जल्द निर्णय लेंगे।
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय बीएससी द्वितीय वर्ष का परीक्षा परिणाम घोषित कर दिया है। परीक्षा परिणाम विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर अपलोड़ कर दिया गया है। विद्यार्थी अपना लॉगइन आईडी के जरिये परिणाम देख सकते हैं। बीएससी द्वितीय वर्ष का परीक्षा का परिणाम 47.06 फीसदी रहा है। कुल 2533 विद्यार्थियों ने परीक्षा दी थी। इसमें से 936 ने परीक्षा पास की है। एचपीयू के परीक्षा नियंत्रक प्रो. श्याम लाल कौशल ने कहा कि बीएससी द्वितीय वर्ष का परिणाम घोषित कर दिया है। बीते दिनों ही एचपीयू ने बीकॉम, बीए व बीसीए अंतिम वर्ष का परीक्षा घोषित किया था।
हिमाचल: HRTC कर्मचारियों के वेतन से क्वालिटी ड्रेस बनाने के लिए काटे 748 रुपए, कर्मचारी कर रहे विरोध
राज्य सरकार के उपक्रम हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) ने अपने कर्मचारियों से 67 लाख रुपये वसूले हैं। निगम के सभी चालकों, परिचालकों और मैकेनिकल स्टाफ के वेतन से 748 रुपये काटे गए हैं। कर्मचारी इसका विरोध कर रहे हैं। दरअसल, एचआरटीसी अपने कर्मचारियों को हर साल दो वर्दी देता है। इसके एवज में उन्हें 2000 रुपये भत्ता दिया जाता है। लेकिन इस साल वर्दी खरीदने से पहले एचआरटीसी कर्मचारियों ने तर्क दिया कि कपड़ा महंगा हो गया है, इसलिए वर्दी भत्ता बढ़ाया जाना चाहिए। कर्मचारिओं ने पिछले साल खरीदी गई वर्दी की गुणवत्ता पर भी सवाल उठाए थे। इसलिए इस साल वर्दी खरीदने से पहले यूनियन पदाधिकारियो की ड्रेस खरीद समिति के साथ बैठक हुई। इस बैठक की कार्यवाही विधिवत तैयार की गई, जिस पर कर्मचारी नेताओं के हस्ताक्षर हैं। बैठक में लिए गए निर्णय के बाद इस बार एचआरटीसी ने 2000 रुपये की जगह 2748 रुपये की ड्रेस खरीदकर अपने कर्मचारियों को दी। इस बार जब जून महीने का वेतन आया तो सभी कर्मचारियों के वेतन में 748 रुपये कम थे। इसके बाद सभी कर्मचारी परेशान हो गए। जब एचआरटीसी प्रबंधन से इस बारे में पूछा गया तो पता चला कि वर्दी के पैसे काट लिए गए हैं। इससे कर्मचारी भड़क गए हैं। मगर खुलकर बोल भी नहीं पा रहे, क्योंकि इनके कर्मचारी नेताओं ने क्वालिटी ड्रेस खरीदने की बात मीटिंग में कही थी। बोर्ड प्रबंधन ने क्वालिटी ड्रेस तो दे दी, लेकिन इनका वर्दी भत्ता नहीं बढ़ाया गया। HRTC में यह ड्रेस फील्ड स्टाफ को दी जाती है। इनकी संख्या 8500 से ज्यादा है। सभी कर्मचारियों से रिकवरी की गई है। HRTC के प्रबंध निदेशक रोहन चंद ठाकुर ने बताया, निगम ने कर्मचारियों के लिए अच्छी क्वालिटी की ड्रेस खरीदी है। यह कर्मचारियों के साथ हुई मीटिंग में तय हुआ था। इसमें सभी यूनियन के पदाधिकारी मौजूद थे। सभी की सहमति के बाद ही वर्दी खरीदी है।
हिमाचल प्रदेश में पांच विद्यार्थियों की संख्या वाले करीब 700 स्कूल मर्ज करने की तैयारी शुरू हो गई है। मर्ज होने वाले स्कूलों के साथ लगते स्कूलों से दूरी की मैपिंग करने में शिक्षा विभाग जुट गया है। इसी माह इस बाबत प्रस्ताव तैयार करने के लिए कहा गया है। बीते दिनों शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने विभागीय समीक्षा बैठक में स्कूल मर्ज करने के निर्देश दिए थे। ऐसे स्कूलों को पहले चरण में मर्ज किया जाएगा, जहां आसपास में भी स्कूल स्थित होंगे। इन स्कूलों के विद्यार्थियों और शिक्षकों को साथ लगते स्कूलों में शिफ्ट किया जाएगा। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि ऐसे स्कूलों को पहले चरण में मर्ज किया जाएगा, जहां विद्यार्थियों की संख्या पांच से कम है। ऐसे स्कूल करीब 700 हैं। इनमें करीब 80 स्कूल ऐसे भी हैं, जहां एक भी छात्र ने दाखिला नहीं लिया है। दूसरे चरण में दस विद्यार्थियों की संख्या वाले स्कूलों को चिह्नित किया जाएगा। वर्ष 2023 में 2022 के मुकाबले विद्यार्थियों की संख्या करीब 50 हजार कम भी हुई है। यू डाइस की वर्ष 2023 की रिपोर्ट में इसका उल्लेख हुआ है। कोरोना संकट के बाद सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की संख्या में यह बहुत बड़ी गिरावट देखी गई है। इसके चलते ही प्रदेश सरकार ने अब ऐसे स्कूलों को मर्ज करने का फैसला लिया है जहां विद्यार्थियों की संख्या नाममात्र है। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि ऐसे स्कूलों में नियुक्त शिक्षकों को ऐसे अन्य स्कूलों में भेजा जाएगा, जहां बच्चों की संख्या अधिक है और शिक्षक कम हैं। मर्ज किए जाने वाले स्कूलों के बच्चों को भी साथ लगते स्कूलों में दाखिले दिलाए जाएंगे। शिक्षा की गुणवत्ता से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं होगा। पर्याप्त संख्या में शिक्षकों की नियुक्ति करने के लिए स्कूलों को मर्ज करने का फैसला लिया गया है। विभागीय अधिकारियों से इसी माह में इस संदर्भ में रिपोर्ट देने को कहा गया है। मर्ज होने वाले स्कूलों से विद्यार्थियों को नजदीक के स्कूलों में दाखिले दिए जाएंगे
**तीन दिन प्रदेश में भारी बारिश की चेतावनी **लाहौल स्पीति और किन्नौर में बारिश का अलर्ट नहीं हुआ जारी हिमाचल प्रदेश में मानसून के आज से फिर सक्रिय होने के आसार हैं। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला की ओर से 11 से 13 जुलाई तक प्रदेश के कई क्षेत्रों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। राज्य के कई भागों में 17 जुलाई तक मानसून की बारिश जारी रहने का पूर्वानुमान है। आज राजधानी शिमला व आसपास भागों में भी मौसम खराब बना हुआ है। उधर, गुरुवार सुबह तक राज्य में 12 सड़कों पर वाहनों की आवाजाही ठप रही। मानसून सीजन के दौरान अब 17,199 लाख रुपये की संपत्ति नुकसान हो चुका है। इसमें लोक निर्माण विभाग को 10,177 लाख और जल शक्ति विभाग को 6,733 लाख रुपये का नुकसान हुआ है। मौसम विभाग के अनुसार ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, चंबा, कांगड़ा, शिमला, सोलन व सिरमौर जिले के लिए भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। किन्नौर व लाहौल-स्पीति जिले के लिए किसी तरह का अलर्ट नहीं है।
हिमाचल प्रदेश राज्य मिल्क फेडरेशन ने देसी घी, मक्खन समेत अन्य उत्पादों के दामों में बढ़ोतरी कर दी है। अब उपभोक्ताओं को हिम घी प्रति लीटर 50 रुपये और हिम मक्खन प्रति किलो 30 रुपये महंगा मिलेगा। इस तरह अब घी 700 और मक्खन 580 रुपये प्रतिकिलो मिलेगा। दूध के दामों में बढ़ोतरी के बाद प्रबंधन ने अन्य उत्पादों के दाम बढ़ाए हैं। बढ़ी हुई दरें प्रदेशभर में लागू कर दी गई हैं। मिल्क फेडरेशन की ओर से कुल पांच उत्पादों के दाम बढ़ाए हैं। हिम पनीर अब 370 के बजाय 390 रुपये में मिलेगा। खुला पनीर प्रति किलो 340 के बजाय 360 रुपये में मिलेगा। पनीर में 20 रुपये प्रतिकिलो बढ़ोतरी हुई है। खुला दूध प्रति लीटर में दो रुपये बढ़ोतरी के साथ अब दाम 49 रुपये तय किए गए हैं। प्रबंधन की ओर से हिम खोया, बटर मिल्क, हिम दही, खुला दही, दूध पैकेट, फ्लेवर वाला दूध उत्पाद के दाम में बढ़ोतरी नहीं की गई है। हिम खोया 340 रुपये प्रति किलो, बटर मिल्क 20 रुपये, हिम दही 70 रुपये, खुला दही 65 रुपये, दूध 60 रुपये, फ्लेवर वाला दूध 30 रुपये प्रतिलीटर मिलेगा। बता दें कि प्रदेशभर में मिल्क फेडरेशन के 150 से अधिक बिक्री केंद्र हैं।
हिमाचल प्रदेश के जिला हमीरपुर से संबंध रखने वाले वर्ष 2014 बैच के आईएएस अधिकारी और पूर्व जिलाधीश कुल्लू आशुतोष गर्ग को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा का निजी सचिव नियुक्त किया गया है। आईएएस अधिकारी आशुतोष गर्ग के पास वर्तमान में विशेष सचिव कार्मिक का अतिरिक्त जिम्मा है। कुल्लू के उपायुक्त पद से स्थानांतरण के बाद आशुतोष गर्ग को विशेष सचिव वित्त नियुक्त किया गया था। बाद में कार्मिक विभाग भी दिया गया। इसके अलावा प्रबंध निदेशक सामान्य उद्योग निगम भी नियुक्त किए गए।
यूनिवर्सल कार्टन में वजन के हिसाब से किलो के रेट पर सेब बिकेगा। आढ़तियों को फड़ (ऑक्शन यार्ड) पर अनिवार्य तौर पर इलेक्ट्राॅनिक कांटे लगाकर पेटियों का वजन कर एवरेज के हिसाब से किलो की बोली लगा कर सेब बेचना होगा। बागवान भी बढि़या किस्म के यूनिवर्सल कार्टन में सेब की पैकिंग करें ताकि आढ़तियों और खरीदारों को नुकसान न हो। नियमों का उल्लंघन बागवान करे या आढ़ती सबके लिए कानून एक समान लागू होगा। यूनिवर्सल कार्टन को लेकर चल रही असमंजस की स्थिति पर मंगलवार को बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने सचिवालय में सभी पहलुओं पर स्थिति स्पष्ट की। नेगी ने कहा कि जिन बागवानों के पास पिछले साल का कार्टन बचा है वह नाशपाती टेलिस्कोपिक कार्टन में पैक कर बेच सकते हैं। नाशपाती पर कोई रोक नही है। सेब के लिए यूनिवर्सल कार्टन की कोई कमी पेश नहीं आने दी जाएगी। एचपीएमसी के बिक्री केंद्रों पर यूनिवर्सल कार्टन उपलब्ध करवाना शुरू कर दिया गया है। निजी कंपनियों का कार्टन भी बाजार में उपलब्ध है। 99 फीसदी बागवान यूनिवर्सल कार्टन से संतुष्ट हैं सिर्फ एक फीसदी परेशान हैं। पिछले सीजन में जब किलो के हिसाब से सेब बिक्री शुरू की थी तब भी कुछ लोगों को समस्या थी, सरकार ने सख्ती की तो व्यवस्था लागू हो गई। बागवानों से ठगी के मामलों में एसआईटी कार्रवाई करती थी लेकिन इस सीजन से एसआईटी के साथ एपीएमसी को सक्रिय किया जाएगा। बागवानों की शिकायत आते ही एपीएमसी पुलिस में मुकद्दमा दर्ज करवाएगी और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। बागवान भी अगर चैक से फसल का पैसा ले रहे हैं और चैक बाउंस हो जाता है तो तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज करें। सेब सीजन में नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए एसडीएम और तहसीलदारों को भी कार्रवाई की शक्तियां दी जाएंगी। सेब सीजन के दौरान ग्रामीण और मुख्य सड़कें बंद न होे इसका जिम्मा संबंधित डीसी और एसपी को सौंपा गया है। पराला मंडी की सड़क बन कर तैयार हो गई है। पीडब्ल्यूडी के साथ बैठक कर हर जगह मशीनें रखने के निर्देश दिए गए हैं।
हरित भारत संकल्प के तहत हिमाचल प्रदेश राजमार्ग प्राधिकरण प्रदेश में 50,000 पौधे रोप रहा है। इसी कड़ी में बुधवार को हिमाचल प्रदेश के क्षेत्रीय अधिकारी अब्दुल बासित के नेतृत्व में शिमला-चंडीगढ़ हाईवे किनारे एक बूटा मां के नाम पौधारोपण अभियान शुरू किया। इस दौरान फोरलेन के किनारे विभिन्न प्रजातियों के पौधे रौपे गए। उल्लेखनीय है कि एनएचएआई ने संपूर्ण पौधरोपण परियोजना के अंतर्गत अपनी फील्ड इकाई के प्रत्येक पौधे के स्थान, उसकी वृद्धि, प्रजातियों के विवरण, रखरखाव गतिविधियां, लक्ष्य और उपलब्धियों की निगरानी के लिए 'हरित पथ' नाम का एक मोबाइल एप विकसित किया है। क्षेत्रीय अधिकारी अब्दुल बासित ने बताया कि पर्यावरण संरक्षण और स्थिरता को बढ़ाने के लिए पौधारोपण अभियान शुरू किया गया है। लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए एक पेड़ मां के नाम महिम शुरू की गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में प्रदेश के सभी राजमार्गों पर पौधे लगाए जा रहे हैं।
**कल- परसों प्रदेश में भारी बारिश की चेतावनी **लाहौल स्पीति और किन्नौर में बारिश न होने की संभावना **प्रदेश के 10 जिलों में येलो अलर्ट जारी हिमाचल प्रदेश के कई भागों में दो दिन भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार राज्य के कई हिस्सों में 16 जुलाई तक मानसून की बारिश का दौर जारी रहेगा। 11 व 12 जुलाई को कई भागों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। आज राजधानी शिमला व आसपास भागों में मौसम खराब बना हुआ है। उधर, बुधवार सुबह 10:00 बजे तक राज्य में 28 सड़कों पर वाहनों की आवाजाही ठप रही। इसके अलावा 19 बिजली ट्रांसफार्मर व 16 जल आपूर्ति योजनाएं प्रभावित हैं। मौसम विभाग ने 11 व 12 जुलाई को ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, चंबा, कांगड़ा, शिमला, सोलन व सिरमौर जिले के कई भागों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। लाहौल-स्पीति व किन्नौर जिले के लिए किसी तरह का अलर्ट नहीं हैं।
हमीरपुर विधानसभा क्षेत्र सदर से भाजपा प्रत्याशी आशीष शर्मा ने मतदान से एक दिन पहले ग्राम पंचायत नाल्टी के डकोल और पटियाहु में डोर टू डोर पहुंचकर स्थानीय लोगों से भाजपा के पक्ष में मतदान की अपील की। क्षेत्र के लोगों ने आशीष शर्मा को खुले दिल से समर्थन देते हुए भारी बहुमत से जीत होने का आशीर्वाद दिया। आशीष शर्मा ने कहा कि महज दुष्प्रचार कर चुनाव लड़ रहे कांग्रेस प्रत्याशी व सरकार के नुमाइंदे चुनाव के दिनों में सरकार की कोई भी उपलब्धि नहीं बता सके हैं। हमीरपुर के लिए कांग्रेस सरकार ने पिछले डेढ़ साल में क्या किया, यह बताने में भी कांग्रेस प्रत्याशी नाकाम रहे हैं और बताते भी क्या? जब बीते डेढ़ साल में हमीरपुर के लिए कोई उपलब्धि है ही नहीं। आशीष शर्मा ने कहा कि अनाप-शनाप बयान बाजी कर और दुष्प्रचार कर मेरी छवि को खराब करने की कोशिश इन लोगों ने की है, जिसका जवाब जनता उन्हें भाजपा के पक्ष में भारी संख्या में मतदान कर देगी। जो अनाप-शनाप और तथ्यहीन बयानबाजी इन लोगों ने की है उसके खिलाफ माननीय अदालत में भी याचिका दायर कर मानहानी का मुकदमा दर्ज करवाया जाएगा। झूठे आरोप लगाकर इन्होंने छवि खराब करने की कोशिश की है। आशीष शर्मा ने कहा कि एक तरफ तो मुख्यमंत्री गांधी चौक पर हुई जनसभा में कहते थे कि आशीष शर्मा रात को 12-12 बजे तक सचिवालय में रहकर लोगों के कामों को करवाने के लिए मेरे पास आते थे। लेकिन अब मुख्यमंत्री दुष्प्रचार व तथ्यहीन ब्यानबाजी कर रहे हैं। मेरे विधानसभा क्षेत्र की जनता मेरा चरित्र भलीभांति जानती। मैनें ईमानदारी के साथ जनता की सेवा के लिए कार्य किया है। सत्ता के लोभ में कांग्रेस प्रत्याशी सरकारी कर्मचारीयों वह मशीनरी का दुरुपयोग कर शराब व अन्य लुभावनी सामग्री क्षेत्र में बांट रहे हैं। प्रोपेगेंडा करने के लिए तरह-तरह की भ्रांतियां लोगों में फैला रहे हैं। विधानसभा क्षेत्र के लोगों को मोबाइल कॉल कर बरगलाने की कोशिश की जा रही है। लेकिन मेरे पास जनता का साथ और भगवान का आशीर्वाद है। दुष्प्रचार कर रहे इन लोगों को जनता और कानून की अदालत सजा देगी। आशीष शर्मा ने कहा है कि 5 सालों से उन्होंने जनता की सेवा की है और अब जनता की बारी है कि हमीरपुर का आत्म सम्मान और स्वाभिमान बचाना है। जो मेरे विधायक बनने के बाद इन लोगों ने मेरे साथ किया है, उसके खिलाफ मेरे हमीरपुर विधानसभा क्षेत्र की जनता ही इन लोगों को करारा जवाब 10 जुलाई को भाजपा के पक्ष में भारी संख्या में मतदान कर देगी। उन्होंने पूरे चुनाव के दौरान दिन रात मेहनत करने वाले भाजपा कार्यकर्ताओं और समर्थकों का दिल की गहराइयों से आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि सभी कार्यकर्ता कंधे से कंधा मिलाकर इन चुनावों में मेरे साथ खड़े रहे और इसी ताकत की बदौलत भाजपा क्षेत्र में जीत का परचम लहराएगी। झूठ, फरेब और भ्रम की राजनीति करने वालों को हमीरपुर की देवतुल्य जनता 10 जुलाई को सबक सिखाएगी। उन्होंने विधानसभा परिवार के सभी सदस्यों से भाजपा के पक्ष में दिल खोलकर मतदान करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि पूर्व में विधायक बननेे के बाद भी आपका बेटा डेढ़ साल आपके बीच में रहा और आगे भी विधायक बनने के बाद आपके बीच रहकर केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं को विधानसभा क्षेत्र में लागू कर नई-नई परियोजनाएं यहां पर शुरू करवाई जाएगी। डोर टू डोर अभियान के दौरान उनके साथ भाजपा नेता नवीन शर्मा, मंडल महामंत्री सुरेश सोनी सहित अन्य मौजूद रहे।
हिमाचल प्रदेश में विधानसभा की तीन सीटों हमीरपुर, देहरा व नालागढ़ के लिए हो रहे उपचुनाव के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। हमीरपुर विधानसभा उपचुनाव के लिए मंगलवार को पोलिंग पार्टियां अपने-अपने बूथों के लिए ईवीएम को लेकर रवाना हुईं। पुलिस कर्मियों और सीआईएफ जवानों की कड़ी सुरक्षा में हमीरपुर के 94 मतदान केंद्रों पर बुधवार को मतदान होगा। मंगलवार को राजकीय बाल वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला हमीरपुर के खेल मैदान में पोलिंग पार्टियों के लिए परिवहन निगम की 13 बसें लगाई गईं। सुबह 11:00 से लेकर दोपहर 1:00 तक पोलिंग पार्टियां पुलिस कर्मियों और सीआरपीएफ जवानों के साथ मतदान केंद्रों के लिए रवाना हुईं। वहीं खेल मैदान में बारिश से जमा हुए पानी के कारण कर्मचारियों के वाहन मैदान में पड़े गड्ढों में फंसे रहे। आपसी सहयोग से कड़ी मशक्कत के बाद कर्मचारियों ने वाहनों को निकाला। विधानसभा क्षेत्र हमीरपुर के एसडीएम मनीष सोने की अगुवाई में पोलिंग पार्टियों को रवाना किया गया।
हिमाचल प्रदेश में तीन विधानसभा क्षेत्रों देहरा, हमीरपुर और नालागढ़ में होने वाले उप-चुनावों के लिए 10 जून, 2024 से लागू आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद पुलिस, आबकारी और अन्य सम्बंधित विभागों द्वारा 3.31 करोड़ रुपये की अवैध शराब, नकदी, आभूषण जब्त किए गए हैं। यह जानकारी आज यहां निर्वाचन विभाग के प्रवक्ता ने दी। उन्होंने बताया कि राज्य कर एवं आबकारी तथा पुलिस विभाग ने 14.12 लाख रुपये मूल्य की 10358 लीटर अवैध शराब जब्त की। इसके अतिरिक्त आयकर विभाग ने 2.13 करोड़ रुपये मूल्य के 3.13 किलोग्राम आभूषण व कीमती धातुओं को जब्त किया है। प्रवक्ता ने बताया कि पुलिस व आयकर विभाग ने अब तक 93.66 लाख रुपये की नकदी जब्त की है। उन्होंने बताया कि अब तक प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा 2.65 लाख रुपये मूल्य की 1.06 किलोग्राम चरस, 3.82 लाख रुपये मूल्य की 19 ग्राम हेरोइन, 91,800 रुपये मूल्य की 4.59 ग्राम स्मैक और 19,890 रुपये मूल्य की 1.32 किलोग्राम चूरा पोस्त जब्त की गई है। उन्होंने बताया कि इस अवधि के दौरान उद्योग विभाग द्वारा खनन अधिनियम के तहत दर्ज 74 मामलों में 2.67 लाख के जुर्माने लगाए गए।
हिमाचल प्रदेश के कई भागों में मानसून की बारिश का दौर जारी है। राजधानी शिमला में भी सोमवार सुबह झमाझम बारिश हुई। राज्य में सुबह 10:00 बजे तक 70 सड़कों पर आवाजाही ठप रही। इसके अलावा 84 बिजली ट्रांसफार्मर व 51 जल आपूर्ति योजनाएं भी प्रभावित चल रही हैं। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला की ओर से राज्य के कई भागों में 14 जुलाई तक बारिश का दौर जारी रहने का पूर्वानुमान है। 11 व 12 जुलाई को कई भागों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है।
हिमाचल में बारिश जमकर हो रही है। हरियाणा में भी मानसून का आगमन हो चुका है। 1 जून से 7 जुलाई तक सामान्य से करीब 8 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई है। इस दौरान 70.9 मिलीमीटर बारिश हुई है, जबकि सामान्य बारिश का आंकड़ा 78.5 मिलीमीटर सामान्य बारिश होती है। हरियाणा के केवल 10 जिलों में सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की गई है। वहीं अंबाला, चरखी दादरी, जींद, कैथल, कुरुक्षेत्र, करनाल, पंचकूला, पानीपत, रोहतक, सोनीपत व यमुनानगर में अभी भी लोगों को मानसून का इंतजार है। मौसम विशेषज्ञ का कहना है कि हरियाणा, एनसीआर व दिल्ली में मानसून की वैसी सक्रियता देखने को नहीं मिल रही है। अभी भी खंड बारिश की स्थिति बनी हुई है। वहीं 8 जुलाई यानी आज के मौसम की बात करें तो पश्चिमी विक्षोभ का असर प्रदेश के पश्चिमी, दक्षिणी व उत्तरी हिस्सों पर देखने को मिल सकता है। लोगों को उमसभरी गर्मी का भी सामना करना पड़ सकता है। वहीं हिमाचल में मानसूनी बारिश के चलते पूरा मौसम बदल गया है। लोगों पर एक साथ दो-दो आफत टूट पड़ी हैं। एक तरफ तेज बारिश के कारण भूस्खलन देखने को मिल रहा है तो वहीं दूसरी तरफ कई इलाकों में पानी की सप्लाई बंद हो गई है। बीते 24 घंटे के मौसम की बात करें तो कई जिलों में जमकर बारिश हुई तो कहीं केवल बूंदाबांदी ही देखने को मिली।
सेब सीजन के रफ्तार पकड़ने से पहले ही सेब के मालभाड़े की दरें प्रति क्विंटल, प्रति किलोमीटर तय करने से बागवानों को झटका लगा है। पिकअप से सेब की ढुलाई का मालभाड़ा बीते साल के मुकाबले करीब 20 फीसदी तक बढ़ा दिया है। प्रदेश सरकार ने इस सीजन में पहली बार सेब की ढुलाई की दरें प्रति क्विंटल प्रति किलोमीटर के आधार पर तय की हैं। हिमाचल में सेब ढुलाई की दरें अब तक पेटी के आधार पर तय होती थीं। उपमंडल से प्रदेश और बाहरी राज्यों की बड़ी मंडियों तक प्रति पेटी के आधार पर प्रशासन ढुलाई की दरें अधिसूचित करता था। इस साल सरकार ने उपायुक्तों को ढुलाई की दरें प्रति क्विंटल प्रति किलोमीटर के आधार पर तय करने के निर्देश दिए हैं। बागवानों का कहना है कि पिकअप के किरायों में अनुचित बढ़ोतरी की गई है। सेब उत्पादक क्षेत्रों से सड़कें संकरी होने के कारण 80 फीसदी सेब पिकअप गाड़ियों से ही लोकल मंडियों तक पहुंचाया जाता है। पिकअप के किराये बढ़ने से बागवानों की लागत और फसल को मंडियों तक पहुंचाने का खर्चा बढ़ जाएगा। संयुक्त किसान मंच के सह संयोजक संजय चौहान का कहना है कि सेब सीजन के लिए पिकअप का प्रति क्विंटल प्रति किलोमीटर किराये का निर्धारण पुन: किया जाना चाहिए। बीते साल के मुकाबले दरों में करीब 20 फीसदी बढ़ोतरी से बागवानों पर अनावश्यक बोझ पड़ेगा। सोलन और परवाणू सेब मंडी में कारोबार की तैयारियां पूर्ण हो गई हैं। मंगलवार को पूजा-अर्चना के साथ यहां पर कारोबार भी शुरू हो जाएगा। हालांकि कुछ क्षेत्रों से अर्ली किस्म का सेब पहुंचना भी शुरू हो गया है। जोकि अभी स्थानीय क्षेत्र में ही बिक रहा है। मंगलवार से बाहरी राज्यों के कारोबारी भी मंडी में पहुंचना शुरू हो जाएंगे। इसके लिए मंडी समिति की ओर से सभी तैयारी पूरी कर ली हैं। परवाणू सेब मंडी में मंगलवार को चौपाल, करसोग, कुमारसैन और ठियोग से सेब किस्म टाइडमैन और नाशपाती की पहली खेप पहुंचेगी। परवाणू मार्किट कमेटी के सचिव राजेश कुमार ने बताया कि सेब सीजन को लेकर सभी तैयारी पूरी कर ली हैं।
हिमाचल के स्कूलों में नशे के खिलाफ एंटी ड्रग स्क्वायड बनेंगे। बच्चों को नशे से बचाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए हिमाचल प्रदेश उच्च शिक्षा निदेशालय ने राज्य के सभी सरकारी और निजी स्कूलों में नशा विरोधी दस्तों के गठन की घोषणा की है। यह पहल हिमाचल प्रदेश एकीकृत नशा निवारण नीति को लागू करने के प्रयास के हिस्से के रूप में की गई है। उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा ने सभी उप निदेशकों को स्कूलों में एंटी ड्रग स्क्वायड का गठन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। नशा विरोधी दस्ते का नेतृत्व स्कूल के प्रिंसिपल करेंगे। इसमें 2-3 स्टाफ सदस्य और 2 से 3 छात्र प्रतिनिधि शामिल होंगे। छात्र प्रतिनिधियों को स्कूल प्रबंधन समिति (एसएमसी), अभिभावक-शिक्षक संघ (पीटीए) या पंचायतों (ग्राम परिषदों) जैसे निकायों से चुना जा सकता है। स्कूलों को ऐसी प्रणाली स्थापित करने के निर्देश दिए गए हैं, जहां छात्र-कर्मचारी गुमनाम रूप से किसी भी ड्रग से संबंधित रिपोर्ट कर सकते हैं। मासिक आधार पर जानकारी की एंटी-ड्रग स्क्वायड समीक्षा करेंगे। जरूरी हुआ तो स्क्वायड आगे की जांच और कार्रवाई के लिए पुलिस को जानकारी देंगे। छात्रों को नशे से होने वाले नुकसान के बारे में शिक्षित करने के लिए वाद-विवाद और निबंध लेखन प्रतियोगिता करवाई जाएगी। नशा विरोधी दस्तों को स्कूलों के भीतर, स्कूल आने-जाने के रास्तों और आसपास की दुकानों में संदिग्ध गतिविधि की निगरानी का काम सौंपा जाएगा। वहीं, दस्ते स्कूल समुदाय के भीतर संभावित ड्रग उपयोगकर्ताओं, विक्रेताओं या प्रभावित करने वालों के बारे में भी जानकारी एकत्र करेंगे। प्रदेश में लगातार बढ़ रहे नशे के मामलों पर राज्यपाल भी चिंता जता चुके हैं। हाल ही में उन्होंने कहा था कि युवाओं को नशे की दलदल में डूबने से बचाने के लिए मिलकर सभी को प्रयास करने होंगे। युवा पीढ़ी के भविष्य को बचाने के लिए शिक्षण संस्थानों को भी आगे आना होगा और सख्त नियम बनाने होंगे। उन्होंने पुलिस को नशा तस्करों पर कार्रवाई के सख्त निर्देश भी दिए हैं और स्कूल, कॉलेजों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों के बाहर नशा बेचने वालों पर पैनी नजर रखने के लिए कहा गया है।
हिमाचल प्रदेश: तीन हलकों में होने जा रहे उपचुनाव के लिए आज चुनाव प्रचार थम जाएगा। 10 जुलाई को मतदान होना है और नतीजे 13 जुलाई को आएंगे। तीन विधानसभा सीटों के 2 लाख 59 हजार, तीन सौ चालीस मतदाता प्रत्याशियों के किस्मत का फैंसला करेंगे। आज अंतिम दिन है तो ऐसे में भाजपा और कांग्रेस के नेताओं ने फील्ड में सक्रियता बढ़ा दी है। इस समय देहरा हॉट सीट बनी है। इस विधानसभा क्षेत्र से मुख्यमंत्री सुक्खू की धर्मपत्नी कमलेश चुनाव मैदान में हैं। वहीं, भाजपा ने निर्दलीय विधायक होशियार सिंह को ही प्रत्याशी बनाया है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू सोमवार को देहरा और हमीरपुर में मोर्चा संभालेंगे, जबकि कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह, मंत्री विक्रमादित्य सिंह और उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री नालागढ़ में होंगे। कांग्रेस के केंद्रीय नेता सचिन पायलट भी सोमवार को नालागढ़ आ रहे हैं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल देहरा, सांसद अनुराग ठाकुर हमीरपुर और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर नालागढ़ में डटेंगे। भाजपा के प्रदेश प्रभारी डॉ. श्रीकांत शर्मा तीनों उपचुनावों के प्रचार का मोर्चा संभाले हैं। हमीरपुर हलके में भाजपा के प्रत्याशी आशीष शर्मा और कांग्रेस के डॉ. पुष्पेंद्र वर्मा चुनाव मैदान में हैं। वहीं, नालागढ़ विधानसभा सीट की बात करें तो भाजपा ने निर्दलीय विधायक केएल ठाकुर को प्रत्याशी बनाया है, जबकि कांग्रेस के इंटक के प्रदेशाध्यक्ष रहे हरदीप सिंह बावा चुनाव मैदान में हैं। उधर, इस सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी हरप्रीत सैनी में चुनावी मैदान में है।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व सांसद प्रतिभा सिंह ने कहा कि प्रदेश की तीनों विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस भारी बहुमत से जीत हासिल कर रही है। हमीरपुर, देहरा व नालागढ़ के मतदाताओं का रुझान कांग्रेस के पक्ष में है और लोग प्रदेश में कांग्रेस सरकार को मजबूत करने के लिए एकजुट हैं। तीन उपचुनाव के बाद प्रदेश में कांग्रेस विधायकों की संख्या 41 होने जा रही है। प्रतिभा सिंह ने कहा कि भाजपा का कोई भी राजनीतिक दांव अब प्रदेश में चलने वाला नहीं है। उन्होंने कहा है कि प्रदेश में उपचुनाव के लिए भाजपा पूरी तरह जिम्मेदार है और इससे वह कभी भी दोषमुक्त नहीं होगी। प्रतिभा सिंह ने कहा है कि तीनों पूर्व निर्दलीय विधायकों ने अपने मतदाताओं के उस भरोसे को तोड़ा है, जिसके लिए उन्होंने उन्हें चुना था। इसलिए उन्हें अब क्षेत्र के लोग कभी माफ नहीं करेंगे। उन्होंने कहा है कि इन तीनों पूर्व विधायकों को लोगों से अपने इस कृत्य के लिए माफी मांगनी चाहिए। प्रतिभा सिंह ने पार्टी पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं से कहा है कि अब चुनाव के तीन दिन शेष हैं। मतदाताओं को सचेत करते हुए पार्टी के प्रति अपनी जिम्मेदारी को पूरी निष्ठा व ईमानदारी से पूरा करना है। उन्होंने कहा है कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार ने कर्मचारियों को ओपीएस बहाल कर व महिलाओं को 1500 रुपए की सम्मान राशि जारी कर अपनी गारंटी को पूरा किया है। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस जनहित के प्रति पूरी तरह समर्पित है। प्रतिभा सिंह ने कहा है कि भाजपा झूठी बयानबाजी कर लोगों को गुमराह करने का असफल प्रयास कर रही है। लोग भाजपा की नीति व नियत से भली भांति परिचित है। सत्ता हथियाने के लिए प्रदेश में पूर्ण बहुमत वाली कांग्रेस सरकार को जिस प्रकार से अस्थिर करने की कोशिश की गई थी वह प्रदेश के लोकतंत्र व जनमत का अपमान था जिसे कभी सहन नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार पूरी तरह मजबूत है जो अपना कार्यकाल सफलतापूर्वक पूरा करेगी।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने शनिवार शाम हमीरपुर में कहा कि पूर्व निर्दलीय विधायक आशीष शर्मा को पूरा मान-सम्मान दिया। मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली रैली हमीरपुर में की, उनके घर सुबह का नाश्ता किया। उनके काम किए, हमीरपुर बस स्टैंड का निर्माण कार्य शुरू करवाया। हमीरपुर में चीफ इंजीनियर इलेक्ट्रिकल, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का कार्यालय, परिवहन अपीलेट प्राधिकरण का कार्यालय खोला। गांधी चौक का सौंदर्यीकरण किया, हमीरपुर शहर में बिजली की तारों को हटाने के लिए 20 करोड़ रुपये जारी किए। बावजूद इसके आशीष शर्मा बिक गए। सुक्खू ने कहा कि हमीरपुर के तीन विधायकों ने हमीरपुर जिला के मुख्यमंत्री और कांग्रेस सरकार को हटाने का षड्यंत्र भाजपा के साथ मिलकर रचा। यह वही लोग हैं, जिन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल को सुजानपुर में हराने की साजिश रची थी। ये लोग हमीरपुर विरोधी हैं, अपने जिला का मुख्यमंत्री नहीं चाहते। दुख होता है जब अपने जिले के तीन विधायक गद्दारी करें और अन्य जिलों के विधायक कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहे। 34 विधायकों की ताकत से आगे बढ़े और आज हमारे विधायकों की संख्या बढ़कर 38 हो चुकी है। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार अभी साढ़े तीन साल और है। पूर्व निर्दलीय विधायक आशीष शर्मा बहरूपिया हैं, उन्होंने जनता के स्वाभिमान व अपने ईमान को भाजपा की राजनीतिक मंडी में बेचा है। उन्होंने अपने जिले के मुख्यमंत्री को धोखा दिया। वह सच्चा जनसेवक नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 14 महीने में क्षेत्र का विकास नहीं किया, अपने लिए 140 करोड़ के ठेके लिए। सारा रिकॉर्ड सार्वजनिक किया जा चुका है, कोई भी आरटीआई ले सकता है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने देहरा में कहा कि होशियार सिंह विधायक बनने के लिए नहीं, अपने अधूरे रिजॉर्ट का काम पूरा कराने के लिए वोट मांग रहे हैं। छह महीने पहले उन्होंने देहरा आकर क्षेत्र के लिए घोषणाएं कीं और अब कह रहे हैं कि उनके काम कांग्रेस सरकार में नहीं हो रहे थे। इस्तीफा देने से पहले उन्होंने देहरा के मतदाताओं से एक बार पूछा तक नहीं। राज्य सरकार ने भ्रष्टाचार के चोर दरवाजे बंद कर प्रदेश की आर्थिक स्थिति में 20 प्रतिशत का सुधार लाकर 2200 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व अर्जित किया है।
हिमाचल प्रदेश सरकार की इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना को लेकर युवतियां और महिलाएं उत्साहित हैं। योजना के तहत 1500 रुपये के फार्म जमा करवाने के लिए इन दिनों जिला कल्याण कार्यालय (डीडब्लयूओ) में महिलाओं की लाइनें लग रही हैं। जिला कल्याण कार्यालय में शिमला ग्रामीण और शिमला शहरी के तहसील कल्याण कार्यालय हैं। यहां रोजाना सैकड़ों की संख्या में महिलाएं आवेदन जमा करवाने पहुंच रही हैं। कई बार महिलाओं की संख्या अधिक होने से लाइनें कार्यालय के बाहर तक पहुंच रही हैं। जिला कल्याण विभाग के मुताबिक 17 मार्च से 30 जून तक जिलाभर से करीब 70,532 आवेदन मंजूरी के लिए पहुंचे हैं। इसमें चौपाल से सबसे ज्यादा 11,891, ठियोग से 9,377 और रोहड़ू से 7,167 आवेदन आए हैं। इसके अलावा रामपुर से 7,093, चिड़गांव से 5,724, कुमारसैन से 5,707, शिमला ग्रामीण से 5,652, कोटखाई से 4,500, जुब्बल से 4,189, सुन्नी से 3,779, ननखरी से 3,625, शिमला शहरी से 1,281 और डोडरा-क्वार से 547 आवेदन आए हैं। अब आवेदनों की छंटनी की जा रही है। प्रक्रिया पूरी होते ही इन्हें भी लाभ मिलना शुरू हो जाएगा। जिला कल्याण अधिकारी केआर चौहान के मुताबिक योजना के तहत महिलाओं के आवेदनों की छंटनी प्रक्रिया जारी है। सुख सम्मान निधि योजना के तहत जिले में करीब 2,569 महिलाएं लाभान्वित हो चुकी हैं। महिलाओं को अप्रैल से जून तक के प्रतिमाह 1500-1500 रुपये जारी किए हैं। प्रदेश सरकार ने 14 जून को जिले में करीब 2,569 महिलाओं को योजना के तहत तीन माह की राशि एकमुश्त जारी कर एक करोड़ 15 लाख 60 हजार 500 रुपये की धनराशि वितरित की थी। विभाग के मुताबिक लोकसभा चुनाव से पहले (16 मार्च तक) फॉर्म जमा करवाने वाली महिलाओं को यह राशि जारी की है।
हिमाचल प्रदेश सरकार ने पर्यावरण संरक्षण योजना में पौधारोपण के लिए 150 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है। इस राशि का उद्देश्य राज्य में हरित क्षेत्र का विस्तार और पर्यावरण संरक्षण को प्रोत्साहित करना है। इस परियोजना के अंतर्गत 50 करोड़ रुपये राज्य वन विभाग को आवंटित किए गए हैं। यह राशि राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में पौधरोपण और वन संरक्षण के कार्यों के लिए प्रयोग की जाएगी। वन विभाग ने इस अभियान को सफल बनाने के लिए 1.8 करोड़ पौधों के रोपण की योजना बनाई है, जो 76 वन बीटों में फैले होंगे। करीब 1,500 हेक्टेयर में पौधारोपण किया जाएगा। इस वनीकरण अभियान के माध्यम से, सरकार का लक्ष्य है कि वन आवरण को बढ़ाकर पर्यावरणीय संतुलन को बहाल किया जा सके और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम किया जा सके। प्रदेश में पिछले साल आपदा के कारण पौधरोपण नहीं हो पाया था। विभाग का इस साल उस टारगेट को भी पूरा करने का लक्ष्य है। इसके अतिरिक्त 100 करोड़ रुपये की राशि प्रतिपूरक वनीकरण निधि प्रबंधन और योजना प्राधिकरण (कैंपा) को आवंटित की गई है। कैंपा का मुख्य उद्देश्य उन क्षेत्रों में पौधरोपण करना है, जहां वन क्षेत्र को नुकसान हुआ है। यह राशि विभिन्न परियोजनाओं और योजनाओं के माध्यम से वनों के पुनर्वास के लिए प्रयोग की जाएगी। कैंपा के माध्यम से राज्य सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि वन क्षेत्र के नुकसान की भरपाई की जा सके और जैव विविधता की रक्षा की जा सके। प्रधान मुख्य अरण्यपाल राजीव कुमार ने बताया कि प्रदेश में पौधरोपण के जिए 150 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। अभियान राज्य के पर्यावरण के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। यह अभियान न केवल वन आवरण को बढ़ाने में मदद करेगा, बल्कि रोजगार के अवसर भी प्रदान करेगा। जंगलों में आग के खतरे को देखते हुए वन विभाग ने चीड़ के पौधे नहीं लगाने का निर्णय लिया है। विभाग ने देवदार, अखरोट, कवार, चमेली, बान, शहतूत और ब्रास के पौधे तैयार किए हैं। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस अभियान में विभिन्न प्रकार के स्थानीय और दुर्लभ प्रजातियों के पौधों का रोपण किया जाएगा। अतिरिक्त प्रधान मुख्य अरण्यपाल कैंपा गिरिश होसुर ने बताया कि निर्माण कार्यों के लिए काटे गए सभी पौधों की भी भरपाई की जाएगी। कैंपा में 3,000 हेक्टेयर में नेट प्रेसेंट के लिए, 900 हेेक्टेयर में साइट के हिसाब से और 1,000 हेक्टेयर में निर्माण कार्यों के कारण नष्ट हुए जंगलों की भरपाई के लिए पौधे लगाए जाएंगे। कैंपा को अप्रैल में पेड़ लगाने की अनुमति मिल गई थी और पेड़ लगाने के लिए योजना बना ली गई है।
हिमाचल में सेब कारोबार से जुड़े लाखों लोगों को परेशानियों का सामना न करना पड़े, इसके लिए एचपीएमसी आज से कार्टन की सप्लाई शुरू कर देगा। इसके लिए पहले चरण में करसोग सहित कम ऊंचाई वाले ऐसे क्षेत्रों में सप्लाई भेजी जाएगी, जहां सेब की फसल तैयार है। इसके बाद बागवानों की मांग के मुताबिक प्रदेश के मध्यम और अधिक ऊंचाई वाले सेब बहुल क्षेत्रों में एचपीएमसी विक्रय केंद्रों में कार्टन उपलब्ध कराया जाएगा। प्रदेश में शिमला, रोहड़ू, जुब्बल, गुम्मा, रिकांगपिओ, रामपुर, चैल चौक व चिंडी आदि सेब उत्पादन करने वाले क्षेत्रों में एचपीएमसी के कुल 12 फंक्शनल विक्रय केंद्र हैं। जहां पर सेब सीजन में कार्टन की अधिक मांग रहती है। ऐसे में बागवानों को इन सभी विक्रय केंद्रों में डिमांड के मुताबिक कार्टन उपलब्ध होगा। इसके लिए सरकारी उपक्रम एचपीएमसी ने शॉर्ट लिस्ट की गई तीन कंपनी शिवालिक कंटेनर्ज, जेज पैकर्स और जसमेर मेकर्स को पहले ही सप्लाई आर्डर जारी किया है। वहीं, बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी के मुताबिक बागवानों को यूनिवर्सल कार्टन की कोई कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। इसके लिए जरूरी दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। बागवानी पर हर साल लागत बढ़ने से परेशान बागवानों के लिए राहत की बात है कि इस बार कार्टन पिछले साल की तुलना में 7 रुपए तक सस्ता मिलेगा। जीएसटी काउंसिल ने कार्टन पर जीएसटी 18 से घटाकर 12 फीसदी तय किया है। ऐसे में इस साल कार्टन पर जीएसटी पिछले साल के मुकाबले में 6 फीसदी कम लागू होगा, जिसका फायदा हिमाचल में लाखों बागवानों को होगा। एचपीएमसी ने यूनिवर्सल कार्टन के दाम फाइनल कर दिए हैं। इसके मुताबिक बागवानों को अलग-अलग कीमत में ब्राउन और सफेद कार्टन उपलब्ध कराए जाएंगे, जिसका न्यूनतम मूल्य 47.75 रुपए और अधिकतम मूल्य 56 रुपए तय किया गया है। जिस पर जीएसटी अलग से वसूला जाएगा। ऐसे में इस बार बागवानों को दोहरी राहत मिलने वाली है। एक तो इस बार मंडियों में यूनिवर्सल कार्टन में 20 किलो पैकिंग में सेब बिकेगा। जिससे बागवानों को अब पहले की तरह अधिक पैकिंग में सेब बेच कर नुकसान नहीं उठाना होगा। वहीं, इस बार बागवानों को यूनिवर्सल कार्टन पिछले सालों के मुकाबले में 3.50 से 7.50 रुपए सस्ता मिलेगा। यूनिवर्सल कार्टन में अब 20 किलो सेब ही भरा जाएगा। इससे पहले टेलीस्कोपिक कार्टन में प्रति पेटी 7 से 8 ट्रे सेब भरा जाता था, जिसका प्रति पेटी वजन भी 30 किलो के करीब रहता था, लेकिन मंडियों में बागवानों को 24 किलो पेटी के हिसाब से ही सेब की कीमत दी जाती थी। इस कारण अधिक पैकिंग होने से बागवानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता था। बागवानों को नुकसान न हो इसके लिए यूनिवर्सल कार्टन अनिवार्य किया गया है। ये कार्टन सिंगल बॉक्स का होगा। इसका साइज लंबाई में 500 एमएम, चौड़ाई में 300 एमएम और ऊंचाई में 310 एमएम होगा, जिसे घटाया और बढ़ाया नहीं जा सकता है। जिस कारण इसमें 20 किलो ही सेब भरा जाएगा। इससे मंडियों में वजन को लेकर इस बार विवाद होने से बचा जा सकता है।
**कई जगह जलभराव की स्थिति उत्पन हिमाचल प्रदेश के कई भागों में भारी बारिश दर्ज की गई है। इससे जगह-जगह भूस्खलन की घटनाएं सामने आई हैं। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की रिपोर्ट के अनुसार राज्य में शनिवार सुबह 10:00 बजे तक एक नेशनल हाईवे व 150 सड़कों पर आवाजाही ठप रही। सबसे ज्यादा सड़कें मंडी व सिरमौर जिले में ठप हैं। इसके अतिरिक्त राज्य में 334 बिजली ट्रांसफार्मर भी ठप पड़े हैं। वहीं 55 जल आपूर्ति योजनाएं भी प्रभावित हैं। जिला सिरमौर में शनिवार सुबह बड़ा सड़क हादसा टल गया है। जिले के रेणुका विधानसभा क्षेत्र में रेणुका-संगड़ाह सड़क पर कालथ के समीप बस पर एक चट्टान गिर गई। हादसे में बस चालक और एक महिला को चोटें आई हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले के संगड़ाह उपमंडल के कालथ के समीप शनिवार को एक निजी बस पर चट्टान गिरने के बाद बड़ा हादसा होने से टला है। जिला कुल्लू व लाहौल में तीसरे दिन भी बारिश का दौर जारी रहा। वहीं, जिला कुल्लू के साथ लाहौल घाटी में रातभर जमकर बारिश हुई। 13050 फुट ऊंचे रोहतांग दर्रा में फाहे गिरने से मौसम कूल-कूल हो गया है। ब्यास के साथ चंद्रा, पार्वती नदी सहित नाले भी उफान पर हैं। बारिश से कुल्लू जिले में आठ सड़कें बंद हो गई हैं, जबकि बारिश के बाद बंजार बस स्टैंड तालाब बन गया है। बस स्टैंड में पानी की निकासी की उचित व्यवस्था न होने से यहां पर यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। वहीं दूसरी ओर किसान व बागवान बारिश के बाद गदगद हैं। बारिश ने किसानों व बागवानों के चेहरों पर चिंता की लकीरों को मिटा दिया हैं। अब जहां बिजाई का कार्य शुरू होगा। वहीं सेब, नाशपाती, जापानी फल, मेरीपोजा, प्लम आदि के लिए बारिश लाभकारी साबित होगी। मंडी जिले में भारी बारिश से तबाही हुई है। भूस्खलन से जगह-जगह 112 सड़कें बंद हैं। मंडी-पठानकोट-हाइवे पर गलू के समीप पेड़ गिरने से यातायात प्रभावित हुआ है। चंडीगढ़-मनाली एनच पर मंडी-पंडोह, छह मील के पास पहाड़ी से पत्थर गिर रहे हैं। सुबह सात मील के पास एनएच ठप रहा। भूस्खलन के बीच मंडी-पंडोह का सफर जोखिम भरा हो गया है। फसलों को भी नुकसान पहुंचा है। कांगड़ा जिले के शाहपुर में नेशनल हाईवे को भारी बारिश के काफी नुकसान हुआ है। हाईवे जगह-जगह से क्षतिग्रस्त हो गया है। वहीं कई जगह जलभराव हुआ है।
**परिणाम के आधार पर मिलेंगे शिक्षक पुरस्कार हिमाचल प्रदेश में विद्यार्थियों की कम संख्या वाले स्कूल मर्ज किए जाएंगे। ऐसे स्कूलों को पहले चरण में मर्ज किया जाएगा, जहां आसपास में भी स्कूल स्थित होंगे। इन स्कूलों के विद्यार्थियों और शिक्षकों को साथ लगते स्कूलों में शिफ्ट किया जाएगा। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर की अध्यक्षता में शुक्रवार को राज्य सचिवालय में हुई विभागीय समीक्षा बैठक में यह फैसला लिया गया। शिक्षा मंत्री ने बताया कि शिक्षा की गुणवत्ता से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं होगा। स्कूलों में पर्याप्त संख्या में शिक्षकों की नियुक्ति करने के लिए यह फैसला लेना जरूरी हो गया है। शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में फैसला लिया गया कि अब राज्य स्तरीय शिक्षक पुरस्कार के लिए शिक्षकों के चयन का मुख्य आधार परीक्षा परिणाम रहेगा। अन्य गतिविधियों को भी देखा जाएगा, लेकिन प्राथमिकता सर्वश्रेष्ठ परिणाम देने वाले शिक्षकों को ही दी जाएगी। बैचवाइज आधार पर चयनित करीब 2000 जेबीटी और टीजीटी को इसी माह नियुक्तियां देने के शिक्षा मंत्री ने बैठक में निर्देश दिए। शिक्षा मंत्री ने कहा कि एक सप्ताह के भीतर ही नवनियुक्त शिक्षकों को स्टेशन अलॉट कर दिए जाएंगे, जिन स्कूलों में सिर्फ एक-एक शिक्षक हैं और विद्यार्थियों की संख्या अधिक है, वहां नए शिक्षकों को पहली नियुक्ति दी जाएगी। बैठक के दौरान एसएमसी शिक्षकों को नियमित करने के लिए पुराने नियमों में संशोधन करने के प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय को निर्देश दिए गए। राज्य सरकार ने एसएमसी शिक्षकों को नियमित करने को फैसला लिया है। एसएमसी शिक्षक पहले सीधी सीमित भर्ती (एलडीआर) से अनुबंध पर आएंगे और फिर दो साल बाद नियमित होंगे। बैठक के दौरान प्रिंसिपलों की पदोन्नति सूची जल्द जारी करने पर भी सहमति बनी। रोहित ने कहा कि वर्ष 2022 के अंत तक शिक्षा विभाग में करीब 15 हजार पद रिक्त थे। मुख्यमंत्री सुक्खू ने 6 हजार पद भरने को मंजूरी दी है। 2000 पद एक सप्ताह में भर दिए जाएंगे। बैठक में शिक्षा सचिव राकेश कंवर, उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा और प्रारंभिक शिक्षा निदेशक आशीष कोहली सहित कई अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
**गर्जन और बिजली को लेकर भी अलर्ट हुआ जारी हिमाचल प्रदेश में मौसम लगातार करवट ले रहा है। बीते दिनों जहां बारिश के कम होने की संभावना जताई गई थी, तो अब वहीं बारिश को लेकर मौसम विज्ञान केंद्र द्वारा अलर्ट जारी किया गया है। प्रदेश में 3 जुलाई की रात से मौसम ने करवट ली है और बारिशों का दौर एक बार फिर शुरू हुआ। बारिश के कारण प्रदेश के कई स्थानों में तबाही का मंजर भी देखने को मिला है। जानकारी के अनुसार, 115 से ज्यादा सड़कें यातायात के लिए बंद कर दी गई हैं। कई जगह सड़कें धंस गई हैं। कई स्थानों पर बारिश से भूस्खलन हुआ है। राज्य में 212 ट्रांसफार्मर काम नहीं कर रहे। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने आज और कल भारी बारिश का यलो अलर्ट जारी किया है। इसके साथ ही गर्जन और बिजली को लेकर भी अलर्ट जारी किया गया है। हालांकि, इसके बाद मौसम के सामान्य रहने के आसार है। इस दौरान बारिशों का दौर थोड़ा कम हो सकता है, लेकिन अधिकतर स्थानों ने बादल छाए रहेंगे।
हमीरपुर जिले के नादौन में आयकर विभाग की तीन कारोबारियों के घरों और अन्य ठिकानों पर छापामारी दूसरे दिन भी जारी है। टीम ने आभूषणों को जांचने के लिए जौहरी बुलाए गए हैं। नादौन में पिछले 30 घंटों से अधिक समय से आयकर विभाग की छापामारी जारी है। अन्य दस्तावेज और जमीन तथा ठेकों का ब्यौरा कब्जे में लिया गया है। बता दें कि कल यानी गुरुवार को विभाग के अधिकारी जेसीबी में सवार होकर धनोट में ब्यास नदी के साथ लगती खड्ड पार कर एक कारोबारी के क्रशर पर भी पहुंची। इस दौरान क्रशर से जुड़ी संपत्तियों की सख्ती से जांच की। इस दौरान कारोबारियों और उनके परिवार के सदस्यों के फोन, लैपटॉप कब्जे में ले लिए गए। देर शाम तक रेड जारी रही। वहीं टीम के सदस्य आज सुबह फिर से जाँच पड़ताल में जुटे। हालाँकि अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है कि मौके से क्या बरामद किया है। सूत्रों के मुताबिक ईडी की रडार पर और भी कई लोग है।