शिमला से लगभग 190 किलोमीटर की दूरी पर नेशनल हाईवे नंबर 5 के किनारे पर स्थित ये मंदिर अपने आप मे बेहद रोमांचक इतिहास और मान्यता संजोए हुए है। यहां से गुजरने वाली हर गाड़ी यहां रुकती है। तरंडा देवी का यह मंदिर हिमाचल के किन्नौर जिले में पड़ता है। 1962 में जब भारत का चीन से युद्घ हुआ। तब युद्घ खत्म होने पर सेना ने यहां के रास्ते से रोड बनाने की योजना बनाई थी ताकि बॉर्डर तक सेना को गोला बारूद और अन्य सामान पहुंचाया जा सके। पहले रोड सिर्फ रामपुर तक ही था। 1963 में सेना के GREF विंग (अब इस विंग को बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन कहा जाता है) ने यहां सड़क बनाने का काम शुरू किया। जिस जगह आज तरंडा देवी मंदिर स्थापित है जब रोड़ बनाने का कार्य यहां तक पहुंचा तो रोड आगे बनाना बहुत मुश्किल हो गया। रोज चट्टानें गिरने से आए दिन किसी न किसी मजदूर की मौत हो जाती थी। सेना के लोग भी काफी परेशान हो गए। इस बीच तरंडा गांव के लोग गांव में बने मंदिर मां चंद्रलेखा के पास पहुंचे। देवी ने बताया कि यहां पर किसी शक्ति का प्रकोप है। मैं इस जगह स्थापित होना चाहती हूं। यहां मेरे नाम से मंदिर बनाओ सब कुछ ठीक हो जाएगा। बस फिर क्या था सेना के लोगों ने यहां मंदिर का निर्माण करवाया और फिर सब कुछ ठीक हो गया। 1965 में मां तरंडा देवी का मंदिर यहां स्थापित कर दिया गया। मंदिर की देखरेख अब सेना ही करती है। सेना के जवान ही यहां पूजा पाठ का काम संभालते हैं। हैरान करने वाली बात ये है कि इस जगह से आगे जाने वाले लोग गाड़ी रोककर तरंडा माता के दर्शन जरूर करते हैं ताकि रास्ते में कोई बाधा ना आए। माना जाता है कि माता को बिन बताए या बिन हाजिरी लगाए सफर करने वाला या तो चट्टाने गिरने के खतरे से घिर जाता है या उसकी गाड़ी किसी तरीके से खराब हो जाती है।
सात महीनों के लम्बे इंतज़ार के बाद सोमवार को प्रदेश भर में 10 वीं और 12 वीं के बच्चे स्कूल पहुंचे। शिक्षा विभाग द्वारा जारी एसओपी के मुताबिक स्कूल आ रहे बच्चों के लिए तमाम सावधानियां बरती जा रही हैं। छात्रों को थर्मल स्क्रीनिंग व सैनिटाइज करने के बाद ही स्कूलों में एंट्री मिल रही है। अभिभावकों के सहमति पत्र के साथ स्कूल आने वाले छात्रों को शिक्षक कक्षाओं में नियमित रूप से पढ़ाएंगे। कोरोना वायरस के चलते बोर्ड कक्षाओं के विद्यार्थियों की पढ़ाई और प्रभावित न हो, इसके लिए सरकार ने शिक्षकों से गाइडेंस लेने स्कूल आने वाले विद्यार्थियों को कक्षाओं में बिठाकर पढ़ाने का फैसला लिया है। वहीं जारी गाइडलाइन्स के मुताबिक शिक्षक छात्रों पर स्कूल आने का दबाव नहीं डाल सकते। विद्यार्थियों की अटेंडेंस नहीं लगेगी। केंद्र की एसओपी का सख्ती से पालन किया जाएगा। अभिभावक बच्चों को स्कूल नहीं भेजना चाहते हैं तो उनके लिए ऑनलाइन कक्षाएं भी जारी रहेंगी।
जिला किन्नौर के कंटैनमैंट जोन लियो गांव में शुक्रवार को एक साथ कोरोना के 24 मामले सामने आए हैं। जिला किन्नौर स्वास्थ्य विभाग द्वारा लियो गांव से कोविड-19 के 160 सैम्पल आईजीएमसी शिमला भेजे गए थे। इनमें 39 सैम्पलों की रिपोर्ट पैंडिंग थी, जिनकी रिपोर्ट शुक्रवार दोपहर को आई। इसमें 24 सैम्पलों की रिपोर्ट पॉजिटिव तथा 14 सैम्पलों की रिपोर्ट नैगेटिव आई है जबकि 1 सैम्पल की रिपोर्ट अभी आनी है। लियो गांव से एक साथ जो 24 कोरोना पॉजिटिव आए हैं उनमें 12 पुरुष, 9 महिलाएं व तीन 11, 14 व 16 वर्ष के बच्चे शामिल हैं। जिलाधीश किन्नौर ने बताया कि इन पॉजिटिव केसों में एक डॉक्टर है जो हाँगो में तैनात है उनका भी सम्पर्क लियो गांव में एक व्यक्ति से हुआ था जिसकी कोरोना की वजह से डैथ हुई थी तथा वह बाद में हांगो गए थे। इस रिपोर्ट के आने के बाद हांगो गांव को भी कंटैनमैंट जोन बनाया गया है। उन्होंने बताया कि किन्नौर के कंटैनमैंट जोन लियो गांव में एक साथ कोरोना के 24 नए मामले आए हैं। 9 अक्तूबर को लियो गांव का एक व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव आया था, जिसके चलते गांव को कंटेनमैंट जोन घोषित किया था। उन्होंने यह भी बताया कि किन्नौर में पॉजिटिव मामलों की संख्या 238 हो गई है जबकि एक्टिव केस 40 हो गए हैं।
हिमाचल प्रदेश में आए दिन कोरोना के मामलों में इज़ाफ़ा हो रहा है। आलम ये है की अब हिमाचल सरकार भी इस से अछूती नहीं रही है। बुधवार को विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार कोरोना संक्रमित पाए गए है। परमार के अलावा प्रदेश भर में 234 नए मामले आए। इन मामलो में शिमला से 46, कुल्लू से 34, मंडी से 31, सिरमौर से 27, बिलासपुर से 23, सोलन से 22, काँगड़ा से 17, हमीरपुर से 16, चम्बा 9, लाहौल 5 और ऊना में 4 केस सामने आए हैं। वहीं नेरचौक में उपचारधीन दो लोगों की मौत भी हुई है। बुधवार को परमार की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। उनसे पहले मुख्यमंत्री, बंजार के विधायक और शहरी विकास मंत्री भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। बंजार के विधायक सुरेंदर शौरी के साथ सरकार के नुमाइंदों में कोरोना संक्रमितों के आने का सिलसिला शुरू हो गया। विधायक के प्राथमिक संपर्क में आए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर पहले पॉजिटिव पाए गए और फिर कृषि मंत्री रामलाल मारकंडा की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई। हालाँकि अब उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आ चुकी है। मुख्यमंत्री से पहले शहरी विकास मंत्री सुरेश भरद्वाज भी परिवार समेत कोरोना की चपेट में आए थे। वहीं, उनसे पहले बिजली मंत्री सुखराम चौधरी, जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर भी कोरोना संक्रमित हुए थे। हिमाचल प्रदेश में अब तक कोरोना के कुल मामले 18008 पहुंच गए हैं। वहीं, अब तक सूबे में 250 लोगो की कोरोना से मौत हो चुकी है। हालांकि, बीते कुछ दिन से सूबे में कोरोना के मामलों में गिरावट देखी गई है। अब 200 से नीचे केस रिपोर्ट हो रहे हैं, जबकि इससे पहले 300 से 400 लोग संक्रमित प्रतिदिन आ रहे थे।
कोरोना कल के बिच महीनो से बंद पड़ी अंतर्राज्यीय बस सेवा आखिरकार बुधवार को बहाल कर दी गई। 25 रूटों पर शुरू हुई बसों में पहले ही दिन से यात्रियों का जमावड़ा देखने को मिला। पेहले ही दिन बसों में 70 से 100 फीसदी ऑक्यूपेंसी रही। यात्रियों के is रिस्पांस को देखते हुए HRTC ने 35 और नए रुटों पर बस सेवा बहाल करने का फैसला लिया है। साथ ही इंटरस्टेट बस सेवा के लिए आज से यात्रियों को ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा भी मिलेगी। बुधवार को ऑनलाइन पोर्टल न खोलने की वजह से यात्रियों को काफी परेशानी हुई थी।
बॉलीवुड सुपरस्टार गोविंदा की पत्नी सुनीता आहूजा मंगलवार सुबह मां चिंतपूर्णी के दरबार में शीश नवाने पहुंची हैं। उन्होंने आज माता के दर्शन किए और अपने परिवार के कुशलक्षेम के लिए मन्नत मांगी। सुनीता आहूजा ने बताया कि वह माता चिंतपूर्णी के दरबार में लंबे समय से आना चाह रही थी लेकिन देश भर में चल रहे लॉकडाउन के चलते वे यहां नहीं पहुंच पाई। अब जैसे जैसे परिस्थितियों सामान्य हो रही हैं वैसे ही उन्होंने मां चिंतपूर्णी के दरबार पहुंच शीश नवाया है। मंदिर के पुजारियों ने सुनीता आहूजा से मंदिर में पूजा अर्चना करवाई। वहीं उन्हें माता की चुनरी और चित्र भेंट कर सम्मानित भी किया गया। बता दें गोविंदा का परिवार पहले भी कई बार माता के दर्शन करने आ चूका है।
आज से हिमाचल प्रदेश के सभी स्कूलों में 100 फीसदी शिक्षक व गैर शिक्षक लौट आएं हैं। सरकार द्वारा 12 अक्टूबर से सभी स्कूलों में नई व्यवस्था लागु कर दी है। वहीं स्कूलों को स्कूल आने वाले विद्यार्थियों की संख्या और कमरों के हिसाब से माइक्रो प्लान बना कर 17 अक्टूबर तक शिक्षा उपनिदेशकों को भेजने को खा गया है। साथ ही 15 से 17 अक्टूबर तक ई-पीटीएम कर अभिवावकों के साथ भी संवाद स्थापित करने कोख गया है। हालांकि विद्यार्थियों के स्कूलों में नियमित तौर पर बुलाने के फैसले का अभी इंतज़ार रहेगा। केंद्र सरकार द्वारा 15 अक्तूबर के बाद शिक्षण संस्थान खोलने का फैसला राज्य सरकारों पर छोड़ा गया है। हिमाचल में इसको लेकर कैबिनेट की बैठक में फैसला लिया जाना था पर BJP के विधायक के पॉजिटिव आने के मुख्यमंत्री क्वारंटाइन हो गए। कारणवश कैबिनेट की बैठक स्थगित करनी पड़ी। ऐसे में शिक्षा विभाग अपने स्तर पर फैसला लेते हुए अब स्कूलों को छात्रों के लिए खोलने से फ़िलहाल इनकार किया है। केंद्र की एसओपी को लागू करते हुए शिक्षा विभाग ने फिलहाल सोमवार से सौ फीसदी शिक्षकों और गैर शिक्षकों को बुलाने का फैसला लिया है। 12 से 16 अक्तूबर तक विद्यार्थियों के लिए स्कूल खोलने का माइक्रो प्लान बनाया जाएगा।
जिला किन्नौर के मुख्यालय रिकांगपिओ चिकित्सालय में शुक्रवार देर रात एक 35 वर्षीय व्यक्ति की कोरोना से मौत हो गई है। यह व्यक्ति जिला किन्नौर के लियो का रहने वाला था तथा इसे सांस लेने में कुछ समय से दिक्कत हो रही थी जिस पर जिला के स्वास्थ्य विभाग द्वारा उक्त व्यक्ति का कोरोना टेस्ट लिया था जिसमें वह व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव निकला था। उसके बाद व्यक्ति को किविड केयर सेंटर रिकांगपिओ लाया गया था, परन्तु शुक्रवार देर रात उसकी मौत हो गई। बता दे कि जिला किन्नौर में कोरोना से यह चौथी मौत है इससे पहले जिला में कोरोना से तीन अन्य लोगों की मौत हो चुकी है। वहीँ जिला किन्नौर में अब दिनप्रतिदिन कोरोना के मामले बढ़ रहे है जो चिंता का विषय है। साथ ही कोरोना के बाद भी बाहरी क्षेत्रो से लोगो की आवाजाही भी अब खतरे का संकेत दे रही है। जिला किन्नौर में कोरोना से अबतक चार व्यक्तियों की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग व मास्क लगाकर घर से बाहर निकलने की सलाह दी है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोरोना से हुई मृत्यु वाले व्यक्ति के शव को जिला प्रशासन को सौपा गया है और प्रशासन द्वारा इस शव को आबादी से दूर प्रशासन के अधिकारियों के निगरानी में अंतिम संस्कार किया जाएगा।
आज प्रदेश में कोरोना से दो मौते हो गई हैं। बता दें नेरचौक मेडिकल कॉलेज में बिलासपुर के एक व्यक्ति और एक कुल्लू के व्यक्ति की मृत्यु हो गई हैं। बिलासपुर निवासी मृतक 58 वर्ष का था और कई अन्य गंभीर बीमारियों से भी ग्रसित था। कोरोना संक्रमण की चपेट में आने से देर रात उसने दम तोड़ दिया। वहीं कुल्लू निवासी मृतक ने शुक्रवार सुबह दम तोडा। वह 55 वर्षीय थे व कुल्लू के भुंतर से ताल्लुक रखते थे।
सुप्रीम कोर्ट ने 2630 एसएमसी शिक्षकों को राहत पहुंचाई है। बता दें SC ने हिमाचल हाईकोर्ट के एसएमसी शिक्षकों की नियुक्तियां रद्द करने के फैसले पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी के माध्यम से हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाले शिक्षक संघ अध्यक्ष मनोज रोंगटा ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी गई है। मनोज रोंगटा ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर का SC में प्रदेश सरकार की ओर से एसएलपी दायर करने और शिक्षकों के हित में खड़े होने के लिए आभार जताया है। बता दें की हिमाचल प्रदेश HC ने बीते महीने 2630 एसएमसी शिक्षकों की नियुक्तियां रद्द करने का फैसला सुनाते हुए इनकी जगह छह माह में नियमित शिक्षकों की भर्ती करने का फैसला दिया था। ये एसएमसी शिक्षक प्रदेश के दूर दराज क्षेत्रों में काफी वर्षों से सेवाएं दे रहे हैं। सरकार ने स्कूलों में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए अस्थाई तौर पर इनकी तैनाती की थी। एसएमसी शिक्षकों के हितों को सुरक्षित रखने के लिए सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। मुख्यमंत्री ने शिक्षकों को लेकर मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही थी। इसी बीच सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए शिक्षकों के साथ प्रदेश सरकार ने भी एसएलपी दायर की थी।
कोरोना पॉजिटिव विधायक के समपर्क में आने के बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने खुद को क्वारंटाइन कर लिया था। मुख्यमंत्री के तीन दिन क्वारंटाइन होने के कारण 9 अक्तूबर को प्रस्तावित कैबिनेट की मीटिंग टल गई है। मिली जानकारी के अनुसार 8 अक्टूबर को मुख्यमंत्री का कोरोना टेस्ट किया जाएगा। बता दें सीएम तीन दिनों के लिए स्वास्थ्य विभाग की निगरानी में हैं, ऐसे में अब कैबिनेट की बैठक ताल दी गई है। इस बार की कैबिनेट बैठक को अहम मन जा रहा था। इस बार इंटरस्टेट बसों के चलने और स्कूल खोलने जैसे मुद्दों पर फैसले होने वाले थे।
मंगलवार को अटल टनल रोहतांग के पास बड़ा हादसा होते-होते टला है। बता दें मनाली-केलांग मार्ग पर, अटल टनल से करीब डेढ़ किलोमीटर आगे, आलू की बोरियों से लदा ट्रक एक कार पर पलट गया। गनीमत रही उस समय कार में मौजूद व्यक्ति ने ट्रक की स्पीड को भांप लिया और कार से छलांग मार सुरक्षित दूरी पर चला गया, वर्ना बड़ा हादसा हो सकता था। जानकारी के मुताबिक कार हरयाणा से हिमाचल घूमने आए पर्यटकों की थी व हादसे के समय हाईवे के किनारे पर पार्क थी। इस दौरान विपरीत दिशा से आता हुआ एक ट्रक अचानक कार पर पलट गया। ऑय विटनेसेस की मने तो हादसे से पहले गाड़ी की पिछली सीट पर एक व्यक्ति बैठा हुआ था जिसने ट्रक की स्पीड भांपते हुए सुरक्षित जगह के लिए छलांग लगा दी। हालाँकि कार पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई पर व्यक्ति बाल-बाल बचा। रिपोर्ट्स के मुताबिक हादसे के बाद ट्रक चालक मौके से फरार हो गया।
प्रधानमंत्री नरेंदर मोदी के हिमाचल दौरे के बाद कुल्लू के बंजार से विधायक सुरेंदर शौरी के कोरोना पॉजिटिव आने से हड़कंप मच गया है। बता दें कि 3 अक्टूबर को पीएम ने रोहतांग अटल टनल का शुभारम्भ किया था। उस दौरान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और वन मंत्री राकेश पठानिया पीएम के संपर्क में रहे। अब वहीं बीते कल कुल्लू के बंजार के विधायक सुरेंद्र शौरी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं, जिस के बाद से ही सीएम ने खुद को क्वारंटाइन कर लिया है। बताया जा रहा है कि सीएम पॉजिटिव आए विधायक के प्राइमरी कांटेक्ट में थे। स्वास्थ्य विभाग को शौरी के कोरोना पॉजिटिव होने की रिपोर्ट टनल उद्घाटन कार्यक्रम से एक दिन पहले 2 अक्तूबर को ही मिल गई थी। हिमाचल सरकार की इस बड़ी चूक से पीएम मोदी के अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह व केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर के लिए भी कोरोना का खतरा पैदा हो गया है। इस खबर ने हिमाचल में हड़कंप मचा दिया है। स्वास्थ्य विभाग कि इस चूक से सीएम कार्यालय से लेकर पीएम कार्यालय तक कोरोना का खतरा मंडरा रहा है। मुख्यमंत्री कि माने तो शौरी के पॉजिटिव होने की जानकारी उन्हें 3 अक्तूबर को मिली थी। उन्होंने बताया कि अभी तक प्रधानमंत्री कार्यालय को इसकी जानकारी नहीं दी गई है। वहीं, अटल टनल कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी से नजदीक से बात करने वाले वन मंत्री राकेश पठानिया भी संक्रमित विधायक के संपर्क में आए थे। वह भी आइसोलेट हो गए हैं। पठानिया ने कहा कि शौरी के पॉजिटिव आने की जानकारी मुख्यमंत्री के क्वारंटीन होने के बाद मिली है। उन्होंने बताया कि शौरी से दूर से ही उनकी मुलाकात हुई थी और दोनों ने ही मास्क लगाए थे। फिर भी कोविड प्रोटोकॉल के तहत खुद को क्वारंटीन कर लिया है। मुख्यमंत्री, मंत्री के क्वारंटीन होने के बाद सीएम से ही प्रदेश के कई दिग्गज नेता, राजनीतिक सलाहकार त्रिलोक जम्वाल, भाजपा के संगठन महामंत्री पवन राणा समेत अन्य क्वारंटीन हो गए हैं। वही शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर ने कहा है कि उन्होंने विधायक से मुलाकात नहीं की थी। इस वजह से वह अभी तक क्वारंटीन नहीं हुए हैं।
परिवहन विभाग की ओर से इंटरस्टेट बसों में व्यवस्था को लेकर एसओपी तैयार कर दी गई है। जारी निर्देशों के मुताबिक अब हिमाचल सरकार द्वारा बहरी राज्यों के लिए जाने वाली बसों में बच्चों, बुजुर्गों व बीमार व्यक्तियों के लिए सीटें आरक्षित की जाएंगी। सीट नंबर 2 से 6 तक सीटें इनके लिए रिज़र्व रहेंगी, वहीं 1 नंबर सीट कंडक्टर के लिए रहेगी। कंडक्टर सवारियों को बस में चढ़ने से पहले टिकट देगा। साथ ही बिना मास्क बसों में किसी को सफर नहीं करने दिया जाएगा। परिवहन विभाग ने एसओपी तैयार कर सरकार को भेज दी है। अब इस मामले को कैबिनेट बैठक में लाया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक इंटर स्टेट बसें 60 प्रतिशत सीटों के साथ शुरू होंगी। डीलक्स बसों में 50 प्रतिशत सीटों पर यात्री सफर कर सकेंगे। यानी अब 100 सीटर बसों में 50 यात्री सफर कर सकेंगे।
अटल टनल रोहतांग के बाद अब प्रधानमंत्री मोदी ने लाहौलियों को एक और बड़ी सौगात दी है। बता दें अटल टनल रोहतांग के उत्तरी पोर्टल में पीर पंजाल की पहाड़ी में जल्द ही बुद्ध की एक विशाल प्रतिमा बनाई जाएगी। यह प्रतिमा लगभग 328 फीट यानि 100 मीटर ऊंची होगी। यह प्रतिमा अफगानिस्तान के बामियान की तर्ज बनाई जाएगी। इस निर्माण में लगभग 500 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इस प्रोजेक्ट को खुद प्रधानमंत्री ने सहमति दी है। हिमाचल सरकार के इस प्रस्ताव को केंद्र सरकार ने अपनी सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। प्रतिमा का निर्माण केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय की देखरेख में गुजरात की एक निजी फर्म को सौंपा जाएगा। सिस्सू गांव के पार विख्यात वॉटर फाल के पास पीरपंजाल की पहाड़ी को कुरेद कर बुद्ध प्रतिमा बनाई जाएगी। इस निर्माण से जनजातीय क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और आय के नए द्वार खुलेंगे।
जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में चलते काफिले के दौरान सड़क हादसे में हिमाचल के सिरमौर का 42 वर्षीय जवान शहीद हो गया। सिरमौर के धारटीधार इलाके की नौनी (जामटा) पंचायत के कटीयार गांव के सुरेश कुमार, सेना की 155 टी ए बटालियन में शोपियां में तैनात थे। गत 29 सितंबर को सेना की लगभग 100 गाड़ियों का काफिला जम्मू से श्रीनगर के लिए निकाला। उनमें से बीच की गाड़ी उधमपुर के समीप दूसरी गाड़ी को बचाने के चक्कर में दुर्घटनाग्रस्त हो गई जिसमें हवलदार सुरेश कुमार भी सवार थे जिन्हें दुर्घटना के बाद सैनिक अस्पताल ने मृत घोषित कर दिया। 30 सितंबर को शहीद की पार्थिव देह उधमपुर से घर के लिए रवाना कर दी गई। देर रात शहीद की पार्थिव देह नाहन पहुंची और रात को नाहन मे ही रखी गई। गुरूवार को प्रातः 8:00 बजे शहीद की पार्थिव देह भूतपूर्व सैनिक संगठनों व स्थानीय लोगों के कफिले के साथ शहीद के पैतृक गांव कतयाड़ के लिए लाया गया। रास्ते में कई स्थानों पर लोगों ने पुष्प वर्षा की। पिता जोगेंद्र सिंह, माता शीला देवी व शहीद की पत्नी शीला देवी तथा बेटे आर्यन एवं विवेक व परिवार तथा गांव के लोग पार्थिव देह को देखकर बिलखने- चिल्लाने लगे। गांव तथा पूरे इलाके में शोक की लहर है। शहीद के जेष्ठ पुत्र विवेक ने पवित्र देह को मुखाग्नि दी। उपस्थित सभी लोगों ने भारत माता की जय, शहीद सुरेश अमर रहे के नारे लगाए। उपस्थित सभी लोगों ने शहीद के परिवार के प्रति गहरी संवेदना प्रकट करते हुए दिवंगत आत्मा को शांति के लिए भगवान से प्रार्थना की। नौनी ग्राम पंचायत के प्रधान नरेश ठाकुर ने स्थानीय लोगों के साथ मिलकर श्मशान घाट के लिए पहाड़ी और संकरा रास्ता होने के बावजूद भी साफ-सफाई तथा देह संस्कार के लिये बहुत अच्छी व्यवस्था की जिसके लिए सभी लोगों ने उनकी सराहना की। इस मौके पर मुख्यतः परिवार के सदस्यों और सगे संबंधियों के अलावा डीसी सिरमौर डॉ० आर के परूथी, अतिरिक्त एसपी सिरमौर बबीता राणा, एसडीएम विवेक, नाहन के विधायक डाॅ राजीव बिंदल, भूतपूर्व सैनिक संगठन पांवटा-शिलाई से अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह चौहान, सचिव नरेंद्र सिंह ठुंडू, पूर्व सैनिक सगंठन धारटीधार, पूर्व सैनिक सगंठन रेणुका जी- सगड़ाह, भूतपुर्व सैनिक सगंठन नाहन, स्थानीय पंचायत व गांव के प्रतिनिधि व अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।
हिमचाल प्रदेश में कोरोना महामारी का कहर जारी है। प्रदेश में कोरोना का आंकड़ा 15 हज़ार पार करने वाला है। वीरवार को भी कोरोना ने प्रदेश में कहर दिखाया। आज दोपहर तक 21 लोग कोरोना संक्रमण की चपेट में आए हैं, इनमें कांगड़ा से 2 व ऊना से 19 मामले सामने आए हैं। वहीं 6 कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हुई है। इसके अलावा 218 मरीज स्वस्थ हुए हैं। इसी के साथ प्रदेश में कोरोना का आंकड़ा 14997 पर पहुँच गया है, वहीं 11588 लोगों ने कोरोना संक्रमण को मात दी है। प्रदेश में अब 3197 मामले सक्रिय हैं व 187 मरीजों की मौत हो चुकी है।
जिला किन्नौर में नेसंग गांव से आगे आईटीबीपी की आखिरी पोस्ट की तरफ जाते हुए BSF के रिटायर डीआईजी एस सी नेगी की गहरी खाई में गिरने से मौत हो गई। ITBP के जवानों द्वारा शव को खाई से निकालने के लिए रेस्क्यू आप्रेशन चलाया गया परन्तु खाई गहरी होने के कारण जवानों को शव के पास पहुंचने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। अब शव के बरामद होने के बाद शव को गंगटोक हेलीपैड की तरफ लाया जा रहा है। शाम तक शव के वहां पहुंचने की संभावना है। जानकारी के अनुसार बी एस एफ के रिटायर डी आई जी एस सी नेगी निवासी नेसंग जो कि दो दिन पहले सीमावर्ती गांव नेसंग से आगे आई टी बी पी की अंतिम पोस्ट की तरफ स्थानीय लोगों व आई टी बी के जवानों के साथ पैदल तथा दुर्गम रास्ते से होकर जा रहे थे कि रास्ते में उनका पैर फिसल गया तथा वह अपना नियंत्रण खो बैठे जिससे वह रास्ते से नीचे गहरी खाई में जा गिरे व उनकी मौत हो गई। वहीं जिलाधीश किन्नौर गोपाल चंद ने बताया कि पिछले कल प्रशासन को सूचना मिली कि एस सी नेगी जो कि आई टी बी पी की पोस्ट की तरफ जा रहे थे, रास्ते में जाते समय गिर गए जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए और देर रात उनकी मौत हो गई। उन्होंने यह भी बताया कि डी आई जी के शव को आई टी बी पी के जवानो द्वारा गंगटोक हेलीपैड तक लाया जा रहा है। उन्होंने बताया की उनका गांव वहां से दूर है तथा रास्ता भी दुर्गम है इसलिए शव को उनके गांव नेसंग तक पहुंचाने के लिए लगभग तीन दिन का समय लग जाएगा। प्रशासन द्वारा स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट से हेलिकॉप्टर की मांग की गई है ताकि उनके शव पूह हेलीपैड तक पहुंचाया जा सके। उंन्होने यह भी बताया कि अभी तक यह भी पता नहीं लग पाया है कि वे उस तरफ क्यों जा रहे थे।
जनजातीय जिला किन्नौर के कल्पा तहसील के तहत पुरबनी गाँव मे मंगलवार रात अचानक तूफान आने से पुरबनी गाँव के बागवानों के सेब की फसल पेड़ो से गिरकर ज़मीन पर व्यर्थ हुई है। हालांकि प्रशासन द्वारा अभी इस नुकसान का आंकलन लगाया जा रहा है, इस संदर्भ में पुरबनी पँचायत के प्रधान शेर सिंह नेगी ने बताया कि बीते कल पंगी नाले की तरफ से होते हुए तूफ़ान आया जिसके बाद पुरबनी गाँव मे तूफान प्रवेश कर गया और ग्रामीणों के सेब के बगीचों से सेब की फसल को भारी नुकसान पहुँचाया है। उन्होंने बताया कि पंगी गाँव के काशङ्ग नाला व दूसरे छोटे नालों का प्रभाव पुरबनी गाँव की तरफ है जिसके चलते कई बार तूफान का बहाव पुरबनी गाँव की तरफ आता रहता है लेकिन इस वर्ष मंगलवार रात होते होते अचानक भयंकर तूफान पुरबनी गाँव मे प्रवेश कर गया जिसके बाद गाँव के बागवानों के करीब 60 फीसदी सेब तूफान से गिर गए। अब बागवानों को इस वर्ष सेब से मिलने वाली आय का 60 प्रतिशत नुकसान हुआ है जिससे बागवान भी परेशान है। प्रधान शेर सिंह नेगी ने बताया कि ऐसे समय मे प्रशासन व सरकार जिला के पुरबनी गाँव के बागवानों का सेब की फसल नुकसान होने पर उचित मुआवजा प्रदान करे। बताते चले कि इस वर्ष जिला के यांगपा में बीते दिनों तूफान से सेब के बगीचों को भारी नुकसान हुआ था। ठीक इसी प्रकार पुरबनी के सेब बागवानों का भी तूफान से सेब की फसल को भारी नुकसान पहुँचा है।
प्रधानमंत्री के दौरे तक अटल टनल को सील कर दिया गया है। उद्घाटन तक किसी को भी अटल टनल में प्रवेश की अनुमति नहीं है। आज उद्घाटन की तैयारियों का जायज़ा लेने पहुंचे मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के काफिले को भी अटल टनल पार करने के लिए विशेष अनुमति लेनी पड़ी। मुख्यमंत्री का काफिला लाहुल की तरफ अटल टनल के नाॅर्थ पोर्टल सिस्सु में रोका गया। उनके काफिले में एक वाहन वाहन ज्यादा था जिस कारण एसपीजी ने उनके काफिले को रोक दिया। एसपीजी के अधिकारियों ने दिल्ली से अनुमति ली जिसके बाद ही मुख्यमंत्री के काफिले को आगे बढ़ने की इजाज़त दी गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे के मद्देनजर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर तैयारियों का जायज़ा लेने आज सुबह लाहुल-स्पीति के सिस्सू पहुंचे। जयराम ठाकुर वहां जिला प्रशासन कुल्लू व लाहुल-स्पीति के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करेंगे। साथ ही वह सीमा सड़क संगठन के अधिकारियों के साथ भी बैठकें करेंगे। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर एक अक्टूबर तक वहां पर मौजूद रहेंगे।
प्रदेश में कोरोना से मौत का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है। बुधवार को भी प्रदेश में कोरोना से दो मौते हुई हैं। शिमला के आईजीएमसी में कोरोना से दो व्यक्तियों ने दम तोड़ दिया। जानकारी के अनुसार एक व्यक्ति सिरमौर के नहान और दूसरा जिला शिमला के घणाहटी का रहने वाला बताया जा रहा है। सिरमौर निवासी मृतक 62 वर्षीय था व नाहन से आईजीएमसी के लिए रेफर किया गया था। 28 सितम्बर को व्यक्ति का टेस्ट हुआ जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी और देर रात इनकी मौत हो गई है। शिमला निवासी मृतक का 28 सितम्बर को ही रैपिड एंटीजेन टेस्ट हुआ था और रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी।
प्रधानमंत्री मोदी के 3 अक्टूबर को मनाली आ रहे हैं। लेकिन PM के दौरे से पहले पुलिस को मानली में एक गाड़ी से 3 रिवाल्वर बरामद हुई हैं। रिवाल्वर पकड़े जाने के बाद से ही पुलिस व सुरक्षा एजेंसियां और भी ज़्यादा सतर्क हो गई है और पहरा कड़ा कर दिया गया है। पुलिस ने प्रीणी के एक उद्योगपति की गाड़ी से ये हथियार बरामद किए हैं। तीन में से दो रिवाल्वर के लाइसेंस हैं जबकि एक अवैध हैं। ये सभी हरियाणा में बनी हैं और दो के प्रदेशस्तरीय लाइसेंस हैं, ऐसे में इन्हें दूसरे राज्य में ले जाना अपराध हैं। ये कामयाबी पुलिस को प्रीणी में चेकिंग करते हुए मिली। इस मामले में पुलिस ने 4 लोगों को गिरफ्तार किया है। इसके बाद से पुलिस व सुरक्षा एजेंसियों ने होटलों में भी चेकिंग का काम शुरू कर दिया है।
जम्मू-कश्मीर में हिमाचल का एक जवान शहीद हो गया है। जानकारी के मुताबिक, जवानों को लेकर सेना का वाहन उधमपुर से श्रीनगर की तरफ जा रहा था, जो उधमपुर से कुछ ही दूरी पर जाकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें 2 जवानों की मौत हो गई। इन दो जवानों में से एक हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर में नाहन विधानसभा क्षेत्र के कांडों का कथ्याड इलाके से ताल्लुक रखता है। जवान का नाम सुरेश कुमार, उम्र 47 साल बताई जा रही है। शहीद के परिवार में दो बेटे, पत्नी व बूढ़े मां-बाप हैं। शहादत की खबर मिलते ही गांव में मातम का माहौल है। शहीद जवान का पार्थिव शरीर बुधवार को गांव लाया जाएगा।
शनिवार, हिमाचल कैबिनेट की बैठक मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में हो रही है। इस बैठक में प्रधानमंत्री के दौरे के साथ साथ पर्यटन विकास, कोरोना व ऐसे कई अन्य अहम मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। आज की इस बैठक में बाहरी राज्यों के लिए बसें चलाने और डिपुओं में पॉस मशीनों से राशन देने पर भी फैसला हो सकता है। बैठक में शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज, शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर, मंत्री सरवीण चौधरी व अन्य नेतागण शामिल हुए है। हालांकि बैठक से सरकार के दो मंत्री नदारद रहे। उद्योग एवं परिवहन मंत्री बिक्रम ठाकुर और पंचायती राज एवं पशुपालन मंत्री वीरेंद्र कंवर अनुपस्थित रहे। बिक्रम ठाकुर स्टाफ सदस्य के संक्रमित पाए जाने के बाद क्वारंटाइन हैं।
भाजपा की तेज़तर्रार नेता व पूर्व मंत्री श्यामा शर्मा ने सोमवार को पंचकूला के एक निजी अस्पताल में आखिरी सासें लीं। उनके आकस्मिक निधन से पुरे हिमाचल प्रदेश में शोक की लहर दौड़ गई है। बता दें श्यामा पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रही थीं। सोमवार को अचानक उनकी तबियत बिगड़ी और उन्हें नाहन स्थित मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहाँ से उन्हें चंडीगढ़ PGI रेफेर कर दिया गया पर श्यामा ने बीच रस्ते में ही दम तोड़ दिया। पूर्व मंत्री श्यामा ने 16 सितम्बर को ही प्रधानमंत्री मोदी को फेसबुक पर शुभकामनाएं प्रेषित की थीं, पर उस समय कौन जनता था वह चंद रोज़ में दुनिया को अलविदा कह देंगी। श्यामा अपनी आखिरी समय तक राजनीती व समाजसेवा के क्षेत्र में सक्रिय रहीं। उनका राजनितिक करियर 42 सालों का रहा। वह तीन बार विधायक और एक बार मंत्री भी रहीं। उन्होंने भाजपा को जिला सिरमौर में पहचान दिलाई व संगठन के लिए कई बड़े कार्य किए। उन्होंने छात्र राजनीती से अपना करियर शुरू किया। उन्होंने पहली बार 1977 में नाहन विधानसभा से चुनाव लड़ा था और जीत भी हासिल की। श्यामा शर्मा नाहन से तीन बार विधायक 1977, 1982 व 1990 में रही। 1977 में वह तात्कालीन सरकार मेें पंचायती राज, खाद्य एवं आपूर्ति तथा विधि मंत्री रही। इसके बाद प्रेम कुमार धूमल की सरकार में राज्य योजना बोर्ड की उपाध्यक्ष भी रही। मुख्यमंत्री ने जताया शोक हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने पूर्व मंत्री श्यामा शर्मा के निधन पर शोक जताया है। सीएम ने कहा श्यामा शर्मा ने पार्टी और जनता की निस्वार्थ एवं समर्पण भाव से सेवा की है। भगवान उनकी दिवंगत आत्मा काे शांति प्रदान करे व परिवार को यह दुख सहने की शक्ति दे।
शिक्षकों और विद्यार्थियों को स्कूलों में बुलाने को लेकर अगले सप्ताह एसओपी जारी होगी। केंद्र सरकार से जारी अनलॉक-4 की गाइडलाइन के अनुसार 9वीं से 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों को 21 सितंबर से स्कूलों में बुलाने को हरी झंडी मिल गई है। केंद्र ने अभिभावकों के सहमति पत्र पर बच्चों को स्कूलों भेजने को मंजूरी दी है। केंद्र ने इसका अंतिम फैसला राज्य सरकारों पर छोड़ा है। केंद्र की ओर से बीते दिनों एसओपी भी जारी की गई है। इसी कड़ी में शिक्षा विभाग ने भी एसओपी तैयार कर अंतिम मंजूरी के लिए फाइल शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर को भेज दी है। केंद्र से जारी गाइडलाइन में 30 सितंबर तक स्कूलों, कॉलेजों और कोचिंग संस्थानों को बंद रखने का फैसला लिया गया है। हालांकि, केंद्र सरकार ने राज्यों को अपने स्तर पर फैसले लेने के लिए कुछ छूट भी दी है। प्रदेश शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों ने बताया कि केंद्र सरकार ने कंटेनमेंट जोन से बाहर वाले स्कूलों में नवीं से जमा दो कक्षा को शुरू करने के लिए एसओपी जारी कर दी है। हिमाचल ने भी अपनी एसओपी तैयार कर ली है। केंद्र सरकार ने 21 सितंबर से 50 फीसदी शिक्षकों और गैर शिक्षकों को भी स्कूल बुलाने को कह दिया है। ऐसे में पहली से आठवीं कक्षा की ऑनलाइन पढ़ाई की मानीटरिंग 21 सितंबर से शिक्षक स्कूल आकर ही करेंगे। एसओपी में शिक्षकों और विद्यार्थियों के आने-जाने को लेकर सभी नियम तय किए जाएंगे।
भारतीय जनता पार्टी प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद सुरेश कश्यप ने जारी एक प्रैस बयान में कहा कि विश्व के सबसे लोकप्रिय नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 17 सितम्बर को जन्मदिवस है तथा पार्टी प्रत्येक वर्ष प्रधानमंत्री का जन्मदिवस "सेवा सप्ताह’’ के रूप में मनाती है। प्रत्येक वर्ष पार्टी के सभी कार्यकर्ता विभिन्न प्रकार के सेवा के कार्यक्रम पूरे सप्ताहभर करके प्रधानमंत्री की दीर्घायु व स्वस्थ जीवन की कामना करते हैं। यह सेवा सप्ताह 14 सितम्बर से 20 सितम्बर, 2020 तक पूरे प्रदेश में मनाया जाएगा जिसके लिए प्रदेश उपाध्यक्ष राम सिंह को प्रभारी बनाया गया है। सुरेश कश्यप ने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का 70वां जन्मदिवस है इसलिए इस सेवा सप्ताह में प्रत्येक मण्डल में कम से कम 70 दिव्यांगों को विभिन्न प्रकार के कृत्रिम अंग एवं उपकरण प्रदान करने का पार्टी ने निर्णय लिया है। इसी प्रकार गरीब भाईयों एवं बहनों को आवश्यकतानुसार चश्में प्रदान किए जाएंगे। उन्होनें कहा कि प्रत्येक जिले में गरीब बस्ती एवं अस्पतालों में कोविड-19 के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए फल वितरण के कार्यक्रम किए जाएंगे तथा कोविड-19 से प्रभावित 70 लोगों को स्थानीय आवश्यकतानुसार एवं अस्पताल के माध्यम से प्लाजमा डोनेट किए जाएंगे। इस कार्यक्रम के लिए प्रदेश उपाध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री प्रवीण शर्मा को प्रभारी बनाया गया है।
सरकार ने 4 सितंबर को कैबिनेट बैठक में धार्मिक स्थलों को खोलने का निर्णय लिया था जिसके बाद आज प्रदेश में धार्मिक स्थलों को खोल दिया गया है। इसे ले कर एसओपी जारी किए गए। देवभूमि हिमाचल प्रदेश में भी आज सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार मंदिरों के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। शिमला स्थित प्रसिद्ध तारादेवी मंदिर , जाखू मंदिर एवं संकटमोचन मंदिर सहित अन्य धार्मिक स्थलों में श्रद्धालुओं ने दिशा-निर्देशों के अनुसार ही दरशन किए। एसओपी के तहत मंदिर परिसरों में सभी तैयारियां की जा चुकी हैं। सराहन स्थित प्रसिद्ध मां भीमाकाली मंदिर में सुबह सात से शाम साढ़े छह बजे तक भक्तों को माता के दर्शन करने की अनुमति रहेगी। शाम सात बजे मंदिर के कपाट बंद होंगे। मां चिंतपूर्णी का दरबार सुबह 9 से शाम 7 बजे तक श्रद्धालुओं के लिए खुलेगा। श्रद्धालु प्रसाद ले जा सकेंगे, लेकिन इसे चढ़ाने पर मनाही रहेगी। श्री नयना देवी जी मंदिर में रोजाना एक हजार श्रद्धालु दर्शन कर पाएंगे। मंदिर में 60 साल से अधिक और 10 साल से कम उम्र के बच्चों और गर्भवती महिलाओं के प्रवेश पर फिलहाल रोक रहेगी। शक्तिपीठ बज्रेश्वरी मां के दर्शन भक्त सुबह सात से शाम सात बजे तक करेंगे। मां चामुंडा के दर्शन भी इसी समय हो सकेंगे। हरियाणा और हिमाचल की सीमा पर त्रिलोकपुर स्थित माता बालासुंदरी मंदिर, पांवटा साहिब के ऐतिहासिक गुरुद्वारे में सुरक्षा के विशेष इंतजाम हैं। दियोटसिद्ध स्थित बाबा बालक नाथ मंदिर में दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को ई-पास बनवाना होगा। मंदिर प्रतिदिन सुबह छह बजे खुलेगा और शाम 7 बजे बजे बंद होगा। प्रतिदिन लगभग 500 श्रद्धालुओं को दर्शन की अनुमति दी जाएगी।
मेष आज के दिन आत्ममथंन कई मुश्किलों से बाहर निकालने में आपकी मदद करेंगे। ऑफिशियल कार्यों में भी जल्दबाजी के चलते गलती होने की प्रबल आशंका बनी हुई है, हो सकता है पिछला कार्य पुनः करना पड़ जाए। कारोबार को बढ़ाने के लिए अपनी क्षमता व योग्यता का पूरा प्रदर्शन करेंगे जिसमें सफलता भी मिलेगी। युवाओं के कुछ सपने अधुरे रहने से मन उदास रहेगा। सेहत में शारीरिक कमजोरी महसूस होगी जो किसी स्वास्थ्य संबंधित बीमारी का कारण बन सकती है, थैरपी लेने के लिए समय उपयुक्त चल रहा है। घर पर रहते हुए सदस्यों के साथ फैमली डिनर की प्लानिंग कर सकते हैं। वृष आज के दिन मन में द्वंद की स्थिति रहेगी जो कार्यों में अनेक अवरोध डाल सकती है। जिस पर आप सबसे ज्यादा विश्वास करते हैं, वहीं अविश्वास का कारण बन सकता है। कर्मक्षेत्र में सहकर्मियों से संपर्क को कमजोर न होने दें, वर्तमान समय में यह बेहद जरूरी है। व्यावसायिक गतिविधियाँ सामान्य रूप से चलती रहेंगी, साथ ही छोटे-मोटे निवेश करने के लिए दिन उपयुक्त है। हेल्थ की बात करें तो आंखों में दर्द या इंफेक्शन की समस्या उत्पन्न हो सकती है इसका तुरंत इलाज करना ही सही रहेगा, अन्यथा भविष्य में परेशानियां झेलनी पड़ेगी. संतान से संबंधित कोई शुभ सूचना मिलने की संभावना है। मिथुन आपके मूड में बारंबार परिवर्तन आने के कारण मन में अनिश्चितता रहेगी । परिणामस्वरूप मानसिक अस्वस्थता अनुभव करेंगे। पारिवारिक सदस्यों के साथ बातचीत करके और आवश्यक लगे तो विशेषज्ञों की सलाह लेकर बेचैनी कम कर सकेंगे। स्वास्थ्य का ध्यान रखने की गणेशजी की सलाह है। कर्क गणेशजी की कृपा से आज आप जो कुछ भी विचार करेंगे और युक्ति-प्रयुक्तियों को अजमाएँगे उसमें आपको सफलता मिलेगी। विद्यार्थी अध्ययन में अच्छा प्रदर्शन करेंगे तथा अधूरे कार्य पूरे होंगे। आप अपनी कल्पनाशक्ति का अच्छा चमत्कार दर्शा सकेंगे। संक्षेप में आज का दिन आपके लिए खुशी का और विविधतापूर्ण रहेगा सिंह आज के दिन आध्यात्मिकता की तरफ भी थोड़ा रूझान बढ़ाना चाहिए, जिससे आप प्रसन्नता व आत्मिक शांति का अनुभव करेंगे। ऑफिशियल कार्य समय रहते पूर्ण होंगे जिससे अन्य कार्यों के लिए भी पर्याप्त समय मिलेगा। व्यापारियों का बैंकिग संबंधित कार्य में रुकावट आने की वजह से मन में झुंझलाहट रहने की आशंका है। युवाओं को मनपसंद विषयों में अच्छे परिणाम मिलने से वह प्रसन्न रहेंगे। मुंह में छालें हो सकते हैं, यह समस्या पेट की गर्मी की वजह से होगी। संतान की हैबिट्स पर ध्यान रखें. अगर आपकी संतान छोटी है तो खेलते समय उसका विशेष ध्यान रखें, गिर कर चोट लग सकती है। कन्या आशावादी बनें और उजले पक्ष को देखें। आपका विश्वास और उम्मीद आपकी इच्छाओं व आशाओं के लिए नए दरवाज़े खोलेंगी। भविष्य में अगर आपको आर्थिक रुप से मजबूत बनना है तो आज से ही धन की बचत करें। आपका मज़ाकिया स्वभाव सामाजिक मेल-जोल की जगहों पर आपकी लोकप्रियता में इज़ाफ़ा करेगा। आप अपने प्रिय की बांहों में आराम महसूस करेंगे। आज अनुभवी लोगों से जुड़कर जानने की कोशिश करें कि उनका क्या कहना है। यदि आपको व्यस्त दिनचर्या के बाद भी अपने लिए समय मिल पा रहा है तो आपको इस समय का सदुपयोग करना सीखना चाहिए। ऐसा करके अपने भविष्य को आप सुधार सकते हैं। आप और आपका हमदम एक-दूसरे से आज एक-दूसरे की ख़ूबसूरत भावनाओं का इज़हार कर सकेंगे। तुला ससुराल वालों से नाराजगी और किसी बात को लेकर लड़ाई हो सकती है। बात करते समय अपना संयम न खोए किसी पेचीदा बात को रखते समय ना सीमा का उल्लंघन करें, ना होने दें। वरिष्ठ व्यक्ति की जिद के आगे आज आपको झुकना पड़ेगा। अहंकार आपका सबसे बड़ा शत्रु होगा। बहुत कष्ट से किए हुए काम में असफलता मिल सकती है। लेकिन, अपना आत्मविश्वास कम ना होने दें। अगर बात किसी जमीन से जुड़े मुद्दे की है, तो अपनी बात पर कायम रहें। वृश्चिक शारीरिक बीमारी के सही होनी की काफ़ी संभावनाएँ हैं और इसके चलते आप शीघ्र ही खेल-कूद में हिस्सा ले सकते हैं। जो लोग काफी वक्त से आर्थिक तंगी से गुजर रहे थे उन्हें आज कहीं से धन प्राप्त हो सकता है जिससे जीवन की कई परेशानियां दूर हो जाएंगी। अपने जीवन-साथी के साथ प्यार, अपनापन और स्नेह महसूस करें। मुहब्बत की टीस आज रात आपको सोने नहीं देगी। आप क़ामयाबी ज़रूर हासिल करेंगे – बस एक-एक करके महत्वपूर्ण क़दम उठाने की ज़रूरत है। आपके पास समय तो होगा लेकिन बावजूद इसके भी आप कुछ ऐसा नहीं कर पाएंगे जो आपको संतुष्टि दे। जीवनसाथी के साथ एक आरामदायक दिन बीतेगा। धनु आज का दिन आपके लिए मध्यम रूप से फलदायक रहेगा। आपको अपने विरोधियों से कुछ परेशानी हो सकती है। घर परिवार के लोग किसी बात को लेकर वाद-विवाद कर सकते हैं। आप एक बुद्धिमान व्यक्ति की तरह उन्हें कोई काम की सलाह देंगे जो बहुत काम आएगी। शादीशुदा लोगों के गृहस्थ जीवन के लिए दिनमान अच्छा रहेगा। प्रेम जीवन बिता रहे लोग रिश्ते में कुछ दिक्कतें महसूस करेंगे। आपका प्रिय गुस्से में आकर आपको उल्टा सीधा बोल सकता है। इनकम सामान्य रहेगी और सेहत बढ़िया रहेगी। काम के सिलसिले में दिनमान आपके पक्ष में रहेगा। मकर अच्छी चीज़ों को ग्रहण करने के लिए आपका दिमाग़ खुला रहेगा। नौकरी पेशा से जुड़े लोगों को आज धन की बहुत आवश्यकता पड़ेगी लेकिन बीते दिनों में किये गये फिजुलखर्च के कारण उनके पास पर्याप्त धन नहीं होगा। कोई ऐसा रिश्तेदार जो बहुत दूर रहता है, आज आपसे संपर्क कर सकता है। आप रोमांटिक ख़यालों और सपनों की दुनिया में खोए रहेंगे। दफ़्तर की राजनीति हो या फिर कोई विवाद, चीज़ें आपके पक्ष में झुकी नज़र आएंगी। खेलकूद जीवन का जरुरी हिस्सा है लेकिन खेलकूद में इतने भी व्यस्त न हो जाएं कि आपकी पढ़ाई में कमी आ जाए। मुमकिन है कि आपके माता-पिता आपके जीवनसाथी को कुछ शानदार आशीर्वाद दें, जिसके चलते आपके वैवाहिक जीवन में और निखार आएगा। कुंभ आपके लिए आज का दिन अच्छा रहेगा। पारिवारिक जिम्मेदारियां निभाएंगे और सेहत को लेकर थोड़े चिंतित हो सकते हैं लेकिन परिवार वालों का सहयोग हर काम में आपको मिलेगा जिससे काम के सिलसिले में आपको अच्छे नतीजे मिलेंगे। आपके मित्र और आपके साथ काम करने वाले लोग आपको सपोर्ट करेंगे। प्रेम जीवन बिता रहे लोगों के लिए दिनमान अच्छा रहेगा। शादीशुदा लोगों के गृहस्थ जीवन में तनाव दिखाई देगा। मीन ऐसी गतिविधियों में शामिल हों जो रोमांचक हों और आपको सुकून दें। धन का आगमन आज आपको कई आर्थिक परेशानियों से दूर कर सकता है। वैवाहिक बंधन में बंधने के लिए अच्छा समय है। आज के दिन रोमांस के नज़रिए से कोई ख़ास आशा नहीं की जा सकती है। कामकाज के मोर्चे पर आपकी कड़ी मेहनत ज़रूर रंग लाएगी। हितकारी ग्रह कई ऐसे कारण पैदा करेंगे, जिनकी वजह से आज आप ख़ुशी महसूस करेंगे। आपके जीवनसाथी की कामकाज को लेकर व्यस्तता आपकी उदासी का कारण बन सकती है।
पहाड़ों की वादियों के बीच बसे चंबा शहर का सौंदर्य और इतिहास बहुत ही निराला है। यहां की वादियां और इमारतें बहुत सी कहानियां सुनाती हैं। ऐसे ही एक कहानी है रानी सुनैना की। रानी सुनैना यानी बलिदान और साहस कि मूर्ति। ये चंबा रियासत की वो रानी है जिन्होंने अपनी प्रजा और राज्य के उत्थान के लिए बिना किसी हिचकिचाहट के अपना बलिदान दे दिया। यूं तो चंबा शहर रावी और साल नदी के मध्य में बसा है पर एक समय ऐसा भी था जब यह शहर पीने के पानी की किल्लत से जूझ रहा था। दो नदियों के बीच बसे होने के बावजूद भी यहां पीने के लिए पानी की एक बूंद नहीं थी। उस समय चम्बा रियासत के राजा साहिल वर्मन हुआ करते थे। राजा भी इस समस्या से पूर्णतः वाकिफ थे पर वो करते भी क्या। एक रात उनकी पत्नी, रानी सुनैना को उनकी कुल देवी ने स्वप्न में दर्शन दिए और कहा कि राज घराने में से किसी को बलिदान देना होगा तभी पानी की कमी पूरी होगी। जब राजा साहिल वर्मन को रानी सुनैना ने पूरी कहानी सुनाई तो राजा वर्मन बलिदान देने के लिए तैयार हो गए। फिर रानी सुनैना ने सोचा यदि राजा बलिदान देंगे तो उनका सुहाग छिन जाएगा और राज्य के सर से भी साया उठ जाएगा, और यदि उनके पुत्र राजकुमार युगाकर बलिदान देते है तो कुल का दीपक बुझ जाएगा और वंश को आगे कौन बढ़ाएगा। ये सब सोचकर रानी सुनैना ने स्वयं बलिदान देने का फैसला लिया। इस निर्णय से पुरी चंबा रियासत में शोक व विस्मय की लहर दौड़ गई। आखिरकार रानी सुनैना बलिदान देने के लिए महल से निकल पड़ीं। आंखों में आंसू लिए उनके इस काफिले में चंबा की जनता भी शामिल थी। रास्ते मे सूही के मढ़ से रानी सुनैना ने आखिरी बार चंबा शहर पर नज़र डाली और फिर आगे बढ़ते हुए ये काफिला मलून नामक स्थान पर रुक गया। ममता और बलिदान की मूरत रानी सुनैना बलिदान देने से पहले कहा 'मेरी इच्छा है कि मेरी याद में हर वर्ष मेला लगे। इस मेले को सिर्फ स्त्रियां मनाएं और पुरुष इस में भाग न लें और न ही राज परिवार की बहुएं इस में भाग लें। इस मेले में पूजा केवल राज परिवार की कुंवारी कन्या के हाथों करवाई जाए।' बस इतना कहकर रानी सुनैना ने जिंदा समाधि ले ली। उसी समय पानी की धार फूट पड़ी और रानी सुनैना का बलिदान चंबा के लोगों के लिए अमृत बन कर बहने लगा। रानी सुनैना के बलिदान को याद करते हुए राजा साहिल वर्मन ने जिस स्थान से रानी सुनैना ने आखिरी बार चंबा को देखा था उसी सूही के मढ़ नामक स्थान पर उनके मंदिर का निर्माण करवाया। हर वर्ष इस जगह सूही के मेले का भी आयोजन किया जाता है। ये मेला 3 दिन तक चलता है और यहां केवल बच्चे और महिलाएं ही उपस्थिति दर्ज करवाते है। महिलाएं रानी की प्रशंसा में लोकगीत गाती हैं और समाधि तथा प्रतिमा पर फूल की वर्षा की जाती है।
हिमाचल प्रदेश में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे है। वहीं, मौत का आंकड़ा भी तेजी से बढ़ रहा है। मंगलवार सुबह कोरोना से एक और मौत का मामला सामने आया है। बिलासपुर की 57 वर्षीय महिला ने आईजीएमसी में दम तोड़ दिया है। वहीं, एक सरकाघाट और तीसरा शिमला के व्यक्ति की मौत हुई है। इसके साथ ही प्रदेश में कोरोना से मौत का आंकड़ा 60 पहुंच गया हैै। प्रदेश में संक्रमितों का कुल आंकड़ा 7660 पहुंच गया है। 2234 सक्रिय मामले हैं। 5359 मरीज ठीक हो गए हैं। बता दें सोमवार को 262 कोरोना पॉजिटिव मामले आए थे।
पहाड़ी भाषा एवं संस्कृति को संरक्षित रखने की बेहतरीन सोच के साथ, तेज़ी से आगे बढ़ रहा है दी मॉडर्न फोक नोट। हाल ही में रिलीज़ हुए दी मॉडर्न फोक नोट 6 को दुनिया भर में पसंद किआ जा रहा है । ए सी भरद्वाज द्वारा गाई गई इन सीरीज को प्रदेश और देश के साथ साथ विश्व के भी अन्य 35 देशों की जनता से भरपूर प्यार मिल रहा है । इस प्यार की ख़ास वजह यह भी है कि मॉडर्न फोक नोट एक नई सोच ले कर सामने आया है जिसमे उन्होंने युवाओं के बीच लोक संगीत का रुझान बढ़ाने के लिए, मॉडर्न बीट्स एवं पहाड़ी गानों का मिश्रण किया है। मॉडर्न फोक नोट की 5 सीरीज पहले ही यू ट्यूब पर आ चुकी हैं जिन्हें दुनिया भर से बहुत प्यार एवं सम्मान मिला है । मॉडर्न नोट 6 इसी सीरीज को आगे बढ़ाते हुए प्रसारित किया गया , एवं कुछ ही दिनों में 3 लाख से भी ज़्यादा लोगों द्वारा देखा जा चूका है।
हिमाचल के चंबा में दो स्वास्थ्य कर्मियों समेत तीन कोरोना पाॅजिटिव मरीज पाए गए है। इनमें एक सीआईडी यूनिट चंबा का कर्मचारी भी शामिल है। 4 सितम्बर को जाँच के लिए कुल 239 सैंपल लिए गए थे जिसमे से तीन पोसिटिव पाए गए है, वहीं 176 सैम्पल की रिपोर्ट आना अभी बाकि है। पॉजिटिव पाए गए तीन व्यक्तियों में से एक 26 वर्षीय महिला है जो की JLNMC चम्बा की स्वस्थ्य कर्मी है। DIET सरु का एक 26 वर्षीय स्वास्थ्य कर्मी जो की इंस्टीटूशनल क्वारंटाइन में था, और एक 41 वर्षीय CID यूनिट चम्बा का कर्मचारी भी कोरोना पोसिटिव पाया गया है। चम्बा जिले में संक्रमितों का आंकड़ा 478 पहुंच गया है। 112 सक्रिय मामले हैं और 361 मरीज ठीक हो चुके हैं। इसके अलावा मंडी से 12 नए मामले, काँगड़ा से 9 नए मामले और कुल्लू से 1 नया पॉजिटिव मामला सामने आया है जिनकी पूरी जानकारी आना अभी बाकी है। इसके साथ ही प्रदेश में कोरोना संक्रमितों का कुल आंकड़ा 6855 पहुंच गया है। 1823 सक्रिय मामले हैं। 4932 मरीज ठीक हो गए हैं। 45 मरीज राज्य के बाहर चले गए हैं और 51 की मृत्यु हो चुकी है।
प्रदेश में कोरोना से एक और मौत हो गई है। डॉ वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज नाहन में एक 70 वर्षीय महिला ने वीरवार देर रात दम तोड़ दिया। सिरमौर में कोरोना से यह तीसरी मौत हुई है। मृतक महिला पांवटा साहिब की रहने वाली थी जिसे 1 सितंबर को पांवटा साहिब सिविल अस्पताल से डॉ वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया था। डायबटीज व हाईपरटेंशन रोग से ग्रसित इस महिला का नाहन मेडिकल कॉलेज में कोरोना टेस्ट पॉजिटिव पाया गया था। 3 सितंबर को देर रात आइसोलेशन वार्ड में भर्ती इस महिला ने दम तोड़ दिया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी सिरमौर डॉ केके पराशर ने बताया कि पांवटा साहिब में कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत मृतक का अंतिम संस्कार किया गया है। इसी के साथ प्रदेश में अब कोरोना संक्रमण से मरने वालों का आंकड़ा 48 हो गया है।
निदेशक सेना भर्ती कर्नल तनवीर सिंह मान ने बताया कि पड्डल मैदान जिला मण्डी में 6 अक्तूबर से 14 अक्तूबर, 2020 तक सेना भर्ती कार्यालय मण्डी द्वारा जिला शिमला, सोलन, सिरमौर और किन्नौर के युवाओं के लिए भारतीय सेना में भर्ती का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि यह भर्ती सैनिक तकनीकी (पुरुष), सैनिक तकनीकी (गोला बारुद परीक्षक) (एटी)(पुरुष), सैनिक तकनीकी (उड्डयन) (एक्स गु्रप)(पुरुष) तथा सैनिक तकनीकी (उपचार सहायक) (एन ए) (पुरुष) पदों के लिए होगी। उन्होंने बताया कि मापदण्ड और योग्यता के लिए सेना भर्ती कार्यालय, शिमला, हिमाचल प्रदेश द्वारा जारी 06 अगस्त, 2020 की अधिसूचना भारतीय सेना की वेबसाइट www.joinindianarmy.nic.in पर देखें। उल्लेखनीय है कि जो उम्मीदवार सेना भर्ती रामपुर बुशैहर शिमला में सैनिक तकनीकी वर्ग के लिए सेना भर्ती कार्यालय, शिमला द्वारा 16 फरवरी, 2020 को जारी अधिसूचना के तहत पहले पंजीकृत हो चुके है, उनको भी दोबारा पंजीकरण करना है।
राष्ट्रीय उच्च मार्ग 5 श्रीमती ढांग के पास आईटीबीपी की वाहन दुर्घटनाग्रस्त वाहन में चालक साहित एक जवान सतलुज नदी मे बह गए जिस की खोज जारी है। वाहन रिकांगपिओ से डुबलिंग पोस्ट की और जा रही थी। पुलिस व स्थानीय प्रशासन मौके पर आईटीबीपी रिकांगपिओ बटालियन को सूचित कर दिया गया है। जनजातीय जिला किन्नौर के पूह खण्ड के तहत श्रीमती ढांक के समीप आईटीबीपी का वाहन दुर्घटनाग्रस्त हुआ है जिसमे एक जवान के बहने की सूचना है वही इस मामले में पुलिस खोजबीन में लगी हुई है। बताते चले कि सतलुज का जलस्तर अधिक होने के कारण जवान को खोजने में समस्याए आ रही है लेकिन वाहन को पुलिस व रेस्क्यू टीम ने कब्ज़े में लिया है। साथ ही इस विषय मे आईटीबीपी के अधिकारियों व बटालियन को सूचित किया गया है।
एक विवाह ऐसा भी ! जहां सभी भाइयों की होती है एक ही पत्नी। जी हां, आपको आश्चर्य होगा कि आज भी बहु पति प्रथा का चलन समाज में महत्व रखता है। आज के आधुनिक युग में भी एक घर के सभी भाइयों की शादी एक ही युवती से होना कहीं न कहीं इस बात का प्रमाण देता है कि इतिहास के पन्नों में विवाह के वर्गीकरण का किया ज़िक्र सच है। आज हम आपको हिमाचल प्रदेश के जिला किन्नौर में होने वाले अनोखे विवाह के बारे में व इसके साथ जुड़े अविश्वसनीय रीति रिवाज़ों के बारे में जानकारी देंगे। यह जानकारी हम जिला के बुद्धिजीवी व स्थानीय लोगों के बयान के अनुसार आप तक पहुंचा रहें है। जिला किन्नौर में आज भी बहु पति प्रथा विवाह का चलन है। यहां रहने वाले परिवारों में महिला के कई पति होते हैं। ऐसा नहीं है कि ये पति अलग-अलग परिवारों के हो, महिला के पति एक ही घर के होते हैं। घर की एक ही छत के नीचे रहने वाले परिवार के सभी भाई एक ही युवती से परंपरा के अनुसार शादी करते हैं और विवाहित जीवन जीते है। इतना ही नहीं बल्कि शादी के बाद लड़की भी सभी भाईयों को समान रूप से अपना पति मानती हैं। अगर इतिहासकारों व यहां के बुज़ुर्गों की माने तो इस तरह के विवाह से खानदानी सम्पत्ति का विभाजन भाइयों में नही होता और भाइयों के बीच सम्पत्ति को लेकर कोई मतभेद नही होता है बल्कि रिश्ता और मजबूत होता है। इसके पीछे एक अन्य मत यह भी है कि पांडव ही ऐसे भाई थे, जिन्होंने एक ही महिला से शादी की थी, हालांकि ऐसी प्रथा का चलन कहीं और नही देखा गया। लेकिन किन्नौर में यह प्रथा आज भी जीवंत है। यहां के निवासी इस परंपरा का संबंध पांडवो के अज्ञातवास से जोड़ते हैं। उनका कहना है कि पांडवों ने यहां अपना अज्ञातवास काटा था जिसके चलते ये लोग उन्हें आज भी पालन करते है। इस विवाह को यहां के लोग "घोटुल" प्रथा कहते है। हम आपको यह भी बता दें कि यह विवाह जबरजस्ती या किसी के दबाव में नही किया जाता है, शादी से पहले भाइयों व दोनों पक्षों के रिश्तेदारों की भी सहमति ली जाती है। दाम्पतय जीवन में, टोपी का महत्व भाइयों के बीच मे किसी भी तरह का मतभेद न हो इसके लिए भी एक खास रिवाज़ को यहां तवज़्ज़ो दी गयी है। यदि भाइयों में से एक भाई पत्नी के साथ है तो उस परिस्थिति में संकेत के तौर पर दरवाजे पर टोपी को रखा जाता है। इसका मतलब यह होता है कि अभी एक भाई कमरें के अंदर है। मर्यादा के आधार पर जब तक टोपी दरवाजे पर हो तब तक कोई दूसरा भाई कमरे के अंदर प्रवेश नही करता। बहु पति प्रथा की कहानी, उन्ही महिलाओं की ज़बानी किन्नौर की रहने वाली महिलाएं जो बहु पति प्रथा का पालन कर एक परिवार के सभी भाइयों की पत्नी बनी, उनसे इस प्रथा पर सवाल पूछे जाने पर वह इस प्रथा को सही ठहरती नज़र आयी। उनका कहना है कि किन्नौर में प्रचलित इस प्रथा का पालन इसलिए भी सही है क्योंकि इस तरह परिवार कि पुश्तैनी सम्पत्ति का बंटवारा नहीं होता। यदी सभी भाइयों कि अलग अलग गृहस्थी होगी तो भाइयों कि संपत्ति के उतने ही हिस्से होंगे परन्तु एक ही बीवी होने से संतान किसी कि भी हो गृहस्थी एक ही कहलाई जाएगी व् सम्पत्ति को अलग अलग नहीं बांटना पड़ेगा। महिलाओं का यह तर्क कितना सही है इसके बारे में तो कुछ नहीं कहा जा सकता। बड़ा भाई पापा तो बाकी सब चाचा ! इस मामले में हैरानी की बात तो यह है कि जो महिला बहु पति प्रथा के अंतर्गत रहती है वह जिस संतान को जन्म देती है वह संतान केवल सबसे बड़े भाई को ही पिता मानती है हालाँकि उस संतान के जैविक पिता यानि सगे पिता के नाम कि पुष्टि केवल महिला द्वारा ही की जा सकती है एवं इस विषय में महिला कि बात पर कोई प्रश्न चिन्ह नहीं उठाया जा सकता। पुरुषों की राय - सबको अपना जीवन जीने का अधिकार वहीं, पुरूषों का कहना है कि इस प्रथा को हम अपनी संस्कृति में शामिल मानते है। संस्कृति के खिलाफ बोलना हमें गलत लगता है। पुरुषों ने कहा कि न हम इस प्रथा का विरोध करते है और न ही इसके बारे में कुछ टिप्पणी करते हैं । किंतु यह सच है कि समय के अनुसार परिवर्तन हुआ है अब इस तरह की शादी कम होती है। अब सभी शिक्षित है, ज्ञान का अभाव नहीं है। पहले जमाने मे परिवार का दबाव होता था अब ऐसा नही है। ऐसे में सभी को अपने जीवन को अपने नज़रिए से जीने का अधिकार है। बहु पति विवाह करने के निर्णय से हमें कोई मलाल नहीं है बल्कि भाइयों के बीच रिश्ता मजबूत होता रहा है। नोट:- हमारा मकसद आप तक जानकारी पहुंचाना है। यह जानकारी किन्नौर के लोगों से प्राप्त है। हमारे लिए सभी संस्कृति, रीति रिवाज से जुड़ी जानकारियां व भावनाएं सर्वोपरि हैं ।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य, पूर्व मंत्री व विधायक श्री नयना देवी जी विधानसभा क्षेत्र राम लाल ठाकुर ने प्रदेश में पुलिस विभाग को मिलने वाली सुविधाओं को लेकर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है। ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार को पुलिस अधिनियम 2007 (संशोधित) को एक बार दोबारा रिव्यू करने की गम्भीर आवश्यकता है। राम लाल ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में सिर्फ पुलिस विभाग ही ऐसा विभाग है जिसमे अनुबंध अभी 8 वर्ष का है जबकि प्रदेश के सभी अन्य विभागों में अब केवल 3 वर्ष का अनुबंध समय किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि प्रदेश पुलिस को अभी भी मकान का सरकारी तौर पर मिलने वाला किराया केवल 500 रुपये ही है जब की आज के महंगाई के दौर में 500 रुपये में दो कमरों का मकान किराये पर नहीं मिलता व कांस्टेबल को कम से कम सब डिवीजन में तो स्थान दिया जाना चाहिए। उनके अनुसार प्रदेश में पुलिस को अभी भी 210 रुपये प्रति माह राशन मनी दिया जाता है जी की बहुत ही कम है। राम लाल ठाकुर ने प्रदेश में पुलिस थानों और चौकियों की हालत पर भी सवाल उठाये।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी बिलासपुर डाॅ प्रकाश दरोच के अनुसार जिला से अब तक 8475 लोगों के सैंपल कोविड-19 के लिए लैब जांच के लिए आईजीएमसी शिमला भेजे गए, उनमें से 8064 सैंपल की रिपोर्ट नेगेटिव आई हैं और 181 की रिपार्ट अभी तक पाॅजिटिव आई है। उन्होंने बताया कि 231 सैंपल की रिपोर्ट आना अभी बाकी है। उन्होंने बताया कि 126 लोग अभी तक कोरोना से निजात पा चुकेे हैं और 55 का इलाज चल रहा है। उन्होंने बताया कि अभी भी बाहर से लोग अपने-अपने घरों को आ रहें हैं, सभी की बार्डर पर स्वास्थ्य जांच की जा रही है और सरकार के आदेशानुसार जो लोग हाई-लोड क्षेत्र से आ रहे हैं उन्हें इन्स्टीट्यूशनल क्वारनटाईन में रखा जा रहा है और हर 5 से 7 दिनों के अन्दर उनका कोरोना टैस्ट किया जा रहा है नेगेटिव आने पर ही उन्हें होम क्वारनटाईन में भेजा जा रहा है।
उपायुक्त राजेश्वर गोयल ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं योजना के अंतर्गत जिला प्रशासन, महिला एवं बाल विकास विभाग के सौजन्य से जिला बिलासपुर में 12वीं कक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने वाली मेधावी छात्राओं के लिए फ्री ऑनलाइन क्रेश कोर्स (जे.ई.ई.मेन्स/नीट) का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं के अंतर्गत जिला प्रशासन द्वारा अनेक कार्यक्रम चलाए जा रहे है। उन्होंने बताया कि गत् वर्ष जिला प्रशासन द्वारा निर्णय लिया गया कि जिला भर में 12वीं की कक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने वाली छात्राओं को निःशुल्क कोचिंग दी जाए। उन्होंने बताया कि इसके अंतर्गत मिनर्वा स्टडी सर्कल घुमारवीं द्वारा निःशुल्क कोचिंग दी जा रही है। उन्होंने कहा कि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओं सिर्फ एक योजना ही नहीं बल्कि देश के हर नागरिक की सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि लोगों को कन्या भ्रूण हत्या के बारे में जागरूक करें और यदि कहीं पर भी कन्या भ्रूण हत्या के बारे में जानकारी मिले तो उसकी सूचना तुंरत पुलिस को दे। इस अवसर पर उपायुक्त ने कोचिंग लेने वाली छात्राओं पुण्या पूर्णिमा तथा इन्दुबाला को पाठ्यक्रम से सम्बन्घित पुस्तकें देकर उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी। जिला कार्यक्रम अधिकारी अंजू बाला ने बताया कि क्रेश कोर्स के लिए जिला से 42 छात्राओं का चयन किया गया है जिसमें सदर ब्लाॅक से 21, झंडुता से 15 तथा घुमारवीं से 6 छात्राएं शामिल है। उन्होंने बताया कि क्रेश कोर्स की अवधि जे.ई.ई मेन्स के लिए 30 दिन तथा नीट के 40 दिन रहेगी। उन्होंने बताया कि प्रधानाचार्य मिनर्वा स्टडी सर्कल घुमारवीं को सम्बन्धित छात्राओं की सूचि उपलब्ध करवा दी गई है।
वो दौर था 1857 का, पूरे देश में क्रांति की ज्वाला भड़क रही थी। ऐसे में पहाड़ों की शांत वादियों में लगी चिंगारी भी कम नहीं थी। धीमें से सुलग रही इस क्रांति की चिंगारी ने जब विकराल रूप लिया तब लगभग पूरा हिमाचल इसकी जद में आ गया। 20 अप्रैल 1857, वो दिन जब पहली बार हिमाचल प्रदेश में अंग्रेज़ों के खिलाफ धधक रही ज्वाला ने विकराल रूप धारण किया। क्रांति का आगाज़ हुआ कसौली से। अंबाला राइफल डिपो के छह भारतीय सैनिकों ने कसौली थाने को आग के हवाले कर दिया। अंग्रेजों के सुरक्षित गढ़ कही जाने वाली कसौली छावनी पर हुए इस हमले से गोरे बौखला उठे और उन्होंने अन्य छावनी क्षेत्रों व कंपनी सरकार के कार्यालयों की सुरक्षा कड़ी कर दी। गोरों ने कई क्रांतिकारियों को जेलों में डाल दिया और कईयों को सूली पर चढ़ा दिया, पर सैनिकों का बलिदान ज़ाया नहीं गया। कसौली से भड़की इस ज्वाला ने पूरे हिमाचल में आज़ादी की अलख जगा दी। इसके बाद डगशाई छावनी, सुबाथू, कालका व जतोग में क्रांति की लहर दौड़ी। उधर कांगड़ा, नूरपुर, धर्मशाला, कुल्लू-लाहुल, सिरमौर व अन्य रियासतों में भी विद्रोह प्रखर हो गया। बुशहर के राजा शमशेर सिंह, कुल्लू-सिराज के युवराज प्रताप सिंह, सुजानपुर के राजा प्रताप चंद गुप्त रूप से क्रांतिकारियों की गतिविधियों में संलिप्त हो गए। 11 मई को अंग्रेजों को मेरठ, दिल्ली और अम्बाला में विद्रोह की सुचना मिली। गोरों ने कसौली, सुबाथू, डगशाई व जतोग की छावनियों को अंबाला कूच का आदेश दिया। भारतीय सैनिकों ने इस आदेश का खुले तौर पर विद्रोह किया और बगावत का ऐलान कर दिया। 13 मई को जतोग में गोरखा रेजिमेंट ने सूबेदार भीम सिंह के नेतृत्व में देशी सैनिकों ने अंग्रेजों पर धावा बोल दिया। सिर्फ 45 क्रांतिकारियों ने 200 अंग्रेजों को धूल चटा दी। सैनिकों ने कसौली ट्रेजरी को लूटा और जतोग की तरफ बढ़ने लगे। इस बारे में अंग्रेज़ों के तत्कालीन कमिश्नर पी. मैक्सवैल ने अपनी डायरी में जिक्र किया है और हैरानी जताई है कि कैसे मुट्ठीभर क्रांतिकारियों ने अपने से चार गुना अधिक अंग्रेजी सेना को हरा दिया था। इसके बाद विद्रोह की डोर स्थानीय पुलिस ने अपने हाथों में ली। स्थानीय पुलिस गार्ड के दरोगा बुद्धि सिंह जतोग पर कब्जे के लिए रवाना हो गए। जतोग पहुँचते पहुँचते रास्ते में अंग्रेजी सेना ने कुछ क्रांतिवीरों को पकड़ लिया तो कुछ मारे गए। जबकि बुद्धि सिंह ने गोरों के हाथों मरने से भला स्वयं को गोली मरना समझा और वो शहीद हो गए। पहाड़ी रियासतों में क्रांति योजनाबद्ध तरीके से हो रही थी, जिसके लिए एक गुप्त संगठन बना हुआ था, जिसके सदस्य सूचनाओं को यहां-वहां पहुंचाया करते थे। पहाड़ों में इस क्रांति के नेता पंडित राम प्रसाद वैरागी थे। वैरागी सुबाथू मंदिर में पुजारी थे। वे संगठन पत्रों के माध्यम से संदेश भेजा करते थे। 12 जून 1857 को इस संगठन का कुछ पत्र अंबाला के कमिश्नर जीसी बार्नस के हाथ लगे, जिसमें दो पत्र राम प्रसाद वैरागी के भी थे। इसके साथ ही संगठन का भेद खुल गया। वैरागी को पकड़ कर अंबाला जेल में फांसी पर चढ़ा दिया गया। क्रांतिकारियों को सहयोग न मिला व अंग्रेज़ों ने 1857 के विद्रोह को दो महीनो में ही दबा दिया और प्रदेश में लगी विद्रोह की ज्वाला कुचल दी गई।
जब जब स्वतंत्रता संग्राम की बात की जाती है तो पहाड़ के जांबाज़ों का ज़िक्र न हो ऐसा हो नहीं सकता। स्वतंत्रता संग्राम में हिमाचल प्रदेश के सपूतों ने महात्मा गांधी के साथ कदम से कदम मिलाकर जो योगदान दिए वो किसी से कम नहीं। देवभूमि के वीर सपूतों ने ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ जो आंदोलन का बिगुल बजाया तो उसकी गूंज पूरे भारत वर्ष को सुनाई दी। चाहे 1857 की महाक्रांति हो या 15 अगस्त 1947 तक का आंदोलन हो, छोटे से पहाड़ी प्रदेश हिमाचल ने भी इनमें अहम भूमिका निभाई। आजादी की लड़ाई के लिए हिमाचल में गुरिल्ला बम बने। सशस्त्र क्रांतियां हुईं। हजारों क्रांतिकारियों ने पूरे दमखम से स्वतंत्रता के लिए लड़ाई लड़ी। तो आज स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य पर हम उन्हीं कुछ स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में जानेंगे। पंडित राम प्रसाद वैरागी उस समय पूरे देश में क्रांति के संचालन के लिए एक गुप्त संगठन बनाया गया था। पहाड़ों में इस क्रांति के नेता पंडित राम प्रसाद वैरागी थे। वैरागी सुबाथू मंदिर में पुजारी थे। वे संगठन को पत्रों के माध्यम से संदेश भेजा करते थे। 12 जून 1857 को इस संगठन के कुछ पत्र अंबाला के कमिश्नर जीसी बार्नस के हाथ लगे, जिसमें दो पत्र राम प्रसाद वैरागी के भी थे। इसके साथ ही संगठन का भेद खुल गया। वैरागी को पकड़ कर अंबाला जेल में फांसी पर चढ़ा दिया गया। क्रांतिकारियों को सहयोग नहीं मिला और अंग्रेज़ों ने 1857 के विद्रोह को दो महीनो में ही दबा दिया और प्रदेश में सुलगी विद्रोह की ज्वाला कुछ समय के लिए शांत हो गई। 'हिमाचल निर्माता' डॉ॰ यशवंत सिंह परमार डॉ॰ यशवंत सिंह परमार, हिमाचल निर्माता के नाम से भी जाने जाते हैं। हिमाचल के पहले मुख्यमंत्री डाॅ. परमार ने हिमाचल में विकास की नींव रखी थी। सिरमौर में जन्मे परमार सिरमौर की रियासत में 11 साल तक सब जज और मजिस्ट्रेट रहे। उसके बाद न्यायाधीश के रूप में 1937-41 तक अपनी सेवाएं दीं। इसी दौरान वह सुकेत सत्याग्रह प्रजामंडल से जुड़े। नौकरी की परवाह न करते हुए उन्होंने स्वतंत्रता की लड़ाई में अपना पूरा योगदान दिया। उनके ही प्रयासों से यह सत्याग्रह सफल हुआ। 'पहाड़ी गांधी' बाबा कांशी राम पहाड़ी गांधी कहे जाने वाले बाबा कांशीराम ने आज़ादी की लड़ाई में बेहद अहम भूमिका निभाई। उन्होंने जब तक भारत को आजादी नहीं मिल जाती तब तक काले कपड़े पहनने की शपथ ली थी। बाबा कांशी राम ने अपने पहाड़ी गीतों और कविताओं से पहाड़ी राज्य हिमाचल और देश को आजादी के लिए जगाने में सराहनीय प्रयास किए। उन्होंने गांव-गांव घूमकर अपने लिखे लोकगीतों, कविताओं और कहानियों से अलख जगाई। कांशी ने पहली बार पहाड़ी बोली को लिखा और गा-गाकर लोगों को राष्ट्रीय आंदोलन से जोड़ा। सरोजनी नायडू ने उन्हें बुलबुल-ए-पहाड़ के खिताब से नवाजा। 1930 और 1942 के बीच वो 11 बार जेल गए और अपने जीवन के 9 साल सलाखों के पीछे काटे। जेल के दिनों में लिखी हर रचना उस वक्त लोगों में जोश भरने वाली थी। ‘समाज नी रोया’, ‘निक्के निक्के माहणुआं जो दुख बड़ा भारा’, ‘उजड़ी कांगड़े देश जाना’ और ‘कांशी रा सनेहा’ जैसी कई कविताएं मानवीय संवेदनाओं और संदेशों से भरी थीं। दौलतराम सांख्यान आजादी की लड़ाई में बिलासपुर के महान स्वतंत्रता सेनानी दौलतराम सांख्यान के संघर्ष को आखिर कौन भुला सकता है। बिलासपुर में प्रजामंडल का गठन कर दौलतराम सांख्यान ने ब्रिटिश सरकार को सीधी चुनौती देकर कई मुश्किलें खड़ी कर दीं थी। ब्रिटिश सरकार ने उन्हें इस मुहिम के लिए कई यातनाएं दीं। अंग्रेजी सरकार ने उनकी चल-अचल संपत्ति तक जब्त कर ली थी। इतना ही नहीं 11 जून 1946 से 12 अक्तूबर 1948 तक रियासत से निष्कासित कर दिया गया। इसके बावजूद स्वतंत्रता संग्राम के इस सेनानी ने हार नहीं मानी और डट कर अंग्रेजों का सामना किया। कैप्टन राम सिंह ठकुरी वहीं आजाद हिंद फौज के सिपाही और संगीतकार कैप्टन राम सिंह ठकुरी ने भारत के राष्ट्र गान जन गन मन की धुन तैयार की है। उन्होंने अपनी वीरता के लिए किंग जार्ज-पंचम मेडल प्राप्त किया। जब सुभाष चंद्र बोस ने उनसे मुलाकात की तो उन्हें वोइलिन भेंट की, जिसे वह हमेशा अपने पास रखते थे। उन्होंने 'कदम-कदम बढ़ाए जा-खुशी के गीत गाए जा' जैसे सैकड़ों ओजस्वी गीतों की धुनों की रचना की। 15 अगस्त 1947 को राम सिंह के नेतृत्व में आईएनए के आर्केस्ट्रा ने लाल किले पर शुभ-सुख चैन की बरखा बरसे गीत की धुन बजाई। कौमी तराना नाम से यह गीत आजाद हिंद फौज का राष्ट्रीय गीत बना, इस गीत की ही धुन को बाद में जन-गण-मन की धुन के रूप में प्रयोग किया गया। पदम् देव पदमदेव जिला शिमला के गांव भनोल से ताल्लुक रखते थे। उन्होंने 1930 में असहयोग आंदोलन और सिविल अवज्ञा में(सिविल डिसओबेडिएंस) में भाग लिया। वह हिमालय रियासती प्रजा मंडल के संस्थापक सदस्य थे और गरीबी व अस्पृश्यता(अनटचेबिलिटी) के खिलाफ लड़े थे। 1952 में वह विधानसभा के लिए चुने गए और राज्य के पहले गृह मंत्री बने। 1957 में वह लोकसभा, 1962 में क्षेत्रीय परिषद और फिर 1967 में विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए। वह कविराज के नाम से मशहूर थे। यश पाल उस समय यश पाल कॉलेज में ही थे जब उनकी मुलाकात भगत सिंह और सुखदेव से हुई। उन्होंने चरमपंथी समूह हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन आर्मी (एचएसआरए) को ज्वाइन किया। एचएसआरए ने 1929 में लॉर्ड इरविन को ले जाने वाली ट्रेन को उड़ाने की योजना बनाई थी। यशपाल ने उस में बम से विस्फोट किया था। कई नेताओं की गिरफ्तारी के बाद यशपाल ने चंद्रशेखर आजाद को एचएसआरए को फिर से संगठित करने में मदद की। 1932 में उन्हें गिरफ्तार किया गया और वह 6 साल तक जेल में रहे। वह एक प्रतिभाशाली लेखक थे और प्रसिद्ध किताब ‘सिम्बालोकन’ सहित कई पुस्तकें लिखी थीं। उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार और पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। शिवानंद रामौल, पूर्णानंद, सत्य देव, सदा राम चंदेल, सत्यानंद स्टोक्स, ठाकुर हजक सिंह इत्यादि ऐसे अन्य प्रमुख स्वतंत्रता सैनानी रहे हैं जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में अपना योगदान दिया था। आज भले ही यह हस्तियां हमारे बीच नहीं हैं पर उनके दिए गए बलिदान को कृतज्ञ राष्ट्र कभी नहीं भूल सकता।
बुधवार को पुलिस थाना रिकांग पेओ की पुलिस टीम को एक महिला के कब्जे से 30 ग्राम चरस बरामद करने में सफलता मिली है। 05 अगस्त की शाम पुलिस टीम द्वारा काशंग खड्ड के पास आने जाने वाले वाहनों व संदिग्ध तत्वों की चैकिंग की जा रही थी। समय करीब 06.00 बजे शाम एक महिला पैदल चलती हुई ठोपन से पंगी की तरफ आई तो संदेह होने पर उसे चैकिंग के लिए रोका गया। इस महिला ने अपना नाम सोनम निवासी ठियोग, जिला शिमला बतलाया। तलाशी के दौरान उपरोक्त सोनम के हाथ में पकड़े लिफाफे के अंदर से 30 ग्राम चरस बरामद की गई। सोनम द्वारा इस प्रकार अवैध रूप से चरस अपने कब्जे में रखने पर इसके विरूद्ध थाना रिकांगपियो में मादक पदार्थ अधिनियम के अंतर्गत मामला पंजीकृत किया गया है तथा उपरोक्त महिला को गिरफ्तार किया जाकर इसे जमानत मुचलका पर रिहा कर दिया गया है। मामले में आगामी अन्वेषण जारी है।
कोरोना के चलते कम संख्या में मनाया जाएगा जन्माष्टमी पर्व पूरे देश और प्रदेश में कोरोना महामारी के चलते इस साल 11 अगस्त को छितकुल कंडे में हर साल मनाया जाने वाला प्रसिद्व जन्माष्टमी पर्व को पिछले साल की अपेक्षा इस साल कम लोगों की मौजूदगी में मनाया जाएगा ताकि छितकुल गांव और कंडे में अधिक से अधिक लोग एकत्रित न हो सके। यह जानकारी देते हुए छितकुल पंचायत प्रधान राजकुमारी ने बताया कि कोविड-19 के चलते इस बार छितकुल पंचायत ने सरकार के गाइडलाइन का पालन करते हुए कम संख्या और सोशल डिसटेसिंग का पालन करते हुए जन्माष्टमी पर्व मनाने का निर्णय लिया है ताकि अधिक संख्या में लोग इकठा न हो। उन्होंने कहा कि किन्नौर जिले के विभिन्न पंचायतों और प्रदेश के विभिन जिलों से काफी संख्या में लोग जन्माष्टमी मनाने भारी संख्या में हर साल छितकुल कंडे पहुंचते है। इस बार भी भारी संख्या में आने से कोरोना फैलने का खतरा हो सकता है। इसलिए छितकुल पंचायत ने छितकुल गांव के अलावा बाहरी क्षेत्र के लोगों को जन्माष्टमी पर्व पर गांव में आने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया है। लोगों से अपील की है कि कोविड-19 को लेकर सरकार की गाडलाइन का पालन करे। कोरोना के चलते कम संख्या में मनाया जाएगा जन्माष्टमी पर्व, पूरे देश और प्रदेश में कोरोना महामारी के चलते इस साल 11 अगस्त को छितकुल कंडे में हर साल मनाया जाने वाला प्रसिद्ध जन्माष्टमी पर्व को पिछले साल की अपेक्षा इस साल कम लोगों की मौजूदगी में मनाया जाएगा ताकि छितकुल गांव और कंडे में अधिक से अधिक लोग एकत्रित न हो सके। यह जानकारी देते हुए छितकुल पंचायत प्रधान राजकुमारी ने बताया कि कोविड-19 के चलते इस बार छितकुल पंचायत ने सरकार के गाइडलाइन का पालन करते हुए कम संख्या और सोशल डिसटेसिंग का पालन करते हुए जन्माष्टमी पर्व मनाने का निर्णय लिया है ताकि अधिक संख्या में लोग इकठा न हो। उन्होंने कहा कि किन्नौर जिले के विभिन्न पंचायतों और प्रदेश के विभिन्न जिलों से काफी संख्या में लोग जन्माष्टमी मनाने हर साल छितकुल कंडे पहुंचते है। इस बार भारी संख्या में आने से कोरोना फैलने का खतरा हो सकता है। इस लिए छितकुल पंचायत ने छितकुल गांव के अलावा बाहरी क्षेत्र के लोगों को जन्माष्टमी पर्व पर गांव में आने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया है। लोगों से अपील की है कि कोविड-19 को लेकर सरकार की गाडलाइन का पालन करे।
किन्नौर जिला के लिप्पा में एक दर्दनाक हादसा सामने आया है। किन्नौर के लिप्पा मार्ग पर देर रात गांव लौट रहे युवको की कार दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस कार हादसे में चालक समेत तीन युवकों की मौत हो गई है चारों लोग लिप्पा गांव के हैं। जिससे पूरे गांव में शोक की लहर है। मृतक व्यक्तियों के परिजन को प्रशासन की तरफ से 10-10 हजार की फौरी राहत दी गई है। पुलिस के अनुसार बीती रात समय करीब 09.30 बजे रात एक कार HONDA W.R.V रंग काला जिसका न० DL-3CCM 2955 था, पिओ से लिप्पा की तरफ जा रही थी। जिसमें चार व्यक्ति सवार थे और सुरज कुमार S/O कृष्ण सेन निवासी लिप्पा व उम्र 30 वर्ष चला रहा था ।जब सुरज कुमार उक्त कार को चलाता हुआ चमरखा मोङ पहुंचा तो वह उक्त कार पर से अपना नियंत्रण खो बैठा और कार सङक से दाहिने तरफ ढांक से करीब 150 मीटर नीचे जा गिरी घटना की सूचना मिलते ही ग्रामवासियों ने सङक से नीचे नाले में जाकर मौका पर देखा तो कार चालक सुरज कुमार, सनम छेरिंग पुत्र हिरपाल सिंह उम्र 31 वर्ष व जगदीश चन्द पुत्र बुद्ध सागर उम्र 39 वर्ष निवासीगण लिप्पा मौका पर मृत पाए गए। तथा गंगा सेन पुत्र देवी राम निवासी लिप्पा व उम्र 41 वर्ष जख्मी हालत में पाया गया। जिसे मौका से निकालकर ग्रामवासी ने ईलाज के लिए PHC स्किबा ले जाने का प्रयास किया, परन्तु उस की रास्ते में ही मौत हो गई । पुलिस ने अभियोग संख्या 23/20 दिनांक 31/07/20 जेर धारा 279,304 A IPC पंजीकृत किया है। पुलिस जे अनुसारमृतकों का पोस्टमॉर्टम PHC लिप्पा में करवाया जा रहा है। सूचना मिलते ही मूरंग थाना से एसएचाओ, एआई, मुख्य आरक्षी, घटनास्थल पर पहुंचे। हादसे की पुष्टि एसपी किन्नौर एसआर राणा ने की है। उन्होंने कहा कि चार मृतकों के शव पोस्टमार्टम करवा परिजनों को सौंप दिए गए हैं। पुलिस ने मामला दर्ज कर हादसे के कारणों की छानबीन शुरू कर दी है।
उपायुक्त किन्नौर गोपाल चंद की अध्यक्षता में सेब सीजन की तैयारियों को लेकर एक बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त ने कहा कि इस वर्ष की परिस्थितियां बहुत ही चुनौती पूर्ण है। पूरा विश्व सहित आज हमारा किन्नौर जिला भी कोविड-19 महामारी से जूझ रहा है। ऐसे में इसका सामना हम सभी को मिलजुल कर करना होगा, जहां इस महामारी के संक्रमण को रोकने के लिए सरकार व जिला प्रशासन द्वारा समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों का पालन करना सुनिश्चित बनाना होगा, वहीं बागवानों के उत्पाद समय पर मण्डियों में पहुंचाने और उनका उचित मूल्य बागवानों को मिले यह भी सुनिश्चित बनाना होगा। उन्होंने बागवानो से यह भी आग्रह किया की वे बाहर से आने वाले सभी मजदूरों का स्वास्थ्य विभाग के दिशा-निर्देशों अनुसार क्वारंटाइन बनाना सुनिश्चित करे। गोपाल चंद ने कहा कि जिले में इस वर्ष 65 हजार 666 मीट्रिक टन सेब उत्पादन का अनुमान है, जिससे लगभग 32 लाख 83 हजार 300 सेब की पेटियों का अनुमान है। इन पेटियों को मण्डियों तक पहुंचाने के लिए लगभग 8 हजार 209 ट्रकों की आवश्यकता पड़ेगी। उन्होने कहा कि कल्पा उपमण्डल में इस वर्ष 28 हजार 716 मीट्रिक टन सेब के उत्पादन का अनुमान है, जिससे लगभग 14 लाख 35 हजार 800 बाॅक्स बनेगें और इनको मण्डियों तक पहुंचाने के लिए 3 हजार 590 ट्रकों की आवश्यकता होगी। इसी प्रकार निचार उपमण्डल में 12 हजार 150 मीट्रिक टन सेब उत्पादन की उम्मीद है जिससे लगभग 6 लाख 7 हजार 500 सेब बाॅक्स तैयार हांेगे और इसकी ढुलाई के लिए 1519 ट्रकों की आवश्यकता होगी। उन्होंने कहा कि पूह उपमण्डल में 24 हजार 800 मीट्रिक टन सेब उत्पादन का अनुमान है। यहां से 12 लाख 40 हजार सेब बाॅक्स की ढुलाई के लिए 3100 ट्रकों की आवश्यकता होगी। उपायुक्त ने किनफैड व अन्य सेब बाॅक्स व्यापार से जुड़े अन्य विक्रेताओं को कहा कि वे बागवानों की जरूरत के अनुसार समय पर सेब बाॅक्स उपलब्ध करवाऐं ताकि बागवानों को किसी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े। उन्होंने बागवानों से आग्रह किया की वे आढ़तियों व सेब व्यापारयों को अपने उत्पाद का सौदा करने से पूर्व उनके साथ लिखित एग्रीमेंट पंचायत प्रधान की उपस्थिति में अवश्य करवांए, ताकि धोखा-धड़ी आदि से बचा जा सके। उन्होंने कहा कि जिले में बहार से आने वाले सभी आढ़तियों व मजदूरों को क्वांरटीन करना आवश्यक बनाया गया है, ताकि कोरोना संक्रमण से बचा जा सके। उन्होंने राष्ट्रीय उच्च मार्ग, लोक निर्माण विभाग व बीआरओ को निर्देश दिए की सेब सीजन के दोरान सड़कों का बेहतर ढंग से रख-रखाव सुनिश्चित बनाएं, ताकि इस दौरान सेब ढुलाई में लगे वाहनों व अन्य वाहन चालकों को किसी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े। उन्होंने लोक निर्माण विभाग को संवेदनशील स्थानों के नजदीक मशीनरी तैनात करने के भी निर्देश दिए, ताकि आपात स्थिति में अवरूद्ध सड़कों को तत्काल खोला जा सके। उन्होंने लोक निर्माण विभाग को जिले के सभी मार्गों का सही प्रकार से रख-रखाव सुनिश्चित बनाने के निर्देश दिए ताकि सेब उत्पादकों को अपने उत्पाद मण्डियों तक पहुंचाने में कठिनाई न आए। उपायुक्त ने कहा कि सेब सीजन आरंभ होने पर किन्नौर जिले के मुख्य द्वार चोरा में उद्यान व पुलिस विभाग द्वारा एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया जाएगा, जहां पर सेब ढुलाई में लगे वाहनों का पंजीकरण सुनिश्चित बनाया जाएगा। उन्होंने जिला के अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी पूह व उपमण्डालाधिकारी कल्पा व निचार को निर्देश दिए की अपने-अपने संबधित क्षेत्रों में बाहर से सेब ढुलाई के लिए आने वाले वाहनों की पार्किंग के लिए स्थान चिन्हित करें, ताकि बागवानों की मांग पर यहीं से इन वाहनों को सेनेटाइज कर बागवानों तक पहुंचाया जा सके।
किन्नौर युवा कांग्रेस पदाधिकारियों प्रदेश युंका सचिव कुलवंत नेगी, तीनो ब्लॉक अध्यक्ष प्रशांत नेगी, श्यामननंद नेगी, महासचिव दयाल नेगी, यशवंत नेगी, कार्यालय सचिव भरत नेगी, मीडिया प्रभारी केसर नेगी, सचिव धर्मेश नेगी, सोमेश्वर नेगी, वेद, रोबिन नेगी, व अन्य ने रिकोंग पीओ में प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि नेगी निगम भंडारी ने पार्टी विरोधी कार्य करने व क्षेत्र में कांग्रेस को कमज़ोर करने की कोशिश की है। प्रेस को सम्बोधित करते हुए किन्नौर युवा कांग्रेस मीडिया प्रभारी केसर नेगी ने कहा कि किन्नौर में अधिवक्ता प्रताप नेगी के अध्यक्षता में एक निर्वाचित यूथ कांग्रेस इकाई कार्य कर रही है जिसे प्रदेश युवा कांग्रेस, स्थानीय ज़िला कांग्रेस कमेटी व स्थानीय विधायक की मान्यता प्राप्त है। पिछले कईं वर्षो से इस इकाई ने ज़मीन पर कांग्रेस पार्टी की मजबूती के लिए कार्य किया व पंचायती राज चुनावों व विधानसभा चुनावों में कांग्रेस प्रतियक्षियों की जीत में अहम भूमिका निभाई है। वहीं नेगी निगम व उनके शुभचिंतकों ने हमेशा पार्टी प्रतियक्षि को कमज़ोर करने की कोशिश की है।
आज सुबह करीब साढ़े 9 बजे बोलेरो कैंपर (एचपी 25ए 2733) निगुलसरी के पास 200 मीटर गहरी खाई में जा गिरी। वाहन में सवार तीन की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दो घायल हुए है। वाहन सांगला से ज्यूरी की ओर जा रहा था। जानकारी के अनुसार मृतकों की पहचान सूरज कृष्णा निवासी सांगला, सुरजीत सिंह व शकुंतला बोनिग सरिंग (सांगला) के रूप में हुई है। घायलों में वंशिका व तंज़ीन (सांगला) के रूप में हुई है।घटना की सूचना मिलते ही आसपास के ग्रामीण व पुलिस दल घटना स्थल पहुंचे। गहरी खाई से घायलों को सड़क मार्ग तक लाया गया व पीएचसी भावानगर में प्राथमिक उपचार के बाद रामपुर रैफर किया गया। मृतकों को पोस्टमार्टम के लिए पीएचसी भावानगर लाया गया।
किन्नौर युवा कांग्रेस की अति महत्वाकांक्षी मुहिम सैलूट फ्रंट लाइन के तहत युंका पिछले 2 महीने से स्वास्थ्य कर्मियों को सुरक्षा किट मुहैया करने में लगी है। आज कोरोना महामारी के दौर में फ्रंट लाइन हेल्थ वॉरियर्स का मनोबल बढ़ाने की मुहिम की कड़ी में पीएचसी स्किबा के अंतर्गत आने वाले रिब्बा, स्किबा, रिस्पा पंचायतों में कार्यरत 15 से अधिक स्वास्थ्य कर्मियों व आशा वर्कर्स को पूह युवा कांग्रेस सलाहकार तंज़ीन वांगचु, पूर्व बीडीसी पूह उपाध्यक्ष हीर चन्द्र नेगी, किन्नौर युंका उपाध्यक्ष विद्या नेगी व किन्नौर युवा कांग्रेस मीडिया प्रभारी केसर नेगी के सहयोग से लगभग 10,000 रुपये के स्वास्थ्य सुरक्षा उपकरण जैसे एन 95 मास्क, पीपीई किट व ग्लव्स का आवंटन किया गया। किन्नौर युवा कांग्रेस मीडिया प्रभारी केसर नेगी ने कहा कि पिछले 2 महीने से किन्नौर युवा कांग्रेस महामारी में जनता की मदद के लिये तरह तरह के मुहिम से जुड़ी है। युंका कार्यकर्ता जहां एक तरफ 10000 से अधिक हैंड मेड मास्क क्षेत्र में बांट चुकी है तो सेकड़ों प्रवासी मजदूरों को राशन व सैनिटीज़र्स आवंटित किया गया है। पिछले एक महीने से सैलूट फ्रंट लाइन वॉरियर्स मुहिम के तहत 50 से अधिक स्वास्थ्य कर्मियों को एन 95 मास्क, ग्लव्स व 20 से अधिक आशा वर्कर्स को पीपीई किट युंका पदाधिकारियों द्वारा दिया जा चुका है। केसर नेगी ने कहा कि आने वाले समय मे युंका किन्नौर के हर आशा वर्कर व स्वास्थ्य कर्मी तक पहुंचने का प्रयास करेगी।