-वापिस लौटने पर शिमला में कार्यकर्ताओं ने किया भव्य स्वागत मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का आज दिल्ली से वापिस शिमला लौटने पर भव्य स्वागत किया गया। कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं ने होटल मरीना से लेकर ओक ओवर तक मुख्यमंत्री पर पुष्प वर्षा की और ढोल-नगाड़ों के साथ उनका स्वागत किया। इससे पहले मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि हिमाचल प्रदेश के देवी-देवताओं और जनता की दुआओं से वह स्वस्थ होकर वापस लौटे हैं। उन्होंने कहा कि चिकित्सकों ने कुछ दिनों तक उन्हें आराम करने और समय पर खाना खाने की सलाह दी है, लेकिन वह सरकार की जिम्मेदारियों का भी निर्वहन करेंगे। उन्होंने राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि चार वर्षों में हिमाचल प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने और अगले 10 वर्षों में देश का सबसे समृद्ध राज्य बनाने का लक्ष्य रखा है और वर्तमान राज्य सरकार इसी दिशा में प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि 18 नवंबर को मंत्रिमंडल की बैठक भी रखी गई है। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि उनकी कुछ दिन की अनुपस्थिति के दौरान मंत्रिमंडल के सभी सदस्यों और अधिकारियों ने अपने दायित्व को बखूबी निभाया है, जिसके लिए वह उनके धन्यवादी हैं। एक प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि वह पांच राज्यों के चुनाव प्रचार में नहीं जाएंगे, लेकिन इन चुनावों में कांग्रेस की जीत निश्चित है। मुख्यमंत्री ने सभी प्रदेशवासियों को दीपावाली की शुभकामनाएं दी और प्रदेश में सुख-समृद्धि की कामना की। उन्होंने कहा कि अब सभी मिलकर दोबारा से विकास कार्यों में जुटेंगे और हिमाचल प्रदेश को विकास के रास्ते पर आगे लेकर जाएंगे। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल, उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान, शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह, मुख्य संसदीय सचिव चौधरी राम कुमार, संजय अवस्थी, आशीष बुटेल, विधायक, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार सुनील शर्मा, प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना सहित वरिष्ठ अधिकारी तथा विभिन्न बोर्डों एवं निगमों के अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष, कांग्रेस के पदाधिकारियों सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
शिक्षा विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि मेधा प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत सत्र 2023-24 के लिए उच्चतर शिक्षा विभाग द्वारा आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि इच्छुक एवं पात्र विद्यार्थी इस योजना का लाभ उठाने के लिए 25 नवम्बर, 2023 तक आवेदन कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के दृष्टिगत बारहवीं कक्षा तक के छात्र-छात्राएं अपना आवेदन संबंधित जिला के उच्चतर शिक्षा उप-निदेशक के पास डाक द्वारा अथवा ई-मेल के माध्यम से भेज सकते हैं। स्नातक स्तर के छात्र-छात्राएं अपना आवेदन पत्र अतिरिक्त/संयुक्त निदेशक (कॉलेज), शिक्षा निदेशालय के पास डाक अथवा ई-मेल medha.protsahan@gov.in के माध्यम से भेज सकते हैं। आवेदन जमा करवाने की अन्तिम तिथि 25 नवंबर निर्धारित की गई है और इसके उपरांत कोई भी आवेदन स्वीकार नहीं किया जाएगा। उन्होंने बताया कि एक ई-मेल से केवल एक ही आवेदन पत्र स्वीकार किया जाएगा। योजना से संबधित पूर्ण जानकारी उच्चत्तर शिक्षा निदेशक की वैबसाईट www.education.hp.gov.in पर उपलब्ध है। प्रवक्ता ने यह भी बताया कि योजना के तहत कोचिंग संस्थानों को उच्चतर शिक्षा विभाग को एक लाख रुपये की बैंक गारंटी जमा करवानी अनिवार्य है। यदि अभी तक किसी संस्थान द्वारा यह राशि जमा नहीं की होगी तो उन्हें यह तुरन्त प्रभाव से यह जमा करवानी होगी और तभी वह कोचिंग संस्थान इस उद्देश्य के लिए पात्र होगा।
सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेशों के अनुसार हिमाचल प्रदेश में दिवाली की रात 8 से 10 बजे के बीच ही ग्रीन पटाखे जलाए जा सकेंगे। राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सभी जिलों के उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षकों को पत्र लिखकर आदेशों को सख्ती से लागू करवाने के निर्देश दिए हैं। बोर्ड के सदस्य सचिव अनिल जोशी ने बताया कि एनजीटी की ओर से वायु प्रदूषण के लिहाज से अति संवेदनशील शहरों में पटाखों पर प्रतिबंध लगाया है। जबकि मॉडरेट और सामान्य श्रेणी में आने वाले शहरों में सिर्फ ग्रीन पटाखे दो घंटे चलाने की छूट दी गई है।
कृषि सचिव सी पालरासू ने बताया कि प्रदेश में गेहूं के बीज का उत्पादन बढ़ाने के दृष्टिगत विभाग द्वारा इस वर्ष 800 क्विंटल प्रजनक बीज राज्य के विभिन्न जिलों में आबंटित किया जा रहा है। इस वर्ष गेहूं के प्रजनक बीज का मूल्य 7050 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया है, जिसे विभाग के अपने फार्मों व पंजीकृत किसानों को वितरित किया जा रहा है। इसके अलावा गेहूं के प्रमाणित बीज पर राज्य सरकार द्वारा इस वर्ष 1500 रुपए प्रति क्विंटल की दर से अनुदान दिया जा रहा हैै। राज्य में किसानों की आर्थिकी को देखते हुए इस वर्ष लगभग 600 क्विंटल प्रजनक बीज किसानों में वितरित किया जा रहा है, प्रदेश सरकार द्वारा गेहूं के प्रजनक बीजों पर 3000 रुपए प्रति क्विंटल की दर से अनुदान देने का फैसला लिया है, जिसे सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। इसके अलावा 200 क्विंटल प्रजनक बीज जिलों में स्थित विभागीय फार्मों में उपलब्ध करवाया जाएगा। सरकार के इस निर्णय से किसानों में बीज उत्पादन के प्रति और ज्यादा जागरूकता आएगी व इससे प्रदेश में बीज उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा। कृषि निदेशक कुमद सिंह ने बताया कि प्रदेश में अधिकतर किसान लघु एवं सीमांत है। कृषि व्यवसाय की सफलता व पैदावार बहुत कुछ उच्च गुणवता बीजों की उपलब्धता पर निर्भर करती है। प्रदेश में उत्तम बीजों की मांग बढ़ती जा रही है क्योंकि कोरोना महामारी के बाद अधिकतर नौजवान कृषि से जुड़े है। विभाग खाद्यान्नों आदि के बीजों को प्रदेश में ही उत्पादित कर किसानों को वितरित करने की ओर आत्मनिर्भर हो रहा है।
-किन्नौर के श्यासो में बना 76 हजार लीटर की क्षमता वाला वाटर स्टोरेज टैंक -स्थानीय जनता ने श्रमदान से भी दिया निर्माण कार्य में सहयोग प्रदेश के शीत मरूस्थल क्षेत्रों में हरियाली लाने के लिए जाइका परियोजना की पहल का परिणाम सामने आने लगा है। ऐसे में जाहिर है कि जाइका प्रोजेक्ट से शीत मरूस्थल में हरियाली आने लगी है। जापान अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एजेंसी यानी जाइका वानिकी परियोजना के तहत जिला किन्नौर के श्यासो गांव में 76 हजार लीटर की क्षमता वाला सिंचाई जल भंडारण टैंक तैयार किया गया। इस कठिन एवं शीत भौगोलिक परिस्थिति के दायरे में आने वाले इस गांव की जनता के जज्बे को भी सलाम करना होगा। यह इसलिए कि वहां की जनता ने श्रमदान के माध्यम से एक लाख के अतिरिक्त बजट को कवर किया। प्राप्त जानकारी के मुताबिक जाइका प्राजेक्ट के तहत 76 हजार लीटर वाटर स्टोरेज टैंक निर्माण कार्य पूरा करने के लिए 6 लाख रुपये का खर्चा आया। जाइका की ओर से 5 लाख का बजट दिया गया और एक लाख का काम वहां के स्थानीय लोगों ने श्रमदान के माध्यम से किया। ऐसे में अब इस क्षेत्र में जल भंडारण टैंक के होने से पौधरोपन के बाद उन्हें सींचने में पानी की कमी नहीं सताएगी। इसके साथ-साथ इस वाटर स्टोरेज टैंक का लाभ वहां के लोगों की भूमि सुधार में भी मिलेगा। यही नहीं, बल्कि यहां कृषि योग्य भूिम पर कृषि भी हो पाएगी। जाइका प्रोजेक्ट के माध्यम से जल भंडारण टैंक बना तो लोगों ने खेतों तक सिंचाई जल की सप्लाई के लिए कुहलों का निर्माण भी कर दिखाया। इस परियोजना के तहत वहां की महिलाओं की आर्थिकी के सुधार के लिए स्वयं सहयाता समूह का गठन कर प्रशिक्षण का आयोजन एवं मशीनरी खरीदने में आर्थिक सहायता प्रदान कर रहा है। बता दें कि इस गाव में इससे पहले सिंचाई के लिए इस तरह की सुविधा उपलब्ध नहीं थी। जाइका परियोजना ने यहां टैंक निर्माण कर किसान एवं बागवानों को बेहतर सुविधा दी। हाल ही में हमारी टीम ने जिला किन्नौर के श्यासो गांव में निर्मित 76 हजार लीटर की क्षमता के जल भंडारण टैंक का निरीक्षण किया। जाइका परियोजना के तहत क्षेत्र में हो रहे विकास कार्यों से यहां के लोगों में काफी उत्साह है, जाइका परियोजना से लोगों को लाभ मिल रहा है। दूरदराज गांव श्यासो में वाटर स्टोरेज टैंक होने से यहां के किसान एवं बागवानों को सिंचाई की बेहतर सुविधा मिलेगी। बागवानों को मिली सिंचाई की बेहतर सुविधा जाइका वानिकी परियोजना के तहत जिला किन्नौर के श्यासो गांव में निर्मित जल भंडारण टैंक से अब वहां के किसान एवं बागवानों को सिंचाई की बेहतर सुविधा भी मिल रही है। गौरतलब है कि किन्नौर का श्यासो गांव काफी दुर्गम है और यहां बारिश न होने के कारण किसान एवं बागवानों को सिंचाई में काफी दिक्कतें आती हैं। हालांकि यहां कृषि एवं बागवानी लोगों की आर्थिकी का मुख्य साधन है, लेकिन सिंचाई के पानी की कमी के चलते लोगों को काफी परेशानियां होती थी। मगर जब से जाइका प्रोजेक्ट से यहां 76 हजार लीटर की क्षमता का टैंक तैयार किया उसके बाद यहां के किसान एवं बागवानों की तकदीर बदलने लगी है।
हिमाचल को पर्यटन राज्य बनाने के लिए साहसिक गतिविधियों पर दिया जा रहा ध्यान आधुनिक जरूरतों के अनुरूप पर्यटन गतिविधियों के विकास को दिया जा रहा बढ़ावा 'पर्यटक ग्राम' जहां हिमाचली संस्कृति से रू-ब-रू होंगे सैलानी हिमाचल प्रदेश की वर्तमान सरकार हिमाचल को पर्यटन राज्य के रूप में विकसित करने को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान कर रही है, ताकि युवाओं के लिए रोजगार तथा स्थानीय लोगों की आय में बढ़ोतरी सुनिश्चित की जा सके। इसके दृष्टिगत ट्रैकिंग, कंैपिंग, पैराग्लाइडिंग तथा रिवर राफ्टिंग जैसी साहसिक गतिविधियों को विशेष तौर पर बढ़ावा दिया जा रहा है। प्रदेश सरकार के प्रयास अब हकीकत में भी नज़र आने लगे हैं। हाल ही में हमीरपुर जिला के नादौन में ब्यास नदी में तीन दिवसीय एशियन राफ्टिंग चैंपियनशिप का सफल आयोजन किया गया। इसमें नेपाल, भूटान और कजाकिस्तान जैसे देशों से प्रतिभागियों ने भाग लिया। कुल्लू-मनाली के उपरान्त नादौन ब्यास नदी पर राफ्टिंग का नया केंद्र बनकर उभरा है। नादौन क्षेत्र में पर्यटन विकास के दृष्टिगत एशियन विकास बैंक की मदद से 2500 करोड़ रुपये की परियोजना भी प्रस्तावित है। इससे पूर्व बिलासपुर जिला में स्थित गोविन्द सागर झील में भी जल क्रीड़ा से संबंधित गतिविधियां आयोजित की गईं। मण्डी जिला के ततापानी में कोल बांध झील में भी जल क्रीड़ा पर आधारित साहसिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा रहा है। कांगड़ा जिला के पौंग डैम में वाटर स्पोर्ट्स, शिकारा, क्रूज़ तथा यॉट इत्यादि की भी व्यवस्था की जा रही है। प्रदेश सरकार पारम्परिक पर्यटन के साथ-साथ आधुनिक जरूरतों के अनुरूप पर्यटन गतिविधियों के विकास को बढ़ावा दे रही है। पर्यटन राजधानी कांगड़ा में अंतरराष्ट्रीय स्तर के गोल्फ कोर्स का निर्माण प्रस्तावित है। बनखण्डी में 300 करोड़ रुपये की लागत से चिड़िया घर का निर्माण किया जा रहा है। सरकार ने अपने प्रथम बजट में ही 60 करोड़ रुपये का प्रावधान इसके पहले चरण के निर्माण के लिए किया है। स्थानीय कला एवं संस्कृति को प्रोत्साहित करने के लिए 'पर्यटक ग्रामÓ की स्थापना भी की जा रही है। इसमें स्थानीय कला, संस्कृति, हस्तकला, संगीत इत्यादि को प्रसारित करते हुए स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान किए जाएंगे। पर्यटन क्षेत्र को नए आयाम देते हुए वरिष्ठ नागरिकों के लिए 'ओल्ड एज होमÓ विकसित किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त एशियन विकास बैंक की सहायता से 1311 करोड़ रुपये की एक व्यापक पर्यटन विकास योजना की घोषणा सरकार ने इस वर्ष के बजट में की है। इसके अंतर्गत कांगड़ा जिला में 390 करोड़ रुपये, हमीरपुर जिला में 257 करोड़ रुपये, कुल्लू जिला में 229 करोड़ रुपये, शिमला जिला में 123 करोड़ रुपये तथा मण्डी जिला में 138 करोड़ रुपये व अन्य स्थानों पर 174 करोड़ रुपये पर्यटन विकास पर व्यय किए जाएंगे। इसके तहत पर्यटन स्थलों पर आधुनिक सुविधाएं, इलैक्ट्रिक बसें, जल क्रीड़ा, थीम पार्क, सड़क किनारे प्रसाधन सहित अन्य सुविधाएं, उच्च स्तरीय फूड कोर्ट, विरासत स्थलों के सौन्दर्यकरण और ईको टूरिज्म के लिए विस्तृत कार्य योजना तैयार की गई है। ग्रीष्म एवं शीतकालीन खेलों का सुचारू आयोजन सुनिश्चित करने के दृष्टिगत शिमला आईस स्केटिंग रिंक का उन्नयन करने के साथ ही मनाली में आईस स्केटिंग तथा रोलर स्केटिंग का निर्माण किया जाएगा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का मानना है कि स्थानीय युवाओं को पर्यटन के साथ जोड़कर रोजगार के स्थायी अवसर सृजित किए जा सकते हैं। इससे पर्यटन विकास सुनिश्चित होगा और प्रदेश के राजस्व में भी बढ़ौत्तरी हो सकेगी। पर्यटन तथा आतिथ्य क्षेत्रों में क्षमता निर्माण से संबंधित प्रशिक्षण प्रदान कर युवाओं को पर्यटन क्षेत्र की वर्तमान आवश्यकताओं के अनुरूप दक्ष बनाने पर भी विशेष ध्यान केन्द्रित किया जा रहा है।
-एसआईटी के पास पहुंचा ढाई लाख निवेशकों का रिकॉर्ड -घोटाले में संलिप्त आरोपियों का जल्द होगा पर्दाफाश क्रिप्टोकरेंसी में निवेश का लालच देकर बनाई गई ढाई लाख निवेशकों की आईडी का पूरा रिकॉर्ड एसआईटी ने जुटा लिया है। ढाई लाख आईडी में नेता, डॉक्टर, अधिकारी, पुलिस, ठेकेदार और किसान शामिल हैं। अब यह देखा जा रहा है कि किस व्यक्ति ने डबल रिटर्न के लालच में कितने का निवेश किया है। किसके खाते में कितनी राशि आई है। इस रिकॉर्ड से एसआईटी जल्द ही घोटाले में संलिप्त आरोपियों का पर्दाफाश करेगी। इस मामले में और गिरफ्तारियां होनी हैं। 2000 करोड़ रुपये का घोटाला जांच में सामने आया है कि क्रिप्टोकरेंसी घोटाला में ढाई लाख के करीब लोगों की आईडी बनी और करीब 2,300 करोड़ रुपये की ट्रांजेक्शन सामने आई है। इसमें 2000 करोड़ का घोटाला है। आरोपियों ने साल दर साल धोखाधड़ी को अंजाम देने के लिए नए-नए नाम से कंपनियां बनाईं। अब तक की जांच में पूरे फ्रॉड का मास्टरमाइंड सुभाष और अभिषेक को माना जा रहा है। इसके साथ ही घोटाले में संलिप्त कुछ अन्य आरोपियों को भी विभिन्न कपंनियों के एमएलएम से जुड़े बिजनेस में काम करने का अनुभव था। ऐसे में घोटाले से जुड़ी गैंग के सदस्यों को मालूम था किस तरह से लोगों को लालच देकर में जल्द से जल्द चेन को आगे बढ़ाना है। यही कारण रहा कि चंद सालों में करोड़ रुपये के घोटाले को अंजाम देने में आरोपी सफल रहे। इसी बीच जब आरोपियों को पूरे खेल का भंडाफोड़ होने का अंदेशा हुआ तो मास्टर माइंड सुभाष पुलिस का शिकंजा कसने से पहले ही विदेश फरार हो गया। कई आरोपी भूमिगत हो गए। पुलिस एसआईटी घोटाले में अब तक साढ़े 9 करोड़ की संपत्तियों को सीज किया जा चुका है। एसआईटी की ओर से इन दिनों आरोपियों की संपत्तियों को सीज करने का सिलसिला जारी है।
अग्निपथ योजना के तहत सेना में भर्ती के लिए सोलन, शिमला, सिरमौर और किन्नौर ज़िलों के उन उम्मीदवारों को शारीरिक परीक्षा के लिए प्रवेश पत्र जारी कर दिए गए हैं जिन्होंने ऑनलाइन परीक्षा उत्तीर्ण कर ली है। यह जानकारी भर्ती कार्यालय शिमला की निदेशक कर्नल पुष्विन्दर कौर ने दी। कर्नल पुष्विन्दर कौर ने कहा कि इस भर्ती रैली का आयोजन शिमला ज़िला के रामपुर बुशहर स्थित प्रिथी मिलिट्री स्टेशन अवेरीपट्टी में 18 नवम्बर से 24 नवंबर के मध्य किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 18 नवंबरको इस रैली में सोलन ज़िला की अर्की तहसील और शिमला ज़िला की सभी तहसीलों के उम्मीदवार भाग ले सकेंगे। 19 नवंबर को सोलन ज़िला की बद्दी तहसील के अतिरिक्त अन्य सभी तहसीलों के उम्मीदवार भाग ले सकेंगे। उन्होंने कहा कि 20 नवंबर को सोलन ज़िला की बद्दी तहसील के साथ सिरमौर ज़िला की हरिपुरधार, नारग, पझौता, माजरा, कमरउ, नाहन, नोहरा, रोनहाट तथा शिलाई तहसीलों के उम्मीदवार भाग ले सकेंगे। उन्हांने कहा कि 21 नवंबर को सिरमौर ज़िला की पांवटा साहिब, राजगढ़, रेणुका, पच्छाद और ददाहू तहसीलों के उम्मीदवारों की शारीरिक परीक्षा आयोजत की जाएगी। निदेशक भर्ती ने कहा कि 22 नवंबर को सोलन, शिमला और सिरमौर ज़िलों के अग्निवीर टैक्नीकल, अग्निवीर लिपिक, स्टोरकीपर टैक्नीकल और अग्निवीर ट्रेड्समैन तथा किन्नौर ज़िला के अग्निवीर जनरल डयूटी, अग्निवीर टैक्नीकल, अग्निवीर लिपिक, स्टोरकीपर टैक्नीकल और अग्निवीर ट्रेड्समैन पद के लिए उम्मीदवार भर्ती रैली में भाग लेंगे। कर्नल पुष्विन्दर कौर ने कहा कि शारीरिक परीक्षा उत्तीर्ण उम्मीदवारों की अगले दिन चिकित्सा परीक्षा आयोजित होगी। उन्होंने कहा कि शारीरिक परीक्षा के तहत युवाओ को 1.6 किलोमीटर की दौड़ लगानी होगी। कम से कम 6 और अधिकतम 10 पुलअप करने होंगे। 09 फीट गड्ढे को पार करना होगा और जिग ज़ैग बैलेंस दिखाना होगा। कर्नल पुष्विन्दर कौर ने कहा कि उम्मीदवारों को अपने साथ 10वीं, 12वीं पास अंकतालिका, मूल निवास स्थाई प्रमाण पत्र, डोगरा, अल्पसंख्यक प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण, चरित्र प्रमाण पत्र केवल नायब तहसीलदार अथवा तहसीलदार द्वारा ऑनलाइन जारी किया हुआ लाना होगा। उन्होंने कहा कि उम्मीदवार को साथ में शपथ पत्र (भर्ती नोटिफिकेशन के अनुसार), 20 रंगीन पासपोर्ट साइज फोटो और अविवाहित होने का प्रमाण पत्र भी लाना होगा। उन्होंने कहा कि जिन उम्मीदवारों के पास टेक्निकल शिक्षा प्रमाण पत्र, एनसीसी और वैध खेलकूद प्रमाण पत्र हों तो वह इन्हें अपने साथ जरूर लाएं। जिन उम्मीदवारों के पिता सेवानिवृत या सेवारत हैं वे उम्मीदवार रिलेशनशिप प्रमाण पत्र एवं साथ में डिस्चार्ज बुक की कॉपी लेकर आएं। कर्नल पुष्विन्दर कौर ने कहा कि भर्ती रैली के लिए प्रवेश पत्र रंगीन एवं हाई रिजोल्यूशन में प्रिंट होना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रवेश पत्र (एडमिट कार्ड) डाउनलोड करने में समस्या होने पर युवा भर्ती कार्यालय शिमला में संपर्क कर सकते हैं। कर्नल पुष्विन्दर कौर ने कहा कि सेना में भर्ती नि:शुल्क है और यह प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी एवं उम्मीदवार की काबिलियत पर निर्भर करती है। उन्होंने उम्मीदवारों से आग्रह किया कि भर्ती के लिए दलालों के बहकावे में न आएं।
खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि विभाग द्वारा उपभोक्ताओं के राशन कार्ड की ई-केवाईसी करवाने की तिथि 30 नवंबर तक बढ़ा दी गई है। पहले यह 31 अक्तूबर तक निर्धारित की गई थी। उन्होंने कहा कि कुछ उपभोक्ता अपना व अपने परिवार के सदस्यों का ई-केवाईसी करवाने से वंचित रह गए थे। विभाग द्वारा ऐसे लोगों की सुविधा के लिए ई-केवाईसी प्रक्रिया पूर्ण करने की तिथि बढ़ाई गई है। विभाग द्वारा राशन वितरण में पारदर्शिता लाने के लिए ई-केवाईसी के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि राशन कार्ड में दर्ज व्यक्ति का नाम, जन्मतिथि तथा लिंग, आधार में दर्ज डाटा के अनुरूप हो, इसके दृष्टिगत प्रदेश भर में ई-केवाईसी की प्रक्रिया आरम्भ की गई है। उन्होंने सभी उपभोक्ताओं से आग्रह किया कि वे ई-केवाईसी की प्रक्रिया को सयमबद्ध पूर्ण करने में सहयोग प्रदान करें। सरकार की
-'मेरी माटी, मेरा देश' कार्यक्रम में हिमाचल की रही शानदार भागीदारी 'मेरी माटी, मेरा देश' कार्यक्रम के अंतर्गत वीरभूमि हिमाचल के गांवों की मिट्टी लेकर दिल्ली पहुंचे 143 युवाओं ने केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण और युवा एवं खेल मामलों के मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर के साथ कर्तव्य पथ पर विशाल कलश में अर्पित की। इसी विशाल कलश की मिट्टी से कर्तव्य पथ पर अमृत उद्यान का निर्माण होगा। इस दौरान मीडिया कर्मियों से वार्तालाप करते हुए ठाकुर ने बताया कि हमारी वीरभूमि हिमाचाल वीरों की जननी है, वीरों की भूमि है। वीरभूमि हिमाचल प्रदेश बलिदानियों की भूमि है। यहां गांव के गांव हमारे वीरों के किस्सों से पटे पड़े हैं। मेरी माटी मेरा देश हमारे शहीदों, स्वतंत्रता संग्राम के गुमनाम नायकों को याद करने का उन्हें श्रद्धांजलि देने का प्रयास है। मेरी माटी, मेरा देश आजादी के अमृत महोत्सव का अंतिम कार्यक्रम है। पूरे देश ने पिछले दो वर्षों में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया। लाखों कार्यक्रम हुए, करोड़ों लोग इससे जुड़े। माननीय प्रधानमंत्री जी ने मेरी माटी, मेरा देश कार्यक्रम की शुरुआत करने को कहा तो पूरे देश के 6 लाख से ज्यादा गांवो और 7500 ब्लॉक्स में अमृत कलश यात्राएं निकलीं और मिट्टी इक_ा की गई और हिमाचल प्रदेश ने भी इसमें बढ़-चढ़कर भाग लिया। पूरे देश से इक_ी की गई इस मिट्टी से कर्तव्य पथ पर अमृत उद्यान बनेगा। आज विजय चौक से लेकर इंडिया गेट तक युवाओं का हुजूम देश की मिट्टी को नमन और वीरों का वंदन करने हेतु जमा है। केंद्रीय मंत्री ने आगे बताया कि कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस कार्यक्रम का विधिवत समापन कर देशवासियों को संबोधित करेंगे। आज कर्तव्य पथ पर आपकी विशाल कलश देख सकते हैं जिसमें पूरे देश के 6 लाख गांव से आई मिट्टी रखी गई है।तमिलनाडु से लेकर जम्मू कश्मीर तक और नागालैंड से लेकर गुजरात तक संपूर्ण देश के युवाओं में देशभक्ति की भावना कूट-कूट कर भरी है। आज तपती धूप में पूरे देश से युवा नई दिल्ली में एकत्रित हैं। हाथों में तिरंगा लिए युवाओं का जोश देखते ही बनता है।
-राज्य स्तरीय किन्नौर महोत्सव के प्रथम दिन बतौर मुख्य अतिथि की शिरकत 30 अक्तूबर से 2 नवंबर तक किन्नौर जिला के रिकांगपिओ स्थित मिनी स्टेडियम में आयोजित किए जा रहे राज्य स्तरीय किन्नौर महोत्सव-2023 के प्रथम दिन मुख्य अतिथि शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि मेले एवं त्यौहार हमारी समृद्ध संस्कृति के परिचायक होते हैं तथा आपसी सद्भाव व भाईचारा बढ़ाने में अहम भूमिका निभाते हैं। शिक्षा मंत्री ने जिला किन्नौर की संस्कृति एवं अलौकिक सौंदर्य की प्रशंसा करते हुए कहा कि जनजातीय जिला किन्नौर प्रकृति के सौंदर्य से भरपूर है। जिला किन्नौर अपनी समृद्ध संस्कृति, वेश-भूषा, खान-पान व पहरावे के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है। यहां के लोगों का जीवन कठिन होने के बावजूद भी लोगों में सरलता व विनम्रता होने के साथ-साथ सभी के प्रति आदर का भाव है जो जिला किन्नौर को अन्य जिलों से अलग बनाता है। उन्होंने कहा कि आज के इस बदलते परिवेश के उपरांत भी जिला किन्नौर के लोग अपनी मूल संस्कृति से जुड़े हैं तथा अपनी सांस्कृतिक धरोहरों, रीति-रिवाजों को कायम रखे हुए हैं। शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य की समृद्ध संस्कृति विशेषकर जनजातीय क्षेत्रों की संस्कृति के संरक्षण के लिए वचनबद्ध है तथा संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयासरत है। इसके अतिरिक्त प्रदेश सहित जनजातीय जिलों में बागवानी को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा सेब की फसल को प्रति रुपये किलो के भाव से खरीदने का निर्णय लिया गया जो प्रदेश सहित जिला किन्नौर के बागवानों के हितकारी निर्णय है तथा किसान व बागवान लाभान्वित हो रहे हैं। इस अवसर पर मुख्य अतिथि ने विभिन्न विभागों द्वारा लगाई गई प्रदशर्नियों का अवलोकन भी किया तथा महोत्सव के दौरान आयोजित की जा रही विभिन्न खेल-कूद प्रतियोगिताओं का शुभारंभ भी किया। उपायुक्त किन्नौर एवं अध्यक्षा मेला समिति किन्नौर तोरूल रवीश ने मुख्य अतिथि तथा अन्य गणमान्य व्यक्तियों को स्मृति चिन्ह व खतक भेंट कर स्वागत किया तथा महोत्सव में पधारने के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने उपस्थित जनों को महोत्सव के दौरान होने वाली गतिविधियों से भी अवगत करवाया। इस दौरान हिमालयन पब्लिक स्कूल की छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना भी प्रस्तुत की गई। इसके अलावा पाईनवुड पब्लिक स्कूल की छात्रा नायरा नेगी ने शास्त्रीय नृत्य प्रस्तुत कर उपस्थित जनों को आनंदित किया। मेले के प्रथम दिन पहाड़ी संध्या, किन्नौरी संध्या व प्रथम सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया जिसमें जिला किन्नौर व प्रदेश के अन्य नामी कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति दी। प्रदेश के नामी कलाकार विक्की चौहान, तांतरा बॉयज व अभिज्ञा बैंड के कलाकारों ने अपनी कला का प्रदर्शन कर सांस्कृतिक संध्या का समा बांधा। इस अवसर पर रामपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक नंद लाल व पूर्व मुख्य संसदीय सचिव सोहन लाल बतौर विशेष अतिथि उपस्थित रहे। इसके अलावा निदेशक, हिमाचल प्रदेश सहकारी बैंक विक्रम सिंह नेगी, पूर्व जिला परिषद सदस्य श्री उमेश नेगी, पुलिस अधीक्षक विवेक चाहल सहित पंचायती राज संस्थाओं के जन-प्रतिनिधियों सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
-प्रदेश सचिवालय में भी गैर फॉर्मल कपड़े पहनने पर होगी अनुशासनात्मक कार्रवाई -प्रधान सचिव सामान्य प्रशासन भरत खेड़ा ने जारी किया सर्कुलर प्रधान सचिव सामान्य प्रशासन भरत खेड़ा ने एक सर्कुलर जारी किया है, जिसके अनुसार हिमाचल प्रदेश सचिवालय समेत सरकारी दफ्तरों में अधिकारी और कर्मचारी अगर जीन, टी-शर्ट या अन्य गैर फॉर्मल कपड़े पहनकर आए तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी। प्रदेश हाईकोर्ट और अन्य अदालतों में भी अधिकारियों और कर्मचारियों को फॉर्मल ड्रेस पहनकर ही जाना होगा। इसके अलावा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को वर्दी पहन कर ही कार्यालय में आना होगा। सर्कुलर में स्पष्ट किया गया है कि प्रदेश उच्च न्यायालय ने वर्ष 2017 में इस संबंध में निर्देश जारी किए थे। उसके बाद कार्मिक विभाग ने सभी विभागों को दिशा-निर्देश तैयार कर जारी किए थे, जिसमें ड्रेस कोड के बारे में जानकारी दी थी। इसमें स्पष्ट किया था कि सरकारी अधिकारी और कर्मचारी उपयुक्त, औपचारिक, साफ और अच्छे दिखने वाले और सही रंग के कपड़े पहनकर ही सरकारी दफ्तर में आएंगे। वे उच्च न्यायालय या अन्य अदालतों में उपस्थित होते हुए भी फॉर्मल और सही तरीके के कपड़े पहनेंगे। इस सर्कुलर के अनुसार हालांकि यह ध्यान में आया है कि इन निर्देशों की ठीक से अनुपालना नहीं की जा रही है। यही नहीं, प्रदेश के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भी सही कपड़ों में नहीं पहुंच रहे हैं। उनके लिए पहले से ही वर्दी तय है। अधिकारियों और कर्मचारियों के कपड़े पहनने का अंदाज कार्यालय की व्यावसायिकता, गंभीरता और अनुशासन की शैली को भी प्रदर्शित करता है। ऐसे में राज्य सचिवालय के सभी अधिकारी और कर्मचारी इन निर्देशों की अनुपालना करें। अगर इस संबंध में किसी भी तरह की कोताही बरती जाती है तो ऐसे में अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए कंडक्ट रूल्स में प्रावधान होने की भी बात की गई। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों में केवल वही वर्दी नहीं पहनेंगे, जिन्हें इससे पहले अनिवार्य नहीं किया गया है।
जिला प्रशासन किन्नौर, भाषा कला एवं संस्कृति विभाग तथा हिमाचल प्रदेश पर्यटन विभाग के सहयोग से 22 से 24 अक्टूबर, 2023 तक जिला किन्नौर में छुक्षिम जिसका अर्थ है मिलना शीर्षक से पहला जनजातीय साहित्य-सह-भ्रमण महोत्सव आयोजित किया गया। इस तीन दिवसीय जनजातीय साहित्य-सह-भ्रमण महोत्सव में जनजातीय जिला की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने और संरक्षित करने और राज्य के लेखकों और पाठकों को एक साथ लाने के साथ-साथ जिले में साहित्यिक माहौल स्थापित करने और पर्यटन क्षमता का दोहन करने का सफल प्रयास किया गया। महोत्सव के प्रथम दिन पदमश्री विद्यानंद सरैक ने मुख्य वक्ता पद्मश्री विद्यानंद सरैक ने अपने जीवन के अनुभव को सांझा कर उपस्थित लोगों का ज्ञानवर्धन किया व साथ ही संगीत, कला तथा हिमाचली संस्कृति को प्रस्तुत कर कार्यक्रम का समा बांधा। पदमश्री विद्यानंद सरैक ने विस्तारपूर्वक हिमाचल की संस्कृति व कला के बारे में जानकारी प्रदान की। उन्होंने हिमाचल के सभी जिलों के लोक गीतों को स्वरबद्ध करते हुए संपूर्ण हिमाचली संस्कृति का प्रस्तुतिकरण किया। इसके उपरांत प्रोफेसर विद्या सागर नेगी ने किन्नौर जिला के इतिहास व समृद्ध संस्कृति के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने अपने साहित्यिक अनुभव को सांझा करते हुए कहा कि जिला किन्नौर का अत्यंत प्राचीन व गूढ़ इतिहास है। उन्होंने उपस्थित लोगों को जिला किन्नौर की भौगोलिक व सांस्कृतिक धरोहरों के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने लोगों से अपनी संस्कृति के संरक्षण व संवर्धन के लिए आगे आने को भी कहा। जनजातीय साहित्य सह भ्रमण महोत्सव में प्रदेश व जिला के प्रसिद्ध साहित्यकारों के मध्य एक पैनल चर्चा का भी आयोजन किया गया जिसमें साहित्यकारों द्वारा अपने-अपने साहित्य के क्षेत्र से संबंधित विचार रखे गए तथा एक साहित्यिक वातावरण स्थापित किया गया। महोत्सव के दूसरे दिन साहित्यकार एवम सेवानिवृत आईएएस दीपक सानन ने अपने जीवनकाल के अनुभव को सांझा किया और प्रदेश सहित जिला किन्नौर के इतिहास, संस्कृति व रीति रिवाजों से उपस्थित जनों को अवगण करवाया। किन्नौर जिला के जंगी गांव से संबंधित सेवानिवृत्त आईएएस शरब नेगी ने अपने साहित्यिक सफर को प्रस्तुत करते हुए कहा कि किसी भी प्रदेश व क्षेत्र के साहित्यिक विकास में युवा पीढ़ी का एहम योगदान होता है। उन्होंने किन्नौर जिला की सांस्कृतिक विशेषताएं व चुनौतियों के बारे में सभी को विस्तृत रूप से जानकारी प्रदान की। प्रोफैसर स्नेह लता नेगी ने अपनी कविता के माध्यम से जहां महिला सशक्तिकरण व जिला किन्नौर की संस्कृति तथा अलौकिक सौंदर्य को शब्दों की माला में पिरोहकर कार्यक्रम का समा बांधकर उपस्थित जनों को संस्कृति व रीति रिवाजों से अवगत करवाया वहीं प्रोफैसर ईशान मार्वल ने अंग्रेजी व हिंदी कविता के माध्यम से विभिन मुद्दों पर सामाजिक दृष्टिकोण प्रस्तुत किया। जनजातीय साहित्य महोत्सव के तीसरे व अंतिम दिन सचिव भाषा कला एवम संस्कृति विभाग राकेश कंवर ने जनजातीय साहित्य उत्सव के आयोजन पर बधाई दी और कहा की इन आयोजनों से जनजातीय क्षेत्रों की समृद्ध संस्कृति को बढ़ावा मिलता है और साहित्य का वातावरण स्थापित होता है। उन्होंने साहित्यिक वातावरण स्थापित करने की विशेषता पर बल दिया और पढ़ने की आदत को विकसित करने को कहा। कार्यकर्म में साहित्यकारों की चर्चा भी आयोजित की गई जिसमे दीपक सानन, शरभ नेगी और यशिका सिंगला ने भाग लिया और जनजातीय साहित्य, जनजातीय संस्कृति के संरक्षण, जलवायु परिवर्तन का संस्कृति पर प्रभाव, इत्यादि पर चर्चा की। हिमाचल की प्रसिद्ध लेखिका मीनाक्षी कंवर ने अपनी साहित्यिक सफर सांझा करते हुए कहा की उनके द्वारा 26 पुस्तके लिखी गई है। उन्होंने कहा की उपस्थित विद्यार्थियों और अतिथियों को अपने विचारों का लेखन कर लिखने की शुरुआत करने की प्रेरणा दी। ट्राइबल गर्ल के नाम से प्रसिद्ध लाबरंग की अमिता छोरगिया नेगी ने भी जनजातीय संस्कृति पर किए जा रहे कार्यों पर अपनी प्रस्तुति दी। महोत्सव के तीनों दिन आर्ट गैलरी तथा स्वयं सहायता समूहों द्वारा स्थानीय उत्पादों व हथकरघा उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई गई।
राज्य स्तरीय किन्नौर महोत्सव-2023 के दौरान आयोजित की जाएगी प्रतियोगिता राज्य स्तरीय किन्नौर महोत्सव में मिस-किन्नौर प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। यह प्रतियोगिता 30 अक्तूबर से 2 नवंबर तक आयोजित की जाएगी। यह जानकारी उपायुक्त एवं अध्यक्ष मेला समिति किन्नौर तोरूल रवीश ने दी। उन्होंने बताया कि मिस-किन्नौर प्रतियोगिता के लिए प्रतिभागी की उम्र 15 से 25 साल तक होनी चाहिए। प्रतिभागी की ऊंचाई 5 फीट 5 इंच व प्रतिभागी बोनेफाईड हिमाचली होनी चाहिए। इसके अलावा प्रतिभागी अविवाहित होनी चाहिए। यह प्रतियोगिता नि:शुल्क रहेगी। उन्होंने बताया कि प्रतियोगिता के लिए आवेदन देने की अंतिम तिथि 28 अक्तूबर निर्धारित की गई है। प्रतिभागी को आवेदन प्राचार्य ठाकुर सेन नेगी महाविद्यालय रिकांगपिओ के कार्यालय में आकर जमा करवाना होगा। इसके अलावा ऑनलाइन माध्यम से आवेदन दिया जा सकता है, इसके लिए प्रतिभागी negijanak@gmail.com ई-मेल के माध्यम से आवेदन दे सकता है। इसके अलावा किसी भी जानकारी के लिए 70189-03118 नंबर पर संपर्क किया जा सकता है।
ग्रीनबेरी संस्था ने दोनों विजेता टीमों को 31-31 हजार रुपये देकर किया सम्मानित ठियोग के नेहरू मैदान में महिलाओं के लिए विभिन्न तरह की प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। इसमें ग्रीनबेरी आरकेजी ग्रुप व ग्रीनबेरी वेल्फेययर फाउंडेशन के संस्थापक राजेश कुमार गुप्ता ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। इस दौरान राजेश गुप्ता ने महिलाओं के लिए रस्सा कस्सी व लोक नृत्य जैसी प्रतियोगिताओं के आयोजन के लिए समस्त आयोजनकर्ताओं को सराहना की। रस्सा कस्सी में 14 टीमों ने हिस्सा लिया। इसमें कलिंडा मतियाना टीम ने प्रथम स्थान हासिल किया। इस दौरान कलिंडा मतियाना टीम को ग्रीनबेरी संस्था ने 31000 रुपये देकर सम्मानित किया। वहीं दूसरे स्थान पर रही शिव शक्ति मतियाना टीम को 15000 रुपये देकर सम्मानित किया गया। इसके अलावा लोक नृत्य प्रस्तुति प्रतियोगिता में 10 टीमों ने हिस्सा लिया और प्रथम पुरस्कार जीतने वाली शिव शक्ति मतियाना टीम को 31000 रुपये देकर सम्मानित किया गया। वहीं दूसरे स्थान पर रही मलेनडी की टीम को 15000 रुपये देकर नवाजा गया। राजेश गुप्ता ने बताया कि उनकी संस्था लगातार प्रयासरत है कि महिलाओं के लिए ऐसे कार्यक्रम होते रहें। इस मौके पर संस्था के संस्थापक ने बीपीएल परिवार में जन्मी बेटी के माता-पिता को ग्रीनबेरी संस्था द्वारा करवाई गई एलआईसी भी सौंपी।
हिमाचल प्रदेश के लोगों की सुविधा को देखते हुए राज्य सरकार ने सफेदा, पॉपलर, बांस की लकड़ी के साथ-साथ कुठ (औषधीय पौधे) को प्रदेश से बाहर ले जाने पर लगी रोक को हटा दिया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस संबंध में जानकारी प्रदान करते हुए आज यहां कहा कि अब राज्य के लोग इन चार प्रजाति की लकड़ी को बिना परमिट के प्रदेश से बाहर ले जा सकते हैं। साथ ही इन प्रजाति की लकड़ी की ढुलाई राज्य के भीतर भी बिना अनुमति के हो पाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य में बहुत से किसान इन प्रजाति के पेड़ों को व्यवसायिक स्तर पर उगाते हैं, ऐसे में उनके हितों को देखते हुए राज्य सरकार ने इन चार प्रजातियों पर लगे प्रतिबंध को हटाने का निर्णय लिया है। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि इसके अतिरिक्त प्रदेश सरकार ने खैर की लकड़ी, कत्था, देवदार के तेल सहित प्रदेश में उगने वाली अन्य जड़ी-बूटियों को प्रदेश से बाहर ले जाने पर लगे प्रतिबंध को भी हटा दिया है। हालांकि इन वन उत्पादों को प्रदेश से बाहर ले जाने के लिए वन विभाग से परमिट लेना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार वन विभाग से विभिन्न प्रकार के ई-परमिट प्राप्त करने के लिए हिमाचल प्रदेश में नेशनल ट्रान्ज़िट पास सिस्टम शुरू करने जा रही है। यह सिस्टम शुरू करने वाला हिमाचल प्रदेश देश का छठा राज्य होगा, जिसके शुरू होने से जहां लोगों को ई-परमिट प्राप्त करने में सुविधा होगी, वहीं विभाग के कार्यों में पारदर्शिता और दक्षता आएगी।
-पंचायती राज मंत्री बोले, प्रदेश की स्थिति सुधरने पर पूरी करेंगे मांगें -टर्मिनेशन लेटर भी लिए जाएंगे वापस जिला परिषद कैडर अधिकारी व कर्मचारियों की २२ दिनों से चली आ रही हड़ताल आज समाप्त हो गई। सोमवार से सभी कर्मचारियों व अधिकारियों ने कार्य पर लौटने का फैसला लिया है। शनिवार को जिला परिषद कर्मचारी महासंघ का एक प्रतिनिधिमंडल पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह से मिला और लगभग एक घंटे तक चली बैठक के बाद सरकार की ओर से मिले आश्वासन पर हड़ताल समाप्त करने का फैसला लिया गया। पंचायती राज मंत्री ने कर्मचारियों को चरणबद्ध तरीके से उनकी मांगें पूरी करने का आश्वासन दिया है। वहीं, पंचायती राज मंत्री ने कहा कि आज जिला परिषद कर्मियों का प्रतिनिधिमंडल उनसे मिला और बैठक की गई, जिसमें उन्हें विश्वास दिलवाया गया है कि उनकी मांगें सरकार चरणबद्ध तरीके से पूरा करेगी। उन्होंने कहा कि इनकी हड़ताल के चलते आपदा के समय कार्य में रुकावट आ रही थी। उन्होंने कहा कि 30 अक्टूबर को कर्मचारियों व अधिकारियों की महत्वपूर्ण बैठक रखी गयी है, जिसमें इनकी सभी मांगों पर मंथन किया जाएगा। मंत्री ने कहा कि जिन कर्मचारियों को बर्खास्तगी पत्र जारी किए गए थे, सोमवार को काम पर लौटने पर उनके टर्मिनेशन लेटर भी वापस ले लिए जाएंगे।
खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि राशन वितरण में पारदर्शिता लाने के लिए उपभोक्ताओं के राशन कार्डों में उनकी आधार संख्या पंजीकृत की जा रही है। ई-केवाईसी के माध्यम से यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि राशन कार्ड में दर्ज व्यक्ति का नाम, जन्म तिथि तथा लिंग, आधार में दर्ज डाटा के अनुसार ही हो। इस प्रक्रिया को 31 अक्तूबर पूर्ण किया जा रहा है। प्रवक्ता ने बताया कि विभागीय सर्वर में अचानक आई तकनीकी समस्या के दृष्टिगत ई-केवाईसी की प्रक्रिया बाधित हो गई थी, जिसे दुरूस्त किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 21 अक्तूबर से ई-केवाईसी की प्रक्रिया पुन: सुचारू रूप से कार्य करना आरंभ कर देगी। उन्होंने उपभोक्ताओं से अपील की है कि संबंधित उचित मूल्य की दुकान पर जाकर ई-केवाईसी की प्रक्रिया पूर्ण करने के लिए विभाग का सहयोग करें। उन्होंने कहा कि यदि किसी उचित मूल्य की दुकान में राशन प्राप्त करने में कोई असुविधा हो रही हो तो इसका समाधान 24 अक्तूबर तक कर दिया जाएगा।
सहायक अभियंता विद्युत उपमंडल पूह पीसी नेगी ने जानकारी देते हुए बताया कि 66 केवी अकपा-पूह सिंगल सर्किट ट्रांसमिशन लाईन में मरम्मत कार्य के चलते सुन्नम वैली, पूह, हंगरंग वैली, खाब, नमज्ञां, डूबलिंग व समस्त स्पीति खण्ड में 21, 28 अक्तूबर तथा 5 नवंबर को प्रात: 7 बजे से दोपहर ं2 बजे तक विद्युत आपूर्ति बाधित रहेगी। उन्होंने विद्युत आपूर्ति की असुविधा के चलते जनसाधारण से सहयोग की अपील की है।
-मुख्यमंत्री सुक्खू ने किया मिल्कफेड के नए उत्पादों का शुभारंभ मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां ओक ओवर से मिल्कफेड के नए उत्पादों का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने दुग्ध प्रसंघ को बाजार में मांग आधारित उत्पाद तैयार करने के निर्देश देते हुए कहा कि राज्य सरकार गुणवत्तापूर्ण उत्पाद तैयार करने में हर संभव सहायता प्रदान करेगी। त्योहारों के मौसम को देखते हुए हिमाचल प्रदेश मिल्कफेड ने गिफ्ट पैक, शादी की भाजी और शुगर फ्री मिठाइयां बाज़ार में उतारी हैं। नए गिफ्ट पैक तीन तरह की पैकिंग में उपलब्ध होंगे, जिनका मूल्य क्रमश: 620, 1000 तथा 1500 रुपए रखा गया है। मिल्कफेड के सभी बिक्री केंद्रों तथा जिला मुख्यालयों पर यह उपलब्ध होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला कांगड़ा के डगवार में लगभग 226 करोड़ रुपये की लागत से 'स्टेट ऑफ द आर्टÓ दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र का निर्माण प्रस्तावित है, जहां दूध के अनेक तरह के उत्पाद तैयार किए जाएंगे। इसके साथ-साथ अन्य संयंत्रों में भी आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने अपने प्रतिज्ञा-पत्र में किसानों से 80 रुपए प्रति किलो गाय का दूध और 100 रुपये प्रति किलो भैंस का दूध खरीदने का वादा किया है, जिसके लिए मिल्कफेड के प्लांट को आधुनिक बनाया जा रहा है, ताकि किसानों से खरीदे गए दूध से गुणवत्तापूर्ण उत्पाद तैयार किए जा सकें। मिल्कफेड के प्रबंध निदेशक डॉ. विकास सूद ने मुख्यमंत्री को अवगत करवाया कि सभी उत्पादों को तैयार करने में उच्च गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। शुगर फ्री मिठाइयों की मांग को देखते हुए मिल्कफेड ने इन्हें बाज़ार में उतारा है। इसके साथ-साथ मिल्कफेड की मिल्क केक, पहाड़ी बर्फी, कोकोनट बर्फी, के साथ-साथ 16 प्रकार की मिठाइयां बाज़ार में उपलब्ध होंगी। इस अवसर पर उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान, निदेशक सूचना एवं जन संपर्क राजीव कुमार सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
-बार-बार नोटिस जारी किए जाने के बावजूद ड्यूटी पर नहीं पहुंचे हड़ताल पर चल रहे जिला परिषद कैडर के कर्मचारियों पर प्रदेश सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। निदेशक पंचायती राज रुग्वेद ठाकुर की ओर से वीरवार को सीईओ जिला परिषद को जारी आदेशों में 167 जूनियर इंजीनियर की सेवाएं समाप्त करने के निर्देश जारी हुए हैं। इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई है। बिलासपुर में 6, चंबा 13, हमीरपुर 10, कांगड़ा 38, किन्नौर 3, कुल्लू 11, लाहौल स्पीति 2, मंडी 32, शिमला 17, सिरमौर 13, सोलन 12 और ऊना में 10 जूनियर इंजीनियर की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं। 167 जूनियर इंजीनियर के पद अब आउटसोर्स आधार पर भरे जाएंगे। आउटसोर्स आधार पर बिलासपुर और चंबा में 7-7 पद, हमीरपुर 13, कांगड़ा 35, किन्नौर 3, कुल्लू 13, लाहौल स्पीति 1, मंडी 25, शिमला 22, सिरमौर 13, सोलन 16 और ऊना में 9 पद भरे जाएंगे। आउटसोर्स पदों को भरने की जानकारी हिमाचल प्रदेश राज्य इलेक्ट्रॉनिक विकास निगम को भेजी जाएगी और यह पद एक साल के लिए भरे जाएंगे। बार-बार नोटिस जारी किए जाने के बावजूद भी यह इंजीनियर ड्यूटी पर नहीं पहुंचे। सरकार का तर्क है कि जेई की अनुपस्थिति से मनरेगा के विकार्स कार्य, मनरेगा मजदूरों को भुगतान और आपदा कार्यों की बहाली में बाधा उत्पन्न हो रही थी।
हिमाचल में करीब 80,000 शिक्षकों के तबादलों के लिए प्रदेश सरकार ने पुराने नियम बदल दिए हैं। अब शिक्षकों के तबादले 30 किलोमीटर के दायरे से बाहर होंगे। एक स्थान पर तीन वर्ष का सेवाकाल पूरा करने के बाद अब शिक्षकों को 30 किलोमीटर दूर जाना अनिवार्य कर दिया गया है। तबादले करने के लिए सरकार ने दूरी को पांच किलोमीटर बढ़ा दिया है। पहले 25 किलोमीटर के भीतर तबादले होते थे। राज्य मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद शिक्षा विभाग ने इस बाबत अधिसूचना जारी कर दी है। प्रदेश में इसी माह से यह व्यवस्था लागू होगी। एक स्कूल में तीन वर्ष का सेवाकाल पूरा होते ही आपसी सहमति से नजदीकी शिक्षक के साथ स्कूल बदलने के तबादला आदेश जारी करवाने वाले शिक्षकों के लिए अब राह आसान नहीं रहने वाली है। शहरों के आसपास सटे स्कूलों में ही सेवाएं देने वाले शिक्षकों को थोड़ा और बाहर के क्षेत्रों में भेजने के लिए सरकार ने तबादला नीति में बदलाव कर दिया है। विभागीय अधिकारियों की ओर से 30 की जगह 40 किलोमीटर के दायरे से बाहर शिक्षकों के तबादले करने का प्रस्ताव था, लेकिन सरकार ने इस दूरी को 30 किलोमीटर ही रखने की मंजूरी दी है। इस नई व्यवस्था से अब ऐसे स्कूलों में शिक्षकों की कमी दूर होगी, जहां कोई भी जाने को तैयार नहीं होता था।
किन्नौर जिला के निचार विकास खंड की ग्राम पंचायत निचार में विभिन्न विभागों द्वारा संयुक्त रूप से एक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया जिसमें विभिन्न विभागों के माध्यम से चलाई जा रही विभिन्न जन-कल्याणकारी योजनाओं से आम जनता को अवगत करवाया गया। जागरूकता शिविर में स्थानीय पंचायत के कुल 49 लोगों ने भाग लिया जिसमें 33 पुरुष व 16 महिलाएं शामिल रहीं। जागरूकता शिविर को कृषि विभाग द्वारा आयोजित किया गया। शिविर में उद्धान विभाग, कृषि विभाग, पशुपालन विभाग, उद्धोग विभाग, उद्यान विभाग, सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता विभाग, अनुसूचित जाति व जनजाति निगम, खाद्य, नागरिक एवं आपूर्ति विभाग तथा लीड बैंक किन्नौर से आए अधिकारियों ने उनके संबंधित विभाग द्वारा चलाई जा रही विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं के बारे में लोगों को विस्तृत जानकारी प्रदान कर जागरूक किया।
-बागवानी मंत्री ने एचपीएमसी के नए वेब पोर्टल का किया शुभारंभ -कहा, एचपीएमसी ने एमआईएस के तहत 32454 मीट्रिक टन सेब खरीदा बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता में हिमाचल प्रदेश बागवानी उत्पाद विपणन एवं प्रसंस्करण निगम (एचपीएमसी) के निदेशक मंडल (बीओडी) की 213वीं बैठक मंगलवार को आयोजित हुई। बागवानी मंत्री ने औपचारिक रूप से एचपीएमसी के नए वेब पोर्टल का शुभारंभ किया। सीए व कोल्ड स्टोर्स की बुकिंग, बाजार मध्यस्थता योजना (एमआईएस) और बागवानी खाद व उपकरण की बिक्री जैसी एचपीएमसी की सभी सेवाएं वेब पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन कर दी गई हैं। जगत सिंह नेगी ने कहा कि एचपीएमसी ने बाजार मध्यस्थता योजना-2023 के तहत अब तक 32454 मीट्रिक टन सेब की खरीद की है। राज्य में भारी वर्षा के कारण हुई आपदा के बावजूद एचपीएमसी योजना के तहत खरीदे गए सेब की पूरी मात्रा उठाने में कामयाब रही है। एचपीएमसी ने वर्तमान सेब सीजन के दौरान अपने तीन फल प्रसंस्करण संयंत्रों पराला, परवाणु और जड़ोल (मण्डी) में रिकॉर्ड 1288 मीट्रिक टन सेब जूस कंसन्ट्रेट का उत्पादन किया है। उन्होंने बताया कि नव स्थापित एचपीएमसी फल प्रसंस्करण संयंत्र पराला का परीक्षण और कमीशनिंग वर्तमान सेब सीजन के दौरान सफलतापूर्वक आयोजित की गई। एचपीएमसी सुविधा में एप्पल जूस कन्सन्ट्रेट, पेक्टिन, रेडी टू सर्व जूस और पेय, फलों की वाइन और एप्पल साइडर विनेगर का उत्पादन करेगा। एचपीएमसी ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान 120 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड कारोबार दर्ज किया है। बैठक के दौरान वर्तमान सेब सीजन के दौरान उत्पादित एप्पल जूस कन्सन्ट्रेट की दरें भी तय की गईं। बैठक में सभी एचपीएमसी उत्पादों की पैकेजिंग डिजाइन को चरणबद्ध तरीके से बदलने का निर्णय लिया गया। बीओडी ने सेब उत्पादकों को उचित मूल्य पर सर्वोत्तम गुणवत्ता वाले बागवानी इनपुट की विस्तृत श्रृंखला प्रदान करने का निर्णय लिया। एचपीएमसी ने अगले सेब सीजन के दौरान सेब उत्पादकों को केवल यूनिवर्सल कार्टन उपलब्ध करवाने और टेलीस्कोपिक कार्टन की बिक्री बंद करने का निर्णय लिया है। एपीएमसी मार्केट यार्ड पराला, सोलन और परवाणु में सेब व्यापारिक गतिविधियों को अगले वर्ष के दौरान जारी रखने का निर्णय लिया गया। बैठक के दौरान उत्पादों को ऑनलाइन प्लेटफार्म के माध्यम से बेचने का निर्णय लिया गया और इस संबंध में एक नीति को मंजूरी दी गई। एचपीएमसी ने विभिन्न माध्यमों से अपने उत्पादों की बिक्री को गति प्रदान करने के लिए अपनी वितरण नीति शुरू की है। बागवानी मंत्री ने एचपीएमसी अधिकारियों से राज्य के बाहर स्थित संपत्तियों और संसाधनों का उचित उपयोग सुनिश्चित करके और किसानों के सर्वोत्तम हित में सभी व्यावसायिक गतिविधियों की कार्यप्रणाली सुव्यवस्थित कर और दक्षता बढ़ाकर निगम को मजबूत करने का आग्रह किया। उन्होंने निगम को वित्तीय स्थिरता प्रदान करने के लिए नए और दीर्घकालिक व्यावसायिक उद्यमों पर भी बल दिया। बैठक के दौरान सचिव बागवानी सी. पालरासु, निदेशक बागवानी संदीप कदम, प्रबंध निदेशक एचपीएमसी सुदेश कुमार मोख्टा और प्रबंध निदेशक एचपी एग्रो इंडस्ट्रीज कारपोरेशन रीमा कश्यप और एचपीएमसी के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
सहायक अभियंता विद्युत उपमंडल सांगला ने जानकारी देते हुए बताया कि 22 केवी करच्छम-रूकती फीडर में मरम्मत कार्य के चलते सांगला फीडर के सांदला-3, केतरा, बारचो उपकेंद्रों व छितकुल फीडर में 19 अक्तूबर को प्रात: 10 बजे से सायं 5 बजे तक विद्युत आपूर्ति बाधित रहेगी। उन्होंने बताया कि यदि मौसम खराब रहता है तो मरम्मत कार्य अगले दिन किया जाएगा। उन्होंने विद्युत आपूर्ति की असुविधा के चलते जनसाधारण से सहयोग की अपील की है।
-मुख्यमंत्री ने अंतर्राष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण दिवस पर दिया सम्मान -स्कूल सेफ्टी मोबाइल ऐप का किया शुभारंभ -कहा, राज्य में बादल फटने की बढ़ती घटनाओं का अध्ययन आवश्यक -सीबीआरआई रुड़की और हिमकॉस्टे के मध्य समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अंतर्राष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण दिवस के अवसर पर आज शिमला में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान आपदा के दौरान बेहतरीन कार्य करने वाले विभागों और अधिकारियों को सम्मानित किया। साथ ही संकट की इस घड़ी में प्रदेशवासियों एवं विभिन्न संगठनों के प्रयासों की भी सराहना की। आपदा के दौरान विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों के बेहतर कार्यों की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रभावितों की मदद में सभी ने अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान दिया है। राज्य सरकार द्वारा राहत एवं बचाव अभियान के लिए उन्हें सभी तरह के संसाधन उपलब्ध करवाए गए। इसके अतिरिक्त स्थानीय लोगों एवं स्वयंसेवी संगठनों का भी भरपूर सहयोग मिला है। इस आपदा में हिमाचली लोगों के परस्पर सहयोग तथा संकट का एकजुट होकर सामना करने का जीवट भी सामने आया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बादल फटने की बढ़ती घटनाओं का अध्ययन करने की भी आवश्यकता है, क्योंकि राज्य के पहाड़ी क्षेत्रों के साथ-साथ मैदानी क्षेत्रों में इस तरह की घटनाएं सामने आई हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सुरक्षित भवन निर्माण के दृष्टिगत विभिन्न उपायों पर चर्चा के साथ ही इन्हें अमल में लाने के लिए कड़े कानून बनाने पर भी विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस बार मानसून में भारी तबाही हुई है, लेकिन प्रशासन के सामूहिक प्रयासों से विभिन्न स्थानों में फंसें 75 हजार लोगों को सुरक्षित निकाला गया और 48 घंटों में सभी आवश्यक सेवाएं अस्थाई रूप से बहाल की गईं। ट्रैफिक में फंसे लोगों के लिए खाने-पीने सहित अन्य आवश्यक सुविधाएं प्रदान की गईं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रभावित परिवारों के लिए 4500 करोड़ रुपये का विशेष राहत पैकेज घोषित किया गया है। बेघर हुए परिवारों को किराए के आवास के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में 5 हजार और शहरी क्षेत्रों में 10 हजार रुपए प्रदान करने के साथ-साथ नि:शुल्क राशन भी दिया जा रहा है। आपदा में भूमिहीन हुए परिवारों को घर बनाने के लिए शहरी क्षेत्रों में दो बिस्वा तथा ग्रामीण क्षेत्रों में तीन बिस्वा भूमि देने का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस भीषण आपदा का दृढ़ता के साथ सामना करने के बाद अब राज्य सरकार हिमाचल को फिर से विकास की राह पर आगे ले जाने के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। प्रदेश पर 75 हजार करोड़ रुपए का कर्ज है, लेकिन सरकार केवल कर्ज के सहारे ही नहीं चल सकती। ऐसे में राज्य सरकार अपने आर्थिक संसाधन बढ़ाने पर विशेष ध्यान दे रही है। उन्होंने कहा कि आने वाले चार वर्षों में हिमाचल को आत्मनिर्भर तथा दस वर्षों में देश का सबसे समृद्ध राज्य बनाने का लक्ष्य रखा है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर स्कूल सेफ्टी मोबाइल ऐप का शुभारम्भ भी किया। इस ऐप के माध्यम से स्कूल आपदा प्रबंधन की योजना बना सकेंगे और उसी के अनुरूप मॉकड्रिल का आयोजन कर सकेंगे, जिसकी निगरानी उच्च स्तर पर भी आसानी से की जा सकेगी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री की उपस्थिति में केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई) रुड़की और हिमाचल प्रदेश विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं पर्यावरण परिषद (हिमकॉस्टे) के मध्य एक समझौता ज्ञापन भी हस्ताक्षरित किया गया। सीबीआरआई की ओर से एसके नेगी और हिमकॉस्टे की ओर से डी.सी. राणा ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर भूकंप से भवनों की सुरक्षा तथा ग्रामीण हिमाचल में राज मिस्त्रियों की प्रशिक्षुता से संबंधित पुस्तक एवं मार्गदर्शिका का भी विमोचन किया। प्रधान सचिव राजस्व ओंकार चंद शर्मा ने समर्थ कार्यक्रम की विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत की और इस दौरान आयोजित गतिविधियों की जानकारी प्रदान की। विशेष सचिव डीसी राणा ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया। इस अवसर पर नगर निगम शिमला के महापौर सुरेंद्र शर्मा, उप-महापौर उमा कौशल, उपायुक्त आदित्य नेगी, पुलिस अधीक्षक संजीव गांधी सहित अन्य गणमान्य उपस्थित थे।
-जल रक्षकों, मल्टी टास्क वर्कर्स, पैरा फिटर तथा पैरा पंप ऑपरेटर के मानदेय में बढ़ोतरी मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आज यहां हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में वन विभाग की 'वन मित्र' योजना को मंजूरी देने का निर्णय लिया गया, जिसके तहत 2061 वन बीटों में एक-एक वन मित्र को लगाया जाएगा। जमीनी स्तर के संस्थानों को शामिल करके वन क्षेत्रों की सुरक्षा, संरक्षण और विकास में स्थानीय समुदायों की भागीदारी और वन विभाग में अनुबंध के आधार पर वन रक्षकों के 100 रिक्त पदों को भरने की मंजूरी दी गई। मंत्रिमंडल ने जल शक्ति विभाग के जल रक्षकों, बहुउद्देश्यीय कार्यकर्ताओं, पैरा फिटर तथा पैरा पंप ऑपरेटरों के मानदेय में 200 रुपये की वृद्धि करने का निर्णय लिया। बैठक में जल शक्ति विभाग के जल रक्षकों, बहु उद्देशीय कार्यकर्ताओं, पैरा फिटर और पैरा पम्प ऑपरेटर के मानदेय को 500 रुपये मासिक बढ़ाकर क्रमशः 5000 रुपये, 4400 रुपये, 6000 रुपये और 6000 रुपये करने का निर्णय लिया गया। मंत्रिमंडल ने ऊना जिला में श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत 76.50 करोड़ रुपये की लागत से पीपीपी मोड में बाबा माई दास भवन पार्किंग चिन्तपूर्णी से मंदिर तक यात्री रोपवे प्रणाली स्थापित करने को सैद्धांतिक तौर पर मंजूरी प्रदान की। परिवहन विभाग में 15 ई-टैक्सियां किराए पर लेने को मंजूरी मंत्रिमंडल ने परिवहन विभाग में 15 ई-टैक्सियां किराए पर लेने को मंजूरी पदान की। बैठक में राज्य के सभी जिलों में आपात स्थिति के दौरान वैकल्पिक संचार के लिए एमेच्योर और सामुदायिक रेडियो को बढ़ावा देने का निर्णय लिया गया। इससे सूचना स्रोतों, आपातकालीन प्रबन्धकों और आपदा या आपातकालीन स्थितियों से प्रभावित लोगों के बीच प्रभावी सूचना आदान-प्रदान सुनिश्चित होगा। बैठक में सीसे (लैड) पर अतिरिक्त माल कर 25 पैसे प्रति किलोग्राम की दर से कम करने का निर्णय लिया गया। मंत्रिमंडल ने प्रदेश में लोगों को बेहतर परिवहन सुविधा के लिए राज्य में निजी संचालकों के लिए 234 रूट और टैम्पो ट्रेवलर्ज के 100 अतिरिक्त रूट प्रदान करने का निर्णय लिया। बैठक में परिवहन विभाग के यातायात निरीक्षकों, मोटर वाहन निरीक्षकों, वरिष्ठ मोटर वाहन निरीक्षकों तथा पुलिस विभाग के सहायक उप-निरीक्षकों व हैड कांस्टेबल को मोटर वाहन अधिनियम-1988 की विभिन्न धाराओं के तहत अपराधों को कम करने के लिए नामित प्राधिकारी घोषित करने की भी मंजूरी दी। मंत्रिमंडल ने आपदा के कारण बेघर हुए लोगों और जिन लोगों के पास नया घर बनाने के लिए उपयुक्त भूमि उपलब्ध नहीं है उन्हें शहरी क्षेत्र में दो बिस्वा भूमि और ग्रामीण क्षेत्रों में तीन बिस्वा भूमि प्रदान करने का निर्णय लिया। मंत्रिमंडल ने प्रदेश में आपदा प्रभावित परिवारों के लिए 30 सितम्बर, 2023 को घोषित विशेष राहत पैकेज को मंजूरी प्रदान की। इस विशेष पैकेज के तहत घर के पूरी तरह क्षतिग्रस्त होने पर दिए जाने वाले 1.30 लाख रुपये के मुआवजे को साढ़े पांच गुणा बढ़ाकर सात लाख रुपये किया गया है। इसके अलावा कच्चे मकान के आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त होने पर दिए जाने वाले मुआवजे को 25 गुणा बढ़ाकर 4000 रुपये से एक लाख रुपये तथा पक्के घर के आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त होने पर दिए जाने वाले मुआवजे को साढ़े 15 गुणा बढ़ाकर एक लाख रुपये किया गया है। दुकान तथा ढाबा के क्षतिग्रस्त होने पर दिए जाने वाले मुआवजे को 25000 रुपये से चार गुणा बढ़ाकर एक लाख रुपये किया गया है। प्रदेश सरकार गऊशाला को हुए नुकसान की भरपाई के लिए दी जाने वाली राशि को 3000 रुपये से बढ़ाकर 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करेगी। प्रदेश सरकार किराएदारोें के सामान के नुकसान के लिए दी जाने वाली 2500 रुपये की राशि को 20 गुणा बढ़ाकर 50 हजार रुपये की सहायता राशि प्रदान करेगी। दुधारू तथा भार उठाने वाले पशुओं की क्षति पर 55 हजार जबकि बकरी, सुअर, भेड़ तथा मेमने की मुआवजा राशि 6000 रुपये प्रति पशु की दर से प्रदान की जाएगी। कृषि तथा बागवानी भूमि के नुकसान की भरपाई के लिए दी जाने वाली राशि मुआवजा राशि को 3615 रुपये प्रति बीघा से बढ़ाकर 10,000 रुपये प्रति बीघा कर दिया है। फसलों कोे हुए नुकसान की भरपाई के लिए दी जाने वाली राशि को 500 रुपये प्रति बीघा को आठ गुणा बढ़ाकर 4000 रुपये किया गया है। कृषि तथा बागवानी भूमि से सिल्ट हटाने के लिए दी जाने वाली आर्थिक सहायता को 1384.61 प्रति बीघा से बढ़ाकर 5000 रुपये किया गया है। यह विशेष पैकेज 24 जून, 2023 से 30 सितम्बर, 2023 तक प्रदान किया जाएगा। मंत्रिमंडल ने शिमला विकास योजना को संशोधित करने का निर्णय लिया। सड़क से ऊपर स्थित ग्रीन बेल्ट क्षेत्र में नवबहार से रामचन्द्रा चौक से मछीवाली कोठी से क्राइस्ट चर्च से लक्कड़ बाजार से आईजीएमसी से संजौली चौक से नवबहार तक जहां पेड़ नहीं हैं वहीं निर्माण की अनुमति दी जाएगी। शिमला विकास योजना के तहत ग्रीन बेल्ट क्षेत्र में सिर्फ उन्हीं प्लाटों पर आवासीय निर्माण को अनुमति प्रदान की जाएगी जहां पेड़ नहीं हैं। मंत्रिमंडल ने नाला और खड्ड से क्रमशः पांच और सात मीटर की दूरी पर निर्माण को अनुमति देने के लिए हिमाचल प्रदेश नगर एवं ग्राम योजना नियमों को संशोधित करने का निर्णय लिया।
-प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने जिला रोजगार कार्यालयों से मांगी सूची हिमाचल प्रदेश में 1,409 प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (टीजीटी) की बैचवाइज भर्ती प्रक्रिया शुरू हो गई है। भर्ती प्रक्रिया शुरू होने से 25 वर्ष पहले बीएड करने वालों को भी सरकारी नौकरी करने का मौका मिलने जा रहा है। प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय टीजीटी कला संकाय के 652, नॉन मेडिकल के 492 और मेडिकल के 265 पद भरेगा। टेट पास अभ्यर्थी भर्ती के लिए पात्र होंगे। अनुबंध आधार पर भर्ती होने वाले शिक्षकों को 22,860 रुपये का फिक्स वेतन मिलेगा। विभाग ने प्रदेश के दुर्गम और दूरदराज के स्कूलों में सेवाएं नहीं देने के इच्छुक अभ्यर्थियों से काउंसलिंग में न आने की अपील की है। किस कोटे में कितने पद टीजीटी के 898 पद अनारक्षित, ईडब्ल्यूएस, ओबीसी, एससी और एसटी वर्ग से भरे जाएंगे। इसके अलावा पूर्व सैनिक कोटे से 353, खेल कोटे से 68 और दिव्यांग कोटे से 90 पद भरे जाएंगे। 898 पदों के लिए जिला रोजगार कार्यालयों से पात्र अभ्यर्थियों की सूची मांगी गई है। बीए, बीएससी और बीकॉम में 50 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले और बीएड पास अभ्यर्थी भर्ती के लिए पात्र होंगे। टीजीटी के 898 पदों की भर्ती के लिए नॉन मेडिकल संकाय में बीएड करने वालों का वर्ष 1999 का बैच पात्र होगा पूर्व सैनिक कोटे के तहत टीजीटी कला में 159, नॉन मेडिकल में 130 और मेडिकल में 64 पद भरे जाएंगे। निदेशक सैनिक कल्याण विभाग से पात्र अभ्यर्थियों की सूची प्राप्त होते ही प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को शुरू करेगा। बैचवाइज भर्ती के लिए कला संकाय में अनारक्षित वर्ग के लिए वर्ष 2001, मेडिकल में 2002 का बीएड बैच चल रहा है। कला संकाय की भर्ती के लिए आर्थिक तौर पर कमजोर वर्ग का मई 2003, ओबीसी का 2003, एससी और एसटी वर्ग का वर्ष 2004 का बैच चल रहा है। नॉन मेडिकल भर्ती के लिए ईडब्लूएस का 2002, ओबीसी का 2003, एससी का 2006 और एसटी का 2008 का बैच चल रहा है। मेडिकल संकाय में ईडब्लूएस का 2005, ओबीसी का 2006, एससी-एसटी का वर्ष 2006 का बैच चल रहा है 6 से 15 नवंबर तक जिला स्तर पर होगी काउंसलिंग टीजीटी की बैचवाइज भर्ती के लिए जिला स्तर पर 6 से 15 नवंबर तक काउंसलिंग होगी। जिला उप निदेशक शिक्षा भर्ती करेंगे। प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने जिला रोजगार कार्यालयों से 20 अक्तूबर तक पात्र अभ्यर्थियों की सूची देने को कहा है। शिक्षा निदेशालय की जगह जिला उप निदेशक कार्यालयों में अभ्यर्थियों के नाम देने को कहा गया है।
न्यू पेंशन कर्मचारी महासंघ जिला किन्नौर ने रविवार को मिनी स्टेडियम रिकांगपिओ में आभार रैली का आयोजन किया। आभार रैली में जिला किन्नौर के तीन खंडों से कर्मचारियों ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया। रैली में प्रदेश के राजस्व, बागवानी एंव जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी बतौर मुख्यातिथि मौजूद रहे। न्यूज पेंशन कर्मचारी महासंघ जिला किनौर ने पुरानी पेंशन बहाल होने की खुशी में आभार रैली का आयोजन किया। न्यू पेंशन कर्मचारी महासंघ के प्रधान विजेंद्र जिन्टू, उपाध्यक्ष बलदेव बिष्ट, जिला महासचिव मोती नेगी और संज्ञा नेगी ने बताया कि एनपीएस कर्मचारियों की मांगों को लेकर कैबिनेट मंत्री जगत सिंह नेगी ने पूरा सहयोग दिया है। कांग्रेस सरकार ने सता में आते ही पहली ही कैबिनेट में पुरानी पेंशन बहाल करके एतिहासिक निर्णय लिया है। उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू का आभार जताया। इस दौरान रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कैबिनेट मंत्री जगत सिंह नेगी ने कर्मचारियों के साथ नाटी भी डाली।
क्षेत्रीय रोजगार अधिकारी सीमा गुप्ता ने आज यहां बताया कि जिला किन्नौर में एसआईएस इंडिया लिमिटेड आरटीए बिलासपुर द्वारा सिक्योरिटी गार्ड के लिए 150 पद निकाले गए हैं, जिसमें वेतन 16500 से 19000 रुपए प्रतिमाह होगा। इन पदों के लिए शैक्षणिक योग्यता दसवीं पास, आयु वर्ग 21 से 37 वर्ष, अभ्यर्थी की लंबाई 168 सेंटीमीटर से ऊपर, वजन 56 किलोग्राम से अधिक होना अनिवार्य है। इच्छुक उम्मीदवार जो इस पद से संंबंधित योग्यता रखते हो, वह अपने सभी अनिवार्य दस्तावेजों व रिज्यूम सहित 9 अक्टूबर को उप रोजगार पूह, 10 अक्टूबर को उप रोजगार कार्यालय रिकांगपिओ, 11 अक्टूबर को उप रोजगार कार्यालय निचार प्रात: 11:30 बजे पहुंचना सुनिश्चित करें। अधिक जानकारी के लिए अभ्यर्थी 85580-62252 पर संपर्क कर सकते हैं
राजस्व बागवानी एवं जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी ने गत सायं जिला किन्नौर के कल्पा खंड की दूनी ग्राम पंचायत का दौरा किया और जन समस्याएं सुनीं। राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा की कंडो को संपर्क सड़कों से जोड़ने की आवश्यकता है ताकि कंडो में भी सड़क सुविधा उपलब्ध हो सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा जनजातीय जिला किन्नौर में हर प्रकार की मूलभूत सुविधा उपलब्ध करवाने के प्रयास किए जा रहे हंै। बोक्टू-कूल को पक्का किया जाएगा ताकि सिंचाई के लिए पानी की सुविधा को सुदृढ़ किया जा सके। उन्होंने लोगों से टपक सिंचाई प्रणाली का उपयोग करने का आग्रह किया। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय बागवानी योजना के तहत जिला किन्नौर के लिए 50 करोड़ की योजना स्वीकृत की गई है। बागवानी मंत्री ने कहा की लोगों को प्रदेश सरकार की योजनाओं का अधिकतम लाभ पहुंचे इसके लिए विभिन्न विभागों द्वारा संयुक्त जागरूकता शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। इस अभियान के तहत चांगो ग्राम पंचायत में 10 अक्तूबर को संयुक्त विभागीय जागरूकता शिविर प्रस्तावित है। उन्होंने चांगो गांव की समस्त जनता को इस जागरूकता शिविर में बढ़-चढ़कर भाग लेने को कहा ताकि वे प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न जन-कल्याणकारी नीतियों व योजनाओं का लाभ उठा सकें। उन्होंने जिला के बागवानों से सेब उगाने के लिए आधुनिक तकनीक अपनाने के लिए कहा ताकि सेब की फसल अधिक मात्रा के साथ-साथ गुणवत्ता भी प्रदान करे और जिला की आर्थिकी और अधिक सुदृढ़ हो सके। मंत्री जगत सिंह ने कहा की 07 जुलाई से 30 सितंबर प्रदेश सहित जनजातीय जिला किन्नौर में आई आपदा से जो नुकसान हुआ है उसके दृष्टिगत लोगों के हितों में प्रदेश सरकार द्वारा कई हितकारी फैसले लिए गए हैं। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत दूनी को विकास की दृष्टि से विकसित करने के लिए कई अहम कदम उठाए जा रहे हैं जिसके तहत दूनी में पशुपालन फार्मासिस्ट की तैनाती की गई है और पशुचिकित्सालय भवन का निर्माण भी दूनी पंचायत में ही किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, कल्पा में लोगों के लिए एक पशुपालन अस्पताल भी बनाया जा रहा है। इस अवसर पर ग्राम कांग्रेस समिति दूनी और कमल किशोर ने 51-51 हजार रूपए की राशि मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए प्रदान की। राजस्व मंत्री ने आपदा राहत कोष में अंशदान के लिए जिला किन्नौर के लोगों का आभार व्यक्त किया। इस दौरान जनजातीय सलाहकार समिति के सदस्य जय कृष्ण नेगी ने मुख्य अतिथि व अन्य अतिथिगणों का स्वागत किया। राम मोहन नेगी ने भी मुख्य अतिथि का स्वागत किया। प्रधान दूनी पंचायत दीवान सिंह ने पंचायत की विकासात्मक मांगे राजस्व मंत्री के समक्ष रखी तथा महिला मंडल प्रधान वसंत प्रभा ने भी इस अवसर पर अपने विचार रखे। इस अवसर पर सुशीला नेगी उपस्थित थे। खंड विकास समिति के प्रधान अनिल ने धन्यावाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।
एचआरटीसी प्रबंध निदेशक रोहन चंद ठाकुर के निर्देश के बाद परिवहन निगम ने बसों में सामान ले जाने को लेकर रिवाइज्ड भाड़ा सूची जारी की है। इसमें बसों में नि:शुल्क ले जाने वाली वस्तुओं के साथ नए उत्पादों के लिए किराया विवरण भी जारी किया है। बस में सवारी अपने साथ घरेलू सामान 30 किलोग्राम तथा किसी भी साइज के दो बैग, बच्चों की ट्राली, तिपहिया साइकिल, व्हील चेयर, लैपटॉप, सेब बॉक्स के साथ सेब का एक गिफ्ट पैक फ्री में कहीं भी ले जा सकते हैं, लेकिन अगर सवारी साथ नहीं है, तो फिर एक गिफ्ट पैक का हाफ टिकट कटेगा। सवारी के साथ एक से ज्यादा गिफ्ट पैक पर एक चौथाई किराया लिया जाएगा, जबकि फुल पेटी का पूरा एक सवारी का किराया कटेगा। एचआरटीसी प्रबंधन ने सवारियों के साथ और बिना सवारी के साथ एचआरटीसी की बसों में ढोए जाने वाले सामान के लिए रिवाइज्ड भाड़ा निर्धारित किया है। एचआरटीसी की ओर से रिवाइज्ड भाड़े के मुताबिक सवारी के साथ ऑफिस या डाइनिंग चेयर का एक चौथाई किराया वसूल किया जाएगा। डाइनिंग व ऑफिस टेबल फुल टिकट होगा। पांच सीटर सोफा सेट का डबल टिकट कटेगा। सिंगल बेड बॉक्स का फुल टिकट कटेगा। डबल बेड बॉक्स का डबल टिकट कटेगा, अलमारी का भी डबल टिकट कटेगा। सिलाई मशीन व पंखे का एक चौथाई किराया कटेगा। प्लास्टिक व फोल्डिंग चेयर का एक से तीन कुर्सियों का एक चौथाई किराया कटेगा। छह कुर्सियों का हॉफ टिकट व इससे ज्यादा का फुल टिकट कटेगा। साइकिल का हाफ किराया। बच्चों की ट्रॉली व दिव्यांगों की व्हील चेयर का कोई किराया नहीं लगेगा। दिव्यांग व्यक्ति के बस में न होने पर कुर्सी का एक चौथाई किराया काटा जाएगा। कंप्यूटर, एलईडी, एलसीडी का एक चौथाई किराया कटेगा। सवारी के साथ दो लैपटॉप बिना किराए के ले जा सकते हैं। दो से ज्यादा पर एक चौथाई किराया काटा जाएगा। वहीं, वॉशिंग मशीन का फुल टिकट कटेगा।
-कहा, आपदा से नुकसान को कम करने के लिए नियमों तथा मानवीय स्वभाव में बदलाव जरूरी मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार आपदा से लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश में कड़ा कानून बनाने पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि पहाड़ों में गृह निर्माण के लिए स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग की अनुमति, भूमि के भार वहन करने की क्षमता का पता लगाने के साथ-साथ जल निकासी की समुचित व्यवस्था पर कानून बनाया जाएगा। उन्होंने इसमें लोगों से राज्य सरकार को सहयोग का आह्वान भी किया। उन्होंने कहा कि आज आपदा से अमूल्य जीवन एवं संपत्ति के नुकसान को कम करने के लिए नियमों तथा मानवीय स्वभाव में बदलाव की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि प्रकृति के प्रति सम्मान और संतुलन बनाकर ही आपदा की संभावना तथा इससे होने वाले नुकसान को न्यून किया जा सकता है। हिमाचल प्रदेश के पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में भूकंप और भूस्खलन जैसे भौगोलिक खतरों से उत्पन्न चुनौतियां, विषय पर राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के तत्वावधान में आज यहां आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल में इस बार बरसात में भारी बारिश, बादल फटने और बांधों से अत्याधिक पानी छोड़े जाने के कारण बहुत अधिक नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि अप्रैल माह से ही राज्य में बारिश हो रही थी और मानसून में बहुत ज्यादा बारिश होने के कारण मानव जीवन और संपत्ति को काफी नुकसान हुआ। उन्होंने कहा कि इस आपदा के लिए मानवीय लालसा व असंवेदनशीलता इत्यादि भी कारण रहे हैं। उन्होंने कहा कि लोगों को सुरक्षा के दृष्टिगत नालों इत्यादि से समुचित दूरी पर घर बनाने और स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग पर विशेष ध्यान देना चाहिए। इसमें चूक से आपदा में जान-माल के नुकसान की आशंका और भी बढ़ जाती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही की बरसात में राज्य में बादल फटने की बहुत घटनाएं हुई हैं, जिनका व्यापक अध्ययन आवश्यक है। इसके अतिरिक्त जलवायु परिवर्तन का प्रभाव भी दृष्टिगोचर हो रहा है। किन्नौर और लाहौल-स्पीति जैसे बहुत कम वर्षा वाले क्षेत्रों में भी इस बार काफी ज्यादा बारिश हुई है। उन्होंने कहा कि सभी के सहयोग से राज्य सरकार ने आपदा के दौरान बेहतर काम किया और रिकॉर्ड 48 घंटों के भीतर प्रभावित क्षेत्रों में बिजली, पानी और टेलीफोन सहित अन्य आवश्यक सेवाएं अस्थाई रूप से बहाल की गई। राज्य में किसानों-बागवानों को भी असुविधा न हो, इसका भी पूरा ध्यान रखते हुए सेब व अन्य नकदी फसलों को समय पर मंडियों तक पहुंचाना सुनिश्चित किया गया। उन्होंने राहत और बचाव कार्यों में बेहतर प्रयासों के लिए अधिकारियों सहित सभी लोगों की पीठ भी थपथपाई।
जनजातीय जिला किन्नौर के निगुलसरी के पास भूस्खलन होने से नेशनल हाईवे-5 एक बार फिर से बंद हो गया है। बताया जा रहा है कि पहाड़ी से भूस्खलन होने से मार्ग अवरुद्ध हुआ है। इसके कारण दोनों ओर वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से ठप है। किन्नौर जिले में इन दिनों सेब सीजन जोरों पर है लेकिन बार-बार हाईवे बंद होने से बागवानों को नुकसान झेलना पड़ रहा है। पिछले दिनों निगुलसरी के पास भारी भूस्खलन होने से अवरुद्ध हाईवे 10 दिन बाद बहाल किया गया था। एक बार फिर से भूस्खलन होने से जिले के लोगों को परेशान होने पड़ रहा है। वहीं एक्सईएन नेशनल हाईवे केएल सुमन ने बताया सुबह के समय भूस्खलन होने से हाईवे बंद हो गया है। जल्द एनएच को बहाल कर दिया जाएगा।
इस मानसून सीजन में प्रदेश में जितने दिन स्कूल बंद रहे, उतने दिन या घंटे तक एक्स्ट्रा कक्षाएं लगानी होंगी, ताकि बच्चों की पढ़ाई को हुए नुकसान की भरपाई की जा सके। इसे लेकर प्रारंभिक शिक्षा और उच्च शिक्षा निदेशक ने सर्कुलर जारी कर सभी डिप्टी डायरेक्टर को इन आदेशों की अनुपालना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। आदेशों में स्पष्ट कहा गया कि रोजाना एक घंटे एक्स्ट्रा क्लासेज लगाई जाएं। यदि बीच में दो-तीन दिन की छुट्टियां आती हैं तो एक दिन स्कूल खुले रखकर बच्चों को पढ़ाई कराई जाए। इन आदेशों का सख्ती से पालन होना चाहिए। स्कूल प्रिंसिपल और हेडमास्टर को एक्स्ट्रा क्लाजेस का टाइम टेबल बाकायदा डिप्टी डायरेक्टर को शेयर करने को बोला गया है। बरसात में महीना भर बंद रहे थे कुछ स्कूल इस बार भारी बारिश के कारण कई जगह शिक्षण संस्थान मानसून सीजन में एक महीने से भी ज्यादा समय तक बंद रखे गए थे। इनमें मंडी, कुल्लू और शिमला जिला के ज्यादातर स्कूल शामिल हैं। शिमला जिले के ठियोग, रोहड़ू, कोटखाई, कुल्लू के आनी, मंडी व सिरमौर के कई क्षेत्रों में बार-बार स्कूल बंद किए गए हैं।
राजस्व, बागवानी एवं जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी ने आज जिला किन्नौर के आईटीडीपी भवन में जिला स्तरीय शिकायत निवारण समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपस्थित सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिला के लोगों की सभी शिकायतों का निवारण प्राथमिकता से करें ताकि जिला के लोगों को प्रदेश सरकार द्वारा उनके हित में आरंभ किए गए कार्यों का लाभ प्राप्त हो सके। राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार विभिन्न जन-कल्याणकारी नीतियों व योजनाओं के माध्यम से समस्त प्रदेश के लोगों के कल्याण व सुविधा के लिए निरंतर तत्परता से कार्य कर रही है। ऐसे में यह आवश्यक है कि संबंधित विभागों के अधिकारी व कर्मचारी सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न नीतियों व योजनाओं का लाभ आम जन-मानस तक पहुंचाने में शीघ्रता के साथ कार्य करें। बैठक में जिला की शिकायत निवारण समिति के गैर-सरकारी सदस्यों से प्राप्त हुई शिकायतों के मदों पर चर्चा की गई तथा राजस्व मंत्री ने सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों को प्राप्त शिकायतों का हल सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। बैठक में भावानगर के रीसूरो से कुलिड़गा तक प्रस्तावित सिंचाई कुहल का कार्य शीघ्र आरंभ करने के निर्देश दिए गए। इसके अलावा बैठक में बताया गया कि निचार में मल निकासी प्रणाली बनाने के लिए शीघ्र निविदा आमंत्रित कर कार्य आरंभ कर दिया जाएगा। बैठक में वन विभाग द्वारा प्रतिवर्ष किए जाने वाले पौधरोपण व करेट वॉल पर विस्तृत चर्चा की गई तथा वन विभाग के अधिकारियों द्वारा जिला में किए गए पौधरोपण बारे अवगत करवाया गया। मंत्री ने विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह जिला में अधिक से अधिक पौधरोपण करें व करेट वॉल को लगाने के कार्य में शीघ्रता लाएं। बैठक में जिला में आवारा पशुओं व पशुशालाओं की समस्या बारे भी चर्चा की गई जिस पर उप-निदेशक पशुपालन विभाग जिला किन्नौर ने अवगत करवाया कि वर्तमान में जिला में गौ-सेवा समिति बादंग व श्री महेश्वर गौ-सेवा भावा वैली क्रियाशील है जिन्हें 30 से अधिक गौ वशंज की देखभाल के लिए 700 रुपये प्रति गौवंश प्रदान किए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त रल्ली में एक गौसदन का निमाण खण्ड विकास अधिकारी कार्यालय कल्पा के माध्यम से किया जा रहा है। बैठक में जिला के रकच्छम में किसानों व बागवानों की घरों के उपर से जाने वाली विद्युत लाईनों को हटाने के निर्देश दिए। रकच्छम गांव में विद्युत पोल को हटाने तथा रकच्छम गांव से रेस्टहाऊस तक पक्का डंगा लगवाने के निर्देश दिए गए। बैठक में स्थानीय क्षेत्र विकास प्राधिकरण के माध्यम से शोंग में लंबित पड़े विकास कार्यों को शीघ्र पूर्ण करने को कहा गया। इसके अलावा जिला की लाबरंग पंचायत में प्रस्तावित व लंबित पड़े विभिन्न विकासात्मक कार्यों को भी प्राथमिकता के आधार पर शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए गए। बैठक में सांगला तहसील के तहत विभिन्न पंचायतों व गांव में लोक निर्माण व जल शक्ति विभाग के अधिकारियों को सड़कों व सिंचाई से संबंधित सभी शिकायतों का निपटान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। इसके अलावा तराण्डा व निगुलसरी पंचायत से प्राप्त हुए मदों के निवारण के लिए भी संबंधित विभाग के अधिकारियों को उचित कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए। बैठक में रिकांग पिओ में मुख्य स्थानों पर कूड़ादान लगाने पर चर्चा की गई तथा सदस्य सचिव, साडा ने अवगत करवाया कि रिकांग पिओ में कूड़ादान लगाने के लिए स्थान चिन्हित कर लिए गए हैं तथा शीघ्र ही कूड़ादान लगाने का कार्य आरंभ कर दिया जाएगा। इसके अलावा, रिकांग पिओ बाजार व क्षेत्रीय अस्पताल रिकांग पिओ में बंद पड़े सी.सी.टी.वी कैमरों की शीघ्र मरम्मत करने व रिकांग पिओ बाजार में फांउटेन को सुचारू करने के निर्देश दिए गए। बैठक में कोठी पंचायत को जल जीवन मिशन के तहत सभी मकानों को जोड़ने व पाईप लाईनों में पानी सुचारू रूप से बनाए रखने के निर्देश दिए गए। बैठक में जिला के पूह उपमंडल में पानी की समस्या का निवारण शीघ्र अति शीघ्र करने के निर्देश दिए गए। पूह में विद्युत समस्या को बहाल करने व विभिन्न विभागों में रिक्त पदों को भरने की समस्या को भी शीघ्र हल करने के आदेश दिए गए। बैठक की कार्यवाही का संचालन अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी पूह विनय मोदी ने किया। बैठक में उपायुक्त किन्नौर तोरूल रवीश, पुलिस अधीक्षक विवेक चाहल, हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक के निदेशक बिक्रम सिंह, वनमण्डलाधिकारी अरविंद, उपमण्डलाधिकारी कल्पा डॉ. मेजर शशांक गुप्ता व उपमण्डलाधिकारी निचार बिमला वर्मा, सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
-मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना औपचारिक रूप से शुरू -मुख्यमंत्री ने पात्र बच्चों को 4.68 करोड़ के वित्तीय लाभ किए वितरित मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान से राज्य स्तरीय समारोह में अनाथ, विशेष रूप से सक्षम बच्चों, निराश्रित महिलाओं और वृद्धजनों को व्यापक सहायता के दृष्टिगत मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना की औपचारिक शुरूआत की। इसके साथ ही हिमाचल अनाथ बच्चों एवं अन्य वंचित वर्गों की मदद के लिए कानून बनाकर यह योजना लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर योजना के पात्र बच्चों को 4.68 करोड़ रुपये के वित्तीय लाभ का वितरण भी किया। इसमें उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे 48 अनाथ बच्चों को फीस और छात्रावास व्यय के रूप में 15.52 लाख रुपये तथा मासिक व्यय के रूप में 11.52 लाख रुपये शामिल हैं। इसके अतिरिक्त विभिन्न व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में अध्ययनरत 17 अनाथ बच्चों को 7.02 लाख रुपये फीस तथा 4.08 लाख रुपये मासिक व्यय का वितरण किया गया। मुख्यमंत्री ने पालक देखभाल एवं प्रायोजन (फोस्टर केयर) के अन्तर्गत 1106 लाभार्थियों को 2.65 करोड़ रुपये के वित्तीय लाभ हस्तांतरित किए। इसके अतिरिक्त बाल देखभाल संस्थानों के 12वीं कक्षा के 30 मेधावी छात्रों को 10वीं कक्षा में बेहतर प्रदर्शन के लिए लैपटॉप प्रदान किए गए। उन्होंने लघु एवं सूक्ष्म उद्योगों की स्थापना के लिए तीन लाभार्थियों को छह लाख रुपये का आवंटन भी किया। सरकार अनाथ एवं अन्य वंचित वर्गों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध सुक्खू ने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार राज्य में अनाथ एवं अन्य वंचित वर्गों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि इसी रिज मैदान पर शपथ लेने के बाद वे बतौर मुख्यमंत्री सचिवालय के बजाय टुटीकंडी स्थित बालिका आश्रम पहुंचे और वहीं उन्हें इन वर्गों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए इस तरह की योजना का विचार आया। उन्होंने कहा कि विभिन्न वित्तीय चुनौतियों और और हाल ही में आई आपदा के बावजूद प्रदेश सरकार ने इस योजना को आरंभ करने का अपना संकल्प पूरा किया है। 27 वर्ष की आयु तक प्रतिमाह मिलते रहेंगे 4000 रुपये मुुख्यमंत्री ने कहा कि सुख-आश्रय योजना के अंतर्गत नए चिन्हित किए गए लगभग 2700 अनाथ बच्चे, जो कि अपने रिश्तेदारों के साथ रह रहे हैं, उन्हें भी 27 वर्ष की आयु पूर्ण होने तक 4000 रुपये मासिक वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इन बच्चों के संरक्षण के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है और इस योजना में मातृत्व देखभाल की आवश्यकता वाले प्रत्येक बच्चे के लिए एक परिचारिका का भी प्रावधान किया गया है और प्रत्येक बढ़ते तीन बच्चों के लिए एक मैट्रन का भी प्रावधान है। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि योजना के अंतर्गत अनाथ बच्चों को वार्षिक आधार पर 15 दिवसीय अध्ययन भ्रमण करवाया जाएगा, जिस दौरान उन्हें तीन सितारा होटलों में ठहराने सहित उनकी हवाई यात्रा तथा अन्य व्यय प्रदेश सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अनाथ बच्चों को प्रदत्त यह अधिकार दया के रूप में नहीं अपितु एक कानून बनाकर उन्हें उपलब्ध करवाया गया है। बड़े सपने देखें और उन्हें पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करें मुख्यमंत्री ने इन बच्चों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि वे बड़े सपने देखें और उन्हें पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करें। उन्होंने कहा कि एकाग्रता, दृढ़ इच्छा शक्ति और कड़ी मेहनत सफलता की ओर ले जाती है और यह बच्चे हिमाचल प्रदेश का भविष्य हैं। उन्होंने आश्वस्त किया कि यह बच्चे जीवन में अकेले नहीं हैं और समस्त समाज उन्हें समाहित करने के लिए आगे आ रहा है। 2 लाख रुपये विवाह अनुदान का भी प्रावधान मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना के अंतर्गत लाभार्थियों को 10 हज़ार रुपये वस्त्र भत्ता, 500 रुपये उत्सव अनुदान और 2 लाख रुपये विवाह अनुदान का भी प्रावधान है। उच्च शिक्षा के लिए यह बच्चे एक लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता के लिए पात्र हैं और उन्हें 4000 रुपये प्रतिमाह जेब खर्च भी दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त उन्हें लघु एवं सूक्ष्म उद्योग की स्थापना के लिए 2 लाख रुपये तक का अनुदान प्रदान किया जाएगा ताकि वे स्वरोज़गार के लिए प्रेरित हो सकें। 10वीं में बेहतर प्रदर्शन के लिए 30 मेधावी छात्रों को प्रदान किए लैपटॉप सीएम सुक्खू ने इस पहल के द्वितीय चरण में 10वीं तथा 12वीं कक्षा के 268 बच्चों को लैपटॉप प्रदान किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार विधवा, एकल नारी और विशेष रूप से सक्षम व्यक्तियों सहित विभिन्न वंचित वर्गों को पेंशन और अपंगता राहत भत्ते की प्रक्रिया का सरलीकरण कर उन्हें आय सीमा में भी छूट प्रदान कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का भूमिहीन अनाथ बच्चों को गृह निर्माण के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में तीन बिस्वा भूमि और शहरी क्षेत्रों में दो बिस्वा भूमि तथा तीन लाख रुपये की वित्तीय सहायता का भी प्रस्ताव है। आपदा प्रभावितों की मदद को 4500 करोड़ का विशेष राहत पैकेज मुख्यमंत्री ने लोगों को लाभ पहुंचाने के दृष्टिगत नई कल्याणकारी योजनाएं आरंभ करने की भी घोषणा की और संकट के समय बहादुरी के साथ आपदा का सामना करने के लिए प्रदेशवासियों के प्रयासों व जीवट की सराहना भी की। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने आपदा प्रभावित 16500 परिवारों की सहायता के लिए 4500 करोड़ रुपये का विशेष राहत पैकेज जारी किया है। इसके अतिरिक्त पूरी तरह से क्षतिग्रस्त घरों का मुआवज़ा 1.30 लाख रुपये से बढ़ाकर 7 लाख रुपये किया गया है। साथ ही आपदा में आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त कच्चे एवं पक्के मकानों के लिए मुआवज़ा राशि एक लाख रुपये की गई है। सुक्खू ने इस अवसर पर प्रदर्शनी का अवलोकन किया और अनाथ बच्चों के साथ दोपहर भोज में भी शामिल हुए। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल ने मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में प्रदेश सरकार द्वारा वंचित वर्गों के उत्थान के लिए किए जा रहे प्रयासों और सरकार की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला। मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना के महत्त्व पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि अनाथ बच्चों के कल्याण में सरकार की यह फ्लैगशिप योजना कारगर साबित होगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार ने इस योजना के साथ ही सामाजिक सुरक्षा पैंशन के नए मामले स्वीकृत करने सहित सामाजिक कल्याण की दिशा में अनेक महत्त्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार द्वारा विधवा पुनर्विवाह भत्ता 65 हजार रुपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये किया गया है। राज्य सरकार ने इस वित्तीय वर्ष के लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग को 995 करोड़ रुपये का बजट आवंटन किया है।
प्रदेश की सुक्खू सरकार ने 7 बीडीओ यानी खंड विकास अधिकारियों का तबादला किया है। इन अधिकारियों के तबादलों के संदर्भ में अधिसूचना जारी कर दी गई है। राज्य सरकार की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक अब निशांत शर्मा को हमीरपुर जिला के नादौन विकास खंड के बीडीओ का कार्यभार सौंपा गया है। अभी तक वह शिमला के टूटू विकास खंड में बतौर बीडीओ सेवाएं दे रहे थे। वहीं वर्तमान में बीडीओ बिलासपुर कुलवंत सिंह को बीडीओ भोरंज का कार्यभार सौंपा गया है। मंडी जिला के गोलापुर में बतौर बीडीओ सेवाएं दी रही अस्मिता ठाकुर पोस्टिंग के नए आदेशों तक राज्य हेडक्वार्टर को ज्वाइन करेगी। वहीं बीडीओ कुनिहार विवेक पॉल भी राज्य मुख्यालय में पोस्टिंग के आगामी आदेशों तक सेवाएं देंगे। बीडीओ गगरेट हिमांशी को बीडीओ हमीरपुर लगाया गया है। बीडीओ धर्मशाला ओमपाल को बीडीओ अंब बनाया गया है। इसके अलावा सुशील कुमार को जो वर्तमान में बीडीओ अंब है। वह आगामी आदेशों तक राज्य मुख्यालय को ज्वाइन करेंगे।
कमांडेंट 17वीं वाहिनी भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस बल किन्नौर बसंत कुमार ने आज यहां बताया कि भारत सरकार एवं महानिदेशालय भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल द्वारा जिला किन्नौर के योग्य नवयुवकों/नवयुवतियों के लिए भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल में कांस्टेबल (जनरल डयूटी) के पदों की भर्ती 5 अक्तूबर से 25 अक्तूबर तक 17वीं वाहिनी भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस बल में आयोजित की जाएगी। उन्होंने बताया कि 5 अक्तूबर से 8 अक्तूबर तक अभ्यर्थी अपना पंजीकरण करवा सकते हैं। 9 अक्तूबर से 14 अक्तूबर तक शारीरिक दक्षता परीक्षण व दस्तावेज़ीकरण किया गया। 15 अक्तूबर को लिखित परीक्षा व परीक्षा का परिणाम तथा मेडिकल परीक्षा के लिए अभ्यर्थियों का चयन किया जाएगा। 18 अक्तूबर से 20 अक्तूबर तक मेडिकल परीक्षा आयोजित की जाएगी तथा 25 अक्तूबर को सभी मानकों में पास हुए योग्य उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया जाएगा। उन्होंने बताया कि भर्ती के लिए सामान्य वर्ग की आयु 2 अगस्त, 2000 से 1 अगस्त, 2005 के बीच होनी चाहिए। अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आयु सीमा 2 अगस्त, 1995 से 1 अगस्त, 2005 तथा अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 2 अगस्त, 1997 से 1 अगस्त, 2005 तक निर्धारित की गई है। इसके अलावा भर्ती के लिए शैक्षणिक योग्यता किसी भी मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थान से दसवीं कक्षा पास तथा भौतिक मानक के तहत पुरूष अभ्यर्थियों की ऊंचाई 165 सेंटिमीटर तथा महिला अभ्यर्थियों की ऊंचाई 155 सेंटिमीटर होनी चाहिए।
-दोनों पर पालमपुर के लोगों से 18 करोड़ ठगने का आरोप -विधायक होशियार सिंह ने सदन में उठाया था मामला हिमाचल में लोगों से क्रिप्टो करंसी के नाम पर ठगी के मामले में एसआईटी ने गुजरात से दो मास्टरमाइंड को गिरफ्तार किया है। ये दोनों जिला मंडी के रहने वाले हैं। मामले में जांच के लिए गठित पुलिस अधिकारियों की एसआईटी ने गुजरात पुलिस की मदद से गुजरात के गिर सोमनाथ जिले में मास्टरमाइंड हेमराज राजपूत और सुखदेव ठाकुर को गिरफ्तार किया है। आरोपी हिमाचल में लोगों से ठगी करने के बाद गुजरात में छिपे हुए थे। एसआईटी ने भोजदा गांव के एक फार्म हाउस से दोनों को गिरफ्तार किया है। इन दोनों आरोपियों ने पालमपुर के लोगों से 18 करोड़ रुपये की ठगी की थी। गौर रहे कि प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र में देहरा के निर्दलीय विधायक होशियार सिंह ने क्रिप्टो करंसी के नाम पर लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी होने का मामला उठाया था। सरकार के निर्देश पर डीजीपी संजय कुंडू ने क्रिप्टो करंसी घोटाले को लेकर राज्य के विभिन्न पुलिस स्टेशनों में दर्ज मामलों की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था। एसआईटी का अध्यक्ष डीआईजी उत्तरी रेंज अभिषेक दुल्लर को बनाया गया और इसमें एसपी साइबर क्राइम अध्यक्ष रोहित मालपानी, प्रवीन धीमान एएसपी साइबर क्राइम, मनमोहन सिंह एएसपी साइबर क्राइम मंडी और डीएसपी कांगड़ा अंकित शर्मा, डीएसपी नूरपुर विशाल वर्मा, डीएसपी पालमपुर लोकेंद्र नेगी व डीएसपी जवाली वीरी सिंह को शामिल किया था। ऐसे फंसाए लोग आरोपियों ने पीड़ितों से वादा किया था कि उनका निवेश दोगुना हो जाएगा। एसआईटी ने करोड़ों की ठगी के आरोपी हेमराज राजपूत और सुखदेव ठाकुर को भोजदा गांव के एक फार्महाउस से गिरफ्तार किया है। पुलिस की जांच में खुलासा हुआ है कि हेमराज राजपूत और सुखदेव ठाकुर क्रिप्टो करंसी घोटाले के मास्टरमाइंड थे। पुलिस ने फार्म हाउस पर छापा मारकर क्रिप्टो करंसी के नाम पर लोगों को ठगने वाले आरोपियों को अरेस्ट कर लिया है।
-पहाड़ी से चट्टानें गिरने से सैकड़ों वाहन फंसे हिमाचल के किन्नौर जिले के निगुलसरी में हिंदुस्तान-तिब्बत बॉर्डर को जोड़ने वाले नेशनल हाईवे-5 पर रविवार सुबह फिर से भारी लैंडस्लाइड हो गया। इससे समूचे किन्नौर जिले का शेष देश दुनिया से संपर्क कट गया। हाइवे पर दोनों ओर वाहनों की लंबी लंबी कतारें लग गई हैं। निगुलसरी में एनएच-5 बंद होने से सैकड़ों पेटी सेब और मटर की फसल टापरी मंडी और ट्रकों में फंस गई है। इससे बागवानों की चिंताएं बढ़ गई है। लोक निर्माण विभाग सड़क की बहाली में जुटा हुआ है, लेकिन पहाड़ी से बार बार गिर रहे पत्थर इसमें बाधा उत्पन्न कर रहे हैं। इससे पहले भी बीते छह और सात सितंबर को यहां भारी लैंडस्लाइड हुआ था और सड़क का करीब 400 मीटर हिस्सा धंस गया था। उस दौरान हाईवे 11 दिन तक बंद रहा। दिन-रात सड़क बहाली का काम किया गया। तब जाकर सड़क को खोला गया। दैनिक उपभोग की वस्तुओं की सप्लाई ठप सड़क बंद होने से आज किन्नौर जिले में दैनिक उपभोग की खाद्य वस्तुएं दूध, दही, ब्रेड, मक्खन, सब्जियों इत्यादि की सप्लाई भी नहीं पहुंच पाई।
भारत सरकार के पर्यटन मंत्रलाय द्वारा हिमाचल प्रदेश के जिला किन्नौर के गांव छितकुल को सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांव-2023 के लिए सम्मानित किया गया। उपमंडलाधिकारी कल्पा डॉ. मेजर शशांक गुप्ता ने जिला पर्यटन विभाग की ओर से नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में इस पुरस्कार को पर्यटन एवं रक्षा राज्य मंत्री अजय भट से प्राप्त किया। जिला किन्नौर का छितकुल गांव हिमाचल प्रदेश का एक मात्र गांव है, जिसे यह सम्मान दिया गया। उल्लेखनीय है कि पर्यटन मंत्रालय की हालिया पहल ट्रैवल फॉर लाइफ भारत सरकार की टिकाऊ पर्यटन को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। हाल ही में नई दिल्ली में आयोजित जी-20 नेताओं के शिखर सम्मेलन ने वैश्विक एकता और सहयोग बनाने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित किया गया और सम्मेलन में हुए विचार-विमर्श ने स्थायी भविष्य के लिए राष्ट्रों की सामूहिक आकांक्षाओं को प्रतिबिंबित किया है। उपमंडलाधिकारी ने प्रत्येक सैलानी, प्रत्येक व्यवसाय और हर एक नागरिक से इस कार्यक्रम को अपनाने और जिम्मेदारी से यात्रा करने, हमारे पर्यावरण का सम्मान करने और हमारी दुनिया को इतना खूबसूरत बनाने वाली विविध संस्कृतियों को समझने और सराहने का संकल्प लेने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि ट्रैवल फॉर लाइफ कार्यक्रम मिशन लाइफ का एक हिस्सा है जो हमारी धरती को टिकाऊ बनाने का मार्ग प्रशस्त करता है।
खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यहां जानकारी दी कि राशन वितरण में पारदर्शिता लाने के लिए उपभोक्ताओं के राशन कार्डों में उनकी आधार संख्या पंजीकृत की जा रही हैं। ई-के.वाई.सी. के माध्यम से यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि राशन कार्ड में दर्ज व्यक्ति का नाम, जन्म तिथि तथा लिंग, आधार में दर्ज डाटा के अनुसार ही हो। इस प्रक्रिया में आम जनता का विभाग को पूर्ण सहयोग मिल रहा है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में गत दिनों में हुई भारी वर्षा व आधार से सम्बन्धित तकनीकी समस्याओं के मद्देजर विभाग द्वारा आधार संख्या पंजीकृत व ई-के.वाई.सी. करवाने की तिथि 30 सितंबर तक बढ़ाई गई थी, परंतु अभी भी कुछ उपभोक्ताओं द्वारा किसी कारणवश उनके राशन कार्डों में उनकी आधार संख्या को पंजीकृत नहीं किया जा सका है। ऐसे उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए ई-के.वाई.सी. अपडेट करने की तिथि को 31 अक्टूबर तक बढ़ाया गया है। इसलिए उपभोक्ताओं से आग्रह है कि अपनी नजदीकी उचित मूल्य की दुकान पर जाकर ई-के.वाई.सी. की प्रक्रिया निर्धारित तिथि से पहले करवाएं। यदि कोई अपना आधार 31 अक्तूबर, 2023 तक जमा नहीं करवाता है तो उनके राशन कार्ड को अस्थाई रूप से बंद कर दिया जाएगा तथा आधार उपलब्ध करवाने के बाद ही राशन कार्ड को फिर से शुरू किया जायेगा। उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त लाभार्थी विभाग से नवीनतम, सक्रिय मोबाईल नम्बर साझा कर खाद्यान्नों संबंधित सूचना प्राप्त कर सकते हैं। उपभोक्ता विभागीय वेबसाइट एवं पारदर्शिता पोर्टल http://epds.co.in पर राशन कार्ड में अपना मोबाइल नंबर अपडेट कर सकते हैं।
जिला ग्रामीण विकास अभिकरण किन्नौर द्वारा जिला में स्वच्छता में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण मिशन-2023 द्वारा करवाए गए सर्वेक्षण में जिला में जिला और खण्ड स्तर पर प्रथम स्थान हासिल करने वाली 6 पंचायतों को सम्मानित करने के लिए जिला ग्रामीण विकास अभिकरण सभागार में सम्मान समारोह का आयोजन किया गया जिसमें उपायुक्त किन्नौर तोरूल रवीश ने कल्पा खण्ड की चांसू ग्राम पंचायत को 2000 तक की आबादी में जिला भर में प्रथम स्थान, कल्पा की ही सांगला पंचायत को जिला स्तर पर 2000 से 5000 तक की आबादी के लिए प्रथम पुरस्कार, खण्ड स्तर पर कल्पा की खवांगी पंचायत को प्रथम पुरस्कार, पूह की चारंग पंचायत को 2000 की आबादी में खंड स्तर पर प्रथम, निचार की छोटा-कम्बा पंचायत को 2000 तक की आबादी में प्रथम स्थान, निचार की ही बरी पंचायत को 2000 से 5000 तक की आबादी वाले सर्वेक्षण में प्रथम पुरस्कार के साथ सम्मानित किया। उपायुक्त ने जिला की इन 6 पंचायत के प्रधानों को स्मृति चिन्ह व प्रमाण-पत्र भेंट कर सम्मानित किया। इस सर्वेक्षण में जिला स्तर पर प्रथम स्थान हासिल करने वाली पंचायत को 3 लाख और खण्ड स्तर पर प्रथम स्थान हासिल करने वाली पंचायत को 01 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी। इस अवसर पर उपायुक्त ने कहा कि इस राशि को स्वच्छता को और बेहतर करने के लिए खर्च करें। उन्होंने समाज के सभी वर्गों से आह्वान किया कि जिला किन्नौर को स्वच्छ व सुंदर बनाने के लिए घरों और दुकानों से निकलने वाले कूड़े-कचरे का सही निपटारा करने के लिए प्लास्टिक, कागज, शीशा और लोहा को अलग-अलग रखें। इस अवसर पर सहायक आयुक्त संजीव कुमार भोट, बीडीओ निचार विजय नेगी, प्रधान सांगला देव सांकी, उपप्रधान लोकेश, प्रधान ग्राम पंचायत चांसू बीरबल सिंह, उपप्रधान धर्म प्रकाश, प्रधान ग्राम पंचायत छोटा-कम्बा स्नेह लता, प्रधान ग्राम पंचायत बरी छुनिद डोलमा, प्रधान ग्राम पंचायत चारंग सुशील कुमार सहित अन्य उपस्थित रहे।
सहायक अभियंता विद्युत उपमंडल सांगला ने जानकारी देते हुए बताया कि 22 केवी रूकती-छितकुल फीडर में मरम्मत कार्य के चलते बारचो, केतरा, थापासारिंग, थेमगरंग, बटसेरी, रकच्छम व छितकुल में 29 सितंबर को प्रात: 9:30 बजे से सायं 5:30 बजे तक विद्युत आपूर्ति बाधित रहेगी। उन्होंने विद्युत आपूर्ति की असुविधा के चलते जनसाधारण से सहयोग की अपील की है।
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने लेडी गवर्नर जानकी शुक्ला के साथ किन्नौर जिला के अपने तीन दिवसीय दौरे के अंतिम दिन कल्पा उपमंडल के बटसेरी गांव का दौरा किया। राज्यपाल ने गांव में बने विष्णु नारायण मंदिर में माथा टेका। उन्होंने महिला मंडलों व अन्य स्वयं सेवी संगठनों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। इस अवसर पर, राज्यपाल ने कहा कि उन्हें इस बात की प्रसन्नता है कि यहां के स्थानीय निवासी पूरी तरह अपनी जड़ों से जुड़े हैं और सेवानिवृति के बाद भी गांव आकर अपने गांव के विकास में योगदान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिस तरह देश की रक्षा के लिये सीमा पर हमारे जवान तैनात हैं उसी तरह देश के इन प्रथम गांव के लोग भी हमारी रक्षा कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम के द्वारा केंद्र सरकार के मंत्रियों को इन प्रथम गांव भेजकर यह संदेश दिया है कि इन गांव का विकास हम सब की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि सांगला घाटी को उसके पुराने स्वरूप में विकसित करने के लिए प्रयास किये जाएंगे। उन्होंने कहा कि किन्नौर के लोगों का ह्रदय विशाल है और वे अपने रीति-रिवाजों को मानने वाले हैं। उन्होंने कहा कि सड़क और कृषि गतिविधियों को विकसित करने के लिए प्रयास किए जाएंगे। इससे पूर्व, ग्राम पंचायत बटसेरी के प्रधान प्रदीप कुमार ने राज्यपाल का स्वागत किया। इस अवसर पर बटसेरी के लोगों ने भी राज्यपाल के समक्ष अपने विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर किन्नौरी संस्कृति की झलक दिखाता सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया। लेडी गवर्नर और उपायुक्त ने भी किन्नौरी नाटी डाल कर संस्कृति का आनंद लिया। राज्यपाल ने सांगला बाजार का दौरा भी किया जहां पिछले दिनों प्राकृतिक आपदा से काफी नुकसान हुआ था। बाद में, राज्यपाल ने भारत-तिब्बत सीमा बल की मस्तरंग चैकी का दौरा किया। उन्होंने बल के जवानों के साथ बातचीत कर उनका हौंसला बढ़ाया। लेडी गवर्नर श्रीमती जानकी शुक्ला भी राज्यपाल के साथ थीं। उन्होंने कहा कि बल के ये जवान देश की सीमाओं की रक्षा के साथ-साथ स्थानीय लोगों के साथ भी समन्वय स्थापित कर विकास में सहयोग कर रहे हैं। राज्यपाल के सचिव राजेश शर्मा, उपायुक्त किन्नौर तोरुल रवीश, पुलिस अधीक्षक विवेक चाहल तथा आईटीबीपी के अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
-किसान मेला में किया प्रगतिशील किसानों को पुरस्कृत राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने प्राकृतिक कृषि की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि इस कृषि पद्धति को अपनाने से न केवल किसानों की आर्थिकी सुदृढ़ होगी बल्कि प्रदेश को भी लाभ मिलेगा। राज्यपाल किन्नौर जिले के कल्पा में डॉ यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानीकि विश्वविद्यालय नौणी के कृषि विज्ञान केंद्र, शारबो में 'किसान मेलाÓ के अवसर पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि जी-20 देशों की मेजबानी के दौरान विभिन्न देशों के राष्ट्राध्यक्षों को भारत में प्राकृतिक कृषि से तैयार मीलट्स का भोजन दिया गया। उन्होंने कहा कि हमें स्वस्थ रहने के लिए आज प्राकृतिक उत्पाद को अपनाना पड़ेगा और इसके लिए मीलट्स को उगाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि किन्नौर जिले में मोटे अनाज की काफी संभावनाएं हैं जिसका लाभ यहां के किसानों को लेना चाहिए। उन्होंने विशेषकर काला ज़ीरा की खेती को प्रोत्साहित करने पर भी बल दिया। उन्होंने बागवानी विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों से भी इस दिशा में कार्य करने और किसानों को प्रोत्साहित करने व प्रशिक्षण देने को कहा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय और किसान मिलकर इस दिशा में कार्य करेंगे तो इसका लाभ मिलेगा। उन्होंने जिला प्रशासन से विपणन व्यवस्था को विकसित करने का आग्रह किया तथा कहा कि यदि स्वयं सहायता समूहों को अच्छा बाजार उपलब्ध होगा तो वे भी अधिक प्रोत्साहित होंगे। राज्यपाल ने इस अवसर पर उत्कृष्ट किसानों को सम्मानित भी किया। राज्यपाल ने इस अवसर पर कृषि उत्पाद को लेकर लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। इससे पूर्व, बागवानी विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति एवं निर्देशक विस्तर शिक्षा डॉ. इंद्र देव ने राज्यपाल का स्वागत किया तथा क्षेत्रीय बागवानी अनुसंधान व प्रशिक्षण केंद्र एवं कृषि विज्ञान केंद्र शारबो की गतिविधियों की जानकारी दी। इस अवसर पर उत्कृष्ट किसानों ने सेब की खेती, महिला सशक्तिकरण एवं कृषि, प्राकृतिक खेती, औषधीय पौधे और मधुमक्खी पालन को लेकर अपने अनुभव भी सांझा किए। शारबो केंद्र के सह निदेशक डॉ. अशोक ठाकुर ने धन्यावाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। इससे पूर्व, राज्यपाल ने सब्जी उत्पादन अनुसंधान केंद्र कल्पा का दौरा भी किया और यहां उच्च घनत्व के सेब के कृषि फार्म को देखा। उन्होंने ड्रोन प्रदर्शन को भी देखा। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि समय की मांग के अनुरूप आज किसानों को तकनीक का उपयोग कृषि में करना चाहिए। उन्होंने कहा कि उच्च घनत्व पौध रोपण तथा ड्रोन तकनीक का उपयोग कर किसान काफी लाभ ले सकते हैं। राज्यपाल के सचिव राजेश शर्मा, उपायुक्त किन्नौर तोरुल रवीश, पुलिस अधीक्षक विवेक चाहल तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कल्पा में जिला प्रशासन के साथ विभिन्न केंद्रीय योजनाओं के कार्यों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। राज्यपाल ने कहा कि काई भी सरकार अपने अधिकारियों व कर्मचारियों के बल पर चलती है और सरकार का संदेश जनता तक अधिकारियों के माध्यम से ही जाता है। क्योंकि योजनाएं सरकार के कर्मियों के माध्यम से लागू होती हैं। इसलिए कार्य के प्रति निष्पक्षता, ईमानदारी और समर्पण बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि योजनाओं की गतिशीलता को बनाए रखने के लिए वे अधिक समर्पण से कार्य करें। राज्यपाल ने कहा कि वाईब्रेंट विलेज कार्यक्रम के तहत सीमावर्ती गांव पहला गांव है। लेकिन हमारी सीमा उसके बाद भी है। उन्होंने कहा कि सामरिक दृष्टि से सूचना का आदान-प्रदान तभी हो पाएगा जब लोग गांव में रह सकेंगे। इसलिए, इन गांव के लिए ऐसी योजनाओं पर कार्य किया जाना चाहिए जिससे लोगों को लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि कुछ स्थानों पर पानी की कमी से उन्हें अवगत करवाया गया है। जल शक्ति मंत्रालय से समन्वय स्थापित कर विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की जानी चाहिए। बैठक में सड़क परियोजनाओं, स्वास्थ्य क्षेत्र में प्रधानमंत्री टी.बी. मुक्त भारत अभियान, आयुष्मान भारत योजना, विद्युत क्षेत्र में दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण ज्योति योजना, शिक्षा विभाग में मिड डे मील योजना, समग्र शिक्षा, कृषि क्षेत्र में आत्मा परियोजना, बागवानी विभाग में एकीकृत बागवानी मिशन, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना तथा प्रधानमंत्री आवास योजना पर भी चर्चा की गई। उपायुक्त तोरुल रवीश ने राज्यपाल का स्वागत किया तथा विभिन्न केंद्रीय योजनाओं और जिले में गत दिनों प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान की जानकारी दी। उन्होंने जिले से संबंधित अन्य गतिविधियों की जानकारी भी दी। उपमण्डल पूह और मलिंग नाला तथा कल्पा, निचार, काफनू इत्यादि में प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान की जानकारी से अवगत करवाया। सांगला से पर्यटकों को बाहर निकालने के लिए चलाए गए अभियान से भी उन्हें अवगत करवाया गया। उन्होंने कहा कि किन्नर कैलाश यात्रा के दौरान मलिंग खट्टा के पास भी बचाव अभियान को चलाया गया जिसके कारण कई श्रद्धालुओं को बचाया जा सका। उन्होंने कहा कि हर विभाग का 138 करोड़ से अधिक के नुकसान का आंकलन किया गया है। बैठक में वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम पर भी विस्तृत जानकारी दी गई। उन्होंने कहा कि जिले में 55 गांव को वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम के तहत रखा गया है जिनमें से 33 गांव ही आवासीय हैं। राज्य के सचिव श्री राजेश शर्मा तथा विभिन्न विभागों के अधिकारी बेठक में उपस्थित थे।
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम के तहत आज किन्नौर जिले के सीमावर्ती क्षेत्र में बसे नमज्ञा गांव का दौरा किया। लेडी गवर्नर जानकी शुक्ला भी इस अवसर पर उपस्थित थीं। राज्यपाल ने क्षेत्र की संस्कृति में अपने आपको शामिल किया तथा स्थानीय व्यजनों का आनंद भी लिया। इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि वह किन्नौर की संस्कृति से इतने प्रभावित हुए हैं कि वह बार-बार यहां आना चाहते हैं। संस्कृति से जुड़े होने के कारण लोगों में आतिथ्य भाव है। लेकिन, लोगों का जीवन कठिन है। उन्होंने कहा कि वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सोच है जिसका उद्देश्य है देश के इन प्रथम गांव को कैसे अधिक सुविधायें दी जा सकती हैं। यहां कैसे अधोसंरचना विकास सुनिश्चित किया जा सकता है। राज्यपाल ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा अनेक योजनाएं कार्यान्वित की जा रहीं हैं जिनका लाभ इस कार्यक्रम के तहत लोगों को मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि वह जनजातीय क्षेत्रों में जाने के लिये उत्सुक थे। उन्होंने स्थानीय समस्याओं के शीघ्र समाधान के लिये उपायुक्त को दिशा-निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि कुछ अन्य मांगों को उचित स्तर पर उठाकर उनके समाधान का प्रयास किया जाएगा। तोरुल रवीश ने राज्यपाल का स्वागत किया तथा कहा कि करीब 360 की जनसंख्या वाले इस गांव में सेब की फसल प्रमुखता से की जाती है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम के तहत हॉस्पिटैलिटी, फूड प्रोसेसिंग, कारपेट वीविंग तथा हैंडलूम इत्यादि सुविधाओं पर योजना तैयार की जा रही है। ग्राम पंचायत नमज्ञा के प्रधान बलदेव सिंह ने राज्यपाल का स्वागत किया तथा स्थानीय मांगों से अवगत करवाया। राज्यपाल के सचिव राजेश शर्मा, पुलिस अधीक्षक विवेक चाहल तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने अपने तीन दिवसीय किन्नौर दौरे में आज 13000 फीट से अधिक की ऊंचाई पर शिपकिला स्थित सेना की पोस्ट और भारत तिब्बत सीमा बल की चैकी का दौरा किया। लेडी गवर्नर जानकी शुक्ला भी उनके साथ थीं। सेना के अधिकारियों ने राज्यपाल को सीमा की सैन्य व्यवस्था से अवगत करवाया। राज्यपाल का शिपकिला का यह पहला दौरा था। इस अवसर पर, राज्यपाल ने कहा कि वह यहां तैनात जवानों के उत्साह से प्रभावित हुए। उन्होंने कहा कि यहां जवान कठिन परिस्थितियों में देश की सुरक्षा में समर्पित हैं। उन्होंने कहा कि देश के हर कोने से जवान यहां तैनात हैं, जिनका एक ही धर्म है देश की सुरक्षा। उन्होंने कहा कि इन वीर सैनिकों के कारण ही हम सुरक्षित हैं। उन्होंने इन्हें देश का 'सुरक्षा चक्रÓ कहा। उन्होंने कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि वे उनके बीच हैं। राज्यपाल के सचिव राजेश शर्मा, कमांडर ब्रिगेडियर आरपीसिंह, उपायुक्त तोरूल रवीश, पुलिस अधीक्षक विवेक चाहल, शिपकिला सैन्य पोस्ट के हेड मेजर जॉय कपफोह, आईटीबीपी के एसीजीडी विनोद कुमार भारती तथा अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।