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आज शिमला के चौड़ा मैदान में भाजपा ने राज्य सरकार के खिलाफ एक बड़ा प्रदर्शन का रही है। इस प्रदर्शन में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर सहित भाजपा के कई विधायक और कार्यकर्त्ता भी शामिल हो रहे है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष राजीव बिंदल ने इस प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस सरकार पर गंभीर आरोप लगाए और कहा कि राज्य में माफियाराज स्थापित हो चुका है, जिसमें चिट्टा माफिया, खनन माफिया, ट्रांसफर माफिया, और कबाड़ माफिया का बोलबाला है। बिंदल ने कहा कि कांग्रेस सरकार के ढाई साल के शासन में कानून-व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। चंबा में एक दलित युवक की हत्या से लेकर महिलाओं के उत्पीड़न और शोषण की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। भाजपा अध्यक्ष ने बताया कि प्रदेश में अपराधों का ग्राफ तेजी से बढ़ा है और सरकार इन घटनाओं पर पूरी तरह से मूक दर्शक बनी हुई है। उन्होंने राज्य में बढ़ते माफिया तंत्र के बारे में भी खुलकर बोला। बिंदल ने कहा कि पूर्व में बिहार और उत्तर प्रदेश की बदनामी होती थी, लेकिन अब हिमाचल प्रदेश उस दिशा में बढ़ रहा है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने सरकार पर आर्थिक मोर्चे पर भी हमला किया। उनका कहना था कि कांग्रेस ने जनता के लिए महंगाई बढ़ाई है। पेट्रोल-डीजल, राशन, बिजली, पानी, और सीमेंट जैसे जरूरी सामानों की कीमतों में वृद्धि हुई है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार ने बेरोजगारों, कर्मचारियों और किसानों के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए और लोगों को धोखा दिया। इसके अलावा, उन्होंने सरकारी दफ्तरों और संस्थाओं को बंद करने के फैसले को भी कड़ी आलोचना की।
करसोेग में अप्रैल माह के प्रथम सप्ताह में मनाये जाने वाले सात दिवसीय जिला स्तरीय नलवाड़ मेले के आयोजन को लेकर एसडीएम करसोग गौरव महाजन की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में विभिन्न विभागों के अधिकारियों व कर्मचारियों ने भाग लिया। इस मौके पर एसडीएम ने कहा कि देवों के देव ममलेश्वर महादेव के आर्शीवाद व उनके निर्देशानुसार ही मेले का भव्य आयोजन किया जाएगा। इस अवसर पर एसडीएम गौरव महाजन ने कहा कि नलवाड़ मेला एक पौराणिक व प्राचीन मेला है। इस वर्ष मेले को वर्तमान परिस्थितियों और युवा पीढ़ी की आवश्यकताओं को मध्यनजर रखते हुए आधुनिक समयानुसार आयोजित किया जाएगा। उन्होंने नलवाड़ मेले के सफल आयोजन को लेकर विभिन्न विभागों को दिशा निर्देश जारी कर मेले से संबंधित सभी तैयारियां समय रहते पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी के आपसी सहयोग से ही मेले को एक भव्य व आकर्षक रूप प्रदान किया जा सकता है। जिसके लिए हम सभी को सामूहिक प्रयास करने होंगे। एसडीएम ने कहा कि मेले के दौरान विभिन्न खेल गतिविधियां, विभिन्न विभागों की प्रदर्शनियां भी लगाई जाएगी, जिनमें युवाओं व आमजन को विभिन्न विकासात्मक योजनाओं की जानकारी प्रदान की जाएगी। मेले में स्वास्थ विभाग की ओर से हेल्थ कैंप का भी आयोजन किया जाएगा। कैंप में स्वास्थ्य जांच के साथ-साथ विभिन्न बीमारियों से संबंधित बचाव, नशे से बचाव की जानकारी प्रदान करने के अतिरिक्त आपातकालीन स्थिति में किसी की जान बचाने के लिए सीपीआर देने से संबंधति लाइव डेमोस्ट्रेशन भी दिया जाएगा ताकि आमजन व युवाओं को आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए तैयार किया जा सके। उन्होंने कहा कि मेले के दौरान लोगों के मनोरंजन के लिए विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएगे, ताकि मेले के माध्यम से लोगों का स्वस्थ मनोरंजन भी हो सके। उन्होंने कहा कि मेले को आकर्षक बनाने के लिए मेले के दौरान अनेक गतिविधियां आयोजित की जाएगी। जिला स्तरीय नलवाड़ मेले के सफल आयोजन के लिए तहसीलदार डाॅ. वरूण गुलाटी को मेला अधिकारी लगाया गया है। बैठक में तहसीलदार डाॅ. वरूण गुलाटी, ममेल पंचायत प्रधान नारायण सिंह, भडारणू पंचायत के प्रधान दलीप सिंह सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी, कर्मचारी उपस्थित थे।
राज्य में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए प्रदेश सरकार ने संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। मुख्यमंत्री की उपस्थिति में राज्य सरकार की ओर से शिक्षा सचिव राकेश कंवर और संगठन की ओर से यूनेस्को निदेशक एवं प्रतिनिधि टिम कर्टिस तथा चीफ ऑफ एजुकेशन प्रोग्राम स्पेशलिस्ट जॉयस पोआन ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। इसके तहत यूनेस्को हिमाचल को शिक्षा क्षेत्र के आधुनिकीकरण में सहायता प्रदान करेगा जिसके अन्तर्गत प्रदेश में शिक्षा पद्धतियों के सुदृढ़ीकरण, पाठ्यक्रम, शिक्षकों के प्रशिक्षण, मूल्यांकन प्रणाली तथा विद्यार्थियों को 21वीं सदी के कौशल में निपुण करने सहित उनमें रचनात्मकता, सहयोग और संचार जैसी क्षमताएं विकसित की जाएंगी। शिक्षा को समावेशी, सतत् और भविष्योन्मुखी बनाया जाएगा। समझौता ज्ञापन के तहत ग्रीन एजुकेशन पहल पर विशेष बल देते हुए पर्यावरण के बारे में जागरूकता और सतत् विकास को एकीकृत कर विद्यालयों के पाठ्यक्रमों में शामिल किया जाएगा ताकि विद्यार्थियों को पर्यावरण संबंधी चुनौतियों से निपटने का कौशल मिले। इसके अतिरिक्त खेलों का समावेश कर विद्यार्थियों को नैतिक मूल्य आधारित शिक्षा प्रदान कर उनका समग्र विकास सुनिश्चित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने प्रदेश सरकार की शिक्षा क्षेत्र में किए जा रहे सुधारों के प्रति प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार डिजिटल लर्निंग का विस्तार करते हुए सरकारी स्कूलों को स्मार्ट स्कूलों में बदल रही है और प्रदेश के दुर्गम क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जा रही है। प्रदेश सरकार ने पिछले दो वर्षोंे के दौरान शिक्षा के क्षेत्र में अनेक सुधारात्मक कदम उठाए हैं जिनके सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। शिक्षा क्षेत्र में सुधार के लिए प्रदेश सरकार द्वारा यूनेस्को के साथ किए गए समझौता ज्ञापन को इंगित करते हुए शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि सरकार भविष्य आधारित कौशल और वैश्विक स्तर की शिक्षा सुनिश्चित करने के प्रति प्रमुखता से कार्य कर रही है।
विमल नेगी मौत मामला: निलंबित निदेशक देशराज की अग्रिम जमानत याचिका प्रदेश हाईकोर्ट में खारिज
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने विमल नेगी मौत मामले में निलंबित निदेशक देशराज की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। बुधवार को हाईकोर्ट ने यह फैसला सुनाया है। मामले में न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह की अदालत ने 24 मार्च को दोनों पक्षों को सुनने के बाद इस मामले में फैसला सुरक्षित रखा था। याचिकाकर्ता देशराज की ओर से अदालत में अग्रिम जमानत याचिका दायर की गई। उन्होंने अदालत से गुहार लगाई थी कि जो एफआईआर दर्ज की गई है, वह गलत है। उन्होंने अदालत से अग्रिम जमानत मांगी थी। इसी पर हाईकोर्ट ने बुधवार को अपना फैसला सुनाया, जिसमें देशराज की अंतरिम जमानत याचिका खारिज हुई है। विमल नेगी की मौत में परिजनों ने देशराज और हरीकेश मीणा सहित अन्य उच्च अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। परिजनों का आरोप है कि इन अधिकारियों ने विमल नेगी को गलत काम करने के लिए उकसाया और उन पर दवाब बनाया।
ऊना नगर के संस्थापक गुरु नानक देव जी के वंशज बाबा साहिब सिंह जी बेदी का पावन जन्म दिवस 26, 27 और 28 मार्च को उनके वंशजों और देश-विदेश से आए संगत के साथ हर्षोउल्लास से मनाया जा रहा है। सिख जगत के 12 मिशनों को एकत्र कर खालसा राज की स्थापना करने वाले बाबा साहिब सिंह जी का जन्म दशम गुरु श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के पावन वरदान से हुआ था। गुरु नानक देव जी के 9वें वंशज, बाबा कलाधारी जी, जो गुरु गोबिंद सिंह जी के समकाली थे, अक्सर संतोषगढ़ के पास गुरपलाह नामक स्थान पर गुरु साहिब से मुलाकात करते थे। यहीं गुरु साहिब ने बाबा कलाधारी जी को बाबा साहिब सिंह जी के जन्म का वरदान दिया था। बाबा साहिब सिंह जी का जन्म 1756 में डेरा बाबा नानक, जिला गुरदासपुर में हुआ था। उनके पिता बाबा अजीत सिंह जी और माता सरुपा देवी के घर में उनका जन्म हुआ। बाबा साहिब सिंह ने प्रारंभिक शिक्षा और धार्मिक संस्कार अपने पिता से प्राप्त किए, जबकि विद्वान पंडित सोमनाथ जी से भारतीय दर्शन और इतिहास की विद्या प्राप्त की। वे शास्त्र और शस्त्र विद्या में भी माहिर थे। बाबा साहिब सिंह जी बेदी जी ने युवा अवस्था में ही सिख धर्म और गुरबाणी के प्रचार-प्रसार में अहम भूमिका निभाई। 1775 में, बाबा साहिब सिंह जी ने अपनी धर्मपत्नी माता गुलाब देवी के साथ तख्त श्री आनंदपुर साहिब में अमृतपान किया और मीरी-पीरी के सिद्धांत पर राज योग कमाया। बाबा साहिब सिंह जी के तीन सुपुत्र बाबा बिशन सिंह, बाबा तेग सिंह और बाबा बिकरमा सिंह थे, जिन्होंने धर्म प्रचार में अहम योगदान दिया। उनका प्रभाव इतना था कि उन्होंने कई राजाओं के आपसी विवादों का समाधान किया और उनकी बातों को सभी ने माना। सिख सरदारों और राजाओं द्वारा बाबा साहिब सिंह जी को जागीरें भेंट की गईं। बाबा साहिब सिंह जी 117 गांवों की रियासत के मालिक थे और उनके पास 14,000 की सेना हर समय तैयार रहती थी। जब भी बाबा साहिब सिंह जी युद्ध के लिए जाते, तो अपनी सेना के साथ नगर की परिक्रमा करते थे, जो एक रक्षा कवच का प्रतीक थी। इस परिक्रमा में नगरवासी, बिना किसी जातिभेद के, शामिल होते थे और संत-फकीर भी इसका हिस्सा बनते थे। बाबा साहिब सिंह जी के जन्म दिवस के अवसर पर 27 मार्च को नगर कीर्तन और नगर की परिक्रमा की जाती है, जिससे उस याद को ताजा किया जाता है। बाबा साहिब सिंह जी ने 1801 में वैसाखी के पावन पर्व पर विभिन्न सिख धड़ों को एक निशान के तले इकठ्ठा किया और सरदार रणजीत सिंह शुकरचरिया को राज तिलक देकर "शेरे पंजाब महाराजा रणजीत सिंह" का खिताब दिया। ऊना में एतिहासिक किले की स्थापना 1784 में हुई थी, जो 117 गांवों की रियासत से संबंधित था। हालांकि, अंग्रेजों ने बाबा साहिब सिंह जी के छोटे सुपुत्र, बाबा बिकरमा सिंह जी की बगावत के कारण इन किलों को तोपों से उड़ा दिया। अब यहां पुलिस थाना है, जबकि किले के भीतर बाबा तेग सिंह जी का स्थान और लंगर स्थल मौजूद है, जहां एक दिन में 35 मण कच्चा नमक लंगर में प्रयोग किया जाता था। बाबा साहिब सिंह जी के तपस्थल और गुरुद्वारा तपोवन ऊना से लगभग चार किलोमीटर दूर स्थित है। वर्तमान गद्दीनशीन, बाबा सरबजोत सिंह बेदी, जो 1989 में इस दायित्व को संभाल चुके हैं, ने क्षेत्र और समुदाय के सामाजिक, धार्मिक और राजनीतिक जीवन में अहम योगदान दिया है। वे नगर परिषद के अध्यक्ष रहे और उनके बेटे अमरजोत सिंह बेदी भी इस पद पर रह चुके हैं। बाबा सरबजोत सिंह बेदी को उत्तरी भारत में एक सम्मानित धार्मिक शख्सियत माना जाता है। उनके नेतृत्व में ऊना में अत्यधिक विकास हुआ है और उन्होंने मंदबुद्धि बच्चों के लिए प्रेमाश्रम की स्थापना भी की। हर साल 26, 27 और 28 मार्च को बाबा सरबजोत सिंह जी बेदी के नेतृत्व में बाबा साहिब सिंह जी बेदी का जन्म उत्सव हर्षोउल्लास से मनाया जाता है।
27 मार्च को कांग्रेस सरकार के खिलाफ भाजपा का करेगी विशाल प्रदर्शन, माफियाराज सहित कई मुद्दों को लेकर आवाज़ करेगी बुलंद
शिमला: आगामी 27 मार्च भारतीय जनता पार्टी प्रदेश की सुक्खू सरकार के खिलाफ शिमला के चौदह मैदान में विशाल प्रदर्शन करेगी। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिन्दल ने जानकारी देते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने ढाई वर्षों में कानून-व्यवस्था को संभालने में पूरी तरह से नाकाम रही है। चम्बा में दलित युवक की नृशंस हत्या के बाद से प्रदेश में अपराधों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। महिलाओं के साथ बढ़ते उत्पीड़न, चिट्टा माफिया और खनन माफिया की गतिविधियाँ प्रदेश को बदनामी की ओर ले जा रही हैं, और सरकार मूक दर्शक बनी हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि वर्तमान कांग्रेस सरकार ने माताओं-बहनों, बेरोजगारों, किसानों और कर्मचारियों के साथ धोखा किया है। महंगाई बढ़ाई है, और सरकारी सेवाओं का बुरा हाल कर दिया है। प्रदेश की हालत ऐसी हो गई है कि स्वास्थ्य, शिक्षा और प्रशासनिक संस्थान बंद हो गए हैं, और विकास ठप है। बिन्दल ने इस प्रदर्शन को माफियाराज के खिलाफ आवाज़ बुलंद करने का अवसर बताते हुए कहा कि यह सरकार मित्रों के हितों को आगे बढ़ाने वाली सरकार बन चुकी है। 27 मार्च को प्रदेशभर से लोग एकजुट होकर माफियाराज के खिलाफ अपनी आवाज उठाएंगे।
हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र के ग्यारहवें दिन आज जल रक्षकों ने शिमला के चौड़ा मैदान में अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। जल रक्षक लंबे समय से नियमितिकरण को लेकर पॉलिसी में संशोधन करने की मांग उठा रहे हैं। संघ ने सरकार को चेतावनी दी है कि सरकार जबतक उनकी मांगे नहीं मानेगी तब धरना जारी रहेगा। जल रक्षक संघ के प्रदेशाध्यक्ष रूप लाल ने बताया कि प्रदेशभर में नौ हजार के करीब जलरक्षक सेवाएं दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार ने मात्र 300 रुपए वेतन बढ़ाया है। उन्हें 56 सौ रुपए वेतन दिया जा रहा है, जिससे उन्हें आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि 12 साल सेवाएं देने के बाद जल रक्षकों को अनुबंध पर लाया जाता है। इस अवधि को घटकर 7 वर्ष किया जाना चाहिए। उन्हें पूर्ण रूप से जल शक्ति विभाग में शामिल किया जाना चाहिए। रूप लाल ने कहा कि सीएम और डिप्टी सीएम से उन्हें केवल आश्वाशन ही मिला लेकिन अभी तक कोई नीति नहीं बन पाई। ऐसे में इस बार जब तक सरकार उनसे बात करके मांगे नहीं मानते है तब तक धरना जारी रहेगा।
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