कांग्रेस के 2 साल के समारोह को लेकर शिमला में कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई गई, जिसमें सभी विधायकों को समारोह के लिए भीड़ जुटाना के निर्देश दिए गए। खासकर उन विधायकों को ज्यादा भीड़ लाने को कहा गया जो बिलासपुर के नजदीक विधानसभा क्षेत्र के विधायक हैं । समारोह में 30 हजार तक भीड़ एकत्रित करने का लक्ष्य रखा गया है। बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि 2 साल का कार्यकाल पूरा होने पर बिलासपुर में समारोह का आयोजन किया जा रहा है इसको लेकर आज बैठक बुलाई गई थी और विधायकों को जरूरी दिशा निर्देश देने के साथ ही इस समारोह में 25 से 30 हजार तक की भीड़ एकत्रित करने को लक्ष्य रखा गया है। बिलासपुर के नजदीक के विधायकों को ज्यादा लोगो को एकत्रित करने का जिम्मा दिया गया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार ने 2 साल में काफी बड़ी उपलब्धियां हासिल की लेकिन भाजपा की बात करें तो भाजपा ने प्रदेश को 5 सालों में भ्रष्टाचार पेपर ऑन सेल दहेज में दिया। भाजपा के समय पेपर लीक हुए और युवा रोजगार से मेहरून हुए इसके अलावा भ्रष्टाचार वर्तमान सरकार को दहेज में मिला है। भाजपा ने जो 5 साल में कार्य किए हैं उनको जनता के बीच अदालत में ले जाया जाएगा। कांग्रेस सरकार ने एक लाख 36 हजार सरकारी कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन स्कीम दी है। क्या भाजपा सरकारी कर्मचारियों को बोलेंगे कि पेंशन स्कीम देने का हिम्मत रखते हैं नहीं बोल सकते क्योंकि वह देने की हिम्मत नहीं रखते है। इसके अलावा प्यारी बहनों को ₹1500 सुख सम्मान निधि दी है। युवाओं के लिए 600 आशिक रोड के फंड की शुरुआत इंदिरा गांधी सुख शिक्षा योजना के तहत 23000 बच्चों के लिए योजना शुरू करने और विधवा और अनाथ बच्चों के लिए योजना चलाई गई। गाय और भैंस के दूध के दाम बढ़ाए है। इसके अलावा बिलासपुर में गोबर खरीदी की जो गारंटी कांग्रेस सरकार ने दी थी इसकी शुरुआत करने जा रही है।
हिमाचल के राशन कार्ड उपभोक्ताओं को अब डिपुओं से मिलने वाली चना दाल महंगी मिलेगी। सरकार की ओर से चना दाल को लेकर नए रेट जारी कर दिए हैं। नए मूल्यों में एपीएल उपभोक्ताओं को चना दाल के लिए 17 रुपये, बीपीएल राशन कार्ड उपभोक्ताओं को 27 और टैक्स देने वाले राशन कार्ड उपभोक्ताओं को 19 रुपये अतिरिक्त चुकाने होंगे। तेल के टेंडर की फाइल सरकार के पास फंसी है। इसी सप्ताह डिपुओं में करीब दो माह के बाद दाल की सप्लाई शुरू हुई है। जबकि उड़द की दाल के लिए सप्लाई ऑर्डर जारी किया गया है। हाल ही में चना दाल को लेकर दाम तय हुए हैं। इनमें एपीएल और बीपीएल उपभोक्ताओं को 65 और टैक्स देने वाले राशन कार्ड उपभोक्ताओं को 69 रुपये किलोग्राम के दाम चुकाने होंगे। इससे पहले यह दाम क्रमश: 48, 38 और 56 रुपये थे। नए दाम तय होने के बाद बीपीएल उपभोक्ताओं को एक किलोग्राम चना दाल के 27 रुपये अधिक चुकाने होंगे, जबकि एपीएल उपभोक्ताओं को 17 और टैक्सपेयर उपभोक्ताओं को 13 रुपये अधिक चुकाने होंगे। प्रदेश सरकार की ओर से उचित मूल्य ही सहकारी दुकानों के जरिये राशन कार्ड उपभोक्ताओं को सस्ता राशन उपलब्ध करवाने के दावे किए जाते हैं, लेकिन सरकार की ओर से हर बार दालों के दामों में बदलाव किया जा रहा है। नए दामों के साथ राशन कार्ड उपभोक्ताओं को चना दाल उपलब्ध करवाई जाएगी। डिपो में जल्द ही उपभोक्ताओं को उड़द भी उपलब्ध होगी।
बिलासपुर/सुनील: प्रदेश सरकार में नगर नियोजक, आवास, तकनीकी शिक्षा, व्यावसायिक एवं औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री राजेश धर्मानी ने आज बिलासपुर के कहलूर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का दौरा कर 11 दिसंबर को सरकार के 2 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित होने वाले भव्य कार्यक्रम की तैयारियों का विस्तृत जायजा लिया। उन्होंने अधिकारियों को सभी व्यवस्थाओं को समय पर पूरा करने के निर्देश दिए और जोर देकर कहा कि यह कार्यक्रम सरकार की उपलब्धियों को जनता तक पहुंचाने का एक महत्वपूर्ण माध्यम होगा। मंत्री ने बताया कि इस अवसर पर बिलासपुर में एक ऐतिहासिक रैली आयोजित की जाएगी, जिसमें हजारों लोगों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। कार्यक्रम में प्रदेश सरकार के पिछले दो वर्षों उपलब्धियां बताई जाएगी इसके अतिरिक्त, प्रदेश के अगले तीन वर्षों के विकास कार्यों और योजनाओं का रोडमैप भी जनता के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। मंत्री ने कहा कि इस आयोजन से प्रदेश की जनता को सरकार की नीतियों और कार्यों की जानकारी मिलेगी, साथ ही आने वाले वर्षों में प्रदेश के विकास की दिशा का भी परिचय मिलेगा। उन्होंने सभी विभागों को निर्देश दिया कि वे मिल-जुलकर इस आयोजन को सफल बनाने के लिए तत्परता और समर्पण के साथ कार्य करें। मंत्री ने कहा कि इस भव्य आयोजन से प्रदेश सरकार की उपलब्धियों को और अधिक प्रभावशाली तरीके से जन-जन तक पहुंचाया जाएगा और यह रैली प्रदेश की राजनीतिक और सामाजिक दृष्टि से एक ऐतिहासिक क्षण बनेगी। इस दौरान उपायुक्त बिलासपुर आबिद हुसैन सादिक, एसपी बिलासपुर संदीप धवाल, हिमुडा के सदस्य जितेंद्र चंदेल, एपीएमसी चेयरमैन सतपाल और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
हिमाचल प्रदेश के पांच जिलों के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बारिश-बर्फबारी का पूर्वानुमान है। माैसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार राज्य के लाहाैल-स्पीति, चंबा, किन्नाैर, कांगड़ा व कुल्लू जिले के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में आज व कल हल्की बारिश-बर्फबारी की संभावना है। प्रदेश के अन्य जिलों में आगामी सात दिनों तक माैसम साफ रहने के आसार हैं। 4 दिसंबर से सभी भागों में माैसम साफ रहने की संभावना है। उधर, मनाली-लेह नेशनल हाईवे-03 पर दारचा-सरचू के बीच हुई ताजा बर्फबारी और सड़क पर ब्लैक आइस जमने के कारण इस मार्ग को यातायात के लिए बंद कर दिया गया है। लाहौल को स्पीति से जोड़ने वाली कोकसर-लोसर सड़क को भी यातायात के लिए बंद कर दिया गया है। हालांकि, दारचा-शिंकुला सड़क में वाहनों की आवाजाही का समय दोनों ओर से सुबह 10:00 बजे से दोपहर बाद 1:00 बजे के बीच निर्धारित किया गया है। इस दौरान सभी वाहन चालकों को दारचा में पुलिस चेक पोस्ट में अपना नाम और पता दर्ज करना होगा, जिससे आपात स्थिति में पुलिस टीम उनकी सुरक्षा के लिए समय पर मदद को पहुंच सके।
** 300 इलेक्ट्रक बसें भी जल्द दाैड़ेंगी सड़कों पर हिमाचल पथ परिवहन निगम को 250 डीजल बसों को खरीदने की मंजूरी मिल गई है। यह जानकारी सोमवार को उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने अंतरराज्यीय ढली बस अड्डा के उद्घाटन के बाद दी। उन्होंने कहा कि यह बसें 36-37 सीटर होंगी। अगले एक से डेढ़ महीने में एचआरटीसी को मिल जाएंगी। मुकेश ने कहा कि 300 इलेक्ट्रिक बसों के लिए भी पैसा प्राप्त हो गया है। जल्द हिमाचल की सड़कों पर इलेक्ट्रिक बसें दाैड़नी शुरू हो जाएंगी। 100 टेंपो ट्रैवलर भी खरीदे जा रहे हैं। कहा कि इलेक्ट्रिक स्टेशन व वर्कशाॅप के लिए 100 करोड़ से अधिक राशि प्राप्त हुई है। एचआरटीसी कर्मियों व पेंशनरों को हर महीने समय पर वेतन-पेंशन दी जा रही है।
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि सभी सरकारी विभागों में वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (एसीआर) भरने का तरीका बदला जाएगा। अब काम के आधार पर ग्रेडिंग होगी। एसीआर दर्ज करने के लिए न्यूमेरिकल आधारित प्रणाली अपनाई जाएगी। अब गुड और वैरी गुड नहीं, अंकों के आधार पर आंका जाएगा। इसके लिए ऑनलाइन प्रणाली विकसित की जा रही है। शनिवार देर शाम को शिमला के पीटरहॉफ में प्रदेश के सभी कॉलेजों के प्रिंसिपलों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए सीएम ने आश्वासन दिया कि संस्कृत महाविद्यालयों में स्नातकोत्तर कक्षाएं जल्द आरंभ करेंगे। जिला मुख्यालय स्थित महाविद्यालयों को और सशक्त करेंगे, जबकि दूरदराज के क्षेत्रों के महाविद्यालयों को आवश्यकतानुसार हर सहायता देंगे। सीएम ने कहा कि हिमाचल देश का पहला राज्य है जो विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं की रैंकिंग कर रहा है। इससे शैक्षणिक संस्थाओं का आत्मनिरीक्षण व अंकेक्षण सुनिश्चित होगा। जिन शैक्षणिक संस्थाओं की बेहतर रैंकिंग होगी, उनके लिए परफार्मेंस बेस्ड ग्रांट देंगे। सीएम ने कहा कि कॉलेजों के प्रिंसिपलों की वित्तीय और प्रशासनिक शक्तियां बढ़ाएंगे। शिक्षा विभाग में डिसेंट्रलाइजेशन ऑफ पावर किया जाएगा, इससे सुशासन और कार्यों की समयबद्धता सुनिश्चित होगी। प्रिंसिपलों को जरूरतमंद छात्रों को आवश्यक वित्तीय सहायता देने के लिए वित्तीय शक्तियां दी जाएंगी। सभी विधानसभा क्षेत्रों में एकीकृत खेल परिसर विकसित करेंगे। उन कॉलेजों में बीएड पाठ्यक्रम शुरू करेंगे, जहां पर्याप्त आधारभूत ढांचा है। सरकार अगले वित्त वर्ष से शिक्षा क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलाव ला रही है। शिक्षा के साथ-साथ स्वास्थ्य शिक्षा में भी गुणात्मक बदलाव ला रहे हैं और नवीनतम चिकित्सा प्रौद्योगिकी को प्रोत्साहित करने के लिए नवोन्मेषी कदम उठाए हैं। इस वर्ष इस क्षेत्र के लिए 500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। मुख्यमंत्री ने राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल, डॉ. वाईएस परमार विद्यार्थी ऋण योजना, राष्ट्रीय शिक्षा नीति सहित विभिन्न विषयों पर चर्चा और प्रधानाचार्यों के साथ संवाद किया। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि सरकार आधारभूत संरचना को सुदृढ़ करने के साथ-साथ रिक्त पद भरने पर विशेष अधिमान दे रही है। दो वर्ष में शिक्षा विभाग में अध्यापकों के लगभग 15,000 पद सृजित किए हैं , जिन्हें चरणवद्ध भरा जा रहा है। ऐसा पहली बार हुआ कि कैबिनेट की एक बैठक में शिक्षकों के 5,800 पद भरने की स्वीकृति प्रदान की गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा के बाद अब स्वास्थ्य क्षेत्र में भी बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। हिमाचल के मेडिकल कॉलेजों में रोबोटिक सर्जरी और एमआरआई मशीनें स्थापित की जाएंगी। आपातकालीन व अन्य विभागों में डाॅक्टर 24 घंटे नहीं, बल्कि आठ घंटे ही ड्यूटी देंगे। सीएम ने यंह जानकारी 37वें विश्व एड्स दिवस पर पीटरहॉफ में हुए सही राह पर चलें विषय पर आधारित कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए दी। सीएम ने एचआईवी जागरूकता और स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए कार बिन पहल की शुरुआत की। पहले चरण में 4,000 टैक्सियों को कार बिन निःशुल्क उपलब्ध करवाए जाएंगे। इसके बाद चरणबद्ध तरीके से राज्य में 30,000 टैक्सियों को कवर करने की योजना है। इन कार बिन में गाड़ी के अंदर पड़े रहने वाला कूड़ा-कचरा डाला जाएगा, ताकि कूड़ा सड़क पर न फेंकें। सीएम ने भी अपनी गाड़ी में कार बिन लगाकर इसकी पहल की। मुख्यमंत्री ने एचआईवी की रोकथाम के लिए गेट अवेयर, गेट टेस्टिड व गेट विक्ट्री ओवर एचआईवी 3-जी फार्मूला दिया। उन्होंने युवाओं से इस सिद्धांत को अपनाने और जागरूकता बढ़ाने में भूमिका निभाने का आग्रह किया।
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुक्खू दिल्ली से वापस लौट आए हैं। शिमला में मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार पर भेदभाव करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार हिमाचल प्रदेश सरकार के साथ भेदभाव कर रही है। जहां-जहां गैर भाजपा की सरकारें हैं, वहां उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है।मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में जब आपदा आई, तो राज्य सरकार ने नियमों के मुताबिक पीडीएनए (Post-Disaster Needs Assessment) का 10 हजार करोड़ रुपए मांगा। इसके साथ ही लंबे वक्त से एनपीए का नौ हजार करोड़ रुपए भी मांगा जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह हिमाचल प्रदेश का हक है, जो हिमाचल को नहीं मिल रहा है। आने वाले समय में केंद्रीय मंत्रियों से मिलूंगा और कहूंगा कि हिमाचल छोटा राज्य है तो इसका भी ध्यान रखिए। उन्होंने कहा कि 20 दिसंबर को जैसलमेर में पूरे देश के वित्त मंत्रियों की एक बैठक होने वाली है। जिसमें हिमाचल के वित्त मंत्री के तौर पर हिस्सा ले रहा हूं। वह प्रदेश के हितों की पैरवी कर रहे हैं और हिमाचल प्रदेश के अधिकारों को लेकर रहेंगे। सीएम सुक्खू ने कहा कि 11 दिसंबर 2024 को हिमाचल में कांग्रेस सरकार दो साल का कार्यकाल पूरा करने जा रही है। उन्होंने कहा कि इस दौरान एक कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। ये कोई जश्न नहीं है, बल्कि एक कार्यक्रम है। जश्न शब्द का इस्तेमाल तो सिर्फ राजनीतिक दृष्टि से ही किया जाता है। कार्यक्रम में सभी पार्टी के पदाधिकारी शामिल होंगे। बता दें कि हाल ही में एचआरटीसी की बस में राहुल गांधी और विपक्ष के अन्य नेताओं के खिलाफ डिबेट सुनने के मामले ने भी तूल पकड़ा था, जिसपर मुख्यमंत्री सुक्खू से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि वे नहीं जानते किस तरह की बातें क्यों सामने आ रही हैं, साथ ही उन्होंने पूर्व कांग्रेस नेता रहे आचार्य प्रमोद कृष्णम के बयान पर प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया, जिसमें आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा था कि हिमाचल प्रदेश में आपातकाल जैसे हालात हैं।
हिमाचल प्रदेश के ग्रीष्म और शीतकालीन स्कूलों में शैक्षणिक सत्र 2025-26 में 30 छुट्टियां फिक्स रहेंगी। 22 छुट्टियां मौसम के हिसाब से जिला उपायुक्त तय करेंगे। अधिक गर्मी, सर्दी और बरसात पड़ने पर इन 22 छुट्टियों को दिया जाएगा। सरकारी स्कूलों की 52 वार्षिक छुट्टियाें का कैलेंडर बनाने में जुटे शिक्षा विभाग ने यह प्रस्ताव तैयार कर दिया है। इस साल छुट्टियों का पुराना शेड्यूल ही जारी रहेगा। बीते पांच साल के दौरान प्राकृतिक कारणों के चलते कब-कब किस-किस क्षेत्र के स्कूल में छुट्टियां देनी पड़ीं, अब इसका रिकॉर्ड भी खंगाला जा रहा है। जनवरी और फरवरी 2025 में एसएमसी, विद्यार्थियों, शिक्षकों, अभिभावकों और आम जनता से भी इसके बारे में सुझाव मांगे जाएंगे। सुझावों पर विचार करने के बाद 2025-26 की छुट्टियों का शेड्यूल तैयार किया जाएगा। शिक्षा सचिव राकेश कंवर ने बताया कि प्रदेश की भौगोलिक स्थिति भिन्न है। ऊना, बिलासपुर जैसे जिलों में जहां गर्मियां बहुत अधिक होती हैं, वहीं लाहौल-स्पीति, किन्नौर व चंबा में बर्फबारी अधिक रहती है। शिमला, कांगड़ा, मंडी, सोलन में बरसात अधिक होती है। अभी ग्रीष्म व शीतकालीन स्कूलों में छुट्टियों का एक तय प्रारूप है। कई बार देखा गया है कि बरसात की छुटि्टयां समाप्त होने के बाद बारिश की तीव्रता अधिक रहती है। ऐसे में स्कूलों में छुट्टियां करनी पड़ती हैं। कई जिलों में लू चलने पर स्कूल बंद करने पड़ते हैं। इन कारणों के चलते स्कूलों में निर्धारित 52 छुट्टियाें से ज्यादा अवकाश हो जाते हैं। शिक्षा सचिव ने कहा कि इसे ठीक करने के लिए अब 30 छुट्टियां स्कूलों में फिक्स रहेंगी। ये छुट्टियां त्योहारी सीजन और परीक्षा समाप्त होने के बाद मिलेंगी। शेष 22 पर जिला प्रशासन मौसम की स्थिति को देखते हुए देने का फैसला करेंगे। इस प्रस्ताव को लेकर सभी हितधारकों से चर्चा की जाएगी। अगर कोई और अच्छा विकल्प मिलेगा तो उस पर भी विचार किया जाएगा।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि प्रदेश के कॉलेजों में पीरियड आधार पर शिक्षक रखे जाएंगे। किसी कॉलेज में कोई शिक्षक छुट्टी पर जाता है तो इनके माध्यम से पढ़ाई जारी रखने में मदद मिलेगी। सीएम ने कहा कि उच्च शिक्षा प्राप्त युवाओं का कॉलेज स्तर पर डाटा एकत्र होगा। आवश्यकता पड़ने पर कॉलेज प्रिंसिपल इनसे संपर्क कर इनकी पीरियड के आधार पर सेवाएं ले सकेंगे। शिक्षा विभाग जल्द इस संदर्भ में दिशा-निर्देश जारी करेगा। सीएम उच्च शिक्षा के समक्ष चुनौतियां विषय पर शिमला में आयोजित बैठक को संबोधित कर रहे थे। सीएम ने कहा कि नए शैक्षणिक सत्र से स्कूलों में पढ़ाई के तरीकों में किए बदलाव के सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे। स्कूलों के बाद अब कॉलेजों में बदलाव के लिए रूपरेखा बनाई जा रही है। नए सत्र से कई कॉलेजों में बीएड भी शुरू की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि कॉलेजों के पुस्तकालयों की रैंकिंग वहां पढ़ने वाले विद्यार्थियों की संख्या के हिसाब से तय की है। कॉलेज में खेलकूद सहित अन्य गतिविधियों पर भी फोकस किया जा रहा है। शिमला के डिग्री और संस्कृत कॉलेजों के प्रिंसिपलों समेत शिक्षा विभाग के अधिकारियों से सीएम ने कहा कि गुणात्मक शिक्षा पर सरकार जोर दे रही है। शिक्षण संस्थानों में पढ़ाई का माहौल निरंतर बनाए रखने के लिए ही शिक्षकों के साल भर होने वाले तबादलों पर रोक लगाई गई है।
लगातार दो महीने से बारिश न होने और सूखे जैसी हालात के बीच हिमाचल प्रदेश की पेयजल योजनाओं में 20 फीसदी तक पानी घट गया है। इससे राज्य के कई इलाकों में पेयजल सप्लाई भी प्रभावित होने लगी हैं। आगे भी अगर यही हालात रहे तो इससे न केवल सर्दियों में पेयजल की कमी सकती है, बल्कि अगले वर्ष की गर्मियों तक इसका असर नजर आ सकता है। राज्य में कुल जलापूर्ति योजनाओं की संख्या 10,067 है, जबकि 41,835 हैंडपंप हैं। इनमें पानी का स्तर प्रभावित होने लगा है। बरसात के बाद से सूखे जैसी स्थिति बन चुकी है। इसके बाद जलापूर्ति योजनाओं की स्टेटस रिपोर्ट लेने के लिए राज्य सरकार के जल शक्ति विभाग ने ब्योरा मांगा। उसके बाद फील्ड से आई प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार कई योजनाओं में 20 प्रतिशत तक पानी की कमी दर्ज की गई है। जलशक्ति विभाग की प्रमुख अभियंता अंजु शर्मा ने कहा कि बारिश न होने से कई जगहों पर जलापूर्ति योजनाओं के स्रोतों में पानी की 5 फीसदी ताे कहीं 10 और कुछ जगह 20 फीसदी कमी भी दर्ज की गई है, मगर अभी कहीं से भी ऐसी रिपोर्ट नहीं आई है कि पेयजल की बड़ी किल्लत हुई हो। सोमवार को फील्ड से इस संबंध में ताजा रिपोर्ट ली जाएगी। चंबा जिले में मौसम की मार से प्राकृतिक जलस्रोतों, नदी-नालों और खड्डों में 20 से 30 फीसदी पानी की कमी दर्ज की गई है। वहीं, कांगड़ा, हमीरपुर और मंडी जिले की कुछ पेयजल योजनाओं में भी जलस्तर में कमी दर्ज की गई है। जलस्तर में कमी आने से जलशक्ति विभाग की चिंताएं भी बढ़ गई है। विभाग का कहना है कि अगर बारिश, बर्फबारी न हुई तो कुछ स्थानों पर पानी की किल्लत गहरा सकती है। जलशक्ति विभाग उपभोक्ताओं से अभी से पेयजल की बचत करने की अपील भी कर रहा है।
हिमाचल प्रदेश के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में माैसम ने करवट बदली है। रोहतांग के साथ कुल्लू व लाहौल की ऊंची चोटियों पर रुक-रुककर बर्फबारी का दाैर शुरू हो गया है। पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता से माैसम में यह बदलाव आया है। जिला कुल्लू में सुबह से आसमान में बादल छाए हुए हैं और ठंड भी पहले के मुकाबले अधिक हो गई है। तापमान में आई गिरावट से रोहतांग के साथ ऊंची चोटियों में बर्फ के फाहे गिर रहे हैं। किसान-बागवान बारिश व पर्यटन कारोबारी लंबे समय से बारिश-बर्फबारी का इंतजार कर रहे हैं। कुल्लू सहित अन्य जिलों में तीन माह से सूखा पड़ा है।माैसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार चंबा, कुल्लू, लाहाैल-स्पीति, कांगड़ा और किन्नाैर के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में आज से 3 दिसंबर तक बारिश व बर्फबारी का पूर्वानुमान है। अन्य जिलों में आगामी सात दिनों तक माैसम साफ रहने के आसार हैं। 4 दिसंबर से सभी जिलों में माैसम साफ रहने की संभावना है। वहीं शनिवार सुबह मंडी में हल्का कोहरा दर्ज किया गया। शिमला में न्यूनतम तापमान 8.2, सुंदरनगर 4.9, भुंतर 3.2, कल्पा 0.4, धर्मशाला 8.8, ऊना 4.5, नाहन 11.1, पालमपुर 6.0, सोलन 4.5, मनाली 2.5, कांगड़ा 6.2, मंडी 5.6, बिलासपुर 6.3, चंबा 6.8, जुब्बड़हट्टी 8.3, कुकुमसेरी -5.4, भरमाैर 6.0 , सेऊबाग 2.5, धाैलाकुआं 8.1, बरठीं 4.2, समदो -2.2, सराहन 7.1, ताबो -9.4 व देहरा गोपीपुर में 9.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है।
हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस का मजबूत संगठन बनाने के लिए हाईकमान ने मुख्यमंत्री सुक्खू और प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह के साथ शुक्रवार को विस्तार से चर्चा कर कई टिप्स दिए। दिल्ली में कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक के बाद मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष ने कई वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की। इस दौरान हाईकमान ने सरकार और संगठन में बेहतर तालमेल बनाकर चलने का दोनों नेताओं को पाठ पढ़ाया। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की अध्यक्षता में हुई बैठक में लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी, पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, महासचिव प्रियंका गांधी, प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ल सहित कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। पार्टी सूत्रों ने बताया कि कमेटी की बैठक के बाद मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष ने केसी वेणुगोपाल और राजीव शुक्ल के साथ अलग से बैठक की। वेणुगोपाल और शुक्ल को मुख्यमंत्री ने सरकार की गतिविधियों से अवगत कराया। मुख्यमंत्री ने भाजपा की ओर से सरकार के खिलाफ किए जा रहे दुष्प्रचार से भी अवगत कराया। उन्होंने सरकार का दो वर्ष का कार्यकाल पूरा होने पर 11 दिसंबर को बिलासपुर में होने वाले समारोह में आने के लिए कई वरिष्ठ नेताओं को न्योता भी दिया। उधर, प्रतिभा सिंह ने संगठन की नई कार्यकारिणी गठित करने की प्रक्रिया की जानकारी दी। सह प्रभारी विदित चौधरी और चेतन चौहान ने तीन दिनों तक प्रदेश पार्टी मुख्यालय राजीव भवन में कई वरिष्ठ नेताओं सहित फ्रंटल संगठन के प्रतिनिधियों से बैठक की है। जिला और ब्लॉक स्तर पर कार्यकारिणी गठित करने के लिए पर्यवेक्षकों ने भी काम संभाल लिया है। केसी वेणुगोपाल ने पार्टी के प्रति समर्पित कार्यकर्ताओं को संगठन में स्थान देने को कहा। राजीव शुक्ल ने युवाओं और महिलाओं को भी उचित प्रतिनिधित्व देने को कहा। आज मुख्यमंत्री दिल्ली से सीधे रोहड़ू जाएंगे। रोहड़ू में कई शिलान्यास और उद्घाटन करेंगे। दोपहर बाद राजधानी शिमला लौटकर राज्य अतिथि गृह पीटरहॉफ शिमला में उच्च शिक्षा के समक्ष चुनौतियों को लेकर आयोजित कॉलेज प्रिंसिपलों की बैठक में जाएंगे
हिमाचल के युवाओं को नशे से बचाने के लिए प्रदेश सरकार ने तस्करों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के संकेत दिए हैं। मुख्यमंत्री सुक्खू ने सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए हैं कि प्रदेश में चिट्टा, सिंथेटिक नशा और अन्य नशीले पदार्थों की तस्करी करने वाले तस्करों को जेल की सलाखों के पीछे डालने की सख्त जरूरत है। उन्होंने बाहरी राज्यों के साथ लगती हिमाचल की सीमाओं और चोर रास्तों पर नाके लगाने के निर्देश दिए गए हैं, जिससे बाहरी राज्यों से हिमाचल में चिट्टा न पहुंच सके। साथ ही युवाओं पर कड़ी नजर रखें। प्रदेश सरकार ने हिमाचल के साथ लगते राज्यों के पुलिस महानिदेशकों से भी लगातार संपर्क बनाए रखने को कहा है। संयुक्त अभियान से नशा माफिया पर कड़ी कार्रवाई की जा सकती है। नशा तस्करों को पकड़ने के लिए जिलों की पुलिस के साथ सीआईडी के सक्षम अधिकारियों व कर्मचारियों को शामिल किया जाएगा। मुख्यमंत्री सुक्खू ने गृह विभाग और पुलिस महकमे से चिट्टा तस्करों पर कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है। पुलिस को चिट्टा और अन्य तरह के नशे की तस्करी करने वाले लोगों के ठिकानों पर नजर रखने को कहा है। पुलिस मुख्यालय में हर सप्ताह पुलिस अधिकारियों की बैठक होती है। इसमें नशाखोरी के कई चौंकाने वाली जानकारियां सामने आई हैं। इसमें यह खुलासा हुआ है कि हिमाचल प्रदेश के शिक्षण संस्थानों में भी नशा तस्करों ने सेंधमारी कर रखी है। प्रदेश के शिक्षण संस्थानों में पढ़ रहे विद्यार्थियों को नशा तस्कर निशाने पर लिए हुए हैं। यह भी बात सामने आ रही है कि हिमाचल प्रदेश में जो कई नशा निवारण केंद्र निजी तौर पर चल रहे हैं, उनके इर्द-गिर्द भी नशा तस्कर सक्रिय हैं।
हिमाचल प्रदेश विधानसभा के शीत सत्र के चलते शिक्षा विभाग में 11 से 21 दिसंबर तक छुट्टियों पर रोक लगा दी गई है। 18 दिसंबर से शुरू होने वाले शीत सत्र के चलते उच्च और प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने शुक्रवार को प्रस्तावित छुट्टियों और टूर पर रोक लगाने के निर्देेश भी जारी कर दिए हैं। विभागीय आदेशों के तहत अधिकारियों और उनके तहत काम करने वाले कर्मचारियों को शीत सत्र के चलते रविवार सहित अन्य छुट्टियों के दौरान भी बुलाया जा सकता है। विभाग ने विधानसभा में शिक्षा विभाग से संबंधित लगे सभी प्रश्नों के जवाब जल्द देने को भी कहा है। शिक्षा निदेशालय ने सभी संबंधित अधिकारियों को आदेश दिए हैं कि शीत सत्र के दौरान विभाग से संबंधित सभी प्रश्नों के जवाब तैयार होने चाहिए।अधिकारियों के पास हर तरह की जानकारी होनी चाहिए। कहा गया है कि विभाग की हर शाखा में कम से कम एक अधिकारी इस दौरान रोजाना सुबह साढ़े आठ बजे आफिस में होना चाहिए। शाम को पांच बजे के बाद भी अफसरों को दफ्तर में मौजूद रहने को कहा गया है। अतिरिक्त निदेशक प्रशासन, संयुक्त निदेशक कॉलेज, संयुक्त निदेशक फाइनेंस एंड अकाउंट, सह निदेशक, उच्च शिक्षा के सभी उपनिदेशक, सभी सरकारी कॉलेजों के प्रिंसिपल, कमांडर एनसीसी और चीफ लाइब्ररेरियन सेंट्रल स्टेट लाइब्रेरी सोलन, प्रारंभिक शिक्षा के सभी उपनिदेशक, प्रिंसिपल डाइट की छुट्टियां रद्द करने के आदेश दिए गए हैं। इन अधिकारियों के तहत काम करने वाले स्टाफ को भी छुट्टियां नहीं मिलेंगी।
हिमाचल प्रदेश के राशन डिपुओं में अब अन्य राशन के साथ मक्की का आटा भी उपभोक्ताओं को दिया जाएगा। यह जानकारी डीएफसी कांगड़ा पुरु षोतम सिंह तंवर ने दी। उन्होंने बताया कि शुरूआती चरण में मक्की का आटा जिला कांगड़ा के कुछ डिपो में भेजा जाएगा और उसके बाद सभी डिपुओं में इसकी सप्लाई भेजी जाएगी। उन्होंने बताया कि युवाओं को खेती बाड़ी के पेशे से जोड़ने के लिए सुक्खू सरकार ने अहम फैसला लिया है। ग्रामीणों की आर्थिकी मजबूत करने के लिए सुक्खू सरकार प्राकृतिक खेती से तैयार पारंपरिक फसलों को किसानों से महंगे भाव में खरीदने की योजना लेकर आई है। इसी के तहत मक्की खरीदी जा रही है। इस योजना के तहत सरकार पहली बार किसानों से प्राकृतिक खेती से तैयार मक्की की फसल को 30 रु पए प्रति किलो के हिसाब से खरीद रही है, जिसके लिए प्रदेशभर में प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के तहत किसानों से मक्की खरीदी जा चुकी है। ऐसे में प्राकृतिक खेती से तैयार मक्की की खपत बढ़ाने के लिए सरकार ने डिपुओं में मक्की का आटा बेचने की योजना तैयार की है। इसके तहत हिमाचल के डिपुओं में पहली बार बिना कीटनाशकों और रसायनों से तैयार की गई मक्की का आटा मिलेगा। ये मक्की का आटा एक किलो और पांच किलो की पैकिंग में उपलब्ध होगा। इसका मूल्य 80 रुपए प्रति किलो होगा, जिसके लिए खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग ने फ्लोर मिलों से मक्की की पिसाई करवा ली है। जल्द मक्की का आटा उचित मूल्यों की दुकानों में बेचने के लिए उपलब्ध होगा। खासकर शहरी क्षेत्नों में सर्दियों के मौसम में मक्की के आटे की काफी अधिक मांग रहती है। प्रदेश भर में प्राकृतिक खेती करने वाले 3,218 प्रमाणति किसान चयनित किए गए हैं। बता दें कि इस साल लाहौल-स्पीति और किन्नौर के अलावा अन्य 10 जिलों में प्राकृतिक खेती से 13.304 हेक्टेयर भूमि पर 27,768 मीट्रिक टन मक्की तैयार की गई है। इसमें से 508 मीट्रिक टन अतिरिक्त मक्की सरकार किसानों से खरीदेगी। इस सीजन में 92,516 किसानों ने प्राकृतिक खेती से मक्की की फसल तैयार की है, जिसमें खरीद के लिए विभाग ने 3,218 किसान चयनित किए हैं।
देश में 90 दवाइयां मानकों पर सही नहीं पाई गई हैं। इनमें से 38 दवाएं हिमाचल में बनीं हैं। राज्य ड्रग नियंत्रक और केंद्रीय औषधि नियंत्रण संगठन की ओर से दवाओं के सैंपल लिए गए थे। उधर, राज्य ड्रग नियंत्रक मनीष कपूर ने बताया कि दवाएं मानकों पर सही न पाए जाने पर कंपनियों को नाेटिस जारी कर लाइसेंस रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। वहीं, दवाओं का स्टॉक भी वापस मंगवाया गया है। अक्तूबर में ड्रग नियंत्रक ने देशभर में 34 सैंपल लिए थे, इनमें हिमाचल में बनीं 14 दवाएं मानकों पर खरी नहीं उतरी हैं। झाड़माजरी की डॉक्सीन कंपनी की टॉन्सिल की दवा सेपकेम, सोलन के चिरोस फार्मा की जीवाणू संक्रमण की दवा सेफोप्रोक्स, भटोली कलां की टास मेड कंपनी की मिर्गी की दवा डिवालप्रोक्स के तीन सैंपल, कांगड़ा के संसारपुर टैरेस स्थित सीएमजी बायोटेक कंपनी की चक्कर आने की दवा बीटा हिस्टीन, नालागढ़ के सैणी माजरा स्थित थियोन फार्मास्युटिकल कंपनी की बैक्टीरिया की दवा सेफेक्मीस, बद्दी के जुड़ी कलां की स्काई मेप फार्मास्युटिकल कंपनी की बुखार की दवा बायोसिटामोल, सुबाथू की गटी स्थित जेएम लैबोरेट्री की बीपी की दवा टारविग्रेस, बद्दी के लोधी माजरी की सनफाइन कंपनी का खांसी का कफ सीरप, मोरपिन लैबरोटरी की दमा की मोंटीलुकास्ट, बद्दी के विंग बायोटेक की दमे की दवा मोंटी लुकास्ट, बद्दी के मलकू माजरा की कंपनी मट्रिन एवं ब्राउन कंपनी की उल्टी की दवा स्टेमेरिल इंजेक्शन और किशनपुरा के एलविस फार्मा की पेशाब के संक्रमण की दवा अल्सिप्रो के सैंपल मानकों पर सही नहीं पाए गए हैं। केंद्रीय औषधि नियंत्रण संगठन की ओर से 56 दवाओं के सैंपल लिए गए थे। इनमें हिमाचल में बनीं 24 दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं। केविट फार्मास्युटिकल कंपनी बद्दी की सूजन की दवा ट्रिपिसन, बागवानियां स्थित यूनाइटेड बायोटेक कंपनी की कैंसर की दवा लिपोसोमल, कालाअंब स्थित प्रिमस फार्मास्युटिकल कंपनी की फंगल इंफेक्शन की दवा नेटमाइसिन, मलकू माजरा स्थित मार्टिन एंड ब्राउन की एनीमिया की दवा आयरन सुक्रोज, बरोटीवाला के मंधाला स्थित ईजी फार्मास्युटिकल कंपनी के सूजन की दवा बेटा मेथासोन, कालाअंब की विद्याशाला कंपनी के कोलेस्ट्रोल की दवा रोसूवाईस्टोरिन, बद्दी के मानपुरा स्थित शिवा बायोटेक कंपनी की उल्टी की दवा रेबेप्रोजोल, मधाला स्थित मेरिन मेडिकेयर कंपनी की सूजन की दवा एसोक्लोफेनाक, लविश आइडल फार्मेसी कंपनी की एंटीबायोटेक की दवा एनरोपाक्सासिन, काठा स्थित अल्ट्रा ड्रग कंपनी की उल्टी की दवा रेबोप्रोजोल के सैंपल फेल हुए हैं। बद्दी की कोरफेक्स मेडिकर कंपनी की बीपी की दवा टेलमीसारटन, कांगड़ा के संसारपुर टैरेस स्थित सीएमजी बायोटेक कंपनी की संक्रमण की दवा सिपरो फ्लोक्सासिन, खरुणी के नंदपुर स्थित तनिष्का फार्मास्युटिकल कंपनी की एसिड की मात्रा कम करने की दवा एसोमेप्राजोल, बद्दी के किशनपुरा स्थित एलवेंटा फार्मा की सूजन की दवा एसेक्लोपेनाक, कालाअंब के ओगली स्थित ओरिसन फार्मा की हार्ट की दवा एनालाप्रिल, थाना बद्दी की नेपचुन लाइफ साइंस की फंगल इंफेक्शन की दवा टबिनाफोर्स, झाड़माजरी की कलरेक्स हेल्थकेयर कंपनी की अल्सर की दवा रेबोप्रोजोल, भटोली कलां की मेडिवेल बायोटेक की निमोनिया की दवा अमोक्सीक्लीन, बद्दी के संडोली स्थित हेल्थ बायोटेक कंपनी की निमोनिया की दवा अमोक्सीक्लीन के सैंपल मानकों पर सही नहीं पाए गए हैं।
** अभियान के तहत राज्य स्तरीय नशामुक्त अभियान समिति की बैठक आयोजित प्रदेश सरकार नशामुक्त हिमाचल बनाने के लिए नशामुक्त भारत अभियान के तहत केंद्र सरकार को विस्तृत प्रस्ताव भेजेगी। इस प्रस्ताव में प्रदेश में नशामुक्ति केंद्र खोलने सहित विभिन्न क्रियाकलापों का विवरण शामिल किया जाएगा। इसी प्रस्ताव के आधार पर केंद्र सरकार से नशामुक्त भारत अभियान के तहत वित्तीय सहायता का आग्रह किया जाएगा। अभियान के तहत सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, मामले पर आवश्यक कार्रवाई कर रहा है। इसी अभियान के तहत आज यहां राज्य स्तरीय नशामुक्त अभियान समिति की पहली बैठक का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता सचिव सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता आशीष सिंघमार ने की। आशीष सिंघमार ने विभाग के अधिकारियों को जिला स्तर पर जिला नशामुक्त अभियान समिति के तहत विस्तृत प्रस्ताव बनाने के दिशा-निर्देश जारी किए। राज्य स्तरीय प्रस्ताव को शीघ्र ही अंतिम रूप देने के लिए उन्होंने संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने स्वास्थ्य, पुलिस, और शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ नशामुक्ति अभियान को सफल बनाने के लिए आपसी समन्वय से कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अभियान को सफल बनाने के लिए इन विभागों के साथ-साथ विभिन्न सामाजिक संस्थाओं का भी अहम योगदान अपेक्षित है। विभागीय अधिकारियों ने अवगत करवाया कि नशे की लत से ग्रस्त लोगों के लिए प्रदेश में कुल्लू, हमीरपुर और ऊना में 15 बिस्तर क्षमता और नूरपुर व कुल्लू में 15 बिस्तर क्षमता का एकीकृत पुनर्वास केंद्र चलाया जा रहा है। इसके अलावा सिरमौर, मंडी, शिमला जिलों में नशामुक्ति केंद्र स्थापित करने के लिए विचार-विमर्श किया गया। शेष अन्य जिलों में व्यवहारिकता एवं उपयोगिता के आधार पर केंद्र खोलने को लेकर चर्चा की गई। प्रदेश के कारावासों में भी नशामुक्ति अभियान चलाने के प्रस्ताव पर भी चर्चा की गई। इस अवसर पर विभिन्न अधिकारियों ने अपने सुझाव भी प्रस्तुत किए। बैठक में राज्य स्तरीय नशामुक्ति अभियान समिति में शामिल पुलिस, शिक्षा, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता, स्वास्थ्य विभाग और विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के पदाधिकारियों ने भाग लिया।
** लगेज पॉलिसी में रियायत, एचआरटीसी की बसों में दूध और सब्जियों का किराया माफ **ऊना पुराने बस अड्डे में सार्वजनिक एवं निजी भागीदारी मोड पर बनेगा कार पार्किंग एवं व्यावसायिक परिसर उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने बीते दिन हिमाचल पथ परिवहन निगम निदेशक मंडल की 158वीं और बस अड्डा प्रबंधन एवं विकास प्राधिकरण निदेशक मंडल की 70वीं बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए और विभिन्न मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई। अग्निहोत्री ने कहा कि परिहवन निगम में वर्ष 2022 से जेओए (आईटी) के 177 और कम्प्यूटर ऑपरेटर के 12 पद रिक्त हैं। यह परीक्षाएं हमीरपुर चयन आयोग के पेपर लीक होने के कारण स्थगित हुई थीं, अब इन पदों को दोबारा भरने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि निगम के बेड़े में 297 नई इलेक्ट्रिक बसों की खरीद प्रक्रिया अंतिम चरण में है। बैठक में 100 मिनी बसों की खरीद को भी मंजूरी दी गई। उप-मुख्यमंत्री ने बताया कि पथ परिवहन निगम सात माह के भीतर यूपीआई क्रेडिट डेबिट एनसीएमसी कार्ड लागू करने वाला हिमाचल प्रदेश पहला राज्य बना है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के राजघाट के समीप एचआरटीसी के चालकों-परिचालकों के लिए 120 बिस्तर क्षमता के ठहराव स्थल की बेहतर व्यवस्था की गई है। बैठक में लगेज पॉलिसी में रियायत देते हुए एचआरटीसी की बसों में दूध और सब्जियों के किराये को माफ करने का निर्णय भी लिया गया। बैठक में अवगत करवाया कि एचआरटीसी ने अब तक 66 करोड़ की आय अर्जित की है और आय में लगभग 14 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। बैठक में बैजनाथ पुराने बस अड्डे में पार्किंग एवं व्यावसायिक परिसर का निर्माण करने का निर्णय लिया गया। सरकाघाट पुराने बस अड्डे को बरछवाड़ स्थित नए बस अड्डे में स्थानातंरित करने की भी मंजूरी दी गई। चंबा पुराने बस अड्डे में कार पार्किंग एवं व्यावसायिक परिसर का निर्माण करने का निर्णय लिया गया। ऊना पुराने बस अड्डे में सार्वजनिक एवं निजी भागीदारी मोड पर कार पार्किंग एवं कॉमर्शियल कॉम्प्लैक्स बनाया जाएगा। बिलासपुर स्थित मंडी भराड़ी में बस अड्डे का निर्माण किया जाएगा। प्रबंध निदेशक रोहन चंद ठाकुर ने बैठक का संचालन किया। उन्होंने आश्वासन दिया कि भविष्य में निगम की कार्य प्रणाली में और सुधार लाया जाएगा, ताकि लोगों को बेहतर सेवाएं प्रदान करने के साथ-साथ निगम की आय में भी वृद्धि की जा सके। बैठक में निदेशक मण्डल के सदस्य, प्रधान सचिव आर.डी. नजीम, निदेशक डीसी नेगी और विशेष सचिव वित्त रोहित जम्वाल उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि निर्माण, कृषि, चिकित्सा, आपदा के दौरान खाद्य वस्तुओं का वितरण आदि में ड्रोन तकनीक कारगर साबित हो सकती हैं। ड्रोन तकनीक के माध्यम से प्रदेश में लगभग 15 हजार युवाओं को रोजगार के अवसर सृजित किए जा रहे हैं। सुक्खू ने कहा कि सोलर एनर्जी के माध्यम से भी प्रदेश में लगभग तीन हजार से अधिक युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सृजित किए जा रहे हैं। राज्य में घरों की छतों पर लगभग 16 लाख सोलर रूफटॉप लगाए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने यह बात प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन एवं कृषि पारिस्थितिकी संस्था की ओर से ग्रीन हिमाचल समृद्ध हिमाचल विषय को लेकर दी गई प्रस्तुति के दौरान कही। इससे पूर्व प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन एवं कृषि पारिस्थितिकी संस्था के निदेशक राजीव ने ग्रीन हिमाचल-समृद्ध हिमाचल विषय को लेकर विस्तृत प्रस्तुति दी। सुक्खू ने कहा कि वर्ष 2023 में प्रदेश में लगभग 1.6 करोड़ पर्यटक पहुंचे। पर्यटन के माध्यम से लगभग तीन लाख लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त हुए हैं। प्रदेश सरकार के दो साल पूरा होने पर बिलासपुर में करवाए जा रहे समारोह की तैयारियां तेज हो गई हैं। रैली का समय 11 दिसंबर को सुबह 10ः30 बजे तय किया गया है। इस कार्यक्रम में राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों को भी आमंत्रित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने समारोह की तैयारियों के संबंध में बैठक की। उन्होंने इस कार्यक्रम की रूपरेखा पर विस्तृत चर्चा की और कहा कि इसमें कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को आमंत्रित किया जाएगा। कार्यक्रम में सभी मंत्रीगण, कांग्रेस विधायक, विभिन्न बोर्डों और निगमों के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष सहित अन्य शामिल होंगे। उन्होंने यातायात व्यवस्था सुचारु रखने के भी निर्देश दिए, जिससे लाेगों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। सरकार उपलब्धियां जनता के समक्ष रखेगी और व्यवस्था परिवर्तन से लोगों के जीवन में आए सकारात्मक बदलाव को रेखांकित किया जाएगा। सीएम ने सूचना एवं जन संपर्क विभाग को सरकार की दो वर्ष की उपलब्धियों पर एक वृत्तचित्र तैयार करने के निर्देश दिए। इस बैठक में मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार चंद शर्मा व कमलेश कुमार पंत, पुलिस महानिदेशक डॉ. अतुल वर्मा, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर, प्रशासनिक सचिव उपस्थित रहे।
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने आउटसोर्स के तहत स्वीकृत पदों पर कौशल विकास निगम में तैनात तीन जूनियर ऑफिस असिस्टेंट की सेवाएं समाप्त करने के फैसले पर रोक लगा दी है। तीनों अगली सुनवाई तक अपने पदों पर बने रहेंगे। याचिकाकर्ताओं ने कौशल विकास निगम के 14 नवंबर के फैसले को चुनौती दी है। निगम ने इन आउटसोर्स कर्मचारियों की सेवाओं को 30 नवंबर से समाप्त करने का फैसला लिया है। न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की एकल पीठ ने मामले में अगली सुनवाई को राज्य सरकार सहित सभी प्रतिवादियों को जवाब दायर करने के लिए कहा है। मामले की अगली सुनवाई 12 दिसंबर को होगी। याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता ने अदालत को हिमाचल सरकार की ओर से जारी 26 अक्तूबर के आदेश के बारे में अवगत कराया। इसके तहत कौशल विकास निगम ने प्रोजेेक्ट को 30 जून 2025 तक बढ़ाया है। कर्मचारियों की नियुक्तियां वर्ष 2017 में की गई थी। सरकार की ओर से स्वीकृत पदों पर कौशल विकास निगम ने राष्ट्रीय इलेक्ट्राॅनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान के माध्यम से आउटसोर्स आधार पर तैनाती दी गई है। निगम ने इनका कार्यकाल समय-समय पर बढ़ाया भी है। मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने याचिकाकर्ताओं की सेवाओं के संबंध में यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिए है।
हिमाचल पथ परिवहन निगम ने वोल्वो बसों की खरीद का टेंडर रद्द कर दिया है। यह निर्णय निगम के निदेशक मंडल की आज शिमला में उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया। निदेशक मंडल के इस निर्णय के बाद निगम में नई वोल्वो बसों का इंतजार बढ़ गया है। मुकेश अग्निहोत्री ने बैठक के बाद शिमला में पत्रकार वार्ता में कहा कि वोल्वो बसों की खरीद के लिए सिर्फ एक ही टेंडर आया था। ऐसे में निगम के निदेशक मंडल ने सिंगल टेंडर पर वोल्वो बसें नहीं खरीदने का निर्णय लिया। एचआरटीसी ने अपनी सभी 24 वोल्वो बसों के फ्लीट को बदलने का निर्णय लिया है। मुकेश अग्निहोत्री ने राज्य पथ परिवहन निगम की लगेज पॉलिसी में बदलाव की घोषणा की। उन्होंने कहा कि निगम के निदेशक मंडल ने लगेज पॉलिसी में जनता से मिले फीडबैक के आधार पर छूट देने का निर्णय लिया है। इस निर्णय के मुताबिक अब HRTC की बसों में किसानों द्वारा सब्जियां और दूध ले जाने पर उनसे किराया नहीं वसूला जाएगा। अग्निहोत्री ने कहा कि राज्य पथ परिवहन निगम इस साल के अंत तक अपनी 1000 पुरानी बसें बदलने जा रहा है। उन्होंने कहा कि निगम ने 327 इलेक्ट्रिक बसों की खरीद का निर्णय लिया है और यह प्रक्रिया अंतिम चरण में है। इसी तरह निगम ने 250 डीजल बसें भी खरीदने का फैसला किया है। यही नहीं निगम ने 100 मिनी बसें और टेंपो ट्रैवलर खरीदने का भी फैसला किया है। निगम के फ्लीट में इस समय लगभग 3200 बसें हैं। उन्होंने कहा कि निगम में 350 कंडक्टरों की भर्ती कर दी गई है और इन्हें नियुक्तियां भी दे दी गई हैं। इसके अलावा 189 जेओएआईटी और कंप्यूटर ऑपरेटर की भर्ती निगम ने राज्य चयन आयोग के माध्यम से करने का निर्णय लिया है। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि निगम के निदेशक मंडल ने निगम की बसों पर गुटखा और शराब के विज्ञापन नहीं लगाने का फैसला किया। यही नहीं जो विज्ञापन पहले से चल रहे हैं उन्हें हटाने का भी निर्णय लिया गया। अग्निहोत्री ने कहा कि आईएसबीटी शिमला के मामले को मंत्रिमंडल की बैठक में ले जाया जाएगा ताकि इस पर कोई फैसला लिया जा सके। उन्होंने कहा कि इस बस अड्डे का संचालन कर रही कंपनी ने बस अड्डे को सरकार को वापस करने की इच्छा जताई है और इसके लिए सरकार से 82 करोड़ रुपए मांगा है ताकि वह बस अड्डे के संचालन के लिए हुए समझौते से बाहर निकल सके। उन्होंने यह भी कहा कि मैकलोडगंज और कांगड़ा बस अड्डे का 25 करोड़ का आर्बिट्रेशन सरकार के खिलाफ आया है और निगम ने इस मामले को भी मंत्रिमंडल में ले जाने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि निगम के इस समय 3000 से अधिक मामले विभिन्न अदालतों में चल रहे हैं। अग्निहोत्री ने कहा कि परिवहन निगम निदेशक मंडल ने यह भी फैसला लिया है कि अब निगम के किसी भी कर्मचारी को घर में शादी अथवा बीमारी की स्थिति में केवल 200000 रुपये ही पीएफ अकाउंट से मिलेगा। हिमाचल पथ परिवहन निगम हर साल 1000 करोड़ रुपए का रियायती सफर लोगों को करवाता है। उन्होंने कहा कि निगम अकेले महिलाओं के रियायती सफर पर ही हर रोज 50 लाख रुपए खर्च कर रहा है। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण के गंभीर स्तर तक पहुंच जाने के चलते दिल्ली सरकार ने हिमाचल पथ परिवहन निगम की 16 बसों के दिल्ली में प्रवेश पर रोक लगा दी है। यह रोक ग्रेप स्टेज 4 के लागू होने के दृष्टिगत लगाई गई है क्योंकि हिमाचल पथ परिवहन निगम की बसें बीएस-4 श्रेणी की है। अग्निहोत्री ने पत्रकारों के सवालों के जवाब में कहा कि दिल्ली स्थित हिमाचल भवन हिमाचलियों की पहचान है और इसे कोई भी उंगली तक नहीं लगा सकता। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने उसके खिलाफ आए आर्बिट्रेशन के बाद इस मामले में 64 करोड रुपए जमा करवा दिए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार में बैठे लोग हिमाचल भवन सहित पर्यटन विकास निगम के 18 होटलों को बंद करने के अदालत के फैसले को लेकर सचेत है और इस मामले में सरकार ने प्रभावी कदम उठाए हैं।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज नई दिल्ली में प्रगति मैदान में आयोजित 43वें अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले का दौरा किया। 14 नवम्बर से शुरू हुआ यह मेला 27 नवम्बर तक चलेगा। मुख्यमंत्री ने हिमाचल प्रदेश राज्य हस्तशिल्प एवं हथकरघा निगम, विभिन्न स्वयं सहायता समूहों, हिम ईरा, एचपीएमसी द्वारा लगाए गए 16 स्टालों का अवलोकन किया जिनमें शहद और कृषि उत्पाद, शॉल, फल उत्पाद, हस्तशिल्प, ऊनी वस्त्र इत्यादि के स्टॉल शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय राजधानी में राज्य के उत्कृष्ट उत्पादों को प्रदर्शित करने के लिए उद्योग विभाग के प्रयासों की सराहना की। उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने मुख्यमंत्री को जानकारी दी कि लगभग 2 लाख लोग हिमाचल पैवेलियन का दौरा कर चुके हैं और लगभग 40 लाख रुपये कीमत के उत्पादों की बिक्री दर्ज की जा चुकी है। निदेशक उद्योग यूनुस ने मेले के दौरान प्रदर्शित विभिन्न उत्पादों और गतिविधियों की जानकारी प्रदान की। मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार सुनील शर्मा, आवासीय आयुक्त मीरा मोहंती सहित राज्य सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित रहे।
** हर विधानसभा क्षेत्र से 100 विद्यार्थियों का किया जाएगा चयन: सीएम सुक्खू मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज कहा कि प्रदेश के 6,800 युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की निःशुल्क तैयारी के लिए क्रैक अकादमी 34 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में इस संस्था के माध्यम से 100 विद्यार्थियों का चयन कर उन्हें छात्रवृत्ति प्रदान कर विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार किया जाएगा। प्रदेश के छठी कक्षा से लेकर स्नातक स्तर तक के विद्यार्थियों को इस संस्था के माध्यम से विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं सहित कौशल विकास पर भी जानकारी प्रदान की जाएगी। इससे पूर्व क्रैक अकादमी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी नीरज कंसल ने ‘समावेशी शिक्षा की ओर यात्रा’ विषय पर विस्तृत प्रस्तुति दी। इस अवसर पर शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, शिक्षा सचिव राकेश कंवर भी उपस्थित थे।
हिमाचल प्रदेश लोकसेवा आयोग प्रदेश पुलिस विभाग में विशेष ड्यूटी के लिए कांस्टेबल (पुरुष) के 708 पद और कांस्टेबल (महिला) के 380 पद भर रहा है। इन पदों को 4 अक्तूबर 2024 को विज्ञापित किया गया था। भर्ती प्रक्रिया जारी है। आयोग को इन विशेष ड्यूटी कांस्टेबल (पुरुष एवं महिला) के पदों के लिए ऑनलाइन भर्ती आवेदन पत्र यानि ओआरए में सुधार के लिए अभ्यर्थियों से बहुत सारे आवेदन प्राप्त हो रहे हैं। इसलिए आयोग ने फैसला लिया है कि अभ्यर्थी अपने ऑनलाइन भर्ती आवेदनों में श्रेणी परिवर्तन, नाम परिवर्तन, पिता का नाम, माता का नाम में सुधार के लिए 3 दिसंबर 2024 तक ईमेल आईडी यानी so.setbranch@gmail.com या ऑफलाइन मोड के माध्यम से आयोग को प्रतिनिधित्व कर सकते हैं। ओआरए में पुरुष से महिला या इसके विपरीत सुधार स्वीकार्य नहीं हैं, इसलिए इस पर विचार नहीं किया जाएगा। लोक सेवा आयोग की सचिव निवेदिता नेगी ने यह जानकारी देते हुए कहा कि अंतिम तिथि के बाद ओआरएम में किसी भी प्रकार के सुधार के लिए आयोग की ओर से कोई भी आवेदन स्वीकार नहीं किया जाएगा। बता दें, प्रदेश में 1,088 पुलिस कांस्टेबलों की भर्ती के लिए करीब 1.15 लाख आवेदन पहुंचे हैं। पहले आवेदन करने की आखिरी तारीख 31 अक्तूबर तय की गई थी। इस दौरान तक 92 हजार आवेदन हुए थे। बाद में कुल आवेदनों की संख्या बढ़कर 1.15 लाख पहुंच गई है।
** विक्रमादित्य सिंह ने सड़क निर्माण को लेकर दिए निर्देश हिमाचल प्रदेश की सुखविंदर सरकार में लोक निर्माण विभाग के मंत्री विक्रमादित्य सिंह डोडरा क्वार क्षेत्र पहुंचे, जहां उन्होंने एक जनसभा को भी संबोधित किया। इस मौके पर उन्होंने कहा, उनका डोडरा क्षेत्र से काफी पुराना रिश्ता है। पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने इस क्षेत्र के विकास की शुरुआत की थी। पहली बार क्षेत्र के लिए सड़क की सुविधा उन्होंने ही शुरू की थी। डोडरा क्वार सड़क को मेटलिंग अक्टूबर 2025 तक पूरी हो जाएगी, जिसके लिए विभाग को कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। विक्रमादित्य सिंह ने कहा, छिवोड़ कैंची से उत्तराखंड को जोड़ने वाली सड़क का एस्टीमेट बनाने के निर्देश दिए गए हैं। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला क्वार के भवन निर्माण कार्य मार्च 2025 तक तक पूरा कर लिया जाएगा। इसके साथ ही लोक निर्माण विभाग के निर्माणाधीन रेस्ट हाउस में देरी को लेकर विभाग से रिपोर्ट तलब की गई है। विक्रमादित्य सिंह ने कहा, विकासात्मक कार्यों के लिए प्रदेश सरकार के पास धन की कोई कमी नहीं है। हाल ही में मुख्यमंत्री सुक्खू ने करोड़ों रुपए की सौगातें इस क्षेत्र के लिए दी है। यहां के क्षेत्र की सभी मांगों पर प्राथमिकता के आधार पर कार्य किया जाएगा। कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य ने कहा, इस क्षेत्र में सिंथेटिक ड्रग काफी फैलता जा रहा है। युवा पीढ़ी को नशे से दूर रहना चाहिए। उन्होंने क्षेत्र के सभी लोगों से अपने बच्चों को इन नशों से दूर रखने की अपील की है। शिमला पुलिस नशे के खिलाफ विशेष मुहिम चला रही है, लेकिन जब तक जन सहयोग नहीं मिलेगा नशे को जड़ से खत्म करना सरकार और प्रशासन के लिए चुनौती है। लोक निर्माण विभाग के मंत्री ने कहा कि पंडार गांव के लिए सड़क की सुविधा नहीं है। यहां के लोगों की मांग को ध्यान में रखते है और आगामी कुछ महीनों में सड़क निर्माण की सारी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद कार्य शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगली बार जब वह इस क्षेत्र में आएंगे तो सिर्फ पंडार गांव में ही रुकेंगे। तब तक सड़क गांव तक पहुंच चुकी होगी। विक्रमादित्य ने कहा, चांशल क्षेत्र टूरिज्म की दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण है। हमारी सरकार की प्राथमिकता इस क्षेत्र को टूरिज्म साइट के तौर पर विकसित करने की है। ताकि इस क्षेत्र के लोगों के लिए घर द्वार पर ही रोजगार के साधन विकसित हो सके। उन्होंने कहा कि जब ईको टूरिज्म साइट बनेगी तो यहां पर संतुलित विकास होगा। यहां के प्राकृतिक संसाधनों का दोहन गलत तरीके से न हो। वहीं, इस क्षेत्र को साल भर खुला रखने के लिए भी प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र के लोगों को ओबीसी का दर्जा देना हमारी प्राथमिकता है। वह मुख्यमंत्री के समक्ष इस मांग को प्रमुखता से रखेंगे। इस मांग को अगर केंद्र सरकार के समक्ष रखना भी पड़ा तो भी वह केंद्र सरकार तक क्षेत्र की आवाज रखने के लिए जाएगें। यहां के लोग कई महीनों तक प्रदेश के अन्य हिस्सों से कट जाते है। यहां की भौगोलिक स्थिति काफी चुनौतीपूर्ण रहती है। ऐसे में यहां के लोगों को विशेष सुविधाएं देना हमारी सरकार की प्राथमिकता है। वहीं, कैबिनेट मंत्री ने कहा कि मंदिर के लिए जो सराय बनना प्रस्तावित है, उसके लिए जल्द ही बजट मुहैया करवाया जाएगा। गांव में एंबुलेंस मार्ग के लिए एस्टीमेट बनाने के निर्देश दिए गए हैं। गांव में बेहतर सुविधाएं देने के लिए हमारी सरकार प्रयास कर रही हैं। प्रदेश की महिलाओं को ₹1500 मासिक इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि दी जा रही है। इसी तरह से प्रदेश सरकार ने चार हजार बच्चों को चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट का दर्जा दिया है। 2027 तक आत्मनिर्भर हिमाचल बनने के लिए प्रदेश सरकार कार्य कर रही है।
बिलासपुर जिले के घुमारवीं उपमंडल की ग्राम पंचायत बाड़ी मझेडवां के गांव पलासी से एक दर्दनाक हादसा सामने आया है। यहां 21 वर्षीय युवती चूल्हे की आग की चपेट में आकर बुरी तरह झुलस गई। युवती को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसका इलाज चल रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार गांव पलासी की रहने वाली मनीषा चूल्हे के पास आग सेंकने बैठी थी। तभी आग में से एक चिंगारी उठी, जिसकी वजह से उसके कपड़े में आग लग गई। लड़की दिमागी तौर पर थोड़ी कमजोर बताई जा रही है। जैसे ही युवती के कपड़ों में आग लगी, वह भागकर अपने कमरे में जाकर बिस्तर पर बैठ गई, जिससे बिस्तर पर रखे कपड़ों और चादर ने भी आग पकड़ ली, थोड़ी देर में आग इतनी ज्यादा भड़की गई की युवती पूरी तरह से जल गई। बताया जा रहा है कि युवती के पिता का देहांत हो चुका है। युवती अपनी मां के साथ घर में अकेली रहती थी। मां सुबह ही घास लेने खेतों की तरफ चली गई थी और इस दौरान युवती आग सेंकने चूल्हे के पास बैठ गई। इस दौरान उसके कपड़े में आग लग गई और वह बुरी तरह झुलस कई, जब यह घटना घटी तो उस वक्त घर में कोई नहीं था, जिसकी वजह से समय रहते आग पर काबू नहीं पाया जा सका। हालांकि, युवती के चिल्लाने की आवाज सुनकर पड़ोस की कुछ महिलाएं मौके पर पहुंची। उन्होंने आग बुझाने का प्रयास किया, लेकिन जब तक महिलाएं आग बुझाती, तब तक युवती बुरी तरह से जल चुकी थी। घटना की सूचना ग्राम पंचायत प्रधान पंकज चंदेल को दी गई, जिसके बाद पंचायत प्रधान मौके पर पहुंचे और उन्होंने ग्रामीणों की मदद से युवती को सिविल अस्पताल घुमारवीं पहुंचाया। युवती करीब 90 फीसदी जल चुकी हैं। युवती की गंभीर हालात को देखते हुए डॉक्टरों ने उसे एम्स बिलासपुर रेफर कर दिया है। ग्राम पंचायत प्रधान और गांव की एक महिला युवती को एम्स बिलासपुर पहुंचाया, लेकिन यहां भी उसकी गंभीर हालत को देखते हुए उसे आईजीएमसी शिमला रेफर कर दिया गया। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस थाना घुमारवीं मौके पर पहुंची और मामले की छानबीन में जुट गई। वहीं, घटना की जानकारी मिलते ही पूर्व मंत्री राजिंद्र गर्ग भी अस्पताल पहुंचे। उन्होंने युवती की मां से बात की और घटना के बारे में जानकारी ली, इस दौरान उन्होंने युवती की मां को हर संभव सहायता करने का आश्वासन भी दिया।
हिमाचल में महंगाई एक बड़ा मुद्दा बन गई है। आम जनता इसके बोझ से परेशान है। आवश्यक वस्तुओं के दाम लगातार बढ़ रहे हैं, जिससे गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों का बजट बिगड़ गया है। ऐसे राहत की खबर ये है कि प्रदेश सरकार ने दिसंबर महीने के लिए राशन का आवंटन कर दिया है, जिसमें प्रदेश भर में 4500 से अधिक डिपुओं के माध्यम से एपीएल परिवारों को अगले महीने दिए जाने वाले सस्ते राशन के कोटे में इस बार भी कट नहीं लगा है। इस तरह से APL परिवारों को अगले महीने भी 14 किलो आटा और 6 किलो चावल कोटा प्रति राशन कार्ड दिया जाएगा। बता दें कि प्रदेश में अगस्त 2023 से एपीएल परिवारों को डिपुओं में मिलने वाले आटे और चावल के कोटे में कोई कट नहीं लगा है। वहीं, हिमाचल में पहले हर दो से तीन महीने में सस्ते राशन के कोटे को घटाया और फिर से बढ़ाया जाता रहा है, लेकिन 15 महीनों से APL परिवारों को दिए जाने वाले आटा और चावल की मात्रा में कोई फेरबदल नहीं हुआ है। इससे भी महंगाई के इस मुश्किल समय में लाखों माध्यम परिवारों को कुछ राहत मिली है। केंद्र से राशन का आवंटन होने के बाद सरकार ने भी प्रदेश के सभी 12 जिलों को आटा और चावल की मात्रा निर्धारित कर दी है। एपीएल परिवारों को जिलों में आबादी के आधार पर 20,410 मीट्रिक टन राशन का आवंटन किया गया है, जिसमें 14,387 मीट्रिक टन गेहूं और 6,023 मीट्रिक टन चावल की मात्रा शामिल है। इस बारे में सभी जिला खाद्य नियंत्रकों को निर्देश जारी किए गए हैं। वहीं, अब तय की गई मात्रा के हिसाब से डिपो धारकों को 29 अक्टूबर से सस्ते राशन के परमिट जारी किए जाएंगे। ताकि डिपुओं में एक दिसंबर से सस्ता राशन उपलब्ध हो सके। प्रदेश में कुल राशन कार्ड धारकों की संख्या 19,65,589 हैं। इसमें कुल एपीएल कार्डधारकों की संख्या 12,24,448 है. विभाग के आंकड़ों के मुताबिक इसमें एपीएल टैक्स पेयर कार्डधारकों की कुल संख्या 72,445 है। वहीं, 11,52,003 नॉन टैक्स पेयर एपीएल कार्ड धारक हैं। हिमाचल में एपीएल कार्ड धारकों की कुल आबादी 44,19,312 बनती है, जिसमें नॉन टैक्स पेयर एपीएल परिवारों की आबादी 41,26,583 है। वहीं, टैक्स पेयर की आबादी 2,92,729 है, जिन्हें अगले महीने डिपुओं के माध्यम से 14 किलो आटा और 6 किलो चावल प्रति राशन कार्ड मिलेगा। खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के निदेशक राम कुमार गौतम ने कहा, दिसंबर महीने के लिए राशन का आवंटन किया गया है। डिपुओं में अगले महीने एपीएल परिवारों को दिए जाने वाले राशन को मात्रा नहीं घटाई गई है। उपभोक्ताओं को समय पर राशन मिले, इसके लिए भी जरूरी दिशा निर्देश जारी किए गए हैं।
हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग हमीरपुर की पहली पायलट कंप्यूटर बेस्ड परीक्षा (सीबीटी) का परिणाम जल्द घोषित होने वाला है। ऑपरेशन थियेटर असिस्टेंट (ओटीए) पोस्टकोड 1073 के 162 पदों के लिए यह परीक्षा 30 मार्च 2024 को एडसिल एजेंसी के माध्यम से करवाई गई थी। चार परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। एडसिल एजेंसी ने परीक्षा का परिणाम काफी पहले तैयार कर लिया था, लेकिन 95 फीसदी भुगतान न होने के कारण इसे रोक दिया गया। आयोग ने अब एजेंसी को करीब 33 लाख रुपये का 95 फीसदी भुगतान कर दिया है, जबकि शेष पांच फीसदी राशि परिणाम जारी होने के बाद दी जाएगी। यह भर्ती पहले 2022 में तत्कालीन कर्मचारी चयन आयोग की ओर से विज्ञापित की गई। पेपर लीक मामले के कारण आयोग भंग हो गया और भर्ती प्रक्रिया अटक गई। नवगठित राज्य चयन आयोग ने मार्च 2024 में एडसिल एजेंसी के माध्यम से पहली पायलट भर्ती परीक्षा करवाई गई। भुगतान से जुड़ी कानूनी पेचिदगियों के चलते परिणाम अटका रहा। कोष विभाग से नवगठित आयोग के नामित कर्मचारी को ट्रेजरी कोड मिलने के बाद एडसिल एजेंसी को 33 लाख रुपये का भुगतान कर दिया है। अब एजेंसी की ओर से राज्य चयन आयोग को अभ्यर्थियों का सीबीटी परिणाम सौंपा जाएगा। इसके बाद इसे आयोग की बेवसाइट पर घोषित कर दस्तावेजों के मूल्यांकन की प्रक्रिया शुरू होगी। बता दें कि पहले पदों के विज्ञापित होने के लगभग डेढ़ साल तक अभ्यर्थियों को परीक्षा के लिए इंतजार करना पड़ा और उसके बाद सात महीने तक सीबीटी का परिणाम। अब जल्द इंतजार खत्म होने की उम्मीद है। एजेंसी को सीबीटी के आयोजन के बाद मिले बिल के अनुसार 95 फीसदी राशि का भुगतान कर दिया गया है। पांच फीसदी राशि का भुगतान परिणाम घोषित होने के बाद जारी होगा। उम्मीद है कि एक दो दिन के भीतर में एजेंसी परिणाम आयोग को सौंप देगी।
शिमला: प्रदेश के विंटर वैकेशन स्कूलों में नॉन बोर्ड कक्षाओं की परीक्षाएं 10 दिसम्बर से शुरू होंगी। प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने सोमवार को इसकी डेटशीट जारी कर दी है। यह परीक्षाएं 21 दिसम्बर तक चलेंगी। इस दौरान विभाग की ओर से पहली, दूसरी, चौथी, छठीं और सातवीं कक्षा की डेटशीट जारी की गई है। इस दौरान 10 दिसम्बर को पहली व दूसरी कक्षा का गणित, चौथी कक्षा का हिंदी विषय का पेपर लिया जाएगा। 13 दिसम्बर को पहली व दूसरी कक्षा का हिंदी, चौथी कक्षा का गणित, 16 दिसम्बर को तीनों कक्षाओं का अंग्रेजी का पेपर लिया जाएगा। वहीं 18 दिसम्बर को चौथी कक्षा का ईवीएस का पेपर लिया जाएगा। 10 दिसम्बर को छठी कक्षा का संस्कृत का पेपर होगा, जबकि सातवीं कक्षा का हिंदी का पेपर लिया जाएगा। 12 दिसम्बर को छठी कक्षा का गणित और सातवीं कक्षा का विज्ञान, 13 दिसम्बर को छठी कक्षा का हिमाचल लोक संस्कृति और सातवीं कक्षा का सोशल साइंस का पेपर लिया जाएगा। 16 दिसम्बर को छठी कक्षा का विज्ञान, सातवीं कक्षा का गणित, 17 दिसम्बर को छठी कक्षा का अंग्रेजी और सातवीं कक्षा का हिमाचल लोक संस्कृति, 18 दिसम्बर को छठी व सातवीं कक्षा का ऑप्शनल विषयों का पेपर होगा। 20 दिसम्बर को छठी कक्षा का हिंदी और सातवीं कक्षा का अंग्रेजी व 21 दिसम्बर को छठी कक्षा का सोशल साइंस और सातवीं कक्षा का संस्कृत का पेपर लिया जाएगा। इस दौरान ऑप्शनल विषयों के प्रश्न पत्र स्कूलों द्वारा तैयार किए जाएंगे, जबकि मुख्य विषयों के पेपर समग्र शिक्षा द्वारा तैयार किए गए हैं।
हिमाचल: देश-विदेश से पहाड़ों की रानी शिमला घूमने आने वाले सैलानी कुछ साल बाद परवाणू से रोपवे के जरिये कुछ ही घंटों में राजधानी पहुंच सकेंगे। परवाणू से शिमला के लिए रोपवे का निर्माण किया जा रहा है। 38 किलोमीटर लंबा रोपवे बनाने के लिए रोपवे कॉरपोरेशन ने औपचारिकताएं पूरी करना शुरू कर दिया है। प्रदेश सरकार पीपीपी मोड पर रोपवे बनाएगी। प्रोजेक्ट पर करीब 6800 करोड़ रुपये का खर्च आने का अनुमान है। कॉरपोरेशन के मुताबिक इसके लिए जमीन चिह्नित कर ली गई है और सर्वे भी पूरा कर लिया गया है। रोपवे एंड रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम डेवलपमेंट कॉरपोरेशन ने महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट की डीपीआर बनाने का जिम्मा टाटा कंसल्टेंसी को सौंपा है। कंपनी ने डीपीआर बनाने का काम शुरू कर दिया है। कंपनी को इसके लिए ढाई करोड़ दिए गए हैं। रोपवे क्षेत्र में काम करने वाली नामी कंपनी ने प्रोजेक्ट का काम करने को हामी भरी है। कॉरपोरेशन के मुताबिक रोपवे से प्रदेश के हजारों लोग लाभान्वित होंगे तो वहीं सैलानियों को भी शिमला-सोलन के खूबसूरत पहाड़ों को आसमान से निहारने का मौका मिलेगा। बताया जा रहा है कि यह देश का सबसे लंबे रोपवे होगा। इसका निर्माण कार्य आठ चरणों में पूरा होगा। प्रारंभिक योजना के मुताबिक रोपवे में एक घंटे में 3,000 से 5,000 लोग सफर कर सकेंगे। इसमें परवाणू-जाबली, जाबली-डगशाई, डगशाई-बड़ोग, बड़ोग-सोलन, सोलन-करोल टिब्बा, करोल टिब्बा-आईटी सिटी वाकनाघाट, आईटी सिटी वाकनाघाट-शोघी,शोघी-तारादेवी मंदिर और तारादेवी मंदिर से तारादेवी आदि स्टेशन होंगे। परवाणू से शिमला रोपवे के लिए सर्वे कर लिया है। टाटा कंसल्टेंसी डीपीआर बना रही है। प्रोजेक्ट पर करीब 6800 करोड़ रुपये का खर्च आने का अनुमान है। इसके बनने से सैलानियों के लिए साथ ही प्रदेशवासियों को भी शिमला पहुंचने का सुगम विकल्प उपलब्ध होगा।
बिलासपुर/सुनील: प्रदेश सरकार के द्विवार्षिक समारोह की सफलता को सुनिश्चित करने के लिए उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक ने सोमवार को बचत भवन में जिला के विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ एक आवश्यक समीक्षा बैठक का आयोजन किया। इस बैठक में समारोह की तैयारियों और उसे सुचारू रूप से संचालित करने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए। उपायुक्त ने इस अवसर पर कहा कि द्विवार्षिक समारोह न केवल प्रदेश सरकार की उपलब्धियों को आम जनता तक पहुंचाने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है, बल्कि यह जिला प्रशासन की क्षमता, समन्वय और एकजुटता का भी परिचायक होगा। उन्होंने सभी विभागों से आग्रह किया कि वे निर्धारित समय सीमा के भीतर अपने कार्यों को पूरा करें और इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना योगदान दें। उन्होंने यह भी कहा कि इस बार जिला बिलासपुर को प्रदेश सरकार के द्विवार्षिक समारोह की मेज़बानी का सम्मान प्राप्त हुआ है। इस समारोह के सफल आयोजन के लिए सभी विभागों को समन्वय, जिम्मेदारी और प्रतिबद्धता के साथ कार्य करना आवश्यक है। उन्होंने प्रत्येक विभाग से आग्रह किया कि वे इस आयोजन की सफलता सुनिश्चित करने के लिए अपनी पूरी तैयारी करें और अपने कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर समय सीमा में पूरा करें। बैठक के दौरान, पुलिस विभाग को समारोह के दौरान यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने के लिए वैकल्पिक मार्गों की तैयारी करने के निर्देश दिए गए। इसके साथ ही, सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन के लिए विशेष योजना बनाने की आवश्यकता पर बल दिया गया। पुलिस विभाग को यह भी निर्देश दिए गए कि वह सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी के लिए तैनाती करें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर नजर रखें। सुरक्षा के लिहाज से यह आयोजन जिले के लिए महत्वपूर्ण है, और किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से बचने के लिए विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी गई। संबंधित विभागों को कार्यक्रम स्थल पर बुनियादी ढांचे की सभी व्यवस्थाओं, स्वच्छता, मंच और बैठने की व्यवस्था, पर्याप्त पेयजल आपूर्ति, विद्युत आपूर्ति, अग्निशमन सेवाएं, क्रेन व्यवस्था, और इंटरनेट कनेक्टिविटी जैसी आवश्यक व्यवस्थाओं को समय पर सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। साथ ही, कार्यक्रम स्थल के आसपास पार्किंग व्यवस्था, शौचालयों की सुविधा और अन्य आवश्यक सुविधाएं सुनिश्चित करने का आदेश दिया गया, ताकि नागरिकों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो। स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित किया गया कि वह समारोह स्थल पर एंबुलेंस और मेडिकल टीम की तैनाती सुनिश्चित करें। इसके अतिरिक्त, विभागों को अपने द्वारा स्थापित होर्डिंग्स की मरम्मत समय पर करवाने के निर्देश भी दिए गए, ताकि कार्यक्रम के दौरान किसी प्रकार की दृश्यात्मक असुविधा उत्पन्न न हो। उपायुक्त ने कहा कि इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य प्रदेश सरकार द्वारा पिछले दो वर्षों में की गई प्रमुख उपलब्धियों, विकास परियोजनाओं और योजनाओं को आम जनता तक पहुंचाना है। इस दौरान विभिन्न विभागों द्वारा प्रदेश सरकार की दो वर्षों में चलाए गए कल्याणकारी योजनाओं, कार्यक्रमों और अर्जित उपलब्धियों से संबंधित प्रदर्शनियां भी लगाई जाएंगी। इन प्रदर्शनियों के माध्यम से नागरिकों को यह जानकारी दी जाएगी कि किस प्रकार प्रदेश सरकार ने उनके जीवन को बेहतर बनाने के लिए काम किया है। इसके अतिरिक्त, प्रदेश सरकार द्वारा जिले में किए गए प्रमुख विकास कार्यों, सार्वजनिक सेवाओं के सुधार, और आगामी योजनाओं का भी प्रदर्शन किया जाएगा ताकि जनता को सरकार की योजनाओं के बारे में अधिक जानकारी मिल सके। कार्यक्रम के दौरान विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियों और लोक संगीत का आयोजन भी किया जाएगा, जिससे जिले के नागरिकों का मनोबल बढ़े और वे इस आयोजन में सक्रिय रूप से भाग लें। उपायुक्त ने सभी विभागों से समय पर तैयारी पूरी करने और आपस में समन्वय बनाकर कार्य करने की अपेक्षा की। उन्होंने कहा कि इस आयोजन को लेकर किसी भी प्रकार की कमी नहीं होनी चाहिए, ताकि यह कार्यक्रम जिले के लिए एक ऐतिहासिक घटना के रूप में याद किया जा सके। बैठक में पुलिस अधीक्षक संदीप धवल, एडीसी डॉ. निधि पटेल, एसडीएम गौरव चौधरी, सहायक आयुक्त नरेंद्र अहलूवालिया, और समस्त विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
हिमाचल प्रदेश में लंबे सूखे के बाद अत्याधिक ऊंचाई वाले इलाकों में हल्की बर्फबारी हुई है। मौसम विभाग ने बीते 24 घंटे के दौरान कोकसर और कुकुसमेरी में बर्फबारी की पुष्टि की है, जबकि कुकुसमेरी में बारिश भी दर्ज की गई है। कोकसर में 1.4 सेंटीमीटर और कुकुसमेरी में 0.5 सेंटीमीटर बर्फबारी दर्ज की गई है। ताजा बर्फबारी के बाद प्रदेश के तापमान में भी बदलाव देखने को मिला है। इसके अलावा मनाली, सोलंगनाला और भरमौर में भी हल्की बर्फबारी हुई है। ताबो में सबसे ज्यादा ठंड पड़ रही है। यहां तापमान माइनस 8.2 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है। ताबो में पानी जमने की स्थिति बनी हुई है। मौसम विभाग ने 200 मीटर विजिविल्टी की संभावना जताई है। मौसम विभाग ने 28 नवंबर तक कोहरे का यलो अलर्ट जारी किया है। प्रदेश में बारिश और बर्फबारी की संभावना खिसक कर 30 नवंबर को चली गई है। मौसम विभाग ने 30 नवंबर को लाहुल-स्पीति, चंबा, कंगड़ा, कुल्लू और किन्नौर के अलग-अलग स्थानों में बर्फबारी के साथ बारिश होने की आशंका जताई है। नवंबर महीने के तीन हफ्ते गुजर चुके हैं लेकिन ज्यादातर हिस्सों में अभी तक सूखे का माहौल बना हुआ है। प्रदेश में लाहुल-स्पीति के अलावा कहीं भी बारिश नहीं हुई है।
भानुपल्ली-बिलासपुर-बैरी रेल लाइन परियोजना पर अब सबसे लंबी टनल 6.7 किलोमीटर होगी। इस टनल को दिसंबर 2026 तक ब्रेक थ्रू करने का लक्ष्य रखा गया है। मैहला नामक स्थान पर अलाइनमेंट में बदलाव किया गया है। यहां बन रही 10 और 11 नंबर टनल को अब एक ही टनल में बदला जाएगा। पहले इन दोनों टनलों के बीच करीब 550 मीटर पुल बनाया जाना था, लेकिन उस जगह पर लगातार हो रहे भूस्खलन और कच्चा पहाड़ होने के कारण पुल नहीं बनाने का निर्णय लिया गया। नए सर्वे में 3,800 मीटर लंबी 10 नंबर टनल और 2100 मीटर लंबी 11 टनल को आपस में जोड़कर एक ही टनल बनाई जाएगी। दोनों टनलों और बीच में 800 मीटर हिस्से को जोड़कर यह टनल 6,700 मीटर लंबी हो जाएगी। इस परियोजना पर पहले टनल नंबर-10 सबसे लंबी थी। बता दें कि भानुपल्ली से बैरी तक कुल 20 टनल बनाई जानी है। अब तक 17 टनल का निर्माण कार्य चल रहा है, जिनमें से 13 टनल ब्रेक थ्रू हो चुकी है। अभी 8 नंबर और 17 नंबर टनल की खोदाई की जा रही है। इसके अलावा 10 और 11 नंबर टनल की भी खोदाई चल रही है, लेकिन इन दोनों टनलों को अब एक ही कर दिया गया है। अब इस परियोजना पर टनलों की संख्या भी 20 से घटकर 19 रह जाएंगी। रेल विकास निगम के अधिकारियों का कहना है कि 6.7 किलोमीटर लंबी टनल के दोनों छोर मिलाने का लक्ष्य साल 2026 रखा गया है। खोदाई का काम तेजी से करने के लिए तीन एग्जिट प्वाइंट भी बनाए जा रहे हैं। मकसद मलबा लेकर बाहर निकलने वाले वाहनों को लंबा सफर न करने पड़े।
शिमला: हिमाचल में उपभोक्ताओं को अब जल्द ही महंगी रसोई गैस राहत मिल सकती हैं। प्रदेश अब उपभोक्ताओं को पाइप्ड नैचुरल गैस (PNG) कनेक्शन से सस्ती रसोई गैस मिलेगी। इसके लिए अब देश के महानगरों की तर्ज पर प्रदेश के पांच जिलों में पहली बार पाइप्ड नैचुरल गैस सुविधा मिलने जा रही है, जिसके लिए केंद्र ने मंजूरी दे दी है। पहले चरण में जिन शहरों को इस सुविधा से जोड़ा जाना है, इसकी सूची भी जारी कर दी है। केंद्र से योजना मंजूर होने के बाद अब संबंधित जिला प्रशासन को तेल कंपनी से संपर्क कर पाइप्ड नैचुरल गैस (PNG) कनेक्शन योजना को सिरे लगाने के लिए भूमि चयन कर ट्रांसफर की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने को कहा है। इस योजना के शुरू होने उपभोक्ताओं को एलपीजी सिलेंडर भरवाने के झंझट से छुटकारा मिलने वाला है। हिमाचल में महंगाई के इस मुश्किल दौर में आम आदमी की रसोई का खर्च दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। प्रदेश में राशन, सब्जी से लेकर रसोई गैस (LPG Cooking Gas Cylinder) सब कुछ महंगा होने से लोगों की जेब खाली हो रही है। ऐसे में लिक्विड पेट्रोलियम गैस (LPG) के मुकाबले में PNG यानी पाइप्ड नेचुरल गैस एक बेहतरीन विकल्प है, जिससे गैस के खर्च को काफी बचा सकते हैं। उपभोक्ताओं को पीएनजी एलपीजी की तुलना में 20 से 25 फीसदी तक सस्ती पड़ेगी। पीएनजी के एक क्यूबीक मीटर का दाम करीब 50 रुपये होता है, वहीं एलपीजी करीब 70 रुपए रुपये प्रति किलो पड़ती है। ऐसे में उपभोक्ताओं को एक LPG सिलेंडर के बराबर गैस खर्च करने पर 200 से 300 की बचत हो होगी। यहां पाइपलाइन बिछाने का प्रोजेक्ट पूरा: प्रदेश के ऊना में गैस पाइपलाइन बिछाने का प्रोजेक्ट पूरा हो गया है। खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के मुताबिक ऊना में बही हिमुडा कॉलोनी में कई हजार पीएमजी कनेक्शन जारी किए जा चुके हैं। इसी तरह अंब में भी गैस पाइपलाइन का काम जारी है। इसे भी जल्द फंक्शनल किया जाएगा। वहीं, जिला शिमला में न्यू शिमला, संजौली में हिमुडा कॉलोनी, एसजेवीएनएल कॉलोनी, दत्तनगर और झाकड़ी, जिला सोलन में सोलन शहर, गवर्नमेंट कॉलोनी और दूसरी अन्य कॉलोनी, हिमुडा कॉलोनी नाहन और कालाअंब गवर्नमेंट कॉलोनी हमीरपुर और दियोटसिद्ध, बिलासपुर के रौड़ा सेक्टर, एम्स व शाहतलाई में पाइप लाइन से गैस सुविधा की मंजूरी दी गई है। पीएनजी या पाइप्ड नेचुरल गैस, प्राकृतिक गैस का एक रूप है, जिसे भूमिगत पाइपलाइनों के एक नेटवर्क के माध्यम से सीधे आवासीय, वाणिज्यिक और औद्योगिक उपभोक्ताओं तक वितरित किया जाता है। यह एक स्वच्छ-जलने वाला जीवाश्म ईंधन है जो मुख्य रूप से मीथेन से बना होता है। इसे अन्य पारंपरिक ईंधनों के लिए अधिक पर्यावरण के अनुकूल विकल्प माना जाता है। यह गैस सिलेंडर की तुलना में काफी सस्ती और सुरक्षित है। खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के निदेशक रामकुमार गौतम ने कहा, "केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश के 5 जिलों में गैस पाइपलाइन बिछाने के लिए मंजूरी दी है। इसके लिए अब आगामी प्रक्रिया अमल में लाई जा रही है ।
ऐतिहासिक आइस स्केटिंग रिंक शिमला को ऑल-वेदर इंडोर रिंक में बदलने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। पर्यटन विभाग ने परियोजना के लिए 35 करोड़ रुपये के टेंडर आवंटित कर दिए हैं। रिंक न केवल स्थानीय लोगों बल्कि पर्यटकों और पेशेवर स्केटिंग प्रतियोगिताओं के लिए भी आकर्षण का केंद्र बनेगा। रिंक को ऑल-वेदर बनाने के लिए परिसर का निर्माण किया जाएगा। इससे रिंक इनडोर बनेगी। एशियन डेवलपमेंट बैंक से इस परियोजना के लिए वित्तीय मदद मिलेगी। बैंक की उपलब्ध कराई धनराशि का उपयोग रिंक के ढांचागत सुधार, तकनीकी उन्नति और उपकरणों की स्थापना में किया जाएगा। पहले यह परियोजना स्मार्ट सिटी मिशन के तहत बनाई जानी थी। यह परियोजना शिमला के पर्यटन को बढ़ावा देने और राज्य के राजस्व में वृद्धि करने के उद्देश्य से की जा रही है। योजना के अनुसार काम अगले साल के मध्य तक शुरू होगा। इसे समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य शिमला के रिंक को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाना है। इसके लिए रिंक का आकार 60 फीट लंबा और 30 फीट चौड़ा तय किया गया है। यह पेशेवर स्केटिंग प्रतियोगिताओं के लिए उपयुक्त है। रिंक को पूरी तरह से इंडोर बनाया जाएगा। रिंक में अन्य आधुनिक सुविधाएं भी जोड़ी जाएंगी। इनमें चेंजिंग रूम, दर्शकों के लिए बैठने की व्यवस्था और एक कैफेटेरिया भी होगा। इन सुविधाओं से न केवल स्केटर्स बल्कि दर्शकों के लिए भी अनुभव बेहतर होगा। रिंक में बर्फ को पूरे साल स्थिर और टिकाऊ बनाए रखने के लिए अत्याधुनिक रेफ्रिजरेशन सिस्टम का उपयोग किया जाएगा। रिंक की सतह के नीचे ब्राइन पाइप बिछाए जाएंगे। इनमें पानी और एंटीफ्रीज का ठंडा मिश्रण प्रवाहित होगा। रिंक में बर्फ को पूरे साल स्थिर और टिकाऊ बनाए रखने के लिए अत्याधुनिक रेफ्रिजरेशन सिस्टम का उपयोग किया जाएगा। बड़े चिलर्स ब्राइन को जमने लायक ठंडा करेंगे और पंप्स से इसे सतह के नीचे लगातार प्रवाहित किया जाएगा। यह प्रक्रिया सतह से गर्मी को हटाकर बर्फ को स्थायी रूप से जमी रहने में मदद करेगी। रिंक के नीचे एक इंसुलेशन लेयर बिछाई जाएगी, जो जमीन से गर्मी के प्रभाव को रोकने में सहायक होगी। इस लेयर में उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री जैसे विस्तारित पॉलीस्टायरीन या पॉलीयुरेथेन का उपयोग किया जाएगा। यह सुनिश्चित करेगा कि बर्फ लंबे समय तक जमी रहे। इससे लोगों को पूरे साल स्केटिंग करने में सहूलियत होगी। पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा ऑल-वेदर स्केटिंग रिंक पर्यटन उद्योग को नया आयाम देगा। पूरे साल खुला रहने वाला यह रिंक पर्यटकों के लिए बड़ा आकर्षण बनेगा। इससे स्थानीय रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और राज्य की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। इसके अलावा यह रिंक शिमला को अंतरराष्ट्रीय स्केटिंग प्रतियोगिताओं का आयोजन स्थल बनाने में भी मदद करेगा। इस सीजन रिंक में प्राकृतिक तरीके से बर्फ जमाई जाएगी। अगले साल गर्मियों में रिंक के निर्माण का काम शुरू किया जाएगा।
दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने से बड़ी संख्या में सैलानियों ने हिमाचल के पर्यटन स्थलों का रुख करना शुरू कर दिया है। वीकेंड पर प्रदेश के पर्यटन स्थल सैलानियों से गुलजार हो गए हैं। दिल्ली के दफ्तरों में वर्कफ्रॉम होम शुरू होने के बाद कई सैलानियों ने होम स्टे के लिए संपर्क कर लंबे समय के लिए कमरों की बुकिंग को लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। वीकेंड पर शिमला, मनाली, कुल्लू और धर्मशाला में सैलानियों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। शिमला में 60 से 70, मनाली में 40 से 60 और धर्मशाला में 40 फीसदी तक ऑक्यूपेंसी पहुंच गई है। शनिवार को लाहौल-स्पीति की चंद्राघाटी और कोकसर में हुई ताजा बर्फबारी के बाद सैलानियों की संख्या और अधिक बढ़ने की संभावना है। दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बढ़ने के बाद दिल्ली के स्कूलों में छुट्टियां घोषित कर दी गई हैं। इसके बाद हिमाचल में फैमिली ट्रिप पर आने वाले सैलानियों की संख्या भी बढ़ गई है। शुक्रवार को ही शिमला में सैलानियों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी। शनिवार को शहर की पार्किंगों में पर्यटक वाहनों के अलावा बाहरी राज्यों के टेंपो ट्रैवलर पार्क रहे। शहर के अंदर सबसे बड़ी लिफ्ट कार पार्किंग दोपहर एक बजे पैक हो गई और संचालकों ने एंट्री प्वाइंट पर पार्किंग फुल का बोर्ड लगा दिया। रिज मैदान और मालरोड पर पूरे दिन सैलानियों की खूब चहलपहल रही। धर्मशाला के होटलों में ऑक्यूपेंसी सामान्य दिनों में जहां 20 से 25 फीसदी चल रही है, वीकेंड पर 40 फीसदी तक पहुंच रही है। होटल एसोसिएशन धर्मशाला के अध्यक्ष अश्विनी बांबा ने बताया कि मैदानी इलाकों में स्मॉग से राहत के लिए मल्टीनेशनल कंपनियों के कर्मचारी वर्कफ्रॉम होम के लिए धर्मशाला के होम स्टे में पहुंचने शुरू हो गए हैं। कुल्लू के पर्यटन स्थल मनाली, मणिकर्ण, तीर्थन वैली, बंजार के जिभी और सोझा में सैलानियों की संख्या बढ़नी शुरू हो गई है। होटलों की आक्यूपेंसी 40 से 60 फीसदी तक पहुंच गई है। सोलंग नाला में पर्यटक पैराग्लाइडिंग, ब्यास में रिवर राफ्टिंग और हॉट बैलून का आनंद ले रहे हैं। चंबा के डलहौजी और खज्जियार में भी पर्यटकों की संख्या बढ़नी शुरू हो गई है।
** मॉडल टेस्ट पेपर के साथ मॉक टेस्ट करवाएगा हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड नीट और जेईई की तैयारी में विद्यार्थियों की निशुल्क मदद करेगा। स्कूल शिक्षा बोर्ड मॉडल टेस्ट पेपर देगा और मॉक टेस्ट करवाएगा। यह मॉक टेस्ट परीक्षाओं की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों के लिए भी फायदेमंद होंगे। शिक्षा बोर्ड से पास जिन-जिन स्कूलों ने सबद्धता प्राप्त की है, वहां पर पढ़ाई करने वाले बच्चों के लिए नीट-जेईई सहित अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों के लिए मॉडल पेपर तैयार करेगा। इन मॉडल पेपरों से अभ्यर्थी मॉक टेस्ट देकर तैयारी का आकलन स्वयं कर सकेंगे। यह मॉडल पेपर स्कूलों की लॉगिन आईडी पर उपलब्ध करवाए जाएंगे। संबंधित स्कूलों के अभ्यर्थी अपने स्कूल प्रबंधन की लॉगिन आईडी से इन मॉक टेस्टों में हिस्सा लेकर नीट, जेईई सहित अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे विद्यार्थी तैयारी का आकलन स्वयं कर सकेंगे। निशुल्क मॉडल पेपरों का स्कूलों के अतिरिक्त अन्य अभ्यर्थी प्रयोग नहीं कर सकेंगे। यह पेपर केवल स्कूलों की ही लॉगिन आईडी पर उपलब्ध होंगे। अलग-अलग तैयार किए जाने वाले मॉडल पेपरों में संबंधित विषय के प्रश्नों का ही अभ्यास करवाया जाएगा। अगर कोई अभ्यर्थी लॉगिन आईडी पर नीट का मॉक टेस्ट देना चाहेगा तो उसके लिए नीट के लिए प्रश्नपत्र उपलब्ध होंगे। इसी तरह अन्य विषयों के प्रश्नपत्रों के जरिए मॉक टेस्ट दिए जा सकेंगे। हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड नीट और जेईई की तैयारी करने वाले स्कूलों के अभ्यर्थियों को निशुल्क कोचिंग देगा। इसके लिए शिक्षा बोर्ड मॉडल पेपर तैयार करेगा, जिन्हें स्कूलों की लॉगिन आईडी पर अपलोड किया जाएगा, जहां से अभ्यर्थी इन परीक्षाओं की तैयारी कर सकेंगे।
** विद्यार्थियों को मोबाइल फोन पर भेजे मैसेज हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की सोमवार से प्रदेश भर में 46 केंद्रों में स्नातकोत्तर डिग्री कोर्स की परीक्षाएं शुरू हो रही हैं। इन परीक्षाओं के लिए विवि के दावे के अनुसार पहली बार 99 फीसदी एडमिट कार्ड ऑनलाइन अपलोड कर दिए हैं। छात्रों को एडमिट कार्ड को लॉग इन आईडी से डाउनलोड करने को लेकर उनके दिए नंबर पर मैसेज भी भेज दिए हैं। जिन परीक्षार्थियों के एडमिट कार्ड इंटरनल असेस्मेंट या किन्हीं अन्य कारणों से अपलोड नहीं हुए हैं, उसकी वजह भी मैसेज के माध्यम से भेजी गई है। छात्रों को इन कमियों को दूर करने के लिए परीक्षाएं शुरू होने से पूर्व अपने कॉलेज या विभाग में संपर्क करने को कहा गया है। इस परीक्षा में पूरे प्रदेश भर में बने केंद्रों में 35,500 विद्यार्थी अपीयर होंगे। इनमें 18,000 ऐसे हैं ,जो रेगुलर छात्र हैं। इसके अलावा 17,000 छात्र ऐसे हैं जो बतौर प्राइवेट परीक्षा में बैठेंगे या री अपीयर होंगे। नियमित छात्रों को ही आईए अवार्ड जरूरी होते हैं। इनमें से 99 फीसदी के रोल नंबर जनरेट कर दिए हैं। री अपीयर छात्रों की आईए पहले से एंटर होती है। प्राइवेट छात्रों की परीक्षा सौ अंक की होती है। इसलिए उनके रोलनंबर इंटरनल असेस्मेंट के कारण नहीं अटकते हैं। विवि के परीक्षा नियंत्रक प्रो. श्याम लाल कौशल ने कहा कि इस बार ऑनलाइन जनरेट किए परीक्षा एडमिट कार्ड पर ही परीक्षा केंद्रों में प्रवेश मिलेगा। परीक्षा संचालन से संबंधित सभी तरह की समस्याओं के निपटारे के लिए अलग से बनाई निगरानी कमेटी से कॉलेज संपर्क कर सकते हैं, जिससे समस्या को तुरंत निदान हो। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय ने एमएड और बैचलर इन लाइब्रेरी साइंस और एम लिब कोर्स का परीक्षा शेड्यूल जारी कर दिया है। इसे विवि की वेबसाइट पर छात्रों के लिए अपलोड कर दिया गया है। इसके अनुसार एमएड और एम लिब की परीक्षाएं 10 से 18 दिसंबर तक होंगी। बी लिब की परीक्षाएं 7 से शुरू होकर 16 दिसंबर तक चलेंगी। जिनके एडमिट कार्ड डाउनलोड नहीं हो पाए हैं, उनमें अधिकतर इक्डोल विवि सेंटर फाेर डिस्टेंस एडं ऑनलाइन एजूकेशन (सीडीओई) के छात्र हैं। वे समय से सीडीओई में संपर्क कर शेष औपचारिकता को पूरा करवाएं। इससे परीक्षा से पहले उनके एडमिट कार्ड डाउनलोड हो सकेंगे। विवि में चल रहे पीजी कोर्स की परीक्षाएं जो 18 नवंबर से शुरू हुई थीं , वे संचालित की जा रही हैं। इसमें 13 विभागों के करीब 450 विद्यार्थी तय किए शेड्यूल के अनुसार परीक्षा दे रहे हैं।पीजी की 46 परीक्षा केंद्रों में शुरू हो रही स्नातकोत्तर डिग्री कोर्स की परीक्षाओं की सभी तैयारियां पूरी कर दी गई हैं। एडमिट कार्ड ऑनलाइन अपलोड किए जाने के साथ ही छात्रों को मैसेज से सूचित कर दिया है। जिनके कोई समस्या है, वे छात्र समय रहते परीक्षा शुरू होने से पहले अपने संस्थान में संपर्क कर कमी को दूर करवाएं ।
हिमाचल प्रदेश में जल शक्ति विभाग की पेयजल स्कीमें ऑटोमेशन (स्वचालन) सुविधा से जुड़ेंगी। हाईटेक तकनीक से कौन से पेयजल टैंक और किस लाइन में कितना पानी सप्लाई हुआ है, यह सब कुछ पंप हाउस में बैठे-बैठे पता लग जाएगा। पानी की मात्रा की टैंक एवं पाइपलाइन में उपलब्धता के लिए चिह्नित की गई स्कीमों पर डिस्चार्ज मीटर लगाए जाएंगे। इससे पानी की मात्रा का पूरा आंकड़ा अधिकारियों के पास आएगा। पानी की कमी की सूरत में इन स्कीमों में पानी की भरपाई दूसरे टैंकों से की जा सकेगी। पेयजल स्कीमों में सिग्नल के आदान-प्रदान के लिए जीएसएम प्रणाली का सहारा लिया जाएगा। हाईटेक सुविधा से स्कीमों को जोड़ने के लिए जल शक्ति विभाग के लिए एशियन डेवलपमेंट बैंक मददगार बनेगा। प्रारंभिक चरण में हरोली क्षेत्र की योजनाओं पर ऑटोमेशन का कार्य शुरू कर दिया गया है। बड़ी बात यह है कि आने वाले दिनों में टैंकों में ब्लीचिंग पाउडर डालने के झंझट से भी विभाग मुक्त हो जाएगा। इसके विकल्प में गैसेस क्लोरीनेशन के में पेयजल स्कीमों को लाया जाएगा। हालांकि, एडीबी के तहत प्रदेश की अन्य पेयजल योजनाओं को भी इस सुविधा के साथ जोड़ने का लक्ष्य है। शुरुआत में हरोली क्षेत्र में एडीबी के तहत 32.54 करोड़ रुपये से तैयार हुई रोड़ा, बालीवाल, हरोली और नगनोली आदि ग्राम पंचायतों की पेयजल सुविधाओं को इस तकनीक के साथ जोड़ने के मास्टर प्लान पर कार्य चल रहा है। विभिन्न पेयजल स्कीमों को ऑटोमेशन (स्वचालन) तकनीक से जोड़ने की दिशा में कार्य प्रक्रिया में है। हरोली की योजनाओं पर कार्य जारी है। उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री से इस दिशा में चर्चा की गई है ओर उनके मार्गदर्शन में कार्य आगे बढ़ रहा है। प्रदेश में स्वच्छ एवं सुचारू पेयजल सप्लाई हर गांव और घर तक होगी। सरकार इस दिशा में कार्य कर रही है। प्रदेश में हाईटेक तकनीक से योजनाओं को जोड़ने का कार्य जारी है।
हिमाचल प्रदेश सरकार ने लोक निर्माण विभाग में नियुक्त करीब 4,800 मल्टी टास्क वर्करों के मानदेय में 500 रुपये की बढ़ोतरी की है। इस संबंध में शनिवार को अतिरिक्त सचिव लोक निर्माण सुरजीत सिंह राठाैर की ओर से अधिसूचना जारी कर दी गई है। मल्टी टास्क वर्करों को अब 4500 रुपये बजाय 5000 प्रति माह मिलेंगे। सरकार ने लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता को निर्देश दिए हैं कि सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद इस संबंध में आगे की आवश्यक कार्रवाई की जाए। बता दें, बीते दिनों की हुई मंत्रिमंडल की बैठक में मानदेय बढ़ाने का फैसला लिया गया था।
** बोले, बोर्ड अध्यक्ष को हटा अपने हाथों में निगम की कमान लें मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के 18 होटल को बंद करने के हाइ कोर्ट के आदेश के बाद से प्रदेश में HPTDC के होटलों का मुद्दा लगातार गर्माया हुआ है, हालांकि हिमाचल हाई कोर्ट ने ताजा आदेशों में 18 में से 9 होटलों को 31 मार्च तक खोले रखने के आदेश दिए हैं मगर 9 होटल 25 नवंबर तक बंद करने के आदेश बरकरार हैं। इसको लेकर अब हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम कर्मचारी संघ ने सभी 18 होटलों को खुला रखने की अपील उच्च न्यायालय में करने की बात कही है। संघ ने सरकार और पर्यटन विकास निगम के चेयरमैन आर एस बाली की कार्यप्राणी पर भी सवाल उठाए हैं। पर्यटन विकास निगम कर्मचारी संघ ने निगम के के चेयरमैन आर एस बाली को हटाने की मांग करते हुए निगम की कमान मुख्यमंत्री से अपने हाथों में लेने की मांग की है। हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम कर्मचारी संघ का कहना है कि संघ उच्च न्यायालय में सभी 18 होटल को खुला रखने को लेकर याचिका दायर करेगा। उन्होंने कहा कि बंद किए गए होटल में से कई की होटलों की एडवांस बुकिंग हो चुकी है। ऐसे में इन होटलों को खुला रखना चाहिए। पर्यटन विकास निगम कर्मचारी संघ का कहना है कि न्यायालय ने केवल ऑक्युपेंसी को आधार बनाकर अपना फैसला सुनाया है प्रदेश सरकार के अधिकारियों ने सही ढंग से निगम का पक्ष अदालत के सामने नहीं रखा। पर्यटन विकास निगम कर्मचारी संघ का कहना है कि बीते 4 से 5 दिनों से प्रदेश में पर्यटन निगम के होटल को लेकर बवाल मचा हुआ है लेकिन निगम के अध्यक्ष अभी तक सामने नहीं आए। कर्मचारी संघ का कहना है कि पर्यटन निगम के होटल जाने की स्थिति में है लेकिन उनकी ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई। प्रेस वार्ता के दौरान हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम कर्मचारी संघ ने पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष को हटाने की मांग करते हुए निगम की कमान मुख्यमंत्री से अपने हाथों में लेने की मांग की।
हिमाचल प्रदेश के पांच जिलों के ऊंचाई वाले भागों में आज बारिश-बर्फबारी का पूर्वानुमान है। पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता से माैसम में यह बदलाव आने के आसार हैं। उधर, राज्य के चार स्थानों पर न्यूनतम तापमान माइनस में दर्ज किया गया है। बिलासपुर में हल्का कोहरा दर्ज किया गया है। माैसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार 23 नवंबर को चंबा, कांगड़ा, किन्नाैर, कुल्लू व लाहाैल-स्पीति जिले के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बारिश-बर्फबारी की संभावना है। इससे आगामी तीन-चार दिनों में अधिकतम व न्यूनतम तापमान में 1-2 डिग्री की कमी आने की संभावना है। वहीं अन्य भागों में आगामी सात दिनों तक माैसम साफ रहने का पूर्वानुमान है। शिमला में आज धूप खिली है। विभाग ने बिलासपुर और सुंदरनगर में सुबह और शाम के समय घना कोहरा छाए रहने का येलो अलर्ट जारी किया है। मंडी जिला प्रशासन बर्फबारी के दौरान किसी भी प्रकार की आपदा से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। उपायुक्त एवं जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष अपूर्व देवगन ने समस्त विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक कर उन्हें बर्फबारी से पहले अपनी तैयारियां पूरी करने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सर्दियों के दौरान आपदा प्रबंधन के लिए हर विभाग एक-एक नोडल अधिकारी नियुक्त करें। उनका मोबाइल नंबर जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के साथ साझा किया जाए। बताया कि बर्फबारी के अलर्ट के दौरान संबंधित क्षेत्र का कोई भी अधिकारी और कर्मचारी अपने कार्य क्षेत्र को छोड़कर न जाए। उन्होंने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे ऐसे स्थानों को चिह्नित करें, जहां बर्फबारी के दौरान अधिक सड़कें बंद होने की संभावना रहती है। वहां पर समय रहते जरूरी मशीनरी और ऑपरेटर तैनात किए जाएं। उपायुक्त अपूर्व देवगन ने कहा कि सर्दियों के दौरान जिले में चौहारघाटी, सराजघाटी, शिकारी देवी, कमरूनाग क्षेत्र, रोहांडा, बरोट, पराशर, थुनाग, जंजैहली और गाड़ागुसैणी इत्यादि क्षेत्रों में अत्यधिक बर्फबारी की संभावना रहती है।
हिमाचल में नौकरी का इंतजार कर रहे युवाओं के लिए राहत की खबर है। बिजली बोर्ड में युवाओं को नौकरी मिलने वाली है। सुक्खू सरकार बिजली बोर्ड में दैनिक वेतन पर टी मेट के 1030 पद भरने जा रही है। शिमला स्थित सचिवालय में प्रदेश सरकार, बिजली बोर्ड कर्मचारी एवं बिजली बोर्ड प्रबंधन के साथ बैठक आयोजित हुई, जिसमें जल्द औपचारिकताएं पूरी कर पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू करने की निर्देश दिए गए। प्रदेश सचिवालय में आयोजित बैठक में सरकार की तरफ से प्रधान सचिव मुख्यमंत्री एवं ऊर्जा सचिव राकेश कंवर, विशेष सचिव ऊर्जा अरिंदम चौधरी ने हिस्सा लिया। वहीं, बिजली बोर्ड प्रबंधन की ओर से निदेशक एमजी शर्मा, मनोज उपरेती और कार्यकारी निदेशक ईशा ठाकुर ने भाग लिया। ज्वाइंट फ्रंट की ओर से ई लोकेश ठाकुर, हीरा लाल वर्मा सहित 9 पदाधिकारियों ने भाग लिया। आधे घंटा तक चली इस बैठक में 66 केवी लाइन पूह से काजा का निर्माण कार्य बिजली बोर्ड को देने को लेकर चर्चा की गई। सरकार ने इस कार्य को बिजली बोर्ड से छीनकर संचार निगम को दे दिया है, जिस पर कर्मचारियों के ज्वाइंट फ्रंट ने सरकार से पुनर्विचार किए जाने की मांग की है। वहीं, बैठक में बिजली बोर्ड में समाप्त किए गए इंजीनियरों के 51 पदों के फैसले पर पुनर्विचार कर बहाल करने, बिजली बोर्ड से छंटनी किए 81 आउटसोर्स ड्राइवर के फैसले पर पुनर्विचार करने पर चर्चा हुई। इसको लेकर बोर्ड प्रबंधन को उचित निर्णय लिए जाने के निर्देश जारी किए गए हैं। इसके अतिरिक्त ज्वाइंट फ्रंट ने बिजली बोर्ड में पुरानी पेंशन के फैसले को लागू करने की भी मांग रखी, जिस पर सरकार की तरफ से कर्मचारियों को पुरानी पेंशन का भरोसा दिया गया है। वहीं, कैबिनेट सब कमेटी की सिफारिशों को ज्वाइंट फ्रंट के साथ चर्चा कर सहमति से ही लागू किए जाने का भी आश्वासन दिया गया है। इसके अतिरिक्त बैठक में बिजली बोर्ड एवं कर्मचारियों से जुड़े विभिन्न मुद्दो जैसे उदय योजना, बोर्ड की वित्तीय स्थिति और बोर्ड के कार्य के बारे में फैसला लिए जाने को लेकर भी चर्चा हुई।
हिमाचल प्रदेश में स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए हिप्पा शिमला में एक कार्यशाला आयोजित की गई। इस कार्यशाला में शिक्षा सचिव राकेश कंवर ने हिमाचल प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने के लिए स्कूलों की क्लस्टरिंग करने और अपना विद्यालय योजना जैसे विभिन्न फैसलों के बारे में जानकारी दी। समग्र शिक्षा निदेशक राजेश शर्मा ने शिक्षा में तकनीक के इस्तेमाल की उपयोगिता पर चर्चा की। शिक्षा सचिव राकेश कंवर ने कहा, हिमाचल प्रदेश सरकार ने स्कूलों की क्लस्टरिंग का फैसला संसाधनों को साझा करने के मकसद से लिया है, जिससे उनका इस्तेमाल बच्चों के हित के लिए किया जा सके। इस फैसले से स्कूलों में न तो किसी की पोस्ट खत्म होगी और न ही किसी की प्रमोशन रुकेगी। क्लस्टर सिस्टम लागू करने का मकसद यही है कि हम बच्चों के लिए कैसे बेहतर कर सकते हैं। हालांकि कई स्कूलों में कुछ शिक्षक पहले से ही ये काम कर रहे हैं। प्रदेश सरकार द्वारा लिखित निर्देश जारी करने के पीछे सिर्फ यही मंशा है कि इस तरह के शिक्षकों को ऐसा माहौल मिले कि वे अपना काम बिना किसी बाधा के पूरा कर सकें। शिक्षा सचिव राकेश कंवर ने ये भी साफ कर दिया कि इन निर्देशों में ये कहा गया है कि जहां तक संभव हो, वहां क्लस्टर बनाकर स्कूल अपने संसाधनों को शेयर करें। ऐसा करके प्रदेश सरकार ने एक सिस्टम बनाने की कोशिश की है, ताकि प्राइमरी और सेकेंडरी स्कूलों के बीच संसाधनों के इस्तेमाल को लेकर कोई दिक्कत न हो। समग्र शिक्षा निदेशक राजेश शर्मा ने कहा, हिमाचल स्कूली शिक्षा में तकनीक का बखूबी इस्तेमाल कर रहा है। तकनीक की मदद से बच्चों के सीखने की क्षमता को बढ़ाया जा रहा है। समग्र शिक्षा हिमाचल प्रदेश में पैल लैब (PAL- Personalized Adaptive Learning Lab) स्थापित करने पर विचार कर रहा है। समग्र शिक्षा निदेशक ने बताया कि उत्तर प्रदेश में पैल लैब स्कूलों में सफलतापूर्वक स्कूलों में लागू की गई है। वहां इसके बेहतर रिजल्ट भी देखने को मिल रहे हैं। ऐसे में हिमाचल में इस दिशा में कदम उठाने को लेकर विचार किया जा रहा है। स्कूलों में पैल लैब स्थापित करने के लिए प्रपोजल तैयार कर नीति आयोग के सामने रखा जाएगा। हिमाचल में पहले से कई स्कूलों में आईसीटी लैब है, वहां इन पैल लैब को भी स्थापित किया जा सकता है। समग्र शिक्षा निदेशक राजेश शर्मा ने बताया, पैल लैब एक ऐसा टूल है, जिसके जरिए एक क्लास में हर बच्चे के सीखने की अलग-अलग क्षमता का आकलन किया जा सकता है। किसी भी कक्षा में हर बच्चे के सीखने का स्तर अलग-अलग होता है। आमतौर पर हर बच्चे की कमजोरी और ताकत का पता लगाना शिक्षक के लिए आसान नहीं होता है, जबकि पैल लैब के जरिए ये सब आसानी से किया जा सकता है। इतना ही नहीं, इसकी मदद से कमजोर बच्चों को सुधारा भी जा सकता है।
** संजय पराशर कर रहे हैं भरपूर प्रयास ** हिमाचली बेटियां समुद्री नाविक बनकर मर्चेंट नेवी में बनाएं करियर: संजय पराशर हाई सैलरी, दुनिया भर में यात्रा करने का मौका और समुद्र के रोमांच का आकर्षण...बेशक मर्चेंट नेवी में नौकरी करने के लिए ये बातें प्रदेश व क्षेत्र के युवाओं को लंबे समय से आकर्षित करती रही हैं। बावजूद इस क्षेत्र में करियर कैसे बनाया जाए, उसे लेकर भी युवा पर्याप्त गांइडेंस न मिलने के कारण असमंजस में रहा। वहीं जिला मंडी के गांव कोटली व विभिन्न स्थानों पर आयोजित मार्गदर्शन शिविर के दौरान इंटरनेशनल मैरीटाइम इंस्टीट्यूट संस्थान द्वारा सेमिनार आयोजित किए गए। करियर विशेषज्ञ दलीप ने कहा कि संजय पराशर राेजगार और महिला सशक्तीकरण को लेकर विजन के तहत कार्य कर रहे हैं। अगले वर्ष में युवतियों को मर्चेंट नेवी में अधिक से अधिक राेजगार उपलब्ध हों, इसके लिए रोड़ मैप तैयार किया गया है। इस बारे में युवतियों को अपने क्षेत्र में ही मर्चेंट नेवी के बारे में पर्याप्त जानकारी मिले और इस नौकरी को पाने के लिए बाहर की दौड़ न लगानी पड़े, इसी कारण संजय पराशर के सानिध्य में ऐसे मार्गदर्शन शिविरों का आयोजन किया जा रहा है।इंटरनेशनल मैरीटाइम इंस्टीट्यूट , नोएडा में सीसीएमसी का कोर्स कर रही छात्रा पलक ने सेमिनार में आई छात्राओं से अनुभव शेयर किए और कहा कि बेटियों के लिए मर्चेंट नेवी में कैरियर के सुनहरे अवसर हैं लड़कियां खुद को व अपने परिवार को आर्थिक रूप से सदृढ़ बना सकतीं हैं। इस क्षेत्र में व्यापक अनुभव रखने वाले कैप्टन संजय पराशर प्रदेश में रोजगार सृजन के साधनों को लेकर गंभीर व क्रियाशील हुए तो उन्हाेंने बेटियों के लिए नौकरियों का भंडार लाकर खड़ा कर दिया है। प्रदेश के बेटियों को अब मर्चेंट नेवी में नौकरी हासिल करने के लिए बाहर के प्रदेशों में दौड़ नहीं लगानी पड़ रही है। उन्हें पराशर द्वारा घर-द्वार पर इस फील्ड के लिए उचित मार्गदर्शन शिविर का आयोजन किया जा रहा है। वहीं, इस मार्गदर्शन शिविर में ज़िला मंडी के गांव आलग और कोटली के क्षेत्रों की युवतियों ने विशेष रूचि दिखाई। आलग कोटली के स्कूल सर्वोदय इंटरनेशनल स्कूल में 70 के लगभग युवितयों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई ताे कोटली में गवर्मेंट कॉलेज में युवितयों की संख्या का आकंड़ा करीब 70 रहा। व कोटली के आलोक भारती के 70 छात्र छात्राओं ने भाग लिया।सेमीनार में पहुंची कई युवतियों ने मर्चेंट नेवी में करियर को लेकर सवाल किए, जिनका माैके पर ही विशेषज्ञों द्वारा जबाव दिया गया। शिविर में भाग लेने पहुंची लड़कियों सीमा, प्रिया, नेहा, पूजा, शिवानी, निशा, आरती, भारती, ज्योति, दीपिका ,इंदु, सुनिधि ने बताया कि सेमीनार में उन्हें करियर बनाने के लिए महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हुई।
हिमाचल प्रदेश में विधवा महिलाओं को मकान बनाने के लिए चार लाख रुपए की आर्थिक मदद दी जाएगी। हिमाचल प्रदेश सरकार ऐसी विधवा महिलाओं के लिए मकान बनाने में मदद करेगी, जो भवन एवं सन्निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड में पंजीकृत हैं। भवन एवं सन्निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड में पंजीकृत सभी पात्र महिलाओं को मकान बनाने के लिए चार लाख रुपए की वित्तीय सहायता मिलेगी। मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार विधवाओं, दिव्यांग महिलाओं और एकल नारियों को उनके मकान बनाने के सपने को साकार करने के लिए वित्तीय मदद देने की पहल कर रही है। मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश भवन एवं सन्निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड, विवाह के लिए वित्तीय सहायता, मातृत्व लाभ, शिक्षा सहायता, चिकित्सा देखभाल, पेंशन, विकलांगता पेंशन, दाह संस्कार व्यय, आकस्मिक मृत्यु के लिए राहत, छात्रावास सुविधाएं और विधवा पेंशन सहित विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं लागू कर रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार सभी वर्गों के उत्थान के लिए प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है। मकान बनाने के लिए आर्थिक मदद में घर के लिए तीन लाख रुपए और रसोई, शौचालय और स्नानघर जैसी आवश्यक सुविधाओं के लिए एक लाख रुपए की अतिरिक्त मदद भी शामिल होगी। इसका फायदा उठाने के लिए महिलाओं को बोर्ड में पंजीकृत होना चाहिए। पिछले 12 महीनों में कम से कम 90 कार्य दिवस पूरे करने चाहिए और उनकी वार्षिक आय 2.50 लाख रुपए से कम होनी चाहिए। पात्र महिलाओं को जरूरी कागजों समेत श्रम अधिकारी के जरिए इस योजना के लिए आवेदन करना होगा। इसके लिए स्वीकृति मिलने के बाद वित्तीय मदद सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी जाएगी।
मिनर्वा स्कूल, घुमारवीं में आज वार्षिक पारितोषिक वितरण समारोह बड़े ही हर्षोल्लास और उत्साह के साथ आयोजित किया गया। इस विशेष अवसर पर हिमाचल प्रदेश के तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। समारोह का शुभारंभ दीप प्रज्वलन और सरस्वती वंदना के साथ किया गया। कार्यक्रम में छात्रों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने हिमाचली संस्कृति की झलक पेश की। रंगारंग प्रस्तुतियों में पारंपरिक लोकनृत्य, नाटक और लोकगीतों ने सभी का मन मोह लिया। समारोह में विद्यालय के प्रधानाचार्य परवेश चंदेल ने वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होंने विद्यालय की शैक्षिक और सह-शैक्षिक उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि मिनर्वा स्कूल गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और समग्र विकास के लिए समर्पित है। मुख्य अतिथि राजेश धर्माणी ने अपने संबोधन में मिनर्वा स्कूल को हिमाचल प्रदेश के श्रेष्ठतम विद्यालयों में से एक बताते हुए विद्यालय प्रशासन, शिक्षकों और छात्रों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि मिनर्वा स्कूल ने शिक्षा के क्षेत्र में एक नई पहचान बनाई है और बच्चों के समग्र विकास के लिए सराहनीय प्रयास किए हैं। उन्होंने छात्रों को तकनीकी शिक्षा और कौशल विकास के महत्व को समझने और भविष्य में राष्ट्र निर्माण में योगदान देने की प्रेरणा दी। समारोह के अंत में, विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों को पुरस्कार वितरित किए गए। पुरस्कार वितरण ने छात्रों का मनोबल बढ़ाया और सभी उपस्थित लोगों ने उनकी उपलब्धियों की सराहना की।
हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम (HPTDC) को बड़ा झटका दिया है। हाईकोर्ट ने निगम के 18 होटलों को ‘सफेद हाथी’ करार देते हुए इन्हें बंद करने के आदेश जारी किए हैं। न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल की एकल पीठ ने एचपीटीडीसी कर्मचारियों द्वारा दायर एक सिविल रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया गया है। न्यायाधीश ने कहा कि बार-बार अदालती हस्तक्षेप और विस्तृत निर्देशों के बावजूद निगम इन परिसंपत्तियों को पुनर्जीवित करने या उन्हें लाभकारी बनाने में विफल रहा है। न्यायालय ने इस बात पर जोर दिया कि सार्वजनिक संसाधनों को ऐसे उपक्रमों पर बर्बाद नहीं किया जा सकता जो लगातार वित्तीय रूप से घाटे में चल रहे हैं। चैल में प्रतिष्ठित पैलेस होटल, धर्मशाला में होटल धौलाधार और मनाली में होटल लॉग हट्स सहित प्रमुख पर्यटन स्थलों की 18 संपत्तियों में पिछले कुछ वर्षों में आश्चर्यजनक रूप से होटलों के अधिकतर कमरे खाली पड़े रहे। अदालत ने एचपीटीडीसी के प्रबंध निदेशक को 25 नवंबर तक इन इकाइयों को तत्काल बंद करने का निर्देश दिया, और अनुपालन के लिए उन्हें व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार ठहराया। इसके अलावा, रखरखाव के लिए केवल आवश्यक कर्मचारियों को ही रखा जाएगा, जबकि बाकी को अन्य कार्यशील इकाइयों में जनशक्ति की कमी को दूर करने के लिए फिर से तैनात किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि उच्च न्यायालय ने एक अलग मामले में दिल्ली में स्थित हिमाचल भवन को भी जब्त करने का आदेश दिया है। जिससे एक बिजली कंपनी को नीलामी के माध्यम से अपना बकाया वसूलने की अनुमति दी गई है। जिन 18 होटलों को बंद करने के आदेश दिए गए हैं उनमे, द पैलेस होटल चायल, होटल गीतांजलि, डलहौजी, होटल बाघल दाड़लाघाट, होटल धौलाधार धर्मशाला, होटल कुणाल धर्मशाला, होटल कश्मीर हाउस धर्मशाला, होटल एप्पल ब्लॉसम फागू, होटल चंद्रभागा केलोंग, होटल देवदार खजियार,होटल गिरीगंगा खड़ापत्थर,होटल मेघदूत कियारीघाट, होटल सरवरी कुल्लू , होटल लॉग हट्स मनाली, होटल हडिम्बा कॉटेज मनाली, होटल कुंजुम मनाली,होटल भागसू मैक्लोडगंज, होटल द कैसल नग्गर, होटल शिवालिक परवाणू शामिल हैं।
प्रदेश सरकार प्रवक्ता स्कूल न्यू कैडर में अनुबंध पर नियुक्त कर्मचारियों के लिए वरिष्ठता लाभ लागू करेगी। सरकार ने भर्ती एवं पदोन्नति (आरएंडपी) नियमों में उल्लिखित प्रक्रिया का पालन करते हुए अनुबंध के आधार पर नियुक्त किए गए प्रत्यक्ष भर्ती कर्मचारियों के लिए वरिष्ठता लाभ लागू करने का निर्णय लिया है। उच्च न्यायालय की ओर से ताज मोहम्मद एवं अन्य बनाम हिमाचल प्रदेश राज्य शीर्षक से सीडब्ल्यूपी संख्या 2004/2017 पर आए फैसले के बाद सरकार ने यह फैसला लिया है। फैसले के तहत स्कूल-न्यू कैडर के कर्मचारियों सहित ऐसे कर्मचारियों के लिए वरिष्ठता का दावा स्वीकार किया गया है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि स्कूल-न्यू कैडर में कई याचिकाकर्ताओं द्वारा दायर मामले में अनुबंध के आधार पर नियुक्त किए गए प्रत्यक्ष भर्ती कर्मचारियों की वरिष्ठता स्थिति पर सवाल उठाया गया था। याचिकाकर्ताओं ने अपनी प्रारंभिक अनुबंध नियुक्ति की तिथि से वरिष्ठता को मान्यता देने की मांग की थी। उच्च शिक्षा निदेशालय ने अब एक कार्यालय आदेश जारी कर स्पष्ट किया है कि लेक्चरर (स्कूल-न्यू) कैडर की वरिष्ठता को फैसले के अनुरूप संशोधित किया जाएगा। इसमें 2014 से 2023 के बीच पदोन्नत और सीधी भर्ती वाले दोनों शामिल हैं। शिक्षा निदेशक के अनुसार इस प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण हिस्सा अनुबंध नियुक्तियों और पदोन्नतियों दोनों के लिए नियुक्ति के वर्ष को ध्यान में रखते हुए वरिष्ठता सूची का अंतराल है। लेक्चरर (स्कूल-न्यू) कैडर जिसे 2019 में पीजीटी (पोस्ट ग्रेजुएट टीचर) कैडर से फिर से नामित किया गया था, अपने 50 फीसदी पदों को सीधी भर्ती के माध्यम से और अन्य 50 फीसदी टीजीटी (प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक) कैडर से पदोन्नति के माध्यम से भरता है। लेक्चरर कैडर के लिए वरिष्ठता को पहले 31 दिसंबर 2013 तक अंतिम रूप दिया गया था। लगभग 11,000 प्रवक्ताओं की सूची इस दौरान तैयार हुई थी। अदालत के फैसले के बाद वरिष्ठता सूची को अब 2014 के बाद से सीधी भर्ती वाले लोगों को शामिल करने के लिए संशोधित किया जाएगा। इस कदम से टीजीटी कैडर की वरिष्ठता पर भी असर पड़ने की संभावना है, जो लेक्चरर पदों के लिए फीडर कैडर के रूप में कार्य करता है। टीजीटी की वरिष्ठता न्यायालय के आदेश द्वारा निर्धारित नए दिशा-निर्देशों के साथ संरेखित करने के लिए संशोधनों से गुजर सकती है, जिससे पदोन्नति के क्रम में संभावित परिवर्तन हो सकते हैं। निदेशालय के कार्यालय आदेश के अनुसार वरिष्ठता को समायोजित किया जाएगा, लेकिन अंतिम वरिष्ठता सूची संबंधित पक्षों की उचित आपत्तियों को शामिल करने के बाद ही जारी की जाएगी।
बिलासपुर/सुनील: 71वां भारतीय सहकारी सप्ताह का जिला स्तरीय कार्यक्रम बिलासपुर जिला सहकारी विकास संघ समिति के सौजन्य से बिलासपुर के किसान भवन में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में नगर नियोजन, आवास तथा तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्मानी ने शिरकत की। इस अवसर पर उन्होंने सहकारिता आंदोलन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए इसे ग्रामीण विकास और आर्थिक समृद्धि का सशक्त माध्यम बताया। मंत्री राजेश धर्मानी ने अपने संबोधन में कहा कि सहकारिता का उद्देश्य समाज के सभी वर्गों, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में, आर्थिक विकास और सामूहिक प्रयासों के माध्यम से आत्मनिर्भरता लाना है। यह एक ऐसा मंच है जहां लोग एकजुट होकर अपनी जरूरतों को पूरा करते हैं और सामाजिक-आर्थिक विकास में योगदान देते हैं। सहकारी संस्थाएं ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन, कृषि विकास और महिला सशक्तिकरण में अहम भूमिका निभा रही हैं। उन्होंने कहा कि सहकारिता आंदोलन ने किसानों, श्रमिकों और छोटे व्यापारियों को सशक्त किया है। उन्होंने सहकारी समितियों से आग्रह किया कि वे आधुनिक तकनीक और नवाचार को अपनाएं, जिससे उनके कार्यक्षेत्र में विस्तार हो सके और वे अधिक प्रभावी तरीके से काम कर सकें। मंत्री ने सहकारी संस्थाओं के विकास के लिए सरकार द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार सहकारी समितियों को डिजिटल बनाने, उनके कार्यों को पारदर्शी बनाने और युवाओं को सहकारिता से जोड़ने के लिए ठोस कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार सहकारी समितियों के विस्तार और उनके आधुनिकीकरण के लिए हरसंभव सहायता प्रदान करेगी, ताकि सहकारिता आंदोलन के माध्यम से समाज के हर वर्ग को लाभ मिले। उन्होंने कहा कि सहकारिता आंदोलन ग्रामीण विकास की रीढ़ है। मंत्री ने कहा कि कार्यक्रम में जिले भर में सर्वश्रेष्ठ रही सभी सरकारी सोसाइटी उनको भी आमंत्रित किया जाना चाहिए तथा उनकी उपलब्धियों को भी उजागर किया जाना चाहिए, ताकि लोगों के समक्ष इनकी कार्यप्रणाली और पारदर्शिता को प्रस्तुत किया जा सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश की हर कोने में सहकारी सभाएं संचालित की जा रही हैं। प्रदेश तभी आगे बढ़ेगा जब संसाधन बढ़ेंगे, और संसाधन तभी बढ़ेंगे जब आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाया जाएगा। इसके लिए नए मॉडल और नए विचार विकसित करने के प्रयास किए जाने चाहिए। सहकारी समितियों के संचालन में अधिकारी तथा कर्मचारी ईमानदारी और पारदर्शिता से कार्य करें, ताकि आने वाले समय में लोगों की सहकारी समितियों पर विश्वसनियता बनी रहे। मंत्री ने उत्कृष्ट कार्य करने वाले सहकारी समितियों और उनके सदस्यों को सम्मानित किया। उन्होंने उनके योगदान की सराहना करते हुए उन्हें प्रोत्साहित किया कि वे भविष्य में भी सामुदायिक विकास में अपना योगदान जारी रखें। उन्होंने कहा कि सहकारी संस्थाओं के सशक्तिकरण से ही समाज का सर्वांगीण विकास संभव है। कार्यक्रम में विभिन्न सहकारी समितियों के पदाधिकारियों ने भी अपने अपने विचार साझा किए। इस मौके पर उन्होंने सहकारी समितियों के प्रतिनिधियों की समस्याओं को सुना। कार्यक्रम में पूर्व विधायक बंबर ठाकुर, तिलक राज शर्मा, फेडरेशन के अध्यक्ष रंजीत कश्यप, मार्किट कमेटी के अध्यक्ष सतपाल वर्धन, जिला सहकार संघ के अध्यक्ष हरि बलभ कौशल, सहकार संघ के निदेशक बृज लाल शर्मा, रक्षा कपिल, आशुतोष, शंकर दास शर्मा, एम पी चोपड़ा, निदेशक सहकारी बैंक जगदीश शर्मा, निदेशक कृषि बैंक नंदलाल शर्मा, हिमुडा के निदेशक जितेंद्र चंदेल, पार्षद गौरव शर्मा, सहायक पंजीयक भास्कर कालिया के अतिरिक्त समस्त सहकारी सभाओं के पदाधिकारी तथा अन्य लोग उपस्थित रहे।