हिमाचल प्रदेश में सड़क हादसों पर अंकुश लगाने के लिए पांचवीं के बाद अब छठी से 10वीं तक के विद्यार्थियों को भी सड़क सुरक्षा का पाठ पढ़ाया जाएगा। इसमें शिक्षक बच्चों को यातायात के नियमों का पालन करने का ज्ञान देंगे। प्राथमिक कक्षाओं से ही विद्यार्थियों को सड़क सुरक्षा का ज्ञान दिया जा रहा है। वहीं बड़ी कक्षाओं के लिए भी एससीईआरटी पाठ्यक्रम तैयार कर रही है। आगामी सत्र से इस पाठ्यक्रम को छठी से दसवीं कक्षा तक पढ़ाए जाने की संभावना है। पाठ्यक्रम में सड़क सुरक्षा की आधारभूत जानकारियों को शामिल किया गया है। इसमें यातायात नियम, जेब्रा लाइन, हेलमेट की आवश्यकता, सड़क पार करते समय बरती जाने वाली सावधानियों के संबंध में लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया व नियम, सड़क दुर्घटनाओं के कारण, दो पहिया और चौपहिया वाहन चलाने के लिए जरूरी दस्तावेज की जानकारी को भी शामिल किया जा रहा है। पाठ्यक्रम में सड़क सुरक्षा के शामिल होने पर बच्चों को गहनता के साथ सड़क सुरक्षा के नियमों के प्रति जागरूक किया जा सकेगा।
हिमाचल प्रदेश तकनीकी शिक्षा बोर्ड दूसरे और चौथे सेमेस्टर की परीक्षाएं गूगल मीट और गूगल क्लास पर ऑनलाइन माध्यम से लेगा। इस दौरान विद्यार्थियों को ऑनलाइन रहते हुए वैब कैमरे में अपना चेहरा और परीक्षा देती बार अपनी उत्तर पुस्तिका को भी साफ-साफ दिखाना होगा। वहीं इंटरनेट दिक्कत समस्या होने पर छात्र अपने नजदीकी संस्थान में परीक्षा दे सकेगा। इसके लिए छात्र को 10 दिन पहले बोर्ड को बताया होगा। बोर्ड 17 अगस्त से दूसरे और चौथे सेमेस्टर की लीट और पैट ऑनलाइन माध्यम से करवाएगा। ऑनलाइन माध्यम से होने वाली इन परीक्षाओं में छात्र किसी प्रकार की कोई नकल का सहारा न ले सके, इसके लिए छात्रों को अपनी परीक्षाएं गूगल मीट या गूगल क्लास के माध्यम से देनी होंगी। संबंधित छात्रों को ऑनलाइन जुड़ने के लिए करीब 10 मिनट पहले आईडी और पासवर्ड भेजा जाएगा। सुबह और सायंकाल दो सत्रों में होने वाली इस परीक्षा के लिए संबंधित छात्रों को पांच मिनट पहले प्रश्न पत्र मुहैया करवाया जाएगा। इसके बाद छात्रों को ऑनलाइन रहते हुए ही परीक्षा देनी होगी। परीक्षा समाप्त होने पर अभ्यर्थी को गूगल मीट या गूगल क्लास के माध्यम से उत्तर पुस्तिका को संबंधित संस्थान को स्कैन करके भेजना होगा।
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय ने शैक्षणिक सत्र 2021-22 के लिए प्रवेश परीक्षा आधारित पीजी डिग्री कोर्स में प्रवेश के लिए परीक्षा शेड्यूल जारी कर दिया है। विवि नौ अगस्त से विवि परिसर में प्रवेश परीक्षाएं शुरू करेगा, जो 24 अगस्त तक जारी रहेंगी। प्रवेश परीक्षा के लिए एडमिट कार्ड विद्यार्थियों को एडमिशन पोर्टल से ऑनलाइन ही डाउनलोड करने होंगे। शेड्यूल जारी करने के साथ ही विवि ने प्रवेश परीक्षाओं की तैयारियां भी शुरू कर दी हैं। ये प्रवेश परीक्षाएं सुबह नौ, साढ़े 11 और दो बजे के सत्र में आयोजित करने का फैसला लिया है। जिससे परीक्षाएं अगस्त माह में ही पूरी हो सके और सितंबर में काउंसलिंग करवाकर प्रवेश की प्रक्रिया को समय रहते पूरा किया जा सके। कोरोना महामारी के कारण एक साल के अंतराल के बाद विवि पीजी की प्रवेश परीक्षाएं आयोजित करवा रहा है। बीते सत्र 2020-21 में विवि ने प्रवेश परीक्षाओं के लिए ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए थे, लेकिन कोरोना संक्रमण का हवाला देकर विवि ने प्रवेश परीक्षाएं न करवाकर पिछली यूजी की मेरिट के आधार पर ही कोर्स में प्रवेश दिया था। जिसका छात्र संगठनों ने जमकर विरोध भी किया था। मामला न्यायालय तक जाने पर न्यायालय ने विवि के इस फैसले पर कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। शेड्यूल के मुताबिक विश्वविद्यालय नौ अगस्त को नौ बजे रसायन विज्ञान, साढ़े 11 बजे जंतु विज्ञान, दो बजे एमएससी गणित की प्रवेश परीक्षा आयोजित करेगा। 10 अगस्त को नौ बजे एमएससी भौतिक विज्ञान, वनस्पति विज्ञान, साढ़े 11 बजे एम कॉम, दो बजे एमए राजनीति शास्त्र की प्रवेश परीक्षा करवाएगा। 11 अगस्त को नौ बजे एलएलबी, साढ़े 11 बजे एमएससी भूगोल और दो बजे एमए हिंदी। 12 अगस्त को नौ बजे एमए अर्थशास्त्र, साढ़े 11 बजे एमएस मनोविज्ञान, दो बजे एमए इतिहास। 13 अगस्त को सुबह नौ बजे एमएस सामाजिक कार्य, साढ़े 11 बजे एमए संगीत ( परफार्मिंग आर्ट) दो बजे एमए इंग्लिश की प्रवेश परीक्षा होगी। 14 अगस्त को 10 बजे एमसीए की और दो बजे एमए संस्कृत की प्रवेश परीक्षा होगी। 16 अगस्त को एमएससी माइक्रोबायोलॉजी, साढ़े 11 बजे एमएससी बायोटेक्नोलॉजी और दो बजे एमए शारीरिक शिक्षा और एमपीएड की प्रवेश परीक्षा होगी। तय शेड्यूल के मुताबिक 17 अगस्त को नौ बजे एमए योगा, साढ़े 11 बजे एमएड और दो बजे एमएस समाज शास्त्र की प्रवेश परीक्षा होगी। 18 अगस्त को 10 बजे एमए ग्रामीण विकास और दो बजे एमए लोक प्रशासन की, 20 अगस्त को 10 बजे एमएससी पर्यावरण विज्ञान और दो बजे एमबीए ग्रामीण विकास की प्रवेश परीक्षा करवाई जाएगी। एमएस पत्रकारिता और जनसंचार की प्रवेश परीक्षा 23 अगस्त को सुबह 10 बजे जबकि एमए रक्षा और सामरिक अध्ययन के लिए 24 अगस्त को 10 बजे और एमटीटीएम के लिए दो बजे प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाएगी। विवि और रिजनल सेंटर धर्मशाला की एमबीए कोर्स में प्रवेश के लिए करवाई जाने वाली एचपीयू मेट-2021 को 21 अगस्त को 10 बजे आयोजित किया जाना है।
हिमाचल प्रदेश में लम्बे आरसे से बंद पड़े स्कूलों में रौनक लौट आई है। बीती कैबिनेट की बैठक में सरकार ने 10वीं से 12 वीं कक्षा के विद्यार्थियों की स्कूल में नियमित कक्षाएं लगाने का फैसला लिया था। पहले चरण में 10वीं, 11वीं और 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों की आज से नियमित कक्षाएं शुरू हो गई हैं। शिक्षा विभाग ने इसके लिए एसओपी जारी की है। थर्मल स्क्रीनिंग, हैंड सैनिटाइज करवाने के बाद ही बच्चों को स्कूलों में प्रवेश दिया गया। मौसम साफ रहने पर खुले में भी कक्षाएं लग सकती हैं। पांचवीं और आठवीं कक्षा के बच्चे शिक्षकों से परामर्श लेने के लिए स्कूल आ सकेंगे। अभी अप्रैल, 2021 से स्कूल पूरी तरह बंद थे। उल्लेखनीय है कि 26 जुलाई से कोचिंग, ट्यूशन और प्रशिक्षण संस्थान खोले जा चुके हैं। कॉलेजों में 16 अगस्त से नया सत्र शुरू होगा। 26 जुलाई से कॉलेजों में ऑनलाइन और ऑफलाइन दाखिले शुरू हो चुके हैं। सरकार के निर्देशों के बाद सभी स्कूलों को समय-समय पर सैनिटाइज करना जरूरी होगा। सोमवार से सरकारी स्कूलों में सभी शिक्षकों को हाजिर रहना अनिवार्य किया गया है। उधर, बता दें कि चंबा उपमंडल में मिंजर मेले की स्थानीय छुट्टी के चलते 3 अगस्त, लाहौल-स्पीति जिले में 10 और कुल्लू जिले में 16 अगस्त से स्कूल खुलेंगे।
हिमाचल प्रदेश के चंबा और लाहौल-स्पीति जिले में दो अगस्त से स्कूल नहीं खुलेंगे। प्रदेश के शेष जिलों में सोमवार से दसवीं से 12वीं कक्षाओं के विद्यार्थी आएंगे। चंबा में मिंजर मेले और लाहौल में बादल फटने के चलते जिला प्रशासन ने शेड्यूल में बदलाव किया है। दो अगस्त से स्कूलों में सभी शिक्षकों को हाजिर रहना अनिवार्य होगा। चंबा में तीन और लाहौल-स्पीति में दस अगस्त से स्कूल खुलेंगे। लाहौल-स्पीति में बारिश और बादल फटने की घटनाओं के कारण कई सड़कें तथा पुल टूट गए हैं। जिला प्रशासन ने लाहौल एवं उदयपुर मंडल में स्कूल व शैक्षणिक संस्थान नौ अगस्त तक बंद रखने के निर्देश दिए हैं। उपायुक्त नीरज कुमार ने कहा कि सरकार ने स्कूलों को दो अगस्त से खोलने के आदेश दिए हैं, लेकिन घाटी की परिस्थितियों एवं मौसम को देखते हुए अभी स्कूलों को खोलना उचित नहीं है। घाटी में नौ अगस्त तक सभी स्कूल एवं शैक्षणिक संस्थान बंद रहेंगे। चंबा में मिंजर मेले के समापन पर दो अगस्त को स्थानीय अवकाश रहेगा। चंबा में तीन अगस्त को ही सरकारी और निजी स्कूल खुलेंगे। उधर, शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर ने कहा कि दो अगस्त से सभी नियमों का पालन करते हुए स्कूलों में नियमित कक्षाएं शुरू होंगी। प्रार्थना सभा सहित अन्य एकत्र होने वाली गतिविधियां नहीं होंगी।
GNA University organized an International conference on business resilience and reinvention in the VUCA World (ICBRR-VUCA 2021) on its virtual platform, Blackboard which was also streamed Live on Facebook and YouTube. The Conference Ceremony started with the welcoming of the virtual gathering by the Master of Ceremony Dr. Disha Khanna, Dean- Faculty of Liberal Arts. Afterward, the general address and opening to the conference was made by honorable Pro-Chancellor S. Gurdeep Singh Sihra, and the conference proceedings were then released by the senior functionaries of the management. Dr. Monika Hanspal, Dean Academics delivered the welcome address and the The inaugural address was given by Vice-Chancellor Dr. V.K.Rattan to the learned gathering. S. Gurdeep Singh Sihra, the Pro-Chancellor expressed, “I am really honored to witness the appreciable number of participants in this international conference from across the globe.” The chief guest for the day was Dr. Neharika Vohra, Vice-Chancellor- Delhi Skill and Entrepreneurship University, New Delhi who delivered her views on the emerging trends in entrepreneurship and other managerial disciplines in the VUCA World. This was then followed by the welcoming of the keynote speaker Dr. Cleopatra Veloutsou, Professor, University of Glasgow, Scotland, the UK who delivered her views about the emerging trends in Brand Management. A Panel Discussion on the current trends in Business Resilience in the VUCA World was moderated by Dr. Manpreet Kaur, Assistant Professor, GNA Business School. The panelists of the discussion were Dr. Parag Kalkar, Dean-Faculty of Commerce and Management, Savitribai Phule Pune University, Pune, Dr. Jyoti Rana, Dean Academic Affairs- Shri Vishwakarma Skill University, Gurugram, Dr. P. Malyadri, Senior Fellow ICSSR, and research advisor in Commerce and Management, Center for Economic and Social Studies. A brief overview of the conference was given by Mr. Gaurav K Mangar, Assistant Professor, GNA Business School, GNA University in which he elaborated about the whole conference. 90 research papers were received for publication out of which 75 were accepted for publication and presentation. The conference was divided into four technical sessions namely Human Resources, Marketing, Finance, General Management, and Economics. This was then followed by the commencement of the technical session which was adjudicated by the revered session chairs. There were in total 8 technical sessions which witnessed around 100 paper presentations from research scholars and academicians from most of the prestigious academic institutions across the country and from the international arena also. After the end of technical sessions, a Keynote Address was delivered by Dr. Weng Marc Lim, Professor, and Head of School, Swinburne University of Technology, Sarawak, Malaysia in which he talked about his views on challenger marketing and the current trends pertaining to this particular field. Another Keynote Address was delivered by Dr. Justin Paul, Professor, University of Puerto Rico, San Juan, PR, the USA in which he elaborated about the current trends in marketing in the VUCA World. During the Valedictory Session, the Best Paper Awards were announced by Mr. Ramandeep Singh, Assistant Professor, GNA Business School which was then followed by a Vote of Thanks by Dr. R.K. Mahajan, Registrar, GNA University in which he thanked everyone for being a part of the conference and to Dr.Sameer Varma, Dean- GNA Business School and his entire team of GNA Business School for their hard work and for organizing this conference in such a well-organized manner. The grand event of the International Conference ended on a splendid note.
सीबीएसई के परिणाम में देरी के कारण हिमाचल प्रदेश विवि को प्रोफेशनल डिग्री कोर्स में नए सत्र में प्रवेश के लिए ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तारीख बार-बार बदलनी पड़ रही है। बीएएलएलबी कोर्स करवा रहे यूआईएलएस ने फिलहाल 31 अगस्त तक ऑनलाइन आवेदन की तिथि बढ़ा दी है। यूआईटी संस्थान पहले ही पांचों बीटेक डिग्री कोर्सों में प्रथम सेमेस्टर में प्रवेश के लिए आवेदन की तारीख तीन बार बदल चुका है। विवि के यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ बिजनेस स्टडीज को भी तिथि बढ़ानी पड़ी है। यूआईटी के पांचों बीटेक कोर्सों की 350 सीटों के लिए एक हजार से अधिक आवेदन आ चुके हैं। संस्थान 15 से 17 अगस्त के बीच प्रवेश परीक्षा करवाने की तैयारी कर चुका है। विवि के यूआईएलएस के बीएएलएलबी कोर्स की 120 सीटों के लिए 450 से अधिक आवेदन आए हैं। इस कोर्स में 12वीं के अंकों के आधार पर मेरिट सूची बनेगी। संस्थान आवेदन की तारीख 31 जुलाई से 12 अगस्त तक बढ़ाने की तैयारी कर रहा है। संस्थान के निदेशक प्रो. संजय ने कहा कि आवेदन की अंतिम तिथि बढ़ाई जाएगी।
हिमाचल प्रदेश के शीतकालीन स्कूलों में अगस्त और ग्रीष्मकालीन स्कूलों में नवंबर में एफए-3 की परीक्षाएं होंगी। समग्र शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना कार्यालय ने पहली से आठवीं कक्षाओं के विद्यार्थियों की परीक्षाओं का शेड्यूल जारी कर दिया है। शीतकालीन स्कूलों में वार्षिक परीक्षा दिसंबर के दूसरे सप्ताह और ग्रीष्मकालीन स्कूलों में मार्च के दूसरे हफ्ते में होगी। रचनात्मक मूल्यांकन (एफए) वन और टू का आयोजन मार्च से जून के बीच हो चुका है। अब अगस्त के तीसरे सप्ताह में शीतकालीन स्कूलों और नवंबर के तीसरे सप्ताह में ग्रीष्मकालीन स्कूलों में एफए थ्री की परीक्षाएं होंगी। एफए फोर का आयोजन शीतकालीन स्कूलों में अक्तूबर के तीसरे सप्ताह और ग्रीष्मकालीन स्कूलों में जनवरी के पहले सप्ताह में होगा। गर्मियों के स्कूलों में सितंबर के तीसरे सप्ताह में यह परीक्षा होगी। एसए दो का आयोजन शीतकालीन स्कूलों में दिसंबर के दूसरे सप्ताह और ग्रीष्मकालीन स्कूलों में मार्च के दूसरे सप्ताह में होगा। एफए और एसए की परीक्षाओं के अंकों को जोड़कर पहली, दूसरी, चौथी, छठी और सातवीं कक्षा के विद्यार्थियों का वार्षिक परिणाम तैयार किया जाएगा। इन कक्षाओं के विद्यार्थियों को अगली कक्षा में प्रमोट करने के लिए अंकों की बाध्यता नहीं रहेगी। उधर, तीसरी, पांचवीं और आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों को इस वर्ष परीक्षा परिणाम के आधार पर ही अगली कक्षा में भेजा जाएगा। सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रावधान को लागू करते हुए इन कक्षाओं के विद्यार्थियों की इस वर्ष से परीक्षाएं लेने का फैसला लिया है। इस फैसले के चलते ही दो अगस्त से पांचवीं और आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों को स्कूलों में शिक्षकों से परामर्श लेने के लिए बुलाया जा रहा है।
हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवा (एचएएस) की परीक्षा अब 26 सितंबर को होगी। राज्य लोक सेवा आयोग की मंगलवार को हुई बैठक में यह फैसला लिया गया है। इससे पहले एचएएस परीक्षा 12 सितंबर को होनी थी लेकिन नीट के चलते परीक्षा की तिथि में बदलाव किया गया। राज्य लोक सेवा आयोग के सचिव डीके रत्न ने बताया कि एचएएस परीक्षा अब 26 सितंबर को होगी। बिलासपुर, चंबा, कांगड़ा, धर्मशाला, पालमपुर, मंडी, शिमला, नाहन, सोलन, ऊना, हमीरपुर और सुंदरनगर में परीक्षा आयोजित की जाएगी। एचएएस की संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा 2020 के लिए करीब 35 हजार अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। आयोग की ओर से हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवा, पुलिस प्रशासनिक सेवा सहित 18 पदों को भरा जाएगा। राज्य प्रशासनिक सेवा के 8 पद कार्मिक विभाग में भरे जाएंगे। खाद्य आपूर्ति विभाग में जिला नियंत्रक का एक पद, गृह विभाग में प्रदेश पुलिस सेवा के 4 पद, ग्रामीण विकास विभाग में खंड विकास अधिकारी के दो पद, राजस्व विभाग में तहसीलदार का एक पद और सहकारिता विभाग में असिस्टेंट रजिस्ट्रार के 2 पद भरे जाएंगे।
हिमाचल प्रदेश विवि के यूआईटी संस्थान ने बी टेक कोर्स में सत्र 2021-22 में प्रवेश बीटेक आईटी, सीएसई, बी टेक ईई, ईसीई और सीई कोर्स में प्रवेश लेने के लिए आनलाइन आवेदन की तिथि को तीसरी बार फिर से बढ़ा दिया है । पहले आवेदन को 25 जुलाई अंतिम तिथि तय की गई थी, अब इसे बढ़ाकर पांच अगस्त कर दिया गया है।
हिमाचल प्रदेश में करीब चार महीने बाद आज से कोचिंग, ट्यूशन और प्रशिक्षण संस्थान खुलेंगे। कॉलेजों में 16 अगस्त से नया सत्र शुरू करने और 26 जुलाई से कॉलेजों में ऑनलाइन और ऑफलाइन दाखिले शुरू होंगे। कोचिंग, ट्यूशन और प्रशिक्षण संस्थानों में भी विद्यार्थी आ सकेंगे। प्रतियोगी परीक्षाओं को देखते हुए यह कदम उठाया है। दो अगस्त से दसवीं से 12वीं कक्षा तक कक्षाएं शुरू होंगी। सरकार के निर्देशों पर इन सभी संस्थानों में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए बनाए गए मानक संचालन प्रक्रिया का सख्ती से पालन करना अनिवार्य है। आवासीय और आंशिक आवासीय स्कूलों को खोलने की भी मंजूरी दी। यह फैसला सरकारी के साथ निजी स्कूल-कॉलेज और कोचिंग संस्थानों पर भी लागू होगा। फेस मास्क पहनना अनिवार्य किया गया है। थर्मल स्क्रीनिंग के बाद शिक्षकों-विद्यार्थियों को प्रवेश मिलेगा। संस्थानों का समय-समय पर सैनिटाइज करना जरूरी होगा।
हिमाचल प्रदेश में बीते दिन हुई कैबिनेट की बैठक में दसवीं से बाहरवीं कक्षा के विद्यार्थियों के स्कूल खोलने का फैसला लिया गया था। प्रदेश में दो अगस्त से खुलने जा रहे स्कूलों में 10वीं, 11वीं और 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों को एक-एक सीट छोड़कर बैठाया जाएगा। एक कक्षा में अधिक विद्यार्थियों के होने पर शारीरिक दूरी का पालन करते हुए विद्यार्थियों को अलग-अलग कमरों में बिठाकर कक्षाएं लगाई जाएंगी। फेस मास्क पहनना अनिवार्य रहेगा। थर्मल स्क्रीनिंग के बाद ही शिक्षकों और विद्यार्थियों को स्कूल परिसरों में प्रवेश दिया जाएगा। मानसून की छुट्टियां समाप्त होते ही 26 जुलाई से ग्रीष्मकालीन स्कूलों में शिक्षकों को अनिवार्य तौर पर आना होगा। शीतकालीन स्कूलों में 22 जुलाई से 27 जुलाई तक बरसात की छुट्टियां रहेंगी। इन स्कूलों में 28 जुलाई से शिक्षक स्कूलों में आएंगे। प्रदेश में दो अगस्त से शुरू होने वाले स्कूलों में लागू की जाने वाली एसओपी को एक-दो दिन के भीतर शिक्षा विभाग जारी करेगा। वंही दो अगस्त से पांचवीं और आठवीं कक्षा के विद्यार्थी परामर्श लेने के लिए स्कूलों में आ सकेंगे। हालांकि इनकी हाजिरी नहीं लगेगी। इन कक्षाओं की ऑनलाइन कक्षाएं पहले की तरह जारी रहेगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत इन दोनों कक्षाओं की इस शैक्षणिक सत्र से परीक्षाएं ली जानी हैं। आरटीई नियम के तहत अभी तक इन दोनों कक्षाओं के विद्यार्थी अगली कक्षाओं में प्रमोट किए जाते रहे हैं। अब इन्हें परीक्षा के आधार पर ही अगली कक्षा में भेजा जाएगा। ऐसे में सरकार ने इन कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए स्कूल खोलने का फैसला लिया है। तीसरी कक्षा की भी इस वर्ष से परीक्षाएं होनी है। फिलहाल सरकार ने तीसरी कक्षा के विद्यार्थियों को अभी नहीं बुलाने का फैसला लिया है।
हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवा की परीक्षा 12 सितंबर को नहीं होगी। नीट के चलते राज्य लोकसेवा आयोग एचएएस की परीक्षा की तिथि को बदलने की तैयारी में है। बीते दिनों आयोग ने 12 सितंबर को परीक्षा लिए जाने की संभावित तारीख का एलान किया था। उधर, एचएएस की संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा 2020 के लिए करीब 35 हजार अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। 18 विभिन्न श्रेणियों के प्रशासनिक पदों के लिए लिखित परीक्षा ली जानी है। जल्द ही परीक्षा की तारीख की घोषणा की जाएगी। राज्य लोकसेवा आयोग की ओर से हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवा, पुलिस प्रशासनिक सेवा सहित 18 पदों को भरा जाएगा। राज्य प्रशासनिक सेवा के 8 पद कार्मिक विभाग में भरे जाएंगे। खाद्य आपूर्ति विभाग में जिला नियंत्रक का एक पद, गृह विभाग में प्रदेश पुलिस सेवा के 4 पद, ग्रामीण विकास विभाग में खंड विकास अधिकारी के दो पद, राजस्व विभाग में तहसीलदार का एक पद और सहकारिता विभाग में असिस्टेंट रजिस्ट्रार के 2 पद भरे जाएंगे। 21 वर्ष से अधिक आयु के युवा और 35 वर्ष से कम आयु वाले परीक्षा में भाग लेने के लिए पात्र होंगे।
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) ने शैक्षणिक सत्र जुलाई 2021 से नए प्रोग्राम/ कोर्स शुरू किए हैं। इनमें ज्योतिष, उर्दू, लोक साहित्य एवं संस्कृति अध्ययन, इन्फार्मेशन सिक्योरिअी एवं इंटरप्रिन्यूरशिप विषयों में स्नातकोत्तर डिग्री शामिल हैं। नए कार्यक्रमों के साथ इग्नू के विभिन्न मास्टर, बैचलर डिग्री, डिप्लोमा, पीजी डिप्लोमा तथा सर्टिफिकेट कार्यक्रमों के लिए प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो गई है। यह ऑनलाइन होगी। इसके लिए लिंक इग्नू की वेबसाइट पर उपलब्ध है। इग्नू से उच्च शिक्षा प्राप्त करने के इच्छुक अभ्यर्थी 31 जुलाई तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। शैक्षणिक सत्र जुलाई 2021 के लिए बैचलर, मास्टर डिग्री वार्षिक पद्धति के अंतर्गत द्वितीय, तृतीय वर्ष तथा सेमेस्टर पद्धति कार्यक्रमों के अंतर्गत अगले सेमेस्टर में पुन: पंजीकरण की प्रक्रिया भी चल रही है। पात्र विद्यार्थी इग्नू की वेबसाइट पर उपलब्ध लिंक से ऑनलाइन पंजीकरण करवा सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए नजदीकी इग्नू अध्ययन केंद्र या इग्नू क्षेत्रीय केंद्र खलीणी, शिमला के दूरभाष 0177-2624612 पर संपर्क किया जा सकता है।
कोरोना संक्रमण के चलते हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय हमीरपुर इस बार सामान्य प्रवेश परीक्षा नहीं करवाएगा। जेईई और 12वीं कक्षा के क्वालीफाइंग अंकों की मेरिट के आधार पर ही संबद्धता प्राप्त महाविद्यालयों में दाखिले होंगे। इससे पूर्व विवि में दाखिले के लिए सामान्य प्रवेश परीक्षा में प्राप्त अंकों की मेरिट के आधार पर होते रहे हैं। पिछले सवा साल से प्रदेश में कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए विवि प्रशासन ने छात्र हित में प्रवेश परीक्षा का निर्णय टाल दिया है। तकनीकी विवि की वेबसाइट पर ऑनलाइन फार्म भरने के बारे में जानकारी दी गई है। डारेक्ट एंट्री वाले विद्यार्थियों का दाखिला प्रवेश/पात्रता परीक्षा की मेरिट सूची के आधार पर होगा, जबकि लेटरल एंट्री वाले विद्यार्थियों का दाखिला डिप्लोमा की मेरिट/पात्रता परीक्षा की मेरिट के आधार होगा। प्रो. चंदेल ने कहा कि कोविड-19 के चलते इस बार सामान्य प्रवेश परीक्षा का फिलहाल आयोजन नहीं होगा। जेईई और बारहवीं कक्षा की मेरिट के आधार पर ही बीटेक, फार्मेसी, एमबीए व एमसीए में दाखिले होंगे। विवि ने नए शैक्षणिक सत्र के लिए दाखिला प्रक्रिया शुरू कर दी है। पात्र विद्यार्थी 20 जुलाई तक ऑनलाइन फार्म भर सकते हैं। अभी विवि ने ऑनलाइन फार्म भरने का ही शेड्यूल जारी किया है। काउंसलिंग का शेड्यूल बाद में जारी किया जाएगा। विवि के अधिष्ठाता शैक्षणिक प्रो. कुलभूषण चंदेल ने कहा कि बीटेक लेटरल और डायरेक्ट एंट्री, बी-फार्मेसी एलोपैथी लेटरल और डायरेक्ट एंट्री, बी-फार्मेसी (आयुर्वेद), बी-आर्किटेक्चर, बीबीए, बीसीए, बीएससी (एचएमसीटी/बीएचएमसीटी), एमबीए, एमबीए (टीएंडएचएम), एमसीए, एमटेक, एम फार्मेसी, एमएससी (भौतिक विज्ञान), एमएससी (पर्यावरण विज्ञान) पीजी डिप्लोमा इन योग (दोनों सत्र) विषयों में दाखिला लेने के लिए विद्यार्थी ऑनलाइन फार्म भर सकते हैं।
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय ने बीए, बीएससी व बीकॉम के प्रथम और द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों को प्रमोट करने का फार्मूला तैयार करने पर कार्य शुरू कर दिया है। इसके लिए गठित विशेष कमेटी की जल्द बैठक होगी। प्रदेश में करीब 96 हजार विद्यार्थियों को प्रमोट और उनका परिणाम तैयार करने के लिए बनाए जा रहे फार्मूला के आधार पर ही अंक दिए जाने हैं। इसमें कॉलेजों से मिली इंटरनल असेसमेंट अहम होगी। विवि दोनों कक्षाओं की परीक्षाओं की तैयारी कर चुका था, सभी विद्यार्थियों को कॉलेजों से इंटरनल असेसमेंट आने पर ऑनलाइन रोलनंबर जनरेट हुए थे। इसलिए असेसमेंट के अंक उपलब्ध होने पर विवि परिणाम कम समय में तैयार कर घोषित कर सकेगा।। पिछले साल भी स्नातक डिग्री कोर्स की दोनों कक्षाओं की परीक्षाएं नहीं हुई हैं। इसलिए द्वितीय वर्ष से तृतीय वर्ष के लिए प्रमोट होने वाले विद्यार्थियों के परिणाम तैयार करने के फार्मूले में आंशिक बदलाव होगा। 2020 के सत्र में भी विद्यार्थी प्रमोट किए गए थे। उस समय द्वितीय वर्ष के छात्रों के प्रथम वर्ष की परीक्षा का परिणाम विवि के पास था। परीक्षा के हर विषय में 50 अंक और इंटरनल असेसमेंट के आधार पर परिणाम तैयार किया गया था। इस बार इसमें कुछ बदलाव होगा।
हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने आठ मापदंडों के आधार पर 12वीं कक्षा का वार्षिक परीक्षा परिणाम जारी किया है। परीक्षा परिणाम 92.77 फीसदी रहा है। कुल्लू के पुष्पेंद्र ने 500 में से 500 अंक प्राप्त किए हैं। शिक्षा बोर्ड द्वारा जारी जानकारी के मुताबिक दसवीं कक्षा की तरह 12वीं कक्षा की मेरिट लिस्ट भी बाद में जारी की जाएगी। प्रदेश के 3679 बच्चों ने 90 से 100 फीसदी अंक हासिल किए हैं। प्रदेश में कुल 1,00,799 बच्चों ने 12वीं की परीक्षा दी थी। 93,438 विद्यार्थी पास हुए हैं जबकि 702 की कंपार्टमेंट आई हैं। 2019 में 62.1 फीसदी तथा 2020 में 76.07 फीसदी परिणाम रहा था। इस बार 12वीं कक्षा का वार्षिक परिणाम 92.77 रहा है।
हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में बीते कई वर्षों से सेवाएं दे रहे 2555 एसएमसी शिक्षकों का भविष्य सुरक्षित करने को सरकार जल्द नीति बनाएगी। ये शिक्षक प्रदेश के उन दुर्गम क्षेत्रों में सेवाएं दे रहे हैं, जहां जाने से नियमित शिक्षक कतराते रहे हैं। शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर ने उच्च शिक्षा निदेशालय में हुई राज्य शिक्षक महासंघ की राज्य कार्यकारिणी की बैठक में यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि एसएमसी शिक्षकों के मामले पर मुख्यमंत्री गंभीर है। जल्द इनके लिए नीति बनेगी। शिक्षकों को 4-9-14 के वित्तीय लाभ देने के लिए विशेष कमेटी बनाने का आश्वासन दिया। शिक्षा मंत्री ने कहा कि महासंघ के साथ 30 बिंदुओं पर चर्चा हुई। उन्होंने शिक्षकों को आश्वस्त किया कि जो मांगें पूरी की जा सकेंगी, उन पर जल्द काम होगा। कई मामले हल करने के लिए छह कमेटियां बनाने का फैसला लिया गया। एक सप्ताह में ये कमेटियां रिपोर्ट विभाग को सौंपेंगी।
चंडीगढ़ प्रशासन ने कहा कि जिल में 9वीं से 12वीं तक के स्कूल अभिभावकों की सहमति से 19 जुलाई से शुरू हो जाएंगे। ऑनलाइन क्लासेज जारी रहेंगे। इसके साथ ही सशर्त कोचिंग संस्थानों भी 19 जुलाई से खोले जा सकेंगे। इसके लिए सभी पात्र छात्र और स्टाफ कोरोना की कम से कम एक डोज लगवा चुके हों। इतना हीं नहीं, सिनेमा हॉल और स्पा पचास फीसदी की क्षमता के साथ खोले जा सकेंगे। चंडीगढ़ के अलावा देश के कई हिस्सों में स्कूल-कॉलेज खोलने का फैसला लिया गया है।
हिमाचल प्रदेश में शिक्षा विभाग ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति का नया प्रावधान लागू करने का काम शुरू कर दिया है। नए प्रवधान लागू होते ही तीसरी, पांचवीं और आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों पर अधिक फोकस किया जाएगा। अब इन कक्षाओं में भी विद्यार्थियों को अंकों के आधार पर ही अगली कक्षाओं में भेजा जाएगा। कम अंक लाने पर विद्यार्थी फेल भी होंगे। विद्यार्थियों को फेल होने से बचाने और अधिक अंक लाने के लिए अब इन कक्षाओं के लिए ऑनलाइन पढ़ाई का तरीका बदला जाएगा। जल्द विस्तृत योजना बनाकर सरकार को इससे अवगत करवाया जाएगा। बीते दिनों हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में तीसरी, पांचवीं और आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों की भी परीक्षाएं लेने का फैसला लिया गया है। इन कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए प्रश्नपत्र तैयार करने का जिम्मा स्कूल शिक्षा बोर्ड को सौंपा गया है। उत्तर पुस्तिकाओं की जांच तीसरी कक्षा के लिए क्लस्टर, पांचवीं के लिए ब्लॉक और आठवीं कक्षा के लिए जिला स्तर पर की जाएगी। अभी तक पहली से आठवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत बिना परीक्षा परिणाम के आधार पर अगली कक्षाओं में दाखिला दिया जाता रहा है। केंद्र सरकार ने नई शिक्षा नीति में इन तीन कक्षाओं की परीक्षाएं लेने का भी प्रावधान किया है। इसे सरकार ने मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी दी है।
हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों के पुस्तकालयों में पढ़ने के लिए अब एक हजार रुपये से अधिक कीमत की पुस्तकें नहीं रखी जाएंगी। वर्तमान में जारी पुस्तक खरीद प्रक्रिया पर लगे आरोपों को देखते हुए शिक्षा विभाग ने महंगी पुस्तकें न खरीदने का फैसला लिया है। इस वर्ष खरीदी जाने वाली पुस्तकों की खरीद प्रक्रिया की इन दिनों जांच जारी है। चयनित कंपनियों के आवश्यक दस्तावेजों की जांच अगले सप्ताह तक पूरी होने के आसार हैं। सरकारी स्कूलों के पुस्तकालयों के लिए हर वर्ष समग्र शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना कार्यालय की ओर से पुस्तकों की खरीद की जाती है। वर्ष 2018-19 में शिक्षा विभाग ने एनसीईआरटी की 8 से 385 रुपये तक और निजी प्रकाशकों की 1800 रुपये तक की पुस्तकें खरीदी हैं। एक प्रकाशक से 1800 रुपये का किताबों का सेट प्रदेश भर के प्राइमरी, मिडल और सीनियर सेकेंडरी स्कूलों के पुस्तकालयों के लिए खरीदा गया। इसके अलावा वर्ष 2018-19 में एक नेता, सेवानिवृत्त अफसरों सहित कुछ विशेष प्रकाशकों की कई महंगी पुस्तकें भी खरीदी गई हैं। अब इन विवादों से बचने के लिए शिक्षा विभाग ने एक हजार रुपये से महंगी किताबें नहीं खरीदने का फैसला लिया है।
हिमाचल प्रदेश के डिग्री कॉलेजों में 29 जून से कोरोना वायरस से बचाव के लिए सैनिटाइजेशन अभियान शुरू किया जाएगा। इसी दिन से कॉलेजों में शिक्षकों को भी बुलाना शुरू कर दिया जाएगा। शिक्षकों की देखरेख में कॉलेजों में सैनिटाइजेशन करवाया जाएगा। उच्च शिक्षा निदेशालय ने जुलाई से शुरू होने जा रही है फाइनल ईयर की परीक्षाओं की तैयारियां शुरू कर दी है। गौरतलब है कि प्रदेश में 28 और 29 जून को फाइनल ईयर के विद्यार्थियों सहित 18 वर्ष से अधिक आयु के विद्यार्थियों को वैक्सीन लगाने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है।
उच्च शिक्षा निदेशालय ने पहली से 12वीं कक्षा में दाखिले लेने की अंतिम तारीख को 31 जुलाई तक बढ़ा दिया है। कई स्कूलों से दाखिलों की तारीख बढ़ाने की मांग आने के बाद शिक्षा निदेशालय ने शुक्रवार को इस बाबत लिखित निर्देश जारी कर दिए हैं। बता दें कि प्रदेश के ग्रीष्मकालीन स्कूलों में शनिवार से बरसात की छुट्टियां शुरू होंगी। राज्य मंत्रिमंडल की बीते दिनों हुई बैठक में ग्रीष्मकालीन स्कूलों में 26 जून से 25 जुलाई तक अवकाश देने का फैसला लिया गया है। अवकाश के दौरान भी विद्यार्थी पढ़ाई को जारी रखने के लिए व्हाट्सएप के माध्यम से रोजाना विद्यार्थियों को शिक्षण सामग्री भेजी जाएगी। छुट्टियों के दौरान विद्यार्थियों का पढ़ाई से संपर्क बनाए रखने के लिए यह फैसला लिया गया है। उधर, शीतकालीन जिलों में 1 जुलाई से शिक्षकों का स्कूलों में आना अनिवार्य कर दिया गया है। इन जिलों के स्कूलों में एक जुलाई के बाद शिक्षक स्कूलों में आकर ऑनलाइन पढ़ाई जारी रखेंगे।
निजी स्कूलों की फीस नियंत्रित करने को लेकर बीते एक वर्ष से प्रदेश भर से मांग उठ रही है। शिक्षा विभाग की ओर से बनाए गए विधेयक में मनमानी करने वाले निजी स्कूलों पर दो से पांच लाख रुपये का जुर्माना करने का प्रावधान किया गया है। इसमें आम जनता ने बढ़ोतरी कर जुर्माना राशि को दस लाख रुपये की वकालत की है। सजा का प्रावधान भी दस साल करने के सुझाव दिए गए हैं। सरकार की ओर से तय की गई फीस में हर वर्ष छह फीसदी वृद्धि का भी जनता ने विरोध करते हुए इसे दो से तीन फीसदी करने को कहा है। वंही निजी स्कूलों की ओर से चयनित दुकानों से ही किताबों व वर्दी खरीद की व्यवस्था पर भी रोक लगाने की मांग की गई है। तीस जून तक फीस नियंत्रित करने को बनाए विधेयक को लेकर अपने सुझाव और आपत्तियां उच्च शिक्षा निदेशालय को भेजे जा सकते हैं। बता दें कि सरकार के निर्देशानुसार उच्च शिक्षा निदेशालय ने आम जनता से विधेयक को लेकर अपने सुझाव और आपत्तियां दर्ज करवाने को कहा है। इच्छुक लोग उच्च शिक्षा निदेशालय या जिला उपनिदेशक कार्यालयों में लिखित में या निदेशालय की वेबसाइट पर ऑॅनलाइन सुझाव दे सकेंगे।
हिमाचल प्रदेश के ग्रीष्मकालीन स्कूलों में छुट्टियों के दौरान ऑनलाइन स्टडी मैटीरियल भेजा जाएगा। व्हाट्सएप ग्रुपों के माध्यम से शिक्षकों को रोजाना अपने ग्रुपों में इसे अपलोड करना होगा। बच्चों को व्यस्त करने के लिए प्रोजेक्ट और असाइंनमेंट कार्य भी अलग से दिया जाएगा। छुट्टियों के बाद शिक्षकों को इस कार्य की जांच करनी होगी। शीतकालीन स्कूलों में पहले की तरह ऑनलाइन पढ़ाई जारी रहेगी। हर घर पाठशाला कार्यक्रम भी चलता रहेगा। शिक्षा सचिव ने बताया कि सरकारी स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ाई को सुचारू रूप से चलाए रखने के लिए स्टेट रिसोर्स ग्रुप की ओर से रोजाना डिजिटल शिक्षण सामग्री तैयार की जा रही है। सभी शिक्षकों को व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से यह सामग्री भेजी जाती है। ऐसे में ग्रीष्मकालीन स्कूलों सहित कुल्लू और लाहौल स्पीति जिला के स्कूलों में छुट्टियों के दौरान भी इस शिक्षण सामग्री को भेजने का कार्य जारी रहेगा।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के 12वीं क्लास के रिजल्ट 10वीं, 11वीं और 12वीं प्री बोर्ड परीक्षा और प्रैक्टिकल में आए नंबरों के आधार पर तैयार किया जा रहा है। वहीं जो छात्र रिजल्ट से संतुष्ट नहीं होंगे, उन्हें वैकल्पिक एग्जाम देने का मौका दिया जाएगा। सीबीएसई ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर बताया है कि 15 अगस्त से लेकर 15 सितंबर के बीच 12वीं की लिखित परीक्षा आयोजित कराई जा सकती हैं। हालांकि कोविड-19 महामारी के मद्देनजर यह उपयुक्त स्थिति पर निर्भर करेगा। सीबीएसई और सीआईसीएसई बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि हाल ही में बने क्राइटेरिया के आधार पर रिजल्ट तैयार किया जा रहा है और 12वीं क्लास की बोर्ड परीक्षा के नतीजे 31 जुलाई तक घोषित किए जाएंगे। सीबीएसई ने कहा कि नतीजों की घोषणा के बाद, यदि कोई छात्र अपने रिजल्ट से संतुष्ट नहीं होगा, तब बोर्ड परीक्षा के लिए पंजीकरण कराने को लेकर ऑनलाइन सुविधा उपलब्ध कराएगा। बोर्ड ने कहा, 'ऐसे छात्रों के लिए परीक्षाएं 15 अगस्त 2021 से 15 सितंबर के बीच कभी भी आयोजित की जा सकती हैं, जो उपयुक्त माहौल पर निर्भर करेगा। '
State government has decided to open all the libraries in Himachal Pradesh to the general public with 50% seating capacity from June 21. In this regard, the State Directorate of Higher Education has issued instructions on Saturday. According to the Directorate of Education, it has been decided to open the library in view of the continuous demand of students preparing for various competitive examinations. Compliance of covid rules will be ensured in the libraries. For this it will be necessary to make sanitization of libraries, seating arrangement with distance of two yards. Also, it will be mandatory for all the readers and staff to wear masks and sanitize their hands before entering the library premises. In this regard, the Director of Higher Education Dr. Amarjeet Kumar Sharma has issued instructions.
हिमाचल प्रदेश सरकार 12वीं कक्षा का रिजल्ट तैयार करने के लिए सीबीएसई द्वारा दिए गए फॉर्मूले में बदलाव करेगी। हिमाचल में सिर्फ 10वीं, 11वीं और 12वीं के अंकों के आधार पर ही रिजल्ट तैयार नहीं होगा। इसमें अप्रैल में हुई 12वीं कक्षा की एक विषय की परीक्षा के अंक भी शामिल होंगे। प्री बोर्ड परीक्षा और प्रथम-द्वितीय टर्म में प्राप्त अंकों पर भी विचार किया जाएगा। सरकार ने राज्य स्कूल शिक्षा बोर्ड से अंक निर्धारण को लेकर प्रस्ताव तैयार करने को कहा है। शिक्षा विभाग छात्रों के हित में नया फॉर्मूला बनाएगा और फिर कैबिनेट से मंजूरी लेगा। सीबीएसई ने गुरुवार को बारहवीं कक्षा के छात्रों के लिए बनाए गए फॉर्मूले की जानकारी दी है। राज्य का शिक्षा विभाग इस फॉर्मूले से पूरी तरह सहमत नहीं है। कक्षा 12वीं के परिणाम में 11वीं के तीस प्रतिशत अंक शामिल करने पर शिक्षकों व अभिभावकों ने आपत्ति जताई है। शिक्षकों का तर्क है कि बारहवीं कक्षा में विद्यार्थी अधिक मेहनत करे, इसके लिए ग्यारहवीं कक्षा की परीक्षाओं में विद्यार्थियों की पेपर चैकिंग में बहुत अधिक सख्ती बरती जाती है। ऐसे में 11वीं में कई विद्यार्थियों के अंक कम हो सकते हैं। इसके अलावा प्रदेश में प्री बोर्ड की परीक्षाएं भी करवाई गई हैं। सीबीएसई ने प्री बोर्ड परीक्षाएं नहीं ली हैं। ऐसे में इस परीक्षा के अंक भी वार्षिक परिणाम में शामिल करना आवश्यक है। हिमाचल में फर्स्ट और सेकेंड टर्म की परीक्षाएं भी हुई हैं। अप्रैल में 12वीं कक्षा का एक पेपर भी हो चुका है। ऐसे में सीबीएसई के फार्मूले पर विचार करते समय प्रदेश की परिस्थितियों को भी ध्यान में रखा जाएगा। आने वाले दिनों में स्कूल शिक्षा बोर्ड की ओर से दिए जाने वाले प्रस्ताव में इन सब बिंदुओं को शामिल किया जाएगा।
In order to prepare the result of class 12th, the Himachal Pradesh government will change the formula provided by CBSE. In Himachal the result will not be prepared on the basis of 10th, 11th and 12th class marks only. The marks of one subject examination of class 12th held in April will also be included in this. Marks obtained in pre board exams and first-second term will also be considered. The government has asked the state school education board to prepare a proposal regarding the fixation of marks. The Education Department will make a new formula in the interest of students and then get an approval from the cabinet. CBSE has given information about the formula made for passing students of class XII on Thursday. The education department of the state does not completely agree with this formula. Teachers and parents have objection to the inclusion of thirty percent marks of class 11th in the result of class 12th.
प्रदेश में कोरोना कर्फ्यू में ढील के बाद हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया ने रफ़्तार रफ्तार पकड़ ली है। 14 जून को 50 फीसदी स्टाफ बुलाने और बाहरी राज्यों से बिना निगेटिव रिपोर्ट प्रदेश में आने का फैसला आने के बाद विवि ने 15 जून से फिजिक्स विभाग के साक्षात्कार शुरू करवा दिए। 15 और 16 जून को साक्षात्कार की प्रक्रिया पूरी कर 16 को ही चार शिक्षकों के लिफाफे भी खोल दिए गए। विवि 25 जून तक साक्षात्कार का शेड्यूल तय कर भर्ती प्रक्रिया को जल्द निपटाने की कोशिश में है। भर्ती की इस प्रक्रिया में छंटनी व अन्य कार्य के लिए शिक्षक गैर शिक्षक बुलाए जा रहे हैं। तय साक्षात्कार के शेड्यूल के मुताबिक वीरवार, शुक्रवार और शनिवार को कॉमर्स विभाग के शिक्षकों के लिए साक्षात्कार की प्रक्रिया चलेगी। इनके लिफाफे भी 19 जून को ही खोलने की तैयारी है। यही नहीं, 20 और 21 जून को अर्थशास्त्र विभाग के शिक्षकों के साक्षात्कार रखे गए हैं। 22 और 23 जून को इतिहास विभाग, 24 और 25 जून को बायो साइंस विभाग के साक्षात्कार करवाए जाने हैं। शिक्षकों के पदों की भर्ती को रहे इन साक्षात्कारों में प्रदेश और प्रदेश के बाहर के उम्मीदवार भी भाग लेने पहुंच रहे हैं। हालंकि, सरकार ने अभी स्कूलों और कॉलेजों को खोलने को लेकर कोई फैसला नहीं लिया है।
हिमाचल प्रदेश में शिक्षा में बदलाव के लिए केंद्र सरकार से 750 करोड़ का बजट मिल सकता है। बीते दिनों हुई पीएबी की ऑनलाइन बैठक में शिक्षा विभाग ने केंद्र को 1600 करोड़ की विभिन्न योजनाओं का प्रस्ताव दिया है। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि इस वर्ष करीब 750 करोड़ का बजट मिलने की उम्मीद है। 20 जून के बाद प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड की सिफारिश पर केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय प्रदेश के लिए राशि स्वीकृत करेगा। विद्यार्थियों के कम्यूनिकेशन स्किल बढ़ाने के लिए लैब बनाने को बजट मांगा गया है। शिक्षा विभाग ने इस बार एक नई पहल करते हुए वोकेशनल हब एंड स्कोप लैब बनाने की पेशकश भी केंद्र सरकार के समक्ष रखी है। इसके तहत बड़े स्तर पर कुछ जगहों में लैब का निर्माण किया जाएगा। आसपास के स्कूलों के विद्यार्थियों को सप्ताह में दो-दो दिन यहां बुलाया जाएगा। इसके लिए ट्रांसपोर्ट खर्च भी विभाग ही वहन करेगा। यहां विद्यार्थियों के कौशल को निखारने के लिए विशेष प्रयास किए जाएंगे। हर घर पाठशाला कार्यक्रम को और अधिक विस्तार देने के लिए भी बजट मांगा गया है। वोकेशनल शिक्षा, प्री प्राइमरी शिक्षा, आईसीटी लैब, रोबोटिक शिक्षा और कम्यूनिकेशन स्किल बढ़ाने पर इस वर्ष बजट को खर्च किया जाएगा। शिक्षा विभाग के प्रस्ताव के मुताबिक आईसीटी (कंप्यूटर) लैब का दायरा बढ़ाया जाना अब बहुत जरूरी हो गया है। केंद्र से सभी सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में लैब बनाने की मांग की गई है। प्रदेश में अभी 3840 प्री प्राइमरी स्कूल चल रहे हैं। इनकी संख्या और 950 बढ़ाने का प्रस्ताव रखा गया।
हिमाचल प्रदेश में अब धीरे-धीरे कोरोना संक्रमण के मामले कम होने लगे है। इसी के चलते राज्य लोक सेवा आयोग ने विभिन्न पदों की भर्तियां का शेड्यूल जारी कर दिया है। हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवा (एचएएस) 2020 की प्रारंभिक परीक्षा 12 सितंबर को होगी। गौरतलब है कि आयोग ने बीते दिनों ही 22 जून तक एचएएस की परीक्षा में शामिल होने के लिए आवेदन की तारीख बढ़ाई है। जल्द ही आयोग की वेबसाइट पर अभ्यर्थियों को भर्ती परीक्षाओं से संबंधित ई एडमिट कार्ड अपलोड कर दिए जाएंगे। एसएमएस और ईमेल से इसकी सूचना भी अभ्यर्थियों को दी जाएगी। वंही, हिमाचल प्रदेश वन सेवा के तहत असिस्टेंट कंजरवेटर ऑफ फॉरेस्ट की मुख्य लिखित परीक्षा 19 से 23 जुलाई तक होगी। 25 जुलाई को रेंज फॉरेस्ट अफसर की प्रारंभिक परीक्षा 2021 होगी। रिसर्च अफसर की परीक्षा 1 अगस्त को होगी। असिस्टेंट रिसर्च अफसर की परीक्षा 8 अगस्त को होगी। लोक निर्माण विभाग में सहायक अभियंता सिविल के पद भरने के लिए परीक्षा 26 सितंबर को होगी।
हिमाचल प्रदेश में अब शिक्षक बनने के लिए सभी श्रेणियों को अब टेट पास करना अनिवार्य है। अभी जेबीटी और टीजीटी के लिए ही शिक्षक पात्रता परीक्षा का पास होना जरूरी है। प्रवक्ता, डीपीई सहित कई अन्य श्रेणियों को भी टेट के दायरे में लाने की सरकार ने तैयारी शुरू कर दी है। प्रदेश में नई व्यवस्था लागू करने के लिए शिक्षा विभाग प्रस्ताव तैयार कर रहा है। इसे मंजूरी के लिए कैबिनेट बैठक में रखा जाएगा। कैबिनेट बैठक में टेट को सात वर्ष की जगह उम्र भर मान्य करने को लेकर केंद्र सरकार के फैसले को भी लागू करने का प्रस्ताव रखा जाना है। शिक्षक पात्रता परीक्षा में भी बदलाव के लिए सरकार के स्तर पर मंथन शुरू हो गया है। नए प्रस्ताव के तहत टेट की दो परीक्षाएं लेने की तैयारी है। पहली परीक्षा प्रदेश से संबंधित जानकारियों, सामान्य ज्ञान और बीएड की पढ़ाई पर आधारित होगी। दूसरी परीक्षा सिलेबस से संबंधित होगी। इसमें स्नातक और स्नातकोत्तर में की गई विषय वार पढ़ाई को शामिल किया जाएगा। प्रदेश में शिक्षा पात्रता परीक्षा का जिम्मा अभी राज्य स्कूल शिक्षा बोर्ड को सौंपा है। नए प्रस्ताव में परीक्षा लेने वाली एजेंसी को लेकर भी विचार किया जा रहा है। आने वाले दिनों में इसकी पूरी रूपरेखा तैयार कर ली जाएगी।
हिमाचल सरकार ने कॉलेजों में वार्षिक परीक्षाओं को करवाने के लिए हरी झंडी दिखा दी है। इसी बाबत प्रदेश में 20 जून के बाद कॉलेजों को सैनीटाईज़ करने का अभियान चलाया गया है। 1 जुलाई से कॉलेजों में प्रस्तावित परीक्षाओं को देखते हुए उच्च शिक्षा निदेशालय ने यह फैसला लिया है। 25 जून से शिक्षकों को भी कॉलेजों में बुलाया जाएगा। कॉलेज परीक्षाओं के सफल संचालन के लिए एक-दो दिन के भीतर कॉलेज प्रिंसिपलों के साथ उच्च शिक्षा निदेशक बैठक भी करेंगे। बीते काफी समय से बंद पड़े कॉलेजों में जुलाई से परीक्षाएं शुरू होनी हैं। ऐसे में कॉलेज परिसरों को परीक्षाओं से पहले सैनिटाइज करवाया जाएगा। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जल्द ही इस संदर्भ में कॉलेज प्रिंसिपलों को लिखित निर्देश जारी कर दिए जाएंगे। परीक्षाओं से पहले कॉलेजों में सिटिंग प्लान बनाने को लेकर शिक्षकों को भी 25 जून तक बुला लिया जाएगा। विश्वविद्यालय के स्टाफ के साथ सिटिंग प्लान तैयार किए जाएंगे।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने आज हाई कोर्ट में 12वीं कक्षा के नतीजे का फॉर्मूला पेश किया। फॉर्मूले के मुताबिक 12वीं का रिजल्ट 10वीं, 11वीं और 12वीं कक्षा में मिले नंबरों के आधार पर तय होगा। सीबीएसई ने कहा है कि 10वीं और 11वीं के तीन मुख्य विषयों के आधार पर 30-30 फीसदी अंक दिए जाएंगे। वंही, फॉर्मूले से याचिकाकर्ता और जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस दिनेश माहेश्वरी की खंडपीठ ने संतुष्टि जता दी है। सीबीएसई ने बताया है कि बारहवीं में यूनिट, टर्म और प्रैक्टिकल में मिले नंबरों को भी ध्यान में रखा जाएगा। सीबीएसई ने कहा है कि रिजल्ट के लिए जो फॉर्मूला बनाया गया है, उसके आधार पर 31 जुलाई तक रिजल्ट घोषित कर दिया जाएगा और जो बच्चे रिजल्ट से संतुष्ट नहीं होंगे, उनको स्थिति समान्य होने पर परीक्षा देने का मौका दिया जाएगा। गौरतलब है कि बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में पिछली सुनवाई में केंद्र सरकार ने बताया था कि कोरोना के मद्देनजर 12वीं की परीक्षा रद्द कर दी गई है। सीबीएसई और आईसीएसई ने अंक देने के ऑब्जेक्टिव क्राइटेरिया तय करने के लिए समय मांगा था। आज सीबीएसई ने अपना फॉर्मूला पेश कर दिया है। इसके बाद अब आईसीएसई बोर्ड की बारी है।
हिमाचल प्रदेश में निजी स्कूलों की मनमर्ज़ी द्वारा फीस बढ़ोतरी संबंधी शिकायतों को सुलझने के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रदेश स्तर पर एक प्राधिकरण का गठन किया जाएगा। निजी स्कूल फीस नियंत्रण को लेकर बनाए गए विधेयक में इसका प्रावधान किया गया है। 20 जून तक आम जनता से इस बाबत सुझाव भी मांगे गए हैं। जिला उपायुक्त की अध्यक्षता वाली कमेटियों की कार्यवाही से असंतुष्ट लोग इस प्राधिकरण के अध्यक्ष उच्च शिक्षा निदेशक को शिकायत कर सकेंगे। प्राधिकरण का उच्च शिक्षा निदेशक को अध्यक्ष बनाया जाएगा। प्रारंभिक शिक्षा निदेशक इसके सदस्य होंगे। संयुक्त निदेशक स्तर के अधिकारी को सदस्य सचिव बनाया जाएगा। अध्यक्ष की ओर से तीन-तीन वर्ष के लिए तीन लोगों को बतौर सदस्य इसमें मनोनीत किया जाएगा। जो भी निजी स्कूल अभिभावकों से अधिक फीस वसूल रहे है, उन पर यह कमेटी शिकंजा कसेगी। विधेयक द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि निजी स्कूल फीस में हर साल छह फीसदी की वृद्धि ही कर सकेंगे। जो भी स्कूल सरकार द्वारा बनाए गए इन नियमों का पालन नहीं करेंग, उन्हें 2 से 5 लाख तक के जुर्माने का भुगतान करना पड़ेगा। गौरतलब है कि निजी स्कूलों में दी जा रहीं सेवाओं और मूलभूत सुविधाओं के आधार पर फीस को तय किया जाएगा। शिक्षकों को दिए जा रहे वेतन को भी ध्यान में रखते हुए फीस तय की जाएगी। स्कूल वर्दी और किताबों को लेकर भी दिशा-निर्देश तय किए जाएंगे। निजी स्कूल अपनी मर्जी से दुकानों को चिह्नित कर अभिभावकों को वहीं से खरीद करने के लिए बाध्य नहीं कर सकेंगे।
जून में हर वर्ष कॉलेजों में अवकाश रहता है। ऐसे में इस वर्ष भी परीक्षाएं शुरू करने से पहले निदेशालय ने इस संदर्भ में कवायद शुरू की है। वार्षिक परीक्षाओं से पहले कॉलेज शिक्षकों को छुट्टियां देने की तैयारी शुरू हो गई है। उच्च शिक्षा निदेशालय ने इस संदर्भ में प्रस्ताव बनाने का काम शुरू कर दिया है। सरकार से मंजूरी मिलने पर इस बाबत अंतिम फैसला होगा। वंही, प्रदेश के स्कूलों में छुट्टियां देने को लेकर जुलाई में विचार होगा। जुलाई अंत से 15 अगस्त तक स्कूलों में बरसात की छुट्टियां होती हैं। शिक्षकों के अवकाश को एडजस्ट करने के लिए निदेशालय ने छुट्टियां देने को लेकर विचार करना शुरू किया है। उच्च शिक्षा निदेशक ने बताया कि हर घर पाठशाला कार्यक्रम अभी जारी है। कुछ दिनों के लिए स्कूल-कॉलेज बंद ही रहने के आसार हैं। ऐसे में शिक्षकों के ड्यू वेकेशन को एडजस्ट करने के लिए विचार किया जा रहा है। कॉलेजों में जून में कुछ दिन के लिए अवकाश दिया जा सकता है। जुलाई से कॉलेजों की परीक्षाएं शुरू होनी हैं।
हिमाचल प्रदेश में डिग्री कॉलेजों में होने वाली परीक्षाओं को लेकर आज कैबिनेट की बइठल में फैसला होगा। शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह ठाकुर ने कॉलेज के प्रिंसिपल, शिक्षकों, विवि प्रबंधन, छात्रों और अभिभावकों के साथ वीडिओ कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कॉलेज में होने वाली परीक्षाओं को लेकर चर्चा की थी। इस दौरान अधिकांश लोगों ने फाइनल ईयर की परीक्षाएं करवाने पर सहमति दर्ज की थी। इसी बाबत 25 जून के बाद फाइनल ईयर की परीक्षाएं करवाने की संभावना बढ़ गई है। उधर, फर्स्ट ईयर में दाखिलों के लिए बारहवीं के विद्यार्थियों को अभी इंतजार करना होगा। सीबीएसई की ओर से अंक निर्धारण का फार्मूला अभी तैयार नहीं किया गया है। सीबीएसई का फार्मूला तय होने के बाद प्रदेश सरकार उसमें कुछ संशोधन कर अपना नया फार्मूला तय करेगी। परीक्षा परिणाम जारी होने के बाद ही दाखिलों की प्रक्रिया शुरू होगी।
प्रदेश में 25 जून के बाद हो सकती है कॉलेजों में फाइनल ईयर की परीक्षा, कैबिनेट की बैठक में होगा फैसला
हिमाचल प्रदेश के डिग्री कॉलेजों में 25 जून के बाद फाइनल ईयर की परीक्षाएं शुरू हो सकती हैं। शिक्षा विभाग ने कैबिनेट की मंजूरी के लिए यह प्रस्ताव भेज दिया है। 11 जून को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में इस पर फैसला लिया जाएगा। कॉलेजों के अधिकांश शिक्षकों, बच्चों के अभिभावकों और विश्वविद्यालय प्रबंधन ने फाइनल ईयर की परीक्षाएं करवाने की मांग की है। मंगलवार को शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने विद्यार्थियों, अभिभावकों, शिक्षकों, प्रिंसिपलों और विवि प्रबंधन के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस की थी। इस दौरान अधिकांश ने फाइनल ईयर की परीक्षाएं करवाने की पैरवी की। इसको लेकर बुधवार को शिक्षा विभाग ने सरकार को 25 जून के बाद परीक्षाएं करवाने के लिए मंजूरी देने को प्रस्ताव भेजा है। विश्वविद्यालय प्रबंधन का कहना है कि हम परीक्षाएं करवाने के लिए तैयार हैं। उधर, शिक्षा मंत्री ने बताया कि 11 जून की कैबिनेट बैठक में इस बाबत प्रस्ताव लेकर जाएंगे। सरकार की मंजूरी के बाद अंतिम फैसला लेंगे।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने बारहवीं कक्षा की परीक्षा के लिए व्यावहारिक/आंतरिक मूल्यांकन के अंक अपलोड करने की अंतिम तिथि 28 जून तक बढ़ा दी है। जिन स्कूलों का व्यावहारिक/आंतरिक मूल्यांकन लंबित है उनको केवल ऑनलाइन मोड में संचालित करने की अनुमति है। इस बात की जानकारी न्यूज एजेंसी एएनआई ने ट्विट के जरिए दी है। इससे पहले सीबीएसई बोर्ड के सचिव ने कहा था कि दो हफ्ते के भीतर बारहवीं कक्षा के रिजल्ट के मूल्यांकन मानदंड को घोषित कर दिया जाएगा। बता दें कि 1 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छात्रों के हित को ध्यान में रखते हुए सीबीएसई बोर्ड की बारहवीं कक्षा की परीक्षा को रद्द कर दिया था।
GNA University organised two days Faculty Development Program on “Aerospace Engineering Application & Beyond”. The faculties from different universities, researchers, and other participants from industry all over the globe participated in this FDP. The 2 days FDP was supported by eminent experts. The Day-1, started with Er. Neha Pannu, Research fellow, SEMICONDUCTOR Lab., ISRO, Mohali. She discussed about the Basics of VLSI, SCL Lab-Insights and Facilities, Importance of electronics in aerospace engineering, Avionics, Electronic devices used in Space, Electronics in Aerospace System Satellites, Memory Devices with its applications in Space, Radiation Hardening, Selecting components for aerospace and Future Scope.The second expert Er. Kavita Mitkari, a Research Associate, Space Applications Center, ISRO covered uber cool topic “Remote Sensing and applications, Geographic information system, digital image processing and Cryosphere. She shared a very valuable knowledge with the participants. The second day commenced with new hope, enthusiasm among the participants to learn something new from the great experts, Dr. Subash Chander, Scientist F, Joint Director, TBRL, DRDO, Chandigarh & Dr. T K Jindal, Professor & Head of the Aerospace Engineering Department, Punjab Engineering College, Chandigarh integrated with Dr. Bharat Ankur Dogra & Mr. Shivam, who worked on Pulse Detonation Technology. The lecture was delivered on the very hot topic “Introduction to Pulse Detonation Propulsion”. They discussed about the Deflagration to Detonation, advantages and disadvantages of DDT, factors affecting the DDT Processes, CJ conditions, PDE with its applications. And the session ended with the last expert, Dr. Harish Kumar Banga, Assistant Professor, Department of Mechanical Engineering, GNDEC, Punjab, for sharing knowledge of 3D Printing Advance Applications. S. Gurdeep Singh Sihra, Pro-Chancellor, GNA University expressed, “Such kind of programs are really beneficial for faculties & research scholars in establishing research laboratories at their institute and I congratulate the organizing team for organizing this FDP during the on-going unprecedented times.” On this Occasion, Dr. V.K Rattan, Vice-Chancellor, GNA University said, “GNA University always take a lead to train faculties and the community on recent advanced technologies. Dr. Monika Hanspal, Dean Academics and Dr. Vikrant Sharma, Dean Engineering was also there to grace the occasion.
शिमला जिले में ऑनलाइन पढ़ाई के दावे हवा हवाई साबित हो रहे हैं। सरकारी और निजी स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ाई करवाई जा रही है।लेकिन, मोबाइल कनेक्टिविटी न होने के कारण पढ़ाई में व्यवधान आ रहा है। जिले के दूर-दराज इलाकों में तो ज्यादातर सरकारी स्कूलों के छात्र-छात्राओं की पढ़ाई नहीं हो पा रही है। कोविड -19 के चलते हिमाचल प्रदेश में एक वर्ष से अधिक समय का समय हो गया है जबसे विद्यार्थियों की नियमित कक्षायें विद्यालयों, कॉलेजों में नहीं लग रही है ऐसे में शिक्षा विभाग द्वारा स्कूलों में ऑनलाइन माध्यम से बच्चों को पढ़ाने के निर्देश दिये गये थे और अब ऑनलाइन माध्यम से शिक्षक विद्यार्थियों की क्लासें ले रहे, ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई में ऐसे छात्रों को ज़्यादा समस्याओं का सामना करना पड़ रहा हैं जहाँ नेटवर्क नहीं है। ऐसे में अब अभिभावकों को अपने बच्चों के भविष्य की चिंता सता रही है। रोहडु के दूरदराज के क्षेत्र डोडरा क्वार में छात्रों को कई परेशानियों का सामना झेलना पड़ रहा है क्योंकि वहाँ नेट्वर्क की बड़ी परेशानी है और फ़ोन कॉल भी ढंग से नहीं हो पाता है वहीं छात्र और वहाँ के स्थानीय लोग प्रशासन और सरकार के ध्यान में भी ये मामला कई बार ला चुके है लेकिन अभी तक उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हो पाया है और बच्चों के अभिभावकों को अब ये चिंता सता रही है की कहीं उनके बच्चों का भविष्य बिना पढ़ाई के अंधकार में ना चला जायें, वहीं नेट्वर्क व सिग्नल ना होने से ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई में आ रही समस्या का ये पहला मामला नहीं है बल्कि प्रदेश के कई ज़िलों में छात्र इस समस्या से झूझ रहे हैं और गाँव में सिग्नल ढूँढने के लिये दूर-दूर जा रहे हैं की कहीं सिग्नल मिल जायें और ऑनलाइन पढ़ाई हो सके। वहीं खशधार वार्ड से ज़िला परिषद सदस्य और कोंग्रेस मीडिया पेनेलिस्ट मोनिता चौहान ने कहा की उनके ज़िला परिषद वार्ड के तहत आने वाले क्षेत्र डोडरा क्वार में विद्यार्थियों को सिग्नल न होने से ऑनलाइन पढ़ाई में परेशानी आ रही है।मोनिता चौहान का कहना है कि अभी हाल ही में उन्होंने एसडीएम के साथ डोडरा क्वार का दौरा किया था। वह कोरोना की स्थिति का जायजा लेने गए थे।लेकिन जब वहां लोगो से मिले तो लोगो ने अपनी समस्याएं बताते हुए कहा कि यहाँ मोबाइल सिग्नल की बहुत दिक्कत है जिससे ऑनलाइन पढ़ाई करना विद्यार्थियों के लिये मुश्किल हो रहा है। मोनिता ने बताया की लोगो का कहना है कि सिग्नल ढूंढने के लिए मकान की छतों या इधर-उधर भागना पड़ता है परंतु फिर भी बात करते-करते ही फोन बीच में ही कट जाता है वहीं नेट का सिग्नल तो ना के बराबर है जिससे बच्चो की ऑनलाइन पढ़ाई नही हो पा रही है और अभिभावकों को बच्चों का भविष्य अंधकार में जाने का खतरा सता रहा है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि मोबाइल नेटवर्क कंपनी को डोडरा क्वार क्षेत्र में सिग्नल फ्रीक्वेंसी बढ़ाने के आदेश दें ताकि इस समस्या से निजात मिल सके।
सुप्रीम कोर्ट में सीबीएसई बोर्ड परीक्षाओं पर फैसले को लेकर सुनवाई शुरू होते हीं स्थगित हो गई है। केंद्र सरकार ने अपना फैसला साझा करने के लिए कोर्ट से दो दिन का समय मांगा है। इस पर मामले को स्थगित करते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र, सीबीएसई से कहा है कि अगर उसने परीक्षा को आगे बढ़ाने का फैसला किया है और परीक्षा रद्द करने के लिए अपनी पिछले वर्ष की नीति का पालन नहीं करने का इरादा है तो उसके लिए उचित कारण भी बताएं। सुप्रीम कोर्ट ने दो दिन के समय पर सहमति जताते हुए केंद्र और सीबीएसई से गुरुवार तक अपना फैसला साझा करने को कहा है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने संकेत दिया है कि वह पिछले साल की नीति के अनुरूप निर्णय की उम्मीद कर रहा है, जब बोर्ड ने परीक्षा रद्द कर दी थी। सीबीएसई ने 26 जून, 2020 को सुप्रीम कोर्ट में लंबी बहस के बाद लंबित कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं को रद्द करने का निर्णय प्रस्तुत किया था।
कोरोना महामारी और बारहवीं की परीक्षा पर संश्य होने के कारण बच्चे काफी तनाव में हैं। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड बच्चों में बैचेनी और डर के इस माहौल को दूर करने के लिए दसवीं-बारहवीं के विद्यार्थियों व उनके अभिभावकों की टेली-काउंसलिंग की शुरूआत की है। इस टेली काउंसलिंग के माध्यम से वह अपनी समस्याओं व जिज्ञासाओं का समाधान कर सकते हैं। इसके लिए टोल-फ्री नंबर 1800118004 जारी किया गया है। सीबीएसई ने सोमवार से इस टेलीकाउंसलिंग सेवा की शुरुआत कर दी है। इस पर देशभर से 83 विशेषज्ञ व 24 प्रिंसिपल छात्रों व उनके अभिभावकों की शंकाओं, परेशानियों व तनाव संबंधी सवालों को लेकर काउंसलिंग करेंगे। विद्यार्थी और अभिभावक सोमवार से शुक्रवार तक सुबह 9.30 बजे से शाम 5.30 बजे तक इस सेवा का लाभ उठा सकते हैं। इससे पहले बोर्ड ने मई की शुरुआत में सीबीएसई दोस्त फॉर लाइफ एप की शुरुआत की थी। उसकी सफलता के बाद ही बोर्ड ने अब टेली काउंसलिंग सेवा की शुरुआत की है। उल्लेखनीय है कि कोविड-19 महामारी को देखते हुए दसवीं की परीक्षाएं पहले ही रद्द की जा चुकी हैं। दसवीं में विद्यार्थियों का मूल्यांकन आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर होना है। जबकि बारहवीं की परीक्षाओं को लेकर अब तक कोई फैसला नहीं हुआ है। कोविड की दूसरी भयावह लहर को देखते हुए केंद्र सरकार व राज्य सरकारें इसको लेकर मंथन कर रही हैं। इस सप्ताह तक इस पर कुछ फैसला होने की संभावना है।
हिमाचल प्रदेश सरकार के निर्देशों के बाद स्कूल शिक्षा बोर्ड ने 10वीं के विद्यार्थियों को प्रमोट करने का खाका तैयार कर लिया है। अब बोर्ड को कार्यालयों के खुलने का इंतजार है। सरकार के निर्देश देते ही बोर्ड इस खाके को उच्चाधिकारियों को सौंप देगा। इसके बाद अंतिम फैसला सरकार का होगा। सरकार ने प्रदेश में कोविड-19 के बढ़ते मामलों को देखते हुए 10वीं कक्षा की वार्षिक परीक्षाओं को रद्द कर छात्रों को प्रमोट करने का फैसला लिया है। सरकार ने स्कूल शिक्षा बोर्ड को विद्यार्थियों को प्रमोट करने के लिए खाका तैयार करने के लिए कहा था। शिक्षा बोर्ड ने खाका तैयार करने के लिए प्रदेश के शिक्षाविदों, शिक्षक संघों और अन्य बुद्धिजीवियों के साथ चर्चा की और उनके सुझाव लिए। अधिकतर लोगों ने स्कूल शिक्षा बोर्ड को फर्स्ट और द्वितीय टर्म की हुई परीक्षाओं के अलावा प्री बोर्ड की परीक्षाओं में प्राप्त अंकों का मूल्यांकन कर विद्यार्थियों को प्रमोट कर अंक तालिका बनाने का सुझाव दिया। बुद्धिजीवियों और शिक्षाविदों के सुझावों के बाद बोर्ड ने 10वीं के छात्रों को प्रमोट करने का खाका तैयार किया है, जिसे कार्यालय खुलने के बाद सार्वजनिक किया जाएगा। उधर, प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सुरेश कुमार सोनी ने बताया कि जैसे ही कार्यालय खुलेंगे, बोर्ड की ओर से दसवीं के विद्यार्थियों को प्रमोट करने का खाका निदेशालय को सौंप दिया जाएगा। इसे अंतिम रूप सरकार देगी।
कोरोना महामारी को देखते हुए राज्य लोक सेवा आयोग ने नौकरी का इंतजार कर रहे अभ्यर्थियों को बड़ी राहत दी है। आयोग अब तृतीय श्रेणी के पदों के लिए जारी 15 अंकों की मूल्यांकन प्रक्रिया ऑनलाइन करेगा। इससे पहले लिखित परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थियों को शारीरिक रूप से आयोग के परिसर में बुलाकर मूल्यांकन प्रक्रिया पूरी की जाती थी। ओटीआर पोर्टल पर दस्तावेज अपलोड करने के लिए एक लिंक दिया जाएगा। जिन चयनित उम्मीदवारों को मूल्यांकन प्रक्रिया के लिए उपस्थित होने के लिए स्क्रीन किया गया है, उन्हें डाक के साथ पंजीकृत ईमेल और मोबाइल नंबर पर उस तारीख के संबंध में जब दस्तावेजों को अपलोड करने के लिए पोर्टल सक्रिय करने के बारे में सूचित किया जाएगा। उसके बाद, उम्मीदवारों को पोर्टल पर दस्तावेज अपलोड करने के लिए उचित समय दिया जाएगा। अपलोड लिंक मौजूदा ओटीआर (वन टाइम रजिस्ट्रेशन) पोर्टल पर उपलब्ध कराया जाएगा, जिसका उपयोग उम्मीदवारों की ओर से ऑनलाइन आवेदन करने के लिए किया गया था। इसके बाद उम्मीदवार अपने मौजूदा क्रेडेंशियल का उपयोग करके लॉगइन करने में सक्षम होंगे। कोई समस्या आने पर आयोग के हेल्प डेस्क से सहायता दी जाएगी। लेक्चरर स्कूल न्यू इतिहास, लेक्चरर स्कूल न्यू राजनीति शास्त्र और लेक्चरर स्कूल न्यू हिंदी के मूल्यांकन के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया अपनाई जाएगी। आयोग के सचिव आशुतोष गर्ग ने बताया कि इन भर्तियों की स्क्रीनिंग परीक्षाओं का परिणाम घोषित कर दिया गया है, अब अभ्यर्थियों के दस्तावेजों का ऑनलाइन मूल्यांकन किया जाएगा। इसके बाद अंतिम परिणाम घोषित कर दिया जाएगा। अभ्यर्थियों को पोर्टल पर मूल दस्तावेजों की फोटो जेपीईजी या पीडीएफ प्रारूप में अपलोड करनी होगी। अपलोड किए गए प्रत्येक दस्तावेज के संबंध में उम्मीदवार से इस आशय का एक घोषणा पत्र भी लिया जाएगा। किसी भी विसंगति के मामले में अभ्यर्थी की उम्मीदवारी को खारिज कर दिया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय ने यूजी डिग्री कोर्स की अंतिम वर्ष की परीक्षाओं पर फैसला न होने के बावजूद पीजी में प्रवेश के लिए आनलाइन आवेदन मांग लिए हैं। कोरोना महामारी से बने हालात और लगातार बढ़ रहे मामलों और पिछले सत्र में मेरिट आधार पर प्रवेश दिए जाने पर न्यायालय से लगी फटकार को ध्यान में रखकर ही इस बार पीजी प्रवेश का शेड्यूल जारी किया है। इस बार विवि ने प्रवेश परीक्षा के प्राप्तांक की मेरिट आधार पर और यूजी की मेरिट के आधार पर प्रवेश के दोनों विकल्प खुले रखे हैं। कोरोना से बिगड़े हालात और कर्फ्यू, लॉकडाउन की संभावनाओं को देखते हुए प्रवेश परीक्षा करवाने या न करवाने पर फिलहाल फैसला नहीं लिया है। पीजी में प्रवेश को आवेदन करने की जारी अधिसूचना में अधिष्ठता अध्ययन ने साफ किया है कि प्रवेश परीक्षा आधारिक पीजी कोर्स में प्रवेश कैसे होगा, इस पर आने वाले समय में स्थिति को देखते हुए ही फैसला लिया जाएगा। इससे साफ है कि यदि कोरोना के कारण प्रवेश परीक्षा करवाना संभव नहीं हुआ, तो विवि क्वालिफाइंग एग्जाम की मेरिट को आधार मानकर कोर्स में प्रवेश देने का फैसला ले सकता है।
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के दूरवर्ती शिक्षण संस्थान इक्डोल के छात्र-छात्राओं को हर जरूरी सूचना वेबसाइट पर मिलेगी। इक्डोल में वर्ष में दो बार होने वाले प्रवेश, परीक्षा फार्म भरने, पीसीपी और परिणाम जैसी हर जानकारी विद्यार्थियों को मिलेगी। वेबसाइट को अपग्रेड करने और इसे स्टूडेंट फ्रेंडली बनाने के लिए योजना तैयार करने के लिए शुक्रवार को इक्डोल निदेशक प्रो. कुलवंत पठानिया ने वर्चुअल बैठक की। इसमें मौजूद अधिकारियों से वेबसाइट में सुधार लाने और इसे हर छात्र के लिए जानकारी लेने के लिए उपयोगी बनाए जाने पर सुझाव लिए गए। पठानिया ने बताया कि वेबसाइट को छात्रों के लिए आसान और उपयोगी बनाया जा रहा है। बैठक में प्रो.नीलिमा कंवर, प्रो.कुलदीप अत्री, वरिष्ठ संपादक डॉ.दलेल ठाकुर, डॉ.सोमेश सूद, डॉ.संदीप, डॉ.अंकुश सूद और प्रोग्रामर विजयंत कुमार उपस्थित रहे।
कोरोना काल में प्रदेश के युवाओं के लिए राहत भरी खबर है। राज्य कार्यकारी समिति ने प्रदेश लोक सेवा आयोग शिमला और कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर के कार्यालय को न्यूनतम स्टाफ क्षमता के साथ खोलने की अनुमति प्रदान कर दी है, ताकि भर्ती परीक्षाओं के परिणाम घोषित किए जा सकें। वहीं, कार्यालय खुलने के बाद राज्य लोक सेवा आयोग ने हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवा कंबाइंड कंपीटिटिव एग्जाम-2020 के पदों के लिए 15 जून तक ऑनलाइन आवेदन मांगे हैं। समिति की ओर से जारी आदेशों में कहा गया है कि कोविड दिशा-निर्देशों की पालना सुनिश्चित करते हुए कार्यालय में काम किया जाए। आदेशों में कहा गया कि फिजिकल तौर पर कोई भी परीक्षा या इंटरव्यू अभी आयोजित नहीं होंगे। न्यायिक परीक्षा, तहसील कल्याण अधिकारी, परिवहन निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक, परिवहन निगम के तकनीकी प्रबंधक, लेक्चरर न्यू स्कूल इतिहास और राजनीतिक शास्त्र के लिखित परीक्षाओं के परिणाम घोषित हो चुके हैं, जबकि कोरोना के कारण इनके साक्षात्कार और मूल्यांकन न होने से भर्तियां अटकी पड़ी हैं। वहीं 22 नवंबर, 2020 को आयोजित हो चुकी राज्य पात्रता परीक्षा का परिणाम भी 6 माह से अटका पड़ा है। ऐसे में कार्यालय खुलने से 10 हजार अभ्यर्थियों को परिणाम घोषित होने की उम्मीद जग गई है। कर्मचारी चयन आयोग ने कार्यालय खुलने के साथ ही प्रयोगशाला सहायक और फार्मासिस्ट एलोपैथी का अंतिम परीक्षा परिणाम भी घोषित कर दिया है।
प्रदेश के सरकारी स्कूलों में मंगलवार से नया शैक्षणिक सत्र शुरू होगा। पहली से बारहवीं कक्षा के विद्यार्थियों को नई कक्षा का सिलेबस पढ़ाना शुरू कर दिया जाएगा। बीते दिनों हुई पिछली कक्षा के सिलेबस की रिवीजन के आधार पर तीस मई तक पहली से आठवीं कक्षा का एफए वन मूल्यांकन किया जाएगा। उधर, 31 मई तक स्कूलों में दाखिले देने की प्रक्रिया भी जारी रहेगी। बीते वर्ष की तर्ज पर ही अभी सरकारी स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ाई करवाई जाएगी। व्हाट्सअप के माध्यम से शिक्षण सामग्री विद्यार्थियों को भेजी जाएगी। अब डाउट क्लीयर करने के लिए भी अलग से बच्चों को समय दिया जाएगा। शिक्षा सचिव राजीव शर्मा ने बताया कि सभी जिला अधिकारियों को नया शैक्षणिक सत्र शुरू करने को कह दिया गया है। 18 मई से इसकी शुरूआत होगी। ऑनलाइन पढ़ाई में बदलाव किए जाने को लेकर मंथन जारी है।