हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड की 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों का भविष्य जून में तय होगा। सीबीएसई के अंतिम फैसले के बाद प्रदेश सरकार परीक्षाओं को लेकर निर्णय लेगी। राज्य शिक्षा विभाग दोनों विकल्पों प्रमोट करने और परीक्षाएं करवाने के लिए तैयार है। सोमवार को केंद्रीय शिक्षा मंत्री निशंक के साथ राज्य शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने वर्चुअल बैठक में यह विचार साझा किए। केंद्रीय मंत्री ने सभी राज्यों के शिक्षा सचिवों के साथ बैठक की। बैठक के दौरान शिक्षा मंत्रालय ने कोविड काल में बदली शिक्षा प्रणाली को लेकर प्रस्तुति भी दी। राज्य शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री को बताया कि 12वीं कक्षा का एक पेपर हो चुका है। केंद्र सरकार आगामी दिनों में 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए जो भी फैसला लेगी, उसका पालन किया जाएगा। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि अगर 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों को प्रमोट करना पड़ा तो प्री बोर्ड परीक्षाओं और फर्स्ट और सेंकेड टर्म की परीक्षाओं के अंकों के आधार पर ऐसा किया जा सकेगा। अगर परीक्षाएं लेने का फैसला होता है तो हिमाचल उचित बंदोबस्त अपनाते हुए परीक्षाएं लेने के लिए भी तैयार है।
प्रदेश की जयराम सरकार अपने तीन साल से अधिक के कार्यकाल के दाैरान चाहकर भी शिक्षकों के लिए ट्रांसफर पाॅलिसी लागू नहीं कर पाई। हालांकि शिक्षा विभाग ने पाॅलिसी मैटर समेत साॅफ्टवेयर तैयार कर दिया है, लेकिन न जाने यह पाॅलिसी कहां फंसी है? जयराम सरकार के अब तक के कार्यकाल में दाे शिक्षा मंत्री कार्यभार संभाल चुके है। पूर्व शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज के समय ही यह ट्रांसफर पाॅलिसी तैयार हाे रही थी, अब वर्तमान शिक्षा मंत्री गाेविंद सिंह ठाकुर भी इसे जल्द लागू करने की साेच रहे हैं। शिक्षा मंत्री का दावा हैं कि अब पाॅलिसी तैयार है, मगर काेराेना संकट के कारण लागू नहीं हाे सकी। ट्रांसफर पाॅलिसी पर फर्स्ट वर्डिक्ट मीडिया ने शिक्षा मंत्री गाेविंद सिंह ठाकुर से चर्चा की। पेश है इस विशेष चर्चा के कुछ अंश... सवाल: प्रदेश की ट्रांसफर पाॅलिसी तैयार है, लागू हाेने में कितना समय लगेगा ? शिक्षा मंत्री: राज्य के अध्यापकाें के लिए तैयार हाे चुकी ट्रांसफर पाॅलिसी लागू हाेने में थाेड़ा समय लग लगता हैं। काेराेना संकट के कारण यह पाॅलिसी लागू नहीं हाे सकी। एमआईसी यानी नेशनल इन्फाॅर्मेटिक सेंटर ने साॅफ्टवेयर काे लगभग तैयार कर दिया है। टीचर्स की सेवानिवृति मसला भी इसमें हाेगा। ट्रांसफर पाॅलिसी में अध्यापकाें की सेवानिवृति 31 मार्च फिक्स करने का प्रावधान किया जा रहा है। हम भी चाहते हैं कि जल्द से जल्द ट्रांसफर पाॅलिसी लागू हाे। उत्तराखंड और हरियाणा राज्य की तर्ज पर साॅफ्टवेयर तैयार किया गया। प्रदेश के शिक्षक संगठनाें ने इस मसले पर विरोध भी जताया था, लेकिन पाॅलिसी जल्द लागू की जाएगी। आने वाले दिनों में कैबिनेट से मंजूरी मिलने के तुरंत बाद ट्रांसफर पाॅलिसी लागू हाेगी। सवाल: पाॅलिसी लागू हाेने के बाद टीचर्स के तबादले कैसे हाेंगे? शिक्षा मंत्री: पाॅलिसी लागू होने के बाद शिक्षकों के तबादलों पर कागजी कार्य पूरी तरह से बंद हो जाएगा। यानी कि तबादले ऑनलाइन सॉफ्टवेयर के माध्यम से किए जाएंगे। शिक्षकों की ट्रांसफर पॉलिसी के लिए पूरा राेडमैप तैयार हो गया है। यह पॉलिसी लागू होने के बाद पांच साल बाद खुद पोर्टल शिक्षकों के नाम अपडेट कर देगा। पांच साल पूरे होने के बाद फिर शिक्षा विभाग स्टेशन देखकर शिक्षकों के तबादले करेगा। इसके साथ ही पॉलिसी ड्राफ्ट में यह भी लागू किया गया है कि तीन साल बाद कोई भी शिक्षक अपने नजदीकी किसी स्कूल में जाने के लिए अप्लाई कर सकते हैं। तैयार की जा रही ट्रांसफर पाॅलिसी में पीटीए, पैट और पैरा टीचर्ज काे शामिल करने या नहीं करने बारे में अभी कुछ नहीं कह सकते। सवाल: क्या पाॅलिसी के दायरे में अनुबंध अध्यापक भी आएंगे या नहीं? शिक्षा मंत्री: ट्रांसफर पाॅलिसी में अनुबंध पर सेवाएं दे रहे अध्यापकों काे भी बाहर रहा गया है। अनुबंध शिक्षक तीन साल की सेवाओं के बाद ही नीति में शामिल किये जाएंगे। पीटीए, पैट और पैरा टीचर्ज की संख्या 19 हजार के करीब हैं। 80 हजार से अधिक टीचर्ज ने एनआईसी काे बायोडाटा दे दिया है। इन शिक्षकों का नाम ऑनलाइन पोर्टल पर डाला जाएगा ताकि जब भी शिक्षक की ट्रासंफर पेंडिंग हो, तो ऑनलाइन जानकारी सरकार को भी आसानी से मिल जाएं। फिलहाल नई तबादला नीति के तहत कम नंबर लेने वाले शिक्षकों के प्रदेश के दुर्गम व जनजातीय क्षेत्रों में तबादले होंगे। सवाल: शिक्षक के तबादले का रिकॉर्ड काैन रखेगा? शिक्षा मंत्री: शिक्षकों की ट्रासंफर से पहले सर्विंस रिकोर्ड सॉफ्टवेयर बताएगा कि इससे पहले शिक्षकों ने कहां-कहां सेवाएं दी हैं। इसके अलावा शिक्षक से जुड़ा अन्य बायोडाटा भी सॉफ्टवेयर अपडेट करेगा। सरकार के आदेशों के बाद यह सॉफ्टवेयर तैयार हो गया है। शिक्षकों की ट्रांसफर पॉलिसी लागू होने से पहले प्रदेश सरकार शिक्षकों का पूरा रिकार्ड ऑनलाइन रखने के लिए सॉफ्टवेयर तैयार हाे चुका है। सरकार इस नीति को सख्ती से लागू करने की तैयारी में हैं। पॉलिसी लागू होने के बाद शिक्षकों के तबादलों पर कागजी कार्य पूरी तरह से बंद हो जाएगा। तबादले ऑनलाइन सॉफ्टवेयर के माध्यम से किए जाएंगे। काेराेना काल समाप्त हाेने के बाद सीएम जयराम ठाकुर से हर पहलु पर चर्चा कर पाॅलिसी काे लागू करेंगे।
सीमा महाविद्यालय के जॉब प्लेसमेंट सेल द्वारा महाविद्यालय और हिमाचल प्रदेश के बेरोजगार युवाओं के लिए ऑनलाइन माध्यम से रोजगार मेले का आयोजन किया गया। इसमें लगभग 200 युवाओं ने सोशल मीडिया के माध्यम से रोजगार मेले में भाग लिया। घर से काम करने के लिए इस ऑनलाइन जॉब प्लेसमेंट के लिए लगभग 40 युवा सीमा महाविद्यालय के पुराने विद्यार्थी हैं और 20 अन्य जिलों से हैं। आज जब करोना महामारी से दुनिया में रोजगार कम हुआ है तो ऐसे में महाविद्यालय की जॉब प्लेसमेंट सेल ने युवाओं को घर से काम करने का सुनहरा मौका प्रदान किया है। चयनित उम्मीदवारों को 24 मई 2021 से सी सूट( C-SUITE) माध्यम से दुनिया के सुप्रसिद्ध प्रशिक्षकों - 1.डॉ. कासिम, अनुसंधान एवं विकास प्रमुख, तुर्की 2. सुश्री डायना, मानव संसाधन एवं प्रशिक्षण प्रमुख, चिली 3. सुश्री ओलिविया सुसान, शैक्षणिक प्रशासन और योजना के प्रमुख, केन्या 4. डॉ0 सुदर्शन, जीव विज्ञान प्रमुख, भारत 5. सुश्री अभिशेवा ,पूर्व प्राथमिक अंग्रेजी विभाग की प्रमुख, कजाकिस्तान 6. सुश्री नेहेल, *माध्यमिक अंग्रेजी विभाग की प्रमुख, मिस्र 7. औद्योगिक इंजीनियर इसाबेला प्रमुख गणित विभाग, कोलंबिया 8. केमिकल इंजीनियर कैमिलो, रसायन विज्ञान प्रमुख, कोलंबिया 9. श्री डेविड, प्रशिक्षक रसायन विज्ञान विभाग, कोलंबिया 10. केमिकल इंजीनियर मारियल, ट्रेनर केमिस्ट्री डिपार्टमेंट, कोलंबिया 11. डॉ0 जाइरो, भौतिकी विभाग के प्रमुख, कोलंबिया 12. डॉ0 लौरा, भूगोल के प्रमुख, कोलंबिया 13. सुश्री रितिका, मानव संसाधन सहायक प्रबंधक , भारत 14. डॉ0 अपर्णा ,रिट्ज़ी ग्रुप, संस्थापक और अध्यक्ष, इटली 15. एम.एन.आर.गुप्ता, सिविल इंजीनियर, वैश्विक सीईओ एवं निदेशक, रिट्ज़ी समूह, इटली 16. केसी एंड्रियाज़ो, प्रबंध निदेशक, रिट्ज़ी समूह, इटली 17. 18. सुश्री कैटालिना, प्रशिक्षक रसायन विज्ञान विभाग, कोलंबिया इत्यादि रिट्ज इंटरनेशनल ग्रुप द्वारा शिक्षा की आधुनिक तकनीक पर निशुल्क प्रशिक्षण दिया जाएगा और तत्पश्चात ही चयनित उम्मीदवार शिक्षण का कार्य ऑनलाइन माध्यम से करेंगे। शिक्षण के लिए इन्हें पहली कक्षा से दसवीं कक्षा तक के सीबीएसई के विद्यार्थियों को ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाना होगा। महाविद्यालय युवाओं के कौशल विकास, रोजगार और शैक्षणिक उत्कृष्टता के लिए समय-समय पर कार्यक्रम करता है, जिसमें स्कूल कॉलेज व विश्वविद्यालय के अनेक छात्र छात्राएं पूरे प्रदेश से भाग लेते हैं। इस रोजगार मेले में नावर, छुहारा जुब्बल ब्लॉक व प्रदेश के अन्य जिलों से चयनित उम्मीदवारों के नाम इस प्रकार हैं..1. गीतिका 2. सुरेंद्र 3.निशा खांगटा 4. भवानी सिंह 5. गरिमा बांशटु 6.अदिति कोटवी 7. दीक्षा संख्यान 8.ज्योति केस्टा 9. कृतिका शर्मा 9.शिवानी शोंगी 10. पूनम चौहान 11. साक्षी 12. मीतू राठोर 13.महक भाइक 14. साक्षी शर्मा 15. सोनिका 16. रोहित रावत 17. शिवानी जंगटा 18. रचना 19. दीपिका कुल्ला 20.सतीश 21.विक्रम 22. विश्लेष 23. शिवांगी 24 विशाली 25.श्रुति शर्मा 26. जयललिता 27. निशा शर्मा 28. महेश्वरी रावत 29.चंपा 30. रोहित भूषण 31.उमा देवी 32. सुधीर चौहान 33.नेहा शर्मा 34. मीनाक्षी शर्मा 35. मीनाक्षी चौहान 36.मधु चौहान 37. प्रीति ठाकुर 38. अनीता बाला 39. शीतल 40.दीक्षा भारद्वाज 41.अश्लेषा 42.अमन 43. श्वेता 44. दीपिका 45. रुचि हिमराल 46.दिव्या चौहान 47.हिमांशी रचना 48.प्रतिभा 49.मीनाक्षी 50.जानवी शर्मा 51.आरती 52.लिली प्रसाद 53.रितु हंसरेटा 54.रजनी सा 55.मोनिका देष्टा 56.रजनी शर्मा 57.अविका डरटा 58.कोकिला 59.पल्लवी. 60 सचिन पापटा इत्यादि है। नौकरी शुरू होने के बाद घर से काम करने के लिए इन युवाओं को 8000 से 12000 रुपए प्रति माह वेतन मिलेगा और समय 4:00 बजे के बाद का रहेगा ताकि दिन में अपने अन्य काम और उच्च शिक्षा पूरी करने का अवसर भी मिल पाए। करोना महामारी के खत्म होने पर ये चयनित शिक्षक ₹25000 विद आउट बोर्डिंग लॉजिंग तथा ₹15000 विद बोर्डिंग लॉजिंग ऑफिस से काम कर सकते हैं। पांच दिन तक चले इस रोजगार मेले का आयोजन रोजगार सेल के सदस्य डॉ0 ललिता रावत, डॉ0 हर्ष भारद्वाज, प्रो0 संजीव जस्टा, डॉ0 निशा चौहान, डॉ0 सुरेंद्र कुल्ला, प्रो0 ज्योत्सना तथा प्रो0 आराधना देश्टा ने कॉलेज प्राचार्य डॉ0 बृजेश सिंह के मार्गदर्शन में किया। इस अवसर पर प्राचार्य ने कॉलेज द्वारा पिछले एक वर्ष में किए गए अनेक शैक्षणिक और पाठ्यक्रम कार्यक्रमों की भी जानकारी दी और विभाग के उच्च अधिकारियों का पूर्ण सहयोग के लिए धन्यवाद किया।
हिमाचल प्रदेश में दसवीं कक्षा के साथ-साथ 9वीं और 11वीं कक्षा से अगली कक्षाओं में प्रमोट किए गए विद्यार्थियों को भी अंक सुधार का मौका मिलेगा। प्रदेश में कोरोना संक्रमण के हालात सुधरते ही शिक्षा बोर्ड और शिक्षा विभाग इन तीनों कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए परीक्षाएं करवाएगा। सीबीएसई की तर्ज पर प्रदेश में भी दसवीं कक्षा के विद्यार्थियों को प्रमोट करने की अगले सप्ताह से प्रक्रिया शुरू होगी। सरकार की ओर से इस संदर्भ में शिक्षा बोर्ड को निर्देश जारी हो गए हैं। शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर के साथ इसी सप्ताह बोर्ड और विभागीय अधिकारियों की ऑनलाइन बैठक की भी तैयारी है। सीबीएसई ने बिना वार्षिक परीक्षाओं के दसवीं कक्षा के विद्यार्थियों को देश भर में इंटरनल असेसमेंट के आधार पर प्रमोट करने की तैयारी की है। सीबीएसई ने इंटरनल असेसमेंट के अंकों से नाखुश रहने वाले विद्यार्थियों की हालात में सुधार होने पर परीक्षाएं लेने का विकल्प भी रखा है। इस विकल्प को प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड की ओर से भी लागू किया जाएगा। प्रदेश में भी अगर दसवीं कक्षा का कोई विद्यार्थी प्री बोर्ड और फर्स्ट व सेकेंड टर्म की परीक्षाओं के आधार पर निर्धारित होने वाले अंकों से नाखुश होगा तो ऐसे विद्यार्थियों की परीक्षाएं भी ली जाएंगी। शिक्षा विभाग ने दसवीं के अलावा नवीं से प्रमोट होकर दसवीं में गए और 11वीं कक्षा से प्रमोट होकर जमा दो कक्षा में गए विद्यार्थियों को भी अंक सुधार के लिए परीक्षाएं देने का विकल्प देने का फैसला लिया है। इन दोनों कक्षाओं की अंक सुधार के लिए परीक्षाएं स्कूल स्तर पर होंगी। जबकि दसवीं की बोर्ड परीक्षा के अंकों में सुधार के लिए परीक्षाएं स्कूल शिक्षा बोर्ड धर्मशाला लेगा। उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा ने बताया कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति सुधरने के बाद अंक सुधार के लिए परीक्षाएं होंगी। ।
A road linking the university to a new farm block was inaugurated by Dr. Parvinder Kaushal, Vice-Chancellor of Dr. YS Parmar University of Horticulture and Forestry, Nauni. The Khaltoo farm to Kuhat road has a total length of 2 km and has been constructed at a cost of Rs 16.7 lakh. It will provide access to a new farm being established by the department of forest products. Dr. Meenu Sood, Professor, and Head, Department of Forest Products welcomed the Chief Guest and explained the activities undertaken by the department. Explaining about the activities to be carried out, farm in-charge Dr. Yashpal Sharma said that the department has plans to develop around 50 bighas under this project. A short-term crop of wild marigolds has already been harvested for seed and can be used for raising future plantations. In addition to wild marigold, Babuna, mint, and Kalihari (for seed production) along with lemongrass (for extraction of oil), sandalwood will be planted in the sloped areas so that a sustainable model of medicinal and aromatic plants can be developed. The new farm at Kuhut was a barren area, covered with shrubs and bushes until a year ago. Dr. Kaushal shared his vision for developing the area as a model farm for commercial cultivation of Medicinal and Aromatic plants along with space for carrying out other research activities. During the lockdown period last year, the department planted wild marigolds in a small portion of the farm as a short-term rain-fed crop without any inputs. While addressing the statutory officers and the heads of all departments, Dr. Kaushal said that the development of the road and the farm was conceptualized during a visit last year to a large barren portion of land which was largely underutilized due to lack of road connectivity and its terrain. The new road, developed by the Estate organization of the university will provide a large chunk of land for research activities for the students and faculty and will also be helpful for the transfer of technology to the farmers. He congratulated the forest product department and the Estate Office of the university for completing the project in a short time. He also planted a ‘reetha’ tree at the farm. Dr. Bhupender Dutt presented the vote of thanks. The statutory officers, HODs of all departments, faculty, and staff of the department of forest products and Estate office were present on the occasion.
पूरे देश में कोरोना का साया मंडरा रहा है। कोरोना देश के हर राज्य में पैर पसार रहा है। इसी के मध्यनज़र प्रदेश में कोरोना संकट के चलते लगातार दूसरे वर्ष कॉलेजों के प्रथम और द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों को प्रमोट करने की तैयारी शुरू हो गई है। उच्च शिक्षा निदेशक ने गुरुवार दोपहर दो बजे तक सभी कॉलेज प्रिंसिपलों से सुझाव मांगे हैं। उन्होंने कॉलज के प्रिंसिपलों से पूछा है कि अगर विद्यार्थियों को बिना परीक्षा परिणाम प्रमोट करना है तो उसका क्या आधार हो। उन्होंने दाखिला प्रक्रिया पर भी सुझाव मांगे हैं। इसके अलावा आखिरी सेमेस्टर और अंतिम वर्ष की परीक्षाओं के आयोजन के तरीके के लिए भी सुझाव मांगे है। सुझावों के आधार पर शिक्षा निदेशालय रिपोर्ट तैयार कर सरकार को भेजेगा। कैबिनेट बैठक में इस पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा की ओर से जारी पत्र में कहा है कि कोरोना की दूसरी लहर तेजी से फैल रही है। ऐसे में विद्यार्थियों, शिक्षकों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए एहतियात बरतने की आवश्यकता है। निदेशक ने सभी प्रिंसिपलों से सुझाव देने से पहले अन्य हितधारकों अभिभावकों और शिक्षकों से भी चर्चा करने को कहा है। वंही, निदेशक ने कॉलेजों को खोलने पर भी अपनी राय देने को कहा है।
छात्र अभिभावक मंच ने उच्चतर शिक्षा निदेशक से मांग की है कि वह दयानंद पब्लिक स्कूल के मामले में हस्तक्षेप करें व पांच दिसम्बर 2019 की शिक्षा निदेशालय की अधिसूचना को लागू करवाएं। यह अधिसूचना वर्ष 2019 में जारी हुई थी व इसमें स्पष्ट किया गया था कि वर्ष 2020 व उसके तत्पश्चात कोई भी निजी स्कूल अभिभावकों के जनरल हाउस के बगैर कोई भी फीस बढ़ोतरी नहीं कर सकता है। इसके बावजूद भी डीपीएस स्कूल ने वर्ष 2020 में फीस बढ़ोतरी की। वर्ष 2021 में इस स्कूल ने सारे नियम कायदों की धज्जियां उड़ाते हुए टयूशन फीस में भारी-भरकर बढ़ोतरी करके सीधे 55 प्रतिशत तक फीस बढ़ोतरी कर दी है। डीपीएस प्रबंधन ने नर्सरी व केजी कक्षा की फीस को एक हज़ार नौ सौ से बढाकर दो हज़ार आठ सौ पचास रुपये, पहली से पांचवीं कक्षा तक की प्रतिमाह टयूशन फीस दो हज़ार से बढ़ाकर तीन हज़ार रुपये, छठी से आठवीं कक्षा की फीस को दो हज़ार एक सौ से बढ़ाकर तीन हज़ार दो सौ पचास रुपये तथा नौंवीं-दसवीं कक्षा की प्रतिमाह फीस को दो हज़ार दो सौ पचास रुपये से बढ़ाकर तीन हज़ार पांच सौ रुपये कर दिया है। इस तरह वार्षिक बारह हज़ार रुपये से पन्द्रह हज़ार रुपये की टयूशन फीस बढ़ोतरी की गई है। यह पूर्णतः छात्र व अभिभावक विरोधी कदम है व इसका कड़ा विरोध किया जाएगा। उन्होंने हैरानी व्यक्त की है कि शिक्षा विभाग की नाक तले अंधेरा है व इस से दो सौ मीटर दूर डीपीएस स्कूल में ही शिक्षा विभाग अपने 5 दिसम्बर 2019 के आदेशों को ही लागू नहीं करवा पा रहा है जिसका सीधा मतलब है कि निजी स्कूलों के साथ प्रदेश सरकार की सीधी मिलीभगत है। उन्होंने कहा कि अगर इस फीस बढ़ोतरी पर अंकुश न लगाया गया तो आंदोलन तेज़ होगा जिसके तहत 28 अप्रैल को शिक्षा निदेशालय का घेराव होगा।
GNA University adds another feather to its cap by grabbing positions in various engineering hubs across India. The Faculty of Engineering, Design & Automation at GNA University always make sincere attempts to give maximum technical exposure and motivate their students in acquiring the best education and seek placement in the best brands by establishing a strong network and relationship with the industry and academia. The student of B.Tech Mechanical and Automation Engineering P.JayaRam proved his acumen by getting placed in Geeky Apave Pvt. Ltd., Mumbai as NTD Trainee Engineer. Gurcharan Singh and Aditya Rattan got placement in MAK Architecture (Division of Om India Stainless Tube Limited), as Design Engineer and Manpreet Singh carved his niche by getting placed in Deinde Engineering as Design Engineer for CLAAS India Ltd. The company’s officials appreciated the Management, faculty, and students for their proper organization and full dedication in grabbing the most priced position. C.R. Tripathy, Dean Faculty of Engineering Design and Automation expressed, “I congratulate all the faculty members, the placed students and their parents for this achievement.” He even said, “The University is always concerned for the bright future of its students and assures complete success in all their future ventures.” S. Gurdeep Singh Sihra, Pro-Chancellor GNA University expressed, “I heartily congratulate and appreciate the of the Faculty of Engineering, Design & Automation for making consistent efforts towards continuously providing latest technologies to the budding engineers so as to achieve their desired goals.”
The Faculty of Hospitality of GNA University rendered another laurel by grabbing a lifetime membership of World Chefs Choice Federation (WCCF) and a lifetime subscription to the Chefs Choice magazine. WCCF awarded this certificate to GNA University and made them the proud recipients of it. The lifetime corporate membership certificate was presented by Chef Jatinder Dhir – Acting President of WCCF India and Chef Subhadip Mazumdar - Sr. Vice President of WCCF India to Mr.Gurdeep Singh Sihra – President & Pro – Chancellor, GNA University. Dr. V. K. Rattan – Vice Chancellor GNA University, Dr. R. K. Mahajan – Registrar GNA University, Dr. Monika Hanspal – Dean Academics GNA University and Deans and Heads of GNA University along with the team members of Faculty of Hospitality, to grace the event. World Chef Choice Federation is an association of new era which enables connectivity between Professional chefs, Academicians, bloggers, students and home chefs. WCCF believes in growing the chefs’ community by providing a platform where they can express their culinary thoughts. WCCF is the only Chefs Association who believes in growth of individual chefs by involving them in every event. WCCF believes in promoting regional cuisine as well as international cuisine at world level. In recent times, we have created a reputation among all hoteliers by proving our self by working genuinely with the support of our precious members.This Association of GNA University and WCCF/Chefs Choice Magazine is a step that will pave the way for numerous events and activities involving the hospitality industry and academicians not only of GNA University but from across the globe. The students of GNA University will have the opportunity to publish their articles and recipes as well as share ideas with the world through the e-newspaper and magazine. They will also benefit by gaining access to various national and international events held under the WCCF banner as well as exposure to leading culinary practitioners from across the country and globe. After the award ceremony, other dignitaries from WCCF and Faculty members of Hospitality, GNA University met for a discussion on various proposed events and activities. The event was followed by honouring of all WCCF members with mementos and formal induction of Faculty of Hospitality team members into WCCF.
हिमाचल शिक्षा बोर्ड का फैसला, वार्षिक बोर्ड परीक्षाओं में कोरोना पॉजिटिव विद्यार्थी नहीं होंगे शामिल
हिमाचल में लगातार बढ़ रहे कोरोना पॉजिटिव मामलों को देखते हुए प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने ये फैसला लिया है कि 13 अप्रैल से प्रस्तावित 10वीं और 12वीं की नियमित व एसओएस के विद्यार्थियों की वार्षिक बोर्ड परीक्षाओं में कोरोना पॉजिटिव विद्यार्थी शामिल नहीं होंगे। बोर्ड प्रबंधन संक्रमित विद्यार्थियों की परीक्षाएं एक माह बाद लेगा। यह फैसला बोर्ड अध्यक्ष डॉ. सुरेश कुमार सोनी की अध्यक्षता में हुई वर्चुअल बैठक में लिया गया। सुरेश कुमार सोनी ने बताया कि शिक्षा बोर्ड सभी स्कूलों से कोरोना संक्रमित विद्यार्थियों का डाटा पता करने में जुट गया है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में जहां स्कूल शिक्षा बोर्ड के सचिव अक्षय सूद शामिल हुए, वहीं सूबे के सभी जिलों के शिक्षा उपनिदेशक भी मौजूद रहे। सर्दी, खांसी और जुकाम से पीड़ित विद्यार्थियों की परीक्षा केंद्र के अलग कमरे में होगीं। परीक्षा शुरू होने से आधा घंटा पहले परीक्षार्थियों को परीक्षा केंद्र पर पहुंचना होगा। इस दौरान उनकी थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी।
कोविड-19 पॉजिटिव विद्यार्थियों की परीक्षा अब नहीं रुकेगी। कोविड-19 पॉजिटिव भी अपनी परीक्षा दे सकेंगे। इसके लिए प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने इंतजाम कर लिए हैं। अप्रैल से शुरू हो रही वार्षिक परीक्षाओं में इस बार कोविड-19 के विशेष इंतजाम हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा किए गए हैं। अगर कोई विद्यार्थी परीक्षा की तय तिथियों में कोरोना संक्रमित होता है तो भी उसे परीक्षा से वंचित नहीं रखा जाएगा, इसके लिए अलग से व्यवस्था की गई है। शिक्षा बोर्ड की ओर से पॉजिटिव परीक्षार्थी के लिए अलग कक्ष की व्यवस्था की जाएगी। परीक्षा देने से पहले विद्यार्थियों की थर्मल स्कैनिंग की जाएगी। इस दौरान यदि किसी बच्चे को बुखार या जुकाम लगता है तो उसकी भी परीक्षा उसी दिन ली जाएगी। परीक्षाएं कोविड-19 एसओपी गाइडलाइन के तहत होंगी। कैसे बच्चों की परीक्षा लेनी है, क्या सावधानियां इस दौरान अपनाई जाएंगी, इंविजलेटर को क्या सावधानियां बरतनी हैं, इसके लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए जा रहे हैं। कोविड-19 संक्रमित विद्यार्थी की उत्तरपुस्तिका का पैकेट कैसे बनाना है तथा उसको सही तरीके से सैनिटाइज किया जाना है, संबंधी विभिन्न सुरक्षा उपायों को अपनाया जाएगा। लेकिन परीक्षा निर्धारित तिथि को ही होगी।
हिमाचल प्रदेश में नई शिक्षा नीति को लागू करने के लिए शिक्षा विभाग ने पूरी तैयारी कर ली है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बजट में घोषणा के बाद अब कैसे किस तरह से लागू करना इसका प्लान तैयार किया जा रहा है। विभाग को निर्देश दिए हैं कि हर बदलाव का प्रस्ताव तैयार किया जाए। उसे प्रदेश मंत्रिमंडल में लाकर मंजूरी ली जानी है। इसके बाद ही पढ़ाने से लेकर परीक्षाओं का पूरा तरीका बदला जा सकेगा। केंद्र सरकार की नई शिक्षा नीति को हिमाचल सरकार ने पिछले साल अगस्त में ही लागू करने का फैसला लिया था। अब इसे आगामी वित्तीय वर्ष में पूरी तरह से लागू करने की बात कही है। इसके बाद विभाग के काम में तेजी आ गई है। सरकारी स्कूलों में प्री प्राइमरी में तीन साल की उम्र के बच्चे दिखेंगे। हालांकि हिमाचल ने कुछ स्कूलों में इसे पहले ही शुरू कर दिया था। लेकिन अब अलग से शिक्षकों से लेकर शिक्षा तक की व्यवस्था की जानी है। सचिव शिक्षा राजीव शर्मा ने कहा कि विभाग को इन सभी बदलावों को अलग-अलग प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दे दिए हैं। नई शिक्षा के अहम बदलाव नई नीति के तहत जमा एक से स्नातक स्तर तक संकाय सिस्टम खत्म हो जाएगा। विज्ञान, वाणिज्य और कला संकाय नहीं होगा। विद्यार्थियों को विज्ञान, गणित, आइटी और वोकेशनल विषयों को पढ़ाना अनिवार्य होगा। आइटी और वोकेशनल विषय छठी कक्षा से शुरू हो जाएंगे, जबकि संस्कृत विषय तीसरी कक्षा से पढ़ाया जाएगा। स्नातक में बीए, बीएससी और बीकॉम की डिग्री सिस्टम खत्म कर दोबारा रूसा की तर्ज पर क्रेडिट स्कोर सिस्टम लागू होगा। चार साल की डिग्री का विकल्प होगा। चार साल की डिग्री के बाद पीजी केवल एक वर्ष की ही होगी। एमफिल को खत्म कर दिया गया है, जबकि पीएचडी के लिए पूरे देश में एक ही टेस्ट होगा। राइट टू एजुकेशन एक्ट (आरटीई) तीसरी कक्षा से 14 साल तक के बच्चों पर लागू होगा।
राज्य स्कूल शिक्षा बोर्ड से संबद्ध हिमाचल प्रदेश के निजी और सरकारी स्कूलों में इस वर्ष पांचवीं और आठवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा में विद्यार्थियों को फेल नहीं किया जाएगा। कोरोना संकट के चलते सरकार ने लगातार दूसरे साल असेसमेंट के आधार पर ही विद्यार्थियों को अगली कक्षा में प्रमोट करने का फैसला लिया है। वर्ष 2019 में पांचवीं और आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों को परीक्षा परिणाम के आधार पर अगली कक्षा में भेजने का फैसला हुआ था। परीक्षा में 33 से कम अंक लाने वाले विद्यार्थियों को अगली कक्षा में नहीं भेजने की बात कही गई थी। मार्च 2020 में कोरोना संक्रमण के चलते लगे लॉकडाउन हो देखते हुए सरकार ने इस फैसले को लागू नहीं किया था। अब सालभर स्कूल बंद रहने और नियमित कक्षाएं नहीं लगने के चलते शैक्षणिक सत्र 2020-21 के विद्यार्थियों को राहत देते हुए सरकार ने पुराने आदेश इस बार भी लागू नहीं किए हैं। प्रारंभिक शिक्षा निदेशक शुभकरण सिंह की ओर से इस संदर्भ में सभी जिला उपनिदेशकों को पत्र जारी कर दिए गए हैं। शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत पहली से आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों को बीते कई वर्षों से असेसमेंट के आधार पर प्रमोट किया जाता रहा है। हालांकि, इस वर्ष दोनों कक्षाओं की वार्षिक परीक्षाओं के लिए प्रश्नपत्र स्कूल शिक्षा बोर्ड जारी करेगा। उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन स्कूल स्तर पर होगा। इस वर्ष बोर्ड की ओर से इनकी उत्तर पुस्तिकाएं नहीं जांची जाएंगी। उधर, पहली से चौथी और छठी-सातवीं कक्षा के विद्यार्थियों को इस नियम से बाहर ही रखा गया हैै। इन कक्षाओं के विद्यार्थियों को असेसमेंट के आधार पर ही अगली कक्षा में प्रमोट किया जाएगा।
भारत की पावन भूमि पर कई संत महात्मा अवतारित हुए हैं, जिन्होंने धर्म से विमुख सामान्य मनुष्य में अध्यात्म कई चेतना उजागर कर उसका नाता ईश्वर से जोड़ा हैं। ऐसे ही एक अवतार गुरु नानक देव जी हैं। गुरु नानक देव जी की जयंती प्रकाश पर्व या गुरु पर्व के रूप में मनाई जाती है। नानक जी का जन्म 1469 में कार्तिक पूर्णिमा के दिन पंजाब के तलवंडी गांव में हुआ था जो अब पकिस्तान में हैं। गुरु नानक देव जी सिख धर्म के संस्थापक और उनके पहले गुरु थे। इस दिन को सिख धर्म में बहुत उल्लास के साथ मनाया जाता है। नानक जी के पिता का नाम कल्याणचंद था और उनकी माता का नाम तृप्ति देवी था। नानक जी का हिन्दू परिवार में जन्म हुआ था। गुरु नानक जी के अनुयायी उन्हें नानक, नानक देव जी, बाबा नानक और नानकशाह नामों से संबोधित करते हैं। गुरु नानक जी अपने बच्चो के जन्म के बाद तीर्थ यात्रा के लिए चले गए। उन्होंने काफी लम्बी यात्राएं की। इस यात्रा के दौरान वह सबको उपदेश देते और सामाजिक बुराइओं से दूर रहने के लिए जागरूक करते थे। उस समय धर्म सिर्फ रिति- रिवाजो का नाम बन कर रह गया था। उत्तरी भारत के लिए बहुत अफरा तफरी का समय था। उस समय समाजिक जीवन में बहुत भ्रष्टाचार और धर्मिक क्षेत्र में द्धेष और उच्च नीच की भावना उत्पन हो गई थी। गुरु नानक जी जात पात का विरोध करते थे। उन्होंने समाज को बताया की मानव जाति तो एक ही है, फिर जाति के कारण ऊंच नीच क्यों? उन्होंने ऊंच नीच का विरोध करते हुए अपनी मुखवाणी 'जपुजी साहिब ' में कहा है कि 'नानक उत्तम-नीच न कोई 'जिसका अर्थ है कि ईश्वर कि निगाह में छोटा बड़ा कोई नहीं फिर भी अगर कोई व्यक्ति अपने आपको उस प्रभु की निगाह में छोटा समझे तो ईश्वर उस व्यक्ति की हर समय साथ देता है। नानक देव जी की वाणी -: 1 नीचा अंदर नीच जात,नीची हूं अति नीच। नानक तिन के संगी साथ, वडियां सिऊ कियां रिस। अर्थात : समाज में समानता का नारा देने के लिए नानक देव ने कहा कि ईश्वर हमारा पिता है और हम सब उसके बच्चे हैं और पिता की निगाह में छोटा-बड़ा कोई नहीं होता। वही हमें पैदा करता है और हमारे पेट भरने के लिए खाना भेजता है। 2 नानक जंत उपाइके, संभालै सभनाह। जिन करते करना कीआ, चिंताभिकरणी ताहर॥ अर्थात : जब हम 'एक पिता एकस के हम वारिक' बन जाते हैं तो पिता की निगाह में जात-पात का सवाल ही नहीं पैदा होता। गुरु नानक देव जी की शिक्षाएँ 1 - परम पिता परमेश्वर एक हैं। 2 - सदैव एक ही ईश्वर की आराधना करो। 3 - ईश्वर सब जगह और हर प्राणी में विद्यमान हैं। 4 - ईश्वर की भक्ति करने वालों को किसी का भी भय नहीं रहता। 5 - ईमानदारी और मेहनत से पेट भरना चाहिए। 6 - बुरा कार्य करने के बारे में न सोचें और न ही किसी को सताएं। 7 – हमेशा खुश रहना चाहिए, ईश्वर से सदा अपने लिए क्षमा याचना करें। 8 - मेहनत और ईमानदारी की कमाई में से जरूरत मंद की सहायता करें। 9 - सभी को समान नज़रिए से देखें, स्त्री-पुरुष समान हैं। 10 - भोजन शरीर को जीवित रखने के लिए आवश्यक है। परंतु लोभ-लालच के लिए संग्रह करने की आदत बुरी है।
अपनी नींद को त्याग कर हमें चैन की नींद सुलाने वाले, अपने प्राणों को न्योछावर कर हमारे प्राणों की रक्षा करने वाले वीरों को हम शत-शत नमन करते हैं। आज सेना दिवस के अवसर पर पूरा देश थल सेना की वीरता अदम्य साहस और शौर्य की कुर्बानी की दास्तां को बयान करता है। सेना दिवस, भारत में हर वर्ष 15 जनवरी को लेफ्टिनेंट जनरल के. एम. करियप्पा के भारतीय थल सेना के शीर्ष कमांडर का पदभार ग्रहण करने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। उन्होंने 15 जनवरी 1949 को ब्रिटिश राज समय के भारतीय सेना के अंतिम अंग्रेज शीर्ष कमांडर जनरल रॉय फ्रांसिस बुचर से यह पदभार ग्रहण किया था। 15 अगस्त 1947 को जब भारत स्वतंत्र हुआ, तो देश भर में व्याप्त दंगे-फसादों तथा शरणार्थियों के आवागमन के कारण उथल-पुथल का माहौल था। इस कारण कई प्रशासनिक समस्याएं पैदा होने लगी और फिर स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सेना को आगे आना पड़ा। इसके पश्चात् एक विशेष सेना कमांड का गठन किया गया, ताकि विभाजन के दौरान शांति-व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके। परन्तु भारतीय सेना के अध्यक्ष तब भी ब्रिटिश मूल के ही हुआ करते थे। 15 जनवरी 1949 को फील्ड मार्शल के एम करिअप्पा स्वतंत्र भारत के पहले भारतीय सेना प्रमुख बने थे। उस समय भारतीय सेना में लगभग 2 लाख सैनिक थे। के एम करिअप्पा पहले ऐसे अधिकारी थे जिन्हें फील्ड मार्शल की उपाधि दी गई थी। उन्होंने साल 1947 में भारत-पाक युद्ध में भारतीय सेना का नेतृत्व किया था। इस दिन उन सभी बहादुर सेनानियों को सलामी भी दी जाती है जिन्होंने कभी ना कभी अपने देश और लोगों की सलामती के लिये अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया। जब-जब हमरे देश पर संकट के बदल छाए हैं इन वीर शहीद जवानों ने बड़ी कुशलता से सामना किया और हमारी धरती माँ की रक्षा की हैं। इन वीर शहीदों के बलिदान के लिए प्रशंसा रूपी पुष्प अर्पण करते हैं।
हमारे देश में कई ऐसे महापुरूष हुए हैं, जिनके जीवन और विचार से हम सभी को बहुत कुछ सीखने को मिलता है। उनके विचार ऐसे हैं कि निराश व्यक्ति भी अगर उसे पढ़े तो उसे जीवन जीने का एक नया मकसद मिल सकता है। भारत के ऐसे ही महान विचारकों में से एक हैं स्वामी विवेकानंद। स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को कलकत्ता में हुआ था। उनका बचपन का नाम नरेन्द्रनाथ दत्त था। “स्वामी विवेकानंद” नाम, उन्हें उनके गुरु रामकृष्ण परमहंस ने दिया था। अमेरिका के शिकागो में आयोजित विश्व धर्म सम्मलेन में इन्होंने भारत की ओर से सनातन धर्म का प्रतिनिधित्व किया, तथा वेदांत दर्शन का प्रसार पुरे विश्व में किया। उन्होंनेसमाज के सेवा कार्य के लिए रामकृष्ण मिशन की स्थापना की। स्वामी विवेकानंद ने अपने ज्ञानमय विचारों से देश ही नहीं विश्व में सभी को प्रभावित किया। स्वामी विवेकानंद के विचार आज के इस आधुनिक युग में प्रेरणा का एक ऐसा स्त्रोत हैं जो निराशा से भरे जीवन में आशा की एक नदी बहाते हैं। उनके ओजस्वी भाषण, उनके द्वारा दिए गए प्रेरणादाई उपदेश जीवन में आगे बढ़ने के लिए और जीवन में सफलता हासिल करने में सहायता प्रदान करते हैं। आइए जानते हैं स्वामी विवेकानंद के ऐसे अनमोल विचार जो आपको जीवन में हौंसला देंगे। -उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति ना हो जाए। -ख़ुद को कमज़ोर समझना सबसे बड़ा पाप है। -तुम्हें कोई पढ़ा नहीं सकता, कोई आध्यात्मिक नहीं बना सकता। तुमको सब कुछ खुद अंदर से सीखना है। आत्मा से अच्छा कोई शिक्षक नही है। -सत्य को हज़ार तरीकों से बताया जा सकता है, फिर भी हर एक सत्य ही होगा। -बाहरी स्वभाव केवल अंदरूनी स्वभाव का बड़ा रूप हैं। -ब्रह्माण्ड की सारी शक्तियां पहले से हमारी हैं। वो हम ही हैं जो अपनी आंखों पर हांथ रख लेते हैं और फिर रोते हैं कि कितना अंधकार है। -विश्व एक विशाल व्यायामशाला है जहां हम खुद को मज़बूत बनाने के लिए आते हैं। -दिल और दिमाग के टकराव में दिल की सुनो। -शक्ति जीवन है, निर्बलता मृत्यु हैं। विस्तार जीवन है, संकुचन मृत्यु हैं। प्रेम जीवन है, द्वेष मृत्यु हैं। -किसी दिन, जब आपके सामने कोई समस्या ना आए-आप सुनिश्चित हो सकते हैं कि आप गलत मार्ग पर चल रहे हैं। -जब तक आप खुद पर विश्वास नहीं करते तब तक आप भागवान पर विश्वास नहीं कर सकते। -एक समय में एक काम करो, और ऐसा करते समय अपनी पूरी आत्मा उसमे डाल दो और बाकी सब कुछ भूल जाओ। -चिंतन करो, चिंता नहीं, नए विचारों को जन्म दो। -जैसा तुम सोचते हो, वैसे ही बन जाओगे। खुद को निर्बल मानोगे तो निर्बल और सबल मानोगे तो सबल ही बन जाओगे। -कुछ मत पूछो, बदले में कुछ मत मांगो। जो देना है वो दो, वो तुम तक वापस आएगा, पर उसके बारे में अभी मत सोचो। -जो कुछ भी तुमको कमजोर बनाता है – शारीरिक, बौद्धिक या मानसिक उसे जहर की तरह त्याग दो। -सच्ची सफलता और आनंद का सबसे बड़ा रहस्य यह है- वह पुरुष या स्त्री जो बदले में कुछ नहीं मांगता। पूर्ण रूप से निःस्वार्थ व्यक्ति, सबसे सफल हैं। -एक विचार लो। उस विचार को अपना जीवन बना लो – उसके बारे में सोचो उसके सपने देखो, उस विचार को जियो। अपने मस्तिष्क, मांसपेशियों, नसों, शरीर के हर हिस्से को उस विचार में डूब जाने दो, और बाकी सभी विचार को किनारे रख दो। यही सफल होने का तरीका हैं। -जब लोग तुम्हे गाली दें तो तुम उन्हें आशीर्वाद दो। सोचो, तुम्हारे झूठे दंभ को बाहर निकालकर वो तुम्हारी कितनी मदद कर रहे हैं। -यदि स्वयं में विश्वास करना और अधिक विस्तार से पढ़ाया और अभ्यास कराया गया होता, तो मुझे यकीन है कि बुराइयों और दुःख का एक बहुत बड़ा हिस्सा गायब हो गया होता।
दिल्ली सरकार स्कूली शिक्षा पर एक इंटरनेशनल शिक्षा सम्मेलन का आयोजन करने जा रही है। दिल्ली शिक्षा सम्मेलन 11 जनवरी से 17 जनवरी, 2021 तक होगा। डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने सम्मेलन से संबंधित एक वेबसाइट लॉन्च कि है और ऐलान किया कि सम्मेलन में भारत के साथ 6 अन्य देशों के 22 शिक्षा विशेषज्ञ स्कूली शिक्षा के अलग अलग विषयों पर अपने विचार रखेंगे। इनमें भारत, फ़िनलैंड, इंग्लैंड, जर्मनी, सिंगापुर, नीदरलैंड और कनाडा के विशेषज्ञ भी शामिल होंगे। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 और स्कूल बंद होने के कारण बच्चों के शिक्षा को बुरी तरह प्रभावित किया है। इसलिए अब स्कूल खोलने और पढ़ाने के तरीके पहले के जैसे ही नहीं रह सकते। हमें स्कूलों को फिर से खोलने के साथ साथ बच्चों के शैक्षणिक नुकसान की हर संभव भरपाई पर विचार मंथन करना होगा, जो हम इस सम्मेलन के माध्यम से कर रहे हैं। कोरोना के प्रभाव के साथ ही नई शिक्षा नीति के आलोक में शैक्षणिक रणनीति पर इस सम्मेलन में चर्चा की जाएगी। मनीष सिसोदिया ने कहा कि सम्मेलन का उद्देश्य दुनिया भर में शिक्षा के सर्वोत्तम प्रयोगों से सीखने के साथ ही देश के अन्य स्तके होल्डर्स के साथ सहयोग की संभावनाओं का पता भी लगाना है। दिल्ली की शिक्षा-क्रांति के पांच साल के अनुभवों को भी वैश्विक आलोक में देखते हुए आगे की रणनीति बनाने का लक्ष्य है। इस सम्मेलन को दुनिया के जाने-माने शिक्षा विशेषज्ञ संबोधित करेंगे। यह सम्मेलन 11 जनवरी को शुरू होगा। इसमें बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप द्वारा पिछले पांच साल में दिल्ली के शिक्षा सुधारों पर स्वतंत्र स्टडी की रिपोर्ट भी जारी की जाएगी। इसके बाद लूसी क्रेहान का की-नोट लेक्चर होगा उन्होंने पांच देशों की शिक्षा प्रणाली का गहन अध्ययन करके ‘क्लेवर लैंड्स‘ नामक चर्चित पुस्तक लिखी है। इस सम्मेलन के दौरान 12 से 16 जनवरी तक प्रतिदिन दो घंटे का ऑनलाइन पैनल डिस्कसन किया जाएगा। इसमें भारत और अन्य 6 देशों के विशेषज्ञ विभिन्न विषयों पर चर्चा करेंगे। इसमें शैक्षणिक पाठ्यक्रम, शिक्षा शास्त्र, शिक्षा प्रशासन के साथ ही शिक्षा की बुनियाद, शिक्षकों के व्यावसायिक विकास, स्कूल प्रबंधन और शिक्षा संबंधी अन्य विषयों सम्बन्धी चर्चा की जाएगी।
GNA University has attempted to set a record of preparing maximum types of Phirni. The Faculty of Hospitality has always taken this innovative initiative. Dean Faculty of Hospitality Dr. Chef P.R. Sandilyan along with 3 faculty chefs named Chef Dhiraj Pathak, Chef Manjinder Singh and Chef Tarunveer Singh and ten Student chefs also accompanied and supported the gala attempt. The project started with the plan to make around 550 to 600 variations of Phirni, As the available ingredients and flavorings were received the chefs started making variations and combinations using the available ingredients and reached 851 varieties of Phirni. The chefs worked with 6 types of Sweeteners and 131 types of flavorings. On the completion of the event Dr. Chef P.R. Sandilyan, Dean, Faculty of Hospitality, GNA University congratulated all the participating members for the weeklong efforts to put on this event and finally accomplishing it with full zeal and unflinching fervor. Ms. Meenu Gupta, Principal, Government Senior Secondary School (Girls), Phagwara and Mr. Gursharan Singh, Government Senior Secondary School, Jagatpur Jattan joined the Event as a Verifier and Witnessed the event. They were very happy and congratulated the faculty and the University for the wonderful attempt. S. Gurdeep Singh Sihra, the Pro-chancellor GNA University, Prof. V.K. Rattan, the Vice-Chancellor, GNA University, Dr. R.K. Mahajan, Registrar GNA University, Dr. Monika Hanspal, Dean Academics, Mr. Sameer Verma, Dean Student’s Welfare and Ms. Shweta, Deputy Registrar Establishment also experienced the event and congratulated all the Faculty and Students for their strenuous efforts in putting up an exquisite display of phirnis. S. Gurdeep Singh Sihra, the Pro-chancellor GNA University expressed, “Persistent endeavors of the Hospitality department have always been a mark of great pride. I appreciate the out of box thinking in preparing a dainty variety of phirnis.”
GNA University organised a Webinar on “Building Brands in the Automobile Segment” for the students of GNA Business School. The resource person for the webinar was Mr. Vishwas Kapoor, Lead – Sales Planning at Renault India Pvt. Ltd. The webinar started with the Welcome Address of Dr. Jagdeep Singh, Deputy Dean GNA Business School. The main objective of the Webinar was to acquaint the students with the process of building phenomenal brands in the marketplace. The resource touched upon the concepts on marketing, sales and brand building with examples from Renault India on how they launched products like the Duster, Kwid and Triber. Mr. Vishwas Kapoor also explained how Renault India used innovative ways to position their products with strong attributes, making them loved by their customers and helping Renault establish itself as a strong brand in India. He also threw light upon The Kiger, the next product offering from Renault India, scheduled to be launched in Q1 of 2021. The webinar was quite interactive, as students and faculty members asked relevant queries from the Resource person which were appropriately handled and answered. The webinar ended with the vote of thanks. Mr. Gurdeep Singh Sihra, the Pro-Chancellor, GNA University expressed, “I appreciate the efforts of GBS in organizing such webinars to increase the academic acumen of the students and making them fully apprised with the global market trends”. Dr. V. K. Rattan, the Vice-Chancellor, GNA University said, “GNA University is always ready to offer the best to our GUites to make them become more knowledgeable and beat with the current market scenarios''. Dr. Monika Hanspal, Dean Academics, GNA University said, “I am firm believer that the consistent conduct of such valuable webinars will surely enhance the capabilities and skills of the management students”.
Prativaad- an Inter School Contest, one of the greatest events was organized at GNA University for 2 days December 3 & 4, 2020 in the virtual mode. The first day of the grand event on December 3, 2020, not only focused on bringing forth the young talent but also nurturing and developing competitive spirit among the students. Despite the on-going pandemic, Prativaad bagged wonderful response from various schools from all over Punjab who participated in different competitions like Blossom Buds, Character Design, Photography, Design 'O' Pedia, AD-Mad Show, Gam Jam, Codifica, Tech Jugaad, Voice of Doaba, Dance Star of Doaba, Blog Post, Develop Your Own Vehicle, Young Chef, Business Quiz and Play with Spreadsheet. The second day of the Prativaad 2020 was graced by the benign presence of S. Gurdeep Singh Sihra, the Pro-Chancellor, GNA University as the Chief Guest. The Chief Guest congratulated the young students who appeared online to grab the opportunity to meet and compete with their peers. He also ensured that GNA University focuses to encourage young talent so that they can enrich their profile and become employable along with increasing their competency and confidence. He stressed that champions are made by a strong vision, determination, persistence, skill and will. He also expressed his delight in witnessing the talent among the budding participants from all over Punjab and remarked, “GNA University is always striving for excellence and will always offer his best in producing future leaders.” The event was witnessed by worthy jury members for all the events and the worthy teachers, who had accompanied the students from their respective schools on the virtual platform. There was a tough competition seen amongst the participants participating in the events in an online mode. The participants of this annual event Prativaad were deeply thankful to S. Gurdeep Singh Sihra, the Pro-Chancellor, GNA University for providing them an opportunity to be a part of such a gala show of cultural and academic events at one platform, despite the unprecedented times. Overall, there were 15 events with a cash prize of Rs 5100/-, second of Rs 3100/- and a Third Prize of Rs 2100/- was secured by the schools in the various events. The First positions were bagged by the following schools- Blossom Buds- British Olivia School, Jalandhar Character Design- BMPS School Banga Photography- Guru Harkrishan National Model Sen Sec School Design 'O' Pedia- Cambridge International School Jalandhar AD-Mad Show- Cambridge International School for Girls, Jalandhar Gam Jam- DRV DAV Centenary Public School, Phillaur Codifica- Satluj School Banga Tech Jugaad- Kamla Nehru School, Phagwara Voice of Doaba- S.D Model Sr. Sec School Phagwara Dance Star of Doaba- Divine Public School, Phagwara Blog Post- BSF SSS, Jalandhar Develop Your Own Vehicle- Govt. Sen. Sec. School Nawansher Young Chef- Kamla Nehru Public School, Phagwara Business Quiz- MD Dayanand School Play with Spreadsheet- British Olivia School, Jalandhar 3 Viewer’s Choice Awards were also given in the below-mentioned categories- Voice of Doaba- S.D Model Sr. Sec School Phagwara Photography- DRV DAV Sen. Sec. School Phillaur Dance Star of Doaba- BSF School, Jalandhar
हिमाचल प्रदेश में 12वीं पास बच्चों के लिए राहत भरी खबर आई है। उच्च शिक्षा निदेशालय ने कॉलेजों में दाखिले की तारीख को 5 दिसंबर तक बढ़ा दिया है। 12वीं पास बच्चे जिन्हें कॉलेज में एडमिशन की चिंता सता रही थी उन को बड़ी राहत मिली है। कोरोना वायरस की वजह से जो बच्चे कॉलेजों में दाखिला नहीं ले पाए थे उन्हें शिक्षा निदेशालय ने एक और मौका दिया है। वहीँ स्कूल शिक्षा बोर्ड ने हाल ही में दसवीं कक्षा के परिणाम भी घोषित किए थे पर विद्यार्थियों को कॉलेज में एडमिशन नहीं मिल रहा था। लेकिन अब तिथि बढ़ाए जाने के बाद विद्यार्थियों को बड़ी राहत मिली है। इससे कई विद्यार्थियों का 1 साल खराब होने से बच गया है।
कोरोना संकट के बिच आज से देशभर में अनलॉक 6.0 की शुरुआत हो गई है। इस ही के साथ कई राज्यों में स्कूल व कॉलेज भी खोल दिए गए हैं। आज हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, आंध्र प्रदेश और असम में स्कूल खुल गए। इन राज्यों के स्कूलों के अलावा देश भर में मौजूद केंद्रीय विद्यालय व नवोदय विद्यालय भी 9वीं से 12वीं तक के छात्रों के लिए खोल दिए गए हैं। बता दें हिमाचल में आज 9वीं से 12वीं के छात्रों के लिए स्कूल खोल दिए गए। हालाँकि कई जिलों के स्कूलों में बच्चे काफी काम मात्रा में दिखे। वहीँ बिना अभिभावकों की लिखित इजाजत के बच्चों को स्कूलों में नहीं जाने दिया गया। साथ ही स्कूलों में बच्चों के आने को लेकर भी काफी तैयारियां दिखीं। स्कूलों के गेट पर सैनिटाइज़र, थर्मल स्क्रीनिंग और सोशल डिस्टन्सिंग का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। स्कूलों में मास्क लगाना भी अनिवार्य किया गया है।
"महान सपने देखने वालों के महान सपने हमेशा पूरे होते हैं।" ये कहना था भारत के महान वैज्ञानिक, मिसाइल मैन डॉ ए.पी.जे अब्दुल कलाम का। कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को रामेश्वरम, तमिलनाडु में हुआ था। उनका पूरा नाम अबुल पकिर जैनुलाअबदीन अब्दुल कलाम हैं। मिसाइल टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में कलाम के महत्वपूर्ण कार्यों के कारण उन्हें मिसाइल मैन के नाम से भी जाना जाता है। कलाम भारतीय गणतंत्र के ग्यारहवें निर्वाचित राष्ट्रपति भी बने। भारत रत्न ए पी जे अब्दुल कलाम भारत के पूर्व राष्ट्रपति, जानेमाने वैज्ञानिक और इंजीनियर के रूप में विख्यात हैं। वो इन सब उपलब्धियों के साथ साथ एक महान शिक्षक भी थे। उनके दिए लैसन्स आज भी हर बच्चे, हर नागरिक के लिए प्रेरणा का स्त्रोत हैं। उनके विचार न केवल बच्चों बल्कि हर भारतीय को प्रेरणा देते हैं। कलाम के विचार ही नहीं बल्कि उनका पूरा जीवन ही प्रेरणा की कहानी है। उन्हीं कलाम के कुछ अनमोल विचार ये रहे। अगर तुम सूरज की तरह चमकना चाहते हो तो पहले सूरज की तरह जलो। युवाओं को मेरा सन्देश है कि अलग तरीके से सोचें, कुछ नया करने का प्रयत्न करें, अपना रास्ता खुद बनायें, असंभव को हासिल करें जब हम परेशानियों में फँसे होते हैं तो हमें अहसास होता है कि एक छुपा हुआ साहस हमारे अंदर है जो हमें तब ही दिखाई देता है जब हम असफलता का सामना कर रहे होते हैं। हमें उसी छुपे हुए साहस और शक्ति को पहचानना है। यदि चार बातों का पालन किया जाए – एक महान लक्ष्य बनाया जाए, ज्ञान अर्जित किया जाए, कड़ी मेहनत की जाए, और दृढ रहा जाए – तो कुछ भी हासिल किया जा सकता है। रचनात्मकता भविष्य में सफलता की कुंजी है, प्राथमिक शिक्षा ही वह साधन है जो बच्चों में सकारात्मकता लाती है। महान सपने देखने वाले महान लोगों के सपने हमेशा पूरे होते हैं। आपके सपने सच होने से पहले आपको सपने देखने होंगे छोटा लक्ष्य अपराध है। महान शिक्षक ज्ञान, जूनून और करुणा से निर्मित होते हैं। मेरे लिए, दो तरह के लोग हैं: युवा और अनुभवी। भारत के लिये मेरा 2020 विजन है- इसे एक विकसित राष्ट्र में बदल देना। ये भावात्मक नहीं हो सकता; यह एक जीवन रेखा है। जो अपने दिल से काम नहीं कर सकते वे हासिल करते हैं, लेकिन बस खोखली चीजें, अधूरे मन से मिली सफलता अपने आस-पास कड़वाहट पैदा करती है। जब तक भारत दुनिया के सामने खड़ा नहीं होता, कोई हमारी इज्जत नहीं करेगा। इस दुनिया में, डर की कोई जगह नहीं है। केवल ताकत ताकत का सम्मान करती है। अगर तुम सूरज की तरह चमकना चाहते हो तो पहले सूरज की तरह जलो। तब तक लड़ना मत छोड़ो जब तक अपनी तय की हुई जगह पे ना पहुँच जाओ- यही, अद्वितीय तुम हो। ज़िन्दगी में एक लक्ष्य रखो, लगातार ज्ञान प्राप्त करो, कड़ी मेहनत करो, और महान जीवन को प्राप्त करने के लिए दृढ रहो।
आज से हिमाचल प्रदेश के सभी स्कूलों में 100 फीसदी शिक्षक व गैर शिक्षक लौट आएं हैं। सरकार द्वारा 12 अक्टूबर से सभी स्कूलों में नई व्यवस्था लागु कर दी है। वहीं स्कूलों को स्कूल आने वाले विद्यार्थियों की संख्या और कमरों के हिसाब से माइक्रो प्लान बना कर 17 अक्टूबर तक शिक्षा उपनिदेशकों को भेजने को खा गया है। साथ ही 15 से 17 अक्टूबर तक ई-पीटीएम कर अभिवावकों के साथ भी संवाद स्थापित करने कोख गया है। हालांकि विद्यार्थियों के स्कूलों में नियमित तौर पर बुलाने के फैसले का अभी इंतज़ार रहेगा। केंद्र सरकार द्वारा 15 अक्तूबर के बाद शिक्षण संस्थान खोलने का फैसला राज्य सरकारों पर छोड़ा गया है। हिमाचल में इसको लेकर कैबिनेट की बैठक में फैसला लिया जाना था पर BJP के विधायक के पॉजिटिव आने के मुख्यमंत्री क्वारंटाइन हो गए। कारणवश कैबिनेट की बैठक स्थगित करनी पड़ी। ऐसे में शिक्षा विभाग अपने स्तर पर फैसला लेते हुए अब स्कूलों को छात्रों के लिए खोलने से फ़िलहाल इनकार किया है। केंद्र की एसओपी को लागू करते हुए शिक्षा विभाग ने फिलहाल सोमवार से सौ फीसदी शिक्षकों और गैर शिक्षकों को बुलाने का फैसला लिया है। 12 से 16 अक्तूबर तक विद्यार्थियों के लिए स्कूल खोलने का माइक्रो प्लान बनाया जाएगा।
अटल शिक्षा कुञ्ज कालूझिंडा स्थित आईईसी विश्वविद्यालय में, सोमवार को तृतीय दीक्षांत समारोह का आयोजन ऑनलाइन माध्यम से किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि प्रोफेसर (डॉ०) कुलदीप चंद अग्निहोत्री, माननीय कुलपति, केंद्रीय विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश सहित गेस्ट ऑफ़ हॉनर डॉ० मनप्रीत सिंह मन्ना, संत लौंगोवाल अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान, लौंगोवाल (पूर्व निदेशक- एआईसीटीई व आईआईएमटी स्टडीज, यू० के० के सलाहकार बोर्ड के सदस्य) और डॉ० आमना मिर्ज़ा, सहेयक प्रोफेसर, राजनीतिक अध्ययन, एसपीएम कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय, गवर्निंग बॉडी के सदस्य डॉ० श्रीकांत शर्मा, श्री० दिग्विजय चौहान सहित विशिष्ट अतिथि, डिग्री प्राप्त करने वाले छात्र, पूर्व छात्र वेबकास्ट के माध्यम से देश के विभिन्न हिस्सों से इस समारोह में उपस्थित रहे। दीक्षांत समारोह का आयोजन विश्वविद्यालय के नियमानुसार हुआ जिसमें कुलपति डॉ० अंजू सक्सेना ने अपने उद्बोधन में बताया कि इस अवसर पर आईईसी विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के स्नातक, स्नातकोत्तर, एम.फिल, पीएचडी के 440 विद्यार्थिओं को डिग्री वितरित की गई। कोरोना महामारी की स्थिति के कारण सोशल डिस्टन्सिंग का पालन करते हुए केवल स्वर्ण पदक विजेता व कक्षा के टॉपर्स को ही विश्वविद्याल में आमंत्रित किया गया। मुख्य अतिथि प्रोफेसर (डॉ०) कुलदीप चंद अग्निहोत्री जी ने अपने संदेश में भारतीय दीक्षांत परम्परा की प्रशंसा करते हुए सभी उपाधि-धारकों को शुभकामनाएं दी और अर्जित विद्या का उपयोग लोकहित में करने की कामना की। विश्वविद्यालय के कुलाधिपति माननीय डॉ० नवीन गुप्ता जी ने कार्यक्रम में सभी उपाधि-धारकों को बधाई दी और विश्वविद्यालय के उद्देश्य को दोहराते हुए छात्रों के पूर्ण विकास को सुनिश्चित करने के लिए सभी छात्रों को और बेहतर व आधुनिक ढंग से प्रशिक्षित करने के लिए हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। कार्यक्रम के अंत में कुलसचिव विनोद कुमार ने इस दीक्षांत समारोह के आयोजन को ऑनलाइन माध्यम से सफल बनाने के लिए सभी का धन्यवाद किया।
सोलन। हिमाचल की बेटी वंशिता ने प्रदेश में अपना और बद्दी क्षेत्र का नाम रौशन किया है। वंशिता ने ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन (JEE) मेन 2020 में हिमाचल प्रदेश में टॉप किया है। वंशिता ने 99.83 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं। वंशिता ने 12वीं तक की पढ़ाई नवज्योति सेंचुरी स्कूल बद्दी से की है और चंडीगढ़ से कोचिंग ले रही थी। वंशिता के पिता राकेश ठाकुर HPSEBL सोलन में बतौर SE कार्यरत है जबकि उनकी माँ आरती ठाकुर शिक्षिका है। वंशिता ने बताया कि उनको बचपन से ही अध्यापकों व माता पिता ने सही दिशा दिखा कर हर क्षेत्र में आगे आने के लिए प्रोत्साहित किया। जिसके बुते ज़िंदगी का पहला सपना सच हुआ और मेहनत रंग लाई। वंशिता ने अपनी इस सफलता का श्रेय माता-पिता और टीचर्स को दिया है। टॉपर लिस्ट में शामिल होने पर वंशिता ठाकुर ने कहा कि उन्होंने इसके लिए कड़ी मेहनती की थी। वह अपनी तैयारी को लेकर काफी आश्वस्त थी और परीक्षा में सफलता को लेकर उनके मन में संदेह नहीं था। वंशिता ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि यह बिल्कुल सच है कि बेटियां किसी भी क्षेत्र में किसी से कम नहीं है, और शिक्षा व संस्कारों की मजबूत नींव हो तो हर सपने को साकार किया जा सकता है।
Dr YS Parmar University of Horticulture and Forestry (UHF), Nauni has extended the last date for admissions for all its undergraduate programmes. The last date for online submission of application forms for Undergraduate Programmes- B Sc (Hons) Horticulture/ Forestry/ B Tech Biotechnology (both normal and self-financing seats) has been extended till 3rd September, 2020. The date for filling up of counselling proformas for UG programmes have also been extended till 3rd September, 2020. All the candidates who have filled online application forms have been advised to download the counselling proforma from the university website and fill it as per the instructions mentioned on it. Those students who have applied for both normal as well as self-financing seats need to fill two separate proformas. A single page pdf file must be created, containing scanned filled counselling proforma along with legible documents mentioned in the checklist as provided in the counselling proforma. For normal seats: the scanned pdf file must be sent through email to uhf.ugnormal20@gmail.com and for self-financing seats, the scanned pdf file must be sent by email to uhf.ugselffin20@gmail.com on or before 3rd September, 2020. Every candidate must submit the duly filled counselling proforma in order to be considered for the admission.
नालागढ़ कॉलेज में बीए, बीएससी, बीकॉम 6 सेमेस्टर की होने वाली परीक्षाओं के लिए कॉलेज प्रशासन ने गाइडलाइन जारी कर दी है इस दौरान एग्जामिनेशन सेंटर के साथ-साथ कमरों में सनितिज़ेशन किया जा रहा है जहां पर बच्चे बैठ कर अपना पेपर देंगे । कॉलेज की प्रधानाचार्य सुनीता सिंह ने बताया कि कोरोना संक्रमण के चलते सभी कमरों और एग्जामिनेशन हाल को सन्नीटाईज़ किया जा रहा है नालागढ़ कॉलेज के दोनों हॉस्टल प्रशासन की ओर से आइसोलेशन सेंटर बनाए गए थे जिन्हें 10 अगस्त को प्रशासन ने खाली कर दिया उसके बाद से कॉलेज प्रबंधन उसमें सैनिटाइज कर रहा है जो बच्चे हॉस्टल में रहते हैं वह बिना डर से एग्जाम दे सकते हैं उनके लिए सभी प्रकार की सुविधाएं दी जा रही है। प्रधानाचार्य ने कहा कि एग्जाम को लेकर सभी तरह की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं,गेट पर एंटर होते ही बच्चों की थर्मल स्कैनिंग की जाएगी उसके बाद एग्जामिनेशन सेंटर में जाने के लिए सभी तरह की गाइडलाइन गेट पर ही बच्चों को उपलब्ध करवाई जायेगी। इसके लिए कॉलेज प्रबंधन ने कमेटी का गठन कर दिया है। जो बच्चे अन्य राज्यों से आ रहे हैं वह अपना एडमिट कार्ड दिखाकर बैरियर से क्रॉस कर सकते है।
वो दौर था 1857 का, पूरे देश में क्रांति की ज्वाला भड़क रही थी। ऐसे में पहाड़ों की शांत वादियों में लगी चिंगारी भी कम नहीं थी। धीमें से सुलग रही इस क्रांति की चिंगारी ने जब विकराल रूप लिया तब लगभग पूरा हिमाचल इसकी जद में आ गया। 20 अप्रैल 1857, वो दिन जब पहली बार हिमाचल प्रदेश में अंग्रेज़ों के खिलाफ धधक रही ज्वाला ने विकराल रूप धारण किया। क्रांति का आगाज़ हुआ कसौली से। अंबाला राइफल डिपो के छह भारतीय सैनिकों ने कसौली थाने को आग के हवाले कर दिया। अंग्रेजों के सुरक्षित गढ़ कही जाने वाली कसौली छावनी पर हुए इस हमले से गोरे बौखला उठे और उन्होंने अन्य छावनी क्षेत्रों व कंपनी सरकार के कार्यालयों की सुरक्षा कड़ी कर दी। गोरों ने कई क्रांतिकारियों को जेलों में डाल दिया और कईयों को सूली पर चढ़ा दिया, पर सैनिकों का बलिदान ज़ाया नहीं गया। कसौली से भड़की इस ज्वाला ने पूरे हिमाचल में आज़ादी की अलख जगा दी। इसके बाद डगशाई छावनी, सुबाथू, कालका व जतोग में क्रांति की लहर दौड़ी। उधर कांगड़ा, नूरपुर, धर्मशाला, कुल्लू-लाहुल, सिरमौर व अन्य रियासतों में भी विद्रोह प्रखर हो गया। बुशहर के राजा शमशेर सिंह, कुल्लू-सिराज के युवराज प्रताप सिंह, सुजानपुर के राजा प्रताप चंद गुप्त रूप से क्रांतिकारियों की गतिविधियों में संलिप्त हो गए। 11 मई को अंग्रेजों को मेरठ, दिल्ली और अम्बाला में विद्रोह की सुचना मिली। गोरों ने कसौली, सुबाथू, डगशाई व जतोग की छावनियों को अंबाला कूच का आदेश दिया। भारतीय सैनिकों ने इस आदेश का खुले तौर पर विद्रोह किया और बगावत का ऐलान कर दिया। 13 मई को जतोग में गोरखा रेजिमेंट ने सूबेदार भीम सिंह के नेतृत्व में देशी सैनिकों ने अंग्रेजों पर धावा बोल दिया। सिर्फ 45 क्रांतिकारियों ने 200 अंग्रेजों को धूल चटा दी। सैनिकों ने कसौली ट्रेजरी को लूटा और जतोग की तरफ बढ़ने लगे। इस बारे में अंग्रेज़ों के तत्कालीन कमिश्नर पी. मैक्सवैल ने अपनी डायरी में जिक्र किया है और हैरानी जताई है कि कैसे मुट्ठीभर क्रांतिकारियों ने अपने से चार गुना अधिक अंग्रेजी सेना को हरा दिया था। इसके बाद विद्रोह की डोर स्थानीय पुलिस ने अपने हाथों में ली। स्थानीय पुलिस गार्ड के दरोगा बुद्धि सिंह जतोग पर कब्जे के लिए रवाना हो गए। जतोग पहुँचते पहुँचते रास्ते में अंग्रेजी सेना ने कुछ क्रांतिवीरों को पकड़ लिया तो कुछ मारे गए। जबकि बुद्धि सिंह ने गोरों के हाथों मरने से भला स्वयं को गोली मरना समझा और वो शहीद हो गए। पहाड़ी रियासतों में क्रांति योजनाबद्ध तरीके से हो रही थी, जिसके लिए एक गुप्त संगठन बना हुआ था, जिसके सदस्य सूचनाओं को यहां-वहां पहुंचाया करते थे। पहाड़ों में इस क्रांति के नेता पंडित राम प्रसाद वैरागी थे। वैरागी सुबाथू मंदिर में पुजारी थे। वे संगठन पत्रों के माध्यम से संदेश भेजा करते थे। 12 जून 1857 को इस संगठन का कुछ पत्र अंबाला के कमिश्नर जीसी बार्नस के हाथ लगे, जिसमें दो पत्र राम प्रसाद वैरागी के भी थे। इसके साथ ही संगठन का भेद खुल गया। वैरागी को पकड़ कर अंबाला जेल में फांसी पर चढ़ा दिया गया। क्रांतिकारियों को सहयोग न मिला व अंग्रेज़ों ने 1857 के विद्रोह को दो महीनो में ही दबा दिया और प्रदेश में लगी विद्रोह की ज्वाला कुचल दी गई।
लॉरेंस स्कूल सनावर हि.प्र. के विद्यार्थी हर्षअंगद सिंह ने सीबीएसई द्वारा आयोजित दसवीं की परीक्षा में 96.6 फीसदी अंक प्राप्त करके अपने स्कूल व अभिभावकों का नाम रोशन किया है। हर्षअंगद सिंह ने गणित में 100 में से 100 अंक प्राप्त किए। लॉरेंस स्कूल सनावर देश के प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों में से एक है, जिसने देश को कई राजनेता व हस्तियां दी हैं।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज सोलन जिला में कण्डाघाट के नजदीक चायल रोड़ पर बने दिल्ली वर्ल्ड पब्लिक स्कूल के उद्घाटन किया। इस अवसर पर उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि समझौता ज्ञापन हत्ताक्षरित करने के एक वर्ष के भीतर ही 250 करोड़ रूपए की लागत से निर्मित दिल्ली वल्र्ड पब्लिक स्कूल, कण्डाघाट अस्तित्व में आ जाना प्रदेश सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में किए जा रहे दृढ़ प्रयासों की सफलता का प्रमाण है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने एक वर्ष पहले स्कूल प्रबन्धन के साथ इस शिक्षण संस्थान को खोलने के लिए 250 करोड़ रुपये का समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किया था और यह प्रसन्नता का विषय है कि एक वर्ष की अल्पावधि में ही यह संस्थान बन कर तैयार हो गया है। उन्होंने कहा कि यह संस्थान आने वाले समय में न केवल 6 हजार विद्यार्थियों को बेहतरीन शिक्षा सुविधाएं प्रदान करेगा बल्कि क्षेत्र के 800 से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार उपलब्ध भी करवाएगा। क्षेत्र के लोगों को गुणवत्तापूर्ण व विश्व स्तरीय शिक्षा सुविधाएं प्रदान करने के अलावा यह संस्थान क्षेत्र के लोगों की आर्थिकी भी सुदृढ़ करेगा। जय राम ठाकुर ने कहा कि स्कूलों का मुख्य कार्य नई पीढ़ी में सांस्कृतिक मानक व मूल्यों का हस्तांतरण करना है क्योंकि स्कूल हमारी विविध जनसंख्या को एकल राष्ट्रीय पहचान वाले समाज में बदलते हैं और आने वाली पीढ़ियों को राष्ट्र निर्माण के लिए तैयार करते हैं। उन्होंने कहा कि स्कूल ज्ञान, सीखने और पढ़ने के शैक्षणिक कौशल के संचार के साधन हैं। उन्होंने कहा कि यह स्कूल राज्य के विद्यार्थियों के लिए अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं प्रदान करके उन्हें जीवन के हर क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए तैयार करेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक वर्ष की अल्पावधि में स्कूल प्रबंधन द्वारा हिमाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी राज्य में विश्व स्तरीय शिक्षण संस्थान का निर्माण वास्तव में सराहनीय कार्य है जो विद्यार्थियों को विश्व स्तरीय सुविधाएं प्रदान करने की स्कूल प्रबंधन की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह स्कूल अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने में सफल होगा। जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के विकास और प्रगति के लिए निजी सहभागिता को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है, जिसके लिए गत वर्ष धर्मशाला में ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट का आयोजन किया गया था। उन्होंने कहा कि इस मैगा इवेंट में 36 देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया और प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस अवसर की शोभा बढ़ाई। उन्होंने कहा कि प्रदेश 96000 करोड़ रुपये से अधिक के समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित करने में सफल रहा और ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट के एक माह के भीतर 13,500 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का ग्राउंड बे्रकिंग का कार्यक्रम आयोजित किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हर्ष का विषय है कि स्कूल प्रबन्धक ने प्रदेश से संबंध रखने वाले विद्यार्थियों के लिए 60 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने के अलावा कण्डाघाट तहसील से सम्बन्ध रखने वाले विद्यार्थियों के लिए शुल्क में 15 प्रतिशत छूट देने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि एक छोटा राज्य होने के बावजूद भी हिमाचल प्रदेश ने देश के बहुत से बड़े राज्यों को रास्ता दिखाया है। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश शिक्षा के क्षेत्र में ही नहीं बल्कि अन्य विभिन्न क्षेत्रों में विकास के आदर्श राज्य के रूप उभरा है। शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्धाज ने कहा कि एक समय में भारत को विश्व गुरू का दर्जा हासिल था और अब समय आ गया है कि इस पुरानी प्रतिष्ठा को पुनः प्राप्त करने के लिए हम सामुहिक रूप से कार्य करें। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के दूरदर्शी नेतृत्व में राज्य सरकार हिमाचल प्रदेश को देश का सबसे विकसित और प्रगतिशील राज्य बनाने के लिए कृतसंकल्प है। इससे पूर्व दिल्ली वल्र्ड पब्लिक स्कूल के अध्यक्ष बलवान शौकीन ने मुख्यमंत्री तथा अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि इस स्कूल का मुख्य उद्देश्य क्षेत्र के विद्यार्थियों को उनके घरद्धार पर विश्व स्तरीय शिक्षण सुविधाएं प्रदान कर उन्हें जिम्मेदार नागरिक बनाना है। उन्होंने कहा कि स्कूल कण्डाघाट तहसील के विद्यार्थियों को फीस में 15 प्रतिशत छूट देगा। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डाॅ. राजीव सैजल, सांसद सुरेश कश्यप, विधायक कर्नल डाॅ. धनी राम शांडिल, भाजपा नेता डाॅ. राजेश कश्यप, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुंडू और स्कूल की प्रधानाचार्य रीना पांटा सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
वी एस एल एम कॉलेज ऑफ एजुकेशन चंडी के सभागार में बीएड एवं डीएलएड के वरिष्ठ प्रशिक्षुओं ने कॉलेज के नव आगंतुक एवं कनिष्ठ बीएड और डीएलएड के प्रशिक्षुओं के स्वागत सम्मान में एक रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम( ”नूतन प्रशिक्षु अभिनंदन समारोह ") का आयोजन किया l इस कार्यक्रम में कॉलेज के संस्थापक अध्यक्ष सुरेश चंद्र शर्मा बतौर मुख्य अतिथि एवं कॉलेज प्रबंधन समिति के सचिव चंद्रमोहन शर्मा विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहेl इस रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का आगाज मां सरस्वती वंदना एवं मुख्य अतिथि द्वारा दीप प्रज्वलन के उपरांत स्वागत गीत से हुआ lइस के उपरांत बीएड एवं डीएलएड के प्रशिक्षुओं ने बारी-बारी से सांस्कृतिक कार्यक्रमों की मनमोहक प्रस्तुतियां दी lजिसने सभागार में उपस्थित सभी को अपनी मनमोहक प्रस्तुतियों से मंत्रमुग्ध कर दिया l इन प्रस्तुतियों के तहत बीएड एवं डीएलएड प्रशिक्षुओं ने पंजाबी भंगड़ा, गिद्दा , हिमाचली नाटी ,हरियाणवी नृत्य एकल गान , एवं शिक्षाप्रद लघु नाटका का प्रस्तुतीकरण एवं मंचन किया lइस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण मिस्टर एवं मिस फ्रेशर प्रतियोगिता रही l जिसमें कॉलेज के नवीन बीएड एवं डीएलएड के प्रशिक्षुओं ने मॉडलिंग के द्वारा अपनी दिलकश अदाओं से सबको मन मोह लिया l इस प्रतियोगिता में निखिल को मिस्टर फ्रेशर एवं दीक्षा को मिस फ्रेशर ऑफ वी एस एल एम कॉलेज ऑफ एजुकेशन चंडी के खिताब से नवाजा गया l. इसी के तहत इस प्रतियोगिता में रोहित को मिस्टर पर्सनैलिटी एवं शोभना को मिस पर्सनैलिटी के खिताब से भी नवाजा गया l कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि ने अपने संबोधन में बच्चों को समाज में फैल रही नशे जैसी कुरीतियों से दूर रहने का आह्वान किया साथ ही प्रशिक्षुओं को कर्मठता के साथ अपने कार्य को करने का आह्वान किया l इसके साथ उन्होंने नूतन वर्ष की सभी को शुभकामनाएं एवं उनके उज्जवल भविष्य की कामना की l इसके उपरांत कॉलेज प्रबंधन समिति के सचिव चंद्रमोहन शर्मा ने भी सभागार में सभी को संबोधित करते हुए कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रमों से बच्चों को अपनी छिपी हुई प्रतिभा को दिखाने का सुअवसर प्राप्त होता है l साथ ही उन्होंने कॉलेज द्वारा बच्चों की जनकल्याण के लिए किए जा रहे कार्यों के बारे में प्रकाश डाला l कार्यक्रम के अंत में कॉलेज विभागाध्यक्ष राज मणि शर्मा ने भी इस कार्यक्रम पर अपने विचार रखें और नव वर्ष की सभी को शुभकामनाएं दीl इसके उपरांत डी एल एड प्रथम वर्ष कि प्रशिक्षु रोहित ने इस भव्य एवं यादगार स्वागत सम्मान कार्यक्रम के आयोजन एवं प्रबंधन के लिए कॉलेज के डीएलएड एवं बीएड के वरिष्ठ प्रशिक्षुओं का अपने कनिष्ठ एवं नवीन साथी प्रशिक्षुओं की तरफ से तहे दिल से धन्यवाद किया l इस कार्यक्रम में कॉलेज प्रवक्ता हीरा दत्त शर्मा, संजीव चौहान , सपना चौहान ,कुसुमलता शर्मा, प्रीति शर्मा ,सुमेधा ठाकुर एवं कॉलेज के गैर शिक्षक वर्ग से सुमन लता रितिका के अलावा वी एस एल एम संस्कार भारती की प्रधानाचार्य कल्पना ठाकुर, दीपक एवं समस्त स्टाफ के सदस्य एवं बीएड और डीएलएड के समस्त प्रशिक्षु इस कार्यक्रम में उपस्थित रहेl
सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा है कि चंद उद्योगपतियों की इस सरकार ने देश को गृह युद्ध की ओर धकेल दिया है। जाति-धर्म में बांटकर लड़ाई-झगड़े करवाए जा रहे हैं, जोकि इनका विकास का एजैंडा बन गया है। उन्होंने कहा कि यह सरकार सदियों तक याद रखी जाएगी, क्योंकि 70 साल में इस सरकार के समय कमरतोड़ महंगाई ने सारे रिकार्ड तोड़ दिए हैं। बेरोजगारी से युवा दुखी व परेशान हैं। देश की जनता का ध्यान बांटने के लिए नित नए-नए हथकंडे अपनाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि गलत नीतियों के चलते देश की आर्थिक स्थिति डांवाडोल हो गई है। लोकतंत्र की परिभाषा बदल दी गई है और ज्वलंत मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए लड़ाई-झगड़ों में जनता को उलझाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गृह युद्ध से ऐसे हालात बना दिए गए हैं, जिसमें तिल-तिल पूरा देश जल रहा है। उन्होंने कहा कि देश की जी.डी.पी. दर की इतनी गिरावट आज तक नहीं देखी। अर्थव्यवस्था चकनाचूर हो चुकी है। बैंक कंगाल हो चुके हैं तथा आर.बी.आई. को खोखला किया जा रहा है। ई.डी. व सी.बी.आई. को अपने हिसाब से सरकार के खिलाफ आवाज उठाने वालों के खिलाफ चलाया जा रहा है। राजेंद्र राणा ने कहा कि देश का हरेक वर्ग इस समय सरकार से त्रस्त हो चुका है। अब नागरिकता संशोधन कानून से सरकार ने पूरे देश में अशांति व अराजकता का माहैल बना दिया है। विद्यार्थियों को भी निशाना बनाया जा रहा है। जिस सरकार में विद्यार्थी ही सुरक्षित नहीं हैं तथा महिलाएं रात को अकेले घर से बाहर नहीं जा सकती हैं। ऐसी सरकार कोई क्या उम्मीद कर सकती है।
The Dr YS Parmar University of Horticulture & Forestry (UHF), Nauni signed a Memorandum of Understanding (MoU) with Ludhiana based Soft-Tech Renewable Energies for a joint programme of Research, Development, Demonstration and Promotion of renewable energy technologies. Under the agreement, the company will work with the university for submitting joint projects in the field of renewable energy to various funding agencies. Besides, working on the development of solar chulha for cooking, space and water heating, the two parties will also undertake research on thermally efficient solar drier with phase change material and solar thermal application for waste-water treatment. Both partners will also jointly design renewable energy systems for potential technologies and applications. The company with the help of UHF scientists will jointly evaluate the system performance and publish the success stories in national and international journals. The possibilities for filing joint patents of innovative ideas during the execution of MoU will also be explored. The university also signed an MoU with Atal Bihari Vajpayee Government Institute of Engineering and Technology, Pragatinagar for co-operation in the fields of Landscaping, Food Processing and apple cultivation. The tie-up will involve the exchange of scientific and technical information. Moreover, the students of both institutions will undertake exchange and visits and conduct joint research activities. Joint seminars and conferences, faculty development programmes and training of students will also be undertaken as part of the collaboration.The MoUs were signed by Director Research Dr JN Sharma, in the presence of Vice-Chancellor Dr Parvinder Kaushal. Deans Dr ML Bhardwaj and Dr Kulwant Rai and university scientists Dr SK Bhardwaj, Dr KK Raina and Dr RK Aggarwal were also present on the occasion.
डीएवी अम्बुजा विद्या निकेतन दाड़लाघाट में वैदिक मंत्रों के साथ हवन किया गया।हवन में दिसंबर माह में जन्मे बच्चों ने भाग लिया और वैदिक मंत्रों का उच्चारण करते हुए हवन में आहुतियां डाली।मंत्रों के उच्चारण में पूरा डीएवी अम्बुजा कैंपस भक्तिमय हो गया।बच्चों के अलावा इसमें प्रधानाचार्य मुकेश ठाकुर तथा अन्य अध्यापकों ने भी भाग लिया और मंत्रोच्चारण के साथ हवन में आहुतियां डाली।इस मौके पर प्रधानाचार्य मुकेश ठाकुर ने पूर्णाहुति डालते हुए अपने संबोधन में सबसे पहले बच्चों को जन्म दिवस की बधाई दी तथा कहा कि हवन और वेद मंत्र हमे एकाग्रता प्रदान करते हैं जिसमें हम अपने काम में सफलता प्रदान कर सकते हैं।विद्यार्थी इससे खासतौर पर लाभ उठा सकते हैं।
प्रदेश सरकार द्वारा कार्यान्वित किए जा रहे मादक पदार्थ एवं मदिरा व्यसन पर रोक अभियान के अन्तर्गत आज यहां भाषा एवं संस्कृति विभाग सोलन द्वारा नशा निवारण पर भाषण एवं नारा लेखन प्रतियोगिताएं आयोजित की गई। जिला के विभिन्न विद्यालयों के छात्रों ने नशे से होने वाली हानियों व नशे के पीडि़तों के लक्षण व बचाव के संबंध में भाषण व नारा लेखन प्रतियोगिता के माध्यम से अपने विचार प्रकट किए। कार्यक्रम का शुभारंभ जिला भाषा अधिकारी कान्ता नेगी ने किया। उन्होंने कहा कि इस तरह की प्रतियोगिताओं के आयोजन का उद्देश्य युवाओं को नशे जैसी बुराई से दूर रखना है। उन्होंने कहा कि युवाओं के कलात्मक गतिविधियों में भाग लेने से जहां उनका कलात्मक कौशल निखर कर सामने आएगा वहीं उन्हें समाज में जिम्मेदार नागरिक बनने की प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने कहा कि युवा दृढ़ संकल्प व इच्छा शक्ति से नशे जैसी दुष्प्रवृति से छुटकारा पा सकते हैं। भाषण प्रतियोगिता में गीता आदर्श विद्यालय सोलन के सौरभ प्रथम, राजकीय छात्र वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला सोलन के अजय द्वितीय तथा राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला गौड़ा की महक कंवर ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। नारा लेखन प्रतियोगिता के वरिष्ठ वर्ग में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला गौड़ा की महक कंवर पहले, राजकीय छात्र वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला सोलन के चंद्रशेखर दूसरे तथा राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला गौड़ा की मानसी कंवर तीसरे स्थान पर रहीं। राजकीय छात्र वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला सोलन के नवीन को सांत्वना पुरस्कार प्रदान किया गया। प्रतियोगिता के मध्यम वर्ग में राजकीय छात्र वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला सोलन के सागर दीप्टा प्रथम, इसी पाठशाला के अमन द्वितीय तथा राजकीय छात्रा वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला सोलन की खुशी यादव तृतीय स्थान पर रही। सरस्वती विद्या मंदिर सोलन की सोनाली को सांत्वना पुरस्कार प्रदान किया गया। नशा निवारण अभियान के तहत स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा जिला के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों, ग्राम पंचायतों एवं आंगनबाड़ी केंद्रों में 877 प्रतिभागियों को नशे से होने वाली हानियों व इससे बचाव के संबंध में जागरूक किया गया। शूलिनी विश्वविद्यालय के रेड रिबन क्लब में 10, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान सोलन में 150, धर्मपुर विकास खंड की ग्राम पंचायत जाबली में 130, ग्राम पंचायत दियोठी में 70, चिकित्सा खंड अर्की की राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला नवगांव में 68, चिकित्सा खंड चंडी के अंतर्गत ग्राम पंचायत नालका में 60, आंगनबाड़ी केंद्र लोअर बटेड़ में 20, चिकित्सा खंड सायरी के राजकीय माध्यमिक विद्यालय में 50, धर्मपुर के राजकीय महाविद्यालय में 225, चिकित्सा खंड अर्की के आंगनबाड़ी केंद्र भूमती में 29, चिकित्सा खंड चंडी के आंगनबाड़ी केंद्र बटेड़ में 50 तथा चिकित्सा खंड सायरी के आंगनबाड़ी केंद्र दाउंटी में 15 प्रतिभागियों को नशे के दुष्प्रभावों से अवगत करवाया गया। नशा निवारण अभियान के तहत राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान सोलन में भी 86 प्रशिक्षुओं को नशे से होने वाली हानियों व इसके बचाव के बारे में अवगत करवाया गया।
(Invitational Cricket Tourney) Pinegrove boys outplayed the lads from the Lawrence School, Sanawar in the opening match of the 1st Invitational Under-13 Cricket Tournament being played at Pinegrove School, Dharampur, District Solan. Six teams of elite residential schools from across the country are competing for the coveted title. The tournament is being played on the basis of league-cum-knockout in T-20 format. The opening ceremony of the tournament was graced by Major General TPS Waraich (VSM), the Director, YPS, Mohali. In the opening match, the host's team won the toss and elected to bat. They put up 158 runs on board for the loss of 2 wickets. Chasing the target the Lawrence School boys were all out at 90. Harshit of Pinegrove was declared ‘Player of the Match’. In another match played between Mayo College, Ajmer and APS, Dagshai, APS won the toss and elected to bat first. They made 72 runs at the loss of 5 wickets in the allotted overs. Mayo reached the target in just 6.3 overs at a loss of 2 wickets. Aahaan Aggarwal of Mayo won ‘Player of the Match’. In back to back matches played between Welham Boys and Pinegrove School, Welham boys put up 67 runs at the loss of 5 wickets. The host team the target in just 6.3 overs losing 2 wickets. Yerik Gauri of Pinegrove walked away with ‘Player of the Match’ award. In the last match of the day played between Mayo College and PPS Nabha, Mayo won the toss and chose to bat. They put up 60 runs at the loss of 2 wickets. PPS, Nabha achieved the target in 8.3 overs at the loss of 2 wickets. Mantaj Singh of the winning side got ‘Player of the Match’ award.
Pinegrove School, Dharampur District Solan celebrated its 28th Annual Day which was an adorable effort at putting together the finest acts that its students had mastered during the academic year. The Chief Guest gracing the occasion in the morning was VC Pharka, the Principal Advisor (RPG) to the Govt. of HP. The glittering function commenced with Western Symphony Orchestra in which the budding musicians attempted at bringing the musical prodigies alive through their rendition of the Ninth Symphony and the New Old Symphony by Beethoven, Boney M’s ‘By the rivers of Babylon’, Fats Domino’s ‘Blueberry Hill’ and Lim Jeong Hee’s ‘Scent of a Flower’. It was followed by the Annual School Report spoken with great pride by six students from classes IV and V. They unveiled all the scholastic and co-curricular activities undertaken during the academic session and highlighted the achievements of the school. The spectators were then transported to the land of melody riding the waves of Raag Yaman. A heartwarming play, ‘The Selfish Giant’ by Oscar Wilde taught that the best feeling of happiness is when you are happy because you have made someone else happy. Western Choir presented the timeless classics such as ‘Make me a channel of your peace’, ‘La isla Bonita’ and Do-Re-Mi. A dance drama depicting the agonizing dilemma faced by Hamlet was the high point of the show which made the audience identify with the complications of human psychology. The function in the evening was graced by Mr. C Paulrasu, the Secretary, TCP and Urban Development, Govt. of HP as the Chief Guest. Live music, dance, gymnastics and martial arts unfolded with a musical show presented by the School children. The show commenced with Ganesh Sthapana while the Jazz Band played out memorable tunes to entertain the audience. A rendition of ‘Mary did you know?’ by the Western Choir held the listeners in trance. The super confident and highly skilled Karate practitioners of the school displayed kicking, striking and defensive blocking with arms and legs as they exhibited Karate skills. The School Pipe Band displayed its prowess and delivered a perfectly harmonised performance. The students also showcased their gymnastics skills in an artistic manner which was quite praiseworthy. Ganesh Visarjan Dance was the show-stealer as the dancers captivated the audience with their striking postures, mesmerizing songs and hypnotic formations.
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद बिलासपुर कालेज इकाई ने बिलासपुर महाविद्यालय प्राचार्य को ज्ञापन सौंपा । जिसमें विद्यार्थी परिषद ने कॉलेज की विभिन्न समस्याओं को लेकर कॉलेज प्रशासन को अवगत करवाया ।इकाई अध्यक्ष प्रशांत ठाकुर ने कहा कि इकाई बिलासपुर के कार्यकर्ता पहले भी प्राचार्य को इन समस्याओं को लेकर अवगत करवा चुके हैं परंतु इन समस्याओं का समाधान ना के बराबर है। विद्यार्थी परिषद इकाई बिलासपुर ने प्राचार्य को चेताया है कि अगर इन समस्याओं का जल्द से जल्द कोई समाधान ना निकाला गया तो विद्यार्थी परिषद उग्र से उग्र आंदोलन करने में पीछे नहीं हटेगी। उन्होंने बताया कि विद्यार्थी परिषद द्वारा उठाई गई विभिन्न समस्याओं में इस कैंटीन के बढे हुए रेट कम करने, पुराने कॉलेज के शौचालयों की हालत ठीक करने, कॉलेज को चारो तरफ से बाउंडरी वाल से कवर करने,कॉलेज परिसर व कॉलेज गेट पर पर सीसीटीवी कैमरा लगाने, एम ए हिंदी और एम ए पॉलिटिकल साइंस की कक्षाएं अगले सत्र से शुरू करने, पानी की टंकियों की नियमित सफाई करने, बस पास काउंटर कॉलेज में स्थापित करने व महाविद्यालय मे स्वामी विवेकानन्द जी की मूर्ति स्थापित करना प्रमुख है।
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सरयांज में फायर ब्रिगेड (अग्निशमन विभाग) अर्की के सौजन्य से आपदा प्रबंधन पर बच्चों को पूर्वाभ्यास कार्यक्रम करवाया गया,जिसमें अग्निशमन केन्द्र अर्की के प्रभारी भूपेंद्र सिंह ठाकुर व उनकी टीम ने विद्यालय परिसर में पधारकर बच्चों को प्रोयोगिक जानकारी दी।कार्यक्रम के शुरुआत में कांगड़ा में 1905 में आई त्रासदी में हताहत हुए व्यक्तियों को भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई व भविष्य में ऐसी त्रासदी होने पर हमें जानमाल को कैसे सुरक्षा करनी है पर विस्तृत रूप से जानकारी दी गई।जिसमें आग लगने पर,भूस्खलन के समय,भूकंप आने की स्थिति में,बाढ़ आने पर,सूखे के समय इत्यादि प्राकृतिक आपदाओं पर अपने आप को अपने सगे संबंधियों,पारिवारिक सदस्यों व पड़ोसियों को कैसे बचाया है,इसका पूर्वाभ्यास करवाया गया।एक अन्य कार्यक्रम में राष्ट्रीय सेवा योजना के सौजन्य से विद्यालय में विश्व खाद्य दिवस मनाया गया।प्रार्थना सभा में बच्चों ने विश्व खाद्य दिवस पर भाषण प्रतियोगिता,कविता पाठ करवाया गया।अपने सम्बोधन में प्रधानाचार्य प्रीत लाल शर्मा ने अन्न के महत्वपूर्ण प्रकाश डालते हुए कहा कि हमें अन्न को व्यर्थ नहीं गंवाना चाहिए और अन्न के प्रत्येक दाने का आदर करना चाहिए,क्योंकि कलयुग में अन्न ही भगवान है।अर्की से आए अग्निशमन विभाग के कर्मचारियों का आपदा प्रबंधन के पूर्वाभ्यास कार्यक्रम व उत्कृष्ट जानकारी देने के लिए भी उन्होंने धन्यवाद किय।इस अवसर पर विद्यालय का समस्त स्टाफ सहित विद्यालय प्रबंधन समिति के सभी कार्यकारणी सदस्य उपस्थित रहे।
राजकीय आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय धुन्दन में अंतर सदनीय मेहंदी प्रतियोगिता का आयोजन करवाया गया। इस प्रतियोगिता में स्कूल के चारों सदनों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया।छात्राओं ने अपने सदन की अध्यापिकाओं को मेहंदी लगाकर आकर्षक डिजाइन की प्रस्तुति पेश की।प्रतियोगिता का मूल्यांकन मुख्य सदन समन्वयक प्रकाश चंद बट्टू,नरेश गौतम व धर्म दत्त ने किया।इस प्रतियोगिता में बाडेश्वर व लक्ष्मीबाई सदन प्रथम,कलम सदन द्वितीय व सतलुज सदन तृतीय स्थान पर रहे।प्रधानाचार्य सरताज सिंह राठौर ने विजेताओं सहित सभी अध्यापिकाओं को करवा चौथ की शुभकामनाएं दी।
बी.एल स्कूल सोलन में करवाचौथ के उपलक्ष पर मेहँदी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमे बच्चों ने बढ़ चढ़ कर भाग लिया। अध्यापिका रंजीता अरोरा व् संतोष ने इस प्रतियोगिता का आयोजन किया। प्रबंधक वीना बक्शी ने इस प्रतियोगिता की सरहाना की साथ ही स्कूल के चेरमैन अशोक शर्मा ने बच्चों के क्रायक्रम की प्रशंसा करते हुए सबको बधाई दी। स्कूल की प्रधानियाचर्य रुचिका ने कहा की इस तरह के कार्यक्रमों से विद्यार्थी अपनी संस्कृति से जुड़े रहते हैं।
रावमापा छात्र कुनिहार में सात दिवसीय एनएसएस शिविर का समापन हुआ। इस दौरान विद्यालय एसएमसी अध्यक्ष रणजीत ठाकुर ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। कार्यक्रम का आगाज वन्दे मातरम से हुआ ।मुख्य अतिथि ने दीप प्रज्वलित करके आज के कार्यक्रम का शुभारंभ किया व एनएसएस स्वयंसेवियों ने एनएसएस गीत से एकता व अनुशासन का संदेश दिया।इस शिविर में 50 छात्र एवं छात्रा स्वयंसेवी ने भाग लिया।शिविर के दौरान स्वयं सेवियों को पांच ग्रूपो में बांटा गया था व सभी ग्रूपो को चुनोतियो से भरपूर अलग अलग कार्य दिया गया था।सभी ग्रुप के लीडरो ने अपनी अपनी कार्यो की रिपोर्ट रखी। विद्यालय परिसर की साफ सफाई सहित एनएसएस विद्यालय की ओर से गोद लिए गए गांव पुलाहड़ा में प्रोजेक्ट कार्यक्रम करके गावं का सर्वे करके वंहा के लोगो की आर्थिकी,शिक्षा, व भगोलिक जानकारियां जुटा कर अपना प्रोजेक्ट कार्य पूरा किया। विद्यालय प्रधानाचार्य बीएस ठाकुर व एनएसएस अधिकारी सीता राम ठाकुर व रीता वर्मा ने मुख्य अतिथि को स्मृति चिन्ह भेंट किया। विद्यालय प्रधानाचार्य बीएस ठाकुर ने मुख्य अतिथि का मंच से स्वागत किया व राष्ट्रीय सेवा योजना की कार्य प्रणाली पर संक्षिप्त जानकारी दी। शिविर के दौरान कई विभागों के स्त्रोत वक्ताओं ने स्वयंसेवियों को विभिन्न विषयों पर महत्वपूर्ण जानकारियां दी। इस दौरान पुलिस विभाग से आये जगदीश अत्री ,पुलिस चौकी कुनिहार के प्रभारी कपिल ठाकुर ने स्वयं सेवियों को साइबर क्राइम,नशे से बचाव सहित कई जानकारियां दी।मेडिकल विभाग से अनिल ठाकुर ने स्वास्थ्य सम्बन्धी जानकारियां दी।भूपेंद्र कौशिक ने स्वयं सेवियों को नैतिक शिक्षा सम्बन्धी जानकारियां दी। मुख्यातिथि रणजीत ठाकुर ने स्वयंसेवियों को शिविर के दौरान सामाजिक कार्यो को एकजुटता से करने के लिए बधाई दी व शिविर के दौरान मिले अमूल्य विचारों को जीवन मे अपना कर तय लक्ष्य को प्राप्त करके विद्यालय सहित अपने गावं व प्रदेश का नाम रोशन करने की नसीहत दी।अंकित कंवर व शिवम को जंहा छात्र वर्ग में सर्वश्रेष्ठ स्वयं सेवी के खिताब से नवाजा गया तो वन्ही छात्रा वर्ग में रितिक व अलीशा को सर्वश्रेठ स्वयंसेवी के खिताब से नवाजा गया। अंकित को बेस्ट आल राउंडर के खिताब से नवाजा गया।कार्यक्रम अधिकारी रीता वर्मा व सीता राम ठाकुर ने इस सात दिवसीय शिविर की रिपोर्ट मुख्य अतिथि के समक्ष रखी।इस दौरान प्रधानाचार्य बीएस ठाकुर,, अरुण भारद्वाज,कमलेश ,संदीप जोशी,करतार,केशव शर्मा,मोहन लाल ठाकुर,अनिता ठाकुर,जयंती शर्मा,कविता कौशल,नरेश कुमार सहित स्वयंसेवी मौजूद रहे।
देहरा समीप घलौर के गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल के 25 कैडेट्स 10 दिवसीय वार्षिक कैम्प के लिए नौणी विश्वविद्यालय पहुंच गए हैं। NCC प्रभारी आशु धीमान ने बताया कि स्कूल से 15 (JD)लड़के व 10 (JW) लड़कियां इस कैम्प में हिस्सा लेने गए हैं। इस कैम्प में सभी कैडेट्स विभिन्न प्रकार की गतिविधियों में हिस्सा लेंगे जिसमें परेड, योग,ड्रिल,शूटिंग, खेल कूद आदि अन्य प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे। यह कैम्प 12 अक्टूबर से 21 नवम्बर तक चलेगा। प्रधानाचार्य अनिल कुमार पराशर ने भी सभी कैडेट्स को इस कैम्प के लिए शुभकामनाएं दी हैं।
दाड़लाघाट के अंतर्गत ग्राम पंचायत संघोई के गांव मलावण में खेलों का आयोजन नेहरू युवक मंडल मलावण के सौजन्य से 19 व 20 अक्टूबर को किया जा रहा है। युवक मंडल के मुख्य सलाहकार सन्तराम बंसल ने बताया की इस दौरान कबड्डी और वॉलीबॉल प्रतियोगिता करवाई जाएगी व खेलों का शुभारंभ अंबुजा सीमेंट फाउंडेशन के प्रबंधक दाड़लाघाट द्वारा किया जाएगा और खेलों का समापन अर्की निर्वाचन क्षेत्र से पूर्व भाजपा प्रत्याशी व वर्तमान हिमाचल प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश सचिव रतनपाल द्वारा किया जाएगा। विजेता टीम को क्लब की ओर कबड्डी में प्रथम पुरस्कार दस हजार रुपये दिए जाएंगे व द्वितीय पुरस्कार पांच हजार रुपये दिया जाएगा। वॉलीबॉल में सात हजार रुपये प्रथम पुरस्कार एवं द्वितीय पुरस्कार के लिए पेंतीस सो रुपये की धनराशि दी जाएगी। कबड्डी की एंट्री फीस ग्यारह सो रुपये व वॉलीबॉल की एंट्री फीस आठ सौ रुपये ली जाएगी।क्लब के अध्यक्ष हेमराज व सचिव हरीश बंसल ने बताया कि अधिक जानकारी के लिए नेहरू युवा विकास मंडल मलावण के 86798-72411 व 94185-06723 पर संपर्क कर सकते है। उन्होंने सभी से इस आयोजन में आने का आग्रह किया है।
राजकीय आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय धुन्दन में अन्तर्राष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण दिवस के अवसर पर व लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से समर्थ-2019 के अंतर्गत आपदा प्रबंधन जागरूकता सप्ताह मनाया गया।इस कड़ी में आपदाओं से निपटने व लोगो को जागरूक करने के उद्देश्य से प्रधानाचार्य सरताज सिंह राठौर की अध्यक्षता में मॉक ड्रिल की गई।इस मॉक ड्रिल में एनएसएस, एनसीसी व इको क्लब इकाई के 400 विद्यार्थियों ने व समस्त अध्यापकों ने भाग लिया।आपदा रोधी टीम प्रभारी प्रवक्ता इतिहास अमर सिंह वर्मा ने बच्चों को भूकम्प के बारे में व आपदाओं से निपटने की तकनीक की पूर्ण जानकारी दी।इस दौरान झुको!,ढको!,पकड़ो! की तकनीक को अपनाया गया।भूकम्प के झटके थमने के बाद सभी कक्षाओं के विद्यार्थी लाइन बनाकर शांतिपूर्वक बाहर खुले मैदान में इकट्ठे हुए तथा अपने साथियों की गणना की और इस गणना में जो साथी काम पायें गये उनके बारे में अपने अध्यापकों को सूचित किया तथा विद्यार्थियों के बचाव दल ने उन्हें सुरक्षित बाहर निकाला।जमा एक की एनएसएस छात्रा अंजलि ने भी आपदाओं से सम्बंधित जानकारी दी।कार्यक्रम के अन्त में प्रधानाचार्य सरताज सिंह राठौर ने बच्चों को पिछली आपदाओं से हुई क्षति से सीख लेने को कहा तथा बच्चों से भविष्य में इन आपदाओं से निपटने के लिए जागरूक व तैयार रहने को कहा।इस अवसर पर प्रवक्ता प्रकाश चन्द, पुरुषोतम शर्मा,नरेन्द्र कपिला,राकेश शर्मा,नरेन्द्र लाल,रमन,सुमन बट्टू,संतोष बट्टू,धर्म दत्त,वीना देवी,प्रवीन,सुषमा देवी,उर्मिला,गीता देवी,जाग्रति कपिल,अंजना,रंजना, जागति,संतोष कुमारी शर्मा,चमन लाल,नरेन्द्र शर्मा,सुरेन्द्र कुमार,रजनीश,सुरेन्द्र कुमार सहित अन्य स्टाफ के सदस्य उपस्थित रहे।
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय दाड़लाघाट के सात दिवसीय विशेष एनएसएस शिविर का समापन बड़ी धूमधाम से आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता समाजसेवी सुरेंद्र ने की कार्यक्रम के अंतर्गत राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों ने "स्वच्छता है तो स्वास्थ्य है" विषय पर बेहतरीन लघु नाटिका प्रस्तुत की एनएसएस स्वयंसेवकों ने नाटी,एनएसएस गीत व अन्य राष्ट्रभक्ति गीत के रूप में बेहतरीन प्रस्तुतियां दी 7 दिनों के ऑब्जरवेशन के बाद चेतन ठाकुर को श्रेष्ठ स्वयंसेवक ब्वाॅय रेखा को श्रेष्ठ गर्ल,श्रेष्ठ गायक मनीष,श्रेष्ठ गायिका शालिनी,श्रेष्ठ नर्तक अजय,श्रेष्ठ नर्तकी स्वाति,बेस्ट योगा बाय अनुज,बेस्ट योगा गर्ल सिमरन,अनुशासित बॉय संजय,अनुशासित धर्म,हिमांशु, श्रेष्ठ फील्ड वर्क बॉय विशाल,कपिल मैस स्वयंसेवक रजत,तरुणा,मीनाक्षी, खुशबू,विनिता,कांता,विशाल को सम्मानित किया गया।मुख्य अतिथि सुरेंद्र ने स्वच्छता को विशाल रूप देते हुए आंतरिक स्वच्छता बाह्य स्वच्छता का सही अर्थ समझाते हुए कहा कि समाज में फैल रही दुष्प्रवृत्तियों को दूर करना भी स्वच्छता का ही अंग है,उन्होंने अपनी ओर से एनएसएस इकाई को ₹2100 दिए।इस अवसर पर कार्यकारी प्रधानाचार्य हंसराज शर्मा,एसएमसी प्रधान हेमरा ठाकुर,प्रवक्ता महेंद्र कौंडल,राजेंद्र वर्मा,शिवानी सोनी,सुनीता,राजेश पटियाल,भोपाल सिंह इत्यादि मौजूद रहे।
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला घनागुघाट में किशोरावस्था जागरूक कार्यक्रम के अंतर्गत एवं व्याख्यान स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयोजित किया गया। विद्यालय प्रधानाचार्य रूप राम शर्मा द्वारा कार्यक्रम में उपस्थित सभी अतिथियों का स्वागत किया गया। अतिथियों में विशेष रूप से डॉ कविता,स्वास्थ्य शिक्षक अश्वनी शर्मा,स्वास्थ्य परामर्श कर्ता विजय शांडिल एवं महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता रेखा शर्मा इस व्याख्यान में उपस्थित रहे। इबता दे व्याख्यान के दौरान उपस्थित अतिथियों ने किशोरावस्था में होने वाले विभिन्न बदलाव पर गम्भीर चर्चा की ओर विभिन्न जानकारियां बच्चों के साथ सांझा की साथ ही स्वास्थ्य विभाग से आए सदस्यों ने बच्चों को उपहार भी दिए। अंत में प्रधानाचार्य रूप राम शर्मा ने सभी का धन्यवाद किया। इस अवसर पर समस्त स्टाफ सदस्यों सहित बच्चे शामिल रहे।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की बिलासपुर इकाई का गठन किया गया। इस इकाई की घोषणा चुनाव अधिकारी नवीन शर्मा ने की। इस इकाई गठन में ज़िला संगठन मंत्री तिलक ठाकुर विशेष रूप से उपस्थित रहे। सत्र 2018-19 की इकाई को भंग करने की घोषणा पूर्व इकाई अध्यक्ष राहुल ठाकुर ने की। सत्र 2019-20 के लिए प्रशांत ठाकुर को इकाई अध्यक्ष और अनमोल शर्मा को इकाई सचिव मनोनीत किया गया। इकाई उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी देवांश, शिखा, अजय वर्मा, शीतल शर्मा व जैसमीन को सौंपी गयी। इकाई सह सचिव की जिम्मेदारी दमन, यामिनी, पार्थ, रीतिक व ,रोहित को दी गयी। छात्रा प्रमुख कंचना, सह प्रमुख शालिनी, तहसील संयोजक राहुल, एस एफ डी ज़िला संयोजक सौरव गौतम, एस एफ डी प्रमुख मोहित, सह प्रमुख अभिषेक तथा एस एफ एस प्रमुख नवीन शर्मा, सह प्रमुख कीर्ति कला मंच प्रमुख शुभम, सह प्रमुख खेम राज, कुसुम को नियुक्त किया गया। सोशल मीडिया प्रमुख अखिल शर्मा मीडिया प्रमुख कीर्ति तथा एन एस एस प्रमुख विनय, सह प्रमुख हिमांशु, एन सी सी प्रमुख शिवम, सह प्रमुख उर्मिला, स्पोर्ट्स प्रमुख शालिनी, स्काउट एंड गाइड प्रमुख नेहा शर्मा और विशाल राणा को बनाया गया। पुस्तकालय प्रमुख शिवानी और सह प्रमुख प्रिया, बी ए प्रमुख शालिनी, बी कॉम प्रमुख मनोज और रविंदर, बी एस सी प्रमुख मोहित तथा बी बी ए प्रमुख साहिल, सह प्रमुख मयंक, बी ए प्रमुख कृतिका, हिंदी मेजर प्रमुख मोहित, अंग्रेजी मेजर प्रमुख निखिल, परीक्षित ,आरती, विकास, बी एस सी प्रमुख महिमा, फिजिक्स मेजर प्रमुख उर्मिला और मनजीत, केमिस्टरी मेजर प्रमुख साहिल, और मोहित, गणित मेजर प्रमुख आदित्य, जूलॉजी मेजर प्रमुख अंजलि और मुस्कान बॉटनी मेजर प्रमुख श्वेता, बी कॉम प्रमुख खुशी, सह प्रमुख अभय तथा बी ए द्वितीय प्रमुख राहुल सह प्रमुख साहील संख्यान, पोलटिकल साइंस प्रमुख शिवानी व संगीता तथा बी कॉम द्वितिय सत्र प्रमुख शिवानी व सह प्रमुख प्रिया तथा बी एस सी अंतिम सत्र प्रमुख अभय बी कॉम अंतिम सत्र प्रमुख मनोज और अभिषेक, बी बी ए प्रमुख अमित, सह प्रमुख ऋषभ और निकिता को बनाया गया। इस अवसर पर जिला संगठन मंत्री तिलक ठाकुर ने कहा कि व्यक्ति निर्माण के माध्यम से विद्यार्थी परिषद राष्ट्र पुनरर्निर्माण के उददेश्य के लिए काम कर रही है। उन्होंने कहा कि रचनात्मक, आन्दोलनात्मक और संगठनात्मक कार्य विद्यार्थी परिषद के कार्यों का आधार है। उन्होंने बताया कि आने वाले समय मे कार्यकारणी को और बढ़ाया जाएगा।
प्रदेश के बेरोजगार विशेष प्रशिक्षक संघ ने सरकार से स्पेशल एजुकेटर को शिक्षा विभाग में सीधी भर्ती प्रक्रिया से रोजगार प्रदान करने की मांग की है। संघ के प्रदेशाध्यक्ष ओम प्रकाश ठाकुर और दवेंद्र शर्मा ने कहा कि दिव्यांग बच्चों को मुख्य धारा में जोडऩे की दिशा में यह प्रदेश के लिए आवश्यक है। उन्होंने कहा कि संघ का एक प्रतिनिधिमंडल जल्द ही मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मिलेगा और मांगों को रखेगा। प्रदेश में एक हजार से अधिक स्पेशल एजुकेटर बेरोजगार और इनके परिवार प्रभावित हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में वर्ष 2005 से स्पेशल एजुकेटर की शिक्षा प्रदान की जा रही है। करीब 300 स्पेशल एजुकेटर प्रति वर्ष दिव्यांग बच्चों की शिक्षा के लिए ट्रेंड किए जा रहे हैं।