नगर परिषद हमीरपुर की मतदाता सूचियों पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। स्थानीय नगर निकाय की सूचियों में बाहरी मतदाताओं को शामिल करने की बात सामने आ रही है। पूर्व पार्षद अजय शर्मा ने इस संबंध में डीसी हमीरपुर को शिकायत पत्र सौंपा है। उन्होंने शिकायत पत्र के माध्यम से कहा कि नगर परिषद हमीरपुर के विभिन्न वार्डों में बाहरी क्षेत्रों के लोगों को शामिल किया जा रहा है। मतदाता सूचियों में उनके नाम फोटो के बिना ही शामिल कर दिए गए हैं। पूर्व पार्षद अजय शर्मा का कहना है कि इस बारे में पहले भी कई बार प्रशासन और स्थानीय नगर निकाय को शिकायत सौंपी जा चुकी है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। डीसी हमीरपुर को शिकायत सौंपी गई है, जिससे इस मामले में शीघ्र कार्रवाई हो सके। उनका कहना है कि शिकायत के बावजूद कार्रवाई न करना अपने आप में बड़ा सवाल है। आपको बता दें कि इससे पहले भी मतदाता सूचियों पर भावी प्रत्याशी और कई पूर्व पार्षद सवाल उठा चुके हैं। इन शिकायतों पर तहसीलदार हमीरपुर में सुनवाई भी की थी, लेकिन अधिकतर शिकायतकर्ता इस सुनवाई से संतुष्ट नजर नहीं आए थे। वहीं अब एक बार फिर जिला प्रशाशन के पास ये मामला पहुंचा है।
हिमाचल प्रदेश में लगातार कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है। आज कोरोना से 3 और लोगों ने जान गवाईं है। नेरचौक मेडिकल कॉलेज में 3 कोरोना संक्रमितों ने दम तोड़ दिया है। मृतकों में नग्गर कुल्लू का 73 वर्षीय बुजुर्ग, संधोल मंडी का एक 86 वर्षीय बुजुर्ग और झंडूता बिलासपुर की 70 वर्षीय बुजुर्ग महिला शामिल है। इसके साथ ही प्रदेश में 642 संक्रमितों की मौत हो चुकी है। पिछले 24 घंटों में प्रदेश में कुल 58 नए संक्रमित पाए गए हैं। इनमे बिलासपुर से 9 लोग, किन्नौर से 5, मंडी से 12 और शिमला से 32 लोग संक्रमित पाए गए हैं। प्रदेश में कोरोना से संक्रमितों की कुल संख्या 40576 हो गई है। फिलहाल प्रदेश में 7745 कुल एक्टिव केस हैं। साथ, 32145 मरीज कोरोना को मात दे चुके हैं।
हिमाचल प्रदेश में 12वीं पास बच्चों के लिए राहत भरी खबर आई है। उच्च शिक्षा निदेशालय ने कॉलेजों में दाखिले की तारीख को 5 दिसंबर तक बढ़ा दिया है। 12वीं पास बच्चे जिन्हें कॉलेज में एडमिशन की चिंता सता रही थी उन को बड़ी राहत मिली है। कोरोना वायरस की वजह से जो बच्चे कॉलेजों में दाखिला नहीं ले पाए थे उन्हें शिक्षा निदेशालय ने एक और मौका दिया है। वहीँ स्कूल शिक्षा बोर्ड ने हाल ही में दसवीं कक्षा के परिणाम भी घोषित किए थे पर विद्यार्थियों को कॉलेज में एडमिशन नहीं मिल रहा था। लेकिन अब तिथि बढ़ाए जाने के बाद विद्यार्थियों को बड़ी राहत मिली है। इससे कई विद्यार्थियों का 1 साल खराब होने से बच गया है।
हिमाचल प्रदेश के 2.50 लाख आयकर दाताओं को डिपो में एपीएल उपभोक्ताओं की तर्ज पर अगले महीने से सस्ता राशन मिलना शुरू हो जाएगा। हिमाचल सरकार की ओर से सब्सिडी पर मिलने वाला राशन अब उपभोक्ताओं के लिए उपलब्ध होगा। उपभोक्ताओं को आटा चावल 9 और 10 रुपए प्रति किलो और दालें, तेल, नमक और चीनी बाजार रेट से 4 से 5 रुपए तक सस्ती मिलेगी। सब्सिडी पर दी जाने वाली 3 दालें, 2 लीटर तेल मार्केट रेट या इससे कुछ कम रेट पर मिलेगा। बता दें सरकार ने कोरोना काल में करदाताओं को डिपो से सस्ते राशन देने पर रोक लगा दी थी। इसके बाद सरकार के निर्देशों व कैबिनेट में फैसला होने के बाद करदाताओं के राशन कार्ड ब्लॉक कर दिए गए थे। खाद्य नागरिक एवं उपभोक्ता मंत्री राजेंद्र गर्ग ने बताया कि आयकर दाताओं को डिपो में सस्ता आटा चावल देने के लिए फाइनल स्वीकृति दे दी गई है। निगम को निर्देश दिए गए हैं कि वह जल्द राशन बहाल करें। दाल और तेल भी मार्केट रेट से कुछ सस्ता मिलेगा।
पूरे विश्व में सबसे खराब अर्थव्यवस्थाओं में दूसरे स्थान पर चल रहे भारत देश की दुर्दशा के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा ने सवाल किया है कि क्या ऐसे सुनहरे भारत की तस्वीर देश की जनता को दिखानी थी। क्या किसानों पर जुल्म करना व भारतीय सेना के जवानों को आर्थिक संकट में डालना अच्छे दिन हैं। जारी प्रेस विज्ञप्ति में उन्होंने कहा कि जुलाई-सितम्बर की दूसरी तिमाही में भी देश की जीडीपी दर 7.50 प्रतिशत गिरी है। सरकार से देश की अर्थव्यवस्था संभल नहीं पा रही है। सरकार अपने मन की बात कह रही है और उसे जनता पर थोप भी रही है, लेकिन जिन वर्गों पर इन्हें आजमाया जा रहा है, उनसे कोई सुझाव नहीं लिया जा रहा है। बदले में एक तानाशाही रवैया अपनाते हुए जनता की मन की बात को दबाया जा रहा है। सरकार के अब तक के निर्णय रहस्यमयी व नाटकीय ही रहे हैं, जोकि आधी रात को लिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश की जनता में आक्रोश दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है। प्रदेश सरकार को भी लपेटते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश में भी उसी ढर्रे पर सरकार चल रही है। केंद्र के नक्शेकदम पर चलते हुए प्रदेश सरकार भी अब तक जनता की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाई है। 3 साल केवल झूठे वायदों, जुमलेबाजी व आश्वासनों में ही बीते हैं। हर क्षेत्र में माफिया राज को सरंक्षण मिला है। प्रदेश सरकार के अपने लिए कानून अलग हैं और शेष वर्गों के लिए नियम बदल जाते हैं। उन्होंने कहा कि लाकडाऊन में सरकार ने सरकारी डिपुओं से गरीब लोगों को नि:शुल्क राशन मुहैया करवाने का निर्णय लिया था, जिसे अब बंद किया जा रहा है, लेकिन सरकार को समझना चाहिए कि बेशक लाकडाऊन नहीं है, लेकिन कोरोना महामारी के मामले प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं तथा गरीब लोगों की आर्थिकी में अभी सुधार नहीं हुआ है। ऐसे में सरकार ऐसे पात्र परिवारों का नि:शुल्क राशन बंद न करें, बल्कि इस घड़ी में राशन के अलावा स्वरोजगार व रोजगार के ऐसे संसाधन जुटाए, जिससे उनकी रोजमर्रा की जरूरतें पूरी हो सकें।
अरुणाचल प्रदेश में एलएसी पर शहीद हुए सिरमौर के 23 वर्षीय लाल अंचित कुमार का पार्थिव शरीर आज उनके पैतृक गांव धार पंजेहरा पहुंचा। शहीद का पार्थिव शरीर गांव में पहुँचते ही हज़ारों की संख्या में जनसैलाब उनके आखिरी दर्शन के लिए उमड़ पड़ा। हर तरफ केवल "भारत माता की जय","अंचित शर्मा अमर रहे" के नारे ही सुनाई पड़ रहे थे। माँ-बाप का इकलौता लाल तिरंगे में लिपटा हुआ जब अपने घर पहुंचा तो उनकी परिवार वालों की आंसुओं से भरी आँखे उनके दर्द बयां कर रहीं थी। माँ और बहन के रो-रो कर बुरे हाल थे जबकि पिता की नम आँखे और उनका चौड़ा सीना उनके गर्व को दर्शा रहा था। दोपहर के समय अंचित शर्मा का राजकीय सम्मान के साथ अंतिमसंस्कार किया गया।
हिमाचल प्रदेश के बिजली उपभोगताओं को हाई कोर्ट ने बड़ी राहत प्रदान की है। हिमाचल में अब बिजली के नये कनेक्शन पुरानी सिक्योरिटी राशि पर ही मिलेंगे। बता दें बिजली के मीटर लगाने के लिए उपभोगताओं से ली जाने वाली राशि कई गुना बढ़ा दी गई थी। पर अब हाई कोर्ट के आदेश के बाद राज्य बिजली बोर्ड ने इस सिक्योरिटी राशि के आदेश स्थगित कर दिए हैं। एडवांस कंज्यूमर डिपॉजिट की नई दरें तय करने के लिए जल्द विद्युत नियामक आयोग को प्रस्ताव भेजा जाएगा। आयोग द्वारा नई दरें तय करने तक प्रदेश में पुरानी सिक्योरिटी राशि पर ही नए बिजली कनेक्शन दिए जाएंगे। शुक्रवार को बोर्ड प्रबंधन की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सिक्योरिटी राशि की नई दरों पर स्टे दे दिया है। इससे उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिल गई है। बिजली बोर्ड के प्रबंध निदेशक आरके शर्मा ने बताया कि सिक्योरिटी की नई दरें तय होने तक प्रदेश में पुरानी दरें लागू रहेंगी। बिजली बोर्ड ने घरेलू, व्यावसायिक और औद्योगिक कनेक्शनों पर एडवांस कंज्यूमर डिपॉजिट में भारी बढ़ोतरी कर दी थी। प्रदेश भर में विरोध के बाद सरकार ने बढ़ाई दरें वापस लेने का एलान किया था। शुक्रवार को बोर्ड प्रबंधन ने नई दरों के आदेश को स्थगित करते हुए पुरानी सिक्योरिटी राशि के मुताबिक ही नया बिजली कनेक्शन देने का फैसला लिया है।
हमीरपुर। कोरोना काल के दौरान आर्थिक संकट से जूझ रही जनता की जेब पर डाका डालते हुए पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ौतरी की गई। केंद्र सरकार व तेल कंपनियों ने उस दौर में जनता को लूटने में कोई कसर नहीं छोड़ी। यह बात प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कही। उन्होंने कहा कि पिछले साल कच्चे तेल की प्रति बैरल लागत 4100 से 4400 रूपए तक थी, जोकि कोरोना काल में 2000 रूपए प्रति बैरल तक पहुंच गई, लेकिन उस समय डीजल-पेट्रोल की कीमतें कम कर जनता को फायदा पहुंचाने की बजाय पेट्रोल पर 10 रूपए तथा डीजल पर 13 रूपए प्रति लीटर अतिरिक्त एक्साइज ड्यूटी लगा दी। अब भी कच्चे तेल की प्रति बैरल कीमत 3000 रूपए के करीब है, लेकिन पेट्रोल-डीजल के दाम में कोई कटोती नहीं की गई है। सबका साथ-सबका विकास की बात करने वाली केंद्र सरकार कोरोनाकाल में जनता का हमदर्द बनने की बजाए पर्दे के पीछे से खलनायक की भूमिका निभाती रही। यही कारण रहा कि अप्रैल-मई में कच्चे तेल की कीमत में कमी के बावजूद पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ाने से सरकार व तेल कंपनियों ने इस साल सितम्बर माह तक ही 25 हजार करोड़ से ज्यादा कमाई की। तेल के दाम बढ़ने से मालभाड़ा में भी बढ़ोतरी हुई है, जिससे आम आदमी को महंगाई से भी जूझना पड़ रहा है। विधायक राजेंद्र राणा ने कहा कि कोरोना काल में महामारी से खुद व परिवार को बचाए रखने के लिए आर्थिक संकट से जूझने के बावजूद लोगों में दोपहिया व चौपहिया वाहन खरीदने की होड़ मची हुई थी, लेकिन उस समय पेट्रोल-डीजल के दाम कम करने की बजाय उनमें बढ़ौतरी कर सरकार ने पीठ में छुरा घोंपने का काम किया। आम आदमी को लूटने के सरकार नित नए-नए तरीके इजाद कर रही है तथा तानाशाह की तरह जनता पर निर्णय थोपे जा रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार को आम आदमी से कोई मतलब नहीं है। चुनावों के समय स्वयं सरकार ने महामारी से बचने की एडवाइजरी की अनुपालना नहीं की और अब मामले बढ़ने के बाद नींद से जाग रही है। यही हाल प्रदेश सरकार का है, जिसने अपनी रैलियों में नियमों की जमकर उल्लंघना कर जनता की जान सांसद में डाली और अब नियमों का सख्ती से पालन करने की बात कही जा रही है।
आज पूरे केंद्र के साथ प्रदेश की भी कई ट्रेड यूनियनें राष्ट्रव्यापी हड़ताल पर हैं। आज देश भर में केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ करोड़ों लोग गरजेंगे। इस हड़ताल का असर प्रदेश में भी दिख रहा है। राजधानी शिमला समेत प्रदेश के सभी जिलों में कुछ प्राइवेट बस यूनियनें हड़ताल पर हैं। इस कारण लोगों को अपने गंतव्य तक पहुंचने में दिक्कतें आ रही हैं। लोग घंटो से बसों का इंतज़ार कर रहे हैं। अगर बात की जाए राजधानी शिमला की तो शिमला में आज बसों से भरा लक्कड़ बाजार बस स्टैंड खाली नज़र आया। हालांकि वहां इक्का दुक्का सरकारी बसें नज़र आईं पर केवल 50% ऑक्यूपेंसी होने के कारण कई यात्रियों को अगली बस के लिए लम्बा इंतज़ार करना पड़ रहा है। वहीँ सीमेंट प्लांट में कार्यरत ट्रक ऑपरेटर यूनियनें भी इस हड़ताल का हिस्सा बन सकती हैं। इससे सीमेंट ढुलाई प्रभावित होगी। साथ ही कुछ टैक्सी ऑपरेटर्स भी हड़ताल पर रहेंगे। ये संगठन हड़ताल पर... हिमाचल में मजदूर संगठन सीटू, इंटक, एटक, केंद्रीय कर्मचारी समन्वय समिति, पोस्टल कर्मचारी यूनियन, नॉर्थ जोन इंश्योरेंस इंप्लाइज एसोसिएशन, ऑल इंडिया ऑडिट एंड अकाउंट्स पेंशनर्स एसोसिएशन, ऑल इंडिया रोड ट्रांसपोर्ट वर्कर्स फेडरेशन, प्रदेश प्राइवेट बस ड्राइवर कंडक्टर यूनियन, हिमाचल किसान सभा, जनवादी महिला समिति, डीवाईएफआई, एसएफआई, दलित शोषण मुक्ति मंच हड़ताल करेंगे।
हमीरपुर, 22 नवम्बर : सी.यू. विवाद को लेकर भाजपा में मचे आपसी घमासान को लेकर प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा ने चुटकी ली है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रवास पर आए भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा भी पानी डालने का काम कर रहे हैं, जबकि बखूबी जानते हैं कि वे भी भुक्तभोगी रहे हैं। जारी प्रेस विज्ञप्ति में उन्होंने कहा कि यह अंतर्कलह है और कुछ नहीं, जिसका बवाल थमने वाला नहीं है। कुछ लोगों को सी.एम. की कुर्सी छिन जाने का दर्द अब तक सता रहा है, जिसकारण सत्ता चले जाने से उठा तूफान उफान पर है। विधायक राजेंद्र राणा ने कहा कि जगत प्रकाश नड्डा स्वयं इन्हीं कुछ लोगों की कार्यशैली से द्रवित होकर दिल्ली गए थे। अब दर्द भी बयां कर दिया कि धैर्य बनाए रखें, लेकिन खेद है कि सत्ता दूर होती देख भाजपा के कुछ लोग अधीर होकर रह गए हैं। उन्होंने कहा कि केंद्रीय विश्वविद्यालय के मुद्दे ने राजनीतिक फिजाओं में ठंडक भर दी है। भाजपा हाईकमान का चाबुक चलने के बाद अब अनुराग ठाकुर के सुर बदल गए हैं। यह वही अनुराग हैं, जिन्होंने माननीय सुप्रीम कोर्ट में भी हलफनामा देकर माफी मांगी थी। राजेंद्र राणा ने कहा कि पहले बेमतलब कोसने के बाद माफी मांगने की अदा केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री को ही भाती है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को सी.यू. विवाद में घसीटकर बखेड़ा खड़ा कर दिया और अब अपनी गलती होने पर सरकार की पीठ भी थपथपा रहे हैं। राजेंद्र राणा ने कहा कि नड्डा ने दो-चार शब्द कहकर जिस तरह अपना दुख जाहिर किया है, उससे सब साफ हो गया है कि प्रदेश में मंत्री पद छोड़कर नड्डा केंद्र की राजनीति में क्यों गए थे। जलील करने की राजनीति किस कद्र भाजपा की नस-नस में फैली है, वो जसवां-परागपुर की जनता ने देख लिया है। उन्होंने कहा कि इशारों-इशारों में नड्डा ने हाल-ए-दिल बयां कर दिया कि घबराएं नहीं, उनके साथ भी ऐसा ही हुआ था। ऐसा कहकर उन्होंने अपनी पीड़ा भी जाहिर की है।
सुजानपुर। बुधवार को सुजानपुर ब्लाक कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की बैठक ब्लाक अध्यक्ष कैप्टन ज्योति प्रकाश की अध्यक्षता में पटलांदर में आयोजित की गई, जिसमें पी.सी.सी. की ओर से नियुक्त सुजानपुर प्रभारी संजीव कालिया व डी.सी.सी. की ओर से आर.सी. डोगरा, जुगल किशोर, शहंशाह आदि ने विशेष रूप से भाग लिया। बैठक में पंचायती राज चुनावों के लिए कमर कसते हुए रणनीति बनाने के साथ कमेटियों का गठन किया गया तथा निर्णय लिया गया कि पंचायत चुनावों में ही वर्तमान प्रदेश सरकार को सबक सिखाकर आगामी विधानसभा चुनावों की पटकथा लिखी जाएगी। इस अवसर पर विधायक राजेंद्र राणा ने कहा कि वर्तमान में देश बुरे आर्थिक दौर से गुजर रहा है। राजनीतिक इच्छाशक्ति के अभाव में सत्तासीन केंद्र सरकार ने देश को पिछड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। उन्होंने कहा कि इससे बड़ी त्रासदी क्या हो सकती है कि देश की सीमाओं की दिन-रात चौकसी करने वाले हमारे जवानों की पैंशन घटाने की तैयारी हो रही है, जिसके विरोध में पूर्व सैनिक केंद्र सरकार के खिलाफ 28 नवम्बर को सुजानपुर में विरोध-प्रदर्शन कर शंखनाद कर रहे हैं। यह विरोध-प्रदर्शन सरकार की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में हर वर्ग केंद्र व प्रदेश सरकार की नीतियों से परेशान हो चुका है। अपनी जनविरोधी नीतियों से आने वाली पीढ़ियों का भविष्य भी सरकार बिगाड़ने पर आ तुली है, जोकि कांग्रेस हरगिज होने नहीं देगी। उन्होंने कहा कि जनता ही सरकार चुनती है, लेकिन जब सरकार दमनकारी नीतियों को अपनाना शुरू कर दें तो ऐसी स्थिति में एक ही रास्ता बचता है कि ऐसी सरकार को सत्ता से बाहर कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि अब जनता ने भी सरकार को जड़ से उखाड़ने का मन बना लिया है।
हमीरपुर। चंबा जिला में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर द्वारा कोरोना व कांग्रेस से मुक्ति वाली टिप्पणी पर प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने पलटवार करते हुए कहा है कि प्रदेश सरकार को इतनी ही फ़िक्र है तो जनता को उन जनहित से जुड़े मुद्दों से मुक्ति दिलाए, जिनसे जनता परेशान व हताश हैं। जारी प्रेस विज्ञप्ति में उन्होंने कहा कि सत्तासीन पार्टी द्वारा देश को कांग्रेस मुक्त करने का सपना कभी पूरा नहीं होगा। अगर सही मायने में मुक्ति दिलानी है तो सरकार द्वेष भावना से काम करना छोड़ दे। चुनावों में सरकार ई.वी.एम का सहारा लेना छोड़ दे, ताकि भाजपा को सच का आइना दिखे। उन्होंने कहा कि जिन देशों ने ई.वी.एम. से चुनाव करवाना शुरू किए थे, उन देशों ने भी ई.वी.एम. हैकिंग के मामलों के बाद पुरानी पद्धति बैलेट पेपर से चुनाव करवाने में ही बेहतरीन समझी है। इसलिए लोकतंत्र पर जनता का विश्वास कायम रखने के लिए सरकार ई.वी.एम. का सहारा छोड़कर पुरानी पद्धति अपनाए तो जमीन पर अपनी हैसियत का पता भी चल जाएगा। उन्होंने कहा कि जनसभाओं में बड़ी-बड़ी बातें करने वाले मुख्यमंत्री कांग्रेस की फिक्र करने की बजाय महंगाई, बेरोजगारी व भ्रष्टाचार से समाज को मुक्त करवाएं। बिगड़ी अर्थव्यवस्था से चौपट हुए व्यापार को पटरी पर लाएं। सड़कों की हालत ठीक करवाकर व अस्त-व्यस्त तथा चरमराए सरकारी सिस्टम को ही चुस्त-दुरुस्त कर दें तो इससे ही जनता सरकार को दुआएं देगी। उन्होंने कहा कि भाजपा के नेताओं को सपने में भी कांग्रेस ही दिखती है तथा दिन-रात यही सोचते हैं कि कांग्रेस से कैसे छुटकारा मिले, ताकि अपनी मनमानी कर जनता को परेशान कर सकें, लेकिन ऐसा हरगिज नहीं होने देगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ही ऐसी पार्टी है, जोकि आजादी से पहले और बाद में भी अब तक जनता के सुख-दुख की साथी है, जबकि भाजपा उन फसली बटेरों की तरह है जोकि सत्ता में आने के बाद जन विरोधी फैसले लेकर जनता को निराश करती है और फसल बटोरकर चलती बनती है। विधायक राजेंद्र राणा ने कहा कि भाजपा में वर्तमान में राष्ट्रीय स्तर पर वन मैन शो चल रहा है तथा बाकि केवल कठपुतलियां बनकर रह गए हैं, जिन्हें सही व ग़लत से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को सलाह दी कि कांग्रेस मुक्त प्रदेश के सपने देखने की बजाय अपनी पार्टी में धधक रहे ज्वालामुखी को शांत करवाएं।
त्योहारी सीजन के चलते हिमाचल सरकार ने पथ परिवहन निगम की 14 अतिरिक्त बसें चलाने का फैसला लिया है। ये बसें 11 से 13 नवंबर तक चलेंगी। प्रदेश में शिमला, धर्मशाला, बिलासपुर, हमीरपुर, चंबा, मंडी समेत अन्य मुख्य डिपुओं से दिल्ली के लिए बसें भेजने के निर्देश जारी किए गए हैं। दिवाली आने वाली है, ऐसे में बहरी प्रदेशों से वपस आने वाले लोग व प्रवासी लोग अपने घरों का रुख करते हैं, ताकि वह अपने घरों में दिवाली मना सके। इसके चलते प्रदेश सरकार ने अतिरिक्त 14 बसें चलने का निर्णय लिया है। जानकरी के अनुसार परिवहन निगम जहां 40 व इससे अधिक सवारियां होंगी, वहां स्पेशल बसें भेजेगा। सवारियां फोन पर भी अतिरिक्त बसों के लिए आवेदन कर सकेंगी। दिवाली वाले दिन निगम साधारण बसें चलाएगा। ये दिल्ली, चंडीगढ़, शिमला, मनाली, धर्मशाला, हमीरपुर, बैजनाथ और बद्दी से अलग-अलग रूटों पर चलेंगी।
सुजानपुर। नारी उत्थान के लिए कांग्रेस सरकार वचनबद्ध रही ही है। यही कारण है कि ग्रामीण इलाकों में महिलाओं के उत्थान के लिए प्रत्येक पंचायत में पंचायत घर बनाए गए हैं। यह बात सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा ने ग्राम पंचायत खनोली के महेश कवाल गांव में 4 लाख रूपए की लागत से निर्मित महिला मंडल भवन के शुभारंभ अवसर पर कही। इससे पहले विधायक राजेंद्र राणा का ग्रामीणों ने वहां पहुंचने पर गर्मजोशी से स्वागत किया तथा महिला मंडल भवन के अन्य कार्यों के लिए अतिरिक्त धन की डिमांड भी रखी, जिस पर विधायक राजेंद्र राणा ने महिला मंडल भवन लोकार्पण करने के बाद 1 लाख रूपए अतिरिक्त कार्यों को करवाने के लिए देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि पूर्व कांग्रेस सरकार के समय भी सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र के महिला मंडलों को दर्जनों बार सम्मानित किया गया है तथा वर्तमान में भी महिला मंडलों को सम्मानित किया जा रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि ग्रामीण क्षेत्रों को विकास की दृष्टि से सुदृढ़ बनाने का सपना पूर्व कांग्रेस सरकारों ने बुना था, यही कारण है कि विधायक बनने के बाद उन्होंने सबसे ज्यादा राशि ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए जारी की है। जब भी उनके विधानसभा क्षेत्र की जनता ने उनसे किसी चीज की डिमांड की तो उसको पूरा करने का पूरा प्रयास उन्होंने किया है और भविष्य में भी किया जाएगा।
हमीरपुर। प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा ने कहा है कि केंद्र सरकार के पहले कार्यकाल के बाद अब दूसरे कार्यकाल में भी देश में हाहाकार मची हुई है। हर क्षेत्र में झमेले ही बढ़े हैं तथा देश को डुबोकर आर्थिक कंगाली के मोड़ पर छोड़ दिया है। जारी प्रेस विज्ञप्ति में उन्होंने कहा कि बेरोजगारी हटाने, महंगाई घटाने व भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने जैसे मुद्दों को लेकर दूसरे कार्यकाल लेकर आई सरकार हर जगह बुरी तरह पिट गई है। हर साल 2 करोड़ नौकरियां देने के बजाय बेरोजगारों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। भ्रष्टाचार के सारे रिकॉर्ड टूट गए हैं तथा बैंक कंगाल हो चुके हैं तथा इन्हें लूटने वाले विदेश भाग गए हैं। सरकार की नाक तले ऐसा संभव तभी हो सकता है, जब सरकार की शह हो। कोरोना काल में लोग बेरोजगार हुए हैं और काम-धंधे चौपट हो चुके हैं, लेकिन सरकार ने हर चीज के दाम बढ़ाकर जनता पर दोहरी मार मारी है। उन्होंने कहा कि जनता के अच्छे दिनों की सौगात यही है जो किश्तों में जनता को दिए जा रहे हैं। उन्होंने हैरानी जताते हुए कहा कि अब सरकार ने सैनिकों के बलिदान को भुलाकर लाखों-करोड़ों सैनिकों व उनके परिजनों पर पैंशन कटोती का मसौदा तैयार कर इस वर्ग से भी धोखा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने अपनी नीतियों से देश को आर्थिक पराधीनता की ओर धकेल दिया है। वो दिन दूर नहीं लग रहे, जब केंद्र सरकार की ग़लत नीतियों के चलते देश की जनता विदेशियों की गुलाम होगी। उन्होंने कहा कि आजादी के 73 साल पर देश की जनता खुद को वर्तमान सरकार के हाथों सुरक्षित नहीं मान रही हैं। उन्होंने कहा कि देश की आजादी में अहम रोल निभाने के बाद कांग्रेस ने देश को तरक्की की राह पर लाकर खुशहाली लाई, लेकिन वर्तमान केंद्र सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था चौपट कर देश को उस चौराहे पर छोड़ दिया है, जहां से आजादी के समय देश चला था। उन्होंने कहा कि काठ की हांडी हर बार नहीं चढ़ती तथा देश की जनता केंद्र सरकार के जुमलों को भली-भांति समझ चुकी है और अब अगले लोकसभा चुनावों का इंतजार कर रही है।
हमीरपुर। लगातार रोज-रोज तरह-तरह के शुल्क व फीसें बढ़ाकर बीजेपी सरकार जनता को लगातार महंगाई का जहर देकर जान निकालने पर आमादा हो चुकी है। लग रहा है कि सरकार ने जनता पर अतिरिक्त बोझ लादने का एक सूत्रीय कार्यक्रम तय कर लिया है। यह बात राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने यहां जारी प्रेस बयान में कही है। राणा ने कहा कि ताजा फरमान में अब प्रदेश सरकार ने हिमाचल में नई-पुरानी गाडिय़ों की खरीद को और महंगा कर दिया है। प्रदेश में अब व्हीकल रजिस्ट्रेशन फीस जो 2.50 से 4 फीसदी होती थी, उसे अचानक बढ़ाकर 15 फीसदी तक कर दिया है। जिसका असर हर गाड़ी के खरीददार पर अलग तरह से होगा। राणा ने कहा कि प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में जहां सरकार अभी तक भी कोविड-19 काल में रुकी परिवहन व्यवस्था को बहाल नहीं कर पा रही है और जनता को मजबूरन नई-पुरानी गाडिय़ां खरीदकर काम पर व कार्यालयों के लिए आना-जाना पड़ रहा है जिसके लिए लोग जैसे-कैसे नए-पुराने वाहन खरीदकर अपने काम पर जाने के लिए महंगा सफर करने के लिए मजबूर हैं क्योंकि सरकार अभी पूरी तरह से सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था बहाल नहीं कर पाई है। ग्रामीण क्षेत्रों में अभी इक्का-दुक्का बसें पहुंच पा रही हैं। ऐसे में सरकार ने गाडिय़ों की रजिस्ट्रेशन फीस को 15 फीसदी तक बढ़ाकर महंगाई का नया तोहफा दिया है। उन्होंने कहा कि यही नहीं पुरानी गाडिय़ों की खरीद व इक्यूपमेंट गाडिय़ों पर भी अब इस बढ़ोतरी से ज्यादा टैक्स की मार पड़ेगी। राज्य सरकार ने गाडिय़ों की रजिस्ट्रेशन फीस को तीन गुना बढ़ाकर अब जनता की आफत और बढ़ाई है। ऐसे में जैसे-कैसे जुगाड़ करके नई-पुरानी गाड़ी खरीदने वालों के लिए अब गाड़ी खरीदना आसान न होगा। पुरानी हो चुकी गाडिय़ों की 15 साल बाद की रजिस्ट्रेशन फीस में भी बदलाव किया गया है। पुरानी गाड़ी बेशक अब कबाड़ के भाव में बिके लेकिन सरकार उस गाड़ी पर 1 लाख रुपए की रजिस्टे्रशन फीस वसुलेगी क्योंकि अब सरकार ने पुरानी गाडिय़ों की न्यूनतम कीमत को 1 से 4 लाख रुपए तक निर्धारित किया है। राणा ने कहा कि समझ में यह नहीं आ रहा है कि सरकार अब हर तरह से आम जनता की जेबों पर डाका डालने के नए-नए पैंतरे किसर कारण से अपना रही है? उधर अक्तूबर माह में आए बेरोजगारी के आंकड़े बताते हैं कि अक्तूबर माह में बेरोजगारी और बढ़ गई है। सेंटर फॉर मॉनीटरिंग इंडियन इकॉनमी की रपट बता रही है कि बीते अक्तूबर माह में बेरोजगारी की दर बढ़कर 6.98 फीसदी पर पहुंच गई है। राणा ने कहा कि सरकार की मनमानी का यही रवैया रहा तो देश और प्रदेश में लगातार बढ़ रही महंगाई व बेरोजगारी के कारण अराजकता का माहौल बढ़ेगा जिसकी जिम्मेदारी पूरी तरह से डबल इंजन की सरकार पर होगी। उन्होंने कहा कि देश और प्रदेश में बढ़ रही आर्थिक तंगी ने समाज में डिप्रेशन के मरीजों में भारी इजाफा किया है। आर्थिक समस्याओं से जूझ रही जनता भविष्य को लेकर गहरे अवसाद में है। करोड़ों की संख्या में लोगों की नौकरियां छिन चुकी हैं। उद्योग, धंधे व छोटे कारोबार चौपट हो चुके हैं। जनता को भविष्य के प्रति नकारात्मक अशांकाओं ने घेर रखा है। आसमान छूती महंगाई के इस युग ने आम आदमी का जीवन यापन मुश्किल में है। जनता की बचत जमा पूंजी राशि खर्च हो चुकी है। पारिवारिक जरूरतें पूर्ण करने के लिए व बैंकों के कर्जे की किश्तें चुकाने, भोजन, चिकित्सा, शिक्षा आदि मूलभूत जरूरतों के लिए पैसों की दिक्कत लगातार लोगों को गहरे अवसाद में धकेल रही है। जिस कारण से मानसिक रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है, लेकिन सरकार के रवैये को देखते हुए लग रहा है कि सरकार को जनता से ज्यादा सत्ता व अपने साधन की चिंता ज्यादा है।
एक सियासी साजिश के तहत केंद्र राज्यों को लगातार कमजोर कर रहा है। देश के लोकतंत्र में यह पहली बार हुआ है कि बिजनेस टायकून की तर्ज पर मार्केट के आधार पर शुरू हुई बीजेपी की सियासत में केंद्र राज्यों को लगातार कमजोर करने के हथकंडे अपना रहा है। यह बात राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने यहां जारी प्रेस बयान में कही है। राणा ने कहा कि राज्यों को पंगु बनाने में केंद्र की इस सियासी साजिश में सबसे खराब हाल कांग्रेस शासित राज्यों का है। जबकि बीजेपी शासित राज्य भी केंद्र की इस सियासी साजिश में लगातार पिस रहे हैं। राणा ने बताया कि जीएसटी टैक्स के रूप में केंद्र को हर रोज हजारों करोड़ रुपया जाता है, लेकिन जब राज्यों को जीएसटी की हिस्सेदारी देने की बात आती है तो केंद्र कांग्रेस शासित राज्यों से ऐसे व्यवहार करता है जैसे कांग्रेस शासित राज्य कोई भिखमंगे हों व केंद्र नादिरशाह हो। राणा ने कहा कि राजस्व के विभाज्य पूल में अब केंद्र के प्रस्तावित कदम के तहत राज्य की हिस्सेदारी घटाई जा रही है। यह कदम राज्यों को गरीब व गुलाम बनाने जैसा साबित होगा। केंद्र राज्य के संसाधनों को लगातार हड़प रहा है। जिसके चलते संघीय ढांचा पूरी तरह समाप्त होने की कगार पर है। राणा ने कहा कि केंद्र की यह साजिशें व राज्यों के प्रति दुर्भाव की यह सियासत लोकतंत्र के लिए बड़ा खतरा है क्योंकि केंद्र अब राज्यों से हिटलर शाही सियासत जैसा व्यवहार कर रहा है। उन्होंने कहा कि इस हकीकत से इस वक्त कांग्रेस ही नहीं एनडीए के सहयोगी भी परेशान हैं व आक्रोश से भरे हुए हैं। आजाद हिंदोस्तान के इतिहास में जब संघीय ढांचे की संरचना की गई होगी तब किसी ने यह कल्पना भी नहीं की होगी कि एक दिन केंद्र ही राज्य को कमजोर करने व संघीय ढांचे को खत्म करने की सियासी साजिशें रचेगा। उन्होंने कहा कि केंद्र की सियासी दुर्भावना के चलते राज्यों पर लगातार कर्जा बढ़ रहा है क्योंकि अब देश में अधिकांश राज्यों को कर्जा लेकर ही गुजर बसर करना पड़ रहा है, जबकि राज्य पहले ही कर्जे के पहाड़ के नीचे दबे हुए हैं। ऐसे में केंद्र राज्यों को मदद करने की बजाय कमजोर करने की सियासी साजिशें रच रहा है जो कि लोकतंत्र के लिए घातक है।
आज सीएम जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में हिमाचल कैबिनेट की बैठक की जाएगी। इस बैठक में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। कैबिनेट स्कूल पूरी तरह खोलने और कॉलेज के फर्स्ट और सेकेंड ईयर के विद्यार्थियों को बिना परीक्षा अगली कक्षाओं में प्रमोट करने को लेकर भी फैसला कर सकता है। इसके अलावा उपभोक्ताओं को घर-द्वार पर सस्ता राशन मुहैया कराने के लिए 50 राशनकार्डों पर भी डिपो खोलने और प्याज की आसमान छूतीं कीमतों पर मंथन किया जाएगा। सरकार ने उपायुक्तों को निर्देश दिए हैं कि वे प्याज के भाव पर नजर रखें। प्रतिदिन प्याज के दाम सरकार को भेजने के लिए कहा गया है। सरकार डिपो में भी आलू और प्याज बेचने पर विचार कर रही है। हालांकि, पूर्व में भी प्याज के दाम बढ़ने से सरकार ने डिपो में प्याज भेजा था, लेकिन सप्ताह बाद दाम गिरने से यह प्याज डिपो में ही खराब हो गया था। दसवीं और बारहवीं की बोर्ड कक्षाओं के लिए नवंबर से नियमित कक्षाएं शुरू हो सकती हैं। शिक्षा विभाग ने दो विकल्पों सहित इस बारे में सरकार को प्रस्ताव भेजा है। पहले विकल्प के तहत दसवीं और बारहवीं, दूसरे विकल्प के तहत नौवीं से बारहवीं तक की कक्षाओं को खोलने की योजना है। पहली से आठवीं तक की कक्षाओं को शुरू करने को लेकर अभी सरकार का कोई विचार नहीं है।
सुजानपुर विधायक राजेंद्र राणा ने केंद्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट मंत्रालय मंत्री भारत सरकार अनुराग ठाकुर पर चुटकी लेते हुए कहा है कि 3 वर्ष बीतने पर घोषणा हुई है निर्माण कार्य शुरू करवाने में कितना समय लगेगा यह बात भी सार्वजनिक करें। विधायक राजेंद्र राणा ने केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर के उस बयान पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि सुजानपुर में खोखे बनने चाहिए यह बात सुनकर खुशी हुई लेकिन यह बनेंगे कब इस बात को बताना भी वह अपनी जिम्मेदारी समझें। उन्होंने कहा कि पूर्व में जब कांग्रेस सरकार थी उस समय उन्होंने खोखे बनाने के लिए तमाम औपचारिकताएं जो महत्वपूर्ण थी जिसमें सबसे महत्वपूर्ण कार्य भूमि स्थानांतरण था उसको उन्होंने खुद करवाया था लेकिन सत्ता पलटने के बाद भाजपा ने 3 साल में सुजानपुर में क्या विकास कार्य किए हैं इस बात का बखान भी वित्त राज्य मंत्री को करना चाहिए था लेकिन बड़े अफसोस की बात है कि केवल मात्र कांग्रेस को कोसने का कार्य सांसद महोदय करते हैं। लेकिन आज 3 वर्ष बीत जाने के बाद उन्हें फिर से इन खोखो को बनाने की याद आई है तो हम उनकी इस बात का स्वागत करते हैं लेकिन निर्माण कार्य कब शुरू होगा इस बात का भी पता लग जाना चाहिए। उन्होंने अनुराग ठाकुर के सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र के दौरे पर टिप्पणी करते हुए कहा कि जब पूरा प्रदेश और सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र कोविड-19 वैश्विक महामारी से तड़प रहा था लेकिन तब सांसद दिल्ली में बैठे हुए थे तब उन्हें इस क्षेत्र की याद नहीं आई। तब उन्होंने यहां की जनता की सुध बुध लेना मुनासिब नहीं समझा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी को कोसने के बजाय अगर वित्त राज्य मंत्री बेहतरीन कार्य करने में विश्वास रखें तो लोगों को फायदा होगा प्रदेश की जनता को फायदा होगा लेकिन 3 वर्ष बीत जाने के बावजूद जो भाजपा सरकार बजट जारी होने के बावजूद टाउन हॉल का निर्माण कार्य शुरू नहीं करवा पाई। वह अब किस बजट को जारी कर के खोखे बनाने का वायदा कर रही है। केवल झूठी बातें सांसद चुनावी बेला पर करते आए हैं। अब एक बार फिर से उन्होंने झूठ का पुलिंदा सबके सामने रखा है लेकिन खोखे बनाने के लिए उन्होंने किस हैंड से बजट जारी करवाया है इस बात को भी सार्वजनिक करे। हर चीज का श्रेय लेना सांसद की पुरानी आदत है लेकिन सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र की जनता हर चीज को बखूबी जानती है कि कौन सी चीज कहां से आई है और कौन सी चीज को यहां पर लाने में किसका योगदान है।
शिमला। हिमाचल प्रदेश सरकार के ढाई साल पूरा होने के बाद से बहुप्रतीक्षित प्रशासनिक फेरबदल सोमवार देर रात हो गया। कार्मिक विभाग ने सात जिलों के डीसी समेत कुल 21 आईएएस अधिकारियों के तबादला आदेश जारी कर दिए हैं। इनमें चंबा जिले के उपायुक्त, राजधानी शिमला, ऊना, किन्नौर, बिलासपुर, लाहौल स्पीति और हमीरपुर जिले के डीसी बदल दिए गए। सदस्य सचिव राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड आदित्य नेगी को डीसी शिमला लगाया गया है। इसके अलावा विवेक भाटिया को हटाकर विशेष सचिव राजस्व एवं निदेशक पर्यावरण विज्ञान एवं तकनीकी दुनी चंद राणा को डीसी चंबा, विशेष सचिव ऊर्जा हेमराज बैरवा को डीसी किन्नौर, एमडी पिछड़ा वर्ग वित्त विकास निगम राघव शर्मा को डीसी ऊना, एमडी एचपीएमसी देबश्वेता बनिक को डीसी हमीरपुर, निदेशक टीसीपी रोहित जम्वाल को डीसी बिलासपुर और नगर आयुक्त शिमला पंकज राय को डीसी लाहौल-स्पीति लगा दिया है। वहीं, डीसी शिमला रहे अमित कश्यप को श्रम आयुक्त के साथ-साथ एमडी सामान्य उद्योग निगम का अतिरिक्त कार्यभार दिया गया है। इसी तरह डीसी ऊना रहे संदीप कुुमार को बिजली बोर्ड के निदेशक कार्मिक, डीसी किन्नौर गोपाल चंद को विशेष सचिव ऊर्जा, डीसी हमीरपुर हरिकेश मीणा को निदेशक ऊर्जा, डीसी बिलासपुर राजेश्वर गोयल को एमडी एचपीएमसी के साथ-साथ प्रोजेक्ट डायरेक्टर बागवानी विकास सोसायटी शिमला, प्रबंध निदेशक एग्रो इंडस्ट्रियल पैकेजिंग इंडिया लिमिटेड और एग्रो इंडस्टरीज कॉरपोरेशन का भी अतिरिक्त कार्यभार दिया गया है।
सात महीनों के लम्बे इंतज़ार के बाद सोमवार को प्रदेश भर में 10 वीं और 12 वीं के बच्चे स्कूल पहुंचे। शिक्षा विभाग द्वारा जारी एसओपी के मुताबिक स्कूल आ रहे बच्चों के लिए तमाम सावधानियां बरती जा रही हैं। छात्रों को थर्मल स्क्रीनिंग व सैनिटाइज करने के बाद ही स्कूलों में एंट्री मिल रही है। अभिभावकों के सहमति पत्र के साथ स्कूल आने वाले छात्रों को शिक्षक कक्षाओं में नियमित रूप से पढ़ाएंगे। कोरोना वायरस के चलते बोर्ड कक्षाओं के विद्यार्थियों की पढ़ाई और प्रभावित न हो, इसके लिए सरकार ने शिक्षकों से गाइडेंस लेने स्कूल आने वाले विद्यार्थियों को कक्षाओं में बिठाकर पढ़ाने का फैसला लिया है। वहीं जारी गाइडलाइन्स के मुताबिक शिक्षक छात्रों पर स्कूल आने का दबाव नहीं डाल सकते। विद्यार्थियों की अटेंडेंस नहीं लगेगी। केंद्र की एसओपी का सख्ती से पालन किया जाएगा। अभिभावक बच्चों को स्कूल नहीं भेजना चाहते हैं तो उनके लिए ऑनलाइन कक्षाएं भी जारी रहेंगी।
महंगाई व महामारी से जूझ रही त्रस्त जनता को सरकार ने फिर से तगड़ा झटका दिया है। इस बार आउटस्टैंडिंग रिकवरी के नाम पर बिजली के बिल बढ़ाकर प्रदेश के नागरिकों के लिए नई परेशानी पैदा की गई है। महंगाई व महामारी में पिस चुकी जनता का अब रोज किसी न किसी बहाने सरकार कचूमर निकालने पर आमादा हो गई है। यह बात राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने यहां जारी प्रेस बयान में कही है। राणा ने कहा कि पूरे प्रदेश भर से उन्हें यह शिकायतें मिली हैं कि जिनका बिजली का बिल 1000 रुपए खपत के हिसाब से बनता है, उनको आउटस्टैंडिंग के नाम पर 2 हजार रुपए और जोड़कर तीन-तीन हजार रुपए बिल थमाया जा रहा है। ऐसे ही अगर किसी व्यवसासी का बिल 10 हजार रुपए बनता है तो उसे 20 हजार रुपए आउटस्टैंडिंग रिकवरी देनी होगी। कमोवेश लूट की यह स्थिति समूचे प्रदेश में एक जैसी है। जहां कोरोना के कारण बेरोजगारी से त्रस्त जनता महंगाई से जैसे-कैसे जूझने में लगी है। इस पर सरकार किसी न किसी बहाने अब नागरिकों पर अतिरिक्त बोझ डालकर वसूली में लगी हुई है। राणा ने कहा कि सरकार बिजली के बिलों पर स्थिति स्पष्ट करे। क्योंकि यह पहला मौका नहीं है जब बिजली के बिल एक बार फिर बढ़े हैं। इससे पहले बिजली की दरें बढ़ाई गईं। उसके बाद सरचार्ज व सर्विस चार्ज के नाम पर वसूल की गई। अब आउटस्टैंडिंग रिकवरी के नाम पर वसूली की जा रही है। राणा ने कहा कि उन्हें लोगों ने बताया कि उनकी कोई भी आउटस्टैंडिंग नहीं बनती थी। बावजूद इसके बिजली विभाग ने उनके बिल में आउटस्टैंडिंग दिखाई है।
हिमाचल प्रदेश में आए दिन कोरोना के मामलों में इज़ाफ़ा हो रहा है। आलम ये है की अब हिमाचल सरकार भी इस से अछूती नहीं रही है। बुधवार को विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार कोरोना संक्रमित पाए गए है। परमार के अलावा प्रदेश भर में 234 नए मामले आए। इन मामलो में शिमला से 46, कुल्लू से 34, मंडी से 31, सिरमौर से 27, बिलासपुर से 23, सोलन से 22, काँगड़ा से 17, हमीरपुर से 16, चम्बा 9, लाहौल 5 और ऊना में 4 केस सामने आए हैं। वहीं नेरचौक में उपचारधीन दो लोगों की मौत भी हुई है। बुधवार को परमार की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। उनसे पहले मुख्यमंत्री, बंजार के विधायक और शहरी विकास मंत्री भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। बंजार के विधायक सुरेंदर शौरी के साथ सरकार के नुमाइंदों में कोरोना संक्रमितों के आने का सिलसिला शुरू हो गया। विधायक के प्राथमिक संपर्क में आए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर पहले पॉजिटिव पाए गए और फिर कृषि मंत्री रामलाल मारकंडा की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई। हालाँकि अब उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आ चुकी है। मुख्यमंत्री से पहले शहरी विकास मंत्री सुरेश भरद्वाज भी परिवार समेत कोरोना की चपेट में आए थे। वहीं, उनसे पहले बिजली मंत्री सुखराम चौधरी, जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर भी कोरोना संक्रमित हुए थे। हिमाचल प्रदेश में अब तक कोरोना के कुल मामले 18008 पहुंच गए हैं। वहीं, अब तक सूबे में 250 लोगो की कोरोना से मौत हो चुकी है। हालांकि, बीते कुछ दिन से सूबे में कोरोना के मामलों में गिरावट देखी गई है। अब 200 से नीचे केस रिपोर्ट हो रहे हैं, जबकि इससे पहले 300 से 400 लोग संक्रमित प्रतिदिन आ रहे थे।
कोरोना कल के बिच महीनो से बंद पड़ी अंतर्राज्यीय बस सेवा आखिरकार बुधवार को बहाल कर दी गई। 25 रूटों पर शुरू हुई बसों में पहले ही दिन से यात्रियों का जमावड़ा देखने को मिला। पेहले ही दिन बसों में 70 से 100 फीसदी ऑक्यूपेंसी रही। यात्रियों के is रिस्पांस को देखते हुए HRTC ने 35 और नए रुटों पर बस सेवा बहाल करने का फैसला लिया है। साथ ही इंटरस्टेट बस सेवा के लिए आज से यात्रियों को ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा भी मिलेगी। बुधवार को ऑनलाइन पोर्टल न खोलने की वजह से यात्रियों को काफी परेशानी हुई थी।
बॉलीवुड सुपरस्टार गोविंदा की पत्नी सुनीता आहूजा मंगलवार सुबह मां चिंतपूर्णी के दरबार में शीश नवाने पहुंची हैं। उन्होंने आज माता के दर्शन किए और अपने परिवार के कुशलक्षेम के लिए मन्नत मांगी। सुनीता आहूजा ने बताया कि वह माता चिंतपूर्णी के दरबार में लंबे समय से आना चाह रही थी लेकिन देश भर में चल रहे लॉकडाउन के चलते वे यहां नहीं पहुंच पाई। अब जैसे जैसे परिस्थितियों सामान्य हो रही हैं वैसे ही उन्होंने मां चिंतपूर्णी के दरबार पहुंच शीश नवाया है। मंदिर के पुजारियों ने सुनीता आहूजा से मंदिर में पूजा अर्चना करवाई। वहीं उन्हें माता की चुनरी और चित्र भेंट कर सम्मानित भी किया गया। बता दें गोविंदा का परिवार पहले भी कई बार माता के दर्शन करने आ चूका है।
आज से हिमाचल प्रदेश के सभी स्कूलों में 100 फीसदी शिक्षक व गैर शिक्षक लौट आएं हैं। सरकार द्वारा 12 अक्टूबर से सभी स्कूलों में नई व्यवस्था लागु कर दी है। वहीं स्कूलों को स्कूल आने वाले विद्यार्थियों की संख्या और कमरों के हिसाब से माइक्रो प्लान बना कर 17 अक्टूबर तक शिक्षा उपनिदेशकों को भेजने को खा गया है। साथ ही 15 से 17 अक्टूबर तक ई-पीटीएम कर अभिवावकों के साथ भी संवाद स्थापित करने कोख गया है। हालांकि विद्यार्थियों के स्कूलों में नियमित तौर पर बुलाने के फैसले का अभी इंतज़ार रहेगा। केंद्र सरकार द्वारा 15 अक्तूबर के बाद शिक्षण संस्थान खोलने का फैसला राज्य सरकारों पर छोड़ा गया है। हिमाचल में इसको लेकर कैबिनेट की बैठक में फैसला लिया जाना था पर BJP के विधायक के पॉजिटिव आने के मुख्यमंत्री क्वारंटाइन हो गए। कारणवश कैबिनेट की बैठक स्थगित करनी पड़ी। ऐसे में शिक्षा विभाग अपने स्तर पर फैसला लेते हुए अब स्कूलों को छात्रों के लिए खोलने से फ़िलहाल इनकार किया है। केंद्र की एसओपी को लागू करते हुए शिक्षा विभाग ने फिलहाल सोमवार से सौ फीसदी शिक्षकों और गैर शिक्षकों को बुलाने का फैसला लिया है। 12 से 16 अक्तूबर तक विद्यार्थियों के लिए स्कूल खोलने का माइक्रो प्लान बनाया जाएगा।
एनआईटी हमीरपुर में डायरेक्टर विनोद यादवा के विरुद्ध अब एनआईटी प्रशासन एफआईआर दर्ज करवाए। क्योंकि उनकी बर्खास्तगी के बाद अब यह साबित हो गया है कि विनोद यादवा एनआईटी में कथित भर्ती घोटाले के मुख्य आरोपी हैं। यह बात राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने यहां जारी प्रेस बयान में कही है। उन्होंने कहा कि अब जब केंद्रीय जांच समीति यह साबित कर चुकी है कि एनआईटी हमीरपुर के डायरेक्टर विनोद यादवा इस कथित भर्ती घोटाले के दोषी साबित हो चुके हैं तो उनके खिलाफ एफआईआर करने में देरी क्यों की जा रही है। राणा ने कहा कि एनआईटी के डायरेक्टर विनोद यादवा की कारगुजारी के चलते एनआईटी में 100 के करीब भर्ती किए गए लोगों से करोड़ों के लेनदेन के भी आरोप लगे हैं। जिसकी जांच होना स्वाभाविक है। उन्होंने कहा कि अगर सच में ही बीजेपी सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की बात करती है तो अब केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय व एनआईटी प्रशासन को आरोपी डायरेक्टर के खिलाफ अपराधिक गतिविधियों के आरोप में एफआईआर दर्ज होनी जरुरी है। राणा ने कहा कि केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा गठित समीति की रिपोर्ट में उन्हें दोषी पाया गया है। जिस कारण से उनकी सेवाओं को तत्काल प्रभाव से समाप्त किया गया है। राणा ने कहा कि भ्रष्टाचार के आरोपों की गंभीरता का पता इस बात से साफ चलता है कि केंद्रीय मंत्रालय ने उन्हें नोटिस देने तक का जोखिम नहीं उठाया है और उनकी सेवाओं को समाप्त करते हुए उन्हें तीन महीने की बेसिक पगार थमाकर चलता किया है। राणा ने कहा कि वह इस भ्रष्टाचार के बड़े मामले की शिकायत लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश निशंक पोखरियाल के साथ बोर्ड ऑफ गवर्नर के चेयरमैन चंद्रशेखर को लगातार करते रहे हैं, जबकि इस मामले की शिकायत उन्होंने सबूतों के साथ हिमाचल प्रदेश सीबीआई के एसपी को भी की है। उन्होंने कहा कि मैथ व कंप्यूटर साईंस के साथ अन्य कई विभागों में सैकड़ों लोगों की भर्तियां कथित आरोपों के लेनदेन के बीच नेपोटिज्म के आधार पर हुई हैं। जिनकी अब जांच होनी स्वाभाविक है। उन्होंने कहा कि आरोपी डायरेक्टर की इस कारगुजारी के चलते एनआईटी हमीरपुर की रैंकिंग गिर कर 98वें रैंक पर जा पहुंची थी। इन सब मामलों की जांच के लिए एफआईआर होनी जरुरी है, ताकि जिन लोगों के साथ इस बेखौफ धांधली के चलते अन्याय हुआ है, उन्हें न्याय मिल सके।
आज प्रदेश में कोरोना से दो मौते हो गई हैं। बता दें नेरचौक मेडिकल कॉलेज में बिलासपुर के एक व्यक्ति और एक कुल्लू के व्यक्ति की मृत्यु हो गई हैं। बिलासपुर निवासी मृतक 58 वर्ष का था और कई अन्य गंभीर बीमारियों से भी ग्रसित था। कोरोना संक्रमण की चपेट में आने से देर रात उसने दम तोड़ दिया। वहीं कुल्लू निवासी मृतक ने शुक्रवार सुबह दम तोडा। वह 55 वर्षीय थे व कुल्लू के भुंतर से ताल्लुक रखते थे।
सुप्रीम कोर्ट ने 2630 एसएमसी शिक्षकों को राहत पहुंचाई है। बता दें SC ने हिमाचल हाईकोर्ट के एसएमसी शिक्षकों की नियुक्तियां रद्द करने के फैसले पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी के माध्यम से हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाले शिक्षक संघ अध्यक्ष मनोज रोंगटा ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी गई है। मनोज रोंगटा ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर का SC में प्रदेश सरकार की ओर से एसएलपी दायर करने और शिक्षकों के हित में खड़े होने के लिए आभार जताया है। बता दें की हिमाचल प्रदेश HC ने बीते महीने 2630 एसएमसी शिक्षकों की नियुक्तियां रद्द करने का फैसला सुनाते हुए इनकी जगह छह माह में नियमित शिक्षकों की भर्ती करने का फैसला दिया था। ये एसएमसी शिक्षक प्रदेश के दूर दराज क्षेत्रों में काफी वर्षों से सेवाएं दे रहे हैं। सरकार ने स्कूलों में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए अस्थाई तौर पर इनकी तैनाती की थी। एसएमसी शिक्षकों के हितों को सुरक्षित रखने के लिए सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। मुख्यमंत्री ने शिक्षकों को लेकर मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही थी। इसी बीच सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए शिक्षकों के साथ प्रदेश सरकार ने भी एसएलपी दायर की थी।
कोरोना पॉजिटिव विधायक के समपर्क में आने के बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने खुद को क्वारंटाइन कर लिया था। मुख्यमंत्री के तीन दिन क्वारंटाइन होने के कारण 9 अक्तूबर को प्रस्तावित कैबिनेट की मीटिंग टल गई है। मिली जानकारी के अनुसार 8 अक्टूबर को मुख्यमंत्री का कोरोना टेस्ट किया जाएगा। बता दें सीएम तीन दिनों के लिए स्वास्थ्य विभाग की निगरानी में हैं, ऐसे में अब कैबिनेट की बैठक ताल दी गई है। इस बार की कैबिनेट बैठक को अहम मन जा रहा था। इस बार इंटरस्टेट बसों के चलने और स्कूल खोलने जैसे मुद्दों पर फैसले होने वाले थे।
मंगलवार को अटल टनल रोहतांग के पास बड़ा हादसा होते-होते टला है। बता दें मनाली-केलांग मार्ग पर, अटल टनल से करीब डेढ़ किलोमीटर आगे, आलू की बोरियों से लदा ट्रक एक कार पर पलट गया। गनीमत रही उस समय कार में मौजूद व्यक्ति ने ट्रक की स्पीड को भांप लिया और कार से छलांग मार सुरक्षित दूरी पर चला गया, वर्ना बड़ा हादसा हो सकता था। जानकारी के मुताबिक कार हरयाणा से हिमाचल घूमने आए पर्यटकों की थी व हादसे के समय हाईवे के किनारे पर पार्क थी। इस दौरान विपरीत दिशा से आता हुआ एक ट्रक अचानक कार पर पलट गया। ऑय विटनेसेस की मने तो हादसे से पहले गाड़ी की पिछली सीट पर एक व्यक्ति बैठा हुआ था जिसने ट्रक की स्पीड भांपते हुए सुरक्षित जगह के लिए छलांग लगा दी। हालाँकि कार पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई पर व्यक्ति बाल-बाल बचा। रिपोर्ट्स के मुताबिक हादसे के बाद ट्रक चालक मौके से फरार हो गया।
प्रधानमंत्री नरेंदर मोदी के हिमाचल दौरे के बाद कुल्लू के बंजार से विधायक सुरेंदर शौरी के कोरोना पॉजिटिव आने से हड़कंप मच गया है। बता दें कि 3 अक्टूबर को पीएम ने रोहतांग अटल टनल का शुभारम्भ किया था। उस दौरान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और वन मंत्री राकेश पठानिया पीएम के संपर्क में रहे। अब वहीं बीते कल कुल्लू के बंजार के विधायक सुरेंद्र शौरी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं, जिस के बाद से ही सीएम ने खुद को क्वारंटाइन कर लिया है। बताया जा रहा है कि सीएम पॉजिटिव आए विधायक के प्राइमरी कांटेक्ट में थे। स्वास्थ्य विभाग को शौरी के कोरोना पॉजिटिव होने की रिपोर्ट टनल उद्घाटन कार्यक्रम से एक दिन पहले 2 अक्तूबर को ही मिल गई थी। हिमाचल सरकार की इस बड़ी चूक से पीएम मोदी के अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह व केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर के लिए भी कोरोना का खतरा पैदा हो गया है। इस खबर ने हिमाचल में हड़कंप मचा दिया है। स्वास्थ्य विभाग कि इस चूक से सीएम कार्यालय से लेकर पीएम कार्यालय तक कोरोना का खतरा मंडरा रहा है। मुख्यमंत्री कि माने तो शौरी के पॉजिटिव होने की जानकारी उन्हें 3 अक्तूबर को मिली थी। उन्होंने बताया कि अभी तक प्रधानमंत्री कार्यालय को इसकी जानकारी नहीं दी गई है। वहीं, अटल टनल कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी से नजदीक से बात करने वाले वन मंत्री राकेश पठानिया भी संक्रमित विधायक के संपर्क में आए थे। वह भी आइसोलेट हो गए हैं। पठानिया ने कहा कि शौरी के पॉजिटिव आने की जानकारी मुख्यमंत्री के क्वारंटीन होने के बाद मिली है। उन्होंने बताया कि शौरी से दूर से ही उनकी मुलाकात हुई थी और दोनों ने ही मास्क लगाए थे। फिर भी कोविड प्रोटोकॉल के तहत खुद को क्वारंटीन कर लिया है। मुख्यमंत्री, मंत्री के क्वारंटीन होने के बाद सीएम से ही प्रदेश के कई दिग्गज नेता, राजनीतिक सलाहकार त्रिलोक जम्वाल, भाजपा के संगठन महामंत्री पवन राणा समेत अन्य क्वारंटीन हो गए हैं। वही शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर ने कहा है कि उन्होंने विधायक से मुलाकात नहीं की थी। इस वजह से वह अभी तक क्वारंटीन नहीं हुए हैं।
परिवहन विभाग की ओर से इंटरस्टेट बसों में व्यवस्था को लेकर एसओपी तैयार कर दी गई है। जारी निर्देशों के मुताबिक अब हिमाचल सरकार द्वारा बहरी राज्यों के लिए जाने वाली बसों में बच्चों, बुजुर्गों व बीमार व्यक्तियों के लिए सीटें आरक्षित की जाएंगी। सीट नंबर 2 से 6 तक सीटें इनके लिए रिज़र्व रहेंगी, वहीं 1 नंबर सीट कंडक्टर के लिए रहेगी। कंडक्टर सवारियों को बस में चढ़ने से पहले टिकट देगा। साथ ही बिना मास्क बसों में किसी को सफर नहीं करने दिया जाएगा। परिवहन विभाग ने एसओपी तैयार कर सरकार को भेज दी है। अब इस मामले को कैबिनेट बैठक में लाया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक इंटर स्टेट बसें 60 प्रतिशत सीटों के साथ शुरू होंगी। डीलक्स बसों में 50 प्रतिशत सीटों पर यात्री सफर कर सकेंगे। यानी अब 100 सीटर बसों में 50 यात्री सफर कर सकेंगे।
हमीरपुर। जिला में सोमवार को आरटी पीसीआर टैस्ट में 14 लोग कोरोना पाॅजीटिव पाए गए हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. अर्चना सोनी ने बताया कि पाॅजीटिव पाए गए लोगों में भोरंज उपमंडल के गांव कक्कड़ की 51 वर्षीय, 63 वर्षीय और 28 वर्षीय तीन महिलाएं, गांव मुुंडखर के तीन लोग 9 वर्षीय लड़का, 10 वर्षीय लड़का और 69 वर्षीय व्यक्ति शामिल है। कोरोना संक्रमित व्यक्तियों के प्राथमिक संपर्क के कारण नादौन के गांव टिल्लू के तीन लोगों 62 वर्षीय व्यक्ति, 57 वर्षीय महिला और 30 वर्षीय महिला, गांव अणु कलां के दो लोगों 75 वर्षीय बुजुर्ग तथा 17 वर्षीय लड़की की रिपोर्ट पाॅजीटिव आई है। लेह से लौटा टौणी देवी के गांव छत्रैल का 21 वर्षीय युवक, टौणी देवी में बिहार से आया 29 वर्षीय व्यक्ति और जलाड़ी क्षेत्र के गांव मतियाल का 28 वर्षीय व्यक्ति भी कोरोना संक्रमित पाया गया है।
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हिमाचल आने पर स्वागत है, लेकिन इस बार प्रदेश प्रेम भाषणों में नहीं हकीकत में दिखा कर जाएं। यह बात राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने यहां जारी प्रेस बयान में कही है। राणा ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी हों या इंदिरा गांधी हो, जब-जब हिमाचल आए हैं, तब-तब उन्होंने हिमाचल के प्रति अपना स्नेह प्रदर्शित करते हुए हिमाचल को बड़े-बड़े पैकेज व बड़ी-बड़ी विकास योजनाएं समर्पित की हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिस रोहतांग टनल का उद्घाटन करने आज हिमाचल पहुंचे हैं। वह रोहतांग टनल भी कांग्रेस के हिमाचल के स्नेह व सम्मान की देन है, जो अब देश और प्रदेश के विकास के बड़े सपने को साकार कर रही है। हिमाचल प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा देने वाली पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी ने सपना देखा था। रोहतांग टनल का सपना 1983 में इंदिरा गांधी द्वारा जनजातीय जिला की पहली महिला विधायक स्वर्गीय लता ठाकुर के आग्रह पर देखा था। 1984 में इसका जियोलॉजिक्ल सर्वे किया गया। 2005 यूपीए वन में इस प्रोजेक्ट को कैबिनेट क्लीयरेंस मिली जबकि 2009 में यूपीए टू ने इस प्रोजेक्ट को बजट के प्रावधान के सहित पूर्व पीएम मनमोहन सिंह द्वारा क्लीयर किया गया। 28 जनू 2010 को रोहतांग टनल का शिलान्यास कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी द्वारा किया गया। जिसका उद्घाटन करने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब हिमाचल पहुंचे हैं। राणा ने कहा कि सरकारें आती है, जाती हैं। विकास सतत क्रिया है, जो कि सरकारों के दम पर आगे बढ़ता है, लेकिन इसमें यह कह देना कि रोहतांग टनल बीजेपी ने बनाई है, तो यह गलत होगा जबकि असलियत यह है कि कांग्रेस के काम को बीजेपी ने आगे बढ़ाकर अब उद्घाटन तक पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रधानमंत्री रहते हुए संभवत यह तीसरा दौरा है जबकि प्रधानमंत्री बनने से पहले वह सुजानपुर भी आए थे। प्रधानमंत्री के हर दौरे में जन संवाद के दौरान हिमाचल प्रेम खूब छलका है, लेकिन यह प्रेम अब तक सिर्फ भाषणों तक ही सीमित रहा है। उन्होंने कहा, मेरा प्रधानमंत्री से निवेदन है कि अगर बकौल मोदी वह हिमाचल को अपना दूसरा घर मानते हैं व सच में हिमाचल की देवभूमि व वीरभूमि से प्रेम करते हैं तो महंगाई, बेरोजगारी व महामारी के साथ कर्जे के पहाड़ के नीचे दबे प्रदेश को इस दौरे में कोई बड़ा पैकेज देकर राहत देकर जाएं। राणा ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री मोदी के हिमाचल से दूसरे घर जैसे रिश्ते हैं तो रिश्ते दिखाने के लिए नहीं निभाने के लिए होते हैं? और इस बार वह बड़े पैकेज की घोषणा करके इन रिश्तों को निभाकर जाएं।
अटल टनल रोहतांग के बाद अब प्रधानमंत्री मोदी ने लाहौलियों को एक और बड़ी सौगात दी है। बता दें अटल टनल रोहतांग के उत्तरी पोर्टल में पीर पंजाल की पहाड़ी में जल्द ही बुद्ध की एक विशाल प्रतिमा बनाई जाएगी। यह प्रतिमा लगभग 328 फीट यानि 100 मीटर ऊंची होगी। यह प्रतिमा अफगानिस्तान के बामियान की तर्ज बनाई जाएगी। इस निर्माण में लगभग 500 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इस प्रोजेक्ट को खुद प्रधानमंत्री ने सहमति दी है। हिमाचल सरकार के इस प्रस्ताव को केंद्र सरकार ने अपनी सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। प्रतिमा का निर्माण केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय की देखरेख में गुजरात की एक निजी फर्म को सौंपा जाएगा। सिस्सू गांव के पार विख्यात वॉटर फाल के पास पीरपंजाल की पहाड़ी को कुरेद कर बुद्ध प्रतिमा बनाई जाएगी। इस निर्माण से जनजातीय क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और आय के नए द्वार खुलेंगे।
जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में चलते काफिले के दौरान सड़क हादसे में हिमाचल के सिरमौर का 42 वर्षीय जवान शहीद हो गया। सिरमौर के धारटीधार इलाके की नौनी (जामटा) पंचायत के कटीयार गांव के सुरेश कुमार, सेना की 155 टी ए बटालियन में शोपियां में तैनात थे। गत 29 सितंबर को सेना की लगभग 100 गाड़ियों का काफिला जम्मू से श्रीनगर के लिए निकाला। उनमें से बीच की गाड़ी उधमपुर के समीप दूसरी गाड़ी को बचाने के चक्कर में दुर्घटनाग्रस्त हो गई जिसमें हवलदार सुरेश कुमार भी सवार थे जिन्हें दुर्घटना के बाद सैनिक अस्पताल ने मृत घोषित कर दिया। 30 सितंबर को शहीद की पार्थिव देह उधमपुर से घर के लिए रवाना कर दी गई। देर रात शहीद की पार्थिव देह नाहन पहुंची और रात को नाहन मे ही रखी गई। गुरूवार को प्रातः 8:00 बजे शहीद की पार्थिव देह भूतपूर्व सैनिक संगठनों व स्थानीय लोगों के कफिले के साथ शहीद के पैतृक गांव कतयाड़ के लिए लाया गया। रास्ते में कई स्थानों पर लोगों ने पुष्प वर्षा की। पिता जोगेंद्र सिंह, माता शीला देवी व शहीद की पत्नी शीला देवी तथा बेटे आर्यन एवं विवेक व परिवार तथा गांव के लोग पार्थिव देह को देखकर बिलखने- चिल्लाने लगे। गांव तथा पूरे इलाके में शोक की लहर है। शहीद के जेष्ठ पुत्र विवेक ने पवित्र देह को मुखाग्नि दी। उपस्थित सभी लोगों ने भारत माता की जय, शहीद सुरेश अमर रहे के नारे लगाए। उपस्थित सभी लोगों ने शहीद के परिवार के प्रति गहरी संवेदना प्रकट करते हुए दिवंगत आत्मा को शांति के लिए भगवान से प्रार्थना की। नौनी ग्राम पंचायत के प्रधान नरेश ठाकुर ने स्थानीय लोगों के साथ मिलकर श्मशान घाट के लिए पहाड़ी और संकरा रास्ता होने के बावजूद भी साफ-सफाई तथा देह संस्कार के लिये बहुत अच्छी व्यवस्था की जिसके लिए सभी लोगों ने उनकी सराहना की। इस मौके पर मुख्यतः परिवार के सदस्यों और सगे संबंधियों के अलावा डीसी सिरमौर डॉ० आर के परूथी, अतिरिक्त एसपी सिरमौर बबीता राणा, एसडीएम विवेक, नाहन के विधायक डाॅ राजीव बिंदल, भूतपूर्व सैनिक संगठन पांवटा-शिलाई से अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह चौहान, सचिव नरेंद्र सिंह ठुंडू, पूर्व सैनिक सगंठन धारटीधार, पूर्व सैनिक सगंठन रेणुका जी- सगड़ाह, भूतपुर्व सैनिक सगंठन नाहन, स्थानीय पंचायत व गांव के प्रतिनिधि व अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।
हिमचाल प्रदेश में कोरोना महामारी का कहर जारी है। प्रदेश में कोरोना का आंकड़ा 15 हज़ार पार करने वाला है। वीरवार को भी कोरोना ने प्रदेश में कहर दिखाया। आज दोपहर तक 21 लोग कोरोना संक्रमण की चपेट में आए हैं, इनमें कांगड़ा से 2 व ऊना से 19 मामले सामने आए हैं। वहीं 6 कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हुई है। इसके अलावा 218 मरीज स्वस्थ हुए हैं। इसी के साथ प्रदेश में कोरोना का आंकड़ा 14997 पर पहुँच गया है, वहीं 11588 लोगों ने कोरोना संक्रमण को मात दी है। प्रदेश में अब 3197 मामले सक्रिय हैं व 187 मरीजों की मौत हो चुकी है।
राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने प्रेस बयान में कहा है कि स्वास्थ्य के साथ शिक्षा के नाम पर भी जमकर फर्जीवाड़े व मनमानियों का दौर बीजेपी की सत्ता में बदस्तूर जारी है जिस कारण से योग्यतावान व क्षमतावान प्रतिभाएं प्रदेश में अपने आप को कुंठित व प्रताडि़त महसूस कर रही हैं। राणा ने खुलासा करते हुए कहा कि प्रदेश की एकमात्र सेंट्रल यूनिवर्सिटी में चली मनमानियों के बीच अब विशेष विचारधारा के नाम पर चमचागिरी करने वाले लोगों को नियुक्तियां दी गई हैं। इन नियुक्तियों में तमाम नियमों को दरकिनार किया गया है जिससे सेंट्रल यूनिवर्सिटी में कार्यरत बेहतर प्रदर्शन करने वाले सब्जेक्ट एक्सपर्ट खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। राणा ने कहा कि शिक्षा किसी और विषय की और नियुक्ति किसी और विषय में नियुक्ति करने के कारनामे को भी सेंट्रल यूनिवर्सिटी ने अंजाम दिया है। सेंट्रल यूनिवर्सिटी में सियासी पार्टी के कार्यकर्ताओं की वफादारी की तर्ज पर नियुक्तियां की जा रही हैं जिससे कि वहां कार्यरत अधिकांश स्टाफ में सिस्टम व सरकार के प्रति लगातार आक्रोश बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि प्लांट साइंस सब्जेक्ट में सिर्फ पीएचडी बॉटनी के लोगों को नियुक्ति देने का नियम है, लेकिन इस यूनिवर्सिटी में इस विषय की पढ़ाई के लिए बायोटेक व बायोकेमिस्ट्री के लोगों को नियुक्ति देकर अपनी पॉवर के मिसयूज कर मनमानी का परिचय दिया है। सेंट्रल यूनिवर्सिटी की इस मनमानी से प्रदेश के अनेक योग्य उच्चशिक्षा प्राप्त युवा अपनी अनदेखी से परेशान हैं। जिसको लेकर कुछ लोगों ने न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाया है। राणा ने कहा कि यह पहली यूनिवर्सिटी नहीं है जो बीजेपी के राज में मनमानी पर उतरी है। इससे पहले एनआईटी हमीरपुर, आईआईएम नाहन में भी नियुक्तियों को लेकर धांधली के आरोप लग चुके हैं जबकि मानव भारती यूनिवर्सिटी सोलन तो लाखों फर्जी डिग्रियां बेचने के लिए विश्वभर में कुख्यात हो चुकी है।
प्रधानमंत्री के दौरे तक अटल टनल को सील कर दिया गया है। उद्घाटन तक किसी को भी अटल टनल में प्रवेश की अनुमति नहीं है। आज उद्घाटन की तैयारियों का जायज़ा लेने पहुंचे मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के काफिले को भी अटल टनल पार करने के लिए विशेष अनुमति लेनी पड़ी। मुख्यमंत्री का काफिला लाहुल की तरफ अटल टनल के नाॅर्थ पोर्टल सिस्सु में रोका गया। उनके काफिले में एक वाहन वाहन ज्यादा था जिस कारण एसपीजी ने उनके काफिले को रोक दिया। एसपीजी के अधिकारियों ने दिल्ली से अनुमति ली जिसके बाद ही मुख्यमंत्री के काफिले को आगे बढ़ने की इजाज़त दी गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे के मद्देनजर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर तैयारियों का जायज़ा लेने आज सुबह लाहुल-स्पीति के सिस्सू पहुंचे। जयराम ठाकुर वहां जिला प्रशासन कुल्लू व लाहुल-स्पीति के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करेंगे। साथ ही वह सीमा सड़क संगठन के अधिकारियों के साथ भी बैठकें करेंगे। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर एक अक्टूबर तक वहां पर मौजूद रहेंगे।
प्रदेश में कोरोना से मौत का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है। बुधवार को भी प्रदेश में कोरोना से दो मौते हुई हैं। शिमला के आईजीएमसी में कोरोना से दो व्यक्तियों ने दम तोड़ दिया। जानकारी के अनुसार एक व्यक्ति सिरमौर के नहान और दूसरा जिला शिमला के घणाहटी का रहने वाला बताया जा रहा है। सिरमौर निवासी मृतक 62 वर्षीय था व नाहन से आईजीएमसी के लिए रेफर किया गया था। 28 सितम्बर को व्यक्ति का टेस्ट हुआ जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी और देर रात इनकी मौत हो गई है। शिमला निवासी मृतक का 28 सितम्बर को ही रैपिड एंटीजेन टेस्ट हुआ था और रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी।
प्रधानमंत्री मोदी के 3 अक्टूबर को मनाली आ रहे हैं। लेकिन PM के दौरे से पहले पुलिस को मानली में एक गाड़ी से 3 रिवाल्वर बरामद हुई हैं। रिवाल्वर पकड़े जाने के बाद से ही पुलिस व सुरक्षा एजेंसियां और भी ज़्यादा सतर्क हो गई है और पहरा कड़ा कर दिया गया है। पुलिस ने प्रीणी के एक उद्योगपति की गाड़ी से ये हथियार बरामद किए हैं। तीन में से दो रिवाल्वर के लाइसेंस हैं जबकि एक अवैध हैं। ये सभी हरियाणा में बनी हैं और दो के प्रदेशस्तरीय लाइसेंस हैं, ऐसे में इन्हें दूसरे राज्य में ले जाना अपराध हैं। ये कामयाबी पुलिस को प्रीणी में चेकिंग करते हुए मिली। इस मामले में पुलिस ने 4 लोगों को गिरफ्तार किया है। इसके बाद से पुलिस व सुरक्षा एजेंसियों ने होटलों में भी चेकिंग का काम शुरू कर दिया है।
जम्मू-कश्मीर में हिमाचल का एक जवान शहीद हो गया है। जानकारी के मुताबिक, जवानों को लेकर सेना का वाहन उधमपुर से श्रीनगर की तरफ जा रहा था, जो उधमपुर से कुछ ही दूरी पर जाकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें 2 जवानों की मौत हो गई। इन दो जवानों में से एक हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर में नाहन विधानसभा क्षेत्र के कांडों का कथ्याड इलाके से ताल्लुक रखता है। जवान का नाम सुरेश कुमार, उम्र 47 साल बताई जा रही है। शहीद के परिवार में दो बेटे, पत्नी व बूढ़े मां-बाप हैं। शहादत की खबर मिलते ही गांव में मातम का माहौल है। शहीद जवान का पार्थिव शरीर बुधवार को गांव लाया जाएगा।
शनिवार, हिमाचल कैबिनेट की बैठक मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में हो रही है। इस बैठक में प्रधानमंत्री के दौरे के साथ साथ पर्यटन विकास, कोरोना व ऐसे कई अन्य अहम मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। आज की इस बैठक में बाहरी राज्यों के लिए बसें चलाने और डिपुओं में पॉस मशीनों से राशन देने पर भी फैसला हो सकता है। बैठक में शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज, शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर, मंत्री सरवीण चौधरी व अन्य नेतागण शामिल हुए है। हालांकि बैठक से सरकार के दो मंत्री नदारद रहे। उद्योग एवं परिवहन मंत्री बिक्रम ठाकुर और पंचायती राज एवं पशुपालन मंत्री वीरेंद्र कंवर अनुपस्थित रहे। बिक्रम ठाकुर स्टाफ सदस्य के संक्रमित पाए जाने के बाद क्वारंटाइन हैं।
राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने भाजपा पर तीखा हमला किया है। जारी प्रेस बयान में राणा ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा की बीजेपी जनादेश से विश्वासघात कर रही है व जनादेश के बहुमत का भी लगातार दुरुपयोग कर रही है। राणा ने खुलासा किया है कि केंद्र की तर्ज पर सत्ता को कारोबार का जरिया मान चुकी बीजेपी प्रदेश के संसाधनों को भी दोनों हाथों से लूटने में लगी है। राणा ने कहा कि केंद्रीय कांगड़ा बैंक में हुए खुलासे के मुताबिक बैंक के चेयरमैन को नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए कागजों के हेरफेर के तिकड़मों के चलते लाखों रुपए का लाभ दिया जा रहा है। राणा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश कॉर्पोरेशन एक्ट 1968 तथा नियम 1971 की धारा 41एफ के चलते किसी ऐसे व्यक्ति को बैंक का निदेशक नहीं बनाया जा सकता है, जो कि बैंक से कोई प्रत्यक्ष या परोक्ष लाभ ले रहा हो। यही प्रावधान बैंक के उपनियमों की धारा 29सी में भी रखा गया है, लेकिन केंद्रीय कांगड़ा बैंक की कलाकारी का नमूना यह रहा कि बैंक के चेयरमैन को लाखों का लाभ देने के लिए 1 मार्च 2018 को एफिडेविट दायर करवाया गया कि वह अपने पारिवारिक जसूर स्थित भवन के अपने हिस्से का किराया नहीं लेंगे। यह भवन केंद्रीय कांगड़ा बैंक को किराए पर दिया गया है। इतना ही नहीं परोक्ष लाभ की इस जुगाड़बंदी में किराया न लेने व अन्य कार्य करने का अधिकार बैंक के चेयरमैन ने अपने चाचा को दे दिया। 3890 रुपए से शुरू हुए इस बैंक के किराए को यकायक बढ़ाकर 1 मार्च 2019 को 28 हजार रुपए कर दिया और गजब यह रहा कि किराए की बढ़ोतरी का फैसला बैंक के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की बैठक में किया गया। जिसके चेयरमैन खुद केंद्रीय कांगड़ा बैंक के चेयरमैन रहे, तथा बैंक के प्रबंधक निदेशक भी इस बैठक में मौजूद रहे। इतना ही नहीं 1 मई 2007 से 30 अप्रैल 2012 तक 32280 रुपए किराए की बढ़ोतरी 22 मार्च 2019 को की गई। फिर 1 मई 2012 से लेकर 28 फरवरी 2019 तक फिर से किराए की बढ़ोतरी करके 48544 कर दी, जिसका भुगतान भी आनन-फानन में 22 अप्रैल 2019 को बैंक द्वारा कर दिया गया। राणा ने कहा कि बीजेपी का यह कारनामा यह बताने के लिए काफी है कि लोग इस पार्टी में सत्ता का कारोबार करने के लिए पद हासिल करते हैं व संसाधनों की लूट के लिए नियमों को ताक पर रखते हैं। वहीं, आम आदमी को महंगाई व बेरोजगारी की सौगात देते हैं।
भाजपा की तेज़तर्रार नेता व पूर्व मंत्री श्यामा शर्मा ने सोमवार को पंचकूला के एक निजी अस्पताल में आखिरी सासें लीं। उनके आकस्मिक निधन से पुरे हिमाचल प्रदेश में शोक की लहर दौड़ गई है। बता दें श्यामा पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रही थीं। सोमवार को अचानक उनकी तबियत बिगड़ी और उन्हें नाहन स्थित मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहाँ से उन्हें चंडीगढ़ PGI रेफेर कर दिया गया पर श्यामा ने बीच रस्ते में ही दम तोड़ दिया। पूर्व मंत्री श्यामा ने 16 सितम्बर को ही प्रधानमंत्री मोदी को फेसबुक पर शुभकामनाएं प्रेषित की थीं, पर उस समय कौन जनता था वह चंद रोज़ में दुनिया को अलविदा कह देंगी। श्यामा अपनी आखिरी समय तक राजनीती व समाजसेवा के क्षेत्र में सक्रिय रहीं। उनका राजनितिक करियर 42 सालों का रहा। वह तीन बार विधायक और एक बार मंत्री भी रहीं। उन्होंने भाजपा को जिला सिरमौर में पहचान दिलाई व संगठन के लिए कई बड़े कार्य किए। उन्होंने छात्र राजनीती से अपना करियर शुरू किया। उन्होंने पहली बार 1977 में नाहन विधानसभा से चुनाव लड़ा था और जीत भी हासिल की। श्यामा शर्मा नाहन से तीन बार विधायक 1977, 1982 व 1990 में रही। 1977 में वह तात्कालीन सरकार मेें पंचायती राज, खाद्य एवं आपूर्ति तथा विधि मंत्री रही। इसके बाद प्रेम कुमार धूमल की सरकार में राज्य योजना बोर्ड की उपाध्यक्ष भी रही। मुख्यमंत्री ने जताया शोक हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने पूर्व मंत्री श्यामा शर्मा के निधन पर शोक जताया है। सीएम ने कहा श्यामा शर्मा ने पार्टी और जनता की निस्वार्थ एवं समर्पण भाव से सेवा की है। भगवान उनकी दिवंगत आत्मा काे शांति प्रदान करे व परिवार को यह दुख सहने की शक्ति दे।
कृषि विभाग के आने से किसान मनपसंद दामों पर देश में कहीं भी अपनी फसल किसी को भी बेचने के लिए स्वतंत्र हो जाएंगे। इससे पहले की व्यवस्था में किसान केवल अपने ही राज्य की मंडियों में अपनी फसल बेच पाते थे। हमीरपुर से जारी प्रेस नोट जारी करते हुए भाजपा के जिला मीडिया प्रभारी अंकुश दत्त शर्मा ने कहा कि कांग्रेस के लोग कृषि विधायकों के बारे में मनगढ़ंत बातें कहकर लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। कृषि विधायक आने के बाद किसानों के पास दो तरीके होंगे वह चाहे तो अपनी फसल मंडियों के माध्यम से बेचे और जिसका उन्हें न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलता रहेगा और दूसरा यह कि विदेश में किसी भी व्यापारी को अपने मनपसंद ऊंचे दामों पर अपनी फसल सीधा बेच सकते हैं। जिला मीडिया प्रभारी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि किसानों को आज तलक उनके अधिकारों से वंचित रखा गया, जब कपड़ा उत्पादक, बर्तन उत्पादक आदि या अन्य किसी भी प्रकार का उत्पादन करने वाले लोग अपने उत्पाद को देश में कहीं भी बेच सकते हैं तो केवल किसान ही क्यों केवल अपने ही राज्य में सिर्फ मंडियों के माध्यम से ही अपनी फसल को बेचने के लिए सीमित किए गए। नए प्रावधानों के लागू हो जाने के बाद किसान अपनी फसल को मंडियों में या फिर मनचाही कीमतों पर देश में कहीं भी किसी को बेच सकते हैं। अनाज मंडियों के माध्यम से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरकारी खरीद पहले ही की तरह होती रहेगी। उन्होंने कहा कि कृषि विभाग में अनुबंध पैदावार की जो बात की गई है उसमें स्पष्ट कहा गया है कि पैदावार खरीदने का समझौता ज्यादा से ज्यादा 5 वर्ष का होगा और इस समझौते में सिर्फ पैदावार खरीदने की बात होगी, ना की जमीन खरीदने या फिर जमीन को गिरवी रखने की। जब किसान बीज बोएगा उससे पहले उसकी फसल की कीमत का समझौता होगा और जब फसल तैयार हो जाएगी तो फसल उठाने से पहले व्यापारी फसल की दो तिहाई कीमत समझौते के अनुसार अदा करेगा और और उसके 3 दिन के भीतर ही बाकी की एक तिहाई कीमत भी किसान को अदा करेगा। किसान अपनी फसल की मनपसंद कीमत व्यापारी से पहले ही तय कर लेगा जो उसे निश्चित रूप से मिलेगी। जिला मीडिया प्रभारी ने कहा कि बंपर फसल होने की सूरत में कई बार बहुत अधिक मात्रा में अनाज के सड़ने से किसानों की मेहनत बेकार हो जाने की समस्या भी कृषि विधेयक आ जाने से दूर हो जाएगी। उन्होंने कहा कि विपक्षी दल ज्वाइन कृषि विधायकों का विरोध कर रहे हैं वह चाहते हैं कि किसान आज भी अनगिनत बंधनों में जकड़ा रहे और किसानों को उनकी फसल का सही दाम न मिले और वह सभी लोग बिचौलियों के साथ खड़े दिखाई दे रहे हैं जो किसानों की मेहनत की कमाई पर डाका डालते हैं।
शिक्षकों और विद्यार्थियों को स्कूलों में बुलाने को लेकर अगले सप्ताह एसओपी जारी होगी। केंद्र सरकार से जारी अनलॉक-4 की गाइडलाइन के अनुसार 9वीं से 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों को 21 सितंबर से स्कूलों में बुलाने को हरी झंडी मिल गई है। केंद्र ने अभिभावकों के सहमति पत्र पर बच्चों को स्कूलों भेजने को मंजूरी दी है। केंद्र ने इसका अंतिम फैसला राज्य सरकारों पर छोड़ा है। केंद्र की ओर से बीते दिनों एसओपी भी जारी की गई है। इसी कड़ी में शिक्षा विभाग ने भी एसओपी तैयार कर अंतिम मंजूरी के लिए फाइल शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर को भेज दी है। केंद्र से जारी गाइडलाइन में 30 सितंबर तक स्कूलों, कॉलेजों और कोचिंग संस्थानों को बंद रखने का फैसला लिया गया है। हालांकि, केंद्र सरकार ने राज्यों को अपने स्तर पर फैसले लेने के लिए कुछ छूट भी दी है। प्रदेश शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों ने बताया कि केंद्र सरकार ने कंटेनमेंट जोन से बाहर वाले स्कूलों में नवीं से जमा दो कक्षा को शुरू करने के लिए एसओपी जारी कर दी है। हिमाचल ने भी अपनी एसओपी तैयार कर ली है। केंद्र सरकार ने 21 सितंबर से 50 फीसदी शिक्षकों और गैर शिक्षकों को भी स्कूल बुलाने को कह दिया है। ऐसे में पहली से आठवीं कक्षा की ऑनलाइन पढ़ाई की मानीटरिंग 21 सितंबर से शिक्षक स्कूल आकर ही करेंगे। एसओपी में शिक्षकों और विद्यार्थियों के आने-जाने को लेकर सभी नियम तय किए जाएंगे।
भारतीय जनता पार्टी प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद सुरेश कश्यप ने जारी एक प्रैस बयान में कहा कि विश्व के सबसे लोकप्रिय नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 17 सितम्बर को जन्मदिवस है तथा पार्टी प्रत्येक वर्ष प्रधानमंत्री का जन्मदिवस "सेवा सप्ताह’’ के रूप में मनाती है। प्रत्येक वर्ष पार्टी के सभी कार्यकर्ता विभिन्न प्रकार के सेवा के कार्यक्रम पूरे सप्ताहभर करके प्रधानमंत्री की दीर्घायु व स्वस्थ जीवन की कामना करते हैं। यह सेवा सप्ताह 14 सितम्बर से 20 सितम्बर, 2020 तक पूरे प्रदेश में मनाया जाएगा जिसके लिए प्रदेश उपाध्यक्ष राम सिंह को प्रभारी बनाया गया है। सुरेश कश्यप ने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का 70वां जन्मदिवस है इसलिए इस सेवा सप्ताह में प्रत्येक मण्डल में कम से कम 70 दिव्यांगों को विभिन्न प्रकार के कृत्रिम अंग एवं उपकरण प्रदान करने का पार्टी ने निर्णय लिया है। इसी प्रकार गरीब भाईयों एवं बहनों को आवश्यकतानुसार चश्में प्रदान किए जाएंगे। उन्होनें कहा कि प्रत्येक जिले में गरीब बस्ती एवं अस्पतालों में कोविड-19 के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए फल वितरण के कार्यक्रम किए जाएंगे तथा कोविड-19 से प्रभावित 70 लोगों को स्थानीय आवश्यकतानुसार एवं अस्पताल के माध्यम से प्लाजमा डोनेट किए जाएंगे। इस कार्यक्रम के लिए प्रदेश उपाध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री प्रवीण शर्मा को प्रभारी बनाया गया है।
सरकार ने 4 सितंबर को कैबिनेट बैठक में धार्मिक स्थलों को खोलने का निर्णय लिया था जिसके बाद आज प्रदेश में धार्मिक स्थलों को खोल दिया गया है। इसे ले कर एसओपी जारी किए गए। देवभूमि हिमाचल प्रदेश में भी आज सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार मंदिरों के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। शिमला स्थित प्रसिद्ध तारादेवी मंदिर , जाखू मंदिर एवं संकटमोचन मंदिर सहित अन्य धार्मिक स्थलों में श्रद्धालुओं ने दिशा-निर्देशों के अनुसार ही दरशन किए। एसओपी के तहत मंदिर परिसरों में सभी तैयारियां की जा चुकी हैं। सराहन स्थित प्रसिद्ध मां भीमाकाली मंदिर में सुबह सात से शाम साढ़े छह बजे तक भक्तों को माता के दर्शन करने की अनुमति रहेगी। शाम सात बजे मंदिर के कपाट बंद होंगे। मां चिंतपूर्णी का दरबार सुबह 9 से शाम 7 बजे तक श्रद्धालुओं के लिए खुलेगा। श्रद्धालु प्रसाद ले जा सकेंगे, लेकिन इसे चढ़ाने पर मनाही रहेगी। श्री नयना देवी जी मंदिर में रोजाना एक हजार श्रद्धालु दर्शन कर पाएंगे। मंदिर में 60 साल से अधिक और 10 साल से कम उम्र के बच्चों और गर्भवती महिलाओं के प्रवेश पर फिलहाल रोक रहेगी। शक्तिपीठ बज्रेश्वरी मां के दर्शन भक्त सुबह सात से शाम सात बजे तक करेंगे। मां चामुंडा के दर्शन भी इसी समय हो सकेंगे। हरियाणा और हिमाचल की सीमा पर त्रिलोकपुर स्थित माता बालासुंदरी मंदिर, पांवटा साहिब के ऐतिहासिक गुरुद्वारे में सुरक्षा के विशेष इंतजाम हैं। दियोटसिद्ध स्थित बाबा बालक नाथ मंदिर में दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को ई-पास बनवाना होगा। मंदिर प्रतिदिन सुबह छह बजे खुलेगा और शाम 7 बजे बजे बंद होगा। प्रतिदिन लगभग 500 श्रद्धालुओं को दर्शन की अनुमति दी जाएगी।


















































