सरकारी स्कूलों में नर्सरी से आठवीं कक्षा तक विद्यार्थियों को परोसे जाने वाले मिड-डे-मील की जांच में कई खामियां सामने आई हैं। यह खुलासा पंजाब बायोटेक्नोलॉजी इनक्यूबेटर की ओर से स्कूलों में तैयार होने वाले खाने के सैंपल जांचने पर हुआ। सैंपल जांच में सामने आया कि खाने में ई कोली नाम का बैक्टीरिया है। इससे बच्चों का पेट खराब होने से लेकर आंत को नुकसान तक पहुंच सकता है। जांच रिपोर्ट आने के बाद शिक्षा विभाग ने सभी स्कूल प्रबंधकों को खाना बनाते समय स्वच्छता मानकों का ख्याल रखने की हिदायत दी है। जानकारी के अनुसार सितंबर 2024 में केंद्र सरकार के निर्देश अनुसार पंजाब बायोटेक्नोलॉजी इनक्यूबेटर मोहाली की टीम ने ऊना के 10 स्कूलों में जाकर मिड-डे-मील के सैंपल लिए। सैंपल की जांच रिपोर्ट हाल ही में सामने आई है। इसमें कहा गया है कि भोजन में ई कोली बैक्टीरिया है, जो बच्चों की सेहत पर बुरा असर करता है। रिपोर्ट मिलने के बाद शिक्षा विभाग के हरकत में आते हुए स्कूलों को आदेश दिए गए कि भोजन तैयार करने वाले कर्मियों की नियमित स्वास्थ्य जांच हो। खाना बनाते समय स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाए। स्कूल प्रबंधक पेयजल की नियमित समय अंतराल के बाद क्लोरीनेशन करवाते रहें। खाना बनाने वाले स्थान, इस्तेमाल होने वाले बर्तनों और जहां बच्चों को भोजन खिलाया जाता है, उस स्थान की प्रतिदिन सफाई करवाई जाए। इसके अलावा खाना बनाने से पहले हाथों को साबुन से धोया जाए। बर्तन धोने के बाद व भोजन वितरित करते समय भी हाथों की साफ सफाई रखी जाए। ई कोली बैक्टीरिया के कुछ प्रकार जहरीला पदार्थ बनाते हैं, जो छोटी आंत की परत को नुकसान पहुंचा सकता है। इससे पेट में ऐंठन, उल्टी और दस्त (अक्सर खून के साथ) हो सकते हैं। लक्षण आमतौर पर बैक्टीरिया के संपर्क में आने के 3-4 दिन बाद शुरू होते हैं और लगभग एक सप्ताह के भीतर समाप्त हो जाते हैं। संक्रमण कम से कम तब तक संक्रामक रहता है, जब तक व्यक्ति को दस्त रहता है।
हिमाचल प्रदेश के राशनकार्ड उपभोक्ताओं को डिपुओं में इस महीने सरसों और रिफाइंड तेल मिलने की उम्मीद है। खाद्य आपूर्ति निगम ने शुक्रवार को तेल के टेंडर खोल दिए हैं। इसमें तीन कंपनियों ने डिपो में तेल की सप्लाई देने की हामी भरी है। सोमवार को खाद्य आपूर्ति निगम की ओर से फाइनेंशियल बिड खोली जानी है। इनमें से अब जिस कंपनी का रेट सबसे कम होगा, उसे टेंडर दिया जाएगा। हिमाचल में राशनकार्ड उपभोक्ताओं को तीन महीने से सरसों और रिफाइंड तेल नहीं मिला है। हालांकि इससे पहले भी खाद्य आपूर्ति निगम ने तेल की कंपनी फाइनल कर फाइल मंजूरी के लिए सरकार को भेजी थी। लेकिन रेट ज्यादा होने पर इसे रद्द किया गया। इसके चलते निगम की ओर से दोबारा से टेंडर किया जा रहा है। हिमाचल में साढ़े 19 लाख राशनकार्ड परिवार हैं। प्रदेश सरकार लोगों को दो लीटर तेल (एक रिफाइंड और एक लीटर सरसों), चीनी, तीन किलो दालें (मलका, माश और दाल चना) सब्सिडी पर दे रही है। आटा और चावल केंद्र सरकार सब्सिडी पर उपलब्ध करवा रही है। खाद्य आपूर्ति निगम के प्रबंध निदेशक राजेश्वर गोयल का कहना है कि डिपुओं में उपभोक्ताओं को सस्ते दामों में सरसों और रिफाइंड तेल उपलब्ध कराया जाना है। निगम की ओर से औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं। जिस कंपनी का रेट कम होगा, टेंडर उसे दिया जाएगा। निगम का दावा है कि हिमाचल प्रदेश में 3 महीने तक दालों की कमी नहीं होगी। खाद्य आपूर्ति निगम के गोदाम दालों से भरे हैं। निगम ने डिपो होल्डर को समय रहते गोदामों से सप्लाई उठाने के निर्देश दिए हैं।
हिमाचल प्रदेश पूर्व सैनिक निदेशालय ने पुलिस कांस्टेबल के 123 पदों भरने के लिए साक्षात्कार 24 फरवरी से होंगे। निदेशालय ने शेड्यूल जारी कर दिया है। साक्षात्कार प्रक्रिया 20 मार्च तक चलेगी। सामान्य श्रेणी के 74, अन्य पिछड़ा वर्ग के 16, अनुसूचित जाति के 24 और अनुसूचित जनजाति के 9 पद भरे जाएंगे। निदेशालय ने साफ किया है कि साक्षात्कार प्रक्रिया में वही पूर्व सैनिक भाग ले सकते हैं, जो एक जनवरी 2022 से एक जनवरी 2024 के बीच सेवानिवृत्त हुए हैं। शैक्षणिक योग्यता दसवीं पास अनिवार्य है। शेड्यूल के अनुसार बिलासपुर के सभी रोजगार कार्यालय में पंजीकृत पूर्व सैनिकों के लिए साक्षात्कार 24 फरवरी को होंगे। चंबा के 25, हमीरपुर और भोरंज में 27 फरवरी, सुजानपुर, बड़सर, नादौन में 28 को साक्षात्कार होंगे। मंडी, जोगिंद्रनगर, धर्मपुर, गोहर, करसोग, सरकाघाट में तीन मार्च, सुंदरनगर, पधर, नेरचौक, बालाचौकी व थुनाग में चार, सिरमौर में पांच, ऊना व हरोली में छह, अंब, बंगाणा में सात, सोलन के रोजगार कार्यालयों में 10 मार्च, धर्मशाला, कांगड़ा, पालमपुर, देहरा, नूरपुर में 11 मार्च को साक्षात्कार होंगे। बरोह, बैजनाथ, ज्वाली, फतेहपुर, नगरोटा सूरियां में 12, नगरोटा बगवां, ज्वालामुखी, कस्बा कोटला, इंदौरा, लंबागांव में 13, शिमला, मशोबरा, ठियोग, रामपुर, सुन्नी, चौपाल में 17, रोहडू, जुब्बल, कुमारसैन, डोडरा क्वार, कुपवी, चिड़गांव में 18, कुल्लू, किन्नौर और लाहौल-स्पीति के सभी रोजगार कार्यालयों में पंजीकृत पूर्व सैनिकों के लिए साक्षात्कार 19 मार्च को होंगे। सड़कें बंद होने के कारण जो पूर्व सैनिक साक्षात्कार में भाग नहीं ले सकेंगे, उनके लिए 20 मार्च को साक्षात्कार होंगे। इसके लिए उन्हें तहसीलदार या एसडीएम से एक प्रमाणपत्र देना होगा। निदेशालय के निदेशक ब्रिगेडियर मदनशील ने बताया कि अधिसूचना जारी कर दी गई है। पूर्व सैनिक वेबसाइट से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
** कुल्लू-मनाली बना पर्यटकों का पसंदीदा स्थल साल 2024 में कुल्लू-मनाली पर्यटकों का पसंदीदा डेस्टिनेशन बना, और इस साल कुल्लू जिले में 98 लाख से ज्यादा पर्यटकों ने कदम रखा। हिमाचल प्रदेश के विभिन्न स्थलों पर इस साल करोड़ों लोग पहुंचे, और कुल्लू जिला भी इसमें सबसे लोकप्रिय रहा। कुल्लू जिले के पुलिस विभाग द्वारा प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, पिछले एक साल में 98,54,502 पर्यटकों ने कुल्लू जिले के विभिन्न पर्यटन स्थलों का दौरा किया। इनमें से 17,91,728 पर्यटक गाड़ियों से कुल्लू पहुंचे। कुल्लू जिले के बंजार, जिभी, जलोड़ी दर्रा, मणिकर्ण घाटी, कसोल, मनाली, अटल टनल, और अन्य प्रमुख पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों की भारी भीड़ देखने को मिली। बंजार, तीर्थन घाटी और जलोड़ी दर्रा में 1,81,423 पर्यटक गाड़ियों के जरिए 9,97,825 पर्यटक पहुंचे। वहीं, पार्वती घाटी के मणिकर्ण और कसोल में 3,66,127 पर्यटक गाड़ियों के जरिए 20,13,699 पर्यटक आए। मनाली के सोलंगनाला, अटल टनल और अन्य पर्यटन स्थलों पर भी 12,44,178 गाड़ियों में कुल 68,42,978 पर्यटक पहुंचे। कुल्लू-मनाली का नाम सुनते ही पर्यटक यहां आना चाहते हैं, और हर साल यहां आने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। पर्यटकों ने इस साल पैराग्लाइडिंग और राफ्टिंग का भी आनंद लिया। कुल्लू जिले में 500 से ज्यादा पंजीकृत पैराग्लाइडर पायलट और कई राफ्टिंग साइट्स हैं, जहां पर्यटक ब्यास नदी में राफ्टिंग करते नजर आए। कुल्लू जिले के पुलिस अधीक्षक डॉ. कार्तिकेयन गोकुलचंद्रन ने बताया कि अधिक पर्यटकों की संख्या को देखते हुए पुलिस जवानों की तैनाती की जाती है ताकि पर्यटकों को कोई परेशानी न हो और वे सुरक्षित महसूस करें। पर्यटन विभाग पर्यटकों को बेहतर सेवाएं देने के लिए निरंतर काम कर रहा है, ताकि हर साल पर्यटकों की संख्या और बढ़े।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज यहां बताया कि प्रदेश सरकार 22 नई जल विद्युत परियोजनाओं का आबंटन करने जा रही है, जिनकी कुल विद्युत क्षमता 828 मेगावाट है। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं में 6.5 मेगावाट से लेकर 400 मेगावाट तक की परियोजनाएं शामिल है। उन्होंने कहा कि यह परियोजनाएं प्रदेश के कुल्लू, चम्बा, किन्नौर, लाहौल-स्पीति और शिमला जिलों में चिन्हित की गई हैं, जिनमें सबसे अधिक 595 मेगावाट क्षमता की नौ परियोजनाएं चिनाव नदी बेसिन, 169 मेगावाट क्षमता की आठ परियोजनाएं सतलुज नदी बेसिन, 55 मेगावाट की क्षमता की चार परियोजनाएं रावी व एक परियोजना नौ मेगावाट क्षमता की ब्यास बेसिन में लगाना प्रस्तावित है। ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार ने पहली बार इन परियोजनाओं को देश के अन्य राज्यों एवं केन्द्र शसित प्रदेशों व अन्य राज्य व केन्द्रीय उपक्रमों को 10 लाख प्रति मेगावाट अपफ्रंट प्रीमियम के आधार पर 40 वर्ष के लिए आबंटित करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में ऊर्जा निदेशालय द्वारा सभी राज्य के सचिवों व केन्द्रीय उपक्रमों को पत्र भी भेजा गया है। उन्होंने कहा इन परियोजनाओ के आबंटन के लिए अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार के लिए विज्ञापन भी जारी किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन परियोजनाओं के लगने से बिजली की आपूर्ति, मुफ्त बिजली के रूप में राजस्व में बढ़ोतरी, स्थानीय लोगों को रोजगार व स्थानीय क्षेत्रों का विकास सुनिश्चित होगा। हिमाचल प्रदेश देश के एक समृद्धतम राज्य के रूप में उभरेगा।
हिमाचल प्रदेश सरकार ने 1988 बैच के आईएफएस अधिकारी समीर रस्तोगी को वन बल प्रमुख (हाफ) के अतिरिक्त कार्यभार सौंपा है। समीर रस्तोगी, जो वर्तमान में सीपीडी जाईका के पद पर तैनात हैं, अब वन विभाग के मुखिया के रूप में कार्य करेंगे। यह पद डॉ. पवनेश के सेवानिवृत्त होने के बाद खाली हुआ था, जिनके योगदान को सम्मानित करने के लिए वन विभाग में एक सादे समारोह का आयोजन किया गया। समीर रस्तोगी को यह नई जिम्मेदारी मिलने के बाद उन्हें अपेक्स स्केल मिलने की उम्मीद है। उन्होंने पहले भी विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है, जैसे कि डीएफओ, सीसीएफ, और अतिरिक्त प्रधान मुख्य अरण्यपाल के पदों पर। इसके अलावा, वह मिड हिमालयन परियोजना में क्षेत्रीय परियोजना निदेशक बिलासपुर और वन विकास निगम में भी महत्वपूर्ण पदों पर सेवा दे चुके हैं। समीर रस्तोगी ने फरवरी 2019 से फरवरी 2024 तक केंद्र सरकार की सार्वजनिक उपक्रम, राष्ट्रीय केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स लिमिटेड (एनसीएफएल), मुंबई में चीफ विजिलेंस अफसर के रूप में कार्य किया। वे छह अप्रैल से जाईका वानिकी परियोजना में मुख्य परियोजना निदेशक के पद पर तैनात हैं। वहीं, डॉ. पवनेश को उनके सेवानिवृत्त होने पर वन विभाग मुख्यालय शिमला में विदाई दी गई। उन्होंने वन बल प्रमुख के साथ-साथ वन निगम के महानिदेशक और आइडीपी प्रोजेक्ट सोलन के मुख्य परियोजना निदेशक के पद पर भी अपनी सेवाएं दी थीं। डॉ. पवनेश की सेवानिवृत्ति पर वन विभाग कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष प्रकाश बादल ने उन्हें बधाई दी और उनके द्वारा कर्मचारियों के लंबित मामलों को सुलझाने की सराहना की।
जिला कुल्लू के उपमंडल बंजार के तांदी गांव में नए साल के पहले ही दिन भीषण अग्निकांड में 17 मकान, छह गोशालाएं एवं देवताओं का भंडार गृह राख हो गया। बुधवार दोपहरबाद करीब 3:00 बजे बिजली के तार में शॉर्ट सर्किट होने से सबसे पहले घास के पड़ाछे में आग लगी और इसके बाद एक-एक करके आधा गांव जल गया। अग्निकांड में छह घरों को आंशिक नुकसान हुआ है। काष्ठकुणी शैली में बने मकानों में आग लगने से कड़ाके की ठंड में 35 परिवारों के 144 लोगों के सिर से छत छिन गई है। भंडार गृह में देवता के सोने-चांदी के आभूषण रखे थे, जो राख हो गए। पुलिस मामला दर्ज कर आग लगने के कारणों की छानबीन में जुट गई है। आग की इस घटना से करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है। आग लगने के बाद गांव में अफरातफरी मच गई। पंचायत प्रधान परस राम ने बताया कि अचानक एक मकान में चिंगारी भड़की और देखते ही देखते आग ने पूरे मकान को अपनी चपेट में ले लिया। तांदी के यज्ञ चंद ने घास में आग लगते हुए देखी थी। आग की लपटें उठतीं देख गांव के लोग भी घटनास्थल की ओर दौड़े। काष्ठकुणी शैली के मकान होने के चलते आग ने एक के बाद एक कई मकानों को अपनी चपेट में ले लिया। आग इतनी तेजी से फैल रही थी कि घरों से सामान निकालने का भी समय नहीं मिला। हालांकि, ग्रामीणों ने कड़ी मशक्कत कर मवेशियों को गोशालाओं से बाहर निकाल लिया। गांव में एक साथ कई घरों में उठ रहीं आग की लपटें देखकर हर किसी के रौंगटे खड़े हो गए। आसपास गांव के लोग भी घटनास्थल की ओर दौड़े। आग की सूचना दमकल विभाग को भी दी गई। दमकल टीम भी मौके पर पहुंची, लेकिन 17 मकानों और छह गोशालाओं को जलने से नहीं बचाया जा सका। देर रात तक घरों से चिंगारियां उठतीं रहीं। बंजार थाना के डीएसपी शेर सिंह ठाकुर ने बताया कि मामला दर्ज कर असल कारणों की छानबीन की जा रही है। वहीं बंजार के एसडीएम पंकज शर्मा ने कहा कि प्रभावित लोगों को 15-15 हजार रुपये फौरी राहत और तिरपाल, कंबल दिया गया है। प्रचंड आग को आगे बढ़ने से रोकने के लिए ग्रामीणों ने पांच मकानों को उखाड़ दिया। मकानों को उखाड़ने से तबाही कम हो गई। अगर इन घरों को नहीं उखाड़ते तो 38 घरों वाला पूरा गांव जल जाता। कुछ लोगों ने बेलचे से मिट्टी डालकर आग पर काबू पाने का प्रयास किया। आग की घटना के बाद ग्रामीण अब गहरे सदमे में हैं। लकड़ी के बने मकानों में भड़की आग को काबू पाने के लिए अग्निशमन विभाग के साथ सैकड़ों लोगों को मशक्कत करनी पड़ी। सूचना मिलते आग बुझाने के लिए बंजार से दमकल कर्मियों की टीम समेत रवाना हुई, लेकिन वाहन 40 मिनट तक जाम में फंसा रहा। वाहन पहले बंजार बाजार में 25 और फिर जिभी में 15 मिनट तक जाम में फंसा रहा। इसके बाद जब वाहन गांव में पहुंचा तो आग ने चार से पांच घरों को चपेट में ले लिया था। ऐसे में आग पर काबू पाने के लिए एक वाहन नाकाफी रहा। पानी खत्म होने पर पानी भरने की सुविधा न होने से वाहन को सात किलोमीटर दूर जिभी जाकर भरवाना पड़ा। पड़ोसी गांव के लोग भी मौके पर पहुंचे और मिट्टी व पानी की बालटियां भरकर आग पर फेंकीं, लेकिन मकान नहीं बचाए जा सके। स्थिति गंभीर होने पर लारजी व कुल्लू से भी दमकल वाहन बुलाना पड़े।
नववर्ष के पहले दिन मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने अपने सरकारी और निजी आवास पर लगे बिजली मीटरों पर मिलने वाली सब्सिडी छोड़ने की घोषणा की। सीएम ने कहा, मेरे नाम से बिजली के पांच मीटर हैं। मुझे ही 625 यूनिट बिजली उपदान में मिल रही है। यह उपदान गरीब आदमी को मिलना चाहिए। सीएम ने कहा कि मंत्रिमंडल के सभी सदस्यों और कांग्रेस विधायकों ने भी सब्सिडी छोड़ने पर सहमति जताई है। सीएम ने समर्थ लोगों से स्वेच्छा से बिजली छोड़ने की अपील की है। बोर्ड ने प्रारूप तैयार किया है और इसे भरना होगा। सुक्खू ने सब्सिडी छोड़ने के लिए विद्युत बोर्ड के अध्यक्ष को एक फार्म भरकर सौंपा। सीएम ने बुधवार को ओकओवर शिमला में प्रेस वार्ता में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि समर्थ लोग इसे छोड़ें तो 200 करोड़ रुपये की मासिक बचत होगी। सीएम ने कहा कि वर्तमान सरकार ने जब सत्ता संभाली थी तो प्रदेश की अर्थव्यवस्था चरमरा गई थी। उन्होंने फैसले किए, जिसके बाद अर्थव्यवस्था में सुधार हुआ है। सभी स्रोतों से प्रदेश की आय 14,000 करोड़ से लेकर 16,000 करोड़ रुपये तक है। वह कब तक कर्ज पर कर्ज लेकर राज्य की अर्थव्यवस्था को चलाते रहेंगे। इसे कमजोर करते रहेंगे। दो साल में हमने 28 हजार करोड़ का कर्ज लिया। कर्ज इसलिए लिया, क्योंकि जो पिछला लोन था, उसमें 10 हजार करोड़ रुपये ब्याज के दिए और 8,000 करोड़ रुपये मूलधन का वापस किया। राज्य की संपदा की बात करें तो बजट पेश करते हुए भी वह अनुमान लगाते हैं कि बजट कितने हजार करोड़ रुपये का होगा, मगर पिछले कई वर्षों से उस बजट में होल चलता रहा है। यानी बजट 58 हजार करोड़ रुपये का प्रस्तुत किया गया है, लेकिन चार हजार करोड़ रुपये तक का जो कर, राजस्व और अनुदान आना चाहिए था, वह नहीं मिला। 4000 करोड़ रुपये का उस बजट में होल चलता रहा है।
हिमाचल प्रदेश में नए साल में उपभोक्ताओं को दालों के महंगे बाजार से राहत मिलेगी। पिछले दो महीने से डिपुओं में दालों का कोटा नहीं मिल रहा था, लेकिन अब हिमाचल प्रदेश राज्य नागरिक आपूर्ति निगम ने उड़द, दाल चना और मलका दाल का सप्लाई ऑर्डर जारी कर दिया है। इसके बाद, ये दालें डिपुओं में पहुंचने लगी हैं। अब उपभोक्ताओं को इस महीने का कोटा मिलेगा, साथ ही दो महीने का बैकलॉग कोटा भी दिया जाएगा।हालांकि, उपभोक्ताओं को अभी सरसों का तेल मिलना बाकी है। इसके लिए 4 जनवरी को टेंडर खोला जाएगा और सरकार से मंजूरी मिलने के बाद सप्लाई ऑर्डर जारी किया जाएगा। अब, हिमाचल प्रदेश के करीब 4500 डिपुओं में उपभोक्ताओं को उड़द की दाल मिलेगी। एनएफएसए के तहत आने वाले परिवारों को यह दाल 58 रुपए प्रति किलो, एपीएल परिवारों को 68 रुपए किलो और टैक्स पेयर को 93 रुपए प्रति किलो मिलेगी। इसके अलावा, दाल चना भी बैकलॉग कोटे के साथ मिलेगा। गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों को 65 रुपए प्रति किलो, एपीएल परिवारों को भी 65 रुपए किलो और टैक्स पेयर को 69 रुपए प्रति किलो चना दाल मिलेगी।हिमाचल में इस बार कनाडा से आयातित मलका दाल भी उपलब्ध होगी। बीपीएल परिवारों को मलका की दाल 56 रुपए प्रति किलो, एपीएल परिवारों को 66 रुपए किलो और टैक्स पेयर को 91 रुपए किलो मिलेगी। इस कदम से उपभोक्ताओं को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण दालें मिलेंगी और बाजार में कीमतों पर नियंत्रण रहेगा।
हिमाचल प्रदेश में लोगों को बेहतर सुविधा देने के लिए नए वित्त वर्ष में नई सड़कों का जाल बिछाया जाएगा। इस दिशा में सरकार ने काम शुरू कर दिया है। लोक निर्माण विभाग मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा, प्रदेश में सड़क नेटवर्क को सुदृढ़ करने के लिए 2025-26 में 500 नई सड़कों का निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा, जिसमें 300 किलोमीटर सड़कें नाबार्ड और 200 किलोमीटर सड़कें विशेष कोर विकास कार्यक्रम, ग्रामीण सड़क एवं मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बनाई जाएंगी। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि साल 2025-26 में 625 किलोमीटर नई सड़कों पर टायरिंग का काम शुरू किया जाएगा, जिनमें से 425 किलोमीटर सड़कें नाबार्ड और 200 किलोमीटर सड़कें विशेष क्षेत्र विकास, केंद्रीय सड़क और अवसंरचना कोष एवं मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत तैयार की जाएंगी। इसके अलावा केंद्रीय सड़क व अवसंरचना कोष योजना के तहत 50 किलोमीटर सड़कों को अपग्रेड किया जाएगा। पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा, प्रदेश के लोगों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए साल 2025-26 के दौरान 50 पुलों और 35 नए भवनों का निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। इसके अलावा वार्षिक मरम्मत योजना के तहत 1800 किलोमीटर सड़कों की मरम्मत एवं नवीनीकरण किया जाएगा। मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 10 लाख वर्ग मीटर पैक वर्क किया जाएगा, जिससे 3500 किलोमीटर सड़कें गड्ढा मुक्त होंगी। पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि पीएमजीएसवाई-3 योजना के तहत 2000 किलोमीटर सड़कों को अपग्रेड किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 679 किलोमीटर सड़कें एफडीआर और 468 किलोमीटर सड़कें सीटीबी के तहत बनाई जाएंगी। इसके अलावा अन्य सड़कें पारंपरिक तकनीक से बनाई जाएंगी। पीएमजीएसवाई-4 योजना के तहत 900 किलोमीटर सड़कों की डीपीआर तैयार की जानी प्रस्तावित है, जिनका निर्माण पीएमजीएसवाई-1 के तहत पहले ही शुरू हो चुका है।
हिमाचल प्रदेश में सड़क हादसे के चलते नए साल की खुशियां मातम में बदल गई हैं। मामला शिमला जिले का है। यहां नए साल के जश्न के दौरान एक दर्दनाक सड़क हादसा पेश आया, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई है, जिसके बाद सारी खुशियां मातम में बदल गई। डीएसपी ठियोग सिद्धार्थ शर्मा ने बताया कि शिमला जिले के ठियोग के मतियाना में नए साल की पूर्व संध्या पर मंगलवार रात करीब 11:30 बजे एक पेट्रोल पंप के पास दर्दनाक सड़क हादसा हुआ। इस हादसे में किन्नौर के तीन युवकों की मौत हो गई है। ये तीनों युवक अपनी कार (नंबर HP 02A-0169) में सवार होकर शिमला से रामपुर की ओर जा रहे थे। इस दौरान मतियाना पहुंचने पर पेट्रोल पंप के पास उनकी गाड़ी अचानक अनियंत्रित होकर गहरी खाई में गिर गई। हादसे में कार सवार तीनों युवकों की मौके पर ही मौत हो गई। डीएसपी ठियोग ने बताया कि कार ड्राइवर का गाड़ी से अचानक कंट्रोल खो जाने पर ये हादसा हुआ है। वहीं, गाड़ी के गहरी खाई में गिरकर पलटने की आवाजें स्थानीय लोगों को सुनाई दी। स्थानीय लोग आवाज सुनकर घटनास्थल पर पहुंचे, जिसके बाद वहां पर चीख-पुकार मच गई। लोगों ने पुलिस को हादसे की सूचना दी। मगर हादसा इतना भयंकर था कि तीनों युवकों को बचाने का मौका नहीं मिला और तीनों मौके पर ही दम तोड़ चुके थे। डीएसपी ठियोग सिद्धार्थ शर्मा ने बताया, सड़क हादसे में तीन युवकों की मौत हो गई है। प्रारंभिक जांच के मुताबिक ये तीन युवक किन्नौर के रहने वाले थे। अभी मृतकों की पहचान नहीं हो पाई है। ठियोग पुलिस ने पहचान की प्रक्रिया तेज कर दी है। सड़क दुर्घटना को लेकर एफआईआर दर्ज कर ली गई हैं। पुलिस द्वारा हादसे के कारणों की जांच की जा रही है।
हिमाचल नए साल के जश्न में पूरी तरह डूबा गया। पहाड़ों की दिलकश वादियों में नए साल का इस्तकबाल करने तीन लाख से ज्यादा सैलानी पहुंचे। शिमला, मनाली, डलहौजी और धर्मशाला जैसे पर्यटन स्थलों पर धमाल मचाया। कड़ाके की ठंड में पर्यटकों ने नाच-गाकर साल 2025 का स्वागत किया। शिमला और मनाली में नए साल का जश्न देखते ही बना। मालरोड व रिज मैदान पर आधी रात को आतिशबाजी के साथ लोगों ने जश्न मनाया। शहर में लोग सड़कों पर भी उतर आए। होटलों-रेस्तरां में देर रात तक रंगारंग कार्यक्रम चलते रहे। सैलानियों से पूरी तरह पैक होटलों में नए साल के जश्न के खास इंतजाम रहे। पर्यटन नगरी मनाली, धर्मशाला और चायल में रात 12 बजे के बाद न्यू ईयर क्वीन का चयन किया गया। साथ ही लेमन डांस, कैंडल डांस, बेस्ट कपल और बच्चों के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए गए। उधर, शक्तिपीठ छिन्नमस्तिका धाम चिंतपूर्णी और माता नयना देवी के मंदिर के कपाट मंगलवार की देर रात को मात्र एक घंटे बंद रहे। वहीं, शक्तिपीठ माता बज्रेश्वरी, ज्वालाजी और नंदिकेश्वर धाम चामुंडा मंदिर के कपाट बुधवार सुबह 5 बजे श्रद्धालुओं के लिए खुलेंगे।
** मैदानों में कल से घने कोहरे का अलर्ट हिमाचल में बारिश-बर्फबारी के बाद पहाड़ ठंड से कांप रहे हैं। मंगलवार को ताबो में पारा रिकॉर्ड माइनस 17 डिग्री पहुंच गया। भले ही साल 2024 के आखिरी दिन शिमला और मनाली के तापमान में हल्की बढ़ोतरी हुई है, लेकिन बर्फबारी वाले इलाकों में पारा शून्य से नीचे चल रहा है। प्रदेश में नए साल के पहले दिन मौसम साफ रहेगा। एक जनवरी को अधिकांश क्षेत्रों में धूप खिली रहने की संभावना है। 2 जनवरी से पश्चिमी विक्षोभ फिर सक्रिय हो रहा है। 5 और 6 को भारी बारिश और बर्फबारी का अलर्ट जारी हो गया है। इस दौरान कई जगह बारिश-बर्फबारी का पूर्वानुमान है। मैदानी जिलों ऊना, कांगड़ा, बिलासपुर, हमीरपुर और मंडी के कई क्षेत्रों में कोहरा पड़ने का सिलसिला मंगलवार को भी जारी रहा। 2 जनवरी तक सुबह और शाम के समय घने कोहरे का येलो अलर्ट जारी हुआ है। जिला कुल्लू और लाहौल में बर्फबारी के बाद से अभी तक 138 सड़कें बंद हैं। इनमें कुल्लू के दो हाईवे के साथ आठ सड़कें और लाहौल की 130 सड़कें शामिल हैं। बर्फबारी के कारण अभी इन मार्गों पर वाहनों की आवाजाही शुरू नहीं हो सकी। मनाली में 60 बिजली ट्रांसफार्मर भी बंद पड़े हैं। बुधवार को कुल्लू और लाहौल में सुबह से आसमान में बादल छाए रहे। रोहतांग दर्रा के साथ ऊंची चोटियों पर बर्फ के फाहे गिरे। कड़ाके की ठंड से लाहौल घाटी के साथ जलोड़ी दर्रा और सोलंगनाला में शीतलहर का प्रकोप जारी रहा। राजधानी शिमला में मंगलवार को हल्के बादल छाए रहने के साथ धूप खिली। प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में भी मौसम मिलाजुला बना रहा। मंगलवार को दिन में धर्मशाला में अधिकतम तापमान 19.9, हमीरपुर में 19.4, कांगड़ा में 19.1, बिलासपुर में 17.6, शिमला में 17.5, ऊना में 16.4, नाहन में 12.7, मनाली में 13.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड हुआ। पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत उत्तर भारत के ज्यादातर हिस्से मंगलवार को भी कड़ाके की ठंड की चपेट में रहे। पश्चिमी हिमालयी राज्यों के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जहां पारा शून्य या उससे नीचे दर्ज किया गया, वहीं मैदानी इलाकों में भी तापमान में खासी गिरावट दर्ज की गई। उत्तर प्रदेश के 50 जिलों में अधिकतम तापमान 5 डिग्री तक गिर गया। साल के आखिरी दिन दिल्ली समेत कुछ राज्यों में बादलों के साथ सूरज की आंखमिचौली चलती रही। इससे कंपकंपी बढ़ी। अगले सप्ताह पहाड़ी राज्यों में बारिश और बर्फबारी के आसार हैं, मैदानों में भी 4 से 6 जनवरी तक बारिश हो सकती है। मौसम विभाग के मुताबिक, सोमवार देर रात से मंगलवार सुबह तक चंडीगढ़, राजस्थान व छत्तीसगढ़ के कई हिस्सों में बहुत घना कोहरा छाया रहा और दृश्यता 50 मीटर से भी कम रही।
** कहा, 100 किसानों से 378 क्विंटल गोबर खरीदा हिमाचल सरकार ने अपनी दस गारंटियों में से गोबर खरीद की गारंटी को पूरा करते हुए दस जिलों में गोबर खरीद शुरू कर दी है। 11 दिसंबर को सरकार के दो साल पूरा होने पर गोबर खरीद को हरी झंडी दिखाई थी। सरकार ने अभी तक 100 किसानों से 378 क्विंटल खाद खरीद ली है। किन्नौर और लाहौल स्पीति दो कबायली जिलों को छोड़कर दस जिलों में खाद खरीद शुरू कर दी है। ये जानकारी कृषि मंत्री ने दी है। उन्होंने कहा कि पांच और दस किलो के पैकेट में गोबर खरीद की जा रही है। ठेकेदार को पांच रुपए किलो के हिसाब से एकत्रित करने और ट्रांस्पोर्ट के दिए जा रहे हैं। आगे सरकार इसको 11 से12 रुपए किलो के हिसाब से बेचेगी। हालांकि सरकार ने दो रुपए किलो के हिसाब से गोबर खरीद की गारंटी दी थी। अब तीन किलो के हिसाब से खरीदे रहें हैं। लेकिन किसान अब 5 से आठ रुपए किलो के हिसाब गोबर बेचने की बात कह रहे हैं। यदि गोबर खरीद का अच्छा रिस्पॉन्स रहा तो रेट बढ़ाने के बारे में सोचेंगे।
प्रदेश में नए साल से उचित मूल्य की दुकानों में दालें मिलना शुरू हो जाएंगी। राज्य आपूर्ति निगम ने गोदामों में दालों की सप्लाई कर दी है। जनवरी से डिपुओं से सस्ती दालें खरीद पाएंगे। दो माह का कोटा एक साथ मिलेगा। दालों के दामों में फिलहाल कोई खास बदलाव देखने को नहीं मिला है। एक सप्ताह पहले ही उड़द की दाल गोदामों में पहुंच चुकी है। डिपुओं में जल्द दालें पहुंच जाने से प्रदेश के उपभोक्ताओं को बाजारों से दोगुना दामों पर मिलने वाली दालों को खरीदने से राहत मिलेगी। राज्य आपूर्ति निगम की ओर से प्रदेश भर में 1.60 लाख क्विंटल दालों की सप्लाई की गई है, जिसमें 80 हजार क्विंटल केवल चना दाल है। बची 80 हजार क्विंटल दाल मलका मसूर और उड़द की दाल है। निगम ने दालों का बफर स्टॉक भारत सरकार से खरीदा है। निगम की ओर से गुणवत्ता के आधार पर परख कर खरीदी गई दालों का दो माह का कोटा अगले माह से उपभोक्ताओं एक साथ दिया जाएगा, जिसमें सभी उपभोक्ताओं को चना दाल 65 रुपये किलो, मलका मसूर बीपीएल को 56 रुपये, एपीएल को 66 और आयकरदाताओं को 91 रुपये किलो मिल रही है। प्रदेश में खाद्य आपूर्ति विभाग के कुल 5300 डिपो हैं और कुल 19.65 लाख राशन कार्डधारक हैं, जो विभाग की ओर से मिल रहे सस्ते राशन का लाभ ले रहे है। निगम की ओर से प्रदेश में अगले माह से पूरा राशन उपलब्ध करवाया जाएगा। वहीं, तेल का टेंडर भी जनवरी माह में पहले सप्ताह में होने की संभावना है। उड़द दाल हुई सस्ती, पर आयकरदाताओं को मिलेगी महंगी राशन डिपुओं में नए साल से उड़द की दाल राशन कार्ड उपभोक्ताओं को सस्ती दरों पर मिलेगी। हालांकि आयकरदाताओं को महंगी मिलेगी। एनएफएसए (राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम) उपभोक्ताओं को उड़द की दाल 58 रुपये प्रतिकिलो के हिसाब से दी जाएगी। पहले इसका भाव 63 रुपये प्रति किलो था। एपीएल परिवारों के लिए उड़द का मूल्य 68 रुपये किलो तय किया गया है। डिपुओं में पहले इन परिवारों को 73 रुपये किलो की दर से उड़द की दाल दी जा रही थी। आयकरदाताओं को उड़द की दाल अब 93 रुपये प्रति किलो के हिसाब से मिलेगी। पहले यह 83 रुपये प्रति किलो थी। सिविल सप्लाई के एरिया प्रबंधक संजीव वर्मा ने कहा कि जिला ऊना और हमीरपुर के लिए 2900 क्विंटल उड़द दाल प्राप्त हुई है। जनवरी माह से सभी दालें उपभोक्ताओं को मिल पाएंगी और दालों के दामों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। अगले माह से डिपुओं में दो माह का कोटा एक साथ दिया जाएगा।
** न्यूनतम तापमान -12.3°C दर्ज, हिमाचल प्रदेश में इन दिनों बर्फबारी का दौर जारी है। प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्र में हुई जमकर बर्फबारी से हर तरफ चांदी सी सफेदी छाई हुई है। बर्फबारी की वजह से प्रदेश में कड़ाके की ठंड पर रही है। वहीं, मैदानी क्षेत्रों में शीतलहर का प्रकोप हैं। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार नये साल में भी हिमाचल में बर्फबारी होने की संभावना है। प्रदेश में बीते दिन ताबो में सबसे कम -12.3°C तापमान दर्ज किया गया। हिमाचल में बीते 24 घंटे में अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश और बर्फबारी दर्ज की गई। बीते 24 घंटे में राज्य के कई हिस्सों में अधिकतम तापमान में कोई परिवर्तन नहीं देखा गया, जबकि अधिकांश जगहों पर न्यूनतम तापमान में 6 से 8 डिग्री सेल्सियस तक कम रहा। वहीं, प्रदेश में सबसे कम तापमान ताबो में दर्ज किया गया, जहां -12.3°C तापमान दर्ज किया गया, जबकि उना में 20.4°C तापमान दर्ज किया गया। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार साल 2025 में 2 और 3 जनवरी को कुछ जगहों पर और 4 जनवरी को राज्य के ऊंचे और मध्य पर्वतीय क्षेत्रों में कुछ स्थानों पर हल्की बारिश और बर्फबारी होने का पूर्वानुमान जताया गया है। सप्ताह के अन्य दिनों में मौसम शुष्क रहने की संभावना है। अगले दो दिनों में राज्य के उच्च तापमान में 4 से 6 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी दर्ज की जा सकती है। इसके बाद कोई बड़ा परिवर्तन नहीं होगा। अगले 2 दिनों के दौरान राज्य के कई हिस्सों में न्यूनतम तापमान में धीरे-धीरे 3 से 4 डिग्री सेल्सियस की गिरावट होने की संभावना है। इसके बाद कोई बड़ा परिवर्तन नहीं होगा। 30 दिसंबर से 2 जनवरी तक सुबह और देर रात के समय निचले पहाड़ी/मैदानी क्षेत्रों में कुछ स्थानों पर शीतलहर चलने की संभावना है। 30, 31 दिसंबर और 1 जनवरी को कुछ स्थानों पर शीतलहर से लेकर गंभीर शीतलहर चलने की आशंका है। वहीं, 30 दिसंबर से 2 जनवरी तक सुबह के समय निचले पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों में अलग-अलग जगहों पर पाला गिरने की संभावना है।
बर्फबारी के बाद रविवार को प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में धूप खिली, लेकिन दुश्वारियां बरकरार हैं। प्रदेश में तीन राष्ट्रीय राजमार्गों के अलावा 340 सड़कें अभी भी अवरुद्ध हैं, जबकि 118 ट्रांसफार्मर बंद हैं। उधर, मंडी के पंडोह में चार मील के पास चलती कार पर पहाड़ी से पत्थर गिरने से एक महिला कार सवार की मौत हो गई, जबकि दो लोग घायल हो गए। मृतका की पहचान सेक्टर-10 सी रोड पाली न्यू कॉलोनी मुंबई निवासी प्रिया यादव (30) के रूप में हुई है। घायलों में प्रिया के पति चंचल यादव (32) और टैक्सी चालक हरियाणा के करनाल के वसन बिहार निवासी शिव कुमार शामिल हैं। चालक को पीजीआई चंडीगढ़ रेफर किया गया है। दंपती मनाली घूमने के बाद वापस मुंबई जा रहा था। उधर, मौसम खुलने के बाद भी सैकड़ों ट्रांसफार्मर ठप होने से प्रदेश के कई क्षेत्र अंधेरे में हैं। किन्नौर, लाहौल-स्पीति, शिमला और चंबा में सैकड़ों पर्यटक वाहन फंसे हैं। नारकंडा में राष्ट्रीय राजमार्ग-5 वाहनों के लिए बहाल कर दिया गया है। अटल टनल रोहतांग और जलोड़ी दर्रा अवरुद्ध है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने एक जनवरी तक मौसम साफ रहने और 2 जनवरी से दोबारा मौसम बिगड़ने के आसार जताए हैं। आज और कल के लिए शीतलहर का ऑरेंज अलर्ट और कोहरा पड़ने का येलो अलर्ट जारी किया गया है। अटल टनल रोहतांग के नॉर्थ पोर्टल और सिस्सू में बर्फ हटाने के लिए मशीनें लगा दीं हैं। एनएच-3 में मनाली-केलांग के बीच वाहन आवाजाही शुरू नहीं हो पाई है। मनाली से जिस्पा तक हाईवे सिंगल लेन फोर बाई फोर वाहनों के लिए बहाल हो गया है। एनएच-305 सोझा से जलोड़ी दर्रा की तरफ बंद है। चंबा-चुवाड़ी वाया जोत, बनीखेत-डलहौजी-खज्जियार और चंबा-किलाड़ मुख्य सड़कें बंद हैं।
कालका-शिमला नेशनल हाईवे पांच पर दत्यार के बीच टूरिस्ट बस पलट गई। ये बस दिल्ली से शिमला के लिए आ रही थी। हादसा सुबह 7:05 बजे हुआ। बस में कुल आठ सवार यात्रियों को हल्की चोटे लगी। इस कारण दोनों ओर सड़क पर वनवे आवाजाही चल रही है।
जिला ऊना आने वाली कुल नौ ट्रेनों में आठ सोमवार को रद्द रहेंगी। रेलवे की ओर से यह फैसला पंजाब में किसान आंदोलन के मद्देनजर लिया गया। केवल हिमाचल एक्सप्रेस ट्रेन संख्या 14053/54 ही सुबह और शाम को आवाजाही करेगी। उसके अलावा वंदे भारत सहित अन्य सभी रेलगाड़ियां रद्द रहेंगी। जानकारी के अनुसार सोमवार को किसान संगठनों के अपनी विभिन्न मांगों को लेकर पंजाब बंद का एलान किया है। ऐसे में सड़क व ट्रेनों के रास्ते बाधित किए जाने की पूर्ण संभावना है। किसी अनहोनी घटना से बचाव के लिए देश के अलग-अलग स्थानों से आने वाली रेलगाड़ियों की आवाजाही बंद कर दी गई है। हालांकि, सुबह करीब 6:45 बजे दिल्ली से ऊना आने वाली हिमाचल एक्सप्रेस ट्रेन का रूट पहले की तरह रखा गया है। यह ट्रेन सोमवार रात को दोबारा दिल्ली भी लौटेगी। जिन रेलगाड़ियों को रद्द किया गया है, उनमें 04501/04502 हरिद्वार-ऊना हिमाचल- हरिद्वार पैसेंजर, 22448/22447 नई दिल्ली-अंब अंदौरा-नई दिल्ली वंदे भारत एक्सप्रेस, 04593/04594 अंबाला छावनी- अंब अंदौरा- अंबाला छावनी पैसेंजर रद्द, दौलतपुर चौक-अंबाला छावनी जंक्शन-दौलतपुर चौक पैसेंजर, साबरमती-दौलतपुर चौक-साबरमती एक्सप्रेस और जनशताब्दी रद्द रहेंगीं। रद्द ट्रेनों में जनशताब्दी अंबाला तक आएगी। जबकि साबरमती एक्सप्रेस कुरुक्षेत्र जंक्शन तक ही चलेगी। प्रदेश के कई लोग रविवार को छुट्टी के चलते घर आते हैं। दिल्ली व अन्य दूरदराज के क्षेत्रों से आने वाले लोग ट्रेन के माध्यम से घर आते हैं और वापसी भी ट्रेन के माध्यम से करते हैं। लेकिन एकाएक सभी ट्रेनों के रद्द होने से यात्रियों को अलग से व्यवस्था करनी पड़ेगी। हालांकि, किसान आंदोलन के चलते बस सेवा भी प्रभावित होने की संभावना बनी हुई है। लेकिन बस रूट रद्द करने का कोई आदेश जारी नहीं हुआ है। रविवार को ऊना के अंब अंदौरा रेलवे स्टेशन पहुंची सुपरफास्ट वंदे भारत ट्रेन में तकनीकी खराबी आ गई। इसकी मरम्मत करने में काफी देर लगी और दो घंटे यात्री परेशान रहे। तीन बजे के आसपास तकनीकी खराबी दूर हो पाई और 3:15 बजे वंदे भारत ट्रेन अंबाला से अनुमति मिलने के बाद दिल्ली के लिए रवाना हो गई। सहायक अधीक्षक ऊना रेलवे स्टेशन राजवीर रंजन ने बताया कि सोमवार को किसान आंदोलन के कारण हिमाचल एक्सप्रेस को छोड़कर सभी ट्रेनें रद्द रहेंगी। कहा कि वंदे भारत में रविवार को तकनीकी खराबी आई थी। जिसे ठीक करने में समय लगा।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने नादौन विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत पुतड़ियाल के आदर्श नगर गांव के 35 वर्षीय हवलदार रिंकू कुमार के असामयिक निधन पर शोक व्यक्त किया है। उनका असम के डिब्रूगढ़ में निधन हुआ। रिंकू कुमार कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे थे। मुख्यमंत्री ने ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शान्ति और शोक संतप्त परिवार को इस अपूर्णीय क्षति को सहन करने की प्रार्थना की है। उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने रिंकू कुमार के निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने परमपिता परमात्मा से दिवंगत आत्मा की शांति और शोक संतप्त परिवार को इस दुःख की घड़ी में सम्बल प्रदान करने की प्रार्थना की है।
** 6 राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूलों का निर्माण कार्य शुरू राज्य सरकार शिक्षा के क्षेत्र में गुणात्त्मक सुधार लाने के लिए अनेक महत्त्वपूर्ण कदम उठा रही है। चरणबद्ध तरीके से राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूलों का निर्माण किया जा रहा है, जिसमें प्रत्येक स्कूल में प्री-प्राइमरी से कक्षा 12 तक कम से कम 1,000 छात्रों को समायोजित करने की क्षमता होगी। कांगड़ा जिले के नगरोटा बगवां, ज्वालामुखी, फतेहपुर, पालमपुर और जयसिंहपुर विधानसभा क्षेत्रों के साथ-साथ हमीरपुर जिले के भोरंज विधानसभा क्षेत्र में पहले से ही ऐसे छः स्कूलों का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। इसके अतिरिक्त, राज्य सरकार ने 10 स्थानों पर स्थापित किए जाने वाले इन स्कूलों के लिए वास्तुशिल्प योजनाओं को स्वीकृति प्रदान कर दी है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूलों को आधुनिक सुविधाओं जैसे हाईटेक स्मार्ट क्लासरूम, खेल मैदान, इंडोर स्टेडियम और स्विमिंग पूल आदि से सुसज्जित किया जाएगा। ये सरकारी स्कूल शिक्षण संस्थानों के मानकों में उल्लेखनीय सुधार लाएंगे और ग्रामीण क्षेत्र के छात्रों में जीवन की चुनौतियों को प्रभावी ढंग से सामना करने का आत्मविश्वास पैदा करेंगे। इसके अतिरिक्त, राज्य सरकार ने सरकारी स्कूलों और कॉलेजों में शिक्षा में गुणात्त्मक सुधार के लिए 100 उच्च विद्यालय, 200 वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, 48 कॉलेज और दो संस्कृत कॉलेजों को उत्कृष्टता केंद्र के रूप में अधिसूचित किया है। मुख्यमंत्री ने बच्चों को नशे से दूर रखने के लिए खेलों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करने के सरकार के प्रयासों पर भी बल दिया। राज्य सरकार ने खेल प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले छात्रों के लिए डाइट मनी में वृद्धि की है। जोनल और जिला स्तरीय प्रतियोगिताओं के लिए डाइट मनी की राशि 120 से बढ़ाकर 400 रुपये कर दी गई है, जबकि राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं के लिए इसे 250 से बढ़ाकर 500 रुपये कर दिया गया है। इसी प्रकार, राज्य के आठ खेल छात्रावासों में प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले खिलाड़ियों के लिए डाइट मनी 240 से बढ़ाकर 400 रुपये कर दी गई है। उन्होंने कहा कि आधुनिक सुविधाएं, शिक्षा तथा खेलों पर केंद्रित प्रयासों से राज्य भर के छात्रों के लिए समग्र शिक्षण वातावरण और अवसरों में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
कुल्लू जिले के लोग लंबे समय से जलोड़ी सुरंग की अलाइनमेंट की मंजूरी का इंतजार कर रहे थे। अब सुरंग निर्माण का कार्य शुरू होने की उम्मीद जगी है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने अब जलोड़ी सुरंग की अलाइनमेंट को मंजूरी दे दी हैं। यह सुरंग औट-लुहरी-सैंज राष्ट्रीय राजमार्ग पर समुद्रतल से 10,280 फीट ऊंचे जलोड़ी दर्रे के नीचे बनेगी। भरगील खड्ड से सोझा कैंची तक जलोड़ी सुरंग 4.160 किलोमीटर लंबी होगी। हाल ही में लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात के दौरान जलोड़ी सुरंग का मामला उठाया था। अलाइनमेंट के लिए सभी प्रस्तावों और पहलुओं पर चर्चा के बाद केंद्रीय मंत्रालय ने इसे अंतिम रूप दिया है। इसमें सभी हितधारकों और सरयोलसर झील का विशेष ध्यान रखा गया है। सुरंग के निर्माण के लिए आनी की ओर से 2.124 किलोमीटर, जबकि बंजार की ओर से 5.476 किलोमीटर मार्ग औट-लुहरी राष्ट्रीय राजमार्ग से बनाया जाएगा। समुद्रतल से 10.280 फीट की ऊंचाई पर स्थित जलोड़ी दर्रे के नीचे सुरंग बनेगी और इसके बनने से खनाग से घीयागी तक आठ किलोमीटर की दूरी कम होगी। सुरंग के बनने से हर मौसम में वाहनों की आवाजाही होगी और बाहरी सिराज की 71 पंचायतों के लोगों का जिला मुख्यालय से सालभर संपर्क बना रहेगा। सर्दियों में जलोड़ी दर्रे पर हिमपात होने से बाहरी सिराज का संपर्क जिला मुख्यालय कुल्लू से कट जाता है। बर्फबारी के कारण भी औट-लुहरी सैंज राष्ट्रीय राजमार्ग पर वाहनों की आवाजाही बाधित होती है। लोगों को जिला मुख्यालय कुल्लू जाने के लिए वाया करसोग-मंडी होकर 171 किलोमीटर का अतिरिक्त सफर करना पड़ता है। बाहरी सिराज के लोगों को वाया जलोड़ी दर्रा कुल्लू पहुंचने के लिए 97 किलोमीटर व वाया करसोग-मंडी होकर कुल्लू पहुंचने के लिए 268 किलोमीटर का सफर करना पड़ता है। एनएचएआई के अधिशासी अभियंता केएल सुमन ने बताया कि, जलोड़ी सुरंग की अलाइनमेंट को स्वीकृति मिल गई है। अब अंतिम डीपीआर और भूमि अधिग्रहण का कार्य शुरू किया जाएगा। इसके बाद जल्द जलोड़ी सुरंग का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। जलोड़ी सुरंग की विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) पर 17.32 करोड़ रुपये खर्च होंगें। इसके लिए केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने अल्टीनाक कंपनी को टेंडर दिया है। कंपनी जल्द डीपीआर बनाने का कार्य करेगी।
हिमाचल प्रदेश में गन लाइसेंस की तर्ज पर चेन वुड कटर (लकड़ी काटने की मशीन) का भी अनिवार्य तौर पर लाइसेंस लेना होगा। अवैध वन कटान रोकने के लिए वन विभाग यह व्यवस्था लागू करने जा रहा है। चेन वुड कटर को हार्स पॉवर के आधार पर लाइसेंस जारी किए जाएंगे। छोटी मशीनों को लाइसेंस से छूट मिल सकती है। हिमाचल प्रदेश में घरेलू लकड़ी काटने के लिए बड़े पैमाने पर चेन वुड कटर का इस्तेमाल हो रहा है। कुछ लोग बड़े चेन वुड कटर का प्रयोग जंगलों में पेड़ काटने के लिए भी कर रहे हैं। चेन वुड कटर की मदद से मिनटों में पेड़ काटे जा रहे हैं। अवैध कटान से वन संपदा को रहे भारी नुकसान के मद्देनजर चेन वुड कटर प्रयोग करने के लिए लाइसेंस जारी करने का फैसला लिया गया है। वन विभाग नई व्यवस्था लागू करने के लिए नियमावली तैयार करेगा। बिना लाइसेंस चेन वुड कटर इस्तेमाल करने पर वुड कटर जब्त करने और जुर्माना लगाने का प्रावधान किया जा सकता है। वन विभाग ने प्रारंभिक तौर पर प्रदेश में इस्तेमाल हो रहे चेन वुड कटर की संख्या पता लगाने के लिए विशेष अभियान शुरू कर दिया है। विभाग की ओर से पंचायतों को निर्देश दिए गए हैं कि उनके क्षेत्र में चेन वुड कटर का प्रयोग करने वाले लोगों को सूचित किया जाए कि वह इसकी सूचना संबंधित डीएफओ को दें ताकि विभाग को प्रदेश में इस्तेमाल किए जा रहे चेन वुड कटर की संख्या का अनुमान लगाया जा सके।प्रदेश में अवैध वन कटान रोकने के लिए गन लाइसेंस की तर्ज पर चेन वुड कटर के लिए भी लाइसेंस जारी करने की व्यवस्था लागू करना प्रस्तावित है। इसके लिए नियमावली तैयार की जाएगी ।
नए साल की शुरुआत में किसानों को आर्थिक रूप से झटका लगने वाला है। सरकार ने फसल की बिजाई से पहले इस्तेमाल होने वाली डीएपी और 12-32-16 खाद की कीमतों को बढ़ाने का फैसला लिया है। डीएपी खाद की एक बोरी की कीमत 240 रुपये बढ़ा दी गई है। वहीं, 12-32-16 खाद की बोरी की कीमत 200 रुपये बढ़ा दी गई है। एक जनवरी से किसानों को खाद की बढ़ी हुई कीमतें चुकानी होंगी। अभी डीएपी खाद की 50 किग्रा की एक बोरी देशभर में 1,350 रुपये की मिलती है। हिमाचल में राज्य सरकार इस पर 50 रुपये प्रति बोरी सब्सिडी देती है। इसलिए किसान प्रति बोरी 1,300 रुपये चुकाते हैं। एक जनवरी से इस खाद की कीमत 240 रुपये बढ़ने से 1,540 रुपये में बोरी मिलेगी। 12-32-16 खाद की बोरी अभी 1,470 रुपये में आती है। प्रदेश सरकार इसपर भी 50 रुपये प्रति बोरी सब्सिडी देती है। इसलिए हिमाचल में इसकी कीमत 1,420 रुपये है। एक जनवरी से इस खाद की कीमत 1,620 रुपये प्रति बोरी मिलेगी। सब्सिडी देने से केंद्र सरकार पर करोड़ों रुपये का बोझ बढ़ रहा है, जिसे कम करने के लिए अब तरल नैनो खाद खरीदने के लिए किसानों से अपील की जा रही है। इसलिए अब खाद की कीमतें बढ़ाने का फैसला लिया गया है। डाई अमोनियम फास्फेट (डीएपी) का इस्तेमाल जमीन के अंदर तैयार होने वाली फसलों पर अधिक होता है। जैसे आलू की फसल में बिजाई से पहले बड़े स्तर पर डीएपी का छिड़काव किया जाता है। इस खाद में नाइट्रोजन और फास्फोरस प्रचुर मात्रा में होते हैं। दोनों तत्वों को पौधे की जड़ के विकास के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। वहीं, 12-32-16 खाद पौधों के लिए जरूरी तीन मुख्य पोषक तत्वों यानी नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम से मिलकर बनी होती है। इसमें नाइट्रोजन 12%, फास्फोरस 32%, और पोटेशियम 16% होता है। यह खाद मिट्टी में फास्फोरस और पोटेशियम की मात्रा को सही रखती है। नए साल से खाद के दाम में बढ़ाए जा रहे हैं। हालांकि अभी आधिकारिक अधिसूचना आनी बाकी है। दामों को लेकर नए आदेश एक जनवरी से लागू होंगे।
ताजा बर्फबारी के बाद एकाएक हिमाचल में सैलानियों की संख्या बढ़ गई है। बर्फबारी के रोमांच का लुत्फ उठाने के लिए हजारों की संख्या में सैलानी शिमला और मनाली खिंचे चले आए हैं। वीकेंड पर शिमला, डलहौजी और कसौली में 90 फीसदी, जबकि मनाली में 80 फीसदी तक ऑक्यूपेंसी पहुंच गई है। शुक्रवार को पर्यटक वाहनों की भीड़ बढ़ने के चलते कालका-शिमला हाईवे पर जाम लग गया। शिमला और मनाली में बर्फबारी के बीच कई पर्यटक वाहन फंस गए। शुक्रवार सुबह से ही पर्यटक वाहनों के शिमला पहुंचने का क्रम शुरू हो गया। दोपहर के समय शहर की पार्किंग पैक होने के बाद शहर की सड़कों पर जाम की स्थिति बन गई। मनाली में भी दिनभर बड़ी संख्या में पर्यटक वाहनों के पहुंचने का सिलसिला चला रहा। बर्फबारी का दौर शुरू होने के बाद चंबा के पर्यटन स्थल डलहौजी में ऑक्यूपेंसी 90 फीसदी तक पहुंच गई है। डलहौजी और खज्जियार में ऑनलाइन बुकिंग का क्रम जारी है। शुक्रवार दोपहर बाद शुरू बर्फबारी से जनजातीय क्षेत्र पांगी के किलाड़ मुख्यालय में 7.62 सेंटीमीटर और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में 20.32 सेंटीमीटर तक बर्फबारी दर्ज की गई। सैलानियों की संख्या बढ़ाने से प्रदेश के पर्यटन कारोबारी खासे उत्साहित हैं। फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष गजेंद्र सिंह ठाकुर ने बताया कि नए साल के जश्न से पहले वीकेंड पर भारी संख्या में पर्यटक हिमाचल पहुंचे हैं। शिमला, मनाली, डलहौजी सैलानियों से गुलजार हो गए हैं। नए साल के जश्न पर इस बार बंपर कारोबार की उम्मीद है।
हिमाचल प्रदेश में बीते दिन प्रदेश के ऊपरी इलाकों में जमकर बर्फबारी हुई। वहीं, निचले व मैदानी इलाकों में बारिश के चलते प्रदेश में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। आज भी प्रदेश के ऊपरी इलाकों में बर्फबारी का दौर जारी है, जबकि मैदानी व निचले इलाकों में बारिश हो रही है। मौसम विभाग ने आगामी दिनों के लिए प्रदेश में बर्फबारी व बारिश होने की संभावना जताई है। मौसम विभाग के मुताबिक बारिश-बर्फबारी के चलते प्रदेश के 5 शहरों का तापमान माइनस में रहा। प्रदेश में ताबो -11.0 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान के साथ सबसे ठंडा रहा। इसके अलावा कुकुमसेरी में -7.2, समदो में -6.5, केलांग में -6.4 और कल्पा में -1.1 न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया है। मौसम विभाग शिमला के मुताबिक प्रदेश में आज 28 दिसंबर को ऊपरी और मध्य पर्वतीय इलाकों में बर्फबारी और बारिश रहेगी, जबकि निचले व मैदानी इलाकों के कई हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई गई है। 29 दिसंबर को प्रदेश में ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी की संभावना है। वहीं, 30 और 31 दिसंबर को मौसम साफ रहेगा। इसके अलावा नए साल पर बर्फबारी के आसार हैं। मौसम विभाग ने 1 जनवरी और 2 जनवरी को प्रदेश में ऊपरी और मध्य पर्वतीय इलाकों में बारिश और बर्फबारी को लेकर संभावना जताई है। इसके अलावा ऊना, सुंदरनगर और चंबा में शीतलहर के चलते लोग ठंड में ठिठुरते रहे। वहीं, मौसम विभाग शिमला ने 29 से 31 दिसंबर तक प्रदेश के निचले व मैदानी इलाकों में शीतलहर चलने को लेकर चेतावनी जारी की है, जिससे लोगों को कड़कड़ती ठंड से दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। वहीं, बिलासपुर और मंडी के कुछ हिस्सों में घना कोहरा रहने का भी अलर्ट जारी किया गया है।
हिमाचल प्रदेश के ऊपरी क्षेत्रों में बर्फबारी का दौर जारी है। जिला कुल्लू की पर्यटन नगरी मनाली और लाहौल घाटी में बीते रोज से लगातार बर्फबारी हो रही है, जो कि आज, शनिवार को भी जारी है, जिससे कई फुट तक बर्फ जमा हो चुकी है। बर्फबारी के चलते अटल-टनल को आवाजाही के लिए बंद किया गया है। इसलिए सभी गाड़ियों को सोलंगनाला तक जाने की अनुमति है, लेकिन लगातार हो रही बर्फबारी के चलते यहां पर हर ओर बर्फ जम चुकी है। बर्फबारी के चलते बीती रात को पुलिस द्वारा सोलंगनाला से गाड़ियों को निकाला गया। इसी दौरान एक मालवाहक ऑटो बर्फ पर फिसल गया और ऑटो खाई में जा गिरा। गनीमत ये रही कि इस दौरान ड्राइवर ने पहले ही ऑटो से बाहर छलांग लगा दी और तुरंत बाद ही ऑटो फिसलते हुए खाई में गिर गया, जिससे ड्राइवर की जान बच गई। अगर ड्राइवर ने समय से छलांग न लगाई होती तो बात उसकी जान पर भी बन सकती थी। बर्फबारी के चलते सड़कों पर बर्फ जम गई है, जिससे सड़कों पर फिसलन बढ़ गई है। ऐसे में इस मौसम में हादसा होने का डर बना हुआ है, जिस कारण पुलिस प्रशासन द्वारा भी सैलानियों और लोगों से ये अपील की जा रही है कि वो बारिश और बर्फबारी को देखते हुए सुरक्षित स्थानों पर रहें। वहीं, लाहौल घाटी, अटल टनल और सोलंगनाला समेत मनाली के कई हिस्सों में कई-कई फुट तक बर्फ जमा हो गई है। लाहौल घाटी में करीब 6 फुट, अटल टनल में करीब 4 फुट और सोलंगनाला में भी करीब 2 फुट बर्फ जमा हो गई है, जिससे जनजीवन भी अस्त व्यस्त हो गया है। डीएसपी मनाली केडी शर्मा ने बताया, सोलंगनाला में बीती रात के समय बर्फबारी के बीच सभी गाड़ियों को सुरक्षित निकाल लिया गया है और अभी भी बर्फबारी का दौर जारी है। ऐसे में सैलानी अपने होटल में ही रहें और मौसम साफ होने के बाद ही पर्यटन स्थलों का रुख करें।
शिमला: न्यायमूर्ति जीएस संधवालिया हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के नए मुख्य न्यायाधीश का पदभार संभालेंगे। वे रविवार, 29 दिसंबर को शपथ लेंगे। इस अवसर पर राजभवन में समारोह आयोजित किया जाएगा। मौजूदा समय में हिमाचल से ही संबंध रखने वाले न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश का पदभार संभाल रहे थे। वहीं, न्यायमूर्ति जीएस संधवालिया पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में सेवारत थे। जो अब हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ लेने जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि पूर्व में इसी साल जुलाई की 11 तारीख को न्यायमूर्ति जीएस संधवालिया का नाम मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के सीजे के तौर पर अनुशंसित किया गया था। अब वे हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में कार्यभार संभालेंगे। इससे पहले 19 अक्टूबर 2024 को न्यायमूर्ति राजीव शकधर हिमाचल हाईकोर्ट से रिटायर हुए थे। उनकी रिटायरमेंट के बाद से न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के पद पर सेवाएं दे रहे थे। न्यायमूर्ति जीएस संधवालिया ने साल 1986 में चंडीगढ़ के डीएवी कॉलेज से स्नातक की डिग्री हासिल की थी। इसके बाद साल 1989 में उन्होंने पंजाब यूनिवर्सिटी से एलएलबी की डिग्री प्राप्त की। लॉ की डिग्री हासिल करने के बाद वे पंजाब एवं हरियाणा बार काउंसिल में एडवोकेट के रूप में सक्रिय हुए। फिर साल 1983 से 1987 तक उन्होंने पटना में हाईकोर्ट में सेवाएं दीं। न्यायमूर्ति जीएस संधवालिया के पिता साल 1978 और साल 1983 के दरम्यान पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रह चुके हैं। फिलहाल, हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में सेवारत न्यायाधीशों की बात करें तो अभी न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान, न्यायमूर्ति विवेक सिंह ठाकुर, न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल, न्यायमूर्ति संदीप शर्मा, न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ, न्यायमूर्ति सत्येन वैद्य, न्यायमूर्ति सुशील कुकरेजा, न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह, न्यायमूर्ति रंजन शर्मा, न्यायमूर्ति बीसी नेगी व न्यायमूर्ति राकेश कैंथला का नाम आता है। न्यायमूर्ति जीएस संधवालिया के पदभार संभालने के बाद अब हिमाचल हाईकोर्ट में सीजे सहित 12 जज हो जाएंगे।
हिमाचल में महंगाई की मार झेल रहे लाखों उपभोक्ताओं के लिए राहत भरी खबर है। नए साल में उपभोक्ताओं को उड़द की दाल पांच रुपए किलो सस्ती मिलेगी। प्रदेश सरकार ने उड़द की दाल का भाव अप्रूव कर दिया है। ऐसे में सर्दियों के मौसम में सबसे अधिक खाई जाने वाली उड़द की दाल के रेट कम होने से लोगों को कुछ राहत मिलेगी। प्रदेश सरकार से उड़द की दाल के रेट अप्रूव होने से हिमाचल प्रदेश राज्य नागरिक आपूर्ति निगम ने 38 हजार क्विंटल उड़द का सप्लाई ऑर्डर जारी कर दिया है,जिसके बाद अब होलसेल गोदाम में उड़द पहुंचनी शुरू हो जाएगी, ताकि नए साल में डिपुओं में समय पर उपभोक्ताओं को ये दाल उपलब्ध हो सके। हिमाचल के करीब 4500 डिपुओं में उपभोक्ताओं को नए साल में सस्ती उड़द की दाल मिलने वाली है, जिसके भाव सरकार ने अप्रूव कर दिए हैं। डिपुओं में एनएफएसए के तहत आने वाले उपभोक्ताओं को उड़द की दाल 58 रुपए प्रति किलो के हिसाब से दी जाएगी। पहले यही भाव 63 रुपए प्रति किलो था. इसी तरह से एपीएल परिवारों के लिए उड़द का रेट 68 रुपए किलो तय किया गया हैं। डिपुओं में पहले इन परिवारों को 73 रुपए किलो की दर से उड़द की दाल दी जा रही थी। वहीं, टैक्स पेयर को उड़द की दाल खरीदने के लिए पहले से अधिक जेब ढीली करनी होंगी। डिपुओं में टैक्स पेयर को उड़द की दाल अब 93 रुपए प्रति किलो के हिसाब से मिलेगी। पहले यही भाव 83 रुपए प्रति किलो था, लेकिन राहत की बात ये है कि खुले बाजार से उड़द की दाल का ये भाव काफी कम है। बाजार में उड़द की दाल का भाव 115 से 120 रुपए प्रति किलो है। ऐसे में डिपुओं में सस्ती दालें उपलब्ध होने से उपभोक्ताओं को महंगाई से राहत मिल रही है। हिमाचल प्रदेश राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंध निदेशक राजेश्वर गोयल का ने बताया, डिपुओं में उपभोक्ताओं उड़द की दाल पांच रुपए सस्ती दी जाएगी। उपभोक्ताओं को समय पर दालें उपलब्ध हो, इसके लिए पहले ही सप्लाई ऑर्डर जारी किया जा चुका है, जिसके बाद होलसेल गोदाम में दालों की सप्लाई पहुंचनी भी शुरू हो गई है।
कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में बर्फबारी होने के बाद बड़ी संख्या में सैलानी पहाड़ों का रुख कर रहे हैं। कुल्लू जिले की पर्यटन नगरी मनाली में भी सैलानियों की भीड़ उमड़ रही है। मनाली के सोलंगनाला, कोठी, अटल टनल में हुई बर्फबारी के बाद अब सैलानी बर्फ से खेलने का आनंद ले रहे हैं, हालांकि सैलानियों के लिए अभी तक अटल टनल को बहाल नहीं किया गया है। ऐसे में सैलानी सोलंगनाला में ही स्कीइंग समेत अन्य खेलों का आनंद उठा रहे हैं। जिसके चलते सोलंगनाला समेत मनाली में सैलानियों की बहार लौट आई है। स्कीइंग के लिए मशहूर पर्यटन स्थल सोलंगनाला में सैलानी साहसिक गतिविधियों का आनंद ले रहे हैं। ताजा बर्फबारी के बाद स्की ढलान भी बर्फ से पूरी तरह से ढक गई है। आज वीरवार को मौसम साफ होते ही बर्फ से लदी वादियों में सैलानियों ने पैराग्लाइडिंग और माउंटेन बाइक का मजा लिया। इसके अलावा दिन के समय घुड़सवारी कर सैलानी बर्फ से लदे धार्मिक स्थल अंजनी महादेव भी पहुंचें। वहीं, बर्फबारी के चलते अटल-टनल सैलानियों के लिए बंद रही। सोलंगनाला के पर्यटन व्यवसायी गुरदयाल, रूप सिंह ठाकुर, वेद राम व रामलाल ने बताया कि एडवेंचर एक्टिविटी शुरू होने से उनका कारोबार भी चल पड़ा है। घुड़सवारी करवा रहे स्थानीय युवक निक्कू व रामू ने बताया, अंजनी महादेव में झरने का गिर रहा पानी शिवलिंग में तब्दील हो गया है। इन दिनों शिवलिंग का आकार 10 फीट ऊंचा हो गया है। जो फरवरी के अंत में 30 फीट से अधिक हो जाएगा। पैराग्लाइडिंग से जुड़े साहसिक व्यवसायी रामनाथ, डोले राज व अमन ने बताया कि सोलंगनाला की वादियों में हिमपात होने से निखार आ गया है। वहीं, रोपवे का आनंद उठाते हुए सैलानी फातरु की हसीन और बर्फीली वादियों का दीदार कर रहे हैं। स्की हिमालय के एमडी अमिताभ शर्मा ने बताया, पर्यटक रोपवे के सुहाने सफर के बीच फातरु की वादियों में पहुंच रहे हैं। क्रिसमस के चलते पर्यटन कारोबार ने भी गति पकड़ ली हैं और नए साल के जश्न मनाने के लिए भी सैलानी मनाली का रुख कर रहे हैं। डीएसपी मनाली केडी शर्मा ने बताया, हिमपात के चलते अटल टनल पर्यटकों के लिए फिलहाल बंद है। हालात सामान्य होने पर पर्यटकों को लाहौल की और भेजा जाएगा।
हिमाचल प्रदेश में पिछले 13 साल में सेब उत्पादन में लगातार गिरावट आ रही है। बागवानी विभाग के आंकड़ों में यह चौकाने वाला खुलासा हुआ है। विभाग के मुताबिक हिमाचल में सेब उत्पादन में प्रति हेक्टेयर 50 फीसदी की गिरावट आई है। 2010-11 में जहां प्रदेश में 8.7 मीट्रिक टन प्रति हेक्टेयर सेब उत्पादन हुआ था, वहीं 2023-24 में यह आंकड़ा घटकर 4.3 मीट्रिक टन प्रति हेक्टेयर रह गया। इसका मुख्य कारण मौसम में हो रहे बदलाव और रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों पर अत्यधिक निर्भरता से मिट्टी की उपजाऊ शक्ति का खत्म होना माना जा रहा है।वैज्ञानिकों के अनुसार कभी ज्यादा बारिश और ओले पड़ने और कभी दो से तीन महीने तक लगातार सूखा पड़ने से फसलों के उत्पादन पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है। हिमाचल में फल उत्पादन करीब 76 फीसदी क्षेत्र में होता है। 46 प्रतिशत में सेब की खेती की जाती है। बढ़ती जनसंख्या और संतुलित आहार के प्रति जागरूकता के कारण भारत में फलों की मांग तेजी से बढ़ रही है। इस मांग को पूरा करने के लिए मौजूदा बगीचों में उत्पादन में सुधार करना आवश्यक है। कुछ वर्षों में राज्य में सेब उत्पादकता में काफी गिरावट आई है। खराब प्रबंधन पद्धतियां, रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों पर अत्याधिक निर्भरता के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभाव हिमाचल प्रदेश के एक समय फलते-फूलते सेब उद्योग के लिए गंभीर चुनौती बन गए हैं। उद्यान विभाग के निदेशक विनय सिंह ने कहा कि सेब उत्पादकता में गिरावट का मुख्य कारण जलवायु परिवर्तन है। विभाग एचपी एचडीपी के तहत उच्च घनत्व वाले बगीचों को बढ़ावा दे रहा है और इसके परिणाम जल्द आएंगे। समय-समय पर उचित प्रबंधन के लिए उचित दिशा निर्देश जारी किए जाते हैं। कृषि विज्ञान केंद्र शिमला की प्रभारी डॉ. उषा शर्मा ने बताया कि प्राकृतिक पद्धतियों में स्वस्थ मृदा पारिस्थितिकी तंत्र फलों की दृढ़ता, स्वाद, शर्करा की मात्रा और रंग को बढ़ाकर फलों की गुणवत्ता को बढ़ाता है। रासायनिक पदार्थों के उपयोग को समाप्त करके, प्राकृतिक खेती पर्यावरण प्रदूषण को कम करती है। किसान स्थानीय रूप से उपलब्ध सामग्री जैसे गाय का गोबर, गोमूत्र, दरैक के पत्ते आदि का उपयोग करके अपना खुद का जैविक मिश्रण तैयार कर सकते हैं।
हिमाचल प्रदेश में बर्फबारी के बाद कड़ाके की ठंड पड़ रही है। बर्फबारी के चलते तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई है। मौसम विभाग शिमला ने आगामी 27, 28 और 29 दिसंबर को बारिश और बर्फबारी की संभावना जताई गई है। 27 और 28 दिसंबर को जहां प्रदेश के ऊंचाई व मध्य पर्वतीय इलाकों में बर्फबारी और निचले व मैदानी इलाकों में बारिश की संभावना है। वहीं, 29 दिसंबर को प्रदेश के ऊंचे व मध्य पहाड़ी इलाकों में बारिश और बर्फबारी को लेकर अलर्ट जारी है, जबकि बाकी दिन मौसम साफ बताया गया है। वहीं, मौसम विभाग द्वारा प्रदेश के निचले व मैदानी इलाकों में शीतलहर को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। ऊना, हमीरपुर, सुंदरनगर और चंबा में शीतलहर का कहर जारी है। वहीं, बिलासपुर और मंडी जिले के कुछ जगहों पर घना कोहरा भी छाया रहा। वहीं, अगर बात करें न्यूनतम तापमान की तो प्रदेश के 8 शहरों का पारा माइनस में है। प्रदेश में ताबो -10.6 डिग्री सेल्सि न्यूनतम तापमान के साथ सबसे ठंडा रहा।
केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना चरण-4 में नई सड़कों के साथ पुरानी खराब सड़कों की मेटलिंग करने के प्रदेश के आग्रह को स्वीकार कर लिया है। लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने नियमों का हवाला देते हुए केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज चौहान के समक्ष यह मामला उठाया था। हिमाचल में 2,000 करोड़ रुपये से 1,500 किलोमीटर सड़कें पक्की होंगी। केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के चरण-एक में टारिंग, मेटलिंग से वंचित सड़कों को चरण-चार में शामिल कर दिया है। अब चरण-चार में ये सड़कें पक्की होंगी। लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने नियमों का हवाला देते हुए केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज चौहान के समक्ष यह मामला उठाया था। केंद्रीय मंत्रालय ने सरकार को स्वीकृति पत्र जारी कर इन सड़कों को चरण-चार में शामिल करने की हामी भरी है। अगले सप्ताह लोक निर्माण विभाग के अधिकारी दिल्ली जाएंगे, वहां केंद्रीय मंत्रालय के समक्ष इन सड़कों की प्रस्तुति देंगे। हिमाचल में चरण-दो और तीन में सभी सड़कों का निर्माण हो चुका है, लेकिन चरण-एक में 200 से ज्यादा सड़कें पक्की नहीं हो पाई थीं। इन सड़कों के पक्का होने से हिमाचल की 40 फीसदी जनता लाभान्वित होगी। इससे पहले चरण-तीन में हिमाचल को 3,000 करोड़ रुपये मिले थे। अब सड़कों को पक्का करने के लिए हिमाचल को केंद्र 2,000 करोड़ की राशि देगा। विक्रमादित्य ने कहा कि सड़कों का जायजा लेने के लिए जिलों के दौरे किए थे। कई सड़कें हैं जो 10 सालों से पक्की नहीं हो पाई हैं। इस बारे में सचिवालय में अधिकारियों के साथ बैठक की गई। इसके बाद मामला केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री से उठाया था।
सपैल वैली के धार्मिक अनुष्ठान भूंडा महायज्ञ के लिए पांच बावड़ियों का पवित्र जल बुधवार को देवता बकरालू के मंदिर में पहुंच गया। इसके साथ ही वीरवार को मंदिर परिसर में भूंडा का आगाज हो जाएगा। 39 साल बाद हवन कुंड के खुलने से अनुष्ठान का आगाज होगा। हालांकि, सार्वजनिक तौर पर दो जनवरी से भूंडा की रस्में शुरू होंगी। नौ गांवों के हजारों लोगों ने मंदिर से लेकर अपने घरों तक की सभी तैयारियों पूरी कर ली हैं। बुधवार को ब्राह्मणाें के कंधों पर पवित्र जल को ढोल-नगाड़ों के साथ दलगांव में देवता बकरालू के मंदिर तक पहुंचाया गया। पूजा-अर्चना के बाद ग्रामीणों की ओर से मंदिर की बाहर से सफाई की गई। कारदार और हवन कमेटी की मंदिर में रात भर उपस्थिति रहेगी। मंदिर में तय मुहूर्त के अनुसार हवन कुंड को खोला जाएगा। अनुष्ठान की समाप्ति तक यहां लगातार हवन चलता रहेगा। भूंडा महायज्ञ की असली रस्में दो जनवरी से शुरू होंगी। दो जनवरी को यहां मेहमानों और देवताओं का स्वागत होगा। तीन जनवरी को देवता के मंदिर में शिखा पूजन मंदिर की छत पर पूजा-अर्चना के साथ होगा। चार जनवरी को मुख्य रस्म रस्सी पर आदमी को बांध पर खाई पार करवाई जाएगी। इसको स्थानीय भाषा में बेडा कहा जाता है। पांच जनवरी को देवताओं की विदाई का कार्यक्रम उच्छड़ पाछड़ रहेगा। दलगांव के इस मंदिर में 39 साल पहले भूंडा अनुष्ठान हुआ था। इस बार हो रहे अनुष्ठान की करीब पांच साल से मंदिर से हर घर तक तैयारी चल रही है। सपैल वैली से नौ गांवों के लोग अपने-अपने घरों में मेजबानी की पूरी तैयारी कर चुके हैं। रामपुर तहसील के दलोग, शरण जरासी सहित पूरी नरैण पंचायत के लोग भी इस अनुष्ठान के मेजबान माने जाते हैं। पूरे क्षेत्र के ग्रामीणों की ओर से दूर-दूर तक के रिश्तेदारों को बीते एक महीने से निमंत्रण बांटे जा रहे हैं। इधर, विधायक मोहन लाल ब्राक्टा ने मंदिर में पहुंच कर तैयारियों का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने मंदिर कमेटी से भी यातायात व्यवस्था, कानून व्यवस्था को लेकर चर्चा की। देवता बकरालू के मोतमीन रधुनाथ झामटा ने कहा मंदिर की ओर से इस अनुष्ठान की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। उन्होंने कहा यहां पर देवता मोहरिश, देवता बौंद्रा, देवता महेश्वर मुख्य रूप से शामिल होगे। उन्होंने कहा अब इसको सफल बनाने के लिए मेहमानों के सहयोग की जरूरत रहेगी। अनुष्ठान में हर दिन हजारों लोगों के पहुंचने का अनुमान है।
हिमाचल प्रदेश में बुधवार को धूप तो खिली रही, लेकिन पिछले दिनों हुई बर्फबारी से लोगों की दुश्वारियां बढ़ गईं। तीन नेशनल हाईवे समेत 134 सड़कें अभी बंद हैं। राजधानी से ऊपरी शिमला, मनाली से केलांग, कुल्लू से आनी के लिए बस सेवा ठप है। कुल्लू-मनाली एनएच-03, सैंज-लूहरी एनएच 305 और शिमला से रामपुर एनएच-5 बंद है। नई दिल्ली से भुंतर और अमृतसर की उड़ानें सातवें दिन भी बंद रहीं। वीरवार और शुक्रवार को मौसम साफ रहने के आसार हैं। 27 और 28 दिसंबर को फिर भारी बारिश और बर्फबारी का पूर्वानुमान है। 26 और 27 दिसंबर को शीतलहर चलने, बिजली चमकने और ओलावृष्टि का पूर्वानुमान है। बुधवार को ऊना, हमीरपुर, सुंदरनगर और चंबा में शीतलहर चली। प्रदेश में धूप खिलने के बाद सड़क बहाली का काम युद्ध स्तर पर शुरू हुआ और देर शाम तक करीब 100 सड़कें बहाल की गईं। शिमला जिला में अभी सबसे अधिक 77 सड़कें बंद हैं। लाहौल-स्पीति में 25, कुल्लू में 21 और मंडी जिला में 11 सड़कें बंद हैं। प्रदेश में 65 ट्रांसफार्मर बहाल नहीं हो पाए। लाहौल-स्पीति में 34, शिमला में 23, चंबा में 6 और किन्नौर में 2 ट्रांसफार्मर खराब हैं। 18 जलापूर्ति परियोजनाएं ठप पड़ी हैं। शिमला जिले में सबसे अधिक 12 और किन्नौर में 6 पेयजल योजनाएं ठप हैं। उधर, जिला चंबा में बंद छह ट्रांसफार्मर बुधवार को भी बहाल नहीं हो पाए। अटल टनल रोहतांग के साथ जलोड़ी दर्रा वाहनों के लिए अभी बंद है। मंगलवार रात जलोड़ी दर्रा में 30 सेंटीमीटर, कोकसर में 20, ग्रांफू में 30, रोहतांग 60, सिस्सू में आठ व अटल टनल के दोनों छोर में 10 से 12 सेंटीमीटर बर्फ गिरी है। लाहौल-स्पीति जिला पुलिस ने बुधवार को सुबह 10:00 बजे से लेकर दोपहर एक बजे तक बर्फ में फंसी 20 गाड़ियों को निकाला, जिसमें लगभग 80 से 100 के बीच पर्यटक थे।
लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने आज बताया कि केन्द्र सरकार ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना चरण-4 में नई सड़कों के साथ पुरानी खराब सड़कों की मेटलिंग करने के प्रदेश के आग्रह को स्वीकार कर लिया है। लोक निर्माण मंत्री ने कहा कि प्रदेश ने केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान से इसके दृष्टिगत विशेष आग्रह किया था। उन्होंने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा प्रदेश में नई सड़कों के साथ पुरानी खराब सड़कों की मेटलिंग की अनुमति प्रदान करने से राज्य में लगभग 1000-1500 किलोमीटर सड़कों के मेटलिंग कार्य में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों को सुदृढ़ करने में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना चरण-4 के तहत विभिन्न प्रावधानों से उल्लेखनीय सहायता प्राप्त होगी। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में बर्फबारी के कारण बाधित सड़कों में यातायात के सुचारू संचालन के लिए युद्धस्तर पर कार्य किया जा रहा है। विभाग द्वारा अधिकांश बाधित सड़कों को समयबद्ध खोला गया है। बर्फबारी से प्रभावित होने वाले चिन्हित क्षेत्रों में पर्याप्त संख्या में कार्यबल और मशीनरी तैनात की गई है। यह प्रयास किया जा रहा है कि पर्यटन सीजन के दौरान पर्यटकों के साथ-साथ स्थानीय लोगों को भी किसी असुविधा का सामना न करना पड़े।
हिमाचल: भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की आज हिमाचल में 100वीं जयंती मनाई गई। इस मौके पर शिमला के रिज मैदान पर राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल व नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने पूर्व प्रधानमंत्री की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। इसके बाद राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने अटल बिहारी वाजपेयी की जीवनी पर आधारित एक प्रदर्शनी का शुभारंभ किया। इस अवसर पर राज्यपाल शुक्ल ने कहा अटल ने पोखरण में परमाणु परीक्षण कर पूरे विश्व को संदेश दिया था कि भारत अपनी शक्ति के आगे दूसरे की जबरदस्ती की शक्ति को स्वीकार नहीं करेगा। हम शांति के दूत हैं लेकिन क्रांति निश्चित रूप से करना जानते हैं। यह अटल जी ने सिखाया था। आज हम उनको अपनी श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं। इस मौके पर बीजेपी के अन्य नेता भी मौजूद रहे। उन्होंने देश की प्रगति में ऐसा काम किया जिसे आज हम उनकी जयंती पर सुशासन दिवस के रूप में मनाते हैं। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की कुल्लू के ढालपुर में भी 100वीं जयंती मनाई गई। इस अवसर पर जिला कुल्लू के मुख्यालय ढालपुर में बीजेपी ने अटल जी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए और उनके द्वारा भारत के विकास में किए गए कार्यों को याद किया गया। जिला कुल्लू भाजपा के अध्यक्ष अरविंद चंदेल ने बताया अटल जी द्वारा किए गए गए विकास कार्यों का आज आम जनता को लाभ मिल रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के अवसर पर हमीरपुर जिला के तहत समीरपुर में भी एक कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इस कार्यक्रम में भारत रत्न अटल जी को याद किया गया। इस मौके पर अपने संबोधन में हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने कहा यह जन्म अटल जी का शताब्दी वर्ष हैं। इसको लेकर पूरे देश में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। वाजपेयी जी ने अपने प्रधानमंत्री काल में जो कार्य देश के लिए किए हैं उनके लिए समस्त देशवासी उनके सदैव ऋणी रहेंगे। उन्होंने कहा कि विशेषकर प्रधानमंत्री सड़क योजना से हिमाचल जैसे पहाड़ी एवं दुर्गम क्षेत्रों को सड़कों की सौगात मिली है। ऐसी सड़कों के निर्माण के लिए उन्हें सदैव याद किया जाएगा।
लाहौल-स्पीति: जिला के मुख्यालय लोअर केलांग में मंगलवार शाम एक दो मंजिला मकान में आग लग गई। यह मकान क्षेत्रीय अस्पताल के पास था। आग लगने के चलते मकान पूरी तरह से जल गया। वहीं, मकान के अंदर मौजूद 4 साल के बच्चे की आग की चपेट में आने से मौत हो गई। आग लगने की सूचना मिलते ही पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। फिलहाल आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है। पुलिस आग लगने के कारणों की जांच कर रही है। जानकारी के मुताबिक इस दो मंजिला मकान में नेपाली मूल की दंपति अपने 4 साल के बेटे के साथ रहती थी। मकान में जब आग लगी तो नेपाली मूल का व्यक्ति भीम बहादुर अपनी पत्नी के साथ घर के बाहर था और उनका 4 साल का बेटा घर के अंदर मौजूद था। ऐसे में अचानक मकान ने आग पकड़ ली और घर के अंदर रखा सिलेंडर भी ब्लास्ट कर गया जिसके चलते आग एकाएक बढ़ गई। आग लगने की सूचना मिलते ही पुलिस और अग्निशमन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और सभी लोगों की मदद से आग पर काबू पाया गया। उसके बाद 4 साल के बच्चे की तलाश शुरू की गई लेकिन उसकी आग में जलने के चलते मौत हो गई थी। तहसीलदार केलांग, रमेश कुमार ने बताया, इस दो मंजिला भवन में चार कमरे थे और इसमें भीम बहादुर नाम का शख्स अपने परिवार के साथ किराये पर रहता था। मकान में हुए नुकसान का आंकलन 10 लाख रुपये से अधिक का है। अग्निकांड में चार साल के बच्चे की जलने से मौत हो गई है। अधिकारियों द्वारा मामले की जांच की जा रही है और आग लगने के कारणों का पता लगाया जा रहा है।
मंडी: हिमाचल की सर्द दोपहर में शॉल ओढ़े बैठी साकम्मा 20 साल बाद अपने घर जा रही है। अपने बच्चों के पास, जो करीब 20 साल पहले उसे मरा हुआ समझकर अंतिम संस्कार कर चुके थे। हिमाचल के मंडी से करीब 2000 किलोमीटर दूर कर्नाटक के अपने घर पहुंचने में साकम्मा को दो दशक लग गए। कहानी फिल्मी लगती है लेकिन रियल है। कई मुश्किलों और मजबूरियों के बीच साकम्मा की कहानी आपकी आंखे नम कर जाएगी। साकम्मा की कहानी की हैप्पी एडिंग की शुरुआत बीते 18 दिसंबर को हुई। जब एडीसी रोहित राठौर मंडी जिले के भंगरोटू स्थित एक वृद्धाश्रम में निरीक्षण के लिए पहुंचे थे। यहां उन्होंने साकम्मा नाम की महिला को देखा। पता चला कि वो कर्नाटक की रहने वाली हैं और हिंदी नहीं जानती हैं। उनकी मानसिक हालत भी कुछ ठीक नहीं थी, जिसके बाद एडीसी रोहित राठौर अन्य अफसरों के साथ साकम्मा को उनके घर पहुंचाने के मिशन में जुट गए। इसके बाद साकम्मा के साथ कन्नड़ में बात करने के लिए प्रदेश में तैनात कर्नाटक के अफसरों तक पहुंचने की कोशिश हुई। कर्नाटक की निवासी नेत्रा मैत्ती हिमाचल के कांगड़ा जिले में पालमपुर की एसडीएम हैं। फोन पर उनकी बात साकम्मा के साथ करवाई गई और उनके घर के बारे में जानकारी जुटाई गई। फिर मंडी जिले में ही तैनात आईपीएस प्रोबेशनर अधिकारी रवि नंदन को वृद्धाश्रम भेजकर साकम्मा के साथ बातचीत करवाई गई। महिला का वीडियो बनाकर कर्नाटक के अधिकारियों के साथ साझा किया गया। फिर हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक के अफसरों के प्रयास से साकम्मा के परिवार को ढूंढ लिया गया। साकम्मा कर्नाटक के जिला विजय नगर के गांव दनायाकनाकेरे की रहने वाली हैं।जिला उपायुक्त, मंडी अपूर्व देवगन ने बताया, समय-समय पर ओल्ड एज होम और अनाथाश्रम की इंस्पेक्शन की जाती है। हाल ही में अतिरिक्त उपायुक्त मंडी की ओर से भंगरोटू अनाथाश्रम का निरीक्षण किया गया। इस दौरान एक महिला से उनकी बात हुई जो कर्नाटक से हैं लेकिन उनके घर का पता नहीं चल पा रहा था। फिर जिला प्रशासन ने कर्नाटक के अफसरों के साथ मिलकर उन्हें घर पहुंचाया जा रहा है। परिवार के लोगों तक जब कर्नाटक के अफसर पहुंचे तो उन्होंने बताया कि करीब 20 साल पहले उन्हें मरा हुआ समझकर वो साकम्मा का अंतिम संस्कार कर चुके हैं। दरअसल उन्हें एक सड़क हादसे में महिला का शव मिला था, जिसे साकम्मा समझकर परिवार ने अंतिम संस्कार कर दिया था। साकम्मा के जिंदा होने की खबर सुनकर परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं है। स्मृतिका नेगी, एसडीएम, बल्ह ने बताया , ये महिला 20 साल से मिसिंग है और परिवार को लगा था कि इनकी मौत हो चुकी है। 20 साल के बाद साकम्मा का मिलना पुनर्जन्म जैसा ही है। ओल्ड एज होम से लेकर प्रशासन ने पूरा सपोर्ट किया है और हम साकम्मा को शुभकामनाएं देते हैं कि वो अब अपने परिवार के साथ खुश रहेंगी। साकम्मा को 20 साल पुरानी बातें ही याद हैं कि उनके छोटे-छोटे बच्चे हैं, लेकिन अब उनके बच्चों की शादी हो चुकी है। साकम्मा के चार बच्चे थे जिनमें से तीन जीवित हैं। उनके दो बेटे और एक बेटी अपनी मां का इंतजार कर रहे हैं। साकम्मा भी जल्द अपने परिवार से मिलने वाली है। कर्नाटक सरकार के तीन अधिकारी उन्हें लेने के लिए हिमाचल पहुंचे हैं। कर्नाटक के सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता विभाग के ऑफिसर इस प्रयास के लिए हिमाचल सरकार के अफसरों की सराहना करते हैं। बस्वराज एनजी, कर्नाटक सरकार के अधिकारी ने अपनी सरकार की तरफ से हिमाचल सरकार का धन्यवाद करते हुए कहा, हिमाचल के सभी अधिकारियों ने साकम्मा को उसके घर पहुंचाने के लिए हमारी बहुत मदद की है। आश्चर्य की बात है 20 साल बाद साकम्मा मिली है। साकम्मा के तीन बच्चे उसका कर्नाकट में इंतजार कर रहे हैं। परिवार के लोगों ने साकम्मा को मरा हुआ समझकर अंतिम संस्कार कर दिया था लेकिन साकम्मा जिंदा है। साकम्मा 20 साल बाद 24 दिसंबर को कर्नाकट से आए अधिकारियों के साथ अपने घर के लिए रवाना हो चुकी हैं चंडीगढ़ से साकम्मा हवाई मार्ग से कर्नाटक जाएगी। प्रशासन ने सभी कागजी प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद साकम्मा को कर्नाटक से आए अधिकारियों के हवाले कर दिया था, जिसके बाद साकम्मा को लेकर अधिकारी चंडीगढ़ के लिए रवाना हो गए थे।
आउटसोर्स भर्तियों को लेकर नियमों की उड़ रहीं धज्जियों पर हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने सरकार की अस्थायी व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने सरकार से पूछा है कि क्या एक फिनाइल बेचने वाली कंपनी नर्सों की भर्ती कर सकती है। सरकार ने इसके लिए कोई भी पैरामीटर और नियम नहीं बनाए हैं। हाईकोर्ट में जेके इंटरप्राइजेज की ओर से कंपनी को किन मापदंडों के तहत काम दिया जाता है और क्या पारदर्शिता है, इस पर याचिका दायर की गई है। सरकार ने इस पर अपना जवाब दायर किया है, जिस पर अदालत ने नाराजगी जताई। इस मामले की सुनवाई 31 दिसंबर को होगी। कंपनी की ओर से आरोप लगाया गया है कि कॉरपोरेशन की ओर से 5 फीसदी कमीशन तय किया है, जिससे ढाई-ढाई फीसदी कॉरपोरेशन और कंपनियों को जाता है। इस वजह से कंपनियों का वित्तीय नीलामी का अधिकार छिन गया है। काॅरपोरेशन कंपनियों को एंपैनल करता है, उसके बाद विभाग कॉरपोरेशन को संस्तुतियां भेजता है। अगर 10 लोगों से कम लेबर का काम है तो रोटेशन के तहत कंपनियों को काम देते हैं। अगर उससे अधिक है तो कोई नियम नहीं हैं। उसके लिए तकनीकी नीलामी करते हैं। विभाग की ओर से अगर किसी कंपनी के नाम की सिफारिश की जाती है तो उसी को काम दिया जाता है। कॉरपोरेशन ने 36 कंपनियां चयनित की हैं, जिससे विभागों के काम आउटसोर्स किए जाते हैं। कॉरपोरेशन इनसे 50-50 हजार रुपये लेता है। हिमाचल प्रदेश में वित्तीय नियम 2009 के तहत आउटसोर्स प्रक्रिया शुरू की गई है, जिसके तहत सलाहकार बोर्ड, रजिस्ट्रेशन, लाइसेंस और अधिसूचना होनी चाहिए, जबकि हिमाचल प्रदेश कॉरपोरेशन इन सभी नियमों को दरकिनार कर आउटसोर्स भर्तियां कर रहा है। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में आउटसोर्स भर्तियों पर लगाई गई रोक को हटाने के लिए सरकार की ओर से एक अर्जी दायर की गई है। महाधिवक्ता ने अदालत को बताया कि आउटसोर्स भर्तियों की प्रक्रिया के लिए कमेटी के गठन के निर्माण पर सरकार विचार कर रही है। प्रदेश सरकार इस कमेटी की देखरेख करेगी, जिससे भर्तियों की प्रक्रिया में पारदर्शिता होगी। सरकार की ओर से दायर अर्जी पर अब 31 दिसंबर को सुनवाई होगी। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और सत्येन वैद्य की खंडपीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है। अदालत ने 7 नवंबर को इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन की ओर से विभागों में की जा रही सभी भर्तियों पर रोक लगा दी थी। खंडपीठ ने कंपनियों और उम्मीदवारों का सारा डाटा बेवसाइट पर अपलोड करने के निर्देश दिए हैं। याचिकाकर्ता ने आराेप लगाए हैं कि प्रदेश में करीब 110 कंपनियां फर्जी पाई गई हैं। भर्तियों की प्रक्रिया के लिए कोई नियम नहीं बनाए गए हैं। केंद्र की पॉलिसी के तहत केवल चतुर्थ श्रेणी के पदों को ही आउटसोर्स किया जाता है, जबकि हिमाचल प्रदेश में तृतीय श्रेणी को भी आउटसोर्स पर किया जा रहा है।
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में आउटसोर्स भर्तियों पर लगाई गई रोक को हटाने के लिए सरकार की ओर से एक अर्जी दायर की गई है। महाधिवक्ता ने अदालत को बताया कि आउटसोर्स भर्तियों की प्रक्रिया के लिए कमेटी के गठन के निर्माण पर सरकार विचार कर रही है। प्रदेश सरकार इस कमेटी की देखरेख करेगी, जिससे भर्तियों की प्रक्रिया में पारदर्शिता होगी। सरकार की ओर से दायर अर्जी पर अब 31 दिसंबर को सुनवाई होगी। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और सत्येन वैद्य की खंडपीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है। अदालत ने 7 नवंबर को इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन की ओर से विभागों में की जा रही सभी भर्तियों पर रोक लगा दी थी। खंडपीठ ने कंपनियों और उम्मीदवारों का सारा डाटा बेवसाइट पर अपलोड करने के निर्देश दिए हैं। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाए हैं कि प्रदेश में करीब 110 कंपनियां फर्जी पाई गई हैं। भर्तियों की प्रक्रिया के लिए कोई नियम नहीं बनाए गए हैं। केंद्र की पॉलिसी के तहत केवल चतुर्थ श्रेणी के पदों को ही आउटसोर्स किया जाता है, जबकि हिमाचल प्रदेश में तृतीय श्रेणी को भी आउटसोर्स पर किया जा रहा है।
** भाजपा की वजह से हुई हिमाचल में कई राष्ट्रीय स्तर के शिक्षण संस्थान की स्थापना: अनुराग ठाकुर देहरा: पूर्व केंद्रीय मंत्री व हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद अनुराग सिंह ठाकुर ने बीते कल देहरा में निर्माणाधीन केंद्रीय विश्वविद्यालय में अधिकारियों के साथ बैठक कर चल रहे विकास कार्यों का निरीक्षण किया व सुनेहत में दिल्ली कॉन्वेंट स्कूल के वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह में पात्र विद्यार्थियों को पुरस्कार वितरित कर उन्हें उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएँ दीं व नशे जैसी सामाजिक बुराई से दूर रहने का आह्वाहन किया। अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा, अच्छी व सुगम शिक्षा किसी भी राष्ट्र के प्रगति की पहली मूलभूत आवश्यकता है। 2014 के बाद पूरे देश की शैक्षणिक व्यवस्था में उल्लेखनीय परिवर्तन आया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में मोदी सरकार लगभग 30 वर्षों बाद नई शिक्षा नीति लाई जिससे हमारे युवाओं को क्षेत्रीय भाषा में पढ़ाई करने का मौका मिला है। इसके कारण आज छोटे शहरों के बच्चे भी ओपिनियन लीडर बन पा रहे हैं। मोदी सरकार के 10 वर्षों में हमीरपुर संसदीय क्षेत्र और हिमाचल प्रदेश एजुकेशन हब के रूप में उभर कर सामने आया है। यह मोदी जी का हिमाचल के प्रति प्रेम ही हैं ,जिसके कारण आज एक छोटे से पहाड़ी राज्य में लगभग देश के सभी बड़े शैक्षणिक संस्थान हैं। आज हिमाचल के युवाओं को प्रारंभिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा अपने ही राज्य में मिल पा रही है। आगे बोलते हुए अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा, हमारे सभी युवाओं को एक साथ आकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वाह्न के अनुरूप 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाना है, जिसमें शिक्षा की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। आज पूरे देश में 10,000 से ज्यादा अटल टिंकरिंग लैब कार्यरत हैं। पहले देश में 350 मेडिकल कॉलेज थे, मोदी ने 700 बना दिए। आज देश में 1100 विश्वविद्यालय हैं। 2014 में 384 मेडिकल कॉलेज थे। आज 700 से ज्यादा हैं। 2014 में यूनिवर्सिटी की संख्या 450 थी आज 1100 से ज्यादा है। 2014 में मात्र 7 एम्स थे, आज 22 एम्स हैं। 2014 में लगभग 51,000 एमबीबीएस की सीटें थी, आज 1 लाख 8 हजार से ज्यादा है। 2014 में देश में पीजी की सीटें मात्र 31,000 के आसपास थीं, आज 70,000 से ज्यादा हैं। 2014 में 16 आईआईएम थे, आज 23 आईआईएम हैं। 2014 में आईआईटी की संख्या 12 थी, आज 19 आईआईटी हैं। देहरा में भी 500 करोड़ की लागत से केंद्रीय विश्वविद्यालय बन रहा है। अब हमारे क्षेत्र के बच्चे अपने घर पर ही केंद्रीय विद्यालय से पढ़ कर केंद्रीय विश्वविद्यालय में पढ़ सकते हैं। हमीरपुर लोकसभा में कुल 9 केंद्रीय विद्यालय के माध्यम से छात्रों के केंद्रीय विद्यालय में पढ़ कर अच्छी शिक्षा पाने की राह और आसान हो गई है। हमने ऐसे ही हमीरपुर एनआईटी और स्लोह में ही ट्रिपल आईटी भी बनाया है। पहले हमारे यहां मेडिकल कॉलेज नहीं थे। मैंने आपकी आवाज उठाकर हमीरपुर में मेडिकल कॉलेज और बिलासपुर में एम्स बनवाया। इसके अलावा कई आईटीआई भी बनाए गए हैं। मैं यही चाहता हूं की हमारे युवा साथी अच्छी शिक्षा ग्रहण करें और आगे बढ़ें। अनुराग ठाकुर ने कहा कि आईआईएम, एनआईटी, एचपीटीयू से लेकर ट्रिपल आईटी तक के राष्ट्रीय शिक्षण संस्थान आज हिमाचल में भाजपा सरकार की देन है। हिमाचल को मोदी सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने का काम किया है ताकि हमारे यहाँ के छात्रों को अच्छी व गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए अन्य राज्यों की ओर पलायन ना करना पड़े। अनुराग ठाकुर ने आगे पूरे देश में शिक्षा के क्षेत्र में आए परिवर्तन को रेखांकित करते हुए बताया, आज पूरे देश में 10000 से ज्यादा अटल टिंकरिंग लैब कार्यरत हैं। अनुराग ठाकुर ने आगे कहा कि मोदी के विकास के साथ कदमताल करते हुए मैंने भी अपने संसदीय क्षेत्र हमीरपुर में बिना किसी सरकारी सहायता के बच्चों को गुरुकुल पद्धति के साथ निशुल्क ट्यूशन की व्यवस्था के लिए एक से श्रेष्ठ कार्यक्रम की शुरुआत की है। एक से श्रेष्ठ कार्यक्रम सबके प्रयास से सभी वर्गों के बच्चों को शिक्षा देना और सबका विकास करना है। इसकी शुरुआत 5 अक्टूबर 2021 को विश्व शिक्षक दिवस के अवसर पर की गई थी ताकि हिमाचल प्रदेश की तीन समस्याओं: अनएम्प्लॉयमेंट, इमीग्रेशन और इकोनॉमी का एजुकेशन के द्वारा समाधान किया जा सके। आज पूरे क्षेत्र में एक से श्रेष्ठ के 580 से ज्यादा केंद्र कार्यरत है जहां 9500 से ज्यादा बच्चे शिक्षा पा रहे हैं। इनमें छात्राओं की संख्या भी 48% है।
** 683 बिजली लाइन भी ठप्प हिमाचल प्रदेश में हुई ताज़ा बर्फबारी के बाद जहां पर्यटक और बागवान खुश हैं वहीं लोगों की दिक्कतें भी बढ़ी हैं। बर्फबारी के बाद हिमाचल में 3 एनएच समेत 174 सड़कें यातायात के लिए बन्द हो गई हैं। जबकि 683 बिजली की लाइन बाधित हैं। शिमला में सबसे ज्यादा सड़कें बन्द हैं।प्रशासन सड़कें खोलने में जुटा हुआ है। हिमाचल सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा ने कहा कि पिछले 24 घंटों के दौरान बर्फ में फिसलन से हुए हादसों की वजह से चार लोगों की मौत हुई है। उन्होंने बताया कि बर्फ़ में फंसे सभी पर्यटकों को निकाल लिया गया है। पर्यटकों से अपील की है कि बर्फ़ में वाहन न चलाएं। मौसम विभाग ने आज भी राज्य में बर्फ और बारिश की संभावना व्यक्त की है। मौसम विभाग ने 27 से 29 दिसम्बर को फ़िर से प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी और मैदानी क्षेत्रों में बारिश की चेतावनी जारी की है। फिलहाल करीब तीन माह के सूखे के बाद अच्छी बारिश किसानों बागवानों सहित पर्यटन क्षेत्र के लिए खुशी की सौगात लेकर आई है।
** कहा, बर्फबारी से निपटने के लिए 268 मशीनें तैनात **लोक निर्माण मंत्री ने रिव्यू मीटिंग कर अधिकारियों को अलर्ट पर रहने का दिया आदेश हिमाचल प्रदेश में भारी बर्फबारी से सैंकड़ों सड़कें यातायात के लिए बंद हैं। लोक निर्माण विभाग सड़कों को बहाल करने में जुटा हुआ है। शिमला में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने विभाग की रिव्यू मीटिंग ली और अधिकारियों को अगले पांच दिनों तक अलर्ट मोड पर रहने के आदेश दिए हैं। लोक निर्माण विभाग ने कुल 268 मशीनें बर्फबारी से निपटने के तैनात की है जो सड़कों को खोलने में जुटी हुई हैं। अगर मौसम साफ रहता है तो अगले दो दिनों में सभी सड़कें खोल दी जाएगी। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि बर्फबारी से बागवानी और पर्यटक कारोबार को फायदा होगा। अगले पांच दिन भी प्रदेश के कुछ इलाकों में बर्फबारी की संभावना है जिसे देखते हुए अधिकारियों को अलर्ट पर रहने के आदेश दिए गए हैं अगर छुटियां भी रद्द करनी पड़ी तो उसके लिए भी निर्देश दे दिए गए हैं।अगर मौसम साफ रहता है तो अगले दो दिन में सभी सड़कों को बहाल कर दिया जाएगा। रिव्यू मीटिंग में सड़कों के चल रहे निर्माण कार्य की भी रिपोर्ट ली गई है और अधिकारियों को कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। CRF के तहत 2024- 25 में हिमाचल प्रदेश को 110 करोड़ की स्वीकृति आई है।
शिमला: न्यायमूर्ति जीएस संधवालिया हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के नए मुख्य न्यायाधीश का पदभार संभालेंगे। इस संदर्भ में सोमवार 23 दिसंबर को अधिसूचना जारी कर दी गई है। मौजूदा समय में हिमाचल से ही संबंध रखने वाले न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश का पदभार संभाल रहे थे। न्यायमूर्ति जीएस संधवालिया पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में सेवारत थे। संभावना है कि न्यायमूर्ति संधवालिया इसी हफ्ते अपना कार्यभार संभालेंगे। सोमवार को केंद्र सरकार में जॉइंट सेक्रेटरी रैंक के अधिकारी जगन्नाथ श्रीनिवासन की ओर से न्यायमूर्ति संधवालिया की नियुक्ति संबंधी अधिसूचना जारी कर दी गई। उल्लेखनीय है कि पूर्व में इसी साल जुलाई की 11 तारीख को न्यायमूर्ति जीएस संधवालिया का नाम मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के सीजे के तौर पर अनुशंसित किया गया था। अब वे हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में कार्यभार संभालेंगे। इससे पहले 19 अक्टूबर 2024 को न्यायमूर्ति राजीव शकधर हिमाचल हाईकोर्ट से रिटायर हुए थे। उनकी रिटायरमेंट के बाद से न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के पद पर सेवाएं दे रहे थे। न्यायमूर्ति जीएस संधवालिया ने वर्ष 1986 में चंडीगढ़ के डीएवी कॉलेज से स्नातक की डिग्री हासिल की फिर वर्ष 1989 में उन्होंने पंजाब यूनिवर्सिटी से एलएलबी की डिग्री प्राप्त की। लॉ की डिग्री हासिल करने के बाद वे पंजाब एवं हरियाणा बार काउंसिल में एडवोकेट के रूप में सक्रिय हुए। उल्लेखनीय है कि न्यायमूर्ति जीएस संधवालिया के पिता वर्ष 1978 और वर्ष 1983 के दरम्यान पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रह चुके हैं। फिर वर्ष 1983 से 1987 तक उन्होंने पटना में हाईकोर्ट में सेवाएं दीं। फिलहाल, हिमाचल हाईकोर्ट में सेवारत न्यायधीशों की बात करें तो अभी न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान, न्यायमूर्ति विवेक सिंह ठाकुर, न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल, न्यायमूर्ति संदीप शर्मा, न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ, न्यायमूर्ति सत्येन वैद्य, न्यायमूर्ति सुशील कुकरेजा, न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह, न्यायमूर्ति रंजन शर्मा, न्यायमूर्ति बीसी नेगी व न्यायमूर्ति राकेश कैंथला का नाम आता है। न्यायमूर्ति जीएस संधवालिया के पदभार संभालने के बाद अब हिमाचल हाईकोर्ट में सीजे सहित 12 जज हो जाएंगे।
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य के जलशक्ति विभाग के पांच पैरा पंप ऑपरेटर्स की नियुक्ति को रद्द कर दिया है। मामले पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने पाया कि उपरोक्त पांच पैरा पंप ऑपरेटर्स ने जो अनुभव प्रमाण पत्र यानी एक्सपीरियंस सर्टिफिकेट सबमटि किए थे। वे विज्ञापन के अनुसार निर्धारित प्राधिकारी की तरफ से जारी नहीं किए गए थे। अदालत ने इन पंप ऑपरेटरों की नियुक्ति को रद्द करने के साथ ही जल शक्ति विभाग को निर्देश दिया कि वे सभी उम्मीदवारों की योग्यता का पुनर्मूल्यांकन करे। विभाग को आदेश जारी किए गए कि वह आवेदकों द्वारा प्रस्तुत संबंधित कार्यकारी अभियंता की ओर से जारी किए गए अनुभव प्रमाण पत्र के आधार पर यह पुनर्मूल्यांकन करें। हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल ने याचिकाकर्ता राकेश कुमार की याचिका को मंजूर करते हुए उपरोक्त आदेश जारी किए। अदालत ने आदेश दिए हैं कि इन पांच निजी प्रतिवादियों की नियुक्ति को रद्द किए जाने के कारण खाली होने वाले पदों पर योग्य उम्मीदवारों को योग्यता के आधार पर तैनाती दी जाए। राज्य के जलशक्ति विभाग ने पात्र अभ्यर्थियों से पैरा पंप ऑपरेटर्स के पदों के लिए आवेदन मांगे थे। विज्ञापन में ये स्पष्ट किया गया था कि यदि कोई अभ्यर्थी जल शक्ति विभाग, हिमाचल प्रदेश लोक निर्माण विभाग, केंद्रीय लोक निर्माण विभाग अथवा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों आदि में या राज्य जल शक्ति विभाग में सेवा देने वाली आउटसोर्सिंग एजेंसी के संबंधित क्षेत्र में अनुभव प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करेगा, तो केवल कार्यकारी अभियंता द्वारा जारी प्रमाण-पत्र को ही वैध माना जाएगा। याचिकाकर्ता राकेश कुमार के साथ-साथ पांच निजी प्रतिवादियों और अन्य ने चयन प्रक्रिया में भाग लिया था। विभाग की तरफ से जारी मेरिट लिस्ट के अनुसार अदालत को सूचित किया गया कि कुछ अभ्यर्थियों को नियुक्ति की पेशकश की गई थी। याचिकाकर्ता का नाम प्रतीक्षा सूची में क्रम संख्या एक पर था। निजी प्रतिवादियों की नियुक्ति को याचिकाकर्ता राकेश ने यह कहते हुए चुनौती दी थी कि निजी प्रतिवादियों को अनुभव के शीर्षक के तहत गलत तरीके से दो अंक दिए गए हैं, क्योंकि निजी प्रतिवादियों के अनुभव के संबंध में प्रस्तुत प्रमाण पत्र विज्ञापन में निर्धारित प्राधिकारी द्वारा जारी नहीं किए गए थे। कोर्ट ने मामले से जुड़े रिकॉर्ड को देखने के बाद पाया कि 5 पैरा पंप ऑपरेटरों ने जो अनुभव प्रमाण पत्र पेश किए और जिनके आधार पर उन्हें अनुभव के अंक देकर चुना गया, वे वास्तव में विज्ञापन के अनुसार निर्धारित प्राधिकारी द्वारा जारी नहीं किए गए थे। इस पर ही हाईकोर्ट ने ये नियुक्तियां रद्द की हैं।
हिमाचल प्रदेश की ऊंचाई वाले इलाकों में सोमवार सुबह से जहां बर्फबारी हो रही है। वहीं, दोपहर बाद मनाली के सोलंग नाला, अटल टनल और लाहौल घाटी के कोकसर और सिस्सू में भी बर्फबारी का दौर शुरू हो गया। ऐसे में सैलानियों की बर्फबारी को देखने की चाहत पूरी हो गई। सैलानी बर्फबारी में मस्ती करते हुए नजर आए। बर्फबारी को लेकर मनाली और लाहौल पुलिस सतर्क हो गई है। हालांकि अभी तक अटल टनल के माध्यम से सैलानी लाहौल घाटी का रुख कर रहे हैं। अगर बर्फबारी ज्यादा होती है तो सैलानियों की आवाजाही रोक दी जाएगी । वहीं, लाहौल पुलिस ने जगह-जगह सैलानियों से आग्रह किया कि वह नदी-नालों का रुख ना करें और समय रहते मनाली की ओर प्रस्थान करें। गौर रहे कि सैलानी मनाली में बर्फ देखने की चाहत को लेकर आए थे। सोमवार दोपहर बाद उनकी यह चाहत पूरी हो गई। मनाली के सोलंग नाला, अटल टनल, रोहतांग टॉप सहित अन्य जगहों पर बर्फबारी होने से पूरे इलाके में कड़ाके की ठंड है। वहीं, जिला कुल्लू के निचले इलाकों में हल्की बारिश हो रही है। हालांकि इस बारिश से अभी किसानों और बागवानों को राहत नहीं मिली है लेकिन अब बागवानों और किसानों को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में फिर से बर्फबारी और बारिश होगी जिससे उनके रुके हुए कृषि कार्य पूरे हो सकेंगे। एसपी लाहौल-स्पीति मयंक चौधरी ने जानकारी देते हुए बताया कि लाहौल घाटी में भी बर्फबारी का दौर जारी हो गया है। ऐसे में जगह-जगह पर पुलिस को तैनात कर दिया गया है। घाटी में अगर बर्फबारी ज्यादा होती है तो सभी वाहनों को पुलिस के द्वारा सुरक्षित मनाली की ओर रवाना किया जाएगा।वहीं, उन्होंने सैलानियों से आग्रह किया है कि वह ऊंचाई वाले इलाकों का रुख ना करें।
हिमाचल प्रदेश में एलोपैथी डॉक्टरों को सुक्खू सरकार ने बड़ी राहत दी है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार ने पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स के लिए अध्ययन अवकाश अवधि (Study Leave Period) के दौरान एलोपैथी डॉक्टरों को शत-प्रतिशत वेतन देने का फैसला लिया है। स्टडी लीव पीरियड के दौरान एलोपैथी डॉक्टरों को ऑन ड्यूटी माना जाएगा। इससे पहले, स्टडी लीव पीरियड के दौरान एलोपैथी डॉक्टरों को वेतन का 40 प्रतिशत वेतन दिया जाता था। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश सरकार पहले से ही अध्ययन अवकाश अर्जित कर रहे पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स के लिए अध्ययनरत होम्योपैथी डॉक्टरों को पूरा वेतन प्रदान कर रही है। इसी तर्ज पर सरकार ने अब एलोपैथी डॉक्टरों के लिए भी इस नीति को अपनाने का फैसला लिया है। प्रदेश सरकार राज्य में गुणवत्तापूर्ण मेडिकल सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्धता से काम कर रही है। सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा, हिमाचल प्रदेश में पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल स्टूडेंट, शैक्षणिक प्रतिबद्धताओं के साथ-साथ मरीजों की चिकित्सा दायित्व में सामंजस्य स्थापित कर काम करते हैं। यह उनके मेडिकल फील्ड में स्पेशलाइजेशन और प्रदेश में स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिए महत्वपूर्ण है। राज्य सरकार स्टडी लीव पीरियड के दौरान डॉक्टरों को पूरा वेतन देकर उनकी कार्यशैली में गुणवत्ता सुनिश्चित कर रही है, ताकि लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया हो। सीएम सुक्खू ने कहा कि सरकार का ये फैसला प्रदेश में स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को और सुदृढ़ बनाने में सहायक सिद्ध होगा।
हिमाचल प्रदेश में रविवार को कुल्लू जिले की पर्यटन नगरी मनाली और लाहौल-स्पीति में बर्फबारी हुई, जिसके चलते करीब 1000 से ज्यादा टूरिस्ट व्हीकल इस बर्फबारी के बीच लाहौल घाटी में फंस गए। सैलानियों की गाड़ियों को अटल टनल से होते हुए सुरक्षित मनाली की ओर रेस्क्यू कर लिया गया है। बीते दिन हुई बर्फबारी के चलते सैकड़ों गाड़ियां अटल टनल होते हुए लाहौल घाटी पहुंची थी। डीएसपी मनाली केडी शर्मा ने बताया कि बर्फबारी को तेज होता देख लाहौल पुलिस के द्वारा गाड़ियों की आवाजाही को रोक दिया गया और लाहौल घाटी में जो सैलानी अपनी गाड़ियों में घूमने के लिए आए थे, अटल टनल के जरिए उन्हें रेस्क्यू करने का काम शुरू कर दिया गया। रात 2 बजे तक पुलिस ने रेस्क्यू अभियान चलाया और 1000 से ज्यादा गाड़ियों को सुरक्षित बाहर निकाला। ऐसे में बर्फबारी के चलते सड़कों पर फिसलन बहुत बड़ गई, जिससे कई गाड़ियां फिसलने लगीं, जिसके बाद पुलिस की टीम द्वारा यहां सड़कों पर मिट्टी और रेत बिछाई गई और उसके बाद गाड़ियों को यहां से सुरक्षित बाहर निकाला गया। हालांकि इस दौरान कुछ जगहों पर गाड़ियां फिसलकर सड़कों के किनारे गिर गई, जिन्हें मौके पर मौजूद पुलिस की टीम द्वारा बाहर निकाला गया। ऐसे में अब सोलंगनाला से आगे गाड़ियों की आवाजाही को रोक दिया गया है। ऐसे में सैलानी सोलंगनाला में ही सैलानी बर्फ के बीच मस्ती कर रहे हैं। वहीं, बर्फबारी होने से अब मनाली में सैलानियों की संख्या में भी बढ़ोतरी हो रही है और यहां के पर्यटन कारोबार को भी इससे काफी फायदा होगा। वहीं, अब सैलानियों को उम्मीद है कि क्रिसमस के दिन भी उन्हें बर्फबारी का नजारा देखने को मिलेगा। डीएसपी मनाली केडी शर्मा ने बताया, बर्फबारी के कारण लाहौल घाटी में 100 से ऊपर सैलानियों की गाड़ियां फंस गई थी। रात 2 बजे तक पुलिस के द्वारा रेस्क्यू अभियान चलाया गया और सभी गाड़ियों को सुरक्षित मनाली लाया गया है। आज मंगलवार को सोलंगनाला से आगे गाड़ियों की आवाजाही को फिलहाल के लिए रोक दिया गया है।
** जानें क्या थी 'नो डिटेंशन पॉलिसी' केंद्र सरकार ने शिक्षा व्यवस्था में एक बड़े बदलाव का ऐलान किया है। शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक, अब कक्षा पांच और आठ में भी बच्चों को फेल किया जाएगा। कक्षा पांच और 8 की वार्षिक परीक्षा में फेल होने वाले छात्रों को दो महीने के भीतर दोबारा परीक्षा में बैठने का अवसर दिया जाएगा। अगर इसमें भी असफल रहते हैं तो उन्हें फेल कर दिया जाएगा और दोबारा उसी कक्षा में पढ़ना पड़ेगा। अभी तक आठवीं कक्षा तक बच्चों को फेल नहीं करने का प्रावधान था। साल 2010-11 से 8वीं कक्षा तक परीक्षा में फेल होने के प्रावधान पर रोक लगा दी गई थी। मतलब यह कि बच्चों के फेल होने के बावजूद अगली क्लास में प्रमोट कर दिया जाता था, लेकिन इससे देखा गया कि शिक्षा के लेवल पर धीरे धीरे गिरावट आने लगी, जिसका असर 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं पर पड़ने लगा। काफी लंबे समय से इस मामले पर विचार विमर्श के बाद नियमों में बदलाव कर दिया गया। केंद्र सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने इसके संबंध में नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है। अधिसूचना में कहा गया है कि अगर स्टूडेंट परीक्षा में फेल होता है तो उसे 2 महीने के अंदर दोबारा परीक्षा में बैठने का मौका मिलेगा लेकिन उसमें भी असफल होने पर अगली क्लास में प्रमोट नहीं किया जाएगा, लेकिन इस दौरान फिर फेल होने वाले छात्र को सुधार का मौका दिया जाएगा। टीचर उस फेल होने वाले स्टूडेंट पर खास ध्यान देंगे साथ ही समय-समय पर पेरेंट्स को भी गाइड करेंगे। नो डिटेंशन पॉलिसी शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 की एक अहम नीति थी। इस नीति के तहत कक्षा पांच और आठ के बच्चों को वार्षिक परीक्षा में फेल नहीं किया जाता था। इस नीति के तहत, सभी छात्र पारंपरिक परीक्षाओं का सामना किए बिना अपने आप अगली कक्षा में प्रमोट हो जाते थे। यह नीति बच्चों के सतत और व्यापक मूल्यांकन पर जोर देती थी।