** पूरे प्रदेश में दिवाली जैसा माहौल ** जगह-जगह लगे भंडारे, शोभा यात्राएं निकालीं भगवान राम की जन्म भूमि अयोध्या में रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह के उपलक्ष्य में देवी-देवताओं की भूमि हिमाचल प्रभु राम के रंग में रंग गया है। पूरे प्रदेश में दिवाली जैसा माहौल है। राज्य के 4 हजार के करीब मंदिरों में एलईडी स्क्रीनें लगाकर रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह दिखाया गया। हर कोई भगवान राम की भक्ति में डूबा नजर आ रहा है। मंदिरों में धार्मिक आयोजन, जगह-जगह भंडारे और शोभा यात्राएं निकाली जा रही हैं। प्रदेश की शक्तिपीठों, बज्रेश्वरी मंदिर, चामुंडा, ज्वालाजी, नयना देवी, चिंतपूर्णी में विशेष आयोजन हो रहे हैं। मंदिरों में सोमवार सुबह अखंड रामायण पाठ, हवन, सुंदरकांड पाठ, हनुमान चालीसा पाठ हुआ। अगर बात करे शिमला जिला की तो यहां 100 से अधिक और राजधानी के 60 मंदिरों में श्रद्धालुओं को प्राण प्रतिष्ठा समारोह लाइव दिखाया गया। शाम 5 बजे मंदिरों में दीप जलाएं जाएंगे। राजधानी का सबसे बड़ा कार्यक्रम राम बाजार स्थित राम मंदिर में हो रहा है।
** शनिवार देर रात हुए अग्निकांड में लाखों रुपये का नुकसान हिमाचल प्रदेश के जिला कुल्लू के ढालपुर में दुकानों में आग लग गई। शनिवार देर रात को हुए अग्निकांड में फल की पांच दुकानें पूरी तरह से जलकर राख हो गईं, जबकि चार अन्य दुकानों को भी आग से नुकसान पहुंचा है। आग की इस घटना में प्रभावित दुकान मालिकों को लाखों का नुकसान हुआ है। आग लगने के कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है। वहीं, आग लगने की सूचना मिलते ही नगर परिषद ढालपुर के अध्यक्ष गोपाल कृष्ण महंत और पार्षद भी मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। नगर परिषद के अध्यक्ष ने प्रभावितों को आश्वासन दिया कि यहां फिर से दुकानें बनाई जाएंगी और उन्हें पुन: बसाया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रभावितों की पूरी मदद की जाएगी।
** कहा, जाखू में हनुमान की मूर्ति की तरह अब राम की भी मूर्ति स्थापित की जाएगी अयोध्या राम मंदिर में 22 जनवरी यानी कल भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम होगा। इसको लेकर केंद्र सरकार ने आधे दिन की छुट्टी की घोषणा की है। वहीं, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य में पूरे दिन के लिए सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की है। मुख्यमंत्री राम मंदिर शिमला में अखंड ज्योति पाठ के शुभारंभ पर पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि जाखू में हनुमान की मूर्ति की तरह अब श्री राम की भी मूर्ति स्थापित की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान श्री राम किसी एक पार्टी के नहीं हैं, वे पूरे देश के आराध्य हैं। उन्होंने कहा कि भगवान राम के आदर्शों को हमें अपने जीवन में अपनाना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने लोगों से आग्रह किया है कि सभी लोग कल अपने घर में दीपक जलाएं, वे स्वयं भी दीपक जलाएंगे।
** पॉलिसी पर विस्तृत विचार-विमर्श पर दिया जोर हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अवधि आधारित अतिथि शिक्षक भर्ती नीति के क्रियान्वयन को अगले आदेशों तक स्थगित करने के निर्देश दिये हैं। सीएम सुक्खू ने भर्ती पर अस्थायी रोक लगाते हुए इस बात पर जोर दिया कि शिक्षा मंत्री के शिमला लौटने के बाद ही इस मामले पर विस्तृत चर्चा होगी। उन्होंने कहा कि इस नीति को गहन विचार-विमर्श के बाद लागू किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने शनिवार को राज्य सचिवालय में पत्रकारों से बातचीत के दौरान यह जानकारी दी। उन्होंने स्पष्ट किया कि अतिथि शिक्षक भर्ती अस्थायी है। अतिथि शिक्षकों को अवधि के अनुसार घंटे के आधार पर भुगतान किया जाएगा और मासिक या वार्षिक आधार पर कोई स्थायी भर्ती नहीं होगी।
** पंप ऑपरेटर, पैरा फिटर और मल्टीपर्पज वर्कर्स की होगी भर्ती ** कर्मचारियों की पंचायत स्तर पर की जाएगी तैनाती हिमाचल प्रदेश में सरकारी नौकरी के सपने संजाये बैठे युवाओं के लिए अच्छी खबर है। जल शक्ति विभाग में हजारों पद भरे जाएंगे, जिसकी अधिसूचना भी जारी हो गई है। जानकारी के मुताबिक विभाग में 4500 पद भरे जाएंगे, जिनमें पंप ऑपरेटर, पैरा फिटर और मल्टीपर्पज वर्कर्स (एमपीडब्ल्यू) की भर्ती की जाएगी। ये कर्मचारी शिमला, हमीरपुर, मंडी और धर्मशाला जोन में रखे जाएंगे। विभाग ने भर्ती के लिए अधीक्षण, अधिशासी अभियंता और अधीक्षक की कमेटी गठित की है। पंचायत स्तर पर कर्मचारियों की तैनाती की जानी है। विभाग में कर्मचारियों की कमी है। इनकी तैनाती से विभाग को काफी हद तक राहत मिलेगी, वहीं गांवों में पानी की सप्लाई को लेकर आ रही समस्या भी दूर होगी। मंत्रिमंडल से मंजूरी मिलने के बाद विभाग भर्ती प्रक्रिया शुरू कर रहा है। आईटीआई और डिप्लोमा प्राप्त उम्मीदवारों को वरीयता मिलेगी। आवेदनकर्ता का 10वीं पास होना अनिवार्य है। वर्कर पॉलिसी के तहत इनकी तैनाती की जानी है। विभाग कर्मचारियों को 5,500 रुपये तक मासिक मानदेय देगा। पानी के पंप स्टेशन, स्टोरेज टैंक की देखरेख समेत सप्लाई देने का काम इनका रहेगा और 6 घंटे काम लिया जाएगा। जानकारी देते हुए उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने बताया कि जल शक्ति विभाग में वर्करों की तैनाती को लेकर अधिसूचना जारी कर दी गई है। जल्द लोगों से आवेदन मांगे जाएंगे और भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इस फैसले से जहां युवाओं को रोजगार मिल सकेगा, वहीं जनता को भी राहत मिलेगी।
** राज्य में बेहतरीन स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने के लिए मिला सम्मान ** मुख्यमंत्री बोले, ग्रामीण अर्थव्यवस्था आधारित नई स्टार्ट-अप नीति लेकर आएगी राज्य सरकार आज भारत मंडपम नई दिल्ली में उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग द्वारा राज्यों के स्टार्ट-अप रैंकिंग-2022 कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश को श्रेणी-बी (एक करोड़ से कम आबादी वाले राज्य) में सर्वश्रेष्ठ परफोर्मर पुरस्कार प्रदान किया गया। यह पुरस्कार राज्य में बेहतरीन स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने के लिए प्रदान किया गया। प्रदेश का मूल्याकंन 7 सुधार क्षेत्रों और 27 कार्य बिंदुओं पर किया गया। जिनका राज्य में स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान है। राज्य को क्षमता निर्माण में अर्ग्रणी, फंडिग लीडर, सस्टेनेबिलिटी प्रमोटर, इनक्यूबेशन हब, मेंटरशिप चौंपियन, इनोवेटिव लीडर और संस्थागत चैंपियन के रूप में मान्यता दी गई। वहीं, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने उद्योग विभाग और स्टार्टअप टीम की सराहना करते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश न केवल देश बल्कि दुनिया भर में स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण में अग्रणी बनने के लिए प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में औद्योगिकीकरण की गति बढ़ाने के साथ-साथ रोजगार के अवसर सृजित करने के लिए स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इसके तहत सभी हितधारकों के लिए इंटरेक्टिव पोर्टल का निर्माण, उच्च शिक्षा संस्थानों में जागरूकता और पहुंच के लिए प्रभावी तंत्र बनाने तथा स्टार्ट-अप को प्रदर्शन एवं विपणन के अवसर प्रदान करने के लिए विभिन्न पहल शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इस वर्ष राज्य सरकार नई स्टार्टअप नीति लेकर आएगी जिसमें ग्रामीण आधारित स्टार्टअप और महिला नेतृत्व वाले स्टार्टअप के लिए विशेष प्रावधान होंगे। राज्य सरकार भारतीय प्रबंधन संस्थान सिरमौर, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान बिलासपुर और डिजिटल प्रौद्योगिकी एवं गवर्नेंस विभाग में नए इन्कुवेशन केंद्र स्थापित करेगी।
** शीघ्र शुरू होगी मुख्यमंत्री विधवा एवं एकल नारी आवास योजना ** योजना के तहत घर बनाने के लिए दिए जाएंगे 1.50 लाख रुपये मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार शीघ्र ही मुख्यमंत्री विधवा एवं एकल नारी आवास योजना शुरू करेगी। उन्होंने कहा कि इस योजना के अंतर्गत पात्र विधवा एवं एकल नारियों को घर निर्मित करने के लिए 1.50 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत 7 हजार महिलाओं को घर निर्मित करने के लिए सहायता प्रदान करने का लक्ष्य रखा गया है। योजना को मंत्रिमंडल की बैठक में मिल चुकी है मंजूरी मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला उत्थान के लिए समर्पित इस योजना को हाल ही में आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में सैद्धांतिक मंजूरी प्रदान की गई है। योजना की अन्तिम रूपरेखा तैयार की जा रही है। आश्रय प्रदान इस योजना के अंतर्गत निर्मित घर में बिजली, पानी और अन्य आवश्यक सुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार समाज के समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध है और वंचित वर्गों के कल्याण के लिए विभिन्न योजनाएं शुरू की गई हैं। उन्होंने कहा कि वह स्वयं एक सामान्य परिवार से संबंध रखते हैं और समाज के कमजोर वर्गों के दुख और परेशानियों से भली-भांति परिचित हैैं। एक वर्ष के दौरान राज्य सरकार ने उनके जीवन स्तर में सुधार के लिए कई अभिनव पहल की हैं। अनाथ बच्चों को दिया 'चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट' का दर्जा मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा चार हजार से अधिक अनाथ बच्चों को 'चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट' के रूप में अपनाकर उनके लिए मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हिमाचल देश का पहला राज्य है जहां अनाथ बच्चों की देखभाल और शिक्षा की जिम्मेदारी राज्य सरकार उठा रही है। प्रदेश सरकार द्वारा इन बच्चों को 27 वर्ष की आयु तक 4 हजार रुपये प्रतिमाह जेब खर्च के रूप में प्रदान किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की यह पहल वंचित वर्गों के सामाजिक उत्थान की पहल को दर्शाती है। प्रदेश सरकार राज्य का चहुंमुखी विकास सुनिश्चित करते हुए समाज के वंचित वर्गों को विकास की मुख्य धारा में शामिल कर रही है।
** मार्ग पर स्थापित होंगे सात चार्जिंग स्टेशन राज्य सरकार ने किरतपुर-बिलासपुर-मंडी-कुल्लू-मनाली-केलांग ग्रीन कॉरिडोर के संचालन से एक ऐतिहासिक कीर्तिमान हासिल किया है, जिसमें सात इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन का शीघ्र ही शुभारंभ किया जाएगा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने पहले बजट भाषण में इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने को बढ़ावा देने के उद्देश्य से राज्य भर में छह ग्रीन कॉरिडोर स्थापित करने की घोषणा की है। इंडियन ऑयल कार्पोरेशन लिमिटेड ने रणनीतिक रूप से किरतपुर-बिलासपुर-मंडी-कुल्लू-मनाली-केलांग ग्रीन कॉरिडोर पर घंडल, दाड़लाघाट के समीप दसेरन, बिलासपुर के पास नौणी, जडोल, नेर चौक बाईपास, कुल्लू में भूतनाथ मंदिर पुल के सामने और केलांग में सात ईवी चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए हैं। शिमला से केलांग जाने वाले इलेक्ट्रिक वाहन चालकों को भी चार्जिंग स्टेशनों से लाभ होगा। इन स्टेशनों को स्थापित करने का उद्देश्य परिवहन के बेहतर साधन को बढ़ावा देने के साथ-साथ ई-चालकों को सुखद यात्रा की सुविधा प्रदान करना है। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि छह घोषित ग्रीन कॉरिडोर में परवाणू-नालागढ़-ऊना-हमीरपुर-देहरा-अंब-मुबारकपुर-संसारपुर-टैरेस-नूरपुर, पांवटा-नाहन-सोलन-शिमला, परवाणू-सोलन-शिमला-रामपुर-पिओ-पूह-ताबो-काजा-लोसर, शिमला-बिलासपुर-हमीरपुर-कांगड़ा-नूरपुर-बनीखेत-चंबा, मंडी-जोगिंदरनगर-पालमपुर-धर्मशाला-कांगड़ा-पठानकोट तथा किरतपुर-बिलासपुर-मंडी-कुल्लू-मनाली-केलांग-जिंगजिंगबार जैसे प्रमुख मार्ग शामिल हैं। इसके अतिरिक्त अन्य पांच ग्रीन कॉरिडोर को पूरी तरह संचालित करने के प्रयास जारी हैं। परिवहन विभाग ने अन्य प्रस्तावित ग्रीन कॉरिडोर के साथ 45 अतिरिक्त ईवी चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना के लिए निविदा प्रक्रिया शुरू की है। राज्य सरकार इन स्टेशनों को स्थापित करने के लिए निजी ऑपरेटरों को 50 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान कर रही है। सुविधाजनक मार्ग पर चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए उपयुक्त स्थानों की पहचान करने के महत्व पर बल देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहे हैं और हमें इस समस्या को रोकने के लिए पहले से ही कदम उठाने चाहिए। यही कारण है कि राज्य सरकार 31 मार्च, 2026 तक हिमाचल प्रदेश को हरित ऊर्जा राज्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्ट-अप योजना के तहत ई-टैक्सी, ई-बस और ई-ट्रक की खरीद पर 50 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान करने सहित विभिन्न प्रावधान पहले ही लागू किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने इस वर्ष से सरकारी क्षेत्र में डीजल-पेट्रोल वाहनों की खरीद पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ई-वाहनों को बढ़ावा देना बेहतर परिवहन के प्रति सरकार के समर्पण को दर्शाता है, जिसका लक्ष्य कार्बन उत्सर्जन को कम करना तथा स्वच्छ और स्वस्थ भविष्य की ओर हरित ऊर्जा के क्षेत्र में हिमाचल प्रदेश को अग्रणी राज्य बनाना है।
** प्रदेश सरकार ने नए शैक्षणिक सत्र को लेकर जारी किए दिशा-निर्देश ** छात्राओं के लिए घुटने से नीचे तक स्कर्ट, कमर से नीचे तक शर्ट पहनना जरूरी हिमाचल प्रदेश सरकार ने नए शैक्षणिक सत्र से सरकारी स्कूलों में वर्दी के रंग-रूप और अन्य पहनावों को लेकर दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। अब विद्यार्थी बालों में जेल, हाथों में नेल पॉलिश, शरीर पर टैटू और खुली या तंग मोरी की पैंट-सलवार पहनकर नहीं आ सकेंगे। वहीं, छात्राओं के लिए घुटने से नीचे तक स्कर्ट, कमर से नीचे तक शर्ट पहनना और लंबे बाल होने पर दो चोटी बनाना अनिवार्य होगा। पहली से बारहवीं कक्षा तक पढ़ने वाले करीब साढ़े सात लाख विद्यार्थियों को नए सत्र से पहनावे में बदलाव लाना होगा। अस बाबत शिक्षा विभाग ने प्रारंभिक और उच्च शिक्षा निदेशकों को तय नियमों का नए सत्र से पालन सुनिश्चित करवाने के लिए पत्र भेज दिए हैं। बालों में जेल लगाने पर भी रोक शिक्षा सचिव की ओर से जारी निर्देशों में स्पष्ट है कि छात्राओं के सूट की लंबाई घुटनों से एक इंच नीचे होगी। सलवार की मोरी न तो बहुत अधिक होगी और न अधिक तंग। स्कूल शर्ट-स्कर्ट चुनते हैं तो शर्ट के कॉलर सफारी सूट जैसेे होंगे। सूट और शर्ट पूरे बाजू के बनाने होंगे। लंबी जुराबें पहननी होंगी। टाई को शर्ट के पहले बटन को बंद करते हुए लगाना होगा। लंबे बालों वाली छात्राओं को रिबन बांध कर दो चोटी करनी होगी। छोटे बाल वाली छात्राओं को हेयर बैंड के साथ हेयर पिन लगानी होगी। छात्राओं को दुपट्टा भी पहनना होगा। छात्रों को छोटे बाल रखने होंगे। सिख समुदाय के छात्रों को सफेद पटका पहनना होगा। बालों में जेल लगाने पर रोक लगाई गई है। इसके अलावा मेकअप कर आने, आभूषण पहनने, ऊंची एड़ी के जूते या बूट पहनने पर रोक लगाई है। स्कूल प्रमुख-एसएमसी करेंगे वर्दी का चयन सरकार ने वर्दी का रंग और रूप तय करने का अधिकार स्कूल प्रमुख और स्कूल मैनेजमेंट कमेटी (एसएमसी) को दिया है। इसके लिए वर्दी के रंगों के छह विकल्प हैं। वर्दी का कोई भी विकल्प तय नहीं होने पर स्कूल पुरानी वर्दी चुन सकेंगे। बैग फ्री डे या अन्य किसी विशेष दिवस पर स्कूल ट्रैक सूट भी लगा सकेंगे।
विजिलेंस की टीम ने नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के एक इंजीनियर को 50,000 रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। मामला हिमाचल के जिला कुल्लू के भुंतर कर है। मामला बुधवार सुबह करीब 11 बजे का बताया जा रहा है। एनएचएआई का यह इंजीनियर किसी काम के एवज में यह रिश्वत ले रहा था। विजिलेंस कुल्लू ने योजनाबद्ध तरीके से जाल बिछाकर इंजीनियर को रंगे हाथ पकड़ा है। पुष्टि करते हुए डीएसपी अजय कुमार ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है।
-पेमेंट नहीं मिलने के कारण कंपनी ने बंद किया काम हिमाचल प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में स्थापित क्रसना लैब ने आज से टेस्ट और एक्स-रे करना बंद कर दिया है, जिससे आज सुबह से ही लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है। अस्पतालों में पैथोलॉजी टेस्ट और एक्स-रे के लिए अनुबंधित कंपनी क्रसना कंपनी ने पेमेंट नहीं मिलने के कारण काम बंद किया है। दो जिलों लाहौल-स्पीति और किन्नौर को छोड़कर अन्य सभी जिलों में मरीज टेस्ट करवाने के लिए भटकने को मजबूर हो गए हैं। दरअसल, सभी अस्पतालों में दोपहर 12 बजे तक सरकारी लैब में टेस्ट होते है। इसके बाद क्रसना लैब टेस्ट करती है। क्षेत्रीय अस्पताल सोलन में भी लैब द्वारा सेेवाएं बंद करने से मरीजों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अस्पताल में आए मरीजों ने कहा कि कुछ मरीज तो निजी लैब में टेस्ट करवाने के लिए जा रहे हंै, लेकिन हर मरीज निजी लैब की फीस नहीं दे सकता। सरकारी अस्पताल में जो टेस्ट फ्री में होने थे, अब उन्हें करवाने के लिए उन्हें निजी लैब में 1800-1900 रुपये देने पड़ेंगे।
** अनुबंधित कंपनी क्रसना ने पेमेंट न होने पर काम किया बंद ** 700 अस्पतालों में 12 बजे के बाद पैथोलॉजी टेस्ट ** 115 अस्पतालों में एक्स-रे नहीं होंगे हिमाचल प्रदेश के मेडिकल कॉलेज एवं अस्पतालों में आज से मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ेगी। अस्पतालों में पैथोलॉजी टेस्ट और एक्स-रे के लिए अनुबंधित कंपनी क्रसना ने पेमेंट नहीं मिलने के कारण काम बंद कर दिया है। इससे 700 अस्पतालों में 12 बजे से पैथोलॉजी टेस्ट और 115 अस्पतालों में दोपहर से एक्स-रे नहीं होंगे। दरअसल, सभी अस्पतालों में दोपहर 12 बजे तक सरकारी लैब में टेस्ट होते है। इसके बाद प्राइवेट क्रसना लैब टेस्ट करती है।
हिमाचल के जिला कुल्लू के भुंतर थाना की टीम ने एक व्यक्ति से चरस बरामद की है। भुंतर थाने में व्यक्ति के विरुद्ध मामला दर्ज हुआ है। मामले की पुष्टि करते हुए एसपी साक्षी वर्मा ने बताया कि पुलिस थाना भुंतर की टीम गड़सा मार्ग पर गश्त पर थी तो इस दौरान पुलिस ने शक के आधार पर एक व्यक्ति को रोका और उसकी तलाशी ली। तलाशी के दौरान उसके कब्जे से 1 किलो 211 ग्राम चरस बरामद हुई। चरस के साथ गिरफ्तार किए गए व्यक्ति की पहचान 51 वर्षीय लुदर चंद निवासी गांव नाही डाकघर रोपा तहसील बंजार के रूप में हुई है। व्यक्ति के विरुद्ध थाना भुंतर में मादक पदार्थ अधीनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। मामले की आगामी जांच जारी है।
-एक वर्ष में राज्य में स्थापित किए 102 स्वचालित मिल्क कलेक्शन यूनिट -दूध का खरीद मूल्य 6 रुपये बढ़ाने की मुख्यमंत्री ने की है घोषणा पशु पालन और दुग्ध उत्पादन गतिविधियां प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों के जीवन का अभिन्न अंग हैं। प्रदेश में ये रोजगार का साधन और महिला सशक्तिकरण की संभावनाओं वाला क्षेत्र है। डेयरी क्षेत्र को विस्तार प्रदान कर प्रदेश सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत कर हिमाचल को देश का समृद्ध राज्य बनाने की ओर अग्रसर है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने दुग्ध उत्पादकों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से दूध का खरीद मूल्य 6 रुपये बढ़ाने की घोषणा की है। यह निर्णय दुग्ध उत्पादकों की खुशहाली और समृद्धि की दिशा में सहायक सिद्ध होगा। दुग्ध उत्पादकों की आर्थिकी सुदृढ़ करने और दुग्ध उत्पादन में पारदर्शिता लाने के लिए हिमाचल प्रदेश दुग्ध प्रसंघ ने इस वर्ष राज्य में 102 स्वचालित मिल्क कलेक्शन यूनिट (एएमसीयू) में स्थापित किए हैं। प्रदेश में 455 स्वचालित मिल्क कलेक्शन यूनिट कार्यशील हैं। इसके अतिरिक्त प्रदेश में विभिन्न परियोजनाओं के अन्तर्गत अब तक 106 बल्क मिल्क कूलर लगाए जा चुके हैं। दूध की गुणवत्ता में सुधार के लिए सोसायटी स्तर पर राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम के तहत 35 केन मीटर कूलर प्रदान किए गए हैं। 500 करोड़ की श्वेत क्रांति की शुरुआत प्रदेश सरकार राज्य में सहकार को बढ़ावा प्रदान कर ग्रामीणों की उन्नति के द्वार खोल रही है। डेयरी क्षेत्र के विकास में सहकार महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। सरकार द्वारा ग्रामीण स्तर पर समितियों को संगठित किया जा रहा है। वर्तमान में इन समितियों की संख्या बढ़कर 1,107 हो गई है। प्रदेश में श्वेत क्रांति की शुरुआत कर प्रदेश सरकार ने 500 करोड़ रुपये के बजटीय प्रावधान से महत्वाकांक्षी हिम गंगा योजना आरंभ की है। योजना के तहत प्रथम चरण में लोगों को जागरूक करने के लिए समितियां गठित की गई हैं। जिला हमीरपुर और कांगड़ा में 201 नई दुग्ध सहकारी सोसायटियों का गठन किया गया है। जिला हमीरपुर में 11 महिला सोसायटियां और जिला कांगड़ा में 8 महिला सोसायटियां गठित की गई हैं जो प्रदेश में महिला सशक्तिकरण की दिशा में सरकार के प्रयासों को इंगित करती हैं। हमीरपुर जिला में 4 सोसायटियों को पुनर्गठित किया गया है। इन दुग्ध सहकारी सोसायटियों के माध्यम से 4064 किसानों को जोड़ा गया है। कांगड़ा के डगवार में 250 करोड़ का दूध प्रसंस्करण संयंत्र डेयरी क्षेत्र में महिलाओं की सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए इस योजना के अंतर्गत अधिक से अधिक महिला दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों का गठन किया जा रहा है। डेयरी फार्मिंग से जुड़े किसानों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से जिला कांगड़ा के डगवार में 250 करोड़ रुपये की लागत से अत्याधुनिक पूर्ण रूप से स्वचालित दूध प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित किया जाएगा। इस परियोजना के प्रथम चरण में 180 करोड़ रुपये के निवेश से संयंत्र का निर्माण किया जाएगा। इस संयंत्र के स्थापित होने से दही, लस्सी, मक्खन, घी, पनीर, स्वादिष्ट दूध, खोया और मोजेरेला पनीर सहित विभिन्न प्रकार के डेयरी उत्पाद तैयार किए जाएंगे। रोजगार सृजन का मार्ग प्रशस्त करने के साथ-साथ डेयरी क्षेत्र कुपोषण जैसी समस्याओं के समाधान में भी सहायक सिद्ध हो रहा है। हिमाचल प्रदेश दुग्ध प्रसंघ ने महिला एवं बाल कल्याण विभाग के लिए पंजीरी तैयार करने की गतिविधियों में विविधता लाई है। दुग्ध प्रसंघ द्वारा फोर्टीफाइड पंजीरी, फोर्टीफाइड बेकरी बिस्कुट, फोर्टीफाइड गेहूं सेवियां और होल मिल्क पाऊडर उपलब्ध करवाया जा रहा है। सरकार की यह पहल प्रदेश के नौनिहालों के स्वस्थ्य और खुशहाल भविष्य की नींव रख रही है।
राष्ट्रीय मनाली विंटर कार्निवल के पांचवें दिन मालरोड पर नारी सशक्तीकरण का संदेश दिया गया। राइट बैंक के 122 महिला मंडलों की 1300 से अधिक महिलाओं ने कुल्लवी संस्कृति को दर्शाती महानाटी डाली। रामबाग चौक से दुर्गा मंदिर तक महिलाओं की लंबी लाइन लगी। पर्यटकों ने इस ऐतिहासिक पल को कैमरों में कैद किया। नाटी से पुरातन संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन के साथ नारी सशक्तीकरण का संदेश दिया गया। विंटर कार्निवल कमेटी के उपाध्यक्ष एवं एसडीएम मनाली रमण कुमार शर्मा ने कहा कि महानाटी में 122 महिला मंडलों की महिलाओं ने भाग लिया।
हिमाचल प्रदेश की पर्यटन नगरी मनाली में पिछले कल से शुरू हुए राष्ट्र स्तरीय विंटर कार्निवल का दूसरा दिन कुल्लूवी नाटी के नाम रहा। मनाली के मालरोड पर 1200 से अधिक महिलाओं ने एक साथ महानाटी डाली। इस महानाटी में 95 महिला मंडलों की महिलाओं ने भाग लिया। पर्यटकों ने इस ऐतिहासिक पल को कैमरों में कैद किया। नाटी से पुरातन संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन का संदेश दिया गया। विंटर कार्निवल कमेटी के उपाध्यक्ष एवं एसडीएम मनाली रमण कुमार शर्मा ने कहा कि महानाटी में 95 महिला मंडल की लगभग एक हजार महिलाओं ने भाग लिया। महानाटी के प्रभारी बालक राम ने बताया कि महानाटी का थीम पेड़ लगाओ, हिमाचल को स्वच्छ बनाओ रहा। 5 जनवरी को राइट बैंक की महिलाओं की महानाटी होगी।
-अब 20 हजार की बजाय 25 हजार रुपये मिलेंगे -मनाली विंटर कार्निवाल के शुभारंभ पर मुख्यमंत्री ने की घोषणा मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कुल्लू जिला के मनाली में पांच दिवसीय राष्ट्र स्तरीय विंटर कार्निवाल का शुभारंभ किया। उन्होंने ऐतिहासिक हिडिंबा मंदिर में पूजा-अर्चना करने के उपरांत परिधि गृह मनाली से कार्निवाल परेड को झंडी दिखा कर रवाना किया। हिमाचल प्रदेश और अन्य राज्यों के 250 से अधिक महिला मंडल और सांस्कृतिक दल परेड में शामिल हुए। सांस्कृतिक दलों ने सामाजिक संदेश, संस्कृति और परंपराओं पर आधारित आकर्षक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मनु रंगशाला में दीप प्रज्ज्वलित कर सांस्कृतिक कार्यक्रम का शुभारंभ किया। विंटर कार्निवल में विभिन्न राज्यों के 25 प्रतिभागी समूह भाग ले रहे हैं। उन्होंने महिला मंडलों, विभागों और संस्थाओं द्वारा निकाली गई झांकियों में गहरी रुचि दिखाई। एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने महिला मंडलों को प्रदान की जाने वाली 'प्रोत्साहन राशि' को 20 हजार रुपये से बढ़ाकर 25 हजार रुपये करने की घोषणा की। इसके अतिरिक्त मनाली में 15 मील के पास नए पुल के निर्माण के लिए 10 करोड़ रुपये का प्रावधान करने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि रोहतांग-मनालसू पर्यटन होटल का जीर्णोद्धार किया जाएगा और विद्युत बोर्ड की भूमि पर पार्किंग बनाने की संभावना तलाशने के लिए भी सर्वेक्षण किया जाएगा। इसके अलावा उन्होंने निकट भविष्य में मनाली में स्कीइंग कार्यक्रम आयोजित करने की भी घोषणा की।
-मुख्यमंत्री सुक्खू ने सांस्कृतिक झांकियों को दिखाई हरी झंडी -6 जनवरी तक मनाया जाएगा उत्सव, 3 और 5 जनवरी को महानाटी कुल्लू जिले के मनाली में आज सांस्कृतिक झांकियों के साथ राष्ट्र स्तरीय विंटर कार्निवाल का शुभारंभ हो गया। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने परिधि गृह से झांकियों को हरी झंडी दिखाई। ये झांकियां महिला मंडलों और सांस्कृतिक दलों ने परिधि गृह से मालरोड तक निकालीं। झांकियों में 250 महिला मंडलों, लगभग 22 सांस्कृतिक दलों और सरकारी विभागों ने भाग लिया। इससे पहले सीएम ने हिडिंबा माता के मंदिर में पूजा-अर्चना की। मालरोड के दोनों ओर पर्यटक और स्थानीय लोग झांकियों की तस्वीरें मोबाइल में कैद करते नजर आए। विंटर कार्निवाल का आयोजन 2 से 6 जनवरी तक किया जाएगा, 3 और 5 जनवरी को महानाटी होगी। इसके अलावा विंटर क्वीन, वॉयस ऑफ कार्निवाल सहित अन्य कई सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे।
-सप्लाई नहीं आई तो मच जाएगा हाहाकार -कई जगह ट्रक और बस ऑपरेटर हड़ताल पर हिमाचल प्रदेश में 80 प्रतिशत पेट्रोल पंप ड्राई हो गए हैं। शेष पंपों पर भी आज शाम तक का तेल बचा है। इसकी सप्लाई नहीं आई तो तेल के लिए हाहाकार मच जाएगा। प्रदेश में तीन दिन से सप्लाई नहीं आई। शिमला के विकासनगर में पेट्रोल पंप पर गाड़ियों की लंबी लंबी कतारे लगी हैं। डीजल की कमी की वजह से सुंदनरगर में हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम डिपो सभी बस रूट बंद कर चुका है। कई जगह ट्रक और निजी बस ऑपरेटर भी हड़ताल पर चले गए हैं। प्रदेश की सीमेंट कंपनियों एसीसी, अंबुजा और अल्ट्राटेक के 10,800 ट्रक ऑपरेटर हड़ताल पर रहे। ट्रक ऑपरेटरों की हड़ताल से सीमेंट की सप्लाई रुक गई है। उधर, सिरमौर और बिलासपुर के ऑपरेटरों ने भी विरोध में उतरते हुए अपनी 450 से अधिक बसें खड़ी कर दी हैं। बिलासपुर में 305 और सिरमौर में 169 बस रूट प्रभावित हुए हैं। सिरमौर के औद्योगिक क्षेत्र कालाअंब में भी 500 ट्रकों के पहिए थम गए हैं। देश भर में तीन दिन से चल रही हड़ताल के कारण हिमाचल में डीजल-पेट्रोल और रसोई गैस का संकट खड़ा गया है।
-बोले, इन परियोजनाओं से स्थानीय निवासी और पर्यटक दोनों ही होंगे लाभान्वित मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोमवार को जिला कुल्लू के प्रवास के दौरान जिला के लिए 198 करोड़ रुपये की 13 विकास परियोजनाओं के लोकार्पण एवं शिलान्यास किए। इस अवसर पर उन्होंने लोगों को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं दीं और कहा कि इन परियोजनाओं से स्थानीय निवासी और पर्यटक दोनों ही लाभान्वित होंगे। मुख्यमंत्री ने राज्य के समान विकास के लक्ष्य को हासिल करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर बल देते हुए कहा कि यह विकास परियोजनाएं कुल्लू जिले के विकास में मील पत्थर साबित होंगी। मुख्यमंत्री ने 20 करोड़ रुपये से की लागत से निर्मित सब्जी मंडी बंदरोल तथा 9.07 करोड़ रुपये से रायसन में ब्यास नदी पर बने डबल लेन पुल का लोकार्पण किया। उन्होंने नेहरू कुंड (बाहांग) में ब्यास नदी पर बुरवा और शनाग संपर्क मार्ग को जोड़ने वाले 6.44 करोड़ रुपये से बने स्टील ट्रस ब्रिज, जगतसुख नाला पर 4.07 करोड़ रुपये और चक्की नाला पर 3.37 करोड़ रुपये से बने आरसीसीटी-बीम पुलों, पतलीकूहल में 20 लाख रुपये से बने विवेकानंद पुस्तकालय, मनाली में 7.83 करोड़ रुपये से बनी इको-फ्रेंडली मार्केट मढ़ी, सोलंगनाला में 54 लाख रुपये से तैयार वे साइड सुविधाएं और सजला में 29 लाख रुपये की लागत से निर्मित आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केन्द्र भवन का उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री ने 130.18 करोड़ रुपये की लागत से भबेली जिंदौर सड़क के रखरखाव और टारिंग, 3.59 करोड़ रुपये की बंदरोल दीदारी शरण सड़क, 1.49 करोड़ रुपये की फ्लेन से ग्राहन सड़क और 10.86 करोड़ रुपये से ब्यास नदी के दाहिने किनारे पर ग्राम कटराईं, 15 मील बड़ाग्रां बिहाल और आसपास के क्षेत्रों के लिए बाढ़ सुरक्षा कार्यों की आधारशिलाएं भी रखीं। इस अवसर पर लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह, विधायक भुवनेश्वर गौड़, पूर्व मंत्री खीमी राम, पूर्व विधायक रघुबीर सिंह, जिला कांग्रेस अध्यक्ष सेसराम आजाद, एपीएमसी कुल्लू के अध्यक्ष राम सिंह मियां, एपीएमसी मण्डी के अध्यक्ष संजीव गुलेरिया, उपायुक्त आशुतोष गर्ग, पुलिस अधीक्षक साक्षी वर्मा और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
हिमाचल में नए साल का जश्न बड़े ही धूमधाम से मनाया गया . रविवार को करीब पांच लाख सैलानी नए साल को मानने के लिए हिमाचल पहुंचे । रविवार देर शाम तक प्रदेश के पर्यटन स्थलों पर हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, पंजाब समेत राज्यों से सैलानियों के आने का क्रम रहा। देर रात तक लोगों ने जश्न मनाया। शिमला, मनाली, चायल, कसौली, धर्मशाला और डलहौजी के होटल सैलानियों से पैक रहे। सोमवार-मंगलवार के लिए भी होटलों में 80 से 100 फीसदी तक एडवांस बुकिंग है। बर्फ की चाह में बड़ी संख्या में सैलानियों ने मनाली और लाहौल का भी रुख किया। अटल टनल रोहतांग से रविवार को सुबह से शाम तक 11,850 गाड़ियां आर-पार हुईं। उधर, कांगड़ा में 6,000 और चंबा जिले में 2,000 पर्यटक वाहन रविवार को पहुंचे। पंजाब सीमा से सटे बिलासपुर के गरामोड़ा टोल बैरियर से रविवार को 8800 वाहन गुजरे। रविवार को हिमाचल में पर्यटकों ने ठंड के मौसम में बड़े की धूमधाम से नए साल का आगाज किया .
हिमाचल को हरित ऊर्जा राज्य बनाने तथा ई-वाहनों को प्रोत्साहित करने के दृष्टिगत मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सभी सरकारी विभागों को एक जनवरी, 2024 से डीजल या पैट्रोल वाहन न खरीदने के निर्देश दिए हैं। अति-आवश्यक होने पर केवल प्रदेश मंत्रिमण्डल की स्वीकृति के बाद ही विभाग पैट्रोल या डीजल वाहनों की खरीद कर सकेंगे। अपने पहले बजट में ही ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने व्यवस्था परिवर्तन की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए विद्युत चालित वाहन (ई-वाहन) पर राज्य सरकार का विज़न स्पष्ट किया और आगे बढ़कर स्वयं भी इलेक्ट्रिक वाहन का उपयोग कर मिसाल पेश की। राज्य सरकार के प्रयासों के कारण ही आज सरकारी ई-वाहनों की संख्या 185 हो गई है, जबकि प्रदेश में पंजीकृत निजी इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या 2733 तक पहुंच गई है। ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा ‘‘राज्य सरकार हिमाचल में ई-व्हीकल को बढ़ावा दे रही है। परिवहन विभाग पहला ऐसा विभाग है, जिसमें ई-वाहन का उपयोग शुरू किया गया तथा चरणबद्ध तरीके से सभी सरकारी महकमों में भी इन वाहनों का संचालन सुनिश्चित किया जा रहा है। ई-वाहन केवलमात्र एक नई शुरूआत नहीं है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण के प्रति राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को भी दर्शाती है। आने वाली पीढ़ियों के लिए हमें पर्यावरण को सुरक्षित बनाना होगा तथा इसकी शुरूआत आज से ही करनी होगी।’’ सरकारी विभागों में गाड़ियों की आवश्यकता पूरी करने के लिए राज्य सरकार ने ई-टैक्सी अनुबंध पर लेने की अनुमति प्रदान की है। 680 करोड़ रुपये की राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्टअप योजना के तहत युवाओं को ई-टैक्सी के परमिट प्रदान किए जा रहे हैं। ई-टैक्सी की खरीद पर 50 प्रतिशत की सब्सिडी भी दी जा रही है। इन गाड़ियों को घर पर भी चार्ज किया जा सकता है तथा राज्य सरकार भी चार्जिंग के लिए आधारभूत ढांचा तैयार कर रही है। ई-वाहनों को बढ़ावा देने के लिए 6 राजमार्गों को ग्रीन कोरिडोर के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया गया है। प्रदेश में ई-वाहन चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना के लिए परिवहन विभाग ने 54 स्थानों को अंतिम रूप दिया है, जिनमें से कुछ लगभग बनकर तैयार हैं। इसके अतिरिक्त हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम की सभी डीजल गाड़ियों को चरणबद्ध तरीके से ई-बसों में बदला जा रहा है। हाल ही में ई-बसें बनाने वाली कंपनियों के साथ बैठक में हिमाचल की भौगोलिक परिस्थितियों के अनुरूप गाड़ियां तैयार करने का अनुरोध किया गया है। ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा ‘‘राज्य सरकार लंबे रूटों पर भी ई-बसें चलाने जा रही है। एचआरटीसी के बेड़े में टाइप-1, 2 और 3 ई-बसों को चरणबद्ध तरीके से शामिल किया जा रहा है, ताकि 31 मार्च, 2026 तक हिमाचल को स्वच्छ व हरित ऊर्जा राज्य बनाने का लक्ष्य हासिल किया जा सके। ’’
-10 दिन में 1.60 लाख गाड़ियों ने स्मार्ट सिटी में किया प्रवेश - मनाली में 80 से 90 फीसदी होटल बुक वर्ष 2024 के शुभारंभ को चंद ही दिन शेष रह गए हैं। न्यू ईयर सेलिब्रेशन के लिए देश भर से लोग हिमाचल के पर्यटन स्थलों का रुख कर रहे हैं। प्रदेश की राजधानी शिमला में भी भारी संख्या में पर्यटक पहुंच रहे हैं। पिछले 10 दिनों में करीब 1.60 लाख गाड़ियों ने स्मार्ट सिटी में प्रवेश किया है। शिमला पहुंचे वाहनों में करीब 60 हजार वाहन दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, राज्यस्थान, उत्तर प्रदेश सहित देश के अन्य राज्य से हैं। अभी और सैलानियों के शिमला पहुंचने की उम्मीद है। मनाली में 80 से 90 फीसदी होटल बुक 25 दिसंबर को मनाए गए क्रिसमस पर्व के बाद अब नव वर्ष पर पर्यटन नगरी मनाली में हजारों पर्यटकों की भीड़ उमड़ने की उम्मीद है। यहां होटलों की एडवांस बुकिंग में इजाफा दर्ज किया जा रहा है। होटलों के 80 से 90 फीसदी कमरे पैक बताए जा रहे हैं। नववर्ष पर मनाली में कई कार्यक्रम होंगे। क्रिसमस की अपेक्षा 31 दिसंबर को अधिक भीड़ जुटेगी। पर्यटन कारोबारी गदगद लगभग पांच महीने के बाद मनाली में रौनक लौटने से पर्यटन कारोबारी गदगद हो गए हैं। आपदा की वजह से पर्यटन कारोबार को पहुंचे नुकसान की नववर्ष में भरपाई होने की उम्मीद है।
-जनवरी के पहले सप्ताह में बारिश-बर्फबारी होने की संभावना -हालांकि प्रदेश में तीन दिनों तक साफ रहेगा मौसम हिमाचल प्रदेश में 29 दिसंबर से एक बार फिर मौसम का मिजाज बिगड़ सकता है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने 29 दिसंबर से प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से बारिश और बर्फबारी की संभावना जताई है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक सुरेंद्र पॉल ने बताया कि आगामी तीन दिन तक मौसम साफ बना रहेगा, लेकिन 29 दिसंबर को प्रदेश में एक बार फिर पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा, जिसके चलते मौसम करवट बदल सकता है। नए साल के पहले हफ्ते में ही प्रदेश में बर्फबारी हो सकती है। फिलहाल प्रदेश के पहाड़ी इलाकों में तापमान में बढ़ोतरी हुई है। शिमला की बात करें तो यहां पर भी तापमान में करीब 5 डिग्री की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
-हजारों की संख्या में पर्यटकों के पहुंचने से मनाली जाम -अटल टनल के नॉर्थ पोर्टल पर ड्रोन से हो रही निगरानी हिमाचल में क्रिसमस मनाने के लिए देश के कोने-कोने से पर्यटक प्रदेश के पर्यटन स्थलों पर पहुंचे हैं। शिमला, कुल्लू-मनाली, धर्मशाला और डलहौजी के साथ कई जगहों पर सैलानियों की भारी भीड़ जुटी है। हजारों की संख्या में पर्यटकों के पहुंचने से मनाली तो जाम हो गया है। अटल टनल की ओर जाने वाले पर्यटकों की संख्या अधिक होने के कारण मनाली से अटल टनल और सिस्सू तक वाहन रेंगते रहे। पर्यटकों को वाहनों की रफ्तार धीमी होने के कारण सिस्सू पहुंचने में एक के बजाय तीन से चार घंटे का समय लगा। पर्यटकों की भीड़ से मनाली की सड़कों पर यातायात दबाव बढ़ गया है। मनाली शहर से अटल टनल, वामतट मार्ग, कुल्लू-मनाली हाईवे और हिडिंबा मंदिर के अलावा बंजार, पार्वती घाटी जाने वाली सड़क पर लंबा जाम लगा रहा। मनाली शहर के अंदर के बाइपास मार्ग पर भी वाहन रेंगते रहे। पुलिस के मुताबिक क्रिसमस के लिए मनाली में पर्यटकों की भीड़ उमड़ी है। डीएसपी मनाली केडी शर्मा ने बताया कि वाहनों का दबाव अधिक बढ़ गया। इस वजह से जाम की स्थिति बन गई। पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद यातायात सामान्य किया। वहीं, क्रिसमस के अवसर पर और नए साल से पहले यहां आने वाले पर्यटकों की भारी संख्या को देखते हुए लाहौल और स्पीति पुलिस सिस्सू में अटल टनल रोहतांग के नॉर्थ पोर्टल पर ड्रोन से निगरानी कर रही है।
-खाद्य आपूर्ति निगम ने प्रति पैकेट 4 रुपये बढ़ाए दाम हिमाचल प्रदेश के सरकारी राशन डिपुओं में चीनी के बाद अब सरसों का तेल भी महंगा हो गया है। सरकार ने प्रति पैकेट चार रुपये की बढ़ोतरी कर दी है। खाद्य आपूर्ति निगम की ओर से बढ़ी हुई कीमतें इसी माह से लागू कर दी गई हैं। इससे प्रदेश के करीब 19 लाख उपभोक्ताओं को महंगाई की मार झेलनी पड़ेगी। उपभोक्ताओं को बीते माह 110 रुपये सरसों का तेल दिया गया था। लेकिन, अब 114 रुपये प्रति पैकेट दिया जाएगा। सभी कार्ड धारकों के लिए एक ही दाम गौर रहे कि कांग्रेस सरकार ने कुछ माह पहले एपीएल, बीपीएल और एनएफएसए समेत सभी कार्ड धारकों को तेल के एक ही दाम तय कर दिए थे। जिसके बाद अब सभी को एक ही दरों पर तेल उपलब्ध होता है। अधिकारियों के अनुसार तेल के दाम टेंडर पर निर्धारित होते हैं। जो हर माह बढ़ते-घटते हैं। लेकिन बीते कई माह से इसके दाम 110 रुपये पर टिके हुए थे। जो अब सरकार की ओर से फिर बढ़ा दिए गए हैं। वहीं इससे पहले इसी माह सरकार ने चीनी के दाम भी 30 रुपये से बढ़ाकर 33 रुपये प्रतिकिलो कर दिए थे, जो अगले माह से मिलेगी। वहीं मलका की दाल में भी नौ रुपये की बढ़ोतरी कर दी है। यह दाल पहले एपीएल परिवारों को पहले 64 रुपये प्रति पैकेट दिया जा रहा था, अब 73 रुपये मिल रहा है। साथ ही एनएफएसए व अन्य कार्ड धारकों को 54 रुपये बढाकर 63 रुपये कर दिया है। उधर, खाद्य आपूर्ति नियंत्रक नरेंद्र धीमान ने बताया कि राशन डिपुओं में आने वाले राशन और तेल के दाम ऑनलाइन अपडेट होते हैं। जिसका पता पीओएस मशीनों में ही लग पाता है।
-पेयजल परियोजनाओं के साथ नदी-नाले भी जम गए -क्रिसमस से पूर्व बर्फबारी से पर्यटन कारोबारियों के चेहरे चहके हिमाचल प्रदेश के कई भागों में मौसम ने करवट ली है। आज कुल्लू और लाहौल-स्पीति जिले की चोटियों पर ताजा बर्फबारी हुई है। रोहतांग दर्रा के साथ, बारालाचा, कुंजम दर्रा सहित ऊंची चोटियों में सुबह से बर्फबारी का दौर जारी रहा। मौसम में आए इस बदलाव से पूरी घाटी शीतलहर की चपेट में आ गई है। तापमान शून्य तक पहुंचने से पेयजल स्कीमों के साथ नदी-नाले भी जम गए हैं। क्रिसमस से पूर्व हो रही बर्फबारी से पर्यटन कारोबारियों के चेहरे भी खिल गए हैं। खराब मौसम के बीच भी शनिवार को सैलानी अटल टनल, कोकसर तथा सिस्सू में पर्यटक पहुंचे हैं। वहीं, राजधानी शिमला व आसपास भागों में भी आज सुबह से ही मौसम खराब बना हुआ है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला की ओर से प्रदेश के मध्य व उच्च पर्वतीय कई भागों में आज बारिश-बर्फबारी की संभावना जताई गई है। 24 से 29 दिसंबर तक राज्य क सभी भागों में मौसम साफ रहने का पूर्वानुमान है।
-राजस्व के लंबित मामले निपटाने को ली जाएंगी सेवानिवृत्त पटवारियों, कानूनगो व नायब तहसीलदारों की सेवाएं बुधवार देर शाम धर्मशाला के तपोवन स्थित परिसर में हुई हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में स्वास्थ्य विभाग में पैरा मेडिकल स्टाफ के 1,500 पद भरने का फैसला लिया गया है। ये भर्तियां ऑपरेशन थियेटर असिस्टेंट (ओटीए) सहित अन्य श्रेणियों के विभिन्न पदों पर होंगी। ऑपरेशन थियेटर असिस्टेंट की भर्ती राज्य चयन आयोग के माध्यम से पायलट आधार पर होगी। बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने की। मीटिंग में निर्णय हुआ कि राजस्व विभाग में लंबित मामलों के निपटारे के लिए सरकार सेवानिवृत्त पटवारियों, कानूनगो और नायब तहसीलदार को सेवाओं पर रखेगी। इन्हें दिया जाने वाला मानदेय भी तय किया गया। पटवारी को 20,000 रुपये प्रतिमाह, कानूनगो को 25,000 और नायब तहसीलदार को 35,000 रुपये मानदेय मिलेगा। यह राजस्व विभाग में निशानदेही, इंतकाल आदि के लंबित मामले निपटाएंगे। इनकी नियुक्तियों से लोगों को राहत मिलेगी। राजीव गांधी स्वरोजगार योजना की ड्राफ्ट अधिसूचना मंजूर मंत्रिमंडल ने राजीव गांधी स्वरोजगार योजना की ड्राफ्ट अधिसूचना को भी मंजूरी दी। यह भी फैसला लिया गया कि अगले शैक्षणिक सत्र से पहली कक्षा से अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई शुरू होगी। यह कांग्रेस की गारंटी में शामिल है। इसे पहले ही तय किया जा चुका है। यह भी निर्णय हुआ कि स्कूल अपने स्तर पर स्मार्ट वर्दी खरीद पाएंगे। ऊर्जा और राज्य चयन आयोग की भी दो प्रस्तुतियां दी गई। कुछ विधेयकों के ड्राफ्ट को भी मंजूरी मिली है। यह आगामी दिनों में शीत सत्र में ही पेश किए जाएंगे।
कुल्लू जिले के भुंतर में पुलिस ने एक व्यक्ति को 1 किलो 16 ग्राम चरस के साथ गिरफ्तार करने में सफलता पाई है। चरस के साथ पकड़े गए आरोपी की पहचान बुद्धि सिंह (44) निवासी मरघन डाकघर भल्याणी तहसील कुल्लू के तौर पर हुई है। आरोपी के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी गई है। मामले की पुष्टि करते हुए एसपी साक्षी वर्मा ने बताया कि पुलिस की टीम रुआडू रोड पर गश्त पर थी। इसी दौरान पुलिस ने एक व्यक्ति को चेकिंग के लिए रोका। चेकिंग के दौरान व्यक्ति से एक किलो से अधिक चरस बरामद हुई। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है।
-नड्डा के कुल्लू स्थित निवास पर दोनों में करीब एक घंटा हुई चर्चा बॉलीवुड क्विन कंगना रनौत ने रविवार को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की। यह मुलाकात राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर शास्त्री नगर कुल्लू में हुई। दोनों के बीच करीब एक घंटे तक चर्चा हुई। अब अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव की सरगर्मियां भी लगभग शुरू हो गई हैं, ऐसे में दोनों के बीच हुई इस मुलाकात ने हिमाचल की राजनीति में हलचल बढ़ा दी है। माना जा रहा है कि भाजपा कंगना को मंडी संसदीय क्षेत्र से चुनावी मैदान में उतार सकती है। गौरतलब है कि कंगना रनौत बीते दिनों बिलासपुर में विश्व संवाद केंद्र द्वारा आयोजित सोशल मीडिया मीट में भी पहुंची थीं। उसके बाद कंगना रनौत अपने मनाली घर पर वापस लौट गई थीं। जैसे ही उन्हें भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के आने की जानकारी मिली तो वह उनसे मिलने उनके निवास स्थान शास्त्री नगर पहुंच गईं। काबिले गौर है कि कुछ समय से कंगना रनौत के मंडी संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ने की खबरें सामने आ रही हैं। ऐसे में कंगना भी लगातार भाजपा के तमाम बड़े नेताओं से अपना संपर्क बनाए हुए हैं। आज कुल्लू में जेपी नड्डा से हुई इस मुलाकात के बाद रानीतिक चर्चाओं का माहौल और गर्म हो गया है।
कुल्लू के सैंज घाटी के पटैला गांव में आग लगने का मामला सामने आया है। यहां सुबह सवेरे मकान में अचानक आग लग गई। आग की सूचना मिलते ही ग्रामीण एकत्र हुए और आग पर काबू पाने की कोशिश की लेकिन आग ने तब तक चार मकान को अपनी चपेट में ले लिया। इसके बाद लगातार आग बढ़ती गई। आग कैसे लगी अभी तक इसका पता नहीं चल पाया है। ग्रामीण आग पर काबू पाने का भरसक प्रयास कर रहे हैं लेकिन आग की लपटें लगातार बढ़ रही है। इससे पूरा गांव को खतरा बना है। आग लगने से लाखों रुपये के नुकसान का अनुमान लगाया गया है।
-राजभवन में राज्यपाल ने दिलाई मंत्री पद की शपथ हिमाचल प्रदेश को दो नए मंत्री मिल गए हैं। आज शाम राजभवन शिमला में बिलासपुर जिले के घुमारवीं से विधायक राजेश धर्माणी और कांगड़ा जिले के जयसिंहपुर से यादविंदर गोमा सुक्खू कैबिनेट में शामिल हो गए। शाम करीब 4:45 बजे राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने दोनों मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। देर रात ही यह फैसला हुआ और आज शपथ हुई। शपथ कार्यक्रम में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री सहित मंत्री व अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे। बता दें कि राजेश धर्माणी बिलासपुर जिले से कांग्रेस पार्टी के एकमात्र विधायक हैं। वे घुमारवीं विधानसभा से विधायक हैं। बिलासपुर को बीते एक साल से मंत्री पद का इंतजार था। वहीं, कांगड़ा जिले के जयसिंहपुर से विधायक यादविंदर गोमा को भी मंत्री बनाया गया है। काफी समय से उनको मंत्री बनाए जाने की अटकलें लग रही थीं।
आपदा प्रबंधन को सलाम, महिलाओं को 1500 का इंतजार **पुरानी पेंशन बहाल कर सरकार ने निभाया बड़ा वादा ** सुखाश्रय योजना से सुक्खू सरकार ने जीता दिल ** सियासी संतुलन बनाने में असफल रही सरकार "...सत्ता परिवर्तन का जो सियासी रिवाज हिमाचल प्रदेश में 1990 से चला आ रहा था उसे जनता ने 2022 में भी बरकरार रखा। 8 दिसंबर 2022 को विधानसभा चुनाव के नतीजे आएं और कयासों के मुताबिक ही कांग्रेस सत्तासीन हुई। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के दो मुख्य कारण अगर देखे जाएँ, तो सम्भवतः पहला कारण रहा भाजपा का कमजोर चुनाव लड़ना। एक तिहाई सीटों पर भाजपा के बागी मैदान में थे और ये उसकी हार का बड़ा कारण बना। दोनों पार्टियों के वोट शेयर में अंतर एक प्रतिशत से भी कम रहा, जबकि निर्दलीयों के खाते में करीब दस प्रतिशत वोट गए। इनमें अधिकांश भाजपा के बागी थे। दूसरा कारण था, कांग्रेस की गारंटियां। कांग्रेस ने भाजपा से बेहतर चुनाव लड़ा और उसका गारंटी कार्ड चल गया। ये ही कारण है कि सिमटते कैडर के बावजूद कांग्रेस ने दमदार वापसी की। कांग्रेस के खाते में 40 सीटें आई, लेकिन भाजपा भी तमाम गलतियों के बावजूद 25 का आंकड़ा छू गई। यानी सरकार बेशक कांग्रेस ने बना ली हो लेकिन पहले दिन से उस पर परफॉरमेंस प्रेशर है। फिर तारीख आई 11 दिसंबर 2022, जगह थी हिमाचल की राजधानी शिमला का रिज मैदान, सर्दी का मौसम मगर तेज़ धूप और उस धूप में उबाल खाता हज़ारों कांग्रेस कार्यकर्ताओं का उत्साह। अर्से बाद वीरभद्र सिंह की जगह कोई और कांग्रेसी चेहरा सीएम पद की शपथ ले रहा था। जो सुखविंदर सिंह सुक्खू सालों वीरभद्र सिंह के सामने एक किस्म से अपने सियासी रसूख को बचाये रखने की लड़ाई लड़ते रहे थे, वे अब उनके बाद मुख्यमंत्री बन चुके थे। पार्टी के 40 विधायक जीत कर आए थे और इन 40 विधायकों में से सबसे ज्यादा सुक्खू के पक्ष में थे। होली लॉज खेमे के विधायक प्रतिभा सिंह और मुकेश अग्निहोत्री के बीच बंटे हुए थे। ये ही सुक्खू के पक्ष में गया था। राजधानी कांग्रेसमय दिख रही थी, मैदान खचाखच भरा था और नारे लग रहे थे 'प्रदेश का मुख्यमंत्री कैसा हो, सुक्खू भाई जैसा हो। कांग्रेस में ये नए दौर की शुरुआत थी। शपथ ग्रहण मंच पर पूर्व मुख्यमंत्री स्व राजा वीरभद्र सिंह की तस्वीर भी रखी गई थी, उन्हें शपथ से पहले श्रद्धांजलि दी गई और फिर मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ने शपथ ली। धुआंधार लॉबिंग और मैराथन बैठकों के बाद सुक्खू मुख्यमंत्री तो बन गए थे लेकिन ये ताज काँटों भरा ताज है। सुक्खू सरकार के सामने पहले दिन से न सिर्फ परफॉर्म करने की चुनौती है बल्कि पार्टी के भीतर भी सामंजस्य बैठाना है। एक साल बीत गया है और कई मोर्चों पर सरकार हिट साबित हुई है, तो कई पैमानों पर अब सरकार का असल इम्तिहान होना है। " सुक्खू सरकार एक साल की हो गई है ...सत्ता पक्ष इसे 'सुख की सरकार' कह रहा है तो विरोधी 'दुख की सरकार', कांग्रेस उपलब्धियों की बुकलेट बाँट रही है तो भाजपा नाकामी के पर्चे। ये तो सियासत के रस्म-ओ-रिवाज है जो सत्ता पक्ष को भी निभाने है और विपक्ष को भी। बहरहाल एक साल की सुक्खू सरकार को लेकर भी सबका अपना-अपना विश्लेषण है। सरकार का कामकाज उसकी गारंटियों की कसौटी पर भी आँका जा रहा है, आपदा प्रबंधन पर भी और सरकार की जमीनी पकड़ भी इसका मापदंड है। कहीं शांता कुमार जैसे दिग्गज सरकार की तारीफ कर रहे है, तो कहीं पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष ही सीएम को पत्र लिखकर वादे याद दिला रहे है। इस बीच सुक्खू सरकार जनता के बीच सुछवि गढ़ने के प्रयास में लगी है, तो भाजपा छवि बिगाड़ने का कोई मौका नहीं चूक रही। खेर, बनती बिगड़ती सियासी इक्वेशन अपनी जगह, लेकिन कामकाज की कसौटी पर आंके तो सुक्खू सरकार ने कई ऐसे काम किये है जो अपनी छाप छोड़ गए। पुरानी पेंशन बहाली का वादा भी सरकार ने पूरा किया और सुख आश्रय योजना से सरकार का मानवीय चेहरा भी दिखा। वहीँ आपदा में सुक्खू सरकार के कामकाज पर तो वर्ल्ड बैंक और नीति आयोग ने भी ताली बजाई। हालांकि, सरकार के लिए सब हरा हरा नहीं है, महिलाओं को 1500 रुपये देने की गारंटी भी अभी अधूरी है और सियासी संतुलन बनाने में भी सरकार असफल दिखती है। पुरानी पेंशन के अलावा भी कर्मचारियों के मसले है जो अनसुलझे है। युवा एक साल में ही सड़कों पर उतर आए थे, कोई रिजल्ट मांग रहा है तो कोई नौकरी। प्रयास तो जारी है मगर फिलहाल खाली खजाना सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती है। सरकार के बड़े काम ... अनाथ बच्चे अब 'चिल्ड्रन ऑफ़ स्टेट' हिमाचल प्रदेश के सभी अनाथ बच्चे अब 'चिल्ड्रन ऑफ स्टेट' है। ये सुक्खू सरकार का वो फैसला है जिसने सबका दिल छुआ। अनाथ बच्चों का पालन पोषण, शिक्षा, आवास, विवाह आदि का खर्चा सरकार ने उठाने का निर्णय लिया है। सुक्खू सरकार की इस मानवीय पहल को चौतरफा तारीफ मिली है। सुख आश्रय योजना निसंदेह सुक्खू सरकार का वो काम है जो सदा याद रखा जायेगा। राज्य में अब तक 4000 अनाथ बच्चों को पात्रता प्रमाण पत्र जारी कर दिए गए हैं, जिससे अब वह मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना का लाभ उठा सकेंगे। इस योजना के तहत 27 वर्ष की आयु तक अनाथ बच्चे की देखभाल का ज़िम्मा राज्य सरकार का है। इसके साथ ही अनाथ बच्चों को क्लोथ अलाउंस व त्यौहार मनाने के लिए भत्ता प्रदान किया जा रहा है। उनकी उच्च शिक्षा, रहने का खर्च, 4000 रुपए पॉकेट मनी राज्य सरकार की ओर से प्रदान की जाएगी। राज्य सरकार अनाथ बच्चों को नामी स्कूलों में दाख़िला दिलाने के लिए भी प्रयास कर रही है। इसके साथ ही उन्हें आत्मनिर्भर बनाने तथा घर बनाने के लिए 3 बिस्वा भूमि तथा 2 लाख रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। पुरानी पेंशन बहाल करके दिखाई वादे के मुताबिक सुक्खू सरकार ने कर्मचारियों को पुरानी पेंशन बहाली का तोहफा दिया है। प्रदेश की ख़राब आर्थिक स्थिति के बावजूद सरकार ने कर्मचारियों से वादा निभाया है। प्रदेश सरकार द्वारा चौथी कैबिनेट की बैठक में ही पुरानी पेंशन बहाली की एसओपी को मंज़ूरी दे दी गई थी और 1 अप्रैल, 2023 से पुरानी पेंशन लागू कर दिया गया । चुनाव से पहले कांग्रेस द्वारा जनता को दी गई गारंटियों में से पुरानी पेंशन बहाली पहली गारंटी थी। प्रदेश की नई सरकार ने कर्मचारियों की पेंशन की सबसे बड़ी टेंशन को खत्म कर दिया। हिमाचल में करीब सवा लाख कर्मचारी इस समय एनपीएस के दायरे में आते थे जिन्हे इसका लाभ मिला । इस फैसले से प्रदेश सरकार पर सालाना करीब 1,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त वित्तीय बोझ बढ़ गया मगर सरकार अपने वादे से पीछे नहीं हटी। अब इसका सियासी लाभ कांग्रेस को होगा या नहीं, ये तो वक्त ही बताएगा लेकिन ये सुक्खू सरकार का बड़ा फैसला है। ग्रीन हिमाचल मुहीम हरित राज्य प्रदेश सरकार ने राज्य को 31 मार्च, 2026 तक हरित ऊर्जा राज्य के रूप में विकसित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रदेश सरकार ने राज्य के प्रत्येक जिले में दो-दो ग्राम पंचायतों को पायलट आधार पर हरित पंचायत के रूप में विकसित करने की रूपरेखा तैयार की है। इन पंचायतों में 500 किलोवाट से एक मेगावाट विद्युत उत्पादन क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित की जाएंगी। हिमाचल प्रदेश ऊर्जा क्षेत्र विकास कार्यक्रम के तहत इन परियोजनाओं की स्थापना के लिए 50 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। सुक्खू सरकार ने 100 किलोवाट से लेकर एक मेगावाट तक की सौर ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना पर युवाओं को 40 प्रतिशत सब्सिडी देने की भी घोषणा की है। इन परियोजनाओं से उत्पन्न बिजली की खरीद राज्य विद्युत बोर्ड करेगा। सरकार सार्वजनिक परिवहन को विद्युत परिवहन के रूप में विकसित करने के लिए भी प्रयास कर रही है। इसके लिए इलेक्ट्रिक वाहनों को सरकारी महकमों में भी इस्तेमाल किया जा रहा है और इलेक्ट्रिक टैक्सी की खरीद पर सरकार सब्सिडी भी दे रही है। हिमाचल को ग्रीन राज्य बनाने में सुक्खू सरकार जुटी है, और ये सरकार की बेहतरीन पहल है। दशकों से लंबित इंतकाल के मामलों का निबटारा इंतकाल और तकसीम के दशकों पुराने मामलों को लेकर सुक्खू सरकार एक्शन मोड में है। सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अधिकारियों को 24 जनवरी तक इंतकाल और तकसीम के मामलों को सुलझाने के निर्देश दिए हैं। इससे सालों से लंबित मामलों का निपटारा हो सकेगा। राजस्व लोक अदालतों का आयोजन कर सरकार हाज़ों मामले निबटा चुकी है। अब तक इंतकाल के लम्बित कुल 45 हजार 055 मामलों का निपटारा किया जा चुका है। किलो के हिसाब से सेब, अगले सीजन से यूनिवर्सल कार्टन किलो के हिसाब से सेब बेचने का फैसला हो या अगले सीजन से यूनिवर्सल कार्टन लागू करने का निर्णय, सुक्खू सरकार ने सेब बागवानों के हितों को महफूस रखने की दिशा में इच्छाशक्ति भी दिखाई है और फैसले भी लिए है। बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी हर मसले पर एक्टिव दिखे है और उनकी कार्यशैली की असर साफ दिख रहा है। एचपीएमसी को लेकर भी सरकार ने बड़े बदलाव लाने की दिशा में काम शुरू किया है और उम्मीद है इसके अच्छे नतीजे सामने आएंगे। अब 40 साल तक ही लीज पर जमीन सुक्खू सरकार ने लीज पर जमीन लेने की अवधि को 99 वर्ष से घटाकर अब अधिकतम 40 साल कर दिया है। हालांकि पुरानी लीज की अवधि नहीं बदलेगी। उद्योग लगाने और अन्य विकास परियोजनाओं को स्थापित करने के लिए अब 40 साल के लिए ही लीज पर जमीन का प्रावधान है। सरकार का कहना है कि अब धौलासिद्ध, लुहरी फेज-1 तथा सुन्नी जल विद्युत परियोजनाओं को 40 वर्ष के बाद हिमाचल प्रदेश को वापिस सौंपना होगा। वाईल्ड फ्लावर हॉल होटल को वापिस पाने के लिए राज्य सरकार कानूनी लड़ाई लड़ रही है। शानन प्रोजेक्ट को वापस लेने के लिए भी हिमाचल सरकार एक्शन मोड में दिखी है। आपदा प्रबंधन पर सुक्खू सरकार हिट... एक साल के कार्यकाल में सुक्खू सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती थी आपदा। आपदा में खुद सीएम सुक्खू दिन रात मैदान में डेट दिखे और हिमाचल सरकार ने बेहतरीन काम किया। वर्ल्ड बैंक और नीति आयोग ने भी सरकार के काम की तरफ की। सुक्खू सरकार 4500 करोड़ का बड़ा आपदा राहत पैकेज लेकर आई और मुआवजे की राशि में भारी वृद्धि कर पीड़ितों को राहत पहुँचाने का काम किया। राजनीति से इतर कई दूसरी विचारधारा के लोगों ने भी सरकार के कामकाज को सराहा। वहीँ केंद्र से मिलने वाली मदद को लेकर भी खूब सियासत हुई। भाजपा कहती है कि केंद्र से भरपूर मदद मिली और सीएम सुक्खू खुलकर कहते है कि अगर मदद मिली है तो भाजपा बताएं। इसमें कोई संशय नहीं है कि केंद्र ने हिमाचल को कोई विशेष आपदा राहत पैकेज नहीं दिया है। वहीँ प्रदेश की आर्थिक स्थीति भी खराब है। बावजूद इसके सुक्खू सरकार ने साहस भी दिखाया और बड़ा दिल भी। बहरहाल, सीमित संसाधनों के बीच सरकार के सामने अब चुनौती बड़ी है और सुक्खू सरकार का असल इम्तिहान अभी बाकी है। बढ़ता कर्ज सबसे बड़ी चुनौती .... हिमाचल प्रदेश पर 78,430 करोड़ रुपए कर्ज है। राज्य सरकार पर डीए और एरियर के रूप में करीब 12 हजार करोड़ रुपए के करीब देनदारियां हैं। यदि इसी रफ्तार से कर्ज लिया जाता रहा तो अगले साल हिमाचल पर कर्ज का बोझ एक लाख करोड़ रुपए को पार कर जाएगा। कर्ज को लेकर सियासत भी खूब हुई है। सुक्खू सरकार विधानसभा में श्वेत पत्र लेकर इसका ठीकरा पूर्व की जयराम सरकार पर फोड़ चुकी है तो भाजपा का कहना है कि सुक्खू सरकार प्रतिमाह एक हज़ार करोड़ रुपये का कर्ज ले रही है। बहरहाल, प्रदेश की आर्थिक हालत पतली है, केंद्र ऋण लेने की सीमा कम कर चुका है, ओपीएस का बोझ भी सरकार पर अभी पड़ना है और आपदा ने भी कमर तोड़ दी है। ऐसे में सुक्खू सरकार के लिए आने वाला समय बेहद कठिन होने वाला है। राजस्व बढ़ाने के हुए प्रयास, पर इतना काफी नहीं .... इस वर्ष हिमाचल प्रदेश सरकार के राजस्व में 1100 करोड़ रुपये की वृद्धि का अनुमान है। वर्तमान राज्य सरकार ने राजस्व बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिनके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। शराब के ठेकों की नीलामी से राज्य सरकार को 500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व मिलेगा। इसके अलावा कई छोटे छोटे फैसलों से सरकार को राजस्व बढ़ोतरी हो रही है, हालंकि ये नाकाफी है। फिर भी सरकार के प्रयास जरूर दिखे है। हिमाचल सरकार ने प्रदेश की आर्थिकी को पटरी पर लाने के लिए ऊर्जा उत्पादकों पर वॉटर सेस लगाने का निर्णय लिया था। वॉटर सेस की दर 0.06 से लेकर 0.30 रुपये प्रति घन मीटर तय की गई थी। राज्य जल उपकर आयोग ने सितंबर में कई ऊर्जा उत्पादकों को वाटर सेस के बिल जारी कर दिए थे। बीबीएमबी,एनटीपीसी,एनएचपीसी समेत कई अन्य ऊर्जा उत्पादकों ने प्रदेश सरकार के इस निर्णय को हाई कोर्ट में चुनौती दे रखी है। वहीँ केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने 25 अक्टूबर को सभी राज्यों को एक पत्र लिख वॉटर सेस को अवैध व असंवैधानिक बताते हुए इसे शीघ्र बंद करने के निर्देश दिए हैं। सुक्खू सरकार की तरफ से पर्यटन को बढ़ावा देने के कुछ प्रयास भी दिखते है और इच्छाशक्ति भी। हालांकि आपदा ने सरकार को बड़ा झटका जरूर दिया है। अलबत्ता पर्यटन आधारभूत या पॉलिसी सुधार की दिशा में अब तक कोई बड़ी कामयाबी सरकार को नहीं मिली है, लेकिन उम्मीद जरूर जगी है कि जल्द सरकार एक्शन मोड में दिखेगी। एडवेंचर टूरिज्म, धार्मिक पर्यटन की दिशा में सरकार के थोड़े प्रयास दिखे है, लेकिन सरकार से अपेक्षा किसी बड़ी योजना है। माहिर भी मानते है कि पर्यटन की दिशा में कोई बड़ा कदम उठाकर ही सरकार आत्मनिर्भर हिमाचल के लक्ष्य की तरफ बढ़ सकती है। धर्म संकट...खाली खजाना और 1500 देने का अधूरा वादा हिमाचल में कांग्रेस पर गारंटियां पूरी करने का दबाव है। जिन दस गारंटियों के बुते कांग्रेस सत्ता में आई उनमे से एक मुख्य गारंटी थी महिलाओं को हर माह पंद्रह सौ रुपये देना। बढ़ते कर्ज के बीच सुक्खू सरकार कैसे इसे पूरा करती है , इस पर निगाह टिकी है। जाहिर है हिंदी पट्टी के तीन राज्यों में कांग्रेस की हार के बाद हिमाचल सरकार पर आधी आबादी से किया गया वादा पूरा करने का दबाव है, लेकिन खराब आर्थिक स्थीति इसमें रोड़ा है। भाजपा इसे जमकर भुना रही है और अब ये 1500 रुपये का वादा बड़ा मुद्दा बन चूका है। लोकसभा चुनाव दस्तक दे रहे है और ये गारंटी कांग्रेस के गले की फांस बन चुकी है। खाली खजाने के बीच सरकार धर्म संकट में है। कई अन्य गारंटियां भी अभी अधूरी है जिनमें 300 यूनिट मुफ्त बिजली और पांच लाख रोजगार प्रमुख है। कैबिनेट में असंतुलन..10 विधायक देने वाले कांगड़ा को एक मंत्री पद ! एक साल में विपक्ष द्वारा सुक्खू सरकार को घेरना इतना चर्चा में नहीं रहा जितनी चर्चा अपनों की नाराजगी की हुई। किसी ने नाराजगी खुलकर जाहिर की तो किसी ने सोशल मीडिया पर चेतावनी दी। बात पार्टी के भीतरी संतुलन की ही नहीं, बात कैबिनेट असन्तुलन की भी हुई। सीएम सहित 9 लोगों की कैबिनेट कई पैमानों पर असंतुलित है। कांगड़ा और मंडी संसदीय क्षेत्र से सिर्फ एक-एक मंत्री है। ज़िलों के हिसाब से बात करें तो सबसे बड़े जिला कांगड़ा से कांग्रेस के दस विधायक है, पर मंत्री सिर्फ एक। जबकि सात विधायक वाले शिमला से तीन मंत्री है। ये असंतुलन सिर्फ सियासी मसला नहीं है, जिस जनता ने कांग्रेस को वोट दिया वो भी अपेक्षा रखती है कि क्षेत्र में कोई मंत्री होगा तो विकास को रफ़्तार मिलेगी। इसी तरह हिमाचल कैबिनेट में अभी 9 में से 6 क्षत्रिय है, जबकि ब्राह्मण, एससी और ओबीसी सिर्फ एक-एक है। पांच साल के लिए सरकार चुनी गई है और एक साल बीत चुका है लेकिन अब तक कैबिनेट पूरी नहीं हुई है। ये ही हाल बोर्ड निगमों का है। अब सरकार का रुख जल्द विस्तार का दिख जरूर रहा है लेकिन इच्छा से ज्यादा शायद मजबूरी है। तीन राज्यों की हार ने कांग्रेस को बड़ा झटका दिया है और संभवतः अब आलाकमान भी पार्टी के भीतरी संतुलन को सुनिश्चित करे। बहरहाल मुख्यमंत्री का ताजा बयान ये है कि नए मंत्री इसी साल में मिलेंगे। कोर्ट में गया सीपीएस नियुक्ति का मामला सुक्खू सरकार ने ने छह सीपीएस नियुक्त किए थे – अर्की विधानसभा क्षेत्र से संजय अवस्थी, कुल्लू से सुंदर सिंह, दून से राम कुमार, रोहड़ू से मोहन लाल बराकटा, पालमपुर से आशीष बुटेल और बैजनाथ से किशोरी लाल। इनके अलावा मुकेश अग्निहोत्री को उप मुख्यमंत्री बनाया गया है। भाजपा नेताओं ने इनकी नियुक्ति को कोर्ट में चुनौती दे दी है।मामले की सुनवाई जारी है और कोर्ट के फैसले का इंतजार है। इस मामले में अब 20 दिसंबर को हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में अगली सुनवाई है। बीजेपी नेता सतपाल सिंह सत्ती और 11 अन्य बीजेपी विधायकों ने अदालत में याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि सीपीएस और डिप्टी सीएम का ऐसा कोई पद संविधान के तहत या संसद द्वारा पारित किसी कानून या अधिनियम के तहत मौजूद नहीं है। उन्होंने याचिका में दलील दी कि सीपीएस के पदों पर नियुक्ति राज्य के खजाने पर बोझ है। याचिका के अनुसार, 91वें संशोधन में मंत्री पदों की संख्या सदन की कुल संख्या का 15 प्रतिशत कर दी गई और इस मानदंड के अनुसार राज्य में 12 मंत्री हो सकते हैं क्योंकि विधानसभा की सदस्य संख्या 68 है।आगे आरोप लगाया गया कि 6 सीपीएस की नियुक्तियां संविधान के विपरीत हैं। उन्हें सीपीएस के रूप में नियुक्त किया गया है, जो बिना बुलाए ही वास्तविक मंत्री हैं और मंत्रियों की सभी शक्तियों और सुविधाओं का आनंद लेते हैं। बहरहाल इस मामले में, विशेषकर सीपीएस की नियुक्ति को लेकर कोर्ट का क्या फैसला आता है, इस पर सबकी निगाह टिकी है। शिमला नगर निगम चुनाव जीते ...अब सोलन ने दिया झटका सुक्खू सरकार के एक साल के कार्यकाल में शिमला नगर निगम का चुनाव हुआ जहाँ कांग्रेस को शानदार जीत मिली। इसके बाद हालहीं में चार नगर निगमों में नए मेयर और डिप्टी मेयर चुनने की बारी थी। किस्मत की बदौलत कांग्रेस धर्मशाला नगर निगम में कब्ज़ा करने में कामयाब रही लेकिन सोलन में बहुमत होते हुए भी पार्टी की फजीहत हुई। कांग्रेस के दोनों अधिकृत उम्मीदवार हार गए। यहाँ मेयर पद कांग्रेस की बागी ने कब्जाया तो भाजपा को डिप्टी मेयर का पद मिल गया। वो फैसला जिसपर हुई विपक्ष ने जमकर घेरा सुक्खू सरकार ने आते ही सैकड़ों संस्थानों को डी नोटिफाई कर दिया। संस्थानों की डेनोटिफिकेशन पर भाजपा सरकार को जमकर घेरती रही है। भाजपा का आरोप है कि इस सरकार ने 10 महीने के कार्यकाल में ही हिमाचल के 1000 से अधिक चले हुए संस्थान बंद किए बंद कर दिए थे। कई शिक्षण स्थान भी बंद हुए और निसंदेह इससे कई छात्रों को कई दिक्क्तों कि खबरें भी सामने आई।
-सभी जिला मुख्यालयों में पायलट आधार पर ट्रैफिक वालंटियर योजना शुरू प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में अब ट्रैफिक पुलिस के साथ ट्रैफिक वालंटियर भी ट्रैफिक कंट्रोल करते दिखाई देंगे। इसी कड़ी में प्रदेश पुलिस मुख्यालय ने वीरवार को प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में पायलट आधार पर ट्रैफिक वालंटियर योजना का शुभारंभ किया। राज्य में यातायात के बेहतर प्रबंधन, सड़क सुरक्षा और जन जागरूकता के लिए इस योजना को शुरू किया गया है। यदि जिला मुख्यालयों में ट्रैफिक वलंटियर योजना सफलतापूर्वक संचालित होती है तो इसे राज्य के अन्य जिलों में भी लागू किया जाएगा। स्कीम के तहत राज्य में 18 वर्ष से अधिक आयु के स्वैच्छिक लोगों का एक समूह होगा, जो सेवा की भावना से यातायात प्रबंधन और जागरूकता में भाग लेगा और विभिन्न यातायात कार्यों को नि:शुल्क करने में योगदान देगा। स्वयंसेवकों का अनुरोध प्राप्त होने के बाद जिला एएसपी, डीएसपी मुख्यालय व एसडीपीओ उन्हें बातचीत के लिए बुलाएंगे और सत्यापन करेंगे। इसके बाद जिला एसपी की मंजूरी के बाद ट्रैफिक वालंटियर की सूची को अंतिम रूप दिया जाएगा। ट्रैफिक जन जागरूकता के लिए योजना में लड़कियों व महिलाओं की भागीदारी भी सुनिश्चित की जाएगी। जिला एसएसपी द्वारा रिफ्लैक्टिव सुरक्षा जैकेट, टोपी और आईडी कार्ड उपलब्ध करवाए जाएंगे। इस पर प्रमुखता से ट्रैफिक वालंटियर लिखा होगा, ताकि आम जनता को उनकी पहचान ट्रैफिक पुलिस से अलग दिखे।
-सरकार ने सुलभ और किफायती स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्धता जताई प्रदेश सरकार सुलभ और किफायती स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। स्वास्थ्य क्षेत्र में हो रहे नित नए प्रयोग, तकनीक और अनुसंधानों का उपयोग कर लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाई जा रही है। राज्य में इस क्षेत्र में आवश्यक अधोसंरचना का सुदृढ़ीकरण किया जा रहा है। प्रदेश में स्वास्थ्य सेवा अधोसंरचना को मजबूत करने के लिए, सरकार प्रदेशभर में 40 शहरी स्वास्थ्य और वेलनेस सेंटर स्थापित करने पर विचार कर रही है। यह केंद्र राज्य के लोगों को घर-द्वार के समीप आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने में नई आशा की किरण साबित होंगे। प्रत्येक शहरी स्वास्थ्य और वेलनेस सेंटर में एक समर्पित स्वास्थ्य टीम होगी, जिसमें एक चिकित्सा अधिकारी, फार्मासिस्ट, सहायक नर्स मिडवाइफ (एएनएम) और एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी शामिल होंगे। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू का कहना है कि शहरी क्षेत्रों में प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली का विस्तार और सुदृढ़ीकरण आवश्यक है। सार्वभौमिक व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल के महत्व पर बल देते हुए, मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल, मरीजों की संख्या और मृत्यु दर कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इससे दूसरे और तीसरे स्तर के ईलाज की आवश्यकता कम होती है, जिससे उपचार पर होने वाला खर्च भी कम होता है। वर्तमान में, एक शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र 50,000 व्यक्तियों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करता है। इस दूरदर्शी और महत्त्वाकांक्षी योजना का लक्ष्य प्रत्येक शहरी स्वास्थ्य वेलनेस केन्द्र द्वारा लगभग 20,000 लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित करना है ताकि शहरी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाई जा सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह रणनीतिक पहल अत्याधुनिक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।इन शहरी स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों की स्थापना एक मजबूत और समावेशी स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। यह नवीन प्रयास शहरी क्षेत्र में रहने वाले लोगों और आजीविका के लिए अन्य राज्यों से आए लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में सहायक सिद्ध होगा। यह पहल हालिया कोविड-19 महामारी के दौरान देखी गई फ्रंटलाइन स्वास्थ्य कार्यबल की कमी का भी समाधान प्रदान करेगी। सुक्खू ने कहा कि यह महत्वाकांक्षी योजना सर्वजन तक बेहतर स्वास्थ्य देखभाल उपलब्ध करवाने में मील पत्थर साबित होगी, जिसके माध्यम से शहरों में स्वास्थ्य क्षेत्र में आने वाली चुनौतियों का समाधान सुनिश्चित हो सकेगा।
-1226 पदों को भरने के लिए कैबिनेट ने दी संशोधित मंजूरी -मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना में जोड़े जाएंगे कुछ और प्रावधान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आज यहां आयोजित राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में पुलिस विभाग में कांस्टेबल के पद पर 30 प्रतिशत महिला आरक्षण प्रदान करने का निर्णय लिया गया और कांस्टेबल के 1226 पदों को भरने के लिए संशोधित मंजूरी दी गई। कैबिनेट ने अनाथों और समाज के वंचित वर्गों को लाभान्वित करने के लिए मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना में कुछ और प्रावधान जोड़ने को भी मंजूरी दी। नए प्रावधानों के तहत राज्य का प्रत्येक अनाथ 27 वर्ष की आयु तक 4,000 रुपये प्रतिमाह जेब खर्च प्राप्त करने का पात्र होगा। इसके अलावा योजना शुरू होने के बाद बाल देखभाल संस्थान छोड़ने वाले ऐसे अनाथ बच्चों को 2 लाख रुपये विवाह अनुदान देने का भी निर्णय लिया, जिन्होंने योजना के शुरू होने बाद विवाह किया। यह राशि एक बार ही देय होगी। सीमावर्ती क्षेत्रों के गांवों में विद्युत अधोसंरचना होगी सुदृढ़ बैठक में पूह से काजा तक के सीमावर्ती क्षेत्रों में भरोसेमंद एवं गुणवत्तापूर्ण विद्युत उपलब्ध करवाने के दृष्टिगत 486.47 करोड़ रुपये की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट को स्वीकृति प्रदान की गई। राज्य के लाहौल-स्पीति जिला के स्पीति ब्लॉक और किन्नौर जिला के सीमावर्ती क्षेत्रों के 32 गांवों में विद्युत अधोसंरचना विकसित व सुदृढ़ करने के लिए 6.49 करोड़ रुपये की विस्तृत योजना रिपोर्ट को भी स्वीकृति प्रदान की गई। इन पदों को भरने के लिए मिली मंजूरी बैठक में कृषि विभाग में कृषि विकास अधिकारियों के 40 पद, गृह रक्षक और नागरिक सुरक्षा विभाग में हवलदार प्रशिक्षकों के 10 पद भरने को भी स्वीकृति प्रदान की गई। इसके अलावा शिमला के चमियाना में अटल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सुपर स्पेशलिटीज के नेफ्रोलॉजी विभाग में सहायक प्रोफेसर के दो पद, आईजीएमसी शिमला में ओर्थोपेडिक्स विभाग में सहायक प्रोफेसर का एक पद और जिला मंडी के नेरचौक स्थित श्री लाल बहादुर शास्त्री राजकीय आयुर्विज्ञान महाविद्यालय एवं अस्पताल के ईएनटी विभाग में सहायक प्रोफेसर का एक पद भरने का भी निर्णय लिया गया। 40 नए शहरी स्वास्थ्य और वेलनेस सेंटर खुलेंगे मंत्रिमंडल ने प्रदेश के लोगों की सुविधा के लिए शहरी क्षेत्रों में प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली को सुदृढ़ करने के लिए प्रदेश में 40 नए शहरी स्वास्थ्य और वेलनेस सेंटर खोलने को स्वीकृति प्रदान की। कांगड़ा जिले के देहरा के बनखंडी में वन्य प्राणी उद्यान की चाहरदीवारी, जल संचयन निर्माण और सेवा पथों के निर्माण और हिमाचल प्रदेश चिड़ियाघर संरक्षण प्रजनन सोसायटी के माध्यम से परियोजना लागू करने को स्वीकृति प्रदान की। औद्योगिक निवेश नीति में भी होगा संशोधन मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश औद्योगिक निवेश नीति-2019 में संशोधन करने और इसके संबंधित नियमों में संशोधन करने की स्वीकृति प्रदान की। इससे उदार प्रोत्साहन को बढ़ावा मिलेगा। अब बिजली परियोजनाएं 40 साल की लीज पर ही दी जाएगी( लोगों को सुविधा प्रदान करने के दृष्टिगत हमीरपुर में हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड निगम लिमिटेड का जोन सृजित करने तथा हमीरपुर में मुख्य अभियंता (ऑपरेशन) का कार्यालय स्थापित करने को भी स्वीकृति प्रदान की। कैबिनेट ने ग्रांट इन एड के उपयोगिता प्रमाणपत्र सरकार को भेजने के लिए एक समय सीमा निर्धारित करने को भी स्वीकृति प्रदान की।
-कहा, जागरूकता से एड्स के प्रति समाज के दृष्टिकोण में आया बदलाव मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां 'लेट कम्यूनिटीज लीड' विषय पर आयोजित राज्य स्तरीय विश्व एड्स दिवस समारोह की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार आने वाले बजट में एड्स पीड़ित बच्चों की सहायता के लिए एक योजना लेकर आएगी, जिसमें ऐसे बच्चों को शिक्षा के अवसर प्रदान करने और उन्हें मुख्य धारा में शामिल करने के प्रावधान होंगे। उन्होंने कहा कि पहले समाज में एड्स ग्रसित व्यक्ति को घृणा की दृष्टि से देखा जाता था, लेकिन लगातार जागरूकता कार्यक्रमों के कारण आज एड्स के प्रति समाज के दृष्टिकोण में बदलाव आया है। उन्होंने आह्वान किया कि बीमार अपनी बीमारी न छुपाएं, बल्कि समाज के सामने स्वीकार करें। उन्होंने कहा कि एड्स पीड़ित व्यक्तियों की सहायता के लिए वर्तमान राज्य सरकार हर संभव सहायता प्रदान कर रही है। उन्होंने कहा कि आगामी बजट में सरकार विधवाओं और मूक बधिर बच्चों के लिए भी एक योजना लाने जा रही है। दिव्यांग बच्चों की पढ़ाई के लिए एक अच्छा स्कूल और कॉलेज खोलने पर भी सरकार विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार उस वर्ग की आवाज बन रही है, जो सहज अपनी आवाज सरकार तक पहुंचा नहीं सकते। मुख्यमंत्री ने कहा कि निराश्रित बच्चों के कल्याण के लिए मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना चलाई गई है, जिसके तहत बच्चों के रहने और उनके भरण-पोषण का दायित्व राज्य सरकार का होगा। उन्होंने कहा कि अब 27 वर्ष की आयु तक अनाथ बच्चों को रहने और उनके पालन पोषण के लिए सरकार की ओर से व्यवस्था की गई है तथा इसके लिए राज्य सरकार ने कानून भी बना दिया है। उन्होंने युवाओं से जीवन में सफलता के लिए चुनौतियों का दृढ़ता के साथ सामना करने का आह्वान भी किया। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा ''मैं आपके सामने सबसे बड़ा उदाहरण हूं। सब कहते थे कि सरकारी नौकरी करो, लेकिन कड़ी मेहनत से मुख्यमंत्री के पद पर पहुंचा।ÓÓ मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में बड़े सुधार लाने जा रही है। अगले शैक्षणिक सत्र से सरकारी स्कूलों में पहली कक्षा से अंग्रेजी की कक्षाएं शुरु करेंगे। स्कूलों में शिक्षक उपलब्ध करवाए जाएंगे व खेल की सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी। इसके साथ-साथ राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल भी खोले जा रहे हैं। सरकारी शिक्षण संस्थानों में गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने के लिए राज्य सरकार वचनबद्धता के साथ कार्य कर रही है। राज्य सरकार गेस्ट फेकल्टी लेक्चरर लगाने पर विचार कर रही है। इसके साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सहित नए समय से कोर्स शुरू किए गए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी बड़े बदलाव करने जा रही है, ताकि प्रदेश के लोगों को राज्य में ही बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्राप्त हो सकें। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सीमित संसाधनों और कर्ज का भारी बोझ होने के बावजूद राज्य सरकार चार साल में हिमाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाएगी और दस वर्षों में हिमाचल प्रदेश देश का सबसे समृद्ध राज्य होगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इसके लिए कड़े फैसले कर रही है, जिनके सकारात्मक परिणाम आने वाले समय में दिखेंगे।इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने इस बीमारी को फैलने से रोकने में, बहुमूल्य योगदान देने पर विभिन्न संगठनों को पुरस्कार प्रदान किए। स्टैंड अलोन इंटीग्रेटेड काउंसलिंग एंड टेस्टिंग सेंटर ऊना, डॉ. राधा कृष्णन राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय हमीरपुर (एसटीआई क्लीनिक), एआरटी आईजीएमसी शिमला (एआरटी सेंटर) और एनजीओ सनराइज-टार्गेटेड इंटरवेंशन प्रोजेक्ट (टीआईपी) ऊना को सर्वश्रेष्ठ सेवा केंद्र के रूप में सम्मानित किया गया। सुखविंदर सिंह ने जिला बिलासपुर के राजकीय आईटीआई बरठीं, जिला चंबा के राजकीय महाविद्यालय चौरी, जिला हमीरपुर के सिद्धार्थ राजकीय उत्कृष्ट महाविद्यालय नादौन, जिला कांगड़ा के शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा राजकीय महाविद्यालय पालमपुर, जिला किन्नौर के टीएस नेगी राजकीय महाविद्यालय रिकांगपिओ, जिला कुल्लू के रामेश्वरी शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान शाढ़ाबाई, जिला लाहौल-स्पीति के राजकीय महाविद्यालय कुकुमसैरी उदयपुर, जिला मंडी के वल्लभ राजकीय महाविद्यालय, जिला शिमला के राजकीय महाविद्यालय धामी, जिला सिरमौर के इंस्टीट्यूूट ऑफ डेंटल साईसिंस पांवटा साहिब, जिला सोलन के राजकीय महाविद्यालय अर्की और जिला ऊना के राजकीय महाविद्यालय अंब को सर्वश्रेष्ठ रेड रिबन क्लब के रूप में पुरस्कृत किया। उन्होंने राज्य स्तरीय समारोह को सफल बनाने के लिए आरकेएमवी कॉलेज शिमला, आरजीजीडीसी कोटशेरा शिमला, सेंटर ऑफ एक्सीलेंस राजकीय महाविद्यालय संजौली, जेएलएन फाइन आर्ट्स कॉलेज, चौड़ा मैदान, सेंट बीड्स कॉलेज शिमला, राजकीय संस्कृत महाविद्यालय शिमला, राजकीय नर्सिंग महाविद्यालय शिमला, एचपी कॉलेज ऑफ एजुकेशन टुटू शिमला, शिवालिक नर्सिंग महाविद्यालय भट्टाकुफर शिमला, आईटीआई शिमला, मॉडर्न नर्सिंग महाविद्यालय, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय टुटू, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय संजौली और राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय अनाडेल के प्राचार्यों के प्रयासों की भी सराहना की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जागरूकता रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने विश्व एड्स दिवस के अवसर पर लगाई प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। इस अवसर पर एड्स पीड़ित एक महिला ने अपने जीवन के अनुभव साझा किए। मुख्यमंत्री ने इस महिला को एक लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान करने की घोषणा की।
सीबीएसई बोर्ड ने दसवीं और बारहवीं परीक्षा की डेटशीट रिलीज करने से पहले एक अहम नोटिस जारी किया है। बोर्ड ने आगामी 10वीं और 12वीं परीक्षाओं 2024 के संबंध में जारी एक अहम सूचना में कहा है कि बोर्ड दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षाओं में कोई ओवरऑल डिवीजन या डिस्टिंक्शन नहीं देगा। जारी नोटिस में कहा है कि बोर्ड परीक्षाओं में स्टूडेंट्स के मार्क्स कैलकुलेट करने के लिए क्या क्राइटेरिया रहेगा, इस संबंध में सीबीएसई को कई अनुरोध प्राप्त हो रहे थे। परीक्षा उपनियमों के अध्याय-7 के सब सेक्शन 40.1 (3) के अनुसार, कोई समग्र डिवीजन/डिस्टिंक्शन या एग्रीगेट नहीं दिया जाएगा। विदित रहे कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, सीबीएसई जल्द ही कक्षा 10वीं, 12वीं बोर्ड परीक्षा 2024 की डेट शीटजारी करेगा। संभावना है कि बोर्ड इसी महीने के आखिर में या फिर दिसंबर माह के सेकंड वीक तक टाइमटेबल जारी कर दे। सीबीएसई बोर्ड की इस बार भी फरवरी में आयोजित होनी है। बोर्ड की ओर से पहले जारी सूचना के अनुसार 15 फरवरी 2024 से परीक्षाएं शुरू होंगी। वहीं यह एग्जाम अप्रैल तक आयोजित किए जाएंगे। डेटशीट आधिकारिक वेबसाइट पर रिलीज की जाएगी। स्टूडेंट्स पोर्टल पर जाकर इसे पीडीएफ मोड में डाउनलोड कर पाएंगे।
-इच्छुक अभ्यर्थी 30 दिसंबर तक कर सकते हैं आवेदन हिमाचल प्रदेश में वन मित्र भर्ती प्रक्रिया आज से शुरू हो गई। इच्छुक अभ्यर्थियों को 30 दिसंबर तक आवेदन करना होगा। सरकार वन विभाग में 2,061 वन मित्र भर्ती कर रही है। भर्ती के लिए वन विभाग की वेबसाइट या संबंधित वन परिक्षेत्राधिकारी (रेंज ऑफिसर) कार्यालय से आवेदन पत्र प्राप्त कर सकते हैं। वन मित्र के लिए आयु सीमा 18 से 25 वर्ष है। वन मित्रों के लिए 100 अंकों का टेस्ट होगा। जो टॉप पर होगा, उसे वन मित्र लगाया जाएगा। अभ्यर्थियों की न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता 12वीं पास रखी है। वन मित्रों को 10 हजार रुपये प्रति माह मानदेय और सरकारी छुट्टियों के अलावा साल में 12 अतिरिक्त छुट्टियां मिलेंगी। ग्राउंड टेस्ट पास करने के बाद ही वन मित्र बन सकेंगे। वन मित्रों को वनों की आग से सुरक्षा, पौधरोपण समेत अन्य काम करने होंगे। जिस बीट में वन मित्र रखे जाएंगे, वहां से उनका तबादला नहीं होगा।
-विद्यार्थियों-शिक्षकों को समय पर सामग्री और जानकारी उपलब्ध करवाएगा केंद्र राज्य सरकार की अभिनव पहल विद्या समीक्षा केंद्र (वीएसके) सरकारी स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने में निर्णायक कदम है। यह केंद्र एआई तकनीक को एकीकृत करके डेटा विश्लेषण के माध्यम से विद्यार्थियों, शिक्षकों और प्रशासकों को समय पर सामग्री और जानकारी उपलब्ध करवाएगा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि स्विफ्टचैट एआई हिमाचल प्रदेश के सभी स्कूलों में प्रौद्योगिकी और डाटा संचालित संस्थागत प्रणाली में सक्षम करेगा। यह केंद्र इन टूलकिट के डाटा को राज्य, जिला और ब्लॉक स्तर के लिए डैशबोर्ड और रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा। इससे छात्र की प्रगति, शिक्षक प्रशिक्षण और स्कूल के समग्र प्रदर्शन संबंधी डाटा उपलब्ध होगा। वास्तविक समय में प्रतिक्रिया और सुधार के आधार पर शिक्षक, शिक्षण संबंधी रणनीतियों में सकारात्मक बदलाव किया जाएगा ताकि प्रत्येक विद्यार्थी को सीखने के अवसर प्रदान किए जा सके। वीएसके विद्यार्थियों को डिजिटल शिक्षण की ज्ञानता प्रदान करता है, जिससे उनकी वैश्विक सामग्री और जानकारी तक सार्वभौमिक पहुुंच सुनिश्चित होती है। इसका मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को डिजिटल होम लर्निंग तथा अनुभव प्रदान कर शैक्षिक असमानताओं को समाप्त करना है। चैटबॉट पर साप्ताहिक अभ्यास विद्यार्थियों को उनके प्रदर्शन के आधार पर उत्तर तथा जानकारीपूर्ण वीडियो के साथ पाठयक्रम के अनुरूप उन्हें विषयों को सुदृढ़ करने में मदद करता है। विद्यार्थी विभिन्न भाषाओं में गणित का अभ्यास कर सकते हैं और वीडियो देख कर अपने संदेह दूर कर सकते हैं। चैटबॉट विद्यार्थियों की आवाज का उपयोग कर विभिन्न भाषाओं का उपयोग कर, क्विज के माध्यम से सामान्य ज्ञान और ज्ञानवर्द्धन कर उनकी शिक्षा में गुणात्मक सुधार में सहयोग करता है। चैटबॉट विद्यार्थियों के साथ-साथ शिक्षकों को ऑन डिमॉंड (आवश्यकतानुसार) कार्य योजना, पाठ तैयार करना, वर्कशीट और वीडियो बनाने में भी सहायता प्रदान करता हैै। इससे शिक्षक समयबद्ध शिक्षण सामग्री तैयार कर सकते हैं और विद्यार्थियों के रिपोर्ट कार्ड का त्वरित अध्ययन करने के साथ-साथ उनकी उपस्थिति दर्ज कर सकते हैं। चैटबॉट शिक्षण विधियों को विद्यार्थी अनुकूल बनाने में सहायता करता है। इसके माध्यम से अभिवावक शिक्षा संबंधी प्रश्नों का समाधान कर सकते हैं। इसके माध्यम से प्रशासक राज्य स्तर पर शैक्षणिक प्रदर्शन का मूल्यांकन कर सीखने के परिणामों के आधार पर रणनीति, योजना और प्रशिक्षण पहल का मूल्यांकन कर सकते हैं, जिसके माध्यम से राज्य स्तर पर प्रशासक विद्यार्थी, अध्यापक और विद्यालय संबंधी जानकारी अपडेट कर सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह केंद्र एआई चैटबॉट के माध्यम से विद्यार्थियों के एक डिजिटल साथी के रूप में, शिक्षक को शिक्षण में सहायक और प्रशासक को महत्वपूर्ण डाटा उपलब्ध करवाएगा। चैटबॉट का डेटा शिक्षकों को विद्यार्थी आधारित रणनीतियों को समायोजित करने में सशक्त बनाता है, जिससे विद्यार्थियों के प्रदर्शन में और सुधार होगा।
हिमाचल प्रदेश में मौसम विभाग के अनुसार आगामी 72 घंटे में मौसम खराब होने का पूर्वानुमान जताया गया है। इस दौरान ऊपरी इलाकों में बर्फबारी हो सकती है जबकि निचले क्षेत्रों में बारिश होने की संभावना है। बर्फबारी का असर तापमान पर भी पड़ेगा। 26 नवंबर की शाम से प्रदेश में तेजी से तापमान में गिरावट आने की संभावना जताई गई है। बर्फबारी का यह असर किन्नौर, चंबा और कुल्लू जिलों में देखने को मिलेगा। जबकि मैदानी इलाकों में बादल छाये रहने की संभावना है। मौसम विभाग ने इस दौरान कम विजिविल्टी होने की भी बात कही है। मौसम विभाग के अनुसार रविवार से मौसम करवट बदलेगा और सोमवार को यैलो अलर्ट रहेगा। प्रदेश में 30 नवम्बर तक मौसम खराब रहने का पूर्वानुमान जताया गया है। मौसम विभाग के अनुसार 26 नवम्बर से एक ताजा पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा जो उत्तर-पश्चिम और पश्चिम भारत को प्रभावित करेगा और इसका असर हिमाचल में भी देखने को मिलेगा।
-मनाली में हिमाचल एकता मंच के कार्यक्रम में मिला सम्मान जिला कुल्लू के मनाली में आयोजित हिमाचल एकता मंच के कार्यक्रम शान-ए-भारत में अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी रजत कपूर को राष्ट्रीय पुरस्कार शान-ए-भारत से सम्मानित किया गया। बता दें कि रजत कपूर जिला कांगड़ा पालमपुर के रहने वाले हैं और अभी हाल ही में दुबई में आयोजित इंटरनेशन पावरलिफ़्िटंग चैंपियनशिप 2023 में भारत का प्रतिनिधित्व किया था, जिसमें रजत कपूर ने अपने भार वग र्(67) में खेल कर भारत की झोली में 2 गोल्ड मेडल डाले। रजत कपूर ने इससे पहले भी बहुत सी प्रतियोगिताओं में खेल कर हिमाचल और देश के लिए से मेडल जीते हुए हैं। हिमाचल एकता मंच की ओर से आयोजित शान-ए-भारत कार्यक्रम वन्य प्राणी सूचना केंद्र सभागार मनाली में आयोजित किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि बतौर बेटियां फाउंडेशन की चेयरपर्सन डॉ. ज्योत्सना जैन, विशेष अतिथि प्रांजल जैन व हिमाचल एकता मंच के अध्यक्ष दीपलाल भारद्वाज उपस्थित रहे। इस मौके पर मुख्य अतिथि डॉ. ज्योत्सना जैन ने विभूतियों को सम्मानित किया। हिमाचल एकता मंच की तरफ से आयोजित शान-ए-भारत कार्यक्रम में देश भर से विभूतियों मनाली पहुंची थी। इसमें एडवोकेट छविंद्र ठाकुर, मुंबई से अभिनेता धर्मेंद्र ठाकुर, जम्मू से निदेशक निशा गुप्ता, निर्देशक प्रभू नेगी, रमेश बासरा, विनोद भारद्वाज, लाहौल-स्पीति प्रभारी से सुमन कारपा, कृष्णा, मधूवाला आदि अनेक विभूतियों को सम्मानित किया गया।
-कई आरोपी विदेश भाग चुके, कई भागने की फिराक में हिमाचल में करोड़ों रुपये के क्रिप्टो करेंसी फ्रॉड में एसआईटी ने 19 करोड़ रुपये की संपत्ति फ्रीज की है। हालांकि 2500 करोड़ की ठगी के इस मामले में 19 करोड़ की संपत्ति बहुत कम है। वहीं, एसआईटी आरोपियों की संपत्ति का पता लगा रही है, लेकिन धीमी कार्रवाई के चलते कई आरोपी विदेश भागने की फिराक में हैं। क्रिप्टो करेंसी ठगी मामले से जुड़े कई आरोपी विदेश भाग चुके हैं। ठगी मामले में पंजाब और हिमाचल प्रदेश पुलिस की टीमें कार्रवाई कर रही है। करोड़ों के इस क्रिप्टो करंसी ठगी मामले में कई अधिकारियों और कर्मचारियों ने पैसा लगाया है। बताया जा रहा है कि इस रैकेट के सरगनाओं ने सबसे पहले नेताओं और बड़े अधिकारियों को ही जाल में फंसाया। उसके बाद धीरे-धीरे ठगों की चेन बढ़ती गई। करोड़ों के इस ठगी मामले में कई पुलिस कर्मी भी शामिल बताए जा रहे है। शातिरों ने प्रदेश में करीब एक लाख से अधिक लोगों को ठगा है। एसआईटी की कार्रवाई के बाद प्रदेश में क्रिप्टो करंसी ठगी की शिकायतें लगातार बढ़ती जा रही है। ठगी मामले की राशि का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है। क्रिप्टो रैकेट में शातिरों ने करीब अढ़ाई लाख आईडी बनाकर क्रिप्टो करेंसी के नाम पर प्रदेश की जनता को करोड़ों का चूना लगाया है। क्रिप्टो करेंसी ठगी मामले में एसआईटी ने अभी तक चार पुलिस कर्मियों सहित 19 लोगों को गिरफ्तार किया है। ठगों ने हिमाचल के अलावा बाहरी राज्यों में भी बनाई संपत्ति क्रिप्टो करेंसी के नाम पर ठगी के इस स्कैम में करीब एक लाख लोग शामिल बताए जा रहे हंै। बताया जा रहा है कि अब तक की जांच में करीब 2500 करोड़ की ट्रांजेक्शन मिली है। बताया जा रहा है कि लोगों से करोड़ों रुपए ठगने वाले शातिरों ने हिमाचल के अलावा बाहरी राज्यों में भी संपत्ति बनाई है। ठगी मामले में कई अहम साक्षय एसआईटी के हाथ लगे है। फर्जी वेबसाइट से बनाया शिकार शातिरों ने वेबसाइट बनाकर लोगों को फर्जी कॉईन के नाम पर करोड़ों की ठगी को अंजाम दिया है। शातिरों ने कोर्वियो कॉइन, डीजीटी कॉइन, फिश टोकन हाइपनेक्सट, बिटपेड एक, बिटवेड दो और एडड फाइनांस कॉइन के झांसे में फंसाकर लोगों को ठगा है। क्रिप्टो करंसी ठगी मामले में पंजाब और हिमाचल प्रदेश पुलिस की टीमें कार्रवाई कर रही हैं। करोड़ों के इस क्रिप्टो करंसी ठगी मामले में कई अधिकारियों और कर्मचारियों ने पैसा लगाया है। एसआईटी क्रिप्टो करेंसी के सभी मास्टरमाइंड की प्रॉपर्टी की मैपिंग कर रही है।
नग्गर मेडिकल ब्लॉक में कार्यांवित संस्था हंस फाउंडेशन की मोबाइल मेडिकल यूनिट 1 के द्वारा 17 नबंबर को राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बाहंग में स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। इस स्वास्थ्य शिविर में 124 विद्यार्थियों व अध्यापकों का सफल निरीक्षण कर औषधियां वितरित कीं और आवश्यकता अनुसार लैब टेस्ट भी किए गए। शिविर में मोबाइल मेडिकल यूनिट 1 में कार्यरत डॉ. सारांश चौहान, सामाजिक सुरक्षा अधिकारी आयुशी सूद, लैब टेक्नीशियन वीरपाल सिंह, फार्मासिस्ट निकिता ठाकुर और पायलेट केहर सिंह मौजूद रहे। विद्यालय के प्रधानाचार्य आशा नेगी के द्वारा हंस फाउंडेशन की इस अनूठी मुहिम की सराहना करते हुए भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रमों को संचालित करते रहने की अपील की।
शिमला। एसआईटी ने करोड़ों रुपये के क्रिप्टो करेंसी फ्रॉड मामले में बड़ी कार्रवाई की है। एसआईटी ने आरोपियों की सात गाड़ियां जब्त की हैं। गौर रहे कि मामले में एसआईटी ने अब तक चार पुलिस कर्मियों समेत 18 आरोपी गिरफ्तार किए हैं। इसके आलावा एसआईटी ने अब तक 12 करोड़ की प्रॉपटी भी फ्रीज की है, जिसमें क्रिप्टो करंसी ठगी मामले के मास्टरमाइंड सुभाष शर्मा की तीन करोड़ प्रॉपटी मंडी और जीरकपुर में फ्रीज की गई है। जानकारी देते हुए डीजीपी संजय कुंडू ने बताया कि करोड़ों की इस ठगी में कई सरकारी कर्मचारी और पुलिस कर्मी शामिल हैं। एसआईटी की जांच में पता चला है कि पुलिस कर्मी पहले इन्वेस्टर बने और फिर एजेंट बन गए। क्रिप्टो करंसी ठगी मामले में सेवानिवृत्त पुलिस कर्मी सुनील स्याल भी इस ठगी का किंग पिन है। एसआईटी ने क्रिप्टो करंसी ठगी मामले में वेबसाइट डीकोट कर ली है, जिसमें कई ट्रांजेक्शन मिले हैं।
जिला कुल्लू की चकुरठा पंचायत के पढारनी गांव में दिवाली की रात आग लगने से एक मकान जलकर राख हो गया है। रविवार की रात भड़की आग में लाखों का नुकसान हुआ है। आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है। हालांकि ग्रामीणों ने आग बुझाने की पूरी कोशिश की मगर आग पर काबू नहीं पाया जा सका और लकड़ी का बना मकान देखते ही देखते राख हो गया। मकान शेर सिंह निवासी चकुरठा का बताया जा रहा है। किन्नौर जिले के रिकांगपिओ में भी एक फर्नीचर की दुकान में आग लग गई जिससे से करोड़ों का नुकसान हुआ है। वहीं ननखड़ी पंचायत के बड़ाच पंचायत के बनोला गांव में एक मकान में आग लगने से दो कमरे जलकर राख हो गए।
-वापिस लौटने पर शिमला में कार्यकर्ताओं ने किया भव्य स्वागत मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का आज दिल्ली से वापिस शिमला लौटने पर भव्य स्वागत किया गया। कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं ने होटल मरीना से लेकर ओक ओवर तक मुख्यमंत्री पर पुष्प वर्षा की और ढोल-नगाड़ों के साथ उनका स्वागत किया। इससे पहले मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि हिमाचल प्रदेश के देवी-देवताओं और जनता की दुआओं से वह स्वस्थ होकर वापस लौटे हैं। उन्होंने कहा कि चिकित्सकों ने कुछ दिनों तक उन्हें आराम करने और समय पर खाना खाने की सलाह दी है, लेकिन वह सरकार की जिम्मेदारियों का भी निर्वहन करेंगे। उन्होंने राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि चार वर्षों में हिमाचल प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने और अगले 10 वर्षों में देश का सबसे समृद्ध राज्य बनाने का लक्ष्य रखा है और वर्तमान राज्य सरकार इसी दिशा में प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि 18 नवंबर को मंत्रिमंडल की बैठक भी रखी गई है। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि उनकी कुछ दिन की अनुपस्थिति के दौरान मंत्रिमंडल के सभी सदस्यों और अधिकारियों ने अपने दायित्व को बखूबी निभाया है, जिसके लिए वह उनके धन्यवादी हैं। एक प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि वह पांच राज्यों के चुनाव प्रचार में नहीं जाएंगे, लेकिन इन चुनावों में कांग्रेस की जीत निश्चित है। मुख्यमंत्री ने सभी प्रदेशवासियों को दीपावाली की शुभकामनाएं दी और प्रदेश में सुख-समृद्धि की कामना की। उन्होंने कहा कि अब सभी मिलकर दोबारा से विकास कार्यों में जुटेंगे और हिमाचल प्रदेश को विकास के रास्ते पर आगे लेकर जाएंगे। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल, उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान, शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह, मुख्य संसदीय सचिव चौधरी राम कुमार, संजय अवस्थी, आशीष बुटेल, विधायक, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार सुनील शर्मा, प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना सहित वरिष्ठ अधिकारी तथा विभिन्न बोर्डों एवं निगमों के अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष, कांग्रेस के पदाधिकारियों सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
-रोहतांग, कुंजम, बारालाचा और शिंकुला दर्रा में 20 से 35 सेंटीमीटर बर्फबारी -मनाली लेह सामरिक मार्ग दारचा से आगे बंद - घाटी में कड़ाके की ठंड ने दी दस्तक हिमाचल के जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति के कई इलाकों में बर्फबारी हुई है। ताजा बर्फबारी के बाद मनाली लेह सामरिक मार्ग वाहनों की आवजाही के लिए बंद हो गया है। बर्फबारी के साथ घाटी में कड़ाके की ठंड ने दस्तक दी है। जिले की चंद्रा वैली में करीब 12 सेंटीमीटर तक बर्फ गिरी है, वहीं रोहतांग, कुंजम, बारालाचा और शिंकुला दर्रा में 20 से 35 सेंटीमीटर तक हिमपात होने की सूचना है। सीमा सड़क संगठन के फीडबैक के बाद जिला प्रशासन ने मनाली लेह सामरिक मार्ग दारचा से आगे बंद कर दिया है, वहीं मनाली-ग्राम्फू-कुंजम के साथ कोकसर-रोहतांग मार्ग भी ट्रैफिक के लिए बंद कर दिया है। हालांकि दारचा-शिंकुला-जांसकर और तांदी-किलाड़ मार्ग वाहनो की आवजाही के लिए खुला है। बीआरओ 70 आरसीसी के ओसी मेजर रवि शंकर ने बताया कि यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए मनाली लेह मार्ग दारचा से आगे बंद कर दिया है। उपायुक्त राहुल कुमार ने कहा कि कोकसर-कुंजम-काजा के साथ कोकसर-रोहतांग मार्ग पर ट्रैफिक रोक दिया गया है, जबकि अटल टनल होकर केलांग-मनाली और मनाली किलाड़ मार्ग खुला है।
-अग्निकांड में प्रभावित परिवारों को लाखों रुपये का नुकसान -गांववासियों ने साथ लगते मकानों को आग की चपेट में आने से बचाया आनी खंड की फनोटी पंचायत के बाडू गांव में एक दो मंजिला प्राछा आग की भेंट चढ़ गया। जानकारी के अनुसार गांव के कले राम, खया राम, रति राम तथा राम लोक के छह कमरों के दो मंजिला सलेट व चादर पोश प्राछे में शुक्रवार दोपहर बाद अचानक आग लग गई। आग ने देखते ही देखते भयंकर रूप धारण कर लिया। इस घटना से गांव में अफरा-तफरी का माहौल पैदा हो गया। गांववासियों ने आग पर काबू पाने के लिए भरसक प्रयास किया और साथ लगते अन्य रिहायशी मकानों को आग की चपेट में आने से बचा लिया। इस अग्निकांड में प्रभावित परिवारों को लाखों रुपये का नुकसान हुआ है। वहीं, घटना की सूचना मिलते ही राजस्व विभाग के पटवारी प्रताप सिंह टीम सहित घटनास्थल पर पहुंचे और नुकसान की रिपोर्ट तैयार की। अभी तक आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है। घटना में किसी प्रकार का जानी नुकसान नहीं हुआ है।
शिक्षा विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि मेधा प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत सत्र 2023-24 के लिए उच्चतर शिक्षा विभाग द्वारा आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि इच्छुक एवं पात्र विद्यार्थी इस योजना का लाभ उठाने के लिए 25 नवम्बर, 2023 तक आवेदन कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के दृष्टिगत बारहवीं कक्षा तक के छात्र-छात्राएं अपना आवेदन संबंधित जिला के उच्चतर शिक्षा उप-निदेशक के पास डाक द्वारा अथवा ई-मेल के माध्यम से भेज सकते हैं। स्नातक स्तर के छात्र-छात्राएं अपना आवेदन पत्र अतिरिक्त/संयुक्त निदेशक (कॉलेज), शिक्षा निदेशालय के पास डाक अथवा ई-मेल medha.protsahan@gov.in के माध्यम से भेज सकते हैं। आवेदन जमा करवाने की अन्तिम तिथि 25 नवंबर निर्धारित की गई है और इसके उपरांत कोई भी आवेदन स्वीकार नहीं किया जाएगा। उन्होंने बताया कि एक ई-मेल से केवल एक ही आवेदन पत्र स्वीकार किया जाएगा। योजना से संबधित पूर्ण जानकारी उच्चत्तर शिक्षा निदेशक की वैबसाईट www.education.hp.gov.in पर उपलब्ध है। प्रवक्ता ने यह भी बताया कि योजना के तहत कोचिंग संस्थानों को उच्चतर शिक्षा विभाग को एक लाख रुपये की बैंक गारंटी जमा करवानी अनिवार्य है। यदि अभी तक किसी संस्थान द्वारा यह राशि जमा नहीं की होगी तो उन्हें यह तुरन्त प्रभाव से यह जमा करवानी होगी और तभी वह कोचिंग संस्थान इस उद्देश्य के लिए पात्र होगा।