ग्राम पंचायत कोकसर के रांगचा गाँव की अनुराधा राणा कांग्रेस प्रत्याशी होंगी। दो महीने पहले सरकारी नौकरी से इस्तीफा देकर समाज सेवा करने के इरादे से इन्होंने यह अभूतपूर्व कदम लिया है। इनकी कुशलता व काबिलियत से प्रभावित होकर इन्हें महिला कांग्रेस का प्रवक्ता तुरंत प्रभाव से नियुक्त किया गया। हाल ही में स्वास्थ्य सुविधाओं को सुधारने के लिए 26 दिन तक चले आंदोलन में भी इनकी भागीदारी रही है। जागरूक अभियानों शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पर्यावरण बचाव जैसे अभियानों में इनकी बढ़चढ़ कर भागीदारी रही है। अनुराधा का कहना हैं कि वह आम जनमानस के लिए बिना किसी भेदभाव के कार्य और सबको साथ लेकर चलना चाहती हैं। वो कहती हैं कि वो खुद एक आम किसान परिवार से संबंध रखती है और जमीनी स्तर पर लोगों की समस्याओं को बेहतर जानने तथा उनके निवारण के लिए जनता के लिए हमेशा आवाज उठाएंगी और सच्चाई व ईमानदारी जिन्हें वो अपने जीवन के मूल आधार मानती ,है उस पर चलते हुए मेहनत से कभी गुरेज नहीं करेगी।
-13, 14 और 15 सितंबर को दाखिल किए जा सकेंगे नामांकन पत्र राज्य चुनाव आयोग द्वारा पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव को लेकर जारी अधिसूचना के बाद उपायुक्त एवं जिला निर्वाचन अधिकारी (पंचायत) लाहौल- स्पीति नीरज कुमार ने भी जिला में पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव के संचालन के लिए अधिसूचना जारी कर दी है। जारी की गई अधिसूचना के मुताबिक नामांकन पत्र 13, 14 और 15 सितंबर को सुबह 11 बजे से लेकर दोपहर 3 बजे तक जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा प्राधिकृत अधिकारियों के समक्ष दाखिल किए जा सकेंगे। नामांकन पत्रों की जांच 16 सितंबर को की जाएगी। जबकि 18 सितंबर को सुबह 10 बजे से लेकर दोपहर 3 बजे के बीच नामांकन पत्र वापस लिए जा सकेंगे। 18 सितंबर को नामांकन पत्र वापस लेने की समय अवधि समाप्त होने के बाद चुनाव में भाग लेने वाले प्रत्याशियों की सूची चुनाव चिन्ह के साथ जारी कर दी जाएगी। जिला निर्वाचन अधिकारी ने कहा है कि जिले में पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव के लिए मतदान दो चरणों में संपन्न होगा। पहला चरण 29 सितंबर जबकि दूसरा चरण 1 अक्टूबर को निश्चित किया गया है। पंचायत प्रधान, उपप्रधान और वार्ड सदस्य के निर्वाचन लिए मतों की गिनती मतदान की प्रक्रिया संपन्न हो जाने के बाद शुरू की जाएगी। जबकि जिला परिषद और पंचायत समिति सदस्यों के निर्वाचन के लिए मतों की गिनती 4 अक्टूबर को संबंधित विकासखंड मुख्यालयों पर होगी। आधिकारिक तौर पर 6 अक्टूबर को चुनाव की प्रक्रिया पूर्ण रूप से संपन्न होगी।
केलांग: जिला में पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव को स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण तरीके से संचालित करने के दृष्टिगत उपायुक्त एवं जिला निर्वाचन अधिकारी (पंचायत) नीरज कुमार द्वारा जिले में आदर्श आचार संहिता लागू करने को लेकर आदेश जारी किए जा चुके हैं। आदर्श आचार संहिता लागू करने के लिए जारी ये आदेश चुनावी प्रक्रिया संपन्न होने यानी 6 अक्टूबर तक प्रभावी रहेंगे। आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन होने की सूरत में नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
भाजपा पहले अपने गिरेबान में झांके फिर दूसरों पर आरोप लगाए। यह बात केलांग में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान लाहौल स्पीति के पूर्व विधायक रवि ठाकुर ने कही है। उन्होंने कहा है कि लाहौल स्पीति के स्थानीय विधायक एवं सरकार में कैबिनेट मंत्री डॉ रामलाल मारकंडे मीडिया में यह बयान दे रहे हैं कि घाटी में चरमराती स्वास्थ्य सुविधाएं कांग्रेस के शासनकाल से ही खस्ताहाल में हैं। ऐसे में वह यह कहना चाहते हैं कि कांग्रेस ने अपने शासनकाल में जहां स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर लाहौल स्पीति में बेहतर काम किया था वही स्थानीय भाजपा विधायक ने सत्ता में आने के बाद विकासात्मक योजनाओं को बंद करवाने का ही काम किया है। स्पीति कॉलेज के निर्माण की घोषणा कांग्रेस कार्यकाल में पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह ने वर्चुअल माध्यम से की थी तथा इसके निर्माण के लिए एक करोड़ से अधिक की राशि भी जारी कर दी गई थी ,लेकिन भाजपा सरकार ने सत्ता में आते ही इस कॉलेज को बंद करवा दिया। भाजपा ने यहां स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई बल्कि अस्पतालों से डॉक्टरों को ट्रांसफर कर लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया है। उन्होंने कहा कि आज हालात ऐसे हैं कि लाहुल स्पीति के अधिकतर क्षेत्रों में स्वास्थ्य केंद्रों पर कई वर्षों से ताला लटका हुआ है जबकि जिला मुख्यालय केलांग अस्पताल में एक भी विशेषज्ञ नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा नेता लाहौल स्पीति में किए गए विकास कार्यों का ब्यौरा आम जनता के समक्ष रखें ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके।
केलांग में आज यानि बुधवार को पत्रकार वार्ता का आयोजन हुआ। इस दौरान पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ठाकुर कौल सिंह ने सरकार पर तंज कस्ते हुए कहा कि भाजपा नेता महेंद्र सिंह ठाकुर जयराम सरकार में सुपर चीफ मिनिस्टर बन गए हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में जल शक्ति विभाग की हालत तो ऐसी हो गई है कि जब तक मंत्री महोदय के आदेश उच्च अधिकारियों को नहीं होते हैं तब तक टेंडर तक नहीं करवाया जाता है। यही नहीं 'हर घर जल हर घर नल' योजना के तहत खरीदी गई पानी की पाइपों में भी जमकर गोलमाल किया गया है। साथ ही उन्होंने कहा कि जल शक्ति विभाग ने प्रदेश में इतनी पाइपे खरीदी है कि आगामी 15 सालों तक पाइपें खरीदने की जरूरत नहीं पड़ेगी। उन्होंने कहा है कि महेंद्र सिंह ठाकुर जयराम सरकार में सुपर चीफ मिनिस्टर बने हुए हैं। कभी वरिष्ठ आईएएस अधिकारी के साथ उनका उलझना चर्चा का विषय बन जाता है, तो कभी कर्मचारियों व शिक्षकों का सार्वजनिक स्थल पर वह सरेआम मजाक उड़ा देते हैं। ऐसे में जयराम सरकार के सुपर चीफ मिनिस्टर हिमाचल को किस ओर ले जाना चाहते हैं यह समझ से परे है। उन्होंने कहा है कि वर्तमान समय में जल शक्ति विभाग भ्रष्टाचार का अड्डा बना हुआ है जिस के पुख्ता सुबूत उनके पास है। कांग्रेस की सरकार सत्ता में आते ही जहां इस मामले की जांच करवाएंगे, वहीं उन्हें पूरा यकीन है कि जल शक्ति विभाग के कई बड़े अधिकारी भ्रष्टाचार में जांच के दौरान नपेंगे। पूर्व कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ठाकुर कौल सिंह ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा है कि वह मुख्यमंत्री को चेतावनी देते हैं कि अगर हिम्मत है तो उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले साबित व दर्ज करवा कर दिखाएं। ठाकुर कौल सिंह ने कहा है कि सुपर चीफ मिनिस्टर जल शक्ति विभाग में पूरे प्रदेश भर में सिर्फ अपने विधानसभा क्षेत्र के लोगों को रोजगार दे रहे हैं जो अन्य जिलों के लोगों के साथ अन्याय है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर भी जनता के बीच जाएगी। कौल सिंह ठाकुर ने कहा है कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर प्रदेश में विकास करवाने का प्रयास करें न कि हवा में घोषणाएं कर जनता को गुमराह करने का।
हिमाचल : राज्य चुनाव आयोग ने जनजातीय क्षेत्रों में पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव की अधिसूचना की जारी
हिमाचल प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों में पंचायत चुनाव का बिगुल बज गया है। राज्य चुनाव आयोग ने मंगलवार को प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों में पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव की अधिसूचना जारी कर दी है। इसके तहत लाहौल-स्पीति के उदयपुर व केलांग उपमंडल में ग्राम पंचायत, पंचायत समिति व जिला परिषद के चुनाव होंगे। वहीं काजा में जिला परिषद व चंबा के पांगी उपमंडल में ग्राम पंचायत व पंचायत समिति के चुनाव होंगे। आयोग की ओर से जारी शेड्यूल के अनुसार मतदान दो चरणों में होगा। पहले चरण का मतदान 29 सितंबर को सुबह सात से तीन बजे तक होगा। जबकि दूसरे चरण का मतदान एक अक्तूबर को होगा। इस संबंध में राज्य चुनाव आयुक्त अनिल कुमार खाची की ओर से अधिसूचना जारी की गई है।
केलांग के स्थानीय परिधि गृह में समीक्षा बैठक का आयोजन हुआ। इस बैठक की अध्यक्षता तकनीकी शिक्षा, जनजातीय विकास एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ रामलाल मारकंडा ने की। बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि अक्टूबर के पहले सप्ताह तक सभी आवश्यक खाद्य वस्तुओं के अलावा मिट्टी के तेल की आपूर्ति हर हाल में सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि 20 सितंबर तक उचित मूल्य की दुकानों के सभी विक्रेताओं को सूचित कर दिया जाए कि वे अपने लिए आवंटित स्टॉक को तुरंत हासिल कर लें ताकि समय पर इसकी आपूर्ति उपभोक्ताओं को सुनिश्चित हो सके। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि जिला नियंत्रक खाद्य नागरिक आपूर्ति इस दिशा में निरंतर मॉनिटरिंग सुनिश्चित करें। उन्होंने ईंधन की लकड़ी के स्टॉक को लेकर भी जानकारी हासिल की। वन मंडल अधिकारी केलांग दिनेश शर्मा ने अवगत करते हुए कहा कि इस बार 22,500 क्विंटल इंधन की लकड़ी की आपूर्ति के लिए मांग की गई है जो पिछ्ले वर्ष 18000 क्विंटल थी। इस समय तक कुल मांग की 60 फ़ीसदी इंधन की लकड़ी को स्टॉक कर लिया गया है। जबकि शेष स्टॉक भी जल्द पहुंचने वाला है। डॉ रामलाल मारकंडा ने जल शक्ति विभाग को भी निर्देश देते हुए कहा कि चूंकि इस वर्ष का वर्किंग सीजन कम बचा है, ऐसे में अब विशेष तौर से पेयजल की स्कीमों को दुरुस्त और कार्यशील बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएं। जो स्कीमें अभी भी बहाल होनी हैं उन्हें भी युद्ध स्तर पर कार्य शुरू करके पूरा किया जाए। उन्होंने केलांग मल निकासी योजना की प्रगति की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत बनने वाले सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के काम जल्द पूरा किया जाए। बैठक में मौजूद उपायुक्त नीरज कुमार ने कहा कि क्षेत्र में पहले से प्रगति पर चल रही विभिन्न योजनाओं की जिला प्रशासन द्वारा भी निरंतर समीक्षा की जाएगी ताकि समय पर यह योजनाएं पूरी हों और उनका लाभ लोगों को मिल सके। बैठक में सहायक आयुक्त डॉ रोहित शर्मा, वन मंडल अधिकारी दिनेश शर्मा, अधिशासी अभियंता जल शक्ति विनोद धीमान, अधिशासी अभियंता लोक निर्माण बीसी नेगी, अधिशासी अभियंता बिजली बोर्ड विक्रम राणा व अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आज केलांग में जनसभा को सम्बोधित करते हुए कारगा में नई आईटीआई खोलने, गुमरांग व लोट में स्वास्थ्य उप केन्द्र तथा रारिक में प्राथमिक पाठशाला खोलने की घोषणा की। उन्होंने शिशुर गोम्पा के लिए 30 लाख रुपये के अतिरिक्त बजट की भी घोषणा की। उन्होंने केलांग में क्षतिग्रस्त ओवरहैड स्वागत द्वार के पुनर्निर्माण के लिए 30 लाख रुपये की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार जनजातीय क्षेत्रों का समग्र विकास सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों के विकास के लिए अनेक योजनाएं आरम्भ की गई हैं। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू से विशेषज्ञ चिकित्सकों सप्ताह में दो दिन के लिए क्षेत्रीय अस्पताल केलांग में तैनात किया जाएगा। इससे पूर्व, मुख्यमंत्री ने जिला लाहौल-स्पीति के केलांग में 41 करोड़ रुपये की लागत की 11 विकासात्मक परियोजनाओं के लोकार्पण तथा शिलान्यास किए, जिनमें 1.34 करोड़ की एक विकासात्मक परियोजना का लोकार्पण तथा लगभग 39.48 करोड़ रुपये की 10 परियोजनाओं के शिलान्यास शामिल हैं। जयराम ठाकुर ने 1.34 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित योचे-बोलतोजिंग सड़क का लोकार्पण किया। उनहोंने 12.24 करोड़ रुपये की लागत से केलांग में शाॅपिंग काॅम्पलेक्स एवं पार्किंग, 13.69 करोड़ रुपये की लागत से पेयजल योजना केलांग के संवर्धन कार्य, 1.10 करोड़ रुपये की लागत से केलांग के लिए फायर हाइडेंªट, 1.33 करोड़ रुपये की लागत से बहाव सिंचाई योजना कारदंग, 85 लाख रुपये की लागत से बहाव सिंचाई योजना टोजिंग, 1.26 करोड़ रुपये की लागत से जिस्पा में बाढ़ नियंत्रण कार्य, 6.59 करोड़ रुपये की लागत से गौशाल में बाढ़ नियंत्रण कार्य, 45 लाख रुपये की लागत से बहाव सिंचाई योजना कवारिंग, 1.19 करोड़ रुपये की लागत से बहाव सिंचाई योजना बरगुल और 78 लाख रुपये की लागत से बहाव सिंचाई योजना रोगलिंग का शिलान्यास किया। तकनीकी शिक्षा, जनजातीय विकास और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री डाॅ. राम लाल मारकण्डा ने अपने गृह क्षेत्र में मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए जनजातीय क्षेत्रों की विकासात्मक मांगों पर सदैव विचार करने के लिए आभार व्यक्त कया। उन्होंने कहा कि अटल टनल ने घाटी में किसानों , युवाओं तथा आमजन के लिए प्रगति के नए द्वार खोले हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री को क्षेत्र की विभिन्न विकासात्मक मांगों से भी अवगत करवाया। इससे पूर्व, घाटी में मुख्यमंत्री के आगमन पर महिला मण्डलों तथा आम लोगों ने उनका पारम्परिक तरीके से स्वागत किया। जनजातीय सलाकार समिति सदस्य नवांग उपासक तथा पुष्पा, उपायुक्त नीरज कुमार, पुलिस अधीक्षक मानव वर्मा, भाजपा जिला महासचिव संजीव कुमार, भाजपा मण्डी के अध्यक्ष संजय यारपा, महिला मोर्चा जिला अध्यक्षा शकुन्तला देवी, युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष तेंजिन करपा और अन्य गणमान्य लोग इस अवसर पर उपस्थित थे।
उदयपुर में अग्निशमन उप-केन्द्र खोलने और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र उदयपुर को नागरिक अस्पताल में स्तरोन्नत करने की घोषणा की मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आज जिला लाहौल-स्पीति के उदयपुर में लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने वर्तमान वित्त वर्ष के दौरान जनजातीय क्षेत्र विकास कार्यक्रम के तहत जिला लाहौल-स्पीति के लिए 136 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया है, जिसमें से लाहौल क्षेत्र में 72 करोड़ रुपये तथा स्पीति क्षेत्र में 64 करोड़ रुपये व्यय किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने जिला लाहौल-स्पीति के अपने एक दिवसीय दौरे के दौरान जिले के केलांग तथा उदयपुर में लगभग 66.50 करोड़ रुपये की लागत की विकासात्मक परियोजनाओं के लोकार्पण व शिलान्यास किए। मुख्यमंत्री ने आज जिला लाहौल-स्पीति के उदयपुर में लगभग 26 करोड़ रुपये की लागत की 16 विकासात्मक परियोजनाओं के शिलान्यास किए। जयराम ठाकुर ने 1.45 करोड़ रुपये की लागत से प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र जाहलमा के आवासीय भवन, 5 करोड़ रुपये की लागत से माॅडल कैरियर सेंटर उदयपुर के भवन, 8.10 करोड़ रुपये की लागत से राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला उदयपुर के भवन, 45 लाख रुपये की लागत से जाहलमा में वन निरीक्षण कुटीर, 64 लाख रुपये की लागत से पेयजल आपूर्ति योजना त्रिलोकनाथ के संवर्धन कार्य तथा 55 लाख रुपये की लागत से पेयजल आपूर्ति योजना मडग्रां के संवर्धन कार्य का शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री ने 2.86 करोड़ रुपये की लागत की बहाव सिंचाई योजना शांशा, 1.01 करोड़ रुपये की लागत की बहाव सिंचाई योजना हिन्सा, 77 लाख रुपये की लागत की बहाव सिंचाई योजना बड़ा अगार, 57 लाख रुपये की लागत से बहाव सिंचाई योजना बलगोट के विशेष मुरम्मत तथा निर्माण कार्य, 1.03 करोड़ रुपये की लागत से बहाव सिंचाई योजना शकोली वरदंग के कमान क्षेत्र विकास के निर्माण कार्य, 53 लाख रुपये की लागत से राशील क्षेत्र के लिए बहाव सिंचाई योजना, 78 लाख रुपये की लागत से बहाव सिंचाई योजना किशोरी के कमान क्षेत्र विकास के निर्माण कार्य, 66 लाख रुपये की लागत से बहाव सिंचाई योजना नालडा के कमान क्षेत्र विकास के निर्माण कार्य और 39 लाख रुपये की लागत से बहाव सिंचाई योजना अरसेडी नाला के निर्माण कार्य का शिलान्यास किया। उन्होंने 93 लाख रुपये की लागत से उदयपुर में हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड के उपभोक्ता सेवा केन्द्र एवं उप-मण्डलीय कार्यालय के निर्माण का शिलान्यास भी किय। जयराम ठाकुर ने कहा कि लाहौल घाटी में सिंचाई सुविधा, बाढ़ से सुरक्षा तथा पेयजल सुविधाएं प्रदान करने पर 6.72 करोड़ रुपये तथा सीवरेज व पेयजल योजनाओं पर 4.61 करोड़ रुपये व्यय किए हैं। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत 1.17 करोड़ रुपये व्यय कर 14 आवासीय क्षेत्रों में पेयजल सुविधा तथा 1470 नल कनेक्शन प्रदान किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि रोहतांग टनल से क्षेत्र में पर्यटन विकास के नए द्वार खुले हैं। उन्होंने कहा कि यह परियोजना पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का सपना था जिसे वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूरा किया है। उन्होंने कहा कि इस टनल से क्षेत्र को वर्ष भर हर मौसम में सड़क सुविधा मिली है। उन्होंने कहा कि घाटी में पर्यटकों के आगमन में कई गुणा बढ़ोतरी हुई है, जो यहां के लोगों की आर्थिकी को सुदृढ़ करने में सहायक सिद्ध होगी। उन्होंने कहा कि घाटी में 407 होम स्टे खोलने के लिए स्वीकृति प्रदान की गई हैं। जयराम ठाकुर ने कहा कि इस वर्ष घाटी अप्रत्याशित बाढ़ के कारण बुरी तरह प्रभावित हुई है। उन्होंने कहा कि इस दौरान 10 लोगों की मृत्यु दर्ज की गई है तथा प्रदेश सरकार ने तुरन्त क्षेत्र में राहत तथा बचाव कार्य किए है। उन्होंने कहा कि उदयपुर में हाल ही में बाढ़ से प्रभावित लोगों को राहत प्रदान करने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार ने 10 करोड़ रुपये का विशेष पैकेज प्रदान किया है। उन्होंने कहा कि हिमकेयर, हिमाचल गृहिणी सुविधा योजना, सहारा योजना, शगुन योजना, सामाजिक सुरक्षा पेंशन आदि अनेक कल्याणकारी योजनाओं ने प्रदेश के लोगों का सामाजिक-आर्थिक उत्थान सुनिश्चित किया है। मुख्यमंत्री ने उदयपुर में अग्निशमन उप केन्द्र खोलने, उदयपुर में उप खण्ड को पूर्ण विकास खण्ड में स्तरोन्नत करने, माध्यमिक विद्यालय किशोरी और भुजंद को उच्च विद्यालय में स्तरोन्नत करने, मडग्रां में पशु चिकित्सा अस्पताल खोलने, जाहलमा में उप तहसील खोलने, उप तहसील उदयपुर को तहसील में स्तरोन्नत करने, उदयपुर में एचआरटीसी का उप डिपो खोलने और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र उदयपुर को नागरिक अस्पताल में स्तरोन्नत करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि लाहौल घाटी में बाढ़ की घटना के पीडि़तों को किन्नौर में प्रभावित परिवारों की तरह चार गुणा अधिक मुआवजा दिया जाएगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम को भी सुना। तकनीकी शिक्षा, जनजातीय विकास एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री डा. राम लाल मारकण्डा ने अपने गृह क्षेत्र में मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए राज्य के जनजातीय क्षेत्रों के लिए जनजातीय क्षेत्र विकास कार्यक्रम के तहत बजट बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने उदयपुर में बाढ़ पीडि़तों को शीघ्र 10 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए भी मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि अटल टनल ने घाटी के लोगों के भाग्य में बदलाव लाया है। उन्होंने कहा कि घाटी में संचार नेटवर्क को मजबूत करने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से हाल ही में बाढ़ के दृष्टिगत किसानों को उचित मुआवजा प्रदान करने का आग्रह किया। उन्होंने मुख्यमंत्री से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र उदयपुर में विशेषज्ञ चिकित्सक उपलब्ध करवाने का आग्रह किया। उन्होंने मुख्यमंत्री से उदयपुर में हिमाचल पथ परिवहन निगम का उप डिपो खोलने का भी आग्रह किया। सदस्य जनजातीय सलाहकार समिति शमशेर सिंह ने मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए उन्हें क्षेत्र की विभिन्न मांगों के बारे में अवगत करवाया। उन्होंने मुख्यमंत्री से उदयपुर में विकास खण्ड के लिए आग्रह किया। इस अवसर पर भाजपा मण्डल अध्यक्ष प्रेम दासी और क्षेत्र के अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर शुक्रवार को एशिया के सबसे ऊंचे गांव कौमिक पहुंचे। उन्होंने चीन सीमा से सटे लांगचा, हिक्किम, ताबो और कीह गोंपा का भी दौरा किया। राज्यपाल ने स्थानीय लोगों से बातचीत कर वहां की संस्कृति के बारे में जाना। उन्होंने लोगों की समस्याएं भी सुनीं। राज्यपाल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के जनजातीय क्षेत्र की संस्कृति, परंपरा और रीति-रिवाज समृद्ध हैं। यहां के लोगों ने अपनी इस पहचान को कायम रखा है। शुक्रवार को राज्यपाल काजा में जनजातीय संस्कृति से भी रूबरू हुए। एडीएम मोहन दत्त ने उन्हें पारंपरिक वस्त्र भेंटकर सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर 29 अगस्त को अपने एक दिवसीय लाहौल घाटी के दौरे पर आएंगे। तकनीकी शिक्षा, जनजातीय विकास एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ रामलाल मारकंडा ने परिधि गृह में मुख्यमंत्री के दौरे के प्रबंधों को लेकर आयोजित बैठक के दौरान कहा कि मुख्यमंत्री उदयपुर और लाहौल क्षेत्र के लिए करोड़ों रुपए की राशि की योजनाओं व स्कीमों का तोहफा देने वाले हैं। मुख्यमंत्री 29 अगस्त को सुबह उदयपुर पहुंच कर विभिन्न योजनाओं के शिलान्यास और उदघाटन की रस्म पूरी करने के बाद उदयपुर के आईटीआई ग्राउंड में 10 बजे लोगों को संबोधित करेंगे। इसके बाद मुख्यमंत्री हेलीकॉप्टर के माध्यम से ही जिला मुख्यालय केलांग पहुंच कर भी करोड़ों रुपए की योजनाओं और स्कीमों की सौगात लोगों को देने के बाद पुलिस ग्राउंड में जनसभा को भी सम्बोधित करेंगे। बैठक में उपायुक्त नीरज कुमार, एसडीएम प्रिया नागटा, सहायक आयुक्त डॉ रोहित शर्मा, वन मंडल अधिकारी दिनेश शर्मा, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर मदन बंधु, पुलिस उपाधीक्षक हेमंत ठाकुर, अधिशासी अभियंता जल शक्ति विनोद धीमान, अधिशासी अभियंता लोक निर्माण बीसी नेगी, अधिशासी अभियंता बिजली बोर्ड विक्रम राणा, महाप्रबंधक उद्योग राजेश शर्मा, पशुपालन उपनिदेशक डॉ गणेश, क्षेत्रीय प्रबंधक परिवहन निगम मंगल मनेपा, जिला कृषि अधिकारी डॉ चौधरी राम के अलावा अन्य विभागीय अधिकारी भी मौजूद रहे।
ताबो : डा यशवंत सिंह परमार औद्योगिकी एवम वानिकी विश्वविद्यालय नौणी के लाहुल स्पीति कृषि केंद्र ताबो के वैज्ञानिकों की ओर से रंगरिक गांव में प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। केंद्र का मुख्य उद्देश्य किसानों को कृषि की नई तकनीकों के बारे में जागरूक करना है। कृषि विज्ञान केंद्र ताबो की वैज्ञानिक डा मीना ( फल विभाग) ने किसानों को संरक्षित खेती के लाभ और उससे जुड़ी सभी आधुनिक तकनीकों के बारे में बताया। उन्होंने प्रशिक्षण शिविर में भाग ले रहे 25 किसानों को स्ट्रॉबैरी के रनर भी वितरित किए। इस दौरान उन्होंने कहा कि अगर किसान वैज्ञानिक तरीके से खेती करे तो उनका मुनाफा दोगुना होने में अधिक समय नहीं लगेगा। इसके साथ फसल तैयार करने में लागत भी कम आएगी। शिविर में किसानों को संबोधित करते हुए डा सविता ने किसानों, स्वयं सहायता समूहों को फलों और सब्जियों से बनने वाले खाद्य पदार्थों के बारे में जानकारी प्रस्तुत की। इन खाद्य पदार्थों में चटनी, आचार, जैम, मुरब्बा, जूस आदि बनाया जा सकता है। इसके माध्यम से आत्म निर्भर बनेंगे। इसके साथ स्वरोजगार के साधन भी घर में विकसित हो सकेंगे।
लाहौल-स्पीति: डॉ यशवंत सिंह परमार औद्योगिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी के लाहुल-स्पीति कृषि केंद्र ताबो के वैज्ञानिकों की ओर से रंगरिक गांव में प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। केंद्र का मुख्य उद्देश्य किसानों को कृषि की नई तकनीकों के बारे में जागरूक करना है। कृषि विज्ञान केंद्र ताबो की वैज्ञानिक डॉ मीना ( फल विभाग) ने किसानों को संरक्षित खेती के लाभ और उसे जुड़ी सभी आधुनिक तकनीकों के बारे में बताया। उन्होंने प्रशिक्षण शिविर में भाग ले रहे है 25 किसानों को स्ट्रॉ बैरी के रनर भी वितरित किए। इस दौरान उन्होंने कहा कि अगर किसान वैज्ञानिक तरीके से खेती करे तो उनका मुनाफा दोगुना होने में अधिक समय नहीं लगेगा। इसके साथ फसल तैयार करने में लागत भी कम आएगी। शिविर में किसानों को संबोधित करते हुए डॉ सविता ने किसानों, स्वयं सहायता समूहों को फलों और सब्जियों से बनने वाले खाद्य पदार्थों के बारे में जानकारी प्रस्तुत की। इन खाद्य पदार्थों में चटनी, आचार, जैम, मुरब्बा, जूस आदि बनाया जा सकता है।
जनजातीय लाहौल क्षेत्र में आपदा के समय त्वरित आपदा प्रबंधन को सुनिश्चित करने के दृष्टिगत लाहौल-स्पीति जिला प्रशासन ने पहल करते हुए कार्य योजना पर कवायद शुरू कर दी है। भौगोलिक विषमताओं और मौसम की दुश्वारियों के चलते घाटी में आपदा प्रबंधन को लेकर दिक्कतें भी पेश आती रही हैं। हालांकि आपदा के बाद केंद्र और राज्य सरकार द्वारा हर संभव मदद तुरंत मुहैया की जाती रही है। लेकिन आपदा से निपटने के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ या अन्य एजेंसी की टीमों के आगे यही भौगोलिक परिस्थितियां या मौसम बाधा बन जाता है और खोज, बचाव और राहत के कार्यों को शुरू करने में त्वरित प्रतिक्रिया नहीं हो पाती। इन्हीं परिस्थितियों को केंद्र में रखकर अब जिला प्रशासन ने डीडीआरएफ( जिला आपदा प्रतिक्रिया बल) के तौर पर 30 प्रशिक्षित वॉलंटियरों की टीम गठित करने का फैसला लिया है जो किसी आपदा की सूरत में त्वरित प्रतिक्रिया का दायित्व संभालेगी। लाहौल-स्पीति के उपायुक्त एवं अध्यक्ष जिला आपदा प्रबंधन आथॉरिटी नीरज कुमार ने बताया कि यूएनडीपी के सिक्योर हिमालय प्रोजेक्ट के तहत इस वर्ष पर्वतारोहण के बुनियादी कोर्स के अलावा सर्च एंड रेस्क्यू पर आधारित कोर्स भी करवाया जाएगा। इस टीम में स्थानीय वॉलंटियरों को शामिल किया जाएगा ताकि वे प्रशिक्षित वर्कफोर्स के रूप में आपदा के समय कार्रवाई को अंजाम दे सकें। प्रशिक्षण के लिए इन वॉलंटियरों को लाहौल घाटी के परियोजना क्षेत्र से चयनित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आपदा के समय ये स्थानीय टीम निश्चित तौर पर अहम भूमिका निभाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि वॉलंटियरों का चयन करके इसकी सूची जल्द वन मंडल अधिकारी लाहौल वन मंडल को भेजी जा रही है ताकि उनका प्रशिक्षण शुरू किया जा सके।
तकनीकी शिक्षा, जनजातीय विकास और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ रामलाल मारकंडा ने उदयपुर पहुंचने पर विश्राम गृह में लोगों की समस्याओं को सुना। तत्पश्चात उन्होंने त्रिलोकीनाथ में जाकर ऐतिहासिक पौरी मेला के शुभारंभ पर होने वाली पारम्परिक रस्मों के निर्वहन में भी शिरक़त की। उन्होंने बताया की मेले हमारी संस्कृति का एक अहम हिस्सा हैं। पौरी मेला यहां का बहुत ही पुरातन एवं ऐतिहासिक मेला है। कोविड महामारी के कारण इस तरह के त्योहार एवं मेलों में मानक संचालन प्रक्रिया का पालन करते हुए केवल पुरातन परम्पराओं का निर्वहन किया जा रहा है। उसी प्रकार से इस बार भी पौरी मेले का शुभारम्भ हुआ है। कल यहां से मणिमहेश के लिए पवित्र छड़ी यात्रा का जत्था रवाना होगा जोकि कुगती जोत होते हुए यात्रा करेगा। उन्होंने बताया कि पिछले दिनों अतिवर्षा व बादल फटने की घटनाओं से इस क्षेत्र में कई सड़कों को नुकसान तथा यातायात अवरुद्ध हो गया था तथा काफ़ी लोग यहां फंस गए थे। व्यवस्था को पुनः सुचारू रूप से पटरी पर लाने के लिए वे स्वयं मौके पर डटे रहे थे तथा सभी सड़कों को बहाल कर दिया गया है। जुलाई माह में उदयपुर क्षेत्र में हुई भारी बारिश और बाढ़ के कारण हुए नुकसान की भरपाई के लिए मुख्यमंत्री द्वारा 10 करोड़ की राहत राशि की घोषणा की गई है। इसके लिए उनका आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि इस राहत पैकेज से सड़क, सिंचाई, पेयजल और बिजली व्यवस्था की बहाली में मदद मिलेगी।
लाहौल स्पीति में चल रही डॉक्टरों की कमी व चरमराती स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर भूख हड़ताल व धरने पर बैठे लाहौल स्पीति युवा कांग्रेस के समर्थन में प्रदेश युवा कांग्रेस भी उतर आई है। शुक्रवार देर शाम प्रदेश युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष निगम भंडारी केलांग पहुंचे और भूख हड़ताल पर बैठे युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के साथ मिले और उनका समर्थन करते हुए वह खुद भी भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं। युवा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष निगम भंडारी का कहना है कि जिस तरह से जयराम सरकार लाहुल स्पीति की स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर रवैया अपनाए हुए हैं वह सही मायने में निराशाजनक है। उन्होंने कहा है कि प्रदेश के जनजाति जिलों में स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर होनी चाहिए लेकिन हिमाचल के जनजाति जिलों में हालात कुछ और ही बयान कर रहे हैं। शुक्रवार देर शाम से ही युवा कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष निगम भंडारी जहां लाहौल स्पीति व कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के साथ जिला मुख्यालय केलांग में धरने पर बैठ गए हैं वहीं उन्होंने दो टूक शब्दों में सरकार को कहा है कि जब तक जयराम सरकार लाहौल स्पीति में स्वास्थ्य सुविधाएं दुरुस्त नहीं करती हैं साथ ही अस्पताल में जब तक डॉक्टरों की नियुक्ति नहीं होगी तब तक लाहुल स्पीति कांग्रेस वह प्रदेश युवा कांग्रेस अपना आंदोलन जारी रखेगी। बता दें पिछले 18 दिनों से लाहौल स्पीति युवा कांग्रेस के साथ जिला कांग्रेस के कार्यकर्ता भी लगातार जिला मुख्यालय केलांग में धरना प्रदर्शन व भूख हड़ताल कर रहे हैं बावजूद इसके जयराम सरकार लाहौल स्पीति में स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर गंभीर नहीं दिख रही है। उधर लाहौल स्पीति के पूर्व विधायक रवि ठाकुर ने कहा है कि लाहौल स्पीति में रह रहे लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ लेने के लिए जिला से बाहर का रुख करना पड़ता है। हैरानी तो इस बात की है कि अटल टनल रोहतांग के बन जाने के बाद भी जिला मुख्यालय केलांग में स्वास्थ्य सुविधाएं सुधर नहीं पाई है। उन्होंने कहा कि भाजपा के स्थानीय विधायक जहां आए दिन लाहुल स्पीति में स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर बयान बाजी करते रहते हैं कि घाटी में डॉक्टरों की किसी भी तरह की कमी नहीं है लेकिन जिला मुख्यालय केलांग में ही जो हालात हैं वह किसी से छिपे नहीं हैं। लाहौल स्पीति में जहां एंबुलेंस चलाने के लिए लंबे समय से अधिकतर क्षेत्रों में चालकों के पद रिक्त चल रहे हैं वहीं स्वास्थ्य कर्मियों के साथ साथ डॉक्टरों की भी कमी चल रही है। बहरहाल स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर धरने पर बैठे लाहुल स्पीति कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को प्रदेश युवा कांग्रेस का भी समर्थन मिल गया है।
काजा : स्पीति दौरे पर आए हिमाचल प्रदेश सरकार में तकनीकी शिक्षा, जन शिकायत निवारण, जन जातीय विकास और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री डा राम लाल मारकण्डा ने लांगचा, काजा और पिन वैली में दौरा किया। लांगचा में 3.99 करोड़ की लागत से बनने वाली सिंचाई योजना का शिलान्यास मंत्री डा राम लाल मारकण्डा ने किया। यह योजना 107 हेक्टयर को सिंचित करेगी। लांगचा लोअर और अप्पर लांगचा के लोगों के लिए यह योजना होगी। यहां पर लोगों को संबोधित करते हुए डा राम लाल मारकण्डा ने कहा कि लांगचा गांव के लोगों की पिछले लंबे समय से सिंचाई योजना की मांग थी। इसी के चलते इस योजना को यहां पर बनाया जा रहा है। इससे लोगों को कृषि करने में काफी आसानी होगी। यहां पर आयोजित कार्यक्रम में बच्चों ने स्पीति का पारंपरिक नृत्य पेश किया। मुख्य अतिथि डा राम लाल मारकण्डा ने बच्चों को 5000 नगद प्रोत्साहन राशि दी। मंत्री के दौरे के दौरान काजा में पहुंचने पर 87.72 लाख रूपए की लागत से सामान्य आवास निर्माण का शिलान्यास भी रखा गया। इसके बाद कुंगरी पंचायत के तहत 54.57 की लागत से बनने वाले हेलीपैड का शिलान्यास किया गया। इसके बाद मुद फारका 75 मीटर स्टील ट्रस ओवर ब्रिज का शिलान्यास किया। यह ब्रिज 3.22 करोड़ रुपए में बनकर तैयार होगा। लोगों को संबोधित करते हुए कैबिनेट मंत्री डा राम लाल मारकण्डा ने कहा कि भावा मूद मार्ग बनने जा रहा है। जैसे यह रोड़ बनकर तैयार होगा पिन घाटी में पर्यटन का कारोबार बढ़ेगा और लोगों को रोजगार भी मिलेगा। जियो की ओएफसी लाइन बिछने से मूद में टावर लगेगा। वहीं दौरे के अंतिम दिन धनखर पंचायत के तहत शिचलिंग में बाढ़ नियत्रण कार्य हेतु 6.78 करोड़ रुपए की लागत की योजना का शिलान्यास किया गया। इस योजना से सिलूक और शिचलिंग गांव के लोगों को लाभ मिलेगा। वही माने गोंगमा में 2.47 करोड़ की लागत से बनने वाले बाढ़ नियंत्रण कार्य योजना का शिलान्यास भी किया गया। माने सिलुक गांव को जोड़ने वाले 70 फीट पुल जोकि 78.47 लाख की लागत से बन कर तैयार हुआ है। इसका भी लोकार्पण डा राम लाल मारकण्डा ने किया। कैबिनेट मंत्री डा राम लाल मारकण्डा ने ताबो पंचायत के तहत पोह गांव में पोमरंग नाला के ऊपर स्टील ट्रस पुल जोकि 1.76 करोड़ रुपए की लागत से बनेगा का भी शिलान्यास किया। इस मौके पर एडीएम मोहन दत्त शर्मा, एसडीएम महेंद्र प्रताप सिंह, डीएफओ हरदेव नेगी, नायब तहसीलदार विद्या सिंह नेगी, एक्सईएन लोक निर्माण विभाग टाशी ज्ञामचो, एक्सईएन विद्युत विभाग मुनीश आर्य, एक्सईएन जल शक्ति मिशन मनोज नेगी, बीएमओ तेंजिन नोरबू, एडीओ चंद्र शेखर, टीएसी सदस्य राजेंद्र बौद्ध, पालजोर, लोबजंग सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहें। साडा की बैठक का भी हुआ आयोजन: साडा की बैठक कैबिनेट मंत्री डा राम लाल मारकण्डा की अध्यक्षता में सर्किट हाउस में आयोजित की गई। इस बैठक में निर्णय लिया गया की साडा के अधीन अब कोई भी भवन निर्माण कार्य होगा तो बिजली पानी का कनेक्शन तभी मिलेगा जब साडा से एनओसी मिलेगी। बिना एनओसी के किसी को बिजली पानी का कनेक्शन नहीं दिया जाएगा। वहीं डोर टू डोर कूड़ा एकत्रीकरण की नई मासिक दरें भी तय की गईं। जिनमें प्रति घर 100 रुपए, सरकारी आवास 150 रुपए, होटल दस कमरों से अधिक 1000रुपए, होटल दस कमरों से कम 700 रुपए, होम स्टे 300, ढाबा 300 रुपए, मटन, चिकन शॉप 500रुपए, जनरल शॉप 300 रुपए, मैकेनिक 700 रुपए, वेल्डर 500 रुपए, बेकर 300 रुपए, बार्बर 200 रुपए और बबलू शॉप 1000 रुपए प्रति माह शुल्क तय किया गया। काजा और ताबो में हाई मास्क लाइट लगाई जाएंगी इसके साथ ही इन दोनों जगह में नए सेल्फी प्वाइंट विकसित किए जाएंगे। कैबिनेट मंत्री डा राम लाल मारकण्डा ने एसडीएम को आदेश दिए कि दोनों ही स्थानों में सेल्फी प्वाइंट के लिए मौके का दौरा करके स्थान चिन्हित करें। ताबो में त्योंते से टोजन तक बनने वाली नाली के कार्य के लिए दो लाख रुपए की राशि जारी करने का प्रावधान किया गया। बैठक में एडीएम मोहन दत्त शर्मा, एसडीएम महेंद्र प्रताप सिंह, एआरओ पदमा दोरजे, बीडीओ कार्यकारी टशी डोलकर, एक्सईएन विद्युत मनीष आर्य, बीएमओ तेंजिन नोरबू, एक्स इन जल शक्ति मिशन मनोज नेगी, एक्सईएन लोक निर्माण विभाग टशी ज्ञामचो, साडा सदस्य नोरबू बोध, तंदूप फूंचोक काजा, ताबो से तांपा ज्ञालसायन, तनु बोध, तंदुप फूचोक सहित अन्य लोग मौजूद रहें।
केलांग : (आत्मा) परियोजना, केलांग द्वारा सूभाष पालेकर प्राकृतिक खेती पर आधारित ज़िला स्तरीय कृषक भ्रमण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस भ्रमण कार्यक्रम में ग्राम पंचायत मूरिंग के 10 किसानों ने भाग लिया तथा गाँव कुकुमसेरी में आंगमो के खेत में विभाग द्वारा प्राकृतिक खेती पर आधारित प्रदर्शन शिविर में प्राकृतिक कृषि की विधियों व परिणामों का अवलोकन किया गया। सहायक तकनीकी प्रबन्धक ज्योति जस्पा ने बताया कि इस भ्रमण का मुख्य उद्देश्य ज़िला के किसानों को प्राकृतिक खेती को व्यावहारिक रूप में समझने तथा अपनाने हेतु जागरुक करना है। भ्रमण में किसानों को, प्राकृतिक खेती करने वाले उत्तम किसानों के खेत में लगे हुए फसलों का प्रदर्शन करवाया जाता है। कृषि विभाग (आत्मा) हिमाचल प्रदेश द्वारा किसानों को ज़िला स्तर, राज्य स्तर पर प्राकृतिक खेती पर आधारित कृषक भ्रमण तथा कृषक प्रशिक्षण का भी समय-समय पर आयोजन किया जाता है। ज्योति ने बताया कि लाहौल स्पीति जहाँ आलू, मटर, गोभी के उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है, वहीं अब लाहौल के किसान, सुभाष पालेकर प्राकृतिक कृषि की ओर अग्रसर होकर, प्राकृतिक विधियों द्वारा सब्जियों का उत्पादन कर अच्छा मुनाफ़ा कमा रहे हैं। उन्होंने जानकारी दी कि कृषि विभाग की प्राकृतिक कृषि से संबंधित प्रशिक्षण शिविर लगाने के पश्चात किसान सरकार द्वारा ड्रम, देसी गाय खरीदने व गौशाला बनाने के लिए दिये जा रहे अनुदान का लाभ उठाकर वे प्राक्रतिक विधि से बीजोपचार, गौमूत्र एवं गोबर द्वारा जीवामृत, घनजीवामृत, बीजामृत बनाकर कृषि लागत को कम तथा गुणवत्ता को बढ़ाकर अधिक लाभदायी बना रहे हैं।
लाहौल स्पीति के पूर्व विधायक रवि ठाकुर ने एक बार फिर भाजपा विधायक एवं कैबिनेट मंत्री डॉ रामलाल मारकंडे की दिक्कतें बढ़ा डाली हैं। उन्होंने मीडिया को जारी अपने बयान में कहा है कि प्रदेश भाजपा सरकार के 4 साल पूरे हो रहे है लेकिन विधानसभा चुनावों के समय स्थानीय विधायक डॉ रामलाल मारकंडे द्वारा जारी किया गया दृष्टि पत्र यानी चुनावी घोषणा पत्र में जो वादे क्षेत्र की जनता के साथ किए गए थे, वह आज तक पूरे नहीं किए गए हैं। लाहुल स्पीति के पूर्व विधायक रवि ठाकुर ने कहा है कि घोषणा पत्र में सबसे पहले जिकर किया था कि लाहौल स्पीति की स्वास्थ्य सुविधाएं सुधार किया जाएगा और स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ सभी विभागों में रिक्त चल रहे कर्मियों के पदों को भरेंगे लेकिन ऐसा न हो सका और लाहुल में स्वास्थ्य सुविधाएं बद से बदतर होती चली गई। आज हालात ऐसे हैं कि लाहुल स्पीति युवा कांग्रेस जहां डॉक्टरों की कमी व स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव को लेकर लाहुल में प्रदर्शन व भूख हड़ताल कर रही है, वहीं सरकार व स्थानीय विधायक इस समस्या को लगातार नजरअंदाज कर रहे हैं। रवि ठाकुर ने कहा है कि वह विकास की कदर करते हैं, अगर घाटी में विकास के कार्य युद्ध स्तर पर किए जाते तो वह खुद उनकी तारीफ करते हैं, लेकिन लाहौल स्पीति में विकास तो दूर जरूरतमंद लोगों की सुनवाई तक नहीं हो पा रही है। उन्होंने कहा कि वह भाजपा के मंत्री मोहदय से कहना चाहते हैं कि लोगों को गुमराह करना छोड़े और चुनावों के समय जारी किए गए दृष्टि पत्र की घोषणाओं को अमलीजामा पहनाने का प्रयास करें।
कोरोना संक्रमण के खतरे पर प्रभावी तरीके से अंकुश लगाने के मकसद से जिला प्रशासन ने ऐसे व्यक्तियों की सूची तैयार की है जिन्होंने अभी तक वैक्सीन नहीं लगवाई है। इस सूची में मजदूरों अथवा कामगारों के अलावा कुछ स्थानीय व्यक्ति भी शामिल हैं। उपायुक्त लाहौल- स्पीति नीरज कुमार ने इस तरह की सूची को पंचायत द्वारा तैयार करने के निर्देश दिए हैं ताकि वैक्सीनेशन पर पूरी तरह से फोकस किया जा सके और इस कार्य को हर हाल में सुनिश्चित बनाया जाए। उन्होंने पंचायती राज और ग्रामीण विकास विभाग को कहा है कि विभाग अपने फील्ड कर्मचारियों के माध्यम से ऐसे सभी व्यक्तियों की पहचान करें जिन्हें अभी तक वैक्सीन की डोज नहीं मिली है। उन्होंने ये भी कहा कि इस कार्य में कोई कोताही नहीं होनी चाहिए। निर्देश की अनुपालना ना होने पर संबंधित अधिकारी व कर्मचारी के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उपायुक्त ने विभिन्न विभागों के विभागीय अधिकारियों से भी उन कर्मचारियों की सूची तलब की है जो अवकाश काटने के बाद वापिस आए हैं। गौरतलब है कि उपायुक्त ने आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत एक आदेश जारी करते हुए विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि उनके अधीनस्थ जो भी कर्मचारी अवकाश से वापस आएंगे वे तभी ड्यूटी ज्वाइन करेंगे जब उनकी कोविड-19 रिपोर्ट निगेटिव होगी। उपायुक्त ने स्वास्थ्य विभाग को भी हिदायत दी है कि गैर वैक्सीनेटेड व्यक्तियों को वैक्सीन लगाने का काम विशेष कार्य योजना के तहत पूरा किया जाए। इसके अलावा टीकाकरण के लिए विशेष शिविर भी आयोजित किए जाएं। जिनमें सिसु में भी मजदूरों को कोविड वैक्सीन लगाने की व्यवस्था की जाए जहां गैर वैक्सीनेटेड लोग मौजूद हैं। आज प्रशासन द्वारा उपायुक्त के दिशा-निर्देशों के अनुरूप मास्क वितरण अभियान भी चलाया गया। इस दौरान एसडीएम प्रिया नागटा ने मास्क वितरित किए और लोगों को कोरोना संक्रमण के प्रति जागरूक भी किया। गौरतलब है कि आज घाटी में 3 स्थानों पर इसी तरह के टीकाकरण शिविर लगाए गए हैं। जिनमें मजदूरों अथवा कामगारों के अलावा 18 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों का भी टीकाकरण हुआ है। ये शिविर क्षेत्रीय अस्पताल केलांग के अलावा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र उदयपुर और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गोंदला में आयोजित किए गए। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ मदन बन्धु ने जानकारी देते हुए बताया कि 19 अगस्त को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सिसु में बिना पहचान वाले सभी मजदूरों के अलावा 18 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों को पहली और दूसरी डोज लगाई जाएगी। इसी तरह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गेमुर में भी बिना पहचान वाले सभी मजदूरों के अलावा 18 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों को पहली और दूसरी डोज दी जाएगी। आज हुए टीकाकरण में कुल 563 व्यक्तियों को वैक्सीन दी गई है।
उद्योग विभाग (रेशम अनुभाग) के रेशम उद्यमिता विकास केंद्र बालीचौकी के तत्वावधान में सोमवार को उदयपुर में एक दिवसीय रेशम जागरुकता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में तकनीकी शिक्षा, जनजातीय विकास एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ रामलाल मारकंडा ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। इस मौके पर अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि शहतूत की खेती ऐसा व्यवसाय है जिसमें शून्य लागत के साथ आमदनी के बेहतरीन अवसर जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि शीतोष्ण जलवायु में शहतूत की खेती के पहले चरण में किन्नौर में शुरुआत हो चुकी है। अब लाहौल घाटी में भी इस व्यवसाय को प्रोत्साहित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि श्रीनगर में इसे बड़े पैमाने पर अपनाया गया है और लाहौल की जलवायु भी वहां से मिलती-जुलती है। डॉ रामलाल मारकंडा ने कहा कि आने वाले कुछ वर्षों बाद करीब 37 करोड़ की इस समग्र योजना के पूरी तरह से कार्यान्वित हो जाने के बाद इस व्यवसाय को अपनाने वाले हर एक परिवार की सालाना आमदनी में कई गुणा इजाफा होगा। उन्होंने बताया कि घाटी में 25 युवतियों का समूह तैयार किया गया है जो विभिन्न पंचायतों में महिलाओं के क्लस्टर बनाएगा। रेशम उत्पादन से जुड़े महिला मंडल को 5 लाख रुपए तक की सहायता राशि सेरी कल्चर रिसोर्स सेंटर के लिए भी प्राप्त हो सकेगी। जबकि 20 हजार रुपए सीड मनी के तौर पर भी मिलेंगे। विभाग द्वारा खेती के नए तौर तरीकों को लेकर प्रशिक्षण दिया जाएगा और योजना से जुड़ी अन्य स्कीमों के लाभ भी दिये जाएंगे। उन्होंने शिविर में उपस्थित महिलाओं का आह्वान करते हुए कहा कि वे इस योजना के साथ सक्रियता के साथ जुड़ें ताकि वे आर्थिक तौर पर अपने आप को स्वाबलंबी बना सकें। उन्होंने कहा कि घाटी में शहतूत की खेती को बढ़ावा मिलने से ना केवल पर्यावरण को और संरक्षण मिलेगा बल्कि आर्थिक समृद्धि के भी नए द्वार खुलेंगे। केंद्र सरकार ने अब वन क्षेत्र में भी शहतूत के पौधारोपण की अनुमति दे दी है। लोग अपने खेतों के साथ लगती अनुपयोगी भूमि में भी शहतूत के पौधे लगा सकते हैं। उन्होंने बताया कि आने वाले समय में लाहौल घाटी में रेशम विकास से संबंधित एक केंद्र भी खोला जाएगा ताकि इस केंद्र का सीधा लाभ यहां के किसानों को मिल सके। उन्होंने इस मौके पर शिविर में उपस्थित किसानों को निशुल्क किटें भी प्रदान की। इससे पूर्व रेशम विकास प्रभाग के उपनिदेशक बलदेव चौहान ने डॉ रामलाल मारकंडा को इस मौके पर सम्मानित भी किया। शिविर के दौरान उपनिदेशक बलदेव चौहान के अलावा मंडलीय रेशम विकास अधिकारी डॉ अरविंद भारद्वाज और विजय चौधरी ने किसानों को शहतूत की खेती और रेशम उत्पादन से जुड़े विभिन्न पहलुओं की विस्तार से जानकारी दी। उप निदेशक बलदेव चौहान ने बताया कि इस महत्वकांक्षी योजना की विभिन्न स्कीमों के तहत 90 फ़ीसदी तक का अनुदान भी शामिल है। किसानों को मार्केटिंग की भी कोई कठिनाई नहीं रहेगी क्योंकि किसानों से उत्पाद विभाग सीधे तौर पर ले लेगा। इस मौके पर जनजातीय सलाहकार समिति के सदस्य शमशेर के अलावा अधिशासी अभियंता लोक निर्माण बीसी नेगी व अन्य विभागीय अधिकारी भी मौजूद रहे।
लाहौल-स्पीति : केंद्रीय जल आयोग और एनडीआरएफ की टीम ने किया चंद्रभागा नदी में हुए भूस्खलन का निरीक्षण
लाहौल घाटी में चंद्रभागा नदी में नालडा के समीप हुए भूस्खलन की जगह का केंद्रीय जल आयोग और एनडीआरफ की संयुक्त टीम ने निरीक्षण किया। इस टीम में केंद्रीय जल आयोग के निदेशक एनएन राय, केंद्रीय जल आयोग के शिमला स्थित निदेशक पीयूष रंजन, भारतीय सेना के कर्नल अरुण, सहायक आयुक्त डॉ रोहित शर्मा के अलावा एनडीआरएफ के अधिकारी भी शामिल रहे। उपायुक्त लाहौल-स्पीति नीरज कुमार ने बताया कि टीम ने शुरुआती निरीक्षण में यह पाया है कि भूस्खलन के बाद नदी में जो मलबा गिरा था उसमें से करीब 50 फ़ीसदी मलबा पानी के बहाव के साथ बह चुका है। इसके अलावा भूस्खलन वाली जगह पर मलबे का एक करीब 20 मीटर चौड़ा और 50 मीटर लंबा 'नेचुरल बेंच' बन गया है। यानी यदि पहाड़ से कोई मलबा गिरता भी है तो उसकी मात्रा कम होगी और वह इस बेंच पर बैठ जाएगा। उपायुक्त ने ये भी बताया कि भूस्खलन वाली जगह का इसरो के सेटेलाइट डाटा से भी अध्ययन किया जा रहा है। फिलहाल भूस्खलन वाली जगह पर 14 अगस्त की सेटेलाइट इमेज के तुलनात्मक अध्ययन में कोई बदलाव नजर नहीं आया है। उन्होंने बताया कि एनडीआरएफ की टीम कल फिर एक बार मौके पर जाकर जांच करेगी। उपायुक्त ने कहा कि फिलहाल खतरे की कोई आशंका नहीं है। इसके बावजूद जिला प्रशासन द्वारा एक वैकल्पिक कार्य योजना पहले से ही तैयार की गई है और इसकी ड्रिल भी की जा चुकी है। यदि परिस्थिति में कोई अचानक बदलाव आता भी है तो जिला प्रशासन इस कार्य योजना के तहत नदी के किनारे वाले रिहायशी इलाके से लोगों को सुरक्षित जगह पर योजना के अनुसार अस्थाई पुनर्वास करेगा।
स्पीति में एक नया इतिहास जुड़ गया है। पहली बार स्पीति के अंदर सबसे बड़ा तिरंगा पहाड़ पर बनाया गया है। पिछले कल यानि 15 को देश ने अपना 75वां स्वतंत्रता दिवस मनाया। लाखों प्राणों की बदले हमे ये आज़ादी मिली है। इन्हीं 75 वर्षों को यादगार बनाने के स्पीति में अलग से कुछ करने का संकल्प लिया और राष्ट्रीय तिरंगे के दो झंडे बनाए गए। ये झंडा काजा के विपरीत क्वांग गांव के स्नो स्की स्लोप पर बनवाया गया है l मुख्य रूप से इस कार्य को पूरा करने में महज सात दिन लगे l आईस हॉकी के बच्चे मुनसेलिंग स्कूल के बच्चे, आईपीएच काजा, काजा यूथ, होटल एसोसिशन काजा, तथा पीडब्ल्यूडी काजा का भरपूर योगदान रहा। इन सभी लोगो ने राष्ट्रीय झंडा तिरंगा को बनाने के लिए युद्ध सत्र पर काम किया।
स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य पर आजादी का अमृत महोत्सव 'फिट इंडिया फ्रीडम रन' को लेकर आज जिला मुख्यालय केलांग में नेहरू युवा केंद्र के तत्वावधान में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में तकनीकी शिक्षा, जनजातीय विकास एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ रामलाल मारकंडा ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। इस मौके पर अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि जब हम फिट रहेंगे तभी एक स्वस्थ परिवार और समाज का निर्माण होगा। उन्होंने कहा कि आज भारत में 65 फ़ीसदी आबादी युवाओं की है। युवा वर्ग हमारे देश का न केवल वर्तमान बल्कि भविष्य भी है। इस अवसर पर डॉ रामलाल मारकंडा ने स्वतंत्रता के महानायक रासबिहारी बोस की प्रतिमा पर माल्यार्पण करके उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। कार्यक्रम के दौरान फिट इंडिया फ्रीडम रन की शपथ दिलाई गई और राष्ट्र गान भी गया गया। जिला के करीब 80 युवाओं ने आजादी का अमृत महोत्सव फिट इंडिया फ्रीडम रन में भाग लिया और केलांग कस्बे की परिक्रमा करके सभी को स्वस्थ और फिट रहने का संदेश दिया। इस मौके पर टीएसी सदस्य नवांग उपासक के अलावा अन्य विभागों के अधिकारी भी मौजूद रहे।
किन्नौर में नेशनल हाईवे-5 पर हुए भूस्खलन में अभी तक राहत एवं बचाव कार्य चल रहा है। इसी दौरान लाहौल में पहाड़ टूटने की खबर से हड़कंप मच गया है। लाहौल में पहाड़ टूटने के कारण नाले का पानी रुक गया है, इससे आसपास के गांव को खतरा पैदा हो गया है। लाहौल के जसरथ, ताडंग, हालिंग गांव को खतरा ज्यादा है। माना जा रहा है कि अगर यह बहाव अचानक टूट गया तो करीब एक दर्जन गांव सहित कई पुल बह सकते हैं। पुलिस अधीक्षक लाहौल-स्पीति मानव वर्मा ने घाटी के सभी प्रधानों से ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर जाने को कहा है। बता दें कि लाहौल के जुंडा नाले के सामने नालड़ा पहाड़ के धंसने से चंद्रभाग नदी का बहाव रूक गया है। जिसके कारण गांव को खतरा बढ़ गया है। पूरी नदी बांध का रूप ले चुकी है।
लाहौल के मयाड़ घाटी जैसे दुर्गम इलाके में सरकारी स्कूल में पढ़ाई करके सोनम अंगमो ने देश की प्रतिष्ठित जेईई मेंस की परीक्षा में 98.2 अंक हासिल कर सबको चोंका दिया है। मूलभूत सुविधाओं के अभाव के बीच यह कामयाबी बच्चों के लिए किसी प्रेरणा से कम नही है। माता पदमा देचीन व पिता नोरबू अपनी बेटी की कामयाबी से बहुत खुश हैं। बेटी ने लाहौल का नाम देशभर में ऊंचा किया है। मयाड़ के छालिंग गांव की इस बेटी की कामयाबी से समस्त लाहौल में खुशी का माहौल है। इससे पहले आईआईटी मेंस की परीक्षा में लाहौल के गौशाल गांव का तरुण भी कमाल दिखा चुका है। माता लीना कुमारी व पिता राजेश कुमार अपने बेटे की कामयाबी से खुश हैं। अखिल भारतीय जेईई मेन्स परीक्षा में तरुण ने 97.90 प्रतिशत अंक प्राप्त किया है। लाहौल के इन दोनों विद्यार्थियों सोनम आँगमो और तरुण कुमार ने अक्टूबर 2021 के दौरान आयोजित होने वाली जेईई एडवांस परीक्षा के लिए जगह बना ली है। जेईई मुख्य परीक्षा में रैंकिंग के अनुसार, एनआईआईटी या अन्य प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश मिलेगा। तरुण कुमार ने नारायण पब्लिक स्कूल कोलकाता से 10वीं और पैरामाउंट कॉन्वेंट स्कूल, नारायणगढ़, हरियाणा से 12वीं की है। जबकि मयाड़ घाटी की बेटी दुर्गम इलाके में सरकारी स्कूल में पढ़ी है।
उपायुक्त लाहौल- स्पिति नीरज कुमार ने मंगलवार को बाढ़ और भारी बारिश से प्रभावित उदयपुर क्षेत्र का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने प्रभावित लोगों से मुलाकात भी की और उनकी समस्याओं को सुना। उपायुक्त चोखंग, नैनगार, छोगजिंग भी गए और उन्होंने ना केवल नुकसान का जायजा लिया बल्कि भारी बारिश और बाढ़ से हुए नुकसान के बाद की बनी परिस्थितियों से भी रूबरू हुए। उपायुक्त ने कहा कि चांगुट और करपट में रेस्क्यू शेल्टर का निर्माण किया जाएगा ताकि इस तरह की प्राकृतिक आपदा के समय लोगों को सुरक्षित शरण्य स्थल उपलब्ध हो सके। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को हिदायत देते हुए कहा कि इस दिशा में जल्द कदम उठाए जाएं। उपायुक्त ग्राम पंचायत तिंगरिट के तहत चांगुट और चिमरिट ग्राम पंचायत के करपट भी गए। उपायुक्त ने प्रभावित परिवारों को भरोसा देते हुए कहा कि जिला प्रशासन उनकी हर संभव मदद करने के लिए तत्पर है। लोक निर्माण विभाग, जल शक्ति विभाग, कृषि विभाग और बागवानी विभाग के अलावा बिजली बोर्ड को भी सभी आवश्यक दिशा- निर्देश इस संबंध में दिए जा चुके हैं। उपायुक्त ने मड़ग्रां, जाहलमा और शांशा में सड़क बहाली के कार्य की प्रगति का भी जायजा लिया। इस मौके पर उनके साथ एसडीएम उदयपुर राजकुमार ठाकुर के अलावा अन्य विभागीय अधिकारी भी मौजूद रहे।
वनों का आदिवासी समाजों के जीवन में बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है। पर्यावरण में हो रहे बदलावों के चलते वैज्ञानिक अध्ययन के आधार पर पौधरोपण करने की आवश्यकता है। यह बात आज विश्व आदिवासी दिवस के उपलक्ष्य पर लाहौल में वैज्ञानिक आधार पर भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) द्वारा शाशूर में आयोजित पौधरोपण अभियान के अवसर पर उपायुक्त नीरज कुमार ने कही। उन्होंने कहा कि लाहौल में जिस प्रकार से जलवायु में बदलाव हो रहे हैं उसके चलते यहां पर वैज्ञानिक विधि के अनुसार पौधरोपण की महती आवश्यकता है। नदी और नालों के साथ पड़ने वाले कैचमेंट एरिया में पौधे लगाने का कार्य किया जाएगा ताकि नालों में जलप्लावन की स्थिति से होने वाले नुकसान को रोका जा सके। वृक्षारोपण से काफ़ी हद तक तेज़ पानी का वेग नियंत्रण में रहता है। हाल ही में लाहौल में अतिवर्षा के कारण आई प्राकृतिक आपदा की स्थिति में नदी नालों के साथ वृक्ष लगाकर काफ़ी हद तक नुकसान होने से रोका जा सकता है। साथ ही साथ पिघलते ग्लेशियरों की तेज़ गति को कम किया जा सकता है क्योंकि प्रचुर मात्रा में हिमपात होने से ग्लेशियरों में साल भर बर्फ़ रहती है जो कि सन्तुलित मात्रा में हमें जल की आपूर्ति करती रहती है। उपायुक्त ने शाशूर गोम्पा के पास देवदार का पौधा रोपकर इस अभियान का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि 9 अगस्त को पूरे विश्व में आदिवासी दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष इसे 'लीविंग नो वन बिहाइंड' सूत्रवाक्य के साथ मनाया जा रहा है। इस अवसर पर आईसीएमआर की वैज्ञानिक डॉ तनुजा मिश्रा, मैडिकल ऑफ़िसर डॉ राहुल, वन विभाग के अजय कुमार सहित आईसीएमआर के स्टाफ़ सदस्य उपस्थित रहे।
हिमाचल प्रदेश सरकार की लोक कल्याणकारी नीतियों के बारे सहायक लोक संपर्क कार्यालय काजा की ओर से सोमवार को काजा, रंगरिक, खुरिक गांव में जागरूकता अभियान चलाया गया। इस दौरान प्रदेश सरकार की उपलब्धियों के बारे में लोगों को जागरूक किया गया। इसके साथ ही प्रचार प्रसार सामग्री भी लोगों में वितरित की गई। सहायक लोक संपर्क अधिकारी अजय बन्याल ने बताया कि लोगों को प्रदेश सरकार की ओर से चलाई जा रही योजनाओं के बारे जागरूक किया गया। प्रदेश सरकार ने अनेकों योजनाएं लोगों के हितों के लिए चलाई है। इस योजनाओं से लोगों को काफी लाभ हो रहा है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नेतृत्व में प्रदेश में वृद्धा पेंशन योजना, सामाजिक सुरक्षा पेंशन, मुख्यमंत्री गृहिणी सुविधा योजना, मुख्यमंत्री आवास योजना, हिम केयर योजना, जनमंच कार्यक्रम, प्राकृतिक खेती-खुशहाल किसान योजना, सहारा योजना, मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना, मुख्यमंत्री कन्यादान योजना, जल से कृषि को बल, मोक्ष धाम योजना, सौर सिंचाई योजना आदि योजनाओं के बारे में बताया गया। स्थानीय लोगों ने प्रदेश सरकार की योजनाओं की जमकर सहराना की।
ज़िला लाहौल स्पीति में सड़क हादसों का एक बड़ा कारण तेज रफ्तार व तेज गति से वाहन चलाना है। जिला में मनाली-लेह हाईवे पर तेज रफ्तार और तेज गति से वाहन चलाने के कारण वाहन विशेषकर ट्रकों के दुर्घटनाग्रस्त होने की कई घटनाएं देखी गई हैं। रैश ड्राइविंग और ओवर स्पीडिंग पर नजर रखने के लिए तादीं के पास लाहौल स्पीति पुलिस ने डॉपलर रडार के साथ नाका लगा दिया है। नाके के दौरान वाहनों की गति पर पुलिस आधुनिक उपकरणों से नजर बनाए हुए हैं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि लाहौल में बढ़ रही सड़क दुर्घटनाओं को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया गया है।
विश्व प्रसिद्ध अटल टनल रोहतांग के बाद अब एक और कीर्तिमान सीमा सड़क संगठन रचेगा। दुनिया की सबसे ऊंची सुरंग 15 हजार फुट की ऊंचाई में अब श्रृंकुला दर्रे में बनेगी। जो सवा चार किलोमीटर लंबी होगी तथा इसके बन जाने से मनाली से लेह की दूरी 104 किलोमीटर घटेगी, वहीं दर्रे का सफर डेढ घण्टे कम होगा। यह जानकारी बीआरओ के अटल टनल रोहतांग के मुख्य अभियंता इंजीनियर वीके सिंह ने दी है। उन्होंने कहा है कि यह सुरंग तीन वर्षों में बन कर तैयार होगी। उन्होंने बताया कि अटल टनल का मुख्यालय धुंधी में है। वह अब लाहुल के जिस्पा में बीआरओ के 70 आरसीसी के डेट के बगल में ही खुलेगा, जिसके लिए जगह चिन्हित हो गई है। कुछ ही दिनों में धुंधी की भांति अस्थाई शेड बनने का कार्य शुरू होगा और अक्तूबर माह तक कार्यलय जिस्पा शिफ्ट हो जाएगा।उन्होंने आगे बताया कि बरालचला 14 किलोमीटर, तंगलंगला 8 किलोमीटर तथा लाचुंगला 12 किलोमीटर सुरंगों का डीपीआर भी प्रगति पर है जिसे बीआरओ के इसी परियोजना की देखरेख में बनाया जाएगा। मुख्य अभियंता ने कहा कि सामरिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण इन सुरंगों के बन जाने से जहां राष्ट्र की सरहदों में सेना की सहूलियतें बहुत बढ़ेगी, वहीं लाहौल, जांस्कर तथा लेह-लदाख की सुंदरता का दीदार भी लोग करेंगे।
लाहौल-स्पीति के तोजिंग नाला में आई बाढ़ में बहे बीआरओ के जेई का शव नौ दिन बाद बरामद कर लिया गया है। पुलिस और सेना के खोजी कुत्तों की मदद से तोजिंग नाला में चिनाव नदी के किनारे जेई का शव मिला है। चाचा ने मृतक की पहचान की है। दो लोग अभी भी लापता हैं। लापता लोगों को खोजी कुत्तों की मदद से तलाश किया जा रहा है। दूसरी ओर ब्रह्मगंगा नाले में बाढ़ में बहे चार लोगों का अभी कोई पता नहीं चल सका है। उधर, ब्रह्मगंगा में लापता लोगों का पता लगाने के लिए गुरुवार को रेस्क्यू टीम और परिजन डटे रहे। पुलिस अधीक्षक गुरदेव शर्मा ने कहा कि लापता लोगों की तलाश जारी है।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आज विधानसभा सदन में जारी वक्तव्य में कहा कि राज्य में मॉनसून के दौरान लाहौल घाटी से हुई भारी वर्षा से जान व माल की भारी क्षति हुई है। उन्होंने सदन को बताया कि लाहौल घाटी में फंसे 372 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया है। जिसमें पर्यटक भी शामिल है। वहीं एक बीमार महिला सहित 19 लोगों को हैलीकाप्टर से निकाला गया है। अब घाटी में कोई भी नहीं है। उन्होंने कहा कि बीआरओ, लोक निर्माण विभाग और जल शक्ति विभाग को तुरंत प्रभाव से राहत कार्यों के आदेश दे दिए है। इस समय घाटी में मुख्य मार्गों में केवल तांदी-संसारीनाला सड़क अवरूद्ध है। लाहौल घाटी के लिए तुरंत आपदा प्रबंधन राशि में से 10 करोड़ राहत राशि प्रदान की गई है। सड़कों के बंद होने के कारण किसानों की नगदी फसलों को मंडियों तक पहुंचाने के लिए समस्या आ रही है। इसके दृष्टिगत पिकअप का प्रावधान किया गया है जिसका किराया मात्र 2500 से 3000 रुपये होगा। यह सुविधा घाटी में सड़क सुविधा सुचारू होने तक जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि किरलिंग व हवाई मोड नजदीक गांव कुकुमसेरी में भूस्खलन हुआ है। जाहलमा नाला, साक्स नाला, चांगुट व उरगोश नाला और दारचा-शिंकुला संड़क पर दो नालों में भारी बाढ़ आई है। जिससे सड़कों, पुलों, पेयजल व सिंचाई योजनाओं को भारी नुकसान हुआ है। इसी तरह तोजिंग नाला में भारी बाढ़ आने से सात लोगों की मौत हो गई जबकि तीन अभी भी लापता है और दो घायलों को सुरक्षित बचा लिया गया है। जयराम ठाकुर ने कहा कि जिला में 8 सड़कों एवं पुलों को तथा 10 नये जल योजनाओं व 35 बहाव सिंचाई योजनाओं को भारी क्षति हुई है। लोगों की जमीन भी बह गई है तथा कृषि एवं बागवानी उत्पाद जिसमें मुख्यतः नकदी फसलें मटर, आइस बर्ग, फूल गोभी, बंद गोभी, जावटी फूल इत्यादि है को भारी नुकसान हुआ है। ऐसी स्थिति में जनजातीय विकास मंत्री वहीं पर पहले से ही स्थानीय प्रशासन व स्थानीय लोगों को राहत कार्यो का संचालन कर रहे है। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों मैने भी नुकसान का जायजा लिया।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने गत सायं जिला मुख्यालय में लाहौल स्पीति के जिला स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित की। उन्होंने अधिकारियों को प्रदेश सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने लोक निर्माण विभाग, जल शक्ति विभाग, हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड, कृषि एवं बागवानी विभाग से बाढ़ से हुए नुकसान की विस्तृत रिपोर्ट मांगी। उन्होंने वर्ष भर पेयजल आपूर्ति उपलब्ध करवाने के लिए आधुनिक वैज्ञानिक अध्ययनों पर आधारित समग्र एवं सतत् योजना तैयार करने के जल शक्ति विभाग को निर्देश दिए। जयराम ठाकुर ने कहा कि अटल टनल रोहतांग के माध्यम से भूमिगत बिजली आपूर्ति केबल बिछाने के संबंध में सीमा सड़क संगठन से लंबित स्वीकृति संबंधी मामले पर चर्चा केे लिए जल्द ही बैठक आयोजित की जाएगी। उन्होंने कहा कि यह अति आवश्यक है क्योंकि थिरोट पावर हाउस ही बिजली का एकमात्र स्रोत है। स्पीति उपमंडल में हुई क्षति के संबंध में रिपोर्ट तैयार करने के भी निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने बीआरओ कमांडेंट को उदयपुर क्षेत्र में मुख्य सड़क के जीर्णोद्धार के लिए समय सीमा सुनिश्चित करने को भी कहा। जनजातीय विकास मंत्री डाॅ.राम लाल मारकंडा ने मुख्यमंत्री को सम्पर्क सड़क की समस्या से नकदी फसलों को हुए नुकसान से अवगत कराया। इस अवसर पर उपायुक्त नीरज कुमार सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे। इसके उपरान्त मुख्यमंत्री ने प्रातः थिरोट तक बाढ़ से हुई क्षति का जायजा लेने के लिए थिरोट तक हवाई सर्वेक्षण किया।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने प्रदेश के नए हेलीकाॅप्टर को लाहौल घाटी में फंसे लोगों को राहत प्रदान करने के लिए तैनात किया है। मुख्यमंत्री ने बाढ़ से पांच दिनों तक सड़क मार्ग बंद होने के कारण लाहौल घाटी में फंसे स्थानीय लोगों और पर्यटकों को सुरक्षित निकालने के लिए अधिकारियों को घाटी में हेलीकाॅप्टर तैनात करने के निर्देश दिए। इस प्रकार प्रदेश के नए हेलीकाॅप्टर की पहली सेवाएं परोपकारी कार्यों के लिए ली जा रही हैं। हेलीकाॅप्टर की दिन भर की उड़ानों से तांदी में फंसे सभी लोगों को कुल्लू पहुंचाया जाएगा। कुल्लू से यह लोग सार्वजनिक परिवहन द्वारा अपने-अपने गंतव्य तक पहुंचाए जाएंगे।
लोकसभा उपचुनाव की निर्वाचन प्रक्रिया को लेकर जिला निर्वाचन अधिकारी एवं उपायुक्त नीरज कुमार ने विभिन्न समितियों और टीमों के गठन के आदेश जारी कर दिए हैं। जिनमें वीडियो सर्विलेंस टीम, वीडियो व्युइंग टीम, अकाउंटिंग टीम, एक्सपेंडिचर मॉनिटरिंग कंट्रोल रूम, फ्लाइंग स्क्वाड, स्टेटिक सर्विलांस टीम समेत अन्य टीमें और समितियां शामिल हैं। जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन से जुड़े मामलों के लिए भी एक स्थाई समिति का गठन जिला स्तर पर किया गया है। जिला निर्वाचन अधिकारी एवं उपायुक्त इस समिति के अध्यक्ष होंगे। जबकि पुलिस अधीक्षक, एसडीएम उदयपुर व केलांग, लाहौल स्पीति जिला में राजनीतिक दलों के अध्यक्ष अथवा सचिव, चुनाव में हिस्सा लेने वाले सभी प्रत्याशी और जिला लोक संपर्क अधिकारी इसके सदस्य रहेंगे। मीडिया प्रमाणन एवं निगरानी समिति के अध्यक्ष भी जिला निर्वाचन अधिकारी एवं उपायुक्त रहेंगे। जबकि जिला लोक संपर्क अधिकारी, प्रधानाचार्य केंद्रीय विद्यालय केलांग और आकाशवाणी के केलांग स्थित संवाददाता सदस्य के तौर पर शामिल किए गए हैं। स्वीप ( सिस्टेमैटिक वोटर्स एजुकेशन एंड इलेक्टोरल पार्टिसिपेशन प्रोग्राम) से जुड़ी गतिविधियों के संचालन के लिए भी जिला स्तर पर कोर कमेटी गठित की गई है। जिला निर्वाचन अधिकारी एवं उपायुक्त की अध्यक्षता वाली इस कमेटी में सदस्य के तौर पर एसडीएम, जिला लोक संपर्क अधिकारी, शिक्षा उपनिदेशक, सहायक लोक संपर्क अधिकारी और नेहरू युवा केंद्र के जिला युवा समन्वयक शामिल रहेंगे। स्पीति क्षेत्र के लिए भी अलग से कमेटी गठित की गई है। इसके अध्यक्ष अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी होंगे। एसडीएम, सहायक लोक संपर्क अधिकारी, शिक्षा उपनिदेशक और यूथ ऑर्गेनाइजर इसके सदस्य रहेंगे।
प्रदेश में बीते दिन हुई बारिश ने हिमाचल में भारी कोहराम मचाया है। भारी बारिश के कारण हिमाचल में पांच पुल टूटे व 400 सड़कें बंद है। वंही, लाहौल-स्पीति के तोजिंग नाले की बाढ़ ने मंडी के भमसोई गांव को कभी न भूलने वाले जख्म दिए हैं। बाढ़ की चपेट में आने से इस गांव के चार लोग काल का ग्रास बने हैं। हादसे की सूचना के बाद पूरे गांव में मातम पसर गया। कई घरों में बुधवार को दिन भर चूल्हा नहीं जला। वीरवार को एक ही गांव से चार अर्थियां उठेंगी। नाले में बही जीप में मंडी जिले के भमसोई और न्योलीधार के सात लोग ठेकेदार के माध्यम से पांगी में रोप-वे का निर्माण कार्य करने जा रहे थे। जीप में भमसोई गांव के छह और पनारसा के न्योलीधार का एक व्यक्ति सवार था। मंगलवार दोपहर बाद सातों ने अपने अपने घरों से पांगी का रुख किया और बुधवार सुबह तोजिंग नाले के पास हादसा हो गया। मृतक निरत राम अपने पीछे पत्नी लता देवी और एक बेटा व तीन बेटियां छोड़ गया है। परिवार में निरत राम ही कमाने वाला था। शेर सिंह के परिवार में पत्नी बिमला देवी और दो बेटे, रूम सिंह के परिवार में पत्नी व एक बेटा और एक बेटी हैं और मेहर चंद अपने पीछे पत्नी और बेटी छोड़ गया है। भमसोई गांव के देसराज और तेजराम के अलावा होतम राम हादसे में बाल-बाल बचा है। बुधवार को जैसे ही सूचना मिली पूरे गांव में हड़कंप मच गया। प्रभावित परिवार फोन पर एक अपनों का हाल जानने में जुट गए। चारों मृतकों का अंतिम संस्कार पैतृक गांव भमसोई के श्मशानघाट में होगा।
रात को मनाली-लेह सड़क मार्ग पर होने वाला यातायात भी रहेगा बंद : मंगलवार दोपहर बाद हुई भारी बारिश के चलते लाहौल-स्पीति जिला प्रशासन ने एक एडवाइजरी जारी की है। उपायुक्त लाहौल-स्पीति नीरज कुमार ने कहा कि बारिश की वजह से उदयपुर से लेकर पांगी और काजा से केलांग के बीच भी बरसाती नालों में उफान से सड़क जगह-जगह बाधित हुई हैं। उन्होंने कहा कि फिलहाल सड़क बहाली तक पर्यटकों के अलावा अन्य सभी लोग पूरी एहतियात बरतें और सफर ना करें। बीआरओ सड़क की बहाली में जुट गया है। उन्होंने कहा कि रात को मनाली-लेह सड़क मार्ग पर भी यातायात बंद रहेगा। उपायुक्त ने बताया कि लेह प्रशासन से भी इस सम्बंध में सूचना प्राप्त हुई है। लिहाजा पर्यटक और अन्य लोग सावधानी बरतें और सड़क बहाल होने के बाद ही आगे का सफर जारी करें।
केलांग : उपायुक्त लाहौल- स्पीति नीरज कुमार ने रविवार को चंद्रताल झील का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने चंद्रताल झील का भ्रमण करने आए पर्यटकों को कोरोना वायरस के प्रति सचेत रहने की सलाह भी दी। उन्होंने कहा कि पर्यटक मास्क का प्रयोग अवश्य करें। कोरोना वायरस का खतरा अभी पूरी तरह से दूर नहीं हुआ है। ऐसे में इसको लेकर कोई भी कोताही नहीं बरती जानी चाहिए। अभी भी हमें विशेष तौर से सार्वजनिक जगहों पर कोविड सम्मत व्यवहार हमेशा सुनिश्चित करना चाहिए। उन्होंने स्थानीय पुलिस प्रशासन को भी निर्देश दिए कि मास्क का उपयोग नहीं करने वालों के बाकायदा चालान भी किए जाएं। उपायुक्त ने कहा कि कोरोना वायरस का संक्रमण कहीं भी हो सकता है। यदि लोग बड़ी संख्या में बिना मास्क पहने घूमेंगे तो ऐसी परिस्थितियों में संक्रमण का खतरा पूरी तरह से बरकरार रहता है। उन्होंने कहा कि पर्यटक बेशक लाहौल- स्पीति की खूबसूरत वादियों का भ्रमण करके लुत्फ लें लेकिन कोरोना वायरस की एहतियात को भी अवश्य अपनाएं।
उपायुक्त लाहौल- स्पीति नीरज कुमार ने कहा कि 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' व्यवस्था पूरी तरह से नागरिक केंद्रित है। इस व्यवस्था के लागू होने से लोगों को अब अपने विभिन्न तरह के कार्य करवाने या अनुमति लेने के लिए कार्यालयों में नहीं जाना पड़ता है। उपायुक्त आज ईज ऑफ डूइंग बिजनेस व्यवस्था के लिए नोडल विभाग के तौर पर कार्य कर रहे उद्योग विभाग के तत्वावधान में 'ईज ऑफ़ डूइंग बिज़नेस के तहत हुए सुधारों' पर आधारित एक दिवसीय कार्यशाला के आयोजन अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करते हुए बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने भी सुगम हिमाचल- उन्नत हिमाचल के मूल मंत्र के साथ ईज ऑफ डूइंग बिजनेस व्यवस्था को शुरू किया है। राज्य सरकार ने इस व्यवस्था के तहत विभिन्न विभागों में कई तरह की पहल शुरू की हैं। उद्योग विभाग में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम में सेल्फ सर्टिफिकेशन की शुरुआत की जा चुकी है। इसके अलावा सात विभिन्न अधिनियमों में भी स्वतः पंजीकरण की व्यवस्था मौजूद है। उपायुक्त ने ये भी बताया कि ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की ऑल इंडिया रैंकिंग में हिमाचल प्रदेश वर्ष 2015 में 17वें स्थान पर था। लेकिन 2019 में हिमाचल प्रदेश की यह रैंकिंग अब 7वें स्थान पर आ चुकी है। इससे जाहिर होता है कि ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की इस व्यवस्था से लोगों को लाभ मिल रहा है और विभाग भी इस दिशा में तत्परता के साथ कार्य कर रहे हैं। हिमाचल प्रदेश निवेशक मित्र राज्य के तौर पर भी उभर रहा है। इससे पूर्व उद्योग विभाग के उप निदेशक संजय शर्मा ने कार्यशाला में भाग लेने वाले विभिन्न विभागों के अधिकारियों और उद्यमियों को ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के बारे में पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि ईज ऑफ़ डूइंग बिज़नेस में केवल मात्र उद्योग विभाग के कार्यकलापों को ही शामिल नहीं किया गया है बल्कि विभागों की विभिन्न सेवाओं को भी इस दायरे में लाया गया है। इस मौके पर महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र नितिन शर्मा, अधिशासी अभियंता जल शक्ति विनोद धीमान, जिला कृषि अधिकारी डॉ चौधरी राम, पुलिस उपअधीक्षक हेमंत ठाकुर समेत अन्य विभागीय अधिकारी भी मौजूद रहे।
लाहौल- स्पीति के उपायुक्त नीरज कुमार ने कहा कि हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान पालमपुर की भूमिका लाहौल-स्पीति के संदर्भ में भी अहम साबित हो सकती है। उन्होंने कहा कि हिमालय जैव संपदा प्रौद्योगिकी संस्थान द्वारा विकसित 100 से ज्यादा विभिन्न तकनीकों और सेवाओं की उपलब्धता और हस्तांतरण से ये साबित होता है कि संस्थान अपने कार्यकलापों को लेकर तत्पर और गंभीर प्रयास कर रहा है। जिसके कई परिणाम भी सामने हैं। उपायुक्त ने कहा कि लाहौल- स्पीति में उच्च गुणवत्ता के हींग के उत्पादन को लेकर जो पहल हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान द्वारा की जा रही है उसके आने वाले समय में बहुत ही सकारात्मक नतीजे सामने आएंगे। हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान के वैज्ञानिक डॉ अमित चावला ने उपायुक्त को बताया कि संस्थान द्वारा एथ्निक फूड के तौर पर कांगड़ी धाम के अलावा हर्बल साबुन, हाई एनर्जी चॉकलेट बार और शिटाके मशरूम के उत्पादन की तकनीक भी विकसित की गई है। टिन पैकेजिंग में कांगड़ी धाम, हर्बल साबुन और चॉकलेट बार के उत्पाद उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि संस्थान ने जो तकनीक विकसित की है उसके माध्यम से 3 महीने के भीतर शिटाके मशरूम तैयार किया जा सकेगा। इस मौके पर उनके साथ हिमालय जलसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान के प्रशासनिक अधिकारी अमरजीत भी मौजूद रहे।
हिमाचल प्रदेश के जनजातीय जिला लाहौल- स्पीति स्थित चंद्रताल झील में डूबे युवक के मृत शरीर को खोजी दल द्वारा बरामद कर लिया गया है। लाहौल-स्पीति के उपायुक्त नीरज कुमार ने बताया कि खोजी दल द्वारा मृत शरीर को निकाल लिया गया है और उसे पोस्टमार्टम के लिए काजा भेजा जा रहा है। उपायुक्त ने चंद्रताल झील की ओर जाने वाले पर्यटकों से आग्रह किया है कि वे झील के समीप पहुंचने के बाद अपनी सुरक्षा को लेकर पूरी एहतियात अवश्य बरतें। उपायुक्त ने यह भी कहा कि चूंकि बरसात का मौसम जारी है, ऐसे में तेज बारिश होने की सूरत में पर्यटक सावधानी बरतते हुए अनावश्यक ऐसी जगहों का रुख ना करें जहां उनकी सुरक्षा के लिए खतरा हो सकता है।
हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर में मार्च 2021 में मंडी, कुल्लू और लाहौल- स्पीति जिलों के नवयुवकों के लिए आयोजित की गई खुली भर्ती में सफल उम्मीदवारों की लिखित परीक्षा 25 जुलाई को बल्लभ राजकीय कॉलेज मंडी में हो रही है। सेना भर्ती निदेशक मंडी, कर्नल एम राजा राजन ने जानकारी देते हुए बताया कि जिन उम्मीदवारों ने लिखित परीक्षा के लिए अपने एडमिट कार्ड अभी तक प्राप्त नहीं किए हैं वे मंडी स्थित कार्यालय से इन्हें जल्द प्राप्त कर लें। उन्होंने कहा कि बिना एडमिट कार्ड के उम्मीदवारों को लिखित परीक्षा में नहीं बैठने दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि लिखित परीक्षा में भाग लेने वाले सभी उम्मीदवारों को बल्लभ राजकीय कॉलेज मंडी में 25 जुलाई को सुबह 5 बजे अपने एडमिट कार्ड और दो पासपोर्ट साइज फोटो के साथ पहुंचना होगा।
तकनीकी शिक्षा, जनजातीय विकास एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ रामलाल मारकंडा 23 जुलाई को परियोजना सलाहकार समिति की बैठक की अध्यक्षता करेंगे। यह बैठक उपायुक्त कार्यालय सभागार में आयोजित होगी। डॉ राम लाल मारकंडा इसके अलावा विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण की बैठक भी करेंगे। वे 24 और 25 जुलाई को उदयपुर में जन समस्याओं को भी सुनेंगे। 24 जुलाई को वे उदयपुर से वापिस रवाना होंगे।
केलांग : जैव विविधता के संरक्षण, आजीविका में विविधता लाने, वन्यजीव अपराध को रोकने और वनों के प्रति ज्ञान को विस्तार देने पर आधारित लक्ष्यों को लेकर तैयार सिक्योर हिमालय परियोजना के जरिए जनजातीय लाहौल वन मंडल में ग्रामीणों की वनों पर निर्भरता को कम करके वनों के संरक्षण के साथ लोगों की आर्थिकी को सुदृढ़ किए जाने की कवायद शुरू की जा चुकी है। सिक्योर हिमालय परियोजना के इस चरण में लाहौल घाटी के मयाड़, तिन्दी और उदयपुर क्षेत्रों को चयनित किया गया है। उपायुक्त लाहौल- स्पीति नीरज कुमार ने बताया कि प्रदेश के वन विभाग द्वारा इस परियोजना का कार्यान्वयन हाई रेंज हिमालयन इको सिस्टम के संपोषणीय उपयोग एवं पुनः स्थापन के अलावा स्थानीय स्तर पर लोगों की आजीविका को सुरक्षित रखते हुए वन संरक्षण को सुनिश्चित करने के मकसद से किया जा रहा है। इस परियोजना को पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय और यूएनडीपी की ग्लोबल एनवायरमेंट फैसिलिटी (जीईएफ) के सहयोग से पूरा किया जाएगा। इससे जहां एक ओर चयनित क्षेत्रों के इकोसिस्टम को संरक्षित किया जा सकेगा, वहीं स्थानीय स्तर पर ग्रामीणों की आर्थिकी भी सुदृढ़ होगी। इस परियोजना की कार्य योजना 16 विभिन्न स्टडीज पर आधारित है। जिनमें वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट द्वारा किया गया अध्ययन भी शामिल है। टिन्गरिट क्षेत्र में सीबकथोर्न उत्पादों में वैल्यू एडिशन के लिए स्थापित होने वाले संयंत्र को भी इस परियोजना में शामिल किया गया है। स्थानीय लाभार्थियों का समूह गठित करके ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत पंजीकरण करवा कर इस समूह का उद्योग विभाग द्वारा संचालित केंद्र सरकार की 'वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट' योजना के तहत भी इसका कन्वर्जंस किया जाएगा ताकि इस उद्यम के लिए समुचित वित्तीय सहायता और तकनीकी ज्ञान उपलब्ध किया जा सके। उपायुक्त ने बताया कि ग्रामीणों की वनों पर विशेष तौर से इंधन की लकड़ी पर निर्भरता कम करने के लिए परियोजना के तहत खंजर क्षेत्र में 6 सोलर वाटर हीटर भी स्थापित किए जा चुके हैं ताकि ग्रामीणों को पानी गर्म करने के लिए लकड़ी की आवश्यकता ना रहे। इस कार्य को इनोवेटिव वाटर सोल्युशन के तहत किया जा रहा है। सामुदायिक जागरूकता और सहभागिता के लिए कार्यशालाओं का आयोजन भी इस परियोजना का महत्वपूर्ण हिस्सा है। पारंपरिक हथकरघा उत्पादों को लेकर स्थानीय महिलाओं के लिए इस वर्ष भी नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ फैशन टेक्नोलॉजी कांगड़ा के तकनीकी सहयोग से महिलाओं के लिए कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा ताकि नई तकनीक और सोच के समावेश से इन उत्पादों को मार्केट की मांग के अनुसार तैयार किया जा सके। इसके अलावा वन विभाग के कर्मियों के लिए भी फॉरेस्ट ट्रेंनिंग इंस्टीट्यूट सुंदर नगर में वाइल्डलाइफ क्राइम कंट्रोल के अलावा सस्टेनेबल फॉरेस्ट मैनेजमेंट पर प्रशिक्षण दिया जा चुका है। हिम तेंदुए का संरक्षण परियोजना का अहम हिस्सा है और इसके तहत स्नो लेपर्ड मॉनिटरिंग टूल पर आधारित प्रशिक्षण भी दिया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि थिरोट के समीप जैव विविधता हेरिटेज साइट विकसित की जाएगी जिसे राज्य जैव विविधता बोर्ड द्वारा चयनित किया गया है। इसके अलावा लाहौल के कुछ पारंपरिक उत्पादों को भौगोलिक संकेतक यानि जीआई टैग प्रदान करने की दिशा में भी कदम उठाए जाएंगे। उपायुक्त ने कहा कि यह परियोजना हाई रेंज हिमालयन इको सिस्टम की चरागाहों और वनों के संपोषणीय प्रबंधन को बढ़ावा देने में कारगर साबित होगी। वन मंडल अधिकारी लाहौल दिनेश शर्मा बताते हैं कि इस परियोजना के तहत विभिन्न विभागों के सहयोग से भी प्रशिक्षण कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा ताकि परियोजना के समग्र लक्ष्यों को हासिल करने के लिए स्थानीय लोगों का सतत और प्रभावी सहयोग सुनिश्चित हो सके।
हिमाचल प्रदेश में अब तक कुल 25,43,840 लोगों का कोविड-19 परीक्षण किया जा चुका है, जिनमें से 2,03,245 लोग कोविड पाॅजिटिव पाए गए ये जानकारी स्वास्थ्य विभाग के प्रवक्ता ने शुक्रवार को दी उन्होंने कहा कि राज्य में इस महामारी से अब तक कुल 1,98,441 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं और प्रदेश में पाॅजिटिव मामलों की संख्या अब 1307 रह गई है। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी के कारण राज्य में कुल 3470 मृत्यु दर्ज की गई हैं । इनमें 11 लोगों में ब्लैक फंगस पाए जाने के कारण मृत्यु हुई है। जिनमें से 5 लोगों की जिला कांगड़ा में, 3 लोगों की हमीरपुर में, 2 लोगों की जिला शिमला में और एक व्यक्ति की मृत्यु जिला सोलन में दर्ज की गई है। प्रवक्ता ने कहा कि जिला कागड़ा इस महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। जिला में कुल 46012 कोविड के मामले पाए गए हैं, जिनमें से 44807 स्वस्थ हो गए हैं जबकि 1033 लोगों की इस महामारी से मृत्यु हुई है। उन्होंने कहा कि जिला मंडी दूसरा सबसे अधिक प्रभावित जिला है, जहां पर कोविड-19 के 27332 पाॅजिटिव मामले पाए गए हैं और 393 लोगों की मृत्यु दर्ज की गई हैं। जिला शिमला में कोविड महामारी से 599 लोगों की मृत्यु दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि राज्य के विभिन्न जिले जिनमें 20 हजार से अधिक कोविड के मामले पाए गए हैं, उनमें जिला शिमला में 25343 और जिला सोलन में 22290 जबकि जिला बिलासपुर, चंबा, हमीरपुर, सिरमौर और ऊना में कोविड-19 में 10 हजार से अधिक पाॅजिटिव मामले पाए गए हैं। इसके अतिरिक्ति, जिला किन्नौर व लाहौल स्पीति में अन्य जिलों की अपेक्षा बहुत कम मामले दर्ज किए गए है। राज्य में वर्तमान में कोविड के कुल 1307 पाॅजिटिव मामलों में जिला कागड़ा में 168, जिला शिमला में 203, मंडी में 137 और जिला चंबा में 255 सक्रिय मामले है। जबकि अन्य जिलों में 120 से भी कम मामले सक्रिय हैं। कोविड-19 की दूसरी लहर का प्रभाव कम हुआ है लेकिन विश्व में यह महामारी अभी खत्म नहीं हुई है।
देश में लगातार बढ़ती महंगाई, पेट्रोल डीज़ल के दामों में बढ़ोतरी के चलते महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव नीतू वर्मा ने एक अनूठा काम किया है। उन्होंने विश्व में सबसे ऊंचाई पर बने डाकघर हिक्किम से प्रधानमंत्री को पत्र भेजा है। पत्र में महंगाई से आम लोगों की परेशानियों का हवाला देते हुए रोक लगाने की मांग की गई। बता दें कि महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव नीतू वर्मा इन दिनों जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति के दौरे पर हैं। गुरूवार को वह हिक्किम पहुंची। उन्होंने हिक्किम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भेजकर बढ़ती महंगाई पर अंकुश लगाने को कहा। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान लोग आर्थिक परेशानी से झूझ रहे है। ऐसे में लोगों पर महंगाई कि मार पड़ रही है जोकि सरे आम जनता के साथ नाइंसाफी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की जनता से महंगाई कम कर अच्छे दिन लाने का वायदा किया था। लेकिन, भाजपा की सरकार बनते ही सारे वायदे ठंडे बस्ते में हैं। उन्होंने कहा कि महिला कांग्रेस ने विश्व में सबसे ऊंचाई पर बने हिक्किम डाकघर के माध्यम से पत्र के जरिये प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार तक देश के लोगों खासकर महिलाओं की आवाज पहुंचाने का प्रयास किया है।
जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति होकर स्पीति के समदो स्थित चीन सीमा को जोडऩे वाले ग्रांफू-काजा हाईवे 505 फिर भूस्खलन से बंद हो गया है। पहाड़ी से चट्टाने गिरने से हाईवे पर कुछ वाहन भी फंसे होने की सूचना भी मिली है। बीआरओ अपनी मशीनरी के साथ हाईवे को बहाल करने में जुटा है। सुरक्षा की दृष्टि से यातायात के लिए यह मार्ग अति संवेदनशील है। खासकर कोकसर से कुछ दूर से यह मार्ग चंद्रनदी होकर निकलता है। वहीं इस क्षेत्र में पहाड़ी दरकने के साथ डोहनीनाला समेत कई ऐसे स्थान है जहां भूस्खलन का खतरा बना रहता है। मौसम साफ रहने पर भी इस हाईवे पर सफर करना आसान नहीं है। वहीं रोहतांग दर्रा के साथ बारालाचा, कुंजुम दर्रा सहित लाहौल की ऊंची पहाडिय़ोंं में ताजा बर्फबारी हुई है। मनाली-लेह मार्ग भी अभी यातायात के लिए नहीं खुला है। मनाली से लेह जाने वाले वाहन अभी दारचा के आसपास फंसे है। गुरुवार रात को जिला कुल्लू में भारी बारिश से जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है। वंही ब्यास के साथ नदी नालों का जलस्तर भी बढ़ गया है।
हिमाचल प्रदेश के बीते चौबीस घंटें हुई बारिश से जहां गर्मी से राहत मिली है। वहीं, परेशानी भी सामने आई है। जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति में बुधवार से ही बारिश के चलते जगह-जगह भूस्खलन हुआ। बुधवार शाम के समय काजा मार्ग पर भी पहाड़ी से पत्थर गिरने के चलते सड़क पर वाहनों की आवाजाही बाधित हो गई थी। काजा सड़क पर 3 बाइक और 11 एलएमवी भूस्खलन के कारण ग्राम्फू जंक्शन से 8 किमी आगे फंसे हुए थे। यह वाहन लोसर से आ रहे थे। जिसमें 5 बच्चों समेत करीब 30 यात्री सवार थे। इसके बाद बीआरओ की मशीनरी मौके पर भेजी गई। बता दें कि कुल तीन जगहों पर भूस्खलन की घटनाएं घटी है। दरसल लाहौल-स्पीति के ग्रांफू-काजा हाईवे 505 स्थित डोरनी नाला में हुए भूस्खलन से फंसे करीब 35 लोगों को बीआरओ, पुलिस तथा स्थानीय लोगों ने रात साढ़े 12 बजे रेस्क्यू किया है। इसमें कुछ यात्री मनाली गए और कुछ को कोकसर में लोनिवि के रेस्ट हाउस और आसपास के होटलों में ठहराया गया। करीब साढ़े छह घंटे तक यह लोग ठंड में गाडिय़ों में फंसे रहे। वहीं करीब 14 वाहनों के साथ चार लोग अभी भी डोरनी नाला में फंसे हैं, जिन्होंने आने से मना कर दिया है। इसके अलावा यात्रियों को जल्द से जल्द बचाने के लिए बीआरओ के टिप्पर, पांच जिप्सी और एक बोलेरो कैंपर सहित पुलिस कर्मियों और स्वयंसेवकों का एक दल भी घटनास्थल पर पहुंचा। बीआरओ हाईवे को बहाल करने में जुटा है।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज किन्नौर जिले के रिकांगपिओ में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार जनजातीय क्षेत्रों के कल्याण और विकास के लिए प्रतिबद्ध है और जनजातीय उप योजना के तहत बजट में काफी वृद्धि की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि कोविड-19 महामारी के दौरान भी विकास की गति निर्बाध रूप से चलती रहे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने 31 मई, 2021 से दुकानों और अन्य व्यावसायिक संस्थानों को सुबह 9 बजे से दोपहर 2 बजे तक खुले रहने की अनुमति देकर प्रदेश में कुछ राहत देने का निर्णय लिया है। सरकारी कार्यालय भी 30 प्रतिशत उपस्थिति के साथ कार्य करेंगे। उन्होंने संतोष व्यक्त किया कि कोविड के मामलों की संख्या 40,000 से घटकर 18000 हो गई है, लेकिन कोविड से होने वाली मृत्यु की संख्या में वृद्धि अभी भी चिंता का विषय है। जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार ने स्वास्थ्य संस्थानों की क्षमता बढ़ाने के लिए कड़ी मेहनत की है। राज्य में बिस्तरों की क्षमता 1200 से बढ़ाकर लगभग 5000 बिस्तर कर दी गई है। इसी प्रकार, राज्य सरकार ने आॅक्सीजन की भंडारण क्षमता को बढ़ाकर 25 मीट्रिक टन तक किया है। राज्य सरकार की मांग पर केंद्र सरकार ने प्रदेश का आॅक्सीजन कोटा 15 मीट्रिक टन से बढ़ाकर 40 मीट्रिक टन कर दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार की उदार सहायता से आज राज्य में लगभग 6300 डी-टाइप और 2250 बी-टाइप आॅक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध हैं। स्वास्थ्य संस्थानों में 1700 से अधिक आॅक्सीजन कन्संट्रेटर उपलब्ध करवाए गए हैं। सभी मेडिकल काॅलेजों में पीएसए आॅक्सीजन संयंत्र स्थापित किए गए हैं। राज्य में सात पीएसए संयंत्र कार्यशील कर दिए गए हैं, जबकि दो अतिरिक्त पीएसए संयंत्र शीघ्र ही कार्यशील बनाए जाएंगे। लगभग एक वर्ष पूर्व, राज्य में केवल 50 कार्यशील वेंटिलेटर थे, जिनकी संख्या बढ़ाकर लगभग 700 की गई है। जनजातीय विकास मंत्री डाॅ. राम लाल मारकंडा, राज्य वन विकास निगम के उपाध्यक्ष सूरत नेगी, जिला परिषद के अध्यक्ष निहाल चारस, पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू, उपायुक्त किन्नौर हेमराज बैरवा, पुलिस अधीक्षक आर.एस. राणा, भारतीय-तिब्बत सीमा पुलिस के कमांडेंट देवेंद्र कुमार तथा अन्य अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।