हिमाचल प्रदेश में जल शक्ति विभाग की पेयजल स्कीमें ऑटोमेशन (स्वचालन) सुविधा से जुड़ेंगी। हाईटेक तकनीक से कौन से पेयजल टैंक और किस लाइन में कितना पानी सप्लाई हुआ है, यह सब कुछ पंप हाउस में बैठे-बैठे पता लग जाएगा। पानी की मात्रा की टैंक एवं पाइपलाइन में उपलब्धता के लिए चिह्नित की गई स्कीमों पर डिस्चार्ज मीटर लगाए जाएंगे। इससे पानी की मात्रा का पूरा आंकड़ा अधिकारियों के पास आएगा। पानी की कमी की सूरत में इन स्कीमों में पानी की भरपाई दूसरे टैंकों से की जा सकेगी। पेयजल स्कीमों में सिग्नल के आदान-प्रदान के लिए जीएसएम प्रणाली का सहारा लिया जाएगा। हाईटेक सुविधा से स्कीमों को जोड़ने के लिए जल शक्ति विभाग के लिए एशियन डेवलपमेंट बैंक मददगार बनेगा। प्रारंभिक चरण में हरोली क्षेत्र की योजनाओं पर ऑटोमेशन का कार्य शुरू कर दिया गया है। बड़ी बात यह है कि आने वाले दिनों में टैंकों में ब्लीचिंग पाउडर डालने के झंझट से भी विभाग मुक्त हो जाएगा। इसके विकल्प में गैसेस क्लोरीनेशन के में पेयजल स्कीमों को लाया जाएगा। हालांकि, एडीबी के तहत प्रदेश की अन्य पेयजल योजनाओं को भी इस सुविधा के साथ जोड़ने का लक्ष्य है। शुरुआत में हरोली क्षेत्र में एडीबी के तहत 32.54 करोड़ रुपये से तैयार हुई रोड़ा, बालीवाल, हरोली और नगनोली आदि ग्राम पंचायतों की पेयजल सुविधाओं को इस तकनीक के साथ जोड़ने के मास्टर प्लान पर कार्य चल रहा है। विभिन्न पेयजल स्कीमों को ऑटोमेशन (स्वचालन) तकनीक से जोड़ने की दिशा में कार्य प्रक्रिया में है। हरोली की योजनाओं पर कार्य जारी है। उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री से इस दिशा में चर्चा की गई है ओर उनके मार्गदर्शन में कार्य आगे बढ़ रहा है। प्रदेश में स्वच्छ एवं सुचारू पेयजल सप्लाई हर गांव और घर तक होगी। सरकार इस दिशा में कार्य कर रही है। प्रदेश में हाईटेक तकनीक से योजनाओं को जोड़ने का कार्य जारी है।
हिमाचल प्रदेश सरकार ने लोक निर्माण विभाग में नियुक्त करीब 4,800 मल्टी टास्क वर्करों के मानदेय में 500 रुपये की बढ़ोतरी की है। इस संबंध में शनिवार को अतिरिक्त सचिव लोक निर्माण सुरजीत सिंह राठाैर की ओर से अधिसूचना जारी कर दी गई है। मल्टी टास्क वर्करों को अब 4500 रुपये बजाय 5000 प्रति माह मिलेंगे। सरकार ने लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता को निर्देश दिए हैं कि सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद इस संबंध में आगे की आवश्यक कार्रवाई की जाए। बता दें, बीते दिनों की हुई मंत्रिमंडल की बैठक में मानदेय बढ़ाने का फैसला लिया गया था।
*मेले में रक्तदान शिविर का भी हुआ आयोजन पधर में आयोजित उप मंडल स्तरीय रेड क्रॉस मेले में विभिन्न महिला मंडल और स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर खासा समां बांधा। समारोह में एसडीएम सुरजीत सिंह ठाकुर ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। इस दौरान "नशा मुक्त पधर-स्वस्थ पधर" थीम पर संदेश दिया गया। इस दौरान एसडीएम सुरजीत सिंह ठाकुर ने कहा कि नशे के दुष्प्रभाव से आज की युवा पीढ़ी को बचाना व जागरूक करने के लिए समाज के हरेक व्यक्ति का नैतिक दायित्व व कर्तव्य है। नशा मुक्त समाज निर्मित करने के लिए सबका सहयोग जरूरी है। युवा शारीरिक व मानसिक तौर से स्वस्थ होंगे, तभी देश समृद्ध व मजबूत होगा। उन्होंने युवाओं से नशे के खिलाफ लड़ाई को जन आंदोलन बनाने में सक्रिय सहयोगी बनने का आग्रह किया है। साथ ही स्वस्थ जीवन जीने व नशे से दूर रहकर खेलों में बढ़चढ़ कर भाग लेने का आह्वान किया। इस दौरान युवाओं को नशा आदि कुरीतियों से दूर रखने के लिए खेल प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया, जिसमें महिला व पुरूष वर्ग के विभिन्न आयु वर्ग के प्रतिभागियों ने भाग लिया। मेले के दौरान वाॅलीबाल, कबड्डी, बैडमिंटन , शॉट पुट, हाई जंप, लांग जंप ,कुर्सी दौड़, मटका फोड़ आदि खेलों का भी आयोजन किया गया। कुर्सी दौड़ प्रतियोगिता में विकास खंड कार्यालय की कुसुम विजेता रही। मटका फोड़ में महिला मंडल बड़वाहण की सरोज विजेता रही। वॉलीबॉल और कबड्डी प्रतियोगिता में स्थानीय नेताजी सुभाष चंद्र मेमोरियल उत्कृष्ट राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला के खिलाड़ियों ने बाजी मारी। बैडमिंटन प्रतियोगिता के छात्र वर्ग में आईटीआई पधर विजेता रहा, जबकि छात्रा वर्ग में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला सियून की खिलाड़ी विजेता रही। एथलेटिक्स प्रतियोगिता शॉट पुट में पधर स्कूल का कृष और डिग्री कॉलेज नारला की कमलेश विजेता रही। ऊंची कूद में पधर स्कूल के आयुष और कृतिका ने बाजी मारी। लंबी कूद में गरलोग स्कूल का मनीष और पधर की कृतिका विजेता रही। इस दौरान सेवा आश्रय संगठन के सौजन्य से रक्तदान शिविर का आयोजन भी किया गया, जिसमें रक्तदानियों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। मेले में विभिन्न विभागों के माध्यम से सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न विकासात्मक योजनाओं को दर्शाती विभागीय प्रदर्शनी भी लगाई गई, जिसे लोगों ने जमकर सराहा। वहीं महिला मंडल और स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा लगाए गए कचोरी, भल्ले और लड्डू के स्टाल में खासी भीड़ उमड़ी। सेवा आश्रय संगठन द्वारा 10 निसहाय दिव्यांग लोगों को व्हीलचेयर भी वितरित की गई।
** बोले, बोर्ड अध्यक्ष को हटा अपने हाथों में निगम की कमान लें मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के 18 होटल को बंद करने के हाइ कोर्ट के आदेश के बाद से प्रदेश में HPTDC के होटलों का मुद्दा लगातार गर्माया हुआ है, हालांकि हिमाचल हाई कोर्ट ने ताजा आदेशों में 18 में से 9 होटलों को 31 मार्च तक खोले रखने के आदेश दिए हैं मगर 9 होटल 25 नवंबर तक बंद करने के आदेश बरकरार हैं। इसको लेकर अब हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम कर्मचारी संघ ने सभी 18 होटलों को खुला रखने की अपील उच्च न्यायालय में करने की बात कही है। संघ ने सरकार और पर्यटन विकास निगम के चेयरमैन आर एस बाली की कार्यप्राणी पर भी सवाल उठाए हैं। पर्यटन विकास निगम कर्मचारी संघ ने निगम के के चेयरमैन आर एस बाली को हटाने की मांग करते हुए निगम की कमान मुख्यमंत्री से अपने हाथों में लेने की मांग की है। हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम कर्मचारी संघ का कहना है कि संघ उच्च न्यायालय में सभी 18 होटल को खुला रखने को लेकर याचिका दायर करेगा। उन्होंने कहा कि बंद किए गए होटल में से कई की होटलों की एडवांस बुकिंग हो चुकी है। ऐसे में इन होटलों को खुला रखना चाहिए। पर्यटन विकास निगम कर्मचारी संघ का कहना है कि न्यायालय ने केवल ऑक्युपेंसी को आधार बनाकर अपना फैसला सुनाया है प्रदेश सरकार के अधिकारियों ने सही ढंग से निगम का पक्ष अदालत के सामने नहीं रखा। पर्यटन विकास निगम कर्मचारी संघ का कहना है कि बीते 4 से 5 दिनों से प्रदेश में पर्यटन निगम के होटल को लेकर बवाल मचा हुआ है लेकिन निगम के अध्यक्ष अभी तक सामने नहीं आए। कर्मचारी संघ का कहना है कि पर्यटन निगम के होटल जाने की स्थिति में है लेकिन उनकी ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई। प्रेस वार्ता के दौरान हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम कर्मचारी संघ ने पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष को हटाने की मांग करते हुए निगम की कमान मुख्यमंत्री से अपने हाथों में लेने की मांग की।
हिमाचल प्रदेश के पांच जिलों के ऊंचाई वाले भागों में आज बारिश-बर्फबारी का पूर्वानुमान है। पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता से माैसम में यह बदलाव आने के आसार हैं। उधर, राज्य के चार स्थानों पर न्यूनतम तापमान माइनस में दर्ज किया गया है। बिलासपुर में हल्का कोहरा दर्ज किया गया है। माैसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार 23 नवंबर को चंबा, कांगड़ा, किन्नाैर, कुल्लू व लाहाैल-स्पीति जिले के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बारिश-बर्फबारी की संभावना है। इससे आगामी तीन-चार दिनों में अधिकतम व न्यूनतम तापमान में 1-2 डिग्री की कमी आने की संभावना है। वहीं अन्य भागों में आगामी सात दिनों तक माैसम साफ रहने का पूर्वानुमान है। शिमला में आज धूप खिली है। विभाग ने बिलासपुर और सुंदरनगर में सुबह और शाम के समय घना कोहरा छाए रहने का येलो अलर्ट जारी किया है। मंडी जिला प्रशासन बर्फबारी के दौरान किसी भी प्रकार की आपदा से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। उपायुक्त एवं जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष अपूर्व देवगन ने समस्त विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक कर उन्हें बर्फबारी से पहले अपनी तैयारियां पूरी करने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सर्दियों के दौरान आपदा प्रबंधन के लिए हर विभाग एक-एक नोडल अधिकारी नियुक्त करें। उनका मोबाइल नंबर जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के साथ साझा किया जाए। बताया कि बर्फबारी के अलर्ट के दौरान संबंधित क्षेत्र का कोई भी अधिकारी और कर्मचारी अपने कार्य क्षेत्र को छोड़कर न जाए। उन्होंने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे ऐसे स्थानों को चिह्नित करें, जहां बर्फबारी के दौरान अधिक सड़कें बंद होने की संभावना रहती है। वहां पर समय रहते जरूरी मशीनरी और ऑपरेटर तैनात किए जाएं। उपायुक्त अपूर्व देवगन ने कहा कि सर्दियों के दौरान जिले में चौहारघाटी, सराजघाटी, शिकारी देवी, कमरूनाग क्षेत्र, रोहांडा, बरोट, पराशर, थुनाग, जंजैहली और गाड़ागुसैणी इत्यादि क्षेत्रों में अत्यधिक बर्फबारी की संभावना रहती है।
हिमाचल में नौकरी का इंतजार कर रहे युवाओं के लिए राहत की खबर है। बिजली बोर्ड में युवाओं को नौकरी मिलने वाली है। सुक्खू सरकार बिजली बोर्ड में दैनिक वेतन पर टी मेट के 1030 पद भरने जा रही है। शिमला स्थित सचिवालय में प्रदेश सरकार, बिजली बोर्ड कर्मचारी एवं बिजली बोर्ड प्रबंधन के साथ बैठक आयोजित हुई, जिसमें जल्द औपचारिकताएं पूरी कर पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू करने की निर्देश दिए गए। प्रदेश सचिवालय में आयोजित बैठक में सरकार की तरफ से प्रधान सचिव मुख्यमंत्री एवं ऊर्जा सचिव राकेश कंवर, विशेष सचिव ऊर्जा अरिंदम चौधरी ने हिस्सा लिया। वहीं, बिजली बोर्ड प्रबंधन की ओर से निदेशक एमजी शर्मा, मनोज उपरेती और कार्यकारी निदेशक ईशा ठाकुर ने भाग लिया। ज्वाइंट फ्रंट की ओर से ई लोकेश ठाकुर, हीरा लाल वर्मा सहित 9 पदाधिकारियों ने भाग लिया। आधे घंटा तक चली इस बैठक में 66 केवी लाइन पूह से काजा का निर्माण कार्य बिजली बोर्ड को देने को लेकर चर्चा की गई। सरकार ने इस कार्य को बिजली बोर्ड से छीनकर संचार निगम को दे दिया है, जिस पर कर्मचारियों के ज्वाइंट फ्रंट ने सरकार से पुनर्विचार किए जाने की मांग की है। वहीं, बैठक में बिजली बोर्ड में समाप्त किए गए इंजीनियरों के 51 पदों के फैसले पर पुनर्विचार कर बहाल करने, बिजली बोर्ड से छंटनी किए 81 आउटसोर्स ड्राइवर के फैसले पर पुनर्विचार करने पर चर्चा हुई। इसको लेकर बोर्ड प्रबंधन को उचित निर्णय लिए जाने के निर्देश जारी किए गए हैं। इसके अतिरिक्त ज्वाइंट फ्रंट ने बिजली बोर्ड में पुरानी पेंशन के फैसले को लागू करने की भी मांग रखी, जिस पर सरकार की तरफ से कर्मचारियों को पुरानी पेंशन का भरोसा दिया गया है। वहीं, कैबिनेट सब कमेटी की सिफारिशों को ज्वाइंट फ्रंट के साथ चर्चा कर सहमति से ही लागू किए जाने का भी आश्वासन दिया गया है। इसके अतिरिक्त बैठक में बिजली बोर्ड एवं कर्मचारियों से जुड़े विभिन्न मुद्दो जैसे उदय योजना, बोर्ड की वित्तीय स्थिति और बोर्ड के कार्य के बारे में फैसला लिए जाने को लेकर भी चर्चा हुई।
हिमाचल प्रदेश में स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए हिप्पा शिमला में एक कार्यशाला आयोजित की गई। इस कार्यशाला में शिक्षा सचिव राकेश कंवर ने हिमाचल प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने के लिए स्कूलों की क्लस्टरिंग करने और अपना विद्यालय योजना जैसे विभिन्न फैसलों के बारे में जानकारी दी। समग्र शिक्षा निदेशक राजेश शर्मा ने शिक्षा में तकनीक के इस्तेमाल की उपयोगिता पर चर्चा की। शिक्षा सचिव राकेश कंवर ने कहा, हिमाचल प्रदेश सरकार ने स्कूलों की क्लस्टरिंग का फैसला संसाधनों को साझा करने के मकसद से लिया है, जिससे उनका इस्तेमाल बच्चों के हित के लिए किया जा सके। इस फैसले से स्कूलों में न तो किसी की पोस्ट खत्म होगी और न ही किसी की प्रमोशन रुकेगी। क्लस्टर सिस्टम लागू करने का मकसद यही है कि हम बच्चों के लिए कैसे बेहतर कर सकते हैं। हालांकि कई स्कूलों में कुछ शिक्षक पहले से ही ये काम कर रहे हैं। प्रदेश सरकार द्वारा लिखित निर्देश जारी करने के पीछे सिर्फ यही मंशा है कि इस तरह के शिक्षकों को ऐसा माहौल मिले कि वे अपना काम बिना किसी बाधा के पूरा कर सकें। शिक्षा सचिव राकेश कंवर ने ये भी साफ कर दिया कि इन निर्देशों में ये कहा गया है कि जहां तक संभव हो, वहां क्लस्टर बनाकर स्कूल अपने संसाधनों को शेयर करें। ऐसा करके प्रदेश सरकार ने एक सिस्टम बनाने की कोशिश की है, ताकि प्राइमरी और सेकेंडरी स्कूलों के बीच संसाधनों के इस्तेमाल को लेकर कोई दिक्कत न हो। समग्र शिक्षा निदेशक राजेश शर्मा ने कहा, हिमाचल स्कूली शिक्षा में तकनीक का बखूबी इस्तेमाल कर रहा है। तकनीक की मदद से बच्चों के सीखने की क्षमता को बढ़ाया जा रहा है। समग्र शिक्षा हिमाचल प्रदेश में पैल लैब (PAL- Personalized Adaptive Learning Lab) स्थापित करने पर विचार कर रहा है। समग्र शिक्षा निदेशक ने बताया कि उत्तर प्रदेश में पैल लैब स्कूलों में सफलतापूर्वक स्कूलों में लागू की गई है। वहां इसके बेहतर रिजल्ट भी देखने को मिल रहे हैं। ऐसे में हिमाचल में इस दिशा में कदम उठाने को लेकर विचार किया जा रहा है। स्कूलों में पैल लैब स्थापित करने के लिए प्रपोजल तैयार कर नीति आयोग के सामने रखा जाएगा। हिमाचल में पहले से कई स्कूलों में आईसीटी लैब है, वहां इन पैल लैब को भी स्थापित किया जा सकता है। समग्र शिक्षा निदेशक राजेश शर्मा ने बताया, पैल लैब एक ऐसा टूल है, जिसके जरिए एक क्लास में हर बच्चे के सीखने की अलग-अलग क्षमता का आकलन किया जा सकता है। किसी भी कक्षा में हर बच्चे के सीखने का स्तर अलग-अलग होता है। आमतौर पर हर बच्चे की कमजोरी और ताकत का पता लगाना शिक्षक के लिए आसान नहीं होता है, जबकि पैल लैब के जरिए ये सब आसानी से किया जा सकता है। इतना ही नहीं, इसकी मदद से कमजोर बच्चों को सुधारा भी जा सकता है।
** संजय पराशर कर रहे हैं भरपूर प्रयास ** हिमाचली बेटियां समुद्री नाविक बनकर मर्चेंट नेवी में बनाएं करियर: संजय पराशर हाई सैलरी, दुनिया भर में यात्रा करने का मौका और समुद्र के रोमांच का आकर्षण...बेशक मर्चेंट नेवी में नौकरी करने के लिए ये बातें प्रदेश व क्षेत्र के युवाओं को लंबे समय से आकर्षित करती रही हैं। बावजूद इस क्षेत्र में करियर कैसे बनाया जाए, उसे लेकर भी युवा पर्याप्त गांइडेंस न मिलने के कारण असमंजस में रहा। वहीं जिला मंडी के गांव कोटली व विभिन्न स्थानों पर आयोजित मार्गदर्शन शिविर के दौरान इंटरनेशनल मैरीटाइम इंस्टीट्यूट संस्थान द्वारा सेमिनार आयोजित किए गए। करियर विशेषज्ञ दलीप ने कहा कि संजय पराशर राेजगार और महिला सशक्तीकरण को लेकर विजन के तहत कार्य कर रहे हैं। अगले वर्ष में युवतियों को मर्चेंट नेवी में अधिक से अधिक राेजगार उपलब्ध हों, इसके लिए रोड़ मैप तैयार किया गया है। इस बारे में युवतियों को अपने क्षेत्र में ही मर्चेंट नेवी के बारे में पर्याप्त जानकारी मिले और इस नौकरी को पाने के लिए बाहर की दौड़ न लगानी पड़े, इसी कारण संजय पराशर के सानिध्य में ऐसे मार्गदर्शन शिविरों का आयोजन किया जा रहा है।इंटरनेशनल मैरीटाइम इंस्टीट्यूट , नोएडा में सीसीएमसी का कोर्स कर रही छात्रा पलक ने सेमिनार में आई छात्राओं से अनुभव शेयर किए और कहा कि बेटियों के लिए मर्चेंट नेवी में कैरियर के सुनहरे अवसर हैं लड़कियां खुद को व अपने परिवार को आर्थिक रूप से सदृढ़ बना सकतीं हैं। इस क्षेत्र में व्यापक अनुभव रखने वाले कैप्टन संजय पराशर प्रदेश में रोजगार सृजन के साधनों को लेकर गंभीर व क्रियाशील हुए तो उन्हाेंने बेटियों के लिए नौकरियों का भंडार लाकर खड़ा कर दिया है। प्रदेश के बेटियों को अब मर्चेंट नेवी में नौकरी हासिल करने के लिए बाहर के प्रदेशों में दौड़ नहीं लगानी पड़ रही है। उन्हें पराशर द्वारा घर-द्वार पर इस फील्ड के लिए उचित मार्गदर्शन शिविर का आयोजन किया जा रहा है। वहीं, इस मार्गदर्शन शिविर में ज़िला मंडी के गांव आलग और कोटली के क्षेत्रों की युवतियों ने विशेष रूचि दिखाई। आलग कोटली के स्कूल सर्वोदय इंटरनेशनल स्कूल में 70 के लगभग युवितयों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई ताे कोटली में गवर्मेंट कॉलेज में युवितयों की संख्या का आकंड़ा करीब 70 रहा। व कोटली के आलोक भारती के 70 छात्र छात्राओं ने भाग लिया।सेमीनार में पहुंची कई युवतियों ने मर्चेंट नेवी में करियर को लेकर सवाल किए, जिनका माैके पर ही विशेषज्ञों द्वारा जबाव दिया गया। शिविर में भाग लेने पहुंची लड़कियों सीमा, प्रिया, नेहा, पूजा, शिवानी, निशा, आरती, भारती, ज्योति, दीपिका ,इंदु, सुनिधि ने बताया कि सेमीनार में उन्हें करियर बनाने के लिए महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हुई।
हिमाचल प्रदेश में विधवा महिलाओं को मकान बनाने के लिए चार लाख रुपए की आर्थिक मदद दी जाएगी। हिमाचल प्रदेश सरकार ऐसी विधवा महिलाओं के लिए मकान बनाने में मदद करेगी, जो भवन एवं सन्निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड में पंजीकृत हैं। भवन एवं सन्निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड में पंजीकृत सभी पात्र महिलाओं को मकान बनाने के लिए चार लाख रुपए की वित्तीय सहायता मिलेगी। मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार विधवाओं, दिव्यांग महिलाओं और एकल नारियों को उनके मकान बनाने के सपने को साकार करने के लिए वित्तीय मदद देने की पहल कर रही है। मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश भवन एवं सन्निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड, विवाह के लिए वित्तीय सहायता, मातृत्व लाभ, शिक्षा सहायता, चिकित्सा देखभाल, पेंशन, विकलांगता पेंशन, दाह संस्कार व्यय, आकस्मिक मृत्यु के लिए राहत, छात्रावास सुविधाएं और विधवा पेंशन सहित विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं लागू कर रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार सभी वर्गों के उत्थान के लिए प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है। मकान बनाने के लिए आर्थिक मदद में घर के लिए तीन लाख रुपए और रसोई, शौचालय और स्नानघर जैसी आवश्यक सुविधाओं के लिए एक लाख रुपए की अतिरिक्त मदद भी शामिल होगी। इसका फायदा उठाने के लिए महिलाओं को बोर्ड में पंजीकृत होना चाहिए। पिछले 12 महीनों में कम से कम 90 कार्य दिवस पूरे करने चाहिए और उनकी वार्षिक आय 2.50 लाख रुपए से कम होनी चाहिए। पात्र महिलाओं को जरूरी कागजों समेत श्रम अधिकारी के जरिए इस योजना के लिए आवेदन करना होगा। इसके लिए स्वीकृति मिलने के बाद वित्तीय मदद सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी जाएगी।
हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम (HPTDC) को बड़ा झटका दिया है। हाईकोर्ट ने निगम के 18 होटलों को ‘सफेद हाथी’ करार देते हुए इन्हें बंद करने के आदेश जारी किए हैं। न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल की एकल पीठ ने एचपीटीडीसी कर्मचारियों द्वारा दायर एक सिविल रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया गया है। न्यायाधीश ने कहा कि बार-बार अदालती हस्तक्षेप और विस्तृत निर्देशों के बावजूद निगम इन परिसंपत्तियों को पुनर्जीवित करने या उन्हें लाभकारी बनाने में विफल रहा है। न्यायालय ने इस बात पर जोर दिया कि सार्वजनिक संसाधनों को ऐसे उपक्रमों पर बर्बाद नहीं किया जा सकता जो लगातार वित्तीय रूप से घाटे में चल रहे हैं। चैल में प्रतिष्ठित पैलेस होटल, धर्मशाला में होटल धौलाधार और मनाली में होटल लॉग हट्स सहित प्रमुख पर्यटन स्थलों की 18 संपत्तियों में पिछले कुछ वर्षों में आश्चर्यजनक रूप से होटलों के अधिकतर कमरे खाली पड़े रहे। अदालत ने एचपीटीडीसी के प्रबंध निदेशक को 25 नवंबर तक इन इकाइयों को तत्काल बंद करने का निर्देश दिया, और अनुपालन के लिए उन्हें व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार ठहराया। इसके अलावा, रखरखाव के लिए केवल आवश्यक कर्मचारियों को ही रखा जाएगा, जबकि बाकी को अन्य कार्यशील इकाइयों में जनशक्ति की कमी को दूर करने के लिए फिर से तैनात किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि उच्च न्यायालय ने एक अलग मामले में दिल्ली में स्थित हिमाचल भवन को भी जब्त करने का आदेश दिया है। जिससे एक बिजली कंपनी को नीलामी के माध्यम से अपना बकाया वसूलने की अनुमति दी गई है। जिन 18 होटलों को बंद करने के आदेश दिए गए हैं उनमे, द पैलेस होटल चायल, होटल गीतांजलि, डलहौजी, होटल बाघल दाड़लाघाट, होटल धौलाधार धर्मशाला, होटल कुणाल धर्मशाला, होटल कश्मीर हाउस धर्मशाला, होटल एप्पल ब्लॉसम फागू, होटल चंद्रभागा केलोंग, होटल देवदार खजियार,होटल गिरीगंगा खड़ापत्थर,होटल मेघदूत कियारीघाट, होटल सरवरी कुल्लू , होटल लॉग हट्स मनाली, होटल हडिम्बा कॉटेज मनाली, होटल कुंजुम मनाली,होटल भागसू मैक्लोडगंज, होटल द कैसल नग्गर, होटल शिवालिक परवाणू शामिल हैं।
प्रदेश सरकार प्रवक्ता स्कूल न्यू कैडर में अनुबंध पर नियुक्त कर्मचारियों के लिए वरिष्ठता लाभ लागू करेगी। सरकार ने भर्ती एवं पदोन्नति (आरएंडपी) नियमों में उल्लिखित प्रक्रिया का पालन करते हुए अनुबंध के आधार पर नियुक्त किए गए प्रत्यक्ष भर्ती कर्मचारियों के लिए वरिष्ठता लाभ लागू करने का निर्णय लिया है। उच्च न्यायालय की ओर से ताज मोहम्मद एवं अन्य बनाम हिमाचल प्रदेश राज्य शीर्षक से सीडब्ल्यूपी संख्या 2004/2017 पर आए फैसले के बाद सरकार ने यह फैसला लिया है। फैसले के तहत स्कूल-न्यू कैडर के कर्मचारियों सहित ऐसे कर्मचारियों के लिए वरिष्ठता का दावा स्वीकार किया गया है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि स्कूल-न्यू कैडर में कई याचिकाकर्ताओं द्वारा दायर मामले में अनुबंध के आधार पर नियुक्त किए गए प्रत्यक्ष भर्ती कर्मचारियों की वरिष्ठता स्थिति पर सवाल उठाया गया था। याचिकाकर्ताओं ने अपनी प्रारंभिक अनुबंध नियुक्ति की तिथि से वरिष्ठता को मान्यता देने की मांग की थी। उच्च शिक्षा निदेशालय ने अब एक कार्यालय आदेश जारी कर स्पष्ट किया है कि लेक्चरर (स्कूल-न्यू) कैडर की वरिष्ठता को फैसले के अनुरूप संशोधित किया जाएगा। इसमें 2014 से 2023 के बीच पदोन्नत और सीधी भर्ती वाले दोनों शामिल हैं। शिक्षा निदेशक के अनुसार इस प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण हिस्सा अनुबंध नियुक्तियों और पदोन्नतियों दोनों के लिए नियुक्ति के वर्ष को ध्यान में रखते हुए वरिष्ठता सूची का अंतराल है। लेक्चरर (स्कूल-न्यू) कैडर जिसे 2019 में पीजीटी (पोस्ट ग्रेजुएट टीचर) कैडर से फिर से नामित किया गया था, अपने 50 फीसदी पदों को सीधी भर्ती के माध्यम से और अन्य 50 फीसदी टीजीटी (प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक) कैडर से पदोन्नति के माध्यम से भरता है। लेक्चरर कैडर के लिए वरिष्ठता को पहले 31 दिसंबर 2013 तक अंतिम रूप दिया गया था। लगभग 11,000 प्रवक्ताओं की सूची इस दौरान तैयार हुई थी। अदालत के फैसले के बाद वरिष्ठता सूची को अब 2014 के बाद से सीधी भर्ती वाले लोगों को शामिल करने के लिए संशोधित किया जाएगा। इस कदम से टीजीटी कैडर की वरिष्ठता पर भी असर पड़ने की संभावना है, जो लेक्चरर पदों के लिए फीडर कैडर के रूप में कार्य करता है। टीजीटी की वरिष्ठता न्यायालय के आदेश द्वारा निर्धारित नए दिशा-निर्देशों के साथ संरेखित करने के लिए संशोधनों से गुजर सकती है, जिससे पदोन्नति के क्रम में संभावित परिवर्तन हो सकते हैं। निदेशालय के कार्यालय आदेश के अनुसार वरिष्ठता को समायोजित किया जाएगा, लेकिन अंतिम वरिष्ठता सूची संबंधित पक्षों की उचित आपत्तियों को शामिल करने के बाद ही जारी की जाएगी।
मंडी/डिंपल: पूर्व मुख्यमंत्री नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर मंगलवार को चोलथरा में जिला परिषद सदस्य वंदना गुलेरिया के घर पंहुचकर उन्हें ढांढस बांधा। ज्ञात रहे कि पूर्व मंत्री ठाकुर महेन्द्र सिंह के दामाद जिला परिषद सदस्य वंदना गुलेरिया के पति का दिनेश गुलेरिया का ब्रेन स्ट्रोक से देहांत हो गया था और इससे पूरे धर्मपुर क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है। मंगलवार को जयराम ठाकुर ने चोलथरा में पंहुचकर इस दुःखद घटना पर अपनी सवेंदना व्यक्त की और शोक की इस घड़ी में परमपिता परमेश्वर से शोकाकुल परिवार को संबल व दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान देने की प्रार्थना की। उनके साथ पूर्व मंत्री राजेन्द्र गर्ग, विधायक इन्द्र सिंह गांधी, विधायक प्रकाश राणा, पूर्व विधायक राजेन्द्र राणा, विधायक दलीप ठाकुर, राज्य सहकारी बैंक के निदेशक प्रियव्रत शर्मा ने भी अपनी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि वह इस समाचार से काफी दुःखी है लेकिन जो विधाता ने लिख दिया है उसे कौन टाल सकता है, इसलिए भगवान परिवार को इस दुःख से उभरने की शक्ति प्रदान करे ।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने आज ऐतिहासिक रिज पर भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की जयंती पर उन्हें पुष्पाजंलि अर्पित की। मुख्यमंत्री ने राष्ट्र निर्माण में इंदिरा गांधी के योगदान को याद करते हुए कहा कि उनके दूरदर्शी निर्णयों ने भारत को मजबूत आधार प्रदान कर सशक्त बनाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि भूमि सुधार और बैंकों का राष्ट्रीयकरण इंदिरा गांधी की दूरदर्शी नीतियों का प्रमाण हैं, जिससे आम आदमी लाभान्वित हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया। इस अवसर पर उप-मुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया, विधायक हरीश जनारथा, रंजीत सिंह राणा, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार सुनील शर्मा, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान, हिमुडा के उपाध्यक्ष यशवंत छाजटा, नगर निगम शिमला के महापौर सुरेंद्र चौहान, पार्षद, उपायुक्त अनुपम कश्यप और अन्य लोग उपस्थित थे।
**अधिसूचना रद्द करे या सीएंडवी अध्यापकों को प्रभारी बनाए विभाग: दया राम ** प्रदेश सरकार और शिक्षा विभाग से शीघ्र अधिसूचना रद्द करने की उठाई मार्ग जिला मंडी सीएंडवी अध्यापक संघ ने शिक्षा विभाग द्वारा 16 नवंबर को जारी अधिसूचना को लेकर हैरानी जताई हैं, जिसमें माध्यमिक, उच्च और वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों में टीजीटी गणित, टीजीटी साइंस,और टीजीटी कला अध्यापकों से कोई भी गैर शिक्षण कार्य न लिए जाने के आदेश दिए गए हैं। सीएंडवी अध्यापक संघ जिला मंडी के अध्यक्ष दयाराम का कहना कि शिक्षको से गैर शिक्षण कार्य न लेना स्वागत योग्य कदम है लेकिन विशेष वर्ग शिक्षक के लिए यह आदेश औचित्यपूर्ण नहीं है। गणित, विज्ञान और अंग्रेजी विषय ही नहीं छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए सभी विषयों का संतुलन बनाए रखना अति आवश्यक है। दयाराम ठाकुर का कहना है कि विभाग ने इन आदेशों में परख सर्वे का हवाला दिया है। यदि परख पर सर्वे की मॉक परीक्षा के आधार पर यह आदेश हुए हैं तो परख सर्वेक्षण की मॉक परीक्षा में छात्र भाषा में भी पिछड़े हैं। भाषा के विकास के लिए विभाग ने क्या कदम उठाया। बिना भाषा के अन्य विषयों का अध्ययन भी संभव नहीं है। सामाजिक विज्ञान और गणित कोई भाषा नहीं है। इन सभी विषयों का अध्ययन हिंदी भाषा के माध्यम से ही होता है। दयाराम ठाकुर ने कहा कि कार्यभार ही देना है तो वरिष्ठ सीएंडवी अध्यापकों को माध्यमिक स्कूलों का प्रभारी बनाया जाए। टीजीटी अध्यापकों को सिर्फ पठन-पाठन का कार्य सौंपा जाए। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि या तो इस अधिसूचना को रद्द किया जाए या फिर सीएंडवी अध्यापकों को स्कूलों का प्रभारी बनाया जाए। जिला कार्यकारिणी महासचिव नंदलाल चौधरी, महिला विंग अध्यक्ष मधुबाला भंडारी, पूरन चंद चौधरी, राकेश चौधरी, गिरधारी लाल, राकेश कुमार महंत, सतीश कुमार, दीपक कुमार, हेमराज, पूरन चंद, सतीश कुमार, अनिल कुमार, अरविंद, नरोत्तम, प्रकाश चंद, खूब राम, जितेंद्र और प्रेम सिंह सहित अन्य पदाधिकारियों ने प्रदेश सरकार और शिक्षा विभाग से अधिसूचना रद्द करने की मांग की है।
** कृषि अनुसंधान एवं तकनीक की दी विस्तार से जानकारी पधर: राजकीय महाविद्यालय द्रंग स्थित नारला के वसुंधरा इको क्लब एवं विभिन्न विभागों के विद्यार्थियों ने चौधरी सरवन कुमार कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर का शैक्षणिक भ्रमण कर कृषि अनुसंधान एवं तकनीक बारे विस्तृत जानकारी हासिल की। इस दौरान विद्यार्थियों ने साइंस सेंटर पालमपुर का भी भ्रमण किया। प्रशिक्षण सहयोगी संजीव परमार ने विद्यार्थियों को आधुनिक कृषि तकनीकों के व्यावहारिक पहलुओं, फसल विज्ञान में प्रगति और टिकाऊ कृषि प्रथाओं का समर्थन करने में विश्वविद्यालय की भूमिका के बारे में बहुमूल्य जानकारी दी। विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों ने कृषि प्रौद्योगिकी सूचना केंद्र, संग्रहालय, पुस्तकालय, खाद्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, बुनियादी विज्ञान का दौरा किया,जहां कृषि प्रौद्योगिकी सूचना केंद्र (एटीआईसी) में कृषि क्षेत्र को बदलने में प्रौद्योगिकी के महत्व पर प्रकाश डाला गया। खाद्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग से सहायक प्रोफेसर डॉ. नीलाक्षी चौहान ने छात्रों क खाद्य संरक्षण, प्रसंस्करण और खाद्य सुरक्षा में योगदान देने वाले नवाचारों के महत्व को समझाया। वहीं बुनियादी विज्ञान विभाग की सहायक प्रोफेसर डॉ. सुमन शर्मा ने छात्रों को एक इंटरैक्टिव सत्र में शामिल किया, जहां उन्हें विभिन्न रासायनिक प्रक्रियाओं और प्रयोगों से परिचित करवाया गया, जिनका कृषि और दैनिक जीवन दोनों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। विज्ञान केंद्र में डॉ. चंद्रशेखर ने छात्रों का मार्गदर्शन किया। भ्रमण के दौरान विद्यार्थियों ने प्राचीन शिव मंदिर बैजनाथ में शीश नवा कर मंदिर के प्राचीन इतिहास की भी जानकारी ली। महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. कल्याण चंद मंढोत्रा ने कहा कि शैक्षणिक भ्रमण के दौरान विद्यार्थियों ने उत्साहवर्धन के साथ महत्वपूर्ण जानकारी हासिल की। उन्होंने भ्रमण के सफल आयोजन के लिए महाविद्यालय प्राध्यापकों को बधाई भी दी।
हिमाचल प्रदेश में उद्योगों को सस्ती बिजली का प्रबंध करने के लिए सरकार बड़ा कदम उठा सकती है। हालांकि अभी तक यह केवल एक सुझाव है, लेकिन सामने आया है कि उद्योगों को बिजली देने के लिए अलग से नई कंपनी का गठन किया जाए। इसमें बिजली बोर्ड से ही उन पुराने प्रोजेक्टों को वापस लिया जाए, जो 40 साल से ज्यादा समय से उत्पादन में है। क्योंकि एक शर्त राज्य सरकार की निजी कंपनियों के लिए भी है कि 40 साल पुराने प्रोजेक्ट वह सरकार को सौंप देंगी। लिहाजा इसे बिजली बोर्ड पर भी लागू करने की सोच है। सूत्रों के अनुसार सरकार द्वारा बनाई गई कैबिनेट सब-कमेटी के सामने इस तरह का सुझाव आया है और उसने आगे सीएम से भी इस बात पर चर्चा की है। सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री सुक्खू ने इसको नकार दिया है और उनका मानना है कि बोर्ड के ढांचे से छेड़छाड़ नहीं की जा सकती, परंतु आने वाले समय में इस मामले को लेकर प्रक्रिया आगे बढ़ सकती है, क्योंकि कुछ अधिकारी भी इस हक में है। अधिकारियों का मानना है कि इससे उद्योगों के लिए सरकार एक अलग व्यवस्था कर सकेगी और जो निवेशक यहां पर बिजली को लेकर अब परेशान हो रहे हैं, उनकी दिक्कत दूर हो सकती है। क्योंकि उद्योगों को अब दूसरे राज्य भी सस्ती बिजली देने लगे हैं और यहां पर बिजली का टैरिफ बढ़ रहा है, जिससे उद्योगपतियों में नाराजगी है। उनकी नाराजगी को दूर करने के लिए यदि सरकार बिजली क्षेत्र की नई कंपनी उद्योग क्षेत्रों में ही स्थापित कर दे और उसके माध्यम से केवल उद्योगों के लिए बिजली का वितरण करे, तो इससे उद्योगों को सस्ती बिजली का इंतजाम हो सकता है। वैसे यह इतना ज्यादा आसान नहीं है, परंतु फिर भी कैबिनेट सब-कमेटी अपनी ओर से सरकार के सामने इस तरह का सुझाव जरूर रखेगी। इसको लेकर सब-कमेटी ने काफी मंथन भी किया है। मुख्यमंत्री सुक्खू के साथ रविवार को अभियंताओं व कर्मचारियों के ज्वाइंट फ्रंट की जो बैठक हुई है, उसमें भी यह मुद्दा उठा है, मगर इस पर कोई बात नहीं बन पाई। क्योंकि बिजली बोर्ड में कर्मचारियों पर लगने वाली लागत काफी ज्यादा है और पेंशनरों का बड़ा खर्र्च बोर्ड पर है। उससे यहां बिजली के टैरिफ पर असर पड़ रहा है। बिजली का टैरिफ इससे महंगा हो गया है और अब उद्योगों को सरकार उस कद्र सस्ती बिजली नहीं दे पा रही है जितनी उसे देनी चाहिए। पिछले दिनों एक रूपए सबसिडी इसमें सरकार ने कम की थी, जोकि 100 किलोवॉट से ज्यादा बिजली इस्तेमाल करने वाले उद्योगों पर लागू हुई थी, मगर इस पर हाई कोर्ट ने रोक लगा दी, जिससे भी सरकार फंस गई है। हिमाचल प्रदेश में उद्योगों को भी सस्ती बिजली देना जरूरी है। बिजली बोर्ड के चार ऐसे प्रोजेक्ट बताए जा रहे हैं, जो 40 साल से ऊपर हो चुके हैं और उनसे उत्पादन हो रहा है। उनकी पूरी बिजली का इस्तेमाल बिजली बोर्ड ही करता है और उससे सरकार को कोई लाभ नहीं मिल रहा। ऐसे में अब कैबिनेट सब-कमेटी के सुझावों को सरकार मानती है या नहीं, यह देखना होगा।
शिमला: हिमाचल में पिछले कई महीनों से कमर तोड़ महंगाई की समस्या से जूझ रहे लाखों लोगों को डिपुओं में भी राहत नहीं मिल रही है। हालत ये है कि नवंबर महीना बीतने को है, लेकिन प्रदेश भर के 4500 से ज्यादा डिपुओं में उपभोक्ताओं को इस महीने सरसों के तेल सहित तीन दालों का कोटा उपलब्ध नहीं हुआ है, जिसके चलते बाजार से महंगे रेट पर खाद्य वस्तुएं खरीद कर रसोई चलाने को उपभोक्ता मजबूर हैं। पिछले महीने फेस्टिव सीजन में लोगों का पहले ही जेब खर्च ज्यादा हुआ है। ऐसे में डिपुओं में तेल और दाल का कोटा न मिलने से लोगों की जेब और टाइट हो गई है। वहीं, प्रदेश के अधिकतर डिपुओं में तो उपभोक्ताओं को पिछले महीने भी सरसों का तेल नहीं दिया गया है, जिससे लोगों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। वहीं, डिपुओं में सरसों का तेल और दालों का कोटा कब तक उपलब्ध होगा? इस बात की भी उपभोक्ताओं को कोई जानकारी नहीं मिल रही है। उचित मूल्यों की दुकानों से कोटा गायब होने से लाखों परिवार अब बाजार से 200 रुपए लीटर सरसों का तेल और 100 से 120 रुपए किलो दालें खरीदने के लिए मजबूर है। हालात ये है कि मंडी समेत अन्य जिलों में तो उपभोक्ताओं को पिछले कई महीने भी डिपुओं में सरसों का तेल और दालों का कोटा नहीं मिला है, जिससे उपभोक्ता पिछले दो महीनों से बाजार से महंगे भाव पर सरसों का तेल और दालें खरीदने को विवश हैं। खुले बाजार में सरसों के तेल की कीमतें आसमान छूने लगी हैं, लेकिन डिपुओं में उपभोक्ताओं को सस्ते रेट पर दिए जाने वाले सरसों के तेल के भाव में पिछले करीब तीन महीने से कोई बदलाव नहीं हुआ हैं। हिमाचल सरकार उपभोक्ताओं को एक राशन कार्ड पर अधिकतम दो लीटर सरसों का तेल दे रही है। इसमें एपीएल और बीपीएल उपभोक्ताओं को 123 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से सरसों का तेल उपलब्ध कराया जा रहा है। वहीं, टैक्स पेयर कार्ड धारकों को यही सरसों का तेल 129 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से दिया जा रहा है। पिछले महीने त्योहारी सीजन में सरकार ने उपभोक्ताओं को डिपुओं में जाकर जरूरत के मुताबिक सरसों का तेल खरीदने की सुविधा भी दी थी, लेकिन सरकार का ये दावा कुछ ही दिनों में ही हवा हो गया था। हिमाचल में डिपुओं में उपभोक्ताओं को दालें भी सस्ते भाव पर उपलब्ध करवाई जाती हैं। इसमें बीपीएल परिवारों को उड़द की दाल 58 रुपए किलो के हिसाब से दी जाती है। एपीएल परिवारों को उड़द की दाल 68 रुपए किलो मिलती है। इसके अलावा टैक्स पेयर को डिपुओं में 93 रुपए किलो उड़द की दाल उपलब्ध कराई जाती है। इसी तरह से बीपीएल परिवारों को मलका की दाल 56 रुपए प्रति किलो के हिसाब से दी जाती है। एपीएल परिवारों को मलका दाल 66 रुपए किलो और टैक्स पेयर के लिए मलका की दाल का भाव अभी 91 रुपए तय किया गया है। डिपुओं में एपीएल परिवारों को चना दाल अभी तक 48 रुपए किलो दी जाती है। वहीं, बाजार में इन तीनों ही दालों का भाव 100 से 120 रुपए प्रति किलो है। हिमाचल प्रदेश में कुल राशन कार्ड धारकों की संख्या 19 लाख 65 हजार 589 है। जो 4500 से ज्यादा डिपुओं के जरिए सस्ते राशन की सुविधा का लाभ उठा रहे हैं। डिपुओं के जरिए उपभोक्ताओं को आटा, चावल, तीन अलग-अलग किस्म की दालें, सरसों का तेल और नमक बाजार से सस्ते रेट पर उपलब्ध करवाया जाता है। महंगाई के कारण डिपुओं में सरसों के तेल की अधिक मांग रहती है। सरसों के तेल के कोटे को कोई भी उपभोक्ता नहीं छोड़ता है। ऐसे में प्रदेश में हर महीने डिपुओं में 34 लाख लीटर तेल की खपत रहती है, जिस पर सरकार सब्सिडी के तौर पर लाखों रुपए खर्च करती है।
मंडी: पुलिस थाना बीएसएल कॉलोनी सुंदरनगर की टीम को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। पुलिस टीम ने मनाली-चंडीगढ़ हाईवे पर नाकाबंदी के दौरान नगर परिषद सुंदरनगर के हमसफर चौक के पास हिमाचल पथ परिवहन निगम के कुल्लू डिपो की कुल्लू से चंडीगढ़ जा रही बस में एक शख्स से 4.702 किलोग्राम चरस बरामद की है। पुलिस ने बस में सफर कर रहे जम्मू-कश्मीर के रहने वाले 34 वर्षीय आरोपी चमन लाल को गिरफ्तार किया है। जानकारी के मुताबिक जिला मंडी पुलिस के तहत पुलिस थाना बीएसएल कॉलोनी की टीम ने रविवार सुबह नगर परिषद सुंदरनगर के तहत हमसफर चौक पर नाकाबंदी की थी पुलिस टीम ने मौके से गुजर रहे वाहनों की जांच की। इसी दौरान मंडी की ओर से आ रही कुल्लू डिपो की निगम की बस नंबर एचपी-66ए 4184 को जांच के लिए रोका गया। बस में जांच के दौरान पुलिस की टीम ने एक युवक के कब्जे से 4.702 किलोग्राम चरस बरामद की गई। आरोपी बस में मंडी जिला के औट से बैठा था। मामले में बरामद चरस को पुलिस ने नियमानुसार सील कर कब्जे में लेकर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। डीएसपी सुंदरनगर भारत भूषण ने बताया कि पुलिस थाना बीएसएल कॉलोनी की टीम ने निगम की बस से एक आरोपी को चरस के साथ गिरफ्तार किया है। आरोपी के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट की धारा-20 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है. आरोपी को नियमानुसार कोर्ट के समक्ष पेश किया जाएगा।
हिमाचल में अब 70 साल से ज्यादा के बुजुर्गों का घरद्वार पर ही उपचार होगा। स्वास्थ्य विभाग को फोन पर सूचना देने के बाद मोबाइल एंबुलेंस घर जाएगी। इसमें एक डॉक्टर, फार्मासिस्ट और नर्स होंगी। इस एंबुलेंस में दवाइयां, ऑक्सीजन सिलिंडर और अन्य जरूरी उपकरण भी रहेंगे। मौके पर उपचार करने के बाद डॉक्टर को लगे कि मरीज को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत है तो उन्हें साथ ही लाया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक मरीजों के घर-द्वार पर ही टेस्ट भी होंगे। इसकी रिपोर्ट ऑनलाइन घर भेजी जाएगी। इसके लिए मरीज या उनके तीमारदारों का मोबाइल नंबर लिया जाएगा। सीएम सुक्खू ने स्वास्थ्य विभाग को इस योजना को जल्द शुरू करने को कहा है। जिलों में नजदीकी अस्पताल से लोगों के घरों में स्वास्थ्य विभाग की टीमें भेजी जाएंगी। यह सुविधा अभी उन क्षेत्रों व पंचायतों में होगी जहां सड़क सुविधा रहेगी। उपचार और दवाएं निशुल्क दी जाएंगी।मुख्यमंत्री के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने कहा कि सीएम सुक्खू ने विभाग को इस दिशा में काम करने को कहा है।
हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग की पहली पायलट भर्ती की सीबीटी परीक्षा का नतीजा निकालने का पेच सुलझ गया है। अब आयोग को ट्रेजरी से कोड मिलने के बाद एडसिल एजेंसी को करीब 36 लाख के भुगतान का रास्ता साफ हो गया है। कोष विभाग से नवगठित आयोग के नामित कर्मचारी को ट्रेजरी कोड मिलने के बाद जल्द ही अब एजेंसी को भुगतान होगा। परीक्षा के आयोजन का 36 लाख का बिल कोष विभाग को भेजा गया है। हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग को अपना जीएसटी नंबर भी मिल गया है। ऐसे में परीक्षाओं के आयोजन से लेकर तमाम वित्तीय गतिविधियों को पूरा करने में दिक्कत पेश नहीं आएगी। हिमाचल प्रदेश नवगठित आयोग की ओर से ऑपरेशन थियेटर असिस्टेंट (ओटीए) पोस्ट कोड 1073 के 162 पदों की कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट (सीबीटी) का आयोजन बीते मार्च में किया गया था। सीबीटी के तहत पायलट आधार पर यह पहली भर्ती राज्य आयोग की ओर से एडसिल एजेंसी के जरिये करवाई गई थी। इस भर्ती को करवाने की एवज में एजेंसी ने आयोग को 36 लाख का बिल दिया था। इस बिल के भुगतान को लेकर पिछले सात माह से पेच फंसा हुआ था। आयोग का ट्रेजरी कोड सृजित नहीं होने से बिल नहीं बन पा रहा था। भंग कर्मचारी चयन आयोग में साल 2022 में इस भर्ती को विज्ञाप्ति किया गया था। पेपरलीक के चलते आयोग भंग हो गया था। नवगठित राज्य आयोग ने 30 मार्च 2024 को इसकी सीबीटी परीक्षा करवाई। इस भर्ती को पायलट भर्ती के तौर पर एडसिल एजेंसी के माध्यम से करवाया गया। दो साल बाद अभ्यर्थियों का परिणाम का इंतजार जल्द ही खत्म होगा। प्रदेश सरकार के कोष विभाग से किसी भी विभाग को फंड जारी करने के लिए विभाग अथवा सरकारी संस्था का ट्रेजरी कोड सृजित किया जाता है। उस संस्था के एक कर्मचारी को इस कोड को संचालित करने के लिए नामित किया जाता है। बाकायदा आईडी और पासवर्ड कर्मचारी के बनाए जाते हैं। हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग में यह औपचारिकताएं अब पूरी कर ली गई है। सीबीटी के परिणाम के बाद होगा दस्तावेजों का मूल्याकंन ओटीए की भर्ती की सीबीटी भर्ती के परीक्षा परिणाम को आउटसोर्स एजेंसी की ओर से घोषित किया जाएगा, लेकिन अंतिम परिणाम हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग की ओर से ही जारी किया जाएगा। आयोग के सचिव विक्रम महाजन ने कहा कि आयोग ने कोष विभाग के समक्ष ओटीए भर्ती के आयोजन का बिल प्रस्तुत कर दिया है। आयोग को अपना जीएसटी नंबर भी मिल गया है।
सिरमौर: कहते हैं कि मां जैसा इस दुनिया में कोई दूसरा नहीं है। एक मां अपने जिगर के टुकड़े के लिए कुछ भी कर सकती है या यूं कहे कि किसी भी हद तक जा सकती है। अपने बेटे की जिंदगी बचाने के लिए वो खुशी-खुशी मौत को भी गले लगा सकती है। मां की मामता का भावुक कर देने वाला एक मामला हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिला से सामने आया है। मां का रिश्ता सभी रिश्तों से अनमोल यूं ही नहीं है। कई ऐसे उदाहरण हैं जब मां ने अपने लाल का जीवन बचाने के लिए हंसते-हंसते मौत को गले लगा लिया हो। ऐसा ही उदाहरण जिला सिरमौर के शिलाई क्षेत्र में सामने आया है। कांडो भटनोल पंचायत के गांव बोहल में शनिवार को रंगड़ों के हमले से मां ने अपने तीन साल के मासूम को बचाते हुए अपनी जान दे दी। जानकारी के अनुसार अनु (28) अपने घर के पास ही घास काटने गई थी। वह बेटे को भी साथ ले गई थी। अचानक घासन में खड़ीक के पेड़ पर बने छत्ते से रंगड़ों ने मां-बेटे पर हमला कर दिया। अनु ने अपने सिर से ढाठू उतारकर बेटे को ढका और अपनी आगोश में ले लिया। इससे बेटा बच गया, लेकिन रंगड़ों ने अनु को बुरी तरह काटा। उसने शिमला में मजदूरी कर रहे अपने पति को फोन के माध्यम से इसकी जानकारी दी। चीखने की आवाजें सुनकर आसपास के लोग पहुंचे महिला के चीखने की आवाजें सुनकर आसपास के लोग पहुंचे और उपचार के लिए उसे शिलाई अस्पताल ले जाया गया। यहां से महिला व बच्चे को हायर सेंटर रेफर किया गया, लेकिन महिला ने अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ दिया। बच्चे का नाहन मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में उपचार चल रहा है। वह खतरे से बाहर है।
धर्मपुर/डिंपल: राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला सज्याओ पिपलू में आज 71वें अखिल भारतीय सहकारी सप्ताह का भव्य आयोजन किया गया, जिसमें धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक चंद्रशेखर ने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। मुख्य अतिथि ने सहकार झंडा फहराकर कार्यक्रम की विधिवत शुरूआत की। मुख्य अतिथि को सहायक पंजीयक सहकारी सभाएं द्वारा शॉल-टोपी व स्मृति चिन्ह भेंट करके सम्मानित किया गया। विधायक चंद्रशेखर ने अपने संबोधन में सहकारी आंदोलन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए कहा कि सहकारी समितियां ग्रामीण और शहरी विकास में अहम भूमिका निभा रही हैं। उन्होंने सहकारिता के माध्यम से स्वावलंबन और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने पर जोर दिया तथा बताया कि सहकारिता की बुनियाद हिमाचल प्रदेश में ऊना जिला में रखी गई थी, जिसका पूरा क्रेडिट स्वर्गीय हीरा लाल जी को जाता है। उन्होंने कहा कि सहकारिता एक ऐसा माध्यम है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर सृजित किए जा सकते हैं और सामूहिक भागीदारी से समाज को मजबूत किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में वर्तमान प्रदेश सरकार सहकारिता के क्षेत्र को और अधिक मजबूत करने के उद्देश्य से प्रतिबद्ध है। चंद्रशेखर ने बताया कि सहकारिता के क्षेत्र में लोगों विशेष रूप से युवाओं को आगे ले जाने के लिए धर्मपुर विस क्षेत्र के स्योह में कॉमन फेसिलिटी सेंटर का काम 5 करोड़ रूपये की लागत से किया जा रहा है, जिसमें बांस के उत्पादों पर काम किया जा रहा है और आज इस सेंटर द्वारा लगभग 60 युवाओं को रोजगार उपलब्ध करवाया जा रहा है, जिसमें हर युवक को 7500 रुपए महीने के हिसाब से वेतन भी दिया जा रहा है तथा प्रयास किए जा रहे हैं कि भविष्य में कॉमन फेसिलिटी सेंटर के माध्यम से 200 से 300 और लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाया जा सके। समारोह में सहकारी समितियों के विस्तार और उनके प्रभाव को बढ़ाने के लिए नई योजनाओं की भी घोषणा की। कार्यक्रम की मुख्य थीम "सहकारी उद्यमों का परिवर्तन" रही। सहायक पंजीयक सहकारी सभाएं (मंडी) विक्रमजीत ने कहा कि समारोह की मुख्य थीम "सहकारी उद्यमों का परिवर्तन" रखी गई है। मंडी जिला में वर्तमान में 716 सहकारी संस्थाएं पंजीकृत है, जिनमें से 238 प्राथमिक कृषि सहकारी सभाएं, 77 प्राथमिक सहकारी भण्डार, 223 दुग्ध उत्पादक सहकारी सभाएं एवं 25 ऋण व बचत सहकारी सभाएं गठित है। इसके अतिरिक्त एक शहरी सहकारी बैंक तथा 43 बुनकर सहकारी सभाएं, 03 अकृषक सभाएं कार्यरत है। आज 716 सहकारी सभाओं में कुल सदस्यता 2,07,768 है।और 66,318.64 लाख रुपए की कार्यशील पूजी है तथा 3947.690 लाख रुपए का भागधन है। समारोह में विभिन्न सहकारी समितियों के प्रतिनिधियों ने अपनी उपलब्धियां प्रस्तुत कीं। इस अवसर पर सहकारी क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले व्यक्तियों और संस्थाओं को सम्मानित किया गया। स्थानीय स्कूल की बच्चियों ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं, जो कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रहीं। विधायक ने इन बच्चियों को 5100 रुपए तथा की सी.डी.साख सहकारी समिति की सदस्यों को भी उनकी प्रस्तुति के लिए 2100 रुपये की राशि देने की घोषणा की । कार्यक्रम के अंत में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए जिला स्तर पर "AA" वर्ग में पहला इनाम लोवर संदोल सहकारी सेवा समिति। "A" वर्ग में पहला इमाम मछिंद्रनाथ कृषि सहकारी सेवा ।"B" वर्ग में पहला इमाम स्लाप्ड सहकारी सभा, सुंदरनगर।"C" वर्ग में पहला इमाम पीहड कृषि सहकारी सेवा समिति,चौंतड़ा ब्लॉक को दिया गया। विशेष पुरस्कारों की सूची में द सी.डी.सेवा सहकारी समिति को बैंक को बैंकिंग के क्षेत्र में सम्मानित किया गया। बतोहता सेवा सहकारी समिति को सोलर पॉवर प्लांट के लिए सम्मानित किया गया। इस अवसर पर उप-पंजीयक सहकारी सभाएं मंडी कमलेश कुमार, सहायक पंजीयक सहकारी सभाएं मंडी बिक्रमजीत, जिला अकेक्षण अधिकारी ओम चंद वर्मा, जिला निरीक्षक वीरेंद्र सिंह गुलेरिया और विभिन्न सहकारी सभाओं के प्रतिनिधि और साथ में धर्मपुर की विभिन्न पंचायतीराज संस्थाओं के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।
** फूलों से तैयार तेल के 12 से 15 हजार रुपए प्रति लीटर मिल रहे दाम उपमंडल पधर के पहाड़ी क्षेत्रों में लोग अब पारंपरिक खेती से आगे बढ़कर व्यावसायिक फसलें अपना रहे हैं। प्रदेश सरकार द्वारा फ्लोरीकल्चर अर्थात फूलों की खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू की गई योजनाएं उनकी सहायक बन रही हैं। विशेषकर पहाड़ी इलाकों में जंगली गेंदे की खेती मुनाफे की फसल साबित हो रही है। फ्लोरीकल्चर में प्रदेश सरकार द्वारा बागवानों को 85 प्रतिशत तक सब्सिडी प्रदान की जा रही है। इसके अतिरिक्त महक योजना के तहत भी फूलों की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। योजना के तहत जंगली गेंदे के फूल के लिए एक हेक्टेयर पर 30 हजार रुपए उपदान दिया जा रहा है। उपमंडल पधर के दर्शन लाल ने 12 बीघा भूमि में जंगली गेंदे की खेती शुरू की है। सियून पंचायत के कचौरटधार में बंजर भूमि पर जंगली गेंदे की खेती कर चोखी कमाई कर रहे हैं। लगभग 100 बीघा में गांव के अन्य लोग भी फूलों की खेती कर रहे हैं। जिन्हें उद्यान विभाग से महक योजना के तहत शेड बनाने के लिए ढाई लाख रुपए सब्सिडी भी मिली। जिसमें वह जंगली गेंदे के फूलों का भंडारण करते हैं और बारिश से अब उनकी फसल भी खराब नहीं होती। दर्शन लाल कहते हैं कि जंगली गेंदे की खेती वे पहले भी करते थे, लेकिन कटाई के बाद तेल निकालने के लिए फूल नेरचौक (मंडी) ले जाने पड़ते थे, जिसमें खर्च भी बहुत अधिक आता था। हाल ही में हिमालय जैव संपदा प्रौद्योगिकी संस्थान पालमपुर द्वारा तेल निकालने की यूनिट भी यहां निःशुल्क स्थापित की गई है। जिससे उनके माल ढुलाई की लागत बच जाती है। अब जो ग्रामीण आसपास जंगली गेंदे के फूल उगा रहे हैं, उनसे दर्शन लाल 23 रुपए प्रति किलो के हिसाब से वहीं पर यह फूल भी खरीदते हैं। जंगली गेंदे से निकले तेल की कीमत बाजार में 12 से 15 हजार रुपए प्रति लीटर है। जंगली गेंदे की खेती से वह सालाना लगभग 2 लाख रुपए कमा लेते हैं। किसान हितैषी योजनाओं के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू का आभार भी जताया है।गांव के पूर्ण चंद कहते हैं कि वह भी अपनी बंजर भूमि पर जंगली गेंदे की खेती कर अच्छी आय अर्जित कर रहे हैं। जंगली जानवरों से अकसर जो फसल को नुकसान हो रहा था, उससे निजात पाने के लिए अब वे फूलों की खेती कर रहे हैं। इसका उपयोग साज-सज्जा, पूजा के साथ-साथ औषधीय उपयोग व तेल के लिए भी किया जाता है। उद्यान विकास अधिकारी द्रंग कविता शर्मा ने बताया कि उपमंडल पधर में किसान-बागवान अब जंगली गेंदे के फूल की खेती भी कर रहे हैं। विभाग की ओर से एक हेक्टेयर पर 30 हजार रुपए प्रति लाभार्थी उपदान के तहत दो बागवानों को 60 हजार रुपए प्रदान किए गए हैं। जलवायु उपयुक्त होने से इस क्षेत्र में जंगली गेंदे की खेती की अच्छी संभावनाएं हैं। साथ ही इसमें पारम्परिक खेती की तरह बहुत ज्यादा मेहनत भी नहीं करना पड़ती। जंगली जानवर भी इसे नुकसान नहीं पहुंचाते हैं। प्रदेश में किसानों एवं बागवानों की आमदनी बढ़ाने एवं उनके खेतों के उचित प्रयोग के लिए सरकार ने महक योजना शुरू की है। इसके तहत किसानों और बागवानों को औषधीय एवं सुगंधित पौधों और फूलों की खेती से जोड़ा जा रहा है। किसान अपने बगीचों या खेतों में अन्य फसलों के साथ भी इनकी खेती कर सकते हैं। रोजमेरी फूल, लैमन ग्रास इत्यादि पर 50 फीसदी तक उपदान भी प्रदान किया जाता है। बागवानी विभाग इसकी खेती के लिए किसानों को प्रशिक्षण भी देता है। उन्हें एक्सपोजर विजिट पर भी भेजा जाता है। फसल कटाई, कीट प्रबंधन एवं कटाई के समय इत्यादि पर भी प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है।
** सूखे की मार झेल रहे किसानों को मिलेगी राहत पर्यटन भी पकड़ेगा गति लंबे अरसे बाद मौसम ने करवट बदली है। शनिवार को रोहतांग सहित शिंकुला व बारालाचा दर्रे में बर्फ के फाहे गिरे हैं। बादल छा जाने से रोहतांग के निकटवर्ती स्थलों में भी हिमपात की उम्मीद बढ़ गई है। लंबे समय से सूखे की मार झेल रहे किसानों व पर्यटन कारोबारियों को भी राहत मिलने की उम्मीद है। शनिवार को बर्फ की उम्मीद लिए रोहतांग दर्रे में पांच सौ से अधिक पर्यटक वाहनों में लगभग चार हजार पर्यटक पहुंचे। बर्फ न पडऩे से उन्हें निराशा हुई, लेकिन ठंडा मौसम देख पर्यटक खासे उत्साहित हुए। देर शाम को दर्रे में बर्फ के फाहे गिरे। शनिवार को शिंकुला व बारालाचा दर्रे में बर्फ के फाहे गिरे, लेकिन लेह लद्दाख सहित जंस्कार घाटी की ओर वाहनों की आवाजाही सुचारू रही। देश भर के पर्यटक मनाली में हिमपात होने का इंतजार कर रहे हैं।
हिमाचल प्रदेश में विभिन्न श्रेणियों की 7,600 पदों की आउटसोर्स भर्तियों पर ब्रेक लग गई है। राज्य हाईकोर्ट के फैसले के बाद इलेक्ट्राॅनिक्स काॅरपोरेशन ने भर्ती प्रक्रिया बंद कर दी है। शिक्षा विभाग में 6,200 प्री प्राइमरी शिक्षकों सहित एनएचएम में नर्स, ओटी टैक्नीशियन और फार्मासिस्ट सहित अन्य श्रेणियों की 1400 पदों पर भर्तियां होनी हैं। दरअसल शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग ने इन भर्तियों का इलेक्ट्राॅनिक्स काॅरपोरेशन को जिम्मा सौंपा है। अब कोर्ट ने काॅरपोरेशन के माध्यम से भर्तियाें पर रोक लगा दी है।सरकार भर्तियों को शुरू करने के लिए हाईकोर्ट के समक्ष अपना पक्ष रखने की तैयारियों में जुट गई है। 21 नवंबर को इस मामले की सुनवाई होनी है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने कॉरपोरेशन के तहत पंजीकृत सभी कंपनियों का डाटा बेवसाइट पर अपलोड करने के निर्देश दिए हैं। जब तक सभी कंपनियों का डाटा वेबसाइट पर अपलोड नहीं होगा, तब तक आउटसोर्स भर्तियों पर रोक लगाई गई है। इस कारण इन दिनों काॅरपोरेशन के तहत होने वाली भर्तियों को लेकर प्रक्रिया थम गई है। शिक्षा विभाग ने बीते दिनों काॅरपोरेशन को 6200 प्री प्राइमरी शिक्षकों से संबंधित नियम तैयार कर भेजे थे। काॅरपोरेशन ने इन पदों पर भर्ती के लिए आउटसोर्स कंपनियों का चयन शुरू करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी थी। इसी बीच हाईकोर्ट की रोक के चलते यह काम बंद हो गया है। वहीं राज्य लोकसेवा आयोग की परीक्षा पास करने पर शिक्षा विभाग ने हिंदी विषय के 113 और फिजिक्स विषय के 45 नए स्कूल प्रवक्ताओं को नियुक्तियां दे दी हैं। शनिवार को उच्च शिक्षा निदेशालय की ओर से नियुुक्ति आदेश जारी किए गए। प्रवक्ताओं को 25,800 रुपये प्रतिमाह वेतन मिलेगा। इनकी नियुक्ति अनुबंध आधार पर की गई है। तय कार्यकाल को पूरा करने के बाद इन्हें नियमित किया जाएगा। सभी नवनियुक्त प्रवक्ताओं को दस दिनों के भीतर पद ग्रहण करने के निर्देश दिए गए हैं।
विद्युत उपमंडल पधर के अंतर्गत 33/11 केवी सब स्टेशन गवाली में मुरम्मत एवं आवश्यक रख-रखाव कार्य के चलते सोमवार 18 नंवबर को प्रातः 10 से सांय 5 बजे तक विद्युत आपूर्ति बाधित रहेगी। सहायक अभियंता पधर नितिन चंदेल ने बताया कि 33/11 केवी सब स्टेशन मे जरूरी रख-रखाव कार्य किया जाएगा, जिसके चलते 8 घंटे तक आपूर्ति बंद की जाएगी। उन्होंने उपभोक्ताओं से सहयोग की अपील की है।
** कबड्डी में अशोका सदन के खिलाड़ियों ने मारी बाजी पधर: असेंट वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय पधर में वार्षिक खेल कूद प्रतियोगिता हर्षोल्लास के साथ सम्पन्न हुई। विद्यालय में विभिन्न प्रकार के खेलों का आयोजन किया गया। वहीं विद्यालय में छात्रों द्वारा स्टॉल भी लगाए गए, जिसमें विद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा विभिन्न पकवान तथा व्यंजन बनाए गए। इस दौरान विद्यालय के चार सदनों शिवाजी सदन, टैगोर सदन, अशोका सदन, और रमन सदन के मध्य प्रतिस्पर्धा रही, जिसमें कबड्डी के (छात्र) वरिष्ठ वर्ग में अशोक सदन विजय रहा तथा कबड्डी के माध्यमिक वर्ग में शिवाजी सदन प्रथम रहा। कबड्डी (छात्र) जूनियर वर्ग में अशोक सदन प्रथम रहा। इसके साथ वॉलीबॉल में वरिष्ठ छात्र वर्ग में रमन सदन प्रथम,तथा वॉलीबॉल कनिष्ठ वर्ग में टैगोर सदन क्रमशः प्रथम रहा। इसी क्रम में वरिष्ठ छात्रा वर्ग में रस्सा-कस्सी का भी आयोजन किया गया, जिसमें अशोका सदन ने बाजी मारी। इसी कड़ी में कनिष्ठ छात्रा वर्ग की रस्सी स्किपिंग में रिद्धिमा प्रथम, लताश द्वितीय, तथा जन्नत तृतीय स्थान पर रही। सूई धागा प्रतियोगिता में दीक्षा, गुंजन, और शारण्य गुलेरिया प्रथम , द्वितीय और तृतीय स्थान पर रही। इसी प्रकार थ्री लेग दौड़ की प्राथमिक स्तर पर विहान, देवांश, रक्षित, परीक्षित, आयुष, काव्यांश, ने प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त किया। सौ मीटर दौड़ प्रतियोगिता में प्राथमिक स्तर की छात्रा वर्ग में स्मृति, कनिका, सोनाक्षी प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान पर रही। गुब्बारा दौड़ में प्राथमिक स्तर पर कशिश, कनिका, और शानवी प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान पर रही। चम्मच कंचा दौड़ में प्राथमिक स्तर पर जेस्मिन, हिमानी, एंजेल ने प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान पर, म्यूजिक चेयर प्रतियोगिता में माध्यमिक स्तर पर वंशिका, मुस्कान ने प्रथम , द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त किया। पचास मीटर की छात्र वर्ग की दौड़ में प्राथमिक वर्ग पर सूर्यांश, आदर्श, और परीक्षित ने क्रमशः प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त किया। गुब्बारा दौड़ प्रतियोगिता के प्राथमिक वर्ग में ऋषभ, नवीन, और मयंक ने क्रमशः प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त किया। छात्रा वर्ग प्राथमिक विभाग के पचास मीटर दौड़ में मीनाक्षी, दर्शिका, और रिद्धिमा ने क्रमशः प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त किया। इसी प्रकार प्राथमिक वर्ग की गुब्बारा दौड़ प्रतियोगिता में आराध्या, शिवनय और पलक ने क्रमशः प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त किया। प्री प्राइमरी विभाग की टॉफी जंप प्रतियोगिता में नर्सरी कक्षा में अमायरा चौहान, अलीशा, और सार्थक ने क्रमशः प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त किया। गुब्बारा दौड़ प्रतियोगिता में एलकेजी कक्षा में सूर्यांश, चिराग ठाकुर, और सूर्यांश ठाकुर ने क्रमशः प्रथम द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त किया। लेमन रेस प्रतियोगिता में यूकेजी कक्षा में कनिका , आरोही, और जीविका ने क्रमशः प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त किया। प्रधानाचार्य गुलाब सिंह चौहान ने प्रथम स्थान प्राप्त करने वालों को स्वर्ण पदक, द्वितीय स्थान प्राप्त करने वालों को रजत पदक और तृतीय स्थान प्राप्त करने वालों को कांस्य पदक से सम्मानित किया तथा उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। विद्यालय के सभी विद्यार्थियों ने स्टॉल में विभिन्न पकवानों और व्यंजनों का भरपूर लुत्फ उठाया, जिसमें मुख्य रूप से सिडू, गुलाब जामुन, टोस्ट, पानीपुरी, छोले कुलचे, इत्यादि प्रमुख केंद्र का बिंदु रहे।
** मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तंभ: सुरजीत सिंह ठाकुर राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर सहायक लोक संपर्क अधिकारी कार्यलय पधर में कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें उपमंडल के समस्त मीडियाकर्मियों ने उपस्थिति दर्ज करवाई। एसडीएम सुरजीत सिंह ठाकुर बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। प्रेस क्लब द्वारा मुख्यातिथि को टोपी पहना कर सम्मानित किया गया। इस दौरान एसडीएम सुरजीत ठाकुर ने ‘चेंजिंग नेचर ऑफ प्रेस विषय पर परिचर्चा करते हुए मीडियाकर्मियों से जिम्मेवारी के साथ पत्रकारिता करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है, जिसकी विश्वसनीयता बनाए रखना मीडिया कर्मियों का कर्तव्य है। वर्तमान परिपेक्ष्य में निष्पक्ष एवं निर्भीक पत्रकारिता पत्रकारों के लिए चुनौती है। ऐसे में वास्तविकता के साथ-साथ तह तक जुड़े आंकड़ों के आधार पर समाचार संप्रेषण आवश्यक है। बिना तथ्यों के सनसनी फैलाने और भ्रामक खबरों के प्रकाशन प्रसारण से भी स्वयं को दूर रखना चाहिए। उन्होंने पत्रकारों से आह्वान किया कि ऑनलाइन फ्रॉड और कॉलिंग से लोगों को जागरूक करने के लिए समय समय पर बेहतरीन संदेश दें। इस दौरान प्रेस क्लब द्वारा नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट के दिशा निर्देश अनुसार एसडीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री को मांग पत्र भी सौंपा गया। इस दौरान प्रेस क्लब अध्यक्ष नवीन निश्चल शर्मा, महासचिव किरण चौहान, उपाध्यक्ष ललित ठाकुर, कृष्ण भोज, अंबिका शर्मा सहित लोक संपर्क विभाग कार्यालय के कर्मचारी मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार विपक्ष के दुष्प्रचार से विचलित नहीं होगी और प्रदेश की जनता की भलाई के लिए काम करती रहेगी। रामपुर के दत्तनगर में हिमाचल के सबसे बड़े मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट के लोकार्पण अवसर पर जनसभा को संबोधित करते हुए सीएम ने कहा कि प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार की मदद के बिना प्राकृतिक आपदा से प्रभावित 23 हजार परिवारों का पुनर्वास किया। सीएम ने कहा कि प्रदेश के किसानों से लिए जाने वाले दूध के दाम सरकार अगले साल के बजट में और बढ़ाएगी। अभी सरकार किसानों से गाय का दूध 45 रुपये और भैंस का दूध 55 रुपये प्रतिलीटर के हिसाब से खरीद रही है। पूर्व जयराम सरकार ने बिना बजट और पर्याप्त स्टाफ के शिक्षण और स्वास्थ्य संस्थान खोले। चुनावी लाभ के लिए 5,000 करोड़ की रेवड़ियां बांटीं। सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार पशुपालन विभाग में 900 पशु फार्मासिस्टों की भर्ती करने जा रही है, ताकि पशुपालकों को घरद्वार पर बेहतर सुविधाएं मिल सकें। उन्होंने कहा कि डबल इंजन सरकार के कार्यों के कारण ही हिमाचल गुणवत्तापूर्ण सुविधाएं देने में देशभर में पिछड़ गया। मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार देवी-देवताओं और जनता के आशीर्वाद से हर चुनौती पर विजय प्राप्त कर रही है। राजनीतिक चुनौती का सफलतापूर्वक सामना करते हुए कांग्रेस पार्टी के विधायकों की संख्या फिर से 40 हो गई है।
हिमाचल में सैलानियों की संख्या में इजाफा हुआ है। वीकेंड पर एक साथ तीन छुट्टियों के चलते हिमाचल में टूरिस्ट की संख्या बढ़ी हैं। शिमला, कुफरी, कसौली, चायल, नारकंडा, मनाली और धर्मशाला में बड़ी संख्या में टूरिस्ट उमड़े हैं। प्रदेश के होटलों में ऑक्यूपेंसी बढ़कर 50 फीसदी तक पहुंच गई है। रोहतांग सहित प्रदेश की ऊंची चोटियों पर हल्की बर्फबारी के बाद सैलानियों का आकर्षण बढ़ा है। विंटर टूरिस्ट सीजन से पहले हिमाचल में सैलानियों की संख्या बढ़ने से पर्यटन कारोबारी उत्साहित हैं। रोहतांग में हुई बर्फबारी के बाद बाहरी राज्यों के सैलानियों ने मनाली का रुख करना शुरू कर दिया है। बीते एक सप्ताह में मनाली पहुंचने वाले सैलानियों की संख्या करीब दोगुनी हो गई है। शिमला, कसौली, चायल, कुफरी और नारकंडा में भी वीकेंड पर टूरिस्टों की आवाजाही बढ़ गई है। शिमला के रिज मैदान और मालरोड पर शुक्रवार को सैलानियों की खूब चहलपहल रही। कुफरी में सैलानियों ने घुड़सवारी का लुत्फ उठाया। नारकंडा की हाटू पीक पहुंचने वाले सैलानियों की संख्या बढ़नी शुरू हो गई है। शुक्रवार को कसौली में सैलानियों की संख्या बढ़ने से ट्रैफिक जाम की समस्या पेश आई। फेडरेशन ऑफ ऑल हिमाचल होटल एंड रेस्टोरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष गजेंद्र सिंह ठाकुर ने बताया कि लांग वीकेंड पर हिमाचल के पर्यटन स्थल सैलानियों से गुलजार हो गए हैं। विंटर टूरिस्ट सीजन से पहले वीकेंड पर टूरिस्टों की संख्या बढ़ने से आने वाले दिनों में अच्छे कारोबार की उम्मीद है। रोहतांग में हुई बर्फबारी के बाद मनाली में सैलानियों की संख्या में इजाफा हुआ है। वीकेंड पर तीन दिन की छुट्टियों के पैकेज के चलते भारी संख्या में सैलानी हिमाचल पहुंचे हैं। होटलों में ऑक्यूऐंसी 50 फीसदी तक पहुंच गई है। अच्छी बर्फबारी हाेने पर सैलानियों की संख्या में बूम आएगा
शिमला: हिमाचल प्रदेश में हाल ही में हाईकोर्ट में सीपीएस की नियुक्तियां निरस्त होने के बाद प्रदेश मंत्रिमंडल की आज बैठक होगी। शिमला स्थित प्रदेश सचिवालय में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित होने वाली मंत्रिमंडल की इस बैठक में हाईकोर्ट में सीपीएस की नियुक्तियां निरस्त होने पर चर्चा हो सकती है। वहीं, प्रदेश की सुक्खू सरकार का दो साल का कार्यकाल 11 दिसंबर को पूरा होने जा रहा है। ऐसे में कैबिनेट की मीटिंग में दो साल का कार्यकाल पूरा होने को लेकर मनाए जाने वाले जश्न को लेकर भी चर्चा हो सकती है। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर की अध्यक्षता में करुणामूलक आधार पर नियुक्ति देने से संबंधित विषय को लेकर गठित मंत्रिमंडलीय उपसमिति की सिफारिशों पर बैठक में चर्चा होने की संभावना है। इसी तरह से विधानसभा का शीतकालीन सत्र भी होना है, जिस पर भी कैबिनेट की चर्चा हो सकती है। हिमाचल में आगामी बजट को लेकर सरकार ने अपनी तैयारियां भी शुरू कर दी है। इसको लेकर मुख्यमंत्री पहले ही मंत्रिमंडल के सहयोगियों और अधिकारियों के साथ बैठक कर चुके हैं, जिसमें मंत्रियों से अपने-अपने विभागों से संबंधित प्रस्ताव तैयार करने को कहा गया है, ताकि इसे बजट में शामिल करके आम जनता को फायदा पहुंचाया जा सके। हिमाचल में बेरोजगारी एक बड़ी समस्या है। प्रदेश में साल 2022 हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने की भी गारंटी दी थी। हर बार कैबिनेट की मीटिंग में सरकार का नए पदों को सृजित कर इन्हें भरे जाने का प्रयास रहता है। ऐसे में आज आयोजित होने वाली कैबिनेट की बैठक में विभिन्न विभागों में और भी नए पद सृजित किए जा सकते हैं। इसको देखते हुए युवाओं को कैबिनेट की मीटिंग से काफी उम्मीदें रहती है। सीएम सुक्खू की अध्यक्षता में पिछली कैबिनेट बैठक 22 अक्टूबर को आयोजित हुई थी, जिसमें मंत्रिमंडल ने वन विभाग में 2,061 वन मित्रों की नियुक्ति को मंजूरी दी थी। इसी तरह से कैबिनेट ने मुख्यमंत्री आरोग्य पशुधन योजना के तहत प्रदेश के पशु चिकित्सालय में सालों से सेवाएं दे रहे GPVA को नियमित करने के लिए 964 पद सृजित किए थे। वहीं, कैबिनेट ने लोक निर्माण विभाग में वर्क इंस्पेक्टर के 100 पदों को भरने की भी मंजूरी दी गई थी। इसके अलावा सुक्खू कैबिनेट ने डॉ. राधाकृष्णन राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल, हमीरपुर में 150 स्टाफ नर्स के पद भरने का भी फैसला लिया था। इसी तरह से मंत्रिमंडल ने चिकित्सा महाविद्यालय हमीरपुर में सामान्य चिकित्सा, शिशु रोग, सामान्य शल्य चिकित्सा, अस्थि रोग, एनेस्थीसिया और रेडियोलॉजी विभागों में छह एसोसिएट प्रोफेसर के पद और 10 सहायक प्रोफेसर पद सृजित कर भरने का भी फैसला लिया गया था।
पधर(मंडी)। क्षेत्र के बेरोजगार युवक युवतियों के लिए रोजगार का सुनहरा अवसर है। इवान सिक्योरिटी फंक्शन प्राइवेट लिमिटेड शिमला द्वारा बीस नवंबर को उपमंडलीय रोजगार पधर में विभिन्न पदों के लिए साक्षात्कार लिए जाएंगे। जिसमें सिक्योरिटी गार्ड के 80 और सिक्योरिटी सुपरवाइजर के 20 पदों हेतु साक्षात्कार लिया जाएगा। उप मंडलीय रोजगार अधिकारी नीरज शर्मा ने कहा कि निर्धारित योग्यता दसवीं, जमा दो, ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएट और एमबीए या इससे अधिक को महत्ता दी जाएगी। उम्मीदवार की आयु 20 से 36 वर्ष के समकक्ष होनी चाहिए। पुरुष वर्ग की लंबाई 57 सेंटीमीटर और वजन 60 किलोग्राम तथा महिला वर्ग की 54 सेंटीमीटर और वजन 48 किलोग्राम होना चाहिए। आवेदक शारीरिक रूप से स्वस्थ होना चाहिए। चयनित उम्मीदवारों को कंपनी द्वारा 12000 से 25000 रुपये प्रतिमाह वेतन दिया जाएगा। इच्छुक उम्मीदवार अपने शैक्षणिक प्रमाण पत्र, मूल दस्तावेज, आधार कार्ड, पासपोर्ट साइज फोटो सहित 20 नवंबर को प्रातः 11:00 बजे रोजगार कार्यालय में स्थिति दर्ज करवाएं।
** कुमारी जॉनसन बेस्ट गर्ल और सुनील बेस्ट वालंटियर बॉय चुने पधर: राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कटिंडी में 7 दिवसीय NSS विशेष शिविर गरूवार को संपन्न हुआ। समापन समारोह में सेवानिवृत्ति प्रधानाचार्य प्रवीण वर्मा ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। पाठशाला के कार्यवाहक प्रधानाचार्य जगदीश ठाकुर ने मुख्य अतिथि को सम्मानित कर सत्कार किया। इस दौरान मुख्य अतिथि प्रवीण वर्मा ने स्वयंसेवकों को शिविर में आयोजित गतिविधियों को जीवन मे व्यावहारिक रूप से अमल में लाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि युवा सेवाभाव का परिचय देते हुए समाज और राष्ट्र निर्माण में अपनी विशेष भूमिका निभाएं। वहीं सामाजिक कुरीतियों को दूर करने के लिए आम लोगों को भी जागरूक करें। NSS कार्यक्रम अधिकारी डॉ. कमल किशोर और रंजना मंढोत्रा ने शिविर दौरान आयोजित की गई तमाम गतिविधियों का विस्तृत ब्यौरा प्रस्तुत किया। इस दौरान कुमारी जॉनसन को बेस्ट वालंटियर गर्ल और सुनील ठाकुर को बेस्ट वालंटियर बॉय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 7 दिवसीय विशेष शिविर में 25 स्वयंसेवी छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया।
हिमाचल प्रदेश तकनीकी शिक्षा बोर्ड ने औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में स्टेट काउंसिल ऑफ वोकेशनल ट्रेनिंग (एससीवीटी) की परीक्षाएं ऑनलाइन करवाने का फैसला लिया है। इसके कारण जहां कागजों की बचत होगी तो वहीं परिणाम भी समय पर निकाला ज सकेगा। बता दें कि तकनीकी शिक्षा बोर्ड की ओर से हर वर्ष औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में एससीवीटी परीक्षा ऑफलाइन मोड पर करवाई जाती है। इस प्रणाली में समय के साथ-साथ आर्थिक नुकसान भी हो रहा है। लिहाजा, अब बोर्ड ने बदलाव करते हुए परीक्षा का संचालन ऑनलाइन मोड पर करवाने का फैसला लिया है। इसके लिए बोर्ड की ओर से पूरी तैयारियां कर ली गई हैं। इस बार से अब ऑनलाइन ही परीक्षाएं करवाई जाएंगी। एससीवीटी की परीक्षाएं ऑनलाइन करवाने के लिए सितंबर में ट्रायल हुआ था। प्रदेश भर में स्थापित 15 केंद्रों पर ऑनलाइन मोड पर 23 ट्रेडों की परीक्षाएं करवाई गई थीं। ट्रायल सफल रहा था। सिर्फ दो ट्रेडों की परीक्षाएं ऑनलाइन नहीं हो पाई थीं, क्योंकि उन विषयों का अधिकतर भाग थियोरी पर आधारित था। ऑनलाइन आयोजित हुई परीक्षा के दौरान अभ्यर्थियों से एमसीक्यू प्रश्न पूछे गए थे। ऑनलाइन परीक्षा के दौरान टाइमर कंप्यूटर स्क्रीन पर प्रदर्शित होगा, जिसके चलते अभ्यर्थियों को समय का भी साथ-साथ पता चलता रहेगा। ऑनलाइन परीक्षा का एक फायदा यह भी होगा कि अगर परीक्षा के दौरान विद्युत आपूर्ति बाधित होती है तो परीक्षा का समय भी रुक जाएगा। जैसे ही फिर बिजली आएगी, तो परीक्षा का टाइम वहीं से शुरू होगा, जहां से बिजली गुल हुई थी। हिमाचल प्रदेश तकनीकी शिक्षा बोर्ड ने एससीवीटी परीक्षाओं के आयोजन के लिए एक नई पहल की है। इस बार से ट्रेड शुरु होने के दौरान ली जाने वाली एससीवीटी परीक्षाओं का आयोजन कंप्यूटर आधारित परीक्षण (सीबीटी) के तहत लिया गया है। इससे जहां कागज की की बचत हुई है, वहीं अन्य भी कई प्रकार के लाभ मिले हैं हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय हमीरपुर ने दिसंबर व जनवरी माह में प्रस्तावित परीक्षाओं के लिए परीक्षा फॉर्म भरने की तिथि 16 नवंबर तक बढ़ाई है। पूर्व में आवेदन के लिए 12 नवंबर तक का समय प्रदान किया गया था, परंतु कुछेक विद्यार्थी निजी कारणों से आवेदन नहीं कर पाए थे। अब तिथि बढ़ने से स्नातक और स्नातकोत्तर कक्षा के नियमित सेमेस्टर और रि-अपीयर के विद्यार्थी 16 नवंबर तक बिना विलंब शुल्क के ऑनलाइन परीक्षा फॉर्म भर सकते हैं। तकनीकी विवि के परीक्षा नियंत्रक कमल देव सिंह कंवर ने कहा कि दिसंबर 2024 और जनवरी 2025 में प्रस्तावित परीक्षा की संभावित तिथियां भी घोषित कर दी हैं। विद्यार्थी उपरोक्त तिथि तक ऑनलाइन माध्यम से परीक्षा फॉर्म भर सकते हैं।
हिमाचल में 15 नवंबर से मौसम करवट बदल सकता है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार पश्चिमी हिमालय में 14 नवंबर से पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो सकता है। हालांकि इस दौरान अधिक वर्षा व हिमपात के आसार नहीं हैं। कांगड़ा व कुल्लू में हल्की वर्षा, लाहुल स्पीति, चंबा व कुल्लू के ऊपरी क्षेत्रों में बर्फ के हल्के फाहे गिर सकते हैं। प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में वर्षा व हिमपात की संभावना नहीं है। प्रदेश के मैदानी क्षेत्रों में सुबह कोहरा पड़ना जारी है। ऊना जिला में 10 दिन तक घना कोहरा पड़ने की संभावना है। मंडी, कांगड़ा व हमीरपुर जिले शिमला से अधिक ठंडे है। बुधवार को शिमला का न्यूनतम तापमान 10.6, मंडी का 9.3 और कागंडा व हमीरपुर का 9.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया है। मौसम विभाग ने हमीरपुर, मंडी व बिलासपुर के कई क्षेत्रों में 17 नवंबर तक कोहरे को लेकर यलो अलर्ट जारी किया है। कोहरे के कारण प्रदेश में सुबह और शाम ठंड काफी बढ़ गई है। दोपहर को धूप लोगों को परेशान कर रही है। करीब डेढ़ माह से वर्षा न होने से किसान व बागवान परेशान हैं। आने वाले दिनों में वर्षा नहीं हुई तो किसानों व बागवानों की मुश्किल बढ़ सकती है। प्रदेश में शुष्क ठंड से फिलहाल राहत नहीं मिलने वाली है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार अगले चार दिन तक मंडी, बिलासपुर, ऊना और कुछ अन्य स्थानों पर सुबह व शाम घना कोहरा छाया रहेगा। इससे यातायात सेवाएं प्रभावित होंगी। 15 व 16 नवंबर को एक-दो ऊंचे क्षेत्रों में हिमपात और वर्षा की संभावना है।
मंडी: माण्डव्य ऋषि की नगरी छोटी काशी मंडी में 15 नवंबर को पहली बार माण्डव्य महोत्सव होने जा रहा है। छोटी काशी मंडी में माण्डव्य महोत्सव मनाने की ये पहल नगर निगम मंडी द्वारा की जा रही है। माण्डव्य महोत्सव के दौरान सबसे पहले भगवान राम माधव राय की पूजा अर्चना की जाएगी। उसके बाद मंडी शहर से लेकर ब्यास नदी के तट स्थित माण्डव्य शिला तक शोभायात्रा निकाली जाएगी और फिर बड़े हवन यज्ञ का आयोजन किया जाएगा। इस महोत्सव में चार चांद लगाने के लिए इलाके के सभी देवी-देवता विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे। वहीं, इस दौरान ब्यास तट पर छोटी काशी के इतिहास को दर्शाती हुई प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी। नगर निगम मंडी के मेयर वीरेंद्र भट्ट ने बताया, "शहर के चौहट्टा बाजार से ये शोभायात्रा शुरू होगी, जिसके बाद ये शोभायात्रा मोती बाजार, समखेतर मोहल्ला व शहर के अधिष्ठाता बाबा भूतनाथ से होते हुए माण्डव्य शिला ब्यास तट में संपन्न होगी। इस महोत्सव के लिए मंडी शहर की कई धार्मिक व स्कूली संस्थाएं भी आगे आकर मदद कर रही है। नगर निगम मंडी के मेयर वीरेंद्र भट्ट ने इस माण्डव्य महोत्सव सफल बनाने के लिए क्षेत्र के सभी देवी-देवताओं व शहरवासियों से महोत्सव में आने की अपील की है। बता दें कि मंडी शहर को ऋषि माण्डव्य की तपोस्थी कहा जाता हैं। पौराणिक धार्मिक मान्यता है कि प्राचीन काल में माण्डव्य ऋषि ने ब्यास नदी (वैदिक नाम विपाशा) के तट पर मौजूद शिला पर कई साल तपस्या की थी। ये शिला शहर के भ्यूली पुल के पास ब्यास नदी के बीच आज भी मौजूद है। इसी शिला को माण्डव्य शिला के नाम पर जाना जाता है। इसके अलावा ये भी मान्यता है कि माण्डव्य ऋषि के नाम पर ही शहर का नाम मंडी रखा गया है।
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के फैसले के बाद मुख्य संसदीय सचिवों के सचिवालय में कार्यालय खाली कराने के आदेश जारी कर दिए गए हैं और कुछ दफ्तर खाली भी कर दिए गए हैं। सीपीएस के साथ लगाया गया स्टाफ भी वापस बुला दिया गया है। गाड़ियां इनसे वापस ले ली गई हैं। प्रदेश सरकार ने बुधवार शाम को ही यह आदेश जारी किए। यहीं नहीं इन सीपीएस को सरकार की ओर से दी गई सभी सुख सुविधाएं भी हट जाएंगी। सरकारी कोठियां भी खाली करनी होंगी। बुधवार को हाईकोर्ट के फैसले के बाद सचिवालय में सीपीएस के कमरों में सन्नाटा पसरा रहा। कई भी सीपीएस सचिवालय में नहीं देखे गए। सात मंत्रियों के साथ ही इन सीपीएस ने गोपनीयता की शपथ ली थी। सक्खू सरकार में मुख्य संसदीय सचिव मोहन लाल ब्राक्टा को विधि विभाग, संसदीय कार्य विभाग और बागवानी विभाग, रामकुमार को नगर नियोजन विभाग, उद्योग विभाग और राजस्व, आशीष बुटेल को शहरी विकास विभाग के साथ शिक्षा विभाग में मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री के साथ अटैच किया गया। वहीं, मुख्य संसदीय सचिव किशोरी लाल को पशुपालन विभाग, ग्रामीण विकास के साथ पंचायती राज विभाग की जिम्मेवारी सौंपी गई। संजय अवस्थी को स्वास्थ्य जनसंपर्क और लोक निर्माण विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई। मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर को ऊर्जा, वन, परिवहन और पर्यटन विभाग विभाग का जिम्मा सौंपा गया। यह छह मुख्य संसदीय सचिव अलग-अलग विभागों के मंत्रियों की काम में मदद करने का जिम्मा दिया गया। हाईकोर्ट के आदेश के बाद प्रदेश सरकार ने मुख्य संसदीय सचिव से स्टाफ हटाने के निर्देश जारी कर दिए हैं। वरिष्ठ निजी सचिव भूरी सिंह राणा, तहमीना बेगम और विशेष निजी सचिव सत्येंद्र कुमार सहित अन्य स्टाफ को वापस बुलाया गया है। अब कार्मिक विभाग की ओर से इनकी अलग से नियुक्ति के आदेश जारी किए जाएंगे। राज्यपाल से मंजूरी के बाद यह फैसला लिया गया है। इसके साथ ही सरकार ने सीपीएस के स्टाफ के कर्मचारी यानकी देवी, सुनीता ठाकुर, उत्तम चंद, चेतन, संदीप, चंद्र, धर्मपाल, रविंद्र, नेत्र सिंह, मोहिंद्र, विनोद, टिक्कम राम, नीरज और भूपिंद्र को वापस बुलाने के आदेश जारी किए हैं।हिमाचल हाईकोर्ट ने अपने फैसले में स्पष्ट किया है कि प्रदेश में सीपीएस/पीएस की नियुक्ति का कानून फैसला आने तक लागू था। अयोग्यता अधिनियम 1971 के तहत सीपीएस/ पीएस की नियुक्तियों को संरक्षण दिया गया था, लेकिन इस फैसले के बाद मुख्य संसदीय सचिवों व संसदीय सचिवों की नियुक्ति को ऑफिस ऑफ प्रॉफिट माना जाएगा। एेसे में यदि अब सीपीएस नियुक्त होते हैं, तो उनकी विधायकी भी जाएगी।
मंडी: हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी की सबसे ऊंची चोटी पर विराजमान माता शिकारी देवी मंदिर के कपाट 15 नवंबर से भक्तों के लिए बंद होने वाले हैं। सर्दी के मौसम के दौरान ठंड व बर्फबारी के चलते जिला प्रशासन द्वारा ये फैसला लिया गया है। शिकारी देवी मंदिर में यात्रियों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाया गया है। वहीं, श्रद्धालुओं की सुरक्षा को देखते हुए माता शिकारी देवी मंदिर कमेटी के सदस्यों की बैठक में ये फैसला लिया गया। इस बैठक की अध्यक्षता एसडीएम थुनाग रमेश सिंह ने की। बैठक की अध्यक्षता करते माता शिकारी देवी मंदिर कमेटी के अध्यक्ष एवं एसडीएम थुनाग ने कहा, सर्दी के मौसम में होने वाली संभावित बर्फबारी के कारण मंदिर के रास्ते भारी बर्फबारी के चलते बंद हो जाते हैं, जिससे इन रास्तों से सफर करना बहुत मुश्किल हो जाता है। ऐसी स्थिति में हादसों का खतरा भी बढ़ जाता है। ऐसे में मंदिर और श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ये फैसला लिया गया है कि 15 नवंबर से माता शिकारी देवी मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए आगामी आदेशों तक बंद रहेंगे। एसडीएम थुनाग रमेश सिंह ने सभी श्रद्धालुओं से अपील की है कि ठंड व बर्फबारी के समय मंदिर आने से परहेज करें। बता दें कि मंडी जिले में 11 हजार फीट की ऊंचाई पर विराजमान माता शिकारी देवी में हर साल नवंबर महीने के अंत में बर्फबारी शुरू हो जाती है, जिसके बाद ये बर्फबारी का सिलसिला आगामी 3 से 4 महीने तक चलता है। मौसम साफ होने के बाद ही मार्च के अंत या फिर अप्रैल महीने के पहले सप्ताह में माता शिकारी देवी मंदिर के कपाट खुलने की संभावना रहती है। शिकारी शिखर की पहाड़ियों पर स्थित देवी का ये मंदिर आज भी छत से विहीन है। पौराणिक मान्यता है कि इस मंदिर का निर्माण पांडवों ने करवाया था। मान्यता के अनुसार मार्कंडेय ऋषि ने इस स्थान पर कई साल तपस्या की थी। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर माता दुर्गा अपने शक्ति रूप में इस जगह पर स्थापित हुई। इसके बाद अज्ञातवास के दौरान पांडवों ने भी इसी जगह पर तपस्या की थी। पांडवों की तपस्या से खुश होकर माता दुर्गा यहां प्रकट हुई और उन्हें युद्ध में विजय होने का आशीर्वाद दिया। उसके बाद पांडवों ने यहां मंदिर का निर्माण करवाया। लेकिन किन्ही कारणों के चलते इस मंदिर का निर्माण पूरा नहीं हो सका और पांडव यहां पर मां दुर्गा की पत्थर की मूर्ति को स्थापित करने के बाद यहां से चले गए। तब से लेकर अब तक इस मंदिर पर कोई भी छत नहीं बना पाया है और आज भी ये मंदिर बिना छत के ही है। शिकारी देवी की पहाड़ियों पर हर साल सर्दियों में कई फीट बर्फ गिरती है, लेकिन मूर्तियों के स्थान पर कभी भी बर्फ नहीं टिकती है। जो किसी चमत्कार से कम नहीं है। मंदिर कमेटी के सदस्य धनीराम ठाकुर ने बताया कि सालों तक कई कोशिशों के बाद भी इस रहस्यमयी मंदिर की छत नहीं बन पाई। ऐसा नहीं है कि यहां पर छत बनाने की कोशिश नहीं की गई। कई बार यहां छत बनाई गई, लेकिन टिक नहीं पाई। यहां पर माता शिकारी देवी खुले आसमान के नीचे रहना ही पसंद करती हैं।
नेता जी सुभाष चंद्र ममोरियल उत्कृष्ट राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला पधर में राष्ट्रीय सेवा योजना के तहत सात दिवसीय विशेष शिविर बुधवार को हुआ, जिसका शुभारंभ स्थानीय पंचायत प्रधान हेमंत कुमार महंत द्वारा किया गया। इस दौरान स्कूल प्रधानाचार्य ललित ठाकुर, एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी दिग्विजय महंत, लज्जा ठाकुर सहित स्कूल के सभी अध्यापक मौजूद रहे। कार्यक्रम अधिकारी दिग्विजय महंत ने बताया कि विशेष शिविर में स्वयंसेवकों के बौद्धिक, शारीरिक ,मानसिक व सामाजिक विकास के लिए विभिन्न गतिविधियां भी आयोजित की जाएंगी। वहीं स्वयं सेवियों को देश सेवा, समाज सेवा के साथ-साथ एक अच्छे नागरिक बनने के गुणों बारे जानकारी दी जाएगी। शिविर के दौरान एनएसएस स्वयंसेवकों के कैरियर काउंसलिंग के लिए विभिन्न व्यवसायिक क्षेत्रों से संसाधन व्यक्तियों को बुलाया जाएगा। इसके अतिरिक्त दैनिक दिनचर्या के अंतर्गत प्रातः 5:30 बजे पधर बाजार में प्रभातफेरी भी निकाली जाएगी।
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में मुख्य संसदीय सचिव (सीपीएस) की नियुक्तियों के सांविधानिक दर्जे पर बुधवार को बड़ा फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने सीपीएस एक्ट को निरस्त कर दिया है। इसके तहत सीपीएस को दी जा रही सभी सुविधाओं को खत्म कर दिया गया है। अब छह मुख्य संसदीय सचिव अब सिर्फ विधायक के ताैर पर ही कार्य करेंगे। कोर्ट ने सीपीएस की नियुक्तियों को असांविधानिक बताया है। इस मामले में अदालत में पीपल फॉर रिस्पॉन्सिबल गवर्नेंस संस्था की ओर से वर्ष 2016 में याचिका दायर की गई थी। अदालत में दूसरी याचिका कल्पना और तीसरी भाजपा नेता पूर्व सीपीएस सतपाल सत्ती सहित अन्य 11 भाजपा के विधायकों की ओर से दायर की गई थी। इन तीनों याचिकाओं में मूल प्रश्न हिमाचल प्रदेश में 2006 में बनाया गया एक्ट है। इसके तहत पहले भाजपा सरकार ने अपने विधायकों को सीपीएस बनाया था। अब कांग्रेस सरकार ने छह विधायकों को सीपीएस बनाया है। सरकार ने इस मामले में बहस के लिए सुप्रीम कोर्ट के दो वरिष्ठ अधिवक्ता नियुक्त किए। भाजपा की ओर से दी गई याचिका में कहा गया है कि सीपीएस पद का संविधान में प्रावधान नहीं है और भारत के संविधान के अनुच्छेद 164 के तहत प्रदेश में 15 प्रतिशत से ज्यादा मंत्रिमंडल नहीं बनाया जा सकता, जिससे हिमाचल में संख्या 12 ही हो सकती है। सीपीएस बनाने के बाद यह संख्या 17-18 पहुंच जाती है। अब हाईकोर्ट ने सीपीएस नियुक्ति एक्ट को निरस्त कर दिया है। वर्तमान कांग्रेस सरकार में छह मुख्य संसदीय सचिव है। सुक्खू सरकार ने अर्की विधानसभा क्षेत्र से संजय अवस्थी, कुल्लू से सुंदर सिंह, दून से राम कुमार, रोहड़ू से मोहन लाल ब्राक्टा, पालमपुर से आशीष बुटेल और बैजनाथ से किशोरी लाल को सीपीएस बनाया है। प्रदेश में सीपीएस का मूल वेतन 65 हजार रुपये है। भत्ते मिलाकर ये वेतन 2.20 लाख रुपये प्रति महीना पहुंच जाता है। इसके अलावा सीपीएस को गाड़ी, स्टाफ अलग भी मुहैया करवाया जाता है। विधायकों और सीपीएस के वेतन में 10 हजार रुपये का अंतर है। विधायकों का वेतन और भत्ते प्रति माह 2.10 लाख रुपये है। कुल मिलाकर सीपीएस को मिलने वाले सुविधाओं पर ही सवाल उठते रहे हैं। वैसे सीपीएस की नियुक्ति पर सियासी संग्राम देश के तमाम राज्यों में होता आया है। पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने वर्ष 2013 में 10 सीपीएस नियुक्त किए थे। प्रेम कुमार धूमल ने वर्ष 2007 में दूसरी बार सत्ता में आए तो उनके नेतृत्व वाली सरकार ने 18 महीने के कार्यकाल के बाद 2009 में तीन सीपीएस की नियुक्ति की थी। इनमें सतपाल सिंह सत्ती, वीरेंद्र कंवर व सुखराम चौधरी शामिल थे। हिमाचल प्रदेश संसदीय सचिव (नियुक्ति, वेतन, भत्ते, शक्तियां, विशेषाधिकार और सुविधाएं) अधिनियम 2006 के मुताबिक सीपीएस को मंत्री की तरह कार्य करने की पहले से ही मनाही है। इसके तहत ही सीपीएस नियुक्तियां होती आई हैं। हालांकि, असम और हिमाचल प्रदेश में सीपीएस के लिए बनाए नियमों में भिन्नता है।
** ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी, मैदानी क्षेत्रों में धुंध का अलर्ट जारी हिमाचल प्रदेश में फ़िलहाल मौसम शुष्क चल रहा है। मौसम विभाग के अनुसार कल से लाहौल- स्पीति, चंबा, कांगड़ा के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में मौसम में बदलाव देखने को मिल सकता है, जिससे इन क्षेत्रों में हल्की बर्फबारी भी हो सकती है। इसके अलावा मंडी, बिलासपुर और हमीरपुर में घनी धुंध का येलो अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा है कि पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने के चलते आने वाले दिनों में कुछ एक जिलों में तापमान तीन डिग्री तक गिर सकते हैं। उन्होंने कहा कि 14 और 15 नवंबर को उतरी भारत में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो रहा है, जिसके चलते चंबा, कांगड़ा, लाहौल-स्पीति में हल्की फुल्की बारिश और अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी होने के आसार बन रहे हैं। मानसून अलविदा होने के बाद से प्रदेश में न के बराबर बारिश हुई है, जिसके चलते अक्टूबर में 95 फीसदी कम बारिश आंकी गई है और नवंबर में भी अभी तक कोई बारिश नहीं हुई है ।
शिमला: हिमाचल में 80 फीसदी से ज्यादा आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में बसती है, जिनकी आजीविका खेतीबाड़ी पर निर्भर है, लेकिन पिछले कुछ सालों में जंगली जानवरों की लगातार बढ़ती समस्या के कारण बहुत से किसानों ने खेती बाड़ी के पारंपरिक पेशे को छोड़ना शुरू कर दिया है और अब रोजी रोटी की तलाश में शहर की तरफ पलायन कर रहे हैं। ऐसे में सुक्खू सरकार ने किसानों की पीड़ा को समझते हुए नई पहल की है, जिसके तहत अब सरकार सोलर फेंसिंग की जगह कांटेदार तार व जाली से बाड़बंदी को बढ़ावा दे रही है। इस तरीके से की गई बाड़बंदी ज्यादा मजबूत और लंबे समय तक टिकेगी। कांटेदार तार व जाली से बाड़बंदी के लिए सुक्खू सरकार किसानों को 70 फीसदी की सब्सिडी का लाभ देगी। बाकी का पैसा किसानों को अपनी जेब से खर्च करना होगा। वहीं, अब सरकार ने सोलर फेंसिंग के लिए सब्सिडी नहीं देने का फैसला लिया है। ऐसे में जिन किसानों व बागवानों ने पहले ही सोलर फेंसिंग के लिए आवेदन किया है। अब उन्हें भी नए सिरे से कांटेदार तार व जाली के लिए एप्लिकेशन देनी होगी। कृषि विभाग के सभी उप निदेशकों व अन्य फील्ड स्टाफ को इसको लेकर किसानों के बीच प्रचार व प्रसार करने के निर्देश जारी कर दिए हैं। इस योजना का लाभ लेने के लिए लोक मित्र केंद्र से अपना आवेदन कर सकते हैं। किसानों को बाड़बंदी के लिए आवेदन करते समय कई दस्तावेज लगाने जरूरी हैं। इसमें आधार कार्ड, जमीन के खाता खतौनी, बैंक पासबुक के पहले पन्ने की फोटोकॉपी, जाति प्रमाण पत्र और बाढ़ लगाने का एस्टीमेट होना आवश्यक है। बाड़बंदी के लिए 'पहले आओ पहले पाओ' के आधार पर स्वीकृति दी जाएगी। वहीं, लोहे के एंगल के साथ 6 फुट ऊंची कांटेदार तार बाड़ लगाने के लिए 416 रुपए की जगह 291 रुपए प्रति मीटर की दर से अनुदान दिया जाएगा। इसी तरह से लोहे के एंगल के साथ जालीदार तार की बाड़ लगाने पर 640 की जगह 448 रुपए प्रति मीटर की दर से अनुदान मिलेगा। हिमाचल में अभी भी 80 फीसदी से ज्यादा की ग्रामीण आबादी कृषि और बागवानी पर निर्भर है। प्रदेश में 9.97 लाख परिवार खेती बाड़ी के पारंपरिक पेशे से जुड़े हैं। इनमें 1 हेक्टेयर से कम जमीन वाले सबसे अधिक 7.15 लाख मार्जिनल किसान है। इसी तरह से 1 से 2 हेक्टेयर जमीन होल्डिंग वाले लघु किसानों की संख्या 1.74 लाख है। 2 से 4 लैंड होल्डिंग सेमी मीडियम किसानों की संख्या 0.82 लाख है। इसके अलावा 4 से 10 हेक्टेयर मध्यम किसानों की संख्या 0.26 लाख है। वहीं, 10 हेक्टेयर से अधिक लैंड होल्डिंग वाले किसानों की संख्या सबसे कम 0.03 लाख है।
स्वास्थ्य फिटनेस सर्टिफिकेट न देने वाले जिले के स्कूलों में तैनात मिड-डे-मील वर्करों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसकी शिक्षा विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है। विद्यार्थियों के स्वास्थ्य को लेकर सरकार और विभाग ने यह निर्णय लिया है। हर छह माह बाद सरकारी स्कूलों में कार्यरत मिड-डे-मील वर्करों को फिटनेस सर्टिफिकेट देना होगा। इसकी जांच के लिए जल्द शिक्षा विभाग की टीम भी स्कूलों का निरीक्षण कर जांच करेंगी। स्कूलों में मिड-डे मील के तहत तैनात कर्मियों को हर छह माह बाद अपने स्वास्थ्य की जांच करवानी होगी। इससे स्पष्ट होगा कि खाना बनाने वाले कर्मी किसी गंभीर बीमारी की चपेट में तो नहीं हैं। मिड डे मील वर्करों का एनएफएसए के तहत मेडिकल होगा। यह फैसला स्वच्छ भोजन को लेकर लिया गया है। इसके अलावा खाना बनाते समय टोपी, ग्लब्स समेत अन्य स्वच्छता का भी ध्यान रखना होगा। स्कूल एमडीएम प्रभारी को भी स्वच्छता समेत अन्य व्यवस्था का ध्यान रखना होगा। फिटनेस सर्टिफिकेट या गुणवत्ता में कमी पाए जाने पर स्कूल मुखिया के खिलाफ भी कार्रवाई की जा सकती है। इसके अलावा राशन की निगरानी का जिम्मा स्कूल मुखिया और मिड डे मील इंचार्ज को सौंपा है। राशन की गुणवत्ता में कमी पाए जाने पर स्कूल मुखिया के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसमें कितने बच्चों ने दोपहर का भोजन खाया इसकी भी एसएमएस से जानकारी देनी होगी। जिला नोडल अधिकारी एमडीएम राज कुमार पराशर ने बताया कि जिले के स्कूलों में कार्यरत मिड-डे-मील वर्करों और सहायकों के लिए स्वास्थ्य फिटनेस सर्टिफिकेट देना अनिवार्य किया है। इसमें हर छह माह बाद कर्मी को स्वास्थ्य की जांच करवानी होगी। इसके अलावा रसोईघर में स्वच्छता समेत अन्य व्यवस्थाओं का ध्यान रखने के भी निर्देश दिए है। इसके लिए जल्द स्कूलों का निरीक्षण कर जांच की जाएगी।
हिमाचल हाईकोर्ट ने बीआरसीसी के लिए एक कार्यकाल से ज्यादा आवेदन करने के मामले में दायर जेबीटी और टीजीटी की याचिका खारिज कर दी है। न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की अदालत ने याचिका खारिज करते हुए सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया। अदालत ने कहा है कि जेबीटी और टीजीटी की नियुक्ति का उद्देश्य छात्रों को शिक्षा प्रदान करना है। सरकार की ओर से अदालत में कहा गया था कि प्रदेश के स्कूलों में बड़ी संख्या में शिक्षकों के पद खाली हैं, ऐसे में उन्हें दोबारा बीआरसीसी नियुक्त नहीं किया जा सकता। याचिकाकर्ता ने सरकार की अधिसूचना को हाईकोर्ट में चुनौती दे दी। अधिसूचना में कहा गया था कि जो एक बार बीआरसी के रूप में काम कर चुके हैं वह इन पदों के लिए फिर से आवेदन नहीं कर सकते हैं। बीआरसीसी नियुक्त किए अध्यापकों का मुख्य कार्य छात्रों को पढ़ना है। याचिकाकर्ता विभिन्न स्कूलों में जेबीटी शिक्षक के रूप में नियुक्त किए गए थे। वर्ष 2017 में जेबीटी शिक्षक के रूप में उनकी नियुक्ति के दौरान उन्हें बीआरसी के रूप में कार्य करने के लिए नियुक्त किया गया।
**स्कूल व निहरी क्षेत्र का नाम किया रौशन ** कविता वाचन में मंडी जिला का करेगी प्रतिनिधत्व तहसील निहरी के अंतर्गत ग्राम पंचायत जरल के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय जरल की आठवीं कक्षा की छात्रा हर्षा कुमारी ने जिला मंडी में आयोजित जिला स्तरीय बाल मेले में कविता वाचन में प्रथम स्थान हासिल किया है। अब यह छात्रा राज्य स्तरीय बाल मेले में जिला मंडी का प्रतिनिधित्व करेगी। इस बच्ची की उपलब्धि पर विद्यालय परिवार जहां गौरवान्वित महसूस कर रहा है वहीं परिजन भी अपनी बेटी के असाधारण प्रतिभा को देख कर बहुत खुश है। विद्यालय के कार्यवाहक प्रधानाचार्य बालक राम का कहना है कि विद्यालय स्तर से लेकर खंड स्तर तक इस छात्रा ने अपनी मधुर आवाज एवं असाधारण वाचन क्षमता से विद्यालय,परिवार, स्कूल व पूरे क्षेत्र का नाम गौरवान्वित किया है। बंदली पंचायत के तेज तर्रार प्रधान प्रवीन ठाकुर व निहरी निवासी समाज सेवी कितिश गौतम ने छात्रा की इस उपलब्धि को खूब सराहा है और राज्य स्तरीय कविता वाचन में भाग लेने के लिए शुभकामनाएं दी है।
** 90 अंकों की लिखित परीक्षा, निगेटिव मार्किंग हिमाचल प्रदेश में 1,088 पुलिस कांस्टेबलों की भर्ती के लिए करीब 1.15 लाख आवेदन पहुंचे हैं। राज्य लोकसेवा आयोग के पास ऑनलाइन आवेदन करने का अभ्यर्थियों के पास मंगलवार को आखिरी दिन था। बीते दिनों आवेदन करने में तकनीकी समस्याएं आने पर आयोग ने तारीख बढ़ाई थी। पहले आवेदन करने की आखिरी तारीख 31 अक्तूबर तय की गई थी। इस दौरान तक 92 हजार आवेदन हुए थे। अब कुल आवेदनों की संख्या बढ़कर 1.15 लाख पहुंच गई है। पुलिस कांस्टेबल भर्ती में पुरुषों के लिए 708 और महिलाओं के लिए 380 पद आरक्षित हैं। लिखित परीक्षा पास करने वालों की पुलिस विभाग शारीरिक दक्षता परीक्षा लेगा। पुलिस विभाग में यह भर्ती विशेष कांस्टेबल पदनाम में की जा रही है। चयनित विशेष पुलिस कांस्टेबलों को नशे की रोकथाम का काम दिया जाएगा। भर्ती परीक्षा पास करने वालों का डोप टेस्ट भी होगा। 18 से 25 वर्ष की आयु के अभ्यर्थी भर्ती के लिए पात्र हैं। चयनित विशेष पुलिस कांस्टेबलों को लेवल तीन में 20200-64000 रुपये के पे बैंड में वेतन मिलेगा। शारीरिक मानक परीक्षण और शारीरिक दक्षता परीक्षण से युक्त शारीरिक परीक्षण हिमाचल प्रदेश पुलिस विभाग की ओर से निर्धारित और संचालित किया जाएगा, जो आयोग को ऊंचाई के लिए दिए गए अंकों के साथ योग्य उम्मीदवारों की सूची प्रदान करेगा। शारीरिक परीक्षण में सफल अभ्यर्थियों को आयोग की ओर से करवाई जाने वाली दो घंटे की अवधि की ऑफलाइन बहुविकल्पीय वस्तुनिष्ठ प्रकार की लिखित परीक्षा में प्रवेश दिया जाएगा। लिखित परीक्षा में 90 अंक होंगे और निगेटिव मार्किंग होगी। शारीरिक परीक्षण और लिखित परीक्षा में सफल उम्मीदवारों को पुलिस विभाग की ओर से किए जाने वाले दस्तावेज सत्यापन के लिए आयोग के कार्य नियमों के अनुसार विचार के क्षेत्र के अनुसार शॉर्टलिस्ट किया जाएगा। वे दस्तावेज सत्यापन के दौरान उम्मीदवारों को एनसीसी प्रमाण पत्र के अंक भी प्रदान करेंगे।
** 86 वर्षीय वृद्ध के रास्ते मे गुम हुए 7 हजार रुपये लौटा जीता दिल जनता के रक्षक भक्षक बनकर 15 हजार के पीछे ईमान बेच रहे हैं। वहीं दूसरी ओर ऐसे भी लोग हैं, जो अपने ईमान को बरकरार रखते हुए दूसरों की मदद कर रहे हैं। पधर उपमंडल की ग्राम पंचायत उरला के गांव कुफरधार निवासी पूरन चंद सपुत्र स्व. लालू राम ने गांव से उरला आते बार रास्ते मे पड़ी मिली 7 हजार रुपये की राशि को उसके मालिक को लौटा ईमानदारी की मिसाल पेश की। पूरन चंद लोक निर्माण विभाग से बेलदार सेवानिवृत्त हुए हैं। बीते रविवार को उन्हें घर से उरला आते बार प्राचीन शिव मंदिर के समीप पॉलिथीन लिफाफे में 7 हजार रुपये रास्ते में गिरे पड़े मिले। पूरन चंद ने मिली राशि को सुरक्षित लौटाने की ठान ली। उसके अगले दिन रास्ते में गांव का ही 86 वर्षीय वृद्ध चैतरु राम अपनी खोई राशि की तलाश में रास्ते में पड़ताल करता देखा। तब पूरन चंद ने उनसे वार्तालाप किया तो यह राशि वृद्ध चैतरु राम की पाई गई। मंगलवार को पूरन चंद ने उरला में पंचायत समिति द्रंग के उपाध्यक्ष कृष्ण भोज के समक्ष यह राशि वृद्ध चैतरु राम को वापिस लौटाई, जिस पर बुजुर्ग ने पूरन चंद का आभार जताते हुए उन्हें 500 रुपये सहर्ष बतौर इनाम दिए। उन्होंने कहा कि खून पसीने की गाढ़ी कमाई थी, जिसे पूरन चंद ने उन्हें वापिस लौटाया अन्यथा उन्हें यह राशि वापिस नसीब नहीं होती।
मंडी: छोटी काशी मंडी में पहली बार कुल्लू जिले के प्रमुख देवताओं में से एक माने जाने वाले देवता श्रृंगा ऋषि पधारे। मंडी पहुंचने पर स्थानीय लोगों और देवता समिति द्वारा देवता श्रृंगा ऋषि का भव्य स्वागत किया गया। इस दौरान देवता के आने पर लोगों ने फूलों की बारिश की। देवता श्रृंगा ऋषि छोटी काशी मंडी में जारी श्री रामार्चा महायज्ञ व राम कथा में शामिल होने के लिए पहुंचे। सोमवार को हजारों देवलुओं के साथ देवता श्रृंगा ऋषि मंडी पहुंचे। जहां उन्होंने राज माधव राय के मंदिर में देवता ने हाजरी भरी। इसके बाद देवता पड्डल में जारी राम कथा में शामिल होने के लिए गए। देवता के साथ भारी संख्या में देवलु भी छोटी काशी मंडी पहुंचे, जिनकी संख्या करीब 2 से अढ़ाई हजार थी। देवता के साथ आए पुजारी इंद्र देव शर्मा ने बताया कि यह उनके लिए भी सौभाग्य की बात है कि उन्हें मंडी में जारी रामार्चा महायज्ञ एवं राम कथा में आने का मौका मिला। पुजारी इंद्र देव शर्मा ने बताया, "देवता श्रृंगा ऋषि पहली बार ही मंडी जिले में पधारे हैं। देवता अब मंडी में जारी राम कथा में शरीक होंगे और लोगों को अपना आशीर्वाद देंगे। वहीं, सर्व देवता समिति मंडी के अध्यक्ष शिवपाल शर्मा ने बताया कि कुल्लू जिले के देवता मंडी आए हैं। ये पहली बार मंडी जिले में पधारे हैं और सबको अपना आशीर्वाद दिया। मंडी वासियों द्वारा परंपरा के अनुसार उनका स्वागत किया गया है। देवता समिति ने भी देवका मंडी आने पर भव्य स्वागत किया।
मंडी: जिला मंडी के पधर पुलिस थाने के एसएचओ ने 15 हजार रुपए में अपना ईमान बेच डाला। पधर थाने के एसएचओ ने एक केस के सेटलमेंट के बदले 15 हजार की रिश्वत मांगी और विजिलेंस ने उसे रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया है। मामला सोमवार देर शाम का है। डीएसपी विजिलेंस प्रियंक गुप्ता ने बताया कि एसएचओ पधर ने एक व्यक्ति से केस के सेटलमेंट के बदले 15 हजार रुपयों की मांग की और उसे यह पैसे अपने आवास पर लाने को कहा। व्यक्ति ने इसकी सूचना विजिलेंस को दे दी, जिसके बाद विजिलेंस की टीम ने जाल बिछाया और व्यक्ति को पैसों संग एसएचओ के आवास पर भेजा। इसके बाद विजिलेंस की टीम ने छापा मारकर एसएचओ को रंगे हाथ दबोच लिया। इस घटना के बाद पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया है। हर तरफ एसएचओ के इस कृत्य की चर्चाएं हो रही हैं। विजिलेंस विभाग की इस गुप्त कार्रवाई की किसी को कानों कान भनक तक नहीं लग पाई। विजिलेंस की टीम ने आरोपी एसएचओ को हिरासत में ले लिया है। बताया जा रहा है कि विजिलेंस की टीम इस मामले में गहन जांच पड़ताल करते हुए आरोपी एसएचओ की सम्पत्ति की जांच भी करवा सकती है। डीएसपी विजिलेंस प्रियंक गुप्ता ने बताया, "विजिलेंस की टीम ने 15 हजार की रिश्वत लेते हुए एक एसएचओ को रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। विजिलेंस द्वारा नियमों के तहत कार्रवाई अमल में लाई जा रही है।
** नम आंखों से दी शहीद को अंतिम विदाई मंडी: मां भारती की रक्षा के लिए हिमाचल के वीर सपूत ने अपने प्राणों का बलिदान किया। नायब सूबेदार राकेश कुमार जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में आंतकियों से मुठभेड़ में शहीद हो गए। हिमाचल के वीर सपूत शहीद राकेश कुमार आज पंचतत्व में विलीन हो गए। शहीद के पैतृक गांव में पूरे राजकीय सम्मान के साथ आज उनका अंतिम संस्कार किया गया। शहीद राकेश कुमार की अंतिम यात्रा में लोगों का भारी हुजूम उमड़ा। हर ओर भारत माता की जय के नारे गूंज उठे और नम आंखों से शहीद को विदाई दी। आज सुबह शहीद राकेश कुमार का शव उनके पैतृक गांव बरनोग में उनके घर पहुंचा. इस दौरान बड़ी तादाद में लोग शहीद को श्रद्धांजलि देने के लिए इकट्ठा हुए. जैसे ही शहीद का शव उनके घर पहुंचा तो उनकी पत्नी भानुप्रिया पति शव से लिपटकर रो पड़ी और पति की पार्थिव देह को दुलारती रही। इस मार्मिक दृश्य को देखकर हर कोई भावुक हो उठा। शहीद की पत्नी ने पति की अर्थी को कंधा दिया और भारत माता की जय के नारे लगाते हुए और रोते-बिलखते हुए विदाई दी। शहीद की 14 वर्षीय बेटी ने भी अपने पिता की अर्थी को कंधा दिया। इस दौरान शहीद का 7 वर्षीय बेटा भी वहां मौजूद रहा। 43 वर्षीय शहीद नायब सूबेदार राकेश कुमार मंडी जिले के बल्ह उपमंडल के तहत बरनोग गांव के रहने वाले थे। राकेश कुमार भारतीय सेना की 2-पैरा स्पेशल फोर्स में थे। 10 नवंबर रविवार को जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के केशवान इलाके के गिदरी जंगलों में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में राकेश कुमार गंभीर घायल हो गए थे, जिसके बाद वो शहीद हो गए। 11 नवंबर को उनकी पार्थिव देह मंडी पहुंच गई थी और आज सुबह उनके पैतृक गांव में, जहां परिवार, प्रशासन और स्थानीय लोगों ने उनका अंतिम संस्कार किया।


















































