मुख्यमंत्री ने नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री से किया आग्रह मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भेंट की। मुख्यमंत्री ने भारी बारिश एवं बाढ़ से हुई क्षति का आकलन करने के लिए केंद्रीय समिति को प्रदेश में भेजने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने केंद्रीय समिति की अनुशंसा के अनुसार राज्य को शीघ्रातिशीघ्र राशि जारी करने का आग्रह करते हुए कहा कि प्रदेश में क्षतिग्रस्त आधारभूत संरचना के पुनर्निर्माण में लगभग एक से दो वर्ष का समय लगेगा। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में भारी बारिश और बादल फटने इत्यादि की घटनाओं से हुए भारी नुकसान से उन्हें अवगत करवाया और राहत एवं पुनर्वास कार्यों के लिए 2 हजार करोड़ रुपये की तुरंत राहत प्रदान करने का आग्रह किया। उन्होंने अवगत करवाया कि आपदा राहत के तहत वर्तमान वित्तीय वर्ष के लिए केंद्र से प्राप्त निधि सम्बंधित विभागों और उपायुक्तों को राहत अभियान के लिए जारी कर दी गई है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2019-2020 तथा वर्ष 2020-2021 के लिए राष्ट्रीय और राज्य आपदा राहत निधि के तहत लम्बित 315 करोड़ रुपये की राशि शीघ्र जारी की जाए, क्योंकि अभी तक प्राप्त राशि प्रदेश में बड़े स्तर पर हुई क्षति के विपरीत बहुत कम है। गृह मंत्री ने राज्य को हरसम्भव सहायता का आश्वासन दिया। इस अवसर पर मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना और मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा भी उपस्थित थे।
जोगिंदर नगर एकल अभियान प्राथमिक शिक्षा अंचल जोगिंदर नगर के संच सदस्यों ने एकल वन महोत्सव कार्यक्रम के तहत श्री राम कृष्ण आश्रम अन्नपूर्णा मंदिर लदरूही के पास वन भूमि में पौधरोपण किया। जोगिंदर नगर की संच प्रमुख सपना ने बताया कि जोगिंदर नगर संच के सदस्यों द्वारा वन भूमि में विभिन्न प्रकार के 100 पौधे रोपे गए। उन्होंने कहा कि जोगिंदर नगर संच के सदस्यों ने वन, चील, देवदार व हार्ड बेहड़ सहित विभिन्न प्रजातियां के पौधों का पौधरोपण किया। पौधरोपण कार्यक्रम में सपना व दीपिका सहित जोगिंदर नगर संच के सभी सदस्य मौजूद रहे।
भारतीय वायु सेना ने अग्निपथ योजना के तहत अग्निवीर वायु प्रवेश जनवरी, 2024 के लिए चयन परीक्षा के लिए अविवाहित भारतीय पुरुष और महिला उम्मीदवारों से ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए हैं। कमांडिंग आफिसर विंग कमांडर एसवीजी रेड्डी ने आज यहां बताया कि इसके लिए ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया आरंभ कर दी गई है और 17 अगस्त को रात 11 बजे तक ऑनलाइन आवेदन स्वीकार किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि ऑनलाइन परीक्षा 13 अक्तूबर से ली जाएंगी। उन्होंने बताया कि 27 जून, 2003 से 27 दिसंबर, 2006 के बीच जन्में युवा आवेदन के लिए पात्र होंगे, जिसमें यह दोनों तिथियां भी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि शैक्षणिक योग्यता के तहत विज्ञान विषय तथा विज्ञान के अलावा अन्य विषयों के अभ्यर्थी पात्र होंगे। पंजीकरण और परीक्षा शुल्क 250 रुपये निर्धारित किया गया है। उन्होंने बताया कि प्रवेश स्तर की योग्यता पर विस्तृत जानकारी तथा चिकित्सा मानक, नियम और शर्तें, ऑनलाइन आवेदन और पंजीकरण के लिए निर्देश इत्यादि के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
हिमाचल में भारी बारिश से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी मंगलवार सुबह कुल्लू पहुंचे। भुंतर हवाई अड्डे में नितिन गडकरी के स्वागत के लिए बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे। इसके बाद गडकरी फोरलेन के निरीक्षण के लिए मनाली रवाना हुए। इस दौरान मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू भी उनके साथ मौजूद रहे। मनाली पहुंचकर गडकरी ने भारी बारिश व बाढ़ से क्षतिग्रस्त हुए फोरलेन का निरीक्षण किया। इस दौरान वे बाढ़ प्रभावितों से भी मिले। ञ्जह्म्द्गठ्ठस्रद्बठ्ठद्द ङ्कद्बस्रद्गशह्य कुल्लू पहुंचने से पहले गडकरी ने मंडी में बाढ़ प्रभावित इलाकों और फोरलेन का हवाई निरीक्षण किया। इस दौरान उनके साथ मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के अलावा लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह व नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर भी मौजूद रहे। हेलिकाप्टर में विक्रमादित्य ने केंद्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री व अन्य के साथ सेल्फी भी ली। बताया जा रहा है कि फोरलेन का निरीक्षण करने के बाद नितिन गडकरी नग्गर के बड़ागढ़ रिजॉर्ट में एनएचएआई के साथ बैठक करेंगे। बता दें, बीते दिनों में भारी बारिश, बाढ़ व बादल फटने से सबसे अधिक फोरलेन को नुकसान कुल्लू और मनाली में हुआ है। यहां पर कई स्थानों पर तो फोरलेन का नामोनिशान तक मिट गया है। बारिश और बाढ़ से कारण एनएचआई को भारी नुकसान हुआ है। इसी तरह कालका-शिमला फोरलेन को भी काफी नुकसान पहुंचा है।
कहा-सेब उत्पादक क्षेत्रों में सड़क बहाली को दी जाएगी प्राथमिकता मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां लोक निर्माण विभाग की बैठक की अध्यक्षता करते हुए अधिकारियों को राज्य के विभिन्न हिस्सों में भारी बारिश और भू-स्खलन के कारण क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत और शीघ्र बहाली सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने दोहराया कि सेब उत्पादक क्षेत्रों की सड़कों की बहाली को प्राथमिकता दी जाएगी ताकि बागवानों की उपज को समय पर बाजार तक पहुंचाया जा सके। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आपदा प्रभावित सड़कों की शीघ्र बहाली के लिए 23 करोड़ रुपये और स्वीकृत किए हैं। उन्होंने कहा कि इस राशि में से पांच करोड़ रुपये यशवंत नगर से छैला तक की सड़क के मरम्मत कार्य पर खर्च किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त, शिमला जिले के सेब उत्पादक क्षेत्रों के तहत लोक निर्माण विभाग के सात मण्डल में प्रत्येक को सड़कों की मरम्मत एवं बहाली के लिए एक-एक करोड़ रुपये प्रदान किए गए हैं। उन्होंने कहा कि उन लोक निर्माण विभाग मण्डलों को भी एक-एक करोड़ रुपये आबंटित किए गए हैं, जहां प्राकृतिक आपदा के कारण क्षति अधिक हुई है, जिनमें कुल्लू जिले के चार विकास खण्ड, सिरमौर जिले के शिलाई और राजगढ़ विकास खंड शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि शीघ्र ही वह चौपाल और जुब्बल-कोटखाई क्षेत्रों का दौरा करेंगे तथा इन क्षेत्रों में किए जा रहे मरम्मत कार्यों की समीक्षा करेंगे। उन्होंने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को वाहनों की सुचारू आवाजाही सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुए कहा कि सड़कों पर गिरा मलबा हटाने के लिए मशीनरी खरीदने से लेकर उसे प्रभावित क्षेत्रों में तैनात करने का कार्य समयबद्ध सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि सड़कों की मरम्मत के लिए राज्य सरकार धन की कोई कमी नहीं आने देगी। उन्होंने अधिकारियों को अग्रिम भुगतान के साथ लोक निर्माण विभाग के विश्राम गृहों की ऑनलाइन बुकिंग प्रारम्भ करने को कहा साथ ही कहा कि जल शक्ति विभाग को भी इस प्रक्रिया का अनुसरण करना चाहिए। उन्होंने निर्माण कार्यों की अनुमानित लागत में बढ़ोतरी की प्रथा को रोकने पर बल देते हुए अधिकारियों को क्लॉज 10 सीसी को हटाने के भी निर्देश दिए। बैठक में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह, मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी, विधायक चंद्रशेखर और चैतन्य शर्मा, प्रधान सचिव राजस्व ओंकार शर्मा, प्रधान सचिव लोक निर्माण विभाग भरत खेड़ा, सचिव वित्त अक्षय सूद, उपायुक्त शिमला आदित्य नेगी, प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग अजय गुप्ता एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
पंजाब के जालंधर की संस्था तेरा तेरा हट्टी द्वारा हिमाचल प्रदेश के मंडी क्षेत्र में बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत सामग्री बांटी गई। संस्था ने रविवार सुबह मंडी गुरुद्वारा के अध्यक्ष गुरदीप सिंह, गुरचरण सिंह, लखन पाल सिंह, लवली ग्रोवर के साथ कांग्रेस नेत्री और पूर्व चेयरपर्सन मंडी जिला परिषद चंपा ठाकुर, कांग्रेस के सीनियर नेता और पूर्व चेयरमैन मिल्कफेड चेत राम ठाकुर और हिमाचल प्रदेश काग्रेस के प्रवक्ता हरिंदर परवाना के साथ मिलकर मंडी के पुरानी मंडी, रघुनाथ पादर में बाढ़ प्रभावित लोगों को सूखा राशन जिसमें रस, बिस्कुट, चीनी, चावल,आटा, ओडोमास, सेंट्री पैड, पानी की बोतले और गद्दे बांटे। इस मौके पर गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी, चंपा ठाकुर और चेत राम ठाकुर ने उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री और तेरा तेरा हट्टी का धन्यवाद किया की उन्होंने जालंधर से मंडी पहुंच कर बाढ़़ से प्रभावित लोगों की मदद की। इस इस मौके तेरा तेरा हड्डी के मुख्य सेवादार तरविंदर सिंह रिंकू और अमरप्रीत सिंह ने बताया कि कि तेरा तेरा हट्टी ने पंजाब के जिला जालंधर और कपूरथला में बाढ़ प्रभावित इलाकों में सेवा करने के बाद सोचा कि हिमाचल में जाकर सेवा की जाए, जिसके बाद वह हिमाचल प्रदेश के उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री और मंडी स्थित ऐतिहासिक गुरुद्वारा गुरु गोविंद सिंह के प्रबंधकों से बात की और यहां आकर उनके साथ बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत सामग्री बांटी इस मौके पर उन्होंने इन सभी का धन्यवाद किया।
हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के एक प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि हिमाचल प्रदेश सरकार के अनुसूचित जनजाति विकास विभाग के तत्वावधान में हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा प्रदेश के एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों में छठी कक्षा में प्रवेश के लिए २९ जुलाई को आयोजित होने वाली परीक्षा (ईएमआरएसएसटी-२०२३) स्थगित कर दी गई है। उन्होंने बताया कि यह परीक्षा भारी बारिश से सम्पर्क मार्गों के अवरूद्ध होने तथा संचार सुविधा में बाधा उत्पन्न होने के दृष्टिगत स्थगित गई है। परीक्षा की आगामी तिथि पुनः घोषित की जाएगी।
करसोग के प्रसिद्ध देवसथल आदिशक्ति जगतजननी मां दुर्गा भगवती चिंडी (चरकंठ) मेला हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी 2 से 4 अगस्त को धूमधाम से मनाया जाएगा। मेले का आरंभ 2 अगस्त, को माता चिंण्डी के भव्य रथ, छत्र, बाजा बजंत्री व कारदारों के आगमन के साथ होगा। वहीं हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी इस मेले की शोभा बढ़ाने के लिए व्यापारियों द्वारा मेला मैदान में दुकानें सजाई जाएंगी। गौरतलब है कि माता के प्रति भक्तों में अपार श्रद्धा भक्ति है जिस कारण मेले के समय में दूर-दूर से श्रद्धालु आकर माता का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। 4 अगस्त को मेले का समापन माता रानी जी की अलौकिक विदाई के साथ होगा।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल के प्रदेश मंत्री आकाश नेगी ने बताया कि आज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश का 75 वर्ष पूर्ण होने पर गेयटी सभागार शिमला में बहुत ही धूमधाम से किया गया। इस कार्यक्रम में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजशरण शाही मुख्य अतिथि व वशिष्ठ अतिथि के रूप में अंतरराष्ट्रीय महिला पहलवान बबिता फोगाट उपस्थित रहीं। फोगाट ने संबोधन करते हुए विद्यार्थी परिषद द्वारा आयोजित मिशन साहसी कार्यक्रम की सराहना की। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी परिषद को ऐसे ओर कार्यक्रम छात्राओं के लिए करवाने चाहिए व यहां मेरे सहयोग व सहायता की जरूरत होगी वह मैं करूंगी। उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के 75 वर्ष पूर्ण होने पर आयोजित कार्यक्रम अमृत महोत्सव समारोह की सभी को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दीं। आकाश नेगी ने बताया कि इस अमृत महोत्सव समारोह कार्यक्रम में देश व प्रदेश कानाम ऊंचा करने वाले व सामाजिक क्षेत्र में सराहनीय कार्य करने वाले महानुभावों को भी सम्मानित किया। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के इस अमृत महोत्सव समारोह कार्यक्रम में हिमाचल प्रदेश की संस्कृति की भी झलक सांस्कृतिक कार्यक्रम के माध्यम से देखने को मिली। इस कार्यक्रम में विशेष रूप से अभाविप के पूर्व कार्यकर्ता, शिमला जिला की विभिन्न इकाइयों के कार्यकर्ता व छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।
विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं को प्रभावी तरीके से कार्यान्वित करने और लोगों को लाभान्वित करने के लिए राज्य सरकार ने ग्राम पंचायतों की तर्ज पर शहरी क्षेत्रों में भी 'परिवार रजिस्टर' बनाने का निर्णय लिया है। इस संबंध में नगर निगमों, नगर परिषदों और नगर पंचायतों के परिवार रजिस्टर के रखरखाव नियम, 2023 के एक प्रारूप को हाल ही में राज्य मंत्रिमंडल द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई है। शहरी क्षेत्रों में परिवार रजिस्टर को लागू करने के लिए राज्य सरकार ने हिमाचल प्रदेश नगर निगम अधिनियम की धारा 48 ए धारा 308 ए और हिमाचल प्रदेश नगर निगम अधिनियम की धारा 43 (5) और धारा 393 में संशोधन किया गया है ताकि परिवार रजिस्टर के रखरखाव का प्रावधान किया जा सके। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सरकार का यह नवोन्मेषी कदम शहरी क्षेत्रों के लिए योजनाओं को तैयार करने के दृष्टिगत निर्णय लेने में मील पत्थर साबित होगा। इससे इन क्षेत्रों में रहने वाले परिवारों के बारे में महत्वपूर्ण डॉटा उपलब्ध होगा, जिसके उपयोग से संसाधनों के बेहतर आबंटन सुनिश्चित कर जन कल्याण के लिए स्टीक योजनाएं बना जा सकेंगी। अभी तक केवल ग्राम पंचायतों में ही परिवार रजिस्टर रखे जाते थे। इस पहल के साथ, शहरी आबादी की आपत्तियों और सुझावों के उपरांत अंतिम मंजूरी मिलने के बाद शहरी क्षेत्रों में रहने वाले लोग सरकार द्वारा प्रायोजित योजनाओं का प्रभावी ढंग से लाभ प्राप्त कर सकेंगे। इसके अतिरिक्त प्रत्येक वर्ष 31 जनवरी तक परिवार रजिस्टर को संशोधित किया जा सकता है और सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद आवश्यक संशोधन किए जा सकेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि परिवार में रहने वाले सदस्यों, उनके व्यवसाय, जाति, शैक्षणिक स्थिति और अन्य आवश्यक विवरणों का रिकार्ड रखना महत्वपूर्ण है। पारिवारिक रिकार्ड सुनिश्चित होने से सरकार द्वारा प्रायोजित कल्याणकारी योजनाओं का स्थानीय निकायों के लोगों को लाभ प्राप्त करने में मदद मिलेगी। संशोधित नियमों के तहत वार्ड समिति के संबंधित सचिव को वार्ड के वास्तविक निवासियों के परिवारों के विवरण के लिए घर-घर जाकर सर्वेक्षण करना आवश्यक होगा। नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी या नगर पंचायत के सचिव या इसके लिए विशेष रूप से नामित सत्यापन अधिकारी द्वारा रजिस्टर सत्यापित किया जाएगा। सभी आवश्यक संशोधन और सत्यापन पूरे होने के उपरांत तैयार किया गया अंतिम परिवार रजिस्टर अनुमोदन के लिए सदन के समक्ष रखा जाएगा और राजपत्र में प्रकाशित किया जाएगा। इसके बाद संबंधित अधिकारी द्वारा यह डाटा ऑनलाइन मोड के माध्यम से आम जनता को उपलब्ध करवाया जाएगा।
प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग द्वारा राशन वितरण में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के दृष्टिगत उपभोक्ताओं के राशन कार्डों में उनकी आधार संख्या पंजीकृत की जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अभी तक 99.60 प्रतिशत राशनकार्ड लाभार्थियों के राशनकार्ड को आधार संख्या से जोड़ा जा चुका है। प्रदेश में कुल 74,60,584 लाभार्थी हैं, जिनमें से 74,30,737 लाभार्थियों के आधार राशनकार्ड से जोड़ दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि जिन लाभार्थियों ने अभी तक अपने राशनकार्ड को आधार से नहीं जोड़ा है वह 15 अगस्त से पूर्व नजदीकी राशन डिपो में जाकर अपना आधार दर्ज करवा सकते हैं। यदि कोई अपना आधार 15 अगस्त तक दर्ज नहीं करवाता है तो इस स्थिति में राशनकार्ड को अस्थाई रूप से बंद कर दिया जाएगा तथा आधार की जानकारी उपलब्ध करवाने के बाद ही राशनकार्ड को फिर से शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राशनकार्ड धारकों की सुविधा के लिए लाभार्थिर्यों के मोबाइल नंबर को भी उनके राशनकार्ड के साथ जोड़ा जा रहा है ताकि उचित मूल्य की दुकानों पर उपलब्ध करवाए जा रहे खाद्यान्नों की सुविधा संबंधित जानकारी उपभोक्ताओं को पंजीकृत मोबाइल पर दी जा सके। उपभोक्ता विभागीय वेबसाइट/पारदर्शिता पोर्टल पर जाकर अपडेट मोबाइल नम्बर विकल्प के अधीन अपने 12 अंकों के आधार नम्बर दर्ज करवाने के उपरांत अपना मोबाइल नम्बर अपडेट कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि विभाग उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से ई-केवाईसी के माध्यम से यह सुनिश्चित कर रहा है कि राशनकार्ड में दर्ज व्यक्ति का नाम, जन्मतिथि तथा लिंग आधार में दर्ज डाटा के अनुरूप ही हो। इस विषय में उपभोक्ता अधिक जानकारी विभागीय वेबसाइट/पारदर्शिता पोर्टल पर प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि सभी उचित मूल्य दुकानदारों को समयबद्ध ई-केवाईसी प्रक्रिया पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं।
हिमाचल प्रदेश में बीते दिनों भारी बरसात के चलते भारी तबाही हुई, जिससे आम जीवन अस्त-व्यस्त हो गया, शिमला की एक एनजीओ आवाज फाउंडेशन ने 'हेल्पिंग हैंडÓ एक मुहिम शुरू की, जिसमें ऐसे प्रभावित लोगों के लिए दिन रात एक करके राशि एकत्रित की और उन लोगों तक खाद्य सामग्री उपलब्ध करवाई। आवाज फाउंडेशन के अध्यक्ष पवन ठाकुर ने बताया कि इस आपदा की घड़ी में काफी लोगों का जीवन अस्त व्यस्त हुआ है, जिसके चलते फाउंडेशन ने एक मुहिम शुरू की 'हेल्पिंग हैंडÓ, जिसमें फाउंडेशन के सदस्य टूटीकण्डी के लोगों से राशि एकत्रित की और जिला मंडी के व्यास सदन में जाकर 171 परिवारों को खाद्य सामग्री उपलब्ध करवाई। पवन ठाकुर ने कहा कि आवाज फाउंडेशन आगे भी इसी तरह के समाजिक कार्यों में बढ़-चढ़कर अपना योगदान देगी, वहीं उन्होंने फाउंडेशन के सभी सदस्यों का धन्यवाद किया और यह आग्रह भी किया कि आगे भी इसी तरह से फाउंडेशन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चले।
हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के एक प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि निगम अपने होटलों में कमरों की बुकिंग पर 50 प्रतिशत तक छूट प्रदान कर रहा है। उन्होंने कहा कि यह छूट तुरंत प्रभाव से लागू कर दी गई है और 15 सितंबर, 2023 तक जारी रहेगी। प्रवक्ता ने कहा कि यह निर्णय प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से जारी भारी बारिश के दृष्टिगत प्रदेश में पर्यटकों को सुलभ आवासीय सुविधा उपलब्ध करवाने तथा निगम के होटलों में आमद दर (अक्युपेंसी) बढ़ाने के दृष्टिगत लिया गया है।
इस वर्ष छह माह के अंदर ही करीबन 1.06 करोड़ सैलानियों ने हिमाचल प्रदेश में विजिट किया है । प्रदेश में पहली बार जून तक ही सैलानियों की संख्या एक करोड़ पार हो गई है। इससे पहले साल 2019 में जनवरी से जून तक सबसे अधिक 90.61 लाख सैलानी देवभूमि हिमाचल पहुंचे थे। अप्रैल से जून तक प्रदेश के विभिन्न पर्यटन स्थलों में आने वाले सैलानियों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हुई है। अप्रैल में करीब 15 लाख, मई में 21 लाख और जून में 25 लाख सैलानी हिमाचल प्रदेश पहुंचे। जनवरी से मार्च तक प्रतिमाह 12 से 13 लाख सैलानियों का आना हुआ। विदित है कि सुक्खू सरकार प्रदेश का राजस्व बढ़ाने के लिए पर्यटन क्षेत्रों की ओर फोकस कर रही है। सरकार ने कांगड़ा को पर्यटन राजधानी का दर्जा दिया है और राजस्व बढ़ाने की दिशा में प्रयत्नों क्षेत्रों को विकसित भी किया जा रहा है। आंकड़ों की ओर देखे तो वर्ष 2018 में 88,98,620, 2019 में 90,61,269 और 2020 में 22,05,634 सैलानियों ने प्रवेश किया है। वहीं 2021 में 19,76,091, वर्ष 2022 में 86,42,390 जबकि 2023 में अब तक तकरीबन 1,0006,743 सैलानी प्रदेश की वादियां निहारने पहुंचे है।
जोगिंदर नगर उपमंडल की हारगुणैन पंचायत के नागचला नकेहड़ गांव में बीती रात 75 वर्षीय वृद्ध की सिर पर डंडा मार हत्या का मामला सामने आया है। हालांकि डीएसपी पधर संजीव सूद सहित जोगिंदर नगर पुलिस मौके पर पहुंच गई है, लेकिन अभी तक मंडी से फोरेंसिक टीम आ पहुंचने का किया जा रहा इंतज़ार। मृतक की पहचान रिखी राम पुत्र कातकू राम निवासी नकेहड़ के रूप में हुई है। जानकारी के अनुसार मृतक फौज से हवलदार के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। उसके बाद पुलिस में भी दे चुके हैं सेवाएं। सरकाघाट पुलिस से ट्रैफिक कॉन्स्टेबल के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। रिखी राम नागचला में अपनी छोटी मोटी दुकानदारी के साथ घराट चलाने का काम करते थे। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि यह हादसा देर रात हुआ है। मौके पर थाना प्रभारी जोगिंदर नगर निर्मल सिंह सहित समस्त पुलिस बल है तैनात है। गौरतलब है कि रिखी राम दो साल पहले इसी गांव की ज्योति जिसकी भी निर्मम हत्या हुई थी के पिता बृजभूषण के सगे चाचा थे। बृजभूषण ने रिखी राम की हत्या का शक जताया है।
चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे को यातायात के लिए अस्थायी तौर पर बहाल कर दिया गया है। पिछले कल सुबह ६ मील के पास पहाड़ी से हुए भूस्खलन के कारण यहां पर हाईवे फिर से बंद हो गया था। प्रशासन ने सारे मलबे को हटाकर हाईवे को पूरी तरह से यातायात के लिए बहाल करने की बात कही थी और दो दिनों तक हाईवे के बंद रहने की सूचना जारी की थी। लेकिन इतने में मंडी से कुल्लू वाया कटौला मार्ग भी यातायात के लिए बंद हो गया। ऐसे में प्रशासन को हाईवे को अस्थायी तौर पर यातायात के लिए बहाल करना पड़ा। हालांकि हाईवे से सभी प्रकार के छोटे बड़े वाहन गुजारे जा रहे हैं। जो बड़ी गाड़ियां फंसी हुई थी उन्हें अब यहां से जाने दिया जा रहा है। अभी भी यहां पर ९० प्रतिशत मलबा हटाने को है जिसे अब आने वाले समय में हटाया जाएगा। हालांकि हाईवे बहाल करने के साथ-साथ मलबा हटाने का कार्य भी जारी रखा गया है।
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज यहां राज भवन से राज्य रेडक्रॉस सोसायटी के माध्यम से जिला मण्डी के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लिए राहत सामग्री से भरे दो वाहनों को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश में इस प्राकृतिक आपदा के कारण जान व माल का भारी नुकसान हुआ है। इस नुकसान की भरपाई करना कठिन है, लेकिन राहत के रूप में हम अपना योगदान दे सकते हैं जो प्रभावित लोगों की सहायता के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने इस आपदा में प्रदेश सरकार, जिला प्रशासन तथा पुलिस के प्रयासों पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि आपदा के दौरान सेना, वायु सेना, अर्धसैनिक बलों तथा सभी अन्य एजेंसियों द्वारा राहत व बचाव कार्यों को सफलतापूर्वक पूरा किया गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय प्रदेश में आई इस आपदा पर नजर बनाए हुए है तथा इसके लिए फौरी राहत प्रदान कर रहा है। उन्होंने विश्वास जताया कि नुकसान के पूर्ण आकलन के पश्चात प्रदेश को और अधिक राहत प्रदान की जाएगी। राज्यपाल ने संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि इस कठिन समय में समाज के सभी वर्गों ने सहयोग प्रदान किया है तथा लोगों ने भी अपना बहुमूल्य योगदान दिया है। उन्होंने आपदा प्रभावितों की मदद के लिए सभी से आपदा राहत कोष में स्वेच्छा से योगदान करने का आग्रह किया है। राज्यपाल ने कहा कि उन्होंने स्वयं राहत कोष में अपने एक माह के वेतन का अंशदान करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में राज्य तथा जिला स्तर पर रेडक्रॉस के माध्यम से भी सहायता प्रदान की जा रही है। इससे पूर्व राज्य रेडक्रॉस के माध्यम से 13 जुलाई को तीन वाहनों में मण्डी तथा कुल्लू जिलों के लिए राहत सामग्री भिजवाई गई थी। राष्ट्रीय रेडक्रॉस सोसायटी से अधिक राहत सामग्री प्रदान करने का आग्रह भी किया गया है तथा रेडक्रॉस के माध्यम से शीघ्र ही प्रभावित क्षेत्रों में यह राहत सामग्री उपलब्ध करवाई जाएगी। राज्यपाल के सचिव संदीप कदम तथा राज्य रेडक्रॉस के अन्य पदाधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
व्यवस्था परिवर्तन की ओर एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने राज्य में फील्ड दौरों के दौरान सामान्य तौर पर विभिन्न माननीयों को पुलिस द्वारा दिए जाने वाले 'गार्ड ऑफ ऑनरÓ (सलामी) को 15 सितंबर तक स्थगित कर दिया है। हालांकि 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर इन आदेशों में छूट रहेगी। यह निर्णय प्रदेश में हाल ही में आई आपदा से वृहद स्तर पर जारी राहत व बचाव कार्यों के दृष्टिगत लिया गया है। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में संचालित किए जा रहे राहत एवं बचाव कार्यों में पुलिस बल की तैनाती में वृद्धि पर बल देते हुए इस संबंध में आदेश जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस कर्मियों को गार्ड ऑफ ऑनर जैसे कार्यों में संलग्न करने के बजाए इस संकट के समय में प्रभावित लोगों को सहायता उपलब्ध करवाने के लिए प्रयास करने चाहिए। उन्होंने कहा कि यह निर्णय आपदा के प्रभावों से निपटने के लिए प्रदेश के संसाधनों के सही उपयोग के उद्देश्य से लिया गया है। बचाव कार्यों के दृष्टिगत पुलिस बल द्वारा प्रभावित लोगों को तुरंत सहायता सुनिश्चित करना बेहद महत्वपूर्ण है। सीएम सुक्खू ने कहा कि गार्ड ऑफ ऑनर स्थागित करने से सरकार प्रदेश में आपदा से प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने के लिए राज्य के संसाधनों तथा श्रम शक्ति का और बेहतर उपयोग करेगी। इस निर्णय से सरकार की आपदा प्रभावित क्षेत्रों को तुरंत राहत पहुंचाने तथा इस कठिन समय में प्रभावी प्रशासन की प्रतिबद्धता भी प्रदर्शित होती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में राहत तथा बचाव कार्य जारी है और प्रदेश सरकार इस आपदा से प्रभावित लोगों को आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए मज़बूती से कार्य कर रही है। यह निर्णय प्रदेश के लोगों की सुरक्षा को सर्वोच्च अधिमान देने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
विधानसभा क्षेत्र करसोग के युवा विधायक दीपराज ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने आपदा से निपटने के लिए हिमाचल प्रदेश को 364 करोड़ रुपये की राहत राशि जारी कर दी है। बावजूद इसके प्रदेश की कांग्रेस सरकार नुकसान की भरपाई करने तथा प्रभावितों को त्वरित सहायता पहुंचाने में ढील बरत रही है। उन्होंने कहा कि इस बार बरसात से हिमाचल को गहरे जख्म मिले हैं और केंद्र सरकार ने इन जख्मों पर मरहम लगाने का प्रयास किया है। लेकिन राज्य की कांग्रेस सरकार को आपदा से निपटने के लिए युद्धस्तर पर कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने सुक्खू सरकार से कहा है कि केंद्र से मिली सहायता राशि को प्रभावितों तक जल्द पहुंचाए। विधायक ने बताया कि हाल ही में केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) के केंद्रीय हिस्से की दूसरी किस्त की हिमाचल प्रदेश को अंतरिम राहत के रूप में वर्ष 2023-24 के लिए 180.40 करोड़ रुपये अग्रिम राशि जारी करने को मंजूरी दे दी है। हिमाचल में प्रभावित लोगों की मदद देने के लिए केंद्र सरकार ने पहले ही तत्काल प्रकृति के राहत उपायों के लिए 10 जुलाई, 2023 को एसडीआरएफ से प्रदेश को 180.40 करोड़ रुपये की केंद्रीय हिस्सेदारी की पहली किस्त जारी कर दी है। धनराशि जारी होने से राज्य सरकार को चालू मॉनसून सीजन के दौरान प्रभावित लोगों को राहत उपाय करने में मदद मिलेगी। विधायक दीपराज ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में हाल ही में अचानक आई बाढ़/बादल फटने और भूस्खलन के कारण उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए मोदी सरकार ने स्थिति से कुशलतापूर्वक निपटने के लिए हिमाचल कांग्रेस सरकार को सभी आवश्यक रसद और वित्तीय सहायता प्रदान की है। 11 टीमें बचाव अभियान के लिए बचाव नौकाओं और अन्य आवश्यक उपकरणों के साथ एनडीआरएफ को तैनात किया गया है। नागरिक निकासी के लिए पेरा स्पेशल फोर्सेस और 205 आर्मी एविएशन स्क्वाड्रन को पांवटा साहिब में तैनात किया गया है। निकासी मिशन के लिए दो एमआई-17वी5 हेलीकॉप्टर तैनात किए गए हैं। विधायक दीपराज ने बताया कि केंद्र सरकार ने हिमाचल सरकार द्वारा किए जा रहे राहत कार्यों और स्थिति का मौके पर आकलन करने के लिए एक अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीमों (आईएमसीटी) का भी गठन किया है। आईएमसीटी 17 जुलाई, 2023 को अपना क्षेत्रीय दौरा शुरू करेगा। विधायक ने हिमाचल को राहत राशि जारी करने और आपदा से निपटने के लिए प्रदान किए जा रहे सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया। कांग्रेस सरकार बताएं करसोग के नुकसान की भरपाई कब होगी? विधायक दीपराज ने कहा कि भारी बरसात के चलते करसोग क्षेत्र में भी बहुत नुकसान हुआ है। सड़कें और पुल टूट गए हैं, लोगों की भूमि भूस्खलन की चपेट में आई हैं और कई परिवारों के घरों को भी नुकसान पहुंचा है। लेकिन दुर्भाग्य है कि प्रदेश कांग्रेस सरकार अभी तक सक्रिय भूमिका नहीं निभा रही है। आपदा के दौर में भी क्षेत्रवाद की राजनीति की जा रही है। उन्होंने कहा कि शाकरा का पुल असुरक्षित घोषित किया गया है लेकिन इसके जीर्णोद्धार कार्य में ढील बरती जा रही है। उन्होंने राज्य सरकार से आग्रह किया है कि करसोग क्षेत्र में हुए नुकसान की भरपाई हेतु किए जाने वाले कार्य युद्धस्तर पर किया जाए। आपदा में महंगाई का बोझ डालना बंद करे कांग्रेस सरकार विधायक दीपराज ने कहा कि कांग्रेस सरकार द्वारा डीजल पर वैट बढ़ाया जाना उचित नहीं है। यह आपदा में प्रदेशवासियों को महंगाई का बोझ डालने वाला कदम है। उन्होंने कहा कि डीजल बढ़ने से पूरे प्रदेश में महंगाई बढ़ती है। सेब का सीजन शुरू हो गया है और सड़कों की हालत खस्ता है। ऐसे में माल भाड़ा भी बढ़ेगा, निर्माण सामग्री महंगी होंगी, सीमेंट महंगा होगा, सरिया महंगा होगा। प्रदेशभर में जेसीबी मशीनें सड़कों पर हैं, डीजल महंगा होने पर राहत कार्य भी महंगा होने वाला है। इसके दृष्टिगत कांग्रेस सरकार को इस निर्णय पर पुर्नविचार करना चाहिए। मोदी सरकार ने कोविड काल में भी दिया था हिमाचल को सहारा विधायक दीपराज ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार हर विपरित स्थिति से निपटने के लिए हिमाचल को भरपूर सहयोग प्रदान करती आई है। उन्होंने कहा कि कोरोना के संकटकाल में भी मोदी सरकार ने हिमाचल को स्वास्थ्य क्षेत्र की मजबूती के लिए हरसंभव सहयोग प्रदान किया। केंद्र सरकार ने निशुल्क राशन वितरित करने सहित कोविड वैक्सीनेशन जैसे महाअभियान को भी निशुल्क चलाया। इसकी मदद से पूर्व भाजपा सरकार ने कोविड की डोज लगाने में देशभर में प्रथम स्थान प्राप्त किया था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस झूठ बोलने में विश्वास रखती है और भाजपा जनसेवा करने का काम करती है।
मंडी जिला के जोगिंदर नगर उपमंडल के तहत गांव बनाड़ में ऊंची पहाड़ी पर बाबा बालक नाथ जी का प्राचीन मंदिर स्थापित है। कहते हैं कि यह स्थान बाबा बालक नाथ जी का मूल स्थान है तथा बाबा बालक नाथ जी साक्षात यहां विराजमान रहते हैं। बाबा बालक नाथ जी के साथ ही ऊंची चट्टान पर गुरु गोरखनाथ जी की प्रतिमा भी स्थापित है। कहते हैं कि यह प्रतिमा भी साक्षात चट्टान के नीचे से ही निकली है। गुरू गोरख नाथ जी की प्रतिमा से कुछ ही दूरी पर पवन पुत्र हनुमान जी का भी स्थान है। बाबा बालक नाथ जी के मंदिर तक पहुंचने के लिए सड़क से लगभग 20 से 25 मिनट का पैदल सफर तय कर आसानी से पहुंचा जा सकता है। मंदिर तक पहुंचने के लिए पक्की सीढ़ियां निर्मित की गई हैं तथा थोड़े-थोड़े अंतराल पर श्रद्वालुओं के बैठने को बैंच तथा पेयजल के लिए नलके लगाए गए हैं। पेयजल के लिए एक ऊंची पहाड़ी से प्राकृतिक स्त्रोत से पानी लाया गया है जो 24 घंटे उपलब्ध रहता है। रास्ते में चील, देवदार व बान के घने पेड़ों की ठंडक सफर को ओर आसान बना देती है। मंदिर परिसर में पहुंचने पर जहां अलौकिक शांति का अनुभव होता है तो वहीं आसपास का खूबसूरत प्राकृतिक सौंदर्य मन को बेहद सुकून प्रदान करता है। ऊंची पहाड़ी पर स्थित होने के कारण यहां से दूर-दूर तक प्रकृति का विहंगम नजारा देखते ही बनता है। मंदिर के पुजारी महंत राम बताते हैं कि बाबा बालक नाथ जी के साथ मांहूनाग देवता भी विराजमान हैं। यहां पर भाद्रपद की 20 तारीख को पवित्र स्नान होता है। बाबा जी के पवित्र पानी में नहाने से कई बीमारियों से छुटकारा मिलता है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश के प्रदेश मंत्री आकाश नेगी ने एक ब्यान जारी करते हुए कहा है कि देवभूमि हिमाचल को शर्मसार करने वाली घटनाएं दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। कोटखाई में हैवान चाचा द्वारा अपनी चार साल की भतीजी के साथ दुष्कर्म करने के बाद उस मासूम बच्ची की हत्या कर दी जाती है। ऐसे आपराधिक मामले हिमाचल प्रदेश में वर्तमान सरकार में बढ़ते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में वर्तमान सरकार के राज में ऐसी घटनाएं दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। हिमाचल प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह से चरमराई हुई है। उन्होंने कहा कि हैवानियत की सारी हदें पार करते हुए उस मासूम बच्ची से उसके चाचा ने पहले दुष्कर्म किया, फिर उसकी हत्या कर उसका शव बगीचे में छुपा कर रख दिया। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ऐसी निंदनीय घटना का कड़ा विरोध करती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ऐसी अपराधिक घटनाओं पर मौन धारण करके बैठी हुई है। उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद मांग करती है कि उस आरोपी को जल्द से जल्द कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। हिमाचल प्रदेश में कानून व्यवस्था को भी सुदृढ़ किया जाए।ताकि भविष्य में कोई ऐसी हरकत करने के बारे में सोच भी ना सके। अन्यथा विद्यार्थी परिषद उग्र से उग्र आंदोलन करेगी।
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि केंद्र सरकार हिमाचल प्रदेश की आपदा में पूरा सहयोग कर रही हैं। चाहे आर्थिक सहायता की बात हो या अन्य ज़रूरी संसाधनों की, जिस भी संसाधन की ज़रूरत पड़ी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह ने तुरंत उपलब्ध करवाई। राहत और बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ़ की टीमें भेजी, वायुसेना और सेना को लगाया, हेलीकॉप्टर से लेकर बीआरओ पूरे जी जान से जुटे रहे। हफ़्ते भर के भीतर आपदा राहत के तहत 364 करोड़ रुपये की दो किश्तें जारी कर दी। बहुत जल्दी तीसरी किश्त भी जारी हो रही है। सोमवार को केंद्र की टीम आपदा से हुए नुक़सान का जायज़ा लेने आ रही है। आपदा नुक़सान के आंकलन के आधार पर ही केंद्र सरकार भावी मदद की योजना बनाती है। सेना, एनएचएआई आज भी अपने काम में जुटी हुई हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह 'सुक्खूÓ का यह कहना कि केंद्र सरकार कि तरफ़ से अभी तक कोई वित्तीय राहत नहीं मिली है, शर्मनाक और दुर्भाग्यपूर्ण बयान है। हर काम करने की एक प्रक्रिया होती नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हर काम करने की एक निर्धारित प्रक्रिया होती हैं। आर्थिक मदद देने के पहले विशेषज्ञों द्वारा नुक़सान का आँकलन किया जाता है और एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाती हैं। इसके बाद की योजनाएं तैयार की जाती हैं। आपदा से निपटने की प्रक्रिया हैं। सबसे पहले राहत और बचाव कार्य। इसके बाद पुनर्वास और पुनर्निर्माण। आपदा आते ही राहत और बचाव के लिए केंद्र ने कुशलतम संस्था एनडीएफ़आर को लगाया गया, वायुसेना और सेना को लगाया गया। नुक़सान का जायज़ा लेने के लिए सोमवार को टीमें आ रही हैं। केंद्र सरकार ने त्वरित सहायता के तौर पर दो हफ़्ते के भीतर ही 364 करोड़ की 2 किश्तें जारी कर दी गई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने हर प्रकार की मदद करने का भरोसा दिया है। हमारी पार्टी के राष्ट्रीय नेताओं से लेकर बूथ लेवल के कार्यकर्ता और सरकार के सभी विभाग काम पर लगे हैं फिर भी मुख्यमंत्री ऐसी ग़ैरजीमेदाराना टिप्पणी कर रहे हैं।
जिला मंडी के सराज क्षेत्र में दर्दनाक हादसा पेश आया है। यहां बगड़ाथाच पंचायत में रविवार सुबह एक रिहायशी मकान पर ल्हासा आ गिरा। इस हादसे में एक 17 वर्षीय युवक की मौत हो गई। घटना की पुष्टि स्थानीय पंचायत के प्रधान गुमान सिंह ने की है। उन्होंने बताया कि रविवार सुबह मिहाच गांव के टेक सिंह पुत्र हिम्मत राम के घर लैंडस्लाइडिंग होने से अंदर सो रहे 17 वर्षीय बालकृष्म की मौके पर मौत हो गई जबकि साथ लगते दूसरे कमरे में करीब 6 लोग बाल-बाल बच गए। जिला प्रशासन की तरफ से मृतक के परिजनों को 25 हजार रुपए की अंतरिम राहत प्रदान की गई है।
सराज विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत लेहगला के पास एक दर्दनाक हादसा हुआ है। इस हादसे में एक दंपति की मौत हो गई, जबकि तीन घायल है। जानकारी के अनुसार शनिवार शाम को जब थुनाग बाजार से शिलाकुटला गांव के पांच लोग घर की तरफ जा रहे थे तो लेहगला से एक किलोमीटर आगे कार 300 मीटर गहरी खाई में समा गई। उसमें सवार पांच लोग में से दो की मृत्यु हो गई तथा अन्य तीन लोग घायल हो गए। मृतक महिला 9 माह की गर्भवती थी। वहीं क्षेत्र के लोगों ने आनन-फानन में उन्हें सड़क तक पहुंचाया जिसके बाद उन्हें सिविल अस्पताल बगस्याड़ ले गए। ग्राम पंचायत लेहथाच के प्रधान तेज सिंह ने बताया कि सभी घायलों को पहले निजी गाड़ी से ले गए फिर रास्ते में उन्हें एंबुलेंस में शिफ्ट कर दिया एंबुलेंस की सहायता से सिविल अस्पताल बगस्याड़ भेजा गया है जहां डॉक्टर ने लता देवी पत्नी खेम सिंह, और खेम सिंह को मृत घोषित कर दिया इसके अलावा चंद्रमणि, संजय कुमार, रुद्रांश,घायल हैं। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और छानबीन की जा रही है।
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज जिला मंडी में भारी बारिश, भूस्खलन तथा बाढ़ से प्रभावित क्षेत्र पंडोह तथा ओट का दौरा किया। उन्होंने प्रभावित लोगों से बात की तथा प्रशासन द्वारा किए जा रहे राहत एवं पुनर्वास कार्यों के बारे में जानकारी ली। राज्यपाल ने बाढ़ से क्षतिग्रस्त हुए लगभग 100 वर्ष पुराने पुल का निरीक्षण भी किया। उन्होंने लोअर पंडोह में प्रभावित परिवारों के घरों का दौरा किया तथा उन्हें सांत्वना देते हुए राहत प्रदान करने का आश्वासन दिया। उन्होंने लारजी जल विद्युत परियोजना के पावर हाउस तथा ओट में दवाडा क्षेत्र का भी दौरा किया। उन्होंने ओट में क्षतिग्रस्त पुल का भी निरीक्षण किया। इसके उपरांत राज्यपाल ने पंडोह में तीसरी भारतीय रिजर्व कॉर्पस में आयोजित कार्यक्रम में जिला रेडक्रॉस मण्डी के माध्यम से बाढ़ प्रभावित परिवारों को राहत सामग्री वितरित की। इस अवसर पर राज्यपाल ने केंद्र सरकार द्वारा प्रदेश को फौरी राहत के तौर पर साढ़े तीन सौ करोड़ रुपये की राहत राशि प्रदान करने के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने प्रभावितों को अधिक सहायता प्रदान करने का आश्वासन भी दिया। उन्होंने कहा कि राहत तथा बचाव कार्यों के प्रति जिला प्रशासन के अधिकारियों की प्रतिबद्धता सराहनीय रही। उन्होंने बचाव कार्यों में भारतीय वायु सेना तथा अर्ध-सैनिक बलों के योगदान की सराहना करते हुए उनका आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में भारी नुकसान हुआ है तथा पूर्ण आकलन के पश्चात ही कुछ कहना उचित होगा। उन्होंने जिला प्रशासन को नुकसान की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस रिपोर्ट के आधार पर वह केन्द्र सरकार से प्रदेश को अधिक राहत प्रदान करने के लिए बात करेंगे। राज्यपाल ने कहा कि हमें प्रकृति से सबक सिखना चाहिए तथा भविष्य में नुकसान से बचने के प्रयास करने चाहिए। इस अवसर पर उन्होंने आपदा राहत कोष में अपने एक माह के वेतन का अंशदान देने की घोषणा भी की। राज्यपाल ने मण्डी के प्राचीन पंचवक्त्र महादेव मंदिर के दर्शन किए तथा मंदिर के जीर्णोद्धार कार्यों की समीक्षा की। ब्यास नदी में पानी की अधिक मात्रा के कारण लगभग आधा मंदिर जलमग्न हो गया था। इसके बावजूद मंदिर सुरक्षित रहा। राज्यपाल ने मंदिर में माथा टेका तथा भगवान शिव से सभी की सुरक्षा के लिए प्रार्थना की। इस अवसर पर स्थानीय विधायक अनिल शर्मा भी उपस्थित थे। इससे पूर्व भारतीय राष्ट्रीय उच्चमार्ग प्राधिकरण के क्षेत्रीय अधिकारी अब्दुल बासित और परियोजना कार्यान्वयन इकाई मण्डी के परियोजना निदेशक वरूण चारी ने सुन्दरनगर में राज्यपाल से भेंट की तथा उन्हें क्षेत्र में हुए नुकसान के बारे में जानकारी प्रदान की। उन्होंने कहा कि 26 किलोमीटर लम्बे पंडोह-नेरचौक राष्ट्रीय उच्चमार्ग 154 व 3 कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त हुए हैं तथा भूस्खलन के मलबे को हटाने का कार्य प्रगति पर है। इस अवसर पर विधायक द्रंग पूरन चंद, राज्यपाल के सचिव संदीप कदम, उपायुक्त अरिंदम चौधरी, पुलिस अधीक्षक सौम्या सांबसिवन तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
ऐतिहासिक नगरी पागना के पज्याणु गांव की शिक्षा प्राप्त लीना शर्मा ने विषमुक्त प्राकृतिक के साथ पोषणयुक्त मोटे अनाजों की खेती के प्रति लोगों को पिछले पांच साल तक जागरूक किया। आकाशवाणी, वृत्तचित्रों के माध्यम से प्राकृतिक खेती के विषय में प्रदेशवासियों को समझाकर अपनी निस्वार्थ सेवा भावना की पताका फहराई। कृषि जागरण दिल्ली की स्वयंसेवी संस्था फार्मर दा जर्नलिस्ट बन चुकी भारत की दस प्रसिद्ध महिला किसानों में अपना नाम दर्ज करवा चुकी लीना शर्मा महिला सशक्तिकरण के लिए प्रयासरत है। द अशोक होटल, नई दिल्ली में पुरुषोत्तम रुपाला (मत्स, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री, भारत सरकार) के द्वारा हिमाचल प्रदेश की ऐतिहासिक नगरी पागना के पज्याणु गांव की लीना शर्मा की प्राकृतिक खेती में उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला से एमएफओआई पुरस्कार-2023 पान के बाद लौटी लीना शर्मा ने बताया कि इस शिविर में हिमाचल प्रदेश के भारतीय प्रशासनिक सेवा के पूर्व अधिकारी तरुण श्रीधर व पूर्व सचिव मत्स्य-डेयरी तथा पशुपालन विभाग के सचिव वर्तमान कृषि सचिव, एग्रीकल्चर टुडे की एडीटर एंड चीफ ममता जैसे दिग्गज वक्ताओं व किसानों ने भी हिस्सा लिया। लोना शर्मा ने बताया कि इस दो दिवसीय शिविर में हिमाचल का नेतृत्व करने का सौभाग्य मिलना गौरव का विषय है।
मंडी से कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी रहे आश्रय शर्मा ने आज जारी में लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह द्वारा कुल्लू की अधिकारी को लेकर दिए गए बयान को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है। उन्होंने कहा कि जिस तरह मुख्यमंत्री ने स्वयं फील्ड में उतरकर मोर्चा संभाला और अधिकारियों ने भी उनके निर्देश पर दिन रात मेहनत कर फसे लोगों की मदद की, उसकी सराहना करने के बजाय लोक निर्माण मंत्री गैर जरूरी बयान दे रहे हैं और अपनी सरकार में हंसी का पात्र बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि बेहतर होता कि इस आपदा के दौर में मंत्री अधिकारियों को प्रोत्साहित करते, परंतु कुछ चुनिंदा अधिकारियों से वह सौतेला व्यवहार करते हुए नजर आए। उन्होंने कहा कि जब मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू जब सारी स्थिति को सामान्य करने में स्वयं दुर्गम इलाकों में गए और सड़कों को बहाल करवाया, उसके बाद मात्र राजनीति के उद्देश्य से लोक निर्माण मंत्री ने यहां आकर गैरजरूरी बयानबाजी कर सरकारी अधिकारियों का मनोबल गिराने का ही प्रयास किया जो दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि इस आपदा में दलगत राजनीति से ऊपर उठकर कार्य करना चाहिए था।
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने आज मंडी जिला के बाढ़ प्रभावित स्थानों का दौरा किया। उनके साथ इस दौरे में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, केंद्र मंत्री अनुराग ठाकुर और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डा. राजीव बिंदल उपस्थित रहे। जगत प्रकाश नड्डा ने इस दौरान पंचवक्तत्र मंदिर का दौरा कर मौके पर नुकसान का जायजा लिया, इसके उपरांत बाढ़ प्रभावित मंडी क्षेत्र के पंडोह का भी दौरा किया और लोगों का कुशलक्षेम जाना। जगत प्रकाश नड्डा ने लोगों को इस विपदा की घड़ी में केंद्र सरकार की ओर से हरसंभव मदद प्रदान करने का आश्वासन भी दिया। उन्होंने कहा प्रदेश में आई इस आपदा की घड़ी में पहले दिन से ही केंद्र सरकार हिमाचल सरकार और प्रशासन के संपर्क में है। केंद्र सरकार हिमाचल की हर संभव मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है और प्रभावितों की हर संभव मदद की जाएगी। उन्होंने कहा कि मैं अपनी ओर से और अपनी पार्टी की ओर से हिमाचल की जनता को और प्रदेश के मुख्यमंत्री को यह विश्वास दिलाना चाहता हूं कि केंद्र सरकार आदरणीय मोदी जी के नेतृत्व में इस आपदा में जो नुकसान हुआ है, जान माल का भी नुकसान हुआ और इस दुख भरी घड़ी में हम सब प्रदेश वासियों के साथ खड़े हैं, प्रदेशवासियों के लिए खड़े हैं। उन्होंने कहा जहां तक राहत कार्य के सवाल है, राहत कार्य के लिए जो एनडीआरएफ की 13 टीमें प्रदेश में भेजी गई है वह राहत कार्य का काम तेजी से कर रही है।
मंडी जिले के सुंदरनगर के बीएसएल पुलिस थाना के तहत कटेरू क्षेत्र में भलाना खूड़ी नाला के पास वीरवार देर रात एक बोलेरो (एचपी31/8349) हादसे का शिकार हो कर गहरी खाई में जा गिरी। इस हादसे में 5 लोगों की मौत हो गई है। जबकि 4 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसे की सूचना मिलने पर स्थानीय लोगों ने मौके पर पहुंचकर सभी वाहन सवारों को कड़ी मशक्कत के बाद सड़क तक पहुंचाया जहां से उन्हें वाहनों में डालकर सुंदरनगर तथा नेरचौक मेडिकल कॉलेज के लिए ले जाया गया। हादसे बारे पता चलने पर डीएसपी दिनेश कुमार तथा तहसीलदार सुंदरनगर वेद प्रकाश भी मौका के लिए रवाना हो गए तथा उन्होंने वहां पहुंचकर राहत और बचाव कार्यों का जायजा लिया। हालांकि रात को अंधेरा अधिक होने के कारण राहत और बचाव कार्य में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। बताया जा रहा है कि सभी वाहन सवार देव कमरूनाग के दर्शन के लिए गए हुए थे वहां से वापस लौटते समय यह हादसा पेश आया है। हादसे में घायल हुए लोगों की शिनाख्त संजीव कुमार (38)पुत्र केशव दत निवासी पंजराह तहसील सुंदरनगर, किरपा राम (38) पुत्र मजरू राम निवासी पौडा कोठी तहसील सुंदरनगर, कमल कुमार(22) पुत्र तुला राम गांव डोलधार तथा चालक अनिल दत्त(52) पुत्र रुप चन्द निवासी गांव कोलथी के रूप में हुई है। जबकि मृतकों की शिनाख्त लाला राम (50) पुत्र गंगू राम निवासी डोलधार तहसील सुंदरनगर, रूप लाल(55) पुत्र परस राम निवासी गांव डोलधार तहसील सुंदरनगर, सुनील कुमार(35) पुत्र बेशर राम गांव पंजराह गलू तहसील सुंदरनगर,गोविन्द राम (60) रघुराम निवासी डोलधार तहसील सुंदरनगर और मोहन (55) पुत्र किरपा राम निवासी कुशला डाकघर घीड़ी तहसील सुंदरनगर के रूप में हुई है। डीएसपी दिनेश कुमार ने बताया पुलिस थाना बीएसएल कॉलोनी में हादसे को लेकर प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। उन्होंने बताया मृतकों के शवों का पोस्टमार्टम करा शव परिजनों को सौंप दिए गए है। नाचन के विधायक विनोद कुमार ने हादसे पर गहरा शोक जताया हैं। इधर, नाचन पूर्व में कांग्रेस प्रत्याशी रहे एवं हिमाचल सरकारी बैंक के निदेशक लाल सिंह कौशल ने हादसे पर गहरा शोक जताया है। उन्होंने हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट किए तथा घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की है। लाल सिंह कौशल ने बताया प्रदेश सरकार की तरफ से मृतकों के परिजनों को 25-25 हजार तथा घायलों को पांच-पांच हजार रुपए की फौरी सहायता प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि आगे भी परिवारों की हर संभव मदद की जाएगी।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश में भारी बारिश से बाढ़ एवं भूस्खलन के बाद राहत एवं बचाव कार्यों में तेजी लाई गई है। सबसे अधिक प्रभावित कुल्लू जिला तथा लाहौल-स्पिति में फंसे पर्यटकों एवं अन्य लोगों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए पिछले लगभग 60 घंटे से निरंतर बचाव अभियान चलाया गया। मुख्यमंत्री ने कुल्लू एवं मंडी में मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि वह गत तीन दिनों से कुल्लू, लाहौल-स्पिति तथा मंडी में प्रभावित क्षेत्रों का दौरे पर हैं। उन्होंने कहा कि कुल्लू एवं लाहौल-स्पिति जिला के विभिन्न स्थानों पर लगभग 70 हजार पर्यटक एवं अन्य लोग फंसे हुए थे, इनमें से 60 हजार लोगों की सुरक्षित वापसी की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि इस बचाव अभियान में एक हजार कर्मचारी एवं अधिकारियों ने चौबीसों घंटे युद्धस्तर पर कार्य करते हुए इसे संभव बनाया। उन्होंने कहा कि इस विपदा में सबसे चुनौतिपूर्ण बचाव अभियान के तहत लाहौल-स्पिति के चंद्रताल में फंसे पर्यटकों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की गई है। लैंडिंग स्थल उपलब्ध न होने के कारण यहां वायुसेना के लिए हैलीकाप्टर उतारना संभव नहीं था। प्रदेश सरकार की ओर से राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी तथा मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी बचाव अभियान की निगरानी के लिए भारी बर्फबारी के बीच शून्य से नीचे तापमान में तीन जेसीबी मशीनों के साथ तड़के सुबह दो बजे ग्राउंड जीरो (चंद्रताल) पर पहुंचे। इसके उपरान्त 57 वाहनों के माध्यम से लगभग 250 पर्यटकों को वहां से सुरक्षित काजा लाने के साथ ही यह अभियान पूरा हुआ। उन्होंने अभियान से जुड़े सभी लोगों का उनके सक्रिय सहयोग एवं अथक प्रयासों के लिए आभार भी व्यक्त किया। अपनी गाड़ियां छोड़कर जाने को तैयार नहीं कई पर्यटक मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी भी तीर्थन तथा कसोल क्षेत्र में काफी संख्या में पर्यटक हैं और उनमें से अधिकांश ने अपनी गाड़ियों सहित ही घर वापसी की इच्छा जताई है। उन्होंने कहा कि चूंकि भारी बारिश से सड़कों को व्यापक नुकसान पहुंचना है और ऐसे में इन पर यातायात सामान्य करने में समय लग सकता है। प्रदेश सरकार ने उन्हें गाड़ियां वहीं छोड़कर सार्वजनिक परिवहन सेवा के माध्यम से घर वापसी का विकल्प दिया है। पर्यटकों को उनकी गाड़ियों से संबंधित एक पावती भी जिला व पुलिस प्रशासन के माध्यम से दी जाएगी तथा इसी के आधार पर सड़क मार्ग बहाल होने पर उन्हें यह गाड़ियां वापस उपलब्ध करवाई जाएंगी। इन पर्यटकों से संवाद के लिए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रैंक के अधिकारी को भी कसोल भेजने के निर्देश दिए गए हैं। घाटी में सभी विदेशी पर्यटक सुरक्षित एक सवाल के जवाब में सुक्खू ने कहा कि तीर्थन तथा कसोल क्षेत्र में कुछेक इजरायली पर्यटक भी हैं और इजरायली दूतावास की ओर से उन्हें अपने स्तर पर हेलिकाप्टर के माध्यम से सुरक्षित निकालने का आग्रह किया गया है। उन्होंने कहा कि इस पर प्रदेश सरकार को कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने कहा कि घाटी में सभी विदेशी पर्यटक सुरक्षित हैं और उन्हें भोजन सहित सभी मूलभूत सुविधाएं सुनिश्चित करवाई जा रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुल्लू में इतनी बड़ी विपदा के बावजूद प्रदेश सरकार ने जनजीवन सामान्य बनाने के लिए पूरी तत्परता से कार्य किया है। क्षेत्र में 48 घण्टों में बिजली तथा पानी की आपूर्ति आंशिक तौर पर बहाल करने के साथ ही मोबाइल सेवा पुन: सुचारू करने में भी सफलता हासिल की है। इसके लिए उन्होंने जिला व पुलिस प्रशासन सहित सभी संबंधित विभागों के प्रयासों की सराहना भी की। बाढ़ प्रभावित परिवारों को 50 लाख की राहत राशि जारी मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा अभी तक बाढ़ प्रभावित परिवारों को 50 लाख रुपये की राहत राशि जारी की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा राहत राशि में बढ़ौत्तरी करते हुए सभी प्रभावितों को एक-एक लाख रुपये प्रदान किए जाएंगे। किन्नौर के कड़छम, कुप्पा और सांगला में लिया नुकसान का जायजा मुख्यमंत्री ने किन्नौर जिला के कड़छम, कुप्पा और सांगला घाटी का दौरा भी किया और वहां हुए नुकसान का जायजा लिया। उन्होंने टापरी उप-तहसील के चोलिंग में स्थित सेना के राहत शिविर में सांगला से सुरक्षित निकाले गए लोगों से संवाद किया। उन्होंने कहा कि किन्नौर जिला में बादल फटने की घटना के बाद वहां फंसे पर्यटकों को सुरक्षित निकालने के लिए बचाव दल ने बेहतरीन कार्य करते हुए 118 लोगों को हेलिकाप्टर की छह उड़ानों में सांगला से चोलिंग (कड़छम) सुरक्षित पहुंचाया गया है। इस अभियान को सफल बनाने के लिए उन्होंने जिला प्रशासन और भारतीय सेना की सराहना भी की। इस अवसर पर मंडी में मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर, एपीएमसी मंडी के अध्यक्ष संजीव गुलेरिया तथा किन्नौर में उपायुक्त तोरुल रवीश सहित सेना एवं विभिन्न प्रशासनिक व विभागीय अधिकारी भी उपस्थित थे।
सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने गुुरुवार दोपहर प्रशासनिक अमले के साथ सराज विधानसभा क्षेत्र के थुनाग बाढ़ प्रभावितों से मुलाकात कर उनका ढाढस बंधाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि संकट की इस घड़ी में सरकार बाढ़ प्रभवितों के साथ ही है। उन्होंने थुनाग बाढ़ प्रभावितों को एक-एक लाख रुपये देने की घोषणा की। सीएम ने मौके पर मौजूद प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे थुनाग व आसपास क्षेत्रो में भूस्खलन से हुए नुकसान की रिपोर्ट तैयार कर जल्द जिला प्रशासन को सौंपें।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने लगातार भारी बारिश से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए आज लाहौल-स्पीति जिला के सिस्सू, चंद्रताल और लोसर तथा कुल्लू जिले के मनाली क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण किया। मुख्यमंत्री ने सिस्सू और मनाली में विभिन्न क्षेत्रों में फंसे लोगों की सकुशल वापसी के बाद उनसे बातचीत की और कुशलक्षेम जाना। इस दौरान उन्होंने नेहरू कुंड के पास बाहंग स्थित हिमपात एवं हिमस्खलन अध्ययन प्रतिष्ठान (सासे) का भी दौरा कर वहां बारिश से हुए नुकसान की जानकारी ली। उन्होंने आश्वस्त किया कि घाटी में फंसे लोगों को जल्द से जल्द सुरक्षित निकालने के लिए सरकार की ओर से हरसंभव सहायता प्रदान की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि लाहौल घाटी के सिस्सू में फंसे मनाली के एक स्कूल के 52 बच्चों को सुरक्षित मनाली पहुंचाया गया है। इसके अतिरिक्त, कुल्लू तथा मनाली सहित विभिन्न स्थानों पर पिछले तीन दिनों से फंसे लगभग 25000 लोगों को आज सुरक्षित निकाल लिया गया है। उन्होंने बताया कि मनाली-चंडीगढ़ मार्ग पर यातायात धीमा है, लेकिन प्रारम्भिक सूचना के अनुसार बुधवार शाम 4 बजे तक लगभग 6552 वाहन कुल्लू को पार कर चंडीगढ़ की ओर जा चुके हैं और कसोल तथा आस-पास के क्षेत्रों से भी आज जिला प्रशासन द्वारा लगभग 3000 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। उन्होंने कहा कि ढुंखड़ा के पास भारी भूस्खलन के कारण कसोल भुंतर सड़क अभी भी अवरुद्ध है और जिला प्रशासन मलबे को हटाने के लिए लगातार काम कर रहा है। इन क्षेत्रों में फंसे हुए लोगों को विभिन्न वाहनों में ढुंखड़ा लाया जा रहा है और वहां से उन्हें भुंतर तक पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बचाव कार्यों की निगरानी के लिए जिला प्रशासन की एक टीम कसोल पहुंच गई है। जिभी-बंजार-औट से चंडीगढ़ की ओर जाने के लिए सड़क वाहनों के लिए खोल दी गई है। जिला प्रशासन को पर्यटकों और स्थानीय लोगों की शीघ्र निकासी के लिए कसोल, तीर्थन और सैंज सड़कों को साफ करने का निर्देश दिया गया है। यह सड़कें एक-दो दिनों के भीतर बहाल होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि राज्य में 100 से अधिक ट्रैकर्स को भी सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि अटल टनल वाहनों के आवागमन के लिए खुली है और आज शाम 4 बजे तक 300 से अधिक वाहन इस सुरंग से निकलकर गैमन ब्रिज से मंडी की ओर भेजे जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि पर्यटक चंडीगढ़ जाने के लिए इस रास्ते का इस्तेमाल कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि स्थानीय स्वयंसेवी संस्थाओं की मदद से रामशीला चौक के पास लोगों के लिए खाद्य सामग्री वितरण की व्यवस्था भी की गयी है। उन्होंने कहा कि मनाली में लोगों को 6000 से अधिक भोजन के पैकेट वितरित किए गये हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी और मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी को चंद्रताल झील में फंसे लोगों तक पहुंचने और बचाव कार्यों की निगरानी करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि चंद्रताल में स्थिति चुनौतीपूर्ण है लेकिन राज्य सरकार वहां विभिन्न कैम्पों में मौजूद सभी 293 लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित कर रही है। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार इस क्षेत्र में बाढ़ और भूस्खलन के कारण क्षतिग्रस्त सड़कों को फिर से बहाल करने के लिए त्वरित एवं ठोस कदम उठा रही है और सीमा सड़क संगठन के सहयोग से इसका कार्य पूरे जोरों पर है। उन्होंने कहा कि स्पिति घाटी में फंसे ज्यादातर पर्यटकों और आम लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है और शेष लोगों को भी वहां से शीघ्र ही सुरक्षित निकाल लिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार आपदा से प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए गंभीरता से प्रयास कर रही है और वह स्वयं स्थिति पर लगातार नजर रख रहे हैं। उन्होंने स्थिति को जल्द से जल्द सामान्य करने के लिए लोगों से प्रशासन का सहयोग करने की भी अपील की। इस अवसर पर विधायक भुवेनश्वर गौड़, उपायुक्त आशुतोष गर्ग और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू लाहौल-स्पिति तथा कुल्लू जिला के हवाई सर्वेक्षण के बाद आज मण्डी पहुंचे तथा भ्यूली स्थित ब्यास सदन एवं मण्डी गुरूद्धारा साहिब में स्थापित राहत शिविरों में बाढ़ पीड़ितों से मिलकर उनका कुशलक्षेम जाना। इस अवसर पर उन्होंने शिविरों में रह रहे बाढ़ पीड़ितों को २५-२५ हजार रुपये प्रदान करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि मण्डी केे पंडोह में बाढ़ और बारिश से बड़े स्तर पर दुकानों और मकानों को काफी नुकसान पहुंचा है। मुख्यमंत्री ने इसके दृष्टिगत पंडोह में प्रभावित परिवारों को एक-एक लाख रुपये प्रदान करने की घोषणा भी की। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत के दौरान कहा कि जिला प्रशासन को राहत कार्यों में और तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में जनजीवन सामान्य बनाने के लिए थोड़ा समय आवश्य लगेगा। इस भीषण आपदा से प्रदेश में प्रथम दृष्टया लगभग ४ हजार करोड़ रुपये का नुकसान आंका गया है। उन्होंने कहा कि इसके दृष्टिगत प्रदेश सरकार ने केन्द्र से भी वित्तीय सहायता के लिए आग्रह किया है। इसके उपरान्त, मुख्यमंत्री आज भारी धुंध व मौसम खराब होने के कारण थुनाग क्षेत्र का दौरा नहीं कर पाए। उन्होंने थुनाग में बाढ़ पीड़ितों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त करते हुए हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है। इस अवसर पर स्थानीय विधायक एवं पूर्व मंत्री अनिल शर्मा, एपीएमसी मण्डी के अध्यक्ष संजीव गुलेरिया, कांग्रेस नेता पवन ठाकुर, जीवन ठाकुर, नरेश चौहान, लाल सिंह कौशल सहित अन्य पार्टी पदाधिकारी, मण्डलायुक्त मण्डी राखिल काहलों, पुलिस अधीक्षक सौम्य साम्बसिबन, अतिरिक्त उपायुक्त निवेदिता नेगी, अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी अश्वनी कुमार और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
हिमाचल प्रदेश में अत्याधिक बारिश के कारण अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन ने राज्य पर विनाशकारी प्रभाव डाला है और कृषि विभाग के प्रारंभिक अनुमान में फसलों को 83 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है। कृषि एवं पशुपालन मंत्री चंद्र कुमार ने कहा कि राज्य भर में हुई तबाही अभूतपूर्व है, इसलिए केंद्र को हिमाचल में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित कर बचाव एवं राहत कार्यों के लिए विशेष आर्थिक पैकेज जारी करना चाहिए। आज आयोजित एक बैठक में चंद्र कुमार ने कहा कि प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार राज्य में प्रभावित कुल 28,495 हेक्टेयर कृषि क्षेत्र में से 6,978 हेक्टेयर में सब्जी उत्पादन को लगभग 40 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। मक्का, धान, रागी, बाजरा और खरीफ दलहन को लगभग 21,517 हेक्टेयर पर करीब 17 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। मंत्री ने कहा कि इसके अलावा, खेती की जमीन बह जाने और खेतों में आई गाद के कारण फसलों को लगभग 26 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा नुकसान मंडी जिले में हुआ जोकि 23.38 करोड़ रुपये आंका गया है। इसके बाद शिमला में 17.63 करोड़ रुपये, सिरमौर में 13.29 करोड़ रुपये, सोलन में 8.16 करोड़ रुपये, लाहौल स्पिति में 5.74 करोड़ रुपये, कुल्लू में 4.38 करोड़ रुपये, कांगड़ा में 3.99 करोड़ रुपये, ऊना में 2.99 करोड़ रुपये, चंबा में 1.53 करोड़ रुपये, बिलासपुर में 1.01 करोड़ रुपये, किन्नौर में 59 लाख रुपये और हमीरपुर में 29 लाख रुपये का नुकसान हुआ। भविष्य में ऐसी प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए मृदा संरक्षण पर बल देते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि पूरे राज्य में मृदा संरक्षण की तकनीकों और तरीकों को बढ़ावा दिया जाएगा। मंत्री ने कहा कि कांगड़ा जिले के शाहपुर निर्वाचन क्षेत्र में गज खड्ड के उचित तटीकरण और राजोल, अवाड़ी, अनसुई और डेग गांवों के निवासियों द्वारा मिट्टी संरक्षण को अपनाने के कारण हाल ही में हुई भारी बारिश से न्यूनतम नुकसान दर्ज किया गया हैै। चंद्र कुमार ने कहा कि कृषि और पशुधन के नुकसान के संबंध में उप निदेशकों को अंतिम रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया गया है और शीघ्र ही इससे संबंधित बैठक की जाएगी। बैठक में शाहपुर के विधायक केवल सिंह पठानिया, निदेशक कृषि डॉ. राजेश कौशिक और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज कुल्लू, मण्डी तथा लाहौल स्पिति जिला में पिछले तीन दिनों में हुई भारी बारिश से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया। मुख्यमंत्री ने कुल्लू जिला के भुंतर, सैंज, कसोल तथा खीर गंगा सहित अन्य प्रभावित क्षेत्रों का दौरा भी किया। सैंज में बाढ़ प्रभावित लोगों से संवाद करते हुए मुख्यमंत्री ने जान-माल के नुकसान पर संवेदनाएं व्यक्त करते हुए आश्वस्त किया कि प्रदेश सरकार प्रभावितों को हरसंभव सहायता उपलब्ध करवाएगी। उन्होंने क्षेत्र के लिए एक करोड़ रुपये की त्वरित राहत राशि जारी करने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में फंसे पर्यटकों एवं स्थानीय नागरिकों को सुरक्षित निकलाने के लिए बचाव अभियान निरंतर जारी है और इसके लिए छह हैलीकाप्टर उपलब्ध करवाए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सैंज क्षेत्र में बेहतर संपर्क सुविधा के लिए स्थानीय पुलिस प्रशासन को मौके पर ही दो सैटेलाईट फोन भी उपलब्ध करवाए गए हैं। उन्होंने कहा कि बाढ़ से सम्पर्क व्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित हुई है और प्रदेश सरकार इसे बहाल करने के लिए त्वरित एवं ठोस कदम उठा रही है। भुंतर हवाई अड्डे पर मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि कुल्लू जिला में शीघ्रातिशीघ्र विद्युत आपूर्ति बहाल करने के प्रयास जारी हैं। उन्होंने कहा कि विद्युत आपूर्ति बहाल होते ही पेजयल आपूर्ति योजनाओं को भी क्रियाशील कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री, राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी और मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी मण्डी जिला में हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं और प्रदेश सरकार प्रभावितों को हरसंभव मद्द प्रदान करने की दिशा में सक्रियता के साथ कार्य कर रही है। विभिन्न स्थानों पर फंसे हुए पर्यटकों एवं स्थानीय लोगों को निकालने के लिए हवाई सेवाएं आरम्भ कर दी गई हैं और फंसे हुए शेष लोगों तक सभी आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने प्रदेश में हुए नुकसान पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा, वरिष्ठ कांग्रेस नेता राहुल गांधी सहित अन्य केन्द्रीय नेताओं से चर्चा की है और सभी ने उन्हें आपदा की इस घड़ी में आवश्यक सहायता उपलब्ध करवाने का आश्वासन दिया है। उन्होंने इसके लिए सभी का आभार भी व्यक्त किया। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि इस प्राकृतिक आपदा में प्रदेश में अभी तक 27 लोगों की मृत्यु दर्ज की गई हैं। उन्होंने कहा कि वृहद स्तर पर हुई इस तरह की आपदा से निपटने तथा राहत एवं पुनर्वास कार्यों के लिए समय की आवश्यकता रहती है। उन्होंने कहा कि चन्द्रताल में फंसे लोगों के बचाव के लिए पहली हैलीकाप्टर सेवा आज प्रात: शुरू की गई लेकिन खराब मौसम के कारण इसमें देरी हुई है। अभी तक सात लोगों को वहां से सुरक्षित भुंतर पहुंचाया जा चुका है। उन्होंने कहा कि प्रशासन को वृद्ध एवं रोगियों को चन्द्रताल से बाहर निकालने में प्राथमिकता प्रदान करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अतिरिक्त भूस्खलन के कारण बाधित हुई सड़कों को बहाल करने के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं और यातायात बहाल करने के लिए वैकल्पिक मार्ग भी चिन्हित किए जा रहे हैं। उन्होंने भुंतर में आपदा प्रभावितों से भी बातचीत की और आश्वस्त किया कि उन्हें सरकार की ओर से हरसंभव सहायता उपलब्ध करवाई जाएगी। इस अवसर पर मुख्य संसदीय सचिव सुन्दर सिंह ठाकुर तथा कांग्रेस नेता खिमी राम और विभिन्न प्रशासनिक अधिकारी भी उपस्थित थे।
प्रदेश में भारी बारिश, अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन से सड़कों और अन्य बुनियादी ढांचा को भारी नुकसान हुआ है। इन सभी विपरीत एवं कठिन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए व विद्यार्थियों और कर्मचारियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए वर्तमान सत्र के लिए हिमाचल स्कूल शिक्षा बोर्ड से संबद्ध सरकारी, निजी स्कूलों में मानसून अवकाश को पुनर्निर्धारित और समय से पहले/समायोजित करने का निर्णय लिया है। छुट्टियों के दिनों की कुल संख्या समान रखने के लिए हरसंभव सावधानी बरती गई है, ताकि शिक्षण दिवस यथावत रहे। सरकार के आदेशों के अनुसार स्कूलों में मानसून ब्रेक 10 जुलाई से शुरू हो गया है। इस संबंध में उच्च शिक्षा निदेशालय की ओर से कार्यालय आदेश जारी किए गए हैं। स्कूलों में अब यह रहेगा मानसून ब्रेक का शेड्यूल कुल्लू जिले के स्कूलों में अब मानसून अवकाश 10 जुलाई से 1 अगस्त तक 23 दिन का रहेगा। पहले यह 23 जुलाई से 14 अगस्त तक होना था। इसी तरह लाहौल-स्पीति जिले के स्कूलों में समर अवकाश 10 जुलाई से 20 अगस्त तक 42 दिन का रहेगा। पहले ये छुट्टियां 17 जुलाई से 20 अगस्त तक होनी थीं। जनजातीय क्षेत्र किन्नौर, पांगी व भरमौर में मानसून अवकाश 10 से 15 अगस्त तक छह दिन का रहेगा। मौजूदा शेड्यूल के मुताबिक यह ब्रेक 22 से 27 अगस्त तक होना था। प्रदेश के अन्य शीतकालीन अवकाश वाले स्कूलों में मानसून ब्रेक अब 10 से 15 जुलाई तक छह दिन का रहेगा। मौजूदा शेड्यूल के तहत मानसून ब्रेक 22 से 27 जुलाई तक होना था।
उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि हिमाचल में सभी पर्यटक सुरक्षित हैं, सरकार सबका परिवार की तरह ख्याल रख रही है। उन्होंने मंगलवार को मंडी में अधिकारियों के साथ बैठक कर जिले के विभिन्न हिस्सों में अत्यधिक बारिश से पैदा हुई स्थिति की समीक्षा के बाद मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में यह बात कही। उन्होंने मीडिया के माध्यम से पर्यटकों के परिजनों को भरोसा देते हुए किसी प्रकार की चिंता न करने की अपील की। उन्होंने कहा कि हम अतिथि देवो भव की नीति पर चलने वाले लोग हैं। प्रदेश में आया हर सैलानी हमारा मेहमान है। हम सभी का उसी प्रकार ध्यान रख रहे हैं। उन्होंने कहा कि बारिश और बाढ़ से रास्ते बंद होने के कारण पर्यटक अलग अलग जगहों पर होटल और रिसॉर्ट में रुके हैं । बिजली सप्लाई बाधित होने और मोबाइल नेटवर्क डाउन होने के कारण उनसे बात न हो पाने के कारण परिवार जनों का चिंतित होना स्वाभाविक है। पर सभी धैर्य रखें, रास्ते बहाल करने का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है। रास्ते खुलते ही सभी को सुरक्षित उनके घरों को रवाना किया जाएगा। सभी होटल, रिसॉर्ट मालिकों को भी स्थिति सामान्य होने तक सहयोग को कहा गया है। 24 घंटे में बहाल कर ली जाएंगी पेयजल परियोजनाएं मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि प्रदेश में अगले 24 घंटे में पेयजल की 4 हज़ार परियोजनाएं बहाल कर ली जाएंगी। उन्होंने बताया कि बारिश और बाढ़ से प्रदेश में पानी की 5 हज़ार छोटी- बड़ी परियोजनाओं को नुकसान पहुंचा है। इनमें से 4 हज़ार को अगले 24 घंटे में रिस्टोर कर लिया जाएगा। इसके लिए जल शक्ति विभाग के तमाम अधिकारी पूरी मशीनरी के साथ फील्ड में डटे हैं। मंडी में जल्द सुचारू होगी पेयजलापूर्ति उन्होंने कहा कि मंडी शहर में भी अगले 24 से 48 घन्टों के भीतर पेयजल आपूर्ति को पूरी तरह बहाल कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि बाढ़ के कारण गाद भरने से मंडी शहर की दोनों बड़ी पेयजल परियोजनाएं फ़िलहाल बंद हैं। शहर में अन्य छोटी परियोजनाओं से पेयजल आपूर्ति की वैकल्पिक व्यवस्था की गयी है। जल्द ही पेयजल आपूर्ति सुचारू हो जाएगी। उन्होंने जल शक्ति विभाग के अधिकारियों को पेयजल योजनाओं के साथ साथ सीवरेज परियोजनाओं को भी यथाशीघ्र दुरुस्त करने के निर्देश दिए। बाढ़ पीड़ितों से मिले उप मुख्यमंत्री इस दौरान उपमुख्यमंत्री ने मंडी में बारिश और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर हालात का जायजा लिया। वे मंडी के ब्यास सदन और गुरुद्वारे में बनाए राहत शिविरों में रह रहे लोगों से भी मिले और उनका दुख दर्द जाना। उन्होंने बाढ़ पीड़ितों को सरकारी की ओर से हर सम्भव सहायता का भरोसा दिलाया और प्रशासन को सभी हर तरह से ख्याल रखने के निर्देश दिए। बता दें, प्रशासन ने बाढ़ के खतरे के चलते 200 के करीब लोगों को राहत शिविर बना कर ठहराया है। उनके ठहरने, भोजन,पानी, दवाओं की पूरी व्यवस्था की गयी है।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने भारी बारिश से कुल्लू, मंडी व लाहौल में हुए नुकसान का मंगलवार को हवाई सर्वेक्षण किया। इस दौरान उन्होंने हेलीकॉप्टर से कुल्लू, मंडी, औट व भुंतर क्षेत्र में बरसात से हुए नुकसान का जायजा लिया। चंद्रताल में फंसे 300 लोगों का आज सुबह 5:00 बजे से बचाव अभियान शुरू कर दिया था। पहली टीम मशीनरी के साथ लोसर से चंद्रताल के लिए रवाना हुई है, जबकि दूसरी टीम काजा से एडीसी राहुल जैन की अध्यक्षता में रवाना हुई है। करीब 40 लोगों का बचाव दल जिसमें पंगमो और लोसर गांव के युवा के अलावा स्पीति के अन्य गांव से युवा शामिल हैं। अब तक 10 से अधिक बुजुर्गों व छोटे बच्चों वाले परिवारों को भुंतर कुल्लू के लिए एयरलिफ्ट कर लिया गया है। सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने खुद यह जानकारी दी।
बागवानी एवं राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने आज तड़के मंडी शहर, पंडोह और आसपास के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर हालात का जायजा लिया। इस दौरान सीपीएस संजय अवस्थी, एपीएमसी मंडी के अध्यक्ष संजीव गुलेरिया तथा डीसी अरिंदम चौधरी भी उनके साथ रहे। नेगी ने मंडी में हनुमान घाट तथा अन्य क्षेत्रों में बाढ़ प्रभावित लोगों के बीच जाकर उनसे बात की तथा उन्हें सरकार की ओर से हर संभव सहायता का भरोसा दिलाया।
भारी बारिश से सड़कें बंद होने से प्रदेश भर में एचआरटीसी के 1007 रूट बंद हो गए हैं। वहीं, अलग-अलग क्षेत्रों में निगम की 452 बसें फंसी हुई हैं। इसके अलावा हिमाचल से बाहर भी कई बसें फंसी हुई हंै। एचआरटीसी प्रबंधन की ओर से जारी जानकारी के अनुसार प्रदेश में नाहन यूनिट की एक बस देहरादून पांवटा सड़क पर फंसी हुई है। वहीं एक बस सुंदरनगर यूनिट की सहारनपुर अंबाला के बीच फंस गई है। एचआरटीसी के प्रबंध निदेशक रोहन चंद ठाकुर ने बताया कि मंडी का धर्मपुर डिपो सुरक्षित है। सोशल मीडिया पर जो वीडियो वायरल हो रहा है, वीडिया 2015 का है। उन्होंने बताया कि रामपुर-रिकांगपिओ बस रूट बंद है। इसके कारण रिकांगपिओ में स्थानीय बसों का संचालन बंद हो गया है। रामपुर से रोहड़ू के रूट भी भूस्खलन के कारण बंद है। शिमला शहर के अंदर एचआरटीसी बसों की आवाजाही जारी है, लेकिन शहर के साथ लगते कई क्षेत्रों में बसों की आवाजाही बंद है। नाहन में मुख्य सडक़े अलावा सभी लिंक रूट बंद है। इसी तरह सोलन में भी मुख्य सडक़ के अलावा लिंक रूट बंद है। चंबा में एचआरटीसी की सभी बस सेवाएं प्रभावित है। कुल्लू जिला के भी सभी रूट बंद है। धर्मशाला डिपो के लोकल रूट बंद है। हमीरपुर में मुख्य रूट बहाल हैं, लेकिन लिंक रूट बंद है।
हिमाचल में तीन दिन से जारी बारिश प्रदेश को गहरे जख्म दे रही है। अब तक करीब 15 लोगों को यह बेरहम बरसात लील गई है। बरसात के कारण कई जगह लोगों के घर और अन्य भवन जमींदोज हो गए हैं तो कहीं पानी अपने साथ लोगों के आशियाने बहाकर ले गया है। मूसलाधार बारिश के चलते भूस्खलन, बादल फटने, घर ध्वस्त होने, पेड़ और बिजली गिरने से करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है। 6 नेशनल हाईवे समेत 828 सड़कें यातायात के लिए अवरुद्ध हैं। 4686 बिजली ट्रांसफार्मर ठप हैं। सबसे ज्यादा नुकसान कुल्लू और मंडी जिले में हुआ है। मनाली में चार लोग बहने से लापता हैं। वहीं, दो-तीन वोल्वो बसों के बहने की सूचना है। अखाड़ा बाजार में बैली ब्रिज को भारी नुकसान हुआ है। आवाजाही बंद कर दी गई है। मंडी में ब्यास नदी के उफान में 40 साल पुराना पुल बह गया है। जिला ऊना के उपमंडल बंगाणा क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों में रविवार देर रात तथा सोमवार सुबह को लगातार हो रही बारिश से यातायात प्रभावित है। वहीं कुछ स्थानों पर रिहायशी मकान तथा गोशालाएं गिर गई हैं। रौद्र रूप दिखा रही ब्यास बारिश से ब्यास नदी का रौद्र रूप देखने को मिल रहा है। नदी के तटीय इलाकों में भारी नुकसान हुआ है। ब्यास किनारे कई घर व होटल बह गए हैं। वहीं पार्वती व तीर्थन नदी व अन्य नदी नालों में बाढ़ जैसे हालात हैं। नदी किनारे बसें गांवों व घरों में पानी घुस गया है। लाहौल के तेलिंग नाला में तीन दिन से फंसे हैं 50 लोग जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति में बारिश ने तबाही मचा दी है। मनाली-लेह मार्ग के बीच आने वाले तेलिंग व पागलनाला में बाढ़ आने से सड़क मार्ग बंद है। यहां एचआरटीसी की चार बसों के साथ कुछ छोटे वाहन भी फंसे हैं। बसों में सवार करीब 50 लोग तीन दिनों से भूखे प्यासे हैं। इसमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। स्थानीय प्रशासन ने कोई भी मदद नहीं की है। किन्नौर की भावा खड्ड में तीन मकान बहे किन्नौर जिले की भावा खड्ड में रविवार रात बाढ़ आने से तीन मकान बह गए हैं, जबकि दो मकानों को आंशिक रूप से नुकसान हुआ है। एक टिप्पर, एक पिकअप और एक कार बाढ़ मे बह गई है। कई सेब के बागीचों को भी नुकसान पहुंचा है। वहीं भावा खड्ड पर बने पैदल पुल भी बाढ़ की चपेट में आने से बह गए हैं। जबकि कई मकान खतरे की जद में हैं। ऊना आने वाली सभी ट्रेनें रद्द ऊना आने वाली सभी ट्रेनें आज भी रद्द रहेंगी। बारिश की वजह से रेल सेवा पर सबसे बुरा असर पड़ा है। वंदे भारत, जनशताब्दी, हिमाचल एक्सप्रेस सहित पेसेंजर ट्रेने भी नहीं चलेंगी। ऊना, अंब, अंदौरा व दौलतपुर चौक रेलवे स्टेशन भी खाली पड़ हैं। ऊना में कुल नौ ट्रेने अवगमन करतीं हैं। सीएम ने की राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बारिश से हुई तबाही को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की है। सीएम सुक्खू रात भर मंडी, कुल्लू, सोलन जिलों में हो रही तबाही की जानकारी लेते रहे। फंसे हुए लोगों को सकुशल निकालने के लिए जिला प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं।
प्रदेश में फोरलेन निर्माण के दौरान मलबे के ढेर अब बर्दाश्त नहीं होंगे। एनएचएआई ने निर्माता कंपनी को सख्त निर्देश दिए हैं। चिन्हित जगह से बाहर कंपनियां मलबा फेंकती हैं, तो उन्हें ब्लैक लिस्ट किया जा सकता है। एनएचएआई ने बरसात को देखते हुए यह कदम उठाए हैं। जगह-जगह मलबा फेंकने की वजह से सडक़ से निचले क्षेत्रों में बाढ़ आने के हालात बने हुए हैं। इन्हें देखते हुए यह निर्देश जारी किए हैं। एनएचएआई के क्षेत्रीय अधिकारी अब्दुल बासित ने बताया कि फोरलेन पर मलबे के ढेर अब बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे। प्रदेश में कालका-शिमला, शिमला-मटौर, कीरतपुर-मनाली, पठानकोट मंडी और पिंजौर-नालागढ़ समेत अन्य एनएच पर यह आदेश लागू रहेंगे। उन्होंने कंपनियों को निर्देश दिए हैं कि वे पर्यावरण के प्रति अपनी भूमिका को बखूबी निभाएं। गौरतलब है कि केंद्रीय सडक़ परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने दो दिन पहले ही इंडियन रोड कांग्रेस अधिवेशन में पेड़ों को बचाने के आदेश दिए थे। इसमें उन्होंने पेड़ काटने की जगह उन्हें उखाड़ कर दूसरी जगह स्थापित करने के निर्देश दिए थे। केंद्रीय मंत्री ने देश भर के इंजीनियरों को यह आदेश दिए थे कि वे आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर सडक़ों के निर्माण को विश्वस्तरीय पहचान दें। उन्होंने नए एनएच निर्माण के दौरान काटे गए पेड़ों के एवज में 68 हजार पेड़ लगाने की बात कही है। एनएचएआई के क्षेत्रीय अधिकारी ने तमाम निर्माता कंपनियों की एक अहम बैठक ली है। इस बैठक के दौरान उन्होंने एनएच के किनारे लगे ढेर को हटाने की बात कही। फोरलेन निर्माण के दौरान जो मलबा निकल रहा है उसे डंप करने के लिए जगह चिन्हित की गई हैं। इन जगहों के अलावा दूसरे स्थानों पर ढेर नहीं लगाए जा सकते हैं। कंपनी प्रबंधकों को इस बात का ख्याल रखना होगा।
प्रदेश में लगातार जारी भारी बारिश के चलते प्रदेश उच्च न्यायालय व जिला न्यायपालिका के सभी न्यायालय में सोमवार को अवकाश घोषित किया गया है। इस संबंध में प्रदेश उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल ने आदेश जारी किए हैं। आदेशों में कहा गया है कि अवकाश के स्थान पर भविष्य में किसी अन्य गैर कार्य दिवस को प्रदेश उच्च न्यायालय में कार्य दिवस घोषित किया जाएगा। जिला एवं सत्र न्यायाधीश इसे हिमाचल प्रदेश राज्य के बार एसोसिएशन के माध्यम से आम जनता, वादिकरियों और अधिवक्ताओं के ध्यान में लाएंगे। लगातार हो रही बारिश के कारण वकीलों, कर्मचारियों और न्यायिक अधिकारियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। इसके बाद ही ये आदेश जारी किए गए हैं।
हिमाचल प्रदेश में बीते दिन से बारिश का कहर जारी है। रविवार को प्रउेश में पांच लोगों की मौत हो गई। बारिश की वजह से शिमला में एक मकान गिर गया। हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई। कुल्लू में एक महिला और रामपुर में एक व्यक्ति की मौत हुई है। कुल्लू जिले के बाहंग में एक दुकान ढह गई। कुल्लू में ब्यास के साथ पार्वती और तीर्थन नदी भी उफान पर हैं। इसके अलावा, मंडी शहर में ब्यास नदी उफान पर है। भूस्खलन की वजह से कई हाईवे बंद हैं। मौसम की मार से वंदे भारत, अम्बाला से ऊना आने वाली ट्रेन प्रभावित हैं। लाहौल में ताजा बर्फबारी और मूसलाधार बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। रामशिमला से मनाली मार्ग यातायात के लिए बंद है। सांगरी बैग से बायां तट होते हुए नग्गर मनाली तक भी यातायात के लिए बंद है। कुल्लू के ब्यासा मोड़ में कार फंस गई।
प्रदेश में भारी बारिश के कारण कई जगहों पर नुकसान की खबर है। नदी नाले उफान पर है। पहाड़ों,चट्टानों और पेड़ों के गिरने का डर है। यह क्रम अभी दो दिन तक और जारी रहेगा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने लोगों से अपील की है कि ज्यादा जरूरी काम न हो तो घर से बाहर न जाएं। जनता की सुविधा के लिए प्रशासन को हर संभव सहायता प्रदान करने और सतर्क रहने के आदेश दे दिए गए हैं। सरकार हर वक्त आपके साथ खड़ी है। अपना ख्याल रखें और सावधान रहें।
हिमाचल प्रदेश में जारी मूसलाधार बारिश के बीच मौसम विभाग ने रेड अलर्ट जारी किया है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला की ओर से हिमाचल प्रदेश में 9 जुलाई के लिए बहुत भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है। प्रदेश में 10 जुलाई के लिए यलो अलर्ट जारी हुआ है। पूरे प्रदेश में 14 जुलाई तक बारिश का सिलसिला जारी रहने की संभावना है। मौसम विभाग ने हिमाचल के लाहौल-स्पीति में अचानक बाढ़, हिमस्खलन की चेतावनी भी दी है। रेड अलर्ट को देखते हुए मौसम विभाग ने स्थानीय लोगों व पर्यटकों को संबंधित विभागों की ओर से जारी एडवाइजरी और दिशा-निर्देशों का पालन करने को कहा है। विभाग के अनुसार मौसम के संबंध में जारी की गई किसी भी यातायात सलाह का पालन करें। -इन जिलों के लिए जारी हुआ रेड अलर्ट प्रदेश के ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, चंबा, कांगड़ा, कुल्लू और मंडी जिले के लिए बहुत भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी हुआ है। वहीं, शिमला, सोलन, सिरमौर व लाहौल-स्पीति के लिए येलो-ऑरेंज अलर्ट जारी हुआ है। उधर, आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से भी लोगों को एसएमएस के जरिये सचेत रहने की सलाह दी जा रही है।
राजकीय आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला करसोग में आयोजित किए जा रहे संयुक्त वार्षिक एनसीसी ट्रेनिंग कैंप में पांचवें दिन उपमंडल करसोग के सिविल जज राहुल वर्मा ने एचपी एनसीसी शिमला के कमान अधिकारी कर्नल डीआर गार्गी के निमंत्रण पर बतौर अतिथि व मुख्य वक्ता शिरकत की। उन्होंने एनसीसी कैडेट्स से संवाद भी किया। कमान अधिकारी कर्नल डीआर गार्गी ने ट्रेनिंग कैंप में एनसीसी कैडेट्स को कानून का पाठ व प्रेरक संवाद के लिए सम्मानित किया। कभी खुद एनसीसी कैडेट रहे सिविल जज राहुल वर्मा ने एनसीसी कैडेट्स को सलाह दी कि अपने लक्ष्य पर बाज की तरह नजर रखो, जो भी चीज ध्यान भटकाएं, उनसे दूर रहो, फिर चाहे वो मोबाइल फोन हो या टीवी। संक्षिप्त भाषण में उन्होंने कहा कि एनसीसी बिल्कुल सही प्लेटफार्म है, यहां से आने वाले समय में आर्मी और एयरफोर्स को ऑफिसर्स मिलने चाहिए। आप मेहनत कीजिए, परिणाम की मत सोचिए, चुनौतियों को अवसर में बदलना सीखिए। राहुल वर्मा ने हर तरह के नशे से दूर रहने की सलाह दी। कहा, नशे से देश में बहुत सारी दिक्कतें हो रही हैं। राहुल वर्मा ने एनसीसी कैडेट्स को कानून और कानून नियमों की बारीकियों बारे बताया कि नागरिकों को देश के संविधान और कानून व्यवस्था का पालन करना चाहिए। उन्होंने भारतीय संविधान में दिए गए मौलिक अधिकारों और कर्तव्यों बारे भी एनसीसी कैडेट्स को जागरूक किया।
हिमाचल प्रदेश में बीते 24 घंटे के दौरान कई क्षेत्रों में भारी बारिश हुई। इससे प्रदेश में 160 से ज्यादा सड़कें बंद हो गई हैं। मौसम विभाग ने आगे दो दिन तक हाईअलर्ट जारी किया गया है। शिमला और सोलन जिले में धुंध के कारण विजिबिलिटी 50 मीटर तक गिर सकती है। मौसम विभाग की मानें तो ऊना, कांगड़ा, चंबा, बिलासपुर, मंडी, शिमला, सोलन, सिरमौर और हमीरपुर जिले में कुछ स्थानों पर भारी से भी भारी बारिश हो सकती है। इसलिए इन जिलों में मौसम विभाग की ओर से ऑरेंज अलर्ट दिया गया है। मौसम विभाग की मानें तो बारिश होने से मौसम में गिरावट आई है। अगले 2-3 दिन में भी तापमान में 2 से 3 डिग्री की गिरवाट आएगी। प्रदेश का अधिकतम तापमान औसत से 2.4 डिग्री नीचे लुढ़क चुका है। शिमला का अधिकतम पारा 22.8 डिग्री, ऊना का 33.2 डिग्री, नाहन 26.7 डिग्री, सोलन 27.4 डिग्री, मनाली 22.8 डिग्री, कांगड़ा 31.3 डिग्री, बिलासपुर 32 डिग्री और हमीरपुर 32.4 डिग्री दर्ज किया गया।
पूर्व सीएम एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर का कहना है कि चंडीगढ़ में हिमाचल प्रदेश की हिस्सेदारी के मुद्दे को वे अपना समर्थन देते हैं लेकिन सरकार को नहीं। आज सुबह सर्किट हाउस मंडी में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में जयराम ठाकुर ने कहा कि चंडीगढ़ पर प्रदेश की 7.19 प्रतिशत की हिस्सेदारी बनती है और इस विषय को उन्होंने भी सीएम रहते कई बार उठाया था। इस विषय का समाधान उचित मंच पर वार्ता करके ही निकाला जा सकता है, ना कि आंदोलन करके दावेदारी हासिल की जा सकती है। जहां तक प्रदेश हित के मुद्दों की बात होगी, उसमें पहले भी हमने अपना समर्थन दिया है और आगे भी देते रहेंगे। प्रदेश की कानून व्यवस्था चरमराई जयराम ठाकुर ने कहा कि 7 महीनों में प्रदेश की कानून व्यवस्था बूरी तरह से चरमरा गई है। 7 महीनों में 45 हत्याएं और 150 के करीब बलात्कार की घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जिसमें चंबा जैसा निर्मम हत्याकांड भी शामिल है। आज खनन माफिया के हौंसले इतने बुलंद है कि दिन दिहाड़े गोलियां चलाई जा रही हैं। इस मामले पर कोई कार्रवाई अभी तक नहीं हुई है। सरकार क्यों ऐसे लोगों को संरक्षण दे रही है। पूर्व में नेता विपक्ष रहते हुए मुकेश अग्निहोत्री आए दिन खनन को लेकर बयान देते थे, आज प्रदेश के क्या हालात हैं और वे चुप क्यों हैं। 7 महीनों में 7 लोगों को सरकार रोजगार नहीं दे पाई सरकार जयराम ठाकुर ने कहा कि 7 महीनों में 7 लोगों को सरकार रोजगार नहीं दे पाई और 10 हजार लोगों को बेरोजगार कर दिया है। आउटसोर्स पर लगे लोगों को बाहर निकाला जा रहा है। यदि सरकार आउटसोर्स पर नौकरियां नहीं देना चाहती तो स्थायी नौकरियां भी नहीं दे पा रही है। पांच लाख लोगों को रोजगार देने का वादा करके कांग्रेस पार्टी सत्ता में आई थी और पहली कैबिनेट में हर साल 1 लाख लोगों को रोजगार देने का वादा किया था, आज क्या हालात हैं, यह सभी के सामने है।
मंडी जिला के अतिरिक्त सत्र न्यायालय एवं विशेष न्यायालय सुंदरनगर ने 2.369 किलोग्राम चरस बरामदगी मामले में तीन दोषीयों को 12-12 साल का कठोर कारावास और 50-50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। वहीं न्यायालय ने जुर्माना अदा ना करने की सूरत में दोषियों को 6 माह का अतिरिक्त कठोर कारावास की सजा सुनाई है। जानकारी के अनुसार अतिरिक्त सत्र न्यायालय एवं विशेष न्यायालय सुंदरनगर पंकज शर्मा के न्यायालय में विचाराधीन मामले में दोषी कुलदीप कौशिक पुत्र भगवान निवासी बसंत बिहार लाढीत रोड रोहतक हरियाणा, लतिल उर्फ शिव नाथ पुत्र देवानन्द गांव गॅसवाला तहसील सदर गोहाना जिला सोनीपत हरियाणा और प्रेम सिहं पुत्र हुकमी राम गांव फगवाणा तहसील सैंज जिला कुल्लु हिमाचल प्रदेश को एनडीपीएस एक्ट की धारा 20 और 29 के तहत 12-12 साल का कठोर कारावास और 50 हजार रुपये की सजा सुनाई है। पंजाब रोडवेज की बस से बरामद हुई थी चरस उप जिला न्यायवादी सुंदरनगर विनय वर्मा ने कहा कि वर्ष 2019 में पुलिस थाना सुंदरनगर की टीम नेशनल हाईवे-21 चंडीगढ़-मनाली पर स्थित पुंघ में मौजूद थी। इसी दौरान सुंदरनगर की तरफ से पंजाब रोडवेज की बस नंबर पीबी-65-एडी-1201 की चेकिंग के दौरान दोषी कुलदीप कौशिक के पि_ू बैग से 2.369 किलोग्राम चरस बरामद की गई। इस पर पुलिस थाना सुंदरनगर ने एनडीपीएस एक्ट की धारा 20 के तहत एफआईआर दर्ज किया गया। पुलिस द्वारा मामले में तफतीश के दौरान पाया गया कि दोषी कुलदीप कौशिक और ललित ऊर्फ शिव नाथ को प्रेम सिंह ने यह चरस भुंतर के रोपा से खरीदी थी। इस बात की पुष्टि पुलिस द्वारा दोषियों की कॉल डिटेल तथा लोकेशन खगांलने के बाद हुई थी। उन्होंने कहा कि अभियोजन पक्ष द्वारा न्यायालय में 25 गवाहों के ब्यान दर्ज करने के बाद दोनों पक्षों को सुनने के बाद स्पेशल जज सुंदरनगर के न्यायालय ने आरोपी कुलदीप कौशिक, ललित उर्फ शिव नाथ तथा प्रेम सिंह को 12 साल का कठोर कारावास तथा 50 हजार के जुर्माने की सजा सुनाई है।