मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बुधवार को जिला मंडी के धर्मपुर में लौंगणी पंचायत के आपदा प्रभावित स्याठी गांव का दौरा किया। उन्होंने बादल फटने से प्रभावित परिवारों से मुलाकात कर उनका दुख साझा किया और जिला प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे राहत एवं पुनर्वास कार्यों की समीक्षा की। बादल फटने की घटना से 61 लोग प्रभावित हुए हैं तथा घरों, गौशालाओं और पशुओं को काफी नुकसान पहुंचा है। जिला प्रशासन मंडी ने प्रभावितों को 1.70 लाख रुपये की वित्तीय सहायता, राशन आपूर्ति, तिरपाल और अन्य राहत सामग्री सहित तत्काल सहायता प्रदान की है। प्रभावित परिवारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि दुख की इस घड़ी में प्रदेश सरकार उनके साथ खड़ी है तथा आपदा के इस मुश्किल दौर में व्यक्तिगत रूप से आपका दुख साझा करने आया हूं। उन्होंने प्रशासन को प्रभावितों को हर संभव व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि क्षतिग्रस्त घरों के पुनर्निर्माण के लिए विशेष राहत पैकेज तथा गाय, बकरी, भेड़ सहित पशुधन के नुकसान के साथ-साथ नष्ट हुए गौशालाओं के लिए भी बढ़ा हुआ मुआवजा प्रदान किया जाएगा। प्रभावित परिवारों ने आपबीती सुनाते हुए कहा कि इस आपदा में पूरा गांव बह गया तथा अब उनके पास तंबू लगाने के लिए भी जमीन नहीं बची है। कई लोगों ने मुश्किल से अपनी जान बचाई है। प्रभावितों द्वारा जमीन उपलब्ध करवाने की मांग पर मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि यदि क्षेत्र में सरकारी भूमि उपलब्ध होगी तो उन्हें आवंटित की जाएगी। वन भूमि क्षेत्र में यदि जमीन है तो यह मामला केंद्र सरकार के समक्ष उठाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने मंडी-कोटली सड़क को हुए नुकसान का भी निरीक्षण किया। बाद में मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि मंडी जिला में मूसलाधार बारिश के कारण भारी तबाही हुई है। स्याठी गांव में भूस्खलन से 20 घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं तथा 61 लोगों को समय रहते सुरक्षित राहत शिविरों में आश्रय दिया गया है। उन्होंने चट्टानी सतह के खिसकने के कारणों का पता लगाने तथा अध्ययन किए जाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बादल फटने की आठ से दस घटनाएं घटित हुई हैं। जलवायु परिवर्तन भी इसका एक कारण हो सकता है। केंद्र और राज्य सरकारों को सामूहिक रूप से ऐसी घटनाओं के कारणों का अध्ययन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मंडी जिला के थुनाग, जंजैहली और बगस्याड़ क्षेत्रों में भी भारी नुकसान हुआ है। प्रभावित क्षेत्रों में आवश्यक सेवाओं को बहाली के लिए कर्मचारी समर्पित भाव से काम में जुटे हुए हैं। कर्मचारियों की तत्परता से बगस्याड़ में सड़क को बहाल कर दिया गया है। मंडी जिला में अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 34 अन्य लापता हैं। गोहर उपमंडल में पांच, थुनाग में तीन और जोगिंद्रनगर व करसोग में एक-एक व्यक्ति की मृत्यु की पुष्टि हुई है तथा प्रशासन द्वारा मृतकों की पहचान की जा रही है।
बुधवार को जिला मंडी के धर्मपुर क्षेत्र के दौरे के उपरांत सरकाघाट के दौरे के दौरान मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने क्षेत्र में भारी बारिश से हुए नुकसान का जायजा लिया। उन्होंने उपायुक्त को बारिश से हुए नुकसान का आकलन करने और प्रभावित परिवारों तक राहत सामग्री शीघ्र पहुंचाने के निर्देश दिए। उन्होंने सरकाघाट में कन्या खेल छात्रावास का दौरा भी किया। उन्होंने खिलाड़ियों से बातचीत की और उन्हें बेहतर सुविधाएं प्रदान करने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि बेहतर शैक्षणिक अवसर प्रदान करने के लिए सरकाघाट में शीघ्र ही सीबीएसई मान्यता प्राप्त विद्यालय की स्थापना की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्यालयों को निर्देश दिया गया है कि खेल आयोजनों में भाग लेने वाले छात्रों को अनुपस्थित के बजाय ‘विशेष अवकाश’ पर चिह्नित करें जैसा स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसजीएफआई) प्रतियोगिताओं के लिए किया जाता है।
हिमाचल प्रदेश में सोमवार रात को 17 जगह बादल फटे हैं। मंडी जिले में 15, जबकि कुल्लू और किन्नौर जिले में एक-एक जगह बादल फटा है। मंडी जिले में बारिश, बादल फटने और ब्यास नदी व नालों के रौद्र रूप से भारी तबाही हुई है। मंडी में 16 लोगों समेत पूरे प्रदेश में 18 की जान चली गई है। 33 लोग अभी लापता हैं। दर्जनों लोग घायल हो गए हैं। 332 लोगों को जगह-जगह से रेस्क्यू कर उनकी जान बचाई गई है। अकेले मंडी जिले में 24 घर और 12 गोशालाएं जमींदोज हो गई हैं। 30 पशुओं की मौत हो गई है। कुकलाह के समीप पटीकरी प्रोजेक्ट बह गया है। कई पुल ध्वस्त हो गए हैं। थुनाग उपमंडल में कुकलाह में भी रात को बादल फटने से आई बाढ़ में करीब आठ घरों के साथ 24 लोग बह गए। मंगलवार शाम को 9 शव मिले हैं, जबकि 21 लोग लापता है। गोहर उपमंडल के स्यांज में सोमवार रात को बादल फटने से नौ लोगों के साथ दो घर बह गए। इनमें दो के शव मिले हैं। बाड़ा में एक घर के ढहने से छह लोग दब गए। इनमें से चार को रेस्क्यू कर लिया गया, जबकि दो के शव बरामद हुए हैं। बस्सी में फंसे दो लोगों को रेस्क्यू किया गया, जबकि परवाड़ा में मकान बहने के कारण एक ही परिवार के दो सदस्य लापता हैं। एक शव बरामद कर लिया गया है। करसोग में बादल फटने से पुराना बाजार नेगली पुल से चार लोग लापता हैं, जबकि एक शव बरामद कर लिया गया है। यहां छह घरों को नुकसान पहुंचा है। वही मंडी में करसोग के रिक्की, कुट्टी, ओल्ड बाजार, गोहर के स्यांज, बाड़ा, बस्सी, परवाड़ा, तलवाड़ा, कैलोधार, धर्मपुर के त्रियंबला, भडराना, थुनाग के कुटाह, लस्सी मोड़, रेल चौक, पट्टीकारी में बादल फटे है।
धर्मपुर के विधायक चंद्रशेखर ठाकुर ने मंगलवार को धर्मपुर के स्याठी में बारिश और भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। इस दौरान वह पीड़ित लोगों से मिले, उनसे बातचीत की तथा प्रशासन द्वारा कार्यान्वित राहत एवं पुनर्वास कार्यों की जानकारी ली। उन्होंने लौंगणी पंचायत के स्याठी, ततोहली बरडाणा, बनाल, हवाणी रियूर, सिद्धपुर और शिवद्वाला आदि क्षेत्रों में प्रभावित परिवारों के घर जाकर बातचीत की और उनका दुख दर्द बांटा। विधायक ने उन्हें आश्वासन देते हुए कहा कि आपदा की इस घड़ी में हिमाचल सरकार हर कदम पर उनके साथ है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के निर्देशों के अनुरूप जिला प्रशासन तत्परता से राहत व पुनर्वास कार्यों में जुटा है। उन्होंने कहा कि राहत मैनुअल के अनुसार फौरी राहत राशि प्रदान कर के पीड़ित परिवारों की मदद की जा रही है। चन्द्रशेखर ने कहा कि इस आपदा से प्रदेश को बहुत नुकसान हुआ है। लोगों की गाढ़ी कमाई पानी में बह गई या मलबे में दब गई। उन्होंने कहा कि वह उनकी पीड़ा को समझते हैं और इस मुश्किल घड़ी में उनके साथ हैं। इस दौरान
मंगलवार सुबह करीब 4.45 बजे खैरी पंचायत प्रधान किशोर चंद ने थाना सुजानपुर में सूचना दी कि खैरी गांव के 7-8 मकान ब्यास नदी में बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। सूचना मिलने पर थाना सुजानपुर से थाना प्रभारी राकेश धीमान एक टीम लेकर घटनास्थल की तरफ निकले, लेकिन सुजानपुर-संधोल मुख्य सड़क मार्ग पर जगह-जगह भूस्खलन होने से सड़क के बाधित होने से उनका घटनास्थल पर समय पर पहुंचना नामुमकिन था। इसके चलते उन्होंने फोर्थ बटालियन जाखू जंगल के कमांडैंट दिवाकर शर्मा से बात की, जिस पर उन्होंने तुरंत कार्रवाई करते हुए जाखू जंगल बटालियन से 2 डीएसपी की अगुवाई में बटालियन के 25 जवानों को घटनास्थल पर भेजा। कड़ी मशक्कत के बाद टीम ने बाढ़ में फंसे स्थानीय व प्रवासी लोगों को निकालने के लिए रैस्क्यू ऑप्रेशन शुरू किया तथा रस्सी के सहारे बाढ़ में फंसे करीब 51 लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया।
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में भारी बारिश के चलते उप मंडल गोहर की ग्राम पंचायत स्यांज के पंगलियुअर गांव में दो मकान बह गए है। इसमें 9 लोगों के बहने की सुचना है। वहीं, ग्राम पंचायत बाड़ा में एक मकान ढहने से 6 लोग दब गए हैं। ग्राम पंचायत अनाह में जल स्तर बढ़ने से उप स्वस्थ केंद्र, दो गौशालाएं समेत कई मवेशियों के बहने की सूचना है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पटिकरी में स्थित हाइड्रो प्रोजेक्ट के बांध टूटने का भी समाचार है। हालांकि अभी इसकी अधिकारीकारिक तौर पर पुष्टि प्राप्त नहीं है। जिससे बाखली खड्ड के जल स्तर में वृद्धि होने से बड़े नुकसान की आशंका जताई जा रही है। बिजली रात से गुल पड़ी है तथा सराज में संचार व्यवस्था पूरी तरह से चरमाई है। कार्यकारी एसडीएम गोहर कृष्ण कुमार ने बताया कि पंगलियुअर गांव में दो मकान बहने की घटना हुई है, जिसमें 9 लोगों के बहने की सूचना प्राप्त हुई है। उन्होंने बताया कि रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंच गई है और बचाव कार्य जारी है। जबकि ग्राम पंचायत बाड़ा में एक मकान ढहने से 6 लोग दब गए हैं। इनमें से 4 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। मलवे में दबे अन्य एक बुजुर्ग महिला और एक लड़के का रेस्क्यू जारी है। प्रशासन ने बताया कि बचाव कार्य में तेजी लाई जा रही है और जल्द ही सभी लोगों को सुरक्षित निकाल लिया जाएगा। दोनों घटनाओं में बचाव कार्य के लिए टीमें तैनात की हैं। कार्यकारी एसडीएम कृष्ण कुमार ने बताया कि प्रशासन की ओर से हर संभव मदद की जा रही है और प्रभावित परिवारों को सहायता प्रदान की जाएगी। उन्होंने लोगों से अनुरोध है कि वे प्रशासन की सलाह का पालन करें और सुरक्षित रहें। बचाव कार्य में प्रशासन की मदद करें और अफवाहों से बचें।
धर्मपुर,मंडी/डिंपल शर्मा: हिमाचल पथ परिवहन निगम सरकाघाट डिपो की ओर से संचालित सरकाघाट-जोगिंदरनगर-पालमपुर बस रूट पिछले चार महीने से बंद पड़ा है, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यह बस सुबह 6:00 बजे सरकाघाट से चलकर 9:00 बजे जोगिंदरनगर पहुंचती थी। इस रूट के बंद होने से हुक्कल, लोगणी, धर्मपुर, कांडपतन, नेरी और धार्मिक स्थल चतुर्भुजा माता मंदिर जाने वाले लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों को जोगिंदरनगर की ओर जाने के लिए निजी वाहनों पर निर्भर रहना पड़ रहा है, जिससे उन्हें अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ रहा है और परेशानी भी झेलनी पड़ रही है। सरकाघाट-धर्मपुर क्षेत्र के ग्रामीणों ने बताया कि यह उनके लिए जोगिंदरनगर और पालमपुर जाने का एकमात्र सीधी बस सेवा थी। इस संबंध में जब सरकाघाट के क्षेत्रीय प्रबंधक मेहर चंद से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि सरकाघाट डिपो ड्राइवरों की भारी कमी से जूझ रहा है। डिपो में लगभग 40 ड्राइवरों की कमी है, जिसके कारण क्षेत्र के पांच रूट पूरी तरह से बंद पड़े हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि ड्राइवर मिलते ही सरकाघाट-जोगिंदरनगर-पालमपुर बस रूट को फिर से शुरू कर दिया जाएगा।
हिमाचल पथ परिवहन निगम (HRTC) के सरकाघाट डिपो से संचालित सरकाघाट-जोगिंदरनगर-पालमपुर बस रूट पिछले चार महीनों से बंद पड़ा है, जिससे क्षेत्र के ग्रामीणों और दैनिक यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। यह बस प्रतिदिन सुबह 6:00 बजे सरकाघाट से रवाना होकर सुबह 9:00 बजे जोगिंदरनगर पहुंचती थी। इस रूट के बंद होने से हुक्कल, लोगणी, धर्मपुर, कांडपतन, नेरी सहित चतुर्भुजा माता मंदिर जैसे धार्मिक स्थल की ओर जाने वाले यात्रियों को खासा नुकसान हो रहा है। ग्रामीणों को मजबूरी में महंगे निजी वाहनों का सहारा लेना पड़ रहा है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह रूट जोगिंदरनगर और पालमपुर के लिए एकमात्र सीधी बस सेवा थी, जो अब बंद होने से स्कूल, कॉलेज, अस्पताल और बाज़ार जाने वाले लोगों को भी असुविधा हो रही है। सरकाघाट-धर्मपुर क्षेत्र के ग्रामीणों ने HRTC से अनुरोध किया है कि इस रूट को शीघ्र चालू किया जाए, ताकि उन्हें रोज़ाना के सफर में राहत मिल सके। इस विषय में जब HRTC सरकाघाट डिपो के क्षेत्रीय प्रबंधक मेहर चंद से बात की गई तो उन्होंने बताया कि ड्राइवरों की भारी कमी के कारण फिलहाल डिपो के पांच रूट पूरी तरह से बंद हैं। सरकाघाट डिपो में लगभग 40 ड्राइवरों की कमी चल रही है, जिससे कई रूट प्रभावित हुए हैं। जैसे ही ड्राइवरों की तैनाती होती है, सरकाघाट-जोगिंदरनगर-पालमपुर बस सेवा को फिर से शुरू कर दिया जाएगा।” ड्राइवरों की कमी जैसी प्रशासनिक समस्याओं का सीधा असर आम जनता पर पड़ रहा है। यात्रियों और ग्रामीणों को उम्मीद है कि प्रशासन जल्द आवश्यक कदम उठाकर बस सेवा बहाल करेगा, जिससे क्षेत्रवासियों को राहत मिल सके।
पारच्छू में एनएचएआई की कंपनी द्वारा पुल निर्माण का कार्य जारी है। इस कार्य के लिए कंपनी ने हजारों टन मिट्टी एकत्रित कर पुल के लिए शटरिंग तैयार की है। यह पहला मौका है जब शटरिंग के लिए लोहे की गार्डर की बजाय मिट्टी का इस्तेमाल किया गया है। मिट्टी के इस ढेर पर डबल लाइन पुल बनाया जा रहा था, जो पहले भी ध्वस्त हो चुका है। उस समय चारों पिलर क्रेन से उठाते हुए पलट गए थे। बरसात का मौसम शुरू हो चुका है और यह मिट्टी अभी तक हटाई नहीं गई है। इसके चलते वर्षा का पानी वहां एकत्रित होकर झील जैसा रूप ले चुका है। यदि शीघ्र इस पर कार्रवाई नहीं की गई, तो यह झील धर्मपुर क्षेत्र के लिए भारी खतरा बन सकती है। गासिया माता मंदिर और उससे सटे श्मशान घाट तक में पानी घुस गया है, जिससे धार्मिक और सामाजिक स्थलों को भी खतरा उत्पन्न हो गया है। इस मुद्दे को लेकर किसान सभा कई बार प्रशासन के समक्ष प्रदर्शन कर चुकी है। उन्होंने बरसात से पहले मिट्टी के ढेर को हटाने की मांग की थी, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। मंडी में आयोजित जिला परिषद की बैठक में ग्रयोह वार्ड से जिला परिषद सदस्य वंदना गुलेरिया ने इस मुद्दे को जोरशोर से उठाया और तुरंत कार्रवाई की मांग की। प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रशासन ने कंपनी को 30 जून तक का समय दिया है ताकि वह इस मिट्टी को हटा सके। शनिवार को एसडीएम धर्मपुर जोगिंद्र पटियाल ने स्वयं मौके का निरीक्षण कर स्थिति की रिपोर्ट उपायुक्त मंडी को भेज दी है। एसडीएम धर्मपुर जोगिंद्र पटियाल ने बताया, प्रशासन की ओर से पहले ही कंपनी को मिट्टी हटाने के निर्देश दिए जा चुके हैं। मैंने शनिवार को स्वयं मौके का निरीक्षण किया है और इस संबंध में रिपोर्ट उपायुक्त मंडी को भेज दी गई है। अब माननीय उपायुक्त ही आगामी निर्णय लेंगे।
धर्मपुर/मंडी(डिंपल शर्मा): हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री राजा वीरभद्र सिंह की जयंती के अवसर पर आज धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी द्वारा एक श्रद्धांजलि सभा और पौधारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम युवा कांग्रेस धर्मपुर की पहल पर और स्थानीय विधायक चंद्रशेखर के नेतृत्व में संपन्न हुआ, जहां दिवंगत नेता को भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई। सभी ने राजा वीरभद्र सिंह के जनसेवा और प्रदेश के विकास के लिए किए गए अतुलनीय कार्यों को याद किया। युवा कांग्रेस द्वारा पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक सार्थक प्रयास करते हुए दर्जनों पौधे भी लगाए गए। इस अवसर पर विधायक चंद्रशेखर ने राजा वीरभद्र सिंह को 'गरीबों का मसीहा' बताते हुए उनके योगदान को सराहा। उन्होंने कहा कि राजा वीरभद्र सिंह जी ने प्रदेश और कांग्रेस पार्टी को तब संभाला, जब हालात सबसे मुश्किल थे। चुनौतियाँ चाहे कितनी भी बड़ी रही हों, उन्होंने कभी न तो नेतृत्व से पीछे हटे और न ही प्रदेश के विकास की रफ्तार थमने दी। चंद्रशेखर ने कहा कि राजा वीरभद्र सिंह के नेतृत्व में हिमाचल ने न केवल राजनीतिक स्थिरता प्राप्त की, बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क और सामाजिक न्याय के क्षेत्रों में भी ऐतिहासिक प्रगति देखी। कार्यक्रम में पूर्व ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष प्रकाश चंद और युवा कांग्रेस अध्यक्ष विशांत ठाकुर सहित कांग्रेस के कई कार्यकर्ता, युवा कार्यकर्ता, एनएसयूआई के सदस्य सहित भारी संख्या में लोगों की उपस्थिति रही, जिन्होंने राजा वीरभद्र सिंह की स्मृति को नमन करते हुए उनके दिखाए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया।
डिंपल शर्मा,धर्मपुर/मंडी – धर्मपुर और सरकाघाट उपमंडलों को जोड़ने वाले राष्ट्रीय उच्च मार्ग-03 पर गासियां खड्ड में पाड़छु के पास बन रहे पुल निर्माण को लेकर गावर कंस्ट्रक्शन कंपनी पर गंभीर आरोप लगे हैं। हिमाचल किसान सभा के पूर्व जिला पार्षद भूपेंद्र सिंह ने दावा किया है कि कंपनी ने पुल के नीचे हजारों टन मलबा अवैध रूप से डंप कर खड्ड को पूरी तरह से बंद कर दिया है। यह मलबा बिना किसी अनुमति के डाला गया है और प्री-मॉनसून शुरू होने के बावजूद इसे हटाया नहीं गया है, जिससे बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। भूपेंद्र सिंह ने बताया कि उन्होंने इस संबंध में 4 जून को सरकाघाट थाने में कंपनी के खिलाफ FIR दर्ज करने के लिए शिकायत दी थी, लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि पुलिस ने अभी तक FIR दर्ज नहीं की है। रपट रोज़नामचा में यह लिखा गया है कि इसके लिए उच्च अधिकारियों से अनुमति ली जा रही है। शिकायतकर्ता भूपेंद्र सिंह ने सरकाघाट पुलिस पर कंपनी को बचाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि पुलिस को और यहां की एसडीएम को, जिन्हें इस अवैध डंपिंग की पूरी जानकारी है, तत्काल FIR दर्ज करनी चाहिए थी। उन्होंने चेतावनी दी है कि वे अब FIR दर्ज कराने के लिए कानूनी प्रावधानों के तहत पुलिस अधीक्षक को मामला भेज रहे हैं और उसके बाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की जाएगी, जिसमें कंपनी के साथ-साथ सरकाघाट प्रशासन को भी पार्टी बनाया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि बरसात में मलबा बहने से धर्मपुर कस्बे में कोई नुकसान होता है, तो उसकी पूरी जिम्मेदारी हाथ पर हाथ धरे बैठे प्रशासन की होगी। भूपेंद्र सिंह ने यह भी बताया कि आरटीआई से मिली सूचना के अनुसार कंपनी ने 28 स्थानों पर अवैध रूप से सामग्री डंप की है। इसके अलावा, अवैध रूप से ब्लास्टिंग, खनन, और लोगों के रास्ते, लिंक रोड, पानी के स्रोत तोड़ने की भी शिकायतें हैं। बनाल पंचायत के रियूर गांव में ओबीसी और अनुसूचित जाति की बस्ती पर खतरा मंडरा रहा है, और हवानी, बनेहरडी और कुम्हरड़ा में कई मकानों के पास सुरक्षा दीवारें नहीं लगाई गई हैं। सड़क खुदाई से पानी की निकासी के लिए बनी नालियां और कलवर्ट बंद हो गए हैं, जिससे पानी घरों और लोगों की जमीनों को नुकसान पहुंचा रहा है, लेकिन प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। बनाल में 17 जून को हुए प्रदर्शन के बाद एसडीएम ने अगले दिन मौका मुआयना करने का आश्वासन दिया था, लेकिन तीन दिन बाद भी वे धर्मपुर से मात्र पांच किलोमीटर दूर रियूर की ओबीसी व अनुसूचित जाति की बस्ती में हालात जांचने नहीं पहुंचे। भूपेंद्र सिंह ने इसे प्रशासन की घोर लापरवाही बताया, खासकर जब एसडीएम ने स्वयं 18 जून को वहां जाने की हामी भरी थी।किसान सभा द्वारा कंपनी के खिलाफ सिलसिलेवार धरनों का अगला पड़ाव बनेहरडी में होगा।
डिंपल शर्मा,धर्मपुर: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के 55वें जन्मदिन के अवसर पर आज युवा कांग्रेस धर्मपुर ने एक सेवा कार्यक्रम का आयोजन किया। इस मौके पर स्थानीय अस्पताल में भर्ती मरीजों को फल और जूस वितरित किए गए। इस पहल का मुख्य उद्देश्य समाज के जरूरतमंद तबके तक सेवा और सहयोग की भावना को पहुंचाना था। इस कार्यक्रम का नेतृत्व धर्मपुर विधानसभा युवा कांग्रेस अध्यक्ष ने किया। जिसमें युवा कांग्रेस के कई कार्यकर्ता मौजूद रहे। इनमें युवा कांग्रेस धर्मपुर महासचिव विक्रम कटवाल, विकास राही (जिला उपाध्यक्ष), अनिल कटवाल (ब्लॉक उपाध्यक्ष), विनोद बिष्ट (सचिव), राहुल पालसरा (विधानसभा उपाध्यक्ष), और गोल्डी (सचिव) विशेष रूप से शामिल थे। सभी कार्यकर्ताओं ने राहुल गांधी के विचारों और सेवाभाव से प्रेरणा लेते हुए जनसेवा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। कार्यक्रम में धर्मपुर विधानसभाध्यक्ष विशांत ठाकुर भी विशेष रूप से उपस्थित रहे। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि राहुल गांधी जी सिर्फ एक राजनेता नहीं, बल्कि करोड़ों युवाओं के प्रेरणास्रोत हैं। उनका जीवन सत्य, सेवा और संघर्ष की मिसाल है। आज का यह आयोजन यह दर्शाता है कि हम सभी उनकी सोच के साथ खड़े हैं। युवा कांग्रेस धर्मपुर ने यह भी संकल्प लिया है कि भविष्य में भी इसी तरह के समाजसेवा के कार्यों को नियमित रूप से जारी रखा जाएगा।
नगर निगम के पुरानी मंडी वार्ड के वासणी में सिलिंडर फटने से जोरदार धमाका हो गया। इससे घर की दूसरी मंजिल स्थित स्टोर में आग लग गई। इस घटना से करीब चार लाख रुपये की संपत्ति स्वाह गई। दमकल कर्मियों ने स्थानीय लोगों की मदद से आग पर काबू पाया लेकिन तब तक सभी कुछ जल कर राख हो गया। आग लगने के कारण का पता नहीं चल पाया है। राजस्व विभाग की टीम ने मौके पर पहुंच कर नुकसान का आकलन कर रिपोर्ट तैयार की है। नगर निगम के महापौर वीरेंद्र भट्ट शर्मा के पुरानी मंडी वार्ड के वासणी में रविवार दोपहर करीब साढ़े बारह बजे दूसरी मंजिल पर स्टोर में जोरदार धमाका हुआ। धमाके की आवाज सुन कर सोहन सिंह सकलानी का परिवार सहम गया। परिवार के सदस्य घर से बाहर निकल आए। सोहन सिंह व अन्य लोग जब घर की दूसरी मंजिल में पहुंचे तो उन्होंने देखा कि स्टोर में ट्रंक, बर्तन, गैस चूल्हा समेत अन्य सामान को आग ने चपेट में ले लिया। साप्ताहिक अवकाश होने के कारण आस पास के लोग भी एकदम घटनास्थल में पहुंच कर आग पर काबू पाने के लिए जुट गए। इसी बीच दमकल कर्मी भी वहां पहुंच गए। इससे पहले कि आग पर काबू पाया जाता सभी कुछ जल कर राख हो गया। फिलहाल दमकम विभाग की टीम मामले की जांच कर रही है।
राजकीय महाविद्यालय धर्मपुर में शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए बीए, बीकॉम और बीएससी पाठ्यक्रमों में प्रवेश प्रक्रिया जारी है। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. रमेश धलारिया ने बताया कि प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय वर्ष के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया 1 जून से शुरू हो चुकी है, जो 19 जून तक चलेगी। स्नातक प्रथम वर्ष में प्रवेश पूरी तरह मेरिट आधार पर होगा, जिसके अंतर्गत पहली मेरिट सूची 20 जून को महाविद्यालय की वेबसाइट पर प्रकाशित की जाएगी। इस सूची में चयनित विद्यार्थी 21 से 23 जून तक अपनी फीस ऑनलाइन जमा कर सकेंगे। इसके बाद यदि सीटें खाली रहती हैं तो दूसरी मेरिट सूची 24 जून को जारी की जाएगी, और उसमें चयनित छात्र 25 से 27 जून तक फीस भर सकेंगे। वहीं, बीए, बीकॉम और बीएससी द्वितीय एवं तृतीय वर्ष के विद्यार्थियों को रोल ऑन आधार पर अगली कक्षा में प्रवेश दिया जाएगा, जिसके लिए अंतिम तिथि 19 जून निर्धारित की गई है तथा फीस भुगतान की तिथियां 12 से 23 जून के मध्य रखी गई हैं। प्रवेश प्रक्रिया को सुचारू रूप से संचालित करने हेतु महाविद्यालय द्वारा तकनीकी सहायता और परामर्श के लिए हेल्प डेस्क की व्यवस्था की गई है, जहां विद्यार्थियों को ऑनलाइन आवेदन, दस्तावेज़ अपलोडिंग एवं शुल्क भुगतान संबंधी हर संभव मार्गदर्शन प्रदान किया जा रहा है। प्राचार्य डॉ. धलारिया ने समस्त अभिभावकों और विद्यार्थियों से अपील की है कि वे निर्धारित समय-सीमा के भीतर प्रवेश प्रक्रिया पूर्ण करें ताकि समय पर कक्षाओं का लाभ लिया जा सके। उन्होंने यह भी बताया कि महाविद्यालय में सभी संकायों की नियमित कक्षाएं 1 जुलाई 2025 से आरंभ कर दी जाएंगी।
मंडी जिले के जोगिंद्रनगर उपमंडल अंतर्गत लडभड़ोल क्षेत्र की ग्राम पंचायत खुड्डी में शनिवार को एक दर्दनाक सड़क हादसा हो गया। एक अनियंत्रित बोलेरो गाड़ी गहरे तीखे मोड़ से होकर सीधे खाई में जा गिरी, जिसके परिणामस्वरूप एक महिला की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दो युवतियों सहित एक अन्य महिला गंभीर रूप से घायल हो गईं। यह हादसा उस समय हुआ जब तनु (28) पत्नी विवेक, निवासी खुड्डी, बोलेरो वाहन चला रही थीं। गाड़ी में उनके साथ मुस्कान (18) पुत्री सरवन, निवासी खुड्डी; काजल (19) निवासी कोलंग; और मीना देवी (36) पत्नी सरवन, निवासी खुड्डी, सवार थीं। बताया जा रहा है कि जैसे ही तनु ने एक तीखे मोड़ पर गाड़ी मोड़ने की कोशिश की, वाहन अचानक संतुलन खो बैठा और सीधे गहरी खाई में जा गिरा। हादसे की सूचना मिलते ही स्थानीय ग्रामीण तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे और स्थिति की गंभीरता को देखते हुए तत्काल 108 एंबुलेंस सेवा को सूचित किया। सभी घायलों को प्राथमिक उपचार के लिए नागरिक अस्पताल लडभड़ोल पहुंचाया गया। वहां, डॉ. निखिल शर्मा ने प्राथमिक उपचार देने के बाद गंभीर रूप से घायल तनु, मीना और मुस्कान को बैजनाथ सिविल अस्पताल रेफर कर दिया। दुर्भाग्यवश, बैजनाथ अस्पताल में इलाज के दौरान मीना देवी ने दम तोड़ दिया। अन्य दो घायलों की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है और उनका उपचार बैजनाथ में जारी है। उधर, लडभड़ोल पुलिस चौकी प्रभारी रमेश कुमार ने अस्पताल पहुंचकर घायल काजल के बयान दर्ज किए हैं। उन्होंने बताया कि पुलिस को मीना देवी की मृत्यु की सूचना मिल चुकी है और मामले की विस्तृत जांच प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। पुलिस दुर्घटना के कारणों की गहराई से जांच कर रही है और इसमें फोरेंसिक टीम का भी सहयोग लिया जाएगा।
पधर, मंडी: मंडी-पठानकोट राष्ट्रीय उच्च मार्ग पर कुन्नू चौक के समीप वीरवार सुबह एक दर्दनाक सड़क हादसे में बाइक सवार युवक की मौत हो गई। मृतक की पहचान विनोद कुमार (पुत्र राजू राम), निवासी गांव लोहड़ा, डाकघर कुफरी के रूप में हुई है। यह हादसा सुबह करीब 7 बजे उस समय हुआ जब विनोद की बाइक एक ट्रक से टकरा गई। दुर्घटनास्थल पर सड़क किनारे कई अन्य ट्रक भी खड़े हुए थे। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, दुर्घटना के बाद युवक सड़क की गलत दिशा (रॉन्ग साइड) में गिरा पाया गया। हालांकि उसने हेलमेट पहन रखा था, लेकिन टक्कर इतनी भीषण थी कि वह जानलेवा साबित हुई। हादसे की सूचना मिलते ही पधर पुलिस थाना प्रभारी सौरभ ठाकुर अपनी टीम के साथ तुरंत मौके पर पहुंचे। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर जोनल अस्पताल मंडी भेज दिया है, जहाँ पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया जाएगा। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
क्रांति सूद/जोगिंदरनगर, मंडी: हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहाँ एक पारिवारिक विवाद ने खूनी मोड़ ले लिया। जोगिंदरनगर उपमंडल के द्रोबड़ी गांव में सोमवार देर रात एक बेटे ने अपने ही पिता की हत्या कर दी। यह दर्दनाक घटना पति-पत्नी के बीच चल रहे झगड़े में बीच-बचाव के दौरान हुई। जानकारी के मुताबिक, गांव निवासी मुकेश और उसकी पत्नी के बीच किसी बात को लेकर विवाद हो रहा था। माहौल गरमागरम होने पर, जल शक्ति विभाग से सेवानिवृत्त कर्मचारी और मुकेश के पिता, प्रताप (59) ने स्थिति को शांत करने की कोशिश की। बताया जा रहा है कि मुकेश को अपने पिता का हस्तक्षेप नागवार गुजरा। गुस्से में उसने पास पड़ी एक नुकीली चीज से अपने पिता प्रताप पर हमला कर दिया। गंभीर रूप से घायल प्रताप तुरंत जमीन पर गिर पड़े। परिवार के सदस्य उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाने लगे, लेकिन दुर्भाग्य से रास्ते में ही उनकी मृत्यु हो गई। जोगिंदरनगर पुलिस ने मृतक की पत्नी नागण देवी की शिकायत पर आरोपी बेटे मुकेश के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया है। शव को पोस्टमार्टम के लिए नेरचौक मेडिकल कॉलेज भेजा गया है। एसपी मंडी साक्षी वर्मा ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि जोगिंदरनगर में एक बेटे द्वारा अपने पिता की हत्या का मामला सामने आया है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। मामले की आगे की जांच की जा रही है। इस घटना से पूरे क्षेत्र में सनसनी और शोक का माहौल है।
डिंपल शर्मा/ धर्मपुर-मंडी हिमाचल प्रदेश में मिड डे मील वर्कर्स को बड़ी राहत मिली है। सीटू से संबंधित मिड डे मील वर्कर्स यूनियन की मांग पर, शिक्षा निदेशक ने स्कूलों में दोपहर का भोजन बनाने वाले वर्कर्स की ऑनलाइन हाजिरी लगाने के आदेशों को रद्द कर दिया है। अब उनकी हाजिरी पहले की तरह रजिस्टर के माध्यम से ही लगेगी। सीटू मंडी जिला प्रधान भूपेंद्र सिंह, प्रभारी गुरदास वर्मा, और यूनियन प्रधान बिमला देवी ने बताया कि पिछले कुछ समय से मिड डे मील वर्कर्स पर ऑनलाइन हाजिरी के लिए सुबह 9:30 बजे स्कूल पहुंचने का दबाव बनाया जा रहा था। यूनियन ने इसका कड़ा विरोध करते हुए निदेशक प्राथमिक शिक्षा विभाग को मांग पत्र सौंपा था, जिसमें ऑनलाइन हाजिरी के आदेशों को रद्द करने की मांग प्रमुख थी। आज जारी हुए आदेशों से यह स्पष्ट हो गया है कि प्रदेश के किसी भी स्कूल में मिड डे मील वर्कर की हाजिरी ऑनलाइन नहीं लगेगी, और न ही उन्हें सुबह 9:30 बजे बुलाया जाएगा. यूनियन ने इस फैसले के लिए शिक्षा निदेशक का धन्यवाद व्यक्त किया है। इस राहत के बावजूद, हिमाचल प्रदेश मिड डे मील वर्कर यूनियन ने अपनी अन्य मांगों को भी दोहराया है. यूनियन ने बताया कि मिड डे मील वर्कर्स को समय पर वेतन नहीं मिलता है, और कई शिक्षा खंडों में तो दो-तीन महीने तक वेतन नहीं दिया जाता। इससे वर्कर्स को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है, और उन्हें पूरा वेतन एक साथ भी नहीं मिलता। यूनियन ने शिक्षा निदेशक से मांग की है कि मिड डे मील वर्कर्स को हर महीने की पहली तारीख को पूरा वेतन एक साथ दिया जाये। यूनियन ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार और शिक्षा विभाग इन मांगों को पूरा नहीं करते हैं, तो मिड डे मील वर्कर यूनियन 14 और 15 जून को शिमला में होने वाले सम्मेलन में आंदोलन की रूपरेखा बनाएगी।
मंडी की ग्राम पंचायत टांडू के महेड़ चौहट्टा निवासी विप्लव सकलानी ने एक नन्हे खरगोश के बच्चे की जान बचाकर इंसानियत की मिसाल पेश की है। शुक्रवार रात की है जब विप्लव सकलानी अपने घर लौट रहे थे। रास्ते में उन्हें घर से थोड़ी दूरी पर एक खरगोश का बच्चा दिखाई दिया। विप्लव ने बिना समय गंवाए उस नन्हे जीव को उठाया और उसे अपने घर ले आए, ताकि रात के समय कोई शिकारी जानवर उसकी जान न ले सके। इस पूरे घटनाक्रम को लेकर विप्लव सकलानी ने तत्परता दिखाते हुए मंडी वन मंडल के डीएफओ (वन मंडल अधिकारी) वासु डोगर से फोन पर संपर्क किया और उन्हें पूरी स्थिति की जानकारी दी। डीएफओ वासु डोगर ने उस समय अवकाश पर होने के बावजूद मामले को गंभीरता से लेते हुए रेंज ऑफिसर से बातचीत की। उन्होंने निर्देश दिया कि खरगोश के बच्चे को मंडी के भ्यूली स्थित वन कार्यालय में तैनात फाेरैस्ट गार्ड हेमराज को सौंप दिया जाए। विप्लव सकलानी और उनकी पत्नी संजना ने शनिवार सुबह वन विभाग के कार्यालय पहुंचकर खरगोश के बच्चे को सुरक्षित रूप से फॉरेस्ट गार्ड हेमराज के सुपुर्द कर दिया। वन विभाग के अधिकारियों ने विप्लव दंपत्ति के जज्बे और जागरूक पहल की सराहना की और कहा कि ऐसे प्रयासों से ही समाज में वन्य जीवों के प्रति जिम्मेदारी का भाव पनपता है।
हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में शादी के नाम पर एक युवक से लाखों रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। बंजार उपमंडल के ज्ञान चंद ने आरोप लगाया है कि एक युवती ने पहले उन्हें प्रेमजाल में फंसाया, फिर शादी की और बाद में उनकी पुश्तैनी जमीन बिकवाकर लाखों रुपये अपने खाते में डलवा लिए। इसके बाद वह नकदी और गहने लेकर फरार हो गई। पीड़ित युवक अब न्याय के लिए पुलिस के चक्कर काट रहा है। ज्ञान चंद ने मंडी में मीडिया को बताया कि 2024 में उनकी शादी मंडी जिले के बालीचौकी क्षेत्र की एक युवती से हुई थी, जिसकी शादी उनके भाई ने तय की थी। शादी के बाद, युवती ने कथित तौर पर ज्ञान चंद की 18 बिस्वा पुश्तैनी जमीन बिकवा दी और पूरी रकम अपने बैंक खाते में ट्रांसफर करवा ली। अप्रैल 2025 में, वह घर में रखे 20 हजार रुपये नकद और जेवर लेकर भी गायब हो गई। ज्ञान चंद ने बताया कि जब भी वह युवती से अपनी शादी को पंचायत में दर्ज करवाने की बात करते थे, तो वह टालमटोल करती थी। उसने पतलीकूहल पुलिस थाने में भी शिकायत दी थी। पीड़ित ने आरोप लगाया कि युवती की पहले दो शादियां कर चुकी थी और इस बात की जानकारी उसे बाद में मिली। युवक ने बताया कि अब हाल ही में ठगी करने वाली युवती ने सुंदरनगर में चौथी शादी कर ली है। कुल्लू पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, युवती को ट्रेस कर लिया गया है और जल्द ही दोनों पक्षों को आमने-सामने बैठाकर बयान लिए जाएंगे। कुल्लू पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, युवती का पता लगा लिया गया है और जल्द ही दोनों पक्षों को आमने-सामने बिठाकर उनके बयान दर्ज किए जाएंगे। इस मामले में आगे की जांच जारी है।
शिक्षा क्षेत्र में युवाओं को प्रोत्साहित करने और मेधावी छात्रों को पहचान दिलाने के लिए जिला प्रशासन मंडी ने एक अनूठी पहल की है। 'डीसी फॉर ए डे' अभियान। इस अभिनव कार्यक्रम के तहत, सरकाघाट क्षेत्र के डून गांव की अन्वी सिंह को एक दिन के लिए मंडी की उपायुक्त बनने का गौरव प्राप्त हुआ। अन्वी, विक्रम सिंह ठाकुर और अनीता वर्मा की बेटी हैं, आलोक भारती विद्यालय, कोटली की छात्रा हैं। उसने हाल ही में हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड की 10वीं कक्षा की परीक्षा में जिले में टॉप किया और प्रदेश में चौथा स्थान हासिल किया। उनकी इस असाधारण उपलब्धि ने ही उन्हें यह विशेष अवसर दिलाया। शुक्रवार की सुबह 9 बजे, अन्वी अपने पिता और दादा के साथ उपायुक्त अपूर्व देवगन की उपस्थिति में कार्यालय पहुंचीं। जिलाधीश की कुर्सी पर बैठते ही उनके निजी स्टाफ ने औपचारिक रूप से उनका स्वागत किया। 'एक दिन की डीसी' के रूप में अन्वी के सामने पहली चुनौती भूकंप पर पूर्वाभ्यास की निगरानी करना था। उन्होंने वीसी रूम में सभी अधिकारियों से परिचय प्राप्त किया और फिर इस महत्वपूर्ण पूर्वाभ्यास की बारीकी से निगरानी की। इसके बाद, उन्होंने उपायुक्त कार्यालय की विभिन्न शाखाओं के बारे में जानकारी हासिल की और फील्ड निरीक्षण के लिए भी गईं। इस दौरान, अन्वी ने लोगों की शिकायतें भी सुनीं और संबंधित विभागों को उनके तत्काल निपटारे के आदेश दिए। अन्वी ने इस दिन को अपने जीवन का सबसे यादगार पल करार दिया और बताया कि इस अनुभव से उन्हें प्रशासनिक कार्यों की कई व्यवहारिक बातें पता चलीं। उपायुक्त अपूर्व देवगन ने उन्हें एक उपायुक्त के रूप में जिम्मेदारियों के निर्वहन के बारे में विस्तार से समझाया। अन्वी ने इस अवसर के लिए उपायुक्त मंडी का हार्दिक आभार व्यक्त किया। उपायुक्त अपूर्व देवगन ने कहा कि जिला प्रशासन बच्चों को जीवन में बेहतर प्रदर्शन के लिए विभिन्न स्तरों पर प्रयास कर रहा है। 'अपना विद्यालय' और 'अपना पुस्तकालय' अभियान के साथ अब 'डीसी फॉर ए डे' जैसी पहल भी की गई है। उन्होंने अन्वी को बधाई देते हुए कहा कि सभी बच्चों में बेहतर करने की क्षमता होती है, उन्हें केवल उचित मार्गदर्शन और सही दिशा की आवश्यकता होती है, जिससे वे अपने लक्ष्य प्राप्त कर सकें। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि अन्वी ने अपनी जिम्मेदारियों का बखूबी निर्वहन किया है और यह अनुभव उन्हें भविष्य में अपने लक्ष्य हासिल करने के लिए और भी प्रेरित करेगा।
पधर (मंडी)। उपमंडल पधर के नारला क्षेत्र में शुक्रवार को एक मेगा मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। जिसका उद्देश्य प्राकृतिक आपदाओं, विशेष रूप से भूस्खलन जैसी स्थिति से निपटने के लिए प्रशासनिक तैयारियों की परख करना था। इस अभ्यास में उपमंडल आपदा प्रबंधन प्राधिकरण से जुड़े सभी विभागों के अधिकारी, कर्मचारी, स्वयंसेवक और स्थानीय लोग सक्रिय रूप से शामिल हुए। ड्रिल के तहत एक काल्पनिक परिदृश्य को दर्शाया गया, जिसमें नारला के पास एक यात्री बस भूस्खलन की चपेट में आ गई। साथ ही, नारला तक जाने वाली मुख्य सड़क मलबे के कारण अवरुद्ध हो गई थी। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने तुरंत पीडब्ल्यूडी की जेसीबी मशीन को घटनास्थल पर भेजा और कुछ ही समय में सड़क को खोल दिया गया। इंसिडेंट कमांडर एवं तहसीलदार पधर डॉ. भावना वर्मा के नेतृत्व में रेस्क्यू टीम, पुलिस बल, अग्निशमन विभाग और स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने मौके पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्य आरंभ किए। रेस्क्यू टीम ने घटनास्थल व आसपास के क्षेत्रों का बारीकी से निरीक्षण किया और यह सुनिश्चित किया कि किसी अन्य व्यक्ति को नुकसान न पहुंचे। बचाव अभियान के दौरान कई यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। राहत कार्यों में सेवानिवृत्त सैनिकों, रेड क्रॉस के स्वयंसेवकों, आपदा मित्रों, और स्थानीय नागरिकों ने बढ़-चढ़कर सहयोग किया, जिससे प्रशासन को समय पर और प्रभावी ढंग से कार्य करने में मदद मिली। एसडीएम पधर सुरजीत सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि मॉक ड्रिल के दौरान सभी आवश्यक व्यवस्थाएं पूर्व निर्धारित प्रोटोकॉल के तहत की गई थीं। पधर स्कूल मैदान में कमांड पोस्ट और स्टेजिंग एरिया स्थापित किया गया, जबकि सामुदायिक भवन पधर को राहत शिविर के रूप में प्रयोग किया गया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की मॉक ड्रिल का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि वास्तविक आपदा की स्थिति में प्रशासनिक अमला, रेस्क्यू टीम, पुलिस, स्वास्थ्य विभाग एवं अन्य सभी सहयोगी इकाइयाँ आपसी समन्वय के साथ प्रभावी ढंग से कार्य कर सकें और जनहानि को न्यूनतम किया जा सके।
विश्व पर्यावरण दिवस पर कसौली ने भारतीय हिमालय क्षेत्र में अब तक के सबसे बड़े सफाई अभियान में अहम भूमिका निभाई। इस अभियान का नेतृत्व वेस्ट वॉरियर्स नाम की संस्था ने किया और हिमाचल प्रदेश व उत्तराखंड के अलग-अलग हिस्सों से 7000 से ज़्यादा लोगों को एक साथ जोड़ा गया। सभी ने मिलकर एक दिन में 7000 किलो से ज़्यादा कचरा साफ किया। कसौली में करीब 1315 लोगों ने सफाई अभियान में भाग लिया। सफाई धर्मपुर स्कूल रोड, साईं मंदिर पानवा, गड़खल सनावर ITI रोड, कसौली कैंट, चामिया, शालाघाट अर्की और कुमारहट्टी बाज़ार जैसी जगहों पर की गई। इन जगहों से लगभग 1471 किलो कचरा एकत्र किया गया, जिसे अब वेस्ट वॉरियर्स की टीम रीसाइक्लिंग के लिए प्रोसेस कर रही है। अभियान में कई तरह के लोगों ने हिस्सा लिया — स्थानीय समुदाय, महिला मंडल, युवाओं के समूह, स्कूल, कॉलेज, प्रशिक्षण संस्थान, सामाजिक संगठन और सरकारी विभाग जैसे वन विभाग और नगर निगम भी शामिल हुए। सभी ने मिलकर यह दिखाया कि जब लोग साथ आते हैं, तो बड़ा बदलाव लाया जा सकता है। यह सफाई अभियान सिर्फ कसौली तक सीमित नहीं था। हिमाचल प्रदेश के मनाली, धर्मशाला, शिमला, बीड़ और रेणुकाजी जैसे क्षेत्रों में भी सफाई हुई। उत्तराखंड में देहरादून, उत्तरकाशी, कॉर्बेट, आसन और केंपटी फॉल्स जैसे इलाकों में भी यह अभियान पहुंचा। वेस्ट वॉरियर्स संस्था हिमालयी क्षेत्रों में बेहतर कचरा प्रबंधन सिस्टम बनाने पर काम करती है। ऐसे अभियानों के ज़रिए यह संस्था सिस्टम को मजबूत करने के साथ-साथ लोगों को उनके पर्यावरण की ज़िम्मेदारी लेने के लिए प्रेरित करती है। इस विश्व पर्यावरण दिवस ने यह दिखाया कि जब हजारों लोग एक मकसद के लिए एक साथ आते हैं, तो असली बदलाव संभव है। यह अब तक का सबसे बड़ा पहाड़ी सफाई अभियान था और यह एक याद दिलाने वाला उदाहरण है कि बदलाव तब आता है जब हम सब मिलकर कदम उठाते हैं।
डिंपल शर्मा/धर्मपुर मंडी: हिमाचल प्रदेश के राज्य सूचना आयुक्त एस.एस. गुलेरिया ने कहा है कि सूचना का अधिकार अधिनियम (RTI Act) 2005 आम नागरिकों के सशक्तिकरण के लिए बनाया गया है। उन्होंने बताया कि इसका मुख्य उद्देश्य लोकतंत्र की प्रक्रिया में नागरिकों की भागीदारी सुनिश्चित करना, सरकारी व्यवस्था में पारदर्शिता लाना, जवाबदेही तय करना और भ्रष्टाचार पर रोक लगाना है। गुलेरिया धर्मपुर में सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए विभिन्न विभागों के जनसूचना अधिकारियों (PIOs) के ज्ञानवर्धन हेतु आयोजित कार्यशाला की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में लोगों को उन सभी निर्णयों की जानकारी होनी चाहिए जिनसे उनका जीवन प्रभावित होता है। उन्होंने अधिकारियों को बताया कि आरटीआई आवेदनों को किस तरह से प्रभावी और सरल तरीके से निपटाया जाए। उन्होंने सभी जनसूचना अधिकारियों से आग्रह किया कि वे सद्भावनापूर्ण तरीके से कार्य करें और कानून का पारदर्शिता से शत-प्रतिशत पालन करना अपनी जिम्मेदारी समझें। गुलेरिया ने जोर दिया कि आरटीआई एक सतत चलने वाली प्रक्रिया है और किसी भी आपत्ति का समाधान समय पर किया जाना चाहिए। उन्होंने आरटीआई की महत्वपूर्ण धाराओं के बारे में उपस्थित अधिकारियों को विस्तार से जानकारी दी। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों की विभिन्न जिज्ञासाओं और शंकाओं का समाधान भी किया और आरटीआई अधिनियम से जुड़े विभिन्न पहलुओं को स्पष्ट किया। उन्होंने अधिनियम के प्रावधानों को प्रभावी तरीके से लागू करने पर विशेष बल दिया।उन्होंने कार्यालयों में कार्यालय मैन्यूल के अनुरूप रिकॉर्ड रखने की आवश्यकता को भी रेखांकित किया। उनका कहना था कि ऐसा करने से आरटीआई में सूचना देने में कोई कठिनाई नहीं होगी। इस अवसर पर एसडीएम सरकाघाट स्वाति डोगरा, डीएसपी धर्मपुर संजीव सूद, तहसीलदार धर्मपुर रमेश कुमार, नायब तहसीलदार धर्मपुर संजीव कुमार, नायब तहसीलदार टीहरा शशिपाल मोदगिल, नायब तहसीलदार मण्डप ओमशिखा, अधिशाषी अभियंता लोक निर्माण विभाग, खण्ड चिकित्सा अधिकारी व अन्य जनसूचना अधिकारी उपस्थित रहे।
डिंपल शर्मा/धर्मपुर-मंडी: मंडी में फोरलेन निर्माण कर रही गावर कंस्ट्रक्शन कंपनी की कथित मनमानी के खिलाफ आखिरकार स्थानीय लोगों का गुस्सा फूटा है। पूर्व जिला पार्षद भूपेंद्र सिंह के नेतृत्व में एक दर्जन से अधिक शिकायतकर्ताओं ने आज सरकाघाट पुलिस थाने में गावर कंपनी के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज करने के लिए शिकायत दी है। इसकी प्रतियां डीएसपी और एसपी को भी भेजी गई हैं। अब देखना होगा कि पुलिस इस पर क्या कार्रवाई करती है। आज एफआईआर दर्ज कराने वालों में भूपेंद्र सिंह के अलावा हिमाचल किसान सभा के रणताज राणा, दिनेश काकू, सरकाघाट नागरिक सभा के बीडी शर्मा, एनएच प्रभावित संघर्ष समिति के पूर्ण चंद पराशर, अमृत लाल के साथ-साथ प्रभावित अविनाश चंदेल, श्रवण कुमार, ओंकार सिंह, परसदा पंचायत की प्रधान सलिता देवी और ठेकेदार रमेश ठाकुर शामिल हैं। यह शिकायत एडवोकेट सुरेश शर्मा के मार्गदर्शन में तैयार की गई है। शिकायतकर्ताओं ने पर्यावरण संरक्षण एक्ट 1999 की धारा 270, 279, 280, 285, 288, 290, 324(1) और 326(ए) व (बी) के तहत भारतीय न्याय संहिता के प्रावधानों के तहत एफआईआर दर्ज करने का आवेदन दिया है। इस शिकायत में गावर कंस्ट्रक्शन कंपनी के साथ-साथ क्वालिटी कंट्रोल के लिए भारत सरकार द्वारा नियुक्त एलएन मालवीय कंपनी और भारत सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग विभाग, हमीरपुर के परियोजना निदेशक व अन्य अधिकारियों को भी एफआईआर में पार्टी बनाया गया है। भूपेंद्र सिंह ने बताया कि सरौन-अवाहदेवी से सरकाघाट-पाड़छु तक यूनिट-1 का काम पिछले चार साल से चल रहा है लेकिन अभी तक पूरा नहीं हुआ है। उनके मुख्य आरोपहै कि डेढ़ दर्जन मकानों के पास सुरक्षा दीवारें न होने से उनके गिरने का खतरा बढ़ गया है। इसके साथ ही दर्जनों रास्ते, लिंक रोड और पेयजल स्रोत नष्ट कर दिए गए हैं, और हैंडपंप उखाड़ दिए गए हैं। कई जगहों पर सड़कें उखाड़ दी गई हैं और उन्हें तीन साल से पक्का नहीं किया जा रहा है। चोलथरा, रखोह, सरौर, परसदा, दमसेहड़ा के पास सड़कों पर गहरे गड्ढे पड़े हैं, जिससे सैकड़ों गाड़ियों को नुकसान पहुँचा है और यातायात बाधित होता रहता है। बरसात में यह समस्या और भी बढ़ जाएगी। कंपनी ने कलोट-रखोह, टटीह, सरौर और गासियां खड्ड-पाड़छु में अवैध रूप से खड्डों में मलबा डालकर डंपिंग की है, जिससे धर्मपुर कस्बे को भी बरसात में नुकसान होने की आशंका है।कंपनी अवैध ब्लास्टिंग और खनन कर रही है और प्रदूषण नियंत्रण के मापदंडों का उल्लंघन किया जा रहा है। आरोप लगाया है कि पूरा निर्माण कार्य बहुत ही घटिया किस्म का किया गया है और मॉर्थ विभाग (सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय) तथा क्वालिटी चेक करने वाली कंपनी भी मूकदर्शक बनी हुई हैं। भूपेंद्र सिंह ने आरोप लगाया कि स्थानीय प्रशासन भी कंपनी के आगे असहाय है और कंपनी मनमाने तरीके से काम कर रही है। इन अनियमितताओं के चलते हिमाचल किसान सभा और अन्य संगठन पिछले एक महीने से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं और अब एफआईआर दर्ज करवा दी गई है ताकि जनता को राहत मिल सके। शिकायत दर्ज करवाने वालों ने पुलिस प्रशासन से तुरंत एफआईआर दर्ज करके कार्रवाई शुरू करने की मांग की है। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर इसमें कोई ढिलाई बरती गई तो किसान सभा और अन्य संगठन प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोलेंगे।
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहाँ एक युवक ने अपने ही मामा-मामी के घर में चोरी की वारदात को अंजाम दिया। मामला बल्ह थाना क्षेत्र का है। जहाँ एक महिला ने अपने भांजे पर घर से ₹1.15 लाख के कीमती गहने चुराने का आरोप लगाया है। पीड़िता हुरमति देवी, पत्नी मस्तराम, जो गांव चतरौर की निवासी हैं, ने बल्ह थाने में शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि शनिवार को उनका पूरा परिवार किसी ज़रूरी काम से घर से बाहर गया था। जब वे देर शाम लौटे, तो घर के मुख्य दरवाज़े का ताला टूटा हुआ मिला। शक होने पर उन्होंने बेडरूम की तलाशी ली, जहाँ अलमारी का लॉकर टूटा हुआ था और उसमें रखे कीमती गहने गायब थे। चोरी हुए आभूषणों में सोने का मंगलसूत्र, झुमके (झुमर), नथ, टीका, चाक और अंगूठी शामिल हैं। इन सभी गहनों की अनुमानित कीमत करीब 1 लाख 15 हज़ार आंकी गई है। पीड़िता ने सीधे तौर पर अपने भांजे अनिल पर इस वारदात को अंजाम देने का संदेह जताया है। उन्होंने पुलिस को बताया कि अनिल पहले भी नशे की लत में देखा गया है और वह चिट्टे (हेरोइन) जैसे घातक नशे का आदी है। वारदात को अंजाम देने के बाद से ही वह फरार है, जिससे उस पर शक और गहरा हो गया है। पुलिस ने महिला की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है. डीएसपी हेडक्वार्टर दिनेश कुमार ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि आरोपी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस द्वारा सघन तलाशी अभियान चलाया जा रहा है और उम्मीद है कि उसे जल्द ही हिरासत में ले लिया जाएगा। पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि इस घटना में कोई अन्य व्यक्ति भी शामिल था या नहीं।
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में एक दर्दनाक सड़क हादसा हो गया है। कटौला के पास आईआईटी कमांद पुल के नजदीक एक महिंद्रा एस्सिल जीप सड़क से नीचे गहरी खाई में गिर गई। इस हादसे में चार लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। जानकारी के अनुसार, जीप में कुल 6 लोग सवार थे। यह दुर्घटना कैसे हुई, इसकी शुरुआती जानकारी अभी नहीं मिल पाई है, लेकिन बताया जा रहा है कि महिंद्रा पिक-अप अनियंत्रित होकर सड़क से लुढ़क गई। हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। इसके बाद प्रभारी एचसी कुलदीप के नेतृत्व में पुलिस की एक टीम तुरंत मौके पर पहुंची। पुलिस ने स्थानीय लोगों की मदद से घायलों को खाई से बाहर निकालकर अस्पताल पहुंचाया। मृतकों के शवों को कब्जे में लेकर क्षेत्रीय अस्पताल मंडी लाया गया है। एसपी मंडी साक्षी वर्मा ने सड़क हादसे की पुष्टि की है। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और दुर्घटना के कारणों की जांच शुरू कर दी है।
शनिवार सुबह मंडी जिले में कीरतपुर-मनाली फोरलेन पर एक बड़ा हादसा टल गया। दिल्ली से मनाली जा रही एक टेम्पो ट्रैवलर मंडी शहर के पास बिंद्रावनी इलाके में अचानक बेकाबू होकर सड़क के डिवाइडर पर चढ़ गई और एक बिजली के खंभे से टकरा गई। हादसा उस समय हुआ जब टेम्पो ट्रैवलर पंडोह टनल से बाहर निकल रही थी। उसी समय सड़क पर एक बड़ा पत्थर आ गया, जिससे चालक ने गाड़ी को मोड़ने की कोशिश की और वाहन डिवाइडर से टकरा गया। गाड़ी में सवार सभी 20 पर्यटक पूरी तरह सुरक्षित हैं। गनीमत रही कि वाहन डिवाइडर से टकराकर रुक गया और सड़क की दूसरी ओर नहीं गया। यदि ऐसा होता तो सामने से आ रहे तेज रफ्तार वाहनों से टक्कर हो सकती थी। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी गई है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, हादसा चालक की फुर्ती और सूझबूझ से टल गया।
धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) के निर्माण कार्य में हो रही अनियमितताओं और लापरवाही से नाराज़ स्थानीय लोगों ने शुक्रवार को चोलथरा में जमकर विरोध प्रदर्शन किया। सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक मुख्य मार्ग को अवरुद्ध कर तीन घंटे तक धरना दिया गया। इस प्रदर्शन से आम जनजीवन प्रभावित रहा और बाजार क्षेत्र पूरी तरह ठप हो गया। प्रदर्शन का नेतृत्व पूर्व जिला पार्षद भूपेन्द्र सिंह, पंचायत प्रधान मेहर चंद गारला, व्यापार मंडल अध्यक्ष बिहारी लाल, किसान सभा के खंड अध्यक्ष रणताज राणा, सर्वोदय जन सेवा समिति के राजीव आर्य तथा अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं ने किया। धरने में सैकड़ों ग्रामीणों, महिलाओं और युवाओं ने भाग लिया और एनएच निर्माण में हो रही अनदेखी के खिलाफ एकजुटता दिखाई। प्रदर्शनकारियों का आरोप था कि एनएच निर्माण के कारण चोलथरा बाजार, पंचायत भवन, स्कूल, बैंक, सहकारी समिति और आसपास के घरों को लगातार मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। कंपनी ने सड़क की कटिंग के बाद सुरक्षा दीवारें नहीं बनाई हैं, जिससे लोगों के घरों के गिरने का खतरा मंडरा रहा है। इसके अलावा सड़कों, पुलियों और नालियों की मरम्मत नहीं की गई है और जल निकासी की समुचित व्यवस्था भी नहीं की गई। प्रदर्शनकारियों ने बताया कि बीस दिन पहले एसडीएम सरकाघाट को ज्ञापन सौंपा गया था, जिसमें विशेष रूप से बरसात से पहले सुरक्षा दीवारें बनाने और बाजार की टूटी सड़कें ठीक करने की मांग की गई थी। लेकिन मांगों पर कोई कार्रवाई न होते देख लोग सड़कों पर उतरने को मजबूर हुए। पिछले सप्ताह दमसेहड़ा में भी ऐसा ही प्रदर्शन हुआ था, लेकिन वहां न तो प्रशासन आया और न ही पुलिस, उल्टा प्रदर्शनकारियों पर ही मुकदमा दर्ज कर दिया गया। इसी अनुभव से सबक लेते हुए इस बार प्रदर्शन की पूर्व सूचना दी गई थी, जिसके चलते सुबह से ही पुलिस बल तैनात रहा। धरनास्थल पर बाद में एसडीएम स्वाति डोगरा, डीएसपी संजीव गौतम और मौर्थ के अभियंता तन्मय पहुंचे। लेकिन प्रदर्शनकारी तब तक नहीं माने जब तक हमीरपुर से परियोजना निदेशक मौके पर नहीं पहुंचे और लिखित समझौता नहीं किया गया। दोपहर साढ़े बारह बजे परियोजना निदेशक के आने के बाद तीन घंटे की बातचीत के बाद एक औपचारिक समझौता हुआ। लिखित समझौते में यह तय किया गया कि चोलथरा और सरौन पंचायतों की समस्याओं का समाधान अगले 15 दिनों में किया जाएगा। कंपनी ने बाज़ार क्षेत्र की टूटी सड़कें व नालियां बहाल करने, घटिया पुलिया को सुधारने, प्रभावित लोगों के घरों के पास सुरक्षा दीवारें बनाने, तोड़े गए रास्ते व जलस्रोतों को पुनः निर्मित करने, जल निकासी के लिए नालियां बनाने, निजी भूमि से अवैध डंपिंग हटाने और सड़क को पक्का करने का वादा किया है। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि यदि 15 दिनों में वादा पूरा नहीं हुआ, तो एनएच प्रभावित क्षेत्र के लोग और संगठन बड़ा आंदोलन छेड़ेंगे। उनका कहना था कि प्रशासन को निर्माण कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करनी चाहिए, न कि प्रदर्शनकारियों पर मुकदमे। प्रशासन का यह रवैया निंदनीय है और जनभावनाओं के खिलाफ है।
धर्मपुर, मंडी/डिंपल शर्मा : सरकाघाट से धर्मपुर तक बन रहे राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण कार्य से स्थानीय लोग बेहद परेशान हैं। इस संबंध में पूर्व जिला पार्षद भूपेंद्र सिंह और किसान सभा के अध्यक्ष रणताज राणा ने गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने बताया कि सड़क निर्माण कंपनी की लापरवाही से आधे दर्जन से अधिक घर और करीब एक दर्जन रास्ते क्षतिग्रस्त हो गए हैं। बरसात का मौसम नजदीक आने से प्रभावित परिवारों की चिंताएं बढ़ गई हैं। भूपेंद्र सिंह और रणताज राणा ने आरोप लगाया कि सड़क निर्माण कंपनी प्रशासन के किसी भी दिशा-निर्देश का पालन नहीं कर रही है और अपनी मनमर्जी से काम कर रही है। इससे ऐसा लगता है कि क्षेत्र में सरकार और प्रशासन नहीं, बल्कि कंपनी राज कर रही है। उन्होंने बताया कि पिछले डेढ़ महीने से हिमाचल किसान सभा इन क्षतिग्रस्त घरों के पास सुरक्षा दीवारें बनाने, टूटे हुए रास्तों और पेयजल स्रोतों का पुनर्निर्माण जल्द करने तथा सड़क निर्माण कार्य को शीघ्र पूरा करने की मांग कर रही है, जिसके लिए प्रदर्शन भी किए जा चुके हैं। कोई सुनवाई न होने के कारण किसान सभा ने 27 मई को प्रभावितों के साथ सड़कों पर उतरने का निर्णय लिया है। इसकी शुरुआत दमसेड़ा से होगी, जहां जगदीश, सोहन सिंह, सरवन कुमार और भाग सिंह के घरों पर गिरने का खतरा मंडरा रहा है। इन घरों के रास्ते भी दोनों ओर से तोड़ दिए गए हैं। इसके अलावा, दमसेड़ा गांव का रास्ता, सम् साई और आल्याण गांव का रास्ता, श्मशान घाट का रास्ता तथा हरदेव सिंह, बक्सी राम, अनंत राम, कांशी राम के घरों के रास्ते डेढ़ साल पहले तोड़ दिए गए हैं, जिन्हें अभी तक नहीं बनाया गया है। आल्याण और जमसाई में लगे हैंडपंप उखाड़ कर फेंक दिए गए हैं और आल्याण की बावड़ी क्षतिग्रस्त कर दी गई है। जमसाई से गासियां पुल तक की सड़क दो साल से अधूरी है और कई स्थानों पर बड़े-बड़े गड्ढे हैं, जिससे अब तक सैकड़ों गाड़ियों का लाखों रुपए का नुकसान हो चुका है। गासियां खड्ड में अवैध डंपिंग की गई है और वहां सड़क की स्थिति बहुत खराब है, जिससे कभी भी दुर्घटना घट सकती है। प्रशासन ऐसे स्थानों को भी कंपनी से ठीक नहीं करवा पा रहा है और न ही स्थानीय प्रतिनिधि कुछ कर रहे हैं। स्थानीय लोगों की समस्या का हल न होने के कारण उन्हें सड़क पर उतरने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है, जिसकी पूरी जिम्मेदारी कंपनी, प्रशासन और सरकार की है। पंचायत प्रधान सलिता, उपप्रधान लश्करी राम, महिला मंडल प्रधान बिमला देवी और प्रभावित जगदीश चंद, दलीप सिंह, सोहन सिंह, सरवन कुमार, भाग सिंह, नेक राम, हरदेव सिंह, अनंत राम, कांशी राम, निर्मला देवी, गुड्डी देवी आदि ने आम जनता से भी अपील की है कि वे इस प्रदर्शन में भाग लें ताकि बरसात से पहले घरों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। उधर, लोंगनी में बीआरएन कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा खड्डों और नालों में अवैध खनन धड़ल्ले से जारी है। खनिज इंस्पेक्टर, पुलिस, वन विभाग और प्रशासन इस अवैध खनन को नजरअंदाज कर रहे हैं, जबकि 2 मई को इस पर विस्तृत चर्चा हुई थी और पुलिस को इस पर नजर रखने के लिए कहा गया था। कोई कार्रवाई न होने के कारण किसान सभा इस अवैध खनन के खिलाफ भी लोंगनी में सड़क पर उतरकर प्रदर्शन करेगी।
करसोग, राज सोनी: हिमाचल प्रदेश के पांगणा में आज एक विशाल मुफ्त नेत्र जांच शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें 300 से अधिक महिला और पुरुषों की आंखों की जांच की गई। इस दौरान जरूरतमंदों को निःशुल्क दवाइयां और चश्मे भी दिए गए। यह शिविर "मंथन एक नई पहल" की हिमाचल प्रदेश इकाई के अध्यक्ष और जिला परिषद सदस्य चेतन गुलेरिया द्वारा पांगणा-सुकेत के पंचायत भवन में आयोजित किया गया। इसमें चंडीगढ़ के सीटीआई बैंक और कॉर्निया नेत्र चिकित्सक केंद्र के एमएस डॉ. अशोक शर्मा का विशेष सहयोग रहा। डॉ. शर्मा लगभग पांच दशक बाद अपनी प्राथमिक शिक्षा स्थली पांगणा पहुंचे, जहां उन्होंने अपने बेटे और भाई के साथ मिलकर यह सेवा कार्य किया। शिविर में लायंस नेत्र चिकित्सालय बेंगलुरु के नेत्र विशेषज्ञ राजन शर्मा, नेत्र चिकित्सक मेहता, अग्निवेश और कुलेश्वर ने भी अपनी सेवाएं दीं। मुख्य अतिथि के रूप में विधायक रणधीर शर्मा और राकेश जमवाल मौजूद रहे, जबकि करसोग के पूर्व विधायक हीरालाल ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। विधायकों ने डॉ. अशोक शर्मा के सेवा भाव और मातृभूमि के प्रति उनके लगाव की सराहना की। इस शिविर से पांगणा, कलाशन, मसोग, सोरता सहित विभिन्न दुर्गम पंचायतों के लोगों को लाभ मिला, जिन्हें आंखों की देखभाल के लिए आवश्यक सहायता मिली। शिविर में राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों ने भी महत्वपूर्ण योगदान दिया।
डिंपल शर्मा/धर्मपुर-मंडी: हिमाचल प्रदेश: सरकाघाट उपमंडल के सज्जाओ पंचायत के भेड़ी गांव में अनियंत्रित ब्लास्टिंग से डेढ़ दर्जन घरों को नुकसान पहुंचने के मामले में ग्रामीणों का गुस्सा भड़क उठा है। हिमाचल किसान सभा की शिकायत पर हुई जांच के बाद प्रशासन द्वारा कंपनी को क्लीन चिट दिए जाने से नाराज़ ग्रामीण अब कंपनी और प्रशासन के खिलाफ कोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं। गत माह 11 अप्रैल को हिमाचल किसान सभा की शिकायत पर एसडीएम सरकाघाट स्वाति डोगरा ने तहसीलदार धर्मपुर की अगुवाई में एक जांच कमेटी गठित की थी। इस कमेटी ने पाड़छु से हुक्कल के बीच हुई ब्लास्टिंग से भेड़ी गांव के घरों में पड़ी दरारों की जांच की थी। 2 मई को एसडीएम की अध्यक्षता में धर्मपुर में हुई बैठक में तहसीलदार धर्मपुर ने स्वीकार किया था कि ब्लास्टिंग से घरों को नुकसान हुआ है। हालांकि, एसडीएम द्वारा जारी बैठक की कार्यवाही में घरों में पड़ी दरारों का कारण दो साल पहले हुई भारी बारिश को दर्शाया गया है, और कंपनी को क्लीन चिट दे दी गई है। ग्रामीणों का आरोप है कि यह जगजाहिर है कि घरों में दरारें ब्लास्टिंग से पड़ी हैं, न कि बारिश से। आरटीआई से मिली जानकारी, प्रशासन पर मिलीभगत का आरोप पूर्व ज़िला पार्षद भूपेंद्र सिंह ने आरोप लगाया है कि 2 मई को हुई बैठक की कार्यवाही और जांच रिपोर्ट उन्हें अभी तक जारी नहीं की गई है। उन्हें यह सब सूचना के अधिकार कानून (RTI) के तहत हासिल करना पड़ा है। उनका कहना है कि इससे साफ ज़ाहिर है कि प्रशासन कंपनी का बचाव कर रहा है और जांच केवल औपचारिकता पूरी करने के लिए की गई थी। भूपेंद्र सिंह ने हिमाचल किसान सभा के अध्यक्ष रणताज राणा, मोहनलाल, अमीचंद, इंद्र सिंह, नानक चंद, रतन चंद, प्रभावित महावीर, सूरत सिंह, बलबीर, भाग सिंह, बृजेश, तुलसी, मीरा, शकुंतला और अन्य ग्रामीणों के साथ मिलकर एसडीएम द्वारा हस्ताक्षरित बैठक की कार्यवाही को सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने डीसी मंडी और कोर्ट में याचिका दायर करने का निर्णय लिया है। भूपेंद्र सिंह ने बताया कि 2 मई की बैठक में दर्जनों लोगों के सामने यह रिपोर्ट किया गया था कि कुल 16 मकानों में दरारें आई हैं। यही नहीं, बैठक में कंपनी प्रशासन ने यह भी कबूल किया था कि उनके पास नवंबर 2024 तक ही नियंत्रित ब्लास्टिंग करने की अनुमति थी, लेकिन वे अप्रैल 2025 तक अनियंत्रित ब्लास्टिंग करते रहे। रिपोर्ट में इसे भी दर्ज नहीं किया गया है। इसके अलावा, गासीयां खड्ड पर पुल निर्माण के लिए जो मलबा डाला गया है, वह भी बिना अनुमति के ही डाला गया है, जिसे कंपनी प्रशासन ने बैठक में स्वीकार किया था। टौरी नाले से नीचे खड्ड में जो मलबा फेंका गया है, उसे भी रिपोर्ट में दर्ज नहीं किया गया है, जबकि वन विभाग ने कंपनी के खिलाफ डैमेज रिपोर्ट काटी है। माइनिंग निरीक्षक ने भी कंपनी को नोटिस जारी किए हैं, लेकिन एसडीएम ने उन्हें भी रिपोर्ट में अंकित नहीं किया है। ग्रामीणों का कहना है कि कंपनी प्रशासन जो भी निर्देश जारी करता है, उन्हें कंपनी लागू नहीं करती है, बावजूद इसके उनके खिलाफ अभी तक कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है, जिससे साफ है कि प्रशासन कंपनी का बचाव कर रहा है। पूर्व ज़िला पार्षद भूपेंद्र सिंह ने यह भी कहा कि यहां के विधायक ने भी कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का प्रचार किया था, लेकिन उसका क्या हुआ, किसी को जानकारी नहीं है और अब वे भी एक साल से चुप हो गए हैं। इसलिए, अब हिमाचल किसान सभा और अन्य जनसंगठन प्रभावितों के साथ मिलकर कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाएंगे और प्रशासन को भी इसमें पार्टी बनाया जाएगा।
छात्रों को एक डेटा-आधारित और एआई-सक्षम व्यावसायिक दुनिया में प्रबंधकीय और नेतृत्व भूमिकाओं के लिए तैयार करने के उद्देश्य से, आईआईटी मंडी ने अपने 5 वर्षीय एकीकृत एमबीए कार्यक्रम के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। इस कार्यक्रम के लिए आवेदन की अंतिम तिथि बढ़ाकर अब 3 जून 2025 कर दी गई है। यह अनूठा कार्यक्रम, जो आईआईटी मंडी के स्कूल ऑफ मैनेजमेंट द्वारा संचालित है, दो डिग्रियाँ प्रदान करता है बीबीए इन एनालिटिक्स (ऑनर्स), एमबीए इन डेटा साइंस एंड आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (DS\&AI) वही यह कार्यक्रम छात्रों को 12वीं कक्षा के तुरंत बाद प्रबंधन शिक्षा की यात्रा शुरू करने का अवसर देता है। इस पाठ्यक्रम में बुनियादी व्यवसायिक विषयों को उन्नत एनालिटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के साथ जोड़ा गया है। इसमें एक सेमेस्टर की इंटर्नशिप के माध्यम से वास्तविक दुनिया के अनुभव पर जोर दिया गया है। साथ ही, छात्रों को संस्थान के इनक्यूबेशन सेंटर की सुविधा और गंभीर उद्यमशील प्रयासों के लिए एक वर्ष के ब्रेक की सुविधा भी दी जाती है। इस कार्यक्रम के स्नातक नैतिक, सामाजिक रूप से जिम्मेदार और डेटा-आधारित निर्णय लेने वाले व्यवसायिक नेता बनकर उभरेंगे। पात्रता मानदंड: ● जेईई मेन्स स्कोर: आवेदक ने जेईई (एडवांस्ड) 2025 देने की पात्रता प्राप्त करने के लिए आवश्यक न्यूनतम जेईई मेन्स एनटीए स्कोर (पेपर 1) प्राप्त किया होना चाहिए। ● अंतिम एनटीए स्कोर: जेईई (मेन्स) 2025 पेपर-1 के लिए आवेदक का अंतिम एनटीए स्कोर, जेईई (एडवांस्ड) 2025 में शामिल होने के लिए संबंधित श्रेणी के "कट-ऑफ एनटीए स्कोर" के बराबर या उससे अधिक होना चाहिए, जैसा कि जेईई (मेन्स) 2025 पेपर-1 स्कोरकार्ड में उल्लिखित है। ● शैक्षणिक पृष्ठभूमि: 12वीं (या समकक्ष) स्तर पर गणित और अंग्रेज़ी का अध्ययन अनिवार्य रूप से किया होना चाहिए। ● शैक्षणिक प्रदर्शन: आवेदक ने 12वीं (या समकक्ष) कम से कम 75% अंकों के साथ उत्तीर्ण की हो (एससी/एसटी/पीडब्ल्यूडी के लिए 65%)। प्रवेश प्रक्रिया: आवेदकों को जेईई (मेन्स) परीक्षा (पेपर-1) 2025 में प्राप्त उनके अंतिम एनटीए स्कोर के आधार पर शॉर्टलिस्ट किया जाएगा। चयनित आवेदकों में से कुछ को व्यक्तिगत साक्षात्कार के लिए आमंत्रित किया जाएगा। अंतिम चयन एक समग्र स्कोर के आधार पर किया जाएगा, जिसमें: * जेईई (मेन्स) परीक्षा (पेपर-1) 2025 के अंतिम एनटीए स्कोर को 70% वेटेज * व्यक्तिगत साक्षात्कार में प्रदर्शन को 30% वेटेज दिया जाएगा। वही शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए सीटों की संख्या बढ़ाकर 72 कर दी गई है, जिसमें 20% सीटें विशेष रूप से महिला उम्मीदवारों के लिए (अतिरिक्त सीटों सहित) आरक्षित हैं। आईआईटी मंडी का यह एकीकृत एमबीए (IMBA) कार्यक्रम छात्रों को 12वीं कक्षा के तुरंत बाद प्रबंधन में मास्टर डिग्री प्राप्त करने का एक अनूठा अवसर प्रदान करता है। यह कार्यक्रम छात्रों को इस तेज़ी से बदलती व्यावसायिक दुनिया में एक सफल करियर के लिए मजबूत आधार प्रदान करेगा। वही अधिक जानकारी के लिए कृपया स्कूल ऑफ मैनेजमेंट की वेबसाइट देखें: [https://som.iitmandi.ac.in]
डिंपल शर्मा/धर्मपुर: हर वर्ष की भांति इस साल भी श्री गंगा दशहरा का पावन पर्व 5 जून, 2025 को नीलकंठ महादेव लघु हरिद्वार कांडापतन में मनाया जाएगा। पर्व की तैयारियों को लेकर मंगलवार को उपमंडलाधिकारी (नागरिक) धर्मपुर के कार्यालय में एसडीएम स्वाति डोगरा की अध्यक्षता में एक प्रशासनिक बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में गंगा दशहरा के सफल आयोजन के लिए रूपरेखा तैयार की गई। मंदिर कमेटी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, 4 जून की शाम को जागरण का आयोजन होगा और 5 जून की सुबह श्री गंगा दशहरा का पावन स्नान किया जाएगा। इस धार्मिक पर्व के उपलक्ष्य में मंदिर कमेटी 27 मई से 4 जून तक श्री राम कथा का आयोजन भी कर रही है। यह धार्मिक पर्व केवल धर्मपुर ही नहीं, बल्कि जिला मंडी, बिलासपुर, हमीरपुर और कांगड़ा के श्रद्धालुओं को भी अपनी ओर आकर्षित करता है। एसडीएम स्वाति डोगरा ने श्री गंगा दशहरा के सफल आयोजन के लिए सभी विभागों के कर्मचारियों और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। इस मौके पर तहसीलदार धर्मपुर रमेश चंद, विभिन्न विभागों के कर्मचारी, अधिकारी और मंदिर कमेटी के गैर-सरकारी सदस्य भी उपस्थित रहे।
जिला मंडी के पंडोह में रिश्तों को शर्मसार करने वाली एक वारदात सामने आई है। एक दोस्त ने अपने ही साथी को मेहमान के तौर पर घर बुलाया और फिर आधी रात को उसके सीने में चाकू घोंपकर फरार हो गया। गंभीर रूप से घायल युवक को पीजीआई चंडीगढ़ रेफर किया गया है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, रविवार देर रात की यह घटना है। सुंदरनगर का 26 वर्षीय जतिन अपनी पत्नी कोमल के साथ मनाली घूमने निकला था। रास्ते में उसने सुंदरनगर के ही अपने दोस्त किशोर को फोन कर साथ चलने को कहा। किशोर ने मनाली जाने से तो इनकार कर दिया, लेकिन जतिन और कोमल को पंडोह के तीन पीपल स्थित अपने क्वार्टर में रुकने का न्योता दिया। जतिन अपनी पत्नी सहित किशोर के कमरे में जाने को तैयार हो गया। 5 हजार के विवाद में खूनी खेल कोमल ने पुलिस को दिए बयान में बताया कि किशोर ने शराब पी रखी थी और उसके पति जतिन से 5 हजार रुपए मांग रहा था। जतिन ने पैसे देने से मना कर दिया और सभी रात को सो गए। लेकिन देर रात करीब 3 बजे किशोर ने अचानक जतिन की छाती पर चाकू से कई वार कर दिए और मौके से फरार हो गया। हमले के बाद कोमल ने तुरंत 108 एंबुलेंस को बुलाया और घायल जतिन को जोनल अस्पताल मंडी में भर्ती कराया गया। प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टरों ने उसकी गंभीर हालत को देखते हुए उसे नेरचौक मेडिकल कॉलेज रेफर किया, और वहां से भी उसे पीजीआई चंडीगढ़ भेज दिया गया है। पुलिस अब फरार आरोपी किशोर की तलाश में जुटी हुई है।
पांच दिवसीय जिला स्तरीय दानवीर कर्ण श्री मूल मांहूनाग मेला बुधवार को शुरू हो गया। मेले का शुभारंभ मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मिडिया) नरेश चैहान ने किया। इस मौके पर उन्होंने देवता दानवीर कर्ण श्री मूल मांहूनाग की पूजा अर्चना कर देवता का आशीर्वाद लिया। मेले के शुभारम्भ अवसर पर मुख्यातिथि ने कहा कि मेले हमारे पहाड़ी प्रदेश की समृद्ध प्राचीन संस्कृति का हिस्सा है, जिनका संरक्षण करना, हम सभी का दायित्व है। उन्होंने कहा मेलों से जुड़ी हुई प्राचीन समृद्ध संस्कृति को जीवंत रखने और युवा पीढ़ी को प्राचीन संस्कृति से जोड़ने के साथ-साथ मेला संस्कृति को आधुनिकता के साथ जोड़ कर मनाया जाना आधुनिक समाज निर्माण की दिशा में एक बड़ा कदम है। उन्होंने कहा कि मेलों के आयोजनों से स्थानीय लोगों में आपसी भाईचारा भी बढ़ता है। उन्होंने उपस्थित लोगों को मेले की शुभकामनाएं देते हुए मेला आयोजन के लिए मेला समिति को 21 हजार रुपए, स्थानीय स्कूल के बच्चों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए 11 हजार रुपए और क्षेत्र के लगभग आधा दर्जन महिला मंडलों को 5100 रुपए प्रति महिला मंडल देने की घोषणा की। इस मौके पर मंदिर एवं मेला समिति के अध्यक्ष रमेश ने मुख्यातिथि को शाॅल, टोपी और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। इस अवसर पर कांग्रेस नेता पवन ठाकुर, महेश राज, जगत राम, एसडीएम करसोग गौरव महाजन, डॉ, केवल शर्मा, विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष व वरिष्ठ अधिकारियों सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
मंडी: अभिलाषी एजुकेशनल ग्रुप, मंडी को एक और बड़ी सफलता मिली है। समूह के कुल 11 होनहार छात्रों का चयन देश की प्रतिष्ठित फार्मास्युटिकल कंपनी टोरेंट फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड में हुआ है। यह चयन हाल ही में आयोजित कैंपस प्लेसमेंट ड्राइव के माध्यम से किया गया, जिससे छात्रों को अपने करियर को नई दिशा देने का बेहतरीन अवसर प्राप्त हुआ है। इस चयन प्रक्रिया में अभिलाषी विश्वविद्यालय, अभिलाषी कॉलेज ऑफ फार्मेसी (नेरचौक) और अभिलाषी पी.जी. इंस्टीट्यूट ऑफ साइंसेज के अंतिम वर्ष के छात्रों ने भाग लिया। प्रतिभागियों का चयन तकनीकी मूल्यांकन और साक्षात्कार जैसे कई चरणों के बाद हुआ, जिसमें उन्होंने अपनी विशेषज्ञता, योग्यता और उद्योग की आवश्यकताओं के अनुरूप कौशल का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। टोरेंट फार्मा में चयनित छात्रों की सूची: अभिलाषी विश्वविद्यालय (बी.फार्मा): तनिषा, ज्योति ठाकुर, कोमल शर्मा, गौरव कुमार, रोहित कुमार, तूपेंद्र ठाकुर, आशीष कुमार अभिलाषी कॉलेज ऑफ फार्मेसी, नेरचौक (बी.फार्मा): पायल, देवांशी सलवानी अभिलाषी पी.जी. इंस्टीट्यूट ऑफ साइंसेज (एम.एससी. केमिस्ट्री): राकेश कुमार, अजय कुमार इन सभी छात्रों को क्वालिटी कंट्रोल विभाग में नियुक्त किया गया है और उन्हें वार्षिक 2 से 3 लाख रुपये तक का पैकेज प्रदान किया गया है। इस शानदार उपलब्धि पर अभिलाषी ग्रुप के चेयरमैन डॉ. आर.के. अभिलाषी ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि टोरेंट जैसी प्रतिष्ठित फार्मा कंपनी में हमारे छात्रों का चयन अत्यंत गर्व का विषय है। यह न केवल छात्रों की मेहनत और समर्पण का फल है, बल्कि हमारे संस्थान की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का भी साक्ष्य है। मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. एल.के. अभिलाषी ने चयनित छात्रों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह अवसर उनके पेशेवर जीवन की मजबूत शुरुआत साबित होगा। कुलपति प्रो. एच.के. चौधरी ने कहा कि विश्वविद्यालय में कैंपस प्लेसमेंट की श्रृंखला लगातार जारी है और प्रतिष्ठित कंपनियों द्वारा छात्रों को रोजगार के उत्कृष्ट अवसर दिए जा रहे हैं। डॉ. शैम्पी दुग्गल (डायरेक्टर – एडमिशन, ट्रेनिंग व प्लेसमेंट) ने विस्तृत जानकारी साझा करते हुए बताया कि यह सफलता अभिलाषी ग्रुप की इंडस्ट्री-फोकस्ड ट्रेनिंग, छात्रों की मेहनत और संकाय के मार्गदर्शन का परिणाम है। उन्होंने यह भी बताया कि हाल ही में ग्रुप के 150 से अधिक अंतिम वर्ष के छात्रों को विभिन्न नामी कंपनियों में नौकरी मिली है। इस अवसर पर डॉ. आर.के. अभिलाषी (चेयरमैन), डॉ. एल.के. अभिलाषी (मैनेजिंग डायरेक्टर), प्रो. एच.के. चौधरी (वाइस चांसलर), डॉ. कपिल कपूर (रजिस्ट्रार), डॉ. नर्वदा अभिलाषी (चेयरपर्सन, जीनीयस एजुकेशन सोसाइटी), डॉ. प्रोमिला अभिलाषी (वाइस चेयरपर्सन), नरेंद्र कुमार (सचिव), प्रो. डी.पी. दहिया (डीन, फार्मेसी), प्रो. राजेंद्र गुलेरिया (प्रिंसिपल, कॉलेज ऑफ फार्मेसी) और डॉ. कंचन ने सभी चयनित छात्रों, उनके अभिभावकों, संबंधित विभागों व प्लेसमेंट सेल को हार्दिक बधाई दी।
मंडी-पठानकोट राष्ट्रीय उच्च मार्ग पर उरला के पास हिमाचल पथ परिवहन निगम की एक बस दुर्घटनाग्रस्त होते-होते बची। गनीमत रही कि बस पेड़ से टकरा कर रुक गई, अन्यथा बड़ा हादसा हो सकता था। इस बस में 15 यात्री सवार थे। बस चालक संदीप कुमार के अनुसार, तीखे मोड़ में अचानक बस का मेन फ्रंट पट्टा टूट गया, जिससे बस अनियंत्रित हो गई और सड़क किनारे पलट गई। यह हादसा प्रातः 6 बजे हुआ। घटना की सूचना मिलते ही पधर पुलिस मौके पर पहुंची और घटना का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। निगम के निरीक्षक और पधर खेपन कार्यलय प्रभारी हेम राज भी घटनास्थल पर पहुंचे हैं। बस को निकालने के लिए राहत कार्य शुरू कर दिया गया है, और दो रिकवरी वाहन मौके पर राहत कार्य में जुटे हैं।
धर्मपुर उपमंडल की भरौरी पंचायत के करोला छपाणु गांव में रविवार शाम करीब साढ़े पांच बजे आग लगने से दो भाइयों, मनोज कुमार और पंकज कुमार की गौशाला जलकर राख हो गई। प्रकाश चंद के पुत्रों की इस गौशाला में आग लगने से दो कमरे पूरी तरह से जल गए, जिससे लगभग दो लाख रुपये का नुकसान हुआ है। गौशाला के अंदर बंधी भैंस को ग्रामीणों ने बड़ी मुश्किल से बाहर निकाला, लेकिन आग की लपटों से उसका कुछ हिस्सा झुलस गया। परिवार वालों को आग लगने का पता तब चला जब गौशाला से धुआं निकलने लगा। सूचना मिलते ही परिवार और गांव के लोग आग बुझाने में जुट गए, लेकिन आग इतनी तेजी से फैली कि गौशाला में रखी इमारती लकड़ी और घास पूरी तरह जल गई। पीड़ित परिवार ने घटना की सूचना पटवारी हल्का को दे दी है। भरौरी पंचायत की प्रधान नीता देवी और उपप्रधान कश्मीर सिंह ने प्रशासन से प्रभावित परिवारों को उचित मुआवजा देने की मांग की है। तहसीलदार धर्मपुर रमेश चंद ने बताया कि पटवारी को मौके पर जाकर नुकसान का आकलन कर तुरंत रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं। रिपोर्ट मिलते ही प्रभावित परिवार को राहत मैनुअल के अनुसार सहायता राशि प्रदान की जाएगी।
धर्मपुर-मंडी: राष्ट्रीय उच्च मार्ग निर्माण में बरती जा रही लापरवाही और अवैध डंपिंग की शिकायतों पर एसडीएम स्वाति डोगरा ने कड़ी कार्रवाई की है। किसान सभा द्वारा उठाए गए इस मुद्दे पर संज्ञान लेते हुए एसडीएम ने गत माह जांच करवाई थी। इसके बाद आज उन्होंने कंपनी और केंद्र सरकार के मोर्थ विभाग, वन, खनिज, राजस्व तथा पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की। दो घंटे तक चली इस बैठक में सभी समस्याओं पर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक में पूर्व जिला पार्षद भूपेंद्र सिंह और किसान सभा के रणताज़ राणा, देश राज पलसरा, नानक चंद, एडवोकेट अनिल कटवाल सहित तीन दर्जन से अधिक सदस्यों ने भाग लिया। जांच कमेटी द्वारा मौके पर जाकर देखे गए हालातों की रिपोर्ट तहसीलदार रमेश भारद्वाज ने पेश की, जिसमें निर्माण कार्य में कई कमियां पाई गईं, जिनकी जानकारी किसान सभा ने एसडीएम को पहले ही दी थी। एसडीएम स्वाति डोगरा ने बीआरएन निर्माण कंपनी को पाड़छु पुल से आगे कुम्हरड़ा तक की गई अवैध कटिंग का मलबा खड्डों, नालों, वन भूमि और निजी भूमि से हटाने के सख्त निर्देश दिए। उन्होंने यह भी कहा कि जहां से मलबा नहीं हटाया जा सकता है, वहां का उचित मुआवजा दिया जाए। एसडीएम ने कंपनी को चेतावनी दी कि कटिंग से फैलाए गए मलबे से यदि बरसात में कोई नुकसान होता है, तो उसकी पूरी जिम्मेदारी कंपनी की होगी। रियूर ओबीसी और अनुसूचित जाति की बस्ती और अन्य खतरे वाले स्थानों के पास सुरक्षा दीवारें 15 मई तक लगाने के लिए कंपनी को निर्देशित किया गया है। पाड़छु से आगे हुक्कल तक की गई अनियंत्रित ब्लास्टिंग से 16 घरों को हुए नुकसान का मुआवजा भी कंपनी को देने के आदेश दिए गए हैं। इसके साथ ही, एसडीएम ने क्षेत्र में अवैध खनन पर तत्काल रोक लगाने के निर्देश दिए हैं, जिसके लिए खनन विभाग को कार्रवाई करने के लिए कहा गया है। वन विभाग को वन भूमि पर की गई अवैध डंपिंग के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए भी कहा गया है। पूर्व जिला पार्षद भूपेंद्र सिंह ने बताया कि वन विभाग ने कंपनी को दस स्थानों पर अवैध डंपिंग के लिए और खनन विभाग ने अवैध खनन के लिए नोटिस जारी किए हैं। इससे किसान सभा द्वारा उठाए गए मुद्दे सही साबित हुए हैं। एसडीएम ने कंपनी को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि यदि इन कमियों को नहीं सुधारा गया तो प्रशासन कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाएगा। बैठक में पाड़छु पुल के दोनों तरफ अप्रोच रोड को अगले 15 दिनों में ठीक करने और खड्ड में डाली गई मिट्टी को बरसात से पहले हटाने के भी निर्देश दिए गए। यह भी पाया गया कि कंपनी ने बिना अनुमति के मिट्टी डंप की थी और पाड़छु पुल से आगे मार्च महीने तक अनियंत्रित तरीके से ब्लास्टिंग की गई, जिससे कई गाड़ियों के शीशे भी टूट गए थे। एसडीएम ने पीने के पानी के स्रोतों, रास्तों और खतरे वाले घरों के आसपास 31 मई तक सुरक्षा दीवारें लगाने के भी निर्देश जारी किए हैं। भूपेंद्र सिंह ने एसडीएम स्वाति डोगरा की त्वरित कार्रवाई की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने हर काम को पूरा करने के लिए समय सीमा निर्धारित की है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि कंपनी ने अगले 15 दिनों में इन कमियों को दूर नहीं किया, तो किसान सभा प्रभावितों के साथ मिलकर 20 मई को सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करेगी।
अमेरिका के ह्यूस्टन में बसे समाजसेवी सतीश अग्रवाल ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मंडी को 11,000 डॉलर से ज्यादा की आर्थिक सहायता दी है। यह मदद 'सतीश और कमलेश अग्रवाल स्कॉलरशिप' के रूप में बीटेक के होनहार छात्रों को दी जाएगी। संस्थान और दानदाता के बीच एक एमओयू (समझौता ज्ञापन) साइन किया गया है, जिसके तहत यह स्कॉलरशिप शुरू की जाएगी। इसका मकसद ऐसे मेधावी छात्रों को प्रोत्साहन देना है, जो आर्थिक रूप से पिछड़े हैं लेकिन पढ़ाई में आगे हैं। आईआईटी मंडी के डायरेक्टर प्रो. लक्ष्मीधर बेहेरा और डीन प्रो. वरुण दत्त ने इस सहयोग के लिए सतीश और कमलेश अग्रवाल का आभार जताया। उन्होंने कहा कि ऐसे प्रयासों से प्रतिभावान छात्रों को आगे बढ़ने का मौका मिलता है और संस्थान का शैक्षणिक माहौल और समृद्ध होता है।
सराज के कांडा में वन विभाग की टीम ने नाके के दौरान देवदार लकड़ी के 50 अवैध स्लीपार बरामद किए है। वहीं टिप्पर चालक समेत एक अन्य सवार मौके से फरार बताए जा रहे हैं। वन विभाग ने कार्रवाई करते हुए लकड़ी और टिप्पर को जब्त कर लिया है तथा पुलिस थाना जंजैहली ने वन अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर आगामी जांच शुरू कर दी है। जानकारी के अनुसार वन विभाग की टीम कांडा के समीप नाके पर तैनात थी। इस दाैरान एक टिप्पर (एचपी 11सी-2239) बगस्याड़ से कांडा की ओर आ रहा था। नाके पर तैनात टीम ने टिप्पर को जांच के लिए रोका। जांच के दौरान टिप्पर में देवदार की लकड़ी के 50 स्लीपर लदे पाए गए, जिन्हें अवैध रूप से ले जाया जा रहा था। मौके की नजाकत को भांपते हुए टिप्पर में सवार चालक सहित 2 लोग मौके से फरार हो गए। पकड़ी गई लकड़ी में किसी प्रकार का कोई हैमर नहीं लगा था। पैमाइश करने पर टिप्पर से 3.3936 घन मीटर लकड़ी बरामद की गई, जिसका बाजार में मूल्य 3,38,708 रुपए बनता है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है और फरार चालक और अन्य दूसरे व्यक्ति की तलाश की जा रही है। वही डीएफओ नाचन सुरेंद्र कश्यप ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि जंगलों से लकड़ी की तस्करी पर रोक लगाने के लिए विभाग ने विशेष अभियान चलाया है। इस अभियान के तहत वन विभाग की टीम लगातार नाके और छापेमारी कर रही है। अवैध लकड़ी के कारोबार में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस मामले में आगे की जांच और कार्रवाई जारी है।
मंगलवार को मंडी जिला के अंतर्गत जाहू-मंडी रोड पर भोलूघाट के समीप एक निजी बस (HP 40C-9937) अनियंत्रित होकर बीच सड़क पर पलट गई। हादसे में बस में सवार 15 यात्रियों को चोटें आई है। इनमें से 5 घायलों को नागरिक अस्पताल बल्द्वाड़ा ले जाया गया है, जबकि अन्य घायलों को मौके पर ही 108 एंबुलेंस के माध्यम से प्राथमिक उपचार प्रदान किया गया। स्थानीय लोगों की मदद से यात्रियों को निकाला बाहर स्थानीय लोगों ने बताया कि कुल्लू से कांगड़ा की ओर जा रही यह बस भोलूघाट मोड़ के पास अचानक अनियंत्रित होकर सड़क पर पलट गई। बस के पलटते ही यात्रियों में चीख-पुकार मच गई। हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस थाना हटली से थाना प्रभारी बृजलाल शर्मा अपनी टीम सहित मौके पर पहुंचे और राहत व बचाव कार्य शुरू करवाया। पुलिस ने स्थानीय लोगों की मदद से बस में फंसे यात्रियों को बाहर निकाला और घायलों को इलाज के लिए तुरंत एंबुलैंस के जरिए अस्पताल भेजा। फिलहाल पुलिस हादसे के कारणों का पता लगाने में जुट गई। वहीं मार्ग को बहाल करने का कार्य भी शुरू कर दिया गया है, ताकि यातायात प्रभावित न हो।
रविवार को विकास खंड द्रंग की ग्राम पंचायत कस के गांव कटवाली में बाबा लखदाता को समर्पित वार्षिक कुश्ती दंगल का भव्य आयोजन किया गया। दंगल में तीन सौ से अधिक पहलवानों ने अखाड़े में दमखम दिखाया। शानदार प्रदर्शन करते हुए होशियारपुर के बिल्लू पहलवान ने फाइनल मुकाबले में चंडीगढ़ के आशीष पहलवान को पटखनी देकर प्रतिष्ठित गुर्ज अपने नाम किया। आधे घंटे तक चले इस बेहद रोमांचक फाइनल मुकाबले में दोनों पहलवानों ने दमदार प्रदर्शन किया, लेकिन आखिर में बिल्लू ने बाजी मार ली। मेला समिति द्वारा विजेता बिल्लू को 18,000 रुपये नकद पुरस्कार और गुर्ज प्रदान कर सम्मानित किया गया, जबकि उपविजेता आशीष को 15,000 रुपये की नकद राशि भेंट की गई। आयोजन समिति ने बताया कि बाबा लखदाता पीर को समर्पित यह कुश्ती दंगल बीते चार-पांच वर्षों से लगातार आयोजित किया जा रहा है और हर वर्ष इसमें अधिक उत्साह व भागीदारी देखने को मिल रही है। भविष्य में इसे और भव्य रूप देने की योजना है। इस अवसर पर दंगल कमेटी सदस्य सेवानिवृत्त मुख्याध्यापक मौजी राम राव, कश्मीर सिंह राव, बबलू राम, मेघ सिंह, सेवानिवृत्त खंड शिक्षा अधिकारी सुंदर लाल यादव, संतोष कुमार, ज्ञान चंद, उमेश यादव, मान सिंह, चरण सिंह, हुक्म सिंह और नंद लाल सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
करसोग, 26 अप्रैल (राज सोनी): उपमंडल करसोग की ग्राम पंचायत खड़कन के तहत दृष्टि गांव में शुक्रवार को उस समय सनसनी फैल गई जब गांव के पास बहने वाली बिमला खड्ड में दो युवकों के शव संदिग्ध हालात में पाए गए। दोनों युवकों की मौत किस कारण से हुई, इसका फिलहाल कोई स्पष्ट पता नहीं चल पाया है। इस घटना से पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई है।स्थानीय लोगों के अनुसार, शुक्रवार दोपहर दोनों युवक खाना खाने के बाद किसी कार्य से घर से निकले थे। कुछ ही दूरी पर बिमला खड्ड में दोनों को अचेत अवस्था में देखा गया। तुरंत स्थानीय लोगों की मदद से उन्हें नागरिक चिकित्सालय करसोग पहुंचाया गया, जहां चिकित्सकों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। मृतकों की पहचान भगत राम (43) पुत्र बंगालु राम और संजय (26) पुत्र गुलाब सिंह, दोनों निवासी गांव दृष्टि, डाकघर भंथल, तहसील करसोग के रूप में हुई है। बताया जा रहा है कि भगत राम ड्राइवरी का काम करता था जबकि संजय मजदूरी करता था। पुलिस ने मौके पर पहुंच कर दोनों शवों को कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम के लिए भेजा। इसके बाद शव परिजनों को सौंप दिए गए हैं। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। मौत के असली कारणों का खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही हो पाएगा। डीएसपी करसोग गौरवजीत सिंह ने बताया कि पुलिस सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए मामले की गहनता से जांच कर रही है
धर्मपुर, 26 अप्रैल (डिंपल शर्मा): धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत लौंगनी के हुक्कल गांव निवासी केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) में तैनात 34 वर्षीय जवान बंटी कुमार, पुत्र पवन कुमार, का शुक्रवार सुबह दिल्ली में हृदय गति रुकने से आकस्मिक निधन हो गया। वह बीते सोमवार को ही घर से छुट्टी बिताकर ड्यूटी पर दिल्ली लौटे थे। बंटी कुमार 13 वर्ष पहले सीआईएसएफ में भर्ती हुए थे। उनका पार्थिव शरीर शुक्रवार रात को उनके पैतृक गांव हुक्कल पहुंचा, जहां शनिवार सुबह शिवद्वाला स्थित श्मशान घाट में पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल तथा हिमाचल प्रदेश पुलिस की टुकड़ियों ने उन्हें सलामी दी। इस दौरान उनके 7 वर्षीय बेटे अर्पण ने उन्हें मुखाग्नि दी। बंटी कुमार अपने पीछे पत्नी, 7 वर्षीय पुत्र, डेढ़ वर्षीय मासूम बेटी, माता तथा पिता को छोड़ गए हैं। उनके पिता पवन कुमार वर्तमान में असम राइफल्स में सेवारत हैं। जवान की अंतिम विदाई में गांववासियों सहित सैकड़ों लोग उपस्थित रहे, जिन्होंने नम आंखों से उन्हें अंतिम विदाई दी। इस दुखद अवसर पर भाजपा के युवा नेता एवं पूर्व विधानसभा प्रत्याशी रजत ठाकुर, भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य जोगिंदर धलारिया, लौंगनी पंचायत के पूर्व प्रधान देशराज पालसरा, उप प्रधान पृथ्वी सिंह और राजकुमार चौहान ने भी शोक संतप्त परिवार को ढांढस बंधाया। उनके असमय निधन से पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई है और माहौल गमगीन बना हुआ है।
डिंपल शर्मा/धर्मपुर (मंडी), 26 अप्रैल: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 28 हिंदुओं की निर्मम हत्या के विरोध में आज धर्मपुर बाजार में क्षेत्र के जागरूक नागरिकों और विभिन्न सामाजिक संगठनों ने एकजुट होकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने तहसीलदार धर्मपुर रमेश कुमार के माध्यम से भारत के राष्ट्रपति को एक ज्ञापन प्रेषित किया, जिसमें जम्मू-कश्मीर में हिंदू समुदाय पर हो रहे लगातार अत्याचारों और लक्षित हमलों पर गहरी चिंता व्यक्त की गई। ज्ञापन में कहा गया है कि कश्मीरी हिंदू समुदाय दशकों से कट्टरपंथी ताकतों का निशाना बना हुआ है। उन्हें न केवल धमकियां दी जा रही हैं, बल्कि उनकी जान और संपत्ति भी खतरे में है। 1990 के दशक में हुए नरसंहार और पलायन की त्रासदी आज भी हिंदू समाज के मन में ताजा है। नागरिकों ने हाल के वर्षों में हुई लक्षित हत्याओं और सांप्रदायिक हमलों का विशेष रूप से उल्लेख करते हुए केंद्र सरकार और जम्मू-कश्मीर प्रशासन से अल्पसंख्यक हिंदुओं की सुरक्षा और पुनर्वास के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की। प्रतिनिधियों ने जोर देकर कहा कि हिंदू समुदाय को अपने ही देश में डर के साए में जीने के लिए मजबूर किया जा रहा है, जो लोकतंत्र और मानवाधिकारों के मूल सिद्धांतों के विरुद्ध है। उन्होंने राष्ट्रपति से तत्काल इस मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया और यह सुनिश्चित करने की मांग की कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और पीड़ितों को न्याय मिले। इस अवसर पर क्षेत्र के कई सामाजिक कार्यकर्ता, बुद्धिजीवी और नागरिक समाज के प्रतिनिधि बड़ी संख्या में उपस्थित रहे और उन्होंने पीड़ित समुदाय के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त की।
मंडी: हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के गोहर में शनिवार का दिन खुशियों की जगह गहरे शोक में बदल गया। उपमंडल तरौर गांव से सराज क्षेत्र के भाटकीधार गई एक बारात लौटते समय पंडोह डैम के पास दर्दनाक हादसे का शिकार हो गई। इस दुर्घटना में दूल्हे शेर सिंह के बड़े भाई, भाभी, मासूम भतीजी और नेपाल मूल की एक महिला की जान चली गई। यह दुखद घटना शनिवार दोपहर बाद हुई। दूल्हे शेर सिंह की बारात दुल्हन को लेकर वापस आ रही थी। दूल्हे के बड़े भाई दूनी चंद (40), उनकी पत्नी कांता देवी (35), उनकी 11 महीने की बेटी किंजल और नेपाल निवासी मीना देवी (32) एक कार में सवार होकर पहले ही घर के लिए रवाना हो गए थे। बताया जा रहा है कि दूनी चंद बारात के स्वागत की तैयारियों में मदद करने के लिए जल्दी निकल गए थे। लेकिन पंडोह-बाखली सड़क पर उनकी कार अनियंत्रित होकर लगभग 200 मीटर गहरी खाई में जा गिरी। हादसे की खबर मिलते ही स्थानीय लोग तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे और बचाव कार्य शुरू किया। पुलिस और प्रशासन की टीमें भी मौके पर पहुंचीं। कार डैम के पास खुले क्षेत्र में गिरी थी, जिससे वह पानी में नहीं गई, लेकिन बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई थी। शवों को निकालने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी और उन्हें किश्ती की मदद से सड़क तक लाया गया। इसके बाद शवों को पोस्टमार्टम के लिए जोनल अस्पताल मंडी भेजा गया। इस हादसे में मरने वालों की पहचान दूनी चंद (40), उनकी पत्नी कांता देवी (35), उनकी बेटी किंजल (11 माह), नेपाल निवासी मीना देवी (32) और दाहलु राम (निवासी गांव नौण) के रूप में हुई है। थाना सदर के प्रभारी देश राम ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि पुलिस ने मामला दर्ज कर दुर्घटना के कारणों की जांच शुरू कर दी है। रविवार को तरौर के नगालनी नाला श्मशान घाट पर दूनी चंद, कांता देवी, किंजल और मीना देवी का एक साथ अंतिम संस्कार किया गया। इस भावुक पल में दूल्हे शेर सिंह ने स्वयं अपने परिजनों को मुखाग्नि दी, जिससे वहां मौजूद सभी लोगों की आंखें नम हो गईं। जिस घर में कुछ घंटे पहले शादी की खुशियां मनाई जा रही थीं, वहां मातम पसर गया और पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई है।
हिमाचल प्रदेश में नशे का जाल लगातार फैलता जा रहा है और इसके ताजा उदाहरण के तौर पर मंडी जिले से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। जहां एक युवक अपने सैलून की आड़ में चिट्टे का कारोबार करता पाया गया। मामला केवल अवैध नशे तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें परिवारिक भरोसे के टूटने की एक मार्मिक कहानी भी छुपी है। मंडी शहर के दरम्याना मोहल्ला निवासी जतिन को पुलिस ने 17 ग्राम चिट्टे के साथ गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार, जतिन अपने सैलून से नशे का सौदा करता था। उसका पिता गंभीर रूप से बीमार है और डायलिसिस पर है, बावजूद इसके उसने बेटे के लिए सैलून खुलवाया था। यह सोचकर कि बेटा कुछ अच्छा करेगा, लेकिन जतिन ने उस भरोसे को चिट्टे के धंधे से तोड़ दिया। इसी तरह बलोह गांव निवासी हेमंत उर्फ अन्नू को भी पुलिस ने उसके घर से 27 ग्राम चिट्टे के साथ गिरफ्तार किया है। दोनों मामलों में पुलिस को पहले से ही इन युवकों की गतिविधियों पर शक था और सूचना के आधार पर छापेमारी की गई। इसके अलावा औट थाना क्षेत्र में एक अन्य युवक को चरस के साथ गिरफ्तार किया गया है। तीनों मामलों की पुष्टि एसपी मंडी साक्षी वर्मा ने की है और बताया कि नशे के खिलाफ लगातार अभियान जारी है
धर्मपुर/ डिंपल शर्मा, 20 अप्रैल 2025: बीते 10 अप्रैल 2025 को सिद्धपुर स्थित जालपा माता मंदिर में हुई चोरी की घटना के संबंध में पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल की है। मंदिर के मुख्य द्वार और अन्य दरवाजों के ताले तोड़कर माता की मूर्ति से दो चांदी के मुकुट, एक चांदी का छत्र और मंदिर के अन्य कमरों से तोड़फोड़ कर कुछ सिक्के व लगभग ₹500-600 की नकदी चोरी कर ली गई थी। इस संबंध में थाना धर्मपुर में FIR संख्या 49/2025, भारतीय न्याय संहिता की धारा 331(4) व 305 के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया था। पुलिस उप अधीक्षक धर्मपुर श्री संजीव सूद के दिशा-निर्देशन में गठित विशेष जांच टीमों ने गहन जांच शुरू की। ASI विकास शर्मा, अन्वेषणाधिकारी थाना धर्मपुर जिला मण्ड़ी ने घटनास्थल की बारीकी से निरीक्षण किया और CCTV फुटेज, तकनीकी डंप डेटा तथा अन्य स्रोतों से महत्वपूर्ण जानकारी जुटाई।पुलिस की तत्परता और गहन जांच के परिणामस्वरूप, आज दिनांक 19 अप्रैल 2025 को आरोपी राज कुमार पुत्र किशन कुमार, उम्र 40 वर्ष, मूल निवासी लुधियाना (पंजाब) और हाल निवासी मतकेहड़, डा0 द्राहल, तहसील जोगिंद्रनगर, जिला मंडी (हि.प्र.) को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है और चोरी गए सामान की बरामदगी के लिए कार्यवाही जारी है।