पूर्व सीएम एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर का कहना है कि चंडीगढ़ में हिमाचल प्रदेश की हिस्सेदारी के मुद्दे को वे अपना समर्थन देते हैं लेकिन सरकार को नहीं। आज सुबह सर्किट हाउस मंडी में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में जयराम ठाकुर ने कहा कि चंडीगढ़ पर प्रदेश की 7.19 प्रतिशत की हिस्सेदारी बनती है और इस विषय को उन्होंने भी सीएम रहते कई बार उठाया था। इस विषय का समाधान उचित मंच पर वार्ता करके ही निकाला जा सकता है, ना कि आंदोलन करके दावेदारी हासिल की जा सकती है। जहां तक प्रदेश हित के मुद्दों की बात होगी, उसमें पहले भी हमने अपना समर्थन दिया है और आगे भी देते रहेंगे। प्रदेश की कानून व्यवस्था चरमराई जयराम ठाकुर ने कहा कि 7 महीनों में प्रदेश की कानून व्यवस्था बूरी तरह से चरमरा गई है। 7 महीनों में 45 हत्याएं और 150 के करीब बलात्कार की घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जिसमें चंबा जैसा निर्मम हत्याकांड भी शामिल है। आज खनन माफिया के हौंसले इतने बुलंद है कि दिन दिहाड़े गोलियां चलाई जा रही हैं। इस मामले पर कोई कार्रवाई अभी तक नहीं हुई है। सरकार क्यों ऐसे लोगों को संरक्षण दे रही है। पूर्व में नेता विपक्ष रहते हुए मुकेश अग्निहोत्री आए दिन खनन को लेकर बयान देते थे, आज प्रदेश के क्या हालात हैं और वे चुप क्यों हैं। 7 महीनों में 7 लोगों को सरकार रोजगार नहीं दे पाई सरकार जयराम ठाकुर ने कहा कि 7 महीनों में 7 लोगों को सरकार रोजगार नहीं दे पाई और 10 हजार लोगों को बेरोजगार कर दिया है। आउटसोर्स पर लगे लोगों को बाहर निकाला जा रहा है। यदि सरकार आउटसोर्स पर नौकरियां नहीं देना चाहती तो स्थायी नौकरियां भी नहीं दे पा रही है। पांच लाख लोगों को रोजगार देने का वादा करके कांग्रेस पार्टी सत्ता में आई थी और पहली कैबिनेट में हर साल 1 लाख लोगों को रोजगार देने का वादा किया था, आज क्या हालात हैं, यह सभी के सामने है।
मंडी जिला के अतिरिक्त सत्र न्यायालय एवं विशेष न्यायालय सुंदरनगर ने 2.369 किलोग्राम चरस बरामदगी मामले में तीन दोषीयों को 12-12 साल का कठोर कारावास और 50-50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। वहीं न्यायालय ने जुर्माना अदा ना करने की सूरत में दोषियों को 6 माह का अतिरिक्त कठोर कारावास की सजा सुनाई है। जानकारी के अनुसार अतिरिक्त सत्र न्यायालय एवं विशेष न्यायालय सुंदरनगर पंकज शर्मा के न्यायालय में विचाराधीन मामले में दोषी कुलदीप कौशिक पुत्र भगवान निवासी बसंत बिहार लाढीत रोड रोहतक हरियाणा, लतिल उर्फ शिव नाथ पुत्र देवानन्द गांव गॅसवाला तहसील सदर गोहाना जिला सोनीपत हरियाणा और प्रेम सिहं पुत्र हुकमी राम गांव फगवाणा तहसील सैंज जिला कुल्लु हिमाचल प्रदेश को एनडीपीएस एक्ट की धारा 20 और 29 के तहत 12-12 साल का कठोर कारावास और 50 हजार रुपये की सजा सुनाई है। पंजाब रोडवेज की बस से बरामद हुई थी चरस उप जिला न्यायवादी सुंदरनगर विनय वर्मा ने कहा कि वर्ष 2019 में पुलिस थाना सुंदरनगर की टीम नेशनल हाईवे-21 चंडीगढ़-मनाली पर स्थित पुंघ में मौजूद थी। इसी दौरान सुंदरनगर की तरफ से पंजाब रोडवेज की बस नंबर पीबी-65-एडी-1201 की चेकिंग के दौरान दोषी कुलदीप कौशिक के पि_ू बैग से 2.369 किलोग्राम चरस बरामद की गई। इस पर पुलिस थाना सुंदरनगर ने एनडीपीएस एक्ट की धारा 20 के तहत एफआईआर दर्ज किया गया। पुलिस द्वारा मामले में तफतीश के दौरान पाया गया कि दोषी कुलदीप कौशिक और ललित ऊर्फ शिव नाथ को प्रेम सिंह ने यह चरस भुंतर के रोपा से खरीदी थी। इस बात की पुष्टि पुलिस द्वारा दोषियों की कॉल डिटेल तथा लोकेशन खगांलने के बाद हुई थी। उन्होंने कहा कि अभियोजन पक्ष द्वारा न्यायालय में 25 गवाहों के ब्यान दर्ज करने के बाद दोनों पक्षों को सुनने के बाद स्पेशल जज सुंदरनगर के न्यायालय ने आरोपी कुलदीप कौशिक, ललित उर्फ शिव नाथ तथा प्रेम सिंह को 12 साल का कठोर कारावास तथा 50 हजार के जुर्माने की सजा सुनाई है।
वन रैंक वन पेंशन पार्ट-2 की विसंगतियों के कारण खफा देशभर के पूर्व सैनिक भूख हड़ताल पर है। मंडी जिला मुख्यालय पर स्थित सेरी चाणनी परिसर में भी सैकड़ों पूर्व सैनिक भूख हड़ताल में शामिल हुए। वहीं हर उपमंडल और पंचायत स्तर पर भी इन भूख हड़तालों का आयोजन किया गया। पूर्व सैनिक संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष कैप्टन हेत राम शर्मा ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में 1 लाख 26 हजार पूर्व सैनिक, 6 हजार वीर नारियां और 21 हजार विधवाओं को सैन्य पेंशन मिलती है। लोकसभा और राज्यसभा में संवैधानिक रूप से पारित वन रैंक वन पेंशन योजना को कोशियारी कमीशन की शर्तों के अनुसार असली प्रारूप में लागू नहीं किया गया। इसकी वजह से अन्य रैंक्स और विधवाओं को तो पहले से ही पेंशन कम मिल रही थी लेकिन अब इसके पार्ट-2 से पेंशन बढ़ने के बजाय कम हो गई है।
जिला मंडी के अंतर्गत करसोग में प्रेस क्लब की बैठक का आयोजन किया गया। यहां शुक्रवार को प्रेस क्लब अध्यक्ष मित्र देव मित्रा की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में सोशल मीडिया पत्रकारिता के फैलते जाल को लेकर चिंता जाहिर की गई। इस अवसर पर प्रेस क्लब के अध्यक्ष मित्र देव मित्रा ने कहा कि आज के दौर में सोशल मीडया के माध्यम से हो रही पत्रकारिता प्रिंट सहित अन्य मीडिया जगत के लिए एक चुनौती बन गई है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पत्रकारिता भ्रामक खबरें प्रकाशित कर रहा है,जिससे मीडिया की विश्वसनीयता भी खतरे में पड़ गई है। ऐसे में सोशल मीडिया पत्रकारिता से समाज को फायदा भी हुआ है, लेकिन बहुत बार तथ्यहीन जानकारी की वजह से समाज में भ्रामकता फैलाई जा रही है। जिससे पत्रकारिता की विश्वसनीयता खतरे में पड़ गई है। वहीं सोशल मीडिया पर पत्रकारिता की आड़ में विज्ञापन भी प्रकाशित किए जा रहे हैं, जिससे सरकार को टैक्स के रूप लाखों की चपत लग रही है।
* डॉ राजीव बिंदल की नई टीम से जल्द उठ सकता है पर्दा * जिला और ब्लॉक स्तर पर भी चरणबद्ध तरीके से बदलाव तय हिमाचल में लगातार चुनाव हार रही भाजपा अब प्रदेश संगठन में बड़े स्तर पर बदलाव की तैयारी में है। डॉ राजीव बिंदल के तौर पर नए प्रदेश अध्यक्ष की तैनाती पहले ही हो चुकी है और अब संगठन की सर्जरी की तयारी है। बताया जा रहा है पूरी कार्यकारिणी बदलने की तैयारी है और नए प्रदेशाध्यक्ष राजीव बिंदल ने संभावित कार्यकारिणी की लिस्ट तैयार कर मंजूरी के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को भेज भी दी है। नड्डा की सहमति मिलते ही कई बड़े चेहरों की छुट्टी हो सकती है और हाशिए पर चल रहे कई निष्ठावानों को तवज्जो मिलेगी। निष्क्रिय पदाधिकारियों को बाहर का रास्ता दिखया जायेगा। ऐसे कई पदाधिकारियों पर भी गाज गिर सकती है जिनके क्षेत्र में बीते विधानसभा चुनाव में खुलकर बगावत हुई हैं और पार्टी का ग्राफ गिरा है। हालांकि मौजूदा कार्यकारिणी के कुछ पदाधिकारियों को बड़ी जिम्मेदारी भी मिल सकती है। माना जा रहा है कि ये बदलाव सिर्फ राज कार्यकारिणी तक सिमित नहीं रहेगा। पार्टी संगठन में टॉप टू बॉटम बदलाव कर सकती है। राज्य कार्यकारिणी में आवश्यक बदलाव के बाद जिला और ब्लाक कि कार्यकारिणी में भी बदलाव होगा। अन्य मोर्चों में भी जरूरी बदलाव की तैयारी है। वहीँ विधानसभा चुनाव में बगावत का बिगुल फूंकने वाले नेताओं कि घरवापसी को लेकर अभी संभवतः पार्टी कोई निर्णय न ले लेकिन आवश्यकता पड़ने पर इस पर भी विचार हो सकता है। दुनिया के सबसे बड़े राजनैतिक दल, यानी भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नडडा का डंका आज पुरे सियासी जगत में बजता है। पर उनके अपने गृह राज्य हिमाचल प्रदेश में नड्डा की चमक लगातार फीकी पड़ी है। अपने ही राज्य में नड्डा अपनी पार्टी को हारते हुए देख रहे है, निश्चित तौर पर ये बात उन्हें खलती तो होगी। जाहिर है नड्डा सियासत के माहिर खिलाड़ी है और अब कोई चांस लेने के मूड में नहीं होंगे। लाजमी है 2024 के लिए नड्डा अब नरम नहीं बल्कि गरम रुख अपनाये। ऐसे में संगठन में व्यापक बदलाव देखने को मिल सकता है। क्या नए चेहरों पर दांव खेलगी भाजपा ? 2024 लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा एक्शन मोड में है। 2014 और 2019 में भाजपा ने प्रदेश में क्लीन स्वीप किया है और अब पार्टी इस प्रदर्शन को दोहराना चाहती है। मंडी लोकसभा उपचुनाव में हार के बाद पार्टी के तीन सांसद है और माहिर मान रहे है कि पार्टी सीटिंग सांसदों के टिकट काटने या बदलने से भी गुरेज नहीं करेगी। ग्राउंड फीडबैक के बाद ही अंतिम निर्णय लिया जायेगा। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के अलावा अन्य डॉ सांसदों को टिकट मिलेगा या नहीं, ये कहना मुश्किल है। अनुराग की सीट बदलने को लेकर भी अटकलें तेज है। वहीँ मंडी से पार्टी उम्मीदवार के तौर पर जयराम ठाकुर और अनिल शर्मा के नाम चर्चा में है।
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज मंडी जिला के अंतर्गत निर्माणाधीन कीरतपुर-मनाली फोरलेन सड़क मार्ग के पंडोह से टकोली खंड के कार्य की प्रगति की समीक्षा की। फोरलेन का यह कार्य भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा संचालित किया जा रहा है। उन्होंने जाउगी में स्थापित भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के नियंत्रण कक्ष का दौरा किया। इस दौरान संबंधित अधिकारियों ने राज्यपाल को विभिन्न सुविधाओं और अन्य नियंत्रण प्रणाली से अवगत करवाया। राज्यपाल ने निर्माण कार्य की प्रगति पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि अटल टनल का निर्माण राज्य के विकास में एक अनूठी पहल है और अब इस फोरलेन परियोजना से भी राज्य के पर्यटन विकास सहित अन्य क्षेत्रों को लाभ पहुंचेगा। उन्होंने कहा इस परियोजना के पूरा होने के बाद सड़क मार्ग की दूरी कम होने के साथ-साथ राज्य में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि इससे राज्य की आय बढ़ाने में भी सहायता मिलेगी। उन्होंने इस विकास परियोजना को स्वीकृत करने तथा राज्य के लिए क्रियान्वित करने के लिए केंद्र सरकार का आभार भी व्यक्त किया। राज्यपाल ने कहा कि कीरतपुर से मनाली तक की यह फोरलेन परियोजना प्रधानमंत्री का 'ड्रीम प्रोजेक्टÓ शीघ्र पूरा होने वाला है और इससे हिमाचल में विकास को और गति मिलेगी।
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज मंडी में जिला रेडक्रॉस सोसाइटी द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में छह बच्चों को जिला रेडक्रॉस के माध्यम से वित्तीय सहायता प्रदान की। ये बच्चे कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान अनाथ हो गए थे। उन्होंने रेडक्रॉस सोसाइटी के माध्यम से स्वच्छता कर्मियों को स्वास्थ्य किट और दिव्यांग व्यक्तियों को व्हील चेयर भी प्रदान की। इस अवसर पर राज्यपाल ने एक एंबुलेंस को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। लाभार्थियों और रेडक्रॉस स्वयं सेवकों के साथ बातचीत करते हुए राज्यपाल ने कहा कि समाज सेवा के क्षेत्र में यह अग्रणी संस्था है। विभिन्न परिस्थितियों और आपातकालीन समय में लोगों को महत्वपूर्ण सेवाएं प्रदान करने में इस रेडक्रॉस का सराहनीय योगदान है। उन्होंने रेडक्रॉस के माध्यम से रक्तदान शिविरों के आयोजन, स्वास्थ्य शिविरों तथा आपदा प्रबंधन सहित विभिन्न गतिविधियों के क्रियान्वयन पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में भी रेडक्रॉस स्वयं सेवकों ने बहुमूल्य योगदान दिया है। उन्होंने अधिक से अधिक लोगों का जिला रेडक्रॉस सोसायटी से जुड़ने का आह्वान किया ताकि इसकी गतिविधियों को और अधिक विस्तारित किया जा सके। उन्होंने कहा कि एनसीसी और एनएसएस के विद्यार्थियों को भी इससे जोड़ा जाना चाहिए। उन्होंने कोविड-19 के कारण अनाथ हुए सरकाघाट के कुशल कुमार और विशाल तथा जोगिंदरनगर के अंश दीप को 51-51 हजार रुपये और करसोग की कुमारी ममता देवी और जोगिंदरनगर की परी रानी और सोफिया को 75-75 हजार रुपये के चेक प्रदान किए। जिला रेडक्रॉस सोसाइटी के सचिव ओपी भाटिया ने राज्यपाल का स्वागत किया और जिले में कार्यान्वित की जा रही सोसाइटी की विभिन्न गतिविधियों से अवगत करवाया। लेडी गवर्नर जानकी शुक्ल, विधायक अनिल शर्मा और पूर्ण चंद, उपायुक्त अरिंदम चौधरी, प्रशासनिक अधिकारी और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे। इससे पहले राज्यपाल ने परिधि गृह मंडी के परिसर में देवदार तथा लेडी गवर्नर ने आंवले का पौधा रोपित किया।
मंडी जिले के पनारसा में एक तेज रफ्तार कार ने पंजाब के पर्यटकों को टक्कर मार दी, जिसमें से दो की मौत हो गई है। पोस्टमार्टम के बाद पुलिस ने दोनों के शवों को उनके परिजनों को सौंप दिया है। मृतकों की पहचान रविंद्र कुमार पुत्र कर्मचंद निवासी कंगनपुर रोड भारतनगर सिरसा के और सतविंद्र पुत्र अवतार सिंह निवासी गांव गिल जिला लुधियाना के रूप में हुई है। बलविंदर कुमार पुत्र जसपाल निवासी गुरु गोविंद सिंह नगर जिला लुधियाना पंजाब ने पुलिस को जानकारी दी कि वह अपनी गाड़ी में 21 जून को लुधियाना से कुल्लू मनाली घूमने के लिए आए थे। इस दौरान उनके साथ उनके रिश्तेदार व दोस्त भी थे। उसने कहा कि 25 जून को हम सभी वापस लुधियाना जा रहे थे कि उस शाम के समय पनारसा में पंजाबी ढाबा के पास चाय पीने के लिए रुक गए। हरविंदर सिंह, सतविंदर सिंह और रविंद्र सिंह होटल की पार्किंग में खड़े थे। इस दौरान एक तेज रफ्तार कार आई और इन सभी को अपनी चपेट में ले लिया। इस हादसे में सतविंदर सिंह व रविंद्र कुमार की मौत हो गई है। उन्होंने बताया कि यह हादसा कार चालक की लापरवाही से हुआ है। एएसपी सागर चंद्र ने मामले की पुष्टि की है।
हिमाचल प्रदेश में मानसून की पहली बारिश आफत बना कर बरसी है। भारी बारिश के चलते प्रदेश के कई इलाकों में बाढ़ आने से काफी नुक्सान हुआ है। कुल्लू-मंडी-रामपुर में बाढ़ से कई जगह जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। हमीरपुर में सुजानपुर के खैरी में रविवार को बादल फटने से पांच घरों में मलबा घुस गया। कांगड़ा के नगरोटा बगवां के उपरली मझेटली में बिजली गिरने से मां और डेढ़ साल का बच्चा झुलस गया। मंडी के सराज की तुंगधार और कुल्लू की मौहल खड्ड में बाढ़ से एक दर्जन वाहन बह गए और कई घर क्षतिग्रस्त हुए हैं। मंडी के शिकारी देवी में शनिवार रात 200 लोग फंस गए, जिन्हें छह घंटे बाद निकाला गया। प्रदेशभर में 85 सड़कें बंद हो गईं हैं। 55 बिजली के ट्रांसफार्मरों को नुकसान पहुंचा है। उधर, कालका-शिमला रेलवे ट्रैक पर जगह-जगह पहाड़ियों से पत्थर, मलबा और पेड़ गिरने से दूसरे दिन भी सभी ट्रेनें रद्द हो गईं। नाहन-कुमारहट्टी और पांवटा-शिलाई नेशनल हाईवे भी कुछ समय के लिए बंद रहा। शिलाई के गंगटोली में खड़ी गाड़ी पर पत्थर गिरे। सतौन और पुरुवाला में खड्ड का पानी दुकानों में घुस गया। जलस्तर बढ़ने से गिरि नदी पर बने जटोन डैम का एक गेट खोलना पड़ा। प्रदेश में मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने सोमवार को ऑरेंज और मंगलवार के लिए येलो अलर्ट जारी किया है।
**पहाड़ी क्षेत्रों में पाया जाने वाला लिंगड़ स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक ख़ूबसूरती के साथ प्राकृतिक रूप से उगने वाली जड़ी-बूटियाँ और सब्ज़ियां भी भरपूर मात्रा में पाई जाती हैं। उन्हीं में से एक है लिंगड़ ( लिंगडु ,लिंगडी)की यह सब्ज़ी,यह उत्तर और पूर्वोत्तर भारत के हिमालयी राज्यों में पाई जाती है। लिंगड़ का सब्ज़ी के अलावा आचार भी बनाया जाता है। अलग-अलग राज्यों में इसे अलग-अलग नाम से जाना जाता है। हिमाचल प्रदेश के जिला कुल्लू और मंडी में इसे लिगुंड , कांगड़ा घाटी में इसे कांगड़ी बोली में लुंगडू कहा जाता है, चंबा में इसे कसरोद के नाम से जाना जाता है। दार्जिलिंग और सिक्किम में नियूरो कहा जाता है। त्रिपुरा में मुइखोनचोक और उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में इसे लिंब्रा कहते हैं। इसका वानस्पतिक नाम फिडेलहेड फर्न है। लिंगड़ न केवल स्वाद में अच्छा है बल्कि यह स्वस्थ के लिए भी लाभप्रद होता है। लिंगड को सब प्रकार के विटामिन्स,मिनरल्स और माइक्रोन्यूट्रियंट्स का अच्छा स्त्रोत माना जाता है। आजकल के दिनों में यह प्राय जंगलों में देखने को मिलता है और लोग इसे आचार के उपयोग के लिए प्रयोग कर रहे हैं और बाजारों में भी आजकल लिंगुड उपलब्ध है। सब्जी बनाने की विधि सही लिंगुड़े का चुनाव कर इस पर लगे रोंये को बारीकी से साफ कर पानी में अच्छी तरह से धो लें। धोने के पश्चात लिंगोड़ों को काटने के बजाय हाथ से तोड़ तोड़कर टुकड़े करें। तोड़ते समय जो रेसे निकले उन्हें सभी निकाल दें। यानि इन्हें सब्जी में न डालें। सब्जी बनाने के लिए मुलायम डंठलों और घुमावदार हिस्से को ही उपयोग में लाएं साथ ही कुछ मात्रा में मुलायम पत्तियां भी अवश्य मिलाएं। सब्जी बनाने के लिए एक लोहे का कढ़ाई ले और सरसों का तेल आवश्यक मात्रा में डालें। तेल गर्म होने पर सरसों के बीजों का डाल दें। उसके बाद तोड़े हुए लिगुडे डाल कर तब तक घुमाते रहें जब तक कि तेल सभी तोड़े हुए लिगुड़ों में अच्छी तरह से मिल जाये। एक-दो मिनट तक धीमी आंच पर कढ़ाई पर चलाते हुए पकाएँ। कुछ समय के लिए ठक्कन रख कर पकने के लिए छोड़ दें। फिर सिलबट्टे में पिसे हुए मसालों को गाढ़ा कर सब्जी में अच्छी तरह मिला लें और कुछ देर डककर पकने को छोड़ दें। समय-समय पर चलाते रहें। यदि मसाले जल रहे हो हो हल्के पानी के छोटे मार लें क्योंकि लिंगुड़े की सब्जी में पानी डालने की आवश्यकता नहीं होती है। सब्जी पकने पर सुगंध आने लगती है। सुगंध आने लगे तो आग बुझा दें और सब्जी को ढककर ही रखें। 5 मिनट के बाद आप स्वादिष्ट लिगुडे की सब्जी का आनंद ले सकते हैं।
हिमाचल प्रदेश के जाने-माने प्रतिष्ठित सुरों के सरताज हनी नेगी और डोनी चौहान सोमवार को जब पांगणा विद्यालय पहुंचे तो बच्चे, अध्यापक और सभी स्टाफ सदस्य स्टार कलाकारों को अपने बीच पाकर आश्चर्यचकित रह गए। हिमाचली लोक संस्कृति को अपनी नाटियों और गीतों से देश - विदेश में प्रसिद्धि और अलग पहचान देने वाले हनी और डोनी दोनों ने स्कूली बच्चों को हिमाचली संगीत, नाटियों और संगीत के क्षेत्र से जुड़ी बारीकियों की जानकारी दी। उन्होंने बच्चों को संगीत के क्षेत्र में आगे आने के लिए प्रोत्साहित करते हुए बताया कि सफलता किसी की मोहताज नहीं होती। अगर प्रतिभा को सही मंच और स्थान मिले तो छोटी जगह और गांव से भी बड़े कलाकार उभर सकते हैं। विद्यालय के प्रधानाचार्य संजय कुमार और राजनीतिक शास्त्र प्रवक्ता ललित ठाकुर सहीत सभी स्टाफ सदस्यों ने उनका विद्यालय में अभिनंदन किया। उन्होंने बताया कि स्टार कलाकारों जिनको बच्चे यू-ट्यूब और सोशल मीडिया साइट पर देखते हैं, उनका विद्यालय में आना प्रोत्साहित और सकारात्मकता प्रदान करता है। जिस से प्रभावित होकर बच्चे भी संगीत के क्षेत्र में नया सीख कर आगे बढ़ सकते हैं।
पूर्व सीएम एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर न कहा कि चंबा में युवक की हत्या मामले पर कांग्रेस सरकार खुद राजनीति कर रही है जबकि जिम्मेदार विपक्ष के नाते वे नैतिक जिम्मेदारी का पालन कर रहे हैं। पंडोह में आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए जयराम ठाकुर ने कहा कि युवक की हत्या के बाद अभी तक सरकार का कोई भी नुमाईंदा दिवंग्त के परिवार से मिलने उसके घर नहीं पहुंचा। जब विपक्ष वहां जाने लगा तो रास्ते में रोक दिया गया। इससे यही प्रतीत हो रहा है कि उल्टा कांग्रेस की इस मामले पर राजनीति कर रही है। कांग्रेस इस प्रकरण के माध्यम से एक वर्ग विशेष को प्रभावित करने की कोशिश कर रही है। हिमाचल में पहली बार हेडलेस हुआ पुलिस विभाग जयराम ने कहा कि प्रदेश के इतिहास में पहली बार पुलिस विभाग हेडलेस हो गया है। पुलिस को मुखिया लंबी छुट्टी चला गया है और सरकार के पास इस दायित्व को किसी दूसरे अधिकारी को सौंपने का समय ही नहीं है। वहीं, दूसरी तरफ बहुत से अधिकारी इस पद पर बैठने की ताक में नजर आ रहे हैं। इससे पहले प्रदेश में ऐसी स्थिति कभी उत्पन्न नहीं हुई। जयराम ठाकुर ने शिमला में सिरमौर और शिमला के टैक्सी चालकों के विवाद पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश पूरे प्रदेश के लोगों का है। यहां के लोगों को पूरे प्रदेश और देश में काम करने का अधिकार है। लेकिन कुछ मंत्री गलत बयानबाजी करके माहौल को गर्माने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे लोगों में विरोधाभास उत्पन्न हो रहा है। उन्होंने सीएम को नसीहत दी कि वे अपने मंत्रियों को ऐसी बयानबाजी से रोकें।
पंजाब के सीएम भगवंत मान द्वारा बीबीएमबी के पानी पर हिमाचल को एनओसी न लेने की शर्त में केंद्र सरकार द्वारा दी गई छूट के मामले पर प्रधानमंत्री को लिखे पत्र पर उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने प्रतिक्रिया दी है। मंडी में मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि हिमाचल के पानी पर हिमाचल का हक है। इसपर हम बात करने के लिए भी तैयार हैं और अगर लड़ाई लड़नी पड़ी तो उसके लिए भी तैयार हैं। पंजाब पुर्नगठन के तहत हिमाचल प्रदेश की 7.19 प्रतिशत की हिस्सेदारी बनती है जिसके हजारों करोड़ रूपए अभी तक लेने को बकाया हैं। इन सभी विषयों पर राज्य सरकार बात करने को भी तैयार है और लड़ाई लड़ने के लिए भी। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि वाटर सेस लगाना भी राज्य सरकार का विशेषाधिकार है। इस विषय पर राज्य सरकार बिलकुल भी पीछे हटने वाली नहीं है। केंद्र सरकार की तरफ से जिस तरह से अडंगा अडाया जा रहा है वो उचित नहीं है। केंद्र सरकार ने कह दिया है कि कोर्ट में जाकर लड़ाई लड़ो तो उसके लिए भी राज्य सरकार तैयार है। इसमें यदि सरकार चाहे तो वार्तालाप किया जा सकता है लेकिन हकों को लेने में प्रदेश पीछे नहीं हटेगा। इससे पहले उन्होंने मंडी में एडीबी और जल शक्ति विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक करके एशियन डेलेल्पमेंट के आगामी प्रोजेक्ट को लेकर चर्चा की। उन्होंने बताया कि एडीबी के माध्यम से 1062 करोड़ की ग्रामीण पेयजल सुधार एवं आजीविका परियोजना प्रदेश के लिए स्वीकृत हुई है। इससे 10 जिलों की 3.96 लाख जनसंख्या लाभांवित होगी। इस प्रोजेक्ट को 2024 की पहली तिमाही में शुरू कर दिया जाएगा और 2028 तक इसे पूरा कर लिया जाएगा।
उपमंडल करसोग की ग्राम पंचायत बेलरधार के सालानानाला में घास काटने गई 35 वर्षीय महिला की ढांक से गिरने के कारण मौत ही गई। महिला लगभग 800 मीटर गहरी खाई में जा गिरी। महिला के गिरने की सूचना साथ में घास काटने गई एक लड़की ने दी। आसपास के स्थानीय ग्रामीणों ने मौके पर पहुंचकर महिला को गंभीर हालत में उपचार के लिए करसोग अस्पताल में पहुंचाया, लेकिन महिला ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया था। माहिला की पहचान सत्या देवी पत्नी भास्कर राम उम्र लगभग 35 वर्ष गांव धार परिणी बेलरधार के रूप में हुई है। वहीं, डीएसपी करसोग गीतांजली ठाकुर ने मामले की पुष्टि करते हुए कहा कि महिला का शव पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया गया है। मामला दर्ज कर घटना के कारणों की जांच की जा रही है।
करसोग के युवा विधायक दीप राज इन दिनों करसोग विधानसभा क्षेत्र की हर पंचायत में जाकर जनता का आभार व्यक्त कर रहे हैं इसी कड़ी में बेलरधार में आभार कार्यक्रम के दौरान स्थानीय जनता की मांगों प्रमुखता से पूरा करते हुए लाखों रुपये की सौगातें दीं। विधायक अपनी मासिक तनख्वाह को भी जनता के कार्य में लगा रहे हैं। दीप राज ने इससे पूर्व नाविधार में मंदिर जीर्णोद्धार के लिए अपनी एक माह की पूरी सैलरी दे दी, वहीं कुठेड़ ग्राम पंचायत में भी अपनी एक माह की सैलरी मंदिर के लिए दान कर दी, जिससे विधायक लोगों में बहुत लोकप्रिय हो रहे हैं। ग्राम पंचायत बेलरधार में जनता, युवक मंडल व महिला मंडलों ने विधायक का भव्य स्वागत किया। इस दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया। विधायक ने देव धड्यास सलाना मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए 4 लाख, उच्च पाठशाला बेलर के खेलमेदान के लिए एक लाख, 6 महिला मंडलों को बीस -बीस हजार सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लेने वाले बच्चों को 21 हजार व साथ में 14 वर्दियां भी प्रदान की, जबकि युवा शक्ति युवक मंडल बेलर के लिए 21 हजार रुपये की धनराशि प्रदान की साथ जिला परिषद द्वारा प्राथमिक पाठशाला बेलर के लिए वाटर कूलर लगाने की घोषणा की।
देश में कई मौके ऐसे आएं है जब सरकारों ने अपने पक्ष में माहौल देखकर समय से पहले चुनाव करवा दिए। क्या आगामी लोकसभा चुनाव भी अपने तय वक्त से पहले हो सकते हैं, ये सवाल इन दिनों सियासी गलियारों में खूब गूंज रहा है। दरअसल, इसी साल के अंत में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने है। क्या मोदी सरकार इन्हीं के साथ लोकसभा चुनाव करवाने पर विचार कर रही है? क्या सरकार का नौ साल की उपलब्धियों के प्रचार में ताकत झोंकना इसका संकेत है? ये अहम सवाल है। 'सेवा सुशासन और गरीब कल्याण' के नारे के साथ भाजपा आक्रामक तरीके से मैदान में उतर चुकी है, मानो चुनाव की घोषणा हो चुकी हो। संभवतः सरकार और पार्टी के शीर्ष स्तर पर लोकसभा चुनावों को लेकर गंभीर मंथन हो रहा है। बीते 6 महीनो में हिमाचल प्रदेश और कर्णाटक में सत्ता से बेदखल हुई भाजपा निश्चित तौर पर आत्ममंथन जरूर कर रही होगी। हालांकि पूर्वोत्तर के नतीजों ने भाजपा को कुछ उत्साहित जरूर किया है। पर पार्टी को इस बात का भी इल्म है कि बीते कुछ समय में कांग्रेस पहले से ज्यादा नियोजित दिख रही है और एंटी इंकम्बैंसी को पूरी तरह खारिज करना भी गलत होगा। ये कहना गलत नहीं होगा कि भाजपा कुछ असहज है। ऐसे में भाजपा के रणनीतिकारों को सोचने की जरुरत है। बताया जा रहा है कि लोकसभा चुनाव इसी साल नवंबर-दिसंबर में होने वाले पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के साथ कराने का विचार हो रहा है। इसके पीछे एक तर्क ये हो सकता हैं कि विपक्ष अपनी तैयारी अगले साल मार्च-अप्रैल के हिसाब से कर रहा है और उसे समय नहीं मिलेगा। एक तर्क ये भी हैं कि अगर विधानसभा चुनावों में भाजपा को अनुकूल नतीजे नहीं मिले तो कार्यकर्ताओं का मनोबल कमजोर नहीं होगा, बल्कि अगर दोनों चुनाव साथ हो जाते हैं, तो पीएम मोदी की लोकप्रियता का लाभ राज्यों के चुनावों में भी होगा। मुद्दे भांप रही हैं भाजपा ! कांग्रेस और भाजपा, दोनों तरफ सियासी पैंतरेबाजी तेज हो चुकी है। अगला लोकसभा चुनाव अमीर बनाम गरीब, हिंदुत्व बनाम सामाजिक न्याय और बेतहाशा बढ़ी अमीरी के मुकाबले गरीबी रेखा के नीचे की आबादी में बढ़ोत्तरी जैसे मुद्दों के बीच देखने को मिल सकता हैं। जातीय जनगणना भी बड़ा मुद्दा बन सकती हैं। शायद भाजपा इसे समझ रही हैं और ऐसे में जल्द चुनाव से इंकार नहीं किया जा सकता। मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ का फीडबैक भी कारण ! मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ से मिलने वाले फीड बैक भाजपा के लिए अच्छा नहीं बताया जा रहा है। राजस्थान में जरूर पार्टी अशोक गहलोत बनाम सचिन पायलट के झगड़े में लाभ तलश रही हैं लेकिन वसुंधरा राजे अगर नहीं साधी गई, तो मुश्किलें शायद भाजपा के लिए अधिक हो। उधर गहलोत सरकार की लोकलुभावन योजनाओं को भी खारिज नहीं किया जा सकता। इसी तरह बिहार, प. बंगाल और महाराष्ट्र में पिछले लोकसभा चुनावों के प्रदर्शन को न दोहरा पाने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता।
मंडी जिले के धर्मपुर के मंडप में बादल फटने से भारी नुकसान हुआ है। बादल फटने से जेसीबी मशीन गयूण खड्ड में बह गई। वहीं पुल के पिल्लर को लगी करीब 200 लोहे की प्लेटें मलबे में दब गईं। गयूण-द्रमण सड़क पर पुल का कार्य चला हुआ था। घटना में कोई जानी नुकसान नहीं हुआ है। प्रशासन की टीम ने मौके पर पहुंचकर नुकसान का जायजा लिया है। वहीं चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे बनाला के पास भूस्खलन होने से बंद हो गया है।
मंडी की सांसद और कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने डेढ़ साल के कार्यकाल में सांसद निधि से पांच करोड़ 31 लाख 65 हजार की राशि स्वीकृत की है। खास बात यह है कि नेताप्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के विधानसभा क्षेत्र में भी 35 लाख 30 हजार रुपए के विकास कार्य सांसद निधि से पूरे किए गए हैं, जबकि सबसे अधिक धनराशि रामपुर विधानसभा क्षेत्र में खर्च हुई है। रामपुर में प्रतिभा सिंह ने 56 लाख 50 हजार रुपए अलग-अलग विकासात्मक गतिविधियों को पूरा करने के लिए सांसद निधि से दिए हैं। मंडी के सभी 17 विधानसभा क्षेत्रों की बात करें तो मनाली को 43.20 लाख, आनी को 35 लाख, लाहुल-स्पीति को 35.70 लाख, भरमौर को 39.50 लाख, जोगिंदरनगर को 27 लाख, कुल्लू को 42 लाख, किन्नौर को 16.95 लाख, मंडी सदर को 32.50 लाख, सरकाघाट को 15 लाख, द्रंग को 35 लाख, सराज को 35.30 लाख, बल्ह को 35 लाख, सुंदरनगर को 12 लाख, नाचन को 31.50 लाख, करसोग 38.85 लाख, बंजार को 12.15 लाख और रामपुर को 56.50 लाख रुपए की विकास योजनाओं को मंजूरी दी है। प्रतिभा सिंह ने हाल ही में लाहुल-स्पीति में 10 बड़ी योजनाओं को 22 लाख 50 हजार रुपए जारी किए हैं। यह धनराशि सांसद निधि से जारी की गई है। प्रतिभा सिंह के राजनीतिक सचिव अमित पाल सिंह ने बताया कि सांसद प्रतिभा सिंह ने इस संदर्भ में मंडी संसदीय क्षेत्र के उपायुक्त, जो इस संसदीय क्षेत्र के नोडल अधिकारी भी हैं, को इस राशि का स्वीकृति पत्र भेज दिया है। इन विकास योजनाओं के तहत केलांग खंड के तोजिंग ग्राम पंचायत में सिंचाई योजना, खंगसर टिनान में साइफन सिंचाई योजना, कारिंग गांव की सिंचाई योजना को तीन-तीन लाख स्वीकृत किए हैं।
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के जोगिंद्रनगर स्थित शानन प्रोजेक्ट में विद्युत उत्पादन को लेकर इसके कायाकल्प के लिए 200 करोड़ का बजट पंजाब राज्य विद्युत बोर्ड ने जारी किया है। 2024 की लीज अवधि समाप्त होने से पहले परियोजना की 2026 की प्रस्तावित योजनाओं के लिए इस बजट को स्वीकृति मिली है। परियोजना प्रबंधन से मिली जानकारी के अनुसार पावर हाउस के संपूर्ण जीर्णोद्धार के साथ आधुनिक मशीनरी भी स्थापित होगी। इससे विद्युत उत्पादन बढ़ेगा और पंजाब राज्य की आमदनी भी बढ़ेगी। बुधवार को 110 मेगावाट शानन प्रोजेक्ट के रेजीडेंट इंजीनियर सतीश कुमार ने बताया कि पावर हाउस के स्विचयार्ड और ट्रांसफार्मर के नवीनीकरण के लिए भी करोड़ों का बजट खर्च किया गया है। 2024 से 2026 की प्रस्तावित योेजनाओं के लिए दो सौ करोड़ के बजट खर्च करने की स्वीकृति परियोजना के उच्चाधिकारियों से मिली है।
देश का सम्मान बढ़ाने वाली महिला रेस्लर के साथ हुए यौन उत्पीड़न तथा प्रताड़ना के खिलाफ हिमाचल किसान सभा की जोगिंदर नगर कमेटी द्वारा कई स्थानों पर प्रदर्शन कर आरोपी सांसद बृजभषण के पुतले जलाये गए। अलग-अलग स्थानों पर हुए प्रदर्शनों का नेतृत्व हिमाचल किसान सभा की ब्लॉक कमेटी के अध्यक्ष एवं टिकरी मुशैहरा पंचायत के प्रधान रविंदर कुमार, चौंतड़ा जोन कमेटी की अध्यक्ष एवं बीडीसी सदस्य नीलम वर्मा, मकरीड़ी जोन कमेटी सदस्यों एवं वार्ड सदस्य संतोष कुमारी व जिला अध्यक्ष कुशाल भारद्वाज ने किया। जोगिंदर नगर के 16 स्थानों पर ये प्रदर्शन किए गए। किसान नेताओं ने कहा कि देश के लिए कई मेडल जीतने वाली महिला पहलवानों ने शिकायत करते हुए साफ कहा कि भारतीय रेस्लिंग फेडरेशन के अध्यक्ष बृजभूषण ने उनका यौन उत्पीड़न किया है, लेकिन बड़े शर्म की बात है कि देश की सम्मान व गौरव बढ़ाने वाली इन बेटियों की एफआईआर भी दर्ज नहीं की गई। बाद नें सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ही दिल्ली सरकार ने एफआईआर दर्ज की। किसान सभा ने मांग की है कि आरोपी भाजपा सांसद बृजभूषण को तुरंत गिरफ्तार किया जाए तथा महिला रेस्लरों को न्याय दिलाया जाए।
जोगिंदर नगर के विधायक प्रकाश राणा ने रविवार सैंथल में निर्जला एकादशी पर आयोजित मेले का समापन किया। विधायक प्रकाश राणा का सैंथल में पहुंचने पर मेला कमेटी और जनता द्वारा भव्य स्वागत किया गया। इस दौरान उपस्थित जनसमूह को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मेले हमारी सांस्कृतिक धरोहर हैं और हमें इन्हें सहेज कर रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि मेले जब आते हैं तो हम एक दूसरे से खुशी से मिलते हैं और इनका साथ मिलकर आनंद लेते हैं। उन्होंने कहा कि वे समस्त मेला समिति का आभार व्यक्त करते हैं कि उन्हें इस मेले में बतौर मुख्य अतिथि समापन कार्यक्रम में बुलाया। विधायक ने मेला कमेटी को 31000 रुपये एवं मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करने व खेल प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले सभी 40 महिला मंडलों और राजकीय प्राथमिक एवं राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला सैंथल को विधायक प्रकाश राणा ने पांच 5000 रुपये देने की घोषणा की। उन्होंने महिला मंडल द्वारा पेश किए गए संस्कृत कार्यक्रमों की प्रशंसा की। उन्होंने मेले में गायत्री परिवार द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का निरीक्षण भी किया। साथ ही मेले के दौरान विभिन्न प्रतियोगिताओं में विजेता टीमों को मोमेंटो देकर सम्मानित भी किया। इस अवसर पर उनके साथ भाजपा मंडल जोगिंदर नगर महामंत्री अजय सकलानी सहित अनेकों भाजपा कार्यकर्ता एवं गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
प्रदेश में आठवीं कक्षा के लिए हुई नेशनल मीन्स कम मेरिट स्कॉलरशिप (एनएमएमएस) परीक्षा का परिणाम एससीईआरटी ने घोषित कर दिया है। इसमें राजकीय आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला पांगना के चार बच्चे भी चयनित हुए हैं, जिनमें 9वीं कक्षा की उर्वशी, मोहन सिंह, मोहन लाल और हर्षा शामिल हैं। परीक्षा में विषयों की पढाई के अलावा सामान्य दक्षता, मानसिक दक्षता पैटर्न धारणा, संख्यात्मक श्रृंखला आदि प्रश्न आते हैं। इसके लिए बच्चों ने कड़ी मेहनत कर परीक्षा को पास किया है। बच्चों को माध्यमिक शिक्षा में प्रोत्साहन के लिए उन्हें आर्थिक सहायता के रूप में 10+2 तक की पढ़ाई के लिए सालाना 12000 रुपए की स्कॉलरशिप दी जाती है। विद्यालय के प्रधानाचार्य संजय कुमार , स्कॉलरशिप इंस्टिट्यूटनल नोडल ऑफिसर प्रवक्ता इंग्लिश उत्तम चंद शर्मा, स्कॉलरशिप इंचार्ज टीजीट आर्ट्स विद्याधर, स्कूल प्रबंधन समिति अध्यक्ष नारायण सिंह सहित सभी स्टाफ सदस्यों ने विद्यार्थियों को शाबाशी, शुभकामनाएं देते हुए भविष्य में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया है।
एक समय ऐसा भी था, जब सड़कों पर इन वाहनों की भीड़भाड़ नहीं, बल्कि दो पहिया साइकिल ही लोगों की शान की सवारी हुआ करती थी। लेकिन समय की इस दौड़ और चकाचौंध में कब यह साइकिल का हैंडल ओर पैडल लग्ज़री और एसी कंफर्ट गाड़ियों के बीच कहीं पीछे छूट गए पता ही नहीं चला। अब अगर साइकिल कहीं सड़कों पर देखने के लिए मिलती है तो वो उन्हीं लोगों के पास जो अपनी फिटनेस के लिए साइक्लिंग करना पसंद कर करते हैं, लेकिन अगर हमें इस भागदौड़ भरी जिंदगी में खुद को फिट रखना हैं और दूषित होते पर्यावरण को भी बचाना हैं तो आवश्यकता है कि एक बार फिर से हम साइकिल को अपनी रोज की सवारी में जरूर शामिल करें, जिस तरह से हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी के जसप्रीत पॉल ने किया है। जसप्रीत पॉल का सितंबर 2020 से शुरू हुआ साइक्लिंग का यह सफर 2 मई 2023 तक 15,585 किलोमीटर तक पहुंच चुका है और इसमें उन्होंने साइक्लिंग के माध्यम से 3,40,540 मीटर एलिवेशन गेन किया हैं, जो कि इतने कम समय में प्रदेश में अबतक का सबसे अधिक एलिवेशन हैं। जसप्रीत ने भले ही कोरोना काल में लगे लॉक डाउन में अपनी फिटनेस के लिए साइक्लिंग करना शुरू किया लेकिन अब उनकी साइकिल उनकी लाइफ का एक अहम हिस्सा बन गई हैं और उनका उद्देश्य भी की वह प्रदेश के युवाओं को साइक्लिंग से होने वाले फायदों के बारे में जागरूक कर सके साथ ही प्रदेश सरकार के ग्रीन स्टेट मिशन में भी साइक्लिंग की कितनी अहम भूमिका को सकती है इसे लेकर जागरूकता ला सकें। साइक्लिंग में आए दिन नए रिकॉर्ड बनाने वाले मंडी के साइकिलिस्ट जसप्रीत पॉल ने एक नई पहल की शुरुवात की हैं। जसप्रीत अपनी साइकिल पर ही हिमाचल सहित मंडी के दूर-दराज के गांव-गांव जा कर वहां बच्चों ओर युवाओं को फिटनेस, खेलों ओर पर्यावरण संरक्षण को लेकर जागरूक कर रहे हैं। जसप्रीत हर रविवार को अपनी साइकिल पर प्रदेश के अलग- अलग जगहों को एक्स्प्लोर करने के लिए राइड पर निकलते हैं। इस दौरान जहां वह साइकिल से ही 100 से 150 किलोमीटर का सफर तय करते हैं तो वहीं अपने लक्ष्य पर पहुंचकर वहां के बच्चों और युवाओं को भी अब सरकार की फिट इंडिया मूवमेंट के बारे में जागरूक करने के साथ ही उन्हें पर्यावरण संरक्षण को लेकर जागरूक करने का काम कर रहे हैं। वहीं, रोजना वह 20 से 25 किलोमीटर तक कि राइड अपनी फिटनेस के लिए साइकिल से पूरा करते हैं। जसप्रीत पॉल ने बताया कि खुद को फिट रखने के उद्देश्य से उन्होंने साइक्लिंग करना शुरू किया था लेकिन अब यह उनका जनून बन गया हैं। साइकिल के माध्यम से नई-नई जगहों को घूमना और अपने फोटोग्राफी के प्रोफेशन से उन जगहों को अपने कैमरे में कैद कर सोशल मीडिया पर हाईलाइट कर हिमाचल के पर्यटन को बढ़ावा देना उनका मुख्य उद्देश्य हैं। इसके साथ ही वह साइक्लिंग के माध्यम से सरकार के फिट इंडिया मूवमेंट के बारे में लोगों को जागरूक करने के साथ ही पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी सभी लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं। जसप्रीत साइक्लिंग में बना चुके हैं क़ई रिकॉर्ड जसप्रीत पॉल ने अभी हाल ही में अगस्त माह में आजादी के अमृत महोत्सव के तहत मिशन कारगिल में भाग लेकर मनाली से कारगिल तक का सफर जांस्कर घाटी से होते हुए सात दिनों में साइकिल से पूरा कर एक अलग रिकॉर्ड बनाया है। छह लोगों के दल ने इस मिशन कारगिल के 585 किलोमीटर के सफर को साइकिल से फ़तह किया था जिसमें जसप्रीत पॉल भी शामिल थे। फायरफ़ॉक्स-फ़ायरस्ट्रोम चैलेंज 2021 में देश में पहला स्थान जसप्रीत हासिल किया है। इसके साथ ही कई जिलास्तरीय प्रतियोगिताओं में भी वह विजेता रह चुके है। इसके साथ ही उन्होंने तीन प्रमुख यात्राएं साइकलिंग के माध्यम से पूरी की है, जिसमें की पहली यात्रा मंडी के थूनाग से चंद्रताल, रोहतांग पास से होते हुए चार दिन में पूरी की है। वहीं, दूसरी यात्रा मनाली से चंबा वाया उदयपुर, किलाड़ से होते हुए साच पास दर्रे को भी साइकिल पर पार किया है। तीसरी यात्रा उन्होंने शिमला से चांसल पास तक कि साइकिल पर पूरी की है। इसके साथ ही साइकिल चैंपियनशिप की बात की जाए तो जसप्रीत पॉल ने 23 जून से 26 जून तक आयोजित हुई फर्स्ट एमटीवी हिमाचल चैंपियनशिप में तीसरा स्थान हासिल किया है। वहीं हाल ही में जसप्रीत ने मंडी जिला की सबसे ऊंची चोटी शिकारी देवी जो की 3358 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है उसे भी अपनी साइकिल के माध्यम से फ़हत किया हैं। उन्होंने एक ही दिन में मंडी से साइकिल पर शिकारी देवी तक जाने और वापिस मंडी आने का रिकॉर्ड भी दर्ज किया हैं। जसप्रीत की इस उपलब्धि पर उपायुक्त मंडी अरिंदम चौधरी ने भी उन्हें बधाई दी हैं। जसप्रीत मंडी जिला के दुर्गम क्षेत्रों की क़ई ऊंची चोटियां भी अपनी साइकिल के माध्यम से फ़तह कर चुके हैं। जसप्रीत पहले ऐसे साइकलिस्ट हैं जो जिला मंडी के प्रसिद्ध देव स्थल कमरुनाग तक साइकिल से पहुंच चुके हैं। इसके साथ ही मंडी से शेटाधार जो कि एक प्रसिद्ध देव स्थल हैं वहां तक का सफर थलौट, थाची, शेटाधार,चेत, थुनाग, चैल चौक, डडौर होते हुए मंडी तक का 72 किलोमीटर का सफर जसप्रीत ने साइकिल से एक दिन में पूरा किया हैं। कमरुनाग सहित मंडी जिला के साथ ही कुल्लू तक के दुर्गम क्षेत्रों की राइड साइकिल से एक ही दिन में पूरा करने के क़ई रिकॉर्ड भी जसप्रीत अपने नाम कर चुके हैं।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सांसद प्रतिभा सिंह 4 जून को दोपहर 12 बजे मंडी के भियुली स्थित भीमाकाली मंदिर प्रांगण में पूर्व मुख्यमंत्री स्व.वीरभद्र सिंह मेमोरियल चिल्ड्रन पार्क का लोकार्पण करेंगी। उसके बाद सराज विधानसभा क्षेत्र के बारा के लिये रवाना होगी,जहां वह एक जन सभा को संबोधित करेंगी। रात्रि विश्राम मंडी परिधि गृह ही रहेगा। कांग्रेस अध्यक्ष के राजनैतिक सचिव प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव अमित पाल सिंह ने यह जानकारी देते हुए बताया कि 5 जून को प्रतिभा सिंह मंडी जिला में सांसद निधि से चल रहे विकास कार्यो की अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक करेंगी। उसके उपरांत मंडी में बनने वाले बहुद्देश्यीय स्पोर्ट्स स्टेडियम के निर्माण से जुड़े अधिकारियों की भी एक बैठक लेंगी। इसी दिन दोपहर बाद 1 बजे बंजार विधानसभा क्षेत्र के गरसा में जिला स्तरीय गरसा मेले के समापन समारोह की अध्यक्षता करने के बाद प्रतिभा सिंह शिमला लौट आएंगी।
लोक निर्माण विभाग लडभड़ोल के सहायक अभियंता राहुल ठाकुर ने बताया कि लोक निर्माण विभाग की भूमि में लडभड़ोल बाजार में जो अतिक्रमण हुए हैं, उन्हें हटाने की पहले भी मुहिम चली थी। उस दौरान कुछ लोगों ने कहा था कि विभाग द्वारा पहले निशानदेही की जाए और फिर अतिक्रमण हटाने का कार्य किया जाए। राहुल ठाकुर ने बताया कि इसके लिए विभाग के द्वारा लगभग 2 महीने पहले निशानदेही के लिए राजस्व विभाग में कागजात जमा करवाए गए थे। अब राजस्व विभाग द्वारा 3 जून की तारीख निश्चित की गई है। उस दिन लडभड़ोल बाजार की निशानदेही दी जाएगी। उस निशानदेही में खसरा नंबर भी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि जिन लोगों ने अतिक्रमण किया है, उन लोगों को नोटिस जारी किए हैं कि वे जगह में मौजूद रहें, ताकि एक सही तरीके से उस जगह की निशानदेही हो और उस निशानदेही के ऊपर ही आगामी कार्रवाई कर सके।
जिला मंडी के उपमंडल करसोग में वीरवार सुबह ममेल-भनेरा-मैहड़ी रोड पर सरकारी बस दुर्घटनाग्रस्त हो गई, जो कि सड़क से लगभग 300 मीटर गहरी खाई में जा गिरी। बस दुर्घटनाग्रस्त होने से मौके पर अफरा-तफरी मच गई। वहीं स्थानीय लोग घायलों को सड़क तक पहुंचाने में जुटे हुए हैं। प्रशासन द्वारा तुरंत प्रभाव से मौके के लिए पुलिस व एंबुलेंस रवाना कर दी गई हैं। जानकारी के अनुसार बस नंबर Hp03B 6211, जो कि मैहंडी से करसोग की तरफ आ रही थी कि खरोड़ी के पास अचानक 300 मीटर गहरी खाई में जा गिरी। बताया जा रहा है कि चालक-परिचालक को हल्की चोटें आई हैं, बाकी सभी यात्री सुरक्षित हैं, जिनको की प्राथमिक उपचार के लिए नागरिक चिकित्सालय करसोग लाया जाएगा। फिलहाल मौके पर पुलिस पहुंच चुकी है और आगामी कार्रवाई जारी है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंगलवार सायं नई दिल्ली में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से भेंट की।मुख्यमंत्री ने वित्त मंत्री से 15वें वित्त आयोग की संस्तुतियों के अनुरूप हिमाचल के जिला मंडी में ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे के लिए 1000 करोड़ रुपये और कांगड़ा हवाई अड्डे के विस्तार के लिए 400 करोड़ रुपये देने का आग्रह किया। उन्होंने केंद्रीय मंत्री से बाह्य सहायता प्राप्त परियोजनाओं के अंतर्गत नये ऋणों पर सीमा लगाने के निर्णय की समीक्षा करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि इस निर्णय पर पुनर्विचार करने से विभिन्न क्षेत्रों की विकासात्मक गतिविधियों में सहायता मिलेगी। उन्होंने बाह्य वित्त पोषण के लिए आर्थिक मामलों के विभाग द्वारा संस्तुत छह प्रस्तावों के ऋण समझौतों पर हस्ताक्षर करने की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए हस्तक्षेप करने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने वित्त मंत्री से वर्तमान वित्त वर्ष के लिए नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) अंशदान की राशि के बराबर राज्य की अतिरिक्त कर्ज लेने की सीमा को कम करने के निर्णय की समीक्षा करने आग्रह किया। उन्होंने सामरिक महत्व की भानुपल्ली-बिलासपुर-लेह रेल परियोजना को सौ प्रतिशत केंद्रीय वित्तपोषित परियोजना घोषित करने या बेरी तक विस्तार के दृष्टिगत राजस्व साझा करने की प्रणाली की संभावना तलाशने के लिए भी आग्रह किया। बैठक में मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना और मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा भी उपस्थित थे।
हिमाचल प्रदेश में मई माह में हुई ठंड ने पिछले 36 सालों के रिकॉर्ड को तोड़ दिया है। हिमाचल प्रदेश के अलग-अलग जिलों में सामान्य तापमान में 4 डिग्री से 6 डिग्री तक की गिरावट दर्ज की गई। इससे पहले साल 1987 में मई के महीने में तापमान में इतनी अधिक गिरावट दर्ज की गई थी। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला की मानें, तो जून माह में भी हिमाचल प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों में मौसम का मिजाज बिगड़ सकता है। बीते 24 घंटों में प्रदेश के हर जिले में जमकर बारिश हो रही है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने 3 जून तक प्रदेश में बारिश और अंधड़ का दौर जारी रहने की संभावना जताई है। उधर, चंबा जिले में हिमस्खलन की सूचना है। जानकारी के अनुसार बैरागढ़-साचपास-किलाड़ मार्ग पर कालाबन के समीप हिमस्खलन से आवाजाही कर रहे यात्री बाल-बाल बचे। सोलन, कांगड़ा, केलांग, किन्नौर, ऊना, सिरमौर, डलहौजी, नारकंडा और धौलाकुआं में भी जमकर बारिश हुई। बुधवार को भी अधिकतम तापमान में सामान्य से छह डिग्री की कमी दर्ज हुई।
*कांगड़ा को मिल सकता है विलम्ब का मीठा फल सुक्खू कैबिनेट में अब तक जिला कांगड़ा को मनमाफिक अधिमान नहीं मिला है। कांगड़ा संसदीय क्षेत्र के लिहाज से भी देखे तो अब तक हिस्से में सिर्फ एक मंत्री पद आया है। हालांकि विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी, दो सीपीएस और कई कैबिनेट रैंक जरूर मिले है, लेकिन जो वजन मंत्री पद में है वो भला और कहाँ ? बहरहाल सवाल ये है कि जिस संसदीय क्षेत्र ने कांग्रेस की झोली में 17 में से 12 सीटें डाली, क्या सत्ता में आने के बाद कांग्रेस उसे हल्के में ले रही है, या इस इन्तजार का मीठा फल मिलने वाला है। माहिर तो ये ही मान रहे है कि जल्द कांगड़ा के इस विलम्ब की पूरी भरपाई होगी। ऐसा होना लाजमी भी है क्यों कि लोकसभा चुनाव में ज्यादा से ज्यादा एक साल का वक्त है और यहाँ हार की हैट्रिक लगा चुकी कांग्रेस कोई चूक नहीं करना चाहेगी। अलबत्ता कांगड़ा को मंत्री पद मिलने में कुछ देर जरूर हो रही है लेकिन खुद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का ये कहना कि वे भी कांगड़ा के ही है, उम्मीद की बड़ी वजह है। कांगड़ा को टूरिज्म कैपिटल बनाने का सीएम का विज़न हो या आईटी पार्क जैसे अधर में लटके प्रोजेक्ट्स में तेजी लाना, ये दर्शाता है कि सीएम सुक्खू कांगड़ा को लेकर किसी तरह की चूक करना नहीं चाहते। सीएम का नौ दिन का कांगड़ा दौरा भी इसकी तस्दीक करता है। सरकार के पिटारे में कांगड़ा के लिए न योजनाओं की कोई कमी नहीं दिखती। ये ही कारण है कि 2024 से पहले कांगड़ा में कांग्रेस जोश में है। इस बीच मंत्री पद भरने को लेकर फिर सुगबुगाहट तेज हुई है। माना जा रहा है कि कुल तीन रिक्त मंत्री पदों में से दो कांगड़ा के हिस्से आएंगे। इनमें एक ब्राह्मण हो सकता है और एक एससी। ऐसे में एक युवा राजपूत चेहरा भी डार्क हॉर्स है। बहरहाल अंदर की बात ये बताई जा रही है कि सब लगभग तय है और जल्द कांगड़ा को दो मंत्री पद मिलेंगे। प्रदेश की सियासत अपनी जगह पर 2024 में कांग्रेस के लिए कांगड़ा फ़तेह करना आसान नहीं होने वाला है। कई चुनौतियों के बीच कांग्रेस के सामने सबसे बड़ी चुनौती है एक दमदार चेहरा। तीन चुनाव हार चुकी कांग्रेस को ऐसा चेहरा चाहिए जो जातीय, क्षेत्रीय और पार्टी की भीतरी राजनीति के लिहाज से संतुलन लेकर आएं। पिछले तीन चुनावों में पार्टी ने यहाँ से ओबीसी कार्ड खेला है, पर नतीजे प्रतिकूल रहे है। ऐसे में पार्टी को फिर सोचने की जरुरत जरूर है। बताया जा रहा ही कि पार्टी अभी से इस पर चिंतन -मंथन में जुटी है। खुद सीएम सुक्खू चाहते है कि जो भी चेहरा हो, उसे पर्याप्त समय मिले। चर्चा में कई वरिष्ठ नाम है जिनमें पूर्व सांसद और मंत्री चौधरी चंद्र कुमार, पूर्व मंत्री और विधायक सुधीर शर्मा, आशा कुमारी जैसे नाम शामिल है। पर संभव है कि इस बार पारम्परिक कास्ट डायनामिक्स को ताक पर रख पार्टी किसी युवा चेहरे को मैदान में उतारे। सुक्खू सरकार के आईटी सलाहकार गोकुल बुटेल भी ऐसा ही एक विकल्प हो सकते है। भाजपा से कौन होगा चेहरा ! 2009 से लेकर अब तक कांगड़ा लोकसभा सीट पर भाजपा लगातार जीत दर्ज करने में कामयाब रही है। पिछले लोकसभा चुनाव में न केवल हिमाचल में बल्कि पूरे देश में भी सबसे ज्यादा मत प्रतिशत हासिल करने का रिकॉर्ड कांगड़ा संसदीय क्षेत्र के सांसद किशन कपूर के नाम रहा था। 7,25,218 मत प्राप्त कर किशन कपूर लोकसभा पहुंचे, लेकिन इस बार सियासी समीकरण कुछ बदलते नज़र आ रहे है। दरअसल 2022 के विधानसभा चुनाव में भी कांगड़ा संसदीय क्षेत्र में भाजपा की परफॉरमेंस बेहद खराब रही है। इस संसदीय क्षेत्र की 17 में से सिर्फ पांच सीटें ही भाजपा जीत पाई है। ऐसे में क्या पार्टी चेहरा बदलेगी इसे लेकर कयासों का दौर जारी है। संभावित उम्मीदवारों की फेहरिस्त में मौजूदा सांसद किशन कपूर के अलावा कई और नाम चर्चा में है। इस लिस्ट में गद्दी समुदाय से धर्मशाला के पूर्व विधायक विशाल नेहरिया का नाम भी चर्चा में है। इसके अलावा कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए पवन काजल का नाम भी लिस्ट में है। अब देखना ये होगा कि भाजपा इस दफा कांगड़ा के दुर्ग को फ़तेह करने के लिए किस पर दांव खेलती है। कब कौन बना सांसद 1977 दुर्गा चंद भारतीय लोक दल 1980 विक्रम चंद महाजन कांग्रेस 1984 चंद्रेश कुमारी कांग्रेस 1989 शांता कुमार भाजपा 1991 डीडी खनौरिया भाजपा 1996 सत महाजन कांग्रेस 1998 शांता कुुमार भाजपा 1999 शांता कुमार भाजपा 2004 चंद्र कुमार कांग्रेस 2009 डॉ. राजन सुशांत भाजपा 2014 शांता कुमार भाजपा 2019 किशन कपूर भाजपा ReplyForward * कांगड़ा को मिल सकता है विलम्ब का मीठा फल सुनैना कश्यप। फर्स्ट वर्डिक्ट सुक्खू कैबिनेट में अब तक जिला कांगड़ा को मनमाफिक अधिमान नहीं मिला है। कांगड़ा संसदीय क्षेत्र के लिहाज से भी देखे तो अब तक हिस्से में सिर्फ एक मंत्री पद आया है। हालांकि विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी, दो सीपीएस और कई कैबिनेट रैंक जरूर मिले है, लेकिन जो वजन मंत्री पद में है वो भला और कहाँ ? बहरहाल सवाल ये है कि जिस संसदीय क्षेत्र ने कांग्रेस की झोली में 17 में से 12 सीटें डाली, क्या सत्ता में आने के बाद कांग्रेस उसे हल्के में ले रही है, या इस इन्तजार का मीठा फल मिलने वाला है। माहिर तो ये ही मान रहे है कि जल्द कांगड़ा के इस विलम्ब की पूरी भरपाई होगी। ऐसा होना लाजमी भी है क्यों कि लोकसभा चुनाव में ज्यादा से ज्यादा एक साल का वक्त है और यहाँ हार की हैट्रिक लगा चुकी कांग्रेस कोई चूक नहीं करना चाहेगी। अलबत्ता कांगड़ा को मंत्री पद मिलने में कुछ देर जरूर हो रही है लेकिन खुद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का ये कहना कि वे भी कांगड़ा के ही है, उम्मीद की बड़ी वजह है। कांगड़ा को टूरिज्म कैपिटल बनाने का सीएम का विज़न हो या आईटी पार्क जैसे अधर में लटके प्रोजेक्ट्स में तेजी लाना, ये दर्शाता है कि सीएम सुक्खू कांगड़ा को लेकर किसी तरह की चूक करना नहीं चाहते। सीएम का नौ दिन का कांगड़ा दौरा भी इसकी तस्दीक करता है। सरकार के पिटारे में कांगड़ा के लिए न योजनाओं की कोई कमी नहीं दिखती। ये ही कारण है कि 2024 से पहले कांगड़ा में कांग्रेस जोश में है। इस बीच मंत्री पद भरने को लेकर फिर सुगबुगाहट तेज हुई है। माना जा रहा है कि कुल तीन रिक्त मंत्री पदों में से दो कांगड़ा के हिस्से आएंगे। इनमें एक ब्राह्मण हो सकता है और एक एससी। ऐसे में एक युवा राजपूत चेहरा भी डार्क हॉर्स है। बहरहाल अंदर की बात ये बताई जा रही है कि सब लगभग तय है और जल्द कांगड़ा को दो मंत्री पद मिलेंगे। प्रदेश की सियासत अपनी जगह पर 2024 में कांग्रेस के लिए कांगड़ा फ़तेह करना आसान नहीं होने वाला है। कई चुनौतियों के बीच कांग्रेस के सामने सबसे बड़ी चुनौती है एक दमदार चेहरा। तीन चुनाव हार चुकी कांग्रेस को ऐसा चेहरा चाहिए जो जातीय, क्षेत्रीय और पार्टी की भीतरी राजनीति के लिहाज से संतुलन लेकर आएं। पिछले तीन चुनावों में पार्टी ने यहाँ से ओबीसी कार्ड खेला है, पर नतीजे प्रतिकूल रहे है। ऐसे में पार्टी को फिर सोचने की जरुरत जरूर है। बताया जा रहा ही कि पार्टी अभी से इस पर चिंतन -मंथन में जुटी है। खुद सीएम सुक्खू चाहते है कि जो भी चेहरा हो, उसे पर्याप्त समय मिले। चर्चा में कई वरिष्ठ नाम है जिनमें पूर्व सांसद और मंत्री चौधरी चंद्र कुमार, पूर्व मंत्री और विधायक सुधीर शर्मा, आशा कुमारी जैसे नाम शामिल है। पर संभव है कि इस बार पारम्परिक कास्ट डायनामिक्स को ताक पर रख पार्टी किसी युवा चेहरे को मैदान में उतारे। सुक्खू सरकार के आईटी सलाहकार गोकुल बुटेल भी ऐसा ही एक विकल्प हो सकते है। भाजपा से कौन होगा चेहरा ! 2009 से लेकर अब तक कांगड़ा लोकसभा सीट पर भाजपा लगातार जीत दर्ज करने में कामयाब रही है। पिछले लोकसभा चुनाव में न केवल हिमाचल में बल्कि पूरे देश में भी सबसे ज्यादा मत प्रतिशत हासिल करने का रिकॉर्ड कांगड़ा संसदीय क्षेत्र के सांसद किशन कपूर के नाम रहा था। 7,25,218 मत प्राप्त कर किशन कपूर लोकसभा पहुंचे, लेकिन इस बार सियासी समीकरण कुछ बदलते नज़र आ रहे है। दरअसल 2022 के विधानसभा चुनाव में भी कांगड़ा संसदीय क्षेत्र में भाजपा की परफॉरमेंस बेहद खराब रही है। इस संसदीय क्षेत्र की 17 में से सिर्फ पांच सीटें ही भाजपा जीत पाई है। ऐसे में क्या पार्टी चेहरा बदलेगी इसे लेकर कयासों का दौर जारी है। संभावित उम्मीदवारों की फेहरिस्त में मौजूदा सांसद किशन कपूर के अलावा कई और नाम चर्चा में है। इस लिस्ट में गद्दी समुदाय से धर्मशाला के पूर्व विधायक विशाल नेहरिया का नाम भी चर्चा में है। इसके अलावा कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए पवन काजल का नाम भी लिस्ट में है। अब देखना ये होगा कि भाजपा इस दफा कांगड़ा के दुर्ग को फ़तेह करने के लिए किस पर दांव खेलती है। कब कौन बना सांसद 1977 दुर्गा चंद भारतीय लोक दल 1980 विक्रम चंद महाजन कांग्रेस 1984 चंद्रेश कुमारी कांग्रेस 1989 शांता कुमार भाजपा 1991 डीडी खनौरिया भाजपा 1996 सत महाजन कांग्रेस 1998 शांता कुुमार भाजपा 1999 शांता कुमार भाजपा 2004 चंद्र कुमार कांग्रेस 2009 डॉ. राजन सुशांत भाजपा 2014 शांता कुमार भाजपा 2019 किशन कपूर भाजपा ReplyForward
वो लोग जो बेहतर की उम्मीद में साथ छोड़ कर गए थे, शायद आज वापस हाथ पकड़ने की सोचते होंगे। हम बात कर रहे है कांग्रेस के उन तमाम नेताओं की, जिनका पूर्वानुमान एक दम गलत साबित हुआ। वो नेता जो चुनाव से पहले सत्ता में आती हुई कांग्रेस का साथ छोड़ सत्ता से बाहर होती हुई भाजपा के खेमे में जा मिले थे। इस फेहरिस्त में काँगड़ा से विधायक पवन काजल, नालागढ़ से पूर्व विधायक लखविंदर राणा और हर्ष महाजन मुख्य तौर पर शामिल है। ये वो नेता है जिनका कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल होना पार्टी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा था, मगर परिणाम सामने आए तो झटका इन्हें ही लग गया। सर्विदित है कि अगर ऐसा न हुआ होता तो निजी तौर पर आज इनके लिए सियासी परिस्थितियां बेहतर हो सकती थी। हिमाचल प्रदेश में सत्ता की चाबी रखने वाले कांगड़ा जिले के ओबीसी नेता पवन काजल किसी समय कांग्रेस पार्टी की आंखों का 'काजल' माने जाते थे। मगर विधानसभा चुनाव से साढ़े 3 महीने पहले भाजपा ने कांग्रेस के इस 'काजल' को अपनी आंखों का 'नूर' बना लिया था। यूँ तो काजल भाजपा से ही कांग्रेस में आए थे, मगर काजल की ऐसे भाजपा में वापसी होगी ये किसी ने नहीं सोचा था। दरअसल पवन काजल ने वर्ष 2012 में भाजपा का टिकट नहीं मिलने पर बगावत करते हुए बतौर निर्दलीय कैंडिडेट चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। विधानसभा चुनाव में तब पवन काजल पहली बार जीते थे। पवन काजल के विधानसभा चुनाव जीतने के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह उन्हें कांग्रेस में ले आए। वीरभद्र सिंह ने ही वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में पवन काजल को कांगड़ा से कांग्रेस का टिकट दिया। पवन काजल भी वीरभद्र सिंह के भरोसे पर खरा उतरे और लगातार दूसरी बार विधायक चुने गए। काजल अक्सर ये कहा भी करते थे कि वे कांग्रेस के साथ नहीं वीरभद्र सिंह के साथ है। कांग्रेस ने उन्हें कार्यकारी अध्यक्ष भी बनाया, मगर काजल ने कांग्रेस को छोड़ जाना सही समझा। काजल तो चुनाव जीत गए, मगर भाजपा चुनाव हार गई। माना जाता है कि अगर काजल पार्टी न छोड़ते तो उनका मंत्री पद तय था। बात लखविंदर राणा की करें तो राणा तीन बार कांग्रेस टिकट पर चुनाव लड़ विधानसभा पहुंचे थे । वर्ष 2010-11 में नालागढ़ के तत्कालीन विधायक हरिनारायण सैणी के निधन के बाद हुए उपचुनाव में लखविंद्र राणा कांग्रेस के टिकट पर मैदान में उतरे और पहली बार विधायक चुने गए। वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में राणा हार गए। वर्ष 2017 में उन्होंने एक बार फिर नालागढ़ सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। मगर 2022 के विधानसभा चुनाव से साढ़े 3 महीने पहले वह कांग्रेस छोड़कर भाजपा में चले गए। भाजपा ने उन्हें टिकट दिया मगर भाजपा में बगावत के चलते राणा चुनाव हार गए। इन दो विधायकों के अलावा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कहे जाने वाले हर्ष महाजन भी चुनाव से पहले भाजपा के हो गए थे। शायद ही किसी ने सोचा हो कि वीरभद्र सिंह के हनुमान कहे जाने वाले हर्ष महाजन और कांग्रेस की राह अलग भी हो सकती है। हर्ष महाजन होलीलॉज के करीबी थे और वे कई बार वीरभद्र सिंह के चुनाव प्रभारी भी रह चुके थे। कहते है कि साल 2012 के विधानसभा चुनाव में वीरभद्र सिंह को मुख्यमंत्री बनाने में हर्ष महाजन का सबसे बड़ा योगदान रहा था। इस चुनाव से पहले भी कांग्रेस द्वारा इन्हें कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था, मगर कांग्रेस पर नज़रअंदाज़गी का आरोप लगाते हुए महाजन भाजपा में शामिल हो गए थे। हालंकि अब भाजपा में हर्ष महाजन को कितनी तवज्जो मिल रही है, ये वे ही जानते होंगे। अगर महाजन कांग्रेस में रहते तो शायद बात कुछ और होती।
प्रदर्शन और आभार कार्यक्रम तो बहुत हुए मगर इस तरह पहले कभी सरकार का आभार व्यक्त करने को कर्मचारियों का हुजूम नहीं उमड़ा। लाखों की संख्या में कर्मचारी सीएम सुक्खू का दिल की गहराईयों से आभार करने को पहुंचे और धर्मशाला का पुलिस ग्राउंड जय सुक्खू के नारो से गूँज उठा। ऐसा स्वागत या स्नेह, सरकार को कर्मचारियों से शायद ही पहले कभी मिला हो, और हो भी क्यों न सीएम सुक्खू के नेतृत्व की इस कांग्रेस सरकार ने कर्मचारियों की उस मांग को पूरा किया है जिसके लिए प्रदेश के लाखों कर्मचारी सालों तक नेताओं की दरों पर दस्तक देते रहे। सीएम सुक्खू ने कर्मचारियों के इस अनंत संघर्ष पर पूर्ण विराम लगाया है, जिसके लिए कर्मचारियों ने सीएम सुक्खू को सर माथे लगा लिया। कभी उन्हें नायक बताया तो कभी पेंशन पुरुष। आभार के जवाब में सीएम सुक्खू भी कह गए कि मैं आपका सेनापति हूँ और आप मेरी सेना हो। 11 दिसंबर को कर्मचारियों के आशीर्वाद से कांग्रेस सरकार बनी और आगे भी ऐसे ही हमारा साथ देते रहना। कर्मचारियों की ये मांग कोई आम मांग नहीं थी। ये वो मसला था जिससे प्रदेश के लाखों कर्मचारियों का भविष्य जुड़ा था, वो कर्मचारी जो एनपीएस के अंतर्गत आते थे और जिन्हें शायद सेवानिवृत होने के बाद अपने बुढ़ापे में किसी और का सहारा लेना पड़ता। एनपीएस के अंतर्गत आने वाले कर्मचारियों के ऐसे कई मामले सामने आए है, जब इन कर्मचारियों को सेवानिवृत होने के बाद नाम मात्र पेंशन मिली। पूरे जीवन सरकार की सेवा करने के बाद ये कर्मचारी बुढ़ापे में इतने लाचार हो गए की जीवन व्यापन कठिन हो गया। इसी के बाद से पुरानी पेंशन बहाली के लिए महासंघर्ष का आरम्भ हुआ। न जाने कितनी ही हड़तालें, प्रदर्शन, अनशन इन कर्मचारियों ने किये मगर एक लम्बे समय तक इनकी नहीं सुनी गई। अपने बुढ़ापे की सुरक्षा के लिए संघर्षरत इन कर्मचारियों पर एफआईआर भी हुई, इन पर वाटर कैनन्स भी दागी गई और इनकी आवाज़ दबाने की कोशीश भी की गई, मगर संघर्ष थमने के बजाए और उग्र होता गया। आखिर जिस सरकार ने कर्मचारियों की नहीं सुनी वो सरकार सत्ता से बाहर हुई और सीएम सुक्खू के नेतृत्व की कांग्रेस सरकार कर्मचारियों के लिए मसीहा बन गई। वादे अनुसार पहली कैबिनेट की बैठक में ही पुरानी पेंशन को बहाल कर दिया गया। सरकार के इस फैसले से कर्मचारियों में केसा उत्साह है ये एक बार फिर धर्मशाला के पुलिस ग्राउंड में देखने को मिल गया।
राजकीय आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला पांगणा की जुड़वा बहनों ने दसवीं के परीक्षा परिणाम में मेरिट में जगह बनाई है। छात्रा मान्या महाजन ने हिमाचल प्रदेश शिक्षा बोर्ड द्वारा जारी किए गए कक्षा दसवीं के परीक्षा परिणाम में प्रदेशभर में 700 में से 687 अंक प्राप्त कर आठवां स्थान प्राप्त कर स्कूल, क्षेत्र और अभिभावकों का नाम रोशन किया है। वहीं दूसरी बहन मन्नत महाजन ने भी प्रदेश स्तर पर 683 अंक प्राप्त कर 12वां स्थान हासिल किया है। दोनों जुड़वा बहने पढ़ाई में पहले से ही अव्वल रही हैं। उनकी इस कामयाबी से परिजन, अध्यापक और क्षेत्रवासी बहुत खुश हैं । मान्या + 2 मेडिकल विषय में करने के बाद डॉक्टर बनना चाहती है तो मन्नत इंजीनियर बनना चाहती है। बेटियां अपनी दादी गीता देवी और चाचा-चाची के साथ संयुक्त परिवार में रहती हैं। उनकी माता अरुणा महाजन आंगनवाड़ी कार्यकर्ता हैं। उनके चाचा धर्मेंद्र कुमारऔर चाची कुसुम लता महाजन दोनों ही गणित के प्रवक्ता हैं। उन्होंने बताया कि दोनों बेटियों ने प्रदेश की मेरिट में स्थान हासिल कर नाम रोशन किया है। प्रधानाचार्य संजय कुमार और समस्त स्टाफ द्वारा उन्हें और अभिभावकों को शुभकामनाएं दी हैं।
***कुल्लू जिले के स्नॉवर वैली पब्लिक स्कूल बजौरा की छात्रा मानवी ने 99.14 प्रतिशत (694) अंक लेकर प्रदेश में पहला स्थान हासिल किया है। हमीरपुर जिले के सीनियर सेकेंडरी स्कूल चूबतरा की छात्रा दीक्षा कथयाल ने (693) 99 प्रतिशत अंक लेकर प्रदेश में दूसरा स्थान हासिल किया है। वहीं हमीरपुर जिले के ही दो छात्रों ने संयुक्त रूप से तीसरा स्थान हासिल किया है। न्यू इरा सीनियर सेकेंडरी स्कूल परोल के छात्र अक्षित शर्मा और सीनियर सेकेंडरी स्कूल बदारान के छात्र आकर्षक ठाकुर ने 98.86 प्रतिशत (692) अंक लेकर प्रदेश में तीसरा स्थान हासिल किया है। हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने 10वीं कक्षा का परिणाम घोषित कर दिया है। शिक्षा बोर्ड के सचिव डॉ. (मेजर) विशाल शर्मा ने बताया कि 91440 विद्यार्थियों ने 10वीं कक्षा की परीक्षा दी थी जिसमें से 81732 विद्यार्थी परीक्षा में पास हुए हैं और 7534 विद्यार्थी परीक्षा में फेल हुए हैं। उन्होंने ने बताया कि इस बार का परिणाम 89.7 प्रतिशत रहा है। वर्ष 2022 में 10वीं कक्षा का परीक्षा परिणाम 87.5 प्रतिशत रहा था। सचिव डॉ. (मेजर) विशाल शर्मा ने बताया कि विद्यार्थी शिक्षा बोर्ड की बेवसाइट पर परिणाम चेक कर सकते हैं।
हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने 10वीं कक्षा का परिणाम घोषित कर दिया है। शिक्षा बोर्ड के सचिव डॉ. (मेजर) विशाल शर्मा ने बताया कि परिणाम 89.7 प्रतिशत रहा है। 91440 विद्यार्थियों ने 10वीं कक्षा की परीक्षा दी थी। 81732 विद्यार्थी परीक्षा में पास हुए हैं। 7534 विद्यार्थी परीक्षा में फेल हुए हैं। वर्ष 2022 में 10वीं कक्षा का परीक्षा परिणाम 87.5 प्रतिशत रहा था। सचिव डॉ. (मेजर) विशाल शर्मा ने बताया कि विद्यार्थी शिक्षा बोर्ड की बेवसाइट पर परिणाम चेक कर सकते हैं।
जमा दो का परीक्षा परिणाम घोषित हुआ, जिसमें वैदिक वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला शानन का परीक्षा परिणाम शत- प्रतिशत रहा। विद्यालय की होनहार छात्रा कनिका ने 97% अंक लेकर शिक्षा बोर्ड में टॉप दस में स्थान सुनिश्चित किया। कुमारी कनिका पहले से ही होनहार छात्रा रही है और दसवीं कक्षा में भी 99% अंक प्राप्त किए थे। विद्यालय में पीयूष ठाकुर 96% लेकर द्वितीय और प्राशुल अवस्थी 94% लेकर तृतीय स्थान पर रहें । सभी विद्यार्थी प्रथम श्रेणी में पास हुए। परिक्षा परिणाम की सूचना मिलते ही विद्यालय में खुशी का माहौल छा गया व स्कूल परिसर मे मिठाई बाँटी गयी। निर्देशक मेघ सिंह ठाकुर ने और प्रधानाचार्य कंचन ठाकुर ने जमा के उतीर्ण हुए सभी बच्चों और अध्यापक वर्ग को बधाई दी तथा आने वाले भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं।
मंडी के जाने-माने वरिष्ठ पत्रकार और प्रदेश के वेटर्न जर्नलिस्ट हेमकांत कात्यान अब इस दुनिया में नहीं रहे। 80 वर्षीय हेमकांत कात्यान की बीती रात को अचानक तबीयत खराब हो गयी, जिसके बाद उन्हें उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया। वहां से स्वास्थ्य में थोड़ा सुधार होने के बाद वापिस घर लाया गया, लेकिन घर पहुंचने के कुछ देर बाद उन्होंने प्राण त्याग दिए। हेमकांत कात्यान अपने पीछे धर्मपत्नी और बेटे को छोड़ गए हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पत्रकार कात्यान के निधन पर शोक व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने अपने शोक संदेश में कहा कि कात्यान ने पत्रकारिता के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान को सदैव याद रखा जाएगा। उन्होंने पत्रकारिता के क्षेत्र में उच्च मानक स्थापित किए। मुख्यमंत्री ईश्वर से दिव्यगत आत्मा की शांति और शोक संतप्त परिजनों को इस अपूर्णी क्षति को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की।
साइंस स्ट्रीम में ओजस्विनी उपमन्यु ने प्रदेश में पहला स्थान हासिल किया है। 500 में से 493 अंक (98.6 प्रतिशत) हासिल किए हैं। ओजस्विनी उपमन्यु जिला ऊना के घनारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल के छात्र हैं। कॉमर्स स्ट्रीम में सिरमौर जिले के सीनियर सेकेंडरी स्कूल सराहन की छात्रा वृंदा ठाकुर ने प्रदेश में पहला स्थान हासिल किया है। वृंदा ने 500 में से 492 अंक (98.4 प्रतिशत) हासिल किए हैं। आर्ट्स स्ट्रीम में प्रदेशभर में पहले स्थान पर चार विद्यार्थी रहे हैं। चारों ने 500 में से 487 अंक (97.4 प्रतिशत) हासिल किए हैं। डीएवी सीनियर सेकेंडरी स्कूल ऊना की छात्रा तरनिजा शर्मा, रूट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल करसोग की छात्रा दिव्य ज्योति, सीनियर सेकेंडरी स्कूल पोर्टमोर शिमला की छात्रा नूपुर कैथ और सिरमौर जिले के सीनियर सेकेंडरी स्कूल जरवा जुनेली के छात्र ज्येश प्रदेश भर में पहले स्थान पर रहे हैं।
हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड (HPBOSE) 12वीं कक्षा का वार्षिक (12th Class Result) परिणाम इस बार 79.4 फीसदी रहा है। ऊना की सीसे स्कूल घनारी की ओजस्वनी उपमन्यु पुत्री राम कुमार ऑलओवर परीक्षा में 98.6 अंक हासिल कर पहले स्थान पर रही। सिरमौर की वृंदा ठाकुर पुत्री अरुण कुमार ने 98.6 फीसदी अंक हासिल कर दूसरे नंबर पर रही वहीं सीसे स्कूल चूरड़ू की कनूप्रिया पुत्री संजय कुमार ने 98.2 फीसदी अंक लेकर तीसरा स्थान हासिल किया।
**ओजस्विनी उपमन्यु ने साइंस संकाय में 500 में से 493 अंक (98.6 प्रतिशत) हासिल कर प्रदेश में पहला स्थान हासिल किया है। जिला ऊना के घनारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल के छात्र हैं। **कॉमर्स संकाय में सिरमौर जिले के सीनियर सेकेंडरी स्कूल सराहन की छात्रा वृंदा ठाकुर ने 500 में से 492 अंक (98.4 प्रतिशत) हासिल प्रदेश में पहला स्थान हासिल किया है। **आर्ट्स संकाय में प्रदेशभर में चार विद्यार्थी ने 500 में से 487 अंक (97.4 प्रतिशत) हासिल कर पहला स्थान हासिल किया है। जिसमे डीएवी सीनियर सेकेंडरी स्कूल ऊना की छात्रा तरनिजा शर्मा, रूट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल करसोग की छात्रा दिव्य ज्योति, सीनियर सेकेंडरी स्कूल पोर्टमोर शिमला की छात्रा नूपुर कैथ और सिरमौर जिले के सीनियर सेकेंडरी स्कूल जरवा जुनेली के छात्र ज्येश प्रदेश भर में पहले स्थान पर रहे हैं। हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने 12वीं कक्षा की परीक्षा परिणाम घोषित कर दिया है। परिणाम 79.4 प्रतिशत रहा है। 105369 विद्यार्थियों ने 12वीं कक्षा की परीक्षा दी थी जिसमे से 83418 विद्यार्थी परीक्षा में पास हुए हैं।13335 विद्यार्थियों की कंपार्टमेंट आई है। 8139 विद्यार्थी परीक्षा में फेल हुए हैं। वर्ष 2022 में 12वीं कक्षा का परीक्षा परिणाम 93.90 प्रतिशत रहा था। सचिव डॉ. (मेजर) विशाल शर्मा ने जानकारी दी की विद्यार्थी शिक्षा बोर्ड की बेवसाइट पर अपना परिणाम देख सकते हैं।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की गतिविधि विकासार्थ विद्यार्थी शिमला ने आज से पूरे शिमला में "पंछी हमारे मित्र" नाम का एक अभियान चलाया है। इस अभियान के तहत विकासार्थ विद्यार्थी शिमला, सुनील उपाध्याय एजुकेशनल ट्रस्ट के साथ मिलकर शिमला के 15 से ज्यादा स्थानों में पक्षियों के लिए जल-पात्र रखकर छात्र समुदाय में प्रकृति व उसके जीव-जंतुओं के प्रति अपने कर्तव्यों आह्वान का शुरुआत की। विकासार्थ विद्यार्थी शिमला के जिला सयोंजक ने कहा कि गर्मियां आ रही है। इस दौरान पक्षियों को किसी भी प्रकार अन्न और जल की कमी न हो इसलिए एक सकोरा एक प्राण, सेल्फी विद सकोरा नाम से अभियान चलाया है। इस अभियान के तहत शिमला में जगह 15 मिट्टी से निर्मित सकोरे लगाए हैं और इन सकोरों में अन्न और जल रखा है। उन्होंने कहा कि विकासार्थ विद्यार्थी ने यह अभियान पूरे देश भर में चलाया है। इस अभियान के माध्यम से पक्षी मित्र, सकोरा इंचार्ज जैसे प्रयोगों के नाम से SFD केवल सकोरा लगाने का नहीं उन्हें गर्मियों तक नियमित भरने और उनकी साफ सफाई के लिए भी विद्यार्थियों को नियुक्त कर रही है। एसएफडी के कार्यकर्ताओं ने देशभर में छात्रों के साथ मिलकर इस मुहिम की इन गर्मियों के आने के साथ ही शुरुआत की है। बढ़ते हुए तापमान और प्राकृतिक जल स्रोतों के सुख जाने के कारण पक्षियों और पशुओं को पीने के पानी की समस्या होती है जिससे इनकी मृत्यु तक हो जाती है एसएफडी ने इस पहल के माध्यम से परिसरों में छात्र समुदाय को पुनः जागृत करने का बीड़ा उठाया है, और कार्यकर्ताओं ने उम्मीद जताई है कि विभिन्न माध्यमों से हम समुदाय के बीच पहुंचकर इस कार्य को प्रभावी बनाने की दिशा में कार्य करते रहेंगे। ज्ञात हो कि स्टूडेंट फॉर डेवलपमेंट या विकासार्थ विद्यार्थी (एसएफडी), प्रतिवर्ष शैक्षणिक परिसरों में गर्मियां आते ही पक्षियों के लिए पानी के सिकोरे रखने की मुहीम वर्षों से चलता आ रहा हैं, जिसमें अनेकों की संख्या में प्रतिवर्ष छात्र उनके साथ जुड़ते हैं। इसके अलावा पर्यावरण से अन्य महत्वपूर्ण कार्य कारण की भी जिम्मेदारी वर्षों से एसएफडी लेता आया है। भारत देश में सभी प्राणियों के प्रति अपनत्व का भाव यहाँ की संस्कृति का अभिन्न हिस्सा रहा। इसका जीता-जागता उदाहरण हमारे साहित्य लेखन में स्पष्टरुप से दिखाई पड़ता है। खासतौर से पक्षियों में चातक (पपीहा) नामक जीव का मनोहक वर्णन पक्षियों के प्रति हमारे प्रेम देखभाल की परंपरा को दर्शाता है। अब ये भाव जनमानस में कहीं धुंधला होता जा रहा है जिसका परिणाम आज इन जीवों की कम होती संख्या के रूप में देखा जा सकता है। एक सकोरा एक प्राण और सेल्फी विद सकोरा के नाम से यह अभियान देश के अलग अलग प्रांतों में जनमानस के बीच लोकप्रिय हो रहा है।
प्रदेश सरकार की कल्याणकारी योजनाएं आम लोगों के जीवन में बदलाव ला रही है और यह बदलाव लोगों के वास्तविक जीवन में दिखाई भी दे रहा है। राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाकर ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं भी अब गांव में रह कर, अपने घर व आस-पास छोटे-छोटे कार्य शुरू कर अब अपनी आजीविका कमा, अपने परिवार का सहयोग करने के साथ अपनी आर्थिकी को सुदृढ़ कर रही है। करसोग उपमंडल के कलैहणी गांव की संतोषी देवी ने मशरूम की खेती कर इसे साबित किया है। संतोषी देवी ने जनवरी, 2023 में खंड विकास कार्यालय करसोग के माध्यम से राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत मशरूम की जैविक खेती करने का 10 दिन का प्रशिक्षण प्राप्त किया। प्रशिक्षण के पश्चात, अपने घर के एक कमरे में ढीगंरी मशरूम की खेती करना शुरू किया। प्लस-टू पास संतोषी देवी ने घर के कमरे में 17 बैगों में ढीगंरी मशरूम की जैविक खेती की, जिसमें उन्हें उम्मीद से कहीं ज्यादा ढीगंरी मशरूम की फसल मिली। आम तौर पर ढीगंरी मशरूम की फसल तैयार होने के बाद, उसकी 2 से 3 बार कटाई की जाती है। लेकिन संतोषी देवी द्वारा उगाई गई मशरूम की फसल की, उन्होंने 4 से 5 बार कटाई कर अच्छी आय अर्जित की। संतोषी देवी करसोग बाजार में हिम ईरा नाम से दुकान भी चला रही है, जहां पर अपने घर में तैयार किए जाने वाले जैविक ढीगंरी मशरूम को 250 से 300 रुपये प्रति किलोग्राम बेचा जाता है। संतोषी देवी का कहना है कि इस कार्य को शुरू करने से पहले, उनकी अपनी कोई स्वतंत्र आय नहीं थी। घर के कार्यो में ही समय बीत जाता था। स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हुई महिलाओं के लिए आजीविका मिशन के अन्तर्गत ढीगंरी मशरूम की खेती करने संबंधी प्रशिक्षण दिए जाने की जानकारी खंड विकास कार्यालय करसोेग से मिली। उसके पश्चात ढीगंरी मशरूम की खेती करने का प्रशिक्षण हासिल किया और इसे अपनी स्वतंत्र आय का जरिया बनाया। इनका कहना है कि परिवार के लोगों ने भी इस कार्य में सहयोग किया और अब वे इस कार्य से प्रतिमाह 4 से 5 हजार और 50 से 60 हजार रुपये वार्षिक आय अर्जित कर रही है। जिससे परिवार की आर्थिक स्थिति भी सुदृढ़ हुई है। संतोषी देवी ने बताया कि इस कार्य को शुरू करने के लिए उन्होंने केवल मात्र 500 रुपये खर्च किए। इनका कहना है कि मशरूम की अन्य विभिन्न किस्मों को उगा कर इस कार्य को साल भी किया जा सकता है, जो आय का एक बेहतर विकल्प है। आजीविका मिशन के अन्तर्गत स्वयं सहायता समूह बनाकर, अन्य महिलाओं द्वारा तैयार किए जाने वाले विभिन्न उत्पादों को भी संतोषी देवी अपनी हिम ईरा दुकान पर बेच रही है। जिससे एक ओर जहां स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हुई महिलाओं को, उनके द्वारा घरों में तैयार किए जाने वाले विभिन्न प्रकार के उत्पाद बेचने के लिए बेहतर प्लेटफाॅर्म उपलब्ध रहा है वहीं वे उनकी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने में भी सहयोग कर रही है। इनका कहना है कि सफलता कभी भी, किसी भी क्षेत्र में हासिल की जा सकती है, बशर्ते उसके लिए कड़ी मेहनत और लग्न से कार्य करने की आवश्यकता है। करसोग के सहायक आयुक्त एवं बीडीओ अमित कल्थाईक का कहना है कि महिलाओं को अर्थिक रूप से सुदृढ़ करने के लिए सरकार द्वारा अनेक कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही है। जिनमें राष्ट्रीय आजीविका मिशन भी एक है। इस योजना का लाभ उठा कर क्षेत्र की महिलाओं ने आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में अपने कदम आगे बढ़ाएं है।
अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त लोक कलाकार जोगेंद्र हाब्बी ने भाषा एवं संस्कृति विभाग द्वारा जिला सिरमौर में प्रतिवर्ष आयोजित की जा रही लोकनृत्य प्रतियोगिता में लगातार दस बार प्रथम स्थान प्राप्त कर "इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स " तथा "एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स " में नाम दर्ज करवाकर लोक नृत्य के क्षेत्र में ऐतिहासिक कीर्तिमान स्थापित किया है। इंडिया बुक आफ रिकॉर्ड्स व एशिया बुक आफ रिकॉर्ड्स की विशेषज्ञ समिति ने हाब्बी को बधाई देते कहा कि लगातार दस-ग्यारह वर्षों की मेहनत और लगन से प्रथम स्थान बरकरार रखते हुए हम आपके धैर्य की सराहना करते हैं। कुछ समय पूर्व ही हाब्बी का इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज हुआ था और अब एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी नाम दर्ज कर चुके हैं, जिससे जिला सिरमौर की लोक संस्कृति का विश्व स्तर पर पहचान व मान और अधिक बढ़ा है। जोगेंद्र हाब्बी ने इन दोनों रिकॉर्ड्स का श्रेय अपने गुरु पद्मश्री विद्यानंद सरैक व सहयोगी कलाकारों को दिया और आसरा तथा चूड़ेश्वर मंडल के सभी कलाकारों का विशेष आभार व्यक्त किया जिन्होंने अनुकरण कर लगातार मेहनत के परिणाम स्वरूप प्रथम पुरस्कार को अब तक लगातार बरकरार रखा है। दस-बारह वर्षों से आयोजित की जा रही इन प्रतियोगिताओं में लगभग साठ से अधिक लोक कलाकारों ने हाब्बी के नेतृत्व में लोक नृत्य प्रतिस्पर्धा में भाग लिया जिसमें उस्ताद बिस्मिल्लाह खां युवा पुरस्कार से राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित सुप्रसिद्ध लोक कलाकार गोपाल हाब्बी, प्रदेश के जाने-माने लोक गायक धर्मपाल चौहान व रामलाल वर्मा और सरोज ने दस बार भाग लेकर लगातार प्रथम स्थान बरकरार रखने में भरपूर सहयोग दिया। इसके अलावा बलदेव, अमीचंद, चमन, संदीप, अनुजा, सीमा, रीना, सुनपति, लक्ष्मी, प्रिया, सरस्वती, जितेंद्र, हंसराज, चिरंजीलाल, सोहनलाल, चेतराम, कृष्ण लाल, मुकेश, देवीराम, अनिल, रमेश, सुनील, बिमला, पायल, आदि कलाकारों ने भी कई बार इन प्रतिस्पर्धाओं में भाग लेकर दल को प्रथम स्थान प्राप्त करने में पूर्ण सहयोग दिया है। हाब्बी ने कहा कि हमारा दल सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं में जिला सिरमौर का आदिकालीन ठोडा नृत्य, ढीली नाटी, रिहाल्टी गी, दीपक नृत्य, परात नृत्य, सिरमौरी मुंजरा, रासा व हुड़ग नृत्य, झुरी, सिंहटू तथा भड़ाल्टू नृत्य आदि लोक विधाओं को कोरियोग्राफ कर तथा समय सीमा में बांधकर एक गुलदस्ते के रूप में सिरमौरी हाटी जनजातीय संस्कृति के वास्तविक स्वरूप को प्रस्तुत करता आया है। हाब्बी दल का नेतृत्व एवं निर्देशन करते हुए स्वयं भी मुख्य लोक नर्तक के रूप में सांस्कृतिक दल की अगुवाई करते आए हैं। उन्होंने बताया कि निसंदेह जिला सिरमौर की संस्कृति में एक कशिश व आकर्षण है तथा पद्मश्री विद्यानंद सरैक द्वारा गुरु शिष्य परंपरा के अंतर्गत सिखाई गई लोकनृत्य विधाओं को प्रदर्शित कलाकारों ने अपने हुनर व फन से लगातार दस बार जिला स्तर पर प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया है। इसके अलावा इन्हीं लोक कलाकारों के दल ने विभिन्न विभागों व संस्थानों द्वारा आयोजित लोकनृत्य प्रतिस्पर्धाओं में आठ बार राज्य स्तर पर एक बार राष्ट्रीय स्तर पर तथा एक बार अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर भी जीत हासिल कर सिरमौरी संस्कृति का लोहा मनवाया है। जोगेंद्र हाब्बी ने सभी कलाकारों की ओर से निदेशक भाषा एवं संस्कृति विभाग और जिला भाषा अधिकारी का इस प्रकार की लोक नृत्य प्रतियोगिताएं आयोजित कर कलाकारों को अपना हुनर दिखाने का अवसर प्रदान करने के लिए तथा प्रतिस्पर्धाओं के निर्णायक मंडल के सभी सदस्यों का निष्पक्ष एवं निर्विवाद निर्णय के लिए हार्दिक आभार व्यक्त करते कहा कि हम सदैव इसी प्रकार हिमाचल व सिरमौर जनपद की समृद्ध संस्कृति को विश्व स्तर पर और अधिक पहचान दिलाने के लिए प्रयासरत रहेंगे।
युवा विधायक दीपराज भंथल के नेतृत्व में बुधवार को करसोग क्षेत्र के स्कूली बच्चों ने दिल्ली में केंद्रीय सूचना-प्रसारण और युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से मुलाकात की। करसोग क्षेत्र के विभिन्न स्कूलों से 12 बच्चे शैक्षणिक भ्रमण के लिए दिल्ली गए हैं। ऐसे में विधायक ने इन बच्चों को केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से रूबरू करवाया। इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने बच्चों का मार्गदर्शन किया। उन्होंने कहा कि करसोग क्षेत्र के युवा विधायक दीपराज की यह सराहनीय पहल है। इस पहल के अंतर्गत बच्चों को अन्य राज्यों की विशेषताओं की जानकारी भी हो सकेगी। केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने बच्चों को सलाह देते हुए कहा कि जब भी इस तरह भ्रमण हो तो विशेष जानकारियों एवं किस्सों को अपनी नोटबुक में जरूर लिखें। ऐसा इसलिए क्योंकि आने वाले समय में वह नोटबुक आनंदमयी स्मृति के साथ अनुभव का काम भी करेगी। विधायक दीपराज ने खेल मंत्री के समक्ष रखा करसोग में स्पोर्ट्स एकाडमी खोलने का मुद्दा विधायक दीपराज भंथल ने इस भेंटवार्ता के दौरान केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के समक्ष करसोग विधानसभा क्षेत्र में स्पोर्ट्स एकाडमी खोलने संबंधी विषय को भी रखा। उन्हांने कहा कि करसोग क्षेत्र में प्रतिभाशाली बच्चों की कमी नहीं है लेकिन विडंबना यह है कि करसोग में खेल की एक भी अकादमी नहीं है। ऐसे में करसोग के युवाओं की सुविधा हेतु स्पोर्ट्स एकाडमी को स्थापित करना समय की प्रमुख मांग है। केंद्रीय खेल मंत्री ने उनकी मांग को ध्यानपूर्वक सुना और इस विषय पर विचार करने का आश्वासन दिया। विधायक दीपराज ने केंद्रीय मंत्री का आभार व्यक्त किया। बच्चों ने आईआईटी दिल्ली में प्राप्त की महत्वपूर्ण जानकारियां केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर से भेंट करने के पश्चात करसोग क्षेत्र के स्कूली बच्चों ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली का शैक्षणिक भ्रमण किया। आईआईटी में बच्चों ने विभिन्न प्रयोगशालाओं के बारे में जाना तथा विज्ञान विषय से जुड़े विषयों की महत्वपूर्ण जानकारी भी प्राप्त की। इसके पश्चात बच्चों ने करसोग क्षेत्र के विधायक दीपराज का आभार व्यक्त किया। बच्चों ने उनसे आग्रह भी किया कि भविष्य में भी स्कूली विद्यार्थियों से इस तरह का शैक्षणिक भ्रमण करवाया जाए। वहीं विधायक दीपराज ने कहा कि वे बच्चों की मांग के अनुरूप आने वाले समय में अवश्य विद्यार्थियों से शैक्षणिक भ्रमण करवाएं ताकि बच्चों का समग्र विकास हो सके।
जिला सोलन के अटल शिक्षा कुंज स्थित प्रसिद्ध आईईसी यूनिवर्सिटी में हिमाचल प्रदेश की 19वीं राज्य स्तरीय वुशु प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में मंडी की टीम ओवरऑल विजेता बनी। वहीं, सांडा प्रतियोगिता में पहला स्थान मंडी, दूसरा स्थान शिमला और तीसरा स्थान सोलन की टीम ने हासिल किया। ताउलू प्रतियोगिता में पहला स्थान डब्ल्यूईसी मंडी, दूसरा स्थान मंडी जिला और तीसरा स्थान बिलासपुर की टीम ने हासिल किया। दो दिवसीय प्रतियोगिता का शुभारंभ जिला खेल अधिकारी सोलन सविंद्र कैंथ ने किया। वहीं, समापन समारोह के अवसर पर असिस्टेंट कमिश्नर, स्टेट टैक्सेज एंड एक्साइज हिमाचल प्रदेश बीआर नेगी ने विजेताओं को ट्रॉफी, मेडल और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया। प्रतियोगिता में हिमाचल प्रदेश के आठ जिलों के 150 खिलाड़ियों ने भाग लिया। आईईसी विश्वविद्यालय की ओर से प्रतियोगिता के अलग-अलग वर्गों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रदेश के 50 खिलाड़ियों को स्वर्ण पदक, 50 खिलाड़ियों को रजत पदक और 100 खिलाड़ियों को कांस्य पदक से नवाजा गया। इस अवसर पर आईईसी विश्वविद्यालय के प्रो. वाइस चांसलर डॉ. रणदीप सिंह, रजिस्ट्रार विनोद कुमार, डीन अकैडेमिक अफेयर डॉ. विजय ठाकुर आदि उपस्थित रहे। वहीं, हिमाचल प्रदेश वुशु संघ के महासचिव पीएन अजाद वुशु संघ सोलन के अध्यक्ष जतिंदर राणा जी, प्रधान आनंद ठाकुर, महासविच श्याम लाल ठाकुर, कोषाध्यक्ष हरेदव सैणी, महासविच जिला कुल्लू के लूदर चंद, महासविच कांगड़ा पवन नाग, महासविच मंडी खेम चंद, राज्य कार्यालय सचिव रमेश कुमार, राज्य कोषाध्यक्ष पूर्ण चंद, हेम राज उपस्थित रहे।
करसोग के विधायक दीपराज भन्थल की अनूठी पहल के तहत आज करसोग क्षेत्र के स्कूली बच्चे शैक्षणिक भ्रमण के लिए रवाना हुए। इस शैक्षणिक भ्रमण के दौरान बच्चों को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली घुमाया जाएगा। इसके उपरांत बच्चों को आगरा भी घुमाया जाएगा। दल में 12 बच्चे तथा अन्य प्रतिनिधि शामिल हैं। इस टूअर के दौरान बच्चों के खाने और ठहरने की उचित व्यवस्था की गई है। इस दौरान बच्चों को जहां साइंस की जानकारी उपलब्ध करवाई जाएगी, वहीं उन्हें विभिन्न स्थानों के बारे में भी अवगत करवाया जाएगा। बता दें कि युवा विधायक ने हाल ही में हुए जिला स्तरीय करसोग नलवाड़ मेले में बच्चों के लिए विज्ञान मेले का आयोजन करवाया था। इस स्पर्धा में विजेता रहे स्कूली बच्चों को विधायक ने 51 हजार रुपये की इनामी राशि भी भेंट की थी। इतना ही नहीं विधायक ने घोषणा की थी कि अव्वल रहे बच्चों को शैक्षिक भ्रमण के लिए भी भेजा जाएगा। ऐसे में सारी औपचारिकताएं पूर्ण करने पर आज विधायक की पहल के तहत बच्चों को करसोग से शैक्षिक भ्रमण के रवाना किया गया। विधायक की इस पहल से जहां बच्चों में खुशी को लहर है, वहीं क्षेत्रवासियों ने युवा एमएलए दीपराज की खूब सराहना भी की है।
मंडी जिला के करसोग कस्बे के साथ लगती ग्राम पंचायत ममेल ने पंचायत क्षेत्र में युवाओं व पर्यटकों के लिए सेल्फी प्वाइंट बना कर पंचायत को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने का प्रयास किया है। पंचायत द्वारा आई लव ममेल के नाम से भ्याल गांव में यह सेल्फी प्वाइंट बनाया गया है। करसोग ब्लाॅक में पंचायत क्षेत्र में सेल्फी प्वाइंट बनाने वाली ममेल पहली पंचायत है। पंचायत द्वारा जिस स्थान पर यह सेल्फी प्वाइंट बनाया गया है, वह स्थल करसोग क्षेत्र के अराध्य देव ममलेश्वर महादेव की बैठक स्थली भी है। पंचायत प्रधान नारायण सिंह ठाकुर का कहना है कि पंचायत ने देवता के इस पवित्र स्थल को पंचवटी पार्क के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया, जिसके तहत सबसे पहले यहां स्थित प्राचीन वाबड़ी का जीर्णोद्धार कर इसे पुनः विकसित किया गया। यहां पर एक भव्य पार्क भी बनाया जा रहा है, जिसे पंचवटी पार्क का नाम दिया गया है। ममेल नगर पंचायत करसोग के साथ लगती पंचायत है। पंचायत क्षेत्र को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने का प्रयास किया जा रहा है। पंचायत में लोगों की सुविधा के लिए रास्तों को पक्का बनाया जा रहा है और अन्य विभिन्न प्रकार की मूलभूूत सुविधाएं भी लोगों की जरूरतों के अनुसार उपलब्ध करवाई जा रही हैं। पंचायत प्रधान का कहना है कि पंचायत को एक आदर्श पंचायत के रूप में विकसित करने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं सहायक आयुक्त विकास एवं बीडीओ करसोग अमित कल्थाईक का कहना है कि ग्राम पंचायतें युवा वर्ग की उम्मीदों, बच्चों व बुजुर्गों की आवश्यकताओं के अनुसार कार्य कर, उन्हें विभिन्न सुविधाएं उपलब्ध करवा रही हैं। गांव में अब पार्कों का निर्माण करने के साथ-साथ गांव को पर्यटन गतिविधियों से भी जोड़ा जा रहा है। शहरों की तर्ज पर सेल्फी प्वाइंट भी बनाए जा रहे हैं। ममेल पंचायत द्वारा पंचवटी पार्क में सेल्फी प्वाइंट बनाना पंचायत की एक अच्छी पहल है। ग्राम ममेल पंचायत गांव में सेल्फी प्वाइंट बनाने वाली करसोग ब्लाॅक की पहली पंचायत है।
जोगिंद्र नगर उपमंडल की ग्राम पंचायत द्रुब्बल में पंचायत स्तरीय तीन दिवसीय मां गायत्री मेले संपन्न हो गया। मां गायत्री मेले के समापन समारोह में शुक्रवार को स्थानीय विधायक प्रकाश राणा ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। लोगों ने उनका द्रुब्बल में भव्य स्वागत किया। मेला कमेटी की अध्यक्ष एवं ग्राम पंचायत द्रुब्बल की प्रधान रेनू राणा ने विधायक प्रकाश राणा का स्वागत व अभिनदंन किया। तीन दिवसीय मेले में महिला मंडलों व युवक मंडलों के कार्यक्रम, स्कूली बच्चों की खेलकूद प्रतियोगिताएं, विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम, वालीबाल व क्रिकेट प्रतियोगिताएं, मटका फोड़, कुर्सी दौड़, रस्साकशी व विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। विधायक प्रकाश राणा ने पंचायत प्रधान, उपप्रधान, वार्ड पंचों, मेला कमेटी के सदस्यों व स्थानीय जनता का उन्हें मान-सम्मान देने के लिए धन्यवाद व आभार व्यक्त किया।
पांगणा पंचायत के प्रधान बसंत लाल को उपायुक्त अरिंदम चौधरी के न्यायालय ने अयोग्य घोषित कर दिया है। गौरतलब रहे कि पांगणा पंचायत के प्रधान के विरुद्ध उनके प्रतिद्वंदी ने एक चुनाव याचिका दायर की थी, जिसमें उप मंडलाधिकारी नागरिक व पंचायती राज अधिनियम 1994 के तहत ऑथराइज्ड ऑफिसर सन्नी शर्मा की अदालत ने कार्रवाई करते हुए फैसला सुनाया था कि याचिकाकर्ता की मांग सही है और नोमिनेशन के समय शपथ पत्र पर गलत व झूठी जानकारी देने के आधार पर चुनाव याचिका को मंजूर करते हुए पंचायत प्रधान पांगणा को अयोग्य घोषित कर दिया था। अब उपायुक्त अरिंदम चौधरी के न्यायालय ने एडवोकेट भीम सिंह ठाकुर की दलील पर उपरोक्त फैसले को सही ठहराते हुए पंचायत प्रधान की अपील को खारीज़ किया और पांगणा पंचायत प्रधान पद के चुनाव को तुरंत प्रभाव से निरस्त कर दिया है। अब पंचायत प्रधान का नए सिरे से चुनाव होगा।
मंगलवार को लगभग 30 वर्षो के बाद श्री नाग हुंगलू मंदिर खन्योल च्वासी में नई कमेटी का चयन किया गया, चुनाव प्रक्रिया की अध्यक्षता मंदिर कमेटी के पूर्व प्रधान फिल्लौर सिंह ठाकुर ने की। इसमें संतोष कुमार को प्रधान, उप प्रधान राम कृष्ण, धर्म सिंह सचिव सोहन सिंह, नितेश कुमार कढेला भीखम राम, कोम सिंह कोषाध्यक्ष कृष्ण लाल, खेम सिंह नेता सलाहकार फिल्लौर सिंह, धनी राम, बालक राम, झाबे राम सदस्य राम लाल चंद्र मणी, योग राज, नेत्र सिंह, सुभाष चंद्र, गीता राम, जय प्रकाश, जसवंत, कांशी राम, टीसी ठाकुर, घनश्याम, केशव राम को नई कार्यकारणी में चुना गया। पूर्व प्रधान फिल्लौर सिंह ठाकुर ने नवनियुक्त कार्यकारिणी को हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं दीं।
प्राकृतिक खेती के लिए मशहूर गांव पज्यानु में मंगलवार को पद्मश्री नेकराम शर्मा को एक बहुत बड़े कार्यक्रम मेँ सम्मानित किया गया। नेकराम शर्मा को टोपी पहनाकर सम्मानित किया गया। उनके साथ पूर्व जिला परिषद सदस्य व समाजसेवी श्याम सिंह चौहान भी मौजूद थे। महिला शक्तिकरण मेँ प्रयासरत और प्राकृतिक खेती क़ी मास्टर ट्रेनर लीना शर्मा के प्राकृतिक खेती समूह ने पद्मश्री नेक राम का जोरदार स्वागत किया। इस अवसर पर विभिन्न महिला मंडलों, जिनमें महिला मंडल थाच, छंडयारा, पज्यानु, थाची, पन्याडू समेत अनेक महिला मंडल व अन्य किसान तथा अन्य लोग उपस्थित थे। पज्यानु महिलाओं मेँ ममता शर्मा सत्या कौंडल, सावित्री कौंडल, किरण शर्मा, मीना शर्मा, भुवनेश्वरी, शांता शर्मा, तारा शर्मा, तेजी देवी इत्यादि बहुत सी महिलाएं व पुरुष उपस्थित थे।