आरोपी के कब्जे से 12 मोबाइल, दो लैपटाप, नौ सिम कार्ड, पैन ड्राइव और नकदी बरामद हिमाचल प्रदेश सीआईडी के साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन मध्य खंड मंडी की टीम ने 12.56 लाख रुपये की ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामले में दिल्ली से नाइजीरियन मूल के व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। आरोपी के कब्जे से पुलिस ने 12 मोबाइल, दो लैपटाप, नौ सिम कार्ड, पैन ड्राइव और नकदी बरामद हुई है। पुलिस ने इन सभी को अपने कब्जे में ले लिया है। इस मामले में अन्य ठगी भी उजागर हो सकती है। फिलहाल यह पूरा मामला गिरोह से जुड़ा बताया जा रहा है। गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश की जा रही है। जानकारी के अनुसार साइबर क्राइम थाना मंडी में बीते 8 सितंबर, 2023 को 12.56 लाख रुपये आनलाइन धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया था। इसमें शिकायतकर्ता को ऑनलाइन शादी का झांसा देकर तोहफा भेजने और कस्टम ड्यूटी फीस के नाम पर यह राशि ऐंठी गई थी। शिकायत मिलने और जांच पड़ताल के बाद साइबर क्राइम पुलिस थाना मंडी में टीम का गठन किया था, जिसमें निरीक्षक अजित सिंह, मुख्य आरक्षी आशीष कुमार, आरक्षी राज कुमार, आरक्षी आशिष पठानिया व आरक्षी चालक पुष्प राज को दिल्ली रवाना किया गया। साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन मंडी की टीम ने दिल्ली में दिल्ली पुलिस के उप निरीक्षक जोगिंद्र, आरक्षी मनीष, शिवानी, मेवा राम की सहायता से दबिश दी और एक नाइजीरियन मूल के व्यक्ति को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया। जांच में पाया गया है कि मुकदमा में संलिप्त मोबाइल नंबर और बैंक खातों में धोखाधड़ी करके पैसे एंठने की भारत में अभी तक 9 राज्यों में साइबर क्राइम की शिकायतें दर्ज हुई हंै। आरोपी को न्यायालय हमीरपुर में पेश किया गया और छह दिन का रिमांड हासिल कर पूछताछ की गई। आरोपी को शनिवार को न्यायायिक हिरासत में भेजा गया है, जबकि पुलिस जांच जारी है। उधर, एएसपी साइबर क्राइम मनमोहन ने बताया कि मामले में नियमानुसार सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए जांच की जा रही है।
** 13 परियोजनाओं के शिलान्यास और उद्घाटन किए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने आज मंडी जिला के धर्मपुर में 71.39 करोड़ रुपये लागत की 13 परियोजनाओं के शिलान्यास व उद्घाटन किए। उन्होंने अवाहदेवी-टीहरा सड़क पर 2.92 करोड़ रुपये की लागत से बने पुल, अनसवाई से चसवाल सड़क पर 2.21 करोड़ रुपये की लागत से बने पुल, हुक्कल चत्तर सड़क पर 66.85 लाख रुपये की लागत से बने पुल, 2.98 करोड़ रुपये की लागत से शेरपुर से सरी वाया खबेर सड़क पर बने पुल, सजाऊ चतरयाणा सड़क पर 1.98 करोड़ रुपये की लागत से बने पुल, धर्मपुर में 74.65 लाख रुपये की लागत से लोक निर्माण विभाग के टाइप-2 स्टाफ क्वार्टर, मंडप में 30.90 लाख रुपये की लागत से सहायक अभियंता के आवास तथा धर्मपुर में 88 लाख रुपये की लागत से बने जन सुविधा केंद्र का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि जन सुविधा केंद्र का निर्माण बांस पर आधारित वस्तुओं के निर्माण तथा कारीगरों को प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए किया जाएगा। इसके अलावा उन्होंने एचपी शिवा परियोजना के तहत जिला मंडी के चौंतड़ा, गोपालपुर तथा धर्मपुर खण्ड में सिंचाई सुविधा प्रदान करने के लिए 50.55 करोड़ रुपये की परियोजना की आधारशिला रखी। इस परियोजना से 775 हेक्टेयर कृषि भूमि को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध होगी। उन्होंने 4.42 करोड़ रुपये की लागत से धर्मपुर में बनने वाले लोक निर्माण विभाग के वृत कार्यालय भवन और रंगड़ में 55 लाख रुपये की लागत से बनने वाले स्वास्थ्य उप-केंद्र की आधारशिला भी रखी। इसके अतिरिक्त, मुख्यमंत्री ने सिद्धपुर में 3.20 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (सेरीकल्चर) के अंतर्गत कोकून मार्केटिंग और स्टोरेज सेंटर का शिलान्यास भी किया।
** सीएम ने धर्मपुर में की 54वें पूर्ण राज्यत्व दिवस समारोह की अध्यक्षता ** धर्मपुर के 200 महिला मंडलों को 20-20 हजार रुपये देने की घोषणा की मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंडी जिले के धर्मपुर में आयोजित 54वें पूर्ण राज्यत्व दिवस समारोह के अवसर पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मंडी जिले के धर्मपुर उपमंडल में पहली बार पूर्ण राज्यत्व दिवस समारोह आयोजित किया जा रहा है। इस उपलक्ष्य में उन्होंने धर्मपुर क्षेत्र के 200 महिला मंडलों को 20-20 हजार रुपये देने की घोषणा की। उन्होने कहा कि राज्य में इस वर्ष मार्च के अंत तक 6 ग्रीन कॉरिडोर शुरू हो जाएंगे। उन्होंने धर्मपुर में डीएसपी कार्यालय, धर्मपुर और संधोल में नगर पंचायत, संधोल वाया मढ़ी धर्मपुर सड़क और संधोल वाया स्योह धर्मपुर सड़क के लिए 10-10 करोड़ रुपये प्रदान करने की घोषणा भी की। उन्होंने बाबा कमलाहिया मंदिर के सौंदर्यीकरण के लिए 3 करोड़ रुपये, टीहरा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भवन के लिए 1.50 करोड़ रुपये, संधोल और धर्मपुर में संयुक्त कार्यालय भवन के लिए क्रमश: 1.50 करोड़ रुपये और 1 करोड़ रुपये देने की घोषणा की। इसके अतिरिक्त राजकीय महाविद्यालय धर्मपुर में बहुउद्देशीय हॉल के निर्माण के लिए 1.50 करोड़ रुपये और नागरिक अस्पताल धर्मपुर और संधोल के लिए 50-50 लाख रुपये प्रदान करने की भी घोषणा की। उन्होंने राजकीय महाविद्यालय सरकाघाट में एक बास्केटबॉल खेल छात्रावास (छात्रा), क्षेत्र में विभिन्न खड्डों के तटीयकरण के लिए 24.80 करोड़ रुपये, राजकीय महाविद्यालय सरकाघाट में जूलॉजी में स्नातकोत्तर कक्षाएं और राजकीय महाविद्यालय धर्मपुर में अंग्रेजी, अर्थशास्त्र तथा हिंदी में स्नातकोत्तर कक्षाएं आरंभ करने की घोषणा भी की। उन्होंने कहा कि फरवरी में 13 ई-चार्जिंग स्टेशन शुरू कर दिए जाएंगे और आगामी दो माह के भीतर चिन्हित पेट्रोल पंपों पर कुल 108 चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने की योजना है। उन्होंने कहा कि कीरतपुर से केलांग ग्रीन कॉरिडोर में पहले से ही 5 ई-चार्जिंग स्टेशन शुरू कर दिए गए हैं और शिमला से बिलासपुर तक इसी प्रकार के 3 स्टेशन स्थापित किए गए हैं। कहा कि प्रदेश में ई-वाहनों को बड़े पैमाने पर बढ़ावा दिया जा रहा है और राज्य सरकार ने 1 जनवरी, 2024 से सभी सरकारी विभागों में पेट्रोल और डीजल वाहनों की खरीद पर रोक लगाई है।
हिमाचल प्रदेश के पूर्ण राज्यत्व दिवस पर महंगाई भत्ते व एरियर की आस लगाए बैठे कर्मचारियों व पेंशनरों को निराशा हाथ लगी है। मंडी के धर्मपुर में आयोजित 54वें पूर्ण राज्यत्व दिवस के राज्य स्तरीय समारोह में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने महंगाई भत्ते और एरियर को लेकर कोई घोषणा नहीं की है, जिससे कर्मचारी और पेंशनर्स काफी निराश हैं। उन्हें उम्मीद थी की मुख्यमंत्री महंगाई भत्ते की देय चार प्रतिशत किस्त का ऐलान करेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। समारोह में मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया और पुलिस, होमगार्ड, भारतीय रिजर्व बटालियन सकोह, एनसीसी तथा स्काउट एवं गाइड की टुकड़ियों द्वारा प्रस्तुत आकर्षक मार्चपास्ट की सलामी ली।
** मुख्यमंत्री ने मंडी के धर्मपुर में आयोजित 54वें पूर्ण राज्यत्व दिवस कार्यक्रम में की घोषणा ** कहा, तीन करोड़ से होगा बाबा कमलाहिया मंदिर का सौंदर्यीकरण हिमाचल प्रदेश में विभिन्न श्रेणियों के 10 हजार पद भरे जाएंगे। वहीं, नए शैक्षणिक सत्र से पहली कक्षा में अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई शुरू की जाएगी। यह बात मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंडी जिले के धर्मपुर में आयोजित राज्य के 54वें पूर्ण राज्यत्व दिवस के राज्य स्तरीय समारोह में लोगोंं को संबोधित करते हुए कही। समारोह में उन्होंने राष्ट्रीय ध्वज फहराया और पुलिस, होमगार्ड, भारतीय रिजर्व बटालियन सकोह, एनसीसी तथा स्काउट एवं गाइड की टुकड़ियों द्वारा प्रस्तुत आकर्षक मार्चपास्ट की सलामी ली। मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए अप्रैल में 13 अतिरिक्त चार्जिंग स्टेशन खोले जाएंगे। इस दौरान सीएम सुक्खू ने राज्य सरकार की उपलब्धियां भी गिनवाईं। उन्होंने धर्मपुर क्षेत्र के लिए कई बड़ी घोषणाएं कीं। संधोल को नगर पंचायत व धर्मपुर में डीएसपी कार्यालय खोलने की घोषणा की। बाबा कमलाहिया मंदिर सौंदर्यीकरण के लिए तीन करोड़ देने की घोषणा की।
In the picturesque town of Mandi, nestled amidst the majestic Himalayan mountains, an air of excitement envelopes the surroundings as the vibrant festival of Shivaratri unfolds annually. More than just a religious event, this celebration is a cultural spectacle that unites the community in joy and devotion. As the sun sets, the town comes alive with colorful processions winding through its narrow streets. Locals, adorned in traditional attire, carry ornate palanquins showcasing beautifully decorated idols of Lord Shiva. The rhythmic beats of drums and the melodious tunes of traditional instruments create an enchanting atmosphere, capturing the attention of both locals and tourists alike. At the heart of the festivities lies the famous Paddal ground, transformed into a lively fairground. Stalls line the pathways, offering a plethora of local crafts, handloom textiles, and delicious Himachal cuisine. Families gather together to enjoy the carnival-like atmosphere, indulging in sweet treats and admiring the craftsmanship on display. One cannot miss the captivating performances by local artists, showcasing traditional dance forms that have been passed down through generations. The lively folk music resonates through the air, creating an immersive experience for everyone present. For the devout, the festival holds special significance. Devotees throng the ancient temple dedicated to Lord Shiva, seeking blessings for good health, prosperity, and happiness. The scent of incense wafts through the air as priests conduct elaborate rituals, adding a spiritual touch to the festivities. Mandi Shivaratri is not merely a celebration; it is a reflection of the rich cultural heritage of the region. It brings together people from diverse backgrounds, fostering a sense of unity and pride in their shared traditions. As the night sky over Mandi is illuminated with fireworks, the town bids farewell to yet another spectacular Shivaratri. This Mandi Shivaratri has gained international acclaim, attesting to its widespread popularity and significance.
** कांग्रेस सरकार प्रदेश का विकास करती तो सबसे ज़्यादा ख़ुशी हमें होती नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 'प्रधानमंत्री सूर्योदय योजनाÓ की शुरुआत की गई। यह योजना भारत की भविष्य की ऊर्जा ज़रूरतों को पूरा करेगा। इस योजना के तहत एक करोड़ घरों पर सोलर पैनल लगाया जाएगा, जिससे देश के एक करोड़ परिवारों की ऊर्जा ज़रूरतें पूरी हो सकें। इससे एक करोड़ परिवारों को बिजली का कोई बिल नहीं देना होगा। इससे बचने वाली बिजली अन्य व्यावसायिक गतिविधियों में इस्तेमाल होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस योजना से ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में भारत दुनिया के अग्रणी देशों में से एक होगा। नेता प्रतिपक्ष ने इतने व्यस्ततम कार्यक्रम के बाद भी 'प्रधानमंत्री सूर्योदय योजनाÓ जैसी महत्वाकांक्षी योजना देश के लोगों को समर्पित करने के लिए प्रधानमंत्री महोदय के प्रति आभार प्रकट करते हुए समस्त देशवासियों को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की हर योजना देश व्यापक जनकल्याण और दीर्घकालीन लक्ष्यों को साधती है। जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस सरकार अगर प्रदेश में सच में विकास के एक भी काम करती तो सबसे ज़्यादा ख़ुशी हमें ही होती लेकिन दु:ख इस बात का है कि 14 महीनें की सरकार में कांग्रेस ने विकास का एक भी काम नहीं कर पाई है। कांग्रेस ने अपने पूरे कार्यकाल में एक जनहित का काम नहीं किया है। एक भी जनहितकारी योजना ज़मीन पर नहीं उतरी है। अब बातें बनाने का वक़्त नहीं हैं। ज़मीन पर काम करने का वक़्त है। लोगों में बहुत आक्रोश हैं। इसलिए पिछली सरकार पर आरोप लगाने के बजाए अपनी सरकार में किए गए कामों के बारे में बात करें। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि राहुल गांधी को यात्रा करने से कौन रोक रहा है लेकिन इस तरह से कानून की अवहेलना करके यात्रा करने का क्या औचित्य है। कहां, किस रूट पर जाना है, कहां नहीं जाना है यह सुरक्षा एजेंसियां तय करती हैं। सुरक्षा भी ऐसी यात्राओं में एक पक्ष होता है। सुरक्षा प्राथमिकताओं की उपेक्षा करने का क्या तुक है। उन्होंने कहा कि हैरानी की बात है कि राहुल गांधी असम में जाकर मंदिर जाने की ज़िद करते हैं लेकिन सदियों के संघर्ष के बाद बनने वाले राम मंदिर का विरोध करते हैं। पार्टी स्तर पर आदेश जारी करते हैं कि राम मंदिर में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा में कोई भी कांग्रेसी नेता नहीं जाएगा। बीजेपी का विरोध करते-करते कांग्रेस भगवान श्री राम का भी विरोध करने लगी है। यह दु:खद हैं। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि भगवान राम का बहिष्कार कांग्रेस को आने वाले समय में बहुत महंगा पड़ेगा।
** कहा, प्रत्येक माह के अंतिम दो दिनों में आयोजित की जाएं राजस्व लोक अदालतें मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां प्रशासनिक सचिवों की बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रत्येक माह के अंतिम दो दिनों में राजस्व लोक अदालत आयोजित करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि इन लोक अदालतों के उत्साहजनक परिणाम सामने आ रहे हैं। इन अदालतों में अब तक इंतकाल के 65000 से अधिक और तकसीम के 4000 से अधिक लंबित मामलों का निपटारा किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि लोगों की समस्याओं का समाधान करना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है क्योंकि वर्तमान सरकार जन-जन की सरकार है। उन्होंने कहा कि वन विभाग में वन मित्रों की भर्ती की प्रक्रिया चल रही है और अगले महीने के पहले सप्ताह से शारीरिक परीक्षण भी आरंभ हो जाएगा। उन्होंने पुलिस विभाग में 1226 पुलिस कांस्टेबल पदों को भरने की प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के लोगों को उनके घर-द्वार के समीप विशेषज्ञ स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। अभी तक राज्य के 50 विधानसभा क्षेत्रों में आदर्श स्वास्थ्य संस्थान स्थापित किए जा चुके हैं, इनमें 6-6 विशेषज्ञ चिकित्सक तैनात किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभागों को शिमला शहर के सर्कुलर रोड में यातायात के सुचारू संचालन के लिए सभी बाधाओं को दूर करने के निर्देश भी दिए।
** पूरे प्रदेश में दिवाली जैसा माहौल ** जगह-जगह लगे भंडारे, शोभा यात्राएं निकालीं भगवान राम की जन्म भूमि अयोध्या में रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह के उपलक्ष्य में देवी-देवताओं की भूमि हिमाचल प्रभु राम के रंग में रंग गया है। पूरे प्रदेश में दिवाली जैसा माहौल है। राज्य के 4 हजार के करीब मंदिरों में एलईडी स्क्रीनें लगाकर रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह दिखाया गया। हर कोई भगवान राम की भक्ति में डूबा नजर आ रहा है। मंदिरों में धार्मिक आयोजन, जगह-जगह भंडारे और शोभा यात्राएं निकाली जा रही हैं। प्रदेश की शक्तिपीठों, बज्रेश्वरी मंदिर, चामुंडा, ज्वालाजी, नयना देवी, चिंतपूर्णी में विशेष आयोजन हो रहे हैं। मंदिरों में सोमवार सुबह अखंड रामायण पाठ, हवन, सुंदरकांड पाठ, हनुमान चालीसा पाठ हुआ। अगर बात करे शिमला जिला की तो यहां 100 से अधिक और राजधानी के 60 मंदिरों में श्रद्धालुओं को प्राण प्रतिष्ठा समारोह लाइव दिखाया गया। शाम 5 बजे मंदिरों में दीप जलाएं जाएंगे। राजधानी का सबसे बड़ा कार्यक्रम राम बाजार स्थित राम मंदिर में हो रहा है।
** कहा, जाखू में हनुमान की मूर्ति की तरह अब राम की भी मूर्ति स्थापित की जाएगी अयोध्या राम मंदिर में 22 जनवरी यानी कल भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम होगा। इसको लेकर केंद्र सरकार ने आधे दिन की छुट्टी की घोषणा की है। वहीं, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य में पूरे दिन के लिए सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की है। मुख्यमंत्री राम मंदिर शिमला में अखंड ज्योति पाठ के शुभारंभ पर पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि जाखू में हनुमान की मूर्ति की तरह अब श्री राम की भी मूर्ति स्थापित की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान श्री राम किसी एक पार्टी के नहीं हैं, वे पूरे देश के आराध्य हैं। उन्होंने कहा कि भगवान राम के आदर्शों को हमें अपने जीवन में अपनाना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने लोगों से आग्रह किया है कि सभी लोग कल अपने घर में दीपक जलाएं, वे स्वयं भी दीपक जलाएंगे।
** पॉलिसी पर विस्तृत विचार-विमर्श पर दिया जोर हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अवधि आधारित अतिथि शिक्षक भर्ती नीति के क्रियान्वयन को अगले आदेशों तक स्थगित करने के निर्देश दिये हैं। सीएम सुक्खू ने भर्ती पर अस्थायी रोक लगाते हुए इस बात पर जोर दिया कि शिक्षा मंत्री के शिमला लौटने के बाद ही इस मामले पर विस्तृत चर्चा होगी। उन्होंने कहा कि इस नीति को गहन विचार-विमर्श के बाद लागू किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने शनिवार को राज्य सचिवालय में पत्रकारों से बातचीत के दौरान यह जानकारी दी। उन्होंने स्पष्ट किया कि अतिथि शिक्षक भर्ती अस्थायी है। अतिथि शिक्षकों को अवधि के अनुसार घंटे के आधार पर भुगतान किया जाएगा और मासिक या वार्षिक आधार पर कोई स्थायी भर्ती नहीं होगी।
पर्यटन निगम के अध्यक्ष कैबिनेट रैंक आरएस बाली 21 जनवरी को मंडी जिला के नाचन के घरोट में 'सरकार गांव के द्वार' कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि भाग लेंगे। सरकारी प्रवक्ता ने यह जानकारी देते हुए बताया कि इन कार्यक्रमों में पंचायतीराज संस्थाओं के जनप्रतिनिधि, सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों और आम लोगों को आमंत्रित किया जा रहा है ताकि जनसमस्याओं का निवारण मौके पर ही किया जा सके। आयोजन स्थल से संबंधित पंचायतों में इसी दिन विशेष ग्राम सभा भी आयोजित की जाएगी, जिनमें सरकार की विभिन्न योजनाओं के बारे में चर्चा की जाएगी। सरकार की तरफ से जिला स्तर के सभी कार्यालय प्रमुखों को इन कार्यक्रमों में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहने तथा विभागीय योजनाओं से संबंधित प्रदर्शनी स्टॉल लगाने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि प्रदर्शनी स्टॉलों में सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं से संबंधित संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करवाई जा रही है ताकि अधिक से अधिक लोग इन योजनाओं का लाभ उठा सकें। 'सरकार गांव के द्वारÓ कार्यक्रमों के दौरान स्वास्थ्य विभाग और आयुर्वेद विभाग मैगा स्वास्थ्य कैंप भी आयोजित किए जा रहे हैं, जिनमें मरीजों के निशुल्क टैस्ट होंगे तथा उन्हें दवाइयां भी उपलब्ध करवाई जाएंगी।
** पंप ऑपरेटर, पैरा फिटर और मल्टीपर्पज वर्कर्स की होगी भर्ती ** कर्मचारियों की पंचायत स्तर पर की जाएगी तैनाती हिमाचल प्रदेश में सरकारी नौकरी के सपने संजाये बैठे युवाओं के लिए अच्छी खबर है। जल शक्ति विभाग में हजारों पद भरे जाएंगे, जिसकी अधिसूचना भी जारी हो गई है। जानकारी के मुताबिक विभाग में 4500 पद भरे जाएंगे, जिनमें पंप ऑपरेटर, पैरा फिटर और मल्टीपर्पज वर्कर्स (एमपीडब्ल्यू) की भर्ती की जाएगी। ये कर्मचारी शिमला, हमीरपुर, मंडी और धर्मशाला जोन में रखे जाएंगे। विभाग ने भर्ती के लिए अधीक्षण, अधिशासी अभियंता और अधीक्षक की कमेटी गठित की है। पंचायत स्तर पर कर्मचारियों की तैनाती की जानी है। विभाग में कर्मचारियों की कमी है। इनकी तैनाती से विभाग को काफी हद तक राहत मिलेगी, वहीं गांवों में पानी की सप्लाई को लेकर आ रही समस्या भी दूर होगी। मंत्रिमंडल से मंजूरी मिलने के बाद विभाग भर्ती प्रक्रिया शुरू कर रहा है। आईटीआई और डिप्लोमा प्राप्त उम्मीदवारों को वरीयता मिलेगी। आवेदनकर्ता का 10वीं पास होना अनिवार्य है। वर्कर पॉलिसी के तहत इनकी तैनाती की जानी है। विभाग कर्मचारियों को 5,500 रुपये तक मासिक मानदेय देगा। पानी के पंप स्टेशन, स्टोरेज टैंक की देखरेख समेत सप्लाई देने का काम इनका रहेगा और 6 घंटे काम लिया जाएगा। जानकारी देते हुए उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने बताया कि जल शक्ति विभाग में वर्करों की तैनाती को लेकर अधिसूचना जारी कर दी गई है। जल्द लोगों से आवेदन मांगे जाएंगे और भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इस फैसले से जहां युवाओं को रोजगार मिल सकेगा, वहीं जनता को भी राहत मिलेगी।
** कहा, कांग्रेस को बहुत महंगा पड़ेगा भगवान राम लला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह का विरोध ** बहुत सौभाग्यशाली और कम लोगों को मिला है निमंत्रण, जिन्हें मिला है उन्हें जाना चाहिए ** बीजेपी और आरएसएस का विरोध अलग है लेकिन भगवान राम का विरोध दुर्भाग्यपूर्ण नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस के कुछ नेता कुछ भी बोलते हैं। एक तरफ वह अयोध्या में भगवान श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा का विरोध भी कर रहे हैं दूसरी तरफ भगवान श्रीराम की कसम भी खा रहे हैं। कांग्रेस पार्टी ने भगवान राम जन्म क्षेत्र मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में नहीं जाने का निर्णय लिया है। कांग्रेस का यह निर्णय करोड़ों राम भक्तों की आस्था और श्रद्धा के विरुद्ध है। कांग्रेस बीजेपी का विरोध करते-करते अब रामचंद्र जी का विरोध करने लगी है यह दुर्भाग्यपूर्ण है। राम का विरोध कांग्रेस को बहुत महंगा पड़ेगा। उन्होंने कहा कि भाजपा या संघ का विरोध कर सकते हैं लेकिन रामचंद्र जी का विरोध सर्वथा अनुचित है। विक्रमादित्य जी को प्राण प्रतिष्ठा में जाना चाहिए। प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में जाने का निमंत्रण बहुत सौभाग्यशाली और बहुत कम लोगों को मिला है। यह उनके सौभाग्य की बात है कि उन्हें इस पुण्य अवसर पर साक्षी होने का मौका मिल रहा है। कांग्रेस इस पुण्य कार्य में भी राजनीतिक दृष्टि से निर्णय कर रही है। यह किसी के व्यक्तिगत आस्था और श्रद्धा के प्रति कुठाराघात है। किसी को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के महोत्सव में जाने से रोकना अनुचित है। जिनसे विभाग लिए, वो भी नाखुश और जिन्हें दिए वो भी कांग्रेस की अंदरूनी कलह के बारे में नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि यह कांग्रेस का अंदरूनी मामला है, जिस पर वह ज्यादा कुछ नहीं कहना चाहता एक वर्ष बाद मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ तो मुख्यमंत्री सुक्खू ने मंत्रियों से छीनकर दूसरे मंत्रियों को महकमें दे दिए, जबकि खुद की विभागों को अपने पास रखा। जाहिर है जब किसी से महकमा छीना जाता है तो नाराजगी होती है। जिन नए मंत्रियों को विभाग दिए, वे भी प्रसन्न नहीं है, क्योंकि उन्हें लगता है कि इन विभागों का कोई महत्व नहीं है। इस सरकार में कोई भी प्रसन्न नहीं दिखाई देता। न जनता खुश है, न कांग्रेस के नेता और न ही मंत्री।
** राज्य में बेहतरीन स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने के लिए मिला सम्मान ** मुख्यमंत्री बोले, ग्रामीण अर्थव्यवस्था आधारित नई स्टार्ट-अप नीति लेकर आएगी राज्य सरकार आज भारत मंडपम नई दिल्ली में उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग द्वारा राज्यों के स्टार्ट-अप रैंकिंग-2022 कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश को श्रेणी-बी (एक करोड़ से कम आबादी वाले राज्य) में सर्वश्रेष्ठ परफोर्मर पुरस्कार प्रदान किया गया। यह पुरस्कार राज्य में बेहतरीन स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने के लिए प्रदान किया गया। प्रदेश का मूल्याकंन 7 सुधार क्षेत्रों और 27 कार्य बिंदुओं पर किया गया। जिनका राज्य में स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान है। राज्य को क्षमता निर्माण में अर्ग्रणी, फंडिग लीडर, सस्टेनेबिलिटी प्रमोटर, इनक्यूबेशन हब, मेंटरशिप चौंपियन, इनोवेटिव लीडर और संस्थागत चैंपियन के रूप में मान्यता दी गई। वहीं, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने उद्योग विभाग और स्टार्टअप टीम की सराहना करते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश न केवल देश बल्कि दुनिया भर में स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण में अग्रणी बनने के लिए प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में औद्योगिकीकरण की गति बढ़ाने के साथ-साथ रोजगार के अवसर सृजित करने के लिए स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इसके तहत सभी हितधारकों के लिए इंटरेक्टिव पोर्टल का निर्माण, उच्च शिक्षा संस्थानों में जागरूकता और पहुंच के लिए प्रभावी तंत्र बनाने तथा स्टार्ट-अप को प्रदर्शन एवं विपणन के अवसर प्रदान करने के लिए विभिन्न पहल शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इस वर्ष राज्य सरकार नई स्टार्टअप नीति लेकर आएगी जिसमें ग्रामीण आधारित स्टार्टअप और महिला नेतृत्व वाले स्टार्टअप के लिए विशेष प्रावधान होंगे। राज्य सरकार भारतीय प्रबंधन संस्थान सिरमौर, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान बिलासपुर और डिजिटल प्रौद्योगिकी एवं गवर्नेंस विभाग में नए इन्कुवेशन केंद्र स्थापित करेगी।
सांसद प्रतिभा सिंह ने संसदीय क्षेत्र मंडी में विकास कार्यों को गति देने के लिए सांसद निधि से करीब छह लाख रुपये की धनराशि जारी की है। इससे पहले उन्होंने मंडी जिले में विकास कार्यों को गति देने के लिए लगभग 46 लाख रुपये की धनराशि जारी की थी। सांसद ने पिछले दिनों सदर मंडी में अपने दौरे में विभिन्न विकास कार्यों के लिए सांसद निधि से धनराशि उपलब्ध कराने की घोषणा की थी। अब घोषणाओं के मुताबिक कार्यान्वयन एजेंसी बीडीओ सदर मंडी को अलग-अलग 6.20 लाख रुपये की धनराशि विकास कार्यों के लिए प्रदान की गई है। सांसद ने सदर मंडी विधानसभा की कोटली पंचायत के गांव बलाहार में सैनिक सदन को बनाने के लिए 5 लाख रुपये की धनराशि जारी की। वहीं, उन्होंने राजकीय माध्यमिक पाठशाला सपलोह की मरम्मत के लिए एक लाख रुपये और नैना महिला मंडल चनालसा की प्रधान सरोज कुमारी के आग्रह पर खेलों का सामान खरीदने के लिए 20 हजार रुपये की धनराशि जारी की है।
** शीघ्र शुरू होगी मुख्यमंत्री विधवा एवं एकल नारी आवास योजना ** योजना के तहत घर बनाने के लिए दिए जाएंगे 1.50 लाख रुपये मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार शीघ्र ही मुख्यमंत्री विधवा एवं एकल नारी आवास योजना शुरू करेगी। उन्होंने कहा कि इस योजना के अंतर्गत पात्र विधवा एवं एकल नारियों को घर निर्मित करने के लिए 1.50 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत 7 हजार महिलाओं को घर निर्मित करने के लिए सहायता प्रदान करने का लक्ष्य रखा गया है। योजना को मंत्रिमंडल की बैठक में मिल चुकी है मंजूरी मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला उत्थान के लिए समर्पित इस योजना को हाल ही में आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में सैद्धांतिक मंजूरी प्रदान की गई है। योजना की अन्तिम रूपरेखा तैयार की जा रही है। आश्रय प्रदान इस योजना के अंतर्गत निर्मित घर में बिजली, पानी और अन्य आवश्यक सुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार समाज के समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध है और वंचित वर्गों के कल्याण के लिए विभिन्न योजनाएं शुरू की गई हैं। उन्होंने कहा कि वह स्वयं एक सामान्य परिवार से संबंध रखते हैं और समाज के कमजोर वर्गों के दुख और परेशानियों से भली-भांति परिचित हैैं। एक वर्ष के दौरान राज्य सरकार ने उनके जीवन स्तर में सुधार के लिए कई अभिनव पहल की हैं। अनाथ बच्चों को दिया 'चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट' का दर्जा मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा चार हजार से अधिक अनाथ बच्चों को 'चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट' के रूप में अपनाकर उनके लिए मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हिमाचल देश का पहला राज्य है जहां अनाथ बच्चों की देखभाल और शिक्षा की जिम्मेदारी राज्य सरकार उठा रही है। प्रदेश सरकार द्वारा इन बच्चों को 27 वर्ष की आयु तक 4 हजार रुपये प्रतिमाह जेब खर्च के रूप में प्रदान किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की यह पहल वंचित वर्गों के सामाजिक उत्थान की पहल को दर्शाती है। प्रदेश सरकार राज्य का चहुंमुखी विकास सुनिश्चित करते हुए समाज के वंचित वर्गों को विकास की मुख्य धारा में शामिल कर रही है।
हिमाचल के मंडी जिले में एक ट्यूशन सेंटर में स्कूल की छात्राओं के साथ छेड़छाड़ करने का मामला काफी गर्मा गया है। इस मामले को लेकर आज स्माइल हिमाचल संस्था, हिमाचल देव सेना और एक राष्ट्रीय स्तर की संस्था द्वारा डीएसपी मंडी को ज्ञापन दिया। समाजसेवी निखिल वालिया ने कहा कि देवभूमि में इस तरह की हरकतें सहन नहीं की जाएंगी। बेटियों के साथ इस प्रकार की शर्मनाक हरकतें करने वालों पर पुलिस को कड़ी से कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने डीएसपी से मांग की कि पुलिस मामले में जल्द से जल्द कार्रवाई करे और आरोपी व्यक्ति को तुरंत गिरफ्तार किया जाए।
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में एक दोमंजिला मकान जलकर राख हो गया। जानकारी के अनुसार बीएसएल पुलिस थाना कॉलोनी के तहत निहरी के खरठीं गांव में सोमवार को एक स्लेटनुमा दोमंजिला मकान में आग लग गई। आग लगने से मकान के अंदर का पूरा सामान जलकर राख हो गया है। गनीमत रही कि इस घटना के समय घर के भीतर परिवार का कोई भी सदस्य मौजूद नहीं था, वरना घटना बड़ी हो सकती थी। परिवार के सदस्यों और गांव के लोगों को जैसे ही घटना का पता लगा तो उन्होंने तुरंत मौके पर पहुंच आग पर काबू पाने का प्रयास किया। हालांकि, तब तक मकान पूरी तरह से जलकर राख हो चुका था।
** मार्ग पर स्थापित होंगे सात चार्जिंग स्टेशन राज्य सरकार ने किरतपुर-बिलासपुर-मंडी-कुल्लू-मनाली-केलांग ग्रीन कॉरिडोर के संचालन से एक ऐतिहासिक कीर्तिमान हासिल किया है, जिसमें सात इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन का शीघ्र ही शुभारंभ किया जाएगा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने पहले बजट भाषण में इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने को बढ़ावा देने के उद्देश्य से राज्य भर में छह ग्रीन कॉरिडोर स्थापित करने की घोषणा की है। इंडियन ऑयल कार्पोरेशन लिमिटेड ने रणनीतिक रूप से किरतपुर-बिलासपुर-मंडी-कुल्लू-मनाली-केलांग ग्रीन कॉरिडोर पर घंडल, दाड़लाघाट के समीप दसेरन, बिलासपुर के पास नौणी, जडोल, नेर चौक बाईपास, कुल्लू में भूतनाथ मंदिर पुल के सामने और केलांग में सात ईवी चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए हैं। शिमला से केलांग जाने वाले इलेक्ट्रिक वाहन चालकों को भी चार्जिंग स्टेशनों से लाभ होगा। इन स्टेशनों को स्थापित करने का उद्देश्य परिवहन के बेहतर साधन को बढ़ावा देने के साथ-साथ ई-चालकों को सुखद यात्रा की सुविधा प्रदान करना है। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि छह घोषित ग्रीन कॉरिडोर में परवाणू-नालागढ़-ऊना-हमीरपुर-देहरा-अंब-मुबारकपुर-संसारपुर-टैरेस-नूरपुर, पांवटा-नाहन-सोलन-शिमला, परवाणू-सोलन-शिमला-रामपुर-पिओ-पूह-ताबो-काजा-लोसर, शिमला-बिलासपुर-हमीरपुर-कांगड़ा-नूरपुर-बनीखेत-चंबा, मंडी-जोगिंदरनगर-पालमपुर-धर्मशाला-कांगड़ा-पठानकोट तथा किरतपुर-बिलासपुर-मंडी-कुल्लू-मनाली-केलांग-जिंगजिंगबार जैसे प्रमुख मार्ग शामिल हैं। इसके अतिरिक्त अन्य पांच ग्रीन कॉरिडोर को पूरी तरह संचालित करने के प्रयास जारी हैं। परिवहन विभाग ने अन्य प्रस्तावित ग्रीन कॉरिडोर के साथ 45 अतिरिक्त ईवी चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना के लिए निविदा प्रक्रिया शुरू की है। राज्य सरकार इन स्टेशनों को स्थापित करने के लिए निजी ऑपरेटरों को 50 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान कर रही है। सुविधाजनक मार्ग पर चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए उपयुक्त स्थानों की पहचान करने के महत्व पर बल देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहे हैं और हमें इस समस्या को रोकने के लिए पहले से ही कदम उठाने चाहिए। यही कारण है कि राज्य सरकार 31 मार्च, 2026 तक हिमाचल प्रदेश को हरित ऊर्जा राज्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्ट-अप योजना के तहत ई-टैक्सी, ई-बस और ई-ट्रक की खरीद पर 50 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान करने सहित विभिन्न प्रावधान पहले ही लागू किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने इस वर्ष से सरकारी क्षेत्र में डीजल-पेट्रोल वाहनों की खरीद पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ई-वाहनों को बढ़ावा देना बेहतर परिवहन के प्रति सरकार के समर्पण को दर्शाता है, जिसका लक्ष्य कार्बन उत्सर्जन को कम करना तथा स्वच्छ और स्वस्थ भविष्य की ओर हरित ऊर्जा के क्षेत्र में हिमाचल प्रदेश को अग्रणी राज्य बनाना है।
पुरानी पेंशन बहाली का 1 वर्ष पूरा होने पर नई पेंशन स्कीम कर्मचारी महासंघ द्वारा पूरे प्रदेश में रिटायर कर्मचारियों को सम्मानित किया गया।इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप ठाकुर जोगिंदर नगर में उपस्थित रहे और उनकी उपस्थिति में जोगिंदर नगर में रिटायर हुए कर्मचारियों को सम्मानित किया गया। उन्होंने कहा कि जो कर्मचारी एनपीएस के तहत आते थे और प्रदेश सरकार द्वारा पेंशन बहाली के बाद उन्हें पुरानी पेंशन मिलना शुरू हुई है, उन सभी को संगठन द्वारा सम्मानित किया जा रहा है। पिछले वर्ष 13 जनवरी को पहली कैबिनेट की बैठक में प्रदेश सरकार ने पुरानी पेंशन बहाली पर मुहर लगाई थी। 1 वर्ष के अंतराल में पुरानी पेंशन बहाली संबंधित अधिसूचना प्रदेश में हो चुकी है और लगभग 800 से भी अधिक कर्मचारियों को पुरानी पेंशन मिलना शुरू हुई है, जिससे रिटायर कर्मचारियों में भारी उत्साह है। सभी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री सुखविंदर सिंह सुक्खू जी का धन्यवाद किया है। प्रदीप ठाकुर ने कहा चि श्री सुखविंदर सिंह सुक्खू जी के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने पहली कैबिनेट में जिस तरह से पेंशन बहाली का बड़ा फैसला लिया वह सचमुच कर्मचारी इतिहास में याद रखने योग्य निर्णय है। कर्मचारी सदैव उनके ऋणी रहेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पेंशन पूरी तरह से बहाल हुई है जिसका उदाहरण आज पूरे प्रदेश में देखने को मिल रहा है। जोगिंदर नगर में उन्होंने श्रीमती अनीता नारंग जो शिक्षा विभाग से रिटायर हुई है और उन्हें एनपीएस के तहत 2212 रुपये पेंशन मिलती थी, अब पुरानी पेंशन बहाली के पश्चात उन्हें 30000 रुपये पेंशन मिलना शुरू हुई है। उन्होंने कहा कि शिव चरण जी जो पहले एनपीएस के तहत रिटायर हुए थे को 6200 पेंशन मिलती थी पुरानी पेंशन बहाली के पश्चात उन्हें ज्यादा 34000 पेंशन मिलना शुरू हुई है। इस ऐतिहासिक लेने के लिए उन्होंने प्रदेश सरकार का धन्यवाद करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार के सम्मान में जल्द ही प्रदेश के सभी जिला में समान समारोह किए जाएंगे जिसमें माननीय मुख्यमंत्री और मंत्री गणों को सम्मानित कर प्रदेश सरकार का धन्यवाद किया जाएगा। इस मौके पर राज्य मीडिया प्रभारी पवन ठाकुर, जोगिंदर नगर अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष दुलो राम, महासचिव विशाल, छोटू यादव तथा विनोद इत्यादि उपस्थित रहे।
**पुलिस ने दो मामले किए दर्ज, आरोपी शिक्षक फरार हिमाचल के मंडी जिले में एक ट्यूशन सेंटर में नाबालिग छात्राओं के साथ अश्लील छेड़छाड़ का मामला सामने आया है। शिक्षक पर ट्यूशन के बहाने छात्राओं के साथ घिनौनी हरकत करने के आरोप लगे हैं। पहले एक छात्रा और कुछ समय बाद दूसरी छात्रा के साथ भी ऐसी ही हरकत होने का मामला सामने आया है। शिक्षक ने दूसरी छात्रा के साथ जब ऐसा किया तो उसने हिम्मत कर अभिभावकों को सारी बात बता दी, जिसके बाद अध्यापक की घिनौनी हरकत का शिकार बनी पहली छात्रा ने भी सामने आकर अपना दर्द बताया। दोनों नाबालिग छात्राओं ने बाल कल्याण समिति के समक्ष काउंसिलिंग के दौरान उनके साथ हुई सारी हरकत को बयां किया है। बाल समिति की रिपोर्ट भी चौंकाने वाली है। इस मामले में आरोपी ट्यूटर के खिलाफ पुलिस ने अब दो मामले दर्ज किए हैं। आरोपी शिक्षक फरार बताया जा रहा है। उधर, एएसपी मंडी सागर चंद्र ने बताया कि ट्यूटर के खिलाफ आईपीसी 354 ए और पोक्सो एक्ट की धारा 9 व 12 के तहत मामला दर्ज किया है।
** प्रदेश सरकार ने नए शैक्षणिक सत्र को लेकर जारी किए दिशा-निर्देश ** छात्राओं के लिए घुटने से नीचे तक स्कर्ट, कमर से नीचे तक शर्ट पहनना जरूरी हिमाचल प्रदेश सरकार ने नए शैक्षणिक सत्र से सरकारी स्कूलों में वर्दी के रंग-रूप और अन्य पहनावों को लेकर दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। अब विद्यार्थी बालों में जेल, हाथों में नेल पॉलिश, शरीर पर टैटू और खुली या तंग मोरी की पैंट-सलवार पहनकर नहीं आ सकेंगे। वहीं, छात्राओं के लिए घुटने से नीचे तक स्कर्ट, कमर से नीचे तक शर्ट पहनना और लंबे बाल होने पर दो चोटी बनाना अनिवार्य होगा। पहली से बारहवीं कक्षा तक पढ़ने वाले करीब साढ़े सात लाख विद्यार्थियों को नए सत्र से पहनावे में बदलाव लाना होगा। अस बाबत शिक्षा विभाग ने प्रारंभिक और उच्च शिक्षा निदेशकों को तय नियमों का नए सत्र से पालन सुनिश्चित करवाने के लिए पत्र भेज दिए हैं। बालों में जेल लगाने पर भी रोक शिक्षा सचिव की ओर से जारी निर्देशों में स्पष्ट है कि छात्राओं के सूट की लंबाई घुटनों से एक इंच नीचे होगी। सलवार की मोरी न तो बहुत अधिक होगी और न अधिक तंग। स्कूल शर्ट-स्कर्ट चुनते हैं तो शर्ट के कॉलर सफारी सूट जैसेे होंगे। सूट और शर्ट पूरे बाजू के बनाने होंगे। लंबी जुराबें पहननी होंगी। टाई को शर्ट के पहले बटन को बंद करते हुए लगाना होगा। लंबे बालों वाली छात्राओं को रिबन बांध कर दो चोटी करनी होगी। छोटे बाल वाली छात्राओं को हेयर बैंड के साथ हेयर पिन लगानी होगी। छात्राओं को दुपट्टा भी पहनना होगा। छात्रों को छोटे बाल रखने होंगे। सिख समुदाय के छात्रों को सफेद पटका पहनना होगा। बालों में जेल लगाने पर रोक लगाई गई है। इसके अलावा मेकअप कर आने, आभूषण पहनने, ऊंची एड़ी के जूते या बूट पहनने पर रोक लगाई है। स्कूल प्रमुख-एसएमसी करेंगे वर्दी का चयन सरकार ने वर्दी का रंग और रूप तय करने का अधिकार स्कूल प्रमुख और स्कूल मैनेजमेंट कमेटी (एसएमसी) को दिया है। इसके लिए वर्दी के रंगों के छह विकल्प हैं। वर्दी का कोई भी विकल्प तय नहीं होने पर स्कूल पुरानी वर्दी चुन सकेंगे। बैग फ्री डे या अन्य किसी विशेष दिवस पर स्कूल ट्रैक सूट भी लगा सकेंगे।
-पेमेंट नहीं मिलने के कारण कंपनी ने बंद किया काम हिमाचल प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में स्थापित क्रसना लैब ने आज से टेस्ट और एक्स-रे करना बंद कर दिया है, जिससे आज सुबह से ही लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है। अस्पतालों में पैथोलॉजी टेस्ट और एक्स-रे के लिए अनुबंधित कंपनी क्रसना कंपनी ने पेमेंट नहीं मिलने के कारण काम बंद किया है। दो जिलों लाहौल-स्पीति और किन्नौर को छोड़कर अन्य सभी जिलों में मरीज टेस्ट करवाने के लिए भटकने को मजबूर हो गए हैं। दरअसल, सभी अस्पतालों में दोपहर 12 बजे तक सरकारी लैब में टेस्ट होते है। इसके बाद क्रसना लैब टेस्ट करती है। क्षेत्रीय अस्पताल सोलन में भी लैब द्वारा सेेवाएं बंद करने से मरीजों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अस्पताल में आए मरीजों ने कहा कि कुछ मरीज तो निजी लैब में टेस्ट करवाने के लिए जा रहे हंै, लेकिन हर मरीज निजी लैब की फीस नहीं दे सकता। सरकारी अस्पताल में जो टेस्ट फ्री में होने थे, अब उन्हें करवाने के लिए उन्हें निजी लैब में 1800-1900 रुपये देने पड़ेंगे।
** अनुबंधित कंपनी क्रसना ने पेमेंट न होने पर काम किया बंद ** 700 अस्पतालों में 12 बजे के बाद पैथोलॉजी टेस्ट ** 115 अस्पतालों में एक्स-रे नहीं होंगे हिमाचल प्रदेश के मेडिकल कॉलेज एवं अस्पतालों में आज से मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ेगी। अस्पतालों में पैथोलॉजी टेस्ट और एक्स-रे के लिए अनुबंधित कंपनी क्रसना ने पेमेंट नहीं मिलने के कारण काम बंद कर दिया है। इससे 700 अस्पतालों में 12 बजे से पैथोलॉजी टेस्ट और 115 अस्पतालों में दोपहर से एक्स-रे नहीं होंगे। दरअसल, सभी अस्पतालों में दोपहर 12 बजे तक सरकारी लैब में टेस्ट होते है। इसके बाद प्राइवेट क्रसना लैब टेस्ट करती है।
-कहा, विपक्ष की कमियां नहीं; अपनी उपलब्धियां बताए सरकार -मंत्री तो बनाए, पर पोर्टफोलियो नहीं दे पा रही सुक्खू सरकार शिमला: नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार बने अब एक साल से भी ज्यादा का समय हो गया है। इसलिए सरकार को विपक्ष को कोसने के बजाय प्रदेश के विकास पर स्वयं को फोकस करना चाहिए। अब सरकार को विपक्ष की कमियां नहीं, बल्कि अपनी उपलब्धियां बतानी चाहिए। विपक्ष को कोसने से नहीं, विकास कार्यों को गति देने से प्रदेश का भला होगा। इसलिए सरकार अपनी नाकामी का ठीकरा विपक्ष पर फोड़ने के बजाय अपने नेताओं द्वारा किए गये चुनावी वादों के भाषणों को को फिर से सुने तथा घोषणापत्र को फिर से पढ़े और उन्हें पूरा करे। जयराम ने कहा कि सरकार ने व्यवस्था का मजाक बना रखा है। व्यवस्था परिवर्तन में आज ऐसे स्थिति है कि 'धरना दो और वेतन लो'। क्या इसी तरह की व्यवस्था परिवर्तन की बात शपथ ग्रहण के बाद मुख्यमंत्री द्वारा की गई थी। प्रदेश में अराजकता फैलाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि आए दिन लोगों को परेशान किए जाने की खबरें ही सरकार की नाकामी की वजह से सामने आ रही हैं। महंगाई बढ़ाने से लेकर पूर्व सरकार द्वारा दी गई सुविधाओं को छीनने के अलावा और कोई भी काम इस सरकार द्वारा नहीं किया गया है। आज भी यही क्रम जारी है। कभी बिजली बर्ड तो कभी परिवहन निगम के कर्मचारी अपने वेतन की मांग के लिए सड़कों पर उतरते हैं तो कभी धरना देने की धमकी देते हैं। प्रदेश को इस तरह का व्यवस्था परिवर्तन नहीं चाहिए जो काम के बदले वेतन भी नहीं दे। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि व्यवस्था परिवर्तन का एक और नज़ारा वर्तमान कांग्रेस सरकार में देखने को मिल रहा है। मंत्रियों के पद ख़ाली रखकर सीपीएस की नियुक्तियां की गई हैं। एक साल तक आपसी रार में सरकार निर्धारित संख्या में मंत्री तक नहीं बना पाई। अब जब एक साल बाद मंत्री बना दिया तो उन्हें पोर्टफोलियो नहीं दे पा रही है। दो मंत्री बिना किसी पोर्टफ़ोलिया के ही चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने एक साल बाद मंत्री बना दिया है तो शपथ ग्रहण के महीनें भर के भीतर उन्हें विभाग भी दे दे, जिससे विभागों के काम आगे बढ़ सकें।
-एक वर्ष में राज्य में स्थापित किए 102 स्वचालित मिल्क कलेक्शन यूनिट -दूध का खरीद मूल्य 6 रुपये बढ़ाने की मुख्यमंत्री ने की है घोषणा पशु पालन और दुग्ध उत्पादन गतिविधियां प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों के जीवन का अभिन्न अंग हैं। प्रदेश में ये रोजगार का साधन और महिला सशक्तिकरण की संभावनाओं वाला क्षेत्र है। डेयरी क्षेत्र को विस्तार प्रदान कर प्रदेश सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत कर हिमाचल को देश का समृद्ध राज्य बनाने की ओर अग्रसर है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने दुग्ध उत्पादकों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से दूध का खरीद मूल्य 6 रुपये बढ़ाने की घोषणा की है। यह निर्णय दुग्ध उत्पादकों की खुशहाली और समृद्धि की दिशा में सहायक सिद्ध होगा। दुग्ध उत्पादकों की आर्थिकी सुदृढ़ करने और दुग्ध उत्पादन में पारदर्शिता लाने के लिए हिमाचल प्रदेश दुग्ध प्रसंघ ने इस वर्ष राज्य में 102 स्वचालित मिल्क कलेक्शन यूनिट (एएमसीयू) में स्थापित किए हैं। प्रदेश में 455 स्वचालित मिल्क कलेक्शन यूनिट कार्यशील हैं। इसके अतिरिक्त प्रदेश में विभिन्न परियोजनाओं के अन्तर्गत अब तक 106 बल्क मिल्क कूलर लगाए जा चुके हैं। दूध की गुणवत्ता में सुधार के लिए सोसायटी स्तर पर राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम के तहत 35 केन मीटर कूलर प्रदान किए गए हैं। 500 करोड़ की श्वेत क्रांति की शुरुआत प्रदेश सरकार राज्य में सहकार को बढ़ावा प्रदान कर ग्रामीणों की उन्नति के द्वार खोल रही है। डेयरी क्षेत्र के विकास में सहकार महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। सरकार द्वारा ग्रामीण स्तर पर समितियों को संगठित किया जा रहा है। वर्तमान में इन समितियों की संख्या बढ़कर 1,107 हो गई है। प्रदेश में श्वेत क्रांति की शुरुआत कर प्रदेश सरकार ने 500 करोड़ रुपये के बजटीय प्रावधान से महत्वाकांक्षी हिम गंगा योजना आरंभ की है। योजना के तहत प्रथम चरण में लोगों को जागरूक करने के लिए समितियां गठित की गई हैं। जिला हमीरपुर और कांगड़ा में 201 नई दुग्ध सहकारी सोसायटियों का गठन किया गया है। जिला हमीरपुर में 11 महिला सोसायटियां और जिला कांगड़ा में 8 महिला सोसायटियां गठित की गई हैं जो प्रदेश में महिला सशक्तिकरण की दिशा में सरकार के प्रयासों को इंगित करती हैं। हमीरपुर जिला में 4 सोसायटियों को पुनर्गठित किया गया है। इन दुग्ध सहकारी सोसायटियों के माध्यम से 4064 किसानों को जोड़ा गया है। कांगड़ा के डगवार में 250 करोड़ का दूध प्रसंस्करण संयंत्र डेयरी क्षेत्र में महिलाओं की सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए इस योजना के अंतर्गत अधिक से अधिक महिला दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों का गठन किया जा रहा है। डेयरी फार्मिंग से जुड़े किसानों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से जिला कांगड़ा के डगवार में 250 करोड़ रुपये की लागत से अत्याधुनिक पूर्ण रूप से स्वचालित दूध प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित किया जाएगा। इस परियोजना के प्रथम चरण में 180 करोड़ रुपये के निवेश से संयंत्र का निर्माण किया जाएगा। इस संयंत्र के स्थापित होने से दही, लस्सी, मक्खन, घी, पनीर, स्वादिष्ट दूध, खोया और मोजेरेला पनीर सहित विभिन्न प्रकार के डेयरी उत्पाद तैयार किए जाएंगे। रोजगार सृजन का मार्ग प्रशस्त करने के साथ-साथ डेयरी क्षेत्र कुपोषण जैसी समस्याओं के समाधान में भी सहायक सिद्ध हो रहा है। हिमाचल प्रदेश दुग्ध प्रसंघ ने महिला एवं बाल कल्याण विभाग के लिए पंजीरी तैयार करने की गतिविधियों में विविधता लाई है। दुग्ध प्रसंघ द्वारा फोर्टीफाइड पंजीरी, फोर्टीफाइड बेकरी बिस्कुट, फोर्टीफाइड गेहूं सेवियां और होल मिल्क पाऊडर उपलब्ध करवाया जा रहा है। सरकार की यह पहल प्रदेश के नौनिहालों के स्वस्थ्य और खुशहाल भविष्य की नींव रख रही है।
-प्रतिदिन उपलब्ध करवाया जा रहा है प्रोटीनयुक्त पौष्टिक आहार -बाल विकास परियोजना अधिकारी विपाशा भाटिया ने दी जानकारी बाल विकास परियोजना अधिकारी करसोग विपाशा भाटिया ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से राज्य सरकार की जनहितैषी व कल्याणकारी योजनाओं से गर्भवती व धात्री माताओं व बच्चों को लाभान्वित किया जा रहा है। बच्चों और गर्भवती महिलाओं को पूरक पोषाहार, पोषण एवं स्वास्थ्य परामर्श, अनौपचारिक पूर्व विद्यालय शिक्षा, स्वास्थ्य जांच और टीकाकरण जैसी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं। अधिकारी ने कहा कि करसोग में वर्तमान में 288 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित किए जा रहे हैं। इनमें 259 आंगनबाड़ी केंद्र, 25 मिनी आंगनबाड़ी केंद्र ग्रामीण क्षेत्र में, जबकि 4 आंगनबाड़ी केंद्र शहरी क्षेत्र में चलाए जा रहे हैं। इनके माध्यम से 7517 लाभार्थी लाभान्वित हो रहे हैं, जिनमें 0 से 6 वर्ष की आयु के बच्चे, गर्भवती व धात्री महिलाएं शामिल हैं। लाभार्थियों को प्रतिदिन प्रोटीनयुक्त पौष्टिक आहार उपलब्ध करवाया जा रहा है। परियोजना के अंतर्गत संचालित किए जा रहे कुल आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से 7517 पात्र लाभार्थियों को लाभान्वित किया जा रहा है। इनमें गर्भवती महिलाएं, धात्री माताओं सहित 0-6 वर्ष की आयु वर्ग के बच्चे शामिल हैं। इन्हें पूरक पोषाहार, पोषण एवं स्वास्थ्य परामर्श, अनौपचारिक पूर्व विद्यालय शिक्षा, स्वास्थ्य जांच और टीकाकरण जैसी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही है। बच्चों के शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक विकास के लिए भी अनेक गतिविधियां आयोजित की जा रही है। पोषाहार किया जा रहा है प्रदान करसोग में संचालित किए जा रहे सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों, गर्भवती महिलाओं और धात्री माताओं को प्रतिदिन प्रोटीन युक्त स्वास्थ्य वर्धक पौष्टिक आहार उपलब्ध करवाया जा रहा है। पोषाहार कार्यक्रम के अन्तर्गत क्षेत्र के 6 माह से 3 वर्ष की आयु वर्ग के 2861 बच्चों, 3 से 6 वर्ष की आयु के 1386 बच्चों और 1003 माताओं को पोषाहार प्रदान किया जा रहा है। पूरक पोषक आहार में प्रतिदिन बच्चों को 500 कैलोरी, 12 से 15 ग्राम प्रोटीन और अतिकुपोषित बच्चों को 800 कैलोरी व 20 से 25 ग्राम प्रोटीन प्रतिदिन उपलब्ध करवाया जा रहा है। गर्भवती महिलाओं व धात्री माताओं को प्रतिदिन 600 कैलोरी व 20 से 25 ग्राम प्रोटीन प्रदान किया जाता है, जिसका उद्देश्य बच्चों, गर्भवती महिलाओं व धात्री माताओं में होने वाली प्रोटीन की कमी को पूरा करना है। पोषाहार में बच्चों और माताओं को पुलाव, मीठा दलिया, मीठे चावल, नमकीन दलिया, सेवियां, राजमह, चने, न्यूट्रीमिक्स और बिस्कुट आदि उपलब्ध करवाए जाते हैं। सभी निर्धारित रेसिपी सप्ताह में 6 दिन बदल-बदल कर दी जाती है। टीकाकरण किया जा रहा सुनिश्चित स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से गर्भवती महिलाओं को टेटनस व 0 से 1 वर्ष की आयु वर्ग के बच्चों को 6 जानलेवा बीमारियों से बचाव व रोकथाम हेतु टीकाकरण करवाने में आंगनबाड़ी केंद्र अपनी महत्वपूर्ण भमिका निभा रहे हैं। गर्भवती महिलाओं व बच्चों की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से समय-समय पर उनका टीकाकरण करवाया जा रहा है। करसोग में एक अप्रैल, 2023 से 30 नवंबर, 2023 तक पंजीकृत सभी 681 बच्चों के टीकाकरण का कार्य पूर्ण किया चुका है।
-सात मील के पास हुई दुर्घटना, हादसे में एक गंभीर जख्मी -राजस्थान नंबर की कार में मनाली की तरफ जा रहे तीनों हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में आज सुबह एक दर्दनाक दुर्घटना में दो लोगों की मौत हो गई, जबकि एक व्यक्ति गंभीर घायल हो गया। जानकारी के मुताबिक आज सुबह चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे पर सात मील के पास एक कार अनियंत्रित होकर फोरलेन के निर्माणाधीन पुल के लिए खड़े किए गए सरियों में जा गिरी। इस हादसे में दो लोगों की मौत हो गई। वहीं, एक गंभीर रूप से जख्मी हो गया। राजस्थान नंबर की कार में सवार ये तीनों लोग मनाली की तरफ जा रहे थे। मंडी में सात मील के पास जहां पर यह कार गिरी, वहां पर फोरलेन के निर्माणाधीन पुल का कार्य चला हुआ है। कार निर्माणाधीन पुल के एक कोने पर खड़े किए सरियों पर जा गिरी। वहीं, जब स्थानीय लोगों को दुर्घटना का पता चला तो ही तुरंत प्रभाव से राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिया गया और तीनों घायलों को कड़ी मशक्कत के बाद बाहर निकाला और सड़क तक पहुंचाया गया। सभी को घायलावस्था में मंडी के जोनल अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने दो लोगों को मृत घोषित कर दिया।
-स्माइल हिमाचल संस्था ने मंडी के ऐतिहासिक सेरी मंच पर करवाया कॉन्टेस्ट स्माइल हिमाचल संस्था द्वारा मंडी के ऐतिहासिक सेरी मंच पर सम्सकरा कार्यक्रम का आयोजन किया गया इस कार्यक्रम को करवाने का मुख्य उद्देश्य अपनी संस्कृति की पहचान करवाना है। कार्यक्रम में मिस मंडी कॉन्टेस्ट का आयोजन भी किया गया, जिसके फिनाले में 13 लड़कियों ने भाग लिया। फिनाले में अनवी को मिस मंडी-2024 चुना गया। वहीं, फर्स्ट रनरअप आंचल व सेकंड रनरअप प्रिया और थर्ड रनरअप नताशा नेगी को चुना गया। मोस्ट टैलेंटेड सैजल, मनीषा, प्रिया रहीं, वहीं मोस्ट एक्टिव भानुजा, शिवानी, ऐंजल चुनी गईं। संस्था के संस्थापक निखिल वालिया ने कहा कि मंडी में यह हमारा दूसरा कार्यक्रम था और अगले वर्ष इस कार्यक्रम को और बड़े स्तर पर करवाने का प्रयास किया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी के सरकाघाट में आज सुबह एक एचआरटीसी की बस अनियंत्रित होकर बीच सड़क पर पलट गई। हादसे के समय बस में करीब 5 से 6 यात्री सवार थे। हादसे में बस में सवार कुछ लोगों को हल्की चोटें आई हैं। हादसा भलयारा गांव के पास पेश आया है। जानकारी के अनुसार हादसे के समय एचआरटीसी की यह बस जमनी से सरकाघाट की तरफ जा रही थी, इसी दौरान यह हादसा पेश आया। प्रारंभिक जांच में हादसे का कारण तकनीकी खराबी बताया जा रहा है।
**अमनदीप सिंह निवासी जालंधर के रूप में हुई पहचान ** दूसरे व्यक्ति गंगा सिंह निवासी करसोग की तलाश जारी हिमाचल के जिला मंडी में बीच सड़क पर भिड़ने के बाद ब्यास नदी में गिरे दो चालकों में से एक का शव बरामद कर लिया गया है। शव की पहचान अमनदीप सिंह पुत्र सरदार चरण सिंह निवासी जालंधर के रूप में हुई है। शव को माहूंनाग डाईविंग एसोसिएशन सुंदरनगर के डाईवर श्याम लाल, शिव राम, तिलक राज, मनु और लक्ष्मण दास ने कड़ी मशक्कत के बाद पानी के नीचे से ढूंढ निकाला है। शव को पोस्टमार्टम के लिए जोनल हॉस्पिटल मंडी भेज दिया गया है। शव को देखने से पता चल रहा है कि गिरने से पहले उसका सिर किसी पत्थर से जोर से टकराया है और सिर पर गहरी चोट लगने के बाद पानी में गिरने से उसकी मौत हो गई। वहीं, दूसरे व्यक्ति गंगा सिंह निवासी करसोग, जिला मंडी की तलाश भी दिन भर जारी रही, लेकिन उसका कहीं अता-पता नहीं चल सका। इस कारण सर्च ऑपरेशन को बंद कर दिया गया है। वीरवार से सर्च ऑपरेशन को फिर से शुरू किया जाएगा।
-9 जनवरी को बारिश-बर्फबारी के आसार हिमाचल प्रदेश के सात जिलों में आगामी 24 घंटों तक घने कोहरे का अलर्ट जारी हुआ है। प्रदेश के मैदानी जिलों ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा सहित मंडी, सोलन, सिरमौर में 5 जनवरी तक घना कोहरा छाए रहने का येलो अलर्ट जारी हुआ है। इन मैदानी जिलों में बुधवार को लगातार तीसरे दिन भी घना कोहरा छाया रहा। ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर और कांगड़ा सहित सोलन, सिरमौर और मंडी के कई क्षेत्रों में कोहरा छाए रहने से ठंड बढ़ गई है। इन क्षेत्रों में नाममात्र के लिए धूप खिली। हालांकि राजधानी शिमला सहित सूबे के ऊंचाई वाले जिलों में बुधवार को मौसम साफ रहने के साथ धूप खिली रही। वहीं, मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार राज्य के मैदानी, मध्य व उच्च पर्वतीय भागों में 9 जनवरी को बारिश-बर्फबारी के आसार हैं।
-सप्लाई नहीं आई तो मच जाएगा हाहाकार -कई जगह ट्रक और बस ऑपरेटर हड़ताल पर हिमाचल प्रदेश में 80 प्रतिशत पेट्रोल पंप ड्राई हो गए हैं। शेष पंपों पर भी आज शाम तक का तेल बचा है। इसकी सप्लाई नहीं आई तो तेल के लिए हाहाकार मच जाएगा। प्रदेश में तीन दिन से सप्लाई नहीं आई। शिमला के विकासनगर में पेट्रोल पंप पर गाड़ियों की लंबी लंबी कतारे लगी हैं। डीजल की कमी की वजह से सुंदनरगर में हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम डिपो सभी बस रूट बंद कर चुका है। कई जगह ट्रक और निजी बस ऑपरेटर भी हड़ताल पर चले गए हैं। प्रदेश की सीमेंट कंपनियों एसीसी, अंबुजा और अल्ट्राटेक के 10,800 ट्रक ऑपरेटर हड़ताल पर रहे। ट्रक ऑपरेटरों की हड़ताल से सीमेंट की सप्लाई रुक गई है। उधर, सिरमौर और बिलासपुर के ऑपरेटरों ने भी विरोध में उतरते हुए अपनी 450 से अधिक बसें खड़ी कर दी हैं। बिलासपुर में 305 और सिरमौर में 169 बस रूट प्रभावित हुए हैं। सिरमौर के औद्योगिक क्षेत्र कालाअंब में भी 500 ट्रकों के पहिए थम गए हैं। देश भर में तीन दिन से चल रही हड़ताल के कारण हिमाचल में डीजल-पेट्रोल और रसोई गैस का संकट खड़ा गया है।
केंद्र सरकार ने हाल ही में हिट एंड रन मामले में मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन किया है। इसके विरोध में देशभर के ट्रक ड्राइवर हड़ताल पर हैं। इसका असर हिमाचल में भी दिखने लगा है। प्रदेश के ज्यादातर इलाकों के पेट्रोल पंप ड्राइ हो गए है। इनमें पेट्रोल और डीजल नहीं मिल पा रहा है। हिमाचल प्रदेश में 80% पेट्रोल पंप ड्राई हो गए हैं। शेष पंपों पर भी आज शाम तक का तेल बचा है। इसकी सप्लाई नहीं आई तो तेल के लिए हाहाकार मच जाएगा। प्रदेश के पेट्रोल पंपों में तीन दिन से सप्लाई नहीं आई। डीजल की कमी में सुंदनरगर में हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम (HRTC) डिपो के सभी बस रूट बंद कर दिए गए हैं। प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में भी आज शाम तक HRTC की ज्यादातर बसें खड़ी हो जाएंगी। निगम के पास भी एक-दो दिन का ही डीजल बचा है। ट्रक पहले ही खड़े हो गए हैं। तेल के बगैर लोगों के छोटे वाहनों के पहिए भी जल्द थम जाएंगे।
हिमाचल को हरित ऊर्जा राज्य बनाने तथा ई-वाहनों को प्रोत्साहित करने के दृष्टिगत मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सभी सरकारी विभागों को एक जनवरी, 2024 से डीजल या पैट्रोल वाहन न खरीदने के निर्देश दिए हैं। अति-आवश्यक होने पर केवल प्रदेश मंत्रिमण्डल की स्वीकृति के बाद ही विभाग पैट्रोल या डीजल वाहनों की खरीद कर सकेंगे। अपने पहले बजट में ही ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने व्यवस्था परिवर्तन की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए विद्युत चालित वाहन (ई-वाहन) पर राज्य सरकार का विज़न स्पष्ट किया और आगे बढ़कर स्वयं भी इलेक्ट्रिक वाहन का उपयोग कर मिसाल पेश की। राज्य सरकार के प्रयासों के कारण ही आज सरकारी ई-वाहनों की संख्या 185 हो गई है, जबकि प्रदेश में पंजीकृत निजी इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या 2733 तक पहुंच गई है। ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा ‘‘राज्य सरकार हिमाचल में ई-व्हीकल को बढ़ावा दे रही है। परिवहन विभाग पहला ऐसा विभाग है, जिसमें ई-वाहन का उपयोग शुरू किया गया तथा चरणबद्ध तरीके से सभी सरकारी महकमों में भी इन वाहनों का संचालन सुनिश्चित किया जा रहा है। ई-वाहन केवलमात्र एक नई शुरूआत नहीं है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण के प्रति राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को भी दर्शाती है। आने वाली पीढ़ियों के लिए हमें पर्यावरण को सुरक्षित बनाना होगा तथा इसकी शुरूआत आज से ही करनी होगी।’’ सरकारी विभागों में गाड़ियों की आवश्यकता पूरी करने के लिए राज्य सरकार ने ई-टैक्सी अनुबंध पर लेने की अनुमति प्रदान की है। 680 करोड़ रुपये की राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्टअप योजना के तहत युवाओं को ई-टैक्सी के परमिट प्रदान किए जा रहे हैं। ई-टैक्सी की खरीद पर 50 प्रतिशत की सब्सिडी भी दी जा रही है। इन गाड़ियों को घर पर भी चार्ज किया जा सकता है तथा राज्य सरकार भी चार्जिंग के लिए आधारभूत ढांचा तैयार कर रही है। ई-वाहनों को बढ़ावा देने के लिए 6 राजमार्गों को ग्रीन कोरिडोर के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया गया है। प्रदेश में ई-वाहन चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना के लिए परिवहन विभाग ने 54 स्थानों को अंतिम रूप दिया है, जिनमें से कुछ लगभग बनकर तैयार हैं। इसके अतिरिक्त हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम की सभी डीजल गाड़ियों को चरणबद्ध तरीके से ई-बसों में बदला जा रहा है। हाल ही में ई-बसें बनाने वाली कंपनियों के साथ बैठक में हिमाचल की भौगोलिक परिस्थितियों के अनुरूप गाड़ियां तैयार करने का अनुरोध किया गया है। ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा ‘‘राज्य सरकार लंबे रूटों पर भी ई-बसें चलाने जा रही है। एचआरटीसी के बेड़े में टाइप-1, 2 और 3 ई-बसों को चरणबद्ध तरीके से शामिल किया जा रहा है, ताकि 31 मार्च, 2026 तक हिमाचल को स्वच्छ व हरित ऊर्जा राज्य बनाने का लक्ष्य हासिल किया जा सके। ’’
राजकीय उत्कृष्ट वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सेरी बंगलों में वार्षिक पारितोषिक वितरण समारोह का आयोजन बड़ी धूमधाम से किया गया। करसोग विधानसभा क्षेत्र से पूर्व प्रत्याशी व कांग्रेस नेता महेश राज ने कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। खंड कांग्रेस समिति के अध्यक्ष हरिओम शर्मा कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में शामिल हुए। मुख्यातिथि ने द्वीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया। उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि युवाओं को नशे जैसी बुराइयों से दूर रहना चाहिए और समाज के अन्य लोगों को भी नशे से दूर रहने के लिए प्रेरित करना चहिए। उन्होंने कहा कि आज के युवा कल का भविष्य है। युवा वर्ग को पूरी मेहनत और लगन के साथ अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। मुख्यातिथि द्वारा खंड व जिला स्तर पर भाग लेने वाले खिलाडिय़ों और शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक विभिन्न गतिविधियों में प्रथम व द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के दौरान स्थानीय पाठशाला के छात्र छात्राओं द्वारा विभिन्न रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। तत्पश्चात प्रधानाचार्य यादेश गुप्ता ने वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। इस अवसर पर जिला परिषद सदस्य सराहन वार्ड किशोरी लाल, स्थानीय पंचायत प्रधान संतोष कुमारी, खंड युवा कांग्रेस अध्यक्ष रमेश ठाकुर, एसएमसी प्रधान यशपाल सहित विद्यालय के समस्त अध्यापक भी उपस्थित रहे।
-पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष ने कांग्रेस पर साधा निशाना -कहा, सुक्खू सरकार ने एक साल में नहीं किया कोई काम -दिल्ली में परफॉर्मेंस को लेकर भी उठे सवाल हिमाचल प्रदेश भाजपा के कार्यालय दीप कमल में आज संयुक्त किसान मोर्चा का गठन किया गया। गठन के बाद एक बैठक भी हुई। इसमें प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल शामिल हुए। बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश कांग्रेस के नेताओं में आपसी तालमेल नहीं है और यह बात अब जग जाहिर हो गई है। इसी के चलते उन्हें दिल्ली बुलाया गया है। वहीं, प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने एक साल में कोई काम नहीं किया है, ऐसे में सरकार की परफॉर्मेंस को लेकर भी दिल्ली में चर्चा हुई है। लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा पूरी तरह से तैयार जयराम ने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी पूरी तरह से तैयार है। प्रदेश अध्यक्ष अभी विभिन्न संगठनों के साथ बैठक कर रहे हैं। आज किसान मोर्चा के नए स्वरूप बनने के बाद यह पहली बैठक है। उन्होंने कहा कि चुनाव को लेकर रणनीति तैयार की जा रही है और आने वाले लोकसभा चुनाव में प्रदेश की चारों की चारों सीटों पर बीजेपी की जीत होगी। जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश के कांग्रेस नेताओं को दिल्ली बुलाया गया । सरकार की परफॉर्मेंस को लेकर भी दिल्ली में चर्चा हुई, लेकिन इसका जिक्र कांग्रेस के नेता नहीं करेंगे। केंद्र से मदद मिलने के बाद भी कांग्रेस इसे मुद्दा बना रही उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पास कोई मुद्दा नहीं बचा है, लिहाजा केंद्र सरकार के लगातार मदद करने के बाद भी कांग्रेस केंद्र से मदद ना मिलने को मुद्दा बना रही है। इसको मुद्दा बनाकर कांग्रेस चुनाव लड़ने का प्रयास कर रही है, लेकिन केंद्र में फिर एक बार बीजेपी अपने दम पर सरकार बनाने जा रही है। जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल की चारों सीटों पर 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव की भांति बीजेपी की जीत होगी। बिंदल बोले, जल्द होगी आठों मोर्चा की बैठक प्रदेश अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में आने वाले चुनाव को लेकर आज किसान मोर्चा का नया स्वरूप बनने के बाद पहली बैठक है। राजीव बिंदल ने कहा कि जल्द ही बीजेपी के आठों मोर्चों की बैठक भी हिमाचल प्रदेश के अंदर की जाएगी। जिसमें भाजयुमो, महिला मोर्चा, किसान मोर्चा, अनुसूचित जाति मोर्चा, ट्राइबल मोर्चा, अल्पसंख्यक मोर्चा, ओबीसी मोर्चा और आईटी सोशल मीडिया मोर्चा संयुक्त रूप से जुटेंगे। उन्होंने कहा कि आने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर इस बैठक में रणनीति तैयार की जाएगी।
- धर्मपुर में बांस निर्मित परियोजना को एक करोड़ रुपये देने की घोषणा - सिद्धपुर में एक दिवसीय कार्यशाला व प्रदर्शनी का किया उद्घाटन हिमाचल प्रदेश में जाइका वानिकी परियोजना को शिखर पर पहुंचाने के लिए मुख्य परियोजना निदेशक नागेश कुमार गुलेरिया सराहनीय कार्य कर रहे हैं। यह बात बुधवार को जिला मंडी के धर्मपुर के समीप सिद्धपुर में जाइका वानिकी परियोजना द्वारा आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला एवं प्रदर्शनी के शुभारंभ अवसर पर मुख्य अतिथि एवं स्थानीय विधायक चंद्रशेखर ने कही। यहां जनसभा को संबोधित करते हुए चंद्रशेखर ने मुख्य परियोजना निदेशक नागेश कुमार गुलेरिया द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि नागेश कुमार गुलेरिया ने जाइका वानिकी परियोजना को शिखर पर पहुंचाने का काम कर रहे हैं। विधायक चंद्रशेखर ने कहा कि इस परियोजना को उंचाईयों पर पहुंचाने में सीपीडी नागेश कुमार गुलेरिया ने सराहनीय कार्य किए हैं। चंद्रशेखर ने कहा कि जाइका प्रोजेक्ट के तहत जुड़े स्वयं सहायता समूह ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स तैयार कर रहे हैं। जो आजीविका कमाने का नया दौर शुरू हो चुका है। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के लिए आगामी चार साल चुनौतियों भरा रहेगा। विधायक ने कहा कि जाइका में लोकतांत्रिक प्रक्रिया से काम हो रहा है। सभी स्वयं सहायता समूहों को अधिक से अधिक बिजनेस प्लान तैयार करने को कहा। चंद्रशेखर ने धर्मपुर क्षेत्र में बांस परियोजना के लिए एक करोड़ रुपये के बजट की घोषणा के लिए सीपीडी नागेश कुमार गुलेरिया का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम के आगाज से पहले विधायक चंद्रशेखर ने स्वयं सहायता समूहों द्वारा निर्मित उत्पादों के स्टॉल का अवलोकन किया। उन्होंने जाइका वानिकी परियोजना द्वारा किए जा रहे सभी कायों की सराहना की। मुख्य परियोजना निदेशक नागेश कुमार गुलेरिया ने अपने संबोधन के माध्यम से लोगों को मशरूम की खेती के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि तीन किस्मों की मशरूम की खेती से लोगों को आजीविका कमाने का मौका मिलेगा। नागेश कुमार गुलेरिया ने यहां मौजूद स्वयं सहायता समूहों के प्रतिनिधियों ने सीधा संवाद किया। उन्होंने कहा कि जाइका वानिकी परियोजना पिछले पांच वर्षों से हिमाचल में आजीविका सुधार के साथ-साथ ग्रीन कवर बढ़ाने के लिए कार्य कर रही है। नागेश कुमार गुलेरिया ने कहा कि जाइका वानिकी परियोजना के तहत प्रदेश में 920 स्वयं सहायता समूहों का गठन करने का लक्ष्य है, जिसमें से वर्तमान में 878 स्वयं सहायता समूहों का गठन हो चुका है। जो कई उत्पाद निर्मित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में परियोजना की गतिविधियों को और अधिक बढ़ाने की जरूरत है। डॉ. लाल सिंह ने मशरूम की खेती पर दी प्रस्तुति हिमालयन रिसर्च ग्रुप के निदेशक डॉ. लाल सिंह ने मशरूम की खेती पर प्रस्तुति दी। उन्होंने प्रदेश में तैयार होने वाले मशरूम के तीनों किस्मों के बारे लोगेां को अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि सिद्धपुर हिमाचल का केरल हो सकता है। ढिंगरी मुशरूम की प्राकृतिक खेती हो सकती है। खास मशरूम के बारे में जानकारी दी। डॉ. लाल सिंह ने पंडाल में उपस्थित स्वयं सहायता समूहों को शिटाके मशरूम, बटन मशरूम और ढिंगरी मशरूम के बारे अवगत करवाया। डॉ. लाल सिंह ने कहा कि शिटाके मशरूम सब्जी कम, दवाई का काम अधिक करता है।
-जनवरी के पहले सप्ताह में बारिश-बर्फबारी होने की संभावना -हालांकि प्रदेश में तीन दिनों तक साफ रहेगा मौसम हिमाचल प्रदेश में 29 दिसंबर से एक बार फिर मौसम का मिजाज बिगड़ सकता है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने 29 दिसंबर से प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से बारिश और बर्फबारी की संभावना जताई है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक सुरेंद्र पॉल ने बताया कि आगामी तीन दिन तक मौसम साफ बना रहेगा, लेकिन 29 दिसंबर को प्रदेश में एक बार फिर पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा, जिसके चलते मौसम करवट बदल सकता है। नए साल के पहले हफ्ते में ही प्रदेश में बर्फबारी हो सकती है। फिलहाल प्रदेश के पहाड़ी इलाकों में तापमान में बढ़ोतरी हुई है। शिमला की बात करें तो यहां पर भी तापमान में करीब 5 डिग्री की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
मंडी जिले के जोगिंदर नगर की रहने वाली 9 वर्षीय मेहवीश ने चंडीगढ़ में ए रिदम आफ डांस अकैडमी द्वारा आयोजित आईकॉनिक अवॉर्ड में खुद से 6 साल बड़े प्रतिभागियों को पछाड़ते हुए मिस आईकॉनिक फर्स्ट रनरअप का खिताब जीता है। 9 से 15 वर्ष उम्र की कैटेगरी में मेहवीश सबसे छोटी प्रतिभागी थी। इससे पहले भी मेहवीश बहुत सारी जगह जाकर प्राइज जीत चुकी है। डांस कंपटीशन में भी सबसे अच्छा प्रदर्शन करते हुए बेस्ट डांसर (ऑल राउंडर ट्रॉफी) का खिताब भी अपने नाम किया। मेहवीश की डांस परफॉर्मेंस देखकर तीनों जज आश्चर्यचकित हो गए। वहीं, मेहवीश ने अपनी कामयाबी का सारा श्रेय अपने माता-पिता को दिया है। उसके पिता एक छोटी सी साइकिल रिपेयर की दुकान चलाते हैं, जो हर कदम-कदम पर मेहवीश के साथ खड़े रहते हैं। मेहवीश ने ए रिदम ऑफ डांस अकैडमी सहित सभी लोगों का उसे सपोर्ट करने के लिए आभार व्यक्त किया है।
राज्य स्तरीय अंडर-19 एथलेटिक्स में जिला मंडी के मनजीत राठौर ने 13.17 मीटर ट्रिपल जंप और 6.07 मीटर लॉन्ग जंप के साथ स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचा है और हिमाचल प्रदेश के सर्वश्रेष्ठ एथलीट बने हैं। राठौर जिला मंडी के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला टिकरू से संबंध रखते हैं। उनका कहना है की पढ़ाई और खेल यदि साथ-साथ चलते हैं तो विद्यार्थी का सर्वांगीण विकास होता है और राष्ट्र के लिए एक आदर्श नागरिक तैयार होता है। इनके पिता कुलदीप कुमार और माता लता देवी ने कहा कि उन्हें अपने पुत्र पर गर्व है, जिसने अपने स्कूल और क्षेत्र का नाम रोशन किया। वहीं, स्कूल के प्रधानाचार्य और समस्त स्टाफ ने 26 दिसंबर से 30 दिसंबर तक महाराष्ट्र में होने वाली राष्ट्रीय प्रतियोगिता में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए राठौर को शुभकामनाएं दी हैं।
-विधानसभा सत्र में इन झूठी गारंटियों का जवाब नहीं दे पाई सरकार -कहा, सदन के अंदर और बाहर कांग्रेस को याद दिलाती रहेगी भाजपा नेता प्रतिपक्ष एवम पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा है कि चुनावी गारंटियां प्रदेश की कांग्रेस सरकार के गले पड़ गई हैं। झूठी गारंटियां देने वाले इनके छत्तीसगढ़ और राजस्थान के नेता तो घर बैठ गए हैं, लेकिन हिमाचल की जनता को वोट बैंक की खातिर धोखा देकर इन्होंने हजारों करोड़ के बोझ तले दबने को विवश कर दिया है। एक साल में जो सरकार 14 हजार करोड़ रुपए का ऋण ले चुकी है वो आगे पांच वर्ष कितना बोझ हिमाचल पर डालने जा रही है उसका अभी से अनुमान लगाया जा सकता है। भाजपा अब तक तक चुप नहीं बैठेगी जब तक ये सरकार अपनी दी इन गारंटियो को पूरा नहीं करती। भाजपा आगे भी सदन के अंदर और बाहर कांग्रेस को इसकी याद दिलाती रहेगी। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि विधानसभा के शीतकालीन सत्र में सरकार से इन झूठी गारंटियों का जवाब देते नहीं बन पा रहा था। पूरी सरकार सत्र में असहज दिखी। भाजपा विधायक दल और पार्टी ने तय किया था कि सरकार को इनकी चुनावों में दी गारंटियां विधानसभा के अंदर और बाहर दोनों जगह याद दिलाई जाए जो इन्होंने एक वर्ष पूर्व सत्ता में आने से पहले जनता को दी थी। एक वर्ष बीत गया लेकिन अभी भी कोई गारंटी धरातल पर नहीं उतरी है। सबसे बड़ा छल इन्होंने महिलाओं, बेरोजगारों और किसानों से किया है। सरकार की कमियों को इंगित करना विपक्ष का काम जयराम ठाकुर ने कहा कि विपक्ष का काम सरकार की कमियों को इंगित करने का है, चाहे वह सरकार को पसंद आये या न आये लेकिन यह विपक्ष की लोकतांत्रिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि बाकी राज्यों के मुकाबले हिमाचल प्रदेश में जो लोकतांत्रिक व्यवस्था है वह बहुत स्वस्थ और बेहतर है। उन्होंने पक्ष तथा विपक्ष के सदस्यों का भी अपने क्षेत्र से संबंधित मुद्दों को इस सदन में संजीदगी से उठाने के लिए धन्यवाद किया और कहा कि सदन में विभिन्न विषयों पर बहुत ही सार्थक चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच में नोकझोंक चलती रहती है लेकिन प्रदेशहित के सुझावों पर सरकार द्वारा अमल भी किया जाता है। उप राष्ट्रपति का उपहास संवैधानिक पदों का अपमान पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने लोकसभा के बाहर संसद से निलंबित सांसदों द्वारा नुक्कड़ सभा में उप राष्ट्रपति के उपहास को संवैधानिक पदों का अपमान बताया है। उन्होंने कहा कि बेशर्मी की हद देखिए कांग्रेस पार्टी के सांसद राहुल गांधी इस घटना का स्वयं वीडियो बना रहे थे और हंसते हुए विपक्षी सांसदों को ऐसा करने के लिए उकसा रहे थे जो बेहद हैरानी की बात है।
-खाद्य आपूर्ति निगम ने प्रति पैकेट 4 रुपये बढ़ाए दाम हिमाचल प्रदेश के सरकारी राशन डिपुओं में चीनी के बाद अब सरसों का तेल भी महंगा हो गया है। सरकार ने प्रति पैकेट चार रुपये की बढ़ोतरी कर दी है। खाद्य आपूर्ति निगम की ओर से बढ़ी हुई कीमतें इसी माह से लागू कर दी गई हैं। इससे प्रदेश के करीब 19 लाख उपभोक्ताओं को महंगाई की मार झेलनी पड़ेगी। उपभोक्ताओं को बीते माह 110 रुपये सरसों का तेल दिया गया था। लेकिन, अब 114 रुपये प्रति पैकेट दिया जाएगा। सभी कार्ड धारकों के लिए एक ही दाम गौर रहे कि कांग्रेस सरकार ने कुछ माह पहले एपीएल, बीपीएल और एनएफएसए समेत सभी कार्ड धारकों को तेल के एक ही दाम तय कर दिए थे। जिसके बाद अब सभी को एक ही दरों पर तेल उपलब्ध होता है। अधिकारियों के अनुसार तेल के दाम टेंडर पर निर्धारित होते हैं। जो हर माह बढ़ते-घटते हैं। लेकिन बीते कई माह से इसके दाम 110 रुपये पर टिके हुए थे। जो अब सरकार की ओर से फिर बढ़ा दिए गए हैं। वहीं इससे पहले इसी माह सरकार ने चीनी के दाम भी 30 रुपये से बढ़ाकर 33 रुपये प्रतिकिलो कर दिए थे, जो अगले माह से मिलेगी। वहीं मलका की दाल में भी नौ रुपये की बढ़ोतरी कर दी है। यह दाल पहले एपीएल परिवारों को पहले 64 रुपये प्रति पैकेट दिया जा रहा था, अब 73 रुपये मिल रहा है। साथ ही एनएफएसए व अन्य कार्ड धारकों को 54 रुपये बढाकर 63 रुपये कर दिया है। उधर, खाद्य आपूर्ति नियंत्रक नरेंद्र धीमान ने बताया कि राशन डिपुओं में आने वाले राशन और तेल के दाम ऑनलाइन अपडेट होते हैं। जिसका पता पीओएस मशीनों में ही लग पाता है।
मंडी जिले के सुदंरनगर के चरखड़ी में बुधवार देर रात एक कार अनियंत्रित होकर 300 फुट गहरी खाई में जा गिरी। खाई में गिरते ही कार में आग लग गई और कार पूरी तरह जल गई। कार चालक की मौके पर ही मौत हो गई। मृतक की पहचान 33 वर्षीय खूबराम पुत्र टेकचंद गांव चरखड़ी उपमंडल सुदंरनगर के रूप में हुई है। वह प्रेसी से अपने घर चरखड़ी आ रहा था। चरखड़ी पहुंचने से लगभग एक किमी पहले ही उसकी कार हादसे का शिकार हो गई। मृतक घर का इकलौता चिराग था और अपने पीछे एक बेटा व बेटी छोड़ गया है। मामले की पुष्टि करते हुए डीएसपी सुदंरनगर भरत भूषण ने बताया कि शव को खाई से निकाल लिया गया है। पुलिस द्वारा घटना की जांच की जा रही है।
-राजभवन में राज्यपाल ने दिलाई मंत्री पद की शपथ हिमाचल प्रदेश को दो नए मंत्री मिल गए हैं। आज शाम राजभवन शिमला में बिलासपुर जिले के घुमारवीं से विधायक राजेश धर्माणी और कांगड़ा जिले के जयसिंहपुर से यादविंदर गोमा सुक्खू कैबिनेट में शामिल हो गए। शाम करीब 4:45 बजे राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने दोनों मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। देर रात ही यह फैसला हुआ और आज शपथ हुई। शपथ कार्यक्रम में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री सहित मंत्री व अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे। बता दें कि राजेश धर्माणी बिलासपुर जिले से कांग्रेस पार्टी के एकमात्र विधायक हैं। वे घुमारवीं विधानसभा से विधायक हैं। बिलासपुर को बीते एक साल से मंत्री पद का इंतजार था। वहीं, कांगड़ा जिले के जयसिंहपुर से विधायक यादविंदर गोमा को भी मंत्री बनाया गया है। काफी समय से उनको मंत्री बनाए जाने की अटकलें लग रही थीं।
-मुख्य परियोजना निदेशक नागेश गुलेरिया ने किया शुभारंभ -बोले, पूरे प्रदेश में खोले जाएंगे ऐसे आउटलैट -जापान के श्रीलंका प्रतिनिधि नाकाजीमा व जाइका इंडिया प्रतिनिधि इनागाकी ने की सराहना - जापान व श्रीलंका में भी प्रोजेक्ट के हिमट्रेडिशन ब्रांड की गूंज जाइका वानिकी परियोजना ने जोगिंद्रनगर में आउटलैट खोल दिया है। मुख्य परियोजना निदेशक नागेश कुमार गुलेरिया ने यह आउटलैट जनता को समर्पित किया। उन्होंने यहां पूजा-अर्चना कर इस आउटलैट का शुभारंभ किया। शहर के बीचो-बीच यानी वन मंडल जोगिंद्रनगर परिसर में अब जाइका वानिकी से जुड़े स्वयं सहायता समूहों द्वारा निर्मित सभी तरह के उत्पादों की बिक्री होगी। टौर के पत्तल, पाइन नीडल से बने उत्पाद, बैग, आचार, कोदे का आटा, काला मटर, लाल चावल, किन्नौरी राजमाह, हिमाचली टोपी और शॉल समेत कई तरह के उत्पाद इस आउटलैट में उपलब्ध होंगे। जाइका वानिकी परियोजना के मुख्य परियोजना निदेशक नागेश कुमार गुलेरिया ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि जाइका से जुड़े स्वयं सहायता समूहों द्वारा निर्मित सभी प्रकार के उत्पाद बाजार से बेहतरीन और अच्छी कीमत पर उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में प्रदेश के सभी वन मंडल स्तर पर आउटलैट खोले जाएंगे। इस अवसर पर हिमाचल दौरे पर आई जाइका श्रीलंका में सेवाएं दे रही जेंडर एक्सपर्ट नाकाजीमा और जाइका इंडिया की प्रतिनिधि इनागाकी ने जाइका के ऐसे प्रयासों की सराहना की। नाकाजीमा और इनागाकी ने जाइका के हिमट्रेडिशन ब्रांड की भी तारीफ की। इस अवसर पर जाइका की प्रतिनिधि भी उपस्थित रही। दूरदराज क्षेत्रों में पहुंची नाकाजीमा व इनागाकी जाइका श्रीलंका में सेवाएं दे रही जापान की प्रतिनिधि एवं जेंडर एक्पर्ट नाकाजीमा और जाइका इंडिया की प्रतिनिधि इनागाकी जिला मंडी के दूरदराज क्षेत्रों में पहुंची। उन्होंने जाइका से जुड़े स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं से सीधा संवाद किया। ग्राम वन विकास समिति जालपा के अंतर्गत दारट बगला में महिलाओं द्वारा हल्दी उत्पादन के प्रयासों की खूब सराहना की। उन्होंने ग्राम वन विकास समिति पंचजन द्वारा की जा रही मशरूम की खेती का मुआयना किया। नाकाजीमा और इनागाकी ने मंडी जिला के गुम्मा के समीप दूरदराज गांव जनवान में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान महिलाओं से सीधा संवाद किया। इस अवसर पर मुख्य परियोजना निदेशक नागेश कुमार गुलेरिया ने यहां के सभी स्वयं सहायता समूहों का हौंसला बढ़ाया और हर तरह के उत्पाद तैयार करने के लिए प्रोत्साहित भी किया। जाइका की नर्सरी व पौधरोण पर फिदा हुई जापानी मंडी जिला के चौंतड़ा स्थित जाइका वानिकी परियोजना की नर्सरी और जालपा के जंगलों में हुए पौधरोपण को देख जापान की प्रतिनिधि काफी उत्साहित हुई। मुख्य परियोजना निदेशक नागेश कुमार गुलेरिया के नेतृत्व वाली टीम ने नर्सरी और पौधरोपण क्षेत्र का निरीक्षण किया। नागेश गुलेरिया ने जाइका की नर्सरियों में तैयार किए जा रहे सभी प्रजातियों के पौधों की जानकारी दी।
आपदा प्रबंधन को सलाम, महिलाओं को 1500 का इंतजार **पुरानी पेंशन बहाल कर सरकार ने निभाया बड़ा वादा ** सुखाश्रय योजना से सुक्खू सरकार ने जीता दिल ** सियासी संतुलन बनाने में असफल रही सरकार "...सत्ता परिवर्तन का जो सियासी रिवाज हिमाचल प्रदेश में 1990 से चला आ रहा था उसे जनता ने 2022 में भी बरकरार रखा। 8 दिसंबर 2022 को विधानसभा चुनाव के नतीजे आएं और कयासों के मुताबिक ही कांग्रेस सत्तासीन हुई। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के दो मुख्य कारण अगर देखे जाएँ, तो सम्भवतः पहला कारण रहा भाजपा का कमजोर चुनाव लड़ना। एक तिहाई सीटों पर भाजपा के बागी मैदान में थे और ये उसकी हार का बड़ा कारण बना। दोनों पार्टियों के वोट शेयर में अंतर एक प्रतिशत से भी कम रहा, जबकि निर्दलीयों के खाते में करीब दस प्रतिशत वोट गए। इनमें अधिकांश भाजपा के बागी थे। दूसरा कारण था, कांग्रेस की गारंटियां। कांग्रेस ने भाजपा से बेहतर चुनाव लड़ा और उसका गारंटी कार्ड चल गया। ये ही कारण है कि सिमटते कैडर के बावजूद कांग्रेस ने दमदार वापसी की। कांग्रेस के खाते में 40 सीटें आई, लेकिन भाजपा भी तमाम गलतियों के बावजूद 25 का आंकड़ा छू गई। यानी सरकार बेशक कांग्रेस ने बना ली हो लेकिन पहले दिन से उस पर परफॉरमेंस प्रेशर है। फिर तारीख आई 11 दिसंबर 2022, जगह थी हिमाचल की राजधानी शिमला का रिज मैदान, सर्दी का मौसम मगर तेज़ धूप और उस धूप में उबाल खाता हज़ारों कांग्रेस कार्यकर्ताओं का उत्साह। अर्से बाद वीरभद्र सिंह की जगह कोई और कांग्रेसी चेहरा सीएम पद की शपथ ले रहा था। जो सुखविंदर सिंह सुक्खू सालों वीरभद्र सिंह के सामने एक किस्म से अपने सियासी रसूख को बचाये रखने की लड़ाई लड़ते रहे थे, वे अब उनके बाद मुख्यमंत्री बन चुके थे। पार्टी के 40 विधायक जीत कर आए थे और इन 40 विधायकों में से सबसे ज्यादा सुक्खू के पक्ष में थे। होली लॉज खेमे के विधायक प्रतिभा सिंह और मुकेश अग्निहोत्री के बीच बंटे हुए थे। ये ही सुक्खू के पक्ष में गया था। राजधानी कांग्रेसमय दिख रही थी, मैदान खचाखच भरा था और नारे लग रहे थे 'प्रदेश का मुख्यमंत्री कैसा हो, सुक्खू भाई जैसा हो। कांग्रेस में ये नए दौर की शुरुआत थी। शपथ ग्रहण मंच पर पूर्व मुख्यमंत्री स्व राजा वीरभद्र सिंह की तस्वीर भी रखी गई थी, उन्हें शपथ से पहले श्रद्धांजलि दी गई और फिर मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ने शपथ ली। धुआंधार लॉबिंग और मैराथन बैठकों के बाद सुक्खू मुख्यमंत्री तो बन गए थे लेकिन ये ताज काँटों भरा ताज है। सुक्खू सरकार के सामने पहले दिन से न सिर्फ परफॉर्म करने की चुनौती है बल्कि पार्टी के भीतर भी सामंजस्य बैठाना है। एक साल बीत गया है और कई मोर्चों पर सरकार हिट साबित हुई है, तो कई पैमानों पर अब सरकार का असल इम्तिहान होना है। " सुक्खू सरकार एक साल की हो गई है ...सत्ता पक्ष इसे 'सुख की सरकार' कह रहा है तो विरोधी 'दुख की सरकार', कांग्रेस उपलब्धियों की बुकलेट बाँट रही है तो भाजपा नाकामी के पर्चे। ये तो सियासत के रस्म-ओ-रिवाज है जो सत्ता पक्ष को भी निभाने है और विपक्ष को भी। बहरहाल एक साल की सुक्खू सरकार को लेकर भी सबका अपना-अपना विश्लेषण है। सरकार का कामकाज उसकी गारंटियों की कसौटी पर भी आँका जा रहा है, आपदा प्रबंधन पर भी और सरकार की जमीनी पकड़ भी इसका मापदंड है। कहीं शांता कुमार जैसे दिग्गज सरकार की तारीफ कर रहे है, तो कहीं पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष ही सीएम को पत्र लिखकर वादे याद दिला रहे है। इस बीच सुक्खू सरकार जनता के बीच सुछवि गढ़ने के प्रयास में लगी है, तो भाजपा छवि बिगाड़ने का कोई मौका नहीं चूक रही। खेर, बनती बिगड़ती सियासी इक्वेशन अपनी जगह, लेकिन कामकाज की कसौटी पर आंके तो सुक्खू सरकार ने कई ऐसे काम किये है जो अपनी छाप छोड़ गए। पुरानी पेंशन बहाली का वादा भी सरकार ने पूरा किया और सुख आश्रय योजना से सरकार का मानवीय चेहरा भी दिखा। वहीँ आपदा में सुक्खू सरकार के कामकाज पर तो वर्ल्ड बैंक और नीति आयोग ने भी ताली बजाई। हालांकि, सरकार के लिए सब हरा हरा नहीं है, महिलाओं को 1500 रुपये देने की गारंटी भी अभी अधूरी है और सियासी संतुलन बनाने में भी सरकार असफल दिखती है। पुरानी पेंशन के अलावा भी कर्मचारियों के मसले है जो अनसुलझे है। युवा एक साल में ही सड़कों पर उतर आए थे, कोई रिजल्ट मांग रहा है तो कोई नौकरी। प्रयास तो जारी है मगर फिलहाल खाली खजाना सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती है। सरकार के बड़े काम ... अनाथ बच्चे अब 'चिल्ड्रन ऑफ़ स्टेट' हिमाचल प्रदेश के सभी अनाथ बच्चे अब 'चिल्ड्रन ऑफ स्टेट' है। ये सुक्खू सरकार का वो फैसला है जिसने सबका दिल छुआ। अनाथ बच्चों का पालन पोषण, शिक्षा, आवास, विवाह आदि का खर्चा सरकार ने उठाने का निर्णय लिया है। सुक्खू सरकार की इस मानवीय पहल को चौतरफा तारीफ मिली है। सुख आश्रय योजना निसंदेह सुक्खू सरकार का वो काम है जो सदा याद रखा जायेगा। राज्य में अब तक 4000 अनाथ बच्चों को पात्रता प्रमाण पत्र जारी कर दिए गए हैं, जिससे अब वह मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना का लाभ उठा सकेंगे। इस योजना के तहत 27 वर्ष की आयु तक अनाथ बच्चे की देखभाल का ज़िम्मा राज्य सरकार का है। इसके साथ ही अनाथ बच्चों को क्लोथ अलाउंस व त्यौहार मनाने के लिए भत्ता प्रदान किया जा रहा है। उनकी उच्च शिक्षा, रहने का खर्च, 4000 रुपए पॉकेट मनी राज्य सरकार की ओर से प्रदान की जाएगी। राज्य सरकार अनाथ बच्चों को नामी स्कूलों में दाख़िला दिलाने के लिए भी प्रयास कर रही है। इसके साथ ही उन्हें आत्मनिर्भर बनाने तथा घर बनाने के लिए 3 बिस्वा भूमि तथा 2 लाख रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। पुरानी पेंशन बहाल करके दिखाई वादे के मुताबिक सुक्खू सरकार ने कर्मचारियों को पुरानी पेंशन बहाली का तोहफा दिया है। प्रदेश की ख़राब आर्थिक स्थिति के बावजूद सरकार ने कर्मचारियों से वादा निभाया है। प्रदेश सरकार द्वारा चौथी कैबिनेट की बैठक में ही पुरानी पेंशन बहाली की एसओपी को मंज़ूरी दे दी गई थी और 1 अप्रैल, 2023 से पुरानी पेंशन लागू कर दिया गया । चुनाव से पहले कांग्रेस द्वारा जनता को दी गई गारंटियों में से पुरानी पेंशन बहाली पहली गारंटी थी। प्रदेश की नई सरकार ने कर्मचारियों की पेंशन की सबसे बड़ी टेंशन को खत्म कर दिया। हिमाचल में करीब सवा लाख कर्मचारी इस समय एनपीएस के दायरे में आते थे जिन्हे इसका लाभ मिला । इस फैसले से प्रदेश सरकार पर सालाना करीब 1,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त वित्तीय बोझ बढ़ गया मगर सरकार अपने वादे से पीछे नहीं हटी। अब इसका सियासी लाभ कांग्रेस को होगा या नहीं, ये तो वक्त ही बताएगा लेकिन ये सुक्खू सरकार का बड़ा फैसला है। ग्रीन हिमाचल मुहीम हरित राज्य प्रदेश सरकार ने राज्य को 31 मार्च, 2026 तक हरित ऊर्जा राज्य के रूप में विकसित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रदेश सरकार ने राज्य के प्रत्येक जिले में दो-दो ग्राम पंचायतों को पायलट आधार पर हरित पंचायत के रूप में विकसित करने की रूपरेखा तैयार की है। इन पंचायतों में 500 किलोवाट से एक मेगावाट विद्युत उत्पादन क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित की जाएंगी। हिमाचल प्रदेश ऊर्जा क्षेत्र विकास कार्यक्रम के तहत इन परियोजनाओं की स्थापना के लिए 50 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। सुक्खू सरकार ने 100 किलोवाट से लेकर एक मेगावाट तक की सौर ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना पर युवाओं को 40 प्रतिशत सब्सिडी देने की भी घोषणा की है। इन परियोजनाओं से उत्पन्न बिजली की खरीद राज्य विद्युत बोर्ड करेगा। सरकार सार्वजनिक परिवहन को विद्युत परिवहन के रूप में विकसित करने के लिए भी प्रयास कर रही है। इसके लिए इलेक्ट्रिक वाहनों को सरकारी महकमों में भी इस्तेमाल किया जा रहा है और इलेक्ट्रिक टैक्सी की खरीद पर सरकार सब्सिडी भी दे रही है। हिमाचल को ग्रीन राज्य बनाने में सुक्खू सरकार जुटी है, और ये सरकार की बेहतरीन पहल है। दशकों से लंबित इंतकाल के मामलों का निबटारा इंतकाल और तकसीम के दशकों पुराने मामलों को लेकर सुक्खू सरकार एक्शन मोड में है। सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अधिकारियों को 24 जनवरी तक इंतकाल और तकसीम के मामलों को सुलझाने के निर्देश दिए हैं। इससे सालों से लंबित मामलों का निपटारा हो सकेगा। राजस्व लोक अदालतों का आयोजन कर सरकार हाज़ों मामले निबटा चुकी है। अब तक इंतकाल के लम्बित कुल 45 हजार 055 मामलों का निपटारा किया जा चुका है। किलो के हिसाब से सेब, अगले सीजन से यूनिवर्सल कार्टन किलो के हिसाब से सेब बेचने का फैसला हो या अगले सीजन से यूनिवर्सल कार्टन लागू करने का निर्णय, सुक्खू सरकार ने सेब बागवानों के हितों को महफूस रखने की दिशा में इच्छाशक्ति भी दिखाई है और फैसले भी लिए है। बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी हर मसले पर एक्टिव दिखे है और उनकी कार्यशैली की असर साफ दिख रहा है। एचपीएमसी को लेकर भी सरकार ने बड़े बदलाव लाने की दिशा में काम शुरू किया है और उम्मीद है इसके अच्छे नतीजे सामने आएंगे। अब 40 साल तक ही लीज पर जमीन सुक्खू सरकार ने लीज पर जमीन लेने की अवधि को 99 वर्ष से घटाकर अब अधिकतम 40 साल कर दिया है। हालांकि पुरानी लीज की अवधि नहीं बदलेगी। उद्योग लगाने और अन्य विकास परियोजनाओं को स्थापित करने के लिए अब 40 साल के लिए ही लीज पर जमीन का प्रावधान है। सरकार का कहना है कि अब धौलासिद्ध, लुहरी फेज-1 तथा सुन्नी जल विद्युत परियोजनाओं को 40 वर्ष के बाद हिमाचल प्रदेश को वापिस सौंपना होगा। वाईल्ड फ्लावर हॉल होटल को वापिस पाने के लिए राज्य सरकार कानूनी लड़ाई लड़ रही है। शानन प्रोजेक्ट को वापस लेने के लिए भी हिमाचल सरकार एक्शन मोड में दिखी है। आपदा प्रबंधन पर सुक्खू सरकार हिट... एक साल के कार्यकाल में सुक्खू सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती थी आपदा। आपदा में खुद सीएम सुक्खू दिन रात मैदान में डेट दिखे और हिमाचल सरकार ने बेहतरीन काम किया। वर्ल्ड बैंक और नीति आयोग ने भी सरकार के काम की तरफ की। सुक्खू सरकार 4500 करोड़ का बड़ा आपदा राहत पैकेज लेकर आई और मुआवजे की राशि में भारी वृद्धि कर पीड़ितों को राहत पहुँचाने का काम किया। राजनीति से इतर कई दूसरी विचारधारा के लोगों ने भी सरकार के कामकाज को सराहा। वहीँ केंद्र से मिलने वाली मदद को लेकर भी खूब सियासत हुई। भाजपा कहती है कि केंद्र से भरपूर मदद मिली और सीएम सुक्खू खुलकर कहते है कि अगर मदद मिली है तो भाजपा बताएं। इसमें कोई संशय नहीं है कि केंद्र ने हिमाचल को कोई विशेष आपदा राहत पैकेज नहीं दिया है। वहीँ प्रदेश की आर्थिक स्थीति भी खराब है। बावजूद इसके सुक्खू सरकार ने साहस भी दिखाया और बड़ा दिल भी। बहरहाल, सीमित संसाधनों के बीच सरकार के सामने अब चुनौती बड़ी है और सुक्खू सरकार का असल इम्तिहान अभी बाकी है। बढ़ता कर्ज सबसे बड़ी चुनौती .... हिमाचल प्रदेश पर 78,430 करोड़ रुपए कर्ज है। राज्य सरकार पर डीए और एरियर के रूप में करीब 12 हजार करोड़ रुपए के करीब देनदारियां हैं। यदि इसी रफ्तार से कर्ज लिया जाता रहा तो अगले साल हिमाचल पर कर्ज का बोझ एक लाख करोड़ रुपए को पार कर जाएगा। कर्ज को लेकर सियासत भी खूब हुई है। सुक्खू सरकार विधानसभा में श्वेत पत्र लेकर इसका ठीकरा पूर्व की जयराम सरकार पर फोड़ चुकी है तो भाजपा का कहना है कि सुक्खू सरकार प्रतिमाह एक हज़ार करोड़ रुपये का कर्ज ले रही है। बहरहाल, प्रदेश की आर्थिक हालत पतली है, केंद्र ऋण लेने की सीमा कम कर चुका है, ओपीएस का बोझ भी सरकार पर अभी पड़ना है और आपदा ने भी कमर तोड़ दी है। ऐसे में सुक्खू सरकार के लिए आने वाला समय बेहद कठिन होने वाला है। राजस्व बढ़ाने के हुए प्रयास, पर इतना काफी नहीं .... इस वर्ष हिमाचल प्रदेश सरकार के राजस्व में 1100 करोड़ रुपये की वृद्धि का अनुमान है। वर्तमान राज्य सरकार ने राजस्व बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिनके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। शराब के ठेकों की नीलामी से राज्य सरकार को 500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व मिलेगा। इसके अलावा कई छोटे छोटे फैसलों से सरकार को राजस्व बढ़ोतरी हो रही है, हालंकि ये नाकाफी है। फिर भी सरकार के प्रयास जरूर दिखे है। हिमाचल सरकार ने प्रदेश की आर्थिकी को पटरी पर लाने के लिए ऊर्जा उत्पादकों पर वॉटर सेस लगाने का निर्णय लिया था। वॉटर सेस की दर 0.06 से लेकर 0.30 रुपये प्रति घन मीटर तय की गई थी। राज्य जल उपकर आयोग ने सितंबर में कई ऊर्जा उत्पादकों को वाटर सेस के बिल जारी कर दिए थे। बीबीएमबी,एनटीपीसी,एनएचपीसी समेत कई अन्य ऊर्जा उत्पादकों ने प्रदेश सरकार के इस निर्णय को हाई कोर्ट में चुनौती दे रखी है। वहीँ केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने 25 अक्टूबर को सभी राज्यों को एक पत्र लिख वॉटर सेस को अवैध व असंवैधानिक बताते हुए इसे शीघ्र बंद करने के निर्देश दिए हैं। सुक्खू सरकार की तरफ से पर्यटन को बढ़ावा देने के कुछ प्रयास भी दिखते है और इच्छाशक्ति भी। हालांकि आपदा ने सरकार को बड़ा झटका जरूर दिया है। अलबत्ता पर्यटन आधारभूत या पॉलिसी सुधार की दिशा में अब तक कोई बड़ी कामयाबी सरकार को नहीं मिली है, लेकिन उम्मीद जरूर जगी है कि जल्द सरकार एक्शन मोड में दिखेगी। एडवेंचर टूरिज्म, धार्मिक पर्यटन की दिशा में सरकार के थोड़े प्रयास दिखे है, लेकिन सरकार से अपेक्षा किसी बड़ी योजना है। माहिर भी मानते है कि पर्यटन की दिशा में कोई बड़ा कदम उठाकर ही सरकार आत्मनिर्भर हिमाचल के लक्ष्य की तरफ बढ़ सकती है। धर्म संकट...खाली खजाना और 1500 देने का अधूरा वादा हिमाचल में कांग्रेस पर गारंटियां पूरी करने का दबाव है। जिन दस गारंटियों के बुते कांग्रेस सत्ता में आई उनमे से एक मुख्य गारंटी थी महिलाओं को हर माह पंद्रह सौ रुपये देना। बढ़ते कर्ज के बीच सुक्खू सरकार कैसे इसे पूरा करती है , इस पर निगाह टिकी है। जाहिर है हिंदी पट्टी के तीन राज्यों में कांग्रेस की हार के बाद हिमाचल सरकार पर आधी आबादी से किया गया वादा पूरा करने का दबाव है, लेकिन खराब आर्थिक स्थीति इसमें रोड़ा है। भाजपा इसे जमकर भुना रही है और अब ये 1500 रुपये का वादा बड़ा मुद्दा बन चूका है। लोकसभा चुनाव दस्तक दे रहे है और ये गारंटी कांग्रेस के गले की फांस बन चुकी है। खाली खजाने के बीच सरकार धर्म संकट में है। कई अन्य गारंटियां भी अभी अधूरी है जिनमें 300 यूनिट मुफ्त बिजली और पांच लाख रोजगार प्रमुख है। कैबिनेट में असंतुलन..10 विधायक देने वाले कांगड़ा को एक मंत्री पद ! एक साल में विपक्ष द्वारा सुक्खू सरकार को घेरना इतना चर्चा में नहीं रहा जितनी चर्चा अपनों की नाराजगी की हुई। किसी ने नाराजगी खुलकर जाहिर की तो किसी ने सोशल मीडिया पर चेतावनी दी। बात पार्टी के भीतरी संतुलन की ही नहीं, बात कैबिनेट असन्तुलन की भी हुई। सीएम सहित 9 लोगों की कैबिनेट कई पैमानों पर असंतुलित है। कांगड़ा और मंडी संसदीय क्षेत्र से सिर्फ एक-एक मंत्री है। ज़िलों के हिसाब से बात करें तो सबसे बड़े जिला कांगड़ा से कांग्रेस के दस विधायक है, पर मंत्री सिर्फ एक। जबकि सात विधायक वाले शिमला से तीन मंत्री है। ये असंतुलन सिर्फ सियासी मसला नहीं है, जिस जनता ने कांग्रेस को वोट दिया वो भी अपेक्षा रखती है कि क्षेत्र में कोई मंत्री होगा तो विकास को रफ़्तार मिलेगी। इसी तरह हिमाचल कैबिनेट में अभी 9 में से 6 क्षत्रिय है, जबकि ब्राह्मण, एससी और ओबीसी सिर्फ एक-एक है। पांच साल के लिए सरकार चुनी गई है और एक साल बीत चुका है लेकिन अब तक कैबिनेट पूरी नहीं हुई है। ये ही हाल बोर्ड निगमों का है। अब सरकार का रुख जल्द विस्तार का दिख जरूर रहा है लेकिन इच्छा से ज्यादा शायद मजबूरी है। तीन राज्यों की हार ने कांग्रेस को बड़ा झटका दिया है और संभवतः अब आलाकमान भी पार्टी के भीतरी संतुलन को सुनिश्चित करे। बहरहाल मुख्यमंत्री का ताजा बयान ये है कि नए मंत्री इसी साल में मिलेंगे। कोर्ट में गया सीपीएस नियुक्ति का मामला सुक्खू सरकार ने ने छह सीपीएस नियुक्त किए थे – अर्की विधानसभा क्षेत्र से संजय अवस्थी, कुल्लू से सुंदर सिंह, दून से राम कुमार, रोहड़ू से मोहन लाल बराकटा, पालमपुर से आशीष बुटेल और बैजनाथ से किशोरी लाल। इनके अलावा मुकेश अग्निहोत्री को उप मुख्यमंत्री बनाया गया है। भाजपा नेताओं ने इनकी नियुक्ति को कोर्ट में चुनौती दे दी है।मामले की सुनवाई जारी है और कोर्ट के फैसले का इंतजार है। इस मामले में अब 20 दिसंबर को हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में अगली सुनवाई है। बीजेपी नेता सतपाल सिंह सत्ती और 11 अन्य बीजेपी विधायकों ने अदालत में याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि सीपीएस और डिप्टी सीएम का ऐसा कोई पद संविधान के तहत या संसद द्वारा पारित किसी कानून या अधिनियम के तहत मौजूद नहीं है। उन्होंने याचिका में दलील दी कि सीपीएस के पदों पर नियुक्ति राज्य के खजाने पर बोझ है। याचिका के अनुसार, 91वें संशोधन में मंत्री पदों की संख्या सदन की कुल संख्या का 15 प्रतिशत कर दी गई और इस मानदंड के अनुसार राज्य में 12 मंत्री हो सकते हैं क्योंकि विधानसभा की सदस्य संख्या 68 है।आगे आरोप लगाया गया कि 6 सीपीएस की नियुक्तियां संविधान के विपरीत हैं। उन्हें सीपीएस के रूप में नियुक्त किया गया है, जो बिना बुलाए ही वास्तविक मंत्री हैं और मंत्रियों की सभी शक्तियों और सुविधाओं का आनंद लेते हैं। बहरहाल इस मामले में, विशेषकर सीपीएस की नियुक्ति को लेकर कोर्ट का क्या फैसला आता है, इस पर सबकी निगाह टिकी है। शिमला नगर निगम चुनाव जीते ...अब सोलन ने दिया झटका सुक्खू सरकार के एक साल के कार्यकाल में शिमला नगर निगम का चुनाव हुआ जहाँ कांग्रेस को शानदार जीत मिली। इसके बाद हालहीं में चार नगर निगमों में नए मेयर और डिप्टी मेयर चुनने की बारी थी। किस्मत की बदौलत कांग्रेस धर्मशाला नगर निगम में कब्ज़ा करने में कामयाब रही लेकिन सोलन में बहुमत होते हुए भी पार्टी की फजीहत हुई। कांग्रेस के दोनों अधिकृत उम्मीदवार हार गए। यहाँ मेयर पद कांग्रेस की बागी ने कब्जाया तो भाजपा को डिप्टी मेयर का पद मिल गया। वो फैसला जिसपर हुई विपक्ष ने जमकर घेरा सुक्खू सरकार ने आते ही सैकड़ों संस्थानों को डी नोटिफाई कर दिया। संस्थानों की डेनोटिफिकेशन पर भाजपा सरकार को जमकर घेरती रही है। भाजपा का आरोप है कि इस सरकार ने 10 महीने के कार्यकाल में ही हिमाचल के 1000 से अधिक चले हुए संस्थान बंद किए बंद कर दिए थे। कई शिक्षण स्थान भी बंद हुए और निसंदेह इससे कई छात्रों को कई दिक्क्तों कि खबरें भी सामने आई।
मंडी जिले के उपमंडल धर्मपुर में एक युवक की हत्या का मामला सामने आया है। युवक को बचाने की कोशिश कर रहा एक व्यक्ति घायल भी हुआ है। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मामले में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार मंडी जिले के धर्मपुर के चौकी कलोगा में शादी समारोह के बाद शनिवार देर रात चार व्यक्ति घर लौट रहे थे। इसी दौरान एक कार में दो लोग आए। उन्होंने रवि नाम पूछा और उस पर चाकू से हमला कर दिया। हमले में रवि की मौत हो गई, जबकि बचाव में आया एक व्यक्ति घायल हो गया। युवक की हत्या क्यों की गई, इसका अभी तक कोई पता नहीं चल पाया है। फिलहाल पुलिस ने दोनों आरोपियों को अरेस्ट कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। वहीं, शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
-सभी जिला मुख्यालयों में पायलट आधार पर ट्रैफिक वालंटियर योजना शुरू प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में अब ट्रैफिक पुलिस के साथ ट्रैफिक वालंटियर भी ट्रैफिक कंट्रोल करते दिखाई देंगे। इसी कड़ी में प्रदेश पुलिस मुख्यालय ने वीरवार को प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में पायलट आधार पर ट्रैफिक वालंटियर योजना का शुभारंभ किया। राज्य में यातायात के बेहतर प्रबंधन, सड़क सुरक्षा और जन जागरूकता के लिए इस योजना को शुरू किया गया है। यदि जिला मुख्यालयों में ट्रैफिक वलंटियर योजना सफलतापूर्वक संचालित होती है तो इसे राज्य के अन्य जिलों में भी लागू किया जाएगा। स्कीम के तहत राज्य में 18 वर्ष से अधिक आयु के स्वैच्छिक लोगों का एक समूह होगा, जो सेवा की भावना से यातायात प्रबंधन और जागरूकता में भाग लेगा और विभिन्न यातायात कार्यों को नि:शुल्क करने में योगदान देगा। स्वयंसेवकों का अनुरोध प्राप्त होने के बाद जिला एएसपी, डीएसपी मुख्यालय व एसडीपीओ उन्हें बातचीत के लिए बुलाएंगे और सत्यापन करेंगे। इसके बाद जिला एसपी की मंजूरी के बाद ट्रैफिक वालंटियर की सूची को अंतिम रूप दिया जाएगा। ट्रैफिक जन जागरूकता के लिए योजना में लड़कियों व महिलाओं की भागीदारी भी सुनिश्चित की जाएगी। जिला एसएसपी द्वारा रिफ्लैक्टिव सुरक्षा जैकेट, टोपी और आईडी कार्ड उपलब्ध करवाए जाएंगे। इस पर प्रमुखता से ट्रैफिक वालंटियर लिखा होगा, ताकि आम जनता को उनकी पहचान ट्रैफिक पुलिस से अलग दिखे।