** भेड़ या बकरी के मरने पर पशुपालक को मिलेगा 8 हजार क्लेम ** तीन साल का जीवन बीमा करने की घोषणा हिमाचल प्रदेश में अब भेड़-बकरियों का भी लाइफ इंश्योरेंस किया जाएगा। दरअसल पशुपालन विभाग प्रदेश के 38 हजार से अधिक भेड़-बकरियों का बीमा करने जा रहा है। विभाग बीपीएल, एससी और एसटी पशुपालकों की की कुल 21050 भेड़-बकरियों का बीमा करेगा तो वहीं एपीएल पशुपालकों की कुल 17250 भेड़-बकरियों का भी बीमा किया जाएगा। भेड़-बकरियों की बीमित राशि 912 रुपए रखी गई है। इसमें से बीपीएल, एससी और एसटी पशुपालकों को भेड़-बकरियों की बीमित राशि 173 रुपए जमा करवानी होगी, जबकि एपीएल पशुपालकों के लिए 365 रुपए बीमित राशि रखी गई है। शेष राशि विभाग की तरफ से जमा करवाई जाएगी। पशु पालक 31 मार्च से पहले अपने पालतू भेड़-बकरियों का बीमा करवाना सुनिश्चित कर सकते है। बताया गया है पशुपालन विभाग पांच माह से अधिक आयु के भेड़-बकरियों का ही बीमा करेगी। यह बीमा तीन वर्ष के लिए किया जा रहा है। इस बीच अगर पशुपालकों की भेड़-बकरियों की बीमारी के चलते मौत होती है, तो उसे 8000 रुपए की राशि बीमे के तौर पर मिल सकेगी। हालांकि पशु की उम्र व बेट के मुताबिक बीमा राशि इससे कम भी दी जा सकती है।
** एचआरटीसी के 640 रूट ठप, 76 बसें विभिन्न रूटों में फंसी हिमाचल प्रदेश में ताजा हिमपात होने से कई सड़क मार्ग बंद हो गए हैं। ज्यादातर सड़कें पहाड़ी इलाकों में बंद हुई हैं। ऐसे में लोक निर्माण विभाग ने फील्ड में तैनात 15,000 कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं। विभाग के मुताबिक जिला शिमला में 242 सड़कें बंद हैं। लाहौल स्पीति में 157, चंबा 61, किन्नौर 24, कुल्लू 93, मंडी 51 और सिरमौर में 16 सड़कें यातायात के लिए बाधित है। लोक निर्माण विभाग के इंजीनियर इन चीफ अजय गुप्ता ने बताया कि हिमाचल में बर्फबारी से बंद सड़कों को बहाल करने का कार्य युद्ध स्तर पर चला हुआ है। कर्मचारियों को 24 घंटे के भीतर सड़कें बहाल करने को कहा गया है। प्रतिदिन अधीक्षण व अधिशासी अभियंताओं से अपडेट लिया जा रहा है। ताजा बर्फबारी के बाद रविवार को निगम के करीब 640 रूटों पर बस सेवाएं प्रभावित रहीं। बर्फबारी के कारण कुल्लू, शिमला, मंडी और चंबा जिला में सबसे अधिक बस सेवाएं प्रभावित हुई हैं। निगम की करीब 76 बसें विभिन्न रूटों में फंसी हुई हैं। इन बसों को निकालकर मुख्यालय पहुंचाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
विशाल इवेंट गुरु कंपनी हिमाचली प्रतिभाओं और संस्कृति को आगे ले जाने और साथ में टैलेंट को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिवर्ष अनेकों प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने के लिए सम्मान समारोह आयोजित करवाती है। प्रतिभाओं को सम्मानित करने की परंपरा को विशाल इवेंट गुरु इस साल भी जारी रखेगा। देवभूमि हिमाचल प्रदेश अचीवर अवॉर्ड से हिमाचल की 101 प्रतिभाओं को सम्मानित किया जाएगा। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और शिमला संसदीय क्षेत्र के वर्तमान सांसद सुरेश कश्यप रहेंगे। मातृ शक्ति और युवाओं के लिए अनेकों आयोजन करवा चुकी है। विशाल इवेंट गुरु कंपनी इस वर्ष अपनी चौथी वर्षगांठ शिमला में आयोजित समारोह के दौरान मनाएगी। इस कार्यक्रम में कई सांस्कृतिक कार्यक्रम मातृ शक्ति और नन्हे-नन्हे बच्चों द्वारा पेश किए जाएंगे। कार्यक्रम के आयोजक विशाल शर्मा ने कहा कि हमारी कोशिश है कि पूरे प्रदेश में इसी तरह के आयोजन हों और हम हिमाचल के हर टैलेंट को एक मंच प्रदान कर पाएं। हमारी कोशिश है कि हिमाचल के हर जिले में हम शो ऑर्गेनाइज करें, ताकि सभी प्रतिभाओं को मंच मिले और हिमाचल के समग्र विकास में सभी मिलकर सहयोग करें।
पर्यटन निगम के अध्यक्ष कैबिनेट रैक आरएस बाली ने कहा कि राज्य सरकार चालू वित वर्ष में सात हजार विधवा तथा एकल नारियों को गृह निर्माण के लिए डेढ़-डेढ़ लाख रुपये का अनुदान देगी, ताकि महिला सशक्तिकरण की दिशा में आगे बढ़ सकें। बाली ने कहा कि महिलाओं को स्वरोजगार के जोड़ने के लिए भी ग्रामीण विकास विभाग के माध्यम से कई कार्यक्रमों एवं योजनाओं का संचालन सुनिश्चित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूहों को सृदृढ़ किया जाएगा तथा महिलाओं द्वारा तैयार उत्पादों को बिक्री के लिए उचित कदम भी उठाए जाएंगे, ताकि स्वयं सहायता समूहों की आर्थिक स्थिति मजबूत हो सके। उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूहों को अपने उत्पादों के विपणन के लिए कारगर कदम उठाए जाएंगे इस के लिए यूनिटी मॉल भी स्थापित किया जाएगा इसके साथ ही अपना कांगड़ा ऐप के माध्यम से भी उत्पादों को विक्रय करने के लिए कार्य योजना तैयार की गई है। बाली ने कहा कि महिला सशक्तिकरण की दिशा में प्रगाढ़ता के साथ प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खु के कुशल नेतृत्व में जनकल्याणकारी योजनाएं आम जनमानस तक पहुंच रही हैं। उन्होंने कहा सरकार द्वारा अनेकों जनकल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं जिनका सीधा लाभ लोगों को प्राप्त होता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने 4000 अनाथ बच्चों को चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट के रूप में अपनाया तथा दस माह में इस योजना को धरातल पर उतारा गया। वर्तमान राज्य सरकार ने देश का पहला कानून बनाया और मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना आरम्भ की, जिसके तहत 27 वर्ष की आयु तक उनकी देखभाल, उनकी उच्च शिक्षा तथा उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए सहायता देगी। इसके अतिरिक्त प्रदेश में डॉ. यशवंत सिंह परमार विद्यार्थी ऋण योजना आरम्भ की गई है, जिसके तहत विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए 20 लाख रुपये तक का ऋण एक प्रतिशत ब्याज पर उपलब्ध करवाया जा रहा है।
** प्रदेश में बन रहे 12 फ्रूट प्रोसेसिंग प्लांट और सीए स्टोर ** पराला फ्रूट प्रोसेसिंग प्लांट से आए क्रांतिकारी बदलाव हिमाचल प्रदेश में बने फल उत्पादों की बिक्री के लिए एचपीएमसी ने दिल्ली और जयपुर मेट्रो स्टेशनों पर 97 आउटलेट्स खोले हैं। एचपीएमसी ने हाल ही में फल उत्पाद तैयार करने और मार्केटिंग में अभूतपूर्व प्रगति की है। यह प्रगति शिमला के पराला में हाल ही में स्थापित किए गए फ्रूट प्रोसेसिंग प्लांट और अन्य बदलाव का नतीजा है। HPMC के मैनेजिंग डायरेक्टर सुदेश कुमार मोखटा ने बताया कि अब एचपीएमसी के देश भर में 244 आउटलेट्स हो गए हैं। उन्होंने बताया कि मार्केटिंग और बिक्री के लिए सेना और भारतीय रेलवे से भी बातचीत जारी है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में ऐसे 12 फ्रूट प्रोसेसिंग प्लांट और सीए स्टोर बनाए जा रहे हैं, जिनसे आने वाले समय में एचपीएमसी को फ्रूट प्रोसेसिंग क्षेत्र में काफी प्रगति की उम्मीद है।
** प्रदेश सरकार तथा एनडीडीबी के बीच समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां कहा कि जिला कांगड़ा के ढगवार में अत्याधुनिक स्वचालित दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र की स्थापना के लिए परामर्श सेवाएं प्रदान करने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के साथ समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किया है। उन्होंने कहा कि पूर्ण रूप से स्वचालित इस संयंत्र की क्षमता शुरुआत में 1.50 लाख लीटर प्रतिदिन होगी, जिसे तीन लाख लीटर प्रतिदिन तक बढ़ाया जा सकता है। इस परियोजना के तहत प्रथम चरण में 225 करोड़ के निवेश से निर्माण कार्य किया जाएगा। संयंत्र का उद्देश्य दही, लस्सी, मक्खन, घी, पनीर, फलेवर्ड मिल्क, खोया तथा मौजरेला चीज जैसे डेयरी उत्पादों का उत्पादन किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस परियोजना के आरंभ होने से दुग्ध उत्पादकों के जीवन में खुशहाली आएगी तथा प्रदेश की समग्र प्रगति में भी योगदान मिलेगा। उन्होंने कहा कि यह संयंत्र चम्बा, हमीरपुर, कांगड़ा तथा ऊना जिले के किसानों से सीधे तौर पर दूध खरीद कर ग्रामीण अर्थ-व्यवस्था को सुदृढ़ करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने दूध प्रापण में पारदर्शिता पर बल देते हुए कहा कि किसानों को उनकी मेहनत के उचित दाम मिलेंगे। उन्होंने कहा कि दूध प्रापण नेटवर्क को सुदृढ़ करने के लिए 43 करोड़ रुपये के अतिरिक्त निवेश का प्रावधान किया गया है। संयंत्र को संचालित करने के उद्देश्य से प्रतिदिन 2.74 लाख लीटर दूध की खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
हिमाचल प्रदेश के महाविद्यालयों में प्रथम वर्ष में पड़ रहे छात्रों के लिए छात्रवृत्ति के लिए आवेदन करने की तिथि को एक बार फिर बढ़ा दिया गया है। प्रथम वर्ष के विद्यार्थी अब 10 फरवरी तक 10 विभिन्न छात्रवृत्तियों के लिए आवेदन कर सकेंगे। शिक्षा विभाग की ओर से विद्यार्थियों की सुविधा के लिए अब तीसरी बार छात्रवृत्तियों की तिथि बढ़ाई गई है ताकि विद्यार्थियों को आवेदन करने के लिए किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े। पूर्व में आवेदन की तिथि 30 नवंबर और 31 दिसंबर थी। अब 31 जनवरी से 10 फरवरी की गई है। पात्र विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति के लिए राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इसके बाद विद्यार्थियों को तीन वर्षों तक छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोलन जिला के नालागढ़ क्षेत्र के झाड़माजरी स्थित एक निजी फैक्ट्री में आग लगने की घटना पर दुख व्यक्त किया है। उन्होंने जिला प्रशासन को घटना की जांच करने और प्रभावित परिवारों को हरसम्भव सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की। सीएम ने इस घटना में मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त करते हुए दिवंगत आत्माओं को शांति प्रदान करने की प्रार्थना की।
रामपुर के नाथपा झाकड़ी हाइड्रो पावर स्टेशन में 6 फरवरी को रक्तदान शिविर का आयोजन किया जा रहा है। इस बात की जानकारी देते हुए झाखड़ी परियोजना प्रमुख मनोज कुमार ने कहा कि यह शिविर 6 फरवरी को सुबह 9 बजे से सायं 3 बजे तक आयोजित होगी। उन्होंने ने कहा कि इस शिविर आईजीएमसी शिमला के ब्लड बैंक की देखरेख में परियोजना अस्पताल झाकड़ी में किया जा रहा है । यह भी उल्लेख है कि नाथपा झाकड़ी हाइड्रो पावर स्टेशन ऊर्जा-उत्पादन के साथ-साथ अनेक सामाजिक उत्तरदायित्व का भी निवर्हन करती है, जिसमें स्टेशन के कर्मचारी/अधिकारी कंधे से कंधा मिलाकर इस भागीदारी में सहयोगी बनते हैं। परियोजना के कार्यकारी निदेशक/परियोजना प्रमुख मनोज कुमार ने कहा है कि रक्तदान शिविर का मकसद ज्यादा से ज्यादा लोगों को रक्तदान के लिए प्रेरित करना है और इस महादान के लिए स्वैच्छिक रक्तदान कर कई जिंदगियों को बचाना है ।
** बोले, देश में राहुल गांधी कर रहे न्याय यात्रा, हिमाचल में प्रदर्शन पर लग रही रोक ** प्रदर्शन पर रोक लगाने से असंतोष की आवाजें नहीं दबा पाएगी कांग्रेस सरकार नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में आज हर वर्ग सड़कों पर है। कांग्रेस सरकार ने न तो चुनाव से पूर्व किए वादे को निभाया और न ही सरकार बनने के बाद एक भी ऐसा काम किया जो सरकार करती है। जो लोगों को पिछली सरकार में मिला हुआ था, यह सरकार उसे भी छीन रही है। जब सरकार लोगों की आवाज नहीं सुनेगी तो मजबूर होकर लोग सड़कों पर उतरेंगे और प्रदर्शन करेंगे, जिससे सरकार के कानों तक उनकी आवाज पहुंचे। लेकिन यह सरकार लोगों की मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने की बजाय उनकी आवाजों को दबाना चाह रही है। सरकार ने शिमला में प्रदर्शन करने पर रोक लगा दी है। सरकार को लगता है कि इस तरह के तानाशाही तरीके से वह लोगों की आवाज दबा सकती है। लेकिन ऐसा नहीं होने वाला है। मुख्यमंत्री को यह समझना चाहिए कि लोगों की आवाज़ दबाकर उन्हें खामोश नहीं किया जा सकता है। यह आवाजें तब शांत होंगी जब उनके मुद्दों का निपटारा होगा। जयराम ठाकुर कहा कि पूरे देश में राहुल गांधी भारत न्याय यात्रा चला रहे हैं, लेकिन उन्हें यह नहीं पता है कि हिमाचल में झूठ बोलकर, लोगों को झूठी गारंटियां देकर सरकार बनाई है। सरकार बनाने के बाद से ही कांग्रेस प्रदेश में अन्याय ही कर रही है। सरकार माताओं-बहनों के साथ अन्याय कर रही है। युवाओं के साथ अन्याय कर रही है। किसानों-बागवानों के साथ अन्याय कर रही है। अब सरकार अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने वाले के साथ अन्याय करते हुए उनका लोकतांत्रिक हक भी छीनना चाह रही है। उन्होंने कि बीजेपी सरकार को इस तरह से मनमानी नहीं करने देगी। ऐतिहासिक रहने वाला जेपी नड्डा का कांगड़ा दौरा नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा का कांगड़ा संसदीय क्षेत्र का दौरा ऐतिहासिक रहने वाला है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा 3 और 4 फरवरी को कांगड़ा के धर्मशाला में रहेंगे और जनसभा को संबोधित करेंगे। उनके द्वारा जनसभा को संबोधित करने से भाजपा के सभी कार्यकर्ताओं का मनोबल एवं ऊर्जा बढ़ेगी। उन्होंने कहा की आगामी लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी चारों लोकसभा सीटों में ऐतिहासिक जीत दर्ज करने जा रही है। हर बूथ से बीजेपी को बढ़त दिलाने के लिए हर कार्यकर्ता संकल्पित है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीसरी भार भारत के प्रधानमंत्री बनेंगे।
** ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी और निचले क्षेत्रों में होगी बारिश ** 7 फरवरी तक चलेगा यह दौर, इसके बाद साफ रहेगा मौसम हिमाचल प्रदेश में लंबे इंतजार के बाद गत दिनों कई इलाकों में भारी बर्फबारी हुई है। हालांकि आज राजधानी शिमला समेत अधिकांश क्षेत्रों में मौसम साफ बना हुआ है और धूप खिली हुई है, लेकिन मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से 3 फरवरी की देर रात से प्रदेश में फिर से मौसम का मिजाज बदलने की संभावना जताई गई है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के वैज्ञानिक संदीप कुमार ने बताया कि 3 फरवरी देर रात से प्रदेश में एक बार फिर पश्चिम विक्षोभ सक्रिय होगा, जिसके चलते तीन और चार फरवरी को ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी और निचले इलाकों में बारिश होने की संभावना है। उन्होंने बताया कि बारिश-बर्फबारी का यह दौर 7 फरवरी तक चलेगा। इसके बाद प्रदेश में मौसम के साफ होने की संभावना है।
** विभाग ने चालकों के लिए एडवाइजरी की जारी, रिस्क न लेने की हिदायत हिमाचल प्रदेश में हुई भारी बर्फबारी के कारण कई सड़कें बंद हो गई हैं। सड़कें बंद होने से एचआरटीसी के सैकड़ो रूट प्रभावित हुए हैं और विभिन्न जगहों पर 84 बसें फंस गई हैं। हालांकि यात्रियों की सुविधा के लिए एचआरटीसी वैकल्पिक मार्गों से बसों का संचालन कर रहा है। सूबे के लाहौल-स्पीति, शिमला, कुल्लू, चंबा एवं मंडी जिलों में बस सेवाएं सबसे अधिक प्रभावित हुई हैं। सिरमौर, सोलन, हमीरपुर, कांगड़ा और ऊना जिले में अपेक्षाकृत कम संख्या में बस सेवाएं प्रभावित हुई हैं। बर्फबारी के बाद सड़कों पर फिसलन के चलते निगम प्रबंधन ने चालकों-परिचालकों को बसों के संचालन के दौरान विशेष एहतियात बरतने के निर्देश दिए गए हैं। चालकों के लिए एडवाइजरी जारी की गई है, जिसमें यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए बर्फबारी के दौरान किसी भी तरह का जोखिम लेने से बचने के निर्देश दिए गए हैं। प्रबंधन ने बसों को सुरक्षित स्थान पर पार्क करने, कच्ची जमीन पर बसों को न ले जाने, छोटे नालों, नदियों के आसपास बसों का संचालन स्थिति के अनुसार करने, सुरक्षित होने पर ही बसों को रूटों पर आगे ले जाने, रूट पर चलने से पहले विंड स्क्रीन, वाइपर, फॉग लाइटों की अनिवार्य जांच करने, धुंध के दौरान सही लाइट का प्रयोग करने, बसों की रफ्तार कम रखने, बसों को सुरक्षित स्थानों पर पार्क करने, बसें खड़ी करने पर गुटका लगाने के निर्देश दिए गए हैं। निगम प्रबंधन ने यात्रियों से भी सड़क की स्थिति सही न होने पर जबरन बसों को आगे ले जाने के लिए चालक परिचालकों को बाध्य न करने का आग्रह किया है।
लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने आज यहां बताया कि प्रदेश में गत बरसात के दौरान भारी वर्षा से क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (एनडीआरएफ) के तहत 72 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है। उन्होंने कहा कि यह राशि प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत पर व्यय की जाएगी तथा इसके तहत प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के लिए एक-एक करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष में लोक निर्माण विभाग के विभिन्न मण्डलों को इस आपदा के दौरान क्षतिग्रस्त सड़कों के सुधार व मरम्मत के लिए एनडीआरएफ तथा एसडीआरएफ के तहत अभी तक 259 करोड़ रुपये की निधि जारी की जा चुकी है। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि आपदा के दौरान क्षतिग्रस्त मुख्य सड़कें रिकॉर्ड समय में बहाल की गईं। विशेष तौर पर विभाग ने सेब बहुल क्षेत्रों में सड़कों को प्राथमिकता के आधार पर बहाल किया जिससे सेब उत्पादकों को अपनी उपज बाजार तक पहुंचाने में सुविधा हुई। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क अधोसंरचना के विकास तथा सड़कों के रख-रखाव के लिए विभाग पूरी तत्परता से कार्य कर रहा है।
** कहा, बजट में हिमाचल को विशेष आर्थिक पैकेज देने का कोई जिक्र नहीं ** मध्यम वर्ग को राहत देने के बजाय केवल पूंजीपतियों का रखा ख्याल केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए अंतरिम बजट को जहां भाजपा राष्ट्रीय हित का बजट बता रही है तो वहीं, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इसे देशवासियों और हिमाचल की उम्मीदों पर खरा उतरने में नाकाम रहने वाला बजट करार दिया है। उन्होंने कहा कि यह प्रदेशवासियों को निराश करने वाला बजट है। वित्त मंत्री द्वारा प्रस्तुत अंतरिम बजट भाषण में कोई भी नई बात नहीं कही गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 2023 में हिमाचल में आई प्राकृतिक आपदा के बाद प्रदेशवासियों को केंद्र सरकार से विशेष आर्थिक पैकेज की उम्मीद थी, लेकिन इसका कोई जिक्र नहीं है। वहीं, रेल नेटवर्क के विस्तारीकरण के दृष्टिगत भी हिमाचल का कहीं उल्लेख नहीं किया गया है। सीएम ने कहा कि इसमें मध्यम वर्ग के लिए कर में कोई भी अतिरिक्त छूट नहीं दी गई है, जबकि भारतीय अर्थव्यवस्था में मध्यम वर्ग महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है। गरीब व मध्यम वर्ग को राहत देने के बजाय इस बजट में केवल पूंजीपतियों तथा उद्योगपतियों का ध्यान रखा गया है। उन्होंने कहा कि सतत विकास के लिए हरित ऊर्जा और सौर ऊर्जा की बात कही गई है, लेकिन इसके लिए कोई स्पष्ट रोडमैप का उल्लेख भाषण में नहीं है। मध्यम वर्ग के लिए कर में कोई भी अतिरिक्त छूट नहीं दी गई है, जबकि भारतीय अर्थव्यवस्था में मध्यम वर्ग महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है। उन्होंने कहा कि एलपीजी की कीमतों में वृद्धि की गई है और आमजन के लिए डीजल और पैट्रोल की कीमतों में कोई कटौती नहीं की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वस्तु एवं सेवा कर संग्रह 1.8 लाख करोड़ तक पहुंचने के बावजूद आयकर और अन्य करों में कोई भी अतिरिक्त रियायत नहीं दी गई है. हिमाचल जैसे पहाड़ी राज्य जहां मेट्रो रेल शुरू नहीं की जा सकती, वहां के लिए किसी भी तीव्र सार्वजनिक यातायात प्रणाली का भी उल्लेख नहीं है. इसके अलावा स्वास्थ्य क्षेत्र में भी किसी नई पहल का जिक्र नहीं किया गया है.
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां 'विश्व वेटलैंड दिवस' के उपलक्ष्य पर पारिस्थितिकीय संतुलन बनाए रखने और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के दृष्टिगत वेटलैंड के संरक्षण का आह्वान किया है। यह आर्द्र भूमि क्षेत्र इस संतुलन को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने प्रदेशवासियों से हिमाचल में स्थित रामसर स्थलों एवं अन्य वेटलैंड क्षेत्रों के संरक्षण के लिए सक्रिय सहयोग का भी आग्रह किया। इस वर्ष विश्व वेटलैंड दिवस की विषय-वस्तु 'आर्द्र भूमि और मानव कल्याणÓ रखी गई है। इस दिवस का आयोजन 2 फरवरी, 1971 को ईरान के रामसर शहर में वेटलैंड के अंतर्राष्ट्रीय महत्व पर आयोजित सम्मेलन के दौरान हस्ताक्षरित रामसर समझौते के उपलक्ष्य में वर्ष 1997 से किया जा रहा है। वेटलैंड समाज को पर्यावरण संतुलन प्रदान करते हैं। इनमें ताजा जल, पानी में से नुकसानदायक अपशिष्ट को छानकर इसे पीने के लिए शुद्ध बनाते हैं। इसके साथ ही यह खाद्य पदार्थों के बेहतर स्रोत के रूप में भी जाने जाते हैं। विषम मौसमी घटनाओं के दौरान भी वेटलैंड अत्याधिक जल प्रवाहन तथा सूखे जैसे जोखिमों को कम करने में अपनी भूमिका निभाते हैं। वेटलैंड क्षेत्र जैव विविधता के संरक्षण के साथ ही असंख्य लोगों के लिए जीवनयापन का स्रोत भी हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में रामसर स्थलों के संरक्षण के लिए प्रदेश सरकार सहित स्थानीय समुदायों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि हिमाचल में विभिन्न पारिस्थितिकीय क्षेत्रों में विविध वेटलैंड फैले हुए हैं। यह क्षेत्र स्थानीय लोगों की आजीविका की पूर्ति के साथ ही प्राकृतिक सौंदर्य एवं पर्यटन की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण हैं। वर्तमान में प्रदेश में स्थित पौंग बांध, रेणुका और चंद्रताल झील अंतर्राष्ट्रीय महत्व के रामसर स्थलों में शामिल हैं। इसके अतिरिक्त केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा रिवालसर और खजियार झील को राष्ट्रीय महत्व के वेटलैंड के रूप में शामिल किया गया है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां कहा कि प्रदेश में पहली बार आयोजित की जा रही राजस्व लोक अदालतों से लोगों को भरपूर लाभ मिल रहा है। राज्य में गत लगभग तीन माह में विशेष अभियान के दौरान इन अदालतों के माध्यम से इंतकाल के रिकॉर्ड 89091 मामले और तकसीम के 6029 लम्बित मामलों का निपटारा किया गया। उन्होंने कहा कि इस वर्ष जनवरी माह में ही विभिन्न राजस्व लोक अदालतों के माध्यम से इंतकाल के 23159 मामले और तकसीम के 1958 मामलों का निपटारा किया गया। जनवरी माह के दौरान इंतकाल मामलों का निपटारा करने में प्रदेश का जिला कांगड़ा अग्रणी रहा। यहां 6121 इंतकाल के मामलों का निपटारा किया गया। जिला मंडी में इंतकाल के 3212 मामले और जिला ऊना में 2289 इंतकाल मामलों का निपटान किया गया। इसके अतिरिक्त जिला ऊना में तकसीम के रिकॉर्ड 543 मामले निपटाए गए। जिला कांगड़ा में तकसीम के 464 और जिला मंडी में 303 मामले निपटाए गए। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार राजस्व के लम्बित मामलों का समयबद्ध निपटारा सुनिश्चित कर आमजन को राहत प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रदेश में 30 अक्तूबर, 2023 से विशेष राजस्व लोक अदालतों का आयोजन शुरू किया गया और लोगों को बड़े स्तर पर राहत के दृष्टिगत अब हर माह के अंतिम दो दिवस में इन लोक अदालतों को आयोजित करने का निर्णय लिया गया है। इस पहल का उद्देश्य लम्बित राजस्व मामलों का समाधान सुनिश्चित करना है ताकि लोगों को बार-बार राजस्व कार्यालय में जाने की आवश्यकता न पड़े। राजस्व लोक अदालतों को मिल रही सकारात्मक प्रतिक्रिया आंकड़ों के माध्यम से अपनी सफलता की कहानी बयां कर रही है। तीन माह की अल्प अवधि के भीतर ही रिकॉर्ड संख्या में लंबित राजस्व मामलों का प्रभावी निपटारा सुनिश्चित हुआ है। राज्य में यह पहली बार है कि लम्बित राजस्व मामलों के समाधान के लिए मिशन मोड पर अभियान चलाया गया जिसके ठोस परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रभावी एवं लोक सुलभ निर्णयों से ही बेहतर शासन व प्रशासन प्रदान किया जा सकता है और प्रदेश सरकार जन शिकायतों के तीव्र समाधान के लिए प्रतिबद्ध है। आमजन से जुड़ने और जन समस्याओं का समाधान सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा शुरू किया गया महत्वकांक्षी कार्यक्रम 'सरकार गांव के द्वारÓ इसी का परिणाम है।
हिमाचल विविधताओं का राज्य है। प्रदेश के बारह जिलों में परिधानों से लेकर खानपान सब भिन्न हैं। हिमाचल प्रदेश एक ऐसा राज्य है, जहां हर कला को नजदीकी से देख सकते हैं। हिमाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था और विकास में पर्यटन के साथ-साथ हस्तकरघा और वस्त्र का भी बहुत बड़ा योगदान है। प्रदेश के कई दस्तकारों ने दशकों से हस्तशिल्प के समृद्ध रीति-रिवाजों को डिजाइन किया है, जो अद्वितीय हैं। यही वजह है कि उनके द्वारा बनाये गए उत्पादों की देश भर में डिमांड है। आइये जानते है हिमाचल के विभिन्न जिलों के मशहूर वस्त्र, कला और उनके इतिहास के बारे में... पश्मीना शॉल पश्मीना शॉल की बुनाई में उपयोग किया जाने वाला ऊन लद्दाख में पाए जाने वाले पालतू चांगथांगी बकरियों से प्राप्त किया जाता है। बुनकरों द्वारा कच्चा पश्म को मध्यस्थों के माध्यम से खरीदा जाता है। इसके बाद कच्चे पश्म फाइबर को ठीक से साफ किया जाता है। तदोपरांत इस फाइबर को सुलझाते हैं और उसकी गुणवत्ता के आधार पर इसे अच्छी तरह से अलग करते हैं। फिर इसे हाथ से काता जाता है और ताने (कटाई की पिन )में स्थापित किया जाता है एवं हथकरघा पर रखा जाता है। इसके बाद तैयार धागे को हाथ से बुना जाता है और खूबसूरती से शानदार पश्मीना शॉल का निर्माण किया जाता है जो दुनिया भर में प्रसिद्ध है। पश्मीना शॉल बुनाई की यह कला हिमाचल में एक परंपरा के रूप में पीढ़ी-दर-पीढ़ी से चली आ रही है। पश्मीना शॉल ने दुनिया भर के लोगों का ध्यान आकर्षित किया है और यह पूरी दुनिया में सबसे अधिक मांग वाले शॉल में से एक बन गई है। इसकी उच्च मांग ने स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा दिया है। लिंगचे लिंगचे हिमाचल के जनजातीय क्षेत्र लाहुल स्पीति क्षेत्र में काफी प्रसिद्ध है। यह एक प्रकार का शॉल है लेकिन इसकी लम्बाई ज्यादा बड़ी नहीं होती है। लिंगचे हाथ से बुनी हुई शॉल है जिसे स्थानीय रूप से कंधे पर लपेटने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह हिमाचल प्रदेश में पहाड़ी स्पीति की ग्रामीण महिलाओं द्वारा हाथ से करघे पर बुना जाता है। इसमें बुद्धिज्म से जुड़े हुए डिजाइंस देखने को मिलता है। हिमाचली कालीन गलीचे और कालीन हिमाचल प्रदेश के हस्तशिल्प का एक महत्वपूर्ण तत्व हैं। हिमाचल में ऊन से बनी विभिन्न वस्तुएँ होम डेकोर में इस्तेमाल की जाती है। इनमें कालीन बेहद प्रसिद्ध है। ये कालीन सुंदर और असाधारण डिजाइनों के साथ सूक्ष्म रंगों, विभिन्न आकारों में बुनकरों द्वारा बनाया जाता हैं। डिजाइन से भरपूर ये कालीन बनावट में टिकाऊ होते हैं। कालीन को विभिन्न प्रकार के रूपांकनों से सजाया जाता है। इसमें ड्रैगन, हिंदू संस्कृति से प्रेरित स्वस्तिक, पुष्प, प्रकृति आधारित पैटर्न या तिब्बती पक्षी जिन्हें डाक, जीरा, ड्रेगन और बिजली के देवता आदि को धागों से डिजाइंस बना कर कालीन को खूबसूरती दी जाती है। सिरमौर जिले के पांवटा ब्लॉक के भूपपुर, पुरुवाला, सतौन और कंसन के विभिन्न गांवों में बड़ी संख्या में तिब्बती शिल्पकार ऊनी कालीन बुनते हैं। इसे बनाने के लिए बकरी के बाल और भेड़ की ऊन का उपयोग किया जाता है। हिमाचली पट्टू हिमाचली टोपियों को हिमाचलियों का ताज कहा जाता है। हिमाचल टोपी स्थानीय लोगों की पोशाक,परिधान और वस्त्रों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। लेकिन टोपी को तैयार करने के लिए जिस कपड़े का इस्तेमाल होता है उसे हिमाचल में पट्टू कहा जाता है। इसे हथकरघे पर बुना जाता है। पट्टी के कपड़े का उपयोग आमतौर पर बंद गले के कोट, पैंट, पायजामा, जैकेट बनाने के लिए किया जाता है। इसका इस्तेमाल स्थानीय लोग चोला यानी मेल गाउन बनाने में भी करते हैं। यह मेमने के पहले कतरन से प्राप्त ऊन से बनाया जाता है। लोईया सिरमौर की समृद्ध संस्कृति एवं सभ्यता का परिचायक लोईया प्रदेश ही नहीं देश-विदेश में भी काफी प्रसिद्ध है। लोईया सिरमौर के ट्रांस गिरि क्षेत्र की पहचान और पारंपरिक वेशभूषा है, जिसे विशेषकर सर्दियों के दौरान इस क्षेत्र के लोग शौक से पहनते हैं। वही सिरमौर जिला में सामाजिक कार्यक्रमों में मुख्य अतिथि को सम्मान के तौर पर लोईया भेंट करने की परंपरा आज भी जारी है। लोईया कश्मीर में पहने जाने वाली फेरन से मिलता जुलता है, लेकिन उसमें बाजू होते हैं। ग्रामीण लोईये का उपयोग कई प्रकार से करते हैं। उन्हें इससे सर्दियों में ठंड से राहत मिलती है और किसान बागवान जब कोई बोझ पीठ में उठाते हैं तो पीठ पर इसका दबाव भी कम पड़ता है। पारंपरिक तौर पर सर्दियों के मौसम में वस्त्रों के ऊपर पहना जाने वाला लोईया ऊन का बना होता है। आजकल यह अन्य ऊनी व सूती मिश्रित पट्टियों का भी बनाया जा रहा है। भेड़-बकरियों के पेशे से जुड़े अधिकांश लोग ऊन को स्वयं काता करते हैं और ग्रामीण स्तर पर ही स्थानीय बुनकरों से नौ ईंच चौड़ी पट्टी बुनवाई जाती है। उन पट्टियों को जोड़कर ही लोईया बनाया जाता है। चंबा की चप्पल चमड़े पर जरी और रेशम के धागे से महीन कारीगरी से तैयार चंबा चप्पल का डंका देश-विदेश में बजता है। चंबा चप्पल का इतिहास 500 साल पुराना बताया जाता है। जनश्रुति के अनुसार 16वीं शताब्दी में चंबा के राजा की पत्नी के दहेज में कारीगर चंबा लाए गए थे। ये कारीगर राज परिवार के लोगों के लिए चंबा चप्पल बनाते थे। समय के साथ-साथ कारीगर चंबा चप्पल लोगों के लिए भी बनाने और बेचने लगे। चंबा चप्पल के संरक्षण के लिए सरकार ने इसकी जीआई टैगिंग हासिल कर ली है। अब यह ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफार्म पर भी उपलब्ध है। लुप्त हो रही इस कला को बचाने के लिए आज भी लगभग सैकड़ों कारीगर प्रयासरत हैं। चंबा का रुमाल चंबा रुमाल अपनी अद्भुत कला और शानदार कशीदाकारी के लिए जाना जाता है। चंबा रुमाल की कारीगरी मलमल, सिल्क और कॉटन के कपड़ों पर की जाती है। श्री कृष्णलीला को बहुत ही सुंदर ढंग से रुमाल के ऊपर दोनों तरफ कढ़ाई करके उकेरा जाता है। महाभारत युद्ध, गीत गोविंद से लेकर कई मनमोहक दृश्यों को इसमें बड़ी संजीदगी के साथ बनाया जाता है। रुमाल बनाने में दो सप्ताह से दो महीने का समय लग जाता है। कीमत अधिक होने के कारण चंबा रुमाल को बेचना मुश्किल होता है। कहा जाता है कि 18वीं सदी में चंबा रुमाल तैयार करने का काम अधिक था। राजा उमेद सिंह (1748-64) ने कारीगरों को प्रोत्साहन दिया था। 1911 में दिल्ली दरबार में चंबा के राजा भूरी सिंह ने ब्रिटेन के राजा को चंबा रुमाल तोहफे में दिया था। 1965 में पहली बार चंबा रुमाल बनाने वाली महेश्वरी देवी को राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। चंबा रुमाल का विकास राजा राज सिंह और रानी सारदा के समय सर्वाधिक हुआ। चंबा रुमाल को प्रोत्साहित करने के लिए चंबा के राजा उमेद सिंह ने रंगमहल की नींव रखी। चंबा रुमाल पर कुरुक्षेत्र युद्ध की लघु कृति जो विक्टोरिया अल्बर्ट संग्रहालय लंदन में सुरक्षित हैं। चंबा के शासक गोपाल सिंह ने 1873 ई. में ब्रिटिश सरकार को ये भेंट किया था। कुल्लू के पूल कुल्लू का हस्तशिल्प दुनिया भर में प्रसिद्ध है। यहां की टोपी, शॉल, मफलर और जुराबों का हर कोई दीवाना है। कुछ समय से यहां की पारंपरिक पूलों की ओर भी लोग एकाएक आकर्षित हुए हैं। कुल्लू की स्थानीय बोली में इन चप्पलों को पूलें कहा जाता है। ये चप्पल आरामदेह होने के साथ-साथ पवित्र भी हैं। मंडी-कुल्लू में पूलों को भांग के रेशे के साथ-साथ जड़ी बूटियों से तैयार किया जाता है। भांग के पत्ते के तने के साथ ही ब्यूल के रेशों का भी इसे बनाने में इस्तेमाल होता है। इन्हें पवित्र माना जाता है। इन्हें पहनकर देव स्थल के भीतर जाने में कोई पाबंदी नहीं होती। इसी खासियत को जानकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुल्लू की पूलों को काशी विश्वनाथ के पुजारियों, सेवादारों और सुरक्षाकर्मियों के लिए खड़ाऊ का बेहतरीन विकल्प माना। एक पूल का जोड़ा बनाने में तीन से चार दिन का समय लग जाता है। नुमधा नुमधा गद्दे का स्थानीय नाम है, जो ऊन को बुनने के बजाय उसे फेल्ट कर बनाया जाता है। यह कम गुणवत्ता वाले ऊन को थोड़ी मात्रा में कपास के साथ मिलाकर तैयार किया जाता है। नमधा आमतौर पर सादे होते हैं या कशीदाकारी रंगीन डिजाइनों से सजाए जाते हैं। ये गद्दे 1.82 & 0.91 मीटर या 3.65 & 3.04 मीटर के विभिन्न आकारों में आते हैं। नुमधा की कीमत उसके आकार, ऊन की गुणवत्ता और पैटर्न पर निर्भर करती है। गुदमा गुड़मा स्थानीय लोगों द्वारा बनाई जाने वाली भारी कंबल को कहा जाता है, जिसे विशेष रूप से कुल्लू, किन्नौर और लाहुल स्पीति और पांगी घाटी में बुना जाता है। यह ऊन से बना होता है जिसमें लंबे रेशे होते हैं। गुड़मा को प्राकृतिक ऊनी रंगों में बुना जाता है और लाल या काले रंग की सजावट के साथ तैयार किया जाता है।
** लाहौल घाटी का संपर्क देश-दुनिया से कटा हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही बारिश-बर्फबारी से किसानों-बागवानों के चेहरे तो खिल गए हैं, लेकिन दुश्वारियां भी बढ़ गई हैं। सड़कों के साथ कई इलाकों में बिजली भी गुल है। सूबे में वीरवार सुबह 10 बजे तक छह नेशनल हाईवे और 241 सड़कें यातायात के लिए बंद थीं। प्रदेश में 677 बिजली ट्रांसफार्मर भी ठप हैं। सबसे ज्यादा 139 सड़कें लाहौल-स्पीति में बंद हैं। किन्नौर में 20, कुल्लू 11, मंडी 14 और शिमला में 13 सड़कें बंद हैं। लाहौल घाटी बर्फ से लकदक हो गई है। यहां लगातार तीसरे दिन बर्फबारी जारी है। अटल टनल के साउथ पोर्टल में दो फीट से अधिक बर्फबारी होने से लाहौल घाटी का संपर्क देश-दुनिया से कट गया है। उधर, जिला चंबा के जनजातीय क्षेत्र पांगी घाटी में वीरवार को रिकॉर्ड तोड़ बर्फबारी हुई है। घाटी के मुख्यालय किलाड़ में 1 फीट के करीब ताजा हिमपात हुआ है। 19 पंचायतों के प्रधानों से संपर्क किया जा रहा है। प्रशासन से आपदा के दौरान हर पंचायत में स्थानीय युवाओं की टीम बनाई हुई है। जोकि गांव में बर्फबारी के कारण आई आपदा से निपटने के लिए हमेशा तैयार रहेगी। वहीं पांगी से शेष दुनिया का संपर्क पूरी तरह से कटा हुआ है मौजूदा समय पांगी से बाहर आने से रास्ते केवल दो है, जिनमें वाया कुल्लू मनाली लाहुल के राहूली नामक स्थान पर भारी भूस्खलन के चलते बंद पड़ा हुआ है। वहीं, वाया जम्मू कश्मीर से भारी बर्फबारी के कारण बंद हुआ है। पांगी के कई गांव में मंडराया हिमखंड का खतरा पांगी घाटी के ग्राम पंचायत सेचू के मुर्छ गांव पर एक बार फिर हिमखंड का खतरा मंडराता हुआ है। क्योंकि मूर्छ गांव में दो बार हिमखंड जैसी आपदा आ चुकी है। वर्ष 2020 में मूर्छ गांव में करीब 6 फीट बर्फ हुई थी। इस दौरान गांव में आये हिमखंड ने 5 परिवारों को बेघर कर दिया था ।गांव 12 हजार की ऊंचाई पर पर है। ऐसे में यहां पर अभी तक तीन फीट तक बर्फबारी हो चुकी है। मुर्छ गांव में करीब 35 परिवार रहते है। गांव के पंचायत तकरीबन 8 किलोमीटर दूर है। हालांकि पांगी प्रशासन से गांव की स्थिति जानने के लिए वार्ड सदस्य से संपर्क किया जा रहा है।
** कहा, 14 महीने की हो गई सरकार, बेरोजगार युवाओं को अब भी रोजगार का इंतजार सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक राजेंद्र राणा ने एक बार फिर अपनी ही सरकार पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुुक्खू को पत्र लिखकर प्रदेश के कुछ ज्वलंत मुद्दों की ओर ध्यान देने की अपील की है। विधायक ने पत्र में लिखा है कि हिमाचल का बेरोजगार तबका प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने के 14 महीने बाद भी वही उम्मीद से, वही अधीरता से और बेचैनी से अपना सपना और कांग्रेस पार्टी का वादा पूरा होने का इंतजार कर रहा है। कांग्रेस पार्टी विपक्ष में रहते हुए भी लगातार युवाओं की आवाज सदन में वुलंद करती रही है। कांग्रेस को सत्ता में लाने में हर तवके का विशेष रूप से योगदान है लेकिन युवाओं ने प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनाने में बढ़-चढ़कर अपना योगदान दिया है। हमने हर साल एक लाख युवाओं को रोजगार देने का वादा किया था और प्रदेश का युवा वर्ग उस वादे के पूरा होने का बड़ी बेसब्री से इंतजार कर रहा है। उन्होंने आगे कहा, 'मुख्यमंत्री पिछले लंबे समय से जो भर्तियों के परिणाम रुके हुए हैं और जिन युवाओं ने परीक्षा उत्तीर्ण की हैं, वे अव वेचैन हैं और वही अधीरता से रिजल्ट का इंतजार कर रहे हैं। इनमें से बहुत से युवा ओवर एज हो रहे हैं और वे इस बात से चिंतित हैं कि आयु की सीमा लांघने के कारण कहीं वे सरकारी नौकरी के लिए अपात्र न हो जाएं। मेरा आपसे आग्रह है कि हमीरपुर स्थित अधीनस्य चयन बोर्ड को तुरंत वहाल करके युवाओं के लिए नौकरियों के दरवाजे खोले जाएं। सैकड़ों युवाओं ने बहुत मेहनत करके पेपर दिए हैं और अब लंबे समय तक उनके रिजल्ट रोके रखना तर्क संगत नहीं है, युवाओं का हम पर भरोसा धीरे-धीरे टूट रहा है और उनके सत्र का पैमाना छलक रहा है। राणा ने पत्र में लिखा कि पिछली सरकार के समय से ही हजारों युवा करुणा मूलक आधार पर नौकरी पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उम्मीद है कि आप इस बारे सहानुभूति पूर्वक निर्णय लेकर ऐसे युवाओं का भविष्य सुरक्षित रखेंगे। राणा ने सीएम को याद दिलाया कि उन्होंने सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र में पिछले साल 5 मार्च को होली महोत्सव पर मंच से कुछ घोषणाएं की थीं। मुख्यमंत्री की घोषणाएं पत्थर की लकीर होती हैं। क्षेत्र की जनता सारी घोषणाएं पूरा होने का बड़ी बेसब्री से इंतजार कर रही है।
मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने आज यहां सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग द्वारा नशामुक्त भारत अभियान के तत्वावधान में आयोजित एक कार्यशाला की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने मादक पदार्थों, दवाओं इत्यादि की तस्करी के विरूद्ध शून्य सहिष्णुता की नीति अपनाई है। नशीली दवाओं के उत्पादकों और आपूर्तिकर्ताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जा रही है। टोल फ्री ड्रग रोकथाम हेल्पलाइन नंबर 1908 आरम्भ किया गया है जिसका मुख्य उद्देश्य आम जनता को नशीली दवाओं के तस्करों के बारे में जानकारी साझा करने के लिए प्रोत्साहित करना है तथा नशा सेवन मंे संलिप्त युवाओं और उनके माता-पिता को परामर्श प्रदान करना है। नशे की आपूर्ति से जुड़े लोगों के बारे में सूचना देने वालों की पहचान गुप्त रखी जाती है। उन्होंने कहा कि मादक द्रव्यों का सेवन युवाओं पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है जिससे मानसिक सामाजिक व अन्य समस्याएं बढ़ रही हैं। मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य में मादक पदार्थों के सेवन पर रोक लगाने व नशा निवारण के लिए शिक्षा, जागरूकता, पहचान, परामर्श, उपचार और पुनर्वास, क्षमता निर्माण के लिए मानव संसाधन का विकास और नशे में संलिप्त युवाओं से भेदभाव को कम करने की रणनीति अपनाई गई है। उन्होंने कहा कि इस सम्बंध में सभी हितधारकों को जिम्मेदारियां साझा कर आपसी सहयोग की भावना से काम करना चाहिए। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एवं विशेष न्यायाधीश एनडीपीएस, दिल्ली अरुल वार्मा ने राज्य में नशीली दवाओं के खतरे को रोकने के लिए एक मजबूत और प्रभावी रणनीति पर बल दिया। उन्होंने कहा कि नशे में संलिप्त व्यक्तियों तक पहुंचने और नशीले पदार्थों की मांग को कम करने में सामुदायिक भागीदारी और सार्वजनिक सहयोग बढ़ाने पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। इन कार्यक्रमों में किशोरों और युवाओं में नशीली दवाओं के उपयोग की प्रारंभिक रोकथाम के लिए समुदाय-सहकर्मी नेतृत्व आधारित हस्तक्षेप सहित अन्य कदम उठाये जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि माता-पिता और शिक्षकों के बीच जिम्मेदारी की भावना विकसित करना नितांत आवश्यक है ताकि प्रारम्भिक अवस्था में रोकथाम सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने कहा कि जिन स्कूली विद्यार्थियों को नशे के सेवन की लत हो जाती है, वे पढ़ाई में पिछड़ जाते हैं और शैक्षणिक संस्थान भी छोड़ देते हैं। ऐसी स्थिति में उनको उचित परामर्श प्रदान किया जाना चाहिए।
सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग से अधीक्षक ग्रेड-2 के पद पर तैनात रजनी सूद, नाट्य निरीक्षक पद पर तैनात भुवनेश आनंद और सेवादार के पद पर तैनात राम सरण आज सेवानिवृत्त हो गए। इस अवसर पर निदेशक राजीव कुमार की अध्यक्षता में विदाई समारोह का आयोजन निदेशालय में किया गया। सूचना एवं जन सम्पर्क परिवार की ओर से शुभकामनाएं देते हुए राजीव कुमार ने कर्त्तव्यनिष्ठ कर्मचारियों द्वारा प्रदत सेवाओं की सराहना की। अतिरिक्त निदेशक आरती गुप्ता तथा संयुक्त निदेशक महेश पठानिया ने भी उनके कार्यकाल की सराहना करते हुए अपने अनुभव साझा किए। रजनी सूद 29 जून, 1989 को लिपिक के पद पर नियुक्त हुई और 34 वर्ष से अधिक समय तक विभाग में विभिन्न पदों पर अपनी सेवाएं प्रदान कीं। भुवनेश आनंद 2 नवम्बर, 1999 को कलाकार के पद पर नियुक्त हुए और 24 वर्ष से अधिक समय तक विभाग में विभिन्न पदों पर अपनी सेवाएं प्रदान कीं। राम सरण 12 जुलाई, 1991 को सेवादार के पद पर नियुक्त हुए और 32 वर्ष से अधिक समय तक विभाग में बहुमूल्य सेवाएं प्रदान कीं। इस अवसर पर विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज राजीव भवन शिमला में आयोजित युवा कांग्रेस की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि देश में ऐसी कोई भी पार्टी नहीं है, जिनके दो प्रधानमंत्रियों ने देश की एकता एवं अखंडता के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी की विचारधारा को जब-जब आघात पहुंचाने का करने का प्रयास किया तब-तब यह पार्टी और मजबूत हुई है। ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने युवा कांग्रेस के दिनों को याद करते हुए कहा कि मैं भी छात्र राजनीति से निकला और कदम दर कदम आगे बढ़ा। उन्होंने कहा कि कभी कल्पना भी नहीं की थी कि मुख्यमंत्री पद तक पहुंचेंगे, जिसके लिए उन्होंने कांग्रेस पार्टी की विचारधारा का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस विचारधारा ने लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत किया। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की सोच ने भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा दिखाई। जबकि आधुनिक भारत की नींव पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी ने रखी और देश में संचार क्रांति लाई। यही वजह है कि आज दुनिया की 30 बड़ी आई टी कंपनियों के सीईओ भारतीय हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी की सरकारों ने देश में आईआईटी, आईआईएम तथा एम्स आरम्भ किए। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का मानना था कि जिस समाज में महिलाओं को सम्मान नहीं मिलता वह समाज विकसित नहीं हो सकता। इसलिए महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए 73वें 74वें संशोधन के माध्यम से उन्हें पंचायती राज संस्थाओं में 33 प्रतिशत आरक्षण दिया गया। इसके साथ ही 18 वर्ष की आयु में अपनी सरकार को चुनने का अधिकार भी राजीव गांधी की सोच ने ही दिया। वहीं मनमोहन सरकार ने महिलाओं को पंचायती राज संस्थाओं में 50 प्रतिशत आरक्षण भी दिया। उन्होंने युवाओं से राजनीति में आगे आने की अपील करते हुए कहा कि व अपने लक्ष्य तय करें और चुनौतियों को स्वीकार कर आगे बढ़ें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार युवाओं के भविष्य सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले ले रही है। उन्होंने कहा कि बिना केंद्र सरकार की मदद के आपदा प्रभावितों को वर्तमान राज्य सरकार ने 4500 करोड़ का विशेष राहत पैकेज जारी किया तथा पूरी तरह से क्षतिग्रस्त का मुआवजा 1.30 लाख से बढ़ाकर 7 लाख रूपये किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने कैबिनेट की पहली ही बैठक में पुरानी पेंशन योजना लागू की, ताकि बुढापे में कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा मिल सके। प्रदेश में आपदा के दौरान हर सम्भव सहयोग के लिए उन्होंने मंत्रिमंडल के सदस्यों, युवा कांग्रेस के सदस्यों व सभी लोगों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि जन सहयोग से इतिहास का सबसे बड़ा 250 करोड़ रुपए का दान एकत्र हुआ। ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार प्रत्येक माह के अंतिम दो दिनों में लंबित राजस्व मामलों के निपटारे के लिए राजस्व लोक अदालतें आयोजित कर रही है। इसमें अब तक इंतकाल के 65000 से अधिक तथा तकसीम के चार हजार से अधिक लम्बित मामलों का निपटारा किया गया है। उन्होंने कहा कि पहली बार कोई सरकार गंभीरता से इस दिशा में प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर में पिछली सरकार के कार्यकाल में युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ हुआ और पेपर बेचे गए। भ्रष्टाचार पर प्रहार करते हुए वर्तमान राज्य सरकार ने कर्मचारी चयन आयोग को भंग कर इसके स्थान पर राज्य चयन आयोग गठित किया है, जिसमें भर्ती की प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से सुनिश्चित होगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार विभिन्न सरकारी विभागों में 21,000 भर्तियां करने जा रही है। ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि अच्छे शासन के लिए अच्छे प्रशासन का होना आवश्यक है। प्रथाओं को तोड़कर मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण के बाद उन्होंने टूटीकंडी बालिका आश्रम का दौरा किया। आवासियों की पीड़ा को समझा और अनाथ बच्चों की देखभाल के लिए देश का पहला कानून बनाया, जिसके तहत सभी अनाथ बच्चों को ‘चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट’ का दर्जा दिया गया, जिसके तहत उनकी पूरी देखभाल का जिम्मा राज्य सरकार का है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना के तहत वर्तमान राज्य सरकार 18 वर्ष तक के अनाथ बच्चों को 2500 रुपए प्रति माह तथा 27 वर्ष तक के बच्चों को 4 हजार रुपए पॉकेट मनी के रूप में दे रही है। उनकी शादी तथा स्टार्ट-अप आरम्भ करने के लिए 2-2 लाख रुपए की आर्थिक मदद प्रदान करने के साथ-साथ घर बनाने के लिए भूमि उपलब्ध करवाई जाएगी और 3 लाख रुपए आर्थिक सहायता सहित अन्य सुविधाएं भी दी जा रही हैं। मुख्यमंत्री ने ‘सुपर शक्ति शी’ में तीसरा स्थान पाने वाली सभी युवा कांग्रेस की महिला कार्यकर्ताओं को सम्मानित किया। इसके साथ उन्होंने युवा कांग्रेस के डोर-टू-डोर अभियान के तहत विभिन्न पोस्टर भी जारी किए। हिमाचल प्रदेश युवा कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रभारी कृष्णा अल्लावारु ने कहा कि प्रदेश में सरकार और संगठन समन्वय से कार्य कर रहे हैं तथा कार्यकर्ताओं को जनसेवा के लिए उचित जिम्मेवारियां सौंपी गई हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का चुनाव ईडी, सीबीआई और इनकम टैक्स जैसी संस्थाएं लड़ती है। उन्होंने चंडीगढ़ मेयर चुनाव में घपलेबाजी का आरोप लगाते हुए कहा कि अगर महापौर चुनाव में यह स्थिति है तो आगामी लोकसभा चुनाव की स्थिति की कल्पना भी नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि बीजेपी झूठ फैलाने में माहिर है। आने वाले लोकसभा चुनाव का निर्णय जनता करेगी तथा भाजपा के प्रचार प्रसार से घबराने की आवश्यकता नहीं है। युवा कांग्रेस के कार्यकर्ता हर बूथ पर अपनी बात मजबूती से प्रस्तुत करेंगे। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में राज्य सरकार ने एक वर्ष में बेहतर कार्य किया है और इसी रिपोर्ट कार्ड को लोगों के सामने रखा जाएगा। जबकि दस साल पहले भाजपा ने 20 करोड़ नौकरियों का वादा किया था लेकिन मोदी सरकार रोजगार देने में असफल रही है। बेटियों को न्याय दिलाने, अच्छी शिक्षा देने, मजदूरों को हक देने, लोकतंत्र को बचाने और किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने में मोदी सरकार नाकाम हुई है। हिमाचल प्रदेश के युवा कांग्रेस के अध्यक्ष निगम भंडारी ने आपदा में बेहतर कार्य के लिए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू की सराहना की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को राज्य सरकार में उपयुक्त जिम्मेदारियां सौंपी हैं। उन्होंने कहा कि युवा कांग्रेस के कार्यकर्ता राज्य सरकार की नीतियों को घर-घर पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि युवा कांग्रेस ने पिछली भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान उनकी जन विरोधी नीतियों को जनता तक पहुंचाया और भाजपा को बाहर का रास्ता दिखाया। उन्होंने कहा कि आगामी लोक सभा चुनाव में भी युवा कांग्रेस के कार्यकर्ता दिन रात मेहनत करेंगे। युवा कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष जयवर्धन खुराना ने युवा कांग्रेस के कार्यों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि युवा कांग्रेस ने यूथ जोड़ो कार्यक्रम के तहत हिमाचल प्रदेश के प्रत्येक बूथ पर पांच-पांच कार्यकर्ताओं को जोड़ने का अभियान आरम्भ किया गया है। आगामी 90 दिनों में हिमाचल प्रदेश सरकार की उपलब्धियों को डेढ़ लाख लोगों तक पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके अतिरिक्त अग्निवीर योजना पर कांगड़ा, मंडी तथा हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र में नुक्कड़ नाटकों का आयोजन किया जा रहा है। इस अवसर पर विधायक अजय सोलंकी, रवि ठाकुर व भुवनेश्वर गौड़, मुख्यमंत्री के ओएसडी रितेश कपरेट, एचपीएसआईडीसी के उपाध्यक्ष विशाल चंबियाल, हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव देवेंद्र बुशैहरी और अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) द्वारा वित्त वर्ष 2024-25 के लिए आयोजित राज्य क्रेडिट सेमिनार का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि बैंक ने राज्य में उपलब्ध संसाधनों और बैंकिंग ढांचे के आधार पर वर्ष 2024-25 के लिए कृषि और संबद्ध्र गतिविधियों, एमएसएमई और अन्य प्राथमिकता क्षेत्र के लिए 34490 करोड़ रुपये की ऋण संभाव्यता योजना तैयार की है जोकि पिछले वर्ष की तुलना में 8 प्रतिशत अधिक है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर ‘नाबार्ड स्टेट फोकस पेपर-2024-25’ भी जारी किया। ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने लोगों के सामजिक-आर्थिक उत्थान के लिए मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना, बागवानी के एकीकृत विकास के लिए मिशन, मुख्यमंत्री लघु दुकानदार कल्याण योजना, मुख्यमंत्री ग्रीन कवर मिशन, मुख्यमंत्री रोजगार संकल्प सेवा, मुख्यमंत्री विद्यार्थी योजना व स्टार्टअप इत्यादि अनेक कल्याण योजनाएं आरम्भ की हैं। उन्होंने बैंको से आग्रह किया कि इन योजनाओं के उचित क्रियान्वयन के लिए ऋण देने में अपना सक्रिय सहयोग दें ताकि किसान, बागवान तथा युवा इन योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ उठा सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा प्राथमिकता क्षेत्र ऋण प्रवाह पर जारी किए गए निर्देशों के अन्तर्गत प्रदेश का कोई भी जिला ‘क्रेडिट की कमी’ जिलों की श्रेणी में नहीं आता है। उन्होंने कहा कि यद्यपि इन जिलों में ऋण प्रवाह सामान्य है परन्तु प्रदेश का ऋण व जमा अनुपात 36ः39 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, मंडी, ऊना, लाहौल-स्पीति व चम्बा में ऋण व जमा अनुपात लगातार 40 प्रतिशत से कम है जोकि चिंता का विषय है। उन्होंने बैंकों एवं अन्य हितधारकों को इन जिलों में ऋण व जमा अनुपात को बढ़ाने के लिए आवश्यक कदम उठाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने में नाबार्ड की मुख्य भूमिका है। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन से हिमाचल प्रदेश भी अछूता नहीं है, जिससे रोकने के लिए राज्य सरकार ने अनेक कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ग्रीन इंडस्ट्री को बढ़ावा दे रही है और राज्य में ई-व्हीकल को प्रोत्साहित किया जा रहा है, ताकि कार्बन उत्सर्जन कम हो और फॉसिल फ्यूल पर निर्भरता कम हो सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश का परिवहन विभाग देश का पहला विभाग है, जिसमें पूरी तरह ई-व्हीकल इस्तेमाल की जा रही हैं। इसके साथ ही एचआरटीसी की 3000 डीजल बसों को चरणबद्ध तरीके से ई-बसों के साथ बदला जा रहा है तथा 1300 ई-बस के लिए टेंडर कर दिए गए हैं। ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि 680 करोड़ रुपए की राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्टअप योजना के पहले चरण के तहत ई-टैक्सी योजना आरम्भ कर दी है, जिसके लिए 1200 युवाओं ने आवेदन किया है। इस योजना के तहत राज्य सरकार ई-टैक्सी की खरीद के लिए 50 प्रतिशत अनुदान प्रदान कर रही है। ई-वाहनों के सुगम संचालन के लिए ई-चार्जिंग स्टेशन भी स्थापित किए जा रहे हैं। कीरतपुर से केलांग ग्रीन कॉरीडोर पर 17 ई-चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए गए हैं तथा पूरे प्रदेश में ई-चार्जिंग स्टेशन बनाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए ई-वाहनों का संचालन राज्य सरकार की एक सोच का प्रतिबिंब है, इसीलिए सरकारी विभागों में एक जनवरी 2024 से पेट्रोल व डीजल गाड़ियों की खरीद पर रोक लगा दी गई है। ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार ने सौर ऊर्जा के दोहन को भी प्राथमिकता दे रही है। जिला ऊना के पेखूबेला में 32 मेगावाट क्षमता का सोलर पावर प्रोजेक्ट लगाया जा रहा है, जो फरवरी माह में बनकर तैयार हो जाएगा। स्वरोजगार स्टार्ट अप योजना के दूसरे चरण में बेरोजगार युवाओं के लिए सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित करने के लिए राज्य सरकार मदद देगी। इस योजना के माध्यम से बेरोजगार युवा अपनी भूमि पर 100, 200 व 500 किलोवाट का सौर ऊर्जा केन्द्र स्थापित कर पाएंगे तथा राज्य सरकार उनसे 25 वर्षों तक बिजली की खरीद करेगी ताकि उन्हें निश्चित आय प्राप्त हो सके। इसके अतिरिक्त ग्रीन हाईड्रोजन उत्पन्न करने के लिए आईओसीएल के साथ एक मेगावाट क्षमता का एक प्रोजेक्ट लगाया जा रहा है, जिसके लिए टेंडर प्रक्रिया आरंभ कर दी गई है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में राज्य सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए योजनाएं कार्यान्वित करेगी तथा प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए गंभीर प्रयास किए जा रहे हैं। हाल ही में राज्य सरकार ने दूध खरीद का मूल्य 6 रुपए बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा कृषि को उद्योग की तर्ज पर बढ़ावा देने के साथ-साथ डेयरी आधारित उद्योगों को भी बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा है। जिला कांगड़ा के ढगवार में 250 करोड़ रुपए की लागत से अत्याधुनिक मिल्क प्लांट स्थापित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश ने नाबार्ड के विभिन्न विकास कार्यक्रमों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए हितधारकों को सम्मानित किया। नाबार्ड के प्रभारी अधिकारी डॉ. विवेक पठानिया ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया और डीजीएम मनोहर लाल ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। इस अवसर पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री धनी राम शांडिल, मुख्य संसदीय सचिव मोहन लाल ब्राक्टा, विधायक अजय सोलंकी व भुवनेश्वर गौड़, हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक के अध्यक्ष देवेंद्र श्याम, कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया, जोगिंद्रा बैंक के अध्यक्ष मुकेश शर्मा, सचिव ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग प्रियतु मंडल, मुख्यमंत्री के प्रधान निजी सचिव विवेक भाटिया और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
भाषा एवं संस्कृति विभाग प्रदेश की लोक संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्द्धन की दिशा में निरन्तर प्रयासरत है। विभाग द्वारा प्रति वर्ष सांस्कृतिक दलों तथा वादकों को प्रदेश में प्रदेश से बाहर सास्कृतिक अवसरों, मेले-त्योहारों व विभिन्न स्थानों पर सास्कृतिक प्रस्तुतियों हेतु भेजा जाता है । दलों के चयन के लिए विभाग द्वारा हर वर्ष जिला स्तर पर प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है । प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले लोकनृत्य दल को राज्य स्तर पर होने वाली प्रतियोगिता व राज्य स्तरीय आयोजनों में भाग लेने का अवसर प्रदान किया जाएगा। वर्ष 2024के जिला स्तरीय लोक नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन 13 और 14 फरवरी को ऐतिहासिक गेयटी प्रेक्षागृह के बहुउद्देशीय सभागार में करवाया जा रहा है, जिसमें भाग लेने के लिए जिला शिमला के सभी पंजीकृत अथवा अपंजीकृत ,शिक्षण संस्थानों के लोकनृत्य दल,पारंपरिक लोक वाद्ययन्त्र दल दिनांक 09.02.2024 तक जिला भाषा अधिकारी शिमला के कार्यालय संस्कृति भवन, खण्ड सं०-39, में ईमेल-dloshimlahp@gmail.com पर आवेदन कर सकते हैं । यह जानकारी जिला भाषा अधिकारी अनिल कुमार हारटा ने दीधिक जानकारी के लिये दूरभाष नम्बर 0177-2626615 या 8219457198 पर भी संपर्क कर सकते हैं। प्रतियोगिता में भाग लेने वाले लोकनृत्य दलों के लिए मानक निर्धारित किए गए है। मानकों के अनुसार लोक नृत्य दलों में नर्तकों की संख्या कम से कम 16 और 22 से अधिक नहीं होनी चाहिए, जिसमें दल के गायक,वादक और नर्तक सम्मिलित होंगे तथा लोक वाद्ययन्त्र प्रतियोगिता में 8-12 कलाकार भाग ले सकेंगे । वहीं, लोक नृत्य प्रतियोगिता में प्रदर्शन अवधि 10-12 मिनट तक होगी तथा लोक वाद्ययन्त्र प्रतियोगिता की 8-10 मिनट तक रहेगी। अधिक जानकारी के लिये दूरभाष नम्बर 0177-2626615 या 8219457198 पर भी संपर्क कर सकते हैं ।
हिमाचल प्रदेश सरकार ने पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू के प्रधान सचिव आयुष के पद पर किए गए तबादला आदेश को रद्द कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद उनके तबादला आदेश वापस लिए गए हैं। संजय कुंडू अब डीजीपी पद पर बने रहेंगे। इस संबंध में सरकार की ओर से अधिसूचना जारी कर दी गई है। दरअसल 12 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने आईपीएस अधिकारी संजय कुंडू को हिमाचल प्रदेश पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) पद से ट्रांसफर करने के हिमाचल हाईकोर्ट के आदेश को दरकिनार कर दिया था। एक मामले की निष्पक्ष जांच में हस्तक्षेप करने के आरोप पर हाईकोर्ट ने कुंडू को डीजीपी पद से स्थानांतरित करने का आदेश दिया था। 26 दिसंबर को हाईकोर्ट ने एक व्यवसायी की ओर से आईपीएस अधिकारी और एक वकील से जान को खतरे की आशंका जताते हुए भेजी पत्र याचिका पर शुरू की गई स्वत: संज्ञान कार्यवाही में यह आदेश पारित किया था। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि याचिकाकर्ता कुंडू जांच में हस्तक्षेप कर रहे हैं। हाईकोर्ट ने मामले की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने को जरूरी मानते हुए डीजीपी और कांगड़ा के एसपी के तबादले का आदेश दिया था।
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि नौकरी की माँग को लेकर मुख्यमंत्री से मिले दृष्टिबाधित युवक द्वारा लगाए गये आरोप बहुत गंभीर हैं। एक मुख्यमंत्री द्वारा इस तरह की बात किया जाना शर्मनाक है। ग़ौरतलब है कि नौकरी की मांग कर रहे दिव्यांग युवा मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मिले थे। उनसे मिलने वाले रोहड़ू निवासी लकी का आरोप है कि मुख्यमंत्री सुक्खू ने उनसे सवाल किया कि आप तो दृष्टिहीन हैं, आपको दिखाई नहीं देता है, आप क्या करेंगे। जयराम ठाकुर ने कहा कि इस तरह की बात करना संवेदनहीनता है। आज दिव्यांगजन देश दुनिया में एक से बढ़कर एक काम कर रहे हैं। खेलों से लेकर विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में नाम कर रहे हैं। ऐसे में इस तरह के बेतुके सवाल का कोई औचित्य नहीं हैं। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री को किसी भी मामले की गंभीरता समझनी होती है। पिछले हफ़्ते जेओए आईटी का रिजल्ट जारी करने की माँग कर रहे युवाओं से मुलाक़ात के दौरान उन्होंने कहा था कि कैबिनेट मंत्रियों को मनाइए। कुछ मंत्री हैं जो रिजल्ट नहीं जारी कर रहे हैं और आज एक दिव्यांग युवक द्वारा मुख्यमंत्री पर इस तरह के ग़ैर ज़िम्मेदाराना तरीक़े से सवाल करने के आरोप लग रहे हैं। यह दुःखद है। सरकार को गंभीरता से काम करने की ज़रूरत जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार किसी भी मामले में गंभीर नहीं है। इसीलिए प्रदेश के लोगों में असंतोष का माहौल है। आज 13 महीनें के कार्यकाल में प्रदेश का हर वर्ग सरकार के ख़िलाफ़ सड़क पर है। सरकार को कोई फ़र्क़ नहीं पड़ रहा है। मुख्यमंत्री को यह सोचना होगा कि आख़िर हर वर्ग में नाराज़गी क्यों हैं और उसे कैसे दूर किया जाए। लेकिन सरकार सिर्फ़ झूठ के सहारे काम चलाना चाह रही हैं। अब ऐसा नहीं होगा। सरकार को अपने वादे पूरे करने पड़ेंगे। विकास के कामों को रफ़्तार देनी पड़ेगी। ।
द्वितीय सत्र: जिला सोलन, चंबा, बिलासपुर और लाहौल-स्पिति केे विधायकों ने अपनी प्राथमिकताएं कीं प्रस्तुत मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां वार्षिक योजना 2024-25 विधायक प्राथमिकताओं पर आयोजित पहले दिन के दूसरे सत्र में सोलन, चंबा, बिलासपुर व लाहौल-स्पिति जिला के विधायकों की बैठक की अध्यक्षता की। इस दौरान उन्होंने कहा कि वर्तमान कांग्रेस सरकार प्रदेश के लोगों को स्वच्छ, पारदर्शी एवं उत्तरदायी प्रशासन प्रदान करने के लिए वचनबद्ध है तथा भ्रष्टाचार के प्रति शून्य सहिष्णुता की नीति अपना रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार सरकारी तंत्र में पारदर्शिता लाने और भ्रष्टाचार पर नकेल कसने के लिए एक कानून लाने पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार जनता की शिकायतों को प्रभावी ढंग से सुलझाने एवं कुशल प्रशासन प्रदान करने के लिए तत्परता से कार्य कर रही है तथा व्यवस्था परिवर्तन के माध्यम से सभी लक्ष्य प्राप्त किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार नशा तस्करों व खनन माफिया पर लगाम लगाने के साथ-साथ बेसहारा पशुओं को आश्रय प्रदान करने के लिए प्राथमिकता के आधार पर कार्य कर रही है। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल, तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी, मुख्य संसदीय सचिव राम कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार राम सुभग सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार चंद शर्मा, पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा, प्रधान सचिव वित्त देवेश कुमार, योजना सलाहकार डॉ. बसु सूद, विभिन्न विभागों के प्रशासनिक सचिव, विभागाध्यक्ष तथा संबंधित जिलों के उपायुक्त उपस्थित थे। जिला सोलन नालागढ़ विधानसभा क्षेत्र से विधायक केएल ठाकुर ने सीमावर्ती क्षेत्र में नशा माफिया तथा खनन माफिया पर नकेल कसने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने आपदा के दौरान राज्य सरकार के बेहतर कार्य की सराहना भी की। उन्होंने आपदा के दौरान क्षतिग्रस्त दभोटा पुल का दोबारा निर्माण जल्द करने का आग्रह किया। कसौली विधानसभा क्षेत्र के विधायक विनोद सुल्तानपुरी ने परवाणु व कामली औद्योगिक क्षेत्र को नेशनल हाईवे से जोड़ने, टकसाल रेलवे फाटक पर फ्लाई ओवर बनाने तथा कौशल्या बांध की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट शीघ्र तैयार करने की मांग की। उन्होंने शिमला-कालका रेलवे ट्रैक पर थीम आधारित ट्रेन चलाने का मामला रेलवे के साथ उठाने का भी आग्रह किया। जिला चंबा चुराह विधानसभा क्षेत्र के विधायक डॉ हंसराज ने शिमला में आबादी का दबाव कम करने के लिए कुछ विभागों के कार्यालय प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में स्थानांतरित करने की मांग की। उन्होंने चुराह क्षेत्र की विद्युत परियोजनाओं के कारण विस्थापित घराट मालिकों का पुनर्वास करने तथा उनके परिवार के सदस्यों को स्थाई नौकरी प्रदान करने की मांग की। भरमौर विधानसभा क्षेत्र के विधायक डॉ जनक राज ने क्षेत्र में एंबुलेंस की संख्या बढ़ाने तथा शिक्षा विभाग में रिक्त पदों को भरने की मांग की। उन्होंने कहा कि मणिमहेश यात्रा का आयोजन जन्माष्टमी से राधा अष्टमी तक होता है, जिसे आगे पांच दिन और बढ़ाया जाना चाहिए ताकि इससे स्थानीय निवासियों को भी रोजगार मिल सके। उन्होंने भरमौर में वूल फेडरेशन का कार्यालय खोलने की भी मांग की। चंबा के विधायक नीरज नैय्यर ने चंबा-चुवाड़ी सुरंग बनाने का मांग की। उन्होंने पंडित जवाहर लाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय चंबा के लिए 165 करोड़ रुपये तथा चंबा में हेलीपोर्ट निर्माण के लिए 13 करोड़ रुपये प्रदान करने पर मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू का आभार व्यक्त किया। उन्होंने चंबा शहर में पार्किंग की समस्या का समाधान करने का भी आग्रह किया। डलहौजी विधानसभा क्षेत्र के विधायक डी.एस. ठाकुर ने अपने चुनाव क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर बनाने के लिए चिकित्सकों एवं पैरा मेडिकल स्टाफ के रिक्त पद भरने की मांग की। उन्होंने पेयजल योजनाओं की मरम्मत के लिए धन मुहैया करवाने, सलूणी से टांडा के लिए बस सेवा आरंभ करने तथा डलहौजी में नया बस अड्डा बनाने की मांग की। बिलासपुर जिला झंडूता विधानसभा क्षेत्र के विधायक जीत राम कटवाल ने अपने चुनाव क्षेत्र में लंबित तीन पुलों की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट बनाने में तेजी लाने का आग्रह किया। उन्होंने निर्माणाधीन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तलाई और सिविल अस्पताल बरठीं के लिए पर्याप्त धनराशि तथा क्षेत्र में लो-वोल्टेज की समस्या का समाधान करने की मांग की। बिलासपुर सदर विधानसभा क्षेत्र के विधायक त्रिलोक जम्वाल ने बिलासपुर में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने तथा लो-वोल्टेज की समस्या को दूर करने की मांग की। उन्होंने नशे की समस्या को दूर करने के लिए व्यापक जागरूकता अभियान आरम्भ करने का आग्रह किया। श्री नयना देवी विधानसभा क्षेत्र के विधायक रणधीर शर्मा ने एफसीए तथा एफआरए के मामलों में तेजी लाने की मांग की ताकि विकास कार्य प्रभावित न हों। उन्होंने जल शक्ति विभाग में फील्ड स्टाफ के पद भरने तथा स्थानीय लोगों की सुविधा के लिए स्वारघाट-बिलासपुर के पुराने बस रूट पर सेवा आरम्भ करने की मांग की। जिला लाहौल-स्पिति लाहौल-स्पिति विधानसभा क्षेत्र के विधायक रवि ठाकुर ने जिला स्तर पर ग्रामीण विकास विभाग तथा पंचायती राज विभाग के समावेश की मांग की। उन्होंने हिमाचल प्रदेश में औषधीय पौधों की खेती और विपणन करने का सुझाव भी दिया। उन्होंने जिला लाहौल-स्पिति में शांति स्तूपों की मरम्मत करने की मांग की ताकि पर्यटन को बढ़ावा मिल सके।
नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति की 37वीं बैठक आज हरिद्वार में पंजाब नेशनल बैंक, मंडल कार्यालय, हरिद्वार के सौजन्य से आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता नराकास, अध्यक्ष एवं टीएचडीसी के निदेशक (कार्मिक), शैलेन्द्र सिंह ने की। बैठक में हरिद्वार, रूड़की, ऋषिकेश एवं पर्वतीय क्षेत्र में स्थित केंद्र सरकार के प्रतिष्ठित सदस्य संस्थानों के प्रमुखों एवं प्रतिनिधियों एवं राजभाषा अधिकारियों ने बड़ी संख्या में प्रतिभागिता की। कार्यक्रम में सर्वप्रथम समिति के अध्यक्ष एवं टीएचडीसी के निदेशक (कार्मिक), शैलेंद्र सिंह, पंजाब नेशनल बैंक के अंचल प्रमुख एसएन दूबे, मंडल प्रमुख, रविंद्र कुमार, बीएचईएल हरिद्वार के कार्यपालक निदेशक, टीएस मुरली एवं अन्य विशिष्ट अतिथियों का स्वागत किया गया। बैठक में नराकास राजभाषा वैजयंती योजना के अंतर्गत सदस्य संस्थानों को राजभाषा शील्ड प्रदान कर सम्मानित किया गया। सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की श्रेणी में टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड ने प्रथम, बीएचईएल, हरिद्वार ने द्वितीय एवं भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड, लंढोरा ने तृतीय पुरस्कार प्राप्त किया। श्रेणी-2 भारत सरकार के कार्यालय/बोर्ड/स्वायत्तशासी निकाय के अंतर्गत केंद्रीय विद्यालय, हरिद्वार ने प्रथम, राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान, रुड़की ने द्वितीय, सीएसआईआर-केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान, रुड़की ने तृतीय तथा अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, ऋषिकेश ने प्रोत्साहन पुरस्कार प्राप्त किया। राष्ट्रीयकृत बैंक एवं बीमा कंपनियों की श्रेणी में पंजाब नेशनल बैंक, मंडल कार्यालय, हरिद्वार, दि न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, ऋषिकेश एवं बैंक ऑफ बड़ौदा, हरिद्वार शाखा को तृतीय पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया। बैठक के दौरान पुरस्कार वितरण समारोह में समिति के अध्यक्ष, शैलेन्द्र सिंह ने विजेता संस्थानों के प्रमुख एवं प्रतिनिधियों को ये शील्ड प्रदान की। इसके साथ ही छमाही के दौरान आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को भी पुरस्कृत किया गया। बैठक में नराकास सचिव, पंकज कुमार शर्मा द्वारा नराकास हरिद्वार द्वारा आयोजित गतिविधियों एवं राजभाषा से संबंधित नवीनतम जानकारियों से अवगत कराया गया। उन्होंने राजभाषा हिंदी की प्रगति की अर्धवार्षिक रिपोर्टो की समीक्षा की। इसके उपरांत चर्चा सत्र का आयोजन किया गया जिसमें उपस्थित सदस्य संस्थानों के प्रमुख एवं प्रतिनिधियों ने अपने बहुमूल्य सुझाव दिए। समिति के अध्यक्ष, शैलेन्द्र सिंह ने अपने संबोधन में सभी सदस्य संस्थानों के प्रमुखों एवं प्रतिनिधियों को नववर्ष एवं गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं संप्रेषित की। उन्होंने कहा कि पूरे राष्ट्र को एक सूत्र में पिरोने में हिंदी ने अपनी महति भूमिका निभाई है।
कहा, संगठन और सरकार में तालमेल की कमी, चहेतों को मंूगफली की तरह कैबिनेट रैंक बांटने के लिए जाने जाएंगे सुक्खू व्यवस्था परिवर्तन का नारा देकर और गारंटियों के सब्जबाग दिखा कर सता में आई कांग्रेस की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार के एक वर्ष का कार्यकाल नाकामियों का दस्तावेज है। यह बात पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने जारी बयान में कही। उन्होंने कहा कि संगठन हो या सरकार, तालमेल का अभूतपूर्व अभाव देखने में आ रहा है। शिक्षा हिमाचल प्रदेश का ऐसा विषय है, जिससे हर घर जुड़ा है। किंतु शिक्षा की प्राथमिकता यह है कि विदेश में शिक्षक भेजने में भी एक कथित मानदंड बनाया गया है, जिसमें और सब कुछ है किंतु कोरोना काल में हर घर पाठशाला के माध्यम से घर-घर तक शिक्षा देने वालों का जिक्र ही नहीं है। केवल अवार्ड के सर्वाधिक नंबर रखे गए हैं। शिक्षा बोर्ड को आज तक एक अध्यक्ष नहीं मिला। बोर्ड में लापरवाही की स्थिति यह है कि सुबह होने वाली परीक्षाओं के आगे रात्रिकालीन समय लिखा है। एक ओर प्रधानमंत्री देशभर के बच्चों के साथ परीक्षा से पूर्व इसलिए बात करते हैं ताकि विद्यार्थी तनाव या अवसाद में न रहें किंतु हिमाचल प्रदेश में वार्षिक परीक्षाओं की डेटशीट ही ऐसी बनाई है कि बच्चा सिर न उठा सके। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि स्वास्थ्य की स्थिति यह है कि आईजीएमसी और टांडा के मेडिकल कालेज में महत्वपूर्ण जांच के लिए मरीजों को अप्रैल की तारीख मिल रही है। उद्योगों का आलम यह है कि वे पलायन कर रहे हैं और जब उद्योग मंत्री मौखिक रूप से मुख्यमंत्री को कुछ बताते हैं तो सुना नहीं जाता और उद्योग मंत्री को कहना पड़ता है कि अब सारी बात लिखित में ही मुख्यमंत्री को बताई जाएगी। शिक्षा, स्वास्थ्य और उद्योग में ये हाल हैं। आए दिन केंद्र को कोसने वाले मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू हमें परामर्श देते हैं कि हम जनहित की राजनीति करें। मेरा उनसे प्रश्न है कि आपने अब तक सलाहकारों की फौज बना कर, उन्हें कैबिनेट रैंक देकर कौन से जनहित की राजनीति की है। हमारी सरकार ने तो मुख्य संसदीय सचिव नहीं बनाए। जयराम ने कहा कि कांग्रेस सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि यही है कि अब कांग्रेस के विधायक भी सार्वजनिक रूप से कह रहे हैं कि कांग्रेस की बैठकें शोकसभाएं हैं और चुने हुए लोगों को हटा कर अन्य को मूंगफलियों की तरह कैबिनेट रैंक बांटे गए हैं।
मुख्यमंत्री ने की विधायक प्राथमिकता बैठकों की अध्यक्षता पहले सत्र में जिला ऊना, हमीरपुर व सिरमौर के विधायकों ने मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत कीं अपनी प्राथमिकताएं मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज वर्ष 2024-25 के लिए विधायकों की प्राथमिकताएं निर्धारित करने के लिए आयोजित बैठक की अध्यक्षता की। प्रथम दिन के पहले सत्र में जिला ऊना, हमीरपुर व सिरमौर के विधायकों की प्राथमिकताओं पर चर्चा की गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा वार्षिक योजना 2024-25 का आकार 9989.49 करोड़ रुपये प्रस्तावित किया गया है। सीएम सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार आगामी चार वर्षों में हिमाचल को आत्मनिर्भर व 10 वर्षों में देश के सबसे समृद्ध राज्यों में शामिल करने के लक्ष्य के साथ कार्य कर रही है। इस बैठक में होने वाली चर्चा से हमें प्रदेश में विकास की दिशा तय करने के लिए बहुमूल्य सुझाव प्राप्त होंगे। वर्तमान सरकार प्रदेश के सभी क्षेत्रों व समाज के सभी वर्गों के तीव्र एवं संतुलित विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि इस उद्देश्य से कांग्रेस पार्टी के घोषणा पत्र को राज्य सरकार ने नीतिगत दस्तावेज के रूप में अपनाया है तथा इसके प्रभावी कार्यान्वयन के लिए दृढ़ता से कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश को हरित ऊर्जा राज्य के रूप में स्थापित करने के लिए प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। हाल ही में विश्व बैंक के साथ 2,000 करोड़ रुपये का समझौता ज्ञापन हस्ताक्षर किया गया है, जिससे अगले पांच वर्षों में जलविद्युत और नवीकरणीय ऊर्जा विकास कार्यक्रम के तहत प्रदेश में कार्य किया जाएगा। उन्होंने कहा कि विधायकों की प्राथमिकताओं को सामान्यत: नाबार्ड संचालित आरआईडीएफ कार्यक्रम से वित्त पोषित किया जाता है। वर्ष 2023-24 के दौरान नाबार्ड से 918.81 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए हैं जिसमें लोक निर्माण विभाग की 62 एवं जल शक्ति विभाग की 93 विधायक प्राथमिकताएं स्वीकृत करवाई जा चुकी हैं। मार्च माह तक नाबार्ड से और अधिक विधायक प्राथमिकताओं को स्वीकृत करवाने के लिए प्रदेश सरकार प्रयासरत है। उन्होंने लोक निर्माण विभाग एवं जल शक्ति विभाग के अधिकारियों को भी निर्देश दिए कि नाबार्ड के तहत वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए बजट परिव्यय का पूर्ण उपयोग करें और नाबार्ड कार्यालय में प्रतिपूर्ति दावे 15 मार्च, 2024 से पहले जमा करें। मुख्यमंत्री ने प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों तथा अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे विधायकों द्वारा उठाई गई समस्याओं एवं शिकायतों को निपटाने में किसी प्रकार की कोताही न बरतें तथा उनके बहुमूल्य सुझावों को उचित अधिमान दें। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि विधायकों द्वारा दी गई योजनाओं की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट के बनने में होने वाले विलम्ब को कम करने के लिए एफसीए, एफआरए तथा गिफ्ट डीड आदि औपचारिकताओं का समयबद्ध निराकरण करें। उन्होंने कहा कि सम्बन्धित विभाग और उपायुक्त भी अपने स्तर पर हर माह प्राथमिकताओं की समीक्षा करें और इसकी रिपोर्ट सरकार को भेजी जाए। जिला ऊना ऊना विधानसभा क्षेत्र के विधायक सतपाल सिंह सत्ती ने उनके चुनाव क्षेत्र में पुराने कार्यों को पूरा करने के लिए पर्याप्त धन की मांग की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने आपदा के दौरान विधायक निधि के नियमों में बदलाव कर रिटेनिंग वॉल आदि के लिए प्रभावितों को धन देने का प्रावधान किया है, जिसे जून, 2024 से आगे बढ़ाया जाना चाहिए। गगरेट विधानसभा क्षेत्र के विधायक चैतन्य शर्मा ने दौलतपुर चौक महाविद्यालय और स्कूल को अलग-अलग परिसर में स्थापित करने तथा उनके क्षेत्र में नशा माफिया पर लगाम कसने की मांग की। कुटलैहड़ क्षेत्र के विधायक देवेंद्र भुट्टो ने खिलाड़ियों की डाइट मनी बढ़ाने तथा खेल संघों की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता लाने की मांग की। उन्होंने बेसहारा पशुओं को सहारा प्रदान करने के लिए ठोस कदम उठाने का भी आग्रह किया। जिला हमीरपुर भोरंज विधानसभा क्षेत्र के विधायक सुरेश कुमार ने सीर खड्ड का तटीयकरण करने की मांग की। उन्होंने क्षेत्र में निर्माणाधीन राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण में गुणवत्ता सुनिश्चित करने का मुद्दा उठाया तथा भोरंज स्कूल में बहु-उद्देशीय हॉल बनाने की मांग की। हमीरपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक आशीष शर्मा ने हमीरपुर में नए बस अड्डे के लिए पर्याप्त बजट उपलब्ध करवाने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने हमीरपुर में पॉलीक्लीनिक खोलने तथा जिला मुख्यालय में नया मिनी सचिवालय खोलने की मांग की। बड़सर विधानसभा क्षेत्र के विधायक इंद्रदत्त लखनपाल ने किसानों को लाभान्वित करने के लिए क्षेत्र में सिंचाई व्यवस्था को बेहतर बनाने की मांग की। उन्होंने विद्युत आपूर्ति के लिए आधारभूत ढांचा सुदृढ़ करने और सड़कों के साथ उचित निकासी की व्यवस्था करने तथा बिझड़ी में पुलिस थाना खोलने का आग्रह किया। जिला सिरमौर पच्छाद विधानसभा क्षेत्र की विधायक रीना कश्यप ने क्षेत्र में जल शक्ति मंडल खोलने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए शिरगुल तथा भूरेश्वर मंदिर के अलावा अन्य पर्यटन स्थलों को विकसित करने की मांग की। उन्होंने सराहां-चंडीगढ़ सड़क की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट शीघ्र बनाने की मांग की। नाहन विधानसभा क्षेत्र के विधायक अजय सोलंकी ने क्षेत्र के विकास के लिए 30 करोड़ रुपये की घोषणाएं करने के लिए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू का आभार व्यक्त किया। उन्होंने डॉ. यशवन्त सिंह परमार चिकित्सा महाविद्यालय नाहन में विशेषज्ञ चिकित्सकों तथा नर्सों के पदों को भरने की मांग की। उन्होंने भूमिहीनों को गृह निर्माण के लिए भूमि आवंटित करने की मांग की। पांवटा विधानसभा क्षेत्र के विधायक सुखराम चौधरी ने कहा कि यमुना नदी की हिमाचल की सीमा तय करने की मांग की, ताकि वहां पर अवैध खनन को रोका जा सके। उन्होंने क्षेत्र के किसानों को टयूबवेल चलाने के लिए बिजली के लंबित कनेक्शन शीघ्र प्रदान करने की मांग की और पांवटा साहिब में पार्किंग की समस्या का समाधान करने का भी आग्रह किया।
In a remarkable showcase of culinary expertise, GNA University's School of Hospitality has achieved an unprecedented feat by successfully creating a whopping 3535 varieties of Kachori. This extraordinary record stands as a testament to the institution's commitment to culinary innovation and skill development. The monumental achievement was realized through the collaborative efforts of 14 dedicated staff members and 120 enthusiastic students from the School of Hospitality. Their ambitious endeavor incorporated 114 different ingredients and utilized seven types of flour, showcasing the diversity and creativity of GNA University's culinary team. The culinary excellence displayed during the event was witnessed by notable guests, including S. Gurdeep Singh Sihra, the Chancellor of GNA University, and Ms. Jasleen Sihra, a renowned Nutritionist. The occasion was further enriched by the presence of esteemed guests, such as Sh. Rajeev Joshi, Deputy District Education Officer (SE), Jalandhar; Ms. Satinderdeep Kaur Dhillon, Principal, Govt. Girls Senior Secondary Smart School, Mahilpur; Mrs. Subha Sharma from The Chocolate Room, Jalandhar; and JCI PPP Jyoti Sahdev, Glitz Jewels, Phagwara, along with all deans and heads of departments of the University. The approximately 3000 students of GNA University played a pivotal role in actively participating in the event, contributing to the vibrant atmosphere and ensuring its grand success. The Kachoris, a visual delight and a gastronomic experience, served as a testament to the culinary skills of the School of Hospitality. Both students and staff had the pleasure of indulging in the diverse flavors created by the talented team. GNA University continues to lead in innovation and excellence, with this record-breaking event serving as a shining example of the institution's dedication to fostering creativity and skill development among its students. The event was also graced by key figures including Dr. VK Rattan, the Vice-Chancellor of GNA University; Dr. Hemant Sharma, the Pro-Vice Chancellor; Dr. Monika Hanspal, Dean of Academics; and Dr. Deepak Kumar, Dean of the School of Hospitality, GNA University.
कहा, बजट का 17 प्रतिशत विकास कार्यों पर, तो 83 प्रतिशत अन्य कार्यों पर होता है खर्च मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि एक वर्ष पूर्व जब वर्तमान सरकार का गठन हुआ तो प्रदेश की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी, जिसके लिए पूर्व भाजपा सरकार जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के बजट का 17 प्रतिशत ही हम विकास कार्यों पर खर्च करते हैं, जबकि 83 प्रतिशत बजट अन्य कार्य पर खर्च होता है। उन्होंने कहा कि 16 हजार करोड़ रुपये सरकारी कर्मचारियों का वेतन और 10 हजार करोड़ रुपये पेंशन प्रदान करने पर खर्च होता है, जबकि प्रदेश का बजट 54 हजार करोड़ रुपये है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा राज्य की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के प्रयास शुरू किए गए हैं और इसी को व्यवस्था परिवर्तन का नारा दिया गया है, जिसके आने वाले समय में सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति से विभिन्न क्षेत्रों में सुधारात्मक उपाय लागू कर रही है, जिसमें सरकार को सफलता मिल रही है। उन्होंने कहा कि पहली ही कैबिनेट में 1.36 सरकारी कर्मचारियों का बुढ़ापा सुरक्षित कर सरकार द्वारा पुरानी पेंशन स्कीम लागू की गई है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के पास प्रदेश के एनपीएस के 9000 करोड़ रुपये पड़े हैं, जिसका मामला केंद्र के समक्ष उठाया गया है। उन्होंने कहा कि पिछली बरसात में हिमाचल प्रदेश ने इतिहास की सबसे बड़ी आपदा सामना किया, जिसमें 16 हजार घर क्षतिग्रस्त हुए। उन्होंने कहा कि वह लोगों के दर्द से वाकिफ हैं, इसलिए आर्थिक तंगी के बावजूद व नियमों में बदलाव कर 4500 करोड़ रुपये का विशेष आपदा राहत पैकेज प्रभावितों को दिया गया है। उन्होंने कहा कि पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त घर पर दिए जाने वाले 1.30 लाख रुपये के मुआवजे को वर्तमान प्रदेश सरकार द्वारा साढ़े पांच गुणा बढ़ाकर सात लाख रुपये किया गया है। घर को आंशिक नुकसान होने पर भी मुआवजा राशि को बढ़ाकर एक लाख रुपये किया गया है। उन्होंने कहा कि विधानसभा सत्र के दौरान तीन दिन तक आपदा पर चर्चा हुई, लेकिन हिमाचल प्रदेश की आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के प्रस्ताव का भाजपा विधायकों ने समर्थन नहीं किया और उन्होंने केवल राजनीति की। उन्होंने कहा कि भाजपा के किसी भी सांसद ने हिमाचल को आपदा से निपटने के लिये केंद्र सरकार से मदद नहीं मांगी। यही नहीं राज्य सरकार ने आपदा के 10 हजार करोड़ रुपये के क्लेम सितंबर माह में केंद्र सरकार को भेजे हैं, लेकिन भाजपा नेता इसमें भी अड़ंगा लगा रहे हैं, जिसके लिए जनता भाजपा नेताओं का माफ नहीं करेगी।
आरोपी के कब्जे से 12 मोबाइल, दो लैपटाप, नौ सिम कार्ड, पैन ड्राइव और नकदी बरामद हिमाचल प्रदेश सीआईडी के साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन मध्य खंड मंडी की टीम ने 12.56 लाख रुपये की ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामले में दिल्ली से नाइजीरियन मूल के व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। आरोपी के कब्जे से पुलिस ने 12 मोबाइल, दो लैपटाप, नौ सिम कार्ड, पैन ड्राइव और नकदी बरामद हुई है। पुलिस ने इन सभी को अपने कब्जे में ले लिया है। इस मामले में अन्य ठगी भी उजागर हो सकती है। फिलहाल यह पूरा मामला गिरोह से जुड़ा बताया जा रहा है। गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश की जा रही है। जानकारी के अनुसार साइबर क्राइम थाना मंडी में बीते 8 सितंबर, 2023 को 12.56 लाख रुपये आनलाइन धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया था। इसमें शिकायतकर्ता को ऑनलाइन शादी का झांसा देकर तोहफा भेजने और कस्टम ड्यूटी फीस के नाम पर यह राशि ऐंठी गई थी। शिकायत मिलने और जांच पड़ताल के बाद साइबर क्राइम पुलिस थाना मंडी में टीम का गठन किया था, जिसमें निरीक्षक अजित सिंह, मुख्य आरक्षी आशीष कुमार, आरक्षी राज कुमार, आरक्षी आशिष पठानिया व आरक्षी चालक पुष्प राज को दिल्ली रवाना किया गया। साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन मंडी की टीम ने दिल्ली में दिल्ली पुलिस के उप निरीक्षक जोगिंद्र, आरक्षी मनीष, शिवानी, मेवा राम की सहायता से दबिश दी और एक नाइजीरियन मूल के व्यक्ति को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया। जांच में पाया गया है कि मुकदमा में संलिप्त मोबाइल नंबर और बैंक खातों में धोखाधड़ी करके पैसे एंठने की भारत में अभी तक 9 राज्यों में साइबर क्राइम की शिकायतें दर्ज हुई हंै। आरोपी को न्यायालय हमीरपुर में पेश किया गया और छह दिन का रिमांड हासिल कर पूछताछ की गई। आरोपी को शनिवार को न्यायायिक हिरासत में भेजा गया है, जबकि पुलिस जांच जारी है। उधर, एएसपी साइबर क्राइम मनमोहन ने बताया कि मामले में नियमानुसार सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए जांच की जा रही है।
** तीन एचपीएस अधिकारियों को पुलिस मुख्यालय शिमला बुुलाया सिविल सर्विस बोर्ड की सिफारिशों पर हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार ने छह आईपीएस और तीन एचपीएस अधिकारियों के ट्रांसफर और तैनाती आदेश जारी किए हैं। डीआईजी प्रमोट होने के बाद तैनाती का इंतजार कर रहे आईपीएस अधिकारी मोहित चावला डीआईजी साइबर क्राइम शिमला के पद पर तैनात किए गए हैं। वहीं, इल्मा अफरोज को एसपी पुलिस जिला बद्दी लगाया है। तैनाती का इंतजार कर रहे आईपीएस अधिकारी सचिन हिरेमथ एस को एडीपीओ बड़सर हमीरपुर, तिरुमलाराजू एसडी वर्मा एसडीपीओ रामपुर, शिवानी मेहता अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक चंबा और अदिति सिंह को एसडीपीओ पांवटा साहिब तैनात किया गया है। वहीं, एचपीएस अधिकारी लालमन, विनोद कुमार-2, महेंद्र ठाकुर को तुरंत पुलिस मुख्यालय शिमला में रिपोर्ट करने को कहा गया है। इन एचपीएस अधिकारियों के तैनाती आदेश जल्द जारी किए जाएंगे। इस संबंध में गृह विभाग की ओर से अधिसूचना जारी की गई है।
** राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने राजभवन में दिलाई शपथ ** बोले, भर्तियों में पारदर्शिता लाना रहेगी प्राथमिकता हिमाचल के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज राजभवन में आयोजित एक समारोह में देव राज शर्मा को हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग के सदस्य के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस अवसर पर लेडी गवर्नर जानकी शुक्ल और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू भी उपस्थित थे।राज्यपाल के सचिव राजेश शर्मा ने कार्यवाही का संचालन किया। मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार मीडिया नरेश चौहान, हिमाचल लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष रामेश्वर सिंह ठाकुर, मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष पी.एस.राणा, राज्य के मुख्य सूचना आयुक्त आर.डी.धीमान, नगर निगम शिमला के महापौर सुरेंद्र चौहान, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, लोक सेवा आयोग के अन्य सदस्य, हिमाचल प्रदेश विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष गंगू राम मुसाफिर, राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी, देव राज शर्मा के परिवार के सदस्य और अन्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कला को बढ़ावा देने के क्षेत्र में विशिष्ट सेवाएं प्रदान करने के लिए भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा अनुमोदित पद्मश्री अवॉर्ड के लिए चुने जाने पर सोमदत्त बट्टू को बधाई दी। शिमला के प्रसिद्ध गायक सोमदत्त बट्टू को शास्त्रीय संगीत को बढ़ावा देने में उनके असाधारण योगदान के लिए पद्मश्री अवॉर्ड दिया जाएगा।
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज गणतंत्र दिवस के अवसर पर राजभवन में 'एट होम' कार्यक्रम का आयोजन किया। इस अवसर पर लेडी गवर्नर जानकी शुक्ल और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू अपनी पत्नी कमलेश ठाकुर के साथ उपस्थित रहे। इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह, अध्यक्ष एचपीटीडीसी आरएस बाली, मुख्य संसदीय सचिव, मोहन लाल ब्राक्टा और संजय अवस्थी, प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और सांसद प्रतिभा सिंह, महापौर सुरेंद्र चौहान, उप महापौर उमा कौशल, अध्यक्ष मानवाधिकार आयोग पी.एस.राणा, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू, पूर्व मंत्री, विभिन्न बोर्डों और निगमों के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष, विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति, स्वतंत्रता सेनानी, शहर के प्रमुख व्यक्ति, वरिष्ठ नागरिक, पुलिस और सैन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।
** आपदा के समय लोगों को तुरंत राहत प्रदान करने में काम आती है विधायक निधि नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा विधायकों की विधायक निधि रोकने का फैसला सिर्फ प्रदेश के लोगों को परेशान करने के लिए किया गया है। सरकार ख़ुद कुछ कर नहीं रही है, इसलिए वह चाहती है कि विधायकों को भी कुछ करने से रोका जाए। उन्होंने कहा कि विधायक निधि से हर विधायक अपने विधानसभा क्षेत्र में अत्यावश्यक विकास कार्यों को करने के लिए धनराशि जारी करते थे, जिससे बहुत से जनहित के कार्य समय पर संपन्न हो जाते थे और लोगों को बहुत राहत मिलती थी। सड़के, रिटेंशन वॉल, ब्रिज, जल निकासी, जैसे न जाने कितने विकास कार्यों को बिना लंबी कागजी प्रक्रिया के व्यापक जनहित को देखते हुए तुरंत किया जा सकता है, लेकिन राज्य सरकार ने विधायक निधि को रोककर जनप्रतिनिधियों को विकास के कार्य करने से रोक रही है। जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश आपदा के दौर से गुजर रहा है। इतने दिनों बाद भी सरकार लोगों को राहत पहुंचाने में नाकाम रही है। लोग चीख-चीख कर यह बातें आज मंत्रियों के सामने कह रहे हैं। ऐसे में विधायक निधि के माध्यम से आपदा प्रभावित क्षेत्रों में लोगों के विकास से जुड़े कामों को आसानी से करवाया जा सकता था। इससे लोगों को आपदा के समय में तुरंत राहत मिलती। उन्होंने कहा कि अब मनमानी बहुत हो गई। जो मन में आया, बिना सोचे विचारे करने के लिए हिमाचल के लोगों ने कांग्रेस को सत्ता नहीं सौंपी है। लोगों ने कांग्रेस को मौक़ा दिया था कि वह बेहतर काम करे। विकास करे। लेकिन यह सरकार लोगों की अपेक्षाओं के विपरीत काम कर रही है। जयराम ठाकुर ने मांग की कि सरकार दो दिनों के अंदर विधायक निधि का रुका हुआ पैसा जारी करे। सोमदत्त बट्टू को पद्मश्री से सम्मानित किए जाने पर दी बधाई जयराम ठाकुर ने हिमाचल के प्रसिद्ध गायक, पटियाला घराने की शान माने जाने वाले सोमदत्त बट्टू को पद्मश्री से सम्मानित किए जाने पर उन्हें शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि सोमदत्त बट्टू पद्मश्री मिलना समूचे हिमाचल प्रदेश के लिये गर्व की बात है। सोमदत्त जी देश-विदेश में भारतीयता और हिमाचलियत के अग्रदूत रहे और संगीत की परंपरा को समृद्ध करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। जयराम ठाकुर ने कहा कि यह और प्रसन्नता की बात है कि 86 साल की उम्र में भी सोमदत्त बट्टू संगीत के एक छात्र की तरह ही सक्रिय हैं और उनके शिष्य हिमाचल समेत देश भर में संगीत के क्षेत्र में बहुत अच्छा काम कर रहे हैं।
** कार्यक्रम में सीएम सुक्खू एव नेता प्रतिपक्ष जयराम भी रहे मौजूद ** सेना, हिमाचल पुलिस, होमगार्ड व एनसीसी कैडेट्स ने की भव्य परेड देशभर में आज 75वां गणतंत्र दिवस मनाया जा रहा। हिमाचल प्रदेश में भी रिपब्लिक डे उत्साहपूर्वक मनाया जा रहा है। राज्य की राजधानी शिमला में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने ऐतिहासिक रिज पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया और मार्च पास्ट की सलामी ली। इस मौके पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर भी मौजूद रहे। इस दौरान भव्य परेड में सेना, जेएंडके राइफल, भारत तिब्बत सीमा पुलिस, सशस्त्र सीमा बल, हरियाणा पुलिस, सेना पाइप बैंड, पुलिस विभाग की पुरुष और महिला टुकड़ियां, रक्षक, अग्निशमन सेवा दल, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल और डाक विभाग सहित करीब 27 टुकड़ियों ने हिस्सा लिया। इसके बाद विभिन्न विभागों की झांकियां भी निकाली गईं और विभिन्न सांस्कृतिक दलों ने रंगारंग कार्यक्रम भी पेश किए। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि आज हमारा देश अभूतपूर्व तरक्की कर रहा है। भारत 2028 तक निश्चित रूप से दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। वहीं, सीएम सुखविंदर सुक्खू ने कहा कि 75 वर्ष पूर्व जिस भारत का सपना प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने देखा था, वह धीरे धीरे साकार हो रहा है।
गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्म पुरस्कारों की घोषणा कर दी गई है। इस बार पांच पद्म विभूषण, 17 पद्मभूषण और 110 पद्मश्री सहित कुल 132 पद्म पुरस्कार दिए गए हैं। हिमाचल प्रदेश के शिमला जिला के सोमदत्त बट्टू को भी पद्मश्री पुरस्कार के लिए चुना गया है। इस बार राष्ट्र ने ऐसे 34 गुमनाम नायकों को सम्मानित किया है, जिन्होंने अपने क्षेत्र में अतुलनीय कार्य किया है। इनमें पहली महिला महावत पार्वती बरुआ का नाम शामिल हैं। पार्वती ने रूढ़िवादिता से उबरने के लिए 14 साल की उम्र में जंगली हाथियों को वश में करना शुरू किया था। उन्हें सामाजिक कार्य (पशु कल्याण) के क्षेत्र में पद्मश्री के लिए चुना गया है।
** लाहौल घाटी के कई इलाकों ने ओढ़ी सफेद चादर ** अटल टनल की तरफ वाहनों की आवाजाही रोकी लंबे समय से बर्फबारी का इंतजार कर रहे हिमाचल वासियों प्रदेश के लिए खुशखबरी है। सूबे के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में मौसम ने करवट बदल ली है। कुल्लू जिले के रोहतांग दर्रा और चंबा जिले के जनजातीय क्षेत्र पांगी सहित राज्य के अन्य ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ताजा बर्फबारी हुई है। आज सुबह अटल टनल रोहतांग और धुंधी इलाके में बर्फबारी का दौर शुरू हुआ। अटल टनल इलाके में लगभग एक इंच बर्फबारी हुई है, जिस वजह से अटल टनल की तरफ आम वाहनों की आवाजाही रोक दी गई है। सोलंगनाला से आगे सिर्फ फोर बाई फोर वाहन ही जा पा रहे हैं। अन्य वाहनों को सोलंगनाला से आगे जाने की अनुमति नहीं है। वहीं, लाहौल घाटी के कई इलाकों ने भी बर्फ की सफेद चादर ओढ़ ली है। वहीं, बर्फबारी के बाद पांगी में शीतलहर का प्रकोप बढ़ गया है। उधर, प्रदेश की राजधानी शिमला में आज सुबह से बादल छाए हुए हैं।
** लोक निर्माण मंत्री ने केंद्रीय सड़क, परिवहन व राजमार्ग मंत्री से की भेंट लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने आज नई दिल्ली में केंद्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नीतिन जयराम गडकरी से भेंट की और हिमाचल में गत वर्ष भारी बारिश व भू-स्खलन के कारण हुए नुकसान सम्बंधी विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। विक्रमादित्य सिंह ने बताया कि केन्द्रीय मंत्री ने राष्ट्रीय राजमार्ग को जोड़ने वाली सड़कों की मरम्मत व उन्नयन के लिए 152 करोड़ रुपये शीघ्र जारी करने का आश्वासन दिया है। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि गत वर्ष बरसात के दौरान प्राकृतिक आपदा से हुई भारी तबाही के पश्चात् केन्द्रीय मंत्री ने कुल्लू व मनाली का दौरा कर राष्ट्रीय राजमार्ग को हुए नुकसान का जायजा लिया था। इस दौरान केन्द्रीय मंत्री ने राष्ट्रीय राजमार्गों से जुड़ने वाले राज्य सम्पर्क मार्गों के एक किलोमीटर भाग तक बहाली की घोषणा की थी। इसके पश्चात केन्द्रीय मंत्रालय को राज्य की ओर से इन सड़कों के लिए 152 करोड़ रुपये की निधि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के माध्यम से उपलब्ध करवाने का आग्रह किया गया था। साथ ही राज्य सरकार द्वारा चार मुख्य राज्य मार्गों और राजमार्गों की बहाली के लिए 23.08 करोड़ रुपये का संशोधित प्राक्कलन भी भेजा गया था। लोक निर्माण मंत्री ने कहा कि इस प्राक्कलन में थलौट उपमण्डल के तहत राष्ट्रीय राजमार्ग-003 और राष्ट्रीय राजमार्ग-305 को जोड़ने वाले मार्गों की मरम्मत व रख-रखाव कार्य, मंडी-पंडोह राष्ट्रीय राजमार्ग के बंद होने की स्थिति में पण्डोह से चैलचौक तक यातायात के सुचारू संचालन के लिए चैल-गोहर-पण्डोह सड़क का सुधार एवं सुदृढ़ीकरण, फोरलेन कार्य के फलस्वरूप पण्डोह बाईपास से राष्ट्रीय राजमार्ग के टकोली कुल्लू भाग की मरम्मत एवं रख-रखाव तथा मण्डी-कमांद-कटौला-बजौरा मार्ग की तुरंत मरम्मत की आवश्यकता है। यह सड़कें आपात स्थिति में आवश्यक खाद्य सामग्री सहित आपूर्ति श्रृंखला को बनाए रखने तथा यात्रियों के आवागमन के लिए अति महत्वपूर्ण हैं। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि टिक्कर-जड़ोल-गाहन-ननखड़ी-खमाडी सड़क के स्तरोन्नयन के लिए भी 108.33 करोड़ रुपये की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट केन्द्र को स्वीकृति के लिए भेजी गई है जिस पर केन्द्रीय मंत्री ने अपनी सहमति जताई। यह सड़क कोटगढ़, कुमारसैन, ननखड़ी और रामपुर तहसील की 12 पंचायतों की सेब बाहुल्य आबादी के लिए आवागमन एवं परिवहन की सुविधा उपलब्ध करवाती है। वहीं केंद्रीय मंत्री ने विभिन्न प्राक्कलन और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट को शीघ्र स्वीकृति प्रदान करने का आश्वासन दिया।
** राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल बतौर मुख्य अतिथि रहे मौजूद ** कहा, आज भारत के भविष्य निर्माण को जानने का दिन राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर आज शिमला के गेयटी थियेटर में कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। इस दौरान राज्यपाल ने कहा कि मतदाताओं को जागरूक करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया जाता है। हर्ष का विषय है चुनाव आयोग की ओर से शिमला में यह कार्यक्रम रखा गया है। आज का दिन देश के नए मतदाताओं और भारत के भविष्य निर्माण को तय करने वाले लोगों को जानने का दिन है। राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने युवा मतदाताओं से अपील की है कि वे अपने मताधिकार का उपयोग सही जानकारी, जिम्मेदारी, नैतिकता और संवेदनशीलता के साथ करें क्योंकि विवेक के आधार पर मतदान करके वे नये भारत का भविष्य भी निर्धारित करेंगे। उन्होंने युवा मतदाताओं से उनके मित्रों को मतदान के महत्व के बारे में जागरूक करने का भी आग्रह किया। राज्यपाल आज शिमला के गेयटी थियेटर में राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा आयोजित १४वें राष्ट्रीय मतदाता दिवस के अवसर पर बोल रहे थे। उन्होंने प्रदेशवासियों को राष्ट्रीय मतदाता दिवस की बधाई देते हुए कहा कि इस दिवस को मनाने की परंपरा लोकतंत्र के लिए प्रासंगिक और सार्थक है। उन्होंने युवा मतदाताओं को च्मतदाता फोटो पहचान पत्रज् प्राप्त करने पर बधाई दी और कहा कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में मतदाता के रूप में योगदान करने का अवसर मिलना उनके लिए गर्व की बात है वहीं, मताधिकार को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने को लेकर राज्यपाल ने कहा कि मताधिकार को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने से देश के युवा मताधिकार के प्रति अधिक जागरूक होंगे और समाज को भी जागरूक कर पाएंगे।
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल व मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रदेशवासियों को गणतंत्र दिवस पर बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य एवं समृद्धि की कामना की है। अपने बधाई सन्देश में राज्यपाल ने कहा कि देशवासियों के परिश्रम तथा सहयोग से राष्ट्र ने विकास के नए आयाम स्थापित किए हैं। उन्होंने कहा कि हमारा संविधान हमारा मार्गदर्शक है। गणतंत्र दिवस सभी को एक सूत्र में बांधने वाली भारतीयता के गौरव का उत्सव है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर अपने शुभकामना संदेश में प्रदेशवासियों का भारत को शांतिपूर्ण और प्रगतिशील देश बनाने की दिशा में समर्पित प्रयास करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि हमें गणतंत्र के आधारभूत सिद्धान्तों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए अपनी लोकतांत्रिक जड़ों को और मजबूत बनाने के लिए निरन्तर अग्रसर रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि हिमाचल ने भी सभी क्षेत्रों में आशातीत प्रगति की है जिसका श्रेय राज्य के मेहनतकश तथा ईमानदार लोगों को जाता है। प्रत्येक व्यक्ति के लिए यह गर्व की बात है कि हिमाचल मुख्य क्षेत्रों में देश के अन्य राज्यों के लिए विकास का आदर्श बनकर उभरा है।
** सीएम ने धर्मपुर में की 54वें पूर्ण राज्यत्व दिवस समारोह की अध्यक्षता ** धर्मपुर के 200 महिला मंडलों को 20-20 हजार रुपये देने की घोषणा की मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंडी जिले के धर्मपुर में आयोजित 54वें पूर्ण राज्यत्व दिवस समारोह के अवसर पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मंडी जिले के धर्मपुर उपमंडल में पहली बार पूर्ण राज्यत्व दिवस समारोह आयोजित किया जा रहा है। इस उपलक्ष्य में उन्होंने धर्मपुर क्षेत्र के 200 महिला मंडलों को 20-20 हजार रुपये देने की घोषणा की। उन्होने कहा कि राज्य में इस वर्ष मार्च के अंत तक 6 ग्रीन कॉरिडोर शुरू हो जाएंगे। उन्होंने धर्मपुर में डीएसपी कार्यालय, धर्मपुर और संधोल में नगर पंचायत, संधोल वाया मढ़ी धर्मपुर सड़क और संधोल वाया स्योह धर्मपुर सड़क के लिए 10-10 करोड़ रुपये प्रदान करने की घोषणा भी की। उन्होंने बाबा कमलाहिया मंदिर के सौंदर्यीकरण के लिए 3 करोड़ रुपये, टीहरा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भवन के लिए 1.50 करोड़ रुपये, संधोल और धर्मपुर में संयुक्त कार्यालय भवन के लिए क्रमश: 1.50 करोड़ रुपये और 1 करोड़ रुपये देने की घोषणा की। इसके अतिरिक्त राजकीय महाविद्यालय धर्मपुर में बहुउद्देशीय हॉल के निर्माण के लिए 1.50 करोड़ रुपये और नागरिक अस्पताल धर्मपुर और संधोल के लिए 50-50 लाख रुपये प्रदान करने की भी घोषणा की। उन्होंने राजकीय महाविद्यालय सरकाघाट में एक बास्केटबॉल खेल छात्रावास (छात्रा), क्षेत्र में विभिन्न खड्डों के तटीयकरण के लिए 24.80 करोड़ रुपये, राजकीय महाविद्यालय सरकाघाट में जूलॉजी में स्नातकोत्तर कक्षाएं और राजकीय महाविद्यालय धर्मपुर में अंग्रेजी, अर्थशास्त्र तथा हिंदी में स्नातकोत्तर कक्षाएं आरंभ करने की घोषणा भी की। उन्होंने कहा कि फरवरी में 13 ई-चार्जिंग स्टेशन शुरू कर दिए जाएंगे और आगामी दो माह के भीतर चिन्हित पेट्रोल पंपों पर कुल 108 चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने की योजना है। उन्होंने कहा कि कीरतपुर से केलांग ग्रीन कॉरिडोर में पहले से ही 5 ई-चार्जिंग स्टेशन शुरू कर दिए गए हैं और शिमला से बिलासपुर तक इसी प्रकार के 3 स्टेशन स्थापित किए गए हैं। कहा कि प्रदेश में ई-वाहनों को बड़े पैमाने पर बढ़ावा दिया जा रहा है और राज्य सरकार ने 1 जनवरी, 2024 से सभी सरकारी विभागों में पेट्रोल और डीजल वाहनों की खरीद पर रोक लगाई है।
** चार कर्मियों को पुलिस पदक से किया जाएगा सम्मानित ** केंद्र सरकार ने रिाष्ट्रीय वीरता और सेवा पुरस्कारों का कया ऐलान हिमाचल प्रदेश पुलिस के सहायक उप निरीक्षक मुकेश कुमार को विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक से सम्मानित किया जाएगा, जबकि चार अन्य को सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदक से सम्मानित किया जाएगा। वीरवार को केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय वीरता और सेवा पुरस्कारों का ऐलान कर दिया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जारी सूची के मुताबिक इस साल पुलिस, अग्निशमन सेवा, होम गार्ड, नागरिक सुरक्षा और सुधार सेवा के 1132 कर्मियों को इन पुरस्कारों से सम्मानित किया जाएगा। इसमें 667 पुलिस सेवा, 32 दमकल सेवा, 27 नागरिक सुरक्षा-होमगार्ड सेवा को और 27 सुधार सेवा के कर्मियों को देने की घोषणा हुई। पुलिस पदक के लिए आईजी सुमेदा त्रिवेदी, इंस्पेक्टर ओम प्रकाश व विनोद कुमार शर्मा सहित हेड कांस्टेबल राम किशन का चयन हुआ है।
हिमाचल प्रदेश के पूर्ण राज्यत्व दिवस पर महंगाई भत्ते व एरियर की आस लगाए बैठे कर्मचारियों व पेंशनरों को निराशा हाथ लगी है। मंडी के धर्मपुर में आयोजित 54वें पूर्ण राज्यत्व दिवस के राज्य स्तरीय समारोह में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने महंगाई भत्ते और एरियर को लेकर कोई घोषणा नहीं की है, जिससे कर्मचारी और पेंशनर्स काफी निराश हैं। उन्हें उम्मीद थी की मुख्यमंत्री महंगाई भत्ते की देय चार प्रतिशत किस्त का ऐलान करेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। समारोह में मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया और पुलिस, होमगार्ड, भारतीय रिजर्व बटालियन सकोह, एनसीसी तथा स्काउट एवं गाइड की टुकड़ियों द्वारा प्रस्तुत आकर्षक मार्चपास्ट की सलामी ली।
** मुख्यमंत्री ने मंडी के धर्मपुर में आयोजित 54वें पूर्ण राज्यत्व दिवस कार्यक्रम में की घोषणा ** कहा, तीन करोड़ से होगा बाबा कमलाहिया मंदिर का सौंदर्यीकरण हिमाचल प्रदेश में विभिन्न श्रेणियों के 10 हजार पद भरे जाएंगे। वहीं, नए शैक्षणिक सत्र से पहली कक्षा में अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई शुरू की जाएगी। यह बात मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंडी जिले के धर्मपुर में आयोजित राज्य के 54वें पूर्ण राज्यत्व दिवस के राज्य स्तरीय समारोह में लोगोंं को संबोधित करते हुए कही। समारोह में उन्होंने राष्ट्रीय ध्वज फहराया और पुलिस, होमगार्ड, भारतीय रिजर्व बटालियन सकोह, एनसीसी तथा स्काउट एवं गाइड की टुकड़ियों द्वारा प्रस्तुत आकर्षक मार्चपास्ट की सलामी ली। मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए अप्रैल में 13 अतिरिक्त चार्जिंग स्टेशन खोले जाएंगे। इस दौरान सीएम सुक्खू ने राज्य सरकार की उपलब्धियां भी गिनवाईं। उन्होंने धर्मपुर क्षेत्र के लिए कई बड़ी घोषणाएं कीं। संधोल को नगर पंचायत व धर्मपुर में डीएसपी कार्यालय खोलने की घोषणा की। बाबा कमलाहिया मंदिर सौंदर्यीकरण के लिए तीन करोड़ देने की घोषणा की।
** कसुम्पटी में बालिका दिवस पर आंगनबाड़ी में हुआ कार्यक्रम नगर निगम शिमला के कसुम्पटी वार्ड में राष्ट्रीय बालिका दिवस पर आंगनबाड़ी केंद्र में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में वार्ड की पार्षद रचना शर्मा ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। मुख्यातिथि व आंगनबाड़ी केंद्र की कर्मियों व बच्चों ने इस मौके पर एक बूटा बेटी के नाम रोपित किया । वहीं, पेंटिंग करते हुए बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, सेव गर्ल चाइल्ड का संदेश भी दिया, आंगनबाड़ी केंद्र में एक बच्ची का जन्मदिन भी उल्लास व उत्साह के साथ मनाया गया। इस अवसर पर पार्षद रचना शर्मा ने कहा कि बेटी घर की शान है ,बेटियों की रक्षा करना हम सबका फर्ज व धर्म है। उन्होंने कहा कि बेटी को शिक्षित व सशक्त करने के लिए हमें लक्ष्य रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि संस्कार हम घर से दे। उन्होंने कहा कि बेटियां पड़ती है तो पीढ़ियां सुरक्षित होती हैं उन्होंने कहा कि आज समय की जरूरत है कि बेटियों की रक्षा करते हुए उन्हें आगे बढ़ाया जाए। उन्होंने कहा कि हर क्षेत्र में बेटियां आगे बढ़ रही। उन्होंने कहा कि आज कंधे से कंधे कंधा मिलाकर बेटियां आगे चल रही है। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण हो रहा है। उन्होंने कहा कि आज हर क्षेत्र में महिला की प्रतिभा का लोहा माना जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज देश में अनेक बड़े स्थान पर महिलाएं बैठी है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में राजनीति में आरक्षण की व्यवस्था हो रही है। उन्होंने कहा कि बेटियां सशक्त होंगी तो समाज सशक्त होगा। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्र में बचपन को स्वर रहे हैं, अच्छा संदेश देने का काम कर रहे हैं। रचना शर्मा ने आंगनबाड़ी केंद्र कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाते हुए कहा कि इन आंगनवाड़ी केंद्रों को और सशक्त सरकार को करना चाहिए, ताकि सभी बच्चे इन आंगनवाड़ी केंद्रों से निकलकर देश का भविष्य बने। उन्होंने बालिका दिवस पर सभी को बधाई भी दी।
प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि 30 जनवरी को हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी शहीद दिवस के रूप में मनाया जाएगा। इस उपलक्ष्य पर पूरे देश में भारत के स्वतंत्रता संघर्ष में अपने प्राण न्यौछावर करने वाले शहीदों के सम्मान में दो मिनट का मौन रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि 30 जनवरी को पूरे प्रदेश में शहीद दिवस के अवसर पर प्रात: 11.00 बजे दो मिनट का मौन रखा जाएगा। सभी सरकारी कार्यालयों, शैक्षणिक संस्थानों तथा सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों में कार्य एवं आवागमन दो मिनट के लिए बंद रहेगा। इस अवसर पर स्वतंत्रता संग्राम तथा राष्ट्रीय एकता विषयों पर वार्ता एवं भाषण हाइब्रिड मोड पर आयोजित किए जाएंगे। उन्होंने आम जनता से भी आग्रह किया कि शहीद दिवस के आयोजन में वे अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें।