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एचआरटीसी के देहरा डिपो की बदहाली से आम जन परेशान है। आलम ये है कि डिपो की 95 बसों में से 19 बसें इंजन, टायर और फ्रंट शीशों की खराबी के कारण वर्कशॉप में खड़ी हैं। पिछले 15 दिनों से देहरा-ज्वालाजी, जसवां-परागपुर सहित कई रूटों पर बस सेवाएं बंद होने से सैंकड़ों लोगों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। देहरा-ज्वालाजी-चंडीगढ़ वाया बंगाणा रूट की एकमात्र बस, जो 25 पंचायतों के लिए जीवनरेखा है, भी 15 दिनों से बंद पड़ी है। स्थानीय लोगों ने विभागीय अधिकारियों से बार-बार शिकायत की, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकला। कई इलाकों में अब केवल एक बस चल रही है, जिससे यात्रियों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। कुहना के प्रधान राम पाल, दोदूं के प्रधान मुकेश कुमार, पीरसालूही के प्रधान संजीव कुमार, शांतला के प्रधान राहुल कुमार, बीडीसी कुहना पिंकी, बीडीसी पीरसालूही परवीन धीमान और जिला परिषद सदस्य अश्वनी ठाकुर ने सरकार से मांग की है कि इस बस को स्थायी रूप से चलाया जाए या फिर पूरी तरह बंद कर दिया जाए, ताकि लोग वैकल्पिक व्यवस्था कर सकें। उनका कहना है कि सरकार किराया तो 10 रुपये या 15 प्रतिशत तक बढ़ा देती है, लेकिन एचआरटीसी की सेवाओं में सुधार नहीं कर रही। देहरा डिपो की स्थिति इसका स्पष्ट उदाहरण है। निगम की लापरवाही से लोगों में गुस्सा बढ़ रहा है। वहीं इस संदर्भ में अतिरिक्त प्रभार आर.एम साहिल कपूर ने कहा कि खराब बसों की मेंटनेस की जा रही है।
हिमाचल प्रदेश में हल्की बारिश के बाद लोगों को गर्मी से कुछ राहत मिली है। मौसम विज्ञान केंद्र का अनुमान है कि आगामी 5 दिनों में प्रदेश के ज्यादातर इलाकों में माध्यम से हल्की बारिश दर्ज की जाएगी। साथ ही 20 जून के बाद तापमान में और गिरावट होने का पूर्वानुमान है। वहीं प्रदेश में मानसून समय से दस्तक दे सकता है मानसून के लिए प्रदेश में स्थितियां अनुकूल बनी हुई है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला में मौसम वैज्ञानिक शोभित कटियार ने बताया कि प्रदेश के निचले इलाकों में तापमान 33 से 39 डिग्री सेल्सियस के बीच है, जबकि मध्यवर्ती क्षेत्रों में यह 25 से 32 डिग्री और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में 21 से 27 डिग्री के आसपास दर्ज किया गया है। आगामी पांच दिनों तक प्रदेश में फिर से बारिश और खराब मौसम रहने की संभावना है। 20 जून से तापमान में और गिरावट आने की उम्मीद है। वहीं, बीते 24 घंटों में विभिन्न जिलों में हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई है, जिसमें कांगड़ा में सबसे अधिक 34 मिमी बारिश हुई है। शोभित कटियार ने बताया कि आने वाले 5 दिनों में प्रदेश के शिमला, सोलन, सिरमौर, कुल्लू, कांगड़ा और मंडी में हल्की से मध्यम बारिश के साथ 40 से 60 किमी/घंटा की रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना ह। 20 से 22 जून के बीच कुछ इलाकों में भारी बारिश होने का पूर्वानुमान है, जिसके लिए येलो अलर्ट जारी किया गया ह। हिमाचल प्रदेश में मानसून समय से पहले दस्तक दे सकता है, जिसकी सामान्य तारीख 25 जून है। प्रदेश में स्थितियां अनुकूल होने पर मानसून जून के आखिरी सप्ताह तक पहुंचने की संभावना है।
केंद्र सरकार ने जनगणना को लेकर सोमवार को गैजेट नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इस जनगणना का आधार एक मार्च 2027 माना जाएगा। इस अधिसूचना के साथ ही जनगणना को लेकर कवायद हो गई है। जनगणना दो चरणों में की जाएगी। जनगणना में पहली बार जाति गणना भी शामिल होगी। गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा कि 34 लाख कर्मचारी और पर्यवेक्षक तथा लगभग 1.3 लाख जनगणना अधिकारी इस कार्य को अंजाम देंगे। इसके लिए अत्याधुनिक मोबाइल डिजिटल गैजेट का इस्तेमाल किया जाएगा। अमित शाह रविवार को नई दिल्ली में केंद्रीय गृह सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आगामी जनगणना की तैयारियों की समीक्षा की थी। इसके बाद सरकार ने सोमवार को वर्ष 2027 में जाति गणना के साथ भारत की 16वीं जनगणना कराने के लिए अधिसूचना जारी की। अधिसूचना में कहा गया है कि एक मार्च 2027 ही जनगणना के लिए आधार होगा। हालांकि बर्फबारी वाले क्षेत्रों जैसे केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख, जम्मू- कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के लिए ये एक अक्टूबर 2026 माना जाएगा। पहले चरण में प्रत्येक घर की आवासीय स्थिति, संपत्ति और सुविधाओं का विवरण एकत्र किया जाएगा। वहीं दूसरे चरण में जनसंख्या गणना, जनसांख्यिकीय और सामाजिक-आर्थिक स्थिति के बारे में जानकारी जुटाई जाएगी। इसके लिए प्रत्येक घर में हर एक व्यक्ति का विवरण लिया जायेगा।
नशे के सौदागरों की 2.37 करोड़ से ज्यादा की सम्पति जब्त दो मामलों में फाइनेंसियल इन्वेस्टीगेशन अमल में लाई गई सोलन पुलिस द्वारा एनडीपीएस एक्ट के तहत दर्ज किये गए 02 मामलों में फाइनेंसियल इन्वेस्टीगेशन अमल में लाई गई है। इन मामलों में संलिप्त 10 आरोपियों/सहयोगियों की कुल 2.37 करोड़ से ज्यादा की सम्पति जब्त की गई है जिसमे आलीशान मकान,लक्ज़री गाड़ियाँ/कैश डिपॉजिट्स ,फिक्स्ड डिपॉजिट्स आदि शामिल है । पहला मामला बीते 27 अप्रैल को जिला पुलिस की SIU की टीम द्वारा पुलिस थाना कण्डाघाट के गौड़ा क्षेत्र में 03 आरोपियों से 1.310 किलोग्राम चरस बरामद हुई थी। उक्त तीनों आरोपी प्रकाश ठाकुर पुत्र लायक राम निवासी गांव कोट, डा0 चम्बी, तहसील चौपाल, जिला शिमला हि0प्र0 उम्र 55 साल, राजेश पांडे पुत्र सेवा राम निवासी गाँव सेवग, डा0 बलग, तहसील ठियोग, जिला शिमला हि0प्र0 उम्र 41 साल तथा रविन्द्र पुत्र जयराम निवासी गाँव धमान्दर डा0 भड़ोली तहसील राजगढ़, जिला सिरमौर, हि0प्र0 उम्र 56 साल को गिरफ्तार किया गया था I जिस पर पुलिस थाना कंडाघाट में अभियोग दर्ज किया गया था I इस अभियोग के अन्वेषण के दौरान उक्त मामले में गिरफ्तार आरोपी प्रकाश ठाकुर के रिहायशी मकान में भी पुलिस टीम द्वारा रेड की गई थी जो रेड के दौरान उक्त आरोपी के रिहायशी मकान से भी 520 ग्राम चरस बरामद की गई थी जो इस मामले में कुल चरस 1.830 किलोग्राम चरस बरामद है। जांच के दौरान पाया गया कि आरोपी प्रकाश ठाकुर इस मामले का मुख्य किंगपिन है, जो न केवल अपने घर पर चरस का उत्पादन / निर्माण करता है बल्कि शिमला जिला के साथ-साथ पड़ोसी जिलों यानी सोलन, सिरमौर आदि के पेडलर्स को भी लंबे समय से इसकी आपूर्ति कर रहा है। जांच पर पाया गया कि इस बरामद चरस को आरोपी प्रकाश ठाकुर ने अपने घर पर ही तैयार किया था। जब आरोपियों की फाइनेंसियल इन्वेस्टीगेशन अमल में लाई गई तो उपरोक्त तीनो आरोपियों व इनके सहयोगियों के नाम पर करोड़ों रुपये की सम्पति होनी पाई गई जिनमे आलीशान मकान, लग्जरी वाहन, जे०सी०बी० मशीन, आदि शामिल है, जो गिरफ्तार आरोपियों ने नशे के कारोबार से अर्जित की थी I चरस व्यापार / तस्करी के अवैध कारोबार से अभियुक्त प्रकाश ठाकुर ने विगत 06 वर्षों की अवधि के भीतर अपनी पत्नी व पुत्र व अपने रिश्तेदारों के नाम पर जमीन, मकान तथा लग्जरी वाहन/अन्य वाहन खरीद / निर्माण / हासिल किये हैं । आरोपी प्रकाश ठाकुर ने उपरोक्त सम्पति तस्करी की नाजायज कमाई से हासिल किये और उसी उद्देश्य के लिए उनका इस्तेमाल भी कर रहा था I उक्त अभियोग में आरोपीगण प्रकाश ठाकुर, राजेश पांडे और रविन्द्र तथा उनके सहयोगियों द्वारा अर्जित एवम् संचालित की गई उपरोक्त सम्पति / मकान / वाहनों / बैंक जमा राशि आदि जिनका कुल मुल्य मुबलिग 2.09 करोड़ रुपये को जब्त किया गया है I दूसरा मामला बीते 17 मार्च को थाना धर्मपुर की पुलिस टीम दो आरोपियों गौरव व चेतन को करीब 11 ग्राम चिटटा/हेरोइन सहित गिरफतार किया गया था । उक्त मामले की आगामी जाँच के दौरान गिरफ्तार आरोपियों की वितीय अन्वेषण अमल में लाया गया जो वितीय अन्वेषण के दौरान पाया गया की आरोपी चेतन व गौरव आपसी मिलीभगत से लम्बे समय से स्थानीय उपयोगकर्ताओं/ तस्करों को चिट्टा की आपूर्ति करते थे I जाँच के दौरान यह पता चला है कि इनका चिट्टा/हेरोइन की तस्करी के ईलावा कमाई का कोई भी अन्य स्रोत ना पाया गया तथा जाँच के दौरान इनके पास से 28 लाख रूपए की अवैध सम्पति को जब्त किया गया है। अब तक 08 मामलों में करीब आठ करोड़ रूपए की संपत्ति जब्त जिला सोलन पुलिस द्वारा नशा तस्करों की सम्पत्ति की जब्ती (Seizing and Freezing) की प्रक्रिया वर्ष 2024 से ही जारी है। जिला पुलिस द्वारा 2024 व 2025 में अभी तक 08 मामलों में 28 आरोपियों/सहयोगियों की करीब आठ करोड़ रूपए की संपत्ति जब्त की जा चुकी ह। इनमें से एक अभियोग जिसमें क़रीब 37 किलो हाई क्वालिटी चरस थी, जबकि 06 मामले चिट्टा तस्क़री के थे जिनमे बाहरी राज्यों पंजाब व हरियाणा में सक्रीय सप्लायरों द्वारा सोलन जिला में चिट्टा की आपूर्ति की जा रही थी i इनमें इनके आलीशान होटल, प्लॉट्स, लक्ज़री गाड़ियाँ ,कैश डिपॉजिट्स ,फिक्स्ड डिपॉजिट्स आदि शामिल हैं। दो साल में 9 अफ्रीकी मूल के नाइजीरियन नागरिक भी गिरफ्तार गत 02 वर्षों में जिला सोलन पुलिस द्वारा नशा तस्करों के विरुध मादक पदार्थ अधनियम के तहत 184 मामले पंजीकृत किये गए है जिनमें 393 आरोपियों को गिरफ्तार करके सलाखों के पीछे भेजा गया है। इन मामलों में Backward/Forward Linkages के संदर्भ में भी अन्वेषण करते हुये नशा की सप्लाई करने वाले बाहरी राज्यों के 136 से ज़्यादा आरोपियों को पिछले 02 वर्षो में गिरफ्तार किया गया । इन 136 आरोपियों में से चिट्टे/नशे के 130 बड़े सप्लायर हैं, जिनको दिल्ली, पंजाब, हरियाणा,चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश, असम, महाराष्ट्र आदि राज्यों से गिरफ्तार किया गया है। इनमें 9 अफ्रीकी मूल के नाइजीरियन नागरिक भी शामिल हैं जिनको दिल्ली से गिरफ़्तार किया गया था I
छोटे-छोटे जिलों से सत्ता के खेल की तैयारी; अंदरखाते मंथन की सुगबुगाहट ! कांगड़ा के नूरपुर, पालमपुर और देहरा नए जिलों की दौड़ में ! शिमला, मंडी और सोलन के बंटवारे पर भी मंथन संभव ! हिमाचल में नए जिलों के गठन की चर्चा बीते कई वर्षों होती आ रही है, खासतौर से चुनाव से पहले नए ज़िलों का जिन्न बाहर आ जाता है। छोटे-छोटे जिले बनाकर सियासत की पिच को मुफीद बनाने की योजना पर धूमल से लेकर जयराम तक ने मंथन किया, हालांकि अमलीजामा कोई न पहना सका। अब फिर सुगबुगाहट है कि मौजूदा सरकार नए जिले बनाने की योजना पर आगे बढ़ सकती है। यानी मौजूदा ज़िलों के सियासी कद में कांट-छांट के आसार बन रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक इस पर अंदरखाते मंथन चला हुआ है कि छोटे-छोटे जिलों के मैदान में साल 2027 के लिए कोई बड़ा खेल खेला जाए। इसी कड़ी में चार ज़िलों का बंटवारा मुमकिन है; कांगड़ा, मंडी, सोलन और शिमला। जिलों की मांग की सुगबुगाहट सबसे अधिक काँगड़ा में देखने को मिल रही है। यहां नूरपुर, पालमपुर और देहरा को जिला घोषित करने की मांग उठती रही है। नूरपुर से पूर्व विधायक व जयराम सरकार में मंत्री रहे राकेश पठानिया लम्बे वक्त से खुलकर इसके पक्ष में बोलते रहे है। वहीँ भाजपा सरकार के कार्यकाल में पालमपुर विधायक आशीष बुटेल भी पालमपुर को जिला घोषित करने की मांग करते रहे है। हालाँकि अब वे चुप है, लेकिन सम्भवतः इसके पक्ष में ही रहेंगे। वहीं मौजूदा स्थिति में देहरा का दावा भी नकारा नहीं जा सकता। वैसे भी देहरा पर सीएम सुक्खू की विशेष मेहरबानी है। यानी कांगड़ा को चार हिस्सों में बाँटने की मांग है। कांगड़ा, 15 विधानसभा क्षेत्रों वाला वो जिला है जो हिमाचल में सत्ता का रुख तय करता आया है। पर अगर नए जिलों का गठन होता है तो क्षेत्रफल के साथ -साथ कांगड़ा के सियासी बल का भी विभाजन होगा। कांगड़ा की तरह ही मंडी जिले के करसोग और सुंदरनगर क्षेत्र के लोग भी कठिन भौगौलिक परिस्थितियों का तर्क देकर इन दोनों क्षेत्रों को जिला बनाने की मांग करते रहे है। करसोग से जिला हेडक्वार्टर मंडी से कुल 120 किलोमीटर दूर है। छोटे बड़े कार्यों के लिए क्षेत्रवासियों को 120 किलोमीटर का लम्बा सफर तय करना पड़ता है। वहीं सुंदरनगर से मंडी की दूरी तो कम है मगर तर्क है की सुंदरनगर एकमात्र ऐसा स्थान है, जिसे जिला बनाने की सूरत में सरकार को कोई भी आर्थिक बोझ नहीं पड़ेगा। इसी तरह शिमला के रोहड़ू व रामपुर को भी जिला बनाने की मांग है। ये दोनों ही क्षेत्र भी जिला मुख्यालय से काफी दूर है। सोलन के बीबीएन क्षेत्र में भी लम्बे वक्त से अलग जिला बनाने की मांग उठती रही है। अगर नए जिलों का गठन होता है कि कुछ लोगों को नए जिले की ख़ुशी होगा,तो कुछ को जिले के छोटा हो जाने का मलाल भी होगा। ऐसे में ज़ाहिर है सरकार 'पोलिटिकल रिस्क एस्सेसमेंट' के बाद ही इस पर कोई फैसला लेगी। इस बीच सवाल ये भी है की क्या प्रदेश सरकार नए जिलों के वित्तीय व्यय का प्रबंधन करने में सक्षम है या नहीं ? मौजूदा आर्थिक हालात में ये निर्णय मुश्किल है। ऐसे में माहिर मानते है कि चुनावी वर्ष में ही सरकार किसी निष्कर्ष पर पपहुंचेगी। वहीँ इसके सियासी लाभ को लेकर भी माहिरों की राय बंटी हुई है।
मंडी-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) एक बार फिर महेड़ के पास रविवार रात भर जाम के कारण ठप रहा। फोरलेन निर्माण के चलते ताजा कटिंग से बनी दलदल में कई वाहन बुरी तरह फंस गए। इससे दोनों ओर सैकड़ों वाहनों की कतारें लग गईं और यात्री पूरी रात भूखे-प्यासे परेशान होते रहे। जाम रविवार शाम 6 बजे शुरू हुआ और सोमवार सुबह 6 बजे जाकर खुल पाया। मौके पर तड़के पुलिस बल पहुंचा, जिसके बाद गावर कंस्ट्रक्शन कंपनी की मशीनरी से वाहनों को धक्का लगाकर बाहर निकाला गया। जाम में फंसे यात्रियों ने बताया कि रविवार रात को तीन-चार बार पुलिस को फोन किए गए, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। न ही कोई प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचा। मदद की आस में लोग पूरी रात सड़कों पर बैठे रहे। सबसे दर्दनाक स्थिति तब सामने आई जब महिलाओं ने बच्चों को बोरी-बिस्तर बिछाकर सड़क पर सुलाया। आसपास कोई दुकान या सुविधा न होने से दूध तक उपलब्ध नहीं हो पाया और छोटे बच्चे भूख से बिलखते रहे। यात्रियों संजय कुमार, दीवान चंद, सुरेश, कुलदीप, मनोज कुमार, रमेश ठाकुर सहित अन्य ने बताया कि निर्माण के चलते जाम लगना समझा जा सकता है, लेकिन ऐसी स्थिति में राहत और नियंत्रण की जिम्मेदारी निभाना कंस्ट्रक्शन कंपनी व प्रशासन दोनों की होती है। यात्रियों ने आरोप लगाया कि कंपनी के कर्मचारी न केवल मदद करने से कतराते हैं, बल्कि रौब झाड़ते हैं और धमकाने की कोशिश करते हैं। लोगों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि भविष्य में ऐसी स्थिति से निपटने के लिए ठोस योजना बनाई जाए और लापरवाह कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
मैदानी राज्यों में पड़ रही गर्मी से हिमाचल प्रदेश के पर्यटन में जबरदस्त उछाल आया है। शिमला, मनाली, धर्मशाला, मैक्लोडगंज, कुफरी, नारकंडा, कसौली और चायल सहित प्रदेश के सभी प्रमुख पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों की खासी भीड़ उमड़ रही है। वीकेंड पर भी काफी संख्या में सैलानी पहुंच रहे हैं। वहीँ आगामी सप्ताह वीकेंड के लिए भी होटलों में 70 फीसदी तक एडवांस बुकिंग हो गई है। मुख्य पर्यटन स्थलों के होटलों में 80 से 90 फीसदी तक ऑक्यूपेंसी है। जम्मू कश्मीर में बीते दिनों हुए आतंकी हमले के बाद भी मैदानी इलाकों से पर्यटक हिमाचल प्रदेश का रुख कर रहे है। वहीँ मानसून से पहले किन्नौर और लाहौल स्पीति में भी बड़ी संख्या में टूरिस्ट पहुंच रहे है। मई में होटलों की ऑक्यूपेंसी 40 फीसदी थी जो जून महा में बढ़कर 90 फीसदी तक पहुंच गई है। इससे पर्यटन कारोबारी सहित गाइड और टैक्सी चालक भी उत्साहित हैं। वहीँ पर्यटन से जुड़े अन्य कारोबार में भी तेजी है, चाहे ढाबे वाले हो या एडवेंचर स्पोर्ट्स।
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