- जवान के निधन से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर हमीरपुर के जिले के एनआईटी मार्ग पर एक सड़क हादसे में मारे गए सेना के जवान का शुक्रवार को पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। 29 वर्षीय अखिल राणा अपनी बहन को कहीं छोड़ने के लिए गया था। बहन को छोड़कर वह वापस घर आ रहा था कि एनआईटी के पास बाइक अनियंत्रित हो गई, जिस कारण वह सड़क पर गिर गया। उसे उपचार के लिए मेडिकल कॉलेज हमीरपुर पहुंचाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया था। मृतक अपने पीछे पत्नी व छोटी बच्ची सहित माता-पिता छोड़ गया है। अखिल राणा यूनिट 4 जैक राइफल 28 आरआर श्रीनगर कुपवाड़ा सेक्टर में तैनात था और छुट्टी पर घर आया था। अखिल राणा के निधन से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर है।
-अदालत ने तीन दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा -फॉरेंसिक टीम ने घटना स्थल से लिए खून के सैंपल पुलिस थाना भोरंज की सीर खड्ड के किनारे गोली लगने से व्यक्ति की मौत मामले में पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। चारों को हमीरपुर अदालत में पेश किया गया, जहां से इन्हें तीन दिन के रिमांड पर भेजा गया है। पुलिस अधीक्षक डॉ. आकृति शर्मा ने कहा कि मामले में गहनता से छानबीन की जा रही है। मामला गंभीर होने पर पुलिस ने मंडी से फॉरेंसिक टीम बुलाई है। टीम ने घटना स्थल का जायजा लेकर वहां से खून के सैंपल भी लिए हैं। पुलिस ने बुधवार को मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल हमीरपुर में शव का पोस्टमार्टम करवाकर उसे परिजनों को सौंप दिया है। वहीं, थाना प्रभारी मस्त राम नायक ने बताया कि मंडी से पहुंची फॉरेंसिक टीम मौके पर जाकर साक्ष्य जुटा रही है। आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से सभी को 23 दिसंबर तक पुलिस रिमांड पर भेजा गया है।
-राजस्व के लंबित मामले निपटाने को ली जाएंगी सेवानिवृत्त पटवारियों, कानूनगो व नायब तहसीलदारों की सेवाएं बुधवार देर शाम धर्मशाला के तपोवन स्थित परिसर में हुई हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में स्वास्थ्य विभाग में पैरा मेडिकल स्टाफ के 1,500 पद भरने का फैसला लिया गया है। ये भर्तियां ऑपरेशन थियेटर असिस्टेंट (ओटीए) सहित अन्य श्रेणियों के विभिन्न पदों पर होंगी। ऑपरेशन थियेटर असिस्टेंट की भर्ती राज्य चयन आयोग के माध्यम से पायलट आधार पर होगी। बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने की। मीटिंग में निर्णय हुआ कि राजस्व विभाग में लंबित मामलों के निपटारे के लिए सरकार सेवानिवृत्त पटवारियों, कानूनगो और नायब तहसीलदार को सेवाओं पर रखेगी। इन्हें दिया जाने वाला मानदेय भी तय किया गया। पटवारी को 20,000 रुपये प्रतिमाह, कानूनगो को 25,000 और नायब तहसीलदार को 35,000 रुपये मानदेय मिलेगा। यह राजस्व विभाग में निशानदेही, इंतकाल आदि के लंबित मामले निपटाएंगे। इनकी नियुक्तियों से लोगों को राहत मिलेगी। राजीव गांधी स्वरोजगार योजना की ड्राफ्ट अधिसूचना मंजूर मंत्रिमंडल ने राजीव गांधी स्वरोजगार योजना की ड्राफ्ट अधिसूचना को भी मंजूरी दी। यह भी फैसला लिया गया कि अगले शैक्षणिक सत्र से पहली कक्षा से अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई शुरू होगी। यह कांग्रेस की गारंटी में शामिल है। इसे पहले ही तय किया जा चुका है। यह भी निर्णय हुआ कि स्कूल अपने स्तर पर स्मार्ट वर्दी खरीद पाएंगे। ऊर्जा और राज्य चयन आयोग की भी दो प्रस्तुतियां दी गई। कुछ विधेयकों के ड्राफ्ट को भी मंजूरी मिली है। यह आगामी दिनों में शीत सत्र में ही पेश किए जाएंगे।
-'नो मोर डिजास्टर अगेन इन स्टेट' मॉडल के हैं तीन कंपोनेट -आपदा से होने वाले नुकसान को कम करने के बताए हैं तरीके एनआईटी हमीरपुर में चल रहे 31वें राज्य स्तरीय बाल विज्ञान सम्मेलन में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला भोरंज की छात्रा का मॉडल 'नो मोर डिजास्टर अगेन इन स्टेट' प्रदेशभर में अव्वल रहा है। गौरी ने बताया कि उसके मॉडल के तीन कंपोनेट हैं, जिसके आधार पर विभिन्न परिस्थितियों में बचाव की तकनीकों को अपनाकर नुकसान को कम किया जा सकता है। गौर रहे कि हाल ही में आई आपदा से प्रदेश को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ हैै। छात्रा ने बताया कि उसका मॉडल बनाने का मुख्य उद्देश्य आपदा से होने वाले नुकसान को कम करना और लोगों की जान को सुरक्षित बचाना है। आपको बता दें कि गौरी ने ईको सिस्टम को बचाने के लिए भी एक स्केल बनाया है, जिससे स्किवेयर के माध्यम से रैंडम सैंपल लेकर यह पता लगा सकते हैं कि यहां पर कितने पेड़ हैं। मॉडल की इन खूबियों को देखते हुए ही इसे प्रथम खिताब से नवाजा गया है। राज्य स्तरीय बाल विज्ञान सम्मेलन में प्रदेश भर से आए विभिन्न बाल वैज्ञानिकों ने आपदा प्रबंधन, नदियों से प्लास्टिक को साफ करने, हाइड्रोलिक पुल, बायो डीजल, मल्टीपल पार्किंग सिस्टम, कृषि और बिजली उत्पादन से संबंधित मॉडल प्रस्तुत किए हैं।
- रसोई घर के वेस्ट, फल व सब्जियों के छिलकों से किया तैयार - रसायन विज्ञान के प्रवक्ता तिलक राणा ने किया मार्गदर्शन जिला कांगड़ा के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बालकरूपी के विद्यार्थियों शायना और शिवम ने रसोई घर के वेस्ट, फल, सब्जियों के छिलकों से ईको फ्रेंडली बायोडीजल तैयार किया है। रसायन विज्ञान के प्रवक्ता तिलक राणा के मार्गदर्शन में विद्यार्थियों ने यह मॉडल प्रोटोटाइप तैयार किया है। इस बायोडीजल के प्रयोग से नाम मात्र का कार्बन उत्सर्जन होगा। शायना और शिवम ने इसे वे टू मेंदू स्मार्ट सोलर एनर्जी इनटू सस्टेनेबल बायोडीजल एंड इलेक्ट्रिसिटी नाम दिया है। महज तीन हजार की लागत से प्रेशर कुकर, हीटर और सोलर पैनल के इस्तेमाल कर बायोडीजल तैयार किया गया है। बड़े स्तर पर उत्पादन करने पर एक लीटर बायोडीजल की लागत बीस रुपये के लगभग आएगी। वहीं, स्कूल प्रवक्ता तिलक राणा का कहना है कि महज चार किलो कचरे से एक लीटर बायोडीजल तैयार किया जा सकता है। इथनोल बनाते वक्त सड़न प्रक्रिया में यदि गुड़ का इस्तेमाल करें तो उत्पादन में कई गुना इजाफा हो सकता है। वहीं, बचे हुए कचरे को जैविक खाद के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
-पूर्व सीएम ने प्रदेश किसान मोर्चा के नवनियुक्त पदाधिकारियों को दिया आशीर्वाद -बोले, पदों के पीछे न पड़कर एक आम कार्यकर्ता बनकर पार्टीर् के लिए करें काम भारतीय जनता पार्टी किसी भी मोर्चा प्रकोष्ठ का गठन, लोगों की समस्याओं को हल करने के लिए करती है, न कि राजनीतिक मकसद से। यह बात पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने रविवार को अपने निवास स्थान समीरपुर में नवनियुक्त प्रदेश किसान मोर्चा के पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि केवल एक कार्यकर्ता ही है, जो कभी पूर्व नहीं होता, बाकी राजनीति में मिलने वाला हर पद एक समय बाद पूर्व हो जाता है। इसलिए पदों के पीछे न पड़कर एक आम कार्यकर्ता बनकर पार्टी के लिए ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा के साथ काम करें। उन्होंने कहा कि भाजपा हाई कमान ने जो भी जिम्मेदारी जिस किसी भी कार्यकर्ता को दी है, वह उसका ईमानदारी के साथ पालन करे और अपने आप को एक काम कार्यकर्ता ही समझे। यह जानकारी देते हुए भाजपा मंडल सुजानपुर के मीडिया प्रभारी सुधीर भटनागर ने बताया कि भाजपा प्रदेश किसान मोर्चा के पदाधिकारी रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री से मिलने के लिए उनके निवास स्थान पहुंचे थे, यहां उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री का आशीर्वाद प्राप्त किया।
-बोले, जहां-जहां कांग्रेस सरकार, वहां भ्रष्टाचार चरम पर हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से सांसद और केंद्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि हिमाचल और कर्नाटक के लोग कांग्रेस सरकार से परेशान हो चुके हैं। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के स्वागत समारोह में बिलासपुर पहुंचे अनुराग ठाकुर ने कहा कि झूठी गारंटियों से किस प्रकार सरकार बनाई जाती है, कांग्रेस इसका उदाहरण है। हिमाचल और कर्नाटक में कांग्रेस ने यही काम किया है और अब दोनों राज्यों की जनता इनसे परेशान हो गई है। अनुराग ने कहा कि जहां जहां कांग्रेस की सरकार रही, वहां पर भ्रष्टाचार चरम पर रहा। अनुराग ने कहा कि पूरी दुनिया में प्रधानमंत्री की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है। राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता और जेपी नड्डा की कुशलता से जीत हासिल की है। उनके कुशल नेतृव में पार्टी नई ऊंचाइयों को छू रही है। तीन राज्यों में जनता ने जिस प्रकार से भाजपा को चुना, वह दर्शाता है कि भाजपा से लोग खुश हैं। इन चुनावो में पार्टी का वोट प्रतिशत भी बढ़ा है।
-हमीरपुर और बिलासपुर जिले को रेल लाइन से जोड़ने के लिए विभाग ने शुरू की प्रक्रिया हिमाचल में रेल लाइन का विस्तार कर राज्य के हमीरपुर और बिलासपुर जिलों को रेल लाइन से जोड़ने के लिए रेलवे विभाग ने सर्वे शुरू कर दिया है। अगले साल के शुरू में ही हमीरपुर और बिलासपुर के लोगों को रेल लाइन से जोड़ने के लिए रेलवे विभाग ने पहल शुरू की है। रेलवे ने रेल ट्रैक की जद में आने वाले करीब चार-पांच सर्किलों का ड्रोन सर्वे शुरू कर दिया है। विभाग ने बाकायदा वहां निशानदेही कर नंबर तक दर्ज किए हैं। यह सर्वे कांगड़ा जिले के रानीताल से बिलासपुर वाया हमीरपुर के बीच 100 किलोमीटर लंबी रेल लाइन बिछाने के लिए प्रस्तावित था। इसी कड़ी में अब रेलवे ने सर्वे कार्य शुरू कर दिया है। इसके तहत कई स्थानों का ड्रोन के माध्यम से सर्वे किया जा चुका है। जिन-जिन क्षेत्रों का सर्वे हुआ है और रेल लाइन की संभावनाएं तलाशी गई हैं, उन क्षेत्रों में विभाग ने निशानदेही भी की है। बता दें कि उत्तर रेलवे ने रेल लाइन की जद में आने वाले तीन जिलों कांगड़ा, हमीरपुर और बिलासपुर प्रशासन से कुछ डाटा मांगा था। 100 किलोमीटर लंबे ट्रैक में बनेंगे 11 स्टेशन 100 किलोमीटर लंबे इस ट्रैक में 11 रेलवे स्टेशन होंगे। इनमें पहला प्रस्तावित स्टेशन बालू ग्लोआ (10 किमी), ज्वालामुखी (17 किमी), नादौन (26 किमी), जटियाला (37 किमी), हारखालसा (45 किमी), हमीरपुर (50 किमी), भोटा (60 किमी), जरल (69 किमी), बभेली (78 किमी), पनोल (86 किमी) और बिलासपुर (100 किमी) की दूरी पर प्रस्तावित हैं। जिला प्रशासन ने रेलवे विभाग को दीं मांगी जानकारियां कांगड़ा जिले के उपायुक्त डॉ. निपुण जिंदल ने कहा कि रेलवे विभाग ने मार्च में जिला प्रशासन से कुछ जानकारियां मांगीं थीं, जो मुहैया करवा दी गई हैं। रेलवे विभाग की ओर से किए जाने वाले सर्वे की अभी तक कोई सूचना नहीं है।
- न चुनावी वादा किया, न गारंटी दी; फिर भी किसान के खाते में पहुंच रहा पैसा - कोटला चिल्लियां में विकसित भारत संकल्प यात्रा को किया संबोधित योजनाओं का लाभ मिला या नहीं, यह पूछने घर-घर पहुंच रही केंद्र सरकार ने देश की राजनीति में एक नया उदाहरण प्रस्तुत किया है। वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री प्रोफेसर प्रेम कुमार धूमल ने शुक्रवार को नादौन विधानसभा की ग्राम पंचायत कोटला चिल्लियां में पहुंची विकसित भारत संकल्प यात्रा के दौरान उपस्थित गांववासियों, पंचायत प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि देशवासियों के लिए कल्याणकारी अच्छी योजनाएं बनाकर लागू करना और उसके बाद उन योजनाओं का अच्छे से निष्पादन सुनिश्चित कर उनकी सार्थकता सिद्ध करना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कार्यशैली की विशेषता है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कभी किसी चुनावी घोषणा पत्र चुनावी वादे या गारंटी में नहीं कहा था कि देश के अन्नदाता मेहनतकश किसानों को केंद्र सरकार पैसा देगी, लेकिन आज देश के हर किसान के खाते में किसान सम्मान निधि के रूप में 6-6 हज़ार रुपये हर चार माह में मोदी सरकार डाल देती है। देश के 80 करोड़ गरीब नागरिकों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत कोरोना काल से लेकर अब तक मुफ्त राशन मोदी सरकार दे रही है।
हिमाचल की सुक्खू कैबिनेट में मंगलवार को दो और मंत्री जुड़ गए। बिलासपुर जिले से राजेश धर्माणी और कांगड़ा जिले से यादविंदर गोमा को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई। राजेश धर्माणी बिलासपुर से कांग्रेस के इकलौते विधायक हैं। ऐसे में उन्हें मंत्री पद मिलना जिले के लिए काफी अहम है। वहीं, यादविंदर गोमा कांगड़ा जिले से संबंध रखते हैं। कांगड़ा एक ऐसा जिला है, जिसका सरकार बनाने में अहम योगदान रहता है। इस बार भी कांगड़ा से कांग्रेस के 10 विधायक हैं। पूर्व मंत्री एवं वर्तमान विधायक सुधीर शर्मा भी कांगड़ा से ही हैं। वे प्रदेश की दूसरी राजाधानी धर्मशाला के विधायक हैं। वे भी मंत्री बनने के अरमान लिये बैठे हैं, लेकिन उनका यह अरमान एक बार फिर अधूरा ही रह गया। मुख्यमंत्री सुक्खू ने उनकी जगह यादविंदर गोमा को मंत्रिमंडल में शामिल कर लिया है। सियासी तौर पर माहिर माने जाने वाले सुधीर की राजनीतिक पारी धर्मशाला में वर्ष 2019 हुए विधानसभा के उप चुनाव से डांवाडोल चल रही है। इस उप चुनाव को सुधीर शर्मा ने नहीं लड़ा था। वर्ष 2022 के चुनाव के दौरान भी सुधीर का टिकट अंतिम चरण में घोषित हुआ था। सुधीर के साथ ही हमीरपुर जिले के सुजानपुर विधानसभा हलके से विधायक राजेंद्र राणा की हसरतें भी फिर अधूरी रह गईं। 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के मुख्यमंत्री चेहरा प्रो. प्रेम कुमार धूमल को हराकर चर्चा में आए कांग्रेस विधायक राजेंद्र राणा ने 2022 में लगातार दूसरा चुनाव जीता है। जिला हमीरपुर से ही मुख्यमंत्री सुक्खू के होने के चलते क्षेत्रीय समीकरण का संतुलन बनाए रखना राजेंद्र राणा को मंत्री की कुर्सी तक पहुंचने से बार-बार रोक रहा है। अब हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के तहत ही बिलासपुर से धर्माणी की नियुक्ति होने से राणा के लिए आने वाले वर्षों में भी मंत्री पद की राह मुश्किल भरी हो गई है।
- कार्ट ने 15 दिसंबर तक पुलिस रिमांड पर भेजा पेपर लीक मामले में संलिप्त भंग कर्मचारी चयन आयोग के पूर्व सचिव जितेंद्र कंवर को विजिलेंस ने फिर गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तारी के बाद आरोपी को मंगलवार को अदालत में पेश किया गया है। अदालत ने आरोपी को 15 दिसंबर तक पुलिस रिमांड पर भेजा है। आरोपी को दो पोस्टकोड के प्रश्नपत्र लीक मामले में एफआईआर में नामजद किया है। मिली जानकारी के मुताबिक जितेंद्र कंवर को विजिलेंस टीम ने आयोग से निलंबित वरिष्ठ सहायक उमा आजाद के घर पर मिले दो परीक्षाओं के प्रश्नपत्रों के आधार पर गिरफ्तार किया है। 23 दिसंबर, 2022 को जेओए आईटी परीक्षा के पेपर लीक मामले में पहली एफआईआर दर्ज हुई थी। 4 अप्रैल, 2023 को पोस्ट कोड 965 जेओए आईटी परीक्षा पेपर लीक मामले में पूर्व सचिव डॉ. जितेंद्र कंवर को गिरफ्तार किया था। प्रथम एफआईआर में गिरफ्तारी के बाद पुलिस रिमांड और न्यायिक हिरासत के उपरांत जितेंद्र कंवर को जमानत पर रिहा किया था। पेपर लीक प्रकरण में 28 दिसंबर, 2022 जूनियर ऑडिटर और कंप्यूटर ऑपरेटर भर्ती पेपर लीक मामले में दूसरी एफआईआर दर्ज हुई थी। अब इस एफआईआर पर जितेंद्र कंवर की गिरफ्तारी को अहम माना जा रहा है। संभावना यह भी जताई जा रही है कि कर्मचारी चयन आयोग से जुड़े कुछ और लोगों की भी गिरफ्तारी हो सकती है। भंग आयोग के सचिव के साथ आरोपी जितेंद्र कंवर के पास परीक्षा नियंत्रक और भर्ती रिकॉर्ड के कस्टोडियन का जिम्मा भी था। पेपर लीक प्रकरण में अब तक 13 मामले दर्ज हो चुके हैं।
-शिमला, हमीरपुर व नादौन में केबल बिछाने पर खर्च होंगे 65 करोड़ मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार शहरों का सौंदर्यीकरण करने और बेहतर आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाने को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान कर रही है। उन्होंने कहा कि शहरों में अकसर पाया जाता है कि ओवरहेड बिजली की और अन्य तारों का जंजाल शहरों की सुन्दरता पर ग्रहण लगाते हैं। इसके दृष्टिगत राज्य सरकार ने बिजली की तारें भूमिगत करने के कार्य को प्राथमिकता प्रदान करते हुए इसके लिए 65 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। इसके तहत शिमला शहर को तारों के जंजाल से मुक्त कराने के लिए 25 करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे, जिससे कि आपरेशन सर्कल हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड सीमित, कसुम्पटी, शिमला में विद्युत केबल की डक्टिंग की जाएगी। इसके अलावा नादौन क्षेत्र और हमीरपुर शहर में भूमिगत केबल बिछाने के साथ-साथ सम्बंधित कार्यों पर 20-20 करोड़ रुपये व्यय किए जायेंगे। मुख्यमंत्री ने विद्युत बोर्ड को इन कार्यों को समयबद्ध पूरा करने के निर्देश देते हुए कहा कि इससे निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित होगी, पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय लोगों के लिए बेहतर बुनियादी ढांचा स्थापित होगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार लोगों को निर्बाध और बेहतर बिजली आपूर्ति प्रदान करने के लिए भी प्रतिबद्ध है और बेहतर सेवाएं प्रदान करने के लिए विभिन्न आधुनिक तकनीकें अपना रही है।
-राजभवन में राज्यपाल ने दिलाई मंत्री पद की शपथ हिमाचल प्रदेश को दो नए मंत्री मिल गए हैं। आज शाम राजभवन शिमला में बिलासपुर जिले के घुमारवीं से विधायक राजेश धर्माणी और कांगड़ा जिले के जयसिंहपुर से यादविंदर गोमा सुक्खू कैबिनेट में शामिल हो गए। शाम करीब 4:45 बजे राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने दोनों मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। देर रात ही यह फैसला हुआ और आज शपथ हुई। शपथ कार्यक्रम में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री सहित मंत्री व अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे। बता दें कि राजेश धर्माणी बिलासपुर जिले से कांग्रेस पार्टी के एकमात्र विधायक हैं। वे घुमारवीं विधानसभा से विधायक हैं। बिलासपुर को बीते एक साल से मंत्री पद का इंतजार था। वहीं, कांगड़ा जिले के जयसिंहपुर से विधायक यादविंदर गोमा को भी मंत्री बनाया गया है। काफी समय से उनको मंत्री बनाए जाने की अटकलें लग रही थीं।
-ग्रामीणों को दी गई भारत सरकार की योजनाओं की जानकारी विकसित भारत संकल्प यात्रा आज हमीरपुर ब्लॉक में स्थित ग्राम पंचायत धरोग पहुंची। कार्यक्रम मै भारत सरकार की ओर से पत्र सूचना कार्यालय सूचना कार्यालय, नई दिल्ली के महानिदेशक राजीव जैन भी उपस्थिति रहे। राजीव जैन ने कहा कि इस यात्रा का मकसद भारत सरकार द्वारा शुरू की गई जन कल्याणकारी योजनाओं और पहलों को लोगो तक पहुंचाना है। उन्होंने ने लोगों को संबोधित किया और कहा कि पीएम आवास योजना ने व्यक्तियों, विशेषकर महिलाओं को मालिकाना हक प्रदान करके उन्हें सशक्त बनाया है। उन्होंने उपस्थित जन समूह को उनके जीवन को बेहतर बनाने के उद्देश्य से विभिन्न ग्रामीण और शहरी योजनाओं के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम के दौरान केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं पर केंद्रित एक क्विज भी आयोजित की गई। कार्यक्रम में पीएनबी बैंक के वरिष्ठ प्रबंधक विनय श्रीवास्तव ने कई कल्याणकारी योजनाओं के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की। जिन योजनाओं की जानकारी दी गई उनमें प्रमुख हैं जीवन ज्योति बीमा योजना, पीएम सुरक्षा बीमा योजना, किसान क्रेडिट कार्ड योजना, किसान समान निधि और अटल पेंशन योजना शामिल हैं। इसके अलावा, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए, आयुष्मान भारत, मातृ वंदना योजना और पीएम जन औषधि योजना के बारे में बहुमूल्य जानकारी साझा की।
अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस जिला हमीरपुर के प्रवक्ता एवं हिमाचल प्रदेश स्टेट बार काउंसिल सदस्य रोहित शर्मा एडवोकेट ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल का प्रदेश की लोकप्रिय सुक्खू सरकार का विरोध प्रदर्शन करना हिमाचली जनता के साथ छलावा है। ये धरना प्रदर्शन मात्र पुत्र मोह में खिसकती हुई सियासी जमीन को बचाने के लिए प्रयास है। प्रदेश में भाजपा मार्गदर्शकमंडल की टीम का नेतृत्व कर रहे पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल जी यह स्पष्ट करें कि प्रदेश में कोरोना काल में एवं इस वर्ष प्रदेश में आई भीषण आपदा में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर की लोगों के प्रति संवेदनहीनता क्यों नजर आई? अनुराग ठाकुर जी ने हमेशा प्रदेश के लोगों के लिए भी घोषणाओं का मात्र झुनझुना ही बजाया है। पहले अनुराग अपने पिता पूर्व मुख्यमंत्री की कृपा से सांसद बने फिर मोदी नाम का चुनावों में सहारा मिला। लेकिन 2024 में प्रदेश की जागरूक जनता काम का हिसाब मांगेगी। केंद्रीय मंत्री अपना रिपोर्ट कार्ड जारी कर जनता को यह बताएं कि उन्होंने चाहे कोरोना काल हो या इस वर्ष प्रदेश में आई भीषण आपदा या अपने संसदीय क्षेत्र में विकास कार्यों के लिए अपनी सांसद एवं निजी निधि से लोगों के लिए कितना पैसा जारी किया है या केंद्र सरकार से जारी करवाया है? इन्हीं यक्ष प्रश्नों की वजह से वर्ष 2024 के चुनाव में माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी भी अनुराग ठाकुर को चुनावी हार से नहीं बचा पाएंगे। भाजपा नेतृत्व को चश्मा लगा कर प्रदेश में सुक्खू सरकार की 1 वर्ष की उपलब्धियां दिखेंगी। क्योंकि यह आमजन भली भांति समझते हैं कि सुक्खू सरकार ने सबसे पहले कांग्रेस संगठन ने जो 10 गारंटियों की बात की थी उनमें सबसे पहले ओपीएस बहाली की,अनाथ बच्चों के लिए सुख आश्रय योजना लेकर आए। प्रदेश में आई आपदा में सरकार द्वारा आमजन के लिए किए गए राहत कार्य हों चाहे मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा अपनी संपत्ति से प्रदेश जनहित में अपनी 51 लाख की पूंजी का दान करना हो। रोहित शर्मा ने समस्त प्रदेशवासियों को प्रदेश सरकार का एक वर्ष पूरा होने पर बधाई एवं आने वाले लोकसभा चुनावों के लिए भाजपा के ओछे हथकंडों से बचकर रहने की सलाह दी।
आपदा प्रबंधन को सलाम, महिलाओं को 1500 का इंतजार **पुरानी पेंशन बहाल कर सरकार ने निभाया बड़ा वादा ** सुखाश्रय योजना से सुक्खू सरकार ने जीता दिल ** सियासी संतुलन बनाने में असफल रही सरकार "...सत्ता परिवर्तन का जो सियासी रिवाज हिमाचल प्रदेश में 1990 से चला आ रहा था उसे जनता ने 2022 में भी बरकरार रखा। 8 दिसंबर 2022 को विधानसभा चुनाव के नतीजे आएं और कयासों के मुताबिक ही कांग्रेस सत्तासीन हुई। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के दो मुख्य कारण अगर देखे जाएँ, तो सम्भवतः पहला कारण रहा भाजपा का कमजोर चुनाव लड़ना। एक तिहाई सीटों पर भाजपा के बागी मैदान में थे और ये उसकी हार का बड़ा कारण बना। दोनों पार्टियों के वोट शेयर में अंतर एक प्रतिशत से भी कम रहा, जबकि निर्दलीयों के खाते में करीब दस प्रतिशत वोट गए। इनमें अधिकांश भाजपा के बागी थे। दूसरा कारण था, कांग्रेस की गारंटियां। कांग्रेस ने भाजपा से बेहतर चुनाव लड़ा और उसका गारंटी कार्ड चल गया। ये ही कारण है कि सिमटते कैडर के बावजूद कांग्रेस ने दमदार वापसी की। कांग्रेस के खाते में 40 सीटें आई, लेकिन भाजपा भी तमाम गलतियों के बावजूद 25 का आंकड़ा छू गई। यानी सरकार बेशक कांग्रेस ने बना ली हो लेकिन पहले दिन से उस पर परफॉरमेंस प्रेशर है। फिर तारीख आई 11 दिसंबर 2022, जगह थी हिमाचल की राजधानी शिमला का रिज मैदान, सर्दी का मौसम मगर तेज़ धूप और उस धूप में उबाल खाता हज़ारों कांग्रेस कार्यकर्ताओं का उत्साह। अर्से बाद वीरभद्र सिंह की जगह कोई और कांग्रेसी चेहरा सीएम पद की शपथ ले रहा था। जो सुखविंदर सिंह सुक्खू सालों वीरभद्र सिंह के सामने एक किस्म से अपने सियासी रसूख को बचाये रखने की लड़ाई लड़ते रहे थे, वे अब उनके बाद मुख्यमंत्री बन चुके थे। पार्टी के 40 विधायक जीत कर आए थे और इन 40 विधायकों में से सबसे ज्यादा सुक्खू के पक्ष में थे। होली लॉज खेमे के विधायक प्रतिभा सिंह और मुकेश अग्निहोत्री के बीच बंटे हुए थे। ये ही सुक्खू के पक्ष में गया था। राजधानी कांग्रेसमय दिख रही थी, मैदान खचाखच भरा था और नारे लग रहे थे 'प्रदेश का मुख्यमंत्री कैसा हो, सुक्खू भाई जैसा हो। कांग्रेस में ये नए दौर की शुरुआत थी। शपथ ग्रहण मंच पर पूर्व मुख्यमंत्री स्व राजा वीरभद्र सिंह की तस्वीर भी रखी गई थी, उन्हें शपथ से पहले श्रद्धांजलि दी गई और फिर मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ने शपथ ली। धुआंधार लॉबिंग और मैराथन बैठकों के बाद सुक्खू मुख्यमंत्री तो बन गए थे लेकिन ये ताज काँटों भरा ताज है। सुक्खू सरकार के सामने पहले दिन से न सिर्फ परफॉर्म करने की चुनौती है बल्कि पार्टी के भीतर भी सामंजस्य बैठाना है। एक साल बीत गया है और कई मोर्चों पर सरकार हिट साबित हुई है, तो कई पैमानों पर अब सरकार का असल इम्तिहान होना है। " सुक्खू सरकार एक साल की हो गई है ...सत्ता पक्ष इसे 'सुख की सरकार' कह रहा है तो विरोधी 'दुख की सरकार', कांग्रेस उपलब्धियों की बुकलेट बाँट रही है तो भाजपा नाकामी के पर्चे। ये तो सियासत के रस्म-ओ-रिवाज है जो सत्ता पक्ष को भी निभाने है और विपक्ष को भी। बहरहाल एक साल की सुक्खू सरकार को लेकर भी सबका अपना-अपना विश्लेषण है। सरकार का कामकाज उसकी गारंटियों की कसौटी पर भी आँका जा रहा है, आपदा प्रबंधन पर भी और सरकार की जमीनी पकड़ भी इसका मापदंड है। कहीं शांता कुमार जैसे दिग्गज सरकार की तारीफ कर रहे है, तो कहीं पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष ही सीएम को पत्र लिखकर वादे याद दिला रहे है। इस बीच सुक्खू सरकार जनता के बीच सुछवि गढ़ने के प्रयास में लगी है, तो भाजपा छवि बिगाड़ने का कोई मौका नहीं चूक रही। खेर, बनती बिगड़ती सियासी इक्वेशन अपनी जगह, लेकिन कामकाज की कसौटी पर आंके तो सुक्खू सरकार ने कई ऐसे काम किये है जो अपनी छाप छोड़ गए। पुरानी पेंशन बहाली का वादा भी सरकार ने पूरा किया और सुख आश्रय योजना से सरकार का मानवीय चेहरा भी दिखा। वहीँ आपदा में सुक्खू सरकार के कामकाज पर तो वर्ल्ड बैंक और नीति आयोग ने भी ताली बजाई। हालांकि, सरकार के लिए सब हरा हरा नहीं है, महिलाओं को 1500 रुपये देने की गारंटी भी अभी अधूरी है और सियासी संतुलन बनाने में भी सरकार असफल दिखती है। पुरानी पेंशन के अलावा भी कर्मचारियों के मसले है जो अनसुलझे है। युवा एक साल में ही सड़कों पर उतर आए थे, कोई रिजल्ट मांग रहा है तो कोई नौकरी। प्रयास तो जारी है मगर फिलहाल खाली खजाना सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती है। सरकार के बड़े काम ... अनाथ बच्चे अब 'चिल्ड्रन ऑफ़ स्टेट' हिमाचल प्रदेश के सभी अनाथ बच्चे अब 'चिल्ड्रन ऑफ स्टेट' है। ये सुक्खू सरकार का वो फैसला है जिसने सबका दिल छुआ। अनाथ बच्चों का पालन पोषण, शिक्षा, आवास, विवाह आदि का खर्चा सरकार ने उठाने का निर्णय लिया है। सुक्खू सरकार की इस मानवीय पहल को चौतरफा तारीफ मिली है। सुख आश्रय योजना निसंदेह सुक्खू सरकार का वो काम है जो सदा याद रखा जायेगा। राज्य में अब तक 4000 अनाथ बच्चों को पात्रता प्रमाण पत्र जारी कर दिए गए हैं, जिससे अब वह मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना का लाभ उठा सकेंगे। इस योजना के तहत 27 वर्ष की आयु तक अनाथ बच्चे की देखभाल का ज़िम्मा राज्य सरकार का है। इसके साथ ही अनाथ बच्चों को क्लोथ अलाउंस व त्यौहार मनाने के लिए भत्ता प्रदान किया जा रहा है। उनकी उच्च शिक्षा, रहने का खर्च, 4000 रुपए पॉकेट मनी राज्य सरकार की ओर से प्रदान की जाएगी। राज्य सरकार अनाथ बच्चों को नामी स्कूलों में दाख़िला दिलाने के लिए भी प्रयास कर रही है। इसके साथ ही उन्हें आत्मनिर्भर बनाने तथा घर बनाने के लिए 3 बिस्वा भूमि तथा 2 लाख रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। पुरानी पेंशन बहाल करके दिखाई वादे के मुताबिक सुक्खू सरकार ने कर्मचारियों को पुरानी पेंशन बहाली का तोहफा दिया है। प्रदेश की ख़राब आर्थिक स्थिति के बावजूद सरकार ने कर्मचारियों से वादा निभाया है। प्रदेश सरकार द्वारा चौथी कैबिनेट की बैठक में ही पुरानी पेंशन बहाली की एसओपी को मंज़ूरी दे दी गई थी और 1 अप्रैल, 2023 से पुरानी पेंशन लागू कर दिया गया । चुनाव से पहले कांग्रेस द्वारा जनता को दी गई गारंटियों में से पुरानी पेंशन बहाली पहली गारंटी थी। प्रदेश की नई सरकार ने कर्मचारियों की पेंशन की सबसे बड़ी टेंशन को खत्म कर दिया। हिमाचल में करीब सवा लाख कर्मचारी इस समय एनपीएस के दायरे में आते थे जिन्हे इसका लाभ मिला । इस फैसले से प्रदेश सरकार पर सालाना करीब 1,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त वित्तीय बोझ बढ़ गया मगर सरकार अपने वादे से पीछे नहीं हटी। अब इसका सियासी लाभ कांग्रेस को होगा या नहीं, ये तो वक्त ही बताएगा लेकिन ये सुक्खू सरकार का बड़ा फैसला है। ग्रीन हिमाचल मुहीम हरित राज्य प्रदेश सरकार ने राज्य को 31 मार्च, 2026 तक हरित ऊर्जा राज्य के रूप में विकसित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रदेश सरकार ने राज्य के प्रत्येक जिले में दो-दो ग्राम पंचायतों को पायलट आधार पर हरित पंचायत के रूप में विकसित करने की रूपरेखा तैयार की है। इन पंचायतों में 500 किलोवाट से एक मेगावाट विद्युत उत्पादन क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित की जाएंगी। हिमाचल प्रदेश ऊर्जा क्षेत्र विकास कार्यक्रम के तहत इन परियोजनाओं की स्थापना के लिए 50 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। सुक्खू सरकार ने 100 किलोवाट से लेकर एक मेगावाट तक की सौर ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना पर युवाओं को 40 प्रतिशत सब्सिडी देने की भी घोषणा की है। इन परियोजनाओं से उत्पन्न बिजली की खरीद राज्य विद्युत बोर्ड करेगा। सरकार सार्वजनिक परिवहन को विद्युत परिवहन के रूप में विकसित करने के लिए भी प्रयास कर रही है। इसके लिए इलेक्ट्रिक वाहनों को सरकारी महकमों में भी इस्तेमाल किया जा रहा है और इलेक्ट्रिक टैक्सी की खरीद पर सरकार सब्सिडी भी दे रही है। हिमाचल को ग्रीन राज्य बनाने में सुक्खू सरकार जुटी है, और ये सरकार की बेहतरीन पहल है। दशकों से लंबित इंतकाल के मामलों का निबटारा इंतकाल और तकसीम के दशकों पुराने मामलों को लेकर सुक्खू सरकार एक्शन मोड में है। सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अधिकारियों को 24 जनवरी तक इंतकाल और तकसीम के मामलों को सुलझाने के निर्देश दिए हैं। इससे सालों से लंबित मामलों का निपटारा हो सकेगा। राजस्व लोक अदालतों का आयोजन कर सरकार हाज़ों मामले निबटा चुकी है। अब तक इंतकाल के लम्बित कुल 45 हजार 055 मामलों का निपटारा किया जा चुका है। किलो के हिसाब से सेब, अगले सीजन से यूनिवर्सल कार्टन किलो के हिसाब से सेब बेचने का फैसला हो या अगले सीजन से यूनिवर्सल कार्टन लागू करने का निर्णय, सुक्खू सरकार ने सेब बागवानों के हितों को महफूस रखने की दिशा में इच्छाशक्ति भी दिखाई है और फैसले भी लिए है। बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी हर मसले पर एक्टिव दिखे है और उनकी कार्यशैली की असर साफ दिख रहा है। एचपीएमसी को लेकर भी सरकार ने बड़े बदलाव लाने की दिशा में काम शुरू किया है और उम्मीद है इसके अच्छे नतीजे सामने आएंगे। अब 40 साल तक ही लीज पर जमीन सुक्खू सरकार ने लीज पर जमीन लेने की अवधि को 99 वर्ष से घटाकर अब अधिकतम 40 साल कर दिया है। हालांकि पुरानी लीज की अवधि नहीं बदलेगी। उद्योग लगाने और अन्य विकास परियोजनाओं को स्थापित करने के लिए अब 40 साल के लिए ही लीज पर जमीन का प्रावधान है। सरकार का कहना है कि अब धौलासिद्ध, लुहरी फेज-1 तथा सुन्नी जल विद्युत परियोजनाओं को 40 वर्ष के बाद हिमाचल प्रदेश को वापिस सौंपना होगा। वाईल्ड फ्लावर हॉल होटल को वापिस पाने के लिए राज्य सरकार कानूनी लड़ाई लड़ रही है। शानन प्रोजेक्ट को वापस लेने के लिए भी हिमाचल सरकार एक्शन मोड में दिखी है। आपदा प्रबंधन पर सुक्खू सरकार हिट... एक साल के कार्यकाल में सुक्खू सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती थी आपदा। आपदा में खुद सीएम सुक्खू दिन रात मैदान में डेट दिखे और हिमाचल सरकार ने बेहतरीन काम किया। वर्ल्ड बैंक और नीति आयोग ने भी सरकार के काम की तरफ की। सुक्खू सरकार 4500 करोड़ का बड़ा आपदा राहत पैकेज लेकर आई और मुआवजे की राशि में भारी वृद्धि कर पीड़ितों को राहत पहुँचाने का काम किया। राजनीति से इतर कई दूसरी विचारधारा के लोगों ने भी सरकार के कामकाज को सराहा। वहीँ केंद्र से मिलने वाली मदद को लेकर भी खूब सियासत हुई। भाजपा कहती है कि केंद्र से भरपूर मदद मिली और सीएम सुक्खू खुलकर कहते है कि अगर मदद मिली है तो भाजपा बताएं। इसमें कोई संशय नहीं है कि केंद्र ने हिमाचल को कोई विशेष आपदा राहत पैकेज नहीं दिया है। वहीँ प्रदेश की आर्थिक स्थीति भी खराब है। बावजूद इसके सुक्खू सरकार ने साहस भी दिखाया और बड़ा दिल भी। बहरहाल, सीमित संसाधनों के बीच सरकार के सामने अब चुनौती बड़ी है और सुक्खू सरकार का असल इम्तिहान अभी बाकी है। बढ़ता कर्ज सबसे बड़ी चुनौती .... हिमाचल प्रदेश पर 78,430 करोड़ रुपए कर्ज है। राज्य सरकार पर डीए और एरियर के रूप में करीब 12 हजार करोड़ रुपए के करीब देनदारियां हैं। यदि इसी रफ्तार से कर्ज लिया जाता रहा तो अगले साल हिमाचल पर कर्ज का बोझ एक लाख करोड़ रुपए को पार कर जाएगा। कर्ज को लेकर सियासत भी खूब हुई है। सुक्खू सरकार विधानसभा में श्वेत पत्र लेकर इसका ठीकरा पूर्व की जयराम सरकार पर फोड़ चुकी है तो भाजपा का कहना है कि सुक्खू सरकार प्रतिमाह एक हज़ार करोड़ रुपये का कर्ज ले रही है। बहरहाल, प्रदेश की आर्थिक हालत पतली है, केंद्र ऋण लेने की सीमा कम कर चुका है, ओपीएस का बोझ भी सरकार पर अभी पड़ना है और आपदा ने भी कमर तोड़ दी है। ऐसे में सुक्खू सरकार के लिए आने वाला समय बेहद कठिन होने वाला है। राजस्व बढ़ाने के हुए प्रयास, पर इतना काफी नहीं .... इस वर्ष हिमाचल प्रदेश सरकार के राजस्व में 1100 करोड़ रुपये की वृद्धि का अनुमान है। वर्तमान राज्य सरकार ने राजस्व बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिनके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। शराब के ठेकों की नीलामी से राज्य सरकार को 500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व मिलेगा। इसके अलावा कई छोटे छोटे फैसलों से सरकार को राजस्व बढ़ोतरी हो रही है, हालंकि ये नाकाफी है। फिर भी सरकार के प्रयास जरूर दिखे है। हिमाचल सरकार ने प्रदेश की आर्थिकी को पटरी पर लाने के लिए ऊर्जा उत्पादकों पर वॉटर सेस लगाने का निर्णय लिया था। वॉटर सेस की दर 0.06 से लेकर 0.30 रुपये प्रति घन मीटर तय की गई थी। राज्य जल उपकर आयोग ने सितंबर में कई ऊर्जा उत्पादकों को वाटर सेस के बिल जारी कर दिए थे। बीबीएमबी,एनटीपीसी,एनएचपीसी समेत कई अन्य ऊर्जा उत्पादकों ने प्रदेश सरकार के इस निर्णय को हाई कोर्ट में चुनौती दे रखी है। वहीँ केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने 25 अक्टूबर को सभी राज्यों को एक पत्र लिख वॉटर सेस को अवैध व असंवैधानिक बताते हुए इसे शीघ्र बंद करने के निर्देश दिए हैं। सुक्खू सरकार की तरफ से पर्यटन को बढ़ावा देने के कुछ प्रयास भी दिखते है और इच्छाशक्ति भी। हालांकि आपदा ने सरकार को बड़ा झटका जरूर दिया है। अलबत्ता पर्यटन आधारभूत या पॉलिसी सुधार की दिशा में अब तक कोई बड़ी कामयाबी सरकार को नहीं मिली है, लेकिन उम्मीद जरूर जगी है कि जल्द सरकार एक्शन मोड में दिखेगी। एडवेंचर टूरिज्म, धार्मिक पर्यटन की दिशा में सरकार के थोड़े प्रयास दिखे है, लेकिन सरकार से अपेक्षा किसी बड़ी योजना है। माहिर भी मानते है कि पर्यटन की दिशा में कोई बड़ा कदम उठाकर ही सरकार आत्मनिर्भर हिमाचल के लक्ष्य की तरफ बढ़ सकती है। धर्म संकट...खाली खजाना और 1500 देने का अधूरा वादा हिमाचल में कांग्रेस पर गारंटियां पूरी करने का दबाव है। जिन दस गारंटियों के बुते कांग्रेस सत्ता में आई उनमे से एक मुख्य गारंटी थी महिलाओं को हर माह पंद्रह सौ रुपये देना। बढ़ते कर्ज के बीच सुक्खू सरकार कैसे इसे पूरा करती है , इस पर निगाह टिकी है। जाहिर है हिंदी पट्टी के तीन राज्यों में कांग्रेस की हार के बाद हिमाचल सरकार पर आधी आबादी से किया गया वादा पूरा करने का दबाव है, लेकिन खराब आर्थिक स्थीति इसमें रोड़ा है। भाजपा इसे जमकर भुना रही है और अब ये 1500 रुपये का वादा बड़ा मुद्दा बन चूका है। लोकसभा चुनाव दस्तक दे रहे है और ये गारंटी कांग्रेस के गले की फांस बन चुकी है। खाली खजाने के बीच सरकार धर्म संकट में है। कई अन्य गारंटियां भी अभी अधूरी है जिनमें 300 यूनिट मुफ्त बिजली और पांच लाख रोजगार प्रमुख है। कैबिनेट में असंतुलन..10 विधायक देने वाले कांगड़ा को एक मंत्री पद ! एक साल में विपक्ष द्वारा सुक्खू सरकार को घेरना इतना चर्चा में नहीं रहा जितनी चर्चा अपनों की नाराजगी की हुई। किसी ने नाराजगी खुलकर जाहिर की तो किसी ने सोशल मीडिया पर चेतावनी दी। बात पार्टी के भीतरी संतुलन की ही नहीं, बात कैबिनेट असन्तुलन की भी हुई। सीएम सहित 9 लोगों की कैबिनेट कई पैमानों पर असंतुलित है। कांगड़ा और मंडी संसदीय क्षेत्र से सिर्फ एक-एक मंत्री है। ज़िलों के हिसाब से बात करें तो सबसे बड़े जिला कांगड़ा से कांग्रेस के दस विधायक है, पर मंत्री सिर्फ एक। जबकि सात विधायक वाले शिमला से तीन मंत्री है। ये असंतुलन सिर्फ सियासी मसला नहीं है, जिस जनता ने कांग्रेस को वोट दिया वो भी अपेक्षा रखती है कि क्षेत्र में कोई मंत्री होगा तो विकास को रफ़्तार मिलेगी। इसी तरह हिमाचल कैबिनेट में अभी 9 में से 6 क्षत्रिय है, जबकि ब्राह्मण, एससी और ओबीसी सिर्फ एक-एक है। पांच साल के लिए सरकार चुनी गई है और एक साल बीत चुका है लेकिन अब तक कैबिनेट पूरी नहीं हुई है। ये ही हाल बोर्ड निगमों का है। अब सरकार का रुख जल्द विस्तार का दिख जरूर रहा है लेकिन इच्छा से ज्यादा शायद मजबूरी है। तीन राज्यों की हार ने कांग्रेस को बड़ा झटका दिया है और संभवतः अब आलाकमान भी पार्टी के भीतरी संतुलन को सुनिश्चित करे। बहरहाल मुख्यमंत्री का ताजा बयान ये है कि नए मंत्री इसी साल में मिलेंगे। कोर्ट में गया सीपीएस नियुक्ति का मामला सुक्खू सरकार ने ने छह सीपीएस नियुक्त किए थे – अर्की विधानसभा क्षेत्र से संजय अवस्थी, कुल्लू से सुंदर सिंह, दून से राम कुमार, रोहड़ू से मोहन लाल बराकटा, पालमपुर से आशीष बुटेल और बैजनाथ से किशोरी लाल। इनके अलावा मुकेश अग्निहोत्री को उप मुख्यमंत्री बनाया गया है। भाजपा नेताओं ने इनकी नियुक्ति को कोर्ट में चुनौती दे दी है।मामले की सुनवाई जारी है और कोर्ट के फैसले का इंतजार है। इस मामले में अब 20 दिसंबर को हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में अगली सुनवाई है। बीजेपी नेता सतपाल सिंह सत्ती और 11 अन्य बीजेपी विधायकों ने अदालत में याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि सीपीएस और डिप्टी सीएम का ऐसा कोई पद संविधान के तहत या संसद द्वारा पारित किसी कानून या अधिनियम के तहत मौजूद नहीं है। उन्होंने याचिका में दलील दी कि सीपीएस के पदों पर नियुक्ति राज्य के खजाने पर बोझ है। याचिका के अनुसार, 91वें संशोधन में मंत्री पदों की संख्या सदन की कुल संख्या का 15 प्रतिशत कर दी गई और इस मानदंड के अनुसार राज्य में 12 मंत्री हो सकते हैं क्योंकि विधानसभा की सदस्य संख्या 68 है।आगे आरोप लगाया गया कि 6 सीपीएस की नियुक्तियां संविधान के विपरीत हैं। उन्हें सीपीएस के रूप में नियुक्त किया गया है, जो बिना बुलाए ही वास्तविक मंत्री हैं और मंत्रियों की सभी शक्तियों और सुविधाओं का आनंद लेते हैं। बहरहाल इस मामले में, विशेषकर सीपीएस की नियुक्ति को लेकर कोर्ट का क्या फैसला आता है, इस पर सबकी निगाह टिकी है। शिमला नगर निगम चुनाव जीते ...अब सोलन ने दिया झटका सुक्खू सरकार के एक साल के कार्यकाल में शिमला नगर निगम का चुनाव हुआ जहाँ कांग्रेस को शानदार जीत मिली। इसके बाद हालहीं में चार नगर निगमों में नए मेयर और डिप्टी मेयर चुनने की बारी थी। किस्मत की बदौलत कांग्रेस धर्मशाला नगर निगम में कब्ज़ा करने में कामयाब रही लेकिन सोलन में बहुमत होते हुए भी पार्टी की फजीहत हुई। कांग्रेस के दोनों अधिकृत उम्मीदवार हार गए। यहाँ मेयर पद कांग्रेस की बागी ने कब्जाया तो भाजपा को डिप्टी मेयर का पद मिल गया। वो फैसला जिसपर हुई विपक्ष ने जमकर घेरा सुक्खू सरकार ने आते ही सैकड़ों संस्थानों को डी नोटिफाई कर दिया। संस्थानों की डेनोटिफिकेशन पर भाजपा सरकार को जमकर घेरती रही है। भाजपा का आरोप है कि इस सरकार ने 10 महीने के कार्यकाल में ही हिमाचल के 1000 से अधिक चले हुए संस्थान बंद किए बंद कर दिए थे। कई शिक्षण स्थान भी बंद हुए और निसंदेह इससे कई छात्रों को कई दिक्क्तों कि खबरें भी सामने आई।
हिमाचल में क्रिप्टो करेंसी फ्रॉड में अब तक 19 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। आरोपी अंतरिम जमानत के लिए हाईकोर्ट के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उनकी जमानत रद्द हो रही है। वहीं, एसआईटी ने अब कई अधिकारियों, कर्मचारियों और कारोबारियों के खिलाफ भी जांच शुरू कर दी है। एसआईटी ने इस मामले से जुड़े ढाई लाख आईडी का रिकॉर्ड अपने कब्जे में लिया है। दस अधिकारी और कर्मचारी ऐसे हैं, जिनकी संपत्ति दो करोड़ रुपये से ज्यादा है। एसआईटी ने राजस्व विभाग और बैंकों से इनकी डिटेल मांगी गई है। आरोप तय होने पर इनकी संपत्तियां भी जब्त की जा सकती हैं। बता दें कि 2,500 करोड़ रुपये के इस घोटाले के मुख्य आरोपी सुभाष, हेमराज, अभिषेक और सुखदेव की संपत्तियां जब्त कर ली गई हैं।
-सभी जिला मुख्यालयों में पायलट आधार पर ट्रैफिक वालंटियर योजना शुरू प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में अब ट्रैफिक पुलिस के साथ ट्रैफिक वालंटियर भी ट्रैफिक कंट्रोल करते दिखाई देंगे। इसी कड़ी में प्रदेश पुलिस मुख्यालय ने वीरवार को प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में पायलट आधार पर ट्रैफिक वालंटियर योजना का शुभारंभ किया। राज्य में यातायात के बेहतर प्रबंधन, सड़क सुरक्षा और जन जागरूकता के लिए इस योजना को शुरू किया गया है। यदि जिला मुख्यालयों में ट्रैफिक वलंटियर योजना सफलतापूर्वक संचालित होती है तो इसे राज्य के अन्य जिलों में भी लागू किया जाएगा। स्कीम के तहत राज्य में 18 वर्ष से अधिक आयु के स्वैच्छिक लोगों का एक समूह होगा, जो सेवा की भावना से यातायात प्रबंधन और जागरूकता में भाग लेगा और विभिन्न यातायात कार्यों को नि:शुल्क करने में योगदान देगा। स्वयंसेवकों का अनुरोध प्राप्त होने के बाद जिला एएसपी, डीएसपी मुख्यालय व एसडीपीओ उन्हें बातचीत के लिए बुलाएंगे और सत्यापन करेंगे। इसके बाद जिला एसपी की मंजूरी के बाद ट्रैफिक वालंटियर की सूची को अंतिम रूप दिया जाएगा। ट्रैफिक जन जागरूकता के लिए योजना में लड़कियों व महिलाओं की भागीदारी भी सुनिश्चित की जाएगी। जिला एसएसपी द्वारा रिफ्लैक्टिव सुरक्षा जैकेट, टोपी और आईडी कार्ड उपलब्ध करवाए जाएंगे। इस पर प्रमुखता से ट्रैफिक वालंटियर लिखा होगा, ताकि आम जनता को उनकी पहचान ट्रैफिक पुलिस से अलग दिखे।
-उद्यान विभाग के सहयोग से 30 कनाल भूमि पर लगाए अमरूद के बागीचे -फल बेचकर आमदनी भी कमा रहे बागवान, उद्यान विभाग का जता रहे आभार सुमित राठौर। हमीरपुर जिले के सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र में बीड बगेहडा गांव में बंजर पड़ी 30 कनाल भूमि पर अमरूद के हजारों फलदार पौधे लहलहराने लगे और कुछ समय के बाद पेड़ों पर फल भी आने लगे, जिसे देखकर बागवानों के चेहरे खिल गए हैं। गांव के 6 प्रगतिशील बागवानों ने अपनी बंजर भूमि पर उद्यान विभाग के सहयोग से अमरूद के पौधे लगाए हैं। बागवान सोनू शर्मा ने बताया कि उद्यान विभाग के सहयोग से उन्होंने अपनी बंजर भूिम पर अमरूद का बागीचा लगाया, अब फल बेचने से उन्हें आमदनी भी हो रही है। वहीं, बागवान संतोष कुमार शर्मा ने बताया कि उद्यान विभाग ने उन्हें खाली पड़ी भूमि पर अमरूद के पौधे लगाने के लिए प्रेरित किया और उन्होंने बागीचा लगाया, जिसके अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं। उधर, सुजानपुर उद्यान विभाग विकास अधिकारी डॉ. जीना वन्याल पाटिल ने बताया कि यह प्रोजेक्ट एमआईडीएच के तहत लगाया गया है। यहां एक हेक्टेयर भूमि में अमरूद की दो किस्में लगाई हैं। गांव के छह किसानों द्वारा यहां बागवानी कर आजीविका कमाई जा रही है। वहीं, उद्यान प्रसार अधिकारी अंकिता ने बताया कि किसानों को बागवानी करने के लिए सेमीनार के माध्यम से प्रेरित किया जा रहा है। पहले फसलों की बीजाई होती थी, जिससे फायदा नहीं होता था। उन्होंने बताया कि अमरूद के बागीचे लगाने के लिए किसानों को जागरूक करने के बाद अब इसके सार्थक परिणाम सामने आए हंै। उधर, उद्यान विभाग के जिला उप निदेशक राजेश्वर परमार ने बताया कि बीड बगेहडा गांव में अमरूद के पौधे लगाए गए हैं और अब उनमें दूसरे साल ही फल भी लगना शुरू हुआ है, जिससे आने वाले समय में किसानों की आर्थिकी में इजाफा होगा। उन्होंने बताया कि एचपी शिवा व एमआईडीएच के तहत बागवानों के द्वारा बढ़िया काम किया जा रहा है और इसके लिए उद्यान विभाग के द्वारा भी पूरा सहयोग किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि आने वाले दिनों में बढ़िया फल का उत्पादन होने पर बागवानों को मुनाफा होगा।
-सरकार ने सुलभ और किफायती स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्धता जताई प्रदेश सरकार सुलभ और किफायती स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। स्वास्थ्य क्षेत्र में हो रहे नित नए प्रयोग, तकनीक और अनुसंधानों का उपयोग कर लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाई जा रही है। राज्य में इस क्षेत्र में आवश्यक अधोसंरचना का सुदृढ़ीकरण किया जा रहा है। प्रदेश में स्वास्थ्य सेवा अधोसंरचना को मजबूत करने के लिए, सरकार प्रदेशभर में 40 शहरी स्वास्थ्य और वेलनेस सेंटर स्थापित करने पर विचार कर रही है। यह केंद्र राज्य के लोगों को घर-द्वार के समीप आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने में नई आशा की किरण साबित होंगे। प्रत्येक शहरी स्वास्थ्य और वेलनेस सेंटर में एक समर्पित स्वास्थ्य टीम होगी, जिसमें एक चिकित्सा अधिकारी, फार्मासिस्ट, सहायक नर्स मिडवाइफ (एएनएम) और एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी शामिल होंगे। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू का कहना है कि शहरी क्षेत्रों में प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली का विस्तार और सुदृढ़ीकरण आवश्यक है। सार्वभौमिक व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल के महत्व पर बल देते हुए, मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल, मरीजों की संख्या और मृत्यु दर कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इससे दूसरे और तीसरे स्तर के ईलाज की आवश्यकता कम होती है, जिससे उपचार पर होने वाला खर्च भी कम होता है। वर्तमान में, एक शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र 50,000 व्यक्तियों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करता है। इस दूरदर्शी और महत्त्वाकांक्षी योजना का लक्ष्य प्रत्येक शहरी स्वास्थ्य वेलनेस केन्द्र द्वारा लगभग 20,000 लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित करना है ताकि शहरी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाई जा सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह रणनीतिक पहल अत्याधुनिक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।इन शहरी स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों की स्थापना एक मजबूत और समावेशी स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। यह नवीन प्रयास शहरी क्षेत्र में रहने वाले लोगों और आजीविका के लिए अन्य राज्यों से आए लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में सहायक सिद्ध होगा। यह पहल हालिया कोविड-19 महामारी के दौरान देखी गई फ्रंटलाइन स्वास्थ्य कार्यबल की कमी का भी समाधान प्रदान करेगी। सुक्खू ने कहा कि यह महत्वाकांक्षी योजना सर्वजन तक बेहतर स्वास्थ्य देखभाल उपलब्ध करवाने में मील पत्थर साबित होगी, जिसके माध्यम से शहरों में स्वास्थ्य क्षेत्र में आने वाली चुनौतियों का समाधान सुनिश्चित हो सकेगा।
हमीरपुर लोकसभा के सांसद व केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने लोगों के घरद्वार पर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए सांसद मोबाइल का ग्राम पंचायत गोरालधार में पहुंचने पर भाजपा के वूथ अध्यक्ष रविन्द्र ठाकुर, ग्राम पंचायत गोरालधार की प्रधान नरेश कुमारी व स्थानीय जनता ने गर्म जोशी से टीम का स्वागत किया। इस टीम के संयोजक देसराज बडियालीया ने बताया कि पूरे जसवां विधानसभा में सांसद मोबाइल स्वास्थ्य टीम द्वारा लोगों का स्वास्थ्य टेस्ट किया जा रहा है और गोरालधार में कुल 74 मरीजों का स्वास्थ्य जांचा। इसमें 35 मरीजों के लैब टैस्ट किए। इस टीम का संचालन एमओ डॉ विजय जरियाल कर रहे हैं। उन के साथ उनके सहयोगी लैब टैक्नीशियन अनुराधा फार्मासिस्ट सरबजीत सराहनीय भूमिका निभा रहे हैं।
-1226 पदों को भरने के लिए कैबिनेट ने दी संशोधित मंजूरी -मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना में जोड़े जाएंगे कुछ और प्रावधान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आज यहां आयोजित राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में पुलिस विभाग में कांस्टेबल के पद पर 30 प्रतिशत महिला आरक्षण प्रदान करने का निर्णय लिया गया और कांस्टेबल के 1226 पदों को भरने के लिए संशोधित मंजूरी दी गई। कैबिनेट ने अनाथों और समाज के वंचित वर्गों को लाभान्वित करने के लिए मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना में कुछ और प्रावधान जोड़ने को भी मंजूरी दी। नए प्रावधानों के तहत राज्य का प्रत्येक अनाथ 27 वर्ष की आयु तक 4,000 रुपये प्रतिमाह जेब खर्च प्राप्त करने का पात्र होगा। इसके अलावा योजना शुरू होने के बाद बाल देखभाल संस्थान छोड़ने वाले ऐसे अनाथ बच्चों को 2 लाख रुपये विवाह अनुदान देने का भी निर्णय लिया, जिन्होंने योजना के शुरू होने बाद विवाह किया। यह राशि एक बार ही देय होगी। सीमावर्ती क्षेत्रों के गांवों में विद्युत अधोसंरचना होगी सुदृढ़ बैठक में पूह से काजा तक के सीमावर्ती क्षेत्रों में भरोसेमंद एवं गुणवत्तापूर्ण विद्युत उपलब्ध करवाने के दृष्टिगत 486.47 करोड़ रुपये की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट को स्वीकृति प्रदान की गई। राज्य के लाहौल-स्पीति जिला के स्पीति ब्लॉक और किन्नौर जिला के सीमावर्ती क्षेत्रों के 32 गांवों में विद्युत अधोसंरचना विकसित व सुदृढ़ करने के लिए 6.49 करोड़ रुपये की विस्तृत योजना रिपोर्ट को भी स्वीकृति प्रदान की गई। इन पदों को भरने के लिए मिली मंजूरी बैठक में कृषि विभाग में कृषि विकास अधिकारियों के 40 पद, गृह रक्षक और नागरिक सुरक्षा विभाग में हवलदार प्रशिक्षकों के 10 पद भरने को भी स्वीकृति प्रदान की गई। इसके अलावा शिमला के चमियाना में अटल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सुपर स्पेशलिटीज के नेफ्रोलॉजी विभाग में सहायक प्रोफेसर के दो पद, आईजीएमसी शिमला में ओर्थोपेडिक्स विभाग में सहायक प्रोफेसर का एक पद और जिला मंडी के नेरचौक स्थित श्री लाल बहादुर शास्त्री राजकीय आयुर्विज्ञान महाविद्यालय एवं अस्पताल के ईएनटी विभाग में सहायक प्रोफेसर का एक पद भरने का भी निर्णय लिया गया। 40 नए शहरी स्वास्थ्य और वेलनेस सेंटर खुलेंगे मंत्रिमंडल ने प्रदेश के लोगों की सुविधा के लिए शहरी क्षेत्रों में प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली को सुदृढ़ करने के लिए प्रदेश में 40 नए शहरी स्वास्थ्य और वेलनेस सेंटर खोलने को स्वीकृति प्रदान की। कांगड़ा जिले के देहरा के बनखंडी में वन्य प्राणी उद्यान की चाहरदीवारी, जल संचयन निर्माण और सेवा पथों के निर्माण और हिमाचल प्रदेश चिड़ियाघर संरक्षण प्रजनन सोसायटी के माध्यम से परियोजना लागू करने को स्वीकृति प्रदान की। औद्योगिक निवेश नीति में भी होगा संशोधन मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश औद्योगिक निवेश नीति-2019 में संशोधन करने और इसके संबंधित नियमों में संशोधन करने की स्वीकृति प्रदान की। इससे उदार प्रोत्साहन को बढ़ावा मिलेगा। अब बिजली परियोजनाएं 40 साल की लीज पर ही दी जाएगी( लोगों को सुविधा प्रदान करने के दृष्टिगत हमीरपुर में हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड निगम लिमिटेड का जोन सृजित करने तथा हमीरपुर में मुख्य अभियंता (ऑपरेशन) का कार्यालय स्थापित करने को भी स्वीकृति प्रदान की। कैबिनेट ने ग्रांट इन एड के उपयोगिता प्रमाणपत्र सरकार को भेजने के लिए एक समय सीमा निर्धारित करने को भी स्वीकृति प्रदान की।
-कहा, जागरूकता से एड्स के प्रति समाज के दृष्टिकोण में आया बदलाव मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां 'लेट कम्यूनिटीज लीड' विषय पर आयोजित राज्य स्तरीय विश्व एड्स दिवस समारोह की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार आने वाले बजट में एड्स पीड़ित बच्चों की सहायता के लिए एक योजना लेकर आएगी, जिसमें ऐसे बच्चों को शिक्षा के अवसर प्रदान करने और उन्हें मुख्य धारा में शामिल करने के प्रावधान होंगे। उन्होंने कहा कि पहले समाज में एड्स ग्रसित व्यक्ति को घृणा की दृष्टि से देखा जाता था, लेकिन लगातार जागरूकता कार्यक्रमों के कारण आज एड्स के प्रति समाज के दृष्टिकोण में बदलाव आया है। उन्होंने आह्वान किया कि बीमार अपनी बीमारी न छुपाएं, बल्कि समाज के सामने स्वीकार करें। उन्होंने कहा कि एड्स पीड़ित व्यक्तियों की सहायता के लिए वर्तमान राज्य सरकार हर संभव सहायता प्रदान कर रही है। उन्होंने कहा कि आगामी बजट में सरकार विधवाओं और मूक बधिर बच्चों के लिए भी एक योजना लाने जा रही है। दिव्यांग बच्चों की पढ़ाई के लिए एक अच्छा स्कूल और कॉलेज खोलने पर भी सरकार विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार उस वर्ग की आवाज बन रही है, जो सहज अपनी आवाज सरकार तक पहुंचा नहीं सकते। मुख्यमंत्री ने कहा कि निराश्रित बच्चों के कल्याण के लिए मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना चलाई गई है, जिसके तहत बच्चों के रहने और उनके भरण-पोषण का दायित्व राज्य सरकार का होगा। उन्होंने कहा कि अब 27 वर्ष की आयु तक अनाथ बच्चों को रहने और उनके पालन पोषण के लिए सरकार की ओर से व्यवस्था की गई है तथा इसके लिए राज्य सरकार ने कानून भी बना दिया है। उन्होंने युवाओं से जीवन में सफलता के लिए चुनौतियों का दृढ़ता के साथ सामना करने का आह्वान भी किया। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा ''मैं आपके सामने सबसे बड़ा उदाहरण हूं। सब कहते थे कि सरकारी नौकरी करो, लेकिन कड़ी मेहनत से मुख्यमंत्री के पद पर पहुंचा।ÓÓ मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में बड़े सुधार लाने जा रही है। अगले शैक्षणिक सत्र से सरकारी स्कूलों में पहली कक्षा से अंग्रेजी की कक्षाएं शुरु करेंगे। स्कूलों में शिक्षक उपलब्ध करवाए जाएंगे व खेल की सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी। इसके साथ-साथ राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल भी खोले जा रहे हैं। सरकारी शिक्षण संस्थानों में गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने के लिए राज्य सरकार वचनबद्धता के साथ कार्य कर रही है। राज्य सरकार गेस्ट फेकल्टी लेक्चरर लगाने पर विचार कर रही है। इसके साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सहित नए समय से कोर्स शुरू किए गए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी बड़े बदलाव करने जा रही है, ताकि प्रदेश के लोगों को राज्य में ही बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्राप्त हो सकें। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सीमित संसाधनों और कर्ज का भारी बोझ होने के बावजूद राज्य सरकार चार साल में हिमाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाएगी और दस वर्षों में हिमाचल प्रदेश देश का सबसे समृद्ध राज्य होगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इसके लिए कड़े फैसले कर रही है, जिनके सकारात्मक परिणाम आने वाले समय में दिखेंगे।इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने इस बीमारी को फैलने से रोकने में, बहुमूल्य योगदान देने पर विभिन्न संगठनों को पुरस्कार प्रदान किए। स्टैंड अलोन इंटीग्रेटेड काउंसलिंग एंड टेस्टिंग सेंटर ऊना, डॉ. राधा कृष्णन राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय हमीरपुर (एसटीआई क्लीनिक), एआरटी आईजीएमसी शिमला (एआरटी सेंटर) और एनजीओ सनराइज-टार्गेटेड इंटरवेंशन प्रोजेक्ट (टीआईपी) ऊना को सर्वश्रेष्ठ सेवा केंद्र के रूप में सम्मानित किया गया। सुखविंदर सिंह ने जिला बिलासपुर के राजकीय आईटीआई बरठीं, जिला चंबा के राजकीय महाविद्यालय चौरी, जिला हमीरपुर के सिद्धार्थ राजकीय उत्कृष्ट महाविद्यालय नादौन, जिला कांगड़ा के शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा राजकीय महाविद्यालय पालमपुर, जिला किन्नौर के टीएस नेगी राजकीय महाविद्यालय रिकांगपिओ, जिला कुल्लू के रामेश्वरी शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान शाढ़ाबाई, जिला लाहौल-स्पीति के राजकीय महाविद्यालय कुकुमसैरी उदयपुर, जिला मंडी के वल्लभ राजकीय महाविद्यालय, जिला शिमला के राजकीय महाविद्यालय धामी, जिला सिरमौर के इंस्टीट्यूूट ऑफ डेंटल साईसिंस पांवटा साहिब, जिला सोलन के राजकीय महाविद्यालय अर्की और जिला ऊना के राजकीय महाविद्यालय अंब को सर्वश्रेष्ठ रेड रिबन क्लब के रूप में पुरस्कृत किया। उन्होंने राज्य स्तरीय समारोह को सफल बनाने के लिए आरकेएमवी कॉलेज शिमला, आरजीजीडीसी कोटशेरा शिमला, सेंटर ऑफ एक्सीलेंस राजकीय महाविद्यालय संजौली, जेएलएन फाइन आर्ट्स कॉलेज, चौड़ा मैदान, सेंट बीड्स कॉलेज शिमला, राजकीय संस्कृत महाविद्यालय शिमला, राजकीय नर्सिंग महाविद्यालय शिमला, एचपी कॉलेज ऑफ एजुकेशन टुटू शिमला, शिवालिक नर्सिंग महाविद्यालय भट्टाकुफर शिमला, आईटीआई शिमला, मॉडर्न नर्सिंग महाविद्यालय, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय टुटू, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय संजौली और राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय अनाडेल के प्राचार्यों के प्रयासों की भी सराहना की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जागरूकता रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने विश्व एड्स दिवस के अवसर पर लगाई प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। इस अवसर पर एड्स पीड़ित एक महिला ने अपने जीवन के अनुभव साझा किए। मुख्यमंत्री ने इस महिला को एक लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान करने की घोषणा की।
केंद्रीय खेल व सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर इन दिनों हिमाचल के दौरे पर हैं और हिमाचल सरकार पर ताबड़-तोड़ हमले बोल रहे हंै। अनुराग सरकार को अधूरी गारंटियों पर भी घेर रहे हैं और कार्यप्रणाली पर भी। अनुराग ने कहा कि कांग्रेस की गारंटियां उसकी तरह ही फर्जी हैं। ये गारंटियां उतनी ही फेल हो चुकी हैं, जितनी उनकी सरकारें। हिमाचल में सरकार बने एक वर्ष होने को हैं। ऐसे में महिलाओं के खाते में 18,000 रुपये आने चाहिए थे पर 18 पैसे नहीं आए। आप सड़क पर किन्हीं 15 महिलाओं से पूछकर देख लें कि क्या उनके खाते में 1500 रुपये आ रहे हैं? यह बात अनुराग ने ऊना में विकसित भारत संकल्प यात्रा का शुभारंभ करते हुए कही। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि दो किलो गोबर और 100 लीटर दूध खरीदने का झांसा दिया था। अब 40 रुपये लीटर भी दूध नहीं खरीद रहे हैं। कांग्रेस ने 300 यूनिट निशुल्क बिजली का वादा किया था, मगर अब लोगों के बिल ज्यादा आ रहे हैं। कांग्रेस ने 600 करोड़ रुपये के स्टार्टअप फंड की बात की थी मगर छह करोड़ रुपये भी नहीं दिए हैं। कांग्रेस सिर्फ चुनाव से पहले बड़ी-बड़ी गारंटी देती है और सरकार बनने के बाद कई तरह से धन उगाही करती है।
सीबीएसई बोर्ड ने दसवीं और बारहवीं परीक्षा की डेटशीट रिलीज करने से पहले एक अहम नोटिस जारी किया है। बोर्ड ने आगामी 10वीं और 12वीं परीक्षाओं 2024 के संबंध में जारी एक अहम सूचना में कहा है कि बोर्ड दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षाओं में कोई ओवरऑल डिवीजन या डिस्टिंक्शन नहीं देगा। जारी नोटिस में कहा है कि बोर्ड परीक्षाओं में स्टूडेंट्स के मार्क्स कैलकुलेट करने के लिए क्या क्राइटेरिया रहेगा, इस संबंध में सीबीएसई को कई अनुरोध प्राप्त हो रहे थे। परीक्षा उपनियमों के अध्याय-7 के सब सेक्शन 40.1 (3) के अनुसार, कोई समग्र डिवीजन/डिस्टिंक्शन या एग्रीगेट नहीं दिया जाएगा। विदित रहे कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, सीबीएसई जल्द ही कक्षा 10वीं, 12वीं बोर्ड परीक्षा 2024 की डेट शीटजारी करेगा। संभावना है कि बोर्ड इसी महीने के आखिर में या फिर दिसंबर माह के सेकंड वीक तक टाइमटेबल जारी कर दे। सीबीएसई बोर्ड की इस बार भी फरवरी में आयोजित होनी है। बोर्ड की ओर से पहले जारी सूचना के अनुसार 15 फरवरी 2024 से परीक्षाएं शुरू होंगी। वहीं यह एग्जाम अप्रैल तक आयोजित किए जाएंगे। डेटशीट आधिकारिक वेबसाइट पर रिलीज की जाएगी। स्टूडेंट्स पोर्टल पर जाकर इसे पीडीएफ मोड में डाउनलोड कर पाएंगे।
-इच्छुक अभ्यर्थी 30 दिसंबर तक कर सकते हैं आवेदन हिमाचल प्रदेश में वन मित्र भर्ती प्रक्रिया आज से शुरू हो गई। इच्छुक अभ्यर्थियों को 30 दिसंबर तक आवेदन करना होगा। सरकार वन विभाग में 2,061 वन मित्र भर्ती कर रही है। भर्ती के लिए वन विभाग की वेबसाइट या संबंधित वन परिक्षेत्राधिकारी (रेंज ऑफिसर) कार्यालय से आवेदन पत्र प्राप्त कर सकते हैं। वन मित्र के लिए आयु सीमा 18 से 25 वर्ष है। वन मित्रों के लिए 100 अंकों का टेस्ट होगा। जो टॉप पर होगा, उसे वन मित्र लगाया जाएगा। अभ्यर्थियों की न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता 12वीं पास रखी है। वन मित्रों को 10 हजार रुपये प्रति माह मानदेय और सरकारी छुट्टियों के अलावा साल में 12 अतिरिक्त छुट्टियां मिलेंगी। ग्राउंड टेस्ट पास करने के बाद ही वन मित्र बन सकेंगे। वन मित्रों को वनों की आग से सुरक्षा, पौधरोपण समेत अन्य काम करने होंगे। जिस बीट में वन मित्र रखे जाएंगे, वहां से उनका तबादला नहीं होगा।
-विद्यार्थियों-शिक्षकों को समय पर सामग्री और जानकारी उपलब्ध करवाएगा केंद्र राज्य सरकार की अभिनव पहल विद्या समीक्षा केंद्र (वीएसके) सरकारी स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने में निर्णायक कदम है। यह केंद्र एआई तकनीक को एकीकृत करके डेटा विश्लेषण के माध्यम से विद्यार्थियों, शिक्षकों और प्रशासकों को समय पर सामग्री और जानकारी उपलब्ध करवाएगा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि स्विफ्टचैट एआई हिमाचल प्रदेश के सभी स्कूलों में प्रौद्योगिकी और डाटा संचालित संस्थागत प्रणाली में सक्षम करेगा। यह केंद्र इन टूलकिट के डाटा को राज्य, जिला और ब्लॉक स्तर के लिए डैशबोर्ड और रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा। इससे छात्र की प्रगति, शिक्षक प्रशिक्षण और स्कूल के समग्र प्रदर्शन संबंधी डाटा उपलब्ध होगा। वास्तविक समय में प्रतिक्रिया और सुधार के आधार पर शिक्षक, शिक्षण संबंधी रणनीतियों में सकारात्मक बदलाव किया जाएगा ताकि प्रत्येक विद्यार्थी को सीखने के अवसर प्रदान किए जा सके। वीएसके विद्यार्थियों को डिजिटल शिक्षण की ज्ञानता प्रदान करता है, जिससे उनकी वैश्विक सामग्री और जानकारी तक सार्वभौमिक पहुुंच सुनिश्चित होती है। इसका मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को डिजिटल होम लर्निंग तथा अनुभव प्रदान कर शैक्षिक असमानताओं को समाप्त करना है। चैटबॉट पर साप्ताहिक अभ्यास विद्यार्थियों को उनके प्रदर्शन के आधार पर उत्तर तथा जानकारीपूर्ण वीडियो के साथ पाठयक्रम के अनुरूप उन्हें विषयों को सुदृढ़ करने में मदद करता है। विद्यार्थी विभिन्न भाषाओं में गणित का अभ्यास कर सकते हैं और वीडियो देख कर अपने संदेह दूर कर सकते हैं। चैटबॉट विद्यार्थियों की आवाज का उपयोग कर विभिन्न भाषाओं का उपयोग कर, क्विज के माध्यम से सामान्य ज्ञान और ज्ञानवर्द्धन कर उनकी शिक्षा में गुणात्मक सुधार में सहयोग करता है। चैटबॉट विद्यार्थियों के साथ-साथ शिक्षकों को ऑन डिमॉंड (आवश्यकतानुसार) कार्य योजना, पाठ तैयार करना, वर्कशीट और वीडियो बनाने में भी सहायता प्रदान करता हैै। इससे शिक्षक समयबद्ध शिक्षण सामग्री तैयार कर सकते हैं और विद्यार्थियों के रिपोर्ट कार्ड का त्वरित अध्ययन करने के साथ-साथ उनकी उपस्थिति दर्ज कर सकते हैं। चैटबॉट शिक्षण विधियों को विद्यार्थी अनुकूल बनाने में सहायता करता है। इसके माध्यम से अभिवावक शिक्षा संबंधी प्रश्नों का समाधान कर सकते हैं। इसके माध्यम से प्रशासक राज्य स्तर पर शैक्षणिक प्रदर्शन का मूल्यांकन कर सीखने के परिणामों के आधार पर रणनीति, योजना और प्रशिक्षण पहल का मूल्यांकन कर सकते हैं, जिसके माध्यम से राज्य स्तर पर प्रशासक विद्यार्थी, अध्यापक और विद्यालय संबंधी जानकारी अपडेट कर सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह केंद्र एआई चैटबॉट के माध्यम से विद्यार्थियों के एक डिजिटल साथी के रूप में, शिक्षक को शिक्षण में सहायक और प्रशासक को महत्वपूर्ण डाटा उपलब्ध करवाएगा। चैटबॉट का डेटा शिक्षकों को विद्यार्थी आधारित रणनीतियों को समायोजित करने में सशक्त बनाता है, जिससे विद्यार्थियों के प्रदर्शन में और सुधार होगा।
-स्पेशल महिला कमांडो भी भर्ती किए जाएंगे हिमाचल में भविष्य में होने वाली पुलिस भर्ती में महिलाओं को 30 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा। यह घोषणा मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने रविवार को हमीरपुर में अपने एक दिवसीय दौरे के दौरान गांधी चौक पर आयोजित जनसभा में की। उन्होंने कहा कि इस भर्ती में स्पेशल महिला कमांडो की भर्ती भी की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में नशे के बढ़ते चलन को देखते हुए एंटी नारकोटिक्स पुलिस फोर्स की भर्ती की जाएगी, जिसमें 1200 से अधिक पुलिस जवान भर्र्ती होंगे। इसी भर्ती में महिलाओं को 30 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा। इसी भर्ती के दौरान प्रदेश में पहली बार महिला कमांडो फोर्स गठित की जाएगी। सीएम सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार अपने संसाधनों में वृद्धि करने के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। इस वर्ष हिमाचल प्रदेश सरकार के राजस्व में 1100 करोड़ रुपये की वृद्धि का अनुमान है। शराब ठेकों की नीलामी से सरकार को 500 करोड़ का अतिरिक्त राजस्व शराब के ठेकों की नीलामी से राज्य सरकार को 500 करोड़ रुपए का अतिरिक्त राजस्व मिलेगा। उन्होंने कहा कि हमीरपुर में जल्द ही राज्य चयन आयोग शुरू किया जाएगा। राज्य सरकार 6000 अध्यापकों, 2000 से अधिक वन मित्रों के पद भरने जा रही है। राज्य सरकार ने प्रदेश भर में 30 व 31 अक्तूबर को इंतकाल अदालतों का आयोजन किया, जिसके परिणाम बेहतर रहे तथा इंतकाल के लंबित 41,907 मामलों में से 31,105 का निपटारा कर दिया गया। आगामी पहली व दो दिसंबर को पुन: प्रदेश भर में इस प्रकार की विशेष अदालतों का आयोजन किया जाएगा, जिन्हें राजस्व लोक अदालत का नाम दिया गया है। इस विशेष अदालत में इंतकाल के साथ-साथ तकसीम के लंबित मामलों का प्राथमिकता के आधार पर निपटारा किया जाएगा।
**पूरा घर क्षतिग्रस्त होने पर पहली किस्त के रूप में 3-3 लाख रुपये की किस्त जारी **शहर में बिजली तारों को भूमिगत करने के लिए 20 करोड़ रुपये देने की घोषणा की मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस वर्ष बरसात के दौरान भारी बारिश, भू-स्खलन तथा बाढ़ से आई आपदा से प्रभावित परिवारों के लिए ‘पुनर्वास’ कार्यक्रम के तहत आज हमीरपुर जिला में आपदा प्रभावित परिवारों को 14 करोड़ रुपए से अधिक की राहत राशि प्रदान की, जिनमें 122 परिवारों के मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त होने पर पहली किस्त के रूप में 3-3 लाख रुपए जारी किए। ऐसे परिवारों को कुल पहली किस्त के रूप में 3.66 करोड़ रुपए जारी किए गए। मुख्यमंत्री ने जिला के दो बेघर परिवारों को भूमि के दस्तावेज सौंपे तथा आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए 555 मकानों की मरम्मत के लिए 1-1 लाख रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की। उन्हें कुल 5.55 करोड़ की राशि जारी की गई। इसके अलावा उन्होंने प्रभावित 8 दुकानों और ढाबों मालिकों को भी एक-एक लाख रुपए की मुआवजा राशि प्रदान की। उन्होंने क्षतिग्रस्त 622 गौशालाओं की मरम्मत के लिए 3.11 करोड़ रुपए, आपदा में अपना सामान गंवा चुके 71 परिवारों को 50-50 हजार रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की। इसके अलावा आपदा के कारण जिला हमीरपुर में क्षतिग्रस्त हुई 1103 कनाल भूमि की एवज में 10 हजार रुपए प्रति बीघा की दर से कुल 55 लाख रुपए तथा 1760 कनाल भूमि पर किसानों की फसल को हुए नुकसान पर 4 हजार रुपए प्रति बीघा की दर से 35.20 लाख रुपए की मुआवजा राशि प्रदान की। मुख्यमंत्री ने 27 पशुओं की मृत्यु पर पशुपालकों को 8 लाख रुपए की राशि जारी की। **हमीरपुर में खुलेगा बिजली बोर्ड का चीफ इंजीनियर कार्यालय मुख्यमंत्री ने हमीरपुर में विद्युत बोर्ड का चीफ इंजीनियर कार्यालय खोलने तथा हमीरपुर शहर की बिजली की तारों को भूमिगत करने के लिए 20 करोड़ रुपये प्रदान करने की घोषणा करते हुए कहा कि एक वर्ष में शहर की बिजली की तारों को भूमिगत किया जाएगा। उन्होंने वर्षों से लम्बित बस स्टैंड के निर्माण के लिए पहली किस्त के रूप में 2 करोड़ रुपये प्रदान करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि नेरी में तीन करोड़ रुपये की लागत से बागवानी विश्वविद्यालय के छात्रावास का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आमजन और गरीब की सरकार है तथा उनके दुःख-दर्द को बेहतर ढंग से जानती है। आपदा के दौरान राज्य सरकार ने 48 घंटे में बिजली, पानी जैसी आवश्यक सेवाएं बहाल की तथा फंसे हुए 75 हजार पर्यटकों और 15 हजार गाड़ियों को सुरक्षित निकाला। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में इतिहास में पहले कभी भी इतने व्यापक पैमाने पर क्षति नहीं हुई, लेकिन भाजपा नेता विधानसभा सत्र की मांग करते रहे। जब सत्र बुलाया तो तीन दिन की चर्चा के बाद भी आपदा प्रभावितों के समर्थन में लाए गए प्रस्ताव का साथ नहीं दिया। उन्होंने कहा कि विशेष पैकेज के लिए वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से भी मिले, लेकिन आज तक केंद्र सरकार ने एक पैसे की मदद नहीं की। यही नहीं नियमानुसार 10 हजार करोड़ रुपए के क्लेम केंद्र को भेजे गए हैं।
अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस जिला हमीरपुर के प्रवक्ता एवं हिमाचल प्रदेश स्टेट बार काउंसिल सदस्य रोहित शर्मा एडवोकेट ने कहा कि गांधी चौक पर आयोजित कार्यक्रम में सुख सरकार द्वारा जारी 3500करोड़ रुपए के राहत पैकेज का लाभ लेने के लिए सभी पात्र लाभार्थी पहुंचे। आम आदमी के प्रति अत्यधिक संवेदनशील हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू स्वस्थ होने के बाद पहली बार अपने गृह जिला हमीरपुर में गांधी चौक पर आयोजित कार्यक्रम में आपदा प्रभावित एवं सुखाश्रय योजना के अंतर्गत आने वाले परिवारों को 3500 करोड़ की विशेष राहत पैकैज से राशि प्रदान कर इस योजना को अमलीजामा पहनाएंगे। आमजन में मुख्यमंत्री से मिलने के लिए बहुत ज्यादा जोश है। मुख्यमंत्री का गांधी चौक पर भव्य स्वागत होगा।
हिमाचल प्रदेश में मौसम विभाग के अनुसार आगामी 72 घंटे में मौसम खराब होने का पूर्वानुमान जताया गया है। इस दौरान ऊपरी इलाकों में बर्फबारी हो सकती है जबकि निचले क्षेत्रों में बारिश होने की संभावना है। बर्फबारी का असर तापमान पर भी पड़ेगा। 26 नवंबर की शाम से प्रदेश में तेजी से तापमान में गिरावट आने की संभावना जताई गई है। बर्फबारी का यह असर किन्नौर, चंबा और कुल्लू जिलों में देखने को मिलेगा। जबकि मैदानी इलाकों में बादल छाये रहने की संभावना है। मौसम विभाग ने इस दौरान कम विजिविल्टी होने की भी बात कही है। मौसम विभाग के अनुसार रविवार से मौसम करवट बदलेगा और सोमवार को यैलो अलर्ट रहेगा। प्रदेश में 30 नवम्बर तक मौसम खराब रहने का पूर्वानुमान जताया गया है। मौसम विभाग के अनुसार 26 नवम्बर से एक ताजा पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा जो उत्तर-पश्चिम और पश्चिम भारत को प्रभावित करेगा और इसका असर हिमाचल में भी देखने को मिलेगा।
हिमाचल में जेओए आईटी पेपर लीक मामले के आरोपी नितिन आजाद को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। हिमाचल हाई कोर्ट द्वारा नितिन आजाद की जमानत याचिका खारिज किए जाने के फैसले को नितिन ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। उसने सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई के पश्चात अपनी याचिका वापस ले ली, जिस कारण उसकी याचिका खारिज हो गई। इससे पहले प्रदेश हाई कोर्ट ने नितिन आजाद की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था। हाई कोर्ट ने अपने निर्णय में कहा था कि प्रार्थी पर लगे आरोप बहुत गंभीर हैं, इस कारण उसे जमानत पर छोड़ा जाना उचित नहीं होगा। अभियोजन पक्ष के अनुसार आरोपी नितिन आजाद के खिलाफ पुलिस थाना सतर्कता हमीरपुर में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7ए, 8, 12 और 13(1)(ए) और भारतीय दंड संहिता की धारा-420, 201 और 120बी के तहत मामला दर्ज किया है। अभिलाष कुमार की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
-कई आरोपी विदेश भाग चुके, कई भागने की फिराक में हिमाचल में करोड़ों रुपये के क्रिप्टो करेंसी फ्रॉड में एसआईटी ने 19 करोड़ रुपये की संपत्ति फ्रीज की है। हालांकि 2500 करोड़ की ठगी के इस मामले में 19 करोड़ की संपत्ति बहुत कम है। वहीं, एसआईटी आरोपियों की संपत्ति का पता लगा रही है, लेकिन धीमी कार्रवाई के चलते कई आरोपी विदेश भागने की फिराक में हैं। क्रिप्टो करेंसी ठगी मामले से जुड़े कई आरोपी विदेश भाग चुके हैं। ठगी मामले में पंजाब और हिमाचल प्रदेश पुलिस की टीमें कार्रवाई कर रही है। करोड़ों के इस क्रिप्टो करंसी ठगी मामले में कई अधिकारियों और कर्मचारियों ने पैसा लगाया है। बताया जा रहा है कि इस रैकेट के सरगनाओं ने सबसे पहले नेताओं और बड़े अधिकारियों को ही जाल में फंसाया। उसके बाद धीरे-धीरे ठगों की चेन बढ़ती गई। करोड़ों के इस ठगी मामले में कई पुलिस कर्मी भी शामिल बताए जा रहे है। शातिरों ने प्रदेश में करीब एक लाख से अधिक लोगों को ठगा है। एसआईटी की कार्रवाई के बाद प्रदेश में क्रिप्टो करंसी ठगी की शिकायतें लगातार बढ़ती जा रही है। ठगी मामले की राशि का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है। क्रिप्टो रैकेट में शातिरों ने करीब अढ़ाई लाख आईडी बनाकर क्रिप्टो करेंसी के नाम पर प्रदेश की जनता को करोड़ों का चूना लगाया है। क्रिप्टो करेंसी ठगी मामले में एसआईटी ने अभी तक चार पुलिस कर्मियों सहित 19 लोगों को गिरफ्तार किया है। ठगों ने हिमाचल के अलावा बाहरी राज्यों में भी बनाई संपत्ति क्रिप्टो करेंसी के नाम पर ठगी के इस स्कैम में करीब एक लाख लोग शामिल बताए जा रहे हंै। बताया जा रहा है कि अब तक की जांच में करीब 2500 करोड़ की ट्रांजेक्शन मिली है। बताया जा रहा है कि लोगों से करोड़ों रुपए ठगने वाले शातिरों ने हिमाचल के अलावा बाहरी राज्यों में भी संपत्ति बनाई है। ठगी मामले में कई अहम साक्षय एसआईटी के हाथ लगे है। फर्जी वेबसाइट से बनाया शिकार शातिरों ने वेबसाइट बनाकर लोगों को फर्जी कॉईन के नाम पर करोड़ों की ठगी को अंजाम दिया है। शातिरों ने कोर्वियो कॉइन, डीजीटी कॉइन, फिश टोकन हाइपनेक्सट, बिटपेड एक, बिटवेड दो और एडड फाइनांस कॉइन के झांसे में फंसाकर लोगों को ठगा है। क्रिप्टो करंसी ठगी मामले में पंजाब और हिमाचल प्रदेश पुलिस की टीमें कार्रवाई कर रही हैं। करोड़ों के इस क्रिप्टो करंसी ठगी मामले में कई अधिकारियों और कर्मचारियों ने पैसा लगाया है। एसआईटी क्रिप्टो करेंसी के सभी मास्टरमाइंड की प्रॉपर्टी की मैपिंग कर रही है।
-भोरंज के विधायक सुरेश कुमार ने मुख्यमंत्री से उठाई मांग भोरंज के विधायक सुरेश कुमार ने आज मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से उनके सरकारी आवास ओकओवर में भेंट की तथा उनका कुशलक्षेम जाना। उन्होंने इस मौके पर उन्होंने मुख्यमंत्री को एक मांग पत्र भी सौंपा, जिसमें उन्होंने हमीरपुर में बिजली बोर्ड के मुख्य अभियंता का कार्यालय खोलने की मांग की। सुरेश कुमार ने अवगत करवाया कि हमीरपुर के लोगों की यह चिरप्रतीक्षित मांग है क्योंकि बिजली बोर्ड के मुख्य अभियन्ता का कार्यालय वर्षों से मण्डी में कार्यरत है जिस कारण हमीरपुर के लोगों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि मण्डी में कार्यरत कार्यालय यथावत चलता रहे लेकिन हमीरपुर में मुख्य अभियन्ता का कार्यालय अलग से खोलना जनहित में रहेगा। वहीं, मुख्यमंत्री ने सुरेश कुमार के आग्रह को सुनने के पश्चात उन्हें शीघ्र ही उनकी मांग पर विचार करने का आश्वासन दिया।
शिमला। एसआईटी ने करोड़ों रुपये के क्रिप्टो करेंसी फ्रॉड मामले में बड़ी कार्रवाई की है। एसआईटी ने आरोपियों की सात गाड़ियां जब्त की हैं। गौर रहे कि मामले में एसआईटी ने अब तक चार पुलिस कर्मियों समेत 18 आरोपी गिरफ्तार किए हैं। इसके आलावा एसआईटी ने अब तक 12 करोड़ की प्रॉपटी भी फ्रीज की है, जिसमें क्रिप्टो करंसी ठगी मामले के मास्टरमाइंड सुभाष शर्मा की तीन करोड़ प्रॉपटी मंडी और जीरकपुर में फ्रीज की गई है। जानकारी देते हुए डीजीपी संजय कुंडू ने बताया कि करोड़ों की इस ठगी में कई सरकारी कर्मचारी और पुलिस कर्मी शामिल हैं। एसआईटी की जांच में पता चला है कि पुलिस कर्मी पहले इन्वेस्टर बने और फिर एजेंट बन गए। क्रिप्टो करंसी ठगी मामले में सेवानिवृत्त पुलिस कर्मी सुनील स्याल भी इस ठगी का किंग पिन है। एसआईटी ने क्रिप्टो करंसी ठगी मामले में वेबसाइट डीकोट कर ली है, जिसमें कई ट्रांजेक्शन मिले हैं।
हमीरपुर में दिवाली की रात एक बड़ा हादसा पेश आया, जिसमें बस स्टैंड हमीरपुर में आग लगने से एक निजी बस जलकर राख हो गई है। सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड हमीरपुर मौके पर पहुंची है और आग पर काबू पा लिया गया है। जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है कि बस स्टैंड हमीरपुर में करीब 8:30 बजे एक निजी बस में आग भड़क उठी। आग लगने के कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाए हैं, हालांकि यह आशंका जताई जा रही है कि पटाखे के कारण आग बस में लगी हो।
-वापिस लौटने पर शिमला में कार्यकर्ताओं ने किया भव्य स्वागत मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का आज दिल्ली से वापिस शिमला लौटने पर भव्य स्वागत किया गया। कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं ने होटल मरीना से लेकर ओक ओवर तक मुख्यमंत्री पर पुष्प वर्षा की और ढोल-नगाड़ों के साथ उनका स्वागत किया। इससे पहले मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि हिमाचल प्रदेश के देवी-देवताओं और जनता की दुआओं से वह स्वस्थ होकर वापस लौटे हैं। उन्होंने कहा कि चिकित्सकों ने कुछ दिनों तक उन्हें आराम करने और समय पर खाना खाने की सलाह दी है, लेकिन वह सरकार की जिम्मेदारियों का भी निर्वहन करेंगे। उन्होंने राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि चार वर्षों में हिमाचल प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने और अगले 10 वर्षों में देश का सबसे समृद्ध राज्य बनाने का लक्ष्य रखा है और वर्तमान राज्य सरकार इसी दिशा में प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि 18 नवंबर को मंत्रिमंडल की बैठक भी रखी गई है। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि उनकी कुछ दिन की अनुपस्थिति के दौरान मंत्रिमंडल के सभी सदस्यों और अधिकारियों ने अपने दायित्व को बखूबी निभाया है, जिसके लिए वह उनके धन्यवादी हैं। एक प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि वह पांच राज्यों के चुनाव प्रचार में नहीं जाएंगे, लेकिन इन चुनावों में कांग्रेस की जीत निश्चित है। मुख्यमंत्री ने सभी प्रदेशवासियों को दीपावाली की शुभकामनाएं दी और प्रदेश में सुख-समृद्धि की कामना की। उन्होंने कहा कि अब सभी मिलकर दोबारा से विकास कार्यों में जुटेंगे और हिमाचल प्रदेश को विकास के रास्ते पर आगे लेकर जाएंगे। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल, उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान, शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह, मुख्य संसदीय सचिव चौधरी राम कुमार, संजय अवस्थी, आशीष बुटेल, विधायक, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार सुनील शर्मा, प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना सहित वरिष्ठ अधिकारी तथा विभिन्न बोर्डों एवं निगमों के अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष, कांग्रेस के पदाधिकारियों सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
शिक्षा विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि मेधा प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत सत्र 2023-24 के लिए उच्चतर शिक्षा विभाग द्वारा आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि इच्छुक एवं पात्र विद्यार्थी इस योजना का लाभ उठाने के लिए 25 नवम्बर, 2023 तक आवेदन कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के दृष्टिगत बारहवीं कक्षा तक के छात्र-छात्राएं अपना आवेदन संबंधित जिला के उच्चतर शिक्षा उप-निदेशक के पास डाक द्वारा अथवा ई-मेल के माध्यम से भेज सकते हैं। स्नातक स्तर के छात्र-छात्राएं अपना आवेदन पत्र अतिरिक्त/संयुक्त निदेशक (कॉलेज), शिक्षा निदेशालय के पास डाक अथवा ई-मेल medha.protsahan@gov.in के माध्यम से भेज सकते हैं। आवेदन जमा करवाने की अन्तिम तिथि 25 नवंबर निर्धारित की गई है और इसके उपरांत कोई भी आवेदन स्वीकार नहीं किया जाएगा। उन्होंने बताया कि एक ई-मेल से केवल एक ही आवेदन पत्र स्वीकार किया जाएगा। योजना से संबधित पूर्ण जानकारी उच्चत्तर शिक्षा निदेशक की वैबसाईट www.education.hp.gov.in पर उपलब्ध है। प्रवक्ता ने यह भी बताया कि योजना के तहत कोचिंग संस्थानों को उच्चतर शिक्षा विभाग को एक लाख रुपये की बैंक गारंटी जमा करवानी अनिवार्य है। यदि अभी तक किसी संस्थान द्वारा यह राशि जमा नहीं की होगी तो उन्हें यह तुरन्त प्रभाव से यह जमा करवानी होगी और तभी वह कोचिंग संस्थान इस उद्देश्य के लिए पात्र होगा।
सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेशों के अनुसार हिमाचल प्रदेश में दिवाली की रात 8 से 10 बजे के बीच ही ग्रीन पटाखे जलाए जा सकेंगे। राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सभी जिलों के उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षकों को पत्र लिखकर आदेशों को सख्ती से लागू करवाने के निर्देश दिए हैं। बोर्ड के सदस्य सचिव अनिल जोशी ने बताया कि एनजीटी की ओर से वायु प्रदूषण के लिहाज से अति संवेदनशील शहरों में पटाखों पर प्रतिबंध लगाया है। जबकि मॉडरेट और सामान्य श्रेणी में आने वाले शहरों में सिर्फ ग्रीन पटाखे दो घंटे चलाने की छूट दी गई है।
कृषि सचिव सी पालरासू ने बताया कि प्रदेश में गेहूं के बीज का उत्पादन बढ़ाने के दृष्टिगत विभाग द्वारा इस वर्ष 800 क्विंटल प्रजनक बीज राज्य के विभिन्न जिलों में आबंटित किया जा रहा है। इस वर्ष गेहूं के प्रजनक बीज का मूल्य 7050 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया है, जिसे विभाग के अपने फार्मों व पंजीकृत किसानों को वितरित किया जा रहा है। इसके अलावा गेहूं के प्रमाणित बीज पर राज्य सरकार द्वारा इस वर्ष 1500 रुपए प्रति क्विंटल की दर से अनुदान दिया जा रहा हैै। राज्य में किसानों की आर्थिकी को देखते हुए इस वर्ष लगभग 600 क्विंटल प्रजनक बीज किसानों में वितरित किया जा रहा है, प्रदेश सरकार द्वारा गेहूं के प्रजनक बीजों पर 3000 रुपए प्रति क्विंटल की दर से अनुदान देने का फैसला लिया है, जिसे सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। इसके अलावा 200 क्विंटल प्रजनक बीज जिलों में स्थित विभागीय फार्मों में उपलब्ध करवाया जाएगा। सरकार के इस निर्णय से किसानों में बीज उत्पादन के प्रति और ज्यादा जागरूकता आएगी व इससे प्रदेश में बीज उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा। कृषि निदेशक कुमद सिंह ने बताया कि प्रदेश में अधिकतर किसान लघु एवं सीमांत है। कृषि व्यवसाय की सफलता व पैदावार बहुत कुछ उच्च गुणवता बीजों की उपलब्धता पर निर्भर करती है। प्रदेश में उत्तम बीजों की मांग बढ़ती जा रही है क्योंकि कोरोना महामारी के बाद अधिकतर नौजवान कृषि से जुड़े है। विभाग खाद्यान्नों आदि के बीजों को प्रदेश में ही उत्पादित कर किसानों को वितरित करने की ओर आत्मनिर्भर हो रहा है।
हिमाचल को पर्यटन राज्य बनाने के लिए साहसिक गतिविधियों पर दिया जा रहा ध्यान आधुनिक जरूरतों के अनुरूप पर्यटन गतिविधियों के विकास को दिया जा रहा बढ़ावा 'पर्यटक ग्राम' जहां हिमाचली संस्कृति से रू-ब-रू होंगे सैलानी हिमाचल प्रदेश की वर्तमान सरकार हिमाचल को पर्यटन राज्य के रूप में विकसित करने को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान कर रही है, ताकि युवाओं के लिए रोजगार तथा स्थानीय लोगों की आय में बढ़ोतरी सुनिश्चित की जा सके। इसके दृष्टिगत ट्रैकिंग, कंैपिंग, पैराग्लाइडिंग तथा रिवर राफ्टिंग जैसी साहसिक गतिविधियों को विशेष तौर पर बढ़ावा दिया जा रहा है। प्रदेश सरकार के प्रयास अब हकीकत में भी नज़र आने लगे हैं। हाल ही में हमीरपुर जिला के नादौन में ब्यास नदी में तीन दिवसीय एशियन राफ्टिंग चैंपियनशिप का सफल आयोजन किया गया। इसमें नेपाल, भूटान और कजाकिस्तान जैसे देशों से प्रतिभागियों ने भाग लिया। कुल्लू-मनाली के उपरान्त नादौन ब्यास नदी पर राफ्टिंग का नया केंद्र बनकर उभरा है। नादौन क्षेत्र में पर्यटन विकास के दृष्टिगत एशियन विकास बैंक की मदद से 2500 करोड़ रुपये की परियोजना भी प्रस्तावित है। इससे पूर्व बिलासपुर जिला में स्थित गोविन्द सागर झील में भी जल क्रीड़ा से संबंधित गतिविधियां आयोजित की गईं। मण्डी जिला के ततापानी में कोल बांध झील में भी जल क्रीड़ा पर आधारित साहसिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा रहा है। कांगड़ा जिला के पौंग डैम में वाटर स्पोर्ट्स, शिकारा, क्रूज़ तथा यॉट इत्यादि की भी व्यवस्था की जा रही है। प्रदेश सरकार पारम्परिक पर्यटन के साथ-साथ आधुनिक जरूरतों के अनुरूप पर्यटन गतिविधियों के विकास को बढ़ावा दे रही है। पर्यटन राजधानी कांगड़ा में अंतरराष्ट्रीय स्तर के गोल्फ कोर्स का निर्माण प्रस्तावित है। बनखण्डी में 300 करोड़ रुपये की लागत से चिड़िया घर का निर्माण किया जा रहा है। सरकार ने अपने प्रथम बजट में ही 60 करोड़ रुपये का प्रावधान इसके पहले चरण के निर्माण के लिए किया है। स्थानीय कला एवं संस्कृति को प्रोत्साहित करने के लिए 'पर्यटक ग्रामÓ की स्थापना भी की जा रही है। इसमें स्थानीय कला, संस्कृति, हस्तकला, संगीत इत्यादि को प्रसारित करते हुए स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान किए जाएंगे। पर्यटन क्षेत्र को नए आयाम देते हुए वरिष्ठ नागरिकों के लिए 'ओल्ड एज होमÓ विकसित किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त एशियन विकास बैंक की सहायता से 1311 करोड़ रुपये की एक व्यापक पर्यटन विकास योजना की घोषणा सरकार ने इस वर्ष के बजट में की है। इसके अंतर्गत कांगड़ा जिला में 390 करोड़ रुपये, हमीरपुर जिला में 257 करोड़ रुपये, कुल्लू जिला में 229 करोड़ रुपये, शिमला जिला में 123 करोड़ रुपये तथा मण्डी जिला में 138 करोड़ रुपये व अन्य स्थानों पर 174 करोड़ रुपये पर्यटन विकास पर व्यय किए जाएंगे। इसके तहत पर्यटन स्थलों पर आधुनिक सुविधाएं, इलैक्ट्रिक बसें, जल क्रीड़ा, थीम पार्क, सड़क किनारे प्रसाधन सहित अन्य सुविधाएं, उच्च स्तरीय फूड कोर्ट, विरासत स्थलों के सौन्दर्यकरण और ईको टूरिज्म के लिए विस्तृत कार्य योजना तैयार की गई है। ग्रीष्म एवं शीतकालीन खेलों का सुचारू आयोजन सुनिश्चित करने के दृष्टिगत शिमला आईस स्केटिंग रिंक का उन्नयन करने के साथ ही मनाली में आईस स्केटिंग तथा रोलर स्केटिंग का निर्माण किया जाएगा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का मानना है कि स्थानीय युवाओं को पर्यटन के साथ जोड़कर रोजगार के स्थायी अवसर सृजित किए जा सकते हैं। इससे पर्यटन विकास सुनिश्चित होगा और प्रदेश के राजस्व में भी बढ़ौत्तरी हो सकेगी। पर्यटन तथा आतिथ्य क्षेत्रों में क्षमता निर्माण से संबंधित प्रशिक्षण प्रदान कर युवाओं को पर्यटन क्षेत्र की वर्तमान आवश्यकताओं के अनुरूप दक्ष बनाने पर भी विशेष ध्यान केन्द्रित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह के करीबी जितेंद्र राणा उर्फ जुग्ना और संदीप सांख्यान को हिमाचल पथ परिवहन निगम में जिम्मेवारी सौंपी गई है। उन्हें प्रदेश हिमाचल पथ परिवहन निगम की महत्वपूर्ण स्टोर परचेज कमेटी का गैर सरकारी सदस्य बनाया गया है। पथ परिवहन निगम में सरकार द्वारा गैर सरकारी सदस्य बनाने पर जितेंद्र राणा ओर संदीप ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह का आभार जताया है। उन्होंने कहा कि जो महत्वपूर्ण जिम्मेदारी प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री ने सौंपी है उसे पूरी कर्तव्य निष्ठा और ईमानदारी से निभाएंगे और इस पद की गरिमा को बढ़ाएंगे। संदीप सांख्यान व जितेंद्र राणा कांग्रेस के कर्मठ कार्यकर्ता रहे हैं। जितेंद्र राणा शिमला जिला से संबंध रखते है ओर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह के करीबी माने जाते है। जितेंद्र राणा ज़िला कांग्रेस कमेटी शिमला शहरी के सचिव व महासचिव पद पर भी कार्य कर चुके है ओर वर्तमान में कांग्रेस सेवा दल शिमला के अध्यक्ष है । वहीं, संदीप सांख्यान हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के वरिष्ठ प्रवक्ता हंै और सदर विधानसभा क्षेत्र से टिकट के दावेदारी में अग्रिम पंक्ति में रहे हैं संदीप सांख्यान वाणिज्य (आनर्स) में स्नातक स्नाकोत्तर और एमबीए (अंतरास्ट्रीय मार्केटिंग व व्यवसाय) व अधिवक्ता भी है। संदीप सांख्यान व जितेंद्र राणा ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री का हर फैसला दूरदर्शिता पूर्ण होता है। मुख्यमंत्री खुद एक लंबे संघर्षों और छात्र राजनीति से निकल कर समाज के हर वर्ग का दर्द जानते हैं और सामाजिक संवेदनाओं को बखूबी समझते है। उनके नेतृत्व में प्रदेश नई दिशाओं की तरफ अग्रसर हो रहा है। भगवान से प्रार्थना करते हुए संदीप सांख्यान व जितेंद्र राणा ने उनके स्वास्थ्य लाभ को लेकर भी प्रार्थना की है की वह जल्द स्वस्थ होकर प्रदेश में विकास की गति बढ़ाएंगे।
-एसआईटी के पास पहुंचा ढाई लाख निवेशकों का रिकॉर्ड -घोटाले में संलिप्त आरोपियों का जल्द होगा पर्दाफाश क्रिप्टोकरेंसी में निवेश का लालच देकर बनाई गई ढाई लाख निवेशकों की आईडी का पूरा रिकॉर्ड एसआईटी ने जुटा लिया है। ढाई लाख आईडी में नेता, डॉक्टर, अधिकारी, पुलिस, ठेकेदार और किसान शामिल हैं। अब यह देखा जा रहा है कि किस व्यक्ति ने डबल रिटर्न के लालच में कितने का निवेश किया है। किसके खाते में कितनी राशि आई है। इस रिकॉर्ड से एसआईटी जल्द ही घोटाले में संलिप्त आरोपियों का पर्दाफाश करेगी। इस मामले में और गिरफ्तारियां होनी हैं। 2000 करोड़ रुपये का घोटाला जांच में सामने आया है कि क्रिप्टोकरेंसी घोटाला में ढाई लाख के करीब लोगों की आईडी बनी और करीब 2,300 करोड़ रुपये की ट्रांजेक्शन सामने आई है। इसमें 2000 करोड़ का घोटाला है। आरोपियों ने साल दर साल धोखाधड़ी को अंजाम देने के लिए नए-नए नाम से कंपनियां बनाईं। अब तक की जांच में पूरे फ्रॉड का मास्टरमाइंड सुभाष और अभिषेक को माना जा रहा है। इसके साथ ही घोटाले में संलिप्त कुछ अन्य आरोपियों को भी विभिन्न कपंनियों के एमएलएम से जुड़े बिजनेस में काम करने का अनुभव था। ऐसे में घोटाले से जुड़ी गैंग के सदस्यों को मालूम था किस तरह से लोगों को लालच देकर में जल्द से जल्द चेन को आगे बढ़ाना है। यही कारण रहा कि चंद सालों में करोड़ रुपये के घोटाले को अंजाम देने में आरोपी सफल रहे। इसी बीच जब आरोपियों को पूरे खेल का भंडाफोड़ होने का अंदेशा हुआ तो मास्टर माइंड सुभाष पुलिस का शिकंजा कसने से पहले ही विदेश फरार हो गया। कई आरोपी भूमिगत हो गए। पुलिस एसआईटी घोटाले में अब तक साढ़े 9 करोड़ की संपत्तियों को सीज किया जा चुका है। एसआईटी की ओर से इन दिनों आरोपियों की संपत्तियों को सीज करने का सिलसिला जारी है।
खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि विभाग द्वारा उपभोक्ताओं के राशन कार्ड की ई-केवाईसी करवाने की तिथि 30 नवंबर तक बढ़ा दी गई है। पहले यह 31 अक्तूबर तक निर्धारित की गई थी। उन्होंने कहा कि कुछ उपभोक्ता अपना व अपने परिवार के सदस्यों का ई-केवाईसी करवाने से वंचित रह गए थे। विभाग द्वारा ऐसे लोगों की सुविधा के लिए ई-केवाईसी प्रक्रिया पूर्ण करने की तिथि बढ़ाई गई है। विभाग द्वारा राशन वितरण में पारदर्शिता लाने के लिए ई-केवाईसी के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि राशन कार्ड में दर्ज व्यक्ति का नाम, जन्मतिथि तथा लिंग, आधार में दर्ज डाटा के अनुरूप हो, इसके दृष्टिगत प्रदेश भर में ई-केवाईसी की प्रक्रिया आरम्भ की गई है। उन्होंने सभी उपभोक्ताओं से आग्रह किया कि वे ई-केवाईसी की प्रक्रिया को सयमबद्ध पूर्ण करने में सहयोग प्रदान करें। सरकार की
-'मेरी माटी, मेरा देश' कार्यक्रम में हिमाचल की रही शानदार भागीदारी 'मेरी माटी, मेरा देश' कार्यक्रम के अंतर्गत वीरभूमि हिमाचल के गांवों की मिट्टी लेकर दिल्ली पहुंचे 143 युवाओं ने केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण और युवा एवं खेल मामलों के मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर के साथ कर्तव्य पथ पर विशाल कलश में अर्पित की। इसी विशाल कलश की मिट्टी से कर्तव्य पथ पर अमृत उद्यान का निर्माण होगा। इस दौरान मीडिया कर्मियों से वार्तालाप करते हुए ठाकुर ने बताया कि हमारी वीरभूमि हिमाचाल वीरों की जननी है, वीरों की भूमि है। वीरभूमि हिमाचल प्रदेश बलिदानियों की भूमि है। यहां गांव के गांव हमारे वीरों के किस्सों से पटे पड़े हैं। मेरी माटी मेरा देश हमारे शहीदों, स्वतंत्रता संग्राम के गुमनाम नायकों को याद करने का उन्हें श्रद्धांजलि देने का प्रयास है। मेरी माटी, मेरा देश आजादी के अमृत महोत्सव का अंतिम कार्यक्रम है। पूरे देश ने पिछले दो वर्षों में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया। लाखों कार्यक्रम हुए, करोड़ों लोग इससे जुड़े। माननीय प्रधानमंत्री जी ने मेरी माटी, मेरा देश कार्यक्रम की शुरुआत करने को कहा तो पूरे देश के 6 लाख से ज्यादा गांवो और 7500 ब्लॉक्स में अमृत कलश यात्राएं निकलीं और मिट्टी इक_ा की गई और हिमाचल प्रदेश ने भी इसमें बढ़-चढ़कर भाग लिया। पूरे देश से इक_ी की गई इस मिट्टी से कर्तव्य पथ पर अमृत उद्यान बनेगा। आज विजय चौक से लेकर इंडिया गेट तक युवाओं का हुजूम देश की मिट्टी को नमन और वीरों का वंदन करने हेतु जमा है। केंद्रीय मंत्री ने आगे बताया कि कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस कार्यक्रम का विधिवत समापन कर देशवासियों को संबोधित करेंगे। आज कर्तव्य पथ पर आपकी विशाल कलश देख सकते हैं जिसमें पूरे देश के 6 लाख गांव से आई मिट्टी रखी गई है।तमिलनाडु से लेकर जम्मू कश्मीर तक और नागालैंड से लेकर गुजरात तक संपूर्ण देश के युवाओं में देशभक्ति की भावना कूट-कूट कर भरी है। आज तपती धूप में पूरे देश से युवा नई दिल्ली में एकत्रित हैं। हाथों में तिरंगा लिए युवाओं का जोश देखते ही बनता है।
करोड़ों रुपये के क्रिप्टो करेंसी फ्रॉड केस में एसआईटी ने बड़ी कार्रवाई की है। एसआईटी ने हमीरपुर जिले में विभिन्न 21 ठिकानों पर दबिश दी है। एसआईटी ने मोबाइल फोन, लैपटॉप, कंप्यूटर, बैंक डिटेल समेत अन्य संपत्तियों की जांच की है। अधिकारी रिकॉर्ड को खंगाल रहे हैं। पुलिस विभाग और वन विभाग में सेवारत कर्मचारियों और जनप्रतिनिधियों से भी पूछताछ की है। भोलेभाले लोगों को पैसा दोगुना करने का झांसा देकर क्रिप्टो करेंसी में आरोपियों ने निवेश करवाया था। आरोपियों के पास आलीशान घर, लग्जरी गाड़ियां देखकर एसआईटी भी हैरान है।
-प्रदेश सचिवालय में भी गैर फॉर्मल कपड़े पहनने पर होगी अनुशासनात्मक कार्रवाई -प्रधान सचिव सामान्य प्रशासन भरत खेड़ा ने जारी किया सर्कुलर प्रधान सचिव सामान्य प्रशासन भरत खेड़ा ने एक सर्कुलर जारी किया है, जिसके अनुसार हिमाचल प्रदेश सचिवालय समेत सरकारी दफ्तरों में अधिकारी और कर्मचारी अगर जीन, टी-शर्ट या अन्य गैर फॉर्मल कपड़े पहनकर आए तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी। प्रदेश हाईकोर्ट और अन्य अदालतों में भी अधिकारियों और कर्मचारियों को फॉर्मल ड्रेस पहनकर ही जाना होगा। इसके अलावा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को वर्दी पहन कर ही कार्यालय में आना होगा। सर्कुलर में स्पष्ट किया गया है कि प्रदेश उच्च न्यायालय ने वर्ष 2017 में इस संबंध में निर्देश जारी किए थे। उसके बाद कार्मिक विभाग ने सभी विभागों को दिशा-निर्देश तैयार कर जारी किए थे, जिसमें ड्रेस कोड के बारे में जानकारी दी थी। इसमें स्पष्ट किया था कि सरकारी अधिकारी और कर्मचारी उपयुक्त, औपचारिक, साफ और अच्छे दिखने वाले और सही रंग के कपड़े पहनकर ही सरकारी दफ्तर में आएंगे। वे उच्च न्यायालय या अन्य अदालतों में उपस्थित होते हुए भी फॉर्मल और सही तरीके के कपड़े पहनेंगे। इस सर्कुलर के अनुसार हालांकि यह ध्यान में आया है कि इन निर्देशों की ठीक से अनुपालना नहीं की जा रही है। यही नहीं, प्रदेश के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भी सही कपड़ों में नहीं पहुंच रहे हैं। उनके लिए पहले से ही वर्दी तय है। अधिकारियों और कर्मचारियों के कपड़े पहनने का अंदाज कार्यालय की व्यावसायिकता, गंभीरता और अनुशासन की शैली को भी प्रदर्शित करता है। ऐसे में राज्य सचिवालय के सभी अधिकारी और कर्मचारी इन निर्देशों की अनुपालना करें। अगर इस संबंध में किसी भी तरह की कोताही बरती जाती है तो ऐसे में अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए कंडक्ट रूल्स में प्रावधान होने की भी बात की गई। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों में केवल वही वर्दी नहीं पहनेंगे, जिन्हें इससे पहले अनिवार्य नहीं किया गया है।
-केंद्रीय मंत्री ने कहा, हिमाचल में कांग्रेस भी फेल और गारंटियां भी फेल हमीरपुर के एक दिवसीय दौरे पर पहुंचे केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने शनिवार को हमीरपुर में पत्रकारों से बातचीत के दौरान राजस्थान में कांग्रेस की महिलाओं को सालाना दस हजार रुपये देने की गारंटी के सवाल के जवाब में कहा कि जितनी झूठी कांग्रेस है, उतनी ही झूठी इसकी गारंटियां हैं। इसलिए कांग्रेस भी फेल और उसकी गारंटियां भी फेल हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश में जो गारंटियां दी थीं, वे भी फेल हो गई हैं। 10 महीने प्रदेश में कांग्रेस सरकार बने हुए हो गए हैं। अभी तक प्रदेश की बहनें इंतजार कर रही हैं कि कब 1500-1500 रुपये उनके खाते में आएंगे। दूसरी गारंटी कांग्रेस ने दी थी कि वह दो रुपए किलो गोबर खरीदेंगे पर नहीं खरीदा। प्रदेश में कांग्रेस ने बिजली के बिल माफ करने की बात कही थी अब वही बिल बढ़कर आ रहे हैं। पिछली सरकार में जो पानी के बिल माफ हुए थे, अब वह बिल भी कांग्रेस सरकार ने देना शुरू कर दिए हैं। राजस्थान व छत्तीसगढ़ में भी कहा था कि सबके कर्ज माफ करेंगे, लेकिन नहीं किया। हिमाचल में भी जब इन्होंने पिछली सरकार बनाई थी तब कहा था कि हर घर से एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी देंगे और बेरोजगारी भत्ते देंगे, लेकिन वह भी नहीं दिया था। अनुराग ठाकुर ने कहा कि देश के दो राज्यों के मुख्यमंत्री के कार्यालय में भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया गया है, जिसमें छत्तीसगढ़ और राजस्थान शामिल हैं। लेकिन कार्रवाई होने पर केंद्र सरकार पर इल्जाम लगाया जाता है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में खुद कांग्रेस के लोगों के द्वारा लाल डायरी का जिक्र किया जाता है, लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत उस पर कोई भी टिप्पणी नहीं करते हैं। टीएमसी सांसद महुआ के भाजपा पर की जा रही बयानबाजी पर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि संसदीय आचार समिति के द्वारा जब किसी को तलब किया जाता है तो उसको अपना बयान दर्ज करवाने जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह देश की सुरक्षा से जुड़ा गंभीर मामला है और इसमें कोई भी कोताही नहीं बरती जाएगी। हिमाचल प्रदेश में बढ़ते नशे पर चिंता जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर सरकार को ठोस कदम उठाने चाहिए ताकि युवा पीढ़ी को नशे से दूर रखा जा सके।
अनुराग ठाकुर का जीवन लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत : डॉ. सुकृत सागर आज पूरे प्रदेशभर में खासकर हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर का जन्मदिवस भाजपा कार्यकर्ता धूमधाम से मना रहे हैं। इसी कड़ी में देहरा विधानसभा में भी भाजपा कार्यकर्ताओं ने डॉ. सुकृत सागर के नेतृत्व में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया, इसमें 56 लोगों ने रक्तदान किया। इस मौके पर डॉ सुकृत सागर ने कहा कि सांसद व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर का जीवन मेरे जैसे असंख्य युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत है। उन्होंने कहा कि अनुराग साधना व तपस्या की तरह जीवन निर्वाहन कर दिनरात जनकल्याण में लगे हुए हैं। उनके कधों पर देश-प्रदेश की लाखों उम्मीदों का बोझ है। सुकृत ने कहा कि हम सभी ने अनुराग ठाकुर की लंबी आयु, स्वस्थ्य जीवन की कामना करते हुए इस रक्तदान शिविर का आयोजन किया है तथा रक्तदान किया है। इसमें भाजपा के जिलाध्यक्ष संजीव शर्मा ने बतौर मुख्यातिथि व भजपा मंडलाध्यक्ष निर्मल सिंह, पूर्व जिला महामंत्री अभिषेक पाधा व अनुसूचित जाति मोर्चा जिलाध्यक्ष कमलनयन डोगरा ने विशेष अतिथि के रुप में शिरकत की। इस मौके पर व्यापार मंडल हरिपुर के अध्यक्ष अतुल महाजन, संदीप शर्मा, योगेश रैना, विजेंदर गुलेरिया, हरपाल सिंह, डॉ अरविंद शर्मा, अंकुश वशिष्ठ, प्रवीन कुमार पिंका, सुदर्शन सिंह, कर्नेल सिंह, गुरवचन सिंह, रमेश, देसराज शर्मा सहित अन्य कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
हिमाचल प्रदेश के लोगों की सुविधा को देखते हुए राज्य सरकार ने सफेदा, पॉपलर, बांस की लकड़ी के साथ-साथ कुठ (औषधीय पौधे) को प्रदेश से बाहर ले जाने पर लगी रोक को हटा दिया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस संबंध में जानकारी प्रदान करते हुए आज यहां कहा कि अब राज्य के लोग इन चार प्रजाति की लकड़ी को बिना परमिट के प्रदेश से बाहर ले जा सकते हैं। साथ ही इन प्रजाति की लकड़ी की ढुलाई राज्य के भीतर भी बिना अनुमति के हो पाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य में बहुत से किसान इन प्रजाति के पेड़ों को व्यवसायिक स्तर पर उगाते हैं, ऐसे में उनके हितों को देखते हुए राज्य सरकार ने इन चार प्रजातियों पर लगे प्रतिबंध को हटाने का निर्णय लिया है। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि इसके अतिरिक्त प्रदेश सरकार ने खैर की लकड़ी, कत्था, देवदार के तेल सहित प्रदेश में उगने वाली अन्य जड़ी-बूटियों को प्रदेश से बाहर ले जाने पर लगे प्रतिबंध को भी हटा दिया है। हालांकि इन वन उत्पादों को प्रदेश से बाहर ले जाने के लिए वन विभाग से परमिट लेना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार वन विभाग से विभिन्न प्रकार के ई-परमिट प्राप्त करने के लिए हिमाचल प्रदेश में नेशनल ट्रान्ज़िट पास सिस्टम शुरू करने जा रही है। यह सिस्टम शुरू करने वाला हिमाचल प्रदेश देश का छठा राज्य होगा, जिसके शुरू होने से जहां लोगों को ई-परमिट प्राप्त करने में सुविधा होगी, वहीं विभाग के कार्यों में पारदर्शिता और दक्षता आएगी।