शिमला: न्यायमूर्ति जीएस संधवालिया हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के नए मुख्य न्यायाधीश का पदभार संभालेंगे। वे रविवार, 29 दिसंबर को शपथ लेंगे। इस अवसर पर राजभवन में समारोह आयोजित किया जाएगा। मौजूदा समय में हिमाचल से ही संबंध रखने वाले न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश का पदभार संभाल रहे थे। वहीं, न्यायमूर्ति जीएस संधवालिया पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में सेवारत थे। जो अब हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ लेने जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि पूर्व में इसी साल जुलाई की 11 तारीख को न्यायमूर्ति जीएस संधवालिया का नाम मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के सीजे के तौर पर अनुशंसित किया गया था। अब वे हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में कार्यभार संभालेंगे। इससे पहले 19 अक्टूबर 2024 को न्यायमूर्ति राजीव शकधर हिमाचल हाईकोर्ट से रिटायर हुए थे। उनकी रिटायरमेंट के बाद से न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के पद पर सेवाएं दे रहे थे। न्यायमूर्ति जीएस संधवालिया ने साल 1986 में चंडीगढ़ के डीएवी कॉलेज से स्नातक की डिग्री हासिल की थी। इसके बाद साल 1989 में उन्होंने पंजाब यूनिवर्सिटी से एलएलबी की डिग्री प्राप्त की। लॉ की डिग्री हासिल करने के बाद वे पंजाब एवं हरियाणा बार काउंसिल में एडवोकेट के रूप में सक्रिय हुए। फिर साल 1983 से 1987 तक उन्होंने पटना में हाईकोर्ट में सेवाएं दीं। न्यायमूर्ति जीएस संधवालिया के पिता साल 1978 और साल 1983 के दरम्यान पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रह चुके हैं। फिलहाल, हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में सेवारत न्यायाधीशों की बात करें तो अभी न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान, न्यायमूर्ति विवेक सिंह ठाकुर, न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल, न्यायमूर्ति संदीप शर्मा, न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ, न्यायमूर्ति सत्येन वैद्य, न्यायमूर्ति सुशील कुकरेजा, न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह, न्यायमूर्ति रंजन शर्मा, न्यायमूर्ति बीसी नेगी व न्यायमूर्ति राकेश कैंथला का नाम आता है। न्यायमूर्ति जीएस संधवालिया के पदभार संभालने के बाद अब हिमाचल हाईकोर्ट में सीजे सहित 12 जज हो जाएंगे।
हिमाचल में महंगाई की मार झेल रहे लाखों उपभोक्ताओं के लिए राहत भरी खबर है। नए साल में उपभोक्ताओं को उड़द की दाल पांच रुपए किलो सस्ती मिलेगी। प्रदेश सरकार ने उड़द की दाल का भाव अप्रूव कर दिया है। ऐसे में सर्दियों के मौसम में सबसे अधिक खाई जाने वाली उड़द की दाल के रेट कम होने से लोगों को कुछ राहत मिलेगी। प्रदेश सरकार से उड़द की दाल के रेट अप्रूव होने से हिमाचल प्रदेश राज्य नागरिक आपूर्ति निगम ने 38 हजार क्विंटल उड़द का सप्लाई ऑर्डर जारी कर दिया है,जिसके बाद अब होलसेल गोदाम में उड़द पहुंचनी शुरू हो जाएगी, ताकि नए साल में डिपुओं में समय पर उपभोक्ताओं को ये दाल उपलब्ध हो सके। हिमाचल के करीब 4500 डिपुओं में उपभोक्ताओं को नए साल में सस्ती उड़द की दाल मिलने वाली है, जिसके भाव सरकार ने अप्रूव कर दिए हैं। डिपुओं में एनएफएसए के तहत आने वाले उपभोक्ताओं को उड़द की दाल 58 रुपए प्रति किलो के हिसाब से दी जाएगी। पहले यही भाव 63 रुपए प्रति किलो था. इसी तरह से एपीएल परिवारों के लिए उड़द का रेट 68 रुपए किलो तय किया गया हैं। डिपुओं में पहले इन परिवारों को 73 रुपए किलो की दर से उड़द की दाल दी जा रही थी। वहीं, टैक्स पेयर को उड़द की दाल खरीदने के लिए पहले से अधिक जेब ढीली करनी होंगी। डिपुओं में टैक्स पेयर को उड़द की दाल अब 93 रुपए प्रति किलो के हिसाब से मिलेगी। पहले यही भाव 83 रुपए प्रति किलो था, लेकिन राहत की बात ये है कि खुले बाजार से उड़द की दाल का ये भाव काफी कम है। बाजार में उड़द की दाल का भाव 115 से 120 रुपए प्रति किलो है। ऐसे में डिपुओं में सस्ती दालें उपलब्ध होने से उपभोक्ताओं को महंगाई से राहत मिल रही है। हिमाचल प्रदेश राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंध निदेशक राजेश्वर गोयल का ने बताया, डिपुओं में उपभोक्ताओं उड़द की दाल पांच रुपए सस्ती दी जाएगी। उपभोक्ताओं को समय पर दालें उपलब्ध हो, इसके लिए पहले ही सप्लाई ऑर्डर जारी किया जा चुका है, जिसके बाद होलसेल गोदाम में दालों की सप्लाई पहुंचनी भी शुरू हो गई है।
हिमाचल प्रदेश में पिछले 13 साल में सेब उत्पादन में लगातार गिरावट आ रही है। बागवानी विभाग के आंकड़ों में यह चौकाने वाला खुलासा हुआ है। विभाग के मुताबिक हिमाचल में सेब उत्पादन में प्रति हेक्टेयर 50 फीसदी की गिरावट आई है। 2010-11 में जहां प्रदेश में 8.7 मीट्रिक टन प्रति हेक्टेयर सेब उत्पादन हुआ था, वहीं 2023-24 में यह आंकड़ा घटकर 4.3 मीट्रिक टन प्रति हेक्टेयर रह गया। इसका मुख्य कारण मौसम में हो रहे बदलाव और रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों पर अत्यधिक निर्भरता से मिट्टी की उपजाऊ शक्ति का खत्म होना माना जा रहा है।वैज्ञानिकों के अनुसार कभी ज्यादा बारिश और ओले पड़ने और कभी दो से तीन महीने तक लगातार सूखा पड़ने से फसलों के उत्पादन पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है। हिमाचल में फल उत्पादन करीब 76 फीसदी क्षेत्र में होता है। 46 प्रतिशत में सेब की खेती की जाती है। बढ़ती जनसंख्या और संतुलित आहार के प्रति जागरूकता के कारण भारत में फलों की मांग तेजी से बढ़ रही है। इस मांग को पूरा करने के लिए मौजूदा बगीचों में उत्पादन में सुधार करना आवश्यक है। कुछ वर्षों में राज्य में सेब उत्पादकता में काफी गिरावट आई है। खराब प्रबंधन पद्धतियां, रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों पर अत्याधिक निर्भरता के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभाव हिमाचल प्रदेश के एक समय फलते-फूलते सेब उद्योग के लिए गंभीर चुनौती बन गए हैं। उद्यान विभाग के निदेशक विनय सिंह ने कहा कि सेब उत्पादकता में गिरावट का मुख्य कारण जलवायु परिवर्तन है। विभाग एचपी एचडीपी के तहत उच्च घनत्व वाले बगीचों को बढ़ावा दे रहा है और इसके परिणाम जल्द आएंगे। समय-समय पर उचित प्रबंधन के लिए उचित दिशा निर्देश जारी किए जाते हैं। कृषि विज्ञान केंद्र शिमला की प्रभारी डॉ. उषा शर्मा ने बताया कि प्राकृतिक पद्धतियों में स्वस्थ मृदा पारिस्थितिकी तंत्र फलों की दृढ़ता, स्वाद, शर्करा की मात्रा और रंग को बढ़ाकर फलों की गुणवत्ता को बढ़ाता है। रासायनिक पदार्थों के उपयोग को समाप्त करके, प्राकृतिक खेती पर्यावरण प्रदूषण को कम करती है। किसान स्थानीय रूप से उपलब्ध सामग्री जैसे गाय का गोबर, गोमूत्र, दरैक के पत्ते आदि का उपयोग करके अपना खुद का जैविक मिश्रण तैयार कर सकते हैं।
पधर: द्रंग ब्लाक युवा कांग्रेस के नव निर्वाचित उपाध्यक्ष अक्षय वर्मा का गरूवार को पार्टी मुख्यालय पधर में पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा गर्मजोशी से स्वागत किया गया। स्वागत समारोह में बड़ी संख्या में युवा सदस्य शामिल हुए, जिन्होंने कांग्रेस नेतृत्व पर विश्वास व्यक्त करते हुए पार्टी के भविष्य को लेकर उत्साह प्रकट किया। इस अवसर पर नव निर्वाचित उपाध्यक्ष अक्षय वर्मा ने अपने संबोधन में युवा कार्यकर्ताओं का आभार जताते हुए कहा कि युवा शक्ति ही भविष्य है। युवाओं की मेहनत और समर्पण से ही हम अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं से आग्रह किया है कि संगठन को मजबूत बनाने के लिए एकजुट होकर काम करें। इस मौके पर उन्होंने पार्टी की नीतियों और आगामी रणनीतियों पर भी प्रकाश डाला। उनके नेतृत्व में कांग्रेस संगठन के पुनर्गठन और युवा वर्ग को अधिक अवसर देने की उम्मीद जताई जा रही है। कार्यक्रम के अंत में सभी ने मिलकर कांग्रेस के आदर्शों और सिद्धांतों को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया। इस अवसर पर कांग्रेस ओबीसी अध्यक्ष द्रंग देश राज, नवीन सकलानी अध्यक्ष कांग्रेस कमेटी डलाह, जय सिंह प्रधान ग्राम पंचायत तरसवाण, पूर्व युवा कांग्रेस अध्यक्ष चौहार ओम प्रकाश, पूर्व उप प्रधान शेष राम, सुरेश कुमार राव पूर्व उपाध्यक्ष द्रंग कांग्रेस, कमलेश वर्मा, दीक्षित वर्मा, नवीन ठाकुर, गौरव चौहान, दिव्यांशु शर्मा, शुभम शर्मा, दीपक ठाकुर, सुरेश चौहान तथा युवा नेता संजय कुमार सहित कई कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
मण्डी जिला के धर्मपुर विधान सभा क्षेत्र में बहरी में हुए अवैध रूप से बालन कटान को लेकर भाजपा द्वारा सवाल उठाए जा रहे है ओर जांच के लिए कमेटी का गठन किया गया है। वही सीएम मीडिया एडवाइजर नरेश चौहान ने इस पर पलटवार किया है और भाजपा पर इस पर राजनीति करने के आरोप लगाए है। उन्होंने कहा कि यह मामला विधानसभा के सदन में भी उठा था और मुख्यमंत्री ने कहा था कि इस तरह का यदि कोई कटान हुआ होगा तो उसकी जांच की जाएगी। इसको लेकर भाजपा द्वारा जांच करने के लिए कमेटी बनाई गई है यह भाजपा की राजनीतिक मजबूरी है। जबकि सरकार की ओर से वन विभाग के अधिकारियों को इसको लेकर पहले ही निर्देश जारी कर रिपोर्ट तलब की गई है। वही नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के उस बयान को हास्यास्पद् करार दिया है, जिसमें उन्होंने सरकार पर कर्मचारी विरोधी होने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि जयराम ठाकुर बौखला गए हैं और इसीलिए मीडिया के छाए रहने के लिए आए दिन अनाप -शनाप ब्यानबाजी करते रहते हैं। नरेश चौहान ने कहा कि कांग्रेस पार्टी हमेशा ही कर्मचारियों की हितैषी रही है, जिसने समय पर उनके सभी देय लाभ दिए हैं लेकिन जय राम ठाकुर ने अपने पांच वर्ष के कार्यकाल में कर्मचारियों को ठगने का काम किया और बार-बार डबल इंजन की सरकार का राग अलापने वाली भाजपा सरकार के कार्यकाल में ही कर्मचारियों को ना तो उनके संशोधित वेतनमान का पूरा बकाया दिया गया और ना ही समय पर मंहगाई भत्ते की किश्तें ही दी गई, जबकि वर्तमान सरकार ने प्रदेश के कर्मचारियों को अपने दो वर्ष के कार्यकाल में तीन मंहगाई भत्ते की किश्तें दी तथा साथ में दीवाली त्यौहार को देखते हुए उनका वेतन भी अग्रिम दिया गया।
हिमाचल प्रदेश में बर्फबारी के बाद कड़ाके की ठंड पड़ रही है। बर्फबारी के चलते तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई है। मौसम विभाग शिमला ने आगामी 27, 28 और 29 दिसंबर को बारिश और बर्फबारी की संभावना जताई गई है। 27 और 28 दिसंबर को जहां प्रदेश के ऊंचाई व मध्य पर्वतीय इलाकों में बर्फबारी और निचले व मैदानी इलाकों में बारिश की संभावना है। वहीं, 29 दिसंबर को प्रदेश के ऊंचे व मध्य पहाड़ी इलाकों में बारिश और बर्फबारी को लेकर अलर्ट जारी है, जबकि बाकी दिन मौसम साफ बताया गया है। वहीं, मौसम विभाग द्वारा प्रदेश के निचले व मैदानी इलाकों में शीतलहर को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। ऊना, हमीरपुर, सुंदरनगर और चंबा में शीतलहर का कहर जारी है। वहीं, बिलासपुर और मंडी जिले के कुछ जगहों पर घना कोहरा भी छाया रहा। वहीं, अगर बात करें न्यूनतम तापमान की तो प्रदेश के 8 शहरों का पारा माइनस में है। प्रदेश में ताबो -10.6 डिग्री सेल्सि न्यूनतम तापमान के साथ सबसे ठंडा रहा।
मंडी: नगर निगम मंडी ने शहर के सौंदर्यीकरण के लिए अपने स्तर पर मुहीम शुरू कर दी है, जिसके तहत निगम द्वारा शहर की सभी रेहड़ियों को एक जगह स्थापित किया जा रहा है। दरअसल नगर निगम द्वारा मंडी बाईपास पर नई रेहड़ी-फड़ी मार्केट का निर्माण किया जा रहा है। इन दिनों इस मार्केट का कार्य युद्व स्तर पर जारी है, आने वाले समय में इसी मार्केट में शहर की सभी रेहड़ियां नजर आएंगी। नगर निगम मंडी के मेयर वीरेंद्र भट्ट ने बताया, 3 करोड़ की लागत से नई रेहड़ी-फड़ी मार्केट तैयार की जा रही है। लोकनिर्माण विभाग के द्वारा इस मार्केट का निर्माण किया जा रहा है, जिसमें 400 रेहड़ियों को लगाने की जगह होगी। लोक निर्माण विभाग द्वारा मार्च माह तक इस कार्य को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसके बाद यहां पेबर ब्लॉक बिछाई जाएगी व शौचालयों की भी निर्माण किया जाएगा। मेयर वीरेंद्र भट्ट ने बताया कि रेहड़ी-फड़ी मार्केट को ज्यादा सुविधाजनक बनाने के लिए रेहड़ी फड़ी धारक यूनिफॉर्म मार्केट साइज शेड का निमार्ण भी कर सकते है। साथ ही उन्होंने साफ किया कि इस मार्केट में नए रेहड़ी फड़ी धारकों को फिलहाल जगह नहीं दी जाएगी। आने वाले समय में मार्केट के विस्तारीकरण की आवश्यकता होगी तो सुंदरनगर की ओर इस मार्केट का विस्तार किया जाएगा। बता दें कि इस समय नगर निगम के पास 300 के करीब पंजीकृत रेहड़ियों की संख्या है, जो शहर के विभिन्न हिस्सों में लगाई जा रही हैं। नई रेहड़ी फड़ी मार्केट बनने के बाद शहर की यह रेहड़ियां मंडी बाईपास पर ही नजर आएंगी, जिससे अन्य स्थानों पर पड़ने वाला रेहड़ियों का बोझ भी कम होगा। ये शहर के सौंदर्यीकरण के लिए बेहतरीन कदम साबित होगा।
केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना चरण-4 में नई सड़कों के साथ पुरानी खराब सड़कों की मेटलिंग करने के प्रदेश के आग्रह को स्वीकार कर लिया है। लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने नियमों का हवाला देते हुए केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज चौहान के समक्ष यह मामला उठाया था। हिमाचल में 2,000 करोड़ रुपये से 1,500 किलोमीटर सड़कें पक्की होंगी। केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के चरण-एक में टारिंग, मेटलिंग से वंचित सड़कों को चरण-चार में शामिल कर दिया है। अब चरण-चार में ये सड़कें पक्की होंगी। लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने नियमों का हवाला देते हुए केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज चौहान के समक्ष यह मामला उठाया था। केंद्रीय मंत्रालय ने सरकार को स्वीकृति पत्र जारी कर इन सड़कों को चरण-चार में शामिल करने की हामी भरी है। अगले सप्ताह लोक निर्माण विभाग के अधिकारी दिल्ली जाएंगे, वहां केंद्रीय मंत्रालय के समक्ष इन सड़कों की प्रस्तुति देंगे। हिमाचल में चरण-दो और तीन में सभी सड़कों का निर्माण हो चुका है, लेकिन चरण-एक में 200 से ज्यादा सड़कें पक्की नहीं हो पाई थीं। इन सड़कों के पक्का होने से हिमाचल की 40 फीसदी जनता लाभान्वित होगी। इससे पहले चरण-तीन में हिमाचल को 3,000 करोड़ रुपये मिले थे। अब सड़कों को पक्का करने के लिए हिमाचल को केंद्र 2,000 करोड़ की राशि देगा। विक्रमादित्य ने कहा कि सड़कों का जायजा लेने के लिए जिलों के दौरे किए थे। कई सड़कें हैं जो 10 सालों से पक्की नहीं हो पाई हैं। इस बारे में सचिवालय में अधिकारियों के साथ बैठक की गई। इसके बाद मामला केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री से उठाया था।
सपैल वैली के धार्मिक अनुष्ठान भूंडा महायज्ञ के लिए पांच बावड़ियों का पवित्र जल बुधवार को देवता बकरालू के मंदिर में पहुंच गया। इसके साथ ही वीरवार को मंदिर परिसर में भूंडा का आगाज हो जाएगा। 39 साल बाद हवन कुंड के खुलने से अनुष्ठान का आगाज होगा। हालांकि, सार्वजनिक तौर पर दो जनवरी से भूंडा की रस्में शुरू होंगी। नौ गांवों के हजारों लोगों ने मंदिर से लेकर अपने घरों तक की सभी तैयारियों पूरी कर ली हैं। बुधवार को ब्राह्मणाें के कंधों पर पवित्र जल को ढोल-नगाड़ों के साथ दलगांव में देवता बकरालू के मंदिर तक पहुंचाया गया। पूजा-अर्चना के बाद ग्रामीणों की ओर से मंदिर की बाहर से सफाई की गई। कारदार और हवन कमेटी की मंदिर में रात भर उपस्थिति रहेगी। मंदिर में तय मुहूर्त के अनुसार हवन कुंड को खोला जाएगा। अनुष्ठान की समाप्ति तक यहां लगातार हवन चलता रहेगा। भूंडा महायज्ञ की असली रस्में दो जनवरी से शुरू होंगी। दो जनवरी को यहां मेहमानों और देवताओं का स्वागत होगा। तीन जनवरी को देवता के मंदिर में शिखा पूजन मंदिर की छत पर पूजा-अर्चना के साथ होगा। चार जनवरी को मुख्य रस्म रस्सी पर आदमी को बांध पर खाई पार करवाई जाएगी। इसको स्थानीय भाषा में बेडा कहा जाता है। पांच जनवरी को देवताओं की विदाई का कार्यक्रम उच्छड़ पाछड़ रहेगा। दलगांव के इस मंदिर में 39 साल पहले भूंडा अनुष्ठान हुआ था। इस बार हो रहे अनुष्ठान की करीब पांच साल से मंदिर से हर घर तक तैयारी चल रही है। सपैल वैली से नौ गांवों के लोग अपने-अपने घरों में मेजबानी की पूरी तैयारी कर चुके हैं। रामपुर तहसील के दलोग, शरण जरासी सहित पूरी नरैण पंचायत के लोग भी इस अनुष्ठान के मेजबान माने जाते हैं। पूरे क्षेत्र के ग्रामीणों की ओर से दूर-दूर तक के रिश्तेदारों को बीते एक महीने से निमंत्रण बांटे जा रहे हैं। इधर, विधायक मोहन लाल ब्राक्टा ने मंदिर में पहुंच कर तैयारियों का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने मंदिर कमेटी से भी यातायात व्यवस्था, कानून व्यवस्था को लेकर चर्चा की। देवता बकरालू के मोतमीन रधुनाथ झामटा ने कहा मंदिर की ओर से इस अनुष्ठान की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। उन्होंने कहा यहां पर देवता मोहरिश, देवता बौंद्रा, देवता महेश्वर मुख्य रूप से शामिल होगे। उन्होंने कहा अब इसको सफल बनाने के लिए मेहमानों के सहयोग की जरूरत रहेगी। अनुष्ठान में हर दिन हजारों लोगों के पहुंचने का अनुमान है।
हिमाचल प्रदेश में बुधवार को धूप तो खिली रही, लेकिन पिछले दिनों हुई बर्फबारी से लोगों की दुश्वारियां बढ़ गईं। तीन नेशनल हाईवे समेत 134 सड़कें अभी बंद हैं। राजधानी से ऊपरी शिमला, मनाली से केलांग, कुल्लू से आनी के लिए बस सेवा ठप है। कुल्लू-मनाली एनएच-03, सैंज-लूहरी एनएच 305 और शिमला से रामपुर एनएच-5 बंद है। नई दिल्ली से भुंतर और अमृतसर की उड़ानें सातवें दिन भी बंद रहीं। वीरवार और शुक्रवार को मौसम साफ रहने के आसार हैं। 27 और 28 दिसंबर को फिर भारी बारिश और बर्फबारी का पूर्वानुमान है। 26 और 27 दिसंबर को शीतलहर चलने, बिजली चमकने और ओलावृष्टि का पूर्वानुमान है। बुधवार को ऊना, हमीरपुर, सुंदरनगर और चंबा में शीतलहर चली। प्रदेश में धूप खिलने के बाद सड़क बहाली का काम युद्ध स्तर पर शुरू हुआ और देर शाम तक करीब 100 सड़कें बहाल की गईं। शिमला जिला में अभी सबसे अधिक 77 सड़कें बंद हैं। लाहौल-स्पीति में 25, कुल्लू में 21 और मंडी जिला में 11 सड़कें बंद हैं। प्रदेश में 65 ट्रांसफार्मर बहाल नहीं हो पाए। लाहौल-स्पीति में 34, शिमला में 23, चंबा में 6 और किन्नौर में 2 ट्रांसफार्मर खराब हैं। 18 जलापूर्ति परियोजनाएं ठप पड़ी हैं। शिमला जिले में सबसे अधिक 12 और किन्नौर में 6 पेयजल योजनाएं ठप हैं। उधर, जिला चंबा में बंद छह ट्रांसफार्मर बुधवार को भी बहाल नहीं हो पाए। अटल टनल रोहतांग के साथ जलोड़ी दर्रा वाहनों के लिए अभी बंद है। मंगलवार रात जलोड़ी दर्रा में 30 सेंटीमीटर, कोकसर में 20, ग्रांफू में 30, रोहतांग 60, सिस्सू में आठ व अटल टनल के दोनों छोर में 10 से 12 सेंटीमीटर बर्फ गिरी है। लाहौल-स्पीति जिला पुलिस ने बुधवार को सुबह 10:00 बजे से लेकर दोपहर एक बजे तक बर्फ में फंसी 20 गाड़ियों को निकाला, जिसमें लगभग 80 से 100 के बीच पर्यटक थे।
लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने आज बताया कि केन्द्र सरकार ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना चरण-4 में नई सड़कों के साथ पुरानी खराब सड़कों की मेटलिंग करने के प्रदेश के आग्रह को स्वीकार कर लिया है। लोक निर्माण मंत्री ने कहा कि प्रदेश ने केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान से इसके दृष्टिगत विशेष आग्रह किया था। उन्होंने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा प्रदेश में नई सड़कों के साथ पुरानी खराब सड़कों की मेटलिंग की अनुमति प्रदान करने से राज्य में लगभग 1000-1500 किलोमीटर सड़कों के मेटलिंग कार्य में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों को सुदृढ़ करने में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना चरण-4 के तहत विभिन्न प्रावधानों से उल्लेखनीय सहायता प्राप्त होगी। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में बर्फबारी के कारण बाधित सड़कों में यातायात के सुचारू संचालन के लिए युद्धस्तर पर कार्य किया जा रहा है। विभाग द्वारा अधिकांश बाधित सड़कों को समयबद्ध खोला गया है। बर्फबारी से प्रभावित होने वाले चिन्हित क्षेत्रों में पर्याप्त संख्या में कार्यबल और मशीनरी तैनात की गई है। यह प्रयास किया जा रहा है कि पर्यटन सीजन के दौरान पर्यटकों के साथ-साथ स्थानीय लोगों को भी किसी असुविधा का सामना न करना पड़े।
हिमाचल: भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की आज हिमाचल में 100वीं जयंती मनाई गई। इस मौके पर शिमला के रिज मैदान पर राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल व नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने पूर्व प्रधानमंत्री की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। इसके बाद राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने अटल बिहारी वाजपेयी की जीवनी पर आधारित एक प्रदर्शनी का शुभारंभ किया। इस अवसर पर राज्यपाल शुक्ल ने कहा अटल ने पोखरण में परमाणु परीक्षण कर पूरे विश्व को संदेश दिया था कि भारत अपनी शक्ति के आगे दूसरे की जबरदस्ती की शक्ति को स्वीकार नहीं करेगा। हम शांति के दूत हैं लेकिन क्रांति निश्चित रूप से करना जानते हैं। यह अटल जी ने सिखाया था। आज हम उनको अपनी श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं। इस मौके पर बीजेपी के अन्य नेता भी मौजूद रहे। उन्होंने देश की प्रगति में ऐसा काम किया जिसे आज हम उनकी जयंती पर सुशासन दिवस के रूप में मनाते हैं। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की कुल्लू के ढालपुर में भी 100वीं जयंती मनाई गई। इस अवसर पर जिला कुल्लू के मुख्यालय ढालपुर में बीजेपी ने अटल जी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए और उनके द्वारा भारत के विकास में किए गए कार्यों को याद किया गया। जिला कुल्लू भाजपा के अध्यक्ष अरविंद चंदेल ने बताया अटल जी द्वारा किए गए गए विकास कार्यों का आज आम जनता को लाभ मिल रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के अवसर पर हमीरपुर जिला के तहत समीरपुर में भी एक कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इस कार्यक्रम में भारत रत्न अटल जी को याद किया गया। इस मौके पर अपने संबोधन में हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने कहा यह जन्म अटल जी का शताब्दी वर्ष हैं। इसको लेकर पूरे देश में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। वाजपेयी जी ने अपने प्रधानमंत्री काल में जो कार्य देश के लिए किए हैं उनके लिए समस्त देशवासी उनके सदैव ऋणी रहेंगे। उन्होंने कहा कि विशेषकर प्रधानमंत्री सड़क योजना से हिमाचल जैसे पहाड़ी एवं दुर्गम क्षेत्रों को सड़कों की सौगात मिली है। ऐसी सड़कों के निर्माण के लिए उन्हें सदैव याद किया जाएगा।
लाहौल-स्पीति: जिला के मुख्यालय लोअर केलांग में मंगलवार शाम एक दो मंजिला मकान में आग लग गई। यह मकान क्षेत्रीय अस्पताल के पास था। आग लगने के चलते मकान पूरी तरह से जल गया। वहीं, मकान के अंदर मौजूद 4 साल के बच्चे की आग की चपेट में आने से मौत हो गई। आग लगने की सूचना मिलते ही पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। फिलहाल आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है। पुलिस आग लगने के कारणों की जांच कर रही है। जानकारी के मुताबिक इस दो मंजिला मकान में नेपाली मूल की दंपति अपने 4 साल के बेटे के साथ रहती थी। मकान में जब आग लगी तो नेपाली मूल का व्यक्ति भीम बहादुर अपनी पत्नी के साथ घर के बाहर था और उनका 4 साल का बेटा घर के अंदर मौजूद था। ऐसे में अचानक मकान ने आग पकड़ ली और घर के अंदर रखा सिलेंडर भी ब्लास्ट कर गया जिसके चलते आग एकाएक बढ़ गई। आग लगने की सूचना मिलते ही पुलिस और अग्निशमन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और सभी लोगों की मदद से आग पर काबू पाया गया। उसके बाद 4 साल के बच्चे की तलाश शुरू की गई लेकिन उसकी आग में जलने के चलते मौत हो गई थी। तहसीलदार केलांग, रमेश कुमार ने बताया, इस दो मंजिला भवन में चार कमरे थे और इसमें भीम बहादुर नाम का शख्स अपने परिवार के साथ किराये पर रहता था। मकान में हुए नुकसान का आंकलन 10 लाख रुपये से अधिक का है। अग्निकांड में चार साल के बच्चे की जलने से मौत हो गई है। अधिकारियों द्वारा मामले की जांच की जा रही है और आग लगने के कारणों का पता लगाया जा रहा है।
मंडी: हिमाचल की सर्द दोपहर में शॉल ओढ़े बैठी साकम्मा 20 साल बाद अपने घर जा रही है। अपने बच्चों के पास, जो करीब 20 साल पहले उसे मरा हुआ समझकर अंतिम संस्कार कर चुके थे। हिमाचल के मंडी से करीब 2000 किलोमीटर दूर कर्नाटक के अपने घर पहुंचने में साकम्मा को दो दशक लग गए। कहानी फिल्मी लगती है लेकिन रियल है। कई मुश्किलों और मजबूरियों के बीच साकम्मा की कहानी आपकी आंखे नम कर जाएगी। साकम्मा की कहानी की हैप्पी एडिंग की शुरुआत बीते 18 दिसंबर को हुई। जब एडीसी रोहित राठौर मंडी जिले के भंगरोटू स्थित एक वृद्धाश्रम में निरीक्षण के लिए पहुंचे थे। यहां उन्होंने साकम्मा नाम की महिला को देखा। पता चला कि वो कर्नाटक की रहने वाली हैं और हिंदी नहीं जानती हैं। उनकी मानसिक हालत भी कुछ ठीक नहीं थी, जिसके बाद एडीसी रोहित राठौर अन्य अफसरों के साथ साकम्मा को उनके घर पहुंचाने के मिशन में जुट गए। इसके बाद साकम्मा के साथ कन्नड़ में बात करने के लिए प्रदेश में तैनात कर्नाटक के अफसरों तक पहुंचने की कोशिश हुई। कर्नाटक की निवासी नेत्रा मैत्ती हिमाचल के कांगड़ा जिले में पालमपुर की एसडीएम हैं। फोन पर उनकी बात साकम्मा के साथ करवाई गई और उनके घर के बारे में जानकारी जुटाई गई। फिर मंडी जिले में ही तैनात आईपीएस प्रोबेशनर अधिकारी रवि नंदन को वृद्धाश्रम भेजकर साकम्मा के साथ बातचीत करवाई गई। महिला का वीडियो बनाकर कर्नाटक के अधिकारियों के साथ साझा किया गया। फिर हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक के अफसरों के प्रयास से साकम्मा के परिवार को ढूंढ लिया गया। साकम्मा कर्नाटक के जिला विजय नगर के गांव दनायाकनाकेरे की रहने वाली हैं।जिला उपायुक्त, मंडी अपूर्व देवगन ने बताया, समय-समय पर ओल्ड एज होम और अनाथाश्रम की इंस्पेक्शन की जाती है। हाल ही में अतिरिक्त उपायुक्त मंडी की ओर से भंगरोटू अनाथाश्रम का निरीक्षण किया गया। इस दौरान एक महिला से उनकी बात हुई जो कर्नाटक से हैं लेकिन उनके घर का पता नहीं चल पा रहा था। फिर जिला प्रशासन ने कर्नाटक के अफसरों के साथ मिलकर उन्हें घर पहुंचाया जा रहा है। परिवार के लोगों तक जब कर्नाटक के अफसर पहुंचे तो उन्होंने बताया कि करीब 20 साल पहले उन्हें मरा हुआ समझकर वो साकम्मा का अंतिम संस्कार कर चुके हैं। दरअसल उन्हें एक सड़क हादसे में महिला का शव मिला था, जिसे साकम्मा समझकर परिवार ने अंतिम संस्कार कर दिया था। साकम्मा के जिंदा होने की खबर सुनकर परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं है। स्मृतिका नेगी, एसडीएम, बल्ह ने बताया , ये महिला 20 साल से मिसिंग है और परिवार को लगा था कि इनकी मौत हो चुकी है। 20 साल के बाद साकम्मा का मिलना पुनर्जन्म जैसा ही है। ओल्ड एज होम से लेकर प्रशासन ने पूरा सपोर्ट किया है और हम साकम्मा को शुभकामनाएं देते हैं कि वो अब अपने परिवार के साथ खुश रहेंगी। साकम्मा को 20 साल पुरानी बातें ही याद हैं कि उनके छोटे-छोटे बच्चे हैं, लेकिन अब उनके बच्चों की शादी हो चुकी है। साकम्मा के चार बच्चे थे जिनमें से तीन जीवित हैं। उनके दो बेटे और एक बेटी अपनी मां का इंतजार कर रहे हैं। साकम्मा भी जल्द अपने परिवार से मिलने वाली है। कर्नाटक सरकार के तीन अधिकारी उन्हें लेने के लिए हिमाचल पहुंचे हैं। कर्नाटक के सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता विभाग के ऑफिसर इस प्रयास के लिए हिमाचल सरकार के अफसरों की सराहना करते हैं। बस्वराज एनजी, कर्नाटक सरकार के अधिकारी ने अपनी सरकार की तरफ से हिमाचल सरकार का धन्यवाद करते हुए कहा, हिमाचल के सभी अधिकारियों ने साकम्मा को उसके घर पहुंचाने के लिए हमारी बहुत मदद की है। आश्चर्य की बात है 20 साल बाद साकम्मा मिली है। साकम्मा के तीन बच्चे उसका कर्नाकट में इंतजार कर रहे हैं। परिवार के लोगों ने साकम्मा को मरा हुआ समझकर अंतिम संस्कार कर दिया था लेकिन साकम्मा जिंदा है। साकम्मा 20 साल बाद 24 दिसंबर को कर्नाकट से आए अधिकारियों के साथ अपने घर के लिए रवाना हो चुकी हैं चंडीगढ़ से साकम्मा हवाई मार्ग से कर्नाटक जाएगी। प्रशासन ने सभी कागजी प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद साकम्मा को कर्नाटक से आए अधिकारियों के हवाले कर दिया था, जिसके बाद साकम्मा को लेकर अधिकारी चंडीगढ़ के लिए रवाना हो गए थे।
आउटसोर्स भर्तियों को लेकर नियमों की उड़ रहीं धज्जियों पर हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने सरकार की अस्थायी व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने सरकार से पूछा है कि क्या एक फिनाइल बेचने वाली कंपनी नर्सों की भर्ती कर सकती है। सरकार ने इसके लिए कोई भी पैरामीटर और नियम नहीं बनाए हैं। हाईकोर्ट में जेके इंटरप्राइजेज की ओर से कंपनी को किन मापदंडों के तहत काम दिया जाता है और क्या पारदर्शिता है, इस पर याचिका दायर की गई है। सरकार ने इस पर अपना जवाब दायर किया है, जिस पर अदालत ने नाराजगी जताई। इस मामले की सुनवाई 31 दिसंबर को होगी। कंपनी की ओर से आरोप लगाया गया है कि कॉरपोरेशन की ओर से 5 फीसदी कमीशन तय किया है, जिससे ढाई-ढाई फीसदी कॉरपोरेशन और कंपनियों को जाता है। इस वजह से कंपनियों का वित्तीय नीलामी का अधिकार छिन गया है। काॅरपोरेशन कंपनियों को एंपैनल करता है, उसके बाद विभाग कॉरपोरेशन को संस्तुतियां भेजता है। अगर 10 लोगों से कम लेबर का काम है तो रोटेशन के तहत कंपनियों को काम देते हैं। अगर उससे अधिक है तो कोई नियम नहीं हैं। उसके लिए तकनीकी नीलामी करते हैं। विभाग की ओर से अगर किसी कंपनी के नाम की सिफारिश की जाती है तो उसी को काम दिया जाता है। कॉरपोरेशन ने 36 कंपनियां चयनित की हैं, जिससे विभागों के काम आउटसोर्स किए जाते हैं। कॉरपोरेशन इनसे 50-50 हजार रुपये लेता है। हिमाचल प्रदेश में वित्तीय नियम 2009 के तहत आउटसोर्स प्रक्रिया शुरू की गई है, जिसके तहत सलाहकार बोर्ड, रजिस्ट्रेशन, लाइसेंस और अधिसूचना होनी चाहिए, जबकि हिमाचल प्रदेश कॉरपोरेशन इन सभी नियमों को दरकिनार कर आउटसोर्स भर्तियां कर रहा है। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में आउटसोर्स भर्तियों पर लगाई गई रोक को हटाने के लिए सरकार की ओर से एक अर्जी दायर की गई है। महाधिवक्ता ने अदालत को बताया कि आउटसोर्स भर्तियों की प्रक्रिया के लिए कमेटी के गठन के निर्माण पर सरकार विचार कर रही है। प्रदेश सरकार इस कमेटी की देखरेख करेगी, जिससे भर्तियों की प्रक्रिया में पारदर्शिता होगी। सरकार की ओर से दायर अर्जी पर अब 31 दिसंबर को सुनवाई होगी। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और सत्येन वैद्य की खंडपीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है। अदालत ने 7 नवंबर को इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन की ओर से विभागों में की जा रही सभी भर्तियों पर रोक लगा दी थी। खंडपीठ ने कंपनियों और उम्मीदवारों का सारा डाटा बेवसाइट पर अपलोड करने के निर्देश दिए हैं। याचिकाकर्ता ने आराेप लगाए हैं कि प्रदेश में करीब 110 कंपनियां फर्जी पाई गई हैं। भर्तियों की प्रक्रिया के लिए कोई नियम नहीं बनाए गए हैं। केंद्र की पॉलिसी के तहत केवल चतुर्थ श्रेणी के पदों को ही आउटसोर्स किया जाता है, जबकि हिमाचल प्रदेश में तृतीय श्रेणी को भी आउटसोर्स पर किया जा रहा है।
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में आउटसोर्स भर्तियों पर लगाई गई रोक को हटाने के लिए सरकार की ओर से एक अर्जी दायर की गई है। महाधिवक्ता ने अदालत को बताया कि आउटसोर्स भर्तियों की प्रक्रिया के लिए कमेटी के गठन के निर्माण पर सरकार विचार कर रही है। प्रदेश सरकार इस कमेटी की देखरेख करेगी, जिससे भर्तियों की प्रक्रिया में पारदर्शिता होगी। सरकार की ओर से दायर अर्जी पर अब 31 दिसंबर को सुनवाई होगी। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और सत्येन वैद्य की खंडपीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है। अदालत ने 7 नवंबर को इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन की ओर से विभागों में की जा रही सभी भर्तियों पर रोक लगा दी थी। खंडपीठ ने कंपनियों और उम्मीदवारों का सारा डाटा बेवसाइट पर अपलोड करने के निर्देश दिए हैं। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाए हैं कि प्रदेश में करीब 110 कंपनियां फर्जी पाई गई हैं। भर्तियों की प्रक्रिया के लिए कोई नियम नहीं बनाए गए हैं। केंद्र की पॉलिसी के तहत केवल चतुर्थ श्रेणी के पदों को ही आउटसोर्स किया जाता है, जबकि हिमाचल प्रदेश में तृतीय श्रेणी को भी आउटसोर्स पर किया जा रहा है।
करसोग/राज सोनी: पीएम श्री राजकीय आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला पांगणा का वार्षिक पारितोषिक वितरण समारोह बीते कल अत्यंत उल्लास और धूमधाम के साथ संपन्न हुआ। यह आयोजन क्लस्टर स्तर पर आयोजित किया गया, जिसमें राजकीय केंद्रीय प्राथमिक पाठशाला पांगणा ने भी सक्रिय भागीदारी निभाई। मुख्य अतिथि के रूप में प्रख्यात शिक्षाविद् और सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य लक्ष्मी दत्त शर्मा ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति से समारोह की शोभा बढ़ाई। उनके साथ उनके सुपुत्र मंगलेश शर्मा भी शामिल रहे। कार्यक्रम में सेवानिवृत एक्शियन के. डी.चौहान , सेवानिवृत्ति एम. सी. पी. ओ दयानंद ठाकुर, पतंजलि योगपीठ से जगदीश शर्मा सहित कई व्यक्ति शामिल रहे। स्कूल प्रबंधन समिति अध्यक्ष नारायण सिंह और अन्य सदस्य भी कार्यक्रम में सक्रिय रूप से शामिल रहे। उनका स्वागत ढोल-नगाड़ों और फूल-मालाओं से भव्य तरीके से किया गया। उन्होंने बच्चों द्वारा लगाई गई मॉडल प्रदर्शनी का अवलोकन किया। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन से हुआ, जिसके बाद छात्राओं ने सरस्वती वंदना और स्वागत गीत प्रस्तुत किया। समारोह में विद्यार्थियों ने एकल गीत, समूह गान, पहाड़ी नाटी, पंजाबी नृत्य और लोक नृत्य जैसी सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। प्रधानाचार्य संजय कुमार ने विद्यालय का वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए शैक्षणिक सत्र 2024-25 की उपलब्धियों का उल्लेख किया और विद्यार्थियों की प्रतिभा और शिक्षकों के समर्पण की सराहना की। मुख्य अतिथि ने विद्यालय के दानदाताओं के नामों से सुसज्जित हॉनर बोर्ड का अनावरण किया और शैक्षणिक व सह-शैक्षणिक गतिविधियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कृत कर उन्हें प्रोत्साहित किया। उन्होंने आध्यात्मिक जीवन के महत्व को समझाते हुए बताया कि कैसे नैतिक मूल्यों और सकारात्मक सोच से जीवन को संतुलित और सफल बनाया जा सकता है। सामाजिक जागरूकता पर जोर देते हुए उन्होंने विद्यार्थियों को बताया कि एक जिम्मेदार नागरिक बनने के लिए समाज के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वहन करना कितना महत्वपूर्ण है। अंत में प्रधानाचार्य संजय कुमार और उप प्रधानाचार्य मस्तराम सहित सभी स्टाफ सदस्यों ने अतिथियों, शिक्षकों, अभिभावकों और विद्यार्थियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। यह आयोजन न केवल विद्यार्थियों की प्रतिभा को मंच प्रदान करने में सफल रहा, बल्कि विद्यालय और समुदाय के बीच सहयोग और समर्पण को भी मजबूत करने का माध्यम बना।
** भाजपा की वजह से हुई हिमाचल में कई राष्ट्रीय स्तर के शिक्षण संस्थान की स्थापना: अनुराग ठाकुर देहरा: पूर्व केंद्रीय मंत्री व हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद अनुराग सिंह ठाकुर ने बीते कल देहरा में निर्माणाधीन केंद्रीय विश्वविद्यालय में अधिकारियों के साथ बैठक कर चल रहे विकास कार्यों का निरीक्षण किया व सुनेहत में दिल्ली कॉन्वेंट स्कूल के वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह में पात्र विद्यार्थियों को पुरस्कार वितरित कर उन्हें उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएँ दीं व नशे जैसी सामाजिक बुराई से दूर रहने का आह्वाहन किया। अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा, अच्छी व सुगम शिक्षा किसी भी राष्ट्र के प्रगति की पहली मूलभूत आवश्यकता है। 2014 के बाद पूरे देश की शैक्षणिक व्यवस्था में उल्लेखनीय परिवर्तन आया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में मोदी सरकार लगभग 30 वर्षों बाद नई शिक्षा नीति लाई जिससे हमारे युवाओं को क्षेत्रीय भाषा में पढ़ाई करने का मौका मिला है। इसके कारण आज छोटे शहरों के बच्चे भी ओपिनियन लीडर बन पा रहे हैं। मोदी सरकार के 10 वर्षों में हमीरपुर संसदीय क्षेत्र और हिमाचल प्रदेश एजुकेशन हब के रूप में उभर कर सामने आया है। यह मोदी जी का हिमाचल के प्रति प्रेम ही हैं ,जिसके कारण आज एक छोटे से पहाड़ी राज्य में लगभग देश के सभी बड़े शैक्षणिक संस्थान हैं। आज हिमाचल के युवाओं को प्रारंभिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा अपने ही राज्य में मिल पा रही है। आगे बोलते हुए अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा, हमारे सभी युवाओं को एक साथ आकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वाह्न के अनुरूप 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाना है, जिसमें शिक्षा की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। आज पूरे देश में 10,000 से ज्यादा अटल टिंकरिंग लैब कार्यरत हैं। पहले देश में 350 मेडिकल कॉलेज थे, मोदी ने 700 बना दिए। आज देश में 1100 विश्वविद्यालय हैं। 2014 में 384 मेडिकल कॉलेज थे। आज 700 से ज्यादा हैं। 2014 में यूनिवर्सिटी की संख्या 450 थी आज 1100 से ज्यादा है। 2014 में मात्र 7 एम्स थे, आज 22 एम्स हैं। 2014 में लगभग 51,000 एमबीबीएस की सीटें थी, आज 1 लाख 8 हजार से ज्यादा है। 2014 में देश में पीजी की सीटें मात्र 31,000 के आसपास थीं, आज 70,000 से ज्यादा हैं। 2014 में 16 आईआईएम थे, आज 23 आईआईएम हैं। 2014 में आईआईटी की संख्या 12 थी, आज 19 आईआईटी हैं। देहरा में भी 500 करोड़ की लागत से केंद्रीय विश्वविद्यालय बन रहा है। अब हमारे क्षेत्र के बच्चे अपने घर पर ही केंद्रीय विद्यालय से पढ़ कर केंद्रीय विश्वविद्यालय में पढ़ सकते हैं। हमीरपुर लोकसभा में कुल 9 केंद्रीय विद्यालय के माध्यम से छात्रों के केंद्रीय विद्यालय में पढ़ कर अच्छी शिक्षा पाने की राह और आसान हो गई है। हमने ऐसे ही हमीरपुर एनआईटी और स्लोह में ही ट्रिपल आईटी भी बनाया है। पहले हमारे यहां मेडिकल कॉलेज नहीं थे। मैंने आपकी आवाज उठाकर हमीरपुर में मेडिकल कॉलेज और बिलासपुर में एम्स बनवाया। इसके अलावा कई आईटीआई भी बनाए गए हैं। मैं यही चाहता हूं की हमारे युवा साथी अच्छी शिक्षा ग्रहण करें और आगे बढ़ें। अनुराग ठाकुर ने कहा कि आईआईएम, एनआईटी, एचपीटीयू से लेकर ट्रिपल आईटी तक के राष्ट्रीय शिक्षण संस्थान आज हिमाचल में भाजपा सरकार की देन है। हिमाचल को मोदी सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने का काम किया है ताकि हमारे यहाँ के छात्रों को अच्छी व गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए अन्य राज्यों की ओर पलायन ना करना पड़े। अनुराग ठाकुर ने आगे पूरे देश में शिक्षा के क्षेत्र में आए परिवर्तन को रेखांकित करते हुए बताया, आज पूरे देश में 10000 से ज्यादा अटल टिंकरिंग लैब कार्यरत हैं। अनुराग ठाकुर ने आगे कहा कि मोदी के विकास के साथ कदमताल करते हुए मैंने भी अपने संसदीय क्षेत्र हमीरपुर में बिना किसी सरकारी सहायता के बच्चों को गुरुकुल पद्धति के साथ निशुल्क ट्यूशन की व्यवस्था के लिए एक से श्रेष्ठ कार्यक्रम की शुरुआत की है। एक से श्रेष्ठ कार्यक्रम सबके प्रयास से सभी वर्गों के बच्चों को शिक्षा देना और सबका विकास करना है। इसकी शुरुआत 5 अक्टूबर 2021 को विश्व शिक्षक दिवस के अवसर पर की गई थी ताकि हिमाचल प्रदेश की तीन समस्याओं: अनएम्प्लॉयमेंट, इमीग्रेशन और इकोनॉमी का एजुकेशन के द्वारा समाधान किया जा सके। आज पूरे क्षेत्र में एक से श्रेष्ठ के 580 से ज्यादा केंद्र कार्यरत है जहां 9500 से ज्यादा बच्चे शिक्षा पा रहे हैं। इनमें छात्राओं की संख्या भी 48% है।
** 683 बिजली लाइन भी ठप्प हिमाचल प्रदेश में हुई ताज़ा बर्फबारी के बाद जहां पर्यटक और बागवान खुश हैं वहीं लोगों की दिक्कतें भी बढ़ी हैं। बर्फबारी के बाद हिमाचल में 3 एनएच समेत 174 सड़कें यातायात के लिए बन्द हो गई हैं। जबकि 683 बिजली की लाइन बाधित हैं। शिमला में सबसे ज्यादा सड़कें बन्द हैं।प्रशासन सड़कें खोलने में जुटा हुआ है। हिमाचल सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा ने कहा कि पिछले 24 घंटों के दौरान बर्फ में फिसलन से हुए हादसों की वजह से चार लोगों की मौत हुई है। उन्होंने बताया कि बर्फ़ में फंसे सभी पर्यटकों को निकाल लिया गया है। पर्यटकों से अपील की है कि बर्फ़ में वाहन न चलाएं। मौसम विभाग ने आज भी राज्य में बर्फ और बारिश की संभावना व्यक्त की है। मौसम विभाग ने 27 से 29 दिसम्बर को फ़िर से प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी और मैदानी क्षेत्रों में बारिश की चेतावनी जारी की है। फिलहाल करीब तीन माह के सूखे के बाद अच्छी बारिश किसानों बागवानों सहित पर्यटन क्षेत्र के लिए खुशी की सौगात लेकर आई है।
** कहा, बर्फबारी से निपटने के लिए 268 मशीनें तैनात **लोक निर्माण मंत्री ने रिव्यू मीटिंग कर अधिकारियों को अलर्ट पर रहने का दिया आदेश हिमाचल प्रदेश में भारी बर्फबारी से सैंकड़ों सड़कें यातायात के लिए बंद हैं। लोक निर्माण विभाग सड़कों को बहाल करने में जुटा हुआ है। शिमला में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने विभाग की रिव्यू मीटिंग ली और अधिकारियों को अगले पांच दिनों तक अलर्ट मोड पर रहने के आदेश दिए हैं। लोक निर्माण विभाग ने कुल 268 मशीनें बर्फबारी से निपटने के तैनात की है जो सड़कों को खोलने में जुटी हुई हैं। अगर मौसम साफ रहता है तो अगले दो दिनों में सभी सड़कें खोल दी जाएगी। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि बर्फबारी से बागवानी और पर्यटक कारोबार को फायदा होगा। अगले पांच दिन भी प्रदेश के कुछ इलाकों में बर्फबारी की संभावना है जिसे देखते हुए अधिकारियों को अलर्ट पर रहने के आदेश दिए गए हैं अगर छुटियां भी रद्द करनी पड़ी तो उसके लिए भी निर्देश दे दिए गए हैं।अगर मौसम साफ रहता है तो अगले दो दिन में सभी सड़कों को बहाल कर दिया जाएगा। रिव्यू मीटिंग में सड़कों के चल रहे निर्माण कार्य की भी रिपोर्ट ली गई है और अधिकारियों को कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। CRF के तहत 2024- 25 में हिमाचल प्रदेश को 110 करोड़ की स्वीकृति आई है।
शिमला: न्यायमूर्ति जीएस संधवालिया हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के नए मुख्य न्यायाधीश का पदभार संभालेंगे। इस संदर्भ में सोमवार 23 दिसंबर को अधिसूचना जारी कर दी गई है। मौजूदा समय में हिमाचल से ही संबंध रखने वाले न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश का पदभार संभाल रहे थे। न्यायमूर्ति जीएस संधवालिया पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में सेवारत थे। संभावना है कि न्यायमूर्ति संधवालिया इसी हफ्ते अपना कार्यभार संभालेंगे। सोमवार को केंद्र सरकार में जॉइंट सेक्रेटरी रैंक के अधिकारी जगन्नाथ श्रीनिवासन की ओर से न्यायमूर्ति संधवालिया की नियुक्ति संबंधी अधिसूचना जारी कर दी गई। उल्लेखनीय है कि पूर्व में इसी साल जुलाई की 11 तारीख को न्यायमूर्ति जीएस संधवालिया का नाम मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के सीजे के तौर पर अनुशंसित किया गया था। अब वे हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में कार्यभार संभालेंगे। इससे पहले 19 अक्टूबर 2024 को न्यायमूर्ति राजीव शकधर हिमाचल हाईकोर्ट से रिटायर हुए थे। उनकी रिटायरमेंट के बाद से न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के पद पर सेवाएं दे रहे थे। न्यायमूर्ति जीएस संधवालिया ने वर्ष 1986 में चंडीगढ़ के डीएवी कॉलेज से स्नातक की डिग्री हासिल की फिर वर्ष 1989 में उन्होंने पंजाब यूनिवर्सिटी से एलएलबी की डिग्री प्राप्त की। लॉ की डिग्री हासिल करने के बाद वे पंजाब एवं हरियाणा बार काउंसिल में एडवोकेट के रूप में सक्रिय हुए। उल्लेखनीय है कि न्यायमूर्ति जीएस संधवालिया के पिता वर्ष 1978 और वर्ष 1983 के दरम्यान पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रह चुके हैं। फिर वर्ष 1983 से 1987 तक उन्होंने पटना में हाईकोर्ट में सेवाएं दीं। फिलहाल, हिमाचल हाईकोर्ट में सेवारत न्यायधीशों की बात करें तो अभी न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान, न्यायमूर्ति विवेक सिंह ठाकुर, न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल, न्यायमूर्ति संदीप शर्मा, न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ, न्यायमूर्ति सत्येन वैद्य, न्यायमूर्ति सुशील कुकरेजा, न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह, न्यायमूर्ति रंजन शर्मा, न्यायमूर्ति बीसी नेगी व न्यायमूर्ति राकेश कैंथला का नाम आता है। न्यायमूर्ति जीएस संधवालिया के पदभार संभालने के बाद अब हिमाचल हाईकोर्ट में सीजे सहित 12 जज हो जाएंगे।
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य के जलशक्ति विभाग के पांच पैरा पंप ऑपरेटर्स की नियुक्ति को रद्द कर दिया है। मामले पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने पाया कि उपरोक्त पांच पैरा पंप ऑपरेटर्स ने जो अनुभव प्रमाण पत्र यानी एक्सपीरियंस सर्टिफिकेट सबमटि किए थे। वे विज्ञापन के अनुसार निर्धारित प्राधिकारी की तरफ से जारी नहीं किए गए थे। अदालत ने इन पंप ऑपरेटरों की नियुक्ति को रद्द करने के साथ ही जल शक्ति विभाग को निर्देश दिया कि वे सभी उम्मीदवारों की योग्यता का पुनर्मूल्यांकन करे। विभाग को आदेश जारी किए गए कि वह आवेदकों द्वारा प्रस्तुत संबंधित कार्यकारी अभियंता की ओर से जारी किए गए अनुभव प्रमाण पत्र के आधार पर यह पुनर्मूल्यांकन करें। हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल ने याचिकाकर्ता राकेश कुमार की याचिका को मंजूर करते हुए उपरोक्त आदेश जारी किए। अदालत ने आदेश दिए हैं कि इन पांच निजी प्रतिवादियों की नियुक्ति को रद्द किए जाने के कारण खाली होने वाले पदों पर योग्य उम्मीदवारों को योग्यता के आधार पर तैनाती दी जाए। राज्य के जलशक्ति विभाग ने पात्र अभ्यर्थियों से पैरा पंप ऑपरेटर्स के पदों के लिए आवेदन मांगे थे। विज्ञापन में ये स्पष्ट किया गया था कि यदि कोई अभ्यर्थी जल शक्ति विभाग, हिमाचल प्रदेश लोक निर्माण विभाग, केंद्रीय लोक निर्माण विभाग अथवा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों आदि में या राज्य जल शक्ति विभाग में सेवा देने वाली आउटसोर्सिंग एजेंसी के संबंधित क्षेत्र में अनुभव प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करेगा, तो केवल कार्यकारी अभियंता द्वारा जारी प्रमाण-पत्र को ही वैध माना जाएगा। याचिकाकर्ता राकेश कुमार के साथ-साथ पांच निजी प्रतिवादियों और अन्य ने चयन प्रक्रिया में भाग लिया था। विभाग की तरफ से जारी मेरिट लिस्ट के अनुसार अदालत को सूचित किया गया कि कुछ अभ्यर्थियों को नियुक्ति की पेशकश की गई थी। याचिकाकर्ता का नाम प्रतीक्षा सूची में क्रम संख्या एक पर था। निजी प्रतिवादियों की नियुक्ति को याचिकाकर्ता राकेश ने यह कहते हुए चुनौती दी थी कि निजी प्रतिवादियों को अनुभव के शीर्षक के तहत गलत तरीके से दो अंक दिए गए हैं, क्योंकि निजी प्रतिवादियों के अनुभव के संबंध में प्रस्तुत प्रमाण पत्र विज्ञापन में निर्धारित प्राधिकारी द्वारा जारी नहीं किए गए थे। कोर्ट ने मामले से जुड़े रिकॉर्ड को देखने के बाद पाया कि 5 पैरा पंप ऑपरेटरों ने जो अनुभव प्रमाण पत्र पेश किए और जिनके आधार पर उन्हें अनुभव के अंक देकर चुना गया, वे वास्तव में विज्ञापन के अनुसार निर्धारित प्राधिकारी द्वारा जारी नहीं किए गए थे। इस पर ही हाईकोर्ट ने ये नियुक्तियां रद्द की हैं।
हिमाचल प्रदेश में एलोपैथी डॉक्टरों को सुक्खू सरकार ने बड़ी राहत दी है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार ने पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स के लिए अध्ययन अवकाश अवधि (Study Leave Period) के दौरान एलोपैथी डॉक्टरों को शत-प्रतिशत वेतन देने का फैसला लिया है। स्टडी लीव पीरियड के दौरान एलोपैथी डॉक्टरों को ऑन ड्यूटी माना जाएगा। इससे पहले, स्टडी लीव पीरियड के दौरान एलोपैथी डॉक्टरों को वेतन का 40 प्रतिशत वेतन दिया जाता था। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश सरकार पहले से ही अध्ययन अवकाश अर्जित कर रहे पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स के लिए अध्ययनरत होम्योपैथी डॉक्टरों को पूरा वेतन प्रदान कर रही है। इसी तर्ज पर सरकार ने अब एलोपैथी डॉक्टरों के लिए भी इस नीति को अपनाने का फैसला लिया है। प्रदेश सरकार राज्य में गुणवत्तापूर्ण मेडिकल सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्धता से काम कर रही है। सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा, हिमाचल प्रदेश में पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल स्टूडेंट, शैक्षणिक प्रतिबद्धताओं के साथ-साथ मरीजों की चिकित्सा दायित्व में सामंजस्य स्थापित कर काम करते हैं। यह उनके मेडिकल फील्ड में स्पेशलाइजेशन और प्रदेश में स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिए महत्वपूर्ण है। राज्य सरकार स्टडी लीव पीरियड के दौरान डॉक्टरों को पूरा वेतन देकर उनकी कार्यशैली में गुणवत्ता सुनिश्चित कर रही है, ताकि लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया हो। सीएम सुक्खू ने कहा कि सरकार का ये फैसला प्रदेश में स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को और सुदृढ़ बनाने में सहायक सिद्ध होगा।
धर्मपुर /डिंपल शर्मा: हिमाचल प्रदेश युवा कांग्रेस के हाल ही में संपन्न हुए चुनावों में धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र से विशांत ठाकुर ने युवा कांग्रेस अध्यक्ष के पद पर एकतरफा जीत दर्ज की है। चुनाव के बाद अपने संबोधन में विशांत ठाकुर ने धर्मपुर के विधायक चंद्रशेखर का धन्यवाद किया और उनके कुशल नेतृत्व और मार्गदर्शन में युवा कांग्रेस धर्मपुर को और मजबूत करने का हर संभव प्रयास करने का संकल्प लिया। साथ ही उन्होने पार्टी के हर कार्यकर्ता को संगठन की रीढ़ बताया और कहा कि धर्मपुर युवा कांग्रेस को मजबूती प्रदान करने के लिए जमीनी स्तर पर काम किया जाएगा। इसके साथ अखिल को धर्मपुर ब्लॉक अध्यक्ष के रूप में और विक्रांत को गोपालपुर ब्लॉक अध्यक्ष के रुप में चुना गया। दोनों ब्लॉक अध्यक्षों ने विश्वास दिलाया कि वे पार्टी संगठन को मजबूत करने के लिए हर स्तर पर काम करेंगे और क्षेत्र के युवाओं को कांग्रेस के साथ जोड़ने का प्रयास करेंगे। साथ ही जिला में विकास राही और विजय को भी बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई ।धर्मपुर में युवा कांग्रेस की इस नई टीम के गठन पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं ने हर्ष व्यक्त किया है। विधायक चंद्रशेखर जी ने भी सभी नवनिर्वाचित पदाधिकारियों को बधाई दी और उम्मीद जताई कि नई टीम पार्टी को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी।
धर्मपुर/डिंपल शर्मा: आज डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन राजकीय महाविद्यालय धर्मपुर में हिमाचल प्रदेश के इतिहास में पहली बार "क्राफ्टिंग योर करियर आफ्टर प्लस 2" “ड्रीम, डिसाइड, डू" विषय पर - कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व प्रधानाचार्य सुंदर सिंह कटवाल उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम का संचालन प्रोफेसर शैली ठाकुर के द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम के संयोजक प्रोफेसर विवेकानंद शर्मा और आयोजन सचिव प्रोफेसर अभिषेक शर्मा रहे। इस वर्ष धर्मपुर कॉलेज के द्वारा क्षेत्र के 12 स्कूलों के साथ समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किया गया। हिमाचल प्रदेश के शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने भी इस पहल की सराहना की और इसे छात्रों के शैक्षणिक और करियर निर्माण के लिए एक प्रेरणादायक पहल बताया गया था। MoU में शामिल स्कूलों के शिक्षक और छात्र भी कार्यशाला में उपस्थित रहे। यह कार्यशाला न केवल हिमाचल प्रदेश में बल्कि पूरे क्षेत्र में स्कूल और कॉलेज के बीच शैक्षणिक सहयोग का एक अनूठा उदाहरण बनेगी। इस अवसर पर संयोजक विवेकानंद शर्मा ने कार्यशाला के उद्देश्य और इसकी उपयोगिता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इस पहल का उद्देश्य छात्रों को उनकी रुचियों और क्षमताओं के आधार पर सही करियर का चयन करने में मार्गदर्शन प्रदान करना है। साथ ही साथ उन्होंने मुख्य अतिथि तथा यहाँ पर उपस्थित सभी स्कूलों से आए हुए शिक्षकों और छात्रों का भी स्वागत किया गया। इसके पश्चात के प्राचार्य डॉ. रमेश चंद धलारिया ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि यह कार्यशाला उनके करियर की दिशा तय करने में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कॉलेज द्वारा की गई पहल को क्षेत्र के छात्रों के लिए लाभकारी बताया। उन्होंने सभी छात्रों को प्रोत्साहित करते हुए कहा, "आपके पास असीम संभावनाएं हैं। सही निर्णय और मेहनत से आप अपने जीवन में असाधारण उपलब्धियां हासिल कर सकते हैं। हमारा कॉलेज आपको हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।" मुख्य अतिथि सुंदर सिंह कटवाल ने अपने संबोधन में विद्यार्थियों को जीवन में सपने देखने, सही निर्णय लेने और उन्हें पूरा करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह कार्यशाला विद्यार्थियों को करियर के सही चुनाव में मदद करेगी। इसके बाद विभिन्न विषयों पर प्रोफेसरों ने पीपीटी के माध्यम से विचार प्रस्तुत किए, गणित विषय: प्रोफेसर रमेश चंद शर्मा, विज्ञान विषय: प्रोफेसर विवेकानंद शर्मा, प्रोफेसर मोहिंद्र सिंह, आर्ट्स एवं ह्यूमैनिटीज विषय: प्रोफेसर शीतल भोपल के द्वारा किए गए। कार्यक्रम के अंत में आयोजन सचिव अभिषेक शर्मा ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा, "यह कार्यशाला छात्रों के सपनों को साकार करने के लिए एक मजबूत आधार प्रदान करती है। कार्यशाला के बाद छात्रों और शिक्षकों ने कॉलेज के पुस्तकालय, विज्ञान प्रयोगशालाओं और अन्य सुविधाओं का दौरा किया। छात्रों ने इन संसाधनों का निरीक्षण कर कॉलेज जीवन और उच्च शिक्षा के बारे में जानकारी प्राप्त की। इसके अलावा कॉलेज में सात दिवसीय NSS कैंप का उदघाटन भी मुख्यातिथि सुंदर सिंह कटवाल के द्वारा किया गया। इस अवसर पर प्रोफेसर रमेश शर्मा, प्रोफेसर विवेकानंद शर्मा, प्रोफेसर मोहिंद्र सिंह, प्रोफेसर शीतल भोपाल, प्रोफेसर शैली ठाकुर, प्रोफेसर पूजा भारद्वाज, प्रोफेसर अभिषेक शर्मा, प्रोफेसर मनोज कुमार उपस्थित रहें।
** जानें क्या थी 'नो डिटेंशन पॉलिसी' केंद्र सरकार ने शिक्षा व्यवस्था में एक बड़े बदलाव का ऐलान किया है। शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक, अब कक्षा पांच और आठ में भी बच्चों को फेल किया जाएगा। कक्षा पांच और 8 की वार्षिक परीक्षा में फेल होने वाले छात्रों को दो महीने के भीतर दोबारा परीक्षा में बैठने का अवसर दिया जाएगा। अगर इसमें भी असफल रहते हैं तो उन्हें फेल कर दिया जाएगा और दोबारा उसी कक्षा में पढ़ना पड़ेगा। अभी तक आठवीं कक्षा तक बच्चों को फेल नहीं करने का प्रावधान था। साल 2010-11 से 8वीं कक्षा तक परीक्षा में फेल होने के प्रावधान पर रोक लगा दी गई थी। मतलब यह कि बच्चों के फेल होने के बावजूद अगली क्लास में प्रमोट कर दिया जाता था, लेकिन इससे देखा गया कि शिक्षा के लेवल पर धीरे धीरे गिरावट आने लगी, जिसका असर 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं पर पड़ने लगा। काफी लंबे समय से इस मामले पर विचार विमर्श के बाद नियमों में बदलाव कर दिया गया। केंद्र सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने इसके संबंध में नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है। अधिसूचना में कहा गया है कि अगर स्टूडेंट परीक्षा में फेल होता है तो उसे 2 महीने के अंदर दोबारा परीक्षा में बैठने का मौका मिलेगा लेकिन उसमें भी असफल होने पर अगली क्लास में प्रमोट नहीं किया जाएगा, लेकिन इस दौरान फिर फेल होने वाले छात्र को सुधार का मौका दिया जाएगा। टीचर उस फेल होने वाले स्टूडेंट पर खास ध्यान देंगे साथ ही समय-समय पर पेरेंट्स को भी गाइड करेंगे। नो डिटेंशन पॉलिसी शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 की एक अहम नीति थी। इस नीति के तहत कक्षा पांच और आठ के बच्चों को वार्षिक परीक्षा में फेल नहीं किया जाता था। इस नीति के तहत, सभी छात्र पारंपरिक परीक्षाओं का सामना किए बिना अपने आप अगली कक्षा में प्रमोट हो जाते थे। यह नीति बच्चों के सतत और व्यापक मूल्यांकन पर जोर देती थी।
हिमाचल प्रदेश सरकार की गेस्ट टीचर पॉलिसी प्रदेश के लाखों बेरोजगार युवाओं को रास नहीं आ रही है। इसके विरोध में युवा अब सड़कों पर उतर आए हैं। साथ ही चुनावों के दौरान किए किए वादे को भी बेरोजगार युवा अब सीएम सुक्खू को याद दिला रहे हैं। सोमवार को पूर्व सीएम जयराम ठाकुर के गृह जिले में सैंकड़ों की संख्या में बेरोजगार युवा सड़कों पर उतरे और प्रदेश सरकार के खिलाफ उग्र प्रदर्शन किया। अनइंप्लॉयड यूथ फेडरेशन के बैनर तले युवाओं द्वारा मंडी में ये धरना प्रदर्शन किया गया। इससे पहले मंडी शहर में निकाली गई आक्रोश रैली के दौरान भी बेरोजगार युवाओं ने प्रदेश की सुक्खू सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस मौके पर बेरोजगार युवा विशाल मंडोत्रा व मनीषा ने कहा कि प्रदेश के कांग्रेसी नेताओं ने सत्ता में आने से पहले 58 साल तक पक्की नौकरी, एक साल में 1 लाख रोजगार देने का वादा युवाओं के साथ किया था, लेकिन प्रदेश की कांग्रेस सरकार के दो साल बीत जाने के बाद भी युवाओं रोजगार नहीं मिल रहा है। पहले जो प्रतियोगी परीक्षाएं हुई भी हैं, उनके रिजल्ट तक घोषित नहीं किए जा रहें हैं। यहां तक कि हमीरपुर चयन बोर्ड को भी यह सरकार फिर से शुरू नहीं कर पाई है। इसके ऊपर अब प्रदेश सरकार ने गेस्ट टीचर पॉलिसी लाकर लाइब्रेरी में बैठे बेरोजगार युवाओं के साथ धोखा किया है। साथ ही युवाओं ने सुक्खू सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सत्ता में आने से पहले कांग्रेसी नेताओं ने आउटसोर्स भर्ती का विरोध किया था, लेकिन यही सरकार अब आउटसोर्स पर भर्तियां करने जा रही है। बेरोजगार युवा विशाल मंडोत्रा व मनीषा ने कहा ने चेतावनी देते हुए कहा, अगर प्रदेश सरकार इसी तरह युवा विरोधी फैसले लेती रही तो आने वाले समय में सभी बेरोजगार युवाओं द्वारा राज्य स्तरीय धरना प्रदर्शन किया जाएगा। अगर इसके बाद भी प्रदेश सरकार के मुखिया युवाओं की आवाज को नहीं सुनते हैं तो फिर बेरोजगार युवाओं द्वारा और उग्र आंदोलन किए जाएंगे।
** नहीं बन पाई डम्पिंग साइट, स्वच्छता को लेकर गंभीर नही दिख रही नगर पंचायत नगर पंचायत करसोग जनता के लिए समस्या का कारण बनती जा रही है। 12 साल बीत जाने के बावजूद नगर पंचायत कूड़े के निष्पादन के लिए डंपिंग साइट नहीं बना पाई है। करसोग में हर जगह गंदगी फैली हुई है और कूड़े के बड़े ढेर जगह-जगह दिखाई देते हैं। नगर पंचायत से होकर दो खड्डों (इमला और बिमला) का पानी बहता है, जिनसे पेयजल योजनाएं चल रही हैं, लेकिन इन खड्डों में रोजाना कूड़ा डाला जा रहा है, जिससे पानी दूषित हो रहा है। इसके बावजूद नगर पंचायत लाखों रुपये के बिल भेज रही है, लेकिन असल में कोई सुधार नजर नहीं आ रहा। करसोग उपमंडल मुख्यालय पर स्थित है, जहां हर दिन 62 पंचायतों और आसपास के क्षेत्रों से लोग आते हैं। लेकिन यहां बस अड्डा और मुख्य बाजार में कोई सार्वजनिक शौचालय नहीं हैं, जिससे जनता को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ता है। नगर पंचायत करसोग सरकार के स्वच्छ भारत मिशन को नजरअंदाज कर रही है।
** कसौली में 90, शिमला में 80, मनाली में 70 फीसदी होटल पैक शिमला में होटलों की ऑक्यूपेंसी 80, जबकि मनाली और धर्मशाला में 70 फीसदी तक क्रिसमस और नए साल का जश्न मनाने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटकों ने हिमाचल प्रदेश का रुख करना शुरू कर दिया है। इस वीकेंड से ही शिमला, मनाली, धर्मशाला, डलहौजी, कुफरी, नारकंडा और कसौली सैलानियों से पैक हो गए हैं। शिमला में होटलों की ऑक्यूपेंसी 80, जबकि मनाली और धर्मशाला में 70 फीसदी तक पहुंच गई है। वीकेंड पर कसौली में 90 फीसदी तक होटलों के कमरे पैक रहे। मौसम विभाग की ओर से प्रदेश 27 और 28 दिसंबर को प्रदेश में बर्फबारी के पूर्वानुमान के बाद सैलानियों की संख्या में भारी इजाफा हो रहा है। पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश के अलावा अन्य राज्यों से सैलानी क्रिसमस और न्यू ईयर मनाने के लिए हिमाचल के पर्यटन स्थलों का रुख कर रहे हैं। अन्य पर्यटन स्थलों पर भी सैलानियों की भीड़ उमड़ रही है। राजधानी शिमला में सैलानियों की भीड़ बढ़ते ही ट्रैफिक जाम की समस्या गहरा गई है। बीते दो दिनों से शहर के कार्ट रोड पर लंबा ट्रैफिक जाम लग रहा है। रोहतांग में बर्फबारी के बाद मनाली में भी सैलानियों की संख्या में भारी इजाफा हुआ है। सैलानियों की भीड़ बढ़ने से पर्यटन कारोबारी खासे उत्साहित हैं। उधर, शिमला के रिज मैदान पर पहली बार 24 दिसंबर से विंटर कार्निवल का आयोजन हो रहा है। पहली बार यहां विंटर क्वीन भी चुनी जाएगी। सैलानियों के अलावा स्थानीय लोग भी कार्निवाल को लेकर खासे उत्साहित हैं। ऑफ हिमाचल होटल एंड रेस्टोरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष गजेंद्र सिंह ठाकुर का कहना है कि क्रिसमस से पहले ही वीकेंड पर बड़ी संख्या में सैलानी प्रदेश के पर्यटन स्थलों पर पहुंचने शुरू हो गए हैं। जनवरी के पहले सप्ताह तक सैलानियों की रौनक बनी रहने की उम्मीद है। मौसम विभाग ने बर्फबारी का भी पूर्वानुमान जारी किया है। अगर अच्छी बर्फबारी होती है तो न्यू ईयर बनाने रिकाॅर्ड सैलानी हिमाचल पहुंचेंगे।
केंद्र सरकार ने हिमाचल सरकार को पत्र लिखकर कर्मचारियों को यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) लागू करने को कहा है। अगर ऐसा किया जाता है तो केंद्र सरकार हिमाचल को 1600 करोड़ रुपये की विशेष सहायता देगी। केंद्र की ओर से जारी पत्र के अनुसार वर्ष 2022-23 और 2023-24 में अनुबंध पर नियुक्त सरकारी कर्मचारियों को यूपीएस में लाने से फायदा होगा। हालांकि, राज्य सरकार ने पत्र को लेकर अभी कोई जवाब नहीं दिया है। यह उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने हिमाचल में ओल्ड पेंशन स्कीम लागू की है। केंद्र ने हिमाचल के 9,000 करोड़ रुपये देने हैं। यह राशि एनपीएस कर्मियों का केंद्र के पास जमा हिस्सा है। राज्य सरकार लगातार मामले को केंद्र के समक्ष उठा रही है। अभी यह बजट नहीं मिला है। राज्य सरकार का मानना है कि हिमाचल में पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने के लिए केंद्र ने राज्य के लिए आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं। लोन लेने की लिमिट 6600 करोड़ तय की गई है। यही नहीं, बाहरी सहायता प्राप्त एजेंसियों के माध्यम से आर्थिक सहायता के नए प्रस्तावों के लिए भी सीमा तय की गई है। वित्तीय वर्ष 2025-26 के अंत तक हिमाचल केवल 2,944 करोड़ रुपए तक के प्रस्तावों की मंजूरी के लिए पात्र होगा। राज्य सरकार ने चुनावी गांरटी को पूरा करते हुए 1.36 लाख सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन बहाल की है। अब देखना यह है कि अब राज्य सरकार नए अनुबंध कर्मचारियों को यूपीएस के तहत लाने का निर्णय करती है या फिर उन्हें पुरानी पेंशन ही दी जाएगी।
** रोहतांग दर्रा के साथ ऊंची चोटियों पर बर्फबारी शुरू हिमाचल प्रदेश में मौसम ने करवट बदल ली है। सोमवार सुबह से रोहतांग दर्रा के साथ ऊंची चोटियों में बर्फबारी का दौर शुरू हो गया है। रोहतांग में 10 सेंटीमीटर तक ताजा बर्फबारी रिकार्ड की गई है। मौसम में आए बदलाव से कुल्लू व लाहौल प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है। वहीं, राजधानी शिमला में भी बर्फ के फाहे गिर रहे हैं। बर्फबारी होता देख पर्यटकों में खुशी की लहर है, क्योंकि पर्यटक मन में बर्फबारी के दीदार की इच्छा लिए ही हिमाचल पहुंचते हैं। सैलानियों को बर्फ वाले इलाकों में न जाने की हिदायत दी है। वहीं, क्रिसमस व नए साल के जश्न के लिए बड़ी संख्या में सैलानियों ने कुल्लू-मनाली का रुख कर दिया है। रविवार को भी अटल टनल रोहतांग से 11,322 वाहन आर-पार हुए हैं। बर्फबारी से पर्यटकों व पर्यटन कारोबारियों को व्हाइट क्रिससम की उम्मीद जगी है। मौसम विभाग के अनुसार हिमाचल में आज और कल ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हिमपात हो सकता है। निचले इलाकों में भीषण शीतलहर से लोगों को जूझना पड़ेगा। वहीं, 27 दिसंबर को पूरे प्रदेश में बारिश और कई इलाकों में बर्फबारी होने के आसार हैं। प्रदेश में अगले छह दिनों तक शीतलहर जारी रहेगी। मैदानी इलाकों में 24 और 25 को घने कोहरे का अलर्ट जारी किया गया है। मंडी, किन्नौर, लाहौल-स्पीति और चंबा के कई इलाकों में पारा शून्य से नीचे पहुंच गया है। सोमवार को ताबो में माइनस 10.2 डिग्री तापमान रिकॉर्ड किया गया है। ऊना, हमीरपुर और बिलासपुर में भी कोहरे के चलते जनजीवन प्रभावित हो रहा है। कड़ाके की ठंड पड़ रही है।
** ग्रामीणों का गुस्सा भड़का, एसडीएम ने लिखित कार्रवाई कर कारण बताओ नोटिस किया जारी रविवार को विकास खंड द्रंग की ग्राम पंचायत उरला में 'प्रशासन गांव की ओर' कार्यक्रम के दौरान विद्युत विभाग के अधिकारी नहीं पहुंचे। इससे कार्यक्रम में आए लोगों का गुस्सा बढ़ गया। उन्होंने एसडीएम डॉ. भावना वर्मा से विद्युत विभाग के अधिकारियों के खिलाफ नोटिस जारी करने की मांग की, जिस पर तुरंत कार्रवाई के आदेश दिए गए। कार्यक्रम के दौरान 16 लिखित और 4 मौखिक शिकायतें आईं, जिनमें सबसे ज्यादा शिकायतें विद्युत विभाग से जुड़ी थीं। 4 शिकायतों का मौके पर ही समाधान कर दिया गया।ग्रामीणों ने मंडी-पठानकोट एनएच पर कोटरोपी के पास क्षतिग्रस्त सड़कों का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने बताया कि सड़कों में बड़े-बड़े गड्ढे होने के कारण वाहन खराब हो रहे हैं और हादसे बढ़ रहे हैं। गैल गांव के लोगों ने बिजली की लो वोल्टेज समस्या और नवनिर्मित पेयजल टैंक को कनेक्शन देने की मांग की। कार्यकारी उपमंडल अधिकारी डॉ. भावना वर्मा ने कहा कि विद्युत विभाग के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। इस मौके पर पंचायत समिति उपाध्यक्ष कृष्ण भोज, पंचायत प्रधान ममता मित्तल, उप प्रधान हरीश कुमार, खंड विकास अधिकारी विनय चौहान अन्य विभागों के कर्मचारी भी उपस्थित रहे।
** कांग्रेस नेता महेश राज ने कहा, युवाओं की भलाई और प्रदेश के विकास के लिए करेंगे काम करसोग/ राज सोनी: रविवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने करसोग विधानसभा में युवा कांग्रेस अध्यक्ष पवन कुमार, उपाध्यक्ष दीक्षांत ठाकुर, किशोर भारद्वाज, महासचिव दीपक शर्मा, सचिव बुनीत कुमार, ब्लॉक चुराग के अध्यक्ष नितेश कुमार, ब्लॉक करसोग के अध्यक्ष कमलेश कुमार, उपाध्यक्ष अजय ठाकुर, नगर परिषद के अध्यक्ष दीक्षित गुप्ता और उपाध्यक्ष चंद्रेश कुमार को मिठाई बांटकर और हार पहनाकर बधाई और शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर कांग्रेस नेता महेश राज ने कहा कि हमें पूरा यकीन है कि आप सभी अपनी जिम्मेदारी को अच्छे तरीके से निभाएंगे और एकजुट होकर युवाओं की भलाई और प्रदेश के विकास के लिए काम करेंगे। उन्होंने कहा, हम सब मिलकर एक समृद्ध और सशक्त हिमाचल प्रदेश की दिशा में कदम बढ़ाएंगे व संगठन को मजबूत बनाएँगे । उन्होंने कहा कि यह जिम्मेदारी करसोग और प्रदेश के युवाओं के हक, अधिकार और प्रगति के लिए है, जिसे निष्ठा और मेहनत से पूरा किया जाएगा। इस मौके पर संत राम धीमान, रमेश कुमार, देश राज मेहता, संदीप, प्रेमलाल, बसंत लाल, गोपाल कृष्ण, हरि चंद और अन्य कांग्रेसी कार्यकर्ता भी उपस्थित थे।
मोहाली के सोहाना में शनिवार शाम को एक चार मंजिला इमारत गिर गई। इमारत के गिरते ही वहां अफरा-तफरी मच गई। कड़ी मशक्कत के बाद एनडीआरएफ की टीम ने एक महिला का शव मलबे के नीचे से निकाला। वहीं रविवार सुबह एक पुरुष का शव बरामद किया गया। मृतक की पहचान अंबाला के रहने वाले अभिषेक धनवाल के रूप में हुई है। भारतीय सेना और एनडीआरएफ के जवान बचाव अभियान में जुटे हैं। सेना के अनुसार, अभी मलबे में दो और शव दबे होने की संभावना है। अभी तक मिली जानकारी के अनुसार इमारत के साथ दूसरी इमारत की बेसमेंट का काम चल रहा था। बेसमेंट के लिए खुदाई की गई है। खुदाई किए जाने की वजह से इमारत की नींव हिल गई, जिससे बिल्डिंग भरभराकर गिर गई। इमारत में जिम खोले गए थे। बताया जा रहा है कि मलबे के नीचे 10 से 15 लोगों के दबे होने की सूचना है। वहीं घटना की सूचना मिलते ही पंजाब पुलिस के डीजीपी गौरव यादव भी घटना स्थल पर पहुंचे हैं। वह स्थिति का जायजा ले रहे हैं। एनडीआरएफ की टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही हैं। मौके पर लोगों की खासी भीड़ लग गई है। पुलिस की तरफ से लोगों को आगे जाने से रोका गया है। घटना की सूचना मिलते ही मोहाली के विधायक कुलवंत सिंह भी घटना स्थल पर पहुंचे हैं। कुलवंत सिंह का कहना है कि अभी राहत व बचाव का कार्य चल रहा है। एनडीआरएफ की टीमों को बुलाया गया है। वहीं पुलिस प्रशासन की तरफ से भी बचाव कार्य चलाया जा रहा है। घटना स्थल पर जेसीबी मशीनों की मदद से मलबा हटाया जा रहा है। साहिबजादा अजीत सिंह नगर (मोहाली) के सोहाना के पास एक बहुमंजिला इमारत के हादसे का दुखद समाचार मिला है। पूरा प्रशासन और अन्य बचाव कार्यों वाली टीमें मौके पर तैनात हैं। मैं प्रशासन के साथ लगातार संपर्क में हूं। प्रार्थना करते हैं कि कोई जान-माल का नुकसान ना हुआ हो, दोषियों पर कार्रवाई भी करेंगे। लोगों से अपील है कि प्रशासन का सहयोग करें।
हिमाचल में प्रचंड ठंड पड़ रही है। ताबों में माइनस 14 डिग्री के साथ प्रदेश के पांच जिलों में पारा शून्य से नीचे चला गया है। मैदानी इलाकों में घना कोहरा पड़ रहा है। कोहरे के चलते कुल्लू में शनिवार को तीसरे दिन भी उड़ानें नहीं हो सकीं। मौसम विभाग के अनुसार हिमाचल में 23 और 24 दिसंबर को ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हिमपात हो सकता है, लेकिन 27 दिसंबर को पूरे प्रदेश में बारिश और कई इलाकों में बर्फबारी होने के आसार हैं। प्रदेश में अगले छह दिनों तक शीतलहर जारी रहेगी। मैदानी इलाकों में 24 और 25 को घने कोहरे का अलर्ट जारी किया गया है। मंडी, किन्नौर, लाहौल-स्पीति और चंबा के कई इलाकों में पारा शून्य से नीचे पहुंच गया है। शनिवार को ताबों में इस सीजन में सबसे कम माइनस 14 डिग्री तापमान रिकॉर्ड किया गया है। ऊना, हमीरपुर और बिलासपुर में भी कोहरे के चलते जनजीवन प्रभावित हो रहा है। कड़ाके की ठंड पड़ रही है। मनाली, कल्पा, नारकंडा और सिस्सू सहित ऊंचाई वाले कुछ क्षेत्रों में 23 और 24 दिसंबर को बारिश बर्फबारी हो सकती है।
हिमाचल प्रदेश के मंडी कुल्लू हाइवे पर शनिवार रात ट्रक और टाटा सूमो की भीषण टक्कर में पांच लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। सभी घायलों को उपचार के लिए क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू ले जाया गया है। हादसे के बाद ट्रक चालक मौके से फरार बताया जा रहा है। इस संबंध में पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। प्रेम चंद निवासी शारीडग मौहल जिला कुल्लू ने पुलिस में दी शिकायत में बताया कि जब वह और उसका परिवार एक टाटा सूमो में मंडी की ओर से कुल्लू की जा रहे थे तो औट टनल के समीप एक ट्रक ने टाटा सूमो को टक्कर मारी दी। हादसे में पांच लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। प्रेम चंद अपने पिता का चैक अप करवाने मंडी गया था। प्रेम चंद ने बताया कि वह, उसकी माता बालदासी, बुआ खीमदासी, बहन बिमला और सूमो चालक मुनीष हादसे में घायल हुए हैं। इस संबंध में पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि केंद्र सरकार ने हिमाचल को पोस्ट डिजास्टर नीड असेसमेंट (पीडीएनए) के 9,977 करोड़ रुपये नहीं दिए तो राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट जाएगी। मुख्यमंत्री ने यह बात शनिवार को सदन में कही। वह इस संबंध में नियम 130 के तहत लाई गई चर्चा का जवाब दे रहे थे। प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री के उत्तर के बीच हुई नोकझोंक के बीच विपक्ष नारेबाजी करता हुआ सदन से बाहर चला गया और बैठक में नहीं लौटा। उधर, शून्यकाल में भाजपा विधायक राकेश जंबाल की ओर से विधायकों की गाड़ियों पर झंडी लगाने का मामला उठाने के जवाब में सीएम ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि इसको लेकर आगामी बजट सत्र में विचार किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा राशि के मामले में वे दिल्ली जाकर केंद्रीय नेताओं से मिलकर हिमाचल को उसका हक देने की मांग उठाएंगे। आग्रह के बावजूद अगर केंद्र सरकार राशि जारी नहीं करती है तो राज्य सरकार के पास सुप्रीम कोर्ट जाने के बजाय कोई रास्ता नहीं बचेगा। सीएम ने कहा कि केंद्र से कोई खैरात नहीं मांगी जा रही है, बल्कि हिमाचल प्रदेश का अधिकार मांगा जा रहा है। उन्होंने कहा कि हिमाचल ने इतिहास की सबसे बड़ी आपदा को सहा है। सैकड़ों मौतें हो गईं। आपदा के बाद केंद्र सरकार की टीम आई और 9,977 करोड़ रुपये की प्रत्यक्ष क्षति का आकलन किया। अगर अप्रत्यक्ष तौर देखा जाए तो 12 हजार करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है। केंद्रीय टीम ने नुकसान का जो आकलन किया है, पिछले एक साल से वही हिमाचल के अधिकार रूप में मांगा जा रहा है। मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि जयराम ठाकुर जब मुख्यमंत्री थे तो हिमाचल को राजस्व घाटा अनुदान के रूप में पहले साल केंद्र से 11,431 करोड़ रुपये मिले। दूसरे साल 10,249 करोड़ और उसके बाद तीसरे साल 8058 करोड़ जारी किए गए। 2024-25 में 6258 करोड़ रुपये जारी हो रहे हैं। अगले साल तो यह घटकर 3257 करोड़ रुपये रह जाएगी। यानी यह 8000 करोड़ रुपये कम हो जाएंगे। सीएम ने कहा कि हिमाचल की जनता के साथ खड़े न होकर सदन में जो व्यवहार भाजपा ने किया है, वह निंदनीय है। अगर विपक्ष के लोगों ने दिल्ली साथ चलना है तो ठीक है, वरना नहीं भी चलना हो तो यह लोग जानें। प्रस्ताव चर्चा के लिए धर्मपुर के कांग्रेस विधायक चंद्रशेखर ने लाया, जबकि विपक्ष की ओर से विपिन सिंह परमार ने चर्चा में भाग लिया। इससे पूर्व नेता प्रतिपक्ष जयराम ने कहा कि केंद्र सरकार के खिलाफ इस तरह का प्रस्ताव पहली बार लाया जा रहा है। उनकी बात को सुनते हुए स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने केंद्र से मांग के रूप में प्रस्ताव में संशोधन की बात कर इस पर चर्चा शुरू करवाई। शनिवार को तपोवन में शीत सत्र के अंतिम दिन शून्यकाल के दौरान भाजपा विधायक राकेश जंबाल के मामला उठाने पर मुख्यमंत्री ने इस पर स्थिति स्पष्ट की। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार के समय में इसके बारे में मंजूरी दी गई थी। अब अगले सत्र में इसको लेकर चर्चा की जाएगी। विधायक जंबाल ने कहा कि मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन हो चुका है। उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक, जिला परिषद अध्यक्ष सहित कई अफसरों की गाड़ियों में झंडी लगी है। विधायकों को अपनी पहचान बतानी पड़ रही है, ऐसे में विधायकों की झंडी मिलनी चाहिए।
** घर में घुसकर किया था हमला जिला अदालत ने शनिवार को घर में घुसकर मारपीट करने और सामूहिक हिंसा के मामले में माैत मामले में चौपाल के 33 लोगों को दोषी करार देते हुए सात साल के कारावास की सजा सुनाई। मारपीट और सामूहिक हिंसा में चौपाल निवासी नरवीर ठाकुर की जान गई थी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश प्रवीण गर्ग ने दोषियों को सजा सुनाते हुए शिकायतकर्ता वीरेंद्रा देवी को लगी चोटों के लिए 10 हजार मुआवजा देने के भी निर्देश दिए हैं। अदालत ने स्पष्ट किया कि यह सजा न्याय प्रशासन में जनता के विश्वास और समाज में शांति व्यवस्था बनाए रखने के सिद्धांत को कायम रखेगी। जिला न्यायवादी मुक्ता कश्यप ने बताया कि अदालत ने धारा 148 के तहत 3 वर्ष, 440 में 3 साल, 325 के तहत 5 साल और 452 के तहत 7 साल की सजा सुनवाई।अदालत ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि नरवीर की मृत्यु या तो भीड़ की हिंसा के परिणामस्वरूप हुई होगी या उसके बाद पीछा करने के दौरान किसी कठोर वस्तु पर गिरने से। केस में किसी भी उचित संदेह से परे यह साबित नहीं होता है कि यह केवल आरोपीगण थे, जिन्होंने अवैध रूप से एकत्रित होने के साझा उद्देश्य को आगे बढ़ाते हुए नरवीर की मृत्यु का कारण बना। पुलिस के मुताबिक चौपाल के तुइल गांव में 11 मार्च 2015 को कुछ लोग नरवीर के घर में घुस गए। नरवीर ने पत्नी और अपने बचाव में बंदूक निकाली। एक व्यक्ति ने नरवीर पर दरांती से हमला कर बंदूक छीनने का प्रयास किया। हाथापाई के दौरान बंदूक चल गई और गोली बंटू को लगी। गुस्साए लोग नरवीर को घसीटकर खेत ले गए। 12 को नरवीर का शव बरामद हुआ था।
** 15 कारों में 30 युवा चालक ले रहे हिस्सा, बीड़ में होगा समापन धौलाधार एक्सपेडीशन द्वारा आयोजित दो दिवसीय फोर वाई फोर कार रैली शनिवार को पधर से रवाना हुई। यह कार रैली रावणाखोकर, राजगुंधा, फुलाधार से होते हुए बीड़ बिलिंग पहुंचेगी। इस रोमांचक अभियान में कुल 15 कारों और 30 युवा ड्राइवर्स का दल भाग ले रहा है। यह एक्सपेडीशन कठिन पहाड़ी रास्तों और खतरनाक ट्रेल्स को पार करते हुए बीड़ बिलिंग में संपन होगी। धौलाधार एक्सपेडीशन के आयोजक लवनीश शर्मा ने बताया कि इस प्रकार के अभियानों से स्थानीय युवाओं को न केवल साहसिक कार्यों में भाग लेने का अवसर मिलता है, बल्कि यह उनके आत्मविश्वास को भी बढ़ाता है।
हिमाचल प्रदेश विधानसभा शीतसत्र के अंतिम दिन पूर्व भाजपा सरकार के समय में खोले गए संस्थानों को बंद करने के विरोध में विपक्ष ने नारेबाजी करते हुए वाकआउट कर दिया। संस्थानों को बंद करने पर सीएम के जवाब से असंतुष्ट विपक्षी सदस्य नारेबाजी करते हुए सदन से बाहर चले गए। इससे पहले सदन में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि जहां बच्चे नहीं हैं, वहां संस्थान बंद कर दिए। 1100 प्राइमरी स्कूल बंद किए गए। ऐसा नहीं है कि वहां पर बच्चे नहीं हैं, बच्चे घर बैठ गए हैं। आपने बच्चों को शिक्षा के अधिकार से वंचित किया। पहले भी मुख्यमंत्री रहे हैं। आप तार्किक होकर सोचें। बच्चे स्कूल की पढ़ाई से महरूम किए गए हैं। जयराम बोले, हम आपके ससुराल के विरोध में नहीं हैं। चंबा, पांगी सभी जगह की बात है। देहरा में तो सीएम का कार्यालय भी खुल गया। हमेशा कैंप ऑफिस होता है। मेरे सराज में भी कैंप ऑफिस था। पर आप भाभी जी से डर गए, खोलिए। लेकिन अन्य जगह कार्यालय बंद कर आपने पाप किया है। इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने जयराम को संक्षेप में अपनी बात पूरी करने को कहा। जयराम बोले- सच्चाई यह है कि सरकार का यह फैसला सही नहीं है। सुक्खू ने कहा कि नौ मिनट 18 सेकंड विपक्ष के नेता बोले। अगर ये जनता के सच्चे सेवक थे तो अंतिम वर्ष में 1 अप्रैल 2022 के बाद संस्थान खोलने की क्या जरूरत थी। हमारी तरह पहले खोल देते। इस अवधि के पहले के 2-4 संस्थान बंद किए। सीएम ने कहा कि 675 स्कूलों में जीरो एनरोलमेंट थी। इस पर विपक्षी सदस्य नारेबाजी करते हुए सदन से बाहर चले गए। विधानसभा परिसर में जयराम ने कहा कि पूर्व में भाजपा सरकार की ओर से खोले 1865 संस्थान वर्तमान सरकार ने बंद किए। लेकिन वर्तमान दो साल में सरकार ने 37 संस्थान खोले और 103 की अतिरिक्त अधिसूचना जारी की।
** वित्त विभाग ने HRTC को दी कार्य करने की मंजूरी... हिमाचल प्रदेश में नाबार्ड के सौजन्य से 128 करोड़ से बनने वाले ई-चार्जिंग स्टेशन और ई-वर्कशॉप निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। वित्त विभाग ने एचआरटीसी को इसके लिए निर्माण कार्य करने की मंजूरी दे दी है। अब परिवहन विभाग का बस अड्डा विकास प्राधिकरण प्रदेशभर में बनने वाले ई-चार्जिंग स्टेशन और ई-वर्कशॉप की निर्माण प्रक्रिया शुरू कर पाएगा। पहले सरकार ने परिवहन विभाग को ई-चार्जिंग स्टेशन बनाने की मंजूरी दे दी थी, लेकिन विभाग ने इस कार्य को लेकर असमर्थता जताई थी। इस वजह से प्रोजेक्ट निर्माण को लेकर मामला काफी समय से उलझ हुआ था। अब वित्त विभाग ने दोबारा एचआरटीसी को कार्य के लिए अधिकृत कर दिया है। प्रदेश सरकार ने ई-चार्जिंग स्टेशनों के लिए 128 करोड़ रुपये की सहमति दी है। योजना में 90 फीसदी की राशि नाबार्ड से बतौर ऋण ली जाएगी, जबकि 10 फीसदी राशि का वहन प्रदेश सरकार करेगी। इसको लेकर नाबार्ड ने पहले चरण में 30 फीसदी रकम यानी करीब 35 करोड़ रुपये की राशि जारी कर दी है, लेकिन पूरे मामले की वजह से प्रोजेक्ट निर्माण की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही थी। गौर हो कि प्रदेश सरकार पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए ई-वाहनों को बढ़ावा दे रही है। इसके अलावा ई-टैक्सियों को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। प्रोजेक्ट के तहत प्रदेशभर में ई-चार्जिंग स्टेशन का निर्माण किया जाएगा तो वहीं एचआरटीसी ई-वर्कशॉप का निर्माण करने जा रहा है। इसमें इलेक्ट्रिक बसों की मरम्मत की आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इसमें अधिकांश जिलों को शामिल किया गया है। योजना के तहत जिला शिमला में दो जगह ई-वर्कशॉप का निर्माण किया जाएगा। इसमें ढली और तारादेवी को शामिल किया गया है। यहां आधुनिक सुविधाओं से लैस ई-वर्कशॉप का निर्माण होना प्रस्तावित है। वर्तमान में इलेक्ट्रिक बसों की मरम्मत कार्य को लेकर एचआरटीसी संबंधित कंपनियों पर ही निर्भर है। नई इलेक्ट्रिक बसों को पांच साल की एमसी पर खरीदा जा रहा है, लेकिन यह समय अवधि खत्म होने के बाद निगम को खुद अपने स्तर पर ही बसों के रखरखाव और मरम्मत का कार्य करना होगा। इसको देखते हुए प्रदेश सरकार सभी जिलों में ई-वर्कशॉप बनाने की योजना पर काम कर रही है।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि रेडियोग्राफरों का वेतन बढ़ाया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग में जल्द विभिन्न श्रेणियों की भर्तियां की जाएंगी। जिन संस्थानों में मशीनें हैं, वहां स्टाफ भी जल्द दिया जाएगा। प्रश्नकाल के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने आईजीएमसी में 133 और केएनएच में 42 प्रकार के स्वास्थ्य टेस्ट निशुल्क किए हैं। पूर्व सरकार के समय में 56 प्रकार के टेस्ट निशुल्क होते थे। कांग्रेस सरकार ने निशुल्क टेस्टों की संख्या बढ़ाकर 175 कर दी है। उन्होंने कहा कि जल्दबाजी में लोग प्राइवेट लैब जा रहे हैं। भाजपा विधायक दीपराज और विनोद कुमार ने प्रश्नकाल में स्वास्थ्य संस्थानों के कामकाज पर सवाल उठाया। विधायक दीपराज ने कहा कि आईजीएमसी में अधिकांश टेस्ट बाहर करवाने पड़ रहे हैं। इसके लिए लोगों को 1500 से लेकर दस हजार रुपये तक का शुल्क चुकाना पड़ रहा है। करसोग अस्पताल में कोई भी टेस्ट नहीं हो रहा है। करसोग में मशीनें उपलब्ध हैं। फिर भी मरीजों को टेस्ट करवाने के लिए बाहर भेजा जा रहा है। विधायक विनोद कुमार ने कहा कि निशुल्क टेस्ट करवाने की बात गलत है। सच्चाई यह है कि टेस्ट निशुल्क नहीं हो रहे। स्टाफ ही कहता है कि रिपोर्ट जल्दी चाहिए तो बाहर से करवा लो। सवाल में पूछी गई जानकारी नहीं मिलने पर भाजपा विधायक रणधीर शर्मा और विपिन सिंह परमार ने नाराजगी जताई। रणधीर ने बीते एक साल के दौरान प्रदेश में खोले गए संस्थानों की जानकारी मांगी। लिखित जवाब में बताया गया कि सूचना एकत्रित की जा रही है। इस पर विधायक ने कहा कि सब जानते हैं कि नादौन, देहरा, हरोली और कुछ खास विधानसभा क्षेत्रों में ही संस्थान खुले हैं। इसकी जानकारी क्यों नहीं दी जा रही। जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि जब सारी जानकारी है तो सवाल को बंद कर दिया जाए। दूसरे सवाल में परमार ने असुरक्षित भवनों को लेकर जानकारी मांगी थी। इसमें भी अभी सूचना एकत्र करने की जानकारी देने पर विधायक ने कहा कि छोटी-छोटी जानकारियां नहीं मिलना दुभार्ग्यपूर्ण है। सैनिक कल्याण मंत्री डॉ. धनीराम शांडिल ने बताया कि प्रदेश में 1714 युद्ध हताहत सैन्य अधिकारी और जवान हैं। कांगड़ा जिला में सबसे अधिक 736 और इंदौरा विधानसभा क्षेत्र के तहत नौ युद्ध हताहत सैन्य अधिकारी और जवान हैं। विधायक मलेंद्र राजन के सवाल का जवाब देते हुए शांडिल ने बताया कि युद्ध में मृत्यु को प्राप्त होने वाले वीर सैनिकों और सैन्य अधिकारियों को सरकारी कागजात में भारत सरकार की ओर से युद्ध हताहत घोषित किया जाता है। मरणोपरांत के निकटतम परिजनों को अनुग्रह राशि, एचआरटीसी की बसों में निशुल्क बस यात्रा की सुविधा, युद्ध विधवाओं की पुत्रियों की शादी के लिए आर्थिक सहायता और एक परिजन को उनकी योग्यता के अनुसार रोजगार की सुविधा भी दी जा रही है। कांग्रेस विधायक चंद्रशेखर ने कहा कि धर्मपुर बस डिपो की हालत खराब हो गई है। पूर्व सरकार के समय में यहां जुगाड़ से बसें दी गई थीं। कुल 51 बसों में से 36 की अवधि पूरी हो चुकी है। दो बार चलती बसों के टायर खुल चुके हैं। डिपो में सिर्फ छह नई बसें हैं। स्टाफ के छुट्टी पर जाने से सेवाएं ठप हो जाती है। इससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा रहा है। जवाब में उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि जल्द 700 नई बसों की खरीद की जा रही है। आवश्यकता अनुसार धर्मपुर को भी बसें दी जाएंगी। मैं स्वयं धर्मपुर का दौरा कर स्थिति का जायजा भी लूंगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि बेसहारार पशुओं और बंदरों के लिए नीतिगत बदलाव कर उचित कदम उठाए जा रहे हैं। बेसहारा पशुओं की समस्या के समाधान के लिए समाज को भी आगे आना चाहिए। मैंने खुद एक स्ट्रे डॉग को गोद लिया है। उन्होंने कहा कि बंदरों के लिए जंगलों में फलदार पौधे लगाए जाएंगे। वन विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि जंगलों में 60 फीसदी तक फलदार पौधे लगाए जाएं, ताकि बंदरों को आबादी क्षेत्रों में आने से रोका जा सके। प्रदेश में 1.87 लाख बंदरों की नसबंदी की गई है। उन्हाेंने लोगों से रिहायशी क्षेत्रों में कूड़ा व बचा हुआ भोजन खुले स्थान पर न फेंकने का आह्वान भी किया। उधर, नाहन से कांग्रेस विधायक अजय सोलंकी ने कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र में बंदरों और आवारा पशुओं ने समस्याओं को बढ़ा दिया है।
हिमाचल प्रदेश में करीब दो महीने से सूखे जैसे हालात हैं। बारिश, बर्फबारी न होने से सेब के बगीचे सूखे की चपेट में हैं। बगीचों में चिलिंग ऑवर्स पूरे होने का संकट हो गया है। मौसम ऐसा ही रहा तो सेब उत्पादन गिर सकता है। बागवानी विश्वविद्यालय नौणी के क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र मशोबरा ने इसे देखते हुए एडवाइजरी जारी की है। क्षेत्रीय बागवानी अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र मशोबरा के सह निदेशक डॉ. दिनेश सिंह ठाकुर ने बताया कि सेब के पौधों के लिए 7 डिग्री से कम तापमान में 800 से 1600 घंटे चिलिंग ऑवर्स की जरूरत रहती है। सूखे के कारण इस सीजन में अगर चिलिंग ऑवर्स पूरे नहीं होते तो फ्लावरिंग पर प्रभाव पड़ सकता है। एक समान फ्लावरिंग नहीं होगी और कमजोर फ्लावरिंग से फूल झड़ने की समस्या पेश आ सकती है। इससे सेब उत्पादन प्रभावित हो सकता है। अगले कुछ दिनों में अच्छी बारिश और बर्फबारी की आवश्यकता है। बागवान इस समय बगीचों में काट-छांट कर सकते हैं। नए बगीचे या फलदार पौधे लगाने के लिए जमीन में पर्याप्त नमी नहीं है। दिसंबर में बगीचों मे फॉस्फोरस और पोटाश खाद डाली जाती है, जिससे पौधों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और जड़ें मजबूत होती हैं। नमी न होने के चलते खाद डालने का काम प्रभावित हो रहा है, जिससे बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। सिंचाई या नमी के अभाव में उर्वरकों का प्रयोग करने से बचें और नमी को बचाए रखने के लिए मल्चिंग करें। शुष्क मौसम में बगीचों में वूली एफिड का प्रकोप बढ़ सकता है। कीटों की संख्या नियंत्रित रखने के लिए वूली एफिड, स्केल, टहनियों के छेदक कीट तथा माइट ग्रसित टहनियों को काट कर नष्ट कर दें। घाव पर ताजा गोबर, गीली मिट्टी या चौबाटिया पेस्ट लगाएं। बोरर तथा वूली एफिड ग्रसित पौधों के तौलियों में जड़ों को खोद कर जड़ छेदक की सुंडियों को एकत्र कर डरमेट (800 मि. ली./200 ली. पानी) से उपचारित करें। नया पौधा लगाने से पहले उसे भी डरमेट के घोल में डुबोकर ही लगाएं। सूखे से पौधे कैंकर की चपेट में आ रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे बचाव के लिए तने पर बोर्डो पेंट या ताजे गोबर और मिट्टी का लेप लगाएं, ताकि सूर्य की किरणों से होने वाले नुकसान को बचाया जा सके। कांट-छांट के बाद बोर्डो मिश्रण का स्प्रे जरूर करें। नये पौधे रोपित करने के तुरंत बाद सिंचाई जरूर करें। प्राकृतिक खेती करने वाले किसान जीवामृत को फोलीयर स्प्रे के रूप में 10-20 प्रतिशत और 15 दिनों के अंतराल में ड्रेंचिंग जरूर करें।
राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने केंद्र सरकार से वन संरक्षण अधिनियम 1980 (एफसीए) में संशोधन करने के लिए सरकारी संकल्प प्रस्ताव लाया। प्रस्ताव को पक्ष और विपक्ष के नेताओं ने ध्वनि मत के साथ पारित किया। इस भाजपा विधायकों ने एक कमेटी बनाकर इस सिफारिश को तैयार करने की बात कही। राजस्व मंत्री ने कहा कि इस प्रस्ताव को लाने का मकसद आपदा के दौरान खेती योग्य भूमि बह जाने पर तबादले में सरकारी वन भूमि व लघु एवं सीमांत किसानों को 10 बीघा तक सरकारी वन भूमि खेती करने के लिए देना था। कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार यदि 1980 के तहत राहत दे तो हिमाचल प्रदेश के आपदा प्रभावित और भूमिहीन लोगों को खासी राहत मिल सकती है। वहीं, विधायक केवल सिंह पठानिया ने कहा कि संशोधन बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि बोह वैली में पिछले दिनों एक आपदा आई थी। इसमें 24 लोगों की मौत हो गई थी और जो बच गए थे, वे भूमिहीन हो गए थे। आपदा में भूमिहीन हुए इन लोगों को राहत देने के लिए सरकार जमीन देना चाहती है, लेकिन एफसीए के नियम उनके आड़े आ रहे हैं। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, विधायक नीरज नैय्यर, भुवनेश्वर गौड़, बलवीर वर्मा, चंद्र शेखर और सुखराम चौधरी ने भी विचार रखे। विधायक बलवीर वर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार को पहले आंकड़ा तैयार कर लेना चाहिए कि आपदा के कारण कितने लोग बेघर हुए हैं और कितने भूमिहीन हैं। रणधीर शर्मा ने कहा कि एफसीए संशोधन के लिए भेजे जाने वाले प्रस्ताव में भागड़ा बांध सहित अन्य कारणों से विस्थापित होने वाले लोगों को भी जमीन देने का प्रावधान करवाने की बात रखी जाए।
** दो जिलों में घने कोहरे का अलर्ट जारी हिमाचल में पांच जिले शीतलहर की चपेट में हैं। कड़ाके की ठंड पड़ने से सड़कों समेत नालों में पानी जम रहा है। वहीं, तीन जिलों में भीषण कोहरा पड़ रहा है। कोहरे के कारण शुक्रवार को कुल्लू के भुंतर हवाई अड्डे से एक भी उड़ान नहीं हो पाई। न्यूनतम तापमान में गिरावट आने से राजधानी शिमला की सड़कों पर भी पानी जम रहा है। प्रदेश के 9 क्षेत्रों में न्यूनतम पारा माइनस में पहुंच गया है। उधर, मौसम विभाग ने सात जिलों में अगले चार दिन भीषण शीतलहर का ऑरेंज और दो जिलों में तीन दिन घना कोहरा रहने का येलो अलर्ट जारी किया है। शुक्रवार को कुल्लू, बिलासपुर और मंडी जिले में कोहरे का कहर रहा। कुल्लू जिले के भुंतर एयरपोर्ट पर विजिबिलिटी कम होने से शुक्रवार को दिल्ली से भुंतर और भुंतर से अमृतसर की दोनों उड़ानें रद्द हो गईं। उड़ानें रद्द होने से विंटर टूरिस्ट सीजन में पर्यटकों के साथ स्थानीय लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ा है। भुंतर एयरपोर्ट अथॉरिटी के निदेशक सिद्धार्थ कदम्ब ने कहा कि विजिबिलिटी कम होने से दो दिन से हवाई उड़ानें नहीं हो पाईं। ऊना, मंडी, हमीरपुर, चंबा और बिलासपुर में शीतलहर ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। मौसम विभाग ने बिलासपुर, मंडी, हमीरपुर, ऊना जिले कांगड़ा, चंबा, सोलन के कुछ स्थानों पर अगले चार दिन के लिए रात को भीषण शीतलहर की चेतावनी जारी है। जबकि मंडी की बल्हघाटी, बिलासपुर में गोबिंद सागर क्षेत्र में तीन दिन घने कोहरे का अलर्ट जारी किया गया है। 23 दिसंबर को प्रदेश के उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में एक दो-स्थानों और 26 दिसंबर को मध्य पर्वतीय और उच्च क्षेत्रों में कुछ स्थानों पर हल्की बारिश और बर्फबारी की संभावना जताई गई है। हालांकि, मैदानी क्षेत्रों में 26 तक पूरे प्रदेश में मौसम साफ रहेगा।
हिमाचल विधानसभा में शुक्रवार को विपक्ष के कड़े विरोध और तीखी नोकझोंक के बीच हिमाचल प्रदेश सरकारी कर्मचारी भर्ती एवं सेवा शर्तें संशोधन विधेयक, पंचायती राज संशोधन विधेयक और पुलिस अधिनियम में संशोधन विधेयक समेत चार विधेयक पारित किए गए। वहीं, भूजोत अधिकतम सीमा संशोधन विधेयक पारित होते ही अब भोटा अस्पताल की 30 एकड़ जमीन हस्तांतरित हो सकेगी। अनुबंध कर्मियों के विधेयक पर मुख्यमंत्री ने कहा कि त्रुटि को दुरुस्त किया गया है। अनुबंध वालों को नियमित कर्मचारियों के समान मानने से सरकार पर बोझ पड़ेगा और इससे वरिष्ठता भी प्रभावित होगी। उधर, विपक्ष ने कहा कि संशोधन विधेयक को पिछले तिथि से लागू करना ठीक नहीं, इससे पदोन्नत हो चुके अनुबंध कर्मी प्रभावित होंगे।भर्ती एवं सेवा शर्तें संशोधन विधेयक में नियमित और अनुबंध कर्मचारियों की सेवा शर्तों को अलग किया गया है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि अनुबंध नीति के अनुसार नियमित और अनुबंध सेवाओं में अंतर होता है। अनुबंध कर्मियों की सेवा शर्तों को नियमित से अलग तरीके से प्ररिभाषित करना आवश्यक है। उन्होंने तर्क दिया कि अनुबंध कर्मियों को नियमित कर्मियों के समान मानना राज्य के खजाने पर भारी बोझ डालेगा और नियमित कर्मियों की वरिष्ठता को भी प्रभावित करेगा। सुक्खू ने कहा कि त्रुटि के कारण नियमित कर्मचारियों को डिमोट करने की नौबत आ रही थी, जो नहीं आनी चाहिए। कुछ लोग कोर्ट जा रहे हैं और वहां से भी निर्णय आ रहे हैं कि लाभ पहले की तिथि से दिया जाए, ऐसे कर्मियों की संख्या ज्यादा नहीं है। भाजपा विधायक त्रिलोक जम्वाल ने कहा कि 12 दिसंबर 2003 के बाद जो भी अनुबंध पर लगे हैं, सुप्रीम कोर्ट तक हारने के बाद उनके बारे में विधेयक लाया गया है। यह संशोधन पिछली तिथि से लागू हो रहा है। अनुबंध कर्मचारी इससे परेशान होंगे। उनकी पदोन्नति का क्या होगा। सरकार अगर इसे अगली तिथि से लागू करने की बात करती है तो भी इस पर विचार किया जा सकता है। इसे वापस लिया जाए। भाजपा विधायक जीतराम कटवाल ने भी कहा कि प्रावधान को पिछली तिथि से लागू न किया जाए। विधायक रणधीर शर्मा ने कहा कि इसे प्रतिष्ठा का सवाल न बनाकर फैसले को वापस लिया जाए। भाजपा विधायक हंसराज ने भी कहा कि विधेयक पर पुनर्विचार होना चाहिए। हिमाचल विधानसभा में धर्मार्थ संस्थाओं के लिए 30 एकड़ जमीन हस्तांतरित करने का विधेयक पारित हो गया। भूजोत अधिकतम सीमा संशोधन विधेयक 2024 पर पहले सदन में चर्चा हुई। विपक्ष ने कहा कि इसे पारित करते समय जल्दबाजी न की जाए। राधास्वामी सत्संग संस्था की मदद होनी चाहिए, मगर विधेयक को विचार-विमर्श के लिए पहले विधानसभा की सिलेक्ट कमेटी को भेजा जाना चाहिए। दोनों पक्षों की नोकझोंक के बीच विधेयक ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। संशोधन विधेयक के पारित होने और इसके कानून बनने के बाद राधास्वामी सत्संग ब्यास भोटा अस्पताल और इसकी जमीन जगत सिंह सेवा ट्रस्ट को हस्तांतरित कर सकेगा। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने चर्चा के दौरान कहा कि संस्था और संगठन से ऊपर मेरे लिए प्रदेश है। संस्था के लिए पूरा आदर है, पर विधेयक को पारित करने से पहले सिलेक्ट कमेटी को भेजा जाए। विधेयक के पारण के बाद मुख्यमंत्री ने कांग्रेस विधायक दल का धन्यवाद किया और कहा कि भाजपा के विधायकों ने इसका समर्थन नहीं किया। एक तरह से साइलेंट विरोध किया। सेलेक्ट कमेटी को भेजने की बात करना भी एक तरह से विराेध करना है। यह दुख की बात है। सूक्खू ने कहा कि उनके लिए हिमाचल के हित सर्वोपरि हैं। राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि यह केवल एक समय के लिए प्रावधान है। कोई भी धार्मिक, आध्यात्मिक या चैरिटेबल संस्था इसे केवल ऐसे ही कार्यों के लिए 30 एकड़ तक ही दूसरी उसी तरह की संस्था को जमीन हस्तांतरित कर सकेगी। भाजपा विधायक रणधीर शर्मा ने कहा कि भाजपा भी चाहती है कि राधास्वामी ब्यास संस्था की समस्या का समाधान होना चाहिए, मगर इस कानून का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए। जयराम ठाकुर ने कहा कि राधास्वामी संस्था ने कोविडकाल में बढ़िया किया है, मगर इससे अन्य संस्थाओं की ओर से दुरुपयोग करने की संभावना है। तीन सरकारों में धूमल, वीरभद्र और उनके समय भी मामले में जल्दबाजी नहीं की गई। पिछली भाजपा सरकार में यह मामला मंत्रिमंडल तक आया था, वहीं लंबित हो गया है। मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि कि हिमाचल के हितों को नहीं बेचा जाएगा। सरकार एक रुपये में किसी उद्योगपति को जमीन नहीं दे रही है, जैसा पिछली सरकार में हुआ। वह नेक काम करने वाली संस्थाओं की मदद कर रहे हैं।
राज्य सरकार की अनुमति से ही ड्यूटी के दौरान सरकारी कर्मचारियों को गिरफ्तार किया जा सकेगा। कांस्टेबलों का काडर भी अब राज्य स्तर का होगा। भर्ती राज्य पुलिस बोर्ड करेगा। इस संबंध में विपक्ष के विरोध पर भी शुक्रवार को पुलिस विधेयक पारित हो गया। हिमाचल प्रदेश पुलिस अधिनियम में संशोधन पर विधेयक को पारित करने से पहले चर्चा लाई गई। इस पर भाजपा विधायक रणधीर शर्मा ने लोक सेवक को किसी भी कार्य पर ड्यूटी करने के दौरान गिरफ्तार करने से पहले सरकार की मंजूरी लेने की धारा डालने पर आपत्ति दर्ज की। उन्होंने कहा कि इससे पुलिस अधिकारी अपना काम ठीक से नहीं कर पाएंगे। भ्रष्टाचार को भी बढ़ावा मिलेगा। त्रिलोक जम्वाल ने कहा कि पोक्सो एक्ट के तहत अगर किसी कर्मचारी को गिरफ्तार करना होगा तो क्या सरकार को पूछना होगा कि उसे गिरफ्तार करें कि नहीं। क्या यह व्यवस्था किसी विशेष व्यक्ति को लाभ देने के लिए तो नहीं किया जा रही है। सीएम ने कहा कि भाजपा के लोग कर्मचारियों के हितों में ही नहीं है। इससे यह जाहिर होता है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि रिश्वत, खून जैसे संगीन मामलों में गिरफ्तारी करने से संबंधित मामलों में गिरफ्तारी पर कोई रोक नहीं होगी। ये ऐसे मामलों के लिए है कि कार्यालय में कोई एक अधिकारी द्वेष भावना से किसी कर्मचारी के खिलाफ कुछ गलत कार्रवाई करे तो ही यह प्रावधान लागू होगा। इसका एसओपी आएगा। उसमें स्थिति स्पष्ट होगी। ऐसे कई मामले आए दिन सामने आ रहे हैं। इसमें सरकार की अनुमति से ही गिरफ्तारी का प्रावधान होगा। सीएम सुक्खू ने कहा कि रणधीर शर्मा काल्पनिक बुद्धिमत्ता का इस्तेमाल कर रहे हैं। विजिलेंस मैन्युअल को नहीं बदला गया है। कई बार अधिकारी द्वेष भावना से एफआईआर दर्ज कर लेते हैं। हिमाचल में अब 25 हजार की कम संख्या होने पर भी जिला परिषद वार्ड बनेंगे। इसके लिए ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने शीत सत्र में हिमाचल प्रदेश पंचायती राज संशोधन विधेयक पारित करने का प्रस्ताव रखा। इससे पहले विधेयक पर भाजपा विधायक रणधीर शर्मा ने चर्चा में भाग लिया और उन्होंने जिला परिषद बनाने के लिए न्यूनतम जनसंख्या जाहिर नहीं करने पर सवाल उठाए। भाजपा विधायक ने कहा कि जिला परिषद वार्ड बनाने के लिए संख्या 25 हजार से ऊपर ही होनी चाहिए। जिस विधेयक को सरकार लाई है, उसमें यह तय नहीं किया गया है कि प्रदेश में जिला परिषद वार्ड बनाने के लिए लोगों की न्यूनतम संख्या कितनी हो। अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि सरकार विधेयक इसलिए ला रही है, ताकि जनजातीय क्षेत्रों में भी जिला परिषद के वार्डों का गठन किया जा सके। चर्चा के बाद विधेयक ध्वनि मत से पारित कर दिया गया।
हिमाचल में उपभोक्ताओं को सस्ते राशन के डिपुओं से खाद्य तेल खरीदने के लिए अभी और इंतजार करना पड़ेगा। रेट पर सहमति न बनने पर सरकार ने टेंडर रद्द कर दिया है। अब नए सिरे से टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है। हिमाचल में दो माह से उपभोक्ताओं को तेल नहीं मिला है। इधर, सरकार की ओर से दावा किया गया है कि अगले महीने टेंडर प्रक्रिया पूरी करके उपभोक्ताओं को तीन महीने का तेल एक साथ दिया जाएगा। हिमाचल प्रदेश में साढ़े 19 लाख राशन कार्ड धारक हैं। दो माह से डिपुओं में तेल न होने से उपभोक्ताओं को बाजार का रुख करना पड़ रहा है। बाजार में सरसों तेल 160 से 200 रुपये प्रति लीटर मिल रहा है। इस माह विभाग की ओर से टेंडर प्रक्रिया शुरू की गई। इससे उपभोक्ताओं को जल्द तेल मिलने की उम्मीद बंधी थी, लेकिन रेट अधिक होने पर सरकार ने टेंडर रद्द दिया। अब खाद्य आपूर्ति निगम ने नए सिरे से तेल टेंडर के लिए कंपनियों से निविदाएं आमंत्रित की है। सरसों तेल के लिए 3 और रिफाइंड तेल के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 4 जनवरी निर्धारित की है। विभाग का दावा है कि निविदाएं आने के बाद अगर प्रक्रिया जल्द पूरी हुई तो उपभोक्ताओं को तीन महीने का तेल एक साथ देंगे। उधर, खाद्य आपूर्ति निगम के प्रबंध निदेशक राजेश्वर गोयल ने बताया कि पुराना टेंडर रद्द कर दिया है। अब नए सिरे से तेल के कंपनियों से निविदाएं मांगी गई हैं। उपभोक्ताओं को एक साथ तीन महीने तेल का कोटा दिया जाएगा।
** एसडीएम करसोग गौरव महाजन ने की शिविर की अध्यक्षता समाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सौजन्य से खंड विकास अधिकारी कार्यालय करसोग के समीप पंचायत समिति बैठक कक्ष में दिव्यांगों को कृत्रिम अंग व सहायक उपकरण प्रदान करने के लिए एसडीएम करसोग गौरव महाजन की अध्यक्षता में विशेष शिविर का आयोजन किया गया। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा अधिकृत संस्था भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम (एलिम्को) के माध्यम से एडिप योजना के तहत दिव्यांगजनों को कृत्रिम अंग व व्हील चेयर, हियरिंग एड, कैलिपर, छड़ी, सहित अन्य सहायक उपकरण उपलब्ध करवाए करवाए गए। दिव्यागजनों के लिए आयोजित इस शिविर में क्षेत्र के लगभग 42 पात्र दिव्यांगों को व्हील चेयर, हियरिंग एड, कैलिपर, छड़ी, बैसाखी सहित लगभग 74 कृत्रिम अंग व सहायक उपकरण वितरित किए।एसडीएम ने कहा कि प्रदेश सरकार दिव्यांगजनों को सशक्त कर उन्हें समाज की मुख्य धारा में लाने के लिए कृत संकल्पित है। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों को सामान्य व्यक्तियों की तरह जीवन यापन करने और उनके जीवन को सुविधाजनक बनाने के लिए सहायक उपकरण एवं कृत्रिम अंग प्रदान किए गए है।इस अवसर पर तहसील कल्याण अधिकारी करसोग, भोपाल शर्मा ने प्रदेश सरकार द्वारा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के माध्यम से दिव्यागजनों और अन्य लोगों के लिए चलाई जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनओं की जानकारी भी प्रदान की।
आज शिक्षित बेरोज़गार संघ हिमाचल प्रदेश द्वारा हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार द्वारा 1लखा सरकारी नौकरी और सरकारी स्कूलो में गेस्ट अध्यापक भर्ती करवाये जाने के निर्णय आउटसोर्स भर्ती के खिलाफ तपोवन शीतकाल सत्र धर्मशाल के बाहर बेरोजगार युवाओं के धरना प्रदर्शन में शामिल हुए। शिक्षित बेरोज़गार संघ हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार द्वारा गेस्ट अध्यापक की भर्तिया करवाने के विरोध में शिमला तपोवन शीतकाल सत्र धर्मशाल के बहार धरना प्रदर्शन किया शिक्षित बेरोज़गार संघ अध्यक्ष बाल कृष्ण मानना है की प्रदेश सरकार छात्र विरोधी और युवा विरोधी निर्णय लेकर लगातार प्रदेश सरकार युवाओ को बेरोजगारी की और धकेल रही है, जिसके कारण प्रदेश के युवाओं में आक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा है। प्रदेश सरकार ने दो साल पूरे होने का जश्न पूरी धूमधाम से बनाया, लेकिन युवाओं ने जिस मंशा से प्रदेश में बढ़ते भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और अव्यवस्था से तंग आकर प्रदेश में कांग्रेस का समर्थन किया था आज इसी बात से तंग आकर खुद को ही कोस रहे हैं। व्यवस्था परिवर्तन के नाम पर युवाओं व छात्रों को बड़ी तेजी के साथ बेरोजगारी के गर्त में धकेला जा रहा है। शिक्षित बेरोज़गार संघ हिमाचल प्रदेश अध्यक्ष बाल कृष्ण ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार प्रदेश में पूर्व भाजपा सरकार की तरह युवा विरोधी नीतियां लाकर लगातार प्रदेश को पीछे धकेलने का काम कर रही है। शिक्षित बेरोज़गार संघ ने प्रदेश सरकार द्वारा लाई गई गेस्ट अध्यापक की नीति का कड़े शब्दों में विरोध करती है। क्योंकि वर्ष 2013 में बिल्कुल इसी तर्ज पर स्कूल में खाली चल रहे पदों को भरने के लिए SMC के माध्यम से हजारों युवाओ को भरा गया था लेकिन सालों से उन लोगों का शोषण ही हुआ और अब जाकर उन लोगो के लिए नियमित भर्ती में 5 प्रतिशत आरक्षण दिया गया और कुछ ही लोगो को नियमित किया गया। बिल्कुल ऐसा ही गेस्ट टीचरों के साथ भी होगा। ये उन तमाम युवाओं के साथ धोखा है जो सालों से सपने संजो कर मेहनत कर रहा है। शिक्षित बेरोज़गार संघ हिमाचल प्रदेश सरकार के निर्णय का विरोध करती है, जिसमें गेस्ट टीचर नियुक्त किए जा रहे हैं, जबकि प्रदेश में नियमित अध्यापको की नियुक्ति की जानी चाहिए। यह निर्णय NEP-2020 के कार्यान्वयन का हिस्सा है, जो बिना किसी सही योजना और विचार के लागू किया जा रहा है। यह नीति न केवल शिक्षा के स्तर को गिरा रही है, बल्कि हमारे राज्य के युवाओं के भविष्य के साथ भी खिलवाड़ कर रही है। इसलिए, शिक्षित बेरोज़गार संघ द्वारा तत्काल गेस्ट टीचर नीति की समाप्ति और NEP-2020 के वर्तमान रूप में कार्यान्वयन की वापसी की मांग करती है। राज्य सरकार को सरकारी स्कूलों में सभी खाली पदों में स्थाई भर्तिया जल्द से जल्द करवाने की जरूरत एसएफआई HPRCA के माध्यम से योग्य और स्थायी शिक्षकों की नियुक्ति की जानी चाहिए। लेकिन बीते दो सालों में सरकारी भर्तियों में ग्रहण लगा है राज्य चयन आयोग भी दो साल से बंद पड़ा था परन्तु कुछ दिनों पहले से पुराने भर्तियों के परिणाम निकाले जा रहे है। इन परिणामों के लिए भी प्रदेश के युवाओं को कई दिनों तक आंदोलन करने पड़े उसके बाद इन परिणामों को घोषित किया गया। प्रदेश सरकार द्वारा पुरानी स्वीकृत भर्तियों को निरस्त कर दिया गया है और आउटसोर्स के नाम पर धांधलियों को अंजाम दिया जा रहा है। शिक्षित बेरोज़गार संघ यह मांग करती है की जो प्रदेश सरकार ने सरकारी स्कूलों में गेस्ट अध्यापक भर्ती करने का निर्णय लिया है उसे वापिस लिया जाए और प्रदेश सरकार से यह भी मांग करती है की छात्र व युवा विरोधी इस पालिसी को न अपनाया जाए और गेस्ट टीचर और आउटसोर्स के बजाय नियमित भर्तीया करवाई जाए। ताकि प्रदेश के युवाओं को स्थाई रोजगार मिल सके।


















































