12 अगस्त की रात को मंडी के जवाली क्षेत्र में मूसलाधार बारिश के बाद जो आपदा की मार पड़ी वो असहनीय है। उस रात को बारिश के कारण भारी भूस्खलन हुआ और पल भर में पूरा गांव उस त्रासदी की आगोश में आ गया। इस आपदा से सैकड़ों लोग प्रभावित हुए। यह हादसा कितना डराने वाला था, इसका अनुमान लगाना भी कठिन है और बेहद कठिन है उन पीडि़तों के दर्द को समझ पाना, जिन्होंने अपने आंखों के सामने अपने सपनों के आशियाने को नष्ट होते हुए देखा। बेहद मुश्किल है पीडि़तों के दर्द पर मरहम लगा पाना। फस्र्ट वर्डिक्ट मीडिया ने पीडि़तों से संपर्क साधा और हाल जानने का प्रयास किया। इससे पहले हम उनसे कुछ सवाल कर पाते उनका दर्द छलक उठा। मझेड़ गांव के 70 वर्षीय भूप चंद ने जिस तरह पूरे घटनाक्रम को कांपती आवाज से बयां किया तो ये स्पष्ट हुआ कि वो मंजर बेहद डरावना रहा होगा। भूप चंद ने बताया की उस रात उन्होंने अपने आंखों के सामने छह कमरों के मकान को ढहते हुए देखा। भूप चंद ने कहा कि हाल ही में उन्होंने एक बीघा 15 बिस्वा जमीन खरीदी थी। सोचा था कि कृषि कर परिवार का पालन पोषण करेंगे, लेकिन प्रकृति ने गरीब भूप चंद की कमर तोड़ दी और इस घटना में खेत भी बह गए। अब भूप चंद के हाथ भी खाली है और बैंक खाते भी। वर्तमान में वे एक स्कूल में रह रहे है और वो दमा के मरीज है। भूप चंद ने दबी आवाज में कहा कि बस भगवान ने जान बचाई है लेकिन अब मुझमे हिम्मत नहीं बची है। भूप चंद को बस एक आस है कि वो जीते जी अपने परिवार को फिर छत दे सके और उनकी नजर अब सरकार पर टिकी है।
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले की खोलानाला पंचायत में बुधवार रात बादल फटने से 300 लोग फंस गए। एनडीआरएफ की टीम इन्हें रेस्क्यू करने में जुटी हुई है। देर शाम तक 51 लोगों को रेस्क्यू करके सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया है। अन्य को निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। फंसे हुए लोगों को रेस्क्यू करने में कठिनाई पेश आ रही है, क्योंकि सड़क के साथ-साथ पंचायत को जोडऩे वाले रास्ते भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं। इसलिए एनडीआरएफ की टीम इन्हें रेस्क्यू करने के लिए 15 किलोमीटर पैदल चलकर मौके पर पहुंची। घर और जमीन को भी नुकसान फंसे हुए लोगों को नालों, टूटे हुए रास्तों से होते हुए निकाला जा रहा है। फ्लैश फ्लड के बाद पंचायत के लोग 2 दिन से दहशत में है। शेहनू गौनी गांव में घरों और स्थानीय लोगों की कई बीघा उपजाऊ भूमि भी फ्लैश फ्लड के साथ बह गई है। एसडीएम बाली चौकी की सूचना के बाद एनडीआरएफ की टीम सेराज भवन कुल्लू से शेहनू गौनी गांव पहुंची। यहां बादल फटने के बाद 16 पुरुष, 20 महिलाएं और 15 बच्चे फंसे हुए थे, जिन्हें निकाल लिया गया है।
हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के 6,000 से अधिक पद भरने के लिए अक्तूबर से भर्ती प्रक्रिया शुरू होगी। राज्य सचिवालय में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने बताया कि नया भर्ती आयोग गठित होते ही शिक्षा विभाग भर्तियां शुरू करेगा। प्रारंभिक शिक्षा विभाग में 5,300 और उच्च शिक्षा विभाग में 1,000 पद भरे जाएंगे। प्रदेश कैबिनेट ने इन पदों को भरने के लिए पहले ही मंजूरी दे दी है। शिक्षा मंत्री ने कहा है विभाग अपने स्तर पर भी प्रयास कर रहा है कि रिक्त पद जल्द भरे जाएं। पदोन्नति और बैचवाइज आधार पर भर्ती प्रक्रिया जारी है। पांच वर्ष बाद नियमित प्रिंसिपल कॉलेजों में पदोन्नत कर दिए गए हैं। अन्य श्रेणियों के शिक्षकों के पद पदोन्नति से भरे जा रहे हैं। बैचवाइज आधार पर भी जिला शिक्षा अधिकारी भर्तियां कर रहे हैं। बीते दिनों ही मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने प्रदेश में भर्तियां करने के लिए नया आयोग गठित करने की बात कही है। इसके लिए सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी दीपक सानन की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई है। कमेटी अक्तूबर में अपनी रिपोर्ट देगी। इस रिपोर्ट के मिलते ही नया भर्ती आयोग गठित किया जाएगा। पेपर लीक मामले में भंग किए गए हमीरपुर कर्मचारी चयन आयोग की जगह नया भर्ती आयोग बनाया जाना है।
चार साल की समायरा का वो मुस्कुराता चेहरा अब कभी नहीं दिखेगा। घर के उस आंगन में हंसती खेलती समायरा अब कभी नजर नहीं आएगी। कुदरत के इस कहर ने न जाने कितने परिवारों को उजाड़ दिया है। तबाही की ये तस्वीरें जब भी जहन में आती है रूह कांप उठती है। ये त्रासदी इतने गहरे जख्म देगी इस बात का अंदेशा भी नहीं था। शिव बावड़ी का वो हादसा भुलाए नई भूलता। पल भर में मंदिर मलबे में तब्दील हो चुका था। सोमवार का वो दिन उन लोगो के लिए काल का दिन बनकर आया था जो उस दिन शिव बावड़ी मंदिर में मौजूद थे। समायरा का पूरा परिवार इस हादसे में खत्म हो चुका है। 7 लोगों का एक साथ चले जाना बेहद दुखद है और उससे भी ज़्यादा दुखद अपनों की आखिरी झलक को तरस जाना। 11 दिन बीत चुके जाने के बाद समायरा का शव आज बरामद किया गया है। 11 दिन तक वो परिवार उस नन्ही सी बेटी की आखरी झलक देखने के लिए तरस गया था। वो परिवार पूरी तरह से बिखर चुका है। इस हादसे ने वो नासूर दर्द दिया है जो शायद ही किसी के जहन से कभी जाए।
मां की नजरे अपने दुलारे बेटे का इंतजार करती रही, एक पत्नी अपने सुहाग की सलामती के लिए दिन-रात प्रार्थना करती रही और वो नन्ही बच्ची रोज पूछती थी पापा कब आएंगे। नीरज के परिवार की नजरें घटनास्थल पर चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन पर थी और आस थी कि कुछ ऐसा चमत्कार हो जाए की नीरज सकुशल लौटे। दिन बीतता गया और परिवार की हिम्मत और आस्था अब जवाब दे रही थी। नीरज के सकुशल लौटने की उम्मीद दिन-व-दिन कम होते जा रही थी। 24 अगस्त को शिमला के शिव बावड़ी हादसे के घटनास्थल से नीरज का शव 11 दिन बाद मिला। हादसे वाले दिन नीरज शिव मंदिर में जलाभिषेक के लिए गया था, लेकिन चंद लम्हों में शिव बावड़ी मंदिर का नामोनिशान तक नहीं रहा। तबाही के उस मलबे में 20 लोगों ने अपनी जान गवां दी। जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों पर दुखो का पहाड़ टूट चूका है, परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। नीरज के परिवार वालो का दु:ख शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है। 11 दिन तक वो परिवार इस आस में बैठा रहा की शायद नीरज वापस लौट आएंगे। हर रोज इसी उम्मीद में वो नम आंखें इंतजार में रहीं, लेकिन आज लापता नीरज ठाकुर का शव बरामद कर लिया गया है। नीरज समरहिल के रहने वाले थे। नीरज का कुल्लू में होटल का कारोबार था। इस दुखद हादसे में नीरज ठाकुर अपनी मां शांति देवी, पत्नी समा ठाकुर और बेटी सान्या को पीछे छोड़ गए हैं। पल भर में नीरज के परिवार की खुशियां खत्म हो गई है। इस आपदा ने लोगो को जो जख्म दिए हैं, वो कभी नहीं भूल सकते।
मकान नहीं, जीवन भर की पूंजी थी। वो सपनों का आशियाना था जो पल भर में तबाह हो गया। कितना दर्दनाक रहा होगा वो मंजर जब लोगों ने अपने घरों को अपनी आँखों के सामने ताश के पत्तों की तरह बिखरते हुए देखा होगा। ये सोचना भी बेहद मुश्किल है। हिमाचल में आसमान से बरस रही आफत से सैकड़ों लोग बेघर हो चुके हैं। दरकते पहाड़, धंसती जमीन और टूटते मकान इस ओर इशारा कर रहे है कि हिमाचल पर ये संकट बड़ा है और ये संकट अभी टला नहीं है। आफत की बरसात ने ऐसा कोहराम मचाया है कि लोग रात को अपने घरों में चैन की नींद भी नहीं सो पा रहे हैं। 24 जून वो तारीख थी जब हिमाचल प्रदेश में मॉनसून की एंट्री हुई थी। तबसे अब तक भारी बारिश का दौर जारी है। हिमाचल प्रदेश आपदा प्रबंधन की तरफ से जारी रिपोर्ट में अब तक 2220 घर पूरी तरह से जमींदोज हो चुके हैं। जबकि 11 हजार के करीब घरों में दरारें आई हैं। इसी तरह 9819 घर ऐसे है जिन्हे थोड़ा बहुत नुक्सान पहुंचा है। इस रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश में बारिश और फ्लैश फ्लड में 4695 से अधिक गौशालाएं बह गई हैं। 300 से अधिक दुकानें बारिश में ढह गई हैं। भारी बारिश के कारण हिमाचल में अब तक 8 हजार 99 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। कुदरत के इस कहर के कारण अब तक 350 से अधिक लोगों की मौत भी हो चुकी है। इस आपदा से जो हिमाचल को नुक्सान पहुंचा है शायद वो कुछ वक्त के बाद सामान्य भी हो जाए, कुछ समय बाद सब वापिस पटरी पर लौट आए, लेकिन जिन लोगों ने इस त्रासदी में अपनों को खोया है वो अब कभी लौट कर नहीं आएंगे। जब भी तबाही की ये तस्वीरें जहन में आएंगी उन लोगो की आंखें फिर नम हो जाएंगी। आपदा के दिए ये जख्म सदा हरे रहेंगे।
14 अगस्त को नितिका का जन्मदिन था। हमेशा की तरह वो अपने पापा के विश करने का इंतज़ार कर रही थी। नितिका अपने पापा की फोन कॉल का इंतज़ार करते-करते थक गयी। जब उसके पापा का कॉल नहीं आया तो उसने खुद कॉल की लेकिन नंबर नहीं लगा। इसके बाद जो खबर शिमला के समरहिल से आई वो दिल दहला देने वाली थी ।यहाँ सावन की शिवरात्रि की पूजा के लिए जिस शिव बावड़ी मंदिर में सात लोगों का पूरा परिवार पूजा करने गया था, वहां लैंडस्लाइड हुआ और सभी मलबे में दब गए हैं। वो लुधियाना से तुरंत शिमला के लिए निकली। शाम को यहां पहुंचीं तो देखा कि सात में से चार परिजन उनकी मां संतोष शर्मा, भाई अमन और भाई की बेटियों नायरा और साशा के शव मलबे से निकाले जा चुके थे। सावन का छठा सोमवार और 14 अगस्त का वो दिन, नितिका अब शायद कभी नहीं भूल पाएगी। इन चार शवों को मुखाग्नि भी नितिका ने ही दी। तीसरे दिन उनके भाई अमन की पत्नी अर्चना का शव मिला, जिसका संस्कार अर्चना के भाई ने किया। परिवार में इकलौती बची नितिका का कहना है कि उसे 14 अगस्त का दिन कभी नहीं भूल सकता। पापा पवन शर्मा और भतीजी समायरा अभी भी लापता हैं। नितिका का रो रो कर बुरा हाल है। नितिका कहती है, 'वक्त बीत जायेगा, लेकिन यह जख़्म कभी नहीं भर पायेगा।Ó
हिमाचल प्रदेश में आई त्रासदी ने जो दर्द दिया है वो नासूर है। त्रासदी ने जो गहरे जख्म दिए हैं, इन जख्मों का न मरहम है और न कोई दवा और न ही आने वाला वक्त ये जख्म भर सकता है। मंडी के पड़ोह के रहने वाले नितीश भी इसी दर्द से गुजर रहे हैं। 14 अगस्त की वो सुबह नितीश के परिवार के लिए नया सवेरा नहीं, बल्कि काल का ग्रास ले आया। 14 अगस्त की सुबह लगभग 5 बजे नितीश के घर के पीछे अचानक ढेर सारा मलबा आ गया। अफरातफरी में सभी घर से बाहर निकल आए, लेकिन 6 महीने की सानिया घर के अंदर ही रह गई थी। नितेश की 18 वर्षीय पत्नी मोनिका और 17 वर्षीय बहन रविता उस दुधमुंही को बचाने के लिए घर के अंदर गई। ये दोनों यही सोचकर घर में गई कि बच्ची को उठाकर तुरंत बाहर आ जाएंगी, लेकिन होनी को कौन टाल सकता है। अचानक मलबा घर पर आ गया और तीनों घर सहित उस मलबे में दब गईं। 45 वर्षीय माता रचना देवी और 11 वर्षीय एक अन्य बहन गोपी मलबे की चपेट में आ गई और उसके साथ बहती चली गई। इतने में गांव वालों को पता चल गया और उन्होंने दोनों मां-बेटी को बाहर निकाल दिया। नितीश और उसकी एक अन्य 15 वर्षीय बहन जाह्नवी भागकर खुद को बचाने में कामयाब हो सके। मां के पांव में गंभीर चोट लग चुकी थी। पांव का इन्फेक्शन इतना बढ़ गया कि डॉक्टरों को घुटने से नीचे पांव ही काटना पड़ गया। माता हॉस्पिटल में उपचारधीन है, लेकिन अभी पत्नी, बेटी और बहन का कोई सुराग नहीं लग पाया है। परिवार के इकलौते सहारे नितीश के सिर पर दुखों का पहाड़ टूटने के साथ-साथ जिम्मेदारियों का बोझ भी है। अब नितीश को समझ नहीं आ रहा कि वो अस्पताल में उपचाराधीन मां को संभाले या फिर सांबल में आकर दिन भर अपनी पत्नी, बेटी और बहन के लिए चल रहे तलाशी कार्य को देखे। नितीश पर जो दुखो का पहाड़ टूटा है उस दर्द को शब्दों में बयां करना नामुमकिन है और नामुमकिन है इस हानि की भरपाई कर पाना।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद अखिल भारतीय कांग्रेस कार्यसमिति की सदस्य प्रतिभा सिंह 25 अगस्त से अपने संसदीय क्षेत्र मंडी के दौरे पर रहेंगी। इस दौरान वह इस क्षेत्र में बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेंगी व प्रभावित लोगों से भी मिलेंगी।
एक दिन में 950 से अधिक लोगों को भोजन पैकेट वितरित मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां कहा कि कुल्लू और मंडी जिलों में भारी बारिश और भूस्खलन से सड़कें अवरुद्ध होने के कारण विभिन्न स्थानों पर फंसे हुए लोगों को प्रदेश सरकार द्वारा हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि संबंधित जिला प्रशासन लोगों के लिए भोजन और अस्थायी शिविर की नि:शुल्क सुविधा प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अवरुद्ध मार्गों को बहाल करने और स्थिति को सामान्य बनाने के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मंडी-कुल्लू राष्ट्रीय राजमार्ग पंडोह के पास भारी भूस्खलन के कारण क्षतिग्रस्त हुआ है और इस पर यातायात बहाल करने में काफी समय लगेगा। जिला प्रशासन मंडी द्वारा फंसे हुए लोगों को आश्रय, भोजन और अन्य आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध करवाने के लिए पंडोह और औट में दो राहत शिविर स्थापित किए हैं। उन्होंने कहा कि बुधवार को इन राहत शिविरों में 800 से अधिक लोगों को भोजन के पैकेट वितरित किए गए। इसके अतिरिक्त 150 व्यक्तियों को कुल्लू जिले के बजौरा राहत शिविर में पका भोजन उपलब्ध करवाया गया। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि रेडक्रॉस सोसायटी सहित विभिन्न स्वयंसेवी संगठन और स्थानीय लोग भी ज़रूरतमंदों को भोजन और अन्य आवश्यक वस्तुएं वितरित करने के लिए आगे आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि सभी राहत शिविरों में उचित व्यवस्थाएं की गई हैं और लोगों को नि:शुल्क भोजन, पानी और आवश्यक सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। उन्होंने आश्वस्त किया कि राज्य सरकार सभी फंसे हुए लोगों की तब तक देखभाल सुनिश्चित करेगी जब तक उन्हें सुरक्षित घर नहीं पहुंचा दिया जाता। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बरसात में बाढ़ एवं भू-स्खलन के कारण प्रदेशभर में जान-माल की भारी क्षति हुई है। आपदा में अभी तक 350 से अधिक लोगों की दु:खद मृत्यु हुई है और राज्य को 12000 करोड़ रुपये से अधिक की क्षति का अनुमान है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हर व्यक्ति की भलाई सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है और संकट की इस घड़ी में ज़रूरतमंदों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए चौबीसों घंटे अथक प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार के लिए हर जान कीमती है और हर व्यक्ति की सुरक्षा सर्वोपरि है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने मलबा हटाने और बहाली के प्रयासों में तेज़ी लाने के लिए पर्याप्त धन उपलब्ध करवाया है।
प्रदेश में भारी बारिश के बीच सोलन, शिमला, मंडी और हमीरपुर जिले में बिजली संकट गहरा गया है। ऑरेंज अलर्ट के बीच जारी भारी बारिश के चलते प्रदेश में 2897 बिजली ट्रांसफार्मर ठप हो गए हैं। आधे से अधिक ट्रांसफार्मर इन चार जिलों में हैं। मंडी में 1142, शिमला में 598, हमीरपुर में 376 और सोलन में 410 ट्रांसफार्मर बंद हैं।
कुकलाह खड्ड में आई बाढ़ ने पटीकरी पावर हाउस को तबाह कर दिया है। फ्लड ने पहले बाउंड्री वॉल को तोड़ा और फिर पावर हाउस में तबाही मचाते हुए स्टेशन ट्रांसफार्मर, डीजी व पैनल को तबाह कर दिया। 16 मेगावाट के प्रोजेक्ट को तहस नहस कर दिया है। डैम साइट की दीवार भी टूट गई है। विद्युत उत्पादन अब कई महीनों तक के लिए ठप हो गया है। प्रोजेक्ट तक पहुंचने वाली 9 किलोमीटर सडक़ भी बहुत जगह से टूट चुकी है। ट्रांसमिशन लाइन गिर चुकी है, जो नए सिरे से बिछानी होगी। कर्मचारियों ने जैसे तैसे अपनी जान बचाई है।
हिमाचल प्रदेश सरकार ने नौ एचपीएस अधिकारियों के तबादला आदेश जारी किए हैं। एएसपी आईआरबी बस्सी नरेंद्र कुमार को एएसपी सिरमौर, एएसपी सिरमौर सोम दत्त को एएसपी आईआरबी बस्सी, डीएसपी पीटीसी डरोह अमित ठाकुर को डीएसपी लीव रिजर्व शिमला, डीएसपी सिटी शिमला तजिंदर कुमार को डीएसपी सेकंड आईआरबी सकोह, एसडीपीओ कांगड़ा मदन लाल धीमान को डीएसपी फर्स्ट आईआरबी बनगढ़, डीएसपी फर्स्ट आईआरबी बनगढ़ अंकित शर्मा को एसडीपीओ कांगड़ा, डीएसपी विजिलेंस एसआईयू शिमला, वरुण पटियाल को डीएसपी सिटी शिमला, एसडीपीओ आनी चंद्र शेखर को डीएसपी एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स शिमला और एसडीपीओ सुंदरनगर दिनेश कुमार को डीएसपी सेकंड आईआरबी सकोह लगाया गया है। इसके साथ ही नियुक्ति का इंतजार कर रहे भरत भूषण को एसडीपीओ सुंदरनगर और निशा सिंह को डीएसपी लीव रिजर्व धर्मशाला लगाया गया है।
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक डॉ. सुरेंद्र पाल ने बताया कि प्रदेश के कई क्षेत्रों में आज भी भारी बारिश होने का पूर्वानुमान है। इसे देखते हुए आज ऑरेंज अलर्ट और कल के लिए यलो अलर्ट दिया गया है। परसों से मानसून के कमजोर पड़ने के आसार हैं।रहा है। वहीं किसानों को मार्केट तक अपने उत्पाद पहुंचने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
44 मरीजों में स्क्रब टाइफस की पुष्टि, 59 मरीजों में टाइफाइड के लक्षण हिमाचल प्रदेश में जलजनित रोग पांव पसारते जा रहे हैं। दिन प्रतिदिन बढ़ रहे जलजनित रोग को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी किया है। विभाग ने इसको लेकर एडवाइजरी भी जारी की है। लोगों को आसपास साफ-सफाई और उबालकर पानी पीने की सलाह दी है। जानकारी के अनुसार स्क्रब टाइफस बीमारी की आशंका के चलते प्रदेश के अस्पतालों में 129 मरीजों के सैंपल लिए गए। इसमें 44 लोगों में स्क्रब टाइफस की पुष्टि हुई। इसके अलावा 217 लोगों की टाइफाइड को लेकर जांच की गई। इनमें 59 मरीजों में बीमारी के लक्षण पाए गए। स्वास्थ्य विभाग ने बीमारियों को लेकर मेडिकल कालेज के प्रधानाचार्य, वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक, मुख्य चिकित्सा अधिकारी को अलर्ट किया है। ओपीडी में इलाज के लिए आने वाले मरीजों के टेस्ट कराने को कहा गया है। अस्पताल प्रशासन को पर्याप्त मात्रा में दवाइयां उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। प्रदेश में मूसलाधार बारिश के चलते लोगों के घरों में मटमैला पानी की सप्लाई हो रही है। इससे जलजनित के आंकड़ों में इजाफा हो रहा है। एनएचएम के निदेशक सुदेश मोक्टा ने कहा कि प्रदेश में जलजनित रोग के मामले बढ़ने से स्वास्थ्य संस्थानों को अलर्ट किया गया है। प्रतिदिन जिलों से बीमारी से ग्रसित मरीजों की रिपोर्ट ली जा रही है। बीमारी के लक्षण तेज बुखार 104 से 105 डिग्री तक आ सकता है जोड़ों में दर्द और कंपकंपी के साथ बुखार आना शरीर में अकड़न या शरीर टूटा लगना अधिक संक्रमण में गर्दन, बाजू के नीचे कूल्हों के ऊपर गिल्टियां आना
इंडियन ऑयल कारपोरेशन में छूट न देने का फैसला वापस लिया हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक आपदा के बीच एचआरटीसी को बड़ी राहत मिली है। एचआरटीसी को डीजल पर मिलने वाली प्रति लीटर डेढ़ रुपए की छूट अब जारी रहेगी। इंडियन ऑयल कारपोरेशन में छूट न देने का अपना फैसला वापस ले लिया है। इंडियन ऑयल कारपोरेशन के फैसले से निगम को प्रति माह करीब एक करोड़ रुपए की बचत होगी। वहीं, सालाना 10 से 15 करोड़ रुपए की बचत होने का अनुमान है। गौरतलब है को इंडियन ऑयल कारपोरेशन ने पहले एचआरटीसी को डीजल पर मिलने वाली छूट को बंद करने का फैसला लिया था। इसके बाद एचआरटीसी के प्रबंध निदेशक रोहन चंद ठाकुर की ओर से केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय के समक्ष यह मामला उठाया गया था। इनके आग्रह पर इंडियन ऑयल कारपोरेशन ने फैसला वापस ले लिया है। इस बारे में एक पत्र के माध्यम से एचआरटीसी के प्रबंध निदेशक रोहन चंद ठाकुर को इंडियन ऑयल कारपोरेशन की ओर से जानकारी प्रदान की गई है।
सरकार ने नदियों में पारिस्थितिकी के खतरनाक परिवर्तन को देखते हुए लिया निर्णय मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बुधवार को यहां कहा कि राज्य सरकार ने ब्यास नदी बेसिन और उसकी सहायक नदियों में स्टोन क्रशर के प्रयोग को तुरंत प्रभाव से बंद करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि बरसात के दौरान मौजूदा परिस्थितियों और कांगड़ा जिले में चक्की नदी सहित कुल्लू, मंडी, कांगड़ा और हमीरपुर जिलों में ब्यास और इसकी सहायक नदियों में पारिस्थितिकी के खतरनाक परिवर्तन को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। इस निर्णय के अनुसार अगले आदेश तक बारहमासी और गैर-बारहमासी दोनों नालों के सभी स्टोन क्रशर के संचालन को बंद कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 के तहत राज्य की नाजुक पारिस्थितिकी और पर्यावरण को संरक्षित करने, बस्तियों और बुनियादी ढांचे की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यह कदम उठाया गया है। हालांकि, वैध खनन के लिए जारी को रद्द नहीं किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मौजूदा कैप्टिव और अस्थायी स्टोन क्रशर इस आदेश के दायरे में नहीं आएंगे। उन्होंने कहा कि पर्यावरण, विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा जलवायु परिवर्तन विभाग को इस प्रकार की विनाशकारी स्थिति उत्पन्न करने वाले कारकों की पहचान करने के लिए आईआईटी, एनआइटी, अनुसंधान एवं विकास संस्थानों और विश्वविद्यालयों के विशेषज्ञों से तुरंत उच्च स्तरीय विशेषज्ञ परामर्श लेने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि विभाग अवैज्ञानिक और अवैध खनन गतिविधियों के संचयी प्रभाव के मूल्यांकन के लिए एक बहु क्षेत्रीय विशेषज्ञ समिति का गठन करके एक व्यापक वैज्ञानिक अध्ययन भी करेगा। इस अध्ययन के निष्कर्ष के आधार पर दूरी से संबंधित परिसीमाएं फिर से परिभाषित की जाएंगी ताकि नदियों के समीप पर्यावरण को संरक्षित करने और राज्य में अन्य ऐसी किसी भी मानवजनित आपदा से बचने के लिए ऐसे कार्यों का विनियमन और प्रबंधन सुनिश्चित हो सके।
चंडीगढ़-शिमला फोरलेन समेत 700 सड़कें बंद हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में बादल फटने की दो घटनाएं हुईं। पंडोह में मलबे की चपेट में आने से एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि एक स्कूल की बिल्डिंग नाले में बह गई। भारी बारिश के बाद चंडीगढ़-शिमला, चंडीगढ़-मनाली फोरलेन सहित 700 से ज्यादा सड़कें बंद हो गई है। मौसम विभाग के अलर्ट को देखते हुए शिमला, हमीरपुर और मंडी जिले के सभी सरकारी व निजी स्कूल-कॉलेज दो दिन के लिए बंद कर दिए गए हैं। पालमपुर, देहरा, जयसिंहपुर के स्कूल बंद रहेंगे। हिमाचल यूनिवर्सिटी में 23-34 की परीक्षाएं भी स्थगित की गई हैं।
मंडी जिले में चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय उच्च मार्ग पर सुंदरनगर के नौलखा स्थित रूप होटल पर रात करीब 1:30 बजे आसमानी बिजली गिरने से आगजनी की घटना हो गई। आधी रात को जब होटल पर बिजली गिरी उसे दौरान स्टाफ और यहां पर ठहरे हुए लोग सोए हुए थे। बिजली गिरने की जोरदार आवाज के बाद सभी भयभीत होकर बाहर की ओर भागे तो उन्होंने पाया कि आसमानी बिजली होटल के मुख्य भाग के ऊपर गिरी हुई है, जिसके कारण आगजनी शुरू हो गई है। होटल स्टाफ ने तुरंत सुंदरनगर के बीएसएल परियोजना के दावानल विभाग को इस बारे सूचित किया गया। सूचना मिलते ही दावानल कर्मियों ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाया, लेकिन तब तक काफी नुकसान हो चुका था। रूप होटल के मालिक सुरेश ठाकुर ने बताया आसमानी बिजली के गिरने के कारण होटल को करीब 20 लाख रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि सौभाग्य से किसी भी व्यक्ति को आसमानी बिजली गिरने के कारण कोई क्षति नहीं पहुंची है।
स्वर्ण जयंती ऊर्जा नीति में संशोधन का लिया निर्णय, अब 40 वर्ष की अवधि के लिए होगा एमओयू हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक मंगलवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में शिमला में आयोजित हुई, जिसमें कई अहम फैसले लिए गए। बैठक में भारी बारिश के कारण हुई भारी तबाही के कारण जान गंवाने वाले लोगों पर दुख व्यक्त किया गया और उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। राजस्व विभाग ने आपदा प्रबंधन और सार्वजनिक एवं निजी संपत्तियों को हुए भारी नुकसान पर विस्तृत प्रस्तुति दी। कैबिनेट ने बैठक में शिक्षा विभाग में उन अंशकालिक जलवाहकों की सेवाओं को नियमित करने को मंजूरी दी गई, जिन्होंने 31 मार्च, 2023 और 30 सितंबर, 2023 को संयुक्त दैनिक वेतन और अंशकालिक सेवाओं के 11 वर्ष पूरे कर लिए हैं। बैठक में स्वर्ण जयंती ऊर्जा नीति में संशोधन करने का निर्णय लिया, जिसमें एमओयू 40 वर्ष की अवधि के लिए होगा। रॉयल्टी पहले 12 वर्षों के लिए 15 प्रतिशत, अगले 18 वर्षों के लिए 20 प्रतिशत और शेष 10 वर्ष की अवधि के लिए 30 प्रतिशत होगी। इसके बाद परियोजना राज्य सरकार को नि:शुल्क और सभी बाधाओं और देनदारियों से मुक्त होकर वापस कर दी जाएगी। हालांकि विस्तारित अवधि के लिए राज्य को देय रॉयल्टी 50 प्रतिशत से कम नहीं होगी। इसमें 210 मेगावाट लूहरी चरण-एक, 66 मेगावाट धौलासिद्ध, 382 मेगावाट सुन्नी बांध और 500 मेगावाट डुगर जलविद्युत परियोजनाओं के लिए एसजेवीएनएल और एनएचपीसी के पक्ष में क्रमबद्ध मुफ्त बिजली रॉयल्टी के लिए दी गई छूट को तत्काल प्रभाव से वापस लेने का निर्णय लिया। मंत्रिमंडल ने जल विद्युत परियोजनाओं पर लिए जाने वाले जल उपकर की दरों को तर्कसंगत बनाने का निर्णय लिया। मंत्रिमंडल ने राज्य में वर्ष 2023-24 के लिए बाजार हस्तक्षेप योजना के तहत खरीदे जाने वाले सेब, आम और नींबू वर्गीय फलों के समर्थन मूल्य को बढ़ाने की मंजूरी दी। अब से सेब और आम का समर्थन मूल्य 12 रुपये प्रति किलो होगा। साथ ही किन्नू, माल्टा और संतरे का समर्थन मूल्य बढ़ाकर 20 रुपए कर दिया गया है। बैठक में मिड डे मी योजना के तहत कुक कम हेल्पर का मानदेय 1 अप्रैल 2023 से बढ़ाकर 2000 रुपये करने पर सहमति दी गई। इसके अलावा मनरेगा मजदूरों की दिहाड़ी भी बढ़ाई गई। इसके तहत गैरजनजातीय क्षेत्रों में 240 रुपए जनजातीय क्षेत्रों में 294 रुपए दिहाड़ी मिलेगी। बैठक में कीरतपुर-मनाली चार पर यातायात प्रबंधन और नियंत्रण तथा सडक़ सुरक्षा मानदंडों को सुनिश्चित करने के लिए बिलासपुर, मंडी और कुल्लू जिलों में नव स्थापित तीन यातायात सह पर्यटक पुलिस स्टेशनों के लिए विभिन्न श्रेणियों के 48 पद बनाने और भरने को मंजूरी दी गई। इसके अलावा, कैबिनेट ने ग्रामीण विकास विभाग में जूनियर ऑफिस असिस्टेंट (आईटी) के 35 पद भरने का भी फैसला किया। कैबिनेट ने श्रम एवं रोजगार विभाग का नाम बदलकर श्रम रोजगार एवं विदेशी प्लेसमेंट विभाग करने पर सहमति दे दी। सफाई कर्मियों को स्वास्थ्य बीमा कैबिनेट ने राज्य के सफाई कर्मियों को स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध कराने के लिए उन्हें आयुष्मान भारत योजना में शामिल करने पर सहमति दी। इसने राज्य में अगले पांच वर्षों में तैनात किए जाने वाले पटवारियों और 16 चेन-मैन के रूप में 874 उम्मीदवारों का चयन और प्रशिक्षण करने का निर्णय लिया। वन भूमि से पेड़ कटान को मंजूरी वन भूमि से बचे पेड़ों की गणना, चिन्हांकन, निष्कर्षण और निपटान के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) को अपनी मंजूरी दे दी। इससे स्थानीय स्तर पर लकड़ी की उपलब्धता, परिवहन लागत में कमी, राजस्व में वृद्धि, फील्ड स्टाफ की बेहतर और बढ़ी हुई दक्षता और कच्चे रूपों में रूपांतरण सुनिश्चित होगा। ई टैक्सी पर सबसिडी बैठक में किसी भी सरकारी विभाग/स्थानीय प्राधिकरण/ स्वायत्त निकाय/ बोर्ड/ निगम/सरकारी उपक्रम या किसी अन्य प्रतिष्ठान द्वारा राजीव गांधी स्वरोजगार योजना-2023 के तहत ई-टैक्सी किराए पर लेने के लिए मानक संचालन प्रक्रिक्रयाओं (एसओपी) को अपनी मंजूरी दे दी। इस योजना से राज्य के युवाओं के लिए रोजगार के रास्ते खुलेंगे और राज्य सरकार ई-टैक्सी खरीदने के लिए 50 प्रतिशत की सबसिडी प्रदान करेगी जो प्रदूषण को कम करने में काफी मदद करेगी और हरित राज्य बनने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाएगी। इसे 2 अक्तूबर, 2023 से लागू किया जाएगा।
गत विधानसभा चुनावों में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप मे चुनाव लड़ चुके पूर्व भाजपा प्रदेश सचिव व मीडिया प्रभारी प्रवीण कुमार शर्मा ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में सरांढा (पंडोह) और सकरोहा के बीच फोरलेन टनल बनाए जाने की वकालत की है। उन्होंने मुख्यमंाी को लिखे अपने पत्र में कहा है कि मंडी के बीच चल रहे फोरलेन के निर्माण से पहाड़ लगातार दरक रहे हैं। चार मील से लेकर सात मील का क्षेत्र पिछले चार वर्षों से स्थानीय लोगों, पर्यटकों, प्रशासन के लिए बहुत बड़ी समस्या का कारण बन गया है। आए दिन कोई न कोई दुर्घटना इस क्षेत्र में हो रही है और जिस गति से निर्माण कार्य चल रहा है, उससे यह प्रतीत होता है कि आगामी दो वर्षों में भी यह फोरलेन नहीं बन पाएगा और अगले छ: सात वर्ष पहाड़ी को सेटल होने में लग जाएंगे। इस बरसात ने तो यह साबित कर दिया है कि इस क्षेत्र में फोरलेन का बनाना खतरे से खाली नहीं होगा और भविष्य में भी बड़ी दुर्घटनाओं का अंदेशा हमेशा बना रहेगा। इसलिए क्यों न वैकल्पिक मार्ग के बारे मे अभी से योजना बना कर उस पर कार्य किया जाए। उन्होंने अपने पत्र में कहा कि जैसी की मुख्यमंत्री जीकेई भी राय है कि सुरंगों के निर्माण से पर्यावरण की भी रक्षा होती है और समय भी बचता है तो यह बेहतर होगा कि चार मील से लेकर सात मील के क्षेत्र को डबल लेन ही रहने दिया जाए और सकरोहा जो बल्ह विधानसभा क्षेत्र में पड़ता है से सीधे टनल सरांढा (पंडोह) में निकाली जाए। गूगल मैप के अनुसार सरांढा और सकरोहा के बीच लगभग पांच किमी की दूरी है। हो सकता है जब वास्तविक सर्वे करवाया जाएगा तो किसी दो अन्य स्थानों पर सुरंग की दूरी इस से भी कम आए। प्रवीण कुमार शर्मा ने कहा कि इस सुरंग के निर्माण से चंडीगढ़ और कुल्लू की दूरी मे लगभग 25 किमी का अंतर आयेगा, जिससे ने केवल अरबों रुपयों की बचत हो पायेगी। बल्कि जिला कुल्लू, लाहौल और पांगी के पर्यटन को भी नए पंख लगेंगे और सबसे अधिक लाभ भारतीय सेना को पहुंचेगा, जिसे सीमाई क्षेत्र मे पहुंचने के लिए पूर्व की तुलना मे एक घंटा कम समय लगेगा और जनता को हमेशा के लिए राहत मिल जाएगी।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद अखिल भारतीय कांग्रेस कार्यसमिति की सदस्य प्रतिभा सिंह ने मंडी संसदीय क्षेत्र में भारी बारिश व बाढ़ से प्रभावित सड़को को जल्द बहाल करने के आदेश प्रशासन को दिए हैं। उन्होंने मंडी, कुल्लू के जिला उपायुक्तों से सेब बाहुल क्षेत्रों की संपर्क सड़को को जल्द बहाल करने व ढुलाई कार्य के लिये पर्याप्त ट्रांसपोर्ट व्यवस्था करने को भी कहा है, जिससे बागवानों को कोई समस्या उत्पन्न न हो। प्रतिभा सिंह ने आज यहां कहा कि वह जल्द ही मंडी संसदीय क्षेत्र का व्यापक दौरा करेंगी। उन्होंने कहा कि भारी बारिश के चलते व सड़कें अवरुद्ध होने की बजह से उन्हें अपना पूर्व प्रस्तावित मंडी दौरा टालना पड़ा। उन्होंने प्रभावित लोगों को आश्वासन दिया है कि प्रदेश सरकार की ओर से राहत व पुन:निर्माण कार्यो में कोई कोर कसर बाकी नहीं रखी जाएगी। उन्होंने कहा कि भारी बारिश के चलते प्रदेश में जानमाल का भारी नुकसान हुआ है। बहुत सड़के टूट गई हैं, भूस्खलन की बजह से अनेक मार्ग बंद पड़े है जिन्हें प्रशासन व लोक निर्माण विभाग खोलने के पूरे प्रयास कर रहा हैं। प्रतिभा सिंह ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की सराहना करते हुए कहा है कि वह स्वम् राहत व पुनर्निर्माण पर अपनी नजर रखे हुए है व आवश्यक दिशानिर्देश दे रहें हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने केंद्रीय जोन लोक निर्माण विभाग मण्डी को अतिरिक्त धन उपलब्ध करवाने की मांग भी की है जिससे यहां भूस्खलन से बंद पड़ी सड़को को जल्द बहाल किया जा सकें। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने उनकी इस मांग को अपनी सैधांतिक मंजूरी दे दी हैं। प्रतिभा सिंह ने प्रदेश में प्रारकृतिक आपदा से निपटने के लिए छत्तीसगढ़, राज्यस्थान व कर्नाटक के मुख्यमंत्रियों का प्रदेश सरकार को राहत राशि देने का आभार व्यक्त किया हैं। उन्होंने कहा है कि इस आपदा की घड़ी में तीन राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने प्रदेश की जो सहायता की है उसके लिए प्रदेश कांग्रेस सदैब इनकी आभारी रहेगी।
कुल्लू-मंडी नेशनल हाईवे पर पंडोह डैम के पास अस्थायी लिंक बारिश के कारण बंद हो गया है। करीब 600 वाहन कैंची मोड़ से लेकर जोगनी माता मंदिर तक फंस चुके हैं। इसी प्रकार दूसरी तरफ पंडोह, 9 मील तथा 4 मील में करीब 700 वाहन कुल्लू जाने के लिए रुके हुए हैं। सड़क खुलने की कोई निश्चित समय सीमा नहीं दी जा सकती, जो कि मौसम पर निर्भर करता है। अभी कुल्लू से मंडी जाने वाले वाहनों के लिए बजौरा से कमांद को ट्रैफिक छोड़ा जा रहा है औट तथा कैंची मोड़, जोगनी माता मंदिर तक फंसे वाहनों,लाइट मोटर वाहन चालकों से गुजारिश है कि वह बजौरा से कमांद होते हुए मंडी को निकल जाएं, वहीं पंडोह से मंडी तक नेशनल हाईवे की मेंटेनेंस के चलते सडक़ रोजाना 11 से 2 बजे यानी तीन घंटे बंद रहेगी। यह जानकारी एएसपी मंडी सागर चंद्र ने दी।
क्रिकेट प्रेमी बुक माई शो वेबसाइट पर करवा सकते हैं बुकिंग भारत और न्यूजीलैंड मैच की टिकटों की बुकिंग एक सितंबर से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम धर्मशाला में अक्तूबर में होने वाले आईसीसी वनडे विश्वकप के मैचों की टिकटें क्रिकेट प्रेमी बुक माई शो वेबसाइट पर बुक करवा सकते हैं। 25 अगस्त से आईसीसी की ओर से बुक माई शो पर टिकटों की ऑनलाइन बुकिंग शुरू की जाएगी। क्रिकेट प्रेमी भारतीय टीम के मैच को छोड़कर अन्य टीमों के मैचों की टिकटें ऑनलाइन बुक करवा सकते हैं। भारत और न्यूजीलैंड के बीच होने वाले मैच के लिए टिकटों की बुकिंग आईसीसी की ओर एक सितंबर से शुरू की जाएगी। टिकटों के रेट आईसीसी की ओर से अगले दो दिन में जारी किए जाएंगे। आईसीसी की ओर देश में होने वाले वनडे विश्व कप के मैचों की टिकटों की ब्रिकी का शेड्यूल पहले ही जारी कर दिया गया था। भारतीय टीम के मैचों की टिकटों की बुकिंग को छोड़कर अन्य टीमों के मैचों को टिकटों की सेल 25 अगस्त शुरू करने जानकारी दी थी। वहीं, धर्मशाला में होने वाले भारतीय टीम के मैच के लिए टिकटों की ऑनलाइन बुकिंग मुंबई और लखनऊ के साथ एक सितंबर से होगी। 5 क्रिकेट मैच खेले जाने हैं धर्मशाला में धर्मशाला स्टेडियम में आईसीसी वनडे क्रिकेट विश्व कप के पांच मुकाबले खेले जाने हैं। जिसमें पहला मुकाबला 7 अक्तूबर को बांग्लादेश और अफगानिस्तान के बीच खेल जाएगा। 10 को बांग्लादेश और इंग्लैंड, 17 को दक्षिण अफ्रीका-नीदरलैंड, 22 को भारत-न्यूजीलैंड और 28 को न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच भिड़ंत होगी। अवनीश परमार, सचिव, एचपीसीए ने बताया कि क्रिकेट प्रेमी धर्मशाला में होने वाले मैचों के लिए टिकटों की बुकिंग ऑनलाइन बुक माई शो वेबसाइट पर कर सकते हैं। 25 अगस्त से भारत के मैच को छोड़कर अन्य टीमों के मैचों की टिकट की बुक की जा सकती हैं। भारत और न्यूजीलैंड मैच की टिकटों की बुकिंग एक सितंबर से शुरू होगी। एक या दो दिन में आईसीसी की ओर से टिकटों की कीमतें में भी जारी कर दी जाएगी।
हिमाचल सरकार ने ग्रुप सी और डी यानी क्लास 3 और क्लास 4 कर्मचारियों के तबादलों से बैन हटा दिया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के निर्देश के अनुसार 21 अगस्त से 31 अगस्त और फिर 20 सितंबर से 30 सितंबर के बीच प्रतिबंध हट जाएगा। इस दौरान संबंधित कैबिनेट मंत्री ट्रांसफर आर्डर कर सकेंगे। इसके बाद फिर से प्रतिबंध लागू हो जाएगा। ट्रांसफर बैन की अवधि में सिर्फ मुख्यमंत्री को ही तबादला आदेश जारी करने का अधिकार है। सोमवार को जारी आदेशों के अनुसार सभी प्रशासनिक सचिवों, विभाग अध्यक्षों, मंडल युक्त और जिला उपायुक्तों को ये निर्देश भेजे गए हैं। इसके अनुसार संबंधित मंत्री 3 साल का स्टे पूरा करने वाले कर्मचारियों के आवेदनों पर ही विचार करेंगे, लेकिन यदि प्रशासनिक जरूरत है तो 2 साल एक स्टेशन पर पूरा करने वाले कर्मचारी भी तबादले के लिए कंसीडर किए जा सकेंगे। ये तबादले कुल कैडर के 3 फ़ीसदी से ज्यादा नहीं होंगे। यदि तबादले का आवेदन कंप्रिहेंसिव गाइडिंग प्रिंसिपल 2013 के अनुसार नहीं है, तो मुख्यमंत्री को मामला अनुमति के लिए भेजना होगा। तबादला आदेश करती बार संबंधित विभाग अध्यक्ष को यह भी ध्यान होगा कि आपदा राहत और पुनर्वास के कामों में लगे कर्मचारियों के तबादले न हों।
निगम की बसों में पहली बार बिना यात्री भी भेज सकेंगे सामान हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) निगम प्रबंधन ने लोगों की सुविधा, आय बढ़ाने और परिचालकों की मनमानी रोकने के लिए बसों में ले जाने वाले सामान के टिकट की दरें तय की हैं। सब्जी, फल, फूल सहित लोग अब ऑफिस और डाइनिंग चेयर, टेबल, सोफा सेट, बेड बॉक्स और अलमारी भी निगम की बसों पर ले जा सकेंगे। नई दरों में निगम की बस में अब लैपटॉप व वॉशिंग मशीन का फुल और अलमारी का डबल टिकट कटेगा। यात्री अब सफर के दौरान बिना अतिरिक्त किराया चुकाए 30 किलो घरेलू सामान या दो बैग साथ ले जा सकेंगे। इसके अलावा बसों में पहली बार बिना यात्री सामान भेजने की सुविधा मिलेगी। 40 किलो का आधा टिकट और 80 किलो का पूरा टिकट बनता था। अब 30 किलो से अधिक सामान के लिए 15 किलो का एक चौथाई टिकट लेना होगा। पहले 25 किलो पर एक चौथाई टिकट लेना होता था। सेब का हाफ बॉक्स मुफ्त जाएगा। फुल बॉक्स के लिए आधा टिकट लगेगा। बिना यात्री हाफ बॉक्स के लिए आधा टिकट, फुल बॉक्स के लिए पूरा टिकट लगेगा। अब तक एक यात्री अपने साथ सेब का एक फुल बॉक्स मुफ्त ले जा सकता था। पेट्रोल, डीजल, केरोसिन, एसिड, गन पाउडर, गुटका, पान मसाला सहित 25 अन्य सामान ले जाने पर प्रतिबंध लगाया गया है। यात्री के साथ दो लैपटॉप मुफ्त और बिना यात्री के पूरे टिकट के पैसे देने होंगे। यात्रियों को सुविधा मिलेगी, आय भी बढ़ेगी एचआरटीसी के प्रबंध निदेशक रोहन चंद ठाकुर ने बताया कि यात्रियों की सुविधा, आय में बढ़ोतरी और गड़बड़ी करने वालों पर नकेल के लिए व्यवस्था लागू की है। कुछ लोग बिना यात्रा किए बसों से सामान भेजते हैं, लेकिन निगम को इससे आय नहीं हो रही, अब यात्री साथ हो या न हो सामान की टिकट अनिवार्य होगी। बिना टिकट सामान मिला तो कंडक्टर ड्राइवर नपेंगे नई व्यवस्था के तहत अब अगर बस में बिना टिकट सामान मिला कंडक्टर, ड्राइवर पर कार्रवाई होगी। दोषी पाए जाने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई का प्रावधान किया गया है। सवाल : बिना कैरियर बसों में कैसे जाएगा सामान? दिल्ली सहित अन्य लंबी दूरी के रूटों पर निगम की बिना कैरियर वाली बीएस-6 बसें संचालित की जा रही हैं। इन बसों में छोटी डिग्गी की सुविधा है ऐसे में लंबी दूरी के लिए भारी सामान का परिवहन कैसे होगा यह बड़ा सवाल है।
मंडी जिले में कोल डैम का जलस्तर बढ़ने के कारण जलाशय में फंसे सभी लोगों को करीब 9 घंटे के बाद सुरक्षित निकाल लिया गया है। मंडी के उपायुक्त अरिंदम चौधरी ने कहा कि पांच वन विभाग के कर्मचारी और पांच स्थानीय लोगों सहित दस लोग एक नाव में फंस गए थे। इन्हें बचाने के लिए एनडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन की टीम ने मिलकर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया। सभी को सुरक्षित निकाल लिया गया है। सुरक्षित निकाले गए लोगों में पांच वन विभाग के कर्मचारी हैं, जिनका नाम बहादुर सिंह, भूपेश ठाकुर, रूप सिंह, बाबू राम और अंगद कुमार है, जबकि अन्य पांच स्थानीय लोग हैं जिनकी पहचान नैन सिंह, डागू राम, हेम राज, बुद्धि सिंह और धर्मेंद्र के रूप में की गई है।
भारी बारिश के कारण प्रदेश भर में बंद हुए करीब 3700 रूटों में से एचआरटीसी ने 2500 रूटों पर बस सेवा को बहाल कर दिया है, लेकिन अभी भी 1226 रूट प्रदेश भर में बंद हैड्ड। इन रूटों के बंद होने के कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। रूट बंद होने से जहां प्रदेश के लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं। वहीं एचआरटीसी को रोजाना लाखों रुपए का घाटा उठाना पड़ रहा है। एचआरटीसी प्रबंधन से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश में सबसे ज्यादा रूट मंडी और कुल्लू जिला में प्रभावित हैं। मंडी जिला में 130 और कुल्लू जिला में 167 रूट प्रभावित हैं। इसके अलावा रामपुर यूनिट में 118 और सुंदरनगर यूनिट में 96 रूट प्रभावित है। वहीं प्रदेश में एचआरटीसी की 180 बसें अभी भी प्रदेश के अलग-अलग स्थानों में फंसी हुई हैं। एचआरटीसी की बसें ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूली बच्चों को स्कूल पहुंचाने, नौकरी पेशा लोगों को दफ्तरों तक पहुंचाने और किसानों-बागबानों व दुग्ध उत्पादकों के उत्पादों को मार्केट तक पहुंचाती हैं। ऐसे में एचआरटीसी की सेवाएं बंद होने से प्रदेश के हजारों लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। एक ओर जहां सरकार व एचआरटीसी प्रबंधन एचआरटीसी को घाटे से निकालने के लिए योजनाएं बना रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर हिमाचल में आई आपदा से एचआरटीसी की मुश्किलें और अधिक बढ़ गई है।
न्यू जनरेशन स्टडी सेंटर के छात्र प्रतीक का चयन इंडियन नेवी एसएसआर के लिए हुआ है। यह जानकारी देते हुए न्यू स्टडी सेंटर के एमडी कमलेश्वर ने बताया कि उनके पास शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्र प्रतीक का चयन इंडियन नेवी एसएसआर के लिए हुआ है, जो कि स्टडी सेंटर के लिए गर्व का विषय है। उन्होंने बताया कि प्रतीक के चयन पर प्रतीक का मुंह मीठा करवा कर उसे बधाई दी गई व अकादमी के अन्य विद्यार्थियों को मिठाई बांटी गई। उन्होंने बताया कि प्रतीक टिकरु गांव का रहने वाला है। उन्होंने प्रतीक के परीक्षा उर्त्तीण करने पर प्रतीक उसके अभिभावकों व अध्यापकों को बधाई दी और उसके मंगल भविष्य की कामना की। उन्होंने कहा कि उनकी अकादमी का मुख्य उद्देश्य गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना है ताकि बच्चे भविष्य में आगे बढें़ और अपनी मंजिल हासिल करें।
उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने शुक्रवार देर शाम श्री नयनादेवी जी मंदिर में शीश नवाया और प्रदेश के लोगों की सुख-समृद्धि की कामना की। नयनादेवी मंदिर न्यास की ओर से घवांडल सीएचसी के लिए पांच करोड़ जारी किए। मुकेश ने कहा कि श्री नयनादेवी विधानसभा क्षेत्र के विकास में पैसे की कमी नहीं आएगी। मंदिर के लिए लिफ्ट बनाने के कार्य को भी जल्द स्वीकृति दी जाएगी। पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने श्री नयनादेवी क्षेत्र के लिए जो घोषणाएं की थीं उन सभी को वर्तमान सरकार पूरा करेगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री राहत कोष में नयना देवी मंदिर न्यास की ओर से दो करोड़ और बाबा बालक नाथ मंदिर न्यास की ओर से एक करोड़ रुपये दिए जाएंगे। समस्त मंदिर ट्रस्ट के सदस्य शिमला में मुख्यमंत्री से मिलेंगे। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि देश के बड़े मंदिरों की तरह हिमाचल के मंदिरों का भी कायाकल्प होगा। बसों के माध्यम से सभी तीर्थ स्थलों को आपस में जोड़ा जाएगा। कहा कि हिमाचल प्रदेश के मंदिरों के लिए योजना तैयार की जा रही है। इसके तहत श्रद्धालुओं को अधिक से अधिक सुविधाएं मिलेंगी। अग्निहोत्री ने कहा कि केंद्र सरकार को राष्ट्रीय आपदा घोषित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भरमौर में आपदा के दौरान पेयजल योजना की स्कीम में कार्य करते हुए गुड्डू राम की जान चली गई। उनके परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी। वहीं विभाग के अंतर्गत जिन व्यक्तियों ने आपदा के दौरान अपनी जान गंवाई है, उनके परिवारों को सरकार अकेला नहीं छोड़ेगी। परिवार के किसी एक सदस्य को रोजगार देगी।
सीएम बोले प्रदेश में 10 हजार करोड़ से भी अधिक का नुकसान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां कहा कि प्रदेश में भारी बारिश से हुए नुकसान के दृष्टिगत राज्य सरकार ने पूरे प्रदेश को 'प्राकृतिक आपदा प्रभावित क्षेत्रÓ घोषित किया है। उन्होंने कहा कि विगत दिनों से जारी भारी बारिश, बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं से प्रदेश में जान-माल का भारी नुकसान हुआ है। राज्य में पेयजल, विद्युत आपूर्ति व्यवस्था व सड़कों सहित अन्य संसाधनों को भी भारी क्षति पहुंची है। अभी तक राज्य में 12 हजार से अधिक घर क्षतिग्रस्त हुए हैं और 330 लोगों की बहुमूल्य जान चली गई हैं। प्रदेश में अभी तक 10 हजार करोड़ रुपये से भी अधिक का नुकसान आंका गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कृषि और बागवानी को भी भारी नुकसान हुआ है। राज्य में संचार व्यवस्था पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। राज्य में जन-जीवन अस्त-व्यस्त हुआ है और व्यावसायिक गतिविधियां भी आपदा से अछूती नहीं रही हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के कई क्षेत्रों में लोगों को राहत शिविरों में शरण लेनी पड़ी है। खतरे के दृष्टिगत बहुत से लोगों को उनके घरों से सुरक्षित निकालकर दूसरे स्थानों पर पहुंचाया गया है। प्रदेश सरकार राहत, बचाव एवं पुनर्वास के लिए युद्ध स्तर पर कार्य कर रही है। आपदा प्रभावितों को हरसंभव मदद सुनिश्चित की जा रही है। उन्होंने कहा कि मौसम के अनुकूल होने पर संबंधित जिलों और विभागों द्वारा संपत्ति, पशुधन, आधारभूत संरचना और अन्य नुकसान का आकलन कर पुनर्निर्माण और उपयुक्त कार्रवाई के लिए प्रदेश सरकार के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।
नाराज जिला पटवार-कानूनगो संघ ने कहा- माफी मांगें विधायक, नहीं तो करेंगे एफआईआर मंडी जिले की नाचन विधानसभा क्षेत्र के प्रभावितों को तिरपाल न मिलने को लेकर विधायक विनोद कुमार पहले कानूनगो पर भड़के और उसके बाद एसडीएम बल्ह को जाकर जमकर खरी खोटी सुना डाली। अब यह मामला इतना बढ़ गया है कि एसडीएम और पटवार-कानूनगो संघ ने विधायक साहब से सरेआम माफी न मांगने पर एफआईआर दर्ज करने की चेतावनी दे डाली है। जिस कानूनगो को विधायक ने डांट लगाई वो मंडी जिला पटवार-कानूनगो संघ के अध्यक्ष दीनानाथ शर्मा हैं। दरअसल नाचन विधानसभा क्षेत्र के बृखमणी, रिफल और शाली के लोगों को तिरपाल देने के लिए बुलाया गया था। लेकिन बाद में उन्हें तिरपाल देने से मना कर दिया गया। लोगों ने इसकी शिकायत बीजेपी विधायक विनोद कुमार से कर दी। विधायक तुरंत कानूनगो कार्यालय पहुंचे और कानूनगो पर आग बबूला हो उठे। इसके बाद वे पहले तहसील कार्यालय बल्ह और उसके बाद एसडीएम बल्ह स्मृतिका नेगी के कार्यालय में पहुंचे और वहां पर भी जमकर भड़के। एसडीएम स्मृतिका नेगी इन दिनों गर्भवती हैं और बावजूद इसके प्रभावितों की मदद के लिए काम कर रही हैं। वो विधायक के रवैये को देखकर रो पड़ीं। विधायक विनोद कुमार के पेज पर यह सारा घटनाक्रम लाईव चलता रहा। मीडिया को दिए अपने बयान में विनोद कुमार ने कहा कि अगर लोगों को दो हजार के तिरपाल के लिए इतनी लड़ाई लड़नी पड़े तो फिर अधिकारी और कर्मचारियों को किस बात के लिए बैठाया गया है।
आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त मकानों की मरम्मत के लिए एक-एक लाख रुपये प्रदान करने की घोषणा मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज मंडी जिला के सरकाघाट विधानसभा क्षेत्र में भारी बारिश से प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। उन्होंने मतैहड़ी, बलद्वाड़ा तथा जुकैण क्षेत्र में पहुंचकर प्रभावित लोगों से संवाद किया और राज्य सरकार की ओर से उन्हें हर संभव मदद के प्रति आश्वस्त किया। ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सार्वजनिक एवं निजी संपत्ति को हुए नुकसान के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाने की घोषणा भी की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त मकानों की मरम्मत के लिए प्रभावित परिवारों को एक-एक लाख रुपये की राशि प्रदान करेगी। मुख्यमंत्री ने प्राकृतिक आपदा से सीधे प्रभावित ग्राम पंचायत गैहरा के २३ प्रभावित परिवारों से भी संवाद किया और इनमें से प्रत्येक परिवार को एक-एक लाख रुपये प्रदान करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि विपदा की इस घड़ी में प्रदेश सरकार प्रत्येक प्रभावित परिवार को राहत प्रदान करने के लिए कृत संकल्प है। प्रभावित परिवारों को राहत शिविरों में रहने तथा अन्य सभी आवश्यक सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। उन्होंने जिला प्रशासन को शिविरों में सर्वोत्तम सुविधाएं उपलब्ध करवाने के भी निर्देश दिए। सरकाघाट में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि भारी बारिश और भूस्खलन के कारण पूरे राज्य में बड़े पैमाने पर तबाही हुई है। उन्होंने कहा कि आपदा से लगभग १०,००० करोड़ रुपये का अनुमानित नुकसान हुआ है। इन कठिन चुनौतियों के बावजूद प्रदेश सरकार उपलब्ध संसाधनों का समुचित उपयोग करके प्रभावित व्यक्तियों को मुआवज़ा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। आम लोगों की ज़रूरतों को प्राथमिकता देने की सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस आपदा से प्रभावित परिवारों को उनके घरों के पुनर्निर्माण के लिए बढ़ा हुआ मुआवज़ा और वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि आपदा के कारण किसानों की फसल को हुई क्षति की भरपाई के लिए राहत नियमावली में संशोधन किया जाएगा। पत्रकारों के सवालों के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार की अंतरिम राहत की पहली किस्त अभी लंबित है। उन्होंने कहा कि ऑडिट आपत्तियों के कारण पिछले कुछ वर्षों से केन्द्र सरकार के पास लंबित ३१५ करोड़ रुपये की राहत राशि में से केन्द्र ने १८९ करोड़ रुपये जारी किए हैं। इसके अतिरिक्त राज्य आपदा राहत निधि (एसडीआरएफ) के तहत राज्य को प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान की भरपाई के लिए प्रति वर्ष दो किस्तों में कुल ३६० करोड़ रुपये की राशि जारी की जाती है। केंद्र सरकार ने इसमें से १८० करोड़ रुपये की पहली किस्त जून माह में तथा दिसंबर माह में मिलने वाली १८० करोड़ रुपये की दूसरी किस्त राज्य को अग्रिम रूप से जारी कर दी है। इस ३६० करोड़ रुपये की राशि पर हिमाचल प्रदेश का हक है, जो सभी राज्यों को प्रदान की जाती है और इसके अलावा केन्द्र की ओर से अलग से कोई वित्तीय सहायता जारी नहीं की गई है। इस अवसर पर विधायक चन्द्रशेखर, सुरेश कुमार व दिलीप ठाकुर, पूर्व विधायक कर्नल इंद्र सिंह और रंगीला राम राव, कांगड़ा सहकारी प्राथमिक कृषि और ग्रामीण विकास बैंक के अध्यक्ष राम चंद्र पठानिया, एपीएमसी मंडी के अध्यक्ष संजीव गुलेरिया, उपायुक्त अरिंदम चौधरी, पुलिस अधीक्षक सौम्या साम्बशिवन, अधिवक्ता विनय कानव एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने संबंधित विभागों के अधिकारियों को प्रदेश में स्वचालित मौसम केंद्र ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन (एडब्ल्यूएस) की संख्या बढ़ाने के लिए उपयुक्त कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। वह बुधवार सायं यहां आयोजित उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि एडब्ल्यूएस स्थापित करने से मौसम से संबंधित अद्यतन (रियल टाइम) डाटा उपलब्ध होगा, जिससे मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियों में समय पर उचित कदम उठाने में मदद मिलेगी। उन्होंने प्रदेश में ऑब्जर्वेटरी सेंटर स्थापित करने की आवश्यकता पर भी बल दिया। मुख्यमंत्री ने राज्य में राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) को और सशक्त बनाने के लिए प्रभावी कदम उठाने को भी कहा। उन्होंने कहा कि एसडीआरएफ को आपात स्थिति से निपटने के लिए आधुनिक उपकरण उपलब्ध करवाए जाएंगे। इन उपकरणों से गिरे हुए लेंटर व स्लैब उठाने और भारी स्टील की कटिंग सुविधा उपलब्ध होने से आपदा की स्थिति में बचाव कार्यों में अत्यधिक मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारी बारिश के कारण प्रदेश में विभिन्न क्षेत्रों में काफी संख्या में पेड़ गिरे हैं। इन पेड़ों की कटाई व निपटान वैज्ञानिक तरीके से सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि गिरे हुए पेड़ों के स्थान पर पौधरोपण करने के लिए भी आवश्यक कदम उठाए जाएं ।उन्होंने अधिकारियों को कहा कि कुल्लू जिला में सड़कें बाधित होने के दृष्टिगत गंभीर मरीजों को आपात चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए अतिरिक्त (स्टैंड बाई) हेलीकॉप्टर की व्यवस्था की जाए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से प्रदेश के विभिन्न भागों में चलाए जा रहे राहत व बचाव कार्य की विस्तृत जानकारी ली। उन्होंने आपदा प्रभावितों को हर संभव मदद प्रदान करने के निर्देश दिए। बैठक में मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू, प्रधान सचिव, सचिव व अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
जोगिंदर नगर उपमंडल की कस पंचायत के कस रक्कड़ गांव के निवासी संजीव कुमार पिछली रात को ड्रीम 11 में 40 लाख रुपये जीते। उनके घर और गांव में खुशी का माहौल है। सजीव कुमार से जब इस बारे बात की गई तो होने बताया कि वह पिछले 11 महीने से ड्रीम 11 में कई टीमें लगाकर खेल रहे थे। इसी क्रम में उन्होंने पिछले कल फिर से 9 टीमें लगाई व 40 लाख रुपये जीत गए। उन्होंने कहा कि वह अपनी जीत का श्रेय अपनी पत्नी को देते हैं, जिनकी प्रेरणा से वे लगातार 11 महीने से इस गेम को खेल रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह इस पैसे से अपने कारोबार को और बढ़ाना चाहते हैं। उन्होंने क्षेत्र भी जनता को संदेश दिया कि वे भी ड्रीम 11 में खेलते रहें क्योंकि किस्मत का दरवाजा कब खुल जाए, किसी को नहीं पता।
कांगड़ा में 6, शिमला में 2 और मंडी व सिरमौर में 1-1 टीम कर रही बचाव कार्य हिमाचल प्रदेश में विभिन्न क्षेत्रों में बादल फटने और लगातार हो रही भारी बारिश के कारण बाढ़, भूस्खलन और इमारत ढहने की घटनाएं हो रही हैं। इस आपदा की घड़ी में मानसून सीजन के शुरुआत से ही 14 वाहिनी एनडीआरएफ की टीमें दिन-रात हिमाचल प्रदेश के अलग-अलग स्थान पर राहत एवं बचाव कार्य कर रही हैं। पिछले 3 दिनों से हो रही लगातार बारिश से ब्यास नदी का जलस्तर भी बहुत बढ़ गया है, जिसके कारण पौंंग डैम का पानी खतरे के निशान पर पहुंच गया है तथा पौंग डैम से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है पौंंग डैम से पानी छोड़े जाने के कारण निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा बन गया है। लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए एनडीआरएफ की 6 टीमें बलजिंदर सिंह, सेनानी के मार्गदर्शन में कांगड़ा जिले के विभिन्न स्थानों पर दिन-रात राहत एवं बचाव कार्य कर रही हैं। कांगड़ा जिले में 3 टीमें इंदौरा, 1 टीम ज्वालामुखी और 2 टीमें फतेहपुर में, जबकि जिला शिमला में समर हिल में 2 टीमें, सिरमौर जिला के काला कालाअंब में 1 और जिला मंडी के धर्मपुर में 1 टीम राहत एवं बचाव कार्य में लगी हुई है। एनडीआरएफ द्वारा अभी तक ज्वालामुखी क्षेत्र से 67 लोगों को, इंदौरा से 138 लोगों को एवं फतेहपुर से 7 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है और वाहिनी की 2 अन्य टीमों द्वारा समर हिल शिमला से भूस्खलन रेस्क्यू ऑपस के दौरान अभी तक 4 मृत देह को मलबे से बाहर निकाला गया है। ऑप्स के दौरान सभी रेसस्क्यूर्स का मोराल बहुत उच्च दर्जे का है और सभी रेसस्क्यूर्स पूरे जोश के साथ रेस्क्यू ऑप्स में तैनात हैं। राहत एवं बचाव कार्य लगातार जारी है।
हिमाचल प्रदेश में 72 घंटों से लगातार जारी भारी बारिश ने तबाही मचा दी है। सावन के सोमवार को भारी बारिश के रेड अलर्ट के बीच राज्य में जगह-जगह बादल फटने और भूस्खलन से 51 लोगों की मौत गई। करीब 30 लोग मलबे में दबने और बहने से लापता हैं। मंडी जिले में 18, राजधानी शिमला में 14, सोलन में 11, कांगड़ा-हमीरपुर में 3-3, चंबा और सिरमौर में 1-1 लोगों की जान गई है। शिमला, सोलन, कांगड़ा में एक-एक और मंडी में दो जगह बादल फटे हैं। शिमला में 15, मंडी में 3, हमीरपुर में दो और सिरमौर में एक व्यक्ति लापता है। मंडी में छह लोग घायल हुए हैं। प्रदेश सरकार ने 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस पर होने वाले सभी सांस्कृतिक कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं। केवल रस्मी तौर पर ही तिरंगा फहराया जाएगा। प्रदेश में रविवार रात को सामान्य से 357 फीसदी ज्यादा बारिश हुई। सूबे में आठ नेशनल हाईवे और 621 सड़कें बंद हो गईं हैं। मंडी के पराशर रोड पर 250 पर्यटक फंसे हैं। इन्हें सुरक्षित निकालना चुनौती बन गया है। शिमला में भी पर्यटक होटलों में ही कैद हैं।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां कहा कि प्रदेश में भारी बारिश तथा बाढ़ के कारण हुए भारी नुकसान के दृष्टिगत १५ अगस्त को स्वतंत्रता दिवस पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में किसी प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित नहीं किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि यह समारोह केवल सेरेमोनियल होगें। उन्होंने कहा कि बारिश के कारण प्रदेश में जानमाल की भारी क्षति हुई है। प्रदेश सरकार आपदा की इस घड़ी में पीड़ित परिवारों के साथ है। मुख्यमंत्री ने आज इंदिरा गांधी चिकित्सा महाविद्यालय शिमला का दौरा भी किया तथा शिमला शहर के विभिन्न स्थानों में भूस्खलन से घायल हुए लोगों का कुशलक्षेम पूछा तथा उनके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की।
मंडी जिले के सात मील में बादल फटने से भारी नुकसान हुआ है। दो वाहन पानी में बह गए हैं। लोग भाग कर सुरक्षित ठिकानों पर चले गए हैं। 15 लोग फंसे हुए हैं। मझवाड़ में एक पशुशाला गिर गई। यहां एक महिला लापता हो गई है। वहीं, बल्ह घाटी के 100 से अधिक गांव जलमग्न हो गए हैं। बिजली,पानी और दूरसंचार सेवाएं ठप पड़ी हुई है। प्रभावित क्षेत्रों में तीन दिन से पेयजल की आपूर्ति नहीं हो पाई है। जिले में 300 से अधिक संपर्क मार्ग और 1500 के करीब बिजली ट्रांसफार्मर प्रभावित हैं। सुकेती और उसकी सहायक खड्डें पूरे उफान पर हैं। खड्डों का ताडंव तीसरे दिन भी जारी है। तीसरे दिन भी डडौर और नेरचौक में बाढ़ का पानी कई घरों और दुकानों में घुसने से भारी नुकसान हुआ है। धर्मपुर में सौन खड्ड लोगों को डरा रही है। सरकाघाट उपमंडल में भूस्खलन से हालात विकराल हो गए हैं।
भारी बारिश के कारण विद्यार्थियों की सुरक्षा के मद्देनजर लिया निर्णय सभी जिलों के डीसी से फोन पर बात कर बारिश से हुए नुकसान का लिया फीडबैक हिमाचल प्रदेश के सभी शिक्षण संस्थान (स्कूल, कॉलेज) 14 अगस्त को बंद रहेंगे। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भारी बारिश के कारण विद्यार्थियों की सुरक्षा के मद्देनजर यह निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री के आदेश पर शिक्षा सचिव ने सभी सरकारी, निजी स्कूलों, कॉलेजों को १४ अगस्त को बंद रखने की अधिसूचना जारी कर दी है। मुख्यमंत्री ने जिलों में भारी बारिश से हो रहे नुकसान की फीडबैक सभी डीसी से ली। उन्होंने सड़क मार्गों के बंद होने की जानकारी भी हासिल की। भूस्खलन और मकानों के क्षतिग्रस्त के कारण हुए नुकसान के बारे में भी उन्होंने जाना। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव, गृह सचिव के साथ ही सभी डीसी को निर्देश दिए हैं कि भारी बरसात के कारण बने हालात पर पूरी नजर बनाए रखें। प्रशासनिक अमला मुस्तैद रहे और सड़क मार्ग, बिजली, पानी की व्यवस्था सुचारू बनाए रखें।
किसान सभा के उपाध्यक्ष जोगिंदर वालिया ने कहा कि बल्ह में पिछले 48 घंटों से भारी बारिश के कारण व सुकेती नदी में आई बाढ़ ने दर्जनों गांव एवं व्यापारिक संस्थानों को अपनी चपेट में ले लिया है, जिसके कारण मकानों एवं दुकानों में जल भराव के कारण आम लोगों को लाखों रुपये का नुकसान झेलना पड़ा है। दूसरी तरफ स्थानीय प्रशासन व विधायक गहरी निंद में सोया रहा। सबसे ज्यादा नुकसान भंगरोटू-नेरचोक से डडोर कन्साचोंक, डावन, सियांह, सिहन, चन्डयाल, बेहना, गुटकर एवं नागचला के गांवों के जन-मानस को उठाना पड़ा, जिसमें मुख्य रूप से जल निकासी के लिए उचित नालियां न होना व पुलियों को बंद किया जाना देखा गया और यहां तक की मझयाटल पुली व नागचला से जल निकासी नहीं हो सकी, जिसके कारण पूरे रोड में 3-4 फुट तक पानी ही पानी हो गया और लोगों के दुकानों में घुसकर लाखों का नुकसान कर गया। सथानीय निकाय एवं बल्ह प्रशासान वरास्ट्रीय उच्च मार्ग से मांग की जाती है कि बंद पड़ी नालियां एवं पुलियों को समय रहते खुलवाया जाए और नोलखा से डडोर में मेन रोड व सर्विस रोड के बीच बनाई गई नाली की बजाय सड़क के दोनों तरफ बड़ी नाली को बनाया जाए। हिमाचल किसान सभा एवं बल्ह बचाओ किसान संघर्ष समिति पिछली जयराम सरकार एवं नई सरकार को सचेत करता रहा हे कि बल्ह का प्रस्तावित एअरपोर्ट क्षेत्र लगातार बाढ़ की मार झेलता रहा है, इसलिए ड्रीम एअरपोर्ट को दूसरी जगह बनाया जाये, यह क्षेत्र सरकार द्वारा बाढ़ एरिया भी घोषित किया जा चुका है और पहले 1962 की बाढ़ इतनी भयंकर थी कि गांव के गांव व सैकड़ों लोग व मवेशी बह गए थे यहां तक की डड़ोर से नेरचोक सड़क के स्तर को कम करना पड़ा था और उस समय लोगों को दूसरी जगह बसाया गया। उसके बाद भी कई बार बाढ़ आने से लोगों के घर, गौशाला और अन्य संपत्ति पानी में डूबते रहे हैंऔर भारी नुकसान उठाना पड़ता रहता है। 13 अगस्त 2018 को बल्ह प्रस्तावित हवाई पट्टी का करीब 80 फीसदी बाढ़ की चपेट आ गया था, जबकि यह क्षेत्र लोहारी खड्, कंसा खड्, और सुकेती खड्, से यह प्रस्तावित अड्डा घिरा हुआ है। लोगों ने मांग की है कि उन्हें बाढ़ से हुए नुकसान का उचित मुआवजा दिया जाए एवं प्रस्तावित एअरपोर्ट को दूसरी जगह बनाया जाए।
मंडी जिले के नाचन के चुनाहन में बादल फटा बल्ह घाटी में सबसे ज्यादा तबाही पहाड़ी राज्य हिमाचल में भारी बारिश का कहर जारी है। पिछले 35 घंटे से अधिक समय से भारी बारिश हो रही है। इससे 500 से ज्यादा सड़कें वाहनों की आवाजाही के लिए अवरुद्ध हो गई हैं। चंडीगढ़-मनाली, कालका-शिमला और शिमला-बिलासपुर नेशनल हाईवे जगह-जगह बंद पड़ा है। शनिवार रात से हो रही बारिश हसे मंडी जिले की बल्ह घाटी में सबसे ज्यादा तबाही हुई है। पूरी घाटी जलमग्न होने से 300 से ज्यादा घरों, 35 से ज्यादा गाड़ियों को नुक़सान पहुंचा है। किसानों की फसलें तबाह हुई हैं। मंडी जिले के नाचन के चुनाहन में भी बादल फटने से घर खेत और पशु बह गए। लोगों का कहना है कि पहली बार उन्होंने ऐसी तबाही देखी है। पंचायत घर, पशु चिकित्सालय, क्क॥ष्ट, हटगढ़ स्कूल जलमग्न है। सलवाहन का गोसदन भी खतरे में है। 75 पशु कभी भी बह सकते हैं। 8 जिलों में फ्लैश फ्लड की चेतावनी मौसम विभाग ने आज प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में भारी बारिश होने का ऑरेंज अलर्ट जारी कर रखा है। इसे देखते हुए 8 जिलों शिमला, कांगड़ा, चंबा, हमीरपुर, बिलासपुर, मंडी, कुल्लू और सोलन में फ्लैश फ्लैड की चेतावनी दी गई है। बिलासपुर के डीब में भारी नुकसान बिलासपुर जिला में डीब नामक स्थान पर बारिश से बहुत बड़ा नुकसान हुआ है। यहां पर बारिश के कारण आई बाढ़ और मलबे में 2 ट्राले, एक कार, गाय भैंस और बकरियां बह गईं। गनीमत रही कि कोई जानी नुक़सान नहीं हुआ। यहां पर पहाड़ी में दरारें आ जाने से मकानों को खतरा पैदा हो गया है। लोगों घरों से बाहर निकल गए हैं।
बारिश ने हिमाचल में एक बार फिर भारी तबाही मचाई है। सोलन जिले में चक्की मोड़ के पास मलबा आने से कालका शिमला एनएच फिर बंद हो गया है। इसके अलावा शिमला शहर का सर्कुलर रोड और कई सड़कें पेड़ गिरने एवं भूस्खलन से बंद हो गई हैं। बिलासपुर में दगसेच के पास पहाड़ी धंसने से शिमला-धर्मशाला हाईवे पूरी तरह से बंद हो गया है। शिमला से आने वाले वाहनों को नवगांव से बैरी वाली सड़क से सफर करना होगा। पहाड़ी धंसने से चार-पांच मकान भी जमींदोज हो गए हैं। सड़क समेत तीन-चार वाहन धंस गए हैं। शिमला में हिमलैंड होटल के पास भूस्खलन हिमलैंड होटल के पास भूस्खलन के कारण सड़क पूरी तरह से बंद कर दी गई है। भूस्खलन की वजह से खलीनी से टुटीकंडी मार्ग कनलोग के पास बंद हो गया है। हाईकोर्ट गेस्ट हाउस के पास पुलिस लाइन कैंथू रोड बंद हो गया है। शिमला में संस्कृत कॉलेज के पास सड़क धंस गई है। इसक वजह से फागली नाभा रोड यातायात के लिए बंद कर दिया गया है। एनएच 205 हीरानगर ढाहड़ा के बीच भूस्खलन के कारण दोनों ओर से बंद कर दी गई है। ब्यूलिया रोड के पास शोघी मेहली बाईपास भूस्खलन के कारण दोनों ओर से बंद हो गया है। धर्मपुर में दुकानें और घर जलमग्न धर्मपुर में बारिश ने भारी तबाही मचाई है। दुकानों और घरों तक पानी पहुंच गया है। बिजली और मोबाइल सिग्नल की कनेक्टिविटी बंद है। धर्मपुर और सरकाघाट का अन्य जिला से संपर्क कट गया है। निर्माणाधीन एनएच जालंधर-मंडी वाया कोटली दर्जनों स्थानों पर पूरी तरह से बंद है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद प्रतिभा सिंह 13 अगस्त कल से अपने संसदीय क्षेत्र मंडी के दौरे पर रहेंगी। कांग्रेस अध्यक्ष के राजनीतिक सचिव कांग्रेस महासचिव अमित पाल सिंह ने यह जानकारी देते हुए बताया कि प्रतिभा सिंह कल सुबह 10 बजे शिमला से मंडी के लिये प्रस्थान करेंगी। इस दौरान दोपहर बाद 1 बजे सुंदरनगर विश्राम गृह में अल्प विश्राम के बाद बल्ह विधानसभा क्षेत्र के बाढ़ प्रभाभित झोर के लोहखर,रिवालसर,रत्ती व डडोर का दौरा करेंगी। रात्रि विश्राम मंडी में लोक निर्माण विभाग का परिधि गृह रहेगा।
आजादी का अमृत महोत्सव अभियान के अंतर्गत प्रदेश भर में जीवित स्वतंत्रता सेनानियों को उनके योगदान के लिए राज्य सरकार द्वारा स्वतंत्रता दिवस से पूर्व सम्मानित किया जा रहा है। स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मानित करने का यह अभियान यूनिटी के थीम पर अधारित है। इसके अंतर्गत देश की आजादी के लिए स्वतंत्रता सग्राम में अपना योगदान देने वाले करसोग क्षेत्र के दो जीवित स्वतंत्रता सेनानियों को एसडीएम करसोग कपिल तोमर द्वारा उनके योगदान के लिए एक साधारण समारोह में सम्मानित किया गया। एसडीएम कार्यालय में आयोजित एक साधारण सम्मान समारोह में सम्मानित किए गए यह दोनों स्वतंत्रता सेनानी उपमंडल की ग्राम पंचायत सराहन से संबंध रखते है। एसडीएम ने स्वतंत्रता सेनानी सुंदर लाल और ग्याहरू राम को शॉल-टोपी और यूनिटी समृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। इस अवसर पर एसडीएम कपिल तोमर ने कहा कि देश की आजादी के लिए हमारें हजारों-लाखों स्वतत्रता सेनानियों से अपना योगदान दिया है। जिनके योगदान व कुर्बानियों को कभी भुलाया नहीं जा सकता। उनकी वजह से ही आज हमारा देश आजाद है। उन्होंने कहा कि 80 वर्ष से अधिक की आयु के क्षेत्र के दोनों स्वतंत्रता सेनानी पूरी तरह से स्वस्थ है जो हम सब के लिए प्रेरणा का स्त्रोत है। एसडीएम ने कहा कि क्षेत्र से संबंध रखने वाले दोनों स्वतंत्रता सेनानियों को 15 अगस्त को आयोजित किए जाने वाले उपमंडल स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह में शामिल होने के लिए भी आमंत्रित किया गया है। सम्मान समारोह में स्वतंत्रता सेनानियों के लिए जलपान व भोजन की व्यवस्था भी की गई थी।
हथकरघा एवं हस्तशिल्प क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान पर तीन श्रेणियों में शुरू होंगे राज्य स्तरीय पुरस्कार राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां गेयटी थिएटर में आयोजित एक कार्यक्रम की अध्यक्षता की। इस अवसर पर उन्होंने हिमाचल प्रदेश राज्य हस्तशिल्प एवं हथकरघा निगम लिमिटेड का नाम च्हिमक्राफ्ट कॉर्पोरेशनज् करने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि इस रीब्रॉडिंग का उद्देश्य निगम के कार्य को विस्तार प्रदान करना और बाजार में एक विशिष्ट ब्रांड के रूप में उत्पादों को बढ़ावा प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हथकरघा एवं हस्तशिल्प के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले व्यक्तियों को सम्मानित करते हुए तीन श्रेणियों में राज्य स्तरीय पुरस्कार शुरू करने पर विचार कर रही है। इस पहल का उद्देश्य राज्य के पारंपरिक शिल्प में उत्कृष्ट हुनर की पहचान कर प्रोत्साहन प्रदान करना है। व्यवस्था में सुधार के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए मुख्यमंत्री ने लोगों से परिवर्तन की इस प्रक्रिया में सहयोग करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि राज्य में आर्थिक संकट के लिए पूर्व सरकार एवं उनकी नीतियां जिम्मेवार हैं। वर्तमान सरकार राज्य को आत्मनिर्भर बनाने और कर्ज पर निर्भरता कम करने की दिशा में कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि आगामी चार वर्षों में प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाया जाएगा और अगले दस वर्षों में हिमाचल देश का सबसे समृद्ध राज्य बन कर उभरेगा। मुख्यमंत्री ने राज्य में हाल ही में प्राकृतिक आपदा के कारण ८ से १० हजार करोड़ रुपये के अनुमानित नुकसान और पर्यटन क्षेत्र में इसके प्रतिकूल प्रभाव पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने प्रदेशवासियों को आश्वस्त किया कि राज्य सरकार स्थिति सामान्य करने के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। सरकार क्षतिग्रस्त सड़कों के बावजूद किसानों के सेब और सब्जियों जैसे उत्पादों को परिवहन सुविधा प्रदान कर इन्हें समयबद्ध बाजार तक पहुंचाने की दिशा में कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रभावितों को राहत पहुंचाने के लिए राज्य सरकार ने राहत नियमावली में बदलाव कर मुआवजा राशि में कई गुणा बढ़ौतरी की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को राज्य में बाढ़ से हुए नुकसान के बारे में अवगत करवाया और उनसे अंतरिम राहत की पहली किस्त शीघ्र प्रदान करने का अनुरोध किया है ताकि राहत एवं पुनर्वास कार्यों में तेजी लाई जा सके। उन्होंने एनडीआरएफ के पिछले कुछ वर्षों से लंबित ३१५ करोड़ रुपये भी जारी करने का अनुरोध किया है। ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार ने आपदा प्रभावितों को हरसंभव सहायता प्रदान की है। सरकार ने रिकॉर्ड समय में लगभग ७०,००० पर्यटकों और १५,००० वाहनों को सुरक्षित निकाला। राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी और मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी ने माइनस चार डिग्री तापमान में लाहौल-स्पीति जिला के चंद्रताल पहुंच कर वहां फंसे २९० लोगों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी आमूल-चूल परिवर्तन की दिशा में आगे बढ़ रही है। प्रदेश के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में चरणबद्ध तरीके से राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल खोले जा रहे हैं, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों के कौशल में वृद्धि की जा सके। इसके साथ ही स्वास्थ्य क्षेत्र में आधुनिक तकनीक का समावेश किया जा रहा है और सभी राजकीय चिकित्सा महाविद्यालयों में चरणबद्ध तरीके से रोबोटिक सर्जरी शुरू की जा रही है। इससे पहले, मुख्यमंत्री ने शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान पर हथकरघा एवं हस्तशिल्प पर आधारित प्रदर्शनी का शुभारम्भ भी किया। इस अवसर पर गेयटी थिएटर में पारंपरिक और आधुनिक परिधानों में फैशन शो का भी आयोजन किया गया। उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया और कहा कि प्रदेश के उच्च गुणवत्ता वाले ऊनी उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं जिनकी देश और विदेशों में भारी मांग है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के पारंपरिक व्यंजनों, संस्कृति और हथकरघा को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में इस दिशा में प्रभावी कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल हथकरघा उत्पादों को एक ब्रांड के रूप में बढ़ावा देने पर विशेष बल दिया जा रहा है और हिमक्राफ्ट नाम से एक नया लोगो भी जारी किया गया है।
हिमाचल प्रदेश राज्य खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम के एक प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि निगम प्रदेश के राशनकार्ड धारकों को चीनी का निर्धारित कोटा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि निगम द्वारा जुलाई माह के लिए 36,206 क्विंटल चीनी का आपूर्ति आदेश जारी किया गया था। इसमें से 25,202 क्विंटल चीनी अत्याधिक वर्षा के कारण शाहबाद चीनी मिल में सभी गोदामों में पानी भरने के कारण प्राप्त नहीं हो सकी। उन्होंने बताया कि इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए इस चीनी की मात्रा को अगस्त माह के लिए जारी किए गए आपूर्ति आदेश में सम्मिलित किया गया है। उन्होंने कहा कि अगस्त माह के लिए 60,121 क्विंटल चीनी का आपूर्ति आदेश जारी किया गया है और एक-दो दिनों में प्रदेश के सभी गोदामों में चीनी की प्राप्ति शुरू होने की संभावना है। उन्होंने स्पष्ट किया कि अगस्त माह के आवंटित चीनी के साथ जुलाई माह की शेष बची चीनी की मात्रा भी उपलब्ध करवाई जाएगी।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हिमाचल के लिए विशेष आर्थिक पैकेज मांगा है। शुक्रवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शिष्टाचार भेंट की और उन्हें हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक आपदा से हुए भारी नुकसान के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने प्रधानमंत्री से हिमाचल को जल्द अंतरिम राहत राशि जारी करवाने का अनुरोध किया। साथ ही बाढ़ से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए केंद्रीय टीम भेजने पर उनका धन्यवाद किया।
जिला मंडी अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ ने अध्यक्ष लेखराज की अध्यक्षता में आज उपायुक्त अरिंदम चौधरी से शिष्टाचार भेंट की। उपायुक्त ने नवनिर्वाचित कार्यकारिणी को बधाई देते हुए विश्वास दिलाया कि महासंघ द्वारा रखी गई हर समस्या का समाधान किया जाएगा। जिला अध्यक्ष लेखराज ने कहा कि जल्द जिला स्तरीय बैठक कर मांग पत्र तैयार किया जाएगा तथा संबंधित मांगों को उपायुक्त के समक्ष रखा जाएगा। महासंघ का उद्देश्य है कि कर्मचारियों को आ रही समस्याओं का समाधान करवाया जा सके, जिसके लिए महासंघ का प्रयास जारी है। इस मौके पर नई पेंशन कर्मचारी महासंघ के राज्य अध्यक्ष प्रदीप ठाकुर विशेष रूप से उपस्थित रहे। प्रतिनिधिमंडल में जिला मंडी के महासचिव विक्रांत शर्मा महासंघ के मुख्य सलाहकार वीरेंद्र ठाकुर, नसीब सिंह, जिला कोषाध्यक्ष रेखा शर्मा, सदर ब्लॉक के अध्यक्ष चंद्र कुमार, सदर ब्लाक महासचिव सुरेश ठाकुर, उपाध्यक्ष अनामिका शर्मा, सुरेंद्र सैनी, हंसराज, सदर ब्लॉक कोषाध्यक्ष हरि किशन ठाकुर, पंकज कौशल, भुवनेश कुमार, चेतना कुमारी, विद्यासागर आदि अनेक पदाधिकारी उपस्थित रहे। महासंघ के जिलाध्यक्ष लेखराज ने कहा कि जिला मंडी के सभी 17 ब्लॉक को मांग पत्र तैयार करने को कहा गया। जैसे ही सभी ब्लॉकों से मांग पत्र आएंगे जल्दी ही उस पर जिला स्तर पर मांग पत्र तैयार किया जाएगा तथा उपायुक्त के साथ बैठक कर सभी समस्याओं का समाधान करने का प्रयास किया जाएगा।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज नई दिल्ली में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से भेंट की। मुख्यमंत्री ने 830 करोड़ रुपये की विशेष केंद्रीय सहायता के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री का आभार व्यक्त किया और राज्य में सामान्य स्थिति बहाल करने, संसाधन सृजन और बहाली कार्यों की गति में तेजी लाने के लिए केंद्र सरकार से अतिरिक्त विशेष केंद्रीय सहायता का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने उन्हें हिमाचल प्रदेश में बाढ़ के दौरान सड़कों, पुलों, जलापूर्ति योजनाओं, सिंचाई योजनाओं, शैक्षणिक एवं स्वास्थ्य संस्थानों, पशुधन व मानव जीवन, सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को हुई भारी क्षति के बारे में अवगत कराया। उन्होंने कहा कि लगभग 8000 करोड़ के नुकसान का आकलन किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अपने स्वयं के अल्प संसाधनों से राहत और बहाली अभियान चलाया जो राज्य के बुनियादी ढांचे को पटरी पर लाने के लिए अपर्याप्त है। ऐस में उन्होंने केंद्र से समर्थन और सहायता का आग्रह किया। केंद्रीय मंत्री ने हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया। मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना और मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा भी इस अवसर पर उपस्थित थे।