हिमाचल में करीब 80,000 शिक्षकों के तबादलों के लिए प्रदेश सरकार ने पुराने नियम बदल दिए हैं। अब शिक्षकों के तबादले 30 किलोमीटर के दायरे से बाहर होंगे। एक स्थान पर तीन वर्ष का सेवाकाल पूरा करने के बाद अब शिक्षकों को 30 किलोमीटर दूर जाना अनिवार्य कर दिया गया है। तबादले करने के लिए सरकार ने दूरी को पांच किलोमीटर बढ़ा दिया है। पहले 25 किलोमीटर के भीतर तबादले होते थे। राज्य मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद शिक्षा विभाग ने इस बाबत अधिसूचना जारी कर दी है। प्रदेश में इसी माह से यह व्यवस्था लागू होगी। एक स्कूल में तीन वर्ष का सेवाकाल पूरा होते ही आपसी सहमति से नजदीकी शिक्षक के साथ स्कूल बदलने के तबादला आदेश जारी करवाने वाले शिक्षकों के लिए अब राह आसान नहीं रहने वाली है। शहरों के आसपास सटे स्कूलों में ही सेवाएं देने वाले शिक्षकों को थोड़ा और बाहर के क्षेत्रों में भेजने के लिए सरकार ने तबादला नीति में बदलाव कर दिया है। विभागीय अधिकारियों की ओर से 30 की जगह 40 किलोमीटर के दायरे से बाहर शिक्षकों के तबादले करने का प्रस्ताव था, लेकिन सरकार ने इस दूरी को 30 किलोमीटर ही रखने की मंजूरी दी है। इस नई व्यवस्था से अब ऐसे स्कूलों में शिक्षकों की कमी दूर होगी, जहां कोई भी जाने को तैयार नहीं होता था।
-प्रभावितों के साथ मजाक कर रही है सुक्खू सरकार -निर्माण सामग्री नही मिलने से कैसे बनेंगे बर्बाद हुए घर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार आपदा प्रभावितों का पुनर्वास करने के बजाय उनके साथ मज़ाक़ कर रही है। प्रदेश में महीनों से क्रशर बंद होने की वजह से रेता बजरी आसानी से उपलब्ध नहीं हो रही है। निर्माण कार्य बिना रेत और बजरी के नहीं हो सकता है। इस वजह से निर्माण कार्य रुके हुए हैं। आगे सर्दी का मौसम है। ऐसे में लोगों को बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि आपदा में सरकार का रवैया बहुत निराशाजनक है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सर्दी का मौसम आने वाला है और ग्राम पंचायतों का काम देखने वाले ज़िला परिषद कर्मी हड़ताल पर हैं। ऐसे में मनरेगा के तहत होने वाला एक हज़ार करोड़ के काम समय पर कैसे होंगे। जयराम ने कहा कि सरकार ने तीन बार सीमेंट के दाम बढ़ा दिये जिससे लोगों के निर्माण का खर्च और भी बढ़ गया है। इसके बाद भी प्रदेश के लोगों को समय पर सीमेंट नहीं मिला रहा है। आपदा से जूझ रहे लोगों को मनमाने क़ीमत पर भी सीमेंट उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। जिससे लोगों के निर्माण कार्य रुके हैं। उन्होंने कहा कि आपदा के समय में सरकार ने ऐसे निर्णय लिए हैं कि आपदा प्रभावितों के ज़ख़्म और हरे हो जाएं। उन्होंने कहा कि सरकार का ध्यान इस समय में आपदा प्रभावितों को ज़्यादा से ज़्यादा राहत देनें का होना चाहिए था, लेकिन दुर्भाग्य से सरकार का ध्यान चीजों को महंगा करके लोगों को परेशान करने का है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जिला परिषद के सभी कर्मचारी महीनों से हड़ताल पर हैं। चुनाव में किए गए वादे न पूरे किए जाने की वजह से वह महीनों से कोई काम नहीं कर रहे हैं। ग्राम पंचायतों के सारे काम ठप पड़े हैं। ऐसे में आपदा से निपटने के लक्ष्य कैसे हासिल होंगे। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार ने एक हज़ार करोड़ रुपये मनरेगा के तहत खर्च करने की घोषणा की है। जब पंचायत का काम देखने वाले ज़िला परिषद कर्मी हड़ताल पर हैं और सामान्य काम तक नहीं हो रहे हैं तो मनरेगा के काम कैसे हो पायेंगे। उन्होंने कहा कि आपदा राहत के नाम पर प्रदेश की सुक्खू सरकार लोगों को राहत पहुंचाने के बजाय हास्यास्पद तरीके से काम कर रही है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार के इस तरह के फ़ैसलों की वजह से न तो लोगों को रेत बजरी उपलब्ध हो पा रही है और न ही सीमेंट और सरिया। प्रदेश में हाजाहज़ारों लोगों के घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हैं। हज़ारों घर रहने लायक़ नहीं बचें हैं। ऐसे में सरकार द्वारा क्रशर बंद कर देने से यह समस्या और विकराल हो गई है। उन्होंने कहा कि क्रशर बंद करने का ख़ामियाज़ा प्रदेश के आपदा पीड़ित उठा रहे हैं। जयराम ठाकुर ने कहा कि अब तो प्रदेश में बफ़र्बारी भी शुरू हो गई है ऐसे क्षेत्रों में आपदा राहत को कोई काम नहीं हुआ है। इन क्षेत्रों के आपदा प्रभावित लोग कैसे रहेंगे यह भी सोचना सरकार का काम है, लेकिन सरकार ने एक बार भी इनके बारे में नहीं सोचा।
-कहा, मात्र 10 महीने में ही चरमराया कांग्रेस सरकार का आर्थिक प्रबंधन -केंद्रीय व्यापार और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल से भी मिले -इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट स्कीम के तहत राशि जारी करने पर जताया आभार शिमला : नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने शनिवार देर शाम केंद्रीय उद्योग और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल से शिष्टाचार भेंट की और हिमाचल प्रदेश के लिए इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट स्कीम के तहत राशि जारी करने पर उनका आभार जताया। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि राज्य सरकार का आर्थिक प्रबंधन मात्र दस महीनें में ही चरमरा गया है। सरकार आए दिन मनमाना कर्ज ले रही है और मनमाने नियम लाकर प्रदेश के लोगों को परेशान कर रही है। चुनाव के पहले कांग्रेस के बड़े-बड़े नेताओं ने दस गारण्टियां दी थी, उनमें से एक भी पूरी नहीं की लेकिन दस महीनें में प्रदेश के दस हजार लोगों की नौकरी छीनकर प्रदेश को दस हज़ार करोड़ का कर्ज दे दिया है। जयराम ठाकुरने कहा कि एचआरटीसी में आम आदमी चलता है। एचआरटीसी का उद्देश्य सिर्फ पैसे कमाना नहीं है, बल्कि जनता की सेवा करना है। क्योंकि यह हर आम आदमी को घर तक पहुंचाने का साधन है। यह हास्यास्पद स्थिति है महिला को बस में शादी के एल्बम का भी किराया देना पड़ा। दो लैपटॉप एक साथ लेकर चलने पर पूरी सीट का किराया देना पड़ रहा है। यह व्यावहारिक तौर पर मजाक बन गया है। एचआरटीसी कर्मियों को एक-एक महीने बाद वेतन दिया जा रहा है, यह गलत है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा घाटे की दलील देना उचित नहीं है, जब बीजेपी की सरकार थी तो हमने भी समय पर वेतन दिया था। सरकार की प्राथमिकताएं तय होनी चाहिए। एक लाख लोगों को हर साल नौकरी देने का वादा करने वाली कांग्रेस ने आते ही दस हज़ार लोगों का रोज़गार छीन लिया। दो हज़ार कोविड कर्मियों को छह माह का वेतन दिए बग़ैर ही बर्खास्त कर दिया। जयराम ठाकुर ने कहा कि आपदा के समय में हिमाचल को केंद्र की ओर से सर्वाधिक मदद मिली । संसाधनों से लेकर नक़द धनराशि रूप में अब तक के इतिहास में सबसे ज़्यादा मिली। मैं ख़ुद कई बार दिल्ली गया और गृहमंत्री समेत सभी प्रमुख नेताओं से बात कर हिमाचल के लिये अधिक से अधिक सहयोग देने का निवेदन किया। सहयोग आया, आगे और भी आएगा लेकिन मुख्यमंत्री ने केंद्र को सहयोग के लिए धन्यवाद तक नहीं दिया बल्कि केंद्र की ओर से मदद नहीं मिलने की बात की गई। यह कहना सर्वथा अनुचित है, मुख्यमंत्री सुक्खू को भगवान से डरना चाहिए। जयराम ने कहा कि भारत का आतंकवाद के ख़िलाफ़ हमेशा कड़ा रुख़ अपनाने की नीति पर ही काम करेगा। हमास द्वारा इज़रायल पर किए गए हमले में प्रधानमंत्री ने हमास की कड़े शब्दों निंदा की और स्पष्ट तौर पर इसराइल के साथ खड़े रहने की बात की। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विश्व में भारत का क़द बहुत बढ़ा है। आज हर वैश्विक संकट में विश्व भारत की तरफ़ संकट के निराकरण के उद्देश्य से देखता है।
-मुख्यमंत्री ने अंतर्राष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण दिवस पर दिया सम्मान -स्कूल सेफ्टी मोबाइल ऐप का किया शुभारंभ -कहा, राज्य में बादल फटने की बढ़ती घटनाओं का अध्ययन आवश्यक -सीबीआरआई रुड़की और हिमकॉस्टे के मध्य समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अंतर्राष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण दिवस के अवसर पर आज शिमला में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान आपदा के दौरान बेहतरीन कार्य करने वाले विभागों और अधिकारियों को सम्मानित किया। साथ ही संकट की इस घड़ी में प्रदेशवासियों एवं विभिन्न संगठनों के प्रयासों की भी सराहना की। आपदा के दौरान विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों के बेहतर कार्यों की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रभावितों की मदद में सभी ने अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान दिया है। राज्य सरकार द्वारा राहत एवं बचाव अभियान के लिए उन्हें सभी तरह के संसाधन उपलब्ध करवाए गए। इसके अतिरिक्त स्थानीय लोगों एवं स्वयंसेवी संगठनों का भी भरपूर सहयोग मिला है। इस आपदा में हिमाचली लोगों के परस्पर सहयोग तथा संकट का एकजुट होकर सामना करने का जीवट भी सामने आया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बादल फटने की बढ़ती घटनाओं का अध्ययन करने की भी आवश्यकता है, क्योंकि राज्य के पहाड़ी क्षेत्रों के साथ-साथ मैदानी क्षेत्रों में इस तरह की घटनाएं सामने आई हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सुरक्षित भवन निर्माण के दृष्टिगत विभिन्न उपायों पर चर्चा के साथ ही इन्हें अमल में लाने के लिए कड़े कानून बनाने पर भी विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस बार मानसून में भारी तबाही हुई है, लेकिन प्रशासन के सामूहिक प्रयासों से विभिन्न स्थानों में फंसें 75 हजार लोगों को सुरक्षित निकाला गया और 48 घंटों में सभी आवश्यक सेवाएं अस्थाई रूप से बहाल की गईं। ट्रैफिक में फंसे लोगों के लिए खाने-पीने सहित अन्य आवश्यक सुविधाएं प्रदान की गईं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रभावित परिवारों के लिए 4500 करोड़ रुपये का विशेष राहत पैकेज घोषित किया गया है। बेघर हुए परिवारों को किराए के आवास के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में 5 हजार और शहरी क्षेत्रों में 10 हजार रुपए प्रदान करने के साथ-साथ नि:शुल्क राशन भी दिया जा रहा है। आपदा में भूमिहीन हुए परिवारों को घर बनाने के लिए शहरी क्षेत्रों में दो बिस्वा तथा ग्रामीण क्षेत्रों में तीन बिस्वा भूमि देने का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस भीषण आपदा का दृढ़ता के साथ सामना करने के बाद अब राज्य सरकार हिमाचल को फिर से विकास की राह पर आगे ले जाने के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। प्रदेश पर 75 हजार करोड़ रुपए का कर्ज है, लेकिन सरकार केवल कर्ज के सहारे ही नहीं चल सकती। ऐसे में राज्य सरकार अपने आर्थिक संसाधन बढ़ाने पर विशेष ध्यान दे रही है। उन्होंने कहा कि आने वाले चार वर्षों में हिमाचल को आत्मनिर्भर तथा दस वर्षों में देश का सबसे समृद्ध राज्य बनाने का लक्ष्य रखा है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर स्कूल सेफ्टी मोबाइल ऐप का शुभारम्भ भी किया। इस ऐप के माध्यम से स्कूल आपदा प्रबंधन की योजना बना सकेंगे और उसी के अनुरूप मॉकड्रिल का आयोजन कर सकेंगे, जिसकी निगरानी उच्च स्तर पर भी आसानी से की जा सकेगी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री की उपस्थिति में केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई) रुड़की और हिमाचल प्रदेश विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं पर्यावरण परिषद (हिमकॉस्टे) के मध्य एक समझौता ज्ञापन भी हस्ताक्षरित किया गया। सीबीआरआई की ओर से एसके नेगी और हिमकॉस्टे की ओर से डी.सी. राणा ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर भूकंप से भवनों की सुरक्षा तथा ग्रामीण हिमाचल में राज मिस्त्रियों की प्रशिक्षुता से संबंधित पुस्तक एवं मार्गदर्शिका का भी विमोचन किया। प्रधान सचिव राजस्व ओंकार चंद शर्मा ने समर्थ कार्यक्रम की विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत की और इस दौरान आयोजित गतिविधियों की जानकारी प्रदान की। विशेष सचिव डीसी राणा ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया। इस अवसर पर नगर निगम शिमला के महापौर सुरेंद्र शर्मा, उप-महापौर उमा कौशल, उपायुक्त आदित्य नेगी, पुलिस अधीक्षक संजीव गांधी सहित अन्य गणमान्य उपस्थित थे।
-जल रक्षकों, मल्टी टास्क वर्कर्स, पैरा फिटर तथा पैरा पंप ऑपरेटर के मानदेय में बढ़ोतरी मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आज यहां हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में वन विभाग की 'वन मित्र' योजना को मंजूरी देने का निर्णय लिया गया, जिसके तहत 2061 वन बीटों में एक-एक वन मित्र को लगाया जाएगा। जमीनी स्तर के संस्थानों को शामिल करके वन क्षेत्रों की सुरक्षा, संरक्षण और विकास में स्थानीय समुदायों की भागीदारी और वन विभाग में अनुबंध के आधार पर वन रक्षकों के 100 रिक्त पदों को भरने की मंजूरी दी गई। मंत्रिमंडल ने जल शक्ति विभाग के जल रक्षकों, बहुउद्देश्यीय कार्यकर्ताओं, पैरा फिटर तथा पैरा पंप ऑपरेटरों के मानदेय में 200 रुपये की वृद्धि करने का निर्णय लिया। बैठक में जल शक्ति विभाग के जल रक्षकों, बहु उद्देशीय कार्यकर्ताओं, पैरा फिटर और पैरा पम्प ऑपरेटर के मानदेय को 500 रुपये मासिक बढ़ाकर क्रमशः 5000 रुपये, 4400 रुपये, 6000 रुपये और 6000 रुपये करने का निर्णय लिया गया। मंत्रिमंडल ने ऊना जिला में श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत 76.50 करोड़ रुपये की लागत से पीपीपी मोड में बाबा माई दास भवन पार्किंग चिन्तपूर्णी से मंदिर तक यात्री रोपवे प्रणाली स्थापित करने को सैद्धांतिक तौर पर मंजूरी प्रदान की। परिवहन विभाग में 15 ई-टैक्सियां किराए पर लेने को मंजूरी मंत्रिमंडल ने परिवहन विभाग में 15 ई-टैक्सियां किराए पर लेने को मंजूरी पदान की। बैठक में राज्य के सभी जिलों में आपात स्थिति के दौरान वैकल्पिक संचार के लिए एमेच्योर और सामुदायिक रेडियो को बढ़ावा देने का निर्णय लिया गया। इससे सूचना स्रोतों, आपातकालीन प्रबन्धकों और आपदा या आपातकालीन स्थितियों से प्रभावित लोगों के बीच प्रभावी सूचना आदान-प्रदान सुनिश्चित होगा। बैठक में सीसे (लैड) पर अतिरिक्त माल कर 25 पैसे प्रति किलोग्राम की दर से कम करने का निर्णय लिया गया। मंत्रिमंडल ने प्रदेश में लोगों को बेहतर परिवहन सुविधा के लिए राज्य में निजी संचालकों के लिए 234 रूट और टैम्पो ट्रेवलर्ज के 100 अतिरिक्त रूट प्रदान करने का निर्णय लिया। बैठक में परिवहन विभाग के यातायात निरीक्षकों, मोटर वाहन निरीक्षकों, वरिष्ठ मोटर वाहन निरीक्षकों तथा पुलिस विभाग के सहायक उप-निरीक्षकों व हैड कांस्टेबल को मोटर वाहन अधिनियम-1988 की विभिन्न धाराओं के तहत अपराधों को कम करने के लिए नामित प्राधिकारी घोषित करने की भी मंजूरी दी। मंत्रिमंडल ने आपदा के कारण बेघर हुए लोगों और जिन लोगों के पास नया घर बनाने के लिए उपयुक्त भूमि उपलब्ध नहीं है उन्हें शहरी क्षेत्र में दो बिस्वा भूमि और ग्रामीण क्षेत्रों में तीन बिस्वा भूमि प्रदान करने का निर्णय लिया। मंत्रिमंडल ने प्रदेश में आपदा प्रभावित परिवारों के लिए 30 सितम्बर, 2023 को घोषित विशेष राहत पैकेज को मंजूरी प्रदान की। इस विशेष पैकेज के तहत घर के पूरी तरह क्षतिग्रस्त होने पर दिए जाने वाले 1.30 लाख रुपये के मुआवजे को साढ़े पांच गुणा बढ़ाकर सात लाख रुपये किया गया है। इसके अलावा कच्चे मकान के आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त होने पर दिए जाने वाले मुआवजे को 25 गुणा बढ़ाकर 4000 रुपये से एक लाख रुपये तथा पक्के घर के आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त होने पर दिए जाने वाले मुआवजे को साढ़े 15 गुणा बढ़ाकर एक लाख रुपये किया गया है। दुकान तथा ढाबा के क्षतिग्रस्त होने पर दिए जाने वाले मुआवजे को 25000 रुपये से चार गुणा बढ़ाकर एक लाख रुपये किया गया है। प्रदेश सरकार गऊशाला को हुए नुकसान की भरपाई के लिए दी जाने वाली राशि को 3000 रुपये से बढ़ाकर 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करेगी। प्रदेश सरकार किराएदारोें के सामान के नुकसान के लिए दी जाने वाली 2500 रुपये की राशि को 20 गुणा बढ़ाकर 50 हजार रुपये की सहायता राशि प्रदान करेगी। दुधारू तथा भार उठाने वाले पशुओं की क्षति पर 55 हजार जबकि बकरी, सुअर, भेड़ तथा मेमने की मुआवजा राशि 6000 रुपये प्रति पशु की दर से प्रदान की जाएगी। कृषि तथा बागवानी भूमि के नुकसान की भरपाई के लिए दी जाने वाली राशि मुआवजा राशि को 3615 रुपये प्रति बीघा से बढ़ाकर 10,000 रुपये प्रति बीघा कर दिया है। फसलों कोे हुए नुकसान की भरपाई के लिए दी जाने वाली राशि को 500 रुपये प्रति बीघा को आठ गुणा बढ़ाकर 4000 रुपये किया गया है। कृषि तथा बागवानी भूमि से सिल्ट हटाने के लिए दी जाने वाली आर्थिक सहायता को 1384.61 प्रति बीघा से बढ़ाकर 5000 रुपये किया गया है। यह विशेष पैकेज 24 जून, 2023 से 30 सितम्बर, 2023 तक प्रदान किया जाएगा। मंत्रिमंडल ने शिमला विकास योजना को संशोधित करने का निर्णय लिया। सड़क से ऊपर स्थित ग्रीन बेल्ट क्षेत्र में नवबहार से रामचन्द्रा चौक से मछीवाली कोठी से क्राइस्ट चर्च से लक्कड़ बाजार से आईजीएमसी से संजौली चौक से नवबहार तक जहां पेड़ नहीं हैं वहीं निर्माण की अनुमति दी जाएगी। शिमला विकास योजना के तहत ग्रीन बेल्ट क्षेत्र में सिर्फ उन्हीं प्लाटों पर आवासीय निर्माण को अनुमति प्रदान की जाएगी जहां पेड़ नहीं हैं। मंत्रिमंडल ने नाला और खड्ड से क्रमशः पांच और सात मीटर की दूरी पर निर्माण को अनुमति देने के लिए हिमाचल प्रदेश नगर एवं ग्राम योजना नियमों को संशोधित करने का निर्णय लिया।
सरकाघाट मंडी की बेटी अद्विका ठाकुर पुत्री गरिमा ठाकुर ने हरियाणा में आयोजित मॉडलिंग प्रतियोगिता में हिमाचल का नाम रोशन किया है। इस प्रतियोगिता में 30 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। अद्विका ठाकुर सबको पीछे छोड़ते हुए प्रथम स्थान प्राप्त किया और मिस हरियाणा का खिताब अपने नाम किया। बता दें कि अद्विका ठाकुर इससे पहले लिटल मिस आईकॉनिक हिमाचल 2023 का खिताब भी जीत चुकी है। अद्विका ठाकुर अभी सिर्फ 11 वर्ष की है और 11 वर्ष की आयु में इस बच्ची ने बहुत सी ट्रॉफी और मेडल अपने नाम कर लिए हैं। अद्विका ठाकुर का सपना डॉक्टर बनने का है। मॉडलिंग और डांस वह अपने शौक के लिए करती है। अद्विका ठाकुर ने बताया कि हर मां-बाप को अपने बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ उनकी रुचि के साथ संगीत, मॉडलिंग, डांस इत्यादि इन क्षेत्रों में भी आगे लाना चाहिए। अद्विका ठाकुर ने आगे बात करते हुए बताया कि इस जीत का पूरा श्रेय वह अपने नाना-नानी और माता गरिमा ठाकुर को देती है, जिन्होंने हमेशा उसे आगे बढ़ने के लिए एक प्रेरणा दी है।
-प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने जिला रोजगार कार्यालयों से मांगी सूची हिमाचल प्रदेश में 1,409 प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (टीजीटी) की बैचवाइज भर्ती प्रक्रिया शुरू हो गई है। भर्ती प्रक्रिया शुरू होने से 25 वर्ष पहले बीएड करने वालों को भी सरकारी नौकरी करने का मौका मिलने जा रहा है। प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय टीजीटी कला संकाय के 652, नॉन मेडिकल के 492 और मेडिकल के 265 पद भरेगा। टेट पास अभ्यर्थी भर्ती के लिए पात्र होंगे। अनुबंध आधार पर भर्ती होने वाले शिक्षकों को 22,860 रुपये का फिक्स वेतन मिलेगा। विभाग ने प्रदेश के दुर्गम और दूरदराज के स्कूलों में सेवाएं नहीं देने के इच्छुक अभ्यर्थियों से काउंसलिंग में न आने की अपील की है। किस कोटे में कितने पद टीजीटी के 898 पद अनारक्षित, ईडब्ल्यूएस, ओबीसी, एससी और एसटी वर्ग से भरे जाएंगे। इसके अलावा पूर्व सैनिक कोटे से 353, खेल कोटे से 68 और दिव्यांग कोटे से 90 पद भरे जाएंगे। 898 पदों के लिए जिला रोजगार कार्यालयों से पात्र अभ्यर्थियों की सूची मांगी गई है। बीए, बीएससी और बीकॉम में 50 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले और बीएड पास अभ्यर्थी भर्ती के लिए पात्र होंगे। टीजीटी के 898 पदों की भर्ती के लिए नॉन मेडिकल संकाय में बीएड करने वालों का वर्ष 1999 का बैच पात्र होगा पूर्व सैनिक कोटे के तहत टीजीटी कला में 159, नॉन मेडिकल में 130 और मेडिकल में 64 पद भरे जाएंगे। निदेशक सैनिक कल्याण विभाग से पात्र अभ्यर्थियों की सूची प्राप्त होते ही प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को शुरू करेगा। बैचवाइज भर्ती के लिए कला संकाय में अनारक्षित वर्ग के लिए वर्ष 2001, मेडिकल में 2002 का बीएड बैच चल रहा है। कला संकाय की भर्ती के लिए आर्थिक तौर पर कमजोर वर्ग का मई 2003, ओबीसी का 2003, एससी और एसटी वर्ग का वर्ष 2004 का बैच चल रहा है। नॉन मेडिकल भर्ती के लिए ईडब्लूएस का 2002, ओबीसी का 2003, एससी का 2006 और एसटी का 2008 का बैच चल रहा है। मेडिकल संकाय में ईडब्लूएस का 2005, ओबीसी का 2006, एससी-एसटी का वर्ष 2006 का बैच चल रहा है 6 से 15 नवंबर तक जिला स्तर पर होगी काउंसलिंग टीजीटी की बैचवाइज भर्ती के लिए जिला स्तर पर 6 से 15 नवंबर तक काउंसलिंग होगी। जिला उप निदेशक शिक्षा भर्ती करेंगे। प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने जिला रोजगार कार्यालयों से 20 अक्तूबर तक पात्र अभ्यर्थियों की सूची देने को कहा है। शिक्षा निदेशालय की जगह जिला उप निदेशक कार्यालयों में अभ्यर्थियों के नाम देने को कहा गया है।
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने जातिगत जनगणना को सिर्फ घमंडिया विपक्ष की राजनीति बताते हुए कहा कि जिनका काम पहले बांटना था वह आज भी वही कर रहे हैं। न लोगों की फितरत बदलती है और न ही नीयत। देश में विकास और बात होनी चाहिए लेकिन विपक्ष का कोई भी नेता विकास की बात नहीं कर रहा है। सिर्फ लोगों को बांटने की बात कर रहा है। उन्होंने कहा कि देश को अगर आगे ले जाना है तो सिफ़र् विकास की बात करने की आवश्यकता है। गरीबों के कल्याण की आवश्यकता है। यह काम प्रधानमंत्री नरेन्द्र बखूबी कर रहे हैं। आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दुनिया के सर्वमान्य नेता हैं और भारत ने उनके नेतृत्व में विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचा हैं। यह सिलसिला आगे भी जारी रखना है, इसलिए भारत के लोग आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी को और बड़ा जनादेश देंगे। जयराम ठाकुर ने कहा कि आधुनिक भारत में बांटनें वाली विचारधारा नहीं चलेगी। देश की समस्या ग़रीबी है। इसलिए ग़रीबी को ख़त्म करने की आवश्यकता है। माफ़ियाराज और बिचौलियों को रास्ते से हटाकर सरकार की योजनाओं को सीधे आम आदमी से जोड़ने की ज़रूरत थी। जिससे दिल्ली से आम लोगों के लिए भेजा जाने वाला 100 पैसा पूरा का पूरा ज़रूरतमंदों तक पहुंचे न कि 85 पैसा बिचौलियों में ही रह जाए। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने काम किया लाखों करोड़ रुपया हर साल आम आदमी के खाते में सीधे-सीधे पहुंचाया है। जयराम ठाकुर ने कहा कि देश में इंफ्रास्ट्रक्चर को मज़बूत बनाने और विकासात्मक कार्यों को गति देने की आवश्यकता है। भ्रष्टाचार मुक्त और पारदर्शी सरकार की आवश्यकता है, जिससे देश की पाई-पाई, देश के विकास में लगे न कि भ्रष्टाचार और परिवारवाद को पोषित करने में। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 10 साल के सेवाकाल में एक नए पैसे के भ्रष्टाचार का मामला सामने नहीं आया है जबकि इसके पहले की सरकारों में इस कदर भ्रष्टाचार हुआ कि शून्य कम पड़ गए। जयराम ठाकुर ने कहा कि आज भारत दुनिया में तकनीकी, विज्ञान और अंतरिक्ष के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। देश में इंफ्रास्ट्रक्चर के मामले में जो विकास प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नौ साल के कार्यकाल में हुआ वह 70 साल में नहीं हुआ। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश से ग़रीबी को ख़त्म करने और भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। उनकी इस मुहिम में पूरा देश उनके साथ खड़ा है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद प्रतिभा सिंह ने कहा कि लोक निर्माण विभाग ने मंडी से बजौरा वाया कमांद कटौला वैकल्पिक मार्ग के लिए साढ़े 12 करोड़ व चैलचौक गोहर पंडोह मार्ग के सुधार के लिए भी साढ़े 12 करोड़ व दोनों के लिए कुल 25 करोड़ की डीपीआर राष्ट्रीय राज मार्ग प्राधिकरण को मंजूरी के लिए भेजी है। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि जल्द ही इन दोनों सड़कों की डीपीआर को मंजूरी मिल जाएगी। प्रतिभा सिंह ने कहा है कि इसके अतिरिक्त कुल्लू को जोड़ने वाले वैकल्पिक मार्ग पंडोह से कैंची मोड़ तक क्षतिग्रस्त सड़क के सुधार के लिए राष्ट्रीय राज मार्ग प्रधिकरण ने लोक निर्माण मंडल गोहर व पधर को 2,30 करोड़ जारी कर दिए हैं। उन्होंने कहा है कि भारी बारिश से प्रभावित फोर लेन सड़को के सुधार व इन वैकल्पिक मार्गों का मामला उन्होंने राष्ट्रीय राज मार्ग प्राधिकरण से उठाया था। प्रतिभा सिंह ने मंडी जिला के सभी अधिकारियों कर्मचारियों का आपदा से प्रभावित लोगों को राहत व पुनर्निर्माण कार्यो त्वरित कार्यवाही पर संतोष व्यक्त करते हुए सभी का आभार प्रकट किया हैं।उन्होंने कहा है कि जिस गति से जिला प्रशासन के साथ साथ लोक निर्माण विभाग, जल शक्ति विभाग, राजस्व विभाग, विद्युत, वन विभाग ने भूस्खलन से प्रभावित क्षेत्रों में अपने अपने कार्य बहाली के कार्यो को अंजाम दिया है वह बहुत ही सराहनीय है। मंडी जिला के पांच दिवसीय दौरे के बाद प्रतिभा सिंह ने कहा है कि सरकार और प्रशासन पूरे तालमेल के साथ राहत व पुनर्वास कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू सहित प्रदेश सरकार के सभी मंत्री प्रदेश में हुए नुकसान व प्रभावित लोगों की जिस प्रकार मदद कर रहें है वह बहुत ही सराहनीय है। प्रतिभा सिंह ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा आपदा से प्रभावित लोगों की मदद के लिए 4500 करोड़ का राहत कोष स्थापित करने को एक ऐतहासिक कदम बताते हुए कहा है कि केंद्र सरकार के नकारात्मक रवैये के चलते प्रदेश सरकार ने अपना पूरा खजाना खोल दिया है। प्रतिभा सिंह ने कहा है कि वह मंडी जिला में राहत व पुनर्वास कार्यो से संतुष्ट है। उन्होंने कहा कि सुंदरनगर से पंडोह व कुल्लू फोर लेन सड़क के पुनर्निर्माण कार्य मे राष्ट्रीय राज मार्ग प्राधिकरण को भी तेजी लाने को कहा है।
एचआरटीसी प्रबंध निदेशक रोहन चंद ठाकुर के निर्देश के बाद परिवहन निगम ने बसों में सामान ले जाने को लेकर रिवाइज्ड भाड़ा सूची जारी की है। इसमें बसों में नि:शुल्क ले जाने वाली वस्तुओं के साथ नए उत्पादों के लिए किराया विवरण भी जारी किया है। बस में सवारी अपने साथ घरेलू सामान 30 किलोग्राम तथा किसी भी साइज के दो बैग, बच्चों की ट्राली, तिपहिया साइकिल, व्हील चेयर, लैपटॉप, सेब बॉक्स के साथ सेब का एक गिफ्ट पैक फ्री में कहीं भी ले जा सकते हैं, लेकिन अगर सवारी साथ नहीं है, तो फिर एक गिफ्ट पैक का हाफ टिकट कटेगा। सवारी के साथ एक से ज्यादा गिफ्ट पैक पर एक चौथाई किराया लिया जाएगा, जबकि फुल पेटी का पूरा एक सवारी का किराया कटेगा। एचआरटीसी प्रबंधन ने सवारियों के साथ और बिना सवारी के साथ एचआरटीसी की बसों में ढोए जाने वाले सामान के लिए रिवाइज्ड भाड़ा निर्धारित किया है। एचआरटीसी की ओर से रिवाइज्ड भाड़े के मुताबिक सवारी के साथ ऑफिस या डाइनिंग चेयर का एक चौथाई किराया वसूल किया जाएगा। डाइनिंग व ऑफिस टेबल फुल टिकट होगा। पांच सीटर सोफा सेट का डबल टिकट कटेगा। सिंगल बेड बॉक्स का फुल टिकट कटेगा। डबल बेड बॉक्स का डबल टिकट कटेगा, अलमारी का भी डबल टिकट कटेगा। सिलाई मशीन व पंखे का एक चौथाई किराया कटेगा। प्लास्टिक व फोल्डिंग चेयर का एक से तीन कुर्सियों का एक चौथाई किराया कटेगा। छह कुर्सियों का हॉफ टिकट व इससे ज्यादा का फुल टिकट कटेगा। साइकिल का हाफ किराया। बच्चों की ट्रॉली व दिव्यांगों की व्हील चेयर का कोई किराया नहीं लगेगा। दिव्यांग व्यक्ति के बस में न होने पर कुर्सी का एक चौथाई किराया काटा जाएगा। कंप्यूटर, एलईडी, एलसीडी का एक चौथाई किराया कटेगा। सवारी के साथ दो लैपटॉप बिना किराए के ले जा सकते हैं। दो से ज्यादा पर एक चौथाई किराया काटा जाएगा। वहीं, वॉशिंग मशीन का फुल टिकट कटेगा।
-कहा, आपदा से नुकसान को कम करने के लिए नियमों तथा मानवीय स्वभाव में बदलाव जरूरी मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार आपदा से लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश में कड़ा कानून बनाने पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि पहाड़ों में गृह निर्माण के लिए स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग की अनुमति, भूमि के भार वहन करने की क्षमता का पता लगाने के साथ-साथ जल निकासी की समुचित व्यवस्था पर कानून बनाया जाएगा। उन्होंने इसमें लोगों से राज्य सरकार को सहयोग का आह्वान भी किया। उन्होंने कहा कि आज आपदा से अमूल्य जीवन एवं संपत्ति के नुकसान को कम करने के लिए नियमों तथा मानवीय स्वभाव में बदलाव की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि प्रकृति के प्रति सम्मान और संतुलन बनाकर ही आपदा की संभावना तथा इससे होने वाले नुकसान को न्यून किया जा सकता है। हिमाचल प्रदेश के पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में भूकंप और भूस्खलन जैसे भौगोलिक खतरों से उत्पन्न चुनौतियां, विषय पर राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के तत्वावधान में आज यहां आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल में इस बार बरसात में भारी बारिश, बादल फटने और बांधों से अत्याधिक पानी छोड़े जाने के कारण बहुत अधिक नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि अप्रैल माह से ही राज्य में बारिश हो रही थी और मानसून में बहुत ज्यादा बारिश होने के कारण मानव जीवन और संपत्ति को काफी नुकसान हुआ। उन्होंने कहा कि इस आपदा के लिए मानवीय लालसा व असंवेदनशीलता इत्यादि भी कारण रहे हैं। उन्होंने कहा कि लोगों को सुरक्षा के दृष्टिगत नालों इत्यादि से समुचित दूरी पर घर बनाने और स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग पर विशेष ध्यान देना चाहिए। इसमें चूक से आपदा में जान-माल के नुकसान की आशंका और भी बढ़ जाती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही की बरसात में राज्य में बादल फटने की बहुत घटनाएं हुई हैं, जिनका व्यापक अध्ययन आवश्यक है। इसके अतिरिक्त जलवायु परिवर्तन का प्रभाव भी दृष्टिगोचर हो रहा है। किन्नौर और लाहौल-स्पीति जैसे बहुत कम वर्षा वाले क्षेत्रों में भी इस बार काफी ज्यादा बारिश हुई है। उन्होंने कहा कि सभी के सहयोग से राज्य सरकार ने आपदा के दौरान बेहतर काम किया और रिकॉर्ड 48 घंटों के भीतर प्रभावित क्षेत्रों में बिजली, पानी और टेलीफोन सहित अन्य आवश्यक सेवाएं अस्थाई रूप से बहाल की गई। राज्य में किसानों-बागवानों को भी असुविधा न हो, इसका भी पूरा ध्यान रखते हुए सेब व अन्य नकदी फसलों को समय पर मंडियों तक पहुंचाना सुनिश्चित किया गया। उन्होंने राहत और बचाव कार्यों में बेहतर प्रयासों के लिए अधिकारियों सहित सभी लोगों की पीठ भी थपथपाई।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह को आज मंडी जिले के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बगस्याड़ की राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) इकाई के स्वयंसेवकों की ओर से जिला कार्यक्रम अधिकारी नरेंद्र सिंह और स्वयंसेवक राहुल ठाकुर, शताक्षी शर्मा और दीपाली ठाकुर ने मुख्यमंत्री राहत कोष में 41000 रुपये की राशि का चेक भेंट किया। मुख्यमंत्री ने स्वयंसेवकों के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि यह खुशी की बात है कि आपदा प्रभावितों को राहत प्रदान करने के लिए समाज के सभी वर्ग उदारतापूर्वक इस कोष में योगदान दे रहे हैं।
कहते हं कि अगर हौसले बुलंद हों तो कोई भी कार्य असंभव नहीं। ऐसा ही एक वाकया सामने आया है उप मंडल करसोग का, जहां एक गंभीर दुर्घटना का शिकार होकर कॉलेज की पढ़ाई के दौरान अपना दाहिना हाथ गंवा देने वाली बीपीएल परिवार की बेटी अंजना ठाकुर ने हिम्मत नहीं हारी और बाएं हाथ से लिखना सीखकर आज बॉटनी की असिस्टेंट प्रोफेसर बन गईं। अंजना हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से पीएचडी कर रही है। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एसपी बंसल ने उसे बधाई देते हुए कहा कि अंजना के संघर्ष और सफलता की कहानी सभी युवाओं के लिए प्रेरणा है। वहीं, दिव्यांगों के लिए कार्य कर रही संस्था उमंग फाउंडेशन के अध्यक्ष और राज्य विकलांगता सलाहकार बोर्ड के विशेषज्ञ सदस्य अजय श्रीवास्तव ने बताया कि अंजना ठाकुर मंडी जिले के करसोग स्थित पांगना के गांव गोड़न के हंसराज और चिंतादेवी की बेटी है। राज्य लोक सेवा आयोग ने उसका चयन कॉलेज कैडर में बॉटनी की असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर किया है। आयोग ने बुधवार को परिणाम घोषित किया था। पिछले वर्ष विश्वविद्यालय में राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने अंजना ठाकुर को पूर्व छात्र सम्मेलन में उसकी उपलब्धियां के लिए सम्मानित भी किया था। अंजना की मां चिंतादेवी कहती हैं की बेटी ने इतनी बड़ी सफलता प्राप्त करके पूरे परिवार का नाम रोशन किया। बहन के लिए खुद की पढ़ाई कुर्बान करने वाले भाई गंगेश कुमार को भी अंजना पर गर्व है। अपना सपना पूरा करने के लिए अंजना ने अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान ही बाएं हाथ से लिखना सीखा। अस्पताल से छुट्टी के बाद फिर उसी कॉलेज में दाखिला लिया और बहुत अच्छे अंकों से बीएससी की परीक्षा उत्तीर्ण कर ली। उसके बड़े भाई गंगेश कुमार ने बहन को पढ़ाकर आगे बढ़ाने के लिए अपनी पढ़ाई छोड़ दी और घर की आर्थिक मदद करने के लिए पेंट का काम शुरू किया। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में एमएससी (बॉटनी) में प्रवेश लेने के बाद तो उसके हौसलों को पंख लग गए। उसने पहले ही प्रयास में वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) की अत्यंत कठिन जूनियर रिसर्च फैलोशिप (जेआरएफ) परीक्षा भी पास कर ली। वर्तमान में वह प्रदेश विश्वविद्यालय के बायो- साइंसेज विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. धीरज रावत के निर्देशन में पीएचडी कर रही है। अंजना ने एक मिसाल देते हुए अपने गांव का नाम रोशन किया है।
हिमाचल प्रदेश में क्रिप्टो करंसी ठगी का किंगपिन सुभाष शर्मा देश छोड़कर फरार हो गया है। हालांकि दो दिन पहले पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने दावा किया था कि पुलिस सरगना तक पहुंच गई है। मगर, मंडी निवासी सुभाष शर्मा पुलिस को चकमा देकर भागने में कामयाब रहा। पुलिस अब यह पता लगा रही है कि सुभाष शर्मा कब देश छोड़कर भागा और अब किस देश में है। हालांकि चर्चाएं सुभाष शर्मा के दुबई को भागने की हैं, लेकिन पुलिस अभी इसे लेकर आशंकित है। बताया जा रहा है विदेश को फरार हो चुके सुभाष शर्मा ने लोगों के पैसे से अकूत संपत्ति बनाई है। उसने मंडी के अलावा चंडीगढ़, जिरकपुर में कई बीघा जमीन, फ्लैट, पेट्रोल पंप, होटल, पंजाब के पॉश इलाकों में कई सैलून और मसाज सेंटर भी खोल रखे हैं।
इस मानसून सीजन में प्रदेश में जितने दिन स्कूल बंद रहे, उतने दिन या घंटे तक एक्स्ट्रा कक्षाएं लगानी होंगी, ताकि बच्चों की पढ़ाई को हुए नुकसान की भरपाई की जा सके। इसे लेकर प्रारंभिक शिक्षा और उच्च शिक्षा निदेशक ने सर्कुलर जारी कर सभी डिप्टी डायरेक्टर को इन आदेशों की अनुपालना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। आदेशों में स्पष्ट कहा गया कि रोजाना एक घंटे एक्स्ट्रा क्लासेज लगाई जाएं। यदि बीच में दो-तीन दिन की छुट्टियां आती हैं तो एक दिन स्कूल खुले रखकर बच्चों को पढ़ाई कराई जाए। इन आदेशों का सख्ती से पालन होना चाहिए। स्कूल प्रिंसिपल और हेडमास्टर को एक्स्ट्रा क्लाजेस का टाइम टेबल बाकायदा डिप्टी डायरेक्टर को शेयर करने को बोला गया है। बरसात में महीना भर बंद रहे थे कुछ स्कूल इस बार भारी बारिश के कारण कई जगह शिक्षण संस्थान मानसून सीजन में एक महीने से भी ज्यादा समय तक बंद रखे गए थे। इनमें मंडी, कुल्लू और शिमला जिला के ज्यादातर स्कूल शामिल हैं। शिमला जिले के ठियोग, रोहड़ू, कोटखाई, कुल्लू के आनी, मंडी व सिरमौर के कई क्षेत्रों में बार-बार स्कूल बंद किए गए हैं।
-झूठ बोलकर ज्यादा दिन काम नहीं चलाया जा सकता नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस ने हिमाचल में इतने झूठ बोले हैं कि प्रदेश के लोगों का कांग्रेस से भरोसा ही उठ चुका है। अब सरकार की किसी बात पर भरोसा नहीं किया जा सकता है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा है कि झूठ बोलना अब कांग्रेस की आदत बन गई है। उन्होंने कहा कि आपदा राहत के नाम पर झूठ बोलने के बाद सरकार अब आपदा राहत पैकेज के नाम पर झूठ बोल रही है। जयराम ठाकुर ने कहा कि आपदा राहत पैकेज जब तक ज़मीन पर नहीं उतर जाता और असली प्रभावितों को लाभ नहीं मिल जाता तब तक कांग्रेस सरकार की बातों पर भरोसा नहीं कर सकते हैं। क्योंकि पिछले दस महीनें में कांग्रेस पार्टी ने और मुख्यमंत्री ने जितनी बातें की हैं वह आज तक धरातल पर नहीं उतरी हैं। अब कांग्रेस सरकार की विश्वसनीयता ही संदिग्ध हो गई है। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस ने जिस तरह से झूठ बोलकर सत्ता हासिल कर ली है। उसी तरह से अब सरकार भी चलाना चाहती है। उन्होंने कहा कि न तो झूठ के पांव होते हैं और न ही लंबी उम्र। अब कांग्रेस का झूठ पूरी तरह से बेनक़ाब हो गया। जयराम ठाकुर ने कहा कि आपदा के बाद मुख्यमंत्री ने राहत और बचाव कार्य के नाम पर बढ़चढ़कर झूठ बोले। इसके बाद केंद्र सरकार से मदद मिलने के बाद भी झूठ बोला कि कोई मदद नहीं मिली। अब राहत पैकेज के नाम पर भी झूठ बोलकर प्रदेश के लोगों को गुमराह कर रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री, उनकी पूरी टीम और उनके पार्टी नेता एक तरफ़ कह रहे हैं कि आपदा राहत पैकेज में केंद्र की तरफ़ से कुछ नहीं मिला है और दूसरी तरफ़ मनरेगा के कामों को भी राहत पैकेज में जोड़ रहे हैं। केंद्र की तरफ से आपदा प्रभावितों को दिये गये 6000 मकान भी उसी पैकेज का हिस्सा है। केंद्र द्वारा दिये गए 756 करोड़ रुपए के अलावा अन्य सहयोग भी उसी पैकेज का हिस्सा है। ऐसे में सवाल यह है कि राहत पैकेज में आखिर सरकार का क्या सहयोग है। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि हमारी सबसे बड़ी चिंता है राहत का पैसा पात्र लोगों तक पहुंचे। अभी तक ऐसा होता नहीं दिख रहा है। जगह-जगह से ऐसी रिपोर्ट्स आ रही है कि सत्ता पक्ष के लोग अपनी-अपनी सूचियां बना रहे हैं। जिससे अपने लोगों को लाभान्वित किया जा सके। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार यह कान खोलकर सुन ले, आपदा राहत में बीजेपी किसी प्रकार की बंदरबांट नहीं होने देगी। अगर किसी भी प्रकार की मनमानी और अपना-पराया करने का प्रयास किया जाएगा तो बीजेपी चुप नहीं बैठने वाली है। जयराम ठाकुर ने कहा कि आपदा के दिन से अभी तक मैं प्रदेश के विभिन्न इलाक़ों में निरंतर जा रहा हूँ। हर जगह से यही बात सामने आ रही है कि मुख्यमंत्री कह रहे हैं एक लाख दिया और लोगों को पांच हज़ार मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब तक सुक्खू सरकार द्वारा किए गए काम से यह साफ़ है कि इनकी कथनी और करनी में ज़मीन आसमान का अंतर है। इसलिए जब तक कांग्रेस का आपदा राहत पैकेज ज़मीन पर उतर नहीं जाता, पात्र लोगों को मिल नहीं जाता, तब तक कांग्रेस सरकार की बातों पर भरोसा नहीं किया जा सकता है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद प्रतिभा सिंह ने कहा है कि प्रदेश में प्राकृतिक आपदा से प्रभावित परिवारों की हर संभव मदद की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आपदा प्रभावित लोगों की सहायता के लिए 4500 करोड़ का राहत कोष स्थापित किया है। आज मंडी सदर के जागर पंचायत में आपदा प्रभावित लोगों की एक सभा को संबोधित करते हुए प्रतिभा सिंह ने कहा कि प्रदेश में इस आपदा से करीब 12000 करोड़ का नुकसान आंका गया है। उन्होंने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार ने प्रदेश को कोई भी विशेष मदद नहीं दी है, बावजूद इसके प्रदेश सरकार अपने संसाधनों से प्रभावित लोगों की पूरी मदद कर रही है। प्रतिभा सिंह ने जागर पंचायत में आपदा से हुए भारी नुकसान पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी संवेदना भी प्रकट की। इस दौरान उनके साथ जिला कांग्रेस अध्यक्ष पूर्व मंत्री प्रकाश चौधरी, जिला परिषद सदस्य चंपा ठाकुर व पार्टी के कई अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।
-मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना औपचारिक रूप से शुरू -मुख्यमंत्री ने पात्र बच्चों को 4.68 करोड़ के वित्तीय लाभ किए वितरित मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान से राज्य स्तरीय समारोह में अनाथ, विशेष रूप से सक्षम बच्चों, निराश्रित महिलाओं और वृद्धजनों को व्यापक सहायता के दृष्टिगत मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना की औपचारिक शुरूआत की। इसके साथ ही हिमाचल अनाथ बच्चों एवं अन्य वंचित वर्गों की मदद के लिए कानून बनाकर यह योजना लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर योजना के पात्र बच्चों को 4.68 करोड़ रुपये के वित्तीय लाभ का वितरण भी किया। इसमें उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे 48 अनाथ बच्चों को फीस और छात्रावास व्यय के रूप में 15.52 लाख रुपये तथा मासिक व्यय के रूप में 11.52 लाख रुपये शामिल हैं। इसके अतिरिक्त विभिन्न व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में अध्ययनरत 17 अनाथ बच्चों को 7.02 लाख रुपये फीस तथा 4.08 लाख रुपये मासिक व्यय का वितरण किया गया। मुख्यमंत्री ने पालक देखभाल एवं प्रायोजन (फोस्टर केयर) के अन्तर्गत 1106 लाभार्थियों को 2.65 करोड़ रुपये के वित्तीय लाभ हस्तांतरित किए। इसके अतिरिक्त बाल देखभाल संस्थानों के 12वीं कक्षा के 30 मेधावी छात्रों को 10वीं कक्षा में बेहतर प्रदर्शन के लिए लैपटॉप प्रदान किए गए। उन्होंने लघु एवं सूक्ष्म उद्योगों की स्थापना के लिए तीन लाभार्थियों को छह लाख रुपये का आवंटन भी किया। सरकार अनाथ एवं अन्य वंचित वर्गों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध सुक्खू ने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार राज्य में अनाथ एवं अन्य वंचित वर्गों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि इसी रिज मैदान पर शपथ लेने के बाद वे बतौर मुख्यमंत्री सचिवालय के बजाय टुटीकंडी स्थित बालिका आश्रम पहुंचे और वहीं उन्हें इन वर्गों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए इस तरह की योजना का विचार आया। उन्होंने कहा कि विभिन्न वित्तीय चुनौतियों और और हाल ही में आई आपदा के बावजूद प्रदेश सरकार ने इस योजना को आरंभ करने का अपना संकल्प पूरा किया है। 27 वर्ष की आयु तक प्रतिमाह मिलते रहेंगे 4000 रुपये मुुख्यमंत्री ने कहा कि सुख-आश्रय योजना के अंतर्गत नए चिन्हित किए गए लगभग 2700 अनाथ बच्चे, जो कि अपने रिश्तेदारों के साथ रह रहे हैं, उन्हें भी 27 वर्ष की आयु पूर्ण होने तक 4000 रुपये मासिक वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इन बच्चों के संरक्षण के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है और इस योजना में मातृत्व देखभाल की आवश्यकता वाले प्रत्येक बच्चे के लिए एक परिचारिका का भी प्रावधान किया गया है और प्रत्येक बढ़ते तीन बच्चों के लिए एक मैट्रन का भी प्रावधान है। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि योजना के अंतर्गत अनाथ बच्चों को वार्षिक आधार पर 15 दिवसीय अध्ययन भ्रमण करवाया जाएगा, जिस दौरान उन्हें तीन सितारा होटलों में ठहराने सहित उनकी हवाई यात्रा तथा अन्य व्यय प्रदेश सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अनाथ बच्चों को प्रदत्त यह अधिकार दया के रूप में नहीं अपितु एक कानून बनाकर उन्हें उपलब्ध करवाया गया है। बड़े सपने देखें और उन्हें पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करें मुख्यमंत्री ने इन बच्चों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि वे बड़े सपने देखें और उन्हें पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करें। उन्होंने कहा कि एकाग्रता, दृढ़ इच्छा शक्ति और कड़ी मेहनत सफलता की ओर ले जाती है और यह बच्चे हिमाचल प्रदेश का भविष्य हैं। उन्होंने आश्वस्त किया कि यह बच्चे जीवन में अकेले नहीं हैं और समस्त समाज उन्हें समाहित करने के लिए आगे आ रहा है। 2 लाख रुपये विवाह अनुदान का भी प्रावधान मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना के अंतर्गत लाभार्थियों को 10 हज़ार रुपये वस्त्र भत्ता, 500 रुपये उत्सव अनुदान और 2 लाख रुपये विवाह अनुदान का भी प्रावधान है। उच्च शिक्षा के लिए यह बच्चे एक लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता के लिए पात्र हैं और उन्हें 4000 रुपये प्रतिमाह जेब खर्च भी दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त उन्हें लघु एवं सूक्ष्म उद्योग की स्थापना के लिए 2 लाख रुपये तक का अनुदान प्रदान किया जाएगा ताकि वे स्वरोज़गार के लिए प्रेरित हो सकें। 10वीं में बेहतर प्रदर्शन के लिए 30 मेधावी छात्रों को प्रदान किए लैपटॉप सीएम सुक्खू ने इस पहल के द्वितीय चरण में 10वीं तथा 12वीं कक्षा के 268 बच्चों को लैपटॉप प्रदान किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार विधवा, एकल नारी और विशेष रूप से सक्षम व्यक्तियों सहित विभिन्न वंचित वर्गों को पेंशन और अपंगता राहत भत्ते की प्रक्रिया का सरलीकरण कर उन्हें आय सीमा में भी छूट प्रदान कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का भूमिहीन अनाथ बच्चों को गृह निर्माण के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में तीन बिस्वा भूमि और शहरी क्षेत्रों में दो बिस्वा भूमि तथा तीन लाख रुपये की वित्तीय सहायता का भी प्रस्ताव है। आपदा प्रभावितों की मदद को 4500 करोड़ का विशेष राहत पैकेज मुख्यमंत्री ने लोगों को लाभ पहुंचाने के दृष्टिगत नई कल्याणकारी योजनाएं आरंभ करने की भी घोषणा की और संकट के समय बहादुरी के साथ आपदा का सामना करने के लिए प्रदेशवासियों के प्रयासों व जीवट की सराहना भी की। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने आपदा प्रभावित 16500 परिवारों की सहायता के लिए 4500 करोड़ रुपये का विशेष राहत पैकेज जारी किया है। इसके अतिरिक्त पूरी तरह से क्षतिग्रस्त घरों का मुआवज़ा 1.30 लाख रुपये से बढ़ाकर 7 लाख रुपये किया गया है। साथ ही आपदा में आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त कच्चे एवं पक्के मकानों के लिए मुआवज़ा राशि एक लाख रुपये की गई है। सुक्खू ने इस अवसर पर प्रदर्शनी का अवलोकन किया और अनाथ बच्चों के साथ दोपहर भोज में भी शामिल हुए। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल ने मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में प्रदेश सरकार द्वारा वंचित वर्गों के उत्थान के लिए किए जा रहे प्रयासों और सरकार की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला। मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना के महत्त्व पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि अनाथ बच्चों के कल्याण में सरकार की यह फ्लैगशिप योजना कारगर साबित होगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार ने इस योजना के साथ ही सामाजिक सुरक्षा पैंशन के नए मामले स्वीकृत करने सहित सामाजिक कल्याण की दिशा में अनेक महत्त्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार द्वारा विधवा पुनर्विवाह भत्ता 65 हजार रुपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये किया गया है। राज्य सरकार ने इस वित्तीय वर्ष के लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग को 995 करोड़ रुपये का बजट आवंटन किया है।
प्रदेश की सुक्खू सरकार ने 7 बीडीओ यानी खंड विकास अधिकारियों का तबादला किया है। इन अधिकारियों के तबादलों के संदर्भ में अधिसूचना जारी कर दी गई है। राज्य सरकार की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक अब निशांत शर्मा को हमीरपुर जिला के नादौन विकास खंड के बीडीओ का कार्यभार सौंपा गया है। अभी तक वह शिमला के टूटू विकास खंड में बतौर बीडीओ सेवाएं दे रहे थे। वहीं वर्तमान में बीडीओ बिलासपुर कुलवंत सिंह को बीडीओ भोरंज का कार्यभार सौंपा गया है। मंडी जिला के गोलापुर में बतौर बीडीओ सेवाएं दी रही अस्मिता ठाकुर पोस्टिंग के नए आदेशों तक राज्य हेडक्वार्टर को ज्वाइन करेगी। वहीं बीडीओ कुनिहार विवेक पॉल भी राज्य मुख्यालय में पोस्टिंग के आगामी आदेशों तक सेवाएं देंगे। बीडीओ गगरेट हिमांशी को बीडीओ हमीरपुर लगाया गया है। बीडीओ धर्मशाला ओमपाल को बीडीओ अंब बनाया गया है। इसके अलावा सुशील कुमार को जो वर्तमान में बीडीओ अंब है। वह आगामी आदेशों तक राज्य मुख्यालय को ज्वाइन करेंगे।
-दोनों पर पालमपुर के लोगों से 18 करोड़ ठगने का आरोप -विधायक होशियार सिंह ने सदन में उठाया था मामला हिमाचल में लोगों से क्रिप्टो करंसी के नाम पर ठगी के मामले में एसआईटी ने गुजरात से दो मास्टरमाइंड को गिरफ्तार किया है। ये दोनों जिला मंडी के रहने वाले हैं। मामले में जांच के लिए गठित पुलिस अधिकारियों की एसआईटी ने गुजरात पुलिस की मदद से गुजरात के गिर सोमनाथ जिले में मास्टरमाइंड हेमराज राजपूत और सुखदेव ठाकुर को गिरफ्तार किया है। आरोपी हिमाचल में लोगों से ठगी करने के बाद गुजरात में छिपे हुए थे। एसआईटी ने भोजदा गांव के एक फार्म हाउस से दोनों को गिरफ्तार किया है। इन दोनों आरोपियों ने पालमपुर के लोगों से 18 करोड़ रुपये की ठगी की थी। गौर रहे कि प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र में देहरा के निर्दलीय विधायक होशियार सिंह ने क्रिप्टो करंसी के नाम पर लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी होने का मामला उठाया था। सरकार के निर्देश पर डीजीपी संजय कुंडू ने क्रिप्टो करंसी घोटाले को लेकर राज्य के विभिन्न पुलिस स्टेशनों में दर्ज मामलों की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था। एसआईटी का अध्यक्ष डीआईजी उत्तरी रेंज अभिषेक दुल्लर को बनाया गया और इसमें एसपी साइबर क्राइम अध्यक्ष रोहित मालपानी, प्रवीन धीमान एएसपी साइबर क्राइम, मनमोहन सिंह एएसपी साइबर क्राइम मंडी और डीएसपी कांगड़ा अंकित शर्मा, डीएसपी नूरपुर विशाल वर्मा, डीएसपी पालमपुर लोकेंद्र नेगी व डीएसपी जवाली वीरी सिंह को शामिल किया था। ऐसे फंसाए लोग आरोपियों ने पीड़ितों से वादा किया था कि उनका निवेश दोगुना हो जाएगा। एसआईटी ने करोड़ों की ठगी के आरोपी हेमराज राजपूत और सुखदेव ठाकुर को भोजदा गांव के एक फार्महाउस से गिरफ्तार किया है। पुलिस की जांच में खुलासा हुआ है कि हेमराज राजपूत और सुखदेव ठाकुर क्रिप्टो करंसी घोटाले के मास्टरमाइंड थे। पुलिस ने फार्म हाउस पर छापा मारकर क्रिप्टो करंसी के नाम पर लोगों को ठगने वाले आरोपियों को अरेस्ट कर लिया है।
-साथ लगते रिहायसी मकान को भी पहुंचा आंशिक नुकसान -मौके पर पहुंचे फायर ब्रिगेड के जवान, आग पर पाया काबू जोगिंदर नगर उप मंडल के ढेलू में देर रात करीब १२ बजे दुकान में आग लगने से दुकान के अंदर रखा सारा सामान जलकर राख हो गया। दुकान के साथ लगते एक रिहायसी मकान को भी आग से आंशिक नुकसान पहुंचा है। जानकारी के अनुसार स्थानीय निवासी सोनू राम की दुकान में रात को शॉट सर्किट हो गया, जिसके चलते आग लग गई और उनका लाखों का नुकसान हो गया। वहीं, घटना की सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड के जवान भी मौके पर पहुंचे और कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। अगर समय रहते आग पर काबू न पाया होता तो एक बड़ी घटना भी घट सकती थी।
खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यहां जानकारी दी कि राशन वितरण में पारदर्शिता लाने के लिए उपभोक्ताओं के राशन कार्डों में उनकी आधार संख्या पंजीकृत की जा रही हैं। ई-के.वाई.सी. के माध्यम से यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि राशन कार्ड में दर्ज व्यक्ति का नाम, जन्म तिथि तथा लिंग, आधार में दर्ज डाटा के अनुसार ही हो। इस प्रक्रिया में आम जनता का विभाग को पूर्ण सहयोग मिल रहा है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में गत दिनों में हुई भारी वर्षा व आधार से सम्बन्धित तकनीकी समस्याओं के मद्देजर विभाग द्वारा आधार संख्या पंजीकृत व ई-के.वाई.सी. करवाने की तिथि 30 सितंबर तक बढ़ाई गई थी, परंतु अभी भी कुछ उपभोक्ताओं द्वारा किसी कारणवश उनके राशन कार्डों में उनकी आधार संख्या को पंजीकृत नहीं किया जा सका है। ऐसे उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए ई-के.वाई.सी. अपडेट करने की तिथि को 31 अक्टूबर तक बढ़ाया गया है। इसलिए उपभोक्ताओं से आग्रह है कि अपनी नजदीकी उचित मूल्य की दुकान पर जाकर ई-के.वाई.सी. की प्रक्रिया निर्धारित तिथि से पहले करवाएं। यदि कोई अपना आधार 31 अक्तूबर, 2023 तक जमा नहीं करवाता है तो उनके राशन कार्ड को अस्थाई रूप से बंद कर दिया जाएगा तथा आधार उपलब्ध करवाने के बाद ही राशन कार्ड को फिर से शुरू किया जायेगा। उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त लाभार्थी विभाग से नवीनतम, सक्रिय मोबाईल नम्बर साझा कर खाद्यान्नों संबंधित सूचना प्राप्त कर सकते हैं। उपभोक्ता विभागीय वेबसाइट एवं पारदर्शिता पोर्टल http://epds.co.in पर राशन कार्ड में अपना मोबाइल नंबर अपडेट कर सकते हैं।
भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) चंडीगढ़ के दल ने मंडी में अपना कार्य करना शुरू कर दिया है। दल ने पहले दिन मंडी के विश्वकर्मा मंदिर के पास हुए भूस्खलन की टोटल स्टेशन की मदद से डिटेल मैपिंग की। यह दल मंडी की टारना पहाड़ी में बरसात में हुए भूस्खलन और भूधंसाव के कारणों को खंगालने और इसे रोकने के उपाय सुझाने के लिए का यह दल बुधवार को मंडी पहुंचा है। यह दल अगले दो सप्ताह तक टारना पहाड़ी की डिटेल मैपिंग करने के साथ ही यहां की मिट्टी की ताकत जांचने के लिए इसके नमूने लेकर प्रयोगशाला में उनका अध्ययन करेंगे। भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के इस दल में भूविज्ञानी श्रेयसी महापात्रा और तृप्ति बाबा शामिल हैं। टोटल स्टेशन उपकरण के माध्यम से भूविज्ञानी जगह की डिटेल मैपिंग करते हैं। इसके द्वारा रेखाओं के बीच की दूरी और कोण, किसी जगह पर बिंदुओं की ऊंचाई, ढलान आदि को मापा जाता है। टोटल स्टेशन में एकत्रित और संसाधित किए गए डाटा का विश्लेषण करने के लिए कंप्यूटर में डाउनलोड किया जाता है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सांसद प्रतिभा सिंह 1 अक्तूबर से अपने संसदीय क्षेत्र मंडी के दौरे पर रहेंगी। कांग्रेस अध्यक्ष के राजनैतिक सचिव कांग्रेस महामंत्री अमित पाल सिंह ने यह जानकारी देते हुए बताया है कि प्रतिभा सिंह 1 अक्तूबर को सायं 3 बजे शिमला से मंडी के लिए रवाना होंगी। इस दिन रात्रि विश्राम परिधि गृह मंडी रहेगा। 2 व 3 अक्टूबर को प्रतिभा सिंह द्रंग विधानसभा क्षेत्र की भविन्न पंचायतों का दौरा कर जन समस्याओं को सुनेंगी और पार्टी पदाधिकारियों की बैठक भी लेंगी। 2 अक्तूूबर को प्रतिभा सिंह तरियंबली में पतवार घर का उदघाटन करने के बाद कचोटघर, सिहुंन, टिक्कर, कथोग, रोपा, सिलब्धनी, सुधार व घरमेहड़ में जन समस्याओं के बाद सभाओं को भी संबोधित करेंगी। इस दिन रात्रि विश्राम लोकनिर्माण विश्राम गृह बरोट रहेगा। 3 अक्तूबर को प्रतिभा सिंह द्रंग विधानसभा के खलेल, बरोट,लपास, बरधान, लटराण, घमच्याना, झटिंगरी, उरला, नगाण व गवाली में जन समस्याओं को सुनेंगी। सांसद प्रतिभा सिंह 4 अक्तूूबर को उपायुक्त कार्यालय के सभागार में जिला विकास समन्वय समिति दिशा की बैठक की अध्यक्षता करेंगी। इसके बाद मंडी संसदीय क्षेत्र के विभिन्न कार्यक्रमों में भी शिरकत करेंगी। इस दिन रात्रि विश्राम मण्डी का परिधि गृह ही रहेगा।
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश की सुक्खू सरकार हर मोर्चे पर फेल हो गई है। न सरकार में ताल मेल है और न ही मंत्री और मुख्यमंत्री में। इसका ख़ामियाज़ा प्रदेश को उठाना पड़ रहा है। सरकार की नीतियों के चलते प्रदेश के उद्योग बर्बाद हो रहे हैं। नई उद्योग इकाइयां बंद होने की कगार पर हैं। जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार प्रदेश में चल रहे उद्योगों को दी गई रियायतें ख़त्म करके उद्योगों को प्रोत्साहित करना चाहती है, लेकिन ऐसा नहीं होने वाला है। उद्योगों की बिजली शुल्क बढ़ाने समेत अन्य रियायतें ख़त्म करने से उद्योग प्रदेश से दूरी कर रहे हैं। ऐसा ही चलता रहा तो वह दिन दूर नहीं जब प्रदेश से उद्योग पूरी तरह किनारा कर लेंगे। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि राज्य को आगे ले जाने में उद्योगों का बड़ा योगदान होता है परंतु इस सरकार में किसी प्रकार की उद्योग पॉलिसी नहीं हैं। अगर सरकार इसी ढर्रे पर चलती रही तो वह दिन दूर नहीं जब प्रदेश में नई इंडस्ट्री आनी तो दूर की बात है। जो हैं, वह भी चली जाएंगी। सुक्खू को सत्ता में आए दस महीने का समय हो गया। इन दस महीनों में इस सरकार ने उद्योगों को चौपट करने के अलावा अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इस सरकार में माफिया को संरक्षण देकर उद्योगों और उद्योगपतियों को परेशान किया जा रहा है। दूसरी तरह सरकार द्वारा शुल्क बढ़ाकर उनकी कमर तोड़ी जा रही है। इसका असर आपदाग्रस्त प्रदेश में भी पड़ेगा। ज़रूरी चीजें भी महंगी हो जाएंगी। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जब तक उद्योगों के अनुकूल माहौल नहीं होगा, तब तक प्रदेश में उद्योग धंधे आने से रहे। स्थानीय स्तर पर भी युवा किसी प्रकार की उत्पादन इकाइयां स्थापित करने से भी पीछे हटेंगे। उन्होंने कि प्रदेश में उद्योगों को संरक्षण और प्रोत्साहन देने नीयत बनाए और स्पष्ट करे कि प्रदेश में उद्योगों को गति देने के लिए प्रदेश सरकार क्या नीति अपना रही है।
-डीआईजी उत्तरी क्षेत्र अभिषेक दुल्लर की होंगे अध्यक्ष हिमाचल प्रदेश में क्रिप्टो करेंसी के नाम पर ठगी के मामलों की जांच डीआईजी उत्तरी क्षेत्र अभिषेक दुल्लर की अध्यक्षता वाली एसआईटी करेगी। जांच कमेटी में सीबीआई या अन्य जांच एजेंसियों में काम कर चुके निपुण अधिकारियों को शामिल किया जाएगा। उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने सोमवार को विधानसभा सदन में प्रश्नकाल के दौरान देहरा से विधायक होशियार सिंह के सवाल पर यह एलान किया। मुकेश ने कहा कि बहुत जल्दी पैसा कमाने की चाह रखने वाले लोग इस तरह के झांसे में आ रहे हैं। उधर, विधायक ने धोखा करने वाली कंपनियों को राजनीतिक संरक्षण मिलने का आरोप भी लगाया। कहा कि देहरा क्षेत्र में ही दस करोड़ से अधिक की ठगी हो चुकी है। गरीब लोगों को ठगा जा रहा है। उन्होंने सदन में 425 लोगों की सूची रखी, जिन्होंने यह धोखाधड़ी हुई है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि इस मामले की गंभीरता से जांच की जाए। 200 करोड़ का घोटाला हमीरपुर में, 250 करोड़ का कांगड़ा, 100 करोड़ का ऊना में हुआ है। आरोप लगाया कि राजनीतिक संरक्षण से यह ठगी की जा रही है। उन्होंने कुछ कंपनियों के नाम भी बताए। उन्होंने कहा कि बिना राजनीतिक संरक्षण के इतना बड़ा घोटाला नहीं हो सकता। उन्होंने अपने विस क्षेत्र का जिक्र करते हुए कहा कि फ्रॉड करने वाले ये लोग राजनीतिज्ञों के साथ देखे जाते हैं। अभी तक 6 एफआईआर, 56 शिकायतें जवाब में उपमुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे मामले पूरे प्रदेश में आए हैं। अभी तक 6 एफआईआर पुलिस ने दर्ज की हैं। 56 शिकायतें पुलिस के पास आई हैं। पुलिस ने 5 आरोपियों को गिरफ्तार भी किया है। कहा कि राजनीतिक संरक्षण वाले आरोप की उन्हें अभी कोई जानकारी नहीं है। शराब ठेकों की नीलामी से 40 फीसदी अधिक आय उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने बताया कि प्रदेश में शराब ठेकों की नीलामी से 40 फीसदी अधिक आय हुई है। व्यवस्था परिवर्तन करते हुए कांग्रेस सरकार ने इस वर्ष शराब ठेकों का नवीनीकरण करने की जगह नीलामी से आवंटन किया। नीलामी से इस वित्त वर्ष में कुल 1815 करोड़ रुपये की आय होगी। अगस्त 2023 तक 1301 करोड़ रुपये सरकारी कोष में जमा भी हो गए हैं। कांग्रेस विधायक केवल सिंह पठानिया के सवाल का जवाब देते हुए उपमुख्यमंत्री ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2020-21, 2021-22 और 2022-23 में शराब के ठेकों का आवंटन नवीनीकरण के माध्यम से किया गया। 2022-23 में 1296.94 करोड़ रुपये में ठेकों का नवीनीकरण हुआ था। इस साल सरकार ने ऑक्शन कम टेंडर के आधार पर नीलामी का निर्णय लिया। सरकार के इस पारदर्शी कदम से 39.97 प्रतिशत अधिक राजस्व प्राप्त होना अनुमानित है। ठेकों की नीलामी से पिछले वर्ष के मुकाबले 518.41 करोड़ रुपये अधिक राजस्व प्राप्त हुआ है।
-राहत-पुनर्वास कार्यों की करेंगे समीक्षा, डीसी ने दी जानकारी मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू 29 सितंबर को मंडी में अधिकारियों की उच्च स्तरीय बैठक लेंगे। इसमें वे मंडी जिले में प्राकृतिक आपदा के नुकसान व उसके उपरांत के राहत-पुनर्वास कार्यों की समीक्षा करेंगे। साथ ही वे पुनस्थापन गतिविधियों तथा जन सुरक्षा की दृष्टि से भविष्य के लिए उठाए कदमों का ब्यौरा भी लेंगे। यह जानकारी जिलाधीश अरिंदम चौधरी ने दी। वे मुख्यमंत्री के दौरे को लेकर विभागों की पूर्व तैयारी पर चर्चा के लिए सोमवार को बुलाई बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। 3 पहलुओं पर केंद्रित हो 'पीपीटी' अरिंदम चौधरी ने सभी विभाग प्रमुखों को मुख्यमंत्री की बैठक को लेकर पूरी तैयारी के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सीएम की समीक्षा बैठक के लिए सभी विभाग नुकसान और राहत-पुनर्वास कार्यों के पूर्ण डाटा के साथ साथ राहत राशि आवंटन के अद्यतन आंकड़े भी रखें। बैठक के लिए बनाई जाने वाली 'पीपीटीÓ (पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन) को मुख्यत: 3 पहलुओं पर केंद्रित करें। इसमें नुकसान की जानकारी, राहत-पुनर्वास को लेकर किए कार्यों का ब्यौरा तथा जन सुरक्षा की दृष्टि से आगे की योजना का उल्लेख करें। जिलाधीश ने प्रत्येक विभाग से इन पहलुओं पर बिंदुवार ब्यौरा भी लिया। जिले में आपदा से 1600 करोड़ का नुकसान बीते दिनों आई प्राकृतिक आपदा में मंडी जिले को करीब 1600 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इसमें प्रमुख रूप से लोक निर्माण विभाग को 437.48 करोड़, जल शक्ति विभाग को 445.03 करोड़, विद्युत बोर्ड को 117.94 करोड़, कृषि को 61.41 करोड़, वन विभाग को 24.15 करोड़, बागवानी को 17.27 करोड़, स्वास्थ्य को 7.81, शिक्षा को 29.34 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। हिमाचल सरकार ने सभी जिलों को राहत-पुनर्वास तथा पुन:स्थापन कार्यों के लिए करोड़ों रुपये का अतिरिक्त बजट उपलब्ध कराया है। बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त निवेदिता नेगी सहित विभिन्न विभागों के आला अधिकारी उपस्थित रहे।
हिमाचल प्रदेश के मंडी में रविवार अल सुबह भूकंप दर्ज किया गया। भूकंप सुबह करीब 4:52 बजे दर्ज किया गया और इसका केंद्र जमीन के अंदर चार किलोमीटर की गहराई पर था। भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 2.8 आंकी गई । हालांकि, भूकंप बहुत कम तीव्रता का था। इसके चलते कोई नुकसान नहीं हुआ।
-कहा, ग्रामण-पजौंड़ और थलटूखोड़-मढ़ सड़क का किया जाएगा विस्तारीकरण -द्रंग विधानसभा क्षेत्र की जनता के सुख और दुख में रहूंगा शरीक चौहारघाटी की ग्राम पंचायत धमच्याण के थलटूखोड़ का चार दिवसीय सायर मेला संपन्न हो गया। समापन समारोह में पूर्व मंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कौल सिंह ठाकुर ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। उन्होंने मेले में पधारे चौहारघाटी के बजीर नाम से विख्यात आराध्य देव श्री पशाकोट की विधिवत पूजा अर्चना कर क्षेत्र की सुख, समृद्धि और खुशहाली की कामना की। कौल सिंह ठाकुर ने कहा कि चौहारघाटी के बड़ा देव हुरंग नारायण और देव पशाकोट प्रदेश भर में विख्यात हैं, जिनके प्रति लोगों की अपार आस्था है। कौल सिंह ठाकुर ने कहा कि उन्होंने पूर्व में बतौर विधायक द्रंग क्षेत्र के लोगों की सेवा की है। अब सत्ता से भले ही बाहर हूं, लेकिन द्रंग की जनता के सुख और दुख में सदैव शामिल हूं। उन्होंने कहा कि ग्रामण से पजौंड़ सड़क के विस्तारीकरण के लिए तैयार डीपीआर को शीघ्र ही प्रदेश सरकार से मंजूरी दिलाकर यहां लोगों को बेहतर यातायात के साथ बस सेवा मुहैया करवाई जाएगी। वहीं, थलटूखोड़-मढ़ सड़क को शीघ्र ही टारिंग कर पक्का किया जाएगा। इससे पहले मेला कमेटी अध्यक्ष राजमल, ओम प्रकाश और नरेश कुमार ने मुख्यातिथि को शॉल टोपी और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। कौल सिंह ठाकुर ने मेले के सफल आयोजन हेतु मेला कमेटी आयोजकों को इक्कीस हजार रुपये की नकद राशि भेंट की। इस दौरान महिला मंडल बड़ी बजगाण और गाहंग सहित अन्य महिला मंडल की महिलाओं द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए। इस अवसर पर पंचायत समिति द्रंग के उपाध्यक्ष कृष्ण भोज, ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष बामण देव ठाकुर, वरिष्ठ उपाध्यक्ष भूप सिंह धरवाल, गिरधारी लाल, अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग प्रदीप ठाकुर, खंड विकास अधिकारी विनय चौहान, बाल विकास परियोजना अधिकारी जितेंद्र सैनी सहित चौहारघाटी की विभिन्न पंचायतों के प्रधान, उप प्रधान और पंचायत समिति सदस्यों सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
-कहा, हर चीज के दाम बढ़ाकर आपदा प्रभावितों को दोहरे जोखिम दे रही सरकार नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि यह सरकार प्रदेश के लोगों के साथ अन्याय कर रही है, आए दिन जनविरोधी फैसले ले रही है। सत्ता में आते ही डीज़ल पर टैक्स बढ़ा दिए। बिजली-पानी के शुल्क बढ़ा दिए। आज दस गुना स्टांप ड्यूटी बढ़ाने जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार इस तरह की तानाशाही से जनविरोधी फैसले जनता पर नहीं लाद सकती है। सरकार ने राजस्व के विभिन्न कार्यों में जहां सौ रुपये का स्टाम्प लगता था। उस जगह पर अब एक हज़ार जा स्टांप लगाने जा रही है। एक साथ दस गुना बढ़ोतरी आज तक प्रदेश के इतिहास में कभी नहीं हुई थी। नेता प्रतिपक्ष ने का कहा कि इस अधिनियम का विरोध करते हुए बीजेपी के विधायकों ने सदन से 'वॉकआउटÓ किया। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि लोगों को सुविधा देने के नाम पर कांग्रेस प्रदेश के लोगों से झूठ बोला। सत्ता में आने के बाद से ही प्रदेश के लोगों को दुख देने वाले काम शुरू कर दिये। चुनाव के पहले दस गारंटी का वादा करने वाली कांग्रेस ने एक भी वादा पूरा नहीं किया और लोगों के ऊपर टैक्स पर टैक्स लगाए जा रही है। आपदा के समय में भी इस तरह की जनविरोधी गतिविधि सरकार कर सकती है। ऐसा सोचा भी नहीं जा सकता हैं। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि प्रदेश आपदा से गुजर रहा है लेकिन सरकार आए दिन किसी न किसी प्रकार के आर्थिक बोझ से प्रदेश के लोगों को परेशान कर रही है। आपदा से उबरने के लिए जिन वस्तुओं की आवश्यकता है उन्हें महंगा कर रही है। लोगों के घर टूटे हैं, जिन्हें बनाने में सीमेंट, रेता स्टील की आवश्यकता पड़ेगी। सरकार ने सीमेंट के दाम बढ़ा दिये। उद्योगों को दी जाने वाली बिजली महंगी कर दी। इससे स्टील और अन्य महत्वपूर्ण चीजों के दाम बढ़ जाएंगे। डीज़ल के दाम बढ़ा दिये, जिससे आम जन-जीवन में इस्तेमाल होने वाली सारी चीजों के दामों पर असर पड़ा। आपदा के समय में इस तरह का बर्ताव कभी किसी सरकार ने नहीं किया। सरकार को इस तरह की हरकतों से बाज आना चाहिए।
-विधायक ने विधानसभा में उठाया स्वास्थ्य क्षेत्र को सुदृढ़ करने का मुद्दा हिमाचल प्रदेश में प्रदेश सरकार लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने के लिए तेजी से काम करे। यह बात सुंदरनगर के विधायक राकेश जम्वाल ने विधानसभा सत्र के दौरान सदन के भीतर कही। राकेश जम्वाल ने अपने विधानसभा क्षेत्र सुंदरनगर सिविल अस्पताल का मामला उठाते हुए कहा कि प्रदेश सरकार रोबोटिक सर्जरी की बात कर रही है जो प्रदेश सरकार का एक अच्छा कदम है लेकिन प्रदेश के विधानसभा क्षेत्र में एक ऐसा हॉस्पिटल होना चाहिए जहां लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें। राकेश जम्वाल ने पॉइंट ऑफ ऑर्डर के तहत पूछे गए सवाल में प्रदेश सरकार से पूछा कि सुंदरनगर सिविल अस्पताल में अल्ट्रासाउंड मशीन को चलाने के लिए एक तकनीशियन व डॉक्टर कब मुहैया करवाया जाएगा। इसके अलावा नेरचौक में बीते पांच माह पहले दुर्घटनाग्रस्त हुई लाइफ स्पोर्टिंग एंबुलेंस को अब तक ठीक क्यों नहीं करवाया गया है जबकि नेरचौक से चंडीगढ़ जाने के लिए एक मरीज को 30 से 35 हजार रुपए ख़र्च करने पड़ते हैं। उन्होंने प्रदेश सरकार से इस एंबुलेंस को जल्द ठीक करने की मांग की है। राकेश जम्वाल ने सदन में पूछा कि सुंदरनगर सिविल हॉस्पिटल परिसर में डॉक्टरों व अस्पताल स्टाफ के लिए 10 करोड़ की लागत से रेजिडेंस बनाया जा रहा है लेकिन कुछ महीनों से इसका कार्य बन्द पड़ा हुआ है।बताया जा रहा है कि बजट न होने के चलते यह कार्य रुका हुआ है। उन्होंने सरकार से पूछा कि कब कार्य के लिए बजट मुहैया करवाया जाएगा, ताकि इमरजेंसी में मरीजों के लिए डॉक्टर उपलब्ध हो सकें।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने कहा कि स्मार्ट सिटी शिमला स्टील सिटी बन गई है। पहाड़ों की राजधानी में इसे देखते हुए स्टील स्ट्रक्चर निर्माण पर रोक लगा दी गई है। धर्मशाला के विधायक सुधीर शर्मा के मूल सवाल और राजेश धर्माणी व हरीश जनारथा के सप्लीमेट्री सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि विधायक निर्माण कार्य में गड़बड़ी की शिकायतें करते हैं तो इसकी जांच कराई जाएगी। सुधीर शर्मा ने कहा कि धर्मशाला में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के काम में क्वालिटी का ध्यान नहीं रखा गया। नॉन टेक्निकल लोगों ने दी टेक्निकल काम की मंजूरी विधायक राजेश धर्माणी ने कहा कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में टेक्निकल काम की मंजूरी, नॉन टेक्निकल लोगों द्वारा दी गई है। इसकी जांच होनी है। हरीश जनारथा ने कहा कि शहर में निर्माणाधीन स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट से मलबा डंप हुआ है। इससे ड्रेनेज सिस्टम प्रभावित हुआ है। शहर में आई आपदा में स्मार्ट सिटी का भी बड़ा रोल है।
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि लोक सभा और राज्य सभा में नारी शक्ति वंदन अधिनियम-2023 का पारित होना देश के लिए ऐतिहासिक क्षण हैं। इस उपलब्धि के लिए उन्होंने देश की मातृशक्ति समेत समस्त देशवासियों को शुभकामनाएं दी। नेता प्रतिपक्ष ने महिलाओं सशक्तिकरण के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाकर लंबे समय से की जा रही मांग को नारी शक्ति वंदन अधिनियम- 2023 के रूप में लोक सभा और राज्य सभा से पारित करवाने के लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह का विशेष आभार व्यक्त किया। उन्होंने विधेयक को समर्थन देने के लिए संपूर्ण मंत्री परिषद और समस्त संसद सदस्यों का भी आभार व्यक्त किया। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इस कानून के कारण देश में मातृशक्ति का प्रतिनिधित्व और बढ़ेगा। देश के लिए नीति निर्धारण में मातृशक्ति का भूमिका बढ़ेगी। यह क़ानून आने वाले समय में हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों को और सुदृढ़ करेगा।
-सड़क पर धरना दे रहे लोग बता रहे सुक्खू सरकार पर जनता को नहीं रहा भरोसा नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सदन में कहा कि जिन्होंने अपनी जान को ख़तरे में डालकर कोरोना पीड़ितों की सेवा की, आज छह महीनें से उनका वेतन नहीं दिया गया हैं। इस महीने उन सबकी सेवा ख़त्म करने का नोटिस दे दिया गया है। सरकार हर मुद्दे पर झूठ बोल रही है। सदन में भी सही जवाब नहीं दे रही है। आज हर दिन विधान सभा के बाहर लोग अपनी मांगें लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। लोग सड़क पर धरना दे रहे हैं। मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि सब सही है, लेकिन सब सही नहीं हैं। यह सरकार पूरी तरह से फेल हैं। जनहित के मुद्दे सरकार की प्राथमिकता में ही नहीं हैं। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सड़क पर धरना दे रहे लोग बता रहे हैं कि सरकार से जनता का भरोसा उठ गया है। ऐसा पहली बार हो रहा है कि दस महीनें में ही लोग सड़कों पर आ गये हैं। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। दस महीनें में ही प्रदेश के लोग सरकार के ख़िलाफ़ सड़कों पर आ गये हैं क्योंकि सरकार ने एक भी वादा पूरा नहीं किया है। आज भर्ती प्रक्रिया पूरी होने के बाद भी परीक्षा के परिणाम नहीं जारी किए जा रहे हैं। युवा आये दिन परिणाम घोषित करने की मांग कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने अब तक सिर्फ आश्वासन दिया है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जब हमें मौक़ा मिला तो हमने प्रदेश में किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित, किसी कारण से अशक्त हुए लोगों के लिए सहारा योजना लाई। उसके तहत तीन हजार रुपये की पेंशन दी जा रही थी। जिससे ऐसे लोगों की मदद हो जाए। अब मुझे उन लोगों के फ़ोन आते हैं कि पेंशन नहीं मिल रही है। यह गलत परंपरा हैं। ऐसी व्यवस्थाएं सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए क्योंकि यह समाज में जरूरतमंद लोगों के लिए चलाई गई योजना है।
-चौड़ा मैदान में प्रदर्शन कर रहे कोरोना कर्मियों से मिले -कहा, कोरोना कर्मियों की सेवा को तत्काल प्रभाव से बहाल करे सरकार -कोरोना कर्मी बोले उनके पास शिमला आने का किराया भी नहीं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर आज चौड़ा मैदान में प्रदर्शन कर रहे कोरोना कर्मियों से मिले और उनके साथ अन्याय ने होने देने का भरोसा दिलाया। उन्होंने कहा कोरोना जैसे कठिन समय में जब मरीज़ों के परिजन भी ख़ौफ़ज़दा थे उस समय इन कोरोना कर्मियों ने उनका साथ दिया, उनकी सेवा की। जब परिजन आगे नहीं आए तो इन्होंने अंतिम संस्कार भी किया। ऐसे में उन्हें नौकरी से निकाल देना बहुत बड़ा पाप है। सरकार यह मनमानी नहीं कर सकती है। सरकार इनकी नौकरी को बहाल करे और जल्दी से जल्दी इनका वेतन भी जारी करे। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कोरोना के समय में स्वास्थ्यकर्मियों की आवश्यकता थी तो कोरोना कर्मियों को भर्ती किया था। सभी कोरोना प्रभावितों की पूरी सेवा की। इस सेवा में वही लोग आये जिनके अंदर समाज सेवा का जज़्बा था और ज़रूरतमंद थे। व्यवस्था परिवर्तन के नाम पर आई सुक्खू सरकार ने इनकी सेवाएं समाप्त कर दी। हमने इनके हक़ ने आवाज़ उठाई, जिसके बाद सरकार ने इन कर्मियों की सेवा में 3 महीनें का विस्तार कर दिया। इस महीनें वह समय सीमा फिर से ख़त्म ही रही है। अब लोगों को यह नहीं पता कि आगे क्या होगा। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार नौकरी देने के नाम पर सत्ता में आई है। नौकरी से निकालने के नाम पर नहीं। जिन्होंने ज़रूरत पड़ने पर अपने जान की परवाह किए बिना अपनी नौकरी की उन्हें इस तरह से नौकरी से निकालना न सिफ़र् अन्याय बल्कि पाप है। उन्होंने कहा कि सरकार इस तरह के पाप न करे। नौकरी दें नहीं सकती तो जिन्हें नौकरी मिली है उन्हें नौकरी से निकाले नहीं। नेता प्रतिपक्ष से मिलने वाले आउटसोर्स कर्मचारियों ने कहा बहुत से कर्मचारी इस प्रदर्शन में आना चाहते थे। पांच महीनें से नौकरी नहीं मिलने की वजह से शिमला आने और जाने का किराया भी उनके पास नहीं था। सभी आउटसोर्स कर्मियों ने कहा कि हमारी नौकरी सुनिश्चित की जाए। हर महीनें वे सचिवालय और मुख्यमंत्री के दफ़्तर के चक्कर लगाते हैं। इसलिए सरकार उनकी नौकरी को सुनिश्चित करें।
प्रदेश की राजधानी शिमला की हवा लगातार प्रदूषित होती जा रही है। बीते साल के मुकाबले इस साल हवा 22 प्रतिशत ज्यादा दूषित हो चुकी है। शहर के वायु गुणवत्ता सूचकांक सितंबर 2022 में 62 था जो अब बढ़कर 76 हो गया है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक इसकी मुख्य वजह गाडिय़ों और आसपास के उद्योग से निकले वाला धुआं है। शिमला में पीएम प्रदूषकों का स्तर 2.5 है। यह विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुशंसित स्तर से 1.6 गुना ज्यादा है। बीते कुछ सालों में शहर में पर्यटक बढऩा भी इसकी मुख्य वजह है। शहर के आस पास नए औद्योगिक इलाकों का निर्माण भी प्रदूषण का बड़ा कारण है। प्रदूषण बढऩे से श्रय रोग बढऩे का अंदेशा भी जताया जा रहा है। हिमाचल प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार शहर में बढ़ते वाहनों के कारण कार्बन डाइऑक्साइड और नाइट्रोजन ऑक्साइड का स्तर बढ़ा है। गाडिय़ों से निकलने वाला धुआं प्रदूषण का मुख्य कारण है। वीकेंड पर पर्यटकों की बढ़ोतरी से शहर में प्रदूषण भी बढ़ रहा है। शिमला के पास शोघी और ठियोग में नए औद्योगिक क्षेत्रों के निर्माण से शहर में अमोनिया, नाइट्रोजन ऑक्साइड और ओजोन की वायुमंडल में मात्रा बढ़ रही है। राजधानी में अंधाधुंध निर्माण भी प्रदूषण के बढऩे का बड़ा कारण है। ताजी हवा के लिए जाने-जाने वाले शिमला कि बिगड़ती हवा लोगों के लिए चिंता का विषय है। वायु प्रदूषण से दमा और टीबी जैसे श्रय रोगों के बढऩे का खतरा है। वायु प्रदूषण को कम करने के लिए पौधरोपण करने और गाडिय़ों पर निर्भरता कम करना जरूरी है। एक्यूआई या वायु गुणवत्ता सूचकांक इलाके की हवा में प्रदूषकों (ऐसे पदार्थ होते हैं जिनके कारण पर्यावरण में प्रदूषण फैलता है।) की संख्या का मापदंड है। इसमें विभिन्न पैमाने पर वायु की जांच करके उसे अंक दिए जाते हैं। 00-50 को अच्छा, 50-100 को ठीक, 200-300 को मध्यम, 300-400 को खराब और 400 से ऊपर के स्तर को खतरनाक माना जाता है।
मंडी से पुलिस की फॉरेंसिक टीम भी मौके पर इलाके में फैली सनसनी, करीब 200 मीटर दूर है पुलिस थाना कुल्लू जिले के पतलीकूहल टैक्सी स्टैंड में एक युवक की हत्या का मामला सामने आया है। युवक की हत्या से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई है। जानकारी के अनुसार गुरुवार सुबह तड़के 3 से 4 बजे के आसपास पतलीकूहल थाना में सूचना मिली कि पतलीकूहल टैक्सी स्टैंड के पास किसी युवक का शव पड़ा है। इसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची तो जांच करने पर पता चला कि अनूप(26) पुत्र अमरचंद निवासी वशकोला की किसी ने हत्या कर दी है। वारदात के बाद मंडी से पुलिस की फॉरेंसिक टीम भी मौके पर पहुंची और साक्ष्य जुटाए। पुलिस ने हत्या का मामला दर्जकर छानबीन शुरू कर दी है। बताया जा रहा कि रात के समय टैक्सी स्टैंड में झगड़ा हुआ था और इसी दौरान युवक की हत्या कर दी गई। बताया जा रहा है कि पुलिस थाना से करीब 200 मीटर की दूरी पर बीच चौक पर यह वारदात हुई है। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर दो युवकों को पकडऩे की सूचना है। एसपी कुल्लू साक्षी वर्मा ने कहा कि पुलिस मामले की जांच कर रही है। पुलिस सीसीटीवी कैमरों को भी खंगाल रही है।
पुरानी पेंशन योजना बहाली के बाद से केंद्र सरकार ने हिमाचल सरकार पर ऋण लेने पर पाबंदियां लगा दी हैं। यह बात मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने कही। उन्होंने बताया कि पूर्व की भाजपा सरकार को बीते 5 साल में विभिन्न एजेंसियों से 10,000 करोड़ का ऋण मिला। अब पाबंदियां लगने से वर्तमान सरकार को 3 साल में 2,944 करोड़ रुपये का ही ऋण लेने का सीमित कर दिया है। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री से शिवधाम मंडी और कन्वेंशनल सेंटर धर्मशाला को केंद्र सरकार से मिली स्वीकृति का पत्र देने का आग्रह भी किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली के दौरे करने से कई जानकारियां मिल रही हैं। जिस स्वीकृति की बात जयराम ठाकुर करते हैं, वो कहां है। उन्होंने कहा कि यह प्रस्ताव वर्ष 2018 से कागजों में ही चल रहा है। एशियन डेवलेपमेंट बैंक से इस प्रस्ताव को कोई मंजूरी नहीं मिली है। भाजपा विधायक विपिन सिंह परमार के सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने प्रदेश को मिलने वाले ऋण की सीमा को कम कर दिया है। केंद्र सरकार के आर्थिक मामलों के विभाग ने ऋण सीमा पर पाबंदी लगाई है। विश्व बैंक, जायका, जापान के बैंक सहित अन्य एजेंसियों से मिलने वाले ऋण भी इसमें आते हैं। प्रदेश में पुरानी पेंशन बहाली के बाद से यह पाबंदियां लगी हैं। मुख्यमंत्री ने पालमपुर के मैंझा में मैरिज डेस्टिनेशन बनाए जाने का विरोध किया। उन्होंने कहा कि 100 कनाल भूमि पर करीब 40 करोड़ की राशि से मैरिज डेस्टिनेशन बनाया जाना है। यह बनने से क्षेत्र में मैदान की कमी हो जाएगी। स्थानीय लोग इसका विरोध कर रहे हैं। मैंझा की जगह इसे पालमपुर या सुलह के किसी अन्य क्षेत्र में बनाया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले को विधायक परमार के साथ बैठकर हल कर लिया जाएगा।
-केंद्र से 12,000 करोड़ की विशेष मदद मांगी -वोटिंग के वक्त विपक्ष रहा मौन हिमाचल विधानसभा में बुधवार देर शाम राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का प्रस्ताव पास हो गया। स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने थ्रू-वायस वोट इस प्रस्ताव को सदन में पास कराया। इस दौरान विपक्ष ने राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के सरकारी संकल्प का न समर्थन किया और न विरोध। सत्तापक्ष के विधायकों ने हां में हां भरी। स्पीकर ने प्रस्ताव पारित होते ही सदन की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी। अब यह प्रस्ताव केंद्र को भेजा जाएगा। इससे पहले मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने विधानसभा में राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के प्रस्ताव पर तीन दिल चली चर्चा का जवाब दिया। उन्होंने इस त्रासदी को राष्ट्रीय आपदा मानते हुए केंद्र से 12000 करोड़ रुपए का विशेष आर्थिक पैकेज देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि ऐसा तबाही का मंजर पहले कभी नहीं देखा। प्रदेश में 441 लोगों की जान गई और 39 लोग अभी भी लापता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस आपदा से 12 हजार करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ। 16658 पशुओं की मौत, 2621 घर पूरी तरह नष्ट, 12 हजार से ज्यादा घरों को आंशिक नुकसान, 318 दुकानें, 238 झोपडिय़ां, 540 घराट और 5917 गौशालाएं तबाह हुई। मुख्यमंत्री ने कहा कि पौंग, पंडोह, पार्वती-2 डैम प्रबंधन को बिना सूचना पानी छोडऩे पर नोटिस जारी किए गए, क्योंकि इससे डाउन स्ट्रीम में भारी नुकसान हुआ है। सभी बांध प्रबंधन को पानी छोडऩे से पहले अर्ली वॉर्निंग सिस्टम लगाने के निर्देश दिए गए है।
-कहा, युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है प्रदेश सरकार -एक साल में एक लाख नौकरी का वादा करके सत्ता में आए और अब तक एक नौकरी नहीं दी विधानसभा में जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार बनते ही मुख्यमंत्री ने हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग को भंग कर दिया और सारे रिजल्ट रोक दिया। जब युवा रिजल्ट जारी करने के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय आए तो मुख्यमंत्री ने उनसे एक महीने में सभी रिजल्ट जारी करने का वादा किया। एक महीने बाद जब युवा फिर पहुंचे तो मुख्यमंत्री ने तीन महीनें का समय मांगा। आज दस महीनें होने को हैं लेकिन सरकार ने लंबित भर्तियों के परीक्षा परिणाम नहीं निकाले। अब वही युवा जब मुख्यमंत्री से मिलने जाते हैं तो मुख्यमंत्री मिलते नहीं हैं। दो-दो दिन मुख्यमंत्री कार्यालय के सामने बरसात में पड़े रहने के बाद भी उनकी सुनवाई नहीं हुई। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जिन युवाओं ने एग्जाम पास करके टाइपिंग टेस्ट भी पास कर लिया है। जिनका डॉक्युमेंट्स वेरिफि़केशन भी हो गये है सरकार उनके भी रिजल्ट नहीं निकल पा रही है। आज रिज़ल्ट के इंतज़ार में युवा सड़कों पर भटक रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ उनके साथ धोखा किया है। प्रदेश के लोगों से झूठ बोला है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि प्रदेश की एक मात्र महिला विधायक के द्वारा पंचायत भवन के उद्घाटन कर दिया गया तो पंचायत की प्रधान को नोटिस दे दिया गया। उन्होंने कहा कि यह सरकार की कार्यप्रणाली हैं। यह शर्मनाक है। सरकार पंचायत प्रधान को दिये गये नोटिस को वापस ले। इस तरह की तानाशाही ग़लत है। हम इसे नहीं चलने देंगे। उन्होंने कहा कि सदन के अंदर विधायक बता रहे है कि किस तरह से आपदा के समय राहत देने में सरकार ने भेदभाव किया और अभी भी बहुत से लोग सरकारी राहत से अछूते रह गये। इसलिए मैं मुख्यमंत्री महोदय से निवेदन करता हूं कि आपदा प्रभावितों के बारे में सोचे और विधायकों की बातों को गंभीरता से लें। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि अब बहुत समय हो गया। अब मुख्यमंत्री स्पष्ट बताएं कि वह लंबित परीक्षा के परिणामों को कब जारी कर रहे हैं। अब हर बार नई डेडलाइन वाला खेल नहीं चलेगा। इसके साथ ही मुख्यमंत्री यह भी बताएं कि जो पांच लाख नौकरियों का वादा उन्होंने प्रदेश के लोगों से किया था। वह नौकरियां कब प्रदेश के लोगों को मिल रही है। आज लोग उन वादों को पूरा करने का इंतज़ार कर रहे है। नेता प्रतिपक्ष ने सरकार द्वारा हिमाचल प्रदेश राज्य कर्मचारी चयन आयोग को भंग करने पर भी मुख्यमंत्री को घेरा। उन्होंने कहा कि सरकार ने एक अपरिपक्व फैसला लेते हुए एचएसएससी को भंग कर दिया। कल जो नया आयोग बनेगा यदि उसमें भी एक व्यक्ति अगर गड़बग़ निकल जाएगा तो क्या सरकार फिर से उन संस्थानों को बंद कर देगी। उन्होंने कहा कि किसी भी व्यवस्था में जो किसी प्रकार की गड़बड़ी करते हैं, किसी प्रकार का अपराध करते हैं तो उसके लिए क़ानून हैं। क़ानून के तहत उसे सख्त से सख्त सज़ा दी जाए लेकिन इस तरह से आयोग ही भंग कर देना पूर्णत: बचकाना हरकत है। उन्होंने कहा कि अगर एक विधायक गड़बड़ हो जाए तो विधानसभा भंग नहीं की जा सकती है।
-सेरी बंगलो में नाग धुमनी मेले में बतौर मुख्य अतिथि करेंगी शिरकत प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद प्रतिभा सिंह 22 सितंबर को अपने संसदीय क्षेत्र मंडी के करसोग विधानसभा क्षेत्र के सेरी बंगलो में नाग धुमनी मेले में मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत करेंगी। कांग्रेस अध्यक्ष के राजनैतिक सचिव प्रदेश कांग्रेस महासचिव अमित पाल सिंह ने बताया है कि सांसद प्रतिभा सिंह 22 सितंबर को सुबह 8 30 बजे शिमला से बगशैड के लिए रवाना होंगी। यहां वन विभाग के विश्राम गृह में लोगों की समस्याओं को सुनने के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं की एक बैठक भी लेंगी। इसके बाद प्रतिभा सिंह सेरी बंगलों में नाग धुमनी मेले में मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत करेंगी। इसके पश्चात रामपुर सराहन के लिये रवाना हो जाएंगी। इस दिन रात्रि विश्राम सराहन रहेगा। 23 सितम्बर को प्रतिभा सिंह रामपुर विधानसभा क्षेत्र के सराहन में स्थानीय कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगी। इस दिन भी रात्रि विश्राम सराहन ही रहेगा।
बाल विकास परियोजना के माध्यम से करसोग में कार्यान्वित की जा रही विभिन्न योजनाओं की समीक्षा के लिए समीक्षा बैठक का आयोजन कार्यवाहक एसडीएम एवं तहसीलदार करसोग कैलाश कौंडल की अध्यक्षता में किया गया। बैठक में मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना, पोषण अभियान और जिला प्रशासन मंडी की पहल 'देईÓ कार्यक्रम पर विस्तृत चर्चा की गई। तहसीलदार ने संबंधित विभागों को इन योजनाओं को धरातल पर लागू करने और पात्र लोगों तक इन योजनाओं का लाभ पहुंचाने के निर्देश दिए। बाल विकास परियोजना अधिकारी करसोग विपाशा भाटिया ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के तहत जिला प्रशासन मंडी द्वारा शुरू किए गए 'देईÓ कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि बेटियों के घटते लिंगानुपात और उनकी शिक्षा के स्तर में सुधार लाने हेतु यह जिला प्रशासन मंडी की एक पहल है। उन्होंने कहा की 'देईÓ पहल को सफल बनाने हेतु इसमें विभिन्न विभागों की भागीदारी सुनिश्चित की गई है। मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इस योजना के सफल कार्यान्वयन हेतु उपमंडल स्तर पर एसडीएम की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया है। इस कमेटी में विभिन्न विभागों की भागीदारी सुनिश्चित की गई है। उन्होंने कहा की कमेटी में शामिल किए गए विभिन्न विभागों के प्रतिनिधियों के माध्यम से सर्वेक्षण में चिन्हित अनाथ बच्चों व पात्र लाभार्थियों के दस्तावेज तैयार करने का कार्य भी किया जाएगा, ताकि उनको इस योजना का लाभ मिल सके। उन्होंने पोषण अभियान के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इस वर्ष सितंबर माह को छठे राष्ट्रीय पोषण माह के रूप में मनाया जा रहा है। इस दौरान मोटे अनाज और पारंपरिक व्यंजनों को अपनाने हेतु भी चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि इस अभियान में विभिन्न विभागों की भागीदारी सुनिश्चित करने हेतू ब्लॉक स्तर पर एसडीएम की अध्यक्षता में कमेटी का गठन भी किया गया है। इस कमेटी का कार्य पोषण अभियान को जन आंदोलन बनाने व अभियान के संचालन हेतु सहयोग प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि पोषण अभियान को सफल बनाने हेतु आंगनबाड़ी, वत्त व खंड स्तर पर विभिन्न गतिविधियां का आयोजन किया जा रहा है। बैठक के दौरान आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण, उनकी मरम्मत करवाने व आंगनवाड़ी केन्द्रों में स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करवाने जैसे मुद्दों पर विस्तार पूर्वक चर्चा की गई। तहसीलदार द्वारा, जिन आंगनवाड़ी केन्द्रों में अभी तक पेयजल कनेक्शन उपलब्ध नहीं है उन केंद्रों में शीघ्र अति शीघ्र पेयजल सुविधा उपलध करवाने हेतु संबंधित विभाग को निर्देश दिए भी दिए गए। इस अवसर बाल विकास परियोजना अधिकारी करसोग विपाशा भाटिया, तहसील कल्याण अधिकारी भोपाल शर्मा, प्रधानाचार्य सेकेंडरी स्कूल किशोरी लाल सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी एवम कर्मचारियों सहित विभिन्न आगनवाड़ी केंद्रों की आंगनवाड़ी सुपरवाइजर भी उचित थी।
-मां चामुंडा भगवती मूल मंदिर में हुआ जाग का आयोजन -देवीय खेल को देखकर श्रद्धालु रह गए हैरान मां चामुंडा भगवती मूल मंदिर मसेरन में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी जाग (होम) का बड़ी धूमधाम से आयोजन किया गया। प्राचीन प्रथा के अनुसार माता के गूर व पुजारी देर रात तक दहकते अंगारों पर चले। इस देवीय खेल को देखकर श्रद्धालु हैरान रह गए। गूर व पुजारियों के माध्यम से भादो माह में देवताओं व आसुरी शक्तियों के बीच हुए युद्ध का वृतांत भी सुनाया गया। देर रात चले इस जाग में कीर्तन व विशाल भंडारे का आयोजन भी किया गया। इस मौके पर सैकड़ों लोगों ने देवी की पूजा-अर्चना कर आशीर्वाद प्राप्त किया। बताते चलें कि द्रंग क्षेत्र की आराध्य देवी मां चामुंडा भगवती का जिला मंडी में विशेष स्थान है और लोग पूरे जिले से अपनी मन्नतों को लेकर मंदिर में हाजिरी भरते हैं।
मंडी-पंडोह फोरलेन पर 8 मील के पास एक स्कूल बस और स्कॉर्पियो की टक्कर से 25 बच्चे घायल हो गए हैं। जानकारी के अनुसार मंडी की तरफ से एक निजी स्कूल की बस पंडोह की तरफ जा रही थी। इसी बीच 8 मील के पास बस और स्कॉर्पियो में टक्कर हो गई। इसके बाद घायल बच्चों को 108 एंबुलेंस के माध्यम से मंडी अस्पताल पहुंचाया गया, जहां 20 बच्चों को प्राथमिक इलाज के बाद घर भेज दिया गया है। इन्हें हल्की चोटें आई हैं, जबकि 5 बच्चों को ज्यादा चोटें लगी हैं, जिन्हें चिकित्सकों ने फिलहाल मंडी अस्पताल में अपनी निगरानी में रखा है और उनका इलाज चल रहा है। उधर, पुलिस ने भी मौके पर पहुंचकर हादसे की जांच शुरू कर दी है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता के हिसाब से सरकार करुणामूलक नौकरियां देगी। मंगलवार को विधानसभा सदन में प्रश्नकाल के दौरान विधायक केएल ठाकुर के सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व सरकार ने इस मामले पर कुछ काम नहीं किया। प्रदेश सरकार ने इस मामले पर विचार करने के लिए कमेटी बनाई है। कमेटी के साथ दो बार चर्चा हो चुकी है। जल्द कार्य योजना सामने लाई जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व सरकार ने करुणामूलक आधार की नौकरियों के सरकारी विभागों में 1,766 और निगमों-बोर्डों में 734 आवेदन रिजेक्ट किए। सिर्फ 25 फीसदी को ही नौकरियां दीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते तीन साल में करुणामूलक नौकरियों के लिए सरकारी विभागों में 4,099 और निगम-बोर्डों में 2,971 आवेदन आए। इस मामले पर गंभीरता से सोचना होगा। उधर, मुख्यमंत्री के जवाब पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि करुणामूलक आधार पर सबसे अधिक नौकरियां पूर्व सरकार ने दी हैं। भाजपा सरकार ने नौकरियां देने के लिए नियम बदले। पहले 50 वर्ष की आयु के बाद कर्मचारी की मृत्यु होने पर उनके परिजनों को नौकरी नहीं मिलती थी। हमारी सरकार ने प्रावधान किया कि अगर सेवानिवृत्ति से एक दिन पहले भी मृत्यु होती है तो करुणामूलक नौकरी दी जाएगी। जयराम ने कहा कि आयु की शर्त में भी भाजपा सरकार ने छूट दी। विधायक केएल ठाकुर ने पूछा था कि करुणामूलक आधार की नौकरियां कब तक दी जाएंगी।
-दामों में बढ़ोतरी होने से आम वर्ग पर पड़ेगा अतिरिक्त बोझ हिमाचल प्रदेश में तीनों बड़ी कंपनियों ने सीमेंट के दाम 10 रुपये प्रति बैग बढ़ा दिए हैं। सीमेंट के दामों में बढ़ोतरी होने से आम वर्ग पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। प्रदेश में अल्ट्राटेक, अंबुजा और एसीसी सीमेंट कंपनी ने दामों में बढ़ोतरी की है। वहीं सूत्रों के अनुसार आगामी कुछ दिनों में सीमेंट के दामों में पांच रुपये और बढ़ोतरी होने की संभावना है। एसीसी सीमेंट का दाम 430 रुपये से बढ़कर 440 रुपये हो गया है। जबकि एसीसी गोल्ड के दाम 470 से 480 रुपये हो गए हैं। अल्ट्राटेक सीमेंट के दामों में भी 10 रुपये बढ़ोतरी हुई है। अल्ट्राटेक सीमेंट के दाम 430 रुपये प्रति बैग से बढ़कर 440 रुपये प्रति बैग हो गए हैं। अंबुजा सीमेंट के दाम 430 रुपये प्रति बैग से बढ़ाकर 440 रुपये प्रति बैग किए गए हैं। प्रदेश में सभी सीमेंट कंपनियों की ओर से एक साथ दामों में बढ़ोतरी की है। बढ़े दाम बीती रात 12 बजे से लागू कर दिए गए हैं। सीमेंट के दामों में बढ़ोतरी होने से निर्माणाधीन मकानों के मालिकों का बजट बिगड़ गया है। एसीसी सीमेंट के विक्रेता किशन लाल एंड सन्स के मालिक पवन बरूर और सत्या प्रकाश एंड कंपनी के संचालक मनोज कुमार ने बताया कि सीमेंट के दामों में 10 रुपये प्रति बैग की बढ़ोतरी हुई है।
उपमंडल पधर के राजकीय महाविद्यालय द्रंग स्थित नारला में शनिवार को अग्नि सुरक्षा से संबंधित मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया । पिछले एक हफ्ते से महाविद्यालय के 16 रोवर्स और रेंजर्स अग्निशमन विभाग पधर द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे थे । जिसके अंतिम चरण में शनिवार को महाविद्यालय में स्वयं सेवकों की भूमिका निभाते हुए इस माॅक ड्रिल को महाविद्यालय के अन्य विद्यार्थियों के समक्ष प्रस्तुत किया । जिसमें विभिन्न सुरक्षा गतिविधियां जैसे भूकंप आने पर,गैस सिलेंडर में आग लग जाने पर या चोट लग जाने इत्यादि परिस्थितियों में क्या करें आदि के बारे में जानकारी दी गई। इस कार्यक्रम में पधर चौंकी के प्रभारी हेम सिंह व उनकी सक्रिय टीम ने कार्यकम्र की अगुवाई की व सभी विद्यार्थियों को हर प्रकार की सुरक्षा से संबंधित जानकारी दी। इस कार्यक्रम में रेंजर लीडर डॉ दीपाली अशोक, रोवर लीडर प्रोफेसर अजय कुमार सहित महाविद्यालय के सभी प्राध्यापको व 250 के लगभग विद्यार्थियों ने भाग लिया ।
जगह जगह सजी हैं अखरोट की दुकानें सायर किसानों की खुशहाली और समृद्धि से जुड़ा अनाज पूजा का त्योहार मंडी जनपद में सायर का त्योहार रविवार को जिला भर में धूमधाम और उल्लास के साथ मनाया जाएगा। इसके लिए पूरे जनपद में सायर को मनाने की तैयारियों जोरों पर हैं। बड़ी संख्या में लोग अखरोट और सायर ( धान, तिल, कोठा, गलगल आदि के पौधों) की खरीदारी कर रहे हैं। सायर पर्व हर वर्ष भाद्रपद के समाप्त होने और माह आश्विन के प्रथम प्रविष्टे को मनाया जाता है। भाद्रपद को काला महीना भी कहा जाता है। इस दौरान पहाड़ोेें पर बरसात के कारण नदी नाले उफान पर होते हैं। बरसात में सुरक्षित रहने पर ईश्वर का आभार प्रकट करने के लिए यह पर्व मनाया जाता है। सायर का यह त्योहार किसानों की खुशहाली और समृद्धि के साथ-साथ अनाज पूजा से जुड़ा हुआ भी है। प्रदेश के कई हिस्सों में सायर पर्व को अलग-अलग ढंग से मनाया जाता है। उसी प्रकार मंडी जनपद में सायर का त्योहार अनाज पूजा से शुरू होता है। मंडयाली बोली में इस मौसम को भी सैर कहा जाता है। इस मौसम में पैदा होने वाले अनाज जैसे मक्की, धान, तिल, कोठा, गलगल आदि के पौधों को इक्टठा कर सायर तैयार कर पूजाघर में रखी जाती है। इसके बाद स्नानादि करके सायर की पूजा की जाती है। सायर पूजा के लिए अखरोट का बहुत महत्व है। अखरोट के साथ द्रुब हाथ में लेकर अपनी परिधि में घूमते हैं और फिर सायर के आगे मत्था टेकते हैं। सायर के दिन मंडी जनपद में बड़े-बुजूर्गों को द्रुब देने की परंपरा है। यह परंपरा बड़े बुजूर्गों का सम्मान कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करने की भी है। इस अवसर पर सायर पूजन के बाद पांच या सात अखरोट दोनों हाथों में लेकर द्रुब खास की चार पांच डालियों के साथ बड़े बुजूर्गों के हाथ में पकड़ा कर उनके चरण स्पर्श कर उनका आशीर्वाद लिया जाता है। बड़े बुजूर्ग भी बड़े अदब के साथ अखरोट और द्रुब ग्रहण करते हैं और सचे मन से द्रुब की डालियां अपने कानों या टोपी से लगाकर आशीर्वाद देते हैं। भले ही आपस में कितने भी मतभेद रहे हों, लेकिन सायर के दिन बड़े -बुजूर्गों को द्रुब देकर उनका आशीर्वाद लेकर सारे गिले शिकवे दूर किये जाते हैं।
पिता पर संगीन आरोप, गुस्साए लोगों ने किया चक्का जाम ** नौनिहाल पक्ष ने किया हंगामा **आंगन में शव जलाने का किया प्रयास चौंतड़ा ब्लॉक की ग्राम पंचायत पस्सल के एक परिवार की 9 साल की बेटी की मौत को लेकर उसके ननिहाल पक्ष व ग्रामीणों द्वारा मृतक के पिता पर उसकी हत्या का आरोप लगाया गया है। ग्रामीणों का कहना है कि पहले बच्ची की माँ चल बसी और अब उपचार के दौरान चंडीगढ़ में नौ साल की बेटी की मौत हो गई है। घटना से गुस्साए मायका पक्ष और ग्रामीणों ने मृतक के शव को उंसके घर के आंगन में जलाने का प्रयास किया। हुआ यूं कि शनिवार को पुलिस के पहरे में जब अंतिम संस्कार की तैयारी चल रही थी, तभी मायका पक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। आरोपी पर कार्रवाई की मांग करते हुए पहले मासूम का शव आंगन में जलाने का प्रयास किया गया। उसके बाद गुस्साए परिजनों ने चौतड़ा में मंडी -पठानकोट हाईवे जाम कर दिया। फिर पुलिस द्वारा आरोपी को गिरफ्तार करने व परिवार को न्याय दिलाने के आश्वासन के बाद बच्ची का स्थानीय श्मशानघाट में अंतिम संस्कार किया गया। अभी पुलिस ने इस बारे कोई ब्यान नही दिया है परंतु पुलिस द्वारा घटना की छानबीन शुरू कर दी गई है। अभी पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है।
-कहा, सुक्खू सरकार में हर वर्ग के साथ हो रहा अत्याचार -आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों में नहीं रहा कानून का कोई खौफ नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने हमीरपुर में महिला के साथ हुई अमानवीयता पर गहरा दुख जताया है। उन्होंने कहा कि यह घटना मानवीयता को शर्मसार करने वाली है। प्रदेश में इस तरह की घटनाओं का कोई स्थान नहीं है। उन्होंने कहा कि इस तरह की मानसिकता पर रोक लगनी चाहिए। इस तरह का कृत्य करने वाले को किसी भी हाल में छोड़ा नहीं जाना चाहिए। सभी को सख़्त से सख़्त सजा दी जानी चाहिए। जयराम ठाकुर ने कहा कि यह जघन्य कृत्य है, देवभूमि की संस्कृति और पहचान ऐसी कभी नहीं रही। इस तरह की घटनाओं पर रोक लगनी चाहिए। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हिमाचल देवभूमि है। यह शान्तिप्रिय प्रदेश हैं। हमीरपुर में हुई इस घटना ने देवभूमि की छवि को तार-तार कर दिया है। मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र से लगता हुआ यह क्षेत्र हैं, जहां पर यह घटना हुई है। पिछले नौ महीनों में एक से बढ़कर एक घटनाएं हिमाचल में हुई हैं जो पहले कभी नहीं हुई। इस पर सरकार को सख़्ती दिखानी चाहिए और आरोपियों पर सख्त से सख़्त कार्रवाई करनी चाहिए। नेता प्रतिपक्ष ने बताया कि मीडिया के ज़रिए यह पता चला है कि हमीरपुर ज़िला के भोरंज मण्डल में एक महिला के साथ उसके ससुराल वालों ने अमानवीय कृत्य किया। ससुरालीजनों ने उसके बाल काट दिये और मुंह पर कालिख भी पोत दी। इसके साथ ही उसके साथ मारपीट की गई। इस घटना को एक हफ़्ते से भी ज़्यादा समय हो गया लेकिन पुलिस ने को इस घटना का पता ही नहीं चला। जब पूरे प्रकरण का वीडियो सामने आया तो पुलिस हरकत में आई। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि यह कोई पहला मामला नहीं है जब हिमाचल की पुलिस कार्रवाई करने से बचती रही। इसके पहले भी रोहड़ू में एक मासूम के साथ भी बर्बरता हुई थी। शिकायत मिलने के बाद भी पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। जब वीडियो सामने आया तब जाकर कार्रवाई की। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि प्रदेश में क़ानून-व्यवस्था का बुरा हाल है। प्रदेश में आए दिन बड़ी-बड़ी आपराधिक घटनाएं हो रही हैं, जो प्रदेश में पहले कभी नहीं होती थी। प्रदेश में हर वर्ग के साथ अपराध बढ़ा है, चाहे वह महिलाएं हो या बच्चे अथवा बुजुर्ग। सभी के साथ अपराध की घटनाओं में वृद्धि हुई है। प्रदेश में क़ानून-व्यवस्था को मज़बूत करने की आवश्यकता है। पुलिस बढ़-चढ़ कर अपराधियों के खिलाफ़ कार्रवाई करे, जिससे उनके हौसले पस्त रहें।