मुख्यमंत्री ने किया एचपीएसईबीएल के एकीकृत बिजली उपभोक्ता पोर्टल का शुभारंभ मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां अभियंता दिवस के अवसर पर शिमला में हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड लिमिटेड (एचपीएसईबीएल) के एकीकृत बिजली उपभोक्ता पोर्टल का शुभारंभ किया। इस पोर्टल के माध्यम से उपभोक्ताओं को अब अपने बिजली बिलों का भुगतान करने के लिए लंबी कतारों में खड़ा नहीं होना पड़ेगा, बल्कि वे घर बैठे ही आसानी से बिलों का भुगतान कर सकेंगे। इसके अलावा लोग अब नए बिजली कनेक्शन के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं और इस पोर्टल के माध्यम से अपने आवेदन की प्रगति की भी निगरानी कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त पोर्टल पर एचपीएसईबीएल द्वारा दी जाने वाली नाम परिवर्तन और लोड समायोजन आदि विभिन्न सेवाएं भी उपलब्ध होंगी। इस डिजिटल पहल का उद्देश्य बिजली बोर्ड में कागज रहित कार्य संस्कृति की शुरुआत करना है, जिससे प्रशासनिक प्रक्रियाएं सुव्यवस्थित होंगी और सेवाओं में तेजी आएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पोर्टल ऊर्जा क्षेत्र में उपभोक्ता सुविधा बढ़ाने और डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है जिससे उपभोक्ताओं को अधिक कुशल और सुलभ सेवाएं प्राप्त होंगी। इसके अलावा पोर्टल पर ऊर्जा उत्पादन डेटा उपलब्ध होगा और यह उपभोक्ताओं को कार्यालय में आए बिना आईपीपी द्वारा ऑनलाइन चालान जमा करने की सुविधा प्रदान करेगा। उन्होंने राज्य के बुनियादी ढांचे के विकास में अभियंताओं के अमूल्य योगदान की सराहना करते हुए कहा कि हाल ही में भारी वर्षा के कारण आई आपदा ने राज्य के बुनियादी ढांचे को बुरी तरह से प्रभावित किया है। उन्होंने कहा कि इसके वाबजूद प्रदेश के विभिन्न विभागों के इंजीनियरों के समर्पित प्रयासों से सरकार ने 48 घंटे की अल्पावधि में आवश्यक सेवाओं को अस्थायी रूप से बहाल की। इस आपदा के कारण प्रदेश में सड़क, बिजली और जल आपूर्ति योजनाएं प्रभावित हुई हैं और अभी तक हुए कुल नुकसान का आकलन 12 हजार करोड़ रुपये से अधिक है। डिजिटलीकरण के प्रति राज्य की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न सरकारी विभाग आधुनिक प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर लोगों को सरकारी सेवाओं का लाभ उनके घर-द्वार पर प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार 31 मार्च, 2026 तक हिमाचल प्रदेश को हरित ऊर्जा राज्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध है और इस लक्ष्य को प्राप्त करने में अभियंताओं की महत्त्वपूर्ण भूमिका रहेगी। उन्होंने प्रदेशवासियों से जलवायु परिवर्तन को एक सामूहिक जिम्मेदारी मान कर इससे निपटने में पूर्ण सहयोग देने का भी आह्वान किया। इस अवसर पर उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान, शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान, एचपीएसईबीएल के प्रबंध निदेशक हरिकेश मीणा, एचपीएसईबीएल के निदेशक डॉ. अमित कुमार शर्मा, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के निदेशक राजीव कुमार सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।
-साधारण किराये पर हिमधारा एसी 2&3 बसों का संचालन करेगा एचआरटीसी -श्रद्धालु एचआरटीसी की वेबसाइट पर ऑनलाइन बुकिंग भी कर सकेंगे हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) नवरात्र पर श्रद्धालुओं को धार्मिक सर्किट बस सेवा की सौगात देगा। पहली बार एचआरटीसी की एक ही बस से श्रद्धालु कई धार्मिक स्थलों के दर्शन कर पाएंगे। यात्रा एक दिन की रहेगी सुबह शुरू होकर शाम को खत्म हो जाएगी। यात्रियों से बसों का सामान्य किराया वसूला जाएगा। खास बात यह रहेगी कि श्रद्धालुओं को सरकार की सुगम दर्शन योजना की भी सुविधा मिलेगी। धार्मिक सर्किट में एचआरटीसी हिमधारा एसी 2&3 बसों का संचालन करेगा। धार्मिक सर्किट बस सेवा के लिए श्रद्धालु एचआरटीसी की वेबसाइट पर ऑनलाइन बुकिंग भी कर सकेंगे। अगर श्रद्धालु पूरी बस की बुकिंग करते हैं तो 10 फीसदी छूट भी दी जाएगी। रास्ते में खाने के लिए बसें एचआरटीसी के चिन्हित ढाबों या पर्यटन विकास निगम के रेस्टोरेंट्स पर रुकेगी। ट्रायल के तौर पर सबसे पहले धर्मशाला, कांगड़ा, ज्वालाजी, चिंतपूर्णी, बगलामुखी, धर्मशाला सर्किट पर बस सेवा शुरू होगी। उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री के निर्देशों पर एचआरटीसी ने यह सेवा शुरू करने की योजना बनाई है।
- एसएमसी शिक्षकों के वेतन में 2 हजार रुपये की बढ़ोतरी -अंशकालिक जलवाहकों का मानदेय भी 2000 रुपये बढ़ा -मुख्यमंत्री लघु दुकान कल्याण योजना- 2023 को मंजूरी मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आज यहां हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में राज्य सरकार, सार्वजनिक उपक्रमों, बोर्डों, निगमों के तहत विभिन्न समूह-सी पदों की भर्ती के लिए परीक्षा आयोजित करने के लिए हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग की स्थापना करने का निर्णय लिया गया। मंत्रिमंडल ने विभाग को मजबूत करने के लिए पुलिस विभाग में कांस्टेबल के 1226 पद भरने का निर्णय लिया, जिसमें 877 पुरुष कांस्टेबल, 292 महिला कांस्टेबल और 57 कांस्टेबल ड्राइवर शामिल हैं। कैबिनेट ने एसएमसी शिक्षकों का मानदेय 2000 रुपये बढ़ाने का निर्णय लिया गया। 1 अप्रैल, 2023 से 2000 प्रति माह जिससे 2115 व्यक्तियों को लाभ होगा। इसके अलावा, शिक्षा विभाग में कार्यरत अंशकालिक जलवाहकों का मानदेय 2000 रुपये बढ़ाने का भी निर्णय लिया गया। 3900 से रुपये 1 अप्रैल, 2023 से 4400 प्रति माह, जिससे 283 व्यक्ति लाभान्वित होंगे। मंत्रिमंडल ने अवैध खनन गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए उद्योग विभाग में खनन निरीक्षक के 12 पद, सहायक खनन निरीक्षक के 24 पद और खनन गार्ड के 38 पद भरने का भी निर्णय लिया। बागवानी विभाग में बागवानी विस्तार अधिकारियों के 50 पद भरने का निर्णय लिया गया। मंत्रिमंडल ने आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग में सांख्यिकी सहायक के 10 पद भरने को भी मंजूरी दी। कैबिनेट ने मुख्यमंत्री लघु दुकान कल्याण योजना- 2023 को मंजूरी दी और रुपये आवंटित करने का फैसला किया। योजना के तहत 40 करोड़ रु. यह योजना छोटे उद्यमियों और कौशल आधारित श्रमिकों जैसे मोची, दर्जी, नाई, मोबाइल रिपेयरिंग विक्रेता, सब्जी और फल विक्रेता आदि को अपने व्यवसाय के लिए ऋण प्राप्त करने के बेहतर अवसर प्रदान करेगी। राजस्व न्यायालय के मामलों के विलंबित निर्णयों के मुद्दे को संबोधित करने और विभाजन, सुधार, उत्परिवर्तन, अपील जैसे विभिन्न राजस्व कार्यों को सुव्यवस्थित करने के लिए हिमाचल प्रदेश विधानसभा के आगामी मानसून सत्र में हिमाचल प्रदेश भूमि राजस्व (संशोधन) विधेयक, 2023 लाने का निर्णय लिया गया। और जनता की सुविधा के लिए सीमांकन आदि। लंबित मूल्यांकन मामलों और बकाया जो मुकदमेबाजी के अधीन थे या अभी तक जीएसटी के तहत मूल्यांकन नहीं किया गया था, को निपटाने के लिए 1 अक्टूबर 2023 से 31 दिसंबर, 2023 तक हिमाचल प्रदेश सद्भावना विरासत मामले समाधान योजना, 2023 के तीसरे चरण को शुरू करने का भी निर्णय लिया गया। मंत्रिमंडल ने राजस्व के अनुकूलन के लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 से एचपीएसईबीएल, एचपीपीसीएल और ऊर्जा निदेशालय के संबंध में व्यापारिक रणनीतियों और बिजली के लेनदेन के समन्वय के लिए एकल ऊर्जा ट्रेडिंग डेस्क स्थापित करने का निर्णय लिया। इसने जलवायु, स्थलाकृतिक और अन्य संबंधित कारणों से मंदी की अवधि के दौरान ऊर्जा की कमी का प्रबंधन करने के लिए स्वर्ण जयंती ऊर्जा नीति, 2021 में संशोधन करने को भी मंजूरी दे दी। नए प्रावधान छत आधारित सौर परियोजनाओं की स्थापना को प्रोत्साहित करेंगे और बिजली उत्पादन में योगदान देंगे।
झूठ बोलकर सत्ता में आने वाले लोग सेब की इंपोर्ट ड्यूटी को लेकर बोल रहे हैं झूठ नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रियंका गांधी का हिमाचल की राजधानी शिमला में घर भी हैं। उन्हें आपदा में पहले आ जाना चाहिए था। हिमाचल के लोग उनका बहुत बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। उनके द्वारा दी गई चुनावी गारंटियां सरकार बनने के बाद कांग्रेस भूल गई। पहली कैबिनेट में ही एक लाख सरकारी नौकरी देने का हिमाचल के युवा इंतज़ार कर रहे हैं। सरकार को बने नौ महीन हो गए न महिलाओं को सम्मान निधि मिली और न ही युवाओं को रोजगार। जो पिछली सरकार में दिये गए थे उसे भी छीन लिया गया है। प्रियंका गांधी हिमाचल में आई लेकिन आपदा प्रभावितों के लिए राज्य सरकार से क्या राहत दिलवाई, इसके बारे में भी उन्हें बताना चाहिए। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सेब पर इंपोर्ट ड्यूटी घटाने से हिमाचल के बागवानों को कोई नुकसान नहीं है। यह सरकार कोरा झूठ बोल रही है। कांग्रेस सरकार झूठ के सहारे सत्ता में आई है और अभी भी लगातार झूठ बोलने का ही काम कर रही है। उन्होंने कहा कि कोई भी सेब 75 रुपये कम के मूल्य से भारत में आ ही नहीं सकता है। इसके बाद ट्रांसपोर्ट समेत अन्य खर्चे अलग हैं। इसलिए कांग्रेस के लोग बाग़वानों को बरगलाना बंद करे और यह बताए कि उनके 'किसान ही तय करेंगे सेब के दामÓ वाला दावा कहां गया। जो कांग्रेस सड़कें न खुलने की वजह से सेब फेंकने वाले बाग़वान पर एक लाख का जुर्माना लगा रही है। उनके मुंह से बाग़वान की बात अच्छी नहीं लगती है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि अमेरिकन सेब पर 20 प्रतिशत इंपोर्ट ड्यूटी मोदी सरकार ने अमेरिकी सरकार द्वारा एल्युमिनियम और स्टील से जुड़े उत्पादों पर इंपोर्ट ड्यूटी लगाने के विरोध में जवाबी कार्रवाई में लगाई थी। जब वह ड्यूटी अमेरिकन सरकार ने हटा ली तो उसे भारत सरकार ने भी हटा लिया।उन्होंने कहा कि कांग्रेस किसानों को बरगलाना बंद करे और बाग़वानों के लिए दी गई गारंटियों को पूरा करने का काम करे। जयरम ने कहा कि प्रियंका गांधी का हिमाचल में घर है। पूरा प्रदेश आपदा की चपेट में था। प्रियंका गांधी को हिमाचल पहले आना चाहिए था। उन्होंने कहा कि प्रियंका गांधी को ख़ुद से चीजें पता करने के बाद बोलना चाहिये न कि हिमाचल के नेताओं के कहने पर। जयराम ठाकुर ने कहा कि केंद्र सरकार ने प्रदेश का भरपूर सहयोग किया है। मुख्यमंत्री केंद्र के सहयोग को पीड़ितो तक पहुंचाने का कष्ट करे। यह सभी बातें नेता प्रतिपक्ष ने शिमला में मीडिया से बात करते हुए कहीं।
प्रियंका गांधी ने कहा कि केंद्र सरकार ने अमेरिका से आयात होने वाले सेब पर आयात शुल्क 35 से घटाकर 15 प्रतिशत करने का निर्णय लिया है। यह प्रदेश के बागवानों के साथ अन्याय है। अब अमेरिका का सेब सस्ता मिलेगा और हिमाचल का सेब महंगा हो जाएगा। इससे यहां के सेब की खरीद भी कम हो जाएगी। प्रियंका ने केंद्र सरकार से इस शुल्क को दोबारा बढ़ाने की मांग उठाई है। वह मंगलवार को मंडी जिला के द्रंग विधानसभा क्षेत्र के तहत आने वाले आपदा प्रभावित देवरी गांव का दौरा करने बाद पत्रकारों से प्रश्नों का जवाब दे रही थीं। प्रियंका ने कहा कि हिमाचल में उनका घर है और वह यहां अपनों का दुख बांटने आईं हैं। प्रदेश सरकार प्रभावितों की हरसंभव मदद कर रही है। सड़कों, हाईवे और फोरलेन का नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई करना केंद्र सरकार का दायित्व है। केंद्र सरकार भी प्रदेश को आर्थिक मदद मुहैया करवाए और इस आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करे। इससे काफी राहत मिलेगी। कई चीजें जिन्हें केंद्र सरकार कर सकती है और आपदा की घड़ी में केंद्र सरकार को आगे आना चाहिए। इसके लिए अपील भी की गई है। प्रियंका ने कहा कि प्रधानमंत्री से आग्रह है कि आपदा के समय प्रदेश के साथ राजनीति न करें। उनके साथ मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू, पूर्व मंत्री कौल सिंह ठाकुर, पूर्व मंत्री एवं जिलाध्यक्ष प्रकाश चौधरी और अन्य मौजूद रहे। वाशिंगटन सेब पर आयात शुल्क कम करना बागवानों के साथ अन्याय उधर, कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने नई दिल्ली में प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि हिमाचल प्रदेश में 10 हजार करोड़ रुपये का अनुमानित नुकसान हुआ है, जहां जीडीपी का लगभग 14 प्रतिशत सेब बागानों से आता है। आज वहां के लोगों को मदद की जरूरत है, लेकिन पीएम मोदी वाशिंगटन सेब पर आयात शुल्क कम करके पांच लाख से अधिक बागवानों के साथ अन्याय कर रहे हैं। जब पीएम मोदी प्रधानमंत्री नहीं थे तो कहते थे कि हिमाचल उनका दूसरा घर है और वाशिंगटन सेब पर 100 प्रतिशत आयात शुल्क लगाया जाएगा। लेकिन जब वे पीएम बने तो रिपोर्टों के मुताबिक जी20 के दौरान केंद्र सरकार ने फैसला लिया कि वाशिंगटन के सेब पर केवल 15 प्रतिशत आयात शुल्क लगाया जाएगा, जो कभी 70 प्रतिशत था।
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने जेओए आईटी पेपर लीक मामले में नामित आरोपी नितिन आजाद की जमानत रद्द कर दी है। न्यायाधीश सुशील कुकरेजा ने अपने निर्णय में कहा कि नितिन गंभीर आरोपों का सामना कर रहा है। इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि जमानत मिलने के बाद याचिकाकर्ता कानूनी परिणामों से बचने के लिए फरार हो सकता है। अदालत ने पाया कि जांच एजेंसी ने अभी तक मामले की जांच पूरी नहीं की है। एजेंसी का शक है कि वह किसी अन्य समानांतर मामले में संलिप्त हो सकता है। आरोपी नितिन के खिलाफ पुलिस थाना सतर्कता हमीरपुर में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7ए, 8, 12 और 13(1)(ए) और भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 201 और 120बी के तहत मामला दर्ज है। अभिलाष कुमार की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पुलिस को शिकायत की गई कि संजीव कुमार उर्फ संजय ने उसे जेओए (आईटी), पोस्ट कोड संख्या 965 की परीक्षा के पेपर चार लाख रुपये में बेचने की बात कही थी। उसके बाद शिकायतकर्ता ने संजीव कुमार उर्फ संजय की बातचीत रिकॉर्ड करनी शुरू कर दी। उसके बाद प्रश्नपत्र के लिए कीमत पर ढाई लाख रुपये में सौदेबाजी की गई। प्रश्नपत्र के लिए संजीव कुमार ने शिकायतकर्ता का परिचय निखिल नाम के व्यक्ति से करवाया। इसके बाद संजीव कुमार और निखिल ने प्रश्नपत्र और उत्तर कुंजी उपलब्ध कराने की पेशकश की। मामले की आगामी जांच में नितिन आरोपी पाया गया और उसके खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया। इससे पहले अप्रैल में भी आरोपी ने हाईकोर्ट के समक्ष जमानत याचिका दायर की थी, जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था। प्लास्टिक अपशिष्ट के कार्यान्वयन की जानकारी दें सरकार हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने नियमानुसार प्लास्टिक अपशिष्ट का निष्पादन न करने पर कड़ा संज्ञान लिया है। अदालत ने राज्य सरकार से शपथपत्र के माध्यम से प्लास्टिक अपशिष्ट के कार्यान्वयन के संबंध में जानकारी तलब की है। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश रंजन शर्मा की खंडपीठ ने राज्य सरकार से पूछा है कि प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन (संशोधित) नियम, 2022 में इसके निष्पादन के लिए क्या कदम उठाए गए हैं। मामले की सुनवाई 20 सितंबर को निर्धारित की गई है। अदालत ने राज्य सरकार को आदेश दिए हैं कि प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन (संशोधित) नियम, 2022 के तहत सक्षम प्राधिकारी के साथ पंजीकृत उत्पादकों, आयातकों और ब्रांड-मालिकों की संख्या अदालत के समक्ष स्पष्ट रूप से बताई जाए। इसके अलावा प्लास्टिक अपशिष्ट के निष्पादन के लिए चिन्हित स्थानों की जानकारी भी तलब की गई है। अदालत ने हिमाचल प्रदेश ठोस कचरा (नियंत्रण) अधिनियम, 1995 में उन व्यक्तियों या प्राधिकरणों की संख्या भी तलब की है, जिनके विरुद्ध अधिनियम के अंतर्गत जुर्माना लगाया हो। इसके अतिरिक्त अदालत ने प्रदेश के सभी ठोस कचरा संयंत्रों का निरीक्षण की रिपोर्ट दायर करने के लिए एक हफ्ते का समय दिया है। मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने पाया कि अदालती आदेशों के बावजूद भी कचरे का निस्तारण नियमों के अनुसार नहीं किया जा रहा है। बता दें कि अदालत के समक्ष हिमाचल के अलग-अलग हिस्सों से अपशिष्ट प्रबंधन, ठोस अपशिष्ट स्थापित करने के लिए स्थल विवाद और अनुपचारित सीवरेज और ठोस अपशिष्ट की रिहाई से जुड़ी याचिकाएं दर्ज की गई है। हिमाचल प्रदेश में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और इसके कार्यान्वयन पर अदालत को बताया गया कि हिमाचल प्रदेश 59 शहरी समूह के साथ भारत का सबसे अच्छा शहरीकृत राज्य है। लेकिन, कचरे की कम मात्रा भी गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकती है। हिमाचल में 29 नगर परिषद और 5 नगर निगम है। कहीं भी कचरे का नियमानुसार निष्पादन नहीं किया जा रहा है।
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि आपदा की वजह से प्रदेश में हज़ारों लोगों का घर टूट गया। फसलें बर्बाद हो गई हैं, खेत बह गए हैं। लोग आपदा राहत शिविरों में रह रहे हैं। आपदा राहत शिविरों की हालत किसी से छुपी नहीं है। वहीं, सरकार उनकी मदद करने की बजाय हर रोज नई घोषणाएं कर रही है। उन्होंने कहा कि अब बहुत हो चुका, लोगों को सच में राहत चाहिए। सरकारी वादे नहीं। इसलिए सरकार से आग्रह है कि प्रभावितों को राहत पहुंचाने की दिशा में प्रभावी कदम उठाए। लोग पूछ रहे हैं कि राहत कब मिलेगी। लोग कह रहे हैं कि वह अपने गांवों में टेंट में रह लेंगे लेकिन राहत शिविरों में नहीं। राहत शिविरों की हालत किसी से छिपी नहीं हैं। इसलिए सरकार उन्हें जमीनें और बाक़ी सुविधाएं उपलब्ध करवाए। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि अभी भी सड़कें बंद पड़ी हैं। बागवान परेशान हैं। सेब और सब्जियां बाजार तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। सभी आपदा प्रभावित क्षेत्रों में बिजली और पानी की आपूर्ति बहाल नहीं हो पाई है। इसलिए सरकार से अनुरोध है कि इधर-उधर की बात करने के बजाय गंभीरता से काम करे। आपदा की आंड़ में सरकार अब अपनी नाकामियां नहीं छिपा सकती हैं। लोग सरकार के वादों के पूरा होने का इंतज़ार कर रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कांग्रेस का हर नेता कह रहा है कि केंद्र द्वारा कोई मदद नहीं की गई है। जबकि हजारों करोड़ रुपये केंद्र द्वारा आपदा राहत के विभिन्न मदों में दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली के कांग्रेसी नेताओं को हिमाचल में केंद्र द्वारा दी गई मदद के बारे में ख़ुद पता करना चाहिए क्योंकि हिमाचल सरकार के लोग लगातार झूठ पर झूठ बोल रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष ने कहा सड़कों की मरम्मत से लेकर, नई सड़कों और फ़ोरलेन के निर्माण के लिए केंद्र सरकार ने हजारों करोड़ रुपये दिए हैं। आपदा राहत के लिए साढ़े सात सौ करोड़ दिये हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आपदा प्रभावितों के लिए तहत आवास दिये हैं, इसके पहले भी 5 हजार आवास दिये थे। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 2700 करोड़ रुपये दिए हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली से आने वाले नेताओं को यह सब पता करना चाहिए, जिससे उन्हें हिमाचल के लोगों को झूठ न बोलना पड़े। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इतना सब कुछ करने के बाद हिमाचल सरकार में बैठे लोग मदद का आभार जताते हुए और सहयोग की मांग करने के बजाय उल्टी सीधी बातें कर रहे हैं। यह ठीक परंपरा नहीं हैं।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद प्रतिभा सिंह ने आज अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव प्रियंका गांधी को मंडी संसदीय क्षेत्र में हुई भारी बारिश व भूस्खलन से हुई तबाही की जानकारी दी। इस क्षेत्र में एक ओर जहां सड़कों को भारी नुकसान पहुंचा है, वहीं लोगों के घर, किसानों व बागवानों की फसलें भी पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं। भूस्खलन की वजह से सैकड़ों लोग भी अकाल मौत का शिकार हुए हैं। आज प्रियंका गांधी के साथ मंडी संसदीय क्षेत्र के दौरे पर साथ गई प्रतिभा सिंह ने उन्हें आपदा से हुए नुकसान की विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि प्रदेश सरकार अपने सीमित संसाधनों से लोगों को राहत व पुनर्वास के साथ साथ पुनर्निर्माण कार्यों को जोरो-शोरों से कर रही है। सीएम सहित सरकार के सभी मंत्री प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर राहत कार्यो का स्वयं जायजा ले रहे हैं। प्रतिभा सिंह ने कहा कि उन्होंने केंद्र सरकार से प्रदेश में हुई इस आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की है पर केंद्र का कोई इस बारे सकारात्मक रवैया नहीं है जो बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार से अभी तक प्रदेश सरकार को कोई भी विशेष आर्थिक मदद नही मिली हैं। उन्होंने कहा कि वह जल्द ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिल कर विशेष आर्थिक मदद की मांग को दोहराएगी। प्रतिभा सिंह ने इस दौरान प्रियंका गांधी को संगठन से जुड़े मसलों से भी अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में संगठन बहुत मजबूत हैं। इसी मजबूती से प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनी हैं। प्रतिभा सिंह ने संगठन के कर्मठ कार्यकर्ताओं को सरकार में अहम जिम्मेदारियां देने की वकालत करते हुए कहा कि इनको जल्द जिम्मेदारियां मिलनी चाहिए, जिससे आगामी लोकसभा चुनावों में संगठन पूरी मजबूती के साथ चुनावों में उतर सकें। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं के मनोबल को बनाएं रखने के लिए सरकार में उन्हें समय पर पूरा मान-सम्मान दिया जाना चाहिए।
-परिवार सहित सड़कों पर उतरने की भी दी चेतावनी प्रदेशाध्यक्ष सुनील शर्मा बोले- 2555 एसएमसी शिक्षक स्कूलों में दे रहे सेवाएं -सैकड़ों विद्यालय सिर्फ और सिर्फ एसएमसी शिक्षकों के ही सहारे एसएमसी अध्यापक संघ के प्रदेशाध्यक्ष सुनील शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार यदि 30 सितंबर 2023 तक एसएमसी शिक्षकों के लिए पॉलिसी नहीं बनाती है तो 2 अक्तूूबर से प्रदेश में सत्याग्रह किया जाएगा। एसएमसी शिक्षकों ने प्रदेश सरकार को चेताया कि यदि उनकी मांग पूरी नहीं होती है तो वे परिवारों के साथ सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर होंगे। बता दें कि प्रदेश में 2555 एसएमसी शिक्षक मौजूदा समय में कार्यरत हैं और अपने लिए सरकार से पॉलिसी बनाने की मांग कर रहे हैं। शिमला में एसएमसी अध्यापक संघ द्वारा आज पत्रकार वार्ता को संबोधित किया गया। पत्रकार वार्ता के दौरान संघ के प्रदेशाध्यक्ष सुनील शर्मा ने बताया कि एसएमसी अध्यापक संघ द्वारा शिक्षा सचिव को एसएमसी अध्यापकों द्वारा नियमित करने के संदर्भ में अल्टीमेटम दिया गया है। संघ ने कहा कि 2555 एसएमसी अध्यापक 2012 से निरंतर प्रदेश के विद्यालयों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं और सरकार द्वारा कोई भी नीति न बनने के कारण अभी तक शोषण के शिकार हो रहे हैं, जबकि अन्य सभी अस्थाई अध्यापक पीटीए, पैट, पैरा व उर्दू पंजाबी पीरियड आधार तथा तकनीकी शिक्षा में पीरियड आधार शिक्षकों को कम अंतराल में ही नियमित किया जा चुका है। एसएमसी अध्यापक बहुत ही कम वेतन में शिक्षा विभाग में सभी कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं और प्रदेश के सैकड़ों विद्यालय सिर्फ और सिर्फ एसएमसी शिक्षकों के ही सहारे चल रहे हैं। एसएमसी अध्यापकों द्वारा शिक्षा विभाग को यह अल्टीमेटम दिया गया है कि 30 सितंबर तक एसएमसी अध्यापकों को नियमित नीति में लाया जाए, अन्यथा 2 अक्तूबर से ही एसएमसी अध्यापक मजबूरन अपने परिवार और बच्चों सहित सत्याग्रह, धरना-प्रदर्शन पैन डाउन स्ट्राइक करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। इस संदर्भ में एसएमसी अध्यापकों ने विश्वास जताते हुए कहा कि सरकार ने हमें गंभीरता से सुना और सरकार हमें नियमित करेगी। मुख्यमंत्री ने भी हमें आश्वासन दिया है कि एसएमसी अध्यापकों को सितंबर माह तक नियमित किया जाएगा। इस मौके पर अध्यक्ष सुनील शर्मा, उपाध्यक्ष निर्मल ठाकुर, महासचिव बेला राम वर्मा,सचिव वेद प्रकाश ठाकुर, और सुरेश चौहान उपस्थित रहे।
कहा- प्रदेश सरकार अदा करेगी आवास का किराया मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रदेश सरकार की विभिन्न विकास योजनाओं और कार्यक्रमों के कार्यान्वयन की समीक्षा के लिए आज यहां मंडे मीटिंग की अध्यक्षता की। उन्होंने योजनाओं व विकास कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में भारी बारिश के कारण घर क्षतिग्रस्त होने से जो लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं, उन्हें प्रदेश सरकार किराए पर आवासीय सुविधा उपलब्ध करवाएगी। मकान का किराया प्रदेश सरकार अदा करेगी। इसके दृष्टिगत दो व तीन कमरों के सेट किराए पर लेने का प्रावधान किया जाएगा। इस संबंध में सभी उपायुक्तों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिमला नगर निगम क्षेत्र में भारी बारिश के कारण क्षतिग्रस्त हुई सड़कों की मरम्मत के लिए 10 करोड़ रुपये जारी किए जाएंगे। उन्होंने शिमला में विभिन्न क्षेत्रों में क्षतिग्रस्त सड़कों व गिरे हुए डंगों के कार्य प्राथमिकता के आधार पर पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश की सभी अभियांत्रिकी महाविद्यालयों में अगले शैक्षणिक सत्र से कृत्रिम मेधा (एआई) के पाठ्यक्रम आरम्भ किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि तकनीकी शिक्षण संस्थानों में भविष्य की चुनौतियों के आधार पर एआई पाठ्यक्रम आरम्भ करना समय की मांग है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मत्स्य क्षेत्र में स्वरोजगार के लिए वैज्ञानिक दृष्टिकोण से योजनाओं का कार्यान्वयन सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने हेलीपोर्टस के निर्माण कार्य की प्रक्रिया की प्रगति की हर सप्ताह समीक्षा करने के निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कटहल की खेती की अपार सम्भावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि कृषि विभाग द्वारा किसानों को कटहल की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने वाहनों के फिटनेस प्रमाण-पत्र के लिए आवेदन व समयादेश (अपॉइंटमेंट) के लिए प्रभावी ऑन-लाईन प्रणाली विकसित करने के निर्देश भी दिए। बैठक में मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, प्रधान सचिव ओंकार चंद शर्मा, भरत खेड़ा, आरडी. नजीम, देवेश कुमार, डॉ. अमनदीप गर्ग और विभिन्न सचिव उपस्थित थे।
कहा- सांसद होते हुए भी सरदार पटेल यूनिवर्सिटी मंडी का अस्तित्व बचा नहीं पाई भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद सुरेश कश्यप ने कहा की मंडी की सांसद प्रतिभा सिंह का पत्र हमें प्राप्त नहीं हुआ है। हम उनको बताना चाहेंगे कि पत्र लिखने से कुछ नहीं होगा। वह मंडी की संसद भी हैं और कांग्रेस पार्टी की प्रदेश की प्रदेश अध्यक्षा भी हैं, उनको स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलना चाहिए। इस आपदा की घड़ी में वैसे भी केंद्र सरकार ने किसी भी प्रकार की कमी नहीं रखी है। एक ओर केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश को आपदा के लिए 1200 करोड़ से अधिक की राशि उपलब्ध कराई है। आपदा प्रभावित लोगों को 6000 से ज्यादा घर उपलब्ध करवाए गए हैं और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत 2643 करोड़ की राशि स्वीकृत की है। शायद कांग्रेस नेताओं को यह दिखता नहीं है। अब काम तो कांग्रेस सरकार को करना है केंद्र तो सहायता प्रदान कर सकती है। उन्होंने कहा कि जनता की मदद करने के लिए तत्पर है और एमपी लैड फंड से पूर्ण रूप से जनता को सहायता प्रधान कर रहे है। मैंने स्वयं अपने संसदीय क्षेत्र में 15 टन का राशन वितरण किया है। दूसरी ओर प्रशासन जनता को राहत प्रदान करने में पूरी तरह फेल है, जिन मकानों में दरारें आई हैं, उनको पटवारी द्वारा कहा जा रहा है कि पहले मकान गिरेंगे तो उनको राहत राशि प्रदान की जाएगी और जिन लोगों को तरपाल एवं प्लास्टिक शीट दी गई है, उनको यह बोला गया है कि आपदा के बाद यह वापस भी ली जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रतिभा सिंह स्वयं मंडी संसदीय क्षेत्र की सांसद है और उनकी ही कांग्रेस सरकार में सरदार पटेल यूनिवर्सिटी से 80 से ज्यादा कॉलेज छीन लिए गए हैं, अफसोस की बात तो यह है कि प्रतिभा सिंह के होते ऐसा कठोर कदम इस सरकार ने उठाया। इस कृति से साफ है कि कांग्रेस पार्टी मंडी संसदीय क्षेत्र के साथ अन्याय कर रही है और मंडी संसदीय क्षेत्र की जनता इससे परेशान है। यहां तक कि अगर आप मंडी का संसदीय क्षेत्र की जनता से बात करो तो वह खुद कहते हैं कि यहां की संसद संसदीय क्षेत्र से गायब हैं। जनता आपको ढूंढ रही है और आप केवल पत्र लिख रहे हैं जो कि अभी तक हमें मिले भी नहीं है। जम्वाल ने कहा कि मैं प्रतिभा सिंह को याद दिलवाना चाहता हूं कि हिमाचल में इस बार जब पहली प्राकृतिक आपदा कुल्लू- मनाली व मंडी में आई थी तो उसी समय पीएम नरेंद्र मोदी ने हिमाचल को 180 करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता राशि जारी की थी उसके एक सप्ताह की भीतर 183 करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता राशि की दूसरी किश्त जारी की थी। उसके बाद पीएम मोदी ने 2643.01 करोड़ रुपए प्रधान मंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत स्वीकृत किए हैं, उसके बाद पीएम मोदी ने शिमला में आई प्राकृतिक आपदा के समय 200 करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता राशि जारी की है, लेकिन शायद सांसद प्रतिभा सिंह अपनी रजवाड़ी शाही के चलते आम जनता के दुख दर्द से दूर है और पीएम मोदी द्वारा करीब 3000 करोड़ से ज्यादा दी गई आर्थिक सहायता राशि से अनभिज्ञ है।
- दलेड, कतकल, भलारा, ममाण, करसाल का दौरा कर प्रभावित लोगों से मिले -प्रभावितों को मकानों को सुरक्षित रखने के लिए तिरपाल भी दिए प्रदेश कांग्रेस सचिव जीवन ठाकुर ने जोगिंदर नगर विधानसभा क्षेत्र के दलेड, कतकल, भलारा, ममाण, करसाल क्षेत्रों का दौरा कर भारी बारिश के कारण हुए नुकसान का जायजा लिया। उन्होंने मौके पर आपदा से प्रभावित लोगों को उनके मकानों को सुरक्षित रखने के लिए तिरपाल भी दिए। प्रदेश कांग्रेस सचिव ने अधिकारियों को प्रभावितों को जल्द ही हर संभव सहायता प्रदान करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों भारी बारिश के चलते जोगिंदर नगर विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न स्थानों पर काफी नुकसान देखने को मिला है। कई लोग बेघर भी हुए हैं। जोगिंदर नगर विधानसभा क्षेत्र उनका अपना विधानसभा क्षेत्र है और क्षेत्र की जनता की समस्याओं को दूर करना उनका कर्तव्य है। जीवन ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के निर्देशानुसार विधानसभा क्षेत्र के सभी विभागों के अधिकारियों को प्रभावित लोगों को यथासंभव सहायता जल्द से जल्द प्रदान करवाने के दिशा-निर्देश दे दिए गए हैं।
कहा- बिजली के दाम इस कदर बढ़ाने से उद्योग बंद होंगे और महंगाई बढ़ेगी इससे स्टील और सीमेंट के भी दाम बढ़ेंगे और आपदा प्रभावितों को दोहरी मार पड़ेगी नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा बिजली के शुल्क में डेढ़ गुना वृद्धि करके सरकार प्रदेश में चल रहे उद्योगों को बर्बाद करना चाह रही है। उन्होंने कहा कि बिजली के शुल्क को सरकार ने अलग बढ़ाए और पिछली सरकार द्वारा प्रदेश में नए उद्योगों को लगाने हेतु को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार द्वारा दी गई रियायत को वापस ले लिया गया है। उन्होंने कहा यह एक दुर्भाग्यपूर्ण और राजनीतिक बदले की भावना से लिया गया फैसला है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार पार्टी की नहीं प्रदेश की होती है। एक सरकार उद्योग लगाने के लिए प्रोत्साहन देती है, दूसरी सरकार आकर वह सुविधाएं छीन लेती है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कोरोना के बाद प्रदेश में उद्योग-धंधों को गति देने के लिए हमारी सरकार ने उद्योगों को निर्धारित समय के लिए कुछ रियायतें दी थी। उसे भी ख़त्म कर दिया गया है। जयराम ठाकुर ने कहा ऐसे चलता रहा तो प्रदेश में नए उद्योग आने के बजाय जो यहां काम कर रहे हैं, वे भी बाहर जाने को मज़बूर हो जाएंगे। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि उद्योग लगाने के लिए हम उद्योगपतियों को देश में सबसे सस्ती बिजली देने का वादा करके लाए और आज उन्हें सबसे महंगी बिजली मिल रही है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि उद्योगों के लगने से प्रदेश में उत्पादन होता हैं। प्रदेश में हज़ारों की संख्या में लोगों को सीधा रोज़गार मिलता है। इसके अलावा भी तमाम तरह के अवसर उपलब्ध होते हैं। बिना उद्योगों प्रदेश के विकास की कल्पना भी नहीं की जा सकती है लेकिन सरकार प्रदेश में उद्योग धंधों को बर्बाद करना चाहती है। इस तरह के फ़ैसले लेने वाले लोग उसी डाल को काटना चाहते हैं, जिस पर बैठे हैं । नेता प्रतिपक्ष ने जहां कि प्रदेश में उद्योग धंधों को बर्बाद करने और उन्हें प्रदेश से बाहर भेजने पर योजनाबद्ध तरीक़े से काम हो रहा है। एक तरफ़ सरकार के तुगलकी फ़ैसले उद्योगों में आर्थिक असुरक्षा की भावना पैदा कर रही हैं तो दूसरी तरफ़ बेख़ौफ़ माफिया तंत्र उद्योगपतियों को डरा रहा है। जिसके कारण वह स्वयं ही प्रदेश से जाना चाहते हैं। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि यह माफिया किसकी शह पर काम कर रहे हैं। इन्हें कौन संरक्षण दे रहा है। यह बात मुख्यमंत्री को पता करके, उन पर कार्रवाई करनी चाहिए। नेता प्रतिपक्ष ने बताया कि नई दरों के तहत एचटी (हाई टेंशन) के अधीन आने वाले उद्योग के लिए बिजली शुल्क 11 प्रतिशत से बढ़ाकर 19 प्रतिशत कर दिया गया है, जबकि ईएचटी (एक्सट्रीम हाई टेंशन) उद्योगों के लिए इसे 13प्रतिशत से बढ़ाकर 19 प्रतिशत कर दिया गया है। छोटे और मध्यम उद्योगो पर बिजली शुल्क 11 प्रतिशत से 17 प्रतिशत तक बढ़ाया है। सीमेंट संयंत्रों पर बिजली शुल्क 17 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत कर दिया गया है। यही नही डीजी (डीज़ल जनरेटर) सेट द्वारा बिजली उत्पादन पर 45 पैसे प्रति यूनिट की दर से बिजली शुल्क भी लगाया गया है और कैप्टिव उत्पादन और हरित ऊर्जा पर विद्युत शुल्क में दी गई छूट भी वापस ले ली गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न बिजली उपयोग के आधार पर पूर्व सरकार ने पांच साल तक बिजली में रियायत देने की नीति बनाई थी। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि बिजली शुल्क में वृद्धि से प्रदेश में सीमेंट और लोहे का दाम भी महंगा हो जाएगा। जिससे आपदा में अपना घर गंवा चुके लोगों को दोहरी मार पड़ेगी। सरकार ने पहली आपदा के बाद ही डीज़ल के दाम बढ़ाकर आपदा प्रभावित प्रदेश में लोगों पर महंगाई का बोझ सरकार पहले ही डाल चुकी हैं। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इसके पहले सुक्खू सरकार ने बिजली, पानी, कूड़ा उठाने साथ प्रॉपर्टी टैक्स बढ़ाकर लोगों पर महंगाई का बोझ पहले ही डाल चुकी है। सत्ता में आते ही सरकार ने व्यवस्था परिवर्तन की बात की और लोगों के जेब पर बोझ डालने का काम करना शुरू कर दिया। हर चीज के दाम बढ़ा दिये। जिन्हें हमारी सरकार में बिजली, पानी, डीज़ल, सब महंगा लगता था और रोज़ सड़कों पर उतर कर शोर मचाते थे। आज उन्होंने सारी चीजों के दाम बढ़ा दिए। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि आपदा के समय में भी प्रदेश के लोगों पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष महंगाई का बोझ बढ़ाना किसी भी तरह से सही नहीं हैं।
सीएम ने जी-20 सम्मेलन के उपलक्ष्य पर राष्ट्रपति द्वारा आयोजित रात्रि भोज में लिया भाग मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शनिवार को नई दिल्ली के प्रगति मैदान स्थित भारत मंडपम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु द्वारा जी-20 शिखर सम्मेलन के अवसर पर आयोजित रात्रि भोज में भाग लिया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेेंद्र मोदी से भी मुलाकात की और उनके समक्ष प्रदेश हित से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रधानमंत्री को प्रदेश में भारी बारिश के कारण आई आपदा से हुए नुकसान के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी और उनसे प्रदेश में हुई त्रासदी को 'राष्ट्रीय आपदाÓ घोषित करने का आह्वान किया। मुख्यमंत्री ने बताया कि गत दो महीनों में भारी बारिश, भू-स्खलन और बाढ़ के कारण प्रदेश में 400 से अधिक लोगों ने अपनी जान गंवाई है और 13 हजार से अधिक घरों को नुकसान पहुंचा है, जिस कारण हजारों परिवार बेघर हो गए हैं। उन्होंने बताया कि इस प्राकृतिक आपदा के कारण प्रदेश को 12 हजार करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से कहा कि इस आपदा से उबरने के लिए प्रदेश को केंद्र की ओर से आर्थिक पैकेज की आवश्यकता है। आपदा के कारण प्रदेश में हुए अभूतपूर्व नुकसान के दृष्टिगत मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि भुज और केदारनाथ मेें आई आपदा की तर्ज पर हिमाचल को भी विशेष राहत पैकेज दिया जाना चाहिए। नरेंद्र मोदी ने ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा उठाए गए प्रदेश हित के मद्दों को ध्यानपूर्वक सुना और कहा कि प्रदेश की मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बिडेन, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीस, जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज, सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान सहित अन्य देशों के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, 19 आमंत्रित देशों के प्रतिनिधि, संयुक्त राष्ट्र, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व स्वास्थ्य संगठन सहित विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि, केंद्रीय कैबिनेट मंत्री और विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों के अलावा अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
-कांगड़ा जिले में 231 पीड़ित महिलाएं हुई लाभान्वित -जिला प्रशासन महिलाओं की समस्याओं का त्वरित निदान कर रहा सुनिश्चित : डीसी कांगड़ा जिला की महिलाओं के लिए सखी वन स्टाप सेंटर काफी मददगार साबित हो रहा है। जिला में करीब 231 महिलाएं सखी वन स्टाप सेंटर से लाभान्वित भी हो चुकी हैं। जिला प्रशासन तथा पुलिस प्रशासन सखी वन स्टाप सेंटर के तहत प्राप्त शिकायतों सा समस्याओं का त्वरित निदान भी सुनिश्चित कर रहा है। उपायुक्त डॉ. निपुण जिंदल ने बताया कि सखी वन स्टाप सेंटर के तहत किसी भी प्रकार की हिंसा से पीड़ित महिला को आपातकालीन प्रतिक्रिया और बचाव सेवाएं, कानूनी सहायता, पुलिस सहायता, चिकित्सा सहायता, मनोसामाजिक समर्थन, वीडियो कॉन्फ्रेसिंग सुविधा, साइकोलॉजिस्ट, 5 दिन का अस्थाई आश्रय और खाना-पीना नि:शुल्क उपलब्ध करवाया जाता है। वन स्टाप सेंटर में पीड़ित महिलाओं को मिल रही मदद उन्होंने बताया कि 'वन स्टाप सेंटर स्कीम का मतलब है एक ऐसी व्यवस्था, जहां हिंसा से पीड़ित कोई भी महिला सभी तरह की मदद एक ही छत के नीचे एक साथ पा सकती हैं। जहां मेडिकल ऐड, लीगल ऐड, अस्थाई रूप से रहने के लिए जगह, केस फाइल करने के लिए मदद, काउंसिलिंग सब कुछ एक ही जगह पर उपलब्ध होती है। उन्होंने बताया कि वन स्टॉप सेंटर में किसी भी तरह की हिंसा झेल रही महिला, बलात्कार, लैंगिक हिंसा, घरेलू हिंसा, टैऊफिकिंग, एसिड अटैक, विक्टिम, विच हंटिंग, दहेज संबंधित हिंसा, सत्ी, बाल यौन शोषण, बाल विवाह, भ्रूण हत्या जैसे मामलों से पीड़ित कोई भी महिला यहां जा सकती हैं। इस योजना का लाभ 18 वर्ष से कम उम्र की पीड़ित लड़कियों सहित सभी महिलाएं उठा सकती हैं। सखी के नाम से भी जानी जाती है यह योजना वन स्टाप सेंटर योजना हिंसा प्रभावित महिलाओं की सहायता और समर्थन करने के लिए शुरूआत की। इस योजना को ''सखीÓÓ के नाम से भी जाना जाता है। योजना को लाने का मुख्य उद्देश्य किसी भी प्रकार की हिंसा से पीड़ित महिला को सुरक्षा प्रदान करने के लिए वन स्टॉप सेंटर में सहायता उपलब्ध करवाना है। उपायुक्त ने बताया कि कांगड़ा जिला में वन स्टाप सेंटर योजना के तहत 39 महिलाओं को कानूनी सहायता, नौ महिलाओं को चिकित्सा सहायता, 27 महिलाओं को पुलिस सहायता, 130 महिलाओं को मनोवैज्ञानिक सामाजिक परामर्श तथा 24 महिलाओं को अस्थायी आश्रय तथा दो स्थायी आश्रय में भेजा गया है। डपायुक्त ने बताया कि किसी भी प्रकार की सहायता के लिए वन स्टॉप सेंटर- हेल्पलाइन नंबर 01892-227115 पर संपर्क किया जा सकता है।
-बारिश और भूस्खलन से हुए नुकसान और राहत व पुनर्वास कार्यों का लिया जायजा - प्रभावितों का दुख-दर्द जाना, हर संभव सहायता प्रदान करने का दिया आश्वासन मंडी संसदीय क्षेत्र की सांसद व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने आज करसोग विधानसभा क्षेत्र की आपदा प्रभावित पंचायतों मनोला नराश और कलाशन का दौरा कर बारिश और भूस्खलन से हुए नुकसान और राहत व पुनर्वास कार्य का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि आपदा की इस घड़ी में प्रदेश सरकार प्रभावित परिवारों के साथ खड़ी है। सांसद ने मनोला नराश व कलाशन में भूस्खलन से ध्वस्त हुए मकानों का जायजा लेने के बाद प्रभावित लोगों से मिलकर उनके दुख-दर्द को जाना। उन्होंने स्थानीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिन लोगों के मकान पूरी तरह से ध्वस्त हो गए हैं और जो बेघर हो गए हैं, उनके पुनर्वास के लिए प्रदेश सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार उन्हें बसाने के लिए उपयुक्त जगह चिन्हित की जाए। प्रतिभा सिंह ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों से आपदा से हुए नुकसान की रिपोर्ट भी ली। वहीं, मनोला गांव की सड़क की हालत सुधारने व गांव के लिए बस सेवा शुरू करने की मांग पर अधिकारियों को तुरंत कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
-सौरभ वैद और दरशोक ठाकुर को चुना वरिष्ठ उपाध्यक्ष - प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला के सभागार में संपन्न हुए चुनाव प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के चुनाव आज प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला के सभागार में संपन्न हुए। चुनाव प्रक्रिया में अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एसएस जोगटा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। चुनाव प्रभारी लाल सिंह चावला तथा सह प्रभारी हेम सिंह ठाकुर की देखरेख में संपन्न हुए। चुनाव में सभी 12 जिलों के अध्यक्षों तथा उनके प्रतिनिधि और 90 विभिन्न कर्मचारी संगठनों केअध्यक्ष-महासचिव व अन्य पदाधिकारियों ने भाग लिया। सभागार में लगभग 1100 कर्मचारी उपस्थित रहे। चुनाव में प्रदीप ठाकुर को सर्वसम्मति से प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ का अध्यक्ष चुना गया। चुनाव में सौरभ वैद जिला कांगड़ा तथा दरशोक ठाकुर जिला हमीरपुर को वरिष्ठ उपाध्यक्ष चुना गया। महासचिव भरत शर्मा जिला शिमला तथा कोषाध्यक्ष इंद्रजत शर्मा जिला सिरमौर से चुने गए। शमशेर ठाकुर मुख्य सलाहकार, कुशल शर्मा मुख्य प्रवक्ता, एम आर वर्मा मुख्य संरक्षक, पंकज शर्मा मीडिया प्रभारी, सुनील तोमर उपाध्यक्ष, नसीब सिंह, सोनम, मोहनलाल कश्यप, हंसराज उपाध्यक्ष रजनीश प्रवक्ता, अंकुर सचिव, ईश्वर उपाध्यक्ष, प्रवेश, हितेश शर्मा सचिव, कश्मीर सचिव, विनोद सलाहकार, नवीन रविकांत सोलन उपाध्यक्ष, मराठा सलाहकार, देव नेगी कार्यालय सचिव, नित्यानंद, रामेश्वर, कंवर सिंह ठाकुर, सुनीता मेहता उपाध्यक्ष, संजय कुमार, रजनीश, कमल शर्मा, सुरेश कुमार, जीवन गौतम, सरवन, पूजा सेन, भावना ठाकुर इत्यादि को राज्य कार्यकारिणी में चुना गया। नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप ठाकुर ने उन्हें अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ का अध्यक्ष चुनने के लिए धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि नवनियुक्त कार्यकारिणी कर्मचारियों की समस्याओं का प्राथमिकता के आधार पर समाधान हेतु प्रयास करेगी, जिसके लिए आज शाम को ही कार्यकारिणी की बैठक कर रणनीति तैयार की जाएगी। उन्होंने प्रदेश भर से पहुंचे सभी कर्मचारियों का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि जल्द प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मिलकर सभी समस्याओं को उनके समक्ष रखा जाएगा। उनसे जल्द संयुक्त सलाहकार समिति की बैठक हेतु भी आग्रह किया जाएगा, ताकि संयुक्त सलाहकार समिति की बैठक में कर्मचारियों के सभी समस्याओं का निपटारा हो सके।
- कहा, बजट भाषण में प्रदेश से किए गए वादे भूली सरकार -मुख्यमंत्री बताएं- हरित प्रदेश से जुड़ी योजनाओं में क्या काम हुआ और कितने लोगों को लाभ मिला नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश को देश का पहला हरित राज्य बनाने का दावा कहां गया। शपथ ग्रहण से लेकर बजट तक मुख्यमंत्री ने हिमाचल को देश का पहला हरित राज्य बनाने को लेकर बड़ी-बड़ी बातें कहीं थीं। सरकार बने 9 महीने और विधानसभा में बजट को आए लगभग 7 महीने का समय बीत गया है। इस दौरान सरकार ने हिमाचल को हरित प्रदेश बनाने की दिशा में कौन से कदम उठाए हैं। इस बात का जवाब मुख्यमंत्री को देना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में डेढ़ हजार इलेक्ट्रिक बसों का बेड़ा एचआरटीसी में शामिल करने और निजी बसों के संचालकों को इलेक्ट्रिक वाहन लेने पर सब्सिडी देने की घोषणा थी, परिवहन मंत्री प्रदेश को बताएं कि कितने निजी बस संचालकों को यह सब्सिडी अब तक दी गई है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इन सारे वादों, सारी योजनाओं की घोषणा मुख्यमंत्री ने बिना किसी प्लान के ही कर दी थी। इसलिए आज तक इन योजनाओं का क्रियान्वयन नहीं हो पाया है और जिस प्रकार यह सरकार काम कर रही है उससे यह साफ़ है कि इनकी हिमाचल को हरित ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाने की कोई नीयत नहीं है। नालागढ़ में मेडिकल डिवाइसेज में गाड़ी लगाने को हुआ गोलीकांड दुर्भाग्यपूर्ण नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने नालागढ़ के मेडिकल डिवाइसेज पार्क में गाड़ी लगाने को लेकर हुए गोलीकांड को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। प्रेस वक्तव्य जारी करते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश में माफिया पूरी तरह से हावी है। इस तरह की घटनाएं प्रदेश में औद्योगिक गतिविधियों को प्रभावित करेंगी और प्रदेश में निवेश की संभावनाओं को भी समाप्त कर देंगी। प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्र में आए दिन इस तरह की वर्चस्व की लड़ाई देखने को मिल रही हैं। माफिया की इस तरह के मनोबल का क्या कारण हैं। उन्हें कौन शह दे रहा है। मुख्यमंत्री को यह पता होना चाहिए। जयराम ठाकुर ने मुख्यमंत्री से प्रदेश में पनप रहे इस तरह के संगठित माफिया राज के ख़िलाफ़ अभियान चलाकर कठोर से कठोर कार्रवाई करने की मांग की है।
-कहा, सनातन धर्म पर जानबूझकर किया जा रहा हमला -हिमाचल कांग्रेस के नेता अपने घमंडिया विपक्ष के नेताओं पर रुख स्पष्ट करें नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस और उसके सहयोगियों द्वारा जानबूझकर सनातन धर्म पर हमला किया जा रहा हैं। आए दिन घमंडिया गठबंधन का कोई न कोई नेता सनातन धर्म पर अपनी घटिया मानसिकता का प्रदर्शन करता है। उनके इस कृत्य पर देश के तमाम कथित बुद्धिजीवी और नेता या ख़ामोश रहकर उनका समर्थन कर रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सनातन को मिटाने का सपना देखने वालों को यह समझना चाहिए कि हज़ारों वर्षों से आताताइयों ने सनातन धर्म को मिटाने की कोशिश की लेकिन वह स्वयं मिट गए। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि विपक्ष का यह कुत्सित प्रयास बंद होना चाहिए। किसी संप्रदाय की भावनाओं को इस तरह आहत करने का क्या औचित्य है। जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस और उसके गठबंधन के नेता एक के बाद एक सनातन धर्म के खिलाफ़ शर्मनाक बयान दे रहे हैं और कांग्रेस कर्ता-धर्ता खामोश हैं, यह नहीं चलेगा। उन्हें देश भर के लोगों को जवाब देना पड़ेगा।उन्हें बताना पड़ेगा कि वह सनातन धर्म के खिलाफ़ आने वाले बयानों के साथ है या खिलाफ़। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सनातन के ख़िलाफ उल्टी सीधी बातें करने वालों के खिलाफ़ हिमाचल के कांग्रेस के नेताओं को भी अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए। हिमाचल कांग्रेस के नेता बताए कि वे सनातन के ख़िलाफ़ अपने सहयोगियों की टिप्पणी पर क्या राय रखते हैं। जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने भी चुनाव जीतने पर सबसे पहले ऐसी ही बातें की थी। उन्होंने छत्तीसगढ़ और कर्नाटक में जाकर बड़े गर्व से कहा था कि वह हिमाचल में 97 प्रतिशत हिंदुत्व की विचारधारा को हराकर सत्ता में आए हैं। इस तरह के बयान का असर हिमाचल ने भी देखा है।
बिलासपुर जिले के लुहणु मैदान में चल रही अग्निवीर सेना भर्ती रैली में हजारों की संख्या में युवा भारतीय सेना में शामिल होने के लिए भाग ले रहे हैं। जिला ऊना के गांव नलवाड़ी तहसील बंगाना के जुड़वा भाई सौरव कुमार और गौरव कुमार जो हमीरपुर में हुई रैली में सफल नहीं हो पाए थे, लुहणु मैदान में आयोजित रैली में उन्होंने अपनी सफलता का परचम लहराया। आश्चर्यजनक बात यह है कि दोनों जुड़वा भाई एक साथ सभी पायदानों को पार करते हुए सेना के लिए चुने गए हैं। विगत रैली की असफलता से सबक लेकर दोनों भाइयों ने कठोर परिश्रम के साथ सभी बाधाओं को पार करने की मन में ठानी। माता-पिता के आशीर्वाद तथा विभिन्न लोगों से प्रेरणा प्राप्त कर इस रैली में सफल हुए इन दोनों भाइयों का कहना है कि सेना भर्ती रैली में परिश्रम के माध्यम से ही स्थान पाया जा सकता है। सौरव और गौरव का कहना है कि रैली से पूर्व सी टेस्ट की सुविधा होने से छंटनी हो कर अभ्यर्थी शारीरिक क्षमता के विभिन्न आयोजनों में भाग लेता है। इससे दौड़ने में अधिक भीड़ न होने से अभ्यर्थी द्वाराअपनी क्षमता को बेहतर रूप में प्रदर्शित किया जा सकता है। उन्होंने इस प्रक्रिया को प्रारंभ करने के लिए सेना का आभार व्यक्त किया। दोनों भाईयों ने शैक्षणिक क्षेत्र में भी उत्कृष्ट मुकाम प्राप्त किया है बावजूद इसके अन्य विकल्पों के होते हुए भी उन्होंने सेना में भर्ती होकर देश सेवा को सबसे बेहतर विकल्प के रूप में चुना। इनके पिता बलवंत सिंह का कहना है कि उन्होंने इन दोनों बेटों को सेना के लिए समर्पित किया है यद्यपि एक और बेटा है जो मानसिक दिव्यांग है। उन्होंने अग्नि वीर सैन्य भर्ती के प्रति अपनी पूरी आस्था जताते हुए बच्चों द्वारा किए गए प्रदर्शन पर प्रसन्नता जाहिर की। ऐसे ही जिला हमीरपुर के काकडियार के जुड़वा भाई अखिल राठौर और निखिल राठोर भी इस रैली में अपने बचपन के सपने को साकार करने में सक्षम हुए हैं। बड़े भाई व बहुत से परिवार जन भारतीय सेना में अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं यही जज्बा अखिल और निखिल के मन में भी भरा हुआ था यह दोनों भाई बताते हैं कि अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए उन्हें जहां परिवारजनों से प्रेरणा मिली वही गांव के कुछ लोग भी मार्गदर्शक बने। यह फौज में अपने सुनहरे भविष्य को संवारने के लिए आतुर है। अखिल और निखिल कहते हैं कि आज बहुत से युवा भारतीय सेवा का अंग प्रत्यंग बन देश की सेवा के लिए तत्पर है युवाओं में इसके लिए होड़ लगी है। जिला ऊना के हरोली क्षेत्र से संबंध रखने वाले मनीष कुमार ने जमा दो की परीक्षा 92 प्रतिशत अंकों से उत्तीर्ण की परिवार तथा स्वयं के समक्ष जीवन यापन के लिए अनेक विकल्पों में से इन्होंने सेना में जाकर देश के प्रति अपने कर्तव्य के निर्वहन को ही सबसे उचित समझा। मनीष कुमार का कहना है कि अग्नि वीर सैनिक में यदि योग्यता और समर्थ है तो वह सेना में लंबे समय के लिए अपनी सेवाएं प्रदान कर सकता है। गौरतलब है कि लुहणु मैदान में आयोजित अग्नि वीर भर्ती रैली में बहुत से ऐसे युवाओं ने भाग लिया जो न केवल शैक्षणिक योग्यता में उत्कृष्ट मुकाम हासिल किए हुए थे, अपितु अन्य वोकेशनल ट्रेनिंग या किसी और विषय में भी महारत रखते थे, किंतु इन्होंने उन सब को दरकिनार कर भारतीय सेना का सिपाही बन देश के प्रति अपने कर्तव्य को पूरा करने का लक्ष्य ही चुना।
हिमाचल प्रदेश के बहुचर्चित 250 करोड़ के छात्रवृत्ति घोटाले में निजी शिक्षण संस्थान फर्जी दावे करते रहे और शिक्षा विभाग के अधिकारी इन दावों को सत्यापित करते रहे। सीबीआई की जांच में इसका खुलासा हुआ है। ईडी की ओर से गिरफ्तार चार आरोपियों से अलग-अलग पूछताछ के दौरान यह खुलासा हुआ है। मामले में हर स्तर पर अनियमितताएं बरती गई हैं। आरोप हैं कि निजी शिक्षण संस्थान और शिक्षा विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से छात्रवृत्ति का बजट जारी हुआ है। इन आरोपियों के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम-2002 के प्रावधानों के कार्रवाई अमल में लाई जा रही है। आरोपियों की संपत्ति, बैंक खाते से लेनदेन, कैसे छात्रवृत्ति को इधर से उधर किया गया, इसे लेकर प्रवर्तन निदेशालय बारीकी से जांच कर रहा है। उल्लेखनीय है कि ईडी ने छात्रवृत्ति घोटाले में एएसएएमएस एजुकेशन ग्रुप के पार्टनर राजदीप जोसन और कृष्ण कुमार, केसी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट पंडोगा के उपाध्यक्ष हितेश गांधी और प्रदेश उच्च शिक्षा निदेशालय की छात्रवृत्ति शाखा के तत्कालीन अधिकारी को गिरफ्तार किया है। आरोप हैं कि निजी शिक्षण संस्थान ने फर्जी दस्तावेज पेश करके अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग से संबंधित विद्यार्थियों के लिए पोस्ट-मैट्रिक योजना में छात्रवृत्ति घोटाला किया। यह है मामला छात्रवृत्ति घोटाले में ईडी ने सीबीआई शिमला की ओर से दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की है। आरोप लगाया गया था कि राज्य शिक्षा विभाग, निजी संस्थान और बैंक अधिकारी 250 करोड़ रुपये से अधिक की छात्रवृत्ति निधि के वितरण में बड़े पैमाने पर गलत विनियोजन में शामिल थे। इस मामले में सीबीआई और ईडी कई अधिकारियों और निजी शिक्षण संस्थानों के प्रतिनिधियों को गिरफ्तार कर चुकी है।
केंद्र सरकार को भेजी 10 करोड़ रुपये की डीपीआर हिमाचल सरकार प्रदेश में तीन नए नर्सिंग कॉलेज खोलेगी। यह कॉलेज चंबा, हमीरपुर और जिला सिरमौर के नाहन में खोले जाएंगे। स्वास्थ्य विभाग ने डीपीआर तैयार कर केंद्र को भेज दी है। तीनों नर्सिंग कॉलेज में आधारभूत ढांचा विकसित करने पर 10 करोड़ रुपये खर्च होंगे। प्रति नर्सिंग संस्थान को 3 करोड़ रुपये से ज्यादा राशि दी जानी है। वर्तमान में हिमाचल में इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आईजीएमसी) और मंडी में दो ही सरकारी नर्सिंग कॉलेज हैं। जबकि नर्सिंग स्कूलों की संख्या 15 से ज्यादा है। प्रदेश सरकार ने नए खोले जाने वाले नर्सिंग कॉलेजों में 40-40 सीटें निर्धारित करने का फैसला लिया है। जैसे-जैसे आधारभूत ढांचा विकसित होगा। केंद्र सरकार से सीटें बढ़ाने की सिफारिश की जाएगी। हिमाचल में 12वीं की परीक्षा पास करने के बाद बड़ी संख्या में छात्राएं नर्सिंग और मिडवाइफ के कोर्स कर रही हैं। निजी संस्थानों में नर्सिंग का कोर्स करने के लिए चार लाख रुपये से ज्यादा खर्च आता है। इसमें हॉस्टल, वर्दी व अन्य खर्चे भी शामिल हैं। हजारों की संख्या में छात्राएं यह कोर्स कर रही हैं। हालांकि सरकारी कॉलेजों फीस कम है। इसमें एक साल का खर्च करीब 70 हजार के पास रहता है। हिमाचल में नए नर्सिंग कॉलेज खुलने से कई और छात्राएं सरकारी संस्थानों में प्रशिक्षण हासिल कर सकेंगी। चिकित्सा शिक्षा निदेशक डॉ. सीता ठाकुर ने बताया कि हिमाचल में नए नर्सिंग कॉलेज खोलने के लिए 10 करोड़ रुपये की डीपीआर केंद्र को भेज दी गई है।
चंबा, कांगड़ा, शिमला और अन्य जिलों के भ्रमण कर सकते हैं सैलानी मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज जिला हमीरपुर के नादौन में कहा कि हाल ही में हुई भारी बारिश के कारण प्रदेश में कई सड़कें क्षतिग्रस्त हुईं और निजी एवं सार्वजनिक संपत्ति को भारी नुकसान हुआ। उन्होंने स्थानीय निवासियों और पर्यटकों को आश्वस्त करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार के दृढ़ एवं त्वरित प्रयासों के फलस्वरूप राज्य में सड़कों को काफी हद तक बहाल कर दिया गया है तथा प्रदेश में आगंतुकों के लिए सुरक्षित आवागमन सुनिश्चित किया गया है। उन्होंने कहा कि यह राज्य की अब तक की सबसे भीषण त्रासदी थी, लेकिन अब राज्य में हालात सामान्य हो रहे हैं। नादौन में मीडिया कर्मियों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश पर्यटकों के लिए सुरक्षित है और पर्यटक अब चंबा, कांगड़ा, शिमला और अन्य जिलों के भ्रमण पर आ सकते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आपदा से प्रभावी ढंग से निपटने और सभी प्रभावितों को आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि विपदा के समय में भी नेता प्रतिपक्ष प्रभावित परिवारों की पीड़ा के प्रति सहानुभूति व्यक्त करने के बजाय राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने नेतापक्ष से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से संपर्क कर हिमाचल प्रदेश के लिए केदारनाथ और भुज त्रासदी की तर्ज पर विशेष पैकेज प्रदान करने के लिए आग्रह करने का आहवान किया। उन्होंने दोहराया कि राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित करने और उत्तराखंड और गुजरात में प्रदान की गई सहायता के समान वित्तीय सहायता प्रदान करने की बार-बार अपील की है, लेकिन अभी तक केंद्र सरकार द्वारा इस संबंध में कोई भी कदम नहीं उठाया गया है। उन्होंने प्रदेशवासियों को आश्वस्त किया कि राज्य सरकार अपने संसाधनों से प्रभावित परिवारों को सहायता प्रदान करने के हरसंभव प्रयास कर रही है। ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ने प्रदेश पर 75 हजार करोड़ रुपये के ऋण का बोझ डाला तथा केवल राजनीतिक लाभ के लिए कई घोषणाएं कीं। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार कर्मचारियों के बकाया और भत्ते देने में विफल रही। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने सत्ता संभालने के पश्चात वित्तीय बाधाओं के बावजूद कर्मचारियों के हितों में अभूतपूर्व निर्णय लेकर पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया है।
गुरुकुल पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल जलावन में में धूमधाम से मनाई जन्माष्टमी गुरुकुल पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल जलावन में श्री कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व बड़े धूमधाम के साथ मनाया गया। इस दौरान नन्हें-मुन्ने बच्चे राधा व कृष्ण की पोशाक पहनकर स्कूल पहुंचे। इस मौके पर नर्सरी व केजी से शब्द, श्रद्धा, एंजेल, ऋतिक, आदविक, कृतिक आयुष, औवियान ने श्रीकृष्ण के बाल रूप को प्रस्तुत किया। कक्षा प्रथम से आदित्य, प्राक्षी माही, सार्थक, शिवांश, अर्शिया, वेदिका, सतविका, शिवाय, रियान ने श्रीकृष्ण के माथे पर शोभा देने वाले वाले मोर पंख पर नृत्य किया। वहीं कक्षा द्वितीय से साक्षी, सुरभि, कक्षा तीसरी से वनिशा, कृष्टि, रिहाना, नव्या, एंजल व अक्षित ने अपने डांस के द्वारा श्री कृष्ण के सुंदर रूप का वर्णन किया। कक्षा चौथी व पांचवीं के विद्यार्थियों नेहा, कृतिका, नितिक्षा, सार्थक, रौनक, समय, दिव्यांश, आर्यन, आयान, कोमल व शगुन ने राधे-राधे पर डांस किया। कक्षा छठी और सातवी से पलक, कनिका, अर्पिता कनिक्षा, सारिका, आराध्या, अक्षत, आदित्या, रेयांश, राधिका, इशुकांत ने गोविंद वोलो हरि गोपाल गाने के माध्यम से श्रीकृष्ण के विभिन्न रूपों को दिखाया। अंतिम प्रस्तुति कक्षा नवमी के विद्यार्थियों यथार्थ, नितिन, शिवाश, शुभम, अनामिका, कृतिका, अक्षिता एवं शिवांशी ने तुम प्रेम हो प्रीत हो, गाने के गाने के माध्यम से राधा-कृष्ण के प्रेम बारे बताया। स्कूल के निर्देशक विशाल अवस्थी ने सभी बच्चों को जन्माष्टमी पर हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई दी।
श्री कृष्ण और श्री राधा की वेषभूषा में सज कर आए नौनिहाल माउंट मौर्या इंटरनेशनल स्कूल जोगिंदर नगर में बुधवार को जन्माष्टमी का पर्व धूमधाम से मनाया गया। हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी स्कूल में स्पेशल असेंबली का आयोजन किया गया। इस दौरान नन्हे-मुन्ने बच्चों ने श्री कृष्ण और श्री राधा की वेषभूषा में बेहतरीन नृत्य किया। जहां नन्हे कृष्णा बांसुरी की धुन बजाते दिखे, वहीं राधा बनी बच्चियों ने भी अपने नृत्य के खूब जलवे बिखेरे। विद्यार्थियों द्वारा श्रीकृष्ण की विभिन्न कलाओं का प्रदर्शन किया गया। स्कूली छात्राओं ने अपने नृत्य से सबका मन मोह लिया। स्कूल के प्रधानाचार्य योगेश ठाकुर ने बताया कि स्कूल में हर वर्ष विभिन्न त्योहारों के दौरान स्पेशल असेंबली का आयोजन किया जाता है। उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम बच्चों के ज्ञान को बढ़ाने के साथ-साथ बच्चों को भारतीय सांस्कृतिक बारे में भी पता चलता है। प्रधानाचार्य ने स्कूल के सभी विद्यार्थियों से भगवान श्री कृष्ण के बताए रास्ते पर चलकर उनके द्वारा निर्धारित लक्ष्य को हासिल करने के लिए उस क्षेत्र में एकाग्र मन से आगे बढ़ने का आह्वान किया। इस दौरान स्कूल के बच्चों को स्कूल प्रशासन द्वारा जूस व फल आदि वितरित किए गए।
आईआईटी मंडी में कथित तौर पर सीनियर बैच के छात्रों द्वारा प्रथम बैच के छात्रों की रैगिंग का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि यह रैगिंग पिछले महीने हुई थी। जिसकी शिकायत संस्थान के एंटी रैगिंग सेल में की गई थी। इसके बाद संस्थान ने 72 छात्रों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए 10 छात्रों को 6 महीने के लिए निलंबित कर दिया है। सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार घटना 11 अगस्त को हुई थी। आईआईटी मंडी के निदेशक प्रोफेसर लक्ष्मीदत्त बेहरा ने 20 अगस्त को रैगिंग लेने वाले सभी छात्रों को एक मेल भेजा था। जिसमें इन छात्रों द्वारा लक्ष्मण रेखा को पार करने का जिक्र किया गया था। संस्थान के मुताबिक 72 विभिन्न संकाय के छात्रों को दोषी पाया गया है। दोषी पाए गए कुछ छात्रों को जुर्माना भी लगाया गया है। वहीं कुछ छात्रों का निलंबन भी किया गया है। 10 निलंबित छात्रों में से तीन छात्र संगठन के पदाधिकारी भी है। इन तीन छात्रों के पद भी छीन लिए गए हैं और उनसे हॉस्टल भी खाली करवा दिए हैं। सूत्रों के मुताबिक सजा पाने वाले सीनियर स्टूडेंट ने संस्थान से सजा पर पुनर्विचार की अपील की है। बताया जा रहा है कि 11 अगस्त को सीनियर स्टूडेंट द्वारा आयोजित फ्रेशर मिक्सर के दौरान अज्ञात शिकायतों की जांच के आधार पर आईआईटी मंडी ने यह कार्रवाई की है। संस्थान को मिली शिकायतों में कथित तौर पर मीट के दौरान प्रथम वर्ष के छात्रों द्वारा सीनियर स्टूडेंट्स द्वारा उनकी रैगिंग करना व उन्हें कोने में खड़ा करने के आरोप लगाए हैं। जबकि सीनियर स्टूडेंट ने यह कह कर अपना बचाव किया है कि यह आमतौर पर हर साल फ्रेशर मिक्सर के दौरान होने वाला एक मजाक था। जिसे गलत समझा जा रहा है। वहीं, संस्थान की ओर से पुलिस के पास बीते महीने हुए इस रैगिंग की कोई भी शिकायत दर्ज नहीं करवाई गई है। पुलिस के मुताबिक फरवरी माह में संस्थान के एंटी रैगिंग सेल द्वारा एक शिकायत दर्ज कराई गई थी जिसकी रिपोर्ट बनाकर भेजी गई है। जिसक बाद अभी तक कोई और शिकायत पुलिस के पास नहीं पहुंची है। इस बारे में आईआईटी मंडी की तरफ से आने वाले जबाव का इंतजार किया जा रहा है।
शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले हिमाचल प्रदेश के 16 शिक्षकों को राज्य स्तरीय पुरस्कार से नवाजा गया है। मंगलवार सुबह शिक्षक दिवस पर राजभवन शिमला में राज्यपाल शिवप्रताप शुक्ल और शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर इन शिक्षकों को सम्मानित किया। कांगड़ा, बिलासपुर, लाहौल-स्पीति और किन्नौर से एक भी शिक्षक का पुरस्कार के लिए चयन नहीं हुआ है। जिला शिमला से चार, कुल्लू-ऊना और हमीरपुर से दो-दो शिक्षकों को चुना गया है। मंडी-सोलन-सिरमौर और चंबा जिला से पुरस्कार के लिए एक-एक शिक्षक का चयन हुआ है। 10 शिक्षकों का चयन प्रदेशभर से प्राप्त हुए 39 आवेदनों के आधार हुआ था। तीन शिक्षकों किशोरी लाल, दलीप सिंह और हरीराम शर्मा को सरकार की ओर से गठित राज्य स्तरीय कमेटी ने चयनित किया। कार्यक्रम में इन शिक्षकों को प्रशस्ति पत्र और शॉल व टोपी देकर सम्मानित किया गया। वहीं, पुरस्कार के लिए एक शिक्षक का नाम समारोह के दौरान ही घोषित किया गया। इसके अलावा बीते वर्ष राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करने वाले शिमला के वीरेंद्र कुमार व चंबा के युद्धवीर सिंह को भी राज्य पुरस्कार दिया गया पुरस्कार पाने वाले शिक्षकों की सूची शिक्षक का नाम स्कूल का नाम पद अमर चंद चौहान वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल आनी, कुल्लू प्रिंसिपल दीपक कुमार वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल चंबा प्रवक्ता बायोलॉजी अशोक कुमार वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल मंडी प्रवक्ता वाणिज्य कृष्ण लाल वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल बजौरा, कुल्लू डीपीई हेम राज वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल हिमरी, शिमला टीजीटी नॉन मेडिकल कमल किशोर वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल त्यूरी, ऊना कला शिक्षक नरेश शर्मा प्राथमिक स्कूल गिरथरी, हमीरपुर मुख्य शिक्षक प्रदीप कुमार प्राथमिक स्कूल सलोह, सोलन जेबीटी शिव कुमार प्राथमिक स्कूल ककराना, ऊना जेबीटी कैलाश सिंह शर्मा केंद्रीय प्राथमिक स्कूल लालपानी, शिमला जेबीटी किशोरी लाल उपशिक्षा निदेशक कार्यालय हमीरपुर सीएचटी दलीप सिंह वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल वासनी, सिरमौर प्रवक्ता अंग्रेजी हरि राम शर्मा मॉडल वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल नेरवा, शिमला प्रिसिंपल सुरजीत सिंह राठौर छोटा शिमला स्कूल प्रवक्ता
हिमाचल प्रदेश के अटल मेडिकल विश्वविद्यालय में एमबीबीएस प्रवेश मामले में राष्ट्रीय मेडिकल आयोग को सुप्रीम राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने एमबीबीएस में दाखिला देने के हिमाचल हाईकोर्ट के निर्णय पर अंतरिम रोक लगाई है। न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट्ट और न्यायमूर्ति अरविंद कुमार की खंडपीठ ने प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेशों में स्पष्ट किया है कि एमबीबीएस में दाखिला देने के आदेशों पर लगाई गई रोक याचिका के अंतिम निर्णय पर निर्भर करेगी। मामले की सुनवाई 25 सितंबर को निर्धारित की गई है। हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने संजना ठाकुर को एमबीबीएस में प्रवेश न देने पर राष्ट्रीय मेडिकल आयोग और अटल मेडिकल विश्वविद्यालय को दो-दो लाख रुपये मुआवजा अदा करने के आदेश दिए थे। इसके अलावा आयोग और विवि को 10-10 हजार की कॉस्ट भी लगाई थी। अदालत ने याचिकाकर्ता संजना ठाकुर को एमबीबीएस में दाखिला देने के आदेश भी पारित किए थे। मंडी जिले की संजना ठाकुर ने हाईकोर्ट के समक्ष याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ता ने अटल मेडिकल विवि में एमबीबीएस की दो खाली सीटों को भरने की गुहार लगाई थी। दलील दी गई थी कि दो अभ्यर्थियों के फर्जी दस्तावेज पाए जाने के कारण एमबीबीएस की दो सीटें खाली रह गई हैं। याचिकाकर्ता ने नीट में 508 अंक प्राप्त किए है, जबकि 508 अंकों वाली रिया सिंह को एमबीबीएस में प्रवेश दिया गया है। अब दो सीटें खाली होने के कारण याचिकाकर्ता का प्रवेश संभव हो सकता है। विवि प्रशासन की ओर से अदालत को बताया गया कि कार्तिक शर्मा और शिवानी शर्मा के फर्जी दस्तावेज पाए जाने के कारण दो सीटें खाली रह गई हैं। सीटों को भरने के लिए 17 जनवरी 2023 को राष्ट्रीय मेडिकल आयोग को पत्राचार किया गया था। अदालत ने अपने निर्णय में कहा था कि एमबीबीएस की पढ़ाई नवंबर 2022 को शुरू हो गई है और राष्ट्रीय मेडिकल आयोग और अटल मेडिकल विवि ने अभी तक इस मामले में जवाब दायर नहीं किया है। अदालत ने कहा था कि प्रतिवादियों के इस गैर जिम्मेदाराना व्यवहार से याचिकाकर्ता को एमबीबीएस में समय पर प्रवेश नहीं मिल पाया। अदालत को बताया गया था कि एमबीबीएस की प्रवेश के लिए अंतिम तिथि 29 दिसंबर 2022 थी। अब इस मामले में याचिकाकर्ता को प्रवेश नहीं दिया जा सकता है। अदालत ने अपने निर्णय में कहा था कि यदि आयोग ने समय से जवाब दिया होता तो याचिकाकर्ता को प्रवेश मिल सकता था। अटल मेडिकल विवि की कार्यप्रणाली के बारे में अदालत ने कहा था कि उसने 17 जनवरी 2023 को आयोग को खाली सीटों के बारे में बताया। हालांकि एमबीबीएस मेें प्रवेश 29 दिसंबर 2022 थी। अदालत ने पाया था कि आयोग और विवि के गैर जिम्मेदाराना रवैये के कारण याचिकाकर्ता को एमबीबीएस में दाखिला नहीं दिया गया।
विधानसभा के तीसरे सत्र (मानसून सत्र) के चलते शिक्षा विभाग में 11 से 25 सितंबर तक छुट्टियों पर रोक लगा दी गई है। 18 सितंबर से शुरू होने वाले मानसून सत्र के चलते उच्च और प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने निर्देश जारी कर दिए हैं। अधिकारियों और कर्मचारियों को मानसून सत्र के चलते रविवार सहित अन्य छुट्टियों के दौरान भी बुलाया जा सकता है। सुबह आठ से रात आठ बजे तक अफसरों को दफ्तर में मौजूद रहना होगा। विभाग ने विधानसभा में शिक्षा विभाग से संबंधित लगे सभी प्रश्नों के जवाब जल्द देने के लिए भी कहा है। संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान विभाग से संबंधित सभी प्रश्नों के जवाब तैयार होने चाहिए। अधिकारियों के पास हर तरह की जानकारी होनी चाहिए। हर शाखा में कम से कम एक अधिकारी इस दौरान रोजाना सुबह साढ़े आठ बजे ऑफिस में होना चाहिए। इनकी छुट्टियां हुई हैं रद्द अतिरिक्त निदेशक प्रशासन, कॉलेज, स्कूल उच्च शिक्षा, संयुक्त निदेशक कॉलेज, संयुक्त निदेशक फाइनेंस एंड अकाउंट, सह निदेशक, उच्च शिक्षा के सभी उपनिदेशक, सभी सरकारी कॉलेजों के प्रिंसिपल, कमांडर एनसीसी और चीफ लाइब्रेरियन सेंट्रल स्टेट लाइब्रेरी सोलन, प्रारंभिक शिक्षा के सभी उपनिदेशक, प्रिंसिपल डाइट की छुट्टियां रद्द करने के आदेश दिए गए हैं। इन अधिकारियों के तहत काम करने वाले स्टाफ को भी छुट्टियां नहीं मिलेंगी। विभाग में विभिन्न श्रेणी के कर्मचारियों के कितने पद सृजित हैं, कितने पद रिक्त हैं। कितने पद भरे गए हैं। निदेशालय के अधिकारियों ने कितने स्कूलों, कॉलेजों का निरीक्षण किया। कितने नए स्कूल, कॉलेज खोले गए। सरकार की विभिन्न योजनाओं का क्या स्टेटस है।
हिमाचल प्रदेश प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने शिक्षक दिवस से एक दिन पूर्व राज्य स्तरीय शिक्षक पुरस्कारों की घोषणा कर दी है। इस बार 13 शिक्षकों को इस पुरस्कार से नवाजा जाएगा। चयनित शिक्षकों को मंगलवार को राजभवन शिमला में राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल सम्मानित करेंगे। शिक्षकों के यह पुरस्कार शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य और विद्यार्थियों को पढ़ाने में विशेष रुचि लेने के लिए दिया जा रहा है। इनमें से तीन शिक्षकों को सरकार की ओर से शिक्षा के क्षेत्र में अनुकरणीय कार्य के लिए शिक्षक पुरस्कार के लिए चयनित किया गया। पुरस्कार के लिए चयनित शिक्षकों की सूची शिक्षक का नाम स्कूल का नाम पद अमर चंद चौहान जीएसएसएस आनी प्रिंसिपल दीपक कुमार जीबीएसएसएस चंबा प्रवक्ता बायोलॉजी अशोक कुमार जीबीएसएसएस मंडी प्रवक्ता वाणिज्य कृष्ण लाल जीएसएसएस बजौरा डीपीई हेम राज जीएसएसएस हिमरी शिमला टीजीटी नॉन मेडिकल कमल किशोर जीएसएसएस त्यूरी ऊना कला शिक्षक नरेश शर्मा जीपीएस गिरथरी मुख्य शिक्षक प्रदीप कुमार जीपीएस सलोह जेबीटी शिव कुमार जीपीएस ककराना जेबीटी कैलाश सिंह शर्मा जीसीपीएस लालपानी जेबीटी किशोरी लाल उप शिक्षा निदेशक कार्यालय हमीरपुर सीएचटी दलीप सिंह जीएसएसएस वसवानी प्रवक्ता अंग्रेजी हरि राम शर्मा जीएमएसएसएस नेरवा प्रिंसिपल
विकास कार्यों में तेजी लाने और सभी परियोजनाओं को समयबद्ध पूरा करने के दिए निर्देश मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रदेश सरकार की विभिन्न विकास योजनाओं और कार्यक्रमों के कार्यान्वयन की समीक्षा के लिए आज यहां आयोजित प्रशासनिक सचिवों की मंडे मीटिंग की अध्यक्षता की। उन्होंने विकास कार्यों में तेजी लाने के निर्देश देते हुए कहा कि सभी परियोजनाओं को समयबद्ध पूर्ण किया जाए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कार्यालय में सभी फाइलें ई-फाइल प्रणाली के माध्यम से भेजी जाए। इससे समय की बचत होगी और कार्यों को शीघ्र निपटाने में मदद भी मिलेगी। उन्होंने कहा कि राजस्व विभाग द्वारा प्रदान की जाने वाली सभी जन सेवाओं के लिए ऑनलाइन प्रणाली समयबद्ध कार्यान्वित की जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार गवर्नेंस में सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग को विशेष अधिमान दे रही है। इससे प्रशासन में पारदर्शिता के साथ-साथ दक्षता भी सुनिश्चित होती है। उन्होंने सभी नगर निगमों और शहरी स्थानीय निकायों का पूर्णतया डिजिटाइजेशन सुनिश्चित करने को भी कहा। इससे लोगों को अधिकांश सेवाएं ऑनलाइन माध्यम से उनके घर में ही प्राप्त हो सकेंगी। मुख्यमंत्री ने नींबू प्रजाति फल उत्पादन बहुल क्षेत्र में अतिरिक्त जूस से साइडर बनाने के लिए आधुनिक संयंत्र स्थापित करने की संभावनाएं तलाश करने के निर्देश दिए। विद्यार्थियों की सुविधा के लिए उन्होंने शिमला, रिज स्थित पुस्तकालय के खुलने का समय बढ़ाने के निर्देश भी दिए। उन्होंने मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना, राजीव गांधी रोजगार योजना सहित अन्य योजनाओं की विस्तृत समीक्षा भी की। बैठक में मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, विभिन्न प्रधान सचिव और अन्य सचिव उपस्थित थे।
शिक्षा का उद्देश्य पूर्ण रूप से विकसित और शांतिप्रिय व्यक्तित्व रखने वाले व्यक्तियों का निर्माण करना है, जिनका पोषण विश्व और उनके आसपास के समाज के लिए कुछ बड़ी सोच रखने के लिए किया गया हो। एक बालक को केवल सूचनाएं प्रदान करने की प्रक्रिया के द्वारा नहीं बल्कि समग्र रूप से शिक्षित किया जाना चाहिए। गुरुदेव श्रीश्री रविशंकर का मानना है, 'कक्षा में बैठने से ही कोई शिक्षित हो रहा है, हम ऐसा नहीं मान सकते। हमें बच्चे के मन और शरीर के संपूर्ण विकास पर ध्यान देने के साथ-साथ उसमें अपनापन, साझा करने और दूसरों की देखभाल करने की भावना, प्रेम, अहिंसा और शांति जैसे मानवीय मूल्यों को विकसित करने पर भी ध्यान देना होगा।Ó एक सुंदर विचार है, जो प्राचीन गुरु-शिष्य परंपरा का हिस्सा था, जिसे आज पुनर्जीवित किया जाना चाहिए। एक अच्छा शिक्षक सदा यही चाहेगा कि उसका छात्र विजयी हो और एक अच्छा छात्र उस शिक्षक की जीत की कामना करेगा, जिसका ह्रदय विशाल है। छात्र जानता था कि उसके अल्प ज्ञान की विजय केवल दुख लाएगी, जबकि गुरु के महान ज्ञान की जीत केवल अच्छाई लाएगी। इस सोच ने छात्र और शिक्षक के मध्य एक स्वस्थ संबंध बनाया, जहां छात्र और शिक्षक अपनी वृद्धि और विकास की यात्रा पर एक-दूसरे पर पूरा भरोसा करते थे। अच्छे शिक्षक का धैर्यवान होना जरूरी एक अच्छे शिक्षक को बहुत धैर्य की आवश्यकता होती है। एक शिक्षक का धैर्य छात्रों के जीवन में चमत्कार पैदा कर सकता है, भले ही वे सीखने में थोड़े धीमे हों। माता-पिता को घर पर केवल एक या दो बच्चों को संभालना होता है, जबकि शिक्षकों को छात्रों से भरे कक्ष को संभालना होता है। यह स्पष्ट रूप से शिक्षकों के लिए अधिक तनावपूर्ण और कठिन है। इसलिए शिक्षकों को अधिक केंद्रित होने की जरूरत है। ध्यान और श्वास अभ्यास जैसी विधियाँ शिक्षकों को शांत और केंद्रित रहने के लिए तैयार करने में काफी मदद कर सकती हैं। यह महत्वपूर्ण है क्योंकि बच्चे हर समय शिक्षकों को देख रहे होते हैं और उनसे सीख रहे होते हैं। शिष्य को प्रत्येक कदम पर मार्गदर्शन की आवश्यकता आज शिक्षकों के लिए यह समझना बहुत महत्वपूर्ण है कि छात्र कहां खड़े हैं और उन्हें वहां से अंतिम लक्ष्य तक जाने में प्रत्येक कदम पर मार्गदर्शन की आवश्यकता है। यहां हम भगवान कृष्ण से सीख सकते हैं कि किस तरह वे कदम दर कदम धैर्य और प्रेम के साथ अर्जुन को अंतिम मंजिल तक ले जाते हैं। आरंभ में अर्जुन भ्रमित थे और उनके मन में बहुत सारे सवाल थे। जैसे-जैसे एक छात्र बड़ा होता है, उसे बहुत अधिक भ्रम होना स्वाभाविक है क्योंकि उसकी अवधारणाएं टूटती रहती हैं। उदाहरण के लिए, हम सीखते हैं कि सूर्य पूर्व में उगता है, बाद में हमें पता चलता कि वास्तव में ग्रह कैसे गति करते हैं। इसलिए एक अच्छा शिक्षक छात्र के मन में उठने वाले इन सवालों के दौरान मार्गदर्शन करने के लिए उपलब्ध होता है। एक अच्छा शिक्षक जानकार होता है और छात्र को इन भ्रमों को दूर करने के लिए मार्गदर्शन करता है। साथ ही कई बार जरूरत पड़ने पर शिक्षक भ्रम पैदा भी कर सकते हैं। विद्रोही लोगों को प्रोत्साहन और पीठ थपथपाने की जरूरत शिक्षकों को एक नाजुक संयोजन के लिए प्रयास करना चाहिए जो है प्रेम के साथ दृढ़ता। ऐसे शिक्षक हैं, जो बहुत प्रेम करते हैं और कुछ अन्य केवल कठोर हैं। ऐसे बच्चे हैं जो विद्रोही हैं और ऐसे बच्चे हैं जो भीरु और शर्मीले हैं। विद्रोही लोगों को प्रोत्साहन और पीठ थपथपाने की जरूरत है। आपको उन्हें प्यार और उनकी देखभाल का एहसास कराना चाहिए और यह एहसास दिलाना चाहिए कि वे आपके अपने हैं। लेकिन जो बच्चे शर्मीले और डरपोक हैं, उन्हें खुलकर आगे आने और बोलने में सक्षम बनाने के लिए आप थोड़ा दृढ़ हो सकते हैं। उनके साथ सख्ती से पेश आएं और प्रेम भी करें। अक्सर हम इसका विपरीत करते हैं। शिक्षक विद्रोही बच्चों के साथ सख्ती से पेश आते हैं और शर्मीले बच्चों के साथ उदार बन जाते हैं। तब उनका व्यवहार का क्रम बेहतरी के लिए नहीं बदलेगा। आपको कठोर और कोमल दोनों होने की आवश्यकता है, अन्यथा आप छात्र का मार्गदर्शन उस दिशा की ओर नहीं कर पाएंगे जहां आप उन्हें ले जाना चाहते हैं।
कहा- केवल एक व्यक्ति के अहम की तुष्टि के लिए खोली गई सरदार पटेल यूनिवर्सिटी शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर पर पलटवार करते हुए कहा है कि सरदार पटेल विश्वविद्यालय (एसपीयू) का मुद्दा उठाकर वह केवल राजनीतिक रोटियां सेंक रहे हैं। केवल मात्र अपने अहम की तुष्टि के लिए जयराम ठाकुर हजारों युवाओं के भविष्य को अंधकार में झोंकने पर अमादा है। सत्ता में रहते हुए जयराम ठाकुर ने सरदार पटेल विश्वविद्यालय को केवल एक कॉलेज के भवन में शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि यहां पर गुणात्मक शिक्षा तो दूर, न विद्यार्थियों के लिए कक्षा लगाने की सही व्यवस्था थी और न ही उनकी परीक्षाएं करवाने में विश्वविद्यालय सक्षम हो पाया। श्री जय राम ठाकुर ने सिर्फ और सिर्फ राजनीतिक लाभ को देखते हुए सरदार पटेल यूनिवर्सिटी खोली और विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया। प्रेस वक्तव्य में रोहित ठाकुर ने कहा कि सरदार पटेल यूनिवर्सिटी में पर्याप्त टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ भी नहीं है। ऐसे में वहां पढ़ रहे विद्यार्थियों को उचित सुविधाएं कैसे मिल सकती हैं। इन हालात को देखते हुए कुछ कॉलेजों ने स्वयं लिख कर दिया था कि उन्हें सरदार पटेल यूनिवर्सिटी से हटाकर हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के साथ जोड़ा जाए, ताकि उनके यहां पढ़ने वाले विद्यार्थियों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में 500 से ज्यादा टीचिंग स्टाफ है और नॉन टीचिंग स्टाफ भी पर्याप्त संख्या में हैं। शिक्षा मंत्री ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार का सरदार पटेल विश्वविद्यालय को बंद करने का कोई इरादा नहीं है और न ही इस विश्वविद्यालय को बंद किया जा रहा है। लेकिन आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए श्री जय राम ठाकुर ने एक बार फिर सरदार पटेल विश्वविद्यालय का राग छेड़ दिया है और वह क्षेत्रीय भावनाओं को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं। अच्छा होता कि सत्ता में रहते हुए वे विश्वविद्यालय खोलने के लिए पहले आधारभूत ढांचा विकसित करते। लेकिन, खेद की बात है कि उन्हें केवल अपने राजनीतिक लाभ की चिंता थी, बच्चों के भविष्य से उनका कोई लेना देना नहीं है। रोहित ठाकुर ने कहा कि सरदार पटेल विश्वविद्यालय की बात छेड़ कर वह लोगों का ध्यान भटकाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन राज्य के लोग भाजपा की इस छल की राजनीति से अच्छी तरह से वाकिफ हैं।
जब पुलिस के साथ दुर्व्यवहार कर रहे हैं माफिया तो आम आदमी कैसे करेगा खनन की शिकायत नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि कांगड़ा के लंज में अवैध खनन कर रहे माफिया को जब पुलिस ने रोका तो वह पुलिस से ही उलझ गया और उनसे ही अभद्रता करने लगे। यह कोई पहला मामला नहीं है, जब खनन माफिया ने पुलिस के साथ ही दुर्व्यवहार किया हो। इसके पहले प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से इस तरह की खबरें आए दिन सामने आ रही है। सरकार को यह बताना होगा कि आखिर खनन माफियाओं में इतना हौसला कहां से आ रहा है। उनकी इतनी हैसला अफजाई कौन कर रहा है। कौन इन खनन माफ़ियाओं को शह दे रहा है कि वह पुलिस से उलझने से भी बाज़ नहीं आ रहे है। उन्होंने कहा की प्रदेश में माफियाओं का इस तरह मन बढ़ जाना प्रदेश के लिए सही नहीं हैं। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इस तरह के माफ़ियाओं पर सरकार गंभीरता से कार्रवाई करे। जल्दी से जल्दी कड़ी से कड़ी सजा दिलवाए। जिससे माफ़ियाओं के हौसले टूटे। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि खनन से एक तरफ़ पेयजल और सिंचाई वाली इन परियोजनाओं को जहां नुक़सान हो रहा है तो दूसरी तरफ़ स्थानीय लोगों के खेतों, फसलों और घरों को ख़तरा बढ़ रहा हैं। ऐसे में सरकार द्वारा अवैध खनन रोकने की दिशा में सख़्त से सख़्त कदम उठाए। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार दावा कर रही है कि प्रदेश में आपदा प्रभावित इलाक़ों में खनन का काम पूरी तरह से बंद है लेकिन खनन माफिया मान नहीं रहे हैं। वह खनन भी कर रहे हैं और लोगों की शिकायत के बाद उन्हें रोकने के लिए आने वाली पुलिस के साथ भी दुर्व्यवहार कर रहे हैं। कांगड़ा के लंज स्थित पेयजल योजना हरिपुर और सिंचाई योजना लंज के पास अवैध खनन करने की सूचना पर जब पुलिस माफ़ियाओं के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने पहुंची तो खनन माफिया पुलिस के जवानों से ही भिड़ गये। खनन कर रही जेसीबी और ट्रैक्टर को सीज करने का जमकर विरोध किया, मामले को बढ़ता देख कार्रवाई करने गई पुलिस ने और फ़ोर्स बुलाई तब जाकर खनन कर रहे माफिया को क़ाबू में किया जा सका। जयराम ठाकुर ने कहा कि अख़बारों की मानें तो कि कांगड़ा थाने के अन्तर्गत आने वाली लंज चौकी में ही दो महीनें में खनन माफ़ियाओं द्वारा, मार-पीट, डराने-धमकाने के चार मामले पेश आ चुके हैं। बाक़ी प्रदेश के हाल का अंदाज़ा इससे भी आसानी लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि खनन के मामले में स्थानीय लोगों भी पुलिस को सूचनाएं भी देते हैं, जिससे खनन माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाती है। जब पुलिस के साथ माफिया इस तरह का से बदसलूकी करेंगे तो आम जनता माफ़ियाओं के खिलाफ आवाज कैसे उठाएगी।
त्योहारी सीजन से पहले ही हिमाचल प्रदेश मिल्क फेडरेशन ने दुग्ध उत्पादों के दाम बढ़ाकर उपभोक्ताओं को झटका दे दिया है। फेडरेशन ने अलग-अलग उत्पादों के 2.50 से 50 रुपये तक दाम बढ़ा दिए हैं। फेडरेशन का हिम देसी घी 50 रुपये की बढ़ोतरी के साथ 650 रुपये प्रतिकिलो मिलेगा। हालांकि दूध के दामों में बढ़ोतरी नहीं हुई। फेडरेशन ने देसी घी के अलावा पनीर के 200 ग्राम पैकेट के दाम में छह रुपये बढ़ोतरी की है। हिम खोया में प्रतिकिलो के हिसाब से 20 रुपये बढ़ोतरी की गई है। हिम बटर में 25 रुपये आधा किलो के हिसाब से बढ़ाए गए हैं। मिल्क फेडरेशन के चक्कर स्थित प्लांट के यूनिट प्रभारी शुभम ने बताया कि दुग्ध उत्पादों के बढ़े हुए दाम 1 सितंबर से लागू हो गए हैं।
मुख्य सचिव एवं राज्य कार्यकारी समिति के अध्यक्ष प्रबोध सक्सेना ने आज यहां राज्य आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 की धारा 24 (1) के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए राज्य में निर्माण गतिविधियों के संबंध में आदेश जारी किए हैं। इन आदशों के अनुसार आपदा प्रभावित इमारतों और सड़कों के पुनर्निर्माण कार्यों को छोड़कर किसी भी प्रकार के निजी विकास और निर्माण गतिविधि के लिए पहाड़ियों के कटान पर पूरे राज्य में 16 सितंबर तक प्रतिबंध लगाया गया है। इसके अतिरिक्त शिमला, मंडी, कुल्लू, कांगड़ा, सोलन और चंबा जिलों में वाणिज्यिक, पर्यटन इकाइयों के निर्माण के संबंध में 16 सितंबर तक नई योजना अनुमति एवं भवन अनुमति पर प्रतिबंध रहेगा।यह निर्णय प्रदेश में भारी बरसात के कारण आई प्राकृतिक आपदा के दृष्टिगत मानवीय जीवन, आधारभूत संरचना, पारिस्थितिकी की सुरक्षा के मद्देनजर लिया गया है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद अखिल भारतीय कांग्रेस कार्यसमिति की सदस्य प्रतिभा सिंह ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मंडी संसदीय क्षेत्र में प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान पर चर्चा करते हुए लोक निर्माण विभाग के सेंट्रल जोन मंडी को अतिरिक्त धन जारी करने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि मंडी संसदीय क्षेत्र में भारी बारिश व भूस्खलन की बजह से सड़कों को बहुत नुकसान पहुंचा है इसलिए यहां पुनर्निर्माण कार्यो में तेजी लाने के लिये अतिरिक्त धन की बहुत आवश्यकता है। आज ओक ओवर में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से भेंट के दौरान प्रतिभा सिंह ने अपने संसदीय क्षेत्र मंडी के दौरे की जानकारी देते हुए बताया की भूस्खलन से मण्डी संसदीय क्षेत्र में बहुत ही नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि पंडोह से कुल्लू के बीच भारी भूस्खलन की बजह से राष्ट्रीय राज मार्ग बुरी तरह प्रभावित हुआ हैं। संपर्क सड़कें भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुई हैं। कई जगह तो सड़कंे पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी हैं, जिनका जल्द पुननिर्माण किया जाना बहुत ही आवश्यक है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों विशेष तौर पर स्कूल आने जाने वाले बच्चों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कई स्कूल भवन भी इस आपदा के चलते खतरे की जद में आ गए हैं। प्रतिभा सिंह ने मुख्यमंत्री को मंडी संसदीय क्षेत्र में हुए भारी नुकसान की पूरी जानकारी देते हुए बताया कि उन्होंने केंद्र सरकार से मंडी पंडोह कुल्लू राष्ट्रीय राज मार्ग को जल्द बहाल करने की मांग की हैं। उन्होंने बताया कि उन्होंने केंद्र सरकार को कुल्लू के लिये बैकल्पिक मार्ग कमाद कटिंडी, कटौला बजौरा व चैलचोक से पंडोह सड़क के विस्तार व सुदृढ़ीकरण का प्रस्ताव भी दिया है, जिससे कुल्लू का सड़क संपर्क पूरा साल बना रहे। उन्होंने कहा कि इसके लिए उन्होंने सीआईआरएफ, केंद्रीय सड़क ढांचागत फंड उपलब्ध करवाने की मांग की हैं। प्रतिभा सिंह ने इस दौरान संगठन से जुड़े अनेक मसलों पर भी विचार विमर्श करते हुए कहा कि संगठन से जुड़े कर्मठ कार्यकर्ताओं को सरकार में जल्द कोई जिम्मेदारी दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में संगठन बहुत ही मजबूत हैं। उन्होंने कहा कि इस आपदा के समय भी संगठन एकजुटता के साथ प्रभावित लोगों की भरपूर मदद कर रहा हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने राजीव भवन में एक आपदा प्रबंधन केंद्र की स्थापना भी की है जो प्रदेश भर में हुए नुकसान का सभी ब्लॉकों से फीडबैक ले रहे हैं व प्रशासन से उन्हें हरसंभव सहायता में सहयोग कर रहे हैं।
संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) 3 सितंबर को मंडी जिला मुख्यालय में एनडीए, एनए-2 तथा सीडीएस-2 की परीक्षा आयोजित करने जा रहा है। सदर मंडी में इस परीक्षा के लिए राजकीय वल्लभ महाविद्यालय मंडी, राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान मंडी, राजकीय विजय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला, मंडी, डीएवी सेंटेनरी पब्लिक स्कूल, मंडी, कन्या वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला, मंडी तथा इंडस ग्लोबल स्कूल जरल, मंडी में परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। परीक्षा को शांतिपूर्वक व सुचारू रूप से सम्पन्न करवाने के लिए 3 सितंबर को सदर मंडी मुख्यालय के संबंधित परीक्षा केंद्रों के आसपास धारा-144 लागू रहेगी। इस बारे एसडीएम सदर मंडी ओम कांत ठाकुर ने शुक्रवार को आदेश जारी किए हैं। उन्होंने बताया कि 3 सितंबर को संबंधित परीक्षा केंद्रों के आसपास किसी भी सामाजिक, सांस्कृतिक व राजनीतिक कार्यक्रम, जुलूस, रैलियों, नारेबाजी, धरना प्रदर्शन आदि पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा। उन्होंने बताया कि परीक्षा के दिन यानी 3 सितंबर को सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक संबंधित परीक्षा स्थलों के आसपास लाउड स्पीकरों के उपयोग, परीक्षा स्थलों के आसपास निर्माण, टेंट स्टेज लगाने, तोड़ने आदि के काम पर भी पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। उन्होंने बताया कि इस दिन परीक्षा केंद्रों में किसी प्रकार के हथियार, लाठियां, गोला बारूद, तलवार, घातक उपकरण आदि ले जाने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने गुरुवार देर सायं सभी उपायुक्तों के साथ एक वर्चुअल बैठक की अध्यक्षता की और उन्हें अपने जिलों में भारी बारिश से हुए नुकसान का तीन दिन के भीतर आकलन करने के निर्देश दिए। उन्होंने आपदा प्रभावितों की सहायता के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए अधिकारियों को राहत व पुनर्वास कार्यों मेें तेजी लाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने उपायुक्तों से क्षति की विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर प्रभावित परिवारों को राहत प्रदान करने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि उपायुक्त जिलों में क्षति का मूल्यांकन कर सम्बंधित क्षेत्रों को आपदा प्रभावित क्षेत्र का दर्जा प्रदान करें। उन्होंने कहा कि प्रभावितों को राहत राशि के उचित वितरण के लिए एसडीएम और उपायुक्तों सहित राजस्व अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने कहा कि भारी बारिश के कारण हुई तबाही के दृष्टिगत राज्य सरकार ने एक विशेष राहत पैकेज की घोषणा की है। इसमें प्रभावितों की सहायता के लिए दस गुणा तक बढ़ा मुआवजा प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पूर्व में पक्के मकान को आंशिक क्षति पर 12,500 रुपये और कच्चे घर को आंशिक क्षति होने पर 10,000 रुपये की राहत राशि दी जाती थी। लेकिन प्राकृतिक त्रासदी के कारण हुए नुकसान को देखते हुए सरकार ने इसे बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दिया है। उन्होंने कहा कि पहले दुकानों और ढाबों को हुए नुकसान के मुआवजे के रूप में सामान के बदले केवल 10 हजार रुपये की आंशिक आर्थिक सहायता मिलती थी जिसे अब राज्य सरकार ने दस गुना बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दिया है। इसके अलावा, नए प्रावधानों के अनुसार दुधारू और भारवाहक मवेशियों की मृत्यु पर प्रति पशु 55,000 रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी और भेड़, बकरी और सुअर की मृत्यु की स्थिति में वित्तीय सहायता को 4000 रुपये से बढ़ाकर 6000 रुपये कर दिया गया है। प्रदेश में धंसते क्षेत्रों के संबंध में चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि इस तरह की प्राकृतिक आपदा के कारण उत्पन्न स्थितियों का गहन अध्ययन करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जिन प्रभावितों की सम्पत्ति पूर्ण रूप से नष्ट हो गई है, उन्हें पर्याप्त सहायता सुनिश्चित की जा रही है। उन्होंने कहा कि ईमारती लकड़ी और ईंधन की लकड़ी की तस्करी पर अंकुश लगाने के लिए राज्य सरकार ने प्रदेश से बाहर इनके निर्यात पर प्रतिबंध लगाया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के इस आदेश की सख्ती से अनुपालना सुनिश्चित की जाए। मुख्यमंत्री ने आपदा के दौरान उपायुक्तों द्वारा किए गए त्वरित प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की प्रतिबद्धता के फलस्वरूप 48 घंटों के भीतर विद्युत एवं पेयजल आपूर्ति बहाल की गई। उन्होंने कहा कि अब विभाग सड़कों की मरम्मत पर विशेष ध्यान दे ताकि किसान अपनी उपज समयबद्ध बाजार तक पहुंचा सकें। उन्होंने कहा कि सड़कों को बहाल करने के लिए मशीनें किराये पर लेने में धन की कमी आड़े नहीं आने दी जाएगी। बैठक में प्रधान सचिव राजस्व ओंकार चंद शर्मा, प्रधान सचिव लोक निर्माण भरत खेड़ा, प्रधान सचिव वित्त मनीष गर्ग, मुख्यमंत्री के ओएसडी गोपाल शर्मा, राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के निदेशक डीसी राणा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
धन शोधन निवारण अधिनियम 2002 के प्रावधानों के तहत हुई गिरफ्तारियां हिमाचल प्रदेश के बहुचर्चित 250 करोड़ के छात्रवृत्ति घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। ये गिरफ्तारियां धन शोधन निवारण अधिनियम 2002 के प्रावधानों के तहत की गई हैं। इनमें एएसएएमएस एजुकेशन ग्रुप के पार्टनर राजदीप जोसन और कृष्ण कुमार, केसी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट पंडोगा के उपाध्यक्ष हितेश गांधी और प्रदेश उच्च शिक्षा निदेशालय की छात्रवृत्ति शाखा के तत्कालीन अधिकारी अरविंद राजटा शामिल हैं। गिरफ्तार आरोपियों को विशेष न्यायालय पीएमएलए शिमला में पेश किया गया। न्यायालय ने चारों को पांच दिन के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया। ईडी ने सीबीआई शिमला की ओर से दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की है। आरोप है कि राज्य शिक्षा विभाग, निजी संस्थान और बैंक अधिकारी करीब 250 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति निधि के वितरण में बड़े पैमाने पर गलत विनियोजन में शामिल थे। ईडी की जांच से पता चला कि राजदीप जोसन और कृष्ण कुमार ने मैसर्स एएसएएमएस एजुकेशन ग्रुप एंड स्किल डेवलपमेंट सोसायटी के माध्यम से फर्जी दस्तावेज पेश करके अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग से संबंधित विद्यार्थियों के लिए पोस्ट-मैट्रिक योजना के तहत छात्रवृत्ति घोटाला किया। इसी तरह हितेश गांधी की अध्यक्षता वाले केसी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट पंडोगा ने छात्रवृत्ति के लिए फर्जी दावे किए, जिन्हें अरविंद राजटा ने सत्यापित किया। हितेश गांधी ने विद्यार्थियों के बैंक खाते में वितरित छात्रवृत्ति को केसी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट के बैंक खातों में स्थानांतरित कर दिया। इससे पहले 31 अगस्त को चार राज्यों में 24 स्थानों पर तलाशी ली गई थी। इसमें 4.42 करोड़ रुपये की अंतिम कुर्की आदेश दिया गया था। हिमाचल, हरियाणा, पंजाब और दिल्ली के 24 स्थानों पर पड़े थे छापे प्रवर्तन निदेशालय ने छात्रवृत्ति घोटाले के मामले में 29 अगस्त को हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और दिल्ली के 24 स्थानों पर इस मामले में छापे मारे थे। ईडी ने इन छापों के दौरान बैंक खातों में 2.55 करोड़ रुपये की अघोषित नकदी जब्त की थी। छात्रवृत्ति घोटाले में संलिप्त आरोपियों ने खोल दिए होटल और शराब के ठेके हिमाचल में सामने आए 250 करोड़ रुपये से अधिक के बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले में संलिप्त कुछ निजी शिक्षण संस्थानों के मालिकों ने होटल और शराब के ठेके भी खोल दिए हैं। इन्होंने इसी बीच जमीन की भी खरीद-फरोख्त की है। सीबीआई की जांच में इसका खुलासा हुआ है। इनके पास आय से अधिक संपत्ति है, जिसे प्रवर्तन निदेशालय जब्त कर रहा है। सीबीआई ने अब तक की जांच के तहत करीब 28 निजी संस्थानों को छात्रवृत्ति घोटाले में संलिप्त पाया है। इनमें से 15 संस्थानों की जांच पूरी हो चुकी है। इनके खिलाफ आरोप पत्र भी दाखिल किए जा चुके हैं। 13 निजी शिक्षण संस्थानों की जांच चल रही है। यह घोटाला 2013 से 2019 के बीच हुआ है। पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर छात्रवृत्ति हुई जारी सीबीआई जांच में खुलासा हुआ है कि छात्रवृत्ति घोटाले को लेकर हर स्तर पर अनियमितताएं बरती गईं। आपसी मिलीभगत से निजी संस्थानों को पहले आओ और पहले पाओ के आधार पर छात्रवृत्ति के लिए बजट जारी हुआ। यही कारण रहा है कि छात्रवृत्ति का 80 प्रतिशत बजट निजी और 20 प्रतिशत बजट सरकारी संस्थानों को जारी हुआ।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनीष गर्ग ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार निर्वाचक नामावली को शुद्ध एवं त्रुटिरहित व अद्यतन बनाए रखने के उदेश्य से बी.एल.ओ. द्वारा 21-07-2023 से अपने मतदान क्षेत्र के अन्तर्गत घर-घर जाकर फोटोयुक्त मतदाता सूचियों में विद्यमान प्रविष्टियों के सत्यापन का कार्यक्रम आरम्भ किया गया था जो कि दिनांक 21-08-2023 तक चला। इस दौरान 01-10-2023 की अहर्ता तिथि के आधार पर 18 वर्ष से अधिक आयु प्राप्त कर चुके 32,403 मतदाताओं की पहचान कर प्रारूप 6 पर आवेदन प्राप्त कर लिये गये है। सत्यापन के दौरान 18,445 मतदाता अनुपस्थित व 41,488 स्थानान्तरित मतदाता चिन्हित किये गये। इसके अतिरिक्त मतदाता सूची में 3,335 दोहरे रूप से पंजीकृत, व 40,939 मृत मतदाताओं की पहचान की गई तथा फोटो मतदाता सूची में 21,723 मतदाताओं की खराब व धुन्धली फोटो को रंगीन फोटो से परिवर्तित करने हेतु पहचान की गई। इसके अतिरिक्त उन्होने यह भी बताया कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार हिमाचल प्रदेश के समस्त 68 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों के मतदान केन्द्रों के भौतिक सत्यापन का कार्यक्रम भी समस्त जिला निर्वाचन अधिकारियों, समस्त निर्वाचक पंजीकरण अधिकारियों एवं उप-मण्डलाधिकारी की देख रेख में दिनांक 22-08-2023 से 31-08-2023 तक चलाया गया था। उन्होंने कहा कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 25 के प्रावधानुसार 2 से 8 सितम्बर, 2023 तक मतदान केंद्रों की सूचियां प्रारूप में प्रकाशित की जायेंगी। यह सूचियां समस्त जिला निर्वाचन कार्यालयों, समस्त निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी एवं उप-मण्डलाधिकारी (नागरिक), समस्त तहसीलों व उप-तहसीलों के कार्यालयों में जनसाधारण के निःशुल्क निरीक्षण के लिए उपलब्ध रहेेंगी। इस दौरान यह सूचियां https://ceohimachal.gov.in पर भी देखी जा सकती हैं। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि प्रदेशवासी मतदान केंद्रों के युक्तिकरण के सम्बंध में अपनी कोई आपत्ति अथवा परामर्श 2 से 8 सितम्बर, 2023 तक अपने जिले से सम्बंधित जिला निर्वाचन अधिकारी (जिलाधीश), निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी (एडीएम/एसडीएम) के समक्ष प्रस्तुत कर सकते हैं।
द्रंग के विधायक पूर्ण चंद ने बुधवार को ग्राम पंचायत मासड और नागधार का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने बरसात से प्रभावित हुए लोगों से मिलकर नुकसान का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि प्रभावितों का नुकसान सरकार के समक्ष रखा जाएगा और सरकार से उचित मुआवजा दिलाने की कोशिश की जाएगी। उन्होंने कहा कि जो भी घरों को नुकसान हुआ है। उसके लिए पंचायत के माध्यम से घरों के आगे सुरक्षा दीवारें लगाई जाएं। वहीं उन्होंने प्रशासन को कहा कि जहां जहां लोगों को राशन और अन्य सुविधा नहीं मिली है, वहां पर राशन की व्यवस्थ की जाए। उन्होंने कहा कि एक तरफ कांग्रेस सरकार किसान और बागवान हितैषी बनती फिरती है, वहीं दूसरी तरफ एक सड़क सात दिनों से नहीं खुल रही है। उन्होंने कहा कि द्रंग में प्रभावित लोगों को बहुत संस्थाओं ने राशन, तिरपाल और रसोई का सामान दिया है मैं उन सभी संस्थाओं का धन्यवाद करता हूं और उन संस्थाओं से आग्रह करता हूं कि आगे भी प्रभावित लोगों को राहत जारी रखें। पूर्ण चंद ने कहा कि द्रंग में विधायक विकास निधि से सड़कों को खोलने के लिए पैसे दिए गए हैं। उन्होंने लोगों को आश्वासन दिया कि किसी भी तरह की परेशानी नहीं आने दी जाएगी।
नेता प्रतिपक्ष बोले- सरकार ने कांग्रेस से जुड़े लोगों को ही आपदा में काम देने का अधिकारियों को दिया है निर्देश नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कांग्रेस सरकार पर हमला करते हुए कहा कि आपदा के इस संवेदनशील मौके पर भी राजनैतिक दुर्भावना से काम कर रही है। फील्ड में तैनात अधिकारियों को सरकार ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि आपदा में राहत के लिए किए जा रहे काम को सिर्फ कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को ही दिए जाएं। आम लोग, बीजेपी और अन्य पार्टी से जुड़े लोगों को इस आपदा में किसी प्रकार का काम नहीं दिया जाए। सरकार की इस दुर्भावना की वजह से राहत बचाव का काम गति नहीं पकड़ रहा है। जिसका खामियाजा आम लोगों को उठाना पड़ रहा है। सरकार आपदा में अपना-पराया करने की यह राजनीति बंद करे और सिर्फ आपदा राहत और जल्दी से जल्दी सड़कें खोलने पर ध्यान दें। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इस आपदा में जहां सरकार का काम जल्दी से जल्दी सड़के बहाल करना था, उस जगह पर वह अपना पराया कर रही है। सरकार ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि आपदा में किसी भी काम में सिर्फ कांग्रेस पार्टी से संबंध रखने वाले लोगों को ही दिया जाए। इस आपदा से निपटने में ज्यादा से ज्यादा श्रम शक्ति और मशीनरी की आवश्यकता है लेकिन सरकार का निर्देश इससे उल्टा है कि आम लोगों समेत बीजेपी और अन्य पार्टी के कार्यकर्ताओं को कोई काम न दिए जाने के कारण और न ही उनकी मशीनें लगाई जाए। उन्होंने कहा अगर स्थानीय लोग ने चंदा इक_ा करके अपनी सड़कें सही करेंगे तो फिर सरकार क्या कर रही है। नेता प्रतिपक्ष ने कांग्रेस के नेताओं से पूछा कि जो लोग कहते हैं कि केंद्र सरकार ने कुछ नहीं दिया, वह ये बताएं कि केंद्र द्वारा चार किश्तों में आपदा राहत के लिए भेजे गये 754 करोड़ रुपये क्या हैं। केंद्र द्वारा सीआरएफ़ के तहत सड़कों की मरम्मत के लिए दिये गए 400 करोड़ रुपये क्या हैं। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत इस महीने केंद्र सरकार द्वारा दिये गये 2700 क्या हैं। केंद्र सरकार द्वारा पीएम आवास योजना के तहत आपदा प्रभावितों को 6000 घरों की मंज़ूरी दिये जाना क्या है। राज्य सरकार को जवाब देना चाहिए कि उन्होंने आपदा प्रभावितों को क्या दिया है। सिलेंडर के दाम में कटौती पर पीएम मोदी का जताया आभार नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा रसोई गैस के सिलेंडर के दामों में 200 रुपये और उज्ज्वला योजना के गैस सिलेंडर में 400 रुपये की कमी करके देश की बहनों को राखी का तोहफा दिया है। जयराम ठाकुर ने केंद्र सरकार के इस फैसले के लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी का आभार जताया।
कहा-पात्र विद्यार्थियों को शिक्षा के लिए 20 लाख रुपये का ऋण प्रदान करने की सुविधा मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां कहा कि राज्य सरकार ने पात्र हिमाचली विद्यार्थियों को एक प्रतिशत ब्याज की दर पर ऋण प्रदान करने के लिए वित्त वर्ष 2023-24 से डॉ. यशवंत सिंह परमार विद्यार्थी ऋण योजना लागू की है। उन्होंने कहा कि इस योजना से यह सुनिश्चित होगा कि राज्य का कोई भी युवा वित्तीय संसाधनों की कमी के कारण उच्च या व्यावसायिक शिक्षा से वंचित न रहे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य के युवाओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि जिस परिवार की वार्षिक आय 4 लाख रुपये से कम है, उस परिवार का छात्र इस योजना के तहत ऋण प्राप्त करने के लिए पात्र है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे मामलों में जहां बैंक को शुल्क राशि की पहली किस्त जारी करने में समय लग रहा है, संबंधित संस्थान को शुल्क राशि की पहली किस्त जारी करने के लिए सभी जिलों के उपायुक्त कार्यालय के स्तर पर एक कोष बनाया जाएगा ताकि छात्र को संस्थान में प्रवेश लेने में किसी परेशानी का सामना न करना पड़े। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से उच्च शिक्षा विभाग से पात्र छात्रों द्वारा लिए गए शिक्षा ऋण के बदले ब्याज सब्सिडी का दावा करने के लिए नोडल बैंक नामित करेगी। उन्होंने कहा कि नोडल बैंक उच्च शिक्षा विभाग के साथ समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित करेगा। उन्होंने कहा कि ऋण लेने वाले विद्यार्थियों को अपनी पसंद के संस्थान में प्रवेश पाने से पहले पोर्टल पर अपना पंजीकरण करना होगा और योजना के तहत अपने आवश्यक दस्तावेज अपलोड करने होंगे। इसके पश्चात विद्यार्थी को प्रवेश में चयनित होने का प्रमाणन करने से संबंधित दस्तावेज भी अपलोड करने होंगे। विद्यार्थी के पात्र पाए जाने पर उच्च शिक्षा निदेशक ऋण की पहली किस्त जारी करने के लिए संबंधित बैंक को मामले की सिफारिश करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि योजना के तहत पात्र विद्यार्थी हिमाचल प्रदेश में स्थित किसी भी अनुसूचित बैंक से शिक्षा ऋण प्राप्त कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि योजना के तहत विद्यार्थी बोर्डिंग, आवास, ट्यूशन फीस, किताबें और उनकी शिक्षा से जुड़े अन्य संबद्ध खर्चों को पूरा करने के लिए अधिकतम 20 लाख रुपये तक का शिक्षा ऋण ले सकते हैं। सीएम सुक्खू ने कहा कि पिछली कक्षा में 60 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले छात्र व्यावसायिक व तकनीकी शिक्षा जैसे इंजीनियरिंग, चिकित्सा, प्रबंधन, पैरा मेडिकल फार्मेसी, नर्सिंग, विधि इत्यादि में डिप्लोमा व डिग्री कोर्स तथा औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों, बहुतकनीकी संस्थानों से तकनीकी कोर्स तथा मान्यता प्राप्त शैक्षणिक संस्थानों और विश्वविद्यालयों से पी.एच.डी. करने के लिए एक प्रतिशत ब्याज की दर से ऋण लेने के लिए पात्र होंगे। उन्होंने कहा कि शैक्षणिक ऋण की सुविधा का लाभ प्राप्त करने के लिए विद्यार्थियों के पंजीकरण एवं प्रवेश तिथि को आयु सीमा 28 वर्ष निर्धारित की गई है। सुक्खू ने कहा कि योजना का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने और छात्रों की प्रगति की निगरानी के लिए नियमित अवधि में योजना के परिणामों का मूल्यांकन करने के लिए एक तंत्र विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा विभाग शिकायत निवारण अधिकारी नामित करेगा, जिसके पास छात्र ईमेल, डाक या किसी डिजिटल माध्यम से अपनी शिकायतें दर्ज करवा सकेंगे। उन्होंने कहा कि यह योजना गरीब छात्रों को उनकी क्षमता के अनुरूप जीवन में उनकी आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुंच सुनिश्चित करेगी।
नेता प्रतिपक्ष बोले- जिस तरह से सड़क खोलने का काम हो रहा है, ऐसे तो महीनों लग जाएंगे नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि आपदा से बंद हुई सड़कों को खोलने में सरकार सरकार फेल हो गई है। लोगों का सब्र जवाब दे रहा है। सरकार से मदद की राह देखते देखते लोग अब ख़ुद ही मोर्चा संभाल रहे हैं और मजबूर होकर ख़ुद से पैसे इक_ा करके सड़कें खोलने का काम कर रहे हैं। एक तरफ आम आदमी आपदा से त्रस्त है तो दूसरी तरफ़ सरकार में ताल-मेल की कमी से। सरकार को सड़कें खोलने का काम युद्ध स्तर पर करना होगा। जिस गति से सरकार काम कर रही है उस हिसाब से सड़कें खोलने में कई महीनें का समय लग जाएगा। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि प्रदेश में इस बार की बारिश में सड़कों को काफ़ी नुक़सान हुआ है लेकिन सवाल यह उठता है कि ऐसे में सरकार कहां हैं। सरकार का काम है सड़कें सही करना। नेता प्रतिपक्ष ने कहा एक दो जगह नहीं सैकड़ों जगह यही हाल है। लोग महीना भर इंतज़ार करने के बाद अब मज़बूर होकर ख़ुद ही सड़कें खोलने में लग गए हैं। हर दिन समाचारों में ऐसी दर्जनों खबरें देखने को मिलती हैं कि स्थानीय लोगों ने चंदा इक_ा कर मशीनें बुलवाई और सड़क खुलवाई। ऐसे में सवाल यह उठता है कि जब आम आदमी को सड़कें सही करवाने के लिए मशीनें मिल जा रही हैं तो सरकार को यह मशीनें क्यों नहीं मिल रही हैं। जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार ने पचास किलोमीटर, सौ किलोमीटर के दायरे में एक मशीन लगाई है। जबकि सड़कें पचासों जगह से ख़राब हुई हैं। इस गति से काम होता रहा तो सड़कों को सही करने में कई महीनें का समय लग जायेगा। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि लोगों के पास समय कम है। सड़कें बंद होने की वजह से किसानों की सब्जियां खेत में सड़ रही हैं। जिसे लोग नदी, नालों और सड़कों पर फेंक रहे हैं। बागवानों के सेब की पैक की हुई पेटियां सड़कें बंद होने की वजह से मंडियो तक नहीं पहुंच रही हैं। जो लंबी दूरी तक सेब को लोगों द्वारा ढुलवा रहे हैं, उनकी लागत कई गुना बढ़ जा रही है। सिर्फ बड़ी-बड़ी बातें करने से नहीं होता काम नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सिर्फ बड़ी-बड़ी बातें करने से काम नहीं होता, लोगों को सुविधाएं भी देनी पड़ती हैं। सरकार के मंत्री सिफ़र् बड़ी-बड़ी बातें करते हैं। उन्हें योजना बनाकर काम करना चाहिए था। सड़कों को खोलने के लिए प्लानिंग करनी थी। एपल और सब्ज़ियों वाले बेल्ट में सड़कों को खोलने के काम को प्रमुखता से करना था। जिससे आपदा प्रभावित क्षेत्रों में लोगों की फसलों को बाज़ार तक पहुंचा सके। किसानों और बाग़वानों की फसलें बाज़ार तक पहुंच जाती उन्हें अच्छा दाम मिल जाता तो इस आपदा में उन्हें बहुत राहत मिलती। उन्होंने कहा कि सरकार सड़कें खोलने के काम में तेज़ी लाए। प्रदेश में मशीनों की कमी नहीं हैं। जब आम आदमी चंदा इक_ा करके मशीन से सड़कें खुलवा ले रहे हैं तो सरकार उन मशीनों का इस्तेमाल सड़कें खोलने में क्यों नहीं कर रही है। जयराम ठाकुर ने कहा कि यह असामान्य परिस्थिति है तो सामान्य तरीके से काम करने से समस्या हल नहीं होगी। इसलिए सरकार में बैठे लोग बड़ी-बड़ी बातें करने की बजाय आपदा राहत के काम में तेजी लाए।
जब आंखों के सामने ही सपनों का आशियाना धराशायी हो जाए तो दर्द कितना होता होगा, इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। ऐसा ही दर्द मंडी जिले के उप मंडल सरकाघाट के कई परिवारों का है। इनमें से एक अति निर्धन परिवार उप मंडल की ग्राम पंचायत रिस्सा के गांव रिस्सा का है। रिन्टू पुत्र टेक चंद के परिवार पर आपदा एक कहर बनकर आ बरसी है। इस बरसात ने इनका नया और पुराना घर दोनों छीन लिये हैं। यही नहीं गांव की सारी जमीन भूस्खलन की चपेट में आ गई है तथा मौजूदा समय में रिन्टू अपने पूरे परिवार के साथ रिस्सा के सरकारी स्कूल में अपना कष्ट भरा समय गुजार रहे हैं। आप सभी दानी सज्जनों से एक सादर अपील है कि आपकी छोटी से छोटी मदद भी इन सबको एक कुटिया बनाने में सहायक सिद्ध हो सकती है। ये लोग सरकार से भी अपील कर रहे हैं मदद की। दानी सज्जन निम्नलिखित अकाउंट नंबर में आप स्वेच्छा अनुसार सहयोग कर सकते हैं। Rintu S/O Tek Chand VPO Rissa, Sarkaghat, Mandi HP 175024 Himachal Pradesh Framing Bank Account Details 87491700075321 IFSC Code PUNBOHPGB04 इनके फोन नंबर हैं 78078 73145, 7807177180
सरकार सड़कों को बहाल करने में रही बिफल, तालमेल की कमी से बिगड़े हालात नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा है कि प्रदेश सरकार मुख्य राजमार्गों सहित ग्रामीण सड़कों को बहाल करने में बिफल रही है। सेब बहुल इलाकों में सड़कों की हालत बेहद चिंताजनक है। ऐसा नहीं है कि इन सड़कों को खोला नहीं जा सकता था ये सड़कें छोटे वाहनों के लिए खोली जा सकती थी, लेकिन सरकार ने गंभीरता से काम नहीं किया। नतीजतन किसानों के कृषि उत्पाद जैसे सब्जियां और बागवानों का सेब मार्किट तक नहीं पहुंच पाने से करोड़ों का नुकसान हुआ है। किसानों और बागवानों ने मांग की है कि उन्हें भी नुकसान का मुआवजा दिलाया जाए। हमें जानकारी मिली है कि आपसी समन्वय के कारण लोक निर्माण विभाग सड़कों को समय पर बहाल नहीं कर पाया। अभी तक सरकार के मंत्री शिमला से बाहर नहीं निकल पाए हैं। प्रदेश के सबसे व्यस्ततम राजमार्ग शिमला से चंडीगढ़ और चंडीगढ़ से मनाली सड़कें कई दिनों से बंद पड़ी रहीं, जब लोगों ने शोर शराबा किया तो कुल्लू से पंडोह एक ही रात में सड़क कैसे बहाल हो गई। अब फोटो खिंचवाने के लिए एक सीपीएस दौड़े चले आ रहे हैं जबकि उनसे पूछा जाए कि वो इतने दिन लद्दाख में क्या करते रहे। उन्होंने कहा कि तालमेल की कमी का कारण ऐसा हुआ है। आपदा में जिस रफ्तार से ये लोग काम कर रहे थे उससे स्थिति विकराल होने जा रही थी। हमने एनएचएआई को निर्देश दिए तो कुल्लू और मंडी के बीच यातायात बहाल हो सका। इनके मंत्री और सीपीएस को यही मालूम नहीं था की उनके विभाग के अंडर कहां की सड़कें आती हैं। अभी भी सैकड़ों ग्रामीण सड़कें बंद पड़ी हैं जिन्हें खोलने के लिए तत्काल मशीनरी चाहिए। कुल्लू के लिए वैकल्पिक मार्ग वाया कटौला में भारी वाहन भेजे जाने से सड़क बैठ गई है और दर्जन वाहन क्षतिग्रस्त हो गए हैं, जबकि प्राथमिकता पंडोह से कुल्लू राजमार्ग खोलने को देनी चाहिए थी।
केंद्रीय सूचना प्रसारण एवं युवा व खेल मामलों के मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया है कि हिमाचल प्रदेश में आपदा पीड़ितों के लिए केंद्र सरकार 6,000 घर बनाएगी। पीएम ग्रामीण आवास योजना के तहत ग्रामीण विकास मंत्रालय ने इसकी मंजूरी दे दी है। शुक्रवार को अनुराग ठाकुर ने नई दिल्ली में केंद्रीय ग्रामीण विकास व पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह से मुलाकात कर मंजूरी देने के लिए आभार जताया। अनुराग ने बताया कि हाल ही में 5,000 घरों को मंजूरी मिली थी। इस आपदा में केंद्र से अब तक कुल 11,000 घर मंजूर हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि संकट की इस घड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशानुसार केंद्र हिमाचल की हरसंभव सहायता कर रहा है। बीते दिनों भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राजीव बिंदल के साथ उन्होंने आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया था।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद अखिल भारतीय कांग्रेस कार्यसमिति की सदस्य प्रतिभा सिंह ने बताया है कि केंद्र सरकार ने मंडी संसदीय क्षेत्र के लिए प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना तृतीय बेच की 54 सड़कें स्वीकृत की हैं। इन पर 599.55 करोड़ खर्च होंगे। प्रतिभा सिंह ने इन 54 सड़कों के निर्माण को स्वीकृत करने पर केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह, प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू व लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा है कि इन सड़कों के निर्माण से मंडी संसदीय क्षेत्र में ग्रमीण विकास की गति को बल मिलेगा। प्रतिभा सिंह ने आज यहां बताया कि गत दिनों नई दिल्ली में उन्होंने केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह से भेंट कर इन सड़कों के निर्माण का मामला उठाया था,जो उन्होंने स्वीकार कर दिया हैं। उन्होंने कहा कि इन सड़कों के निर्माण पर 599.55 करोड़ खर्च आएंगे। प्रतिभा सिंह ने कहा कि मंडी संसदीय क्षेत्र में सड़कों के विस्तार में यह सड़के मील का पत्थर साबित होंगी। उन्होंने कहा कि इस बार प्रदेश में हो रही भारी बारिश व बाढ़ से सबसे ज्यादा नुकसान मंडी संसदीय क्षेत्र में सड़कों को हुआ हैं। प्रतिभा सिंह ने कहा कि उन्होंने केंद्रीय भूतल व परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से चेलचौक से पंडोह बाया गोहर सड़क को सीआईआर एफ,केंद्रीय सड़क ढांचागत फंड के तहत लाने का आग्रह किया हैं,जिससे इस सड़क के रखरखाव पर धन की कमी आड़े न आये। उन्होंने कहा कि मंडी से पंडोह कुल्लू का सड़क सम्पर्क पूरी तरह टूट चुका है इसलिए चैलचौक से पंडोह बाया गोहर सड़क कुल्लू व सीमावर्ती लेह के लिए बैकल्पिक मार्ग के तौर पर प्रयोग लाई जा सकती हैं। उन्होंने कहा कि यह सड़क आवश्यक वस्तुओं की ढुलाई के साथ साथ सेना की रसद के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण सिद्ध होगी। उन्होंने कहा कि वह जल्द ही केंद्रीय भूतल एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मिल कर इस प्रस्ताव पर अमल करने का फिर से आग्रह करेंगी।
हिमाचल प्रदेश सरकार ने दो बच्चों की संख्या वाले 143 स्कूल डि नोटिफाई किए हैं। प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने 117 प्राथमिक विद्यायल और 26 माध्यमिक विद्यालय बंद किए जाने को लेकर आदेश जारी कर दिए हैं। बिलासपुर जिले में 6, चंबा में 8, हमीरपुर में 4, कांगड़ा में 17, किन्नौर में 5, कुल्लू में 4, लाहौल-स्पीति में 19, मंडी में 18, शिमला में 25, सिरमौर में 3, सोलन में 7 और ऊना में 1 प्राथमिक विद्यालय डि नोटिफाई किया गया है। चंबा जिले में 2, कांगड़ा में 3, किन्नौर में 2, लाहौल-स्पीति में 7, मडी में 5, शिमला में 6 और सिरमौर में 1 माध्यमिक विद्यालय डि नोटिफाई किया गया है। वहीं विद्यार्थियों की संख्या बढऩे पर हिमाचल सरकार ने बंद किए 20 स्कूलों को दोबारा खोलने की अधिसूचना जारी की है। चंबा, कांगड़ा, शिमला, सिरमौर, सोलन और मंडी जिले में ये स्कूल दोबारा खोले गए हैं।