राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मंडी और भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) सिरमौर के प्रमुखों के साथ दूरभाष पर बातचीत कर राज्य की अर्थव्यवस्था को बहाल करने और कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए उनके बहुमूल्य सुझाव लिए। राज्यपाल ने उन्हें 17 मई, 2020 तक स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यटन आदि से संबंधित एक अवधारणा नोट भेजने का भी आग्रह किया ताकि सरकार को इसका लाभ मिल सके। बातचीत में निदेशक, आईआईटी मंडी टिमोथी गोन्जालव्स और आईआईएम, सिरमौर की निदेशक डाॅ. नीलू मित्रा ने भाग लिया। राज्यपाल ने कहा कि कोविड-19 के उपरान्त विश्व में परिस्थितियां बदल जाएंगी। हम पहले ही व्यवसायों, संस्थानों और सरकारों के कामकाज में बदलाव का सामना कर रहे हैं। अर्थव्यवस्था इस संकट से बुरी तरह प्रभावित हुई है और लाखों लोगों को अपनी आजीविका से हाथ धोना पड़ा है। हमें अर्थव्यवस्था को पुनः बहाल करने की जरूरत है ताकि लोगों को आजीविका के अवसर प्राप्त हो सकें। हमें लोगों को सुरक्षित और स्वस्थ रखने की भी जरूरत है। उन्होंने कहा कि ये दोनों प्रसिद्ध संस्थान आर्थिक गतिविधियों को पुनर्जीवित करने में सुझाव देकर अपनी अग्रणी भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के बाद स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यटन, उद्योग, हस्तशिल्प इत्यादी क्षेत्रों को विश्व भर में फिर से खड़ा करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि तकनीक इसमें बड़ी भूमिका निभा सकती है और संसाधनों के प्रबंधन के लिए हमें नए साधनों की भी आवश्यकता है। राज्यपाल ने उनसे कहा कि वे हिमाचली परिप्रेक्ष्य को ध्यान में रखते हुए अपनी टिप्पणी भेजें। उन्होंने आग्रह किया कि इसके अलावा, वैश्विक महामारी में अन्य क्षेत्रों स्वास्थ्य, टेलीमेडिसिन एंड तकनीक, ऑन-लाइन शिक्षा, विशेष शिक्षा, पर्यटन, ऑन-लाइन पर्यटन, सोशल मीडिया का उपयोग, डिजिटल मीडिया प्लेटफाॅर्म पर ध्यान केंद्रित किया जा सकता हैै।
बाहरी राज्यों से वापस आने के इच्छुक हिमाचलियों को चिकित्सा जांच और संस्थागत क़्वारन्टाइन के उपरान्त ही अपने घर जाने दिया जाएगा। यह बात मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज राज्य सरकार द्वारा नियुक्त नोडल अधिकारियों की बैठक को संबोधित करते हुए कही। इन नोडल अधिकारियों को देश के अन्य भागों में फंसे लोगों राज्य में वापिस लाने के लिए संबंधित राज्य सरकारों से समन्वय स्थापित करने के लिए नियुक्त किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार देश के विभिन्न भागों में फंसे हिमाचलवासियों की सुरक्षा के प्रति चिंतित हैं उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों कोघर भेजने से पहले उन्हें क़्वारन्टाइन अवधि में रखने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि पंजाब, महाराष्ट्र और देश के अन्य रेड जोन से आने वाले हिमाचलियों की कोविड-19 के लिए जांच की जाएगी। जय राम ठाकुर ने नोडल अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि उन्हें जिन राज्यों का कार्यभार सौंपा गया है, उनके नोडल अधिकारियों के साथ समन्वय बनाए रखें ताकि फंसे हुए हिमाचलियों को वापस लाने का मामला संबंधित राज्यों की सरकार के साथ जल्द से जल्द उठाया जा सके। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को वापस लाने में प्राथमिकता दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे राज्य के 52,763 लोगों ने कोविड ई-पास के लिए आवेदन किया है। इसी तरह हिमाचल प्रदेश में फंसे देश के विभिन्न राज्यों के लगभग 63,044 लोग अपने राज्यों को वापिस जाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि अब तक अन्य राज्यों के 30,219 लोग यहां से जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि दूसरे राज्यों में वापस जाने के इच्छुक लोगों को उनकी सुचारू वापसी के लिए सभी संभव सुविधाएं प्रदान की जाएं। उन्होंने कहा कि श्रमिकों को प्रदेश में ही रहने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए ताकि श्रमिकों के अभाव में विकास परियोजनाएं प्रभावित न हों। जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार के आग्रह पर केंद्र सरकार ने गोवा में फंसे हिमाचल प्रदेश के लोगों को राज्य में वापस लाने के लिए थिविम/मड़गांव/करमाली से ऊना तक विशेष रेलगाड़ी चलाने के लिए सहमति प्रदान की है। यह विशेष रेलगाड़ी 13 या 14 मई, 2020 को गोवा से चलेगी। उन्होंने कहा कि बेंगलुरु में फंसे हिमाचल प्रदेश के लोगों को वापस लाने के लिए 11 मई को बेंगलुरु से ऊना के लिए एक और स्पेशल ट्रेन चलाई जाएगी। राज्य सरकार, केंद्र सरकार से महाराष्ट्र, गुजरात, पश्चिम बंगाल, बिहार इत्यादी राज्यों से भी ऐसी ही ट्रेनें शुरू करने का आग्रह करने पर विचार कर रही है ताकि वहां फंसे हिमाचल प्रदेश के लोगों को सुविधा मिल सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि उचित सामाजिक दूरी को सुनिश्चित करने के लिए ऊना स्थित रेलवे स्टेशन पर पर्याप्त व्यवस्था की जाएगी। वहां पर मास्क, सैनिटाइजर योजना के पैकेट का भी प्रबन्ध किया जाएगा। लोगों की सुविधा के लिए वहां पर जिलावार अलग काउंटर स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि पंजाब, उत्तराखंड, हरियाणा और राजस्थान में फंसे हिमाचलियों को वापस लाने के लिए भी राज्य सरकार आवश्यक व्यवस्था करेगी।
केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट अफ़ेयर्स राज्यमंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कोरोना आपदा से राहत देने के के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बनाए गए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज से हिमाचल प्रदेश को लगभग 244 करोड़ से ज़्यादा राशि ट्रांसफ़र कर दिए जाने की जानकारी दी है। अनुराग ठाकुर ने कहा "आज पूरी दुनिया कोरोना वायरस की चपेट में है और इस इस वैश्विक आपदा से निपटने के लिए सभी देश युद्ध स्तर पर काम कर रहे हैं। हमारा देश भी इस से अछूता नहीं है। जिसे देखते हुए देश की मोदी सरकार अपने नागरिकों को स्वस्थ व सुरक्षित बनाए रखने के लिए सभी सम्भव उपाय कर रही है। कोरोना आपदा के संकट को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने नेतृत्व में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज का गठन किया गया है जिसके अंतर्गत ग़रीबों, मज़दूरों, किसानों, विधवाओं व दिव्यांगजनों के लिए आर्थिक सहायता का प्रावधान किया गया है। पूरे देश में अब तक 39 करोड़ से भी ज़्यादा लोगों को 34 हज़ार 800 करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की गई है।” अनुराग ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में भी ज़रूरतमंदों प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज का पूरा लाभ मिला है। पीएम किसान योजना के 8 लाख 70 हज़ार से भी ज़्यादा लाभार्थियों को 174 करोड़ रुपए से ज़्यादा की राशि उनके खातों में ट्रांसफ़र कर दी गई है। पीएम जनधन योजना के 6 लाख 13 हज़ार से ज़्यादा खाताधारकों के बैंक खातों में 30 करोड़ से ज़्यादा की राशि केंद्र सरकार द्वारा ट्रांसफ़र कर दी गई है।राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम (NSAP) के तहत 1 लाख 11 हज़ार से अधिक वृद्धों, विधवाओं और दिव्याँगों को लगभग 5 करोड़ 59 लाख रुपए से अधिक की आर्थिक सहायता दी जा चुकी है। बिल्डिंग एंड कंस्ट्रक्शन फंड के 90 हज़ार से अधिक लाभार्थियों को 17 करोड़ 95 लाख से अधिक की आर्थिक मदद केंद्र सरकार द्वारा की गई है। ईपीएफ़ओ के 3700 से ज़्यादा लाभार्थियों को 8 करोड़ 30 लाख रुपए से ज़्यादा की राशि ट्रांसफ़र कर दी गई है। इसके अतिरिक्त उज्ज्वला योजना के अंतर्गत लगभग 1 लाख 13 हज़ार सिलेंडरों की अब तक बुकिंग हुई थी जिसमें से लगभग 1 लाख 12 हज़ार मुफ़्त गैस सिलेंडर लोगों को वितरित किए जा चुके हैं। हिमाचल प्रदेश के अंदर अब तक लगभग 24 लाख लोगों को 12 हज़ार मीट्रिक टन खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा चुका है। इसके अतिरिक्त लॉकडाउन के प्रथम चरण से अभी तक केंद्र सरकार द्वारा हिमाचल प्रदेश को अप्रैल माह तक विभिन्न मदों के लिए कुल 1,821 करोड़ रुपए दिए जा चुके हैं। अनुराग ठाकुर ने कहा कि भारत सरकार कोरोना से निपटने के लिए सभी ज़रूरी व प्रभावी कदम उठा रही है। यह वक्त पूरी एकजुटता के साथ इस आपदा से निपटने व अपनी राष्ट्रीय एकता को दिखाने का है। इस समय हमें पूरे संयम और दृढ़ संकल्प के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा सुझाए सभी उपायों का कड़ाई से पालन करने की आवश्यकता है। सतर्कता से ही कोरोना के संक्रमण की रोकथाम संभव है। हम स्वयं संक्रमित होने से बचेंगे और दूसरों को भी संक्रमित होने से बचाएँगे व हम सब मिल कर कोरोना को हराएंगे।
कम्युनिस्ट पार्टी(मार्क्सवादी) के नेता संजय चौहान ने कहा कि पार्टी का मानना है कि शिमला शहर के बीचोबीच स्थित जिला अस्पताल रिपन(डी डी यू) को डेडिकेटेड कोविड-19 अस्पताल बनाने का सरकार का फैसला बिना सोचे समझे व जल्दबाजी में लिया गया फैसला है। उन्होंने कहा कि पार्टी मांग करती है कि इस फैसले को तुरन्त वापिस ले तथा इसमें नियमित ओ पी डी आरम्भ कर जनता को राहत प्रदान की जाए। सरकार द्वारा 21 मार्च, 2020 को कोविड-19 के बारे में बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में भी पार्टी ने सुझाव दिया था कि आई जी एम सी व रिपन(डी डी यू) अस्पताल में नियमित ओ पी डी जारी रखी जाए व नवबहार स्थित इंडस अस्पताल को तुरन्त डेडिकेटेड कोविड19 अस्पताल बनाया जाए। परन्तु सरकार ने इस पर कोई ध्यान नही दिया।उन्होंने कहा कि पहले आईजीएमसी में एक महीने से अधिक समय तक ओ पी डी बन्द कर जनता को परेशानी में डाला गया और अब रिपन(डी डी यू) अस्पताल जिसमे शिमला शहर व बाहर से बड़ी संख्या में मरीज इलाज के लिए आते हैं इसे कोविड19 के लिए डेडिकेटेड अस्पताल बना दिया है और ओ पी डी बन्द कर जनता को और अधिक परेशानी में डाल दिया है। उन्होंने बताया कि ये निर्णय बिल्कुल भी सही नहीं है और इसे सरकार को जनहित में तुरन्त बदलना चाहिए। संजय चौहान ने कहा कि सरकार द्वारा लॉकडाउन व कर्फ्यू को लागू किए आज 45 दिन से अधिक समय हो गया है परन्तु अभी भी सरकार कोविड19 से निपटने के लिए कोई ठोस रणनीति व कार्यनीति नहीं बना पाई है और तदर्थवाद पर ही कार्य कर रही है। सरकार न तो आवश्यकता अनुसार टेस्ट कर पा रही है और न ही जो लोग कोविड19 के संभावित व प्रभावित मरीज है उनके लिए उचित व्यवस्था कर पा रही है। इनको क्वारंटाइन करने के लिए कोई भी न तो ठोस योजना है न ही कार्यक्रम हैं। अभी तक अधिकांश जिलों में तो उचित क्वारंटाइन केंद्र भी स्थापित नही किये गए हैं। जहाँ कहीं स्थापित किये गए हैं वहाँ रहने, खाने, साफ सफाई व अन्य मूलभूत आवश्यकताएं भी उपलब्ध नहीं करवाई गई है। सी.पी.एम.मांग करती है कि सरकार रिपन(डी डी यू) अस्पताल को डेडिकेटेड कोविड19 अस्पताल बनाने के निर्णय को तुरन्त बदल कर इसमें ओ पी डी तुरन्त आरम्भ कर जनता को इस विषम परिस्थिति में राहत प्रदान की जाए तथा इंडस अस्पताल को डेडिकेटेड कोविड19 अस्पताल बनाया जाए। राज्य के बाहर से आ रहे सभी लोगो का टेस्ट कर उनकी क्वारंटाइन करने की स्थानीय स्तर पर उचित व्यवस्था की जाए। क्वारंटाइन केंद्रो में रहने, खाने, साफ सफाई व अन्य मूलभूत आवश्यकताओं को सुचारू रूप से उपलब्ध करवाया जाए। राज्य सरकार को इस कोविड19 से निपटने व इससे बाहर निकलने के लिए जंग की भांति एक ठोस रणनीति बना कर कार्य करना होगा। सी.पी.एम. इससे निपटने के लिए सरकार द्वारा उठाये गए सकारात्मक कार्यों में पूर्ण सहयोग प्रदान करेगी।
हिमाचल में कोरोना वायरस के मामले पिछले कुछ दिनों से लगातार बढ़ रहे हैं। रविवार प्रदेश में कोरोना वायरस को दो और पॉजिटिव मामले आए हैं। 36 वर्षीय उक्त मरीज दो दिन पहले ही अहमदाबाद से लौटा है, जहां वह ड्राइवर की नौकरी करता है। वन्ही दूसरे मामले में गुरुग्राम से लौटे 46 वर्षीय व्यक्ति का कोविड सैंपल भी पॉजिटिव पाया गया है। वह मरीज गुरुग्राम में ड्राइवर की नौकरी करता है। दोनों के सैंपलों की जांच आईजीएमसी शिमला में की गई है। इन दोनों को बिलासुपर में क्वारंटीन किया गया था। बता दे कि अब प्रदेश में कुल 54 कोरोना पॉजिटिव मामले आ चुके हैं और वर्तमान में 13 एक्टिव केस उपचाराधीन है। दो की मौत हुई है। 35 लोग स्वस्थ होकर घर चले गए हैं और चार लोग हिमाचल से बाहर चले गए हैं।
प्रदेश सरकार के आग्रह पर केंद्र सरकार ने गोवा में फंसे हिमाचल प्रदेश के लोगों को राज्य में वापस लाने के लिए गोवा के थिविम/मड़गांव/करमाली से ऊना के लिए विशेष रेलगाड़ी चलाने के लिए सहमति प्रदान की है। यह बात मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कोरोना महामारी के दृष्टिगत देशभर में लगाए गए लाॅकडाउन के कारण गोवा में फंसे प्रदेश के लोगों से वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बातचीत करते हुए कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के लोगों को वापस लाने के लिए उन्होंने केंद्रीय रेल मंत्री पियूष गोयल से गोवा से ऊना तक विशेष ट्रेन चलाने का आग्रह किया था। उन्होंने कहा कि हिमाचलियो को वापस लाने के लिए केंद्रीय रेल मंत्री ने 13 या 14 मई, 2020 को विशेष रेलगाड़ी चलाने के लिए सहमति प्रदान की है। जय राम ठाकुर ने कहा कि गोवा में राज्य के 1204 लोग फंसे हुए हैं, जिनमें मंडी जिला के 398, कुल्लू जिला के 246, कांगड़ा जिला के 241, चंबा जिला के 105, शिमला जिला के 70 और सोलन जिला के 43 लोग शामिल हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार देश के विभिन्न भागों में कार्य कर रहे राज्य के लोगों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि सरकार अपने घर वापस आने वाले लोगों के कौशल और विशेषज्ञता का पूरी तरह से उपयोग करने के प्रयास करेगी। उन्होंने कहा कि घर वापसी के बाद उन्हें होम क्वारंटीन में रहना होगा। गोवा में फंसे हिमाचली युवाओं देवा ठाकुर, महेंद्र सिंह, संजय कुमार और किशोर लाल ने उन्हें घर वापस लाने के किए गए प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री का धन्यवाद किया। उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह, वन मन्त्री गोविन्द सिंह ठाकुर और पूर्व भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
भाजपा प्रदेश महामंत्री त्रिलोक जमवाल ने कहा की हिमाचल प्रदेश कि कांग्रेस पार्टी के नेता सिर्फ नकारात्मक राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनके अध्यक्ष कुलदीप राठौर ने कहा कि हम हिमाचल प्रदेश में सभी जगह नजरें गड़ाए बैठे हैं इससे स्पष्ट होता है की कांग्रेस के नेता नजरें गड़ाने के सिवा और कोई कार्य नहीं करना चाहते हैं। उन्होंने कहा की कांग्रेस के नेता गण बताएं की बूथ स्तर पर या मंडल स्तर पर कितने सेवा प्रकल्प कांग्रेस पार्टी ने शुरू किए। भारतीय जनता पार्टी ने अपने प्रदेश अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल के नेतृत्व में विभिन्न सेवा कार्य किए जिसमें राशन के पैकेट बांटना, राशन किट बांटना, मास्क वितरण करना, पीएम केयर फंड में राशि जुटाना और मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए धन संग्रह करना। इसी प्रकार से कांग्रेस पार्टी बताए की कितने सेवा कार्य उन्होंने इस वैश्विक महामारी के समय किए हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी में केवल राजनीति चमका अभियान चल रहा है जिसके अंतर्गत सभी कांग्रेस के नेतागण बयानबाजी कर अपनी अपनी राजनीति चमकाने में लगे हैं और आश्चर्यजनक बात यह है कि हर एक नेता का पक्ष अलग होता है। कोई कहता है कि बाहरी राज्यों से लोग आने चाहिए तो दूसरा कहता है कि नहीं आने चाहिए। कांग्रेस पार्टी पहले यह स्पष्ट करें कि वह चाहती क्या है, उनकी मंशा क्या है। उन्होंने कहा आज इस संकट की घड़ी में राजनीति छोड़ समाज सेवा करनी चाहिए अपितु कांग्रेस के नेता केवल राजनीति कर रहे हैं और सेवा नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने कहा की पूरा विश्व जब इस महामारी से एक युद्ध लड़ रहा है तब कांग्रेस पार्टी केवल सरकारों और अन्य राजनीतिक दलों की गलतियां ढूंढने में लगी है कि किस प्रकार से वह देश और प्रदेश में नकारात्मक राजनीति कर सके और माहौल बिगाड़ सके। उन्होंने कहा कि जनता ने सब देखा है कि किसने सकारात्मक कार्य किया है और किसने नकारात्मक कार्य किए हैं फैसला जनता ही लेगी । कांग्रेस को सीख लेनी चाहिए कि देशभर में कांग्रेस पार्टी का वर्चस्व समाप्त होते जा रहा है, आज कांग्रेस पार्टी के पास ना तो नेता है ना ही नीति।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शिमला से जिला चम्बा और कांगड़ा की विभिन्न ग्राम पंचायतों के प्रधानों से आग्रह किया कि प्रदेश सरकार को कोविड-19 के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए अपना सहयोग दें तथा उनसे बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों को होम क्वारन्टीन का सख्ती से पालन करवाने को कहा। मुख्यमंत्री ने प्रधानों से उनके गांवों में बाहरी राज्यों से आने वाले किसी भी व्यक्ति की सूचना संबंधित अधिकारियों के साथ सांझा करने को कहा, ताकि उन लोगों की शीघ्रता से स्वास्थ्य जांच की जा सके और यदि आवश्यकता हो तो उन्हें कवारंटाइन में रखा जा सके। उन्होंने कहा कि यह कोरोना महामारी को फैलने से रोकने में सहायक सिद्ध होगा। जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रधानों को लोगों को फेस मास्क और फेस कवर बनाने और वितरित करने के लिए भी प्रेरित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस महामारी को रोकने के लिए यह आवश्यक नहीं कि केवल सर्जिकल और ब्रांडिड मास्क का ही उपयोग किया जाए, बल्कि घर में बने कपड़े के मास्क का भी इस बीमारी को फैलने से रोकने के लिए उपयोग में लाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि लोगों को इस महामारी के प्रति जागरूक किया जाना चाहिए और उन्हें किसी भी प्रकार की अफवाहों को फैलाने से भी रोका जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बाहरी राज्यों से वापस आए लोग, जिन्हें होम कवारंटाइन में रखा गया है, पंचायत प्रधान उनसे बेहतर संबंध बनाए रखने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें कोरोना से लड़ना है, न कि कोरोना रोगियों के प्रति समाज में भेदभाव उत्पन्न करना है। उन्होंने कहा कि यह एक विषाणुजनित संक्रमण है और इसके प्रति कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने प्रधानों को उनके क्षेत्र में हो रहे विभिन्न विकासात्मक कार्यों में तेजी लाने को कहा। उन्होंने कहा कि मनरेगा के अंतर्गत होने वाले कार्यों को शीघ्र शुरू किया जाना चाहिए और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि श्रमिक सामाजिक दूरी बनाए रखे और फेस मास्क का उपयोग करें। जय राम ठाकुर ने कहा कि सभी पंचायत प्रधानों को भी लोगों को सामाजिक समारोहों व धार्मिक कार्यों से दूर रहने के लिए प्रेरित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि वे लोगों को अपने कृषि कार्य करने के दौरान भी सामाजिक दूरी का पालन करने के लिए प्रेरित करें तथा यह सुनिश्चित किया जाए कि उनके क्षेत्र में कोई भी व्यक्ति भोजन के बिना न रहे और बाहरी राज्यों से आए मजदूरों का विशेष रूप से ध्यान रखा जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन घरों के सदस्य होम कवारंटाइन में रखे गए है उन्हें उचित ढंग से चिन्हित किया जाए और प्रधान उनसे लगातार सम्पर्क में रहे ताकि वे लोग होम कवारंटाइन के दौरान घरों से बाहर न निकलें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि होम कवारंटाइन नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और पहले उल्लंघन पर उन्हें संस्थागत कवारंटाइन में रखा जाएगा । ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने ग्रामीण क्षेत्रों में विकासात्मक कार्य आरम्भ करने और मनरेगा के अन्तर्गत पर्याप्त धनराशि उपलब्ध करवाने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर की अगुवाई में राज्य सरकार द्वारा कोविड-19 महामारी से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए उठाए गए कदमों की भी सराहना की।
शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने फेसबुक पर संवाद ‘शिक्षा पर चर्चा’ के माध्यम से जानकारी दी है कि हिमाचल के सरकारी स्कूलों में कक्षा पहली, छठी व नवीं और 11वीं के दाखिले कोरोना वायरस के खतरे के चलते प्रभावित नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग ने इसके लिए नई योजना तैयार कर ली है। कर्फ्यू के बीच ही स्कूल के प्रधानाचार्य, मुख्य अध्यापक व कुछ नॉन टीचिंग स्टाफ को स्कूल बुलाया जाएगा और छात्रों के दाखिले किए जाएंगे। उन्होंने कहा 11 मई को अहम बैठक होने जा रही है। बैठक के बाद विभाग की ओर से इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए जाएंगे। उन्होंने इस दौरान जून के पहले सप्ताह में 10वीं और अंतिम सप्ताह में 12वीं का रिजल्ट घोषित करने की बात भी कही है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि 10वीं कक्षा का परीक्षा परिणाम जून महीने के पहले सप्ताह में घोषित कर दिया जाएगा। इसके लिए पेपर चेकिंग का कार्य पूरा होने वाला है। 12वीं कक्षा के भूगोल और कंप्यूटर साइंस का पेपर जल्द करवाया जाएगा। उन्होंने कहा है कि ये सब चीजें हालात सामान्य होने पर निर्भर करता है। उन्होंने बताया कि कॉलेजों और विश्वविद्यालय की परीक्षाएं जुलाई महीने में होंगी। परीक्षाएं होने के तुरंत बाद मूल्यांकन का कार्य शुरू हो जाएगा। जुलाई में ही दाखिले भी शुरू हो जाएंगे। सितंबर महीने से कॉलेज और विवि में नया सत्र शुरू हो जाएगा।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर की अध्यक्षता में आयोजित राज्य मंत्रिमण्डल की बैठक में प्रदेश में शराब की बिक्री पर अतिरिक्त लाइसेंस फीस (कोविड सैस) लगाने का निर्णय लिया गया। अब देसी शराब की प्रति बोतल पर पांच रुपये शुल्क, आई।एम।एफ।एल। प्रति बोतल पर 10 रुपये, भारत में निर्मित बीयर/आर।टी।डी। प्रति बोतल/कैन पर पांच रुपये, विदेश से आयातित शराब (बी।आई।ओ।) प्रति बोतल पर 25 रुपये, बीयर/आर।टी।डी। (बी।आई।ओ।) प्रति बोतल/कैन पर 10 रुपये, भारतीय वाइन/साइडर की प्रति बोतल पर 10 रुपये और वाइन/साइडर (बी।आई।ओ।) की प्रति बोतल पर 25 रुपये कोविड सैस लगाया जाएगा। मंत्रिमण्डल ने यह भी निर्णय लिया कि उद्योगों (एल-19 ए लाइसेंस) द्वारा स्वच्छता उत्पादों को बनाने के लिए प्रयोग किए जाने वाली सभी प्रकार की स्पिरिट पर उत्पाद शुल्क 10।50 रुपये से बढ़ाकर 15 रुपये प्रति बल्क लीटर किया जाएगा। कोविड-19 आर्थिक पुनरुत्थान (इकाॅनोमिक रिवाइवल) के लिए गठित मंत्रिमण्डल उप समिति ने विकासात्मक कार्यों में तेजी लाने, विभिन्न क्षेत्रों में संसाधनों को जुटाने और विभिन्न क्षेत्रों के सहयोग के लिए अपनी सिफारिशों के बारे में मंत्रिमंडल के समक्ष प्रस्तुति दी। उप समिति ने यह भी सिफारिश की बाहरी राज्यों से वापिस आये हिमाचलियों से उनके कौशल योग्यता की जानकारी ली जाए और इसे राज्य के श्रम एवं रोजगार और उद्योग विभाग के साथ साझा किया जाए ताकि उनकी योग्यता को उपलब्ध क्षेत्रों में इस्तेमाल किया जा सके। मंत्रिमण्डल ने आगामी कृषि और बागवानी फसलों की कटाई के दृष्टिगत उपाय भी सुझाए। मंत्रिमण्डल उप समिति ने खनन कार्यों के कारण राजस्व क्षति को कम करने और फोरेस्ट क्लीयरेंस में तेजी लाने की सिफारिश भी की। मंत्रिमण्डल ने कफ्र्यू छूट अवधि को पांच घंटे से बढ़ाकर सात घंटे करने को भी स्वीकृति प्रदान की। शहरी स्थानीय निकाय में प्रत्येक घर में 120 दिन का अकुशल रोजगार गारंटी प्रदान करने के उद्देश्य से शहरी क्षेत्रों में आजीविका सुरक्षा बढ़ाने और मजदूरी का कार्य करने वालों को कौशल श्रम प्रदान कर स्वयं का उद्यम स्थापित कर सब्सिडी से जुड़ी क्रेडिट। एंटरप्रेंयुरशिप प्रशिक्षण के लिए मंत्रिमण्डल ने मुख्यमंत्री शहरी आजीविका गांरटी योजना को सहमति प्रदान की। इससे शहरी अधोसंरचना को मजबूत करने और शहरी स्थानीय निकायों में गुणवत्तापूर्ण नागरिक सुविधाओं को प्रदान करने में सहायता मिलेगी। इस महत्वकांक्षी योजना के अन्तर्गत 25।20 करोड़ रुपये व्यय होने का अनुमान है। प्रदेश में युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने और रोजगार की संभावनाओं को सृजित करने के लिए मंत्रिमंडल ने जिला सोलन के वाकनाघाट में एडीबी (एशियन डवेल्पमेंट बैंक) कार्यक्रम के अन्तर्गत पर्यटन, आतिथ्य क्षेत्रों सहित सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में उच्च स्तरीय प्रशिक्षण के लिए विशेष केन्द्र स्थापित करने को स्वीकृति प्रदान की। इससे उत्कृष्टता केंद्र के विद्यार्थियों को अन्तरराष्ट्रीय परिदृश्य में उनके शैक्षणिक अभिलेख एवं कार्य अनुभव को मजबूती मिलेगी और रोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध हो सकेंगे। मंत्रिमण्डल ने राज्य सरकार के सभी कर्मचारियों और सरकारी उपक्रमों, बोर्ड, विश्वविद्यालय इत्यादि के कर्मचारियों से एच।पी। एस।डी।एम।ए। कोविड-19 स्टेट डिजास्टर रिस्पाॅंस फंड में उदारतापूर्वक अंशदान करने का आग्रह किया।
भारतीय जनता पार्टी ने वीडियो कॉन्फ्रेसिंग को कोरोना से लड़ने के लिए हथियार के रूप में इस्तेमाल किया है। 25 मार्च से 6 मई तक पहला चरण पूरा करते हुए 400 वीडियो कॉन्फ्रेंस करके 15000 से अधिक कार्यकर्ताओं को समाज सेवा के लिए प्रेरित किया जिसके परिणामस्वरूप 17,70,411 फेस मास्क, 1,00,581 मोदी राशन किट जनता को उपलब्ध करवाई गई। 5 मई से भाजपा संवाद का दूसरा चरण शुरू हुआ। डॉ बिन्दल ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से प्रदेश के समस्त वरिष्ठ कार्यकर्ताओं से संवाद किया और उन्हें हर पोलिंग बूथ पर पन्ना प्रमुखों से सम्पर्क करने का आवाहन किया। इस प्रकार लगभग 1000 वीडियो कॉन्फ्रेंस करके प्रदेश के कोने-कोने में बैठे हुए समाज के प्रत्येक व्यक्ति की चिंता करने का लक्ष्य निर्धारित किया। भाजपा अध्यक्ष ने भाजपा नेताओं से कहा कि कोरोना से लड़ाई, लम्बी लड़ाई हैं और हमें इसके लिए स्वयं भी तैयार रहना होगा और समाज को भी तैयार करना होगा। डॉ बिन्दल ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर द्वारा किए गए कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होनें हिमाचल प्रदेश में आर्थिक व विकासात्मक गतिविधियां को पुनः शुरू किया है। भाजपा अध्यक्ष डॉ राजीव बिन्दल ने सरकार से बलपूर्वक कहा कि नकदी फसलें जिसमें आडू, चैरी, सेब, टमाटर, लहसुन, प्लम, खुरमानी, मटर इनकी गंभीरता से चिंता करें। किसान को उसकी पैदावार का उचित दाम मिले, यह आवश्यक है। भाजपा अध्यक्ष ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से प्रदेश के कार्यकर्ताओं की भावना के अनुरूप यह कहा है कि हिमाचल से बाहर रह रहे हिमाचलियो को लाने के लिए जो प्रक्रिया शुरू की है उसे जारी रखा जाए और प्रदेशवासियों से अपील की है कि बाहर से आने वाले भाई-बहनों को नियम की परिधि में रहते हुए सहयोग करें।
रेहड़ी-फड़ी तहबाजारी सम्बंधित सीटू का प्रतिनिधिमंडल नगर निगम आयुक्त से मिला व उन्हें ज्ञापन सौंपा। विजेंद्र मेहरा ने नगर निगम शिमला के आयुक्त से मांग की है कि शिमला नगर निगम के दायरे में कार्यरत सभी तहबाजारियों को दुकानदारों की तर्ज़ पर कार्य करने की इजाज़त दी जाए। आयुक्त ने आश्वासन दिया है कि वह इस संदर्भ में उपायुक्त शिमला को प्रस्ताव भेज कर उचित कदम उठाने का आग्रह करेंगे। उन्होंने कहा है कि कोरोना महामारी के चलते सभी समुदायों का रोजगार किसी न किसी रूप में प्रभावित हुआ है। इसमें विशेष तौर पर रेहड़ी फड़ी तहबाजारी के रोजगार में लगे लोग बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। ये लोग रोज़ कमाकर परिवार को पालन-पोषण करने वाले लोग हैं। प्रदेश सरकार व प्रशासन ने दुकानों को वैकल्पिक दिनों में खोलने की इजाज़त दी है जोकि स्वागत योग्य कदम है। परन्तु सबसे गरीब लोग रेहड़ी फड़ी तहबाजारी का कार्य करते हैं व उन्हें अपना कार्य करने की इजाज़त नहीं दी गई है। ये लोग लोग सबसे गरीब शहरी लोग हैं। बाबू राम ने कहा है कि भारत सरकार ने माननीय उच्चतम न्यायालय के दिशानिर्देशों पर मार्च 2014 में स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट बनाया था। इस कानून के तहत रेहड़ी फड़ी तहबाजारी का कार्य करने वाले लोगों को संविधान के अनुच्छेद 21 के जीने के अधिकार व अनुच्छेद 14 के समानता के अधिकार के तहत जीविका अर्जित करने का अधिकार दिया गया है। कोरोना के कारण पिछले डेढ़ महीनों में इस कार्य में लगे लोगों का रोजगार पूरी तरह खत्म हो गया है व परिवार के लिए भोजन की व्यवस्था करना भी मुश्किल हो गया है इसलिए रेहड़ी फड़ी तहबाजारी को भी कारोबारियों की तर्ज़ पर कार्य करने की इजाज़त दी जाए। अगर प्रशासन यह व्यवस्था नहीं करता है तो फिर नगर निगम शिमला के पास जिन भी लोगों ने स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट के अनुसार पंजीकृत होने के लिए सर्टिफिकेट ऑफ वैंडिंग व आई कार्ड देने के लिए आवेदन किया है उन्हें राज्य सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम वेतन के अनुसार 8250 रुपये की प्रति महीना आर्थिक मदद अप्रैल और मई महीनों के लिए जारी की जाए।
राजस्व विभाग के आपदा प्रबन्धन सेल ने प्रदेश और सभी जिला मुख्यालयों पर आपातकालीन संचालन केंद्र स्थापित किए हैं जो रात-दिन कार्य कर रहे हैं ताकि लोगों को आपदा की स्थिति में सूचना और समन्वय की सुविधा दी जा सके। प्रदेश आपातकालीन केंद्र का 1070 और जिले के आपातकालीन केंद्रों का टोल फ्री नंबर 1077 है। आपातकालीन संचालन केंद्र राष्ट्रीय संचार तंत्र का भाग है। यह केंद्र संचार नेटवर्क विफल होने की स्थिति में संचार के अन्य साधन उपलब्ध करवाता है, ताकि फील्ड और केंद्र सरकार की सरकारी संस्थांए नुकसान और क्षति का जायजा लेने में सक्षम रहें और उचित कार्यवाही कर सके। इन आपातकालीन संचालन केंद्रों में आई-सेट, वी-सेट, एनआईसी नेटवर्क, वीएचएफ सेट्स इत्यादि सूचना तंत्र है। भारत सरकार के राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण ने प्रदेश के आपातकालीन संचालन केंद्रों को सुदृढ़ करने के लिए 20 लाख रुपये की धनराशि जारी की है। प्रदेश सरकार ने राज्य के सभी आपातकालीन संचालन केंद्रों के मोबाईल फोन नेटवर्क को हिमाचल प्रदेश आपातकालीन संचालन केंद्र मैनुअल- 2011 के प्रावधान के अनुसार और अधिक सुदृढ़ करने का फैसला लिया है। ये फोन अस्थाई रूप से राज्य सरकार द्वारा नियुक्त किए गए नोडल अधिकारियों को देश के विभिन्न भागों में फंसे हिमाचली और अन्य फंसे हुए लोगों के आवागमन की सुविधा के लिए अन्य राज्यों के साथ समन्वय स्थापित करने के लिए प्रदान किए गए हैं। राज्य सरकार ने जब इन नोडल अधिकारियों को नियुक्त किया था उस समय उनके व्यक्तिगत मोबाइल फोन काॅल्स, व्हाट्सऐप और एस.एम.एस. से भर गए और उनके लिए इन सभी को संभालना मानवीय रूप से मुश्किल हो रहा था। इस स्थिति में नोडल अधिकारियों को तत्काल काॅल प्राप्त करना और सेवाएं प्रदान करना मुश्किल हो रहा था, अब संचार की इस अतिरिक्त सुविधा के साथ इन अधिकारियों ने अपना कार्य और विभिन्न राज्य सरकारों के साथ सम्पर्क स्थापित करना शुरू कर दिया है। उन्होंने अपने समकक्षों के साथ अन्य राज्यों में फंसे हुए हिमाचलियों और प्रदेश में अन्य राज्यों के निवासियों की सूची सांझा की है। उन्होंने राज्यों से आग्रह किया है कि वह अब तक पंजीकृत हिमाचलियों को जल्द प्रदेश वापस की सुविधा प्रदान करें। अब तक http//covid19epass.hp.gov.in पोर्टल में 80 हजार से अधिक लोगों ने अपना पंजीकरण कर दिया है और यह संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। राज्य नोडल अधिकारी एवं प्रधान सचिव राजस्व ओंकार चंद शर्मा को मोबाइल नंबर 9459461355, संयुक्त नोडल अधिकारी एवं निदेशक पर्यटन यूनुस को 9459485243 पर संपर्क किया जा सकता है। सचिव सूचना एवं जन सम्पर्क रजनीश को हरियाणा नई दिल्ली व एनसीआर का नोडल अधिकारी बनाया गया है, जिन्हें मोबाइल नंबर 9459461361 पर संपर्क किया जा सकता है। तमिलनाडू, आंध्र प्रदेश व तेलंगाना के नोडल अधिकारी एवं सचिव वित्त अक्षय सूद को 9459472832, मंडलायुक्त शिमला और जम्मू-कश्मीर, लद्दाख व उत्तराखंड के नोडल अधिकारी राजीव शर्मा को 9459455714, झारखण्ड व उड़ीसा के लिए श्रम आयुक्त एसएस गुलेरिया को 94594-55279, राज्यपाल के सचिव राकेश कंवर को उत्तर प्रदेश के लिए 94594-55841, पर संपर्क किया जा सकता है। विशेष सचिव देवदत्त शर्मा को बिहार के लिए 94594-57046, निदेशक हिप्पा चंद्र प्रकाश वर्मा को सहायक राज्य नोडल अधिकारी बनाया गया है, जिन्हें 94594-57107, महाराष्ट्र, गोवा प पुडुचेरी के लिए निदेशक ऊर्जा मानसी सहाय ठाकुर को 94594-73112, केरल, लक्षद्वीप व कर्नाटक के लिए निदेशक वित्त सुदेश मोख्टा को 94594-57061 और पंजाब, चंडीगढ़ एवं मोहाली के लिए निदेशक ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज ललित जैन को 94594-85157, राजस्थान, गुजरात, दादरा एवं नगर हवेली और दमन एवं द्वीव के लिए विशेष सचिव ऊर्जा हेमराज बैरवा को 94594-57292, असम, मिंजोरम, अरूणांचल प्रदेश, मणिपुर, नागालैंड, त्रिपुरा व मेघालय के लिए निदेशक कार्मिक मनमोहन शर्मा को 94594-57476, अंडमान एवं निकोबार और सिक्किम के लिए निदेशक प्रारम्भिक शिक्षा रोहित जम्वाल को 94594-57587 और मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ एवं तेलंगाना के लिए विशेष सचिव वन एवं उद्योग नीरज कुमार को 94594-57659 पर सम्पर्क किया जा सकता है। प्रदेश से बाहर जाने वाले और बाहरी राज्यों से प्रदेश में आने वाले लोगों से आग्रह किया गया है कि वे ऑनलाइन प्लेटफाॅर्म http//covid19epass.hp.gov.in पर खुद को पंजीकृत करें और नोडल अधिकारियों द्वारा किए जाने वाले प्रबन्धों की प्रतीक्षा करें। ये लोग किसी भी सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर 0177-2626076, 2626077, 2622204, 2629688, 2629439, 2628940, 2629939 और 2659791 तथा टोल फ्री नंबर 1800 180 2185 पर भी संपर्क कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने केंद्रीय श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री संतोष कुमार गंगवार से अनुरोध किया है कि ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना’ के अंतर्गत हिमाचल प्रदेश को इस शर्त में छूट दी जाए कि इस योजना का लाभ केवल उन्हीं उपक्रमों को मिलेगा, जिनमें 90 प्रतिशत अथवा इससे अधिक कर्मचारी 15 हजार रुपए प्रतिमाह की दर से वेतन प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा प्रावधान करने से प्रदेश के अधिकांश लोग लाभान्वित होंगे। केंद्रीय राज्य मंत्री को लिखे एक पत्र में जय राम ठाकुर ने कहा है कि समाज के कमजोर वर्गों को लाभान्वित करने के लिए केंद्र सरकार ने यह योजना मार्च, 2020 में आरम्भ की थी। इस योजना में प्रावधान किया गया है कि संगठित क्षेत्र में कम वेतन पाने वाले कर्मचारियों की सहायता की जाए। इसके लिए केंद्र सरकार कर्मचारी भविष्य निधि में तीन महीने के लिए सीधे उनके खाते में जमा करेगी। योजना का लाभ वे कर्मचारी उठा पाएंगे, जहां 100 कर्मचारियों तक की संख्या वाले उपक्रमों में प्रतिमाह 15 हजार रुपये से कम वेतन प्राप्त करने वाले कर्मचारियों की संख्या 90 प्रतिशत या इससे अधिक हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश के कई औद्योगिक चैम्बरों और संगठनों ने मामला उठाया था कि राज्य की कई औद्योगिक इकाइयों में ऐसे 90 प्रतिशत कर्मचारी नहीं है, जो 15 हजार रुपये प्रतिमाह से कम वेतन ले रहे हैं। इसलिए अन्य कम वेतन पाने वाले इन इकाइयों के कर्मचारी इस योजना का लाभ उठाने से वंचित रह सकते हैं। जय राम ठाकुर ने कहा कि इस स्थिति से कर्मचारियों और प्रबन्धन के बीच भ्रम और अविश्वास की स्थिति उत्पन्न हो सकती है, क्योंकि आम धारणा यह है कि सरकार उन सभी कर्मचारियों के लिए ईपीएफ का अंशदान करती है, जो 15 हजार रुपये प्रतिमाह की दर से वेतन प्राप्त कर रहे हैं।
नगर निगम शिमला की मेयर सत्या कौंडल और उनका पूरा परिवार होम क्वारंटीन हो गया है। सत्या कौंडल के बहु बेटा 28 अप्रैल को दिल्ली से लौटे थे। स्वास्थ्य विभाग को उनकी ये सूची 4 मई को मिली है जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने उन्हें उनके परिवार सहित होम क्वारंटाइन कर दिया है। सत्या कौंडल व उनके परिवार होम क्वारंटाइन होने की स्थिति में सत्या कौंडल के परिवार का कोई सदस्य बाहर नही निकल सकेगा। ऐसे में प्रशासन द्वारा रोजमर्रा के जरूरी सामान को उनके घर पर ही पहुंचाया जाएगा।
कोविड-19 महामारी के दृष्टिगत हिमाचल प्रदेश सरकार गैर सरकारी संगठनों के समन्वय से राज्य में 24 खाद्य शिविरों में लगभग तेरह हजार प्रवासियों को भोजन उपलब्ध करवा रही है। राज्य सरकार के अधिकारी इन शिविरों में स्थिति पर निगरानी रख रहे हैं। जिला बिलासपुर में 689 लोग, चंबा में 2,688, कांगड़ा में 238, किन्नौर में दो, कुल्लू में 678, मंडी में 245, शिमला में 1,379 और सिरमौर जिले में 6,834 लोगों ने इन भोजन शिविरों में भोजन प्रदान किया गया है। इसके अलावा, 19 राहत शिविरों और आश्रय स्थलों में पांच सौ से अधिक व्यक्तियों को आश्रय प्रदान किया गया है। स्कूलों और मंदिरों में स्थापित ये राहत शिविर और भोजन शिविर काॅविड-19 के कारण लाॅकडाउन में फंसे हुए प्रवासी लोगों को भोजन की नियमित आपूर्ति सुनिश्चित कर रहे हैं। इनमें से कांगड़ा जिला में संचालित तीन राहत शिविर और आश्रय में 89 व्यक्ति, कुल्लू के एक शिविर में आठ व्यक्ति, मंडी के एक शिविर में 18 व्यक्ति, शिमला के दो शिविरों में 94 व्यक्ति, सिरमौर के पांच शिविरों में 69 व्यक्ति और सोलन के सात शिविरों में 234 व्यक्तियों को आवास की सुविधा दी जा रही है। लाॅकडाउन के परिणामस्वरूप उत्पन्न हुई परिस्थितियों के बारे में कई प्रवासी मजदूरों ने बताया कि उनके पास मूलभूत घरेलू खर्चों को वहन करने के लिए भी पैसे नहीं थे और उस समय, राज्य सरकार ने इन असमर्थ लोगों का खर्च वहन करने की पहल की। राज्य सरकार द्वारा की गई अपील के परिणामस्वरूप, कार्यस्थल पर ही छः हजार से अधिक व्यक्तियों को उनके नियोक्ताओं द्वारा आश्रय और भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। प्रवासी मजदूरों को भोजन और आश्रय के अलावा, राज्य के जरूरतमंद लोगों को भी लगभग दस लाख राशन और भोजन के पैकेट प्रदान किए गए हैं। जिला किन्नौर में नेपाली मूल के मजदूर दिल बहादुर व राजन ने बताया राज्य सरकार ने उन्हें संकट के समय में राहत प्रदान करते हुए आवश्यक सुविधाएं दी। इसी प्रकार किन्नौर में कार्य करने वाले उत्तर प्रदेश के मुन्ना व अमर चन्द ने भी राज्य सरकार की प्रशंसा करते हुए बताया कि उन्हें भी सरकार ने हर संभव राहत प्रदान की है। राष्ट्रीय लाॅकडाउन ने उन प्रवासी मजदूरों के लिए कठिनाई पैदा कर दी थी, जिन्हें कोविड-19 के कारण पैदा हुई परिस्थितियों में काम से हाथ धोना पड़ा, जिससे उनको भोजन तक की परेशानी हो चुकी थी। राज्य सरकार लाॅकडाउन की अवधि के दौरान इन प्रवासी कृषि मजदूरों, औद्योगिक श्रमिकों और अन्य असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को भोजन और आश्रय सहित पर्याप्त सहायता प्रदान करना सुनिश्चित कर रही है।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने मण्डी जिला के सिराज विधान सभा क्षेत्र के ग्राम पंचायत प्रधानों से वीडियो काॅन्फ्रेंस के माध्यम से बातचीत करते हुए कहा कि वे यह सुनिश्चित बनाए कि उनके क्षेत्रों में देश के विभिन्न हिस्सों से वापस आने वाले लोग होम क्वारंटाइन और सोशल डिस्टेंसिंग के मापदंडों की पूर्ण रूप से अनुपालना करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायत प्रधानों को बाहर से आने वाले लोगों के परिजनों को भी अपने परिवार में सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए प्रेरित करना चाहिए। बाहर से आने वाले लोगों को अलग शौचालय का प्रयोग करने के लिए कहा जाए और अगर ऐसी सुविधा उपलब्ध न हो तो शौचालय को समुचित तरीके से सेनेटाईज किया जाए। उन्होंने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं को भी लोगों को जागरूक बनाना चाहिए कि वे किसी भी प्रकार के धार्मिक एवं सामाजिक समारोह में शामिल न हो, क्योंकि इससे कोरोना वायरस फैलने का खतरा बढ़ जाता है। जय राम ठाकुर ने कहा कि पंचायती राज संस्थानों के निर्वाचित प्रतिनिधियों को यह भी सुनिश्चित बनाना चाहिए कि उनके गांव में जो भी व्यक्ति बाहर से आया है, वह घर में क्वारन्टीन की समय अवधि पूरा करे। इसके अतिरिक्त लोगों को कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए किए गए उपायों के बारे में भी जागरूक किया जाना चाहिए और उन्हें चेहरा ढकने अथवा मास्क का प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। उन्होंने कहा कि पंचायत प्रधान यह भी सुनिश्चित करें कि यह लड़ाई कोविड-19 महामारी के विरूद्ध है, न कि उन लोगों के जो इस बीमारी से ग्रसित हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने लोक निर्माण विभाग और जल शक्ति विभाग को सामाजिक दूरी सुनिश्चित करने के साथ-साथ कार्य शुरू करने की मंजूरी प्रदान कर दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मनरेगा के अंतर्गत सभी कार्यों को सुविधाजनक और तीव्रता से पूरा किया जाए, लेकिन साथ ही सुरक्षित सामाजिक दूरी को भी सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि स्थानीय बाजारों और सार्वजनिक स्थानों को सेनेटाईज करने के लिए पर्याप्त प्रयास किए जाएं और दुकानदारों को उनकी दुकानों में मास्क का उपयोग और सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए कहा जाना चाहिए। जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार कृषि उत्पादों को बाजार तक पहुंचाने के लिए परिवहन की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित कर रही है। इस अवसर पर विभिन्न पंचायतों के प्रधानों ने भी अपने विचार रखे।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने प्रदेश सरकार के विभिन्न उच्च अधिकारियों के साथ राज्य में कोविड-19 महामारी के दृष्टिगत उत्पन्न स्थिति की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह देश के विभिन्न भागों से प्रदेश में लौटे लोगों द्वारा क्वारंटाइन नियमों का सख्ती से पालन करना सुनिश्चित करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के अन्य भागों से प्रदेश में लौट रहे सभी लोगों की जांच की जाएगी और इसके पश्चात यह निर्णय लिया जाएगा कि उस व्यक्ति को होम क्वारंटाइन या संस्थागत क्वारंटाइन में रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों से हिमाचल प्रदेश लौट रहे सभी लोगों का पूरा विवरण रखा जाएगा और रेड जोन से आने वाले लोगों को क्वारंटाइन केंद्रों में रहना आवश्यक होगा। जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य में फंसे अन्य प्रदेशों के लोग विशेषकर विद्यार्थियों और श्रमिकों को उनके राज्य वापस जाने के लिए सुविधाएं प्रदान करने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार अन्य राज्यों में फंसे लोगों को हिमाचल प्रदेश वापस लाने के लिए पर्याप्त प्रबंध किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने पहले से ही प्रदेश के बाहर प्रवासी श्रमिकों, तीर्थ यात्रियों, पर्यटकों, विद्यार्थियों और अन्य लोगों के आवागमन को समन्वित करने के लिए नोडल अथाॅरिटी की सहायता के लिए पर्याप्त संख्या में सहायक अधिकारी नियुक्त किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में संस्थागत केंद्रों को चिन्हित किया जाना चाहिए और इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि जहां तक संभव हो यह आवासी और व्यस्त क्षेत्रों से दूर एकांत स्थान पर हों। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग जो होम क्वारंटाइन का नियम तोड़ते हैं, उन्हें तुरंत संस्थागत क्वारन्टीन में स्थानांतरित कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि देश के अन्य भागों से प्रदेश में वापस लौटने वाले लोगों के लिए नियमानुसार पास जारी किए जाने चाहिए, ताकि राज्य के प्रवेश द्वारों पर अनावश्यक भीड़ से बचा जा सके। मुख्य सचिव अनिल खाची, पुलिस महानिदेशक एस.आर. मरडी, अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य आर.डी. धीमान, प्रधान सचिव ओंकार शर्मा और मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुंडू, सचिव सूचना एवं जन सम्पर्क रजनीश भी बैठक में उपस्थित थे।
आईजीएमसी में वीरवार एक महिला ने दम तोड़ दिया है। जानकारी के अनुसार महिला को अस्थमा भी था। महिला को सांस लेने में दिक्कत आ रही थी जिसके चलते उसे वीरवार सुबह अस्पताल लाया गया था। वह बुधवार को ही परिवार सहित एक टैक्सी में सवार होकर पंजाब के पटियाला से वापस शिमला लौटी थी। उसके बाद से वह शिमला के नाभा स्थित अपने घर पर होम क्वारंटाइन में थी। हालांकि ये नहीं कहा जा सकता है कि वह कोरोना संक्रमित थी। उसकी टेस्ट रिपोर्ट आने पर ही इस बात का खुलासा हो पाएगा। घटना की पुष्टि एएसपी प्रमोद शुक्ला ने की है।
करोना के कहर के बीच हिमाचल प्रदेश के लिए एक और दुखद खबर आई है। मंडी के सरकाघाट के 21 वर्षीय युवक की करोना से आईजीएमसी शिमला में मौत हो गई थी। इसके बाद साथ मे आयी इसकी माँ के कोरोना सेम्पल लिए गए थे। जिसकी रिपोर्ट देर रात्रि को आई है जो कि पॉजिटिव है। इसके साथ ही अब आईजीएमसी शिमला में एक क्रोना पॉजिटिव मामला उपचाराधीन है। बताया जा रहा है कि जब यह युवक इलाज के लिए दिल्ली गया था तो इसकी मां भी इसके साथ थी। इस प्रकार जो प्रदेश कोरोना मुक्ति की दहलीज पर खड़ा था वो एक बार फिर कोरोना के चंगुल में फंसता नजर आ रहा है। प्रदेश में कोरोना के 6 एक्टिव मामले हो गए हैं जबकि कोरोना संक्रमितों कुल संख्या 46 हो गई है।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि अपनी जान जोखिम में डालकर देश के विभिन्न राज्यों में फंसे हिमाचलियों को वापिस लाने के कार्य में लगे हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) के चालकों व परिचालकों की मृत्यु होने पर उनके परिवार को सरकार ने 50 लाख रुपये का अनुग्रह अनुदान देने का निर्णय लिया है। जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार कोविड-19 से निपटने में लगे कर्मचारियों की सुरक्षा और कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है और उन्हें सभी आवश्यक सुरक्षा उपकरण जैसे मास्क, दस्ताने इत्यादि उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कोरोना महामारी के दृष्टिगत राजस्थान के कोटा, दिल्ली, चण्डीगढ़ ट्राई सिटी-मोहाली, पंचकूला व चण्डीगढ़ सहित देश के अन्य हिस्सों में भारी संख्या में फंसे हिमाचली विद्यार्थियों को हिमाचल प्रदेश वापिस लाने में एचआरटीसी के चालकों व परिचालकों के योगदान की सराहना की है। उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भी वाराणसी के विभिन्न शिक्षा संस्थानों में शिक्षा ग्रहण कर रहे हिमाचल प्रदेश के 22 विद्यार्थियों को सुरक्षित वापिस भेजने के प्रबन्धों के लिए आभार व्यक्त किया। इन विद्यार्थियों के वीरवार तक वापिस पहुंचने की संभावना है।
भाजपा हिमाचल प्रदेश ने 5 मई, 2020 से कोरोना महामारी के दृष्टिगत सेवा का तीसरा चरण शुरू कर दिया है। ऐसा डा राजीव बिन्दल प्रदेशाध्यक्ष भाजपा ने प्रदेश स्तरीय वीडियो कॉन्फ्रेंस करने के बाद कहा। उन्होंने कहा कि पिछले 1 महीने 15 दिन से भारतीय जनता पार्टी का प्रत्येक कार्यकर्ता सेवा में लीन है, उन्होंने कहा की भाजपा ने 300 वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 14000 कार्यकर्ताओं के साथ संपर्क किया है। उन्होंने कहा कि अगले माह भाजपा 400 से अधिक वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से 30,000 से ज्यादा कार्यकर्ताओं के साथ संवाद करने जा रही है। भाजपा अपने अगले चरण में पन्ना प्रमुखों तक की बैठके वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से करने वाली है। देश भर में भारतीय जनता पार्टी हिमाचल प्रदेश आधुनिकरण में सबसे आगे चल रहा है। भाजपा हिमाचल प्रदेश ने एक महीने का अपनी पूरी कार्य योजना बनाकर उसे प्रदेशभर में जारी कर दिया है। बिन्दल ने कहा कि देश के माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आहवान पर गांव गांव, घर-घर पहुंचाने का काम करेंगे, वह संदेश है दो गज की दूरी बहुत है जरूरी सावधानी हटी दुर्घटना घटी फेस कवर लगाएं सुरक्षा पाएं। बिन्दल ने बताया कि 29 मार्च से 4 मई के बीच में 4,58,510 भोजन के पैकेट; 99,334 मोदी राशन किट; 17,22,219 फेस मास्क; 1,81,60,191 रू पीएम केयर फंड में तथा 7,33,25,451 रू का सीएम कोविड-19 फंड में सहयोग दिया है। अब तक प्रदेश में 22,33,076 लोगों को लाभ पहुंचाया गया है। इसके साथ ही 8 लाख के लगभग आरोग्य ऐप हिमाचल प्रदेश में डाउनलोड की गई है। हमें सभी को आरोग्य ऐप डाउनलोड करने के लिए कहना है। इस प्रकार हिमाचल प्रदेश भारतीय जनता पार्टी ने आज तक के कार्यों से देशभर में अपना स्थान बनाया है व आगामी कार्यों से और श्रेष्ठ स्थान बनाएगी। वीडियो कॉन्फ्रेंस में सांसद रामस्वरूप शर्मा, सुरेश कश्यप, किशन कपूर, राज्यसभा सांसद इंदू गोस्वामी, मंत्री विक्रम ठाकुर, डा राजीव सहजल, प्रदेश संगठन महामंत्री पवन राणा, सतपाल सिंह सत्ती सहित तीनों महामंत्री, आठ उपाध्यक्ष, आठ सचिव, कोषाध्यक्ष, प्रमुख प्रवक्तागण, मीडिया प्रभारी, सह प्रभारीगण, मोर्चों, प्रकोष्ठों के अध्यक्षगण जुड़े।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने प्रदेश में कोरोना के चार मामले पाए जाने पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि यह कहीं न कहीं प्रशासन की लापरवाही ही नज़र आ रही है। उनका कहना है कि एक ओर जहां प्रदेश के लोग लॉक डाउन का पूरा पालन किए हुए है, वही बाहर से आने वाले संक्रमित लोगों ने प्रदेश में इसकी चिंता को बढ़ा दिया है। उन्होंने इस माहमारी से अब तक दो लोगों की मौत पर भी दुःख व्यक्त किया है। वीरभद्र सिंह ने कहा कि लॉक डाउन के तीसरे चरण में मंडी जिला में एकाएक दो लोगों के कोरोना से संक्रमित पाया जाना चिंता का विषय है। उन्होंने कहा है अन्य राज्यों से जो लोग प्रदेश में अपने घर लौट रहे है उनकी पूरी तरह से स्क्रीनिंग न किया जाना इसका मुख्य कारण लगता है और जिस तादाद से लोग यहां अपने घर आ रहें है उससे इस माहमारी के संक्रमण बढ़ने की किसी भी संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। वीरभद्र सिंह ने कहा है कि जो भी लोग प्रदेश में अपने घर आ रहें है उनकें पूरे स्वास्थ्य की जांच कर पूरा कोरोना प्रोटोकॉल फॉलो किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा है कि कोरोना का असर देश प्रदेश से जल्दी जाने वाला नही लगता। इसके लिए कोई ठोस कार्य योजनाएं बनाए जाने की बहुत ही जरूरत रहेगी। उन्होंने कहा है कि उन्होंने पिछले दिनों जो अपने पत्र में प्रदेश सरकार को सुझाब दिए थे उसे उनपर जल्द कार्य शुरू कर देना चाहिए। इससे पहले की यह माहमारी कोई विकराल रूप न ले ले इसके लिए प्रदेश के सभी जिला अस्पतालों में टेस्टिंग किट्स सुरक्षा के उपकरण, बेंन्टीलेटर इत्यादि की व्यवस्था की जानी चाहिए। साथ हीं स्वास्थ्य सेवाओं में समय के अनुरूप विस्तार के लिए ओर अधिक बजट का विशेष प्रावधान करने की जरूरत भी रहेगी जिससे जिला के सभी अस्पतालों में टेस्टिंग सुविधा से इस प्रकार की किसी भी माहमारी का तुरंत पता लग सकें। वीरभद्र सिंह ने कहा है कि लॉक डाउन की बजह से बेरोजगारी के चलते अन्य राज्यों की भांति प्रदेश से भी हजारों कामगार, लेबर अपने अपने घरों को पलायन कर चुकी है। उनका कहना है कि इसका प्रदेश की आर्थिकी पर विपरीत असर पड़ेगा। प्रदेश में कृषि और बागवानी में लेबर का बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान रहता है,इस बार इनके यहां न होने से एक बड़ी गंभीर समस्या पैदा होने वाली है। उनका कहना है कि अगर प्रदेश सरकार ने लॉक डाउन के इस समय में इनके खाने पीने की अगर कोई उचित व्यवस्था की होती तो इस समस्या से बचा जा सकता था। वीरभद्र सिंह ने कहा है कि आज देश मे कोरोना को लेकर जो गंभीर हालत पैदा हो गए है वह बड़ी चिंता का विषय बन गया है। उन्होंने कहा है कि देश में आज लोगों के बीच एक अफरातफरी का माहौल बना हुआ है। लाखो लोग बेरोजगारी की मार झेलते हुए अपने घरों को जानें के लिए आतुर है। देश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह एक जगह ठहर गई है। देश मे भयानक मंदी का दौर शुरू हो गया है। आने वाला समय और भी भयबह हो सकता है, अगर अभी से कोई ऐसे कदम न उठाए गए जिनमें अर्थव्यवस्था के साथ साथ रोजगार को भी गति मिल सकें।
लाहुल स्पीति के काजा उप मंडल में गर्भवती महिला को कमला नेहरू अस्पताल शिमला के लिए मंगलावर को एयरलिफ्ट किया गया। 29 वर्षीय तेंजिन खचित आठ माह की गर्भवती है जोकि गांव पांगमो की स्थाई निवासी है, 13 अप्रैल को अचानक तबियत खराब हो गई। परिजन तुरन्त काजा अस्पताल में ले आए। लेकिन काफी देर तक तबियत में कोई सुधार नहीं आया। इसके बाद अस्पताल प्रशासन ने कमला नेहरू अस्पताल शिमला रेफर करने का फैसला लिया। अस्पताल प्रशासन ने अतिरिक्त दंडाधिकारी ज्ञान सागर नेगी को जारी जानकारी दी। इसके बाद ज्ञान सागर नेगी ने कृषि मंत्री डॉ राम लाल मार्कंडेय से संपर्क किया। फिर हेलीकॉप्टर की सुविधा मुहैया करवाने की बात रखी। तुरन्त कृषि मंत्री ने आला अधिकारियों से बात करके मंगलवार को गर्भवती महिला को एयरलिफ्ट का प्रबन्ध किया गया। मंगलवार को महिला मरीज को तीमारदार सहित कमला नेहरू अस्पताल एयरलिफ्ट किया गया। बीएमओ तेंजिन नोरबू ने बताया कि महिला पीड़िता काफी बीमार थी। इस वजह से उन्हें तुरंत रैफर किया गया। मंत्री और एडीएम की मदद से मंगलवार को मरीज कमला नेहरू अस्पताल शिमला भेज दिया गया है। कृषि मंत्री डॉ राम लाल मार्कंडेय ने कहा कि जैसे ही प्रशासन ने मरीज के बारे में बताया मैंने तुरन्त अधिकारियों से संपर्क करके जितनी जल्दी हो सका। इन्हें एयरलिफ्ट करने का कार्य शुरू किया। मंगलवार को सफलतापूर्वक एयरलिफ्ट कर दिया गया है। लाहुल स्पीति के लोगों के लिए हेलीकॉप्टर की सुविधा मददगार साबित हो रही है। हमेशा अपातकालीन परिस्थितियों में हेलीकॉप्टर से लोगों को सुविधा ही मिली है। अतिरिक्त दंडाधिकारी ज्ञान सागर नेगी ने बताया कि मंत्री के दिशनिर्देशों के अनुसार एयरलिफ्ट करके मरीज शिमला रैफर कर दिया है। अपातकालीन परिस्थितियों में तुरन्त हेलीकॉप्टर की सुविधा ली जाती है।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने मंगलवार को इन्दिरा गांधी मेडिकल काॅलेज शिमला, डाॅ राजेन्द्र प्रसाद राजकीय मेडिकल काॅलेज टांडा, कांगड़ा और श्री लाल बहादुर शास्त्री राजकीय मेडिकल काॅलेज नेरचैक के चिकित्सकों, पैरा मेडिकल स्टाफ और सफाई कर्मचारियों से वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से बातचीत करते हुए प्रदेश में कोरोना वायरस से जूझ रहे मरीजों को बेहतरीन सेवाएं देने के लिए उनका आभार व्यक्त किया। इन तीनों चिकित्सा संस्थानों ने कोविड-19 के प्रारम्भिक मामलों का उपचार किया था। इन चिकित्सकों, पैरा मेडिकल स्टाफ और सफाई कर्मचारियों को अब क्वारंटीन में रखा गया है। मुख्यमत्रीं ने कहा कि इन चिकित्सकों, पैरा मेडिकल स्टाफ और सफाई कर्मचारियों की सेवाएं सराहनीय हैं और प्रदेश की जनता इनकी निःस्वार्थ सेवाओं के लिए इनकी आभारी है। उन्होंने कहा कि स्थिति सामान्य होने के उपरान्त वह स्वयं इन सभी कोरोना योद्धाओं से बातचीत करेंगे। इन्दिरा गांधी मेडिकल काॅलेज शिमला के डाॅ लोकेश, डाॅ निशांत, डाॅ सतीश, डाॅ मनोज और सिस्टर शीला व सिस्टर प्रियंका से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 के मरीजों के उपचार कि लिए उन्होंने निर्भिक और निःस्वार्थ सेवाएं दी हैं। मुख्यमंत्री ने डाॅ यामिनी, डाॅ हिमांशु, डाॅ रजत, डाॅ नितीश और डाॅ मनु शर्मा से भी बातचीत की और कोविड-19 के मरीजों के उपचार के प्रति उनके प्रयासों की सराहना की। उन्होंने दूरभाष के माध्यम से टांडा अस्पताल में कोविड-19 के पहले दो पाॅजिटिव मरीजों से अस्पताल से छुट्टी के उपरान्त स्वयं बातचीत की। उन्होंने कहा कि दोनों मरीजों ने टांडा मेडिकल काॅलेज के कर्मचारियों द्वारा दी गई सेवाओं की सराहना की है। जय राम ठाकुर ने डाॅ रेखा बंसल, डाॅ राजेश कुमार के अतिरिक्त श्री लाल बहादुर शास्त्री राजकीय मेडिकल काॅलेज नेरचैक जिला मण्डी के प्रधानाचार्य डाॅ रजनीश पठानिया से भी बातचीत की। मुख्यमंत्री ने कोविड-19 के मरीजों के प्रति उनकी सेवाओं की सराहना करते हुए उनके मरीजों के उपचार के अनुभवों को भी सुना। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी कोरोना योद्धाओं द्वारा दी गई सेवाएं निःसन्देह चिकित्सा क्षेत्र में प्रेरणादायक हैं। इसके उपरांत मुख्यमंत्री ने स्काइप के जरिये शिमला जिला के कुड्डू बैरियर में तैनात एएसआई चिंतामणि और नेरवा में तैनात एएसआई लोकेंद्र से बातचीत की। उन्होंने सिरमौर जिला में तैनात हैड कांस्टेबल आशु अग्रवाल और सोलन जिला के परवाणु में कार्यरत इंस्पेक्टर रवींद्र कुमार से भी बातचीत की। जय राम ठाकुर ने कोराना वायरस के कारण प्रदेश में लगाए गए कफ्र्यू के दौरान सराहनीय सेवाएं देने के लिए इन सभी पुलिस कर्मियों की प्रशंसा की। उन्होंने सभी से अपनी सुरक्षा का ध्यान रखने का भी आग्रह किया।
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव के साथ राजभवन में आयोजित बैठक में कहा कि मौजूदा लाॅकडाऊन की स्थिति में राज्य में गैर-पंजीकृत श्रमिकों को भी प्रतिमाह वित्तीय सहायता और एक माह का राशन दिए जाने की व्यवस्था की जानी चाहिए ताकि उन्हें इस स्थिति में किसी समस्या का सामना न करना पड़े। राज्यपाल ने कहा कि गैर-पंजीकृत श्रमिकों और गैर पंजीकृत ठेकेदारों की संख्या का आंकड़ा रखा जाना चाहिए और कोशिश की जा सकती है कि इस स्थिति में गैर-पंजीकृत श्रमिकों के लिए छोटे स्तर पर शिविर लगाए जा सकें। उन्होंने कहा कि लाॅकडाऊन खत्म होने के साथ ही ऐसे प्रवासी श्रमिक जो वापस अपने राज्य जाना चाहते हैं, उनके लिए व्यवस्था की जानी चाहिए। उन्होंने आग्रह किया कि ऐसे समय में इन मजदूरों को उद्योगों से नहीं निकाला जाना चाहिए और इसके लिए विभाग को उद्योग विभाग से भी समन्वय स्थापित करना चाहिए। दत्तात्रेय ने कहा कि राज्य में ईएसआईसी औषधालयों की सेवाओं का दायरा बढ़ाया जाना चाहिए ताकि अधिक से अधिक श्रमिकों को लाभ मिल सके। इस अवसर पर अतिरिक्त मुख्य सचिव निशा सिंह ने राज्यपाल को विभाग की विभिन्न गतिविधियों की जानकारी दी। राज्यपाल के सचिव राकेश कंवर भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
भाजपा प्रदेश महामंत्री त्रिलोक जम्वाल ने भाजपा प्रदेश कार्यालय दीपकमल चक्कर मे भारत रत्न बाबासाहेब डॉ भीमराव अंबेडकर की 129वी जयंती पर श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा बाबासाहेब अम्बेडकर का सामाजिक, आर्थिक और वैधानिक दृष्टिकोण, एक सर्वसमावेशी समाज के निर्माण और उत्तम राष्ट्र संचालन की दिशा में सदैव हमारा मार्गदर्शन करता है। जम्वाल ने कहा बाबासाहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर की जयंती पर समस्त भाजपा कार्यकर्ताओं की तरफ से उन्हें नमन करते हुए हम संकल्पित भाव से उनके आदर्शों और विचारों को समाज जीवन में आगे बढ़ाने का प्रण लेते हैं। उन्होंने कहा बाबासाहेब अम्बेडकर जी का व्यक्तित्व बहुआयामी था। अपने जीवन के 65 सालों में सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक, शैक्षणिक, धार्मिक, ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, संवैधानिक क्षेत्रों में उनका योगदान अविस्मरणीय है। आधुनिक भारत के निर्माण में बाबासाहेब का योगदान और उनकी भूमिका के लिए राष्ट्र सदैव उनके प्रति कृतज्ञ रहेगा। एक भाजपा कार्यकर्ता के रूप में हम सभी को बाबासाहेब के कार्य, उनके संघर्ष तथा राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक सुधारों के लिए उनके कार्यों से प्रेरणा भी मिलती है। उन्होंने कहा संविधान सभा के प्रारूप समिति के अध्यक्ष के रूप में समता, समानता, बंधुत्व एवं मानवता आधारित भारतीय संविधान को 2 साल 11 महीने और 18 दिन में तैयार करने में बाबासाहेब की महत्वपूर्ण भूमिका रही है । आज यह भारत की संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है। यह दुर्भाग्यपूर्ण रहा कि बाबासाहेब के जीवनकाल में कांग्रेस पार्टी ने न तो उनका यथोचित आदर किया और न ही उनको सम्मान दिया जो उन्हें मिलना चाहिए था। यह भी दुर्भाग्यपूर्ण रहा कि उनके निधन के चार दशक बाद उन्हें भारत रत्न दिया गया। उन्होंने कहा जब देश में राजनीति की बयार बदली और जब भाजपा को देश की जनता ने जनादेश सौंपा तब अटल जी के दौर में भी और अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के दौर में बाबासाहेब के संकल्प को पूरा करने का चरणबद्ध, सुनियोजित प्रयास भाजपा सरकारों द्वारा किया गया। चाहे अटल की सरकार में आरक्षण में सुधार का विषय हो अथवा मोदी की सरकार में गरीब, पिछड़े, वंचित, दलित के लिए आर्थिक, सामाजिक एवं संवैधानिक सुधारों का विषय हो, वो सभी कार्य हुए जो बाबासाहेब ने भावी भारत के लिए स्वप्न के रूप में देखे थे। उन्होंने कहा आज भी हमारी सरकार बाबासाहेब के बताए हुए रास्ते पर चलते हुए सर्वसमाज कल्याण के कार्य प्रतिबद्धतापूर्ण कर रही है। भाजपा की पंच निष्ठाओं के सिद्धांतों में समता मूलक एवं शोषण मुक्त समाज की परिकल्पना है।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने प्रदेश के उपायुक्तों, पुलिस अधीक्षकों और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रस के माध्यम से बात करते हुए निर्देश दिए कि क्वारंटीन केन्द्रों में रखे गए लोगों को बेहतरीन सुविधाएं प्रदान की जाएं ताकि उन्हें किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित बनाने के निर्देश दिए कि किसानों को फसल कटाई के दौरान सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए प्रेरित किया जाए और उनके उत्पादों के प्रापण के लिए भी उचित कदम उठाए जाएं। उन्होंने बागवानों को पर्याप्त मात्रा में उनके घरों के समीप फफंूदनाशक और अन्य पौध संरक्षण सामग्री उपलब्ध करवाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बागवानों को उनके उत्पादों की पैकिंग के लिए बाॅक्स उपलब्ध करवाए जाएं। जय राम ठाकुर ने कहा कि लोगों को आवश्यक सामग्री की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित बनाई जाए। उन्होंने अधिकारियों से अपने जिलों में लोगों को घरों पर ही आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित बनाने के लिए प्रणाली सुदृढ़ करने के लिए कहा ताकि लोगों को अपनी जरूरतों का सामान खरीदने के लिए घरों से बाहर आने की आवश्यकता न रहे। उन्होंने जमाखोरी और मुनाफाखोरी पर भी कड़ी नजर रखने के भी निर्देश दिए और कहा कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में अभी तक 5637 लोगों को कोरोना वायरस से निगरानी के अन्तर्गत रखा जा चुका है, जिनमें से 3486 लोगों ने 28 दिन की निगरानी की अनिवार्य अवधि पूरी कर ली है। प्रदेश में आज कोविड-19 के लिए 97 लोगों की जांच की गई जिनमें से 28 सैंपल नेगेटिव पाए गए हैं जबकि 69 सैंपल की रिपोर्ट आनी बाकी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोरोना वायरस के लिए अभी तक 1210 लोगों की जांच की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि सामाजिक दूरी को हर हालत में सुनिश्चित बनाया जाए और किसी भी प्रकार की सामाजिक सभाओं को मंजूरी नहीं दी जाएगी। अन्तरराज्यीय गतिविधियों पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाए ताकि राज्य में कोरोना वायरस का संक्रमण आगे न बढ़ सके। शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज, मुख्य सचिव अनिल खाची, पुलिस महानिदेशक एस.आर. मरडी, अतिरिक्त मुख्य सचिव मनोज कुमार और आर.डी. धीमान, प्रधान सचिव जे.सी. सचिव व ओंकार चन्द शर्मा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुंडू, सचिव रजनीश और सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग के निदेशक हरबंस सिंह ब्रसकोन बैठक में शामिल हुए।
कांग्रेस के बरिष्ठ नेता पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा है कि विश्वव्यापी कोरोना महामारी से लड़ने के लिए हम सबको एक होना होगा। उन्होंने समाज मे ऐसे कुछ तत्वों द्वारा नफ़रत और हिंसा फैलाने पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए सरकार से ऐसे लोगों के विरुद्ध कड़ी कारवाई करने को कहा है। वीरभद्र सिंह ने कहा है कि देश के सामने आज एक बहुत बड़ी चुनौती आन पड़ी है।यह एक संग्राम से कम नही है,इसलिए अगर कोई आपसी मतभेद भी है तो उन्हें भूला कर सभी को एकजुट होकर इसे हराना है। समाज मे किसी भी प्रकार का कोई भी मतभेद या द्वेष देश,प्रदेश के लिए घातक सिद्ध हो सकता है। उन्होंने कहा है कि कोरोना से हमारी सुरक्षा में जुटे सभी लोगों डॉक्टरों, मेडिकल स्टाफ या सुरक्षा में जुटे सभी पुलिस कर्मियों को हमें पूरा सहयोग देना है, तभी हम इस महामारी पर अपनी जीत हासिल कर सकते हैं। वीरभद्र सिंह ने प्रदेश सरकार से कहा है कि लॉक डाउन की बजह से प्रदेश के उन लोगों,श्रमिकों और बच्चों को उनके घरों तक सुरक्षित पहुंचाएं जो पिछले 21 दिनों के लॉक डाउन में प्रदेश के भविन्न स्थानों में फंसे पड़े है। उन्होंने कहा है कि इन लोगों की स्वास्थ्य जांच के बाद इन्हें इनके घरों में पहुंचाने की पूरी व्यवस्था सरकार को निशुल्क करनी चाहिए। वीरभद्र सिंह ने कहा है कि लॉक डाउन बढ़ने की स्थिति में प्रदेश सरकार को किसानों और बागवानों के लिए अपने काम के लिए विशेष अनुमति देनी चाहिए। उन्होंने कहा है कि किसानों और बागवानों की पूरी आर्थिकी इन फेसलो पर ही निर्भर है, इसलिए भविष्य की चुनोतियो को देखते हुए कुछ निर्णय प्रदेशहित मे भी लेने से सरकार को कोई गुरेज नहीं करना चाहिए। वीरभद्र सिंह ने कहा है कि देश के साथ साथ प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर कोरोना का विपरीत असर पड़ा है। इसलिए वह फिर से दोहराना चाहते है कि होटल व्यबसाय से जुड़े लोगों, ट्रांसपोर्टरों, कारोबारियों को जिन्होंने बैंकों से लोन इत्यादि ले रखा है उन्हें इस अवधि का ब्याज माफ़ करते हुए उन्हें जो कमर्शियल रेट विजली पानी और अन्य कोई भी टेक्स देय होता है। उसे प्रदेश सरकार को निरस्त कर देना चाहिए। उन्होंने कहा है कि इस गम्भीर चुनौती से निपटने के लिए सरकार को जनहित में ऐसे किसी भी फैंसले से कोई गुरेज नहीं करना है जिससे लोगों का ब्यवसाय या जीवन पुनः पटरी पर आसानी से आ सकें। वीरभद्र सिंह ने देश व प्रदेशवासियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा है कि इस विपदा के समय जिस प्रकार से उन्होंने संयम और एकजुटता का प्रमाण दिया है,यह हमारे देश की संस्कृति और आपसी एकता को ओर भी मजबूत करता है। उन्होंने इस संक्रमण से लोगों की सुरक्षा में जुटे सभी लोगों, डॉक्टरों, मेडिकल टीमों, आशावर्कर,आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मीडिया कर्मी और पुलिस स्टाफ की प्रसंसा करते हुए सरकार से इन सभी के लिए कोई भी विशेष आर्थिक पैकेज देने की मांग का भी पूरा समर्थन किया है।
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय की अध्यक्षता में आज यहां राजभवन में प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक में मुख्य सचिव अनिल खाची ने बताया कि किसानों और बागवानों को अपने उत्पाद विभिन्न मण्डियों तक पहुंचाने के लिए किसी भी पास की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि उन्हें सभी मौजूदा प्रक्रियाओं से पूर्ण छूट दी गई है। उन्होंने कोरोना महामारी से संबंधित विभिन्न सूचनाओं और प्रबन्धों से भी अवगत करवाया। राज्यपाल ने कहा कि सेब सीज़न को ध्यान में रखते हुए पर्याप्त प्रबन्ध किए जाने चाहिए ताकि बागवानों को मण्डियों में अपने उत्पाद का उचित मूल्य प्राप्त हो सके। उन्होंने कहा कि अगर आवश्यकता हो तो सरकार मंडी मध्यस्ता योजना (एमआईएस) के अन्तर्गत प्रापण मूल्य को बढ़ाने पर भी विचार कर सकती है। बैठक में कृषि उत्पाद संशोधन बिल पर भी चर्चा की गई। राज्यपाल ने आवश्यकतानुसार बिल की प्रक्रिया में तेजी लाने का सुझाव दिया। अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) आर.डी. धीमान ने बताया कि प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ किया गया है। उन सभी व्यक्तियों के सैंपल भी लिए गए हैं, जिनमें फ्लू जैसे लक्षण सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में आइसोलेशन केन्द्र सुविधा पर्याप्त है और हाॅट स्पाॅट क्षेत्रों को पूर्ण रूप से सील कर दिया गया है तथा आवश्यक खाद्य सामग्री की पूर्ति सुनिश्चित की जा रही है। उन्होंने कहा कि रविवार को लिए गए कोविड-19 के संदिग्धों से जुड़े सभी सैंपलों की रिपोर्ट नेेगेटिव पाई गई है। प्रदेश में किए गए प्रबन्धों पर सन्तोष व्यक्त करते हुए राज्यपाल ने लाॅकडाउन एग्जिट और आर्थिक पुनरूद्धार नीति पर कार्य करने पर बल दिया। राज्यपाल के सचिव राकेश कवंर भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डा. राजीव बिंदल ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, मंत्री परिषद के सदस्यों, विधायकगणों और भाजपा पदाधिकारियों की संयुक्त वीडियो कांफ्रेस में भाग लेते हुए प्रदेश सरकार द्वारा कोरोना की रोकथाम के लिए किए जा रहे उपायों के लिए सरकार का आभार व्यक्त किया। डा. बिंदल ने कहा कि संकट की इस घड़ी में सरकार और संगठन बेहतर और शानदार तालमेल के साथ कार्य कर हैं। मुख्यमंत्री कोरोना संकट के दृष्टिगत हर छोटी बड़ी घटना पर अपनी नजर बनाए हुए है और सभी सम्बन्धित आवश्यक कार्य जैसे सुरक्षा, राशन आवंटन, मास्क वितरण, कोरोना रोगियों का कुशलक्षेम आदि के कार्यों की स्वयं समीक्षा कर रहे हैं। डा बिंदल ने संगठन की ओर से प्रदेश में किए जा रहे सेवा कार्यों की जानकारी प्रदान करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आहवान पर हिमाचल में मास्क बनाने का कार्य वृहद स्तर पर चल रहा है। उन्हांने कहा कि प्रदेश में अभी तक 1,98,350 खाने के पैकेट, 57,858 लोगों को राशन किट वितरित किया गया जिसके तहत 5,59,310 लोग लाभान्वित हुए। इसी प्रकार प्रदेश में 4,01,565 मास्क वितरित किए गए जबकि पीएम केयर फंड में 86,7,565 रुपये तथा मुख्यमंत्री कोविड फंड में 2,46,48,000 रुपये की धनराशि दी गई। बिन्दल ने कहा कि मै देश के यशस्वी प्रधानमंत्री माननीय नरेन्द्र मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीय जगत प्रकाश नड्डा, मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के साथ लाखों हिमाचलवासियों की ओर से ऐसे समय में आप कोरोना योद्धाओं का अदम्य साहस और निःस्वार्थ सेवाभाव प्रेरणादायक है। उन्होंने कहा आपातकालीन सेवा में जुटे आप सब कर्मियों, सफाई कर्मियों, पुलिसकर्मियों, स्वास्थ्य पेशेवरों आदि का अभिनंदन। अदम्य साहस, निःस्वार्थ सेवाभाव और प्रतिबद्धता से ओतप्रोत इन कोरोना योद्धाओं ने यह सुनिश्चित किया है कि इस कठिन समय में देश पटरी पर रहे, आपका हृदय से धन्यवाद । उन्होंने कहा अपने आप को खतरे की स्थिति में रखते हुए डाक्टरों, नर्सो, पैरामेडिक्स, सफाईकर्मी, पुलिस कर्मी, आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति से जुड़े लोग, बैंक कर्मी और सरकारी कर्मचारियों ने यह सुनिश्चित किया है कि अन्य लोग सुरक्षित रहें। आपके अटूट विश्वास और साहस ने यह प्रदर्शित किया है कि कोरोना को हराया जा सकता है और भारत एवं मानवता अंतत: विजयी होगी। हम आपके प्रति आभार प्रकट करते हैं ।
राज्य कमेटी ने मांग की है कि कोरोना की आपदापूर्ण स्थिति में जो भी पूंजीपति, उद्योगपति व कारखानेदार तथा सरकारी विभाग सरकार के आदेशों व श्रम कानूनों का उल्लंघन कर रहे हैं उन पर आपराधिक मुकद्दमे दर्ज किए जाएं व उन पर कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाए। सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा व महासचिव प्रेम गौतम ने कहा है कि कोरोना के कारण हुए लोक डाउन व कर्फ्यू का खामियाज़ा सबसे ज़्यादा मजदूर वर्ग पर पड़ा है। इस से एक ओर लगभग साढ़े आठ लाख असंगठित मजदूर रोजगार से पूरी तरह वंचित हो गए हैं। वहीं दूसरी ओर सरकारी विभागों व निजी उद्योगों में उन्हें इस भारी मुश्किल में भी वेतन नहीं दिया जा रहा है। प्रदेश के औद्योगिक केंद्रों से हज़ारों मजदूरों के भूखे रहने की खबरें आ रही हैं क्योंकि उद्योगों में कार्यरत मजदूरों को मार्च महीने के वेतन का भुगतान नहीं किया गया है। इन उद्योगों में हज़ारों की संख्या में प्रवासी मजदूर कार्यरत हैं। उनके पास राशन लेने, मकान का किराया चुकाने तथा घर भेजने तक के पैसे नहीं हैं। चंबा जिला की बाजोली-होली निर्माणाधीन पनबिजली परियोजना के दो हज़ार पांच सौ मजदूरों को पिछले पांच महीने से कोई वेतन नहीं दिया गया है। ऊना जिला के सबसे बड़े उद्योगों में से एक ल्यूमिनस कम्पनी में कार्यरत सैंकड़ों ठेका मजदूरों का मार्च महीने का वेतन काट दिया गया है। सोलन जिला के बद्दी में स्थित स्टील वर्ल्ड उद्योग के लगभग एक हज़ार मजदूरों को मार्च महीने का वेतन नहीं दिया गया है। इस उद्योग के सैंकड़ों प्रवासी मजदूर दो वक्त की रोटी से भी महरूम हो गए हैं। शिमला शहर में स्थित लगभग साढ़े तीन सौ होटलों व रेस्तरां में कार्यरत लगभग छः हज़ार मजदूरों में से भी सैंकड़ों मजदूरों को मार्च महीने के वेतन का भुगतान नहीं किया गया है। शिमला के ख़लीनी स्थित होटल ईस्टबोर्न के प्रबंधन ने एक सौ बीस मजदूरों को पिछले तीन महीने के वेतन की अदायगी नहीं की है। मजदूरों की यही स्थिति पौंटा साहिब, बीबीएन, कालाअंब व परवाणू में भी है। प्रदेश के हज़ारों मजदूर वेतन से वंचित हैं। उन्होंने कहा है कि सरकारी क्षेत्र के आउटसोर्स कर्मचारियों,ठेका मजदूरों,कैजुअल मजदूरों,दिहाड़ीदारों व योजनाकर्मियों की स्थिति बहुत बुरी है। प्रदेश के बिजली बोर्ड,आईपीएच,स्वास्थ्य,एसटीपी आदि सरकारी क्षेत्रों में कार्यरत हज़ारों आउटसोर्स व ठेका मजदूरों में से एक बहुत बड़े हिस्से को मार्च महीने के वेतन का भुगतान नहीं किया गया है। सरकारी क्षेत्र में सबसे कम वेतन पाने वाले मिड डे मील कर्मचारियों को फरवरी और मार्च महीने का आधा ही वेतन दिया गया है व दो हज़ार रुपये प्रतिमाह के बजाए केवल एक हज़ार रुपये प्रतिमाह वेतन दिया गया है। एसएमसी शिक्षकों से आठ साल तक सेवाएं लेने के बाद संकट की इस घड़ी में सरकार व शिक्षा विभाग उन्हें वेतन देने में आनाकानी कर रहे हैं। प्रदेश सरकार व श्रमिक कल्याण बोर्ड अपनी ही घोषणा को पूरी तरह लागू नहीं कर रहे हैं व श्रमिक कल्याण बोर्ड में पंजीकृत एक लाख दस हज़ार निर्माण मजदूरों में से बिल्कुल आधे छप्पन हज़ार मजदूरों को ही आर्थिक सहायता पहुंचाई गई है। इस तरह सरकारी व निजी दोनों ही क्षेत्रों में मजदूरों के वेतन व कानून अनुसार देय आर्थिक सहायता से उन्हें वंचित करके उनका शोषण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मजदूरों को वेतन भुगतान न करना वेतन भुगतान अधिनियम 1936 के नियमों का उल्लंघन तो है ही अपितु केंद्र सरकार द्वारा 20 व 29 मार्च तथा प्रदेश सरकार द्वारा 30 मार्च 2020 को जारी की गई अधिसूचनाओं की भी अवहेलना है। इस बाबत हिमाचल प्रदेश के श्रमायुक्त को दो अप्रैल व आठ अप्रैल को दो पत्र लिखने के बावजूद भी न तो मजदूरों को वेतन मिल पाया है और न ही नियमों का उल्लंघन करने वाले उद्योगपतियों पर कोई कार्रवाई हुई है। उन्होंने कहा की अगर मुख्यमंत्री व श्रम मंत्री मजदूरों का वेतन व अन्य आर्थिक देय लाभ सुनिश्चित नहीं करवाते हैं तो फिर मजदूरों के इस शोषण से अवगत करवाने के लिए सीटू राज्य कमेटी हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीश को पत्र लिख कर अवगत करवाएगा व मजदूरों के लिए न्याय की मांग करेगा।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि हाॅट स्पाॅट क्षेत्रों में कफ्र्यू में कोई ढील नहीं दी जाएगी और आवश्यक वस्तुओं को होम डिलीवरी प्रणाली के तहत उपलब्ध करवाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने आज यहां खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि ग्रामीण और दूर दराज क्षेत्रों में आवश्यक वस्तुओं को पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध करवाना सुनिश्चित करें। मुख्यमंत्री ने नागरिक आपूर्ति निगम के डिपो में ‘बफर स्टाक’ सुनिश्चित करने के लिए भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जमाखोरी और मुनाफाखोरी करने वालों पर नजर रखे, और उल्लंघन करने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाए। उन्होंने बागवानी विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रत्येक गांव में या संभव हो तो डोर-टू-डोर किसानों को कीटनाशक व अन्य पौध सुरक्षा सामग्री उपलब्ध करवाना सुनिश्चित करें। उन्होंने मधुमक्खी बक्सों की समयबद्ध आपूर्ति और बागवानों को एंटी हेल नेट सुनिश्चित करवाने के लिए भी कहा। उन्होंने कहा कि हाॅट स्पाॅट घोषित हुए क्षेत्रों में वाहनों की आवाजाही पर भी प्रतिबन्ध लगाया जाएगा तथा हाॅट स्पाॅट के सभी सार्वजनिक स्थानों को सेनेटाईज किया जाएगा।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि राज्य में सामान्य स्थिति को बहाल करने, आर्थिक गतिविधियों को पुनर्जीवित करने तथा राज्य के कमजोर वर्गों की आर्थिक और खाद्य आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए चरणवद्ध तरीके से कार्य करने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 24 मार्च, 2020 को भारत सरकार द्वारा 21 दिनों के लिए राष्ट्रीय लाॅकडाउन के कारण हिमाचल प्रदेश ने भी कोविड-19 महामारी से लड़ने के लिए निर्धारित प्रोटोकाॅल का पालन किया है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के खतरे को ध्यान में रखते हुए एग्जिट प्लान तैयार किया जाएगा एवं प्रदेश में पाए जाने वाले मामलों के अनुसार राज्य को छः जोन में विभाजित किया जाएगा, रेड जोन, 4 ओरेंज जोन और ग्रीन ज़ोन। जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश के लोगों के स्वास्थ्य व आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए यह योजना तैयार की जाएगी। उन्होंने कहा कि लोगों के सामान्य जीवन की सुरक्षा के लिए आपातकालीन सेवाएं दे रहे कर्मचारियों एवं चिकित्सकों की सुरक्षा के मध्यनजर सभी आवश्यक पहलुओं को ध्यान में रखा जाएगा ताकि इस महामारी से प्रभावी तरीके से लड़ा जा सके। उन्होंने कहा कि लाॅकडाउन की अवधि के दौरान इस योजना के तहत प्रभावित हुए आर्थिक रूप से अत्याधिक कमजोर वर्ग के लोगों को प्रदेश की आर्थिक क्षमता के आधार पर भी सहायता देने का प्रावधान रखा जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना को तभी शुरू किया जाएगा, जब संक्रमण कम होना शुरू हो जाएगा एवं कुछ समय के अन्तराल पर नए मामले सामने आना कम जो जाएंगें। जय राम ठाकुर ने कहा कि चिन्हित किए गए हाॅट स्पाॅट को अन्य हिस्सों से पूरी तरह से अलग किया जाएगा और भोजन तथा अन्य आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति पुलिस और स्थानीय प्रशासन को सौंपी जाएगी। सलाहकार योजना डाॅ. बसु सूद ने कोविड-19 लाॅकडाउन से बाहर निकलने की योजना पर एक प्रस्तुति दी।
हिमाचल प्रदेश भवन एवं अन्य निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड के एक प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि राज्य सरकार ने हिमाचल प्रदेश भवन एवं अन्य निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड के पंजीकृत कामगारों को डायरेक्ट बैनफिट ट्रांस्फर के माध्यम से मार्च के माह के लिए दो हजार रुपये और अप्रैल माह के लिए दो हजार रुपये का भुगतान करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि अब तक बोर्ड में पंजीकृत 56,552 कामगारों के बैंक खातों में 1131 करोड़ रुपये ट्रांस्फर कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि बोर्ड यह सुनिश्चित कर रहा है कि पंजीकृत सभी भवन और अन्य निर्माण कामगारों को यह भुगतान जल्द से जल्द हो जाए, ताकि इस कठिन समय में उनकी मदद की जा सके। उन्होंने कहा कि ऐसे सभी कामगार, जिन्हें पहली किस्त भी नहीं मिली है, उन्हें अपनी जानकारी श्रम कार्यालय में देनी होगी, जहां वह पंजीकृत है।
राजस्व-आपदा प्रबन्धन के प्रधान सचिव ओंकार चन्द शर्मा ने आज यहां कहा कि कोरोना वायरस से फैली वैश्विक महामारी के कारण संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या बढ़ रही है, जिससे यह आवश्यक हो गया है कि सरकारी और गैर-सरकारी संगठन आपसी तालमेल के साथ काम करें। उन्होंने कहा कि कानूनी तौर पर भी सभी प्रकार की आपदाओं के उचित प्रबंधन के लिए यह जरूरी है कि सभी राज्य सरकारें और जिला प्रशासन, गैर-सरकारी संगठनों (एन।जी।ओ) समेत सभी हितधारकों के साथ तालमेल व समन्वय के साथ कार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के अनुच्छेद 38(2), 22(2) और 30(2) के अनुसार सभी राज्य और जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों के लिए अनिवार्य है कि वे आपदा प्रबंधन के कार्यों को अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए गैर-सरकारी संगठनों के सहयोग और समन्वय के साथ कार्य करें। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम और इससे जुड़े राहत, बचाव व जागरूकता सम्बन्धी गतिविधियों में गैर-सरकारी संगठनों और स्वयंसेवकों के योगदान को सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहा है। इसी दिशा में प्रयास करते हुए प्राधिकरण ने राज्य व जिला स्तर पर गठित इंटर एजेंसी ग्रुप को सक्रिय करने के लिए सुझाव दिए हैं, जिसमें जिला स्तर पर सभी गैर-सरकारी संस्थाओं से समन्वय के लिए एक पदाधिकारी को नियुक्त करने और हर जिले के इंटर एजेंसी ग्रुप के संयोजक को जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के साथ मिलकर काम करने के लिए अनुरोध किया गया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2018 में राज्य इंटर एजेंसी ग्रुप का पुनर्गठन किया गया था, जिसके अंतर्गत अभी तक 55 गैर-सरकारी संस्थाएं पंजीकृत हो चुकी हैं और प्रदेश के हर जिले का अपना इंटर एजेंसी ग्रुप, संयोजक, कोर ग्रुप और सदस्य हैं, जिनका उद्देश्य किसी भी आपदा में राज्य सरकार और जिला प्रशासन के साथ मिलकर पूर्व-तैयारी, राहत, बचाव और पुनर्वास गतिविधियों को प्रभावी ढंग से क्रियान्वित करना है। उन्होंने कहा कि कुछ जिलों में गैर-सरकारी संगठनों ने निजी स्तर पर जागरूकता कार्य और संक्रमण के लिए अति-संवेदनशील व्यक्तियों को सहायता प्रदान करने के लिए अभियान शुरू कर दिए हैं। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने राज्य में कोविड-19 से निपटने के लिए स्वयंसेवकों को पंजीकृत करने की पहल की है। इस डेटाबेस में स्वैच्छिक सेवा करने के लिए 950 से अधिक हिमाचली नागरिक तैयार हैं। उन्होंने कहा कि भारत सरकार की ‘माई गौव-मेरी सरकार’ वेबसाइट पर भी बहुत से स्वयंसेवकों ने अपनी सेवाएं देने के लिए पंजीकरण किया है, जिनकी सेवाएं भी कोरोना के विरुद्ध इस अभियान में ली जा सकती हैं।
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने व्हाट्स-एप वीडियो काॅल के माध्यम से विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ एकल वार्ता के दौरान ऑनलाइन कक्षाएं शुरू करने के लिए विश्वविद्यालयों के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने प्रदेश की वर्तमान स्थिति का जायजा लेते हुए विभिन्न दिशा-निर्देश भी जारी किए। राज्यपाल ने छात्रों और प्रोफेसर्ज स्वयंसेवकों की सूची जिला प्रशासन के साथ सांझा करने के निर्देश दिए ताकि जरूरत पड़ने पर उनकी सेवाओं का लाभ उठाया जा सके। उन्होंने सलाह दी कि छात्रों को निर्देश, सलाह और अन्य जानकारी भेजने के लिए सोशल मीडिया का अधिकतम प्रयोग करें। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि अनेक विश्वविद्यालय इस दिशा में अच्छा कार्य कर रहे हैं और इस संकट के समय में अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भविष्य में जरूरत पड़ने पर होस्टलों को आइसोलेशन केन्द्रों के रूप में प्रयोग किया जा सकता है। राज्यपाल ने अन्य विश्वविद्यालयों से तकनीकी विश्वविद्यालय हमीरपुर की तर्ज पर ऑनलाइन कक्षाएं शुरू करने का आह्वान किया। इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय, हमीरपुर के कुलपति प्रो. एस.पी. बंसल ने राज्यपाल को बताया कि विश्वविद्यालय ने ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से 80 प्रतिशत पाठ्यक्रम पूरा कर लिया है। प्रो. बंसल ने कहा कि विश्वविद्यालय ने अपना स्वयं का पोर्टल विकसित किया है। उन्होंने कहा कि राज्यपाल के निर्देशों के अनुसार विश्वविद्यालय प्रशासन ने ऑनलाइन कक्षाओं पर अधिक ध्यान केंद्रित किया है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय के 50 बिस्तरों को क्वारंटीन केन्द्र के लिए उपलब्ध करवाया गया है और जिला प्रशासन को छात्रावासों को एक आईसोलेशन केंद्र बनाने का प्रस्ताव दिया गया है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के 15 प्रोफेसरों ने स्वैच्छिक सेवाओं के लिए पेशकश की है और प्रत्येक छात्र स्वेच्छा से कोविड-19 फंड में 100 रुपये का योगदान कर रहा है। हि.प्र. विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सिकंदर कुमार ने बताया कि विश्वविद्यालय ऑनलाइन कक्षाएं संचालित कर रहा है और नियमित रूप से इसकी समीक्षा की जा रही है। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर 12 छात्रावासों को आइसोलेशन केंद्रों में परिवर्तित करके 2000 बेड को क्वारंटीन में परिवर्तित किया जा सकता है।महाराजा अग्रसेन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राकेश कुमार गुप्ता, बहारा विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ. अरुण शर्मा, सरदार वल्लभभाई पटेल क्लस्टर यूनिवर्सिटी, मंडी के कुलपति प्रो. सी.एल. चंदन, और अटल बिहारी मेडिकल एंड रिसर्च यूनिवर्सिटी, मंडी के कुलपति डाॅ. सुरेंद्र कश्यप ने भी राज्यपाल को विश्वविद्यालय के बारे में जानकारी दी।
भारत स्काउट्स एवम गाइड्स हिमाचल प्रदेश संस्था द्वारा राज्य स्तर पर स्काउट फाइट अगेंस्ट कोरोना के नाम से एक डिजिटल अभियान चलाया जा रहा है, इस अभियान की शुरुआत 18 मार्च को डॉ अमरजीत कुमार शर्मा राज्य मुख्य आयुक्त भारत स्काउट्स एवम गाइड्स व निदेशक उच्च शिक्षा हिमाचल प्रदेश के वीडियो सन्देश के साथ किया गया। इस वीडियो सन्देश में उन्होंने इस विपदा की घड़ी में पूरे प्रदेश के स्काउट गाइड रोवर रेंजर को भलाई के कार्य व समाज को कोरोना के खिलाफ जागरूक करने को कहा था। इसी मुहिम को आगे बढाते हुए सभी स्काउट वालंटियर्स द्वारा पोस्टर्स के माध्यम से लोगों को जागरूक करने का जिम्मा उठाया। विभिन्न सोशल मीडिया साधनों के माध्यम से हज़ारों स्काउट वालंटियर्स ने लोगों से घर पर रहने की अपील की। गौरतलब है कि भारतीय कब्बडी टीम के खिलाड़ी व पूर्व कप्तान अजय ठाकुर द्वारा भारत स्काउट्स एवम गाइड्स के पोस्टर के साथ तस्वीर फेसबुक व ट्विटर पर साझा कर लोगों से घर मे रहने की और भारत स्काउट्स एवम गाइड्स हिमाचल प्रदेश की मुहिम के साथ जुड़े। उनके साथ गायक हंस राज रघुवंशी भी इस डिजिटल मुहिम में भारत स्काउट्स एवम गाइड्स हिमाचल प्रदेश के साथ जुड़े। साथ ही में स्काउट वालंटियर्स के लिये डिजिटल प्रोग्राम का आयोजन ज़ूम वीडियो कॉलिंग एप्पलीकेशन के माध्यम से करवाया जा रहा है जिसमे रोज़ सैंकड़ों स्काउट गाइड रोवर रेंजर व वयस्क जुड़ कर ऑनलाइन अनेक विषयों के बारे में जानकारी प्राप्त कर रहे हैं व उस जानकारी की ऑनलाइन प्रेजेंटेशन भी ज़ूम वीडियो कॉल के माध्यम से दी जा रही है । ज़ूम वीडियो कॉल के माध्यम से विभिन्न राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के रिसोर्स पर्सन स्काउट गाइड रोवर रेंजर के साथ अपने अनुभव सांझा कर रहे हैं। लॉक डाउन के समय में सभी के वीडियो कॉल से मंच देने का प्रयास किया जा रहा है इसी के साथ राज्य मुख्य आयुक्त व निदेशक उच्च शिक्षा डॉ अमरजीत कुमार शर्मा के एक अन्य ऑफिस ऑर्डर, जिसमे उन्होंने सभी स्काउट वालंटियर्स को कि जिला प्रशासन की मदद के लिए आगे आने को कहा था उनकी अनुपालना करते हुए बहुत सारे जिलाओं के स्काउट गाइड रोवर रेंजर व वयस्क आगे आएं हैं व राशन वितरण व खाद्य आपूर्ति की दुकानों में लोगों को उचित सामाजिक दूरी के बारे में सिख रहे हैं। राज्य सचिव डॉ राज कुमार द्वारा जानकारी देते हुए यह बताया गया कि इस प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य स्काउट्स गाइड्स रोवर्स व रेंजर्स को सशक्त बनाना है व लॉक डाउन खत्म होने के बाद वह समाज में एक बेहतर नागरिक के रूप में उभर कर आये व समाजिक के उत्थान में अपनी भूमिका निभा सके इसी उद्देश्य भारत स्काउट्स एवम गाइड्स निरन्तर प्रयासरत है।
प्रदेश अध्यक्ष भाजपा डा. राजीव बिंदल ने शनिवार को दो वीडियो कांफ्रेस की। एक में भाजपा आईटी सैल के 90 पदाधिकारियों ने भाग लिया व दूसरी वीडियो कांफ्रेंस में भाजपा के विधायकगण, मंत्रीणग एवं 2017 के उम्मीदवारों ने भाग लिया। डा. राजीव बिंदल ने सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं से प्रदेश वर्तमान में चल रही स्थिति पर विस्तृत चर्चा की। प्रदेश में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नेतृत्व में चल रही भाजपा सरकार द्वारा वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से ज़मीनी लड़ाई के चलते किए जा रहे प्रबन्धों पर सरकार को बधाई दी। डा. राजीव बिंदल ने देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नडडा द्वारा भाजपा कार्यकर्ताओं के लिए पांच महत्वपूर्ण करणीय कार्यों को लेकर चर्चा की जिन्हें हर स्तर पर करने का आग्रह भी किया गया। यह कार्य राशन भोजन वितरण, डिजिटल माध्यम से पीएम केयरस फंड में जनता से सहयोग करवाना, एचपीकोविड 19 फंड में सीधा डिजिटली माध्यम से सहयोग, फेस कवर निर्माण एवं वितरण, आरोग्य ऐप को हर व्यतिक्त द्वारा डाउनलोड कराना और 5 ऐसे करुणा योद्धाओं को जो कि इस संकट की घड़ी में स्वयं अपने आप को और अपने घर वालों को संकट में डाल कर कार्य कर रहे हैं उनको धन्यवाद ज्ञापन का सौपने कार्य। उन्होंने कहा कि भाजपा कार्यकर्ता ब्लूटूथ तकनीक पर आधारित कोविड-19 ट्रैकर आरोग्य सेतु एप हर व्यक्ति को डाउनलोड करवाएं इस ऐप के माध्यम से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आते ही यह ऐप उपयोगकर्ताओं को सतर्क करेगा और उपयोगकर्ताओं को सर्वोत्तम पद्धतियों और प्रसंगिक चिकित्सा सलाह से अवगत करेगा । इस प्रकार बूथ से लेकर प्रदेश अध्यक्ष तक सभी को यह कार्य करना है । डा. बिन्दल ने भी कार्यकर्ताओं का आहवान किया कि कोरोना से लड़ने की यह लडाई लम्बी है, सभी को इस लम्बी लड़ाई के लिए तैयार रहने होगा। कफर्यू और लाकडाउन के समाप्त होने के बाद भी लम्बे समय तक सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करना होगा , फेस कवर लगार रखना होगा और सरकार द्वारा दिए गए दिशा निर्देशों का अक्षरशः पालन करना होगा। डॉ बिंदल ने कहा ऐसी स्थिति में भाजपा का कार्यकर्ता अगले 2 महीने तक अपने बूथ एवं मंडल में सेवा एवं संगठन के कार्यों के लिए तैयार हो जाए । डा. बिन्दल ने बताया कि प्रदेश में गत दिवस तक 156283 खाने के पैकेट, 45046 लोगों को राशन वितरित किया गया जिसके तहत 3,44,447 लोग लाभान्वित हुए। प्रदेश में 2,35,922 मास्क वितरित किए गए जबकि पीएम केयर फंड में 5123813 रुपये तथा मुख्यमंत्री कोविड फंड में 16532792 रुपये की धनराशि दी गई। वर्तमान में 10732 फूड पैकेट, 2430 राशन किट, 28453 मास्क के वितरण के अलावा 291500 रुपये पीएम केयरस फंड और 2259607 एचपी कोविड फंड में जमा हुए हैं।
कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए विश्वव्यापी प्रयासों के तहत आज सभी ओर भय और संशय की स्थिति व्याप्त है। मानव मानव को शंका व डर की दृष्टि से देख रहा है परस्पर सामाजिक दूरी बनाए रखने के अनुशासन को आंगीकार करते हुए भी संशय की छाया में जी रहा है। प्राथमिक तौर पर कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए निरंतर साबुन से हाथ धोने या सैनिटाइजर का प्रयोग करने की स्वास्थ्य विभाग की सलाह और सरकार के संदेश को आत्मसात कर लोगों द्वारा इसे अपनाया जाने लगा। शुरुआती दौर में सैनिटाइजर की कमी आने लगी किंतु सरकार के प्रयासों से स्थिति से निपटा गया लेकिन दूरदराज के क्षेत्रों में यह कमी कुछ समय तक बरकरार रही। जिला सिरमौर के राजगढ़ विकास खण्ड की ग्राम पंचायत लाना भाल्टा की प्रधान रूपिंदर कौर ने इस अवस्था को निर्माण और स्वावलंबन की ओर परिवर्तित करने की पहल की। सैनिटाइजर की उपलब्धता की कमी की पूर्ति के लिए रूपिंदर कौर ने महिलाओं में उत्साह का सृजन किया और संकट की इस घड़ी में अपने क्षेत्र की महिलाओं को समाज के लिए सहयोग और योगदान प्रदान करने के लिए प्रेरित करते हुए स्वावलंबी बनाने की दिशा में श्रम शक्ति का सूत्रपात किया। रूपिंदर कौर ने कलगीधर ट्रस्ट बडू साहिब के सहयोग से स्वयं का सैनिटाइजर उत्पाद तैयार करने की मन में ठानी। लाना भाल्टा महिला मंडल की उत्साही महिलाओं को संगठित कर इस दृष्टि से विचार किया गया। इस कार्य की पूर्ति के लिए स्वयं सहायता समूह व अकाल महिला मंडल बडू साहिब को सबल प्रदान किया ग्रामीण विकास विभाग के निदेशक ललित जैन ने। सैनेटाइजर के लिए अल्कोहल एवं अन्य प्राथमिक उत्पाद का प्रबंध दिल्ली से किया गया तथा एक व्यक्ति महिलाओं को इस संबंध में प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए भी बुलाया गया। इस संबंध में पूरा कच्चा माल एक प्रमाणित एवं विश्वसनीय स्रोतों से लिया जा रहा है। महिला मंडल द्वारा अन्य शुद्ध एवं प्राकृतिक जड़ी-बूटियों जैसे एलोवेरा, हल्दी एवं अन्य सुगंधित पदार्थ शामिल है, का निर्माण स्वयं अकाल महिला मण्डल व स्वयं सहायता समूह द्वारा कर अल्कोहल में डाला गया। लोगों को कम दाम पर बेहतर सैनेटाइजर उपलब्ध हो इसके लिए महिला मण्डल व स्वयं सहायता समूह द्वारा निरंतर कार्य कर सैनेटाइजर की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। विभाग द्वारा सैनिटाइजर की 100 मिलीलीटर की कीमत 40 रुपये है एवं 250 मिलीलीटर की कीमत 100 रुपये रखी गई है। अकाल महिला मण्डल द्वारा ग्रामीण विकास विभाग को 5000 सैनेटाइजर बोतल उपलब्ध करवाई गई है और अधिक सैनेटाइजर निर्मित कर विभाग को मुहैया करवाई जाएगी। इस कार्य के लिए ग्रामीण विकास विभाग ने प्रारम्भिक राशि महिला मण्डल को प्रदान की। कलगीधर ट्रस्ट श्री बडू साहिब राजगढ़ के बहुमूल्य योगदान से लाना भाल्टा की महिला मंडल द्वारा तैयार इस सैनिटाइजर के सैंपल को अधिकारिक तौर पर महिला मंडल समूह द्वारा निदेशक ललित जैन तथा संयुक्त निदेशक अनिल शर्मा की उपस्थिति में प्रस्तुत किया गया। विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में स्वयं सहायता समूह को सैनिटाइजर बनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है, जिससे एक ओर उनकी आमदनी बढ़ेगी वहीं गांव में रहने वाले लोगों को शुद्ध एवं प्राकृतिक पदार्थों से तैयार सैनिटाइजर उचित कीमत पर उपलब्ध होगा। विश्वव्यापी कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए सामूहिक स्तर पर यह अनूठी पहल है। पंचायत की प्रधान रूपिंदर कौर ने बताया कि उनका यह प्रयास महिलाओं में आर्थिक स्वावलंबन की जिज्ञासा को जागृत करना है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में इस क्षेत्र में लहसुन व टमाटर का उत्पाद बड़े पैमाने पर होता है, जिस पर आधारित प्रोसेसिंग प्लांट के तहत एक बड़ी परियोजना पर कार्य कर इस क्षेत्र के स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को आर्थिक तौर पर सुदृढ़ व सक्षम बनाने का है।
हिमाचल में कोरोना वायरस से संक्रमित केसों की संख्या शुक्रवार को 28 से बढ़कर 30 हो गई है। शुक्रवार देर रात आई रिपोर्ट में सोलन जिले के बद्दी स्थित एक निजी अस्पताल के एक रिसेप्शनिस्ट और लैब तकनीशियन कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। ये दोनों बद्दी स्थित स्टीलबर्ड हेलमेट कंपनी के एक निदेशक की पत्नी का इलाज के दौरान सम्पर्क में आए थे और यहां से पीजीआई रेफर होने के बाद इलाज के दौरान महिला की मौत हो गई थी। बाद में यही महिला कोरोना पॉजिटिव भी निकली थी। शुक्रवार को हिमाचल के विभिन्न अस्पतालों से 127 सैंपलों की रिपोर्ट आई, जिनमें 125 निगेटिव मिले और दो पॉजिटिव पाए गए हैं। उधर बद्दी में महिला की चपेट में पति को छोड़कर चार लोग आए थे, जो महिला के साथ दिल्ली से बद्दी आए थे। चारों की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उनके परिजनों ने सभी को हिमाचल से गुरुग्राम स्थित मेदांता अस्पताल शिफ्ट कर दिया था। अभी तक प्रदेश में 30 कोरोना पॉजिटिव केस सामने आए हैं, जिनमें से एक की मौत हो चुकी है और दो लोग ठीक होकर अस्पताल से घर जा चुके हैं। इसके अलावा छह और लोगों की भी रिपोर्ट निगेटिव आ गई है और जल्द ही उन्हें भी घर भेजा जा सकता है।
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला की अब ड्रोन-कैमरा द्वारा निगरानी शुरू कर दी गई है। कोरोना के चलते लोगो पर कैमरे से पुलिस अपनी आंख लगाए बैठी है। यू तो शिमला में करफियु का अच्छा पालन ही रहा है लेकिन फिर भी पुलिस कोई चूक नही करना चाहती। इसलिए ये ड्रोन-कैमरा शुरू किया गया है। पुलिस इसकी मदद से विशेषकर शहर के उन हिस्सों पर निगरानी रखेगी जो काफी भीड़ भाड़ वाले और तंग गलियों वाले है। साथ ही कर्फ्यू का उलंघन कर रही गाड़ियों की भी पहचान की जाएगी।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कोविड-19 से संबंधित फर्जी और असत्यापित समाचारों की जानकारी अपलोड करने के लिए आज यहां एक वेब पोर्टल http://fakenews.hp.gov.in. लाॅन्च किया, ताकि ऐसी खबरों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जा सके। उन्होंने कहा कि इस संबंध में सूचना उपलब्ध करवाने वाले व्यक्ति की जानकारी गोपनीय रखी जाएगी। यह सुनिश्चित करने के लिए कि इस तरह की जानकारी किसी गुमनाम व्यक्ति द्वारा न दी जाए, इस वेब पोर्टल में कई सिक्योरिटी फीचर्स जैसे ओटीपी इत्यादि का प्रावधान रखा गया है। इसके अतिरिक्त लोग कोविड-19 से संबंधित मीडिया में प्रसारित की जा रही फर्जी और अप्रमाणित सूचनाओं की जानकारी ई-मेल fakenews-unit@hp.gov.in पर या व्हाट्सएप नम्बर 9816323469 पर दे सकते हैं। उन्होंने जन साधारण से आग्रह है कि वे कोविड-19 से संबंधित किसी भी मीडिया प्लेटफार्म द्वारा प्रचारित अथवा प्रसारित की जा रही सूचना को उपरोक्त माध्यम से सरकार द्वारा गठित फेक न्यूज माॅनिटरिंग यूनिट के संज्ञान में लाएं ताकि आवश्यक कार्यवाही अमल में लाई जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि समाचार पत्रों, टेलीविजन न्यूज चैनलों तथा डिजिटल/सोशल मीडिया द्वारा कोविड-19 से संबंधित तथ्यपरक सूचनाओं के प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण योगदान दिया जा रहा है, जिससे राज्य के लोगों को इस वैश्विक महामारी के बारे में सही जानकारी मिल रही है। उन्होंने कहा कि यह भी देखा गया है कि समाचार मीडिया, विशेष रूप से कुछ सोशल मीडिया प्लेटफाॅर्म कोविड-19 से संबंधित असत्यापित जानकारी को प्रसारित कर रहे हैं, जिससे लोगों में डर फैल रहा है। उन्होंने सभी मीडिया प्लेटफार्मों और सभी हितधारकों से अफवाह और असत्यापित खबरें न फैलाने और लोगों को सत्यापित जानकारी प्रदान करने में सरकार के साथ सहयोग करने का आग्रह किया ताकि इस वैश्विक महामारी के प्रसार को रोकने के लिए सभी एकजुट होकर लड़ सकें। मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुंडू, सचिव सूचना एवं जन सम्पर्क रजनीश और निदेशक हरबंस सिंह ब्रसकोन भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कोरोना वायरस के दृष्टिगत उत्पन्न स्थिति का जायजा लेने के लिए आज शिमला से प्रदेश के सभी उपायुक्तों, पुलिस अधीक्षकों तथा मुख्य चिकित्सा अधिकारियों के साथ वीडियो काॅन्फ्रेंस के माध्यम से बैठक की। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि राज्य में कोरोना वायरस के सभी हाॅट स्पाॅट को सील कर दिया जाए ताकि यह वायरस आगे न फैल सके। उन्होंने कहा कि वर्तमान में ऐसे हाॅट स्पाॅट कांगड़ा, चंबा, सिरमौर, सोलन और ऊना जिलों में हैं। जय राम ठाकुर ने कहा कि हाॅट स्पाॅट क्षेत्रों में कर्फ्यू में किसी भी तरह की छूट प्रदान नहीं की जाएगी तथा हाॅट स्पाॅट में आवश्यक वस्तुओं को होम डिलीवरी के माध्यम से पहुॅचाने का प्रबन्ध किया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे अपने-अपने जिलों में होम डिलीवरी सिस्टम को मजबूत करें, ताकि लोगों को प्रतिदिन की जरूरत की वस्तुओं को प्राप्त करने के लिए घरों से बाहर न आना पड़े। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में वाहनों के चलाने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। उन्होंने सभी हाॅट स्पाॅट स्थलों को सैनेटाईज करने के भी निर्देश दिए । उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान आरम्भ किया जाएगा और इसके साथ-साथ वहां फीवर क्लिनिक भी खोले जाएंगे। उन्होंने कहा कि सभी बुखार तथा कफ के लक्षणों वाले लोगों की स्वास्थ्य जांच की जाएगी। मुख्यमंत्री ने राज्य के सभी प्रमुख धार्मिक स्थलों में शीघ्र सीसीटीवी कैमरे लगाने को कहा, ताकि ऐसे लोगों का पता लगाया जा सके, जो सरकारी आदेशों की अवहेलना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ऐसे उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार लोगों को मास्क की उपलब्धता सुनिश्चित करेगी और इसे पहनना भी अनिवार्य किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह कदम वायरस के फैलने से रोकने में सहायक सिद्ध होगा। उन्होंने राज्य के लोगों को घर पर बने मास्क उपलब्ध करवाने के लिए गैर सरकारी संगठनों से आगे आने का आग्रह किया। जय राम ठाकुर ने बताया कि पूरे राज्य में शुरू किए गए एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान के तहत स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा घर-घर पहुंच कर लगभग 59 लाख लोगों के स्वास्थ्य की जानकारी एकत्र की गई है। उन्होंने कहा कि हमीरपुर जिले के चैरिटेबल अस्पताल भोटा, एस।एस। मैमोरियल आशीर्वाद अस्पताल चंबा, जिला सिरमौर के सिविल अस्पताल सराहां तथा जिला कांगड़ा के ज्वालामुखी स्थित अग्रवाल अस्पताल को सैकेंडरी केयर अस्पताल के रूप में अधिसूचित किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में अब तक 5035 व्यक्तियों को कोरोना वायरस की निगरानी में रखा गया था, जिनमें से 2556 लोगों ने 28 दिनों की निगरानी अवधि पूरी कर ली है। उन्होंने कहा कि आज राज्य में कोविड-19 के 114 व्यक्तियों की जांच की गई, जिसमें से 57 सैंपल नैगेटिव पाए गए जबकि शेष 57 सैंपलों की जांच रिपोर्ट का इंतजार है। मुख्य सचिव अनिल खाची ने उपायुक्तों को कोविड-19 के रोगियों के सम्पर्क पर निगरानी रखने के लिए विशेष बल देने को कहा। अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) आर।डी। धीमान ने कहा कि अब तक राज्य में 773 व्यक्तियों की कोरोना वायरस की जांच की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में 28 पाॅजिटिव लोगों में से दो लोग नैगेटिव पाए जाने के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई है। इसके अलावा, चार व्यक्तियों को राज्य से बाहर इलाज के लिए गए हैं और एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई है। उन्होंने कहा कि शेष 21 व्यक्ति राज्य के विभिन्न अस्पतालों में उपचाराधीन हैं।
डा राजीव बिन्दल प्रदेश अध्यक्ष भाजपा ने वीडियो कांफ्रेसिग के जरिये प्रदेश भाजपा पदाधिकारियों, प्रदेश मोर्चेां के अध्यक्षों, मीडिया, सह मीडिया प्रभारियों, प्रमुख वक्ता, प्रवक्तागण, जिलाध्यक्षों एवं जिला प्रभारितयों से विस्तृत वार्ता की जिसमें संगठन महामंत्री पवन राणा उपस्थित रहे। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर की सरकार जो बेहतरीन कार्य कर रही है उसे सहयोग व सप्लीमेंट करना होगा। भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नडडा , राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बी।एल संतोष, द्वारा दिए गए दिशा निर्देश को बूथ स्तर तक लागू करने के लिए वीडियो कांफ्रेस द्वारा मीटिंग का आयोजन किया गया जिसमें पांच बिन्दुओं पर कार्य करने के दिशा निर्देश दिए गए प्रथम कोई भी व्यक्ति लाकडाउन के दौरान भूखा न सोये, इसके लिए राशन वितरण/भोजन देने का कार्य प्रशासन के सहयोग से यथा संभव किया जाएगा, दूसरा फेस कवर यानि मास्क बनाने का कार्य हर घर में तेज गति से हो हर व्यक्ति घर से निकलते हुए मास्क का प्रयोग करे, उसे अगले दिन धोकर सुखा कर पुनः उपयोग करें। तीसरा अरोग्य ऐप सभी को डाउन लोड करानी होगी। चौथा पीएम केयर, एचपी कोविड-19 दोनों रिलीफ फंड में अधिकांश लोग धन सीधे प्रेषित करें। पाँचवा धन्यवाद ज्ञापन का कार्य सभी स्तरों पर किया जाए। जनता के दस्तखत करवा कर थैंक्स का पत्र चिकित्सा जगत, स्वच्छता कर्मी, बैंक-पोस्ट आफिस कर्मी, पुलिस कर्मी, प्रशासन और मीडिया को देना लगातार किया जाना है। सभी कार्यकर्ताओं को यह संदेश दिया गया कि वे समाज के सभी वर्गों सेे निरतर संपर्क में रहें। फोन के जरिए वीडियो कांफ्रेस के जरिए या फिर ऑडियो ब्रिज के जरिए व्हटसऐप के जरिए परन्तु घर में रह कर सगंठन कैसे चलाना है इसका अभ्यास डालना होगा। सभी कार्यकर्ता मानसिक रूप से स्वास्थ्य रहे, यह नरेन्द्र मोदी जी ने आहवान किया है कि कोरोना महामारी से लड़ने के लिए लम्बी तैयारी करनी होगी, थकना नहीं, रूकना नहीं, हारना नहीं, यह संदेश हर कायकर्ता तक हर प्रदेश वासी तक पहुंचाना है। डा बिन्दल ने बताया कि प्रदेश में अभी तक 156283 खाने के पैकेट, 45046 लोगों को राशन वितरित किया गया जिसके तहत 3,44,447 लोग लाभान्वित हुए। इस अभियान में 13460 भाजपा कार्यकर्ताओं नेे सक्रियता से भाग लिया। प्रदेश में 2,35,922 मास्क वितरित किए गए जबकि पीएम केयर फंड में 5123813 रुपये तथा मुख्यमंत्री कोविड फंड में 16532792 रुपये धनराशि दी गई।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार हाइड्राॅक्सीक्लोरोक्विन सहित विभिन्न जीवन रक्षक दवाओं के सुचारू उत्पादन को सुनिश्चित करने के लिए बद्दी, बरोटीवाला और नालागढ़ क्षेत्र में फार्मा कंपनियों को हर संभव सहायता प्रदान करेगी। मुख्यमंत्री ने शिमला से वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कैडिला, डाॅ. रेड्डीज, अल्केमिस्ट और टोरेंट जैसी प्रमुख फार्मा कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत में यह बात कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार फार्मा कंपनियों के लिए कर्मचारियों के सुचारू आवागमन के अलावा कच्चे माल और दवाओं की आपूर्ति को सुचारू बनाए रखने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि इन कंपनियों से दवाओं की ढुलाई के लिए पर्याप्त संख्या में ट्रक उपलब्ध करवाए जाएंगे। जय राम ठाकुर ने फार्मा कम्पनियों द्वारा अपनी अधिकांश इकाइयों में फिर से उत्पादन शुरू करने के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र की लगभग 250 फार्मा इकाइयों ने फिर से उत्पादन शुरू किया है। उन्होंने कहा कि इनमें से अधिकांश कंपनियां हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन की मांग को पूरा कर रही हैं। इस दवाई की न केवल भारत में ही बल्कि पूरी दुनिया में कोरोना वायरस की महामारी के लिए मांग है। विभिन्न फार्मा कंपनियों के प्रतिनिधियों ने दवाई उत्पादन कार्योंं को शुरू करने व फार्मा कम्पनियों को सुविधा प्रदान करने के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना की। बैठक में मुख्य सचिव अनिल खाची और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
दिनांक 09-04-2020 को भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन हिमाचल प्रदेश की राज्य इकाई ने कोरोना लॉकडाउन की संकटपूर्ण घड़ी में मानवसेवा एवं राष्ट्रसेवा में अपना योगदान देते हुए अपने पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं के माध्यम से लॉकडाउन के कारण प्रदेशभर में फसे छात्र-छात्राओं, गरीब परिवारों व अन्य जरूरतमंद लोगों को मास्क ,खाद्य सामग्री व अन्य सहायता प्रदान कर भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन का 50वां स्थापना दिवस मनाया। NSUI के प्रदेशाध्यक्ष छत्तर सिंह ठाकुर ने कहा कि NSUI की स्थापना 9 अप्रेल 1971 को भारत की भूतपुर्व प्रधानमंत्री स्व० श्रीमति इंदिरा गाधी द्वारा की गई तब से लेकर वर्तमान तक NSUI हमेशा छात्रहित व राष्ट्रहित की लडाई लड रही है और रहेगी ।प्रदेश अध्यक्ष छतर ठाकुर ने कहा की सविधान की आज्ञा का पालन करते हुए राष्ट्रहित के लिए काम करना ही हमारी विचारधारा है। छात्र संगठन एनएसयूआई के कई पदाधिकारियों व सदस्यों ने प्रदेश में स्थापना दिवस के अवसर पर जरूरतमंद छात्रों व लगभग 100 से अधिक गरीब परिवारों को मास्क, खाद्य सामग्री व अन्य सहायता प्रदान की। प्रदेश संगठन महासचिव मनोज चौहान ने कहा कि एनएसयूआई के छात्रों ने इस अवसर पर लोगों को कोरोना संक्रमण को रोकने में लॉकडाउन व सोशल-डिस्टेनसिंग के महत्व बारे जागरूक भी किया। इस मौके पर प्रदेश के सभी जिलों मे NSUI ने मास्क व राशन बाटे और भविष्य मे भी NSUI हर सम्भव सहायता के लिए त्यार रहेगी।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर को शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड की ओर से हि.प्र. कोविड-19 साॅलिडेरिटी रिस्पाॅंस फंड में एक करोड़ रुपये का बैंक ड्राफ्ट भेंट किया। इसके अलावा, हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के निदेशक अरूण सिंह धूमल ने एसोसिएशन की ओर से कोविड-19 से निपटने के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में 20 लाख रुपये का अशंदान किया। मुख्यमंत्री ने इस पुनित कार्य के लिए आभार व्यक्त किया।
हिमाचल प्रदेश पुलिस महानिदेशक एस आर मरडी ने कहा है कि प्रदेश के लोगों ने अब तक लॉक डाउन को काफी सफल बनाया है जिसकी बदौलत प्रदेश में कोरोना की कम्युनिटी स्प्रेडिंग रोकने में सरकार कामयाब रही है। साथ ही लोगों ने लॉक डाउन में दी जानी वाली ढील को भी 3 के बजाये 2 घंटे की ढील देने की बात कही है जो दिखाता है कि लोग कोरोना की जागरूकता को दिखाता है। प्रदेश में इस वख्त 21 कोरोना पॉजिटिव मामले हैं जो सभी तबलीगी जमात के लोग है और इनसे 293 जो फर्स्ट कांटेक्ट में लोग आए थे उनको क़वारन्टीन किया है जबकि कुल 626 लोग क़वारन्टीन पर है। साथ ही 20 एफआईआर 97 तबलीगी जमात के लोगों के खिलाफ की है जिन्होंने गलत जानकारी प्रशासन को दी है ऐसे लोगों के खिलाफ कानून के तहत कारवाई की जाएगी। आजकल ऑनलाइन खरीददारी बढ़ रही और इसमें काफी धोखा धडी की जा रही है इसलिए लोग काफी सावधानी से खरीददारी करे और पूरी छानबीन करके की ऑनलाइन पर्चेजिंग करें। इसके अलावा इन दिनों एनजीओ और कई संस्थाए कोविड फण्ड नाम से खाते बनाकर दान करने के लिए लोगों से आग्रह कर रहे है जिसमें थोड़ी सावधानी बरतने की जरूरत है जिससे लोगों के साथ धोखा न हो। डीजीपी एसआर मरडी ने लोगों से ऐसी संस्थाओं के बजाय प्रधानमंत्री कोविड 19 राहत कोष और मुख्यमंत्री कोविड19 राहत कोष में ही दान करने की अपील की है।साथ ही उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर doe's और dont's के कई मैसेज सामने आ रहे हैं लोग केवल सरकारी वेबसाइट द्वारा दिये जा रहे दिशा निर्देश का पालन करे बाकियों का नहीं।
हिमाचल प्रदेश के ठियोग विधानसभा क्षेत्र से वामपंथी विधायक राकेश सिंघा ने अपनी 11 माह की विधायक सैलरी कोरोना वायरस के चलते मुख्यमंत्री राहत कोष में दी है। इस बारे में खुद उन्होंने जानकारी दी। बता दे कि उन्होंने बताया कि अप्रैल से लेकर दिसंबर तक कि सैलरी वो नही लेंगे और इस सैलरी को मुख्यमंत्री राहत कोष में देंगे। इससे पहले वे फरवरी व मार्च की सैलरी पहले ही दे चुके है। हालांकि प्रदेश सरकार ने भी फैसला लिया है कि आगामी दो सालों तक किसी भी विधायक को विधायक निधि नहीं मिलेगी और सभी की सैलरी 30% काटी जाएगी लेकिन ऐसे में राकेश सिंघा हिमाचल के अन्य विधायको से दो कदम आगे है। साथ ही सिंघा ने कहा है कि देश की स्तिथि को ठीक करने के लिए उनसे जो होगा वो करेगे। ऐसी स्तिथि में जिस से जी हो सकता है उसे वो करना चाहिए।


















































