शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने शिमला से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के विभिन्न निजी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों तथा प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण देश की अर्थ-व्यवस्था के साथ-साथ शिक्षा पर भी प्रभाव पड़ा है। विद्यार्थियों की सुरक्षा भविष्य की रक्षा है। हमें इस संक्रमण के चक्र को रोकने के लिए सरकार द्वारा जारी किए सभी निर्देशों का पालन करना है तथा शिक्षा प्रणाली को और मजबूत करना है। प्रदेश सरकार ने इस संकट के समय में शिक्षा क्षेत्र को और सुदृढ़ बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाए हैं, जिसमें ऑनलाइन कक्षाएं, दूरदर्शन पर शैक्षणिक कार्यक्रम तथा विभिन्न उपाय शामिल है। उन्होंने कहा कि शिक्षा क्षेत्र में निजी विश्वविद्यालयों की महत्वपूर्ण भूमिका है, जिसके कारण आज हिमाचल प्रदेश शिक्षा हब के रूप में उभरा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार निजी विश्वविद्यालयों के हितों को ध्यान में रख कर कोविड-19 के दौरान राज्य में शिक्षा व्यवस्था बनाए रखने पर विचार कर रही है। इन विश्वविद्यालयों को आने वाली समस्याओं तथा उचित मांगों पर अवश्य विचार किया जाएगा ताकि इनका समाधान किया जाए। ऑनलाइन माध्यम से शिक्षा प्रदान करना बेहद लाभदायक सिद्ध हो रहा है तथा इस दौर में तकनीक का सदुपयोग किया जा रहा है। शिक्षा प्रदान करना एक महान सेवा है, जिसमें जितना भी सहयोग किया जा कम है। इससे पूर्व, विभिन्न निजी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों तथा प्रतिनिधियों ने शिक्षा मंत्री को विश्वविद्यालयों में वर्तमान में किए जा रहे उपायों तथा प्रबन्धों से अवगत करवाया। सभी ने कोविड-19 महामारी के दौरान ऑनलाइन शिक्षा पर बल देते हुए भविष्य में इसका अधिक उपयोग करने पर सहमति जताई। उन्होेंने शिक्षा मंत्री के समक्ष अपनी आर्थिक समस्याएं भी रखीं तथा विद्यार्थियों से संबंधित कई मुद्दों पर भी चर्चा की। इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश उच्चतर शिक्षा परिषद के अध्यक्ष डाॅ. सुनील गुप्ता, हिमाचल प्रदेश निजी शैक्षणिक संस्थान नियामक आयोग के सदस्य डाॅ. एस.पी. कटयाल तथा आयोग के सचिव एम.डी. शर्मा भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने शिमला और बिलासपुर जिलों की विभिन्न ग्राम पंचायतों के पंचायत प्रधानों को वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सम्बोधित करते हुए कहा कि कोविड-19 महामारी से प्रभावी तरीके से लड़ने के लिए प्रदेश सरकार को अपना पूरा समर्थन प्रदान करने के लिए पंचायती राज संस्थाओं (पीआरआई) के चुने हुए प्रतिनिधियों का धन्यवाद किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने भी जरूरतमंदों और गरीबों को फेस मास्क और भोजन उपलब्ध कराने में अह्म भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि अधिकांश पंचायतों ने लोगों को सामाजिक दूरी बनाए रखने और घरों से बाहर जाने के दौरान फेस मास्क और फेस कवर का उपयोग करने के लिए प्रेरित करने में भी बहुत अच्छा काम किया है। उन्होंने पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों से कहा कि वह यह भी सुनिश्चित करें कि प्रवासी मजदूरों के पास खाने के लिए भोजन और रहने के लिए आश्रय भी हो। जय राम ठाकुर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में केंद्र सरकार का देश के लिए 20 लाख करोड़ रुपये का आर्थिक सुधार पैकेज प्रदान करने के लिए धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि पैकेज में समाज के सभी वर्गों के कल्याण की परिकल्पना की गई है। उन्होंने कहा कि इस पैकेज से राज्य को काफी मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि मनरेगा के लिए 40,000 करोड़ अतिरिक्त धनराशि प्रदान की गई है, जो निश्चित रूप से राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में विकासात्मक बुनियादी ढांचे में सुधार के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अधिक अवसर पैदा करने में मदद करेगी। उन्होंने कहा कि एमएसएमई के लिए पैकेज के बारे में घोषणाओं से राज्य में कोविड-19 के बाद के औद्योगिक क्षेत्र में भी मदद मिलेगी। जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार को देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे हजारों हिमाचली लोगों से ‘एसओएस’ संदेश मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार उनके कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है और उन्हें वापस लाने के लिए हर संभव सहायता प्रदान कर रही है। उन्होंने कहा कि इस कारण से राज्य में कोरोना रोगियों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि इस वायरस को फैलने से रोकने के लिए सामाजिक दूरी और रोकथाम ही एकमात्र उपाय है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अन्य राज्यों से आने वाले सभी लोगों को क्वारंटीन में रखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि सभी पंचायती राज संस्थाओं के चुने हुए प्रतिनिधियों की भूमिका इस समय और अधिक महत्वपूर्ण हो जाती है। उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति को होम क्वारंटीन के नियमों का उल्लंघन करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए और यदि कोई व्यक्ति क्वारंटीन नियमों का पालन नहीं करता है इस बात को जिला प्रशासन के ध्यान में लाया जा जाए, ताकि उल्लंघनकर्ता को संस्थागत क्वांरटीन केंद्र में स्थानांतरित किया जा सके। जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रधान हमारे लोकतांत्रिक व्यवस्था का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है क्योंकि वे लोकतंत्र के जमीनी संस्थानों के मुखिया हैं। उन्होंने कहा कि उनके संबंधित क्षेत्रों के विकास के साथ-साथ सामाजिक मुद्दों के विकास में उनकी सक्रिय भूमिका सर्वोपरि है। उन्होंने कहा कि प्रधानों को गरीब और प्रवासी मजदूरों को भोजन और आश्रय प्रदान करने के लिए आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि पंचायतों को लोगों के लिए फेस कवर और मास्क प्रदान करने के लिए भी आगे आना चाहिए। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने वीडियो कांफ्रेंस में मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि कोरोना महामारी ने देश की अर्थव्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित किया है। उन्होंने देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे प्रदेश के लोगों को राज्य में वापस लाने के लिए सक्रिय-दृष्टिकोण अपनाने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि आज तक देश के विभिन्न हिस्सों से पांच रेल गांडियां, फंसे हुए हिमाचलियों को वापस लाकर प्रदेश में पहुंच चुकी हैं। उन्होंने कहा कि इन सभी लोगों को उचित चिकित्सा जांच के बाद उनके घरों तक पहुंचा दिया गया हैं। अब पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों का कर्तव्य बन जाता है कि वे यह सुनिश्चित करे कि कोई भी व्यक्ति होम क्वारंटीन का उल्लंघन न करें। अध्यक्ष जिला परिषद शिमला धर्मिला हरनौट, अध्यक्ष जिला परिषद बिलासपुर अमरजीत सिंह बग्गा, प्रधान ग्राम पंचायत नरैण जिला शिमला नरेश, प्रधान ग्राम पंचायत बलाघाड़ बिलासपुर रचना देवी, प्रधान ग्राम पंचायत बैहल बिलासपुर राम कुमार शर्मा, प्रधान ग्राम पंचायत नंदपुर, जुब्बल शिमला शकुंतला देवी, प्रधान ग्राम पंचायत कुई, रोहडू शिमला सुरिंद्र वर्मा ने भी इस अवसर पर अपने विचार सांझा किए।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री डीवी सदानन्द गौड़ा से अनुरोध किया है कि हिमाचल प्रदेश के लिए एक बल्क ड्रग पार्क स्वीकृत किया जाए। केंद्रीय मंत्री को लिखे पत्र में जय राम ठाकुर ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश बल्क ड्रग्स और जैनरिक दवाइयों के उत्पादन में एक महत्वपूर्ण केंद्र बनकर उभरा है तथा देश व विदेशों में बाजार में व्यापक स्तर पर पकड़ बनाई है। उन्होंने कहा है कि प्रदेश में संचालन कर रही औद्योगिक इकाइयों ने बल्क ड्रग पार्क स्थापित करने में विशेष रुचि दिखाई है। इन इकाइयों ने विशेषकर सोलन जिला के बद्दी बरोटीवाला क्षेत्र में यह पार्क विकसित करने की इच्छा जताई है, जो पहले ही एक फार्मा हब है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने देश में क्रिटिकल की-स्टार्टिंग सामग्री, ड्रग इंटरमीडिएट्स और एक्टिव फार्मास्यूटिकल सामग्री के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए एक लाभकारी योजना की घोषणा की है। केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय द्वारा प्रस्तावित इस योजना से भारतीय फार्मास्यूटिकल इंडस्ट्रीज को महत्वपूर्ण दवाओं और रसायनों के निर्माण में वैश्विक प्रतिस्पर्धा, आत्मनिर्भरता और अत्याधुनिक तकनीकों के अनुकूलन को प्राप्त करने में सक्षम बनाया जाएगा। जय राम ठाकुर ने कहा कि अगर हिमाचल प्रदेश के लिए इस प्रकार का एक बल्क ड्रग पार्क आवंटित किया जाता है तो राज्य निश्चित रूप से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दवा उद्योग की आवश्यकता को पूरा करने में सबसे महत्वपूर्ण केंद्र बनकर उभरेगा।
प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि विभिन्न देशों में फंसे हिमाचल प्रदेश के 29 व्यक्तियों को केंद्र सरकार अभी तक स्वदेश ला चुकी है। इनमें 19 को दिल्ली, पांच को केरल और पांच को पंजाब में क्वारंटाइन में रखा गया है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्णय के अनुसार सभी यात्रियों को 14 दिनों के संस्थागत क्वारंटाइन में रखा जाएगा। दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने इन सभी यात्रियों की स्वास्थ्य जांच की है और फिलहाल उन्हें दिल्ली, केरल और पंजाब के विभिन्न होटलों में क्वारंटाइन में रखा गया है। दिल्ली पहुंचे 19 लोगों में सिरमौर जिला से एक, मण्डी जिला से एक, कांगड़ा जिला से एक, हमीरपुर जिला से दो, सोलन जिला से तीन और शिमला जिला से 11 व्यक्ति संबंधित हैं। इसी प्रकार मालदीव से पांच हिमाचली केरल और पांच दुबई से अमृतसर पहुंचे हैं, जिन्हें वहां की सरकारों ने क्वारंटाइन में रखा है। प्रदेश सरकार ने हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के होटल होलीडे होम शिमला, होटल पाईनवुड बड़ोग, होटल धौलाधार व होटल भागसू धर्मशाला और होटल टी-बड पालमपुर को इन यात्रियों के संस्थागत क्वारंटाइन के लिए चयनित किया है। इन होटलों में ठहरने व भोजन की सुविधा के लिए 50 प्रतिशत रियायत के साथ किराया निर्धारित किया गया है। प्रवक्ता ने कहा कि प्रदेश सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव, स्वास्थ्य इन यात्रियों की नियमित स्वास्थ्य जांच के लिए पर्याप्त संख्या में डाॅक्टरों व पैरा मेडिकल स्टाफ की व्यवस्था करेगी। अगर 14 दिनों के उपरांत उन्हें कोविड-19 के लिए नेगेटिव पाया जाता है तो घर में क्वारन्टीन में रहने की स्वीकृति दी जाएगी। जिन लोगों को पाॅजिटिव पाया गया, उन्हें प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य विभाग द्वारा चिन्हित कोविड अस्पतालों में स्थानांतरित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि नई दिल्ली में स्थित आवासीय आयुक्त कार्यालय के अधिकारियों को इस संदर्भ में किसी सहायता के लिए संपर्क किया जा सकता है। कोई भी व्यक्ति प्रधान आवासीय आयुक्त संजय कुंडू को मोबाइल नंबर 98181-53766, उप आवासीय आयुक्त विवेक महाजन को मोबाइल नंबर 88028-03672, ओएसडी समन्वय सुशील कुमार शिमला को मोबाइल नंबर 98685-39423 और आईजीपी ज्ञानेश्वर सिंह को उनके मोबाइल नंबर 97110-01001 पर सम्पर्क कर सकता है।
Chief Minister Jai Ram Thakur said that under Mukhya Mantri Swavlamban Yojna investment subsidy at 25 percent was being provided for projects having investment upto Rs. 60 lakh for youth and 30 percent for projects having investments upto Rs. 60 lakh for women entrepreneurs. He said that five percent interest subsidy would also be provided for a period of three years. Jai Ram Thakur was presiding over a meeting with various Industrial Associations regarding roadmap for recovery of industrial sector in the wake of corona pandemic here today. He said that the State Government has also taken up the matter with the Union Government for relaxation of the condition under Pradhan Mantri Garib Kalyan Yojna under which the benefit of this scheme could be availed by those enterprises where 90 percent or more employees are drawing wages less than Rs. 15,000/- per month, besides payment of wages of lockdown period from ESIC funds. Jai Ram Thakur said that the State Government has also deferred demand charges of power by three months and power bill payment has been deferred without late fee by HPSEB. He said that last date for filling acknowledgement of declaration under HP (Legacy Case Resolution) Scheme 2020 has been extended to 30th September, 2020. He said that State Government has taken several steps to facilitate operations of essential goods industries throughout the lockdown period and other industries during the second period. Chief Minister said that the industrialists of the State had provided all possible help to the State by making contributions towards the PM CARES and HP SDMA COVID-19 State Disaster Response Fund or even by providing free masks and food to the needy. He said that no one had anticipated of this situation but by collective efforts we were fighting this pandemic successfully. He said that it was due to the farsighted and strong leadership of Prime Minister Narendra Modi that COVID-19 cases in our country were less than most of the developed countries. He said that challenges also provide us opportunities and we should come forward to accept these challenges and convert them into opportunities. Jai Ram Thakur said that the ‘Atamnirbhar Bharat’ package announced by the Prime Minister was the biggest economic package of independent India. He said that this package envisages building a self sufficient and self reliant India post COVID. He said that about 300 units in the country were manufacturing PPE kits in the country in a short period of two months whereas once it was totally dependent on China. He said this was the best example of challenge converted into opportunity. Chief Minister said that MSME sector has been badly affected due to COVID-19 pandemic. He said that about 95 percent of the industries in the State fall under MSME categories. He said that steps should be taken to derive maximum benefits of this package to revive these units. He assured that all the issues raised by the industrialists would be considered sympathetically. Chief Minister said that industry was playing a major role in development and progress of the State. He said that Government was providing various incentives to Medium, Small and Micro Enterprises (MSME) under Industrial Policy 2019, such as rebate of 50 percent, 60 percent and 70 percent of rate/premium on land cost, stamp duty and registration fee at the rate of 50 percent, 30 percent and 10 percent of applicable rates in category ‘A’, ‘B’ and ‘C’ respectively, 100 percent exemption on CLU besides 50 percent subsidy of maximum Rs. 20 thousand towards the cost of preparation of Detailed Project Report and obtaining certification. Jai Ram Thakur said that an economic incentive of Rs. 50 thousand crores under Rs. 20 lakh crore economic package was offered by the Central Government to ensure the availability of funds (Liquidity) required for medium, small and micro industries (MSME). He said that this would encourage those wanting to set up new MSME units and those who are already incurring losses, due to certain reasons, would also get the facility to take an additional loan with this. Chief Minister said that there was also a provision to provide an amount of Rs. 3 lakh crores for giving loans to MSME, without any collateral security and this loan would be given for a period of 4 years and 100 percent guarantee would be given by Government. He said that up to one year exemption would be provided for repayment of the principal amount of these loans. He expressed hope that with these incentives, the MSME in the State would get boost in a big way. Jai Ram Thakur said that payment of 12 percent of employer and 12 percent employee contributions was being made into EPF accounts of eligible establishments under Pradhan Mantri Garib Kalyan Yojna. He said that earlier this incentive was provisioned for the months of March, April and May,2020 which has now been extended upto August, 2020. Industries Minister Bikram Singh Thakur said that the State Government was committed to provide all possible assistance to the industry for its proper revival which got badly affected due to the COVID-19 pandemic. He said the main objective of this meeting was to derive maximum benefits of the economic package of Rs. 20 lakh crore announced by the Union Government. Additional Chief Secretary Industries Manoj Kumar welcomed the Chief Minister and other dignitaries. Director Industries Hansraj Sharma made a detailed presentation on the occasion. Representatives of various industrial associations also raised their issues and gave their suggestions on the occasion. Chief Secretary Anil Khachi, Additional Chief Secretaries, Principal Secretaries and Secretaries also attended the meeting.
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने प्रदेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बातचीत कर विश्वविद्यालय स्तर पर शैक्षणिक गतिविधियों के बारे में जानकारी ली। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला के कुलपति प्रो. सिकंदर कुमार, बागवानी एवं वाणिकी विश्वविद्यालय, नौणी के कुलपति प्रो. परमिन्दर कौशल, कृषि विश्वविद्यालय, पालमपुर के कुलपति प्रो. अशोक सरयाल, तकनीकी विश्वविद्यालय, हमीरपुर के कुलपति प्रो. एस.पी. बंसल, क्लस्टर विश्वविद्यालय मंडी के कुलपति प्रो. सी.एल. चमन और अटल मेडिकल एण्ड रिसर्च विश्वविद्यालय, नेरचैक के कुलपति प्रो. सुरेन्द्र कश्यप ने वीडियो कांफ्रेंसिंग में भाग लिया। राज्यपाल ने मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा सुझाए गए विभिन्न आॅनलाइन पोर्टल के उपयोग, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुरूप परीक्षाओं की तैयारी और अगले सत्र को लेकर रोडमैप, कोविड-19 के दौरान विश्वविद्यालय की भूमिका, ऑनलाइन शिक्षा व कक्षाओं की अभी तक की स्टे्टस रिपोर्ट, वालंट्यिर्स की भूमिका, हिन्दी में शिक्षण की सुविधा इत्यादि विषयों को लेकर जानकारी हासिल की। इस अवसर पर, राज्यपाल ने पिछले 55 दिनों से लाॅकडाउन के दौरान ऑनलाईन कक्षाओं को लेकर सभी कुलपतियों की सराहना की। उन्होंने आशा व्यक्त की कि 31 मई तक लाॅकडाउन-4.0 में भी सभी विश्वविद्यालय दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए फाॅलो-अप, दक्षता व जागरूकता का परिचय देंगे। उन्होंने कहा कि कुलपतियों के साथ पहली वीडियो कांफ्रेंस में उन्होंने आॅनलाइन एजुकेशन पर बल दिया था, जिस पर सभी ने काम किया। उन्होंने कहा कि यह मौका है कि इस तकनीक का ज्यादा से ज्यादा उपयोग किया जाए। उन्होंने कहा कि शिक्षा की तकनीक के माध्यम से कोई भी व्यवस्था क्यों न बने लेकिन विद्यार्थियों के साथ संपर्क बनाये रखा जाना चाहिए। दत्तात्रेय ने कहा कि विद्यार्थियों की मनोस्थिति को जानने की कोशिश की जाए और विशेषकर आॅनलाइन व्यवस्था मेें उन्हें क्या समस्या है, इसकी प्रतिक्रया ली जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के वालंटियर तैयार करने के लिए उन्होंने कहा है जिसकी वजह विद्यार्थियों में सेवा भाव पैदा करना है। राज्यपाल ने विश्वविद्यालयों द्वारा जागरूकता के लिए अपनाये गए गांव के बारे में भी उनकी प्रतिक्रिया को सांझा किया। उन्होंने स्थानीय भाषा के उपयोग की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि प्रदेश के ऐसे क्षेत्र जहां नेटवर्क की समस्या है और गरीब बच्चे जिनके पास स्मार्ट फोन नहीं हैं, के बारे में भी विकल्पों पर बातचीत की। इस अवसर पर, कुलपतियों ने अपनी प्रतिक्रिया में बताया कि 90 प्रतिशत तक उन्होंने अपना पाठ्यक्रम पूरा कर दिया है। ऑनलाइन पुस्तकालय सुविधा दी जा रही है। शोधकार्य जारी है और प्रवेश परीक्षाओं के लिए समितियां गठित की जा चुकी हैं। जागरूकता कार्यक्रम पर भी ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कुछ प्रशासनिक स्टाफ को बुलाने का आग्रह किया, ताकि प्रशासनिक कार्यों के साथ-साथ विकासात्मक गतिविधियों को भी जारी रखा जा सके।
सेना प्रशिक्षण कमाण्ड शिमला के जनरल अफसर कमाडिंग-इन-चीफ लैफ्टिनेंट जनरल राज शुक्ला ने मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर से उनके आधिकारिक निवास ओक ओवर में भेंट की। जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश के सेवारत और सेवानिवृत सैनिकों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से सेना बिलासपुर जिला के झण्डुत्ता और मण्डी जिला के सुन्दरनगर में सीएसडी कैंटीन खोलने को सहमत हो गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने इस मुद्दे को केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से उठाया था। मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुंडू भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज यहां प्रवासी मजदूरों के लिए वन नेशन वन राशन कार्ड योजना के अंतर्गत खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले विभाग की अंतरराज्यीय पोर्टेबिलिटी योजना का शुभारम्भ किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना से उपभोक्ताओं को देश में कहीं भी उचित मूल्य की दुकानों से राशन लेने में सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि इसे राशन कार्ड की राष्ट्रीय पोर्टेबिलिटी योजना के अंतर्गत किया जाएगा और योजना से देश के लगभग 67 करोड़ लोगों लोगों को लाभ मिलेगा जिनमें हिमाचल प्रदेश के लाखों लोग भी शामिल हैं। जय राम ठाकुर ने कहा कि केंद्र सरकार ने देश के लगभग आठ करोड़ प्रवासी मजदूरों को दो महीने के लिए मुफ्त अनाज देने का निर्णय लिया है। जिन मजदूरों के पास राशन कार्ड नहीं है, उन्हें भी हर महीने प्रति व्यक्ति निःशुल्क पांच किलो आटा अथवा चावल और एक किलो दाल प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना के अंतर्गत हिमाचल प्रदेश को 2864.46 टन खाद्य सामग्री आवंटित की गई है जिससे प्रदेश सरकार को लक्षित समूहों तक राशन प्रदान पहंुचाने में सुविधा होगी। मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुंडू, सचिव खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति अमिताभ अवस्थी और निदेशक खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति आबिद हुसैन सादिक भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
हिमाचल प्रदेश का पर्यटन उद्योग जो कि अपना मेजर टूरिस्ट सीजन खो चुका है वो केवल सरकार की मदत की उम्मीद कर रहा था। हिमाचल में पर्यटन को पटरी पर आने के लिए कम से कम 12 से 18 महीने का समय लग सकता है इतना लंबा समय बिना कमाई के पर्यटन उधमियों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है।हिमाचल में पर्यटन इकाइयों का 60% के करीब रेवेन्यू अप्रैल ,मई तथा जून में ही एकत्रित होता है जिससे सारे वर्ष के फिक्स्ड खर्चे चलते है। इस वर्तमान सिथिति में पर्यटन कारोबार को पटरी पर आने के लिए एक वर्ष से पहले कोई उम्मीद नही की जा सकती। पर्यटन कारोबारियों को उम्मीद थी कि हिमाचल पर्यटन उद्योग के लिए एक विशेष पैकेज की घोषणा की जाएगी ताकि पर्यटन उद्योग को जिंदा रखा जा सके। परन्तु जो 20 लाख करोड़ की राहत पैकेज की घोषणा की गई उसमे पर्यटन के नाम पर कुछ भी नही दिया गया जिसके कारण पर्यटन से जुड़े कारोबारी बहुत आहत हुंए है। आज समूचे हिमाचल की associations के मेम्बेर्स सोचने पर मजबूर हो गए है कि आने वाले समय में वह किस तरह सस्टेन करेंग। उन्होंने हिमाचल सरकार को डिमांड चार्जर्स हटा कर होटल कारोबारियों को कुछ राहत देने के लिए आभार व्यक्त किया है। परंतु अन्य मुद्दे जैसे प्रॉपर्टी टैक्स, गरबाजे फी, पानी व बिजली की डोमेस्टक टैरिफ चार्ज करने sewerage सेस इत्यादि में सरकार ने कोई छूट नही दी है, जबकि सारे होटलों का कारोबार ही पूर्ण रूप से बंद पड़ा है। ऐसे वक्त में उनसे ये चार्जेज चार्ज करना न्यायसंगत नही है। इसी तरह पर्यटन उद्यमियों को ब्याज रहित ऋण उपलब्ध करवाने की आवश्यकता थी ताकि टूरिज्म यूनिट्स अपने फिक्स्ड खर्चो का बोझ उठा सके तथा स्टाफ को बनाए रखने के लिए कुछ स्टाफ अल्लोवंस देने की आवशकता थी परंतु ऐसी कोई भी राहत सरकार द्वारा नही दी गई। उन्होंने सरकार से आग्रह किया है कि जब तक पर्यटन उद्योग अपने पैरों पर खड़ा नही होता पर्यटन इकाइयों से जुड़े कर्मचारी जो अपने गांव जा चुके है उन्हें मनरेगा के अंतर्गत उनके गाँव में ही रोजगार दिया जाए तथा जो कर्मचारी शहरों में रहते ह। ऊन्हे अर्बन एम्प्लॉयमेंट स्कीम के अंतर्गत रोजगार दिया जाए ताकि covid 19 के चलते उनकी भी रोजी रोटी चल सक। लगभग 50 करोड़ रुपये के करीब प्रति माह कर्मचारियों को वेतन के रूप में दिया जाता थ। वह दे पाने में पर्यटन से जुड़े ऊधमयों के लिए नामुमकिन है क्यूंकि Covid 19 की महामारी के चलते सभी पर्यटन इकाइयों का काम बंद पड़ा है। यदि उधमियों को कोई राहत न मिली तो उन्हें मजबूरन स्टाफ की छंटनी करने पर विचार करना पड़ सकता है। आल हिमाचल अस्सोशशन्स ऑफ हॉस्पिटेलिटी एंड टूरिज्म फेडरेशन ने सरकार से आग्रह करेगी कि उनके द्वारा दी गई माँगों पर पुनः विचार किया जाए ताकि हिमाचल के पर्यटन उद्योग को बचाया जा सके, जो कि हिमाचल की कुल जीडीपी का 7% का हिस्सा प्रदान करती है। उन्होंने आशा जताई है कि सरकार हिमाचल के पर्यटन उद्योग के लिए एक एक विशेष पैकेज की शीघ्र घोषणा करेग।
कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप के मद्देनजर मुख्य सचेतक नरेंद्र बरागटा ने जुब्बल नावर कोटखाई के पंचायत प्रतिनिधियों से सक्रिय सहयोग की अपेक्षा की है। उन्होंने कहा कि पंचायत प्रतिनिधि अपने-अपने क्षेत्र में महामारी की रोकथाम के लिए तय गाइड लाइंस की अनुपालना, आईसोलेशन सुविधा की व्यवस्था और होम क्वारंटाइन पर निगाह बनाए रखने के लिए तत्पर रहें। नरेंद्र बरागटा ने जुब्बल नावर कोटखाई के पंचायत प्रधानों, उप प्रधानों से वीडियो कान्फ्रेंसिंग से बातचीत की। उन्होंने कहा कि राज्य में कोविड-19 के खिलाफ इस लड़ाई में वायरस संक्रमण के चक्र को तोड़ने में आईसोलेशन व्यवस्था और सामाजिक दूरी के प्रति लोगों को जागरूक करने में पंचायत प्रतिनिधि महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। नरेंद्र बरागटा ने कहा कि सभी पंचायत प्रधानों को उन परिवार के सदस्यों की मदद करनी चाहिए, जिनके पास सीमित आवास सुविधा हैं। ऐसे लोगों को सामुदायिक केंद्रों, पंचायत घर और महिला मंडल भवनों आदि में आईसोलेशन के लिए अलग-अलग आवास सुविधाएं प्रदान करवाएं, जिससे उचित सामाजिक दूरी सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने कहा कि होम क्वारंटाइन न में रखे लोगों पर नजर रखी जानी चाहिए, जिससे वे होम क्वारंटाइन का उल्लंघन न करें। उन्होंने कहा कि यदि कोई व्यक्ति होम क्वारंटाइन के नियमों का उल्लंघन करता हुआ पाया जाता है तो जिला प्रशासन के समक्ष मामला लाया जाना चाहिए। इससे उसे संस्थागत क्वारंटाइन में रखा जा सकेगा। उन्होंने प्रधानों से किसी भी बीमारी के प्रभाव से बचने के लिए अपनी पंचायतों में सफाई की उचित व्यवस्था करने का भी आग्रह किया। बरागटा ने कहा कि जुब्बल नावर कोटखाई की सभी पंचायतों के लिए सीधा विभिन्न योजनाओं के तहत दो वर्षो में लगभग 15 करोड़ जारी किए गए है उन्होंने पंचायत प्रतिनिधियों से आग्रह किया है कि इस राशि को जल्द विकास कार्यो में खर्च करे ताकि जनमानस को इसका लाभ मिल सके।
पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने अपने निर्वाचन क्षेत्र अर्की में कोरोना के दृष्टिगत की समीक्षा बैठक
पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने अपने निर्वाचन क्षेत्र अर्की में कोरोना माहमारी और उसकी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर एक समीक्षा बैठक की। बैठक में एसडीएम विकास शुक्ला, डीएसपी ठाकुर, तहसीलदार संत राम शर्मा, स्वास्थ्य व कई अन्य अधिकारी मौजूद रहे। वीरभद्र सिंह ने कहा कि यहां के लोगों को कोई समस्या न हो इसका पूरा ख्याल रखा जाए। उन्होंने कहा कि अगर कोई भी समस्या आती है तो उन्हें सीधे तौर पर बताया जाए। उन्होंने कहा कि लॉक डाउन की वजह से उनका पहले यहां आना संभव नही हो सका। उन्होंने कहा कि वह जल्द ही इस निर्वाचन क्षेत्र का विस्तृत दौरा करेंगे। एसडीएम ने वीरभद्र सिंह को बताया कि अर्की तहसील में कोरोना पोसिटिव का कोई भी मामला नही आया है। उन्होंने कहा कि अर्की उप मंडल विधानसभा की 45 पंचायतें अर्की में है, जबकि 12 पंचायतें नालागढ़ तहसील के अंतर्गत आती है। उन्होंने बताया कि उन्होंने यहां मास्क व सेनेटाइजर भेजे हैं। इसका वितरण प्रधानों, पंचायत सदस्यों, आशा वर्कर के माध्यम से किया गया। इसके अलावा जगह जगह सोडियम हाइपोकोलॉइड का छिड़काव भी किया जा रहा है, जिससे इस संक्रमण पर रोक लग सके। शुक्ला ने बताया कि उन्होंने 200 पीपीई किट और 750 एन 95 मास्क खरीद कर स्वास्थ्य विभाग को दिए गए है। उन्होंने बताया कि आज दिन तक जरूरतमंदों को 5358 राशन की किट्स वितरित किए गए। उन्होंने बताया कि अर्की उप मंडल से 1257 प्रावसी मजदूरों को उनके घरों को भेजनें की पूरी व्यवस्था की गई। उन्होंने बताया कि इस दौरान 1578 लोग जो प्रदेश के बाहरी राज्यों के रेड जॉन से यहां आए थे उनका सही ढंग से होम क्वारन्टीन किया गया, और यही कारण रहा है कि इस उप मंडल में कोई भी कोरोना पोसिटिव नही हुआ। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने यहां 149 कोरोना टेस्ट किए और यह सभी नेगेटिव पाए गए। शुक्ला ने बताया कि अर्की उपमंडल में 8 क्वारंटाइन सेंटर बनाए गए है। इनमें 200 अधिक लोगों को ठहराया जा सकता है। उन्होंने बताया कि इस उपमंडल में सभी अधिकारी और कर्मचारी अपने अपने दायित्वों का सही ढंग से पालन कर रहें है। वह इस सब की पूरी मोनिटरिंग कर रहें है।
प्रदेश अध्यक्ष राजीव बिन्दल भाजपा महिला मोर्चा हिमाचल प्रदेश की 100 कार्यकर्ता से वीडियो कांफ्रेस के माध्यम से सम्वाद करते हुए उन्हें 21 लाख 17 हजार 900 फेस मास्क बनाने के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि फेस कवर बनाना, बांटना, व लगाना केवल भाजपा व भाजपा महिला मोर्चा की देन है और शेष समाज ने अब इसका अनुसरण किया है। राजीव बिन्दल ने बताया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नडडा ने हिमाचल प्रदेश वासियों के लिए अपनी ओर से 2.5 लाख मास्क भिजवाएं हैं जो कि 18 मई को शिमला पहुंच रहे है, जिसके लिए प्रदेशवासियों की ओर से उनका आभार जताया है। वीडियो कांफ्रेस में बोलते हुए डा. बिन्दल ने कहा कि कोरोना संकट से जूझता हुआ देश व हिमाचल प्रदेश 3 लाॅक डाउन पूरे कर चुका है और चौथा लाॅकडाउन 18 मई से शुरू होने वाला है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश का 20 मार्च से 17 मई तक का सफर प्रदेशवासियों के लिए अनेक प्रकार के कष्टों से भरा रहा, प्रतिदिन रोटी कमा कर खाने वालों के लिए, किसान, बागवान, रेहड़ी वाला, फड़ी वाला, छोटा दुकानदार, मजदूर सभी के लिए बहुत सी परेशानियां लेकर आया। उन्होंने कहा कि संकट की इस घड़ी में हिमाचलवासियों ने जिस धैर्य का परिचय दिया, कफर्यू की पूर्ण रूपेण अनुपालना की वे बधाई एवं धन्यवाद के पात्र हैं। उनकी बुद्धिमत्ता, अनुशासन और हिमाचल प्रदेश सरकार के कुशल प्रबन्धन के कारण हिमाचल प्रदेश में कोरोना का फैलाव बहुत सीमित रहा इसके लिए जय राम ठाकुर बधाई के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि अब कांग्रेस मुददे की बात न करके केवल मीडिया की सुर्खियां बटोरने के लिए अलग-अलग ध्यानात दे रही है। अब 20 लाख करोड़ रुपये का पैकेज देश भर को दे दिया है, उसका सीधा लाभ हिमाचल प्रदेश को मिलेगा। हिमाचल के किसानों को, बागवानों को मजदूर को मछली उत्पादक, मधु मक्खी पालक की, पशुपालक को, छोटे मझौले उद्योगों को, रेहड़ी-फड़ी, छोटे दुकानदार को सभी को इसका लाभ मिलेगा, नए उद्योग लगाने के लिए और उद्योगों से रोजगार सृजन के लिए विकास के लिए धन की उपलब्धता के रूप में पैकेज का लाभ होगा। इतना सब कुछ हो रहा है परन्तु इस पर कांग्रेस खामोश है, चुप तो होना ही था, क्योंकि उनको यह उम्मीद भी न थी कि जीडीपी का 10 प्रतिशत पैकेज के रूप में दिया जा सकता है। आओ हम सब मिलकर हिमाचल को विकास के माडल के रूप में प्रस्तुत करें।
लाहौल-स्पीति के लोगों की आर्थिकी को सुदृढ़ करने में ‘‘ढींगरी मशरूम’’ नए नगदी उत्पाद के तौर पर उभर कर सामने आया है। वानस्पतिक नाम ‘‘प्लुरोटस ओस्ट्रीटस’’ के नाम से भी पहचाने जाने वाले इस ढींगरी मशरूम ने स्पीति घाटी के लोगों के लिए आय के नए द्वार भी खोले हैं। नगदी उत्पाद के तौर पर अपनी जगह बना रहे इस ढींगरी मशरूम से स्पीति घाटी में नए अध्याय का सूत्रपात हुआ है। लामाओं, पौराणिक बौद्ध मठों की धरती और बर्फ से आछांदित पहाड़ों की चोटियां स्पीति क्षेत्र को दुनिया भर के पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनाती है। अब यह क्षेत्र ओएस्टर (मशरूम) के उत्पादन और निर्यात में अपनी पहचान बनाने के लिए तैयार है। 300 रुपए प्रतिकिलो बिक रहा ‘‘ढींगरी मशरूम’’ स्पीति के चिचिम गांव के कलजग लादे का कहना है कि मटर की खेती के अलावा अब स्पीति के किसानों ने अपनी आर्थिकी को और अधिक सुदृढ़ करने के लिए ढींगरी मशरूम उत्पादन को अपनाया है। उन्होंने कहा कि वे 2015 से स्पैटुला के आकार की यह मशरूम प्रजाति उगा रहे हैं एवं अब बागवानी विभाग के अतिरिक्त प्रयासों से विभाग के विषय बाद विशेषज्ञ लोगों को ढींगरी मशरूम उगाने की तकनीक सिखा रहे हैं। लादे प्रतिदिन 150 किलोग्राम ‘‘ढींगरी मशरूम’’ का उत्पादन कर रहे हैं और काजा के स्थानीय होटलियर्स व होम स्टे में लगभग 250 रुपए से लेकर 300 रुपए की दर से प्रति किलो तक बेच रहे है तथा महमानों को उनके पसंदीदा लजीज व्यंजन परोस रहे हैं। गीले भूसे में उगता है ‘‘ढींगरी मशरूम’’ ‘‘ढींगरी मशरूम’’ उगाने के लिए अब तक क्षेत्र के 50 किसानों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया है और उन्हें कमरे के तापमान के अनुसार ढींगरी मशरूम उगाने के लिए पॉली बैग भी वितरित किए गए हैं। मशरूम का उत्पादन अधिक होने पर जहां इसका उपयोग अचार, मशरूम पाउडर, दवाइयां इत्यादि बनाने में किया जा सकेगा वहीं इससे महिलाओं को उनके घर द्वार पर रोजगार के अवसर भी प्रदान होंगे। ढींगरी मशरूम को गीले भूसे में उगाया जाता है। इसका बीज तीस दिन से पुराना नहीं होना चाहिएं बीज की मात्रा 250 से 300 ग्राम प्रति 10 से 12 किलोग्राम गीले भूसे की दर से होनी चाहिए। गीला भूसा और बीज को एक प्लास्टिक के टब में अच्छी तरह से मिलकर पाॅलीथीन बैग में 4 से 6 किलोग्राम गीला भूसा भर दिया जाता है। इसे उगाने में खाद का प्रयोग नहीं किया जाता। यह मशरूम औषधीय गुणों से भरपूर है और प्रोटीन युक्त भोजन बनाने के लिए सबसे उपयुक्त है। कोलेस्ट्रोल और शुगर के मरीजों के लिए उपयुक्त है ढींगरी मशरूम ढींगरी मशरूम में उचित मात्रा में विटामिन सी और बी काॅम्प्लेक्स पाई जाती है। इसमें प्रोटीन की मात्रा 1.6 से लेकर 2.5 प्रतिशत तक है। इसमें मानव शरीर के लिए जरूरी खनिज लवण जैसे पोटेशियम, सोडियम, फास्फोरस, लोहा और कैल्शियम भी पाए जाते है। एंटीबायोटिक के गुण होने के साथ यह मशरूम कोलेस्ट्रोल को भी नियंत्रित करता है और शुगर के मरीजों के लिए भी उपयुक्त है। एक जानकारी यह भी ओएस्टर मशरूम सबट्राॅपिकल पर्वतीय क्षेत्रों में 10 से 24 डिग्री सेंटीग्रेड और 55-75 प्रतिशत के बीच वाले तापमान में एक वर्ष में 6 से 8 माह की अवधि के लिए उगाया जाता है। साफ सूखे धान के पुआल को 18 घंटे पानी में भिगोया जाता है और मास्टर स्पाॅन की एक बोतल कुलथ पाउडर के साथ मिलाया जाता है। फिर इस मिश्रण को पाॅलीथीन बैग में भर कर कमरे के तापमान पर रख दिया जाता है। पाॅलीथीन बैग में भरे इस मिश्रण को नियमित रूप से तब तक पानी दिया जाता है, जब तक कि मशरूम उगना शुरू नहीं हो जाते। औषधीय गुणों से भूरपूर यह ढींगरी मशरूम स्पीति घाटी सेे बाहर भी सम्मानीय वातावरण क्षेत्रों में भी उगाया जा सकेगा, जिससे प्रदेश की कृषक आर्थिकी को और अधिक संबल मिलेगा।
रामपुर बुशैहर में कोविड-19 से प्रथम पंक्ति में लड़ रहे कोरोना योद्धाओं को राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा द्वारा दिए गए 300 सेनेटाइजरों को आयुर्वेदिक स्वास्थ्य विभाग, खनेरी अस्पताल, एसडीएम कार्यालय, पुलिस विभाग सहित अन्य आवश्यक सेवाओं में सदैव तत्पर रहने वाले अधिकतर महकमों में सेनेटाइजरों का वितरण किया। इसके अतिरिक्त इन समस्त फ्रंटलाइन योद्धाओं को इनकी सुरक्षा के मद्देनजर लगभग 5000 मास्कों का वितरण किया गया। इस मुश्किल दौर में हमारे इन वॉर्रिएर्स को उचित सुरक्षा संबंधित चीजों को मुहैया कराना हमारी प्राथमिकता है। यदि ये सुरक्षित रहेंगे तभी वायरस संक्रमित व्यक्ति का इलाज संभव होगा। इनके बगैर इस covid-19 की जंग को जीतने की कल्पना भी नहीं की जा सकती। इस अवसर पर मण्डल के वरिष्ठ एवं युवा कार्यकर्त्ता मौजूद रहें।
मनुष्य जीवन वही सार्थक है जो निष्काम भाव से सेवा साधना में संलग्न है। इसको वाक्य को साबित किया है अंकुश गुप्ता व उनकी टीम ने । अंकुश व उनकी टीम ने अपने उत्कृष्ट कार्यों से समाज सेवी के रूप में अपनी पहचान करवाई है। उन्होंने अपनी टीम के साथ एक मुहिम शुरू की है ताकि उनके आसपास कोई भी व्यक्ति भूखा ना रहे। वह 23 मार्च से लगातार इस मुहिम को चला रहे हैं। इसी कड़ी में शनिवार को अंकुश गुप्ता के साथ एसएसपी चंडीगढ़ नीलांबरी विजय जगदले, एरिया काउंसलर शक्ति प्रकाश देवशाली, एरिया एसएचओ जसबीर सिंह, मेंदल अध्यक्ष सतबीर ठाकुर, दीपक शर्मा, शिव राणा, सुशील पांडे, ललित गाबा, गौरव ठाकुर, गुरमीत मन्नी, मनदीप, सुभाष कुमार, लकी , विशाल, सुभाष मौर्य, शिला नाथ गुप्ता, अमित, सौरव, गोपाल बेनीवाल ने संजय कॉलोनी में 3000-3500 मास्क और रात का भोजन वितरित किया। अंकुश बताते है कि इस तरह वे आगामी दिनों में भी जरूरमन्दों की यथासम्भव मदद करेंगे। उन्होंने अपनी टीम का भी आभार व्यक्त किया व कहा कि बिना इनके सहयोग के यह कार्य सफल नही जो सकता। इनका अहम योगदान रहा है।
Chief Minister Jai Ram Thakur while addressing Panchayat Pradhans of various Gram Panchayats of Solan and Sirmour districts through video conferencing from Shimla today urged them to give their wholehearted support to the State Government to sensitize the people of their respective areas regarding COVID-19 and also ensure that the people who had arrived from other parts of the country do not jump home quarantine. Jai Ram Thakur said that Pradhans were one of most important part of democratic setup, as they head the grass root institutions of the democracy. He said that their proactive role in development of their areas as well as in social issues was of paramount importance. He said that Pradhans should come forward to help the poor and migrant labourers by providing them food and shelter. He said that panchayats must also come forward to provide face covers and masks to people. Chief Minister said that as many as 1.15 lakh people have arrived in the State from various parts of the country and about 60,000 more have registered for returning to the State. He said that mass arrival of people from different parts of the country has resulted in increase in the number of COVID-19 patients. He said that there was only one active patient on 1st May, which today has gone upto 34 today. He assured that there was no need to panic as Government was fully prepared to fight the virus and with the help of people of the State, Himachal Pradesh would soon become a corona free state in the country. Jai Ram Thakur said that collective efforts were required to tackle the situation. He said that Pradhans must educate people regarding importance of home quarantine. He said that no one should be allowed to jump home quarantine and if a person does not obey quarantine protocol the same could be brought to the notice of the district administration, so that the violator could be sent for institutional quarantine. Rural Development and Panchayati Raj Minister Virender Kanwar while welcoming the Chief Minister said that the steps taken by the State Government to tackle the cases of Corona have been appreciated even by the Prime Minister Narendra Modi. He said that adequate funds have been made available for panchayats. He said that works under MNREGA would be taken in hand in large scale at the earliest and the same should be expedited. Chairman Zila Parishad Solan Dharampal, Member Zila Parishad Sirmaur Vinay Gupta, Pradhan Gram Panchayat Sataun, Sirmaur Rajneesh Chauhan, Pradhan Gram Panchayat Radiyali Solan Indu Vaidya also shared their views on the occasion. Director Rural Development and Panchayati Raj Lalit Jain conducted the proceedings of the meeting. Vice Chairman State Civil Supplies Baldev Tomar, Secretary Rural Development and Panchayati Raj Dr. R.N. Batta and other officers were present on the occasion.
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डा. राजीव बिन्दल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना महामारी से निपटते हुए जिस प्रकार देश के किसानों, श्रमिकों और आम व्यक्ति के हितों को ध्यान में रखकर 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा की है वह शानदार है। आर्थिक पैकेज के तीसरे चरण में किसान को समृद्ध करने के लिए एक शानदार घोषणा की गई है। किसान की पैदावार को स्टोर करने के लिए, उत्पादन की बिक्री सही दाम पर हो इसके लिए 1 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान करना किसान के, पशुपालन को सुदढ़ व लाभकारी बनाने के लिए 15,000 करोड़ रुपये व पशुओं के टीकाकरण के लिए 13 हजार करोड़ रुपये व मधुमक्खी पालन के लिए 500 करोड़ रुपये व किसान की फसलों की डाईवर्सिफिकेशन के लिए, हबर्ल खेती के लिए 4000 करोड़ रुपये का प्रावधान करना देश के किसान को खड़ा करेगा। इसी तरह फूड इकाइयों को मजबूत करने के लिए और लोकल ब्रांड के लिए 10-10 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। मछली पालन के लिए 20 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान अर्थात किसान को मदद करने सहित कुल करीब 2 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि आर्थिक पैकेज के दूसरे चरण में किसानों और श्रमिकों के भोजन, आवास और उनकी अन्य जरूरतों को ध्यान में रख एक बहुत बड़े पैकेज का ऐलान वित्त मंत्री श्रीमती सीतारमण व श्री अनुराग ठाकुर द्वारा घोषित किया गया है। उन्होंने कहा कि वन नैशन वन राशन कार्ड और किसान के्रटिड कार्ड के तहत 30 हजार करोड़ रुपये रुपये का ऐलान अपने आप में बहुत बड़ी सेवा है। डा. बिन्दल ने कहा कि वन नैशन, वन राशन कार्ड गरीब और जरूरतमंद लोगों विशेष कर प्रवासी श्रमिकों के लिए वरदान सिद्ध होगी। अब श्रमिक अपने मूल प्रदेश के बाहर भी राशन सुविधा का लाभ उठा सकते हैं। उन्होंने कहा कि फंसे हुए प्रवासियोें के लिए अगले दो महीने तक निशुल्क अनाज का वितरण केन्द्र सरकार द्वारा सुनिश्चित बनाया जा रहा है। इस कार्य पर 3,500 करोड़ रुपये दो महीने में खर्च किए जाएंगे। इस योजना के तहत 5 किलो अनाज और एक किलो चना प्रति परिवार दिया जाएगा लगभग 8 करोड़ फंसे हुए प्रवासियों को लाभ हेागा। उन्होंने कहा कि आर्थिक पैकेज के तहत श्रमिकों/शहरी गरीबों के लिए सस्ती रेंटल हाउसिंग काॅम्पलेक्स बनाए जाने का प्रावधान अत्यंत प्रशंसनीय हैं। उन्होंने कहा कि किसानों को रियायती ब्याज दर पर संस्थागत ऋण प्रदान करने के लिए किसान क्रेडिट कार्ड 2 लाख करोड़ रुपये का रियायती ऋण दिए जाएंगे। इस वास्ते किसानों के लिए 30 हजार करोड़ रुपये की अतिरिक्त इमरजेंसी वर्किंग कैपिटल फंडिंग का प्रावधान किया गया है। इससे लघु और सीमांत किसानों को मिलेगा लाभ मिलेगा। इसके तहत ग्रामीण सहकारी बैंकों और आआरबी के तहत लगभग 3 करोड़ किसानों ज्यादातर छोटे किसानों को लाभ होगा। डा. बिन्दल ने कहा कि आर्थिक पैकेज में एमआईजी के लिए सीएलएसएस के विस्तार के माध्यम से आवास क्षेत्र को 70 हजार करोड़ रुपये का प्रोत्साहन दिये जाने का प्रावधान किया गया है। पहले से जारी सीएलएसएस को 31 मार्च 2021 तक किया बढ़ाया गया है और अभी तक 3.32 लाख परिवार इसका लाभ उठा चुके हैं। उन्होंने 1500 करोड़ रुपये के मुद्रा शिशु लोन के प्रावधान पर भी प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि इसके तहत मुद्रा के तहत आने वाले छोटे व्यवसाय सबसे अधिक लाभान्वित होंगे। इसी प्रकार स्टीट वेंडर्स के लिए 5000 करोड़ रुपये के विशेष क्रेडिट सुविधा प्रदान करने का प्रावधान किया जा रहा है। क्योंकि कोविड के कारण स्टीट वेंडरों की आजीविका पर प्रतिकूल प्रभाव पडा है और एक माह के भीतर यह योजना शुरू कर दी जाएगी। इससे करीब 50 लाख स्ट्रीट वेंडरस लाभान्वित होंगे। डा. बिन्दल ने कहा कि विरोधी दल अगर अपनी वोटों की राजनीति को अलग रख दे तो उन्हें इन सौगातों का स्वागत करना पड़ेगा। कांग्रेस के केन्द्रीय नेता व प्रदेश के नेता इस राहत पैकेज से ध्यान बंटाने के लिए तरह-तरह के अनर्गल बयानबाजी में लगे है। पिछले एक शताब्दि में ऐसा संकट देश पर नहीं आया और न ही कभी इतना बड़ा राहत पैकेज किसी ने दिया जिसमें किसान, बागवान, मजदूर, रिक्शा, ऑटो चलाने वाला, छोटा रोजगार करने वाला, ठेला लगाने वाला, खमचा लगाने वाला, उद्योग में भवन, सड़क निर्माण के काम करने वाला मजदूर, छोटा उद्योग धंधा करने वाला व्यक्ति सभी लाभान्वित हुए हैं। कांग्रेस नेतृत्व के अभाव में, देशहित के दृष्टिकोण के अभाव में व प्रदेश कांग्रेस के नेता अपनी सुपरमेसी की जंग में गरीब का नुकसान करने पर आतुर हैं।
भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश स्तर पर बाहर से आने वाले हिमाचलियों की व्यवस्थाओं की देखभाल के लिए एक उच्च स्तर समिति का गठन किया है। इस समिति को दायित्व दिया है कि वह सभी क्वारेंटाइन सेंटर जाकर वहां की व्यवस्था देखें और जहां भी सहयोग की जरूरत हो प्रशासन का सहयोग करें। इस कड़ी में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डा. राजीव बिन्दल ने सिरमौर जिला भाजपा अध्यक्ष विनय गुप्ता के साथ कालाआंब में स्थापित क्वारेंटाइन सेंटर का दौरा किया और प्रदेश सरकार की ओर से प्रशासन द्वारा की गई व्यवस्थाओं को बेहतरीन बताया। डा. बिन्दल ने इस अवसर बताया कि क्वारेंटाइन सेंटर में चिकित्सक, पैरा मैडिकल, पुलिस कर्मी व कोविड 19 में अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे अन्य कर्मी समर्पण भाव से अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सेंटर में भोजन व्यवस्था, स्वच्छता व्यवस्था सुचारू है तथा बाहर से आने वाले सभी हिमाचलियों का का कोविड -19 टेस्ट किया जा रहा है। डा. बिन्दल ने क्वारेंटाइन सेंटरों में बेहतरीन व्यवस्था जुटाने के लिए मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर सरकार को बधाई देते हुए कहा कि प्रदेश सरकार मुस्तैदी से कार्य करते हुए कोरोना महामारी की जंग में दृढ़ इच्छा शक्ति के साथ बेतहरनी सेवाएं और व्यवस्थाएं प्रदान कर रही है। ज्ञातव्य रहे कि क्वारेंटाइन सेंटरों में बाहर से आने वाले हिमाचलियों के सहयोग के लिए राम स्वरूप शर्मा, सांसद मंडी संसदीय क्षेत्र की अध्यक्षता में प्रदेश में एक कमेटी का गठन किया गया है जिसमें चारों संसदीय क्षेत्रों में राकेश शर्मा, वीरेन्द्र चैधरी, संजय सूद के साथ रामस्वरूप को प्रभारी बनाया गया है। भाजपा के 17 जिलों में 17 अध्यक्ष और 34 महामंत्री इस कार्य के लिए लगाए गए है। हिमाचल प्रदेश से बाहर जाने वाले प्रवासी मजदूरों के बारे में भी समुचित व्यवस्था भाजपा सरकार द्वारा की गई है।
उपायुक्तों को पंचायती राज संस्थानों और शहरी स्थानीय निकायों के चुने हुए प्रतिनिधियों के साथ उचित समन्वय बनाए रखना चाहिए, ताकि वह अपने संबंधित क्षेत्रों में बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों के आगमन के बारे में अग्रिम जानकारी प्रदान कर सकें। यह बात मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कोरोना वायरस के दृष्टिगत वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के दौरान सभी जिलों के उपायुक्तों, पुलिस अधीक्षकों और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों से कही। मुख्यमंत्री ने ‘निगाह’ टीम को आशा कार्यकर्ताओं और अन्य स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के साथ बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों के परिवारों को उनके आने से पूर्व ही उचित सामाजिक दूरी और पृथीकरण (आईसोलेशन) के महत्व के बारे में जागरूक करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि वह यह भी सुनिश्चित करें कि होम क्वारन्टीन के अंतर्गत आने वाले व्यक्तियों के लिए अलग शौचालय के अलावा सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए पर्याप्त आवास सुविधा उपलब्ध हों। उन्होंने कहा कि यदि उनके पास ऐसी सुविधा उपलब्ध नहीं है, तो पंचायतों द्वारा उन्हें उचित क्वारन्टीन के नियमों के अनुसार रहने की सुविधा उपलब्ध करवाई जानी चाहिए। जय राम ठाकुर ने कहा कि रेड जोन से आने वाले सभी लोगों को संस्थागत क्वारन्टीन में रखा जाएगा और पांच-सात दिनों के बाद उनके कोविड परीक्षण के उपरांत, रिपोर्ट नेगेटिव पाए जाने पर ही उन्हें होम क्वारन्टीन के लिए स्थानांतरित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ऑरेंज और ग्रीन जोन के क्षेत्रों से आने वाले लोगों को होम क्वारन्टीन में रखा जाए और उनका रेंडम परीक्षण किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि होम क्वारन्टीन के लिए फुलप्रूफ मैकेनिज्म बनाने की आवश्यकता है, क्योंकि किसी भी प्रकार की ढील नुकसानदेह साबित हो सकती है। उन्होंने कहा कि होम क्वारन्टीन के नियमों का उल्लंघन करने वालों से सख्ती से निपटा जाना चाहिए। जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में अब विकासात्मक कार्य शुरू कर दिए गए हैं, इसलिए यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि लोक निर्माण विभाग, जल शक्ति विभाग, ग्रामीण विकास विभाग और मनरेगा के श्रमिकों को कफ्र्यू में छूट अवधि के उपरांत भी कार्य करने की अनुमति दी जानी चाहिए। इससे उन्हें विभिन्न विकासात्मक कार्यों को निर्धारित समय पर पूरा करने के लिए पर्याप्त समय उपलब्ध सकेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा के उपरांत बैंक कर्मियों को भी सामान्य रूप से कार्यालय में कार्य करने की आवश्यकता है, ताकि इस आर्थिक पैकेज का सही से उपयोग किया जा सके। उन्होंने कहा कि इन्हें कफ्र्यू के दौरान भी स्वतन्त्र आवागमन की अनुमति प्रदान की जानी चाहिए।
हिमाचल प्रदेश के पर्यटन उद्योग पर कोरोना महामारी का सबसे ज्यादा असर पड़ा है। यदि हम अन्य पर्यटन राज्यों की बात करें तो गोवा, राजस्थान, कर्नाटक, केरल, इन राज्यों के पर्यटक स्थलों में मार्च से लेकर नवंबर तक ऑफ सीजन रहता है, परंतु हिमाचल का मुख्य सीजन अप्रैल-मई तथा जून में होता है। इस दौरान सभी पर्यटन कारोबारियों का सारे वर्ष की लगभग 60% से भी अधिक रेवेन्यू अप्रैल मई और जून के दौरान ही एकत्रित किया जाता है जिससे पर्यटन इकाइयों को सारे वर्ष के लिए फिक्स्ड खर्चों को वहन करने में मदद मिलती है। अप्रैल तथा मई का महीना हमारे हाथों से खिसक चुका है। पर्यटन से जुड़े लोग उम्मीद कर रहे थे कि शायद पंजाब हरियाणा तथा चंडीगढ़ ग्रीन जोन में आ गए तो हमारा जून के महीने से कुछ व्यापार चल पड़ेगा परंतु इन सभी राज्यों में कोविड के केस बढ़ रहे हैं जिसके कारण इन राज्यों के बॉर्डर खुलने की उम्मीद नहीं की जा सकती। इस प्रकार होटल यदि दोबारा से संचालित करने हो तो उसके लिए कम से कम 2 से 3 महीने का टाइम लग सकता है क्योंकि दोबारा से होटल मेंटेनेंस करवाने तथा अन्य इंतजाम करने होटल को नई गाइडलाइंस के मुताबिक सारे सेफ्टी मैजर्स का प्रावधान करने में समय लगेगा। इसी तरह टूरिस्टो की आमद सितंबर तथा अक्टूबर में बढ़ती है, जब बंगाल तथा गुजरात से अधिकतर पर्यटक हिमाचल घूमने आते हैं, परंतु यह दोनों राज्य के कारण बहुत अधिक प्रभावित है। यही कारण है कि हिमाचल में पर्यटन शुरू होने में कम से कम 1 वर्ष का समय लग सकता है। इतन लंबा समय सरकार की मदद के बिना काटना असंभव है। इस कारण टूरिस्ट इंडस्ट्री पर काले बादल मंडराने लगे हैं। सभी पर्यटन से जुड़े स्टेक होल्डर इस बात से बहुत चिंतित है। पर्यटन एक ऐसा उद्योग है जो कि अन्य उद्योगों या दुकानों की तरह खुलते ही शुरू हो जाए ऐसा नहीं है। इस को पटरी पर लाने में समय लगता है। यह भी निश्चित है कि जब तक कोविड 19 की कोई वैक्सीन नहीं आ जाती तब तक पर्यटक घूमने से परहेज करेंगे। समय रहते इसका समाधान न किया गया तो पर्यटन उद्योग को बचाना नामुमकिन हो जाएगा। यदि हम माने की हालत सुधरते ही यह सब कुछ खुल जाए तो भी सरकार को टूरिज्म इंडस्ट्री को आने वाली 1 वर्ष के लिए कई तरह की रियायत देनी पड़ेगी ताकि पर्यटन उद्योग दोबारा से अपने पैरों पर खड़ा हो सके। इन्हीं सब बिंदुओं को नजर में रखते हुए TOURISM INDUSTRY STAKE HOLDERS ASSOCIATION ने 9 सदस्यीय कमेटी का गठन किया है जो कि सरकार को इस मौजूदा हालात में पर्यटन उद्योग को कैसे पटरी पर लाए, टूरिज्म यूनिट के खुलने के बाद आने वाली परिस्थितियों का क्या उपाय किया जाए, सरकार की तरफ से क्या मदद की आवश्यकता पड़ेगी तथा सरकार द्वारा क्या कदम उठाए जाएं ताकि डोमेस्टिक टूरिज्म को बढ़ावा दिया जा सके, इन सभी बिंदुओं को लेकर रिपोर्ट तैयार कर दो हफ्तों के भीतर सरकार को सबमिट करेगी ताकि पर्यटन उद्योग को जीवित रखा जा सके। इस 9 सदस्यी कमेटी में होटल चैप्टर, रेस्टोरेंट्स चैप्टर, एडवेंचर स्पोर्ट्स तथा रूरल टूरिज्म चैप्टर से विभिन्न सदस्यों को शामिल किया गया है तथा इसके अलावा दो एडवाइजर भी बनाए गए है। इस कमेटी में अनिल भारद्वाज, यात्रा अध्याय; राज चौहान, यात्रा अध्याय; नीरज गुप्ता, होटल cgcape; पार्टप चौहान, ग्रामीण पर्यटन अध्याय; अनिल सकिया साहसिक अध्याय; आदित्य पाल सिंह रेस्तरां अध्याय; राहुल चावला होटल चैप्टर; पानी बरसाती पानी के खेल और साहसिक अध्याय व निशांत नाग एडवेंचर चैप्टर को सदस्य चुना गया है। साथ ही अनिल वालिया होटल अध्याय व मोहिंदर सेठ प्रेजिडेंट Tourism Industry Stake holders Association को सलाहकार के रूप में चुना गया है। इसी तरह मोहिंदर सेठ एसोसिएशन ऑफ हॉस्पिटैलिटी एंड टूरिज्म के संयोजक ने सभी 19 एसोसिएशन को भी सूचित किया है वह भी इस प्रकार की कमेटियों का गठन कर सुझाव दें ताकि सरकार की समक्ष एक विस्तृत रिपोर्ट सभी एसोसिएशन की तरफ से स्टेट फोरम द्वारा सबमिट की जा सके।
लाॅकडाउन के दौरान प्रदेश सरकार के साथ-साथ विभिन्न सामाजिक एवं स्वैच्छिक संस्थाओं द्वारा गरीब व जरूरतमंदों को राशन व आवश्यक वस्तुएं निरंतर उपलब्ध करवाई जा रही है। शिक्षा, विधि एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज ने शिमला के बैनमोर वार्ड के फाईव बैंच क्षेत्र में हेल्पेज इंडिया संस्था द्वारा बुजुर्गों एवं जरूरतमंद लोगों को खाद्य एवं स्वच्छता सामग्री वितरण आयोजन के अवसर पर यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हेल्पेज इंडिया संस्था राष्ट्रीय स्तर पर बुजुर्गों की सेवा के लिए तत्पर रहती है। उन्होंने बताया कि आज बुजुर्ग व उनके परिवारजनों के लिए यहां 40 खाद्य व स्वच्छता किटें प्रदान की गई। उन्होंने बताया कि इस किट में परिवार के लिए चावल, आटा, मलका, दाल चना तथा काले चना दाल, रिफाईंड, सरसों का तेल, सोया बड़ी, नमक, हल्दी पाउडर, मिर्ची पाउडर, गर्म मसाला, रेड लेबल चाय, चीनी, डिटरजेंट साबुन, डिटरजेंट पाउडर तथा साबुन शामिल हैं। इसके अतिरिक्त मास्क व गलब्स भी इन्हें प्रदान किए गए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार लाॅकडाउन के दौरान प्रत्येक व्यक्ति तक खाद्य एवं आवश्यक वस्तुएं पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है। इस दौरान कोई व्यक्ति भूखा न रहें इस संदर्भ में सरकार द्वारा भरसक प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि विगत दिनों जाखू में अग्निकांड से प्रभावित तीन परिवारों को कंबल आदि भी प्रदान किए गए। हेल्पेज इंडिया के हिमाचल राज्य प्रमुख डाॅ. राजेश ने बताया कि प्रदेश व शिमला के विभिन्न क्षेत्रों में लाॅकडाउन के दौरान बुर्जुगों व उनके परिवारों को सरवाईवल किट प्रदान की जा रही है। उन्होंने बताया कि शिमला शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में बुजुर्गों को राशन किट प्रदान की जाएगी। उन्होंने बताया कि जिला शिमला में 406 राशन व स्वच्छता सामग्री किट वितरित की जाएगी, जिसके तहत 1600 लोग इससे लाभान्वित होंगे। इस दौरान महापौर नगर निगम सत्या कौंडल, उप-महापौर शैलेन्द्र चैहान, बैनमोर पार्षद डाॅ. किमी सूद, जाखू वार्ड की पार्षद अर्चना धवन, मण्डलाध्यक्ष राजेश शारदा, हेल्पेज इंडिया के प्रोग्राम मैनेजर आनंद कुमार, होम केयर मैनेजर कुशल सिंह, हाउसिंग बोर्ड वेलफेयर एसोसिएशन बैनमोर के अध्यक्ष सीपी मेहता, उपाध्यक्ष राम दास, महा सचिव सुर्जन सिंह भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने विगत दिनों प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा राष्ट्र के लिए घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की दूसरी श्रृंखला में मुख्यतः समाज के पिछड़े वर्गों विशेषकर प्रवासी मजदूरों, श्रमिकों रेहड़ी-फड़ी वालों, छोटे व्यापारियों व किसानों को अनेक प्रोत्साहन दिए जाने के लिए उनका आभार व्यक्त किया है। जय राम ठाकुर ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा श्रमिक वर्गों के हितों की रक्षा के लिए उचित धन राशि उपलब्ध करवाई गई है, जिससे प्रदेश सरकार राज्य में रह रहे श्रमिकों को और भी संतोषजनक व्यवस्था कर सकेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘एक राष्ट्र-एक राशन कार्ड’ के सिद्वान्त के अनुसार सभी प्रवासी मजदूर देश के किसी भी कोने में अपने राशन कार्ड के माध्यम से किसी भी उचित मूल्य की दुकान से राशन लेने के लिए अधिकृत हो जाएंगें। उन्होंने कहा कि यह राशन कार्ड की राष्ट्रीय पोर्टेबिलिटी योजना के माध्यम से किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे पूरे देश में लगभग 67 करोड लोगों के लाभान्वित होने की सम्भावना है तथा हिमाचल प्रदेश में भी लाखों लोग लाभान्वित होंगे। जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रवासी मजदूरों की सुविधा के लिए केन्द्र सरकार ने प्रत्येक प्रवासी मजदूर को बिना राशन कार्ड के भी 5 किलोग्राम गेहूं या चावल तथा एक किलोग्राम दाल उपलब्ध करवाने का निर्णय लिया है, जो एक प्रशंसनीय पहल है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक गरीब विशेषतः प्रवासी व्यक्तियों को घर, बिजली, पानी देने के सरकार के प्रयासों के तहत शहरों में प्रवासी मजदूरों को कम किश्तों पर किराए का मकान/आवास सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने ऐसे मुद्रा शिशु ऋण धारकों को, जिन्होने 50 हजार से कम का ऋण लिया है, के लिए 3 माह के लिए किश्त अदा करने की छूट के बाद 2 प्रतिशत की दर से ब्याज उपदान देने का निर्णय लिया है, जो छोटे व्यापारियों व किसानों के लिए वरदान सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि अब इस निर्णय से सभी रेहडी-फड़ी, ठेला इत्यादि लगाने वाले मजदूर 2 से 10 हजार रुपये तक की राशि की ऋण सुविधा के पात्र होंगें। जय राम ठाकुर ने कहा कि केन्द्र सरकार ने ऐसे मध्यम वर्ग के सबसे निचले स्तर की आय में आने वाले परिवारों, जिनकी आय 6 से 18 लाख वार्षिक है, के लिए ऋण आधारित सब्सिडी योजना के तहत दी जा रही सुविधा को वर्ष 2020-2021 तक जारी रखने का निर्णय लिया है, जो ऐसे परिवारों को भारी राहत देगी। उन्होंने कहा कि इस निर्णय से आवास निर्माण क्षेत्र में निर्माण सामग्री, परिवहन तथा कामगारों को बढ़ावा मिलेगा। जय राम ठाकुर ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा किसानों के लिए भी अनेक प्रोत्साहन घोषित किए गए हैं, जिनमें किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से आसान ऋण उपलब्ध करवाना है, जिससे प्रदेश के लगभग 8.68 लाख किसान लाभान्वित होंगे। उन्होंने कहा कि यह ऋण मछुआरों एवं पशुपालकों को भी उन्ही शर्तों पर उपलब्ध करवाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि रबी फसलों की कटाई के उपरान्त होने वाले कार्यों के लिए सभी छोटे व मझोले किसानों को नाबार्ड के माध्यम से आपातकालीन कार्यशील पूंजी फंड (Emergency Working Capital Fund) उपलब्ध करवाया जाएगा। प्रदेश के सभी किसान इसका लाभ ले सकते हैं क्युकी प्रदेश में अधिकतर किसान लघु/मध्यम वर्ग से सम्बन्धित हैं। यह कार्य प्रदेश के सहकारी बैंकों व क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के माध्यम से किया जाएगा।
विधायक सुखराम चौधरी, बलवीर वर्मा तथा परमजीत सिंह पम्मी ने मीडिया में जारी किए गए नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री, विधायक राजेन्द्र राणा तथा विक्रमादित्य सिंह के बयान की कड़ी भत्र्सना करते हुए कहा कि ऐसे समय में जब देश व प्रदेश कोविड-19 जैसी वैश्विक महामारी से लड़ाई लड़ रहा है, उन्हें इस प्रकार की बेतुकी और निराधार बयानबाजी से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के नेतृत्व में प्रदेश जहां सरकार कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठा रही है वहीं दूसरे राज्यों में फंसे हिमाचलवासियों की घर वापसी के लिए भी विशेष रूप से प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अभी तक हजारों लोगांे को वापस लाया गया है और सरकार ने उनकी समुचित चिकित्सा जांच के बाद होम क्वारंटीन में रखने की व्यवस्था भी की है ताकि इस वायरस का संक्रमण न फैले। विधायकों ने कहा कि संकट के इस वक्त में विपक्ष की यह जिम्मेदारी बनती है कि वह सरकार का साथ दे लेकिन इसके ठीक विपरीत विपक्ष अभी भी राजनीतिक लाभ उठाने के लिए भ्रामक और निराधार बयानबाजी कर रहा है। लेकिन प्रदेश की प्रबुद्ध जनता स्थिति से भलीभांति अवगत है और कांग्रेस नेताओं के बहकावे में नहीं आएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार लोगों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और इस दिशा में हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं तथा आम जनता को लाभान्वित करने के लिए भी महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि लाॅकडाउन की स्थिति में ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट के परिणामों को लेकर सवाल उठाकर मुकेश अग्निहोत्री जग हंसाई का पात्र बने हैं। उन्हें मालूम होना चाहिए कि प्रदेश सरकार के प्रयासों से हजारों करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित हुआ है और कई हजार करोड़ के निवेश प्रस्तावों पर समझौता ज्ञापन भी हस्ताक्षरित हो चुके हैं जिससे न केवल प्रदेश में औद्योगिक विकास होगा बल्कि हजारों लोगों को रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष को सलाह दी है कि वह ओच्छी राजनीति न करें और कोरोना वायरस से निपटने के लिए राज्य सरकार के प्रयासों की सराहना करें और सकारात्मक विपक्ष की भूमिका निभाते हुए अगर कोई प्रभावी सुझाव हों तो प्रस्तुत करें।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने केंद्रीय विदेश मंत्री डाॅ. सुब्रह्मण्यम जयशंकर से आग्रह किया कि वे मंडी जिला की धर्मपुर तहसील के ग्राम टोर जाजर के दूनी चंद के सुपुत्र मनोज कुमार को हरसंभव मदद प्रदान करने के लिए यूएई के रियाद दूतावास अधिकारियों के साथ मामला उठाएं, जो रियाद में काम कर रहा है और कोविड-19 पाॅजिटिव पाया गया है। जांच और प्रारंभिक उपचार के बाद उसे स्थानीय अस्पताल से छुट्टी दे दी गई और जिस कंपनी में वह काम कर रहा था, उसे वहां से निकाल दिया गया है। केंद्रीय विदेश मंत्री को लिखा पत्र केंद्रीय विदेश मंत्री के साथ दूरभाष के माध्यम से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह लड़का संकट में है, क्योंकि उसे आवश्यक भोजन, दवा आदि उपलब्ध नहीं करवाई जा रही है। उन्होंने केंद्रीय मंत्री से मनोज कुमार को आवश्यक सहायता प्रदान करने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने इस संबंध में केंद्रीय विदेश मंत्री को एक पत्र भी लिखा है। युवक से वीडियो कॉल के माध्यम से की वार्ता इससे पूर्व, मुख्यमंत्री ने मनोज कुमार से वीडियो काॅल कर बातचीत की और आश्वासन दिया कि उन्होंने इस सम्बन्ध में केंद्र सरकार के समक्ष मामला उठाया है और उसे हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी। बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह ने भी मनोज कुमार के साथ बात की।
उद्योग एवं श्रम व रोजगार मंत्री बिक्रम सिंह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा राष्ट्र के लिए घोषित आर्थिक पैकेज का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) के लिए की गई घोषणाओं से हिमाचल प्रदेश को बहुत लाभ होगा और औद्योगिक उत्पादन भी बढ़ेगा। बिक्रम सिंह ने कहा कि वर्तमान में हिमाचल प्रदेश में लगभग 55 हजार एमएसएमई औद्योगिक इकाइयां हैं। यह कुल इकाइयों का 98 प्रतिशत हैं और एमएसएमई की रोजगार सृजन में 93 प्रतिशत भागीदारी है। कुल औद्योगिक उत्पादन में एमएसएमई का हिस्सा 85 प्रतिशत है। इस तरह हिमाचल प्रदेश एक एमएसएमई राज्य है। उद्योग मंत्री ने कहा कि आज की गई घोषणाओं में एमएसएमई की नई परिभाषा जिसमें सूक्ष्म वर्ग (माइक्रो कैटेगिरी) के लिए निवेश की सीमा को 25 लाख रुपये से एक करोड़ रुपये कर दिया गया है तथा टर्न ओवर की सीमा एक करोड़ रुपये तक रखी है, इससे छोटे उद्योगपतियों को लाभ होगा। इसी तरह लघु उद्योगों के लिए निवेश सीमा 5 करोड़ रुपये से 10 करोड़ रुपये कर दी है और मध्यम उद्योगों के लिए 10 करोड़ से 20 करोड़ रुपये कर दी गई है, जिससे उन्हें लाभ होगा। बिक्रम सिंह ने कहा कि एमएसएमई उद्योगों को 3 लाख करोड़ का कर्ज, चार सालों में वापस करना होगा। कर्ज में डूबे लघु उद्योगों को 20 हजार करोड़ रुपये का कर्ज दिया जाएगा, किसी तरह की भी गारंटी की आवश्यकता नहीं होगी। इससे उद्यमियों को कच्चे माल की आपूर्ति तथा अन्य खर्चों के लिए धन उपलब्ध हो पाएगा और अपना कारोबार बढ़ा सकेंगे। उन्होंने कहा कि 200 करोड़ रुपये तक का टैंडर अब ग्लोबल टैंडर नहीं होगा। इससे घरेलू औद्योगिक उत्पादन बढ़ेगा। इसका सीधा लाभ एमएसएमई इकाइयों को होगा। 31 अक्तूबर, 2020 तक कोई गारंटी फीस नहीं होगी। इससे 45 लाख इकाइयों को लाभ मिलेगा। फंड आॅफ फंडस की घोषणा से अच्छे काम करने वाली इकाइयों को प्रोत्साहन मिलेगा। उद्योग मंत्री ने कहा कि ई-मार्केट लिंक की उपलब्धता से एमएसएमई की इकाइयों को अपने उत्पाद की बिक्री में सुविधा मिलेगी। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अन्तर्गत भारत सरकार द्वारा कर्मचारियों के भविष्य निधि खाते में राशि जमा करने की अवधि तीन महीने और बढ़ा दी गई है।
कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने कहा है कि मिली जानकारी के अनुसार कोरोना माहमारी को लेकर सरकार की विफलता दिखाने वाले प्रदेश के 6 पत्रकारों पर पुलिस मामलें बनाने पर प्रशासन की आलोचना की है। उन्होंने कहा है कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की आजादी पर यह सीधा प्रहार है, जिसे कभी सहन नही किया जा सकता। कुलदीप राठौर ने एक बयान में कहा कि एक तरफ सरकार अभिव्यक्ति की आजादी की बड़ी बड़ी बातें करती है तो दूसरी तरफ इसका गला घोंटने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा है कि आज देश मे मीडिया को सच दिखाने, बोलने और लिखने की आजादी पर जिस प्रकार सेज़ अप्रत्यक्ष प्रतिबंध लगाया गया है वह बड़ी चिन्ता का विषय बन गया है। उन्होंने कहा है कि आज देश में स्वायत्तता एवं संवेधानिक संस्थाओं के अधिकार क्षेत्र का भी हनन किया जा रहा है, जो देश के लोकतंत्र और इसकी आजादी पर सीधा प्रहार है। राठौर ने मीडिया की आजादी पर किसी भी प्रकार के अंकुश की निंदा करते हुए प्रदेश के इन सभी पत्रकारों पर की गई एफआईआर को तुरन्त निरस्त करने की मांग सरकार से की है।
Chief Minister Jai Ram Thakur gave a clarion call to the Pradhans of Gram Panchayats and other elected representatives of grass root level democratic institutions to come forward to ensure effective management and execution of home quarantine facilities in the State to check spread of corona pandemic in their respective areas. Chief Minister was addressing the elected representatives of Panchayati Raj Institutions of Mandi and Kullu districts through video conferencing from Shimla. He said that since over one lakh Himachalis stranded in various parts of the country had returned to the State and about 60,000 have expressed their willingness to return to the State in the wake of coronavirus. Jai Ram Thakur said that although the State Government had decided to keep those coming from red zones in institutional quarantine but still there was possibility of corona infection from even those coming from green or orange zones. He said that since they were being kept under home quarantine, therefore, it was essential that proper protocol was maintained to ensure that other members of the families do not get infected. Chief Minister urged the Panchayat pradhans to give their wholehearted cooperation in effectively implementing the ‘Nigah’ programme launched by the State Government. He said that this programme envisages to keep a vigil on those under home quarantine so that they do not jump from the quarantine. He said that PRIs representatives should come forward to motivate the family members to maintain social distancing with the person undergoing home quarantine. Jai Ram Thakur said that the PRIs representatives should gather prior information regarding arrival of a person from other parts of the country in their respective areas and also visit the house of the person in advance, so that appropriate steps could be taken for proper isolation of the person. Chief Minister also urged the Pradhans to effectively undertake various developmental works in their respective areas. He said that this would not only ensure that the pace of development goes uninterrupted but would also provide employment to the local populace. He said that steps should also be taken to effectively execute works under MNREGA as government had provided adequate funds for the same. He said that Prime Minister Narendra Modi has announced Rs. 20 lakh crore financial package to ensure welfare of each and every section of the society. He said that this was the biggest economic package post independence which envisages economic revival and economic upliftment of all. Rural Development and Panchayati Raj Minister Virender Kanwar thanked the Pradhans for their wholehearted cooperation to the Government in checking the spread of coronavirus. Chairperson Zila Parishad Mandi Sarla Thakur, Pradhan Gram Panchayat Namhog Kullu Kishan Chand, Pradhan Gram Panchayat Kehad Mandi Ajana Kumari, Member Zila Parishad Kullu Hiteshwar, Pradhan Gram Panchayat Kharagarh Kullu Jai Singh and other pradhans also shared their views on the occasion. Chief Secretary Anil Khachi, Secretary Rural Development Dr. R.N. Batta, Director Rural Development and Panchayati Raj Lalit Jain and other senior officers were also present on the occasion.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने प्रदेश सरकार द्वारा सार्वजानिक वितरण प्रणाली के तहत एपीएल परिवारों को सब्सिडी के सस्ते राशन से बाहर करने के निर्णय पर हैरानी जताते हुए कहा है कि इस निर्णय से आम लोगों के जीवन पर विपरीत और व्यापक असर पड़ेगा। उन्होंने कहा है कि आज देश आर्थिक मंदी के साथ साथ कोरोना माहमारी से लड़ रहा है, ऐसे में बढ़ती महंगाई से आम लोगों को राहत दी जानी चाहिए न कि उन पर महंगाई थोपनी चाहिए। वीरभद्र सिंह ने कहा है कि प्रदेश में आधे से ज्यादा लोग मिडल क्लास परिवार के ही है।लोग खेती बाड़ी,या बागवानी या फिर छोटा मोटा कारोवार करके अपना व अपने परिवार का बसर कर रहें है।उन्होंने कहा है कि प्रदेश में पूर्व कांग्रेस सरकार ने देश मे बढ़ती महंगाई व प्रदेश के लोगों की आर्थिकी को देख कर ही डिपुओं के माध्यम से सस्ते अनाज देने की एक बड़ी व्यवस्था शुरू की थी। इसके लिए उनकी सरकार ने हमेशा ही उचित बजट का प्रावधान भी किया पर आज यह व्यवस्था कही न कही टूटती सी नज़र आई है। वीरभद्र सिंह ने प्रदेश सरकार को अपने इस फैंसले पर पुनः विचार करने की सलाह देते हुए कहा है कि इस समय जबकि देश गंभीर चुनोतियों से गुज़र रहा है ऐसे में लोगों के साथ न तो कोई अन्याय होना चाहिए और न ही किसी प्रकार का भेदभाव।उन्होंने कहा है कि प्रदेश सरकार को जल्द ही ऐसी कोई योजना बनानी चाहिए जिससे बढ़ती महंगाई पर काबू हो सकें साथ ही बेरोजगारी की बढ़ती समस्या कम हो सकें। उन्होंने प्रदेश सरकार को यह भी सलाह दी है कि उन्हें केंद्र से ओर विशेष आर्थिक मदद की मांग करनी चाहिए और धन का पूरा सदुपयोग किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा है कि प्रदेश के लोगों पर इस समय न तो किसी भी प्रकार कर, टेक्स लगना चाहिए और न ही इस समय उनसे कोई बसूली की जानी चाहिए।
भारत की कम्युनिस्ट पार्टी(मार्क्सवादी) नेता संजय चौहान ने कहा कि हमारी पार्टी प्रदेश सरकार द्वारा कैबिनेट बैठक में राशन में दी जाने वाली सब्सिडी में कटौती व 9 लाख से ज़्यादा ए पी एल राशनकार्ड धारकों को दिए जाने वाले राशन की कीमतों में की गई वृद्धि के निर्णय की कड़ी निंदा करती है तथा इस जनविरोधी निर्णय को तुरन्त वापिस लेने की मांग करती है। सरकार के इस जनविरोधी व अतार्किक निर्णय से स्पष्ट हो जाता है कि सरकार महामारी की आढ़ में सार्वजनिक वितरण प्रणाली को समाप्त करने का कार्य कर रही है। इस निर्णय से पहले ही आर्थिक संकट से जूझ रहे गरीब मजदूर, किसान, ठेका व अन्य कर्मचारी तथा छोटा व्यापारी जो रोज मेहनत कर अपनी रोजी रोटी अर्जित करते हैं वो अत्यंत प्रभावित होंगे और इनका संकट और अधिक बढेगा। उन्होंने कहा कि आज वैश्विक महामारी से पैदा हुई इस विषम परिस्थिति में जहाँ सरकार को आर्थिक संकट से जूझ रही जनता को राहत प्रदान करने के लिए कार्य करना चाहिए व राहत प्रदान करनी चाहिए थी वहीं सरकार जो कुछ छोटी मोटी मदद दे भी रही थी उसे भी महामारी के नाम पर छीन रही है। आज देश व प्रदेश में सरकार द्वारा लॉकडाउन व कर्फ्यू लागू किये 50 दिन से अधिक समय हो गया है जिसके कारण अधिकांश मजदूरों, किसानों, ठेका कर्मचारियों, छोटे व्यापारियों व अन्य वर्गो का काम धंधा लगभग बिल्कुल बन्द रहा है और कोई भी कमाई नहीं हो पाई है। इसके कारण इनके सामने एक गंभीर आर्थिक संकट खड़ा होने से इनको रोजी रोटी से भी वंचित होना पड़ गया है। उन्होंने कहा कि ऐसी विषम परिस्थिति में जहां देश व प्रदेशवासियों को सरकार से आर्थिक व अन्य रूप से राहत की दरकार है और प्रधानमंत्री ने देश मे 20 लाख करोड़ रुपये राहत के रूप में देशवासियों के लिए घोषणा भी की है। ऐसी स्थिति में प्रदेश सरकार द्वारा राशन की सब्सिडी में की गई कटौती का निर्णय बिल्कुल भी तार्किक व न्यायसंगत नही है। एक ओर प्रदेशवासी प्रधानमंत्री द्वारा घोषित राहत की इंतजार कर रहें हैं और इसके विपरीत प्रदेश सरकार के द्वारा इस घोषणा के एक दिन बाद ही इस राशन सब्सिडी में कटौती का निर्णय ले लिया जिसने प्रदेशवासियों को स्तब्ध कर दिया है। प्रदेश सरकार का इस निर्णय के पीछे ये तर्क देना कि इससे प्रति वर्ष 71 करोड़ (जो कि कुल दी जा रही खाद्य सब्सिडी का लगभग 65 प्रतिशत है) की बचत होगी बिल्कुल ही अतार्किक व समझ से परे है। आखिर सरकार ऐसी वैश्विक महामारी से पैदा हुई इस विषम परिस्थिति में प्रदेश की आर्थिक संकट से जूझ रही आधी से अधिक आबादी को राशन को महंगा कर उसे इससे वंचित कर रही है। प्रदेश सरकार का यह निर्णय भारत के संविधान की मूल भावना व मानवाधिकारों का हनन है क्योंकि देश व प्रदेश की जनता को रोटी व अन्य मूलभूत आवश्यकताएं उपलब्ध करवाना सरकार का संवैधानिक उत्तरदायित्व है। प्रदेश सरकार यदि आज इस राशन में सब्सिडी में कटौती के पीछे अपनी आर्थिक दशा ठीक न होना कारण दे रही है तो इसके लिए सरकार द्वारा प्रदेश में अपनाई जा रही आर्थिक नीतियां ही जिम्मवार है। एक ओर सरकार अनावश्यक इवेंट व कार्यक्रम आयोजित कर, महंगी गाड़ियां की खरीद कर और अनावश्यक मद्दों पर फजूलखर्च कर करोडों रुपये लुटवा रही है और इसकी पूर्ति प्रदेश की आधी से ज़्यादा आबादी के राशन की सब्सिडी में कटौती करके कर रही है। सरकार का यह तर्क बिल्कुल भी जायज़ नहीं है क्योंकि इसका प्रावधान सरकार ने पहले ही बजट में कर रखा है। सरकार यदि गम्भीर आर्थिक संकट से जूझ रही है तो मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा धन को राशन में सब्सिडी के लिए प्रयोग में ला सकती हैं क्योंकि खाद्यान्न की उपलब्धता जीवन के लिए अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि सी.पी.एम.मांग करती हैं कि प्रदेश सरकार अपने संवैधानिक उत्तरदायित्व को ध्यान में रख कर इस खाद्य सब्सिडी में की गई कटौती के निर्णय को तुरन्त वापिस ले और बी पी एल, ए पी एल व सभी को सार्वजनिक वितरण प्रणाली से सस्ता राशन उपलब्ध करवाए तथा इसका सार्वभौमिकरण किया जाए। आटा, चावल, दालों, चीनी, तेल व अन्य वस्तुओं की कीमतों में की गई वृद्धि तुरन्त वापिस की जाए। सभी को 10 किलो प्रति व्यक्ति के हिसाब से तीन महीने के लिए सस्ता राशन उपलब्ध करवाया जाए ताकि प्रदेश में इस विषम परिस्थिति से उत्पन्न संकट से जूझ रही जनता को रोजी रोटी उपलब्ध हो सके।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित हिमाचल प्रदेश बागवानी विकास परियोजना के तहत ई-उद्यान पोर्टल तथा इसी पोर्टल का मोबाइल एप्लीकेशन का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पोर्टल के माध्यम से उद्यान विभाग की विभिन्न सेवाओं के लिए मैनेजमेंट इन्फार्मेशन सिस्टम तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि इस पोर्टल में बागवानी संबंधित सभी योजनाओं की जानकारी किसानों तथा अन्य हितधारकों को आसानी से उपलब्ध होगी। जय राम ठाकुर ने कहा कि बागवानी विकास परियोजना के तहत इस व्यवस्था से लाभार्थियों को फलों की नर्सरी का रजिस्ट्रेशन, पौधों की मांग, बागवानी से संबंधित औजार इत्यादि की मांग, कीटनाशकों की खरीद, खुम्ब के लिए कम्पोस्ट की मांग, मधुमक्खी छत्तों की मांग, सब्सिडी इत्यादि बागवानी क्षेत्र की सेवाओं के लिए ऑनलाइन आवेदन करने की सुविधा प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि यह पोर्टल उद्यान विभाग के अधिकारियों के लिए भी ऑनलाइन प्रोसेसिंग की सुविधा प्रदान करेगा जिससे बागवानों को समय पर सेवाएं प्रदान करने में सुविधा होगी। यह सेवा हिमाचल प्रदेश पब्लिक सर्विस गारंटी एक्ट के तहत सिटीजन चार्टर के तहत कार्य करने में भी मद्दगार सिद्ध होगी। उन्होंने कहा कि यह पोर्टल विभाग की सभी सुविधाओं के लिए सिंगल विंडो का कार्य करेगा जिससे किसान सभी सुविधाओं का लाभ घर बैठे ही उठा सकेंगे। जय राम ठाकुर ने बागवानों से आग्रह किया कि वे इस पोर्टल का अधिक से अधिक लाभ उठाएं। उन्होंने उद्यान विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को निर्देश दिए कि वे बागवानों द्वारा वांछित जानकारी को इस पोर्टल के माध्यम से तुरन्त प्रदान करें, जिससे विभाग के कार्यालयों में लोगों की आवाजाही कम हो सकेगी और यह पोर्टल कोविड-19 महामारी के समय जारी दिशा निदेर्शों के तहत सामाजिक दूरी बनाए रखने में भी अहम भूमिका निभाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने विगत दिनों प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा देश के मुख्यमंत्रियों के साथ आयोजित वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग में भी दिल्ली की आजादपुर मंडी में कोरोना के अधिक मामले सामने आने के कारण इस मंडी के बार बार बंद होने से उत्पन्न स्थिति से बचने के लिए प्रदेश के बागवानों को उनके उत्पादों को बेचने के लिए वैकल्पिक मंडी स्थापित करने का आग्रह किया है ताकि प्रदेश के बागवानों को अपने उत्पाद बेचने में किसी प्रकार की परेशानी न हो। बागवानी मंत्री महेन्द्र सिंह ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश बागवानी विकास परियोजना की विशेषताओं से मुख्यमंत्री का अवगत कराया।
भाजपा के मुख्य प्रवक्ता रणधीर शर्मा ने कहा कि कांग्रेस के नेता अपनी राजनीति चमकाने में लगे हैं इसीलिए इस प्रकार की बयानबाजी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का यह कहना गलत है कि सरकार किसी भी प्रकार के सुझाव नहीं ले रही है। कांग्रेस अगर बैठक करके एकमत में अगर अपना सुझाव पत्र भेजेगी तो सरकार उसको अपनाएगी और उस पर विचार करेगी । रणधीर शर्मा ने कहा कि कभी कांग्रेस का एक नेता तो कभी दूसरा सुझाव देता है तो कभी तीसरा सुझाव देता है, पर कोई एक सुझाव नहीं दे पा रहा है । उन्होंने कहां की कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने सरकार को उसकी सफलता का परिणाम पत्र दे दिया है तो जितने भी कांग्रेस के छोटे नेता जो बयान देते हैं उनकी बयानबाजी से कोई फर्क नहीं पड़ता है । उन्होंने सैनिटाइजर घोटाला पर बातचीत करते हुए कहा कि कांग्रेस इस घोटाले पर जो हल्ला मचा रही है वह गलत है। जिस प्रकार से प्रदेश के मुख्यमंत्री ने यह मामला सामने आते ही उस पर कार्रवाई की मांग की और इस मामले में एफआइआर भी दर्ज हो गई है, यह दिखाता है कि सरकार किस गति से कार्य करती है और गलत को रोकने की कोशिश भी करती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को सरकार के और केंद्र सरकार के अच्छे कार्य तो दिखते नहीं है जिस प्रकार से सभी गरीबों के खाते में दो 2000 के पहुंचाना महिला के हाथों में पांच पांच वाक्य बचाना और इतने महीने कोई भी व्यक्ति भूखा नहीं सोया इस प्रकार के कार्य कांग्रेस को दिखते नहीं है पर कांग्रेस नकारात्मक बयानबाजी करती है और अपनी राजनीति चमकाने में लगी है। उन्होंने कहा एक तरफ एक व्यक्ति इनकम टैक्स दे रहा है और दूसरी जगह सबसे ड्रिंक ले रहा है यह अपने में ही विरोधाभास है आज के संकट के समय यह अच्छा निर्णय है और सभी को मिलकर इस को अमलीजामा पढ़ाना चाहिए और इस पर राजनीति नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि 18 मई से पहले सरकार कर सकती है अपने निर्णयों की घोषणाएं जितनी भी सुझाव सरकार के पास आए हैं उनमें से अलग-अलग ग्रीन जोन ऑरेंज जोन और रेड जोन के लिए निर्णय ले सकती है, आर्थिक गतिविधियां जल्द ही प्रदेश में बढ़ने वाली है। उन्होंने कहा कोविड-19 फण्ड का दुरुपयोग नहीं हुआ है, जो मोबाइल फोन सरकार ने लिए है जिस का ज़िक्र कांग्रेस बार बार कर रही है,उसका पैसा 3 महीने पहले ही आपदा प्रबंधन समिति को प्राप्त हुआ था और उसी पैसे से यह मोबाइल फोन लिए है। कांग्रेस के नेता ने तो कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ पा रहे है ना तो कांग्रेस जनता के हितों की लड़ाई लड़ पा रही है। उन्होंने कहा कांग्रेस हास्य का पात्र बन चुकी है और एक प्रतिनिधिमंडल राजभवन में मिलने गया था जिसमें कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भी उपस्थित नहीं थे।
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता व पूर्व विधायक रणधीर शर्मा ने कांग्रेस नेताओं पर लगातार तथ्यहीन बयानबाजी करने का अरोप लगाया है। उन्होनें कहा कि मीडिया की सुर्खियों में बने रहने के लिए कांग्रेसी नेता निराधार आरोप लगाकर सनसनी फैलाने का प्रयास करते हैं। कोरोना महामारी के संकट के इस दौर में इस तरह की तथ्यहीन व निराधार बयानबाजी करना किसी को शोभा नहीं देता। इस तरह की बयानबाजी से प्रदेश की जनता का मनोबल गिरता है। शर्मा ने कहा कि कांग्रेसी नेता स्वारघाट से युवक की मौत का जो मुद्दा उठा रहे हैं उसकी मैजिस्ट्रीयल जांच के आदेश मुख्यमंत्री जी ने दे दिए है। इसी तरह महंगी दरों पर सैनिटाईजर खरीदने के मुद्दे पर एफआईआर दर्ज कर जांच करने के आदेश दिए जा चुके हैं, इसके बावजूद भी इन मुद्दों को उठाने का क्या औचित्य है। कांग्रेसी नेताओं को जांच का इंतजार करना चाहिए। उन्होनें कहा कि इसके अलावा जनता के पैसे से 3 लाख रू० के मोबाईल खरीदने का आरोप भी तर्कसंगत नहीं है, क्योंकि यह मोबाईल जनता द्वारा जो हिमाचल प्रदेश कोविड-19 सोलिडिट्री रिस्पांस फंड में पैसा दिया है उसमें से नहीं खरीदे गए हैं बल्कि यह मोबाईल केन्द्र सरकार द्वारा तीन महीने पहले नेशनल डिजास्टर मेनेजमैंट फंड के तहत जारी 20 लाख रू० में से खरीदे गए हैं, क्योंकि इसमें मोबाईल खरीदने का प्रावधान था और इन मोबाईलों का इस्तेमाल सम्बन्धित अधिकारी आपदा के दौरान ही करेंगे। शर्मा ने कहा कि कांग्रेसी नेता संकट के इस दौर में इस तरह की निराधार व तथ्यहीन बयानबाजी करने से बाज आए और कोरोना संकट से निपटने के लिए प्रदेश सरकार को रचनात्मक सहयोग दें।
देश व दुनिया में दिन प्रति दिन कोरोना वायरस के बढ़ते मामले तेजी से सामने आ रहे हैं। इस से स्मार्ट सिटी चंडीगढ़ भी अछूती नहीं रही है। यहाँ आए दिन कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। तो वही दूसरी ओर लोग ठीक भी हो रहे हैं। अब तक चंडीगढ़ में कुल 35 लोगों ने कोरोना से जंग जीत ली है। बुधवार को चंडीगढ़ पीजीआई से 5 कोरोना पॉजिटिव मरीज ठीक होकर अपने घर पहुंच चुके हैं l इनमें एक दो महीने की बच्ची भी शामिल है जिसने इस महामारी से जंग जीत ली है l
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रिमण्डल की बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार का कोविड-19 महामारी के दृष्टिगत लगाए लाॅकडाउन के कारण प्रभावित अर्थ-व्यवस्था से निपटने के लिए देश को 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा के लिए उनका धन्यवाद किया। मंत्रिमण्डल ने कहा कि यह आर्थिक पैकेज कमजोर वर्गों, एमएसएमई, व्यापार समुदाय, कामगारों व आम जनता को आवश्यक राहत प्रदान कर देश की अर्थ-व्यवस्था को पुनर्जिवित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह पैकेज भारत को मजबूत, जीवंत और आत्मनिर्भर बनाने में मील का पत्थर साबित होगा। मंत्रिमण्डल ने रोजगार के अधिक अवसर सृजित करने, लघु एवं छोटी इकाइयों के नियोक्ताओं व छोटे ठेकेदारों को सुविधा प्रदान करने के लिए काॅन्ट्रेक्ट लेबर (आर एंड ए) अधिनियम, 1970 (1970 का 37वां) को प्रदेश में लागू करने के लिए धारा-1 सब सेक्सन-4 में जरूरी संशोधन को अनुमति प्रदान की। संशोधन में अनुबन्ध रोजगार की सीमा को 20 से बढ़ाकर 30 श्रमिक करने का प्रस्ताव है। इससे राज्य में औद्योगिक निवेश, उत्पादन और व्यापार करने में आसानी के लिए भी सहायता मिलेगी। मंत्रिमण्डल ने फैक्ट्री एक्ट 1948 में ऑफिसेस को कम्पाउंड करने के लिए धारा-2 (एम) (प), 2 (एम) (पप), धारा-65 (3) (पअ), धारा-85(1) (प) में संशोधन करने और नई धारा 106 (बी) की प्रविष्टि करने की अनुमति दी। इससे राज्य में छोटी इकाइयों में उत्पाद गतिविधियों के लिए श्रमिकों की वर्तमान सीमा 10 और 20 को बढ़ाकर क्रमशः 20 और 40 किया जाएगा। इस संशोधन से छोटी विनिर्माण इकाइयों की स्थापना को प्रोत्साहन मिलेगा और श्रमिकों को रोजगार के अधिक अवसर सृजित होंगे। इसी तरह, वर्तमान में कोई भी कर्मचारी किसी भी तिमाही में अधिकतम 75 घंटे ओवर टाइम काम कर सकता है। लेकिन धारा-65 के खंड (4) 3 संशोधन में इस सीमा को बढ़ाकर 115 घंटे करना प्रस्तावित है। इसमें ओवरटाइम का भुगतान साधारण मजदूरी की दर से दोगुना करने की शर्त होगी, ताकि श्रमिकों को आय के अधिक अवसर मिल सकें। मंत्रिमण्डल ने औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 (1947 का 14वां) की धारा-22, (1) धारा 25 एफ (बी) धारा-25-के में संशोधन करने पर भी अपनी सहमति दी। इससे औद्योगिक निवेश, उत्पादन और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और राज्य में व्यापार करने में आसानी होगी। इससे औद्योगिक प्रतिष्ठानों को अनुकूल और व्यापार मित्र वातावरण पर्यावरण सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी और कामगारों के लिए रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। मंत्रिमण्डल ने जिला मंडी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र टीहरा को 50 बिस्तरों वाले नागरिक अस्पताल में स्तरोन्नत करने की मंजूरी प्रदान की। मंत्रिमंडल ने कुल्लू जिले के भेखली में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोलने के लिए अपनी स्वीकृति प्रदान की। बैठक में जिला सिरमौर की तहसील नाहन में ग्राम कंुडला (गुमटी) में मैसर्स एल्को स्पिरिट्स प्राइवेट लिमिटेड के पक्ष में आश्रय पत्र की वैधता अवधि को बढ़ाने का निर्णय लिया गया, ताकि कंपनी को परियोजना के काम को पूरा करने में सुविधा हो सके, इसमें कोविड-19 महामारी के कारण विलम्ब हो रहा था। मंत्रिमंडल ने पोस्ट कोविड-19 इकाॅनोमिक रिवाइवल के लिए गठित मंत्रिमंडलीय सब कमेटी के प्रस्ताव पर आयकर दाताओं को लक्षित सार्वजनिक वितरण योजना के तहत सब्सिडी का लाभ पाने से एक साल के लिए बाहर रखने की मंजूरी दी। मंत्रिमंडल ने बीपीएल/प्राथमिकता वाले परिवारों के लाभार्थियों के चयन के लिए ऊपरी आय सीमा को बढ़ाकर 45000 रुपये प्रस्तावित किया। इससे राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम परिवारों की संख्या 1,50,000 तक बढ़ जाएगी, जिससे वे 3.30 रुपये प्रति किलो गेहूं आटा और 2 रुपये प्रति किलो चावल बहुत ही रियायती दरों पर लेने के लिए पात्र हो जाएंगे। राज्य सरकार द्वारा एपीएल परिवारों को दी जा रही दालों, खाद्य तेल और चीनी पर सब्सिडी के युक्तिकरण के लिए भी अपनी स्वीकृति प्रदान की। मंत्रिमंडल ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में 15 अटल आदर्श विद्यालय खोलने का निर्णय लिया, ताकि छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के आदेशों पर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुंडू, जो गुणवत्ता नियंत्रण सैल के अध्यक्ष भी है, ने जिला शिमला के रोहड़ू (बाईपास) में पब्बर नदी पर निर्माणाधीन बखीरना पुल के ढह जाने की जांच के लिए तीन सदस्यीय गुणवत्ता नियंत्रण दल का गठन किया है। संजय कुंडू ने कहा कि इस दल में अधीक्षक अभियन्ता दीपक शर्मा, अधिशाषी अभियन्ता ललित ग्रोवर और सहायक अभियन्ता देवेश ठाकुर शामिल होंगे। संजय कुंडू ने इन अधिकारियों को इस मामले की रिपोर्ट शीघ्र प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। संजय कुंडू ने कहा कि इस मामले की रिपोर्ट के अनुसार दोषी के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी।
प्रदेश सरकार द्वारा सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत ग़रीबी रेखा से ऊपर वाले लोगों के राशन में 50 प्रतिशत की कटौती को गलत करार देते हुए कांग्रेस ने इसका कड़ा विरोध किया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने सरकार के इस निर्णय को भेदभावपूर्ण बताते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने सत्ता में आते ही पहले तो लाखों लोगों को गरीबी रेखा की सूची से बाहर कर दिया था और अब उनके राशन में कटौती का फरमान जारी कर मध्यम वर्ग के ऊपर कुठाराघात किया है। केंद्र सरकार की नज़रों में ऊंचा उठने के चक्कर में सरकार ने गरीबी रेखा से नीचे रहने वालों के आंकलन का पैमाना बदल कर इस वर्ग के साथ बड़ा अन्याय किया है। उन्होंने कहा है कि उस समय कहा गया था कि जिन लोगों को ग़रीबी रेखा से बाहर किया है उनका आर्थिक स्तर ऊपर किया जाएगा लेकिन नतीजा यह हुआ कि पात्र लोग गरीबी रेखा से बाहर हो गए और अब उनको दी जाने वाली रियायतों में कटौती कर उनके साथ अन्याय किया गया है। उन्होंने कहा कि ये फैसला तर्कसंगत नहीं है।मध्यम वर्ग के कर्मचारी के वेतन एवं डी ए में कटौती करके पहले ही सरकार ने अन्याय किया है।मध्यम वर्ग के कर्मचारी, छोटे दुकानदार, व्यपारी, निजी क्षेत्र में काम करने वाले लाखों लोग इस फैसले से प्रभावित होंगे। उन्होनें कहा कि करोना संकट में पहले ही सभी वर्गों की कमर टूटी पड़ी है। बेरोज़गारी चरम पर पहुंच गई है ,किसान-बागवान को उचित दाम और मार्किटिंग की उचित व्यवस्था न होने के कारण उसकी कमर टूट चुकी है। ऐसे में जनवितरण प्रणाली में भी कटौती करने का कांग्रेस पार्टी कड़ा विरोध करती है। उन्होंने कहा कि मध्यम वर्ग को दी जाने वाली ये सुविधा जारी रखी जानी चाहिए और इनको करोना के लॉक डाउन काल के बिजली पानी के बिलों में भी रियायत देनी चाहिए तथा छोटे दुकानदारों को बिजली बिल में कमर्शियल रेट में भी राहत देनी चाहिए। कांग्रेस अध्यक्ष ने गरीबी रेखा के नीचे रहने वालों के लिए भी आय सीमा को 45 हज़ार किए जाने को कम बताया है। उन्होंने कहा कि इसकी सीमा बड़ाई जानी चाहिए जिससे कि गरीबी रेखा के नीचे रहने वालों का सही आकलन करके राहत दी जा सके। कुलदीप सिंह राठौर ने कहा कि यह समय किसी भी वर्ग को दी जाने वाली राहत में कटौती का नहीं बल्कि और राहत देने का है। राठौर ने कहा है कि प्रदेश सरकार का यह जल्दबाजी में लिया गया फैसला है जिसका कांग्रेस कड़े शब्दों में विरोध करती है। उन्होंने इस फैंसले को तुरन्त वापस लेने की मांग की है।कुलदीप सिंह राठौर ने कहा कि किसान और बागवान हिमाचल की आर्थिकी की रीढ़ हैं लेकिन इनके बारे में सरकार ने कोई भी राहत का पैकज न दे कर कृषि बागवानी क्षेत्र को निराश किया है।
हिमाचल प्रदेश डाक सेवा के निदेशक दिनेश कुमार मिस्त्री तथा सहायक पोस्ट मास्टर जनरल बिशन सिंह ने राजभवन में राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय से भेंट की। उन्होंने राज्यपाल को डाक सेवाओं के माध्यम से राज्य में लाॅेकडाउन अवधि के दौरान दी जा रही सेवाओं की जानकारी दी। डाक विभाग के अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश भर में लगभग 4 लाख पैंशन भोगियों को उनके घरद्वार पर पैंशन राशि का भुगतान किया गया है। डाक विभाग के इण्डिया पोस्ट पेमेंट बैंक (आईपीपीबी) द्वारा 25 मार्च, 2020 से आज दिन तक 11413 लेने-देन के माध्यम से लगभग 5 करोड़ की राशि का भुगतान भी घरद्वार पर किया गया है। प्रदेशभर से देशभर के लिए लगभग 7000 ग्राहकों को दवाइयां पहुंचाई गई। प्रतिदिन देशभर के लिए लगभग 250 पार्सल, जिनमें कैंसर से संबंधित दवाइयां शामिल हैं, की बुकिंग की जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश भर में जरूरी डाक के वितरण के लिए हर रोज़ सरकारी एवं निजी वाहनों के माध्यम से डाक का निपटान किया जा रहा है। लगभग 170 जरूरतमंद लोगों को 30 क्विंटल राशन का आवंटन भी किया गया है। दत्तात्रेय ने कोरोना महामारी के दौरान डाक विभाग द्वारा आम लोगों को दी जा रही सेवाओं की सराहना की। उन्होंने कहा कि विभाग के सभी कर्मी कोरोना योद्धाओं की अग्रणी पक्ति में सेवाएं दे रहे हैं। विशेषकर, पैंशन वितरण का कार्य करते हुए सकारात्मक संदेश दे रहे हैं। उन्होंने ऊना जिले के डाक अधीक्षक राम तीर्थ शर्मा और उनकी टीम का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने 30000 खाताधारकों को 12 करोड़ रुपये से अधिक की राशि घर-घर जाकर देकर उदाहरण प्रस्तुत किया है। उन्होंने विभाग में तकनीकी का पूर्ण उपयोग करते हुए सेवाओं को विस्तार देने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि विशेषकर प्रदेश के दूर-दराज के क्षेत्रों, किन्नौर और लाहुल-स्पीति के इलाकों में आधुनिक तकनीक का उपयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पारम्परिक तरीकों में अब बदलाव की आवश्यकता है।
जयराम कैबिनेट की बैठक मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता पीटरहॉफ में हुई। कैबिनेट ने पीएम नरेंद्र मोदी का देश के लिए 20 लाख करोड़ रुपये का आर्थिक पैकेज घोषित करने के फैसले का स्वागत किया। इस आर्थिक पैकेज का हिमाचल को भी लाभ होगा। शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कैबिनेट के फैसलों की जानकारी दी। कैबिनेट ने आर्थिक गतिविधियों को शुरू करने के लिए कई फैसले लिए हैं। कैबिनेट ने अनुबंध श्रम अधिनियम की धारा-1 में जरूरी संशोधन को मंजूरी दी। इसके तहत अब 20 के बजाय 30 लोग उद्योग में अनुबंध पर रखे जा सकेंगे। इससे राज्य में औद्योगिक निवेश और उत्पादन में बढ़ोतरी होगी। कारखाना अधिनियम में भी संशोधन को मंजूरी दी गई। इससे छोटी औद्योगिक इकाइयों की स्थापना को प्रोत्साहन मिलेगा और श्रमिकों को अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। इसमें श्रमिकों की संख्या 20 से 40 की गई है। सरकार के अनुसार इससे श्रमिकों को ज्यादा से ज्यादा अर्जन के अवसर मिलेंगे। इसके साथ ही औद्योगिक विवाद अधिनियम में भी संशोधन को मंजूरी दी गई। इससे राज्य में औद्योगिक निवेश, उत्पादन बढ़ेगा और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। कैबिनेट ने फैसला लिया है कि राशन में दी जाने वाली सब्सिडी अब आयकर देने वाले डेढ़ लाख उपभोक्ताओं को एक साल तक नहीं मिलेगी। इसके अलावा दाल, चीनी और तेल पर सब्सिडी कम कर दी गई है। दूसरी तरफ बीपीएल राशनकार्ड धारकों को पहले की तरह की सब्सिडी दी जाएगी। वहीं, आय सीमा को बढ़ाकर करीब 45 हजार रुपये कर दिया गया है। इससे एपीएल के करीब डेढ़ लाख उपभोक्ताओं को बीपीएल की तरह आटा और चावल मिल पाएगा। इस तरह डेढ़ लाख आयकर देने वाले उपभोक्ताओं की सब्सिडी खत्म होगी, जबकि डेढ़ लाख नए उपभोक्ता शामिल होंगे। आयकर देने वालों की सब्सिडी में पूरी तरह से कटौती की गई है। जबकि सभी उपभोक्ताओं के चीनी, दाल और तेल की सब्सिडी में भी थोड़ी-थोड़ी कटौती की गई है कैबिनेट बैठक में एक से दूसरे जिले में वाहनों की आवाजाही शुरू करने पर भी चर्चा हुई। साथ ही 50 फीसदी क्षमता के साथ बसों को चलाने पर भी चर्चा हुई। लॉकडाउन-3 खत्म होने के बाद इस पर निर्णय लिया जाएगा।
राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा कि लाॅकडाउन अवधि के दौरान महिलाओं की शिकायतों के निवारण के लिए, हिमाचल प्रदेश राज्य महिला आयोग ने फोन पर परामर्श प्रदान करने के लिए तीन काउंसलर नामित किए हैं, जिनसे 9805520079, 9805520097 और 9736011071 पर सम्पर्क किया जा सकता है। प्रवक्ता ने कहा कि हिमाचल प्रदेश राज्य महिला आयोग ने लाॅकडाउन की अवधि के दौरान पीड़ित महिलाओं तक पहुंचने और उनकी शिकायतों के निवारण के लिए व्हाट्सएप हेल्पलाइन नंबर 9459886600 भी शुरू किया है। उन्होंने कहा कि शिकायतें आयोग की ईमेल आईडी shimlahpscw@gmail.com पर भी दर्ज की जा सकती हैं। उन्होंने कहा कि इसके अलावा आयोग से उनके कार्यालय नंबरों 0177-2622929 व 0177-2627171 पर भी संपर्क किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने इलैक्ट्राॅनिक मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में कोविड-19 महामारी से प्रभावी ढंग से निपट रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए त्रि-स्तरीय रणनीति अपनाई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने राज्य में कोविड-19 से संक्रमित लोगों के उपचार के लिए तीन प्रकार के संस्थान स्थापित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि कोविड-19 लक्षण प्रकट न होने वाले लोगों के लिए राज्य में अब तक 1300 बिस्तर की क्षमता वाले 24 कोविड केयर सेंटर, माॅडरेट लक्षण वाले लेागों के लिए 500 बिस्तर की क्षमता वाले 11 समर्पित कोविड स्वास्थ्य केंद्र स्थापित किए हैं। इसके अतिरिक्त गंभीर लक्षण वाले लोगों को 700 बिस्तरों की क्षमता वाले प्रदेश के चार कोविड अस्पतालों में रखा जाएगा। जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में 115 वेंटिलेटर, 25,000 पीपीई किट्स और 20,000 एन-95 मास्क उपलब्ध हैं। उन्होंने केंद्र सरकार से आपातकालीन स्थिति के लिए प्रदेश को 60 अन्य वेंटिलेटर्ज उपलब्ध करवाने का आग्रह किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के स्वास्थ्य कर्मी कोविड-19 के उपचार में निःसन्देह ही अपनी बेहतरीन सेवाएं प्रदान कर रहे हैं, जिसके कारण 65 मामलों में से अब तक 38 लोगों का उपचार कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि डाॅक्टरों और पैरा मेडिकल स्टाफ को कोरोना से निपटने के लिए उचित प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य में कोविड-19 से निपटना प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है, परंतु यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ विपक्षी नेता इस महामारी को अनावश्यक राजनीतिक मुद्दा बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं को कांग्रेस शासित पंजाब और राजस्थान जैसे राज्यों की स्थिति को देखना चाहिए, क्योंकि हिमाचल प्रदेश की स्थिति इन राज्यों के मुकाबले बेहतर है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने स्वारघाट के एक युवक की मौत के मामले में एडीएम बिलासपुर द्वारा मैजिस्ट्रियल जांच करवाने का फैसला लिया है, जिसे उपचार के लिए शिमला रैफर किया गया था। उन्होंने कहा कि इस संबंध में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि लगभग एक लाख लोग पहले ही देश के विभिन्न हिस्सों से राज्य में पहुंच चुके हैं और आने वालेे कुछ दिनों में हजारों लोगों के पहुंचने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि सरकार अतिरिक्त सावधानी बरत रही है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इन सभी लोगों की पूरी तरह से चिकित्सकीय जांच की जा सके और रेड जोन से आने वाले लोगों को संस्थागत क्वारंटीन में रखा जाएगा।
Chief Minister Jai Ram Thakur, while interacting with electronic media, said that State Government was effectively tackling the menace of COVID-19 pandemic in the State. He said that Government has adopted three pronged strategy to deal with the situation in wake of threat of coronavirus. Chief Minister said that Government had set up three types of institutions in the State where treatment of COVID-19 could be done. He said 24 COVID Care Centres have been established having bed capacity of 1300 patients for asymptotic people, 11 Dedicated COVID Health Centres with bed capacity of 500 for moderate symptomatic people and severe symptomatic persons would be kept in four COVID Hospitals having capacity of 700 beds in the State. Jai Ram Thakur said that there were 115 ventilators, 25,000 PPE Kits, 20 thousand N-95 masks. in the State. He said Central Government has been urged to provide 60 more ventilators to the State to meet out the emergent situation. Chief Minister said that medical fraternity was rendering yeoman service for the treatment of COVID-19 patients due to which 38 persons have been cured so far out of 65 reported cases. He said that proper training was being imparted to doctors and para medical staff to tackle the corona virus. Jai Ram Thakur said that the top most priority of the State Government was to fight COVID-19 pandemic in the State but it was unfortunate that some opposition leaders were un-necessarily politicising the matter. He said that the Congress leaders should first have a look at the situation in the Congress ruled States like Punjab and Rajasthan as things were far much better in Himachal Pradesh than these States. He said that the State Government has decided to conduct a magisterial inquiry by ADM Bilaspur regarding death of a youth of Swarghat who was referred to Shimla for treatment. He said that any laxity in this regard would not be tolerated and strict action would be taken against erring officials. Chief Minister said that as many as one lakh people have already reached the State from different parts of the country and thousands more are expected to arrive within next few days. He said that government has taken extra precautions to ensure that all these people were thoroughly medically examined and those coming from red zone would be kept in institutional quarantine.
भारतीय जनता पार्टी प्रदेश अध्यक्ष डा० राजीव बिन्दल ने बाहर से प्रदेश में आने वाले लोगों के सहयोग के लिए प्रदेश व जिला स्तर पर कमेटियों का गठन किया है। जिसमें रामस्वरूप शर्मा, सांसद को मण्डी संसदीय क्षेत्र, राकेश शर्मा (बबली), प्रदेश अध्यक्ष किसान मोर्चा, को हमीरपुर संसदीय क्षेत्र, वीरेन्द्र चौधरी, प्रदेश सचिव, को कांगड़ा संसदीय क्षेत्र तथा संजय सूद, प्रदेश कोषाध्यक्ष को शिमला संसदीय क्षेत्र का प्रमुख बनाया गया है। भाजपा अध्यक्ष ने बताया कि इसी प्रकार जिला स्तर पर 3-3 सदस्यों की कमेटी का गठन किया गया है जिसमें राजेन्द्र बोद्ध को जिला लाहौल स्पिति का प्रमुख तथा संजीव कुमार एवं शमशेर सिंह को सदस्य बनाया गया है। इसी प्रकार जिला कुल्लू प्रमुख भीम सेन होंगे तथा जोगिन्द्र शुक्ला व अखिलेश कपूर सदस्य, जिला मण्डी प्रमुख रणवीर सिंह होंगे तथा महेन्द्र पाल तथा प्रियंता शर्मा सदस्य, जिला सुन्दरनगर का प्रमुख दलीप कुमार ठाकुर को बनाया गया है और ओमप्रकाश एवं हुकम चंद ठाकुर सदस्य होंगे। जिला किन्नौर का प्रमुख संजीव हारा होंगे तथा राजपाल नेगी व यशवंत सिंह सदस्य, जिला हमीरपुर का प्रमुख बलदेव शर्मा को बनाया गया है और उनके साथ हरीश शर्मा व अभयवीर सिंह सदस्य होंगे। जिला ऊना प्रमुख मनोहर लाल शर्मा तथा राजकुमार पठानिया व अर्जन सिंह सदस्य, जिला बिलासपुर प्रमुख स्वतंत्र संख्यान, आशीष ढिल्लो व नवीन शर्मा सदस्य, जिला देहरा प्रमुख संजीव शर्मा व अभिषेक पाधा तथा जगदीप डढवाल सदस्य, जिला चम्बा प्रमुख योग सिंह तथा धीरज नरयाल व वीरेन्द्र ठाकुर सदस्य, जिला कांगड़ा प्रमुख चंद्रभूषण नाग तथा रमेश बराड़ व सचिन शर्मा सदस्य, जिला नूरपुर प्रमुख रमेश राणा तथा सतीश शर्मा व रणवीर सिंह को सदस्य, जिला पालमपुर प्रमुख हरिदत शर्मा तथा विजय भट्ट व देवेन्द्र राणा को सदस्य तथा जिला शिमला प्रमुख रवि मेहता तथा उनके साथ गगन शर्मा व अंजना शर्मा सदस्य तथा जिला महासू प्रमुख अजय श्याम व शशिभूषण तथा संजय वर्मा को सदस्य, जिला सिरमौर का प्रमुख श विनय कुमार गुप्ता तथा राजेन्द्र ठाकुर व बलदेव कश्यप को सदस्य तथा जिला सोलन का प्रमुख आशुतोष वैद्य तथा नंदराम कश्यप व अमर सिंह परिहार को सदस्य बनाया गया है। डा० बिन्दल ने बताया कि यह कमेटी रामस्वरूप शर्मा, सांसद की अध्यक्षता में कार्य करेगी।
केंद्र सरकार ने कोरोनावायरस से लड़ाई के लिए हिमाचल प्रदेश को 952 करोड़ रुपए का विकास राजस्व घाटा अनुदान जारी किया है। यह दूसरी मासिक किश्त है जो हिमाचल समेत 14 राज्यों को जारी की गई है। केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट मामले मंत्री निर्मला सीतारमण ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा पर विकास राजस्व घाटा अनुदान की दूसरी समान मासिक किस्त जारी की गई है। यह राज्यों को कोरोना संकट के दौरान अतिरिक्त संसाधन प्रदान करेगा। इसके तहत 14 राज्यों को 6,195.08 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं। 13 मई को होगी कैबिनेट की बैठक हिमाचल कैबिनेट की बैठक बुधवार 11 बजे बुलाई गई है। इस बैठक में विभिन्न विभागों से संबंधित फैसले होंगे। एपीएल के राशन की कटौती, बिजली बोर्ड और शिक्षा विभाग से संबंधित फैसले होंगे। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में यह बैठक राज्य अतिथि गृह पीटरहॉफ में होगी। नहीं खुलेंगे स्कूल, छुट्टियां समाप्त होते ही कॉलेजों में परीक्षाएं होंगी शुरू वहीं, कोरोना वायरस से बचाव के लिए हिमाचल के सरकारी और निजी स्कूलों को अभी खोलने का सरकार जोखिम नहीं उठाना चाहती है। ऐसे में स्कूलों को 31 मई तक बंद रखने का फैसला लिया गया है। कॉलेजों में 25 मई से होने वाली छुट्टियों को 18 मई से 10 जून तक देने का विचार है। इन छुट्टियों के समाप्त होते ही कॉलेजों में परीक्षाएं शुरू होंगी। शिक्षा विभाग ने 17 मई को लॉकडाउन समाप्त होने के बाद शैक्षणिक गतिविधियां शुरू करने के लिए एक्जिट प्लान तैयार कर लिया है। 13 मई को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव को अंतिम मंजूरी के लिए रखा जाएगा।
Chief Minister Jai Ram Thakur while addressing the members of Zila Parishad, BDC members and Panchayat Pradhans of various Gram Panchayats of Hamirpur and Una districts through video conferencing from Shimla said that they were playing a vital role in fighting the COVID-19 in the State by sensitizing people regarding importance of isolation and social distancing to break the cycle of the virus. Chief Minister said during the last few days as many as one lakh Himachalis stranded in various parts of the Country have come back to the State and about 55000 were expected to come back within next few days. He said that since few of them were coming from red or orange zones it was essential to ensure proper medical check up of these persons and to keep them under quarantine. He said that State Government has launched ‘Nigah’ programme to keep close watch on people coming from other States. He said the programme aims to sensitize people of the State to ensure proper protocol to avoid corona infection. Jai Ram Thakur said that the panchayat pradhans must ensure that they keep a close surveillance on people arriving in their areas from other parts of the country. He said efforts must be made that pradhans alongwith ASHA workers and other health functionaries visit the house of such persons before their arrival, so that the family members could be educated regarding social distancing even within the family. Chief Minister said that the pradhans were also doing a commendable job in motivating people to download ‘Aarogya Setu App’. He said that they were also distributing face masks and face covers besides providing food to poor and needy. He also urged the pradhans to ensure proper sanitization of their panchayats to check outbreak of any disease. He said that they should also educate the people regarding social stigma associated with the disease as it was fight against the disease and not the infected person. Jai Ram Thakur said that it was due to the strong and dynamic leadership of Prime Minister Narendra Modi that the magnitude of COVID-19 was not so alarming as compared to other developed countries. He said that Prime Minister during the video conferencing with the Chief Ministers of the States yesterday has urged the people to collectively fight corona but at the same time try to live with this pandemic with care and precautions. Chief Minister said that all the panchayat pradhans must help the family members who have limited accommodation to ensure proper social distancing by providing them isolated accommodation in community centres, panchayat ghar and mahila mandal bhawans etc. He said that proper vigil should be kept on the persons to ensure that they does not jump from home quarantine. He said that if a person was found that he was not following the home quarantine norms, the matter should be brought before the district administration so that he could be kept under institutional quarantine. Jai Ram Thakur said that elected representatives of Panchayati Raj Institutions must also come forward to start various developmental activities in their respective panchayats. He said that work under MNREGA be expedited but at the same time it must be ensured that proper social distancing norms were followed. Rural Development Minister Virender Kanwar thanked the Chief Minister for sparing his valuable time to guide the elected representatives of PRIs in the wake of COVID-19 pandemic. Pradhan of Gram Panchayat, Jambali of Bijhari block in Hamirpur district Satish Soni, Pradhan Gram Panchayat Kakkar of Bamsan Block in Hamirpur district Jyoti Thakur, Pradhan Gram Panchayat Anu in Hamirpur district Sunder Dhiman, Pradhan Gram Panchayat Amb Tika of Amb Block in Una district Darshran Singh and Pradhan Gram Panchayat Laroli of Amb Block in Una district also shared their views during the video conferencing. Director Rural Development and Panchayati Raj Lalit Jain conducted the proceeding of the video conferencing. Chief Secretary Anil Khachi, Secretary Rural Development Dr. R.N. Batta and Director Information and Public Relations Harbans Brascon were also present during the meeting.
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस पर राजभवन में नर्सों को सम्मानित किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि कोरोना काल में नर्सें समाज को बहुत बड़ा योगदान दे रही हैं। वे खुद के संक्रमण होने के खतरे के बावजूद अपनी जान की परवाह किए बिना ज्यादा से ज्यादा लोगों की जान बचाने में जुटी हैं। 12 मई को मनाए जा रहे अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस पर नर्सों के इसी योगदान को नमन करना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2020 को ‘अंतरराष्ट्रीय नर्स वर्ष’ के रूप में मनाया जा रहा है। फ्लोरेंस नाइटिंगेल के त्याग व समर्पण को याद करते हुए हम इस व्यवसाय से जुड़े सभी कोरोना योद्धाओं का आभार व्यक्त करते हैं। राज्यपाल ने सिस्टर निवेदिता राजकीय नर्सिंग काॅलेज (एसएनजीएनसी), शिमला की प्रधानाचार्य ऊषा मेहता, दीन दयाल उपाध्याय जोनल अस्पताल, शिमला की मैट्रन परवीन सूद, कमला नेहरू अस्पताल, शिमला की नर्सिंग अधीक्षक वीना कौंडल तथा इंदिरा गांधी मेडिकल काॅलेज, शिमला की नर्सिंग अधीक्षक सुनीता शर्मा को सम्मानित किया। राज्यपाल के सचिव राकेश कंवर भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
सिप्ला कम्पनी के साइट हैड संजय मिश्रा और एच.आर. हैड मृणाल कांति ने सिप्ला लिमिटेड बद्दी की ओर से मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर को हिमाचल प्रदेश एसडीएमए कोविड-19 स्टेट डिजास्टर रिस्पाॅन्स फंड के लिए 50 लाख रुपये का चैक भेंट किया। मुख्यमंत्री ने इस पुनीत कार्य के लिए उनका आभार व्यक्त किया।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई ने ऑनलाइन ज्ञापन के माध्यम से कुलपति के समक्ष ICDEOL में हुई 25-30% फीस वृद्धि के मामले को रखा। जिसमें विद्यार्थी ने परिषद् ने जुलाई 2019 के सत्र के साथ हो रहे अन्याय की तरफ उनका ध्यान केंद्रित किया । इसमें इकाई अध्यक्ष विशाल वर्मा व इकाई मंत्री मुनीष वर्मा ने बताया की ICDEOL में जो फीस वृद्धि हुई है वो अधिसूचना जनवरी 2020 में जारी हुई थी परंतु वह फीस अब जुलाई 2019 में ICDEOL में दाखिला लेने वाले छात्रों पर भी लागू की जा रही है, जो तर्कसंगत नहीं है। इसमें विद्यार्थी परिषद् ने साफ शब्दों में प्रशासन से माँग करते हुए कहा कि यह फीस उन्ही छात्रों पर लागू होनी चाहिए जिन्होंने जनवरी 2020 में ICDEOL में दाखिला लिया हो न जुलाई 2019 में दाखिला लेने वाले छात्रों पर । जुलाई 2019 में दाखिला लेने वाले छात्रों पर पुरानी फीस संरचना ही लागू की जाए। इस ज्ञापन के माध्यम से विद्यार्थी परिषद् ने प्रशासन से आशा की कि विद्यार्थी परिषद की माँग को संज्ञान में लेते हुए इसपर तुरंत प्रभाव से कार्यवाही की जाए तथा साथ ही प्रशासन को चेतावनी भी दी की अगर विद्यार्थी परिषद की इस माँग पर जल्द कार्यवाही नहीं की जाती तो विद्यार्थी परिषद लॉक डाउन के तुरंत बाद स्थिति सामान्य होने पर प्रशासन के खिलाफ हल्ला बोलेगी।
हिमाचल प्रदेश सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। प्रदेश में अब जिले के भीतर आवाजाही के लिए कर्फ्यू पास बनाना अनिवार्य नहीं होगा। हालांकि एक से दूसरे जिले में जाने के लिए कर्फ्यू पास अनिवार्य होगा। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने जिलों के डीसी और एसपी के साथ हुई बैठक में यह फैसला लिया है। देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे हिमाचलियों को अपने गृह क्षेत्र आने की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए प्रदेश के प्रत्येक जिला की संस्थागत क्वारंटीन सुविधा को मजबूत करना होगा। यह बात मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने उपायुक्तों, पुलिस अधीक्षकों और राज्य के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों के साथ वीडियो कान्फ्रेंसिंग के दौरान कही। जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश के 68000 लोगों ने राज्य में प्रवेश करने के लिए ई-पास के लिए आवेदन किया है। उन्होंने कहा कि अधिक संख्या में लोग रेड जोन क्षेत्रों से आएंगे, इसलिए उन्हें संस्थागत क्वारंटाइन सुविधा की आवश्यकता होगी। उन्होंने उपायुक्तों को निर्देश दिए कि वे अपने-अपने जिलों में इस तरह की सुविधाओं की पर्याप्त संख्या में पहचान कर उन्हें चिन्हित करें। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि ये केन्द्र व्यस्त क्षेत्रों से दूर हों और इनमें शौचालय इत्यादि जैसी सुविधाएं उपलब्ध रहे। उन्होंने कहा कि इन संस्थानों में उचित स्वच्छता व्यवस्थता को सुनिश्चित किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि रेड जोन से आने वाले सभी लोगों और इंफ्लुएंजा जैसे लक्षणों वाले सभी लोगों को संस्थागत क्वारंटाइन में रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य में प्रवेश करने वाले प्रत्येक व्यक्ति की पूरी तरह से चिकित्सकीय जांच की जानी चाहिए और उसके बाद ही यह तय किया जाएगा कि उसे संस्थागत क्वारंटाइन या होम क्वारंटाइन के अन्तर्गत रखा जाना है। जय राम ठाकुर ने कहा कि बेंगलुरु से विशेष ट्रेन 13 मई को सुबह 6.00 बजे ऊना पहुंचेगी और थिविम, मड़गांव और करमाली (गोवा) से एक और विशेष ट्रेन 15 मई, 2020 को ऊना पहुंच जाएगी। उन्होंने उपायुक्त ऊना को निर्देश दिए कि बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों की प्रदेश वापसी के सभी आवश्यक इंतजाम किए जाएं ताकि उन्हें किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े और स्थिति सामान्य बनी रहे। उन्होंने कहा कि राज्य में आने वाले लोगों की चिकित्सा जांच सुनिश्चित करने के उपरांत ही उन्हें उनके सम्बन्धित जिलों में जाने दिया जाए। उन्होंने कहा कि इन लोगों की सुविधाएं प्रदान के लिए भोजन के पैकेट, पानी आदि की व्यवस्था भी की जानी चाहिए। उन्होंने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री टी.एस. रावत से बात कर वहां फंसे हिमाचलियों की सहायता प्रदान करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार फंसे हुए हिमाचलियों को देहरादून तक पहुंचाने की पर्याप्त व्यवस्था करने के लिए सहमत हो गई है, जहां से उन्हें उनके घरों तक पहुंचाया जाएगा। जय राम ठाकुर ने कहा कि जिला के अंदर आवाजाही की अनुमति अब बिना पास के दी जानी चाहिए जबकि बद्दी पुलिस जिला जिसमें बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ क्षेत्र भी शामिल है को छोड़कर दूसरे जिलों के लिए आवाजाही की अनुमति परमिट से दी जाए। उन्होंने राज्य में आर्थिक गतिविधियां शुरू करने की जरूरत पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि होम क्वारंटाइन को और प्रभावी बनाने के लिए प्रणाली विकसित करने के लिए भी कदम उठाए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि उपायुक्तों से कहा कि जिन घरों में लोगों को होम क्वारंटाइन रखा गया है ऐसे घरों पर नजर रखने के लिए पंचायती राज संस्थाओं व स्वास्थ्य कर्मियों के प्रतिनिधियों को आवश्यक रूप से शामिल किया जाए ताकि कोई भी व्यक्ति होम क्वारंटाइन का उल्लघन न कर सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि संस्थागत क्वारंटाइन सुविधाएं इस तरह से बनाई जाए कि जो लोग भुगतान करने के इच्छुक है उन्हें भुगतान के आधार पर बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाए। जय राम ठाकुर ने कहा कि शीघ्र ही लगभग 300 विद्यार्थी यूक्रेन से चंडीगढ़ पहुंचेंगे। उन्होंने कहा कि इन सभी छात्रों को संस्थागत क्वारंटाइन में रखा जाएगा। मुख्य सचिव अनिल खाची ने कहा कि राज्य से जाने वाले प्रवासी मजदूरों को एक साथ न भेज कर इन्हें चरणबद्ध तरीके से भेजा जाए और मजदूरों के पलायन को रोकने के लिए उन्हें राज्य में ही रोजगार के पर्याप्त अवसर उपलब्ध करवाने के प्रयास किए जाएं। पुलिस महानिदेशक एस.आर. मरडी, अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य आर.डी. धीमान, प्रधान सचिव ओंकार शर्मा व जेसी शर्मा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुंडू ने भी अपने विचार रखे। राज्य के उपायुक्तों ने देश के विभिन्न भागों से आने वाले लोगों की सुविधा के लिए अपने-अपने जिलों में उनके द्वारा की गई व्यवस्थाओं की जानकारी भी दी।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राष्ट्र के सभी प्रांतों के प्रदेश अध्यक्ष एवं जिला परिषदों के अध्यक्ष- उपाध्यक्ष साथ संवाद किया। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा के जिला पंचायत अध्यक्षों व उपाध्यक्षों के साथ कोरोना महामारी को रोकने के उपायों के बारे में चर्चा की। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सभी ने एक सूत्र में बंधकर सामने से इस लड़ाई को लड़कर काफी हद तक विजय हासिल की है। हिमाचल प्रदेश से जगत प्रकाश नड्डा ने कांगड़ा की जिला परिषद के अध्यक्ष मधु गुप्ता, जिला हमीरपुर के आमलेट के उपाध्यक्ष चंदूलाल, किन्नौर से प्रीतेशवरी नेगी और हमीरपुर के जिला परिषद के अध्यक्ष राकेश ठाकुर से फीडबैक लिया। सभी जिला परिषद के अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष ने इस पहल को अपने आप में बड़ा बताया जिससे इनको पता लगा कि भारतवर्ष में किस प्रकार से अन्य जिला परिषद के सदस्य कार्य कर रहे हैं इस सब को बहुत कुछ सीखने को भी मिला। कांगड़ा से जिला परिषद मधु गुप्ता ने राष्ट्रीय नेतृत्व को बताया कि भारतीय जनता पार्टी रात दिन कार्य कर रहे हैं और ऐसा कोई भी व्यक्ति नहीं है जो यहां भूखा रहा है। उन्होंने बताया कि पालमपुर में महिला मोर्चा बहुत अच्छा कार्य कर रही है और बड़ी मात्रा में फेस मास्क वितरित कर रही है। उन्होंने यह भी बताया कि कहीं जिला परिषद के सदस्यों ने अपना 1 माह का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में दिया है। जिला हमीरपुर से जिला परिषद उपाध्यक्ष चंदूलाल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में बताया कि उनकी पंचायत ने अभी तक 7 से 8 क्विंटल राशन वितरित कर दिया है और प्रधानमंत्री राहत कोष में ₹31000 की राशि जुटाई है। उन्होंने यह भी बताया कि स्थानीय प्रशासन के सभी अधिकारी यहां पर अच्छा काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्रीय नेतृत्व द्वारा जिस प्रकार सामाजिक दूरी एवं प्रवासियों के साथ कार्य करने के बारे में चर्चा की वह बहुत लाभदायक थी। किन्नौर की प्रीतेशवरी नेगी ने बताया कि उनका जिला ग्रीन जोन है और यहां पर भाजपा एवं संगठन अच्छा कार्य कर रहा है। उन्होंने बताया कि बाहर से आने वाले लोगों को होम क्वॉरेंटाइन में किस प्रकार रखना चाहिए उसके बारे में अच्छा ज्ञान प्राप्त हुआ। हमीरपुर के जिला परिषद राकेश ठाकुर का कहना है कि उन्होंने केंद्र नेतृत्व को बताया कि यहां पर बाहर से 9212 कामगार थे जिनको दो बार यह पंचायत राशन दे चुकी है जिसके अंदर 19 किलो राशन था। उन्होंने बताया कि परिषद द्वारा पीएम केयर में ₹100000 और सीएम केयर में ₹500000 दिए गए हैं। यहां पर 170 क्वॉरेंटाइन सेंटर है और सभी जिला परिषद के सदस्य अच्छी मॉनिटरिंग कर रहे हैं। सभी जिला परिषद राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा से वार्ता करके बहुत प्रफुल्लित हुए और उन्होंने कहा कि यह बहुत अच्छी पहल है ।
समाज के हर वर्ग के समावेशी और समान विकास के साथ-साथ राज्य की प्रगति के लिए ग्रामीण क्षेत्रों का विकास महत्वपूर्ण है, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में प्रगति की संभावनाओं को पूरा किया जा सके और विकास का लाभ जमीनी स्तर पर हर वर्ग तक पहुंच सके। लाॅकडाउन का समय ऐसा कठिन समय रहा है, जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों में कामगारों, अकुशल श्रमिकों और विशेष रूप से गरीबी की कगार पर रहने वाले लोगों को गुजर बसर और अपनी आजीविका कमाने तथा दिन-प्रतिदिन की जरूरतों को पूरा करने के लिए रोजगार के साधनों की तलाश थी। बेरोजगारों और कम रोजगार पा रहे लोगों के लिए काम के अवसरों को बढ़ाने के लिए तथा ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब लोगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए एक बहुआयामी विकासात्मक रणनीति तैयार की गई जो विकास को बनाए रखने के साथ-साथ आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देगी। कोरोना वायरस के दौरान मनरेगा योजना के तहत विकास और रोजगार सृजन कार्यक्रम सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने में ग्रामीण क्षेत्रों के लिए समावेशी विकास का एक मजबूत माॅडल बनकर उभरा है। हिमाचल सरकार ने बढ़ाई मजदूरी केंद्र और राज्य सरकार ने लाॅकडाउन की अवधि के दौरान श्रमिकों के आर्थिक हितों की रक्षा के लिए पहल की और राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा कार्यों को शुरू किया। परिणामस्वरूप ग्रामीण क्षेत्रों में विकासात्मक कार्य शुरू हुए और ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे को अकुशल श्रमिकों को लाभ मिला, जिससे कोविड-19 के प्रकोप के दौरान इस वर्ग के लोगों को निरन्तर आय के स्रोत मिल रहे हैं। हिमाचल सरकार ने मनरेगा मजदूरों की मजदूरी 185 प्रति दिन रुपये से बढ़ाकर 198 रुपये प्रति दिन की है, जिससे मनरेगा के मजदूरों को लाभ मिला है। ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्यों को पूरा करने के दौरान राज्य सरकार के आपसी सामाजिक सुरक्षा और मास्क पहनने के सुरक्षा दिशा-निर्देशों का पालन किया जा रहा है। शिमला जिले में किए जा रहे 1985 कार्य शिमला जिले में ग्रामीण विकास विभाग के माध्यम से 1985 कार्य किए जा रहे हैं, जिसमें 10471 श्रमिकों को काम पर लगाया गया है। जिला ग्रामीण विकास अभिकरण के माध्यम से जिला में 20,73,253 रुपये की राशि विकास कार्य पूर्ण होने के पर मनरेगा श्रमिकों के खाते में हस्तांतरित की जाएगी। जिले के बसंतपुर खंड में 116, चौहारा में 47, चौपाल में 253, जुब्बल में 108, कुपवी में 43, मशोबरा में 193, ननखड़ी में 77, नारकंडा में 139, रामपुर बुशहर में 548, रोहडू में 73 और ठियोग खंड में 388 कार्य प्रगति पर हैं। मनरेगा कार्यों को पूरा करने के लिए विभिन्न विकासात्मक योजनाओं के कार्यों को सम्मिलित किया गया है ताकि इन कार्यों में लगे व्यक्तियों को निरंतर कार्य प्रदान किया जा सके। इसमें ग्रामीण क्षेत्रों में जल संचयन टैंक, भूमि समतलन, पौधारोपण और लघु सिंचाई परियोजनाएं शामिल हैं।


















































