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हिमाचल प्रदेश के छह जिलों ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, मंडी, शिमला और सिरमौर के कुछ स्थानों में बारिश का येलो अलर्ट जारी हुआ है। रविवार से बारिश की रफ्तार कम होने की संभावना है। 24 अगस्त को शिमला, मंडी और सिरमौर के एक-दो स्थानों में ही बारिश की संभावना है, अन्य क्षेत्रों में मौसम साफ रहेगा। 25 अगस्त को मौसम साफ बना रहने का पूर्वानुमान है। 26 अगस्त को कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला और किन्नौर के लिए येलो अलर्ट जारी हुआ है। प्रदेश में 316 सड़कें, 110 बिजली ट्रांसफार्मर और 131 पेयजल योजनाएं प्रभावित रहीं। कुल्लू जिले में दो दिन से मौसम शुष्क है। शुक्रवार को दिनभर धूप खिली रही। लगवैली के साथ जिले के कई क्षेत्र अभी भी बिजली आपूर्ति प्रभावित होने से अंधेरे में हैं। भारी भूस्खलन के कारण करीब 100 सड़कों पर यातायात बाधित है। शहर के साथ जिले के ग्रामीण व शहरी इलाकों में पानी की आपूर्ति भी अवरुद्ध है। वहीं बंजार स्थित नया बस अड्डा के पास शुक्रवार को पहाड़ी से भूस्खलन हुआ। इस कारण एनएच-305 पर मलबा और पत्थर गिरे हैं। आठ घंटे से अधिक समय तक राष्ट्रीय राजमार्ग में वाहनों की आवाजाही बंद रही। ऊना, हमीरपुर जिले में भी शुक्रवार को मौसम साफ रहा। मौसम साफ होने से कृषि कार्यों में तेजी आई है।
ऋषिकेश: टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड ने प्रतिष्ठित आईएस/आईएसओ 37001:2016 एंटी-ब्राइबरी मैनेजमेंट सिस्टम ने प्राप्त किया प्रमाणन
शुक्रवार को अखंडता और नैतिक आचरण के उच्चतम मानकों के प्रति अपनी अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाते हुए, टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड को इसके कॉर्पोरेट कार्यालय, ऋषिकेश और एनसीआर कार्यालय, कौशाम्बी के लिए ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स (बीआईएस) द्वारा आईएस/आईएसओ 37001:2016 के तहत प्रतिष्ठित रिश्वत-रोधी प्रबंधन प्रणाली (एबीएमएस) प्रमाणन प्रदान किया गया है। टीएचडीसीआईएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, आर. के. विश्नोई ने इस उल्लेखनीय उपलब्धि पर बधाई देते हुए कहा कि एबीएमएस प्रमाणन टीएचडीसीआईएल के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो हितधारकों के बीच विश्वास बढ़ाता है, कंपनी की अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा को मजबूत करता है और आज के चुनौतीपूर्ण व्यावसायिक वातावरण में अधिक पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धात्मकता सुनिश्चित करता है। विश्नोई ने इस बात पर बल दिया कि यह मान्यता न केवल हितधारकों का विश्वास बढ़ाएगी, बल्कि पारदर्शिता और कॉर्पोरेट जिम्मेदारी में बेंचमार्क स्थापित करेगी, जिससे टीएचडीसीआईएल की विकास यात्रा राष्ट्रीय प्राथमिकताओं और वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं के साथ संरेखित रहेगी। मुख्य सतर्कता अधिकारी, रश्मिता झा (आईआरएस) ने इस बात पर प्रकाश डाला कि यह प्रमाणन टीएचडीसीआईएल की अखंडता, पारदर्शिता और सतत विकास के प्रति अटूट प्रतिबद्धता का प्रमाण है, जो कॉर्पोरेट नैतिकता के उच्चतम मानकों को बनाए रखने के लिए इसकी दृढ़ प्रतिबद्धता को दोहराता है। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि संगठन की नैतिकता और पारदर्शिता के प्रति प्रतिबद्धता को और मजबूत बनाती है, जिससे टीएचडीसीआईएल की विश्वसनीयता और भरोसेमंदता में वृद्धि होती है। 18 अगस्त, 2025 को एनसीआर कार्यालय, कौशाम्बी में आयोजित एक विशेष समारोह में बीआईएस अधिकारियों द्वारा टीएचडीसीआईएल की मुख्य सतर्कता अधिकारी, रश्मिता झा (आईआरएस) को यह प्रमाण पत्र प्रदान किया गया। इस अवसर पर कार्यपालक निदेशक, नीरज वर्मा, उप सीवीओ/ महाप्रबंधक (सतर्कता), सतीश कुमार आर्य और टीएचडीसीआईएल के वरिष्ठ सतर्कता अधिकारी उपस्थित थे। इसके पश्चात आज यह प्रमाण पत्र टीएचडीसीआईएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, आर. के. विश्नोई को कॉर्पोरेट कार्यालय, ऋषिकेश में सतीश कुमार आर्य, उप सीवीओ/ महाप्रबंधक (सतर्कता) द्वारा एस. एस. पंवार, मुख्य महाप्रबंधक (ओएमएस) साथ ही सतर्कता एवं ओएमएस विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों की गरिमामयी उपस्थिति में औपचारिक रूप से प्रदान किया गया। एबीएमएस प्रमाणन (आईएस/आईएसओ 37001:2016) एक वैश्विक स्तर पर मान्यता प्राप्त मानक है जो संगठनों को रिश्वतखोरी की घटनाओं को रोकने, पता लगाने और उन पर कार्रवाई करने के लिए सक्षम बनाता है, जिससे नैतिक शासन को मजबूत किया जा सकता है। टीएचडीसीआईएल के लिए यह उपलब्धि एक मान्यता से अधिक है - यह सभी स्तरों पर विश्वास और जवाबदेही बनाने की दिशा में अगला कदम है। यह प्रमाणन टीएचडीसीआईएल को विद्युत क्षेत्र में एक विशिष्ट संगठन के रूप में स्थापित करता है, जो नैतिक व्यावसायिक प्रथाओं को प्राथमिकता देने वाले ग्राहकों और भागीदारों को आकर्षित करता है। यह आज के परिवेश में विशेष रूप से महत्वपूर्ण है जहां भ्रष्टाचार-विरोधी नियम लगातार कड़े होते जा रहे हैं। टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड की इक्विटी में एनटीपीसी लिमिटेड और उत्तर प्रदेश सरकार की हिस्सेदारी है |
ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 चर्चा में क्यों, जानें किस गेम्स पर लगा बैन, यूजर्स के पैसे होंगें वापस ?
Real Money Gaming पर बैन Dream11, Pokerbazi, Zupee तथा MPL हुआ बंद, जानें यूजर्स के पैसों का होगा क्या ? Online Gaming Bill 2025: दोनों सदनों से पास हो चुका Online Gaming Bill 2025 इन दिनों चर्चा में बना है। सरकार का इस बिल को लाने का उद्देश्य ऑनलाइन गेम्स को लेकर एक लीगल फ्रेमवर्क तैयार कर ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री को रेगुलराइज करना है। आपको बता दें कि ऑनलाइन गेम्स को तीन कैटेगरी- ई-स्पोर्ट्स, सोशल गेम्स और रियल मनी गेम्स में रखा गया है। इस बिल के जरिए रियल मनी गेम्स को बैन कर दिया जायेगा। इस नए नियम से Esports और Social Gaming पर कोई असर नहीं होगा। इस बिल को लाने का उद्देश्य ये बिल का उद्देश्य ई-स्पोर्ट्स और ऑनलाइन सोशल गेम्स को प्रमोट करना है, वहीं उन सभी गेम्स पर रोक लगाना है, जिनमें सीधे तौर पर पैसों को लगाया जाता है। रियल मनी गेम्स वो गेम्स होते हैं जिसमें पैसा लगाकर और ज्यादा पैसे जीतने का लालच दिया जाता है। इसी वजह से रियल मनी गेम्स पर रोक लगाया जायेगा। इसके जरिये नियामक निरीक्षण और डेवलपर सपोर्ट के लिए एक सेंट्रल ऑनलाइन गेमिंग अथॉरिटी बनाई जाएगी। इसके साथ ही इसके तहत एडिक्शन, फाइनेंशियल फ्रॉड, मनी लॉन्ड्रिंग तथा टेरर फंडिंग जैसी समस्यायों का भी ध्यान रखा जायेगा। Real Money Gaming को बैन करने की वजह सरकार का मानना है कि यह फैसला जनहित में लिया गया है। उनका कहना है कि Real-Money Games से आर्थिक नुकसान, मानसिक तनाव और एडिक्शन जैसी समस्याएं बढ़ रही थीं । इसके साथ ही इससे मनी लॉन्ड्रिंग और इलिगल फंडिंग का भी खतरा उत्पन्न हो रहा था। इस पर IT मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि इससे सुसाइड के मामलें बढ़ रहे हैं और और इससे सबसे ज्यादा नुकसान मध्यम वर्ग के लोगों को हो रहा है। Online Gaming Bill 2025 के लागू होते ही, तीन हिस्सों में बांटा जाएगा ऑनलाइन गेम्स को 1 ) पहली कैटेगरी में होगी- ई-सपोर्ट्स- जिसमें कंपटीटिव,स्किल बेस्ड और टीम के साथ खेले जाने वाले ऑनलाइन गेम्स को शामिल किया जायेगा। 2 ) दूसरी कैटेगरी होगी- ऑनलाइन सोशल गेम्स की, जिसमें कैजुअल, कम्युनिटी बेस्ड और एजुकेशनल गेम्स होंगे। 3 ) जबकि तीसरी कैटेगरी होगी- रियल मनी गेम्स की जिसमें वित्तीय जोखिम वाले और आदत लगाने वाले गेम्स होंगे। इस कैटेगरी गेम्स को बैन कर दिया जायेगा। Dream11, Pokerbazi, Zupee तथा MPL बंद, जानें यूजर्स के पैसों का होगा क्या ? ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025: इस बिल के पास होते ही Real-Money Gaming इंडस्ट्री में एक डैम हड़कंप सा मच गया है। अब एक एक करके सभी बड़े गेमिंग प्लेटफ़ॉर्म्स (Real Money Gaming ऐप्स) ने अपने प्लेटफॉर्म से उन गेम्स को बंद करने शुरू कर दिए हैं जो सट्टा और जुआ की कैटिगरी में आते हैं। इस बिल में निर्देश है कि अब किसी भी Real-Money Game, उसके प्रोमोशन और ट्रांजैक्शन की अनुमति नहीं होगी। नियम तोड़ने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी। Dream11, Pokerbazi और MPL आदि प्लेटफॉर्म्स ने अपनी वेबसाइट पर लिखा है कि इस नए बिल के आने पर वे अपने इस बिजनेस को बंद कर दिया है। इन कंपनियों ने यूजर्स को विश्वास दिलाया है कि जितने भी यूजर्स ने पैसे लगाए हैं, उनके पैसे 100% सुरक्षित हैं और वो अपना पैसा यहां से निकाल सकते हैं। इस बिल के तहत सजा और जुर्माने का भी प्रावधान रखा गया है। पहली बार गलती होगी तो 3 साल की सजा और इसमें 1 करोड़ रुपये तक का फाइन है। वहीं दूसरी बार गलती होने पर 3 से 5 साल की सजा तथा 2 करोड़ रुपये तक जुर्माना हो सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने आज आवारा कुत्तों के मामले पर बड़ा फैसला दिया है। SC ने 11 अगस्त के उस आदेश पर रोक लगा दी है जिसके तहत यह कहा गया था कि जो आवारा कुत्तें पकड़े गए हैं उन्हें छोड़ा नहीं जाना चाहिए। कोर्ट ने फैसला दिया है कि जो कुत्तें पकड़े गए हैं उन्हें नसबंदी और टीकाकरण के बाद ही छोड़ा जाना चाहिए, सिवाय उन कुत्तों के जिन्हें रेबीज है या जो आक्रामक हैं। साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा है कि कुत्तों को सार्वजनिक जगह पर खाना देने की अनुमति नहीं है। आवारा कुत्तों को खिलाने-पिलाने के लिए अलग स्थान बनाए जाएंगे। आपको बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट की 2 जजों की बेंच ने 11 अगस्त को डॉग बाइट्स और रेबीज के मुद्दे को ध्यान में रखते हुए आवारा कुत्तों को 8 हफ्तों के अंदर दिल्ली-NCR के आवासीय क्षेत्रों से हटाकर शेल्टर होम में भेजने का निर्देश दिया था। इसके बाद 14 अगस्त को जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस एनवी अंजारिया की स्पेशल बेंच ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। खाना खिलाने के लिए निर्धारित स्थान हों SC ने निर्देश दिया है कि नगर निगम (MCD) को वार्डों में कुत्तों को खाना खिलाने के लिए निश्चित जगह पर फीडिंग जोन बनाने चाहिए। जो नियमों का उल्लंघन करेगा उसके खिलाफ शिकायत करने के लिए हेल्पलाइन शुरू की जाएगी। कोर्ट ने यह भी कहा कि डॉग लवर कुत्तों को गोद लेने के लिए MCD को आवेदन दे सकते हैं। राष्ट्रीय नीति बनाने पर प्रतिक्रिया मांगी सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र शासित राज्यों के पशुपालन विभाग के सचिवों को नोटिस जारी कर इस समस्या के निपटान के लिए राष्ट्रीय नीति बनाने पर उनकी प्रतिक्रिया मांगी है।
हिमाचल प्रदेश में मानसून एक बार फिर अपना केहर बरपाएगा। मौसम विभाग शिमला ने प्रदेश के छह जिलों ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, चंबा, कांगड़ा और सिरमौर के कई क्षेत्रों में बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। साथ ही शनिवार से आगामी चार दिनों तक कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला और सिरमौर के कई क्षेत्रों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है । हिमाचल प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में वीरवार को मौसम साफ रहा। वीरवार शाम तक आनी-कुल्लू नेशनल हाईवे सहित प्रदेश में 347 सड़कें बंद रहीं। इसके अलावा 281 बिजली ट्रांसफार्मर व 145 जल आपूर्ति योजनाएं भी प्रभावित हैं। मंडी जिले में सबसे अधिक 164 व कुल्लू में 123 सड़कें बंद हैं। बारिश के चलते चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे मंडी-कुल्लू के बीच धंस रहा है। पंडोह डैम से आगे डयोड के पास भी खतरा बना हुआ है। यहां सड़क का करीब 15 से 20 फुट हिस्सा धंस गया है। इसके चलते वीरवार दोपहर तीन घंटे के लिए यहां मरम्मत कार्य किया गया। इस दौरान वाहनों की आवाजाही बंद रखी गई। मंडी–कुल्लू राष्ट्रीय राजमार्ग पर जगह-जगह वाहनों की लंबी कतारें लग रही हैं। 50 किलोमीटर की दूरी तय करने में यात्रियों को 10 से 12 घंटे से अधिक का समय लग रहा है।साथ ही बरोट-घटासनी मुख्य सड़क पर बुधवार रात करीब 1:00 बजे रेस्तरां के साथ लगती पहाड़ी से भूस्खलन होने से मलबा, चट्टानें और पेड़ गिरने से रेस्तरां परिसर को नुकसान पहुंचा है, जिससे साथ लगती मुख्य सड़क भी बाधित हुई।
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य के सबसे बड़े जिला कांगड़ा में अवैध खनन पर अंकुश न लगा पाने को लेकर कड़ा संज्ञान लिया है। अदालत ने कांगड़ा के डीसी को शपथपत्र दाखिल कर यह बताने को कहा है कि खनन माफिया के खिलाफ प्रशासन ने कितने मामले दर्ज किए हैं। साथ ही ये भी बताने को कहा है कि खनन करने वालों से कितना जुर्माना वसूला गया है। हाईकोर्ट इस मामले में एक जनहित याचिका की सुनवाई कर रहा है। अदालत ने इस बारे में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव की रिपोर्ट का अवलोकन करने पर पाया कि न्यूगल नदी में अवैध खनन रोकने के लिए उपाय नहीं किया गया है। अदालत ने पाया कि न्यूगल नदी के किनारे के पहुंच मार्ग को अवरुद्ध कर खनन रोकने के लिए कोई स्थाई व्यवस्था नहीं की गई है। यही नहीं, कई साल से धर्मशाला में तैनात खनन अधिकारी राजीव कालिया माइनिंग गार्ड संतोष के खिलाफ भी कुछ आरोप प्रमाणित पाए गए हैं। उद्योग विभाग के भूविज्ञानी के हलफनामे में केवल यह दर्शाया गया है कि वित्तीय वर्ष 2024-25 से जून 2025 तक केवल पांच चालान किए गए। इसके अलावा इस साल 9 अप्रैल को केवल एक एफआईआर दर्ज की गई है, जिसकी जांच अभी चल ही रही है। इसी प्रकार, डीसी बिलासपुर के हलफनामे में बताया गया है कि अवैध खनन/परिवहन के 276 मामले पकड़े गए, जिनमें से 224 का निपटारा कर दिया गया है। साथ ही इसमें 14,15,300/- रुपये की चालान राशि वसूल की गई है। कुल 52 मामले संबंधित न्यायालयों में निर्णय के लिए लंबित हैं। रिपोर्ट के अनुसार बिलासपुर जिले में 13 खनन पट्टे जारी किए गए हैं। हालांकि डीसी कांगड़ा की तरफ से की गई कार्रवाई के संबंध में न तो कोई हलफनामा दाखिल किया गया है और न ही पुलिस ने कोई सक्रिय कार्रवाई की है। अदालत ने यह भी रिपोर्ट तलब की है कि धर्मशाला में तैनात दोनों अफसर राजीव कालिया और संतोष, यहां कितने समय से नौकरी पर हैं ।
विमल नेगी मामला: सीबीआई ने एसआईटी के डीएसपी से दिल्ली में की पूछताछ **जांच से जुड़े रिकॉर्ड खंगाले **पूर्व पुलिस महानिदेशक को बुलाया दिल्ली हिमाचल प्रदेश राज्य ऊर्जा निगम के मुख्य अभियंता रहे विमल नेगी मौत मामले को लेकर सीबीआइ ने दिल्ली में एसआइटी के डीएसपी सहित दो निरीक्षकों से लंबी पूछताछ की है। इस संबंध में जांच को लेकर और कब्जे में लिए गए रिकार्ड के आलवा अन्य तथ्यों को लेकर सवाल जवाब किए गए हैं। सीबीआइ ने इस मामले में बड़े अधिकारियों को भी दिल्ली पूछताछ के लिए बुलाया हुआ है। बताया जा रहा है कि पूछताछ का सिलसिला आगामी दो दिनों जारी रहेगा। सीबीआइ इस मामले को लेकर ऊर्जा निगम के तत्कालीन अधिकारियों के अलावा एसआइटी जांच में शामिल रहे जांच अधिकारियों के बयान दर्ज कर चुकी है। मिली जानकारी के अनुसार इस संबंध में प्रदेश पुलिस के पूर्व महानिदेशक के बयान भी दर्ज किए जाने हैं। उन्हें बयान दर्ज करने के लिए दिल्ली बुलाया गया है। सीबीआइ कब्जे में लिए गए सारे रिाकउर् को खांगालने के साथ जो साक्ष्य जुटाए गए हैं उन्हें भी खंगाल रही है।
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