•   Sunday Aug 24
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 Himachal: Yellow alert for rain in six districts today, know when will there be relief
In Himachal

हिमाचल:आज छह जिलों में बारिश का येलो अलर्ट, जानिए कब से राहत

हिमाचल प्रदेश के छह जिलों ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, मंडी, शिमला और सिरमौर के कुछ स्थानों में बारिश का येलो अलर्ट जारी हुआ है। रविवार से बारिश की रफ्तार कम होने की संभावना है। 24 अगस्त को शिमला, मंडी और सिरमौर के एक-दो स्थानों में ही बारिश की संभावना है, अन्य क्षेत्रों में मौसम साफ रहेगा। 25 अगस्त को मौसम साफ बना रहने का पूर्वानुमान है। 26 अगस्त को कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला और किन्नौर के लिए येलो अलर्ट जारी हुआ है। प्रदेश में 316 सड़कें, 110 बिजली ट्रांसफार्मर और 131 पेयजल योजनाएं प्रभावित रहीं।  कुल्लू जिले में दो दिन से मौसम शुष्क है। शुक्रवार को दिनभर धूप खिली रही। लगवैली के साथ जिले के कई क्षेत्र अभी भी बिजली आपूर्ति प्रभावित होने से अंधेरे में हैं। भारी भूस्खलन के कारण करीब 100 सड़कों पर यातायात बाधित है। शहर के साथ जिले के ग्रामीण व शहरी इलाकों में पानी की आपूर्ति भी अवरुद्ध है। वहीं बंजार स्थित नया बस अड्डा के पास शुक्रवार को पहाड़ी से भूस्खलन हुआ। इस कारण एनएच-305 पर मलबा और पत्थर गिरे हैं। आठ घंटे से अधिक समय तक राष्ट्रीय राजमार्ग में वाहनों की आवाजाही बंद रही। ऊना, हमीरपुर जिले में भी शुक्रवार को मौसम साफ रहा। मौसम साफ होने से कृषि कार्यों में तेजी आई है।

 Rishikesh: THDC India Limited receives the prestigious IS/ISO 37001:2016 Anti-Bribery Management System certification
In News

ऋषिकेश: टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड ने प्रतिष्ठित आईएस/आईएसओ 37001:2016 एंटी-ब्राइबरी मैनेजमेंट सिस्टम ने प्राप्त किया प्रमाणन

शुक्रवार को अखंडता और नैतिक आचरण के उच्चतम मानकों के प्रति अपनी अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाते हुए, टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड को इसके कॉर्पोरेट कार्यालय, ऋषिकेश और एनसीआर कार्यालय, कौशाम्बी के लिए ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स (बीआईएस) द्वारा आईएस/आईएसओ 37001:2016 के तहत प्रतिष्ठित रिश्वत-रोधी प्रबंधन प्रणाली (एबीएमएस) प्रमाणन प्रदान किया गया है। टीएचडीसीआईएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, आर. के. विश्नोई ने इस उल्लेखनीय उपलब्धि पर बधाई देते हुए कहा कि एबीएमएस प्रमाणन टीएचडीसीआईएल के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो हितधारकों के बीच विश्वास बढ़ाता है, कंपनी की अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा को मजबूत करता है और आज के चुनौतीपूर्ण व्यावसायिक वातावरण में अधिक पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धात्मकता सुनिश्चित करता है। विश्नोई ने इस बात पर बल दिया कि यह मान्यता न केवल हितधारकों का विश्वास बढ़ाएगी, बल्कि पारदर्शिता और कॉर्पोरेट जिम्मेदारी में बेंचमार्क स्थापित करेगी, जिससे टीएचडीसीआईएल की विकास यात्रा राष्ट्रीय प्राथमिकताओं और वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं के साथ संरेखित रहेगी। मुख्य सतर्कता अधिकारी, रश्मिता झा (आईआरएस) ने इस बात पर प्रकाश डाला कि यह प्रमाणन टीएचडीसीआईएल की अखंडता, पारदर्शिता और सतत विकास के प्रति अटूट प्रतिबद्धता का प्रमाण है, जो कॉर्पोरेट नैतिकता के उच्चतम मानकों को बनाए रखने के लिए इसकी दृढ़ प्रतिबद्धता को दोहराता है। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि संगठन की नैतिकता और पारदर्शिता के प्रति प्रतिबद्धता को और मजबूत बनाती है, जिससे टीएचडीसीआईएल की विश्वसनीयता और भरोसेमंदता में वृद्धि होती है। 18 अगस्त, 2025 को एनसीआर कार्यालय, कौशाम्बी में आयोजित एक विशेष समारोह में बीआईएस अधिकारियों द्वारा टीएचडीसीआईएल की मुख्य सतर्कता अधिकारी, रश्मिता झा (आईआरएस) को यह प्रमाण पत्र प्रदान किया गया। इस अवसर पर कार्यपालक निदेशक, नीरज वर्मा, उप सीवीओ/ महाप्रबंधक (सतर्कता), सतीश कुमार आर्य और टीएचडीसीआईएल के वरिष्ठ सतर्कता अधिकारी उपस्थित थे। इसके पश्चात आज यह प्रमाण पत्र टीएचडीसीआईएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, आर. के. विश्नोई को कॉर्पोरेट कार्यालय, ऋषिकेश में सतीश कुमार आर्य, उप सीवीओ/ महाप्रबंधक (सतर्कता) द्वारा एस. एस. पंवार, मुख्य महाप्रबंधक (ओएमएस) साथ ही सतर्कता एवं ओएमएस विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों की गरिमामयी उपस्थिति में औपचारिक रूप से प्रदान किया गया।  एबीएमएस प्रमाणन (आईएस/आईएसओ 37001:2016) एक वैश्विक स्तर पर मान्यता प्राप्त मानक है जो संगठनों को रिश्वतखोरी की घटनाओं को रोकने, पता लगाने और उन पर कार्रवाई करने के लिए सक्षम बनाता है, जिससे नैतिक शासन को मजबूत किया जा सकता है। टीएचडीसीआईएल के लिए यह उपलब्धि एक मान्यता से अधिक है - यह सभी स्तरों पर विश्वास और जवाबदेही बनाने की दिशा में अगला कदम है। यह प्रमाणन टीएचडीसीआईएल को विद्युत क्षेत्र में एक विशिष्ट संगठन के रूप में स्थापित करता है, जो नैतिक व्यावसायिक प्रथाओं को प्राथमिकता देने वाले ग्राहकों और भागीदारों को आकर्षित करता है। यह आज के परिवेश में विशेष रूप से महत्वपूर्ण है जहां भ्रष्टाचार-विरोधी नियम लगातार कड़े होते जा रहे हैं। टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड की इक्विटी में एनटीपीसी लिमिटेड और उत्तर प्रदेश सरकार की हिस्सेदारी है |  

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In Sports

ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 चर्चा में क्यों, जानें किस गेम्स पर लगा बैन, यूजर्स के पैसे होंगें वापस ?

  Real Money Gaming पर बैन Dream11, Pokerbazi, Zupee तथा MPL हुआ बंद, जानें यूजर्स के पैसों का होगा क्या ?​​ ​ Online Gaming Bill 2025: दोनों सदनों से पास हो चुका Online Gaming Bill 2025 इन दिनों चर्चा में बना है। सरकार का इस बिल को लाने का उद्देश्य ऑनलाइन गेम्स को लेकर एक लीगल फ्रेमवर्क तैयार कर ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री को रेगुलराइज करना है। आपको बता दें कि ऑनलाइन गेम्स को तीन कैटेगरी- ई-स्पोर्ट्स, सोशल गेम्स और रियल मनी गेम्स में रखा गया है। इस बिल के जरिए रियल मनी गेम्स को बैन कर दिया जायेगा। इस नए नियम से Esports और Social Gaming पर कोई असर नहीं होगा। इस बिल को लाने का उद्देश्य  ये बिल का उद्देश्य ई-स्पोर्ट्स और ऑनलाइन सोशल गेम्स को प्रमोट करना है, वहीं उन सभी गेम्स पर रोक लगाना है, जिनमें सीधे तौर पर पैसों को लगाया जाता है। रियल मनी गेम्स वो गेम्स होते हैं जिसमें पैसा लगाकर और ज्यादा पैसे जीतने का लालच दिया जाता है। इसी वजह से रियल मनी गेम्स पर रोक लगाया जायेगा। इसके जरिये नियामक निरीक्षण और डेवलपर सपोर्ट के लिए एक सेंट्रल ऑनलाइन गेमिंग अथॉरिटी बनाई जाएगी। इसके साथ ही इसके तहत एडिक्शन, फाइनेंशियल फ्रॉड, मनी लॉन्ड्रिंग तथा टेरर फंडिंग जैसी समस्यायों का भी ध्यान रखा जायेगा। Real Money Gaming को बैन करने की वजह    सरकार का मानना है कि यह फैसला जनहित में लिया गया है। उनका कहना है कि Real-Money Games से आर्थिक नुकसान, मानसिक तनाव  और एडिक्शन जैसी समस्याएं बढ़ रही थीं । इसके साथ ही इससे मनी लॉन्ड्रिंग और इलिगल फंडिंग का भी खतरा उत्पन्न हो रहा था। इस पर IT मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि इससे सुसाइड के मामलें बढ़ रहे हैं और और इससे सबसे ज्यादा नुकसान मध्यम वर्ग के लोगों को हो रहा है।     Online Gaming Bill 2025 के लागू होते ही, तीन हिस्सों में बांटा जाएगा ऑनलाइन गेम्स को  1 )  पहली कैटेगरी में होगी- ई-सपोर्ट्स- जिसमें कंपटीटिव,स्किल बेस्ड और टीम के साथ खेले जाने वाले ऑनलाइन गेम्स को शामिल किया जायेगा।  2 )  दूसरी कैटेगरी होगी- ऑनलाइन सोशल गेम्स की, जिसमें कैजुअल, कम्युनिटी बेस्ड और एजुकेशनल गेम्स होंगे।  3 ) जबकि तीसरी कैटेगरी होगी- रियल मनी गेम्स की जिसमें वित्तीय जोखिम वाले और आदत लगाने वाले गेम्स होंगे। इस कैटेगरी गेम्स को बैन कर दिया जायेगा।   Dream11, Pokerbazi, Zupee तथा MPL बंद, जानें यूजर्स के पैसों का होगा क्या ? ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025: इस बिल के पास होते ही Real-Money Gaming इंडस्ट्री में एक डैम हड़कंप सा मच गया है। अब एक एक करके सभी बड़े गेमिंग प्लेटफ़ॉर्म्स (Real Money Gaming ऐप्स) ने अपने प्लेटफॉर्म से उन  गेम्स को बंद करने शुरू कर दिए हैं जो सट्टा और जुआ की कैटिगरी में आते हैं। इस बिल में निर्देश है कि अब किसी भी Real-Money Game, उसके प्रोमोशन और ट्रांजैक्शन की अनुमति नहीं होगी। नियम तोड़ने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी।  Dream11, Pokerbazi और MPL आदि प्लेटफॉर्म्स ने अपनी वेबसाइट पर लिखा है कि इस नए बिल के आने पर वे अपने इस बिजनेस को बंद कर दिया है।  इन कंपनियों ने यूजर्स को विश्वास दिलाया है कि जितने भी यूजर्स ने पैसे लगाए हैं, उनके पैसे 100% सुरक्षित हैं और वो अपना पैसा यहां से निकाल सकते हैं। इस बिल के तहत सजा और जुर्माने का भी प्रावधान रखा गया है। पहली बार गलती होगी तो 3 साल की सजा और इसमें 1 करोड़ रुपये तक का फाइन है। वहीं दूसरी बार गलती होने पर 3 से 5 साल की सजा तथा 2 करोड़ रुपये तक जुर्माना हो सकता है।    

Supreme Court's decision: Dogs will be released after sterilization and vaccination, aggressive ones will be kept in shelter homes.
In National News

सुप्रीम कोर्ट का फैसला: नसबंदी व टीकाकरण कर छोड़े जायेंगें कुत्तें, आक्रामक रखे जायेंगें शेल्टर होम में

सुप्रीम कोर्ट ने आज आवारा कुत्तों के मामले पर बड़ा फैसला दिया है। SC ने 11 अगस्त के उस आदेश पर रोक लगा दी है जिसके तहत यह कहा गया था कि जो आवारा कुत्तें पकड़े गए हैं उन्हें छोड़ा नहीं जाना चाहिए। कोर्ट ने फैसला दिया है कि जो कुत्तें पकड़े गए हैं उन्हें नसबंदी और टीकाकरण के बाद ही छोड़ा जाना चाहिए, सिवाय उन कुत्तों के जिन्हें रेबीज है या जो आक्रामक हैं। साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा है कि कुत्तों को सार्वजनिक जगह पर खाना देने की अनुमति नहीं है। आवारा कुत्तों को खिलाने-पिलाने के लिए अलग स्थान बनाए जाएंगे।  आपको बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट की 2 जजों की बेंच ने 11 अगस्त को डॉग बाइट्स और रेबीज के मुद्दे को ध्यान में रखते हुए आवारा कुत्तों को 8 हफ्तों के अंदर दिल्ली-NCR के आवासीय क्षेत्रों से हटाकर शेल्टर होम में भेजने का निर्देश दिया था। इसके बाद 14 अगस्त को जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस एनवी अंजारिया की स्पेशल बेंच ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। खाना खिलाने के लिए निर्धारित स्थान हों  SC ने निर्देश दिया है कि नगर निगम (MCD) को वार्डों में कुत्तों को खाना खिलाने के लिए निश्चित जगह पर फीडिंग जोन बनाने चाहिए। जो नियमों का उल्लंघन करेगा उसके खिलाफ शिकायत करने के लिए हेल्पलाइन शुरू की जाएगी। कोर्ट ने यह भी कहा कि डॉग लवर कुत्तों को गोद लेने के लिए MCD को आवेदन दे सकते हैं। राष्ट्रीय नीति बनाने पर प्रतिक्रिया मांगी सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र शासित राज्यों के पशुपालन विभाग के सचिवों को नोटिस जारी कर इस समस्या के निपटान के लिए राष्ट्रीय नीति बनाने पर उनकी प्रतिक्रिया मांगी है।

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In Himachal

हिमाचल : कई जिलों में आज ऑरेंज और येलो अलर्ट, जानिए मौसम अपडेट

 हिमाचल प्रदेश में मानसून एक बार फिर अपना केहर बरपाएगा। मौसम विभाग शिमला ने प्रदेश के छह जिलों ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, चंबा, कांगड़ा और सिरमौर के कई क्षेत्रों में बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। साथ ही शनिवार से आगामी चार दिनों तक कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला और सिरमौर के कई क्षेत्रों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है ।   हिमाचल प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में वीरवार को मौसम साफ रहा। वीरवार शाम तक आनी-कुल्लू नेशनल हाईवे सहित प्रदेश में 347 सड़कें बंद रहीं। इसके अलावा 281 बिजली ट्रांसफार्मर व 145 जल आपूर्ति योजनाएं भी प्रभावित हैं। मंडी जिले में सबसे अधिक 164 व कुल्लू में 123 सड़कें बंद हैं। बारिश के चलते चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे मंडी-कुल्लू के बीच धंस रहा है। पंडोह डैम से आगे डयोड के पास भी खतरा बना हुआ है। यहां सड़क का करीब 15 से 20 फुट हिस्सा धंस गया है। इसके चलते वीरवार दोपहर  तीन घंटे के लिए यहां मरम्मत कार्य किया गया। इस दौरान वाहनों की आवाजाही बंद रखी गई। मंडी–कुल्लू राष्ट्रीय राजमार्ग पर  जगह-जगह वाहनों की लंबी कतारें लग रही हैं। 50 किलोमीटर की दूरी तय करने में यात्रियों को 10 से 12 घंटे से अधिक का समय लग रहा है।साथ ही बरोट-घटासनी मुख्य सड़क पर बुधवार रात करीब 1:00 बजे रेस्तरां के साथ लगती पहाड़ी से भूस्खलन होने से मलबा, चट्टानें और पेड़ गिरने से रेस्तरां परिसर को नुकसान पहुंचा है, जिससे साथ लगती मुख्य सड़क भी बाधित हुई।

Himachal: Himachal High Court strict on illegal mining in Kangra, sought reply from DC
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हिमाचल : कांगड़ा में अवैध खनन पर हिमाचल हाईकोर्ट सख्त, डीसी से मांगा जवाब

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य के सबसे बड़े जिला कांगड़ा में अवैध खनन पर अंकुश न लगा पाने को लेकर कड़ा संज्ञान लिया है।  अदालत ने कांगड़ा के डीसी को शपथपत्र दाखिल कर यह बताने को कहा है कि खनन माफिया के खिलाफ प्रशासन ने कितने मामले दर्ज किए हैं।  साथ ही ये भी बताने को कहा है कि खनन करने वालों से कितना जुर्माना वसूला गया है। हाईकोर्ट इस मामले में एक जनहित याचिका की सुनवाई कर रहा है।  अदालत ने इस बारे में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव की रिपोर्ट का अवलोकन करने पर पाया कि न्यूगल नदी में अवैध खनन रोकने के लिए उपाय नहीं किया गया है। अदालत ने पाया कि न्यूगल नदी के किनारे के पहुंच मार्ग को अवरुद्ध कर खनन रोकने के लिए कोई स्थाई व्यवस्था नहीं की गई है। यही नहीं, कई साल से धर्मशाला में तैनात खनन अधिकारी राजीव कालिया माइनिंग गार्ड संतोष के खिलाफ भी कुछ आरोप प्रमाणित पाए गए हैं। उद्योग विभाग के भूविज्ञानी के हलफनामे में केवल यह दर्शाया गया है कि वित्तीय वर्ष 2024-25 से जून 2025 तक केवल पांच चालान किए गए।  इसके अलावा इस साल 9 अप्रैल को केवल एक एफआईआर दर्ज की गई है, जिसकी जांच अभी चल ही रही है। इसी प्रकार, डीसी बिलासपुर के हलफनामे में बताया गया है कि अवैध खनन/परिवहन के 276 मामले पकड़े गए, जिनमें से 224 का निपटारा कर दिया गया है। साथ ही इसमें 14,15,300/- रुपये की चालान राशि वसूल की गई है। कुल 52 मामले संबंधित न्यायालयों में निर्णय के लिए लंबित हैं। रिपोर्ट के अनुसार बिलासपुर जिले में 13 खनन पट्टे जारी किए गए हैं। हालांकि डीसी कांगड़ा की तरफ से की गई कार्रवाई के संबंध में न तो कोई हलफनामा दाखिल किया गया है और न ही पुलिस ने कोई सक्रिय कार्रवाई की है। अदालत ने यह भी रिपोर्ट तलब की है कि धर्मशाला में तैनात दोनों अफसर राजीव कालिया और संतोष, यहां कितने समय से नौकरी पर हैं ।

Vimal Negi case: CBI questioned SIT DSP in Delhi
In Himachal

विमल नेगी मामला: सीबीआई ने एसआईटी के डीएसपी से दिल्ली में की पूछताछ

विमल नेगी मामला: सीबीआई ने एसआईटी के डीएसपी से दिल्ली में की पूछताछ  **जांच से जुड़े रिकॉर्ड खंगाले  **पूर्व पुलिस महानिदेशक को बुलाया दिल्ली     हिमाचल प्रदेश राज्य ऊर्जा निगम के मुख्य अभियंता रहे विमल नेगी मौत मामले को लेकर सीबीआइ ने दिल्ली में एसआइटी के डीएसपी सहित दो निरीक्षकों से लंबी पूछताछ की है। इस संबंध में जांच को लेकर और कब्जे में लिए गए रिकार्ड के आलवा अन्य तथ्यों को लेकर सवाल जवाब किए गए हैं। सीबीआइ ने इस मामले में बड़े अधिकारियों को भी दिल्ली पूछताछ के लिए बुलाया हुआ है। बताया जा रहा है कि पूछताछ का सिलसिला आगामी दो दिनों जारी रहेगा। सीबीआइ इस मामले को लेकर ऊर्जा निगम के तत्कालीन अधिकारियों के अलावा एसआइटी जांच में शामिल रहे जांच अधिकारियों के बयान दर्ज कर चुकी है। मिली जानकारी के अनुसार इस संबंध में प्रदेश पुलिस के पूर्व महानिदेशक के बयान भी दर्ज किए जाने हैं। उन्हें बयान दर्ज करने के लिए दिल्ली बुलाया गया है। सीबीआइ कब्जे में लिए गए सारे रिाकउर् को खांगालने के साथ जो साक्ष्य जुटाए गए हैं उन्हें भी खंगाल रही है।

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11 साल बाद हरियाणा कांग्रेस को मिले जिला अध्यक्ष, हिमाचल में भी 9 महीने से इन्तजार

In Politics
CONGRESS-APPOINTED-32-DISTRICT-HEADS-IN-HARYANA

बगैर संगठन के ही हरियाणा में कई चुनाव लड़ने और हारने के  बाद  आखिरकार 11 साल बाद मंगलवार देर रात कांग्रेस ने हरियाणा में 32 जिला अध्यक्षों के नामों की घोषणा की है। पानीपत शहरी के अलावा सभी अन्य 32 संगठनत्मक ज़िलों में अध्यक्षों की नियुक्ति हो गई है। माना जा रहा है की संगठन की शेष नियुक्तियां भी जल्द होगी। इन नियुक्तियों में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा का दबदबा रहा है। 32 में से 22 जिला अध्यक्ष हुड्डा गुट के बताए जा रहे हैं, जबकि सात सांसद कुमारी सैलजा, एक रणदीप सुरजेवाला और दो कैप्टन अजय यादव के समर्थक हैं।  इस सूचि में सिर्फ दो महिलाएं है। संतोष बेनीवाल को सिरसा और मेवात के शाहिदा खान, जो कि एकमात्र मुस्लिम नेता को कमान दी गई है। जबकि विधानसभा चुनाव लड़ चुके चार नेताओं को जिलाध्यक्ष बनाया है।  हरियाणा में हुई इन नियुक्तियों के बाद अब निगाहें हिमाचल पर टिकी है, जहँ नौ महीने से भी ज्यादा वक्त से राज्य, जिला और ब्लॉक इकाइयां भंग है। इस बीच  मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभग सिंह  का कार्यकाल भी पूरा हो चूका है और नए अध्यक्ष के एलान का इन्तजार भी जारी है।   ये 32 नेता बने, जिला अध्यक्ष  कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से सूची के अनुसार, अंबाला कैंट से परविंदर परी,  अंबाला सिटी से पवन अग्रवाल, अंबाला ग्रामीण से दुष्यंत चौहान, भिवानी ग्रामीण से अनिरुद्ध चौधरी, भिवानी शहरी से प्रदीप गुलिया, चरखी दादरी से सुशील धनक, फरीदाबाद से बलजीत कौशिक, फतेहाबाद से अरविंद शर्मा, गुरुग्राम ग्रामीण से वर्धन यादव, गुरुग्राम शहरी से पंकज दावर को जिला अध्यक्ष बनाया गया है। इसी तरह, हिसार ग्रामीण से बृज लाल खोवाल, हिसार शहरी से बजरंग दास गर्ग, झज्जर से संजय यादव, जींद से ऋषि पाल, कैथल से रामचंदर गुज्जर, करनाल ग्रामीण से राजेश वैद, करनाल शहरी से पराग गाबा, कुरुक्षेत्र से मेवा सिंह, महेंद्रगढ़ से सत्यवीर यादव, मेवात (नूंह) से शाहिदा खान, पलवल से नेत्रपाल अधाना, पंचकूला से संजय चौहान, पानीपत ग्रामीण से रमेश मलिक, रेवाड़ी ग्रामीण से सुभाष चंद चौवरी, रेवाड़ी शहरी से प्रवीण चौधरी, रोहतक ग्रामीण से बलवान सिंह रंगा, रोहतक शहरी से कुलदीप सिंह, सिरसा से संतोष बेनिवाल, सोनीपत ग्रामीण से संजीव कुमार दहिया, सोनीपत शहरी से कमल देवान, यमुनानगर ग्रामीण से नरपाल सिंह और यमुनानगर शहरी से देवेंद्र सिंह को जिम्मेदारी सौंपी गई है।  

मोदी की स्वास्थ्य गारंटी : आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन से जुड़े 56.67 करोड़ लोग

In Health
guarantee: 56.67 crore people connected to Ayushman Bharat Digital Mission

पीएम मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने साल 2021 में आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन की शुरुआत की थी। मोदी के नेतृत्व में ही 2021-2022 से 2025-2026 तक 5 वर्षों के लिए 1,600 करोड़ रुपये की डिजिटल स्वास्थ्य इकोसिस्टम बनाने के लिए आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन शुरू किया गया था। इसकी वजह से पीएम मोदी के गारंटी का भी असर देखने को साफ मिला और इस योजना के तहत 29 फरवरी, 2024 तक 56.67 करोड़ लोगों के आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाते बनाए जा चुके हैं। इसके अलावा आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन ने लैंगिक समानता हासिल करने की दिशा में भी प्रगति की है। 29 फरवरी, 2024 तक, 27.73 करोड़ महिलाएं और 29.11 करोड़ पुरुषों को आभा कार्ड से लाभ हुआ है। वहीं 34.89 करोड़ से अधिक स्वास्थ्य दस्तावेजों को इससे जोड़ा गया है। क्या है आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन  आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन का उद्देश्य देश में यूनिफाइड डिजिटल स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे की मदद करने के लिए जरूरी आधार तैयार करना है। इससे सीमित इंटरनेट कनेक्टिविटी वाले क्षेत्रों में आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता खोलने के लिए ऑफलाइन मोड को मदद पहुंचती है। इसके अलावा भारत सरकार ने स्वास्थ्य सुविधा के लिए आभा ऐप और आरोग्य सेतु जैसे विभिन्न एप्लिकेशन भी लॉन्च किए गए हैं, जो आम लोगों को मदद पहुंचाती है। आभा ऐप एक प्रकार का डिजिटल स्टोरेज है, जो किसी भी व्यक्ति के मेडिकल दस्तावेजों का रखने का काम आता है। इस ऐप के जरिए मरीज रजिस्टर्ड स्वास्थ्य पेशेवरों से संपर्क भी कर सकते हैं।    भारत में बीजेपी की मोदी सरकार ने बीते 10 सालों के अपनी सरकार में कई सारे मील के पत्थर हासिल किया है। इन 10 सालों में पीएम मोदी के विजन ने भारत को अगले 23 साल बाद यानी साल 2047 तक विकसित भारत बनाने के ओर मजबूती से कदम भी बढ़ा लिया है। पीएम मोदी के नेतृत्व में बीजेपी सरकार ने देश के हित में जो भी फैसले लिए है, उनमें से हेल्थ सेक्टर को सर्वोच्च प्राथमिकता देने का प्रयास किया गया है।        

हिमाचल : प्रदेश में विद्यार्थियों की शून्य संख्या वाले 103 स्कूल होंगे बंद, सीएम ने दी मंजूरी

In Education
Himachal: 103 schools with zero number of students in the state will be closed, CM gave approval

प्रदेश में विद्यार्थियों की कम संख्या वाले 618 स्कूल बंद, मर्ज और डाउन ग्रेड होंगे। शिक्षा विभाग के इस प्रस्ताव को मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने मंजूरी दे दी है। प्रदेश में विद्यार्थियों की शून्य संख्या वाले 103 स्कूल बंद होंगे। दस बच्चों की संख्या वाले 443 स्कूल मर्ज किए जाएंगे और 75 स्कूलों का दर्जा घटाया जाएगा। मर्ज होने वाले स्कूलों के विद्यार्थियों का चार से पांच किलोमीटर के दायरे में आने वाले अधिक दाखिलों वाले स्कूलों में समायोजन किया जाएगा। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने बताया कि मुख्यमंत्री से मंजूरी मिल गई है और विभाग जल्द इस की अधिसूचना जारी करेगा। वही 618 स्कूल मर्ज, डाउन ग्रेड और बंद करने से 1,120 शिक्षक सरप्लस होंगे। इन शिक्षकों को अन्य आवश्यकता वाले स्कूलों में स्थानांतरित किया जाएगा। विद्यार्थियों की शून्य संख्या वाले 72 प्राइमरी, 28 मिडल और 3 उच्च स्कूल डिनोटिफाई (बंद) करने का फैसला लिया गया। 203 प्राइमरी स्कूल ऐसे हैं, जहां विद्यार्थियों की संख्या पांच से उससे कम है। इन स्कूलों को दो किलोमीटर के दायरे में आने वाले अन्य स्कूलों में मर्ज किया जाएगा। पांच से कम विद्यार्थियों की संख्या वाले 142 प्राइमरी स्कूल ऐसे हैं, जिनके दाे किलोमीटर के दायरे में अन्य स्कूल नहीं हैं। इन्हें तीन किलाेमीटर की दूरी पर मर्ज किया जाएगा। 92 मिडल स्कूलों में दस या उससे कम विद्यार्थी हैं, इन्हें तीन किमी, बीस विद्यार्थियों की संख्या वाले सात हाई स्कूलों को चार किलोमीटर के दायरे में मर्ज किया जाएगा। विद्यार्थियों की कम संख्या वाले 75 उच्च और वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों का दर्जा कम किया जाएगा। रोहित ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में 100 विद्यार्थियों की संख्या वाले कॉलेजों को भी मर्ज किया जाएगा। जनजातीय और दुर्गम क्षेत्रों में स्थित कॉलेजों के लिए विद्यार्थियों की संख्या 75 रखी गई है। कई कॉलेजों में बीते कुछ वर्षों से नामांकन बहुत कम हो रहे हैं। ऐसे कॉलेजों को आगे चलाना अब आसान नहीं है। ऐसे में शिक्षा निदेशालय से कॉलेज मर्ज करने के लिए प्रस्ताव मांगा गया है।  

ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 चर्चा में क्यों, जानें किस गेम्स पर लगा बैन, यूजर्स के पैसे होंगें वापस ?

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  Real Money Gaming पर बैन Dream11, Pokerbazi, Zupee तथा MPL हुआ बंद, जानें यूजर्स के पैसों का होगा क्या ?​​ ​ Online Gaming Bill 2025: दोनों सदनों से पास हो चुका Online Gaming Bill 2025 इन दिनों चर्चा में बना है। सरकार का इस बिल को लाने का उद्देश्य ऑनलाइन गेम्स को लेकर एक लीगल फ्रेमवर्क तैयार कर ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री को रेगुलराइज करना है। आपको बता दें कि ऑनलाइन गेम्स को तीन कैटेगरी- ई-स्पोर्ट्स, सोशल गेम्स और रियल मनी गेम्स में रखा गया है। इस बिल के जरिए रियल मनी गेम्स को बैन कर दिया जायेगा। इस नए नियम से Esports और Social Gaming पर कोई असर नहीं होगा। इस बिल को लाने का उद्देश्य  ये बिल का उद्देश्य ई-स्पोर्ट्स और ऑनलाइन सोशल गेम्स को प्रमोट करना है, वहीं उन सभी गेम्स पर रोक लगाना है, जिनमें सीधे तौर पर पैसों को लगाया जाता है। रियल मनी गेम्स वो गेम्स होते हैं जिसमें पैसा लगाकर और ज्यादा पैसे जीतने का लालच दिया जाता है। इसी वजह से रियल मनी गेम्स पर रोक लगाया जायेगा। इसके जरिये नियामक निरीक्षण और डेवलपर सपोर्ट के लिए एक सेंट्रल ऑनलाइन गेमिंग अथॉरिटी बनाई जाएगी। इसके साथ ही इसके तहत एडिक्शन, फाइनेंशियल फ्रॉड, मनी लॉन्ड्रिंग तथा टेरर फंडिंग जैसी समस्यायों का भी ध्यान रखा जायेगा। Real Money Gaming को बैन करने की वजह    सरकार का मानना है कि यह फैसला जनहित में लिया गया है। उनका कहना है कि Real-Money Games से आर्थिक नुकसान, मानसिक तनाव  और एडिक्शन जैसी समस्याएं बढ़ रही थीं । इसके साथ ही इससे मनी लॉन्ड्रिंग और इलिगल फंडिंग का भी खतरा उत्पन्न हो रहा था। इस पर IT मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि इससे सुसाइड के मामलें बढ़ रहे हैं और और इससे सबसे ज्यादा नुकसान मध्यम वर्ग के लोगों को हो रहा है।     Online Gaming Bill 2025 के लागू होते ही, तीन हिस्सों में बांटा जाएगा ऑनलाइन गेम्स को  1 )  पहली कैटेगरी में होगी- ई-सपोर्ट्स- जिसमें कंपटीटिव,स्किल बेस्ड और टीम के साथ खेले जाने वाले ऑनलाइन गेम्स को शामिल किया जायेगा।  2 )  दूसरी कैटेगरी होगी- ऑनलाइन सोशल गेम्स की, जिसमें कैजुअल, कम्युनिटी बेस्ड और एजुकेशनल गेम्स होंगे।  3 ) जबकि तीसरी कैटेगरी होगी- रियल मनी गेम्स की जिसमें वित्तीय जोखिम वाले और आदत लगाने वाले गेम्स होंगे। इस कैटेगरी गेम्स को बैन कर दिया जायेगा।   Dream11, Pokerbazi, Zupee तथा MPL बंद, जानें यूजर्स के पैसों का होगा क्या ? ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025: इस बिल के पास होते ही Real-Money Gaming इंडस्ट्री में एक डैम हड़कंप सा मच गया है। अब एक एक करके सभी बड़े गेमिंग प्लेटफ़ॉर्म्स (Real Money Gaming ऐप्स) ने अपने प्लेटफॉर्म से उन  गेम्स को बंद करने शुरू कर दिए हैं जो सट्टा और जुआ की कैटिगरी में आते हैं। इस बिल में निर्देश है कि अब किसी भी Real-Money Game, उसके प्रोमोशन और ट्रांजैक्शन की अनुमति नहीं होगी। नियम तोड़ने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी।  Dream11, Pokerbazi और MPL आदि प्लेटफॉर्म्स ने अपनी वेबसाइट पर लिखा है कि इस नए बिल के आने पर वे अपने इस बिजनेस को बंद कर दिया है।  इन कंपनियों ने यूजर्स को विश्वास दिलाया है कि जितने भी यूजर्स ने पैसे लगाए हैं, उनके पैसे 100% सुरक्षित हैं और वो अपना पैसा यहां से निकाल सकते हैं। इस बिल के तहत सजा और जुर्माने का भी प्रावधान रखा गया है। पहली बार गलती होगी तो 3 साल की सजा और इसमें 1 करोड़ रुपये तक का फाइन है। वहीं दूसरी बार गलती होने पर 3 से 5 साल की सजा तथा 2 करोड़ रुपये तक जुर्माना हो सकता है।    

15 या 16 अगस्त, जानें किस दिन है जन्माष्टमी और पूजा का शुभ मुहूर्त

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15th or 16th August, know which day is Janmashtami and auspicious time for Puja

देश में हर जगह जन्माष्टमी को बड़े ही हर्षोउल्लाष के साथ मनाया जाता है। मान्यता है कि भगवान कृष्ण का जन्म भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में रात 12 बजे हुआ था। इस दिन को भगवान कृष्ण के बाल्यावस्था को याद और उनकी पूजा-अर्चना की जाती है। इस दिन लोग पूरी भक्ति से व्रत रख कर भगवान कृष्ण की पूजा करते हैं और साथ ही इस दिन झांकियां, भजन-कीर्तन और रासलीला भी प्रस्तुत की जाती हैं।  जन्माष्टमी की तारीख को लेकर लोगों में भ्रम माना जाता है कि श्री हरि के 8वें अवतार श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में होने के कारण जन्माष्टमी का यह त्यौहार अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र के संयोग पर मनाया जाता है। इस साल अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र का जो संयोग है वो दो अलग-अलग दिनों में पड़ रहा है, जिसके चलते इसबार दो दिन जन्माष्टमी मनाई जाएगी। इसीलिए इस बार जन्माष्टमी को लेकर लोगों में काफी भ्रम हो रहा है कि किस दिन को जन्माष्टमी मनाया जाए ।  शुभ मुहूर्त पंचांग के मुताबिक, कृष्ण जन्माष्टमी 15 अगस्त अष्टमी को रात 11 बजकर 49 मिनट पर शुरू होगी वहीं इसका समापन 16 अगस्त रात 9 बजकर 34 मिनट पर होगा।  पूजा विधि इस दिन भक्त पूरी श्रद्धा से भगवान श्री कृष्ण की पूजा करते हैं। व्रत के दौरान कोई भी अनाज ग्रहन नहीं किया जाता है। पारण के समय साधारणतः फल या सिंघाड़े के आटे से बने पकवान खाए जाने की परंपरा है।   एक सुंदर सी पालने को सजाकर उसमें बाल गोपाल को विराजमान करें। दूध, दही, घी, शहद, और गंगाजल को मिलाकर पंचामृत बनायें और उससे बाल गोपाल को स्नान कराएं। इसके बाद नए वस्त्र पहनाकर उनका शृंगार करें। फल, मिठाई, खीर, माखन-मिश्री और पंचामृत से भोग लगाएं। मंत्रों का जाप करते हुए विधि-विधान से उनकी पूजा करें और आरती कर पूजा का समापन करें। मध्यरात्रि पूजा और आरती करने के बाद प्रसाद ग्रहन करके व्रत खोल लें। इस पर्व पर ज्यादा से ज्यादा दान-पुण्य भी करें। जन्माष्टमी का महत्व  जन्माष्टमी भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का ही केवल त्यौहार नहीं है, बल्कि यह उनके द्वारा दिए गए उपदेशों को याद करने और उन्हें अपने जीवन में अपनाने का भी है। द्वापर युग में जब भगवान कृष्ण ने अवतार लिया, तब उन्होंने  धर्म की स्थापना की। उनके द्वारा अर्जुन को महाभारत के युद्धभूमि में सुनाए गए गीता के उपदेश, आज भी उतना ही प्रासंगिक हैं जितना तब था। गीता का मूल संदेश  श्रीमद्भगवद्गीता में जीवन के हर कठिनाईयों और परेशानियों से निपटने का मार्गदर्शन दिया गया है। यदि गीता के संदेशों को जीवन में उतार लिया जाए, तो हम किसी भी प्रकार की कठिनाई, निराशा और असफलता से प्रभावित नहीं होंगे। गीता में बताया गया है कि हमें सिर्फ अपने कर्तव्य का पालन करना चाहिए और फल की चिंता नहीं करनी चाहिए। इससे हम चिंता मुक्त बने रहेगें।  

पाताल भुवनेश्वर मंदिर: रहस्य, आस्था और आध्यात्मिकता का अद्भुत संगम

In Entertainment
Patal Bhuvaneshwar Temple: A wonderful confluence of mystery, faith and spirituality

  क्या आपने कभी कल्पना की है कि कहीं ऐसा स्थान भी हो सकता है, जहां सृष्टि के अंत का रहस्य छिपा हो? कोई ऐसा मंदिर, जहां चारों धामों के दर्शन एक ही स्थान पर संभव हों? उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में स्थित पाताल भुवनेश्वर मंदिर ऐसा ही एक रहस्यमयी और दिव्य स्थल है, जो हर भक्त को आस्था, रहस्य और आध्यात्मिकता की गहराइयों से जोड़ता है। यह मंदिर एक गुफा के भीतर स्थित है, जिसे प्राचीन काल से चमत्कारी और गूढ़ माना गया है। गुफा में प्रवेश करते ही ऐसा लगता है मानो आप किसी अद्भुत आध्यात्मिक संसार में प्रवेश कर चुके हों। मान्यता है कि यहां भगवान शिव के साथ-साथ 33 कोटि देवी-देवताओं का वास है। यहां स्थित भगवान गणेश का कटा हुआ मस्तक स्वयं में एक रहस्य है, जो इस स्थान की अलौकिकता को और भी गहरा बनाता है। यहां स्थित शिवलिंग के बारे में मान्यता है कि वह निरंतर बढ़ रहा है, और जिस दिन वह गुफा की छत से टकराएगा, उस दिन प्रलय होगा। यह धारणा श्रद्धालुओं को एक अकल्पनीय आध्यात्मिक अनुभव और चेतना की गहराई से जोड़ती है।गुफा के भीतर चार रहस्यमयी द्वार मानव जीवन के चार प्रमुख पड़ावों का प्रतीक माने जाते हैं। कहा जाता है कि रावण की मृत्यु के बाद पाप द्वार और महाभारत युद्ध के बाद रण द्वार बंद हो गए। अब केवल धर्म द्वार और मोक्ष द्वार खुले हैं, जो जीवन के सत्य और मोक्ष के मार्ग की ओर संकेत करते हैं। पौराणिक इतिहास की दृष्टि से इस मंदिर का उल्लेख त्रेता युग में मिलता है। सूर्य वंश के राजा ऋतुपर्ण ने सबसे पहले इस गुफा की खोज की थी। कहा जाता है कि पांडवों ने भी यहां भगवान शिव के साथ चौपड़ खेला था। बाद में 819 ईस्वी में जगत गुरु शंकराचार्य ने इस स्थल की पुनः खोज की और यहां पूजा आरंभ की। कैसे पहुंचे पाताल भुवनेश्वर? यह दिव्य स्थल पिथौरागढ़ से लगभग 90 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। निकटतम हवाई अड्डा पंतनगर है, जबकि सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन टनकपुर है। सड़क मार्ग से यह स्थान सुगम रूप से जुड़ा हुआ है और उत्तराखंड के खूबसूरत पर्वतीय रास्तों से होकर गुज़रता है, जो यात्रा को और भी आनंददायक बना देता है। यह मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि रहस्य और आध्यात्मिकता के अनूठे संगम के कारण भी यह स्थल भक्तों और शोधकर्ताओं के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। पाताल भुवनेश्वर की इस अद्भुत गुफा में जाकर आप स्वयं उस दिव्यता और रहस्यमय ऊर्जा का अनुभव कर सकते हैं, जो सदियों से लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती आ रही है।

ऋषिकेश: टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड ने प्रतिष्ठित आईएस/आईएसओ 37001:2016 एंटी-ब्राइबरी मैनेजमेंट सिस्टम ने प्राप्त किया प्रमाणन

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 Rishikesh: THDC India Limited receives the prestigious IS/ISO 37001:2016 Anti-Bribery Management System certification

शुक्रवार को अखंडता और नैतिक आचरण के उच्चतम मानकों के प्रति अपनी अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाते हुए, टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड को इसके कॉर्पोरेट कार्यालय, ऋषिकेश और एनसीआर कार्यालय, कौशाम्बी के लिए ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स (बीआईएस) द्वारा आईएस/आईएसओ 37001:2016 के तहत प्रतिष्ठित रिश्वत-रोधी प्रबंधन प्रणाली (एबीएमएस) प्रमाणन प्रदान किया गया है। टीएचडीसीआईएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, आर. के. विश्नोई ने इस उल्लेखनीय उपलब्धि पर बधाई देते हुए कहा कि एबीएमएस प्रमाणन टीएचडीसीआईएल के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो हितधारकों के बीच विश्वास बढ़ाता है, कंपनी की अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा को मजबूत करता है और आज के चुनौतीपूर्ण व्यावसायिक वातावरण में अधिक पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धात्मकता सुनिश्चित करता है। विश्नोई ने इस बात पर बल दिया कि यह मान्यता न केवल हितधारकों का विश्वास बढ़ाएगी, बल्कि पारदर्शिता और कॉर्पोरेट जिम्मेदारी में बेंचमार्क स्थापित करेगी, जिससे टीएचडीसीआईएल की विकास यात्रा राष्ट्रीय प्राथमिकताओं और वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं के साथ संरेखित रहेगी। मुख्य सतर्कता अधिकारी, रश्मिता झा (आईआरएस) ने इस बात पर प्रकाश डाला कि यह प्रमाणन टीएचडीसीआईएल की अखंडता, पारदर्शिता और सतत विकास के प्रति अटूट प्रतिबद्धता का प्रमाण है, जो कॉर्पोरेट नैतिकता के उच्चतम मानकों को बनाए रखने के लिए इसकी दृढ़ प्रतिबद्धता को दोहराता है। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि संगठन की नैतिकता और पारदर्शिता के प्रति प्रतिबद्धता को और मजबूत बनाती है, जिससे टीएचडीसीआईएल की विश्वसनीयता और भरोसेमंदता में वृद्धि होती है। 18 अगस्त, 2025 को एनसीआर कार्यालय, कौशाम्बी में आयोजित एक विशेष समारोह में बीआईएस अधिकारियों द्वारा टीएचडीसीआईएल की मुख्य सतर्कता अधिकारी, रश्मिता झा (आईआरएस) को यह प्रमाण पत्र प्रदान किया गया। इस अवसर पर कार्यपालक निदेशक, नीरज वर्मा, उप सीवीओ/ महाप्रबंधक (सतर्कता), सतीश कुमार आर्य और टीएचडीसीआईएल के वरिष्ठ सतर्कता अधिकारी उपस्थित थे। इसके पश्चात आज यह प्रमाण पत्र टीएचडीसीआईएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, आर. के. विश्नोई को कॉर्पोरेट कार्यालय, ऋषिकेश में सतीश कुमार आर्य, उप सीवीओ/ महाप्रबंधक (सतर्कता) द्वारा एस. एस. पंवार, मुख्य महाप्रबंधक (ओएमएस) साथ ही सतर्कता एवं ओएमएस विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों की गरिमामयी उपस्थिति में औपचारिक रूप से प्रदान किया गया।  एबीएमएस प्रमाणन (आईएस/आईएसओ 37001:2016) एक वैश्विक स्तर पर मान्यता प्राप्त मानक है जो संगठनों को रिश्वतखोरी की घटनाओं को रोकने, पता लगाने और उन पर कार्रवाई करने के लिए सक्षम बनाता है, जिससे नैतिक शासन को मजबूत किया जा सकता है। टीएचडीसीआईएल के लिए यह उपलब्धि एक मान्यता से अधिक है - यह सभी स्तरों पर विश्वास और जवाबदेही बनाने की दिशा में अगला कदम है। यह प्रमाणन टीएचडीसीआईएल को विद्युत क्षेत्र में एक विशिष्ट संगठन के रूप में स्थापित करता है, जो नैतिक व्यावसायिक प्रथाओं को प्राथमिकता देने वाले ग्राहकों और भागीदारों को आकर्षित करता है। यह आज के परिवेश में विशेष रूप से महत्वपूर्ण है जहां भ्रष्टाचार-विरोधी नियम लगातार कड़े होते जा रहे हैं। टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड की इक्विटी में एनटीपीसी लिमिटेड और उत्तर प्रदेश सरकार की हिस्सेदारी है |  

ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 चर्चा में क्यों, जानें किस गेम्स पर लगा बैन, यूजर्स के पैसे होंगें वापस ?

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  Real Money Gaming पर बैन Dream11, Pokerbazi, Zupee तथा MPL हुआ बंद, जानें यूजर्स के पैसों का होगा क्या ?​​ ​ Online Gaming Bill 2025: दोनों सदनों से पास हो चुका Online Gaming Bill 2025 इन दिनों चर्चा में बना है। सरकार का इस बिल को लाने का उद्देश्य ऑनलाइन गेम्स को लेकर एक लीगल फ्रेमवर्क तैयार कर ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री को रेगुलराइज करना है। आपको बता दें कि ऑनलाइन गेम्स को तीन कैटेगरी- ई-स्पोर्ट्स, सोशल गेम्स और रियल मनी गेम्स में रखा गया है। इस बिल के जरिए रियल मनी गेम्स को बैन कर दिया जायेगा। इस नए नियम से Esports और Social Gaming पर कोई असर नहीं होगा। इस बिल को लाने का उद्देश्य  ये बिल का उद्देश्य ई-स्पोर्ट्स और ऑनलाइन सोशल गेम्स को प्रमोट करना है, वहीं उन सभी गेम्स पर रोक लगाना है, जिनमें सीधे तौर पर पैसों को लगाया जाता है। रियल मनी गेम्स वो गेम्स होते हैं जिसमें पैसा लगाकर और ज्यादा पैसे जीतने का लालच दिया जाता है। इसी वजह से रियल मनी गेम्स पर रोक लगाया जायेगा। इसके जरिये नियामक निरीक्षण और डेवलपर सपोर्ट के लिए एक सेंट्रल ऑनलाइन गेमिंग अथॉरिटी बनाई जाएगी। इसके साथ ही इसके तहत एडिक्शन, फाइनेंशियल फ्रॉड, मनी लॉन्ड्रिंग तथा टेरर फंडिंग जैसी समस्यायों का भी ध्यान रखा जायेगा। Real Money Gaming को बैन करने की वजह    सरकार का मानना है कि यह फैसला जनहित में लिया गया है। उनका कहना है कि Real-Money Games से आर्थिक नुकसान, मानसिक तनाव  और एडिक्शन जैसी समस्याएं बढ़ रही थीं । इसके साथ ही इससे मनी लॉन्ड्रिंग और इलिगल फंडिंग का भी खतरा उत्पन्न हो रहा था। इस पर IT मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि इससे सुसाइड के मामलें बढ़ रहे हैं और और इससे सबसे ज्यादा नुकसान मध्यम वर्ग के लोगों को हो रहा है।     Online Gaming Bill 2025 के लागू होते ही, तीन हिस्सों में बांटा जाएगा ऑनलाइन गेम्स को  1 )  पहली कैटेगरी में होगी- ई-सपोर्ट्स- जिसमें कंपटीटिव,स्किल बेस्ड और टीम के साथ खेले जाने वाले ऑनलाइन गेम्स को शामिल किया जायेगा।  2 )  दूसरी कैटेगरी होगी- ऑनलाइन सोशल गेम्स की, जिसमें कैजुअल, कम्युनिटी बेस्ड और एजुकेशनल गेम्स होंगे।  3 ) जबकि तीसरी कैटेगरी होगी- रियल मनी गेम्स की जिसमें वित्तीय जोखिम वाले और आदत लगाने वाले गेम्स होंगे। इस कैटेगरी गेम्स को बैन कर दिया जायेगा।   Dream11, Pokerbazi, Zupee तथा MPL बंद, जानें यूजर्स के पैसों का होगा क्या ? ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025: इस बिल के पास होते ही Real-Money Gaming इंडस्ट्री में एक डैम हड़कंप सा मच गया है। अब एक एक करके सभी बड़े गेमिंग प्लेटफ़ॉर्म्स (Real Money Gaming ऐप्स) ने अपने प्लेटफॉर्म से उन  गेम्स को बंद करने शुरू कर दिए हैं जो सट्टा और जुआ की कैटिगरी में आते हैं। इस बिल में निर्देश है कि अब किसी भी Real-Money Game, उसके प्रोमोशन और ट्रांजैक्शन की अनुमति नहीं होगी। नियम तोड़ने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी।  Dream11, Pokerbazi और MPL आदि प्लेटफॉर्म्स ने अपनी वेबसाइट पर लिखा है कि इस नए बिल के आने पर वे अपने इस बिजनेस को बंद कर दिया है।  इन कंपनियों ने यूजर्स को विश्वास दिलाया है कि जितने भी यूजर्स ने पैसे लगाए हैं, उनके पैसे 100% सुरक्षित हैं और वो अपना पैसा यहां से निकाल सकते हैं। इस बिल के तहत सजा और जुर्माने का भी प्रावधान रखा गया है। पहली बार गलती होगी तो 3 साल की सजा और इसमें 1 करोड़ रुपये तक का फाइन है। वहीं दूसरी बार गलती होने पर 3 से 5 साल की सजा तथा 2 करोड़ रुपये तक जुर्माना हो सकता है।    

पांगी - हिमाचल की सबसे खतरनाक सड़क से जुड़ा गांव

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पांगी - हिमाचल की सबसे खतरनाक सड़क से जुड़ा गांव **सड़क, बिजली, स्वास्थ्य, शिक्षा - यहाँ हर व्यवस्था बेहाल **आरोप : HRTC बस ड्राइवर करते है मनमर्ज़ी, डिपू से नहीं मिलता पूरा राशन **सड़क बंद हो तो कंधे पर उठा कर ले जाते है मरीज़ **मुख्यमंत्री के दौरे के बाद जगी उम्मीद

शायरी के बादशाह कहलाते है वसीम बरेलवी, पढ़े उनके कुछ चुनिंदा शेर

In Kavya Rath
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  वसीम बरेलवी उर्दू के बेहद लोकप्रिय शायर हैं। उनकी ग़ज़लें बेहद मक़बूल हैं जिन्हें जगजीत सिंह से लेकर कई अजीज़ गायकों ने अपनी आवाज़ दी है। वसीम बरेलवी अपनी शायरी और गजल के जरिए लाखों दिलों पर राज करते हैं। कोई भी मुशायरा उनके बगैर पूरा नहीं माना जाता।     18 फरवरी 1940 को वसीम बरेलवी का जन्म बरेली में हुआ था।  पिता जनाब शाहिद हसन  के रईस अमरोहवी और जिगर मुरादाबादी से बहुत अच्छे संबंध थे। दोनों का आना-जाना अक्सर उनके घर पर होता रहता था। इसी के चलते वसीम बरेलवी का झुकाव बचपन से शेर-ओ-शायरी की ओर हो गया। वसीम बरेलवी ने अपनी पढ़ाई बरेली के ही बरेली कॉलेज से की। उन्होंने एमए उर्दू में गोल्ड मेडल हासिल किया। बाद में इसी कॉलेज में वो उर्दू विभाग के अध्यक्ष भी बने।  60 के दशक में वसीम बरेलवी मुशायरों में जाने लगे। आहिस्ता आहिस्ता ये शौक उनका जुनून बन गया। पेश हैं उनके कुछ चुनिंदा शेर   अपने चेहरे से जो ज़ाहिर है छुपाएँ कैसे तेरी मर्ज़ी के मुताबिक़ नज़र आएँ कैसे   जहाँ रहेगा वहीं रौशनी लुटाएगा किसी चराग़ का अपना मकाँ नहीं होता     आसमाँ इतनी बुलंदी पे जो इतराता है भूल जाता है ज़मीं से ही नज़र आता है   ऐसे रिश्ते का भरम रखना कोई खेल नहीं तेरा होना भी नहीं और तेरा कहलाना भी   ग़म और होता सुन के गर आते न वो 'वसीम' अच्छा है मेरे हाल की उन को ख़बर नहीं   जहाँ रहेगा वहीं रौशनी लुटाएगा किसी चराग़ का अपना मकाँ नहीं होता     जो मुझ में तुझ में चला आ रहा है बरसों से कहीं हयात इसी फ़ासले का नाम न हो     कुछ है कि जो घर दे नहीं पाता है किसी को वर्ना कोई ऐसे तो सफ़र में नहीं रहता                         उसी को जीने का हक़ है जो इस ज़माने में इधर का लगता रहे और उधर का हो जाए       दुख अपना अगर हम को बताना नहीं आता तुम को भी तो अंदाज़ा लगाना नहीं आता     वो मेरे सामने ही गया और मैं रास्ते की तरह देखता रह गया   अपने अंदाज़ का अकेला था इसलिए मैं बड़ा अकेला था  

जयसिंहपुर: लोअर लंबागांव की बेटी अलीशा बनी ऑडिट इंस्पेक्टर

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Jaisinghpur: Lower Lambagaon's daughter Alisha becomes audit inspector

जयसिंहपुर विधानसभा के अंतर्गत आने वाले लोअर लंबागांव की अलीशा ने हिमाचल प्रदेश एलाइड सर्विसेज की परीक्षा पास कर प्रदेश का नाम रोशन किया है । अलीशा का चयन ऑडिट इंस्पेक्टर के पद हुआ है। अलीशा ने बाहरवीं ऐम अकादमी सीनियर सेकेंडरी स्कूल जयसिंहपुर से की है। उसके बाद अलीशा ने गवर्नमेंट डिग्री कालेज धर्मशाला से ग्रेजुएशन की । अलीशा के पिता सुमन कुमार हिमाचल पुलिस में कार्यरत हैं और माता स्नेहलता गृहिणी हैं। अलीशा के पिता सुमन कुमार ने बेटी की उपलब्धि पर खुशी जताते हुए कहा कि यह परिवार के लिए गौरव का क्षण है। वही अलीशा ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता पिता व गुरुजनों को दिया है।

कहते है चंबा के राजमहल में 17 साल बतौर शाही मेहमान रहा था एक भैंसा

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नारियल की जगह भैसें को बहाने की थी प्रथा मिंजर मेले की मुख्य शोभायात्रा राजमहल अखंड चंडी से चौगान से होते हुए रावी नदी के किनारे तक पहुंचती है। फिर मिंजर के साथ लाल कपड़े में नारियल लपेट कर, एक रुपया और फल-मिठाई नदी में प्रवाहित किये जाते है। इस नारियल को प्रवाहित करने के पीछे एक रोचक प्रथा है। दरअसल कहा जाता है कि 1940 के दशक कि शुरुआत तक मिंजर मेले में भैंसे की बलि देने की प्रथा थी। तब जीवित भैंसे को नदी में बहा दिया जाता था , जो आने वाले साल में राज्य के भविष्य को दर्शाता था। अगर पानी का बहाव भैंसे को साथ ले जाता था और वह डूबता नहीं था तो उसे अच्छा माना जाता था। अगर भैंसा बच कर नदी के दूसरे किनारे चला जाए, तो उसे भी अच्छा माना जाता था। पर अगर भैंसा उसी तरफ वापस आ जाता था तो उसे बुरा माना जाता था। अब भैंसे की जगह सांकेतिक रूप से नारियल की बलि दी जाती है।    पुराने लोगों कि माने तो 19वीं सदी में एक भैंसे ने रावी नदी को पार कर लिया और करीब 17 साल तक यह भैंसा चंबा के राजमहल में बतौर शाही मेहमान रहा। उसकी खातिर के लिए बाकायदा सेवादारों की व्यवस्था भी  थी। कहते है उसने लगातार 17 साल तक रावी को पार किया और बाद में राजमहल में उसकी मौत हो गई। 

11 साल बाद हरियाणा कांग्रेस को मिले जिला अध्यक्ष, हिमाचल में भी 9 महीने से इन्तजार

In Siyasatnama
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बगैर संगठन के ही हरियाणा में कई चुनाव लड़ने और हारने के  बाद  आखिरकार 11 साल बाद मंगलवार देर रात कांग्रेस ने हरियाणा में 32 जिला अध्यक्षों के नामों की घोषणा की है। पानीपत शहरी के अलावा सभी अन्य 32 संगठनत्मक ज़िलों में अध्यक्षों की नियुक्ति हो गई है। माना जा रहा है की संगठन की शेष नियुक्तियां भी जल्द होगी। इन नियुक्तियों में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा का दबदबा रहा है। 32 में से 22 जिला अध्यक्ष हुड्डा गुट के बताए जा रहे हैं, जबकि सात सांसद कुमारी सैलजा, एक रणदीप सुरजेवाला और दो कैप्टन अजय यादव के समर्थक हैं।  इस सूचि में सिर्फ दो महिलाएं है। संतोष बेनीवाल को सिरसा और मेवात के शाहिदा खान, जो कि एकमात्र मुस्लिम नेता को कमान दी गई है। जबकि विधानसभा चुनाव लड़ चुके चार नेताओं को जिलाध्यक्ष बनाया है।  हरियाणा में हुई इन नियुक्तियों के बाद अब निगाहें हिमाचल पर टिकी है, जहँ नौ महीने से भी ज्यादा वक्त से राज्य, जिला और ब्लॉक इकाइयां भंग है। इस बीच  मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभग सिंह  का कार्यकाल भी पूरा हो चूका है और नए अध्यक्ष के एलान का इन्तजार भी जारी है।   ये 32 नेता बने, जिला अध्यक्ष  कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से सूची के अनुसार, अंबाला कैंट से परविंदर परी,  अंबाला सिटी से पवन अग्रवाल, अंबाला ग्रामीण से दुष्यंत चौहान, भिवानी ग्रामीण से अनिरुद्ध चौधरी, भिवानी शहरी से प्रदीप गुलिया, चरखी दादरी से सुशील धनक, फरीदाबाद से बलजीत कौशिक, फतेहाबाद से अरविंद शर्मा, गुरुग्राम ग्रामीण से वर्धन यादव, गुरुग्राम शहरी से पंकज दावर को जिला अध्यक्ष बनाया गया है। इसी तरह, हिसार ग्रामीण से बृज लाल खोवाल, हिसार शहरी से बजरंग दास गर्ग, झज्जर से संजय यादव, जींद से ऋषि पाल, कैथल से रामचंदर गुज्जर, करनाल ग्रामीण से राजेश वैद, करनाल शहरी से पराग गाबा, कुरुक्षेत्र से मेवा सिंह, महेंद्रगढ़ से सत्यवीर यादव, मेवात (नूंह) से शाहिदा खान, पलवल से नेत्रपाल अधाना, पंचकूला से संजय चौहान, पानीपत ग्रामीण से रमेश मलिक, रेवाड़ी ग्रामीण से सुभाष चंद चौवरी, रेवाड़ी शहरी से प्रवीण चौधरी, रोहतक ग्रामीण से बलवान सिंह रंगा, रोहतक शहरी से कुलदीप सिंह, सिरसा से संतोष बेनिवाल, सोनीपत ग्रामीण से संजीव कुमार दहिया, सोनीपत शहरी से कमल देवान, यमुनानगर ग्रामीण से नरपाल सिंह और यमुनानगर शहरी से देवेंद्र सिंह को जिम्मेदारी सौंपी गई है।  

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