•   Saturday Apr 19
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पांगी - हिमाचल की सबसे खतरनाक सड़क से जुड़ा गांव

पांगी - हिमाचल की सबसे खतरनाक सड़क से जुड़ा गांव **सड़क, बिजली, स्वास्थ्य, शिक्षा - यहाँ हर व्यवस्था बेहाल **आरोप : HRTC बस ड्राइवर करते है मनमर्ज़ी, डिपू से नहीं मिलता पूरा राशन **सड़क बंद हो तो कंधे पर उठा कर ले जाते है मरीज़ **मुख्यमंत्री के दौरे के बाद जगी उम्मीद

Warning of heavy rain and hailstorm in the state
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प्रदेश में भारी बारिश व ओलावृष्टि की चेतावनी

हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने आज प्रदेश के चंबा, कांगड़ा और कुल्लू जिला में 18 अप्रैल की रात्रि से 19 अप्रैल की मध्य रात्रि तक तथा जिला मंडी में 19 अप्रैल को कुछ स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना जताई है।  प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के प्रवक्ता ने जानकारी दी कि प्रदेश के चंबा, कांगड़ा, कुल्लू, सोलन, सिरमौर, मंडी और शिमला जिलों में 18 अप्रैल की रात्रि से 19 अप्रैल की मध्य रात्रि तक कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि होने की भी संभावना है।

A -28-year-old- youth- who- had -gone- to- Chandigarh- from -Himachal -Pradesh- for -a -visit -was -murdered- by -two- minors
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हिमाचल प्रदेश से चंडीगढ़ घूमने गए 28 वर्षीय युवक की दो नाबालिकों ने ही हत्या

हिमाचल प्रदेश के शिमला से चंडीगढ़ घूमने आए 28 वर्षीय काकू की बड़ी ही दर्दनाक तरीके से हत्या कर दी गई। यह घटना चंडीगढ़ के सेक्टर 43 और 44 के बीच वाले रास्ते पर, बस स्टॉप के पास हुई। बुधवार की रात को किसी ने पुलिस को खबर दी कि वहां एक युवक बेसुध पड़ा है और उसके शरीर से खून बह रहा है। पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और काकू को अस्पताल ले गई, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस मामले में पुलिस ने तेज़ी दिखाते हुए दो नाबालिग लड़कों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस के मुताबिक, इन लड़कों ने काकू को लूटने की कोशिश की थी। काकू शिमला जिले के एक गांव का रहने वाला था और बुधवार रात को वह गुरुद्वारे में लंगर खाने गया था। जब वह वहां से लौट रहा था, तो इन दोनों लड़कों ने उस पर हमला कर दिया। उन्होंने काकू से सिर्फ 180 रुपये और उसका मोबाइल छीना और फिर भाग गए।पुलिस ने सीसीटीवी कैमरों की मदद से इन दोनों लड़कों की पहचान की और उन्हें चंडीगढ़ के पास के एक स्कूल से पकड़ लिया। ये दोनों लड़के 16 और 17 साल के हैं और बताया जा रहा है कि वे ड्रग्स के आदी हैं। पुलिस का कहना है कि काकू जब ऑटो से उतरकर जा रहा था, तो इन लड़कों ने उसे रोका था क्योंकि उन्हें लगा था कि उसके बैग में कीमती सामान और पैसे होंगे। लेकिन काकू के पास सिर्फ थोड़े से पैसे और एक सस्ता मोबाइल ही था। पुलिस ने काकू के परिवार वालों को इस दुखद खबर के बारे में बता दिया है और गुरुवार को उसका शव उन्हें सौंप दिया गया। पुलिस अब इस पूरे मामले की गहराई से जांच कर रही है।

Himachal: Houses without maps will now have to return electricity subsidy
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हिमाचल: बिना नक्शे वाले घरों को अब वापस देनी पड़ेगी बिजली सब्सिडी

हिमाचल प्रदेश में उन मकान मालिकों की अब खैर नहीं, जिन्होंने बिना नक्शा पास करवाए अपने घर तो खड़े कर लिए, लेकिन बिजली कनेक्शन घरेलू दरों पर ले लिया। विद्युत बोर्ड अब ऐसे उपभोक्ताओं से पिछले तीन सालों की बिजली बिलों पर दी गई सब्सिडी वसूलने की तैयारी में है। दरअसल, पहले नियम था कि बिजली का घरेलू कनेक्शन चाहिए तो नगर निकाय से भवन के नक्शे की एनओसी लाओ। जिनके पास नक्शा नहीं होता था, उन्हें महंगा अस्थायी कनेक्शन मिलता था। फिर मार्च 2022 में सरकार थोड़ी नरम हुई और बिना एनओसी के भी घरेलू कनेक्शन देने लगी। इसका फायदा उठाकर कई लोगों ने अपने अस्थायी कनेक्शन भी घरेलू में बदलवा लिए, खूब सब्सिडी भी ली। लेकिन अब बिजली नियामक आयोग ने 1 अप्रैल 2024 से नियम बदल दिए हैं। अब बिना नक्शे वाले घरों को घरेलू दरों का सबसे महंगा स्लैब (₹6.25 प्रति यूनिट) लगेगा और वो भी बिना किसी छूट के। इसका मतलब है कि इन उपभोक्ताओं को पहले मिली सब्सिडी की रकम अब लौटानी पड़ेगी। यह वसूली ₹1.03 से ₹3.53 प्रति यूनिट तक हो सकती है, जो कि उनके द्वारा इस्तेमाल की गई बिजली पर निर्भर करेगा। राजधानी शिमला में ही लगभग 20 हजार ऐसे घरेलू उपभोक्ता हैं जिन्होंने 2022 से अब तक अपने भवन के नक्शे की एनओसी विद्युत बोर्ड में जमा नहीं करवाई है। बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि अप्रैल 2024 से सब्सिडी बंद होने के बाद अब इन उपभोक्ताओं को ₹6.25 प्रति यूनिट के हिसाब से बिल भरना पड़ रहा है। गौर रहे कि पहले 0 से 125 यूनिट तक बिजली की दर ₹5.60 थी और ₹3.53 की सब्सिडी मिलती थी। 126 से 300 यूनिट पर दर ₹6 और सब्सिडी ₹1.83 थी, जबकि 300 यूनिट से ऊपर ₹6.25 की दर पर ₹1.03 की सब्सिडी मिलती थी। हालांकि, राहत की बात यह है कि नियामक आयोग ने अगले वित्त वर्ष (2025-26) के लिए घरेलू उपभोक्ताओं के उच्चतम स्लैब की दर ₹6.25 से घटाकर ₹5.90 प्रति यूनिट कर दी है, यानी 35 पैसे प्रति यूनिट की कमी की गई है। लेकिन यह राहत सिर्फ उन्हीं के लिए है जिनके पास अब नक्शा है या जो अब नियमों का पालन करेंगे।    

'No entry' for jeans and t-shirts for teachers in Himachal's government schools
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हिमाचल के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की जींस-टीशर्ट पर 'नो एंट्री'

हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में अब शिक्षकों को जींस, टी-शर्ट और भड़कीले रंग के कपड़े पहनकर आने की अनुमति नहीं होगी। शिक्षा विभाग ने इस संबंध में एक परामर्श जारी किया है, जिसमें शिक्षकों से शालीन और औपचारिक वस्त्र पहनने का आग्रह किया गया है। हालांकि, यह कोई अनिवार्य ड्रेस कोड नहीं है, लेकिन इसका उद्देश्य छात्रों के सामने एक अच्छा उदाहरण प्रस्तुत करना और शैक्षणिक संस्थानों की मर्यादा बनाए रखना है। शिक्षा सचिव राकेश कंवर द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि कई शिक्षक पहले से ही गरिमापूर्ण पोशाक अपना रहे हैं, जो सराहनीय है। परामर्श में पुरुष शिक्षकों के लिए हल्के रंग की औपचारिक पैंट और शर्ट, जबकि महिला शिक्षकों के लिए दुपट्टे के साथ सलवार-कमीज, साड़ी या शालीन पश्चिमी परिधान सुझाए गए हैं। मैरून या नीले रंग के ब्लेजर और औपचारिक जूतों को भी प्रोत्साहित किया गया है। विभाग ने गैर-शिक्षण कर्मचारियों को भी पेशेवर पोशाक के मानकों का पालन करने के लिए प्रोत्साहित किया है। स्कूलों को स्थानीय परिस्थितियों और मौसम के अनुसार ड्रेस कोड में अनुकूलन करने और इसके पालन के लिए विशिष्ट दिन चुनने की स्वतंत्रता दी गई है। 

Sirmaur: There was a fight in the field… died in PGI, 40-year-old man murdered in Nauhradhar
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सिरमौर: खेत में हुआ था झगड़ा…PGI में तोड़ा दम, नौहराधार में 40 वर्षीय व्यक्ति की हत्या

हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के नौहराधार क्षेत्र के कुफ्फर कायरा गांव में 40 वर्षीय बलवंत सिंह की हत्या का मामला सामने आया है। घटनाक्रम के अनुसार, 11 अप्रैल को बलवंत सिंह का गांव के ही एक व्यक्ति के साथ खेतों में किसी बात को लेकर विवाद हो गया था। यह विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों के बीच हाथापाई हुई, जिसमें बलवंत सिंह को गंभीर चोटें आईं। 12 अप्रैल को बलवंत सिंह की अचानक तबीयत खराब हो गई, जिसके बाद उनके परिजन उन्हें तत्काल स्थानीय अस्पताल ले गए। उनकी नाजुक हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने उन्हें पहले राजगढ़ और फिर सोलन के अस्पताल रेफर कर दिया। स्थिति में कोई सुधार न होने पर उन्हें चंडीगढ़ के पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (पीजीआई) में भर्ती कराया गया। पीजीआई में डॉक्टरों ने जब बलवंत सिंह की विस्तृत जांच की, तो सीटी स्कैन और अन्य रिपोर्ट्स में उनके सिर के अंदरूनी हिस्सों में गंभीर चोटें पाई गईं। इसके अतिरिक्त, उनके शरीर पर, विशेष रूप से दाहिनी कलाई पर खरोंच और बाएं गाल पर नीले निशान भी मिले। इन निष्कर्षों ने परिजनों की आशंकाओं को बल दिया कि बलवंत सिंह के साथ मारपीट की गई थी।परिजनों को गांव के एक अन्य युवक से जानकारी मिली कि 11 अप्रैल को खेतों में बलवंत सिंह का गांव के ही एक व्यक्ति के साथ झगड़ा हुआ था और उस दौरान उनके बीच मारपीट भी हुई थी। दुर्भाग्यवश, 12 अप्रैल को अस्पताल में भर्ती होने के बाद से बलवंत सिंह बेहोश थे और होश में आने से पहले ही उन्होंने पीजीआई में दम तोड़ दिया। इस दुखद घटना के बाद, बलवंत सिंह के परिजनों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।  पुलिस ने मेडिकल रिपोर्ट और परिजनों के बयानों के आधार पर हत्या का मामला दर्ज कर लिया है और आरोपी को गिरफ्तार कर आगे की कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है। गौरतलब है कि बलवंत के घर में 18 अप्रैल यानी शुक्रवार को उसकी भतीजी की शादी होने वाली थी।  ऐसे में अब घर में शादी की गूंज के बीच मातम पसरा हुआ है। 

Minister- Anirudh- Singh -reached -Una- by- helicopter -to -meet- Mukesh-, did -he -come- as- CM -Sukhus- emissary?
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हेलीकॉप्टर से मुकेश से मिलने ऊना पहुंचे मंत्री अनिरुद्ध सिंह, क्या CM सूक्खू के दूत बनकर आये थे?

या कुछ और मसला, चर्चाओं का बाजार गर्म 1 घंटे तक गुलमोहर में दोनों नेताओं में हुई बंद कमरे में वार्ता  आखिर क्यों निजी हेलीकॉप्टर लेकर मुकेश के पास पहुंचे अनिरुद्ध सिंह, अहम सवाल    हिमाचल प्रदेश की राजनीति में लगातार ऐसे घटनाक्रम हो रहे हैं जो चर्चाओं के बाजार को गर्म करते हैं ।वीरवार को ऊना में ऐसा ही राजनीतिक घटनाक्रम हुआ जिसकी और बरबस सबका ध्यान गया। राजनीतिक रूप से इस घटनाक्रम को कई नजरिए से देखा जा रहा है। हिमाचल प्रदेश के उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री जब ऊना में सोनिया गांधी व राहुल गांधी के समर्थन में हो रही रैली को संबोधित कर रहे थे, तब इस समय निजी हेलीकॉप्टर में विशेष रूप से ग्रामीण विकास मंत्री अनिरुद्ध सिंह ऊना पहुंचे। क्या मुख्यमंत्री के संदेश वाहक या दूत बनकर आये थे अनिरुद्ध, या कोई और अहम मसला है ? फिलहाल अटकलों का बाजार गर्म है।    मंत्री अनिरुद्ध सिंह के हेलीकॉप्टर की लैंडिंग पुलिस लाइन जलेडा में करवाई गई और फिर मंत्री को होटल गुलमोहर तक लाया गया। करीब एक घंटे तक गुलमोहर में प्रदेश के उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री व ग्रामीण विकास मंत्री अनिरुद्ध सिंह के बीच वार्तालाप हुआ। यह गुप्त वार्तालाप बंद कमरे में हुआ। दोनों नेताओं के बीच क्या बात हुई यह तो पता नहीं, लेकिन कयास  इस बात को लेकर लगाए जा रहे हैं कि आखिर ऐसी क्या इमरजेंसी थी कि अनिरुद्ध सिंह को हेलीकॉप्टर में ऊना पहुंचकर उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री से मुलाकात करनी पड़ी। क्या राजनीतिक मायने इस मुलाकात के हैं ? चर्चा होना लाजमी है कि आखिर हेलीकॉप्टर में ऊना पहुंचकर ऐसी क्या जरूरी मुलाकात हुई है। दोनों नेताओं के करीबियों से जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि ये एक सामान्य मुलाकात थी। हालांकि दोनों ही नेताओं से इस मुलाकात को लेकर कोई बात नहीं हो पाई।     बहरहाल कयासों का बाजार गर्म है। माना जा रहा है कि कुछ तो कांग्रेस व सरकार की राजनीति में पक रहा है जिसके चलते यह मुलाकात हुई है और इसके परिणाम आने वाले दिनों में देखे जा सकते हैं। क्या ये सरकार व संगठन में बदलाव का संकेत है, ये सवाल बना हुआ है।  (ममता भनोट )

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पांगी - हिमाचल की सबसे खतरनाक सड़क से जुड़ा गांव

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मोदी की स्वास्थ्य गारंटी : आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन से जुड़े 56.67 करोड़ लोग

In Health
guarantee: 56.67 crore people connected to Ayushman Bharat Digital Mission

पीएम मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने साल 2021 में आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन की शुरुआत की थी। मोदी के नेतृत्व में ही 2021-2022 से 2025-2026 तक 5 वर्षों के लिए 1,600 करोड़ रुपये की डिजिटल स्वास्थ्य इकोसिस्टम बनाने के लिए आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन शुरू किया गया था। इसकी वजह से पीएम मोदी के गारंटी का भी असर देखने को साफ मिला और इस योजना के तहत 29 फरवरी, 2024 तक 56.67 करोड़ लोगों के आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाते बनाए जा चुके हैं। इसके अलावा आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन ने लैंगिक समानता हासिल करने की दिशा में भी प्रगति की है। 29 फरवरी, 2024 तक, 27.73 करोड़ महिलाएं और 29.11 करोड़ पुरुषों को आभा कार्ड से लाभ हुआ है। वहीं 34.89 करोड़ से अधिक स्वास्थ्य दस्तावेजों को इससे जोड़ा गया है। क्या है आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन  आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन का उद्देश्य देश में यूनिफाइड डिजिटल स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे की मदद करने के लिए जरूरी आधार तैयार करना है। इससे सीमित इंटरनेट कनेक्टिविटी वाले क्षेत्रों में आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता खोलने के लिए ऑफलाइन मोड को मदद पहुंचती है। इसके अलावा भारत सरकार ने स्वास्थ्य सुविधा के लिए आभा ऐप और आरोग्य सेतु जैसे विभिन्न एप्लिकेशन भी लॉन्च किए गए हैं, जो आम लोगों को मदद पहुंचाती है। आभा ऐप एक प्रकार का डिजिटल स्टोरेज है, जो किसी भी व्यक्ति के मेडिकल दस्तावेजों का रखने का काम आता है। इस ऐप के जरिए मरीज रजिस्टर्ड स्वास्थ्य पेशेवरों से संपर्क भी कर सकते हैं।    भारत में बीजेपी की मोदी सरकार ने बीते 10 सालों के अपनी सरकार में कई सारे मील के पत्थर हासिल किया है। इन 10 सालों में पीएम मोदी के विजन ने भारत को अगले 23 साल बाद यानी साल 2047 तक विकसित भारत बनाने के ओर मजबूती से कदम भी बढ़ा लिया है। पीएम मोदी के नेतृत्व में बीजेपी सरकार ने देश के हित में जो भी फैसले लिए है, उनमें से हेल्थ सेक्टर को सर्वोच्च प्राथमिकता देने का प्रयास किया गया है।        

शूलिनी विश्वविद्यालय के लॉ के छात्रों ने किया सर्वोच्च न्यायालय का दौरा

In Education
Law-students-of-Shoolini-University-visit-Supreme-Court

बुधवार को शूलिनी विश्वविद्यालय के एलएलबी और बीएएलएलबी के छात्रों ने भारत के सर्वोच्च न्यायालय का दौरा किया। जहां उन्होंने लाइव अदालती कार्यवाही देखी और सर्वोच्च न्यायपालिका के कामकाज के बारे में अमूल्य जानकारी प्राप्त की। इस यात्रा ने छात्रों को कानूनी प्रणाली से सीधे जुड़ने और वास्तविक समय में अदालती गतिशीलता का अवलोकन करने का एक दुर्लभ अवसर प्रदान किया। उन्हें प्रसिद्ध कानूनी दिग्गजों के साथ बातचीत करने का भी सौभाग्य मिला, जिन्होंने अपने अनुभव साझा किए और कानूनी पेशे पर व्यावहारिक दृष्टिकोण पेश किए। समृद्ध अनुभव को जोड़ते हुए, छात्रों के लिए दिल्ली बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और सदस्यों के साथ एक विशेष सत्र आयोजित किया गया। एसोसिएशन ने छात्रों का गर्मजोशी से स्वागत किया और संकाय के शैक्षणिक उत्साह और प्रतिबद्धता को स्वीकार किया। इसके अलावा, संकाय सदस्यों को कानूनी शिक्षा के प्रति उनके समर्पण और योगदान के लिए सम्मानित किया गया। विधि विज्ञान संकाय के डीन प्रोफेसर नंदन शर्मा ने छात्रों के लिए एक सहज और प्रभावशाली अनुभव सुनिश्चित किया। इस यात्रा का समन्वय स्कूल ऑफ लीगल साइंसेज के संकाय सदस्यों डॉ मोनिका ठाकुर और विनीत कुमार द्वारा किया गया था।

धर्मशाला को मिली 3 IPL मैचों की मेजबानी

In Sports
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 बीसीसीआई द्वारा इंडियन प्रीमियर लीग के 18वें सीजन आईपीएल-2025 के शैड्यूल का ऐलान कर दिया गया है।  एचपीसीए स्टेडियम धर्मशाला को 3 आईपीएल मैचों की मेजबानी करने का मौका मिला है।  धर्मशाला स्टेडियम में 4 मई को  पंजाब किंग्स की टीम लखनऊ सुपर जायंट्स के साथ अपना लीग मैच खेलेगी, जबकि 8 मई को पंजाब का मुकाबला दिल्ली कैपिटल्स के साथ होगा। ये दोनों ही मुकाबले शाम साढ़े 7 बजे शुरू होंगे। वहीं 11 मई को दोपहर साढ़े 3 बजे पंजाब की टीम मुंबई इंडियंस के खिलाफ स्टेडियम में उतरेगी। आईपीएल  चेयरमैन अरुण धूमल ने बीते दिनों बिलासपुर में आयोजित सांसद खेल महाकुंभ के शुभारंभ पर ही धर्मशाला स्टेडियम को आईपीएल के 3 मैचों की मेजबानी के संकेत दे दिए थे। अब इस पर आधिकारिक मुहर लग चुकी है। आईपीएल 2024 में धर्मशाला को मिले थे दो मैच वर्ष 2024 में धर्मशाला में पंजाब किंग्स की टीम के दो मैच चेन्नई सुपर किंग्स और रायल चैलेंजर बेंगलुरु से हुए थे। पहला मुकाबला पांच मई को भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की चेन्नई सुपर किंग्स के साथ हुआ था। नौ मई को पंजाब का मुकाबला आरसीबी के साथ खेला गया था।

स्टीव जॉब्स से विराट कोहली तक, नीम करोली बाबा के आश्रम में सब नतमस्तक

In First Blessing
NEEM-KARORI-BABA

  नीम करोली बाबा के आश्रम में स्टीव जॉब्स और मार्क जुकरबर्ग को मिली आध्यात्मिक शान्ति भारत में कई ऐसे पावन तीर्थ हैं, जहां पर श्रद्धा एवं भक्ति के साथ जाने मात्र से व्यक्ति के समस्त मनोरथ पूरे हो जाते हैं। ऐसा ही एक पावन तीर्थ देवभूमि उत्तराखंड की वादियों में है, जिसे लोग 'कैंची धाम' के नाम से जानते हैं। कैंची धाम के नीब करौरी बाबा (नीम करौली) की ख्याति विश्वभर में है। नैनीताल से लगभग 65 किलोमीटर दूर कैंची धाम को लेकर मान्यता है कि यहां आने वाला व्यक्ति कभी भी खाली हाथ वापस नहीं लौटता। यहां पर हर मन्नत पूर्णतया फलदायी होती है। यही कारण है कि देश-विदेश से हज़ारों लोग यहां हनुमान जी का आशीर्वाद लेने आते हैं। बाबा के भक्तों में एक आम आदमी से लेकर अरबपति-खरबपति तक शामिल हैं। बाबा के इस पावन धाम में होने वाले नित-नये चमत्कारों को सुनकर दुनिया के कोने-कोने से लोग यहां पर खिंचे चले आते हैं। बाबा के भक्त और जाने-माने लेखक रिचर्ड अल्बर्ट ने मिरेकल आफ लव नाम से बाबा पर पुस्तक लिखी है। इस पुस्तक में बाबा नीब करौरी के चमत्कारों का विस्तार से वर्णन है। इनके अलावा हॉलीवुड अभिनेत्री जूलिया राबर्ट्स, एप्पल के फाउंडर स्टीव जाब्स और फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग जैसी बड़ी विदेशी हस्तियां बाबा के भक्त हैं।  कुछ माह पूर्व स्टार क्रिकेटर विराट कोहली और उनकी पत्नी और अभिनेत्री अनुष्का शर्मा के यहां पहुंचते ही इस धाम को देखने और बाबा के दर्शन करने वालों की होड़ सी लग गई। 1964 में बाबा ने की थी आश्रम की स्थापना  नीम करोली बाबा या नीब करोली बाबा की गणना बीसवीं शताब्दी के सबसे महान संतों में की जाती है। इनका जन्म स्थान ग्राम अकबरपुर जिला फ़िरोज़ाबाद उत्तर प्रदेश में हुआ था। कैंची, नैनीताल, भुवाली से 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। बाबा नीब करौरी ने इस आश्रम की स्थापना 1964 में की थी। बाबा नीम करौरी 1961 में पहली बार यहां आए और उन्होंने अपने पुराने मित्र पूर्णानंद जी के साथ मिल कर यहां आश्रम बनाने का विचार किया। इस धाम को कैंची मंदिर, नीम करौली धाम और नीम करौली आश्रम के नाम से जाना जाता है। उत्तराखंड में हिमालय की तलहटी में बसा एक छोटा सा आश्रम है नीम करोली बाबा आश्रम। मंदिर के आंगन और चारों ओर से साफ सुथरे कमरों में रसीली हरियाली के साथ, आश्रम एक शांत और एकांत विश्राम के लिए एकदम सही जगह प्रस्तुत करता है। यहाँ कोई टेलीफोन लाइनें नहीं हैं, इसलिए किसी को बाहरी दुनिया से परेशान नहीं किया जा सकता है। श्री हनुमान जी के अवतार माने जाने वाले नीम करोरी बाबा के इस पावन धाम पर पूरे साल श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है, लेकिन हर साल 15 जून को यहां पर एक विशाल मेले व भंडारे का आयोजन होता है। यहां इस दिन इस पावन धाम में स्थापना दिवस मनाया जाता है। कई चमत्कारों के किस्से सुन खींचे आते है भक्त  मान्यता है कि बाबा नीम करौरी को हनुमान जी की उपासना से अनेक चामत्कारिक सिद्धियां प्राप्त थीं। लोग उन्हें हनुमान जी का अवतार भी मानते हैं। हालांकि वह आडंबरों से दूर रहते थे। न तो उनके माथे पर तिलक होता था और न ही गले में कंठी माला। एक आम आदमी की तरह जीवन जीने वाले बाबा अपना पैर किसी को नहीं छूने देते थे। यदि कोई छूने की कोशिश करता तो वह उसे श्री हनुमान जी के पैर छूने को कहते थे। बाबा नीब करौरी के इस पावन धाम को लेकर तमाम तरह के चमत्कार जुड़े हैं। जनश्रुतियों के अनुसार, एक बार भंडारे के दौरान कैंची धाम में घी की कमी पड़ गई थी। बाबा जी के आदेश पर नीचे बहती नदी से कनस्तर में जल भरकर लाया गया। उसे प्रसाद बनाने हेतु जब उपयोग में लाया गया तो वह जल घी में बदल गया। ऐसे ही एक बार बाबा नीब करौरी महाराज ने अपने भक्त को गर्मी की तपती धूप में बचाने के लिए उसे बादल की छतरी बनाकर, उसे उसकी मंजिल तक पहुंचवाया। ऐसे न जाने कितने किस्से बाबा और उनके पावन धाम से जुड़े हुए हैं, जिन्हें सुनकर लोग यहां पर खिंचे चले आते हैं। बाबा के दुनियाभर में 108 आश्रम  बाबा नीब करौरी को कैंची धाम बहुत प्रिय था। अक्सर गर्मियों में वे यहीं आकर रहते थे। बाबा के भक्तों ने इस स्थान पर हनुमान का भव्य मन्दिर बनवाया। उस मन्दिर में हनुमान की मूर्ति के साथ-साथ अन्य देवताओं की मूर्तियाँ भी हैं। यहां बाबा नीब करौरी की भी एक भव्य मूर्ति स्थापित की गयी है। बाबा नीब करौरी महाराज के देश-दुनिया में 108 आश्रम हैं। इन आश्रमों में सबसे बड़ा कैंची धाम तथा अमेरिका के न्यू मैक्सिको सिटी स्थित टाउस आश्रम है। स्टीव जॉब्स को आश्रम से मिला एप्पल के लोगो का आईडिया ! भारत की धरती सदा से ही अध्यात्म के खोजियों को अपनी ओर खींचती रही है। दुनिया की कई बड़ी हस्तियों में भारत भूमि पर ही अपना सच्चा आध्यात्मिक गुरु पाया है। एप्पल कंपनी के संस्थापक स्टीव जॉब्स 1974 से 1976 के बीच भारत भ्रमण पर निकले। वह पर्यटन के मकसद से भारत नहीं आए थे, बल्कि आध्यात्मिक खोज में यहां आए थे। उन्हें एक सच्चे गुरु की तलाश थी।स्टीव पहले हरिद्वार पहुंचे और इसके बाद वह कैंची धाम तक पहुंच गए। यहां पहुंचकर उन्हें पता लगा कि बाबा समाधि ले चुके हैं। कहते है कि स्टीव को एप्पल के लोगो का आइडिया बाबा के आश्रम से ही मिला था। नीम करौली बाबा को कथित तौर पर सेब बहुत पसंद थे और यही वजह थी कि स्टीव ने अपनी कंपनी के लोगों के लिए कटे हुए एप्पल को चुना। हालांकि इस कहानी की सत्यता के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है। जुकरबर्ग को मिली आध्यात्मिक शांति, शीर्ष पर पहुंचा फेसबुक  बाबा से जुड़ा एक किस्सा फेसबुक के मालिक मार्क जुकरबर्ग ने 27 सितंबर 2015 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बताया था, तब पीएम मोदी फेसबुक के मुख्यालय में गए थे। इस दौरान जुकरबर्ग ने पीएम को भारत भ्रमण की बात बताई। उन्होंने कहा कि जब वे इस संशय में थे कि फेसबुक को बेचा जाए या नहीं, तब एप्पल के फाउंडर स्टीव जॉब्स ने इन्हें भारत में नीम करोली बाबा के स्थान पर  जाने की सलाह दी थी। जुकरबर्ग ने बताया था कि वे एक महीना भारत में रहे। इस दौरान वह नीम करोली बाबा के मंदिर में भी गए थे। जुकरबर्ग आए तो यहां एक दिन के लिए थे, लेकिन मौसम खराब हो जाने के कारण वह यहां दो दिन रुके थे। जुकरबर्ग मानते हैं कि भारत में मिली अध्यात्मिक शांति के बाद उन्हें फेसबुक को नए मुकाम पर ले जाने की ऊर्जा मिली। बाबा की तस्वीर को देख जूलिया ने अपनाया हिन्दू धर्म  हॉलिवुड की मशहूर अदाकारा जूलिया रॉबर्ट्स ने 2009 में हिंदू धर्म अपना लिया था। वह फिल्म ‘ईट, प्रे, लव’ की शूटिंग के लिए भारत आईं थीं। जूलिया रॉबर्ट्स ने एक इंटरव्यू में यह खुलासा किया था कि वह नीम करौली बाबा की तस्वीर से इतना प्रभावित हुई थीं कि उन्होंने हिन्दू धर्म अपनाने का फैसला कर डाला। जूलिया इन दिनों हिन्दू धर्म का पालन कर रही हैं।    

मूवी RRR के नाटू-नाटू सॉन्ग ने जीता ऑस्कर अवॉर्ड

In Entertainment
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एसएस राजामौली की चर्चित मूवी ररर के नाटू-नाटू गाने को ऑस्कर अवॉर्ड मिला है। भारत के लिए ये ऐतिहासिक पल है। फिल्ममेकर नाटू नाटू ने ओरिजनल सॉन्ग कैटेगिरी में अवॉर्ड जीता है। एमएम कीरावणी अवॉर्ड लेते हुए बेहद एक्साइटेड नजर आए। उनकी स्पीच भी चर्चा में बनी हुई है। इस जीत के बाद पूरे देश में खुशी का माहौल है। मेकर्स ने RRR मूवी के ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर जीत की खुशी जताई है। उन्होंने लिखा- 'हम धन्य हैं कि आरआरआर सॉन्ग नाटू-नाटू के साथ बेस्ट सॉन्ग कैटेगरी में भारत का पहला ऑस्कर लाने वाली पहली फीचर फिल्म है। कोई भी शब्द इस अलौकिक पल को बयां नहीं कर सकते। धन्यवाद। जय हिंद। 'वहीं 'नाटू नाटू' के ऑस्कर जीतने पर फिल्म के लीड एक्टर जूनियर एनटीआर ने भी रिएक्ट किया है। उन्होंने कहा- 'मेरे पास अपनी खुशी व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं हैं। ये सिर्फ आरआरआर की जीत नहीं है बल्कि एक देश के तौर पर भारत की जीत है। ये तो अभी शुरुआत है कि भारतीय सिनेमा कितनी दूर जा सकता है। एमएम कीरावनी और चंद्रबोस को बधाई।'

पांगी - हिमाचल की सबसे खतरनाक सड़क से जुड़ा गांव

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पांगी - हिमाचल की सबसे खतरनाक सड़क से जुड़ा गांव **सड़क, बिजली, स्वास्थ्य, शिक्षा - यहाँ हर व्यवस्था बेहाल **आरोप : HRTC बस ड्राइवर करते है मनमर्ज़ी, डिपू से नहीं मिलता पूरा राशन **सड़क बंद हो तो कंधे पर उठा कर ले जाते है मरीज़ **मुख्यमंत्री के दौरे के बाद जगी उम्मीद

पांगी - हिमाचल की सबसे खतरनाक सड़क से जुड़ा गांव

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पांगी - हिमाचल की सबसे खतरनाक सड़क से जुड़ा गांव **सड़क, बिजली, स्वास्थ्य, शिक्षा - यहाँ हर व्यवस्था बेहाल **आरोप : HRTC बस ड्राइवर करते है मनमर्ज़ी, डिपू से नहीं मिलता पूरा राशन **सड़क बंद हो तो कंधे पर उठा कर ले जाते है मरीज़ **मुख्यमंत्री के दौरे के बाद जगी उम्मीद

पांगी - हिमाचल की सबसे खतरनाक सड़क से जुड़ा गांव

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पांगी - हिमाचल की सबसे खतरनाक सड़क से जुड़ा गांव **सड़क, बिजली, स्वास्थ्य, शिक्षा - यहाँ हर व्यवस्था बेहाल **आरोप : HRTC बस ड्राइवर करते है मनमर्ज़ी, डिपू से नहीं मिलता पूरा राशन **सड़क बंद हो तो कंधे पर उठा कर ले जाते है मरीज़ **मुख्यमंत्री के दौरे के बाद जगी उम्मीद

शायरी के बादशाह कहलाते है वसीम बरेलवी, पढ़े उनके कुछ चुनिंदा शेर

In Kavya Rath
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  वसीम बरेलवी उर्दू के बेहद लोकप्रिय शायर हैं। उनकी ग़ज़लें बेहद मक़बूल हैं जिन्हें जगजीत सिंह से लेकर कई अजीज़ गायकों ने अपनी आवाज़ दी है। वसीम बरेलवी अपनी शायरी और गजल के जरिए लाखों दिलों पर राज करते हैं। कोई भी मुशायरा उनके बगैर पूरा नहीं माना जाता।     18 फरवरी 1940 को वसीम बरेलवी का जन्म बरेली में हुआ था।  पिता जनाब शाहिद हसन  के रईस अमरोहवी और जिगर मुरादाबादी से बहुत अच्छे संबंध थे। दोनों का आना-जाना अक्सर उनके घर पर होता रहता था। इसी के चलते वसीम बरेलवी का झुकाव बचपन से शेर-ओ-शायरी की ओर हो गया। वसीम बरेलवी ने अपनी पढ़ाई बरेली के ही बरेली कॉलेज से की। उन्होंने एमए उर्दू में गोल्ड मेडल हासिल किया। बाद में इसी कॉलेज में वो उर्दू विभाग के अध्यक्ष भी बने।  60 के दशक में वसीम बरेलवी मुशायरों में जाने लगे। आहिस्ता आहिस्ता ये शौक उनका जुनून बन गया। पेश हैं उनके कुछ चुनिंदा शेर   अपने चेहरे से जो ज़ाहिर है छुपाएँ कैसे तेरी मर्ज़ी के मुताबिक़ नज़र आएँ कैसे   जहाँ रहेगा वहीं रौशनी लुटाएगा किसी चराग़ का अपना मकाँ नहीं होता     आसमाँ इतनी बुलंदी पे जो इतराता है भूल जाता है ज़मीं से ही नज़र आता है   ऐसे रिश्ते का भरम रखना कोई खेल नहीं तेरा होना भी नहीं और तेरा कहलाना भी   ग़म और होता सुन के गर आते न वो 'वसीम' अच्छा है मेरे हाल की उन को ख़बर नहीं   जहाँ रहेगा वहीं रौशनी लुटाएगा किसी चराग़ का अपना मकाँ नहीं होता     जो मुझ में तुझ में चला आ रहा है बरसों से कहीं हयात इसी फ़ासले का नाम न हो     कुछ है कि जो घर दे नहीं पाता है किसी को वर्ना कोई ऐसे तो सफ़र में नहीं रहता                         उसी को जीने का हक़ है जो इस ज़माने में इधर का लगता रहे और उधर का हो जाए       दुख अपना अगर हम को बताना नहीं आता तुम को भी तो अंदाज़ा लगाना नहीं आता     वो मेरे सामने ही गया और मैं रास्ते की तरह देखता रह गया   अपने अंदाज़ का अकेला था इसलिए मैं बड़ा अकेला था  

पोस्ट कोड 928 के अंतर्गत स्टेनो टाइपिस्ट भर्ती का परिणाम घोषित

In Job
 Result -of -Steno -Typist- Recruitment -declared -under- post -code -928

हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग (एचपीआरसीए) ने पोस्ट कोड 928 के तहत स्टेनो टाइपिस्ट के 66 पदों की भर्ती के लिए अन्तिम परीक्षा परिणाम आज घोषित कर दिया है। प्रदेश सरकार के विभिन्न विभागों, बोर्डां और निगमों ने इन पदों को भरने के लिए सिफारिश की थी जिसके लिए 1 दिसंबर, 2021 को विज्ञापन जारी किया गया था। इनमें सामान्य श्रेणी (अनारक्षित) के 16 पद, सामान्य श्रेणी (आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग) के सात पद, सामान्य श्रेणी (स्वतंत्रता सेनानियों के आश्रित) का एक पद, सामान्य श्रेणी (पूर्व सैनिकों के आश्रित) के आठ पद, अन्य पिछड़ा वर्ग (अनारक्षित) के 11 पद, अन्य पिछड़ा वर्ग (बीपीएल) के पद, अन्य पिछड़ा वर्ग (पूर्व सैनिकों के आश्रित) के दो पद, अनुसूचित जाति (अनारक्षित) के 11 पद, अनुसूचित जाति (पूर्व सैनिकों के आश्रित) के तीन पद, अनुसूचित जनजाति (बीपीएल) का एक पद और अनुसूचित जनजाति (पूर्व सैनिकों के आश्रित) का एक पद शामिल हैं। पोस्ट कोड 928 के तहत स्टेनो टाइपिस्ट के 66 पदों में से 15 पद सक्षम उम्मीदवार न मिलने के कारण रिक्त रखे गए हैं। लिए विज्ञप्ति परीक्षा परिणाम हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग की अधिकारिक वेबसाइट www.hprca.hp.gov.in  पर भी उपलब्ध है।

शिमला:जवाहर बाल मंच के स्टेट चीफ कॉडिनेटर बने महेश सिंह ठाकुर

In Banka Himachal
शिमला:जवाहर बाल मंच के स्टेट चीफ कॉडिनेटर बने महेश सिंह ठाकुर

हिमाचल प्रदेश यूथ कांग्रेस के महासचिव एवं सिस्को संस्था के अध्यक्ष महेश सिंह ठाकुर को जवाहर बाल मंच का राज्य मुख्य संयोजक नियुक्त किया गया है। चीफ स्टेट कॉडिनेटर बनाए जाने पर महेश सिंह ठाकुर ने कांग्रेस अध्यक्ष  मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी,प्रदेश के सीएम सुखविन्दर सिंह सूक्खु , राष्ट्रीय प्रभारी केसी वेणुगोपाल,जवाहर बाल मंच के राष्टीय अध्यक्ष जी.वी. हरि. सहित अन्य नेताओं के प्रति आभार जताया है।  महेश ठाकुर ने कहा कि जवाहर बाल मंच का मुख्य उद्देश्य 7 वर्षों से लेकर 17 वर्ष के आयु के लड़के लड़कियां तक भारत के पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के विचार को पहुंचना।  उन्होंने कहा कि जिस तरीके से मौजूदा सरकार के द्वारा देश के इतिहास के साथ छेड़छाड़ हो रहा है देश के युवाओं को भटकाया जा रहा है जो की देश के लिए एक बहुत बड़ा चिन्ता का विषय है कांग्रेस पार्टी ने इस विषय को गंभीरता से लिया और राहुल गांधी के निर्देश पर डॉ जीवी हरी के अध्यक्षता में देशभर में जवाहर बाल मंच के द्वारा युवाओं के बीच में नेहरू जी के विचारों को पहुंचाया जाएगा। उन्होंने कहा वर्ष 2024 के चुनाव में कांग्रेस भारी बहुमत हासिल कर केंद्र से भाजपा को हटाने का काम करेगी। इसमें हिमाचल प्रदेश राज्य की भी प्रमुख भुमिका रहेगी।  उन्होंने कहा कि पूरे देश में महंगाई के कारण आमलोगों का जीना मुश्किल हो गया है। गरीब व मध्यम वर्गीय परिवार पर इस महंगाई का व्यापक असर पड़ रहा है। ऐसे में केंद्र सरकार के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही है।  

हेलीकॉप्टर से मुकेश से मिलने ऊना पहुंचे मंत्री अनिरुद्ध सिंह, क्या CM सूक्खू के दूत बनकर आये थे?

In Siyasatnama
Minister- Anirudh- Singh -reached -Una- by- helicopter -to -meet- Mukesh-, did -he -come- as- CM -Sukhus- emissary?

या कुछ और मसला, चर्चाओं का बाजार गर्म 1 घंटे तक गुलमोहर में दोनों नेताओं में हुई बंद कमरे में वार्ता  आखिर क्यों निजी हेलीकॉप्टर लेकर मुकेश के पास पहुंचे अनिरुद्ध सिंह, अहम सवाल    हिमाचल प्रदेश की राजनीति में लगातार ऐसे घटनाक्रम हो रहे हैं जो चर्चाओं के बाजार को गर्म करते हैं ।वीरवार को ऊना में ऐसा ही राजनीतिक घटनाक्रम हुआ जिसकी और बरबस सबका ध्यान गया। राजनीतिक रूप से इस घटनाक्रम को कई नजरिए से देखा जा रहा है। हिमाचल प्रदेश के उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री जब ऊना में सोनिया गांधी व राहुल गांधी के समर्थन में हो रही रैली को संबोधित कर रहे थे, तब इस समय निजी हेलीकॉप्टर में विशेष रूप से ग्रामीण विकास मंत्री अनिरुद्ध सिंह ऊना पहुंचे। क्या मुख्यमंत्री के संदेश वाहक या दूत बनकर आये थे अनिरुद्ध, या कोई और अहम मसला है ? फिलहाल अटकलों का बाजार गर्म है।    मंत्री अनिरुद्ध सिंह के हेलीकॉप्टर की लैंडिंग पुलिस लाइन जलेडा में करवाई गई और फिर मंत्री को होटल गुलमोहर तक लाया गया। करीब एक घंटे तक गुलमोहर में प्रदेश के उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री व ग्रामीण विकास मंत्री अनिरुद्ध सिंह के बीच वार्तालाप हुआ। यह गुप्त वार्तालाप बंद कमरे में हुआ। दोनों नेताओं के बीच क्या बात हुई यह तो पता नहीं, लेकिन कयास  इस बात को लेकर लगाए जा रहे हैं कि आखिर ऐसी क्या इमरजेंसी थी कि अनिरुद्ध सिंह को हेलीकॉप्टर में ऊना पहुंचकर उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री से मुलाकात करनी पड़ी। क्या राजनीतिक मायने इस मुलाकात के हैं ? चर्चा होना लाजमी है कि आखिर हेलीकॉप्टर में ऊना पहुंचकर ऐसी क्या जरूरी मुलाकात हुई है। दोनों नेताओं के करीबियों से जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि ये एक सामान्य मुलाकात थी। हालांकि दोनों ही नेताओं से इस मुलाकात को लेकर कोई बात नहीं हो पाई।     बहरहाल कयासों का बाजार गर्म है। माना जा रहा है कि कुछ तो कांग्रेस व सरकार की राजनीति में पक रहा है जिसके चलते यह मुलाकात हुई है और इसके परिणाम आने वाले दिनों में देखे जा सकते हैं। क्या ये सरकार व संगठन में बदलाव का संकेत है, ये सवाल बना हुआ है।  (ममता भनोट )

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