हिमाचल के चंबा जिले में सिढ़कुंड माणी मार्ग पर बीती शाम बोलेरो गाड़ी खाई में गिरने से दादी-पोती समेत तीन लोगों की मौत हो गई। इस हादसे में ड्राइवर सहित आठ लोग घायल हुए हैं। मृतकों की पहचान सानवी (2) पुत्री यशपाल, मीमी देवी पत्नी रमेश और वीना पत्नी रोशन गांव राजपुरा (चंबा) के तौर पर हुई। गाड़ी गिरने की सूचना मिलते ही ग्रामीण मौके पर पहुंचे और पुलिस को भी सूचित किया। इसके बाद राहत व बचाव कार्य शुरू हुआ। देर शाम तक सभी को रेस्क्यू किया गया। बताया जा रहा है कि हादसे का शिकार हुए लोग दवाट महादेव मंदिर के दर्शन के लिए गए थे। सभी आपस में रिश्तेदार हैं। यह हादसा मंदिर से वापस लौटते के बाद टरियू मोड़ के समीप हुआ। एक महिला टांडा की रेफर घायलों को 108 एंबुलेंस के माध्यम से चंबा मेडिकल कॉलेज पहुंचाया गया, जहां गंभीर रूप से घायल महिला को टांडा मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया गया। अन्य का चंबा में ही उपचार चल रहा है। विधायक नीरज नैयर भी अस्पताल पहुंचे सदर विधायक नीरज नैयर चंबा मेडिकल कॉलेज पहुंचे और घायलों का कुशलक्षेम जाना। पुलिस के अनुसार हादसे में दो महिलाओं सहित एक बच्ची की मौत हुई। पुलिस मामले की जांच कर रही है। इस हादसे में ये लोग हुए घायल घायलों में ममता पत्नी यशपाल, पूजा पत्नी सत्यानंद, मीनाक्षी पत्नी जीवन, अर्श पुत्र सत्यानंद, रूही पुत्री जीवन, दिव्यांश पुत्र जीवन, यशी पुत्री सत्यानंद और चालक जीवन पुत्र रमेश निवासी राजपुरा शामिल हैं।
केंद्र सरकार को भेजी 10 करोड़ रुपये की डीपीआर हिमाचल सरकार प्रदेश में तीन नए नर्सिंग कॉलेज खोलेगी। यह कॉलेज चंबा, हमीरपुर और जिला सिरमौर के नाहन में खोले जाएंगे। स्वास्थ्य विभाग ने डीपीआर तैयार कर केंद्र को भेज दी है। तीनों नर्सिंग कॉलेज में आधारभूत ढांचा विकसित करने पर 10 करोड़ रुपये खर्च होंगे। प्रति नर्सिंग संस्थान को 3 करोड़ रुपये से ज्यादा राशि दी जानी है। वर्तमान में हिमाचल में इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आईजीएमसी) और मंडी में दो ही सरकारी नर्सिंग कॉलेज हैं। जबकि नर्सिंग स्कूलों की संख्या 15 से ज्यादा है। प्रदेश सरकार ने नए खोले जाने वाले नर्सिंग कॉलेजों में 40-40 सीटें निर्धारित करने का फैसला लिया है। जैसे-जैसे आधारभूत ढांचा विकसित होगा। केंद्र सरकार से सीटें बढ़ाने की सिफारिश की जाएगी। हिमाचल में 12वीं की परीक्षा पास करने के बाद बड़ी संख्या में छात्राएं नर्सिंग और मिडवाइफ के कोर्स कर रही हैं। निजी संस्थानों में नर्सिंग का कोर्स करने के लिए चार लाख रुपये से ज्यादा खर्च आता है। इसमें हॉस्टल, वर्दी व अन्य खर्चे भी शामिल हैं। हजारों की संख्या में छात्राएं यह कोर्स कर रही हैं। हालांकि सरकारी कॉलेजों फीस कम है। इसमें एक साल का खर्च करीब 70 हजार के पास रहता है। हिमाचल में नए नर्सिंग कॉलेज खुलने से कई और छात्राएं सरकारी संस्थानों में प्रशिक्षण हासिल कर सकेंगी। चिकित्सा शिक्षा निदेशक डॉ. सीता ठाकुर ने बताया कि हिमाचल में नए नर्सिंग कॉलेज खोलने के लिए 10 करोड़ रुपये की डीपीआर केंद्र को भेज दी गई है।
स्नान के लिए अलग-अलग क्षेत्रों में पहुंचे श्रद्धालु भारत की पवित्र एवं पावन मणिमहेश यात्रा आज से शुरू हो गई है। सैकड़ों श्रद्धालुओं ने आज डल झील में शाही स्नान किया। दोपहर बाद 4:15 तक शाही स्नान का शुभ मुहूर्त था। इस यात्रा के लिए श्रद्धालुओं के जत्थे चंबा के भरमौर से मणिमहेश को रवाना हो गए हैं। आज से शुरू हुई मणिमहेश यात्रा 23 सितंबर तक चलेगी। इस यात्रा के लिए देशभर व नेपाल से भी श्रद्धालु पहुंचते हैं और डल झील में डुबकी लगाते हैं। इस बार यह यात्रा ऊंची चोटियों पर हल्के हिमपात के बीच हो रही है। इससे श्रद्धालुओं को यात्रा के दौरान ठंड का सामना करना पड़ेगा। जन्माष्टमी पर हुई शुरुआत मणिमहेश मंदिर के पुजारी पंडित विपिन शर्मा के मुताबिक इस बार जन्माष्टमी का छोटा न्हौण 6 सितंबर दोपहर 3:38 बजे शुरू हुआ, जो 7 सितंबर शाम 4:15 बजे तक रहा। छोटे न्हौण के बाद मणिमहेश यात्रा शुरू हो गई है। राधाष्टमी का बड़ा स्नान 22 सितंबर को दोपहर बाद 1:36 बजे शुरू होगा और 23 सितंबर दोपहर 12:18 बजे तक चलेगा। स्ष्ठरू एवं मणिमहेश न्यास सचिव कुलवीर सिंह राणा ने यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं से आग्रह किया कि वे अपना पंजीकरण जरूर करवाएं और प्रशासन की ओर से जारी गाइडलाइन का पालन करें। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के यह जरूरी है।
चंबा, कांगड़ा, शिमला और अन्य जिलों के भ्रमण कर सकते हैं सैलानी मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज जिला हमीरपुर के नादौन में कहा कि हाल ही में हुई भारी बारिश के कारण प्रदेश में कई सड़कें क्षतिग्रस्त हुईं और निजी एवं सार्वजनिक संपत्ति को भारी नुकसान हुआ। उन्होंने स्थानीय निवासियों और पर्यटकों को आश्वस्त करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार के दृढ़ एवं त्वरित प्रयासों के फलस्वरूप राज्य में सड़कों को काफी हद तक बहाल कर दिया गया है तथा प्रदेश में आगंतुकों के लिए सुरक्षित आवागमन सुनिश्चित किया गया है। उन्होंने कहा कि यह राज्य की अब तक की सबसे भीषण त्रासदी थी, लेकिन अब राज्य में हालात सामान्य हो रहे हैं। नादौन में मीडिया कर्मियों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश पर्यटकों के लिए सुरक्षित है और पर्यटक अब चंबा, कांगड़ा, शिमला और अन्य जिलों के भ्रमण पर आ सकते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आपदा से प्रभावी ढंग से निपटने और सभी प्रभावितों को आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि विपदा के समय में भी नेता प्रतिपक्ष प्रभावित परिवारों की पीड़ा के प्रति सहानुभूति व्यक्त करने के बजाय राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने नेतापक्ष से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से संपर्क कर हिमाचल प्रदेश के लिए केदारनाथ और भुज त्रासदी की तर्ज पर विशेष पैकेज प्रदान करने के लिए आग्रह करने का आहवान किया। उन्होंने दोहराया कि राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित करने और उत्तराखंड और गुजरात में प्रदान की गई सहायता के समान वित्तीय सहायता प्रदान करने की बार-बार अपील की है, लेकिन अभी तक केंद्र सरकार द्वारा इस संबंध में कोई भी कदम नहीं उठाया गया है। उन्होंने प्रदेशवासियों को आश्वस्त किया कि राज्य सरकार अपने संसाधनों से प्रभावित परिवारों को सहायता प्रदान करने के हरसंभव प्रयास कर रही है। ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ने प्रदेश पर 75 हजार करोड़ रुपये के ऋण का बोझ डाला तथा केवल राजनीतिक लाभ के लिए कई घोषणाएं कीं। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार कर्मचारियों के बकाया और भत्ते देने में विफल रही। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने सत्ता संभालने के पश्चात वित्तीय बाधाओं के बावजूद कर्मचारियों के हितों में अभूतपूर्व निर्णय लेकर पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया है।
शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले हिमाचल प्रदेश के 16 शिक्षकों को राज्य स्तरीय पुरस्कार से नवाजा गया है। मंगलवार सुबह शिक्षक दिवस पर राजभवन शिमला में राज्यपाल शिवप्रताप शुक्ल और शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर इन शिक्षकों को सम्मानित किया। कांगड़ा, बिलासपुर, लाहौल-स्पीति और किन्नौर से एक भी शिक्षक का पुरस्कार के लिए चयन नहीं हुआ है। जिला शिमला से चार, कुल्लू-ऊना और हमीरपुर से दो-दो शिक्षकों को चुना गया है। मंडी-सोलन-सिरमौर और चंबा जिला से पुरस्कार के लिए एक-एक शिक्षक का चयन हुआ है। 10 शिक्षकों का चयन प्रदेशभर से प्राप्त हुए 39 आवेदनों के आधार हुआ था। तीन शिक्षकों किशोरी लाल, दलीप सिंह और हरीराम शर्मा को सरकार की ओर से गठित राज्य स्तरीय कमेटी ने चयनित किया। कार्यक्रम में इन शिक्षकों को प्रशस्ति पत्र और शॉल व टोपी देकर सम्मानित किया गया। वहीं, पुरस्कार के लिए एक शिक्षक का नाम समारोह के दौरान ही घोषित किया गया। इसके अलावा बीते वर्ष राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करने वाले शिमला के वीरेंद्र कुमार व चंबा के युद्धवीर सिंह को भी राज्य पुरस्कार दिया गया पुरस्कार पाने वाले शिक्षकों की सूची शिक्षक का नाम स्कूल का नाम पद अमर चंद चौहान वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल आनी, कुल्लू प्रिंसिपल दीपक कुमार वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल चंबा प्रवक्ता बायोलॉजी अशोक कुमार वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल मंडी प्रवक्ता वाणिज्य कृष्ण लाल वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल बजौरा, कुल्लू डीपीई हेम राज वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल हिमरी, शिमला टीजीटी नॉन मेडिकल कमल किशोर वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल त्यूरी, ऊना कला शिक्षक नरेश शर्मा प्राथमिक स्कूल गिरथरी, हमीरपुर मुख्य शिक्षक प्रदीप कुमार प्राथमिक स्कूल सलोह, सोलन जेबीटी शिव कुमार प्राथमिक स्कूल ककराना, ऊना जेबीटी कैलाश सिंह शर्मा केंद्रीय प्राथमिक स्कूल लालपानी, शिमला जेबीटी किशोरी लाल उपशिक्षा निदेशक कार्यालय हमीरपुर सीएचटी दलीप सिंह वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल वासनी, सिरमौर प्रवक्ता अंग्रेजी हरि राम शर्मा मॉडल वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल नेरवा, शिमला प्रिसिंपल सुरजीत सिंह राठौर छोटा शिमला स्कूल प्रवक्ता
विधानसभा के तीसरे सत्र (मानसून सत्र) के चलते शिक्षा विभाग में 11 से 25 सितंबर तक छुट्टियों पर रोक लगा दी गई है। 18 सितंबर से शुरू होने वाले मानसून सत्र के चलते उच्च और प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने निर्देश जारी कर दिए हैं। अधिकारियों और कर्मचारियों को मानसून सत्र के चलते रविवार सहित अन्य छुट्टियों के दौरान भी बुलाया जा सकता है। सुबह आठ से रात आठ बजे तक अफसरों को दफ्तर में मौजूद रहना होगा। विभाग ने विधानसभा में शिक्षा विभाग से संबंधित लगे सभी प्रश्नों के जवाब जल्द देने के लिए भी कहा है। संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान विभाग से संबंधित सभी प्रश्नों के जवाब तैयार होने चाहिए। अधिकारियों के पास हर तरह की जानकारी होनी चाहिए। हर शाखा में कम से कम एक अधिकारी इस दौरान रोजाना सुबह साढ़े आठ बजे ऑफिस में होना चाहिए। इनकी छुट्टियां हुई हैं रद्द अतिरिक्त निदेशक प्रशासन, कॉलेज, स्कूल उच्च शिक्षा, संयुक्त निदेशक कॉलेज, संयुक्त निदेशक फाइनेंस एंड अकाउंट, सह निदेशक, उच्च शिक्षा के सभी उपनिदेशक, सभी सरकारी कॉलेजों के प्रिंसिपल, कमांडर एनसीसी और चीफ लाइब्रेरियन सेंट्रल स्टेट लाइब्रेरी सोलन, प्रारंभिक शिक्षा के सभी उपनिदेशक, प्रिंसिपल डाइट की छुट्टियां रद्द करने के आदेश दिए गए हैं। इन अधिकारियों के तहत काम करने वाले स्टाफ को भी छुट्टियां नहीं मिलेंगी। विभाग में विभिन्न श्रेणी के कर्मचारियों के कितने पद सृजित हैं, कितने पद रिक्त हैं। कितने पद भरे गए हैं। निदेशालय के अधिकारियों ने कितने स्कूलों, कॉलेजों का निरीक्षण किया। कितने नए स्कूल, कॉलेज खोले गए। सरकार की विभिन्न योजनाओं का क्या स्टेटस है।
हिमाचल प्रदेश प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने शिक्षक दिवस से एक दिन पूर्व राज्य स्तरीय शिक्षक पुरस्कारों की घोषणा कर दी है। इस बार 13 शिक्षकों को इस पुरस्कार से नवाजा जाएगा। चयनित शिक्षकों को मंगलवार को राजभवन शिमला में राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल सम्मानित करेंगे। शिक्षकों के यह पुरस्कार शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य और विद्यार्थियों को पढ़ाने में विशेष रुचि लेने के लिए दिया जा रहा है। इनमें से तीन शिक्षकों को सरकार की ओर से शिक्षा के क्षेत्र में अनुकरणीय कार्य के लिए शिक्षक पुरस्कार के लिए चयनित किया गया। पुरस्कार के लिए चयनित शिक्षकों की सूची शिक्षक का नाम स्कूल का नाम पद अमर चंद चौहान जीएसएसएस आनी प्रिंसिपल दीपक कुमार जीबीएसएसएस चंबा प्रवक्ता बायोलॉजी अशोक कुमार जीबीएसएसएस मंडी प्रवक्ता वाणिज्य कृष्ण लाल जीएसएसएस बजौरा डीपीई हेम राज जीएसएसएस हिमरी शिमला टीजीटी नॉन मेडिकल कमल किशोर जीएसएसएस त्यूरी ऊना कला शिक्षक नरेश शर्मा जीपीएस गिरथरी मुख्य शिक्षक प्रदीप कुमार जीपीएस सलोह जेबीटी शिव कुमार जीपीएस ककराना जेबीटी कैलाश सिंह शर्मा जीसीपीएस लालपानी जेबीटी किशोरी लाल उप शिक्षा निदेशक कार्यालय हमीरपुर सीएचटी दलीप सिंह जीएसएसएस वसवानी प्रवक्ता अंग्रेजी हरि राम शर्मा जीएमएसएसएस नेरवा प्रिंसिपल
विकास कार्यों में तेजी लाने और सभी परियोजनाओं को समयबद्ध पूरा करने के दिए निर्देश मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रदेश सरकार की विभिन्न विकास योजनाओं और कार्यक्रमों के कार्यान्वयन की समीक्षा के लिए आज यहां आयोजित प्रशासनिक सचिवों की मंडे मीटिंग की अध्यक्षता की। उन्होंने विकास कार्यों में तेजी लाने के निर्देश देते हुए कहा कि सभी परियोजनाओं को समयबद्ध पूर्ण किया जाए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कार्यालय में सभी फाइलें ई-फाइल प्रणाली के माध्यम से भेजी जाए। इससे समय की बचत होगी और कार्यों को शीघ्र निपटाने में मदद भी मिलेगी। उन्होंने कहा कि राजस्व विभाग द्वारा प्रदान की जाने वाली सभी जन सेवाओं के लिए ऑनलाइन प्रणाली समयबद्ध कार्यान्वित की जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार गवर्नेंस में सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग को विशेष अधिमान दे रही है। इससे प्रशासन में पारदर्शिता के साथ-साथ दक्षता भी सुनिश्चित होती है। उन्होंने सभी नगर निगमों और शहरी स्थानीय निकायों का पूर्णतया डिजिटाइजेशन सुनिश्चित करने को भी कहा। इससे लोगों को अधिकांश सेवाएं ऑनलाइन माध्यम से उनके घर में ही प्राप्त हो सकेंगी। मुख्यमंत्री ने नींबू प्रजाति फल उत्पादन बहुल क्षेत्र में अतिरिक्त जूस से साइडर बनाने के लिए आधुनिक संयंत्र स्थापित करने की संभावनाएं तलाश करने के निर्देश दिए। विद्यार्थियों की सुविधा के लिए उन्होंने शिमला, रिज स्थित पुस्तकालय के खुलने का समय बढ़ाने के निर्देश भी दिए। उन्होंने मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना, राजीव गांधी रोजगार योजना सहित अन्य योजनाओं की विस्तृत समीक्षा भी की। बैठक में मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, विभिन्न प्रधान सचिव और अन्य सचिव उपस्थित थे।
शिक्षा का उद्देश्य पूर्ण रूप से विकसित और शांतिप्रिय व्यक्तित्व रखने वाले व्यक्तियों का निर्माण करना है, जिनका पोषण विश्व और उनके आसपास के समाज के लिए कुछ बड़ी सोच रखने के लिए किया गया हो। एक बालक को केवल सूचनाएं प्रदान करने की प्रक्रिया के द्वारा नहीं बल्कि समग्र रूप से शिक्षित किया जाना चाहिए। गुरुदेव श्रीश्री रविशंकर का मानना है, 'कक्षा में बैठने से ही कोई शिक्षित हो रहा है, हम ऐसा नहीं मान सकते। हमें बच्चे के मन और शरीर के संपूर्ण विकास पर ध्यान देने के साथ-साथ उसमें अपनापन, साझा करने और दूसरों की देखभाल करने की भावना, प्रेम, अहिंसा और शांति जैसे मानवीय मूल्यों को विकसित करने पर भी ध्यान देना होगा।Ó एक सुंदर विचार है, जो प्राचीन गुरु-शिष्य परंपरा का हिस्सा था, जिसे आज पुनर्जीवित किया जाना चाहिए। एक अच्छा शिक्षक सदा यही चाहेगा कि उसका छात्र विजयी हो और एक अच्छा छात्र उस शिक्षक की जीत की कामना करेगा, जिसका ह्रदय विशाल है। छात्र जानता था कि उसके अल्प ज्ञान की विजय केवल दुख लाएगी, जबकि गुरु के महान ज्ञान की जीत केवल अच्छाई लाएगी। इस सोच ने छात्र और शिक्षक के मध्य एक स्वस्थ संबंध बनाया, जहां छात्र और शिक्षक अपनी वृद्धि और विकास की यात्रा पर एक-दूसरे पर पूरा भरोसा करते थे। अच्छे शिक्षक का धैर्यवान होना जरूरी एक अच्छे शिक्षक को बहुत धैर्य की आवश्यकता होती है। एक शिक्षक का धैर्य छात्रों के जीवन में चमत्कार पैदा कर सकता है, भले ही वे सीखने में थोड़े धीमे हों। माता-पिता को घर पर केवल एक या दो बच्चों को संभालना होता है, जबकि शिक्षकों को छात्रों से भरे कक्ष को संभालना होता है। यह स्पष्ट रूप से शिक्षकों के लिए अधिक तनावपूर्ण और कठिन है। इसलिए शिक्षकों को अधिक केंद्रित होने की जरूरत है। ध्यान और श्वास अभ्यास जैसी विधियाँ शिक्षकों को शांत और केंद्रित रहने के लिए तैयार करने में काफी मदद कर सकती हैं। यह महत्वपूर्ण है क्योंकि बच्चे हर समय शिक्षकों को देख रहे होते हैं और उनसे सीख रहे होते हैं। शिष्य को प्रत्येक कदम पर मार्गदर्शन की आवश्यकता आज शिक्षकों के लिए यह समझना बहुत महत्वपूर्ण है कि छात्र कहां खड़े हैं और उन्हें वहां से अंतिम लक्ष्य तक जाने में प्रत्येक कदम पर मार्गदर्शन की आवश्यकता है। यहां हम भगवान कृष्ण से सीख सकते हैं कि किस तरह वे कदम दर कदम धैर्य और प्रेम के साथ अर्जुन को अंतिम मंजिल तक ले जाते हैं। आरंभ में अर्जुन भ्रमित थे और उनके मन में बहुत सारे सवाल थे। जैसे-जैसे एक छात्र बड़ा होता है, उसे बहुत अधिक भ्रम होना स्वाभाविक है क्योंकि उसकी अवधारणाएं टूटती रहती हैं। उदाहरण के लिए, हम सीखते हैं कि सूर्य पूर्व में उगता है, बाद में हमें पता चलता कि वास्तव में ग्रह कैसे गति करते हैं। इसलिए एक अच्छा शिक्षक छात्र के मन में उठने वाले इन सवालों के दौरान मार्गदर्शन करने के लिए उपलब्ध होता है। एक अच्छा शिक्षक जानकार होता है और छात्र को इन भ्रमों को दूर करने के लिए मार्गदर्शन करता है। साथ ही कई बार जरूरत पड़ने पर शिक्षक भ्रम पैदा भी कर सकते हैं। विद्रोही लोगों को प्रोत्साहन और पीठ थपथपाने की जरूरत शिक्षकों को एक नाजुक संयोजन के लिए प्रयास करना चाहिए जो है प्रेम के साथ दृढ़ता। ऐसे शिक्षक हैं, जो बहुत प्रेम करते हैं और कुछ अन्य केवल कठोर हैं। ऐसे बच्चे हैं जो विद्रोही हैं और ऐसे बच्चे हैं जो भीरु और शर्मीले हैं। विद्रोही लोगों को प्रोत्साहन और पीठ थपथपाने की जरूरत है। आपको उन्हें प्यार और उनकी देखभाल का एहसास कराना चाहिए और यह एहसास दिलाना चाहिए कि वे आपके अपने हैं। लेकिन जो बच्चे शर्मीले और डरपोक हैं, उन्हें खुलकर आगे आने और बोलने में सक्षम बनाने के लिए आप थोड़ा दृढ़ हो सकते हैं। उनके साथ सख्ती से पेश आएं और प्रेम भी करें। अक्सर हम इसका विपरीत करते हैं। शिक्षक विद्रोही बच्चों के साथ सख्ती से पेश आते हैं और शर्मीले बच्चों के साथ उदार बन जाते हैं। तब उनका व्यवहार का क्रम बेहतरी के लिए नहीं बदलेगा। आपको कठोर और कोमल दोनों होने की आवश्यकता है, अन्यथा आप छात्र का मार्गदर्शन उस दिशा की ओर नहीं कर पाएंगे जहां आप उन्हें ले जाना चाहते हैं।
पुलिस चौकी ढांगूपीर प्रभारी एएसआई राजपाल ठाकुर को आज राज्यपाल ने डीजीपी डिस्क अवॉर्ड से सम्मानित किया। जिला चंबा बनीखेत के एक छोटे से गांव ढलोग के स्थाई निवासी राजपाल के पिता बलदेव राज ठाकुर जो होमगार्ड पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। उनकी माता माया देवी एक गृहिणी हंै। राजपाल ठाकुर को डीजीपी डिस्क अवॉर्ड जिला चंबा के तूनूहट्टी बैरियर पर बतौर प्रभारी कार्य करते हुए चरस व चिट्टा तस्करों की कमर तोड़ने के े लिए मिला है। इन्होंने वर्ष 2019 में एक विशेष केस में एक व्यक्ति से गाड़ी में साढ़े 13 किलो चरस बरामद की थी। राजपाल ठाकुर वर्ष 1998 में बतौर सिपाही भर्ती हुए थे, 2004 में लोअर कोर्स को पूरा किया। वर्ष 2006 में यह मुख्य आरक्षी बने। इसके बाद वर्ष 2021 में बतौर एएसआई प्रमोट हुए व 9 अप्रैल 2022 से बतौर चौकी प्रभारी अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
सतेंद्र राणा को महासचिव और विशाल शर्मा को वित्त सचिव चुना हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ चंबा जिला इकाई का त्रैवार्षिक चुनाव रविवार को राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला (बाल) चंबा में करवाए गए। इसमें जिला चंबा के सभी 15 शिक्षा खंड के प्रधान सहित लगभग 200 खंड प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस चुनाव में जिला कांगड़ा से प्रधानाचार्य नागेश्वर सिंह पठानिया जिला चुनाव आयुक्त व सचिन जसवाल उपचुनाव आयुक्त के रूप में उपस्थित रहे। ऑब्जर्वर के रूप में जिला कांगड़ा से रसपाल और मनीष सूद उपस्थित रहे। यह सारी प्रक्रिया इन सभी महानुभावों की देखरेख में संपन्न की गई, जिसमें हरिप्रसाद शर्मा को जिला अध्यक्ष, सतेंद्र राणा को महासचिव और विशाल शर्मा को वित्त सचिव के पद के लिए निर्विरोध चुना गया। इसके साथ ही सुरेंद्र मोहन, ओम वर्मा और नारायण सिंह को वरिष्ठ उपाध्यक्ष के रूप में जिम्मेदारी प्रदान की गई। चुनाव के बाद जिला प्रधान हरिप्रसाद शर्मा ने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ राज्य सरकार मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खु तथा पूरे मंत्रिमंडल का आभारी है कि उन्होंने सरकार बनते ही बनते ही बहुत पुरानी मांग पुरानी पेंशन को सभी कर्मचारियों के लिए लागू किया। संघ ने सरकार से मांग की कि एसएमसी अध्यापकों को जल्द से जल्द कोई पॉलिसी बनाकर नियमित करना या अनुबंध में लाया जाए। वहीं, 24 अप्रैल 2010 के बाद के पदोन्नति प्रवक्ता जो 2010 से पहले के टीजीटी हैं ,उन्हें मुख्य अध्यापक की ऑप्शन में छूट दी जाए। उच्चतम न्यायालय के हाल ही में दिए गए महत्वपूर्ण निर्णय को सरकार जल्द लागू करें जिसमें कहा गया है कि अनुबंध कार्यकाल को नियमित सेवा में जोड़ा जाए व अन्य लाभ प्रदान किए जाएं। जिला प्रधान ने यह भी कहा कि अध्यापक संघ के राज्य प्रधान वीरेंद्र चौहान ने माननीय मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री को अपना 25 सूत्री मांग पत्र पहले ही सौंप दिया है, उम्मीद है कि संघ के सदस्यों को जल्द ही सरकार चर्चा के लिए आमंत्रित करेगी। इसके साथ ही जिला महिला विंग का भी गठन किया गया जिसमें रेनू शर्मा को जिला अध्यक्ष, रक्षा राणा को महासचिव पद के लिए सर्वसम्मति से चुना गया। नवनिर्वाचित सभी सदस्यों ने उपस्थित प्रतिनिधियों का धन्यवाद किया।
त्योहारी सीजन से पहले ही हिमाचल प्रदेश मिल्क फेडरेशन ने दुग्ध उत्पादों के दाम बढ़ाकर उपभोक्ताओं को झटका दे दिया है। फेडरेशन ने अलग-अलग उत्पादों के 2.50 से 50 रुपये तक दाम बढ़ा दिए हैं। फेडरेशन का हिम देसी घी 50 रुपये की बढ़ोतरी के साथ 650 रुपये प्रतिकिलो मिलेगा। हालांकि दूध के दामों में बढ़ोतरी नहीं हुई। फेडरेशन ने देसी घी के अलावा पनीर के 200 ग्राम पैकेट के दाम में छह रुपये बढ़ोतरी की है। हिम खोया में प्रतिकिलो के हिसाब से 20 रुपये बढ़ोतरी की गई है। हिम बटर में 25 रुपये आधा किलो के हिसाब से बढ़ाए गए हैं। मिल्क फेडरेशन के चक्कर स्थित प्लांट के यूनिट प्रभारी शुभम ने बताया कि दुग्ध उत्पादों के बढ़े हुए दाम 1 सितंबर से लागू हो गए हैं।
मुख्य सचिव एवं राज्य कार्यकारी समिति के अध्यक्ष प्रबोध सक्सेना ने आज यहां राज्य आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 की धारा 24 (1) के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए राज्य में निर्माण गतिविधियों के संबंध में आदेश जारी किए हैं। इन आदशों के अनुसार आपदा प्रभावित इमारतों और सड़कों के पुनर्निर्माण कार्यों को छोड़कर किसी भी प्रकार के निजी विकास और निर्माण गतिविधि के लिए पहाड़ियों के कटान पर पूरे राज्य में 16 सितंबर तक प्रतिबंध लगाया गया है। इसके अतिरिक्त शिमला, मंडी, कुल्लू, कांगड़ा, सोलन और चंबा जिलों में वाणिज्यिक, पर्यटन इकाइयों के निर्माण के संबंध में 16 सितंबर तक नई योजना अनुमति एवं भवन अनुमति पर प्रतिबंध रहेगा।यह निर्णय प्रदेश में भारी बरसात के कारण आई प्राकृतिक आपदा के दृष्टिगत मानवीय जीवन, आधारभूत संरचना, पारिस्थितिकी की सुरक्षा के मद्देनजर लिया गया है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने गुरुवार देर सायं सभी उपायुक्तों के साथ एक वर्चुअल बैठक की अध्यक्षता की और उन्हें अपने जिलों में भारी बारिश से हुए नुकसान का तीन दिन के भीतर आकलन करने के निर्देश दिए। उन्होंने आपदा प्रभावितों की सहायता के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए अधिकारियों को राहत व पुनर्वास कार्यों मेें तेजी लाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने उपायुक्तों से क्षति की विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर प्रभावित परिवारों को राहत प्रदान करने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि उपायुक्त जिलों में क्षति का मूल्यांकन कर सम्बंधित क्षेत्रों को आपदा प्रभावित क्षेत्र का दर्जा प्रदान करें। उन्होंने कहा कि प्रभावितों को राहत राशि के उचित वितरण के लिए एसडीएम और उपायुक्तों सहित राजस्व अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने कहा कि भारी बारिश के कारण हुई तबाही के दृष्टिगत राज्य सरकार ने एक विशेष राहत पैकेज की घोषणा की है। इसमें प्रभावितों की सहायता के लिए दस गुणा तक बढ़ा मुआवजा प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पूर्व में पक्के मकान को आंशिक क्षति पर 12,500 रुपये और कच्चे घर को आंशिक क्षति होने पर 10,000 रुपये की राहत राशि दी जाती थी। लेकिन प्राकृतिक त्रासदी के कारण हुए नुकसान को देखते हुए सरकार ने इसे बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दिया है। उन्होंने कहा कि पहले दुकानों और ढाबों को हुए नुकसान के मुआवजे के रूप में सामान के बदले केवल 10 हजार रुपये की आंशिक आर्थिक सहायता मिलती थी जिसे अब राज्य सरकार ने दस गुना बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दिया है। इसके अलावा, नए प्रावधानों के अनुसार दुधारू और भारवाहक मवेशियों की मृत्यु पर प्रति पशु 55,000 रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी और भेड़, बकरी और सुअर की मृत्यु की स्थिति में वित्तीय सहायता को 4000 रुपये से बढ़ाकर 6000 रुपये कर दिया गया है। प्रदेश में धंसते क्षेत्रों के संबंध में चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि इस तरह की प्राकृतिक आपदा के कारण उत्पन्न स्थितियों का गहन अध्ययन करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जिन प्रभावितों की सम्पत्ति पूर्ण रूप से नष्ट हो गई है, उन्हें पर्याप्त सहायता सुनिश्चित की जा रही है। उन्होंने कहा कि ईमारती लकड़ी और ईंधन की लकड़ी की तस्करी पर अंकुश लगाने के लिए राज्य सरकार ने प्रदेश से बाहर इनके निर्यात पर प्रतिबंध लगाया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के इस आदेश की सख्ती से अनुपालना सुनिश्चित की जाए। मुख्यमंत्री ने आपदा के दौरान उपायुक्तों द्वारा किए गए त्वरित प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की प्रतिबद्धता के फलस्वरूप 48 घंटों के भीतर विद्युत एवं पेयजल आपूर्ति बहाल की गई। उन्होंने कहा कि अब विभाग सड़कों की मरम्मत पर विशेष ध्यान दे ताकि किसान अपनी उपज समयबद्ध बाजार तक पहुंचा सकें। उन्होंने कहा कि सड़कों को बहाल करने के लिए मशीनें किराये पर लेने में धन की कमी आड़े नहीं आने दी जाएगी। बैठक में प्रधान सचिव राजस्व ओंकार चंद शर्मा, प्रधान सचिव लोक निर्माण भरत खेड़ा, प्रधान सचिव वित्त मनीष गर्ग, मुख्यमंत्री के ओएसडी गोपाल शर्मा, राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के निदेशक डीसी राणा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
मणिमहेश यात्रा के लिए ऑनलाइन पंजीकरण के बाद अब शुक्रवार से ऑफलाइन पंजीकरण भी शुरू हो गया, जो 26 सितंबर तक चलेगा। 1,050 जवानों के हवाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा और यातायात व्यवस्था का जिम्मा होगा। इनमें पुलिस के 700 और होमगार्ड के 350 जवान शामिल रहेंगे। पूर्व की तरह इस बार भी यात्रा 13 सेक्टरों में विभाजित रहेगी। मणिमहेश यात्रा प्रशासनिक तौर पर 7 सितंबर से शुरू होगी। देश के कोने-कोने से पवित्र डल झील में डुबकी लगाने के लिए यहां श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं। शिवभक्तों की सुरक्षा, यातायात व्यवस्था को सुचारु रखने के लिए जवान दिन-रात तैनात मिलेंगे। वहीं, सीमांत क्षेत्र जेएंडके, लाहडू, तुन्नूहटटी बैरियरों पर भी सुरक्षा व्यवस्था को चाक चौबंद कर दिया गया है। यात्रा के दौरान तहसील मुख्यालय भरमौर, चौरासी मंदिर, भरमाणी मंदिर, हड़सर से लेकर पवित्र डल तक पुलिस जवान वर्दी और सादे कपड़ों में ड्यूटी में नजर आएंगे। पुलिस अधीक्षक अभिषेक यादव ने बताया कि पवित्र मणिमहेश यात्रा के दौरान पुलिस और गृह रक्षक जवान भरमौर से लेकर पवित्र डल तक तैनात रहेंगे। कहा कि यात्रा के दौरान जाम की स्थिति से निपटने के लिए बाकायदा यातायात टीमें पेट्रोलिंग करती नजर आएंगी। उन्होंने यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं से भी यातायात नियमों का पालन करने की बात कही है।
धन शोधन निवारण अधिनियम 2002 के प्रावधानों के तहत हुई गिरफ्तारियां हिमाचल प्रदेश के बहुचर्चित 250 करोड़ के छात्रवृत्ति घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। ये गिरफ्तारियां धन शोधन निवारण अधिनियम 2002 के प्रावधानों के तहत की गई हैं। इनमें एएसएएमएस एजुकेशन ग्रुप के पार्टनर राजदीप जोसन और कृष्ण कुमार, केसी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट पंडोगा के उपाध्यक्ष हितेश गांधी और प्रदेश उच्च शिक्षा निदेशालय की छात्रवृत्ति शाखा के तत्कालीन अधिकारी अरविंद राजटा शामिल हैं। गिरफ्तार आरोपियों को विशेष न्यायालय पीएमएलए शिमला में पेश किया गया। न्यायालय ने चारों को पांच दिन के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया। ईडी ने सीबीआई शिमला की ओर से दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की है। आरोप है कि राज्य शिक्षा विभाग, निजी संस्थान और बैंक अधिकारी करीब 250 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति निधि के वितरण में बड़े पैमाने पर गलत विनियोजन में शामिल थे। ईडी की जांच से पता चला कि राजदीप जोसन और कृष्ण कुमार ने मैसर्स एएसएएमएस एजुकेशन ग्रुप एंड स्किल डेवलपमेंट सोसायटी के माध्यम से फर्जी दस्तावेज पेश करके अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग से संबंधित विद्यार्थियों के लिए पोस्ट-मैट्रिक योजना के तहत छात्रवृत्ति घोटाला किया। इसी तरह हितेश गांधी की अध्यक्षता वाले केसी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट पंडोगा ने छात्रवृत्ति के लिए फर्जी दावे किए, जिन्हें अरविंद राजटा ने सत्यापित किया। हितेश गांधी ने विद्यार्थियों के बैंक खाते में वितरित छात्रवृत्ति को केसी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट के बैंक खातों में स्थानांतरित कर दिया। इससे पहले 31 अगस्त को चार राज्यों में 24 स्थानों पर तलाशी ली गई थी। इसमें 4.42 करोड़ रुपये की अंतिम कुर्की आदेश दिया गया था। हिमाचल, हरियाणा, पंजाब और दिल्ली के 24 स्थानों पर पड़े थे छापे प्रवर्तन निदेशालय ने छात्रवृत्ति घोटाले के मामले में 29 अगस्त को हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और दिल्ली के 24 स्थानों पर इस मामले में छापे मारे थे। ईडी ने इन छापों के दौरान बैंक खातों में 2.55 करोड़ रुपये की अघोषित नकदी जब्त की थी। छात्रवृत्ति घोटाले में संलिप्त आरोपियों ने खोल दिए होटल और शराब के ठेके हिमाचल में सामने आए 250 करोड़ रुपये से अधिक के बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले में संलिप्त कुछ निजी शिक्षण संस्थानों के मालिकों ने होटल और शराब के ठेके भी खोल दिए हैं। इन्होंने इसी बीच जमीन की भी खरीद-फरोख्त की है। सीबीआई की जांच में इसका खुलासा हुआ है। इनके पास आय से अधिक संपत्ति है, जिसे प्रवर्तन निदेशालय जब्त कर रहा है। सीबीआई ने अब तक की जांच के तहत करीब 28 निजी संस्थानों को छात्रवृत्ति घोटाले में संलिप्त पाया है। इनमें से 15 संस्थानों की जांच पूरी हो चुकी है। इनके खिलाफ आरोप पत्र भी दाखिल किए जा चुके हैं। 13 निजी शिक्षण संस्थानों की जांच चल रही है। यह घोटाला 2013 से 2019 के बीच हुआ है। पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर छात्रवृत्ति हुई जारी सीबीआई जांच में खुलासा हुआ है कि छात्रवृत्ति घोटाले को लेकर हर स्तर पर अनियमितताएं बरती गईं। आपसी मिलीभगत से निजी संस्थानों को पहले आओ और पहले पाओ के आधार पर छात्रवृत्ति के लिए बजट जारी हुआ। यही कारण रहा है कि छात्रवृत्ति का 80 प्रतिशत बजट निजी और 20 प्रतिशत बजट सरकारी संस्थानों को जारी हुआ।
हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले के भरमौर से भाजपा विधायक डॉ. जनक राज के जन्मदिन पर आईएएस अफसर के खिलाफ वायरल पत्र बम मामले में पुलिस जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। यह पत्र शिमला डाकघर से पोस्ट कर भाजपा विधायक के शिमला स्थित आवास के पते पर भेजा गया। 15 अगस्त को विधायक का जन्मदिन था। अपने विधानसभा क्षेत्र भरमौर में विधायक कार्यकर्ताओं और समर्थकों के साथ जन्मदिन मनाने पहुंचे। वहां पुलिस की गिरफ्त में आए एक आरोपी ने मोबाइल से पत्र की फोटो खींची और वायरल कर दी। उधर, विधायक ने पुलिस का सहयोग करते हुए पत्र के लिफाफे को एक जानकार के माध्यम से शिमला के बालूगंज थाना को सौंप दिया। अब यह लिफाफा केस प्रॉपर्टी के तौर पर पुलिस ने रख लिया है। लिफाफे पर विधायक का नाम और उनकी रिहायश का पता लिखा है। इस पर डाक विभाग की मुहर भी लगी है। शुरुआती जांच में अंदेशा जताया जा रहा है कि पत्र शिमला में लिखा गया और चंबा से वायरल किया गया। कंप्यूटर पर पत्र लिखा, बाद में इसका प्रिंट लिया और लिफाफे पर नाम व पता पेन से लिखा गया है। सारे सबूत मिलने पर अब पुलिस हैंडराइटिंग के सैंपल लेगी। शिमला शहर में 29 लेटर बॉक्स हैं। इनमें कुछ लेटर बॉक्स ही ऐसे हैं, जिनके आसपास सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। पुलिस जांच कर रही है कि यह पत्र कहां से पोस्ट किया होगा। इसमें सीसीटीवी फुटेज का भी सहारा लिया जाएगा। पुलिस इस मामले में करीब 70 फीसदी जांच पूरी कर चुकी है। उधर, एसपी शिमला संजीव गांधी ने कहा कि हर पहलू पर तफ्तीश की जा रही है। सीएम सुक्खू से मिले विधायक बीते दिन विधायक जनकराज सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू से मिले और कहा कि पत्र से उनका लेना-देना नहीं है। यह पत्र उनके पते पर डाक से आया। इसे वायरल करने में उनका हाथ नहीं है। विधायक ने अमर उजाला को बताया कि भाजपा और उनको मामले में जबरदस्ती घसीटा जा रहा है। वह विपक्ष में हैं, अगर कोई मुद्दा उठाना होगा तो वह छिपकर नहीं, बल्कि सामने आकर सवाल उठाएंगे। वह चुने हुए जनप्रतिनिधि हैं। यह कांग्रेस के असंतुष्ट लोगों का काम है, जो छिपकर अपनी ही सरकार के खिलाफ लामबंद हैं और ठीकरा भाजपा पर फोड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि वक्त आने पर पूरा जवाब देंगे। पत्र बम मामला बीते दिनों वायरल पत्र में एक निजी कंपनी से करोड़ों के लेनदेन के आरोप लगे थे। पत्र में हाईप्रोफाइल पार्टी और कॉल गर्ल्ज तक का उल्लेख है। पत्र में एक आईएएस अफसर पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पत्र सीबीआई निदेशक को प्रेषित करने का दावा किया गया। पत्र अनमोल सिंह ठाकुर के नाम से जारी हुआ, जबकि इस नाम का कोई अधिकारी व कर्मचारी नहीं है। आईएएस अफसर ने थाना बालूगंज में एफआईआर दर्ज करवाई। उसके बाद पुलिस ने पत्र वायरल करने वाले मुख्य आरोपी को जिला चंबा से हिरासत में लिया।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनीष गर्ग ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार निर्वाचक नामावली को शुद्ध एवं त्रुटिरहित व अद्यतन बनाए रखने के उदेश्य से बी.एल.ओ. द्वारा 21-07-2023 से अपने मतदान क्षेत्र के अन्तर्गत घर-घर जाकर फोटोयुक्त मतदाता सूचियों में विद्यमान प्रविष्टियों के सत्यापन का कार्यक्रम आरम्भ किया गया था जो कि दिनांक 21-08-2023 तक चला। इस दौरान 01-10-2023 की अहर्ता तिथि के आधार पर 18 वर्ष से अधिक आयु प्राप्त कर चुके 32,403 मतदाताओं की पहचान कर प्रारूप 6 पर आवेदन प्राप्त कर लिये गये है। सत्यापन के दौरान 18,445 मतदाता अनुपस्थित व 41,488 स्थानान्तरित मतदाता चिन्हित किये गये। इसके अतिरिक्त मतदाता सूची में 3,335 दोहरे रूप से पंजीकृत, व 40,939 मृत मतदाताओं की पहचान की गई तथा फोटो मतदाता सूची में 21,723 मतदाताओं की खराब व धुन्धली फोटो को रंगीन फोटो से परिवर्तित करने हेतु पहचान की गई। इसके अतिरिक्त उन्होने यह भी बताया कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार हिमाचल प्रदेश के समस्त 68 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों के मतदान केन्द्रों के भौतिक सत्यापन का कार्यक्रम भी समस्त जिला निर्वाचन अधिकारियों, समस्त निर्वाचक पंजीकरण अधिकारियों एवं उप-मण्डलाधिकारी की देख रेख में दिनांक 22-08-2023 से 31-08-2023 तक चलाया गया था। उन्होंने कहा कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 25 के प्रावधानुसार 2 से 8 सितम्बर, 2023 तक मतदान केंद्रों की सूचियां प्रारूप में प्रकाशित की जायेंगी। यह सूचियां समस्त जिला निर्वाचन कार्यालयों, समस्त निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी एवं उप-मण्डलाधिकारी (नागरिक), समस्त तहसीलों व उप-तहसीलों के कार्यालयों में जनसाधारण के निःशुल्क निरीक्षण के लिए उपलब्ध रहेेंगी। इस दौरान यह सूचियां https://ceohimachal.gov.in पर भी देखी जा सकती हैं। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि प्रदेशवासी मतदान केंद्रों के युक्तिकरण के सम्बंध में अपनी कोई आपत्ति अथवा परामर्श 2 से 8 सितम्बर, 2023 तक अपने जिले से सम्बंधित जिला निर्वाचन अधिकारी (जिलाधीश), निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी (एडीएम/एसडीएम) के समक्ष प्रस्तुत कर सकते हैं।
चंबा के तेलका में एक निजी कंपनी चिटफंड में करीब डेढ़ करोड़ का घपला करने के बाद रफूचक्कर हो गई है। करीबन पांच साल पहले खुली इस कंपनी के कार्यालय में निवेशकों ने लगभग डेढ़ करोड़ जमा करवाए थे। प्रभावितों का आरोप है कि तेलका में पांच वर्ष पहले खुली निजी कंपनी की शाखा के कर्मचारियों ने लोगों से लुभावने वादे किए। उन्होंने जमा राशि पर ब्याज की दर 12 प्रतिशत देने की बात कही। स्थानीय और जिला मुख्यालय के कर्मचारियों के कंपनी कार्यालय में तैनात होने से लोगों ने विश्वास में आकर एफडी और आरडी के तौर पर राशि जमा करवा दी। बताया कि शाखा खुलने के तीन-चार साल तक लोगों के साथ लेनदेन सही चलता रहा। अब शाखा बंद हो गई है। जमा राशि को वापस किए बिना कंपनी को बंद कर कर्मचारी फरार हो गए हैं। प्रभावितों ने तेलका थाने में प्राथमिकी दर्ज करवाई है। आवेदक अब कंपनी पर कार्रवाई का इंतजार कर रहे हैं। पुलिस अधीक्षक अभिषेक यादव ने बताया कि पुलिस को शिकायत मिली है। पुलिस छानबीन के बाद आगामी कार्रवाई अमल में लाएगी।
कहा-पात्र विद्यार्थियों को शिक्षा के लिए 20 लाख रुपये का ऋण प्रदान करने की सुविधा मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां कहा कि राज्य सरकार ने पात्र हिमाचली विद्यार्थियों को एक प्रतिशत ब्याज की दर पर ऋण प्रदान करने के लिए वित्त वर्ष 2023-24 से डॉ. यशवंत सिंह परमार विद्यार्थी ऋण योजना लागू की है। उन्होंने कहा कि इस योजना से यह सुनिश्चित होगा कि राज्य का कोई भी युवा वित्तीय संसाधनों की कमी के कारण उच्च या व्यावसायिक शिक्षा से वंचित न रहे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य के युवाओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि जिस परिवार की वार्षिक आय 4 लाख रुपये से कम है, उस परिवार का छात्र इस योजना के तहत ऋण प्राप्त करने के लिए पात्र है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे मामलों में जहां बैंक को शुल्क राशि की पहली किस्त जारी करने में समय लग रहा है, संबंधित संस्थान को शुल्क राशि की पहली किस्त जारी करने के लिए सभी जिलों के उपायुक्त कार्यालय के स्तर पर एक कोष बनाया जाएगा ताकि छात्र को संस्थान में प्रवेश लेने में किसी परेशानी का सामना न करना पड़े। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से उच्च शिक्षा विभाग से पात्र छात्रों द्वारा लिए गए शिक्षा ऋण के बदले ब्याज सब्सिडी का दावा करने के लिए नोडल बैंक नामित करेगी। उन्होंने कहा कि नोडल बैंक उच्च शिक्षा विभाग के साथ समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित करेगा। उन्होंने कहा कि ऋण लेने वाले विद्यार्थियों को अपनी पसंद के संस्थान में प्रवेश पाने से पहले पोर्टल पर अपना पंजीकरण करना होगा और योजना के तहत अपने आवश्यक दस्तावेज अपलोड करने होंगे। इसके पश्चात विद्यार्थी को प्रवेश में चयनित होने का प्रमाणन करने से संबंधित दस्तावेज भी अपलोड करने होंगे। विद्यार्थी के पात्र पाए जाने पर उच्च शिक्षा निदेशक ऋण की पहली किस्त जारी करने के लिए संबंधित बैंक को मामले की सिफारिश करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि योजना के तहत पात्र विद्यार्थी हिमाचल प्रदेश में स्थित किसी भी अनुसूचित बैंक से शिक्षा ऋण प्राप्त कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि योजना के तहत विद्यार्थी बोर्डिंग, आवास, ट्यूशन फीस, किताबें और उनकी शिक्षा से जुड़े अन्य संबद्ध खर्चों को पूरा करने के लिए अधिकतम 20 लाख रुपये तक का शिक्षा ऋण ले सकते हैं। सीएम सुक्खू ने कहा कि पिछली कक्षा में 60 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले छात्र व्यावसायिक व तकनीकी शिक्षा जैसे इंजीनियरिंग, चिकित्सा, प्रबंधन, पैरा मेडिकल फार्मेसी, नर्सिंग, विधि इत्यादि में डिप्लोमा व डिग्री कोर्स तथा औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों, बहुतकनीकी संस्थानों से तकनीकी कोर्स तथा मान्यता प्राप्त शैक्षणिक संस्थानों और विश्वविद्यालयों से पी.एच.डी. करने के लिए एक प्रतिशत ब्याज की दर से ऋण लेने के लिए पात्र होंगे। उन्होंने कहा कि शैक्षणिक ऋण की सुविधा का लाभ प्राप्त करने के लिए विद्यार्थियों के पंजीकरण एवं प्रवेश तिथि को आयु सीमा 28 वर्ष निर्धारित की गई है। सुक्खू ने कहा कि योजना का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने और छात्रों की प्रगति की निगरानी के लिए नियमित अवधि में योजना के परिणामों का मूल्यांकन करने के लिए एक तंत्र विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा विभाग शिकायत निवारण अधिकारी नामित करेगा, जिसके पास छात्र ईमेल, डाक या किसी डिजिटल माध्यम से अपनी शिकायतें दर्ज करवा सकेंगे। उन्होंने कहा कि यह योजना गरीब छात्रों को उनकी क्षमता के अनुरूप जीवन में उनकी आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुंच सुनिश्चित करेगी।
जब आंखों के सामने ही सपनों का आशियाना धराशायी हो जाए तो दर्द कितना होता होगा, इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। ऐसा ही दर्द मंडी जिले के उप मंडल सरकाघाट के कई परिवारों का है। इनमें से एक अति निर्धन परिवार उप मंडल की ग्राम पंचायत रिस्सा के गांव रिस्सा का है। रिन्टू पुत्र टेक चंद के परिवार पर आपदा एक कहर बनकर आ बरसी है। इस बरसात ने इनका नया और पुराना घर दोनों छीन लिये हैं। यही नहीं गांव की सारी जमीन भूस्खलन की चपेट में आ गई है तथा मौजूदा समय में रिन्टू अपने पूरे परिवार के साथ रिस्सा के सरकारी स्कूल में अपना कष्ट भरा समय गुजार रहे हैं। आप सभी दानी सज्जनों से एक सादर अपील है कि आपकी छोटी से छोटी मदद भी इन सबको एक कुटिया बनाने में सहायक सिद्ध हो सकती है। ये लोग सरकार से भी अपील कर रहे हैं मदद की। दानी सज्जन निम्नलिखित अकाउंट नंबर में आप स्वेच्छा अनुसार सहयोग कर सकते हैं। Rintu S/O Tek Chand VPO Rissa, Sarkaghat, Mandi HP 175024 Himachal Pradesh Framing Bank Account Details 87491700075321 IFSC Code PUNBOHPGB04 इनके फोन नंबर हैं 78078 73145, 7807177180
केंद्रीय सूचना प्रसारण एवं युवा व खेल मामलों के मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया है कि हिमाचल प्रदेश में आपदा पीड़ितों के लिए केंद्र सरकार 6,000 घर बनाएगी। पीएम ग्रामीण आवास योजना के तहत ग्रामीण विकास मंत्रालय ने इसकी मंजूरी दे दी है। शुक्रवार को अनुराग ठाकुर ने नई दिल्ली में केंद्रीय ग्रामीण विकास व पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह से मुलाकात कर मंजूरी देने के लिए आभार जताया। अनुराग ने बताया कि हाल ही में 5,000 घरों को मंजूरी मिली थी। इस आपदा में केंद्र से अब तक कुल 11,000 घर मंजूर हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि संकट की इस घड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशानुसार केंद्र हिमाचल की हरसंभव सहायता कर रहा है। बीते दिनों भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राजीव बिंदल के साथ उन्होंने आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया था।
अतिरिक्त उपायुक्त भरमौर नवीन तंवर की अध्यक्षता में श्री मणिमहेश यात्रा को लेकर समीक्षा बैठक का आयोजन लघु सचिवालय पट्टी के सभागार में किया गया। बैठक में यात्रियों के लिए बेहतर सुविधाएं जुटाने के लिए मणिमहेश यात्रा के दौरान दुकानों द्वारा प्रदान की जाने वाली खाद्य वस्तुओं, कुली, घोड़े व खच्चरों और टैक्सियों के किराए के मूल्य की सूची पर समीक्षा करने के बाद संबंधित हितधारकों से फीडबैक लेकर मूल्य निर्धारण करने के आवश्यक निर्देश दिए गए । उन्होंने संबंधित विभाग के अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए की टैक्सी चालकों द्वारा ओवरलोडिंग ना की जाए और गाडिय़ों पर टैक्सी यूनियन के स्टीकर होने चाहिए । उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि गाडिय़ां निर्धारित किए गए स्थलों पर ही पार्क की जाएगी और ट्रैफिक व्यवस्था को मध्य नजर रखते हुए क्षमता के हिसाब से गाड़ी खड़ी करने के लिए स्थान चिन्हित किए जाएं। अतिरिक्त उपायुक्त ने टैक्सी यूनियन के प्रतिनिधियों से बैठक में यात्रियों की सुविधा के दृष्टिगत स्थानीय पुलिस के साथ समन्वय स्थापित कर ट्राफिक को निरंतर सुचारु रखने के लिए सहयोग का आग्रह किया। बैठक में दुकानों के लिए खाने के रेट निर्धारित कर दिए गए हैं। खाद्य सामग्री के मूल्य की समीक्षा करके उन्होंने खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग को खाने की वस्तुओं की जांच करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि दुकानदारों को मूल्य सूची लगाना और सफाई के व्यवस्था को सुनिश्चित बनाना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि यात्रा के दौरान किसी भी प्रकार के नशीले पदार्थों को रखना और बेचने पर पूर्णता प्रतिबंधित रहेगा। घोड़े, खचरों की दरों को लेकर 26 अगस्त को पशुपालन व वन विभाग के साथ बैठक में दरें निर्धारित की जाएगी। उन्होंने सभी विभागीय अधिकारियों को यात्रा के सफल आयोजन के लिए सभी आवश्यक प्रबंधों को तय सीमा के भीतर पूर्ण करने के निर्देश दिए। बैठक में उपमंडल अधिकारी नागरिक कुलबीर सिंह राणा, वन मंडल अधिकारी नरेंद्र कुमार, खंड विकास अधिकारी अनिल गुराड़, सहायक अभियंता लोक निर्माण विभाग विशाल चौधरी, पुलिस निरीक्षक हरनाम सिंह और इंचार्ज शशी कुमार उपस्थित रहे ।
चुराह विधानसभा के नरेंद्र शर्मा उर्फ अभी शर्मा चुराही को अखिल भारतीय कांग्रेस की युवा कांग्रेस इकाई में प्रदेश सह सचिव बनाया गया। अभी शर्मा ने हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्षा प्रतिभा सिंह, पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह और युवा कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष यदोपति ठाकुर का धन्यवाद किया। इससे पहले अभी शर्मा जिला युवा कांग्रेस के महासचिव पद पर कार्य कर रहे थे। उससे पहले वह पूर्व एनएसयूआई में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। चुराह विधानसभा क्षेत्र में आज तक किसी भी व्यक्ति को युवा कांग्रेस की प्रदेश कार्यकारिणी में जगह नहीं मिली थी, लिहाजा युवाओं के बीच में अपना एक अलग स्थान रखने वाले अभी शर्मा ने चुराह विधानसभा क्षेत्र के लिए यह काम भी कर दिया। अभी शर्मा चर्चाओं में तब आए जब कोविड के समय में उन्होंने अपनी टीम के साथ पूरे चुराह विधानसभा क्षेत्र के लोगों की सहायता में कोई कमी नहीं छोड़ी। अभी शर्मा को पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह के बहुत करीब माना जाता है तथा चुराह विधानसभा क्षेत्र में अभी शर्मा लगातार चर्चा का विषय बने रहते हैं चुनाव विधानसभा क्षेत्र के युवाओं में अभी शर्मा को मिली इस जिम्मेदारी को लेकर के बहुत उत्साह देखने को मिला।
हिमाचल प्रदेश सरकार ने दो बच्चों की संख्या वाले 143 स्कूल डि नोटिफाई किए हैं। प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने 117 प्राथमिक विद्यायल और 26 माध्यमिक विद्यालय बंद किए जाने को लेकर आदेश जारी कर दिए हैं। बिलासपुर जिले में 6, चंबा में 8, हमीरपुर में 4, कांगड़ा में 17, किन्नौर में 5, कुल्लू में 4, लाहौल-स्पीति में 19, मंडी में 18, शिमला में 25, सिरमौर में 3, सोलन में 7 और ऊना में 1 प्राथमिक विद्यालय डि नोटिफाई किया गया है। चंबा जिले में 2, कांगड़ा में 3, किन्नौर में 2, लाहौल-स्पीति में 7, मडी में 5, शिमला में 6 और सिरमौर में 1 माध्यमिक विद्यालय डि नोटिफाई किया गया है। वहीं विद्यार्थियों की संख्या बढऩे पर हिमाचल सरकार ने बंद किए 20 स्कूलों को दोबारा खोलने की अधिसूचना जारी की है। चंबा, कांगड़ा, शिमला, सिरमौर, सोलन और मंडी जिले में ये स्कूल दोबारा खोले गए हैं।
हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के 6,000 से अधिक पद भरने के लिए अक्तूबर से भर्ती प्रक्रिया शुरू होगी। राज्य सचिवालय में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने बताया कि नया भर्ती आयोग गठित होते ही शिक्षा विभाग भर्तियां शुरू करेगा। प्रारंभिक शिक्षा विभाग में 5,300 और उच्च शिक्षा विभाग में 1,000 पद भरे जाएंगे। प्रदेश कैबिनेट ने इन पदों को भरने के लिए पहले ही मंजूरी दे दी है। शिक्षा मंत्री ने कहा है विभाग अपने स्तर पर भी प्रयास कर रहा है कि रिक्त पद जल्द भरे जाएं। पदोन्नति और बैचवाइज आधार पर भर्ती प्रक्रिया जारी है। पांच वर्ष बाद नियमित प्रिंसिपल कॉलेजों में पदोन्नत कर दिए गए हैं। अन्य श्रेणियों के शिक्षकों के पद पदोन्नति से भरे जा रहे हैं। बैचवाइज आधार पर भी जिला शिक्षा अधिकारी भर्तियां कर रहे हैं। बीते दिनों ही मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने प्रदेश में भर्तियां करने के लिए नया आयोग गठित करने की बात कही है। इसके लिए सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी दीपक सानन की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई है। कमेटी अक्तूबर में अपनी रिपोर्ट देगी। इस रिपोर्ट के मिलते ही नया भर्ती आयोग गठित किया जाएगा। पेपर लीक मामले में भंग किए गए हमीरपुर कर्मचारी चयन आयोग की जगह नया भर्ती आयोग बनाया जाना है।
चार साल की समायरा का वो मुस्कुराता चेहरा अब कभी नहीं दिखेगा। घर के उस आंगन में हंसती खेलती समायरा अब कभी नजर नहीं आएगी। कुदरत के इस कहर ने न जाने कितने परिवारों को उजाड़ दिया है। तबाही की ये तस्वीरें जब भी जहन में आती है रूह कांप उठती है। ये त्रासदी इतने गहरे जख्म देगी इस बात का अंदेशा भी नहीं था। शिव बावड़ी का वो हादसा भुलाए नई भूलता। पल भर में मंदिर मलबे में तब्दील हो चुका था। सोमवार का वो दिन उन लोगो के लिए काल का दिन बनकर आया था जो उस दिन शिव बावड़ी मंदिर में मौजूद थे। समायरा का पूरा परिवार इस हादसे में खत्म हो चुका है। 7 लोगों का एक साथ चले जाना बेहद दुखद है और उससे भी ज़्यादा दुखद अपनों की आखिरी झलक को तरस जाना। 11 दिन बीत चुके जाने के बाद समायरा का शव आज बरामद किया गया है। 11 दिन तक वो परिवार उस नन्ही सी बेटी की आखरी झलक देखने के लिए तरस गया था। वो परिवार पूरी तरह से बिखर चुका है। इस हादसे ने वो नासूर दर्द दिया है जो शायद ही किसी के जहन से कभी जाए।
मां की नजरे अपने दुलारे बेटे का इंतजार करती रही, एक पत्नी अपने सुहाग की सलामती के लिए दिन-रात प्रार्थना करती रही और वो नन्ही बच्ची रोज पूछती थी पापा कब आएंगे। नीरज के परिवार की नजरें घटनास्थल पर चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन पर थी और आस थी कि कुछ ऐसा चमत्कार हो जाए की नीरज सकुशल लौटे। दिन बीतता गया और परिवार की हिम्मत और आस्था अब जवाब दे रही थी। नीरज के सकुशल लौटने की उम्मीद दिन-व-दिन कम होते जा रही थी। 24 अगस्त को शिमला के शिव बावड़ी हादसे के घटनास्थल से नीरज का शव 11 दिन बाद मिला। हादसे वाले दिन नीरज शिव मंदिर में जलाभिषेक के लिए गया था, लेकिन चंद लम्हों में शिव बावड़ी मंदिर का नामोनिशान तक नहीं रहा। तबाही के उस मलबे में 20 लोगों ने अपनी जान गवां दी। जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों पर दुखो का पहाड़ टूट चूका है, परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। नीरज के परिवार वालो का दु:ख शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है। 11 दिन तक वो परिवार इस आस में बैठा रहा की शायद नीरज वापस लौट आएंगे। हर रोज इसी उम्मीद में वो नम आंखें इंतजार में रहीं, लेकिन आज लापता नीरज ठाकुर का शव बरामद कर लिया गया है। नीरज समरहिल के रहने वाले थे। नीरज का कुल्लू में होटल का कारोबार था। इस दुखद हादसे में नीरज ठाकुर अपनी मां शांति देवी, पत्नी समा ठाकुर और बेटी सान्या को पीछे छोड़ गए हैं। पल भर में नीरज के परिवार की खुशियां खत्म हो गई है। इस आपदा ने लोगो को जो जख्म दिए हैं, वो कभी नहीं भूल सकते।
मकान नहीं, जीवन भर की पूंजी थी। वो सपनों का आशियाना था जो पल भर में तबाह हो गया। कितना दर्दनाक रहा होगा वो मंजर जब लोगों ने अपने घरों को अपनी आँखों के सामने ताश के पत्तों की तरह बिखरते हुए देखा होगा। ये सोचना भी बेहद मुश्किल है। हिमाचल में आसमान से बरस रही आफत से सैकड़ों लोग बेघर हो चुके हैं। दरकते पहाड़, धंसती जमीन और टूटते मकान इस ओर इशारा कर रहे है कि हिमाचल पर ये संकट बड़ा है और ये संकट अभी टला नहीं है। आफत की बरसात ने ऐसा कोहराम मचाया है कि लोग रात को अपने घरों में चैन की नींद भी नहीं सो पा रहे हैं। 24 जून वो तारीख थी जब हिमाचल प्रदेश में मॉनसून की एंट्री हुई थी। तबसे अब तक भारी बारिश का दौर जारी है। हिमाचल प्रदेश आपदा प्रबंधन की तरफ से जारी रिपोर्ट में अब तक 2220 घर पूरी तरह से जमींदोज हो चुके हैं। जबकि 11 हजार के करीब घरों में दरारें आई हैं। इसी तरह 9819 घर ऐसे है जिन्हे थोड़ा बहुत नुक्सान पहुंचा है। इस रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश में बारिश और फ्लैश फ्लड में 4695 से अधिक गौशालाएं बह गई हैं। 300 से अधिक दुकानें बारिश में ढह गई हैं। भारी बारिश के कारण हिमाचल में अब तक 8 हजार 99 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। कुदरत के इस कहर के कारण अब तक 350 से अधिक लोगों की मौत भी हो चुकी है। इस आपदा से जो हिमाचल को नुक्सान पहुंचा है शायद वो कुछ वक्त के बाद सामान्य भी हो जाए, कुछ समय बाद सब वापिस पटरी पर लौट आए, लेकिन जिन लोगों ने इस त्रासदी में अपनों को खोया है वो अब कभी लौट कर नहीं आएंगे। जब भी तबाही की ये तस्वीरें जहन में आएंगी उन लोगो की आंखें फिर नम हो जाएंगी। आपदा के दिए ये जख्म सदा हरे रहेंगे।
14 अगस्त को नितिका का जन्मदिन था। हमेशा की तरह वो अपने पापा के विश करने का इंतज़ार कर रही थी। नितिका अपने पापा की फोन कॉल का इंतज़ार करते-करते थक गयी। जब उसके पापा का कॉल नहीं आया तो उसने खुद कॉल की लेकिन नंबर नहीं लगा। इसके बाद जो खबर शिमला के समरहिल से आई वो दिल दहला देने वाली थी ।यहाँ सावन की शिवरात्रि की पूजा के लिए जिस शिव बावड़ी मंदिर में सात लोगों का पूरा परिवार पूजा करने गया था, वहां लैंडस्लाइड हुआ और सभी मलबे में दब गए हैं। वो लुधियाना से तुरंत शिमला के लिए निकली। शाम को यहां पहुंचीं तो देखा कि सात में से चार परिजन उनकी मां संतोष शर्मा, भाई अमन और भाई की बेटियों नायरा और साशा के शव मलबे से निकाले जा चुके थे। सावन का छठा सोमवार और 14 अगस्त का वो दिन, नितिका अब शायद कभी नहीं भूल पाएगी। इन चार शवों को मुखाग्नि भी नितिका ने ही दी। तीसरे दिन उनके भाई अमन की पत्नी अर्चना का शव मिला, जिसका संस्कार अर्चना के भाई ने किया। परिवार में इकलौती बची नितिका का कहना है कि उसे 14 अगस्त का दिन कभी नहीं भूल सकता। पापा पवन शर्मा और भतीजी समायरा अभी भी लापता हैं। नितिका का रो रो कर बुरा हाल है। नितिका कहती है, 'वक्त बीत जायेगा, लेकिन यह जख़्म कभी नहीं भर पायेगा।Ó
हिमाचल प्रदेश में आई त्रासदी ने जो दर्द दिया है वो नासूर है। त्रासदी ने जो गहरे जख्म दिए हैं, इन जख्मों का न मरहम है और न कोई दवा और न ही आने वाला वक्त ये जख्म भर सकता है। मंडी के पड़ोह के रहने वाले नितीश भी इसी दर्द से गुजर रहे हैं। 14 अगस्त की वो सुबह नितीश के परिवार के लिए नया सवेरा नहीं, बल्कि काल का ग्रास ले आया। 14 अगस्त की सुबह लगभग 5 बजे नितीश के घर के पीछे अचानक ढेर सारा मलबा आ गया। अफरातफरी में सभी घर से बाहर निकल आए, लेकिन 6 महीने की सानिया घर के अंदर ही रह गई थी। नितेश की 18 वर्षीय पत्नी मोनिका और 17 वर्षीय बहन रविता उस दुधमुंही को बचाने के लिए घर के अंदर गई। ये दोनों यही सोचकर घर में गई कि बच्ची को उठाकर तुरंत बाहर आ जाएंगी, लेकिन होनी को कौन टाल सकता है। अचानक मलबा घर पर आ गया और तीनों घर सहित उस मलबे में दब गईं। 45 वर्षीय माता रचना देवी और 11 वर्षीय एक अन्य बहन गोपी मलबे की चपेट में आ गई और उसके साथ बहती चली गई। इतने में गांव वालों को पता चल गया और उन्होंने दोनों मां-बेटी को बाहर निकाल दिया। नितीश और उसकी एक अन्य 15 वर्षीय बहन जाह्नवी भागकर खुद को बचाने में कामयाब हो सके। मां के पांव में गंभीर चोट लग चुकी थी। पांव का इन्फेक्शन इतना बढ़ गया कि डॉक्टरों को घुटने से नीचे पांव ही काटना पड़ गया। माता हॉस्पिटल में उपचारधीन है, लेकिन अभी पत्नी, बेटी और बहन का कोई सुराग नहीं लग पाया है। परिवार के इकलौते सहारे नितीश के सिर पर दुखों का पहाड़ टूटने के साथ-साथ जिम्मेदारियों का बोझ भी है। अब नितीश को समझ नहीं आ रहा कि वो अस्पताल में उपचाराधीन मां को संभाले या फिर सांबल में आकर दिन भर अपनी पत्नी, बेटी और बहन के लिए चल रहे तलाशी कार्य को देखे। नितीश पर जो दुखो का पहाड़ टूटा है उस दर्द को शब्दों में बयां करना नामुमकिन है और नामुमकिन है इस हानि की भरपाई कर पाना।
हिमाचल प्रदेश सरकार ने नौ एचपीएस अधिकारियों के तबादला आदेश जारी किए हैं। एएसपी आईआरबी बस्सी नरेंद्र कुमार को एएसपी सिरमौर, एएसपी सिरमौर सोम दत्त को एएसपी आईआरबी बस्सी, डीएसपी पीटीसी डरोह अमित ठाकुर को डीएसपी लीव रिजर्व शिमला, डीएसपी सिटी शिमला तजिंदर कुमार को डीएसपी सेकंड आईआरबी सकोह, एसडीपीओ कांगड़ा मदन लाल धीमान को डीएसपी फर्स्ट आईआरबी बनगढ़, डीएसपी फर्स्ट आईआरबी बनगढ़ अंकित शर्मा को एसडीपीओ कांगड़ा, डीएसपी विजिलेंस एसआईयू शिमला, वरुण पटियाल को डीएसपी सिटी शिमला, एसडीपीओ आनी चंद्र शेखर को डीएसपी एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स शिमला और एसडीपीओ सुंदरनगर दिनेश कुमार को डीएसपी सेकंड आईआरबी सकोह लगाया गया है। इसके साथ ही नियुक्ति का इंतजार कर रहे भरत भूषण को एसडीपीओ सुंदरनगर और निशा सिंह को डीएसपी लीव रिजर्व धर्मशाला लगाया गया है।
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक डॉ. सुरेंद्र पाल ने बताया कि प्रदेश के कई क्षेत्रों में आज भी भारी बारिश होने का पूर्वानुमान है। इसे देखते हुए आज ऑरेंज अलर्ट और कल के लिए यलो अलर्ट दिया गया है। परसों से मानसून के कमजोर पड़ने के आसार हैं।रहा है। वहीं किसानों को मार्केट तक अपने उत्पाद पहुंचने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
44 मरीजों में स्क्रब टाइफस की पुष्टि, 59 मरीजों में टाइफाइड के लक्षण हिमाचल प्रदेश में जलजनित रोग पांव पसारते जा रहे हैं। दिन प्रतिदिन बढ़ रहे जलजनित रोग को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी किया है। विभाग ने इसको लेकर एडवाइजरी भी जारी की है। लोगों को आसपास साफ-सफाई और उबालकर पानी पीने की सलाह दी है। जानकारी के अनुसार स्क्रब टाइफस बीमारी की आशंका के चलते प्रदेश के अस्पतालों में 129 मरीजों के सैंपल लिए गए। इसमें 44 लोगों में स्क्रब टाइफस की पुष्टि हुई। इसके अलावा 217 लोगों की टाइफाइड को लेकर जांच की गई। इनमें 59 मरीजों में बीमारी के लक्षण पाए गए। स्वास्थ्य विभाग ने बीमारियों को लेकर मेडिकल कालेज के प्रधानाचार्य, वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक, मुख्य चिकित्सा अधिकारी को अलर्ट किया है। ओपीडी में इलाज के लिए आने वाले मरीजों के टेस्ट कराने को कहा गया है। अस्पताल प्रशासन को पर्याप्त मात्रा में दवाइयां उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। प्रदेश में मूसलाधार बारिश के चलते लोगों के घरों में मटमैला पानी की सप्लाई हो रही है। इससे जलजनित के आंकड़ों में इजाफा हो रहा है। एनएचएम के निदेशक सुदेश मोक्टा ने कहा कि प्रदेश में जलजनित रोग के मामले बढ़ने से स्वास्थ्य संस्थानों को अलर्ट किया गया है। प्रतिदिन जिलों से बीमारी से ग्रसित मरीजों की रिपोर्ट ली जा रही है। बीमारी के लक्षण तेज बुखार 104 से 105 डिग्री तक आ सकता है जोड़ों में दर्द और कंपकंपी के साथ बुखार आना शरीर में अकड़न या शरीर टूटा लगना अधिक संक्रमण में गर्दन, बाजू के नीचे कूल्हों के ऊपर गिल्टियां आना
इंडियन ऑयल कारपोरेशन में छूट न देने का फैसला वापस लिया हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक आपदा के बीच एचआरटीसी को बड़ी राहत मिली है। एचआरटीसी को डीजल पर मिलने वाली प्रति लीटर डेढ़ रुपए की छूट अब जारी रहेगी। इंडियन ऑयल कारपोरेशन में छूट न देने का अपना फैसला वापस ले लिया है। इंडियन ऑयल कारपोरेशन के फैसले से निगम को प्रति माह करीब एक करोड़ रुपए की बचत होगी। वहीं, सालाना 10 से 15 करोड़ रुपए की बचत होने का अनुमान है। गौरतलब है को इंडियन ऑयल कारपोरेशन ने पहले एचआरटीसी को डीजल पर मिलने वाली छूट को बंद करने का फैसला लिया था। इसके बाद एचआरटीसी के प्रबंध निदेशक रोहन चंद ठाकुर की ओर से केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय के समक्ष यह मामला उठाया गया था। इनके आग्रह पर इंडियन ऑयल कारपोरेशन ने फैसला वापस ले लिया है। इस बारे में एक पत्र के माध्यम से एचआरटीसी के प्रबंध निदेशक रोहन चंद ठाकुर को इंडियन ऑयल कारपोरेशन की ओर से जानकारी प्रदान की गई है।
स्वर्ण जयंती ऊर्जा नीति में संशोधन का लिया निर्णय, अब 40 वर्ष की अवधि के लिए होगा एमओयू हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक मंगलवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में शिमला में आयोजित हुई, जिसमें कई अहम फैसले लिए गए। बैठक में भारी बारिश के कारण हुई भारी तबाही के कारण जान गंवाने वाले लोगों पर दुख व्यक्त किया गया और उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। राजस्व विभाग ने आपदा प्रबंधन और सार्वजनिक एवं निजी संपत्तियों को हुए भारी नुकसान पर विस्तृत प्रस्तुति दी। कैबिनेट ने बैठक में शिक्षा विभाग में उन अंशकालिक जलवाहकों की सेवाओं को नियमित करने को मंजूरी दी गई, जिन्होंने 31 मार्च, 2023 और 30 सितंबर, 2023 को संयुक्त दैनिक वेतन और अंशकालिक सेवाओं के 11 वर्ष पूरे कर लिए हैं। बैठक में स्वर्ण जयंती ऊर्जा नीति में संशोधन करने का निर्णय लिया, जिसमें एमओयू 40 वर्ष की अवधि के लिए होगा। रॉयल्टी पहले 12 वर्षों के लिए 15 प्रतिशत, अगले 18 वर्षों के लिए 20 प्रतिशत और शेष 10 वर्ष की अवधि के लिए 30 प्रतिशत होगी। इसके बाद परियोजना राज्य सरकार को नि:शुल्क और सभी बाधाओं और देनदारियों से मुक्त होकर वापस कर दी जाएगी। हालांकि विस्तारित अवधि के लिए राज्य को देय रॉयल्टी 50 प्रतिशत से कम नहीं होगी। इसमें 210 मेगावाट लूहरी चरण-एक, 66 मेगावाट धौलासिद्ध, 382 मेगावाट सुन्नी बांध और 500 मेगावाट डुगर जलविद्युत परियोजनाओं के लिए एसजेवीएनएल और एनएचपीसी के पक्ष में क्रमबद्ध मुफ्त बिजली रॉयल्टी के लिए दी गई छूट को तत्काल प्रभाव से वापस लेने का निर्णय लिया। मंत्रिमंडल ने जल विद्युत परियोजनाओं पर लिए जाने वाले जल उपकर की दरों को तर्कसंगत बनाने का निर्णय लिया। मंत्रिमंडल ने राज्य में वर्ष 2023-24 के लिए बाजार हस्तक्षेप योजना के तहत खरीदे जाने वाले सेब, आम और नींबू वर्गीय फलों के समर्थन मूल्य को बढ़ाने की मंजूरी दी। अब से सेब और आम का समर्थन मूल्य 12 रुपये प्रति किलो होगा। साथ ही किन्नू, माल्टा और संतरे का समर्थन मूल्य बढ़ाकर 20 रुपए कर दिया गया है। बैठक में मिड डे मी योजना के तहत कुक कम हेल्पर का मानदेय 1 अप्रैल 2023 से बढ़ाकर 2000 रुपये करने पर सहमति दी गई। इसके अलावा मनरेगा मजदूरों की दिहाड़ी भी बढ़ाई गई। इसके तहत गैरजनजातीय क्षेत्रों में 240 रुपए जनजातीय क्षेत्रों में 294 रुपए दिहाड़ी मिलेगी। बैठक में कीरतपुर-मनाली चार पर यातायात प्रबंधन और नियंत्रण तथा सडक़ सुरक्षा मानदंडों को सुनिश्चित करने के लिए बिलासपुर, मंडी और कुल्लू जिलों में नव स्थापित तीन यातायात सह पर्यटक पुलिस स्टेशनों के लिए विभिन्न श्रेणियों के 48 पद बनाने और भरने को मंजूरी दी गई। इसके अलावा, कैबिनेट ने ग्रामीण विकास विभाग में जूनियर ऑफिस असिस्टेंट (आईटी) के 35 पद भरने का भी फैसला किया। कैबिनेट ने श्रम एवं रोजगार विभाग का नाम बदलकर श्रम रोजगार एवं विदेशी प्लेसमेंट विभाग करने पर सहमति दे दी। सफाई कर्मियों को स्वास्थ्य बीमा कैबिनेट ने राज्य के सफाई कर्मियों को स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध कराने के लिए उन्हें आयुष्मान भारत योजना में शामिल करने पर सहमति दी। इसने राज्य में अगले पांच वर्षों में तैनात किए जाने वाले पटवारियों और 16 चेन-मैन के रूप में 874 उम्मीदवारों का चयन और प्रशिक्षण करने का निर्णय लिया। वन भूमि से पेड़ कटान को मंजूरी वन भूमि से बचे पेड़ों की गणना, चिन्हांकन, निष्कर्षण और निपटान के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) को अपनी मंजूरी दे दी। इससे स्थानीय स्तर पर लकड़ी की उपलब्धता, परिवहन लागत में कमी, राजस्व में वृद्धि, फील्ड स्टाफ की बेहतर और बढ़ी हुई दक्षता और कच्चे रूपों में रूपांतरण सुनिश्चित होगा। ई टैक्सी पर सबसिडी बैठक में किसी भी सरकारी विभाग/स्थानीय प्राधिकरण/ स्वायत्त निकाय/ बोर्ड/ निगम/सरकारी उपक्रम या किसी अन्य प्रतिष्ठान द्वारा राजीव गांधी स्वरोजगार योजना-2023 के तहत ई-टैक्सी किराए पर लेने के लिए मानक संचालन प्रक्रिक्रयाओं (एसओपी) को अपनी मंजूरी दे दी। इस योजना से राज्य के युवाओं के लिए रोजगार के रास्ते खुलेंगे और राज्य सरकार ई-टैक्सी खरीदने के लिए 50 प्रतिशत की सबसिडी प्रदान करेगी जो प्रदूषण को कम करने में काफी मदद करेगी और हरित राज्य बनने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाएगी। इसे 2 अक्तूबर, 2023 से लागू किया जाएगा।
एकल अभियान के तहत मंगलवार को संच धरवाला में एक पौधरोपण अभियान चलाया गया। इस अभियान के तहत संच धरवाला के आचार्य सेवावृत्ति अंजू कुमारी ने जानकारी देते हुए बताया कि संच धरवाला द्वारा पौधे लगाकर पर्यावरण को बचाने का संदेश लोगों तक पहुंचाने का कार्य कर रहे है। आचार्य सेवावृत्ति अंजू कुमारी ने जानकारी देते हुए कहा कि संच धरवाला के तहत पड़ने वाले संच के लगभग 30 ग्राम विद्यालय द्वारा पौधारोपण अभियान चलाया गया हैं। संच धरवाला द्वारा देवदार, आडू, अनार, खुमानी, अखरोट व अन्य कई प्रकार के पौधे लगाये जा रहे हैं। उन्होंने अभी तक लगभग 380 तरह-तरह के पौधे लगाए हैं। उन्होंने बताया कि 31 अगस्त तक ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाने का लक्ष्य संच द्वारा रखा गया हैं। उन्होंने कहा कि इस अभियान को 1 जुलाई को शुरू किया गया तथा 31 अगस्त तक पुरे संच धरवाला में जारी रहेगा। इस मौके संच प्रतिनिधि रजत, संच अध्यक्ष पवन जरयाल, संच प्रमुख अंजू कुमारी व उनके 30 गांव के आचार्य और बच्चों ने अपनी भागीदारी सुनिश्चित की।
चंबा जिले के कुठेड हाइड्रो प्रोजेक्ट में मजदूरी करने वाला युवक काम पर जाते समय अचानक सड़क से लुढ़क कर रावी नदी में जा गिरा और उसकी मौत हो गई। मृृतक की पहचान 20 वर्षीय विशाल कुमार निवासी सलूणी के तौर पर हुई है। बहरहाल पुलिस चौकी होली से एक टीम ने मौके पर पहुंच कर शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए ले जाया गया है। परिजनों के मौके पर पहुंचने के बाद आगामी प्रक्रिया अमल में लाई जाएगी। पता चला है कि बीती रात विशाल कुमार प्रोजेक्ट की एडिट वन की तरफ अपनी ड्यूटी के लिए अन्य साथियों के साथ जा रहा था। इस दौरान पानी की बोतल लेने के लिए वह बीच रास्ते से अपने कमरे की तरफ लौट गया। आरंभिक पुलिस छानबीन में पता चला है कि विशाल मोबाइल देखता हुआ ड्यूटी स्थल की ओर जा रहा था। लिहाजा आशंका जताई जा रही है कि इस दौरान वह अनियंत्रित होकर प्रोजेक्ट की साइट पर स्थित सडक़ से नीचे की ओर लुढक़ गया और रावी में जा पहुंचा। जब उसके साथियों को विशाल के ड्यूटी पर न पहुंचने का पता चला, तो उन्होंने तलाश आरंभ कर दी। साथ ही पुलिस को भी इस बाबत सूचना दी। बताया जा रहा है कि इस दौरान उसका शव रावी नदी में दिखा। जिस पर पुलिस ने मौके पर मौजूद वर्करों की मदद से शव को नदी से बाहर निकाला और अपने कब्जे में लिया। बहरहाल शव को होली स्थित सामुदायिक अस्पताल ले जाया गया है और परिजनों के आने का इंतजार किया जा रहा है।
हिमाचल सरकार ने ग्रुप सी और डी यानी क्लास 3 और क्लास 4 कर्मचारियों के तबादलों से बैन हटा दिया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के निर्देश के अनुसार 21 अगस्त से 31 अगस्त और फिर 20 सितंबर से 30 सितंबर के बीच प्रतिबंध हट जाएगा। इस दौरान संबंधित कैबिनेट मंत्री ट्रांसफर आर्डर कर सकेंगे। इसके बाद फिर से प्रतिबंध लागू हो जाएगा। ट्रांसफर बैन की अवधि में सिर्फ मुख्यमंत्री को ही तबादला आदेश जारी करने का अधिकार है। सोमवार को जारी आदेशों के अनुसार सभी प्रशासनिक सचिवों, विभाग अध्यक्षों, मंडल युक्त और जिला उपायुक्तों को ये निर्देश भेजे गए हैं। इसके अनुसार संबंधित मंत्री 3 साल का स्टे पूरा करने वाले कर्मचारियों के आवेदनों पर ही विचार करेंगे, लेकिन यदि प्रशासनिक जरूरत है तो 2 साल एक स्टेशन पर पूरा करने वाले कर्मचारी भी तबादले के लिए कंसीडर किए जा सकेंगे। ये तबादले कुल कैडर के 3 फ़ीसदी से ज्यादा नहीं होंगे। यदि तबादले का आवेदन कंप्रिहेंसिव गाइडिंग प्रिंसिपल 2013 के अनुसार नहीं है, तो मुख्यमंत्री को मामला अनुमति के लिए भेजना होगा। तबादला आदेश करती बार संबंधित विभाग अध्यक्ष को यह भी ध्यान होगा कि आपदा राहत और पुनर्वास के कामों में लगे कर्मचारियों के तबादले न हों।
निगम की बसों में पहली बार बिना यात्री भी भेज सकेंगे सामान हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) निगम प्रबंधन ने लोगों की सुविधा, आय बढ़ाने और परिचालकों की मनमानी रोकने के लिए बसों में ले जाने वाले सामान के टिकट की दरें तय की हैं। सब्जी, फल, फूल सहित लोग अब ऑफिस और डाइनिंग चेयर, टेबल, सोफा सेट, बेड बॉक्स और अलमारी भी निगम की बसों पर ले जा सकेंगे। नई दरों में निगम की बस में अब लैपटॉप व वॉशिंग मशीन का फुल और अलमारी का डबल टिकट कटेगा। यात्री अब सफर के दौरान बिना अतिरिक्त किराया चुकाए 30 किलो घरेलू सामान या दो बैग साथ ले जा सकेंगे। इसके अलावा बसों में पहली बार बिना यात्री सामान भेजने की सुविधा मिलेगी। 40 किलो का आधा टिकट और 80 किलो का पूरा टिकट बनता था। अब 30 किलो से अधिक सामान के लिए 15 किलो का एक चौथाई टिकट लेना होगा। पहले 25 किलो पर एक चौथाई टिकट लेना होता था। सेब का हाफ बॉक्स मुफ्त जाएगा। फुल बॉक्स के लिए आधा टिकट लगेगा। बिना यात्री हाफ बॉक्स के लिए आधा टिकट, फुल बॉक्स के लिए पूरा टिकट लगेगा। अब तक एक यात्री अपने साथ सेब का एक फुल बॉक्स मुफ्त ले जा सकता था। पेट्रोल, डीजल, केरोसिन, एसिड, गन पाउडर, गुटका, पान मसाला सहित 25 अन्य सामान ले जाने पर प्रतिबंध लगाया गया है। यात्री के साथ दो लैपटॉप मुफ्त और बिना यात्री के पूरे टिकट के पैसे देने होंगे। यात्रियों को सुविधा मिलेगी, आय भी बढ़ेगी एचआरटीसी के प्रबंध निदेशक रोहन चंद ठाकुर ने बताया कि यात्रियों की सुविधा, आय में बढ़ोतरी और गड़बड़ी करने वालों पर नकेल के लिए व्यवस्था लागू की है। कुछ लोग बिना यात्रा किए बसों से सामान भेजते हैं, लेकिन निगम को इससे आय नहीं हो रही, अब यात्री साथ हो या न हो सामान की टिकट अनिवार्य होगी। बिना टिकट सामान मिला तो कंडक्टर ड्राइवर नपेंगे नई व्यवस्था के तहत अब अगर बस में बिना टिकट सामान मिला कंडक्टर, ड्राइवर पर कार्रवाई होगी। दोषी पाए जाने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई का प्रावधान किया गया है। सवाल : बिना कैरियर बसों में कैसे जाएगा सामान? दिल्ली सहित अन्य लंबी दूरी के रूटों पर निगम की बिना कैरियर वाली बीएस-6 बसें संचालित की जा रही हैं। इन बसों में छोटी डिग्गी की सुविधा है ऐसे में लंबी दूरी के लिए भारी सामान का परिवहन कैसे होगा यह बड़ा सवाल है।
प्रदेश के चंबा जिले के सलूणी के थाडल (बरोटी) में ट्रैक्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हादसे में चालक की मौत हो गई, जबकि एक घायल है। मृतक की पहचान विशाल कुमार निवासी फगडोटू के तौर पर हुई है। डीएसपी रमाकांत ने बताया कि हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर रवाना हुई। शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम करवाया जा रहा है। हादसे के कारणों की छानबीन की जा रही है।
भारी बारिश के कारण प्रदेश भर में बंद हुए करीब 3700 रूटों में से एचआरटीसी ने 2500 रूटों पर बस सेवा को बहाल कर दिया है, लेकिन अभी भी 1226 रूट प्रदेश भर में बंद हैड्ड। इन रूटों के बंद होने के कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। रूट बंद होने से जहां प्रदेश के लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं। वहीं एचआरटीसी को रोजाना लाखों रुपए का घाटा उठाना पड़ रहा है। एचआरटीसी प्रबंधन से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश में सबसे ज्यादा रूट मंडी और कुल्लू जिला में प्रभावित हैं। मंडी जिला में 130 और कुल्लू जिला में 167 रूट प्रभावित हैं। इसके अलावा रामपुर यूनिट में 118 और सुंदरनगर यूनिट में 96 रूट प्रभावित है। वहीं प्रदेश में एचआरटीसी की 180 बसें अभी भी प्रदेश के अलग-अलग स्थानों में फंसी हुई हैं। एचआरटीसी की बसें ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूली बच्चों को स्कूल पहुंचाने, नौकरी पेशा लोगों को दफ्तरों तक पहुंचाने और किसानों-बागबानों व दुग्ध उत्पादकों के उत्पादों को मार्केट तक पहुंचाती हैं। ऐसे में एचआरटीसी की सेवाएं बंद होने से प्रदेश के हजारों लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। एक ओर जहां सरकार व एचआरटीसी प्रबंधन एचआरटीसी को घाटे से निकालने के लिए योजनाएं बना रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर हिमाचल में आई आपदा से एचआरटीसी की मुश्किलें और अधिक बढ़ गई है।
उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने शुक्रवार देर शाम श्री नयनादेवी जी मंदिर में शीश नवाया और प्रदेश के लोगों की सुख-समृद्धि की कामना की। नयनादेवी मंदिर न्यास की ओर से घवांडल सीएचसी के लिए पांच करोड़ जारी किए। मुकेश ने कहा कि श्री नयनादेवी विधानसभा क्षेत्र के विकास में पैसे की कमी नहीं आएगी। मंदिर के लिए लिफ्ट बनाने के कार्य को भी जल्द स्वीकृति दी जाएगी। पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने श्री नयनादेवी क्षेत्र के लिए जो घोषणाएं की थीं उन सभी को वर्तमान सरकार पूरा करेगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री राहत कोष में नयना देवी मंदिर न्यास की ओर से दो करोड़ और बाबा बालक नाथ मंदिर न्यास की ओर से एक करोड़ रुपये दिए जाएंगे। समस्त मंदिर ट्रस्ट के सदस्य शिमला में मुख्यमंत्री से मिलेंगे। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि देश के बड़े मंदिरों की तरह हिमाचल के मंदिरों का भी कायाकल्प होगा। बसों के माध्यम से सभी तीर्थ स्थलों को आपस में जोड़ा जाएगा। कहा कि हिमाचल प्रदेश के मंदिरों के लिए योजना तैयार की जा रही है। इसके तहत श्रद्धालुओं को अधिक से अधिक सुविधाएं मिलेंगी। अग्निहोत्री ने कहा कि केंद्र सरकार को राष्ट्रीय आपदा घोषित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भरमौर में आपदा के दौरान पेयजल योजना की स्कीम में कार्य करते हुए गुड्डू राम की जान चली गई। उनके परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी। वहीं विभाग के अंतर्गत जिन व्यक्तियों ने आपदा के दौरान अपनी जान गंवाई है, उनके परिवारों को सरकार अकेला नहीं छोड़ेगी। परिवार के किसी एक सदस्य को रोजगार देगी।
सीएम बोले प्रदेश में 10 हजार करोड़ से भी अधिक का नुकसान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां कहा कि प्रदेश में भारी बारिश से हुए नुकसान के दृष्टिगत राज्य सरकार ने पूरे प्रदेश को 'प्राकृतिक आपदा प्रभावित क्षेत्रÓ घोषित किया है। उन्होंने कहा कि विगत दिनों से जारी भारी बारिश, बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं से प्रदेश में जान-माल का भारी नुकसान हुआ है। राज्य में पेयजल, विद्युत आपूर्ति व्यवस्था व सड़कों सहित अन्य संसाधनों को भी भारी क्षति पहुंची है। अभी तक राज्य में 12 हजार से अधिक घर क्षतिग्रस्त हुए हैं और 330 लोगों की बहुमूल्य जान चली गई हैं। प्रदेश में अभी तक 10 हजार करोड़ रुपये से भी अधिक का नुकसान आंका गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कृषि और बागवानी को भी भारी नुकसान हुआ है। राज्य में संचार व्यवस्था पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। राज्य में जन-जीवन अस्त-व्यस्त हुआ है और व्यावसायिक गतिविधियां भी आपदा से अछूती नहीं रही हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के कई क्षेत्रों में लोगों को राहत शिविरों में शरण लेनी पड़ी है। खतरे के दृष्टिगत बहुत से लोगों को उनके घरों से सुरक्षित निकालकर दूसरे स्थानों पर पहुंचाया गया है। प्रदेश सरकार राहत, बचाव एवं पुनर्वास के लिए युद्ध स्तर पर कार्य कर रही है। आपदा प्रभावितों को हरसंभव मदद सुनिश्चित की जा रही है। उन्होंने कहा कि मौसम के अनुकूल होने पर संबंधित जिलों और विभागों द्वारा संपत्ति, पशुधन, आधारभूत संरचना और अन्य नुकसान का आकलन कर पुनर्निर्माण और उपयुक्त कार्रवाई के लिए प्रदेश सरकार के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।
अतिरिक्त उपायुक्त भरमौर नवीन तंवर की अध्यक्षता में उत्तरी भारत की प्रसिद्ध श्री मणिमहेश यात्रा को लेकर उप मंडल स्तरीय समीक्षा बैठक का आयोजन लघु सचिवालय पट्टी के सभागार में किया गया। बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त ने विभिन्न विभागों द्वारा श्री मणिमहेश यात्रा को लेकर की जा रही व्यवस्थाओं की विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने सभी विभागीय अधिकारियों को यात्रा के सफल आयोजन के लिए सभी आवश्यक प्रबंधों का तय सीमा के भीतर पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने सड़क मार्गो, बेहतर पेयजल, विद्युत आपूर्ति और शौचालयों की उचित व्यवस्था को सुनिश्चित बनाने के लिए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक कार्यवाही करने को कहा। उन्होंने यह भी निर्देश दिए की यात्रा से संबंधित तैयारियों के उचित प्रबंधों को जल्द से जल्द अमलीजामा पहनाया जाए। उन्होंने विद्युत व्यवस्था की समीक्षा करते हुए हडसर से डल झील तक बिजली व्यवस्था का उचित प्रबंध बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने लोक निर्माण विभाग को जल्द से जल्द मणिमहेश यात्रा में पैदल चलने वाले पोर्टेबल पुलों को लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने होली से तियारी कलाह के पैदल रास्ते को भी तैयार करने को कहा । उपमंडल अधिकारी नागरिक भरमौर कुलबीर सिंह राणा ने बैठक का संचालन किया और श्री मणिमहेश यात्रा की जा रही व्यवस्थाओं का भी ब्यौरा रखा। बैठक में सहायक निदेशक पशुपालन विभाग डॉ. राकेश भंगालिया ,खंड विकास अधिकारी अनिल गुराडा , सहायक अभियंता जल शक्ति विभाग विवेक चंदेल, सहायक अभियंता लोक निर्माण विभाग विशाल चौधरी, कनिष्ठ अभियंता विद्युत विभाग केवल सिंह, पुलिस निरीक्षक हरनाम सिंह सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे ।
चंबा-पठानकोट राष्ट्रीय उच्च मार्ग पर दुनेरा के समीप बंद पड़े मार्ग को बहाल करने के लिए अब एनएच मंडल चंबा के अधिशासी अभियंता ईं. संजीव महाजन ने मोर्चा संभाला है। उन्होंने मौके पर पहुंचकर पठानकोट प्रशासन के अधिकारियों के साथ मार्ग बहाली को लेकर गहन मंथन किया। इस दौरान उन्होंने अपनी ओर से कई बहुमूल्य सुझाव भी प्रशासन के अधिकारियों के समक्ष रखे। संजीव महाजन ने बताया कि बीते चार-पांच दिनों से मार्ग बंद होने के कारण लोगों को रोजाना दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इससे चंबा जिला की पर्यटन गतिविधियों पर बुरा असर पड़ रहा है। वहीं लोगों को जिला चंबा में प्रवेश के लिए वाया नूरपुर होकर आना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि पठानकोट प्रशासन के अधिकारियों को मार्ग बहाली से संबंधित आवश्यक सुझाव दिए गए हैं। जल्द ही मार्ग बहाल हो जाएगा। आपको बता दें कि इससे पहले इंजीनियर संजीव महाजन ने चंबा-भरमौर एन एच बहाली के लिए भी बेहतरीन कार्य किया था। जिसके चलते स्वतंत्रता दिवस समारोह में उन्हें सम्मानित भी किया गया है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने संबंधित विभागों के अधिकारियों को प्रदेश में स्वचालित मौसम केंद्र ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन (एडब्ल्यूएस) की संख्या बढ़ाने के लिए उपयुक्त कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। वह बुधवार सायं यहां आयोजित उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि एडब्ल्यूएस स्थापित करने से मौसम से संबंधित अद्यतन (रियल टाइम) डाटा उपलब्ध होगा, जिससे मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियों में समय पर उचित कदम उठाने में मदद मिलेगी। उन्होंने प्रदेश में ऑब्जर्वेटरी सेंटर स्थापित करने की आवश्यकता पर भी बल दिया। मुख्यमंत्री ने राज्य में राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) को और सशक्त बनाने के लिए प्रभावी कदम उठाने को भी कहा। उन्होंने कहा कि एसडीआरएफ को आपात स्थिति से निपटने के लिए आधुनिक उपकरण उपलब्ध करवाए जाएंगे। इन उपकरणों से गिरे हुए लेंटर व स्लैब उठाने और भारी स्टील की कटिंग सुविधा उपलब्ध होने से आपदा की स्थिति में बचाव कार्यों में अत्यधिक मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारी बारिश के कारण प्रदेश में विभिन्न क्षेत्रों में काफी संख्या में पेड़ गिरे हैं। इन पेड़ों की कटाई व निपटान वैज्ञानिक तरीके से सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि गिरे हुए पेड़ों के स्थान पर पौधरोपण करने के लिए भी आवश्यक कदम उठाए जाएं ।उन्होंने अधिकारियों को कहा कि कुल्लू जिला में सड़कें बाधित होने के दृष्टिगत गंभीर मरीजों को आपात चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए अतिरिक्त (स्टैंड बाई) हेलीकॉप्टर की व्यवस्था की जाए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से प्रदेश के विभिन्न भागों में चलाए जा रहे राहत व बचाव कार्य की विस्तृत जानकारी ली। उन्होंने आपदा प्रभावितों को हर संभव मदद प्रदान करने के निर्देश दिए। बैठक में मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू, प्रधान सचिव, सचिव व अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
कांगड़ा में 6, शिमला में 2 और मंडी व सिरमौर में 1-1 टीम कर रही बचाव कार्य हिमाचल प्रदेश में विभिन्न क्षेत्रों में बादल फटने और लगातार हो रही भारी बारिश के कारण बाढ़, भूस्खलन और इमारत ढहने की घटनाएं हो रही हैं। इस आपदा की घड़ी में मानसून सीजन के शुरुआत से ही 14 वाहिनी एनडीआरएफ की टीमें दिन-रात हिमाचल प्रदेश के अलग-अलग स्थान पर राहत एवं बचाव कार्य कर रही हैं। पिछले 3 दिनों से हो रही लगातार बारिश से ब्यास नदी का जलस्तर भी बहुत बढ़ गया है, जिसके कारण पौंंग डैम का पानी खतरे के निशान पर पहुंच गया है तथा पौंग डैम से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है पौंंग डैम से पानी छोड़े जाने के कारण निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा बन गया है। लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए एनडीआरएफ की 6 टीमें बलजिंदर सिंह, सेनानी के मार्गदर्शन में कांगड़ा जिले के विभिन्न स्थानों पर दिन-रात राहत एवं बचाव कार्य कर रही हैं। कांगड़ा जिले में 3 टीमें इंदौरा, 1 टीम ज्वालामुखी और 2 टीमें फतेहपुर में, जबकि जिला शिमला में समर हिल में 2 टीमें, सिरमौर जिला के काला कालाअंब में 1 और जिला मंडी के धर्मपुर में 1 टीम राहत एवं बचाव कार्य में लगी हुई है। एनडीआरएफ द्वारा अभी तक ज्वालामुखी क्षेत्र से 67 लोगों को, इंदौरा से 138 लोगों को एवं फतेहपुर से 7 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है और वाहिनी की 2 अन्य टीमों द्वारा समर हिल शिमला से भूस्खलन रेस्क्यू ऑपस के दौरान अभी तक 4 मृत देह को मलबे से बाहर निकाला गया है। ऑप्स के दौरान सभी रेसस्क्यूर्स का मोराल बहुत उच्च दर्जे का है और सभी रेसस्क्यूर्स पूरे जोश के साथ रेस्क्यू ऑप्स में तैनात हैं। राहत एवं बचाव कार्य लगातार जारी है।
उत्कृष्ट कार्य करने पर प्रशस्ति पत्र देकर किया सम्मानित 77वां स्वतंत्रता दिवस का उपमंडल स्तरीय समारोह राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला (बाल) भरमौर के प्रांगण में मनाया गया। समारोह की अध्यक्षता एसडीएम भरमौर कुलबीर सिंह राणा ने की। राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा झंडा फहराकर आकर्षक मार्च पास्ट की सलामी ली। परेड में पुलिस, एनसीसी व एनएसएस की टुकड़ियों ने भाग लिया। इस मौके पर एसडीएम ने लोगों को स्वतंत्रता दिवस पर शुभकामनाएं देते हुए कहा कि 15 अगस्त, 1947 को देश गुलामी की बेड़ियों से मुक्त होकर आज़ाद हुआ था। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि देश के अनेकों वीर सपूतों ने भारत मां को गुलामी की जंजीरों से आजाद करवाने में अपने प्राणों की आहुति दी थी। उन्होंने कहा कि हमें वीर जवानों द्वारा दी गई कुर्बानियों को हमेशा याद रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि कृतज्ञ राष्ट्र शहीदों के बलिदान को कभी नही भूलेगा, तों वही विविधता में एकता की भावना हमारे देश की ताकत का आधार रही है। हम स्वतंत्रता, समानता और न्याय के उन मूल्यों को बनाए रखने का संकल्प लें, जिन पर हमारे देश का निर्माण हुआ है। इस अवसर पर उपमंडल भरमौर में उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारियों व कर्मचारी को प्रशस्ति प्रमाण पत्र देकर सम्मानित भी किया गया। उन्होंने उनके कार्य की सराहना करते हुए व शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भविष्य में वह ऐसी लग्न और परिश्रम से कार्य करते रहे। इस कार्यक्रम के अवसर पर पंचायत समिति सदस्य विक्रम ठाकुर, सहायक निदेशक पशुपालन अधिकारी डॉ. राकेश भंगालिया, नायब तहसीलदार भरमौर देवेंद्र गर्ग, विषय वस्तु विशेषज्ञ कृषि डॉ. करतार डोगरा, विषय वस्तु विशेषज्ञ उद्यान डॉ. आशीष शर्मा, पुलिस निरीक्षक हरनाम सिंह, प्रधानाचार्य नीलम चाडक, कनिष्ठ अभियंता विद्युत विभाग पंकज कपूर, विभिन्न स्कूलों के बच्चों सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित रहे।
हिमाचल प्रदेश में 72 घंटों से लगातार जारी भारी बारिश ने तबाही मचा दी है। सावन के सोमवार को भारी बारिश के रेड अलर्ट के बीच राज्य में जगह-जगह बादल फटने और भूस्खलन से 51 लोगों की मौत गई। करीब 30 लोग मलबे में दबने और बहने से लापता हैं। मंडी जिले में 18, राजधानी शिमला में 14, सोलन में 11, कांगड़ा-हमीरपुर में 3-3, चंबा और सिरमौर में 1-1 लोगों की जान गई है। शिमला, सोलन, कांगड़ा में एक-एक और मंडी में दो जगह बादल फटे हैं। शिमला में 15, मंडी में 3, हमीरपुर में दो और सिरमौर में एक व्यक्ति लापता है। मंडी में छह लोग घायल हुए हैं। प्रदेश सरकार ने 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस पर होने वाले सभी सांस्कृतिक कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं। केवल रस्मी तौर पर ही तिरंगा फहराया जाएगा। प्रदेश में रविवार रात को सामान्य से 357 फीसदी ज्यादा बारिश हुई। सूबे में आठ नेशनल हाईवे और 621 सड़कें बंद हो गईं हैं। मंडी के पराशर रोड पर 250 पर्यटक फंसे हैं। इन्हें सुरक्षित निकालना चुनौती बन गया है। शिमला में भी पर्यटक होटलों में ही कैद हैं।