रविवार को दोपहर बाद 2 बजे के करीब ईएसआई करतार सिंह एएनटीएफ कांगड़ा अपनी टीम सहित बनीखेत-चंबा मार्ग के गलू मोड़ पर नाका लगाए हुए थे कि पीबी 11 एएम 8150 इनोवा गाड़ी को रोककर तलाशी ली। उसमें सवार प्रभदीप सिंह पुत्र सरदार सुच्चा सिंह उम्र 22 साल गांव मेबा मियानी डाकखाना आलमपुर तहसील दसुआ जिला होशियारपुर व हरजीत सिंह पुत्र दिलबाग सिंह गांव बाबक डाकखाना गोदा वाह तहसील टांडा जिला होशियारपुर उम्र 40 साल से 81.2 ग्राम चिट्टा बरामद किया गया। पुलिस द्वारा आगे की कार्रवाई की जा रही है।
उत्तर भारत के प्रसिद्ध मणिमहेश झील की तरफ यात्रियों के जाने पर प्रशासन ने प्रतिबंध लगा दिया है। बारिश के कारण मार्गों के जगह-जगह अवरुद्ध होने के चलते यह फैसला प्रशासन ने लिया है। साथ ही प्रशासन ने यात्रा के अवरुद्ध होने के बावत जगह-जगह बोर्ड भी चस्पां कर दिए हैं। प्रशासन ने कहा है कि सडक़ मार्गों के बहाल होने के उपरांत ही यात्रा पर श्रद्धालुओं के जाने की अनुमति होगी। खबर की पुष्टि एडीएम भरमौर नरेंद्र कुमार चौहान ने की है। उल्लेखनीय है कि गत दिनों हुई भारी बारिश के बीच मणिमहेश डल झील की ओर निकले अस्सी से अधिक यात्री बीच राह में फंस गए थे, जिन्हें प्रशासन ने रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने के बाद इन्हें अपने-अपने घरों की ओर भी भेज दिया था। पता चला है कि हड़सर से डल झील तक के हिस्से में जगह-जगह रास्ते बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। वहीं कई स्थानों पर पुलियां भी बहने की सूचना प्रशासन के समक्ष पहुंची हैं।
डल्हौजी विधानसभा क्षेत्र के विधायक डीएस ठाकुर ने आज ग्राम पंचायत मनोला के गांव छाणा तथा ग्राम पंचायत पधरोटु स्थित गांव द्रमणु में भारी बारिश के कारण हुए नुकसान का जायजा लिया। भारी बारिश के कारण छाणा निवासी किशो देवी व किशोरी लाल तथा ग्राम पंचायत पधरोटु स्थित गांव द्रमणु के निवासी सतीश कुमार के मकान को काफी नुकसान हुआ है, जिसके लिए विधायक ने प्रभावितों को फौरी राहत प्रदान कर भूमि के संरक्षण हेतु एक-एक लाख रुपये की धनराशि अपनी विधायक निधि से स्वीकृत करने का आश्वासन दिया है। विधायक ने स्थानीय प्रशासन से वार्ता कर प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान करने की निर्देश दिए।
हिमाचल प्रदेश में अत्याधिक बारिश के कारण अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन ने राज्य पर विनाशकारी प्रभाव डाला है और कृषि विभाग के प्रारंभिक अनुमान में फसलों को 83 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है। कृषि एवं पशुपालन मंत्री चंद्र कुमार ने कहा कि राज्य भर में हुई तबाही अभूतपूर्व है, इसलिए केंद्र को हिमाचल में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित कर बचाव एवं राहत कार्यों के लिए विशेष आर्थिक पैकेज जारी करना चाहिए। आज आयोजित एक बैठक में चंद्र कुमार ने कहा कि प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार राज्य में प्रभावित कुल 28,495 हेक्टेयर कृषि क्षेत्र में से 6,978 हेक्टेयर में सब्जी उत्पादन को लगभग 40 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। मक्का, धान, रागी, बाजरा और खरीफ दलहन को लगभग 21,517 हेक्टेयर पर करीब 17 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। मंत्री ने कहा कि इसके अलावा, खेती की जमीन बह जाने और खेतों में आई गाद के कारण फसलों को लगभग 26 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा नुकसान मंडी जिले में हुआ जोकि 23.38 करोड़ रुपये आंका गया है। इसके बाद शिमला में 17.63 करोड़ रुपये, सिरमौर में 13.29 करोड़ रुपये, सोलन में 8.16 करोड़ रुपये, लाहौल स्पिति में 5.74 करोड़ रुपये, कुल्लू में 4.38 करोड़ रुपये, कांगड़ा में 3.99 करोड़ रुपये, ऊना में 2.99 करोड़ रुपये, चंबा में 1.53 करोड़ रुपये, बिलासपुर में 1.01 करोड़ रुपये, किन्नौर में 59 लाख रुपये और हमीरपुर में 29 लाख रुपये का नुकसान हुआ। भविष्य में ऐसी प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए मृदा संरक्षण पर बल देते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि पूरे राज्य में मृदा संरक्षण की तकनीकों और तरीकों को बढ़ावा दिया जाएगा। मंत्री ने कहा कि कांगड़ा जिले के शाहपुर निर्वाचन क्षेत्र में गज खड्ड के उचित तटीकरण और राजोल, अवाड़ी, अनसुई और डेग गांवों के निवासियों द्वारा मिट्टी संरक्षण को अपनाने के कारण हाल ही में हुई भारी बारिश से न्यूनतम नुकसान दर्ज किया गया हैै। चंद्र कुमार ने कहा कि कृषि और पशुधन के नुकसान के संबंध में उप निदेशकों को अंतिम रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया गया है और शीघ्र ही इससे संबंधित बैठक की जाएगी। बैठक में शाहपुर के विधायक केवल सिंह पठानिया, निदेशक कृषि डॉ. राजेश कौशिक और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
प्रदेश में भारी बारिश, अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन से सड़कों और अन्य बुनियादी ढांचा को भारी नुकसान हुआ है। इन सभी विपरीत एवं कठिन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए व विद्यार्थियों और कर्मचारियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए वर्तमान सत्र के लिए हिमाचल स्कूल शिक्षा बोर्ड से संबद्ध सरकारी, निजी स्कूलों में मानसून अवकाश को पुनर्निर्धारित और समय से पहले/समायोजित करने का निर्णय लिया है। छुट्टियों के दिनों की कुल संख्या समान रखने के लिए हरसंभव सावधानी बरती गई है, ताकि शिक्षण दिवस यथावत रहे। सरकार के आदेशों के अनुसार स्कूलों में मानसून ब्रेक 10 जुलाई से शुरू हो गया है। इस संबंध में उच्च शिक्षा निदेशालय की ओर से कार्यालय आदेश जारी किए गए हैं। स्कूलों में अब यह रहेगा मानसून ब्रेक का शेड्यूल कुल्लू जिले के स्कूलों में अब मानसून अवकाश 10 जुलाई से 1 अगस्त तक 23 दिन का रहेगा। पहले यह 23 जुलाई से 14 अगस्त तक होना था। इसी तरह लाहौल-स्पीति जिले के स्कूलों में समर अवकाश 10 जुलाई से 20 अगस्त तक 42 दिन का रहेगा। पहले ये छुट्टियां 17 जुलाई से 20 अगस्त तक होनी थीं। जनजातीय क्षेत्र किन्नौर, पांगी व भरमौर में मानसून अवकाश 10 से 15 अगस्त तक छह दिन का रहेगा। मौजूदा शेड्यूल के मुताबिक यह ब्रेक 22 से 27 अगस्त तक होना था। प्रदेश के अन्य शीतकालीन अवकाश वाले स्कूलों में मानसून ब्रेक अब 10 से 15 जुलाई तक छह दिन का रहेगा। मौजूदा शेड्यूल के तहत मानसून ब्रेक 22 से 27 जुलाई तक होना था।
भारी बारिश से सड़कें बंद होने से प्रदेश भर में एचआरटीसी के 1007 रूट बंद हो गए हैं। वहीं, अलग-अलग क्षेत्रों में निगम की 452 बसें फंसी हुई हैं। इसके अलावा हिमाचल से बाहर भी कई बसें फंसी हुई हंै। एचआरटीसी प्रबंधन की ओर से जारी जानकारी के अनुसार प्रदेश में नाहन यूनिट की एक बस देहरादून पांवटा सड़क पर फंसी हुई है। वहीं एक बस सुंदरनगर यूनिट की सहारनपुर अंबाला के बीच फंस गई है। एचआरटीसी के प्रबंध निदेशक रोहन चंद ठाकुर ने बताया कि मंडी का धर्मपुर डिपो सुरक्षित है। सोशल मीडिया पर जो वीडियो वायरल हो रहा है, वीडिया 2015 का है। उन्होंने बताया कि रामपुर-रिकांगपिओ बस रूट बंद है। इसके कारण रिकांगपिओ में स्थानीय बसों का संचालन बंद हो गया है। रामपुर से रोहड़ू के रूट भी भूस्खलन के कारण बंद है। शिमला शहर के अंदर एचआरटीसी बसों की आवाजाही जारी है, लेकिन शहर के साथ लगते कई क्षेत्रों में बसों की आवाजाही बंद है। नाहन में मुख्य सडक़े अलावा सभी लिंक रूट बंद है। इसी तरह सोलन में भी मुख्य सडक़ के अलावा लिंक रूट बंद है। चंबा में एचआरटीसी की सभी बस सेवाएं प्रभावित है। कुल्लू जिला के भी सभी रूट बंद है। धर्मशाला डिपो के लोकल रूट बंद है। हमीरपुर में मुख्य रूट बहाल हैं, लेकिन लिंक रूट बंद है।
हिमाचल में तीन दिन से जारी बारिश प्रदेश को गहरे जख्म दे रही है। अब तक करीब 15 लोगों को यह बेरहम बरसात लील गई है। बरसात के कारण कई जगह लोगों के घर और अन्य भवन जमींदोज हो गए हैं तो कहीं पानी अपने साथ लोगों के आशियाने बहाकर ले गया है। मूसलाधार बारिश के चलते भूस्खलन, बादल फटने, घर ध्वस्त होने, पेड़ और बिजली गिरने से करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है। 6 नेशनल हाईवे समेत 828 सड़कें यातायात के लिए अवरुद्ध हैं। 4686 बिजली ट्रांसफार्मर ठप हैं। सबसे ज्यादा नुकसान कुल्लू और मंडी जिले में हुआ है। मनाली में चार लोग बहने से लापता हैं। वहीं, दो-तीन वोल्वो बसों के बहने की सूचना है। अखाड़ा बाजार में बैली ब्रिज को भारी नुकसान हुआ है। आवाजाही बंद कर दी गई है। मंडी में ब्यास नदी के उफान में 40 साल पुराना पुल बह गया है। जिला ऊना के उपमंडल बंगाणा क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों में रविवार देर रात तथा सोमवार सुबह को लगातार हो रही बारिश से यातायात प्रभावित है। वहीं कुछ स्थानों पर रिहायशी मकान तथा गोशालाएं गिर गई हैं। रौद्र रूप दिखा रही ब्यास बारिश से ब्यास नदी का रौद्र रूप देखने को मिल रहा है। नदी के तटीय इलाकों में भारी नुकसान हुआ है। ब्यास किनारे कई घर व होटल बह गए हैं। वहीं पार्वती व तीर्थन नदी व अन्य नदी नालों में बाढ़ जैसे हालात हैं। नदी किनारे बसें गांवों व घरों में पानी घुस गया है। लाहौल के तेलिंग नाला में तीन दिन से फंसे हैं 50 लोग जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति में बारिश ने तबाही मचा दी है। मनाली-लेह मार्ग के बीच आने वाले तेलिंग व पागलनाला में बाढ़ आने से सड़क मार्ग बंद है। यहां एचआरटीसी की चार बसों के साथ कुछ छोटे वाहन भी फंसे हैं। बसों में सवार करीब 50 लोग तीन दिनों से भूखे प्यासे हैं। इसमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। स्थानीय प्रशासन ने कोई भी मदद नहीं की है। किन्नौर की भावा खड्ड में तीन मकान बहे किन्नौर जिले की भावा खड्ड में रविवार रात बाढ़ आने से तीन मकान बह गए हैं, जबकि दो मकानों को आंशिक रूप से नुकसान हुआ है। एक टिप्पर, एक पिकअप और एक कार बाढ़ मे बह गई है। कई सेब के बागीचों को भी नुकसान पहुंचा है। वहीं भावा खड्ड पर बने पैदल पुल भी बाढ़ की चपेट में आने से बह गए हैं। जबकि कई मकान खतरे की जद में हैं। ऊना आने वाली सभी ट्रेनें रद्द ऊना आने वाली सभी ट्रेनें आज भी रद्द रहेंगी। बारिश की वजह से रेल सेवा पर सबसे बुरा असर पड़ा है। वंदे भारत, जनशताब्दी, हिमाचल एक्सप्रेस सहित पेसेंजर ट्रेने भी नहीं चलेंगी। ऊना, अंब, अंदौरा व दौलतपुर चौक रेलवे स्टेशन भी खाली पड़ हैं। ऊना में कुल नौ ट्रेने अवगमन करतीं हैं। सीएम ने की राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बारिश से हुई तबाही को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की है। सीएम सुक्खू रात भर मंडी, कुल्लू, सोलन जिलों में हो रही तबाही की जानकारी लेते रहे। फंसे हुए लोगों को सकुशल निकालने के लिए जिला प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं।
प्रदेश में लगातार जारी भारी बारिश के चलते प्रदेश उच्च न्यायालय व जिला न्यायपालिका के सभी न्यायालय में सोमवार को अवकाश घोषित किया गया है। इस संबंध में प्रदेश उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल ने आदेश जारी किए हैं। आदेशों में कहा गया है कि अवकाश के स्थान पर भविष्य में किसी अन्य गैर कार्य दिवस को प्रदेश उच्च न्यायालय में कार्य दिवस घोषित किया जाएगा। जिला एवं सत्र न्यायाधीश इसे हिमाचल प्रदेश राज्य के बार एसोसिएशन के माध्यम से आम जनता, वादिकरियों और अधिवक्ताओं के ध्यान में लाएंगे। लगातार हो रही बारिश के कारण वकीलों, कर्मचारियों और न्यायिक अधिकारियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। इसके बाद ही ये आदेश जारी किए गए हैं।
हिमाचल प्रदेश में बीते दिन से बारिश का कहर जारी है। रविवार को प्रउेश में पांच लोगों की मौत हो गई। बारिश की वजह से शिमला में एक मकान गिर गया। हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई। कुल्लू में एक महिला और रामपुर में एक व्यक्ति की मौत हुई है। कुल्लू जिले के बाहंग में एक दुकान ढह गई। कुल्लू में ब्यास के साथ पार्वती और तीर्थन नदी भी उफान पर हैं। इसके अलावा, मंडी शहर में ब्यास नदी उफान पर है। भूस्खलन की वजह से कई हाईवे बंद हैं। मौसम की मार से वंदे भारत, अम्बाला से ऊना आने वाली ट्रेन प्रभावित हैं। लाहौल में ताजा बर्फबारी और मूसलाधार बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। रामशिमला से मनाली मार्ग यातायात के लिए बंद है। सांगरी बैग से बायां तट होते हुए नग्गर मनाली तक भी यातायात के लिए बंद है। कुल्लू के ब्यासा मोड़ में कार फंस गई।
प्रदेश में भारी बारिश के कारण कई जगहों पर नुकसान की खबर है। नदी नाले उफान पर है। पहाड़ों,चट्टानों और पेड़ों के गिरने का डर है। यह क्रम अभी दो दिन तक और जारी रहेगा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने लोगों से अपील की है कि ज्यादा जरूरी काम न हो तो घर से बाहर न जाएं। जनता की सुविधा के लिए प्रशासन को हर संभव सहायता प्रदान करने और सतर्क रहने के आदेश दे दिए गए हैं। सरकार हर वक्त आपके साथ खड़ी है। अपना ख्याल रखें और सावधान रहें।
हिमाचल प्रदेश में जारी मूसलाधार बारिश के बीच मौसम विभाग ने रेड अलर्ट जारी किया है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला की ओर से हिमाचल प्रदेश में 9 जुलाई के लिए बहुत भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है। प्रदेश में 10 जुलाई के लिए यलो अलर्ट जारी हुआ है। पूरे प्रदेश में 14 जुलाई तक बारिश का सिलसिला जारी रहने की संभावना है। मौसम विभाग ने हिमाचल के लाहौल-स्पीति में अचानक बाढ़, हिमस्खलन की चेतावनी भी दी है। रेड अलर्ट को देखते हुए मौसम विभाग ने स्थानीय लोगों व पर्यटकों को संबंधित विभागों की ओर से जारी एडवाइजरी और दिशा-निर्देशों का पालन करने को कहा है। विभाग के अनुसार मौसम के संबंध में जारी की गई किसी भी यातायात सलाह का पालन करें। -इन जिलों के लिए जारी हुआ रेड अलर्ट प्रदेश के ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, चंबा, कांगड़ा, कुल्लू और मंडी जिले के लिए बहुत भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी हुआ है। वहीं, शिमला, सोलन, सिरमौर व लाहौल-स्पीति के लिए येलो-ऑरेंज अलर्ट जारी हुआ है। उधर, आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से भी लोगों को एसएमएस के जरिये सचेत रहने की सलाह दी जा रही है।
हिमाचल प्रदेश में बीते 24 घंटे के दौरान कई क्षेत्रों में भारी बारिश हुई। इससे प्रदेश में 160 से ज्यादा सड़कें बंद हो गई हैं। मौसम विभाग ने आगे दो दिन तक हाईअलर्ट जारी किया गया है। शिमला और सोलन जिले में धुंध के कारण विजिबिलिटी 50 मीटर तक गिर सकती है। मौसम विभाग की मानें तो ऊना, कांगड़ा, चंबा, बिलासपुर, मंडी, शिमला, सोलन, सिरमौर और हमीरपुर जिले में कुछ स्थानों पर भारी से भी भारी बारिश हो सकती है। इसलिए इन जिलों में मौसम विभाग की ओर से ऑरेंज अलर्ट दिया गया है। मौसम विभाग की मानें तो बारिश होने से मौसम में गिरावट आई है। अगले 2-3 दिन में भी तापमान में 2 से 3 डिग्री की गिरवाट आएगी। प्रदेश का अधिकतम तापमान औसत से 2.4 डिग्री नीचे लुढ़क चुका है। शिमला का अधिकतम पारा 22.8 डिग्री, ऊना का 33.2 डिग्री, नाहन 26.7 डिग्री, सोलन 27.4 डिग्री, मनाली 22.8 डिग्री, कांगड़ा 31.3 डिग्री, बिलासपुर 32 डिग्री और हमीरपुर 32.4 डिग्री दर्ज किया गया।
हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले के चुराह स्थित हिमगिरी राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल में अंडर-14 खेलकूद प्रतियोगिता के शुभारंभ करने के लिए दो मुख्य अतिथि पहुंच गए। इससे समारोह स्थल पर जमकर हंगामा हुआ। दरअसल खेलकूद प्रतियोगिता के शुभारंभ के लिए स्कूल प्रबंधन समिति अध्यक्ष ने चुराह विधायक व पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष हंसराज को बतौर मुख्य अतिथि आमंत्रित किया था, जबकि स्कूल प्रधानाचार्य की ओर से कांग्रेस नेता यशवंत सिंह खन्ना को मुख्य अतिथि बनाया गया था। ऐसे में जब दोनों प्रतियोगिता का शुभारंभ करने पहुंचे तो हंगामा शुरू हो गया। इस दौरान हंसराज के समर्थकों ने मौके पर नारेबाजी की। इस बीच दोनों के समर्थकों के बीच जमकर बहसबाजी हुई। काफी देर तक एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर चलता रहा। आखिरकार हाईवोल्टेज ड्रामे के बीच चुराह विधायक नाराज होकर अपने समर्थकों संग कार्यक्रम से लौट गए। इसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। उन्होंने स्कूलों में होने वाले कार्यक्रमों का भी कांग्रेसीकरण करने के आरोप लगाए। सवाल ये भी उठ रहे हैं कि स्कूल प्रबंधन की ओर से दो नेताओं को मुख्यातिथि क्यों बनाया गया, जिससे हंगामा खड़ा हो गया।
चंबा शहर के पुराना बस अड्डा पार्किंग स्थल में मनमाने तरीके से पार्किंग शुल्क वसूले जाने की शिकायत पर विजिलेंस विभाग की टीम ने कार्रवाई करते हुए दबिश दी। टीम ने पार्किंग स्थल पर मौजूद कर्मचारी से पार्किंग शुल्क से पूछताछ करने के साथ वाहन पार्किंग की काटी गई रसीदों सहित अन्य रिकार्ड को भी कब्जे में लिया। इस मामले में अब जांच के बाद आगामी कार्रवाई की जाएगी। यह कार्रवाई विजिलेंस विभाग के एएसपी अभिमन्यु वर्मा की अगवाई में अमल में लाई गई। बताते चलें कि चंबा शहर के पुराने बस अड्डे को परिवहन निगम ने वाहन पार्किंग के लिए ठेकेदार को ठेके पर दिया हुआ है। इस पार्किंग स्थल में बाकायदा घंटों के हिसाब से वाहन खड़ा करने के लिए शुल्क निर्धारित किया गया है, लेकिन यहां पर वाहन चालकों से पार्किंग के मनमाने दाम वसूले जाने की शिकायतें काफी समय से विजिलेंस विभाग को मिल रही थी। इन शिकायतों के आधार पर ही यह कार्रवाई की गई है। उधर, विजिलेंस विभाग के एएसपी अभिमन्यु वर्मा ने बताया कि पार्किंग स्थल का रिकार्ड कब्जे में लेने के साथ ही परिवहन निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक से पार्किंग नीलामी की कॉपी सहित अन्य दस्तावेज मांगे गए हैं। उन्होंने बताया कि दस्तावेजों की जांच के बाद आगामी कार्रवाई की जाएगी।
चंबा जिले में चंबा-तीसा मार्ग पर 108 एंबुलेंस अनियंत्रित होकर 100 फुट गहरी खाई में जा गिरी। हादसे में एक फार्मासिस्ट की मौत हो गई, जबकि चालक गंभीर रूप से घायल हुआ है। घायल चालक को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। मृतक फार्मासिस्ट की पहचान आयूब खान पुत्र लाला दीन निवासी गांव जसूह तहसील चुराह के तौर पर हुई है। वहीं, चालक की पहचान प्रमोद निवासी तीसा के तौर पर हुई है। हादसा ईंड नाला के पास पेश आया है। हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के बाद परिजनों के हवाले कर दिया है। पुलिस ने घटना के संबंध में मामला दर्ज कर मामले की छानबीन शुरू कर दी है। हादसे के समय एंबुलेंस मरीज को चंबा अस्पताल छोड़कर वापस लौट रही थी। इसी दौरान बीच रास्ते में एंबुलेंस अनियंत्रित होकर खाई में जा गिरी। एंबुलेंस की गिरने की आवाज सुनकर मौके पर पहुंचे लोगों ने तुरंत घायलों को उठाकर मेडिकल कॉलेज पहुंचाया। जहां आयुब खान ने घावों की ताव को न सहते हुए दम तोड़ दिया। घायल चालक प्रमोद कुमार की हालत में सुधार बताया गया है। हादसे की पुष्टि एसपी चंबा अभिषेक यादव ने की है।
चंबा होटल एसोसिएशन की बैठक मुख्यालय में संपन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता एसोसिएशन के प्रधान किशन महाजन ने की। बैठक में सदर विधायक नीरज नैयर विशेष तौर से मौजूद रहे। बैठक में होटल एसोसिएशन के सदस्यों ने विश्व प्रसिद्ध मणिमहेश यात्रा की अवधि को 21 दिन की बजाए तीन माह करने की मांग उठाई है। उन्होंने चंबा से मणिमहेश के लिए हेली टैक्सी सेवा आरंभ करने का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने साथ ही साहासिक पर्यटन की संभावनाओं के दोहन को लेकर भी प्रभावी कदम उठाए जाने की मांग की है। एसोसिएशन ने सदर विधायक को शॉल व टोपी पहना कर और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित भी किया। सदर विधायक नीरज नैयर ने होटल एसोसिएशन को मांगों को मुख्यमंत्री के समक्ष प्रभावी तरीके से उठाकर जल्द सकारात्मक कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
* डॉ राजीव बिंदल की नई टीम से जल्द उठ सकता है पर्दा * जिला और ब्लॉक स्तर पर भी चरणबद्ध तरीके से बदलाव तय हिमाचल में लगातार चुनाव हार रही भाजपा अब प्रदेश संगठन में बड़े स्तर पर बदलाव की तैयारी में है। डॉ राजीव बिंदल के तौर पर नए प्रदेश अध्यक्ष की तैनाती पहले ही हो चुकी है और अब संगठन की सर्जरी की तयारी है। बताया जा रहा है पूरी कार्यकारिणी बदलने की तैयारी है और नए प्रदेशाध्यक्ष राजीव बिंदल ने संभावित कार्यकारिणी की लिस्ट तैयार कर मंजूरी के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को भेज भी दी है। नड्डा की सहमति मिलते ही कई बड़े चेहरों की छुट्टी हो सकती है और हाशिए पर चल रहे कई निष्ठावानों को तवज्जो मिलेगी। निष्क्रिय पदाधिकारियों को बाहर का रास्ता दिखया जायेगा। ऐसे कई पदाधिकारियों पर भी गाज गिर सकती है जिनके क्षेत्र में बीते विधानसभा चुनाव में खुलकर बगावत हुई हैं और पार्टी का ग्राफ गिरा है। हालांकि मौजूदा कार्यकारिणी के कुछ पदाधिकारियों को बड़ी जिम्मेदारी भी मिल सकती है। माना जा रहा है कि ये बदलाव सिर्फ राज कार्यकारिणी तक सिमित नहीं रहेगा। पार्टी संगठन में टॉप टू बॉटम बदलाव कर सकती है। राज्य कार्यकारिणी में आवश्यक बदलाव के बाद जिला और ब्लाक कि कार्यकारिणी में भी बदलाव होगा। अन्य मोर्चों में भी जरूरी बदलाव की तैयारी है। वहीँ विधानसभा चुनाव में बगावत का बिगुल फूंकने वाले नेताओं कि घरवापसी को लेकर अभी संभवतः पार्टी कोई निर्णय न ले लेकिन आवश्यकता पड़ने पर इस पर भी विचार हो सकता है। दुनिया के सबसे बड़े राजनैतिक दल, यानी भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नडडा का डंका आज पुरे सियासी जगत में बजता है। पर उनके अपने गृह राज्य हिमाचल प्रदेश में नड्डा की चमक लगातार फीकी पड़ी है। अपने ही राज्य में नड्डा अपनी पार्टी को हारते हुए देख रहे है, निश्चित तौर पर ये बात उन्हें खलती तो होगी। जाहिर है नड्डा सियासत के माहिर खिलाड़ी है और अब कोई चांस लेने के मूड में नहीं होंगे। लाजमी है 2024 के लिए नड्डा अब नरम नहीं बल्कि गरम रुख अपनाये। ऐसे में संगठन में व्यापक बदलाव देखने को मिल सकता है। क्या नए चेहरों पर दांव खेलगी भाजपा ? 2024 लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा एक्शन मोड में है। 2014 और 2019 में भाजपा ने प्रदेश में क्लीन स्वीप किया है और अब पार्टी इस प्रदर्शन को दोहराना चाहती है। मंडी लोकसभा उपचुनाव में हार के बाद पार्टी के तीन सांसद है और माहिर मान रहे है कि पार्टी सीटिंग सांसदों के टिकट काटने या बदलने से भी गुरेज नहीं करेगी। ग्राउंड फीडबैक के बाद ही अंतिम निर्णय लिया जायेगा। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के अलावा अन्य डॉ सांसदों को टिकट मिलेगा या नहीं, ये कहना मुश्किल है। अनुराग की सीट बदलने को लेकर भी अटकलें तेज है। वहीँ मंडी से पार्टी उम्मीदवार के तौर पर जयराम ठाकुर और अनिल शर्मा के नाम चर्चा में है।
मनोहर हत्याकांड के बाद सलूणी उपमंडल में लगाई धारा 144 को 13 दिन बाद हटा दिया है। उपायुक्त चंबा द्वारा बकायदा अधिसूचना जारी कर दी गई है। धारा 144 के हटने से अब लोगों ने राहत की सांस ली है। इस बीच, किशोर न्याय बोर्ड चंबा/तीसा ने इस मामले में गिरफ्तार किए गए 3 नाबालिग आरोपियों की जमानत के फैसले को 1 जुलाई तक सुरक्षित रखा है। पुलिस ने बोर्ड के समक्ष आरोपियों को जमानत न देने की अपील की। इसके बाद बोर्ड ने जमानत का फैसला 1 जुलाई तक सुरक्षित रखा। इस मामले में पुलिस ने 6 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें से तीन आरोपी 18 साल से कम आयु के हैं। पुलिस ने नाबालिग आरोपियों को किशोर न्याय बोर्ड चंबा/तीसा के समक्ष पेश किया। पुलिस अधीक्षक अभिषेक यादव ने बताया कि किशोर न्याय बोर्ड चंबा/तीसा ने एक जुलाई तक फैसला सुरक्षित रखा है।
अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी भरमौर नरेंद्र कुमार चौहान की अध्यक्षता में बुधवार को कार्यालय में प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना के तहत भरमौर क्षेत्र में किए जाने वाले विकासात्मक कार्यों को लेकर बैठक का आयोजन किया गया। उन्होंने कहा कि पीएमएएजीवाई के तहत भरमौर विधानसभा क्षेत्र भरमौर के 8 गांव चयनित हुए हैं। इनमें भरमौर, मलकौता, सचुंई, दियोकी, लमणौता, बंडेई, पंजसेई और चौबिया शामिल हंै। उन्होंने कहा कि योजना के चुने गए गांवों को सामाजिक आर्थिक रूप से विकसित करना है। योजना का मुख्य उद्देश्य जनजातीय आबादी वाले गांवों की जरूरतों और आकांक्षाओं के आधार पर एक ग्राम विकास योजना को तैयार करना है। उन्होंने कहा कि चयनित गांवों में कार्य योजना में स्वास्थ्य, शिक्षा, दूरसंचार व आजीविका जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों के बुनियादी ढांचे को शामिल कर एक आदर्श स्तर पर लाना है। योजना के तहत चयनित गांवों को अच्छी और गुणात्मक शिक्षा उपलब्ध करवाने के लिए राजकीय प्राथमिक पाठशालाओं में एक-एक स्मार्ट क्लासरूम भी बनाए जाएंगे और चयनित प्रत्येक गांव में विभिन्न विकासात्मक कार्यों पर 20 लाख रुपये की धनराशि व्यय की जाएगी। अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को विभिन्न विकासात्मक कार्यों के लिए प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने पंचायत प्रतिनिधियों से भी प्रस्ताव को लेकर चर्चा की। इस अवसर पर खंड चिकित्सा अधिकारी अंकित शर्मा, कार्यवाहक खंड विकास अधिकारी गोपाल सिंह, कनिष्ठ अभियंता विद्युत विभाग दिनेश कुमार, कनिष्ठ अभियंता लोक निर्माण विभाग धनीराम, कनिष्ठ अभियंता जल शक्ति विभाग अजय ठाकुर व वन रेंजर अधिकारी तपेंद्र नेगी सहित गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
हिमाचल प्रदेश में मानसून की पहली बारिश आफत बना कर बरसी है। भारी बारिश के चलते प्रदेश के कई इलाकों में बाढ़ आने से काफी नुक्सान हुआ है। कुल्लू-मंडी-रामपुर में बाढ़ से कई जगह जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। हमीरपुर में सुजानपुर के खैरी में रविवार को बादल फटने से पांच घरों में मलबा घुस गया। कांगड़ा के नगरोटा बगवां के उपरली मझेटली में बिजली गिरने से मां और डेढ़ साल का बच्चा झुलस गया। मंडी के सराज की तुंगधार और कुल्लू की मौहल खड्ड में बाढ़ से एक दर्जन वाहन बह गए और कई घर क्षतिग्रस्त हुए हैं। मंडी के शिकारी देवी में शनिवार रात 200 लोग फंस गए, जिन्हें छह घंटे बाद निकाला गया। प्रदेशभर में 85 सड़कें बंद हो गईं हैं। 55 बिजली के ट्रांसफार्मरों को नुकसान पहुंचा है। उधर, कालका-शिमला रेलवे ट्रैक पर जगह-जगह पहाड़ियों से पत्थर, मलबा और पेड़ गिरने से दूसरे दिन भी सभी ट्रेनें रद्द हो गईं। नाहन-कुमारहट्टी और पांवटा-शिलाई नेशनल हाईवे भी कुछ समय के लिए बंद रहा। शिलाई के गंगटोली में खड़ी गाड़ी पर पत्थर गिरे। सतौन और पुरुवाला में खड्ड का पानी दुकानों में घुस गया। जलस्तर बढ़ने से गिरि नदी पर बने जटोन डैम का एक गेट खोलना पड़ा। प्रदेश में मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने सोमवार को ऑरेंज और मंगलवार के लिए येलो अलर्ट जारी किया है।
रविवार सुबह चंबा जिले में खड़ामुख-होली मार्ग पर एक बड़ा हादसा पेश आया है। यहां खड़ामुख के पास एक आल्टो कार अनियंत्रित होकर चमेरा डैम में जा गिरी। हादसे के समय कार में कितने लोग सवार थे अभी इसका खुलासा नहीं हो पाया है, लेकिन मान जा रहा है कि कार में चार से पांच लोग सवार हो सकते हैं। हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस और दमकर विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर सर्च अभियान शुरू कर दिया है। बताया जा रहा है कि हादसे के समय कार होली से चंबा की तरफ जा रही थी। इसी दौरान खड़ामुख से कुछ पिछे अचानक से चालक ने कार से नियंत्रण खो दिया और कार सिधे डैम में जा गिरी। घटना की पुष्टि करते हुए डीएसपी हेडक्वार्टर जितेंद्र चौधरी ने बताया कि अभी तक कार में सवार लोगों की संख्या का पता नहीं चल पाया है।
आयुष विभाग के तत्वावधान में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर चौरासी मंदिर भरमौर के प्रांगण के अलावा उपमंडल भरमौर के विभिन्न विभिन्न जगह में योग शिविर का आयोजन किया गया। भरमौर के 84 प्रागण शिविर में स्थानीय विधायक डॉ जनक राज व अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी नरेंद्र कुमार चौहान ने भी भाग लिया। आयुष विभाग के आयुर्वेदिक फार्मासिस्ट राजेंद्र, बलवान और अनिल ने उपस्थित लोगों को योगा अभ्यास करवाया। शिविर के दौरान लोगों को योगा को अपनी दिनचर्या में अपनाने को प्रेरित किया गया। योग तन, मन व आत्मा की शांति के लिए बेहद ही महत्वपूर्ण है। योग के माध्यम से व्यक्ति शारीरिक व मानसिक तौर पर पूर्णता स्वस्थ रहता है। इसलिए 21 जून को पूरे विश्व में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। विधायक एवं जनजातीय सलाहकार समिति के उपाध्यक्ष डॉ जनक राज ने लोगों से आग्रह करते हुए कहा कि वें अपने जीवन में योग को अपनाएं और निरोग्य व स्वस्थ जीवन व्यतीत करें। शिविर में स्कूली छात्रों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। इस अवसर पर आयुष विभाग के सुखविंदर सिंह, तहसील कल्याण अधिकारी विकास पखरेटिया सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
रूणुकोठी पंचायत के सामरा गांव में उद्यान विभाग भरमौर, कृषि विभाग भरमौर, व पशुपालन विभाग भरमौर द्वारा संयुक्त रूप से एक दिवसीय जागरुकता शिविर का आयोजन किया गया। उद्यान विभाग भरमौर के अधिकारी डॉ. मनोहर लाल बृजभूषण ने बताया कि इस संयुक्त शिविर में किसानों-बागवानों व पशुपालकों को कई महत्वपूर्ण जानकारी साझा की गई। शिविर में कृषि विभाग भरमौर के विषय वस्तु विशेषज्ञ डॉ. करतार डोगरा, उद्यान विभाग भरमौर के डाक्टर मनोहर लाल बृजभूषण, व उद्यान प्रसार अधिकारी सरनो कुमार, स्थानीय पंचायत प्रधान संजय कुमार विशेष रूप से उपस्थित रहे। शिविर में लगभग 50 किसानों -बागवानों ने भाग लिया। इस मौके पर कृषि विभाग भरमौर के अधिकारी डॉ. करतार डोगरा द्वारा लोगों को मोटे अनाज के फायदे बताए गए व उन्होंने मोटे आनाज को लगाने को बढ़ावा देने के लिए किसानों से आग्रह किया। इसके साथ उन्होंने विभाग की विभिन्न योजनाओं के बारे में अवगत करवाया। डॉ. मनोहर लाल बृजभूषण ने सेब की सघन खेती के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि लोगों को समय की मांग को देखते हुए नई सेब की प्रजातियां को भी लगाया का आग्रह किया जाना, जिसमें प्रति बीघा 300 सेब के पौधे लगाए जा सकते है। इसके साथ- साथ उन्होंने मधुमक्खी पालन व मशरूम की खेती में भी नवयुवकों को रुचि लेने को कहा व उन्होंने सेब में आजकल आने वाली बिमारियों के बारे में व उनके उपचार के बारे में भी बताया। विभाग द्वारा विभिन्न योजनाओं का फायदा लेने को भी लोगो को कहा गया। उन्होंने प्राकृतिक खेती के बारे में लोगों को विस्तृत जानकारी दी और लोगों को इसको अपनाने के लिए जोर दिया। उन्होंने जीवामृत, घंजीवामृत बनाने की विधि भी बताई गई। इसके अलावा पशुपालन विभाग भरमौर द्वारा भी पशुपालकों को पशुपालन व्यवसाय संबंधी विस्तृत जानकारी दी गई।
नेहरू युवा केंद्र चंबा युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय भारत सरकार द्वारा आज अमृतकाल के पंच प्रण पर आधारित जिला युवा उत्सव 2023 का आयोजन किया गया। इसका आयोजन राजकीय आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय मेहला में किया गया। इस ज़िला उत्सव पर ज़िला के लगभग 200 युवा प्रतिभागियो ने भाग लिया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि खंड विकास अधिकारी रमन वीर सिंह ने शिरकत की। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए जिला युवा अधिकारी नेहरू युवा केंद्र विवेक कुमार ने प्रधानमंत्री के अमृतकाल के पंच प्रण पर आधारित जिला युवा उत्सव की जानकारी देते हुए बताया की इस कार्यक्रम में 5 प्रतियोगिता आयोजित की गईं, जिनमें कविता लेखन प्रतियोगिता, भाषण प्रतियोगिता, मोबाईल फोटोग्राफी प्रतियोगिता, चित्रकला प्रतियोगिता एवं सामूहिक सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित की गईं। भाषण प्रतियोगिता में भरमौर ब्लॉक के रमनिश कपूर ने प्रथम स्थान हासिल किया। रमनिश कपूर ने अपने भाषण में सबका मन मोह लिया। नेहरू युवा केंद्र चंबा द्वारा स्मृति चिन्ह व 5000 हजार इनामी राशि दी गई। रमनिश कपूर ने इसके पहले भी राष्ट्र और राज्य स्तर पर अपनी प्रतिभा का हुनर दिखा चुके हैं।
चंबा में युवक की नृशंस हत्या किए जाने पर पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि जिला प्रशासन से आग्रह है कि हम सभी मनोहर के परिवार से मिलने दें। इससे पहले जयराम ठाकुर, राजीव बिंदल, राकेश पठानिया, बिक्रम सिंह जरयाल, हंसराज, डीएस ठाकुर बनीखेत पहुंचे। बनीखेत से चौहड़ा पहुंचे जहां जनसभा को संबोधित किया गया। चौहड़ा में प्रदेश सरकार मुर्दाबाद के नारे लगे। जयराम ने कहा कि हमारी लड़ाई किसी जात, धर्म या क्षेत्र के विरूद्ध नहीं है। हमारी लड़ाई 25 वर्षीय मासूम नौजवान की हत्या करने वालों के खिलाफ है। मनोहर हत्याकांड जैसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए भाजपा आंदोलन कर रही है। मनोहर को न्याय दिलवाने के लिए सड़कों पर उतरने वाले लोगों का भाजपा विधायक हंसराज ने आभार जताया। जयराम ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को पीड़ित परिवार से मिलने के लिए हमसे पहले आना चाहिए था। सीएम या हमारे आने से मनोहर वापस नहीं आ सकता, लेकिन परिवार को शांति मिलती। बहुत सी घटनाए होती हैं जिन्हें कांग्रेस सरकारें हल्के में लेती हैं। गुड़िया केस को भी हल्के में लिया गया था। भाजपा ने गुड़िया मामले की जांच सीबीआई से करवाई और आज दोषी सलाखों के पीछे है। चंबा में हुए हत्याकांड की एनआईए जांच होने से देश में एक बहुत बड़ा संदेश जाएगा।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने डलहौजी में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि जो हादसा चंबा दस सलूणी में हुआ है, उससे हमारे दिल को ठेस पहुंची है। हम सब केवल मनोहर को न्याय दिलाने के लिए एकत्र हो रहे हैं। बिंदल ने कहा कि हमने प्रशासन से बहुत गुहार लगाई और तकरीबन 4 बार उनसे मिले। 1 घंटे इंतजार किया और श्री राम जय जय राम का पाठ भी किया, पर हमें पीड़ित परिवार के पास जाने की अनुमति प्रशासन ने नहीं दी। हमने प्रशासन को कहा कि अगर मुख्यमंत्री सुक्खू इस परिवार के पास चले गए होते तो हमें लगता कि प्रदेश का कोई बड़ा व्यक्ति गया है, पर प्रशासन ने हमें जाने नहीं दिया, इसलिए भाजपा ने तय किया है कि हम कल 17 जून को प्रदेश के सभी 12 जिला मुख्यालों पर एक धरने-प्रदर्शन का आयोजन करेंगे और डिप्टी कमिश्नर के माध्यम से राज्यपाल को इस जघन्य हत्याकांड को लेकर एक ज्ञापन भी भेजेंगे। उन्होंने कहा हिमाचल में हम कल्पना भी नहीं कर सकते हैं कि एक अकेला युवक जिसके माता-पिता है, बहनों की शादी हो गई है उसकी जघन्य हत्या की गई और शरीर के टुकड़े-टुकड़े कर नाले में डाल दिए गए। इस प्रकार के अपराध को शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा हमारा प्रदेश देवभूमि है जा हर गांव गांव में खंड खंड में देवी देवता का वास है। वीर भूमि है यहां के वीर सपूत देश की रक्षा करते हैं और देश के लिए बलिदान देना अपना गौरव मानते हैं, पर हमारे प्रदेश में इस प्रकार का हत्याकांड जिसने हमारी आत्मा को झकझोर कर रख दिया है इससे पूरा देश और प्रदेश स्तब्ध है। जिस प्रकार से अपराधी ने यह अपराध किया है हम कल्पना भी नहीं कर सकते, यह घटना नहीं सदारण है और जिस व्यक्ति ने अपराध किया है वह भी साधारण नहीं हो सकता। अगर देखा जाए तो यह एक हैबियुअल क्रिमिनल का काम है, हमारा प्रदेश एक शांतिप्रिय प्रदेश है पर इस घटना के पीछे क्या पक रहा है वह जनता जानना चाहती हैं ? कहीं गहरे राज इसे बेनकाब हो सकते हैं, क्रॉस बॉर्डर क्या पक रहा है उसका भी अंदाजा हमें इन खुलासों से हो सकता है।
राजस्व, बागवानी तथा जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी ने बुधवार को मिनी सचिवालय के सभागार में जनजातीय परियोजना सलाहकार समिति की बैठक अध्यक्षता करते हुए विभागीय अधिकारियों को सभी कार्यों को युद्धस्तर पर पूरा करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने अधिकारियों से निर्माण कार्यों में गुणवत्ता, समयबद्धता और पारदर्शिता सुनिश्चित बनाने को कहा। उन्होंने कुछ विभागों की कार्यप्रणाली के प्रति संज्ञान लेते हुए व्यवस्था सुधारने के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश भी दिए। बागवानी मंत्री ने उद्यान विभाग के तत्वावधान में किसानों-बागवानों के लिए विभागों को सयुंक्त रूप से पंचायतों में तीन माह के भीतर जागरूकता शिविर लगाने के निर्देश दिए। जिसमें कृषि, पशुपालन, ग्रामीण विकास, कल्याण विभाग सहित अन्य सभी लाइन डिपार्टमेंट अपने-अपने विभाग की योजनाओं की जानकारी लोगों तक पहुंचाएंगे। सभी विभाग इन कैम्पों की 15 दिन पहले जानकारी पंचायत तथा आम लोगों तक पहुंचाना सुनिश्चित करेंगे। इसके अतिरिक्त हर सम्बंधित विभाग संचालित की जा रही योजनाओं की जानकारी सभी लोगों तक पहुंचाने के लिए पेम्पलेट के माध्यम से देना सुनिश्चित करेंगे। ताकि अधिक से अधिक लोगों को विभागीय योजनाओं की जानकारी व उसका लाभ मिल सके। उन्होंने स्वास्थ्य तथा आयुष विभाग को इन शिविरों के दौरान मेडिकल कैम्प लगाने के भी निर्देश दिए। जनजातीय विकास मंत्री ने मणिमहेश यात्रा से पहले यात्रियों की सुविधा के लिए पार्किंग, शौचालय तथा पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित बनाने के लिए जगह चिन्हित करने सहित प्राथमिकता पर आकलन तैयार करने के विभाग को निर्देश दिए। जिसके लिए अतिरिक्त धनराशि उपलब्ध करवाने का भरोसा दिया। उन्होंने मंदिर में बंद प?ी स्ट्रीट लाइट को शीघ्र दरुस्त करने के भी अधिकारिओं को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विकास कार्यों के लिए प्रदेश सरकार के पास धन की कोई कमी नहीं है। उन्होंने अधिकारियों को जनजातीय क्षेत्र में स?क, स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली, पेयजल सहित अन्य सभी सुविधाओं को चुस्त दरुस्त बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने ग्रामीण विकास विभाग को मनरेगा कार्यों में पूरी पारदर्शिता तथा गुणवत्ता सुनिश्चित बनाने सहित विकास कार्यों को गति देने सहित आवश्यक लोगों को अधिक से अधिक रोजगार उपलब्ध करवाने के भी निर्देश दिए।
राजस्व, बागवानी एवं जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी ने मंगलवार को चंबा जिला के अपने प्रवास के दूसरे दिन जनजातीय क्षेत्र भरमौर के तहत होली में एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय का निरीक्षण कर वहां पर उपलब्ध सुविधाओं का जायजा लिया। इस दौरान कक्षाओं, विद्यालय के किचन तथा कमरों का निरीक्षण किया। उन्होंने बच्चों के साथ सीधा संवाद करते हुए जहां उनसे पढ़ाई के बारे में बातचीत की वही छात्रावास में उपलब्ध करवाई जा रही सुविधाओं के बारे में भी विद्यार्थियों से फीडबैक ली। बागवानी मंत्री ने यहां उपलब्ध करवाई जा रही सुविधाओं पर हर्ष जाहिर करते हुए प्रबंधन को सुविधाएं और बढ़ाने को भी कहा । उन्होंने प्रबंधन से परिसर में बॉक्सिंग प्रशिक्षण के लिए प्राक्कलन तैयार करने के लिए भी निर्देश दिए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि विद्यार्थियों की सुरक्षा पर पूरी निगरानी रखने के साथ उनका निरंतर स्वास्थ्य चेकअप भी सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने छात्रावास में बच्चों को उपलब्ध करवाई जाने वाली जाने वाली खानपान तथा रहन-सहन की उचित व्यवस्था सुनिश्चित बनाने के लिए आवश्यक निर्देश भी दिए। इस दौरान विभिन्न पंचायत प्रतिनिधियों ने क्षेत्र से संबंधित समस्याओं को समाधान के लिए बागवानी मंत्री के समक्ष रखा। उन्होंने सड़क निर्माण को लेकर लोगों को स्वेच्छा से विभाग के नाम भूमि करने को की कहा। इससे पहले चंबा से भरमौर जाते हुए लोगों द्वारा उनका विभिन्न जगहों पर गर्मजोशी से स्वागत किया तथा स्थानीय स्तर की विभिन्न मांगों को उनके समक्ष रखा। जिन्हें बागवानी मंत्री ने शीघ्र हल करने के अधिकारियों को निर्देश दिए। इस मौके पर विधायक डॉ जनक राज, पूर्व मंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी, अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी भरमौर नरेंद्र कुमार चौहान, एसडीएम कुलबीर राणा, प्रधानाचार्य विपिन, शर्मा सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी और गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
कभी वीरभद्र सिंह के हनुमान कहे जाने वाले हर्ष महाजन को अब हिमाचल भाजपा ने कोर ग्रुप का सदस्य मनोनीत किया हैं। बीते साल हुए विधानसभा चुनाव से ठीक पहले हर्ष महाजन भाजपाई हो गए थे। तब माना जा रहा था कि शायद चम्बा सदर सीट से भाजपा महाजन पर दांव खेल सकती है, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। अब बदली सियासी फ़िज़ा में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के आदेश पर हर्ष महाजन को भाजपा कोर ग्रुप का सदस्य बनाया गया हैं। ज़ाहिर है इस नियुक्ति के बाद भाजपा में हर्ष का सियासी कद बढ़ा है, साथ ही राजनीतिक गलियारों में सुगबुगाहट तेज़ हो चुकी है कि लोकसभा चुनाव में काँगड़ा संसदीय सीट से पार्टी हर्ष महाजन पर दांव खेल सकती है। हर्ष महाजन, स्वर्गीय वीरभद्र सिंह के विशेष सलाहकार और रणनीतिकार रह चुके है। महाजन वीरभद्र सरकार में पशुपालन मंत्री भी रहे और फिर 2012 से 2017 तक कांग्रेस शासन में राज्य सहकारी बैंक के चेयरमैन भी। 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने हर्ष महाजन को प्रदेश कांग्रेस कमेटी का वर्किंग प्रेसिडेंट नियुक्त किया था। यानी कांग्रेस में रहते महाजन का सियासी कद लगातार बढ़ा ही है, लेकिन महाजन ने 2022 के चुनाव से ठीक पहले सबको चौंकाते हुए भाजपा का दामन थाम लिया था। महाजन के भाजपा में जाने से कयास लगाए जा रहे थे कि ये भाजपा का मास्टरस्ट्रोक हो सकता है, दरअसल महाजन का चम्बा में बेहतर होल्ड माना जाता है, जाहिर है भाजपा को महाजन से कुछ उम्मीद तो ज़रूर रही होगी। हालांकि नतीजे आने के बाद महाजन की चम्बा सदर सीट पर भी कांग्रेस का परचम लहराया। भाजपा को अब भी महाजन की सियासी कुव्वत का अहसास है, इसलिए हर्ष महाजन को अहम् पद दिया गया है। भाजपा की सत्ता से विदाई होने के बाद हर्ष महाजन भी कमोबेश दरकिनार से ही दिखे है, पर अब उन्हें भाजपा कोर ग्रुप का सदस्य बनाया गया हैं। यानी अब भाजपा के अहम निर्णय लेने में उनकी भूमिका भी अहम होने वाली है। लोकसभा चुनाव के लिहाज़ से भाजपा में कई बड़े बदलाव होने की चर्चा तेज़ है। प्रदेश में सत्ता गवाने के बाद भाजपा इस दफा कोई चूक नहीं करना चाहेगी। फिलवक्त प्रदेश की चारों लोकसभा सीटों पर भाजपा का कब्ज़ा है। काँगड़ा संसदीय सीट की बात करे तो यहाँ वर्तमान में किशन कपूर सांसद है, लेकिन विधानसभा चुनाव में इस संसदीय क्षेत्र में भाजपा का प्रदर्शन फीका रहा था। ऐसे में महाजन की नियुक्ति के बाद कयास लग रहे है कि क्या भाजपा इस दफा कांगड़ा संसदीय सीट पर चेहरा बदलने की रणनीति पर आगे बढ़ सकती है ? महाजन जिला चम्बा से आते है और जिला चंबा के चार निर्वाचन क्षेत्र काँगड़ा संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आते है। ऐसे में उनकी दावेदारी ख़ारिज नहीं की जा सकती। बहरहाल कयासों का सिलिसला जारी है।
देश में कई मौके ऐसे आएं है जब सरकारों ने अपने पक्ष में माहौल देखकर समय से पहले चुनाव करवा दिए। क्या आगामी लोकसभा चुनाव भी अपने तय वक्त से पहले हो सकते हैं, ये सवाल इन दिनों सियासी गलियारों में खूब गूंज रहा है। दरअसल, इसी साल के अंत में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने है। क्या मोदी सरकार इन्हीं के साथ लोकसभा चुनाव करवाने पर विचार कर रही है? क्या सरकार का नौ साल की उपलब्धियों के प्रचार में ताकत झोंकना इसका संकेत है? ये अहम सवाल है। 'सेवा सुशासन और गरीब कल्याण' के नारे के साथ भाजपा आक्रामक तरीके से मैदान में उतर चुकी है, मानो चुनाव की घोषणा हो चुकी हो। संभवतः सरकार और पार्टी के शीर्ष स्तर पर लोकसभा चुनावों को लेकर गंभीर मंथन हो रहा है। बीते 6 महीनो में हिमाचल प्रदेश और कर्णाटक में सत्ता से बेदखल हुई भाजपा निश्चित तौर पर आत्ममंथन जरूर कर रही होगी। हालांकि पूर्वोत्तर के नतीजों ने भाजपा को कुछ उत्साहित जरूर किया है। पर पार्टी को इस बात का भी इल्म है कि बीते कुछ समय में कांग्रेस पहले से ज्यादा नियोजित दिख रही है और एंटी इंकम्बैंसी को पूरी तरह खारिज करना भी गलत होगा। ये कहना गलत नहीं होगा कि भाजपा कुछ असहज है। ऐसे में भाजपा के रणनीतिकारों को सोचने की जरुरत है। बताया जा रहा है कि लोकसभा चुनाव इसी साल नवंबर-दिसंबर में होने वाले पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के साथ कराने का विचार हो रहा है। इसके पीछे एक तर्क ये हो सकता हैं कि विपक्ष अपनी तैयारी अगले साल मार्च-अप्रैल के हिसाब से कर रहा है और उसे समय नहीं मिलेगा। एक तर्क ये भी हैं कि अगर विधानसभा चुनावों में भाजपा को अनुकूल नतीजे नहीं मिले तो कार्यकर्ताओं का मनोबल कमजोर नहीं होगा, बल्कि अगर दोनों चुनाव साथ हो जाते हैं, तो पीएम मोदी की लोकप्रियता का लाभ राज्यों के चुनावों में भी होगा। मुद्दे भांप रही हैं भाजपा ! कांग्रेस और भाजपा, दोनों तरफ सियासी पैंतरेबाजी तेज हो चुकी है। अगला लोकसभा चुनाव अमीर बनाम गरीब, हिंदुत्व बनाम सामाजिक न्याय और बेतहाशा बढ़ी अमीरी के मुकाबले गरीबी रेखा के नीचे की आबादी में बढ़ोत्तरी जैसे मुद्दों के बीच देखने को मिल सकता हैं। जातीय जनगणना भी बड़ा मुद्दा बन सकती हैं। शायद भाजपा इसे समझ रही हैं और ऐसे में जल्द चुनाव से इंकार नहीं किया जा सकता। मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ का फीडबैक भी कारण ! मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ से मिलने वाले फीड बैक भाजपा के लिए अच्छा नहीं बताया जा रहा है। राजस्थान में जरूर पार्टी अशोक गहलोत बनाम सचिन पायलट के झगड़े में लाभ तलश रही हैं लेकिन वसुंधरा राजे अगर नहीं साधी गई, तो मुश्किलें शायद भाजपा के लिए अधिक हो। उधर गहलोत सरकार की लोकलुभावन योजनाओं को भी खारिज नहीं किया जा सकता। इसी तरह बिहार, प. बंगाल और महाराष्ट्र में पिछले लोकसभा चुनावों के प्रदर्शन को न दोहरा पाने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता।
उपमंडल दंडाधिकारी कुलबीर सिंह राणा ने सीआरपीसी 1973 की धारा 144 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए उपमंडल भरमौर के पुराने बस स्टैंड से लेकर हेलीपैड तक के संपर्क सड़क मार्ग पर वाहनों की आवाजाही को 13 जून तक प्रतिबंधित रखने के आदेश जारी किए हैं। हालांकि आदेश में यह भी कहा गया है कि आपातकालीन सेवाओं के परिचालन में लगे वाहनों की आवाजाही सामान्य रहेगी। जारी आदेश में स्पष्ट किया गया है कि उक्त मार्ग पर 14 जून से 20 जून तक भारी और सामान से लदे हुए वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। उपमंडल दंडाधिकारी द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि सहायक अभियंता जल शक्ति भरमौर द्वारा पुराने बस स्टैंड से लेकर हेलीपैड संपर्क मार्ग में निर्माणाधीन सीवरेज पाइप लाइन के जारी कार्य को लेकर सूचित किए जाने पर जनहित में सुरक्षा कारणों के दृष्टिगत उक्त सड़क मार्ग में सामान्य वाहनों की आवाजाही को प्रतिबंधित किया गया है। आदेश के उल्लंघन की अवस्था में निर्धारित नियमों के अनुसार कानूनी कार्रवाई का प्रावधान भी रखा गया है।
नई पेंशन योजना कर्मचारी महासंघ जिला चंबा के पदाधिकारियों ने लोक निर्माण, युवा सेवाएं एवं खेल मंत्री विक्रमादित्य सिंह के साथ शिष्टाचार की। इस दौरान जिला अध्यक्ष सुनील जरयाल ने उन्हें शोल व टोपी पहनाकर तथा स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। इस दौरान उन्होंने पुरानी पेंशन योजना बहाली में महत्वपूर्ण योगदान के लिए विक्रमादित्य सिंह का आभार भी प्रकट किया। सुनील जरियाल ने कहा कि इससे पूर्व वे विक्रमादित्य सिंह सहित कांग्रेस पार्टी के नेताओं से पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की मांग को लेकर मिलते रहते थे। लेकिन अब जबकि पुरानी पेंशन योजना को सरकार की ओर से बहाल कर दिया गया है, ऐसे में चम्बा पहुंचने पर पार्टी के नेताओं और मंत्रियों को महासंघ की ओर से सम्मानित करने की रस्म अदा की जा रही है। उन्होंने कहा कि पुरानी पेंशन योजना बहाल होने से कर्मचारी वर्ग को अब अपने भविष्य की चिंता नहीं रही है। इस दौरान उन्होंने संघर्ष में साथ देने वाले सभी कर्मचारियों का भी विशेष आभार प्रकट किया। इस मौके पर नई पेंशन योजना कर्मचारी महासंघ के विभिन्न खंडों के अध्यक्ष व पदाधिकारी मौजूद रहे।
चंबा जिले के भरमौर उपमंडल के ढकोग-बन्नी संपर्क मार्ग पर वीरवार देर रात बोलेरो कैंपर के नाले में जा गिरने से चालक की मौत हो गई। मृतक की पहचान जयकरण पुत्र रांझा राम वासी गांव मांधा तहसील भरमौर जिला चंबा के तौर पर की गई है। वाहन में एक ही व्यक्ति सवार था। पुलिस ने शव का सिविल अस्पताल भरमौर में पोस्टमार्टम करवाने के उपरांत अंतिम संस्कार हेतु परिजनों को सौंप दिया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर दुर्घटना के विस्तृत कारणों की जांच आरंभ कर दी है। जानकारी के अनुसार जयकरण बोलेरो कैंपर वाहन में सवार होकर बन्नी से मांधा की ओर आ रहा था। इसी दौरान रास्ते में वाहन अनियंत्रित होकर नीचे नाले में जा गिरा। परिणामस्वरूप जय करण की मौके पर ही मौत हो गई।
पांगी उपमंडल के धरवास-सुराल मार्ग पर बोलेरो के नाले में गिर जाने से एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। वाहन में कुल तीन लोग सवार थे। घायलों को उपचार के लिए सिविल अस्पताल किलाड़ में भर्ती करवाया गया है। पुलिस ने दुर्घटना में मारे गए व्यक्ति के शव का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिया है और दुर्घटना के विस्तृत कारणों की जांच आरंभ कर दी है। उधर, एएसपी चंबा विनोद कुमार धीमान ने वाहन दुर्घटना में एक व्यक्ति के मारे जाने व दो लोगों के गंभीर रूप से घायल होने की पुष्टि की है।
हिमाचल प्रदेश में मई माह में हुई ठंड ने पिछले 36 सालों के रिकॉर्ड को तोड़ दिया है। हिमाचल प्रदेश के अलग-अलग जिलों में सामान्य तापमान में 4 डिग्री से 6 डिग्री तक की गिरावट दर्ज की गई। इससे पहले साल 1987 में मई के महीने में तापमान में इतनी अधिक गिरावट दर्ज की गई थी। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला की मानें, तो जून माह में भी हिमाचल प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों में मौसम का मिजाज बिगड़ सकता है। बीते 24 घंटों में प्रदेश के हर जिले में जमकर बारिश हो रही है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने 3 जून तक प्रदेश में बारिश और अंधड़ का दौर जारी रहने की संभावना जताई है। उधर, चंबा जिले में हिमस्खलन की सूचना है। जानकारी के अनुसार बैरागढ़-साचपास-किलाड़ मार्ग पर कालाबन के समीप हिमस्खलन से आवाजाही कर रहे यात्री बाल-बाल बचे। सोलन, कांगड़ा, केलांग, किन्नौर, ऊना, सिरमौर, डलहौजी, नारकंडा और धौलाकुआं में भी जमकर बारिश हुई। बुधवार को भी अधिकतम तापमान में सामान्य से छह डिग्री की कमी दर्ज हुई।
उत्तरी भारत की प्रसिद्ध श्री मणिमहेश यात्रा की अग्रिम तैयारियों को लेकर लघु सचिवालय पट्टी के सभागार में उपमंडल स्तरीय बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी नरेंद्र कुमार चौहान ने की। बैठक में श्री मणिमहेश यात्रा में डल झील तक श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु उचित व्यवस्था को सुनिश्चित बनाए रखने के लिए विस्तार पूर्वक चर्चा की गई। अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी ने लोक निर्माण विभाग को राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच 154-ए चंबा-भरमौर पर खड़ामुख से आगे चिन्हित स्थानों पर डगें व क्रैश बैरियर लगाने के निर्देश जारी किए। उन्होंने संबंधित विभागों को जल्द से जल्द सुरक्षित यात्रा मार्ग, वाहनों को पास देने वाले स्थान, सड़क किनारे पार्किंग, स्वच्छ पेयजल व पैदल मार्गों के कार्य पूर्ण कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा उन्होंने यह भी निर्देश दिए की यात्रा से संबंधित तैयारियों के उचित प्रबंधों को जल्द से जल्द अमलीजामा पहनाया जाए। नरेंद्र चौहान ने पुलिस विभाग को पार्किंग सुविधा के लिए विशेष कार्य योजना बनाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि श्री मणिमहेश यात्रा के दौरान उचित पेयजल आपूर्ति बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाए। बैठक में उन्होंने शौचालय और साफ-सफाई की व्यवस्था बनाए रखने संबंधित विभाग को निर्देश दिए। इसके अतिरिक्त उन्होंने विद्युत विभाग को यात्रा के दौरान विद्युत आपूर्ति की उचित व्यवस्था करने को भी कहा। उन्होंने विभिन्न पंचायतों से आए प्रतिनिधियों, अधिकारियों व कर्मचारियों को श्री मणिमहेश यात्रा के सफल आयोजन के लिए सहयोग करने का भी आग्रह किया। इस अवसर पर एसडीएम भरमौर कुलबीर सिंह राणा, नायब तहसीलदार देवेंद्र गर्ग, जिला आयुष अधिकारी डॉ किरण शर्मा, अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग राजीव कुमार, सहायक निदेशक पशुपालन विभाग राकेश भंगालिया, खंड चिकित्सा अधिकारी अंकित शर्मा, आयुष विभाग सुखविंदर सिंह, कार्यवाहक खंड विकास अधिकारी गोपाल सिंह, प्रधान भरमौर अनिल, प्रधान सचुंई संजीव ठाकुर सहित विभिन्न विभागों से संबंधित अधिकारी व और गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
*कांगड़ा को मिल सकता है विलम्ब का मीठा फल सुक्खू कैबिनेट में अब तक जिला कांगड़ा को मनमाफिक अधिमान नहीं मिला है। कांगड़ा संसदीय क्षेत्र के लिहाज से भी देखे तो अब तक हिस्से में सिर्फ एक मंत्री पद आया है। हालांकि विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी, दो सीपीएस और कई कैबिनेट रैंक जरूर मिले है, लेकिन जो वजन मंत्री पद में है वो भला और कहाँ ? बहरहाल सवाल ये है कि जिस संसदीय क्षेत्र ने कांग्रेस की झोली में 17 में से 12 सीटें डाली, क्या सत्ता में आने के बाद कांग्रेस उसे हल्के में ले रही है, या इस इन्तजार का मीठा फल मिलने वाला है। माहिर तो ये ही मान रहे है कि जल्द कांगड़ा के इस विलम्ब की पूरी भरपाई होगी। ऐसा होना लाजमी भी है क्यों कि लोकसभा चुनाव में ज्यादा से ज्यादा एक साल का वक्त है और यहाँ हार की हैट्रिक लगा चुकी कांग्रेस कोई चूक नहीं करना चाहेगी। अलबत्ता कांगड़ा को मंत्री पद मिलने में कुछ देर जरूर हो रही है लेकिन खुद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का ये कहना कि वे भी कांगड़ा के ही है, उम्मीद की बड़ी वजह है। कांगड़ा को टूरिज्म कैपिटल बनाने का सीएम का विज़न हो या आईटी पार्क जैसे अधर में लटके प्रोजेक्ट्स में तेजी लाना, ये दर्शाता है कि सीएम सुक्खू कांगड़ा को लेकर किसी तरह की चूक करना नहीं चाहते। सीएम का नौ दिन का कांगड़ा दौरा भी इसकी तस्दीक करता है। सरकार के पिटारे में कांगड़ा के लिए न योजनाओं की कोई कमी नहीं दिखती। ये ही कारण है कि 2024 से पहले कांगड़ा में कांग्रेस जोश में है। इस बीच मंत्री पद भरने को लेकर फिर सुगबुगाहट तेज हुई है। माना जा रहा है कि कुल तीन रिक्त मंत्री पदों में से दो कांगड़ा के हिस्से आएंगे। इनमें एक ब्राह्मण हो सकता है और एक एससी। ऐसे में एक युवा राजपूत चेहरा भी डार्क हॉर्स है। बहरहाल अंदर की बात ये बताई जा रही है कि सब लगभग तय है और जल्द कांगड़ा को दो मंत्री पद मिलेंगे। प्रदेश की सियासत अपनी जगह पर 2024 में कांग्रेस के लिए कांगड़ा फ़तेह करना आसान नहीं होने वाला है। कई चुनौतियों के बीच कांग्रेस के सामने सबसे बड़ी चुनौती है एक दमदार चेहरा। तीन चुनाव हार चुकी कांग्रेस को ऐसा चेहरा चाहिए जो जातीय, क्षेत्रीय और पार्टी की भीतरी राजनीति के लिहाज से संतुलन लेकर आएं। पिछले तीन चुनावों में पार्टी ने यहाँ से ओबीसी कार्ड खेला है, पर नतीजे प्रतिकूल रहे है। ऐसे में पार्टी को फिर सोचने की जरुरत जरूर है। बताया जा रहा ही कि पार्टी अभी से इस पर चिंतन -मंथन में जुटी है। खुद सीएम सुक्खू चाहते है कि जो भी चेहरा हो, उसे पर्याप्त समय मिले। चर्चा में कई वरिष्ठ नाम है जिनमें पूर्व सांसद और मंत्री चौधरी चंद्र कुमार, पूर्व मंत्री और विधायक सुधीर शर्मा, आशा कुमारी जैसे नाम शामिल है। पर संभव है कि इस बार पारम्परिक कास्ट डायनामिक्स को ताक पर रख पार्टी किसी युवा चेहरे को मैदान में उतारे। सुक्खू सरकार के आईटी सलाहकार गोकुल बुटेल भी ऐसा ही एक विकल्प हो सकते है। भाजपा से कौन होगा चेहरा ! 2009 से लेकर अब तक कांगड़ा लोकसभा सीट पर भाजपा लगातार जीत दर्ज करने में कामयाब रही है। पिछले लोकसभा चुनाव में न केवल हिमाचल में बल्कि पूरे देश में भी सबसे ज्यादा मत प्रतिशत हासिल करने का रिकॉर्ड कांगड़ा संसदीय क्षेत्र के सांसद किशन कपूर के नाम रहा था। 7,25,218 मत प्राप्त कर किशन कपूर लोकसभा पहुंचे, लेकिन इस बार सियासी समीकरण कुछ बदलते नज़र आ रहे है। दरअसल 2022 के विधानसभा चुनाव में भी कांगड़ा संसदीय क्षेत्र में भाजपा की परफॉरमेंस बेहद खराब रही है। इस संसदीय क्षेत्र की 17 में से सिर्फ पांच सीटें ही भाजपा जीत पाई है। ऐसे में क्या पार्टी चेहरा बदलेगी इसे लेकर कयासों का दौर जारी है। संभावित उम्मीदवारों की फेहरिस्त में मौजूदा सांसद किशन कपूर के अलावा कई और नाम चर्चा में है। इस लिस्ट में गद्दी समुदाय से धर्मशाला के पूर्व विधायक विशाल नेहरिया का नाम भी चर्चा में है। इसके अलावा कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए पवन काजल का नाम भी लिस्ट में है। अब देखना ये होगा कि भाजपा इस दफा कांगड़ा के दुर्ग को फ़तेह करने के लिए किस पर दांव खेलती है। कब कौन बना सांसद 1977 दुर्गा चंद भारतीय लोक दल 1980 विक्रम चंद महाजन कांग्रेस 1984 चंद्रेश कुमारी कांग्रेस 1989 शांता कुमार भाजपा 1991 डीडी खनौरिया भाजपा 1996 सत महाजन कांग्रेस 1998 शांता कुुमार भाजपा 1999 शांता कुमार भाजपा 2004 चंद्र कुमार कांग्रेस 2009 डॉ. राजन सुशांत भाजपा 2014 शांता कुमार भाजपा 2019 किशन कपूर भाजपा ReplyForward * कांगड़ा को मिल सकता है विलम्ब का मीठा फल सुनैना कश्यप। फर्स्ट वर्डिक्ट सुक्खू कैबिनेट में अब तक जिला कांगड़ा को मनमाफिक अधिमान नहीं मिला है। कांगड़ा संसदीय क्षेत्र के लिहाज से भी देखे तो अब तक हिस्से में सिर्फ एक मंत्री पद आया है। हालांकि विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी, दो सीपीएस और कई कैबिनेट रैंक जरूर मिले है, लेकिन जो वजन मंत्री पद में है वो भला और कहाँ ? बहरहाल सवाल ये है कि जिस संसदीय क्षेत्र ने कांग्रेस की झोली में 17 में से 12 सीटें डाली, क्या सत्ता में आने के बाद कांग्रेस उसे हल्के में ले रही है, या इस इन्तजार का मीठा फल मिलने वाला है। माहिर तो ये ही मान रहे है कि जल्द कांगड़ा के इस विलम्ब की पूरी भरपाई होगी। ऐसा होना लाजमी भी है क्यों कि लोकसभा चुनाव में ज्यादा से ज्यादा एक साल का वक्त है और यहाँ हार की हैट्रिक लगा चुकी कांग्रेस कोई चूक नहीं करना चाहेगी। अलबत्ता कांगड़ा को मंत्री पद मिलने में कुछ देर जरूर हो रही है लेकिन खुद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का ये कहना कि वे भी कांगड़ा के ही है, उम्मीद की बड़ी वजह है। कांगड़ा को टूरिज्म कैपिटल बनाने का सीएम का विज़न हो या आईटी पार्क जैसे अधर में लटके प्रोजेक्ट्स में तेजी लाना, ये दर्शाता है कि सीएम सुक्खू कांगड़ा को लेकर किसी तरह की चूक करना नहीं चाहते। सीएम का नौ दिन का कांगड़ा दौरा भी इसकी तस्दीक करता है। सरकार के पिटारे में कांगड़ा के लिए न योजनाओं की कोई कमी नहीं दिखती। ये ही कारण है कि 2024 से पहले कांगड़ा में कांग्रेस जोश में है। इस बीच मंत्री पद भरने को लेकर फिर सुगबुगाहट तेज हुई है। माना जा रहा है कि कुल तीन रिक्त मंत्री पदों में से दो कांगड़ा के हिस्से आएंगे। इनमें एक ब्राह्मण हो सकता है और एक एससी। ऐसे में एक युवा राजपूत चेहरा भी डार्क हॉर्स है। बहरहाल अंदर की बात ये बताई जा रही है कि सब लगभग तय है और जल्द कांगड़ा को दो मंत्री पद मिलेंगे। प्रदेश की सियासत अपनी जगह पर 2024 में कांग्रेस के लिए कांगड़ा फ़तेह करना आसान नहीं होने वाला है। कई चुनौतियों के बीच कांग्रेस के सामने सबसे बड़ी चुनौती है एक दमदार चेहरा। तीन चुनाव हार चुकी कांग्रेस को ऐसा चेहरा चाहिए जो जातीय, क्षेत्रीय और पार्टी की भीतरी राजनीति के लिहाज से संतुलन लेकर आएं। पिछले तीन चुनावों में पार्टी ने यहाँ से ओबीसी कार्ड खेला है, पर नतीजे प्रतिकूल रहे है। ऐसे में पार्टी को फिर सोचने की जरुरत जरूर है। बताया जा रहा ही कि पार्टी अभी से इस पर चिंतन -मंथन में जुटी है। खुद सीएम सुक्खू चाहते है कि जो भी चेहरा हो, उसे पर्याप्त समय मिले। चर्चा में कई वरिष्ठ नाम है जिनमें पूर्व सांसद और मंत्री चौधरी चंद्र कुमार, पूर्व मंत्री और विधायक सुधीर शर्मा, आशा कुमारी जैसे नाम शामिल है। पर संभव है कि इस बार पारम्परिक कास्ट डायनामिक्स को ताक पर रख पार्टी किसी युवा चेहरे को मैदान में उतारे। सुक्खू सरकार के आईटी सलाहकार गोकुल बुटेल भी ऐसा ही एक विकल्प हो सकते है। भाजपा से कौन होगा चेहरा ! 2009 से लेकर अब तक कांगड़ा लोकसभा सीट पर भाजपा लगातार जीत दर्ज करने में कामयाब रही है। पिछले लोकसभा चुनाव में न केवल हिमाचल में बल्कि पूरे देश में भी सबसे ज्यादा मत प्रतिशत हासिल करने का रिकॉर्ड कांगड़ा संसदीय क्षेत्र के सांसद किशन कपूर के नाम रहा था। 7,25,218 मत प्राप्त कर किशन कपूर लोकसभा पहुंचे, लेकिन इस बार सियासी समीकरण कुछ बदलते नज़र आ रहे है। दरअसल 2022 के विधानसभा चुनाव में भी कांगड़ा संसदीय क्षेत्र में भाजपा की परफॉरमेंस बेहद खराब रही है। इस संसदीय क्षेत्र की 17 में से सिर्फ पांच सीटें ही भाजपा जीत पाई है। ऐसे में क्या पार्टी चेहरा बदलेगी इसे लेकर कयासों का दौर जारी है। संभावित उम्मीदवारों की फेहरिस्त में मौजूदा सांसद किशन कपूर के अलावा कई और नाम चर्चा में है। इस लिस्ट में गद्दी समुदाय से धर्मशाला के पूर्व विधायक विशाल नेहरिया का नाम भी चर्चा में है। इसके अलावा कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए पवन काजल का नाम भी लिस्ट में है। अब देखना ये होगा कि भाजपा इस दफा कांगड़ा के दुर्ग को फ़तेह करने के लिए किस पर दांव खेलती है। कब कौन बना सांसद 1977 दुर्गा चंद भारतीय लोक दल 1980 विक्रम चंद महाजन कांग्रेस 1984 चंद्रेश कुमारी कांग्रेस 1989 शांता कुमार भाजपा 1991 डीडी खनौरिया भाजपा 1996 सत महाजन कांग्रेस 1998 शांता कुुमार भाजपा 1999 शांता कुमार भाजपा 2004 चंद्र कुमार कांग्रेस 2009 डॉ. राजन सुशांत भाजपा 2014 शांता कुमार भाजपा 2019 किशन कपूर भाजपा ReplyForward
वो लोग जो बेहतर की उम्मीद में साथ छोड़ कर गए थे, शायद आज वापस हाथ पकड़ने की सोचते होंगे। हम बात कर रहे है कांग्रेस के उन तमाम नेताओं की, जिनका पूर्वानुमान एक दम गलत साबित हुआ। वो नेता जो चुनाव से पहले सत्ता में आती हुई कांग्रेस का साथ छोड़ सत्ता से बाहर होती हुई भाजपा के खेमे में जा मिले थे। इस फेहरिस्त में काँगड़ा से विधायक पवन काजल, नालागढ़ से पूर्व विधायक लखविंदर राणा और हर्ष महाजन मुख्य तौर पर शामिल है। ये वो नेता है जिनका कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल होना पार्टी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा था, मगर परिणाम सामने आए तो झटका इन्हें ही लग गया। सर्विदित है कि अगर ऐसा न हुआ होता तो निजी तौर पर आज इनके लिए सियासी परिस्थितियां बेहतर हो सकती थी। हिमाचल प्रदेश में सत्ता की चाबी रखने वाले कांगड़ा जिले के ओबीसी नेता पवन काजल किसी समय कांग्रेस पार्टी की आंखों का 'काजल' माने जाते थे। मगर विधानसभा चुनाव से साढ़े 3 महीने पहले भाजपा ने कांग्रेस के इस 'काजल' को अपनी आंखों का 'नूर' बना लिया था। यूँ तो काजल भाजपा से ही कांग्रेस में आए थे, मगर काजल की ऐसे भाजपा में वापसी होगी ये किसी ने नहीं सोचा था। दरअसल पवन काजल ने वर्ष 2012 में भाजपा का टिकट नहीं मिलने पर बगावत करते हुए बतौर निर्दलीय कैंडिडेट चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। विधानसभा चुनाव में तब पवन काजल पहली बार जीते थे। पवन काजल के विधानसभा चुनाव जीतने के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह उन्हें कांग्रेस में ले आए। वीरभद्र सिंह ने ही वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में पवन काजल को कांगड़ा से कांग्रेस का टिकट दिया। पवन काजल भी वीरभद्र सिंह के भरोसे पर खरा उतरे और लगातार दूसरी बार विधायक चुने गए। काजल अक्सर ये कहा भी करते थे कि वे कांग्रेस के साथ नहीं वीरभद्र सिंह के साथ है। कांग्रेस ने उन्हें कार्यकारी अध्यक्ष भी बनाया, मगर काजल ने कांग्रेस को छोड़ जाना सही समझा। काजल तो चुनाव जीत गए, मगर भाजपा चुनाव हार गई। माना जाता है कि अगर काजल पार्टी न छोड़ते तो उनका मंत्री पद तय था। बात लखविंदर राणा की करें तो राणा तीन बार कांग्रेस टिकट पर चुनाव लड़ विधानसभा पहुंचे थे । वर्ष 2010-11 में नालागढ़ के तत्कालीन विधायक हरिनारायण सैणी के निधन के बाद हुए उपचुनाव में लखविंद्र राणा कांग्रेस के टिकट पर मैदान में उतरे और पहली बार विधायक चुने गए। वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में राणा हार गए। वर्ष 2017 में उन्होंने एक बार फिर नालागढ़ सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। मगर 2022 के विधानसभा चुनाव से साढ़े 3 महीने पहले वह कांग्रेस छोड़कर भाजपा में चले गए। भाजपा ने उन्हें टिकट दिया मगर भाजपा में बगावत के चलते राणा चुनाव हार गए। इन दो विधायकों के अलावा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कहे जाने वाले हर्ष महाजन भी चुनाव से पहले भाजपा के हो गए थे। शायद ही किसी ने सोचा हो कि वीरभद्र सिंह के हनुमान कहे जाने वाले हर्ष महाजन और कांग्रेस की राह अलग भी हो सकती है। हर्ष महाजन होलीलॉज के करीबी थे और वे कई बार वीरभद्र सिंह के चुनाव प्रभारी भी रह चुके थे। कहते है कि साल 2012 के विधानसभा चुनाव में वीरभद्र सिंह को मुख्यमंत्री बनाने में हर्ष महाजन का सबसे बड़ा योगदान रहा था। इस चुनाव से पहले भी कांग्रेस द्वारा इन्हें कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था, मगर कांग्रेस पर नज़रअंदाज़गी का आरोप लगाते हुए महाजन भाजपा में शामिल हो गए थे। हालंकि अब भाजपा में हर्ष महाजन को कितनी तवज्जो मिल रही है, ये वे ही जानते होंगे। अगर महाजन कांग्रेस में रहते तो शायद बात कुछ और होती।
प्रदर्शन और आभार कार्यक्रम तो बहुत हुए मगर इस तरह पहले कभी सरकार का आभार व्यक्त करने को कर्मचारियों का हुजूम नहीं उमड़ा। लाखों की संख्या में कर्मचारी सीएम सुक्खू का दिल की गहराईयों से आभार करने को पहुंचे और धर्मशाला का पुलिस ग्राउंड जय सुक्खू के नारो से गूँज उठा। ऐसा स्वागत या स्नेह, सरकार को कर्मचारियों से शायद ही पहले कभी मिला हो, और हो भी क्यों न सीएम सुक्खू के नेतृत्व की इस कांग्रेस सरकार ने कर्मचारियों की उस मांग को पूरा किया है जिसके लिए प्रदेश के लाखों कर्मचारी सालों तक नेताओं की दरों पर दस्तक देते रहे। सीएम सुक्खू ने कर्मचारियों के इस अनंत संघर्ष पर पूर्ण विराम लगाया है, जिसके लिए कर्मचारियों ने सीएम सुक्खू को सर माथे लगा लिया। कभी उन्हें नायक बताया तो कभी पेंशन पुरुष। आभार के जवाब में सीएम सुक्खू भी कह गए कि मैं आपका सेनापति हूँ और आप मेरी सेना हो। 11 दिसंबर को कर्मचारियों के आशीर्वाद से कांग्रेस सरकार बनी और आगे भी ऐसे ही हमारा साथ देते रहना। कर्मचारियों की ये मांग कोई आम मांग नहीं थी। ये वो मसला था जिससे प्रदेश के लाखों कर्मचारियों का भविष्य जुड़ा था, वो कर्मचारी जो एनपीएस के अंतर्गत आते थे और जिन्हें शायद सेवानिवृत होने के बाद अपने बुढ़ापे में किसी और का सहारा लेना पड़ता। एनपीएस के अंतर्गत आने वाले कर्मचारियों के ऐसे कई मामले सामने आए है, जब इन कर्मचारियों को सेवानिवृत होने के बाद नाम मात्र पेंशन मिली। पूरे जीवन सरकार की सेवा करने के बाद ये कर्मचारी बुढ़ापे में इतने लाचार हो गए की जीवन व्यापन कठिन हो गया। इसी के बाद से पुरानी पेंशन बहाली के लिए महासंघर्ष का आरम्भ हुआ। न जाने कितनी ही हड़तालें, प्रदर्शन, अनशन इन कर्मचारियों ने किये मगर एक लम्बे समय तक इनकी नहीं सुनी गई। अपने बुढ़ापे की सुरक्षा के लिए संघर्षरत इन कर्मचारियों पर एफआईआर भी हुई, इन पर वाटर कैनन्स भी दागी गई और इनकी आवाज़ दबाने की कोशीश भी की गई, मगर संघर्ष थमने के बजाए और उग्र होता गया। आखिर जिस सरकार ने कर्मचारियों की नहीं सुनी वो सरकार सत्ता से बाहर हुई और सीएम सुक्खू के नेतृत्व की कांग्रेस सरकार कर्मचारियों के लिए मसीहा बन गई। वादे अनुसार पहली कैबिनेट की बैठक में ही पुरानी पेंशन को बहाल कर दिया गया। सरकार के इस फैसले से कर्मचारियों में केसा उत्साह है ये एक बार फिर धर्मशाला के पुलिस ग्राउंड में देखने को मिल गया।
विधानसभा सचिवालय में हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने आज अपने कार्यालय कक्ष में लोक निर्माण विभाग एवं युवा सेवाएं एवं खेल मंत्री विक्रमादित्य सिंह तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ भटियात विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में चल रहे विकासात्मक कार्यों को लेकर समीक्षा बैठक की। इस अवसर पर कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि भटियात विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के हर गांव को सड़क सुविधा से जोड़ा जायेगा, ताकि भटियात विधान सभा क्षेत्र के लोगों को असुविधा का सामना न करना पड़े। पठानिया ने कहा कि भटियात विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के विकास में कोई कमी नहीं आने देगें और भटियात विधान सभा क्षेत्र को सर्वश्रेष्ठ विधान सभा क्षेत्र के रूप में विकसित करेंगे।
***कुल्लू जिले के स्नॉवर वैली पब्लिक स्कूल बजौरा की छात्रा मानवी ने 99.14 प्रतिशत (694) अंक लेकर प्रदेश में पहला स्थान हासिल किया है। हमीरपुर जिले के सीनियर सेकेंडरी स्कूल चूबतरा की छात्रा दीक्षा कथयाल ने (693) 99 प्रतिशत अंक लेकर प्रदेश में दूसरा स्थान हासिल किया है। वहीं हमीरपुर जिले के ही दो छात्रों ने संयुक्त रूप से तीसरा स्थान हासिल किया है। न्यू इरा सीनियर सेकेंडरी स्कूल परोल के छात्र अक्षित शर्मा और सीनियर सेकेंडरी स्कूल बदारान के छात्र आकर्षक ठाकुर ने 98.86 प्रतिशत (692) अंक लेकर प्रदेश में तीसरा स्थान हासिल किया है। हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने 10वीं कक्षा का परिणाम घोषित कर दिया है। शिक्षा बोर्ड के सचिव डॉ. (मेजर) विशाल शर्मा ने बताया कि 91440 विद्यार्थियों ने 10वीं कक्षा की परीक्षा दी थी जिसमें से 81732 विद्यार्थी परीक्षा में पास हुए हैं और 7534 विद्यार्थी परीक्षा में फेल हुए हैं। उन्होंने ने बताया कि इस बार का परिणाम 89.7 प्रतिशत रहा है। वर्ष 2022 में 10वीं कक्षा का परीक्षा परिणाम 87.5 प्रतिशत रहा था। सचिव डॉ. (मेजर) विशाल शर्मा ने बताया कि विद्यार्थी शिक्षा बोर्ड की बेवसाइट पर परिणाम चेक कर सकते हैं।
हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने 10वीं कक्षा का परिणाम घोषित कर दिया है। शिक्षा बोर्ड के सचिव डॉ. (मेजर) विशाल शर्मा ने बताया कि परिणाम 89.7 प्रतिशत रहा है। 91440 विद्यार्थियों ने 10वीं कक्षा की परीक्षा दी थी। 81732 विद्यार्थी परीक्षा में पास हुए हैं। 7534 विद्यार्थी परीक्षा में फेल हुए हैं। वर्ष 2022 में 10वीं कक्षा का परीक्षा परिणाम 87.5 प्रतिशत रहा था। सचिव डॉ. (मेजर) विशाल शर्मा ने बताया कि विद्यार्थी शिक्षा बोर्ड की बेवसाइट पर परिणाम चेक कर सकते हैं।
राजकीय प्राथमिक पाठशाला छुद्रा में अध्यापकों के रिक्त पदों को भरने के लिए ग्रामीणों ने आवाज बुलंद की है। इस समस्या के निवारण को लेकर ग्रामीणों ने बुधवार को उपायुक्त अपूर्व देवगन को ज्ञापन भी सौंपा है। प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई कर रहे स्कूल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष नरेंद्र कुमार ने कहा कि बीते लंबे समय से स्कूल में अधिकतर महत्वपूर्ण पद खाली हैं। इस कारण विद्यार्थियों की पढ़ाई बुरी तरह से प्रभावित हो रही है। उन्होंने रोते हुए कहा कि अध्यापकों के न होने से कई विद्यार्थी स्कूल से पलायन भी कर चुके हैं। वर्तमान में स्कूल में 22 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। हालांकि एसएमसी की ओर से अपने खर्च पर शिक्षकों की नियुक्ति की गई थी। लेकिन धन के अभाव में यह व्यव्स्था अधिक समय तक नहीं हो पाई। गत 18 मई से विद्यार्थियों ने स्कूल जाना भी बंद कर दिया है। एसएमसी द्वारा आयोजित बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि जब तक शिक्षकों की स्थाई नियुक्ति नहीं होती तब तक विद्यार्थियों को स्कूल नहीं भेजा जाएगा। उन्होंने उपायुक्त से जल्द से जल्द इस समस्या का निवारण करने की मांग उठाई साथ ही स्पष्ट किया है कि स्थाई नियुक्ति न होने तक विद्यार्थी स्कूल नहीं जाएंगे।
चंबा- भरमौर राष्ट्रीय उच्च मार्ग पर लाहल के समीप एक कार के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से उसमें सवार चालक की मौके पर मौत हो गई है। मृतक की पहचान सुभाष कुमार पुत्र पर परोजा राम निवासी गांव मलकोता डाकघर व तहसील भरमौर जिला चंबा के रूप में हुई है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भिजवा दिया है। साथ ही पुलिस थाना भरमौर में मामला दर्ज कर हादसे के कारणों की विस्तृत जांच भी शुरू कर दी गई है। जानकारी के अनुसार सुभाष कुमार किसी कार्य के चलते खड़ामुख गया हुआ था। मंगलवार देर शाम वह अपनी सेंट्रो कार नंबर एचपी -46ए-1067 में सवार होकर वापस घर की ओर जा रहा था। इसी बीच लाहल ढांक के समीप काली माता मंदिर के पास कार अनियंत्रित होकर सड़क से नीचे नदी में समा गई। अंधेरा होने के कारण किसी को हादसे की भनक नहीं लगी। देर शाम तक उसके घर न लौटने और फोन पर कोई संपर्क न होने पर परिजनों ने उसकी तलाश शुरू की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिल पाया। बुधवार सुबह एक बार फिर उसे ढूंढने के लिए सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया। इसी बीच सुबह समय करीब 7:30 बजे लोगों को कार नदी में दिखाई दी। पुलिस को तुरंत सूचित किया गया और सूचना मिलते ही पुलिस दल भी मौके पर पहुंचा। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। सुभाष कुमार ने मौके पर ही दम तोड़ दिया था। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार धीमान ने कहा कि पुलिस ने मामला दर्ज कर हादसे के कारणों की जांच शुरू कर दी है। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंपा जाएगा।
न्यू पेंशन योजना कर्मचारी महासंघ का एक प्रतिनिधिमंडल जिला अध्यक्ष सुनील कुमार जरयाल की अगुवाई में पूर्व विधायक डलहौजी आशा कुमारी से मिला और पुरानी पेंशन योजना की पूर्ण रूप से बहाली होने पर कर्मचारी महासंघ द्वारा आयोजित होने वाले आभार समारोह में शामिल होने का न्योता दिया। इस मौके पर उनके साथ जिला महासचिव विजय शर्मा, जिला संविधान पर्यवेक्षक अर्जुन सिंह, पूर्व जिला अध्यक्ष एवं राज्य प्रचार सचिव अमित जरयाल व अन्य मौजूद थे। जरयाल ने बताया कि समारोह के लिए जोर शोर से तैयारियां चली हैं और हरेक विभाग तक हरेक खंड में हर एक विभागाध्यक्ष तक उनके समस्त स्टाफ सहित इस समारोह में शामिल होने के लिए उनको न्यौता सौंपा जाएगा। यह पहला अवसर होगा जब इतने बड़े समारोह में पूरी सरकार एक साथ कर्मचारियों के बीच में आएगी और एनपीएस से पुरानी पेंशन में आए कर्मचारी ही नहीं, बल्कि जो कर्मचारी इससे पहले भी पुरानी पेंशन योजना में थे, वे भी भाग लेंगे। जिला चंबा से कम से कम 10,000 की संख्या में कर्मचारी धर्मशाला इस आभार समारोह में सरकार के स्वागत सत्कार के लिए पहुंचेंगे। जरयाल ने बताया कि पिछली सरकार के समय तो कर्मचारी जब सरकार के पास जाते थे तो उनको डराया धमकाया जाता था उनकी छुट्टियां रद्द की जाती थीं फिर भी हजारों की संख्या में कर्मचारी 3 मार्च को शिमला पहुंचे थे। उस दिन यह तय हो गया था कि अब पुरानी पेंशन योजना दूर नहीं है। अब जब सरकार हमारे अपने समारोह में आ रही है तो सभी कर्मचारियों को इस समारोह में शामिल होना चाहिए और कर्मचारी इतिहास में शायद ही ऐसा आयोजन पहले हुआ होगा, इसीलिए इस समारोह को एक यादगार समारोह बनाने में अपनी भूमिका निभाएं।
साइंस स्ट्रीम में ओजस्विनी उपमन्यु ने प्रदेश में पहला स्थान हासिल किया है। 500 में से 493 अंक (98.6 प्रतिशत) हासिल किए हैं। ओजस्विनी उपमन्यु जिला ऊना के घनारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल के छात्र हैं। कॉमर्स स्ट्रीम में सिरमौर जिले के सीनियर सेकेंडरी स्कूल सराहन की छात्रा वृंदा ठाकुर ने प्रदेश में पहला स्थान हासिल किया है। वृंदा ने 500 में से 492 अंक (98.4 प्रतिशत) हासिल किए हैं। आर्ट्स स्ट्रीम में प्रदेशभर में पहले स्थान पर चार विद्यार्थी रहे हैं। चारों ने 500 में से 487 अंक (97.4 प्रतिशत) हासिल किए हैं। डीएवी सीनियर सेकेंडरी स्कूल ऊना की छात्रा तरनिजा शर्मा, रूट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल करसोग की छात्रा दिव्य ज्योति, सीनियर सेकेंडरी स्कूल पोर्टमोर शिमला की छात्रा नूपुर कैथ और सिरमौर जिले के सीनियर सेकेंडरी स्कूल जरवा जुनेली के छात्र ज्येश प्रदेश भर में पहले स्थान पर रहे हैं।
हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड (HPBOSE) 12वीं कक्षा का वार्षिक (12th Class Result) परिणाम इस बार 79.4 फीसदी रहा है। ऊना की सीसे स्कूल घनारी की ओजस्वनी उपमन्यु पुत्री राम कुमार ऑलओवर परीक्षा में 98.6 अंक हासिल कर पहले स्थान पर रही। सिरमौर की वृंदा ठाकुर पुत्री अरुण कुमार ने 98.6 फीसदी अंक हासिल कर दूसरे नंबर पर रही वहीं सीसे स्कूल चूरड़ू की कनूप्रिया पुत्री संजय कुमार ने 98.2 फीसदी अंक लेकर तीसरा स्थान हासिल किया।
**ओजस्विनी उपमन्यु ने साइंस संकाय में 500 में से 493 अंक (98.6 प्रतिशत) हासिल कर प्रदेश में पहला स्थान हासिल किया है। जिला ऊना के घनारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल के छात्र हैं। **कॉमर्स संकाय में सिरमौर जिले के सीनियर सेकेंडरी स्कूल सराहन की छात्रा वृंदा ठाकुर ने 500 में से 492 अंक (98.4 प्रतिशत) हासिल प्रदेश में पहला स्थान हासिल किया है। **आर्ट्स संकाय में प्रदेशभर में चार विद्यार्थी ने 500 में से 487 अंक (97.4 प्रतिशत) हासिल कर पहला स्थान हासिल किया है। जिसमे डीएवी सीनियर सेकेंडरी स्कूल ऊना की छात्रा तरनिजा शर्मा, रूट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल करसोग की छात्रा दिव्य ज्योति, सीनियर सेकेंडरी स्कूल पोर्टमोर शिमला की छात्रा नूपुर कैथ और सिरमौर जिले के सीनियर सेकेंडरी स्कूल जरवा जुनेली के छात्र ज्येश प्रदेश भर में पहले स्थान पर रहे हैं। हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने 12वीं कक्षा की परीक्षा परिणाम घोषित कर दिया है। परिणाम 79.4 प्रतिशत रहा है। 105369 विद्यार्थियों ने 12वीं कक्षा की परीक्षा दी थी जिसमे से 83418 विद्यार्थी परीक्षा में पास हुए हैं।13335 विद्यार्थियों की कंपार्टमेंट आई है। 8139 विद्यार्थी परीक्षा में फेल हुए हैं। वर्ष 2022 में 12वीं कक्षा का परीक्षा परिणाम 93.90 प्रतिशत रहा था। सचिव डॉ. (मेजर) विशाल शर्मा ने जानकारी दी की विद्यार्थी शिक्षा बोर्ड की बेवसाइट पर अपना परिणाम देख सकते हैं।
हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड पेंशनर फोरम व विद्युत बोर्ड कर्मचारी यूनियन की बैठक बचत भवन चंबा में पेंशनर फोरम के जिला अध्यक्ष आत्मा राम की अध्यक्षता में हुई, जिसमें कुलदीप सिंह खरवाड़ा पूर्व प्रदेश अध्यक्ष हिमाचल प्रदेश कर्मचारी यूनियन विशेष रूप से उपस्थित रहे। कन्वेंशन को संबोधित करते हुए यूनियन के पूर्व अध्यक्ष कुलदीप सिंह खरवाड़ा ने कहा कि विद्युत बोर्ड लिमिटेड 1-1-16 के बाद सेवानिवृत्त कर्मचारियों व मौजूदा कर्मचारियों को संशोधित वेतनमान का लाभ अदा करने में उचित व्यवस्था नहीं कर पाया है। आज सेवानिवृत्त कर्मचारियों को संशोधित पेंशन ग्रेच्यूटी, लिव-इन कैशमेंट, कम्यूटेशन का न मिलने का मुख्य कारण कर्मचारियों का संशोधित वेतनमान के बाद वेतन निर्धारण व सत्यापन का कार्य पूरा ना हो पाना है। उन्होंने बिजली बोर्ड के प्रबंधक वर्ग से मांग की कि पेंशनरों व कर्मचारियों को संशोधित वेतनमान का लाभ टाइमबॉन्ड अवधि में अदा करने के लिए पेंशन व वेतन सत्यापन ब्रांच में अतिरिक्त स्टाफ नियुक्त किया जाए, ताकि पेंशनरों व कर्मचारियों में पनप रहा आक्रोश उग्र आंदोलन का रूप धारण ना करे। इस मौके पर विद्युत बोर्ड पेंशनर फोरम के जिला अध्यक्ष आत्माराम शर्मा, प्रदेश संगठन सचिव नरसिंह रावत, कर्मचारी यूनियन के सचिव मुकेश कुमार सलाहकार समिति सदस्य अनिल वर्मा, चंबा इकाई के अध्यक्ष दरबारी लाल शर्मा, सचिव प्रताप चंद और कर्मचारी यूनियन के कार्यालय सचिव नितीश भारद्वाज नादान जॉन के जोनल सचिव अजनीश कांत ने भी पेंशनर्स व कर्मचारियों की समस्याओं का अति शीघ्र समाधान करने की मांग की। उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से बिजली बोर्ड के प्रबंधक वर्ग को कर्मचारियों व पेंशनरों की समस्याओं के समाधान के लिए उचित व जरूरी दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की है।
हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड 12वीं कक्षा का वार्षिक परिणाम शनिवार सुबह 11 बजे घोषित करेगा। स्कूल शिक्षा बोर्ड के सचिव डॉ. विशाल शर्मा ने पुष्टि करते हुए बताया कि तकनीकी कारणों के चलते आज परिणाम घोषित नहीं किया जा सका। शनिवार सुबह 11 बजे परिणाम घोषित कर दिया जाएगा। रिजल्ट घोषित करने के लिए लगभग सारी औपचारिक्ताएं पूरी की जा चुकी हैं।