हिमाचल प्रदेश में मानसून की पहली बारिश आफत बना कर बरसी है। भारी बारिश के चलते प्रदेश के कई इलाकों में बाढ़ आने से काफी नुक्सान हुआ है। कुल्लू-मंडी-रामपुर में बाढ़ से कई जगह जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। हमीरपुर में सुजानपुर के खैरी में रविवार को बादल फटने से पांच घरों में मलबा घुस गया। कांगड़ा के नगरोटा बगवां के उपरली मझेटली में बिजली गिरने से मां और डेढ़ साल का बच्चा झुलस गया। मंडी के सराज की तुंगधार और कुल्लू की मौहल खड्ड में बाढ़ से एक दर्जन वाहन बह गए और कई घर क्षतिग्रस्त हुए हैं। मंडी के शिकारी देवी में शनिवार रात 200 लोग फंस गए, जिन्हें छह घंटे बाद निकाला गया। प्रदेशभर में 85 सड़कें बंद हो गईं हैं। 55 बिजली के ट्रांसफार्मरों को नुकसान पहुंचा है। उधर, कालका-शिमला रेलवे ट्रैक पर जगह-जगह पहाड़ियों से पत्थर, मलबा और पेड़ गिरने से दूसरे दिन भी सभी ट्रेनें रद्द हो गईं। नाहन-कुमारहट्टी और पांवटा-शिलाई नेशनल हाईवे भी कुछ समय के लिए बंद रहा। शिलाई के गंगटोली में खड़ी गाड़ी पर पत्थर गिरे। सतौन और पुरुवाला में खड्ड का पानी दुकानों में घुस गया। जलस्तर बढ़ने से गिरि नदी पर बने जटोन डैम का एक गेट खोलना पड़ा। प्रदेश में मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने सोमवार को ऑरेंज और मंगलवार के लिए येलो अलर्ट जारी किया है।
रविवार सुबह चंबा जिले में खड़ामुख-होली मार्ग पर एक बड़ा हादसा पेश आया है। यहां खड़ामुख के पास एक आल्टो कार अनियंत्रित होकर चमेरा डैम में जा गिरी। हादसे के समय कार में कितने लोग सवार थे अभी इसका खुलासा नहीं हो पाया है, लेकिन मान जा रहा है कि कार में चार से पांच लोग सवार हो सकते हैं। हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस और दमकर विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर सर्च अभियान शुरू कर दिया है। बताया जा रहा है कि हादसे के समय कार होली से चंबा की तरफ जा रही थी। इसी दौरान खड़ामुख से कुछ पिछे अचानक से चालक ने कार से नियंत्रण खो दिया और कार सिधे डैम में जा गिरी। घटना की पुष्टि करते हुए डीएसपी हेडक्वार्टर जितेंद्र चौधरी ने बताया कि अभी तक कार में सवार लोगों की संख्या का पता नहीं चल पाया है।
आयुष विभाग के तत्वावधान में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर चौरासी मंदिर भरमौर के प्रांगण के अलावा उपमंडल भरमौर के विभिन्न विभिन्न जगह में योग शिविर का आयोजन किया गया। भरमौर के 84 प्रागण शिविर में स्थानीय विधायक डॉ जनक राज व अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी नरेंद्र कुमार चौहान ने भी भाग लिया। आयुष विभाग के आयुर्वेदिक फार्मासिस्ट राजेंद्र, बलवान और अनिल ने उपस्थित लोगों को योगा अभ्यास करवाया। शिविर के दौरान लोगों को योगा को अपनी दिनचर्या में अपनाने को प्रेरित किया गया। योग तन, मन व आत्मा की शांति के लिए बेहद ही महत्वपूर्ण है। योग के माध्यम से व्यक्ति शारीरिक व मानसिक तौर पर पूर्णता स्वस्थ रहता है। इसलिए 21 जून को पूरे विश्व में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। विधायक एवं जनजातीय सलाहकार समिति के उपाध्यक्ष डॉ जनक राज ने लोगों से आग्रह करते हुए कहा कि वें अपने जीवन में योग को अपनाएं और निरोग्य व स्वस्थ जीवन व्यतीत करें। शिविर में स्कूली छात्रों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। इस अवसर पर आयुष विभाग के सुखविंदर सिंह, तहसील कल्याण अधिकारी विकास पखरेटिया सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
रूणुकोठी पंचायत के सामरा गांव में उद्यान विभाग भरमौर, कृषि विभाग भरमौर, व पशुपालन विभाग भरमौर द्वारा संयुक्त रूप से एक दिवसीय जागरुकता शिविर का आयोजन किया गया। उद्यान विभाग भरमौर के अधिकारी डॉ. मनोहर लाल बृजभूषण ने बताया कि इस संयुक्त शिविर में किसानों-बागवानों व पशुपालकों को कई महत्वपूर्ण जानकारी साझा की गई। शिविर में कृषि विभाग भरमौर के विषय वस्तु विशेषज्ञ डॉ. करतार डोगरा, उद्यान विभाग भरमौर के डाक्टर मनोहर लाल बृजभूषण, व उद्यान प्रसार अधिकारी सरनो कुमार, स्थानीय पंचायत प्रधान संजय कुमार विशेष रूप से उपस्थित रहे। शिविर में लगभग 50 किसानों -बागवानों ने भाग लिया। इस मौके पर कृषि विभाग भरमौर के अधिकारी डॉ. करतार डोगरा द्वारा लोगों को मोटे अनाज के फायदे बताए गए व उन्होंने मोटे आनाज को लगाने को बढ़ावा देने के लिए किसानों से आग्रह किया। इसके साथ उन्होंने विभाग की विभिन्न योजनाओं के बारे में अवगत करवाया। डॉ. मनोहर लाल बृजभूषण ने सेब की सघन खेती के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि लोगों को समय की मांग को देखते हुए नई सेब की प्रजातियां को भी लगाया का आग्रह किया जाना, जिसमें प्रति बीघा 300 सेब के पौधे लगाए जा सकते है। इसके साथ- साथ उन्होंने मधुमक्खी पालन व मशरूम की खेती में भी नवयुवकों को रुचि लेने को कहा व उन्होंने सेब में आजकल आने वाली बिमारियों के बारे में व उनके उपचार के बारे में भी बताया। विभाग द्वारा विभिन्न योजनाओं का फायदा लेने को भी लोगो को कहा गया। उन्होंने प्राकृतिक खेती के बारे में लोगों को विस्तृत जानकारी दी और लोगों को इसको अपनाने के लिए जोर दिया। उन्होंने जीवामृत, घंजीवामृत बनाने की विधि भी बताई गई। इसके अलावा पशुपालन विभाग भरमौर द्वारा भी पशुपालकों को पशुपालन व्यवसाय संबंधी विस्तृत जानकारी दी गई।
नेहरू युवा केंद्र चंबा युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय भारत सरकार द्वारा आज अमृतकाल के पंच प्रण पर आधारित जिला युवा उत्सव 2023 का आयोजन किया गया। इसका आयोजन राजकीय आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय मेहला में किया गया। इस ज़िला उत्सव पर ज़िला के लगभग 200 युवा प्रतिभागियो ने भाग लिया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि खंड विकास अधिकारी रमन वीर सिंह ने शिरकत की। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए जिला युवा अधिकारी नेहरू युवा केंद्र विवेक कुमार ने प्रधानमंत्री के अमृतकाल के पंच प्रण पर आधारित जिला युवा उत्सव की जानकारी देते हुए बताया की इस कार्यक्रम में 5 प्रतियोगिता आयोजित की गईं, जिनमें कविता लेखन प्रतियोगिता, भाषण प्रतियोगिता, मोबाईल फोटोग्राफी प्रतियोगिता, चित्रकला प्रतियोगिता एवं सामूहिक सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित की गईं। भाषण प्रतियोगिता में भरमौर ब्लॉक के रमनिश कपूर ने प्रथम स्थान हासिल किया। रमनिश कपूर ने अपने भाषण में सबका मन मोह लिया। नेहरू युवा केंद्र चंबा द्वारा स्मृति चिन्ह व 5000 हजार इनामी राशि दी गई। रमनिश कपूर ने इसके पहले भी राष्ट्र और राज्य स्तर पर अपनी प्रतिभा का हुनर दिखा चुके हैं।
चंबा में युवक की नृशंस हत्या किए जाने पर पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि जिला प्रशासन से आग्रह है कि हम सभी मनोहर के परिवार से मिलने दें। इससे पहले जयराम ठाकुर, राजीव बिंदल, राकेश पठानिया, बिक्रम सिंह जरयाल, हंसराज, डीएस ठाकुर बनीखेत पहुंचे। बनीखेत से चौहड़ा पहुंचे जहां जनसभा को संबोधित किया गया। चौहड़ा में प्रदेश सरकार मुर्दाबाद के नारे लगे। जयराम ने कहा कि हमारी लड़ाई किसी जात, धर्म या क्षेत्र के विरूद्ध नहीं है। हमारी लड़ाई 25 वर्षीय मासूम नौजवान की हत्या करने वालों के खिलाफ है। मनोहर हत्याकांड जैसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए भाजपा आंदोलन कर रही है। मनोहर को न्याय दिलवाने के लिए सड़कों पर उतरने वाले लोगों का भाजपा विधायक हंसराज ने आभार जताया। जयराम ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को पीड़ित परिवार से मिलने के लिए हमसे पहले आना चाहिए था। सीएम या हमारे आने से मनोहर वापस नहीं आ सकता, लेकिन परिवार को शांति मिलती। बहुत सी घटनाए होती हैं जिन्हें कांग्रेस सरकारें हल्के में लेती हैं। गुड़िया केस को भी हल्के में लिया गया था। भाजपा ने गुड़िया मामले की जांच सीबीआई से करवाई और आज दोषी सलाखों के पीछे है। चंबा में हुए हत्याकांड की एनआईए जांच होने से देश में एक बहुत बड़ा संदेश जाएगा।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने डलहौजी में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि जो हादसा चंबा दस सलूणी में हुआ है, उससे हमारे दिल को ठेस पहुंची है। हम सब केवल मनोहर को न्याय दिलाने के लिए एकत्र हो रहे हैं। बिंदल ने कहा कि हमने प्रशासन से बहुत गुहार लगाई और तकरीबन 4 बार उनसे मिले। 1 घंटे इंतजार किया और श्री राम जय जय राम का पाठ भी किया, पर हमें पीड़ित परिवार के पास जाने की अनुमति प्रशासन ने नहीं दी। हमने प्रशासन को कहा कि अगर मुख्यमंत्री सुक्खू इस परिवार के पास चले गए होते तो हमें लगता कि प्रदेश का कोई बड़ा व्यक्ति गया है, पर प्रशासन ने हमें जाने नहीं दिया, इसलिए भाजपा ने तय किया है कि हम कल 17 जून को प्रदेश के सभी 12 जिला मुख्यालों पर एक धरने-प्रदर्शन का आयोजन करेंगे और डिप्टी कमिश्नर के माध्यम से राज्यपाल को इस जघन्य हत्याकांड को लेकर एक ज्ञापन भी भेजेंगे। उन्होंने कहा हिमाचल में हम कल्पना भी नहीं कर सकते हैं कि एक अकेला युवक जिसके माता-पिता है, बहनों की शादी हो गई है उसकी जघन्य हत्या की गई और शरीर के टुकड़े-टुकड़े कर नाले में डाल दिए गए। इस प्रकार के अपराध को शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा हमारा प्रदेश देवभूमि है जा हर गांव गांव में खंड खंड में देवी देवता का वास है। वीर भूमि है यहां के वीर सपूत देश की रक्षा करते हैं और देश के लिए बलिदान देना अपना गौरव मानते हैं, पर हमारे प्रदेश में इस प्रकार का हत्याकांड जिसने हमारी आत्मा को झकझोर कर रख दिया है इससे पूरा देश और प्रदेश स्तब्ध है। जिस प्रकार से अपराधी ने यह अपराध किया है हम कल्पना भी नहीं कर सकते, यह घटना नहीं सदारण है और जिस व्यक्ति ने अपराध किया है वह भी साधारण नहीं हो सकता। अगर देखा जाए तो यह एक हैबियुअल क्रिमिनल का काम है, हमारा प्रदेश एक शांतिप्रिय प्रदेश है पर इस घटना के पीछे क्या पक रहा है वह जनता जानना चाहती हैं ? कहीं गहरे राज इसे बेनकाब हो सकते हैं, क्रॉस बॉर्डर क्या पक रहा है उसका भी अंदाजा हमें इन खुलासों से हो सकता है।
राजस्व, बागवानी तथा जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी ने बुधवार को मिनी सचिवालय के सभागार में जनजातीय परियोजना सलाहकार समिति की बैठक अध्यक्षता करते हुए विभागीय अधिकारियों को सभी कार्यों को युद्धस्तर पर पूरा करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने अधिकारियों से निर्माण कार्यों में गुणवत्ता, समयबद्धता और पारदर्शिता सुनिश्चित बनाने को कहा। उन्होंने कुछ विभागों की कार्यप्रणाली के प्रति संज्ञान लेते हुए व्यवस्था सुधारने के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश भी दिए। बागवानी मंत्री ने उद्यान विभाग के तत्वावधान में किसानों-बागवानों के लिए विभागों को सयुंक्त रूप से पंचायतों में तीन माह के भीतर जागरूकता शिविर लगाने के निर्देश दिए। जिसमें कृषि, पशुपालन, ग्रामीण विकास, कल्याण विभाग सहित अन्य सभी लाइन डिपार्टमेंट अपने-अपने विभाग की योजनाओं की जानकारी लोगों तक पहुंचाएंगे। सभी विभाग इन कैम्पों की 15 दिन पहले जानकारी पंचायत तथा आम लोगों तक पहुंचाना सुनिश्चित करेंगे। इसके अतिरिक्त हर सम्बंधित विभाग संचालित की जा रही योजनाओं की जानकारी सभी लोगों तक पहुंचाने के लिए पेम्पलेट के माध्यम से देना सुनिश्चित करेंगे। ताकि अधिक से अधिक लोगों को विभागीय योजनाओं की जानकारी व उसका लाभ मिल सके। उन्होंने स्वास्थ्य तथा आयुष विभाग को इन शिविरों के दौरान मेडिकल कैम्प लगाने के भी निर्देश दिए। जनजातीय विकास मंत्री ने मणिमहेश यात्रा से पहले यात्रियों की सुविधा के लिए पार्किंग, शौचालय तथा पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित बनाने के लिए जगह चिन्हित करने सहित प्राथमिकता पर आकलन तैयार करने के विभाग को निर्देश दिए। जिसके लिए अतिरिक्त धनराशि उपलब्ध करवाने का भरोसा दिया। उन्होंने मंदिर में बंद प?ी स्ट्रीट लाइट को शीघ्र दरुस्त करने के भी अधिकारिओं को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विकास कार्यों के लिए प्रदेश सरकार के पास धन की कोई कमी नहीं है। उन्होंने अधिकारियों को जनजातीय क्षेत्र में स?क, स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली, पेयजल सहित अन्य सभी सुविधाओं को चुस्त दरुस्त बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने ग्रामीण विकास विभाग को मनरेगा कार्यों में पूरी पारदर्शिता तथा गुणवत्ता सुनिश्चित बनाने सहित विकास कार्यों को गति देने सहित आवश्यक लोगों को अधिक से अधिक रोजगार उपलब्ध करवाने के भी निर्देश दिए।
राजस्व, बागवानी एवं जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी ने मंगलवार को चंबा जिला के अपने प्रवास के दूसरे दिन जनजातीय क्षेत्र भरमौर के तहत होली में एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय का निरीक्षण कर वहां पर उपलब्ध सुविधाओं का जायजा लिया। इस दौरान कक्षाओं, विद्यालय के किचन तथा कमरों का निरीक्षण किया। उन्होंने बच्चों के साथ सीधा संवाद करते हुए जहां उनसे पढ़ाई के बारे में बातचीत की वही छात्रावास में उपलब्ध करवाई जा रही सुविधाओं के बारे में भी विद्यार्थियों से फीडबैक ली। बागवानी मंत्री ने यहां उपलब्ध करवाई जा रही सुविधाओं पर हर्ष जाहिर करते हुए प्रबंधन को सुविधाएं और बढ़ाने को भी कहा । उन्होंने प्रबंधन से परिसर में बॉक्सिंग प्रशिक्षण के लिए प्राक्कलन तैयार करने के लिए भी निर्देश दिए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि विद्यार्थियों की सुरक्षा पर पूरी निगरानी रखने के साथ उनका निरंतर स्वास्थ्य चेकअप भी सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने छात्रावास में बच्चों को उपलब्ध करवाई जाने वाली जाने वाली खानपान तथा रहन-सहन की उचित व्यवस्था सुनिश्चित बनाने के लिए आवश्यक निर्देश भी दिए। इस दौरान विभिन्न पंचायत प्रतिनिधियों ने क्षेत्र से संबंधित समस्याओं को समाधान के लिए बागवानी मंत्री के समक्ष रखा। उन्होंने सड़क निर्माण को लेकर लोगों को स्वेच्छा से विभाग के नाम भूमि करने को की कहा। इससे पहले चंबा से भरमौर जाते हुए लोगों द्वारा उनका विभिन्न जगहों पर गर्मजोशी से स्वागत किया तथा स्थानीय स्तर की विभिन्न मांगों को उनके समक्ष रखा। जिन्हें बागवानी मंत्री ने शीघ्र हल करने के अधिकारियों को निर्देश दिए। इस मौके पर विधायक डॉ जनक राज, पूर्व मंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी, अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी भरमौर नरेंद्र कुमार चौहान, एसडीएम कुलबीर राणा, प्रधानाचार्य विपिन, शर्मा सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी और गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
कभी वीरभद्र सिंह के हनुमान कहे जाने वाले हर्ष महाजन को अब हिमाचल भाजपा ने कोर ग्रुप का सदस्य मनोनीत किया हैं। बीते साल हुए विधानसभा चुनाव से ठीक पहले हर्ष महाजन भाजपाई हो गए थे। तब माना जा रहा था कि शायद चम्बा सदर सीट से भाजपा महाजन पर दांव खेल सकती है, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। अब बदली सियासी फ़िज़ा में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के आदेश पर हर्ष महाजन को भाजपा कोर ग्रुप का सदस्य बनाया गया हैं। ज़ाहिर है इस नियुक्ति के बाद भाजपा में हर्ष का सियासी कद बढ़ा है, साथ ही राजनीतिक गलियारों में सुगबुगाहट तेज़ हो चुकी है कि लोकसभा चुनाव में काँगड़ा संसदीय सीट से पार्टी हर्ष महाजन पर दांव खेल सकती है। हर्ष महाजन, स्वर्गीय वीरभद्र सिंह के विशेष सलाहकार और रणनीतिकार रह चुके है। महाजन वीरभद्र सरकार में पशुपालन मंत्री भी रहे और फिर 2012 से 2017 तक कांग्रेस शासन में राज्य सहकारी बैंक के चेयरमैन भी। 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने हर्ष महाजन को प्रदेश कांग्रेस कमेटी का वर्किंग प्रेसिडेंट नियुक्त किया था। यानी कांग्रेस में रहते महाजन का सियासी कद लगातार बढ़ा ही है, लेकिन महाजन ने 2022 के चुनाव से ठीक पहले सबको चौंकाते हुए भाजपा का दामन थाम लिया था। महाजन के भाजपा में जाने से कयास लगाए जा रहे थे कि ये भाजपा का मास्टरस्ट्रोक हो सकता है, दरअसल महाजन का चम्बा में बेहतर होल्ड माना जाता है, जाहिर है भाजपा को महाजन से कुछ उम्मीद तो ज़रूर रही होगी। हालांकि नतीजे आने के बाद महाजन की चम्बा सदर सीट पर भी कांग्रेस का परचम लहराया। भाजपा को अब भी महाजन की सियासी कुव्वत का अहसास है, इसलिए हर्ष महाजन को अहम् पद दिया गया है। भाजपा की सत्ता से विदाई होने के बाद हर्ष महाजन भी कमोबेश दरकिनार से ही दिखे है, पर अब उन्हें भाजपा कोर ग्रुप का सदस्य बनाया गया हैं। यानी अब भाजपा के अहम निर्णय लेने में उनकी भूमिका भी अहम होने वाली है। लोकसभा चुनाव के लिहाज़ से भाजपा में कई बड़े बदलाव होने की चर्चा तेज़ है। प्रदेश में सत्ता गवाने के बाद भाजपा इस दफा कोई चूक नहीं करना चाहेगी। फिलवक्त प्रदेश की चारों लोकसभा सीटों पर भाजपा का कब्ज़ा है। काँगड़ा संसदीय सीट की बात करे तो यहाँ वर्तमान में किशन कपूर सांसद है, लेकिन विधानसभा चुनाव में इस संसदीय क्षेत्र में भाजपा का प्रदर्शन फीका रहा था। ऐसे में महाजन की नियुक्ति के बाद कयास लग रहे है कि क्या भाजपा इस दफा कांगड़ा संसदीय सीट पर चेहरा बदलने की रणनीति पर आगे बढ़ सकती है ? महाजन जिला चम्बा से आते है और जिला चंबा के चार निर्वाचन क्षेत्र काँगड़ा संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आते है। ऐसे में उनकी दावेदारी ख़ारिज नहीं की जा सकती। बहरहाल कयासों का सिलिसला जारी है।
देश में कई मौके ऐसे आएं है जब सरकारों ने अपने पक्ष में माहौल देखकर समय से पहले चुनाव करवा दिए। क्या आगामी लोकसभा चुनाव भी अपने तय वक्त से पहले हो सकते हैं, ये सवाल इन दिनों सियासी गलियारों में खूब गूंज रहा है। दरअसल, इसी साल के अंत में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने है। क्या मोदी सरकार इन्हीं के साथ लोकसभा चुनाव करवाने पर विचार कर रही है? क्या सरकार का नौ साल की उपलब्धियों के प्रचार में ताकत झोंकना इसका संकेत है? ये अहम सवाल है। 'सेवा सुशासन और गरीब कल्याण' के नारे के साथ भाजपा आक्रामक तरीके से मैदान में उतर चुकी है, मानो चुनाव की घोषणा हो चुकी हो। संभवतः सरकार और पार्टी के शीर्ष स्तर पर लोकसभा चुनावों को लेकर गंभीर मंथन हो रहा है। बीते 6 महीनो में हिमाचल प्रदेश और कर्णाटक में सत्ता से बेदखल हुई भाजपा निश्चित तौर पर आत्ममंथन जरूर कर रही होगी। हालांकि पूर्वोत्तर के नतीजों ने भाजपा को कुछ उत्साहित जरूर किया है। पर पार्टी को इस बात का भी इल्म है कि बीते कुछ समय में कांग्रेस पहले से ज्यादा नियोजित दिख रही है और एंटी इंकम्बैंसी को पूरी तरह खारिज करना भी गलत होगा। ये कहना गलत नहीं होगा कि भाजपा कुछ असहज है। ऐसे में भाजपा के रणनीतिकारों को सोचने की जरुरत है। बताया जा रहा है कि लोकसभा चुनाव इसी साल नवंबर-दिसंबर में होने वाले पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के साथ कराने का विचार हो रहा है। इसके पीछे एक तर्क ये हो सकता हैं कि विपक्ष अपनी तैयारी अगले साल मार्च-अप्रैल के हिसाब से कर रहा है और उसे समय नहीं मिलेगा। एक तर्क ये भी हैं कि अगर विधानसभा चुनावों में भाजपा को अनुकूल नतीजे नहीं मिले तो कार्यकर्ताओं का मनोबल कमजोर नहीं होगा, बल्कि अगर दोनों चुनाव साथ हो जाते हैं, तो पीएम मोदी की लोकप्रियता का लाभ राज्यों के चुनावों में भी होगा। मुद्दे भांप रही हैं भाजपा ! कांग्रेस और भाजपा, दोनों तरफ सियासी पैंतरेबाजी तेज हो चुकी है। अगला लोकसभा चुनाव अमीर बनाम गरीब, हिंदुत्व बनाम सामाजिक न्याय और बेतहाशा बढ़ी अमीरी के मुकाबले गरीबी रेखा के नीचे की आबादी में बढ़ोत्तरी जैसे मुद्दों के बीच देखने को मिल सकता हैं। जातीय जनगणना भी बड़ा मुद्दा बन सकती हैं। शायद भाजपा इसे समझ रही हैं और ऐसे में जल्द चुनाव से इंकार नहीं किया जा सकता। मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ का फीडबैक भी कारण ! मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ से मिलने वाले फीड बैक भाजपा के लिए अच्छा नहीं बताया जा रहा है। राजस्थान में जरूर पार्टी अशोक गहलोत बनाम सचिन पायलट के झगड़े में लाभ तलश रही हैं लेकिन वसुंधरा राजे अगर नहीं साधी गई, तो मुश्किलें शायद भाजपा के लिए अधिक हो। उधर गहलोत सरकार की लोकलुभावन योजनाओं को भी खारिज नहीं किया जा सकता। इसी तरह बिहार, प. बंगाल और महाराष्ट्र में पिछले लोकसभा चुनावों के प्रदर्शन को न दोहरा पाने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता।
उपमंडल दंडाधिकारी कुलबीर सिंह राणा ने सीआरपीसी 1973 की धारा 144 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए उपमंडल भरमौर के पुराने बस स्टैंड से लेकर हेलीपैड तक के संपर्क सड़क मार्ग पर वाहनों की आवाजाही को 13 जून तक प्रतिबंधित रखने के आदेश जारी किए हैं। हालांकि आदेश में यह भी कहा गया है कि आपातकालीन सेवाओं के परिचालन में लगे वाहनों की आवाजाही सामान्य रहेगी। जारी आदेश में स्पष्ट किया गया है कि उक्त मार्ग पर 14 जून से 20 जून तक भारी और सामान से लदे हुए वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। उपमंडल दंडाधिकारी द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि सहायक अभियंता जल शक्ति भरमौर द्वारा पुराने बस स्टैंड से लेकर हेलीपैड संपर्क मार्ग में निर्माणाधीन सीवरेज पाइप लाइन के जारी कार्य को लेकर सूचित किए जाने पर जनहित में सुरक्षा कारणों के दृष्टिगत उक्त सड़क मार्ग में सामान्य वाहनों की आवाजाही को प्रतिबंधित किया गया है। आदेश के उल्लंघन की अवस्था में निर्धारित नियमों के अनुसार कानूनी कार्रवाई का प्रावधान भी रखा गया है।
नई पेंशन योजना कर्मचारी महासंघ जिला चंबा के पदाधिकारियों ने लोक निर्माण, युवा सेवाएं एवं खेल मंत्री विक्रमादित्य सिंह के साथ शिष्टाचार की। इस दौरान जिला अध्यक्ष सुनील जरयाल ने उन्हें शोल व टोपी पहनाकर तथा स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। इस दौरान उन्होंने पुरानी पेंशन योजना बहाली में महत्वपूर्ण योगदान के लिए विक्रमादित्य सिंह का आभार भी प्रकट किया। सुनील जरियाल ने कहा कि इससे पूर्व वे विक्रमादित्य सिंह सहित कांग्रेस पार्टी के नेताओं से पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की मांग को लेकर मिलते रहते थे। लेकिन अब जबकि पुरानी पेंशन योजना को सरकार की ओर से बहाल कर दिया गया है, ऐसे में चम्बा पहुंचने पर पार्टी के नेताओं और मंत्रियों को महासंघ की ओर से सम्मानित करने की रस्म अदा की जा रही है। उन्होंने कहा कि पुरानी पेंशन योजना बहाल होने से कर्मचारी वर्ग को अब अपने भविष्य की चिंता नहीं रही है। इस दौरान उन्होंने संघर्ष में साथ देने वाले सभी कर्मचारियों का भी विशेष आभार प्रकट किया। इस मौके पर नई पेंशन योजना कर्मचारी महासंघ के विभिन्न खंडों के अध्यक्ष व पदाधिकारी मौजूद रहे।
चंबा जिले के भरमौर उपमंडल के ढकोग-बन्नी संपर्क मार्ग पर वीरवार देर रात बोलेरो कैंपर के नाले में जा गिरने से चालक की मौत हो गई। मृतक की पहचान जयकरण पुत्र रांझा राम वासी गांव मांधा तहसील भरमौर जिला चंबा के तौर पर की गई है। वाहन में एक ही व्यक्ति सवार था। पुलिस ने शव का सिविल अस्पताल भरमौर में पोस्टमार्टम करवाने के उपरांत अंतिम संस्कार हेतु परिजनों को सौंप दिया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर दुर्घटना के विस्तृत कारणों की जांच आरंभ कर दी है। जानकारी के अनुसार जयकरण बोलेरो कैंपर वाहन में सवार होकर बन्नी से मांधा की ओर आ रहा था। इसी दौरान रास्ते में वाहन अनियंत्रित होकर नीचे नाले में जा गिरा। परिणामस्वरूप जय करण की मौके पर ही मौत हो गई।
पांगी उपमंडल के धरवास-सुराल मार्ग पर बोलेरो के नाले में गिर जाने से एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। वाहन में कुल तीन लोग सवार थे। घायलों को उपचार के लिए सिविल अस्पताल किलाड़ में भर्ती करवाया गया है। पुलिस ने दुर्घटना में मारे गए व्यक्ति के शव का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिया है और दुर्घटना के विस्तृत कारणों की जांच आरंभ कर दी है। उधर, एएसपी चंबा विनोद कुमार धीमान ने वाहन दुर्घटना में एक व्यक्ति के मारे जाने व दो लोगों के गंभीर रूप से घायल होने की पुष्टि की है।
हिमाचल प्रदेश में मई माह में हुई ठंड ने पिछले 36 सालों के रिकॉर्ड को तोड़ दिया है। हिमाचल प्रदेश के अलग-अलग जिलों में सामान्य तापमान में 4 डिग्री से 6 डिग्री तक की गिरावट दर्ज की गई। इससे पहले साल 1987 में मई के महीने में तापमान में इतनी अधिक गिरावट दर्ज की गई थी। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला की मानें, तो जून माह में भी हिमाचल प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों में मौसम का मिजाज बिगड़ सकता है। बीते 24 घंटों में प्रदेश के हर जिले में जमकर बारिश हो रही है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने 3 जून तक प्रदेश में बारिश और अंधड़ का दौर जारी रहने की संभावना जताई है। उधर, चंबा जिले में हिमस्खलन की सूचना है। जानकारी के अनुसार बैरागढ़-साचपास-किलाड़ मार्ग पर कालाबन के समीप हिमस्खलन से आवाजाही कर रहे यात्री बाल-बाल बचे। सोलन, कांगड़ा, केलांग, किन्नौर, ऊना, सिरमौर, डलहौजी, नारकंडा और धौलाकुआं में भी जमकर बारिश हुई। बुधवार को भी अधिकतम तापमान में सामान्य से छह डिग्री की कमी दर्ज हुई।
उत्तरी भारत की प्रसिद्ध श्री मणिमहेश यात्रा की अग्रिम तैयारियों को लेकर लघु सचिवालय पट्टी के सभागार में उपमंडल स्तरीय बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी नरेंद्र कुमार चौहान ने की। बैठक में श्री मणिमहेश यात्रा में डल झील तक श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु उचित व्यवस्था को सुनिश्चित बनाए रखने के लिए विस्तार पूर्वक चर्चा की गई। अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी ने लोक निर्माण विभाग को राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच 154-ए चंबा-भरमौर पर खड़ामुख से आगे चिन्हित स्थानों पर डगें व क्रैश बैरियर लगाने के निर्देश जारी किए। उन्होंने संबंधित विभागों को जल्द से जल्द सुरक्षित यात्रा मार्ग, वाहनों को पास देने वाले स्थान, सड़क किनारे पार्किंग, स्वच्छ पेयजल व पैदल मार्गों के कार्य पूर्ण कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा उन्होंने यह भी निर्देश दिए की यात्रा से संबंधित तैयारियों के उचित प्रबंधों को जल्द से जल्द अमलीजामा पहनाया जाए। नरेंद्र चौहान ने पुलिस विभाग को पार्किंग सुविधा के लिए विशेष कार्य योजना बनाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि श्री मणिमहेश यात्रा के दौरान उचित पेयजल आपूर्ति बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाए। बैठक में उन्होंने शौचालय और साफ-सफाई की व्यवस्था बनाए रखने संबंधित विभाग को निर्देश दिए। इसके अतिरिक्त उन्होंने विद्युत विभाग को यात्रा के दौरान विद्युत आपूर्ति की उचित व्यवस्था करने को भी कहा। उन्होंने विभिन्न पंचायतों से आए प्रतिनिधियों, अधिकारियों व कर्मचारियों को श्री मणिमहेश यात्रा के सफल आयोजन के लिए सहयोग करने का भी आग्रह किया। इस अवसर पर एसडीएम भरमौर कुलबीर सिंह राणा, नायब तहसीलदार देवेंद्र गर्ग, जिला आयुष अधिकारी डॉ किरण शर्मा, अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग राजीव कुमार, सहायक निदेशक पशुपालन विभाग राकेश भंगालिया, खंड चिकित्सा अधिकारी अंकित शर्मा, आयुष विभाग सुखविंदर सिंह, कार्यवाहक खंड विकास अधिकारी गोपाल सिंह, प्रधान भरमौर अनिल, प्रधान सचुंई संजीव ठाकुर सहित विभिन्न विभागों से संबंधित अधिकारी व और गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
*कांगड़ा को मिल सकता है विलम्ब का मीठा फल सुक्खू कैबिनेट में अब तक जिला कांगड़ा को मनमाफिक अधिमान नहीं मिला है। कांगड़ा संसदीय क्षेत्र के लिहाज से भी देखे तो अब तक हिस्से में सिर्फ एक मंत्री पद आया है। हालांकि विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी, दो सीपीएस और कई कैबिनेट रैंक जरूर मिले है, लेकिन जो वजन मंत्री पद में है वो भला और कहाँ ? बहरहाल सवाल ये है कि जिस संसदीय क्षेत्र ने कांग्रेस की झोली में 17 में से 12 सीटें डाली, क्या सत्ता में आने के बाद कांग्रेस उसे हल्के में ले रही है, या इस इन्तजार का मीठा फल मिलने वाला है। माहिर तो ये ही मान रहे है कि जल्द कांगड़ा के इस विलम्ब की पूरी भरपाई होगी। ऐसा होना लाजमी भी है क्यों कि लोकसभा चुनाव में ज्यादा से ज्यादा एक साल का वक्त है और यहाँ हार की हैट्रिक लगा चुकी कांग्रेस कोई चूक नहीं करना चाहेगी। अलबत्ता कांगड़ा को मंत्री पद मिलने में कुछ देर जरूर हो रही है लेकिन खुद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का ये कहना कि वे भी कांगड़ा के ही है, उम्मीद की बड़ी वजह है। कांगड़ा को टूरिज्म कैपिटल बनाने का सीएम का विज़न हो या आईटी पार्क जैसे अधर में लटके प्रोजेक्ट्स में तेजी लाना, ये दर्शाता है कि सीएम सुक्खू कांगड़ा को लेकर किसी तरह की चूक करना नहीं चाहते। सीएम का नौ दिन का कांगड़ा दौरा भी इसकी तस्दीक करता है। सरकार के पिटारे में कांगड़ा के लिए न योजनाओं की कोई कमी नहीं दिखती। ये ही कारण है कि 2024 से पहले कांगड़ा में कांग्रेस जोश में है। इस बीच मंत्री पद भरने को लेकर फिर सुगबुगाहट तेज हुई है। माना जा रहा है कि कुल तीन रिक्त मंत्री पदों में से दो कांगड़ा के हिस्से आएंगे। इनमें एक ब्राह्मण हो सकता है और एक एससी। ऐसे में एक युवा राजपूत चेहरा भी डार्क हॉर्स है। बहरहाल अंदर की बात ये बताई जा रही है कि सब लगभग तय है और जल्द कांगड़ा को दो मंत्री पद मिलेंगे। प्रदेश की सियासत अपनी जगह पर 2024 में कांग्रेस के लिए कांगड़ा फ़तेह करना आसान नहीं होने वाला है। कई चुनौतियों के बीच कांग्रेस के सामने सबसे बड़ी चुनौती है एक दमदार चेहरा। तीन चुनाव हार चुकी कांग्रेस को ऐसा चेहरा चाहिए जो जातीय, क्षेत्रीय और पार्टी की भीतरी राजनीति के लिहाज से संतुलन लेकर आएं। पिछले तीन चुनावों में पार्टी ने यहाँ से ओबीसी कार्ड खेला है, पर नतीजे प्रतिकूल रहे है। ऐसे में पार्टी को फिर सोचने की जरुरत जरूर है। बताया जा रहा ही कि पार्टी अभी से इस पर चिंतन -मंथन में जुटी है। खुद सीएम सुक्खू चाहते है कि जो भी चेहरा हो, उसे पर्याप्त समय मिले। चर्चा में कई वरिष्ठ नाम है जिनमें पूर्व सांसद और मंत्री चौधरी चंद्र कुमार, पूर्व मंत्री और विधायक सुधीर शर्मा, आशा कुमारी जैसे नाम शामिल है। पर संभव है कि इस बार पारम्परिक कास्ट डायनामिक्स को ताक पर रख पार्टी किसी युवा चेहरे को मैदान में उतारे। सुक्खू सरकार के आईटी सलाहकार गोकुल बुटेल भी ऐसा ही एक विकल्प हो सकते है। भाजपा से कौन होगा चेहरा ! 2009 से लेकर अब तक कांगड़ा लोकसभा सीट पर भाजपा लगातार जीत दर्ज करने में कामयाब रही है। पिछले लोकसभा चुनाव में न केवल हिमाचल में बल्कि पूरे देश में भी सबसे ज्यादा मत प्रतिशत हासिल करने का रिकॉर्ड कांगड़ा संसदीय क्षेत्र के सांसद किशन कपूर के नाम रहा था। 7,25,218 मत प्राप्त कर किशन कपूर लोकसभा पहुंचे, लेकिन इस बार सियासी समीकरण कुछ बदलते नज़र आ रहे है। दरअसल 2022 के विधानसभा चुनाव में भी कांगड़ा संसदीय क्षेत्र में भाजपा की परफॉरमेंस बेहद खराब रही है। इस संसदीय क्षेत्र की 17 में से सिर्फ पांच सीटें ही भाजपा जीत पाई है। ऐसे में क्या पार्टी चेहरा बदलेगी इसे लेकर कयासों का दौर जारी है। संभावित उम्मीदवारों की फेहरिस्त में मौजूदा सांसद किशन कपूर के अलावा कई और नाम चर्चा में है। इस लिस्ट में गद्दी समुदाय से धर्मशाला के पूर्व विधायक विशाल नेहरिया का नाम भी चर्चा में है। इसके अलावा कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए पवन काजल का नाम भी लिस्ट में है। अब देखना ये होगा कि भाजपा इस दफा कांगड़ा के दुर्ग को फ़तेह करने के लिए किस पर दांव खेलती है। कब कौन बना सांसद 1977 दुर्गा चंद भारतीय लोक दल 1980 विक्रम चंद महाजन कांग्रेस 1984 चंद्रेश कुमारी कांग्रेस 1989 शांता कुमार भाजपा 1991 डीडी खनौरिया भाजपा 1996 सत महाजन कांग्रेस 1998 शांता कुुमार भाजपा 1999 शांता कुमार भाजपा 2004 चंद्र कुमार कांग्रेस 2009 डॉ. राजन सुशांत भाजपा 2014 शांता कुमार भाजपा 2019 किशन कपूर भाजपा ReplyForward * कांगड़ा को मिल सकता है विलम्ब का मीठा फल सुनैना कश्यप। फर्स्ट वर्डिक्ट सुक्खू कैबिनेट में अब तक जिला कांगड़ा को मनमाफिक अधिमान नहीं मिला है। कांगड़ा संसदीय क्षेत्र के लिहाज से भी देखे तो अब तक हिस्से में सिर्फ एक मंत्री पद आया है। हालांकि विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी, दो सीपीएस और कई कैबिनेट रैंक जरूर मिले है, लेकिन जो वजन मंत्री पद में है वो भला और कहाँ ? बहरहाल सवाल ये है कि जिस संसदीय क्षेत्र ने कांग्रेस की झोली में 17 में से 12 सीटें डाली, क्या सत्ता में आने के बाद कांग्रेस उसे हल्के में ले रही है, या इस इन्तजार का मीठा फल मिलने वाला है। माहिर तो ये ही मान रहे है कि जल्द कांगड़ा के इस विलम्ब की पूरी भरपाई होगी। ऐसा होना लाजमी भी है क्यों कि लोकसभा चुनाव में ज्यादा से ज्यादा एक साल का वक्त है और यहाँ हार की हैट्रिक लगा चुकी कांग्रेस कोई चूक नहीं करना चाहेगी। अलबत्ता कांगड़ा को मंत्री पद मिलने में कुछ देर जरूर हो रही है लेकिन खुद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का ये कहना कि वे भी कांगड़ा के ही है, उम्मीद की बड़ी वजह है। कांगड़ा को टूरिज्म कैपिटल बनाने का सीएम का विज़न हो या आईटी पार्क जैसे अधर में लटके प्रोजेक्ट्स में तेजी लाना, ये दर्शाता है कि सीएम सुक्खू कांगड़ा को लेकर किसी तरह की चूक करना नहीं चाहते। सीएम का नौ दिन का कांगड़ा दौरा भी इसकी तस्दीक करता है। सरकार के पिटारे में कांगड़ा के लिए न योजनाओं की कोई कमी नहीं दिखती। ये ही कारण है कि 2024 से पहले कांगड़ा में कांग्रेस जोश में है। इस बीच मंत्री पद भरने को लेकर फिर सुगबुगाहट तेज हुई है। माना जा रहा है कि कुल तीन रिक्त मंत्री पदों में से दो कांगड़ा के हिस्से आएंगे। इनमें एक ब्राह्मण हो सकता है और एक एससी। ऐसे में एक युवा राजपूत चेहरा भी डार्क हॉर्स है। बहरहाल अंदर की बात ये बताई जा रही है कि सब लगभग तय है और जल्द कांगड़ा को दो मंत्री पद मिलेंगे। प्रदेश की सियासत अपनी जगह पर 2024 में कांग्रेस के लिए कांगड़ा फ़तेह करना आसान नहीं होने वाला है। कई चुनौतियों के बीच कांग्रेस के सामने सबसे बड़ी चुनौती है एक दमदार चेहरा। तीन चुनाव हार चुकी कांग्रेस को ऐसा चेहरा चाहिए जो जातीय, क्षेत्रीय और पार्टी की भीतरी राजनीति के लिहाज से संतुलन लेकर आएं। पिछले तीन चुनावों में पार्टी ने यहाँ से ओबीसी कार्ड खेला है, पर नतीजे प्रतिकूल रहे है। ऐसे में पार्टी को फिर सोचने की जरुरत जरूर है। बताया जा रहा ही कि पार्टी अभी से इस पर चिंतन -मंथन में जुटी है। खुद सीएम सुक्खू चाहते है कि जो भी चेहरा हो, उसे पर्याप्त समय मिले। चर्चा में कई वरिष्ठ नाम है जिनमें पूर्व सांसद और मंत्री चौधरी चंद्र कुमार, पूर्व मंत्री और विधायक सुधीर शर्मा, आशा कुमारी जैसे नाम शामिल है। पर संभव है कि इस बार पारम्परिक कास्ट डायनामिक्स को ताक पर रख पार्टी किसी युवा चेहरे को मैदान में उतारे। सुक्खू सरकार के आईटी सलाहकार गोकुल बुटेल भी ऐसा ही एक विकल्प हो सकते है। भाजपा से कौन होगा चेहरा ! 2009 से लेकर अब तक कांगड़ा लोकसभा सीट पर भाजपा लगातार जीत दर्ज करने में कामयाब रही है। पिछले लोकसभा चुनाव में न केवल हिमाचल में बल्कि पूरे देश में भी सबसे ज्यादा मत प्रतिशत हासिल करने का रिकॉर्ड कांगड़ा संसदीय क्षेत्र के सांसद किशन कपूर के नाम रहा था। 7,25,218 मत प्राप्त कर किशन कपूर लोकसभा पहुंचे, लेकिन इस बार सियासी समीकरण कुछ बदलते नज़र आ रहे है। दरअसल 2022 के विधानसभा चुनाव में भी कांगड़ा संसदीय क्षेत्र में भाजपा की परफॉरमेंस बेहद खराब रही है। इस संसदीय क्षेत्र की 17 में से सिर्फ पांच सीटें ही भाजपा जीत पाई है। ऐसे में क्या पार्टी चेहरा बदलेगी इसे लेकर कयासों का दौर जारी है। संभावित उम्मीदवारों की फेहरिस्त में मौजूदा सांसद किशन कपूर के अलावा कई और नाम चर्चा में है। इस लिस्ट में गद्दी समुदाय से धर्मशाला के पूर्व विधायक विशाल नेहरिया का नाम भी चर्चा में है। इसके अलावा कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए पवन काजल का नाम भी लिस्ट में है। अब देखना ये होगा कि भाजपा इस दफा कांगड़ा के दुर्ग को फ़तेह करने के लिए किस पर दांव खेलती है। कब कौन बना सांसद 1977 दुर्गा चंद भारतीय लोक दल 1980 विक्रम चंद महाजन कांग्रेस 1984 चंद्रेश कुमारी कांग्रेस 1989 शांता कुमार भाजपा 1991 डीडी खनौरिया भाजपा 1996 सत महाजन कांग्रेस 1998 शांता कुुमार भाजपा 1999 शांता कुमार भाजपा 2004 चंद्र कुमार कांग्रेस 2009 डॉ. राजन सुशांत भाजपा 2014 शांता कुमार भाजपा 2019 किशन कपूर भाजपा ReplyForward
वो लोग जो बेहतर की उम्मीद में साथ छोड़ कर गए थे, शायद आज वापस हाथ पकड़ने की सोचते होंगे। हम बात कर रहे है कांग्रेस के उन तमाम नेताओं की, जिनका पूर्वानुमान एक दम गलत साबित हुआ। वो नेता जो चुनाव से पहले सत्ता में आती हुई कांग्रेस का साथ छोड़ सत्ता से बाहर होती हुई भाजपा के खेमे में जा मिले थे। इस फेहरिस्त में काँगड़ा से विधायक पवन काजल, नालागढ़ से पूर्व विधायक लखविंदर राणा और हर्ष महाजन मुख्य तौर पर शामिल है। ये वो नेता है जिनका कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल होना पार्टी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा था, मगर परिणाम सामने आए तो झटका इन्हें ही लग गया। सर्विदित है कि अगर ऐसा न हुआ होता तो निजी तौर पर आज इनके लिए सियासी परिस्थितियां बेहतर हो सकती थी। हिमाचल प्रदेश में सत्ता की चाबी रखने वाले कांगड़ा जिले के ओबीसी नेता पवन काजल किसी समय कांग्रेस पार्टी की आंखों का 'काजल' माने जाते थे। मगर विधानसभा चुनाव से साढ़े 3 महीने पहले भाजपा ने कांग्रेस के इस 'काजल' को अपनी आंखों का 'नूर' बना लिया था। यूँ तो काजल भाजपा से ही कांग्रेस में आए थे, मगर काजल की ऐसे भाजपा में वापसी होगी ये किसी ने नहीं सोचा था। दरअसल पवन काजल ने वर्ष 2012 में भाजपा का टिकट नहीं मिलने पर बगावत करते हुए बतौर निर्दलीय कैंडिडेट चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। विधानसभा चुनाव में तब पवन काजल पहली बार जीते थे। पवन काजल के विधानसभा चुनाव जीतने के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह उन्हें कांग्रेस में ले आए। वीरभद्र सिंह ने ही वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में पवन काजल को कांगड़ा से कांग्रेस का टिकट दिया। पवन काजल भी वीरभद्र सिंह के भरोसे पर खरा उतरे और लगातार दूसरी बार विधायक चुने गए। काजल अक्सर ये कहा भी करते थे कि वे कांग्रेस के साथ नहीं वीरभद्र सिंह के साथ है। कांग्रेस ने उन्हें कार्यकारी अध्यक्ष भी बनाया, मगर काजल ने कांग्रेस को छोड़ जाना सही समझा। काजल तो चुनाव जीत गए, मगर भाजपा चुनाव हार गई। माना जाता है कि अगर काजल पार्टी न छोड़ते तो उनका मंत्री पद तय था। बात लखविंदर राणा की करें तो राणा तीन बार कांग्रेस टिकट पर चुनाव लड़ विधानसभा पहुंचे थे । वर्ष 2010-11 में नालागढ़ के तत्कालीन विधायक हरिनारायण सैणी के निधन के बाद हुए उपचुनाव में लखविंद्र राणा कांग्रेस के टिकट पर मैदान में उतरे और पहली बार विधायक चुने गए। वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में राणा हार गए। वर्ष 2017 में उन्होंने एक बार फिर नालागढ़ सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। मगर 2022 के विधानसभा चुनाव से साढ़े 3 महीने पहले वह कांग्रेस छोड़कर भाजपा में चले गए। भाजपा ने उन्हें टिकट दिया मगर भाजपा में बगावत के चलते राणा चुनाव हार गए। इन दो विधायकों के अलावा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कहे जाने वाले हर्ष महाजन भी चुनाव से पहले भाजपा के हो गए थे। शायद ही किसी ने सोचा हो कि वीरभद्र सिंह के हनुमान कहे जाने वाले हर्ष महाजन और कांग्रेस की राह अलग भी हो सकती है। हर्ष महाजन होलीलॉज के करीबी थे और वे कई बार वीरभद्र सिंह के चुनाव प्रभारी भी रह चुके थे। कहते है कि साल 2012 के विधानसभा चुनाव में वीरभद्र सिंह को मुख्यमंत्री बनाने में हर्ष महाजन का सबसे बड़ा योगदान रहा था। इस चुनाव से पहले भी कांग्रेस द्वारा इन्हें कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था, मगर कांग्रेस पर नज़रअंदाज़गी का आरोप लगाते हुए महाजन भाजपा में शामिल हो गए थे। हालंकि अब भाजपा में हर्ष महाजन को कितनी तवज्जो मिल रही है, ये वे ही जानते होंगे। अगर महाजन कांग्रेस में रहते तो शायद बात कुछ और होती।
प्रदर्शन और आभार कार्यक्रम तो बहुत हुए मगर इस तरह पहले कभी सरकार का आभार व्यक्त करने को कर्मचारियों का हुजूम नहीं उमड़ा। लाखों की संख्या में कर्मचारी सीएम सुक्खू का दिल की गहराईयों से आभार करने को पहुंचे और धर्मशाला का पुलिस ग्राउंड जय सुक्खू के नारो से गूँज उठा। ऐसा स्वागत या स्नेह, सरकार को कर्मचारियों से शायद ही पहले कभी मिला हो, और हो भी क्यों न सीएम सुक्खू के नेतृत्व की इस कांग्रेस सरकार ने कर्मचारियों की उस मांग को पूरा किया है जिसके लिए प्रदेश के लाखों कर्मचारी सालों तक नेताओं की दरों पर दस्तक देते रहे। सीएम सुक्खू ने कर्मचारियों के इस अनंत संघर्ष पर पूर्ण विराम लगाया है, जिसके लिए कर्मचारियों ने सीएम सुक्खू को सर माथे लगा लिया। कभी उन्हें नायक बताया तो कभी पेंशन पुरुष। आभार के जवाब में सीएम सुक्खू भी कह गए कि मैं आपका सेनापति हूँ और आप मेरी सेना हो। 11 दिसंबर को कर्मचारियों के आशीर्वाद से कांग्रेस सरकार बनी और आगे भी ऐसे ही हमारा साथ देते रहना। कर्मचारियों की ये मांग कोई आम मांग नहीं थी। ये वो मसला था जिससे प्रदेश के लाखों कर्मचारियों का भविष्य जुड़ा था, वो कर्मचारी जो एनपीएस के अंतर्गत आते थे और जिन्हें शायद सेवानिवृत होने के बाद अपने बुढ़ापे में किसी और का सहारा लेना पड़ता। एनपीएस के अंतर्गत आने वाले कर्मचारियों के ऐसे कई मामले सामने आए है, जब इन कर्मचारियों को सेवानिवृत होने के बाद नाम मात्र पेंशन मिली। पूरे जीवन सरकार की सेवा करने के बाद ये कर्मचारी बुढ़ापे में इतने लाचार हो गए की जीवन व्यापन कठिन हो गया। इसी के बाद से पुरानी पेंशन बहाली के लिए महासंघर्ष का आरम्भ हुआ। न जाने कितनी ही हड़तालें, प्रदर्शन, अनशन इन कर्मचारियों ने किये मगर एक लम्बे समय तक इनकी नहीं सुनी गई। अपने बुढ़ापे की सुरक्षा के लिए संघर्षरत इन कर्मचारियों पर एफआईआर भी हुई, इन पर वाटर कैनन्स भी दागी गई और इनकी आवाज़ दबाने की कोशीश भी की गई, मगर संघर्ष थमने के बजाए और उग्र होता गया। आखिर जिस सरकार ने कर्मचारियों की नहीं सुनी वो सरकार सत्ता से बाहर हुई और सीएम सुक्खू के नेतृत्व की कांग्रेस सरकार कर्मचारियों के लिए मसीहा बन गई। वादे अनुसार पहली कैबिनेट की बैठक में ही पुरानी पेंशन को बहाल कर दिया गया। सरकार के इस फैसले से कर्मचारियों में केसा उत्साह है ये एक बार फिर धर्मशाला के पुलिस ग्राउंड में देखने को मिल गया।
विधानसभा सचिवालय में हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने आज अपने कार्यालय कक्ष में लोक निर्माण विभाग एवं युवा सेवाएं एवं खेल मंत्री विक्रमादित्य सिंह तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ भटियात विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में चल रहे विकासात्मक कार्यों को लेकर समीक्षा बैठक की। इस अवसर पर कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि भटियात विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के हर गांव को सड़क सुविधा से जोड़ा जायेगा, ताकि भटियात विधान सभा क्षेत्र के लोगों को असुविधा का सामना न करना पड़े। पठानिया ने कहा कि भटियात विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के विकास में कोई कमी नहीं आने देगें और भटियात विधान सभा क्षेत्र को सर्वश्रेष्ठ विधान सभा क्षेत्र के रूप में विकसित करेंगे।
***कुल्लू जिले के स्नॉवर वैली पब्लिक स्कूल बजौरा की छात्रा मानवी ने 99.14 प्रतिशत (694) अंक लेकर प्रदेश में पहला स्थान हासिल किया है। हमीरपुर जिले के सीनियर सेकेंडरी स्कूल चूबतरा की छात्रा दीक्षा कथयाल ने (693) 99 प्रतिशत अंक लेकर प्रदेश में दूसरा स्थान हासिल किया है। वहीं हमीरपुर जिले के ही दो छात्रों ने संयुक्त रूप से तीसरा स्थान हासिल किया है। न्यू इरा सीनियर सेकेंडरी स्कूल परोल के छात्र अक्षित शर्मा और सीनियर सेकेंडरी स्कूल बदारान के छात्र आकर्षक ठाकुर ने 98.86 प्रतिशत (692) अंक लेकर प्रदेश में तीसरा स्थान हासिल किया है। हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने 10वीं कक्षा का परिणाम घोषित कर दिया है। शिक्षा बोर्ड के सचिव डॉ. (मेजर) विशाल शर्मा ने बताया कि 91440 विद्यार्थियों ने 10वीं कक्षा की परीक्षा दी थी जिसमें से 81732 विद्यार्थी परीक्षा में पास हुए हैं और 7534 विद्यार्थी परीक्षा में फेल हुए हैं। उन्होंने ने बताया कि इस बार का परिणाम 89.7 प्रतिशत रहा है। वर्ष 2022 में 10वीं कक्षा का परीक्षा परिणाम 87.5 प्रतिशत रहा था। सचिव डॉ. (मेजर) विशाल शर्मा ने बताया कि विद्यार्थी शिक्षा बोर्ड की बेवसाइट पर परिणाम चेक कर सकते हैं।
हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने 10वीं कक्षा का परिणाम घोषित कर दिया है। शिक्षा बोर्ड के सचिव डॉ. (मेजर) विशाल शर्मा ने बताया कि परिणाम 89.7 प्रतिशत रहा है। 91440 विद्यार्थियों ने 10वीं कक्षा की परीक्षा दी थी। 81732 विद्यार्थी परीक्षा में पास हुए हैं। 7534 विद्यार्थी परीक्षा में फेल हुए हैं। वर्ष 2022 में 10वीं कक्षा का परीक्षा परिणाम 87.5 प्रतिशत रहा था। सचिव डॉ. (मेजर) विशाल शर्मा ने बताया कि विद्यार्थी शिक्षा बोर्ड की बेवसाइट पर परिणाम चेक कर सकते हैं।
राजकीय प्राथमिक पाठशाला छुद्रा में अध्यापकों के रिक्त पदों को भरने के लिए ग्रामीणों ने आवाज बुलंद की है। इस समस्या के निवारण को लेकर ग्रामीणों ने बुधवार को उपायुक्त अपूर्व देवगन को ज्ञापन भी सौंपा है। प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई कर रहे स्कूल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष नरेंद्र कुमार ने कहा कि बीते लंबे समय से स्कूल में अधिकतर महत्वपूर्ण पद खाली हैं। इस कारण विद्यार्थियों की पढ़ाई बुरी तरह से प्रभावित हो रही है। उन्होंने रोते हुए कहा कि अध्यापकों के न होने से कई विद्यार्थी स्कूल से पलायन भी कर चुके हैं। वर्तमान में स्कूल में 22 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। हालांकि एसएमसी की ओर से अपने खर्च पर शिक्षकों की नियुक्ति की गई थी। लेकिन धन के अभाव में यह व्यव्स्था अधिक समय तक नहीं हो पाई। गत 18 मई से विद्यार्थियों ने स्कूल जाना भी बंद कर दिया है। एसएमसी द्वारा आयोजित बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि जब तक शिक्षकों की स्थाई नियुक्ति नहीं होती तब तक विद्यार्थियों को स्कूल नहीं भेजा जाएगा। उन्होंने उपायुक्त से जल्द से जल्द इस समस्या का निवारण करने की मांग उठाई साथ ही स्पष्ट किया है कि स्थाई नियुक्ति न होने तक विद्यार्थी स्कूल नहीं जाएंगे।
चंबा- भरमौर राष्ट्रीय उच्च मार्ग पर लाहल के समीप एक कार के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से उसमें सवार चालक की मौके पर मौत हो गई है। मृतक की पहचान सुभाष कुमार पुत्र पर परोजा राम निवासी गांव मलकोता डाकघर व तहसील भरमौर जिला चंबा के रूप में हुई है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भिजवा दिया है। साथ ही पुलिस थाना भरमौर में मामला दर्ज कर हादसे के कारणों की विस्तृत जांच भी शुरू कर दी गई है। जानकारी के अनुसार सुभाष कुमार किसी कार्य के चलते खड़ामुख गया हुआ था। मंगलवार देर शाम वह अपनी सेंट्रो कार नंबर एचपी -46ए-1067 में सवार होकर वापस घर की ओर जा रहा था। इसी बीच लाहल ढांक के समीप काली माता मंदिर के पास कार अनियंत्रित होकर सड़क से नीचे नदी में समा गई। अंधेरा होने के कारण किसी को हादसे की भनक नहीं लगी। देर शाम तक उसके घर न लौटने और फोन पर कोई संपर्क न होने पर परिजनों ने उसकी तलाश शुरू की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिल पाया। बुधवार सुबह एक बार फिर उसे ढूंढने के लिए सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया। इसी बीच सुबह समय करीब 7:30 बजे लोगों को कार नदी में दिखाई दी। पुलिस को तुरंत सूचित किया गया और सूचना मिलते ही पुलिस दल भी मौके पर पहुंचा। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। सुभाष कुमार ने मौके पर ही दम तोड़ दिया था। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार धीमान ने कहा कि पुलिस ने मामला दर्ज कर हादसे के कारणों की जांच शुरू कर दी है। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंपा जाएगा।
न्यू पेंशन योजना कर्मचारी महासंघ का एक प्रतिनिधिमंडल जिला अध्यक्ष सुनील कुमार जरयाल की अगुवाई में पूर्व विधायक डलहौजी आशा कुमारी से मिला और पुरानी पेंशन योजना की पूर्ण रूप से बहाली होने पर कर्मचारी महासंघ द्वारा आयोजित होने वाले आभार समारोह में शामिल होने का न्योता दिया। इस मौके पर उनके साथ जिला महासचिव विजय शर्मा, जिला संविधान पर्यवेक्षक अर्जुन सिंह, पूर्व जिला अध्यक्ष एवं राज्य प्रचार सचिव अमित जरयाल व अन्य मौजूद थे। जरयाल ने बताया कि समारोह के लिए जोर शोर से तैयारियां चली हैं और हरेक विभाग तक हरेक खंड में हर एक विभागाध्यक्ष तक उनके समस्त स्टाफ सहित इस समारोह में शामिल होने के लिए उनको न्यौता सौंपा जाएगा। यह पहला अवसर होगा जब इतने बड़े समारोह में पूरी सरकार एक साथ कर्मचारियों के बीच में आएगी और एनपीएस से पुरानी पेंशन में आए कर्मचारी ही नहीं, बल्कि जो कर्मचारी इससे पहले भी पुरानी पेंशन योजना में थे, वे भी भाग लेंगे। जिला चंबा से कम से कम 10,000 की संख्या में कर्मचारी धर्मशाला इस आभार समारोह में सरकार के स्वागत सत्कार के लिए पहुंचेंगे। जरयाल ने बताया कि पिछली सरकार के समय तो कर्मचारी जब सरकार के पास जाते थे तो उनको डराया धमकाया जाता था उनकी छुट्टियां रद्द की जाती थीं फिर भी हजारों की संख्या में कर्मचारी 3 मार्च को शिमला पहुंचे थे। उस दिन यह तय हो गया था कि अब पुरानी पेंशन योजना दूर नहीं है। अब जब सरकार हमारे अपने समारोह में आ रही है तो सभी कर्मचारियों को इस समारोह में शामिल होना चाहिए और कर्मचारी इतिहास में शायद ही ऐसा आयोजन पहले हुआ होगा, इसीलिए इस समारोह को एक यादगार समारोह बनाने में अपनी भूमिका निभाएं।
साइंस स्ट्रीम में ओजस्विनी उपमन्यु ने प्रदेश में पहला स्थान हासिल किया है। 500 में से 493 अंक (98.6 प्रतिशत) हासिल किए हैं। ओजस्विनी उपमन्यु जिला ऊना के घनारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल के छात्र हैं। कॉमर्स स्ट्रीम में सिरमौर जिले के सीनियर सेकेंडरी स्कूल सराहन की छात्रा वृंदा ठाकुर ने प्रदेश में पहला स्थान हासिल किया है। वृंदा ने 500 में से 492 अंक (98.4 प्रतिशत) हासिल किए हैं। आर्ट्स स्ट्रीम में प्रदेशभर में पहले स्थान पर चार विद्यार्थी रहे हैं। चारों ने 500 में से 487 अंक (97.4 प्रतिशत) हासिल किए हैं। डीएवी सीनियर सेकेंडरी स्कूल ऊना की छात्रा तरनिजा शर्मा, रूट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल करसोग की छात्रा दिव्य ज्योति, सीनियर सेकेंडरी स्कूल पोर्टमोर शिमला की छात्रा नूपुर कैथ और सिरमौर जिले के सीनियर सेकेंडरी स्कूल जरवा जुनेली के छात्र ज्येश प्रदेश भर में पहले स्थान पर रहे हैं।
हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड (HPBOSE) 12वीं कक्षा का वार्षिक (12th Class Result) परिणाम इस बार 79.4 फीसदी रहा है। ऊना की सीसे स्कूल घनारी की ओजस्वनी उपमन्यु पुत्री राम कुमार ऑलओवर परीक्षा में 98.6 अंक हासिल कर पहले स्थान पर रही। सिरमौर की वृंदा ठाकुर पुत्री अरुण कुमार ने 98.6 फीसदी अंक हासिल कर दूसरे नंबर पर रही वहीं सीसे स्कूल चूरड़ू की कनूप्रिया पुत्री संजय कुमार ने 98.2 फीसदी अंक लेकर तीसरा स्थान हासिल किया।
**ओजस्विनी उपमन्यु ने साइंस संकाय में 500 में से 493 अंक (98.6 प्रतिशत) हासिल कर प्रदेश में पहला स्थान हासिल किया है। जिला ऊना के घनारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल के छात्र हैं। **कॉमर्स संकाय में सिरमौर जिले के सीनियर सेकेंडरी स्कूल सराहन की छात्रा वृंदा ठाकुर ने 500 में से 492 अंक (98.4 प्रतिशत) हासिल प्रदेश में पहला स्थान हासिल किया है। **आर्ट्स संकाय में प्रदेशभर में चार विद्यार्थी ने 500 में से 487 अंक (97.4 प्रतिशत) हासिल कर पहला स्थान हासिल किया है। जिसमे डीएवी सीनियर सेकेंडरी स्कूल ऊना की छात्रा तरनिजा शर्मा, रूट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल करसोग की छात्रा दिव्य ज्योति, सीनियर सेकेंडरी स्कूल पोर्टमोर शिमला की छात्रा नूपुर कैथ और सिरमौर जिले के सीनियर सेकेंडरी स्कूल जरवा जुनेली के छात्र ज्येश प्रदेश भर में पहले स्थान पर रहे हैं। हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने 12वीं कक्षा की परीक्षा परिणाम घोषित कर दिया है। परिणाम 79.4 प्रतिशत रहा है। 105369 विद्यार्थियों ने 12वीं कक्षा की परीक्षा दी थी जिसमे से 83418 विद्यार्थी परीक्षा में पास हुए हैं।13335 विद्यार्थियों की कंपार्टमेंट आई है। 8139 विद्यार्थी परीक्षा में फेल हुए हैं। वर्ष 2022 में 12वीं कक्षा का परीक्षा परिणाम 93.90 प्रतिशत रहा था। सचिव डॉ. (मेजर) विशाल शर्मा ने जानकारी दी की विद्यार्थी शिक्षा बोर्ड की बेवसाइट पर अपना परिणाम देख सकते हैं।
हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड पेंशनर फोरम व विद्युत बोर्ड कर्मचारी यूनियन की बैठक बचत भवन चंबा में पेंशनर फोरम के जिला अध्यक्ष आत्मा राम की अध्यक्षता में हुई, जिसमें कुलदीप सिंह खरवाड़ा पूर्व प्रदेश अध्यक्ष हिमाचल प्रदेश कर्मचारी यूनियन विशेष रूप से उपस्थित रहे। कन्वेंशन को संबोधित करते हुए यूनियन के पूर्व अध्यक्ष कुलदीप सिंह खरवाड़ा ने कहा कि विद्युत बोर्ड लिमिटेड 1-1-16 के बाद सेवानिवृत्त कर्मचारियों व मौजूदा कर्मचारियों को संशोधित वेतनमान का लाभ अदा करने में उचित व्यवस्था नहीं कर पाया है। आज सेवानिवृत्त कर्मचारियों को संशोधित पेंशन ग्रेच्यूटी, लिव-इन कैशमेंट, कम्यूटेशन का न मिलने का मुख्य कारण कर्मचारियों का संशोधित वेतनमान के बाद वेतन निर्धारण व सत्यापन का कार्य पूरा ना हो पाना है। उन्होंने बिजली बोर्ड के प्रबंधक वर्ग से मांग की कि पेंशनरों व कर्मचारियों को संशोधित वेतनमान का लाभ टाइमबॉन्ड अवधि में अदा करने के लिए पेंशन व वेतन सत्यापन ब्रांच में अतिरिक्त स्टाफ नियुक्त किया जाए, ताकि पेंशनरों व कर्मचारियों में पनप रहा आक्रोश उग्र आंदोलन का रूप धारण ना करे। इस मौके पर विद्युत बोर्ड पेंशनर फोरम के जिला अध्यक्ष आत्माराम शर्मा, प्रदेश संगठन सचिव नरसिंह रावत, कर्मचारी यूनियन के सचिव मुकेश कुमार सलाहकार समिति सदस्य अनिल वर्मा, चंबा इकाई के अध्यक्ष दरबारी लाल शर्मा, सचिव प्रताप चंद और कर्मचारी यूनियन के कार्यालय सचिव नितीश भारद्वाज नादान जॉन के जोनल सचिव अजनीश कांत ने भी पेंशनर्स व कर्मचारियों की समस्याओं का अति शीघ्र समाधान करने की मांग की। उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से बिजली बोर्ड के प्रबंधक वर्ग को कर्मचारियों व पेंशनरों की समस्याओं के समाधान के लिए उचित व जरूरी दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की है।
हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड 12वीं कक्षा का वार्षिक परिणाम शनिवार सुबह 11 बजे घोषित करेगा। स्कूल शिक्षा बोर्ड के सचिव डॉ. विशाल शर्मा ने पुष्टि करते हुए बताया कि तकनीकी कारणों के चलते आज परिणाम घोषित नहीं किया जा सका। शनिवार सुबह 11 बजे परिणाम घोषित कर दिया जाएगा। रिजल्ट घोषित करने के लिए लगभग सारी औपचारिक्ताएं पूरी की जा चुकी हैं।
अग्निपथ योजना के तहत पहली बार अग्निवीर भर्ती रैली का आयोजन धर्मशाला में किया जाएगा। कांगड़ा और चंबा जिले से संबंध रखने वाले अभ्यर्थियों के लिए इस बार 16 जून से 25 जून तक साई मैदान और इंडोर स्टेडियम धर्मशाला में अग्निवीर भर्ती रैली आयोजित की जाएगी। यह जानकारी डीसी कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल ने उपायुक्त कार्यालय के सभागार में भर्ती रैली की तैयारियों को लेकर आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी। रैली में लगभग सात से आठ हजार युवा भाग लेंगे। दस दिन तक चलने वाली इस भर्ती रैली में प्रतिदिन करीब 750 से 800 युवा रैली स्थल में पहुंचेंगे। उपायुक्त ने भर्ती रैली के सफल आयोजन और आवश्यक व्यवस्थाओं के लिए विभिन्न विभागों की जिम्मेदारियां सुनिश्चित की। उन्होंने आने वाले प्रतिभागियों की सुविधा के लिए सभी जरूरी बंदोबस्त करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। एसडीएम होंगे नोडल अधिकारी डीसी ने कहा कि भर्ती रैली के प्रबंधों के लिए एसडीएम धर्मशाला को नोडल अधिकारी तथा तहसीलदार धर्मशाला को ड्यूटी मेजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया है। उन्होंने कहा कि एसडीएम धर्मशाला भर्ती कार्यालय के अलावा विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित कर सभी तैयारियों को समय से पूर्व करवाना सुनिश्चित करेंगे। बस स्टैंड से रैली स्थल तक होगी शटल सेवा डॉ. निपुण जिंदल ने कहा कि भर्ती रैली सुबह 5 बजे शुरू होगी, इस दौरान अभ्यर्थियों को रैली स्थल पर समय से पहुंचने में कोई दिक्कत न हो, इसलिए धर्मशाला बस स्टैंड से रैली स्थल तक सुबह-सुबह शटल सेवा उपलब्ध करवाई जाएगी। उन्होंने एचआरटीसी को धर्मशाला बस स्टैंड से रैली स्थल तक केवल सुबह-सुबह शटल सेवा उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए। इसके लिए अभ्यर्थियों को साधारण बस किराया स्वयं देना होगा। फुटबॉल मैदान में होगी गाड़ियों की पार्किंग उपायुक्त ने भर्ती रैली के दौरान कानून और यातायात व्यवस्था के लिए एएसपी धर्मशाला को आवश्यक कदम उठाने के दिशा निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि एचपीसीए स्टेडियम के सामने बने फुटबॉल मैदान में भर्ती रैली में आने वाले लोगों के वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस दौरान रैली में भाग लेने वाले प्रतिभागियों की भीड़ को नियंत्रित करने और ट्रैफिक व्यवस्था के संचालन के लिए पुलिस कर्मचारी तैनात रहेंगे। साई में ग्राउंड तथा इंडोर में होगा मेडिकल अग्निवीर भर्ती में भाग लेने वाले युवाओं का पहले साई (स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया) के मैदान में ग्राउंड टेस्ट लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि ग्राउंड को सफलतापूर्वक पूरा करने वाले अभ्यर्थियों का मेडिकल इंडोर स्टेडियम में होगा। इससे पहले भर्ती कार्यालय पालमपुर के निदेशक कर्नल मनीष ने धर्मशाला में होने वाली अग्निवीर भर्ती रैली के संबंध में जानकारी रखी। उन्होंने कहा कि पूरी भर्ती प्रक्रिया निष्पक्ष, पारदर्शी और स्वचालित है और यह युवाओं से एक अपील है कि वे खुद पर विश्वास करें और कड़ी तैयारी करें और किसी भी दलाली गतिविधि का शिकार न हों। साथ ही रैली के दौरान प्रदर्शन बढ़ाने वाली दवाओं का उपयोग करने से बचना चाहिए।
भरमौर पांगी विधानसभा क्षेत्र के विधायक डॉक्टर जनक राज के पांगी दौरे के दौरान सोमवार को विधायक की अध्यक्षता में प्रशासनिक बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक का आयोजन पुस्तकालय भवन किलाड़ में किया गया। इस बैठक में घाटी के सभी विभागीय अधिकारी मौजूद रहे। बैठक के दौरान विधायक डॉक्टर जनक राज ने सभी विभागीय अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि यदि कोई अधिकारी अपने कार्य में लापरवाही करता है और उस अधिकारी की शिकायत विधायक तक पहुंच रही है तो उस अधिकारी के खिलाफ कड़ा संज्ञान लिया जाएगा। बैठक में डॉ. जनक राज द्वारा सभी अधिकारियों को घाटी के विकास कार्यों को तुरंत अमलीजामा पहनाने के कड़े निर्देश दिए गए। विधायक द्वारा सर्वप्रथम पांगी घाटी को जोड़ने वाली मुख्य मार्ग बीआरओ के अधिकारियों के साथ चर्चा की। इस दौरान उन्होंने बीआरओ को आदेश जारी करते हुए कहा कि इस वर्ष में पांगी घाटी का यह मुख्य मार्ग संसारी नाला से लेकर कुल्लू मनाली प्रवेश द्वार शौर तक ब्लैक टॉप यानि तारकोल बिछ जानी चाहिए, ताकि क्षेत्र के लोगों की अहम समस्या का समाधान हो सके। बैठक के दौरान मौजूद हाल ही में ज्वाइन किए आवासीय आयुक्त रितिका जिंदल ने भी विधायक को पांगी घाटी की कुछ प्रमुख समस्याओं के बारे में भी जानकारी दी, जिसमें पांगी घाटी की दूसरी समस्या रहेगी। बिजली व्यवस्था सुचारू रूप से ना होने के कारण क्षेत्र के लोगों को कई दिनों तक अंधकार में रहना पड़ रहा है। जिसको लेकर विधायक डॉक्टर जनक राज द्वारा संबंधित विभाग के अधिकारियों को निर्देश जारी किए हुए हैं। विधायक द्वारा लोक निर्माण विभाग के संबंधित अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि पांगी घाटी की सभी प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना से जुड़ी हुई सड़कों पर तुरंत तारकोल बिछाई जाए, ताकि क्षेत्र के लोगों को सहूलियत मिल सके। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भरमौर पांगी विधानसभा क्षेत्र के विधायक डॉ. जनक राज द्वारा विजेता होने के बाद पहली बार पांगी घाटी पहुंचे हुए हैं और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ भी पहली बैठक कर रहे हैं। उन्होंने पांगी घाटी की मुख्य समस्याओं पर ज्यादा ध्यान केंद्रित करने के दिशा निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि पांगी घाटी में केवल 6 से 7 महीने विकास करने के होते हैं उसके बाद पांगी किस दुनिया से कट जाती है और बर्फबारी के कारण पांगी घाटी में विकास कार्य नहीं हो पाते हैं। इसीलिए अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि 6 महीने के भीतर पांगी घाटी के सभी रुके हुए कार्य हो जाए।
उप मुख्यमंत्री बनकर पहली बार चंबा पहुंचे मुकेश अग्निहोत्री का एनपीएस कर्मचारी द्वारा जोरदार स्वागत किया गया। वहीँ पूर्व में रही विधायक आशा कुमारी ने संगठन के पदाधिकारियों का मुकेश अग्निहोत्री से परिचय करवाया। इसी दौरान जिला अध्यक्ष सुनील जरियाल ने बताया कि पूरा हिमाचल जानता है कि माननीय उप मुख्यमंत्री ने माता चिंतपूर्णी की सौगंध खाई थी कि जैसे ही कांग्रेस सरकार सत्ता में आएगी पुरानी पेंशन बहाल होगी। वहीँ उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश के कर्मचारी स्वागत और आभार की तैयारी में लगे है ,जगह जगह पर कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व में बड़े बड़े होर्डिंग्स लगाए जा रहे है। जरियाल ने बताया कि उप मुख्यमंत्री के डलहौजी विधानसभा के इस दौरे के दौरान तीन खण्डों के एनपीएस कर्मचारियों ने उनको सम्मानित किया।
उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने आज चंबा जिला के डलहौजी विधानसभा क्षेत्र में 88 करोड़ रुपए की लागत से विभिन्न पेयजल योजनाओं के शिलान्यास एवं लोकार्पण किए। उप मुख्यमंत्री ने बताया कि डलहौजी शहर को 27/7 पानी उपलब्ध किया जायेगा, जिस से यहां के लोगों को बेहतर पेयजल सुविधा उपलब्ध होंगी तथा आने वाले समय में अन्य शहरों में भी 27/7 पानी उपलब्ध करवाने के प्रयास किए जायेंगे। उन्होंने बताया कि पानी के लिए डलहौजी विधानसभा क्षेत्र को आदर्श विधानसभा के रूप में विकसित किया जायेगा, ताकि यहां की जनता को पेयजल की किल्लत न हो। उप मुख्यमंत्री ने सलूणी, मंजीर,सुंडला एवं डियूर क्षेत्र की विभिन्न पेयजल योजनाओं के संवर्धन कार्यों का उद्घाटन किया। उन्होंने बताया कि इस पेयजल योजना के अंतर्गत 56.27 करोड रुपए की राशि संवर्धन कार्यों पर व्यय की गई । इस योजना के कार्यशील होने से 20 ग्राम पंचायतों के 70 गांव 486 बस्तियां और इस क्षेत्र के लगभग 35 हजार की आबादी को निर्बाध पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित होगी। उप मुख्यमंत्री ने पेयजल योजना डलहौजी के संवर्धन कार्य का शिलान्यास किया। उन्होंने बताया कि अमृत मिशन चरण द्वितीय के तहत इस पेयजल योजना के संवर्धन कार्यों पर लगभग 30 करोड़ रुपये की धनराशि व्यय की जाएगी। इसके माध्यम से नगर परिषद डलहौजी की 12 हजार से अधिक आबादी को बेहतर पेयजल आपूर्ति उपलब्ध होगी। इसके साथ ही वर्षा जल संग्रहण के माध्यम से 4.50 लाख लीटर जल की उपलब्धता अग्निशमन सेवाओं को भी सुदृढ़ बनाएगी । योजना के तहत ही नगर परिषद डलहौजी के क्षेत्र में विभाग द्वारा स्मार्ट मीटर भी लगाए जाएंगे। उन्होंने आहला पेयजल योजना के जल ग्रहण क्षेत्र में सुधार कार्यों का शिलान्यास भी किया। उन्होंने कहा कि वर्ष 1872 से डलहौजी क्षेत्र को पेयजल उपलब्ध करवाने वाली इस पेयजल योजना के केचमेंट एरिया के सुधार कार्यों पर एक करोड़ की धनराशि व्यय होगी। उन्होंने डलहौजी मे जल गुणवत्ता निगरानी प्रणाली का लोकार्पण किया। उन्होंने बताया कि लोगों को शुद्ध पेयजल जल उपलब्ध करवाने के लिए डलहौजी शहर में रियल टाइम वॉटर मॉनिटरिंग सिस्टम स्थापित किया गया है। 35 लाख रुपयों की राशि से निर्मित इस निगरानी प्रणाली के माध्यम से पेयजल के 4 विभिन्न मानकों की जांच होगी। इसमें पीएच वैल्यू, टर्बिडिटी, टीडीएस और आर रैजिडूयल रैजिडूयल क्लोरीन शामिल है। उन्होंने बताया कि डलहौजी क्षेत्र में लगभग 19 करोड़ रुपए की लागत से सीवरेज परियोजना का निर्माण कार्य प्रगति पर है जिसका निर्माण कार्य सितंबर 2023 तक पूर्ण किया जायेगा। इस अवसर पर पूर्व मंत्री आशा कुमारी, जिला अध्यक्ष कांग्रेस कमेटी कमल ठाकुर, पूर्व विधायक अजय महाजन , सचिव राज्य कांग्रेस कमेटी अमित भरमौरी, उपायुक्त अपूर्व देवगन, पुलिस अधीक्षक अभिषेक यादव, जल शक्ति विभाग के मुख्य अभियंता सुनील कनोतरा सहित क्षेत्र के गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
साइबर ठगी को अंजाम देने वाले दो आरोपियों को चंबा पुलिस ने पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। पुलिस ने आरोपियों से 14 सिम कार्ड, दस मोबाइल फ़ोन सहित कुछ एटीम, पासबुक और चेकबुक भी बरामद किए हैं। चंबा लाकर दोनों आरोपियों को न्यायालय में पेश किया गया। न्यायालय ने उन्हें तीन दिन के पुलिस रिमांड के बाद 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने के आदेश सुनाए हैं। अब पुलिस दोनों से पूछताछ कर मामले में संलिप्त अन्य लोगों के बारे में भी जानकारी हासिल कर रही है। लिहाजा इस मामले में और गिरफ्तारियां भी जल्द हो सकती हैं। मिली जानकारी के अनुसार गत वर्ष अगस्त माह में साइबर ठगों ने चंबा शहर के एक युवक को झांसे में फंसा कर उसके पिता के बैंक खाते से करीब 6 लाख रुपये की धनराशि पर हाथ साफ कर लिया था। पुलिस में दी गई शिकायत में युवक ने बताया था कि कुछ दिन पूर्व उसके पिता ने अपनी कार को बेच दिया था। कार पर लगे फास्टैग के खाते में शेष करीब 4100 रुपये रिफंड करवाने के उद्देश्य से उसने फास्टैग का टोल फ्री नंबर गूगल पर तलाशा। फर्जी वेबसाइट पर क्लिक करने के कारण वह साइबर शातिरों की झांसे में फंस गया। पहले उसने टोल फ्री नंबर पर फोन किया, जिसके उपरांत शातिरों ने शिकायतकर्ता को किसी अन्य नंबर से फोन किया। इसके बाद उन्होंने युवक से बैंक खाते से संबंधित कुछ जानकारी साझा करने को कहा। युवक की ओर से जानकारी दी गई तो शातिरों ने उसे मोबाइल में एनी डेस्क एप्लीकेशन डाउनलोड करने को कहा। यह वही एप है, जिसके माध्यम से शातिर ठगी को अंजाम देते हैं। युवक की ओर से अपने पिता के मोबाइल में एप डाउनलोड की गई और शातिरों ने उसे 9 अंकों का एक कोड साझा करने को कहा। शातिरों के आग्रह पर युवक ने उन्हें कोड भी बता दिया। परिणामस्वरूप उसके मोबाइल का पूर्ण नियंत्रण शातिरों के कंप्यूटर में पहुंच गया। शातिरों ने उसके पिता के बैंक खाते से करीब 6 लाख रुपये उड़ा लिए। इसके बाद शिकायकर्ता ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई थी। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच को अंजाम दिया और एक टीम को चंबा से पश्चिम बंगाल भेजा गया। जहां पुलिस दल ने दो आरोपियों को धर दबोचा। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक चंबा विनोद कुमार धीमान ने कहा कि पुलिस ने दो साइबर शातिरों को गिरफ्तार किया है। दोनों से पूछताछ की जा रही है। उन्होंने लोगों से ऑनलाइन ठगी करने वालों से सावधान रहने का आह्वान भी किया है।
हिमाचल विविधताओं का राज्य है। प्रदेश के बारह जिलो में पहन पोशाक से लेकर खानपान सब भिन्न है। हिमाचल प्रदेश एक ऐसा राज्य है जहाँ हर कला को नजदीकी से देख सकते है। पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण कई चुनौतियाँ सामने होते हुए भी यहाँ के कला प्रेमियों का मनोबल डगमगाता नहीं है। हिमाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था और विकास में पर्यटन के साथ-साथ हस्तकरघा, और वस्त्र का भी बहुत बड़ा योगदान है। प्रदेश के कई दस्तकारों ने दशकों से हस्तशिल्प के समृद्ध रीति-रिवाजों को डिजाइन किया है, जो अद्वितीय हैं। यही वजह है कि उनके द्वारा बनाये गए उत्पादों की देश भर में डिमांड है। आइये जानते है हिमाचल के विभिन्न जिलों के मशहूर वस्त्र, कला और उनके इतिहास के बारे में... **पश्मीना शॉल पश्मीना शॉल की बुनाई में उपयोग किया जाने वाला ऊन लद्दाख में पाए जाने वाले पालतू चांगथांगी बकरियों से प्राप्त किया जाता है। बुनकरों द्वारा कच्चा पश्म को मध्यस्थों के माध्यम से खरीदा जाता है। इसके बाद कच्चे पश्म फाइबर को ठीक से साफ किया जाता है। तदोपरांत इस फाइबर को सुलझाते हैं और उसकी गुणवत्ता के आधार पर इसे अच्छी तरह से अलग करते हैं। फिर इसे हाथ से काता जाता है और ताने (कटाई की पिन )में स्थापित किया जाता है एवं हथकरघा पर रखा जाता है। इसके बाद तैयार धागे को हाथ से बुना जाता है और खूबसूरती से शानदार पश्मीना शॉल का निर्माण किया जाता है जो दुनिया भर में प्रसिद्ध है। पश्मीना शॉल बुनाई की यह कला हिमाचल में एक परंपरा के रूप में पीढ़ी-दर-पीढ़ी से चली आ रही है। पश्मीना शॉल ने दुनिया भर के लोगों का ध्यान आकर्षित किया है और यह पूरी दुनिया में सबसे अधिक मांग वाले शॉल में से एक बन गई है। इसकी उच्च मांग ने स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा दिया है। **लिंगचे: लिंगचे हिमाचल के जनजातीय क्षेत्र लाहुल स्पीति क्षेत्र में काफी प्रसिद्ध है। यह एक प्रकार का शॉल है लेकिन इसकी लम्बाई ज्यादा बड़ी नहीं होती है। लिंगचे हाथ से बुनी हुई शॉल है जिसे स्थानीय रूप से कंधे पर लपेटने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह हिमाचल प्रदेश में पहाड़ी स्पीति की ग्रामीण महिलाओं द्वारा हाथ से करघे पर बुना जाता है। इसमें बुद्धिज्म से जुड़े हुए डिजाइंस देखने को मिलता है। **हिमाचली कालीन गलीचे और कालीन हिमाचल प्रदेश के हस्तशिल्प का एक महत्वपूर्ण तत्व हैं। हिमाचल में ऊन से बनी विभिन्न वस्तुएँ होम डेकोर में इस्तेमाल की जाती है। इनमें कालीन बेहद प्रसिद्ध है। ये कालीन सुंदर और असाधारण डिजाइनों के साथ सूक्ष्म रंगों, विभिन्न आकारों में बुनकरों द्वारा बनाया जाता हैं। डिजाइन से भरपूर ये कालीन बनावट में टिकाऊ होते हैं। कालीन को विभिन्न प्रकार के रूपांकनों से सजाया जाता है। इसमें ड्रैगन, हिंदू संस्कृति से प्रेरित स्वस्तिक, पुष्प, प्रकृति आधारित पैटर्न या तिब्बती पक्षी जिन्हें डाक, जीरा, ड्रेगन और बिजली के देवता आदि को धागों से डिजाइंस बना कर कालीन को खूबसूरती दी जाती है। सिरमौर जिले के पांवटा ब्लॉक के भूपपुर, पुरुवाला, सतौन और कंसन के विभिन्न गांवों में बड़ी संख्या में तिब्बती शिल्पकार ऊनी कालीन बुनते हैं। इसे बनाने के लिए बकरी के बाल और भेड़ की ऊन का उपयोग किया जाता है। **हिमाचली पट्टू हिमाचली टोपियों को हिमाचलियों का ताज कहा जाता है। हिमाचल टोपी स्थानीय लोगों की पोशाक,परिधान और वस्त्रों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। लेकिन टोपी को तैयार करने के लिए जिस कपड़े का इस्तेमाल होता है उसे हिमाचल में पट्टू कहा जाता है। इसे हथकरघे पर बुना जाता है। पट्टी के कपड़े का उपयोग आमतौर पर बंद गले के कोट, पैंट, पायजामा, जैकेट बनाने के लिए किया जाता है। इसका इस्तेमाल स्थानीय लोग चोला यानी मेल गाउन बनाने में भी करते हैं। यह मेमने के पहले कतरन से प्राप्त ऊन से बनाया जाता है। **लोइया सिरमौर की समृद्ध संस्कृति एवं सभ्यता का परिचायक लोईया प्रदेश ही नहीं देश-विदेश में भी काफी प्रसिद्ध है। लोईया सिरमौर के ट्रांस गिरि क्षेत्र की पहचान और पारंपरिक वेशभूषा है, जिसे विशेषकर सर्दियों के दौरान इस क्षेत्र के लोग शौक से पहनते हैं। वही सिरमौर जिला में सामाजिक कार्यक्रमों में मुख्य अतिथि को सम्मान के तौर पर लोईया भेंट करने की परंपरा आज भी जारी है। लोईया कश्मीर में पहने जाने वाली फेरन से मिलता जुलता है, लेकिन उसमें बाजू होते हैं। ग्रामीण लोईये का उपयोग कई प्रकार से करते हैं। उन्हें इससे सर्दियों में ठंड से राहत मिलती है और किसान बागवान जब कोई बोझ पीठ में उठाते हैं तो पीठ पर इसका दबाव भी कम पड़ता है। पारंपरिक तौर पर सर्दियों के मौसम में वस्त्रों के ऊपर पहना जाने वाला लोईया ऊन का बना होता है। आजकल यह अन्य ऊनी व सूती मिश्रित पट्टियों का भी बनाया जा रहा है। भेड़-बकरियों के पेशे से जुड़े अधिकांश लोग ऊन को स्वयं काता करते हैं और ग्रामीण स्तर पर ही स्थानीय बुनकरों से नौ ईंच चौड़ी पट्टी बुनवाई जाती है। उन पट्टियों को जोड़कर ही लोईया बनाया जाता है। **चम्बा की चप्पल चमड़े पर जरी और रेशम के धागे से महीन कारीगरी से तैयार चंबा चप्पल का डंका देश-विदेश में बजता है। चंबा चप्पल का इतिहास 500 साल पुराना बताया जाता है। जनश्रुति के अनुसार 16वीं शताब्दी में चंबा के राजा की पत्नी के दहेज में कारीगर चंबा लाए गए थे। ये कारीगर राज परिवार के लोगों के लिए चंबा चप्पल बनाते थे। समय के साथ-साथ कारीगर चंबा चप्पल लोगों के लिए भी बनाने और बेचने लगे। चंबा चप्पल के संरक्षण के लिए सरकार ने इसकी जीआई टैगिंग हासिल कर ली है। अब यह ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफार्म पर भी उपलब्ध है। लुप्त हो रही इस कला को बचाने के लिए आज भी लगभग सैंकड़ो कारीगर प्रयासरत हैं। **चम्बा का रुमाल : चंबा रुमाल अपनी अद्भुत कला और शानदार कशीदाकारी के लिए जाना जाता है। चंबा रुमाल की कारीगरी मलमल, सिल्क और कॉटन के कपड़ों पर की जाती है। श्री कृष्णलीला को बहुत ही सुंदर ढंग से रुमाल के ऊपर दोनों तरफ कढ़ाई करके उकेरा जाता है। महाभारत युद्ध, गीत गोविंद से लेकर कई मनमोहक दृश्यों को इसमें बड़ी संजीदगी के साथ बनाया जाता है। रुमाल बनाने में दो सप्ताह से दो महीने का समय लग जाता है। कीमत अधिक होने के कारण चंबा रुमाल को बेचना मुश्किल होता है। कहा जाता है कि 18वीं सदी में चंबा रुमाल तैयार करने का काम अधिक था। राजा उमेद सिंह (1748-64) ने कारीगरों को प्रोत्साहन दिया था। 1911 में दिल्ली दरबार में चंबा के राजा भूरी सिंह ने ब्रिटेन के राजा को चंबा रुमाल तोहफे में दिया था। 1965 में पहली बार चंबा रुमाल बनाने वाली महेश्वरी देवी को राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। चंबा रुमाल का विकास राजा राज सिंह और रानी सारदा के समय सर्वाधिक हुआ। चंबा रुमाल को प्रोत्साहित करने के लिए चंबा के राजा उमेद सिंह ने रंगमहल की नींव रखी। चंबा रुमाल पर कुरुक्षेत्र युद्ध की लघु कृति जो विक्टोरिया अल्बर्ट संग्रहालय लंदन में सुरक्षित हैं। चंबा के शासक गोपाल सिंह ने 1873 ई. में ब्रिटिश सरकार को ये भेंट किया था। **कुल्लू के पूल कुल्लू का हस्तशिल्प दुनिया भर में प्रसिद्ध है। यहां की टोपी, शॉल, मफलर और जुराबों का हर कोई दीवाना है। कुछ समय से यहां की पारंपरिक पूलों की ओर भी लोग एकाएक आकर्षित हुए हैं। कुल्लू की स्थानीय बोली में इन चप्पलों को पूलें कहा जाता है। ये चप्पल आरामदेह होने के साथ-साथ पवित्र भी हैं। मंडी-कुल्लू में पूलों को भांग के रेशे के साथ-साथ जड़ी बूटियों से तैयार किया जाता है। भांग के पत्ते के तने के साथ ही ब्यूल के रेशों का भी इसे बनाने में इस्तेमाल होता है। इन्हें पवित्र माना जाता है। इन्हें पहनकर देव स्थल के भीतर जाने में कोई पाबंदी नहीं होती। इसी खासियत को जानकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुल्लू की पूलों को काशी विश्वनाथ के पुजारियों, सेवादारों और सुरक्षाकर्मियों के लिए खड़ाऊ का बेहतरीन विकल्प माना। एक पूल का जोड़ा बनाने में तीन से चार दिन का समय लग जाता है। **नुमधा नुमधा गद्दे का स्थानीय नाम है, जो ऊन को बुनने के बजाय उसे फेल्ट कर बनाया जाता है। यह कम गुणवत्ता वाले ऊन को थोड़ी मात्रा में कपास के साथ मिलाकर तैयार किया जाता है। नमधा आमतौर पर सादे होते हैं या कशीदाकारी रंगीन डिजाइनों से सजाए जाते हैं। ये गद्दे 1.82 x 0.91 मीटर या 3.65 x 3.04 मीटर के विभिन्न आकारों में आते हैं। नुमधा की कीमत उसके आकार, ऊन की गुणवत्ता और पैटर्न पर निर्भर करती है। **गुदमा गुड़मा स्थानीय लोगों द्वारा बनाई जाने वाली भारी कंबल को कहा जाता है, जिसे विशेष रूप से कुल्लू, किन्नौर और लाहुल स्पीति और पांगी घाटी में बुना जाता है। यह ऊन से बना होता है जिसमें लंबे रेशे होते हैं। गुड़मा को प्राकृतिक ऊनी रंगों में बुना जाता है और लाल या काले रंग की सजावट के साथ तैयार किया जाता है।
चंबा वेलफेयर एसोसिएशन की मासिक बैठक में शहर की समस्याओं पर मंथन किया गया। बैठक प्रधान ओम प्रकाश की अध्यक्षता में की गई। प्रधान ओम प्रकाश ने पंडित जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज चंबा की लचर व्यवस्थाओं पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि जब क्षेत्रीय अस्पताल को मेडिकल कॉलेज का दर्जा दिया गया था तो लोगों को उम्मीद थी कि यहां पर उचित स्वास्थ्य सुविधाएं लोगों को मिलेंगी, लेकिन अब तक इन उम्मीदों पर पानी फिरता नजर आ रहा है। स्टाफ के विभिन्न पद रिक्त होने के बावजूद मेडिकल कॉलेज से चिकित्सकों और स्टाफ नर्सों के के तबादलों का सिलसिला जारी है। यदि यही हालात रहे तो मेडिकल कॉलेज चंबा बंद हो जाएगा। इसके अतिरिक्त पठानकोट- भरमौर राष्ट्रीय राजमार्ग की स्थिति पर भी रोष जताया गया। उन्होंने कहा कि मार्ग पर जगह-जगह भूस्खलन हो रहे हैं और इस मार्ग पर सफर करना खतरे से खाली नहीं है। किसी भी समय व्यक्ति दुर्घटना का शिकार हो सकता है। बैठक में नगर परिषद से चौगान नंबर- 5 के सौंदर्यीकरण को लेकर उचित कदम उठाने और अतिक्रमणकारियों पर कार्रवाई करने की मांग भी की गई। बैठक में वरिष्ठ उपप्रधान ईश्वरी प्रसाद, महासचिव सुरेश कश्मीरी, उपप्रधान विजय नैय्यर, प्रवक्ता एस पी वैद, प्रेस सचिव चैन लाल शर्मा सहित कई अन्य मौजूद रहे।
बिजली बोर्ड उपमंडल चंबा नंबर 2 ने 806 डिफाल्टर उपभोक्ताओं के बिजली कनेक्शन काटने की तैयारी कर ली है। बोर्ड की ओर से डिफाल्टर उपभोक्ताओं को अंतिम नोटिस निकाल दिए गए हैं। इसमें स्पष्ट किया गया है कि यदि 15 दिनों के भीतर बिल जमा नहीं करेंगे तो उनके कनेक्शन काट दिए जाएंगे। कनेक्शन कटने के बाद डिफाल्टरों को दोबारा से कनेक्शन बहाली हेतु लंबित बिल राशि के अलावा 250 रुपये का अतिरिक्त शुल्क भी देना होगा। बिजली बोर्ड की इस कार्रवाई की भनक लगते ही डिफाल्टर उपभोक्ताओं में हड़कंप मच गया है। बिजली बोर्ड के सहायक अभियंता ईं. अजय कमार ने बताया कि बोर्ड ने उपमंडल नंबर दो में 806 डिफाल्टर उपभोक्ताओं से बिल राशि के रूप में 14 लाख 51 हजार 245 रुपये वसूलने हैं। बार-बार नोटिस जारी होने के बाद भी डिफाल्टर उपभोक्ताओं ने लंबित बिल राशि जमा करवाने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं, जिसके चलते अब बिजली बोर्ड ने इन डिफाल्टरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का निर्णय लिया है। अंतिम नोटिस जारी कर दिया गया है और अब सीधे बोर्ड की टीमों को फील्ड में उतारकर बिजली कनेक्शन काटने की प्रक्रिया आरंभ की जाएगी। साथ ही उन्होंने बिजली बोर्ड की कार्रवाई से बचने के लिए डिफाल्टरों को लंबित बिल राशि जमा करवाने की अपील की है।
जिला ऊना में गत दिनों पत्रकारों पर हुए हमले को चंबा प्रेस क्लब के पदाधिकारियों ने निंदनीय करार दिया है। साथ ही क्लब ने प्रदेश सरकार व पुलिस से आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। बुधवार को चंबा प्रेस क्लब द्वारा अध्यक्ष दीपक शर्मा की अध्यक्षता में आपातकालीन बैठक आयोजित की गई। अध्यक्ष दीपक शर्मा ने कहा कि पत्रकार लोकतंत्र का चौथा स्तंभ हैं और उनके खिलाफ किसी भी प्रकार की आपराधिक घटना लोकतंत्र पर प्रहार है, अगर मीडिया कवरेज के लिए निष्पक्ष पत्रकारिता करने गए मीडिया कर्मियों पर ऐसे जानलेवा हमले होंगे तो समाज में इससे बुरा संदेश नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर उपायुक्त चंबा के माध्यम से बुधवार को मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा जाएगा। इस मौके पर क्लब के मुख्य संरक्षक बाल कृष्ण पराशर, महासचिव हेम सिंह ठाकुर सहित कई पदाधिकारी मौजूद रहे।
ग्राम पंचायत बलोठ व खुंदेल के ग्रामीणों के एक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को उपायुक्त से मुलाकात कर राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बटोत में अध्यापकों के पदों को भरने की मांग उठाई। उन्होंने अध्यापकों के रिक्त पड़े पदों को भरने को लेकर एसएमसी के माध्यम से उपायुक्त को पारित प्रस्ताव भी सौंपा। इस प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई बलोठ पंचायत के प्रधान देवराज व खुंदेल पंचायत की प्रधान आरती शर्मा ने की। उन्होंने बताया कि उपरोक्त पंचायतों के करीब 300 छात्र राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बटोत में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं, मगर पाठशाला में अहम विषयों के अध्यापकों के पद रिक्त होने से छात्रों की पढ़ाई पूरी तरह प्रभावित हो रही है। उन्होंने बताया कि पाठशाला में प्रिंसिपल के अलावा प्रवक्ता इतिहास, हिंदी, राजनीतिक शास्त्र व गणित के अलावा टीजीटी आर्ट्स के दो, टीजीटी नॉन मेडिकल और पीटीई अध्यापकों के पद रिक्त पड़े हुए हैं। उन्होंने उपायुक्त से गुहार लगाई कि जल्द रिक्त पदों को भर कर राहत प्रदान करें।
हिमाचल पथ परिवहन निगम डिपो चंबा द्वारा चलाए जा रहे राइड विद प्राइड वाहन का किराया दोगुना करने के विरोध में भाजपा प्रदेश सचिव जय सिंह ने मोर्चा खोल दिया है। सोमवार को जिला मुख्यालय चंबा में जय सिंह ने लोगों के साथ मिलकर राइड विद प्राइड वाहन को काले झंडे दिखाए। इस दौरान प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की गई। वहीं, भाजपा प्रदेश सचिव जय सिंह ने कहा कि हाल ही में एचआरटीसी प्रबंधन की ओर से राइड विद प्राइड वाहन सेवा का किराया दोगुना कर दिया गया है। इस वाहन में मध्यम व गरीब वर्ग के लोग सफर करते हैं। अब मात्र 3 से 4 किलोमीटर का सफर तय करने के लिए उन्हें भारी-भरकम किराया चुकाना पड़ रहा है, जिससे उन्हें काफी आर्थिक नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि इससे पूर्व भी प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर किराया कम करने की मांग उठाई गई थी, लेकिन अब तक कोई सकारात्मक पहल नहीं हो पाई है। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि जल्द से जल्द किराए में की गई बढ़ोतरी के निर्णय को वापिस लिया जाए और यदि किराया कम न हुआ तो वे चंबा प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री व उप मुख्यमंत्री को भी काले झंडे दिखाकर उनका स्वागत करेंगे।
प्रदेश के जनजातीय क्षेत्र सौर ऊर्जा क्षेत्र में अग्रणी बनकर हरित ऊर्जा राज्य के लक्ष्य की प्राप्ति में उल्लेखनीय भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं। चंबा जिले के पांगी उपमंडल में 400-400 किलोवाट की दो सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित करने की योजना से यह संभव हुआ है। नवीकरणीय ऊर्जा के लिए राज्य नोडल एजेंसी हिमऊर्जा को इन परियोजनाओं के लिए भूमि हस्तांतरित की गई है। हिमऊर्जा ने इन दो सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए पांगी घाटी के हिलौर और धारवास में एक-एक हैक्टेयर भूमि चिन्हित की है। लगभग 10 करोड़ रुपये की लागत की इन परियोजना के लिए एजेंसी ने विभिन्न औपचारिकताओं को पूर्ण करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री ने हिमऊर्जा को इन दोनों सौर ऊर्जा परियोजनाओं का निर्माण कार्य जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री का कहना है कि इसके अलावा पांगी में विद्युत आपूर्ति व्यवस्था सुदृढ़ करने के लिए सौर ऊर्जा आधारित ‘बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम प्रोजेक्ट’ स्थापित करने के लिए वर्ष 2023-24 के बजट में प्रावधान किया गया है। यह परियोजना क्षेत्र के लोगों को खराब मौसम और भारी बर्फबारी के दौरान निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करेगी। सर्दियों के दौरान भारी बर्फबारी के कारण विद्युत आपूर्ति बाधित होने से पांगी के लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। ‘बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम प्रोजेक्ट’ स्थानीय ग्रिड से विद्युत की सुचारू आपूर्ति कर इस समस्या का समाधान करेगा। उनका कहना है कि प्रदेश सरकार सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देते हुए कार्बन उत्सर्जन कम करने की दिशा में ठोस कदम उठा रही है। प्रदेश सरकार द्वारा 31 मार्च, 2026 तक हिमाचल को हरित ऊर्जा राज्य बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए वर्ष 2023-24 में 500 मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजनाएं शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अतिरिक्त, पायलट आधार पर प्रत्येक जिले में दो पंचायतों को हरित पंचायत के रूप में विकसित किया जाएगा।
स्वास्थ्य मंत्री डाॅ. कर्नल धनी राम शांडिल ने मेडिकल कॉलेज चंबा का दौरा कर वहां की स्वास्थ्य सेवाओं को जांचा तो साथ ही उपचाराधीन रोगियों से बातचीत कर उनका कुशलक्षेम पूछा। स्वास्थ्य मंत्री के साथ सदर विधायक चंबा नीरज नैयर सहित अन्य कांग्रेसी नेता मौजूद रहे। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार सभी लोगों को अत्याधुनिक एवं वहन करने योग्य स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रदेश में स्वास्थ्य संस्थानों के सुदृढ़ीकरण और रोगियों की सुविधा के लिए पर्याप्त संख्या में चिकित्सकों एवं पैरामेडीकल स्टाफ की उपलब्धलता सुनिश्चित बनाई जा रही है। इस अवसर पर स्थानीय विधायक नीरज नैय्यर ने मेडिकल कॉलेज चंबा में चल रही चिकित्सकों व पैरामेडिकल स्टाफ की वस्तु स्थिति बारे स्वास्थ्य मंत्री को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जिला चंबा के लोगों को यूं तो सरकार बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करवाने के लिए प्रयासरत है लेकिन कुछ मामलों में प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि यूं तो मौजूदा स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने के लिए चंबा विधानसभा क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं के स्तरोन्नत पर बल दिया गया है। अस्पताल में रोगियों को सभी आवश्यक स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए अस्पताल में आधुनिक उपकरण एवं मशीनरी उपलब्ध करवाई गई है। इससे पूर्व स्वास्थ्य मंत्री ने परिधि गृह में लोगों की समस्याएं सुनीं तथा उनका निपटारा करने का आश्वासन दिया। इस अवसर पर पूर्व वन मंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी, पूर्व विधायक एसके भारद्वाज, उपायुक्त अपूर्व देवगन, पुलिस अधीक्षक अभिषेक यादव, अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी अमित मेहरा, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. कपिल शर्मा, पंडित जवाहर लाल नेहरू राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय के प्राचार्य पंकज गुप्ता, एसडीएम अरुण शर्मा, अध्यक्ष ब्लॉक कांग्रेस करतार सिंह ठाकुर सहित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू स्पिति घाटी के अपने पहले प्रवास के दौरान घाटी के रंग में रंगे नजर आए। अपने भाषण की शुरूआत उन्होंने ‘जूले’ कहकर की, जिसका हिंदी में अर्थ है नमस्ते। जूले कहते ही स्थानीय लोगों ने जोरदार तालियां बजाकर मुख्यमंत्री का स्वागत किया। इसके बाद स्थानीय निवासियों ने पारंपरिक परिधान "छूबा" पहनाकर उनका स्वागत भी किया। मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी कमलेश ठाकुर को भी स्पिति वासियों ने पारंपरिक परिधान पहनाया। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने स्थानीय संस्कृति पर आधारित कार्यक्रमों में गहरी रुचि दिखाई और कलाकारों की खुले मन से प्रशंसा की। उन्होंने कलाकारों को सम्मानित किया और सभी स्पितिवासियों को अपनी प्राचीन एवं अनूठी संस्कृति के संरक्षण के लिए बधाई भी दी।
हिमाचल प्रदेश में कोरोना की रफ़्तार लगातार बढ़ती जा रही है। संक्रमण के आंकड़ों में हर दिन बढ़ोतरी हो रही है। वहीं, कोरोना की संक्रमण दर भी अब आठ प्रतिशत को पार कर चुकी है। बीते कल को स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रदेश भर में कुल 5226 लोगों के सैंपल लिए थे। इनमें से 422 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं, जबकि दो लोगों की कोरोना से मौत हुई है। इनमें एक मौत ऊना और एक मौत कुल्लू जिला में हुई है। कोरोना के नए मामले कोरोना वायरस के नए मामलों में बिलासपुर जिला में 30, चंबा में 10, हमीरपुर में 71, कांगड़ा में 126, किन्नौर में सात, कुल्लू में आठ, लाहुल-स्पीति में आठ, मंडी में 85, शिमला में 23, सिरमौर में 21, सोलन में 20 और ऊना जिला में 14 नए मामले आए हैं। इन मामलों के साथ ही प्रदेश में कोरोना के एक्टिव केस 1762 हो चुके हैं, जबकि संक्रमण दर प्रदेश में 8.7 प्रतिशत हो चुकी है। कोरोना का संक्रमण मंडी, हमीरपुर और कांगड़ा जिला में सबसे ज्यादा है। एक्टिव केस की बात करें तो कांगड़ा जिला में 394, बिलासपुर में 143, चंबा में 171, हमीरपुर में 314, कांगड़ा में 392, किन्नौर में 26, कुल्लू में 60, लाहुल-स्पीति में 20, मंडी में 315, शिमला में 136, सिरमौर में 112, सोलन में 117 और ऊना में 56 एक्टिव केस है। स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से अपील की है कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए कोविड प्रोटोकॉल का पालन करे।
जनजातीय क्षेत्र भरमौर की ग्राम पंचायत कुगति में केलंग वजीर मंदिर के कपाट 13 अप्रैल को श्रद्धालुओं के लिए खुल जाएंगे। यह जानकारी अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी भरमौर नरेंद्र कुमार चौहान की अध्यक्षता में विभिन्न विभागीय अधिकारियों के साथ हुई बैठक में दी गई। अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी भरमौर ने बैठक में उपस्थित सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए सड़क, पानी, साफ-सफाई, बिजली के अलावा अन्य जरूरी व्यवस्था बनाना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि केलंग वजीर मंदिर परिसर में किसी भी प्रकार के मादक पदार्थ ले जाना निषेध है। उन्होंने खंड विकास अधिकारी भरमौर को निर्देश देते हुए कहा कि गांव के आसपास नशा निषेध संबंधी बोर्ड स्थापित किए जाए, ताकि कोई भी व्यक्ति मंदिर के आसपास किसी भी प्रकार के नशीले पदार्थों का सेवन न करे और मंदिर की पवित्रता बनी रहे। उन्होंने कहा कि उक्त ऐतिहासिक मंदिर के कपाट क्षेत्र में होने वाली भारी बर्फबारी के कारण नवंबर माह के बाद करीब चार माह के लिए बंद कर दिए गए थे, जिस कारण मंदिर में किसी भी प्रकार की पूजा अर्चना नहीं हो पाती। मंदिर के कपाट खुलते ही देश और प्रदेश से व्यापक स्तर पर श्रद्धालुओं का केलंग वजीर मंदिर में आवाजाही शुरू हो जाएगी। बैठक में वन मंडल अधिकारी नरेंद्र सिंह, तहसीलदार भरमौर अशोक कुमार व कार्यवाहक खंड विकास अधिकारी गोपाल सिंह सहित विभिन्न विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले के डलहौजी की रहने वाली प्रियंका ने दिल्ली न्यायिक सेवा परीक्षा पास कर प्रदेश का नाम रोशन किया है। वे अब दिल्ली में सिविल जज के रूप में सेवाएं देंगी। प्रियंका हिमाचल प्रदेश के जिला चंबा की डलहौजी तहसील से सम्बंध रखती हैं। उन्होंने अपनी शुरूआती पढ़ाई डलहौजी के सरकारी स्कूल से प्राप्त की। बीकॉम, एलएलबी व एलएलएम की शिक्षा दिल्ली विश्वविद्यालय से हासिल की। वर्तमान में प्रियंका हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला से लॉ में पीएचडी कर रही हैं। इन्होंने पढ़ाई के साथ ही ज्यूडिशियल परीक्षा पास की है। प्रियंका ने कामयाबी का श्रेय माता-पिता, व अध्यापकों को दिया है। उन्होंने कहा कि कठोर परिश्रम और लग्न से जीवन में किसी भी मनचाहे मुकाम को हासिल किया जा सकता है।
चंबा जिला के चमीणू स्थित नॉट ऑन मैप एचटूओ हाउस में चंबा व ब्रिटिश संस्कृति का मिलन हुआ। ब्रिटेन से वेंडी डोलन की अगवाई में चंबा पहुंचे 20 लोगों के दल ने यहां पहुंचकर चंबा रुमाल के बारे में विस्तार से जानकारी हासिल की। जैसे ही ब्रिटिश दल चमीणू पहुंचा तो यहां चल रहे वैदिक गुरुकुल के विद्यार्थियों ने उनका मंत्रोच्चारण व तिलक से भव्य स्वागत किया। वैदिक गुरुकुल के विद्यार्थियों की ओर से किए गए भव्य स्वागत से दल के सभी सदस्य गदगद हो उठे। यह दल आहिल्या होलिडेस ट्रैवल एजेंसी के साथ चंबा पहुंचा। आहिल्या होलिडेस ट्रैवल एजेंसी की ओर से जिला चंबा के चमीणू स्थित एचटूओ हाउस में चंबा रुमाल पर कार्यशाला व सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन किया गया। इसमें नॉट ऑन मैप संस्था का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा। कार्यशाला में उपायुक्त चंबा डीसी राणा ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। जबकि, पदमश्री विजय शर्मा विशेष तौर पर उपस्थित रहे। उपायुक्त ने कार्यशाला का आगाज करते हुए चंबा रूमाल के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि चंबा रुमाल यहां की बेहतरीन कला का बेमिसाल नमूना है। यहां पर पहुंचने के बाद वेंडी डोलन व समूह के अन्य सदस्यों ने पद्मश्री विजय शर्मा से चंबा रुमाल की बारीकियों के बारे में विस्तार से जाना। पद्मश्री विजय शर्मा ने दल को बताया कि चंबा रूमाल रियासत काल से ही काफी प्रसिद्ध रहा है। इसे तैयार करने के लिए काफी मेहनत लगती है। इस पर कढ़ाई करने के लिए काफी समय लगता है। वहीं, दल ने चंबा रूमाल को तैयार करने की तकनीक भी सीखी। साथ ही यह भी माना कि चंबा रुमाल को तैयार करना काफी मेहनतभरा व बारीक कार्य है। इस दौरान चंबा के सांस्कृतिक दलों की ओर से सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए। जिसे देखकर ब्रिटिश ग्रुप काफी उत्साहित दिखा। वहीं, आहिल्या होलिडेस ट्रैवल एजेंसी चलाने वाले ईशा व अनूप ने कहा कि उनके द्वारा विभिन्न दलों को देश के कोने-कोने में ले जाकर कला व संस्कृति के बारे में अवगत करवाया जा रहा है। चंबा रुमाल कला काफी स्मृद्ध है। इसलिए आने वाले समय में भी वह दोबारा विभिन्न दलों के साथ यहां पहुंचेंगे तथा चंबा रूमाल की बारीकियों से अवगत करवाएंगे। उधर, नॉट ऑन मैप संस्था के सह-संस्थापक मनुज शर्मा ने कहा कि चंबा रूमाल कला को समझने के लिए इससे जुड़ना बहुत जरूरी है। चंबा रुमाल एक ऐसी कला है, जिसने न केवल प्रदेश व देश, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी अपना लोहा मनवाया है। इस कला से चंबा के विभिन्न समूह जुड़े हुए हैं। इस मौके पर मां दुर्गा स्वयं सहायता समूह से राष्ट्रीय अवार्डी अनीता, पूनम, सुमन, रेनू, पूजा, किरण, मनीषा, करीना, पूजा तथा दक्षिता, नारायण स्वयं सहायता समूह कुंडी से सुनीता, प्रधान लक्ष्मी देवी, उपप्रधान सुरेंद्र जरयाल, नॉट ऑन मैप संस्था से सूरज, दिवांकिता शाह, तनू, सुरिंद्र, अनूप, हनीफ, विशाल तथा राकेश शेखरी, गाबदिका स्वयं सहायता समूह से शंकर कुमार, पहचान एवं चंबा रीडिस्कवर्ड स्वयं सहायता समूह से ज्योति, निशा, आरती, अनीशा, प्रिया, मनीषा, रफी हाउस से मोहम्मद रफी आदि मौजूद रहे।
एनपीएस कर्मचारी महासंघ की जिला इकाई की बैठक रविवार को मुख्यालय बचत भवन परिसर में संपन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता महासंघ के जिला प्रधान सुनील जरयाल ने की। बैठक में पुरानी पेंशन योजना बहाली पर आयोजित होने वाले आभार समारोह की तैयारियों को लेकर चर्चा की गई। सुनील जरयाल ने बताया कि आभार समारोह में हरेक जिला से परिवार सहित दस हजार से अधिक कर्मचारी हिस्सा लेंगे। आभार सेल्फी एट धर्मशाला समारोह का मुख्य आकर्षण रहेगा। उन्होंने बताया कि डोर टू डोर कैंपेन चलाकर सभी विभागों के कर्मचारी साथियों को न्यौता दिया जाएगा। बैठक में राज्य उपाध्यक्ष उत्तम चंद, जिला महासचिव विजय शर्मा, राज्य प्रचार सचिव अमित जरयाल, चंबा खंड के प्रधान विशाल मियां आदि मौजूद रहे।