भारतीय जनता पार्टी प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद सुरेश कश्यप ने जारी एक प्रैस बयान में कहा कि विश्व के सबसे लोकप्रिय नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 17 सितम्बर को जन्मदिवस है तथा पार्टी प्रत्येक वर्ष प्रधानमंत्री का जन्मदिवस "सेवा सप्ताह’’ के रूप में मनाती है। प्रत्येक वर्ष पार्टी के सभी कार्यकर्ता विभिन्न प्रकार के सेवा के कार्यक्रम पूरे सप्ताहभर करके प्रधानमंत्री की दीर्घायु व स्वस्थ जीवन की कामना करते हैं। यह सेवा सप्ताह 14 सितम्बर से 20 सितम्बर, 2020 तक पूरे प्रदेश में मनाया जाएगा जिसके लिए प्रदेश उपाध्यक्ष राम सिंह को प्रभारी बनाया गया है। सुरेश कश्यप ने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का 70वां जन्मदिवस है इसलिए इस सेवा सप्ताह में प्रत्येक मण्डल में कम से कम 70 दिव्यांगों को विभिन्न प्रकार के कृत्रिम अंग एवं उपकरण प्रदान करने का पार्टी ने निर्णय लिया है। इसी प्रकार गरीब भाईयों एवं बहनों को आवश्यकतानुसार चश्में प्रदान किए जाएंगे। उन्होनें कहा कि प्रत्येक जिले में गरीब बस्ती एवं अस्पतालों में कोविड-19 के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए फल वितरण के कार्यक्रम किए जाएंगे तथा कोविड-19 से प्रभावित 70 लोगों को स्थानीय आवश्यकतानुसार एवं अस्पताल के माध्यम से प्लाजमा डोनेट किए जाएंगे। इस कार्यक्रम के लिए प्रदेश उपाध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री प्रवीण शर्मा को प्रभारी बनाया गया है।
सरकार ने 4 सितंबर को कैबिनेट बैठक में धार्मिक स्थलों को खोलने का निर्णय लिया था जिसके बाद आज प्रदेश में धार्मिक स्थलों को खोल दिया गया है। इसे ले कर एसओपी जारी किए गए। देवभूमि हिमाचल प्रदेश में भी आज सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार मंदिरों के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। शिमला स्थित प्रसिद्ध तारादेवी मंदिर , जाखू मंदिर एवं संकटमोचन मंदिर सहित अन्य धार्मिक स्थलों में श्रद्धालुओं ने दिशा-निर्देशों के अनुसार ही दरशन किए। एसओपी के तहत मंदिर परिसरों में सभी तैयारियां की जा चुकी हैं। सराहन स्थित प्रसिद्ध मां भीमाकाली मंदिर में सुबह सात से शाम साढ़े छह बजे तक भक्तों को माता के दर्शन करने की अनुमति रहेगी। शाम सात बजे मंदिर के कपाट बंद होंगे। मां चिंतपूर्णी का दरबार सुबह 9 से शाम 7 बजे तक श्रद्धालुओं के लिए खुलेगा। श्रद्धालु प्रसाद ले जा सकेंगे, लेकिन इसे चढ़ाने पर मनाही रहेगी। श्री नयना देवी जी मंदिर में रोजाना एक हजार श्रद्धालु दर्शन कर पाएंगे। मंदिर में 60 साल से अधिक और 10 साल से कम उम्र के बच्चों और गर्भवती महिलाओं के प्रवेश पर फिलहाल रोक रहेगी। शक्तिपीठ बज्रेश्वरी मां के दर्शन भक्त सुबह सात से शाम सात बजे तक करेंगे। मां चामुंडा के दर्शन भी इसी समय हो सकेंगे। हरियाणा और हिमाचल की सीमा पर त्रिलोकपुर स्थित माता बालासुंदरी मंदिर, पांवटा साहिब के ऐतिहासिक गुरुद्वारे में सुरक्षा के विशेष इंतजाम हैं। दियोटसिद्ध स्थित बाबा बालक नाथ मंदिर में दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को ई-पास बनवाना होगा। मंदिर प्रतिदिन सुबह छह बजे खुलेगा और शाम 7 बजे बजे बंद होगा। प्रतिदिन लगभग 500 श्रद्धालुओं को दर्शन की अनुमति दी जाएगी।
मेष आज के दिन आत्ममथंन कई मुश्किलों से बाहर निकालने में आपकी मदद करेंगे। ऑफिशियल कार्यों में भी जल्दबाजी के चलते गलती होने की प्रबल आशंका बनी हुई है, हो सकता है पिछला कार्य पुनः करना पड़ जाए। कारोबार को बढ़ाने के लिए अपनी क्षमता व योग्यता का पूरा प्रदर्शन करेंगे जिसमें सफलता भी मिलेगी। युवाओं के कुछ सपने अधुरे रहने से मन उदास रहेगा। सेहत में शारीरिक कमजोरी महसूस होगी जो किसी स्वास्थ्य संबंधित बीमारी का कारण बन सकती है, थैरपी लेने के लिए समय उपयुक्त चल रहा है। घर पर रहते हुए सदस्यों के साथ फैमली डिनर की प्लानिंग कर सकते हैं। वृष आज के दिन मन में द्वंद की स्थिति रहेगी जो कार्यों में अनेक अवरोध डाल सकती है। जिस पर आप सबसे ज्यादा विश्वास करते हैं, वहीं अविश्वास का कारण बन सकता है। कर्मक्षेत्र में सहकर्मियों से संपर्क को कमजोर न होने दें, वर्तमान समय में यह बेहद जरूरी है। व्यावसायिक गतिविधियाँ सामान्य रूप से चलती रहेंगी, साथ ही छोटे-मोटे निवेश करने के लिए दिन उपयुक्त है। हेल्थ की बात करें तो आंखों में दर्द या इंफेक्शन की समस्या उत्पन्न हो सकती है इसका तुरंत इलाज करना ही सही रहेगा, अन्यथा भविष्य में परेशानियां झेलनी पड़ेगी. संतान से संबंधित कोई शुभ सूचना मिलने की संभावना है। मिथुन आपके मूड में बारंबार परिवर्तन आने के कारण मन में अनिश्चितता रहेगी । परिणामस्वरूप मानसिक अस्वस्थता अनुभव करेंगे। पारिवारिक सदस्यों के साथ बातचीत करके और आवश्यक लगे तो विशेषज्ञों की सलाह लेकर बेचैनी कम कर सकेंगे। स्वास्थ्य का ध्यान रखने की गणेशजी की सलाह है। कर्क गणेशजी की कृपा से आज आप जो कुछ भी विचार करेंगे और युक्ति-प्रयुक्तियों को अजमाएँगे उसमें आपको सफलता मिलेगी। विद्यार्थी अध्ययन में अच्छा प्रदर्शन करेंगे तथा अधूरे कार्य पूरे होंगे। आप अपनी कल्पनाशक्ति का अच्छा चमत्कार दर्शा सकेंगे। संक्षेप में आज का दिन आपके लिए खुशी का और विविधतापूर्ण रहेगा सिंह आज के दिन आध्यात्मिकता की तरफ भी थोड़ा रूझान बढ़ाना चाहिए, जिससे आप प्रसन्नता व आत्मिक शांति का अनुभव करेंगे। ऑफिशियल कार्य समय रहते पूर्ण होंगे जिससे अन्य कार्यों के लिए भी पर्याप्त समय मिलेगा। व्यापारियों का बैंकिग संबंधित कार्य में रुकावट आने की वजह से मन में झुंझलाहट रहने की आशंका है। युवाओं को मनपसंद विषयों में अच्छे परिणाम मिलने से वह प्रसन्न रहेंगे। मुंह में छालें हो सकते हैं, यह समस्या पेट की गर्मी की वजह से होगी। संतान की हैबिट्स पर ध्यान रखें. अगर आपकी संतान छोटी है तो खेलते समय उसका विशेष ध्यान रखें, गिर कर चोट लग सकती है। कन्या आशावादी बनें और उजले पक्ष को देखें। आपका विश्वास और उम्मीद आपकी इच्छाओं व आशाओं के लिए नए दरवाज़े खोलेंगी। भविष्य में अगर आपको आर्थिक रुप से मजबूत बनना है तो आज से ही धन की बचत करें। आपका मज़ाकिया स्वभाव सामाजिक मेल-जोल की जगहों पर आपकी लोकप्रियता में इज़ाफ़ा करेगा। आप अपने प्रिय की बांहों में आराम महसूस करेंगे। आज अनुभवी लोगों से जुड़कर जानने की कोशिश करें कि उनका क्या कहना है। यदि आपको व्यस्त दिनचर्या के बाद भी अपने लिए समय मिल पा रहा है तो आपको इस समय का सदुपयोग करना सीखना चाहिए। ऐसा करके अपने भविष्य को आप सुधार सकते हैं। आप और आपका हमदम एक-दूसरे से आज एक-दूसरे की ख़ूबसूरत भावनाओं का इज़हार कर सकेंगे। तुला ससुराल वालों से नाराजगी और किसी बात को लेकर लड़ाई हो सकती है। बात करते समय अपना संयम न खोए किसी पेचीदा बात को रखते समय ना सीमा का उल्लंघन करें, ना होने दें। वरिष्ठ व्यक्ति की जिद के आगे आज आपको झुकना पड़ेगा। अहंकार आपका सबसे बड़ा शत्रु होगा। बहुत कष्ट से किए हुए काम में असफलता मिल सकती है। लेकिन, अपना आत्मविश्वास कम ना होने दें। अगर बात किसी जमीन से जुड़े मुद्दे की है, तो अपनी बात पर कायम रहें। वृश्चिक शारीरिक बीमारी के सही होनी की काफ़ी संभावनाएँ हैं और इसके चलते आप शीघ्र ही खेल-कूद में हिस्सा ले सकते हैं। जो लोग काफी वक्त से आर्थिक तंगी से गुजर रहे थे उन्हें आज कहीं से धन प्राप्त हो सकता है जिससे जीवन की कई परेशानियां दूर हो जाएंगी। अपने जीवन-साथी के साथ प्यार, अपनापन और स्नेह महसूस करें। मुहब्बत की टीस आज रात आपको सोने नहीं देगी। आप क़ामयाबी ज़रूर हासिल करेंगे – बस एक-एक करके महत्वपूर्ण क़दम उठाने की ज़रूरत है। आपके पास समय तो होगा लेकिन बावजूद इसके भी आप कुछ ऐसा नहीं कर पाएंगे जो आपको संतुष्टि दे। जीवनसाथी के साथ एक आरामदायक दिन बीतेगा। धनु आज का दिन आपके लिए मध्यम रूप से फलदायक रहेगा। आपको अपने विरोधियों से कुछ परेशानी हो सकती है। घर परिवार के लोग किसी बात को लेकर वाद-विवाद कर सकते हैं। आप एक बुद्धिमान व्यक्ति की तरह उन्हें कोई काम की सलाह देंगे जो बहुत काम आएगी। शादीशुदा लोगों के गृहस्थ जीवन के लिए दिनमान अच्छा रहेगा। प्रेम जीवन बिता रहे लोग रिश्ते में कुछ दिक्कतें महसूस करेंगे। आपका प्रिय गुस्से में आकर आपको उल्टा सीधा बोल सकता है। इनकम सामान्य रहेगी और सेहत बढ़िया रहेगी। काम के सिलसिले में दिनमान आपके पक्ष में रहेगा। मकर अच्छी चीज़ों को ग्रहण करने के लिए आपका दिमाग़ खुला रहेगा। नौकरी पेशा से जुड़े लोगों को आज धन की बहुत आवश्यकता पड़ेगी लेकिन बीते दिनों में किये गये फिजुलखर्च के कारण उनके पास पर्याप्त धन नहीं होगा। कोई ऐसा रिश्तेदार जो बहुत दूर रहता है, आज आपसे संपर्क कर सकता है। आप रोमांटिक ख़यालों और सपनों की दुनिया में खोए रहेंगे। दफ़्तर की राजनीति हो या फिर कोई विवाद, चीज़ें आपके पक्ष में झुकी नज़र आएंगी। खेलकूद जीवन का जरुरी हिस्सा है लेकिन खेलकूद में इतने भी व्यस्त न हो जाएं कि आपकी पढ़ाई में कमी आ जाए। मुमकिन है कि आपके माता-पिता आपके जीवनसाथी को कुछ शानदार आशीर्वाद दें, जिसके चलते आपके वैवाहिक जीवन में और निखार आएगा। कुंभ आपके लिए आज का दिन अच्छा रहेगा। पारिवारिक जिम्मेदारियां निभाएंगे और सेहत को लेकर थोड़े चिंतित हो सकते हैं लेकिन परिवार वालों का सहयोग हर काम में आपको मिलेगा जिससे काम के सिलसिले में आपको अच्छे नतीजे मिलेंगे। आपके मित्र और आपके साथ काम करने वाले लोग आपको सपोर्ट करेंगे। प्रेम जीवन बिता रहे लोगों के लिए दिनमान अच्छा रहेगा। शादीशुदा लोगों के गृहस्थ जीवन में तनाव दिखाई देगा। मीन ऐसी गतिविधियों में शामिल हों जो रोमांचक हों और आपको सुकून दें। धन का आगमन आज आपको कई आर्थिक परेशानियों से दूर कर सकता है। वैवाहिक बंधन में बंधने के लिए अच्छा समय है। आज के दिन रोमांस के नज़रिए से कोई ख़ास आशा नहीं की जा सकती है। कामकाज के मोर्चे पर आपकी कड़ी मेहनत ज़रूर रंग लाएगी। हितकारी ग्रह कई ऐसे कारण पैदा करेंगे, जिनकी वजह से आज आप ख़ुशी महसूस करेंगे। आपके जीवनसाथी की कामकाज को लेकर व्यस्तता आपकी उदासी का कारण बन सकती है।
पहाड़ों की वादियों के बीच बसे चंबा शहर का सौंदर्य और इतिहास बहुत ही निराला है। यहां की वादियां और इमारतें बहुत सी कहानियां सुनाती हैं। ऐसे ही एक कहानी है रानी सुनैना की। रानी सुनैना यानी बलिदान और साहस कि मूर्ति। ये चंबा रियासत की वो रानी है जिन्होंने अपनी प्रजा और राज्य के उत्थान के लिए बिना किसी हिचकिचाहट के अपना बलिदान दे दिया। यूं तो चंबा शहर रावी और साल नदी के मध्य में बसा है पर एक समय ऐसा भी था जब यह शहर पीने के पानी की किल्लत से जूझ रहा था। दो नदियों के बीच बसे होने के बावजूद भी यहां पीने के लिए पानी की एक बूंद नहीं थी। उस समय चम्बा रियासत के राजा साहिल वर्मन हुआ करते थे। राजा भी इस समस्या से पूर्णतः वाकिफ थे पर वो करते भी क्या। एक रात उनकी पत्नी, रानी सुनैना को उनकी कुल देवी ने स्वप्न में दर्शन दिए और कहा कि राज घराने में से किसी को बलिदान देना होगा तभी पानी की कमी पूरी होगी। जब राजा साहिल वर्मन को रानी सुनैना ने पूरी कहानी सुनाई तो राजा वर्मन बलिदान देने के लिए तैयार हो गए। फिर रानी सुनैना ने सोचा यदि राजा बलिदान देंगे तो उनका सुहाग छिन जाएगा और राज्य के सर से भी साया उठ जाएगा, और यदि उनके पुत्र राजकुमार युगाकर बलिदान देते है तो कुल का दीपक बुझ जाएगा और वंश को आगे कौन बढ़ाएगा। ये सब सोचकर रानी सुनैना ने स्वयं बलिदान देने का फैसला लिया। इस निर्णय से पुरी चंबा रियासत में शोक व विस्मय की लहर दौड़ गई। आखिरकार रानी सुनैना बलिदान देने के लिए महल से निकल पड़ीं। आंखों में आंसू लिए उनके इस काफिले में चंबा की जनता भी शामिल थी। रास्ते मे सूही के मढ़ से रानी सुनैना ने आखिरी बार चंबा शहर पर नज़र डाली और फिर आगे बढ़ते हुए ये काफिला मलून नामक स्थान पर रुक गया। ममता और बलिदान की मूरत रानी सुनैना बलिदान देने से पहले कहा 'मेरी इच्छा है कि मेरी याद में हर वर्ष मेला लगे। इस मेले को सिर्फ स्त्रियां मनाएं और पुरुष इस में भाग न लें और न ही राज परिवार की बहुएं इस में भाग लें। इस मेले में पूजा केवल राज परिवार की कुंवारी कन्या के हाथों करवाई जाए।' बस इतना कहकर रानी सुनैना ने जिंदा समाधि ले ली। उसी समय पानी की धार फूट पड़ी और रानी सुनैना का बलिदान चंबा के लोगों के लिए अमृत बन कर बहने लगा। रानी सुनैना के बलिदान को याद करते हुए राजा साहिल वर्मन ने जिस स्थान से रानी सुनैना ने आखिरी बार चंबा को देखा था उसी सूही के मढ़ नामक स्थान पर उनके मंदिर का निर्माण करवाया। हर वर्ष इस जगह सूही के मेले का भी आयोजन किया जाता है। ये मेला 3 दिन तक चलता है और यहां केवल बच्चे और महिलाएं ही उपस्थिति दर्ज करवाते है। महिलाएं रानी की प्रशंसा में लोकगीत गाती हैं और समाधि तथा प्रतिमा पर फूल की वर्षा की जाती है।
हिमाचल प्रदेश में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे है। वहीं, मौत का आंकड़ा भी तेजी से बढ़ रहा है। मंगलवार सुबह कोरोना से एक और मौत का मामला सामने आया है। बिलासपुर की 57 वर्षीय महिला ने आईजीएमसी में दम तोड़ दिया है। वहीं, एक सरकाघाट और तीसरा शिमला के व्यक्ति की मौत हुई है। इसके साथ ही प्रदेश में कोरोना से मौत का आंकड़ा 60 पहुंच गया हैै। प्रदेश में संक्रमितों का कुल आंकड़ा 7660 पहुंच गया है। 2234 सक्रिय मामले हैं। 5359 मरीज ठीक हो गए हैं। बता दें सोमवार को 262 कोरोना पॉजिटिव मामले आए थे।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग चंबा द्वारा 7th सितंबर के दिन पहला अंतर्राष्ट्रीय ‘स्वच्छ वायु दिवस’ मनाया गया। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी, चंबा, डॉ राजेश गुलेरी ने बताया कि भारत में बाहरी वायु प्रदूषण के कारण प्रतिवर्ष 670,000 लोगों की और घरेलू वायु प्रदूषण के कारण 480,000 मृत्यु होने का अनुमान है। वायु प्रदूषण के कारण फेफड़ों के कैंसर, अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और स्ट्रोक सहित श्वसन और हृदय रोग जैसी बिमारियों को बढ़ाता है। इसके नतीजे कमजोर आबादी जैसे बच्चों, गर्भवती महिलाओं और वृद्धों और जो लोग निर्माण या विनिर्माण उद्योगों में काम कर रहे हैं, उनके कब्जे के कारण वायु प्रदूषण के संपर्क में हैं। इस अवसर पर उन्होंने कार्यालय परिसर में पौधे लगाए। उन्होंने जिले के लोगों से वायु को स्वच्छ रखने की अपील की जिसके लिए अधिक से अधिक पेड़ पौधे लगाए जाएं, लोगों को घर पर जीवाश्म ईंधन और आग के चूल्हे का उपयोग कम कर देना चाहिए, दो पहिया और चार पहिया वाहनों का उपयोग करने के बजाय कम दूरी के लिए पैदल चलना चाहिए। इस अवसर पर जिला स्वास्थ्य अधिकारी, डॉ गुरमीत कटोच, जिला कार्यक्रम अधिकारी, डॉ हरित पुरी, डॉ जालम, दीपक जोशी भी उपस्थित रहे।
पहाड़ी भाषा एवं संस्कृति को संरक्षित रखने की बेहतरीन सोच के साथ, तेज़ी से आगे बढ़ रहा है दी मॉडर्न फोक नोट। हाल ही में रिलीज़ हुए दी मॉडर्न फोक नोट 6 को दुनिया भर में पसंद किआ जा रहा है । ए सी भरद्वाज द्वारा गाई गई इन सीरीज को प्रदेश और देश के साथ साथ विश्व के भी अन्य 35 देशों की जनता से भरपूर प्यार मिल रहा है । इस प्यार की ख़ास वजह यह भी है कि मॉडर्न फोक नोट एक नई सोच ले कर सामने आया है जिसमे उन्होंने युवाओं के बीच लोक संगीत का रुझान बढ़ाने के लिए, मॉडर्न बीट्स एवं पहाड़ी गानों का मिश्रण किया है। मॉडर्न फोक नोट की 5 सीरीज पहले ही यू ट्यूब पर आ चुकी हैं जिन्हें दुनिया भर से बहुत प्यार एवं सम्मान मिला है । मॉडर्न नोट 6 इसी सीरीज को आगे बढ़ाते हुए प्रसारित किया गया , एवं कुछ ही दिनों में 3 लाख से भी ज़्यादा लोगों द्वारा देखा जा चूका है।
हिमाचल के चंबा में दो स्वास्थ्य कर्मियों समेत तीन कोरोना पाॅजिटिव मरीज पाए गए है। इनमें एक सीआईडी यूनिट चंबा का कर्मचारी भी शामिल है। 4 सितम्बर को जाँच के लिए कुल 239 सैंपल लिए गए थे जिसमे से तीन पोसिटिव पाए गए है, वहीं 176 सैम्पल की रिपोर्ट आना अभी बाकि है। पॉजिटिव पाए गए तीन व्यक्तियों में से एक 26 वर्षीय महिला है जो की JLNMC चम्बा की स्वस्थ्य कर्मी है। DIET सरु का एक 26 वर्षीय स्वास्थ्य कर्मी जो की इंस्टीटूशनल क्वारंटाइन में था, और एक 41 वर्षीय CID यूनिट चम्बा का कर्मचारी भी कोरोना पोसिटिव पाया गया है। चम्बा जिले में संक्रमितों का आंकड़ा 478 पहुंच गया है। 112 सक्रिय मामले हैं और 361 मरीज ठीक हो चुके हैं। इसके अलावा मंडी से 12 नए मामले, काँगड़ा से 9 नए मामले और कुल्लू से 1 नया पॉजिटिव मामला सामने आया है जिनकी पूरी जानकारी आना अभी बाकी है। इसके साथ ही प्रदेश में कोरोना संक्रमितों का कुल आंकड़ा 6855 पहुंच गया है। 1823 सक्रिय मामले हैं। 4932 मरीज ठीक हो गए हैं। 45 मरीज राज्य के बाहर चले गए हैं और 51 की मृत्यु हो चुकी है।
हिमाचल को देवभूमि यूं ही नहीं कहा जाता। यहां के तीर्थ स्थल और देवी देवताओं के मंदिर इस बात के गवाह हैं की भगवन स्वयं यहां बसते हैं। प्रदेश का कोई ऐसा जिला नहीं है जहां ऐतिहासिक मंदिर न हों। इन्ही में से एक मंदिर है चंबा का ऐतिहासिक लक्ष्मी नारायण मंदिर, जिसकी अनूठी निर्माण कला और उसका इतिहास लोगों में बरबस ही मंदिर की प्रति जिज्ञासा पैदा करता है। कब हुआ था निर्माण? चंबा क्षेत्र के सबसे पुराने मंदिरों में से एक, इस मंदिर का निर्माण 10वीं सदी में राजा साहिल वर्मन द्वारा करवाया गया था। राजा साहिल वर्मन ने इस मंदिर को 920 और 940 ई. के बीच अपने शासनकाल के दौरान बनवाया। मंदिर में कुल 6 श्राइन है जिसमें हिंदू देवताओं की मूर्ति स्थापित की गई हैं। मंदिर परिसर में अन्य मंदिरों में शामिल राधा कृष्ण मंदिर का निर्माण रानी शारदा ने 1825 में करवाया था। वहीं चंद्रगुप्त का शिव मंदिर साहिल वर्मन व गौरी शंकर मंदिर को उनके पुत्र युगकर वर्मन ने बनवाया था। मंदिर की खासियत यह मंदिर शिखर शैली में निर्मित है। मंदिर में एक विमान और गर्भगृह है। मंदिर का ढांचा मंडप के समान है। मंदिर की छतरियां और पत्थर की छत इसे बर्फबारी से बचाती है। मंदिर के मुख्य द्वार पर विष्णु का वाहन गरुड़ की धातु की बनी प्रतिमा सुशोभित हो रही है। मूलतः यह मंदिर भगवान विष्णु पर केंद्रित है। मंदिर में स्थित लक्ष्मी नारायण की मूर्ति दुर्लभ संगमरमर (marble) से बनी हुई है जिसे विंध्य पर्वत से यहाँ लाया गया था। इस मूर्ति के चार मुख और चार हाथ हैं। मूर्ति की पृष्ठभूमि में तोरण है, जिस पर दस अवतारों की लीला चित्रित की गई है। मंदिर से जुड़ी धारणा क्षेत्र में लोकप्रिय धारणा है कि राजा साहिल वर्मन ने संगमरमर लाने के लिए अपने आठ पुत्रों की बलि दी थी। अंत में उनके सबसे बड़े पुत्र, जिनका नाम युगकारा था, संगमरमर हासिल करने में सफल रहे। राजा पर भी लूटेरों ने हमला किया था पर एक संत की मदद से वह अपने आप को बचाने में सफल रहे। इस मंदिर के बारे में एक और धारणा यह भी है की सबसे पहले ये मंदिर चंबा के चौगान में स्थित था परन्तु बाद में इसे वर्तमान स्थल पर स्थापित किया गया।
प्रदेश में कोरोना से एक और मौत हो गई है। डॉ वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज नाहन में एक 70 वर्षीय महिला ने वीरवार देर रात दम तोड़ दिया। सिरमौर में कोरोना से यह तीसरी मौत हुई है। मृतक महिला पांवटा साहिब की रहने वाली थी जिसे 1 सितंबर को पांवटा साहिब सिविल अस्पताल से डॉ वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया था। डायबटीज व हाईपरटेंशन रोग से ग्रसित इस महिला का नाहन मेडिकल कॉलेज में कोरोना टेस्ट पॉजिटिव पाया गया था। 3 सितंबर को देर रात आइसोलेशन वार्ड में भर्ती इस महिला ने दम तोड़ दिया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी सिरमौर डॉ केके पराशर ने बताया कि पांवटा साहिब में कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत मृतक का अंतिम संस्कार किया गया है। इसी के साथ प्रदेश में अब कोरोना संक्रमण से मरने वालों का आंकड़ा 48 हो गया है।
निदेशक सेना भर्ती कर्नल तनवीर सिंह मान ने बताया कि पड्डल मैदान जिला मण्डी में 6 अक्तूबर से 14 अक्तूबर, 2020 तक सेना भर्ती कार्यालय मण्डी द्वारा जिला शिमला, सोलन, सिरमौर और किन्नौर के युवाओं के लिए भारतीय सेना में भर्ती का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि यह भर्ती सैनिक तकनीकी (पुरुष), सैनिक तकनीकी (गोला बारुद परीक्षक) (एटी)(पुरुष), सैनिक तकनीकी (उड्डयन) (एक्स गु्रप)(पुरुष) तथा सैनिक तकनीकी (उपचार सहायक) (एन ए) (पुरुष) पदों के लिए होगी। उन्होंने बताया कि मापदण्ड और योग्यता के लिए सेना भर्ती कार्यालय, शिमला, हिमाचल प्रदेश द्वारा जारी 06 अगस्त, 2020 की अधिसूचना भारतीय सेना की वेबसाइट www.joinindianarmy.nic.in पर देखें। उल्लेखनीय है कि जो उम्मीदवार सेना भर्ती रामपुर बुशैहर शिमला में सैनिक तकनीकी वर्ग के लिए सेना भर्ती कार्यालय, शिमला द्वारा 16 फरवरी, 2020 को जारी अधिसूचना के तहत पहले पंजीकृत हो चुके है, उनको भी दोबारा पंजीकरण करना है।
SFI ईकाई चम्बा परिसर सह सचिव रहमतुल्ला ने बताया कि प्रदेश में सभी महाविद्यालयों में 1st ओर 2nd वर्ष के छात्रों की रोल ऑन के आधार पर अगली कक्षा में एडमिशन हो गयी है और अगली कक्षा में ऑनलाइन क्लास भी लग रही है ।लेकिन अभी भी यह स्पष्ट नही हो पा रहा है कि छात्र प्रमोट हो गए है या उनके एग्जाम अभी होने है। छात्रों को समझ ही नही आ रहा है कि वो किस क्लास की पढ़ाई करें। प्रदेश के हजारों छात्र अभी मझधार में लटके हुए है । कोरोना महामारी के दौर में अभी UG 1st ओर 2nd वर्ष की परीक्षाएँ करवाना छात्रों के स्वास्थ्य के साथ साफ तौर पर खिड़वाड होगा । स्थिति स्पष्ट न होने की वजह से छात्रों पर मानसिक दबाव बढ़ता जा रहा है । ईकाई उपाध्यक्ष प्रेम लाल ने कहा एक जनवादी , वैज्ञानिक ओर प्रगतिशील छात्र संगठन होने के नाते SFI यह मांग कर रही है कि जल्द से जल्द UG 1st ओर 2nd वर्ष के छात्रों के प्रमोशन के सम्बंध में अधिसूचना जारी की जाए ताकि छात्रों का मानसिक दबाव कम हो सके अन्यथा यह मानसिक दबाव उसके पढ़ाई करने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है। प्रेम लाल ने सरकार और hpu प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर जल्द से जल्द छात्रों को प्रमोट नही किया जाता है तो SFI छात्र समुदाय को इकठा कर आंदोलन करने को तैयार है जिसके परिणाम की सारी जिम्मेदारी हिमाचल सरकार और hpu प्रशासन की होगी । इस मौके पर प्रेम लाल , भूपेंद्र सिंह, रहमतुल्ला सहित ओर भी ईकाई सदस्य मौजूद रहे।
वो दौर था 1857 का, पूरे देश में क्रांति की ज्वाला भड़क रही थी। ऐसे में पहाड़ों की शांत वादियों में लगी चिंगारी भी कम नहीं थी। धीमें से सुलग रही इस क्रांति की चिंगारी ने जब विकराल रूप लिया तब लगभग पूरा हिमाचल इसकी जद में आ गया। 20 अप्रैल 1857, वो दिन जब पहली बार हिमाचल प्रदेश में अंग्रेज़ों के खिलाफ धधक रही ज्वाला ने विकराल रूप धारण किया। क्रांति का आगाज़ हुआ कसौली से। अंबाला राइफल डिपो के छह भारतीय सैनिकों ने कसौली थाने को आग के हवाले कर दिया। अंग्रेजों के सुरक्षित गढ़ कही जाने वाली कसौली छावनी पर हुए इस हमले से गोरे बौखला उठे और उन्होंने अन्य छावनी क्षेत्रों व कंपनी सरकार के कार्यालयों की सुरक्षा कड़ी कर दी। गोरों ने कई क्रांतिकारियों को जेलों में डाल दिया और कईयों को सूली पर चढ़ा दिया, पर सैनिकों का बलिदान ज़ाया नहीं गया। कसौली से भड़की इस ज्वाला ने पूरे हिमाचल में आज़ादी की अलख जगा दी। इसके बाद डगशाई छावनी, सुबाथू, कालका व जतोग में क्रांति की लहर दौड़ी। उधर कांगड़ा, नूरपुर, धर्मशाला, कुल्लू-लाहुल, सिरमौर व अन्य रियासतों में भी विद्रोह प्रखर हो गया। बुशहर के राजा शमशेर सिंह, कुल्लू-सिराज के युवराज प्रताप सिंह, सुजानपुर के राजा प्रताप चंद गुप्त रूप से क्रांतिकारियों की गतिविधियों में संलिप्त हो गए। 11 मई को अंग्रेजों को मेरठ, दिल्ली और अम्बाला में विद्रोह की सुचना मिली। गोरों ने कसौली, सुबाथू, डगशाई व जतोग की छावनियों को अंबाला कूच का आदेश दिया। भारतीय सैनिकों ने इस आदेश का खुले तौर पर विद्रोह किया और बगावत का ऐलान कर दिया। 13 मई को जतोग में गोरखा रेजिमेंट ने सूबेदार भीम सिंह के नेतृत्व में देशी सैनिकों ने अंग्रेजों पर धावा बोल दिया। सिर्फ 45 क्रांतिकारियों ने 200 अंग्रेजों को धूल चटा दी। सैनिकों ने कसौली ट्रेजरी को लूटा और जतोग की तरफ बढ़ने लगे। इस बारे में अंग्रेज़ों के तत्कालीन कमिश्नर पी. मैक्सवैल ने अपनी डायरी में जिक्र किया है और हैरानी जताई है कि कैसे मुट्ठीभर क्रांतिकारियों ने अपने से चार गुना अधिक अंग्रेजी सेना को हरा दिया था। इसके बाद विद्रोह की डोर स्थानीय पुलिस ने अपने हाथों में ली। स्थानीय पुलिस गार्ड के दरोगा बुद्धि सिंह जतोग पर कब्जे के लिए रवाना हो गए। जतोग पहुँचते पहुँचते रास्ते में अंग्रेजी सेना ने कुछ क्रांतिवीरों को पकड़ लिया तो कुछ मारे गए। जबकि बुद्धि सिंह ने गोरों के हाथों मरने से भला स्वयं को गोली मरना समझा और वो शहीद हो गए। पहाड़ी रियासतों में क्रांति योजनाबद्ध तरीके से हो रही थी, जिसके लिए एक गुप्त संगठन बना हुआ था, जिसके सदस्य सूचनाओं को यहां-वहां पहुंचाया करते थे। पहाड़ों में इस क्रांति के नेता पंडित राम प्रसाद वैरागी थे। वैरागी सुबाथू मंदिर में पुजारी थे। वे संगठन पत्रों के माध्यम से संदेश भेजा करते थे। 12 जून 1857 को इस संगठन का कुछ पत्र अंबाला के कमिश्नर जीसी बार्नस के हाथ लगे, जिसमें दो पत्र राम प्रसाद वैरागी के भी थे। इसके साथ ही संगठन का भेद खुल गया। वैरागी को पकड़ कर अंबाला जेल में फांसी पर चढ़ा दिया गया। क्रांतिकारियों को सहयोग न मिला व अंग्रेज़ों ने 1857 के विद्रोह को दो महीनो में ही दबा दिया और प्रदेश में लगी विद्रोह की ज्वाला कुचल दी गई।
जब जब स्वतंत्रता संग्राम की बात की जाती है तो पहाड़ के जांबाज़ों का ज़िक्र न हो ऐसा हो नहीं सकता। स्वतंत्रता संग्राम में हिमाचल प्रदेश के सपूतों ने महात्मा गांधी के साथ कदम से कदम मिलाकर जो योगदान दिए वो किसी से कम नहीं। देवभूमि के वीर सपूतों ने ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ जो आंदोलन का बिगुल बजाया तो उसकी गूंज पूरे भारत वर्ष को सुनाई दी। चाहे 1857 की महाक्रांति हो या 15 अगस्त 1947 तक का आंदोलन हो, छोटे से पहाड़ी प्रदेश हिमाचल ने भी इनमें अहम भूमिका निभाई। आजादी की लड़ाई के लिए हिमाचल में गुरिल्ला बम बने। सशस्त्र क्रांतियां हुईं। हजारों क्रांतिकारियों ने पूरे दमखम से स्वतंत्रता के लिए लड़ाई लड़ी। तो आज स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य पर हम उन्हीं कुछ स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में जानेंगे। पंडित राम प्रसाद वैरागी उस समय पूरे देश में क्रांति के संचालन के लिए एक गुप्त संगठन बनाया गया था। पहाड़ों में इस क्रांति के नेता पंडित राम प्रसाद वैरागी थे। वैरागी सुबाथू मंदिर में पुजारी थे। वे संगठन को पत्रों के माध्यम से संदेश भेजा करते थे। 12 जून 1857 को इस संगठन के कुछ पत्र अंबाला के कमिश्नर जीसी बार्नस के हाथ लगे, जिसमें दो पत्र राम प्रसाद वैरागी के भी थे। इसके साथ ही संगठन का भेद खुल गया। वैरागी को पकड़ कर अंबाला जेल में फांसी पर चढ़ा दिया गया। क्रांतिकारियों को सहयोग नहीं मिला और अंग्रेज़ों ने 1857 के विद्रोह को दो महीनो में ही दबा दिया और प्रदेश में सुलगी विद्रोह की ज्वाला कुछ समय के लिए शांत हो गई। 'हिमाचल निर्माता' डॉ॰ यशवंत सिंह परमार डॉ॰ यशवंत सिंह परमार, हिमाचल निर्माता के नाम से भी जाने जाते हैं। हिमाचल के पहले मुख्यमंत्री डाॅ. परमार ने हिमाचल में विकास की नींव रखी थी। सिरमौर में जन्मे परमार सिरमौर की रियासत में 11 साल तक सब जज और मजिस्ट्रेट रहे। उसके बाद न्यायाधीश के रूप में 1937-41 तक अपनी सेवाएं दीं। इसी दौरान वह सुकेत सत्याग्रह प्रजामंडल से जुड़े। नौकरी की परवाह न करते हुए उन्होंने स्वतंत्रता की लड़ाई में अपना पूरा योगदान दिया। उनके ही प्रयासों से यह सत्याग्रह सफल हुआ। 'पहाड़ी गांधी' बाबा कांशी राम पहाड़ी गांधी कहे जाने वाले बाबा कांशीराम ने आज़ादी की लड़ाई में बेहद अहम भूमिका निभाई। उन्होंने जब तक भारत को आजादी नहीं मिल जाती तब तक काले कपड़े पहनने की शपथ ली थी। बाबा कांशी राम ने अपने पहाड़ी गीतों और कविताओं से पहाड़ी राज्य हिमाचल और देश को आजादी के लिए जगाने में सराहनीय प्रयास किए। उन्होंने गांव-गांव घूमकर अपने लिखे लोकगीतों, कविताओं और कहानियों से अलख जगाई। कांशी ने पहली बार पहाड़ी बोली को लिखा और गा-गाकर लोगों को राष्ट्रीय आंदोलन से जोड़ा। सरोजनी नायडू ने उन्हें बुलबुल-ए-पहाड़ के खिताब से नवाजा। 1930 और 1942 के बीच वो 11 बार जेल गए और अपने जीवन के 9 साल सलाखों के पीछे काटे। जेल के दिनों में लिखी हर रचना उस वक्त लोगों में जोश भरने वाली थी। ‘समाज नी रोया’, ‘निक्के निक्के माहणुआं जो दुख बड़ा भारा’, ‘उजड़ी कांगड़े देश जाना’ और ‘कांशी रा सनेहा’ जैसी कई कविताएं मानवीय संवेदनाओं और संदेशों से भरी थीं। दौलतराम सांख्यान आजादी की लड़ाई में बिलासपुर के महान स्वतंत्रता सेनानी दौलतराम सांख्यान के संघर्ष को आखिर कौन भुला सकता है। बिलासपुर में प्रजामंडल का गठन कर दौलतराम सांख्यान ने ब्रिटिश सरकार को सीधी चुनौती देकर कई मुश्किलें खड़ी कर दीं थी। ब्रिटिश सरकार ने उन्हें इस मुहिम के लिए कई यातनाएं दीं। अंग्रेजी सरकार ने उनकी चल-अचल संपत्ति तक जब्त कर ली थी। इतना ही नहीं 11 जून 1946 से 12 अक्तूबर 1948 तक रियासत से निष्कासित कर दिया गया। इसके बावजूद स्वतंत्रता संग्राम के इस सेनानी ने हार नहीं मानी और डट कर अंग्रेजों का सामना किया। कैप्टन राम सिंह ठकुरी वहीं आजाद हिंद फौज के सिपाही और संगीतकार कैप्टन राम सिंह ठकुरी ने भारत के राष्ट्र गान जन गन मन की धुन तैयार की है। उन्होंने अपनी वीरता के लिए किंग जार्ज-पंचम मेडल प्राप्त किया। जब सुभाष चंद्र बोस ने उनसे मुलाकात की तो उन्हें वोइलिन भेंट की, जिसे वह हमेशा अपने पास रखते थे। उन्होंने 'कदम-कदम बढ़ाए जा-खुशी के गीत गाए जा' जैसे सैकड़ों ओजस्वी गीतों की धुनों की रचना की। 15 अगस्त 1947 को राम सिंह के नेतृत्व में आईएनए के आर्केस्ट्रा ने लाल किले पर शुभ-सुख चैन की बरखा बरसे गीत की धुन बजाई। कौमी तराना नाम से यह गीत आजाद हिंद फौज का राष्ट्रीय गीत बना, इस गीत की ही धुन को बाद में जन-गण-मन की धुन के रूप में प्रयोग किया गया। पदम् देव पदमदेव जिला शिमला के गांव भनोल से ताल्लुक रखते थे। उन्होंने 1930 में असहयोग आंदोलन और सिविल अवज्ञा में(सिविल डिसओबेडिएंस) में भाग लिया। वह हिमालय रियासती प्रजा मंडल के संस्थापक सदस्य थे और गरीबी व अस्पृश्यता(अनटचेबिलिटी) के खिलाफ लड़े थे। 1952 में वह विधानसभा के लिए चुने गए और राज्य के पहले गृह मंत्री बने। 1957 में वह लोकसभा, 1962 में क्षेत्रीय परिषद और फिर 1967 में विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए। वह कविराज के नाम से मशहूर थे। यश पाल उस समय यश पाल कॉलेज में ही थे जब उनकी मुलाकात भगत सिंह और सुखदेव से हुई। उन्होंने चरमपंथी समूह हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन आर्मी (एचएसआरए) को ज्वाइन किया। एचएसआरए ने 1929 में लॉर्ड इरविन को ले जाने वाली ट्रेन को उड़ाने की योजना बनाई थी। यशपाल ने उस में बम से विस्फोट किया था। कई नेताओं की गिरफ्तारी के बाद यशपाल ने चंद्रशेखर आजाद को एचएसआरए को फिर से संगठित करने में मदद की। 1932 में उन्हें गिरफ्तार किया गया और वह 6 साल तक जेल में रहे। वह एक प्रतिभाशाली लेखक थे और प्रसिद्ध किताब ‘सिम्बालोकन’ सहित कई पुस्तकें लिखी थीं। उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार और पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। शिवानंद रामौल, पूर्णानंद, सत्य देव, सदा राम चंदेल, सत्यानंद स्टोक्स, ठाकुर हजक सिंह इत्यादि ऐसे अन्य प्रमुख स्वतंत्रता सैनानी रहे हैं जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में अपना योगदान दिया था। आज भले ही यह हस्तियां हमारे बीच नहीं हैं पर उनके दिए गए बलिदान को कृतज्ञ राष्ट्र कभी नहीं भूल सकता।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग चंबा द्वारा सोमवार को स्वास्थ्य कार्यक्रमों और योजनाओं के तहत बनी कमेटियों की बैठक का आयोजन मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय के सभागार में किया गया जिस की अध्यक्षता मुख्य चिकित्सा अधिकारी चंबा डॉ राजेश गुलेरी ने की। उन्होंने बताया कि इस बेठक मे परिवार क्षतिपूर्ति योजना, गुणवत्ता बीमा योजना, जैव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन, बाल मृत्यु समीक्षा, मातृ मृत्यु समीक्षा और प्रतिरक्षण के बाद प्रतिकूल घटना विषयों पर आकलन किया गया। इस बैठक में चिकित्सा अधीक्षक डॉ मोहन सिंह, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ गुरमीत कटोचं, जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ हरित पूरी, बाल रोग विशेषज्ञ डॉ विशाल महाजन, स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ अभिनव, डॉ सुनील दत्त, डॉ सुरेश और स्वस्थ्य पर्यवेक्षक और कर्मचारियों ने हिस्सा लिया।
मंगलवार, चंबा में सुबह-सुबह कोरोना का विस्फोट देखने को मिला है। जिला में एक साथ सात नए मामले सामने आए हैं। इनमें एक ही परिवार के चार सदस्य भी शामिल हैं। पॉजिटिव आए लोगों में तीन आइटीबीपी और एक सेना का जवान है। इनमें तीन लोग केरल और एक रुड़की से वापस लौटा था, यह सभी इन दिनों होम क्वारंटाइन की अवधि काट रहे थे। स्वास्थ्य विभाग ने रविवार को रेंडम सेंपलिंग के तहत इन लोगों के सैंपल जांच के लिए थे। जांच में इन चारों के सैंपल पॉजिटिव पाए गए हैं। इनमें आइटीबीपी के एक जवान के संपर्क में आने से उसकी पत्नी, बेटा व बेटी भी संक्रमित पाई गई है। इन सभी लोगों को चिकित्सक निगरानी के लिए जिला कोविड-19 केयर सेंटर बालू लाया जा रहा है। इसके साथ ही चंबा जिला में कोरोना के एक्टिव केसों की संख्या बढ़कर 16 हो गई है। उधर, सीएमओ चंबा डॉ राजेश गुलेरी ने बताया कि मंगलवार को कोरोना पॉजिटिव के 7 नए मामले सामने आए हैं इन सभी को जिला कोविड-19 सेंटर बालू शिफ्ट किया जा रहा है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग चंबा द्वारा शनिवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय चंबा के सभागार में समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया जिस की अध्यक्षता मुख्य चिकित्सा अधिकारी चंबा डॉ राजेश गुलेरी ने की व इसमें जिला के सभी खंड चिकित्सा अधिकारी और चिकित्सा अधिकारियो ने हिस्सा लिया। बैठक में सब से प्रथम मुख्य चिकित्सा अधिकारी चंबा डॉ राजेश गुलेरी ने कोविड-19 में कार्य कर रहे सभी चिकित्सा अधिकारियों और और कर्मचारियों के कार्य की सराहना की और उन्हें अब अन लोकडाउन के चरणों में दी जाने बाली स्वास्थ सुविधा के बारे में अवगत करवाया। उन्होंने कहा की कोरोना महामारी के दोरान लोगो को अन्य स्वास्थ सुविधाओं में कोई कमी नहीं रहनी चाहिए। उन्होंने कहा की कोरोना महामारी अभी खत्म नहीं हुई है इसलिए लोगो को इस बीमारी से बचने के लिए घर में रहने के और मास्क लगाने व सोशल डिस्टेंस के बारे में जागरूक करना जरुरी है। उन्होंने महत्वकांक्षी जिले को मासिक रिपोर्ट का आकलन करते हुए बताया की जिला चंबा को महत्वकांक्षी जिले की लिस्ट में बेहतर स्थान दिया गया है जिस के लिए उन्होंने सभी अधिकारियो और करमचारियो को बधाई दी. साथ ही महत्वकांक्षी जिले के अंतर्गत आने बाले स्वास्थ बिन्दुओ पर और कड़ी मेहनत करने को कहा है। जिले में चल रहे स्वास्थ्य कार्यक्रम क्षय रोग कार्यक्रम, राष्ट्रीय कुष्ठ रोग कार्यक्रम, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बैठक में जिले में चल रहे राष्ट्रीय हेल्थ मिशन के तहत चल रहे कार्यकर्मो की समीक्षा की जिस में क्षय रोग कार्यक्रम, राष्ट्रीय कुष्ट रोग कार्यक्रम, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ कार्यक्रम, जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम, एन सी डी कार्यक्रम का जायजा लेते हुए सभी कार्यक्रमों और योजनाओं को जन जन तक पहुँचाने के लिए कहा। साथ ही लोगो को स्वास्थ विभाग की और से चलाई जा रही हर कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी लोगो तक पहुचाने को कहा जिस से हर व्यक्ति इन योजनाओं का लाभ ले सके।
जिला चम्बा में गाड़ियों की पासिंग व निरीक्षण के लिए परिवहन विभाग चम्बा द्वारा जुलाई माह का शैड्यूल निर्धारित कर दिया गया है। क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी चम्बा ओंकार सिंह ने बताया कि चम्बा में 7 जुलाई, 14 जुलाई, 21 जुलाई, 24 जुलाई और 28 जुलाई को वाहनों की पासिंग की जाएगी जबकि 16 जुलाई को बनीखेत और 17 जुलाई को चुवाड़ी में वाहनों की पासिंग की जाएगी। उन्होंने बताया कि वाहनों की पासिंग व निरीक्षण का कार्य मोटर वाहन निरीक्षक चम्बा अनुराग धीमान द्वारा किया जाएगा। वाहनों की पासिंग व निरीक्षण का समय दोपहर तीन बजे तक रहेगा। उन्होंने कहा कि जारी शैड्यूल में बदलाव भी किया जा सकता है ऐसे में पासिंग करवाने के लिए आने से पूर्व आरटीओ कार्यालय चम्बा में अवश्य संपर्क करें। गाड़ियों की पासिंग व निरीक्षण के समय कोविड- 19 महामारी से बचाव के लिए भारत सरकार द्वारा जारी अधिसूचना व आदेशों की कड़ाई से पालना करना अनिवार्य होगा और सोशल डिस्टेंसिंग का भी ध्यान रखना होगा। प्रत्येक व्यक्ति मास्क लगाकर और वाहनों को सैनिटाइज करके ही पासिंग स्थल पर पहुंचें। चालक व परिचालक के अतिरिक्त किसी भी व्यक्ति को पासिंग स्थल पर प्रवेश की अनुमति नहीं मिलेगी।
पर्यटन विभाग के सौजन्य से ऑनलाइन फोटोग्राफी प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है जिसमें प्रतिभागी पहले 25 फरवरी से 25 मार्च तक अपनी प्रविष्टि डिजिटल फोटो के रूप में विभागीय ईमेल पर भेज सकते थे। जिला पर्यटन विकास अधिकारी विजय कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि विभाग द्वारा फोटोग्राफी प्रतियोगिता-2020 का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के चलते अब इस प्रतियोगिता के लिए प्रविष्टियां भेजने की अंतिम तारीख को 31 जुलाई तक बढ़ा दिया गया है। जिला चंबा का इतिहास, संस्कृति और प्राकृतिक सौंदर्य से संबंधित विषय प्रतियोगिता में शामिल किए गए हैं । सर्वश्रेष्ठ फोटोग्राफ के विजेता प्रतिभागियों को प्रथम, द्वितीय व तृतीय पुरस्कार के रूप में क्रमशः आठ हजार, पांच हजार और तीन हजार की पुरस्कार राशि प्रदान की जाएगी। इसके अतिरिक्त चार सांत्वना पुरस्कार भी दिए जाएंगे जिसकी राशि एक-एक हजार रूपए रहेगी। प्रतियोगिता में भाग लेने की पात्रता चंबा जिला का मूल निवासी व प्रतिभागी की आयु 18 वर्ष या उससे अधिक होनी निश्चित की गई है। प्रतियोगिता में प्रतिभागी केवल एक फोटो भेज सकेगा और प्रेषित की जाने वाली फोटो के साथ नाम, पता व मोबाइल नंबर देना आवश्यक होगा। फोटो का शीर्षक या व्याख्या 50 शब्दों के भीतर की जा सकेगी। उन्होंने यह भी बताया कि प्रतियोगिता के लिए भेजे गए समस्त फोटोग्राफ के कॉपीराइट विभाग के पास रहेंगे व चयनित फोटो का प्रयोग विभाग द्वारा किसी भी तरह के प्रचार- प्रसार इत्यादि कार्यों में बिना शुल्क दिए किया जा सकेगा। प्रविष्टि डिजिटल फोटो के रूप में 31 जुलाई तक विभागीय ईमेल dtdochamba@gmail.com पर स्वीकार की जाएगी। प्रेषित किए जाने वाले फोटोग्राफ का प्रारूप JPEG और न्यूनतम आकार 5MB जबकि गुणवत्ता 300 डीपीआई से कम नहीं होनी चाहिए। प्रतियोगिता में निर्णायक मंडल का फैसला अंतिम व सर्वमान्य होगा। प्रतिभागियों को यह भी लिखित में देना होगा कि उनके द्वारा भेजी गई फोटो प्रविष्टि किसी तीसरी पार्टी के अधिकारों या कॉपीराइट का उल्लंघन नहीं करती है।
हिमाचल पथ परिवहन निगम के चंबा डिपो में चालकों व परिचालकों के रात्रि व ओवरटाइम भत्ते सहित अन्य वित्तीय लाभों को डकारने के आरोपी आडिटर को प्रबंधन ने सस्पेंड कर दिया है। आरोपी आडिटर पर आरंभिक जांच में वित्तीय अनियमितताओं के आरोप सही पाए गए हैं। इसके अलावा आरोपी आडिटर डयूटी से गैर हाजिर रहकर जांच प्रक्रिया में अपनी भूमिका का सही तरीके से निर्वाहन भी नहीं कर रहा है। इसके चलते निगम प्रबंधन ने आरोपी आडिटर के खिलाफ यह नियमानुसार कडी कार्रवाई अमल में लाई है। परिवहन निगम चंबा डिपो के क्षेत्रीय प्रबंधक सुभाष रणहोत्रा ने खबर की पुष्टि की है। परिवहन निगम के चंबा डिपो में कार्यरत एक आडिटर पर वित्तीय अनियमितताएं बरतते हुए चालकों व परिचालकों के विभिन्न वित्तीय लाभों को अपने खाते में डालकर घपला करने की शिकायत मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर हुई थी। इस शिकायत का संज्ञान लेते हुए निगम प्रबंधन ने आरोपी आडिटर के खिलाफ जांच बिठाई थी। इन दिनों शिमला से चंबा पहुंची टीम आडिटर पर लगे आरोपों की जांच में जुटी हुई है।
चंबा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में स्थापित होने वाली एमआरआई और सीटी स्कैन मशीनों की बिड 25 जुलाई को खुलेगी। उपायुक्त विवेक भाटिया ने एस्पिरेशनल जिला योजना के केंद्रीय प्रभारी अधिकारी के संजयमूर्ति द्वारा दिल्ली से की गई वीडियो कॉन्फ्रेंस में भाग लेने के बाद बताया यदि यह बिड क्वालीफाई करती है तो संबंधित कंपनी को उसके बाद अगले 3 महीनों के भीतर इन मशीनों को स्थापित करना होगा। उपायुक्त ने कहा कि इन मशीनों की खरीद और उनकी स्थापना के लिए 9 करोड़ रुपए की राशि उपलब्ध भी हो चुकी है। उपायुक्त ने बताया कि इसके अलावा के संजय मूर्ति ने चंबा मेडिकल कॉलेज भवन के निर्माण, चंबा मेडिकल कॉलेज के मौजूदा अस्पताल की मरम्मत, जिले में संस्थागत डिलीवरी के सुदृढ़ीकरण और मोबाइल मेडिकल वैन की सुविधा को जल्द शुरू करने के भी निर्देश दिए। उपायुक्त ने कहा कि सरोल में मेडिकल कॉलेज भवन का निर्माण नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कंपनी करेगी। मेडिकल कॉलेज साईट पर 36 पेड़ों को काटने की भी अनुमति मिल चुकी है। उपायुक्त ने चंबा मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल को इस दिशा में जल्द कदम उठाने के लिए कहा ताकि साइट क्लीयरेंस के बाद चंबा मेडिकल कॉलेज के नए भवन का कार्य भी आरंभ हो सके। उपायुक्त ने बताया कि जिले में गर्भवती महिलाओं को संस्थागत डिलीवरी की सुविधाएं मुहैया करने के मकसद से जहां दो डिलीवरी पॉइंट को सुदृढ़ किया जाएगा वहीं 7 नए डिलीवरी प्वाइंट भी चिन्हित किए गए हैं जहां संस्थागत डिलीवरी की आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी। उपायुक्त ने कहा कि एस्पिरेशनल जिला योजना के केंद्रीय प्रभारी अधिकारी द्वारा विशेष तौर से जिले में टेलीमेडिसिन की सुविधा के अलावा राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन अभियान में देश के सभी 112 एस्पिरेशनल जिलों में चौथा स्थान हासिल करने के लिए सराहना भी की। जिले में इस समय 21 केंद्रों पर टेलीमेडिसिन की सुविधा दी जा रही है जिनमें जनजातीय पांगी और भरमौर क्षेत्र भी शामिल हैं। जिले को जल्द एक मोबाइल वैन मिलने वाली है जिसमें क्षय रोग के नमूने लेने की भी पूरी सुविधा उपलब्ध रहेगी। उपायुक्त ने यह भी बताया कि सलूणी क्षेत्र में एक शव गृह का निर्माण होगा जिसके लिए भूमि चिन्हित कर ली गई है और इसकी एफसीए क्लीयरेंस के बाद हिमुडा द्वारा इसका निर्माण किया जाएगा। केंद्रीय प्रभारी अधिकारी के साथ वीडियो कांफ्रेंस के बाद उपायुक्त ने लीड बैंक को हिदायत देते हुए कहा कि किसान क्रेडिट कार्ड की उपलब्धता का जिले में पूरा विस्तार किया जाए ताकि सभी किसान किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा के साथ जुड़कर इसका लाभ उठा सकें। उपायुक्त ने कहा कि हालांकि जिले में माइक्रो सिंचाई के क्षेत्र में विस्तार हुआ है लेकिन फिर भी मनरेगा कन्वर्जेंस के तहत और ज्यादा माइक्रो सिंचाई पर फोकस करने की जरूरत है। उपायुक्त ने कहा ये भी बताया कि केंद्रीय प्रभारी अधिकारी के निर्देशानुसार राजकीय डिग्री कॉलेज चंबा की नेशनल एसेसमेंट एंड एक्रीडिटेशन काउंसिल(नैक) से असेसमेंट और एक्रीडिटेशन की प्रक्रिया पूरी की जाएगी ताकि इस कॉलेज में विद्यार्थियों की बड़ी संख्या के मद्देनजर शिक्षा के क्वालिटी स्टेटस का लाभ मिले। उपायुक्त ने कहा कि आगामी कुछ दिनों के बाद वे एस्पिरेशनल जिला योजना के सभी पैरामीटर्स की समीक्षा बैठक करेंगे ताकि योजना का कार्यान्वयन जो कोविड-19 के चलते प्रभावित हुआ था अब गति ले। इस मौके पर चंबा मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ पीके पुरी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ राजेश गुलेरी, जिला योजना अधिकारी गौतम शर्मा के अलावा एस्पिरेशनल जिला योजना से जुड़े अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे।
चौहडा के पास डैम में वीरवार को किसी महिला की लाश बरामद हुई। महिला की अभी तक पहचान नहीं हो पाई है। पुलिस ने शव को डैम से निकालकर चंबा मेडिकल कॉलेज के शव गृह में रखा है जहां पर उसे शिनाख्त होने तक तय समयावधि तक रखा जाएगा। शव को देख लग रहा है कि शव काफी दिन पुराना है लेकिन अभी तक मृतक महिला की पहचान नहीं हो पाई है। वीरवार को पुलिस को सूचना मिली कि चौहड़ा के पास डैम में किसी महिला का शव पड़ा है। सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने स्थानीय लोगों की मदद से शव को डैम से बाहर निकाला जहां से शव को चंबा मेडिकल कॉलेज के शव गृह में पहुंचाया गया। पुलिस अब महिला की शिनाख्त करने में जुट गई है। जिला के सभी थानों व पुलिस चौकियों में संपर्क किया जा रहा है कि वहां किसी महिला के लापता होने की शिकायत तो दर्ज नहीं हुई है ताकि महिला की शिनाख्त के लिए संबंधित परिवार को बुलाया जा सके। खबर लिखे जाने तक शव की शिनाख्त नहीं हो पाई थी। पुलिस अधीक्षक डॉक्टर मोनिका ने बताया कि डैम में महिला का शव मिला है। लेकिन अभी तक शव की पहचान नहीं हो पाई है। पुलिस मामले की आगामी कार्यवाही को अंजाम दे रही है।
किसान संघर्ष समिति ने सीटू के बैनर तले सोमवार को कुठेड जल विद्युत परियोजना द्वारा लामू बनाई जा रही एडिट 2 का काम रोका दिया।किसान समिति को प्रदर्शन को संबोधित करते हुए जिला सचिव सुदेश ठाकुर ने कहा कि पिछले काफी समय से लोगों को कंपनी के द्वारा गुमराह किया जा रहा है। पिछले लंबे समय से मांग कर रहे हैं कि उन्हें भूमि अधिग्रहण कानून के तहत जमीन का 4 गुना मुआवजा दिया जाए। साथ में जो भी फलदार पौधे हैं जैसे सेब, अखरोट व फसलें हैं उनका भी मुआवजा दिया जाए लेकिन कंपनी अभी भी मौन बनी हुई है। लोगों को ठगा जा रहा है 20 लोगों की जमीन भूमि अधिग्रहण के तहत ली गई व 80 परिवारों की विक्रय के तहत ली गई है। जमीन लेने से पहले लोगों को अधिग्रहण के बारे में ना बताया गया ना ही जरुरत समझी गई। किसान संघर्ष समिति ने यह मांग की है कि भूमि अधिग्रहण के तहत उनको चार गुना मुआवजा दिया जाए और साथ ही जो फसलें हैं और फलदार पेड़ पौधे हैं उनका भी मुआवजा दिया जाए अन्यथा किसान संघर्ष समिति तब तक यहां पर कार्य को चलने नहीं देगी जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाती है।
उदयपुर गांव के लोगों को रेत के अवैध खनन के चलते पेश आ रही समस्याओं का प्रशासन द्वारा समाधान कर दिया गया है। गौरतलब है कि चंबा नगर के साथ लगते उदयपुर क्षेत्र के कुछ लोग अपनी समस्या को लेकर उपायुक्त विवेक भाटिया से मिले थे। उपायुक्त ने एसडीएम चंबा के अलावा खनन विभाग को आवश्यक कदम उठाने के लिए कहा था। निर्देशों पर अमल करते हुए चंबा उपमंडल प्रशासन द्वारा रावी नदी के किनारे की तरफ जाने वाले रास्ते को बड़े वाहनों की आवाजाही के लिए बैरियर लगाकर बंद कर दिया है। एसडीएम चंबा शिवम प्रताप सिंह ने भी आज मौके पर जाकर निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि प्रशासन अवैध खनन पर पूरा अंकुश रखेगा। उन्होंने यह भी कहा कि इस क्षेत्र से वैध तरीके से खनन करने की व्यवस्था को शुरू करने के मकसद से आगामी मंगलवार को कमेटी इस पूरे स्थल का निरीक्षण भी करेगी। उन्होंने बताया कि उदयपुर पंचायत द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र भी इस संबंध में जारी कर दिया गया है। ग्रामीणों जिनमें लखदाता युवा मंडल के पदाधिकारी भी शामिल थे ने प्रशासन के इस कदम की प्रशंसा करते हुए कहा कि अवैध खनन गतिविधियों से उन्हें जो दिक्कतें आ रही थीं प्रशासन ने तुरंत कदम उठाकर दूर कर दिया।
कुनेड पंचायत में शनिवार सवेरे रीछ ने एक महिला पर हमला कर मौत के घाट उतार दिया। मृतका की पहचान कलमो देवी पत्नी लक्ष्मण वासी गांव रंडियारा के तौर पर की गई है। पुलिस ने मृतका के शव का सीएचसी चूड़ी में पोस्टमार्टम करवाने के बाद परिजनों को सौंप दिया है। जानकारी के अनुसार कलमो देवी अपने खेतों में घास काटने के कार्य में जुटी हुई थी। इसी दौरान अचानक रीछ ने कमलो देवी पर हमला कर दिया जिससे महिला ने मदद हेतु चीखना चिल्लाना आरम्भ किया। मौके पर पहुंचे लोगों को देखकर रीछ भाग खड़ा हुआ, लेकिन तब तक कमलो देवी की मौत हो चुकी थी। बाद में लोगों ने पुलिस व वन विभाग को सूचित किया। परिजनों ने लोगो के सहयोग से महिला के शव को उठाकर पोस्टमार्टम के लिए चूड़ी लाया। उधर, पंचायत प्रधान भगत राम ने खबर की पुष्टि की है।
हिमाचल प्रदेश सरकार ने प्रवासी कामगारों के लिए ऑनलाइन पोर्टल शुरू किया है। जिला रोजगार अधिकारी अरविंद चौहान ने बताया कि स्किल रजिस्टर नामक इस ऑनलाइन पोर्टल पर लॉकडाउन के दौरान प्रदेश में पहुंचे प्रवासी कामगारों का डेटाबेस तैयार किया जाएगा। जिला रोजगार अधिकारी ने बताया कि यह डेटाबेस पंचायत स्तर से तैयार होगा। उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि इस संबंध में जिला ग्रामीण विकास अभिकरण को भी आवश्यक कदम उठाने का आग्रह किया गया है ताकि चंबा जिला का डाटाबेस जल्द तैयार किया जा सके।
दस जमा दो वाणिज्य संकाय में प्रदेश भर में छठे स्थान पर आने वाली अमनप्रीत कौर को उपायुक्त विवेक भाटिया ने बाकायदा लोअर जुलाकड़ी स्थित उनके घर पहुंच कर सम्मानित किया। उपायुक्त ने अमनप्रीत कौर को स्मृति चिन्ह और उपहार भेंट करके उनकी सफलता पर बधाई दी और उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं भी दीं। उपायुक्त ने इस मौके पर कहा कि अमनप्रीत कौर ने टॉप टेन में 96 प्रतिशत अंक लेकर अपना स्थान अर्जित करके ना केवल अपने परिवार और चंबा जिला का मान बढ़ाया है बल्कि जिले की अन्य छात्राओं के लिए भी प्रेरणा स्रोत बनी हैं। उपायुक्त ने कहा कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में लड़कियां सभी क्षेत्रों में अपना उत्कृष्ट प्रदर्शन दे रही हैं। राज्य सरकार ने भी छात्राओं की शिक्षा को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल किया है। गौरतलब है कि अमनप्रीत कौर राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय चंबा की छात्रा रही हैं। वह भविष्य में चार्टर्ड अकाउंटेंट बनना चाहती हैं। अमनप्रीत कौर के पिता राजेंद्र सिंह का अपना व्यवसाय है और माता नवनीत कौर गृहिणी हैं। इस मौके पर उच्च शिक्षा उप निदेशक देवेंद्र पाल भी मौजूद रहे।
चंबा जिला का जमा दो परीक्षा का ओवर ऑल परीक्षा परिणाम 65.41 फ़ीसदी रहा जो पिछले वर्ष के मुकाबले 13.67 फ़ीसदी अधिक है। पिछले वर्ष परीक्षा परिणाम 51.74 फ़ीसदी था। निजि स्कूलों के परीक्षा परिणाम के साथ ये परिणाम 66.51 बनता है। उपायुक्त एवं जिला मजिस्ट्रेट विवेक भाटिया ने सोमवार को बचत भवन में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए बताया कि जमा दो परीक्षा में अव्वल रहने वाले विद्यार्थियों के लिए प्रशासन कैरियर काउंसलिंग भी शुरू करेगा ताकि उन्हें जमा दो के बाद अपना कैरियर चुनने में सही दिशा मिल सके। उपायुक्त ने इस वर्ष के परीक्षा परिणाम पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए विद्यार्थियों को बधाई भी दी। उन्होंने कहा कि चंबा जिला में शिक्षा विभाग द्वारा भी इस दिशा में अच्छे प्रयास किए गए। जिला प्रशासन द्वारा परीक्षा मित्र ऐप तैयार की गई थी ताकि विशेष तौर से क्रिटिकल घोषित स्कूलों के विद्यार्थियों को सही मार्गदर्शन मिले और उन स्कूलों का भी परीक्षा परिणाम बेहतर बन सके। उपायुक्त ने यह भी कहा कि परीक्षाओं के दौरान इस बार नकल पर भी पूरा अंकुश रखा गया। इस वर्ष कुल 84 नकल के मामले पकड़े गए जबकि पिछले वर्ष यह आंकड़ा 40 था। उपायुक्त ने जानकारी देते हुए बताया कि इस वर्ष विज्ञान संकाय का परीक्षा परिणाम 73.75 फीसदी रहा जो पिछले वर्ष 54 फ़ीसदी था। इस वर्ष विज्ञान संकाय के परीक्षा परिणाम में 18 फीसदी से अधिक की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। इसी तरह कला संकाय का परीक्षा परिणाम पिछले वर्ष जहां 51 फीसदी था, वहीं इसमें इस बार 12.93 फ़ीसदी बढ़ोतरी दर्ज की गई और इस वर्ष कला संकाय का परीक्षा परिणाम 63.93 फीसदी रहा है। वाणिज्य संकाय का परीक्षा परिणाम भी 67.28 फीसदी रहा। जिला के जिन स्कूलों में 100 फ़ीसदी परीक्षा परिणाम रहा है उनमें राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय संघणी, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बोन्देडी, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कुम्हारका, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय नडल और भारतीय पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल बनीखेत शामिल रहे। उन्होंने बताया कि जिला के 15 ऐसे स्कूल हैं जिनमें परीक्षा परिणाम 90 से लेकर 96 फीसदी रहा है। इसके अलावा कला संकाय में 100 फ़ीसदी परीक्षा परिणाम 5 स्कूलों में रहा।इसी तरह वाणिज्य संकाय में 7 जबकि विज्ञान संकाय में 10 स्कूलों में 100 फ़ीसदी परिणाम दर्ज किया गया है। उपायुक्त ने कहा कि चंबा जिला की दो छात्राओं ने टॉप टेन में अपनी जगह बनाई है। इनमें 96 फ़ीसदी अंकों के साथ वाणिज्य संकाय में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय चंबा की अमरप्रीत जबकि कला संकाय में 96. 2 फ़ीसदी अंकों के साथ राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय धुलाडा की सविता शामिल है। उपायुक्त ने इन दोनों छात्राओं को भी बधाई दी और कहा कि वे स्वयं इन दोनों छात्राओं के प्रोत्साहन के लिए उनसे मुलाकात करेंगे।
कांगड़ा लोकसभा क्षेत्र के सांसद किशन कपूर ने कहा कि कांगड़ा व चम्बा क्षेत्र के स्वास्थ्य व पुलिस विभाग के प्रथम पंक्ति में खड़े कोरोना योद्धाओं के लिए सांसद निधि से 23 लाख रूपये स्वीकृत किए गए हैं। उन्होंने कहा कि इस राशि में से 8 लाख 50 हजार रुपये चम्बा के लिए स्वीकृत किए गए हैं। उन्होंने कहा कि इस राशि से स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के लिए पीपीई किट(व्यक्गित सुरक्षा उपकरण किट) व पुलिस विभाग के कर्मचारियों के लिए सेनिटाईजर, थ्री लेयर मास्क, दस्ताने व फेस शील्ड इत्यादि की खरीद की जाएगी। किशन कपूर ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान स्वास्थ्य व पुलिस विभाग के कर्मचारी दिन-रात अपने परिवार से दूर रहकर हमारी सेवा में लगे हुए हैं अतः सुरक्षा की दृष्टि से उन्हें सामान उपलब्ध करवाना अत्यंत आवश्यक है। किशन कपूर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा कर कोरोना संकट काल के दौरान लॉक डाउन से होने वाली आर्थिक क्षति की भरपाई का अत्यंत ही महत्वपूर्ण पग उठाया है। उन्होेेंने कहा कि भारत के इतिहास में पहली बार इतना बड़ा पैकेज दिया गया है। उन्होंने कहा कि इस आर्थिक पैकेज में सभी वर्गों का पूर्ण ख्याल रखा गया है। उन्होंने कहा कि यह पैकेज आत्मनिर्भर भारत की कड़ी में पहला पग होगा जिसके कारण सरकार का 5 ट्रिलियन डॉलर आर्थिकी का संकल्प पूरा होगा। उन्होंने कहा कि इससे हमारे घरेलू उद्योगों, मध्यवर्गीय व सब प्रकार के उद्योगों को बढावा मिलेगा और देश में बेरोजगारी दूर होगी। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस से निपटने के लिए जिला कांगड़ा के टांडा मेडिकल कॉलेज के लिए वेंटिलेटर की खरीद के लिए 33 लाख रुपये व चम्बा मेडिकल कॉलेज के लिए वेंटिलेटर की खरीद के लिए 33 लाख रुपये अपनी सांसद निधि से दिये हैं। उन्होंने कहा कि केन्द्र और प्रदेश की सरकार इस महामारी को रोकने तथा लोगों की सुरक्षा के लिए व्यापक स्तर पर काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना संकट की इसी चुनौती को अपनी दूरदर्शिता से अवसर में बदलने का सफल प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि इस महामारी से बचने के लिए सरकार के निर्देशों का पालन करना अति आवश्यक है तथा सामाजिक दूरी बनाए रखने में ही हम सबकी सुरक्षा है। उन्होंने कहा कि कोरोना संकट से निपटने के लिए प्रदेश सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि गरीब तथा निर्धन लोगों को सस्ता राशन उपलब्ध करवाया जा रहा है।
हिमाचल प्रदेश के ऊना से हिमाचल पथ परिवहन निगम की 7 बसों जरिए 132 लोगों को चंबा लाया गया। उपायुक्त एवं जिला मजिस्ट्रेट विवेक भाटिया ने बताया कि इन सभी को राजपत्रित अधिकारियों और पुलिस एस्कॉर्ट के साथ जिला की सीमा में प्रवेश कराया गया। इस दौरान उनके खाने-पीने और स्वास्थ्य संबंधी सभी प्रबंध प्रशासन द्वारा किए गए ताकि उनको किसी भी किस्म की दिक्कत का सामना ना करना पड़े। उन्होंने बताया कि कल रात को ऊना से चली तीन बसों में कुल 42 व्यक्तियों को जिला चंबा में लाया गया। जबकि सुबह ऊना से चली चार बसों में भी 90 लोग वापिस पहुंचे हैं। विवेक भाटिया ने ये भी बताया कि सोमवार पठानकोट से भी हिमाचल पथ परिवहन निगम की 7 बसों में 146 लोग पहुंचे हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा इनकी स्क्रीनिंग की गई और उन्हें अब क्वॉरेंटाइन में भेज दिया गया है। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि अब कोई भी व्यक्ति जब जिला की सीमा में प्रवेश करेगा तो पंजीकरण के साथ ही उसकी जानकारी का संदेश सीधे उसकी पंचायत के सचिव को भी चला जाएगा।
चंबा जिला प्रशासन द्वारा बाहरी राज्य से चम्बा जिला में गर्मियों के सीजन के दौरान आने वाले गुज्जरों को लेकर कुुछ एहतियातों के साथ दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं। जिला मजिस्ट्रेट द्वारा जारी निर्देशों के मुताबिक गुज्जर अपने पशुओं के झुंड के साथ अपनी चरागाहों का रुख करेंगे। इस दौरान वे किसी रिहायशी इलाके में नहीं जाएंगे। किन्हीं परिस्थितियों से यदि परिवार के सदस्य पीछे रह जाते हैं तो उन्हें पंचायत स्तरीय क्वॉरेंटाइन केंद्रों में रखा जाएगा जिसकी निगरानी और देखरेख संबंधित प्रधान और वार्ड सदस्य के अलावा पंचायत सचिव करेंगे। चंबा जिला की सीमा में जैसे ही यह प्रवेश करेंगे उसी समय बॉर्डर पर तैनात टीम इसकी तुरंत सूचना संबंधित खंड विकास अधिकारी और पुलिस को देगी ताकि उसी के अनुरूप इनकी व्यवस्था को अमलीजामा पहनाया जा सके। चूंकि गुज्जर पड़ोसी राज्य के रेड या ओरेंज जोन से आएंगे इसलिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी को रैंडम आधार पर उनके सैंपल लिए जाने के भी निर्देश दिए गए हैं। पंचायत प्रधानों को भी यह हिदायत दी गई है कि वे गुज्जरों के लिए आवश्यक खाद्य सामग्री धारों तक पहुंचाने के लिए मैकेनिज्म तैयार करें ताकि उनकी मूवमेंट को रिहायशी क्षेत्रों के लिए सीमित किया जा सके और उन्हें भुगतान के आधार पर सभी आवश्यक खाद्य सामग्री भी मुहैया होती रहें। जारी किए गए निर्देशों की प्रतियां पुलिस अधीक्षक चंबा के अलावा जिला के पांगी उपमंडल को छोड़कर अन्य उपमंडलों के एसडीएम को भी भेज दी गई हैं। उपायुक्त एवं जिला मजिस्ट्रेट विवेक भाटिया ने बताया कि यह निर्देश हिमाचल प्रदेश महामारी रोग (कोविड- 19) (संशोधन) रेगुलेशन 2020 की धारा 3 के तहत जारी किए गए हैं।
जिला प्रशासन द्वारा 3 मई को जारी दिशा निर्देशों में आंशिक संशोधन करते हुए नए निर्देशों के तहत हिमाचल प्रदेश के बद्दी से आने वाले सभी व्यक्तियों को बफर क्वॉरेंटाइन केंद्रों में रखने की हिदायत जारी की है। इसके अलावा हिमाचल प्रदेश के अंतर जिला से आने वाले व्यक्तियों को अब पंचायत स्तरीय क्वॉरेंटाइन के बजाय होम क्वॉरेंटाइन रहना होगा। लेकिन इसमें यह शर्त रहेगी कि उसके घर में पर्याप्त जगह हो ताकि वह अपने आप को सही तरीके से होम क्वॉरेंटाइन कर पाए। यदि ऐसा नहीं हो सकेगा तो उसे समीपवर्ती क्वॉरेंटाइन सुविधाओं में भेज दिया जाएगा। होम क्वॉरेंटाइन के बेहतर संचालन के लिए जैसे ही व्यक्ति जिला के बॉर्डर चेक पोस्ट से एंट्री करेगा तो उसकी सूचना तुरंत संबंधित खंड विकास अधिकारी के अलावा पंचायत प्रधान और सचिव को भेज दी जाएगी। खंड विकास अधिकारी यह सुनिश्चित बनाएंगे कि व्यक्ति होम क्वॉरेंटाइन के सभी प्रोटोकॉल का पालन करे। इसको लेकर व्यक्ति और उसके परिवार जनों को जागरूक करने के साथ परामर्श भी दिया जाएगा। होम क्वॉरेंटाइन हुए व्यक्ति की पंचअस्त्र प्रोटोकॉल के तहत निगरानी करने की जिम्मेदारी संबंधित निगरानी कर्मी और पर्यवेक्षक अधिकारी की तय की गई है।
हिमाचल प्रदेश के ऊना तक रेल जबकि उसके बाद हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम की बसों में कुल 128 लोग आज चंबा जिला की सीमा में प्रवेश कर गए। उपायुक्त एवं जिला मजिस्ट्रेट विवेक भाटिया ने बताया कि जिला के एंट्री पॉइंट पर सभी की स्क्रीनिंग की गई। इसके बाद उन्हें निगम की बसों के जरिए उनके गंतव्य स्थानों के लिए भेज दिया गया है। उन्होंने बताया कि इन 128 में सर्वाधिक 54 लोग चंबा उपमंडल के हैं। जबकि भटियात के 51, डलहौजी के 14, भरमौर के 6, चुराह का 1 व सलूणी उप मंडल के 2 व्यक्ति इसमें शामिल हैं। उपायुक्त ने बताया कि इन सभी लोगों को 14 दिनों के लिए होम क्वॉरेंटाइन किया जा रहा है। यह सभी लोग गोवा से आए हैं और गोवा ग्रीन जोन में आता है। इसीलिए इन्हें संस्थागत क्वॉरेंटाइन के बजाय होम क्वॉरेंटाइन में रहना होगा। उपायुक्त ने बताया कि इन सभी को होम क्वॉरेंटाइन का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्हें यह भी बताया गया है कि उनकी पंच अस्त्र मैकेनिज्म से निगरानी की जाएगी और यदि कोई व्यक्ति इसकी अवहेलना करेगा तो उसके खिलाफ कार्यवाही तो होगी साथ में उसे संस्थागत क्वॉरेंटाइन में भेज दिया जाएगा। विवेक भाटिया ने जानकारी देते हुए बताया कि चंबा जिला में इस समय कुल 55 बफर क्वॉरेंटाइन सुविधाएं मौजूद हैं। इनमें से 37 वर्तमान में एक्टिव हैं और इनमें 797 व्यक्ति रह रहे हैं। इस समय चंबा जिला में उपलब्ध संस्थागत क्वॉरेंटाइन में 2366 लोगों को रखने की क्षमता मौजूद है और इसे और भी बढ़ाया जा रहा है।
क्वारंटाइन केंद्रों में सभी एहतियातों के साथ योगा और व्यायाम की कक्षाएं की जाएं सुनिश्चित : उपायुक्त
चंबा जिला के संस्थागत क्वारंटाइन केंद्रों में रहने वाले लोगों के साथ अब चंबा जिला के उपायुक्त एवं जिला मजिस्ट्रेट विवेक भाटिया वीडियो कॉलिंग के जरिए ऑनलाइन रूबरू रहेंगे। इन केंद्रों में रहने वाले लोगों के साथ दोहरा संवाद कायम करने के मकसद से शुरू इस मुहिम को जिला प्रशासन ने वार्तालाप मुहिम का नाम दिया है। इस मुहिम के तहत उपायुक्त इन केंद्रों में रहने वाले लोगों के साथ वीडियो कॉलिंग करके बातचीत करेंगे। इसके माध्यम से जहां वे उनको पेश आने वाली समस्याओं से अवगत होंगे बल्कि उन्हें संस्थागत क्वारंटाइन के बाद होम क्वारंटाइन के दौरान कौन-कौन सी एहतियातों को बरतना है उसके बारे में भी जागरूक किया जाएगा। इस मुहिम के तहत उपायुक्त ने शेरपुर स्थित क्वॉरेंटीन केंद्र में रह रहे कुछ व्यक्तियों के साथ वीडियो कॉलिंग के माध्यम से बातचीत की। उन्होंने क्वारंटाइन केंद्र के नोडल अधिकारी को कहा कि वह केंद्र में सोशल डिस्टेंसिंग के अलावा अन्य सभी जरूरी एहतियातों के साथ लोगों के लिए सुबह के समय योगाभ्यास जबकि सायं व्यायाम की कक्षाएं सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि इससे ना केवल क्वारंटाइन केंद्र में रहने वाले लोगों का बेहतर समय व्यतीत होगा बल्कि वे शारीरिक और मानसिक तौर पर भी अपने आप को सुदृढ़ कर पाने में पूरी तरह से कामयाब होंगे। उपायुक्त ने बातचीत में उनसे कहा कि वे कोरोना वायरस संक्रमण की गंभीरता को समझते हुए ना केवल संस्थागत क्वॉरेंटीन बल्कि होम क्वारंटाइन में रहते हुए भी बताए गए सभी नियमों का पालन करें। उन्होंने कहा कि ऐसा करने पर ना केवल आपकी अपनी सुरक्षा सुनिश्चित होगी बल्कि आप अपने परिवार को भी कोरोना के इस खतरे से निजात दिला पाने में सक्षम होंगे। उपायुक्त ने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग केे साथ मास्क पहनना और साबुन के साथ हाथ धोना सभी लोग अपनी रोजमर्रा की आदतों में शुमार करें। उपायुक्त ने यह भी कहा कि जिला के सभी संस्थागत क्वारंटाइन केंद्रों में जहां पर व्यक्तियों के सामूहिक तौर पर हाथ छूते हैं उन सभी जगहों को सैनिटाइज करने को लेकर भी पूरी गंभीरता बरती जाए। विवेक भाटिया ने जोर देते हुए कहा कि इस समय यह लड़ाई बीमारी के साथ है। जो व्यक्ति संक्रमित रहे थे या जो क्वारंटाइन केंद्रों में रह रहे हैं उनके प्रति आसपास के समुदाय और समाज का दृष्टिकोण और सोच सकारात्मक रहनी चाहिए। बाहर से आने वाले व्यक्तियों को संस्थागत क्वारंटाइन केंद्रों में इसलिए रखा जाता है ताकि उनकी चिकित्सकीय जांच होने के साथ-साथ यह देखा जाए कि उनमें कोरोना के लक्षण तो नहीं हैं। निगरानी में तय अवधि पूरी करने के बाद वे होम क्वॉरेंटीन में भी 14 दिन नियमों का पालन करेंगे। सरकार द्वारा मेडिकल का यह प्रोटोकॉल इसलिए निर्धारित किया गया है ताकि सोशल डिस्टेंसिंग और अन्य जरूरी एहतियातों के साथ हम कोरोना वायरस को पूरी तरह से हरा सकें।
उपायुक्त एवं जिला मजिस्ट्रेट विवेक भाटिया ने जानकारी देते हुए बताया कि चंबा जिला में लॉक डाऊन के दौरान 9718 रसोई गैस के सिलेंडर मुफ्त रिफिल किए जा चुके हैं ताकि गरीब लोगों को असुविधाओं का सामना ना करना पड़े। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत इस अवधि में अब तक 27155 क्विंटल मुफ्त चावल भी गरीब वर्ग के लोगों को मुहैया किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग और नागरिक आपूर्ति निगम को निर्देश दिए गए हैं कि वे सभी आवश्यक खाद्य वस्तुओं और रसोई गैस की आपूर्ति पर्याप्त मात्रा में उपभोक्ताओं तक पहुंचाना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि विभाग के फील्ड स्टाफ निरंतर निगरानी रखें ताकि सभी उपभोक्ताओं तक आवश्यक खाद्य सामग्री पहुंचना सुनिश्चित हो। उपायुक्त ने यह भी बताया कि अब तक जिला के 127398 राशन कार्ड धारकों को 28919 क्विंटल आटा और 19221 क्विंटल चावल उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से उपलब्ध करवाया जा चुका है। इसके अलावा 3409 क्विंटल दालें जबकि 223397 लीटर खाद्य तेल भी उपभोक्ताओं तक पहुंचाया जा चुका है। उपायुक्त ने बताया कि जिला की 539507 की आबादी को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत लॉक डाऊन के दौरान आटा, चावल दालें, खाद्य तेल, रसोई गैस और अन्य सभी आवश्यक खाद्य वस्तुएं उपलब्ध करवाई जा रही है और इसकी लगातार निगरानी भी हो रही है। उपायुक्त ने कहा कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली का नेटवर्क समूचे जिला में सभी गांवों तक फैला है। ऐसे में डिपो होल्डरों का भी यह दायित्व है कि वे लोगों में सोशल डिस्टेंसिंग के अलावा विशेष तौर से होम क्वारंटीन के सभी नियमों का पालन करने को लेकर लोगों में जागरूकता पैदा करें ताकि कोरोना वायरस संक्रमण से पूरी तरह से हम अपना बचाव करने में सक्षम साबित हो सकें।उन्होंने कहा कि अब होम क्वारंटीन की निगरानी और कड़ी कर दी गई है। कुछ नए नियम जोड़े गए हैं जिनमें होम क्वारंटीन की अवहेलना होने पर व्यक्ति का परिवार भी उत्तरदायी होगा।
उपायुक्त एवं जिला मजिस्ट्रेट विवेक भाटिया ने आदेश जारी करते हुए सायं 7 बजे से लेकर सुबह 7 बजे तक जिले में गैर जरूरी गतिविधियों के लिए आवाजाही पर प्रतिबंध लगाया है। इस प्रतिबंध से आवश्यक जरूरतों और स्वास्थ्य संबंधी कारणों को छूट रहेगी। आदेश में यह भी कहा गया है कि चंबा जिला की सीमा में भी सायं 7 बजे से लेकर सुबह 7 बजे तक गैर जरूरी उद्देश्यों के लिए एंट्री पर भी प्रतिबंध रहेगा। आदेश में सभी एसडीएम को दिए निर्देश दिए गए हैं कि वे ऐसे प्रबंध जिला के एंट्री प्वाइंटों पर करें ताकि यदि कोई गैरजरूरी उद्देश्य से जिला में प्रवेश करना चाहता है तो उसके ठहरने की व्यवस्था सायं 7 बजे के बाद वहीं पर की जा सके। जिला मजिस्ट्रेट ने एक अन्य आदेश भी जारी किया गया है जिसमें यह प्रावधान रखा गया है कि यदि कोई व्यक्ति होम क्वॉरेंटाइन अथवा पंचायत स्तरीय क्वॉरेंटाइन में नियमों की अवहेलना करता है तो उसके खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। इसके अलावा उसे बफर क्वॉरेंटाइन में भेजा जाएगा। आदेश में यह भी कहा गया है कि जिला में ड्राइवरों की आवाजाही को अनुमति दी गई है लेकिन इसमें यह शर्त रहेगी कि वे जब अपनी ड्यूटी पर नहीं होंगे तब वे घर पर ही रहेंगे। यदि कोई ड्राइवर आदेश की अवहेलना करता पाया गया तो उसके खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई होगी और उसे 14 दिन के लिए बफर क्वॉरेंटाइन में भेज दिया जाएगा। इस आदेश में अब ये भी प्रावधान भी किया गया है कि यदि कोई व्यक्ति होम क्वॉरेंटाइन या पंचायत स्तरीय क्वॉरेंटाइन में नियमों की अनदेखी करता है तो उस व्यक्ति के परिवार को भी जिसमें उत्तरदायी माना जाएगा और नियमानुसार कार्रवाई भी अमल में लाई जाएगी। जिला के सभी एसडीएम को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने क्षेत्र में डेडीकेटेड बफर क्वॉरेंटाइन सुविधा तैयार रखें ताकि जो लोग नियमों की अवहेलना करेंगे उन्हें क्वॉरेंटाइन केंद्रों में रखा जाएगा।
भारतीय डाक विभाग द्वारा उप डाकघर डलहौज़ी में सामान्य सेवा केंद्र की शुरुआत की गई। सामान्य सेवा केंद्र का शुभारंभ अधीक्षक डाक सेवाएं विजय धीमान ने किया। इस मौके पर विजय धीमान ने बताया कि इस सेवा केंद्र के माध्यम से लोगों को 111 सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी जिनमें आधार सेवा, पैन कार्ड, पासपोर्ट सेवा, एफएएसएसआई लाइसेंस आवेदन, जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र, जीवन प्रमाण पत्र, आईआरसीटीसी टिकट बुकिंग, इलेक्शन, एनपीएस, रोजगार संबंधी सेवाएं, हिमाचल प्रदेश पंच परमाणन, बैंकिंग सेवा, जीवन बीमा प्रीमियम, भारत बिल पेमेंट सेवा और आयकर रिटर्न जैसी सेवाएं भी शामिल रहेंगी। इस मौके पर निरीक्षक डाकघर राकेश सिंह के अलावा राकेश कुमार और शकुन चौना भी मौजूद रहे।
बाहरी राज्यों से आने वाले स्थानीय लोग 13 मई को ऊना से एचआरटीसी के ऊना डिपो की बसों से आकर चंबा जिला में प्रवेश करेंगे। इन 9 बसों में 200 व्यक्ति आएंगे। सभी लोगों को चंबा जिला की सीमा में रिसीव करने के लिए विभिन्न उपमंडलों के कार्यकारी मजिस्ट्रेट ड्यूटी के लिए तैनात कर दिए हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीमें प्रोटोकॉल के मुताबिक स्वास्थ्य जांच करेंगी। उपायुक्त एवं जिला मजिस्ट्रेट विवेक भाटिया ने बताया कि जिला में बाहर से आने वाले ऐसे सभी लोगों को क्वॉरेंटाइन करने की सुविधाएं तय कर ली गई हैं। सभी उपमंडलों के एसडीएम को निर्देश दिए गए हैं कि वे क्वॉरेंटाइन सुविधाओं में सभी एहतियातों का भी पूरा ख्याल रखें और इनकी निरंतर निगरानी सुनिश्चित की जाए। उन्होंने बताया कि कुछ क्वॉरेंटाइन सुविधाओं का स्वयं भी जायजा लिया है और आवश्यक दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं। उपायुक्त ने बताया कि सरु में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के नए होस्टल ब्लॉक को भी क्वॉरेंटाइन सुविधा के लिए चिन्हित कर लिया गया है। जल शक्ति विभाग और बिजली बोर्ड को निर्देश दिए गए हैं कि जल्द इस भवन में बिजली ,पेयजल इत्यादि की सुविधाएं उपलब्ध करें ताकि इसका उपयोग भी संस्थागत क्वॉरेंटाइन सुविधा के तौर पर किया जा सके। जिला के सभी एसडीएम को अपने-अपने क्षेत्रों में और ऐसे भवन चिन्हित करने और उनमें सुविधाएं जुटाने के लिए भी कहा गया है ताकि आने वाले समय में बाहरी राज्यों से आने वाले चंबा जिला के स्थानीय लोगों को क्वॉरेंटाइन किया जा सके। उन्होंने कहा कि संस्थागत क्वॉरेंटाइन की 14 दिनों की अवधि के बाद होम क्वॉरेंटाइन की अगली अवधि भी बहुत ही महत्वपूर्ण है। ऐसे में होम क्वॉरेंटाइन हुए व्यक्ति की निगरानी के लिए भी अब पंचअस्त्र निगरानी विधि अपनाई जा रही है ताकि कोई भी व्यक्ति होम क्वॉरेंटाइन के नियमों की अनदेखी किसी भी सूरत में ना कर सके। उन्होंने कहा कि होम क्वॉरेंटाइन एक ऐसा समय है जिसमें ना केवल उस व्यक्ति बल्कि उसके परिवार को भी पूरी जागरूकता और संवेदनशीलता के साथ कोरोना वायरस संक्रमण की गंभीरता को समझते हुए अपनी जिम्मेदारी को हर हाल में पूरा करना होगा तभी हम कोरोना महामारी की इस लड़ाई में कोरोना वायरस को हरा पाने में सक्षम होंगे। उपायुक्त ने एक बार फिर पंचायती राज प्रतिनिधियों का आह्वान करते हुए कहा कि वे इस आपदा की घड़ी में अपने पद के उत्तरदायित्व के अलावा अपनी सामाजिक और नैतिक जिम्मेदारी को भी समझते हुए होम क्वॉरेंटाइन को सबसे बड़ी प्राथमिकता देकर होम क्वॉरेंटाइन किए लोगों की निगरानी में प्रशासन का पूरा सहयोग करें।
उपायुक्त एवं जिला मजिस्ट्रेट विवेक भाटिया ने बताया कि लॉक डाउन अवधि के दौरान चंबा जिला में बागवानों को अब तक 11 लाख 87 हजार रुपए की अनुदान सहायता राशि मुहैया की जा चुकी है। लॉक डाउन में बागवानी विभाग के अधिकारियों का एकमात्र लक्ष्य बागवानी से जुड़ी सभी योजनाओं का लाभ बागवानों तक पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि बागवानी विभाग एक विशेष कार्य योजना के तहत काम करते हुए बागवानों की सभी समस्याओं और शंकाओं का समाधान तुरंत प्रतिक्रिया दे कर प्राथमिकता के आधार पर करे। विवेक भाटिया ने कहा कि बागवानी विभाग को ये हिदायत भी दी गई थी कि वे खुम्ब उत्पादकों को भी उनकी फसल को मंडी तक पहुंचाने में विभाग आवश्यक मदद दे। इस अवधि में खुम्ब उत्पादक द्वारा करीब 70 क्विंटल खुम्ब उपभोक्ताओं तक पहुंचाई गई। बागवानों को उनकी जरूरत और मांग केेेे अनुरूप कर्फ्य पास भी जारी किए गए ताकि उन्हें बगीचों में आवश्यक कार्य निपटाने में दिक्कतों का सामना ना करना पड़े। उपायुक्त ने कहा कि चंबा जिला का काफी क्षेत्र बागवानी के तहत आता है और बागवानी वहां की आर्थिकी का बहुत बड़ा आधार भी है। विवेक भाटिया ने कहा कि चंबा जिला में कृषि और पशुपालन के अलावा बागवानी क्षेत्र भी विशेष तौर से ग्रामीण आर्थिकी का बहुत बड़ा आधार है। बागवानी विभाग को इसी के मद्देनजर सभी आवश्यक कदम उठाने चाहिए ताकि सभी पात्र बागवान योजनाओं से लाभान्वित हो सकें। उपायुक्त ने जानकारी देते हुए बताया कि बागवानी विभाग उद्यान विकास योजना के तहत पावर टिलर मुहैया करने के अलावा पुष्प क्रांति योजना में पुष्प उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए भी सहायता राशि उपलब्ध करता है। इसी तरह हिमाचल प्रदेश कृषि योजना के तहत बागवानों को बागवानी के औजार अनुदान पर दिए जाते हैं। मधुमक्खी पालन को व्यवसाय के रूप में अपनाने के लिए मुख्यमंत्री मौन पालन योजना में भी बागवानों के लिए सुविधाएं उपलब्ध हैं। बागवानी विभाग ओला अवरोधक जाली लगाने के लिए भी अनुदान राशि उपलब्ध करता है। बागवानी विभाग द्वारा सेब और अन्य फल पौधों के बेहतर स्वास्थ्य और अच्छी क्वालिटी के फल लेने के लिए जिले के सभी सरकारी पौध संरक्षण केंद्रों के माध्यम से बागवानों को सरकारी अनुदान राशि पर दवाइयां भी वितरित की गई। उपायुक्त ने बागवानों का आह्वान करते हुए कहा कि जिला में फलों की पैदावार के साथ-साथ पुष्प उत्पादन की भी बहुत बड़ी संभावनाएं मौजूद हैं। बागवानों को पुष्प उत्पादन की ओर भी अपना रुझान बढ़ाना चाहिए ताकि वे फूलों की खेती करके अच्छा मुनाफा कमा सकें।
जनजातीय पांगी घाटी को चंबा जिला मुख्यालय से जोड़ने वाले चंबा- किलाड़ वाया साच पास सड़क मार्ग को इस महीने के अंत तक खोल दिया जाएगा। विधानसभा उपाध्यक्ष हंसराज ने लोक निर्माण विभाग के वरिष्ठ इंजीनियरों के साथ सड़क बहाली के कार्य का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के चलते दूरस्थ पांगी घाटी को सड़क मार्ग के जरिए भी जिला मुख्यालय के साथ जोड़ना प्रदेश सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता है और इस दिशा में लोक निर्माण विभाग द्वारा युद्ध स्तर पर कार्य किया जा रहा है। विधानसभा उपाध्यक्ष ने कहा कि वे स्वयं सड़क बहाली के कार्य की रोज समीक्षा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि किलाड़- चंबा सड़क के वाहनों की आवाजाही के लिए बहाल होने के बाद पांगी घाटी सड़क मार्ग के साथ भी देश के अन्य हिस्सों के साथ जुड़ जाएगी। आपात स्थिति में पांगी घाटी के लिए हवाई सेवा के साथ सड़क यातायात सुविधा भी उपलब्ध हो जाएगी। हंस राज ने ये भी कहा कि सड़क बहाली का काम पूरा हो जाने के बाद पांगी घाटी के किसानों को भी अपने उत्पाद सड़क मार्ग के जरिए मंडियों तक पहुंचाने में बहुत बड़ी मदद मिलेगी।
उपायुक्त एवं जिला मजिस्ट्रेट विवेक भाटिया ने कहा कि चंबा जिला के जो व्यक्ति ट्रेन के जरिए ऊना पहुंचेंगे उन्हें हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम की 14 बसें चंबा जिला वापिस लाएंगी। पथ परिवहन निगम की यह बसें 13 मई को चंबा जिला में प्रवेश करेंगी। इन बसों के माध्यम से आने वाले लोगों को चिकित्सकीय जांच के बाद क्वॉरेंटाइन केंद्रों में भेज दिया जाएगा। उपायुक्त ने यह भी कहा कि जो व्यक्ति होम क्वॉरेंटाइन के सभी नियमों का पालन नहीं करेंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा उन्हें होम क्वॉरेंटाइन से निकालकर संस्थागत क्वॉरेंटाइन में भेज दिया जाएगा। उपायुक्त ने कहा कि होम क्वॉरेंटाइन किए व्यक्ति की यह नैतिक जिम्मेदारी भी बनती है कि वह ना केवल अपनी, अपने परिवार बल्कि पूरे समुदाय की भी चिंता करे। वर्तमान परिप्रेक्ष्य की बात करें तो कोरोना वायरस से हम तभी जीत पाएंगे जब हम सभी जरूरी एहतियातों का पालन सख्ती से करेंगे। उन्होंने बताया कि चंबा जिला के सभी उपमंडलों में पंचायत क्वॉरेंटाइन केंद्र बन रहे हैं और अब बाहर से आने वाले सभी व्यक्तियों को इन केंद्रों में 14 दिन की अवधि पूरी करनी होगी। इस अवधि के बाद 14 दिनों के लिए वे होम क्वॉरेंटाइन में रहेंगे। लेकिन इस दौरान भी उन्हें अब सभी नियमों की आवश्यक तौर पर अनुपालना करनी ही होगी। होम क्वॉरेंटाइन में पंचअस्त्र मैकेनिज्म से निरंतर निगरानी की जाएगी। उपायुक्त ने आम जनमानस से भी अपील करते हुए कहा कि वे कोरोना वायरस संक्रमण की गंभीरता को समझते हुए विशेष कर होम क्वॉरेंटाइन के सभी आवश्यक नियमों की अनदेखी न करें और यदि कोई अनुपालना करने में कोताही बरत रहा है तो उसकी जानकारी तुरंत दें ताकि उस व्यक्ति के कारण अन्य लोग प्रभावित ना हों। उन्होंने कहा कि आपदा की इस घड़ी में पंचायती राज संस्थाओं के सभी प्रतिनिधियों की भी सबसे महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधि ना केवल अपने क्षेत्र में लोगों को जागरूक करें बल्कि होम क्वॉरेंटाइन, सोशल डिस्टेंसिंग समेत अन्य सभी एहतियातों को मानना हर हाल में सुनिश्चित करवाएं।
महिला एवं बाल विकास विभाग ने कोविड-19 महामारी के दौरान अपनी कार्य योजना के तहत अपने विभिन्न दायित्वों को अंजाम दिया है। जिला में लॉक डाउन लागू होते ही जिला प्रशासन ने इस महत्वपूर्ण विभाग को अपनी जिम्मेदारियों के निर्वहन को लेकर विशेष दिशा निर्देश जारी किए थे। कोरोना संक्रमण को लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिला में चलाए गए एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान में भी विभाग के फील्ड कर्मचारियों ने अपनी भूमिका निभाई। 130 आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर कार्य किया। उपायुक्त एवं जिला मजिस्ट्रेट विवेक भाटिया ने बताया कि महिला एवं बाल विकास विभाग की हर घर तक पहुंच है। कोरोना वायरस की इस लड़ाई में विभाग के गांव स्तर के कर्मी सक्रिय और प्रभावी भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने कहा कि विशेषकर होम क्वॉरेंटाइन लोगों पर पैनी निगाह रखने में भी यह कर्मी अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए कार्य करें। कोई व्यक्ति उल्लंघन करता है तो उसकी तुरंत सूचना दी जाए ताकि उस व्यक्ति को ना केवल संस्थागत क्वॉरेंटाइन किया जाए बल्कि उसके खिलाफ कार्रवाई भी अमल में लाई जा सके। उपायुक्त ने कहा कि लॉक डाऊन अवधि के दौरान विभाग के नियमित कार्यों के अलावा महिला एवं बाल विकास विभाग ने मास्क तैयार करके उन्हें आम जनमानस में वितरित करने का भी महत्वपूर्ण दायित्व निभाया। उपायुक्त विवेक भाटिया ने ये भी बताया कि 150 आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं ने ना केवल 10,213 मास्क घर में तैयार किए बल्कि उनका वितरण भी किया जो एक सराहनीय कदम है। इसके अलावा 19 महिला स्वयं सहायता समूहों ने भी 3816 मास्क तैयार करके वितरित किए। उपायुक्त ने कहा कि जिला में संचालित किए गए एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान में भी कार्यकर्ताओं द्वारा सक्रिय सहयोग दिया गया। लॉक डाऊन के दौरान महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा अप्रैल माह में 6 माह से 6 वर्ष तक के 47986 बच्चों, 8306 गर्भवती और धात्री माताओं के अलावा 11 से 14 वर्ष की आयु तक की स्कूल जाने वाली 218 बालिकाओं को आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के माध्यम से पूरक पोषाहार बांटा गया। कोविड महामारी के दौरान प्रवासी मजदूरों के 52 बच्चों और 15 माताओं को भी विभाग द्वारा राशन वितरित किया गया। मई माह में भी अब तक आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं द्वारा आंगनवाड़ी केंद्रों में ही 6 माह से 6 वर्ष तक के 47980 बच्चों, 8462 गर्भवती व धात्री महिलाओं के अलावा 11 से 14 वर्ष तक की आयु की स्कूल जाने वाली 218 बालिकाओं को कर्फ्यू में छूट की अवधि के दौरान पूरक पोषाहार वितरित किया जा चुका है। विवेक भाटिया ने बताया कि लॉक डाऊन के दौरान घरेलू हिंसा उत्पीड़न के विरुद्ध उठाए गए कदमों में घरेलू हिंसा उत्पीड़न से संबंधित मामलों के समाधान के लिए जिला कार्यक्रम अधिकारी की अध्यक्षता में टास्क फोर्स का गठन किया गया है। इसमें सभी बाल विकास परियोजना अधिकारी को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। इन अधिकारियों के मोबाइल नंबरों को आम जनमानस तक पहुंचाया गया है ताकि इसके माध्यम से घरेलू हिंसा उत्पीड़न की जानकारी दी जा सके। महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी हर दिन रैंडम आधार पर 25 आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं से दूरभाष पर बात करके ये सुनिश्चित कर रहे हैं कि आंगनवाड़ी केंद्रों द्वारा सभी दिशा निर्देशों का पालन किया जा रहा है।
कोरोना महामारी से लड़ने में एहतियात और सोशल डिस्टेंसिंग का कितना महत्व है ये बीते हफ्तों में साबित भी हुआ है। चंबा जिला में भी बाहर से आने वाले लोगों को संस्थागत या होम क्वारंटाइन किया गया। संस्थागत क्वारंटाइन में तो चूंकि निगरानी की एक तय व्यवस्था निश्चित रहती है लेकिन होम क्वारंटाइन में व्यक्ति पूरे प्रोटोकॉल का पालन कर रहा है या नहीं इसकी निरंतर और प्रभावी निगरानी का कोई तय जरिया नहीं था। काफी कुछ होम क्वारंटाइन हुए व्यक्ति की जागरूकता और अनुपालना पर निर्भर रहता था। इन तमाम बातों के मद्देनजर चम्बा जिला के उपायुक्त एवं जिला मजिस्ट्रेट विवेक भाटिया ने अनूठी पहल करके एक पंच स्तरीय मूल्यांकन मैकेनिज्म तैयार किया है और इसे नाम दिया पंचअस्त्र का। विवेक भाटिया ने बताया कि दरअसल पंचतंत्र एक ऐसा मैकेनिज्म बनाया है जो न केवल होम क्वारंटाइन किए व्यक्ति की प्रभावी निगरानी का हथियार बनेगा बल्कि जिले में होम क्वॉरेंटाइन सभी व्यक्तियों का एक डेटाबेस भी तैयार होगा। जिले के सभी एसडीएम को अपने उपमंडल की टीम का प्रमुख बनाया गया है। उपमंडल स्तर पर एसडीएम डीएसपी, बीडीओ व खंंड स्वास्थ्य अधिकारी के समन्वय से निगरानी के काम को लगातार अंजाम देंगे। जमीनी स्तर पर राजस्व, स्वास्थ, पुलिस और ग्रामीण विकास विभागों के कर्मचारियों के अलावा स्थानीय वॉलंटियरों जिनमें एनसीसी, एनएसएस, स्काउट एंड गाइड, महिला और युवक मंडल शामिल हैं। निगरानी कर्मी नियमित तौर पर होम क्वारंटाइन किए व्यक्ति के घर जाकर यह सुनिश्चित बनाएंगे कि व्यक्ति द्वारा होम क्वारंटाइन की पूरी अनुपालना की जा रही है। होम क्वारंटाइन के व्यक्ति की स्वास्थ्य जांच के अलावा उसे आवश्यक सलाह भी दी जाएगी। इस निगरानी व्यवस्था की सबसे खास बात यह रहेगी कि व्यक्ति का जियो टैग किया फोटो विजिट किए गए समय के साथ भेजना होगा। इससे निगरानी और पुख्ता व प्रभावी साबित होगी। निगरानी कर्मी यह भी देखेंगे कि होम क्वारंटाइन व्यक्ति को खांसी, जुकाम व अन्य लक्षण तो नहीं हैं। यदि लक्षण पाए जाते हैं तो इसकी तुरंत सूचना दी जाएगी। संबंधित पंचायत और नगर निकाय अपने यहां बाहर से आने वाले व्यक्तियों की दो तरह से सूची तैयार करेंगे। इसमें एक सूची वह बनेगी जिसमें हिमाचल प्रदेश के ग्रीन जोन क्षेत्र से व्यक्ति आया होगा। दूसरी सूची उन लोगों की तैयार की जाएगी जो हिमाचल प्रदेश के या हिमाचल प्रदेश के बाहर के रेड जोन क्षेत्र से आए होंगे। जिला प्रशासन द्वारा तैयार किए गए इस विशेष मैकेनिज्म में किसी भी स्तर पर अवहेलना होने की सूरत में आपदा प्रबंधन अधिनियम, हिमाचल प्रदेश (कोविड-19) रेगुलेशन- 2020 के अलावा आचरण नियमों के तहत कार्रवाई के प्रावधान भी रखे गए हैं ताकि इसका कार्यान्वयन ठोस तरीके से हो सके।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने चंबा और कांगड़ा जिला के पंचायत प्रधानों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की। चंबा के वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कक्ष में इस मौके पर उपायुक्त एवं जिला मजिस्ट्रेट विवेक भाटिया भी मौजूद रहे। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के बाद उन्होंने कहा कि जिला में होम क्वॉरेंटाइन किए गए लोगों की निगरानी और जन जागरूकता पैदा करने में पंचायत प्रधान की सबसे अहम जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि यदि किसी घर में व्यक्ति को होम क्वॉरेंटाइन किया है तो उस घर को चिन्हित किया जा रहा है। होम क्वॉरेंटाइन व्यक्ति के साथ संबंधित पंचायत प्रधान निरंतर संपर्क बनाए रखेंगे ताकि उसका घर में रहना और नियमों का पालन सुनिश्चित बने। इसके अलावा कोई व्यक्ति यदि बाहर से आकर पंचायत में प्रवेश करता है तो पंचायत प्रधान इसकी भी तुरंत सूचना स्थानीय प्रशासन को दे ताकि उसकी आवश्यक चिकित्सकीय जांच की जा सके। उपायुक्त ने प्रधानों से ये आह्वान भी किया किया कि वे अपने क्षेत्र में मास्क तैयार करने और उन्हें वितरित करने में भी अपनी भागीदारी का निर्वहन करें। उन्होंने कहा कि कपड़े के होममेड मास्क भी उतने ही उपयुक्त हैं। ग्रामीण अपने रोजमर्रा के आवश्यक कार्य करते समय मास्क को उपयोग में लाएं और साथ में सोशल डिस्टेंसिंग का भी ख्याल रखें। उपायुक्त ने यह भी कहा कि कोरोना केवल एक वायरस संक्रमण है। कोरोना मरीज को कोई सामाजिक धब्बा ना लगाएं। इस दिशा में जनमानस को जागरुक करने के लिए सभी स्थानीय पंचायत प्रतिनिधि अपनी नैतिक और सामाजिक जिम्मेदारी को समझते हुए कार्य करें। उन्होंने कहा कि हमारी लड़ाई सिर्फ और सिर्फ कोरोना संक्रमण से है और लोगों को किसी भी प्रकार की अफवाहों को फैलाने से भी रोका जाना चाहिए। विवेक भाटिया ने कहा कि राज्य सरकार ने जिला में मनरेगा कार्यों को शुरू करने की छूट दी है। तमाम कार्य जिला में चल भी रहे हैं लेकिन इस दौरान कामगार सभी जरूरी एहतियातों का पालन करना सुनिश्चित बनाएं।
उपायुक्त एवं जिला मजिस्ट्रेट विवेक भाटिया ने कहा कि चंबा जिला के सभी होम क्वॉरेंटाइन की अब पंच अस्त्र से निगरानी सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा अंतर जिला और अंतर राज्य से आने वाले व्यक्तियों के लिए अलग-अलग मैकेनिज्म तैयार कर लिया गया है। प्रदेश के अंतर जिला में रेड और ऑरेंज जोन से आने वालों को पंचायत क्वॉरेंटाइन केंद्रों में रखा जाएगा जबकि ग्रीन जोन से आने वालों को होम क्वॉरेंटाइन में रखा जाएगा लेकिन अब उनकी निगरानी पहले से और प्रभावी और सटीक रहेगी और यह एक पंच अस्त्र निगरानी होगी। यानि यदि होम क्वॉरेंटाइन में रहने वाला व्यक्ति होम क्वॉरेंटाइन के तय प्रोटोकॉल का पालन नहीं करता है तो उसके बारे में जानकारी तुरंत मिलेगी और उसे सीधे संस्थागत क्वॉरेंटाइन के लिए भेज दिया जाएगा। विवेक भाटिया ने बताया कि अंतर राज्य के लिए रेड और ऑरेंज जोन के अलावा ग्रीन जोन से आने वालों को बफर क्वॉरेंटाइन में रखा जाएगा। बफर क्वॉरेंटाइन की दो श्रेणियां रखी गई हैं। एक वह जो संस्थागत बफर क्वॉरेंटाइन होंगे जहां निशुल्क सुविधाएं दी जाएंगी। इसके अलावा पेड क्वॉरेंटाइन की सुविधा भी रखी गई है ताकि यदि कोई व्यक्ति पेड क्वॉरेंटाइन में रहना चाहता है तो उसके लिए यह विकल्प भी मौजूद रहेगा। उन्होंने बताया कि पेड क्वॉरेंटाइन में रहने वाले व्यक्ति की भी तय अवधि तक पूरे प्रोटोकॉल के साथ निगरानी की जाएगी। पेड क्वॉरेंटाइन संबंधित एसडीएम द्वारा चिन्हित कर लिए गए हैं। विवेक भाटिया ने जानकारी देते हुए बताया कि चंडीगढ़ से जिन 241 लोगों जिनमें बड़ी संख्या में विद्यार्थी शामिल थे, उन्हें राज्य पथ परिवहन निगम की 10 बसों के माध्यम से अब उनकी संबंधित पंचायतों तक पहुंचा दिया गया है। उन्होंने कहा कि इनमें से जो नमूने लिए गए थे उनकी नेगेटिव रिपोर्ट आने के बाद यह कदम उठाया गया है। लेकिन अब यह सभी 14 दिनों के लिए होम क्वॉरेंटाइन में रहेंगे और जिला प्रशासन द्वारा तैयार की गई पंच अस्त्र निगरानी व्यवस्था के तहत अपनी होम क्वॉरेंटाइन अवधि को पूरी करेंगे। उपायुक्त ने लोगों से आग्रह भी किया कि यदि उन्हें किसी व्यक्ति के बारे में सूचना प्राप्त होती है जो होम क्वॉरेंटाइन के नियमों का पालन नहीं कर रहा तो उसकी जानकारी मोबाईल नम्बर 94594-54968 पर साँझा करें। उनकी पहचान को पूरी तरह से गोपनीय रखा जाएगा।
कोरोना संक्रमण को लेकर जिला में चलाई गई एक्टिव केस फाइंडिंग मुहिम के तहत 5 लाख 9 हजार लोगों की जांच की जा चुकी है। उपायुक्त एवं जिला मजिस्ट्रेट विवेक भाटिया ने बताया कि इस मुहिम के तहत 610 टीमों का गठन किया गया था। इस दौरान टीमों द्वारा संभावित लक्षणों से युक्त 330 सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे गए। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा टेस्टिंग की प्रक्रिया को और प्रभावी बनाते हुए मोबाइल सैंपलिंग वैन के माध्यम से विभिन्न स्वास्थ्य खंडों में जाकर नमूने एकत्रित किए जा रहे हैं। अब तक इस तरह के 774 संभावित लक्षणों के नमूने लेकर जांच के लिए भेजे गए। जिला मुख्यालय स्थित अस्पताल में विशेष तौर से शुरू फ्लू क्लीनिक चलाया गया है। जिसमें अलग से 41 नमूने लिए गए। उपायुक्त ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा टेलीमेडिसिन सुविधा के जरिए भी घर में बैठे लोगों को चिकित्सा परामर्श दिया जा रहा है। घर में बैठे लोगों को स्वास्थ परामर्श के लिए 10 डॉक्टरों की अलग टीम भी बनाई गई है। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में आशा वर्कर के माध्यम से टीबी, लेप्रोसी, एड्स तथा अन्य बीमारियों से ग्रसित करीब 400 लोगों को उनके घर द्वार तक दवाइयां पहुंचाई जा चुकी हैं। उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस की किसी भी संभावना से निपटने के लिए जिले में आयुर्वेदिक अस्पताल बालू और जनजातीय भवन बालू को डेडीकेटेड कोविड केयर सेंटर जबकि सिविल अस्पताल डलहौजी को डेडीकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर बनाया गया है। जिला के एंट्री प्वाइंटों पर भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्क्रीनिंग टीमों को तैनात किया गया है। उपायुक्त ने कहा कि चंबा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भी अलग से आइसोलेशन वार्ड स्थापित किया जा चुका है।
विधानसभा उपाध्यक्ष हंसराज ने बचत भवन में आयोजित बैठक में कोरोना वायरस से निपटने को लेकर चंबा जिला में अब तक उठाए गए कदमों की समीक्षा की। बैठक की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने कहा कि विशेष तौर से होम क्वॉरेंटाइन में रहने वाले लोगों की निरंतर और प्रभावी निगरानी करने में पंचायत प्रधान, सचिव, ग्राम रोजगार सेवक और आशा वर्कर की बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। उन्होंने यह भी कहा कि होम क्वॉरेंटाइन में रहने वाले व्यक्तियों को पूरी निगरानी में रखा जाएगा और जो इस प्रोटोकॉल का पूरे तरीके से पालन नहीं करेंगे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई भी अमल में लाई जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि बाहर से चंबा जिला में प्रवेश करने वाले लोगों को ना केवल अपनी बल्कि अपने परिवार और समाज की सुरक्षा को भी पूरी तरह से सुनिश्चित बनाना होगा। विधानसभा उपाध्यक्ष ने जिला प्रशासन और कोविड- 19 की लड़ाई के साथ जुड़े विभागों के कार्यों और गतिविधियों पर पूरा संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि चूंकि अब चंबा जिला के जो लोग अन्य क्षेत्रों में रहते थे और अब वापस चंबा आ चुके हैं, ऐसे में उन्हें आवश्यक क्वॉरेंटाइन सुविधा में रखना और उनकी निरंतर निगरानी सुनिश्चित करना अब और प्रभावी बनाना होगा। विधानसभा उपाध्यक्ष ने कहा कि चंबा जिला के विभिन्न क्वॉरेंटाइन केन्द्रों में करीब 1900 बिस्तरों की व्यवस्था उपलब्ध है। इसके अलावा असिम्पटोमेटिक पॉजिटिव के इलाज के लिए जिला आयुर्वेद अस्पताल में 20 जबकि ट्राइबल भवन मेें 7 0 बिस्तरों की सुविधा भी उपलब्ध है। चंबा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के बी ब्लॉक में भी आइसोलेशन वार्ड में 20 बिस्तरों की व्यवस्था मौजूद है। विधानसभा उपाध्यक्ष ने चंबा मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को कहा कि इस समय स्वास्थ्य विभाग और मेडिकल कॉलेज निश्चित तौर पर कोरोना संक्रमण की लड़ाई में निरंतर काम कर रहे हैं। लेकिन चंबा मेडिकल कॉलेज अस्पताल से अन्य बीमारियों से ग्रसित रोगियों को अनावश्यक तौर पर रेफर ना करके यथासंभव उनके इलाज को भी यहां सुनिश्चित बनाने की दिशा में कार्य किया जाए। विधानसभा उपाध्यक्ष ने बताया कि ना केवल केंद्र सरकार बल्कि स्वयं मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर प्रदेश के सभी जिलों में कोविड- 19 को लेकर लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने भी हिमाचल प्रदेश द्वारा कोरोना वायरस से बचाव को लेकर उठाए गए कदमों की सराहना की है। उन्होंने उम्मीद जताते हुए कहा कि हम सब के सहयोग और प्रयासों से कोविड- 19 की इस लड़ाई को अवश्य जीतेंगे। लेकिन इसमें समाज का भी सौ फ़ीसदी योगदान मिलना उतना ही आवश्यक है। इस मौके पर उपायुक्त विवेक भाटिया ने विधानसभा उपाध्यक्ष को बताया कि जिला प्रशासन ने कुछ नए मैकेनिज्म तैयार किए हैं ताकि होम क्वॉरेंटाइन में रहने वालों की निरंतर व सटीक निगरानी की जा सके। इसको लेकर पूरे जिले में पंचायत क्वॉरेंटाइन सेंटर भी तैयार किए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि बाहरी क्षेत्रों से 10 बसों के माध्यम से जिन 241 लोगों ने जिला में प्रवेश किया था उनमें से लिए गए सभी सैंपल नेगेटिव पाए गए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि रेड जोन से आने वाले व्यक्तियों को 14 दिन का संस्थागत क्वॉरेंटाइन हर हाल में पूरा करना ही होगा। उन्होंने कहा कि यह सभी एहतियातें इसलिए बरती जा रही हैं ताकि आने वाले समय में जल्द चंबा जिला को पूरी तरह से कोरोना मुक्त किया जा सके। बैठक में पुलिस अधीक्षक डॉ मोनिका के अलावा चंबा मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल प्रोफेसर पुरुषोत्तम पुरी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं चिकित्सा अधीक्षक चंबा मेडिकल कॉलेज डॉ राजेश गुलेरी, एसडीएम चंबा शिवम प्रताप सिंह, जिला पर्यटन विकास अधिकारी विजय कुमार, सहायक आयुक्त रामप्रसाद, कृषि उपनिदेशक सुरेश शर्मा, विषय वस्तु विशेषज्ञ बागवानी राजीव चंद्रा के अलावा अन्य विभागों के अधिकारी भी मौजूद रहे।
जिला मुख्यालय पर चौगान में कोरोना संक्रमण की लड़ाई में फ्रंट लाइन में रहकर अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने वाले कोरोना वॉरियर्स को विधानसभा उपाध्यक्ष हंसराज द्वारा सम्मानित किया गया। इनमें गैर सरकारी संस्थाएं, पंचायत प्रतिनिधि और कर्मचारी भी थे। इस मौके पर चंबा के उपायुक्त विवेक भाटिया, पुलिस अधीक्षक डॉ मोनिका, एसडीएम चम्बा शिवम प्रताप सिंह, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ राजेश गुलेरी और सहायक आयुक्त राम प्रसाद भी मौजूद रहे। इस दौरान विधानसभा उपाध्यक्ष ने सभी कोरोना वॉरियर्स की सराहना करते हुए कहा कि कोरोना महामारी की इस लड़ाई में मेडिकल, पुलिस, सफाई कर्मियों के अलावा गैर सरकारी संस्थाएं भी अपनी अमूल्य भूमिका का निर्वहन कर रहे हैं। विधान सभा उपाध्यक्ष द्वारा जिनको सम्मानित किया गया उनमें चंबा के मेडिकल ऑफिसर हेल्थ डॉ गुरमीत कटोच, जिला निगरानी अधिकारी डॉ जालम सिंह, खंड स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मनोज ठाकुर, खंड स्वास्थ्य अधिकारी डॉ पद्मा अग्रवाल, खंड स्वास्थ्य अधिकारी डॉ ऋषि पुरी, खंड स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सतीश फोतेदार, खंड स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मानसिंह, खंड स्वास्थ्य अधिकारी डॉ अंकित शर्मा, एमडी मेडिसिन डॉ संजय कुमार, ईएनटी विशेषज्ञ डॉक्टर राकेश ठाकुर, मेडिकल ऑफिसर डॉ पुनीत पराशर, मेडिकल ऑफिसर डॉ करण हितेशी, मेडिकल ऑफिसर डॉ अंशुल, मेडिकल ऑफिसर डॉ क्षितिज शर्मा, लैब टेक्नीशियन रोहित ठाकुर, मेल हेल्थ वर्कर अश्वनी कुमार, डाटा प्रोसेसिंग असिस्टेंट जीवन प्रकाश, डाटा एन्ट्री ऑपरेटर पंकज पठानिया, इंचार्ज 108 एंबुलेंस योगराज, सहायक उपनिरीक्षक पुलिस बलराज, सहायक उप निरीक्षक पुलिस अशोक कुमार, सहायक उपनिरीक्षक पुलिस कुलदीप कुमार, सहायक उप निरीक्षक पुलिस राकेश गौड़ा, राजनगर पंचायत प्रधान राजीव ठाकुर और सचिव जयवंती कुमारी, संदीप कुमार टीजीटी प्रभारी थुलेल क्वॉरेंटाइन सेंटर, प्रधान ग्राम पंचायत रिंडा नीरजा देवी और पंचायत सचिव कमल कांत, तहसीलदार चंबा रोशन लाल शर्मा, खंड विकास अधिकारी चंबा ओपी ठाकुर, वरिष्ठ सहायक एसडीएम कार्यालय चंबा राकेश महाजन, नायब तहसीलदार चम्बा संदीप कुमार के अलावा सलूणी तहसील के भेलू गांव निवासी पवन कुमार, वरिष्ठ नागरिक सावित्री देवी जंदरोटिया, बहुमुखी प्रतिभावान कलाकार विवेक शर्मा, सेवा भारती और प्रेरणा द इनसिपरेशन संस्थाएं भी शामिल रहीं।
विधानसभा उपाध्यक्ष हंसराज 7 मई को जिला मुख्यालय पर एक बैठक करेंगे। बचत भवन में सुबह 11 बजे आयोजित होने वाली इस बैठक में वे कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए जिला में उठाए गए कदमों की समीक्षा करेंगे जिसमें क्वॉरेंटाइन सुविधाएं भी शामिल हैं। जिला लोक संपर्क अधिकारी रवि वर्मा ने बताया कि प्रवास कार्यक्रम के मुताबिक विधानसभा उपाध्यक्ष 7 मई को सायं तीसा के लिए रवाना होंगे। विधान सभा उपाध्यक्ष 8 मई को खंड विकास अधिकारी कार्यालय तीसा के समिति सभागार में भी सुबह 11 बजे जहां कोरोना वायरस की रोकथाम को लेकर चुराह उपमंडल में चल रही मुहिम की समीक्षा करेंगे। इसके अलावा वे क्वॉरेंटाइन सुविधा में रह रहे लोगों की व्यवस्था को भी जांचेंगे। विधानसभा उपाध्यक्ष का 8 मई के आगे का प्रवास कार्यक्रम बाद में जारी होगा।
जिला के पुलिस थाना तीसा के तहत एक हादसे में चुराह की चांजू परियोजना में लगी कंपनी के एक मजदूर की मौत हो गई। चट्टान गिरने से 3 मजदूर मलबे में दब गए थे। हादसे में एक मजदूर की मौत हो गई, जबकि 2 अन्य घायल हो गए हैं। हादसे की सूचना मिलने के बाद पुलिस थाना तीसा की टीम मौके पर पहुंची। सुबह शव का पोस्टमार्टम करवाया गया। पुलिस मामले की जांच कर रही है। दूसरी तरफ झज्जाकोठी क्षेत्र में देर रात ढांक में गिरने से एक व्यक्ति की मौत हो गई। आज सुबह जब ग्रामीणों ने शव देखा तो क्षेत्र में सनसनी फैल गई तथा पुलिस को इसकी सूचना दी गई। मामले की सूचना मिलने के बाद पुलिस थाना तीसा की टीम रवाना हो गई। जानकारी के अनुसार व्यक्ति जेई के पद पर कार्यरत था। मौत का खुलासा पुलिस की जांच तथा पोस्टमार्टम के बाद ही हो पाएगा।