हिमाचल प्रदेश सरकार ने नौ एचपीएस अधिकारियों के तबादला आदेश जारी किए हैं। एएसपी आईआरबी बस्सी नरेंद्र कुमार को एएसपी सिरमौर, एएसपी सिरमौर सोम दत्त को एएसपी आईआरबी बस्सी, डीएसपी पीटीसी डरोह अमित ठाकुर को डीएसपी लीव रिजर्व शिमला, डीएसपी सिटी शिमला तजिंदर कुमार को डीएसपी सेकंड आईआरबी सकोह, एसडीपीओ कांगड़ा मदन लाल धीमान को डीएसपी फर्स्ट आईआरबी बनगढ़, डीएसपी फर्स्ट आईआरबी बनगढ़ अंकित शर्मा को एसडीपीओ कांगड़ा, डीएसपी विजिलेंस एसआईयू शिमला, वरुण पटियाल को डीएसपी सिटी शिमला, एसडीपीओ आनी चंद्र शेखर को डीएसपी एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स शिमला और एसडीपीओ सुंदरनगर दिनेश कुमार को डीएसपी सेकंड आईआरबी सकोह लगाया गया है। इसके साथ ही नियुक्ति का इंतजार कर रहे भरत भूषण को एसडीपीओ सुंदरनगर और निशा सिंह को डीएसपी लीव रिजर्व धर्मशाला लगाया गया है।
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक डॉ. सुरेंद्र पाल ने बताया कि प्रदेश के कई क्षेत्रों में आज भी भारी बारिश होने का पूर्वानुमान है। इसे देखते हुए आज ऑरेंज अलर्ट और कल के लिए यलो अलर्ट दिया गया है। परसों से मानसून के कमजोर पड़ने के आसार हैं।रहा है। वहीं किसानों को मार्केट तक अपने उत्पाद पहुंचने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
44 मरीजों में स्क्रब टाइफस की पुष्टि, 59 मरीजों में टाइफाइड के लक्षण हिमाचल प्रदेश में जलजनित रोग पांव पसारते जा रहे हैं। दिन प्रतिदिन बढ़ रहे जलजनित रोग को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी किया है। विभाग ने इसको लेकर एडवाइजरी भी जारी की है। लोगों को आसपास साफ-सफाई और उबालकर पानी पीने की सलाह दी है। जानकारी के अनुसार स्क्रब टाइफस बीमारी की आशंका के चलते प्रदेश के अस्पतालों में 129 मरीजों के सैंपल लिए गए। इसमें 44 लोगों में स्क्रब टाइफस की पुष्टि हुई। इसके अलावा 217 लोगों की टाइफाइड को लेकर जांच की गई। इनमें 59 मरीजों में बीमारी के लक्षण पाए गए। स्वास्थ्य विभाग ने बीमारियों को लेकर मेडिकल कालेज के प्रधानाचार्य, वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक, मुख्य चिकित्सा अधिकारी को अलर्ट किया है। ओपीडी में इलाज के लिए आने वाले मरीजों के टेस्ट कराने को कहा गया है। अस्पताल प्रशासन को पर्याप्त मात्रा में दवाइयां उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। प्रदेश में मूसलाधार बारिश के चलते लोगों के घरों में मटमैला पानी की सप्लाई हो रही है। इससे जलजनित के आंकड़ों में इजाफा हो रहा है। एनएचएम के निदेशक सुदेश मोक्टा ने कहा कि प्रदेश में जलजनित रोग के मामले बढ़ने से स्वास्थ्य संस्थानों को अलर्ट किया गया है। प्रतिदिन जिलों से बीमारी से ग्रसित मरीजों की रिपोर्ट ली जा रही है। बीमारी के लक्षण तेज बुखार 104 से 105 डिग्री तक आ सकता है जोड़ों में दर्द और कंपकंपी के साथ बुखार आना शरीर में अकड़न या शरीर टूटा लगना अधिक संक्रमण में गर्दन, बाजू के नीचे कूल्हों के ऊपर गिल्टियां आना
इंडियन ऑयल कारपोरेशन में छूट न देने का फैसला वापस लिया हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक आपदा के बीच एचआरटीसी को बड़ी राहत मिली है। एचआरटीसी को डीजल पर मिलने वाली प्रति लीटर डेढ़ रुपए की छूट अब जारी रहेगी। इंडियन ऑयल कारपोरेशन में छूट न देने का अपना फैसला वापस ले लिया है। इंडियन ऑयल कारपोरेशन के फैसले से निगम को प्रति माह करीब एक करोड़ रुपए की बचत होगी। वहीं, सालाना 10 से 15 करोड़ रुपए की बचत होने का अनुमान है। गौरतलब है को इंडियन ऑयल कारपोरेशन ने पहले एचआरटीसी को डीजल पर मिलने वाली छूट को बंद करने का फैसला लिया था। इसके बाद एचआरटीसी के प्रबंध निदेशक रोहन चंद ठाकुर की ओर से केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय के समक्ष यह मामला उठाया गया था। इनके आग्रह पर इंडियन ऑयल कारपोरेशन ने फैसला वापस ले लिया है। इस बारे में एक पत्र के माध्यम से एचआरटीसी के प्रबंध निदेशक रोहन चंद ठाकुर को इंडियन ऑयल कारपोरेशन की ओर से जानकारी प्रदान की गई है।
स्वर्ण जयंती ऊर्जा नीति में संशोधन का लिया निर्णय, अब 40 वर्ष की अवधि के लिए होगा एमओयू हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक मंगलवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में शिमला में आयोजित हुई, जिसमें कई अहम फैसले लिए गए। बैठक में भारी बारिश के कारण हुई भारी तबाही के कारण जान गंवाने वाले लोगों पर दुख व्यक्त किया गया और उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। राजस्व विभाग ने आपदा प्रबंधन और सार्वजनिक एवं निजी संपत्तियों को हुए भारी नुकसान पर विस्तृत प्रस्तुति दी। कैबिनेट ने बैठक में शिक्षा विभाग में उन अंशकालिक जलवाहकों की सेवाओं को नियमित करने को मंजूरी दी गई, जिन्होंने 31 मार्च, 2023 और 30 सितंबर, 2023 को संयुक्त दैनिक वेतन और अंशकालिक सेवाओं के 11 वर्ष पूरे कर लिए हैं। बैठक में स्वर्ण जयंती ऊर्जा नीति में संशोधन करने का निर्णय लिया, जिसमें एमओयू 40 वर्ष की अवधि के लिए होगा। रॉयल्टी पहले 12 वर्षों के लिए 15 प्रतिशत, अगले 18 वर्षों के लिए 20 प्रतिशत और शेष 10 वर्ष की अवधि के लिए 30 प्रतिशत होगी। इसके बाद परियोजना राज्य सरकार को नि:शुल्क और सभी बाधाओं और देनदारियों से मुक्त होकर वापस कर दी जाएगी। हालांकि विस्तारित अवधि के लिए राज्य को देय रॉयल्टी 50 प्रतिशत से कम नहीं होगी। इसमें 210 मेगावाट लूहरी चरण-एक, 66 मेगावाट धौलासिद्ध, 382 मेगावाट सुन्नी बांध और 500 मेगावाट डुगर जलविद्युत परियोजनाओं के लिए एसजेवीएनएल और एनएचपीसी के पक्ष में क्रमबद्ध मुफ्त बिजली रॉयल्टी के लिए दी गई छूट को तत्काल प्रभाव से वापस लेने का निर्णय लिया। मंत्रिमंडल ने जल विद्युत परियोजनाओं पर लिए जाने वाले जल उपकर की दरों को तर्कसंगत बनाने का निर्णय लिया। मंत्रिमंडल ने राज्य में वर्ष 2023-24 के लिए बाजार हस्तक्षेप योजना के तहत खरीदे जाने वाले सेब, आम और नींबू वर्गीय फलों के समर्थन मूल्य को बढ़ाने की मंजूरी दी। अब से सेब और आम का समर्थन मूल्य 12 रुपये प्रति किलो होगा। साथ ही किन्नू, माल्टा और संतरे का समर्थन मूल्य बढ़ाकर 20 रुपए कर दिया गया है। बैठक में मिड डे मी योजना के तहत कुक कम हेल्पर का मानदेय 1 अप्रैल 2023 से बढ़ाकर 2000 रुपये करने पर सहमति दी गई। इसके अलावा मनरेगा मजदूरों की दिहाड़ी भी बढ़ाई गई। इसके तहत गैरजनजातीय क्षेत्रों में 240 रुपए जनजातीय क्षेत्रों में 294 रुपए दिहाड़ी मिलेगी। बैठक में कीरतपुर-मनाली चार पर यातायात प्रबंधन और नियंत्रण तथा सडक़ सुरक्षा मानदंडों को सुनिश्चित करने के लिए बिलासपुर, मंडी और कुल्लू जिलों में नव स्थापित तीन यातायात सह पर्यटक पुलिस स्टेशनों के लिए विभिन्न श्रेणियों के 48 पद बनाने और भरने को मंजूरी दी गई। इसके अलावा, कैबिनेट ने ग्रामीण विकास विभाग में जूनियर ऑफिस असिस्टेंट (आईटी) के 35 पद भरने का भी फैसला किया। कैबिनेट ने श्रम एवं रोजगार विभाग का नाम बदलकर श्रम रोजगार एवं विदेशी प्लेसमेंट विभाग करने पर सहमति दे दी। सफाई कर्मियों को स्वास्थ्य बीमा कैबिनेट ने राज्य के सफाई कर्मियों को स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध कराने के लिए उन्हें आयुष्मान भारत योजना में शामिल करने पर सहमति दी। इसने राज्य में अगले पांच वर्षों में तैनात किए जाने वाले पटवारियों और 16 चेन-मैन के रूप में 874 उम्मीदवारों का चयन और प्रशिक्षण करने का निर्णय लिया। वन भूमि से पेड़ कटान को मंजूरी वन भूमि से बचे पेड़ों की गणना, चिन्हांकन, निष्कर्षण और निपटान के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) को अपनी मंजूरी दे दी। इससे स्थानीय स्तर पर लकड़ी की उपलब्धता, परिवहन लागत में कमी, राजस्व में वृद्धि, फील्ड स्टाफ की बेहतर और बढ़ी हुई दक्षता और कच्चे रूपों में रूपांतरण सुनिश्चित होगा। ई टैक्सी पर सबसिडी बैठक में किसी भी सरकारी विभाग/स्थानीय प्राधिकरण/ स्वायत्त निकाय/ बोर्ड/ निगम/सरकारी उपक्रम या किसी अन्य प्रतिष्ठान द्वारा राजीव गांधी स्वरोजगार योजना-2023 के तहत ई-टैक्सी किराए पर लेने के लिए मानक संचालन प्रक्रिक्रयाओं (एसओपी) को अपनी मंजूरी दे दी। इस योजना से राज्य के युवाओं के लिए रोजगार के रास्ते खुलेंगे और राज्य सरकार ई-टैक्सी खरीदने के लिए 50 प्रतिशत की सबसिडी प्रदान करेगी जो प्रदूषण को कम करने में काफी मदद करेगी और हरित राज्य बनने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाएगी। इसे 2 अक्तूबर, 2023 से लागू किया जाएगा।
एकल अभियान के तहत मंगलवार को संच धरवाला में एक पौधरोपण अभियान चलाया गया। इस अभियान के तहत संच धरवाला के आचार्य सेवावृत्ति अंजू कुमारी ने जानकारी देते हुए बताया कि संच धरवाला द्वारा पौधे लगाकर पर्यावरण को बचाने का संदेश लोगों तक पहुंचाने का कार्य कर रहे है। आचार्य सेवावृत्ति अंजू कुमारी ने जानकारी देते हुए कहा कि संच धरवाला के तहत पड़ने वाले संच के लगभग 30 ग्राम विद्यालय द्वारा पौधारोपण अभियान चलाया गया हैं। संच धरवाला द्वारा देवदार, आडू, अनार, खुमानी, अखरोट व अन्य कई प्रकार के पौधे लगाये जा रहे हैं। उन्होंने अभी तक लगभग 380 तरह-तरह के पौधे लगाए हैं। उन्होंने बताया कि 31 अगस्त तक ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाने का लक्ष्य संच द्वारा रखा गया हैं। उन्होंने कहा कि इस अभियान को 1 जुलाई को शुरू किया गया तथा 31 अगस्त तक पुरे संच धरवाला में जारी रहेगा। इस मौके संच प्रतिनिधि रजत, संच अध्यक्ष पवन जरयाल, संच प्रमुख अंजू कुमारी व उनके 30 गांव के आचार्य और बच्चों ने अपनी भागीदारी सुनिश्चित की।
चंबा जिले के कुठेड हाइड्रो प्रोजेक्ट में मजदूरी करने वाला युवक काम पर जाते समय अचानक सड़क से लुढ़क कर रावी नदी में जा गिरा और उसकी मौत हो गई। मृृतक की पहचान 20 वर्षीय विशाल कुमार निवासी सलूणी के तौर पर हुई है। बहरहाल पुलिस चौकी होली से एक टीम ने मौके पर पहुंच कर शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए ले जाया गया है। परिजनों के मौके पर पहुंचने के बाद आगामी प्रक्रिया अमल में लाई जाएगी। पता चला है कि बीती रात विशाल कुमार प्रोजेक्ट की एडिट वन की तरफ अपनी ड्यूटी के लिए अन्य साथियों के साथ जा रहा था। इस दौरान पानी की बोतल लेने के लिए वह बीच रास्ते से अपने कमरे की तरफ लौट गया। आरंभिक पुलिस छानबीन में पता चला है कि विशाल मोबाइल देखता हुआ ड्यूटी स्थल की ओर जा रहा था। लिहाजा आशंका जताई जा रही है कि इस दौरान वह अनियंत्रित होकर प्रोजेक्ट की साइट पर स्थित सडक़ से नीचे की ओर लुढक़ गया और रावी में जा पहुंचा। जब उसके साथियों को विशाल के ड्यूटी पर न पहुंचने का पता चला, तो उन्होंने तलाश आरंभ कर दी। साथ ही पुलिस को भी इस बाबत सूचना दी। बताया जा रहा है कि इस दौरान उसका शव रावी नदी में दिखा। जिस पर पुलिस ने मौके पर मौजूद वर्करों की मदद से शव को नदी से बाहर निकाला और अपने कब्जे में लिया। बहरहाल शव को होली स्थित सामुदायिक अस्पताल ले जाया गया है और परिजनों के आने का इंतजार किया जा रहा है।
हिमाचल सरकार ने ग्रुप सी और डी यानी क्लास 3 और क्लास 4 कर्मचारियों के तबादलों से बैन हटा दिया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के निर्देश के अनुसार 21 अगस्त से 31 अगस्त और फिर 20 सितंबर से 30 सितंबर के बीच प्रतिबंध हट जाएगा। इस दौरान संबंधित कैबिनेट मंत्री ट्रांसफर आर्डर कर सकेंगे। इसके बाद फिर से प्रतिबंध लागू हो जाएगा। ट्रांसफर बैन की अवधि में सिर्फ मुख्यमंत्री को ही तबादला आदेश जारी करने का अधिकार है। सोमवार को जारी आदेशों के अनुसार सभी प्रशासनिक सचिवों, विभाग अध्यक्षों, मंडल युक्त और जिला उपायुक्तों को ये निर्देश भेजे गए हैं। इसके अनुसार संबंधित मंत्री 3 साल का स्टे पूरा करने वाले कर्मचारियों के आवेदनों पर ही विचार करेंगे, लेकिन यदि प्रशासनिक जरूरत है तो 2 साल एक स्टेशन पर पूरा करने वाले कर्मचारी भी तबादले के लिए कंसीडर किए जा सकेंगे। ये तबादले कुल कैडर के 3 फ़ीसदी से ज्यादा नहीं होंगे। यदि तबादले का आवेदन कंप्रिहेंसिव गाइडिंग प्रिंसिपल 2013 के अनुसार नहीं है, तो मुख्यमंत्री को मामला अनुमति के लिए भेजना होगा। तबादला आदेश करती बार संबंधित विभाग अध्यक्ष को यह भी ध्यान होगा कि आपदा राहत और पुनर्वास के कामों में लगे कर्मचारियों के तबादले न हों।
निगम की बसों में पहली बार बिना यात्री भी भेज सकेंगे सामान हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) निगम प्रबंधन ने लोगों की सुविधा, आय बढ़ाने और परिचालकों की मनमानी रोकने के लिए बसों में ले जाने वाले सामान के टिकट की दरें तय की हैं। सब्जी, फल, फूल सहित लोग अब ऑफिस और डाइनिंग चेयर, टेबल, सोफा सेट, बेड बॉक्स और अलमारी भी निगम की बसों पर ले जा सकेंगे। नई दरों में निगम की बस में अब लैपटॉप व वॉशिंग मशीन का फुल और अलमारी का डबल टिकट कटेगा। यात्री अब सफर के दौरान बिना अतिरिक्त किराया चुकाए 30 किलो घरेलू सामान या दो बैग साथ ले जा सकेंगे। इसके अलावा बसों में पहली बार बिना यात्री सामान भेजने की सुविधा मिलेगी। 40 किलो का आधा टिकट और 80 किलो का पूरा टिकट बनता था। अब 30 किलो से अधिक सामान के लिए 15 किलो का एक चौथाई टिकट लेना होगा। पहले 25 किलो पर एक चौथाई टिकट लेना होता था। सेब का हाफ बॉक्स मुफ्त जाएगा। फुल बॉक्स के लिए आधा टिकट लगेगा। बिना यात्री हाफ बॉक्स के लिए आधा टिकट, फुल बॉक्स के लिए पूरा टिकट लगेगा। अब तक एक यात्री अपने साथ सेब का एक फुल बॉक्स मुफ्त ले जा सकता था। पेट्रोल, डीजल, केरोसिन, एसिड, गन पाउडर, गुटका, पान मसाला सहित 25 अन्य सामान ले जाने पर प्रतिबंध लगाया गया है। यात्री के साथ दो लैपटॉप मुफ्त और बिना यात्री के पूरे टिकट के पैसे देने होंगे। यात्रियों को सुविधा मिलेगी, आय भी बढ़ेगी एचआरटीसी के प्रबंध निदेशक रोहन चंद ठाकुर ने बताया कि यात्रियों की सुविधा, आय में बढ़ोतरी और गड़बड़ी करने वालों पर नकेल के लिए व्यवस्था लागू की है। कुछ लोग बिना यात्रा किए बसों से सामान भेजते हैं, लेकिन निगम को इससे आय नहीं हो रही, अब यात्री साथ हो या न हो सामान की टिकट अनिवार्य होगी। बिना टिकट सामान मिला तो कंडक्टर ड्राइवर नपेंगे नई व्यवस्था के तहत अब अगर बस में बिना टिकट सामान मिला कंडक्टर, ड्राइवर पर कार्रवाई होगी। दोषी पाए जाने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई का प्रावधान किया गया है। सवाल : बिना कैरियर बसों में कैसे जाएगा सामान? दिल्ली सहित अन्य लंबी दूरी के रूटों पर निगम की बिना कैरियर वाली बीएस-6 बसें संचालित की जा रही हैं। इन बसों में छोटी डिग्गी की सुविधा है ऐसे में लंबी दूरी के लिए भारी सामान का परिवहन कैसे होगा यह बड़ा सवाल है।
प्रदेश के चंबा जिले के सलूणी के थाडल (बरोटी) में ट्रैक्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हादसे में चालक की मौत हो गई, जबकि एक घायल है। मृतक की पहचान विशाल कुमार निवासी फगडोटू के तौर पर हुई है। डीएसपी रमाकांत ने बताया कि हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर रवाना हुई। शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम करवाया जा रहा है। हादसे के कारणों की छानबीन की जा रही है।
भारी बारिश के कारण प्रदेश भर में बंद हुए करीब 3700 रूटों में से एचआरटीसी ने 2500 रूटों पर बस सेवा को बहाल कर दिया है, लेकिन अभी भी 1226 रूट प्रदेश भर में बंद हैड्ड। इन रूटों के बंद होने के कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। रूट बंद होने से जहां प्रदेश के लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं। वहीं एचआरटीसी को रोजाना लाखों रुपए का घाटा उठाना पड़ रहा है। एचआरटीसी प्रबंधन से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश में सबसे ज्यादा रूट मंडी और कुल्लू जिला में प्रभावित हैं। मंडी जिला में 130 और कुल्लू जिला में 167 रूट प्रभावित हैं। इसके अलावा रामपुर यूनिट में 118 और सुंदरनगर यूनिट में 96 रूट प्रभावित है। वहीं प्रदेश में एचआरटीसी की 180 बसें अभी भी प्रदेश के अलग-अलग स्थानों में फंसी हुई हैं। एचआरटीसी की बसें ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूली बच्चों को स्कूल पहुंचाने, नौकरी पेशा लोगों को दफ्तरों तक पहुंचाने और किसानों-बागबानों व दुग्ध उत्पादकों के उत्पादों को मार्केट तक पहुंचाती हैं। ऐसे में एचआरटीसी की सेवाएं बंद होने से प्रदेश के हजारों लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। एक ओर जहां सरकार व एचआरटीसी प्रबंधन एचआरटीसी को घाटे से निकालने के लिए योजनाएं बना रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर हिमाचल में आई आपदा से एचआरटीसी की मुश्किलें और अधिक बढ़ गई है।
उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने शुक्रवार देर शाम श्री नयनादेवी जी मंदिर में शीश नवाया और प्रदेश के लोगों की सुख-समृद्धि की कामना की। नयनादेवी मंदिर न्यास की ओर से घवांडल सीएचसी के लिए पांच करोड़ जारी किए। मुकेश ने कहा कि श्री नयनादेवी विधानसभा क्षेत्र के विकास में पैसे की कमी नहीं आएगी। मंदिर के लिए लिफ्ट बनाने के कार्य को भी जल्द स्वीकृति दी जाएगी। पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने श्री नयनादेवी क्षेत्र के लिए जो घोषणाएं की थीं उन सभी को वर्तमान सरकार पूरा करेगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री राहत कोष में नयना देवी मंदिर न्यास की ओर से दो करोड़ और बाबा बालक नाथ मंदिर न्यास की ओर से एक करोड़ रुपये दिए जाएंगे। समस्त मंदिर ट्रस्ट के सदस्य शिमला में मुख्यमंत्री से मिलेंगे। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि देश के बड़े मंदिरों की तरह हिमाचल के मंदिरों का भी कायाकल्प होगा। बसों के माध्यम से सभी तीर्थ स्थलों को आपस में जोड़ा जाएगा। कहा कि हिमाचल प्रदेश के मंदिरों के लिए योजना तैयार की जा रही है। इसके तहत श्रद्धालुओं को अधिक से अधिक सुविधाएं मिलेंगी। अग्निहोत्री ने कहा कि केंद्र सरकार को राष्ट्रीय आपदा घोषित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भरमौर में आपदा के दौरान पेयजल योजना की स्कीम में कार्य करते हुए गुड्डू राम की जान चली गई। उनके परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी। वहीं विभाग के अंतर्गत जिन व्यक्तियों ने आपदा के दौरान अपनी जान गंवाई है, उनके परिवारों को सरकार अकेला नहीं छोड़ेगी। परिवार के किसी एक सदस्य को रोजगार देगी।
सीएम बोले प्रदेश में 10 हजार करोड़ से भी अधिक का नुकसान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां कहा कि प्रदेश में भारी बारिश से हुए नुकसान के दृष्टिगत राज्य सरकार ने पूरे प्रदेश को 'प्राकृतिक आपदा प्रभावित क्षेत्रÓ घोषित किया है। उन्होंने कहा कि विगत दिनों से जारी भारी बारिश, बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं से प्रदेश में जान-माल का भारी नुकसान हुआ है। राज्य में पेयजल, विद्युत आपूर्ति व्यवस्था व सड़कों सहित अन्य संसाधनों को भी भारी क्षति पहुंची है। अभी तक राज्य में 12 हजार से अधिक घर क्षतिग्रस्त हुए हैं और 330 लोगों की बहुमूल्य जान चली गई हैं। प्रदेश में अभी तक 10 हजार करोड़ रुपये से भी अधिक का नुकसान आंका गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कृषि और बागवानी को भी भारी नुकसान हुआ है। राज्य में संचार व्यवस्था पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। राज्य में जन-जीवन अस्त-व्यस्त हुआ है और व्यावसायिक गतिविधियां भी आपदा से अछूती नहीं रही हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के कई क्षेत्रों में लोगों को राहत शिविरों में शरण लेनी पड़ी है। खतरे के दृष्टिगत बहुत से लोगों को उनके घरों से सुरक्षित निकालकर दूसरे स्थानों पर पहुंचाया गया है। प्रदेश सरकार राहत, बचाव एवं पुनर्वास के लिए युद्ध स्तर पर कार्य कर रही है। आपदा प्रभावितों को हरसंभव मदद सुनिश्चित की जा रही है। उन्होंने कहा कि मौसम के अनुकूल होने पर संबंधित जिलों और विभागों द्वारा संपत्ति, पशुधन, आधारभूत संरचना और अन्य नुकसान का आकलन कर पुनर्निर्माण और उपयुक्त कार्रवाई के लिए प्रदेश सरकार के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।
अतिरिक्त उपायुक्त भरमौर नवीन तंवर की अध्यक्षता में उत्तरी भारत की प्रसिद्ध श्री मणिमहेश यात्रा को लेकर उप मंडल स्तरीय समीक्षा बैठक का आयोजन लघु सचिवालय पट्टी के सभागार में किया गया। बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त ने विभिन्न विभागों द्वारा श्री मणिमहेश यात्रा को लेकर की जा रही व्यवस्थाओं की विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने सभी विभागीय अधिकारियों को यात्रा के सफल आयोजन के लिए सभी आवश्यक प्रबंधों का तय सीमा के भीतर पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने सड़क मार्गो, बेहतर पेयजल, विद्युत आपूर्ति और शौचालयों की उचित व्यवस्था को सुनिश्चित बनाने के लिए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक कार्यवाही करने को कहा। उन्होंने यह भी निर्देश दिए की यात्रा से संबंधित तैयारियों के उचित प्रबंधों को जल्द से जल्द अमलीजामा पहनाया जाए। उन्होंने विद्युत व्यवस्था की समीक्षा करते हुए हडसर से डल झील तक बिजली व्यवस्था का उचित प्रबंध बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने लोक निर्माण विभाग को जल्द से जल्द मणिमहेश यात्रा में पैदल चलने वाले पोर्टेबल पुलों को लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने होली से तियारी कलाह के पैदल रास्ते को भी तैयार करने को कहा । उपमंडल अधिकारी नागरिक भरमौर कुलबीर सिंह राणा ने बैठक का संचालन किया और श्री मणिमहेश यात्रा की जा रही व्यवस्थाओं का भी ब्यौरा रखा। बैठक में सहायक निदेशक पशुपालन विभाग डॉ. राकेश भंगालिया ,खंड विकास अधिकारी अनिल गुराडा , सहायक अभियंता जल शक्ति विभाग विवेक चंदेल, सहायक अभियंता लोक निर्माण विभाग विशाल चौधरी, कनिष्ठ अभियंता विद्युत विभाग केवल सिंह, पुलिस निरीक्षक हरनाम सिंह सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे ।
चंबा-पठानकोट राष्ट्रीय उच्च मार्ग पर दुनेरा के समीप बंद पड़े मार्ग को बहाल करने के लिए अब एनएच मंडल चंबा के अधिशासी अभियंता ईं. संजीव महाजन ने मोर्चा संभाला है। उन्होंने मौके पर पहुंचकर पठानकोट प्रशासन के अधिकारियों के साथ मार्ग बहाली को लेकर गहन मंथन किया। इस दौरान उन्होंने अपनी ओर से कई बहुमूल्य सुझाव भी प्रशासन के अधिकारियों के समक्ष रखे। संजीव महाजन ने बताया कि बीते चार-पांच दिनों से मार्ग बंद होने के कारण लोगों को रोजाना दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इससे चंबा जिला की पर्यटन गतिविधियों पर बुरा असर पड़ रहा है। वहीं लोगों को जिला चंबा में प्रवेश के लिए वाया नूरपुर होकर आना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि पठानकोट प्रशासन के अधिकारियों को मार्ग बहाली से संबंधित आवश्यक सुझाव दिए गए हैं। जल्द ही मार्ग बहाल हो जाएगा। आपको बता दें कि इससे पहले इंजीनियर संजीव महाजन ने चंबा-भरमौर एन एच बहाली के लिए भी बेहतरीन कार्य किया था। जिसके चलते स्वतंत्रता दिवस समारोह में उन्हें सम्मानित भी किया गया है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने संबंधित विभागों के अधिकारियों को प्रदेश में स्वचालित मौसम केंद्र ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन (एडब्ल्यूएस) की संख्या बढ़ाने के लिए उपयुक्त कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। वह बुधवार सायं यहां आयोजित उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि एडब्ल्यूएस स्थापित करने से मौसम से संबंधित अद्यतन (रियल टाइम) डाटा उपलब्ध होगा, जिससे मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियों में समय पर उचित कदम उठाने में मदद मिलेगी। उन्होंने प्रदेश में ऑब्जर्वेटरी सेंटर स्थापित करने की आवश्यकता पर भी बल दिया। मुख्यमंत्री ने राज्य में राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) को और सशक्त बनाने के लिए प्रभावी कदम उठाने को भी कहा। उन्होंने कहा कि एसडीआरएफ को आपात स्थिति से निपटने के लिए आधुनिक उपकरण उपलब्ध करवाए जाएंगे। इन उपकरणों से गिरे हुए लेंटर व स्लैब उठाने और भारी स्टील की कटिंग सुविधा उपलब्ध होने से आपदा की स्थिति में बचाव कार्यों में अत्यधिक मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारी बारिश के कारण प्रदेश में विभिन्न क्षेत्रों में काफी संख्या में पेड़ गिरे हैं। इन पेड़ों की कटाई व निपटान वैज्ञानिक तरीके से सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि गिरे हुए पेड़ों के स्थान पर पौधरोपण करने के लिए भी आवश्यक कदम उठाए जाएं ।उन्होंने अधिकारियों को कहा कि कुल्लू जिला में सड़कें बाधित होने के दृष्टिगत गंभीर मरीजों को आपात चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए अतिरिक्त (स्टैंड बाई) हेलीकॉप्टर की व्यवस्था की जाए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से प्रदेश के विभिन्न भागों में चलाए जा रहे राहत व बचाव कार्य की विस्तृत जानकारी ली। उन्होंने आपदा प्रभावितों को हर संभव मदद प्रदान करने के निर्देश दिए। बैठक में मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू, प्रधान सचिव, सचिव व अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
कांगड़ा में 6, शिमला में 2 और मंडी व सिरमौर में 1-1 टीम कर रही बचाव कार्य हिमाचल प्रदेश में विभिन्न क्षेत्रों में बादल फटने और लगातार हो रही भारी बारिश के कारण बाढ़, भूस्खलन और इमारत ढहने की घटनाएं हो रही हैं। इस आपदा की घड़ी में मानसून सीजन के शुरुआत से ही 14 वाहिनी एनडीआरएफ की टीमें दिन-रात हिमाचल प्रदेश के अलग-अलग स्थान पर राहत एवं बचाव कार्य कर रही हैं। पिछले 3 दिनों से हो रही लगातार बारिश से ब्यास नदी का जलस्तर भी बहुत बढ़ गया है, जिसके कारण पौंंग डैम का पानी खतरे के निशान पर पहुंच गया है तथा पौंग डैम से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है पौंंग डैम से पानी छोड़े जाने के कारण निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा बन गया है। लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए एनडीआरएफ की 6 टीमें बलजिंदर सिंह, सेनानी के मार्गदर्शन में कांगड़ा जिले के विभिन्न स्थानों पर दिन-रात राहत एवं बचाव कार्य कर रही हैं। कांगड़ा जिले में 3 टीमें इंदौरा, 1 टीम ज्वालामुखी और 2 टीमें फतेहपुर में, जबकि जिला शिमला में समर हिल में 2 टीमें, सिरमौर जिला के काला कालाअंब में 1 और जिला मंडी के धर्मपुर में 1 टीम राहत एवं बचाव कार्य में लगी हुई है। एनडीआरएफ द्वारा अभी तक ज्वालामुखी क्षेत्र से 67 लोगों को, इंदौरा से 138 लोगों को एवं फतेहपुर से 7 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है और वाहिनी की 2 अन्य टीमों द्वारा समर हिल शिमला से भूस्खलन रेस्क्यू ऑपस के दौरान अभी तक 4 मृत देह को मलबे से बाहर निकाला गया है। ऑप्स के दौरान सभी रेसस्क्यूर्स का मोराल बहुत उच्च दर्जे का है और सभी रेसस्क्यूर्स पूरे जोश के साथ रेस्क्यू ऑप्स में तैनात हैं। राहत एवं बचाव कार्य लगातार जारी है।
उत्कृष्ट कार्य करने पर प्रशस्ति पत्र देकर किया सम्मानित 77वां स्वतंत्रता दिवस का उपमंडल स्तरीय समारोह राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला (बाल) भरमौर के प्रांगण में मनाया गया। समारोह की अध्यक्षता एसडीएम भरमौर कुलबीर सिंह राणा ने की। राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा झंडा फहराकर आकर्षक मार्च पास्ट की सलामी ली। परेड में पुलिस, एनसीसी व एनएसएस की टुकड़ियों ने भाग लिया। इस मौके पर एसडीएम ने लोगों को स्वतंत्रता दिवस पर शुभकामनाएं देते हुए कहा कि 15 अगस्त, 1947 को देश गुलामी की बेड़ियों से मुक्त होकर आज़ाद हुआ था। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि देश के अनेकों वीर सपूतों ने भारत मां को गुलामी की जंजीरों से आजाद करवाने में अपने प्राणों की आहुति दी थी। उन्होंने कहा कि हमें वीर जवानों द्वारा दी गई कुर्बानियों को हमेशा याद रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि कृतज्ञ राष्ट्र शहीदों के बलिदान को कभी नही भूलेगा, तों वही विविधता में एकता की भावना हमारे देश की ताकत का आधार रही है। हम स्वतंत्रता, समानता और न्याय के उन मूल्यों को बनाए रखने का संकल्प लें, जिन पर हमारे देश का निर्माण हुआ है। इस अवसर पर उपमंडल भरमौर में उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारियों व कर्मचारी को प्रशस्ति प्रमाण पत्र देकर सम्मानित भी किया गया। उन्होंने उनके कार्य की सराहना करते हुए व शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भविष्य में वह ऐसी लग्न और परिश्रम से कार्य करते रहे। इस कार्यक्रम के अवसर पर पंचायत समिति सदस्य विक्रम ठाकुर, सहायक निदेशक पशुपालन अधिकारी डॉ. राकेश भंगालिया, नायब तहसीलदार भरमौर देवेंद्र गर्ग, विषय वस्तु विशेषज्ञ कृषि डॉ. करतार डोगरा, विषय वस्तु विशेषज्ञ उद्यान डॉ. आशीष शर्मा, पुलिस निरीक्षक हरनाम सिंह, प्रधानाचार्य नीलम चाडक, कनिष्ठ अभियंता विद्युत विभाग पंकज कपूर, विभिन्न स्कूलों के बच्चों सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित रहे।
हिमाचल प्रदेश में 72 घंटों से लगातार जारी भारी बारिश ने तबाही मचा दी है। सावन के सोमवार को भारी बारिश के रेड अलर्ट के बीच राज्य में जगह-जगह बादल फटने और भूस्खलन से 51 लोगों की मौत गई। करीब 30 लोग मलबे में दबने और बहने से लापता हैं। मंडी जिले में 18, राजधानी शिमला में 14, सोलन में 11, कांगड़ा-हमीरपुर में 3-3, चंबा और सिरमौर में 1-1 लोगों की जान गई है। शिमला, सोलन, कांगड़ा में एक-एक और मंडी में दो जगह बादल फटे हैं। शिमला में 15, मंडी में 3, हमीरपुर में दो और सिरमौर में एक व्यक्ति लापता है। मंडी में छह लोग घायल हुए हैं। प्रदेश सरकार ने 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस पर होने वाले सभी सांस्कृतिक कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं। केवल रस्मी तौर पर ही तिरंगा फहराया जाएगा। प्रदेश में रविवार रात को सामान्य से 357 फीसदी ज्यादा बारिश हुई। सूबे में आठ नेशनल हाईवे और 621 सड़कें बंद हो गईं हैं। मंडी के पराशर रोड पर 250 पर्यटक फंसे हैं। इन्हें सुरक्षित निकालना चुनौती बन गया है। शिमला में भी पर्यटक होटलों में ही कैद हैं।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां कहा कि प्रदेश में भारी बारिश तथा बाढ़ के कारण हुए भारी नुकसान के दृष्टिगत १५ अगस्त को स्वतंत्रता दिवस पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में किसी प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित नहीं किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि यह समारोह केवल सेरेमोनियल होगें। उन्होंने कहा कि बारिश के कारण प्रदेश में जानमाल की भारी क्षति हुई है। प्रदेश सरकार आपदा की इस घड़ी में पीड़ित परिवारों के साथ है। मुख्यमंत्री ने आज इंदिरा गांधी चिकित्सा महाविद्यालय शिमला का दौरा भी किया तथा शिमला शहर के विभिन्न स्थानों में भूस्खलन से घायल हुए लोगों का कुशलक्षेम पूछा तथा उनके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की।
भारी बारिश के कारण विद्यार्थियों की सुरक्षा के मद्देनजर लिया निर्णय सभी जिलों के डीसी से फोन पर बात कर बारिश से हुए नुकसान का लिया फीडबैक हिमाचल प्रदेश के सभी शिक्षण संस्थान (स्कूल, कॉलेज) 14 अगस्त को बंद रहेंगे। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भारी बारिश के कारण विद्यार्थियों की सुरक्षा के मद्देनजर यह निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री के आदेश पर शिक्षा सचिव ने सभी सरकारी, निजी स्कूलों, कॉलेजों को १४ अगस्त को बंद रखने की अधिसूचना जारी कर दी है। मुख्यमंत्री ने जिलों में भारी बारिश से हो रहे नुकसान की फीडबैक सभी डीसी से ली। उन्होंने सड़क मार्गों के बंद होने की जानकारी भी हासिल की। भूस्खलन और मकानों के क्षतिग्रस्त के कारण हुए नुकसान के बारे में भी उन्होंने जाना। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव, गृह सचिव के साथ ही सभी डीसी को निर्देश दिए हैं कि भारी बरसात के कारण बने हालात पर पूरी नजर बनाए रखें। प्रशासनिक अमला मुस्तैद रहे और सड़क मार्ग, बिजली, पानी की व्यवस्था सुचारू बनाए रखें।
मेरी माटी, मेरा देश व माटी को नमन-वीरों को वंदन कार्यक्रम को पूरे भारत वर्ष में मनाया जा रहा है। इसी कड़ी में विकास खंड भरमौर की ग्रांम पंचायत संचूई में युवा कार्य और खेल विभाग के सौजन्य नेहरू युवा केंद्र चंबा द्वारा भरमौर ब्लॉक में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में खंड विकास अधिकारी अनिल गुराडा ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। कार्यक्रम की शुरुआत में शहीद वीर सैनिक परिवरों व रिटायर सेना के जवानों को शॉल व टोपी पहनाकर सम्मानित किया गया। इस मौके पर ग्राम पंचायत संचूई के प्रधान संजीव ठाकुर ने नेहरू युवा केंद्र चंबा की तरफ से समृति चिन्ह भी भेंट किए। कार्यक्रम में पंचायत के 16 रिटायर सेना के जवान व वर्तमान समय में देश की सेवा कर रहे जवानो क़ो वंदन किया गया। मेरी माटी, मेरा देश व माटी को नमन-वीरों को वंदन कार्यक्रम के तहत पंचायत द्वारा एक बाटिका भी बनाई गई। वाटिका के आस-पास शहीद परिवारों के धर्मपत्नियों द्वारा पौधारोपण कर उन्के वलिदानों क़ो याद किया। तत्पश्चात शिलाफ्लकम अनावरण, ध्वजारोहण राष्ट्रीय गान के साथ देश के वीर जवानों को वंदन किया गया। इस कार्यक्रम में खंड विकास अधिकारी भरमौर अनिल गुराडा, प्रधान संजीव ठाकुर, पंचायत सचिव, नेहरू युवा केंद्र ब्लॉक भरमौर के स्वयंसेवी मनीष ठाकुर, पंचायत प्रतिनिधियों के अलावा रिटायर वीर जवान सुंदर लाल, दीनानाथ, जयराम, देवी चंद दलीप चंद, हिम्मपत, सरवण, अर्जुन सिंह, सेवा जवान संजय ठाकुर, शहीद गगन सिंह की पत्नी दुर्गी देवी व शहीद प्यार सिंह की पत्नी ने श्रीशट्टा देवी ने अपनी उपस्तिथि दर्ज करवाई।
मंडी जिले के नाचन के चुनाहन में बादल फटा बल्ह घाटी में सबसे ज्यादा तबाही पहाड़ी राज्य हिमाचल में भारी बारिश का कहर जारी है। पिछले 35 घंटे से अधिक समय से भारी बारिश हो रही है। इससे 500 से ज्यादा सड़कें वाहनों की आवाजाही के लिए अवरुद्ध हो गई हैं। चंडीगढ़-मनाली, कालका-शिमला और शिमला-बिलासपुर नेशनल हाईवे जगह-जगह बंद पड़ा है। शनिवार रात से हो रही बारिश हसे मंडी जिले की बल्ह घाटी में सबसे ज्यादा तबाही हुई है। पूरी घाटी जलमग्न होने से 300 से ज्यादा घरों, 35 से ज्यादा गाड़ियों को नुक़सान पहुंचा है। किसानों की फसलें तबाह हुई हैं। मंडी जिले के नाचन के चुनाहन में भी बादल फटने से घर खेत और पशु बह गए। लोगों का कहना है कि पहली बार उन्होंने ऐसी तबाही देखी है। पंचायत घर, पशु चिकित्सालय, क्क॥ष्ट, हटगढ़ स्कूल जलमग्न है। सलवाहन का गोसदन भी खतरे में है। 75 पशु कभी भी बह सकते हैं। 8 जिलों में फ्लैश फ्लड की चेतावनी मौसम विभाग ने आज प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में भारी बारिश होने का ऑरेंज अलर्ट जारी कर रखा है। इसे देखते हुए 8 जिलों शिमला, कांगड़ा, चंबा, हमीरपुर, बिलासपुर, मंडी, कुल्लू और सोलन में फ्लैश फ्लैड की चेतावनी दी गई है। बिलासपुर के डीब में भारी नुकसान बिलासपुर जिला में डीब नामक स्थान पर बारिश से बहुत बड़ा नुकसान हुआ है। यहां पर बारिश के कारण आई बाढ़ और मलबे में 2 ट्राले, एक कार, गाय भैंस और बकरियां बह गईं। गनीमत रही कि कोई जानी नुक़सान नहीं हुआ। यहां पर पहाड़ी में दरारें आ जाने से मकानों को खतरा पैदा हो गया है। लोगों घरों से बाहर निकल गए हैं।
उपायुक्त अपूर्व देवगन ने उत्तरी भारत की प्रसिद्ध, पांच कैलाशौ में से एक, श्री मणिमहेश यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को उपलब्ध करवाई जाने वाली विभिन्न व्यवस्थाओं का जायजा लेने के लिए स्वयं हड़सर से डल झील तक स्थानीय प्रशासन के साथ पैदल यात्रा की। इस दौरान पुलिस अधीक्षक अभिषेक यादव, अतिरिक्त उपायुक्त भरमौर नवीन तंवर, एसडीएम भरमौर कुलबीर सिंह राणा, भारतीय प्रशासनिक सेवा में प्रोबेशनर अधिकारी इशांत जसवाल सहित सभी महत्वपूर्ण विभागों के अधिकारी उनके साथ मौजूद रहे । उपायुक्त ने यात्रा के दौरान विभिन्न स्थलों पर लगाए जाने वाले लंगरों, ठहरने योग्य स्थानों, पेयजल आपूर्ति, विद्युत आपूर्ति, सार्वजनिक शौचालयों, सड़क मार्गो सहित विभिन्न व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया। साथ में उन्होंने डल झील, गौरी कुंड, सुंदरासी ,धन्छौ आदि महत्वपूर्ण स्थानों पर की गई व्यवस्थाओं का भी जायजा लिया। मौके पर जाकर व्यवस्थाओं का जायजा लेने के उपरांत उपायुक्त ने भरमौर में स्थानीय प्रशासन के साथ श्री मणिमहेश यात्रा के सफल आयोजन को लेकर बैठक भी की। बैठक में उपायुक्त ने मणिमहेश यात्रा की व्यवस्थाओं के उचित प्रबंधन को लेकर विभागों को तय सीमा के भीतर कार्य करने के निर्देश दिए। बैठक में हडसर से श्री मणिमहेश तक पैदल यात्रा की समीक्षा करते हुए उन्होंने लोक निर्माण विभाग को श्रद्धालुओं के पैदल रास्ते को तय सीमा के भीतर कार्य पूरा करने और रास्ते पर विश्राम स्थल बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने पेयजल की व्यवस्था को लेकर हडसर से धन्छौ तक पेयजल व्यवस्था और शौचालय के लिए पानी की व्यवस्था को सुचारू करने के लिए जल शक्ति विभाग को निर्देशित किया। उन्होंने ग्रामीण विकास विभाग को सार्वजनिक शौचालय में साफ सफाई की उचित व्यवस्था को सुनिश्चित बनाए रखने के निर्देश भी दिए। विद्युत व्यवस्था की समीक्षा करते हुए हडसर से श्री मणिमहेश तक बिजली व्यवस्था का उचित प्रबंध बनाने के लिए उन्होंने निर्देश दिए। बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त नवीन तंवर, वन मंडल अधिकारी नरेंद्र कुमार, खंड विकास अधिकारी अनिल गुराड़ा, सहायक अभियंता जल शक्ति विभाग विवेक चंदेल सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी बैठक में उपस्थित रहे ।
भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष ने उच्च स्तरीय जांच समिति भी बैठाने की उठाई मांग शिमला भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष एवं विधायक हंसराज ने कहा कि चंबा में आज सुबह एक बहुत दर्दनाक हादसा हुआ है और इसमें पूरी तरह से सरकार एवं पीडब्ल्यूडी के एक्सईएन की लापरवाही सामने आई है। आज सुभा 9 बजे के आसपास चंबा-तीसा-पांगी रोड पर एक पहाड़ गिरने से सात लोगों की मृत्यु होने की बात कही जा रही है, जिसमें से दो स्थानीय लोग थे और बाकी पुलिसकर्मी थे। उन्होंने कहा कि हमने सरकार से लगातार गुहार लगाकर इस रोड को बंद करवाया था, पर सरकार ने इस रोड को फिर खोल दिया था। इसकी जानकारी भी हमने सरकार को पहले दे दी थी, पर सरकार मौन रही। पहाड़ लगातार गिर रहा था। जनता देख रही थी, पर सरकार ने कोई एक्शन नहीं लिया। उन्होंने कहा कि भाजपा मांग करती है कि सरकारी अधिकारी जोगिंदर शर्मा, पीडब्ल्यूडी में कार्यरत पर तुरंत एफआईआर होनी चाहिए, क्योंकि उनकी लापरवाही से ही इतना बड़ा हादसा आज चंबा में हुआ है। हमने लगातार सोशल मीडिया और लिखित माध्यम से सरकार को इस बारे में अवगत करवाया था, परंतु सरकार ने इस तरफ किसी भी प्रकार का एक्शन नहीं लिया। उन्होंने कहा कि इस हादसे को लेकर एक उच्च स्तरीय जांच समिति भी बैठानी चाहिए और सरकार को जनता के सामने अपना पक्ष रखना चाहिए।
चंबा जिला में भीषण सडक़ हादसा पेश आया है, जिसमें चालक सहित आठ पुलिस कर्मियों की मौत हो गई, जबकि तीन अन्य घायल हो गए। हादस तीसा-बैरागढ़ मार्ग पर तरवाई पुल के पास पेश आया, जहां बोलेरो गाड़ी बैरा खड्ड में जा गिरी। हादसे में चालक सहित आठ लोगों की मौत हो गई, जबकि अन्य घायल हो गए। मृतकों में सात पुलिस कर्मी शामिल हैें। बताया जा रहा है गाड़ी में कुल 11 लोग सवार थे, जो कि मंगली से तीसा की ओर जा रहे थे। इसी बीच बैरा खड्ड के पास चालक ने गाड़ी से नियंत्रण खो दिया और गाड़ी सीधे गहरी खड्ड में जा गिरी। हादसा इतना भयानक था कि इनमें से पांच लोगों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। बहराल, मृतकों और घायलों को चंबा अस्पताल लाया जा रहा है।
आजादी के अमृत महोत्सव के तहत 'मेरी माटी, मेरा देशÓ अभियान 9 से 15 अगस्त तक प्रदेश भर में आयोजित किया जा रहा है। आज राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला उल्लांसा की एनएसएस इकाई द्वारा पौधरोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में स्कूल के एनएसएस इकाई द्वारा देशभर में हमारे अमर बलिदानियों की याद में आज मेरी माटी, मेरा देश अभियान के तहत नाग मंदिर परिसर उल्लांसा के आस-पास के स्थानों पर पौधरोपण किया गया। इकाई द्वारा देवदार, कैल, अखरोट व अन्य अलग-अलग किस्मों के 75 पौधे लगाए गए। स्कूल के प्रधानाचार्य कुलभूषण कुमार ने जानकारी देते हुए कहा कि इस मौके पर एनएसएस इकाई के बच्चों द्वारा शपथ भी ली गई कि हमारे द्वारा लगाए गए सभी पौधों की अच्छी देखभाल करेंगे। इस अवसर पर राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला उल्लांसा के प्रधानाचार्य कुलभूषण कुमार एन एस एस अधिकारी संजय शर्मा, नरेंद्र, विशाल, विजेंद्र सिंह व स्टाफ के अन्य सदस्य मौजूद रहे। इसके अतिरिक्त वन विभाग के कर्मचारी व अधिकारी व पंचायत के वरिष्ठ नागरिक व स्वयंसेवियों ने विशेष तौर पर हिस्सा लिया।
डीसी ने भरमौर का दौरा कर व्यवस्थाओं का लिया जायजा श्री मणिमहेश यात्रा के प्रबंधों को लेकर अधिकारियों को दिए निर्देश उपायुक्त अपूर्व देवगन ने आज जिला के जनजातीय उपमंडल भरमौर का दौरा कर विभिन्न व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने इस दौरान श्री मणिमहेश यात्रा के प्रबंधों को लेकर उप मंडलीय प्रशासन भरमौर द्वारा तैयार की गई कार्य योजना की जानकारी भी प्राप्त की और संबंधित विभागों के अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान किए। उपायुक्त ने इस दौरे से पहले ऐतिहासिक 84 मंदिर प्रांगण में विश्व के एकमात्र धर्मराज मंदिर में पूजा अर्चना की और भोलेशंकर के मंदिर में शीश नवाजा। इस दौरान उन्होंने भरमौर-हड़सर संपर्क सड़क मार्ग पर प्रंघाला नाला में भूस्खलन की प्रभावी रोकथाम को लेकर लोक निर्माण विभाग द्वारा किए जा रहे कार्यों का निरीक्षण किया। साथ में प्रंघाला पुल एवं नाले के बाढ़ नियंत्रण कार्यों, नाले के तटीकरण (चैनेलाइजेशन) से संबंधित कार्यों को लेकर अपूर्व देवगन ने लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता भरमौर को श्री मणिमहेश यात्रा के शुरू होने से पहले पूर्ण करने के निर्देश भी दिए। पुलिस अधीक्षक अभिषेक यादव, अतिरिक्त उपायुक्त भरमौर नवीन तंवर, एसडीएम भरमौर कुलबीर सिंह राणा, भारतीय प्रशासनिक सेवा में प्रोबेशनर अधिकारी इशांत जसवाल सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी व स्थानीय लोग इस अवसर पर मौजूद रहे।
उपमंडल भरमौर के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत पूलन के सिरडी गांव में विद्युत विभाग की लापरवाही देखने को मिल रही है। विद्युत विभाग ने सिरडी गांव में जमीन से मात्र 4 फुट की ऊंचाई पर एलटी लाइन डाल दी है। लिहाजा ज़मीन से कुछ फुट की दूरी पर इस लाइन से कभी भी बड़े जानमाल का नुकसान हो सकता है। ग्राम पंचायत पुलन की प्रधान अनिता कपूर ने जानकारी देते हुए कहा कि स्थानीय लोगों द्वारा 6 महीने पहले विद्युत विभाग के कनिष्ठ अभियंता को वीडियो कॉल व फोटो भेजकर सूचित किया गया था। फिर भी विभाग के कान पर जूं तक नहीं रेंगी। स्थानीय लोगों द्वारा इस बारे में विद्युत विभाग के सहायक अभियंता को भी एक महीने पहले वीडियो कॉल के माध्यम से समस्या से अवगत करवाया था। लेकिन विभाग द्वारा बार-बार पोल के लिए बजट ना होने का हवाला दिया जाता रहा। लिहाजा जमीन से इतनी कम ऊंचाई पर डाली गई एलटी लाइन से सिरडी गांव के बहुत सारे लोगों ने डर के मारे अपने खेतों मे काम करना छोड़ दिया है। ग्रामीणों ने दो टूक चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर 15 दिन के भीतर समस्या का समाधान नहीं हुआ तों विभाग के विरूद्ध माननीय कोर्ट में मामला दर्ज करने में कोई गुरेज नहीं करेंगे।
हथकरघा एवं हस्तशिल्प क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान पर तीन श्रेणियों में शुरू होंगे राज्य स्तरीय पुरस्कार राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां गेयटी थिएटर में आयोजित एक कार्यक्रम की अध्यक्षता की। इस अवसर पर उन्होंने हिमाचल प्रदेश राज्य हस्तशिल्प एवं हथकरघा निगम लिमिटेड का नाम च्हिमक्राफ्ट कॉर्पोरेशनज् करने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि इस रीब्रॉडिंग का उद्देश्य निगम के कार्य को विस्तार प्रदान करना और बाजार में एक विशिष्ट ब्रांड के रूप में उत्पादों को बढ़ावा प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हथकरघा एवं हस्तशिल्प के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले व्यक्तियों को सम्मानित करते हुए तीन श्रेणियों में राज्य स्तरीय पुरस्कार शुरू करने पर विचार कर रही है। इस पहल का उद्देश्य राज्य के पारंपरिक शिल्प में उत्कृष्ट हुनर की पहचान कर प्रोत्साहन प्रदान करना है। व्यवस्था में सुधार के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए मुख्यमंत्री ने लोगों से परिवर्तन की इस प्रक्रिया में सहयोग करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि राज्य में आर्थिक संकट के लिए पूर्व सरकार एवं उनकी नीतियां जिम्मेवार हैं। वर्तमान सरकार राज्य को आत्मनिर्भर बनाने और कर्ज पर निर्भरता कम करने की दिशा में कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि आगामी चार वर्षों में प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाया जाएगा और अगले दस वर्षों में हिमाचल देश का सबसे समृद्ध राज्य बन कर उभरेगा। मुख्यमंत्री ने राज्य में हाल ही में प्राकृतिक आपदा के कारण ८ से १० हजार करोड़ रुपये के अनुमानित नुकसान और पर्यटन क्षेत्र में इसके प्रतिकूल प्रभाव पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने प्रदेशवासियों को आश्वस्त किया कि राज्य सरकार स्थिति सामान्य करने के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। सरकार क्षतिग्रस्त सड़कों के बावजूद किसानों के सेब और सब्जियों जैसे उत्पादों को परिवहन सुविधा प्रदान कर इन्हें समयबद्ध बाजार तक पहुंचाने की दिशा में कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रभावितों को राहत पहुंचाने के लिए राज्य सरकार ने राहत नियमावली में बदलाव कर मुआवजा राशि में कई गुणा बढ़ौतरी की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को राज्य में बाढ़ से हुए नुकसान के बारे में अवगत करवाया और उनसे अंतरिम राहत की पहली किस्त शीघ्र प्रदान करने का अनुरोध किया है ताकि राहत एवं पुनर्वास कार्यों में तेजी लाई जा सके। उन्होंने एनडीआरएफ के पिछले कुछ वर्षों से लंबित ३१५ करोड़ रुपये भी जारी करने का अनुरोध किया है। ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार ने आपदा प्रभावितों को हरसंभव सहायता प्रदान की है। सरकार ने रिकॉर्ड समय में लगभग ७०,००० पर्यटकों और १५,००० वाहनों को सुरक्षित निकाला। राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी और मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी ने माइनस चार डिग्री तापमान में लाहौल-स्पीति जिला के चंद्रताल पहुंच कर वहां फंसे २९० लोगों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी आमूल-चूल परिवर्तन की दिशा में आगे बढ़ रही है। प्रदेश के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में चरणबद्ध तरीके से राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल खोले जा रहे हैं, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों के कौशल में वृद्धि की जा सके। इसके साथ ही स्वास्थ्य क्षेत्र में आधुनिक तकनीक का समावेश किया जा रहा है और सभी राजकीय चिकित्सा महाविद्यालयों में चरणबद्ध तरीके से रोबोटिक सर्जरी शुरू की जा रही है। इससे पहले, मुख्यमंत्री ने शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान पर हथकरघा एवं हस्तशिल्प पर आधारित प्रदर्शनी का शुभारम्भ भी किया। इस अवसर पर गेयटी थिएटर में पारंपरिक और आधुनिक परिधानों में फैशन शो का भी आयोजन किया गया। उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया और कहा कि प्रदेश के उच्च गुणवत्ता वाले ऊनी उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं जिनकी देश और विदेशों में भारी मांग है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के पारंपरिक व्यंजनों, संस्कृति और हथकरघा को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में इस दिशा में प्रभावी कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल हथकरघा उत्पादों को एक ब्रांड के रूप में बढ़ावा देने पर विशेष बल दिया जा रहा है और हिमक्राफ्ट नाम से एक नया लोगो भी जारी किया गया है।
जिला चंबा के विकास खंड भरमौर की ग्राम पंचायत पुलन ने बहादुर स्वतंत्रता सेनानियों और वीरों के सम्मान में मां भवानी युवक मंडल सिरड़ी द्वारा 'मेरी माटी मेरा देश' कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मेरी माटी मेरा देश कार्यक्रम के तहत मां भवानी युवक मंडल सिरडी के सदस्यों ने प्रधान अनिता कपूर के साथ गांव सिरडी (कंडेलू) में पौधरोपण किया। इस मौके उन्होंने प्राकृतिक जल स्त्रोतों की भी साफ सफाई की। इस उपलक्ष्य पर नेहरू युवा केंद्र चंबा के विकास खंड भरमौर की स्वयंसेवी उर्मिला कुमारी ने बताया कि आजादी का अमृत महोत्सव मेरी माटी मेरा देश अभियान के तहत प्रदेशभर में सामाजिक सरोकार से जुड़े अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। मेरी माटी मेरा देश कार्यक्रम को उत्सव की तरह मनाए। उर्मिला कुमारी ने बताया कि इस अभियान का उद्देश्य उन बहादुर स्वतंत्रता सेनानियों और वीरों का सम्मान करना है, जिन्होंने देश के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया। इसके तहत वीर सेनानियों की याद में देशभर में कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। साथ ही प्रत्येक ग्राम पंचायतों में वीर सेनानियों की याद में एक स्मारक का निर्माण होगा, जिसे 'शिलाफलकम्' नाम दिया जाएगा। इस पर उस क्षेत्र के सभी सेनानियों के नाम दर्ज किए जाएंगे। इस अवसर पर ग्राम पंचायत पुलन की प्रधान अनिता कपूर, युवक मंडल प्रधान संजीव कपूर, समाजसेवी अग्रेज कपूर, वन रक्षक सिरडी संजय कुमार, उप प्रधान सुनील दत्त वार्ड मेंबर व विभाग के कामगारों ने भी पौधरोपण अभियान में भाग लिया।
हिमाचल प्रदेश राज्य खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम के एक प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि निगम प्रदेश के राशनकार्ड धारकों को चीनी का निर्धारित कोटा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि निगम द्वारा जुलाई माह के लिए 36,206 क्विंटल चीनी का आपूर्ति आदेश जारी किया गया था। इसमें से 25,202 क्विंटल चीनी अत्याधिक वर्षा के कारण शाहबाद चीनी मिल में सभी गोदामों में पानी भरने के कारण प्राप्त नहीं हो सकी। उन्होंने बताया कि इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए इस चीनी की मात्रा को अगस्त माह के लिए जारी किए गए आपूर्ति आदेश में सम्मिलित किया गया है। उन्होंने कहा कि अगस्त माह के लिए 60,121 क्विंटल चीनी का आपूर्ति आदेश जारी किया गया है और एक-दो दिनों में प्रदेश के सभी गोदामों में चीनी की प्राप्ति शुरू होने की संभावना है। उन्होंने स्पष्ट किया कि अगस्त माह के आवंटित चीनी के साथ जुलाई माह की शेष बची चीनी की मात्रा भी उपलब्ध करवाई जाएगी।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हिमाचल के लिए विशेष आर्थिक पैकेज मांगा है। शुक्रवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शिष्टाचार भेंट की और उन्हें हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक आपदा से हुए भारी नुकसान के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने प्रधानमंत्री से हिमाचल को जल्द अंतरिम राहत राशि जारी करवाने का अनुरोध किया। साथ ही बाढ़ से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए केंद्रीय टीम भेजने पर उनका धन्यवाद किया।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज नई दिल्ली में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से भेंट की। मुख्यमंत्री ने 830 करोड़ रुपये की विशेष केंद्रीय सहायता के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री का आभार व्यक्त किया और राज्य में सामान्य स्थिति बहाल करने, संसाधन सृजन और बहाली कार्यों की गति में तेजी लाने के लिए केंद्र सरकार से अतिरिक्त विशेष केंद्रीय सहायता का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने उन्हें हिमाचल प्रदेश में बाढ़ के दौरान सड़कों, पुलों, जलापूर्ति योजनाओं, सिंचाई योजनाओं, शैक्षणिक एवं स्वास्थ्य संस्थानों, पशुधन व मानव जीवन, सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को हुई भारी क्षति के बारे में अवगत कराया। उन्होंने कहा कि लगभग 8000 करोड़ के नुकसान का आकलन किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अपने स्वयं के अल्प संसाधनों से राहत और बहाली अभियान चलाया जो राज्य के बुनियादी ढांचे को पटरी पर लाने के लिए अपर्याप्त है। ऐस में उन्होंने केंद्र से समर्थन और सहायता का आग्रह किया। केंद्रीय मंत्री ने हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया। मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना और मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री से किया आग्रह मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भेंट की। मुख्यमंत्री ने भारी बारिश एवं बाढ़ से हुई क्षति का आकलन करने के लिए केंद्रीय समिति को प्रदेश में भेजने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने केंद्रीय समिति की अनुशंसा के अनुसार राज्य को शीघ्रातिशीघ्र राशि जारी करने का आग्रह करते हुए कहा कि प्रदेश में क्षतिग्रस्त आधारभूत संरचना के पुनर्निर्माण में लगभग एक से दो वर्ष का समय लगेगा। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में भारी बारिश और बादल फटने इत्यादि की घटनाओं से हुए भारी नुकसान से उन्हें अवगत करवाया और राहत एवं पुनर्वास कार्यों के लिए 2 हजार करोड़ रुपये की तुरंत राहत प्रदान करने का आग्रह किया। उन्होंने अवगत करवाया कि आपदा राहत के तहत वर्तमान वित्तीय वर्ष के लिए केंद्र से प्राप्त निधि सम्बंधित विभागों और उपायुक्तों को राहत अभियान के लिए जारी कर दी गई है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2019-2020 तथा वर्ष 2020-2021 के लिए राष्ट्रीय और राज्य आपदा राहत निधि के तहत लम्बित 315 करोड़ रुपये की राशि शीघ्र जारी की जाए, क्योंकि अभी तक प्राप्त राशि प्रदेश में बड़े स्तर पर हुई क्षति के विपरीत बहुत कम है। गृह मंत्री ने राज्य को हरसम्भव सहायता का आश्वासन दिया। इस अवसर पर मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना और मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा भी उपस्थित थे।
बादल और अवंतिका ने झटका गोल्ड मेडल, अक्षत धीमान ने ब्राउन हिमाचल प्रदेश राज्य जूडो संघ द्वारा इंदिरा गांधी खेल परिसर शिमला में राज्य स्तरीय सब जूनियर और जूनियर वर्ग की जूडो प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता में हिमाचल प्रदेश के सभी जिलों के 400 जूडो खिलाडियों लड़के व लड़कियों ने भाग लिया। प्रतियोगिता में जूडो संघ जिला चंबा के 11 जूडो खिलाड़ियों ने सब-जूनियर और जूनियर वर्ग में भाग लिया। जिसमें कि बजरंग स्पोर्ट्स ट्रेनिंग सेंटर चुवाड़ी के अभय कपूर, बादल, अवंतिका, अक्षत धीमान, स्नेहा, अक्षरा और अंशिका ठाकुर ने भाग लिया। चंबा टीम कोच के रूप मे आशीष ठाकुर और टीम मैनेजर के रूप मे कुलदीप सिंह ने चंबा जिला की जूड़ो टीम का नेतृत्व किया। बजरंग स्पोर्ट्स ट्रेनिंग सेंटर चुवाड़ी के जूडो खिलाड़ियों ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए सब जूनियर वर्ग में चुवाड़ी के बादल और अवंतिका ने गोल्ड मेडल और अक्षत धीमान ने ब्राउन मेडल जीता। ऐसे में चुवाड़ी क्षेत्र के लिए बहुत खुशी की बात है इससे पहले भी कोच आशीष ठाकुर के पास ट्रेनिंग ले रहे 12 खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तरीय कराटे प्रतियोगिता के लिए चयनित हो चुके हैं। बजरंग स्पोर्ट्स ट्रेनिंग सेंटर चुवाड़ी के कोच आशीष ठाकुर ने प्रतियोगिता में निराशा हाथ लगने वालो सभी बच्चों को सदैव मेहनत करते रहने के लिए प्रेरित किया है। वहीं उन्होंने मेडल हासिल करने वाले बच्चों, उनके अभिभावको व चुवाड़ी क्षेत्रवासियों को बधाई दी है।
भारतीय वायु सेना ने अग्निपथ योजना के तहत अग्निवीर वायु प्रवेश जनवरी, 2024 के लिए चयन परीक्षा के लिए अविवाहित भारतीय पुरुष और महिला उम्मीदवारों से ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए हैं। कमांडिंग आफिसर विंग कमांडर एसवीजी रेड्डी ने आज यहां बताया कि इसके लिए ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया आरंभ कर दी गई है और 17 अगस्त को रात 11 बजे तक ऑनलाइन आवेदन स्वीकार किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि ऑनलाइन परीक्षा 13 अक्तूबर से ली जाएंगी। उन्होंने बताया कि 27 जून, 2003 से 27 दिसंबर, 2006 के बीच जन्में युवा आवेदन के लिए पात्र होंगे, जिसमें यह दोनों तिथियां भी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि शैक्षणिक योग्यता के तहत विज्ञान विषय तथा विज्ञान के अलावा अन्य विषयों के अभ्यर्थी पात्र होंगे। पंजीकरण और परीक्षा शुल्क 250 रुपये निर्धारित किया गया है। उन्होंने बताया कि प्रवेश स्तर की योग्यता पर विस्तृत जानकारी तथा चिकित्सा मानक, नियम और शर्तें, ऑनलाइन आवेदन और पंजीकरण के लिए निर्देश इत्यादि के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
हिमाचल में भारी बारिश से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी मंगलवार सुबह कुल्लू पहुंचे। भुंतर हवाई अड्डे में नितिन गडकरी के स्वागत के लिए बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे। इसके बाद गडकरी फोरलेन के निरीक्षण के लिए मनाली रवाना हुए। इस दौरान मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू भी उनके साथ मौजूद रहे। मनाली पहुंचकर गडकरी ने भारी बारिश व बाढ़ से क्षतिग्रस्त हुए फोरलेन का निरीक्षण किया। इस दौरान वे बाढ़ प्रभावितों से भी मिले। ञ्जह्म्द्गठ्ठस्रद्बठ्ठद्द ङ्कद्बस्रद्गशह्य कुल्लू पहुंचने से पहले गडकरी ने मंडी में बाढ़ प्रभावित इलाकों और फोरलेन का हवाई निरीक्षण किया। इस दौरान उनके साथ मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के अलावा लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह व नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर भी मौजूद रहे। हेलिकाप्टर में विक्रमादित्य ने केंद्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री व अन्य के साथ सेल्फी भी ली। बताया जा रहा है कि फोरलेन का निरीक्षण करने के बाद नितिन गडकरी नग्गर के बड़ागढ़ रिजॉर्ट में एनएचएआई के साथ बैठक करेंगे। बता दें, बीते दिनों में भारी बारिश, बाढ़ व बादल फटने से सबसे अधिक फोरलेन को नुकसान कुल्लू और मनाली में हुआ है। यहां पर कई स्थानों पर तो फोरलेन का नामोनिशान तक मिट गया है। बारिश और बाढ़ से कारण एनएचआई को भारी नुकसान हुआ है। इसी तरह कालका-शिमला फोरलेन को भी काफी नुकसान पहुंचा है।
कहा-सेब उत्पादक क्षेत्रों में सड़क बहाली को दी जाएगी प्राथमिकता मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां लोक निर्माण विभाग की बैठक की अध्यक्षता करते हुए अधिकारियों को राज्य के विभिन्न हिस्सों में भारी बारिश और भू-स्खलन के कारण क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत और शीघ्र बहाली सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने दोहराया कि सेब उत्पादक क्षेत्रों की सड़कों की बहाली को प्राथमिकता दी जाएगी ताकि बागवानों की उपज को समय पर बाजार तक पहुंचाया जा सके। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आपदा प्रभावित सड़कों की शीघ्र बहाली के लिए 23 करोड़ रुपये और स्वीकृत किए हैं। उन्होंने कहा कि इस राशि में से पांच करोड़ रुपये यशवंत नगर से छैला तक की सड़क के मरम्मत कार्य पर खर्च किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त, शिमला जिले के सेब उत्पादक क्षेत्रों के तहत लोक निर्माण विभाग के सात मण्डल में प्रत्येक को सड़कों की मरम्मत एवं बहाली के लिए एक-एक करोड़ रुपये प्रदान किए गए हैं। उन्होंने कहा कि उन लोक निर्माण विभाग मण्डलों को भी एक-एक करोड़ रुपये आबंटित किए गए हैं, जहां प्राकृतिक आपदा के कारण क्षति अधिक हुई है, जिनमें कुल्लू जिले के चार विकास खण्ड, सिरमौर जिले के शिलाई और राजगढ़ विकास खंड शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि शीघ्र ही वह चौपाल और जुब्बल-कोटखाई क्षेत्रों का दौरा करेंगे तथा इन क्षेत्रों में किए जा रहे मरम्मत कार्यों की समीक्षा करेंगे। उन्होंने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को वाहनों की सुचारू आवाजाही सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुए कहा कि सड़कों पर गिरा मलबा हटाने के लिए मशीनरी खरीदने से लेकर उसे प्रभावित क्षेत्रों में तैनात करने का कार्य समयबद्ध सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि सड़कों की मरम्मत के लिए राज्य सरकार धन की कोई कमी नहीं आने देगी। उन्होंने अधिकारियों को अग्रिम भुगतान के साथ लोक निर्माण विभाग के विश्राम गृहों की ऑनलाइन बुकिंग प्रारम्भ करने को कहा साथ ही कहा कि जल शक्ति विभाग को भी इस प्रक्रिया का अनुसरण करना चाहिए। उन्होंने निर्माण कार्यों की अनुमानित लागत में बढ़ोतरी की प्रथा को रोकने पर बल देते हुए अधिकारियों को क्लॉज 10 सीसी को हटाने के भी निर्देश दिए। बैठक में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह, मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी, विधायक चंद्रशेखर और चैतन्य शर्मा, प्रधान सचिव राजस्व ओंकार शर्मा, प्रधान सचिव लोक निर्माण विभाग भरत खेड़ा, सचिव वित्त अक्षय सूद, उपायुक्त शिमला आदित्य नेगी, प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग अजय गुप्ता एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के एक प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि हिमाचल प्रदेश सरकार के अनुसूचित जनजाति विकास विभाग के तत्वावधान में हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा प्रदेश के एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों में छठी कक्षा में प्रवेश के लिए २९ जुलाई को आयोजित होने वाली परीक्षा (ईएमआरएसएसटी-२०२३) स्थगित कर दी गई है। उन्होंने बताया कि यह परीक्षा भारी बारिश से सम्पर्क मार्गों के अवरूद्ध होने तथा संचार सुविधा में बाधा उत्पन्न होने के दृष्टिगत स्थगित गई है। परीक्षा की आगामी तिथि पुनः घोषित की जाएगी।
हिमाचल में हर दिन बादल फटने की घटनाएम सामने आ रही हैं। बादल फटने से मकानों, सड़कों को नुकसान हो रहा है साथ ही नदी नाले भी उफान पर है। चंबा जिला की होली घाटी की ग्राम पंचायत चन्हौता के ऊपरी हिस्से में गुरुवार सुबह अढ़ाई बजे के करीब एक बार फिर बादल फटा। इसके चलते इस इलाके के मच्छेतर नाले में बाढ़ आ गई। मलबे के सैलाब में दो दुकानें,तीन घराट बह गए हैं। घरों में जब लोग सोए हुए थो अचानक जोर का धमाका हुआ और नाले में बाढ़ आ गई। इस धमाके से पूरा मच्छेतर गांव हिल गया। लोग घरों के भीतर से निकल बाहर आ गए। बाढ़ से मच्छेतर पुल को भी नुकसान पहुंचा है। बहरहाल सूचना मिलते ही तहसीलदार होली प्रकाश चंद, जिला परिषद सदस्य अनिल कुमार और पंचायत प्रधान मौके पर पहुंच गए हैं। साथ ही राजस्व विभाग की टीम नुकसान का आकलन करने में जुट गए हैं।
विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं को प्रभावी तरीके से कार्यान्वित करने और लोगों को लाभान्वित करने के लिए राज्य सरकार ने ग्राम पंचायतों की तर्ज पर शहरी क्षेत्रों में भी 'परिवार रजिस्टर' बनाने का निर्णय लिया है। इस संबंध में नगर निगमों, नगर परिषदों और नगर पंचायतों के परिवार रजिस्टर के रखरखाव नियम, 2023 के एक प्रारूप को हाल ही में राज्य मंत्रिमंडल द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई है। शहरी क्षेत्रों में परिवार रजिस्टर को लागू करने के लिए राज्य सरकार ने हिमाचल प्रदेश नगर निगम अधिनियम की धारा 48 ए धारा 308 ए और हिमाचल प्रदेश नगर निगम अधिनियम की धारा 43 (5) और धारा 393 में संशोधन किया गया है ताकि परिवार रजिस्टर के रखरखाव का प्रावधान किया जा सके। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सरकार का यह नवोन्मेषी कदम शहरी क्षेत्रों के लिए योजनाओं को तैयार करने के दृष्टिगत निर्णय लेने में मील पत्थर साबित होगा। इससे इन क्षेत्रों में रहने वाले परिवारों के बारे में महत्वपूर्ण डॉटा उपलब्ध होगा, जिसके उपयोग से संसाधनों के बेहतर आबंटन सुनिश्चित कर जन कल्याण के लिए स्टीक योजनाएं बना जा सकेंगी। अभी तक केवल ग्राम पंचायतों में ही परिवार रजिस्टर रखे जाते थे। इस पहल के साथ, शहरी आबादी की आपत्तियों और सुझावों के उपरांत अंतिम मंजूरी मिलने के बाद शहरी क्षेत्रों में रहने वाले लोग सरकार द्वारा प्रायोजित योजनाओं का प्रभावी ढंग से लाभ प्राप्त कर सकेंगे। इसके अतिरिक्त प्रत्येक वर्ष 31 जनवरी तक परिवार रजिस्टर को संशोधित किया जा सकता है और सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद आवश्यक संशोधन किए जा सकेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि परिवार में रहने वाले सदस्यों, उनके व्यवसाय, जाति, शैक्षणिक स्थिति और अन्य आवश्यक विवरणों का रिकार्ड रखना महत्वपूर्ण है। पारिवारिक रिकार्ड सुनिश्चित होने से सरकार द्वारा प्रायोजित कल्याणकारी योजनाओं का स्थानीय निकायों के लोगों को लाभ प्राप्त करने में मदद मिलेगी। संशोधित नियमों के तहत वार्ड समिति के संबंधित सचिव को वार्ड के वास्तविक निवासियों के परिवारों के विवरण के लिए घर-घर जाकर सर्वेक्षण करना आवश्यक होगा। नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी या नगर पंचायत के सचिव या इसके लिए विशेष रूप से नामित सत्यापन अधिकारी द्वारा रजिस्टर सत्यापित किया जाएगा। सभी आवश्यक संशोधन और सत्यापन पूरे होने के उपरांत तैयार किया गया अंतिम परिवार रजिस्टर अनुमोदन के लिए सदन के समक्ष रखा जाएगा और राजपत्र में प्रकाशित किया जाएगा। इसके बाद संबंधित अधिकारी द्वारा यह डाटा ऑनलाइन मोड के माध्यम से आम जनता को उपलब्ध करवाया जाएगा।
प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग द्वारा राशन वितरण में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के दृष्टिगत उपभोक्ताओं के राशन कार्डों में उनकी आधार संख्या पंजीकृत की जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अभी तक 99.60 प्रतिशत राशनकार्ड लाभार्थियों के राशनकार्ड को आधार संख्या से जोड़ा जा चुका है। प्रदेश में कुल 74,60,584 लाभार्थी हैं, जिनमें से 74,30,737 लाभार्थियों के आधार राशनकार्ड से जोड़ दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि जिन लाभार्थियों ने अभी तक अपने राशनकार्ड को आधार से नहीं जोड़ा है वह 15 अगस्त से पूर्व नजदीकी राशन डिपो में जाकर अपना आधार दर्ज करवा सकते हैं। यदि कोई अपना आधार 15 अगस्त तक दर्ज नहीं करवाता है तो इस स्थिति में राशनकार्ड को अस्थाई रूप से बंद कर दिया जाएगा तथा आधार की जानकारी उपलब्ध करवाने के बाद ही राशनकार्ड को फिर से शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राशनकार्ड धारकों की सुविधा के लिए लाभार्थिर्यों के मोबाइल नंबर को भी उनके राशनकार्ड के साथ जोड़ा जा रहा है ताकि उचित मूल्य की दुकानों पर उपलब्ध करवाए जा रहे खाद्यान्नों की सुविधा संबंधित जानकारी उपभोक्ताओं को पंजीकृत मोबाइल पर दी जा सके। उपभोक्ता विभागीय वेबसाइट/पारदर्शिता पोर्टल पर जाकर अपडेट मोबाइल नम्बर विकल्प के अधीन अपने 12 अंकों के आधार नम्बर दर्ज करवाने के उपरांत अपना मोबाइल नम्बर अपडेट कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि विभाग उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से ई-केवाईसी के माध्यम से यह सुनिश्चित कर रहा है कि राशनकार्ड में दर्ज व्यक्ति का नाम, जन्मतिथि तथा लिंग आधार में दर्ज डाटा के अनुरूप ही हो। इस विषय में उपभोक्ता अधिक जानकारी विभागीय वेबसाइट/पारदर्शिता पोर्टल पर प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि सभी उचित मूल्य दुकानदारों को समयबद्ध ई-केवाईसी प्रक्रिया पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं।
उत्तरी भारत की प्रसिद्ध श्री मणिमहेश यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाने को लेकर उपायुक्त अपूर्व देवगन की अध्यक्षता में आज उपायुक्त कार्यालय के सभागार में एक बैठक का आयोजन किया गया। अपूर्व देवगन ने सभी महत्वपूर्ण विभागों द्वारा की जाने वाली विभिन्न प्रबंध व्यवस्थाओं को तय सीमा के भीतर सुनिश्चित बनाने के निर्देश दिए। साथ में उपायुक्त ने यह भी कहा कि ज़िला में भारी बारिश एवं बादल फटने की घटनाओं के कारण सरकारी एवं निजी संपत्ति को काफी नुकसान पहुंचा है। ऐसे में सभी संबंधित विभागों को तय सीमा के भीतर पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित बनानी होगी। विभिन्न विषयों पर चर्चा के दौरान बैठक में यह निर्णय भी लिया गया कि बेहतर आपदा प्रबंधन एवं सुरक्षा की दृष्टि से यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं के पंजीकरण की पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित बनाई जाएगी। श्रद्धालुओं को बीस रुपयों का पंजीकरण शुल्क देना होगा। चंबा से मणिमहेश डल झील तक उचित कानून एवं व्यवस्था सुनिश्चित बनाने के लिए सेक्टरों में बांटे जाने व भरमौर एवं चंबा में नियंत्रण कक्ष स्थापित करने के निर्देश दिए गए। प्रभावी राहत एवं बचाव व्यवस्था सुनिश्चित बनाने को लेकर विशेष टीमों के गठन और एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ की तैनाती का निर्णय भी लिया गया। बैठक में विभिन्न सामाजिक संस्थाओं द्वारा लगाए जाने वाले लंगरों पर विस्तृत समीक्षा के दौरान यह निर्णय भी लिया गया कि सड़क के किनारे किसी भी संस्था को अनुमति प्रदान नहीं की जाएगी। इसके साथ लंगर संस्था द्वारा प्रतिबंधित पोली पदार्थ इस्तेमाल न करने की अंडरटेकिंग देने के पश्चात संबंधित एसडीएम अनुमति प्रदान करेंगे। उपायुक्त ने विभिन्न विद्युत परियोजनाओं के बांध क्षेत्र और असुरक्षित स्थानों पर ध्वनि प्रसारण यंत्रों के माध्यम से जानकारी देने के साथ-साथ खतरे के चेतावनी चिन्ह स्थापित करने के भी निर्देश दिए। राष्ट्रीय उच्च मार्ग चक्की-चंबा-भरमौर की स्थिति पर विस्तृत चर्चा के दौरान उपायुक्त ने धरवाला, लोथल, दुर्गेठी इत्यादि क्षेत्रों में आवश्यक मरम्मत कार्य और खड़ामुख से आगे चिन्हित स्थानों पर यात्रा से पहले क्रैश बैरियर लगाने के निर्देश दिए। भरमौर-हड़सर संपर्क सड़क पर प्रघांला नाला में भूस्खलन की प्रभावी रोकथाम के लिए आवश्यक कार्यों का निर्देश देते हुए उपायुक्त ने भरमौर-थला चौभिया-हड़सर संपर्क सड़क मार्ग को यात्रा से पहले हल्के वाहनों की आवाजाही शुरू करने के निर्देश भी लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को दिए। इसके साथ उन्होंने स्वास्थ्य विभाग से यात्रा के दौरान निर्धारित रूटों पर स्वास्थ्य सुविधाएं सुनिश्चित बनाने को भी कहा। उन्होंने विभाग को एंबुलेंस और मोबाइल मेडिकल यूनिट तैनात करने के भी निर्देश दिए। क्षेत्रीय प्रबंधक एचआरटीसी को यात्रा के दौरान बसों की उचित व्यवस्था करने को कहा गया। बैठक में पुलिस अधीक्षक अभिषेक यादव ने अगवत किया कि यात्रा के दौरान कानून एवं व्यवस्था के साथ ट्रैफिक की उचित व्यवस्था के लिए उपयुक्त संख्या में पुलिस एवं होमगार्ड के जवानों की तैनाती की जाएगी । बैठक में कार्यवाही का संचालन एसडीएम भरमौर कुलबीर सिंह राणा ने किया। एडीएम भरमौर नरेंद्र चौहान एवं विभिन्न विभागों के अधिकारी वर्चुअल माध्यम से बैठक में जुड़े। बैठक में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विनोद धीमान, कमांडेंट होमगार्ड अरविंद चौधरी, जिला पर्यटन विकास अधिकारी राजीव मिश्रा, भारतीय प्रशासनिक सेवा के प्रोबेशन अधिकारी इशांत जसवाल, एसडीएम चंबा अरुण शर्मा, सलूणी नवीन कुमार, जिला नियंत्रक खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले कार्तिकेय शर्मा, परियोजना अधिकारी जिला ग्रामीण विकास प्राधिकरण विनोद कुमार, सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज चम्बा मेें जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ जिले में कार्यान्वित की जा रही विभिन्न केंद्र प्रायोजित योजनाओं की समीक्षा की। ेउन्होंने रेडक्रॉस, प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान की गतिविधियों की समीक्षा करने के साथ-साथ ही जिला में भारी बारिश के कारण हुई क्षति के उपरान्त राहत कार्यों का भी जायजा लिया। इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि ज़िला चम्बा प्राकृतिक सौन्दर्य से परिपूर्ण है तथा यहां की कला एवं संस्कृति भी बहुत समृद्ध है। ऐतिहासिक महत्व का जिला होने के बावजूद नीति आयोग ने इसे 'अकांक्षी जिलाÓ की श्रेणी में शामिल किया है, जो चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि जिला के प्रत्येक अधिकारी एवं कर्मचारी अपने कर्तव्यों एवं दायित्वों का निर्वहन जब अधिक समर्पण भाव से करेंगे, तभी वह आकांक्षी जिला की सूचि से बाहर आ सकेगा। उन्होंने कहा कि प्रत्येक योजना के लिए पर्याप्त धनराशि उपलब्ध करवाई गई है, जिससे जिला में कार्यों की प्रगति नज़र आनी चाहिए। उन्होंने कहा कि विभाग अपने काम का आकलन करें और अधिकारी फील्ड में अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करें।
हिमाचल प्रदेश का गौरवशाली इतिहास और परंपराएं राज्य की प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं और उन्हें भावी पीढ़ी के लिए भी संरक्षित किया जाना चाहिए। प्रदेश के विभिन्न स्थानों में आयोजित होने वाले मेले समृद्ध संस्कृति के संरक्षण एवं प्रसार में श्रेष्ठ भूमिका निभाते हैं। यह बात राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज चंबा जिला में ऐतिहासिक मिंजर मेले के शुभारंभ अवसर पर बतौर मुख्यातिथि कही। राज्यपाल बनने के पश्चात शिव प्रताप शुक्ल का यह चंबा जिला का पहला दौरा था। इस अवसर पर लेडी गवर्नर जानकी शुक्ल उनके साथ उपस्थित रहीं। उन्होंने प्रदेशवासियों को अंतरराष्ट्रीय मिंजर महोत्सव की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि चंबा जिला अपनी प्राकृतिक सुंदरता और समृद्ध संस्कृति के लिए विश्व प्रसिद्ध है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के हर गांव और शहर की एक भिन्न सांस्कृतिक पहचान है, जो अन्यत्र नहीं मिलती। उन्होंने कहा कि मेलों के माध्यम से संस्कृति और परंपराओं को संरक्षित करके आपसी भाईचारे की भावना को बढ़ावा दिया जाता है। उन्होंने कहा कि मिंजर महोत्सव का प्राचीन परंपराओं, मान्यताओं और आस्थाओं से गहरा संबंध है। इस अवसर पर शुक्ल ने राज्य में भारी बारिश और बाढ़ से हुई जान-माल की क्षति पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि चम्बा जिले में भी काफी नुकसान हुआ है, लेकिन जिस तत्परता से सरकार, प्रशासन, पुलिस बल और केंद्र से मदद मिली है, उससे राज्य में स्थिति धीरे-धीरे सामान्य होने लगी है। उन्होंने राहत और बचाव कार्यों में महत्त्वपूर्ण योगदान के लिए भारतीय वायुसेना, थलसेना और अर्धसैनिक बलों को धन्यवाद दिया। उन्होंने लगभग 350 करोड़ रुपये की सहायता के लिए केंद्र सरकार का भी आभार व्यक्त किया। उन्होंने विभिन्न गैर सरकारी संगठनों से इस विपदा की घड़ी में मदद के लिए आगे का आग्रह किया और साथ ही लोगों से आपसी सौहार्द बनाए रखने की भी अपील की। इस अवसर पर राज्यपाल ने समाज में अवैध नशीली दवाओं के प्रसार पर जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता पर भी बल दिया। उन्होंने बढ़ती नशाखोरी पर चिंता व्यक्त की और कहा कि राज्य सरकार इस समस्या से निपटने के लिए गंभीर प्रयास कर रही है।
हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के एक प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि निगम अपने होटलों में कमरों की बुकिंग पर 50 प्रतिशत तक छूट प्रदान कर रहा है। उन्होंने कहा कि यह छूट तुरंत प्रभाव से लागू कर दी गई है और 15 सितंबर, 2023 तक जारी रहेगी। प्रवक्ता ने कहा कि यह निर्णय प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से जारी भारी बारिश के दृष्टिगत प्रदेश में पर्यटकों को सुलभ आवासीय सुविधा उपलब्ध करवाने तथा निगम के होटलों में आमद दर (अक्युपेंसी) बढ़ाने के दृष्टिगत लिया गया है।
हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में भारी बारिश होने से सलूणी उपमंडल में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। बारिश के कारण कई घरों में पानी घुस गया। कुछ मकान क्षतिग्रस्त भी हुए हैं। कार्यवाहक उपमंडल अधिकारी विनोद कुमार ने बताया कि भारी बारिश होने से नाले में जलस्तर बढ़ गया है। पांच परिवारों के घर खाली करवाए गए हैं। इन्हें सुरक्षित स्थान पर आश्रय दिया गया है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने चार दिनों तक राज्य में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। मैदानी, मध्य व उच्च पर्वतीय जिलों के कई भागों में 22 जुलाई तक भारी बारिश की चेतावनी है। राज्य में 24 जुलाई तक बारिश का सिलसिला जारी रहने का पूर्वानुमान है।
व्यवस्था परिवर्तन की ओर एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने राज्य में फील्ड दौरों के दौरान सामान्य तौर पर विभिन्न माननीयों को पुलिस द्वारा दिए जाने वाले 'गार्ड ऑफ ऑनरÓ (सलामी) को 15 सितंबर तक स्थगित कर दिया है। हालांकि 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर इन आदेशों में छूट रहेगी। यह निर्णय प्रदेश में हाल ही में आई आपदा से वृहद स्तर पर जारी राहत व बचाव कार्यों के दृष्टिगत लिया गया है। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में संचालित किए जा रहे राहत एवं बचाव कार्यों में पुलिस बल की तैनाती में वृद्धि पर बल देते हुए इस संबंध में आदेश जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस कर्मियों को गार्ड ऑफ ऑनर जैसे कार्यों में संलग्न करने के बजाए इस संकट के समय में प्रभावित लोगों को सहायता उपलब्ध करवाने के लिए प्रयास करने चाहिए। उन्होंने कहा कि यह निर्णय आपदा के प्रभावों से निपटने के लिए प्रदेश के संसाधनों के सही उपयोग के उद्देश्य से लिया गया है। बचाव कार्यों के दृष्टिगत पुलिस बल द्वारा प्रभावित लोगों को तुरंत सहायता सुनिश्चित करना बेहद महत्वपूर्ण है। सीएम सुक्खू ने कहा कि गार्ड ऑफ ऑनर स्थागित करने से सरकार प्रदेश में आपदा से प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने के लिए राज्य के संसाधनों तथा श्रम शक्ति का और बेहतर उपयोग करेगी। इस निर्णय से सरकार की आपदा प्रभावित क्षेत्रों को तुरंत राहत पहुंचाने तथा इस कठिन समय में प्रभावी प्रशासन की प्रतिबद्धता भी प्रदर्शित होती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में राहत तथा बचाव कार्य जारी है और प्रदेश सरकार इस आपदा से प्रभावित लोगों को आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए मज़बूती से कार्य कर रही है। यह निर्णय प्रदेश के लोगों की सुरक्षा को सर्वोच्च अधिमान देने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश के प्रदेश मंत्री आकाश नेगी ने एक ब्यान जारी करते हुए कहा है कि देवभूमि हिमाचल को शर्मसार करने वाली घटनाएं दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। कोटखाई में हैवान चाचा द्वारा अपनी चार साल की भतीजी के साथ दुष्कर्म करने के बाद उस मासूम बच्ची की हत्या कर दी जाती है। ऐसे आपराधिक मामले हिमाचल प्रदेश में वर्तमान सरकार में बढ़ते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में वर्तमान सरकार के राज में ऐसी घटनाएं दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। हिमाचल प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह से चरमराई हुई है। उन्होंने कहा कि हैवानियत की सारी हदें पार करते हुए उस मासूम बच्ची से उसके चाचा ने पहले दुष्कर्म किया, फिर उसकी हत्या कर उसका शव बगीचे में छुपा कर रख दिया। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ऐसी निंदनीय घटना का कड़ा विरोध करती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ऐसी अपराधिक घटनाओं पर मौन धारण करके बैठी हुई है। उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद मांग करती है कि उस आरोपी को जल्द से जल्द कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। हिमाचल प्रदेश में कानून व्यवस्था को भी सुदृढ़ किया जाए।ताकि भविष्य में कोई ऐसी हरकत करने के बारे में सोच भी ना सके। अन्यथा विद्यार्थी परिषद उग्र से उग्र आंदोलन करेगी।


















































