अग्निपथ योजना के तहत पहली बार अग्निवीर भर्ती रैली का आयोजन धर्मशाला में किया जाएगा। कांगड़ा और चंबा जिले से संबंध रखने वाले अभ्यर्थियों के लिए इस बार 16 जून से 25 जून तक साई मैदान और इंडोर स्टेडियम धर्मशाला में अग्निवीर भर्ती रैली आयोजित की जाएगी। यह जानकारी डीसी कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल ने उपायुक्त कार्यालय के सभागार में भर्ती रैली की तैयारियों को लेकर आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी। रैली में लगभग सात से आठ हजार युवा भाग लेंगे। दस दिन तक चलने वाली इस भर्ती रैली में प्रतिदिन करीब 750 से 800 युवा रैली स्थल में पहुंचेंगे। उपायुक्त ने भर्ती रैली के सफल आयोजन और आवश्यक व्यवस्थाओं के लिए विभिन्न विभागों की जिम्मेदारियां सुनिश्चित की। उन्होंने आने वाले प्रतिभागियों की सुविधा के लिए सभी जरूरी बंदोबस्त करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। एसडीएम होंगे नोडल अधिकारी डीसी ने कहा कि भर्ती रैली के प्रबंधों के लिए एसडीएम धर्मशाला को नोडल अधिकारी तथा तहसीलदार धर्मशाला को ड्यूटी मेजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया है। उन्होंने कहा कि एसडीएम धर्मशाला भर्ती कार्यालय के अलावा विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित कर सभी तैयारियों को समय से पूर्व करवाना सुनिश्चित करेंगे। बस स्टैंड से रैली स्थल तक होगी शटल सेवा डॉ. निपुण जिंदल ने कहा कि भर्ती रैली सुबह 5 बजे शुरू होगी, इस दौरान अभ्यर्थियों को रैली स्थल पर समय से पहुंचने में कोई दिक्कत न हो, इसलिए धर्मशाला बस स्टैंड से रैली स्थल तक सुबह-सुबह शटल सेवा उपलब्ध करवाई जाएगी। उन्होंने एचआरटीसी को धर्मशाला बस स्टैंड से रैली स्थल तक केवल सुबह-सुबह शटल सेवा उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए। इसके लिए अभ्यर्थियों को साधारण बस किराया स्वयं देना होगा। फुटबॉल मैदान में होगी गाड़ियों की पार्किंग उपायुक्त ने भर्ती रैली के दौरान कानून और यातायात व्यवस्था के लिए एएसपी धर्मशाला को आवश्यक कदम उठाने के दिशा निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि एचपीसीए स्टेडियम के सामने बने फुटबॉल मैदान में भर्ती रैली में आने वाले लोगों के वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस दौरान रैली में भाग लेने वाले प्रतिभागियों की भीड़ को नियंत्रित करने और ट्रैफिक व्यवस्था के संचालन के लिए पुलिस कर्मचारी तैनात रहेंगे। साई में ग्राउंड तथा इंडोर में होगा मेडिकल अग्निवीर भर्ती में भाग लेने वाले युवाओं का पहले साई (स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया) के मैदान में ग्राउंड टेस्ट लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि ग्राउंड को सफलतापूर्वक पूरा करने वाले अभ्यर्थियों का मेडिकल इंडोर स्टेडियम में होगा। इससे पहले भर्ती कार्यालय पालमपुर के निदेशक कर्नल मनीष ने धर्मशाला में होने वाली अग्निवीर भर्ती रैली के संबंध में जानकारी रखी। उन्होंने कहा कि पूरी भर्ती प्रक्रिया निष्पक्ष, पारदर्शी और स्वचालित है और यह युवाओं से एक अपील है कि वे खुद पर विश्वास करें और कड़ी तैयारी करें और किसी भी दलाली गतिविधि का शिकार न हों। साथ ही रैली के दौरान प्रदर्शन बढ़ाने वाली दवाओं का उपयोग करने से बचना चाहिए।
भरमौर पांगी विधानसभा क्षेत्र के विधायक डॉक्टर जनक राज के पांगी दौरे के दौरान सोमवार को विधायक की अध्यक्षता में प्रशासनिक बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक का आयोजन पुस्तकालय भवन किलाड़ में किया गया। इस बैठक में घाटी के सभी विभागीय अधिकारी मौजूद रहे। बैठक के दौरान विधायक डॉक्टर जनक राज ने सभी विभागीय अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि यदि कोई अधिकारी अपने कार्य में लापरवाही करता है और उस अधिकारी की शिकायत विधायक तक पहुंच रही है तो उस अधिकारी के खिलाफ कड़ा संज्ञान लिया जाएगा। बैठक में डॉ. जनक राज द्वारा सभी अधिकारियों को घाटी के विकास कार्यों को तुरंत अमलीजामा पहनाने के कड़े निर्देश दिए गए। विधायक द्वारा सर्वप्रथम पांगी घाटी को जोड़ने वाली मुख्य मार्ग बीआरओ के अधिकारियों के साथ चर्चा की। इस दौरान उन्होंने बीआरओ को आदेश जारी करते हुए कहा कि इस वर्ष में पांगी घाटी का यह मुख्य मार्ग संसारी नाला से लेकर कुल्लू मनाली प्रवेश द्वार शौर तक ब्लैक टॉप यानि तारकोल बिछ जानी चाहिए, ताकि क्षेत्र के लोगों की अहम समस्या का समाधान हो सके। बैठक के दौरान मौजूद हाल ही में ज्वाइन किए आवासीय आयुक्त रितिका जिंदल ने भी विधायक को पांगी घाटी की कुछ प्रमुख समस्याओं के बारे में भी जानकारी दी, जिसमें पांगी घाटी की दूसरी समस्या रहेगी। बिजली व्यवस्था सुचारू रूप से ना होने के कारण क्षेत्र के लोगों को कई दिनों तक अंधकार में रहना पड़ रहा है। जिसको लेकर विधायक डॉक्टर जनक राज द्वारा संबंधित विभाग के अधिकारियों को निर्देश जारी किए हुए हैं। विधायक द्वारा लोक निर्माण विभाग के संबंधित अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि पांगी घाटी की सभी प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना से जुड़ी हुई सड़कों पर तुरंत तारकोल बिछाई जाए, ताकि क्षेत्र के लोगों को सहूलियत मिल सके। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भरमौर पांगी विधानसभा क्षेत्र के विधायक डॉ. जनक राज द्वारा विजेता होने के बाद पहली बार पांगी घाटी पहुंचे हुए हैं और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ भी पहली बैठक कर रहे हैं। उन्होंने पांगी घाटी की मुख्य समस्याओं पर ज्यादा ध्यान केंद्रित करने के दिशा निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि पांगी घाटी में केवल 6 से 7 महीने विकास करने के होते हैं उसके बाद पांगी किस दुनिया से कट जाती है और बर्फबारी के कारण पांगी घाटी में विकास कार्य नहीं हो पाते हैं। इसीलिए अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि 6 महीने के भीतर पांगी घाटी के सभी रुके हुए कार्य हो जाए।
उप मुख्यमंत्री बनकर पहली बार चंबा पहुंचे मुकेश अग्निहोत्री का एनपीएस कर्मचारी द्वारा जोरदार स्वागत किया गया। वहीँ पूर्व में रही विधायक आशा कुमारी ने संगठन के पदाधिकारियों का मुकेश अग्निहोत्री से परिचय करवाया। इसी दौरान जिला अध्यक्ष सुनील जरियाल ने बताया कि पूरा हिमाचल जानता है कि माननीय उप मुख्यमंत्री ने माता चिंतपूर्णी की सौगंध खाई थी कि जैसे ही कांग्रेस सरकार सत्ता में आएगी पुरानी पेंशन बहाल होगी। वहीँ उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश के कर्मचारी स्वागत और आभार की तैयारी में लगे है ,जगह जगह पर कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व में बड़े बड़े होर्डिंग्स लगाए जा रहे है। जरियाल ने बताया कि उप मुख्यमंत्री के डलहौजी विधानसभा के इस दौरे के दौरान तीन खण्डों के एनपीएस कर्मचारियों ने उनको सम्मानित किया।
उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने आज चंबा जिला के डलहौजी विधानसभा क्षेत्र में 88 करोड़ रुपए की लागत से विभिन्न पेयजल योजनाओं के शिलान्यास एवं लोकार्पण किए। उप मुख्यमंत्री ने बताया कि डलहौजी शहर को 27/7 पानी उपलब्ध किया जायेगा, जिस से यहां के लोगों को बेहतर पेयजल सुविधा उपलब्ध होंगी तथा आने वाले समय में अन्य शहरों में भी 27/7 पानी उपलब्ध करवाने के प्रयास किए जायेंगे। उन्होंने बताया कि पानी के लिए डलहौजी विधानसभा क्षेत्र को आदर्श विधानसभा के रूप में विकसित किया जायेगा, ताकि यहां की जनता को पेयजल की किल्लत न हो। उप मुख्यमंत्री ने सलूणी, मंजीर,सुंडला एवं डियूर क्षेत्र की विभिन्न पेयजल योजनाओं के संवर्धन कार्यों का उद्घाटन किया। उन्होंने बताया कि इस पेयजल योजना के अंतर्गत 56.27 करोड रुपए की राशि संवर्धन कार्यों पर व्यय की गई । इस योजना के कार्यशील होने से 20 ग्राम पंचायतों के 70 गांव 486 बस्तियां और इस क्षेत्र के लगभग 35 हजार की आबादी को निर्बाध पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित होगी। उप मुख्यमंत्री ने पेयजल योजना डलहौजी के संवर्धन कार्य का शिलान्यास किया। उन्होंने बताया कि अमृत मिशन चरण द्वितीय के तहत इस पेयजल योजना के संवर्धन कार्यों पर लगभग 30 करोड़ रुपये की धनराशि व्यय की जाएगी। इसके माध्यम से नगर परिषद डलहौजी की 12 हजार से अधिक आबादी को बेहतर पेयजल आपूर्ति उपलब्ध होगी। इसके साथ ही वर्षा जल संग्रहण के माध्यम से 4.50 लाख लीटर जल की उपलब्धता अग्निशमन सेवाओं को भी सुदृढ़ बनाएगी । योजना के तहत ही नगर परिषद डलहौजी के क्षेत्र में विभाग द्वारा स्मार्ट मीटर भी लगाए जाएंगे। उन्होंने आहला पेयजल योजना के जल ग्रहण क्षेत्र में सुधार कार्यों का शिलान्यास भी किया। उन्होंने कहा कि वर्ष 1872 से डलहौजी क्षेत्र को पेयजल उपलब्ध करवाने वाली इस पेयजल योजना के केचमेंट एरिया के सुधार कार्यों पर एक करोड़ की धनराशि व्यय होगी। उन्होंने डलहौजी मे जल गुणवत्ता निगरानी प्रणाली का लोकार्पण किया। उन्होंने बताया कि लोगों को शुद्ध पेयजल जल उपलब्ध करवाने के लिए डलहौजी शहर में रियल टाइम वॉटर मॉनिटरिंग सिस्टम स्थापित किया गया है। 35 लाख रुपयों की राशि से निर्मित इस निगरानी प्रणाली के माध्यम से पेयजल के 4 विभिन्न मानकों की जांच होगी। इसमें पीएच वैल्यू, टर्बिडिटी, टीडीएस और आर रैजिडूयल रैजिडूयल क्लोरीन शामिल है। उन्होंने बताया कि डलहौजी क्षेत्र में लगभग 19 करोड़ रुपए की लागत से सीवरेज परियोजना का निर्माण कार्य प्रगति पर है जिसका निर्माण कार्य सितंबर 2023 तक पूर्ण किया जायेगा। इस अवसर पर पूर्व मंत्री आशा कुमारी, जिला अध्यक्ष कांग्रेस कमेटी कमल ठाकुर, पूर्व विधायक अजय महाजन , सचिव राज्य कांग्रेस कमेटी अमित भरमौरी, उपायुक्त अपूर्व देवगन, पुलिस अधीक्षक अभिषेक यादव, जल शक्ति विभाग के मुख्य अभियंता सुनील कनोतरा सहित क्षेत्र के गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
साइबर ठगी को अंजाम देने वाले दो आरोपियों को चंबा पुलिस ने पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। पुलिस ने आरोपियों से 14 सिम कार्ड, दस मोबाइल फ़ोन सहित कुछ एटीम, पासबुक और चेकबुक भी बरामद किए हैं। चंबा लाकर दोनों आरोपियों को न्यायालय में पेश किया गया। न्यायालय ने उन्हें तीन दिन के पुलिस रिमांड के बाद 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने के आदेश सुनाए हैं। अब पुलिस दोनों से पूछताछ कर मामले में संलिप्त अन्य लोगों के बारे में भी जानकारी हासिल कर रही है। लिहाजा इस मामले में और गिरफ्तारियां भी जल्द हो सकती हैं। मिली जानकारी के अनुसार गत वर्ष अगस्त माह में साइबर ठगों ने चंबा शहर के एक युवक को झांसे में फंसा कर उसके पिता के बैंक खाते से करीब 6 लाख रुपये की धनराशि पर हाथ साफ कर लिया था। पुलिस में दी गई शिकायत में युवक ने बताया था कि कुछ दिन पूर्व उसके पिता ने अपनी कार को बेच दिया था। कार पर लगे फास्टैग के खाते में शेष करीब 4100 रुपये रिफंड करवाने के उद्देश्य से उसने फास्टैग का टोल फ्री नंबर गूगल पर तलाशा। फर्जी वेबसाइट पर क्लिक करने के कारण वह साइबर शातिरों की झांसे में फंस गया। पहले उसने टोल फ्री नंबर पर फोन किया, जिसके उपरांत शातिरों ने शिकायतकर्ता को किसी अन्य नंबर से फोन किया। इसके बाद उन्होंने युवक से बैंक खाते से संबंधित कुछ जानकारी साझा करने को कहा। युवक की ओर से जानकारी दी गई तो शातिरों ने उसे मोबाइल में एनी डेस्क एप्लीकेशन डाउनलोड करने को कहा। यह वही एप है, जिसके माध्यम से शातिर ठगी को अंजाम देते हैं। युवक की ओर से अपने पिता के मोबाइल में एप डाउनलोड की गई और शातिरों ने उसे 9 अंकों का एक कोड साझा करने को कहा। शातिरों के आग्रह पर युवक ने उन्हें कोड भी बता दिया। परिणामस्वरूप उसके मोबाइल का पूर्ण नियंत्रण शातिरों के कंप्यूटर में पहुंच गया। शातिरों ने उसके पिता के बैंक खाते से करीब 6 लाख रुपये उड़ा लिए। इसके बाद शिकायकर्ता ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई थी। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच को अंजाम दिया और एक टीम को चंबा से पश्चिम बंगाल भेजा गया। जहां पुलिस दल ने दो आरोपियों को धर दबोचा। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक चंबा विनोद कुमार धीमान ने कहा कि पुलिस ने दो साइबर शातिरों को गिरफ्तार किया है। दोनों से पूछताछ की जा रही है। उन्होंने लोगों से ऑनलाइन ठगी करने वालों से सावधान रहने का आह्वान भी किया है।
हिमाचल विविधताओं का राज्य है। प्रदेश के बारह जिलो में पहन पोशाक से लेकर खानपान सब भिन्न है। हिमाचल प्रदेश एक ऐसा राज्य है जहाँ हर कला को नजदीकी से देख सकते है। पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण कई चुनौतियाँ सामने होते हुए भी यहाँ के कला प्रेमियों का मनोबल डगमगाता नहीं है। हिमाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था और विकास में पर्यटन के साथ-साथ हस्तकरघा, और वस्त्र का भी बहुत बड़ा योगदान है। प्रदेश के कई दस्तकारों ने दशकों से हस्तशिल्प के समृद्ध रीति-रिवाजों को डिजाइन किया है, जो अद्वितीय हैं। यही वजह है कि उनके द्वारा बनाये गए उत्पादों की देश भर में डिमांड है। आइये जानते है हिमाचल के विभिन्न जिलों के मशहूर वस्त्र, कला और उनके इतिहास के बारे में... **पश्मीना शॉल पश्मीना शॉल की बुनाई में उपयोग किया जाने वाला ऊन लद्दाख में पाए जाने वाले पालतू चांगथांगी बकरियों से प्राप्त किया जाता है। बुनकरों द्वारा कच्चा पश्म को मध्यस्थों के माध्यम से खरीदा जाता है। इसके बाद कच्चे पश्म फाइबर को ठीक से साफ किया जाता है। तदोपरांत इस फाइबर को सुलझाते हैं और उसकी गुणवत्ता के आधार पर इसे अच्छी तरह से अलग करते हैं। फिर इसे हाथ से काता जाता है और ताने (कटाई की पिन )में स्थापित किया जाता है एवं हथकरघा पर रखा जाता है। इसके बाद तैयार धागे को हाथ से बुना जाता है और खूबसूरती से शानदार पश्मीना शॉल का निर्माण किया जाता है जो दुनिया भर में प्रसिद्ध है। पश्मीना शॉल बुनाई की यह कला हिमाचल में एक परंपरा के रूप में पीढ़ी-दर-पीढ़ी से चली आ रही है। पश्मीना शॉल ने दुनिया भर के लोगों का ध्यान आकर्षित किया है और यह पूरी दुनिया में सबसे अधिक मांग वाले शॉल में से एक बन गई है। इसकी उच्च मांग ने स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा दिया है। **लिंगचे: लिंगचे हिमाचल के जनजातीय क्षेत्र लाहुल स्पीति क्षेत्र में काफी प्रसिद्ध है। यह एक प्रकार का शॉल है लेकिन इसकी लम्बाई ज्यादा बड़ी नहीं होती है। लिंगचे हाथ से बुनी हुई शॉल है जिसे स्थानीय रूप से कंधे पर लपेटने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह हिमाचल प्रदेश में पहाड़ी स्पीति की ग्रामीण महिलाओं द्वारा हाथ से करघे पर बुना जाता है। इसमें बुद्धिज्म से जुड़े हुए डिजाइंस देखने को मिलता है। **हिमाचली कालीन गलीचे और कालीन हिमाचल प्रदेश के हस्तशिल्प का एक महत्वपूर्ण तत्व हैं। हिमाचल में ऊन से बनी विभिन्न वस्तुएँ होम डेकोर में इस्तेमाल की जाती है। इनमें कालीन बेहद प्रसिद्ध है। ये कालीन सुंदर और असाधारण डिजाइनों के साथ सूक्ष्म रंगों, विभिन्न आकारों में बुनकरों द्वारा बनाया जाता हैं। डिजाइन से भरपूर ये कालीन बनावट में टिकाऊ होते हैं। कालीन को विभिन्न प्रकार के रूपांकनों से सजाया जाता है। इसमें ड्रैगन, हिंदू संस्कृति से प्रेरित स्वस्तिक, पुष्प, प्रकृति आधारित पैटर्न या तिब्बती पक्षी जिन्हें डाक, जीरा, ड्रेगन और बिजली के देवता आदि को धागों से डिजाइंस बना कर कालीन को खूबसूरती दी जाती है। सिरमौर जिले के पांवटा ब्लॉक के भूपपुर, पुरुवाला, सतौन और कंसन के विभिन्न गांवों में बड़ी संख्या में तिब्बती शिल्पकार ऊनी कालीन बुनते हैं। इसे बनाने के लिए बकरी के बाल और भेड़ की ऊन का उपयोग किया जाता है। **हिमाचली पट्टू हिमाचली टोपियों को हिमाचलियों का ताज कहा जाता है। हिमाचल टोपी स्थानीय लोगों की पोशाक,परिधान और वस्त्रों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। लेकिन टोपी को तैयार करने के लिए जिस कपड़े का इस्तेमाल होता है उसे हिमाचल में पट्टू कहा जाता है। इसे हथकरघे पर बुना जाता है। पट्टी के कपड़े का उपयोग आमतौर पर बंद गले के कोट, पैंट, पायजामा, जैकेट बनाने के लिए किया जाता है। इसका इस्तेमाल स्थानीय लोग चोला यानी मेल गाउन बनाने में भी करते हैं। यह मेमने के पहले कतरन से प्राप्त ऊन से बनाया जाता है। **लोइया सिरमौर की समृद्ध संस्कृति एवं सभ्यता का परिचायक लोईया प्रदेश ही नहीं देश-विदेश में भी काफी प्रसिद्ध है। लोईया सिरमौर के ट्रांस गिरि क्षेत्र की पहचान और पारंपरिक वेशभूषा है, जिसे विशेषकर सर्दियों के दौरान इस क्षेत्र के लोग शौक से पहनते हैं। वही सिरमौर जिला में सामाजिक कार्यक्रमों में मुख्य अतिथि को सम्मान के तौर पर लोईया भेंट करने की परंपरा आज भी जारी है। लोईया कश्मीर में पहने जाने वाली फेरन से मिलता जुलता है, लेकिन उसमें बाजू होते हैं। ग्रामीण लोईये का उपयोग कई प्रकार से करते हैं। उन्हें इससे सर्दियों में ठंड से राहत मिलती है और किसान बागवान जब कोई बोझ पीठ में उठाते हैं तो पीठ पर इसका दबाव भी कम पड़ता है। पारंपरिक तौर पर सर्दियों के मौसम में वस्त्रों के ऊपर पहना जाने वाला लोईया ऊन का बना होता है। आजकल यह अन्य ऊनी व सूती मिश्रित पट्टियों का भी बनाया जा रहा है। भेड़-बकरियों के पेशे से जुड़े अधिकांश लोग ऊन को स्वयं काता करते हैं और ग्रामीण स्तर पर ही स्थानीय बुनकरों से नौ ईंच चौड़ी पट्टी बुनवाई जाती है। उन पट्टियों को जोड़कर ही लोईया बनाया जाता है। **चम्बा की चप्पल चमड़े पर जरी और रेशम के धागे से महीन कारीगरी से तैयार चंबा चप्पल का डंका देश-विदेश में बजता है। चंबा चप्पल का इतिहास 500 साल पुराना बताया जाता है। जनश्रुति के अनुसार 16वीं शताब्दी में चंबा के राजा की पत्नी के दहेज में कारीगर चंबा लाए गए थे। ये कारीगर राज परिवार के लोगों के लिए चंबा चप्पल बनाते थे। समय के साथ-साथ कारीगर चंबा चप्पल लोगों के लिए भी बनाने और बेचने लगे। चंबा चप्पल के संरक्षण के लिए सरकार ने इसकी जीआई टैगिंग हासिल कर ली है। अब यह ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफार्म पर भी उपलब्ध है। लुप्त हो रही इस कला को बचाने के लिए आज भी लगभग सैंकड़ो कारीगर प्रयासरत हैं। **चम्बा का रुमाल : चंबा रुमाल अपनी अद्भुत कला और शानदार कशीदाकारी के लिए जाना जाता है। चंबा रुमाल की कारीगरी मलमल, सिल्क और कॉटन के कपड़ों पर की जाती है। श्री कृष्णलीला को बहुत ही सुंदर ढंग से रुमाल के ऊपर दोनों तरफ कढ़ाई करके उकेरा जाता है। महाभारत युद्ध, गीत गोविंद से लेकर कई मनमोहक दृश्यों को इसमें बड़ी संजीदगी के साथ बनाया जाता है। रुमाल बनाने में दो सप्ताह से दो महीने का समय लग जाता है। कीमत अधिक होने के कारण चंबा रुमाल को बेचना मुश्किल होता है। कहा जाता है कि 18वीं सदी में चंबा रुमाल तैयार करने का काम अधिक था। राजा उमेद सिंह (1748-64) ने कारीगरों को प्रोत्साहन दिया था। 1911 में दिल्ली दरबार में चंबा के राजा भूरी सिंह ने ब्रिटेन के राजा को चंबा रुमाल तोहफे में दिया था। 1965 में पहली बार चंबा रुमाल बनाने वाली महेश्वरी देवी को राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। चंबा रुमाल का विकास राजा राज सिंह और रानी सारदा के समय सर्वाधिक हुआ। चंबा रुमाल को प्रोत्साहित करने के लिए चंबा के राजा उमेद सिंह ने रंगमहल की नींव रखी। चंबा रुमाल पर कुरुक्षेत्र युद्ध की लघु कृति जो विक्टोरिया अल्बर्ट संग्रहालय लंदन में सुरक्षित हैं। चंबा के शासक गोपाल सिंह ने 1873 ई. में ब्रिटिश सरकार को ये भेंट किया था। **कुल्लू के पूल कुल्लू का हस्तशिल्प दुनिया भर में प्रसिद्ध है। यहां की टोपी, शॉल, मफलर और जुराबों का हर कोई दीवाना है। कुछ समय से यहां की पारंपरिक पूलों की ओर भी लोग एकाएक आकर्षित हुए हैं। कुल्लू की स्थानीय बोली में इन चप्पलों को पूलें कहा जाता है। ये चप्पल आरामदेह होने के साथ-साथ पवित्र भी हैं। मंडी-कुल्लू में पूलों को भांग के रेशे के साथ-साथ जड़ी बूटियों से तैयार किया जाता है। भांग के पत्ते के तने के साथ ही ब्यूल के रेशों का भी इसे बनाने में इस्तेमाल होता है। इन्हें पवित्र माना जाता है। इन्हें पहनकर देव स्थल के भीतर जाने में कोई पाबंदी नहीं होती। इसी खासियत को जानकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुल्लू की पूलों को काशी विश्वनाथ के पुजारियों, सेवादारों और सुरक्षाकर्मियों के लिए खड़ाऊ का बेहतरीन विकल्प माना। एक पूल का जोड़ा बनाने में तीन से चार दिन का समय लग जाता है। **नुमधा नुमधा गद्दे का स्थानीय नाम है, जो ऊन को बुनने के बजाय उसे फेल्ट कर बनाया जाता है। यह कम गुणवत्ता वाले ऊन को थोड़ी मात्रा में कपास के साथ मिलाकर तैयार किया जाता है। नमधा आमतौर पर सादे होते हैं या कशीदाकारी रंगीन डिजाइनों से सजाए जाते हैं। ये गद्दे 1.82 x 0.91 मीटर या 3.65 x 3.04 मीटर के विभिन्न आकारों में आते हैं। नुमधा की कीमत उसके आकार, ऊन की गुणवत्ता और पैटर्न पर निर्भर करती है। **गुदमा गुड़मा स्थानीय लोगों द्वारा बनाई जाने वाली भारी कंबल को कहा जाता है, जिसे विशेष रूप से कुल्लू, किन्नौर और लाहुल स्पीति और पांगी घाटी में बुना जाता है। यह ऊन से बना होता है जिसमें लंबे रेशे होते हैं। गुड़मा को प्राकृतिक ऊनी रंगों में बुना जाता है और लाल या काले रंग की सजावट के साथ तैयार किया जाता है।
चंबा वेलफेयर एसोसिएशन की मासिक बैठक में शहर की समस्याओं पर मंथन किया गया। बैठक प्रधान ओम प्रकाश की अध्यक्षता में की गई। प्रधान ओम प्रकाश ने पंडित जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज चंबा की लचर व्यवस्थाओं पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि जब क्षेत्रीय अस्पताल को मेडिकल कॉलेज का दर्जा दिया गया था तो लोगों को उम्मीद थी कि यहां पर उचित स्वास्थ्य सुविधाएं लोगों को मिलेंगी, लेकिन अब तक इन उम्मीदों पर पानी फिरता नजर आ रहा है। स्टाफ के विभिन्न पद रिक्त होने के बावजूद मेडिकल कॉलेज से चिकित्सकों और स्टाफ नर्सों के के तबादलों का सिलसिला जारी है। यदि यही हालात रहे तो मेडिकल कॉलेज चंबा बंद हो जाएगा। इसके अतिरिक्त पठानकोट- भरमौर राष्ट्रीय राजमार्ग की स्थिति पर भी रोष जताया गया। उन्होंने कहा कि मार्ग पर जगह-जगह भूस्खलन हो रहे हैं और इस मार्ग पर सफर करना खतरे से खाली नहीं है। किसी भी समय व्यक्ति दुर्घटना का शिकार हो सकता है। बैठक में नगर परिषद से चौगान नंबर- 5 के सौंदर्यीकरण को लेकर उचित कदम उठाने और अतिक्रमणकारियों पर कार्रवाई करने की मांग भी की गई। बैठक में वरिष्ठ उपप्रधान ईश्वरी प्रसाद, महासचिव सुरेश कश्मीरी, उपप्रधान विजय नैय्यर, प्रवक्ता एस पी वैद, प्रेस सचिव चैन लाल शर्मा सहित कई अन्य मौजूद रहे।
बिजली बोर्ड उपमंडल चंबा नंबर 2 ने 806 डिफाल्टर उपभोक्ताओं के बिजली कनेक्शन काटने की तैयारी कर ली है। बोर्ड की ओर से डिफाल्टर उपभोक्ताओं को अंतिम नोटिस निकाल दिए गए हैं। इसमें स्पष्ट किया गया है कि यदि 15 दिनों के भीतर बिल जमा नहीं करेंगे तो उनके कनेक्शन काट दिए जाएंगे। कनेक्शन कटने के बाद डिफाल्टरों को दोबारा से कनेक्शन बहाली हेतु लंबित बिल राशि के अलावा 250 रुपये का अतिरिक्त शुल्क भी देना होगा। बिजली बोर्ड की इस कार्रवाई की भनक लगते ही डिफाल्टर उपभोक्ताओं में हड़कंप मच गया है। बिजली बोर्ड के सहायक अभियंता ईं. अजय कमार ने बताया कि बोर्ड ने उपमंडल नंबर दो में 806 डिफाल्टर उपभोक्ताओं से बिल राशि के रूप में 14 लाख 51 हजार 245 रुपये वसूलने हैं। बार-बार नोटिस जारी होने के बाद भी डिफाल्टर उपभोक्ताओं ने लंबित बिल राशि जमा करवाने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं, जिसके चलते अब बिजली बोर्ड ने इन डिफाल्टरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का निर्णय लिया है। अंतिम नोटिस जारी कर दिया गया है और अब सीधे बोर्ड की टीमों को फील्ड में उतारकर बिजली कनेक्शन काटने की प्रक्रिया आरंभ की जाएगी। साथ ही उन्होंने बिजली बोर्ड की कार्रवाई से बचने के लिए डिफाल्टरों को लंबित बिल राशि जमा करवाने की अपील की है।
जिला ऊना में गत दिनों पत्रकारों पर हुए हमले को चंबा प्रेस क्लब के पदाधिकारियों ने निंदनीय करार दिया है। साथ ही क्लब ने प्रदेश सरकार व पुलिस से आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। बुधवार को चंबा प्रेस क्लब द्वारा अध्यक्ष दीपक शर्मा की अध्यक्षता में आपातकालीन बैठक आयोजित की गई। अध्यक्ष दीपक शर्मा ने कहा कि पत्रकार लोकतंत्र का चौथा स्तंभ हैं और उनके खिलाफ किसी भी प्रकार की आपराधिक घटना लोकतंत्र पर प्रहार है, अगर मीडिया कवरेज के लिए निष्पक्ष पत्रकारिता करने गए मीडिया कर्मियों पर ऐसे जानलेवा हमले होंगे तो समाज में इससे बुरा संदेश नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर उपायुक्त चंबा के माध्यम से बुधवार को मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा जाएगा। इस मौके पर क्लब के मुख्य संरक्षक बाल कृष्ण पराशर, महासचिव हेम सिंह ठाकुर सहित कई पदाधिकारी मौजूद रहे।
ग्राम पंचायत बलोठ व खुंदेल के ग्रामीणों के एक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को उपायुक्त से मुलाकात कर राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बटोत में अध्यापकों के पदों को भरने की मांग उठाई। उन्होंने अध्यापकों के रिक्त पड़े पदों को भरने को लेकर एसएमसी के माध्यम से उपायुक्त को पारित प्रस्ताव भी सौंपा। इस प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई बलोठ पंचायत के प्रधान देवराज व खुंदेल पंचायत की प्रधान आरती शर्मा ने की। उन्होंने बताया कि उपरोक्त पंचायतों के करीब 300 छात्र राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बटोत में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं, मगर पाठशाला में अहम विषयों के अध्यापकों के पद रिक्त होने से छात्रों की पढ़ाई पूरी तरह प्रभावित हो रही है। उन्होंने बताया कि पाठशाला में प्रिंसिपल के अलावा प्रवक्ता इतिहास, हिंदी, राजनीतिक शास्त्र व गणित के अलावा टीजीटी आर्ट्स के दो, टीजीटी नॉन मेडिकल और पीटीई अध्यापकों के पद रिक्त पड़े हुए हैं। उन्होंने उपायुक्त से गुहार लगाई कि जल्द रिक्त पदों को भर कर राहत प्रदान करें।
हिमाचल पथ परिवहन निगम डिपो चंबा द्वारा चलाए जा रहे राइड विद प्राइड वाहन का किराया दोगुना करने के विरोध में भाजपा प्रदेश सचिव जय सिंह ने मोर्चा खोल दिया है। सोमवार को जिला मुख्यालय चंबा में जय सिंह ने लोगों के साथ मिलकर राइड विद प्राइड वाहन को काले झंडे दिखाए। इस दौरान प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की गई। वहीं, भाजपा प्रदेश सचिव जय सिंह ने कहा कि हाल ही में एचआरटीसी प्रबंधन की ओर से राइड विद प्राइड वाहन सेवा का किराया दोगुना कर दिया गया है। इस वाहन में मध्यम व गरीब वर्ग के लोग सफर करते हैं। अब मात्र 3 से 4 किलोमीटर का सफर तय करने के लिए उन्हें भारी-भरकम किराया चुकाना पड़ रहा है, जिससे उन्हें काफी आर्थिक नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि इससे पूर्व भी प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर किराया कम करने की मांग उठाई गई थी, लेकिन अब तक कोई सकारात्मक पहल नहीं हो पाई है। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि जल्द से जल्द किराए में की गई बढ़ोतरी के निर्णय को वापिस लिया जाए और यदि किराया कम न हुआ तो वे चंबा प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री व उप मुख्यमंत्री को भी काले झंडे दिखाकर उनका स्वागत करेंगे।
प्रदेश के जनजातीय क्षेत्र सौर ऊर्जा क्षेत्र में अग्रणी बनकर हरित ऊर्जा राज्य के लक्ष्य की प्राप्ति में उल्लेखनीय भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं। चंबा जिले के पांगी उपमंडल में 400-400 किलोवाट की दो सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित करने की योजना से यह संभव हुआ है। नवीकरणीय ऊर्जा के लिए राज्य नोडल एजेंसी हिमऊर्जा को इन परियोजनाओं के लिए भूमि हस्तांतरित की गई है। हिमऊर्जा ने इन दो सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए पांगी घाटी के हिलौर और धारवास में एक-एक हैक्टेयर भूमि चिन्हित की है। लगभग 10 करोड़ रुपये की लागत की इन परियोजना के लिए एजेंसी ने विभिन्न औपचारिकताओं को पूर्ण करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री ने हिमऊर्जा को इन दोनों सौर ऊर्जा परियोजनाओं का निर्माण कार्य जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री का कहना है कि इसके अलावा पांगी में विद्युत आपूर्ति व्यवस्था सुदृढ़ करने के लिए सौर ऊर्जा आधारित ‘बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम प्रोजेक्ट’ स्थापित करने के लिए वर्ष 2023-24 के बजट में प्रावधान किया गया है। यह परियोजना क्षेत्र के लोगों को खराब मौसम और भारी बर्फबारी के दौरान निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करेगी। सर्दियों के दौरान भारी बर्फबारी के कारण विद्युत आपूर्ति बाधित होने से पांगी के लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। ‘बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम प्रोजेक्ट’ स्थानीय ग्रिड से विद्युत की सुचारू आपूर्ति कर इस समस्या का समाधान करेगा। उनका कहना है कि प्रदेश सरकार सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देते हुए कार्बन उत्सर्जन कम करने की दिशा में ठोस कदम उठा रही है। प्रदेश सरकार द्वारा 31 मार्च, 2026 तक हिमाचल को हरित ऊर्जा राज्य बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए वर्ष 2023-24 में 500 मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजनाएं शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अतिरिक्त, पायलट आधार पर प्रत्येक जिले में दो पंचायतों को हरित पंचायत के रूप में विकसित किया जाएगा।
स्वास्थ्य मंत्री डाॅ. कर्नल धनी राम शांडिल ने मेडिकल कॉलेज चंबा का दौरा कर वहां की स्वास्थ्य सेवाओं को जांचा तो साथ ही उपचाराधीन रोगियों से बातचीत कर उनका कुशलक्षेम पूछा। स्वास्थ्य मंत्री के साथ सदर विधायक चंबा नीरज नैयर सहित अन्य कांग्रेसी नेता मौजूद रहे। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार सभी लोगों को अत्याधुनिक एवं वहन करने योग्य स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रदेश में स्वास्थ्य संस्थानों के सुदृढ़ीकरण और रोगियों की सुविधा के लिए पर्याप्त संख्या में चिकित्सकों एवं पैरामेडीकल स्टाफ की उपलब्धलता सुनिश्चित बनाई जा रही है। इस अवसर पर स्थानीय विधायक नीरज नैय्यर ने मेडिकल कॉलेज चंबा में चल रही चिकित्सकों व पैरामेडिकल स्टाफ की वस्तु स्थिति बारे स्वास्थ्य मंत्री को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जिला चंबा के लोगों को यूं तो सरकार बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करवाने के लिए प्रयासरत है लेकिन कुछ मामलों में प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि यूं तो मौजूदा स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने के लिए चंबा विधानसभा क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं के स्तरोन्नत पर बल दिया गया है। अस्पताल में रोगियों को सभी आवश्यक स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए अस्पताल में आधुनिक उपकरण एवं मशीनरी उपलब्ध करवाई गई है। इससे पूर्व स्वास्थ्य मंत्री ने परिधि गृह में लोगों की समस्याएं सुनीं तथा उनका निपटारा करने का आश्वासन दिया। इस अवसर पर पूर्व वन मंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी, पूर्व विधायक एसके भारद्वाज, उपायुक्त अपूर्व देवगन, पुलिस अधीक्षक अभिषेक यादव, अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी अमित मेहरा, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. कपिल शर्मा, पंडित जवाहर लाल नेहरू राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय के प्राचार्य पंकज गुप्ता, एसडीएम अरुण शर्मा, अध्यक्ष ब्लॉक कांग्रेस करतार सिंह ठाकुर सहित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू स्पिति घाटी के अपने पहले प्रवास के दौरान घाटी के रंग में रंगे नजर आए। अपने भाषण की शुरूआत उन्होंने ‘जूले’ कहकर की, जिसका हिंदी में अर्थ है नमस्ते। जूले कहते ही स्थानीय लोगों ने जोरदार तालियां बजाकर मुख्यमंत्री का स्वागत किया। इसके बाद स्थानीय निवासियों ने पारंपरिक परिधान "छूबा" पहनाकर उनका स्वागत भी किया। मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी कमलेश ठाकुर को भी स्पिति वासियों ने पारंपरिक परिधान पहनाया। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने स्थानीय संस्कृति पर आधारित कार्यक्रमों में गहरी रुचि दिखाई और कलाकारों की खुले मन से प्रशंसा की। उन्होंने कलाकारों को सम्मानित किया और सभी स्पितिवासियों को अपनी प्राचीन एवं अनूठी संस्कृति के संरक्षण के लिए बधाई भी दी।
हिमाचल प्रदेश में कोरोना की रफ़्तार लगातार बढ़ती जा रही है। संक्रमण के आंकड़ों में हर दिन बढ़ोतरी हो रही है। वहीं, कोरोना की संक्रमण दर भी अब आठ प्रतिशत को पार कर चुकी है। बीते कल को स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रदेश भर में कुल 5226 लोगों के सैंपल लिए थे। इनमें से 422 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं, जबकि दो लोगों की कोरोना से मौत हुई है। इनमें एक मौत ऊना और एक मौत कुल्लू जिला में हुई है। कोरोना के नए मामले कोरोना वायरस के नए मामलों में बिलासपुर जिला में 30, चंबा में 10, हमीरपुर में 71, कांगड़ा में 126, किन्नौर में सात, कुल्लू में आठ, लाहुल-स्पीति में आठ, मंडी में 85, शिमला में 23, सिरमौर में 21, सोलन में 20 और ऊना जिला में 14 नए मामले आए हैं। इन मामलों के साथ ही प्रदेश में कोरोना के एक्टिव केस 1762 हो चुके हैं, जबकि संक्रमण दर प्रदेश में 8.7 प्रतिशत हो चुकी है। कोरोना का संक्रमण मंडी, हमीरपुर और कांगड़ा जिला में सबसे ज्यादा है। एक्टिव केस की बात करें तो कांगड़ा जिला में 394, बिलासपुर में 143, चंबा में 171, हमीरपुर में 314, कांगड़ा में 392, किन्नौर में 26, कुल्लू में 60, लाहुल-स्पीति में 20, मंडी में 315, शिमला में 136, सिरमौर में 112, सोलन में 117 और ऊना में 56 एक्टिव केस है। स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से अपील की है कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए कोविड प्रोटोकॉल का पालन करे।
जनजातीय क्षेत्र भरमौर की ग्राम पंचायत कुगति में केलंग वजीर मंदिर के कपाट 13 अप्रैल को श्रद्धालुओं के लिए खुल जाएंगे। यह जानकारी अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी भरमौर नरेंद्र कुमार चौहान की अध्यक्षता में विभिन्न विभागीय अधिकारियों के साथ हुई बैठक में दी गई। अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी भरमौर ने बैठक में उपस्थित सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए सड़क, पानी, साफ-सफाई, बिजली के अलावा अन्य जरूरी व्यवस्था बनाना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि केलंग वजीर मंदिर परिसर में किसी भी प्रकार के मादक पदार्थ ले जाना निषेध है। उन्होंने खंड विकास अधिकारी भरमौर को निर्देश देते हुए कहा कि गांव के आसपास नशा निषेध संबंधी बोर्ड स्थापित किए जाए, ताकि कोई भी व्यक्ति मंदिर के आसपास किसी भी प्रकार के नशीले पदार्थों का सेवन न करे और मंदिर की पवित्रता बनी रहे। उन्होंने कहा कि उक्त ऐतिहासिक मंदिर के कपाट क्षेत्र में होने वाली भारी बर्फबारी के कारण नवंबर माह के बाद करीब चार माह के लिए बंद कर दिए गए थे, जिस कारण मंदिर में किसी भी प्रकार की पूजा अर्चना नहीं हो पाती। मंदिर के कपाट खुलते ही देश और प्रदेश से व्यापक स्तर पर श्रद्धालुओं का केलंग वजीर मंदिर में आवाजाही शुरू हो जाएगी। बैठक में वन मंडल अधिकारी नरेंद्र सिंह, तहसीलदार भरमौर अशोक कुमार व कार्यवाहक खंड विकास अधिकारी गोपाल सिंह सहित विभिन्न विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले के डलहौजी की रहने वाली प्रियंका ने दिल्ली न्यायिक सेवा परीक्षा पास कर प्रदेश का नाम रोशन किया है। वे अब दिल्ली में सिविल जज के रूप में सेवाएं देंगी। प्रियंका हिमाचल प्रदेश के जिला चंबा की डलहौजी तहसील से सम्बंध रखती हैं। उन्होंने अपनी शुरूआती पढ़ाई डलहौजी के सरकारी स्कूल से प्राप्त की। बीकॉम, एलएलबी व एलएलएम की शिक्षा दिल्ली विश्वविद्यालय से हासिल की। वर्तमान में प्रियंका हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला से लॉ में पीएचडी कर रही हैं। इन्होंने पढ़ाई के साथ ही ज्यूडिशियल परीक्षा पास की है। प्रियंका ने कामयाबी का श्रेय माता-पिता, व अध्यापकों को दिया है। उन्होंने कहा कि कठोर परिश्रम और लग्न से जीवन में किसी भी मनचाहे मुकाम को हासिल किया जा सकता है।
चंबा जिला के चमीणू स्थित नॉट ऑन मैप एचटूओ हाउस में चंबा व ब्रिटिश संस्कृति का मिलन हुआ। ब्रिटेन से वेंडी डोलन की अगवाई में चंबा पहुंचे 20 लोगों के दल ने यहां पहुंचकर चंबा रुमाल के बारे में विस्तार से जानकारी हासिल की। जैसे ही ब्रिटिश दल चमीणू पहुंचा तो यहां चल रहे वैदिक गुरुकुल के विद्यार्थियों ने उनका मंत्रोच्चारण व तिलक से भव्य स्वागत किया। वैदिक गुरुकुल के विद्यार्थियों की ओर से किए गए भव्य स्वागत से दल के सभी सदस्य गदगद हो उठे। यह दल आहिल्या होलिडेस ट्रैवल एजेंसी के साथ चंबा पहुंचा। आहिल्या होलिडेस ट्रैवल एजेंसी की ओर से जिला चंबा के चमीणू स्थित एचटूओ हाउस में चंबा रुमाल पर कार्यशाला व सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन किया गया। इसमें नॉट ऑन मैप संस्था का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा। कार्यशाला में उपायुक्त चंबा डीसी राणा ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। जबकि, पदमश्री विजय शर्मा विशेष तौर पर उपस्थित रहे। उपायुक्त ने कार्यशाला का आगाज करते हुए चंबा रूमाल के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि चंबा रुमाल यहां की बेहतरीन कला का बेमिसाल नमूना है। यहां पर पहुंचने के बाद वेंडी डोलन व समूह के अन्य सदस्यों ने पद्मश्री विजय शर्मा से चंबा रुमाल की बारीकियों के बारे में विस्तार से जाना। पद्मश्री विजय शर्मा ने दल को बताया कि चंबा रूमाल रियासत काल से ही काफी प्रसिद्ध रहा है। इसे तैयार करने के लिए काफी मेहनत लगती है। इस पर कढ़ाई करने के लिए काफी समय लगता है। वहीं, दल ने चंबा रूमाल को तैयार करने की तकनीक भी सीखी। साथ ही यह भी माना कि चंबा रुमाल को तैयार करना काफी मेहनतभरा व बारीक कार्य है। इस दौरान चंबा के सांस्कृतिक दलों की ओर से सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए। जिसे देखकर ब्रिटिश ग्रुप काफी उत्साहित दिखा। वहीं, आहिल्या होलिडेस ट्रैवल एजेंसी चलाने वाले ईशा व अनूप ने कहा कि उनके द्वारा विभिन्न दलों को देश के कोने-कोने में ले जाकर कला व संस्कृति के बारे में अवगत करवाया जा रहा है। चंबा रुमाल कला काफी स्मृद्ध है। इसलिए आने वाले समय में भी वह दोबारा विभिन्न दलों के साथ यहां पहुंचेंगे तथा चंबा रूमाल की बारीकियों से अवगत करवाएंगे। उधर, नॉट ऑन मैप संस्था के सह-संस्थापक मनुज शर्मा ने कहा कि चंबा रूमाल कला को समझने के लिए इससे जुड़ना बहुत जरूरी है। चंबा रुमाल एक ऐसी कला है, जिसने न केवल प्रदेश व देश, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी अपना लोहा मनवाया है। इस कला से चंबा के विभिन्न समूह जुड़े हुए हैं। इस मौके पर मां दुर्गा स्वयं सहायता समूह से राष्ट्रीय अवार्डी अनीता, पूनम, सुमन, रेनू, पूजा, किरण, मनीषा, करीना, पूजा तथा दक्षिता, नारायण स्वयं सहायता समूह कुंडी से सुनीता, प्रधान लक्ष्मी देवी, उपप्रधान सुरेंद्र जरयाल, नॉट ऑन मैप संस्था से सूरज, दिवांकिता शाह, तनू, सुरिंद्र, अनूप, हनीफ, विशाल तथा राकेश शेखरी, गाबदिका स्वयं सहायता समूह से शंकर कुमार, पहचान एवं चंबा रीडिस्कवर्ड स्वयं सहायता समूह से ज्योति, निशा, आरती, अनीशा, प्रिया, मनीषा, रफी हाउस से मोहम्मद रफी आदि मौजूद रहे।
एनपीएस कर्मचारी महासंघ की जिला इकाई की बैठक रविवार को मुख्यालय बचत भवन परिसर में संपन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता महासंघ के जिला प्रधान सुनील जरयाल ने की। बैठक में पुरानी पेंशन योजना बहाली पर आयोजित होने वाले आभार समारोह की तैयारियों को लेकर चर्चा की गई। सुनील जरयाल ने बताया कि आभार समारोह में हरेक जिला से परिवार सहित दस हजार से अधिक कर्मचारी हिस्सा लेंगे। आभार सेल्फी एट धर्मशाला समारोह का मुख्य आकर्षण रहेगा। उन्होंने बताया कि डोर टू डोर कैंपेन चलाकर सभी विभागों के कर्मचारी साथियों को न्यौता दिया जाएगा। बैठक में राज्य उपाध्यक्ष उत्तम चंद, जिला महासचिव विजय शर्मा, राज्य प्रचार सचिव अमित जरयाल, चंबा खंड के प्रधान विशाल मियां आदि मौजूद रहे।
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू आज अपना पहला बजट पेश कर रहे हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू आज अपना पहला बजट पेश करने के लिए इलेक्ट्रिक कार में पहुंचे। हिमाचल प्रदेश में बजट पेश होने से पहले ही विपक्ष ने विरोध शुरू कर दिया है। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर की अगुवाई में विपक्ष के विधायक काली पट्टी लगाकर सदन में पहुंचे। सीएम सुक्खू ने कई ऐलान किये है, जानिए प्रदेशवासियों की झोली में इस वर्ष प्रदेश सरकार ने क्या दिया ** प्रदेश के युवाओं को उनकी अपनी भूमि पर या लीज पर ली गई भूमि पर 200 किलो वाट से 2 मेगा वाट की परियोजना स्थापित करने के लिए 40 फीसदी सब्सिडी अनुदान सहित दी जाएगी **प्राइवेट बस ऑपरेटर्स को E -BUS खरीद के लिए 50 प्रतिशत की दर से 50 लाख तक की सब्सिडी दी जाएगी ** नादौन और शिमला में ई बस डिपो बनेंगे, HRTC चलाएगी 1500 ई बस ** एनपीएस कर्मचारियों के 8 हजार करोड़ रुपये केंद्र से वापस लाने के लिए भी सदन में विपक्ष से सहयोग मांगा ** हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन की 1500 डीजल बसों को ई-बसों में बदलने की घोषणा, एक हजार करोड़ रुपए खर्च करने का प्रावधान की कही बात **नादौन और शिमला में ई-बस डिपो बनाया जाएगा **प्राइवेट ऑपरेटर्स को चार्जिंग स्टेशन बनाने के लिए 50 प्रतिशत की दर से सब्सिडी दी जाएगी **हिमाचल प्रदेश में हर उपमंडल की दो पंचायतें ग्रीन पंचायतें बनेगी, प्रदेश में ग्रीन हाइड्रोजन नीति लाई जाएगी: सुक्खू ** वरिष्ठ नागरिकों के लिए ओल्ढ एज होम विकसित किए जाएंगे: CM सुक्खू ** सभी जिले हेलीपोर्ट से जोड़े जाएंगे: CM सुक्खू **मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने मंडी एयरपोर्ट के लिए 1000 करोड़ रुपये जारी करवाने के लिए विपक्ष का सहयोग मांगा ** हिमाचल के सभी मेडिकल कालेजों में इस साल रोबोटिक्स सर्जरी शुरू होगी, इस पर 100 करोड़ खर्च होंगे: CM सुक्खू ** प्रदेश के सभी विधानसभा में खुलेंगे राजीव गांधी डे बोर्डिग स्कूल ** सभी मेडिकल कालेजों में पेट स्केन स्थापित होंगे **हमीरपुर मेडिकल में कैंसर केयर के लिए एक सेण्टर ऑफ़ एक्सीलेंस स्थापित किया जाएगा **नाहन, चम्बा, एवं हमीरपुर स्थित मेडिकल कॉलेज में नर्सिंग कॉलेज स्थापित किये जाएगे : सीएम सुक्खू **इमरजेंसी मेडिसिन विभाग के लिए 150 करोड़ का बजट प्रावधान **सुक्खू सरकार ने बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए कुल 3,139 करोड़ का बजट किया प्रस्तावित **हर विधानसभा क्षेत्र में एक आदर्श स्वास्थ्य संस्थान बनाया जाएगा ,134 तरह के टेस्ट की होगी सुविधा ** प्रत्येक सीनियर सैकेंडरी स्कूल में स्थापित होगी लाइब्रेरी **हर विधानसभा क्षेत्र में एक अस्पताल को आदर्श स्वास्थ्य संस्थान बनाया जाएगा **प्रदेश के युवाओं को विभिन्न कॉम्पिटिटिव एक्साम्स की तैयारी के लिए नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी की एक्सेस ओर आवश्यक पुस्तकों से लैस लाइब्रेरी का निर्माण किया जाएगा **1311 करोड़ की लागत से पर्यटन विकास योजना शुरू होगी ** परवाणू -नालागढ़-ऊना, हमीरपुर-अंब-नूरपूर, पांवटा-नाहन-शिमला, शिमला-बिलासपुर हमीरपुर-चंबा, मंडी-पठानकोट, मनाली-केलोंग नेशनल हाईवे को ग्रीन कौरिडेर के तौर पर विकसित किया जाएगा **हर अनाज के अलग अलग क्लस्टर बनाएं जायेंगे ** विद्यार्थिओं को खेल में भाग लेने के लिए प्रेरित करने को स्पोर्ट्स हॉस्टल में रह रहे खिलाडियों की डाइट मनी को 120 रूपए से बढाकर 240 रूपए प्रतिदिन करने की घोषणा ** शिक्षा क्षेत्र के लिए कुल 8 ,828 करोड़ प्रस्तावित किया गया **40 हजार नए लाभार्थियों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन देने की घोषणा ** पहले चरण में 2 लाख 31 महिलाओं को मिलेंगे 1500 रुपये मासिक दिए जाएंगे **हिम गंगा योजना होगी शुरू, दूध उत्पादकों की True Cost मिलेगी *विधवा और एकल नारी आवास योजना शुरू होगी, इसके तहत 7 हजार महिलाओं को डेढ़ लाख की राशि आवास के लिए दी जाएगी **20 हजार मेधावी छात्राओं को इलेक्ट्रिक स्कूटी के लिए 25 हजार सब्सिडी दी जाएगी **40 हजार नए लोगों को सोशल सिक्योरिटी पेंशन **नशाखोरी रोकने के लिए नशा एवं मादक पदार्थ मुक्त अभियान शुरू करने की घोषणा ** नशाखोरी का कारोबार करने वालों के विरुद्ध इसी विधानसभा के बजट सत्र में कानून लाएगी सरकार **मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना के तहत जंगली जानवरों से फसलों को बचाने के लिए जालीदार फेंसिंग को सब्सिडी देंगे **युवाओं को अंग्रेजी भाषा का प्रशिक्षण दिया जाएगा ** अब से अनाथ बच्चे 'चिल्ड्रेन ऑफ स्टेट' कहलाएंगे ** साल में एक बार अनाथ बच्चों को हवाई यात्रा और तीन सितारा होटल में ठहरने की सुविधा दी जाएगी : सीएम सुक्खू ** निराश्रितों को हर महीने चार हजार रुपए की आर्थिक मदद **दूध उत्पादन, सब्जी, फलों-फूलों के उत्पादन को कृषि कल्स्टर बनाए जाएंगे ** सुरक्षित बचपन अभियान की शुरुआत **हिम उन्नति योजना शुरू करने का ऐलान **किसानों, पशुपालकों के लिए हिम गंगा योजना शुरू होगी, इस योजना के लिए 500 करोड़ की घोषणा ** नए मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट स्थापित किए जाएंगे और मौजूदा प्लांट्स को अपग्रेड किया जाएगा ** प्रदेश के गरीब परिवारों के बच्चों को तकनीकी कोर्स करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी, इसके लिए 200 करोड़ रूपए की विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना शुरू करने का ऐलान ** 1292 करोड़ की लागत से हिमाचल में शिवा प्रोजेक्ट के तहत सात जिलों में 28 विकास खंडों में 6000 हेक्टेयर क्षेत्रों में बागवानी का विकास करेगी, 15 हजार बागवान लाभान्वित होंगे ** मुख्यमंत्री सुरक्षित बचपन अभियान शुरू करने की घोषणा, इस अभियान के अंतर्गत POSCO के प्रावधानों के बारे में प्रदेश वासियो को जागरूक किया जाएगा **मुख्यमंत्री सुरक्षित बचपन अभियान शुरू करने की घोषणा, इस अभियान के अंतर्गत POSCO के प्रावधानों के बारे में प्रदेश वासियो को जागरूक किया जाएगा **मुख्यमंत्री लघु दुकानदार योजना शुरू करने की घोषणा ** पंचायत जनप्रतिनिधियों के मानदेय में बढ़ोतरी ** मनरेगा के तहत ट्राइबल एरिया में मिलने वाली दिहाड़ी 266 रुपए से बढ़ाकर 294 रुपए किया, दिहाड़ी बढ़ने से 100 करोड़ अतिरिक्त खर्च होगा। इससे 9 लाख लोग लाभान्वित होंगे ** मनरेगा योजना के तहत मनरेगा दिहाड़ी को 212 से बढ़ाकर 240 रुपए करने की घोषणा ** मछली पालन के लिए तालाब निर्माण के लिए 80 फीसदी की सब्सिडी की घोषणा किसानों को ट्रेक्टर पर 50 फीसदी उपदान दिया जाएगा ** पंचायती राज प्रतिनिधयों का मानदेय बढ़ा **जिला परिषद् अध्यक्ष को 15 के बजाए 20 हज़ार मिलेगा, उपाध्यक्ष को 15 हज़ार ** नई पंचायतों में पंचायत घर बनाने के लिए 10 करोड़ के बजट का प्रावधान, 164 पंचायत सचिव के पद भरेगी सरकार ** ग्रामीण विकास पंचायती राज विभाग के लिए 1916 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित है ** शिमला के पास जाटिया देवी में नया शहर बसाने का ऐलान **हिमाचल में नया वाटर मैनेजमेंट एंड रेगुलेशन बिल लाएगी सरकार **जलशक्ति विभाग में 5 हजार पद भरने की घोषणा **मुख्यमंत्री लघु दुकानदार योजना शुरू करने की घोषणा
हिमाचल प्रदेश में एक बार फिर से मौसम ने करवट बदली है। बीते दिन चंबा-चुवाड़ी जोत मार्ग पर भारी ओलावृष्टि हुई। सड़क पूरी तरह से ओले से भर जाने के चलते वाहन चालक वाहनों को आगे ले जाने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। करीब दो घंटे के बाद इस मार्ग के बीच फंसे वाहनों को धीरे-धीरे अपने गंतव्य तक ले जाया गया। इस मौके पर कई वाहन पर्यटकों से भरे हुए थे। जानकारी केअनुसार बीते कल शाम को मौसम ने एक दम से करवट बदली कि एकाएक जोरदार ओलावृष्टि शुरू हो गई।वहीं मौसम के बदले इस मिजाज से एक बार फिर से जिला चंबा में कड़ाके की ठंड बढ़ गई है। गौरतलब है कि मौसम विभाग ने हिमाचल में तीन दिनों के लिए यलो अलर्ट जारी किया है।
चंबा-होली मुख्य मार्ग पर क्वारसी नाला पर निर्मित वैली पुल का बुधवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने वर्चुअल माध्यम से उद्घाटन किया। इस पुल के निर्माण कार्य पर करीब अढाई करोड़ की राशि खर्च हुई है। लोक निर्माण विभाग भरमौर मंडल ने मैकेनिकल विंग के सहायक अभियंता भीम नेगी की देखरेख में 14 दिनों के भीतर इस पुल का निर्माण पूरा किया है। इस पुल के निर्माण के साथ ही होली घाटी की दर्जनों पंचायतों का संपर्क दोबारा से शेष विश्व से जुड़ गया है। आयोजित समारोह में पूर्व वन मंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी ने पुल निर्माण कार्य में अहम भूमिका निभाने वाले सहायक अभियंता भीम नेगी को सम्मानित किया। लोक निर्माण विभाग प्रमोद मंडल के अधिशासी अभियंता संजीव महाजन ने पूर्व वन मंत्री और उपायुक्त को सम्मानित किया। इस मौके पर पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष अमित भरमोरी, उपायुक्त डीसी राणा, लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता दिवाकर पठानिया और अधिशासी अभियंता संजीव महाजन सहित विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।
राजकीय महाविद्यालय चंबा में एचजीसीटीए की स्थानीय इकाई ने सदर विधायक नीरज नैयर के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा। इकाई सचिव डॉ. मोहिंदर सलारिया ने बताया कि ज्ञापन में कॉन्ट्रैक्ट पीरियड को रेगुलर सर्विस बेनिफिट्स में शामिल करना, एमफिल और पीएचडी की इंक्रीमेंट को 2004 से बहाल करना, महाविद्यालय में प्रोफेसर के पद का सृजन करना, प्रिंसिपल की डीपीसी करवाना एवं चंबा महाविद्यालय में स्टाफ क्वाटर्स बनाना प्रमुख मांगें रखी गयी हैं। इस दौरान इकाई प्रधान परविंदर कुमार, सचिव डॉक्टर मोहिंदर सलारिया, प्रोफेसर राकेश राठौर, प्रोफेसर विजय, डॉ. हेमंत, डॉ.संतोषी, प्रो. केबल किसन, प्रो. शिल्पा, डॉ. पूनम, प्रो. शिवानी, डॉ. सुनील, डॉ. चमन, डॉ. तेज सिंह, प्रो. सुमित, प्रो. वीरेंद्र, प्रो. अनित, प्रो. अविनाश, प्रो. संजीव कुमार, डॉ. मनोज कुमार आदि मौजूद रहे।
हिमाचल प्रदेश के चंबा के डलहौजी और कांगड़ा जिला के कई क्षेत्रों में सोमवार देर रात करीब 10:38 बजे के करीब भूकंप के दो झटके महसूस किए गए हैं। भूकंप का मुख्य केंद्र चंबा जिले में जमीन के अंदर 10 किलोमीटर की गहराई पर था। भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 3.6 रही। वहीं इन जिलों के साथ पठानकोट, पंजाब और जम्मू कश्मीर में भी भूकंप के झटकों को महसूस किया गया। हालांकि, भूकंप से किसी भी तरह का जानी नुकसान की सूचना नहीं आई है।
हिमाचल प्रदेश के चंबा में विजिलेंस ने नायब तहसीलदार को 8,000 रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है। विजिलेंस ने मामला दर्ज कर आगामी जांच शुरू कर दी है। नायब तहसीलदार ने भूमि की म्यूटेशन के बदले यह रिश्वत मांगी थी। जानकारी के अनुसार विजिलेंस में भगत सिंह पुत्र स्व कन्हैया राम निवासी गांव काहलो उपतहसील पुखरी जिला चंबा ने शिकायत की कि उसके भूमि के कार्य को करने में नायब तहसीलदार पुखरी आनाकानी कर रहा है। इसके बदले रिश्वत मांग रहा है। इस पर विजिलेंस ब्यूरो ने शिकायतकर्ता के साथ मिलकर नायब तहसीलदार को पकड़ने के लिए योजना बनाई। योजना के अनुरूप शिकायतकर्ता अपने काम के बदले उक्त अधिकारी को रिश्वत देने के लिए उसके कार्यालय गया। जहां अधिकारी ने पैसे लेने से मना करते हुए, उसे कार्यालय से बाहर पैसे देने को कहा। कार्यालय से छुट्टी करके जब नायब तहसीलदार करीब 50 मीटर दूरी पर पुखरी-माणी रोड पर पहुंचा तो उसने शिकायतकर्ता को बुलाकर उससे रिश्वत ली। विजिलेंस ने अपनी योजना के अनुसार आरोपी को रिश्वत के पैसे लेते रंगे हाथों धर लिया। यह पूरी कार्रवाई विजिलेंस के एएसपी चंबा अभिमन्यु वर्मा की अगुवाई में की गई। विजिलेंस ने आरोपी के कब्जे से रिश्वत के पैसे भी बरामद किए और आगामी तफ्तीश शुरू कर दी है।
हिमाचल की राजधानी शिमला आए हर व्यक्ति ने ये नाम तो सुना ही होगा, इस पॉइंट से गुज़रे भी होंगे लेकिन इस जगह पर ऐसा क्या स्कैंडल हुआ, जिससे इसका नाम स्कैंडल पॉइंट रख दिया गया, ये सवाल भी बहुचर्चित है। बात बहुत पुरानी है तो कहानियां भी बहुत सी बन गईं है। कुछ कहते कि इस जगह पर हिंदुस्तान का पहला लव स्कैंडल हुआ था तो कुछ इस तथ्य को मानने से इंकार करते है। स्कैंडल पॉइंट से जुड़ी कहानियों में से एक कहानी है पाटियाला के महाराजा भूपेंदर सिंह की। बात 1892 की है, ब्रिटिश शासन में शिमला के वाईस रॉय और पाटियाला के महाराजा भूपेंदर सिंह अच्छे दोस्त हुआ करते थे और अक्सर वाईसरॉय के घर पर आया जाया करते थे। उसी समय पटियाला के राजा को वाईसरॉय की बेटी से महब्बत हो गई और दोनों ने शादी करने का फैसला किया लेकिन वाईसरॉय को ये रिश्ता मंज़ूर नहीं था और उन्होंने इसका विरोध भी किया। लेकिन दोनों प्रेमी अपना मन मना चुके थे। ब्रिटिश काल में शिमला के मालरोड पर शाम के समय ब्रिटिश अधिकारी अपने परिवार के साथ टहलने आया करते थे मगर यहां हिन्दुस्तानियों को आने की अनुमति नहीं थी। एक दिन शाम जब सब मॉलरोड पर टहल रही थे तो पटियाला के महाराजा ने अंग्रेज वाइसराय की बेटी को उठा लिया था। इसे पहला लव स्कैंडल कहा जाता है और जिस जगह पर यह कथित वारदात हुई उसे आज स्कैंडल प्वाइंट के नाम से जाना जाता है। महाराजा भूपिंद्र सिंह ने वाइसराय लार्ड कर्जन की बेटी को उठाया था। कहा जाता है कि महाराजा भूपिंद्र सिंह घोड़े पर सवार होकर आए और मालरोड पर टहल रही लार्ड कर्जन की बेटी को उठा ले गए। गुस्से में वायसराय ने उनका शिमला आने पर प्रतिबंध लगा दिया। महाराजा ने भी अपनी आन-बान और शान के लिए शिमला से भी ऊंचा नगर बसाने की ठान ली और चायल का निर्माण कर डाला। पटियाला के महाराजा भूपिंद्र सिंह का जन्म 12 अक्टूबर 1891 में हुआ। वर्ष 1900 में उन्होंने राजगद्दी संभाली और 38 साल तक राजपाट किया। उन्होंने ऑनरेरी लेफ्टीनेंट कर्नल के तौर पर प्रथम विश्व युद्ध में भाग लिया था। लीग ऑफ नेशंज में 1925 में भूपिंद्र सिंह ने भारत का प्रतिनिधित्व किया। महाराजा क्रिकेट के शौकीन थे। वर्ष 1911 में इंग्लैंड दौरे पर भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान भी वही थे। यहां हुआ था हिंदुस्तान का पहला लव स्कैंडल हालांकि कुछ इतिहासकार इस बात से इत्तफाक नहीं रखते। उनका दावा है कि लार्ड कर्जन साल 1905 तक वाइसराय रहे। उनकी तीन बेटियां थीं। देखा जाए तो 1905 में महाराजा की आयु 14 साल की थी। लार्ड कर्जन की बड़ी बेटी आइरिन की उम्र उस समय महज 9 साल थी। पंजाब यूनिवर्सिटी में अंग्रेजी की प्रोफेसर रह चुकी मंजू जैदका अपनी किताब स्कैंडल पॉइंट में लिखती है कि इस जगह से उनकी बहुत सी यादें जुडी है, उन्होंने इस पर काफी शोध भी किया है लेकिन महाराजा भूपेंदर सिंह की उम्र का तकाज़ा रखते हुए ये कहानी सच नहीं हो सकती। लेखिका का मानना है कि इस कहानी में भूपेंदर सिंह के पिता राजेंदर सिंह को होना चाहिए क्यूंकि उनकी एक अँगरेज़ बीवी और बेटा था। हालाँकि सच क्या है ये तो एक रहस्य ही रहेगा, जो इतिहास में दफ़न हो चुका है।
फर्स्ट वर्डिक्ट । चंबा विधायक बनने के बाद डॉ. जनकराज मरीजों को देखने से गुरेज नहीं करते हैं। लोग डॉ. जनकराज को देखते ही उन्हें अपनी रिपोर्ट दिखाने लग जाते हैं। ऐसा ही वाक्य चंबा में देखने को मिला, जहां डॉ. जनकराज भाजपा चंबा मंडल की बैठक में पहुंचे, बैठक शुरू हुई, तो डॉ. जनकराज को एक महिला का फोन आ गया और बच्चे को दिखाने की बात कही। वहीं, डॉ. जनकराज भी बैठक को छोड़ बच्चे को देखने एक तरफ आ गए। चंबा के दूर-दराज सलूणी से एक दुखयारी मां अपने 6 वर्ष के बच्चे को दिखाने पहुंची, बच्चा जन्म से ही दिमागी और शारीरिक रूप से अक्षम है। डॉ जनक को सुबह फोन किया, बच्चे की मां तो डॉक्टर साहब ने उन्हें जहां बैठक हो रही थी, वहीं, बुला लिया और बैठक से उठ कर बच्चे की सभी रिपोर्ट देखी और उसे दवाई लिखीं। साथ ही किसी भी समय फोन कर बच्चे के इलाज संबंधी जानकारी लेने को कहा। इससे पहले भी जनकराज सड़क पर मरीजों का इलाज करते हुए और उन्हें अस्पताल पहुंचाते हुए तस्वीरें वायरल हो चुकी हैं। अब विधायक बनने के बाद भी जनकराज ने सरकार से अस्पताल में निःशुल्क सेवाएं देने की अनुमति सरकार से मांगी है, लेकिन फिलहाल सरकार की ओर से उन्हें अनुमति नहीं मिल पाई है।
13वीं सदी की घराट संस्कृति के संरक्षण व संवर्धन का प्रतीक एचटूओ हाउस फर्स्ट वर्डिक्ट। चंबा चंबा के चमीणू में स्थित एचटूओ हाउस को अंतरराष्ट्रीय साटे अवार्ड 2023 से सम्मानित किया गया। एचटूओ हाउस को यह सम्मान संस्टेनेबल अकोमोडेशन आफ द ईयर की श्रेणी में मिला है। साउथ एशिया ट्रैवल एंड टूरिज्म एक्सचेंज (साटे) की ओर अवार्ड समारोह का आयोजन इंडिया एक्सपो मार्ट ग्रेटर नोयडा दिल्ली एनसीआर में किया गया। इसमें साउथ एशिया देशों के करीब 200 से अधिक संस्थाओं का नामांकन हुआ था। इनमें से 17 संस्थाओं को पुरस्कृत किया गया। साउथ एशिया ट्रैवल एंड टूरिज्म एक्सचेंज (साटे) राष्ट्रीय और राज्य पर्यटन बोर्डों के साथ घरेलू, अंतरराष्ट्रीय खरीदारों, यात्रा, पर्यटन और आतिथ्य उद्योग के पेशेवरों के लिए एक व्यापक मंच प्रदान करता है। एचटूओ हाउस ऐतिहासिक चंबा शहर से करीब 12 किलोमीटर दूर साल और हुल नालों के संगम पर स्थित है। यहां पर संस्कृति एवं प्रकृति का मिलन होता है। इसे स्थानीय समुदाय के साथ मिलकर चलाया जा रहा है, जो कि समुदाय संचालित पर्यटन स्थल का एक आदर्श उदाहरण प्रदान करता है। एचटूओ हाउस स्थानीय संस्कृति, क्राफ्ट के प्रचार के लिए भी मंच प्रदान करता है। एचटूओ हाउस 13वीं सदी की घराट संस्कृति को संरक्षित करके बनाया गया है, जो कि देखने में काफी आकर्षक लगता है। इस घराट संस्कृति का जिक्र ताम्र पत्र में भी मिलता है। एचटूओ हाउस को एयरबीएनबी कंपनी की ओर से भारत में शीर्ष 10 होमस्टे में सूचीबद्ध किया गया है। यहां की व्यवस्था स्वयं सहायता समूहों की ओर से संभाली जा रही है। इसी स्थान पर नॉट ऑन मैप संस्था की ओर से एचटूओ हाउस के साथ-साथ अन्य होमस्टे की शुरुआत भी करवाई है। इनमें रफी होमस्टे, राम कुटीर होमस्टे, कलावती होम स्टे तथा साल होम स्टे सहित अन्य होमस्टे शामिल हैं। संस्था की ओर से ग्रामीण, जिम्मेदार, सामुदायिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कार्य किया जा रहा है। यहां पर प्राकृतिक खान-पान, चंबा की संस्कृति पर ध्यान दिया जा रहा है। यहां पर लोगों के लिए आजीविका के साधन बढ़ाने पर भी कार्य किया जा रहा है। अवार्ड समारोह में एचटूओ हाउस की ओर से रेनू शर्मा, मगनदीप, नॉट ऑन मैप संस्था के सह संस्थापक मनुज शर्मा, नॉट ऑन मैप संस्था के सलाहकार सचिन कुमार ने सम्मान हासिल किया। कार्यक्रम में मॉरिशस के उप-प्रधानमंत्री लुईस स्टिवन ओबेगाडो, अलहसन अली अल्दाबबाग, मुख्य बाजार अधिकारी एशिया पेसिफिक एवं सऊदी पर्यटन प्राधिकरण (एसटीए), डा. अब्दुल्ला मौसूम पर्यटन मंत्री मालदीव, माधवन मेनन प्रबंध निदेशक थॉमस कुक इंडिया लिमिटेड, योगेश मुद्रास एमडी इंफोर्मा मार्केट्स, पल्लवी मेहरा ग्रुप डायरेक्टर एवं पब्लिशर इंफोर्मा मार्केट्स इंडिया, वीके दुग्गल मिजोरम के गवर्नर सहित अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे। एचटूओ हाउस की रेनू शर्मा ने कहा कि यह हम सबके लिए बड़े गर्व की बात है कि एचटूओ हाउस को सैटे अवार्ड से सम्मानित किया गया। यह अवार्ड हम पूरे समुदाय को समर्पित करते हैं, जिन्होंने इसमें अपना हरसंभव सहयोग दिया है। नाट आन मैप संस्था के सह-संस्थापक मनुज शर्मा ने कहा कि नाट आन मैप संस्था की शुरुआत भी एचटूओ हाउस से हुई थी। अब यह संस्था संस्टेनेबल टूरिज्म को लेकर पूरे देशभर मे कार्य कर रही है। एचटूओ हाउस को अवार्ड मिलने के लिए मैं सभी लोगों को बधाई देता हूं। एचटूओ हाउस के मगनदीप सिंह ने बताया कि हमें अधिक जिम्मेदार और टिकाऊ यात्रा उद्योग की ओर बढ़ते आंदोलन का हिस्सा बनने पर गर्व है। हम पर्यावरण और स्थानीय समुदायों पर सकारात्मक प्रभाव डालते हुए मेहमानों को एक अविस्मरणीय यात्रा अनुभव प्रदान करने के लिए तत्पर हैं। हमारा ध्यान हमेशा स्थानीय संस्कृति को संरक्षित करने और आर्थिक मानकों में सुधार करने के लिए एक समावेशी और टिकाऊ वातावरण बनाने पर रहेगा।
नौकरी की तलाश कर रहे युवाओं के लिए एक अच्छी खबर आई है। हिमाचल प्रदेश बेरोजगार चयन सेवाएं संगठन आउटसोर्सिंग एजेंसी (एचपीयूएसएसए) मुख्य कार्यालय शिमला ने विभिन्न श्रेणियों के (687) पदों को भरने के लिए अधिसूचना जारी की है। इन पदो के लिए आवेदन एजेंसी के व्हाट्सएप पर नंबर पर ऑनलाइन ही लिए जाएंगे। प्रदेश के इच्छुक उम्मीदवार आवेदन करने के लिए अपना बायोडाटा फोन नंबर सहित, पदनाम सहित, साधारण एप्लीकेशन लिखकर ,अपनी शैक्षणिक योग्यता के मूल प्रमाण पत्रों की छाया प्रति, आधार कार्ड, हिमाचली बोनाफाइड , पुलिस चरित्र प्रमाण पत्र, रोजगार कार्यालय कार्ड, पीडीएफ फाइल/ स्कैनड बनाकर एजेंसी के व्हाट्सएप नंबर 89881-14000 पर अपना आवेदन निर्धारित तिथि तक भेज सकते है। आवेदन की अंतिम तारीख 12 फरवरी 2023 निर्धारित की गई है। संघ के निदेशक विनीत शर्मा ने बताया कि विभिन्न श्रेणियों में क्लर्क ऑफिस एग्जीक्यूटिव, एचआर कोऑर्डिनेटर, बैंक सेल्स ऑफिसर , बैंक डिलीवरी एसोसिएट्स , फोन बैंकिंग ऑफीसर, सिक्योरिटी गार्ड, आईटीआई ऑल ट्रेड पासआउट, कंपनी भर्ती अधिकारी , एक्स सर्विसमैन सिक्योरिटी सुपरवाइजर , बस कंडक्टर, कार्यालय सहायक, अकाउंट्स एग्जीक्यूटिव , ऑफिस कोऑर्डिनेटर, बैंक कैश हैंडलिंग एग्जीक्यूटिव, ब्रांच सेल्स ऑफिसर, स्टोरकीपर, कंप्यूटर ऑपरेटर ,बिजनेस प्रमोशन एग्जीक्यूटिव , एक्स सर्विसमैन जेसीओ, प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर, जनरल वर्कर हेल्पर, ड्राइवर, लैब असिस्टेंट , आयुर्वेदिक फार्मासिस्ट , स्टाफ नर्स एएनएम, स्टाफ नर्स जीएनएम , एमआई रिकवरी मैनेजर, फ्लाइंग ऑफिसर, इलेक्ट्रीशियन, फिटर, मैकेनिकल, वेल्डर, पंप ऑपरेटर, एक्स सर्विसमैन गनमैन पीएसओ, जेसीबी ऑपरेटर, बैंक रिलेशनशिप मैनेजर , पेपर सैटर , फॉर्म सेल्स एग्जीक्यूटिव, पीएन कम चौकीदार के पदों को भरने के लिए अधिसूचना जारी की गई है। इन पदों के लिए उम्मीदवार की आयु सीमा 18 से 45 वर्ष के बीच होनी चाहिए। अधिकतम आयु सीमा में 5 वर्ष की छूट का प्रावधान है. उम्मीदवार शैक्षणिक योग्यता वांछनीय योग्यता संबंधी जानकारी के लिए एजेंसी की आधिकारिक/ ऑफिशल वेबसाइट www.hpussa.in से जानकारी ले सकते हैं। एजेंसी द्वारा उम्मीदवारों का चयन छटनी/ लिखित परीक्षा एवं इंटरव्यू द्वारा ही चयन किया जाएगा. लिखित परीक्षा (150) क्रमांक एवं इंटरव्यू (30) क्रमांक का होगा. लिखित परीक्षा में हिमाचल सामान्य ज्ञान, एवरीडे साइंस ,भूगोल, गणित, इतिहास, जनरल हिंदी, इंग्लिश, कंप्यूटर न्यूमेरिकल एटीट्यूट से बहुविकल्पीय ऑब्जेक्टिव टाइप एमसीक्यू प्रश्न पूछे जाएंगे. एजेंसी द्वारा लिखित परीक्षा 19 फरवरी 2023 को ऑनलाइन ही आयोजित की जाएगी। उम्मीदवारों को इनरोलमेंट नंबर ऑनलाइन ही जारी किए जाएंगे। लिखित परीक्षा का परिणाम 17 मार्च 2023 को संघ की आधिकारिक ऑफिशियल वेबसाइट www.hpussa.in पर देख सकते है। इन पदों के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों की शैक्षणिक योग्यता आठवीं, दसवीं, 12वीं , ग्रेजुएट, बीएससी बीएड, एमकॉम, बीकॉम, डीसीए, पीजीडीसीए, डिप्लोमा/ डिग्री होल्डर होनी चाहिए. संघ द्वारा नियुक्त किए गए उम्मीदवारों का मासिक वेतनमान 10750/- ग्रेड पे- से लेकर 40870/- सीटीसी ग्रेड पे- तक दिया जाएगा। इसके अलावा जनरल प्रोविडेंट फंड, पीएफ, ईएसआई, मेडिकल इंश्योरेंस , प्रमोशन , बोनस ओवरटाइम की सुविधा भी मिलेगी. यह सभी पद 2 वर्ष के अनुबंध आधार पर भरे जाएंगे, जिन्हें बाद में पॉलिसी एक्ट के तहत रेगुलर किया जाएगा। नियुक्त किए गए उम्मीदवार प्रदेश की एमएनसी कंपनियों, सिपला, गोदरेज, कैडबरी , चेकमेट , डाबर, मारुति ,हीरो होंडा, विभिन्न बैंकिंग, मेडिकल कॉलेज , हिमाचल स्टेट रूरल कॉरपोरेशन, स्टेट पावर कॉरपोरेशन, पीएचसी हॉस्पिटल, हिमाचल स्टेट पावर प्रोजेक्ट, फाइनेंस सेक्टर, एलआईसी, स्टेट कोऑपरेटिव सोसायटी, मॉल, एनजीओ, सरकार के पंजीकृत औद्योगिक क्षेत्रों में अपनी सेवाएं देंगे। नियुक्त किए गए उम्मीदवारों को हिमाचल प्रदेश में कुल्लू, मंडी, सोलन, कांगड़ा, हमीरपुर, सिरमौर ,उना ,मोहाली ,चंडीगढ़, जीरकपुर , दिल्ली, नोएडा, जालंधर क्षेत्रों में कहीं भी तैनाती दी जा सकती है। यह तमाम भर्ती प्रक्रिया मार्च माह के अंत में पूरी कर ली जाएगी। चुने गए उम्मीदवारों की सूची अधिकारिक वेबसाइट में भी प्रेषित कर दी जाएगी। उम्मीदवार अधिकतर जानकारी के लिए कार्यालय के हेल्पलाइन नंबर 94181-39918 94184-17434 62305-90985 पर संपर्क कर सकते हैं।
किशाेर गुप्ता। चंबा अपनी कुर्सी बचाने के लिए मुख्यमंत्री ने एक दिन में छह सीपीएस बना दिए और उसी दिन पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ा दिए। ऐसा सिर्फ इसलिए किया गया, ताकि मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू अपनी सरकार को गिरने से बचा सके। इसका सारा बोझ प्रदेश की आम जनता पर पड़ा है। आटे के दाम में भी बढ़ोत्तरी कर दी गई। ये बात हिमाचल भाजपा प्रदेश सचिव जय सिंह ने कही। उन्होंने कहा कि कर्मचारी अपने वेतन मिलने का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन सरकार के मंत्री और मुख्यमंत्री मौज मस्ती करने में लगे हैं। ये सरकार डीनोटीफाई सरकार है। जिस हिसाब से ये सरकार कार्य कर रही है। उसका हिसाब सरकार को 2024 में देना होगा। पूर्व भाजपा सरकार ने जनता की सुविधा के लिए जो सुविधाएं शुरू की थी। कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आते ही उन सुविधाओं को बंद कर दिया। इसको लेकर भाजपा कांग्रेस से जवाबदेही मांगेगी। सत्ता पाने के लिए कांग्रेस ने हिमाचल की जनता को 10 गारंटियां दी थी, जिनके दम पर प्रदेश में कांग्रेस की सुक्खु-मुक्खु सरकार बन गई, लेकिन अब यह सरकार अब अपने चुनावी गारंटियों से मुकर रही है। इस बात का प्रमाण हाल ही में मौजूदा सरकार के एक मंत्री द्वारा बागबान ओ किसानों द्वारा फलों की कीमत तय करने से मुकरने करने का प्रमाण है। 5 लाख नौकरियां देने का वादा करने वाली कांग्रेस सरकार युवाओं को बेरोजगारी का तोहफा दे रही है। 300 यूनिट बिजली फ्री कब यह सरकार देने जा रही है, इसकी अभी तक कोई भी घोषणा नहीं की है। चुनावों के दौरान घर-घर जाकर प्रत्येक महिला को 1500 रुपए हर माह देने के फॉर्म भरवाने वाली कांग्रेस पार्टी अब एक परिवार से एक महिला को 1500 रुपए देने की बात कह रही है। यही नहीं इसके लिए भी उसने कई शर्तें निर्धारित की है, जो हिमाचल की मातृशक्ति के साथ छलावा है। पशुपालकों से हर दिन 10 लीटर दूध खरीदने की गारंटी और 2 रुपए प्रति किलो गोबर खरीदने की गारंटी देने वाली कांग्रेस सरकार अपनी इन गारंटिओं को कब पूरा करेगी। हरगांव को मोबाइल क्लीनिक के माध्यम से मुफ्त चिकित्सा सुविधा देने का दावा करने वाली सरकार ने अभी तक इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया है।
हिमाचल में एक बार फिर से लॉटरी के नाम पर लाखों रुपए कि ठगी का मामला सामने आया है। पुलिस के बार-बार जागरूक करने के बावजूद लोग ठगी का शिकार हो रहे हैं। चंबा के रहने वाले एक व्यक्ति को जालसाजों ने अपने जाल में फंसाकर करीब 72 लाख रुपए पर हाथ साफ कर लिए। इस मामले में साइबर थाना शिमला में केस दर्ज हुआ है। साइबर थाना शिमला से मिली जानकारी के मुताबिक, शिकायतकर्ता छंगा राम चंबा का रहने वाला है। उन्होंने बताया कि उसे 2.50 करोड़ रुपए की लॉटरी लगने का मैसेज और कॉल आया। जालसाजों ने उससे कहा कि इस लॉटरी को लेने के लिए उसे कुछ पैसे उनके अकाउंट में डालने होंगे। हैरानी की बात यह है कि शिकायतकर्ता ने लगभग 200 से ज्यादा बार आरोपियों के खाते में खुद बैंक जाकर और गूगल पे के माध्यम से पैसे जमा करवाए। करीब 72 लाख रुपए शिकायतकर्ता आरोपियों के खाते में डाल चुका था। इसके बाद उन्हें ठगी का अहसास हुआ और पुलिस में मामला दर्ज करवाया। मामले कि पुष्टि करते हुए साइबर पुलिस के ASP भूपेंद्र नेगी का कहा है कि लोगों ऐसे जालसाजों से सावधान रहने की जरुरत है। इस प्रकार की धोखाधड़ी से बचने के लिए लोगों को जागरूक और सतर्क होने की जरूरी है।
हिमाचल प्रदेश में आगामी दिनों में फिर मौसम खराब होनेकि संभावना है। हालांकि, हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला सहित अन्य भागों में आज मौसम साफ बना हुआ है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला से मिली जानकारी के अनुसार बुधवार से लेकर शनिवार तक प्रदेश के कई भागों में बारिश-बर्फबारी के आसार हैं। मौसम विभाग ने निचले व मैदानी भागों के लिए 8 व 9 फरवरी को अंधड़ चलने का अलर्ट जारी किया है। गौरतलब है कि ताजा बर्फबारी के बाद बंद हुई अटल टनल रोहतांग मंगलवार को फोर बाई वाई वाहनों के लिए मनाली से जिस्पा तक खुल गई है। वहीं पांगी-किलाड़ को जोड़ने वाला मार्ग भी उदयपुर से तिंदी तक खुल गया है। मौसम खुलने के बाद बीआरओ, एनएच और लोक निर्माण विभाग ने बर्फ हटाने का काम शुरू कर दिया है। वहीं बीते दिनों हुई बर्फबारी से राज्य में 138 सड़कों पर अभी भी आवाजाही ठप है। प्रदेश में 46 बिजली ट्रांसफार्मर व सात पेयजल योजनाएं भी बाधित हैं। लाहौल-स्पीति में सबसे अधिक 121 और चंबा में नौ सड़कें बाधित हैं। उपमंडल पांगी में 36 बिजली टांसफार्मर बंद पड़े हैं।
हिमाचल प्रदेश की बागवानों के बगीचों में अब यूएसए के गुठलीदार फलों के पौधे उग सकेंगे। हिमाचल उद्यान विभाग पहली बार यूएसए से प्लम आडू, खुमानी व बादाम के 56,000 पौधे आयात करने जा रहा है। इन पौधों की खेप इसी माह हिमाचल पहुंच जाएगी। शिमला जिले के ठियाेग, कोटखाई, रामपुर, कुमारसैन और रोहड़ू सहित कुल्लू, मंडी, कांगड़ा जैसे अन्य क्षेत्रों में गुठलीदार फलों का उत्पादन होता है। वहीं इस बारे में जानकारी देते हुए बागवानी मंत्री जगत नेगी ने बताया कि पौधों को एक साल के लिए क्वारंटाइन में रखा जाएगा ताकि, यह सुनिश्चित हो सके की पौधों में कोई बीमारी तो नहीं है। अगले साल उद्यान विभाग बागवानों को यूएसए से आयातित पौधे का आवंटन करेगा। पौधों के आयात से पहले उद्यान विभाग के अधिकारी आपूर्ति पूर्व निरीक्षण भी कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि एक साल क्वारंटीन अवधि के बाद अगले साल बागवानों को यह पौधे उपलब्ध करवाए जाएंगे, ताकि इसमें कोई समस्या न आए। अभी हार के गम में है जयराम-जगत सिंह नेगी जगत नेगी ने पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर द्वारा किए गए ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री अभी गम में हैं। इसलिए इस तरह की बयानबाजी करते रहते हैं। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार कर्ज लेते रही और संसाधन जुटाने में नाकामयाब रही। नेगी ने कहा कि कांग्रेस का काम करने का तरीका अलग है हम संसाधन जुटाएंगे, कर्ज भी लेंगे, लेकिन सभी काम एक दायरे में करेंगे। विपक्ष द्वारा विधायक निधि न दिए जाने के आरोप पर जगत नेगी ने कहा' "विधायक निधि दें कहाँ से, पिछली सरकार ने कुछ नहीं छोड़ा, कर्ज तले दबा दिया है। प्रदेश की आर्थिकी डगमगा गई है।"
किशाेर गुप्ता। चंबा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग जिला चंबा द्वारा आज साेमवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी चंबा के सभागार में कुष्ठ रोग दिवस का आयोजन किया गया, जिस में स्टाफ नर्सिज और सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों (CHOs) ने भाग लिया। इस दिवस का आयोजन राष्ट्रीय कुष्ठ रोग उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत किया गया, जिसकी अध्यक्षता जिला कुष्ठ रोग अधिकारी डॉ. हरित पूरी ने की। इस जागरूकता कार्यक्रम में जिला चंबा के सभी स्वास्थ्य खंडों के लगभग 35 SN, CHOs ने भाग लिया। इस मौके पर जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ. हरित पुरी ने उपस्थित सदस्यों को बताया कि कुष्ठ रोग एक धीमी गति से फैलने वाली संक्रामक बीमारी है, जिसका कीटाणु शरीर में प्रवेश करने के बाद इसके लक्षण आने में लगभग 4 से 6 वर्ष लग जाते हैं। इसके शुरुआती लक्षणों में मुख्यत: शरीर के किसी भी हिस्से में एक या एक से अधिक सफेद, लाल अथवा ताम्बेयी रंग के दाग होना, जिन में संवेदनशीलता न हो अर्थात जिनमें सुनापन हो, कुष्ठ रोग की निशानी हो सकते हैं, जिनका समय पर निदान कर एवं जल्दी उपचार करवा कर इससे पूर्णत : स्वस्थ हुआ जा सकता है एवं इससे होने वाली अपंगता से बचा जा सकता है। इसका उपचार MDT थैरेपि से एक वर्ष तक का होता है। उन्होंने बताया कि जिला चंबा में वर्तमान में कुल 16 लोग कुष्ठ रोग से पीड़ित है, जिनका इलाज MDT से हो रहा है। उन्होंने बताया कि वैश्विक स्तर पर, राष्ट्रीय स्तर, राज्य एवं जिला स्तर पर कुष्ठ रोग के उन्मूलन हेतु विभिन्न कार्यक्रम चलाये जाते हैं। जैसे एक्टिव केस फाइंडिंग कंपेन, एंटी लेप्रसी-डे एवं स्पर्श कंम्पेन इत्यादि। उन्होंने बताया कि इस वर्ष भी 30 जनवरी से 14 फरवरी तक स्पर्श अभियान चलाया जा रहा है, जिसका मुख्य उद्देश्य समाज में इस विमारी के प्रति लोगों की गलत धारणाओं को दूर करके, इस बीमारी के प्रति जागरूक करके, समय पर निदान एवं उपचार द्वारा समाज में से इस बीमारी को दूर करना है। इसके लिएजिला के सभी स्वास्थ्य अधिकारियों एवं उपस्थित SN, CHOs को अपनी-अपनी भूमिका निभानी होगी, जिसमें स्वास्थ्य अधिकारी अपने अपने क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता, स्वास्थ्य कार्यकर्ता को लक्षणों के आधार पर कुष्ठ रोगी को पहचानने में मदद करेंगे तथा स्वास्थ्य कार्यकर्ता एवं आशा वर्कर अपने क्षेत्र में स्क्रींनिग के द्वारा कुष्ठ रोगी का पता लगाएगी और संभावित रोगी को आगे चिकित्सा अधिकारी एवं स्वास्थ्य संस्थान जहां चर्म रोग विशेषज्ञ उपलब्ध हों उनके पास उन्हें निदान एवं उपचार के लिए भेजेंगे। इस मौके पर जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ. करण हितैषी भी उपस्थित रहे।
प्रदेश की सुक्खू सरकार ने छः मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्ति की है। कुल्लू सदर से विधायक सुंदर सिंह ठाकुर, रोहड़ू से विधायक मोहन लाल ब्राक्टा, दून से विधायक राम कुमार चौधरी, पालमपुर से विधायक आशीष बुटेल, बैजनाथ से विधायक किशोरी लाल और अर्की से विधायक संजय अवस्थी को सरकार ने मुख्य संसदीय सचिव बनाया है। इनमें से सूंदर सिंह ठाकुर, आशीष बुटेल और राम कुमार चौधरी को मंत्री पद की दौड़ में भी माना जा रहा था, लेकिन इन्हें सरकार ने मुख्य संसदीय सचिव बनाया है। रविवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सभी 6 विधायकों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। सुंदर सिंह ठाकुर : दूसरी बार बने है विधायक 57 वर्षीय सुंदर सिंह ठाकुर लगातार दूसरी बार कुल्लू सदर सीट से जीतकर विधानसभा पहुंचे है। सुंदर सिंह ने पंजाब विश्वविद्यालय से बीएससी (मेडिकल) और हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से विधि स्नातक (एलएलबी) की उपाधि प्राप्त की। ठाकुर बागवानी एवं होटल व्यवसाय से जुड़े हैं। सूंदर सिंह ठाकुर ने वर्ष 1985-86 में हिमसा चंडीगढ़ के संगठन सचिव के रूप में कार्य किया। इसके उपरांत वर्ष 1989-91 तक हिमाचल प्रदेश एनएसयूआई के उपाध्यक्ष, 1991 में पंचायत समिति सदस्य, वर्ष 1991-94 तक पंचायत समिति कुल्लू के अध्यक्ष, वर्ष 1994-99 तक जिला परिषद कुल्लू के उपाध्यक्ष रहे। वर्ष 2009-2012 तक हिमाचल प्रदेश युवा कांग्रेस के उपाध्यक्ष, हिमाचल प्रदेश कांग्रेस समिति के राज्य प्रतिनिधि तथा वर्ष 2012 से हिमाचल प्रदेश कांग्रेस समिति के महासचिव पद पर रहे। ठाकुर ने 2003-08 तक राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड तथा वर्ष 2013 से 2017 तक हिमाचल प्रदेश खेल परिषद के सदस्य के रूप में कार्य किया। सुंदर सिंह दिसंबर 2017 में 13वीं विधानसभा के लिए बतौर विधायक चुने गए और जनरल डेवलपमेंट एंड सबोर्डिनेट लेजिस्लेशन कमेटी के सदस्य रहे। दिसंबर 2022 में यह 14वीं विधानसभा के लिए पुनः विधायक के रूप में चुने गए। मोहन लाल ब्राक्टा : लगातार तीसरी बार बने विधायक 57 वर्षीय मोहन लाल ब्राक्टा ने विधि स्नातक की शिक्षा ग्रहण की है और एक अधिवक्ता के तौर पर सक्रिय रहे हैं। ब्राक्टा वर्ष 2012 में पहली बार राज्य विधानसभा के लिए चुने गए। वर्ष 2013 से 2017 तक इन्होंने प्राक्कलन, ग्राम नियोजन, सार्वजनिक उपक्रम, कल्याण, विशेषाधिकार एवं नीति समितियों के सदस्य के रूप में कार्य किया। इसके बाद 2017 में 13वीं विधानसभा के लिए यह पुनः निर्वाचित हुए और कल्याण, नियम एवं ई-गवर्नेंस व सामान्य मामले समितियों के सदस्य रहे। दिसंबर 2022 में 14वीं विधानसभा के लिए यह पुनः बतौर विधायक चुने गए है। मोहन लाल ब्राक्टा को होली लॉज खेमे का माना जाता है। राम कुमार चौधरी : मंत्री पद की दौड़ में थे शामिल राम कुमार चौधरी को सियासत विरासत में मिली है। उनके पिता लज्जा राम कई बार विधायक और मुख्य संसदीय सचिव रहे है। राम कुमार चौधरी ने लोक प्रशासन में स्नातकोत्तर की शिक्षा प्राप्त की है और रियल एस्टेट व्यवसाय से जुड़े हैं। राम कुमार चौधरी हरिपुर संदोली ग्राम सुधार सभा के अध्यक्ष रहे हैं। इसके अतिरिक्त चौधरी वर्ष 1993-95 में प्रदेश एनएसयूआई के महासचिव, वर्ष 2003 में राज्य युवा कांग्रेस के महासचिव तथा हिमाचल प्रदेश कांग्रेस समिति के वर्तमान में महासचिव हैं। वर्ष 2006 से 2011 तक यह जिला परिषद सोलन के अध्यक्ष रहे। यह दिसंबर 2012 में पहली बार हिमाचल प्रदेश विधानसभा के लिए बतौर विधायक चुने गए। दिसंबर 2022 में 14वीं विधानसभा के लिए पुनः विधायक चुने गए है। आशीष बुटेल : शांता कुमार के गृह क्षेत्र में कांग्रेस को मजबूत किया पूर्व विधानसभा अध्यक्ष तथा पूर्व कैबिनेट मंत्री बृज बिहारी लाल बुटेल के सुुपुत्र आशीष बुटेल दूसरी बार पालमपुर से विधायक बने है। पालमपुर भाजपा के वरिष्ठ नेता शांता कुमार का गृह क्षेत्र है और यहाँ से बुटेल ने दोनों मर्तबा भाजपा के दिग्गज नेताओं को हराया है। 2017 में उन्होंने इंदु गोस्वामी को हराया था और इस बार भाजपा के प्रदेश महामंत्री त्रिलोक कपूर को हराया है। बुटेल ने सिम्बोयसिस कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय पुणे से वाणिज्य स्नातक की उपाधि प्राप्त की है। आशीष बुटेल को वर्ष 2011 से 2013 तक लोकसभा युवा कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रहे हैं। वह वर्ष 2014 से हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव हैं। वह वर्ष 2017 में पहली बार हिमाचल प्रदेश विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए तथा प्राक्कलन एवं ग्रामीण योजना समितियों के सदस्य रहे। वह दिसम्बर, 2022 में 14वीं विधानसभा के लिए पुनः निर्वाचित हुए। आशीष बुटेल जिला कांगड़ा बॉस्केटबाल संघ के भी अध्यक्ष हैं। उनकी सामाजिक कार्यों तथा अध्ययन में विशेष रूचि है। किशोरी लाल : बैजनाथ से दूसरी बार बने है विधायक किशोरी लाल जिला कांगड़ा के बैजनाथ से दूसरी बार विधायक बने है। वह पांच बार पंचायत प्रधान तथा उप-प्रधान रहे हैं। वह ब्लॉक एवं जिला कांग्रेस कमेटी के महासचिव, जिला कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य भी रहे हैं। किशोरी लाल दिसम्बर, 2012 में प्रथम बार हिमाचल प्रदेश विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए तथा दिसम्बर, 2022 में पुनः विधायक के रूप में चुने गए हैं। बैजनाथ पंडित संत राम की कर्मभूमि रही है और इसी सीट से उनके पुत्र सुधीर शर्मा भी दो बार विधायक बने है। ये सीट आरक्षित होने बाद यहाँ से कांग्रेस ने किशोरी लाल को चेहरा बनाया और वे तीन में से दो चुनाव जीतने में सफल रहे। संजय अवस्थी : क्रिकेट के मैदान से सियासी मैदान तक पहुंचे अवस्थी 57 वर्षीय संजय अवस्थी अर्की से दूसरी बार विधायक बने है। अवस्थी को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का करीबी माना जाता है। संजय अवस्थी वर्ष 1996 से 2006 तक जिला क्रिकेट संघ सोलन के अध्यक्ष तथा वर्ष 2000 से 2005 तक नगर परिषद सोलन के पार्षद रहे। वह वर्तमान में हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव तथा अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य है। संजय अवस्थी 30 अक्टूबर, 2021 को विधानसभा उप-चुनाव में प्रथम बार विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए तथा दिसम्बर, 2022 में 14वीं विधानसभा के लिए पुनः निर्वाचित हुए। संजय अवस्थी ने रणजी ट्रॉफी राष्ट्रीय क्रिकेट चैम्पियनशिप में हिमाचल का प्रतिनिधित्व किया है।
किशाेर गुप्ता। चंबा जिला अध्यक्ष सुनील जरयाल जिला महासचिव विजय शर्मा और साथ में मौजूद भिन्न भिन्न खंडों के खंड अध्यक्षों, महासचिवों जिला और राज्य कार्यकारिणी सदस्यों एवं एनपीएस कर्मचारी महासंघ के अन्य कर्मचारी साथियों ने मिलकर विधायक को प्रेमपूर्वक चंबा थाल महासंघ की और से भेंट किया। विधायक ने महासंघ को आश्वस्त किया कि सबसे पहला कार्य उनकी पुरानी पेंशन योजना बहाली ही है और मुख्यमंत्री इसकी घोषणा कर चुके हैं। हम सभी विधायक पुरानी पेंशन योजना के पक्षधर हैं। चुनावों में वोट फॉर OPS अभियान का सीधा सीधा लाभ मिलने पर सभी कर्मचारी साथियों का विधायक ने धन्यवाद भी किया। जिला अध्यक्ष एनपीएस कर्मचारी महासंघ चंबा सुनील जरयाल ने बताया कि पुरानी पेंशन योजना बहाली के अतिरिक्त जिला चंबा की शिक्षा व्यवस्था और मेडिकल कॉलेज की सुविधाओं पर भी उनसे सार्थक चर्चा हुई। जरयाल ने बताया कि महासंघ की और से उन्हें बधाईयां दी गई। इस मौके पर उनके साथ जिला कोषाध्यक्ष व्यास देव, जिला वरिष्ठ उपाध्यक्ष हितेंद्र सिंह, जिला सलाहकार मनीष चौना, खंड अध्यक्ष कियानी रविंदर ठाकुर, सदर खंड अध्यक्ष विशाल मिन्या, खंड हरदासपुरा अध्यक्ष नरेंद्र कुमार, पूर्व खंड अध्यक्ष मेहला योग राज, आईटी सेल प्रभारी महिला विंग रजनी, विद्या देवी, वीना देवी, खंड अध्यक्ष महिला विंग हरदासपुरा इंदिरा भूषण, खंड महासचिव दिनेश डोगरा, दिनेश जरयाल, योगेश, किरण, रमेश, मोहिंदर सिंह उपाध्यक्ष और बहुत से कर्मचारी साथी मौजूद रहे।
2012 की तरह ही इस बार फिर जिला चम्बा सत्ता के साथ नहीं गया है। जिला की पांच में से तीन सीटों पर भाजपा ने बाजी मारी है, लेकिन सरकार कांग्रेस की बनी है। इन दो मौकों को छोड़ दिया जाएँ तो लम्बे समय से ये सिलसिला रहा है कि प्रदेश में जिसकी सरकार बनती है वो ही पार्टी चंबा में भी बाजी मारती है। आंकड़ों पर निगाह डाले तो भाजपा के अस्तित्व में आने के बाद 1982 से 2022 तक हिमाचल प्रदेश में 10 विधानसभा चुनाव हुए, जिनमें से आठ बार प्रदेश में उसी दल या गठबंधन की सरकार बनी है जिसने जिला चंबा में बढ़त हासिल की है। इस बार चम्बा जिला में चम्बा सदर और भटियात सीट पर कांग्रेस ने बाजी मारी है, तो भरमौर, डलहौज़ी और चुराह में भाजपा जीती है। वहीं 2017 के चुनाव की बात करे तो भाजपा ने शानदार प्रदर्शन करते हुए चार सीटें जीती थी, जबकि केवल एक सीट डलहौजी पर कांग्रेस को जीत मिली थी। इस बार भाजपा ने चार सीटिंग विधायकों में से सिर्फ दो को मैदान में उतारा था और दो नए चेहरों को मौका दिया। 2017 में चुराह से हंसराज, चम्बा सदर से पवन नय्यर, भरमौर से जिया लाल और भटियात से विक्रम जरियाल, भाजपा टिकट पर जीत कर विधानसभा पहुंचे थे। पर इस बार इनमें से दो का रास्ता भाजपा ने टिकट आवंटन के साथ ही रोक दिया। चुराह से हंसराज और भटियात से विक्रम जरियाल को तो भाजपा ने टिकट दिया, लेकिन चम्बा सदर से सीटिंग विधायक पवन नैय्यर और भरमौर से सीटिंग विधायक जियालाल का टिकट काट दिया। भरमौर से पार्टी ने डॉ जनकराज को मैदान में उतारा, तो सदर सीट पर नाटकीय घटनाक्रम के बाद निवर्तमान विधायक की पत्नी नीलम नय्यर को टिकट दिया गया। वहीँ डलहौजी से भाजपा ने एक बार फिर आशा कुमारी के खिलाफ डीएस ठाकुर को मैदान में उतारा था। उधर कांग्रेस ने चार पुराने प्रत्याशी उतारे थे और एक नए चेहरे को मौका दिया गया। डलहौज़ी से आशा कुमारी, सदर सीट से नीरज नय्यर, भरमौर से ठाकुर सिंह भरमौरी, भटियात से कुलदीप सिंह पठानिया को कांग्रेस ने फिर मैदान में उतारा, जबकि चुराह सीट से पार्टी ने यशवंत खन्ना को मौका दिया। भरमौर: भरमौरी के अनुभव पर भारी पड़े डॉ जनकराज मंडी संसदीय उपचुनाव में भरमौर विधानसभा सीट पर कांग्रेस को लीड मिली थी, लेकिन विधानसभा चुनाव में उल्टा हुआ। दरअसल, इस बार भाजपा ने यहाँ से सीटिंग विधायक जियालाल का टिकट काट कर नए चेहरे के तौर पर आईजीएमसी के एमएस रहे डॉ जनकराज को टिकट दिया, तो उधर कांग्रेस ने अपने अनुभवी चेहरे ठाकुर सिंह भरमौरी को ही मैदान में उतारा था। डॉ जनकराज ने यहाँ करीब पांच हजार वोट के अंतर से ठाकुर सिंह भरमौरी को पटकनी दी और अपने पहले ही चुनाव में विधानसभा की चौखट चढ़ने में कामयाब रहे। डॉ जनकराज ने आईजीएमसी शिमला में सेवाएं देते हुए हमेशा चम्बा वालों का विशेष ख्याल रखा है। कहते है अगर उनके क्षेत्र से कोई अनजान व्यक्ति भी मदद के लिए उनके पास शिमला पंहुचा तो उन्होंने तन-मन -धन से हमेशा सहायता की। चुनाव प्रचार के दौरान भी डॉ जनकराज फील्ड में बीमारों का उपचार करते दिखे। उनकी सादगी और आम लोगों से जुड़ाव ठाकुर सिंह भरमौरी के लम्बे अनुभव पर भारी पड़ गया। भरमौर में कांग्रेस टिकट को लेकर भी खींचतान थी। युवा कांग्रेस महासचिव सुरजीत भरमौरी भी यहाँ टिकट के दावेदार थे, पर पार्टी ने ठाकुर सिंह भरमौरी के अनुभव पर भरोसा जताया। अलबत्ता यहाँ कांग्रेस में खुलकर बगावत न हुई हो लेकिन माना जा रहा है कि सुरजीत के समर्थक इससे खफा थे। जो फ्लोटिंग वोट डॉ जनकराज के साथ गया है, संभवतः सुरजीत उसमें सेंध लगा सकते थे। डलहौजी : विधानसभा नहीं पहुंची सीएम पद की दावेदार 2017 में जब जिला चम्बा की चार विधानसभा सीटों पर भाजपा ने फतेह हासिल की थी ,तब डलहौज़ी विधानसभा सीट एक मात्र ऐसी सीट थी जहाँ कांग्रेस को जीत मिली थी। पर इस बार चुनाव शुरू होने के साथ ही डलहौजी में आशा कुमारी के हारने के कयास लग रहे थे। हालांकि आशा कुमारी सीएम पद के दावेदारों में शुमार थी और उनके समर्थक उन्हें भावी सीएम के तौर पर प्रमोट भी कर रहे थे। किन्तु जनता ने बदलाव का मन बना लिया था और आशा कुमारी को यहाँ करीब दस हजार वोट के बड़े अंतर से हार का सामना करना पड़ा। परिसीमन बदलने से पहले डलहौज़ी विधानसभा सीट बनीखेत के नाम से जानी जाती थी। इस सीट पर आशा कुमारी का दबदबा रहा है। 1985 से आशा कुमारी यहाँ पांच बार विधायक रही है। 1990 और 2007 के बाद इस बार फिर भाजपा इस सीट पर कमल खिलाने में कामयाब रही है। इस बार भाजपा से फिर डीएस ठाकुर मैदान में थे जिन्होंने पिछले चुनाव में भी आशा कुमारी को कड़ी टक्कर दी थी। आशा कुमारी प्रदेश कांग्रेस का बड़ा नाम है और विधानसभा चुनाव में स्टार प्रचारक भी थी। किन्तु पुरे चुनाव में आशा कुमारी अपने निर्वाचन क्षेत्र तक सिमित रही। संभवतः उन्हें अंदाजा था कि उनकी राह आसान नहीं होने वाली। हालांकि आशा कुमारी के प्रयास अंत में सफल सिद्ध नहीं हुए। चुराह : हंसराज की हैट्रिक चुराह विधानसभा सीट पर इस बार कांग्रेस ने एक नए चेहरे यशवंत सिंह खन्ना को मैदान में उतारा था। जबकि अपने बयानों से चर्चा में रहने वाले चुराह के सिटींग विधायक हंसराज भाजपा से एक बार फिर मैदान में थे। माहिर मान रहे थे कि इस बार हंसराज के लिए विधानसभा पहुंचना मुश्किल हो सकता है, किन्तु ऐसा हुआ नहीं। हंसराज ने करीब ढाई हजार के अंतर से चुनाव जीत इस बार हैट्रिक लगा ली है। परिसीमन बदलने से पहले चुराह विधानसभा सीट राजनगर के नाम से जानी जाती थी। इस सीट पर भाजपा और कांग्रेस दोनों ही राजनीतिक दलों को जनता का बराबर प्यार मिला है। 2012 में हंसराज पहली दफा मैदान में उतरे और जीत गए। 2017 में भी हंसराज ने ही रिपीट किया, और इस मर्तबा तीसरी बार जीते। चुराह के जातीय समीकरणों का लाभ तो हंसराज को मिलता ही है, साथ ही उनकी छवि भी काम करने वाले नेता की है। निर्वाचन क्षेत्र के बाहर के लोगों के लिए हंसराज उनके विवादित बयानों की वजह से चर्चा का केंद्र रहते है, लेकिन क्षेत्र में उनकी छवि दमदार नेता की है। चम्बा : हर्ष महाजन गए और कांग्रेस आ गई ! चम्बा सदर सीट पर इस बार सबकी निगाहें टिकी थी। कभी वीरभद्र सिंह के बेहद करीबी रहे हर्ष महाजन चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हो गए थे। हर्ष महाजन 1993 से 2007 तक तीन बार चंबा विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे है। तीन दफा जीत की हैट्रिक लगाने के बाद महाजन ने पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के चुनावों का जिम्मा संभाला। तब से महाजन चुनावी राजनीति से दूर ही रहे, लेकिन इत्तेफाक ये रहा कि तब से चम्बा सदर सीट पर कांग्रेस को लगातार हार का सामना ही करना पड़ रहा था। अब महाजन इस बार भाजपा में गए, तो भाजपा हार गई। इस सीट पर टिकट आवंटन के बाद से भाजपा असहज दिखी। पहले पार्टी ने इंदिरा कपूर को टिकट दिया लेकिन सीटिंग विधायक पवन नैय्यर के विद्रोह के चलते अंतिम समय में उनकी पत्नी नीलम नय्यर को टिकट दे दिया। इसके बाद इंदिरा कपूर भी बगावत कर मैदान में उतर गई। उधर कांग्रेस ने पिछला चुनाव लड़े नीरज नैय्यर को फिर मैदान में उतारा। नीरज सात हजार से अधिक मतों के अंतर से चुनाव जीत गए। भाजपा में हुई बगावत का लाभ यहाँ नीरज नय्यर को मिला। साथ ही नीरज बीते पांच साल से लगातार मैदान में थे जिसका लाभ भी उन्हें मिला। वहीं भाजपा का विधायक की पत्नी को टिकट देना पार्टी के भीतर भी कुछ लोगों को नहीं जमा। कांग्रेस को परिवारवाद पर घेरने वाली भाजपा चम्बा में परिवारवाद की ध्वजवाहक बन गई। भटियात : कांग्रेस जीती, अब मंत्री पद की आस भटियात विधानसभा सीट पर इस बार दो पुराने प्रतिद्वंदी एक बार फिर आमने-सामने थे। भाजपा से यहाँ सीटिंग विधायक विक्रम जरियाल मैदान में थे, तो कांग्रेस से कुलदीप पठानिया। पिछले नतीजों पर गौर करे तो यहाँ विक्रम जरियाल लगातार दो बार कमल खिलाने में सफल रहे थे। कुलदीप 2012 में सिर्फ 112 वोट से हारे थे, जबकि 2017 में ये अंतर सात हजार के करीब था। पर इस बार कुलदीप पठानिया को जीत मिली और उन्होंने जरियाल को करीब पंद्रह सौ वोट से शिकस्त दी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कुलदीप सिंह पठानिया मंत्री पद के भी दावेदार है। माना जा रहा है कि उन्हें मंत्री पद या विधानसभा स्पीकर -डिप्टी स्पीकर में से कोई पद मिल सकता है। 2017 में भाजपा को चार सीटें देने वाले जिला चम्बा को तब विधानसभा उपाध्यक्ष का पद मिला था। क्या अब जिला में कांग्रेस को दो सीटें मिलने के बावजूद चम्बा को मंत्री पद मिलेगा, इस पर सबकी निगाहें टिकी है।
चंबा युवा सेवाएं एवं खेल विभाग हिमाचल प्रदेश की ओर से राज्य स्तरीय दिव्यांग प्रतिभा खोज खेल का आयोजन बिलासपुर के कहलूर एथलेटिक स्टेडियम में 13 व 14 दिसम्बर को किया गया था। इस प्रतियोगिता में जिला चम्बा के चार पैरा स्पोर्ट्स खिलाड़ियों ने भाग लिया, जिसमें अजय कुमार ने 100 और 200 मीटर रेस में गोल्ड मेडल जीता। वही 400 मीटर की रेस में सिल्वर मेडल हासिल किया। योगराज ने 400 में गोल्ड और 100 मीटर रेस में सिल्वर मेडल जीता, साहिल ने 200 मीटर में सिल्वर मेडल जीता। वही इंदु शर्मा ने 100 मीटर रेस में गोल्ड मेडल जीता। यह जानकारी जिला चंबा पैरास्पोर्ट्स के अध्यक्ष संजय अत्रि ने दी। उन्होंने बताया की जिला चंबा के लिए 7 मेडल आने से जिले में खुशी की लहर है। उन्होंने सभी खिलाडियों को बधाई दी और कहा कि ये बहुत बड़ी बात है की पहली बार चंबा के लिए एक साथ 7 मेडल आए है। उन्होंने बताया कि वरिष्ठ वर्ग में सभी जिलों के मुकाबले चंबा तीसरे स्थान पर रहा है। अत्री ने कहा अब चंबा भी धीरे-धीरे खेल के क्षेत्र में लगातार बेहतरीन प्रदर्शन कर रहा है। आने वाले समय में अगर इन खिलाड़ियों को सरकार और प्रशासन की तरफ से एक अच्छा मंच और सुविधा दी जाए तो ये खिलाड़ी भी राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने जिले और प्रदेश का नाम रोशन कर सकते है।
जिला किन्नौर में इस बार भी विधानसभा चुनाव में भरपूर रोमांच देखने को मिला। पहले दिन से ही कांग्रेस और भाजपा दोनों तरफ जमकर खींचतान दिखी। कांग्रेस में जहाँ सीटिंग विधायक और वरिष्ठ नेता जगत सिंह नेगी का टिकट अंतिम समय तक लटका रहा, तो भाजपा ने पूर्व विधायक तेजवंत नेगी का टिकट काटकर युवा सूरत नेगी को मैदान में उतारा। खफा होकर तेजवंत भी चुनावी समर में कूद गए और इस मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया। नतीजन, भाजपा के बगावत का फायदा कांग्रेस प्रत्याशी जगत सिंह नेगी को मिला और जगत नेगी हैट्रिक लगाने में कामयाब रहे। जगत सिंह नेगी को 20696 मत मिले और भाजपा प्रत्याशी सूरत नेगी को 13732 वोट प्राप्त हुए जबकि भाजपा के बागी तेजवंत नेगी ने 8574 मत लेकर भाजपा को डैमेज किया। किन्नौर के चुनावी इतिहास पर नज़र डाले तो अब तक सिर्फ ठाकुर सेन नेगी (तेते जी) ही जीत की हैट्रिक लगा सके है। ठाकुर सेन नेगी 1967 से 1982 तक लगातार चार चुनाव जीते। दिलचस्प बात ये है कि वे तीन बार निर्दलीय और एक बार लोकराज पार्टी के टिकट पर चुनाव जीते। फिर वे भाजपा में शामिल हो गए और एक बार 1990 में भाजपा टिकट से भी जीतने में कामयाब हुए। ठाकुर सेन नेगी के अलावा जगत सिंह नेगी ही इकलौते ऐसे नेता है जो हैट्रिक लगाने में सफल हुए है।
किशाेर गुप्ता। चंबा वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा मंगलवार को जिला मुख्यालय में आज मासिक बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता एसोसिएशन के प्रवक्ता किशोरी लाल ने की। बैठक में एसोसिएशन की वर्तमान कार्यकारिणी की अवधि समाप्त होने पर आगामी चुनाव को लेकर विस्तृत मंथन किया गया। साथ ही इस कार्यकारिणी के कार्यकाल में सरकार व प्रशासन के समक्ष जनहित में उठाए गए मुद्दों पर भी चर्चा की गई। महासचिव सुरेश कश्मीरी ने कहा कि बैठक में चंबा के लोगों से जुड़ी विभिन्न समस्याओं पर मंथन किया गया है। एसोसिएशन ने मेडिकल कॉलेज चंबा के भवन के शीघ्र निर्माण की प्रमुखता से मांग उठाई है। साथ ही रिक्त पड़े विशेषज्ञों के पदों और पैरामेडिकल स्टाफ की भर्ती करने को लेकर भी आवाज बुलंद की है। उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज चम्बा में सुविधाओं के अभाव में लोगों को रोजाना दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। लोगों की दिक्कतों का जल्द से जल्द समाधान सुनिश्चित होना चाहिए। इस दौरान उन्होंने चंबा के ऐतिहासिक भवनों की सुरक्षा को लेकर आवश्यक कदम उठाने का आग्रह भी किया। उन्होंने कहा कि महत्वाकांक्षी जिला चंबा को विकसित जिलों की सूची में शामिल करने के लिए विशेष प्रयास करने की आवश्यकता है। बैठक में चैन लाल, धर्मपाल, मदन कुमार सहित कई अन्य मौजूद रहे।
फतेहपुर भाजपा के टिकट आवंटन के बाद सबसे चर्चित सीटों में से एक है। दरअसल ये वो सीट है जहाँ भाजपा ने नजदीकी निर्वाचन क्षेत्र से प्रत्याशी इम्पोर्ट किया है। नूरपुर से विधायक और कैबिनेट मंत्री राकेश पठानिया को भाजपा ने इस मर्तबा फतेहपुर फ़तेह करने का जिम्मा सौपा है। वैसे भी डॉ राजन सुशांत के पार्टी छोड़ने के बाद से इस क्षेत्र में भाजपा कभी कांग्रेस को जोरदार टक्कर नहीं दे पाई है। बगावत मानो यहाँ भाजपा की नियति बन चुकी है। यहाँ पार्टी दो उपचुनाव सहित लगातार चार चुनाव हार चुकी है। ऐसे में पार्टी ने इस बार राकेश पठानिया को उतार कर बड़ा गैम्बल खेला है। दरअसल इस क्षेत्र में पार्टी टिकट के दो मुख्य दावेदार थे, बलदेव ठाकुर और कृपाल परमार। पिछले चुनावों को देखे तो पार्टी अगर एक को टिकट देती है, तो दूसरा नाराज हो जाता है। संभवतः पार्टी को लगा हो किसी तीसरे को लेकर पार्टी को एकजुट किया जा सकता है। पर दाव उलटा पड़ गया। कृपाल ने बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ा है। दिलचस्प बात तो ये है कि कृपाल को मनाने के लिए खुद पीएम मोदी का फोन आया था, जो काफी वायरल भी हुआ। पर पीएम के मनाने पर भी कृपाल माने नहीं। अब कृपाल पर मतदाताओं की कितनी कृपा रही, ये देखना रोचक होगा। तो वहीं कभी भाजपा के नेता रहे पूर्व सांसद राजन सुशांत इस बार आम आदमी पार्टी से मैदान में है। पर डॉ राजन सुशांत का प्रचार प्रसार इस बार ज्यादा आक्रामक नहीं दिखा है। पर इस क्षेत्र से वो चार बार विधायक रहे है और उनका एक सेट वोट बैंक है जिसके चलते उन्हें हल्के में नहीं लिया जा सकता। उधर कांग्रेस ने एक बार फिर भवानी सिंह पठानिया को मैदान में उतारा है। कांग्रेस में भवानी के नाम को लेकर कोई विरोध नहीं दिखा। भवानी सिंह पठानिया कॉर्पोरेट जगत की नौकरी छोड़कर अपने पिता स्व सुजान सिंह पठानिया की राजनैतिक विरासत को आगे बढ़ाने के लिए फतेहपुर लौटे है। पर पिछले चुनाव को जीत कर भवानी ने ये साबित कर दिया था की वे राजनीति के लिए नए नहीं है। बहरहाल कांग्रेस में 'जय भवानी' का नारा बुलंद है और समर्थक तो उन्हें भावी मंत्री भी बताने लगे है। जानकारों का मानना है कि यदि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनती है और भवानी भी ये चुनाव जीतते है तो उन्हें मंत्री पद या कोई अहम ज़िम्मेदारी मिल सकती है। बहरहाल, भवानी और विधानसभा के बीच भाजपा के बड़े नेता और मंत्री राकेश पठानिया, कृपाल परमार और राजन सुशांत जैसे दिग्गज है। अब फतेहपुर में युवा जोश की जीत होती है या अनुभव की, ये तो नतीजे ही तय करेंगे।
इतिहास तस्दीक करता है कि प्रदेश में जिसकी सरकार बनती है वो ही पार्टी चंबा में भी बाजी मारती है। आंकड़ों पर निगाह डाले तो भाजपा के अस्तित्व में आने के बाद 1982 से 2017 तक हिमाचल प्रदेश में 9 विधानसभा चुनाव हुए है। इनमें से आठ बार प्रदेश में उसी दल या गठबंधन की सरकार बनी है जिसने जिला चंबा में बढ़त हासिल की है। सिर्फ 2012 का विधानसभा चुनाव अपवाद है, जब भाजपा ने चंबा में तीन सीटें जीती लेकिन प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी। पिछले चुनाव की बात करे तो भाजपा ने शानदार प्रदर्शन करते हुए चार सीटें जीती थी, जबकि केवल एक सीट पर कांग्रेस को जीत मिली। इस बार जिला चम्बा के नतीजों पर सबकी निगाह रहने वाली है और इसके दो विशेष कारण है, पहला हर्ष महाजन और दूसरा कारण आशा कुमारी। वीरभद्र सिंह के करीबी रहे हर्ष महाजन की कुछ माह पूर्व ही बतौर प्रदेश कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष ताजपोशी हुई थी। पर किसी को भनक भी नहीं लगी और महाजन कांग्रेस के लिए रणनीति बनाते बनाते अचानक भाजपाई हो गए। उनका प्रभाव पुरे ज़िले में माना जाता है। ऐसे में उनके दल बदलने से किसको कितना नफा नुकसान होता है, ये देखना रोचक होगा। वहीं डलहौजी से कांग्रेस उम्मीदवार आशा कुमारी कांग्रेस सरकार आने की स्थिति में सीएम पद की दावेदार हो सकती है, इसके चलते भी चम्बा पर निगाह रहने वाली है। इस बार ये चेहरे मैदान में : वर्तमान चुनाव की बात करें तो इस बार चम्बा जिला में चार सीटिंग विधायकों में भाजपा ने दो के टिकट काटे है। भाजपा ने तीन पुराने उम्मीदवार मैदान में उतारे है। जबकि कांग्रेस ने चार पुराने प्रत्याशी उतारे है और एक नए चेहरे को मौका दिया है। अब देखना ये होगा कि क्या पिछली बार की तरह इस बार भी भाजपा चम्बा में अपने शानदार प्रदर्शन को बरकरार रख पाएगी या फिर कांग्रेस यहाँ बेहतर करेगी। हंसराज, पवन नय्यर, जिया लाल और विक्रम जरियाल, 2017 में जिला चम्बा से भाजपा टिकट पर जीत कर ये चार विधायक शिमला विधानसभा तक पहुंचे थे। पर इस बार इनमें से दो का रास्ता भाजपा ने टिकट आवंटन के साथ ही रोक दिया है। चुराह से हंसराज और भटियात से विक्रम जरियाल को तो भाजपा ने टिकट दिया, लेकिन चम्बा सदर से सीटिंग विधायक पवन नैय्यर और भरमौर से सीटिंग विधायक जियालाल का टिकट काट दिया। भरमौर से पार्टी ने डॉ जनकराज को मैदान में उतारा है तो सदर सीट पर नाटकीय घटनाक्रम के बाद निवर्तमान विधायक की पत्नी नीलम नय्यर को टिकट दिया है। यहां पार्टी ने पहले इंदिरा कपूर को टिकट दिया था लेकिन अंतिम समय में टिकट बदल दिया गया। इसके बाद इंदिरा कपूर ने निर्दलीय चुनाव लड़ा है। वहीँ डलहौजी से भाजपा ने एक बार फिर आशा कुमारी के खिलाफ डीएस ठाकुर को ही मैदान में उतारा है। उधर, कांग्रेस में डलहौज़ी से सीटिंग विधायक आशा कुमारी सहित 2017 के चार उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है। इनमें सदर सीट से नीरज नय्यर, भरमौर से ठाकुर सिंह भरमौरी, भटियात से कुलदीप सिंह पठानिया शामिल है। जबकि चुराह सीट से पार्टी ने यशवंत खन्ना को मौका दिया है। कर्मचारी फैक्टर का दिखा असर : ग्राउंड रिपोर्ट की बात करें तो चम्बा में कर्मचारियों की अच्छी तादाद है। यहां पुरानी पेंशन का मुद्दा भी हावी दिखा है। ऐसे में यहां नजदीकी मुकाबलों में कांग्रेस को एडवांटेज मिल सकता है।
** चुराह सीट पर इस बार कड़ा मुकाबला, कुछ भी मुमकिन ** यशवंत खन्ना ने दमदार तरीके से लड़ा है चुनाव दो बार चुराह से विधानसभा की राह पकड़ने वाले हंसराज क्या तीसरी बार विधानसभा पहुंच पाएंगे ? ये बढ़ा सवाल है। अक्सर चर्चा में रहने वाले विधानसभा उपाध्यक्ष और चुराह के सिटींग विधायक हंसराज को यहां से भाजपा ने एक बार फिर मैदान में तो उतार दिया, पर चुराह उन सीटों में से एक हो सकती है जहां इस बार बड़े चेहरे धराशाई हो सकते है। हालांकि यहां के क्षेत्रीय और जातीय समीकरण के लिहाज से हंसराज की जमीनी पकड़ को लेकर कोई संशय नहीं है, लेकिन यदि प्रदेश में सत्ता बदलाव के लिए मतदान हुआ है तो हंसराज भी इस लहर की चपेट में आ सकते है। परिसीमन बदलने से पहले चुराह विधानसभा सीट राजनगर के नाम से जानी जाती थी। इस सीट पर भाजपा और कांग्रेस दोनों ही राजनीतिक दलों को जनता ने बराबर का प्यार दिया है। ये वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री विद्याधर की सीट रही है और वे तीन बार यहां से विधायक रहे। उनके बाद उनके पुत्र सुरेंद्र भारद्वाज यहां से 2003 और 2007 में विधायक रहे। फिर परिसीमन बदलने के बाद राजनगर सीट का नाम हुआ चुराह और 2012 में हंसराज पहली दफा यहाँ मैदान में उतरे और जीते भी। 2017 में भी हंसराज ने ही रिपीट किया। दोनों मौकों पर उन्होंने सुरेंद्र भारद्वाज को हराया। इस बार हंसराज तीसरी बार भाजपा मैदान में है। उधर दो बार हार का मुँह देखने के बाद इस बार कांग्रेस ने यहां से चेहरा बदल दिया। इस बार कांग्रेस ने एक नए चेहरे यशवंत सिंह खन्ना को मैदान में उतारा है। यशवंत को सीटिंग विधायक के खिलाफ एंटी इंकम्बैंसी और ओपीएस जैसे मुद्दों से तो आशा है ही, लेकिन साथ ही उन्होंने चुनाव भी बेहद मजबूती से लड़ा है। निसंदेह इस बार चुराह में हंसराज की राह आसान नहीं होने जा रही। इस सीट पर बेहद कड़ा मुकाबला है और नतीजे आने का इंतज़ार जारी है।
चंबा-पठानकोट एनएच पर पुलिस टीम ने नाकाबंदी के दौरान राहगीर से 862 ग्राम चरस बरामद करने में सफलता हासिल की है। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। आरोपी को पुलिस रिमांड हेतु अदालत में पेश करने की कागजी औपचारिकताएं निपटाई जा रही हैं। जानकारी के अनुसार द्रडडा पुलिस चैकी की टीम ने बुधवार सवेरे पठानकोट एनएच पर तडोली के पास नाकाबंदी कर रखी थी। इसी दौरान वहां से पैदल गुजर रहा एक व्यक्ति पुलिस टीम को देखकर घबरा गया। पुलिस को व्यक्ति की गतिविधियां संदिग्ध दिखने पर पूछताछ की गई। पुलिस की पूछताछ में व्यक्ति ने अपनी पहचान हरीश चंद वासी गांव पुखरयाल पोस्ट आफिस टिकरीगढ तहसील चुराह बताई है। आरोपी के खिलाफ सदर पुलिस थाना में मामला दर्ज किया गया है। आरोपी से चरस खेप की खरीद- फरोख्त को लेकर पूछताछ की जा रही है। उधर, डीएसपी हेडक्वार्टर अजय कुमार ने मामले की पुष्टि की है।
एजुकेशन सोसाइटी चाइल्डलाइन (1098) चंबा द्वारा वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बकाणी में ओपन हाउस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के दौरान स्कूल प्रिंसिपल अजय सिंह मुख्य अतिथि जबकि एसएमसी अध्यक्ष पवन कुमार विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। कार्यक्रम का आयोजन चाइल्डलाइन कोऑर्डिनेटर कपिल शर्मा व टीम सदस्य काजू राम द्वारा किया गया। चाइल्डलाइन चंबा समन्वयक कपिल शर्मा द्वारा उपस्थित अध्यापकों, अभिभावकों व बच्चों के साथ बाल-संरक्षण के संबंध में विस्तारपूर्वक संवाद एवं चर्चा की तथा उन्हें चाइल्डलाइन के टोल फ्री नंबर 1098 द्वारा शोषण के शिकार 0 से 18 वर्ष के बच्चों व कुछ विशेष परिस्थितियों में 25 वर्ष आयु वर्ग तक के युवक-युवतियों हेतु प्रदान की जा रही विभिन्न सेवाओं की विस्तृत जानकारी भी दी गयी। उन्हें बताया गया कि यदि किसी के द्वारा नाबालिग बच्चों को बहलाया-फुसलाया जाता है तो इसे किसी भी रूप में नजर अंदाज ना किया जाए। वही वहां उपस्थित सभी बच्चों को सुरक्षित स्पर्श एवं असुरक्षित स्पर्श के संबंध में भी अवगत करवाया गया साथ ही इस संबंध में अध्यापकों से भी आग्रह किया गया कि वे भी समय-समय पर बच्चों व उनके अभिभावकों को इस संबंध में जागरूक करते रहें। अध्यापकों से यह आवाहन किया गया कि वे बच्चों से जुड़ी किसी भी समस्या की सूचना चाइल्डलाइन के टोल फ्री नंबर 1098 पर देना सुनिश्चित करें।
फर्स्ट वर्डिक्ट। चंबा 9 दिन बाद भी चमेरा जलाशय में बाइक सहित लापता युवक का सुराग नहीं लग पाया है। 15 नवंबर को अभिषेक भलेई में अपने दोस्त को छोड़कर बाइक से घर जा रहा था, उसी दौरान उसकी बाइक दुर्घटनाग्रस्त होकर चमेरा जलाशय में गिर गई थी, मंगलवार को गोताखोर दोबारा युवक की जलाशय में तलाश शुरू करेंगे।
** मुश्किल हो सकती है भाजपा और आप की राह 'प्रदेश का मुख्यमंत्री कैसा हो, सुक्खू भाई जैसा हो' ,चुनाव प्रचार के दौरान नादौन विधानसभा क्षेत्र में ये नारा खूब बुलंद रहा। इस बार सुखविंद्र सिंह सुक्खू के समर्थक उन्हें भावी मुख्यमंत्री के तौर पर देख रहे है। नादौन में जहाँ भी सुक्खू प्रचार के लिए पहुंचे, समर्थक ये ही नारा दोहराते दिखे। इस बार कांग्रेस ने बेशक सामूहिक नेतृत्व में और बगैर सीएम फेस के चुनाव लड़ा है ,लेकिन इसमें कोई संशय नहीं है कि यदि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनती है और नादौन विधानसभा सीट से सुखविंद्र सिंह सुक्खू चुनाव जीत कर आते है तो मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में सुक्खू का दावा बेहद मजबूत है। नादौन की सियासी फ़िज़ाओं में सुगबुगाहट तेज़ है कि मुमकिन है इस बार नादौन विधानसभा क्षेत्र को मुख्यमंत्री मिल जाएँ। ऐसे में जाहिर है इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि भावी सीएम फैक्टर का लाभ इस चुनाव में सुक्खू को मिला हो। नादौन के इतिहास की बात करें तो नादौन विधाभसभा सीट यूँ तो कांग्रेस का गढ़ रही है। यहां से नारायण चंद पराशर तीन बार विधायक रहे। नारायण चंद पराशर के बाद सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने इस सीट पर राज किया है। 2003 से अब तक सुखविंद्र सिंह सुक्खू नादौन सीट पर तीन बार जीत चुके है, हालांकि 2012 के विधानसभा चुनाव में सुक्खू को 6750 मतों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा था। पर फिर 2017 में सुक्खू ने जीत हासिल की। कांग्रेस में सुक्खू के अलावा कभी कोई अन्य चेहरा विकल्प के तौर पर नहीं उभरा। इस बीच भाजपा की बात करे तो एक बार फिर विजय अग्निहोत्री मैदान में है। अग्निहोत्री एक दफा सुक्खू को पटकनी भी दे चुके है और इस बार फिर मैदान में डटे हुए है। नादौन में भाजपा के लिए ऐसा भी कहा जाता है कि अगर यहां भाजपा एकजुट हो जाए तो शायद कांग्रेस की राह इतनी आसान न हो। अब भाजपा एकजुट है या नहीं ये तो आने वाला समय ही बताएगा। वहीँ इस बार आम आदमी पार्टी ने नादौन के सियासी समीकरण ज़रूर बदले है। दरअसल इस बार आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी शैंकी ठुकराल ने पुरे दमखम के साथ चुनाव लड़ा है। अब देखना ये होगा कि शैंकी किसके वोट बैंक में कितनी सेंध लगाते है। नादौन में फिलवक्त सुक्खू जीत को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त है। सुक्खू ने भावी सीएम के टैग के साथ चुनाव लड़ा है। ऐसे में जाहिर है इसका लाभ भी उन्हें मिलता दिख रहा है। बहरहाल, जनादेश ईवीएम में कैद है और सभी अपनी -अपनी जीत का दावा कर रहे है।
किशाेर गुप्ता। चंबा चंबा एजुकेशन सोसाइटी चाइल्डलाइन (1098) चंबा द्वारा ग्राम पंचायत जांघी के गांव रनोला में आउटरीच कार्यक्रम का आयोजित किया गया। कार्यक्रम के दौरान चाइल्डलाइन टीम सदस्य काजू राम व पंकज कुमार द्वारा उपस्थित लोगों व बच्चों के साथ संवाद किया व उन्हें चाइल्डलाइन के टोल फ्री नंबर 1098 द्वारा शोषण के शिकार 0 से 18 वर्ष के बच्चों व कुछ विशेष परिस्थितियों में 25 वर्ष आयु वर्ग तक के युवक-युवतियों हेतु प्रदान की जा रही विभिन्न सेवाओं की विस्तृत जानकारी दी गई। टीम द्वारा मुफ्त फोन सेवा 1098 के माध्यम से अनाथ अर्ध-अनाथ, स्कूल छोड़ चुके, घर से भागे हुए, मानसिक और शारीरिक शारीरिक रूप से अक्षम, शोषित, अति निर्धन, बाल-विवाह की बुराई, बाल-मजदूरी के दुष्परिणाम, छेड़छाड़ से पीड़ित व अन्य किसी भी कारण से शोषित बच्चों हेतु चाइल्ड लाइन के माध्यम से दी जाने वाली सेवाओं की विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। उन्हें बताया गया कि यदि किसी के द्वारा नाबालिक बच्चों को बहलाया-फुसलाया जाता है, तो इसे किसी भी रूप में नजर अंदाज ना किया जाए। लोगों को बताया गया कि अनाथ, अर्ध-अनाथ व दिव्यांग बच्चों को चाइल्डलाइन की सहायता से विभिन्न पेंशन स्कीमों से भी जोड़ा जाता है। अतः इस तरह के जरुरतमंद बच्चों की सूचना भी चाइल्ड लाइन के टोल फ्री नंबर 1098 पर दी जा सकती है। कार्यक्रम के दौरान 5 बच्चे व 8 व्यस्क मौजूद रहे।
'प्रदेश का मुख्यमंत्री कैसा हो, सुक्खू भाई जैसा हो' ,चुनाव प्रचार के दौरान नादौन विधानसभा क्षेत्र में ये नारा खूब बुलंद रहा। इस बार सुखविंद्र सिंह सुक्खू के समर्थक उन्हें भावी मुख्यमंत्री के तौर पर देख रहे है। नादौन में जहाँ भी सुक्खू प्रचार के लिए पहुंचे, समर्थक ये ही नारा दोहराते दिखे। इस बार कांग्रेस ने बेशक सामूहिक नेतृत्व में और बगैर सीएम फेस के चुनाव लड़ा है ,लेकिन इसमें कोई संशय नहीं है कि यदि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनती है और नादौन विधानसभा सीट से सुखविंद्र सिंह सुक्खू चुनाव जीत कर आते है तो मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में सुक्खू का दावा बेहद मजबूत है। नादौन की सियासी फ़िज़ाओं में सुगबुगाहट तेज़ है कि मुमकिन है इस बार नादौन विधानसभा क्षेत्र को मुख्यमंत्री मिल जाएँ। ऐसे में जाहिर है इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि भावी सीएम फैक्टर का लाभ इस चुनाव में सुक्खू को मिला हो। नादौन के इतिहास की बात करें तो नादौन विधाभसभा सीट यूँ तो कांग्रेस का गढ़ रही है। यहां से नारायण चंद पराशर तीन बार विधायक रहे। नारायण चंद पराशर के बाद सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने इस सीट पर राज किया है। 2003 से अब तक सुखविंद्र सिंह सुक्खू नादौन सीट पर तीन बार जीत चुके है, हालांकि 2012 के विधानसभा चुनाव में सुक्खू को 6750 मतों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा था। पर फिर 2017 में सुक्खू ने जीत हासिल की। कांग्रेस में सुक्खू के अलावा कभी कोई अन्य चेहरा विकल्प के तौर पर नहीं उभरा। इस बीच भाजपा की बात करे तो एक बार फिर विजय अग्निहोत्री मैदान में है। अग्निहोत्री एक दफा सुक्खू को पटकनी भी दे चुके है और इस बार फिर मैदान में डटे हुए है। नादौन में भाजपा के लिए ऐसा भी कहा जाता है कि अगर यहां भाजपा एकजुट हो जाए तो शायद कांग्रेस की राह इतनी आसान न हो। अब भाजपा एकजुट है या नहीं ये तो आने वाला समय ही बताएगा। वहीँ इस बार आम आदमी पार्टी ने नादौन के सियासी समीकरण ज़रूर बदले है। दरअसल इस बार आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी शैंकी ठुकराल ने पुरे दमखम के साथ चुनाव लड़ा है। अब देखना ये होगा कि शैंकी किसके वोट बैंक में कितनी सेंध लगाते है। नादौन में फिलवक्त सुक्खू जीत को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त है। सुक्खू ने भावी सीएम के टैग के साथ चुनाव लड़ा है। ऐसे में जाहिर है इसका लाभ भी उन्हें मिलता दिख रहा है। बहरहाल, जनादेश ईवीएम में कैद है और सभी अपनी -अपनी जीत का दावा कर रहे है।
चम्बा जिले के भरमौर में स्थित सुप्रसिद्ध ऐतिहासिक कार्तिक स्वामी मंदिर कुगती के कपाट हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी 30 नंबवर 2022 को बंद हो जाएंगे। धार्मिक परंपरा के अनुसार मंदिर के कपाट 30 नंबवर को दोपहर पूजा अर्चना करने के बाद बंद कर दिए जाते है व अगले वर्ष वैशाख (अप्रैल) मास की संक्रांति वाले दिन श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खुलते है। उत्तर भारत में एकमात्र भगवान शिव के ज्येष्ठ पुत्र कार्तिकेय स्वामी का यह मंदिर जन-जातीय क्षेत्र भरमौर की पंचायत कुगती तहसील भरमौर में स्थित है। और लोग बड़ी आस्था के साथ इस मंदिर के दर्शन करने के लिए दूर दूर से आते है।


















































