हिमाचल प्रदेश विधानसभा की नवगठित विधायक संघ के अध्यक्ष एवं शाहपुर के विधायक केवल सिंह पठानिया और नाहन के विधायक अजय सोलंकी ने केंद्र सरकार से प्रदेश में प्राकृतिक आपदा के कारण हुई भारी जान-माल की क्षति के दृष्टिगत इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की है। पिछले 56 दिनों के दौरान भारी बारिश, अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन की इस त्रासदी में प्रदेश में अब तक 330 से अधिक लोगों की मृत्यु हो गई हैं, इसके अलावा 38 लोग अभी भी लापता हैं। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदा के कारण प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर 113 भूस्खलन की घटनाएं सामने आई हैं और प्रदेश को लगभग 10 हज़ार करोड़ रुपये से अधिक की क्षति हुई है। उन्होंने कहा कि ऑडिट आपत्तियों के कारण पिछले कुछ वर्षों से केंद्र सरकार के पास लंबित 315 करोड़ रुपये की राहत राशि में से केंद्र ने 189 करोड़ रुपये जारी किए हैं। इसके अतिरिक्त राज्य आपदा राहत निधि (एसडीआरएफ) के तहत राज्य को प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान की भरपाई के लिए प्रति वर्ष दो किस्तों में कुल 360 करोड़ रुपये की राशि जारी की जाती है। केंद्र सरकार ने इसमें से 180 करोड़ रुपये की पहली किस्त जून माह में तथा दिसंबर माह में मिलने वाली 180 करोड़ रुपये की दूसरी किस्त राज्य को अग्रिम रूप से जारी कर दी है। इस 360 करोड़ रुपये की राशि पर हिमाचल प्रदेश का हक है, जो सभी राज्यों को प्रदान की जाती है और इसके अलावा केंद्र की ओर से अलग से कोई वित्तीय सहायता जारी नहीं की गई है। इस प्रकार राज्य को अब तक 549 करोड़ रुपये की राशि के रूप में केंद्र सरकार के पास लंबित राज्य का उचित हिस्सा मिला है। भाजपा के राष्ट्रीय नेताओं पर कटाक्ष करते हुए विधायकों ने कहा कि भाजपा के शीर्ष नेता हिमाचल को अपना दूसरा घर कहते नहीं थकते हैं बाजवूद इसके प्रदेश के सौतेला व्यहार कहां तक सही है। उन्होंने कहा कि यह नेता अपने संबोधनों में हिमाचल के व्यंजनों का 'सेपू बड़ी, चंबा का 'मदराÓ, सिड्डू का जिक्र करते थे पर जब प्रदेश पर विपदा की स्थिति आई तो मदद के लिए हाथ बढ़ाने के बजाए ये नेता ओछी राजनीति कर रहे हैं। राज्य में आपदा को 'राष्ट्रीय आपदाÓ घोषित करने में हो रहे विलंब से प्रदेश के लोगों की पीड़ा और अधिक बढ़ रही है। विधायकों ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू लोगों का दुख-दर्द साझा करने के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं तथा आर्थिक तंगी के बावजूद प्रभावित परिवारों को हरसंभव राहत राशि प्रदान की जा रही है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अन्य वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर जीवन और सार्वजनिक तथा निजी संपत्ति दोनों को हुए भारी नुकसान के मद्देनजर राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की है, लेकिन भाजपा का ढुलमुल रुख सामने आया है। नेताओं ने राज्य के लोगों को असहाय स्थिति में छोड़ दिया है। पठानिया और सोलंकी दोनों ने टिप्पणी की, कि राज्य के भाजपा नेता भी जरूरत की इस घड़ी में सहयोग करने के बजाय सकारात्मक छाप छोड़ने में विफल रहे। उन्होंने कहा कि राज्य के लोग 2024 में लोकसभा चुनाव से काफी पहले उनकी शरारतों को समझने के लिए काफी समझदार थे। इसके बजाय उन्हें राज्य के सर्वोत्तम हित में मुख्यमंत्री के साथ दिल्ली जाना चाहिए था और अपने केंद्रीय नेतृत्व से विशेष राहत पैकेज की मांग करनी चाहिए थी।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य सरकार ने हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश से आई आपदा से निपटने के लिए प्रदेश सरकार को 11 करोड़ रुपये की सहायता राशि आपदा राहत कोष के लिए प्रदान की है। उन्होंने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आपदा की इस घड़ी में प्रभावितों को मदद प्रदान करने में यह सहायता कारगर साबित होगी। उन्होंने कहा कि भारी बारिश के कारण प्रदेश में दस हजार करोड़ रुपये से भी अधिक का नुकसान हुआ है। राज्य सरकार युद्ध स्तर पर राहत एवं पुनर्वास कार्य चला रही है। उन्होंने प्रदेश की खुले मन से मदद करने वाले सभी अंशदाताओं का भी आभार व्यक्त किया।
जल्द ही मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू से करेंगे मुलाकात हाटी विकास मंच के पदाधिकारियों ने अध्यक्ष प्रदीप सिंह सिंगटा, मुख्य प्रवक्ता डॉ. रमेश सिंगटा की अगुवाई में शिमला में राजभवन में राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल से मुलाकात की। उन्होंने राज्यपाल का आभार जताया और उन के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ज्ञापन सौंपा इस ज्ञापन में हाटी समुदाय की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विशेष आभार जताया गया है। उन्होंने कहा कि हाटी मसले को तार्किक अंत तक सीधे चढ़ाने में राजभवन की बड़ी भूमिका रही है। अब जल्द ही मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मुलाकात होगी। राज्यपाल ने कहा कि जैसे ही केंद्र से आदेश आएगा वैसे ही इसे क्रियान्वित करने के निर्देश जारी किए जाएंगे। शुक्ल ने कहा कि सिरमौर के गिरीपार के लोगों को अब अपनी पुरातन संस्कृति का बेहतर तरीके से संरक्षण और संवर्धन करना चाहिए उन्होंने यह भी कहा कि उत्सवों और त्यौहारों के मौके पर अपनी पारंपरिक वेशभूषा जरूर पहने और अपने पूर्वजों और उनकी समृद्ध संस्कृति को ना भूले। प्रधानमंत्री और राज्यपाल को भेजे ज्ञापन में कहा गया है कि करीब छह दशक के लंबे तर्कपूर्ण, तथ्य पूर्ण और शांतिपूर्ण संघर्ष के बाद माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति का औपचारिक दर्जा दे दिया है। सुदीर्घ सांस्कृतिक परंपरा को संजो कर रखने वाले हाटी समुदाय को जनजातीय दर्जा देने में बहुत से पक्षों का सहयोग मिला है। महामहिम राज्यपाल ने हाटी समुदाय को अपना मार्गदर्शन और अपना स्नेह प्रदान किया। राज्यपाल के ही प्रयासों का ही नतीजा रहा कि राज्यसभा में अनुसूचित जनजाति संशोधन विधेयक पारित हो सका। हाटी विकास मंच ने जनजाति अधिकार दिलाने के लिए राजभवन में कई बार भेंट की थी और इस दौरान राज्यपाल शिवप्रताप शुक्ल जी आशीर्वाद हाटी समुदाय को मिला था। हम विनीत शब्दों में महामहिम राज्यपाल का कोटिश कोटिश आभार व्यक्त करते हैं। हाटी समुदाय दृढ़ विश्वास करता है कि निकट भविष्य में भी महामहिम राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल जी का अमूल्य मार्गदर्शन मिलता रहेगा। वहीं देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी हाटी समुदाय की ओर से आभार ज्ञापन सौंपा गया। इस प्रतिनिधिमंडल में हाटी विकास मंच के अध्यक्ष प्रदीप सिंह सिंगटा, मुख्य प्रवक्ता डॉक्टर रमेश सिंगटा, लीगल एडवाइजर बीएन भारद्वाज, मीडिया प्रभारी रविंद्र जस्टा, मुकेश ठाकुर, पवन शर्मा, सुरेंद्रा ठाकुर, सोलन हाटी यूनिट से राजेन्द्र छाजटा, विवेक तोमर, प्रदीप अजटा, अंकित शर्मा, रिसर्च स्कॉलर विपिन, कपिल कपूर, वीरेंद्र सिंह आदि हाटी समुदाय के लोग उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश में बनने वाली सभी सड़कों में ड्रेनेज और क्रॉस ड्रेनेज बनाना अनिवार्य किया जाएगा। इसकी निगरानी के लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी और निगरानी टीमें भी गठित की जाएंगी। वह वीरवार को देर सायं यहां आयोजित एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि ड्रेनेज और क्रॉस ड्रेनेज न होने के कारण सड़कें क्षतिग्रस्त हो जाती हैं। उन्होंने कहा कि जिन सड़कों में निर्माण के समय ड्रेनेज नहीं होगी, उन्हें पास भी नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि निर्माण के समय ही गुणवत्तापूर्ण कार्य से सड़कों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है। उन्होंने प्रदेश में भारी बारिश के कारण हुए नुकसान की विस्तृत रिपोर्ट लेकर अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बाधित सड़कों को 24 घंटे कार्य कर बहाल किया जाए। मुख्यमंत्री ने लोक निर्माण विभाग को भूस्खलन से क्षतिग्रस्त सड़कों को खोलने के लिए भारी मशीनरी और उपकरणों का उपयोग सुनिश्चित करने को भी कहा। उन्होंने कहा कि जिला मंडी में बाधित प्रमुख सड़कों को खोलने के लिए अतिरिक्त कार्य बल और मशीनरी की आवश्यकता है। सड़कें पहाड़ की जीवन रेखाएं हैं और इन्हें सुचारू बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुल्लू में नदी किनारों पर पानी से भूमि कटाव को रोकने के लिए वैज्ञानिक तरीके से प्रबंधन सुनिश्चित किया जाएगा। इसके दृष्टिगत राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और लोक निर्माण विभाग को दूरगामी उपाय करने को कहा गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने राज्य में राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल की (एसडीआरएफ) कंपनियों को दो-दो क्रेन उपलब्ध करवाने का निर्णय लिया है, इससे आपदा प्रबंधन और बचाव कार्यों को तीव्रता से करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि सभी जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों को ड्रोन भी उपलब्ध करवाए जाएंगे, इससे मैपिंग व निगरानी के साथ-साथ आपदा के समय लोगों को सामान व चिकित्सा सहायता उपलब्ध करवाने में मदद मिलेगी। बैठक में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह, मुख्यमंत्री के ओएसडी गोपाल शर्मा, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, प्रधान सचिव ओंकार शर्मा, भरत खेड़ा व देवेश कुमार, विभिन्न विभागों के सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
प्रदेश युवा कांग्रेस ने प्राकृतिक आपदा से गुजर रहे प्रदेश में रात-दिन राहत और बचाव कार्यों में प्रयासरत राज्य सरकार के मुखिया सुखविंदर सिंह सुक्खू का धन्यवाद किया है। पिछले 40 से अधिक दिनों से जिस तरह से मुख्यमंत्री खुद फ्रंट पर रहकर हर छोटी बड़ी हानि का खुद जायजा लेकर उस पर अधिकारियों के साथ मिल कर कार्य कर रहे हैं वह सराहनीय है। प्रदेश अध्यक्ष नेगी निगम भंडारी ने कहा कि मुख्यमंत्री देर रात अधिकारियों के साथ बैठक कर राहत व बचाव कार्य पर समीक्षा करते हैं और अगले दिन आपदा ग्रसित स्थलों पर खुद जा कर लोगों के दुख साझा कर रहे हैं, उनका प्रदेश और प्रदेशवासियों के साथ दुख की इस घड़ी में घर के मुखिया की तरह साथ देना एक अनूठी मिसाल है। इसके लिये हम मुख्यमंत्री का धन्यवाद करते हैं और उन्हें आश्वस्त करते हैं कि उनके पद चिन्हों पर चलते हुए युवा कांग्रेस सरकार के द्वारा किए जा रहे राहत व बचाव कार्यों में कंधे से कंधा मिलाकर कार्य कर रही है। नेगी निगम भंडारी ने केंद्र की मोदी सरकार से इस प्राकृतिक त्रासदी को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की भी मांग की है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 300 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और दस हजार करोड़ से ज्यादा का नुकसान हो चुका है, बहुत से लोग लापता है और हजारों लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा है, ऐसी परिस्थिति में बिना किसी राजनितिक भेदभाव के केंद्र सरकार इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित करे।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने वीरवार को जिला सिरमौर के शिलाई के रोनहाट में कार दुर्घटना में राजकीय महाविद्यालय रोनहाट के कार्यवाहक प्रधानाचार्य सहित तीन लोगों की मृत्यु पर शोक व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन को प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने ईश्वर से दिवंगत आत्माओं की शांति और शोक संतप्त परिजनों को अपूर्णीय क्षति को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की है।
सद्भावना दिवस के उपलक्ष्य पर आज यहां मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश सचिवालय शिमला के अधिकारियों और कर्मचारियों को भावनात्मक एकता व सद्भावना की शपथ दिलाई। पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी का जन्म दिवस इस वर्ष भी 20 अगस्त को सद्भावना दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। इस अवसर पर मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी, विधायक केवल सिंह पठानिया, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार, मीडिया, नरेश चौहान मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, मुख्यमंत्री के ओएसडी रितेश कपरेट, प्रधान सचिव भरत खेड़ा और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
पूर्व आर्मी एसोसिएशन खुडियां के 100 पदाधिकारियों, जिनमें प्रमुख कर्नल एमएस राणा, कैप्टन कर्म सिंह, कैप्टन ओम प्रकाश, कैप्टन कश्मीर सिंह, केप्टन रमेश राणा, सब मेजर माधोराम, सूबेदार अमर सिंह, कैप्टन ध्यान सिंह, हवलदार रणजीत सिंह, हवलदार सुनील कुमार आदि ने प्रदेश में हो रही भयंकर आपदा को देखते हुए मुख्यमंत्री राहत कोष में 60, 300 रुपये की राशि तहसीलदार खुडियां सुभाष कुमार के द्वारा चेक के माध्यम से इस राहत कोष में दी। इन सभी का कहना है कि पूर्व आर्मी एसोसिएशन खुडियां आपदा की इस घड़ी में प्रशासन तथा सरकार के बिल्कुल साथ खड़ी है तथा समाज सेवा व पीड़ित परिवार की सेवा में तत्परता से कार्य कर रही है तथा आगे भी सहयोग करती रहेगी।
नाराज जिला पटवार-कानूनगो संघ ने कहा- माफी मांगें विधायक, नहीं तो करेंगे एफआईआर मंडी जिले की नाचन विधानसभा क्षेत्र के प्रभावितों को तिरपाल न मिलने को लेकर विधायक विनोद कुमार पहले कानूनगो पर भड़के और उसके बाद एसडीएम बल्ह को जाकर जमकर खरी खोटी सुना डाली। अब यह मामला इतना बढ़ गया है कि एसडीएम और पटवार-कानूनगो संघ ने विधायक साहब से सरेआम माफी न मांगने पर एफआईआर दर्ज करने की चेतावनी दे डाली है। जिस कानूनगो को विधायक ने डांट लगाई वो मंडी जिला पटवार-कानूनगो संघ के अध्यक्ष दीनानाथ शर्मा हैं। दरअसल नाचन विधानसभा क्षेत्र के बृखमणी, रिफल और शाली के लोगों को तिरपाल देने के लिए बुलाया गया था। लेकिन बाद में उन्हें तिरपाल देने से मना कर दिया गया। लोगों ने इसकी शिकायत बीजेपी विधायक विनोद कुमार से कर दी। विधायक तुरंत कानूनगो कार्यालय पहुंचे और कानूनगो पर आग बबूला हो उठे। इसके बाद वे पहले तहसील कार्यालय बल्ह और उसके बाद एसडीएम बल्ह स्मृतिका नेगी के कार्यालय में पहुंचे और वहां पर भी जमकर भड़के। एसडीएम स्मृतिका नेगी इन दिनों गर्भवती हैं और बावजूद इसके प्रभावितों की मदद के लिए काम कर रही हैं। वो विधायक के रवैये को देखकर रो पड़ीं। विधायक विनोद कुमार के पेज पर यह सारा घटनाक्रम लाईव चलता रहा। मीडिया को दिए अपने बयान में विनोद कुमार ने कहा कि अगर लोगों को दो हजार के तिरपाल के लिए इतनी लड़ाई लड़नी पड़े तो फिर अधिकारी और कर्मचारियों को किस बात के लिए बैठाया गया है।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-3 के तहत केंद्र सरकार ने हिमाचल के ग्रामीण क्षेत्रों की 254 सड़कों के उन्नयन को 2643.01 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की है। इन सड़कों में जसवां-परागपुर के जिला परिषद वार्ड बणी की सत्तर के दशक में बनी दो सड़कें भी शामिल हैं। योजना के तहत चामुखा (कामलू) से बंगाणा (तुतड़ु) को 9 करोड़ चौदह लाख व कलोहा से लोहारी निचली (सलेटी) सड़क को 8 करोड़ छतीस लाख रुपये स्वीकृत हुए हैं। इन सड़कों के उन्नयन के लिए राशि मंजूर करने के लिए जिला अध्यक्ष अश्वनी ठाकुर, बीडीसी सदस्य सुदर्शन ठाकुर, परवीन धीमान, पिंकी प्रधान ग्राम पंचायत कोलापुर विपन कुमार, पीर सलुही संजीव कुमार, शांतला राहुल कुमार, पुननी जगत राम, अलोह निशा रानी, सरड रूप कुमार, कलोहा सुमन कुमारी, दोदूं राजपूता मुकेश कुमार उप प्रधान कूड़ना रणजीत सिंह पार्टी प्रमुख अरविंद परभाकर, राज कपूर, शशि शर्मा, भाग सिंह, तिलक राज,यश पाल, तीर्थ राम इत्यादि नेजसवां-परागपुर के विधायक बिक्रम सिंह व केंद्र के शीर्ष नेतृत्व का आभार प्रकट किया है।
राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने गत सांय किन्नौर जिला के निचार उपमण्डल स्थित ग्रांगे में जनसमस्याएं सुनी और जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने प्राप्त हुई सभी उचित मांगों को चरणबद्ध तरीके से पूर्ण करने का आश्वासन दिया। इस अवसर पर जनसभा को संबोधित करते हुए, राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि मुख्यमंत्री सुक्खविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली हिमाचल सरकार पूरे प्रदेश सहित जनजातीय जिलों का हर एक क्षेत्र में विकास विकास पूर्ण तत्परता के साथ सुनिश्चित कर रही है। उन्होंने कहा कि जनजातीय जिला किन्नौर बागवानी बहुल जिला है तथा जिला में बागवानी को और अधिक सुदृढ़ करने के लिए जिला के बागवानों को 50 करोड़ रुपये खर्च कर 2 लाख पौधे वितरित किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त जिला के बागवानों को नवीन व विशेष तकनीकों से लैस करने के दृष्टिगत जिला में समय-समय पर विशेष बागवानी प्रशिक्षण शिविर भी आयोजित किए जा रहे हैं। उन्होंने जिला के किसानों से उच्च घनत्व वाली खेती करने को भी कहा। इस अवसर पर ग्राम विकास सोसायटी ग्रांगे द्वारा रंगा-रंग सांस्कृतिक प्रस्तुति भी प्रस्तुत की गई तथा राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करने के लिए उन्हें 15 हजार रूपए प्रदान करने की घोषणा भी की। इसके उपरांत, मंत्री ने एकलव्य मॉडल रेजिडेंशियल स्कूल में आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता भी की।
पर्यटन के ऑफ सीजन में जुलाई माह से बंद धर्मशाला-चंडीगढ़ हवाई सेवा पहली सितंबर से फिर शुरू होने जा रही है। इस फ्लाइट के शुरू होने से चंडीगढ़ और धर्मशाला के बीच हवाई सफर करने वाले यात्रियों को राहत मिलेगी। इस फ्लाइट को एलायंस एयर विमानन कंपनी शुरू करेगी। सुबह 9.45 बजे गगल तो 10.55 बजे चंडीगढ़ से यह विमान उड़ान भरेगा। जानकारी के अनुसार धर्मशाला-चंडीगढ़ हवाई रूट पर एकमात्र सीधी उड़ान को जुलाई में बंद करने से इस रूट पर हवाई सफर करने वाले यात्रियों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था।
राजधानी के समरहिल के शिव बावड़ी मंदिर में भूस्खलन के कारण मारे गए लोगों के शवों का मिलना जारी है। शवों को खोजने के लिए चलाए जा रहे अभियान के पांचवें दिन शुक्रवार को एक और बॉडी मिली है। इस घटना में मृतकों की संख्या अब 15 पहुंच गई है। शव घटनास्थल से करीब 500 मीटर दूरी पर मिला है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पुलिस के जवान शव को मलबे से निकाल रहे हैं। बीते दिन वीरवार को विश्वविद्यालय के वरिष्ठ प्रोफेसर एवं यूआईटी के पूर्व निदेशक प्रो. पीएल शर्मा का शव मिला। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ तथा पुलिस के जवानों को मंदिर से करीब पांच सौ मीटर दूर नाले में मिट्टी के नीचे यह शव मिला। इनकी पत्नी का शव पहले मिल चुका है और बेटा अभी लापता है। शव की पहचान उनके साले सुभाष ने हाथ में पहनी अंगूठी से की। इसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए आईजीएमसी भेज दिया। पुलिस अधीक्षक संजय गांधी भी मौके पर पहुंचे और सर्च अभियान का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि घटना के बाद से परिजनों द्वारा पुलिस को दी सूचना के अनुसार 21 स्थानीय लोग लापता हैं। एनडीआरएफ के इंस्पेक्टर नफीस खान ने बताया कि रोज सुबह साढ़े छह बजे से सर्च ऑपरेशन शुरू होता है, रात नौ बजे तक अभियान चलाया जा रहा है। पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने भी मौके का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि लापता लोगों को खोजने का कार्य किया जा रहा है। भविष्य में ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए जवानों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। सर्च अभियान का स्वास्थ्य मंत्री धनी राम शांडिल भी जायजा लेते रहे। इसके साथ जो लोग लापता हैं उनके परिजन भी मौके पर डटे हुए हैं।
राजधानी शिमला के ओल्ड बस स्टैंड के पास शुक्रवार सुबह आग लगने की घटना सामने आई है। घटना सुबह करीब 10 बजे की है। बस स्टैंड के समीप पंचायत भवन में बनी डायरी की दुकान में आग लगी, जिसके बाद सूचना मिलते ही पुलिस बल और अग्निशमन विभाग के कर्मचारी मौके पर पहुंचे। बताया जा रहा है कि डायरी शॉप मालिक ने दुकान खोली तो उसके आधे घंटे बाद आग की घटना सामने आई। आग लगने के बाद बस स्टैंड में अफरा तफरी मच गई। राम बाजार के सभी लोग पंचायत भवन के पास आ गए और पानी की बाल्टियों से आग पर काबू पाया। दुकान का सारा सामान नष्ट हो गया है। गनीमत रही की साथ लगती दुकानों तक आग नहीं पहुंची, वरना बड़ा हादसा हो सकता था।
उपमंडल देहरा के अंतर्गत नकेड़ खड्ड में पुलिस थाना देहरा की टीम ने गश्त के दौरान एक आल्टो कार नंबर एचपी 39 7176 से 84 बोतल देसी शराब की बोतल बरामद की है। गाड़ी में दो व्यक्ति बैठे थे, जिनके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। आरोपितों की पहचान भूपेंद्र सिंह पुत्र भगवान दास गांव चकुंडी डाकघर पाइसा, हिमांशु पुत्र चंद्रकांत गांव व डाकघर देहरियां, तहसील ज्वालामुखी के रूप में हुई। मामले की पुष्टि करते हुए थाना प्रभारी देहरा संदीप पठानिया ने बताया पुलिस ने मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है।
लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने आज यहां बताया कि केन्द्र सरकार ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई-3) के बैच-1 के तहत वर्ष 2023-24 के लिए ग्रामीण क्षेत्रों की 254 सड़कों के उन्नयन को 2643.01 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की है। उन्होंने इसके लिए केन्द्र सरकार और विशेष तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह तथा केंद्र के समक्ष हिमाचल के हितों की पैरवी करने पर मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू का आभार व्यक्त किया है। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के चरण-3 में स्वीकृत इस राशि से प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों की 254 सड़कों के विस्तारीकरण एवं उन्नयन के कार्य किए जायेंगे, जिनकी कुल लम्बाई लगभग 2683 किलोमीटर है। उन्होंने कहा कि स्वीकृत राशि में केन्द्र का भाग 2372.59 करोड़ रुपये होगा जबकि राज्य का भाग 270.42 करोड़ रुपये है। लोक निर्माण मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में प्रदेश हित के मुद्दे केन्द्र सरकार के समक्ष जोरदार ढंग से उठा रही है। उन्होंने कहा कि गत दिनों उन्होंने स्वयं भी दो बार तथा लोकसभा सांसद एवं कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह के साथ केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री से भेंट कर यह राशि शीघ्र स्वीकृत करने का आग्रह किया था। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश की ओर से भेजे गए प्रस्ताव पर 12 जून, 2023 को आयोजित अधिकार प्राप्त समिति की बैठक में इस पर विचार किया गया। समिति की अनुशंसा एवं प्रदेश सरकार द्वारा प्रस्तुत किए गए अनुपालना प्रतिवेदन के आधार पर अब केन्द्रीय मंत्रालय ने अब इसे स्वीकृति प्रदान की है। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि भारी बरसात के कारण प्रदेश में सड़क अधोसंरचना को सर्वाधिक नुकसान हुआ है। सभी मुख्य मार्गों को बहाल करने के लिए प्रदेश सरकार तथा लोक निर्माण विभाग युद्ध स्तर पर कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तृतीय चरण के अंतर्गत ग्रामीण स्तर पर सड़कों के उन्नयन एवं सुधारीकरण में मदद मिलेगी।
आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त मकानों की मरम्मत के लिए एक-एक लाख रुपये प्रदान करने की घोषणा मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज मंडी जिला के सरकाघाट विधानसभा क्षेत्र में भारी बारिश से प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। उन्होंने मतैहड़ी, बलद्वाड़ा तथा जुकैण क्षेत्र में पहुंचकर प्रभावित लोगों से संवाद किया और राज्य सरकार की ओर से उन्हें हर संभव मदद के प्रति आश्वस्त किया। ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सार्वजनिक एवं निजी संपत्ति को हुए नुकसान के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाने की घोषणा भी की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त मकानों की मरम्मत के लिए प्रभावित परिवारों को एक-एक लाख रुपये की राशि प्रदान करेगी। मुख्यमंत्री ने प्राकृतिक आपदा से सीधे प्रभावित ग्राम पंचायत गैहरा के २३ प्रभावित परिवारों से भी संवाद किया और इनमें से प्रत्येक परिवार को एक-एक लाख रुपये प्रदान करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि विपदा की इस घड़ी में प्रदेश सरकार प्रत्येक प्रभावित परिवार को राहत प्रदान करने के लिए कृत संकल्प है। प्रभावित परिवारों को राहत शिविरों में रहने तथा अन्य सभी आवश्यक सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। उन्होंने जिला प्रशासन को शिविरों में सर्वोत्तम सुविधाएं उपलब्ध करवाने के भी निर्देश दिए। सरकाघाट में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि भारी बारिश और भूस्खलन के कारण पूरे राज्य में बड़े पैमाने पर तबाही हुई है। उन्होंने कहा कि आपदा से लगभग १०,००० करोड़ रुपये का अनुमानित नुकसान हुआ है। इन कठिन चुनौतियों के बावजूद प्रदेश सरकार उपलब्ध संसाधनों का समुचित उपयोग करके प्रभावित व्यक्तियों को मुआवज़ा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। आम लोगों की ज़रूरतों को प्राथमिकता देने की सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस आपदा से प्रभावित परिवारों को उनके घरों के पुनर्निर्माण के लिए बढ़ा हुआ मुआवज़ा और वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि आपदा के कारण किसानों की फसल को हुई क्षति की भरपाई के लिए राहत नियमावली में संशोधन किया जाएगा। पत्रकारों के सवालों के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार की अंतरिम राहत की पहली किस्त अभी लंबित है। उन्होंने कहा कि ऑडिट आपत्तियों के कारण पिछले कुछ वर्षों से केन्द्र सरकार के पास लंबित ३१५ करोड़ रुपये की राहत राशि में से केन्द्र ने १८९ करोड़ रुपये जारी किए हैं। इसके अतिरिक्त राज्य आपदा राहत निधि (एसडीआरएफ) के तहत राज्य को प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान की भरपाई के लिए प्रति वर्ष दो किस्तों में कुल ३६० करोड़ रुपये की राशि जारी की जाती है। केंद्र सरकार ने इसमें से १८० करोड़ रुपये की पहली किस्त जून माह में तथा दिसंबर माह में मिलने वाली १८० करोड़ रुपये की दूसरी किस्त राज्य को अग्रिम रूप से जारी कर दी है। इस ३६० करोड़ रुपये की राशि पर हिमाचल प्रदेश का हक है, जो सभी राज्यों को प्रदान की जाती है और इसके अलावा केन्द्र की ओर से अलग से कोई वित्तीय सहायता जारी नहीं की गई है। इस अवसर पर विधायक चन्द्रशेखर, सुरेश कुमार व दिलीप ठाकुर, पूर्व विधायक कर्नल इंद्र सिंह और रंगीला राम राव, कांगड़ा सहकारी प्राथमिक कृषि और ग्रामीण विकास बैंक के अध्यक्ष राम चंद्र पठानिया, एपीएमसी मंडी के अध्यक्ष संजीव गुलेरिया, उपायुक्त अरिंदम चौधरी, पुलिस अधीक्षक सौम्या साम्बशिवन, अधिवक्ता विनय कानव एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों को राज्य के विभिन्न हिस्सों में लगातार बारिश के कारण क्षतिग्रस्त हुए राष्ट्रीय राजमार्गों की शीघ्र बहाली सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव आज यहां राज्य के क्षतिग्रस्त राष्ट्रीय राजमार्गों की बहाली के संबंध में अद्यतन स्थिति पर एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। मुख्य सचिव ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग के परवाणू-शिमला खंड पर परवाणू के पास चक्की मोड़ पर भूस्खलन के कारण क्षतिग्रस्त सड़क को बहाल कर दिया गया है और भारी वाहनों सहित अन्य वाहनों की आवाजाही के लिए इसे खोल दिया गया है। उन्होंने कहा कि इस राजमार्ग पर यातायात को कम करने के दृष्टिगत अंबाला और दिल्ली की ओर जाने वाले वाहन वैकल्पिक मार्ग कुमारहट्टी-नाहन का भी उपयोग कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग के शिमला-बिलासपुर खंड पर नम्होल में सड़क पर से अवरोध को हटा दिया गया है और इसे वाहनों की आवाजाही के लिए खोल दिया गया है। संबंधित अधिकारियों को सड़क के उचित रखरखाव के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने एनएचएआई के अधिकारियों को पठानकोट-मंडी राष्ट्रीय राजमार्ग पर कोटरूपी में क्षतिग्रस्त खंड को बहाल करने तथा मंडी से मनाली के बीच, विशेष रूप से कैंची मोड़ पंडोह, 7 मील और पतलीकुहल से मनाली के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग को बहाल करने के लिए तत्काल कदम उठाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कोटरोपी में सड़क बहाल होने तक यातायात कटिंडी-झटिंगरी-घटासनी सड़क से होकर परिवर्तित किया गया है। उन्होंने कहा कि बजौरा और मंडी के बीच वाहनों की सुचारू आवाजाही के लिए एक समय सारिणी बनाई गई है। उन्होंने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को इन राष्ट्रीय राजमार्गों के वैकल्पिक मार्गों के रूप में उपयोग में लाई जा रही क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग को कुल्ल और लाहौल-स्पीति ज़िला के लिए पर्याप्त मात्रा में पैट्रोल और डीजल की आपूर्ति सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए। प्रधान सचिव (पीडब्ल्यूडी), भरत खेड़ा, सचिव (बागवानी) सी. पॉलरासु, डीसी कुल्लू आशुतोष गर्ग, मुख्य अभियंता एचपीपीडब्ल्यूडी अजय गुप्ता, एनएचएआई के क्षेत्रीय अधिकारी अब्दुल बासित, विशेष सचिव (पीडब्ल्यूडी) हरबंस सिंह ब्रस्कॉन, अतिरिक्त उपायुक्त, मंडी निवेदिता नेगी, एनएचएआई के प्रतिनिधि और अन्य वरिष्ठ सरकारी अधिकारी एवं कर्मचारी बैठक में उपस्थित थे।
उप मंडल शिलाई के रोनहाट में एक ऑल्टो कार के दुर्घटनाग्रस्त होने से उसमें सवार तीन लोगों की मौत हो गई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार वीरवार देर शाम एक ऑल्टो कार HP85-1696 रोनहाट से लाणी-बोराड़ की तरफ जा रही थी की अचानक जासवीं केंची के समीप अनियंत्रित होकर करीब 300 मीटर गहरी गहरी खाई में लुढ़क गई। दुर्घटना के समय कार में तीन लोग सवार थे, जिनकी मौके पर ही मौत हो गई है। मृतकों की पहचान डॉ. रमेश भारद्वाज पुत्र शिव राम उम्र 47 वर्ष निवासी गांव बोरॉड, साक्षी पुत्री भरत उम्र 18 वर्ष निवासी गांव किणु-पनोंग, जय राम उफ़र् पंगा पुत्र सिया राम उम्र 39 वर्ष निवासी गांव लाणी-बोराड, उपतहसील रोनहाट जिला सिरमौर के रूप में हुई है। जानकारी के अनुसार हादसे में जान गँवाने वाले डॉ. रमेश भारद्वाज राजकीय महाविद्यालय रोनहाट में प्रोफेसर के पद पर कार्यरत थे और कार्यकारी प्रधानाचार्य का अतिरिक्त कार्यभार भी संभाल रहे थे। वहीं मृतक युवती भी रोनहाट कॉलेज की छात्रा बताई जा रही है जो अपने मामा जय राम के साथ लाणी-बोराड गांव में मेहमान जा रही थी। उधर, पुलिस थाना शिलाई के प्रभारी प्रीतम सिंह लालटा ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया की पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिए जाएँगे। फ़िलहाल पुलिस मामला दर्ज करके दुर्घटना के कारणों की जाँच कर रही है।
हिमाचल प्रदेश शतरंज संघ द्वारा राष्ट्रीय स्तर का रेटेड चैस टूर्नामेंट बारह अगस्त से सोलह अगस्त तक ठियोग के शिमला हिल होटल में आयोजित किया गया। इस टूर्नामेंट में पूरे देश से 137 खिलाड़ियों ने भाग लिया। हिमाचल प्रदेश शतरंज संघ के सचिव संजीव ठाकुर ने बताया कि इस टूर्नामेंट ने पूरे देश के 137 खिलाड़ियों ने भाग लिया और इस टूर्नामेंट का शुभारंभ एचपीएमसी के जनरल मैनेजर हितेश आजाद ने किया था। इस टूर्नामेंट में उत्तर प्रदेश में रिशव निषाद ने पहला,कुल्लू के देव कृष्ण ने दूसरा,शिमला के पंकज वर्मा ने तृतीय, उत्तर प्रदेश के अंशु पाठक ने चौथा, पंजाब के दीपक बत्रा ने पांचवा, बृज भारद्वाज ने छटा,मनोज कुमार ने सातवा, हरियाणा के यतीश कुमार ने आठवां,बिहार के नंदन कुमार ने नौवां और पंजाब के गगन भारद्वाज ने दसवां स्थान हासिल किया। विजेता खिलाड़ियों को एसडीएम ठियोग मुकेश कुमार ने इनाम बांटे। इस टूर्नामेंट में खिलाड़ियों को 35000 रुपये के नकद इनाम दिए गए। इस मौके पर संदीप शर्मा चीफ पेट्रन हिमाचल प्रदेश राज्य शतरंज संघ, डॉ. कुलदीप कंवर चीफ पैट्रन जिला शिमला शतरंज संघ ,जोगिंदर कंवर सचिव जिला शर्तंज संघ शिमला, सीता राम शर्मा, समेरू ठाकुर, रोमित वर्मा आदि मौजूद रहे।
तीन दिन में 2074 लोगों को सुरक्षित निकाला बाहर जिला कांगड़ा के इंदोरा और फतेहपुर उपमंडल में चल रहा राहत एवं बचाव कार्य आज तीसरे दिन भी जारी रहा। जिलाधीश डॉ. निपुण जिंदल ने बताया कि राहत एवं बचाव कार्य में लगी भारतीय सेना, वायुसेना, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवानों ने आज तीसरे दिन कुल 309 लोगों को सकुशल बाढ़ग्रस्त क्षेत्र से निकाला। उन्होंने बताया कि आज 228 लोगों को वायुसेना के हेलीकॉप्टर की मदद से और 81 लोगों को बोट के माध्यम से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। उपायुक्त ने बताया सेना और अन्य बचाव दलों ने तीन दिन में 2074 लोगों की जान को बचाते हुए, उन्हें इंदोरा और फतेहपुर के जलमग्न क्षेत्रों से रेस्क्यू किया। उन्होंने बताया कि इस दौरान 967 लोगों को एयरफोर्स के चॉपर से, 897 लोगों को बोट से और 210 लोगों को अन्य माध्यमों से बाहर निकाला गया। इंदोरा से 1652 और फतेहपुर से किए 422 लोग रेस्क्यू डीसी ने बताया कि इंदोरा उपमंडल से सर्वाधिक 1652 फंसे हुए लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। जिनमें 792 लोगों को एयरलिफ्ट और 860 लोगों को बोट से निकाला गया। उन्होंने बताया कि इंदोरा में पहले दिन 493, दूसरे दिन 851 और आज तीसरे दिन 308 लोगों को रेस्क्यू किया गया। वहीं फतेहपुर उपमंडल में तीन दिन में 422 लोगों को रेस्क्यू किया गया। उन्होंने बताया कि फतेहपुर में रेस्क्यू किए गए लोगों में 175 को एयरलिफ्ट किया गया, जबकि 37 को बोट और 210 को अन्य माध्यमों से सुरक्षित निकाला गया। फतेहपुर में पहले दिन 273, दूसरे दिन 148 और आज तीसरे दिन बोट से एक व्यक्ति को रेस्क्यू किया। राहत शिविरों में रह रहे 325 लोग डॉ. निपुण जिंदल ने बताया कि प्रशासन द्वारा इंदोरा और फतेहपुर में स्थापित पांच राहत शिविरों में आज वीरवार को 325 लोगों ने आश्रय लिया है। उन्होंने बताया कि फतेपुर उपमंडल के बढूखर राहत शिविर में 214 और फतेहपुर रिलीफ कैंप में 19 लोग रह रहे हैं। वहीं इंदोरा के शेखपुरा में 64 और नूरपुर के लदरोड़ी में स्थापित रिलीफ कैंप में 28 लोगों ने शरण ली है। जबकि डमटाल के राम गोपाल मंदिर में फिलहाल कोई नहीं है। उन्होंने बताया कि रेस्क्यू किए गए लोगों को एचआरटीसी की बसों के माध्यम से सीधा राहत शिविरों में ही ही लाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि यहां प्राथमिक चिकित्सा जांच और भोजन प्राप्त करके अधिकतम लोग अपने सगे संबंधियों के पास रहने चले जा रहे हैं। रिलीफ कैंप में रूटीन टीकाकरण उपायुक्त ने बताया कि राहत शिविरों में रह रहे रेस्क्यू किए गए लोगों में बहुत सी गर्भवती महिलाएं और छोटे बच्चे भी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि फतेहपुर के बढूखर में राधा स्वामी सत्संग भवन में चल रहे राहत शिविर में इनके लिए आज रूटीन टीकाकरण सेशन आयोजित किया गया। उन्होंने बताया कि इस दौरान स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने दो गर्भवती महिलाओं और पांच शिशुओं का टीकाकरण किया।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू गत दिवस को इंदौरा एवं फतेहपुर में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने आए थे। इस दौरान प्राचीन शिव मंदिर सुधार सभा काठगढ़, इंदौरा ने प्रधान ओम प्रकाश कटोच की अध्यक्षता में राधा स्वामी सत्संग भवन कंदरोड़ी में सीएम को मुख्यमंत्री राहत कोष में एक लाख की राशि का चैक भेंट किया। इसके अलावा एक सप्ताह से प्रभावित मंड क्षेत्र के लोगों के बचाव कार्य में लगे एनडीआरएफ के लगभग 150 जवानों को रहने व खाने इत्यादि की व्यवस्था भी सभा द्वारा की जा रही है। स्मरण रहे कि सभा सामाजिक, धार्मिक व आपदा की घड़ी में जन कल्याण के कार्यों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेती आ रही है।
घाट दोची, लोहारघाट तथा चलोग में प्रभावितों का दुख-दर्द किया साझा मुख्य संसदीय सचिव (लोक निर्माण, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा सूचना एवं जन संपर्क विभाग) संजय अवस्थी ने कहा कि हिमाचल एकजुट होकर संकट का सामना कर रहा है। संजय अवस्थी ने आज अर्की विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न आपदा प्रभावित क्षेत्रों में नुकसान का जायजा लिया और प्रभावितों से मिलकर उन्हें विश्वास दिलाया कि आपदा के इन दुखद क्षणों में प्रदेश सरकार उनके साथ है। संजय अवस्थी ने आज अर्की विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत बधोखरी के गांव घाट दोची, ग्राम पंचायत मलौण के लोहारघाट तथा ग्राम पंचायत साई के चलोग में भारी वर्षा के कारण हुए नुकसान का विस्तृत जायज़ा लिया और प्रभावितों को ढाढंस बंधाया। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को सभी प्रभावितों को समय पर राशन उपलब्ध करवाने तथा पशुओं के लिए चारा भी उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि गांव घाट दोची के 11 परिवारों के आवास पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त होने के कारण यह परिवार बेघर हो गए हैं। इन परिवारों को दूसरी जगह पर घर बनाने के लिए भूमि उपलब्ध करवाई जाएगी। इस अवसर पर अवगत करवाया गया कि इस गांव की भूमि धंस चुकी है और यहां निवास करना सुरक्षित नहीं है। मुख्य संसदीय सचिव ने कहा कि जल्द ही इस क्षेत्र का भू-गर्भ सर्वेक्षण करवाया जाएगा। उन्होंने उपयुक्त रिपोर्ट के आधार पर नुकसान प्रभावित सभी 11 परिवारों को एक-एक लाख रुपए प्रदान करने की घोषणा की। इस अवसर पर स्थानीय निवासी मदनलाल शर्मा ने भी प्रभावितों को एक लख रुपए प्रदान किए। ग्राम सुधार सभा बदोखरी द्वारा भी प्रभावितों को राशन के लिए 25 हजार रुपए प्रदान किए गए। संजय अवस्थी ने इस अवसर पर भियूखंरी के निवासी रणजीत ठाकुर से भेंट कर उनका दु:ख बांटा। रणजीत ठाकुर की सुपुत्री तमन्ना ठाकुर ग्राम पंचायत साई के चलोग गांव में भारी वर्षा के कारण आपदा में दु:खद मृत्यु को प्राप्त हुई थी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा इनके परिजनों को फौरी राहत के रूप में 25 हजार रुपये प्रदान किए गए थे। इन्हें 4 लाख रुपये की राशि प्रदान की गई है। उन्होंने ग्राम पंचायत मलौण के गांव लोहारघाट में भारी वर्षा व बाढ़ के कारण दुखद मृत्यु को प्राप्त हुए व्यक्तियों के परिजनों से बातचीत कर उन्हें यथोचित सहायता का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि दु:ख की इस घड़ी में सरकार प्रभावितों के साथ खड़ी है। असामायिक मृत्यु के कारण दु:ख एवं पीड़ा झेल रहे परिवारों के शोक में प्रदेश सरकार उनके साथ है। उन्होंने लोहारघाट निवासी स्व. फूला देवी के पति शावनूराम से भेंट की और उनका दु:ख साझा किया। मुख्य संसदीय सचिव ने फूला देवी के परिजनों को अपनी ओर से 30 हजार रुपये प्रदान किए। संजय अवस्थी ने प्रशासन को निर्देश दिए कि स्व. फूला देवी के परिवार के सुरक्षित निवास एवं राशन की व्यवस्था सुनिश्चित बनाई जाए। उन्होंने इस परिवार के आवास के लिए भूमि का चयन करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला लोहारघाट के क्षतिग्रस्त भवन का निरीक्षण किया। संजय अवस्थी ने इसके बाद ग्राम पंचायत साई के चलोग गांव में नुकसान का जायज़ा लिया और दुखद मृत्यु को प्राप्त हुए व्यक्तियों के परिजनो से भेंट की। उन्होंने चलोग गांव के निवासी जगदीश का दु:ख-दर्द बांटा और उन्हें यथोचित सहायता का आश्वासन दिया। जगदीश के सुपुत्र यादव की चलोग गांव में दुखद मृत्यु हो गई थी। संजय अवस्थी ने इस अवसर पर कहा कि हिमाचल प्रदेश को इस वर्ष व्यापक स्तर पर आपदा का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य में हुई जानो-माल की क्षति का स्तर अत्यंत वृह्द है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू न केवल नियमित रूप से आपदा प्रबंधन का अनुश्रवण कर रहे हैं अपितु स्वयं प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचकर प्रभावितों का दु:ख-दर्द भी बांट रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार अपने प्रत्येक नागरिक की सुरक्षा के लिए वचनबद्ध है और इस दिशा में अधिकारियों एवं कर्मचारियों तथा जन-जन के सहयोग से उचित दिशा में कार्य किया जा रहा है। इस अवसर पर खंड कांग्रेस समिति अर्की के अध्यक्ष सतीश कश्यप, ग्राम पंचायत बधोखरी के उप प्रधान रणजीत सिंह, उपमण्डलाधिकारी नालागढ़ दिव्यांशु सिंगल, लोक निर्माण विभाग अर्की के अधिशाषी अभियंता शशिपाल धीमान, विद्युत बोर्ड रामशहर के अधिशाषी अभियंता हिमेश धीमान, अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी तथा स्थानीय निवासी उपस्थित थे।
पैतृक गांव सिद्धपुर में सैन्य सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार, बेटे ने दी मुखाग्नि बीएसएफ सेे सेवानिवृत्त सहायक कमांडेंट एसएस पठानिया का गुरुवार को उनके पैतृक गांव सिद्धपुर में अंतिम संस्कार कर दिया गया। पठानिया काफी समय से बीमार चल रहे थे। वे अपने पीछे पत्नी अभिलाषा और बेटी रुचि पठानिया व बेटे राहुल पठानिया को छोड़ गए हंै। 24 बटालियन बीएसएफ बनोई द्वारा इंस्पेक्टर जितेंद्र यादव के नेतृत्व में टुकड़ी ने सैन्य सम्मान के साथ उन्हें अंतिम सलामी व श्रद्धांजलि दी। उन्हें बीएसएफ के डायरेक्टर जनरल की तरफ से पुष्प चक्कर अर्पित किया गया। पठानिया के पार्थिव शरीर को उनके बेटे ने मुखाग्नि दी। प्रदेश प्रवक्ता मनवीर चंद कटोच ने कहा कि पठानिया 7 जनवरी, 1979 को बीएसएफ में भर्ती हुए थे और देश की सरहदों में सेवा देते हुए 31 जनवरी 2017 को फ्रंटियर हेडक्वार्टर जम्मू से सेवानिवृत्त हुए थे । हमने संगठन के बहुत ही कर्मठ पैरामिलिट्री परिवार के सदस्य को खोया हैं जिसकी पूर्ति होना बहुत मुश्किल है। अंतिम यात्रा में सेवानिवृत्त निजी सचिव मदन शर्मा, सेवानिवृत्त मेजर आशीष शर्मा, सेवानिवृत्त कमांडर (नेवी) ओपी मन्हास, सेवानिवृत्त बीडीओ डीआर अवस्थी और नजदीक सैकड़ों गांव वासी पैरामिलिट्री एवं सेना के सेवानिवृत्त सदस्य में शामिल हुए और भावभीनी श्रद्धांजलि दी और दिवंगत आत्मा को शांति की कामना की और शोकाकुल परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की।
कहा-त्रासदी ने व्यथित किया, भविष्य के लिए सतर्क हो प्रशासन व सरकार नगर निगम शिमला में बरसात के साथ हुई भारी तबाही ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। अमूल्य जानें चली गईं, जिसके लिए शोक संतप्त परिवारों के साथ गहरी संवेदना है। नगर निगम शिमला के तहत प्राथमिक रूप से जिन पेड़ों से खतरा है, उन्हें चिन्हित कर तुरंत काटा जाए, ताकि भविष्य में इस प्रकार की दुखद त्रासदी से बचा जा सके। यह बात कसुम्पटी भाजपा की महिला नेत्री व कसुम्पटी वार्ड से पार्षद रचना शर्मा ने कहीं। उन्होंने गुरुवार को कसुम्पटी की वार्ड में वन विभाग की टीम के साथ दौरा कर खतरा बन रहे पेड़ों का निरीक्षण किया। वन विभाग की टीम को खतरा बन रहे पेड़ों को तय समय में रिपोर्ट कर काटने का आग्रह किया। रचना शर्मा ने कहा कि वन विभाग की टीम ने निरीक्षण किया है। वार्ड के निवासियों ने जिन पेड़ों का खतरा बताया उन सब का निरीक्षण करवाया गया है। रचना शर्मा ने कहा कि वन विभाग के कर्मचारी रिपोर्ट देंगे, हमने भी एसडीएम को रिपोर्ट पेड़ों की दी है, इससे पहले नगर निगम को भी कुछ पेड़ों के बारे में लिखा है ,अब जो बारिश हुई है उसमें खतरा बड़ा है, अनेक पेड़ों के खतरे से रिहायशी मकानों को खतरा है, इसलिए इन्हें तुरंत सुरक्षित रूप से हटाया जाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि रास्तों का नुकसान हुआ है, अनेक स्थानों पर ढंगे टूट गए हैं, कई स्थानों पर खतरा बना हुआ है। सरकार, प्रशासन, नगर निगम व लोक निर्माण विभाग से आग्रह है कि यहां राहत कार्य भी समय रहते चलाए जाएं। उन्होंने कहा कि जो लोग भी प्रभावित हुए हैं उनके साथ हमारी संवेदनाएं हैं। रचना शर्मा ने कहा कि हम प्रभावित परिवारों के साथ खड़े हैं, जो भी मदद करने होगी की जाएगी। उन्होंने वन विभाग की टीम का निरीक्षण करने के लिए आभार भी जताया और साथ ही कहा कि पेड़ों को काटने का काम बिना देरी शुरू होना चाहिए।
राजस्व मंत्री ने पंचायत पानवी का दौरा कर सुनीं जनसमस्याएं राजस्व, बागवानी एवं जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी ने अपने किन्नौर प्रवास के दौरान आज ग्राम पंचायत पानवी का दौरा किया और जनसमस्याएं सुनीं। उन्होंने प्राप्त हुई सभी उचित मांगों का चरणबद्ध तरीके से निपटान सुनिश्चित करने को कहा। नेगी ने कहा कि जिला किन्नौर में आदर्श विद्यालय खोले जाएंगे, जिसमें गुणवतापूर्ण शिक्षा प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार समस्त प्रदेश सहित जनजातीय जिलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए तत्परता से कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार का विकास प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में किया जा रहा है उसी प्रकार का विकास जनजातीय जिला किन्नौर में भी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश अपनी भौगोलिक परिस्थितियों के कारण प्राकृतिक आपदाओं की दृष्टि से संवेदनशील राज्य है। पिछले कुछ दिनों से भारी बारिश, भूस्खलन, बाढ़ इत्यादि के कारण राज्य ने हजारों करोड़ों का नुकसान झेला है, जो आने वाले समय में और बढ़ सकता है। प्रदेश सरकार द्वारा राज्य में प्रभावित हुए क्षेत्रों में राहत एवं बचाव का कार्य प्राथमिकता के आधार पर तत्परता से किया जा रहा है। मंत्री ने कहा कि ग्राम पंचायत पानवी द्वारा रखी गई मांगों को चरणबद्ध रूप से पूर्ण किया जाएगा और पानवी के लिए हिमाचल पथ परिवहन निगम की बस सेवा शीघ्र आरंभ करने का आश्वासन दिया। इस अवसर पर प्रधान ग्राम पंचायत पानवी राजकुमारी ने राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी का पंचायत पहुंचने पर टोपी भेंट कर सम्मानित किया। ग्राम कांग्रेस समिति के अध्यक्ष श्रवण कुमार ने स्वागत संबोधन दिया और पूर्व प्रधान रोशन लाल ने ग्राम पंचायत पानवी की विकासात्मक मांगें मंत्री के समक्ष रखी। इसके उपरांत, राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने 88.75 लाख रुपये की लागत से निर्मित डेट सुंगरा से रावले होते हुए साकीचरंग संपर्क मार्ग का उद्घाटन भी किया। इस अवसर पर उपमंडलाधिकारी निचार बिमला वर्मा, उपपुलिस अधीक्षक निचार नरेश शर्मा व अधिशाषी अभियन्ता लोक निर्माण विभाग प्रमोद उपरीति, अधिशाषी अभियंता विद्युत टाशी नेगी, अधिशाषी अभियंता जल शक्ति अभिषेक शर्मा सहित अन्य उपस्थित थे।
शिमला शहर के समरहिल, कृष्णानगर, फागली व अन्य क्षेत्रों में हुए जानमाल के भारी नुकसान को लेकर शिमला नागरिक सभा का एक प्रतिनिधिमंडल नगर निगम के अतिरिक्त आयुक्त डॉ. भुवन शर्मा से मिला व उन्हें एक ज्ञापन सौंपा। नागरिक सभा ने भारी बरसात के कारण प्रभावित हुए परिवारों को तुरंत आर्थिक सहायता व उचित रिहायश उपलब्ध करवाने की मांग की है। नागरिक सभा संयोजक संजय चौहान व सह संयोजक विजेंद्र मेहरा ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश में भारी बरसात के कारण भयंकर तबाही हुई है। शिमला शहर में आपदा ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। दो दिनों में ही शिमला के समरहिल, कृष्णानगर व फागली में दो दर्जन से अधिक लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। शहर के दर्जनों भवन जमींदोज हो चुके हैं। कई रास्ते व सड़कें टूट चुके हैं व बंद हैं। इस त्रासदी से जनता को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि प्रभावितों को तुरंत आर्थिक सहायता दी जाए। उनकी रिहाइश का उचित प्रबंध किया जाए। प्रभावितों को राशन, दवाइयों, शिक्षा ग्रहण कर रहे बच्चों की किताबों व कपड़ों सहित तमाम सहायता तुरंत उपलब्ध करवाई जाए, जिनके घर जमींदोज हुए हैं उनके रहने की व्यवस्था राजीव आवास योजना के तहत बने खाली मकानों व अन्य सरकारी रिहाइशों में तुरंत की जाए। प्रभावित इलाकों में जानमाल के लिए भयंकर खतरा साबित हो रहे पेड़ों को तुरंत काटा जाए। उन्होंने समरहिल में भयंकर आपदा का शिकार हुई दोनों क्षतिग्रस्त सड़कों व रेलवे ट्रैक को तुरन्त बहाल करने की मांग की है। उन्होंने मांग की है कि समरहिल में विश्वविद्यालय, अन्य कार्यालयों व जनता की सुविधा हेतु बालूगंज से एडवांस स्टडी चौक आईटीआई होते हुए समरहिल व वापसी हेतु बड़ी एचआरटीसी टैक्सी का निरंतर संचालन किया जाए। उन्होंने कृष्णानगर के पार्क से पानी की उचित निकासी का प्रबंध करने की मांग की है ताकि इर्दगिर्द के भवनों की सुरक्षा की जा सके।
चंबा-पठानकोट राष्ट्रीय उच्च मार्ग पर दुनेरा के समीप बंद पड़े मार्ग को बहाल करने के लिए अब एनएच मंडल चंबा के अधिशासी अभियंता ईं. संजीव महाजन ने मोर्चा संभाला है। उन्होंने मौके पर पहुंचकर पठानकोट प्रशासन के अधिकारियों के साथ मार्ग बहाली को लेकर गहन मंथन किया। इस दौरान उन्होंने अपनी ओर से कई बहुमूल्य सुझाव भी प्रशासन के अधिकारियों के समक्ष रखे। संजीव महाजन ने बताया कि बीते चार-पांच दिनों से मार्ग बंद होने के कारण लोगों को रोजाना दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इससे चंबा जिला की पर्यटन गतिविधियों पर बुरा असर पड़ रहा है। वहीं लोगों को जिला चंबा में प्रवेश के लिए वाया नूरपुर होकर आना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि पठानकोट प्रशासन के अधिकारियों को मार्ग बहाली से संबंधित आवश्यक सुझाव दिए गए हैं। जल्द ही मार्ग बहाल हो जाएगा। आपको बता दें कि इससे पहले इंजीनियर संजीव महाजन ने चंबा-भरमौर एन एच बहाली के लिए भी बेहतरीन कार्य किया था। जिसके चलते स्वतंत्रता दिवस समारोह में उन्हें सम्मानित भी किया गया है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां बताया कि प्रदेश सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए विधायक क्षेत्र विकास निधि योजनाज् के तहत नियमों में छूट देकर इस योजना के तहत सुरक्षा दीवारों और नालों के तटीकरण जैसे कार्यों को भी शामिल करने का निर्णय लिया है। हाल ही में वर्षा के कारण प्रदेशभर में भारी जान-माल के नुकसान के दृष्टिगत यह निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत अब विधायक अपने-अपने क्षेत्रों में संरक्षण के इस तरह के कार्य करवा सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारी बारिश के चलते प्रदेश को आपदा का सामना करना पड़ रहा है जिस कारण राज्यभर में बहुमूल्य जाने गईं हैं और निजी एवं सरकारी सम्पत्ति को भी भारी नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि सरकार बाधित सड़कों और जलापूर्ति योजनाओं की बहाली के लिए दिन-रात कार्य कर रही है। इसके अलावा आपदा से प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए भी प्रदेश सरकार प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राहत एवं बचाव कार्यों में तेजी लाने के दृष्टिगत यह निर्णय लिया गया है। सुरक्षा दीवारों व ब्रेस्टवॉल इत्यादि के संरक्षण और नालों के तटीयकरण के लिए पात्र व्यक्तियों को संबंधित ग्राम पंचायत के पटवारी अथवा ग्राम पंचायत प्रधान की ओर से जून, २०२३ के पश्चात बारिश के कारण हुए नुकसान से उनके घरों को मौजूदा स्थिति में किसी प्रकार का संकट होने के संबंध में जारी प्रमाण-पत्र उपलब्ध करवाना होगा। बारिश के कारण भू-क्षरण की संभावनाएं बढ़ने और निजी एवं सामुदायिक सम्पत्ति की सुरक्षा के लिए नाले का रख-रखाव अति आवश्यक होने संबंधी पटवारी एवं प्रधान द्वारा दिए गए प्रमाण-पत्र के आधार पर संबंधित क्षेत्र के विधायक नालों के तटीयकरण के लिए विधायक क्षेत्र विकास निधि योजना के तहत सिफारिश कर सकेंगे।
शिमला के समरहिल में शिव बावड़ी में हुए भूस्खलन के मलबे से एक और शव निकाला गया है। एचपीयू में गणित के विभागाध्यक्ष प्रो.पीएल शर्मा का शव क्षत-विक्षत हालत में मिला, उनके हाथ की अंगूठी से पहचान की गई। शव घटनास्थल से दो किलोमीटर दूर नाले में मिला है। पीएल शर्मा की पत्नी का दूसरे दिन ही मिल गया था, जबकि उनका बेटा अभी भी लापता है। शिव मंदिर में चौथे दिन भी सर्च ऑपरेशन जारी है। मौके पर भारतीय सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, फायर ब्रिगेड और शिमला पुलिस के जवान रेस्क्यू ऑपरेशन चला रहे हैं। राहत एवं बचाव कार्य में जुटा प्रशासन ने अब घटनास्थल के बजाय नाले में करीब 700 मीटर दूर तक लापता लोगों की तलाश कर रहा है। जिस वक्त मंदिर के पीछे लैंडस्लाइड हुआ, उस दौरान भारी बारिश हो रही थी। इसलिए माना जा रहा है कि नाले के तेज बहाव में लोग नीचे बह गए हो। अभी तक जो शव मिले हैं उनमें से एक शव का पहचान नहीं हो पाई है। 14 अगस्त के दिन सावन के महीने के आखिरी सोमवार के दिन बड़ी संख्या में लोग शिव मंदिर में शीश नवाने पहुंचे थे कि ये दर्दनाक हादसा हो गया।
जवाहर नवोदय विद्यालय किन्नौर की प्राचार्या शशि कांता कुमारी ने आज यहां बताया कि जिला में सत्र 2023-24 के लिए छठी कक्षा में आवेदन करने की अंतिम तिथि को बढ़ाकर 25 अगस्त तक कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि ऑनलाईन आवेदन करने के लिए सभी पात्र अभ्यर्थी स्वयं, लोकमित्र केंद्र या अन्य किसी माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा नवोदय विद्यालय की वैबसाईट www.navodaya.gov.in पर जाकर ऑनलाईन आवेदन कर सकते है। उन्होंने कहा कि अधिक जानकारी के लिए किसी भी कार्य में विद्यालय आकर संपर्क किया जा सकता है।अधिक जानकारी के लिए अभ्यर्थी जवाहर नवोदय विद्यालय से दूरभाष नंबर 01786-222232 या व्यक्तिगत रूप से सम्पर्क कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने संबंधित विभागों के अधिकारियों को प्रदेश में स्वचालित मौसम केंद्र ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन (एडब्ल्यूएस) की संख्या बढ़ाने के लिए उपयुक्त कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। वह बुधवार सायं यहां आयोजित उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि एडब्ल्यूएस स्थापित करने से मौसम से संबंधित अद्यतन (रियल टाइम) डाटा उपलब्ध होगा, जिससे मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियों में समय पर उचित कदम उठाने में मदद मिलेगी। उन्होंने प्रदेश में ऑब्जर्वेटरी सेंटर स्थापित करने की आवश्यकता पर भी बल दिया। मुख्यमंत्री ने राज्य में राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) को और सशक्त बनाने के लिए प्रभावी कदम उठाने को भी कहा। उन्होंने कहा कि एसडीआरएफ को आपात स्थिति से निपटने के लिए आधुनिक उपकरण उपलब्ध करवाए जाएंगे। इन उपकरणों से गिरे हुए लेंटर व स्लैब उठाने और भारी स्टील की कटिंग सुविधा उपलब्ध होने से आपदा की स्थिति में बचाव कार्यों में अत्यधिक मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारी बारिश के कारण प्रदेश में विभिन्न क्षेत्रों में काफी संख्या में पेड़ गिरे हैं। इन पेड़ों की कटाई व निपटान वैज्ञानिक तरीके से सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि गिरे हुए पेड़ों के स्थान पर पौधरोपण करने के लिए भी आवश्यक कदम उठाए जाएं ।उन्होंने अधिकारियों को कहा कि कुल्लू जिला में सड़कें बाधित होने के दृष्टिगत गंभीर मरीजों को आपात चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए अतिरिक्त (स्टैंड बाई) हेलीकॉप्टर की व्यवस्था की जाए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से प्रदेश के विभिन्न भागों में चलाए जा रहे राहत व बचाव कार्य की विस्तृत जानकारी ली। उन्होंने आपदा प्रभावितों को हर संभव मदद प्रदान करने के निर्देश दिए। बैठक में मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू, प्रधान सचिव, सचिव व अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
उप मंडल फतेहपुर के अंतर्गत ग्राम पंचायत बाड़ी के गांव बाड़ी का संपर्क अन्य क्षेत्रों से कट गया है। गांववासियों को करीब 6 किलोमीटर तक लंबा सफर तय कर मुख्य मार्ग तक पहुंचाना पड़ रहा है। मुख्य मार्ग जसूर तलवाड़ा पर स्थित कस्बा धमेटा के समीप कैलबड़-बाड़ी मार्ग भूस्खलन के चलते ध्वस्त हो गया है, जिसका मुख्य मार्ग से पहुंचने के लिए करीब 6 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ेगा। भारी आपदा जो इस बरसात में हुई है। वहीं फतेहपुर के मंड क्षेत्र में पौंग बांध से छोडे जा रहे पानी से हालात वैसे ही खराब है। विधायक ने कहा कि वह लगातार प्रशासन से संपर्क कर रहे हैं, लोगों को हर प्रकार की मदद की जा रही है, राहत व बचाव कार्य लगातार जारी है। उसी के चलते आज फतेहपुर की पंचायत बाड़ी का दौरा किया। लोगों की समस्याओं को जाना व जल्द सम्सया से निजात दिलाने का आश्वासन दिया। बाड़ी पंचायत के लोगों के लिए जल्द सड़क मार्ग शुरू करने का प्रयास किया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश विद्यालय प्रवक्ता संघ जिला सिरमौर ने शिक्षा सचिव के कार्यालय से 15 अगस्त को जारी अवकाश संबंधित आदेश को छेड़कर सोशल मीडिया में वायरल करने वाले शरारती तत्व पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। दरअसल 15 अगस्त को जारी आदेश के अनुसार सम्पूर्ण राज्य मे 16 अगस्त को शिक्षा संस्थानों को बंद करने के आदेश जारी हुए आज उन्ही आदेशो को छेड़कर किसी शरारती तत्व ने 16 अगस्त के स्थान पर 17 अगस्त को भी शिक्षा संस्थान बंद करने का झूठा पत्र सोशल मीडिया में जारी कर दीया यद्यपि उच्च अधिकारियों के ध्यान मे आते ही उक्त पत्र को जाली करार दे दिया गया तथापि कुछ समय के लिए सभी विद्यार्थी, अभिभावक एवं शिक्षक काफी परेशान रहे। प्रवक्ता संघ जिलाध्यक्ष सुरेंद्र पुंडीर, निवर्तमान राज्य वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेंद्र नेगी, उपाध्यक्ष ओम प्रकाश शर्मा, महासचिव आईडी राही, रमेश नेगी, संजय शर्मा, देवराज कनयाल, रमा शर्मा, संध्या चौहान आदि ने संयुक्त वक्तव्य में कहा कि आज जब संपूर्ण राज्य अभूतपूर्व प्राकृतिक आपदा को झेल रहा है। सरकार, संपूर्ण सरकारी तंत्र एवं समाज का बुद्धिजीवी वर्ग इस भयावह चुनौती से जूझने के दिन रात प्रयास कर रहा है ऐसी अवस्था में इस प्रकार के झूठे एवं भ्रामक प्रचार अत्यंत निंदनीय है।
पुलिस चौकी डाडा सीबा के तहत आरा चौक के करीब तीखे मोड़ पर एक पिकअप ट्राला पलटने का मामला सामने आया है । जानकारी के अनुसार ठेकेदार की लेबर इंदौरा से बाया जौड़बड से देहरा की तरफ जा रही थी और यह पिकअप ट्राला गांव आरा चौक के करीब तीखे मोड़ पर पलट गया ट्राले में लगभग 17 से 18 लोग सवार थे और ट्राले में एक जनरेटर भी रखा था । ट्राला पलटने से लगभग 15 लोग घायल हुए हैं जिनमें 10 गम्भीर रूप से चोटिल हुए हैं जिन्हें टांडा अस्पताल रेफर कर दिया गया है। लोग घायल हुए हैं दुर्घटना होने से चीखो पुकार मच गई । सभी चोटिल घायलों को एम्बुलेंस के माध्यम से सिविल हॉस्पिटल डाडा सीबा पहुंचाया गया । अस्पताल के डॉक्टर नितिन शर्मा,डॉक्टर शशांक शर्मा,डॉक्टर नवतेज सिंह के अनुसार इस हादसे में 3 मरीज की नाजुक हालत है। इस हादसे में अनिल कुमार(40) पुत्र नथनी राम , अदित कुमार (8) पुत्र राकेश कुमार, विजय(45) सुपुत्र दास राम, चिंटू(8) पुत्र रमेश कुमार, कुंदन(15) पुत्र अजय कुमार, संजय राम (47) जीतेंद्र राम, रमेश(39) पुत्र नथनी राम, बृज मोहन (45) पुत्र पाशु राम, आशीष(10) पुत्र राकेश कुमार, गोलू (15) पुत्र रमेश चंद गंभीर रूप से घायल हुए हैं। यह सभी गांव रंजीतपुर सीतामणी बिहार के निवासी हंै। वहीं इनमें पिकअप ट्राला चालक श्याम सुंदर (26) पुत्र अवतार सिंह निवासी छोटा दौलतपुर तहसील हरोली ऊना को हल्की चोट आई है। चालक के अनुसार उतराई में पिकअप ट्राले की ब्रेक फेल होने की वजह से यह हादसा हुआ है। वहीं, डाडा सीबा पुलिस चौकी प्रभारी किशोर चंद ने बताया पुलिस मौके पर पहुंची है। मामला दर्ज करके छानबीन की जा रही है।
इंदौरा और फतेहपुर में जारी है रेस्क्यू ऑपरेशन प्रशासन सहित सेना और एनडीआरएफ मौके पर तैनात जिला कांगड़ा के इंदौरा और फतेहपुर उपमंडल में पौंग झील के बहाव क्षेत्र के साथ लगते गावों से अभी तक 1731 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है। जिलाधीश कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल ने यह जानकारी देते हुए बताया कि मंगलवार दोपहर से जारी इस रेस्क्यू ऑपरेशन में भारतीय सेना, एयरफोर्स, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवानों ने अपनी जान की बाजी लगाकर बड़ी संख्या में लोगों की जान बचायी है। उन्होंने बताया कि अभी तक हेलीकॉप्टर के मदद से कुल 739, बोट के द्वारा 780 और अन्य माध्यमों से 212 लोग सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाए गए हैं। उन्होंने बताया कि रेस्क्यू ऑपरेशन अभी जारी है और वे इसे स्वयं मौके पर रहकर मॉनिटर कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी आज यहां पहुंचकर राहत एवं बचाव कार्यों का जायजा लिया और प्रशासन को बेहतर आपसी समन्वय से कार्य करने के निर्देश दिए। दो एमआई-17 हेलिकॉपटर के साथ सेना के 60 और एनडीआरएफ के 182 जवानों ने किया रेस्क्यू डॉ. निपुण जिंदल ने बताया कि पोंग बांध से अत्याधिक जल छोड़े जाने के कारण साथ लगते फतेहपुर और इंदौरा क्षेत्र में कईं लोगों के फंसे होने की जानकारी प्रशासन को मिली थी। उन्होंने बताया कि स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन ने तुरंत प्रभाव से भारतीय सेना और वायुसेना से संपर्क साधा। उन्होंने बताया कि सेना ने त्वरित प्रभाव से अपने दो फ्लड रिलीफ कॉलम को मौके पर भेजा। उन्होंने बताया कि ऑपरेशन में सेना के कुल 60 जवान शामिल रहे। वहीं लोगों को एयरलिफ्ट करने के लिए भारतीय वायु सेना के दो एमआई-17 हेलीकॉप्टर तैनात किए गए हैं। उन्होंने बताया कि एनडीआरएफ की सात टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन में दिन रात तैनात हैं, जिसमें 182 जवानों शामिल हैं। उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त एसडीआरएफ की टीमें और पुलिस के जवान भी बचाव कार्य में लगे रहे। शासन-प्रशासन डटा रहा मौके पर डॉ. निपुण जिंदल ने बताया कि राहत एवं बचाव कार्य शुरू होते ही आर्मी, एयरफोर्स, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के अलावा शासन और प्रशासन भी निरंतर मौके पर डटा रहा। उन्होंने बताया कि रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने लगातार फीडबैक लेते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि इंदोरा के विधायक मलेंद्र राजन और विधायक फतेहपुर भवानी पठानिया ने भी स्पॉट पर रहकर रेस्क्यू ऑपरेशन को लीड किया। उन्होंने बताया कि प्रशासन से वे स्वयं, एसपी नूरपुर अशोक रतन, एसडीएम फतेहपुर विश्रुत भारती, एसडीएम इंदोरा डॉ. सुरिंद्र ठाकुर, एसडीएम नूरपुर गुरसिमर सिंह, तहसीलदार इंदोरा शिखा, तहसीलदार फतेहपुर पवन सहित विभिन्न विभागों के कर्मचारी हर समय मौके पर ही रहे। उपायुक्त ने बताया कि राहत एवं बचाव कार्य अभी जारी है। सरकार और प्रशासन का जताया आभार इंदौरा और फतेहपुर में चले रिलीफ ऑपरेशन में सुरक्षित निकाले गए लोगों ने भारतीय सेना, प्रदेश सरकार और प्रशासन का आभार व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि उनके जीवन में कभी ऐसी स्थिति उत्पन्न होगी ऐसा कभी सोचा नहीं था। उन्होंने कहा कि संकट की इस घड़ी में सेना, सरकार और प्रशासन ने उनके प्राणों की रक्षा कर उनको सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया, इसके लिए वे सदा आभारी रहेंगे।
सुक्खू सरकार ने 22 अगस्त को कैबिनेट मीटिंग बुलाई है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक आपदा के कारण प्रदेश में उपजे ताजा हालात, मंडी, मध्यस्थता योजना, डिजास्टर मिटिगेशन और विधानसभा के प्रस्तावित मानसून सत्र को लेकर चर्चा होगी। बता दें कि प्रदेश में भारी बारिश ने कहर बरपाया है। कैबिनेट में राहत एवं पुनर्वास कार्य को लेकर चर्चा की जाएगी। इसमें सरकार भविष्य में बरसात के दौरान होने वाले नुकसान को कम करने के लिए बनाई जा रही योजना पर चर्चा करेगी। दरअसल, राज्य सरकार 800 करोड़ की योजना तैयार कर रही है। कैबिनेट से पहले इसकी गाइडलाइन फाइनल करने के दावे किए जा रहे हैं। इन्हें कैबिनेट में चर्चा को लाया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस पर एमएसआई योजना के तहत सेब खरीद का मूल्य 1.50 प्रति किलो बढ़ाकर 12 रुपए करने की घोषणा की है। इसके लिए कैबिनेट की मंजूरी अनिवार्य है। कैबिनेट की हरी झंडी के बाद ही बागवानी विभाग इसे नोटिफाई करेगा। हालांकि सरकारी उपक्रम एचपीएमसी और हिमफैड ने एमएसआइ के तहत सेब की खरीद शुरू कर दी है। मगर, इसके लिए बागवानों से अंडरटेकिंग ली जा रही है।
हिमाचल प्रदेश विद्युत बोर्ड से प्राप्त जानकारी के अनुसार 17 अगस्त को आवश्यक रखरखाव एवं मरम्मत के दृष्टिगत सोलन के कुछ क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति बाधित रहेगी। यह जानकारी आज यहां अतिरिक्त अधीक्षण अभियंता सोलन राहुल वर्मा ने दी। राहुल वर्मा ने कहा कि 17 अगस्त को प्रात: 11.00 बजे से सांय 4.00 बजे तक नानक विला, बघाट पैलेस, टैंक रोड़, फोरेस्ट रोड़ तथा आस-पास के क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति बाधित रहेगी। उन्होंने इस अवधि में लोगों से सहयोग की अपील की है। उन्होंने कहा कि मौसम खराब होने की स्थिति में अथवा किसी अन्य अपरिहार्य कारणों के दृष्टिगत निर्धारित तिथि व समय में बदलाव किया जा सकता है।
हवाई सर्वेक्षण के माध्यम से बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का लिया जायजा मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज हवाई सर्वेक्षण के माध्यम से जिला कांगड़ा के फतेहपुर और इंदौरा विधानसभा के क्षेत्रों में बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लिया। उन्होंने पौंग जलाश्य से आगे की तरफ बाढ़ के कारण फंसे लोगों को निकालने के लिए चलाए गए राहत अभियान का जायजा भी लिया। इसके पश्चात वह डमटाल और शेखपुरा पहुंचे जहां जिला प्रशासन द्वारा बाढ़ प्रभावितों के लिए राहत शिविर स्थापित किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने राहत शिविरों का निरीक्षण किया और लोगों से बातचीत की। उन्होंने खाद्य पदार्थों, चिकित्सा सुविधा, अन्य आवश्यक दवाओं सहित एंटी-वेनम दवाई पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने राधा स्वामी सत्संग भवन शेखपुरा में स्थापित राहत शिविर में प्रभावितों के साथ भोजन किया। मुख्यमंत्री ने मीडिया से अनौपचारिक बातचीत करते हुए कहा कि पौंग जलाशय के बहाव क्षेत्र में बाढ़ के कारण इंदौरा और फतेहपुर क्षेत्र की 27 पंचायतें प्रभावित हुई हैं, जिनमें से 22 पंचायतें अधिक प्रभावित हैं। इन क्षेत्रों से अब तक लगभग 1150 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है। उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना, सेना, राष्ट्रीय एवं राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल, पुलिस और होमगार्ड को बचाव अभियान में लगाया गया है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा इन प्रभावित लोगों के लिए मुफ्त आवास और भोजन के अलावा चिकित्सा सहायता की भी व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि पिछले 50 वर्षों में यह राज्य की सबसे विनाशकारी प्राकृतिक आपदा है और इससे घरों और फसलों को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राहत और मुआवजे के तौर पर इन क्षेत्रों के लिए एक विशेष पैकेज प्रदान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने इस आपदा के समय प्रभावितों के लिए मुआवजा राशि बढ़ाने का निर्णय लिया है और इसके तहत इस क्षेत्र के बाढ़ प्रभावितों को भी बढ़ा हुआ मुआवजा प्रदान किया जाएगा। आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त मकानों के लिए एक लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान की जाएगी और मकानों के पुनर्निर्माण के लिए भी हरसंभव सहायता दी जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि जिन छात्रों की पढ़ाई प्राकृतिक आपदा के कारण प्रभावित हुई है उनके लिए अतिरिक्त कक्षाओं की व्यवस्था की जाए। मुख्यमंत्री स्थानीय हेलीपैड पर भी गए और आपदा से सुरक्षित निकाले गए प्रवासी मज़दूरों से भेंट कर उन्हें विश्वास दिलाया कि प्रदेश सरकार उनकी सहायता के लिए सभी व्यवस्थाएं करेगी और यदि वे अपने राज्य वापस जाना चाहते हैं तो उसके अनुरूप व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने प्रशासन को इन सभी प्रवासी मज़दूरों को रोज़मर्रा का सामान उपलब्ध करवाने के भी निर्देश दिए। विधानसभा मानसून सत्र के मुद्दे पर विपक्ष पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे प्रदेश भर में इस आपदा के समय सरकार की प्राथमिकता बचाव और राहत उपाय कर स्थिति को सामान्य करना है। उन्होंने कहा कि यदि इस समय सत्र बुलाया जाता है तो बचाव और राहत अभियान में लगे सुरक्षाकर्मियों को विधानसभा से संबंधित कर्त्तव्यों के लिए तैनात करना होगा, जिससे राहत प्रक्रिया में बाधा आएगी। काठगढ़ शिव मंदिर समिति के अध्यक्ष ओपी कटोच ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए एक लाख रुपये का चेक भेंट किया। इस अवसर पर कृषि मंत्री चंद्र कुमार, विधायक भवानी सिंह पठानिया और मलेंदर राजन, राज्य औद्योगिक विकास निगम के उपाध्यक्ष एवं पूर्व विधायक अजय महाजन, उपायुक्त डॉ. निपुण जिंदल, पुलिस जिला नूरपुर के पुलिस अधीक्षक अशोक रतन सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
एमआईएस के तहत सेब खरीद मूल्य 1.50 रुपये प्रति किलो की वृद्धि प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता ने करार दिया ऐतिहासिक निर्णय आपदा से सेब को भारी नुकसान हुआ है। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने एमआईएस के तहत सेब खरीद मूल्य में 1.50 रुपए बढ़ौतरी का ऐलान किया। यानी एमआईएस का सेब अब 12 रुपए प्रति किलो के हिसाब से लिया जाएगा। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सौरव चौहान ने सरकार के इस निर्णय को ऐतिहासिक करार दिया। उन्होंने कहा कि आपदा के इस दौर में विपक्ष यानी बीजेपी राजनीति करने से बाज नहीं आ रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में प्राकृतिक आपदा से हज़ारों करोड़ों का नुक़सान हुआ है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू अपनी टीम के साथ ग्राउंड जीरो से काम कर रही है। यानी प्रदेश को रीस्टोर करने के लिए सीएम सुक्खू पहले दिन से काम कर रहे है। सुक्खू सरकार द्वारा स्वतंत्रता सेनानियों की सम्मान राशि में 20 हज़ार रुपये की वृद्धि पर प्रदेश कांग्रेस ने जमकर स्वागत किया है। पीसीसी प्रवक्ता सौरव चौहान ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा लिये गए निर्णय को ऐतिहासिक बताया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू हैं तो सब कुछ मुमकिन हैं। सौरव चौहान ने कहा कि सीएम सुक्खू ने ठीक स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर स्वतंत्रता सेनानियों को मिलने वाली सम्मान राशि 15000 से बढ़ाकर 25000 तथा स्वतंत्रता सेनानियों की विधवाओं को मिलने वाली राशि 15,000 से 20,000 करने का की घोषणा की। यह अपने आप में। व्यवस्था परिवर्तन है। उन्होंने मानव कि स्वतंत्रता सेनानियों के आश्रितों को दी जाने वाली पेंशन में भी 50 फीसदी बढ़ौतरी की घोषणा की। शहीदों को अब 20 लाख की जगह अब 30 लाख दिए जाएंगे। मनरेगा की दिहाड़ी 224 से 240 रुपए तथा ट्राइबल एरिया में इसे 280 से 294 करने की बात कही। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने इंदिरा गांधी शिशु मातृ योजना की शुरुआत तथा इसके लिए 50 करोड़ के बजट का प्रावधान करने की ऐलान किया।
हमीरपुर : भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के भारत मां के लिए संजोए सपनों को हम पूरा होता देख रहे : धूमल
देश के सबसे महान नेता भारत रत्न श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी ने भारत माता को परम वैभव तक पहुंचाने के लिए बहुत से सपने संजोए थे जिनको हम अपने जीवन में पूरा होते हुए देख रहे हैं यह हमारे लिए गर्व का विषय है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की पुण्यतिथि पर वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री प्रोफ़ेसर प्रेम कुमार धूमल ने उनको श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए यह शब्द व्यक्त किए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रद्धा अटल जी कहते थे 21वीं सदी भारतवर्ष की होगी और आज हम सब इस बात के साक्षी हैं कि पूरे विश्व में भारत का डंका बज रहा है। प्रो धूमल ने स्मरण कराया कि 1998 में जब अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृतव में भाजपा सरकार बनी थी, तब उन्होंने सपना देखा था की देश का हर गाँव पक्की सड़क से जुड़े। इस सपने को साकार करने के लिए प्रधानमन्त्री ग्राम सड़क योजना का शुभारंभ हुआ था। प्रदेश में तत्कालीन भाजपा सरकार के समय इस योजना के तहत डीपीआरें बनी थीं और प्रदेश में सडकों का जाल बिछा था, जो अभूतपूर्व था, आजादी के बाद प्रदेश के विकास की नींव में वह मील पत्थर साबित हुआ था। पूर्व सीएम ने पुरानी यादों को ताजा करते हुए कहा कि 19 मार्च 1998 को श्रद्धेय अटल जी देश के प्रधानमंत्री बने और 24 मार्च को उसी सप्ताह मैं भी प्रदेश का मुख्यमंत्री बना। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि आज अटल द्वारा देखा गया हर एक सपना धीरे-धीरे करके एक-एक करके पूरा हो रहा है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी भारत माता को विश्व गुरु बनने की राह पर अग्रसर करते हुए अथक मेहनत कर रहे हैं पूरा देश उनके साथ खड़ा है। जब हमारा देश परम वैभव की पराकाष्ठा तक पहुंच जाएगा विश्व गुरु बन जाएगा तो यही सारे देश की श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेई जी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। इस अवसर पर भाजपा जिला अध्यक्ष देशराज शर्मा ने भी अटल जी की तस्वीर पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
उप मुख्यमंत्री ने पेयजल योजनाओं के नुकसान का लिया जायज़ा सभी स्कीमों से 48 घंटे के भीतर पेयजल आपूर्ति बहाल करने के दिए निर्देश उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने बारिश और बाढ़ से पेयजल को हुए नुकसान का जायज़ा लेने के लिए जल शक्ति विभाग के अधिकारियों के साथ वर्चुअल समीक्षा बैठक की। बैठक में जल शक्ति विभाग के प्रमुख अभियंता संजीव कौल, धर्मेेंद्र गिल, मुख्य अभियंताओं सहित प्रदेश के सभी अधीक्षण अभियंता व अधिशाषी अभियंता शामिल रहे। बैठक में प्रमुख अभियंता ई. संजीव कौल ने जानकारी दी कि पिछले महीने हुई बरसात में क्षतिग्रस्त हुई स्कीमों में से विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों की दिन-रात मेहनत से लगभग सभी स्कीमों को आंशिक और पूर्णरूप से बहाल कर दिया था परन्तु हाल ही में हुई बारिश और बाढ़ में पेयजल योजनाओं को पुन: भारी नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि अभी तक बारिश और बाढ़ के कारण 9508 पेयजल स्कीमें क्षतिग्रस्त हो गई हैं जिनमें से 8273 को आंशिक और पूर्णरूप से बहाल कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि अब तक विभाग को 1842 करोड़ का नुकसान हो चुका है। पिछले 4 दिनों के भीतर हुई बारिश में ही विभाग को 212 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है। उप मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से जिलावार व वृतवार हुए नुकसान और प्रगति रिपोर्ट की जानकारी ली। उन्होंने विभाग के कर्मचारियों और फील्ड अधिकारियों के काम पर संतुष्टि जताते हुए कहा कि विभाग बरसात, भूस्खलन और उफनते नदी-नालों के बावजूद स्कीमों को ठीक करने और बहाल करने में जुटा हुआ है। उन्होंने माना कि हालांकि इस बार मुश्किलें ज्यादा हैं। रोड़ टूटे हुए हैं। स्कीमों तक पहुंचने में भी कठिनाई आ रही है लेकिन इसके बावजूद उन्होंने उम्मीद जताई कि विभाग जल्दी ही स्कीमों को सुचारू रूप से चलाने में सक्षम हो पाएगा। उप मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जहां अधिक नुकसान की वजह से देरी से स्कीमों की बहाली की संभावना है वहां 48 घंटे के भीतर पेयजल की वैकल्पक व्यवस्था की जाए। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि स्टाफ दिन-रात काम करके लोगों को पेयजल मुहैया करवाने की कोशिश करें मगर साथ ही ध्यान दें कि किसी कर्मचारी या अधिकारी का जीवन जोखिम में न पड़े। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले दिनों उनकी टीम केंद्रीय मंत्री से भी मिली थी। उन्होंने राज्य सरकार की ओर से केंद्र सरकार से आग्रह किया कि प्रदेश में हो रहे नुकसान के मद्देनज़र केंद्र सरकार इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित करे। उन्होंने पेयजल स्कीमों की बहाली के लिए भी वित्तीय सहायता प्रदान करने का आग्रह किया। उप मुख्यमंत्री ने विभाग की स्कीमों को हुए नुकसान के बारे में केन्द्र को अवगत करवाने के निर्देश भी दिये। उप मुख्यमंत्री ने अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि स्कीमों की बहाली के लिए धन की कमी को आड़े नहीं आने दिया जाएगा। उप मुख्यमंत्री ने स्कीमों की मरम्मत के लिए विभाग को तुरंत 50 करोड़ रुपये की राशि जारी करने का आश्वासन दिया। उप मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि पेयजल की गुणवत्ता के साथ कोई समझौता न करें। पानी के सैंपल नियमित तौर पर लिए जाएं और पानी में उचित मात्रा में क्लोरिनेशन भी की जाए। उन्होंने सभी मुख्य अभियंताओं से व्यक्तिगत तौर पर इसकी निगरानी करने के निर्देश दिए।
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज शिमला के कृष्णा नगर का दौरा कर, भूस्खलन के कारण प्रभावित हुए परिवारों से भेंट की। प्रभावितों को रहने के लिए सामुदायिक हाल में वैकल्पिक स्थान प्रदान किया गया है। उन्होंने प्रभावितों के साथ संवाद भी किया। राज्यपाल ने प्रभावितों को राज्य रेडक्रॉस के माध्यम से राहत सामग्री भी वितरित की। इस अवसर पर लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह और राष्ट्रीय रेडक्रॉस प्रबंधन समिति की सदस्य डॉ. साधना ठाकुर भी उपस्थित थीं। प्रदेश सहित शिमला शहर में लगातार हो रही भारी बारिश के दौरान कई जगहों पर भू-स्खलन के कारण जान-माल की क्षति हुई है। शहर के कृष्णा नगर में कई मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं और कुछ अन्य खतरे की जद में हैं। इस अवसर पर स्थानीय निवासियों द्वारा राज्यपाल को अवगत करवाया गया कि यहां पर लगभग 250 से 300 परिवार प्रभावित हुए हैं। शुक्ल ने कहा कि आपदा की इस घड़ी में हर व्यक्ति को मदद के लिए आगे आना चाहिए। राज्य सरकार हर स्तर पर प्रभावितों को राहत पहुंचा रही है। उन्होंने जिला प्रशासन को घरों के लिए खतरा बने पेड़ों को हटाने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। इसके अलावा, उन्होंने यहां रहने वाले प्रभावित परिवारों के लिए बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने प्रभावित परिवारों को हरसंभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा श्रम एवं रोजगार मंत्री कर्नल डॉ. धनीराम शांडिल ने कहा कि असंख्य वीर सपूतों के समर्पण से आज हम सब आजादी की हवा में सांस ले रहे है। डॉ. शांडिल आज सोलन ज़िला के कसौली तहसील के कण्डा में यंग फार्मर क्लब कण्डा द्वारा आयोजित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कण्डा के प्रागंण में स्वतंत्रता दिवस समारोह में उपस्थित लोगों को सम्बोधित कर रहे थे। डॉ. शांडिल ने इससे पूर्व देश को स्वतंत्रता दिलाने के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीदों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि बड़े लम्बे संघर्ष के उपरांत भारतवर्ष को आज़ादी दिलवाने में हिमाचल प्रदेश के स्वतंत्रता सेनानियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश आज बड़ी कठिन परिस्थितियों से गुजर रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू स्वयं फ्रंटलाईन पर आकर प्रभावितों को सहायता एवं उनके पुनर्वास का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने हाल ही प्रदेशभर हुई त्रासदी में हुए जान-माल के नुकसान का स्वयं जायज़ा लिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार भारी वर्षा से हुए नुकसान के प्रभावितों की यथासम्भव सहायता करेंगी। उन्होंने कहा कि प्रभावितों के पुनर्वास कार्य में गति लाने के लिए प्रदेश सरकार वचनबद्ध है ताकि प्रभावितों का जीवन सामान्य हो सके। उन्होंने ग्राम पंचायत हुडंग में बहु उद्देशीय सभागार भवन के आरम्भिक निर्माण कार्य के लिए 5 लाख रुपये देने की घोषणा की। 14 और 15 अगस्त, 2023 को 60 किलोग्राम से भार वर्ग कबड्डी प्रतियोगिता में 25 टीमों ने भाग लिया। कबड्डी प्रतियोगिता में ए.डी.सी बड़ोग विजेता रहे। डॉ. शांडिल ने इस अवसर पर कबड्डी प्रतियोगिता के विजेताओं को ट्रॉफी देकर सम्मानित किया। स्वास्थ्य मंत्री ने इस अवसर पर स्थानीय लोगों की समस्याएं सुनी और सम्बन्धित अधिकारियों को इनके निपटारे के निर्देश दिए। कसौली के विधायक विनोद सुल्तानपुरी ने ग्राम पंचायत हुडंग के गांव खडोग में पक्का रास्ते के निर्माण के लिए 2 लाख रुपये देने की घोषणा की। इस अवसर पर जोगिंद्रा बैंक के अध्यक्ष मुकेश शर्मा, खंड कांग्रेस समिति सोलन के अध्यक्ष संजीव ठाकुर, खण्ड कांग्रेस सोलन के महासचिव रोशन ठाकुर, नगर निगम सोलन के पार्षद सरदार सिंह ठाकुर, शहरी कांग्रेस सोलन के अध्यक्ष अंकुश सूद, खण्ड कांग्रेस कसौली के अध्यक्ष देवेन्द्र शर्मा, खण्ड कांग्रेस कसौली महिला की अध्यक्ष रंजना,ग्राम पंचायत हुडंग की प्रधान लक्ष्मी देवी, उप प्रधान गोपाल सिंह ठाकुर, ग्राम पंचायत गुल्हाड़ी के पूर्व प्रधान संजय, उपमण्डलाधिकारी कसौली गौरव महाजन सहित अन्य गणमान्य व स्थानीय लोग उपस्थित थे।
शिमला के गेयटी थियेटर में जारी दो दिवसीय चित्र प्रदर्शनी बुधवार, 16 अगस्त को संपन्न हुई । प्रदर्शनी भारत सरकार के सूचना प्रसारण मंत्रालय के केंद्रीय संचार ब्यूरो की शिमला इकाई द्वारा आयोजित की गई। इस प्रदर्शनी में भारत सरकार के 9 वर्षों के कार्यकाल की उलब्धियों एवं जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी गई। देश के विकास की झलक दिखलाती प्रदर्शनी को देखने में आम जनता ने ख़ासी रुचि दिखाई। एक तरफ़ जहां गरीब, किसानों, महिलाओं के लिए शुरू की गई जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी गई वहीं इंफ्रास्ट्रक्चर, सड़क, शहरी विकास इत्यादि के क्षेत्र में हुई अभूतपूर्व प्रगति की झलक भी चित्रों के माध्यम से दिखाई गई। प्रदर्शनी में हिमाचल प्रदेश से देश के स्वतंत्रता संग्राम के नायकों के बलिदान की गाथा भी प्रदर्शित की गई। प्रदर्शनी के इस हिस्से ने भी लोगों को बहुत आकर्षित किया। केंद्रीय संचार ब्यूरो शिमला के क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी प्रकाश पंत ने कहा कि इस दो दिवसीय चित्र प्रदर्शनी का मुख्य उद्देश्य चित्रों के माध्यम से केंद्र सरकार की 9 वर्षों में किये गए विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं और वीरों की गाथाओं को जनता तक पहुंचाना है। चित्र प्रदर्शनी के दौरान एनसीसी कैडेट्स के लिये विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। पहले दिन 15 अगस्त को राष्ट्र निर्माण के विभिन्न विकासात्मक विषयों पर चित्रकला एवं संदेश लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। संदेश लेखन में कैडेट प्रत्युष ने प्रथम, कैडेट अंजलि सोनी ने द्वितीय एवं कैडेट शीतल ने तीसरा स्थान प्राप्त किया वहीं चित्रकला में कैडेट गुड्डू ने प्रथम, कैडेट धनंजय ने द्वितीय एवं तीसरा स्थान प्राप्त किया। कार्यक्रम के दूसरे दिन 16 अगस्त को एन सी सी कैडेट्स के लिये एक प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्रश्नोत्तरी में कैडेट मोहित , आयुष , जीत सिंह , अक्षिता , शगुन , सुदीक्षा, रजत , यामिनी , स्नेहा और सुनीता विजेता रहे । सभी विजेताओं को विभाग की तरफ से पुरस्कृत किया गया। दो दिवसीय चित्र प्रदर्शनी के दौरान संभागीय आयुक्त, शिमला, संदीप कदम विशेष रूप से उपस्थित हुए। उन्होंने चित्र प्रदर्शनी का अवलोकन किया और प्रदर्शित चित्रों की सराहना की। प्रदर्शनी को भारी संख्या में स्थानीय लोगों देखा और पिछले 9 वर्षों में केंद्र सरकार की योजनाओं की अभूतपूर्व प्रगति की जानकारी प्राप्त की।
युद्ध स्तर पर चल रहा रेस्क्यू ऑपरेशन उपायुक्त कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल ने बताया कि इंदौरा और फतेहपुर में रेस्क्यू ऑपरेशन युद्ध स्तर पर चल रहा है। उन्होंने बताया कि यहां राहत व बचाव कार्य के लिए के लिए एयरफोर्स के कुल दो एमआई-17 हेलीकॉप्टर तैनात किए गए हैं। इसके अलावा भारतीय सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पुलिस के जवान भी बचाव कार्य में लगे हैं। उन्होंने बताया कि इस दौरान दोनों क्षेत्रों से अभी तक कुल 766 लोगों को रेस्क्यू किया गया है। जिनमें 213 को चॉपर, 422 लोगों को बोट तथा 131 लोगों को अन्य माध्यमों से निकाला गया है। इंदौरा में 493 लोग किए रेस्क्यू डीसी ने बताया कि इंदौरा उपमंडल में अभी 493 लोगों को रेस्क्यू किया गया है। इनमें से हेलीकॉप्टर की 3 उड़ानों के माध्यम से 71 लोगों को एयरलिफ्ट किया गया तथा बोट के द्वारा 422 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। रेस्क्यू किए गए लोगों में मंड घंडरा से 25, अरनी विश्वविद्यालय से 30, बडाला से 16, बेला इंदोरा से 72, मंड भोगरवां से 45, मंड मियानी से 181, उलैड़ियां से 102, धमेटा से 9 तथा हलेर से 13 लोग सुरक्षित निकाले गए हैं। उन्होंने बताया कि इंदोरा में वायुसेना के हेलीकॉप्टर से एयरलिफ्ट किए गए 71 लोगों में से पिछले 10 महीने से ब्रेन हेमरेज से बीमार मंड घंडरा की 68 वर्षीय श्रोती देवी को रेस्क्यू किया गया, 1 माह की बच्ची मनुश्री को उसकी मां आशा रानी के साथ निकाला गया। जबकि पराल की ज्योति देवी को उनके 8 दिन के बेटे लवयांश तथा 8 माह की गर्भवती गीता को एयरलिफ्ट किया गया। फतेहपुर से 273 लोग निकाले जिलाधीश ने बताया कि फतेहपुर उपमंडल में अभी तक कुल 273 लोगों को रेस्क्यू किया गया है। उन्होंने बताया कि इनमें से 142 लोगों को एयरफोर्स के चॉपर की 6 उड़ानों के माध्यम से एयरलिफ्ट किया गया वहीं 131 लोगों को अन्य माध्यमों से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। रिलीफ कैंपों में ठहरे 271 लोग डॉ. निपुण जिंदल ने बताया कि इंदोरा और फतेहपुर उपमंडल में रेस्क्यू किए गए लोगों के लिए प्रशासन द्वारा रिलीफ कैंप लगाए गए हैं। उन्होंने बताया कि हेलीपैड से एचआरटीसी की बसों के माध्यम से लोगों को राहत शिविरों में भेजा जा रहा है। उन्होंने बताया कि दोनों उपमंडलों में कुल 271 लोगों ने आज राहत शिविरों में आश्रय लिया है। उन्होंने बताया कि फतेहपुर उपमंडल में प्रशासन द्वारा स्थापित राहत शिविरों में 266 लोग रह रहें हैं, जिनमें फतेहपुर रिलीफ कैंप में 96 तथा बढूखर में 170 लोगों ने पनाह ली है। वहीं 7 लोग अपने रिश्तेदारों के पास ठहरे हैं। वहीं इंदोरा में रेस्क्यू किए गए लोगों में से केवल पांच लोग ही राहत शिविर में ठहरे हैं तथा बाकि सभी ने अपने सगे संबंधियों के पास रह रहे हैं। अभी जारी है रेस्क्यू
भारत मां की जय के उद्घोष से राष्ट्रभक्ति से सराबोर हुआ विवि परिसर जिला सोलन के अटल शिक्षा कुंज स्थित आईईसी विश्वविद्यालय में मंगलवार को 77वां राष्ट्रीय स्वतंत्रता दिवस मनाया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. (डॉ.) अशोक पुरी सहित विश्वविद्यालय के अधिकारियों एवं स्टाफ के सदस्यों ने राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराया। इस दौरान राष्ट्रगान जन गण मन और भारत मां की जय के उद्घोष से विश्वविद्यालय परिसर राष्ट्रभक्ति से सराबोर हो उठा। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. (डॉ.) अशोक पुरी ने अपने संबोधन में कहा कि हर भारतवासी को स्वतंत्रता दिवस की भावना और शक्ति से प्रेरणा लेकर राष्ट्रीय उन्नति में अपना सहयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद से अब तक भारत ने असंभव से प्रतीत होने वाले विकास के कई शिखर छुए हैं। आज हम सभी भारतवासियों को संकल्प लेना चाहिए कि अमृत काल में भारत को विश्व ताकत बनाने के लिए बड़े स्वप्न देखते हुए उन्हें साकार करने के लिए कठिन परिश्रम करना चाहिए। उन्होंने आईईसी विश्वविद्यालय की तरफ से सभी देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई एवं शुभकामनाएं दीं। वहीं, बुधवार को विश्वविद्यालय में नए सत्र की शुरुआत हवन-पूजा के साथ की गई। इसके पश्चात पहले सत्र के बच्चों की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी की गई। विश्वविद्यालय में पूरे उत्साह के साथ नए सत्र की शुरुआत की गई। विश्वविद्यालय ऑडिटोरियम में आयोजित संवाद में बच्चों को विश्वविद्यालय की उपलब्धियों एवं शिक्षा पद्धति की जानकारी विस्तार से दी गई। इस अवसर पर कुलपति प्रो. (डॉ.) अशोक पुरी ने प्रथम वर्ष के बच्चों के साथ संवाद के दौरान कहा कि विश्वविद्यालय में शिक्षा-दीक्षा के दौरान अपने व्यक्तित्व निर्माण का जो अवसर मिला है, उसका आप सभी समुचित लाभ लें और पाठ्यक्रम के साथ-साथ अपने कौशल को पहचान कर उसे निखारने के लिए प्रयास करते रहें। उन्होंने आईईसी विश्वविद्यालय की ओर से छात्रों एवं अभिभावकों को भविष्य में हर संभव सहायता मुहैया करवाने हेतु आश्वस्त किया।
राजस्व, बागवानी एवं जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी ने आज जिला किन्नौर के आईटीडीपी भवन में राहत एवं पुनर्वास कार्य को लेकर संबंधित विभाग के अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता की। राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने आपदा के समय जिला प्रशासन, लोक निर्माण विभाग, जल शक्ति विभाग, विद्युत विभाग, राजस्व विभाग, भारतीय सेना, आईटीबीपी, होम गार्ड, पुलिस इत्यादि द्वारा किए गए राहत कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि बाढ़ व भारी बारिश के कारण हुई क्षति की बहाली का कार्य शीघ्र किया जाना चाहिए और संबंधित विभागों को इस संदर्भ में विस्तृत परियोजना रिपोर्ट शीघ्र जमा करने को कहा। बैठक में बताया गया कि जिला किन्नौर में भारी बारिश, भूस्खलन व बाढ़ के कारण अब तक लगभग 107.354 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। जिला किन्नौर में आपदा के कारण घर, दुकानों, घराट, गौशाला इत्यादि के नुकसान के लिए प्रभावित परिवारों को अब तक 1 करोड़ 43 लाख 88 हजार रुपये की राशि प्रदान की जा चुकी है। जिला किन्नौर में कृषि क्षेत्र में हुए नुकसान के लिए अब तक लगभग 16 लाख 87 हजार रुपये की राहत राशि प्रदान की जा चुकी है। बैठक में अवगत करवाया गया कि जिला किन्नौर में आपदा के कारण जल शक्ति विभाग के रिकांग पिओ व पूह मंडल में अब तक 242 योजनाएं प्रभावित हुई हंै जिनका अनुमानित नुकसान 2639.50 लाख रुपये है। जिला किन्नौर में आपदा के कारण कृषि क्षेत्र में लगभग 119.11 लाख रुपये तथा पशुपालन विभाग द्वारा प्रस्तुत की गई क्षति की रिपोर्ट के अनुसार जिला किन्नौर में अब तक मवेशियों व कुकट पक्षियों का नुकसान लगभग 1 करोड़ 4 लाख 90 हजार रुपये है। बैठक में बताया गया कि जिला किन्नौर में मलिंग नाला, उरनी ढांक तथा पंगी नाला में चट्टान स्थिरीकरण और विभिन्न स्थानों पर नदी व नालों के तटीकरण का कार्य करना प्रस्तावित है। इसके अतिरिक्त मुख्य मार्ग, संपर्क सडक के साथ-साथ ढंगा लगाना ,मलबा व बडे पत्थरों को हटाना, इत्यादि जैसे कार्य प्राथमिकता पर किए जाने हैै। इसके उपरांत जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी ने साडा के तहत पिछले तीन वर्षों में किए गए कार्यों की समीक्षा ली। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि साडा के तहत आने वाले क्षेत्र में डोर-टू-डोर कूड़ा एकत्रीकरण का कार्य सुनिश्चित किया जाए तथा एकत्रीकरण के उपरान्त कूड़े का उचित निपटान किया जाए। इसके अतिरिक्त उन्होंने साडा क्षेत्र में स्ट्रीट लाईट, सार्वजनिक शौचालय तथा सीवरेज की व्यवस्था को सुचारू ढंग से बनाए रखने के भी निर्देश दिए। उन्होंने साडा क्षेत्र के तहत आने वाले मुख्य मार्गों व बाजार में लोगों को जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए एहतियाती कदम उठाने के भी निर्देश दिए। राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के तहत किए जा रहे कार्यों की भी समीक्षा ली। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कार्यक्रम के तहत किए जा रहे विभिन्न विकासात्मक कार्यों को पूर्ण करने में शीघ्र लाएं। इस अवसर पर उपायुक्त किन्नौर तोरूल रवीश, पुलिस अधीक्षक विवेक चाहल, वनमण्डलाधिकारी अरविंद, अतरिक्ति जिला दण्डाधिकारी पूह विनय मोदी, उपमण्डलाधिकारी कल्पा डॉ. मेजर शशांक गुप्ता, उपमण्डलाधिकारी निचार बिमला वर्मा, सहायक आयुक्त संजीव कुमार भोट, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सोनम नेगी सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने शिमला में आपदा प्रभावित लालपानी क्षेत्र का किया दौरा प्रदेश में शहरी जल निकासी प्रणालियों को मजबूत करने और पहाड़ी अस्थिरता को रोकने के लिए उचित जल प्रबंधन की आवश्यकता है। राज्य सरकार जल निकासी प्रणालियों को मजबूत करने और निर्माण के लिए ठोस संरचनात्मक डिजाइन सिद्धांतों को एकीकृत करने के लिए एक व्यापक योजना विकसित की जाएगी। यह बात मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंगलवार देर शाम भूस्खलन प्रभावित शिमला के लालपानी क्षेत्र का दौरा करने के पश्चात कही। उन्होंने आपदा प्रभावित क्षेत्र में नुकसान का जायजा लिया और जिला प्रशासन को राहत एवं बचाव कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिये। मीडिया से अनौपचारिक बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन की समय पर प्रतिक्रिया से नुकसान काफी कम हो गया है क्योंकि इन घरों में रहने वाले लोगों को आसन्न खतरे के कारण पहले ही खाली करा लिया गया था। उन्होंने कहा कि इन उपायों के अलावा राज्य सरकार एक व्यापक, दीर्घकालिक आपदा योजना तैयार कर रही है। इसके कार्यान्वयन के लिए लगभग 800 करोड़ रुपये का प्रावधान किया जाएगा, जिसका उद्देश्य भविष्य की आपदाओं के प्रभाव को कम करना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारी बारिश के कारण सोमवार को 60 से अधिक लोगों की जान चली गई और यह संख्या बढ़ने की संभावना है। इसका प्रभाव शिमला में सबसे गंभीर रहा, जबकि कांगड़ा जिला के फतेहपुर में किसानों को फसल का नुकसान हुआ। पौंग बांध से पानी छोड़े जाने के कारण लगभग 300 लोगों के फंस जाने के बाद बचाव अभियान चलाया गया और सभी व्यक्तियों को सफलतापूर्वक बचा लिया गया। उन्होंने कहा कि लगातार भारी बारिश के कारण मंडी जिले में भी काफी नुकसान हुआ है। मुख्यमंत्री ने आपदा के समय में नेता प्रतिपक्ष जय राम ठाकुर द्वारा केवल राजनीति करने पर निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य सरकार राहत और बचाव कार्यों पर दृढ़ता से ध्यान केंद्रित कर रही है। उन्होंने विपक्ष द्वारा इस संकट की स्थिति में विधानसभा के विशेष सत्र की मांग की उपयुक्तता पर सवाल उठाया। उन्होंने आश्वासन दिया कि राज्य सरकार दस दिवसीय विधानसभा सत्र आयोजित करने के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में पुलिस कर्मियों की आपदा प्रतिक्रिया प्रयासों के लिए उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए उन्होंने अपने सुरक्षा कवर को भी कम किया है। उन्होंने विपक्ष से राजनीतिक दिखावे में उलझने के बजाय मौजूदा स्थिति की गंभीरता को समझते हुए प्रदेश हित को प्राथमिकता देने को कहा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान, ओएसडी रितेश कपरेट, नगर निगम शिमला के महापौर सुरेंद्र चौहान, उपायुक्त आदित्य नेगी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष कैप्टन रामेश्वर सिंह ठाकुर ने आज राजभवन में राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल को वर्ष 2022-23 के लिए आयोग की 52वीं वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की। इस अवसर पर आयोग के सदस्य डॉ. रचना गुप्ता, राकेश शर्मा, कर्नल राजेश कुमार शर्मा और डॉ. नैन सिंह तथा आयोग के सचिव डीके रतन भी उपस्थित थे। राज्यपाल ने आयोग द्वारा इस वर्ष के दौरान विभिन्न लक्ष्यों को प्राप्त करने में सभी सदस्यों, अधिकारियों और कर्मचारियों के प्रयासों की सराहना की। कैप्टन रामेश्वर सिंह ठाकुर ने राज्यपाल को अवगत करवाया कि राष्ट्रीय सूचना केंद्र (एनआईसी) की सहायता से वन टाइम रजिस्ट्रेशन (ओटीआर) और ऑनलाइन भर्ती आवेदन (ओआरए) सहित ऑनलाइन भर्ती प्रणाली (ओआरएस) को बेहतर बनाने और इसे उपयोगकर्ताओं के अधिक अनुकूल और त्रुटि रहित बनाने के लिए बेहतर प्रयास किए गए हैं। उन्होंने कहा कि लिखित परीक्षाओं का आयोजन केवल सीसीटीवी युक्त संस्थानों में ही सुनिश्चित किया गया है। उन्होंने कहा कि भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए प्रणाली को सुदृढ़ किया गया है। अभ्यर्थियों की मांग और बदलते परिदृश्य के दृष्टिगत व्यवस्था को और अधिक पारदर्शी बनाने के लिए नए नियम तैयार किए गए हैं। उन्होंने कहा कि एचपीपीएससी-आईसीटी परियोजना के सफल कार्यान्वयन के लिए कंप्यूटर सोसायटी ऑफ इंडिया द्वारा आयोग को परियोजना श्रेणी में 'राज्य सरकार 20वें एसआईजी ई-गवर्नेंस पुरस्कार-2022Ó से भी सम्मानित किया गया है।