स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ. कर्नल धनीराम शांडिल 17 अगस्त को सोलन जिला के प्रवास पर रहेंगे। डॉ. शांडिल 17 अगस्त को दोपहर 1 बजे ग्राम पंचायत हिन्नर की राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला गौड़ा में विज्ञान खंड की आधारशिला रखेंगे। तदोपरांत दोहपर बाद 2 बजे राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला गौड़ा में जन समस्याएं भी सुनेंगे।
जिला ऊना में बीजेपी कार्यालय में आज बीजेपी कार्यकर्ताओं ने अटल विहारी वाजपेयी की पांचवीं पुण्यतिथि पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर श्रदांजलि दी। इस मौके पर बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी उन राजनेताओं में से एक हैं, जिन्होंने आम जनमानस के ऊपर अपना प्रभाव स्थापित किया। एक छोटे से परिवार से उठकर जब जनसंघ यात्रा को तय किया। तब 1980 में भारतीय जनता पार्टी का गठन हुआ तो बंबई में अटल विहारी वाजपेयी को अध्य्क्ष के रूप में पार्टी ने चुना। सतपाल सत्ती ने कहा कि देश में एक महान आत्मा राजनीतिक क्षेत्र में पैदा हुई, जिनके नेतृत्व में देश ने अपना पहला सफल परमाणु परीक्षण किया था। कारगिल युद्ध में विजय हासिल की, जिसमें सैकड़ों जवानों ने अपनी जान देश पर न्यौछावर की। यह अटल बिहारी वाजपेयी के कुशल नेतृत्व के कारण ही सफल हुआ।
जोगिंदर नगर उपमंडल की कस पंचायत के कस रक्कड़ गांव के निवासी संजीव कुमार पिछली रात को ड्रीम 11 में 40 लाख रुपये जीते। उनके घर और गांव में खुशी का माहौल है। सजीव कुमार से जब इस बारे बात की गई तो होने बताया कि वह पिछले 11 महीने से ड्रीम 11 में कई टीमें लगाकर खेल रहे थे। इसी क्रम में उन्होंने पिछले कल फिर से 9 टीमें लगाई व 40 लाख रुपये जीत गए। उन्होंने कहा कि वह अपनी जीत का श्रेय अपनी पत्नी को देते हैं, जिनकी प्रेरणा से वे लगातार 11 महीने से इस गेम को खेल रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह इस पैसे से अपने कारोबार को और बढ़ाना चाहते हैं। उन्होंने क्षेत्र भी जनता को संदेश दिया कि वे भी ड्रीम 11 में खेलते रहें क्योंकि किस्मत का दरवाजा कब खुल जाए, किसी को नहीं पता।
लॉरेट फार्मेसी शिक्षण संस्थान कथोग को राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद ने ए ग्रेड से प्रमाणित किया है। लॉरेट संस्थान के निरीक्षण में हुए मूल्यांकन के आधार पर संस्थान को यह ग्रेड मिला है। फार्मेसी संस्थान के प्रबंधक एवं, निर्देशक डॉ रण सिंह और प्राचार्य एवं निर्देशक डॉ एमएस आशावत ने बताया कि वर्ष 2022 में संस्थान ने प्रथम चरण के नेक मूल्यांकन हेतु आवेदन किया था। 25 -26 जुलाई को तीन सदस्यीय टीम ने संस्थान का निरीक्षण किया था इसके बाद नेक कार्यालय ने लॉरेट फार्मेसी शिक्षण की ग्रेड शीट जारी करते हुए महाविद्यालय को सभी मापदंडों में उत्कृष्ट पाते हुए ए ग्रेड प्रदान किया। संस्थान के प्राचार्य एवं निर्देशक डॉ एमएस आशावत ने कहा कि हमारी इस सफलता में संस्थान के शिक्षक, गैरशिक्षक, विद्यार्थी, संस्थान के पूर्व विद्यार्थी व अभिभावकों का महत्वपूर्ण योगदान रहा। उन्होंने उसके लिए सभी को बधाई दी है।
अभी और लोगों के होने की आशंका, तलाशी अभियान जारी राजधानी शिमला के समरहिल में 14 अगस्त को हुए भारी भूस्खलन के बाद शिव मंदिर में दबे लोगों को निकालने के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना, स्थानीय पुलिस और होम गार्ड द्वारा बचाव अभियान जारी है। एसडीएम शिमला (शहरी) भानु गुप्ता ने बताया कि अब तक 13 शव बरामद निकाल लिए गए हैं। स्थानीय लोगों के मुताबिक 21 शव हो सकते हैं, जिनमें से पिछले दो दिनों में 14 शव बरामद किए हैं। एसडीएम ने कहा कि खोज अभियान जारी है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना, स्थानीय पुलिस और होम गार्ड अभियान में लगे हुए हैं। अगर हमें कुछ लोगों के जीवित होने की कोई सकारात्मक खबर मिलती है, तो हम उन्हें ठीक से बचा लेंगे। समरहिल में एक ही परिवार के सात लोग भी लापता हैं। अपनों का अभी तक पता नहीं चलने से परिजन परेशान हैं। ये वो लोग हैं जो शिव मंदिर में थे। लेकिन इसके अलावा रास्ते से निकल रहे कितने लोग भूस्खलन की चपेट में आए उसकी जानकारी नहीं है। स्थानीय पार्षद ने यह जानकारी दी है। स्थानीय प्रशासन के अनुसार जब भूस्खलन हुआ तो मंदिर में पूजा का कार्य चल रहा था। अधिकतर लोग मलबे के साथ नीचे बह गए। इसको देखते हुए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ व स्थानीय प्रशासन की एक टीम को नीचे नाले में भेजकर सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। वहीं, शिमला पुलिस ने अपील की है कि यदि शिवबाड़ी मंदिर हादसे के बाद शिमला व समरहिल के आसपास के क्षेत्र से यदि कोई व्यक्ति गुमशुदा है तो कि उसका नाम, पता, मोबाइल नंबर व संपूर्ण जानकारी साझा करें। इसके लिए पुलिस स्टेशन बालूगंज 01772830193, पुलिस कंट्रोल रूम शिमला 01772800100 व 112 पर सूचित करें। दरअसल, सावन का सोमवार होने के कारण सुबह से ही समरहिल के शिवमंदिर में लोगों की आवाजाही शुरू हो गई थी। भारी बारिश के चलते सुबह करीब 7:15 बजे धमाके के साथ भारी मलबा पेड़ों समेत मंदिर पर जा गिरा। इससे यह मंदिर पूरी तरह से मलबे में दब गया। जो लोग मंदिर पहुंचे थे, उन्हें भागने तक का मौका नहीं मिला।
डीसी बोले- हेलीपैड से बसों के माध्यम से राहत शिविरों तक पहुंचाए लोग डॉ. निपुण जिंदल ने बताया कि इंदौरा और फतेहपुर उपमंडल में रेस्क्यू किए गए लोगों के लिए प्रशासन द्वारा रिलीफ कैंप लगा गए हैं। उन्होंने बताया कि हेलीपैड से एचआरटीसी की बसों के माध्यम से लोगों को राहत शिविरों में भेजा जा रहा है। उन्होंने बताया कि दोनों उपमंडलों में कुल 271 लोगों ने आज राहत शिविरों में आश्रय लिया है। उन्होंने बताया कि फतेहपुर उपमंडल में प्रशासन द्वारा स्थापित राहत शिविरों में 266 लोग रह रहे हैं, जिनमें फतेहपुर रिलीफ कैंप में 96 तथा बढूखर में 170 लोगों ने पनाह ली है। वहीं 7 लोग अपने रिश्तेदारों के पास ठहरे हैं। वहीं इंदौरा में रेस्क्यू किए गए लोगों में से केवल पांच लोग ही राहत शिविर में ठहरे हैं तथा बाकी सभी अपने सगे-संबंधियों के पास रह रहे हैं।
कांगड़ा में 6, शिमला में 2 और मंडी व सिरमौर में 1-1 टीम कर रही बचाव कार्य हिमाचल प्रदेश में विभिन्न क्षेत्रों में बादल फटने और लगातार हो रही भारी बारिश के कारण बाढ़, भूस्खलन और इमारत ढहने की घटनाएं हो रही हैं। इस आपदा की घड़ी में मानसून सीजन के शुरुआत से ही 14 वाहिनी एनडीआरएफ की टीमें दिन-रात हिमाचल प्रदेश के अलग-अलग स्थान पर राहत एवं बचाव कार्य कर रही हैं। पिछले 3 दिनों से हो रही लगातार बारिश से ब्यास नदी का जलस्तर भी बहुत बढ़ गया है, जिसके कारण पौंंग डैम का पानी खतरे के निशान पर पहुंच गया है तथा पौंग डैम से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है पौंंग डैम से पानी छोड़े जाने के कारण निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा बन गया है। लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए एनडीआरएफ की 6 टीमें बलजिंदर सिंह, सेनानी के मार्गदर्शन में कांगड़ा जिले के विभिन्न स्थानों पर दिन-रात राहत एवं बचाव कार्य कर रही हैं। कांगड़ा जिले में 3 टीमें इंदौरा, 1 टीम ज्वालामुखी और 2 टीमें फतेहपुर में, जबकि जिला शिमला में समर हिल में 2 टीमें, सिरमौर जिला के काला कालाअंब में 1 और जिला मंडी के धर्मपुर में 1 टीम राहत एवं बचाव कार्य में लगी हुई है। एनडीआरएफ द्वारा अभी तक ज्वालामुखी क्षेत्र से 67 लोगों को, इंदौरा से 138 लोगों को एवं फतेहपुर से 7 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है और वाहिनी की 2 अन्य टीमों द्वारा समर हिल शिमला से भूस्खलन रेस्क्यू ऑपस के दौरान अभी तक 4 मृत देह को मलबे से बाहर निकाला गया है। ऑप्स के दौरान सभी रेसस्क्यूर्स का मोराल बहुत उच्च दर्जे का है और सभी रेसस्क्यूर्स पूरे जोश के साथ रेस्क्यू ऑप्स में तैनात हैं। राहत एवं बचाव कार्य लगातार जारी है।
हिमाचल प्रदेश में पिछले 72 घंटों से लगातार जारी रही बारिश ने तबाही मचा दी है। शिमला के कृष्णानगर विष्णु मंदिर क्षेत्र में बड़ा भूस्खलन हुआ है। करीब छह भवनों के ढहने की सूचना है। दो से तीन और मकानों को खतरा पैदा हो गया है। भूस्खलन में नगर निगम का इकलौता स्लॉटर हाउस भी जमींदोज हो गया है। पार्षद बिट्टू कुमार के अनुसार दो-तीन लोग मलबे में दबे हुए हैं। मौके पर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि पहले ही यहां दरारें शुरू हो गई थीं। ऐसे में लोग अपना सामान भी निकल रहे थे। चार नेशनल हाईवे और 857 सड़कें बंद सूबे में चार नेशनल हाईवे और 857 सड़कें बंद हैं। इसके अतिरिक्त 4285 बिजली ट्रांसफार्मर और 889 जलापूर्ति योजनाएं भी बंद पड़ी हैं। मंडी जिले में सबसे अधिक 323 और शिमला 234 सड़कें बाधित हैं। मंडी जिले में 2610 और शिमला में 808 बिजली ट्रांसफार्मर ठप पड़े हैं। मंगलवार को किरतपुर-नेरचौक फोरलेन को घुमारवीं के पनोह के पास भारी नुकसान हुआ है। फोरलेन एक तरफ से धंस गया है। मानसून में अब तक 83 लोगों की मौत राज्य में इस मानसून सीजन के दौरान 24 जून से 14 अगस्त तक 83 लोगों की मौत हो चुकी है। 304 घायल हुए हैं। अब तक 1442 घर ढह गए हैं। 8160 घरों को नुकसान पहुंचा है। 272 दुकानों व 2997 गोशालाओं को भी नुकसान हुआ है। मानसून में अभी तक 7170.85 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हो चुका है। राज्य में भूस्खलन की 112 और अचानक बाढ़ की 58 घटनाएं सामने आ चुकी हैं।
डॉ यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी और वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी में 77वां स्वतंत्रता दिवस आज मनाया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राजेश्वर सिंह चंदेल द्वारा विश्वविद्यालय के डॉ एलएस नेगी सभागार परिसर में तिरंगा फहराया गया। विश्वविद्यालय के वैधानिक अधिकारी, विभागाध्यक्ष, एनसीसी ऑफिसर, विश्वविद्यालय की सभी कर्मचारी संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के 105 एनसीसी कड़ेट्स और एनएसएस वॉलंटियर द्वारा परेड में हिस्सा लिया गया। विश्वविद्यालय में कार्यरत २१ सुरक्षाकर्मियों की एक टुकड़ी ने भी इस परेड में भाग लिया। मुख्य अतिथि द्वारा परेड का निरीक्षण किया गया और सलामी ली गई। अपने संदेश में प्रोफेसर चंदेल ने छात्रों और संकाय को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएँ दी। उन्होंने देश के महान स्वतंत्रता सेनानियों के अथक प्रयासों को नमन किया जिनके संघर्ष और निस्वार्थ बलिदान से देश को आज़ादी मिली और हमारा देश आज दुनिया में सबसे तेज़ी से आगे बढ्ने वाला देशों में शुमार है। प्रोफेसर चंदेल ने विद्यार्थियों और कर्मचारियों से राष्ट्र को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए कर्तव्यदायी और जिम्मेदार नागरिक बनने का आग्रह किया और देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के आदर्शों को आगे बढ़ाने की अपील की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि युवाओं को स्वतंत्रता के वास्तविक अर्थ और महत्व को समझना चाहिए जो हमारे पूर्वजों के वर्षों के बलिदान के कारण हमें हासिल हुई है। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा किए जा रहे कार्यों की प्रगति रिपोर्ट भी प्रस्तुत की। प्रोफेसर चंदेल ने इस अवसर पर हिमाचल में पिछले एक माह में आई प्राकृतिक आपदा में जान गवानें वाले व्यक्तियों को श्रद्धांजली दी और पीड़ित परिवारों के लिए प्रार्थना की। उन्होनें विश्वविद्यालय के कर्मचारियों का इस आपदा के समय में मुख्यमंत्री राहत कोष में २६ लाख रुपये (वर्तमान में कर्मचारी) और १७ लाख रुपये (सेवानिवृत कर्मचारी) का योगदान देने के लिए धन्यवाद किया। उन्होनें एक बार फिर से सभी कर्मचारियों और विशेषकर छात्रों को आगे आने का आग्रह किया और अपने स्थर पर पीड़ितों की मदद करने के लिए प्रयास करने का आग्रह किया और कहा कि यह हमारे स्वतंत्रता सेनानियों को सही माएने में श्रद्धांजली होगी।
हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में आज स्वतंत्रता दिवस समारोह गरिमामय व सादगी पूर्ण तरीके से मनाया गया। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एमएस रामचंद्र राव ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया और गार्ड ऑफ ऑनर का निरीक्षण किया। इस अवसर पर उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान, न्यायमूर्ति विवेक सिंह ठाकुर, न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल, न्यायमूर्ति संदीप शर्मा, न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ, न्यायमूर्ति सत्येन वैद्य, न्यायमूर्ति सुशील कुकरेजा, न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह, न्यायमूर्ति रंजन शर्मा, न्यायमूर्ति बी.सी. नेगी और न्यायमूर्ति राकेश कैंथला उपस्थित थे। अध्यक्ष, हि.प्र. राज्य मानवाधिकार आयोग के न्यायाधीश न्यायमूर्ति पी.एस. राणा, लोकायुक्त हिमाचल प्रदेश न्यायमूर्ति सी.बी. बरोवालिया, पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति वी.के. शर्मा, महाधिवक्ता अनूप रतन, उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अंकुश दास सूद, भारत के डिप्टी सॉलिसिटर जनरल बलराम शर्मा, वरिष्ठ अधिवक्ता और उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन के सदस्य, रजिस्ट्रार, न्यायिक अधिकारी और अन्य गणमान्य व्यक्ति भीइस अवसर पर उपस्थित थे। उच्च न्यायालय रजिस्ट्री, जिला न्यायालय शिमला, महाधिवक्ता कार्यालय, भारत के सहायक सॉलिसिटर जनरल, हिमाचल प्रदेश न्यायिक अकादमी व हिमाचल प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के अधिकारियों और कर्मचारियों ने भी स्वतंत्रता दिवस समारोह में भाग लिया।
आम जनता के लिए शनिवार और रविवार को दोपहर 2 से सायं5 बजे तक खुला रहेगा राजभवन राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज हिमाचल प्रदेश राजभवन को औपचारिक रूप से आम जनता को समर्पित किया। लेडी गवर्नर जानकी शुक्ल भी इस अवसर पर उपस्थित रहीं। हिमाचल प्रदेश राजभवन आम जनता के लिए प्रत्येक शनिवार और रविवार को दोपहर २ बजे से शाम ५ बजे तक खुला रहेगा। इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि बार्नस कोर्ट, जो अब राजभवन है, १८३२ में निर्मित ब्रिटिश समय का एक विरासत भवन है। इसके निर्माण में भारतीय कुशल कारीगरों का महत्वपूर्ण योगदान है। इस इमारत का विशेष महत्व है क्योंकि यह कई ऐतिहासिक घटनाओं का गवाह रहा है। उन्होंने कहा कि यह भवन महज राजकीय महत्व के कार्यक्रमों के लिए सीमित नहीं होना चाहिए, इसी सोच के साथ अमृत काल में उन्होंने इसे आम जनता के लिए खोला है ताकि वे भी इस ऐतिहासिक भवन का अवलोकन कर सकें और इसके इतिहास के बारे में जानकारी ले सकें।े राज्य के स्कूली छात्रों और दस वर्ष से कम उम्र के सभी बच्चों के लिए राजभवन में प्रवेश निःशुल्क होगा, जिसके लिए उन्हें प्रवेश के समय अपना वैध पहचान-पत्र दिखाना होगा। विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के छात्रों, राज्य और बाहरी राज्यों के आगंतुकों को राजभवन में प्रवेश के लिए ३० रुपये शुल्क अदा करना होगा। विदेशी पर्यटकों के लिए प्रवेश शुल्क ६० रुपये होगा। दिव्यांग व्यक्यिों और राष्ट्रीय एवं राज्य पुरस्कार विजेताओं के लिए प्रवेश निःशुल्क होगा। प्रवेश शुल्क के तहत ६ छायाचित्र की सॉफ्ट कॉपी एवं राजभवन ब्रोशर निःशुल्क उपलब्ध करवाये जायेंगे। राजभवन में प्रवेश से पहले आगंतुकों को बार्नस कोर्ट के ऐतिहासिक और पुरातात्विक महत्व का वर्णन करने वाली एक लघु फिल्म भी दिखाई जाएगी। एक समय में किसी भी समूह से १५ व्यक्ति राजभवन में प्रवेश कर सकेंगे तथा स्कूली विद्यार्थियों के समूह में ३० विद्यार्थी शामिल होंगे। .०.
इंदिरा गांधी मातृ शिशु संकल्प योजना आरंभ करने की घोषणा स्वतंत्रता दिवस का राज्य स्तरीय समारोह आज ऐतिहासिक रिज मैदान, शिमला में आयोजित किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया। उन्होंने परेड का निरीक्षण किया और मार्च पास्ट की सलामी ली। परेड में पुलिस, होमगार्ड, एनसीसी, एनएसएस, स्काउट्स एंड गाइड की टुकड़ियां शामिल हुईं, जिसका नेतृत्व पुलिस उप-अधीक्षक प्रणव चौहान ने किया। भारी बारिश के कारण हिमाचल प्रदेश में आई आपदा के बीच आज प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रम सादगी के साथ आयोजित किए गए। इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित नहीं हुए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने लोगों को संबोधित करते हुए स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दी और कहा कि हिमाचल प्रदेश के लोगों के लिए जश्न मनाने का यह सही समय नहीं है। उन्होंने कहा कि पिछले दो दिनों में प्रदेश पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है। कई स्थानों पर बादल फटने और पहाड़ खिसकने की प्रलयंकारी घटनाएं सामने आई हैं। लोगों द्वारा तिनका-तिनका जोड़कर बनाए गए घर इस आपदा के दौरान मलबे में दब गए हैं। उन्होंने कहा कि इन घटनाओं और रोते बिलखते लोगों को देखकर उनका मन अत्यंत दुखी है। उन्होंने कहा कि पिछले चौबीस घंटे में हमने 50 बहुमूल्य जीवन खोए हैं। हिमाचल प्रदेश में मानसून आने के बाद से 300 से ज्यादा लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। उन्होंने इस अवसर पर सभी मृतकों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रभावित परिवारों के लिए यह मुश्किल की घड़ी है लेकिन राज्य सरकार, प्रदेश के लोगों के साथ पूरी मजबूती के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि प्रभावितों के घाव पैसे से नहीं भरे जा सकते हैं, लेकिन राज्य सरकार एक-एक पैसा जोड़ कर सभी प्रभावितों का घर बसायेगी। उन्होंने कहा कि पूरी सरकार एकजुटता के साथ हिमाचल प्रदेश को संकट से निकालने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि त्रासदी को देखते हुए इस वर्ष स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रम सेरेमोनियल रूप से मनाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में आपदा से भारी तबाही हो रही है तथा यह पिछले 50 साल की सबसे बड़ी आपदा है। जगह-जगह घर और सड़कें टूट रही हैं। किसानों के खेत व फसलें तबाह हो रही हैं और पूरे प्रदेश में आपदा से भारी नुकसान हो रहा है। इस त्रासदी का हिमाचल प्रदेश के सभी लोग बड़ी मजबूती के साथ सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने जिला लाहौल-स्पिति के चंद्रताल में फंसे 303 पर्यटकों को सुरक्षित निकाला। अपनी जान की परवाह न करते हुए राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी और मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी ने ये मुश्किल मिशन पूरा किया और सभी मेहमानों को सुरक्षित निकाला। उन्होंने कहा कि इस आपदा में राहत कार्यों को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए विश्व बैंक ने भी प्रदेश सरकार की सराहना की है। उन्होंने किसानों और बागवानों को विश्वास दिलाया कि उनके उत्पादों को हर हाल में मण्डियों तक पहुंचाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने पंचायत स्तर तक सभी सम्पर्क मार्गों को खोलने के लिए पर्याप्त धनराशि उपलब्ध करवाई है और अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि समयबद्ध सभी सड़कों को खोला जाए। उन्होंने कहा कि हिमाचल जैसे छोटे से राज्य में 10 हजार करोड़ रुपये से अधिक के नुकसान का अनुमान है। आर्थिक बदहाली के दौर से गुजर रहे हिमाचल को राहत और पुनर्वास कार्यों के लिए केन्द्र सरकार से आर्थिक मदद की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने उम्मीद व्यक्त की कि जल्द ही केन्द्र सरकार प्रदेश को अंतरिम राहत की पहली किस्त जारी करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष जुलाई माह में आपदा के दौरान गम्भीर संकट की स्थिति को देखते हुए सरकार ने राहत का एक विशेष पैकेज घोषित किया है। इससे पूर्व घर को आंशिक नुकसान होने पर 10 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती थी। लेकिन राज्य सरकार ने इस सहायता राशि को दस गुना बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दिया है। उन्होंने कहा कि दुकानों और ढाबों को नुकसान होने पर, सामान के एवज में, पहले सिर्फ 10 हजार रुपये मिलते थे, जिसे बढ़ाकर एक लाख रुपये किया गया है। किरायेदार के सामान को नुकसान होने पर, पहले 25 हजार रुपये की आर्थिक सहायता मिलती थी जिसे बढ़ाकर 50 हजार रुपये किया गया है। उन्होंने कहा कृषि और बागवानी भूमि में सिल्ट आने पर पहले लगभग 1400 रुपये प्रति बीघा मुआवजा दिया जाता था, जिसे बढ़ाकर 5 हजार रुपये प्रति बीघा किया गया है। उन्होंने कहा कि कृषि और बागवानी योग्य भूमि को नुकसान पर, पहले 3 हजार 600 रूपये प्रति बीघा की आर्थिक सहायता दी जाती थी, जिसे राज्य सरकार ने 10 हजार रुपये प्रति बीघा कर दिया है। उन्होंने कहा कि आपदा में गाय-भैंस की मृत्यु पर मिलने वाले मुआवजे को 37.50 हजार रुपये से बढ़ाकर 55 हजार रुपये किया गया है। इसके अतिरिक्त भेड़ और बकरी की मौत पर मिलने वाली 4 हजार रुपये की मदद को बढ़ाकर 6 हजार रुपये कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार के मन्त्री, विधायक और प्रशासन आम जनता को तुरन्त राहत प्रदान करने के लिए मौके पर पहुंच रहे हैं और प्रदेश सरकार विशेष पैकेज के तहत प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने के लिए 100 करोड़ रूपये खर्च कर रही है। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त राज्य सरकार ने आपदा की तैयारी के लिए एक दीर्घकालीन योजना तैयार की है, जिस पर लगभग 800 करोड़ रुपये खर्च किये जायेगें, ताकि भविष्य में ऐसी आपदाओं के दुष्प्रभाव को कम किया जा सके। प्रदेश मेंकृ कृषि, बागवानी, वन और जल क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करते हुए प्रत्येक जिले में भूस्खलन, हिमस्खलन, बाढ़ और भूकम्प सम्बंधी उच्च स्तरीय वैज्ञानिक डेटाबेस का विकास एवं आपदा प्रबन्धन को मजबूत किया जायेगा, जिससे इन आपदाओं से होने वाले नुकसान को रोका जा सके। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि विधवाओं के लिए प्रदेश सरकार ने मुख्यमन्त्री विधवा एवं एकल नारी आवास योजना शुरू की है। इसके तहत इस वर्ष, 7 हजार ऐसी महिलाओं को मकान बनाने के लिए, प्रति महिला डेढ़ लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार प्रदेशवासियों के सहयोग से आने वाले चार वर्षों में हिमाचल प्रदेश को आत्मनिर्भर राज्य बनाया जाएगा और आने वाले दस वर्षों में हिमाचल प्रदेश, देश का सबसे समृद्धशाली राज्य बनेगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता सेनानियों को प्रदेश सरकार की ओर से दी जाने वाली सम्मान राशि को 15000 रुपये प्रतिमाह से बढ़ाकर 25000 रुपये प्रतिमाह करने की घोषणा की तथा जिन स्वतंत्रता सेनानियों की मृत्यु हो चुकी है, उनकी पत्नियों को प्रदेश सरकार द्वारा दी जा रही सम्मान राशि को भी 15,000 रुपये प्रतिमाह से बढ़ाकर 20,000 रुपये प्रतिमाह करने की घोषणा की। उन्होंने शत्रु सेना के विरुद्ध सैन्य अभियान के दौरान युद्ध के दौरान शहीद होने अथवा घायल या गुम होने वाले सैनिकों के आश्रितों को प्रदेश सरकार द्वारा अनुग्रह अनुदान राशि में 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि युद्ध या युद्ध जैसी परिस्थितियों में शहीद सैनिक के आश्रितों को 20 लाख रुपये के स्थान पर अब 30 लाख रुपये प्रदान किये जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि नॉन ऑपरेशनल क्षेत्रों में अथवा ऐसे ऑपरेशनल क्षेत्रों, जहां युद्ध न हो, में शहीद होने वाले सैनिक के आश्रितों को 5 लाख रुपये के स्थान पर अब 7 लाख 50 हजार रुपये दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सैन्य अभियान के दौरान 50 प्रतिशत से अधिक अपंगता वाले सैनिकों को 3.75 लाख रुपये तथा 50 प्रतिशत से कम की अपंगता वाले सैनिकों को 1.50 लाख रुपये प्रदान किए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने विधवा पुनर्विवाह योजना के अन्तर्गत दी जानी वाली सहायता राशि को 65 हजार रुपये को बढ़ाकर 2 लाख रुपये करने की घोषणा भी की। उन्होंने मनरेगा मजदूरों की दिहाड़ी को सामान्य क्षेत्र में 224 से 240 रुपये तथा जनजातीय क्षेत्र में 280 से 294 रुपये करने की घोषणा की। इस घोषणा से मनरेगा में काम करने वाले 9 लाख परिवार लाभान्वित होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार पूरक पोषण के रूप में गर्भवती महिलाओं, धात्री माताओं तथा 6 माह से 6 वर्ष के बच्चों व कुपोषित बच्चों के पोषण व स्वास्थ्य सम्बंधी आवश्यकताओं की पूर्ति करने के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने इंदिरा गांधी मातृ शिशु संकल्प योजना को आरम्भ करने की घोषणा करते हुए कहा कि इस योजना के लिए 50 करोड़ रुपये की धनराशि का प्रावधान किया जाएगा, जिसमें स्वास्थ्य और पोषण कार्यक्रमों में शिशु और माता के स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि आपदा में बागवानों को काफी नुकसान पहुँचा है, जिसे उन्होंने स्वयं देखा है। उन्होंने सेब, आम और लीची फलों के लिए मण्डी मध्यस्थता योजना के तहत वर्ष 2023 में बढ़ौतरी की घोषणा की। उन्होंने सेब के समर्थन मूल्य में ऐतिहासिक डेढ़ रूपये की बढ़ौतरी कर इसे 10.50 रुपये से बढ़ाकर 12 रुपये करने की भी घोषणा की। रिज तक पैदल पहुंचे मुख्यमंत्री इससे पूर्व राज्य स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री अपने सरकारी आवास ओक ओवर से पैदल रिज तक पहुँचे। रास्ते में उन्होंने लोगों का अभिवादन स्वीकार किया और लोगों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दीं। कार्यक्रम के बाद ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू पैदल ही रिज से ओक ओवर पहुंचे। इस अवसर पर ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह, मुख्य संसदीय सचिव मोहन लाल ब्राक्टा, विधायक हरीश जनारथा, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान, हिमाचल प्रदेश वन विकास निगम के उपाध्यक्ष केहर सिंह खाची, हिमाचल प्रदेश सहकारी बैंक के अध्यक्ष देवेंद्र श्याम, मुख्यमंत्री के ओएसडी रितेश कपरेट, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा, एडीजीपी अभिषेक त्रिवेदी, वरिष्ठ अधिकारी और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज 77वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राजभवन परिसर में राष्ट्रीय ध्वज फहराया। लेडी गवर्नर जानकी शुक्ल भी इस मौके पर उपस्थित रहीं। राज्यपाल ने प्रदेशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई देते हुए उनके सुखमय एवं समृद्ध जीवन की कामना की। उन्होंने कहा कि यह एक ऐतिहासिक दिन है जब देश को विदेशी साम्राज्य की बेड़ियों से आजादी मिली। उन्होंने कहा कि असंख्य स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान और वीर सपूतों के संघर्ष ने हमें आजादी दिलाई है। शुक्ल ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस पर, हम उन सभी देशभक्तों और वीर सपूतों को भी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं, जिन्होंने आजादी के बाद देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने और देश की सीमाओं की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया है। उन्होंने प्रदेश की प्रगति एवं सर्वांगीण विकास की कामना करते हुए कहा कि हम सभी को संकल्प लेना चाहिए कि हम और अधिक समर्पण एवं प्रतिबद्धता के साथ देश एवं प्रदेश की प्रगति के लिए अपने कर्तव्य का निर्वहन करेंगे। इस अवसर पर राज्यपाल ने राजभवन कर्मियों को राष्ट्रीय ध्वज भी प्रदान किए। इस मौके पर राज्यपाल के सचिव राजेश शर्मा भी उपस्थित थे।
हिमाचल प्रदेश में बीते कुछ दिनों से मूसलाधार बारिश हो रही है, जिसके कारण प्रदेश में बहुत नुक्सान हुआ है। बरसात के इस कहर से प्रदेश का कोई भी इलाका अछूता नहीं है। 13 और 14 अगस्त को बहुत भारी बरसात से प्रदेश और जिला कांगड़ा के बहुत से रास्ते बंद है। विकास धीमान प्रदेश प्रवक्ता आम आदमी पार्टी ने कहा कि बहुत से स्कूलों के भवन अच्छी स्थिति में नहीं है और ऐसी परिस्थिति में बच्चों को स्कूलों में भेजना खतरनाक हो सकता है। बहुत से रास्ते गिर चुके है और आवाजाही के लिए सुरक्षित नहीं है। विकास धीमान ने जिला अधीक्षक को ऑनलाइन ज्ञापन भेज कर अनुरोध किया है कि भी शैक्षणिक संस्थानों में 2 दिन का अवकाश दिया जाए।
लोक निर्माण मंत्री ने पांवटा और नाहन में प्रभावित लोगों का जानी समस्याएं लोक निर्माण, युवा सेवायें एव खेल मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने आज मंगलवार को नाहन में आयोजित जिला स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह की अध्यक्षता करने के उपरांत पांवटा साहिब के राजबन, नारीवाला, मालगी, सिरमौरी ताल तथा कच्चीढांग में भारी बरसात तथा बादल फटने के कारण हुये जान-माल के नुकसान का जायजा लिया। उन्होंने जिला प्रशासन द्वारा प्रभावित परिवारों को उपलब्ध करवाये गये राहत तथा बचाव सम्बन्धी कार्यों की समीक्षा भी की। विक्रमादित्य सिंह ने पावंटा स्थित विश्राम गृह में आपदा से पीड़ित परिवारों से भेंट की और जन समस्यायें भी सुनी। इस अवसर पर क्षेत्र के लोगों ने उन्हें अपनी समस्यायों से अवगत करवाया। विक्रमादित्य सिंह ने अधिकारियों को जन समस्यायें विशेषकर भारी बारिश से प्रभावित परिवारों की समस्याओं के शीघ्र निपटारे के निर्देश दिए। विक्रमादित्य सिंह ने सिरमौरी ताल में बादल फटने से अकाल मृत्यु का शिकार बने विनोद के परिवार के पांच सदस्यों की अकस्मात मृत्यु पर शोक प्रकट किया। उन्होंने नारीवाला में विनोद व उनके बड़े भाई कमल से भेंट कर इस त्रासदीपूर्ण घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि त्रासदी की इस घड़ी में प्रदेश सरकार उनके साथ है। लोक निर्माण मंत्री ने बादल फटने वाले स्थल मालगी का निरीक्षण भी किया। उन्होंने मालगी की एक मात्र सड़क को शीघ्र ठीक करने का भरोसा स्थानीय लोगों को दिया। उन्होंने सिरमौरी ताल में आपदाग्रस्त परिवारों से भेंट की और घटनास्थल का निरीक्षण भी किया। राजबन से सिरमौरी ताल के बीच प्रभावित परिवारों ने लोक निर्माण मंत्री से मिलकर उन्हें आपदा से प्रभावित होने की आप बीती सुनाई। गिरि बस्ती के प्रतिनिधिमंडल ने भी लोक निर्माण मंत्री से भेंट कर सड़क की मांग रखी। लोक निर्माण मंत्री ने राजबन सीमेंट फैक्टरी परिसर में सिरमौरी ताल के प्रभावित परिवारों के लिए स्थापित राहत शिविर में जाकर पीड़ितों से भी भेंट की। जिला प्रशासन द्वारा यहां पर सिरमौरी ताल क्षेत्र के 17 प्रभावित परिवारों के करीब लगभग 220 लोगों को आवास और भोजन व्यवस्था उपलब्ध करवाई गई है। प्रभावित परिवारों को क्षेत्र के लोगों द्वारा भी सहयोग और मदद उपलब्ध करवाई जा रही है। पांवटा साहिब के विधायक सुख राम चौधरी, रेणुका के विधायक विनय कुमार, नाहन के विधायक अजय सोलंकी, पावंटा के पूर्व विधायक किरणेश जंग, निदेशक जोगिन्द्र बैंक असगर अली, निदेशक खाद्य एवं आपूर्ति नसीमा बेगम, एसडीएम पांवटा गुंजीत चीमा, अधीक्षण अभियंता लोक निर्माण अरविंद शर्मा के अलावा लोक निर्माण, जल शक्ति, बिजली व अन्य विभाग के अधिकारी एवम् गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर मौजूद रहे।
उत्कृष्ट कार्य करने पर प्रशस्ति पत्र देकर किया सम्मानित 77वां स्वतंत्रता दिवस का उपमंडल स्तरीय समारोह राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला (बाल) भरमौर के प्रांगण में मनाया गया। समारोह की अध्यक्षता एसडीएम भरमौर कुलबीर सिंह राणा ने की। राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा झंडा फहराकर आकर्षक मार्च पास्ट की सलामी ली। परेड में पुलिस, एनसीसी व एनएसएस की टुकड़ियों ने भाग लिया। इस मौके पर एसडीएम ने लोगों को स्वतंत्रता दिवस पर शुभकामनाएं देते हुए कहा कि 15 अगस्त, 1947 को देश गुलामी की बेड़ियों से मुक्त होकर आज़ाद हुआ था। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि देश के अनेकों वीर सपूतों ने भारत मां को गुलामी की जंजीरों से आजाद करवाने में अपने प्राणों की आहुति दी थी। उन्होंने कहा कि हमें वीर जवानों द्वारा दी गई कुर्बानियों को हमेशा याद रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि कृतज्ञ राष्ट्र शहीदों के बलिदान को कभी नही भूलेगा, तों वही विविधता में एकता की भावना हमारे देश की ताकत का आधार रही है। हम स्वतंत्रता, समानता और न्याय के उन मूल्यों को बनाए रखने का संकल्प लें, जिन पर हमारे देश का निर्माण हुआ है। इस अवसर पर उपमंडल भरमौर में उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारियों व कर्मचारी को प्रशस्ति प्रमाण पत्र देकर सम्मानित भी किया गया। उन्होंने उनके कार्य की सराहना करते हुए व शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भविष्य में वह ऐसी लग्न और परिश्रम से कार्य करते रहे। इस कार्यक्रम के अवसर पर पंचायत समिति सदस्य विक्रम ठाकुर, सहायक निदेशक पशुपालन अधिकारी डॉ. राकेश भंगालिया, नायब तहसीलदार भरमौर देवेंद्र गर्ग, विषय वस्तु विशेषज्ञ कृषि डॉ. करतार डोगरा, विषय वस्तु विशेषज्ञ उद्यान डॉ. आशीष शर्मा, पुलिस निरीक्षक हरनाम सिंह, प्रधानाचार्य नीलम चाडक, कनिष्ठ अभियंता विद्युत विभाग पंकज कपूर, विभिन्न स्कूलों के बच्चों सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित रहे।
टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड ने 15 अगस्त को अपने कॉर्पोरेट कार्यालय ऋषिकेश के साथ-साथ अपने विभिन्न परियोजनाओं और यूनिट कार्यालयों में 77वां स्वतंत्रता दिवस मनाया। अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक आरके विश्नोई ने संगठन के सभी कर्मचारियों और उनके परिवार के सदस्यों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दीं। इस महत्वपूर्ण अवसर पर भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों के उल्लेखनीय योगदान को याद करते हुए निगम के कर्मचारी वे प्रसन्नता और अटूट देशभक्ति की गहन भावना से ओत-प्रोत थे। इस प्रतिष्ठित दिन पर जे. बेहरा, निदेशक (वित्त) ने ऋषिकेश में कॉर्पोरेट कार्यालय में राष्ट्रीय ध्वज फहराया, उसके बाद सभी एकत्रित कर्मचारियों को संबोधित किया। टेहरी एचपीपी में, शल्लिंदर सिंह, निदेशक (कार्मिक) ने समान गर्व और उत्साह के साथ राष्ट्रीय ध्वज फहराया, जबकि खुर्जा एसटीपीपी में निदेशक (तकनीकी) भूपेंद्र गुप्ता ने राष्ट्रीय ध्वज फहराने का सम्मान किया। प्रबंधन द्वारा टीएचडीसीआईएल की विभिन्न परियोजनाओं/कार्यालयों में राष्ट्रीय ध्वज फहराने से न केवल स्वतंत्रता दिवस की भावना बरकरार रही, बल्कि टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड को परिभाषित करने वाली एकता और समर्पण का भी उदाहरण मिला। जे. बेहरा ने कर्मचारियों को संबोधित करते हुए स्वतंत्रता दिवस के महत्व पर जोर दिया और इस अवसर पर स्वतंत्रता सेनानियों और शहीदों को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने देश के विद्युत क्षेत्र के विकास में टीएचडीसी की भूमिका को भी रेखांकित किया। बेहरा ने कहा कि जब भारत को आजादी मिली तो हमारी जीडीपी केवल 2.7 लाख करोड़ रुपये थी, जो आज बढ़कर प्रभावशाली 3.38 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया है और भारत 2030 से पहले 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के अपने विकास पथ पर है। श। बेहरा ने बताया कि अद्यतन राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (एनडीसी) के अनुरूप, भारत सरकार 2070 तक शुद्ध-शून्य कार्बन उत्सर्जन प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके अतिरिक्त, 2030 तक, हमारी संचयी विद्युत स्थापित क्षमता का लगभग 50त्न गैर-से आना चाहिए। जीवाश्म ईंधन आधारित ऊर्जा संसाधन। श। बेहरा ने कहा कि टीएचडीसी इंडिया भी इसी के अनुरूप नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में अपने निरंतर प्रयास जारी रखे हुए है। खुर्जा एसटीपीपी परियोजना के कर्मचारियों और उनके परिवारों को संबोधित करते हुए भूपेंद्र गुप्ता, निदेशक (तकनीकी) ने राष्ट्र की प्रगति में सक्रिय रूप से योगदान देने वाले समर्पित टीम के सदस्यों के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया और इस बात पर जोर दिया कि अब तक हासिल की गई प्रगति न केवल कर्मचारियों सहित बल्कि प्रत्येक हितधारकों के समर्पण और विशेषज्ञता का प्रमाण है। उनके परिवार भी, जिनका समर्थन अमूल्य है। इस अवसर पर टीएचडीसीआईएल की सभी परियोजनाओं और इकाई कार्यालयों में 'पंच प्राणÓ प्रतिज्ञा भी ली गई।
प्राचीन शिव मंदिर काठगढ़ की सुधार सभा की ओर से स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य पर सभा के प्रधान ओम प्रकाश कटोच व अन्य पदाधिकारियों द्वारा ध्वजारोहण किया गया। इसके बाद आचार्य सतीश शास्त्री जी पठानकोट वालों द्वारा प्राचीन शिव मंदिर काठगढ़ में आयोजित श्रावण मास महोत्सव के अंतर्गत प्रवचन देते हुए कहा कि महादेव भगवान शिव जी का संपूर्ण परिवार विषमता के लिए है फिर भी वैर विरोध छोड़कर परस्पर आनंदपूर्वक रहते हंै। गृहस्थ जीवन में जीने वालों को शिव परिवार की ओर से यह सबसे बड़ी शिक्षा है। शिव संसार में अतिशीघ्र प्रसन्न होने वाले तथा भक्तों को सर्वश न्योछावर करने वाले देव हंै। यह सस्ता सम्मान लेकर भक्तों को मालामाल कर देते हैं। महादेव सदा सर्वदा प्राप्त होने वाले देव हैं। वे हर पल हर घड़ी व कन कन में भक्तों को मिलने वाले तथा भक्तों के कष्ट निवारण करने वाले हंै। उन्होंने कहा कि शिव और राम में कोई भेद नहीं है। शिव मस्तिक पर श्री राम के धनुष चिन्ह को धारण करते हैं तथा भगवान राम शिव जी के त्रिशूल का चिन्ह तिलक के रूप में अपने मस्तिक पर धारण करते हैं। परमात्मा सृष्टि के कण कण में व्याप्त होने से उसकी किसी भी बनाई गई वस्तु का विरोध नहीं करना चाहिए, चाहे वो साकार है या निराकार है। निराकार हवाई यात्रा जैसा उड़ान है, लेकिन युक्ति का सौंदर्य नहीं, साकार भूमि पर चलने वाले किसी वाहन की तरह है जो पग पग पर प्राकृतिक सौंदर्य दिखाता हुआ जन जन के मन को मोहित करता हुआ प्यारा लोभावना देव है। सभा के प्रेस सचिव सुरिंदर शर्मा ने जानकारी देते हुए कहा कि आज सोलह अगस्त को श्रावण मास महोत्सव के आगाज पर शुरू किए गए श्रीरामचरितमानस व महाशिवपुराण मासिक पाठ का भोग डाला जाएगा, जिससे श्रावण मास महोत्सव का समापन होगा।
सेना और वायु सेना ने संभाला रेस्क्यू ऑपरेशन पौंग डैम के साथ लगते फतेहपुर और इंदौरा में फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए एनडीआरएफ के साथ-साथ अब भारतीय सेना और वायु सेना ने भी मोर्चा संभाल लिया है। उपायुक्त कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल स्वयं मौके पर जाकर राहत एवं बचाव कार्यों का निरीक्षण कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि पोंग बांध से अत्याधिक जल छोड़े जाने के कारण साथ लगते फतेहपुर और इंदौरा क्षेत्र में कईं लोगों के फंसे होने की जानकारी प्रशासन को मिली थी। उन्होंने बताया कि पानी का स्तर ज्यादा होने के कारण बोट के माध्यम से लोगों को निकालना संभव नहीं हो पा रहा था। उन्होंने बताया कि स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन ने तुरंत प्रभाव से भारतीय सेना और वायु सेना से संपर्क साधा। उन्होंने बताया कि सेना ने त्वरित प्रभाव से ममून कैंट से इंदौरा के लिए और योल कैंट से फतेहपुर के लिए टीमें मौके पर भेजीं। वहीं लोगों को एयरलिफ्ट करने के लिए भारतीय वायु सेना के एमआई-17 हेलीकॉप्टर तैनात कर दिए गए हैं। उपायुक्त ने बताया कि अब सेना, वायु सेना और एनडीआरएफ की मदद से लोगों को बाहर निकाला जा रहा है। उन्होंने बताया कि लोगों को एयरलिफ्ट करने के लिए फतेहपुर के वजीर राम सिंह पठानिया स्टेडियम और ढमटाल में अस्थायी हेलीपैड बनाए गए हैं। उन्होंने बताया कि चॉपर के माध्यम से एयरलिफ्ट किए जा रहे लोगों के लिए वहीं पास में ही रिलीफ कैंप स्थापित किए गए हैं। वहीं बोट के माध्यम से रेस्क्यू किए जा रहे लोगों के लिए बढुखर में राहत शिविर प्रशासन द्वारा स्थापित किया गया है। उपायुक्त ने बताया कि पोंग में जलस्तर के बढ़ने की संभावना को देखते हुए पहले से ही एनडीआरएफ की एक टीम को काठगढ़ मंदिर में तैनात किया गया था। उन्होंने बताया कि इस टीम को भी तुरंत प्रभाव से इंदोरा के लिए भेजा गया तथा फतेहपुर के लिए एनडीआरएफ की एक अन्य टूकड़ी रवाना की गई। उपायुक्त ने बताया कि दोनों क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है तथा हर व्यक्ति को सुरक्षित निकालने के लिए प्रशासन प्रयासरत है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा श्रम एवं रोजगार मंत्री कर्नल डॉ. धनीराम शांडिल ने कहा कि आपदा की इस घड़ी में प्रभावितों का पुनर्वास तथा राज्य का आर्थिक उत्थान प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है। डॉ. शांडिल आज देश की स्वतन्त्रता की 77वीं वर्षगांठ पर सोलन जिला के एतिहासिक ठोडो मैदान में आयोजित जिला स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह की अध्यक्षता कर रहे थे। डॉ. शांडिल ने इससे पूर्व शहीद स्मारक पर कृतज्ञ प्रदेशवासियों एवं जिलावासियों की ओर से देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले शहीदों को भावभीनी श्रद्धाजंलि अर्पित की। मुख्य संसदीय सचिव (लोक निर्माण, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग) संजय अवस्थी ने भी इस अवसर पर सभी की ओर से असंख्य वीरों को श्रद्धासुमन अर्पित किए। स्वास्थ्य मंत्री ने तदोपरांत ठोडो मैदान में राष्ट्रीय ध्वज फहराया, परेड का निरीक्षण किया तथा सलामी ली। पुलिस उप निरीक्षक पंकज संधू ने परेड का नेतृत्व किया। डॉ. शांडिल ने कहा कि प्रदेश इस वर्ष अत्यंत विराट प्राकृतिक आपदा का सामना कर रहा है। इस कारण भारी बहुमूल्य मानवीय क्षति के साथ-साथ व्यापक स्तर पर नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि आपदा की इस घड़ी में प्रदेश सरकार प्रभावितों के साथ है और उनका पुनर्वास तथा प्रदेश की आर्थिकी को पुन: गति प्रदान करना प्रदेश सरकार का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के संवेदशील नेतृत्व में प्रदेश सरकार आपदा प्रभावितों के पुनर्वास को समयबद्ध सुनिश्चित बना रही है। उन्होंने कहा कि गत सांय आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री ने आपदा प्रभावितों तक समय पर सहायता पहुंचाने के लिए उच्च क्षमता युक्त उपकरणों की खरीद के लिए 30 करोड़ रुपये जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि जन-जन की सुरक्षा प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है और लाहौल-स्पीति ज़िला की चंद्रताल झील के समीप फंसे लगभग 300 पर्यटकों एवं अन्य को बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी तथा मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी की अगुवाई में सुरक्षित निकाला गया है वह राज्य सरकार की कार्य कुशलता का अनुपम उदाहरण है। स्वास्थ्य मंत्री कहा कि प्रदेश में हुई मानवीय क्षति एवं आपदा के दृष्टिगत इस वर्ष स्वतंत्रता दिवस समारोह में कोई भी सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जा रहा है। इस अवसर पर उपमण्डल स्तर पर भी कार्यक्रम आयोजित किए गए। मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी, नगर निगम सोलन के उप महापौर राजीव कौड़ा, पार्षदगण, जिला कांग्रेस अध्यक्ष शिव कुमार, बघाट बैंक के अध्यक्ष अरुण शर्मा, जोगिंद्रा बैंक के अध्यक्ष मुकेश शर्मा, प्रदेश कांग्रेस समिति के उपाध्यक्ष रमेश ठाकुर, प्रदेश खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम के निदेशक जतिन साहनी, खंड कांग्रेस के अध्यक्ष संजीव ठाकुर, शहरी कांग्रेस के अध्यक्ष अंकुश सूद, जगमोहन मल्होत्रा, मोहन मेहता, रोगी कल्याण समिति के सदस्य विनीश धीर, अजय कंवर, लोकेंद्र शर्मा, कांग्रेस तथा युवा कांग्रेस के पदाधिकारी, उपायुक्त सोलन मनमोहन शर्मा, पुलिस अधीक्षक सोलन गौरव सिंह, नगर निगम सोलन के आयुक्त जफर इकबाल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक योगेश रोल्टा, उप पुलिस अधीक्षक भीष्म ठाकुर तथा अनिल धोल्टा, अन्य वरिष्ठ अधिकारी, गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
कहा-युवाओं को रोजगार के नजरिये से 500 परमिट किए जाएंगे जारी उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने धर्मशाला में उपायुक्त कार्यालय परिसर में स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य पर आयोजित जिला स्तरीय समारोह में ध्वजारोहण किया तथा मार्च पास्ट की सलामी भी ली। इससे पहले शहीद स्मारक में शहीदों को श्रद्वांजलि भी अर्पित की गई। इसके उपरांत अपने संबोधन में हिमाचल प्रदेश देवभूमि के साथ साथ वीरभूमि भी है। प्रदेश के वीर जवान अपने अदम्य साहस, पराक्रम एवं बलिदान के लिए जाने जाते हैं। याद रहे कि प्रदेश का पहला परमवीर चक्र राज्य के वीर सपूत मेजर सोमनाथ ने हासिल किया था, कैप्टन विक्रम बतरा, कर्नल डीएस थापा व मेजर संजय सिंह ने अद्भूत पराक्रम दिखाकर परमवीर चक्र की श्रेणी में नाम दर्ज किया। उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि हरित राज्य बनाने के लिए सरकार प्रयासरत है और प्राइवेट आपरेटर्स द्वारा इलेक्ट्रिक बस, इलेक्ट्रिक टैक्सी व इलेक्ट्रिक ऑटो खरीद पर पचास फीसद की दर पर 50 लाख तक अनुदान देने का फैसला लिया है और राज्य में छह इलेक्ट्रिक कोरिडोर घोषित किए हैं। इसी प्रयास के तहत धर्मशाला में 15 इलेक्ट्रिक बसें शुरू की गई हैं और 126 स्थानों पर 5 चार्जिंग स्टेशन बनाए जा रहे हैं। प्रदेश के वाहनों के टैक्स जमा करवाने के लिए पैनल्टी एवं ब्याज माफ करने के लिए 31 दिसंबर तक का समय दिया गया है। राज्य के युवाओं को रोजगार के नजरिये से 500 परमिट जारी करने का फैसला हुआ है और ई-वाहन खरीदने वाले युवाओं को प्रदेश सरकार 4 साल तक गाड़ी हायर करने की योजना पर काम कर रही है। जल मिशन का अधूरा कार्य 31 मार्च 2024 तक पूरा कर लिया जाएगा जिसके तहत जिले में 1027 करोड़ खर्च हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांगड़ा हिमाचल प्रदेश का अहम जिला है जहां पर जल एवं सिंचाई क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए निर्णायक प्रयास हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि नूरपुर क्षेत्र की फिन्ना सिंह मध्यम सिंचाई योजना अरसे से लटकी थी और अब तक तीन सौ करोड़ इस पर खर्चे जा चुके थे, लेकिन अब प्रदेश सरकार के प्रयासों से अब इसकी केंद्र से इनवस्टमेंट क्लीयरेंस मिली है, परियोजना की लागत 643 करोड़ तक पहुंच गई है। ज्वाली क्षेत्र की सुखाहार योजना भी ठंडे बस्ते में थी अब सरकार ने इसे केंद्र को प्रेषित करने की इजाजत दी है। इस पर भी 223 करोड़ व्यय होंगे। ज्वालामुखी क्षेत्र की मध्यम सिंचाई योजना 367 करोड़ की है इसको भी राज्य की कमेटी से मंजूर कर केंद्र को भेजा जा रहा है। पालमपुर की सिवरेज योजना पर 350 करोड़ खर्च किया जा रहा है। एशियन विकास बैंक द्वारा 120 करोड़ पेयजल योजनाओं के लिए प्रस्तावित हैं। प्रदेश की नदियां लगातार उफान पर हैं और बादल फटन की घटनाओं ने राज्य को हिलाकर रख दिया है, मोटे अनुमान के मुताबिक आठ हजार करोड़ का नुक्सान एवं 300 से अधिक लोग इस मानसून का शिकार होकर जान गंवा चुके हैं। उन्होंने कहा कि संघीय ढांचे की मूल भावना का निर्वहन करते हुए केंद्र इस त्रासदी को राष्ट्रीय आपदा घोषित कर दो हजार करोड़ की मदद राशि जारी करे। इस अवसर पर मुख्य संसदीय सचिव किशोरी लाल, विधायक केवल सिंह पठानिया, विधायक मलेंद्र राजन, डीआईजी अभिषेक दुल्लर, सकोह बटालियन के कमांडेंट खुशहाल शर्मा, उपायुक्त डा निपुण जिंदल, पुलिस अधीक्षक शालिनी अग्निहोत्री सहित विभिन्न गणमान्य लोग उपस्थित थे। जल शक्ति विभाग में करूणामूलक आधार पर 25 युवाओं को दिए नियुक्ति पत्र: स्वतंत्रता दिवस समारोह के समापन अवसर पर उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने जल शक्ति विभाग में करूणामूलक आधार पर 25 युवाओं को नियुक्ति पत्र भी प्रदान किए गए। इंद्रूनाग मंदिर में टेका माथा: उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने मंगलवार को इंद्रूनाग मंदिर में शीश नवाया तथा हिमाचल की खुशहाली की कामना करते हुए कहा कि बरसात में हिमाचल में काफी जान और माल का नुक्सान हुआ है। उन्होंने कहा कि हिमाचल देवभूमि है तथा इंद्र नाग देव की बारिश के देवता के रूप मेें लोगों की काफी आस्था है जिसके चलते ही आज इंद्र नाग मंदिर में माथा टेककर हिमाचल को बारिश से राहत दिलाने की कामना की गई है।
आज जिला सोलन युवा कांग्रेस के द्वारा 'शक्ति सुपर शीÓ कार्यक्रम के अंतर्गत सोलन युवा कांग्रेस जिला संयोजक राशि सुल्तानपुरी के नेतृत्व में ध्वजारोहण किया गया और राष्ट्रगीत और राष्ट्रगान के साथ देश की आजादी और अखंडता के लिए दी गई कुर्बानी के लिए शहीदों को याद किया गया। जिला अध्यक्ष अमित ठाकुर ने देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी और सभी युवाओं को नशे से दूर रहने का आग्रह किया। इस मौके पर सोलन विधानसभा अध्यक्ष अंकुर ठाकुर, कोमल रघुवंशी, सिमरन जिला महासचिव विशाल शर्मा, उपाध्यक्ष सचिन, नीतेश ठाकुर, शहरी अध्यक्ष अजय गौतम, दीपक भारद्वाज, अंश, मोहित, सुहान आदि मौजूद रहे।
प्रदेश में भारी बारिश के चलते कई इलाकों में हालत बदतर बने हुए हैं। नदी-नाले उफान पर है। पौंग बांध से लगातार पानी छोड़ने से इंदौरा के मंड एरिया में पानी भर गया और सैकड़ों लोग यहां फंसे हुए हैं। बेला लुधियाडच, बेला ठाकरान, बेली जट्टां में करीब 80 लोग पानी में फंस गए थे। एनडीआरएफ की टीम ने मौके पर पहुंच कर बेला लुधियाडच से सात लोगों को सुरक्षित निकाल लिया है। इन में दो महिलाएं व एक बच्चा है। अन्य लोगों को निकालने के प्रयास जारी है। उधर इंदौरा ब्लाक के अहत 20 गांवों के 600 लोग अभी फंसे हुए हैं, जिन्हें रेस्क्यू के लिए एनडीआरएफ,सेना का अभियंता विंग व वायु सेना का चौपर रेस्क्यू में जुटे हुए हैं। जिनमें कुछ गर्भवती महिलाएं भी हैं। जाहिर है बांध से पानी अधिक छोड़ने और रास्ता बदलने से इन इलाकों में पहली बार जलप्रलय हुआ है। इंदौरा विस क्षेत्र के मंड के गयी गांव में भी जलभराव हुआ है। फतेहपुर विधानसभा के विधायक भवानी सिंह पठानिया ने यहां पर लोगों को निकालने के लिए मदद की मांग की थी जिसके बाद यहां पर एनडीआरएफ की टीम पहुंची।
कांगड़ा जिले में लगातार हो रही बारिश ने तबाही मचा दी है। जिले में तीन लोगों की मौत हो गई है और करीब आधा दर्जन से अधिक लोगों के घर ही जमींदोज हो गए हैं। अलग-अलग स्थानों से करीब चार दर्जन से अधिक लोगों को रेस्क्यू कर बचाया गया है। नेटवर्क न होने के चलते लोग एक दूसरे से संपर्क भी नहीं कर पा रहे थे। जिला कांगड़ा में पिछले 24 घंटों में सर्वाधिक 273 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई है। उपायुक्त डा. निपुण जिंदल ने बताया कि बाथू पुल के पास हुए भू-स्खलन से उना के प्रवीण कुमार नामक जीप चालक की मृत्यु हुई तथा फतेहपुर की ठेहड़ पंचायत में पानी के तेज बहाव में बह जाने से एक 11 वर्षीय बालक का देहावसान हो गया। उन्होंने बताया कि बारिश के चलते जिले में 43 कच्चे और पांच पक्के मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं। उन्होंने बताया कि 59 कच्चे और 10 पक्के मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। इसके अलावा 78 गोशालाएं और एक दुकान भी क्षतिग्रस्त हुई है। इस दौरान तीन मवेशियों की जान भी गई है। डॉ. निपुण जिंदल ने बताया कि जिले में कल शाम से हुई भारी बारिश में कुल 172 सडक़े अवरुद्ध हुईं थी, जिनमें से 111 को बहाल कर दिया गया है। जिले में जलशक्ति विभाग की कुल 660 सकीमों में से 287 भारी बरसात के चलते प्रभावित हो गई थीं, जिनमें से 155 को रिस्टोर कर दिया गया है। उपायुक्त ने बताया कि जिले में भारी बारिश के चलते बिजली बोर्ड के कुल दो हजार ट्रांस्फॉर्मर क्षतिग्रस्त हुए थे। उन्होंने बताया कि इनमें से 1300 के लगभग ठीक कर दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि शेष 703 को भी पुन: संचालित करने के लिए बिजली बोर्ड के कर्मी कार्यरत हैं। काठगढ़ में एनडीआरएफ की टीम तैनात डॉ. निपुण जिंदल ने बताया कि ब्यास बेसिन में अत्याधिक बारिश का रेड अलर्ट होने के चलते अगले 24 घंटों में पंडोह और पौंग डैम से पानी छोड़ा जा सकता है। इस दौरान किसी भी प्रकार की आपदा से निपटने के लिए एनडीआरएफ की एक अतिरिक्त टीम को पहले से ही इंदौरा के काठगड़ मंदिर में तैनात कर दिया गया है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि ब्यास और पौंग के बहाव क्षेत्र से दूर रहे। इन क्षेत्रों में स्थापित किए रिलीफ कैंप डीसी कांगड़ा ने बताया कि बारिश और आपदा की स्थिति को दुखते हुए जिले में विभिन्न स्थानों पर प्रभावितों के लिए रिलीफ कैंप प्रशासन द्वारा स्थापित किए गए हैं। उन्होंने बताया कि नूरपुर के लदोरी, मिंज ग्रां में दो स्थानों पर राहत शिविर लगाए गए हैं। इंदौरा के माला, बेला इंदौरा और बड़ूखर में, धीरा के पनापर, बचवाल और गरदेहड़ में, जयसिंहपुर के कुड़ाना, देहरु और कोसरी में, ज्वालामुखी के अधवानी और खुंडियां तथा जवाली के भरमाड़, चचियां, अनूही तथा धार कोटला में राहत शिविर लगाए गए हैं।
राजधानी शिमला के समरहिल में सोमवार की सुबह हुए भूस्खलन के कारण निचली ओर बने शिव मंदिर और ढारे मलबे में दब गए। सोमवार को नौ शव निकाले गए। मंगलवार को फिर एनडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन तेज कर दिया। मंगलवार सुबह को तीन और शवों को निकाल लिया गया है। अभी तक 12 लोगों के शव बरामद किए जा चुके हैं। समरहिल में अभी भी कम से कम 20 लोग दबे हुए हैं। दबे लोगों को निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है। एनडीआरएफ की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन में तेजी आ गई है। दरअसल, सावन का सोमवार होने के कारण सुबह से ही समरहिल के शिव मंदिर में लोगों की आवाजाही शुरू हो गई थी। भारी बारिश के चलते सुबह करीब 7:15 बजे धमाके के साथ भारी मलबा पेड़ों समेत मंदिर पर जा गिरा। इससे यह मंदिर पूरी तरह से मलबे में दब गया। जो लोग मंदिर पहुंचे थे, उन्हें भागने तक का मौका नहीं मिला। आसपास के लोगों को जैसे ही इसका पता चला तो सभी मौके की ओर भागे। प्रशासन को भी सूचना दी गई। प्रशासन, पुलिस, दमकल समेत एसडीआरएफ की टीमें तो मौके पर पहुंच गईं लेकिन सड़कें बंद होने के कारण मशीनरी कई घंटे बाद मौके पर पहुंची। जवानों ने हाथों से ही मलबे को हटाने का काम शुरू किया।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ. कर्नल धनीराम शांडिल 15 अगस्त को सोलन के ऐतिहासिक ठोडो मैदान में आयोजित जिला स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह की अध्यक्षता करेंगे। डॉ. शांडिल सर्वप्रथम कारगिल शहीद स्मारक पर कृतज्ञ प्रदेशवासियों की ओर से देश के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले वीरों को श्रद्धा सुमन अर्पित करेंगे। स्वास्थ्य मंत्री तदोपरांत प्रात: 11.00 बजे ठोडो मैदान में राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगे और परेड की सलामी लेंगे। प्रदेश में भारी वर्षा के कारण हुई त्रासदी के दृष्टिगत इस वर्ष स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में कोई सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश में 72 घंटों से लगातार जारी भारी बारिश ने तबाही मचा दी है। सावन के सोमवार को भारी बारिश के रेड अलर्ट के बीच राज्य में जगह-जगह बादल फटने और भूस्खलन से 51 लोगों की मौत गई। करीब 30 लोग मलबे में दबने और बहने से लापता हैं। मंडी जिले में 18, राजधानी शिमला में 14, सोलन में 11, कांगड़ा-हमीरपुर में 3-3, चंबा और सिरमौर में 1-1 लोगों की जान गई है। शिमला, सोलन, कांगड़ा में एक-एक और मंडी में दो जगह बादल फटे हैं। शिमला में 15, मंडी में 3, हमीरपुर में दो और सिरमौर में एक व्यक्ति लापता है। मंडी में छह लोग घायल हुए हैं। प्रदेश सरकार ने 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस पर होने वाले सभी सांस्कृतिक कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं। केवल रस्मी तौर पर ही तिरंगा फहराया जाएगा। प्रदेश में रविवार रात को सामान्य से 357 फीसदी ज्यादा बारिश हुई। सूबे में आठ नेशनल हाईवे और 621 सड़कें बंद हो गईं हैं। मंडी के पराशर रोड पर 250 पर्यटक फंसे हैं। इन्हें सुरक्षित निकालना चुनौती बन गया है। शिमला में भी पर्यटक होटलों में ही कैद हैं।
अधिक से अधिक जवानों को बचाव कार्यों में तैनात करने के निर्देश दिए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि पिछले दो दिन से हो रही भारी बारिश के कारण हिमाचल प्रदेश के इतिहास में एक दिन में सबसे अधिक 41 लोगों की बहुमूल्य जान गई है, जबकि 13 लोग अभी भी लापता हैं। भारी बारिश से उत्पन्न स्थिति का जायजा लेने के लिए शिमला में बुलाई गई एक आपात बैठक में उन्होंने कहा कि इस भीषण त्रासदी के दृष्टिगत इस बार स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रमों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन नहीं किया जाएगा। कार्यक्रम में सिर्फ ध्वजारोहण, परेड और मुख्य अतिथि का संबोधन ही होगा। उन्होंने निर्देश दिए कि परेड में स्थानीय पुलिस और एसडीआरएफ के जवान शामिल नहीं होंगे। वह बचाव कार्यों में ही शामिल होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारी बारिश से लोगों को हो रही परेशानियों को दूर करना सरकार की पहली प्राथमिकता है और परेड को भी स्केल डाउन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक संख्या में जवान राहत और बचाव कार्यों में तैनात किए जाएंगे और लोगों को राहत पहुंचाने का कार्य युद्धस्तर पर जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि नालागढ़ से एनडीआरएफ की टुकड़ी शिमला पहुंच गई है। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश में लगभग 1200 सड़कें प्रभावित हुई हैं, जिन्हें बहाल करने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंनेे कहा कि 600 सड़कों को आज शाम तक खोल दिया जाएगा और 300 सड़कों को कल तक बहाल कर दिया जाएगा। उन्होंने इस बारिश के कारण जिला सोलन, शिमला, मंडी और हमीरपुर सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। उन्होंने अधिकारियों को प्रभावितों की हरसंभव मदद प्रदान करने के निर्देश दिए। उन्होंने शिमला शहर में बंद सड़कों को जल्द से जल्द खोलने के निर्देश दिए और कहा कि गिरे हुए पेड़ों को तुरंत हटा कर सड़कों को बहाल किया जाए। खतरनाक हो चुके पेड़ों को चिन्हित कर सुबह तक उसकी रिपोर्ट उन्हें प्रदान करने के निर्देश दिये। उन्होंने प्रभावित पेयजल योजनाओं को जल्द से जल्द बहाल कर लोगों को पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश भर में बहुत से स्थानों पर बादल फटने की घटनाएं सामने आ रही हैं, जिसका सम्बन्धित विभाग को अध्ययन करना चाहिए, ताकि इनके कारणों के बारे में पता चल सके। उन्होंने वीडियो कॉफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलों के उपायुक्तों से विद्युत, जलापूर्ति योजनाओं और सड़कों की स्थिति के बारे में विस्तार से जानकारी ली और आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए ताकि लोगों की परेशानियों को कम किया जा सके। बैठक में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा, प्रधान सचिव देवेश कुमार, मुख्यमंत्री के ओएसडी गोपाल शर्मा, मुख्यमंत्री के प्रधान निजी सचिव विवेक भाटिया, एडीजीपी सतवंत अटवाल और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
उपमंडल देहरा के अंतर्गत पड़ते रसूही में ऐएनटीएफ एवं एफ्यू कांगड़ा की यूनिट ने गुप्त सूत्रों के आधार 32 वर्षीय गुरजीत सिंह पुत्र इंद्रजीत सिंह हाउस नंबर 1169 गुरु नानक एनक्लेव एसएस नगर मोहाली, 37 वर्षीय ताजेद्र सिंह, पुत्र सरदार लाल सिंह हाउस नंबर 33 शिवालिक सिटी खराड़, 29 वर्षीय साहिल कुमार पुत्र राजेश कुमार गांव रामपुरा फूल डाकघर वैंक बिहार जिला बठिंडा, 18 वर्षीय करण सिंह पुत्र यादविंदर सिंह गांव रामपुरा फूल डाकघर बैंक बिहार तहसील फूल जिला बठिंडा के पास 25.34 ग्राम चिट्टा बरामद हुआ है। पुलिस द्वारा आगामी कार्रवाई अमल में लाई जा रही है।
प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने जिला शिमला, जिला सोलन तथा प्रदेश के अन्य कई हिस्सों में भारी वर्षा के कारण हुए जानमाल के नुकसान पर गहरा दख प्रकट किया है। पठानिया ने कहा कि कुदरत के कहर के आगे सभी बेबस है, लेकिन प्रदेश सरकार हिमाचल की जनता के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार सभी प्रभावितों की मदद के लिए तत्पर है तथा बचाव व राहत कार्य में दिन रात जुटी है। इस अवसर पर पठानिया ने हिमाचल प्रदेश सरकार के उन सभी अधिकारियों व कर्मचारियों की प्रशंसा की है, जो जान की परवाह किए बगैर राहत व बचाव कार्य में जुटे हंै। पठानिया ने समरहिल के समीप शिव बाउडी हादसे में जहां अभी तक 4 लोग अपनी जान गवां चुके हंै तथा 20 से 25 लोग मलबे में फंसे हैं, के प्रति अपनी गहरी संवेदना प्रकट की है। उन्होंने मृतकों की आत्मा की शांति की प्रार्थना की है तथा मलबे में दबे लोगों के जीवित बाहर आने की कामना की है। पठानिया ने फागली हादसे पर भी अपनी गहरी संवेदना प्रकट की है, वहां 3 लोगों ने अपनी जान गंवाई है तथा 5 बुरी तरह से घायल है। पठानिया ने मृतकों के परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना प्रकट करते हुए दिवंगत आत्माओं की शांति की प्रार्थना की है तथा घायलों के शिघ्र स्वस्थ होने की कामना की है।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता ठियोग के विधायक कुलदीप सिंह राठौर ने प्रदेश में हो रही भारी बारिश व बाढ़ से हो रहे जानमाल के नुकसान पर दुख प्रकट करते हुए लोगों से सुरक्षित रहने का आग्रह किया हैं। राठौर ने प्रदेश में भूस्खलन से हो रहे जानमाल पर प्रभावित परिवारों के प्रति अपनी संवेदना प्रकट करते हुए कहा है कि इस दु:ख की घड़ी में सरकार उनके साथ खड़ी है। उन्होंने प्रदेश में कई जगहों पर बादल फटने व उसमें हुए जानमाल के नुकसान पर दुख प्रकट करते हुए शोक संतप्त परिवारों के प्रति भी अपनी संवेदना प्रकट की हैं। आज सुबह शिमला के बालूगंज इलाके में भूस्खलन से एक मंदिर में पूजा करने गए लोगों के मरने पर गहरा दुख व्यक्त किया हैं। उन्होंने इस हादसे में मारे गए लोगों की आत्मा की शान्ति की प्रार्थना भगवान से करते हुए शोक संतप्त परिवारों से अपनी संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने सायरी ममलीग में भी एक घर के गिरने व उसमें पांच लोगों के मरने पर भी गहरा दुख जताया हैं। राठौर ने प्रदेश में भारी बारिश से हो रहें जानमाल के नुकसान से लोगों को राहत देने के लिये केंद्र सरकार से विशेष आर्थिक सहायता की मांग की हैं। उन्होंने कहा है कि प्रदेश में इस बार भारी बारिश व बाढ़ से हजारों करोड़ों का नुकसान हुआ हैं। 200 से अधिक लोगों ने अपनी जान,गंवाई है,जबकि हजारों घर मलवे में तबदील हो गए है। इसके अलावा करोड़ो रुपये की सरकारी संपति ध्वस्त हो चुकी हैं। किसानों बागवानों की फसलें बर्बाद हो गई हैं। प्रदेश सरकार अपने सीमित साधनों से राहत व पुनर्वास कार्यों को कर रही हैं। राठौर ने केंद्र सरकार से प्रदेश को राहत व पुनर्वास कार्यो के लिए विशेष आर्थिक पैकेज देने की मांग करते हुए इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग भी की हैं।
विधानसभा जयसिंहपुर क्षेत्र में भारी बारिश के होने से उपमंडल के क्षेत्रों में भारी नुकसान हुआ है। इसमें उप मंडल की सड़क पालमपुर से जयसिंहपुर वाया चड़ियार, तीनबड़ कोसरी, रोपड़ी वाया हरोट सुजानपुर जयसिंहपुर बंद रहे जगह जगह लहासे गिरने से यातायात बाधित रहा। उप मंडल में जिला कांगड़ा और हमीरपुर को जोड़ने वाला ब्यास नदी में पुल का डंगा टूटने के कारण पुल पर यातायात व आवाजाही पूर्ण रूप से बंद रही। वहीं, चंबी पंचायत में मिलखी राम धीमान की गौशाला, कोसरी अपर ठेहडू में राम सिंह की गौशाला में ल्हासा गिरने से पांच बकरियां व एक भैंस घायल हो गई। जयसिंहपुर बीजापुर के नेत्री गांव के धर्म चंद के घर पर भारी मालवा घर में घुसा, भुआना के प्रकाश चंद के घर का एक हिस्सा गिर गया। जयसिंहपुर और आलमपुर की लाइफ लाइन कह जाने वाली सड़क सिविल अस्पताल जयसिंहपुर के साथ हनुमान मंदिर के साथ सड़क एक तरफ से टूट कर गिर गई जिसके साथ ही जयसिंहपुर बाजार के लिए वाई पास सड़क का कार्य अभी निर्माणाधीन है । वही लंबागांव का पटवार घर और पूरा बाजार जल मग्न हो गया। ब्यास नदी का जल स्तर बड़ने से सोमा स्टोन क्रशर पूरी तरह ब्यास नदी में डूबता हुआ नजर आया। लोक निर्माण विभाग के अधिक्षण अभियंता विजय वर्मा ने बारिश से ही नुकसान का करीब 4 करोड़ से अधिक हुआ है और कहा कि विभाग अवरुद्ध हुए मार्गों के बहाली के दिन रात कार्य कर रहा है।
कांगड़ा जिले में भारी बारिश से काफी जानमाल का नुकसान हो रहा है। जिले के उप मंडल जवाली की तहसील कोटला की पंचायत डोल के वार्ड 5 में भूस्खलन के कारण करतार चंद पुत्र माहलो राम के दो मकानों को खतरा बना हुआ है। 11 अगस्त को उनके मकानों के पास भारी भूस्खलन हुआ था। मकानों के साथ लगती जमीन धीरे-धीरे खिसक रही है, जिस कारण ये मकान कभी भी गिर सकते हैं या फिर क्षतिग्रस्त हो सकते हैं। इस बाबत मकान मालिक ने पंचायत प्रधान को सूचित कर दिया था, जिन्होंने मौके पर आकर मकान के पास हो रहे भूस्खलन को देखा था। उन्होंने गुहार लगाई है कि इससे पहले उनके आशियाने जमींदोज हो जाएं, सरकार व स्थानीय प्रशासन उनके लिए राहत व बचाव का इंतजाम कर दे।
राहत कार्यों का जायजा लिया और सोलन के जादौन का दौरा भी किया राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज प्रात: शिमला के उपनगर समरहिल में शिव बावड़ी का दौरा कर बचाव कार्यों का जायजा लिया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. (कर्नल) धनीराम शांडिल और मुख्य संसदीय सचिव मोहन लाल ब्राक्टा भी उपस्थित थे। आज प्रात: सूचना मिलते ही राज्यपाल बालूगंज चौक से पैदल घटनास्थल पर पहुंचे और वहां की स्थिति देखकर भावुक हो गये। अनौपचारिक बातचीत में उन्होंने कहा कि शिव बावड़ी में बादल फटने से हुई आपदा हृदय विदारक है। उन्होंने कहा कि राज्य के कई हिस्सों से जान-माल के नुकसान की जानकारी मिल रही है, लेकिन इस घटना से हर कोई स्तब्ध है। उन्होंने वहां मौजूद प्रशासन को बचाव कार्य तेज करने का निर्देश दिया, ताकि मलबे में दबे लोगों को बचाया जा सके। इसके बाद राज्यपाल सोलन जिला की ममलीग पंचायत के अंतर्गत जड़ोन गांव गये। यहां बीती रात भारी भूस्खलन से एक ही परिवार के सात लोगों की मौत हो गई। राज्यपाल ने दो किलोमीटर की दूरी पैदल तय करते हुए प्रभावित परिवार के सदस्यों से भेंट की। राज्यपाल ने वहां उपस्थित पूरे गांव वालों को सांत्वना देते हुए कहा कि इस विपदा की घड़ी में पूरा प्रदेश उनके साथ है। राज्यपाल के सचिव भी उनके साथ उपस्थित थे। राज्यपाल ने दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना तथा घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। राज्य में भारी बारिश के कारण जान-माल के नुकसान को देखते हुए उन्होंने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर राजभवन में आयोजित होने वाले 'ऐट होमÓ कार्यक्रम को भी रद्द करने का फैसला किया है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां कहा कि प्रदेश में भारी बारिश तथा बाढ़ के कारण हुए भारी नुकसान के दृष्टिगत १५ अगस्त को स्वतंत्रता दिवस पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में किसी प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित नहीं किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि यह समारोह केवल सेरेमोनियल होगें। उन्होंने कहा कि बारिश के कारण प्रदेश में जानमाल की भारी क्षति हुई है। प्रदेश सरकार आपदा की इस घड़ी में पीड़ित परिवारों के साथ है। मुख्यमंत्री ने आज इंदिरा गांधी चिकित्सा महाविद्यालय शिमला का दौरा भी किया तथा शिमला शहर के विभिन्न स्थानों में भूस्खलन से घायल हुए लोगों का कुशलक्षेम पूछा तथा उनके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की।
मैसर्ज बिरला टैक्सटाईल मिल्स बद्दी में 19 पद, मैसर्ज एबट हेल्थकेयर प्राईवेट लिमिटिड बद्दी में 11 पद तथा मैसर्ज विनसम टैक्सटाइल बद्दी में 200 पदों की भर्ती के लिए कैंपस इंटरव्यू 18 अगस्त को सोलन जिला के नालागढ़ स्थित उप रोजगार कार्यालय में आयोजित किया जाएगा। यह जानकारी जिला रोजगार संदीप ठाकुर ने दी। संदीप ठाकुर ने कहा कि उक्त 230 पदों के लिए 8वीं, 10वीं, 12वीं, डिप्लोमा टैक्सटाइल, ग्रेजुएट टैक्सटाइल, बीफार्मा, एमफार्मा., बीटेक मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल शैक्षणिक योग्यता होनी चाहिए। उम्मीदवार की आयु 18 से 30 वर्ष के मध्य होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इच्छुक उम्मीदवार अपनी योग्यता संबंधी सभी अनिवार्य प्रमाण-पत्रों व दस्तावेज़ों सहित उप रोज़गार कार्यायल नालागढ़ में 18 अगस्त को प्रात: 10.30 बजे पहुंचकर कैंपस इंटरव्यू में भाग ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि उम्मीदवार अधिक जानकारी के लिए 01792-227242, 82199-71112, 86289-59963 पर संपर्क कर सकते हैं।
भारतीय डाक विभाग केंद्र सरकार के हर घर तिरंगा अभियान के तहत आम नागरिकों के लिए राष्ट्रीय ध्वज मुख्य डाकघरों, उप डाकघरों और शाखा डाकघरों में उपलब्ध है। यह जानकारी सोलन डाक मण्डल के अधीक्षक डाकघर आरडी पाठक ने दी। आरडी पाठक ने कहा कि कोई भी नागरिक 25 रुपये का भुगतान कर राष्ट्रीय ध्वज डाक विभाग की किसी भी शाखा से 15 अगस्त तक प्राप्त कर सकता है। उन्होंने कहा कि च्हर घर तिरंगाअभियान का उद्देश्य स्वतंत्रता दिवस के अवसर सभी नागरिकों को राष्ट्रीय ध्वज लहराने के लिए प्रोत्साहित करना तथा उनके दिलों में राष्ट्रीयता की भावना जागृत करना है। आरडी पाठक ने कहा कि डाक विभाग द्वारा बुजुर्ग नागरिकों के लिए ई पोस्ट ऑफिस पोर्टल पर ऑनलाइन विशेष मांग द्वारा पत्रवाहकों के माध्यम से घर-द्वार पर राष्ट्रीय ध्वज वितरित किए जा रहे है।
पवित्र सावन मास के पांचवें सोमवार को प्राचीन एवं ऐतिहासिक शिव मंदिर काठगढ़ (इंदौरा) में रविवार रात तीन बजे मंदिर के कपाट खोले और विभिन्न प्रकार के शनान इत्यादि करवाकर स्वयं भू प्रकट आद शिवलिंग का अद्धभुत श्रृंगार करवाने के साथ ही श्रद्धालु भक्तों का आगमन शुरू हो गया। जय भोले के उद्घोष के साथ प्रभु प्रेमियों ने शिवलिंग पर विल्वपत्री इत्यादि अर्पित करते हुए भोलेशंकर के आगे शीश नवाजा। उसके बाद श्रद्धालु भक्तों द्वारा व सभा द्वारा लगवाए गए लंगर का भी आनंद लिया। यह प्रक्रिया शाम 4-5 बजे तक चलता रहा। हज़ारों की तादाद में शिव भक्तों ने दर्शन किए। सभा द्वारा मनाए जा रहे श्रावण मास महोतस्व में आज साध्वी सुश्री प्रियंका बाबा घ्याला (पंजाब) वाले जी ने अपनी मधुर वाणी से संगीतमय बनाते हुए सत्संग व प्रभु का गुणगान किया जिसे हज़ारो श्रद्धालुओं ने श्रवण किया। सुधार सभा के प्रधान ओम प्रकाश कटोच व प्रेस सचिव सुरिंदर शर्मा ने जानकारी देते हुए कहा कि कल स्वंतत्रता दिवस के अवसर पर सभा द्वारा ध्वजारोहण किया जाएगा। इसके साथ ही आध्यात्मिक गुरु आचार्य सतीश शास्त्री पठानकोट वालों जी द्वारा दोपहर 2 बजे से 5 बजे तक शिव चर्चा के साथ साथ प्रभु की लीलाओं के बारे में प्रवचन दिए जाएंगे। इकसे साथ में कल मंदिर सुधार सभा के समस्त पदधिकारोयों की तरफ से भक्तों व क्षेत्रवासियों के लिए लंगर की व्यवस्था भी की जाएगी।
भारत-पाकिस्तान विभाजन स्मृति दिवस के रूप में सोमवार को धर्मशाला में विभाजन विभीषिका कार्यक्रम आयोजन किया गया। कार्यक्रम में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। इस दौरान विभाजन के समय विस्थापित होकर जिला कांगड़ा में बसे लोगों एवं परिवारों के सदस्यों को सम्मानित किया गया। वहीं विस्थापित लोगों ने उस समय से लेकर अब तक अपनी स्थिति एवं अनुभवों को साझा किया। मुख्यातिथि जयराम ठाकुर ने अपने संबोधन में कहा कि यह कार्यक्रम हर विधानसभा क्षेत्र में हो रहा है। भारत पाकिस्तान का विभाजन सबसे बड़ा विभाजन था। उस समय अनगिनत लोग बेघर हुए थे। इसके अलावा लाखों लोगों की जानें भी गईं थी। सिर्फ हमें ही नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को भी विभाजन विभीषिका को याद रखना चाहिए। विश्व की सबसे बड़ी पार्टी भाजपा विस्थापन का दंश झेल चुके परिवारों को प्रति सहानुभूति रखती है। इस मौके पर पूर्व मंत्री सरवीन चौधरी, विधायक पवन काजल, पूर्व विधायक विशाल नैहरिया, प्रदेश महामंत्री त्रिलोक कपूर, जिलाध्यक्ष कांगड़ा सचिन शर्मा, सचिव विशाल चौहान, मेयर ओंकार नेहरिया, प्रदेश भाजपा प्रवक्ता राकेश शर्मा, प्रदेश भाजपा मीडिया सह-प्रभारी संजय शर्मा, विश्व चक्षु, भाजपा नेता राकेश चौधरी, डॉ. विजय शर्मा, चंद्र भूषण नाग, तपन मिन्हास, महिला मोर्चा जिला अध्यक्ष रंजू रस्तोगी गायत्री कपूर, सुनीता शर्मा, प्रेरणा शर्मा, मधु शर्मा, बीना थापा, ललिता वशिष्ठ, रीना शर्मा, शक्ति चड्डा, कांता सोनी, सहित अन्य मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज सोलन विधानसभा क्षेत्र की ममलीग तहसील के जडोंन गांव का दौरा किया और प्रभावितों को ढाढस बंधाते हुए उन्हें यथोचित सहायता का आश्वासन दिया। जडोंन गांव में बादल फटने के कारण हुए भूस्खलन से आज सात लोगों की दुखद मृत्यु हुई है। मुख्यमंत्री ने प्रभावित परिवारों से बातचीत कर वस्तुस्थिति का जायज़ा लिया। उन्होंने परमपिता परमात्मा से दिवंगत आत्माओं की शांति तथा शोक संतप्त परिजनों को इस असहनीय दु:ख को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि अपनो की क्षति अपूर्णनीय है और मृतक परिवारों के दु:ख को किसी भी प्रकार कम नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि ऐसी दु:खद स्थिति में प्रदेश सरकार प्रभावितों के साथ है। उन्होंने कहा कि प्रभावित परिवारों को घर बनाने के लिए उचित सहायता एवं अन्य आवश्यक सहायता प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश वर्तमान में गत 50 वर्षों में सबसे बड़ी आपदा झेल रहा है। ऐसे में त्वरित राहत एवं पुनर्वास के साथ-साथ बादल फटने जैसी घटनाओं में अप्रत्याशित वृद्धि के कारण खोजने आवश्यक हैं ताकि भविष्य में जानो-माल की क्षति को कम किया जा सके। इस अवसर पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा श्रम एवं रोज़गार मंत्री एवं स्थानीय विधायक डॉ. कर्नल धनीराम शांडिल, लोक निर्माण तथा युवा सेवाएं एवं खेल मंत्री विक्रमादित्य सिंह, उपायुक्त सोलन मनमोहन शर्मा, पुलिस अधीक्षक गौरव सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी तथा ग्रामवासी उपस्थित थे। .0.
सोलन पुलिस की एसआईयू टीम को मुखबर खास से सूचना मिली कि एक गाडी नं. ॥क्र26क्चस्-6282 कसौली की तरफ से सोलन की ओर आ रही है। इसमें नरेश ठाकुर उर्फ नेशु व अरुण ठाकुर नाम के दो व्यक्ति सवार हैं। नरेश ठाकुर उर्फ नेशु व अरुण ठाकुर काफी समय से चिट्टा की खरीद फरोख्त में सलिंप्त हैं तथा कंडाघाट व शहर सोलन के युवा-युवतियों को चिट्टा सप्लाई करके नशे का कारोबार चला रहे हैं। इस पर एसआईयू टीम द्वारा उक्त गाड़ी को धर्मपुर फोरलेन पर जांच के लिए रोका गया और गाड़ी में बैठे दो व्यक्तियों नरेश ठाकुर उर्फ नेशू पुत्र राजेंद्र ठाकुर गांव श्रीनगर डा. व त. कंडाघाट जिला सोलन उम्र 36 वर्ष व अरुण ठाकुर पुत्र राजेंद्र पाल ठाकुर डाकघर संजौली तहसील व जिला शिमला उम्र 32 वर्ष से 6.30 ग्राम चिट्टा बरामद किया गया। आरोपियों को 10 दिन की पुलिस रिमांड पर लेकर इनसे इस चिट्टा की खेप के सप्लायर के बारे में पूछताछ की गई तो पता चला कि आरोपी चिट्टे की खेप जीरकपुर के एक सप्लायर से लाए हंै। सप्लायर अंडरग्राउंड हो गया था। इस पर एक स्पेशल टीम गठित की गई, जिसने उस सप्लायर के ठिकाने का पता करके उसे पंजाब के ज़ीरकपुर से रविवार रात गिरफ्तार कर लिया और आरोपी को धर्मपुर थाना ले आए हैं। सप्लायर की पहचान करण पुत्र संजीत निवासी खड़क मंगोली जिला पंचकुला, हरियाणा के रूप में हुई है।
इंदौरा की पूर्व विधायक रीता धीमान ने कहा कि शिक्षण संस्थानों को राजनीतिक मंच नहीं बनने दिया जाएगा। अर्नी विश्वविद्यालय में बीते दिन हुई गुंडागर्दी और दहशत का माहौल पैदा किया गया है, जिसके कारण पड़ने वाले छात्र-छात्राओं की पढ़ाई पर गहरा असर हुआ है। इसकी भाजपा इंदौरा कड़े शब्दों में निंदा करती है। उन्होंन कहा यदि क्षेत्र में किसी तरह से तनावपूर्ण माहौल पैदा हुआ तो भाजपा जिला प्रशासन और सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलेगी। पूर्व विधायक इंदौरा के गांव डाह कुलहाड़ा में विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस कार्यक्रम में पहुंची, जहां पर प्रेसवार्ता करते हुए कहा कि इंदौरा में अर्नी विश्वविद्यालय प्रबंधन का चल रहा विवाद न्यायालय में विचाराधीन है, जिस पर अभी फैसला आना बाकी है। लेकिन इस मुद्दे को कुछ राजनेताओं ने अपने निजी स्वार्थ के कारण यूनिवर्सिटी को राजनीति का मंच बना कर रख दिया है, जिसके चलते यूनिवर्सिटी में गुंडागर्दी का खुला खेल खेला गया। इस कारण यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को गहरा असर हुआ है। अर्नी विवाद और उसने चल रही राजनीति के कारण यूनिवर्सिटी में पड़ने वाले छात्रों का भविष्य अंधकारमय हो रहा है। जिला प्रशासन द्वारा अपनाया जा रहा उदासीन रवैया क्षेत्र में तनावपूर्ण माहौल पैदा कर रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा क्षेत्र में किसी प्रकार का तनावपूर्ण माहौल को सहन नहंीं करगी। बाहरी राज्यों से आए लोगों द्वारा क्षेत्र में शांति भंग की जा रही है जिसपर जिला प्रशासन को कड़ा रुख अख्तियार करना होगा। इस अवसर पर इंदौरा भाजपा मंडलाध्यक्ष बलवान सिंह उपाध्यक्ष जिला मोती लाल जोशी, रणवीर सिंह महामंत्री हरदीप सिंह, मीडिया प्रभारी दीपक स्लारिया, पारीक कटोच, अश्वनी शर्मा, ग्राम केंद्र अध्यक्ष पुष्प अरुण सहित अन्य भाजपा कार्यकारणी उपस्थित रहे।
खेत-मकान, सड़क, बिजली के खंभे-ट्रांसफार्मर सब बहाकर ले गया पानी सोलन जिले के कसौली विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत हरिपुर के अंतर्गत आने वाले ग्राम लूनसू भरोल व रो खड्ड के साथ जितने भी गांव लगते हैं, वहां भारी वर्षा के कारण भारी तबाही हुई है। गाड़ियां, सड़क, बिजली के खंभे व ट्रांसफार्मर, खेत मकान तक बाढ़ के पानी के बहाव में बह गए हैं। इस क्षेत्र में पिछली रात को हुई भारी बारिश ने यह तबाही मचाई है।
लाल कोठी में भी भूस्खलन से कुछ लोगों के दबने की आशंका हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में भूस्खलन में एक मंदिर ढह गया। इसमें कई लोगों के दबे होने की आशंका है। कई लोगों को निकाला गया है। मौके पर बचाव अभियान जारी है। सावन के सोमवार की वजह से मंदिर में कई लोग पहुंचे थे। शिमला के लाल कोठी में भी भूस्खलन से कुछ लोगों के दबने की आशंका है। शिमला के एसपी संजीव कुमार गांधी ने बताया कि भूस्खलन में एक मंदिर ढह गया। इससे आसपास की इमारतों को भी खतरा है। कई लोग फंसे हुए हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। मौके पर लैंड स्लाइड भी हो रहा है। सावन के सोमवार की वजह से सुबह मंदिर में कई लोग पहुंचे थे। जानकारी मिली है कि शिव मंदिर में मोंटू पुत्र जयंत, नीरज पुत्र शांति स्वरूप, संजू पुत्र मोहन, हरीश वकील और पवन शर्मा के परिवार के सात लोग दब गए। इनके अलावा, शंकर नेगी, पंडित राजेश समेत कई लोग शामिल हैं।
उपायुक्त सोलन को त्वरित राहत एवं बचाव कार्य के निर्देश स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉक्टर कर्नल धनीराम शांडिल ने सोलन विधानसभा क्षेत्र की ममलीग तहसील के जदोन गांव में बादल फटने के कारण 7 लोगों की दुखद मृत्यु पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने परमात्मा से दिवंगत आत्माओं की शांति तथा शोक संतप्त परिजनों को इस असहनीय दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की है। हादसे की जानकारी मिलते ही उपायुक्त सोलन को त्वरित राहत एवं बचाव कार्य के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि 2 चिकत्सकों को शीघ्र घटना स्थल पर पहुंचने के निर्देश दिए गए हैं। लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता को क्षेत्र के सभी संपर्क मार्ग शीघ्र बहाल करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि दुख की इस घड़ी में प्रदेश सरकार प्रभावितों के साथ है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू तथा वह स्वयं स्थिति का नियमित अनुश्रवण कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी सहायता अपनों की क्षति की पूर्ति नहीं कर सकती। जिला प्रशासन को मृतकों के परिजनों को त्वरित फौरी राहत प्रदान करने के निर्देश भी दिए गए हैं।
मंडी जिले के सात मील में बादल फटने से भारी नुकसान हुआ है। दो वाहन पानी में बह गए हैं। लोग भाग कर सुरक्षित ठिकानों पर चले गए हैं। 15 लोग फंसे हुए हैं। मझवाड़ में एक पशुशाला गिर गई। यहां एक महिला लापता हो गई है। वहीं, बल्ह घाटी के 100 से अधिक गांव जलमग्न हो गए हैं। बिजली,पानी और दूरसंचार सेवाएं ठप पड़ी हुई है। प्रभावित क्षेत्रों में तीन दिन से पेयजल की आपूर्ति नहीं हो पाई है। जिले में 300 से अधिक संपर्क मार्ग और 1500 के करीब बिजली ट्रांसफार्मर प्रभावित हैं। सुकेती और उसकी सहायक खड्डें पूरे उफान पर हैं। खड्डों का ताडंव तीसरे दिन भी जारी है। तीसरे दिन भी डडौर और नेरचौक में बाढ़ का पानी कई घरों और दुकानों में घुसने से भारी नुकसान हुआ है। धर्मपुर में सौन खड्ड लोगों को डरा रही है। सरकाघाट उपमंडल में भूस्खलन से हालात विकराल हो गए हैं।
सोलन जिले के कंडाघाट उप मंडल की उप तहसील ममलीग के गांव जादोन, धयवला में बादल फटने से दो मकान और एक गौशाला क्षतिग्रस्त हो गए हैं। पुलिस नियंत्रण कक्ष सोलन को मिली सूचना के अनुसार गांव में रती राम और इसके बेटे हरनाम के दो मकान भूस्खलन के कारण क्षतिग्रस्त हो गए। मलबे में दबने से सात लोगों की मौत हो गई है। इनमें चार पुरुष और तीन महिलाएं शामिल हैं, जबकि दो लोगों को बचा लिया गया है। मृतकों में हरनाम (38), कमल किशोर (35), हेमलता (34), राहुल (14), नेहा (12), गौरव (9), रक्षा (12) शामिल हैं। एक महिला कान्ता देवी की टांग टूट गई है। उसे उपचार के लिए भेजा गया है। बचाव दल को घटनास्थल तक पहुंचने में कठिनाई हो रही है। इस गांव के पड़ोस के गांव जाबल में गौशाला गिरने से पांच पशु मर गए। एसडीएम कंडाघाट सिद्धार्थ आचार्य ने यह जानकारी दी।
जिले हो रही लगातार बारिश के चलते नदियां, नालें और खड्डें उफान पर हैं। उपायुक्त कांगड़ा डॉ. निुपण जिंदल ने बताया कि भारी बारिश के चलते पौंग जलाशय के जल स्तर में भी बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने बताया कि परिणामस्वरूप बीबीएमबी प्रशासन द्वारा 14 अगस्त को सुबह 8 बजे से पौंग डैम से निरंतर पानी छोड़ा जाएगा। उन्होंने बताया इस दौरान 14 अगस्त को सुबह 8 बजे से 25 हज़ार क्यूसेक, 10 बजे के बाद 40 हज़ार क्यूसेक तथा दोपहर 12 बजे बाद से 50 हज़ार क्यूसेक पानी पोंग डैम से छोड़ा जाएगा। उन्होंने पौंग के बहाव क्षेत्र (डाउनस्ट्रीम एरिया) के साथ लगती पंचायतों के लोगों से अपील की है कि वे दरिया के नजदीक न जाएं। उन्होंने कहा कि पौंग के बहाव क्षेत्र के पास यदि कोई व्यक्ति या मवेशी हैं तो उन्हें तुरंत सुरक्षित स्थान पर ले जाएं। उन्होंने लोगों से सतर्क रहने की अपील करते हुए प्रशासन का सहयोग करने की बात कही। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की आपात स्थिति या आपदा से निपटने के लिए लोग प्रशासन से सीधा संपर्क करें। उन्होंने लोगों से अपील की कि इस दौरान किसी भी प्रकार की अफवाह पर ध्यान न दें और डर पैदा करने वाली ऐसी किसी बात को बिना उसकी सत्यता जाने आगे साझा न करें। उन्होंने कहा कि किसी भी आपदा स्थिति में लोग स्थानीय पंचायत प्रधान, सचिव, पटवारी को तुरंत सूचित करें या जिला आपदा प्रबंधन उपायुक्त कांगड़ा के नंबर 1077 तथा मोबाइल नंबर 7650991077 पर संपर्क करें।
ग्राम पंचायत कोटला बेहड़ के गांव जखूणी की 14 वर्षीय लड़की की सांप के काटने से मौत हो गई। जानकारी के अनुसार लड़की जब घर में रात को सो रही थी तो उसके बिस्तर पर बैठे जहरीले सांप ने रात करीब दो बजे लड़की को काट लिया। एक बार काटने पर लड़की ने जब देखा कि किसी जानवर ने काटा है तभी थोड़ी देर बाद सांप ने दोबारा लड़की को काट लिया, जिसपर उसने सांप द्वारा काटने की बात परिजनों को बताई। जब परिजनों ने देखा तो लड़की के बिस्तर पर एक सांप बैठा हुआ था तो उन्होंने आनन फानन में लड़की को दौलतपुर सरकारी अस्पताल पहुंचाया जहां से उसे होशियारपुर पंजाब के अस्पताल रैफर किया गया, जहां डाक्टरों ने लड़की को मृत घोषित कर दिया। ग्राम पंचायत कोटला बेहड़ के प्रधान सुखविंदर कौर ने बताया कि प्रियंका के पिता मजदूरी करते हैं व एक बहन प्रियंका से छोटी व एक बड़ी बहन है। उन्होंने प्रशासन से परिवार की हरसंभव सहयोग की मांग की है। वहीं, इसकी सूचना संसारपुर टैरस पुलिस को दी गई व एएसआई संजीव कुमार व टीम ने लड़की का देहरा में पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया।
प्राचीन एवं ऐतिहासिक स्वयं भू प्रकट आद शिवलिंग काठगढ़ इंदौरा में मना जो रहे श्रावण महोत्सव में आज भक्तों ने भारी संख्या में बाबा भोलेनाथ के दर्शन किये। हिमाचल प्रदेश सरकार में ॥क्कस्ढ्ढष्ठष्ट के उपाध्यक्ष विशाल चंब्याल ने परिवार सहित पूजा अर्चना की व दर्शन किये। और उनके साथ विजय कुमार काठगढ़ निवासी भी उपस्थित रहे। इसके साथ श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह का समपन्न भी पिछले कल हुआ। जिसमें हज़ारो की संख्या में प्रभु प्रेमियों ने कथा को श्रवण किया तथा भगवान के भजनों पर नाचते गाते हुए अपनी हाज़िरी लगवाई। इसके साथ सभा के प्रधान ओम प्रकाश कटोच व प्रेस सचिव सुरिंदर शर्मा ने जानकारी देते हुए कहा कि पंद्रह अगस्त स्वतंत्रता दिवस पर मन्दिर परिसर में राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाएगा व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा और उसी दिन मंदिर सुधार सभा के समस्त पदाधिकारियों द्वारा भक्तों के लिए अपनी ओर से लंगर भी लगाया जाएगा।