हिमाचल प्रदेश के चंबा ज़िले में आज सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (NCS) के मुताबिक, रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.5 मापी गई और इसकी गहराई 5 किलोमीटर थी। यह झटके सुबह 6 बजकर 23 मिनट पर दर्ज किए गए। स्थानीय लोगों के अनुसार, धरती तीन बार कांपी, जिससे घबराकर लोग घरों से बाहर निकल आए। हालांकि झटकों की तीव्रता कम होने की वजह से ज़्यादातर लोगों को इसका अहसास नहीं हुआ और किसी भी तरह के जान-माल के नुकसान की सूचना नहीं है। गौरतलब है कि चंबा जिला भूकंपीय दृष्टि से भारत के सबसे संवेदनशील क्षेत्रों में शामिल है। यह क्षेत्र सिस्मिक ज़ोन-5 में आता है, जहां समय-समय पर भूकंप के हल्के-फुल्के झटके महसूस होते रहते हैं। भूकंप क्यों आता है? धरती की बाहरी परत कई टेक्टोनिक प्लेट्स से बनी होती है, जो लगातार हिलती-डुलती रहती हैं। जब ये प्लेट्स आपस में टकराती हैं या एक-दूसरे के ऊपर-नीचे खिसकती हैं, तो ज़मीन के अंदर तनाव पैदा होता है। एक समय के बाद यह तनाव ऊर्जा के रूप में बाहर निकलता है, जिससे धरती हिलती है और भूकंप आता है।
चंबा भरमौर हिमाचल प्रदेश विधानसभा में उप मुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया ने विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कुंर के भवन निर्माण कार्यों को जल्द शुरू करने को लेकर आज अपने कार्यालय शिमला में शिक्षा एवं लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के साथ एक बैठक की। केवल सिंह पठानिया ने बैठक के दौरान विभागीय अधिकारियों को निर्माण कार्य शुरू करने के लिए भवन का प्रारूप एवं विभिन्न विभागीय औपचारिकताओं को जल्द पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि स्कूल भवन निर्माण के लिए लगभग 2 करोड़ रूपए की धनराशि का प्रावधान भी किया गया। वही बैठक में अतिरिक्त निदेशक शिक्षा जीवन कुमार , मुख्य अभियंता लोक निर्माण विभाग अनुज नाग साहित संबंधित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
हिमाचल प्रदेश के पूर्व उद्योग मंत्री एवं जसवां प्रागपुर विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक बिक्रम सिंह ठाकुर ने कांग्रेस सरकार द्वारा जारी की गई बीपीएल से संबंधित गाइडलाइन को गरीब विरोधी बताते हुए कहा है कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार गरीबी नहीं बल्कि गरीबों को ही मिटाने का कार्य कर रही है । यहां जारी एक प्रेस बयान में पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक बिक्रम सिंह ठाकुर ने आरोप लगाया कि सरकार ने लोगों से हजारों रुपए प्रमाण पत्रों पर खर्च करवा कर गरीब लोगों को बीपीएल और अंत्योदय सूची से बाहर करने का घिनौना कार्य किया है । नई गाइडलाइन में ऐसी शर्तों को जोड़ा गया है , जिससे लाखों परिवार बीपीएल और अंत्योदय सूची से बाहर हो जाएंगे । उन्होंने 18 से 59 बर्ष तक की आयु के पुरुषों से संबंधित परिवारों को बीपीएल सूची से हटाने के निर्णय का विरोध करते हुए कहा कि प्रदेश के अंदर ऐसा पहली बार हुआ है , जब जरूरतमंद लोगों को जबरन बीपीएल और अंत्योदय सूची से हटाया जा रहा है । सबसे ज्यादा जरूरतमंद लोग तो 18 वर्ष से 59 वर्ष के आयु के बीच से ही होते हैं लेकिन सरकार ने अधिसूचना में स्पष्ट किया है कि यदि किसी विधवा के परिवार में 18 वर्ष से ऊपर का पुरुष सदस्य होगा तो उसे बीपीएल सूची में शामिल नहीं किया जाएगा । गाइडलाइन में किए गए बदलाव का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि 50% से अधिक विकलांगता की शर्त के साथ-साथ एक शर्त और जोड़ी गई है जिसमें कहा गया है कि जिस परिवार में कमाने वाला सदस्य कैंसर या अन्य गंभीर बीमारी से पीड़ित होगा, उसे ही बीपीएल सूची में जगह मिलेगी । यदि किसी परिवार को आवास योजना के तहत पक्का मकान मिला होगा तो उसे भी बीपीएल सूची से बाहर करने का प्रावधान किया गया है । वहीं 50 हजार से अधिक आय वाले परिवारों को बीपीएल सूची में शामिल न करने का फरमान जारी किया गया है जो कि पूरी तरह से जन विरोधी है क्योंकि बीपीएल और अंत्योदय परिवारों के अलावा किसी अन्य परिवार की सालाना आय 50 हज़ार तहसीलदारों द्वारा नहीं बनाई गई है । इससे लाखों लोग आवेदन करने से वंचित रह गए हैं । एक हैक्टेयर से अधिक भूमि वाले परिवारों को भी सरकार ने नहीं बख्शा है जबकि भाजपा सरकार के समय में दो हैक्टेयर तक भूमि मालिकों को बीपीएल सूची में शामिल किए जाने का प्रावधान था । केवल मात्र आधुनिक और शहरी प्रकार के बड़े मकान के मालिक को बीपीएल सूची में शामिल न किए जाने की शर्त रखी गई थी लेकिन इस सरकार ने किसी परिवार को आवास योजना में मिले मकान को भी पक्के मकान की श्रेणी में शामिल कर दिया है । गाइडलाइन में ऐसी शर्तों को जोड़ा गया है जिससे पंचायतों के अंदर बीपीएल सूची में 5 से 10 फीसदी लोग ही बचेंगे । उन्होंने सरकार पर ग्राम सभाओं की शक्तियां छीनने का आरोप लगाते हुए कहा कि बीपीएल और अंत्योदय परिवारों के चयन का अधिकार ग्राम सभा को है न कि इसके लिए अधिकारी अधिकृत हैं । बिक्रम ठाकुर के अनुसार केंद्र सरकार ग्राम पंचायतों को सुदृढ़ करने के लिए मनरेगा के अलावा 15 वें वितयोग में माकूल बजट उपलब्ध करवा रही है वहीं प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत प्रत्येक पात्र परिवार को पक्का मकान उपलब्ध करवाने के लिए सर्वे करवाया गया है लेकिन प्रदेश की कांग्रेस सरकार गरीब लोगों की पहचान करने की बजाय उन्हें मिटाने पर तुली हुई है। उन्होंने सरकार पर केंद्र सरकार की योजनाओं की गाइडलाइन के साथ छेड़खानी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य सरकार बीपीएल से संबंधित पुरानी गाइडलाइन को बहाल करे अन्यथा प्रदेश के अंदर बड़ा आंदोलन खड़ा किया जाएगा । उन्होंने सत्यापन समिति में पंचायत प्रधानों को शामिल करने की मांग करते हुए कहा कि इस पूरी प्रक्रिया में जनप्रतिनिधियों को बाहर करना अनुचित है क्योंकि ग्राम पंचायतों के प्रतिनिधियों को अपने गांव और वहां जीवन यापन कर रहे परिवारों की पूरी जानकारी होती है । भाजपा विधायक बिक्रम ठाकुर ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सरकार ने पुरानी गाइडलाइन को बहाल नहीं किया तो वे जनप्रतिनिधियों तथा बीपीएल और अंत्योदय परिवारों को साथ लेकर सरकार के विरुद्ध धरना प्रदर्शन करेंगे।
हिमाचल पथ परिवहन सेवा निवृत्त कर्मचारी कल्याण मंच अर्की इकाई की मासिक बैठक 15 जनवरी बुधवार को पेंशनर्ज कार्यालय तालाब कुनिहार में इकाई अध्यक्ष बलबीर सिंह चौधरी की अध्यक्षता में आयोजित की जाएगी। बलबीर सिंह चौधरी ने अर्की इकाई के सभी सदस्यों से इस अहम बैठक में ज्यादा से ज्यादा संख्या में पहुंचने की अपील की है। उन्होंने बताया कि इस बैठक में कल्याण मंच के प्रदेशाध्यक्ष बृजलाल ठाकुर ,प्रदेश सचिव रघुनाथ शर्मा व जिला सचिव भवानी शंकर गौतम विशेष रूप से उपस्थित होंगे । उन्होंने सभी पेंशनरों से आग्रह किया है कि 15 जुलाई को ठीक 11 बजे पेंशनर कार्यालय तालाब कुनिहार में पहुंचकर प्रदेश तथा जिला पदाधिकारियों के विचार सुने तथा पेंशनरो की समस्या व लंबित मांगों पर चर्चा व अपने विचार साझा करे ताकि आगामी रणनीति तैयार की जा सके।
सोलन विकास खंड की पट्टाबरौरी पंचायत के श्री बांके बिहारी मंदिर में चल रही 6 दिवसीय कृष्ण कथा को विराम दिया गया। आज गुरु पूर्णिमा पर मंदिर में भव्य आयोजन हुआ। आचार्य हरी महाराज ने 6दिनों तक श्री कृष्ण कथा का सुंदर बखान किया। सेवा धाम के प्रेस सचिव डी डी कश्यप ने बताया कि इस मौके पर यज्ञ हुआ। जिसमें गांव और देश की समृद्धि की लिए आहुति देकर कथा, गीता, रामचरितमानस का अध्ययन करने और सनातन धर्म का प्रचार करने का संकल्प लिया गया। कथाव्यास ने कहा कि इस कलियुग में मनुष्य को भगवान की भक्ति करने से ही मोक्ष प्राप्ति होगी। कथा व्यास हरि जी महाराज ने बताया कि कलियुग में श्रीमद्भागवत गीता और रामचरितमानस का मनुष्य को अध्ययन जरूर करना चाहिए। बचपन से ही अपने बच्चों को प्रेरित करें। जिससे की धर्म की रक्षा हो सके। कलियुग में मनुष्य माया में फंस चुका है। इसीलिए अपने खून के रिश्तों से भी तकरार करने लगते हैं। जबकि श्रीमद्भागवत कथा का अध्ययन करने से माया से दूरी और भक्ति की ओर मनुष्य बढ़ता है। क्योंकि जीवन में जन्म से लेकर मृत्यु तक मनुष्य का कुछ नहीं है। फिर भी मनुष्य मोह माया को छोड़ना नहीं चाहता। मनुष्य को जीवन में माता-पिता गुरु और गो रक्षा की सेवा जरूर करनी चाहिए।डी डी कश्यप ने बताया कि गुरु पूर्णिमा के अवसर पर अपने गुरु हरि जी महाराज को नमन करने के लिए प्रदेश व अन्य प्रदेशों से भारी संख्या में भक्त अपने गुरु के दर्शन करने के लिए पहुंचे तथा गुरु का आशीर्वाद प्राप्त किया। उन्होंने बताया कि कुल्लू,मनाली, मंडी,विलासपुर,हमीरपुर, कांगडा, शिमला,सिरमौर आदि जिलों से हजारों की संख्या में शिष्यों ने हरि जी महाराज से आशीर्वाद प्राप्त कर पुण्य के भागी बने। इसे मौके पर सभी को भंडारे का प्रसाद वितरित किया गया।
अपना बूथ, सबसे मजबूत अभियान के तहत भरमौर के विधायक डॉ. जनकराज ने बुधवार को क्षेत्र की कई पंचायतों का दौरा कर कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने संगठन की मजबूती पर ज़ोर देते हुए कार्यकर्ताओं को सक्रिय रहने और जनसंपर्क बढ़ाने का आह्वान किया। विधायक डॉ. जनकराज ने बन्नी माता, सीलपड़ी, चुलाड़, सैंडा, गुवाड़ और तरेला गांवों का निरीक्षण किया और वहां पर मौजूद पार्टी कार्यकर्ताओं से बातचीत की। उन्होंने न केवल संगठनात्मक दिशा पर चर्चा की बल्कि आम लोगों की स्थानीय समस्याओं को भी गंभीरता से सुना। दौरे के दौरान सामने आई समस्याओं के समाधान के लिए उन्होंने मौके पर ही संबंधित विभागों के अधिकारियों को फोन पर निर्देश जारी किए। विधायक ने ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की स्वास्थ्य समस्याओं को भी ध्यान में रखते हुए चिकित्सीय परामर्श भी प्रदान किए। उन्होंने कहा कि राजनीति में उनका उद्देश्य केवल सत्ता नहीं, बल्कि जन सेवा है और वे उसी संकल्प के साथ आगे भी कार्य करते रहेंगे। डॉ. जनकराज ने कहा, जनता के बीच रहकर ही सही मायने में सेवा संभव है। संगठन तभी मजबूत होगा जब हर कार्यकर्ता बूथ स्तर तक सक्रिय और समर्पित रहेगा।
हिमाचल प्रदेश में मानसून का असर लगातार बना हुआ है और फिलहाल लोगों को बारिश से राहत मिलने के आसार नहीं हैं। मौसम विभाग (IMD) ने प्रदेश के कई जिलों में 16 जुलाई तक भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के वैज्ञानिक संदीप कुमार शर्मा के अनुसार, आज प्रदेश के ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, मंडी, शिमला और सिरमौर जिलों के कुछ क्षेत्रों में भारी से भारी बारिश हो सकती है। खासकर कांगड़ा और सिरमौर में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इसके अलावा, बाकी हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई गई है। IMD के पूर्वानुमान के अनुसार, 11 और 12 जुलाई को मंडी, शिमला और सिरमौर जिलों में भारी बारिश का दौर जारी रहेगा। लगातार बारिश के कारण लैंडस्लाइड, जलभराव और दृश्यता कम होने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। 13 से 16 जुलाई: 9 जिलों में भारी बारिश की संभावना 13 जुलाई से 16 जुलाई तक, हिमाचल प्रदेश के ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर, कुल्लू, कांगड़ा, मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर जिलों में मौसम फिर बिगड़ सकता है। इस अवधि के दौरान वर्षा का स्तर अधिक रहेगा और कुछ क्षेत्रों में विजिबिलिटी (दृश्यता) भी प्रभावित हो सकती है, विशेषकर सोलन, शिमला और सिरमौर में।मौसम वैज्ञानिक संदीप शर्मा ने बताया कि मानसून अब दक्षिण भारत की ओर थोड़ा शिफ्ट हो गया है, जिससे प्रदेश में कुछ हिस्सों में बारिश की तीव्रता में कमी देखी गई है। हालांकि, हिमाचल के अधिकांश हिस्सों में अगले कुछ दिनों तक बारिश का सिलसिला बना रहेगा।
अटल शिक्षा कुञ्ज स्थित आईईसी यूनिवर्सिटी और जेडीके एजुकेशन सोसाइटी ने बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ (बीबीएन) क्षेत्र में युवाओं के लिए कौशल-आधारित पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए एक महत्वपूर्ण साझेदारी की है। आईईसी विश्वविद्यालय का मानना है कि बीबीएन क्षेत्र में उद्योगों और शैक्षिक संस्थानों के बीच कौशल का भरी अंतर है। इस अंतर को कम करने के लिए आईईसी यूनिवर्सिटी ने 'निर्भर कौशल' के तहत कौशल-आधारित पाठ्यक्रम शुरू करने का निर्णय लिया है। इन कौशल-आधारित पाठ्यक्रमों का उद्देश्य स्थानीय युवाओं को उद्योगों में आवश्यक स्किल सिखाना है, जिससे उन्हें बेहतर नौकरी के अवसर मिल सकें। इन नए कोर्सेज को शुरू करने का मुख्य उदेश्य बीबीएन के छात्रों के प्रशिक्षण को प्रमाणित करना और हिमाचल के युवाओं को राज्य के भीतर ही बेहतर नौकरी के अवसर प्रदान करना है। इन पढ़यक्रमों से स्थानीय उद्योगों की प्रोडक्टिविटी भी बढ़ेगी और मेंटरशिप के माध्यम से उद्यमिता और स्वरोजगार को प्रोत्साहन भी मिलेगा।
राजस्व विभाग बिलासपुर में रिक्त पड़े पटवारी और कानूनगो के पदों को भरने के लिए सेवानिवृत्त कर्मचारियों को एक और अवसर प्रदान किया गया है। उपायुक्त कार्यालय बिलासपुर द्वारा इन पदों पर अनुबंध आधार पर दोबारा नियुक्ति के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। उपायुक्त राहुल कुमार ने बताया कि इच्छुक और पात्र सेवानिवृत्त कर्मचारी अपना आवेदन निर्धारित प्रारूप में आवश्यक प्रमाण पत्रों और दस्तावेजों सहित 23 जुलाई तक उपायुक्त कार्यालय बिलासपुर में जमा करवा सकते हैं। अंतिम तिथि के बाद प्राप्त अथवा अपूर्ण आवेदन पत्रों पर कोई विचार नहीं किया जाएगा। जानकारी के अनुसार वर्तमान में जिला बिलासपुर में 3 कानूनगो और 11 पटवारी के पद रिक्त हैं। ये पद आवश्यकता अनुसार कम या ज्यादा भी हो सकते हैं। इन पदों पर उन्हीं सेवानिवृत्त कर्मचारियों की नियुक्ति की जाएगी, जिन्होंने हिमाचल प्रदेश राजस्व विभाग के किसी भी विंग में न्यूनतम 5 वर्ष की सेवा की हो और जिन पर कोई विभागीय या अनुशासनात्मक कार्रवाई लंबित न हो। इसके लिए संबंधित अभ्यर्थी की आयु 31 अक्तूबर को 65 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए। दोबारा नियुक्ति पर कानूनगो को 30,000 रुपए तथा पटवारी को 25,000 रुपए प्रतिमाह मानदेय दिया जाएगा। चयनित अभ्यर्थियों को जिला बिलासपुर के उन सर्कलों में तैनात किया जाएगा, जहां वर्तमान में पद रिक्त हैं। इससे विभागीय कार्यों में आ रही बाधाएं दूर होंगी और राजस्व कार्यों में गति आएगी।
सिद्ध बाबा बालकनाथ धाम दियोटसिद्ध में गुरु पूर्णिमा के लिए वीरवार को दरबार सजेगा। पूरे भारत में मनाए जाने वाले गुरु-शिष्य के इस पवित्र पर्व की दियोटसिद्ध धाम में छटा अनोखी रहती है। श्रद्धालुओं की आस्था को देखते हुए प्रमुख गद्दी श्रीसिद्ध बाबा बालकनाथ गुफा दियोटसिद्ध एवं महंत बाबा बालकनाथ चैरिटेबल ट्रस्ट के सौजन्य से महंत आवास पर दो दिवसीय कार्यक्रम को लेकर तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। कार्यक्रम के पहले दिन बुधवार 9जुलाई को दोपहर 1 से शाम 5 बजे तक श्रद्धालुओं के लिए नामदान समारोह का आयोजन किया गया। गुरु पूर्णिमा पर्व के मौके पर 10 जुलाई को सुबह 7 से शाम 4 बजे तक भी श्रद्धालुओं के लिए नामदान दीक्षा पाने का आयोजन किया गया है। महंत आवास प्रशासन की तरफ से दोनों ही दिन आखंड लंगर भंडारे का आयोजन भी किया गया है। महंत श्रीश्रीश्री 1008 राजेंद्र गिरि के आदेशानुसार गुरु पूर्णिमा के समारोह के लिए महंत आवास को दुल्हन की तरह सजाया गया है। 9 जुलाई को शाम 5 से रात 10 बजे तक बाबा बालक नाथ की चौकी का आयोजन किया गया, जिसमें पंजाब के प्रसिद्ध गायक दीपक मान रोपड वाले व लखवीर लक्खा नवाँ शहर की जोड़ी प्रस्तुति देगी। 10 जुलाई को भी गुरु पर्व से जुडी सभी रस्मों को अदा करने के बाद बाबा की विशाल चौकी का आयोजन रहेगा ,जो सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक चलेगी।
देहरा ढलियारा फीडर की जरुरी मरम्मत व रखरखाव हेतू 11 जुलाई को 11 KV के अंतर्गत आने वाले गॉवदियारा , परागपुर, सुन्हेत, बडहूं, बघीन, बल्हार देहरा, दियारा . लोअर सुन्हेत , नेहरन पुखर ढलियारा की विद्युत् आपूर्ति सुबह 9.00 बजे .से 4.00 बजे तक बाधित रहेगी | मौसम खराव होने की स्थिति में यह कार्य अगले दिन किया जाएगा | यह जानकारी सहायक अभियन्ता विद्युत् उप मंडल देहरा ने दी है तथा उपभोक्ताओं से सहयोग की अपील की है
राजकीय माध्यमिक विद्यालय सायरी में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सायरी द्वारा राष्ट्रीय डेंगू दिवस एवं नशा मुक्ति दिवस पर एक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सायरी द्वारा स्कूली बच्चों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया गया तथा समाज में फैल रहे जानलेवा नशे के दुष्परिणामों के बारे जानकारी दी गई। विद्यालय में बच्चों के लिए नशे व डेंगू दिवस पर चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें बच्चों ने बढ़चढ़ कर भाग लिया। प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया गया। विद्यालय प्रधानाचार्या इन्दु शर्मा द्वारा बच्चों को पुरस्कार वितरित किए गए। उन्होंने विजेताओं को बधाई देते हुए उनका उत्साहवर्धन किया तथा अन्य छात्रों को भी भविष्य में ऐसी प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए प्रेरित किया। वहीं चित्रकला प्रतियोगिता में प्रथम स्थान कनिका कक्षा दस जमा दो, द्वितीय स्थान महक कक्षा दस जमा दो, तृतीय स्थान हितेश कक्षा दस जमा दो विजेता रहे। नशा मुक्ति दिवस चित्रकला प्रतियोगिता में प्रथम स्थान नरेंद्र कक्षा दस जमा दो, द्वितीय स्थान सोनाक्षी आठवीं कक्षा को दिया। विद्यालय प्रधानाचार्य ने कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों में स्वास्थ्य जागरूकता व नशे के विरुद्ध सशक्त संदेश प्रसारित करना था। इस मौके पर विद्यालय अध्यापक व स्वास्थ्य केंद्र के अधिकारी, कर्मचारी मौजूद रहे।
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पुण्यतिथि के उपलक्ष्य पर क्षय रोग अस्पताल चम्बा में आज मरीजों में फल बांटे गए। राजा वीरभद्र फ़ाउंडेशन की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में सर्वप्रथम स्व. वीरभद्र सिंह को याद किया गया। इस मौके पर फाउंडेशन के ट्रस्टी नवीन चौणा ने पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को एक जननायक और निस्वार्थ शख्सियत कहकर संबोधित किया। उन्होंने कहा कि जिस तरह एक कुशल वैद्य मरीज की नब्ज पकड़ते ही मर्ज का पता लगा लेता है और इलाज करता है, उसी तरह पूर्व मुख्यमंत्रीवीरभद्र सिंह भी हिमाचल की जनता की नब्ज से वाकिफ थे। उन तक पहुंचने वाले हर फरियादी को उन्होंने कभी खाली हाथ नहीं लौटाया। वे स्वभाव से ही संघर्षशील थे। उन्होंने कहा कि 6 बार हिमाचल के मुख्यमंत्री पद की कमान संभालने वाले वीरभद्र सिंह ने अपने राजनीतिक जीवन में जनता का भरपूर स्नेह हासिल किया। वे लोगों के दिलों में राज करते थे। पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह निर्णय लेने और उन्हें हकीकत में बदलने के लिए जाने जाते रहे। उन्होंने दलगत राजनीति से ऊपर उठकर प्रदेश का सर्वांगीण विकास करवाया। इस मौके पर एनएसयूआई कैंपस अध्यक्ष आर्यन भारद्वाज सहित एनएसयूआई कार्यकर्ता भी मौजूद रहे।
विधायक ज्वालामुखी संजय रत्न की अध्यक्षता में आज ज्वालामुखी विधानसभा क्षेत्र के तहत लोक निर्माण विभाग के विश्राम गृह खुंडियां में ‘सरकार गांव के द्वार’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। ‘सरकार गांव के द्वार’ कार्यक्रम के दौरान विधायक संजय रत्न ने चंगर क्षेत्र के अंतर्गत 25 पंचायतों के 20 पटवार क्षेत्र के लोगों से सीधा संवाद करते हुए बिजली ,पानी , डंगों, शमशान घाट, सड़क मरम्मत ,पंचायतीराज विभाग व राजस्व विभाग से संबंधित 190 शिकायतें व समस्याओं को सुना और 100 शिकायतों का मौके पर ही समाधान किया। साथ बची हुई 90 शिकायतों का एक महीने के भीतर निपटारा करने को संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। संजय रत्न ने अपने संबोधन में कहा कि ‘सरकार गांव के द्वार’ कार्यक्रम के माध्यम से जहां एक ओर लोगों की समस्याओं का त्वरित समाधान हो रहा है वहीं लोगों द्वारा रखी जा रही विभिन्न मांगों से क्षेत्र की आवश्यकताओं की जानकारी भी सरकार के समक्ष पहुंच रही है । उन्होंने कहा कि इलाके की समस्याओं को हल कर लोगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए वे हमेशा तैयार रहते हैं। उन्होंने कहा कि जनहित के कार्यों को प्राथमिकता और समयबद्ध पूरा करने के लिए सरकार ने सभी विभागों को आदेश दिये हैं, ताकि लोगों को किसी प्रकार कि असुविधा न हो। उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले समय में प्रत्येक गांव को सड़क सुविधा के साथ जोड़ना उनकी विशेष प्राथमिकता में शामिल है।सरकार गांव के द्वार कार्यक्रम के आयोजन को लेकर प्रदेश सरकार द्वारा हर पहलू को ध्यान में रखा गया है। संजय रत्न ने लोगों द्वारा रखी जा रही विभिन्न समस्याओं के त्वरित समाधान को लेकर प्रशासन की टीम ज्वालामुखी के कार्यों की सराहना भी की। साथ में उन्होंने यह भी कहा कि समाज की अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक सरकार की विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिले इसके लिए सरकार गांव के द्वार कार्यक्रम को हिमाचल प्रदेश में शुरू किया गया है । विधायक ने कहा कि कल भी उन्होंने ग्राम पंचायत टिप्परी ,जरूण्डी, पीहडी और नाहलियां के गांवों में क्षतिग्रस्त हुए डंगो , पानी की पाइपों ,सड़क, भारी बारिश के कारण आसपास के घरों में भूस्खलन के वजह से हुए नुकसान की स्थिति का भी जायजा लिया था और आज भी वह चंगर क्षेत्र की पंचायतों का बरसात से हुए नुकसान का निरीक्षण करेगें। इस अवसर पर एसडीएम ज्वालामुखी डॉ संजीव शर्मा, तहसीलदार शिवानी भारद्वाज, खंड विकास अधिकारी अंशु चंदेल, उप पुलिस अधीक्षक राम प्रसाद जयसवाल, अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग विवेक शर्मा, बिजली बोर्ड करणवीर सिंह , जल शक्ति विभाग अनीश ठाकुर सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी और संबंधित पंचायत के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
करसोग क्षेत्र में हाल ही में बादल फटने की घटनाओं के आपदाग्रस्त परिवारों की सहायता के उद्देश्य से पांगणा और इसके आसपास के क्षेत्रों में एक संगठित और मानवीय संवेदना से परिपूर्ण राहत अभियान चलाया जा रहा है, जो पांचवें दिन भी पूरी निष्ठा, समर्पण और उत्साह के साथ जारी रहा। स्थानीय स्वयंसेवकों, युवाओं, शिक्षक समुदाय और समाजसेवियों की टीमों ने बाजारों और गाँव-गाँव, घर-घर जाकर लोगों से सहायता राशि एकत्रित की। इस प्रयास के परिणामस्वरूप पहले दिन ₹29,071, दूसरे दिन ₹43,460, तीसरे दिन ₹19,651, चौथे दिन ₹54,622 और पाँचवें दिन ₹59,748 की राशि जुटाई गई। अब तक कुल ₹2,06,552 की सहायता राशि एकत्र हो चुकी है, जो प्रभावित परिवारों के तात्कालिक पुनर्वास और आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति हेतु अत्यंत महत्वपूर्ण है। राहत अभियान की पारदर्शिता और कुशल प्रबंधन को सुनिश्चित करते हुए आज से ऑफलाइन सहयोग राशि संग्रहण बंद कर दिया गया है, जबकि डिजिटल या ऑनलाइन माध्यम से सहयोग भेजने की अंतिम तिथि 9 जुलाई दोपहर 12:00 बजे निर्धारित की गई है। इसके उपरांत सभी नागरिकों से अनुरोध किया गया है कि वे संबंधित बैंक खाते में कोई भी राशि न भेजें, जिससे अभियान की समापन प्रक्रिया को व्यवस्थित रूप से पूर्ण किया जा सके। इस जनसहयोग अभियान की सबसे बड़ी विशेषता यह रही कि इसमें पांगणा क्षेत्र की अनेक सामाजिक, शैक्षणिक, धार्मिक और प्रशासनिक इकाइयों ने सक्रिय सहभागिता निभाई। व्यापार मंडल पांगणा, ग्राम पंचायतें – कलाशन, मशोग, सूई-कुफरीधार, सरही, चुराग – के प्रतिनिधियों ने न केवल आर्थिक सहयोग दिया, बल्कि स्वयं भी क्षेत्र में घूमकर जनसंपर्क किया। विद्यालय प्रबंधन समितियाँ (SMC), राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS), यूथ क्लब, इको क्लब, विभिन्न विद्यालयों के शिक्षक, विद्यार्थी और बुद्धिजीवियों ने मिलकर जनमानस को इस नेक कार्य से जोड़ने का सराहनीय प्रयास किया। इस अभियान की सफलता में प्रशासनिक अधिकारियों और समाजसेवियों की भूमिका भी उल्लेखनीय रही।
हिमाचल प्रदेश भाजपा के प्रदेश मीडिया सह-प्रभारी एडवोकेट विश्व चक्षु ने आपदा के दौर में सुक्खू सरकार द्वारा निगम बोर्ड के अध्यक्ष व उपाध्यक्षों मानदेय में भारी बढ़ोतरी किए जाने पर कहा कि प्रदेश में आर्थिक बदहाली का रोने वाले सरकार आए दिन नए कारनामें कर रही है। सरकार आपदा पीड़ितों की मदद करने की बजाए अपने चेहतों को रेबड़ियां बांट रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू कह रहे हैं कि हिमाचल प्रदेश की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। सत्ता लोभ में झूठी घोषणाएं कर प्रदेश को कर्ज़ के बोझ में दबाया जा रहा है। सुक्खू सरकार ऋण प्रदेश के विकास के लिए नहीं अपनों के वेतन बढ़ाने व अपने विकास के लिए ऋण ले रही है। उन्होंने कहा कि पिछले लगभग तीन सालों से कांग्रेस सरकार ने जनता को मुर्ख बनाया है। विश्व चक्षु ने कहा कि सरकार के पास कर्मचारियों व ठेकेदारों को देने के लिए पैसा नहीं है परंतु अपनी मौज-मस्ती के लिए सरकार दोनों हाथों से पैसा खर्च कर रही है। प्रदेश में जब से कांग्रेस सरकार सत्ता में आई है, सरकार गरीबों के हकों को छीनने में लगी हुई है। उन्होंने कहा कि इससे पहले सुक्खू सरकार ने भवन निर्माण और कामगार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष के मानदेय में सीधे एक लाख रुपये की बढ़ोतरी कर दी, जबकि पहले उन्हें 30 हजार रुपये मानदेय मिलता था। उन्होंने कहा कि सुक्खू ने जो व्यवस्था परिवर्तन की शुरुआत की है उससे हिमाचल प्रदेश विकास के मामले में कई वर्ष पीछे चला गया है। हिमाचल प्रदेश मीडिया सह-प्रभारी ने कहा कि मुख्यमंत्री सुक्खू मित्रों को खुश करने में लगे हुए हैं। मित्रों और मंत्रियों की ऐश में कोई कमी नहीं है, जबकि इसके विपरीत कर्मचारियों को उनके हक के लिए तरसाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बरसात के कारण प्रदेश में भारी नुकसान हुआ है। भाजपा लगातार पीड़ित परिवारों को राशन मुहैया करवा रही है। उनकी हर संभव मदद को आगे आ रही है, जबकि प्रर्देश के मुख्यमंत्री हेलीकाप्टर में बैठकर आसमान पर मंडरा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आपदा के दौरान ज़मीनी स्तर पर कैसे काम होता है यह सुक्खू सरकार को पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से सीखना चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने चुनावों के दौरान जो वायदे जनता से किए थे उन्हें भी सरकार आजदिन तक पूरा नहीं कर सकी है। विकास के नाम पर झूठी घोषणाएं करके जनता को गुमराह किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सुक्खू ने अपने चेहतों के वेतन में बढ़ोतरी कर उन कर्मचारियों के मुहं पर तमाचा मारा है जो कर्मचारी पहले से ही पेंडिंग डीए और एरियर को लेकर सरकार के खिलाफ़ मोर्चा खोले हुए हैं।
प्रदेश पुलिस पेंशनर वेलफेयर एसोसिएशन जिला सोलन के संयोजक एवं वरिष्ठ मुख्य सलाहकार धनीराम तनवर, श्यामलाल ठाकुर, सतपाल शर्मा, जसवीर सिंह, नेकीराम, नागेंद्र ठाकुर, प्रेम कंवर,दीप राम ठाकुर, रतिराम शर्मा, संतराम चंदेल, पतराम पवर, चमन लाल, वेद ठाकुर, पुष्पा सूद ,जीत सिंह, धर्म सिंह ठाकुर, श्यामलाल भाटिया व समस्त कार्यकारिणी ने संयुक्त बयान में प्रदेश सरकार के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित कर दुख प्रकट किया। इस सरकार को ऐसे समय में जबकि पूरा हिमाचल बरसात की आपदा में हजारों लोग बेघर हो चुके हैं। करोड़ों रुपए का नुकसान हो चुका है। सैकड़ो जाने जा चुकी है मगर शर्म की बात है कि यह सरकार अपनी मानवता को भुलाते हुए भी अपने निगमों बोर्डो के अध्यक्ष व उपाध्यक्षों का मानदेय दुगना किया जा रहा है। जबकि इन्हें पहले ₹30000 मासिक मानदेय मिलता था उसके साथ अब सारे भत्ते बढ़कर करीब 1,11000 इन्हें अदा करने के आदेश पारित किए गए हैं। जिसकी पूरे प्रदेश में निंदा की जा रही है जबकि ऐसे समय में कर्मचारी व पेंशनरों से सहायता कोष में अपने एक दिन की पेंशन मांगी जाती है लेकिन इनका यह कर्म देखिए जो की पूरे देश प्रदेश में ऐसा कभी नहीं हुआ होगा। जिसको यह सरकार कर रही है। पेंशनर अपने देन दारीयो के बारे अपने एरियर व अपने मेडिकल बिल डी ऐ के बारे जो उनके हक के बनते हैं। उसकी मांग करती है तो प्रदेश सरकार की आर्थिक स्थिति बदहाल हो जाती है। जब इन्हें अपने माननीय के वेतन भत्ते बढ़ाने होते हैं तो तब आर्थिक स्थिति कहां चली जाती है क्योंकि सरकार को बचाने के लिए एक किस्म का मानदेय बढ़ाकर लालच देने का कार्य कि या है। इस प्रकार के निंदनीय कार्य आज तक किसी भी सरकार में ऐसे फैसले नहीं दिए गए। यह सरकार अपने लाभ के लिए कर रही है जबकि सालों से जो पेंशनर गंभीर बीमारी से पीड़ित है उनके लाखों रुपए के मेडिकल बिल सरकार के पास पेंडिंग है। बार-बार मांग करने पर भी इन्हें कुछ सुनाई नहीं दे रहा है। बिना मेडिकल बिलों के भुगतान ना होने पर भी बेमौत मारे जा रहे हैं। जिनकी बददुआएं भी सरकार पर पड़ेगी और इन्हें ले डूबेगी। इस बात का भी अफसोस है की जो प्रदेश के संगठन पेंशनरों ने बनाई थी वह अपने बजुद की लड़ाई में मसरूफ है जिनमें कई-कई गुट बन चुके हैं जिनके कारण भी सभी पेंशनर्स परेशान है। यह लोग अपनी कुर्सी के पीछे पड़े हैं इन्हें कोई पेंशनर से लेना देना नहीं है जब इनकी एक जुटता ही नहीं होगी तो सरकार पर यह क्या दवाब डालेंगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने सदन में कहा था कि 3 प्रतिशत डी, ऐ 70 साल के ऊपर के पेंशनर को जून में दिए जाएगा। लेकिन उसके बारे कोई घोषणा नहीं की जा रही है।
जब कर्मचारियों पेंशनरों की बात आती है तो सरकार को वित्तीय संकट आड़े आता है लेकिन अब प्रदेश अध्यक्षों, उपाध्यक्षों के मानदेय में सरकार द्वारा की गई बढ़ोतरी से कोई फर्क नहीं पड़ता। यह शब्द पेंशनर एसोसिएशन कुनिहार की मासिक बैठक में गुंजी। पेंशन भवन तालाब कुनिहार में प्रधान विनोद जोशी की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई। बैठक में पेंशनर एसोसेशन के कार्यकारिणी सदस्यों द्वारा कई विषयों पर चर्चा की गई। सर्व प्रथम बैठक में 70 वर्ष से अधिक आयु के पेंशनरों की बकाया एरियर का 30 प्रतिशत देने का धन्यवाद करते हुए पेंशनरों ने कहा कि इसमें सरकार ने कोताही की है । जबकि सरकार ने 70 वर्ष से अधिक आयु के पेंशनरों को पूरा एरियर देने को कहा था। पेंशनरों ने एक स्वर में कहा कि मुख्यमंत्री ने खुद यह बयान दिया था। पेंशनरों ने कहा कि संशोधित वेतन एरियर और महंगाई भत्ते की किस्तों का तुरंत भुगतान करने के आदेश पारित करें। अन्यथा पेंशनरों को अब संघर्ष का रास्ता अपनाना पड़ेगा। बैठक में पेंशनरों ने प्रदेश सरकार की महंगाई भत्ते की बकाया किस्तों का भुगतान जल्द से जल्द करने की मांग भी की। सेवानिवृत कर्मचारियों की एकमुश्त की एवज में 15 वर्ष तक कटने वाली राशि को भी घटाकर 10 वर्ष 8 माह के पश्चात पेंशन के साथ समायोजित करने के आदेश दिए जाए। वहीं 65 , 70 और 75 वर्ष के सेवानिवृत कर्मचारियों को 5 , 10 व 15 प्रतिशत के लाभ को मूल वेतन पर देकर पेंशन में समायोजित किया जाना चाहिए। बैठक में सरकार से अनुरोध किया गया कि जे सी सी की बैठक भी जल्द बुलाई जाए। ताकि लंबित मांगों पर विस्तार से चर्चा की जा सके। इस प्रकार सेवा निवृत कर्मचारियों से अन्याय न किया जाए। वही बैठक में कार्यकारणी सदस्य दिला राम पंवर, गोपाल पंवर,, ज्ञान चंद जोशी, सूर्य कांत जोशी, वीरेंद्र सिंह, श्याम चंद परिहार, डी एन परिहार, दीप राम, राजेंद्र शर्मा, राम स्वरुप सहित आदि पेंशनर मौजूद रहे।
एनएसयूआई के जिला कांगड़ा के उपाध्यक्ष नीरज राणा ने मंडी में आपदा से पीड़ित लोगों की मदद के लिए ज्वालामुखी विधानसभा तथा अन्य क्षेत्र की जनता का आभार व्यक्त किया है। नीरज राणा ने कहा कि राजनीति से ऊपर उठकर प्रदेशाध्यक्ष एनएसयूआई टोनी ठाकुर की अध्यक्षता में ये सहयोग मुहिम चलाई गई है। उन्होंने कहा कि भविष्य में जहां भी मदद की जरूरत होगी वे अपनी टीम के साथ खड़े रहेंगे। उनका कहना है कि इंसानियत अभी भी जिंदा है मदद करने के लिए दिल चाहिए। राणा ने कहा कि एनएसयूआई प्रदेश अध्यक्ष टोनी ठाकुर जिला मंडी एनएसयूआई टीम के साथ सिराज , थुनाग , बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पैदल पहुंचकर राहत सामग्री वितरित करने में लगे हुए है। टोनी ठाकुर ने अन्य संगठनों व एनजीओ से भी अपील की है कि ज्यादा से ज्यादा लोग इस मुहिम में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें।
ज्वालामुखी उपमंडल के तहत पड़ते गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल भड़ोली कोहाला में क्लस्टर संसाधन साझेदारी कार्यक्रम का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया । कार्यक्रम में GMS धनोट और GHS बंडोल के विद्यार्थियों ने भाग लिया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को विद्यालय के आधुनिक संसाधनों और प्रयोगशालाओं से रूबरू कराना तथा नवाचार और सहयोगात्मक शिक्षा को प्रोत्साहित करना था। विद्यार्थियों ने एस्कॉर्ट शिक्षकों के साथ मिलकर वर्चुअल रियलिटी लैब, अटल टिंकरिंग लैब, कंप्यूटर लैब, ऑटोमोबाइल वर्कशॉप, एस्ट्रोनॉमी लैब, केमिस्ट्री और बायोलॉजी लैब, गणित एवं भाषा प्रयोगशाला और पुस्तकालय का अवलोकन किया। उन्होंने विज्ञान, तकनीक, गणित, भाषाओं और खगोलशास्त्र से संबंधित गतिविधियों में भाग लेकर व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त किया। ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ अभियान के अंतर्गत छात्रों ने मलयालम भाषा में प्रस्तुतियाँ दीं, जिससे भाषाई विविधता और सांस्कृतिक समरसता का संदेश दिया गया। इसके अतिरिक्त, स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम के माध्यम से क्लस्टर स्कूलों के छात्रों ने GSSS भड़ोली कोहाला के वरिष्ठ छात्रों से संवाद किया, जो इस क्षेत्र में अपनी तरह की पहली पहल रही। कार्यक्रम की अध्यक्षता कार्यवाहक प्रधानाचार्य रवींद्र शर्मा ने की, जिन्होंने समावेशी शिक्षा और संसाधन साझा करने पर विचार साझा किए। कार्यक्रम में विपिन शर्मा (सेवानिवृत्त उपनिदेशक), केसी दत्ता (सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य) तथा विद्यालय प्रबंधन समिति (SMC) के सदस्य मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। मुख्य अतिथियों ने विद्यार्थियों से संवाद किया, प्रयोगशालाओं का निरीक्षण किया और विद्यार्थियों के कार्य की सराहना की। कार्यक्रम के पश्चात सभी अतिथियों एवं विद्यार्थियों के लिए भोजन की व्यवस्था की गई और इसके बाद खेलकूद प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं।
सेर क्लीन सुधार सभा वार्ड नं 13 की मासिक बैठक में सभा की नई कार्यकारिणी का गठन हेमशंकर शर्मा की अध्यक्षता में सर्वसम्मति से सफलतापूर्वक किया गया। सभा की नई कार्यकारिणी का गठन आगामी कार्यकाल (3 वर्षों) के लिए किया गया है। यह कार्यकारिणी सभा के उद्देश्यों एवं मूल्यों को समर्पित भाव से आगे बढ़ाने हेतु प्रतिबद्ध है। नई कार्यकारिणी में मंझा राम तीसरी बार अध्यक्ष चुने गए। वरिष्ठ उपाध्यक्ष पद के लिए एल.आर. दहिया, उपाध्यक्ष कैलाश डोगरा (बंटी) और जगदीश गर्ग चुने गए। जबकि महासचिव वेणी प्रसाद को बनाया गया। इसके अलावा संगठन महासचिव विनोद ठाकुर, कोषाध्यक्ष के.के. शर्मा, लेखा परीक्षक के.एल. शर्मा, सलाहकार नरेंद्र कुमार शर्मा, विधि सलाहकार हिमांशु कांडल को चुना गया। इसके अलावा संयुक्त सचिव रितेश शर्मा, संगठन सचिव उमेश कमल और मीडिया सलाहकार एवं प्रेस सचिव आदर्श टेगटा को नियुक्त किया गया।
मानसून सीजन के दौरान प्रदेश में अभी भी 235 सड़कें, 163 बिजली ट्रांसफार्मर और 174 पेयजल योजनाएं ठप हैं। मानसून सीजन के दौरान प्रदेश को 692 करोड़ का नुकसान हो चुका है। जिला मंडी सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। मानसून सीजन में सामान्य से 37 फीसदी अधिक बारिश दर्ज हुई है। 20 जून से सात जुलाई तक प्रदेश में 197.9 मिलीमीटर बारिश दर्ज हुई। इस अवधि में 144 मिलीमीटर बारिश को सामान्य माना गया है। चंबा, किन्नौर, लाहौल-स्पीति में सामान्य से कम और शेष जिलों में अधिक बारिश दर्ज हुई। बिलासपुर में सामान्य से 59, हमीरपुर में 87, कांगड़ा में 45, कुल्लू में 36, मंडी में 111, शिमला में 96, सिरमौर में 62, सोलन में 50 और ऊना में 105 फीसदी अधिक बारिश दर्ज हुई। उधर, 30 जून से सात जुलाई तक एक सप्ताह के दौरान प्रदेश में सामान्य से 43 फीसदी अधिक बारिश हुई। मंडी में सामान्य से 198, ऊना में 192, शिमला में 176 फीसदी अधिक बारिश रिकॉर्ड हुई।
हिमाचल में बीते सप्ताह भारी नुकसान पहुंचाने के बाद मानसून की रफ्तार कुछ कमजोर हो गई है। प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में हल्की बारिश के पूर्वानुमान के साथ 13 जुलाई तक मौसम साफ रहने की संभावना है। सोमवार को लगातार दूसरे दिन भी प्रदेश के अधिकांश जिलों में धूप खिली। सिर्फ कांगड़ा में बूंदाबांदी हुई। राजधानी शिमला सहित प्रदेश में कई जगह सोमवार को दिन भर मौसम साफ रहा। धूप खिलने से अधिकतम तापमान में बढ़ोतरी दर्ज हुई है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार 8, 9 और 10 जुलाई को राज्य के कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश और 11, 12 और 13 जुलाई को कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने का पूर्वानुमान है। ऊना, बिलासपुर, सोलन और सिरमौर के कुछ क्षेत्रों में बारिश का येलो अलर्ट भी जारी हुआ है। मंगलवार को बिलासपुर, चंबा, हमीरपुर, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला, सिरमौर, सोलन और ऊना जिलों के कुछ जलग्रहण क्षेत्रों और आसपास के क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बाढ़ की संभावना है। इस बीच, रविवार रात को बीबीएमबी में 58, नंगल डैम में 56, बरठीं में 44.6, ऊना में 43.0, श्री नयना देवी में 36.4 और गोहर में 29 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है।
** 10 जुलाई गुरु पूर्णिमा पर होगा गुरु-शिष्य मिलन कार्यक्रम कुनिहार (सोलन): विकास खंड सोलन की ग्राम पंचायत पट्टाबरावरी स्थित बांके बिहारी मंदिर में छह दिवसीय कृष्ण कथा एवं गुरु पूर्णिमा महोत्सव का शुभारंभ कलश यात्रा के साथ हुआ। इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कथा वाचक और प्रसिद्ध आचार्य हरिजी महाराज का पट्टाबरावरी पहुंचने पर स्थानीय लोगों ने पुष्प वर्षा और माल्यार्पण कर भव्य स्वागत किया। हरिजी महाराज ने मंदिर में पूजा-अर्चना कर मंत्रोच्चारण के साथ कलश स्थापना की और कथा का विधिवत शुभारंभ किया। कथा के पहले दिन उन्होंने भगवान कृष्ण की विविध लीलाओं का वर्णन करते हुए कहा कि भगवान प्रत्येक कण में व्याप्त हैं और उनका स्मरण जीवन के हर क्षण में करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि हम सुख में भी भगवान को याद करें, तो दुख हमारे समीप नहीं आएगा। आचार्य हरिजी महाराज ने गुरु भक्ति की महिमा बताते हुए कहा कि गुरु के प्रति समर्पण से शिष्य अपने सभी पापों से मुक्त हो सकता है। उन्होंने कहा कि जो भक्त सच्चे मन से कृष्ण कथा का श्रवण करते हैं, उनके जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। उन्होंने आज की युवा पीढ़ी को नशे से दूर रहने का संदेश देते हुए कहा कि नशा राष्ट्र को कमजोर कर रहा है। अभिभावकों को चाहिए कि वे बच्चों को नैतिक मूल्यों और आध्यात्मिकता की ओर प्रेरित करें, ताकि वे अच्छे नागरिक बनकर राष्ट्र निर्माण में योगदान दे सकें। उन्होंने कहा कि बच्चों को अपने माता-पिता, गुरुजनों और बड़ों का सम्मान अवश्य करना चाहिए। इस आयोजन की जानकारी हरि सेवाधाम ट्रस्ट, पट्टाबरावरी के मीडिया प्रभारी डीडी कश्यप ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से दी। उन्होंने आसपास की ग्राम पंचायतों हरिपुर और जाबल जमरोट के लोगों से आग्रह किया कि वे इस आयोजन में बढ़-चढ़कर भाग लें।
थाना केलांग की पुलिस टीम ने सहायक उपनिरीक्षक रणबीर सिंह (इंचार्ज TTR विंग) के नेतृत्व में बिलिंग पुल के पास नियमित नाका एवं ट्रैफिक चेकिंग के दौरान एक वाहन को जांच के लिए रोका, जो तांदी से केलांग की ओर जा रहा था। तलाशी के दौरान वाहन की डिक्की से एक कार्टन बरामद हुआ, जिसमें कुल 13 कांच की बोतलें मिलीं। इसमें 6 बोतलें अंग्रेजी शराब तथा 7 बोतलें देसी शराब की पाई गईं। वाहन चालक उक्त शराब के परिवहन हेतु कोई वैध लाइसेंस या परमिट प्रस्तुत नहीं कर सका। इस पर संबंधित व्यक्ति के विरुद्ध पुलिस थाना केलांग में मामला दर्ज कर आगामी कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत खरीफ सीजन 2025 के लिए मक्की व धान की फसलों के बीमा की अधिसूचना जारी कर दी गई है। मक्की व धान की फसलों के लिए बीमित राशि 60,000 रुपए प्रति हेक्टेयर निर्धारित की गई है। बीमा करवाने की अंतिम तिथि 15 जुलाई निर्धारित की गई है। इस योजना के तहत 1 जुलाई से 7 जुलाई तक "बीमा सप्ताह" मनाया जा रहा है, विभिन्न स्थानों पर कैम्प आयोजित किए जाएंगे, जिनमें किसानों को योजना की विस्तृत जानकारी दी जाएगी और उन्हें अधिक से अधिक संख्या में बीमा करवाने के लिए प्रेरित किया जाएगा तथा ही सी एस सी के वि एल ई को भी ट्रेनिंग दी जाएगी। गैर-ऋणी किसानों से अनुरोध है कि वे अपने राजस्व पत्रों तथा पटवारी द्वारा सत्यापित फसल बिजाई प्रमाणपत्र सहित नजदीकी लोकमित्र केंद्र जाकर अपनी मक्की व धान की फसलों का बीमा अवश्य करवा लें, ताकि प्राकृतिक आपदाओं के कारण होने वाले नुकसान की भरपाई सुनिश्चित की जा सके। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत कम वर्षा या प्रतिकूल मौसमी परिस्थितियों के कारण बुआई या रोपण न हो पाने की स्थिति, फसल के बुआई से लेकर कटाई तक के दौरान सूखा, लंबे समय तक शुष्क मौसम, कीट व रोग, बाढ़, जलभराव जैसी परिस्थितियों, कटाई के बाद खेत में सूखने के लिए छोड़ी गई फसल को चक्रवात, चक्रवाती वर्षा या असमय वर्षा से होने वाले नुकसान तथा ओलावृष्टि, भूस्खलन व जलभराव जैसी स्थानीयकृत आपदाओं से होने वाले नुकसान की भरपाई की जाएगी।
प्रदेश में लगातार बारिश का दौर जारी है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में इस मानसून सीजन में 20 जून से 4 जुलाई तक 72 लोगों की जान गई है। 113 लोग घायल हुए हैं। 251 मवेशियों की माैत हुई है। 122 से अधिक घरों, दुकानों को क्षति हुई है। 208 गोशालाएं भी तबाह हो गईं। नुकसान का आंकड़ा 54,109.17 लाख रुपये तक पहुंच गया है। सड़क हादसों में 27 लोगों की माैत हुई है। वही बीते 24 घंटों के दाैरान जोगिंद्रनगर में 52.0, नाहन 28.8, पालमपुर 28.8, पांवटा साहिब 21.0, ऊना 18.0, बरठीं 17.4, कांगड़ा 15.6 और श्री नयना देवी में 12.6 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। प्रदेश में शनिवार सुबह 10:00 बजे तक 261 सड़कें ठप रहीं। राज्य में 300 बिजली ट्रांसफार्मर और 281 जल आपूर्ति स्कीमें भी प्रभावित चल रही हैं। सबसे अधिक 176 सड़कें मंडी जिले में बाधित हैं। कुल्लू में 39 व सिरमाैर जिले में 19 सड़कें बाधित हैं।
पधर उपमंडल की चौहारघाटी की ग्राम पंचायत सिल्हबुधाणी के कोरतंग गांव में रविवार रात करीब 12 बजे बादल फटने की घटना से क्षेत्र में भारी तबाही मच गई। गांव के साथ लगते नाले में अचानक आए सैलाब से एक वाहन योग्य पुल सहित तीन पैदल पुल (पुहुली) बह गए हैं। नाले के किनारे बसे ग्रामीणों की मलकियत उपजाऊ भूमि, खड़ी फसलें और बागीचे पानी व मलबे में समा गए हैं। पंचायत प्रधान प्रेम सिंह ठाकुर और बीडीसी सदस्य कमला ठाकुर ने बताया कि इस प्राकृतिक आपदा में जानमाल का कोई नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन आने वाले समय में गांव को गंभीर खतरा बना हुआ है। नाले के तेज बहाव और कटाव के चलते क्षेत्र की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए पंचायत प्रधान की ओर से एसडीएम पधर को एक रिपोर्ट भेजी गई है, जिसमें क्षेत्र की वर्तमान स्थिति और संभावित खतरे का ब्यौरा देते हुए शीघ्र राहत एवं सुरक्षा उपायों की मांग की गई है। एसडीएम पधर सुरजीत सिंह ठाकुर ने बताया कि प्रशासनिक टीम को तत्काल घटनास्थल के लिए रवाना कर दिया गया है। मौके पर जाकर नुकसान का जायजा लिया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश का दाैर लगातार जारी है। बीते 24 घंटों के दाैरान जोगिंद्रनगर में 52.0, नाहन 28.8, पालमपुर 28.8, पांवटा साहिब 21.0, ऊना 18.0, बरठीं 17.4, कांगड़ा 15.6 और श्री नयना देवी में 12.6 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। प्रदेश में शनिवार सुबह 10:00 बजे तक 261 सड़कें ठप रहीं। राज्य में 300 बिजली ट्रांसफार्मर और 281 जल आपूर्ति स्कीमें भी प्रभावित चल रही हैं। सबसे अधिक 176 सड़कें मंडी जिले में बाधित हैं। कुल्लू में 39 व सिरमाैर जिले में 19 सड़कें बाधित हैं। माैसम विज्ञान केंद्र शिमला की ओर से प्रदेश के कई भागों में 7 व 8 जुलाई के लिए भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। 6 जुलाई के लिए कांगड़ा, मंडी व सिरमाैर जिले के कुछ स्थानों पर भारी से अत्याधिक भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी हुआ है। विभाग के अनुसार 5 से 9 जुलाई तक अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। 10 और 11 जुलाई कई स्थानों पर बारिश हो सकती है। वही 5 व 9 जुलाई तक 10 जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। 6 जुलाई को ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, चंबा, कुल्लू, शिमला व सोलन जिले के कुछ भागों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट। 7 जुलाई को ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, चंबा, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला, सोलन व सिरमाैर के लिए ऑरेंज अलर्ट। 8 जुलाई को ऊना, हमीरपुर, चंबा व कांगड़ा जिले के लिए ऑरेंज अलर्ट, अन्य जिलों के लिए येला।
हिमाचल प्रदेश सरकार ने राशन वितरण में पारदर्शिता और समयबद्धता सुनिश्चित करने के लिए आधार आधारित फेस ऑथेंटिकेशन प्रणाली लागू कर दी है। डिजिटल तकनीक एवं शासन विभाग (डीडीटीजी) की इस पहल के तहत अब सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) में लाभार्थियों का सत्यापन स्मार्टफोन कैमरे के जरिए चेहरे की स्कैनिंग से किया जाएगा। मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (नवाचार, डिजिटल तकनीक एवं शासन) गोकुल बुटेल ने बताया कि यह व्यवस्था देश में पहली बार हिमाचल प्रदेश में लागू की गई है। इससे पहले सत्यापन के लिए ओटीपी और बायोमेट्रिक तकनीक का इस्तेमाल होता था, लेकिन इसमें एसएमएस डिलीवरी और बायोमेट्रिक मिलान में कई बार दिक्कतें आती थीं, जिससे राशन वितरण में देरी होती थी। नई फेस ऑथेंटिकेशन प्रणाली एक सुरक्षित मोबाइल ऐप के जरिए संचालित होती है और यह नेटवर्क या बायोमेट्रिक हार्डवेयर पर निर्भर नहीं करती। इससे सत्यापन की सफलता दर में सुधार हुआ है और प्रक्रिया तेज हो गई है। इस बदलाव के बाद लाभार्थियों को उनका राशन समय पर मिलना शुरू हो गया है, जिससे पीडीएस प्रणाली में विश्वसनीयता बढ़ी है। गोकुल बुटेल ने बताया कि यह तकनीक मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के आदेशानुसार शुरू की गई है।
हिमाचल प्रदेश राजभवन परिसर में भगवान श्रीराम की दिव्य प्रतिमा स्थापना की पहली वर्षगांठ शुक्रवार को श्रद्धा, आस्था और भक्ति भाव से मनाई गई। इस अवसर पर राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों की सुख, समृद्धि और कल्याण की कामना की। कार्यक्रम में लेडी गवर्नर श्रीमती जानकी शुक्ला भी उपस्थित रहीं। राज्यपाल ने भगवान श्रीराम की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए और विशेष रूप से आयोजित पूजन समारोह में भाग लिया। राज्यपाल ने कहा कि यह दिव्य प्रतिमा मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के आदर्शों और मूल्यों की प्रतीक है। श्रीराम के जीवन से हमें सत्य, धर्म, विनम्रता और न्याय के पथ पर चलने की प्रेरणा मिलती है। उन्होंने कहा कि रामराज्य की भावना को जन-जन के हृदय और घर तक पहुंचाने का संकल्प लिया गया है। राज्यपाल ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि सुशासन, करुणा और निःस्वार्थ सेवा जैसे मूल्य आज के सामाजिक और प्रशासनिक ढांचे में भी अत्यंत प्रासंगिक हैं, और इन आदर्शों को समाज में व्यापक रूप से प्रसारित करने की आवश्यकता है। इस अवसर पर राज्यपाल के सचिव सी.पी. वर्मा, राजभवन के अधिकारी एवं कर्मचारी भी कार्यक्रम में उपस्थित रहे।
रांची विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति नारायण लाल नड्डा के 100वें जन्मदिवस के अवसर पर, शनिवार को बिलासपुर में एक खास पहल की शुरुआत हुई। नड्डा परिवार ने चेतना संस्था और कृष्णा उत्कर्ष संस्था के सहयोग से जिले के बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए घर-घर जाकर मुफ्त इलाज देने वाली मोबाइल स्वास्थ्य वैन सेवा को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस सेवा की घोषणा पहले ही वीरवार को कर दी गई थी, जिसमें बताया गया था कि यह वैन बिलासपुर जिले के जरूरतमंद लोगों तक पहुंचकर उन्हें निशुल्क चिकित्सा परामर्श और प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराएगी। मोबाइल हेल्थ वैन सेवा का उद्देश्य ग्रामीण और असहाय लोगों को उनके घर द्वार पर ही स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराना है, जिससे वे आसानी से लाभान्वित हो सकें। नड्डा परिवार की इस सामाजिक पहल को स्थानीय लोगों ने सराहा है, और उम्मीद जताई है कि यह सेवा क्षेत्र के जरूरतमंदों के लिए एक बड़ी राहत साबित होगी।
हाल ही में करसोग क्षेत्र में आई आपदा के पीड़ितों की सहायता हेतु पांगणा उपमंडल के कर्मचारियों ने एक सराहनीय पहल की है। सहायक अभियंता अंकुश धीमान के नेतृत्व में कर्मचारियों ने ₹11,000 की राहत राशि एकत्र की, जिसे तहसीलदार पांगणा के माध्यम से उपमंडल अधिकारी (एसडीएम) करसोग को सौंपा गया। इस अवसर पर वरिष्ठ सहायक प्रताप सिंह, जूनियर इंजीनियर यंकुश कुमार, रंजीत, और जेओए सुनील कुमार सहित उपमंडल के अन्य कर्मचारी भी मौजूद रहे। यह योगदान कर्मचारियों की संवेदनशीलता, सामाजिक जिम्मेदारी और एकजुटता का प्रतीक है। सभी कर्मचारियों ने यह संकल्प भी लिया कि भविष्य में यदि किसी भी प्रकार की आपदा आती है, तो वे एकजुट होकर हरसंभव सहायता के लिए तत्पर रहेंगे।
भारत और नेपाल के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रिश्तों को एक नई ऊर्जा देने के उद्देश्य से 'इंडो-नेपाल टूर एंड ट्रैकिंग ग्रुप' की औपचारिक शुरुआत सुबाथू में की गई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सेना मेडल और वशिष्ठ सेना मेडल से सम्मानित पूर्व मेजर जनरल अतुल कौशिक रहे। उन्होंने कहा कि भारत-नेपाल के बीच सदियों पुराने भाईचारे और सांस्कृतिक संबंधों को यह ग्रुप और अधिक सशक्त करेगा। मेजर जनरल कौशिक ने बताया कि इस ग्रुप के माध्यम से ट्रैवलिंग और ट्रैकिंग के शौकीन अब नेपाल की सुरम्य वादियों का आनंद ले सकेंगे। साथ ही, भगवान पशुपतिनाथ के मंदिर और भगवान बुद्ध की जन्मस्थली लुंबिनी जैसे धार्मिक स्थलों की यात्रा से श्रद्धालुओं की आस्था को भी मजबूती मिलेगी। ग्रुप का संचालन सेना से सेवानिवृत्त सूबेदार मेजर धन बहादुर करेंगे, जिन्हें सेना में रहते हुए पर्यावरण संरक्षण, ट्रैकिंग तकनीक और आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त है। अब वे इसी अनुभव के बल पर युवाओं को ट्रैकिंग के दौरान प्रशिक्षित करेंगे। इस अवसर पर ग्रुप के सदस्य दीपक और नरेंद्र के साथ रिटायर्ड कर्नल विजेंदर, शौर्य चक्र विजेता देवेंद्र थापा, सुबाथू छावनी बोर्ड के नामित सदस्य रवि शर्मा, मनोज शर्मा, विनोद मारवाह और दीपक तमांग सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
कांगड़ा पुलिस ने एक बड़ी कार्यवाही करते हुए टांडा मेडिकल कॉलेज के समीप एक निजी गेस्ट हाउस में चल रहे देह व्यापार का भंडाफोड़ किया है। पुलिस थाना कांगड़ा में 3 जुलाई को सूचना प्राप्त हुई कि टांडा मेडिकल कॉलेज रोड पर स्थित गेस्ट हाउस में बाहरी राज्यों से लड़कियां आकर देह व्यापार में शामिल थीं। डीएसपी अंकित शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए दो टीमों का गठन किया और एक संयुक्त योजना के तहत दो व्यक्तियों को ग्राहक बनाकर गेस्ट हाउस भेजा। जब वे वहां पहुंच गए, तो दोनों टीमों ने संयुक्त दबिश दी और दो लड़कियों को गेस्ट हाउस से रेस्क्यू किया। उन्होंने बताया कि देह व्यापार करवाने वाली महिला नीतू राजपूत उम्र 35 वर्ष, मनीमाजरा पंजाब को भी हिरासत में लिया गया। पुलिस थाना कांगड़ा में (ITPA) के तहत मामला दर्ज करके आगामी कार्रवाई शुरू कर दी गई है। डीएसपी अंकित शर्मा ने बताया कि दोनों पीड़िताओं को सुरक्षित अभिरक्षा में रखा गया है और उन्हें 4 जुलाई को अदालत में पेश किया जाएगा। इस देह व्यापार में संलिप्त दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि पुलिस उपमंडल अधिकारी, कांगड़ा, प्रभारी पुलिस थाना कांगड़ा, संजीव कुमार और 10 अन्य पुलिस कर्मियों ने इस कार्रवाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। पुलिस की टीम ने अपनी मुस्तैदी और योजना के तहत इस देह व्यापार का भंडाफोड़ किया। डीएसपी अंकित शर्मा ने बताया कि पुलिस अब इस मामले में आगे की कार्रवाई कर रही है और देह व्यापार में संलिप्त अन्य दोषियों की पहचान करने की कोशिश कर रही है। पुलिस का कहना है कि इस तरह के अपराधों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड कर्मचारी यूनियन, यूनिट ज्वालामुखी का सम्मेलन ज्वालामुखी में यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष कामेश्वर दत्त शर्मा की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ।सम्मेलन को संबोधित करते हुए कामेश्वर दत्त शर्मा ने ऊर्जा क्षेत्र में हो रहे ताज़ा घटनाक्रमों पर विस्तार से चर्चा की और कर्मचारियों को वर्तमान स्थिति से अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि विद्युत बोर्ड प्रबंधन द्वारा किए जा रहे तरह-तरह के प्रयोगों के कारण बोर्ड की कार्यप्रणाली गंभीर रूप से प्रभावित हो रही है। उन्होंने बताया कि विद्युत बोर्ड इस समय कर्मचारियों की भारी कमी से जूझ रहा है। पिछले तीन वर्षों से बोर्ड में कोई नियमित भर्ती नहीं हुई है। वर्ष 2023 में 1030 पदों की भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ की गई थी, परंतु आज तक वह प्रक्रिया केवल फाइलों में ही सीमित रह गई है। वहीं पैरा टी-मेट और बिजली मित्रों की भर्ती प्रक्रिया चलाई जा रही है, जो बोर्ड की दीर्घकालिक आवश्यकताओं को पूरा नहीं करती। बिजली उपभोक्ताओं को 24 घंटे निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने हेतु स्थायी कर्मचारियों की नियुक्ति अत्यंत आवश्यक है। 4 या 6 घंटे की ड्यूटी आधारित अस्थायी भर्ती से उपभोक्ताओं को सुचारू सेवा नहीं दी जा सकती। यूनियन की मांग है कि विद्युत बोर्ड में सभी भर्तियां स्थायी नीति के अंतर्गत की जाएं और बोर्ड में कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए भी एक स्थाई नीति बनाकर उन्हें बोर्ड में समायोजित किया जाए। शर्मा ने सरकार से मांग की कि विद्युत बोर्ड में विभिन्न श्रेणियों के रिक्त पदों पर नियमित भर्ती तुरंत प्रभाव से शुरू की जाए तथा "युक्तिकरण" के नाम पर की जा रही पदों की कटौती पर तत्काल रोक लगाई जाए। उन्होंने यह भी कहा कि बोर्ड कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना शीघ्र बहाल की जाए और पदोन्नति से संबंधित वे सभी मामले, जो प्रबंधन स्तर पर लम्बे समय से लंबित पड़े हैं, तत्काल प्रभाव से पदोनती आदेश जारी किये जाएँ। कई कर्मचारी बिना पदोन्नति के सेवानिवृत्त हो रहे हैं, जो अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। शर्मा ने यह स्पष्ट किया कि यूनियन JAC (संयुक्त एक्शन कमेटी) कर्मचारी, अभियंता, पेंशन के साथ मिलकर 09 जुलाई 2025 को धर्मशाला (जिला कांगड़ा) में आयोजित होने वाली "बिजली महापंचायत" में भाग लेंगे और संघर्ष को और तेज किया जाएगा I सम्मेलन के दौरान यूनिट ज्वालामुखी की नई कार्यकारिणी का गठन सर्वसम्मति से किया गया। इस अवसर पर यूनियन के उप-महासचिव मनीष कुमार, उपाध्यक्ष पंकज शर्मा, सह-सचिव पंकज परमार, उप-प्रधान विनोद कुमार कार्यालय सचिव नितीश भारद्वाज, हमीरपुर यूनिट के सचिव राजेश कुमार, जोनल सचिव राकेश चौधरी सहित, पालमपुर यूनिट के प्रधान कुलदीप कुमार , नगरोटा से विजय कुमार, देहरा से शशि डोगरा ज्वालामुखी से निर्मल सिंह, जितेंदर, पंकज राणा, अंकुश, सुमित सतीश व् अन्य कई सदस्य उपस्थित रहे।
देहरा:पूर्व मंत्री व वॉलीबॉल फेडरेशन के अध्यक्ष वीरेंद्र कंवर से मिले देहरा भाजपा के पूर्व पदाधिकारी
देहरा भाजपा के पूर्व मंडल अध्यक्ष व पूर्व जिला महासचिव जगदीप डढवाल व एस.सी मोर्चा के पूर्व जिलाध्यक्ष कमल नयन डोगरा ने शुक्रवार को हाल ही में ऑल इंडिया वालीबॉल फेडरेशन के अध्यक्ष पर नियुक्त हुए वीरेंद्र कंवर से मुलाकात कर उन्हें इस नियुक्ति के लिए बधाई व शुभकानाएं दी। जगदीप डढवाल ने पुरानी यादें ताजा करते हुए कहा कि लगभग 10 साल पहले वीरेंद्र कंवर हिमाचल वालीबॉल फेडरेशन के अध्यक्ष थे तो उन्होंने अपनी इच्छा जताई कि इस बार प्रदेश वालीबॉल के मैच देहरा में हो। उन्होंने कहा कि वीरेंद्र कंवर खुद बहुत अच्छे खिलाड़ी रहे हैं और ऑल इंडिया लेवल का अध्यक्ष बनना कोई छोटी बात नहीं है। इसलिए हम सब हिमाचलवासी उनकी इस उपलब्धि से गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।
विधुत उप-मंडल परागपुर द्वारा क्षेत्र के सभी बिजली उपभोक्ताओं को सूचित किया गया है कि जिन उपभोक्ताओं ने अभी तक अपनी केवाईसी प्रक्रिया पूरी नहीं की है, वे जल्द से जल्द केवाईसी करवाले। बोर्ड द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, केवाईसी न करवाने वाले उपभोक्ताओं की बिजली आपूर्ति अस्थायी रूप से बंद की जा सकती है। विद्युत उपमंडल परागपुर में उपभोक्ता प्रत्येक कार्यदिवस को प्रातः 10 बजे से सायं 5 बजे तक अपने नजदीकी उप-केंद्र या अधिकृत कर्मी के माध्यम से केवाईसी करवा सकते हैं। इस बारे में सहायक अभियंता, विद्युत उप-मंडल परागपुर, ई. बिक्रमजीत सिंह द्वारा सूचना दी गई है कि सरकार के आदेशानुसार अब बिना केवाईसी के उपभोक्ताओं के बिल भी जारी नहीं हो पाएंगे, जिससे विद्युत आपूर्ति एवं भुगतान व्यवस्था पर प्रभाव पड़ेगा। इस कार्य को सुविधा जनक बनाने के लिए बोर्ड द्वारा आठ अधिकृत कर्मचारियों के नाम और उनके व्हाट्सएप फोन नंबर जारी किए गए हैं, जिनसे संपर्क कर उपभोक्ता सहायता प्राप्त कर सकते हैं। ये नाम और नंबर इस प्रकार हैं: 1 विक्रम 98054-67998 2 अमित 94592-20812 3 रंजीव 98163-63375 4 ऋषु भारत 98050-80304 / 94189-25700 5 निखिल 70184-00628 6 राजीव 94189-90519 7 संजीव 98827-71930 8 अमित बजाज 98059-86450 उन्होंने बताया कि जिन उपभोक्ताओं की केवाईसी अब तक नहीं हुई है उनकी बिजली आपूर्ति, बिलिंग सेवा तथा संबंधित सुविधाएं सरकार के निर्देशों अनुसार अस्थायी बंद की जा सकती हैं। इसलिए जनता से अपील की जाती है कि बिना किसी असुविधा के अपने दस्तावेज़ों के साथ समय पर केवाईसी पूरी करवाएं।
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आत्मनिर्भर भारत प्रदर्शनी का धर्मशाला में शुभारम्भ करते हुए कहा कि संसद में बात उठती है कि क्या इस देश को कुछ लोगों के लिए बेच दिया जाएगा। जिसमें पीएम मोदी की ओर से भारत की एक सामान्य महिला को भी एक करोड़ रुपए उधोग लगाने के लिए बिना जमानत के उपलब्ध करवाया जा रहा है। राज्यपाल ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत तभी बन पाएंगे, जब हम तन, मन व धन से समर्थित बनेंगे। आज के समय में सौर ऊर्जा और ग्रीन ऊर्जा के तहत लोग खुद बिजली उपकरणों को चलाने सहित दूसरों को भी बेच सकते हैं। राज्यपाल ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से हिमाचल को 90 फीसदी बजट प्रदान किया जा रहा है। ऐसे में इस बात को ध्यान में रखते हुए नेताओं व अधिकारियों को कार्य करना चाहिए। इस दौरान राज्यपाल ने कहा कि इस प्रदर्शनी से लोगों की ओर अधिक उत्सुकता बढ़ी है। डेस्टिनेशन हिमाचल जैसा दूरदर्शी आयोजन बहुत जरूरी व महत्वपूर्ण है। इस आयोजन से विकसित भारत-2047 की झकल देखने को मिली। पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से क्यों कहा गया है, इस पर विचार किया जाना चाइए। इसमें भारत की अर्थव्यवस्था, कृषि, तकनीक, विज्ञान सहित सभी विषयों की दिशा तय की जा रही है। राज्यपाल ने कहा कि 2014 में सांसद को गैस के लिए मात्र 20 कुफन दिए जाते थे। जिससे लोगों को परेशानियां हुई, सांसद में संशय में रहे। इस बीच पीएम मोदी ने दो करोड़ गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों को प्रदान करने की बात की थी। एक साल बाद संसद में सूची आई थी, उसमें चार करोड़ लोगों को कनेक्शन दिए गए। 2047 में अब कैसे विकसित होंगे, जब महिलाएं घरों में चूल्हा ही जलाती रहेगी, लेकिन अब 12 करोड़ से अधिक गैस कनेक्शन मुफ्त में दिया जा चुका है। पीएम की ओर से जनधन खाते की घोषणा की गई, जिसमें पैसा जमा नहीं करना होगा, बैंक तक नहीं जाना होगा तब इसे बकवाश संसद तक में कहा गया। राज्यपाल ने कहा कि देश में एक साल के अंदर जिसमे पैसे जमा ही नहीं करने थे, तो उसमें 20 हजार करोड़ जमा हो गए थे। आत्मनिर्भर भारत कैसे बनेगा, इसपर विचार करने की जरूरत है, ये काम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया है। शुक्ल ने कहा कि प्रदर्शनी में स्वयं सहायता ग्रुप भी है, जिसमें हमें सामान खरीदना होगा। उनके लिए बाजार उपलब्ध करवाना जरूरी है। एमएसेगी का बजट 2014 से पहले 20 हजार करोड़ था, जिसे खर्च नहीं किया गया था। उसपर ध्यान दिया गया तो बैंक में भी ऋण दिया जाता है। कांगड़ा चंबा के सांसद डॉ राजीव भारद्वाज ने कहा कि वह मात्र सांसद निधि बांटने वाले संसदीय नहीं बने रहना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी के लिए ऐसी आत्मनिर्भर भारत की प्रदर्शनी आयोजित करने का मौका मिला है, जिसमें राज्यपाल, विधायकों सहित अन्य सेकंडों छात्रों ने बढ़चढ़ भाग लिया है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने एक लाख युवाओं को जोड़ने की बात कही है, जोकि नेशन फर्स्ट की सोच रखती हैं। सांसद ने कहा कि ये आत्मनिर्भर का अभियान मात्र धर्मशाला व कांगड़ा तक सीमित नहीं रहेगा, नवंबर में चम्बा में भी युवाओं के लिए ऐसी ही प्रदर्शनी आयोजित की जाएगी।
07 जुलाई को देहरा- प्रागपुर-ढलियारा फीडर की आवश्यक मरम्मत एवं रखरखाव और टहनियों की कटाई हेतु उपकेन्द्र सुनहेत तथा इलियारा में विद्युत सप्लाई सुबह 09:00 बजे से शाम 05:00 बजे तक बाधित रहेगी। जिससे लोअर सुनहेत, अप्पर सुनहेत,बन बनियाल, स्वारा, बढ़हूँ, दियाडा,बड़ा, करनैल ढाबा एवं फोरेस्ट कॉलोनी आदि गाँव प्रभावित होंगे। मौसम खराब होने की स्तिथि में कार्य अगले दिन किया जाएगा। सभी उपभोक्ताओं से सहयोग की अपील करते हुए ये जानकारी सहायक अभियंता, विद्युत उपमंडल, प्रागपुर ई० विक्रमजीत सिंह ने दी।
हिमाचल प्रदेश के सरकारी, अर्द्धसरकारी और स्वायत्त संस्थानों की गाड़ियों के टायर 18 हजार किलोमीटर चलने के बाद नहीं, बल्कि 32 हजार किलोमीटर के बाद बदले जाएंगे। वित्त विभाग ने 25 साल में पहली बार गाड़ियों के टायरों की माइलेज के मानदंड बदल दिए हैं। ई-गाड़ियों के टायर 20,500 किमी चलने के बाद बदलेंगे। राज्य सरकार के वित्त विभाग का मानना है कि अब सड़कों की स्थिति ठीक होने के बाद टायरों का लाइफस्पैन बढ़ गया है, इसलिए पुराने मानदंडों को बदला जा रहा है। ज्यादातर सड़कें पहले से अधिक चौड़ी और ब्लैक टॉप से युक्त हो गई हैं। प्रधान सचिव वित्त देवेश कुमार ने सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, राज्यपाल के सचिव, विधानसभा के सचिव और हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को पत्र भेजकर उन्हें नए मानदंडों से अवगत करवा दिया है। पत्र की प्रति सभी निगमों-बोर्डों, स्वायत्त निकायों के प्रबंध निदेशकों और मुख्य कार्यकारी अधिकारियों, राज्य लोक सेवा आयोग, लोकायुक्त, हिमाचल प्रदेश विद्युत नियामक आयोग, सभी उपायुक्तों, सभी विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों और सभी जिला कोषाधिकारियों को भेजी गई है।
प्रदेश में विद्यार्थियों की कम संख्या वाले 618 स्कूल बंद, मर्ज और डाउन ग्रेड होंगे। शिक्षा विभाग के इस प्रस्ताव को मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने मंजूरी दे दी है। प्रदेश में विद्यार्थियों की शून्य संख्या वाले 103 स्कूल बंद होंगे। दस बच्चों की संख्या वाले 443 स्कूल मर्ज किए जाएंगे और 75 स्कूलों का दर्जा घटाया जाएगा। मर्ज होने वाले स्कूलों के विद्यार्थियों का चार से पांच किलोमीटर के दायरे में आने वाले अधिक दाखिलों वाले स्कूलों में समायोजन किया जाएगा। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने बताया कि मुख्यमंत्री से मंजूरी मिल गई है और विभाग जल्द इस की अधिसूचना जारी करेगा। वही 618 स्कूल मर्ज, डाउन ग्रेड और बंद करने से 1,120 शिक्षक सरप्लस होंगे। इन शिक्षकों को अन्य आवश्यकता वाले स्कूलों में स्थानांतरित किया जाएगा। विद्यार्थियों की शून्य संख्या वाले 72 प्राइमरी, 28 मिडल और 3 उच्च स्कूल डिनोटिफाई (बंद) करने का फैसला लिया गया। 203 प्राइमरी स्कूल ऐसे हैं, जहां विद्यार्थियों की संख्या पांच से उससे कम है। इन स्कूलों को दो किलोमीटर के दायरे में आने वाले अन्य स्कूलों में मर्ज किया जाएगा। पांच से कम विद्यार्थियों की संख्या वाले 142 प्राइमरी स्कूल ऐसे हैं, जिनके दाे किलोमीटर के दायरे में अन्य स्कूल नहीं हैं। इन्हें तीन किलाेमीटर की दूरी पर मर्ज किया जाएगा। 92 मिडल स्कूलों में दस या उससे कम विद्यार्थी हैं, इन्हें तीन किमी, बीस विद्यार्थियों की संख्या वाले सात हाई स्कूलों को चार किलोमीटर के दायरे में मर्ज किया जाएगा। विद्यार्थियों की कम संख्या वाले 75 उच्च और वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों का दर्जा कम किया जाएगा। रोहित ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में 100 विद्यार्थियों की संख्या वाले कॉलेजों को भी मर्ज किया जाएगा। जनजातीय और दुर्गम क्षेत्रों में स्थित कॉलेजों के लिए विद्यार्थियों की संख्या 75 रखी गई है। कई कॉलेजों में बीते कुछ वर्षों से नामांकन बहुत कम हो रहे हैं। ऐसे कॉलेजों को आगे चलाना अब आसान नहीं है। ऐसे में शिक्षा निदेशालय से कॉलेज मर्ज करने के लिए प्रस्ताव मांगा गया है।
सी.एस.आई.आर.-हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान, पालमपुर में 2 जुलाई को शुरू हुई दो दिवसीय हर्बल सैक्टर स्टेकहोल्डर मीट-2025 का आज समापन हो गया। इस कार्यक्रम में देशभर से 200 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया, जिनमें वैज्ञानिक, किसान, नीति निर्धारक, उद्योगपति, शोधकर्ता, चिकित्सा क्षेत्र के विशेषज्ञ, एनजीओ और एफपीओ के सदस्य शामिल थे। मीट में कुल तीन सत्र आयोजित किए गए। पहले सत्र का विषय था हर्बल खेती में चुनौतियाँ और सतत स्रोत, जिसमें डॉ. डी.आर. नाग ने उद्घाटन भाषण दिया और औषधीय संसाधनों पर प्रकाश डाला। दूसरे सत्र में हर्बल उत्पादों की गुणवत्ता नियंत्रण और वैज्ञानिक प्रमाणन पर चर्चा हुई। इसकी अध्यक्षता फार्माकोपिया कमीशन फॉर इंडियन मेडिसिन एंड होम्योपैथी, गाज़ियाबाद के निदेशक डॉ. रमन मोहन सिंह ने की और मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. सी.के. कटियार, सलाहकार (आर&डी हेल्थकेयर, इमामी लिमिटेड) ने व्याख्यान दिया। उन्होने पादप गुणवत्ता मापदंडों के मूल्यांकन पर ज़ोर दिया। तीसरा सत्र हर्बल क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने पर केंद्रित था, जिसमें प्रमुख व्याख्यान डॉ. विजय चौधरी, प्राचार्य, राजीव गांधी आयुर्वेदिक कॉलेज एवं अस्पताल, पपरोला ने दिया। उन्होंने हर्बल चिकित्सा की प्रमाणिकता और सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया। प्रमुख व्याख्यानों के अतिरिक्त, विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों द्वारा 24 से अधिक प्रस्तुतियाँ दी गई "हर्बल सैक्टर के भविष्य" विषय पर एक पैनल चर्चा भी आयोजित की गई। प्रतिभागियों द्वारा उठाए गए मुद्दों और प्रश्नों के उत्तर विशेषज्ञों द्वारा दिए गए। प्रतिभागियों ने संस्थान की प्रयोगशालाओं का भ्रमण कर वहां हो रहे शोध को प्रत्यक्ष रूप से देखा और सराहा। उन्होंने इस उपयोगी और समग्र रूप से लाभकारी कार्यक्रम के आयोजन के लिए संस्थान की सराहना की। बैठक में यह निष्कर्ष निकला कि हर्बल क्षेत्र सतत विकास का एक महत्वपूर्ण स्रोत है, जो देश की समृद्ध जैव विविधता और पारंपरिक ज्ञान का लाभ उठाकर ग्रामीण आजीविका, स्वास्थ्य सुरक्षा और वैश्विक व्यापार को बढ़ावा देता है और "विकसित भारत" को साकार करने में महत्वपूर्ण योगदान प्रदान करता है।
पुलिस थाना कुनिहार में मोती सिंह ने थाना प्रभारी का पदभार संभाला। कुनिहार से पहले मोती सिंह पिछले सात सालों से दाडलाघाट थाने में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। उन्होंने ने कहा कि उनकी प्राथमिकताओं में इस क्षेत्र में नशे का अवैध कारोबार खत्म करना तथा ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने के लिए विशेष प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि कुनिहार में ट्रैफिक व्यवस्था कुछ ठीक नहीं है। मेन रोड व अंदर मार्किट में बेतरतीब खड़े वाहन चालकों पर विशेष नजर रहेगी तथा यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ नियम अनुसार उचित कार्यवाही की जाएगी । उन्होंने कहा कि प्रदेश में नशे का कारोबार करने वालों के खिलाफ पुलिस ने सख्त अभियान चलाया है। इस अभियान को कुनिहार क्षेत्र में और तेज किया जाएगा।
पुलिस पेंशनर वेलफेयर एसोसिएशन जिला सोलन के संयोजक एवं मुख्य सलाहकार धनीराम तनवर सहित अन्य सदस्य नेकीराम, नागेंद्र ठाकुर, दीप राम ठाकुर, ओम ठाकुर, रतीराम शर्मा, श्यामलाल ठाकुर, सतपाल शर्मा, पुष्पा सुद, संतराम चंदेल, जसबीर सिंह, निर्मल सिंह, प्रेम कंवर, धर्म सिंह ठाकुर, चमन लाल, पतराम पंवर, विनोद कुमार और श्यामलाल भाटिया ने एक वर्चुअल बैठक कर बिलासपुर में दो दिन पूर्व हुई एक गंभीर घटना पर रोष जताया है। बैठक में सदस्यों ने बताया कि बिलासपुर में एक पूर्व विधायक व उनके समर्थकों द्वारा ड्यूटी पर तैनात वर्दीधारी एएसपी अधिकारी के साथ धक्का-मुक्की व दुर्व्यवहार किया गया। उक्त अधिकारी कानून व्यवस्था बनाए रखने की ड्यूटी पर तैनात थे। यह कृत्य न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि सरकारी कार्य में बाधा डालने जैसा गंभीर अपराध भी है। संगठन ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए मुख्यमंत्री से मांग की है कि दोषियों के खिलाफ तुरंत सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए। एसोसिएशन का कहना है कि यदि इस प्रकार की घटनाओं पर समय रहते कठोर कदम नहीं उठाए गए, तो इससे पुलिस विभाग के अन्य कर्मचारियों का मनोबल टूट सकता है। उन्होंने कहा कि जब एएसपी जैसे वरिष्ठ अधिकारी के साथ ड्यूटी के दौरान इस तरह की बदसलूकी हो सकती है, तो निचले स्तर के कर्मचारियों की सुरक्षा और सम्मान की क्या गारंटी रह जाती है। यह न केवल पुलिस बल के लिए, बल्कि प्रदेश की कानून व्यवस्था के लिए भी एक चिंताजनक संकेत है। संगठन ने चेताया कि यदि ऐसे शरारती तत्वों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई नहीं की गई, तो इससे प्रदेश में शांति व्यवस्था बिगड़ सकती है। अतः सरकार से अनुरोध है कि दोषियों के खिलाफ तुरंत व कठोर कार्रवाई कर एक सख्त संदेश दिया जाए।
चौधरी सरवण कुमार कृषि विश्वविद्यालय ने शैक्षणिक, शोध व प्रसार कार्यक्रमों व कृषि विस्तार के क्षेत्रों में सराहनीय उपलब्धियां प्राप्त की हैं। यह बात राज्यपाल व विश्वविद्यालय के कुलाधिपति शिव प्रताप शुक्ल ने आज पालमपुर में विश्वविद्यालय की 26 वीं सीनेट (अभिषद) बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (आई.आर.ए.एफ.) में विश्वविद्यालय ने देश के सभी कृषि विश्वविद्यालयों में 13वां स्थान अर्जित किया है। यह गौरवपूर्ण उपलब्धि समर्पित शिक्षकों, शोधकर्ताओं और विद्यार्थियों की मेहनत का प्रतिफल है। राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा 182 नई किस्मों का विकास एवं अनुमोदन और 27 स्थानीय किस्मों का पंजीकरण, प्रदेश के किसानों की समृद्धि में महत्त्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। ड्रोन तकनीक का प्रदर्शन, स्मार्ट खेती के नए प्रयोग और सटीक कृषि पद्धतियों का प्रसार दर्शाता है कि यह विश्वविद्यालय न केवल अनुसंधान कर रहा है, बल्कि उसे खेत तक पहुंचाने की दिशा में भी सक्रिय है। राज्यपाल ने कहा कि कृषि वैज्ञानिक अपने शोध कार्यों को किसानों की आय बढ़ाने पर केंद्रित करें। वर्ष 2047 तक विकसित भारत के सपने को साकार करने के लिए प्राकृतिक और डिजिटल खेती को प्रोत्साहित करना, पहाड़ी क्षेत्रों में फसल विविधीकरण, स्मार्ट गांवों की स्थापना, कटाई के बाद प्रसंस्करण, कोल्ड चेन का विस्तार तथा ई-नाम के माध्यम से बाजारों तक किसान की सीधी पहुँच सुनिश्चित करना समय की मांग है। उन्होंने प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय में स्थापित इनक्यूबेशन सेंटर से उभरते हुए कृषि स्टार्टअप्स को राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (रफ्तार), मुख्यमंत्री स्टार्टअप योजना और स्टार्टअप इंडिया जैसे कार्यक्रमों के तहत सक्रिय समर्थन मिल रहा है। इससे युवाओं में नवाचार की भावना पनप रही है। राज्यपाल ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को अपनाने में विश्वविद्यालय की भूमिका अत्यंत सराहनीय रही है। अनुभव आधारित शिक्षण, ग्राम्य इंटर्नशिप, उद्यमिता प्रशिक्षण जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से विद्यार्थियों को केवल नौकरी खोजने वाला नहीं, बल्कि नौकरी प्रदाता के रूप में तैयार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे समाज की प्रमुख चुनौतियों में से एक नशा है। यह समय की मांग है कि विश्वविद्यालय की सभी आउटरीच गतिविधियों में नशे के खिलाफ जागरूकता अभियान को सम्मिलित किया जाए। यह परिसर न केवल शैक्षणिक गतिविधियों में अग्रणी हो, बल्कि स्वस्थ, सुरक्षित एवं संवेदनशील वातावरण का उदाहरण भी बने। राज्यपाल ने कहा कि रासायनिक खेती के दुष्प्रभावों के समाधान के लिए जैविक और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने में विश्वविद्यालय ने महत्त्वपूर्ण कार्य किया है। सीमांत क्षेत्रों में ब्लूबैरी जैसी नवाचारपूर्ण फसलें अपनाकर यह दिखाया गया है कि युवा वर्ग खेती को लाभकारी व्यवसाय के रूप में अपना सकता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में, विश्वविद्यालय में लगभग 60 करोड़ रुपये की 140 परियोजनाएं संचालित हो रही हैं और 67 राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय समझौते किए गए हैं। यह शोध व नवाचार में वैश्विक सहयोग की दिशा में सशक्त कदम है। इन प्रयासों को और प्रभावी बनाने की आवश्यकता है। राज्यपाल ने कहा कि सार्वजनिक विश्वविद्यालयों से पूर्णतः आर्थिक आत्मनिर्भरता की अपेक्षा उचित नहीं है, परंतु संसाधनों के विवेकपूर्ण उपयोग, आंतरिक आय के सृजन, और मितव्ययी प्रशासन के माध्यम से अपनी वित्तीय स्थिति को मजबूत करना आवश्यक है, ताकि हम प्रतिस्पर्धा में पीछे न रहें। उन्होंने ये भी स्पष्ट किया कि अनुसंधान, प्रशासन और शिक्षा में कभी भी ईमानदारी से समझौता नहीं किया जाना चाहिए। हमारे डेटा निष्पक्ष हों, हमारा दृष्टिकोण पारदर्शी हो और हमारा प्रयास सदैव जनहित में हो।
हिमाचल प्रदेश में बादल फटने से हुई तबाही में मरने वालों की संख्या 19 हो गई है। मंडी जिले में लापता लोग 34 से बढ़कर 56 हो गए हैं। इनमें सर्वाधिक 46 लोग सराज क्षेत्र के हैं। थुनाग में आठ, गोहर में छह लोगों की मौत, करसोग में एक की मौत, कांगड़ा में दो, नादौन और जोगिंद्रनगर में एक-एक जान गई है। 370 लोगों को रेस्क्यू किया गया है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने मंडी के प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करने के बाद रेस्क्यू और आपदा राहत के लिए वायुसेना की मदद मांगी है। सराज के थुनाग में 16, पखरैर में 18, जरोल में 7, चिऊणी में 4 और पांडवशीला में एक व्यक्ति लापता है। गोहर उपमंडल के स्यांज और बाड़ा परवाड़ा में छह लोगों की मौत हुई हैं जबकि आठ लापता हैं। करसोग उपमंडल में एक की मौत हुई है। जबकि दो लोग लापता हैं। बादल फटने और भूस्खलन के चलते थुनाग और जंजैहली उपमंडल में सड़कें ध्वस्त हो गई हैं। कई क्षेत्रों में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और प्रशासन की टीमें राहत एवं बचाव कार्यों में लगी हैं। सोमवार रात को बादल फटने और भारी बारिश-भूस्खलन से प्रदेश में 100 से अधिक सड़कें अभी भी अवरुद्ध हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार मंडी में 148 घर, 104 गोशालाएं, 14 पुल ध्वस्त हो गए हैं। 31 गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गई हैं। प्रदेश में 918 बिजली ट्रांसफार्मर व 683 पेयजल योजनाएं ठप हैं। कुल्लू की बंजार घाटी में फंसे करीब 250 सैलानी सुरिक्षत निकाल लिए गए हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार इस मानसून सीजन के दाैरान 20 जून से 2 जुलाई तक प्रदेश में आपदा से 63 लोगों की माैत हो चुकी है। 109 लोग घायल हुए हैं और 40 लापता हैं। 13 पक्के व 44 कच्चे मकान भी ध्वस्त हो गए। 179 गोशालाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं। कुल 40,702.43 लाख रुपये का नुकसान हो चुका है। वहीं सड़क हादसों में 26 लोगों की माैत हुई है
कुछ अधिकारी अपनी कार्यशैली से जनता के दिलो में पहचान बना लेते है। ऐसे ही एक अधिकारी है जिला सोलन की कृष्णगढ़ उप तहसील के नायब तहसीलदार सूरत सिंह। एक ओर जहाँ आम जनता को सरकारी कार्यालयों में अधिकारी से मिलने के लिए कई चक्कर लगाने पड़ते हैं, वहीं जिला सोलन की कृष्णगढ़ उप तहसील के नायब तहसीलदार की कार्यप्रणाली से क़रीब डेढ़ दर्जन पंचायतों के हजारों ग्रामीण मुरीद है। सूरत सिंह इन दिनों कृष्णगढ़ के साथ परवाणु का भी कार्यभार भी संभाल रहे है। आम जनता को अपने काम के लिए तहसील से निराश न लौटना पड़े, इसलिए अपना मोबाइल नंबर देकर अपनी समस्या बताने के बाद कार्यालय आने की बात करते है। ग्रामीणों की माने तो अधिकारी के पद पर बैठकर भी नायब तहसीलदार सूरत सिंह ग्रामीणों के काम के लिए कोई समय नहीं देखते, बल्कि अगर कोई आवेदक कार्यालय आ गया है तो उनकी कोशिश यही रहती है कि उन्हें इस काम के लिए कार्यालय का दूसरा चक्कर न लगाना पड़े। जेब से देते है अस्थयी डाटा ऑपरेटर का मेहनताना : स्थानीय पंचायत प्रधान कैलाश ठाकुर, दडावा प्रधान रमेश ठाकुर , सतीश कुमार प्रधान बढलग , बलवंत ठाकुर प्रधान चंडी , प्रेम सिंह प्रधान धकरियान , आशा ठाकुर प्रधान जगजीत नगर, हेमा देवी प्रधान बुघारकानेता , मेहर सिंह उपप्रधान जगजीत नगर, रंजना प्रधान पट्टा बडिया,उपप्रधान पुष्पेंद्र कुमार ,समाज सेवी सुदर्शन शर्मा ने बताया कि नायब तहसीलदार सूरत सिंह अपने काम को पूरी निष्ठा के साथ करते है। उन्होंने अपने कार्यकाल में ग्रामीणों के रिकॉर्ड कार्य किये है। ग्रामीणों का काम न रुके इसके लिए नायब साहब तहसील में अस्थाई रूप से रखी डाटा ऑपरेटर का मेहनताना भी अपनी जेब से दे रहे है। उन्होंने बताया कि नायब सहाब कुछ समय बाद सेवानिवृत्त होने वाले है, लेकिन उनकी अपने कार्य के प्रीत निष्ठा को देख सभी प्रधानों ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखु से अधिकारी सूरत सिंह का अतिरिक्त सेवा बढ़ाने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा की हर अधिकारी का प्रभाव अलग-अलग होता है। कुछ अधिकारी अपने काम से थोड़े समय के लिए ही प्रभाव छोड़ पाते हैं, जबकि कुछ अधिकारी अपने काम से लंबे समय तक समाज को प्रभावित करते हैं।
हिमाचल प्रदेश में बुधवार को बारिश से कुछ राहत मिली। सिर्फ शिमला और सोलन में ही बूंदाबांदी हुई। वही मौसम विभाग द्वारा आज और कल के लिए बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। पांच से सात जुलाई तक अधिकांश जिलों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट रहेगा। राजधानी शिमला में कई दिनों बाद बुधवार सुबह धूप खिली। दोपहर तक शहर में मौसम साफ रहा। शाम के समय कुछ देर बूंदाबांदी हुई। मंगलवार रात को शिमला में 25, सुंदरनगर में 22, धर्मशाला में 15, सोलन में 27, मंडी 36, बिलासपुर में 10, कसौली में 55 मिलीमीटर बारिश दर्ज हुई। वही हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और भूस्खलन के कारण अब तक जल शक्ति विभाग की 3,698 परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं। इनमें 2,786 जलापूर्ति, 733 सिंचाई और 41 सीवरेज परियोजनाएं शामिल हैं। विभाग की ओर से अब तक लगभग 240 करोड़ रुपये की क्षति का आकलन किया गया है। उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा है कि हालात की गंभीरता को देखते हुए जल शक्ति विभाग को त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। विभाग ने युद्धस्तर पर बहाली का कार्य आरंभ कर दिया है। विभाग को प्राथमिकता के आधार पर पेयजल और सीवरेज सेवाओं को बहाल करने के निर्देश दिए हैं। अब तक 1,591 जलापूर्ति परियोजनाओं को अस्थायी रूप से बहाल कर दिया गया है।
हिमाचल प्रदेश में मानसून सीजन के दौरान खराब मौसम के चलते बच्चे स्कूल नहीं जाएंगे। शिक्षकों को स्कूलों में आकर ऑनलाइन पढ़ाई करवानी होगी। शिक्षा सचिव राकेश कंवर ने जारी पत्र में कहा कि जिला उपायुक्तों को भारी बारिश के दौरान स्कूल बंद करने का फैसला लेने के निर्देश दिए। शिक्षा सचिव ने स्पष्ट किया है कि प्रतिकूल मौसम की स्थिति के कारण आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत उपायुक्तों को स्कूल बंद करने का अधिकार है, लेकिन शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों को अभी भी स्कूल जाना होगा और अपनी ड्यूटी जारी रखनी होगी। शिक्षा सचिव राकेश कंवर ने कहा कि खराब मौसम के दौरान विद्यार्थियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता बनी हुई है। शिक्षकों को इस दौरान लंबित मिड-डे मील रिकॉर्ड, पाठ योजनाएं, रचनात्मक और सारांश मूल्यांकन, किसी भी लंबित स्कूल प्रबंधन समिति (एसएमसी) के काम और समग्र शिक्षा और डाइट से संबंधित असाइनमेंट पूरे करने होंगे। स्कूल परिसर से ऑनलाइन कक्षाएं संचालित करनी होंगी। पीएमआईएस और यू डाइस पोर्टल पर डेटा भी अपडेट करना होगा। मंडी जिले में 29 जून से एक जुलाई तक हुई बारिश ने 84 से अधिक स्कूल भवनों को नुकसान पहुंचाया है। अधिकतर शिक्षा खंडों से नुकसान की रिपोर्ट अभी विभाग के पास नहीं पहुंची है। इसलिए क्षतिग्रस्त स्कूल भवनों का यह आंकड़ा बढ़ने का अनुमान है। जिले के 81 प्राथमिक स्कूलों को 2.26 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचा है।