आईस हॉकी एसोसिएशन ऑफ लाहौल-स्पीति के एक प्रतिनिधिमंडल ने आज शिमला में राजस्व, बागवानी व जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी से भेंट की। प्रतिनिधिमंडल ने राजस्व मंत्री को एसोसिएशन की गतिविधियों से अवगत करवाया। उन्होंने बताया कि प्रदेश की आईस हॉकी टीम ने आईस हॉकी एसोसिएशन ऑफ इंडिया द्वारा लेह-लद्दाख में आयोजित नेशनल आईस हॉकी चैंपियनशिप-2023 में अंडर-18 व्बॉयज व वरिष्ठ महिला वर्ग में कांस्य पदक जीते हैं। राजस्व मंत्री ने एसोसिएशन को बधाई देते हुए दोनों टीमों को अपनी ऐच्छिक निधि से एक-एक लाख रुपये प्रदान करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार खेल गतिविधियों को बढ़ावा देने तथा इससे जुड़े आधारभूत ढांचे को सुदृढ़ करने की दिशा में निरंतर प्रयास कर रही है। सरकार द्वारा नवोदित खिलाड़ियों को बेहतरीन सुविधाएं भी उपलब्ध करवाई जाएंगी ताकि वे खेल के क्षेत्र में आगे बढ़ कर देश व प्रदेश का नाम रोशन कर सकें।
हिमाचल की राजधानी शिमला आए हर व्यक्ति ने ये नाम तो सुना ही होगा, इस पॉइंट से गुज़रे भी होंगे लेकिन इस जगह पर ऐसा क्या स्कैंडल हुआ, जिससे इसका नाम स्कैंडल पॉइंट रख दिया गया, ये सवाल भी बहुचर्चित है। बात बहुत पुरानी है तो कहानियां भी बहुत सी बन गईं है। कुछ कहते कि इस जगह पर हिंदुस्तान का पहला लव स्कैंडल हुआ था तो कुछ इस तथ्य को मानने से इंकार करते है। स्कैंडल पॉइंट से जुड़ी कहानियों में से एक कहानी है पाटियाला के महाराजा भूपेंदर सिंह की। बात 1892 की है, ब्रिटिश शासन में शिमला के वाईस रॉय और पाटियाला के महाराजा भूपेंदर सिंह अच्छे दोस्त हुआ करते थे और अक्सर वाईसरॉय के घर पर आया जाया करते थे। उसी समय पटियाला के राजा को वाईसरॉय की बेटी से महब्बत हो गई और दोनों ने शादी करने का फैसला किया लेकिन वाईसरॉय को ये रिश्ता मंज़ूर नहीं था और उन्होंने इसका विरोध भी किया। लेकिन दोनों प्रेमी अपना मन मना चुके थे। ब्रिटिश काल में शिमला के मालरोड पर शाम के समय ब्रिटिश अधिकारी अपने परिवार के साथ टहलने आया करते थे मगर यहां हिन्दुस्तानियों को आने की अनुमति नहीं थी। एक दिन शाम जब सब मॉलरोड पर टहल रही थे तो पटियाला के महाराजा ने अंग्रेज वाइसराय की बेटी को उठा लिया था। इसे पहला लव स्कैंडल कहा जाता है और जिस जगह पर यह कथित वारदात हुई उसे आज स्कैंडल प्वाइंट के नाम से जाना जाता है। महाराजा भूपिंद्र सिंह ने वाइसराय लार्ड कर्जन की बेटी को उठाया था। कहा जाता है कि महाराजा भूपिंद्र सिंह घोड़े पर सवार होकर आए और मालरोड पर टहल रही लार्ड कर्जन की बेटी को उठा ले गए। गुस्से में वायसराय ने उनका शिमला आने पर प्रतिबंध लगा दिया। महाराजा ने भी अपनी आन-बान और शान के लिए शिमला से भी ऊंचा नगर बसाने की ठान ली और चायल का निर्माण कर डाला। पटियाला के महाराजा भूपिंद्र सिंह का जन्म 12 अक्टूबर 1891 में हुआ। वर्ष 1900 में उन्होंने राजगद्दी संभाली और 38 साल तक राजपाट किया। उन्होंने ऑनरेरी लेफ्टीनेंट कर्नल के तौर पर प्रथम विश्व युद्ध में भाग लिया था। लीग ऑफ नेशंज में 1925 में भूपिंद्र सिंह ने भारत का प्रतिनिधित्व किया। महाराजा क्रिकेट के शौकीन थे। वर्ष 1911 में इंग्लैंड दौरे पर भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान भी वही थे। यहां हुआ था हिंदुस्तान का पहला लव स्कैंडल हालांकि कुछ इतिहासकार इस बात से इत्तफाक नहीं रखते। उनका दावा है कि लार्ड कर्जन साल 1905 तक वाइसराय रहे। उनकी तीन बेटियां थीं। देखा जाए तो 1905 में महाराजा की आयु 14 साल की थी। लार्ड कर्जन की बड़ी बेटी आइरिन की उम्र उस समय महज 9 साल थी। पंजाब यूनिवर्सिटी में अंग्रेजी की प्रोफेसर रह चुकी मंजू जैदका अपनी किताब स्कैंडल पॉइंट में लिखती है कि इस जगह से उनकी बहुत सी यादें जुडी है, उन्होंने इस पर काफी शोध भी किया है लेकिन महाराजा भूपेंदर सिंह की उम्र का तकाज़ा रखते हुए ये कहानी सच नहीं हो सकती। लेखिका का मानना है कि इस कहानी में भूपेंदर सिंह के पिता राजेंदर सिंह को होना चाहिए क्यूंकि उनकी एक अँगरेज़ बीवी और बेटा था। हालाँकि सच क्या है ये तो एक रहस्य ही रहेगा, जो इतिहास में दफ़न हो चुका है।
नौकरी की तलाश कर रहे युवाओं के लिए एक अच्छी खबर आई है। हिमाचल प्रदेश बेरोजगार चयन सेवाएं संगठन आउटसोर्सिंग एजेंसी (एचपीयूएसएसए) मुख्य कार्यालय शिमला ने विभिन्न श्रेणियों के (687) पदों को भरने के लिए अधिसूचना जारी की है। इन पदो के लिए आवेदन एजेंसी के व्हाट्सएप पर नंबर पर ऑनलाइन ही लिए जाएंगे। प्रदेश के इच्छुक उम्मीदवार आवेदन करने के लिए अपना बायोडाटा फोन नंबर सहित, पदनाम सहित, साधारण एप्लीकेशन लिखकर ,अपनी शैक्षणिक योग्यता के मूल प्रमाण पत्रों की छाया प्रति, आधार कार्ड, हिमाचली बोनाफाइड , पुलिस चरित्र प्रमाण पत्र, रोजगार कार्यालय कार्ड, पीडीएफ फाइल/ स्कैनड बनाकर एजेंसी के व्हाट्सएप नंबर 89881-14000 पर अपना आवेदन निर्धारित तिथि तक भेज सकते है। आवेदन की अंतिम तारीख 12 फरवरी 2023 निर्धारित की गई है। संघ के निदेशक विनीत शर्मा ने बताया कि विभिन्न श्रेणियों में क्लर्क ऑफिस एग्जीक्यूटिव, एचआर कोऑर्डिनेटर, बैंक सेल्स ऑफिसर , बैंक डिलीवरी एसोसिएट्स , फोन बैंकिंग ऑफीसर, सिक्योरिटी गार्ड, आईटीआई ऑल ट्रेड पासआउट, कंपनी भर्ती अधिकारी , एक्स सर्विसमैन सिक्योरिटी सुपरवाइजर , बस कंडक्टर, कार्यालय सहायक, अकाउंट्स एग्जीक्यूटिव , ऑफिस कोऑर्डिनेटर, बैंक कैश हैंडलिंग एग्जीक्यूटिव, ब्रांच सेल्स ऑफिसर, स्टोरकीपर, कंप्यूटर ऑपरेटर ,बिजनेस प्रमोशन एग्जीक्यूटिव , एक्स सर्विसमैन जेसीओ, प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर, जनरल वर्कर हेल्पर, ड्राइवर, लैब असिस्टेंट , आयुर्वेदिक फार्मासिस्ट , स्टाफ नर्स एएनएम, स्टाफ नर्स जीएनएम , एमआई रिकवरी मैनेजर, फ्लाइंग ऑफिसर, इलेक्ट्रीशियन, फिटर, मैकेनिकल, वेल्डर, पंप ऑपरेटर, एक्स सर्विसमैन गनमैन पीएसओ, जेसीबी ऑपरेटर, बैंक रिलेशनशिप मैनेजर , पेपर सैटर , फॉर्म सेल्स एग्जीक्यूटिव, पीएन कम चौकीदार के पदों को भरने के लिए अधिसूचना जारी की गई है। इन पदों के लिए उम्मीदवार की आयु सीमा 18 से 45 वर्ष के बीच होनी चाहिए। अधिकतम आयु सीमा में 5 वर्ष की छूट का प्रावधान है. उम्मीदवार शैक्षणिक योग्यता वांछनीय योग्यता संबंधी जानकारी के लिए एजेंसी की आधिकारिक/ ऑफिशल वेबसाइट www.hpussa.in से जानकारी ले सकते हैं। एजेंसी द्वारा उम्मीदवारों का चयन छटनी/ लिखित परीक्षा एवं इंटरव्यू द्वारा ही चयन किया जाएगा. लिखित परीक्षा (150) क्रमांक एवं इंटरव्यू (30) क्रमांक का होगा. लिखित परीक्षा में हिमाचल सामान्य ज्ञान, एवरीडे साइंस ,भूगोल, गणित, इतिहास, जनरल हिंदी, इंग्लिश, कंप्यूटर न्यूमेरिकल एटीट्यूट से बहुविकल्पीय ऑब्जेक्टिव टाइप एमसीक्यू प्रश्न पूछे जाएंगे. एजेंसी द्वारा लिखित परीक्षा 19 फरवरी 2023 को ऑनलाइन ही आयोजित की जाएगी। उम्मीदवारों को इनरोलमेंट नंबर ऑनलाइन ही जारी किए जाएंगे। लिखित परीक्षा का परिणाम 17 मार्च 2023 को संघ की आधिकारिक ऑफिशियल वेबसाइट www.hpussa.in पर देख सकते है। इन पदों के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों की शैक्षणिक योग्यता आठवीं, दसवीं, 12वीं , ग्रेजुएट, बीएससी बीएड, एमकॉम, बीकॉम, डीसीए, पीजीडीसीए, डिप्लोमा/ डिग्री होल्डर होनी चाहिए. संघ द्वारा नियुक्त किए गए उम्मीदवारों का मासिक वेतनमान 10750/- ग्रेड पे- से लेकर 40870/- सीटीसी ग्रेड पे- तक दिया जाएगा। इसके अलावा जनरल प्रोविडेंट फंड, पीएफ, ईएसआई, मेडिकल इंश्योरेंस , प्रमोशन , बोनस ओवरटाइम की सुविधा भी मिलेगी. यह सभी पद 2 वर्ष के अनुबंध आधार पर भरे जाएंगे, जिन्हें बाद में पॉलिसी एक्ट के तहत रेगुलर किया जाएगा। नियुक्त किए गए उम्मीदवार प्रदेश की एमएनसी कंपनियों, सिपला, गोदरेज, कैडबरी , चेकमेट , डाबर, मारुति ,हीरो होंडा, विभिन्न बैंकिंग, मेडिकल कॉलेज , हिमाचल स्टेट रूरल कॉरपोरेशन, स्टेट पावर कॉरपोरेशन, पीएचसी हॉस्पिटल, हिमाचल स्टेट पावर प्रोजेक्ट, फाइनेंस सेक्टर, एलआईसी, स्टेट कोऑपरेटिव सोसायटी, मॉल, एनजीओ, सरकार के पंजीकृत औद्योगिक क्षेत्रों में अपनी सेवाएं देंगे। नियुक्त किए गए उम्मीदवारों को हिमाचल प्रदेश में कुल्लू, मंडी, सोलन, कांगड़ा, हमीरपुर, सिरमौर ,उना ,मोहाली ,चंडीगढ़, जीरकपुर , दिल्ली, नोएडा, जालंधर क्षेत्रों में कहीं भी तैनाती दी जा सकती है। यह तमाम भर्ती प्रक्रिया मार्च माह के अंत में पूरी कर ली जाएगी। चुने गए उम्मीदवारों की सूची अधिकारिक वेबसाइट में भी प्रेषित कर दी जाएगी। उम्मीदवार अधिकतर जानकारी के लिए कार्यालय के हेल्पलाइन नंबर 94181-39918 94184-17434 62305-90985 पर संपर्क कर सकते हैं।
हिमाचल प्रदेश में आगामी दिनों में फिर मौसम खराब होनेकि संभावना है। हालांकि, हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला सहित अन्य भागों में आज मौसम साफ बना हुआ है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला से मिली जानकारी के अनुसार बुधवार से लेकर शनिवार तक प्रदेश के कई भागों में बारिश-बर्फबारी के आसार हैं। मौसम विभाग ने निचले व मैदानी भागों के लिए 8 व 9 फरवरी को अंधड़ चलने का अलर्ट जारी किया है। गौरतलब है कि ताजा बर्फबारी के बाद बंद हुई अटल टनल रोहतांग मंगलवार को फोर बाई वाई वाहनों के लिए मनाली से जिस्पा तक खुल गई है। वहीं पांगी-किलाड़ को जोड़ने वाला मार्ग भी उदयपुर से तिंदी तक खुल गया है। मौसम खुलने के बाद बीआरओ, एनएच और लोक निर्माण विभाग ने बर्फ हटाने का काम शुरू कर दिया है। वहीं बीते दिनों हुई बर्फबारी से राज्य में 138 सड़कों पर अभी भी आवाजाही ठप है। प्रदेश में 46 बिजली ट्रांसफार्मर व सात पेयजल योजनाएं भी बाधित हैं। लाहौल-स्पीति में सबसे अधिक 121 और चंबा में नौ सड़कें बाधित हैं। उपमंडल पांगी में 36 बिजली टांसफार्मर बंद पड़े हैं।
हिमाचल प्रदेश की बागवानों के बगीचों में अब यूएसए के गुठलीदार फलों के पौधे उग सकेंगे। हिमाचल उद्यान विभाग पहली बार यूएसए से प्लम आडू, खुमानी व बादाम के 56,000 पौधे आयात करने जा रहा है। इन पौधों की खेप इसी माह हिमाचल पहुंच जाएगी। शिमला जिले के ठियाेग, कोटखाई, रामपुर, कुमारसैन और रोहड़ू सहित कुल्लू, मंडी, कांगड़ा जैसे अन्य क्षेत्रों में गुठलीदार फलों का उत्पादन होता है। वहीं इस बारे में जानकारी देते हुए बागवानी मंत्री जगत नेगी ने बताया कि पौधों को एक साल के लिए क्वारंटाइन में रखा जाएगा ताकि, यह सुनिश्चित हो सके की पौधों में कोई बीमारी तो नहीं है। अगले साल उद्यान विभाग बागवानों को यूएसए से आयातित पौधे का आवंटन करेगा। पौधों के आयात से पहले उद्यान विभाग के अधिकारी आपूर्ति पूर्व निरीक्षण भी कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि एक साल क्वारंटीन अवधि के बाद अगले साल बागवानों को यह पौधे उपलब्ध करवाए जाएंगे, ताकि इसमें कोई समस्या न आए। अभी हार के गम में है जयराम-जगत सिंह नेगी जगत नेगी ने पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर द्वारा किए गए ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री अभी गम में हैं। इसलिए इस तरह की बयानबाजी करते रहते हैं। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार कर्ज लेते रही और संसाधन जुटाने में नाकामयाब रही। नेगी ने कहा कि कांग्रेस का काम करने का तरीका अलग है हम संसाधन जुटाएंगे, कर्ज भी लेंगे, लेकिन सभी काम एक दायरे में करेंगे। विपक्ष द्वारा विधायक निधि न दिए जाने के आरोप पर जगत नेगी ने कहा' "विधायक निधि दें कहाँ से, पिछली सरकार ने कुछ नहीं छोड़ा, कर्ज तले दबा दिया है। प्रदेश की आर्थिकी डगमगा गई है।"
कहा, किसी भी समस्या के समाधान के लिए कभी भी कर सकती हैं फ़ोन, तुरंत होगा समाधान फर्स्ट वर्डिक्ट। रिकांगपिओ राजस्व, बागवानी एवं जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी ने अपना मोबाइल नंबर जिला की महिलाओं व बालिकाओं से साझा करते हुए कहा कि किसी भी समस्या के समाधान के लिए वह उन्हें बेझिझक किसी भी समय संपर्क कर सकती हैं। जगत सिंह नेगी हाल ही में रिकांगपिओ के अंबेडकर भवन में आयोजित राष्ट्रीय बालिका दिवस कार्यक्रम में महिलाओं और बालिकाओं को संबाेधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वैसे तो सरकार ने बालिकाओं और महिलाओं को हर सुविधा और सुरक्षा मुहैया कारवाने के लिए कई योजनाएं आरंभ की हैं, पर फिर भी आये दिन महिलाओं के साथ अपराध का कोई न कोई मामला सामने आ जाता है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली प्रदेश सरकार महिलाओं की सुरक्षा और उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश तथा जिला किन्नौर में महिलाओं की स्थिति अन्य राज्यों से काफी बेहतर है। यहां महिलाओं और बेटियों को पूर्ण सम्मान दिया जाता है। उन्होंने कहा कि बेटियों और महिलाओं की सुरक्षा के लिए पुलिस तत्पर है, महिलाओं के लिए वन स्टॉप सेंटर की सुविधा भी कल्पा में उपलब्ध है। फिर भी बेटियां और महिलाएं किसी भी समस्या के समाधान के लिए उनके मोबाइल नंबर 9418006002 पर संपर्क कर सकती हैं। उन्होंने आश्वासन देते हुए कहा कि उनके पास आई समस्या का निवारण तुरंत किया जाएगा।
फर्स्ट वर्डिक्ट। स्पीति स्पीति के युवा मंडल माने गोंगमा के बैनर तले हो रही चार दिवसीय खेलकूद प्रतियोगिता का शुभारंभ सोमवार को किया गया। इस अवसर पर एडीसी अभिषेक वर्मा ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। इस खेलकूद प्रतियोगिता में इंडोर गेम्स, क्रिकेट और बॉलीबॉल की खेलें शामिल है। विजेता टीमों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया जाए। इस मौके पर एडीसी अभिषेक वर्मा ने कहा कि माइनस के तापमान में खेलों के प्रति युवाओं का जज्बा काबिले तारीफ है। सर्दियों में विंटर गेम्स को बढ़ावा देने के लिए स्पीति प्रशासन कार्यरत है। आइस हॉकी और आइस स्केटिंग को लेकर प्रशासन ने मूलभूत सुविधाएं स्पीति में मुहैया करवाने की तरफ कदम बढ़ाए है। मैं आप से आह्वान करता हूं कि माने गांव में भी आइस हॉकी रिंक बनाने का प्रयास करें। प्रशासन हर संभव प्रयास करेगा। एडीसी अभिषेक वर्मा ने खेलकूद प्रतियोगिता के लिए 20 हजार रुपए की आर्थिक सहायता देने का आश्वासन किया। 26 जनवरी को खेलकूद प्रतियोगिता का समापन होगा। साथ ही गणतंत्र दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय ध्वज भी फहराया जाएगा और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होगा। इस अवसर पर युवा मंडल के अध्यक्ष पालदेन, सचिव तोमदेन, गेफल व राजन ऊर्गेन सहित स्थानीय लोग मौजूद रहे।
प्रदेश की सुक्खू सरकार ने छः मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्ति की है। कुल्लू सदर से विधायक सुंदर सिंह ठाकुर, रोहड़ू से विधायक मोहन लाल ब्राक्टा, दून से विधायक राम कुमार चौधरी, पालमपुर से विधायक आशीष बुटेल, बैजनाथ से विधायक किशोरी लाल और अर्की से विधायक संजय अवस्थी को सरकार ने मुख्य संसदीय सचिव बनाया है। इनमें से सूंदर सिंह ठाकुर, आशीष बुटेल और राम कुमार चौधरी को मंत्री पद की दौड़ में भी माना जा रहा था, लेकिन इन्हें सरकार ने मुख्य संसदीय सचिव बनाया है। रविवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सभी 6 विधायकों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। सुंदर सिंह ठाकुर : दूसरी बार बने है विधायक 57 वर्षीय सुंदर सिंह ठाकुर लगातार दूसरी बार कुल्लू सदर सीट से जीतकर विधानसभा पहुंचे है। सुंदर सिंह ने पंजाब विश्वविद्यालय से बीएससी (मेडिकल) और हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से विधि स्नातक (एलएलबी) की उपाधि प्राप्त की। ठाकुर बागवानी एवं होटल व्यवसाय से जुड़े हैं। सूंदर सिंह ठाकुर ने वर्ष 1985-86 में हिमसा चंडीगढ़ के संगठन सचिव के रूप में कार्य किया। इसके उपरांत वर्ष 1989-91 तक हिमाचल प्रदेश एनएसयूआई के उपाध्यक्ष, 1991 में पंचायत समिति सदस्य, वर्ष 1991-94 तक पंचायत समिति कुल्लू के अध्यक्ष, वर्ष 1994-99 तक जिला परिषद कुल्लू के उपाध्यक्ष रहे। वर्ष 2009-2012 तक हिमाचल प्रदेश युवा कांग्रेस के उपाध्यक्ष, हिमाचल प्रदेश कांग्रेस समिति के राज्य प्रतिनिधि तथा वर्ष 2012 से हिमाचल प्रदेश कांग्रेस समिति के महासचिव पद पर रहे। ठाकुर ने 2003-08 तक राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड तथा वर्ष 2013 से 2017 तक हिमाचल प्रदेश खेल परिषद के सदस्य के रूप में कार्य किया। सुंदर सिंह दिसंबर 2017 में 13वीं विधानसभा के लिए बतौर विधायक चुने गए और जनरल डेवलपमेंट एंड सबोर्डिनेट लेजिस्लेशन कमेटी के सदस्य रहे। दिसंबर 2022 में यह 14वीं विधानसभा के लिए पुनः विधायक के रूप में चुने गए। मोहन लाल ब्राक्टा : लगातार तीसरी बार बने विधायक 57 वर्षीय मोहन लाल ब्राक्टा ने विधि स्नातक की शिक्षा ग्रहण की है और एक अधिवक्ता के तौर पर सक्रिय रहे हैं। ब्राक्टा वर्ष 2012 में पहली बार राज्य विधानसभा के लिए चुने गए। वर्ष 2013 से 2017 तक इन्होंने प्राक्कलन, ग्राम नियोजन, सार्वजनिक उपक्रम, कल्याण, विशेषाधिकार एवं नीति समितियों के सदस्य के रूप में कार्य किया। इसके बाद 2017 में 13वीं विधानसभा के लिए यह पुनः निर्वाचित हुए और कल्याण, नियम एवं ई-गवर्नेंस व सामान्य मामले समितियों के सदस्य रहे। दिसंबर 2022 में 14वीं विधानसभा के लिए यह पुनः बतौर विधायक चुने गए है। मोहन लाल ब्राक्टा को होली लॉज खेमे का माना जाता है। राम कुमार चौधरी : मंत्री पद की दौड़ में थे शामिल राम कुमार चौधरी को सियासत विरासत में मिली है। उनके पिता लज्जा राम कई बार विधायक और मुख्य संसदीय सचिव रहे है। राम कुमार चौधरी ने लोक प्रशासन में स्नातकोत्तर की शिक्षा प्राप्त की है और रियल एस्टेट व्यवसाय से जुड़े हैं। राम कुमार चौधरी हरिपुर संदोली ग्राम सुधार सभा के अध्यक्ष रहे हैं। इसके अतिरिक्त चौधरी वर्ष 1993-95 में प्रदेश एनएसयूआई के महासचिव, वर्ष 2003 में राज्य युवा कांग्रेस के महासचिव तथा हिमाचल प्रदेश कांग्रेस समिति के वर्तमान में महासचिव हैं। वर्ष 2006 से 2011 तक यह जिला परिषद सोलन के अध्यक्ष रहे। यह दिसंबर 2012 में पहली बार हिमाचल प्रदेश विधानसभा के लिए बतौर विधायक चुने गए। दिसंबर 2022 में 14वीं विधानसभा के लिए पुनः विधायक चुने गए है। आशीष बुटेल : शांता कुमार के गृह क्षेत्र में कांग्रेस को मजबूत किया पूर्व विधानसभा अध्यक्ष तथा पूर्व कैबिनेट मंत्री बृज बिहारी लाल बुटेल के सुुपुत्र आशीष बुटेल दूसरी बार पालमपुर से विधायक बने है। पालमपुर भाजपा के वरिष्ठ नेता शांता कुमार का गृह क्षेत्र है और यहाँ से बुटेल ने दोनों मर्तबा भाजपा के दिग्गज नेताओं को हराया है। 2017 में उन्होंने इंदु गोस्वामी को हराया था और इस बार भाजपा के प्रदेश महामंत्री त्रिलोक कपूर को हराया है। बुटेल ने सिम्बोयसिस कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय पुणे से वाणिज्य स्नातक की उपाधि प्राप्त की है। आशीष बुटेल को वर्ष 2011 से 2013 तक लोकसभा युवा कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रहे हैं। वह वर्ष 2014 से हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव हैं। वह वर्ष 2017 में पहली बार हिमाचल प्रदेश विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए तथा प्राक्कलन एवं ग्रामीण योजना समितियों के सदस्य रहे। वह दिसम्बर, 2022 में 14वीं विधानसभा के लिए पुनः निर्वाचित हुए। आशीष बुटेल जिला कांगड़ा बॉस्केटबाल संघ के भी अध्यक्ष हैं। उनकी सामाजिक कार्यों तथा अध्ययन में विशेष रूचि है। किशोरी लाल : बैजनाथ से दूसरी बार बने है विधायक किशोरी लाल जिला कांगड़ा के बैजनाथ से दूसरी बार विधायक बने है। वह पांच बार पंचायत प्रधान तथा उप-प्रधान रहे हैं। वह ब्लॉक एवं जिला कांग्रेस कमेटी के महासचिव, जिला कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य भी रहे हैं। किशोरी लाल दिसम्बर, 2012 में प्रथम बार हिमाचल प्रदेश विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए तथा दिसम्बर, 2022 में पुनः विधायक के रूप में चुने गए हैं। बैजनाथ पंडित संत राम की कर्मभूमि रही है और इसी सीट से उनके पुत्र सुधीर शर्मा भी दो बार विधायक बने है। ये सीट आरक्षित होने बाद यहाँ से कांग्रेस ने किशोरी लाल को चेहरा बनाया और वे तीन में से दो चुनाव जीतने में सफल रहे। संजय अवस्थी : क्रिकेट के मैदान से सियासी मैदान तक पहुंचे अवस्थी 57 वर्षीय संजय अवस्थी अर्की से दूसरी बार विधायक बने है। अवस्थी को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का करीबी माना जाता है। संजय अवस्थी वर्ष 1996 से 2006 तक जिला क्रिकेट संघ सोलन के अध्यक्ष तथा वर्ष 2000 से 2005 तक नगर परिषद सोलन के पार्षद रहे। वह वर्तमान में हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव तथा अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य है। संजय अवस्थी 30 अक्टूबर, 2021 को विधानसभा उप-चुनाव में प्रथम बार विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए तथा दिसम्बर, 2022 में 14वीं विधानसभा के लिए पुनः निर्वाचित हुए। संजय अवस्थी ने रणजी ट्रॉफी राष्ट्रीय क्रिकेट चैम्पियनशिप में हिमाचल का प्रतिनिधित्व किया है।
जगत सिंह नेगी किन्नौर से पांचवी बार विधायक बने है और कांग्रेस के तेजतर्रार नेता है। उन्होंने बी.ए.एल.एल.बी. की शिक्षा डी.ए.वी. महाविद्यालय चण्डीगढ़ और पंजाब विश्वविद्यालय चण्डीगढ़ से ग्रहण की है। जगत सिंह नेगी 1980 से 1995 तक जिला सेब एवं सब्जी उत्पादक संघ किन्नौर के संस्थापक अध्यक्ष रहे हैं। इसके साथ ही जगत सिंह 1980 से 1995 तक जिला बार संघ किन्नौर के अध्यक्ष तथा जिला युवा कांग्रेस कमेटी किन्नौर के अध्यक्ष भी रहे हैं। 1996 से 2011 तक जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रहे। 1996 और 2005 से 2009 तक हिमाचल प्रदेश फुटबाल संघ के उपाध्यक्ष एवं अध्यक्ष रहे। जगत सिंह नेगी ने पहली बार 1995 के उपचुनाव में जीत दर्ज की थी। फिर 2003 में भी किन्नौर सीट पर जगत सिंह नेगी ने ही जीत हासिल की। 2007 का चुनाव वे हार गए लेकिन उसके बाद 2012 , 2017 और इस बार के चुनाव में लगातार तीन दफा जीत कर नेगी ने जीत की हैट्रिक लगाई है। जगत सिंह नेगी इससे पहले विधानसभा उपाध्यक्ष भी रह चुके है और विपक्ष में रहते हुए अक्सर आक्रामक रहे है। संभवतः नेगी किन्नौर से पहले ऐसे विधायक है जो पुरे पांच वर्ष मंत्री रहेंगे।
लाहौल स्पीति के केलोंग में बुधवार को -11 डिग्री तापमान जमाव बिंदु से भी नीचे हो गया। चंद्रभागा नदी सहित जल स्रोत जम चुके है, जिस कारण पानी की आपूर्ति भी प्रभावित हो रही है। स्थानीय लोगो का कहना है कि पिछले कई दिनों से कड़ाके की ठण्ड हो रही है। दूसरी ओर सड़क पर फिसलन भी बढ़ गई है। डीसी लाहौल-स्पीति ने भी इस बाबत एडवाइजरी जारी की है। गौरतलब है कि मौसम विभाग ने वीरवार और शुक्रवार को प्रदेश में मौसम साफ बना रहने का पूर्वानुमान जताया है। सात-आठ जनवरी को कई क्षेत्रों में बर्फबारी और बारिश का पूर्वानुमान है। वीरवार को प्रदेश में ठंडी हवाएं चलने का येलो अलर्ट भी जारी हुआ है।
फर्स्ट वर्डिक्ट। काजा अटल बिहारी पर्वतारोहण संस्थान के सब सेंटर जिस्पा और जिला आपदा प्रबंधन के संयुक्त तत्वावधान से काजा में युवाओं काे 14 दिवसीय आपदा मित्र अभियान के तहत प्रशिक्षण दिया जा रहा है। एडीसी अभिषेक वर्मा ने मंगलवार को प्रशिक्षण ले रहे सभी स्पीति के युवाओं का हौंसला बढ़ाया और स्वयं भी रिपलिंग की। इस शिविर में 60 युवाओं को प्रशिक्षण दिया है। आपदा के समय युवाओं की सहायता लेकर रेस्क्यू कार्य को आसानी से सफल किया जाएगा। पहली बार सेंटर काजा में युवाओं को इस तरह का प्रशिक्षण दे रहा है। इन्हें आपदा मित्र कहा जाएगा। सामुदायिक वॉलंटियर किसी भी आपात स्थिति के दौरान आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के लिए सेवाएं देंगे और लोगों की जान-माल को बचाने में अहम भूमिका निभाएंगे, जो बाढ़, भूकंप, भू-स्खलन, चक्रवात व अन्य आपदाओं के लिहाज से उच्च संवेदनशील है। इस तरीके से प्रशिक्षण दिया जा रहा है। सेंटर के इंचार्ज मनमोहन नाजू ने कहा कि इन्हें आपदा से निपटने के लिए तैयार किया जा रहा है। रेस्क्यू में इन युवाओं की सहायता से लोगों की जान बचाई जा सकती है। सेंटर के रविंद्र, पीयूष, भुवनेश्वर और टाशी प्रशिक्षण दे रहें है।
जिला किन्नौर में इस बार भी विधानसभा चुनाव में भरपूर रोमांच देखने को मिला। पहले दिन से ही कांग्रेस और भाजपा दोनों तरफ जमकर खींचतान दिखी। कांग्रेस में जहाँ सीटिंग विधायक और वरिष्ठ नेता जगत सिंह नेगी का टिकट अंतिम समय तक लटका रहा, तो भाजपा ने पूर्व विधायक तेजवंत नेगी का टिकट काटकर युवा सूरत नेगी को मैदान में उतारा। खफा होकर तेजवंत भी चुनावी समर में कूद गए और इस मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया। नतीजन, भाजपा के बगावत का फायदा कांग्रेस प्रत्याशी जगत सिंह नेगी को मिला और जगत नेगी हैट्रिक लगाने में कामयाब रहे। जगत सिंह नेगी को 20696 मत मिले और भाजपा प्रत्याशी सूरत नेगी को 13732 वोट प्राप्त हुए जबकि भाजपा के बागी तेजवंत नेगी ने 8574 मत लेकर भाजपा को डैमेज किया। किन्नौर के चुनावी इतिहास पर नज़र डाले तो अब तक सिर्फ ठाकुर सेन नेगी (तेते जी) ही जीत की हैट्रिक लगा सके है। ठाकुर सेन नेगी 1967 से 1982 तक लगातार चार चुनाव जीते। दिलचस्प बात ये है कि वे तीन बार निर्दलीय और एक बार लोकराज पार्टी के टिकट पर चुनाव जीते। फिर वे भाजपा में शामिल हो गए और एक बार 1990 में भाजपा टिकट से भी जीतने में कामयाब हुए। ठाकुर सेन नेगी के अलावा जगत सिंह नेगी ही इकलौते ऐसे नेता है जो हैट्रिक लगाने में सफल हुए है।
फतेहपुर भाजपा के टिकट आवंटन के बाद सबसे चर्चित सीटों में से एक है। दरअसल ये वो सीट है जहाँ भाजपा ने नजदीकी निर्वाचन क्षेत्र से प्रत्याशी इम्पोर्ट किया है। नूरपुर से विधायक और कैबिनेट मंत्री राकेश पठानिया को भाजपा ने इस मर्तबा फतेहपुर फ़तेह करने का जिम्मा सौपा है। वैसे भी डॉ राजन सुशांत के पार्टी छोड़ने के बाद से इस क्षेत्र में भाजपा कभी कांग्रेस को जोरदार टक्कर नहीं दे पाई है। बगावत मानो यहाँ भाजपा की नियति बन चुकी है। यहाँ पार्टी दो उपचुनाव सहित लगातार चार चुनाव हार चुकी है। ऐसे में पार्टी ने इस बार राकेश पठानिया को उतार कर बड़ा गैम्बल खेला है। दरअसल इस क्षेत्र में पार्टी टिकट के दो मुख्य दावेदार थे, बलदेव ठाकुर और कृपाल परमार। पिछले चुनावों को देखे तो पार्टी अगर एक को टिकट देती है, तो दूसरा नाराज हो जाता है। संभवतः पार्टी को लगा हो किसी तीसरे को लेकर पार्टी को एकजुट किया जा सकता है। पर दाव उलटा पड़ गया। कृपाल ने बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ा है। दिलचस्प बात तो ये है कि कृपाल को मनाने के लिए खुद पीएम मोदी का फोन आया था, जो काफी वायरल भी हुआ। पर पीएम के मनाने पर भी कृपाल माने नहीं। अब कृपाल पर मतदाताओं की कितनी कृपा रही, ये देखना रोचक होगा। तो वहीं कभी भाजपा के नेता रहे पूर्व सांसद राजन सुशांत इस बार आम आदमी पार्टी से मैदान में है। पर डॉ राजन सुशांत का प्रचार प्रसार इस बार ज्यादा आक्रामक नहीं दिखा है। पर इस क्षेत्र से वो चार बार विधायक रहे है और उनका एक सेट वोट बैंक है जिसके चलते उन्हें हल्के में नहीं लिया जा सकता। उधर कांग्रेस ने एक बार फिर भवानी सिंह पठानिया को मैदान में उतारा है। कांग्रेस में भवानी के नाम को लेकर कोई विरोध नहीं दिखा। भवानी सिंह पठानिया कॉर्पोरेट जगत की नौकरी छोड़कर अपने पिता स्व सुजान सिंह पठानिया की राजनैतिक विरासत को आगे बढ़ाने के लिए फतेहपुर लौटे है। पर पिछले चुनाव को जीत कर भवानी ने ये साबित कर दिया था की वे राजनीति के लिए नए नहीं है। बहरहाल कांग्रेस में 'जय भवानी' का नारा बुलंद है और समर्थक तो उन्हें भावी मंत्री भी बताने लगे है। जानकारों का मानना है कि यदि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनती है और भवानी भी ये चुनाव जीतते है तो उन्हें मंत्री पद या कोई अहम ज़िम्मेदारी मिल सकती है। बहरहाल, भवानी और विधानसभा के बीच भाजपा के बड़े नेता और मंत्री राकेश पठानिया, कृपाल परमार और राजन सुशांत जैसे दिग्गज है। अब फतेहपुर में युवा जोश की जीत होती है या अनुभव की, ये तो नतीजे ही तय करेंगे।
** मुश्किल हो सकती है भाजपा और आप की राह 'प्रदेश का मुख्यमंत्री कैसा हो, सुक्खू भाई जैसा हो' ,चुनाव प्रचार के दौरान नादौन विधानसभा क्षेत्र में ये नारा खूब बुलंद रहा। इस बार सुखविंद्र सिंह सुक्खू के समर्थक उन्हें भावी मुख्यमंत्री के तौर पर देख रहे है। नादौन में जहाँ भी सुक्खू प्रचार के लिए पहुंचे, समर्थक ये ही नारा दोहराते दिखे। इस बार कांग्रेस ने बेशक सामूहिक नेतृत्व में और बगैर सीएम फेस के चुनाव लड़ा है ,लेकिन इसमें कोई संशय नहीं है कि यदि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनती है और नादौन विधानसभा सीट से सुखविंद्र सिंह सुक्खू चुनाव जीत कर आते है तो मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में सुक्खू का दावा बेहद मजबूत है। नादौन की सियासी फ़िज़ाओं में सुगबुगाहट तेज़ है कि मुमकिन है इस बार नादौन विधानसभा क्षेत्र को मुख्यमंत्री मिल जाएँ। ऐसे में जाहिर है इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि भावी सीएम फैक्टर का लाभ इस चुनाव में सुक्खू को मिला हो। नादौन के इतिहास की बात करें तो नादौन विधाभसभा सीट यूँ तो कांग्रेस का गढ़ रही है। यहां से नारायण चंद पराशर तीन बार विधायक रहे। नारायण चंद पराशर के बाद सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने इस सीट पर राज किया है। 2003 से अब तक सुखविंद्र सिंह सुक्खू नादौन सीट पर तीन बार जीत चुके है, हालांकि 2012 के विधानसभा चुनाव में सुक्खू को 6750 मतों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा था। पर फिर 2017 में सुक्खू ने जीत हासिल की। कांग्रेस में सुक्खू के अलावा कभी कोई अन्य चेहरा विकल्प के तौर पर नहीं उभरा। इस बीच भाजपा की बात करे तो एक बार फिर विजय अग्निहोत्री मैदान में है। अग्निहोत्री एक दफा सुक्खू को पटकनी भी दे चुके है और इस बार फिर मैदान में डटे हुए है। नादौन में भाजपा के लिए ऐसा भी कहा जाता है कि अगर यहां भाजपा एकजुट हो जाए तो शायद कांग्रेस की राह इतनी आसान न हो। अब भाजपा एकजुट है या नहीं ये तो आने वाला समय ही बताएगा। वहीँ इस बार आम आदमी पार्टी ने नादौन के सियासी समीकरण ज़रूर बदले है। दरअसल इस बार आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी शैंकी ठुकराल ने पुरे दमखम के साथ चुनाव लड़ा है। अब देखना ये होगा कि शैंकी किसके वोट बैंक में कितनी सेंध लगाते है। नादौन में फिलवक्त सुक्खू जीत को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त है। सुक्खू ने भावी सीएम के टैग के साथ चुनाव लड़ा है। ऐसे में जाहिर है इसका लाभ भी उन्हें मिलता दिख रहा है। बहरहाल, जनादेश ईवीएम में कैद है और सभी अपनी -अपनी जीत का दावा कर रहे है।
'प्रदेश का मुख्यमंत्री कैसा हो, सुक्खू भाई जैसा हो' ,चुनाव प्रचार के दौरान नादौन विधानसभा क्षेत्र में ये नारा खूब बुलंद रहा। इस बार सुखविंद्र सिंह सुक्खू के समर्थक उन्हें भावी मुख्यमंत्री के तौर पर देख रहे है। नादौन में जहाँ भी सुक्खू प्रचार के लिए पहुंचे, समर्थक ये ही नारा दोहराते दिखे। इस बार कांग्रेस ने बेशक सामूहिक नेतृत्व में और बगैर सीएम फेस के चुनाव लड़ा है ,लेकिन इसमें कोई संशय नहीं है कि यदि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनती है और नादौन विधानसभा सीट से सुखविंद्र सिंह सुक्खू चुनाव जीत कर आते है तो मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में सुक्खू का दावा बेहद मजबूत है। नादौन की सियासी फ़िज़ाओं में सुगबुगाहट तेज़ है कि मुमकिन है इस बार नादौन विधानसभा क्षेत्र को मुख्यमंत्री मिल जाएँ। ऐसे में जाहिर है इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि भावी सीएम फैक्टर का लाभ इस चुनाव में सुक्खू को मिला हो। नादौन के इतिहास की बात करें तो नादौन विधाभसभा सीट यूँ तो कांग्रेस का गढ़ रही है। यहां से नारायण चंद पराशर तीन बार विधायक रहे। नारायण चंद पराशर के बाद सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने इस सीट पर राज किया है। 2003 से अब तक सुखविंद्र सिंह सुक्खू नादौन सीट पर तीन बार जीत चुके है, हालांकि 2012 के विधानसभा चुनाव में सुक्खू को 6750 मतों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा था। पर फिर 2017 में सुक्खू ने जीत हासिल की। कांग्रेस में सुक्खू के अलावा कभी कोई अन्य चेहरा विकल्प के तौर पर नहीं उभरा। इस बीच भाजपा की बात करे तो एक बार फिर विजय अग्निहोत्री मैदान में है। अग्निहोत्री एक दफा सुक्खू को पटकनी भी दे चुके है और इस बार फिर मैदान में डटे हुए है। नादौन में भाजपा के लिए ऐसा भी कहा जाता है कि अगर यहां भाजपा एकजुट हो जाए तो शायद कांग्रेस की राह इतनी आसान न हो। अब भाजपा एकजुट है या नहीं ये तो आने वाला समय ही बताएगा। वहीँ इस बार आम आदमी पार्टी ने नादौन के सियासी समीकरण ज़रूर बदले है। दरअसल इस बार आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी शैंकी ठुकराल ने पुरे दमखम के साथ चुनाव लड़ा है। अब देखना ये होगा कि शैंकी किसके वोट बैंक में कितनी सेंध लगाते है। नादौन में फिलवक्त सुक्खू जीत को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त है। सुक्खू ने भावी सीएम के टैग के साथ चुनाव लड़ा है। ऐसे में जाहिर है इसका लाभ भी उन्हें मिलता दिख रहा है। बहरहाल, जनादेश ईवीएम में कैद है और सभी अपनी -अपनी जीत का दावा कर रहे है।
हिमाचल प्रदेश में के ऊपरी क्षेत्रों में हुए ताजा हिमपात से तापमान में और गिरावट दर्ज की गई है। प्रदेश के मैदानी क्षेत्र में धूप खिलने के बावजूद अधिकतम तापमान में गिरावट आई है, जबकि न्यूनतम तापमान में विशेष कोई बदलाव नहीं आया है। अधिकतम तापमान में सबसे अधिक गिरावट नारकंडा में 2.7, पालमपुर में 1.8 डिग्री सेल्सियस तक आई है। मौसम विभाग के अनुसार कुछ दिन मौसम साफ रहेगा। धूप खिलने से अधिकतम तापमान में वृद्धि होगी। हालांकि, सुबह और शाम ठंड बढ़ेगी। वहीं सोमवार को रोहतांग, कुंजम, शिंकुला व बारालाचा सहित ऊंची चोटियों में बर्फ के फाहे गिरने का क्रम शुरु हो गया है। हल्की बर्फ़बारी के बीच मनाली लेह, ग्रांफू काजा, दारचा पददुम व तांदी संसारी मार्ग में वाहनों की आवाजाही सुचारू है। पुलिस अधीक्षक लाहुल स्पीति मानव वर्मा ने वाहन चालकों व पर्यटकों से आग्रह किया कि मौसम की परिस्थितियों को देखकर ही सफर करें। हिमपात होने की सूरत में सफर से बचें।
आलाेक। केलांग नेहरू युवा केंद्र केलांग द्वारा स्वच्छ भारत 2.0 कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता ग्राम पंचायत प्रधान सिस्सू राजीव कुमार ने मुख्यातिथि के तौर पर की। इस अवसर पर सिस्सू, शाषिन और अटल टनल मंे स्वच्छता अभियान चलाया गया। कार्यक्रम के अंतर्गत गांव के सभी लोगों को स्वच्छता के बारे में उन्होंने अवगत करवाया। इस अभियान के तहत गांव के समस्त लोगों ने भाग लिया। इस स्वच्छ भारत 2.0 के अंतर्गत लगभग 400 किलाे ग्राम तक का कचरा इक्कठा करके उचित स्थान पर निष्तार्ण किया। इस अवसर पर उप प्रधान संदीप कुमार सहित अन्य लोगों ने भाग लिया।
लाेक। केलांग जिला लाहौल स्पीति में सेवा सप्ताह के तहत सामाजिक न्याय व अधिकारिता विभाग तथा जिला निर्वाचन विभाग के संयुक्त तत्वाधान में अंतरराष्ट्रीय वृद्ध दिवस पर बुजुर्ग मतदाताओं के लिए जिला मुख्यालय के उपायुक्त सभागार में सम्मान समारोह आयोजित किया गया, जिसे तहत उपायुक्त लाहौल स्पीति सुमित खिमटा ने लोकतंत्र की मजबूती के लिए बुजुर्गों के मतदान प्रक्रिया में भाग लेने और उनके योगदान की सराहना करते हुए कहा कि वे लोकतंत्र के पर्व में इस बार भी अपना वोट जरूर दें। साथ ही समाज में अन्य युवा मतदाताओं को भी मतदान के लिए प्ररित करें, ताकि लोकतंत्र में सबकी भागीदारी सुनिश्चित किया जा सके। जिला निर्वाचन अधिकारी एवं उपायुक्त सुमित खिमटा ने बताया कि निर्वाचन प्रक्रिया को सुदृढ़ करने और निर्वाचन की सही मायने में स्वतंत्र, निष्पक्ष, समावेशी, सुगम और सहभागी बनाने के लिए हमारे निरंतर प्रगतिशील तंत्र के भी साक्षी है। उपायुक्त ने बताया कि निर्वाचन आयोग की ओर से बुजुर्ग मतदाताओं के लिए व्हीलचेय व रैंप आने-जाने की निःशुल्क परिवहन सुविधा की व्यवस्था की है।साथ ही फॉर्म 12-घ भरकर घर बैठे मतदान की सुविधा भी दी जा रही है। अंतराष्ट्रीय वृद्ध दिवस के अवसर पर वृद्ध मतदाताओं को सम्मानित किया गया। साथ ही लोकतांत्रिक प्रणाली में इनके योगदान की सराहना करते हुए इनसे अपील की कि युवाओं को भी मतदान के प्रति प्रेरित करें, ताकि लोकतंत्र मजबूत हो। उन्होंने बताया कि एक मात्र वोट के महत्व को ध्यान में रखते हुए वोट जरूर करने की अपील की।
*स्कूल में था अनुपस्थित था शिक्षक *कई दिनों से नहीं बन रहा था स्कूल में मिड डे मील का खाना स्पीति के राजकीय उच्च विद्यालय डेमुल में एडीसी अभिषेक वर्मा ने शुक्रवार को औचक निरीक्षण किया। इस दौरान कार्यकारी हेड मास्टर छेरिंग दोरजे स्कूल में अनुपस्थित पाए गए। जब स्कूली रिकॉर्ड की जांच पड़ताल हुई तो उन्होंने कोई अवकाश भी नहीं लिया था। स्कूल में कुल सात शिक्षकों में से मात्र दो शिक्षक ही स्कूल में उपस्थित पाए गए। इसके अलावा स्कूल में एक भी विद्यार्थी मौजूद नहीं था। अटेंडेक्स रजिस्टर में भी कार्यकारी हेडमास्टर छेरिंग दोर्जे की 22 और 23 सितंबर की उपस्थिति नहीं थी। इसके साथ ही स्कूल में टीजीटी आर्ट्स लोबजंग डोलमा और दोरजे संडूप टीजीटी मेडिकल भी अनुपस्थित पाए गए। कार्यकारी हेडमास्टर की जिम्मेवारी बनती है कि स्कूल में और स्टाफ पर अनुशासन बनाए रखे। जब एडीसी अभिषेक वर्मा ने स्कूल में औचक निरक्षण किया तो उन्हें पता चला कि पिछले कुछ दिनों से स्कूल में मिड डे मील का खाना भी नहीं बन रहा था। खाना बनाने वाला स्टाफ भी अनुपस्थित था, इसके साथ ही किचन पर भी ताला लटका हुआ था। जांच में पता चला कि स्कूल में मिड डे मील नहीं बन रहा था और बच्चों को घर में लंच के लिए भेजा जा रहा था। मौके पर मौजूद शिक्षक ने बताया कि गैस सिलेंडर खत्म हो गया था तो कुछ दिन से खाना नहीं बन रहा था। सीसीएस कंडक्ट रूल 1964 के नियम 3 के तहत उक्त शिक्षक के खिलाफ कारवाई अमल में लाई गई। स्थानीय नंबरदार पंचायत प्रधान ने बताया कि उक्त शिक्षक इससे पहले भी इस तरह का व्यवहार कर चुका है। स्कूल पर नियमित मौजूद नहीं रहते है। जब कार्यकारी शिक्षक से मोबाइल के माध्यम से संपर्क किया गया तो बहन और बेटी ने फोन उठाया। यह भी नहीं बताया कि कोई मेडिकल इमरजेंसी के चलते स्कूल नहीं आ पाया। उक्त शिक्षक के खिलाफ सिंगल लाइन प्रशासन में एडीसी ने सीसीएस सीसीए रूल 1965 के तहत कार्यकारी शिक्षक को सस्पेंड कर दिया है। आगमी करवाई तक उक्त शिक्षक एसडीएम ऑफिस काजा में रहेगा। बिना अवकाश के शिक्षक स्थान नहीं छोड़ेगा अन्यथा अनुशासनात्मक करवाई अमल में लाई जाएगी।
मन्नत कला मंच कुल्लू के कलाकारों ने लोकगीत, संगीत व नुक्कड़ नाटक में माध्यम से किया जागरूक फर्स्ट वर्डिक्ट। काजा जल शक्ति विभाग के जिला जल एवं स्वच्छता मिशन लाहौल एवं स्पिति द्वारा जिला के स्पिति खंड में पानी की शुद्धता, स्वच्छ रखरखाव, प्रकृतिक जल स्रोतों के सरंक्षण व संवर्धन, जल जनित रोगों, पेयजल की उपलब्धता के साथ साथ ग्रामीण पेयजल एवं स्वच्छता समिति के कार्यों, गठन व इसके लाभों के प्रति ग्रामीणों को जागरूक करने के उद्देश्य से चलाए जा रहे जनजागरूकता अभियान का आज लांगचा, काजा व किब्बर पंचायतों में हुए कार्यक्रमों के साथ समापन हो गया। साथ ही स्पिति घाटी के डेमूल, लालूंग, ढंखर, ताबो व पिन वैली की कुंगरी, सगनम आदि पंचायतों में भी फोक मीडिया कार्यक्रम किए गए। मन्नत कला मंच के संयोजक नवनीत भारद्वाज ने कार्यक्रम संबंधित जानकारी देते हुए बताया कि इन कार्यक्रमों में जहां एक तरफ लाहौली गीतों से लोगों का मनोरंजन किया गया। वहीं, दूसरी ओर मंच के कलाकारों ने नाटक, 'जल है तो कल है' के माध्यम से अपनी बेहतरीन प्रस्तुति देते हुए पंचायत में बेहतर जलप्रबंधन हेतु ग्रामीण पेयजल एवं स्वच्छता समिति के कार्यों जिनमें पानी के संपूर्ण रख रखाव, पेयजल की स्वच्छता हेतु समय समय पर पानी की जांच करना, ताकि जल जनित रोगों से बचाव हो, प्रकृतिक जल स्रोतों के सरंक्षण व संवर्धन बारे विस्तृत जानकारियां दी। उन्होंने स्पिति घाटी में लगातार होती पीने के पानी की कमी के बारे व इसके उचित इस्तेमाल, रखरखाव व बचाव के प्रति भी लोगों को जागरूक किया। कार्यक्रमों में जल शक्ति विभाग के कनिष्ठ अभियंता विनय शर्मा, शुभ लांगचा पंचायत प्रधान छेरिंग पलडोन, काज़ा के सचिव नोरबू, किब्बर पंचायत प्रधान डोलमा छेरिंग के साथ साथ बड़ी संख्या में महिला मंडल, युवक मंडल सहित अन्य ग्रामीण भी शामिल रहे।अधीक्षण अभियंता ई. मनोज नेगी ने कार्यक्रमों संबंधित जानकारी देते हुए बताया कि जल जीवन मिशन के तहत जिला की सभी पंचायतों में ग्रामीण पेयजल स्वच्छता कमेटीयों का गठन किया गया है तथा पेयजल निगरानी समिति द्वारा पूरी पंचायत में पेयजल की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। क्योंकि स्वच्छ पेयजल ही बीमारियों से बचाव का सबसे प्रभावशाली तरीका हैं। उन्होंने बताया कि पानी की जांच हेतु पंचायत के हर गांव की पांच महिलाओं को विभाग द्वारा पेयजल की गुणवत्ता की जांच करने के लिए प्रशिक्षण के साथ-साथ जल जांच किटें भी दी जा रही है, ताकि ये महिलाएं गांव में पेयजल की समय समय पर जांच कर सके, ये जांच 10 मानकों पर की जाती है।
जनजातीय जिला लाहौल स्पीति की 13 पीक पर चढ़ाई करते हुए ग्लेशियर की खाई में गिरे ट्रैकर को 2 महीने बाद निकाल लिया गया है। यह ट्रैकर पहाड़ी को पार करते हुए 16 जून को गहरी खाई में गिरा था। हालाँकि उसके बाद रेस्क्यू अभियान चलाया गया था, परंतु मौसम ज्यादा खराब होने के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन को रोकना पड़ा था। अब हालात सामान्य होने के बाद पर्वतारोहण संस्थान मनाली के रेस्क्यू दल ने उसे खाई से बाहर निकाला है। पुलिस अधीक्षक लाहौल स्पीति मानव वर्मा ने बताया कि अटल बिहारी वाजपेयी पर्वतारोहण एवं सहबद्ध खेल संस्थान, मनाली ने 5300 मीटर ऊंची सीबी 13 पर्वत से वेद व्यास नाम के पर्वतारोही के शव शरीर को निकालकर मनाली पहुंचाया है।शव को खाई से बाहर निकलने के लिए रेस्क्यू दल को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी।
पूर्व विधायक बोले, समय पर बारिश न होने से किसान बागवानों की बढ़ी दिक्कतें आलाेक। केलांग सुखे की मार झेल रहे लाहुल स्पीति के किसान बागबानों की दिक्कतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। बात अगर लाहुल की करें, तो घाटी की तांदी पंचायत के अधिन आने वाले गांवों में जहां किसान बागबान पानी की बूंद-बूंद को तरस गए हैं। वहीं, हालात ऐसे हो गए हैं कि किसानों को दो वक्त की रोटी के भी लाले पड़ते नजर आ रहे हैं। लाहुल के सिंद्धबाडी, बारिंग, चेवर, शेरिंग, ओथंग, शुंगनम सहित लाहुल के अधिकतर गांवों में ग्रामीण सुखे की मार झेलने को मजबूर हैं। यही नहीं बात अगर स्पीति की करें, तो स्पीति के कुछ गांव में इस बार फसल को पानी न मिलने के कारण किसानों के चेहरे मायूस है। वहीं, किसानों की सालाना आय भी अब प्रभावित होती नजर आ रही है। समय पर बारिश भी नहीं हुई और इस बार बर्फबारी भी उतनी ज्यादा नहीं हो पाई है। वहीं, बर्फ से ढकी रहने वाली स्पीति घाटी में इस तरह की पानी की किल्लत से किसानी पर प्रभाव पड़ता नजर आ रहा है। स्पीति के चिचिम, हिक्कम, लांगचा, टाशीगंग व डेमुल आदि गांव में सबसे अधिक किल्लत है। ऐसे में घाटी के ग्रामीणों ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि लाहुल-स्पीति को सुखा ग्रस्त घोषित किया जाए, ताकि ग्रामीणों को कुछ हद तक राहत मिल सके। उधर, तांदी पंचायत के प्रधान विरेंदर का करना है कि इस वर्ष घाटी में बारिश नाम मात्र की होने से किसान बागवानों की दिक्कतें बढ़ गई हैं। वहीं, नालों के माध्यम से खेतों में की गई सिंचाई से तैयार की गई फसलों के दाम भी काफी कम मिल रहे हैं। ऐसे में किसानों को दो वक्त की रोटी के लाले भी पड़ते नजर आ रहे हैं। उन्होंने सरकार से मांग की है कि लाहौल घाटी को सूखाग्रस्त घोषित किया जाए। उन्होंने बताया कि कांग्रेस की सरकार में नवार्ड के माध्यम से जारी किए गए 9 करोड़ 32 लाख रुपए के बजट जिसके माध्यम से खंडीपुर कुहल के कार्य को भी अमली जामा पहनाया जाना था, लेकिन सता परिवर्तन होते ही भाजपा की सरकार ने इस कार्य को नजरअंदाज किया और इस कार्य में किसी भी तरह की रुचि नहीं दिखाई। लिहाजा क्षेत्र के ग्रामीणों को पानी की समस्या से जूझना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि वे जयराम सरकार से यह मांग करते हैं कि लाहौल-स्पीति को सूखाग्रस्त घोषित किया जाए और किसान बागवानों को उचित मुआवजा जल्द से जल्द उपलब्ध करवाया जाए। इस वर्ष लाहौल स्पीति में कम बर्फबारी जहां दर्ज की गई है। वहीं, समय पर बारिश न होने से घाटी के किसानों और बागवानों की फसलें भी पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं। यही नहीं लाहौल-स्पीति के अधिकतर गांव सूखे की मार झेल रहे हैं। लिहाजा मैं सरकार से यह आग्रह करता हूं कि लाहौल स्पीति को जल्द से जल्द सूखा ग्रस्त घोषित किया जाए।
पांच साल से प्रशिक्षित पटवारीनियुक्ति का कर रहे इंताजार मंत्री मार्कंडेय पर अनदेखी के जड़े बेरोजगारों ने आरोप, 2017 से कर रहे नौकरी का इंतजार जनजातीय जिला लाहौल स्पीति के 2017 बैच के प्रशिक्षित 15 पटवारियों को प्रदेश सरकार पिछले चार साल से नियुक्ति करना भूल गई है, जबकि 2018 के बैच के पटवारियों को इस वर्ष नियुक्ति दे दी गई। 2016 में जिला लाहौल स्पीति में भी प्रदेश के अन्य सभी जिलों की भांति पटवार परीक्षा आयोजित की गई थी जिसमें उत्तीर्ण सभी उम्मीदवारों ने 2017 में प्रदेश के अन्य जिलों के प्रशिक्षिणार्थियों के साथ राजस्व विभाग जोगेंद्रनगर से 18 महीने का प्रशिक्षण प्राप्त कर अन्तिम पटवार परीक्षा भी उतीर्ण की थी। प्रशिक्षण समाप्त होने के तुरन्त बाद प्रदेश के अन्य सभी ज़िलों में सन 2018 में ही पटवारियों की शत प्रतिशत नियुक्तियां हो चुकी है। मगर जनजातीय जिला लाहौल स्पीति के प्रशिक्षित पटवारियों को सरकार ने पिछले चार साल से घर में ही बैठा रखा है और अगले बैच को प्रशिक्षण दे कर 2021 में उन्हें नियुक्ति दे दी, जबकि 2017 में प्रशिक्षण प्राप्त पटवारी अभी तक नियुक्त नहीं हुए हैं। दूसरी ओर प्रशिक्षित पटवारी, विनोद कुमार, महेश कुमार, तन्जिन शाकीया, प्रवीण कुमार, एकता देवी, रजत, सोनम टशी, सन्दीप छेरिंग, नावांग, राजेश, देचेन, ठिल्ले, रिगजिन व भास्कर ने बताया कि अपनी नियुक्ति के लिए कई बार मुख्यमंत्री व स्थानीय विधायक एव मंत्री से मिले लेकिन हर बार आशवासन ही मिलता रहा। इनका कहना है कि मंत्री ने जिला के बेरोजगार प्रशिक्षित पटवारियों के विषय को कैबिनेट में तक नहीं उठाया। स्थानीय विधायक एवम मंत्री को उन्हें अपने जिला के लोगों के समस्या से कोई लेना देना ही नहीं रहा है। लाहुल स्पीति के पूर्व विधायक रवि ठाकुर का कहना है कि जयराम सरकार ने जनजातीय क्षेत्र के लोगों के साथ भेदभाव किया है। इसी का नतीजा है कि 2017 से प्रशिक्षित पटवारियों की आज तक नियुक्ति नहीं हो सकी है जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि घाटी के युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड किया जा रहा है।
आलाेक। कुल्लू भारतीय सेना के डोगरा स्काउट के जवान लाहुल-स्पीति के ऊंचे पर्वत मानेरंग एक्सपीडशन (6593 मीटर) के लिए सोमवार को रवाना हुए हैं। बताया जा रहा है कि 18 सदस्यीय डोगरा स्काउट का दल 30 जुलाई को वापस समुदो पहुंचेगा। इस दल में 2 ऑफिसर, 2 जेसीओ और 14 अन्य रेंक के अधिकारी शामिल है। मानेरंग पर्वत का ट्रैक काफी चुनौती भरा है। बताया जा रहा है कि इससे पहले भी डोगरा स्काउट का दल मानेरंग पर्वत का ट्रैक कर चुके हैं। दल को कमांडर ट्राई पीक्स ब्रिगेड ने हरी झंडी देकर रवाना किया। इस मौके पर उन्होंने दल के सदस्यों का हौंसला बढ़ाया। इस अवसर पर डोगरा स्काउट के आला अफसर मौजूद रहे।
लाहुल स्पिति में आज भी बुछेन परम्परा करीब छह सौ वर्षो से मनाई जा रही है। स्पिति घाटी के पिन घाटी में इस परम्परा का निर्वहन करने के लिए पांच से छह समूह पीढ़ी दर पीढ़ी लगे हुए है। यह एक धार्मिक मान्यता पर आधारित परम्परा है जो एक थाड0 तोड0 ज्ञालवो नाम के सिद्ध पुरूष पर समर्पित है। कुछ दशकों पूर्व इस परम्परा का निर्वहन करने वाले समूहों की संख्या 20 से अधिक थी,लेकिन अब कई समूहों ने इस परम्परा का अनुसरण करना बंद कर दिया है। स्पिति के पिन घाटी के सगनम गांव में रहने वाले छेतन गटुक ने बताया कि बुछेन का अर्थ होता है बड़ा अध्यात्मिक पुत्र। ये पत्थर तोड़ने की परम्परा है। ज्ञालवो कागयुद परम्परा के स्काॅलर थे। इन्होंने महामुद्रा और महासम्पन्न में शिक्षा हासिल की हुई थी। भोट रवजंग पंचाग के अनुसार थाड0 तोड0 ज्ञलवो का जन्म तिब्बत के उपरी सांग प्रांत ल्हसे में 1385 में हुआ था, जो पंचाग के अनुसार बुड ऑक्स साल का छठा चक्र था। थाड0 तोड0 ज्ञालवो सिद्ध पुरूष होने के साथ साथ एक बहुत ही अच्छे इंजीनियर भी थे। उन्होंने अपने हुनर से कई पुल, नांव और कई स्तूपों का भी निर्माण स्वयं किया था। भवन निर्माण निपुणता के कारण ही थाड0 तोड0 ज्ञालवो को चांग सेम पा कहा जाता था। उस दौर में आसानी से लोग एकत्रित नहीं होते थे तो थाड0 तोड0 ज्ञालवो लोगों को मनोरंजन करने के कार्यक्रम आयोजित करते थे। जब लोग इन कार्यक्रमों को देखने आते थे तो थाड0 तोड0 ज्ञालवो पुल निर्माण के लिए आवश्यक चीजों को चंदे के तौर पर देने की मांग करते थे, जैसे की लोहा, कोयला, लकड़ी आदि दें। थाड0 तोड0 ज्ञलवो रिद्धी बल में काफी मजबूत थे। उन्होंने अपनी अध्यात्मिक शक्तियों का प्रयोग तब किया जब तिब्बत के ल्हासा में भंयकर महामारी फैली थी और इस महामारी को नियंत्रित किया था। जानकार छेतन गटुक ने बताया जाता है कि जब महामारी फैली थी तो कोई भी चिकित्सक वैद्य इसका इलाज नहीं ढूंढ पा रहा था। लोग घरों में ही मर रहे थे। यही रिन्पोछे तत्कालीन राजा थे। उन्हें किसी प्रसिद्ध व्यक्ति ने बताया कि इस बीमारी का इलाज केवल थाड0 तोड0 ज्ञालवो ही कर सकते है। राजा ने अपने दरबार से कुछ लोग थाड0 तोड0 ज्ञालवो के पास भेजे। लेकिन जब लोग थाड0 तोड0 ज्ञालवो के पास पहुंचे और राजा के बुलावे के बारे में बताया। ज्ञालवो ने कहा कि आप चलिए मैं स्वयं राज महल पहुंच जाउंगा। थाड0 तोड0 ज्ञलवो खुद एक गिद्ध पर सवार होकर महामारी को नियंत्रित करने के ल्हासा ल्हासा पहुंच गए। ज्ञालवो को राजा रे रिन्पोछे ने महामारी के बारे में विस्तृत रूम से बताया। ज्ञालपो ने कहा कि इस महामारी का इलाज मैं करता हूं। आप चिंता न करें। इसके बाद थाड0 तोड0 ज्ञालवो महल से बाहर खुले मैदान में चले जाते है। लेकिन कोई भी व्यक्ति घरों से बाहर निकल नहीं रहा था। ज्ञालपो का मानना था जब तक लोगों के दिलों में बैठा हुआ डर नहीं निकलेगा। इस बीमारी से कोई निजात नहीं दिलवा पायेगा। उन्होंने लोगों को घरो से बाहर निकालने के लिए काफी कोशिश की, लेकिन कोई आ ही नहीं रहा था। फिर ज्ञालपो ने अपनी रिद्धि सिद्धि बल का इस्तेमाल करते हुए एक बार फिर उन्होंने अपनी अध्यात्मिक शक्ति से अपने हाथ की पांच उंगलियों के आधार पर स्वंय को छोड़ चार अँगुलियों से चार अन्य कलाकार बनाए। ऐसे वे पांच कलाकार बनाए और कार्यक्रम पेश किया। जब इन पांचों ने मैदान में कार्यक्रम पेश करके लेागों को हंसाना शुरू किया तो लोगों घरों की खिड़कियों से देख रहे थे कि इन पांच को तो कुछ हो नहीं रहा है। फिर धीरे धीरे लोग अपने घरों से बाहर निकल कर बाहर आने लगे और कार्यक्रम देखने लगे। कुछ मिनटों में सारे लोग घरों से बाहर निकल मैदान में पहुंच गए। यहीं वजह थी कि आज भी बुछेन में पांच ही कलाकार होते। फिर जब भीड़ बढ़ती गई तो थाड0 तोड0 ज्ञालवो ने लोगों को मणी जाप करवाया जो उस वक़्त पूजा पाठ का अहम हिस्सा था। पूरी मान्यता यह है कि कोई भी महामारी या आपदा होती है तो उसके पीछे कोई कारक होता है। थाड0 तोड0 ज्ञालवो महामारी के कारण को निकालना चाहते थे। भोटी भाषा में कारक को नेदक कहते है। फिर उन्होंने लोगों को कहा कि जो लोग महामारी की चपेट में उनमें नेदक भी होगा। मुझे नेदक चाहिए। उन्होंने अपनी सिद्धी बल से एक पत्थर ढूंढा। इसके बाद उन्होंने उस नेदक को उक्त पत्थर में मंत्रों के साथ समा दिया। थाड0 तोड0 ज्ञालवो के पास एक आयु और फुरवा नमक दो अस्त्र से उक्त पत्थर को तोड़ दिया। यही वजह है कि बुछेन में लोग आज भी पत्थर तोड़ते है। अब बुछेन में छाती पर पत्थर तोड़ते है। जैसे जैसे समय बीतने लगा कि बड़े से बड़ा पत्थर बुछेन में इस्तेमाल होने लगा। अब भी बुछेन परम्परा को इसलिए मनाया जाता है कि गांव में कुछ होने वाला हो या फिर कुछ अप्रिय घटित हो गया हो तो मंत्रो उच्चारण से उस पत्थर में समा देते है। बुछेन में पांच सदस्य होते है इनमें सेदो उन्पा जोकि हंसाने का कार्यक्रम पेश करते है। एक मुख्य सदस्य होता है जिसे मुख्य बुचेन यानि मेमे बुचेन। इसके साथ ही णांवा भी होते है जो हेल्पर की तरह होते है। जब यह बुचेन का प्रर्दशन करते है तो काफी लाभप्रद प्रवचन देते है।
जनजातीय जिला लाहौल स्पीति के सिस्सू में आराध्य देव राजा घेपन के चरणों में सांसद प्रतिभा सिंह ने शीश नवाया। इस दौरान उन्होंने हिमाचल के उज्ज्वल भविष्य की कामना की। इस दौरान उनके साथ पूर्व विधायक रवि ठाकुर सहित कई कांग्रेस पदाधिकारी भी मौजूद रहे।
2 व्यक्ति के पास बरामद की चरस और एमडीएमए अलाेक। लाहौल स्पीति जनजातीय जिला लाहौल स्पीति में पर्यटन गतिविधियां लगातार बढ़ रही है ऐसे में देश के विभिन्न राज्यों से पर्यटक लाहौल स्पीति की ठंडी वादियों में घूमने सुनने का आनंद ले रहे हैं, लेकिन दूसरी तरफ लो हर स्थिति में भी अब रेप पार्टी का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें पुलिस थाना केलांग की निरीक्षण दल ने गश्त पर था। बीती रात जब यह दल जिस्पा के समीप पहुंचा तो लाउड स्पीकर की ध्वनि सुनाई दी जो कि भागा नदी के किनारे की ओर से आ रही थी। रात्रि के समय में इतनी तीव्र ध्वनि सुनाई देने पर लगे हुये लाउड स्पीकर की जांच हेतु जब यह दल भागा नदी की ओर गया, तो जिस्पा वैली कैम्प के परिसर में खुले स्थान पर DJ पर गीत संगीत चला हुआ मिला जिसमें काफी लोग नृत्य कर रहे थे। नियमानुसार प्रतिबन्धित समय में खुले स्थान पर उच्च प्रबल ध्वनि का संगीत बजाना कानूनी जुर्म होने की सूरत में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई कर दबिश दी, जो पुलिस की कार्यवाही देखकर अंधेरे का फायदा उठाकर कुछ लोगों ने भागने की कोशिश की। पुलिस ने भाग रहे लोगों को काबू कर पूछताछ की, तो इनके पास संदिग्ध वस्तुओं के होने का उचित शक होने पर इनके सामान की तलाशी ली, तो आयुष्मान निवासी कटक, उड़ीसा के पास 13.26 ग्राम मादक पदार्थ चरस व आदित्य नारायण निवासी खंडागिरी, उड़ीसा के पास 16.49 ग्राम मादक पदार्थ चरस तथा 1.99 ग्राम मनोप्रभावी पदार्थ MDMA मिला। सम्बन्धित दोनों व्यक्तियों के खिलाफ मादक दवाओं व नशीले पदार्थों का अधिनियम की सम्बन्धित धाराओं में मामला दर्ज किया गया, जबकि स्थानीय कैंप मालिक द्वारा प्रतिबंधित समय में उच्च प्रबल ध्वनि का संगीत चलाने के जुर्म में HP Instruments (Control of Noise) Act की संबंधित धारा के अंतर्गत अभियोगों को पंजीकृत कर बरामद मादक दवाएं व मनोप्रभावी पदार्थों व लाउड स्पीकर उपकरणों को जब्त कर आगामी अन्वेषण किया जा रहा है। जिला पुलिस अधीक्षक लाहौल स्पिति ने जिला की स्थानीय प्रबुद्ध जनता से अपील की है कि जिला के शांतिपूर्ण माहौल को खराब करने वाले व्यक्तियों व मादक पदार्थ या मनोप्रभावी पदार्थों का सेवन/ कारोबार करने वाले व्यक्तियों की सूचना जिला पुलिस के साथ सांझा करें, जिससे ऐसे व्यक्तियों के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही करके जिला के युवाओं को मादक व मनोप्रभावी पदार्थों के नशा से बचाया जा सके। सूचना देने वाले की पहचान सदैव गोपनीय रखी जाएगी। एसपी लाहौल स्पीति मानव वर्मा ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि पुलिस की तरफ से कड़ी कार्रवाई की गई है। दोनों नशा तस्करों को कोर्ट में पेश करने की प्रक्रिया पूरी की जा रही है। उन्होंने कहा कि लाहुल-स्पीति में किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधियों पर कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
बुधवार को लाहुल स्पीति कांग्रेस के जिला अध्यक्ष ज्ञाल्छन ठाकुर की अध्यक्षता में कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष एवं सांसद प्रतिभा सिंह से मुलाकात की और नवनियुक्त प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह को लाहुल स्पीति आने का न्यौता भी दिया। उक्त प्रतिनिधि मंडल में लाहुल स्पीति कांग्रेस जिला अध्यक्ष ज्ञाल्छन ठाकुर, केलांग ब्लॉक अध्यक्ष रमेश कुमार, स्पीति ब्लॉक अध्यक्ष राम सिंह, लाहुल स्पीति कांग्रेस महासचिव संजय कटोच सहित अन्य पार्टी पदाधिकारी सहित पार्टी कार्यकर्ता मौजूद रहे। लाहुल स्पीति कांग्रेस जिला अध्यक्ष ज्ञाल्छन ठाकुर ने बताया कि बुधवार को कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह से विशेष मुलाकात की गई। उन्होंने बताया कि इस दौरान कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष को जल्द से जल्द लाहुल स्पीति का दौरा करने का निमंत्रण भी दिया, जिसे प्रतिभा सिंह ने स्वीकार करते हुए आश्वासन दिया कि वह जल्दी लाओ स्पीति के दौरे पर पहुंचेंगी। ज्ञाल्छन ठाकुर ने बताया कि बुधवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन शिमला में प्रदेश कांग्रेस कमेटी की बैठक में अपनी उपस्थिति दर्ज की, जिसमें हाल ही में राजेस्थान के उदयपुर में हुए चिंतन शिविर में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णयों के बारे में चर्चा की गई। उन्होंने बताया कि उक्त बैठक में प्रदेश के सभी जिलों में संगठन की मजबूती के लिए बूथ स्तर पर बनाई गई कमेटियों को और ताकतवर बनाने के लिए मंडल स्तर पर कमेटियों का गठन करने के आदेश दिए गए। ज्ञाल्छन ठाकुर ने कहा कि पार्टी हाई कमान द्वारा कड़े निर्देश जारी करते हुए हुए कहा गया कि पार्टी की बैठकों मेंअनुपस्थित रहने वाले पदाधिकारियों को कारन बताओ नोटिस जारी कर उन्हें भार मुक्त करने का भी आदेश दिया गया ताकि एवं सक्रिय कार्यकर्ताओं को उनकी जगह पर पार्टी की जिम्मेदारी दी जा सके।
लाहौल स्पीति इक लौता ऐसा जिला है जहां अब तक कांग्रेस कार्यकाल में किए गए विकासात्मक कार्यों की लगाई गई शिलान्यास पट्टीकाओं में से 18 शिलान्यास पट्टिकाएं तोड़ी जा चुकी हैं। इस फेहरिस्त में बुधवार को भी लाहौल में कुकमसेरी से छातिंग गांव के लिए कांग्रेस कार्यकाल में बनाए गए पुल की शिलान्यास पट्टिका को भी तोडऩे का सनसनी खेज मामला सामने आया है। लाहौल स्पीति कांग्रेस के पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं ने जहां शरारती तत्वों के खिलाफ पुलिस प्रशासन से सख्त सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। वहीं यह आरोप भी लगाए हैं कि गत 5 वर्षों में कांग्रेस कार्यकाल में किए गए विकासात्मक कार्यों की शिलान्यास पट्टीकाओं को ही निशाना बनाया जा रहा है। ऐसे में लाहौल स्पीति कांग्रेस के कार्यकर्ता प्रशासन से मांग करते हैं कि जो भी शरारती तत्व इन वारदातों को अंजाम दे रहे हैं, उन्हें जल्द से जल्द पकड़ा जाए और उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए। इस संबंध में कांग्रेस कमेटी ने जहां पुलिस के पास एफआईआर भी दर्ज करवाने की बात कही है। वहीं क्षेत्र में कानून व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री स्व. वीर भद्र सिंह द्वारा जहां उक्त पुल का शिलान्यास किया गया था, वहीं उस समय लाहुल स्पीति के विधायक रवि ठाकुर का नाम भी उक्त शिलान्यास पट्टिका में अंकित था। उधर, लाहौल स्पीति के पूर्व विधायक रवि ठाकुर का कहना है कि अब तक पूरे जिला में 18 शिलान्यास पटिटकाओं को तोड़ा जा चुका है, लेकिन पुलिस ने इन मामलों में आज तक एक भी व्यक्ति की गिरफ्तारी तक नहीं की है।
मंडी हमारी है, मंडी फलाने की है, सियासत में अक्सर नेता इस तरह के बयान देते है। मंडी को लेकर तरह -तरह के दावे होते है। पर अगर कोई ऐसा है जिसे सही मायने में मंडी ने बाहें फैलाकर स्वीकार किया तो वो थे पंडित सुखराम। कुल 13 मर्तबा मंडी सदर हलके से पंडित जी या उनके पुत्र अनिल शर्मा विधायक बने, पार्टी चाहे कोई भी रही हो। पंडित जी सियासत में किसी भी मुकाम पर रहे हो, किसी भी ओहदे पर रहे हो लेकिन उन्होंने मंडी का विशेष ख्याल रखा। आज भी मंडी के सेरी मंच पर जाकर पता लगता है कि किसी सोच के साथ उस शहर को विकसित किया गया है, वो भी उस दौर में। इसीलिए मंडी के लोग पंडित जी को विकास का मसीहा मानते है। कोई किसी भी राजनैतिक विचारधारा का क्यों न हो ,दबी जुबान में ही सही लेकिन ये जरूर स्वीकार करता है कि मंडी के विकास में पंडित सुखराम का योगदान अमिट है। नब्बे के दशक में पंडित सुखराम केंद्र में दूरसंचार मंत्री थे और उस दौर में बड़े शहरों में भी टेलीफोन का कनेक्शन लेने के लिए महीनों -सालों इन्तजार करना पड़ता था। पर पंडित जी के राज में मंडी में टेलीफोन की घंटी खूब बजी। जिसने चाहा उसे कनेक्शन मिला, मंडी वालों के लिए विभाग का सिर्फ एक ही नियम था, वो था जल्द से जल्द कनेक्शन देना। केंद्रीय मंत्री रहते हुए भी पंडित सुखराम लोगों की पहुंच में थे, बिल्कुल सरल और जमीन से जुड़े हुए। छोटी -छोटी समस्याएं लेकर भी लोग पंडित जी के पास पहुंच जाते और हर छोटी समस्या को भी पंडित सुखराम पूरी तल्लीनता से सुनते और हरसंभव हल करते। सिंबल कोई भी रहा पर मंडी वालों ने दिया साथ : इसे मंडी वालों का पंडित सुखराम के प्रति स्नेह ही कहेंगे कि उन्होंने या उनके पुत्र अनिल शर्मा ने चाहे किसी भी सिंबल पर चुनाव क्यों न लड़ा हो, मंडी वालों ने हमेशा साथ दिया। पहली बार बतौर निर्दलीय चुनाव जीतने वाले पंडित सुखराम लम्बे वक्त तक कांग्रेस में रहे और हमेशा विधानसभा चुनाव जीते। इसके बाद जब 1998 में उन्होंने हिमाचल विकास कांग्रेस बनाई तो भी मंडी ने उनका साथ दिया। 2017 में जब पंडित जी और उनका परिवार भाजपाई हो गए तो भी मंडी वालों का साथ उन्हें मिला।
लाहुल स्पीति के कोकसर में लापता हुए दोनों पर्यटकों को रेस्क्यू कर लिया गया है। दोनों पर्यटक रविवार सुबह एक टैक्सी के माध्यम से आए थे। फिर कोकसर में यह गाड़ी से उतरकर पैदल ही घूमने निकल गए। काफी समय बीत जाने के बाद जब वापस नहीं आए तो टैक्सी चालक ने प्रशासन को इसकी सूचना दी। काफी देर तक ढूंढने के बाद भी इनके बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई। इन पर्यटकों ने मोबाइल में लोकल सिम डाली हुई थी। इसी के आधार पर उनकी लोकेशन ट्रेस की गई। रात को जब ट्रेसिंग की गई तो उनकी लोकेशन मनाली के पंचायत भवन में आई। प्रशासन ने संपर्क किया तो दोनों पर्यटकों ने बताया कि जिस जगह पर गाड़ी पार्क की थी उस जगह से पैदल काफी दूर निकल गए थे। वापस आए तो उन्हें वह टैक्सी नहीं मिली। इसके बाद वे लिफ्ट लेकर मनाली पहुंच गए। जिलाधीश नीरज कुमार ने बताया दोनों पर्यटक उत्तर प्रदेश संबंध रखते हंै। यह घूमने निकल गए थे वापस टैक्सी नहीं मिली और अन्य टैक्सी से कोकसर से मनाली चले गए थे। उन्होंने कहा कि मेरा सभी पर्यटकों से अनुरोध ऐसे सुनसान स्थानों पर न जाएं। इसके साथ ही टैक्सी चालक भी पर्यटकों को जागरूक करें।
उपायुक्त किन्नौर आबिद हुसैन सादिक ने रिकांगपिओ आज यहां जिले में सूखे की स्थिति को लेकर आयोजित समीक्षा बैठक की। इस दौरान विभिन्न विभागों को निर्देश दिए कि यदि निकट भविष्य में जिले में सूखे की स्थिति बनती है तो इस स्थिति से निपटने के लिए कारगार योजनाएं तैयार की जाएं। उन्होंने जल शक्ति विभाग को सूखे की संभावनाओं को देखते हुए योजना तैयार करने के लिए कहा। इसके साथ ही बंद हैंड पंपों को पुन: करने व नए हैंड पंप लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सूखे से निपटने के लिए विभिन्न पेयजल योजनाओं को दूसरी योजनाओं से भी जोड़ा जाएगा। उन्होंने विभाग के सभी पेयजल टैंकों की सफाई सुनिश्चित बनाने तथा क्लोरिनेशन सुनिश्चित बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने जिला वासियों से अपने निजी पेयजल टैंकों की समय-समय पर सफाई सुनिश्चित बनाने का आग्रह किया। बैठक में जल शक्ति विभाग को ऐसे स्थानों जहां पर अग्निशमन के वाहन नहीं पहुंच पाते हैं पर पानी के भण्डारण टैंक के निर्माण की संभावनाएं तलाशने तथा रिकांगपिओ, सांगला व भावानगर में फाईर हाईडैंट स्थापित करने के भी निर्देश दिए। उपायुक्त ने वन विभाग को सूखे के कारण जंगलों में लगने वाली आग पर कड़ी नजर रखने के भी निर्देश दिए।
लाहौल स्पीति में एटीएम से खून की रिपोर्ट मिलेगी। इससे लोगों को काफी सुविधा होगी। प्रदेश सरकार ने पहली बार जनजातीय जिले में चार मेडिकल एटीएम की मंजूरी दी है। इसके साथ ही ईसीजी से लेकर कई अन्य रोगों के टैस्टों की सुविधा भी दी जाएगी। इस बात की पुष्टि तकनीकी शिक्षा मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा ने की है। इस बात को लेकर लोगों में खुशी की लहर है। जिला स्वास्थ्य अधिकारी डा. रणजीत सिंह वैद्य ने बताया कि मेडिकल एटीएम एक एकीकृत कंप्यूटर बायो मेडिकल डायग्नोस्टिक सिस्टम है, जो टेली हेल्थ क्लीनिक को डॉक्टरों के साथ जोडऩे वाला इंटरनेट आधारित नेटवर्क है। अभी तक लाहौल-स्पीति जिले में मेडिकल सुविधा को लेकर कोई ऐसी प्रयोगशाला नहीं है। लोगों को टेस्ट करवाने कुल्लू-मनाली जाना पड़ता है। मेडिकल एटीएम स्थापित होने से दुर्गम क्षेत्रों के लोगों को घर-द्वार स्वास्थ्य सुविधा मिलेगी। ये एटीएम जिले में कहां स्थापित होने हैं, इसको लेकर अभी जगह चिह्नित नहीं की गई है। मेडिकल एटीएम से 58 तरह के टेस्ट होंगे। इनमें बेसिक कार्डियोलॉजी, ईसीजी, हार्ट बीट, शुगर लेवल, ब्लड टेस्ट के अलावा डेंगू, हीमोग्लोबिन, मलेरिया, चिकनगुनिया, टायफायड, एचआईवी, मूत्र परीक्षण, कान का परीक्षण और त्वचा का परीक्षण शामिल हैं।
जिलाधीश नीरज कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि स्पीति से मनाली मार्ग वाया कुंजुम दर्रा अभी तक बहाल नहीं हो पाया है । उन्होंने स्थानीय लोगों के साथ साथ पर्यटकों से अपील की है कि जब तक मार्ग बहाल नहीं हो जाता है तब तक इस मार्ग पर सफर न करें। काजा से मनाली मार्ग को खोलने का कार्य तीव्र गति से चला हुआ है। जब मार्ग पूरी तरह खोल दिया जाएगा तो उसके बाद एडीसी काजा की अगुवाई में टीम मार्ग का निरीक्षण करेगी। इसके बाद ही स्थानीय लोगों एवम पर्यटकों के वाहनों को जाने की अनुमति मिलेगी। जिलाधीश नीरज कुमार ने बताया कि पर्यटन कारोबार से जुड़े लोग भी पर्यटकों को इसे बारे सूचित करें।
फर्स्ट वर्डिक्ट। केलांग मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर दोबारा हाल ही में अटल टनल रोहतांग के निर्माण का श्रेय जहां भाजपा को देने की बात कही गई है, वहीं एक जनसभा के दौरान मुख्यमंत्री दोबारा यह भी कहा गया है कि लाहुल-स्पीति के लोगों को हमने अटल टनल बनाकर दी लेकिन लोगों ने उप चुनावों में कांग्रेस के पक्ष में जो मतदान किया है वह समझ से परे है। मुख्यमंत्री के इस बयान को लेकर जहां सत्ता के गलियारों में विपक्ष ने उन्हें जमकर घेरा है वहीं मुख्यमंत्री के इस बयान की कड़े शब्दों में निंदा भी की लाहौल-स्पीति कांग्रेस के महासचिव संजय कटोच ने भी की है। संजय कटोच ने मीडिया को जारी बयान में कहा है कि प्रदेश में उपचुनाव में भाजपा को मिली हार को जहां मुख्यमंत्री पचा नहीं पा रहे हैं ,वहीं आगामी विधानसभा चुनावों में भी कांग्रेस का पलड़ा भारी होता देख मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर अब सरेआम प्रदेश की जनता को भी लताड़ रहे हैं। लाहौल स्पीति के मतदाता पढ़े लिखे हैं और विकास के नाम पर मतदान करते हैं। मुख्यमंत्री ने जहां यह कहा है कि अटल टनल रोहतांग का निर्माण भाजपा सरकार ने किया है जबकि यह सभी को पता है कि अटल टनल रोहतांग कांग्रेस सरकार की देन है। वर्ष 2010 में मनमोहन सरकार के समय में जहां इस टनल का निर्माण कार्य शुरू किया गया था और उस समय कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्षा सोनिया गांधी दोबारा इसकी आधारशिला रखी गई थी। मुख्यमंत्री अब सार्वजनिक मंचों में यह कह रहे हैं कि अब वक्त बदल चुका है सतयुग का समय बीत चुका है और कल युग चल रहा है ऐसे में यहां जितना भी काम करो उससे मतदाताओं का कुछ भी लेना देना नहीं है। लिहाजा मुख्यमंत्री के इस बयान कि वे कड़ी निंदा करते हैं । संजय कटोच ने कहा है कि हाल ही में प्रदेश में हुए उपचुनावों में जहां प्रदेश की जनता ने भाजपा की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ अपना जनादेश सुनाया है वहीं अब इस हार का ठीकरा मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर प्रदेश की भोली-भाली जनता पर फोड़ रहे हैं जो सरासर गलत है। आगामी विधानसभा चुनावों में भी प्रदेश की जनता जयराम सरकार को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाएगी, वहीं प्रदेश का विकास करने वह जनता के दिलों में राज करने वाली कांग्रेस सरकार को हिमाचल की सत्ता सौंपेगी।
देश संभावित तीसरी लहर को लेकर चिंता बढ़ गई। वंही भारत में लगातार ओमीक्रोन के मामले भी बढ़ रहे है। भारत में ओमीक्रोन से संक्रमित मरीज़ों का आंकड़ा 300 के पार चला गया है। इसी के हिमाचल प्रदेश में क्रिसमस और न्यू ईयर सेलिब्रेशन कोरोना की तीसरी लहर का कारण बन सकता है। दिल्ली में क्रिसमस और न्यू ईयर सेलिब्रेशन पर लगी रोक के बाद सैलानियों ने हिमाचल का रुख किया है। प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थलों पर अधिकांश होटल एडवांस पैक हो चुके हैं। सूबे में सैलानियों के प्रवेश पर किसी तरह की चेकिंग नहीं हो रही है। सैलानियों सहित स्थानीय लोग कई क्षेत्रों में बिना मास्क बेखौफ घूम रहे हैं। शिमला, मनाली, डलहौजी, कसौली, कुल्लू, धर्मशाला सहित कई अन्य पर्यटन स्थल इन दिनों सैलानियों से गुलजार हैं। देश में 25 दिसंबर से बर्फबारी का भी पूर्वानुमान है। ऐसे में बर्फबारी के नजारे देखने के लिए भी सैलानियों का हिमाचल में आना तय है। इसके अलावा 27 दिसंबर को सरकार के चार साल का कार्यकाल पूरा होने पर मंडी में होने जा रही प्रधानमंत्री की रैली में एक लाख लोगों की भीड़ जुटाने का दावा किया जा रहा है। बता दें कि हिमाचल प्रदेश अभी ओमिक्रॉन से अछूता है। वर्तमान परिस्थितियों के बीच अगर कहीं ओमिक्रॉन ने दस्तक दे दी तो हालात पर काबू पाना मुश्किल होगा। वंही इन परिस्थितियों के बीच कोरोना संक्रमण की जांच के लिए प्रदेश सरकार की ओर से कोई भी तैयारी नहीं की है
हिमाचल प्रदेश में मौसम बदल गया है। स्पिति के काज़ा में ताज़ा बर्फ़बारी हुई है। इसके अलावा ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फ़ का दौर जारी है। मौसम के बदलाब से तापमान में भारी गिरावट आई है। परिणामस्वरूप ठंड बढ़ गई है। वंही मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक मौसम के ख़राब रहने की संभावना जताई है।
पिछले दिनों हिमाचल प्रदेश में हुई बर्फ़बारी के चलते मनाली-लेह मार्ग में यातायात सामान्य नहीं हो पाया है। सुबह के समय सड़क पर पाला जमने से वाहनों के फिसलने का खतरा है। ऐसे में बीआरओ और पुलिस प्रशासन ने लेह की तरफ जाने वाले वाहन चालकों से एहतियात बरतने की अपील की। मनाली-लेह मार्ग में दारचा से लेह तक फिलहाल वन वे ट्रैफिक के लिए खोला गया है। रविवार को लेह से मनाली की तरफ वाहनों को भेजा गया। शनिवार को दारचा से लेह की तरफ 76 वाहनों को छोड़ा जाएगा था। जिनमें 136 यात्री सरचू पार कर लेह पहुंचे थे। सड़क के दोनों ओर बर्फ होने के चलते इसे फिलहाल एकतरफा खोला गया है। दोनों तरफ से ट्रैफिक खोलने पर बर्फ के बीच मुश्किलें आ सकती हैं। हालांकि बर्फबारी के कारण कुंजुम दर्रा के पास एनएच-505 अभी भी अवरुद्ध है।
हिमाचल प्रदेश में एक बार फिर मौसम का मिजाज बिगड़ गया है। मनाली की ऊंची चोटियों सहित लाहौल में कई स्थानों पर हल्का हिमपात हुआ है। मंगलवार रात को रोहतांग में 20 सेंटीमीटर, कोकसर में 10 सेंटीमीटर, नार्थ पोर्टल और सिस्सू में 8 सेंटीमीटर, गोंधला में 6 सेंटीमीटर, दारचा में 10 सेंटीमीटर, शिंकुला में 25 सेंटीमीटर, बारालाचा में 30 सेंटीमीटर, कुंजम में 20 सेंटीमीटर, धुंधी में 5 सेंटीमीटर ताजा बर्फबारी हुई है। बुधवार सुबह से ही हल्के बादल छाए हैं। लाहौल-स्पीति प्रशासन ने पर्यटकों की आवाजाही पर फिलहाल रोक लगा दी है। प्रशासन ने पर्यटकों से अनावश्यक यात्रा से बचने का आग्रह किया है। हालांकि सुबह 11 बजे के बाद मौसम खुलने से घाटी के लोगों ने राहत की सांस ली है।
हिमाचल प्रदेश के जनजातीय जिलों में बर्फबारी ने राजनीतिक दलों की चिंता बढ़ा दी है। लाहौल-स्पीति, किन्नौर और भरमौर में ताजा बर्फबारी से मौसम में ठंडक बढ़ गई है। मंडी संसदीय सीट के इन क्षेत्रों में वोटरों को घरों से निकालना अब आसान नहीं हैं। मौसम में आए बदलाव के बाद इन क्षेत्रों में न्यूनतम तापमान माइनस में पहुंच गया है। अधिकतम तापमान में भी कमी दर्ज हुई है। मंडी संसदीय सीट के तहत जिला किन्नौर, लाहौल-स्पीति, कुल्लू और जिला चंबा का भरमौर क्षेत्र आता है। बीते दिनों इन क्षेत्रों में बर्फबारी होने से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। चुनाव प्रचार भी खराब मौसम के चलते प्रभावित हुआ है। 30 अक्तूबर को मंडी संसदीय सीट के उपचुनाव के लिए मतदान होगा। ऐसे में आने वाले दिनों में इन क्षेत्रों के लोगों तक पहुंचने के लिए राजनीतिक दलों के नेताओं को खूब पसीना बहाना पड़ेगा। मतदाताओं को वोट देने के लिए मतदान केंद्रों तक पहुंचाना चुनाव आयोग के लिए भी आसान नहीं रहने वाला है। आने वाले दिनों में अगर मौसम खराब होता है तो मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। इसके अलावा मंडी जिले के कई ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भी बर्फबारी हुई है। चुनाव प्रचार के लिए इन क्षेत्रों में पहुंचना भी नेताओं के लिए चुनौती भरा कार्य है। बर्फबारी के चलते इन क्षेत्रों में अगर कम मतदान होता है तो राजनीतिक दलों को काफी नुकसान उठाना पड़ेगा।
हिमाचल प्रदेश के जनजातीय जिले लाहौल-स्पीति के छालिंग गांव की सोनम अंगमो ने जेईई एडवांस्ड की परीक्षा के एसटी वर्ग में पूरे देश मे 70वां रैंक प्राप्त किया है। सोनम को अब देश के टॉप आईआईटी में प्रवेश मिलना तय है। सोनम अंगमो और उनका परिवार मयाड़ घाटी के जिस छालिंग गांव में रहता है, वहां आजादी के दशकों बाद भी न तो मोबाइल नेटवर्क है और न ही इंटरनेट सुविधा। परिवार का पालन-पोषण खेतीबाड़ी से होता है। इसके बावजूद माता पदमा देचिन और पिता नोरबू का हौसला नहीं डगमगाया। अंगमो भी मजबूत हौसले और कुछ कर गुजरने के जज्बे को लेकर आगे बढ़ती रहीं। सोनम अंगमो ने पांचवीं तक की पढ़ाई राजकीय प्राथमिक स्कूल छालिंग से की है। इसके बाद अंगमो ने स्पीति के लरी नवोदय स्कूल में दाखिला पाया। 10वीं की पढ़ाई के बाद जेएनवी कुल्लू से 12वीं की परीक्षा पास की। उसके बाद जेईई मेन की परीक्षा दी। एडवांस परीक्षा की रैंकिंग के आधार पर दावा किया जा रहा है कि सोनम अंगमो को टॉप-5 आईआईटी में प्रवेश मिलेगा। वहीं, माता-पिता को अपनी बेटी की सफलता पर गर्व है। सोनम की इस कामयाबी से छालिंग गांव में खुशी का माहौल है। इससे पहले उन्होंने जेईई मेन्स की परीक्षा में 98.2 परसेंटाइल हासिल किए थे।
सुमदो में तैनात भारतीय सेना ने भारी बर्फबारी और बारिश के कारण फसें हुए 205 लोगों को अपने कैंप में रेस्क्यू किया। यह सभी लोग पूह से काजा मार्ग पर देर शाम को फंसे हुए थे। सेना के जवानों ने फंसे हुए लोगों अपने कैंप में रुकवाया। यहां पर अलग-अलग कैंप में लोगों को ठहराया गया है। लोगों को सेना द्वारा खाने और मेडिकल कैंप की सुविधा दी गई। कर्नल नितिन मित्तल डोगरा स्काउट ने बताया कि उनके पास कुल 205 लोग थे जिन्हें रात भर ठहराया गया था। इनके खाने पीने और रहने की पूरी व्यवस्था सेना द्वारा की गई थी। साथ ही उन्होंने बताया कि जो लोग उनके पास पास रुके थे उनमें से कई लोगों ने अपने-अपने परिजनों से वायरलेस के माध्यम से बातचीत भी की।
काजा खंड के तहत शिचलिंग के समीप रविवार रात को एक पिकअप गाड़ी खाई में गिरने का हादसा सामने आया। उपायुक्त नीरज कुमार ने बताया कि हादसे में तीन व्यक्तियों की मौके पर ही मौत हो गई थी। जबकि तीन गंभीर रूप से घायल हुए हैं। रविवार रात सवा दस बजे काजा पुलिस स्टेशन में सड़क दुर्घटना के बारे में सूचना मिली थी। इसके बाद सात सदस्यीय टीम थाने से रवाना की गई। वहीं एसडीएम महेंद्र प्रताप और डीएसपी रोहित मृगपुरी भी मौके पर गए हुए थे। तीनों शवों और तीनों घायलों को सुबह ढाई बजे तक निकाल लिया गया। मृतकों की पहचान केंद्र सारपू मालहा उम्र 40 वर्ष नेपाल, टेक बहादुर उम्र 23 वर्ष नेपाल और वर्दी मालहा उग्र 45 वर्ष निवासी नेपाल के तौर पर हुई है। जबकि घायलों की पहचान केंसग गांव लारा निवासी स्पिति, कल्पना पत्नी टेक बहादुर नेपाल, पार्वती पत्नी जोपा निवासी नेपाल के तौर पर हुई है। सभी मृतकों और घायलों को रेस्क्यू करने के बाद सीएचसी काजा लाया गया। पुलिस ने मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है।
हिमाचल प्रदेश में ऑरेंज अलर्ट के बीच दूसरे दिन सोमवार को बारिश और बर्फबारी हो रही है। हिमाचल के आठ जिलों कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला, सोलन, सिरमौर, किन्नौर और लाहौल स्पीति में सोमवार को भी भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी हुआ है। ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर और चंबा जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी हुआ है। बर्फबारी के चलते पर्यटकों को संवेदनशील इलाकों में न जाने की हिदायत दी गई है। कुल्लू और लाहौल घाटी में बारिश व बर्फबारी का दौर जारी है। बर्फबारी के चलते मनाली-लेह मार्ग के साथ कुंजुम दर्रा होकर गुजरने वाला मनाली-ग्रांफू-काजा राष्ट्रीय राजमार्ग-505 यातायात के लिए बंद हो गया है। 13050 फीट ऊंचे रोहतांग दर्रा में 30 सेंटीमीटर, कोकसर में पांच सेंटीमीटर, कुंजुम दर्रा में 30 सेंटीमीटर तथा बारालाचा में 40 सेंमी ताजा बर्फबारी हुई है। जबकि कुल्लू व लाहौल के निचले क्षेत्रों में सुबह से बारिश हो रही है। मौसम में आए बदलाव से कुल्लू व लाहौल में कड़ाके की ठंड पड़ रही है।
लाहौल में पंचायत समिति के सभी नवनिर्वाचित 15 सदस्यों को एसडीएम प्रिया नागटा ने पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। 18 अक्टूबर को 11बजे समिति के अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष के लिए चुनाव होगा। जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति में आज लाहौल मण्डल के नवनिर्वाचित पंचायत समिति के सदस्यों को पद व गोपनीयता की शपद दिलाई गई। इस अवसर पर नवनिर्वाचित सदस्यों को बधाई देते हुए पंचायत समिति के सदस्यों से अपील की कि जनता व प्रशासन के बीच बेहतर तालमेल बैठा कर जनहित के कार्यो को प्राथमिकता दे ताकि इलाके का विकास हो। उन्होंने जिले को स्वच्छता के क्षेत्र में बेहतर बनाने के लिये नवनिर्वाचित सदस्यों से सहयोग की अपील कि। वहीं आज सर्वसहमति ना बन पाने के कारण पंचायत समिति के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष का चुनाव नही हो पाया। लाहौल मण्डल की पंचायत समिति में 15 सीट में से 7 भाजपा जबकि 5 कांग्रेस जबकि 3 निर्दलीय है। इस अवसर पर बीडीओ डॉ विवेक गुलेरिया सहित पंचायती राज विभाग के अधिकारी भी उपस्थित रहे।
हिमाचल परिवहन कर्मचारी संयुक्त समन्वय समिति के तत्वावधान में परिवहन निगम के कर्मचारियों की मांगों को पूरा करवाने के लिए चलाए जा रहे आन्दोलन में जन-जागरण अभियान के दौरान एचआरटीसी केलांग यूनिट में समन्वय समिति के पदाधिकारियों द्वारा रविवार को गेट मीटिंग आयोजित की गई। गेट मीटिंग में केलांग यूनिट में कार्यरत सभी कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों ने एक स्वर में कहा कि राज्य स्तरीय परिवहन कर्मचारी संयुक्त समन्वय समिति द्वारा कर्मचारियों की मांगे पूरी न होने के कारण 18 अक्तूबर को काम छोड़ो आन्दोलन का जो निर्णय लिया है जिसका वे पुरजोर समर्थन करते हैं और एचआरटीसी केलांग यूनिट के सभी कर्मचारी इस आन्दोलन में शामिल होगें। गेट मीटिंग के माध्यम से निगम प्रबंधन को चेतावनी देते हुए कहा कि कर्मचारियों की मांगों को शीघ्र पूरा करे। गेट मीटिंग प्यार सिंह, मान सिंह, खेमेन्द्र गुप्ता, जगदीश चन्द, पूर्ण चंद, समर चौहान, राजिंद्र सिंह, दूनी चन्द, बेली राम, नवल किशोर, खीरा मणि, संजीव कुमार, अजय कुमार, हरीश कुमार, सुभाष कुमार, तेनजिन, होशियार सिंह, आदि मौजूद रहे।
राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन अभियान के तहत बेहतरीन प्रदर्शन के चलते लाहौल- स्पीति जिले को राष्ट्रीय स्तर पर स्वर्ण पदक मिलने की पूरी संभावना बन गई है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस अभियान के तहत जिले में संचालित विभिन्न गतिविधियों के जमीनी आकलन के लिए विशेष तौर पर केंद्र से आई एक टीम ने भी 2 दिन का दौरा किया है। उप महानिदेशक डॉ सुदर्शन मंडल की अगुवाई वाली इस 10 सदस्यीय टीम ने न केवल विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों का निरीक्षण किया बल्कि क्षय रोग का इलाज करवा रहे रोगियों के अलावा आशा वर्कर से भी फीडबैक हासिल किया। उपायुक्त लाहौल- स्पीति नीरज कुमार ने स्वास्थ्य विभाग द्वारा क्षय रोग उन्मूलन अभियान के प्रभावी कार्यान्वयन को लेकर खुशी जाहिर करते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ मदन बंधु, जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ जगदीश और जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ रंजीत वैद्य के अलावा स्वास्थ्य विभाग की पूरी टीम को बधाई दी है। उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि इस प्रदर्शन के चलते जिले को स्वर्ण पदक प्राप्त होने की पूरी संभावनाएं बन गई हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ मदन बंधु ने बताया कि क्षय रोग उन्मूलन अभियान की उपायुक्त नीरज कुमार द्वारा भी निरंतर समीक्षा की जाती रही है। उन्होंने बताया कि केंद्र से आई टीम के समक्ष विभाग द्वारा एक प्रेजेन्टेशन प्रस्तुत किया गया। टीम ने बाकायदा लेबोरेट्री का निरीक्षण किया और रिकॉर्ड भी जांचा। टीम ने इसके अलावा लाभार्थियों से भेंट की और अभियान के बारे में उनके अनुभवों को जाना। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि केंद्र की टीम अभियान के कार्यान्वयन के हर पहलू को लेकर पूरी तरह से संतुष्ट रही है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2015 के बेसलाइन सर्वे के मुताबिक प्रति एक लाख की आबादी पर क्षय रोगियों की संख्या को 80 फीसदी तक नीचे लाने पर केंद्र द्वारा स्वर्ण पदक दिया जाता है। इस लक्ष्य को जिले में स्वास्थ्य विभाग द्वारा हासिल किया गया है। उन्होंने बताया कि 24 मार्च 2021 को क्षय रोगियों की संख्या को 60 फीसदी तक नीचे लाने का लक्ष्य हासिल करने पर लाहौल- स्पीति जिले को रजत पदक भी प्राप्त हो चुका है। उन्होंने कहा कि इसका श्रेय स्वास्थ्य विभाग की पूरी टीम को जाता है।
केलांग: लाहौल-स्पीति जिले की भौगोलिक परिस्थितियों और आने वाले सर्दी के मौसम के दृष्टिगत उपायुक्त नीरज कुमार ने एक आदेश जारी करते हुए समूचे जिले में ट्रैकिंग और पर्वतारोहण से जुड़ी गतिविधियों पर प्रतिबंधित लगा दिया है। जारी किए गए आदेश में स्पष्ट किया गया है कि ट्रैकिंग और पर्वतारोहण के शौकीन अक्सर इस मौसम में भी जिले का रुख करते हैं। चूंकि इस मौसम के दौरान कभी भी मौसम प्रतिकूल हो सकता है और ट्रैकर या पर्वतारोही की जान के लिए खतरा भी पैदा हो सकता है। ऐसे में खोज एवं बचाव अभियान को अंजाम देने में भी कई तरह की दुश्वारियां रहती हैं। इन परिस्थितियों के मद्देनजर उपायुक्त ने आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 34 के तहत यह आदेश जारी किए हैं जो आगामी आदेश तक जारी रहेंगे। आदेश की अवहेलना होने की सूरत में नियमानुसार कार्रवाई भी हो सकती है। आदेश की प्रति पुलिस अधीक्षक को भी भेजी गई है ताकि जिले में प्रवेश करने वाले ट्रैकर या पर्वतारोहियों पर निगरानी रखी जा सके। बावजूद इसके यदि कोई व्यक्ति जिले में ट्रैकिंग या पर्वतारोहण करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जा सके। उपायुक्त ने पंचायती राज प्रतिनिधियों, महिला मंडलों और युवक मंडलों से भी आग्रह किया है कि यदि उनके क्षेत्र में इस तरह की गतिविधियों का पता चलता है तो तुरंत स्थानीय प्रशासन को सूचित किया जाए।
पंचायत समिति सदस्यों के निर्वाचन के लिए केलांग स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के सभागार में शुरू की गई मतगणना समाप्त हो गई है। उपायुक्त एवं जिला निर्वाचन अधिकारी नीरज कुमार ने बताया कि पंचायत समिति के निर्वाचन के लिए नियुक्त रिटर्निंग अधिकारी एवं एसडीएम केलांग प्रिया नागटा द्वारा निर्वाचित हुए सदस्यों के नामों की आधिकारिक घोषणा कर दी है। पंचायत समिति सदस्य के लिए तिंगरेट वार्ड से दिलीप सिंह, सिसु से अंजू देवी, कोलोंग से टशी सोनम, कारदंग से नवांग, तांदी से भावना, शांशा से हीरा दासी, त्रिलोकनाथ से राकेश, गोंदला से प्रोमिला, गोशाल से विपिन कुमार, मूरिंग से दिनेश कुमार, तिन्दी से रीता, जाहलमा से प्रामिला देवी, उदयपुर से शीला और गोहरमा से प्रोमिला देवी निर्वाचित घोषित किए गए हैं। केलांग वार्ड से टशी केसंग निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं।
30 सितंबर-1 अक्टूबर को लाहौल क्षेत्र में होने वाले पंचायती राज संस्थाओं के दूसरे चरण के मतदान के लिए सभी प्रबंध पूरे कर लिए गए हैं। उपायुक्त एवं जिला निर्वाचन अधिकारी नीरज कुमार ने बताया कि 1 अक्टूबर को लाहौल क्षेत्र की 16 पंचायतों में मतदान की प्रक्रिया पूरी होगी। मतदान का समय सुबह 7 बजे से लेकर 3 बजे तक रहेगा। उपायुक्त ने ये भी बताया कि लाहौल क्षेत्र की 16 पंचायतों में होने वाले दूसरे चरण के मतदान में कुल 8285 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। इनमें 4144 पुरुष जबकि 4141 महिला मतदाता शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इसके लिए 80 मतदान केंद्रों की स्थापना की गई है। मतदान के इस कार्य को अंजाम देने के लिए 320 कर्मियों के अलावा 16 सहायक रिटर्निंग अधिकारी भी तैनात किए गए हैं। इसके अलावा सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस बल भी तैनात रहेगा। उपायुक्त ने बताया कि 1 अक्टूबर को सलग्रां, तिंगरेट, मडग्राम, शकौली, जुंडा, किशौरी, नालडा, शांशा, रानिका, तांदी, मूलिंग, यूरनाथ, कोलोग, कारदंग, गोंधला और सिस्सु पंचायतों में पंचायती राज संस्थाओं के लिए मतदान होगा। ग्राम पंचायत प्रधान, उपप्रधान और वार्ड सदस्यों के चुनाव के लिए मतों की गिनती 1 अक्टूबर को ही की जाएगी। जबकि जिला परिषद और पंचायत समिति सदस्यों के मतों की गिनती 4 अक्टूबर को ब्लॉक मुख्यालय पर सुबह 8:30 बजे से शुरू होगी। पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव की यह पूरी प्रक्रिया 6 अक्टूबर को संपन्न होगी।