सुक्खू सरकार का दो साल का कार्यकाल पूरा होने के थोड़े ही दिन बाद हिमाचल प्रदेश में अफसरशाही की बागडोर भी बदल जाएगी। मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना मार्च 2025 में सेवानिवृत्त होंगे। हालांकि उससे पहले उनकी रेरा अध्यक्ष पद पर नियुक्ति हो सकती है तो वह सेवानिवृत्ति के निर्धारित समय से पहले भी यह नियुक्ति पा सकते हैं। यानी वह जनवरी में इस पद पर नियुक्त किए जा सकते हैं। मुख्य सचिव के पद के लिए तीन वरिष्ठ अधिकारियों में संजय गुप्ता, केके पंत और ओंकार शर्मा के नाम चर्चा में हैं। इस संबंध में मुख्यमंत्री को ही फैसला लेना है कि वह किसे प्रदेश की अफसरशाही की कमान दे सकते हैं।अफरशाही की बागडोर बदलेगी तो निचले स्तर तक भी स्वाभाविक रूप से बदलाव होंगे। या तो नए मुख्य सचिव जनवरी में ही नियुक्त हो जाएंगे या फिर मार्च के बाद तो स्वाभाविक रूप से नियुक्ति होनी ही है। रेरा यानी रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथाॅरिटी के वर्तमान में डॉ. श्रीकांत बाल्दी अध्यक्ष हैं। डॉ. बाल्दी पूर्व में हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव भी रह चुके हैं। वह भी मुख्य सचिव के पद से सेवानिवृत्ति लेकर रेरा के अध्यक्ष बने थे। डॉ. बाल्दी दिसंबर के अंत में सेवानिवृत्त हो रहे हैं। ठीक इसी तरह से सक्सेना भी बनाए जा सकते हैं। वर्तमान मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना को सीएम के पसंदीदा अधिकारी होने के चलते उन्हें रेरा की बागडोर दी जा सकती है। हालांकि इसकी एक अलग प्रक्रिया है, जिसके लिए आवेदन मांगे जाएंगे तो कई अन्य अधिकारी भी आवेदन कर सकते हैं। वरिष्ठता में 1988 बैच के आईएएस अफसर संजय गुप्ता तो प्रबोध सक्सेना से भी आगे हैं। उन्हें प्रधान सलाहकार की नियुक्ति दी गई और वह वर्तमान में बिजली बोर्ड के अध्यक्ष और रोपवे कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक भी हैं। प्रबोध सक्सेना के बाद वरिष्ठता में केके पंत आते हैं। पंत 1993 बैच के आईएएस अधिकारी हैं, जबकि सक्सेना का बैच 1990 का है। कुछ अन्य अधिकारी भी सक्सेना से वरिष्ठ हैं, मगर उन्हें केंद्र या राज्य में अलग-अलग तरह की महत्वपूर्ण जिम्मेवारियां दी गई है। पंत हाल ही में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटे हैं। पंत के बाद वरिष्ठता में अनुराधा ठाकुर आती हैं, जो केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं। वह 1994 बैच की हैं। इसी बैच में ओंकार शर्मा उनके बाद आते हैं।
हिमाचल प्रदेश में लंबे समय बाद मौसम ने करवट बदली। रविवार को शिमला समेत हिमाचल के उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में बर्फबारी हुई है, जबकि कांगड़ा, कुल्लू और बिलासपुर के नयना देवी में बूंदाबांदी हुई है। शिमला, कुफरी, सिरमौर के चूड़धार, नौहराधार, हरिपुरधार, चंबा के किलाड़ और मंडी के शिकारी देवी, कमरूनाग और शैटाधार में सीजन की पहली बर्फबारी हुई। सिरमौर के छितकुल और किन्नौर कैलाश, लाहौल-स्पीति में रोहतांग दर्रा, बारालाचा, कोकसर, सिस्सू, दारचा, जिस्पा, कुंजुम दर्रा समेत ऊंची चोटियों पर भी बर्फबारी हुई है। धर्मशाला के नड्डी और मैक्लोडगंज में फाहे गिरे। बर्फबारी के बाद सोमवार सुबह शिमला में हल्की धूप खिली, लेकिन दुश्वारियां बरकरार हैं। ताजा बर्फबारी के बाद सोमवार को शिमला की वादियां चांदी की तरह चमकीं।
हिमाचल में कृषि-बागवानी में उच्च तकनीक को अपनाकर किसानों-बागवानों की आजीविका के साधन एवं उनकी आय में बढ़ोतरी करने में सफलता हासिल की है। प्रदेश के किसानों की ओर उत्पादित फल, फूल, सब्जियों और उच्च मूल्य की नकदी फसलों का प्रदेश की आर्थिकी में महत्वपूर्ण योगदान है। एचपी शिवा परियोजना प्रदेश के किसानों और बागवानों के लिए एक वरदान साबित होगी, जिससे राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। जनवरी 2023 से दिसंबर 2028 तक एचपी शिवा मुख्य परियोजना एशियन विकास बैंक के संसाधनों के साथ कुल लागत 1292 करोड़ रुपये के साथ अनुमोदित की गई है। एचपी शिवा परियोजना के तहत प्रदेश के सात जिलों बिलासपुर, हमीरपुर, कांगडा, मंडी, सिरमौर, सोलन और ऊना के 28 विकास खंडों में 6 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल को बागवानी के तहत लाने का लक्ष्य रखा गया है, जिससे 15 हजार से अधिक बागवान परिवार लाभान्वित होंगे। आगामी परियोजना की तैयारी के लिए 39 क्लस्टर स्थापित किए गए हैं। इसमें 228 हेक्टेयर क्षेत्र को कवर किया गया, जिससे 1250 किसान परिवार लाभान्वित हुए हैं। मुख्य परियोजना के क्रियान्वयन के लिए 4 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में 257 क्लस्टर चिन्हित किए जा चुके हैं। वहीं 162 सिंचाई योजनाएं विकसित की जानी प्रस्तावित हैं। परियोजना में 4 हेक्टेयर क्षेत्र में किये जाने वाले विनिर्माण कार्य जैसे कि भूमि तैयार करना, सोलर मिश्रित तार बाड़बंदी, ड्रिप सिंचाई प्रणाली लगाना व सिंचाई योजनाओं को लगाने के कार्य प्रगति पर हैं। इसके तहत 162 सिंचाई परियोजनाओं में से 121 परियोजनाओं पर कार्य चल रहा है और 177 क्लस्टर स्थापित किए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त सौर मिश्रित बाड़बंदी व भूमि तैयार करने के कार्य 73 क्लस्टरों में जारी है। एचपी शिवा मुख्य परियोजना के अंतर्गत गत दो वर्षों में करीब 324 हेक्टेयर क्षेत्र उच्च घनत्व उपोष्ण कटिबंधीय फलों के अंतर्गत लाया जा चुका है। परियोजना में अभी तक कुल 122 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। इसमें से 106 करोड़ रुपये की अदायगी एशियन विकास बैंक की और से की जा चुकी है। इसके अतिरिक्त 114 प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से 3,687 बागवानों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। बागवानी क्षेत्र प्रदेश की अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण अंग है। बागवानों का कल्याण के लिए प्रदेश सरकार की ओर से बहुआयामी प्रयास किए जा रहे हैं। इन प्रयासों से प्रदेश में बागवानी क्षेत्र का समग्र विकास हो रहा है।
** 12 दिसंबर की कैबिनेट मीटिंग में लगेगी मुहर हिमाचल प्रदेश में गेस्ट टीचर पॉलिसी पर पहले भी विवाद हो चुका है, लेकिन अब नए सिरे से इस पर काम किया जा रहा है। सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हाल ही में शिक्षा से जुड़ी एक कॉन्फ्रेंस में गेस्ट टीचर्स रखने को लेकर एक सुझाव दिया था। उसके बाद शिक्षा विभाग ने इस पर काम किया है।अब ऐसा विचार किया जा रहा है कि स्कूल व कॉलेज में प्रधानाचार्य जरूरत के अनुसार गेस्ट टीचर रख सकेंगे। कैबिनेट में इस विचार पर मुहर लगेगी। अभी राज्य सरकार के कार्यकाल के दो साल पूरा होने के समारोह के बाद 12 दिसंबर को कैबिनेट की मीटिंग बुलाई गई है। उस बैठक में गेस्ट टीचर रखने से संबंधित पहलुओं पर विचार किया जाएगा। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने हाल ही में सचिवालय में विभाग की एक लंबी बैठक ली है। उसमें भी इस विषय पर चर्चा हुई है। सरकार का ऐसा विचार है कि जिन स्कूलों में किसी विषय विशेष के अध्यापक नहीं हैं, वहां रोटेशन के आधार पर गेस्ट टीचर रखे जाएं। इसका जिम्मा संबंधित स्कूल के प्रधानाचार्य को दिया जाए। यह अस्थाई प्रावधान होगा। कई बार अचानक से कोई पद खाली होता है, किसी शिक्षक की ट्रांसफर होती है या फिर कोई रिटायर हो जाता है तो विषय विशेष को पढ़ाने वाला कोई नहीं होता। इससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है। ऐसी परिस्थितियों में स्कूल या कॉलेज के प्रधानाचार्य नीड बेस्ड यानी जरूरत के आधार पर गेस्ट टीचर रख सकेंगे। ऐसे शिक्षकों को प्रति घंटा के आधार पर मानदेय दिया जाना प्रस्तावित है। ये टीचर रोटेशन के आधार पर रखे जाएंगे, ताकि उनका एक ही स्कूल में लंबा स्टे न हो जाए। इस बारे में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कैबिनेट एजेंडा तैयार करने को कहा है। शिक्षा मंत्री का कहना है कि कैबिनेट में गेस्ट टीचर रखने के अलावा विभाग के अन्य मसलों पर भी चर्चा होगी। उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी गेस्ट टीचर्स को लेकर एक नीति का ऐलान हुआ था। उस नीति का काफी विरोध हुआ था, जिस पर सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने उसे वापस लेने की बात कही थी। उस समय भी सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा था कि इस मामले में सरकार के पक्ष को गलत समझा गया। दरअसल, सरकार पीरियड बेस्ट ऑवरली सिस्टम पर गेस्ट टीचर रखना चाहती थी। उस फैसले पर युवाओं का तर्क था कि यदि ऐसे ही पद भरे जाने हैं तो नेट, सेट व कमीशन आदि परीक्षाओं के लिए इतनी मेहनत करने की आवश्यकता ही क्या है। फिलहाल, अब स्कूल या कॉलेज प्रिंसिपल जरूरत के आधार पर अस्थाई व्यवस्था के तहत एक पैनल गठित कर उसकी सिफारिश पर टीचर रख सकेंगे।
** शिमला, ठियोग सहित ऊपरी क्षेत्रों में हुई सीजन की पहली बर्फबारी, ऑक्यूपेंसी में इजाफा हिमाचल प्रदेश में हुई ताजा बर्फबारी के बाद एकाएक सैलानियों की संख्या में भारी बढ़ोतरी हुई है। रविवार को देर शाम शिमला के रिज मैदान पर बर्फ के फाहे गिरते ही सैलानी झूम उठे। बर्फबारी के बाद आने वाले दिनों में प्रदेश के पर्यटन स्थलों पर सैलानियों का जमावड़ा लगने की उम्मीद है। हालांकि, निचले इलाकों के लोग बारिश और बर्फबारी का इंतजार करे रहे हैं। क्रिसमस से पहले हिमाचल में हुई बर्फबारी से पर्यटन कारोबार में बूम आने की उम्मीद है। वहीं, लाहौल स्पीति और किन्नौर की ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भी बर्फबारी हो रही है। मौसम विभाग ने पहले ही आज प्रदेश में बर्फबारी और बारिश को लेकर येलो अलर्ट जारी किया था। पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता से 8 से 10 दिसंबर तक प्रदेश के कई क्षेत्रों में मौसम खराब बने रहने का पूर्वानुमान है। वहीं, पहाड़ों पर बर्फबारी से राजधानी शिमला सहित अधिकांश क्षेत्रों के न्यूनतम तापमान में कमी दर्ज हुई है। शीतलहर की वजह से अच्छी खासी ठंड देखने को मिल रही है। अधिकतम पारा भी कम रहा है। सबसे कम तापमान लाहौल स्पीति के ताबो में -13.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है, जबकि सबसे अधिक तापमान ऊना में 25 डिग्री दर्ज किया गया। मैदानी जिलों में 10 और 11 दिसंबर को सुबह और शाम के समय कोहरा छाए रहने का अलर्ट जारी हुआ है। मौसम विभाग के निदेशक कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा, प्रदेश में आज बर्फबारी को लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया था, जिसके चलते ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी शुरू हो गई है। अगले 24 घंटे के दौरान प्रदेश के कई हिस्सों में बर्फबारी और बारिश होने की आशंका है, जबकि ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर, कांगड़ा, मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर जिले में अंधड़ चलने का येलो अलर्ट जारी किया गया है। वहीं, 10 और 11 दिसंबर को भाखड़ा बांध (बिलासपुर) और बल्ह घाटी (मंडी) के जलाशय क्षेत्र के कई हिस्सों में सुबह-शाम घना कोहरा छाया रहने की संभावना है।
हिम स्पोर्टस एण्ड कल्चरल एसोशिएसन द्वारा आज बीसीएस शिमला में नशे के खिलाफ जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से आयोजित सद्भावना क्रिकेट कप में गवर्नर-इलेवन की टीम ने जीत दर्ज की। विवेक भाटिया और आबिद हुसैन सादिक को संयुक्त रूप से मैन ऑफ द सीरीज घोषित किया गया। फाइनल मैच में गवर्नर-इलेवन टीम ने चीफ जस्टिस-इलेवन की टीम को 32 रनों से हराया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज के मैन ऑफ द मैच विवेक भाटिया तथा पिछले कल गवर्नर एवं प्रेस के बीच खेले गए मैच के मैन ऑफ द मैच आबिद हुसैन सादिक तथा चीफ जस्टिस-इलेवन एवं सीएम-इलेवन के बीच खेले गए मैन ऑफ द मैच विकास भारद्धाज को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने सद्भावना क्रिकेट कप के माध्यम से नशे के विरूद्ध जागरूकता पैदा करने के लिए आयोजकों के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि राज्य सरकार प्रतिबद्धता से नशे की बुराई पर अंकुश लगाने के लिए कार्य कर रही है। इस दिशा में खेलों को बढ़ावा देने तथा युवाओं को विभिन्न अवसर उपलब्ध करवाने की दिशा में कार्य किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने की दिशा में किए गए कार्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ओलंपिक, पैरालंपिक और एशियाई खेलों जैसी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के विजेताओं के लिए पुरस्कार राशि में उल्लेखनीय वृद्धि की गई है। उन्होंने कहा कि स्वर्ण पदक विजेताओं को 5 करोड़, रजत पदक विजेताओं को 3 करोड़ और कांस्य पदक विजेताओं को 2 करोड़ रुपये से सम्मानित किया जा रहा है। एशियाई खेलों और पैरा एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक विजेताओं के लिए पुरस्कार राशि बढ़ाकर 4 करोड़ रुपये कर दी गई है तथा रजत पदक विजेताओं को 2.5 करोड़ रुपये और कांस्य पदक विजेताओं को 1.5 करोड़ रुपये की पुरस्कार राशि दी जा रही है। उन्होंने कहा कि निषाद कुमार और अजय कुमार जैसे पैरा ओलंपिक खिलाड़ियों को प्रदेश का नाम रोशन करने के लिए मान सम्मान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में खिलाड़ियों को और अधिक प्रोत्साहित करने के लिए, राज्य सरकार ने प्रतियोगिताओं के भत्ते और यात्रा भत्तों में बढ़ौतरी की है। खिलाड़ियों को अब 200 किलोमीटर तक की यात्रा के लिए एसी थ्री-टियर ट्रेन का किराया और लंबी दूरी के लिए इकोनॉमी-क्लास का हवाई किराया मिलता है। राज्य सरकार ने सभी विधानसभा क्षेत्रों में एकीकृत खेल परिसरों के निर्माण की भी घोषणा की है। प्रदेश में खेल सुविधाओं को बढ़ाने का उद्देश्य बच्चों में खेल की भावना को विकसित करना है ताकि युवा नशीले पदार्थों से दूर रहें और स्वस्थ जीवन शैली को अपनाएं। प्रतियोगिता के दौरान पहले बल्लेबाजी करते हुए गवर्नर-इलेवन ने 20 ओवर में दो विकेट के नुकसान पर 232 रन बनाए। विवेक भाटिया ने 99 रन बनाकर नाबाद रहते हुए शानदार पारी खेली, जबकि आबिद हुसैन ने 82 रनों का योगदान दिया। चीफ जस्टिस-इलेवन की ओर से सुभाष रतन और विकास भारद्वाज ने एक-एक विकेट लिए। चीफ जस्टिस-इलेवन की टीम 233 रनों का पीछा करते हुए 200 रन ही बना पाई। राकेश चौहान ने सर्वाधिक 86 रन बनाए, जबकि सौरभ रतन ने 43, पंकज नेगी ने 22 और अनुज बाली ने 18 रन बनाए। गवर्नर-इलेवन के अशोक रतन ने दो विकेट लेकर जीत सुनिश्चित की। इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान, विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया, राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी, विधायक हरीश जनारथा, सुदर्शन बबलू और विनोद सुल्तानपुरी, हिमाचल प्रदेश वन विकास निगम के उपाध्यक्ष केहर सिंह खाची व एपीएमसी शिमला के अध्यक्ष देव आनंद वर्मा सहित अन्य लोग भी मौजूद थे।
** मौसम विभाग ने जताई संभावना, प्रदेश में हवाएं चलने से न्यूनतम तापमान गिरा हिमचल प्रदेश में रविवार से बारिश और बर्फबारी का दौर शुरू होने की संभावना है। मौसम विभाग ने जैसा पूर्वानुमान दिया था, उसके अनुसार मौसम ने करवट ले ली है। इसके बाद मौसम विभाग ने आठ दिसंबर को राज्य के आठ जिलों में बारिश होने की संभावना जताई है और चार जिलों के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी होने की संभावना बताई है। प्रदेश के मैदानी व कम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हल्की बारिश होने की बात कही गई है। रविवार को मध्य पर्वतीय क्षेत्रों में भी बारिश व बर्फबारी की संभावना जताई है, तो उच्च पर्वतीय स्थानों पर बारिश, बर्फबारी बताई गई है। कुल मिलाकर रविवार आठ दिसंबर से हिमाचल के मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा। शनिवार की बात करें, तो राजधानी शिमला समेत प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में धूप तो थी, मगर ठंडी हवाएं भी साथ चल रही थीं। शिमला में पूरा दिन ठंडी हवाएं चलती रहीं, जिससे यहां न्यूनतम तापमान में गिरावट देखी गई। इसी तरह से प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में भी हवाएं चलने से मौसम में परिवर्तन देखने को मिला है। मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक प्रदेश के लाहुल-स्पीति, किन्नौर, चंबा, कांगड़ा, शिमला व कुल्लू की चोटियों में बर्फबारी होने का पूर्वानुमान है। राज्य के सोलन, सिरमौर, ऊना, बिलासपुर, मंडी व हमीरपुर में भी गर्जन के साथ बारिश होने का पूर्वानुमान लगाया गया है। ऐसे में मैदानों सहित पहाड़ों पर लोगोंं को रविवार को ठंड का सामना करना पड़ेगा। तापमान की बात करें, तो कल्पा, केलांग, कुकुमसेरी, समदो व ताबो का न्यूनतम तापमान माइनस डिग्री में रिकार्ड किया जा रहा है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक डा. कुलदीप श्रीवास्तव ने बताया कि प्रदेश में रविवार से पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो जाएगा। रविवार को चोटियों पर बर्फबारी और निचले क्षेत्रों में बारिश होगी। राज्य में 10 दिसंबर तक मौसम खराब बना रहेगा, जबकि 11 से 13 दिसंबर के बीच मौसम साफ होगा।
** संशोधन की हो चुकी तैयारी हिमाचल प्रदेश में जनवरी 2025 से बिजली महंगी हो जाएगी। नए साल से उपभोक्ताओं के बिजली के बिल में दूध और पर्यावरण शुल्क शामिल होगा। बिल संशोधित करने के लिए बोर्ड ने तैयारी पूरी कर ली है। अब बढ़ी हुई दरों को लागू करने के लिए सिर्फ सरकार से आदेश का इंतजार है। सरकार से अधिसूचना जारी होते ही नई दरों के तहत बिजली बिल जारी होंगे। घरेलू उपभोक्ताओं के लिए दस पैसे प्रति यूनिट और अन्य के लिए दो रुपये तक बिजली के दाम बढ़ेंगे। इससे प्रदेश के 27 लाख से अधिक उपभोक्ताओं को महंगी बिजली का झटका लगेगा। राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने विधानसभा के मानसून सत्र में पारित विद्युत शुल्क संशोधन अधिनियम 2024 को मंजूरी दे दी है। अब साॅफ्टवेयर में एंट्री का काम सरकार से मंजूरी मिलते ही शुरू किया जाना है। बोर्ड अधिकारियों ने बताया कि दिसंबर में पूर्व की दरों के तहत ही बिल जारी होंगे। इसी माह सरकार से नई दरें लागू करने की अधिसूचना जारी होने के आसार हैं। बढ़ी दरें जनवरी 2025 से लागू होंगी। इसके तहत घरेलू उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट 10 पैसे दूध उपकर चुकाना होगा। इन पर पर्यावरण उपकर नहीं लगेगा। शून्य बिल वाले उपभोक्ताओं से दूध उपकर भी नहीं लिया जाएगा। लघु, मध्यम और बड़े उद्योगों, वाणिज्यिक, स्टोन क्रशर, अस्थायी कनेक्शन, चार्जिंग स्टेशन मालिकों से दूध उपकर के साथ-साथ पर्यावरण उपकर भी लिया जाएगा। इन सभी श्रेणियों को 10 पैसे के दूध उपकर के अलावा पर्यावरण उपकर के तौर पर 2 पैसे से लेकर 6 रुपये प्रति यूनिट भी चुकाना होगा। पर्यावरण उपकर लेने के लिए उद्योगों को तीन श्रेणियों लघु, मध्यम और बड़े उद्योगों की श्रेणी में बांटा गया है। लघु उद्योगों पर दो पैसे प्रति यूनिट, मध्यम उद्योगों पर चार पैसे, बड़े उद्योगों पर 10 पैसे, वाणिज्यिक उपभोक्ताओं पर 10 पैसे, अस्थायी कनेक्शनों पर दो रुपये और स्टोन क्रशरों पर दो रुपये प्रति यूनिट पर्यावरण उपकर लगेगा। विद्युत वाहन चार्जिंग स्टेशनों से 6 रुपये प्रति यूनिट उपकर वसूला जाएगा। प्रदेश में जनवरी से एक उपभोक्ता को एक ही बिजली मीटर पर सब्सिडी मिलेगी। इन दिनों प्रदेश भर में उपभोक्ताओं की ई केवाईसी करने का काम चल रहा है। अगर किसी उपभोक्ता के नाम पर अधिक कनेक्शन होंगे तो एक को छोड़कर अन्य पर बिना सब्सिडी वाली दरों के हिसाब से बिजली शुल्क चुकाना होगा। प्रदेश में कई ऐसे उपभोक्ता हैं जिन्होंने मुख्य शहरों सहित ग्रामीण क्षेत्रों में भी घर बनाए हैं। इन उपभोक्ताओं से अभी 125 यूनिट प्रति माह खपत न होने पर किसी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाता है, लेकिन एक परिवार एक मीटर योजना लागू होने पर उन्हें भी न्यूनतम शुल्क चुकाना ही पड़ेगा। बिजली उपभोक्ताओं को भी गैस सिलिंडर की तर्ज पर सब्सिडी बैंक खाते में देने की तैयारी है।
** कल से शुरू होगी आइस स्केटिं रिंक में आज स्केटिंग के लिए ट्रायल हुआ । रिंक में सोमवार यानी कल से स्केटिंग शुरू हो जाएगी। पिछले पांच दिन से रिंक में पानी जमाने का काम किया जा रहा है।यदि इसी प्रकार से मौसम साफ रहता है तो सोमवार से रिंक में आइस स्केटिंग शुरू हो जाएगी। अब रिंक में पूरी तरह से बर्फ जमने लगी है। आइस स्केटिंग रिंक में सर्दियों के दौरान बहुत संख्या में सैलानी व युवा स्केटिंग करने के लिए पहुंचते हैं। हर साल आइस स्केटिंग रिंक में दिसंबर में आइस स्केटिंग शुरू होती है। आइस स्केटिंग रिंक में लोग अभी सिर्फ सदियों के दिनों में ही स्केटिंग कर पाते हैं। पदाधिकारी पंकज प्रभाकर ने बताया कि रिंक में बर्फ जम गई है। यदि इसी प्रकार से मौसम साफ रहता है तो सोमवार से रिंक में स्केटिंग होगी। अभी सुबह ही स्केटिंग का सेशन लगेगा। पहले कुछ दिन तक रिंक में एक ही सेशन होगा। इसके बाद दोनों सेशन को शुरू कर दिया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक आपदा प्रभावितों के लिए भूमि तबादला नीति लागू होगी। विधानसभा के आगामी शीतकालीन सत्र में वन सरंक्षण कानून के तहत प्रदेश सरकार प्रस्ताव लाएगी और इसे केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। हिमाचल किसान सभा और सेब उत्पादक संघ की मांग पर राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने इसे लेकर आश्वासन दिया है। शनिवार को पूर्व विधायक और सेब उत्पादक संघ के संयोजक राकेश सिंघा और किसान सभा के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. कुलदीप सिंह तंवर की अध्यक्षता में प्रतिनिधिमंडल ने सरकार से वन अधिकार कानून के तहत किसानों के कब्जे नियमित करने के लिए रास्ता निकाले का भी आग्रह किया। बीते दो सालों में प्राकृतिक आपदा के कारण प्रदेश के हजारों किसान-बागवानों की कृषि भूमि तबाह हो गई है। बाढ़ और बादल फटने सहित अन्य प्राकृतिक आपदाओं के कारण खेत बहने और बगीचे तबाह होने से प्रभावित किसानों-बागवानों को भूमि तबादला नीति के तहत अन्यत्र स्थान पर कृषि के लिए भूमि उपलब्ध करवाई जाएगी। हिमाचल में 1980 से पहले भी भूमि तबादला नीति लागू थी। जिला उपायुक्त अपने क्षेत्रों में ऐसे मामलों की पड़ताल कर सरकार को रिपोर्ट भेजेंगे। केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद प्रदेश सरकार प्रभावितों को कृषि के लिए भूमि उपलब्ध करवाएगी। प्राकृतिक आपदा से प्रभावित हिमाचल प्रदेश के करीब डेढ़ लाख लोगों को भूमि तबादला नीति लागू होने से लाभ मिलेगा। राकेश सिंघा और डॉ. कुलदीप सिंह तंवर ने बताया कि हिमाचल में कृषि भूमि से बेदखली के मामले में उच्चतम न्यायालय ने अपने आदेशों में जिला कलेक्टर, वन विभाग के डीएफओ और मंडलीय कमिश्नर की ओर से अपनाए गए तरीके पर सवाल उठाते हुए इसे रिव्यू करने के निर्देश दिए हैं। सरकार को सौंपे गए 6 सूत्री मांगपत्र में वन अधिकार कानून के तहत किसानों द्वारा किए गए कब्जों को नियमित करने के लिए बीच का रास्ता निकाले का आग्रह किया गया है। साल 2002 में भाजपा सरकार के समय अतिरिक्त जमीन को नियमित करने के लिए सरकार ने आवेदन मांगे थे। इस दौरान 1.67 लाख आवेदन सरकार को मिले थे। सरकार ने लघु और सीमांत किसानों को राहत देने का आश्वासन दिया था। इस मामले में प्रदेश सरकार से आग्रह किया गया है कि केंद्र सरकार से मांग उठा कर प्रभावितों को राहत दी जाए। इस मौके पर सेब उत्पादक संघ के अध्यक्ष सोहन सिंह ठाकुर, प्रोफेसर राजेंद्र चौहान और संयुक्त किसान मंच के सह संयोजक संजय चौहान भी मौजूद रहे। आगामी विधानसभा सत्र में वन संरक्षण अधिनियम में राहत के लिए प्रस्ताव लाकर केंद्र सरकार को भेजा जाएगा, जिससे प्रदेश में आपदा प्रभावितों और अन्य लोगों को राहत दी जा सके।
आईजीएमसी अस्पताल शिमला के कर्मचारियों ने एक बार फिर विरोध प्रदर्शन किया। अस्पताल में सफाई कर्मचारियों ने शनिवार को हंगामा किया। दरअसल सफाई कर्मचारी वेतन न मिलने को लेकर परेशान हैं। ऐसे में सीटू के बैनर तले सफाई कर्मियों ने आईजीएमसी अस्पताल में एमएस ऑफिस का घेराव किया। इस दौरान करीब दो घंटे तक सफाई व्यवस्था पूरी तरह से बंद रही। इसके अलावा सफाई कर्मचारियों ने काम को ठप करने की चेतावनी दी है। आईजीएमसी सफाई यूनियन के अध्यक्ष वीरेंद्र ने कहा, अगर अस्पताल मैनेजमेंट का रवैया इसी तरह का रहता है तो सभी एकजुट होकर अपने हक की लड़ाई लड़ेंगे। सैलरी के लिए हम कई बार एमएस से बात कर चुके हैं, फिर भी पैसा नहीं मिला। वहीं, सीटू के संयोजक विजेंद्र मेहरा ने कहा कि ठेकेदार न्यूनतम वेतन लागू करने, ईपीएफ, ईएसआई, छुट्टियों, आठ घंटे के कार्य दिवस, हर माह सात तारीख से पूर्व वेतन भुगतान, बोनस, चेंजिंग रूम, दो वर्दी सेट आदि मुद्दों का समाधान नहीं कर रहे हैं। ठेकेदार श्रम कानूनों की खुलकर अवहेलना कर रहे हैं। उन्होंने चेताया कि अगर श्रम कानून लागू नहीं किए तो आंदोलन उग्र किया जाएगा। वहीं, आईजीएमसी के एमएस डॉक्टर राहुल राव का कहना है,जल्द कर्मियों की सैलरी जारी कर दी जाएगी। आईजीएमसी अस्पताल शिमला के सफाई कर्मी और वार्ड अटेंडेंट को दो कंपनियां सैलरी देती हैं। अस्पताल में 80 वार्ड अटेंडेंट और 60 सफाई कर्मी हैं। ये आउटसोर्स कर्मी कंपनी से जब भी सैलरी मांगते हैं तो दोनों कंपनियों का एक ही जवाब आता है कि अभी मैनेजमेंट द्वारा सैलरी जारी नहीं की गई है। लिहाजा स्थिति ये हो गई है कि इन सफाई कर्मचारियों को घर खर्च चलाना भी मुश्किल हो गया है। कर्मचारियों का कहना है कि दिवाली पर सभी को सैलरी मिली थी, लेकिन हम लोगों ने उधार लेकर त्यौहार मनाया, जब सभी कर्मी अपनी ड्यूटी पूरी ईमानदारी के साथ निभा रहे हैं तो अस्पताल मैनेजमेंट को देखना चाहिए कि पैसा हर महीने समय से दिया जाए।उनका कहना है कि अस्पताल प्रबंधन के इस रवैये की वजह से नौकरी छोड़ने तक की नौबत आ गई है।
शिमला के बीसीएस, खेल मैदान में आज खेले गए सद्भावना क्रिकेट टूर्नामेंट के दूसरे मैच में चीफ जस्टिस-इलेवन ने मुख्यमंत्री-इलेवन को 8 विकेट से हरा दिया। सीएम-इलेवन द्वारा दिए गए 111 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए सीजे-इलेवन ने 13वें ओवर में मात्र दो विकेट खोकर जीत हासिल कर ली। सीजे-इलेवन की ओर से विकास भारद्वाज ने सबसे बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए नाबाद 52 रन बनाए, जबकि जस्टिस वीरेंद्र सिंह ने 34 रन का योगदान दिया और जस्टिस बीसी नेगी ने स्कोरबोर्ड में 12 रनों का योगदान दिया। सीएम-इलेवन की ओर से गेंदबाजी में विधायक डॉ. हंसराज और विनोद कुमार ने एक-एक विकेट लिया। इससे पहले सीएम-इलेवन ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया और 15 ओवर में कुल 110 रन बनाए। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने 27 रनों की पारी खेलकर टीम का नेतृत्व किया, जो उनकी टीम का सर्वोच्च व्यक्तिगत स्कोर है। विधायक सुदर्शन बबलू ने भी 26 रन बनाकर महत्वपूर्ण योगदान दिया। सीजे-11 की ओर से जस्टिस संदीप शर्मा और विकास भारद्वाज ने दो-दो विकेट लिए। हिम स्पोर्ट्स एंड क्लचरल एसोसिएशन द्वारा आयोजित इस टूर्नामेंट का फाइनल मैच रविवार को गवर्नर-11 और सीजे-11 टीमों के बीच खेला जाएगा। इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया, हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल, राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी, उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान, विधायक कमलेश ठाकुर, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान और अन्य व्यक्ति भी मौजूद थे।
** नि-क्षय अभियान’ के तहत मोबाइल वैन को झंडी दिखा कर किया रवाना मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज ‘नि-क्षय अभियान’ के तहत आयोजित एक समारोह में बतौर मुख्यातिथि भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने पोर्टेबल एक्स-रे मशीन से तपेदिक की जांच भी करवाई। उन्होंने इस अभियान के लिए समर्पित एक मोबाइल वैन को झंडी दिखाकर रवाना किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि 100 दिनों तक चलने वाला यह अभियान हिमाचल प्रदेश को टीबी मुक्त बनाने की दिशा में कारगर साबित होगा। इस अभियान का उद्देश्य टीबी के मामलों की समय पर पहचान, प्रभावी उपचार और समुदायों में जागरूकता सुनिश्चित करना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अभियान राज्य के सभी जिलों में चलाया जाएगा, जिसके तहत कमज़ोर वर्गों पर विशेष ध्यान केन्द्रित किया जाएगा। उन्होंने सभी से अपने क्षेत्रों में नि-क्षय शिविर अभियान में सक्रियता से भाग लेने और लोगों को टीबी के लक्षणों को पहचानने और समय पर जांच करवाने के लिए प्रोत्साहित करने का आह्वान किया। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि हिमाचल प्रदेश निकट भविष्य में टीबी मुक्त राज्य बनकर उभरेगा। इसके दृष्टिगत राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से प्राप्त सहायता के अलावा, मुख्यमंत्री टीबी उन्मूलन योजना के तहत 2 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। राज्य की 13 प्रतिशत आबादी 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों की है, इसके दृष्टिगत वृद्धजनों के लिए प्रारंभिक निदान और रोकथाम आवश्यक है। उन्होंने बीमारियों की रोकथाम के लिए युवा पीढ़ी को जागरूक होने और स्वस्थ जीवन शैली अपनाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि सरकार प्रारम्भिक आयु से ही बच्चों को जागरूक करने के लिए स्कूली पाठयक्रम में स्वास्थ्य शिक्षा को शामिल करने पर विचार कर रही है। प्रदेश सरकार ने स्वास्थ्य क्षेत्र को प्राथमिकता प्रदान करते हुए इस क्षेत्र में सुधार की दिशा में अनेक कदम उठाए हैं। अस्पतालों में आपातकालीन विभागों को स्तरोन्नत किया जा रहा है और चिकित्सा महाविद्यालयों के लिए आधुनिक चिकित्सा उपकरणों के लिए निविदाएं पहले ही जारी की जा चुकी हैं। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि एक साल के भीतर राज्य के लोगों के लिए उन्नत निदान और उपचार सुविधाओं तक पहुंच सुनिश्चित की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में रेफरल प्रणाली के सुदृढ़ीकरण के लिए दृढ़ता से कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि चिकित्सा विशेषज्ञों के लिए सरकार सुपर-स्पेशलिस्ट डॉक्टरों के मासिक भत्ते को 60,000 रुपये से बढ़ाकर 1.75 लाख रुपये और विशेषज्ञ डॉक्टरों के लिए एक लाख रुपये करने पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की वन सम्पदा उत्तर भारत को प्राणवायु प्रदान करती है। उन्होंने केंद्र सरकार से राज्य के वनों के संरक्षण के प्रयासों को अधिमान देते हुए ‘ग्रीन बोनस’ प्रदान करने की अपील की। इसके अतिरिक्त राज्य सरकार सतत् भविष्य सुनिश्चित करने के दृष्टिगत हरित उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए अपनी औद्योगिक नीति में संशोधन कर रही है। कार्यक्रम के दौरान, मुख्यमंत्री ने टीबी मुक्त भारत की शपथ दिलाई और टीबी रोगियों को निक्षय पोषण किट वितरित कीं। उन्होंने अभियान में योगदान देने वाली संस्थाओं और संगठनों को भी सम्मानित किया। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल ने सभी से टीबी के प्रति सतर्क रहने और शीघ्र उपचार के लिए समय पर जांच करवाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में टीबी जांच दर देश में सबसे अधिक है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार टीबी रोगियों की पोषण संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए मासिक वित्तीय सहायता भी प्रदान कर रही है। उन्होंने बल दिया कि टीबी को खत्म करने के लिए जन सहयोग बहुत जरूरी है। सचिव स्वास्थ्य एम. सुधा देवी ने नि-क्षय अभियान पर विस्तृत प्रस्तुति दी। इससे पूर्व, एनएचएम की मिशन निदेशक प्रियंका वर्मा ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया। इस अवसर पर विधायक हरीश जनारथा, नगर निगम शिमला के महापौर सुरेन्द्र चौहान, उपायुक्त एनएचएम डॉ. जोया अली रिजवी और अन्य लोग भी उपस्थित थे।
** हिमभोग ब्रांड के नाम से मिलेगा पैकेट हिमाचल में अब जल्द ही बाजार में भी प्राकृतिक खेती से तैयार मक्की का आटा उपलब्ध होगा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा, सरकार प्राकृतिक खेती से उत्पादित मक्की के आटे को ‘हिमभोग’ ब्रांड के साथ बाजार में उतारेगी, जिसका जल्द ही शुभारम्भ किया जाएगा और इसे बाजार में उपलब्ध करवाया जाएगा। सीएम सुक्खू ने कहा, अभी तक सरकार के प्रयासों से प्राकृतिक खेती से जुड़े 1506 किसान परिवारों से 4 हजार क्विंटल से अधिक मक्की की खरीद की गई है। लाहौल-स्पीति और किन्नौर जिलों को छोड़कर बाकी सभी जिलों से यह खरीद की गई है। सोलन जिला से सबसे अधिक 1140 क्विंटल, चंबा में 810 क्विंटल और मंडी में 650 क्विंटल मक्की की खरीद की जा चुकी है। सीएम सुक्खू ने कहा कि सरकार प्रदेश में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है। हिमाचल गेहूं और मक्की में सर्वाधिक न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रदान करने वाला देश का पहला राज्य है। प्रदेश में प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों से गेहूं 40 रुपये और मक्की 30 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से खरीद का कार्य शुरू हो चुका है। प्रदेश में 35 हजार हेक्टेयर भूमि पर प्राकृतिक खेती की जा रही है, जिससे 1.98 लाख किसान जुड़े हैं। इन किसानों की सुविधा के लिए राज्य सरकार ने डेढ़ लाख से अधिक किसानों का निःशुल्क प्रमाणीकरण भी किया है। इस वर्ष 36 हजार किसानों को प्राकृतिक खेती के साथ जोड़ा जा रहा है। सरकार प्राकृतिक खेती उत्पादों के लिए 10 मंडियों में आधारभूत ढांचा विकसित कर रही है। ताकि उन्हें अपना उत्पाद बेचने में किसी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े। कृषि को रोजगार से जोड़ना ₹680 करोड़ की राजीव गांधी स्टार्टअप योजना का तीसरा चरण है। सीएम सुक्खू ने कहा कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था में कृषि और बागवानी का महत्वपूर्ण योगदान है। लोगों की आर्थिकी में इसके महत्व को देखते हुए राज्य सरकार इस क्षेत्र के विकास पर विशेष ध्यान दे रही है। हिमाचल प्रदेश की करीब 90 फीसदी आबादी गांवों में रहती है। इसलिए सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने के लिए कई कदम उठा रही है। सीएम ने कहा राज्य सरकार सीधे तौर पर पैसा किसान के हाथों तक पहुंचाना चाहती है। ताकि वे आर्थिक रूप से सशक्त बन सकें और खेती उनकी आय का नियमित स्रोत बने। हमने न सिर्फ प्राकृतिक खेती के उत्पादों को समर्थन मूल्य दिया है, बल्कि गाय का दूध 45 रुपये और भैंस का दूध 55 रुपये प्रति लीटर की दर से खरीदा जा रहा है। हमने मनरेगा की दिहाड़ी में ऐतिहासिक 60 रुपये की वृद्धि कर इसे 300 रुपये किया है। ये सारे प्रयास ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने के लिए किए गए हैं।
हिमाचल प्रदेश का एक और लाल देश की रक्षा करते हुए शहीद हो गया। 29 वर्षीय जवान अक्षय कुमार ने अरुणाचल प्रदेश में ड्यूटी के दौरान अपनी जान देश के लिए न्यौछावर कर दी है। अक्षय कुमार धर्मशाला के सिद्धबाड़ी के रहने वाले थे। शहीद अक्षय कुमार 19 डोगरा बटालियन में तैनात थे। वहीं, उनकी शहादत की खबर गांव में पहुंचते ही पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई है। अक्षय कुमार ने साल 2015 में महज 19 साल की उम्र में भारतीय सेना में भर्ती हुए थे। शहीद के पिता संसार चंद ने बताया कि बचपन से ही अक्षय का सपना देश की सेवा करना था। उनका सपना तो पूरा हुआ, लेकिन अक्षय का ये बलिदान परिवार और गांव के लिए बड़ा सदमा है। उन्होंने बताया कि अक्षय कुमार को ड्यूटी के दौरान हार्ट अटैक आया, जिससे उनकी मौत हो गई। शहीद अक्षय की दो महीने पहले ही शादी हुई थी। आंखों में नमी लिए भारी मन से शहीद के पिता ने कहा कि इतनी खुशी के बाद इतना बड़ा गम हमारा इंतजार कर रहा था। शादी के बाद अक्षय अपनी पत्नी के साथ नए जीवन की शुरुआत करने की तैयारी की ही थी, लेकिन किस्मत ने कुछ और ही तय कर रखा था। अक्षय कुमार के शहीद होने की खबर जैसे ही उनके गांव पहुंची तो पूरा गांव गमगीन हो गया। हर कोई उनकी शहादत पर गर्व तो कर रहा है, लेकिन उनकी कमी से सबकी आंखें नम हैं। गांव वाले शहीद को अंतिम विदाई देने की तैयारी कर रहे हैं। अक्षय कुमार का पार्थिव शरीर शनिवार को पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनके पैतृक गांव बागनी लाया जाएगा। शहीद के पैतृक गांव में उन्हें अंतिम विदाई दी जाएगी।
** उपभोक्ताओं को मिल रहा आधा सामान हिमाचल प्रदेश में लगातार बढ़ रही महंगाई के बीच लोगों को उचित मूल्य की दुकानों में भी राहत नहीं मिल रही है। दिसंबर महीने का पहला सप्ताह बीतने को है, लेकिन डिपुओं में से आधा सामान अभी भी गायब है। डिपुओं में सस्ते राशन के नाम पर सिर्फ आटा, चावल और चीनी ही मिल रही है, जबकि दो महीने से प्रदेश के लाखों उपभोक्ताओं को डिपुओं में सरसों का तेल और दाल नहीं मिल रही है। ऐसे में लाखों परिवार बाजार से महंगे रेट पर दालें और तेल खरीदने को मजबूर हैं। हालांकि हिमाचल प्रदेश राज्य नागरिक आपूर्ति निगम से मलका और चने की दाल के रेट अप्रूव होने के बाद दोनों दालों की सप्लाई का ऑर्डर भी जारी कर दिया गया है, लेकिन अभी तक उचित मूल्य की दुकानों में दालों का ये स्टॉक नहीं पहुंचा है। ऐसे में खासकर गरीब परिवारों की जेब पर सबसे ज्यादा असर पर पड़ रहा है। वहीं, सरसों के तेल के लिए उपभोक्ताओं को अभी और इंतजार करना पड़ेगा। हिमाचल में उपभोक्ताओं को दो महीने के सरसों के तेल का कोटा नहीं मिला है। प्रदेश में बहुत से डिपुओं में उपभोक्ताओं को तीन महीने से सरसों का तेल उपलब्ध नहीं हुआ है। प्रदेश में कुल राशन कार्ड धारकों की संख्या 19,65,589 है. जो 4500 से ज्यादा डिपुओं के जरिए सस्ते राशन की सुविधा का लाभ उठा रहे हैं। ऐसे में इन उपभोक्ताओं को अब सरसों तेल का बैकलॉग कोटा भी दिया जाना है, जिसके लिए हिमाचल प्रदेश राज्य नागरिक आपूर्ति निगम को करीब 70 लाख लीटर सरसों के तेल की जरूरत है। हिमाचल में लोगों को महंगाई से राहत दिलाने के लिए डिपुओं के जरिए उपभोक्ताओं को आटा, चावल, तीन अलग-अलग किस्म की दालें, सरसों का तेल और नमक बाजार से सस्ते रेट पर मुहैया करवाया जाता है। महंगाई के चलते डिपुओं में सरसों के तेल की मांग ज्यादा रहती है। सरसों के तेल के कोटे को कोई भी उपभोक्ता नहीं छोड़ता है, जिस कारण प्रदेश में हर महीने डिपुओं में करीब 34 लाख लीटर सरसों के तेल की खपत होती है। हिमाचल प्रदेश सरकार सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत डिपुओं के जरिए बाजार से सस्ते रेट पर तीन दालें उपलब्ध करा रही है, जिस कारण डिपुओं में लगातार दालों की भी मांग बढ़ती जा रही है। प्रदेश में हर महीने राशन कार्ड धारक डिपुओं से नियमित तौर पर दाल का कोटा उठा रहे हैं।उचित मूल्य की दुकानों में दालों की लिफ्टिंग सौ फीसदी के करीब है। ऐसे में डिपुओं में हर महीने दालों की खपत करीब 5500 मीट्रिक टन तक पहुंच गई है। वहीं, हिमाचल प्रदेश राज्य नागरिक आपूर्ति निगम ने सरकार से अप्रूवल मिलने के बाद दिसंबर महीने के लिए 40,510 क्विंटल मलका और 79,160 क्विंटल दाल चना का सप्लाई ऑर्डर जारी कर दिया है।
राजस्व विभाग के पटवारी और कानूनगो वर्ग के लिए आयोजित प्रथम राज्य स्तरीय खेलकूद महोत्सव का आयोजन 3 से 5 दिसंबर तक किया गया। तीन दिवसीय इस ऐतिहासिक आयोजन का शुभारंभ तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने किया और समापन राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी द्वारा किया गया। इस महोत्सव में 11 जिलों और एसओ डिवीजन शिमला और कांगड़ा (लाहौल-स्पीति को छोड़कर) से लगभग 600 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। राजस्व मंत्री ने इस ऐतिहासिक आयोजन की सराहना करते हुए इसे विभाग के लिए गर्व का विषय बताया। उन्होंने इस महोत्सव के लिए ₹2 लाख की वित्तीय सहायता प्रदान करने की घोषणा की। उन्होंने सभी प्रतिभागियों की अनुशासन और खेल भावना की प्रशंसा करते हुए अगले वर्ष इस आयोजन को अपने गृह जिले किन्नौर में आयोजित करने का निमंत्रण भी दिया। इस अवसर पर राजस्व विभाग के राज्य अध्यक्ष सतीश चौधरी ने इस सफल आयोजन के लिए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी और अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा का आभार व्यक्त किया। साथ ही, जिला बिलासपुर के मेजबान प्रधान सुनील जोशी, उनकी प्रबंधन टीम, सभी अधिकारियों और आयोजन को सफल बनाने में योगदान देने वाले प्रेस रिपोर्टरों एवं सभी सहयोगकर्ताओं का धन्यवाद दिया। उन्होंने सभी को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी। खेल परिणाम: 1. क्रिकेट: कांगड़ा ने शिमला को हराकर जीत दर्ज की। 2. कबड्डी: ऊना ने सोलन को हराया। 3. वॉलीबॉल: शिमला ने मंडी को हराया। 4. बैडमिंटन (पुरुष): हमीरपुर ने कांगड़ा को हराया। 5. बैडमिंटन (महिला): मंडी विजेता रही। 6. शतरंज (पुरुष): कांगड़ा विजेता। 7. शतरंज (महिला): सिरमौर विजेता। 8. सांस्कृतिक प्रस्तुति (नाटी): सोलन विजेता। 9. सोलो डांस: सोलन विजेता। 10. सोलो सांग: चंबा विजेता। राजस्व मंत्री ने इस आयोजन को ऐतिहासिक बनाते हुए इसे विभागीय एकजुटता और खेल भावना का प्रतीक बताया। सभी प्रतिभागियों और आयोजकों को उनके प्रयासों के लिए बधाई दी।
**ओपन हार्ट सर्जरी के पेशेंट ऑपरेशन बेड से लौटाए जा रहे हैं और प्रदेश के मुखिया झूठ बोल रहे हैं शिमला से जारी बयान में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने हिमाचल सरकार और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि प्रदेश की राजधानी में स्थित इंदिरा गाँधी मेडिकल कॉलेज में भी सरकार कैंसर के मरीजों को दवाइयां नहीं उपलब्ध करवा पा रही है इसके बाद भी बड़ी-बड़ी बातें कर रही है। अपनी नाकामियों पर पर्दा डालने के लिए झूठ बोलना बहुत ही बेशर्मी की बात है। क्या इस सरकार का एकमात्र एजेंडा और गवर्नेंस का मॉडल झूठ का मॉडल है? क्या मुख्यमंत्री अखबार नहीं पढ़ते या उन्हें उनके सलाहकारों द्वारा बताया नहीं जाता कि प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था के क्या हाल है? कैंसर के इलाज समय का कितना महत्त्व होता है, यह बात हर आदमी जानता है लेकिन यह बात मुख्यमंत्री को और हमारे स्वास्थ्य महकमे के सर्वेसर्वा लोगों को नहीं पता है। कैंसर का इलाज करा रहे पेशेंट के लिए यूज़ की जाने वाली इम्यूनोथेरपी के इंजेक्शन प्रदेश के सबसे बड़े संस्थान आईजीएमसी में भी नहीं है। पेशेंट आते हैं और इंजेक्शन न मिलने पर बिना इलाज के ही लौट जाते हैं। इसके बाद प्रदेश के मुखिया बड़े-बड़े मंचों से खड़े होकर कहते हैं की हमने तो स्वास्थ्य व्यवस्था अंतर्राष्ट्रीय स्तर की कर दी है। ऐसी अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था प्रदेश को नहीं चाहिए। मुख्यमंत्री इस बात को समझें की बड़ी-बड़ी बातों से बीमारियों के इलाज नहीं होते हैं उसके लिए दवा, डॉक्टर, टेक्नीशियन, और इक्विपमेंट की जरूरत होती है। इसलिए मुख्यमंत्री बड़ी-बड़ी बातों से मरीजों के जीवन फिर खिलवाड़ करना बंद कर दें। नेता प्रतिपक्ष ने कहा की हर दिन प्रदेश के अखबारों में स्वास्थ्य व्यवस्था के रसातल में चले जाने की खबरें प्रमुखता से छपती हैं। कभी ओपन हार्ट सर्जरी के लिए ऐडमिट पेशेंट बेड से वापस लौटा दिए जाते हैं तो कभी छोटे मोटे ऑपरेशन के लिए आए मरीज बिना ऑपरेशन के ही घर भेज दिए जाते हैं। सामान्य से सामान्य जांचों की किट और रूटीन में इस्तेमाल होने वाली दवाइयां भी आईजीएमसी में उपलब्ध नहीं रहती है, जिसके कारण लोगों को या तो बाहर से दवाइयां खरीदनी पड़ती है या बिना पूरी दवाइयों के ही इलाज करवाना पड़ता है। यह सिर्फ इसलिए है कि सरकार दवा आपूर्ति करने वाली संस्थाओं के पुराने बिलों का भुगतान नहीं कर रही है। दुखद स्थिति ये है की यह हालात प्रदेश के दूरस्थ स्थित किसी सामान्य संस्थान के न होकर आईजीएमसी जैसे प्रदेश के सबसे बड़े और प्रतिष्ठित संस्थान के हैं। हर बार लोगों को सिर्फ इसलिए परेशानी झेलनी पड़ती है कि मुख्यमंत्री सिर्फ बड़े-बड़े मंचों से बड़ी-बड़ी बातें करते हैं और मूलभूत समस्याओं पर ध्यान नहीं देते हैं। जयराम ठाकुर ने कहा कि झूठ बोलकर गलत आंकड़े पेश करके मुख्यमंत्री सिर्फ और सिर्फ अपने आलाकमान को गुमराह कर सकते हैं हिमाचल प्रदेश के लोगों को नहीं। भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस के एक भी झूठ को चलने नहीं देगी। हर दिन उनके सभी झूठ बेनकाब किए जाएंगे। प्रदेश में लोगो के इलाज के लिए पूर्व सरकार द्वारा जो भी विश्वस्तरीय प्रयास किए गए थे उसे मुख्यमंत्री ने एक झटके में ही तबाह कर दिया है। आज आईजीएमसी जैसे संस्थानों में अगर बेहद संवेदनशील माने जाने वाली कैंसर और हार्ट से जुड़ी बीमारियों की दवाएं और चिकित्सक उपलब्ध नहीं हैं तो इससे शर्मनाक बात कुछ नहीं हो सकती। अगर आज ओपन हार्ट सर्जरी के मरीज भर्ती करने के बाद भी घर वापस भेजने पड़ रहे हैं तो ऐसे हालात का जिम्मेदार कौन है? सरकार के इस नाकारेपन से यदि किसी भी मरीज के साथ कोई अनहोनी होती है तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा? उन्होंने मुख्यमंत्री से निवेदन करते हुए कहा की राजनीति अपनी जगह है बीमार लोगों का इलाज और स्वास्थ्य लाभ अपनी जगह। इसलिए मेहरबानी करके स्वास्थ्य व्यवस्था की तबाह हो चुकी स्थिति के बारे में गंभीरता से विचार करें। क्योंकि जीवन अनमोल है और एक बार सरकारी निकम्मेपन की वजह से उसकी क्षति होती है तो उसकी भरपाई नहीं की जा सकती। मैं यह बात बार बार इसलिए दोहरा रहा हूँ क्योंकि सरकार को लगता ही नहीं है कि स्वास्थ्य व्यवस्था इतने बुरे दौर से गुजर रही है। जब सरकार को इस बात का एहसास ही नहीं होगा तो वह सुधार के लिए कोई कदम भी नहीं उठाएगी।
हिमाचल प्रदेश बिलिंग पैराग्लाइडिंग एसोसिएशन के एक प्रतिनिधिमंडल ने अध्यक्ष अनुराग शर्मा के नेतृत्व में आज मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू से भेंट की। उन्होंने कांगड़ा जिले के बीड़ बिलिंग में बीते माह नवंबर में पैराग्लाइडिंग वर्ल्ड कप के सफल आयोजन के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को हिमाचली टोपी, शॉल व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने पैराग्लाइडिंग वर्ल्ड कप में द्वितीय स्थान पर रहे बीड़ निवासी रंजीत कुमार को भी सम्मानित करते हुए कहा कि यह गर्व का विषय है कि राज्य के युवा हर क्षेत्र में हिमाचल प्रदेश का नाम रोशन कर रहे हैं। इस अवसर पर एसोसिएशन के पदाधिकारी सुरेश कुमार, प्रवीण कुमार, रंजीत चमेल, हरदेव ठाकुर, शैलभ अवस्थी भी उपस्थित थे।
** मंत्रिमंडल की 16 बैठकों में लिए गए 273 निर्णय पूरी तरह कार्यान्वितः जगत सिंह नेगी राजस्व, बागवानी, जनजातीय विकास एवं जन शिकायत निवारण मंत्री जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता में आज मंत्रिमंडलीय उप-समिति की बैठक आयोजित की गई। इस दौरान मंत्रिमंडल की बैठकों में लिए गए निर्णयों के कार्यान्वयन को लेकर समीक्षा की गई। बैठक में अवगत करवाया गया कि 13 जनवरी 2023 से 30 सितंबर 2023 तक मंत्रिमंडल की कुल 16 बैठकें आयोजित हुई हैं। मंत्रिमंडल की इन बैठकों में 288 निर्णय लिए गए। बैठक में अवगत करवाया गया कि 273 निर्णय पूरी तरह कार्यान्वित हो चुके हैं। बैठक में आज शेष 15 निर्णयों को लेकर चर्चा की गई जिनमें वन, सामान्य प्रशासन, स्वास्थ्य, बागवानी, उद्योग, राजस्व, परिवहन, कृषि और कार्मिक विभाग से जुड़े निर्णय शामिल थे। जगत सिंह नेगी ने अधिकारियों को इन निर्णयों को कार्यान्वित करने के लिए कार्यशैली में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा जनहित में लिए गए यह निर्णय शीघ्र कार्यान्वित किए जाएं ताकि आम जनता को लाभ मिल सके। बैठक में सदस्य सचिव हरबंस सिंह ब्रसकोन और संयुक्त सचिव सामान्य प्रशासन विभाग कुलविंद्र सिंह भी उपस्थित रहे।
हिमाचल प्रदेश स्वास्थ्य विभाग में 200 डाॅक्टरों की भर्ती होगी। प्रदेश सरकार स्वास्थ्य अधिकारियों के 200 पद लोकसेवा आयोग के माध्यम से भरने जा रही है। राज्य लोकसेवा आयोग(HPPSC) ने बुधवार को भर्ती के लिए इच्छुक और योग्य उम्मीदवारों से ऑनलाइन भर्ती आवेदन (ओआरए) आमंत्रित कर दिए हैं। ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2024 तय की गई है। उम्मीदवार 31 दिसंबर 2024 को 11:59 बजे तक आवेदन शुल्क का भुगतान कर सकेंगे। एक बार भुगतान किया गया परीक्षा शुल्क वापस नहीं किया जाएगा। सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए परीक्षा शुल्क 600 रुपये निर्धारित किया गया है। अनारक्षित बीपीएल श्रेणियों के अंतर्गत आने वाले अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और ईडब्ल्यूएस के पुरुष उम्मीदवार तथा हिमाचल प्रदेश के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग श्रेणियों से संबंधित भूतपूर्व सैनिक उम्मीदवार के लिए 150 है। महिला अभ्यर्थियों व भूतपूर्व सैनिक पुरुष अभ्यर्थी से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। इसके साथ ही आयोग ने पर्यावरण, विज्ञान, प्रौद्योगिकी और जलवायु परिवर्तन विभाग में अनुबंध आधार पर पर्यावरण अधिकारी, वर्ग-I (राजपत्रित) के 12 पदों को भरने के लिए ऑनलाइन भर्ती आवेदन (ओआरए) मांगे हैं। इस पदों के लिए भी उम्मीदवार 31 दिसंबर तक ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। इसका परीक्षा शुल्क 600 रुपये होगा। महिला उम्मीदवार व कुछ अन्य श्रेणी के अभ्यर्थियों से शुल्क नहीं लिया जाएगा।
एचपीटीडीसी (हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम) पहली बार अपने होटलों में कमरों की बुकिंग का काम निजी कंपनी मेक माय ट्रिप को सौंपने जा रहा है। मेक माय ट्रिप कंपनी पर्यटन निगम को अग्रिम 2 करोड़ रुपये देकर कमरों की बुकिंग करेगी। निजी होटल समूहों के साथ स्पर्धा के लिए निगम ने यह फैसला लिया है। निगम अधिकारियों के साथ बैठक के बाद पर्यटन निगम के चेयरमैन आरएस बाली ने यह जानकारी दी।बाली ने कहा कि निगम ने अगले 6 माह में निगम का टर्नओवर 300 करोड़ पहुंचाने का निर्णय लिया है। करीब 16 करोड़ की लागत से शिमला के होटल हॉलिडे होम, पीटरहॉफ और हमीरपुर के होटल हमीर का जीर्णोद्धार होगा। निगम ने बीते साल के मुकाबले इस साल अब तक करीब 2.67 करोड़ अधिक राजस्व अर्जित कर दिया है। तकनीकी तौर पर दक्ष स्पेशल कुक और प्रबंधकों की भर्ती शुरू करने को लेकर प्रदेश सरकार से मंजूरी मिल गई है। बैठक में स्लाफ के युक्तिकरण का भी फैसला लिया गया है। जहां कमी है, वहां कर्मचारियों को स्थानांतरित किया जाएगा। निगम की आय बढ़ाने के लिए कमरों की ऑनलाइन बुकिंग करने वाली अन्य कंपनियों से भी बात की जाएगी। निगम के महाप्रबंधक अनिल तनेजा को इस काम के लिए नोडल अधिकारी बनाया गया है। निजी कंपनियों को निगम के होटलों का ऑनलाइन वेबसाइट पर प्रचार भी करना होगा और चैनल मैनेजर सहित दो कर्मी भी उपलब्ध करवाने होंगे। बाली ने बताया कि पेंशनरों के देय लाभ जारी करने को लेकर न्यायालय के फैसले के बाद निगम ने 1.89 करोड़ की देनदारियां अब तक निपटा दी हैं। बाली ने कहा कि वाइल्ड फ्लावर हॉल पर सरकार उचित फैसला लेगी, फिलहाल पर्यटन निगम का इस संपत्ति पर कोई स्वामित्व नहीं है। निगम कर्मचारी महासंघ की ओर से चेयरमैन को भेजे गए पत्र के बाद मामला खत्म करने की भी बात कही। निगम की संपत्तियों के आय-व्यय का साप्ताहिक रिव्यू चेयरमैन करेंगे और जरूरी दिशा-निर्देश भी देंगे। बाली ने बताया कि स्पेशल असिस्टेंट टू स्टेट्स फॉर कैपिटल इन्वेस्टमेंट स्कीम के तहत हिमाचल की अनदेखी के सवाल पर बाली ने कहा कि केंद्र ने पहले ही हिमाचल के लिए 2500 करोड़ का प्रोजेक्ट स्वीकृत कर दिया है। काजा और छितकुल के लिए 36 करोड़ का चैलेंजिंग डेस्टिनेशन प्रोजेक्ट स्वीकृत हुआ है। केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से फिर मुलाकत करेंगे और हिमाचल के लिए नए प्रोजेक्ट मांगेंगे।
** नेर चौक अस्पताल में एक एमआरआई मशीन नहीं लगा पाए जयरामः मुख्यमंत्री ** मुख्यमंत्री ने कहा, मेरा उद्देश्य आम आदमी की सेवा मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बीते कल मंडी जिला की सिराज विधानसभा क्षेत्र के बाखली में एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान कांग्रेस सरकार 11 दिसंबर को सात गारंटियां पूरी करने जा रही है। प्रदेश सरकार आने वाले समय में और योजनाएं ला रही है। उन्होंने कहा कि मेरा मकसद आम आदमी की सेवा करना है और मेरे मंत्रिमंडल के सभी सदस्य इस दिशा में दिन-रात मेहनत कर रहे हैं ताकि आम जनता को किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े। उन्होंने कहा ‘‘जब पुलिस भर्ती के पेपर लीक हुए और अधीनस्थ चयन आयोग हमीरपुर में पेपर नीलाम हो रहे थे, तब जयराम ठाकुर कहाँ थे। मैं अपनी आंखों के सामने युवाओं के भविष्य के साथ धोखा होते हुए नहीं देख सकता, इसलिए हमने अधीनस्थ चयन आयोग को भंग कर दिया। उन्होंने कहा कि पहले सरकार बदलने के साथ ही पुराने काम रोक दिए जाते थे। लेकिन हमने भाजपा के इस रिवाज को बंद किया और 28 करोड़ रुपए बगलामुखी रोपवे के लिए प्राथमिकता पर आवंटित किए। उन्होंने कहा कि पिछली भाजपा सरकार के कार्यकाल में सिराज में बड़े भवन बने लेकिन उनमें स्टाफ तक नियुक्त नहीं हुआ। भवन लोगों के काम आए तभी उसका फायदा है। सुक्खू ने कहा कि पिछली भाजपा सरकार विधानसभा चुनावों से ठीक पहले 900 संस्थान खोल दिए, लेकिन बिना स्टाफ तथा समुचित बजट के संस्थान खोलना जनता के साथ धोखा है। उन्होंने कहा कि हमने फैसला किया कि जब तक अध्यापक भर्ती नहीं होते, जब तक डॉक्टर भर्ती नहीं होते, तब तक नए संस्थान नहीं खोले जाएगें। मुख्यमंत्री ने कहा कि जयराम ठाकुर ने प्रदेश का खजाना खाली कर दिया। जब वह सत्ता से बाहर हुए तब एक महीने सरकार चलाने के लिए भी पैसा नहीं था। इसलिए हमने नीतिगत बदलाव किए और दो साल में आम आदमी को ध्यान में रखकर फैसले लिए गए जिनके लाभ मिलना शुरू हो गए हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने 1.36 लाख सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन स्कीम बहाल की। उन्होंने कहा कि आज भाजपा का एक भी नेता कह दे कि वह ओपीएस देंगे। राजस्थान में भाजपा की सरकार बनते ही उन्होंने ओपीएस बंद कर दी। वर्तमान राज्य सरकार ने अपने कर्मचारियों एवं पैंशनरों को 11 प्रतिशत महंगाई भत्ता जारी किया तथा पुलिस की डाइट मनी बढ़ाकर एक हजार रुपए की। यह हिमाचल प्रदेश की आर्थिक समृद्धि का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए नीतिगत बदलाव ला रही है। उन्होंने कहा कि गाय का दूध 45 रुपए और भैंस का दूध 55 रुपए प्रति लीटर की दर से खरीदा जा रहा है। प्राकृतिक खेती से उत्पादित मक्की 30 रुपये तथा गेहूं 40 रुपए प्रति किलो की दर से खरीदा जा रहा है। इसके अतिरिक्त मनरेगा की दिहाड़ी में 60 रुपये की उल्लेखनीय वृद्धि की है जिससे अब दिहाड़ी 240 रुपए से बढ़कर 300 रुपए हो गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर मंडी जिला के नेरचौक अस्पताल में एक एमआरआई तक की मशीन नहीं लगा पाए और पूरे प्रदेश के अस्पतालों को रेफरल अस्पताल बना दिया। उन्होंने कहा कि पिछली भाजपा सरकार ने राजनीतिक लाभ के लिए प्रदेश का खजाना लुटा दिया। लेकिन हम प्रदेश के संसाधनों को लुटने नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के छह हजार अनाथ बच्चों की देखभाल के लिए वर्तमान राज्य सरकार ने कानून बनाया। प्रदेश में विधवा महिलाओं के 23 हजार बच्चों की शिक्षा का खर्च वहन करने के लिए मुख्यमंत्री सुख शिक्षा योजना आरंभ की है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के हितों की बात करने की बजाए भाजपा ने शौचालय कर और समोसे जैसे मामलों पर राजनीति करना शुरू की है। प्रदेश की आर्थिक स्थिति पर दुष्प्रचार किया जाता रहा है। जबकि वर्तमान प्रदेश सरकार ने अपने संसाधनों से आपदा प्रभावित परिवारों को 4500 करोड़ रुपए का विशेष आर्थिक पैकेज जारी किया। सुक्खू ने मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना के तहत मकान बनाने के लिए दो बच्चों को भूमि प्रदान करने के प्रमाण-पत्र वितरित किए। उन्होंने पिछली आपदा में अपनी भूमि से वंचित हो चुके दो परिवारों को तीन-तीन बिस्वा भूमि प्रदान करने के प्रमाण-पत्र प्रदान किए। उन्होंने सुख-शिक्षा योजना के 14 लाभार्थियों को प्रमाण पत्र भी दिए। इस योजना के तहत राज्य सरकार विधवा व एकल महिलाओं के बच्चों का पूरा खर्च वहन करती है। इस अवसर पर उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि रोपवे की दुनिया विदेश की दुनिया है, जहां रोपवे कंपनियां काम करती है। इसे हिमाचल प्रदेश में लाना एक बहुत बड़ी चुनौती है, लेकिन आज भारत में हिमाचल प्रदेश रोपवे की दुनिया में बहुत आगे निकलने वाला है। शिमला में बनने वाला रोपवे दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा रोपवे 1750 करोड़ रुपए की लागत से तैयार किया जा रहा है। रोहतांग, बिजली महादेव, बाबा बालकनाथ तथा चिंतपूर्णी में रोपवे बनाने का काम शुरू कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि मेरी धर्मपत्नी सिम्मी अग्निहोत्री की बगलामुखी मंदिर में अपार श्रद्धा थी और मैं कई बार उनके साथ यहाँ आया, लेकिन अब रोपवे बनने से यहां आना सुविधाजनक हो गया है। उन्होंने कहा कि एचआरटीसी 1000 बसें खरीदने जा रहे हैं, जिनमें 350 ई बसें भी खरीद कर रहे हैं। लोगों की सुविधा के लिए एचआरटीसी टैम्पो ट्रेवलर भी चलाएगा, ताकि सभी को परिवहन की सुविधा मिल सके। उन्होंने कहा कि एचआरटीसी में पेंशन और सैलरी न मिलने के जयराम ठाकुर झूठे दावे कर रहे हैं, जबकि सत्य यह है कि सभी सरकारी कर्मचारियों को सैलरी दी जा रही है। उन्होंने कहा कि जयराम ठाकुर एचआरटीसी का एक भी कर्मचारी बता दें, जिसे सैलरी व पेंशन न मिली हो। पूर्व मंत्री कौल सिंह ठाकुर ने रोपवे के रूप में एक बड़ा तोहफा मंडी जिला को देने के लिए मुख्यमंत्री का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार बेहतर काम कर रही है और दस में से पाँच गारंटियों को पूरा कर दिया है। इसलिए सभी कार्यकर्ता इन उपलब्धियों को लोगों तक पहुंचा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पिछले वर्ष आई आपदा के दौरान मंडी जिला को 35 करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की और लोगों को राहत पहुंचाई। कांग्रेस नेता चेतराम ठाकुर ने कहा कि सिराज के विकास में वर्तमान राज्य सरकार ने कोई कसर नहीं छोड़ी है। उन्होंने कहा कि आने वाले विधानसभा चुनाव में मजबूत संगठन के दम पर सिराज की सीट कांग्रेस की झोली में आएगी। उन्होंने कहा कि ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू सिराज विधानसभा क्षेत्र की जनता के दिल में बसे हैं और सिराज कांग्रेस के सभी नेता मुख्यमंत्री के साथ चट्टान की तरह खड़े हैं। उन्होंने कहा कि दूध के दाम में वर्तमान सरकार ने ऐतिहासिक बढ़ौतरी की है, जिससे किसानों को आर्थिक लाभ मिल रहा है। कांग्रेस नेता विजय पाल सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने स्वयं आपदा के दौरान सिराज का दौरा किया और लोगों को राहत पहुंचाई। घर पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त होने पर उन्होंने 7-7 लाख रुपए की मदद प्रदान की। सुक्खू का एक ही उद्देश्य के साथ काम कर रहे हैं कि पिछड़े और वंचित वर्ग का कल्याण सुनिश्चित हो।कांग्रेस नेता जगदीश रेड्डी ने मुख्यमंत्री का सिराज विधानसभा क्षेत्र में पधारने के लिए स्वागत किया और रोपवे की सौगात के लिए आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर पूर्व मंत्री प्रकाश चौधरी, पूर्व सीपीएस सोहन सिंह ठाकुर, एपीएमसी मंडी के चेयरमैन संजीव गुलेरिया, एपीएमसी कुल्लू के चेयरमैन मियाँ राम सिंह, कांग्रेस नेता पवन ठाकुर, चंपा ठाकुर, नरेश चौहान, जीवन ठाकुर, विजय पाल सिंह, महेश राज, राजीव किम्टा, उपायुक्त अपूर्व देवगन, एसपी साक्षी वर्मा सहित अन्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
हिमाचल प्रदेश स्टेट मास्टर्स गेम्स एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल ने अध्यक्ष विनोद कुमार के नेतृत्व में आज यहां मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू से भेंट कर बिलासपुर में 13 से 15 दिसम्बर, 2024 तक आयोजित किए जा रहे स्टेट मास्टर्स गेम्स के लिए मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार खिलाड़ियों की सुविधा के लिए विश्व स्तरीय बुनियादी अधोसंरचना के विकास के साथ खेलों को प्रोत्साहन प्रदान कर रही है। उन्होंने कहा कि खेल न केवल शारीरिक रूप से स्वस्थ रखते हैं, बल्कि लोगों में नेतृत्व, अनुशासन और भाईचारे की भावना भी पैदा करते हैं। इस अवसर पर एसोसिएशन के उपाध्यक्ष अजय कंवर शारदिया, महासचिव तेजस्वी शर्मा तथा पदाधिकारी रविन्द्र शर्मा और मनोज बख्शी भी उपस्थित थे।
** एसडीएम संगड़ाह और एसडीएम चौपाल ने जारी की एडवाइजरी... सिरमौर जिले के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल चूड़धार में पूरे साल श्रद्धालुओं का आना-जाना लगा रहता है। लेकिन सर्दियों में भारी हिमपात और ठंड के कारण मंदिर तक पहुंचना जोखिमपूर्ण हो जाता है। इस वजह से हर साल मंदिर के कपाट अप्रैल तक बंद कर दिए जाते हैं। इस साल भी प्रशासन ने 1 दिसंबर से लेकर अप्रैल तक चूड़धार यात्रा पर पूरी तरह रोक लगा दी है। एसडीएम संगड़ाह और एसडीएम चौपाल ने इस संबंध में एक एडवाइजरी जारी की है, जिसमें सभी से यात्रा न करने की अपील की गई है। चूड़धार में इन दिनों सुबह और शाम तेज हवाएं चल रही हैं, जिससे ठंड बढ़ गई है। चूड़धार का अधिकतम तापमान 9 से 12 डिग्री सेल्सियस है, जबकि न्यूनतम तापमान -2 डिग्री सेल्सियस तक गिर चुका है। इसके चलते चूड़धार में पानी की पाइपलाइन भी जम गई है, जिससे पानी की कमी हो गई है। इसलिए प्रशासन ने सलाह दी है कि यात्रा के दौरान भारी हिमपात और ठंड के कारण जोखिम हो सकता है।
चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे पर 53.89 करोड़ रुपये की लागत से बना बगलामुखी रोपवे मंगलवार को जनता को समर्पित किया गया। पंडोह के समीप ब्यास के ऊपर से नेशनल हाईवे और बगलामुखी मंदिर को जोड़ने वाले इस रोपवे का उद्घाटन मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने किया। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री, पूर्व मंत्री काैल सिंह ठाकुर भी मौजूद रहे। 32 महीनों में बनकर तैयार हुआ यह रोपवे पंडोह के कैंची मोड़ से लेकर माता बगलामुखी मंदिर बाखली तक 800 मीटर लंबा है। रोपवे की ट्राॅली में 32 लोग बैठ सकेंगे। रोपवे के उद्घाटन के बाद मुख्यमंत्री ने माता बगलामुखी मंदिर में हाजिरी लगाई। इसके बाद नेचर पार्क बाखली में जनसभा को संबोधित किया। यह देश का पहला नाबार्ड द्वारा वित्त पोषित रोपवे है। पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने इसकी आधारशिला रखी थी। बगलामुखी रोपवे के आसपास के गांव के स्थानीय लोगों के लिए किराया कम रखा गया है। यहां स्थानीय लोग केवल 30 रुपये देकर रोपवे में सफर कर सकेंगे। रोपवे के निर्माण का एक मकसद यह भी था कि स्थानीय लोगों को सुविधा मिले। उनके लिए बसों की आवाजाही उतनी ज्यादा नहीं है और रोड भी ठीक नहीं है। बरसात के दिनों में रोड बह जाता है जिससे लोग वहीं फंसकर रह जाते हैं। ऐसे में सामान लाने और ले जाने में उनको दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में उनके लिए किराया कम रखा गया है, जबकि पर्यटकों के लिए 250 रुपये किराया लगेगा। यह किराया दोनों तरफ का होगा। 10 साल की उम्र तक के बच्चों का 50 फीसदी किराया ही लगेगा। इसके अलावा 5 साल तक की उम्र के बच्चों को निशुल्क सुविधा रहेगी। रोपवे बनने से स्थानीय लोगाें को रोजगार के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष साधन खुलेंगे। एनएच से रोप-वे के जरिये पर्यटक बाखली पहुंचेंगे। यहां प्रकृति के बीच पर्यटक समय गुजार सकते हैं।
कांग्रेस के 2 साल के समारोह को लेकर शिमला में कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई गई, जिसमें सभी विधायकों को समारोह के लिए भीड़ जुटाना के निर्देश दिए गए। खासकर उन विधायकों को ज्यादा भीड़ लाने को कहा गया जो बिलासपुर के नजदीक विधानसभा क्षेत्र के विधायक हैं । समारोह में 30 हजार तक भीड़ एकत्रित करने का लक्ष्य रखा गया है। बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि 2 साल का कार्यकाल पूरा होने पर बिलासपुर में समारोह का आयोजन किया जा रहा है इसको लेकर आज बैठक बुलाई गई थी और विधायकों को जरूरी दिशा निर्देश देने के साथ ही इस समारोह में 25 से 30 हजार तक की भीड़ एकत्रित करने को लक्ष्य रखा गया है। बिलासपुर के नजदीक के विधायकों को ज्यादा लोगो को एकत्रित करने का जिम्मा दिया गया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार ने 2 साल में काफी बड़ी उपलब्धियां हासिल की लेकिन भाजपा की बात करें तो भाजपा ने प्रदेश को 5 सालों में भ्रष्टाचार पेपर ऑन सेल दहेज में दिया। भाजपा के समय पेपर लीक हुए और युवा रोजगार से मेहरून हुए इसके अलावा भ्रष्टाचार वर्तमान सरकार को दहेज में मिला है। भाजपा ने जो 5 साल में कार्य किए हैं उनको जनता के बीच अदालत में ले जाया जाएगा। कांग्रेस सरकार ने एक लाख 36 हजार सरकारी कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन स्कीम दी है। क्या भाजपा सरकारी कर्मचारियों को बोलेंगे कि पेंशन स्कीम देने का हिम्मत रखते हैं नहीं बोल सकते क्योंकि वह देने की हिम्मत नहीं रखते है। इसके अलावा प्यारी बहनों को ₹1500 सुख सम्मान निधि दी है। युवाओं के लिए 600 आशिक रोड के फंड की शुरुआत इंदिरा गांधी सुख शिक्षा योजना के तहत 23000 बच्चों के लिए योजना शुरू करने और विधवा और अनाथ बच्चों के लिए योजना चलाई गई। गाय और भैंस के दूध के दाम बढ़ाए है। इसके अलावा बिलासपुर में गोबर खरीदी की जो गारंटी कांग्रेस सरकार ने दी थी इसकी शुरुआत करने जा रही है।
हिमाचल प्रदेश में आए दिन दर्दनाक सड़क हादसे पेश आ रहे हैं, जिसमें मासूम लोग अपनी जान गंवा रहे हैं। ऐसा ही एक मामला बीती रात शिमला जिले के उपमंडल रामपुर में सामने आया। रामपुर में एक कार हादसे का शिकार हो गई। हादसे के दौरान कार में पति-पत्नी समेत चार लोग सवार थे। दुर्घटना में तीन लोगों की मौत हो गई है, जबकि एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल है। पुलिस की प्रारंभिक जांच में पता चला है कि सभी कार सवार एक ही गांव से संबंध रखते हैं। हादसे में पति-पत्नी और एक व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि कार सवार एक अन्य व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया है, जिसका अस्पताल में इलाज चल रहा है। पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। वहीं, इस दर्दनाक हादसे के बाद मृतकों के गांवों में चीख-पुकार मची हुई है। डीएसपी रामपुर नरेश शर्मा ने बताया कि सोमवार शाम को चारों लोग कार में सवार होकर ननखड़ी से बजेटली गांव की ओर जा रहे थे। इस दौरान शाम करीब 7 बजे भद्राश से करीब 2 किलोमीटर दूर उनकी कार अचानक अनियंत्रित हो गई और 200 मीटर गहरी खाई में जा गिरी, जिसमें कार सवार तीन लोगों की मौत हो गई, जिनमें पति-पत्नी भी शामिल हैं। वहीं कार सवार अन्य व्यक्ति घायल हो गया। सूचना मिलते ही पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। डीएसपी रामपुर ने बताया कि पुलिस की टीम ने मौके पर रात करीब 8 बजे तक दो शवों को खाई से बरामद कर लिया, लेकिन अंधेरा होने के कारण तीसरा शव खाई से निकालने में पुलिस को कड़ी मशक्कत का सामना करना पड़ा, जिसके चलते पुलिस की टीम ने रात करीब 11 बजे तक तीसरे शव को खाई से बाहर निकाला। मृतकों की पहचान मिंटू चौहान (उम्र 27 साल), शीतल पत्नी मिंटू चौहान और आलोक शर्मा (उम्र 24 साल) के तौर पर हुई है, जबकि घायल की पहचान अरुण चौहान (उम्र 23 साल) के रूप में हुई है। ये सभी ननखड़ी के रहने वाले हैं। डीएसपी रामपुर नरेश शर्मा ने बताया, सड़क हादसे में कार 200 मीटर गहरी खाई में गिर गई, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई है। शवों का आज खनेरी अस्पताल में पोस्टमार्टम के करवाया जाएगा। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिए जाएंगे। घायल व्यक्ति को सिविल अस्पताल खनेरी में भर्ती करवाया गया है, जहां उसका इलाज चल रहा है। हादसे के कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है। पुलिस द्वारा आगामी कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
हिमाचल के राशन कार्ड उपभोक्ताओं को अब डिपुओं से मिलने वाली चना दाल महंगी मिलेगी। सरकार की ओर से चना दाल को लेकर नए रेट जारी कर दिए हैं। नए मूल्यों में एपीएल उपभोक्ताओं को चना दाल के लिए 17 रुपये, बीपीएल राशन कार्ड उपभोक्ताओं को 27 और टैक्स देने वाले राशन कार्ड उपभोक्ताओं को 19 रुपये अतिरिक्त चुकाने होंगे। तेल के टेंडर की फाइल सरकार के पास फंसी है। इसी सप्ताह डिपुओं में करीब दो माह के बाद दाल की सप्लाई शुरू हुई है। जबकि उड़द की दाल के लिए सप्लाई ऑर्डर जारी किया गया है। हाल ही में चना दाल को लेकर दाम तय हुए हैं। इनमें एपीएल और बीपीएल उपभोक्ताओं को 65 और टैक्स देने वाले राशन कार्ड उपभोक्ताओं को 69 रुपये किलोग्राम के दाम चुकाने होंगे। इससे पहले यह दाम क्रमश: 48, 38 और 56 रुपये थे। नए दाम तय होने के बाद बीपीएल उपभोक्ताओं को एक किलोग्राम चना दाल के 27 रुपये अधिक चुकाने होंगे, जबकि एपीएल उपभोक्ताओं को 17 और टैक्सपेयर उपभोक्ताओं को 13 रुपये अधिक चुकाने होंगे। प्रदेश सरकार की ओर से उचित मूल्य ही सहकारी दुकानों के जरिये राशन कार्ड उपभोक्ताओं को सस्ता राशन उपलब्ध करवाने के दावे किए जाते हैं, लेकिन सरकार की ओर से हर बार दालों के दामों में बदलाव किया जा रहा है। नए दामों के साथ राशन कार्ड उपभोक्ताओं को चना दाल उपलब्ध करवाई जाएगी। डिपो में जल्द ही उपभोक्ताओं को उड़द भी उपलब्ध होगी।
हिमाचल प्रदेश के पांच जिलों के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बारिश-बर्फबारी का पूर्वानुमान है। माैसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार राज्य के लाहाैल-स्पीति, चंबा, किन्नाैर, कांगड़ा व कुल्लू जिले के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में आज व कल हल्की बारिश-बर्फबारी की संभावना है। प्रदेश के अन्य जिलों में आगामी सात दिनों तक माैसम साफ रहने के आसार हैं। 4 दिसंबर से सभी भागों में माैसम साफ रहने की संभावना है। उधर, मनाली-लेह नेशनल हाईवे-03 पर दारचा-सरचू के बीच हुई ताजा बर्फबारी और सड़क पर ब्लैक आइस जमने के कारण इस मार्ग को यातायात के लिए बंद कर दिया गया है। लाहौल को स्पीति से जोड़ने वाली कोकसर-लोसर सड़क को भी यातायात के लिए बंद कर दिया गया है। हालांकि, दारचा-शिंकुला सड़क में वाहनों की आवाजाही का समय दोनों ओर से सुबह 10:00 बजे से दोपहर बाद 1:00 बजे के बीच निर्धारित किया गया है। इस दौरान सभी वाहन चालकों को दारचा में पुलिस चेक पोस्ट में अपना नाम और पता दर्ज करना होगा, जिससे आपात स्थिति में पुलिस टीम उनकी सुरक्षा के लिए समय पर मदद को पहुंच सके।
** 300 इलेक्ट्रक बसें भी जल्द दाैड़ेंगी सड़कों पर हिमाचल पथ परिवहन निगम को 250 डीजल बसों को खरीदने की मंजूरी मिल गई है। यह जानकारी सोमवार को उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने अंतरराज्यीय ढली बस अड्डा के उद्घाटन के बाद दी। उन्होंने कहा कि यह बसें 36-37 सीटर होंगी। अगले एक से डेढ़ महीने में एचआरटीसी को मिल जाएंगी। मुकेश ने कहा कि 300 इलेक्ट्रिक बसों के लिए भी पैसा प्राप्त हो गया है। जल्द हिमाचल की सड़कों पर इलेक्ट्रिक बसें दाैड़नी शुरू हो जाएंगी। 100 टेंपो ट्रैवलर भी खरीदे जा रहे हैं। कहा कि इलेक्ट्रिक स्टेशन व वर्कशाॅप के लिए 100 करोड़ से अधिक राशि प्राप्त हुई है। एचआरटीसी कर्मियों व पेंशनरों को हर महीने समय पर वेतन-पेंशन दी जा रही है।
हिमाचल प्रदेश की पारम्परिक संस्कृति और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के मकसद से शिमला के रिज मैदान पर 10 दिवसीय हिम ईरा सरस मेले और फूड फेस्टिवल का आगाज हो गया है। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत रिज मैदान शिमला और इंदिरा गांधी खेल परिसर में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा प्रदेश के पारंपरिक व्यंजनों और उत्पादों के स्टॉल लगाए गए। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने मेले का शुभारंभ किया। इस मौके पर अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि महिलाओं के सशक्तिकरण और उन्हें स्वरोजगार से जोड़ने के मकसद से 10 दिवसीय हिम ईरा सरस मेले और फूड फेस्टिवल का आयोजन किया जा रहा है ताकि महिलाएं आत्मनिर्भर बन सकें। मेले में ग्रामीण क्षेत्रों के उत्पाद और हिमाचली व्यंजनों को शामिल किया गया है जिससे पर्यटकों को हिमाचली संस्कृति की भी जानकारी मिलती है। मेले में भाग ले रही स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने बताया कि सरकार द्वारा उनको मंच प्रदान किया गया है जिससे उनको आमदनी हो रही है। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का सरकार अवसर प्रदान कर रही है। 10 दिनों तक चलने वाले हिम ईरा सरस मेले और फूड फेस्टिवल में कुल 105 स्टॉल लगाए गए हैं, जिसमें से 14 स्टॉल दूसरे राज्यों के उत्पादों और 21 स्टॉल हिमाचली व्यंजनों के हैं। मेले में व्यंजनों के अलावा हिमाचली हैंडलूम, हैंडीक्राफ्ट व अन्य उत्पाद शामिल हैं।
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि सभी सरकारी विभागों में वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (एसीआर) भरने का तरीका बदला जाएगा। अब काम के आधार पर ग्रेडिंग होगी। एसीआर दर्ज करने के लिए न्यूमेरिकल आधारित प्रणाली अपनाई जाएगी। अब गुड और वैरी गुड नहीं, अंकों के आधार पर आंका जाएगा। इसके लिए ऑनलाइन प्रणाली विकसित की जा रही है। शनिवार देर शाम को शिमला के पीटरहॉफ में प्रदेश के सभी कॉलेजों के प्रिंसिपलों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए सीएम ने आश्वासन दिया कि संस्कृत महाविद्यालयों में स्नातकोत्तर कक्षाएं जल्द आरंभ करेंगे। जिला मुख्यालय स्थित महाविद्यालयों को और सशक्त करेंगे, जबकि दूरदराज के क्षेत्रों के महाविद्यालयों को आवश्यकतानुसार हर सहायता देंगे। सीएम ने कहा कि हिमाचल देश का पहला राज्य है जो विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं की रैंकिंग कर रहा है। इससे शैक्षणिक संस्थाओं का आत्मनिरीक्षण व अंकेक्षण सुनिश्चित होगा। जिन शैक्षणिक संस्थाओं की बेहतर रैंकिंग होगी, उनके लिए परफार्मेंस बेस्ड ग्रांट देंगे। सीएम ने कहा कि कॉलेजों के प्रिंसिपलों की वित्तीय और प्रशासनिक शक्तियां बढ़ाएंगे। शिक्षा विभाग में डिसेंट्रलाइजेशन ऑफ पावर किया जाएगा, इससे सुशासन और कार्यों की समयबद्धता सुनिश्चित होगी। प्रिंसिपलों को जरूरतमंद छात्रों को आवश्यक वित्तीय सहायता देने के लिए वित्तीय शक्तियां दी जाएंगी। सभी विधानसभा क्षेत्रों में एकीकृत खेल परिसर विकसित करेंगे। उन कॉलेजों में बीएड पाठ्यक्रम शुरू करेंगे, जहां पर्याप्त आधारभूत ढांचा है। सरकार अगले वित्त वर्ष से शिक्षा क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलाव ला रही है। शिक्षा के साथ-साथ स्वास्थ्य शिक्षा में भी गुणात्मक बदलाव ला रहे हैं और नवीनतम चिकित्सा प्रौद्योगिकी को प्रोत्साहित करने के लिए नवोन्मेषी कदम उठाए हैं। इस वर्ष इस क्षेत्र के लिए 500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। मुख्यमंत्री ने राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल, डॉ. वाईएस परमार विद्यार्थी ऋण योजना, राष्ट्रीय शिक्षा नीति सहित विभिन्न विषयों पर चर्चा और प्रधानाचार्यों के साथ संवाद किया। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि सरकार आधारभूत संरचना को सुदृढ़ करने के साथ-साथ रिक्त पद भरने पर विशेष अधिमान दे रही है। दो वर्ष में शिक्षा विभाग में अध्यापकों के लगभग 15,000 पद सृजित किए हैं , जिन्हें चरणवद्ध भरा जा रहा है। ऐसा पहली बार हुआ कि कैबिनेट की एक बैठक में शिक्षकों के 5,800 पद भरने की स्वीकृति प्रदान की गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा के बाद अब स्वास्थ्य क्षेत्र में भी बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। हिमाचल के मेडिकल कॉलेजों में रोबोटिक सर्जरी और एमआरआई मशीनें स्थापित की जाएंगी। आपातकालीन व अन्य विभागों में डाॅक्टर 24 घंटे नहीं, बल्कि आठ घंटे ही ड्यूटी देंगे। सीएम ने यंह जानकारी 37वें विश्व एड्स दिवस पर पीटरहॉफ में हुए सही राह पर चलें विषय पर आधारित कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए दी। सीएम ने एचआईवी जागरूकता और स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए कार बिन पहल की शुरुआत की। पहले चरण में 4,000 टैक्सियों को कार बिन निःशुल्क उपलब्ध करवाए जाएंगे। इसके बाद चरणबद्ध तरीके से राज्य में 30,000 टैक्सियों को कवर करने की योजना है। इन कार बिन में गाड़ी के अंदर पड़े रहने वाला कूड़ा-कचरा डाला जाएगा, ताकि कूड़ा सड़क पर न फेंकें। सीएम ने भी अपनी गाड़ी में कार बिन लगाकर इसकी पहल की। मुख्यमंत्री ने एचआईवी की रोकथाम के लिए गेट अवेयर, गेट टेस्टिड व गेट विक्ट्री ओवर एचआईवी 3-जी फार्मूला दिया। उन्होंने युवाओं से इस सिद्धांत को अपनाने और जागरूकता बढ़ाने में भूमिका निभाने का आग्रह किया।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज यहां कांगड़ा के वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं से जिला की विकासात्मक परियोजनाओं पर विस्तार से चर्चा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार कांगड़ा जिला के विकास को प्राथमिकता दे रही है और पिछले दो वर्ष में जिला का विकास सुनिश्चित करने के लिए अनेक योजनाएं आरंभ की गई हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने कांगड़ा जिला को पर्यटन राजधानी का दर्जा दिया है और क्षेत्र को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए भी महत्वाकांक्षी पहल की गई हैं। जिला में धार्मिक पर्यटन के साथ-साथ साहसिक पर्यटन को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार कांगड़ा एयरपोर्ट के विस्तार के लिए प्रयासरत है ताकि यहा पर बड़े हवाई जहाज उतर सकें। उन्होंने कहा कि प्रभावित परिवारों को राज्य सरकार उचित मुआवजा देगी और उनकी हरसंभव मदद की जाएगी। उन्होंने कहा कि हवाई अड्डे का विस्तार कांगड़ा जिला के विकास के लिए मील पत्थर सिद्ध होगा। इसके अतिरिक्त देहरा में 650 करोड़ रुपये की लागत से अंतर्राष्ट्रीय स्तर का चिड़ियाघर तैयार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पौंग बांध में भी बिलासपुर की तर्ज पर जल क्रीड़ा गतिविधियां आरंभ करने के लिए प्रयास कर रही है। जल क्रीड़ा गतिविधियां शुरू होने से क्षेत्र के युवाओं को रोजगार व स्वरोजगार के अवसर प्राप्त होंगे और स्थानीय लोगों की आर्थिकी में सुधार आएगा। इसके साथ-साथ जिला के अन्य स्थानों पर भी पर्यटन की संभावनाएं तलाश की जा रही हैं। पालमपुर और धर्मशाला के साथ-साथ जिला कांगड़ा के अन्य स्थानों पर भी पर्यटन को बढ़ावा देने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि विधानसभा के शीतकालीन सत्र के बाद वह जनवरी माह में जिला कांगड़ा के प्रवास पर रहेंगे। ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार मटौर-शिमला नेशनल हाईवे के निर्माण को भी गति प्रदान कर रही है। उन्होंने कहा कि ढगवार में 1.50 लाख लीटर क्षमता का मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट स्थापित किया जा रहा है, जिसका जल्द ही शिलान्यास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार स्वास्थ्य एवं शिक्षा के क्षेत्र पर विशेष ध्यान दे रही है और डॉ. राजेन्द्र प्रसाद चिकित्सा महाविद्यालय टांडा में स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने पिछले दो वर्षों में अनेक जन कल्याणकारी योजनाएं आरंभ की हैं और सभी जन प्रतिनिधियों को इन योजनाओं की जानकारी गांव-गांव तक पहुंचाने के प्रयास करने चाहिए। ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने 11 दिसंबर को प्रदेश सरकार के दो वर्ष का कार्यकाल पूर्ण होने के उपलक्ष्य पर बिलासपुर में आयोजित होने वाले कार्यक्रम पर भी चर्चा की। इस अवसर पर कृषि मंत्री प्रो. चंद्र कुमार, आयुष मंत्री यादवेंद्र गोमा, राज्य योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष भवानी सिंह पठानिया, उपाध्यक्ष हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास बोर्ड रघुवीर सिंह बाली, उप-मुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया, विधायक किशोरी लाल, संजय रतन, आशीष बुटेल, मलेंद्र राजन, कमलेश ठाकुर, हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी ग्रामीण एवं कृषि विकास बैंक के अध्यक्ष संजय सिंह चौहान, पूर्व विधायक अजय महाजन, सुरेंद्र काकू, कांग्रेस नेता सुरेंद्र मनकोटिया तथा देवेंद्र जग्गी उपस्थित रहे। सभी जन प्रतिनिधियों ने अपने-अपने क्षेत्र से संबंधित परियोजनाओं के संबंध में मुख्यमंत्री से चर्चा की। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में सभी कांग्रेस जनप्रतिनिधियों को पूरा सम्मान मिल रहा है और मुख्यमंत्री के सशक्त नेतृत्व में जिला कांगड़ा में कांग्रेस पार्टी को मजबूती मिल रही है।
** हिमाचली व्यंजनों और पारंपरिक संस्कृति की मिलेगी झलक ** पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने किया शुभारम्भ हिमाचल प्रदेश की पारम्परिक संस्कृति और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के मक़सद से शिमला के रिज मैदान पर 10 दिवसीय हिम ईरा सरस मेले और फूड फेस्टिवल का आगाज़ हो गया है। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत रिज मैदान शिमला और इंदिरा गांधी खेल परिसर में स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं द्वारा प्रदेश के पारंपरिक व्यंजनों और उत्पादों के स्टॉल लगाएं गए हैं जिसका आज ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने विधिवत शुभारम्भ किया। इस मौके पर अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि महिलाओं के सशक्तिकरण और उन्हें स्वरोजगार से जोड़ने के मक़सद से दस दिवसीय हिम ईरा सरस मेले और फूड फेस्टिवल का आयोजन किया जा रहा है ताकि महिलाएं अपनी पैरों पर खड़ी हो सकी। मेले में ग्रामीण क्षेत्रों के उत्पाद और हिमाचली व्यंजनों को शामिल किया है जिससे पर्यटकों को हिमाचली संस्कृति की भी जानकारी मिलती है।
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुक्खू दिल्ली से वापस लौट आए हैं। शिमला में मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार पर भेदभाव करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार हिमाचल प्रदेश सरकार के साथ भेदभाव कर रही है। जहां-जहां गैर भाजपा की सरकारें हैं, वहां उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है।मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में जब आपदा आई, तो राज्य सरकार ने नियमों के मुताबिक पीडीएनए (Post-Disaster Needs Assessment) का 10 हजार करोड़ रुपए मांगा। इसके साथ ही लंबे वक्त से एनपीए का नौ हजार करोड़ रुपए भी मांगा जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह हिमाचल प्रदेश का हक है, जो हिमाचल को नहीं मिल रहा है। आने वाले समय में केंद्रीय मंत्रियों से मिलूंगा और कहूंगा कि हिमाचल छोटा राज्य है तो इसका भी ध्यान रखिए। उन्होंने कहा कि 20 दिसंबर को जैसलमेर में पूरे देश के वित्त मंत्रियों की एक बैठक होने वाली है। जिसमें हिमाचल के वित्त मंत्री के तौर पर हिस्सा ले रहा हूं। वह प्रदेश के हितों की पैरवी कर रहे हैं और हिमाचल प्रदेश के अधिकारों को लेकर रहेंगे। सीएम सुक्खू ने कहा कि 11 दिसंबर 2024 को हिमाचल में कांग्रेस सरकार दो साल का कार्यकाल पूरा करने जा रही है। उन्होंने कहा कि इस दौरान एक कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। ये कोई जश्न नहीं है, बल्कि एक कार्यक्रम है। जश्न शब्द का इस्तेमाल तो सिर्फ राजनीतिक दृष्टि से ही किया जाता है। कार्यक्रम में सभी पार्टी के पदाधिकारी शामिल होंगे। बता दें कि हाल ही में एचआरटीसी की बस में राहुल गांधी और विपक्ष के अन्य नेताओं के खिलाफ डिबेट सुनने के मामले ने भी तूल पकड़ा था, जिसपर मुख्यमंत्री सुक्खू से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि वे नहीं जानते किस तरह की बातें क्यों सामने आ रही हैं, साथ ही उन्होंने पूर्व कांग्रेस नेता रहे आचार्य प्रमोद कृष्णम के बयान पर प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया, जिसमें आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा था कि हिमाचल प्रदेश में आपातकाल जैसे हालात हैं।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिमला जिला के रोहड़ू विधानसभा क्षेत्र को 100.95 करोड़ रुपए की सौगात दी। उन्होंने 29.22 करोड़ की लागत से निर्मित अत्याधुनिक सीए स्टोर का लोकार्पण किया, जिसकी क्षमता 700 मीट्रिक टन से बढक़र अब 2031 मीट्रिक टन हो गई है। इसके सीए स्टोर से क्षेत्र के सेब बागबानों को बहुत लाभ मिलेगा। यह सीए स्टोर अल्ट्रा मॉर्डन ग्रेडिंग की सुविधा से भी लैस है, जिसकी क्षमता पांच मीट्रिक टन प्रति घंटा है। इस स्टोर में 20.93 करोड़ रुपए की लागत से अत्याधुनिक मशीनें स्थापित की गई हैं। मुख्यमंत्री ने 2.79 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित राजकीय आयुर्वेदिक अस्पताल, 3.92 करोड़ रुपए की लागत से नवनिर्मित चुंजर-कटलाह, शलान, मेलठी-कुपरी जल आपूर्ति योजना तथा 5.03 करोड़ रुपए की लागत से रोहड़ू ग्रामीण क्षेत्र के लिए पेयजल योजना का लोकार्पण भी किया, जिससे क्षेत्र में पेयजल की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकेगी। विधायक मोहन लाल ब्राक्टा ने रोहड़ू विधानसभा क्षेत्र के लिए विभिन्न विकासात्मक परियोजनाओं के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। विद्यार्थियों ने इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया। इस अवसर पर जिला परिषद शिमला के उपाध्यक्ष सुरेंद्र रेटका, विभिन्न पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधि, एचपीएमसी के एमडी सुदेश मोख्टा, उपायुक्त अनुपम कश्यप सहित अन्य लोग उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री ने क्षेत्र के लिए 51.74 करोड़ रुपए की विभिन्न सडक़ परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी, जिनमें पोढर-मनदियोड़ी-करासा सडक़, सीमा रंतारी सडक़, समोली-पारसा सडक़, रोहड़ू-अरहल-बशला सडक़ और मेहांडली गनासीधार सडक़ के सुदृढ़ीकरण का कार्य शामिल है। उन्होंने 8.25 करोड़ रुपए की लागत से सीमा कालेज रोहड़ू में बनने वाले छात्रावास का नींव पत्थर भी रखा।
हिमाचल प्रदेश के ग्रीष्म और शीतकालीन स्कूलों में शैक्षणिक सत्र 2025-26 में 30 छुट्टियां फिक्स रहेंगी। 22 छुट्टियां मौसम के हिसाब से जिला उपायुक्त तय करेंगे। अधिक गर्मी, सर्दी और बरसात पड़ने पर इन 22 छुट्टियों को दिया जाएगा। सरकारी स्कूलों की 52 वार्षिक छुट्टियाें का कैलेंडर बनाने में जुटे शिक्षा विभाग ने यह प्रस्ताव तैयार कर दिया है। इस साल छुट्टियों का पुराना शेड्यूल ही जारी रहेगा। बीते पांच साल के दौरान प्राकृतिक कारणों के चलते कब-कब किस-किस क्षेत्र के स्कूल में छुट्टियां देनी पड़ीं, अब इसका रिकॉर्ड भी खंगाला जा रहा है। जनवरी और फरवरी 2025 में एसएमसी, विद्यार्थियों, शिक्षकों, अभिभावकों और आम जनता से भी इसके बारे में सुझाव मांगे जाएंगे। सुझावों पर विचार करने के बाद 2025-26 की छुट्टियों का शेड्यूल तैयार किया जाएगा। शिक्षा सचिव राकेश कंवर ने बताया कि प्रदेश की भौगोलिक स्थिति भिन्न है। ऊना, बिलासपुर जैसे जिलों में जहां गर्मियां बहुत अधिक होती हैं, वहीं लाहौल-स्पीति, किन्नौर व चंबा में बर्फबारी अधिक रहती है। शिमला, कांगड़ा, मंडी, सोलन में बरसात अधिक होती है। अभी ग्रीष्म व शीतकालीन स्कूलों में छुट्टियों का एक तय प्रारूप है। कई बार देखा गया है कि बरसात की छुटि्टयां समाप्त होने के बाद बारिश की तीव्रता अधिक रहती है। ऐसे में स्कूलों में छुट्टियां करनी पड़ती हैं। कई जिलों में लू चलने पर स्कूल बंद करने पड़ते हैं। इन कारणों के चलते स्कूलों में निर्धारित 52 छुट्टियाें से ज्यादा अवकाश हो जाते हैं। शिक्षा सचिव ने कहा कि इसे ठीक करने के लिए अब 30 छुट्टियां स्कूलों में फिक्स रहेंगी। ये छुट्टियां त्योहारी सीजन और परीक्षा समाप्त होने के बाद मिलेंगी। शेष 22 पर जिला प्रशासन मौसम की स्थिति को देखते हुए देने का फैसला करेंगे। इस प्रस्ताव को लेकर सभी हितधारकों से चर्चा की जाएगी। अगर कोई और अच्छा विकल्प मिलेगा तो उस पर भी विचार किया जाएगा।
सुक्खू ने रोहड़ू के राजकीय महाविद्यालय सीमा का नाम पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के नाम पर रखने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि अगले वर्ष से इस कॉलेज में बीएड कोर्स भी शुरू किया जाएगा। उन्होंने छात्रावास के निर्माण को वित्तीय सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया। सीएम काॅलेज के वार्षिक समारोह में पहुंचे थे। उन्होंने रोहड़ू में 100 करोड़ की विभिन्न योजनाओं के उद्घाटन और शिलान्यास किए। 29.22 करोड़ से बने एचपीएमसी के सीए स्टोर का लोकार्पण किया। सीएम ने कहा कि पूर्व जयराम सरकार ने शिक्षा के स्तर को नीचे गिरा दिया है। चुनावी लाभ के लिए बिना बजट 900 शिक्षण व स्वास्थ्य संस्थान खोल दिए। सरकार जनहित में कड़े निर्णय ले रही है, जिसके आने वाले समय में सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजनीति की राह कांटों भरी होती है।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि प्रदेश के कॉलेजों में पीरियड आधार पर शिक्षक रखे जाएंगे। किसी कॉलेज में कोई शिक्षक छुट्टी पर जाता है तो इनके माध्यम से पढ़ाई जारी रखने में मदद मिलेगी। सीएम ने कहा कि उच्च शिक्षा प्राप्त युवाओं का कॉलेज स्तर पर डाटा एकत्र होगा। आवश्यकता पड़ने पर कॉलेज प्रिंसिपल इनसे संपर्क कर इनकी पीरियड के आधार पर सेवाएं ले सकेंगे। शिक्षा विभाग जल्द इस संदर्भ में दिशा-निर्देश जारी करेगा। सीएम उच्च शिक्षा के समक्ष चुनौतियां विषय पर शिमला में आयोजित बैठक को संबोधित कर रहे थे। सीएम ने कहा कि नए शैक्षणिक सत्र से स्कूलों में पढ़ाई के तरीकों में किए बदलाव के सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे। स्कूलों के बाद अब कॉलेजों में बदलाव के लिए रूपरेखा बनाई जा रही है। नए सत्र से कई कॉलेजों में बीएड भी शुरू की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि कॉलेजों के पुस्तकालयों की रैंकिंग वहां पढ़ने वाले विद्यार्थियों की संख्या के हिसाब से तय की है। कॉलेज में खेलकूद सहित अन्य गतिविधियों पर भी फोकस किया जा रहा है। शिमला के डिग्री और संस्कृत कॉलेजों के प्रिंसिपलों समेत शिक्षा विभाग के अधिकारियों से सीएम ने कहा कि गुणात्मक शिक्षा पर सरकार जोर दे रही है। शिक्षण संस्थानों में पढ़ाई का माहौल निरंतर बनाए रखने के लिए ही शिक्षकों के साल भर होने वाले तबादलों पर रोक लगाई गई है।
शिमला के रिज मैदान वैसे तो वाहनों के लिए प्रतिबंधित क्षेत्र है। यहां पर कोई भी शख्स अपने वाहन से नहीं आ सकता। यहां केवल एंबुलेंस, अग्निशमन, पानी के टैंकर, राज्यपाल और मुख्यमंत्री के काफिले को ही आने की अनुमति है लेकिन इन दिनों रिज मैदान से गुजरते हुए दो ट्रकों का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वहीं, एक भारी भरकम क्रेन भी रिज मैदान पर नजर आ रही है। इसको लेकर शिमला नगर निगम के पूर्व डिप्टी मेयर संजीव गांधी ने एसपी संजीव गांधी को पत्र लिखकर कर शिकायत की है। टिकेंद्र पंवर ने एसपी को लिखा "एक भारी भरकम क्रेन रिज पर आती है और लोहे के बड़े-बड़े पिलरों को उठाती है। ऐसे में रिज को खतरा हो सकता है। यही नहीं शाम को दो ट्रक रिज पर क्राइस्ट चर्च की तरफ से आते हुए दिखाई दे रहे हैं। इन्हें रिज मैदान पर आने की अनुमति किसने दी कृपया इसकी जांच की जाए। हैरानी की बात यह है कि शिमला पुलिस को भी यह पता नहीं था कि इन ट्रकों को रिज मैदान पर आने की अनुमति किसने दी। एएसपी शिमला नवदीप सिंह ने बताया "यह दोनों ट्रक सरस मेले की तैयारियों का सामान लेकर आए थे, इन्हें रिज मैदान पर आने की अनुमति किसने दी इसकी जांच की जा रही है। रिज मैदान के नीचे ब्रिटिश काल में एक टैंक बना था। आज भी शिमला शहर को उसी टैंक से पानी की सप्लाई की जाती है। ऐसे में टैंक के ऊपर भारी वाहनों के चलने पर भी रोक है। भारी वाहनों से टैंक को खतरा हो सकता है इसलिए सुरक्षा की दृष्टि से भी सवाल उठाए जा रहे हैं।
लगातार दो महीने से बारिश न होने और सूखे जैसी हालात के बीच हिमाचल प्रदेश की पेयजल योजनाओं में 20 फीसदी तक पानी घट गया है। इससे राज्य के कई इलाकों में पेयजल सप्लाई भी प्रभावित होने लगी हैं। आगे भी अगर यही हालात रहे तो इससे न केवल सर्दियों में पेयजल की कमी सकती है, बल्कि अगले वर्ष की गर्मियों तक इसका असर नजर आ सकता है। राज्य में कुल जलापूर्ति योजनाओं की संख्या 10,067 है, जबकि 41,835 हैंडपंप हैं। इनमें पानी का स्तर प्रभावित होने लगा है। बरसात के बाद से सूखे जैसी स्थिति बन चुकी है। इसके बाद जलापूर्ति योजनाओं की स्टेटस रिपोर्ट लेने के लिए राज्य सरकार के जल शक्ति विभाग ने ब्योरा मांगा। उसके बाद फील्ड से आई प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार कई योजनाओं में 20 प्रतिशत तक पानी की कमी दर्ज की गई है। जलशक्ति विभाग की प्रमुख अभियंता अंजु शर्मा ने कहा कि बारिश न होने से कई जगहों पर जलापूर्ति योजनाओं के स्रोतों में पानी की 5 फीसदी ताे कहीं 10 और कुछ जगह 20 फीसदी कमी भी दर्ज की गई है, मगर अभी कहीं से भी ऐसी रिपोर्ट नहीं आई है कि पेयजल की बड़ी किल्लत हुई हो। सोमवार को फील्ड से इस संबंध में ताजा रिपोर्ट ली जाएगी। चंबा जिले में मौसम की मार से प्राकृतिक जलस्रोतों, नदी-नालों और खड्डों में 20 से 30 फीसदी पानी की कमी दर्ज की गई है। वहीं, कांगड़ा, हमीरपुर और मंडी जिले की कुछ पेयजल योजनाओं में भी जलस्तर में कमी दर्ज की गई है। जलस्तर में कमी आने से जलशक्ति विभाग की चिंताएं भी बढ़ गई है। विभाग का कहना है कि अगर बारिश, बर्फबारी न हुई तो कुछ स्थानों पर पानी की किल्लत गहरा सकती है। जलशक्ति विभाग उपभोक्ताओं से अभी से पेयजल की बचत करने की अपील भी कर रहा है।
हिमाचल प्रदेश के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में माैसम ने करवट बदली है। रोहतांग के साथ कुल्लू व लाहौल की ऊंची चोटियों पर रुक-रुककर बर्फबारी का दाैर शुरू हो गया है। पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता से माैसम में यह बदलाव आया है। जिला कुल्लू में सुबह से आसमान में बादल छाए हुए हैं और ठंड भी पहले के मुकाबले अधिक हो गई है। तापमान में आई गिरावट से रोहतांग के साथ ऊंची चोटियों में बर्फ के फाहे गिर रहे हैं। किसान-बागवान बारिश व पर्यटन कारोबारी लंबे समय से बारिश-बर्फबारी का इंतजार कर रहे हैं। कुल्लू सहित अन्य जिलों में तीन माह से सूखा पड़ा है।माैसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार चंबा, कुल्लू, लाहाैल-स्पीति, कांगड़ा और किन्नाैर के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में आज से 3 दिसंबर तक बारिश व बर्फबारी का पूर्वानुमान है। अन्य जिलों में आगामी सात दिनों तक माैसम साफ रहने के आसार हैं। 4 दिसंबर से सभी जिलों में माैसम साफ रहने की संभावना है। वहीं शनिवार सुबह मंडी में हल्का कोहरा दर्ज किया गया। शिमला में न्यूनतम तापमान 8.2, सुंदरनगर 4.9, भुंतर 3.2, कल्पा 0.4, धर्मशाला 8.8, ऊना 4.5, नाहन 11.1, पालमपुर 6.0, सोलन 4.5, मनाली 2.5, कांगड़ा 6.2, मंडी 5.6, बिलासपुर 6.3, चंबा 6.8, जुब्बड़हट्टी 8.3, कुकुमसेरी -5.4, भरमाैर 6.0 , सेऊबाग 2.5, धाैलाकुआं 8.1, बरठीं 4.2, समदो -2.2, सराहन 7.1, ताबो -9.4 व देहरा गोपीपुर में 9.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है।
हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस का मजबूत संगठन बनाने के लिए हाईकमान ने मुख्यमंत्री सुक्खू और प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह के साथ शुक्रवार को विस्तार से चर्चा कर कई टिप्स दिए। दिल्ली में कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक के बाद मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष ने कई वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की। इस दौरान हाईकमान ने सरकार और संगठन में बेहतर तालमेल बनाकर चलने का दोनों नेताओं को पाठ पढ़ाया। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की अध्यक्षता में हुई बैठक में लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी, पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, महासचिव प्रियंका गांधी, प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ल सहित कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। पार्टी सूत्रों ने बताया कि कमेटी की बैठक के बाद मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष ने केसी वेणुगोपाल और राजीव शुक्ल के साथ अलग से बैठक की। वेणुगोपाल और शुक्ल को मुख्यमंत्री ने सरकार की गतिविधियों से अवगत कराया। मुख्यमंत्री ने भाजपा की ओर से सरकार के खिलाफ किए जा रहे दुष्प्रचार से भी अवगत कराया। उन्होंने सरकार का दो वर्ष का कार्यकाल पूरा होने पर 11 दिसंबर को बिलासपुर में होने वाले समारोह में आने के लिए कई वरिष्ठ नेताओं को न्योता भी दिया। उधर, प्रतिभा सिंह ने संगठन की नई कार्यकारिणी गठित करने की प्रक्रिया की जानकारी दी। सह प्रभारी विदित चौधरी और चेतन चौहान ने तीन दिनों तक प्रदेश पार्टी मुख्यालय राजीव भवन में कई वरिष्ठ नेताओं सहित फ्रंटल संगठन के प्रतिनिधियों से बैठक की है। जिला और ब्लॉक स्तर पर कार्यकारिणी गठित करने के लिए पर्यवेक्षकों ने भी काम संभाल लिया है। केसी वेणुगोपाल ने पार्टी के प्रति समर्पित कार्यकर्ताओं को संगठन में स्थान देने को कहा। राजीव शुक्ल ने युवाओं और महिलाओं को भी उचित प्रतिनिधित्व देने को कहा। आज मुख्यमंत्री दिल्ली से सीधे रोहड़ू जाएंगे। रोहड़ू में कई शिलान्यास और उद्घाटन करेंगे। दोपहर बाद राजधानी शिमला लौटकर राज्य अतिथि गृह पीटरहॉफ शिमला में उच्च शिक्षा के समक्ष चुनौतियों को लेकर आयोजित कॉलेज प्रिंसिपलों की बैठक में जाएंगे
हिमाचल के युवाओं को नशे से बचाने के लिए प्रदेश सरकार ने तस्करों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के संकेत दिए हैं। मुख्यमंत्री सुक्खू ने सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए हैं कि प्रदेश में चिट्टा, सिंथेटिक नशा और अन्य नशीले पदार्थों की तस्करी करने वाले तस्करों को जेल की सलाखों के पीछे डालने की सख्त जरूरत है। उन्होंने बाहरी राज्यों के साथ लगती हिमाचल की सीमाओं और चोर रास्तों पर नाके लगाने के निर्देश दिए गए हैं, जिससे बाहरी राज्यों से हिमाचल में चिट्टा न पहुंच सके। साथ ही युवाओं पर कड़ी नजर रखें। प्रदेश सरकार ने हिमाचल के साथ लगते राज्यों के पुलिस महानिदेशकों से भी लगातार संपर्क बनाए रखने को कहा है। संयुक्त अभियान से नशा माफिया पर कड़ी कार्रवाई की जा सकती है। नशा तस्करों को पकड़ने के लिए जिलों की पुलिस के साथ सीआईडी के सक्षम अधिकारियों व कर्मचारियों को शामिल किया जाएगा। मुख्यमंत्री सुक्खू ने गृह विभाग और पुलिस महकमे से चिट्टा तस्करों पर कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है। पुलिस को चिट्टा और अन्य तरह के नशे की तस्करी करने वाले लोगों के ठिकानों पर नजर रखने को कहा है। पुलिस मुख्यालय में हर सप्ताह पुलिस अधिकारियों की बैठक होती है। इसमें नशाखोरी के कई चौंकाने वाली जानकारियां सामने आई हैं। इसमें यह खुलासा हुआ है कि हिमाचल प्रदेश के शिक्षण संस्थानों में भी नशा तस्करों ने सेंधमारी कर रखी है। प्रदेश के शिक्षण संस्थानों में पढ़ रहे विद्यार्थियों को नशा तस्कर निशाने पर लिए हुए हैं। यह भी बात सामने आ रही है कि हिमाचल प्रदेश में जो कई नशा निवारण केंद्र निजी तौर पर चल रहे हैं, उनके इर्द-गिर्द भी नशा तस्कर सक्रिय हैं।
हिमाचल प्रदेश विधानसभा के शीत सत्र के चलते शिक्षा विभाग में 11 से 21 दिसंबर तक छुट्टियों पर रोक लगा दी गई है। 18 दिसंबर से शुरू होने वाले शीत सत्र के चलते उच्च और प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने शुक्रवार को प्रस्तावित छुट्टियों और टूर पर रोक लगाने के निर्देेश भी जारी कर दिए हैं। विभागीय आदेशों के तहत अधिकारियों और उनके तहत काम करने वाले कर्मचारियों को शीत सत्र के चलते रविवार सहित अन्य छुट्टियों के दौरान भी बुलाया जा सकता है। विभाग ने विधानसभा में शिक्षा विभाग से संबंधित लगे सभी प्रश्नों के जवाब जल्द देने को भी कहा है। शिक्षा निदेशालय ने सभी संबंधित अधिकारियों को आदेश दिए हैं कि शीत सत्र के दौरान विभाग से संबंधित सभी प्रश्नों के जवाब तैयार होने चाहिए।अधिकारियों के पास हर तरह की जानकारी होनी चाहिए। कहा गया है कि विभाग की हर शाखा में कम से कम एक अधिकारी इस दौरान रोजाना सुबह साढ़े आठ बजे आफिस में होना चाहिए। शाम को पांच बजे के बाद भी अफसरों को दफ्तर में मौजूद रहने को कहा गया है। अतिरिक्त निदेशक प्रशासन, संयुक्त निदेशक कॉलेज, संयुक्त निदेशक फाइनेंस एंड अकाउंट, सह निदेशक, उच्च शिक्षा के सभी उपनिदेशक, सभी सरकारी कॉलेजों के प्रिंसिपल, कमांडर एनसीसी और चीफ लाइब्ररेरियन सेंट्रल स्टेट लाइब्रेरी सोलन, प्रारंभिक शिक्षा के सभी उपनिदेशक, प्रिंसिपल डाइट की छुट्टियां रद्द करने के आदेश दिए गए हैं। इन अधिकारियों के तहत काम करने वाले स्टाफ को भी छुट्टियां नहीं मिलेंगी।
** कहा, संगठन को मजबूत करने के लिए उठाएं जाएंगे हर संभव कदम शिमला: हिमाचल में नए साल में जिला और ब्लॉक स्तर पर कांग्रेस की नई कार्यकारिणी का गठन किया जाएगा। इसके लिए लोकसभा संसदीय क्षेत्रों सहित जिला स्तर पर लोगों से फीडबैक लेने के लिए पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की गई है। इसके साथ ही दिल्ली से आई अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव एवं सहप्रभारी चेतन चौहान और विदित चौधरी ने बुधवार को पार्टी मुख्यालय में पर्यवेक्षकों और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के साथ बैठक की। इन सभी से नई कार्यकारिणी को लेकर फीडबैक लेने के बाद सह प्रभारी वापस दिल्ली लौट गए हैं। वहीं, मीटिंग खत्म होने के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने मीडिया से बात की। हिमाचल में कांग्रेस के नए संगठन को लेकर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने बुधवार को शिमला में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सुक्खू सरकार पर होली लॉज की अनदेखी के आरोप लगाए हैं। इसको लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने कहा, ऐसा कुछ नहीं हैं कोई किसी को डिस्लॉज नहीं करेगा। सरकार और संगठन के बीच में तालमेल होना चाहिए। इस बारे में हम सब चर्चा करेंगे और मैं मुख्यमंत्री से भी मिलूंगी। प्रतिभा सिंह ने कहा कि पार्टी से जो बाहर किए गए लोग हैं उनमें पार्टी को संगठित करने की कितनी क्षमता है। उस बारे में भी चर्चा की जाएगी। संगठन में नए लोगों को जोड़ने पर भी गौर किया जाएगा। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि नए साल में नया संगठन बन जाएगा। नए संगठन के गठन के लिए पर्यवेक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है। वे लोगों से बात करेंगे और फीडबैक लेने के बाद दोबारा बैठकर चर्चा की जाएगी। उन्होंने कहा कि जो पार्टी के लिए समय देने के साथ काम करेगा उनको संगठन में आगे लाया जाएगा।
शिमला: "होलीलॉज पर मां भीमाकाली और प्रभु श्रीराम का आशीर्वाद है। कोई माई का लाल आज तक पैदा नहीं हुआ, जो होलीलॉज को डिसलॉज कर सके। ये बात पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के बयान पर पलटवार करते हुए कही। दरअसल जयराम ठाकुर ने सुक्खू सरकार पर होलीलॉज को डिसलॉज करने के आरोप लगाए, जिसके बाद प्रदेश में सियासत गरमा गई है। इसी पर पलटवार करते हुए कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा, मैं जयराम ठाकुर को कहना चाहूंगा कि होलीलॉज पर मां भीमाकाली और प्रभु श्रीराम का आशीर्वाद है। कोई माई का लाल आज तक पैदा नहीं हुआ, जो होलीलॉज को डिसलॉज कर सके। प्रदेश की जनता का आशीर्वाद हमारे साथ है। इस तरह की बातें करने का राजनीतिक जीवन में कोई औचित्य नहीं है।] जयराम ठाकुर बहुत वरिष्ठ नेता हैं और प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। मैं उनका बहुत मान सम्मान करता हूं। उनको इस तरह की बातें नहीं करनी चाहिए। वहीं, एक सवाल के जवाब में विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि भाजपा ने हर तरीके से प्रदेश सरकार को गिराने की कोशिश की है। इसके बावजूद सरकार मजबूती के साथ खड़ी है और चल रही है। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट से भी कांग्रेस के विधायकों के पक्ष में फैसला आया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की सरकार बनाने में सबका योगदान रहा है। पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि हिमाचल में सरकार और संगठन में पूरा तालमेल है। कांग्रेस के संगठन और सरकार में विचार विमर्श भी है, प्यार और भाईचारा भी है. हम पूरी मजबूती के साथ आगे बढ़ रहे हैं। दिल्ली से जो दिशा-निर्देश आते हैं, उसे समय पर लागू करना संगठन का कर्तव्य है। संगठन जनता और सरकार के बीच एक ब्रिज का काम करता है। मंत्री ने कहा कि प्रदेश में संगठन ही है, जो धरातल के मुद्दों को सरकार के सामने रखता हैं। संगठन एक सरकार और जनता के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी है। जल्द कांग्रेस का नया संगठन खड़ा किया जाएगा। इसके लिए सभी लोगों से सुझाव लिए जा रहे हैं। सभी वरिष्ठ नेताओं से बात करने के बाद नई कार्यकारिणी का गठन हाईकमान करेंगे। प्रदेश में जितने भी मसले चल रहे हैं, समय-समय पर उनको सरकार के सामने रखने का काम करेंगे। राष्ट्रीय सचिव एवं सह प्रभारी चेतन चौहान और विदित चौधरी ने कहा कि हिमाचल में नए संगठन को लेकर तीन दिन तक प्रदेश कांग्रेस, युवा कांग्रेस, एनएसयूआई और पार्टी के दूसरे फ्रंटल संगठनों के साथ मंथन किया। उन्होंने कहा कि संगठन में तजुर्बे के साथ-साथ युवाओं, महिलाओं को तवज्जो दी जाएगी। बुधवार की मीटिंग में हाईकमान की ओर से तैनात ऑब्जर्वर को जिला और ब्लॉक स्तर पर जाकर कार्यकर्ताओं से फीडबैक लेने के निर्देश दिए गए हैं। इनकी फीडबैक के बाद हाईकमान को रिपोर्ट सौंपी जाएगी। इसके बाद नई कार्यकारिणी का गठन होगा।
हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक को देश का तीसरा सर्वश्रेष्ठ सहकारी बैंक चुना गया है। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने बैंक के अध्यक्ष देवेंद्र श्याम और प्रबंध निदेशक श्रवण मांटा को पुरस्कार देकर नवाजा। दिल्ली में अंतरराष्ट्रीय सहकारिता सम्मेलन मं अंतरराष्ट्रीय सहकारिता बैंकिंग संघ और नैफस्कॉब की हरक जयंती समारोह में यह पुरस्कार दिया गया। बैंक के प्रशिक्षण संस्थान सांगटी को ओवरऑल द्वितीय उत्कृष्ट प्रशिक्षण संस्थान पुरस्कार प्राप्त हुआ है। बैंक के अध्यक्ष देवेंद्र श्याम ने बताया कि राज्य सहकारी बैंक ने देशभर के सहकारी बैंकों में बेहतर प्रदर्शन करते हुए और उत्तम बैंकिंग कार्यशैली के बल पर सर्वागींण तृतीय उत्कृष्ट प्रदर्शन पुरस्कार प्राप्त किया है। बैंक के कृषि सहकारी कर्मचारी प्रशिक्षण संस्थान सांगटी को बेहतर और गुणात्मक प्रशिक्षण कार्यक्रमों के संचालन के लिए देशभर में द्वितीय पुरस्कार मिला। देवेंद्र श्याम ने पुरस्कार का श्रेय मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू को दिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश की सहकारी संस्थाओं की बेहतरी और आर्थिक उत्थान के लिए प्रदेश सरकार की ओर से कई कदम उठाए जा रहे हैं। सहकारी बैंक को मिले 232 जूनियर क्लर्क, भर्ती परिणाम घोषितशिमला। राज्य सहकारी बैंक को 232 नए जूनियर क्लर्क मिल गए हैं। बुधवार को बैंक ने सीधी भर्ती के तहत 232 रिक्त जूनियर क्लर्क पदों को भरने के लिए अपनी भर्ती प्रक्रिया का अंतिम परिणाम आधिकारिक तौर पर घोषित किया। बैंकिंग कार्मिक चयन संस्थान (आईबीपीएस) मुंबई से की ओर से परिणाम जारी किया गया है। अब दस्तावेज़ सत्यापन के बाद भर्ती प्रक्रिया पूरी होगी। मुख्य परीक्षा में उम्मीदवारों द्वारा प्राप्त अंकों के आधार पर श्रेणीवार अंतिम चयन सूची, श्रेणीवार प्रतीक्षा सूची के साथ, सार्वजनिक संदर्भ के लिए बैंक की आधिकारिक वेबसाइट www.hpscb.com पर अपलोड कर दी गई है। चयनित उम्मीदवारों के लिए नियुक्ति पत्र नियत समय में जारी किए जाएंगे। किसी भी अन्य जानकारी या पूछताछ के लिए, उम्मीदवार बैंक से 0177-2659967 पर संपर्क कर सकते हैं।
हिमाचल प्रदेश के राशन डिपुओं में अब अन्य राशन के साथ मक्की का आटा भी उपभोक्ताओं को दिया जाएगा। यह जानकारी डीएफसी कांगड़ा पुरु षोतम सिंह तंवर ने दी। उन्होंने बताया कि शुरूआती चरण में मक्की का आटा जिला कांगड़ा के कुछ डिपो में भेजा जाएगा और उसके बाद सभी डिपुओं में इसकी सप्लाई भेजी जाएगी। उन्होंने बताया कि युवाओं को खेती बाड़ी के पेशे से जोड़ने के लिए सुक्खू सरकार ने अहम फैसला लिया है। ग्रामीणों की आर्थिकी मजबूत करने के लिए सुक्खू सरकार प्राकृतिक खेती से तैयार पारंपरिक फसलों को किसानों से महंगे भाव में खरीदने की योजना लेकर आई है। इसी के तहत मक्की खरीदी जा रही है। इस योजना के तहत सरकार पहली बार किसानों से प्राकृतिक खेती से तैयार मक्की की फसल को 30 रु पए प्रति किलो के हिसाब से खरीद रही है, जिसके लिए प्रदेशभर में प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के तहत किसानों से मक्की खरीदी जा चुकी है। ऐसे में प्राकृतिक खेती से तैयार मक्की की खपत बढ़ाने के लिए सरकार ने डिपुओं में मक्की का आटा बेचने की योजना तैयार की है। इसके तहत हिमाचल के डिपुओं में पहली बार बिना कीटनाशकों और रसायनों से तैयार की गई मक्की का आटा मिलेगा। ये मक्की का आटा एक किलो और पांच किलो की पैकिंग में उपलब्ध होगा। इसका मूल्य 80 रुपए प्रति किलो होगा, जिसके लिए खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग ने फ्लोर मिलों से मक्की की पिसाई करवा ली है। जल्द मक्की का आटा उचित मूल्यों की दुकानों में बेचने के लिए उपलब्ध होगा। खासकर शहरी क्षेत्नों में सर्दियों के मौसम में मक्की के आटे की काफी अधिक मांग रहती है। प्रदेश भर में प्राकृतिक खेती करने वाले 3,218 प्रमाणति किसान चयनित किए गए हैं। बता दें कि इस साल लाहौल-स्पीति और किन्नौर के अलावा अन्य 10 जिलों में प्राकृतिक खेती से 13.304 हेक्टेयर भूमि पर 27,768 मीट्रिक टन मक्की तैयार की गई है। इसमें से 508 मीट्रिक टन अतिरिक्त मक्की सरकार किसानों से खरीदेगी। इस सीजन में 92,516 किसानों ने प्राकृतिक खेती से मक्की की फसल तैयार की है, जिसमें खरीद के लिए विभाग ने 3,218 किसान चयनित किए हैं।