राजधानी के ऐतिहासिक रिज मैदान पर विंटर कार्निवल के लिए लगाए गए स्टॉलों में फिर बारिश का पानी घुस गया। इससे कई दुकानदारों का सामान खराब हो गया। शिकायत के बाद महापौर सुरेंद्र चौहान शनिवार दोपहर बाद खुद मौके पर पहुंची और दुकानदारों की शिकायतें सुनीं।दुकानदारों ने दुकानों में घुसा पानी मेयर को दिखाया और कहा कि उनका काफी सामान खराब हो गया है। बारिश के कारण पूरी जगह तालाब बन रही है जिससे कारोबार भी ठप हो गया है। यहां शहर के कारोबारियों और स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने स्टॉल लगाए हैं। दुकानदारों ने मेयर से मांग की कि स्टॉलों का किराया घटाया जाए। महापौर ने दुकानदारों की शिकायतों के बाद तुरंत निगम टीम को मौके पर बुलाया और पानी साफ करवाया। हालांकि, बारिश के कारण परिसर में फिर पानी जमा हो गया। कारोबारी गौरव नागपाल ने कहा कि यहां स्टॉल लगाने पर करीब एक लाख रुपये खर्च हो चुका है। सामान पानी से खराब हो गया है। पानी से भीगा हुआ बाकी सामान भी नहीं बिक रहा है। निरीक्षण के दौरान एक दुकानदार महापौर सुरेंद्र चौहान से उलझ गया। दुकानदार ने कहा कि निगम स्टॉलों का किराया घटाए। यदि ऐसा नहीं किया तो दुकानदारों को दूसरे तरीके से काम करना पड़ेगा। इस पर महापौर भड़क गए। पूछा कि दूसरा तरीका क्या होता है। बोले कि कम से कम यहां तो राजनीति न करो। कुछ देर के लिए मौके पर बहस चलती रही। बाद में अन्य दुकानदारों ने महापौर को शांत करवाया। बाद में दुकानदार महापौर से टाउनहॉल में भी मिले। महापौर ने कहा कि दुकानदारों की परेशानी पता है, इसलिए अब दो जनवरी की बजाए पांच जनवरी तक रिज परिसर पर स्टॉल लगे रहेंगे। इसकी कोई फीस निगम नहीं लेगा।
** संचालकों ने निगम के खिलाफ भेदभाव के आरोप लगाकर मोर्चा खोला ** कहा, प्रतिदिन 6 हजार किराया, पानी तक नहीं किया नगर निगम ने साफ.. शिमला में विंटर कार्निवल के दौरान रिज मैदान पर नगर निगम ने स्टॉल लगाए हैं, जहां से हर दिन 6 हजार रुपए वसूल किए जा रहे हैं। लेकिन रिज मैदान पर आशियाना के पास लगाए गए स्टॉल में बारिश का पानी घुसने से सामान खराब हो गया है। इसके अलावा, स्टॉल के सामने जगह-जगह पानी इकट्ठा हो रहा है, जिससे लोग इन स्टॉलों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। स्टॉल संचालकों ने नगर निगम के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए भेदभाव का आरोप लगाया है और अपने पैसे वापस करने की मांग की है। उनका कहना है कि नगर निगम ने बाहरी राज्यों के लोगों को पद्मदेव काम्प्लेक्स में स्टॉल दिए हैं, जबकि उन्हें दूसरे कॉम्प्लेक्स में स्टॉल दिया गया, जहां बारिश के पानी से नुकसान हो रहा है। स्टॉल के सामने भी पानी जमा हो रहा है, जिससे ग्राहक नहीं आ पा रहे हैं। नई बिल्डिंग में ड्रेनेज की व्यवस्था भी नहीं है। संचालकों का कहना है कि नगर निगम ने उनसे 70 हजार रुपए एडवांस में लिए थे, लेकिन सुविधाओं के नाम पर कुछ भी नहीं है। अब वे निगम से अपना पैसा वापस मांग रहे हैं।
ताजा बर्फबारी के बाद एकाएक हिमाचल में सैलानियों की संख्या बढ़ गई है। बर्फबारी के रोमांच का लुत्फ उठाने के लिए हजारों की संख्या में सैलानी शिमला और मनाली खिंचे चले आए हैं। वीकेंड पर शिमला, डलहौजी और कसौली में 90 फीसदी, जबकि मनाली में 80 फीसदी तक ऑक्यूपेंसी पहुंच गई है। शुक्रवार को पर्यटक वाहनों की भीड़ बढ़ने के चलते कालका-शिमला हाईवे पर जाम लग गया। शिमला और मनाली में बर्फबारी के बीच कई पर्यटक वाहन फंस गए। शुक्रवार सुबह से ही पर्यटक वाहनों के शिमला पहुंचने का क्रम शुरू हो गया। दोपहर के समय शहर की पार्किंग पैक होने के बाद शहर की सड़कों पर जाम की स्थिति बन गई। मनाली में भी दिनभर बड़ी संख्या में पर्यटक वाहनों के पहुंचने का सिलसिला चला रहा। बर्फबारी का दौर शुरू होने के बाद चंबा के पर्यटन स्थल डलहौजी में ऑक्यूपेंसी 90 फीसदी तक पहुंच गई है। डलहौजी और खज्जियार में ऑनलाइन बुकिंग का क्रम जारी है। शुक्रवार दोपहर बाद शुरू बर्फबारी से जनजातीय क्षेत्र पांगी के किलाड़ मुख्यालय में 7.62 सेंटीमीटर और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में 20.32 सेंटीमीटर तक बर्फबारी दर्ज की गई। सैलानियों की संख्या बढ़ाने से प्रदेश के पर्यटन कारोबारी खासे उत्साहित हैं। फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष गजेंद्र सिंह ठाकुर ने बताया कि नए साल के जश्न से पहले वीकेंड पर भारी संख्या में पर्यटक हिमाचल पहुंचे हैं। शिमला, मनाली, डलहौजी सैलानियों से गुलजार हो गए हैं। नए साल के जश्न पर इस बार बंपर कारोबार की उम्मीद है।
हिमाचल प्रदेश में बीते दिन प्रदेश के ऊपरी इलाकों में जमकर बर्फबारी हुई। वहीं, निचले व मैदानी इलाकों में बारिश के चलते प्रदेश में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। आज भी प्रदेश के ऊपरी इलाकों में बर्फबारी का दौर जारी है, जबकि मैदानी व निचले इलाकों में बारिश हो रही है। मौसम विभाग ने आगामी दिनों के लिए प्रदेश में बर्फबारी व बारिश होने की संभावना जताई है। मौसम विभाग के मुताबिक बारिश-बर्फबारी के चलते प्रदेश के 5 शहरों का तापमान माइनस में रहा। प्रदेश में ताबो -11.0 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान के साथ सबसे ठंडा रहा। इसके अलावा कुकुमसेरी में -7.2, समदो में -6.5, केलांग में -6.4 और कल्पा में -1.1 न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया है। मौसम विभाग शिमला के मुताबिक प्रदेश में आज 28 दिसंबर को ऊपरी और मध्य पर्वतीय इलाकों में बर्फबारी और बारिश रहेगी, जबकि निचले व मैदानी इलाकों के कई हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई गई है। 29 दिसंबर को प्रदेश में ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी की संभावना है। वहीं, 30 और 31 दिसंबर को मौसम साफ रहेगा। इसके अलावा नए साल पर बर्फबारी के आसार हैं। मौसम विभाग ने 1 जनवरी और 2 जनवरी को प्रदेश में ऊपरी और मध्य पर्वतीय इलाकों में बारिश और बर्फबारी को लेकर संभावना जताई है। इसके अलावा ऊना, सुंदरनगर और चंबा में शीतलहर के चलते लोग ठंड में ठिठुरते रहे। वहीं, मौसम विभाग शिमला ने 29 से 31 दिसंबर तक प्रदेश के निचले व मैदानी इलाकों में शीतलहर चलने को लेकर चेतावनी जारी की है, जिससे लोगों को कड़कड़ती ठंड से दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। वहीं, बिलासपुर और मंडी के कुछ हिस्सों में घना कोहरा रहने का भी अलर्ट जारी किया गया है।
शिमला: न्यायमूर्ति जीएस संधवालिया हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के नए मुख्य न्यायाधीश का पदभार संभालेंगे। वे रविवार, 29 दिसंबर को शपथ लेंगे। इस अवसर पर राजभवन में समारोह आयोजित किया जाएगा। मौजूदा समय में हिमाचल से ही संबंध रखने वाले न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश का पदभार संभाल रहे थे। वहीं, न्यायमूर्ति जीएस संधवालिया पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में सेवारत थे। जो अब हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ लेने जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि पूर्व में इसी साल जुलाई की 11 तारीख को न्यायमूर्ति जीएस संधवालिया का नाम मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के सीजे के तौर पर अनुशंसित किया गया था। अब वे हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में कार्यभार संभालेंगे। इससे पहले 19 अक्टूबर 2024 को न्यायमूर्ति राजीव शकधर हिमाचल हाईकोर्ट से रिटायर हुए थे। उनकी रिटायरमेंट के बाद से न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के पद पर सेवाएं दे रहे थे। न्यायमूर्ति जीएस संधवालिया ने साल 1986 में चंडीगढ़ के डीएवी कॉलेज से स्नातक की डिग्री हासिल की थी। इसके बाद साल 1989 में उन्होंने पंजाब यूनिवर्सिटी से एलएलबी की डिग्री प्राप्त की। लॉ की डिग्री हासिल करने के बाद वे पंजाब एवं हरियाणा बार काउंसिल में एडवोकेट के रूप में सक्रिय हुए। फिर साल 1983 से 1987 तक उन्होंने पटना में हाईकोर्ट में सेवाएं दीं। न्यायमूर्ति जीएस संधवालिया के पिता साल 1978 और साल 1983 के दरम्यान पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रह चुके हैं। फिलहाल, हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में सेवारत न्यायाधीशों की बात करें तो अभी न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान, न्यायमूर्ति विवेक सिंह ठाकुर, न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल, न्यायमूर्ति संदीप शर्मा, न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ, न्यायमूर्ति सत्येन वैद्य, न्यायमूर्ति सुशील कुकरेजा, न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह, न्यायमूर्ति रंजन शर्मा, न्यायमूर्ति बीसी नेगी व न्यायमूर्ति राकेश कैंथला का नाम आता है। न्यायमूर्ति जीएस संधवालिया के पदभार संभालने के बाद अब हिमाचल हाईकोर्ट में सीजे सहित 12 जज हो जाएंगे।
हिमाचल प्रदेश में सड़क हादसों का दौर जारी है। आए दिन रोड एक्सिडेंट में लोग अपनी जान गंवा रहे हैं। ताजा मामला शिमला के ढली थाने के तहत सामने आया है। ढली थाने के तहत आने वाले लोअर सांगटी लिंक रोड में एक गाड़ी हादसे का शिकार हो गई। इस हादसे में एक व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दो अन्य गाड़ी सवार घायल हो गए हैं। घायलों को अस्पताल में इलाज चल रहा है। एसपी शिमला संजीव गांधी ने बताया कि गौरव शर्मा निवासी गवास, शिमला ने पुलिस में सड़क दुर्घटना को लेकर जानकारी दी है। उसने पुलिस को बताया कि उन्होंने लोअर सांगटी लिंक रोड पर कुछ भारी गिरने की आवाज सुनी। जब वो अपने किराएदार कमलेश के साथ मौके पर गए तो उन्होंने देखा कि 2 लोग घायल अवस्था में नाले में पड़े हुए हैं। इसके बाद उन्होंने एक गाड़ी भी पलटी हुई देखी। इस दौरान उन्होंने देखा कि एक व्यक्ति गाड़ी के नीचे फंसा हुआ है, जब उन्होंने उस व्यक्ति को गाड़ी के नीचे से निकाला तो पाया कि वो अचेत अवस्था में पड़ा हुआ है। इसके बाद तीनों को अस्पताल ले जाया गया। जहां एक व्यक्ति को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया, जबकि बाकी दो का इलाज जारी है। मृतक की पहचान राजेश कुमार (उम्र 26 साल) निवासी बल्देयां, जिला शिमला के रूप में हुई है। वहीं, घायलों की पहचान कुलदीप (उम्र 27 साल) निवासी चमयाणा, जिला शिमला और विजय (उम्र 32 साल) निवासी घाटनी, जिला शिमला के तौर पर हुई है। एसपी शिमला संजीव गांधी ने बताया, लोअर सांगटी लिंक रोड पर एक कार खाई से गिर कर हादसे का शिकार हो गई, जिसमें एक गाड़ी सवार की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दो व्यक्ति घायल हो गए, जिनका अस्पातल में इलाज चल रहा है। मामले में पुलिस आगामी कार्रवाई कर रही है।
हिमाचल में महंगाई की मार झेल रहे लाखों उपभोक्ताओं के लिए राहत भरी खबर है। नए साल में उपभोक्ताओं को उड़द की दाल पांच रुपए किलो सस्ती मिलेगी। प्रदेश सरकार ने उड़द की दाल का भाव अप्रूव कर दिया है। ऐसे में सर्दियों के मौसम में सबसे अधिक खाई जाने वाली उड़द की दाल के रेट कम होने से लोगों को कुछ राहत मिलेगी। प्रदेश सरकार से उड़द की दाल के रेट अप्रूव होने से हिमाचल प्रदेश राज्य नागरिक आपूर्ति निगम ने 38 हजार क्विंटल उड़द का सप्लाई ऑर्डर जारी कर दिया है,जिसके बाद अब होलसेल गोदाम में उड़द पहुंचनी शुरू हो जाएगी, ताकि नए साल में डिपुओं में समय पर उपभोक्ताओं को ये दाल उपलब्ध हो सके। हिमाचल के करीब 4500 डिपुओं में उपभोक्ताओं को नए साल में सस्ती उड़द की दाल मिलने वाली है, जिसके भाव सरकार ने अप्रूव कर दिए हैं। डिपुओं में एनएफएसए के तहत आने वाले उपभोक्ताओं को उड़द की दाल 58 रुपए प्रति किलो के हिसाब से दी जाएगी। पहले यही भाव 63 रुपए प्रति किलो था. इसी तरह से एपीएल परिवारों के लिए उड़द का रेट 68 रुपए किलो तय किया गया हैं। डिपुओं में पहले इन परिवारों को 73 रुपए किलो की दर से उड़द की दाल दी जा रही थी। वहीं, टैक्स पेयर को उड़द की दाल खरीदने के लिए पहले से अधिक जेब ढीली करनी होंगी। डिपुओं में टैक्स पेयर को उड़द की दाल अब 93 रुपए प्रति किलो के हिसाब से मिलेगी। पहले यही भाव 83 रुपए प्रति किलो था, लेकिन राहत की बात ये है कि खुले बाजार से उड़द की दाल का ये भाव काफी कम है। बाजार में उड़द की दाल का भाव 115 से 120 रुपए प्रति किलो है। ऐसे में डिपुओं में सस्ती दालें उपलब्ध होने से उपभोक्ताओं को महंगाई से राहत मिल रही है। हिमाचल प्रदेश राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंध निदेशक राजेश्वर गोयल का ने बताया, डिपुओं में उपभोक्ताओं उड़द की दाल पांच रुपए सस्ती दी जाएगी। उपभोक्ताओं को समय पर दालें उपलब्ध हो, इसके लिए पहले ही सप्लाई ऑर्डर जारी किया जा चुका है, जिसके बाद होलसेल गोदाम में दालों की सप्लाई पहुंचनी भी शुरू हो गई है।
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन के चलते शिमला विंटर कार्निवल छह दिन के लिए स्थगित कर दिया गया है। पहली जनवरी तक राजधानी में अब किसी तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं होंगे। विंटर कार्निवल के लिए शिमला पहुंचे विभिन्न जिलों के कलाकारों को भी वापस भेज दिया गया है। हालांकि, दो जनवरी के बाद विंटर कार्निवल फिर से शुरू हो जाएगा। यह अब आठ जनवरी तक चलेगा। पहले तैयार किए गए शेड्यूल के अनुसार दो जनवरी तक विंटर कार्निवल का आयोजन होना था, लेकिन अब अचानक कार्यक्रम रद्द होने के बाद विंटर कार्निवल को आठ जनवरी तक बढ़ा दिया गया है। नगर निगम प्रशासन के अनुसार राष्ट्रीय शोक के चलते शुक्रवार से लेकर पहली जनवरी तक होने वाले सभी कार्यक्रम स्थगित कर दिए गए हैं। इस बारे में सभी प्रतिभागियों को भी सूचित कर दिया गया है। नगर निगम अब विंटर कार्निवल के लिए नया शेड्यूल तैयार कर रहा है। दो जनवरी के कार्यक्रम में फिलहाल कोई बदलाव नहीं होगा। पहले तय कार्यक्रम के अनुसार ही इस दिन प्रस्तुतियां होंगी। स्टार नाइट में पंजाबी गायक सतिंदर सरताज ही शिरकत करेंगे। इसके अलावा अभी छह दिन रद्द किए गए कार्यक्रम तीन से आठ जनवरी तक करवाए जाएंगे। जल्द ही इसका पूरा शेड्यूल भी जारी किया जाएगा। राष्ट्रीय शोक के चलते ऐतिहासिक रिज मैदान पर लगे तिरंगे झंडे को भी शुक्रवार को आधा झुकाया गया। इसके अलावा विंटर कार्निवल के लिए सजे मंच को भी फिलहाल ढक दिया गया है। कार्निवल के जश्न के लिए रिज पर लगाए बड़े गुब्बारे को भी नगर निगम ने हटा दिया है। विंटर कार्निवल के लिए रिज मैदान, मालरोड, रानी झांसी में सजे कारोबारियों, स्वयं सहायता समूहों के स्टॉल फिलहाल पहले की तरह ही सजेंगे। इन्हें बंद नहीं किया गया है। नगर निगम के अनुसार इन्हें बंद नहीं किया जाएगा। शिमला आने वाले सैलानी इनमें खरीदारी कर सकते हैं। हालांकि, इन्हें दो जनवरी के बाद अब आठ जनवरी तक सजाने की मंजूरी देनी है या नहीं, इस पर आने वाले दिनों में फैसला लिया जाएगा।राजकीय शोक के चलते शिमला विंटर कार्निवल छह दिन के लिए स्थगित कर दिया गया है। सरकार के निर्देशों के अनुसार पहली जनवरी तक कोई सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं होंगे। अब दो जनवरी से ही कार्निवल शुरू होगा। यह आठ जनवरी तक बढ़ाया जा रहा है।
हिमाचल प्रदेश में पिछले 13 साल में सेब उत्पादन में लगातार गिरावट आ रही है। बागवानी विभाग के आंकड़ों में यह चौकाने वाला खुलासा हुआ है। विभाग के मुताबिक हिमाचल में सेब उत्पादन में प्रति हेक्टेयर 50 फीसदी की गिरावट आई है। 2010-11 में जहां प्रदेश में 8.7 मीट्रिक टन प्रति हेक्टेयर सेब उत्पादन हुआ था, वहीं 2023-24 में यह आंकड़ा घटकर 4.3 मीट्रिक टन प्रति हेक्टेयर रह गया। इसका मुख्य कारण मौसम में हो रहे बदलाव और रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों पर अत्यधिक निर्भरता से मिट्टी की उपजाऊ शक्ति का खत्म होना माना जा रहा है।वैज्ञानिकों के अनुसार कभी ज्यादा बारिश और ओले पड़ने और कभी दो से तीन महीने तक लगातार सूखा पड़ने से फसलों के उत्पादन पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है। हिमाचल में फल उत्पादन करीब 76 फीसदी क्षेत्र में होता है। 46 प्रतिशत में सेब की खेती की जाती है। बढ़ती जनसंख्या और संतुलित आहार के प्रति जागरूकता के कारण भारत में फलों की मांग तेजी से बढ़ रही है। इस मांग को पूरा करने के लिए मौजूदा बगीचों में उत्पादन में सुधार करना आवश्यक है। कुछ वर्षों में राज्य में सेब उत्पादकता में काफी गिरावट आई है। खराब प्रबंधन पद्धतियां, रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों पर अत्याधिक निर्भरता के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभाव हिमाचल प्रदेश के एक समय फलते-फूलते सेब उद्योग के लिए गंभीर चुनौती बन गए हैं। उद्यान विभाग के निदेशक विनय सिंह ने कहा कि सेब उत्पादकता में गिरावट का मुख्य कारण जलवायु परिवर्तन है। विभाग एचपी एचडीपी के तहत उच्च घनत्व वाले बगीचों को बढ़ावा दे रहा है और इसके परिणाम जल्द आएंगे। समय-समय पर उचित प्रबंधन के लिए उचित दिशा निर्देश जारी किए जाते हैं। कृषि विज्ञान केंद्र शिमला की प्रभारी डॉ. उषा शर्मा ने बताया कि प्राकृतिक पद्धतियों में स्वस्थ मृदा पारिस्थितिकी तंत्र फलों की दृढ़ता, स्वाद, शर्करा की मात्रा और रंग को बढ़ाकर फलों की गुणवत्ता को बढ़ाता है। रासायनिक पदार्थों के उपयोग को समाप्त करके, प्राकृतिक खेती पर्यावरण प्रदूषण को कम करती है। किसान स्थानीय रूप से उपलब्ध सामग्री जैसे गाय का गोबर, गोमूत्र, दरैक के पत्ते आदि का उपयोग करके अपना खुद का जैविक मिश्रण तैयार कर सकते हैं।
** मस्जिद से जुड़े दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ की जताई शंका हिमाचल प्रदेश में संजौली मस्जिद मामला एक बार फिर गरमाता हुआ नजर आ रहा है। देवभूमि संघर्ष समिति ने दावा किया है कि संजौली की मस्जिद पूरी की पूरी अवैध है और सरकारी जमीन पर बनी है। देवभूमि संघर्ष समिति की ओर से इस मामले में स्थानीय पक्ष के वकील जगतपाल ने रेवेन्यू रिकॉर्ड के साथ छेड़छाड़ होने की संभावना जताई है। उन्होंने कहा कि अब तक के रेवेन्यू रिकॉर्ड और जमाबंदी में जमीन का मालिकाना हक हिमाचल सरकार के पास है। ऐसे में वक्फ़ बोर्ड की ओर से रेवेन्यू रिकॉर्ड पेश करने के लिए समय मांगा जाना शक पैदा करता है। साथ ही जगतपाल ने नगर निगम आयुक्त की अदालत पर उच्च न्यायालय के आदेश की अवज्ञा का आरोप लगाया है। मामले पर जल्द निर्णय न होने को लेकर अधिवक्ता जगतपाल ने मामले पर हाई कोर्ट जाने की भी बात कही है। वही देवभूमि संघर्ष समिति के प्रांत सचिव विजेंद्र पाल सिंह ने कहा कि संजौली मस्जिद लेकर देवभूमि का आंदोलन हिंसक नहीं था। मामले में कुछ लोगों के खिलाफ FIR भी दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि अभी देवभूमि संघर्ष समिति भी न्यायालय के फैसले का इंतजार कर रही है। विजेंद्र पाल उत्तर प्रदेश उत्तराखंड जैसे विभिन्न राज्यों में सरकारी जमीन पर बने अवैध निर्माण को तुरंत हटाने के आदेश दिए जाते हैं लेकिन हिमाचल प्रदेश में दस्तावेजों से यह साबित होता है कि मस्जिद अवैध तरीके से सरकारी जमीन पर बनी है लिहाजा जल्द से जल्द अवैध निर्माण को हटाया जाए। विजेंद्र पाल ने कहा कि देवभूमि संघर्ष समिति 15 दिसंबर को न्यायालय के निर्णय के बाद आगे का रुख तय करेगी।
हिमाचल प्रदेश में बर्फबारी के बाद कड़ाके की ठंड पड़ रही है। बर्फबारी के चलते तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई है। मौसम विभाग शिमला ने आगामी 27, 28 और 29 दिसंबर को बारिश और बर्फबारी की संभावना जताई गई है। 27 और 28 दिसंबर को जहां प्रदेश के ऊंचाई व मध्य पर्वतीय इलाकों में बर्फबारी और निचले व मैदानी इलाकों में बारिश की संभावना है। वहीं, 29 दिसंबर को प्रदेश के ऊंचे व मध्य पहाड़ी इलाकों में बारिश और बर्फबारी को लेकर अलर्ट जारी है, जबकि बाकी दिन मौसम साफ बताया गया है। वहीं, मौसम विभाग द्वारा प्रदेश के निचले व मैदानी इलाकों में शीतलहर को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। ऊना, हमीरपुर, सुंदरनगर और चंबा में शीतलहर का कहर जारी है। वहीं, बिलासपुर और मंडी जिले के कुछ जगहों पर घना कोहरा भी छाया रहा। वहीं, अगर बात करें न्यूनतम तापमान की तो प्रदेश के 8 शहरों का पारा माइनस में है। प्रदेश में ताबो -10.6 डिग्री सेल्सि न्यूनतम तापमान के साथ सबसे ठंडा रहा।
केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना चरण-4 में नई सड़कों के साथ पुरानी खराब सड़कों की मेटलिंग करने के प्रदेश के आग्रह को स्वीकार कर लिया है। लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने नियमों का हवाला देते हुए केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज चौहान के समक्ष यह मामला उठाया था। हिमाचल में 2,000 करोड़ रुपये से 1,500 किलोमीटर सड़कें पक्की होंगी। केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के चरण-एक में टारिंग, मेटलिंग से वंचित सड़कों को चरण-चार में शामिल कर दिया है। अब चरण-चार में ये सड़कें पक्की होंगी। लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने नियमों का हवाला देते हुए केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज चौहान के समक्ष यह मामला उठाया था। केंद्रीय मंत्रालय ने सरकार को स्वीकृति पत्र जारी कर इन सड़कों को चरण-चार में शामिल करने की हामी भरी है। अगले सप्ताह लोक निर्माण विभाग के अधिकारी दिल्ली जाएंगे, वहां केंद्रीय मंत्रालय के समक्ष इन सड़कों की प्रस्तुति देंगे। हिमाचल में चरण-दो और तीन में सभी सड़कों का निर्माण हो चुका है, लेकिन चरण-एक में 200 से ज्यादा सड़कें पक्की नहीं हो पाई थीं। इन सड़कों के पक्का होने से हिमाचल की 40 फीसदी जनता लाभान्वित होगी। इससे पहले चरण-तीन में हिमाचल को 3,000 करोड़ रुपये मिले थे। अब सड़कों को पक्का करने के लिए हिमाचल को केंद्र 2,000 करोड़ की राशि देगा। विक्रमादित्य ने कहा कि सड़कों का जायजा लेने के लिए जिलों के दौरे किए थे। कई सड़कें हैं जो 10 सालों से पक्की नहीं हो पाई हैं। इस बारे में सचिवालय में अधिकारियों के साथ बैठक की गई। इसके बाद मामला केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री से उठाया था।
सपैल वैली के धार्मिक अनुष्ठान भूंडा महायज्ञ के लिए पांच बावड़ियों का पवित्र जल बुधवार को देवता बकरालू के मंदिर में पहुंच गया। इसके साथ ही वीरवार को मंदिर परिसर में भूंडा का आगाज हो जाएगा। 39 साल बाद हवन कुंड के खुलने से अनुष्ठान का आगाज होगा। हालांकि, सार्वजनिक तौर पर दो जनवरी से भूंडा की रस्में शुरू होंगी। नौ गांवों के हजारों लोगों ने मंदिर से लेकर अपने घरों तक की सभी तैयारियों पूरी कर ली हैं। बुधवार को ब्राह्मणाें के कंधों पर पवित्र जल को ढोल-नगाड़ों के साथ दलगांव में देवता बकरालू के मंदिर तक पहुंचाया गया। पूजा-अर्चना के बाद ग्रामीणों की ओर से मंदिर की बाहर से सफाई की गई। कारदार और हवन कमेटी की मंदिर में रात भर उपस्थिति रहेगी। मंदिर में तय मुहूर्त के अनुसार हवन कुंड को खोला जाएगा। अनुष्ठान की समाप्ति तक यहां लगातार हवन चलता रहेगा। भूंडा महायज्ञ की असली रस्में दो जनवरी से शुरू होंगी। दो जनवरी को यहां मेहमानों और देवताओं का स्वागत होगा। तीन जनवरी को देवता के मंदिर में शिखा पूजन मंदिर की छत पर पूजा-अर्चना के साथ होगा। चार जनवरी को मुख्य रस्म रस्सी पर आदमी को बांध पर खाई पार करवाई जाएगी। इसको स्थानीय भाषा में बेडा कहा जाता है। पांच जनवरी को देवताओं की विदाई का कार्यक्रम उच्छड़ पाछड़ रहेगा। दलगांव के इस मंदिर में 39 साल पहले भूंडा अनुष्ठान हुआ था। इस बार हो रहे अनुष्ठान की करीब पांच साल से मंदिर से हर घर तक तैयारी चल रही है। सपैल वैली से नौ गांवों के लोग अपने-अपने घरों में मेजबानी की पूरी तैयारी कर चुके हैं। रामपुर तहसील के दलोग, शरण जरासी सहित पूरी नरैण पंचायत के लोग भी इस अनुष्ठान के मेजबान माने जाते हैं। पूरे क्षेत्र के ग्रामीणों की ओर से दूर-दूर तक के रिश्तेदारों को बीते एक महीने से निमंत्रण बांटे जा रहे हैं। इधर, विधायक मोहन लाल ब्राक्टा ने मंदिर में पहुंच कर तैयारियों का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने मंदिर कमेटी से भी यातायात व्यवस्था, कानून व्यवस्था को लेकर चर्चा की। देवता बकरालू के मोतमीन रधुनाथ झामटा ने कहा मंदिर की ओर से इस अनुष्ठान की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। उन्होंने कहा यहां पर देवता मोहरिश, देवता बौंद्रा, देवता महेश्वर मुख्य रूप से शामिल होगे। उन्होंने कहा अब इसको सफल बनाने के लिए मेहमानों के सहयोग की जरूरत रहेगी। अनुष्ठान में हर दिन हजारों लोगों के पहुंचने का अनुमान है।
हिमाचल प्रदेश में बुधवार को धूप तो खिली रही, लेकिन पिछले दिनों हुई बर्फबारी से लोगों की दुश्वारियां बढ़ गईं। तीन नेशनल हाईवे समेत 134 सड़कें अभी बंद हैं। राजधानी से ऊपरी शिमला, मनाली से केलांग, कुल्लू से आनी के लिए बस सेवा ठप है। कुल्लू-मनाली एनएच-03, सैंज-लूहरी एनएच 305 और शिमला से रामपुर एनएच-5 बंद है। नई दिल्ली से भुंतर और अमृतसर की उड़ानें सातवें दिन भी बंद रहीं। वीरवार और शुक्रवार को मौसम साफ रहने के आसार हैं। 27 और 28 दिसंबर को फिर भारी बारिश और बर्फबारी का पूर्वानुमान है। 26 और 27 दिसंबर को शीतलहर चलने, बिजली चमकने और ओलावृष्टि का पूर्वानुमान है। बुधवार को ऊना, हमीरपुर, सुंदरनगर और चंबा में शीतलहर चली। प्रदेश में धूप खिलने के बाद सड़क बहाली का काम युद्ध स्तर पर शुरू हुआ और देर शाम तक करीब 100 सड़कें बहाल की गईं। शिमला जिला में अभी सबसे अधिक 77 सड़कें बंद हैं। लाहौल-स्पीति में 25, कुल्लू में 21 और मंडी जिला में 11 सड़कें बंद हैं। प्रदेश में 65 ट्रांसफार्मर बहाल नहीं हो पाए। लाहौल-स्पीति में 34, शिमला में 23, चंबा में 6 और किन्नौर में 2 ट्रांसफार्मर खराब हैं। 18 जलापूर्ति परियोजनाएं ठप पड़ी हैं। शिमला जिले में सबसे अधिक 12 और किन्नौर में 6 पेयजल योजनाएं ठप हैं। उधर, जिला चंबा में बंद छह ट्रांसफार्मर बुधवार को भी बहाल नहीं हो पाए। अटल टनल रोहतांग के साथ जलोड़ी दर्रा वाहनों के लिए अभी बंद है। मंगलवार रात जलोड़ी दर्रा में 30 सेंटीमीटर, कोकसर में 20, ग्रांफू में 30, रोहतांग 60, सिस्सू में आठ व अटल टनल के दोनों छोर में 10 से 12 सेंटीमीटर बर्फ गिरी है। लाहौल-स्पीति जिला पुलिस ने बुधवार को सुबह 10:00 बजे से लेकर दोपहर एक बजे तक बर्फ में फंसी 20 गाड़ियों को निकाला, जिसमें लगभग 80 से 100 के बीच पर्यटक थे।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू को ग्रीनको कंपनी के महाप्रबंधक अनूप बन्याल ने शिमला जिला के समेज में आपदा पीड़ितों की सहायता के लिए आज 1.35 करोड़ रुपये का चेक भेंट किया। इस धनराशि का उपयोग इस वर्ष मानसून में आई विनाशकारी आपदा से प्रभावित परिवारों की सहायता के लिए किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने इस नेक कार्य के लिए कंपनी प्रबंधन का आभार व्यक्त किया। ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि जिन 32 परिवारों के घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं, उन्हें दो-दो लाख रुपये प्रदान किए जाएंगे। आपदा के दौरान अपने प्रियजनों को खोने वाले 33 परिवारों को भी दो-दो लाख रुपये प्रदान किए जाएंगे। जिन पांच परिवारों के घरों को आंशिक क्षति पहुंची है, उन्हें एक-एक लाख रुपये की सहायता प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह योगदान प्रभावित परिवारों की सहायता और उनके जीवन को फिर से संवारने के प्रयासों को संबल प्रदान करेगा।
लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने आज बताया कि केन्द्र सरकार ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना चरण-4 में नई सड़कों के साथ पुरानी खराब सड़कों की मेटलिंग करने के प्रदेश के आग्रह को स्वीकार कर लिया है। लोक निर्माण मंत्री ने कहा कि प्रदेश ने केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान से इसके दृष्टिगत विशेष आग्रह किया था। उन्होंने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा प्रदेश में नई सड़कों के साथ पुरानी खराब सड़कों की मेटलिंग की अनुमति प्रदान करने से राज्य में लगभग 1000-1500 किलोमीटर सड़कों के मेटलिंग कार्य में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों को सुदृढ़ करने में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना चरण-4 के तहत विभिन्न प्रावधानों से उल्लेखनीय सहायता प्राप्त होगी। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में बर्फबारी के कारण बाधित सड़कों में यातायात के सुचारू संचालन के लिए युद्धस्तर पर कार्य किया जा रहा है। विभाग द्वारा अधिकांश बाधित सड़कों को समयबद्ध खोला गया है। बर्फबारी से प्रभावित होने वाले चिन्हित क्षेत्रों में पर्याप्त संख्या में कार्यबल और मशीनरी तैनात की गई है। यह प्रयास किया जा रहा है कि पर्यटन सीजन के दौरान पर्यटकों के साथ-साथ स्थानीय लोगों को भी किसी असुविधा का सामना न करना पड़े।
हिमाचल: भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की आज हिमाचल में 100वीं जयंती मनाई गई। इस मौके पर शिमला के रिज मैदान पर राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल व नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने पूर्व प्रधानमंत्री की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। इसके बाद राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने अटल बिहारी वाजपेयी की जीवनी पर आधारित एक प्रदर्शनी का शुभारंभ किया। इस अवसर पर राज्यपाल शुक्ल ने कहा अटल ने पोखरण में परमाणु परीक्षण कर पूरे विश्व को संदेश दिया था कि भारत अपनी शक्ति के आगे दूसरे की जबरदस्ती की शक्ति को स्वीकार नहीं करेगा। हम शांति के दूत हैं लेकिन क्रांति निश्चित रूप से करना जानते हैं। यह अटल जी ने सिखाया था। आज हम उनको अपनी श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं। इस मौके पर बीजेपी के अन्य नेता भी मौजूद रहे। उन्होंने देश की प्रगति में ऐसा काम किया जिसे आज हम उनकी जयंती पर सुशासन दिवस के रूप में मनाते हैं। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की कुल्लू के ढालपुर में भी 100वीं जयंती मनाई गई। इस अवसर पर जिला कुल्लू के मुख्यालय ढालपुर में बीजेपी ने अटल जी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए और उनके द्वारा भारत के विकास में किए गए कार्यों को याद किया गया। जिला कुल्लू भाजपा के अध्यक्ष अरविंद चंदेल ने बताया अटल जी द्वारा किए गए गए विकास कार्यों का आज आम जनता को लाभ मिल रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के अवसर पर हमीरपुर जिला के तहत समीरपुर में भी एक कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इस कार्यक्रम में भारत रत्न अटल जी को याद किया गया। इस मौके पर अपने संबोधन में हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने कहा यह जन्म अटल जी का शताब्दी वर्ष हैं। इसको लेकर पूरे देश में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। वाजपेयी जी ने अपने प्रधानमंत्री काल में जो कार्य देश के लिए किए हैं उनके लिए समस्त देशवासी उनके सदैव ऋणी रहेंगे। उन्होंने कहा कि विशेषकर प्रधानमंत्री सड़क योजना से हिमाचल जैसे पहाड़ी एवं दुर्गम क्षेत्रों को सड़कों की सौगात मिली है। ऐसी सड़कों के निर्माण के लिए उन्हें सदैव याद किया जाएगा।
लाहौल-स्पीति: जिला के मुख्यालय लोअर केलांग में मंगलवार शाम एक दो मंजिला मकान में आग लग गई। यह मकान क्षेत्रीय अस्पताल के पास था। आग लगने के चलते मकान पूरी तरह से जल गया। वहीं, मकान के अंदर मौजूद 4 साल के बच्चे की आग की चपेट में आने से मौत हो गई। आग लगने की सूचना मिलते ही पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। फिलहाल आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है। पुलिस आग लगने के कारणों की जांच कर रही है। जानकारी के मुताबिक इस दो मंजिला मकान में नेपाली मूल की दंपति अपने 4 साल के बेटे के साथ रहती थी। मकान में जब आग लगी तो नेपाली मूल का व्यक्ति भीम बहादुर अपनी पत्नी के साथ घर के बाहर था और उनका 4 साल का बेटा घर के अंदर मौजूद था। ऐसे में अचानक मकान ने आग पकड़ ली और घर के अंदर रखा सिलेंडर भी ब्लास्ट कर गया जिसके चलते आग एकाएक बढ़ गई। आग लगने की सूचना मिलते ही पुलिस और अग्निशमन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और सभी लोगों की मदद से आग पर काबू पाया गया। उसके बाद 4 साल के बच्चे की तलाश शुरू की गई लेकिन उसकी आग में जलने के चलते मौत हो गई थी। तहसीलदार केलांग, रमेश कुमार ने बताया, इस दो मंजिला भवन में चार कमरे थे और इसमें भीम बहादुर नाम का शख्स अपने परिवार के साथ किराये पर रहता था। मकान में हुए नुकसान का आंकलन 10 लाख रुपये से अधिक का है। अग्निकांड में चार साल के बच्चे की जलने से मौत हो गई है। अधिकारियों द्वारा मामले की जांच की जा रही है और आग लगने के कारणों का पता लगाया जा रहा है।
** बाजार से सस्ते और रसायन मुक्त उत्पादों की हो रही बिक्री शिमला: हिल्जक्वीन शिमला में आयोजित 10 दिवसीय विटंर कार्निवाल में जाइका वानिकी परियोजना के पाइन नीडल प्रोडक्ट्स पर्यटकों की पहली पसंद बन गई। रिज मैदान पर जाइका वानिकी परियोजना के लगे दो स्टॉल में बाजार से सस्ते और रसायन मुक्त उत्पादों की खूब बिक्री हो रही है। परियोजना से जुड़े दो स्वयं सहायता समूहों के उत्पाद यहां बिक्री के लिए लाए गए हैं। वन परिक्षेत्र तारादेवी शिमला के अंतर्गत राधे कृष्णा स्वयं सहायता समूह घणाहट्टी के पाइन नीडल प्रोडक्ट्स की ब्रिकी हो रही है। हालांकि शिमला विंटर कार्निवाल 2 जनवरी 2025 तक चलेगा, मगर पहले ही दिन यहां पहुंचे सैलानियों को जाइका वानिकी परियोजना के उत्पादों ने अपनी ओर आकर्षित किया। जिला किन्नौर के निचार वन परिक्षेत्र के अंतर्गत जगत जननी स्वयं सहायता समूह तरांडा ने लोगों की मांग पर चुल्ली का तेल, लिंगड़ का आचार, कोदे का आटा, अखरोट, नमकीन चाय, सेब के जैम, टोपी, स्टाल समेत अन्य उत्पाद बिक्री के लिए लाए। इसके अलावा अप्पर शिमला का मशहूर व्यंजन सिड्डू खाने के लिए भी सैलानियों की लंबी लाइन लग रही है। वानिकी परियोजना के मुख्य परियोजना निदेशक समीर रस्तोगी ने खराब मौसम और प्रचंढ़ ठंड में पहुंचे सभी स्वयं सहायता समूहों की खूब प्रशंसा की।
** प्रदेश के विभिन्न प्रॉजेक्ट्स पर रखेंगे अपनी बात हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि वह आज दिल्ली रवाना हो रहे हैं, जहां से वह कर्नाटक जाएगें और दो दिन कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में हिस्सा लेंगे। दिल्ली प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री केंद्रीय नेताओं से भी मुलाकात करेंगे और हिमाचल प्रदेश के विभिन्न प्रॉजेक्ट्स को लेकर अपनी बात रखेंगे, ताकि आगामी बजट में हिमाचल का ध्यान रखा जाए। साथ ही जीएसटी कंपनसेशन का मामला भी उठाया जाएगा।
* कहा, स्पष्टवादी नेता थे अटल बिहारी वाजपेयी, हिमाचल से जुड़ा था गहरा नाता भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी 100वीं जयंती पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिमला के रिज मैदान स्थित अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर उनके देश के प्रति योगदान को याद किया और कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी का हिमाचल प्रदेश से गहरा नाता था। अटल बिहारी वाजपेयी स्पष्टवादी नेता के रूप में जाने जाते हैं और देश के विकास में उनका अलग योगदान रहा है।
मंडी: हिमाचल की सर्द दोपहर में शॉल ओढ़े बैठी साकम्मा 20 साल बाद अपने घर जा रही है। अपने बच्चों के पास, जो करीब 20 साल पहले उसे मरा हुआ समझकर अंतिम संस्कार कर चुके थे। हिमाचल के मंडी से करीब 2000 किलोमीटर दूर कर्नाटक के अपने घर पहुंचने में साकम्मा को दो दशक लग गए। कहानी फिल्मी लगती है लेकिन रियल है। कई मुश्किलों और मजबूरियों के बीच साकम्मा की कहानी आपकी आंखे नम कर जाएगी। साकम्मा की कहानी की हैप्पी एडिंग की शुरुआत बीते 18 दिसंबर को हुई। जब एडीसी रोहित राठौर मंडी जिले के भंगरोटू स्थित एक वृद्धाश्रम में निरीक्षण के लिए पहुंचे थे। यहां उन्होंने साकम्मा नाम की महिला को देखा। पता चला कि वो कर्नाटक की रहने वाली हैं और हिंदी नहीं जानती हैं। उनकी मानसिक हालत भी कुछ ठीक नहीं थी, जिसके बाद एडीसी रोहित राठौर अन्य अफसरों के साथ साकम्मा को उनके घर पहुंचाने के मिशन में जुट गए। इसके बाद साकम्मा के साथ कन्नड़ में बात करने के लिए प्रदेश में तैनात कर्नाटक के अफसरों तक पहुंचने की कोशिश हुई। कर्नाटक की निवासी नेत्रा मैत्ती हिमाचल के कांगड़ा जिले में पालमपुर की एसडीएम हैं। फोन पर उनकी बात साकम्मा के साथ करवाई गई और उनके घर के बारे में जानकारी जुटाई गई। फिर मंडी जिले में ही तैनात आईपीएस प्रोबेशनर अधिकारी रवि नंदन को वृद्धाश्रम भेजकर साकम्मा के साथ बातचीत करवाई गई। महिला का वीडियो बनाकर कर्नाटक के अधिकारियों के साथ साझा किया गया। फिर हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक के अफसरों के प्रयास से साकम्मा के परिवार को ढूंढ लिया गया। साकम्मा कर्नाटक के जिला विजय नगर के गांव दनायाकनाकेरे की रहने वाली हैं।जिला उपायुक्त, मंडी अपूर्व देवगन ने बताया, समय-समय पर ओल्ड एज होम और अनाथाश्रम की इंस्पेक्शन की जाती है। हाल ही में अतिरिक्त उपायुक्त मंडी की ओर से भंगरोटू अनाथाश्रम का निरीक्षण किया गया। इस दौरान एक महिला से उनकी बात हुई जो कर्नाटक से हैं लेकिन उनके घर का पता नहीं चल पा रहा था। फिर जिला प्रशासन ने कर्नाटक के अफसरों के साथ मिलकर उन्हें घर पहुंचाया जा रहा है। परिवार के लोगों तक जब कर्नाटक के अफसर पहुंचे तो उन्होंने बताया कि करीब 20 साल पहले उन्हें मरा हुआ समझकर वो साकम्मा का अंतिम संस्कार कर चुके हैं। दरअसल उन्हें एक सड़क हादसे में महिला का शव मिला था, जिसे साकम्मा समझकर परिवार ने अंतिम संस्कार कर दिया था। साकम्मा के जिंदा होने की खबर सुनकर परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं है। स्मृतिका नेगी, एसडीएम, बल्ह ने बताया , ये महिला 20 साल से मिसिंग है और परिवार को लगा था कि इनकी मौत हो चुकी है। 20 साल के बाद साकम्मा का मिलना पुनर्जन्म जैसा ही है। ओल्ड एज होम से लेकर प्रशासन ने पूरा सपोर्ट किया है और हम साकम्मा को शुभकामनाएं देते हैं कि वो अब अपने परिवार के साथ खुश रहेंगी। साकम्मा को 20 साल पुरानी बातें ही याद हैं कि उनके छोटे-छोटे बच्चे हैं, लेकिन अब उनके बच्चों की शादी हो चुकी है। साकम्मा के चार बच्चे थे जिनमें से तीन जीवित हैं। उनके दो बेटे और एक बेटी अपनी मां का इंतजार कर रहे हैं। साकम्मा भी जल्द अपने परिवार से मिलने वाली है। कर्नाटक सरकार के तीन अधिकारी उन्हें लेने के लिए हिमाचल पहुंचे हैं। कर्नाटक के सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता विभाग के ऑफिसर इस प्रयास के लिए हिमाचल सरकार के अफसरों की सराहना करते हैं। बस्वराज एनजी, कर्नाटक सरकार के अधिकारी ने अपनी सरकार की तरफ से हिमाचल सरकार का धन्यवाद करते हुए कहा, हिमाचल के सभी अधिकारियों ने साकम्मा को उसके घर पहुंचाने के लिए हमारी बहुत मदद की है। आश्चर्य की बात है 20 साल बाद साकम्मा मिली है। साकम्मा के तीन बच्चे उसका कर्नाकट में इंतजार कर रहे हैं। परिवार के लोगों ने साकम्मा को मरा हुआ समझकर अंतिम संस्कार कर दिया था लेकिन साकम्मा जिंदा है। साकम्मा 20 साल बाद 24 दिसंबर को कर्नाकट से आए अधिकारियों के साथ अपने घर के लिए रवाना हो चुकी हैं चंडीगढ़ से साकम्मा हवाई मार्ग से कर्नाटक जाएगी। प्रशासन ने सभी कागजी प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद साकम्मा को कर्नाटक से आए अधिकारियों के हवाले कर दिया था, जिसके बाद साकम्मा को लेकर अधिकारी चंडीगढ़ के लिए रवाना हो गए थे।
आउटसोर्स भर्तियों को लेकर नियमों की उड़ रहीं धज्जियों पर हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने सरकार की अस्थायी व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने सरकार से पूछा है कि क्या एक फिनाइल बेचने वाली कंपनी नर्सों की भर्ती कर सकती है। सरकार ने इसके लिए कोई भी पैरामीटर और नियम नहीं बनाए हैं। हाईकोर्ट में जेके इंटरप्राइजेज की ओर से कंपनी को किन मापदंडों के तहत काम दिया जाता है और क्या पारदर्शिता है, इस पर याचिका दायर की गई है। सरकार ने इस पर अपना जवाब दायर किया है, जिस पर अदालत ने नाराजगी जताई। इस मामले की सुनवाई 31 दिसंबर को होगी। कंपनी की ओर से आरोप लगाया गया है कि कॉरपोरेशन की ओर से 5 फीसदी कमीशन तय किया है, जिससे ढाई-ढाई फीसदी कॉरपोरेशन और कंपनियों को जाता है। इस वजह से कंपनियों का वित्तीय नीलामी का अधिकार छिन गया है। काॅरपोरेशन कंपनियों को एंपैनल करता है, उसके बाद विभाग कॉरपोरेशन को संस्तुतियां भेजता है। अगर 10 लोगों से कम लेबर का काम है तो रोटेशन के तहत कंपनियों को काम देते हैं। अगर उससे अधिक है तो कोई नियम नहीं हैं। उसके लिए तकनीकी नीलामी करते हैं। विभाग की ओर से अगर किसी कंपनी के नाम की सिफारिश की जाती है तो उसी को काम दिया जाता है। कॉरपोरेशन ने 36 कंपनियां चयनित की हैं, जिससे विभागों के काम आउटसोर्स किए जाते हैं। कॉरपोरेशन इनसे 50-50 हजार रुपये लेता है। हिमाचल प्रदेश में वित्तीय नियम 2009 के तहत आउटसोर्स प्रक्रिया शुरू की गई है, जिसके तहत सलाहकार बोर्ड, रजिस्ट्रेशन, लाइसेंस और अधिसूचना होनी चाहिए, जबकि हिमाचल प्रदेश कॉरपोरेशन इन सभी नियमों को दरकिनार कर आउटसोर्स भर्तियां कर रहा है। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में आउटसोर्स भर्तियों पर लगाई गई रोक को हटाने के लिए सरकार की ओर से एक अर्जी दायर की गई है। महाधिवक्ता ने अदालत को बताया कि आउटसोर्स भर्तियों की प्रक्रिया के लिए कमेटी के गठन के निर्माण पर सरकार विचार कर रही है। प्रदेश सरकार इस कमेटी की देखरेख करेगी, जिससे भर्तियों की प्रक्रिया में पारदर्शिता होगी। सरकार की ओर से दायर अर्जी पर अब 31 दिसंबर को सुनवाई होगी। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और सत्येन वैद्य की खंडपीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है। अदालत ने 7 नवंबर को इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन की ओर से विभागों में की जा रही सभी भर्तियों पर रोक लगा दी थी। खंडपीठ ने कंपनियों और उम्मीदवारों का सारा डाटा बेवसाइट पर अपलोड करने के निर्देश दिए हैं। याचिकाकर्ता ने आराेप लगाए हैं कि प्रदेश में करीब 110 कंपनियां फर्जी पाई गई हैं। भर्तियों की प्रक्रिया के लिए कोई नियम नहीं बनाए गए हैं। केंद्र की पॉलिसी के तहत केवल चतुर्थ श्रेणी के पदों को ही आउटसोर्स किया जाता है, जबकि हिमाचल प्रदेश में तृतीय श्रेणी को भी आउटसोर्स पर किया जा रहा है।
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में आउटसोर्स भर्तियों पर लगाई गई रोक को हटाने के लिए सरकार की ओर से एक अर्जी दायर की गई है। महाधिवक्ता ने अदालत को बताया कि आउटसोर्स भर्तियों की प्रक्रिया के लिए कमेटी के गठन के निर्माण पर सरकार विचार कर रही है। प्रदेश सरकार इस कमेटी की देखरेख करेगी, जिससे भर्तियों की प्रक्रिया में पारदर्शिता होगी। सरकार की ओर से दायर अर्जी पर अब 31 दिसंबर को सुनवाई होगी। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और सत्येन वैद्य की खंडपीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है। अदालत ने 7 नवंबर को इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन की ओर से विभागों में की जा रही सभी भर्तियों पर रोक लगा दी थी। खंडपीठ ने कंपनियों और उम्मीदवारों का सारा डाटा बेवसाइट पर अपलोड करने के निर्देश दिए हैं। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाए हैं कि प्रदेश में करीब 110 कंपनियां फर्जी पाई गई हैं। भर्तियों की प्रक्रिया के लिए कोई नियम नहीं बनाए गए हैं। केंद्र की पॉलिसी के तहत केवल चतुर्थ श्रेणी के पदों को ही आउटसोर्स किया जाता है, जबकि हिमाचल प्रदेश में तृतीय श्रेणी को भी आउटसोर्स पर किया जा रहा है।
** भाजपा की वजह से हुई हिमाचल में कई राष्ट्रीय स्तर के शिक्षण संस्थान की स्थापना: अनुराग ठाकुर देहरा: पूर्व केंद्रीय मंत्री व हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद अनुराग सिंह ठाकुर ने बीते कल देहरा में निर्माणाधीन केंद्रीय विश्वविद्यालय में अधिकारियों के साथ बैठक कर चल रहे विकास कार्यों का निरीक्षण किया व सुनेहत में दिल्ली कॉन्वेंट स्कूल के वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह में पात्र विद्यार्थियों को पुरस्कार वितरित कर उन्हें उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएँ दीं व नशे जैसी सामाजिक बुराई से दूर रहने का आह्वाहन किया। अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा, अच्छी व सुगम शिक्षा किसी भी राष्ट्र के प्रगति की पहली मूलभूत आवश्यकता है। 2014 के बाद पूरे देश की शैक्षणिक व्यवस्था में उल्लेखनीय परिवर्तन आया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में मोदी सरकार लगभग 30 वर्षों बाद नई शिक्षा नीति लाई जिससे हमारे युवाओं को क्षेत्रीय भाषा में पढ़ाई करने का मौका मिला है। इसके कारण आज छोटे शहरों के बच्चे भी ओपिनियन लीडर बन पा रहे हैं। मोदी सरकार के 10 वर्षों में हमीरपुर संसदीय क्षेत्र और हिमाचल प्रदेश एजुकेशन हब के रूप में उभर कर सामने आया है। यह मोदी जी का हिमाचल के प्रति प्रेम ही हैं ,जिसके कारण आज एक छोटे से पहाड़ी राज्य में लगभग देश के सभी बड़े शैक्षणिक संस्थान हैं। आज हिमाचल के युवाओं को प्रारंभिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा अपने ही राज्य में मिल पा रही है। आगे बोलते हुए अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा, हमारे सभी युवाओं को एक साथ आकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वाह्न के अनुरूप 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाना है, जिसमें शिक्षा की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। आज पूरे देश में 10,000 से ज्यादा अटल टिंकरिंग लैब कार्यरत हैं। पहले देश में 350 मेडिकल कॉलेज थे, मोदी ने 700 बना दिए। आज देश में 1100 विश्वविद्यालय हैं। 2014 में 384 मेडिकल कॉलेज थे। आज 700 से ज्यादा हैं। 2014 में यूनिवर्सिटी की संख्या 450 थी आज 1100 से ज्यादा है। 2014 में मात्र 7 एम्स थे, आज 22 एम्स हैं। 2014 में लगभग 51,000 एमबीबीएस की सीटें थी, आज 1 लाख 8 हजार से ज्यादा है। 2014 में देश में पीजी की सीटें मात्र 31,000 के आसपास थीं, आज 70,000 से ज्यादा हैं। 2014 में 16 आईआईएम थे, आज 23 आईआईएम हैं। 2014 में आईआईटी की संख्या 12 थी, आज 19 आईआईटी हैं। देहरा में भी 500 करोड़ की लागत से केंद्रीय विश्वविद्यालय बन रहा है। अब हमारे क्षेत्र के बच्चे अपने घर पर ही केंद्रीय विद्यालय से पढ़ कर केंद्रीय विश्वविद्यालय में पढ़ सकते हैं। हमीरपुर लोकसभा में कुल 9 केंद्रीय विद्यालय के माध्यम से छात्रों के केंद्रीय विद्यालय में पढ़ कर अच्छी शिक्षा पाने की राह और आसान हो गई है। हमने ऐसे ही हमीरपुर एनआईटी और स्लोह में ही ट्रिपल आईटी भी बनाया है। पहले हमारे यहां मेडिकल कॉलेज नहीं थे। मैंने आपकी आवाज उठाकर हमीरपुर में मेडिकल कॉलेज और बिलासपुर में एम्स बनवाया। इसके अलावा कई आईटीआई भी बनाए गए हैं। मैं यही चाहता हूं की हमारे युवा साथी अच्छी शिक्षा ग्रहण करें और आगे बढ़ें। अनुराग ठाकुर ने कहा कि आईआईएम, एनआईटी, एचपीटीयू से लेकर ट्रिपल आईटी तक के राष्ट्रीय शिक्षण संस्थान आज हिमाचल में भाजपा सरकार की देन है। हिमाचल को मोदी सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने का काम किया है ताकि हमारे यहाँ के छात्रों को अच्छी व गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए अन्य राज्यों की ओर पलायन ना करना पड़े। अनुराग ठाकुर ने आगे पूरे देश में शिक्षा के क्षेत्र में आए परिवर्तन को रेखांकित करते हुए बताया, आज पूरे देश में 10000 से ज्यादा अटल टिंकरिंग लैब कार्यरत हैं। अनुराग ठाकुर ने आगे कहा कि मोदी के विकास के साथ कदमताल करते हुए मैंने भी अपने संसदीय क्षेत्र हमीरपुर में बिना किसी सरकारी सहायता के बच्चों को गुरुकुल पद्धति के साथ निशुल्क ट्यूशन की व्यवस्था के लिए एक से श्रेष्ठ कार्यक्रम की शुरुआत की है। एक से श्रेष्ठ कार्यक्रम सबके प्रयास से सभी वर्गों के बच्चों को शिक्षा देना और सबका विकास करना है। इसकी शुरुआत 5 अक्टूबर 2021 को विश्व शिक्षक दिवस के अवसर पर की गई थी ताकि हिमाचल प्रदेश की तीन समस्याओं: अनएम्प्लॉयमेंट, इमीग्रेशन और इकोनॉमी का एजुकेशन के द्वारा समाधान किया जा सके। आज पूरे क्षेत्र में एक से श्रेष्ठ के 580 से ज्यादा केंद्र कार्यरत है जहां 9500 से ज्यादा बच्चे शिक्षा पा रहे हैं। इनमें छात्राओं की संख्या भी 48% है।
गृहमंत्री अमित शाह द्वारा संविधान निर्माता बाबा भीमराव अंबेडकर को लेकर दिए गए बयान के बाद देश भर में विपक्षी दल प्रदर्शन कर रहे हैं। आज कांग्रेस द्वारा देश भर में धरना प्रदर्शन किया जा रहा है और राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजकर अमित शाह को गृहमंत्री के पद से हटाने की मांग की जा रही है। वहीं कांग्रेस द्वारा भी हिमाचल प्रदेश में जिला स्तर पर प्रदर्शन किया जा रहे हैं राजधानी शिमला में कांग्रेस द्वारा अंबेडकर चौक चौड़ा मैदान से डीसी ऑफिस तक रोष रैली निकाली गई और डीसी ऑफिस के बाहर धरना प्रदर्शन किया और गृहमंत्री के इस्तीफे की मांग की । साथ ही डीसी के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेज कर उन्हें पद से हटाने की मांग की। महिला कांग्रेस की पूर्व प्रदेश अध्यक्ष जैनब चंदेल ने कहा कि गृहमंत्री अमित चौहान ने कहा कि अमित शाह द्वारा सविधन निर्माता बाबा भीमराव अंबेडकर का अपमान किया है उन्हें माफी मांगनी चाहिए जिसको लेकर डीसी के माध्यम से ज्ञापन राष्ट्रपति को भेजा गया है ताकि उन्हें पद से हटाया जाए। उन्होंने कहा कि भाजपा ध्यान भटकने के लिए राहुल गांधी के खिलाफ झूठे मुकदमे बनाए जा रहे हैं जबकि राहुल गांधी ने ऐसा कोई भी कार्य नहीं किया है कि उनके ऊपर मुकदमे बनाई जाए।
** 683 बिजली लाइन भी ठप्प हिमाचल प्रदेश में हुई ताज़ा बर्फबारी के बाद जहां पर्यटक और बागवान खुश हैं वहीं लोगों की दिक्कतें भी बढ़ी हैं। बर्फबारी के बाद हिमाचल में 3 एनएच समेत 174 सड़कें यातायात के लिए बन्द हो गई हैं। जबकि 683 बिजली की लाइन बाधित हैं। शिमला में सबसे ज्यादा सड़कें बन्द हैं।प्रशासन सड़कें खोलने में जुटा हुआ है। हिमाचल सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा ने कहा कि पिछले 24 घंटों के दौरान बर्फ में फिसलन से हुए हादसों की वजह से चार लोगों की मौत हुई है। उन्होंने बताया कि बर्फ़ में फंसे सभी पर्यटकों को निकाल लिया गया है। पर्यटकों से अपील की है कि बर्फ़ में वाहन न चलाएं। मौसम विभाग ने आज भी राज्य में बर्फ और बारिश की संभावना व्यक्त की है। मौसम विभाग ने 27 से 29 दिसम्बर को फ़िर से प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी और मैदानी क्षेत्रों में बारिश की चेतावनी जारी की है। फिलहाल करीब तीन माह के सूखे के बाद अच्छी बारिश किसानों बागवानों सहित पर्यटन क्षेत्र के लिए खुशी की सौगात लेकर आई है।
** कहा, बर्फबारी से निपटने के लिए 268 मशीनें तैनात **लोक निर्माण मंत्री ने रिव्यू मीटिंग कर अधिकारियों को अलर्ट पर रहने का दिया आदेश हिमाचल प्रदेश में भारी बर्फबारी से सैंकड़ों सड़कें यातायात के लिए बंद हैं। लोक निर्माण विभाग सड़कों को बहाल करने में जुटा हुआ है। शिमला में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने विभाग की रिव्यू मीटिंग ली और अधिकारियों को अगले पांच दिनों तक अलर्ट मोड पर रहने के आदेश दिए हैं। लोक निर्माण विभाग ने कुल 268 मशीनें बर्फबारी से निपटने के तैनात की है जो सड़कों को खोलने में जुटी हुई हैं। अगर मौसम साफ रहता है तो अगले दो दिनों में सभी सड़कें खोल दी जाएगी। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि बर्फबारी से बागवानी और पर्यटक कारोबार को फायदा होगा। अगले पांच दिन भी प्रदेश के कुछ इलाकों में बर्फबारी की संभावना है जिसे देखते हुए अधिकारियों को अलर्ट पर रहने के आदेश दिए गए हैं अगर छुटियां भी रद्द करनी पड़ी तो उसके लिए भी निर्देश दे दिए गए हैं।अगर मौसम साफ रहता है तो अगले दो दिन में सभी सड़कों को बहाल कर दिया जाएगा। रिव्यू मीटिंग में सड़कों के चल रहे निर्माण कार्य की भी रिपोर्ट ली गई है और अधिकारियों को कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। CRF के तहत 2024- 25 में हिमाचल प्रदेश को 110 करोड़ की स्वीकृति आई है।
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में 24 दिसंबर यानि आज से विंटर कार्निवल का आगाज हो चुका है। मंगलवार को पहले दिन माल रोड पर 250 महिलाओं ने महानाटी डाली। इस महानाटी में सैलानी भी जमकर झूमे। इसके बाद भाषा एवं संस्कृति विभाग की कल्चरल परेड हुई। हालांकि, यह परेड रोजाना माल रोड से रिज तक आयोजित की जाएगी। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने विंटर कार्निवल को हरी झंडी दिखाई और कार्यक्रम की शुरुआत की। हिमाचल सरकार के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा, हमें बहुत खुशी है कि शिमला में बर्फबारी हुई है। शिमला में दूसरी बार विंटर कार्निवल का आयोजन किया जा रहा है, मैं इसके लिए सभी को आमंत्रित करता हूं। बर्फबारी के कारण बंद हुई सड़कों को खोलने का काम शुरू हो गया है। प्रदेश में बर्फबारी होनी चाहिए क्योंकि हमारा राज्य बागवानी आधारित राज्य है, यहां सेब और दूसरे फल बड़ी मात्रा में उगाए जाते हैं। आज भी मेरी सभी इंजीनियरों के साथ बैठक हुई है। लोगों को किसी तरह की असुविधा नहीं होने दी जाएगी।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने करुणामूलक आधार पर रोजगार के लिए एक वृहद नीति तैयार करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार सभी लंबित मामलों को एक ही बार में निपटाने के लिए तत्परता से कार्य कर रही है। आज यहां आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में नीति की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को करुणामूलक आधार पर रोजगार के लिए आवेदकों का विभाग, आयु तथा शैक्षणिक योग्यता अनुसार डाटा संकलित कर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को 10 जनवरी, 2025 को आयोजित होने वाली आगामी बैठक में अपेक्षित डाटा प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सेवा के दौरान अपने परिवार के सदस्यों को खोने वाले व्यक्तियों को सरकारी क्षेत्र में रोजगार प्रदान करने के लिए उदार तथा सहानुभूतिपूर्ण दृष्टिकोण अपना रही है। राज्य सरकार अधिक से अधिक आवेदकों को लाभान्वित करने के लिए सभी पहलुओं को ध्यान में रखेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार करुणामूलक आधार पर रोजगार प्रदान करने में विधवाओं तथा अनाथों को वरीयता देकर आश्रितों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार ने अनुकंपा नियुक्तियों के मामलों के गहन अध्ययन के लिए शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर की अध्यक्षता में मंत्रिमंडलीय उप-समिति का गठन किया है। तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी और आयुष मंत्री यादविन्द्र गोमा इस उप-समिति के सदस्य हैं। बैठक में उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री, शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, प्रधान सचिव वित्त देवेश कुमार, सचिव डॉ. अभिषेक जैन व राकेश कंवर, विशेष सचिव वित्त रोहित जम्वाल और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
शिमला: न्यायमूर्ति जीएस संधवालिया हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के नए मुख्य न्यायाधीश का पदभार संभालेंगे। इस संदर्भ में सोमवार 23 दिसंबर को अधिसूचना जारी कर दी गई है। मौजूदा समय में हिमाचल से ही संबंध रखने वाले न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश का पदभार संभाल रहे थे। न्यायमूर्ति जीएस संधवालिया पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में सेवारत थे। संभावना है कि न्यायमूर्ति संधवालिया इसी हफ्ते अपना कार्यभार संभालेंगे। सोमवार को केंद्र सरकार में जॉइंट सेक्रेटरी रैंक के अधिकारी जगन्नाथ श्रीनिवासन की ओर से न्यायमूर्ति संधवालिया की नियुक्ति संबंधी अधिसूचना जारी कर दी गई। उल्लेखनीय है कि पूर्व में इसी साल जुलाई की 11 तारीख को न्यायमूर्ति जीएस संधवालिया का नाम मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के सीजे के तौर पर अनुशंसित किया गया था। अब वे हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में कार्यभार संभालेंगे। इससे पहले 19 अक्टूबर 2024 को न्यायमूर्ति राजीव शकधर हिमाचल हाईकोर्ट से रिटायर हुए थे। उनकी रिटायरमेंट के बाद से न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के पद पर सेवाएं दे रहे थे। न्यायमूर्ति जीएस संधवालिया ने वर्ष 1986 में चंडीगढ़ के डीएवी कॉलेज से स्नातक की डिग्री हासिल की फिर वर्ष 1989 में उन्होंने पंजाब यूनिवर्सिटी से एलएलबी की डिग्री प्राप्त की। लॉ की डिग्री हासिल करने के बाद वे पंजाब एवं हरियाणा बार काउंसिल में एडवोकेट के रूप में सक्रिय हुए। उल्लेखनीय है कि न्यायमूर्ति जीएस संधवालिया के पिता वर्ष 1978 और वर्ष 1983 के दरम्यान पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रह चुके हैं। फिर वर्ष 1983 से 1987 तक उन्होंने पटना में हाईकोर्ट में सेवाएं दीं। फिलहाल, हिमाचल हाईकोर्ट में सेवारत न्यायधीशों की बात करें तो अभी न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान, न्यायमूर्ति विवेक सिंह ठाकुर, न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल, न्यायमूर्ति संदीप शर्मा, न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ, न्यायमूर्ति सत्येन वैद्य, न्यायमूर्ति सुशील कुकरेजा, न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह, न्यायमूर्ति रंजन शर्मा, न्यायमूर्ति बीसी नेगी व न्यायमूर्ति राकेश कैंथला का नाम आता है। न्यायमूर्ति जीएस संधवालिया के पदभार संभालने के बाद अब हिमाचल हाईकोर्ट में सीजे सहित 12 जज हो जाएंगे।
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य के जलशक्ति विभाग के पांच पैरा पंप ऑपरेटर्स की नियुक्ति को रद्द कर दिया है। मामले पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने पाया कि उपरोक्त पांच पैरा पंप ऑपरेटर्स ने जो अनुभव प्रमाण पत्र यानी एक्सपीरियंस सर्टिफिकेट सबमटि किए थे। वे विज्ञापन के अनुसार निर्धारित प्राधिकारी की तरफ से जारी नहीं किए गए थे। अदालत ने इन पंप ऑपरेटरों की नियुक्ति को रद्द करने के साथ ही जल शक्ति विभाग को निर्देश दिया कि वे सभी उम्मीदवारों की योग्यता का पुनर्मूल्यांकन करे। विभाग को आदेश जारी किए गए कि वह आवेदकों द्वारा प्रस्तुत संबंधित कार्यकारी अभियंता की ओर से जारी किए गए अनुभव प्रमाण पत्र के आधार पर यह पुनर्मूल्यांकन करें। हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल ने याचिकाकर्ता राकेश कुमार की याचिका को मंजूर करते हुए उपरोक्त आदेश जारी किए। अदालत ने आदेश दिए हैं कि इन पांच निजी प्रतिवादियों की नियुक्ति को रद्द किए जाने के कारण खाली होने वाले पदों पर योग्य उम्मीदवारों को योग्यता के आधार पर तैनाती दी जाए। राज्य के जलशक्ति विभाग ने पात्र अभ्यर्थियों से पैरा पंप ऑपरेटर्स के पदों के लिए आवेदन मांगे थे। विज्ञापन में ये स्पष्ट किया गया था कि यदि कोई अभ्यर्थी जल शक्ति विभाग, हिमाचल प्रदेश लोक निर्माण विभाग, केंद्रीय लोक निर्माण विभाग अथवा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों आदि में या राज्य जल शक्ति विभाग में सेवा देने वाली आउटसोर्सिंग एजेंसी के संबंधित क्षेत्र में अनुभव प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करेगा, तो केवल कार्यकारी अभियंता द्वारा जारी प्रमाण-पत्र को ही वैध माना जाएगा। याचिकाकर्ता राकेश कुमार के साथ-साथ पांच निजी प्रतिवादियों और अन्य ने चयन प्रक्रिया में भाग लिया था। विभाग की तरफ से जारी मेरिट लिस्ट के अनुसार अदालत को सूचित किया गया कि कुछ अभ्यर्थियों को नियुक्ति की पेशकश की गई थी। याचिकाकर्ता का नाम प्रतीक्षा सूची में क्रम संख्या एक पर था। निजी प्रतिवादियों की नियुक्ति को याचिकाकर्ता राकेश ने यह कहते हुए चुनौती दी थी कि निजी प्रतिवादियों को अनुभव के शीर्षक के तहत गलत तरीके से दो अंक दिए गए हैं, क्योंकि निजी प्रतिवादियों के अनुभव के संबंध में प्रस्तुत प्रमाण पत्र विज्ञापन में निर्धारित प्राधिकारी द्वारा जारी नहीं किए गए थे। कोर्ट ने मामले से जुड़े रिकॉर्ड को देखने के बाद पाया कि 5 पैरा पंप ऑपरेटरों ने जो अनुभव प्रमाण पत्र पेश किए और जिनके आधार पर उन्हें अनुभव के अंक देकर चुना गया, वे वास्तव में विज्ञापन के अनुसार निर्धारित प्राधिकारी द्वारा जारी नहीं किए गए थे। इस पर ही हाईकोर्ट ने ये नियुक्तियां रद्द की हैं।
हिमाचल प्रदेश में एलोपैथी डॉक्टरों को सुक्खू सरकार ने बड़ी राहत दी है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार ने पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स के लिए अध्ययन अवकाश अवधि (Study Leave Period) के दौरान एलोपैथी डॉक्टरों को शत-प्रतिशत वेतन देने का फैसला लिया है। स्टडी लीव पीरियड के दौरान एलोपैथी डॉक्टरों को ऑन ड्यूटी माना जाएगा। इससे पहले, स्टडी लीव पीरियड के दौरान एलोपैथी डॉक्टरों को वेतन का 40 प्रतिशत वेतन दिया जाता था। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश सरकार पहले से ही अध्ययन अवकाश अर्जित कर रहे पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स के लिए अध्ययनरत होम्योपैथी डॉक्टरों को पूरा वेतन प्रदान कर रही है। इसी तर्ज पर सरकार ने अब एलोपैथी डॉक्टरों के लिए भी इस नीति को अपनाने का फैसला लिया है। प्रदेश सरकार राज्य में गुणवत्तापूर्ण मेडिकल सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्धता से काम कर रही है। सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा, हिमाचल प्रदेश में पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल स्टूडेंट, शैक्षणिक प्रतिबद्धताओं के साथ-साथ मरीजों की चिकित्सा दायित्व में सामंजस्य स्थापित कर काम करते हैं। यह उनके मेडिकल फील्ड में स्पेशलाइजेशन और प्रदेश में स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिए महत्वपूर्ण है। राज्य सरकार स्टडी लीव पीरियड के दौरान डॉक्टरों को पूरा वेतन देकर उनकी कार्यशैली में गुणवत्ता सुनिश्चित कर रही है, ताकि लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया हो। सीएम सुक्खू ने कहा कि सरकार का ये फैसला प्रदेश में स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को और सुदृढ़ बनाने में सहायक सिद्ध होगा।
जिला शिमला में सोमवार को शहर के साथ ही ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी हुई है। शिमला जिले में बर्फबारी के चलते 112 सड़कें बाधित है। शिमला ग्रामीण में 8, ठियोग में 1, कोटखाइ में 48, जुब्बल में 7, रोहड़ू 27, रामपुर में 7, चैपाल 1, कुपवी 2 और कुमारसैन 6 और डोडरा क्वार की 5 सड़कें बर्फबारी के कारण बाधित हुई है। इन सड़कों को खोलने का कार्य लोक निर्माण विभाग द्वारा शुरू कर दिया गया है और अगर मौसम साफ रहता है तो आज सभी सड़कों को यातायात के लिए बहाल कर दिया जाएगा। डीसी शिमला अनुपम कश्यप ने बताया, सोमवार को हुई बर्फबारी के कारण शिमला के उपरी क्षेत्र में अनेकों सड़के बाधित हो गई हैं। शाम छह बजे तक 112 सड़के बंद होने की सूचना प्राप्त हुई है, जबकि चंडीगढ़ से शिमला और बिलासपुर धर्मशाला से शिमला मार्ग पूरी तरह से खुला है। वहीं, शिमला शहर का सर्कुलर मार्ग सभी वाहनों के लिए खुला हुआ है। बाधित सड़कों को खोलने का कार्य शुरू कर दिया गया है। डीसी शिमला अनुपम कश्यप ने कहा कि बागबानों और पर्यटकों के लिए बर्फबारी काफी सुखद साबित होने के संकेत है, लेकिन हमें बर्फबारी के दौरान अपने आप को सुरक्षित करना है। प्रशासन के दिशा निर्देशों के बाद ही आवाजाही करें। इसके अलावा बुजुर्ग बच्चों और बीमार लोगों का विशेष ध्यान रखें। प्रशासन ने बर्फबारी को लेकर सारी पूर्व तैयारियां की हैं। शिमला शहर को 5 सेक्टर में बांटा जा चुका है. जबकि संवेदनशील मार्गों पर मिट्टी रखी गई है, जोकि बर्फबारी के दौरान सड़क को बहाल करने के लिए इस्तेमाल की जा रही है। इसके अलावा मशीनरी और पुलिस फोर्स, गृह रक्षकों की तैनाती भी की गई है। डीसी शिमला ने स्थानीय लोगों और पर्यटकों से अपील करते हुए कहा कि प्रशासन के कार्यों में सहयोग करें। प्रशासन के समय-समय पर आने वाले आदेशों का पालन करें। इसके साथ ही कोई भी सूचना बर्फबारी, मार्गों से जुड़ी हो तो स्थानीय और जिला प्रशासन के साथ सांझा करें। डीसी अनुपम कश्यप ने कहा कि बर्फबारी के दौरान आवश्यक सूचना एवं निर्देश जिला उपायुक्त एवं जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के फेसबुक पेज पर अपलोड की जाएगी। उन्होंने कहा कि शिमला में विंटर कार्निवल का आयोजन भी किया जा रहा है। ऐसे में यहां पर भी कई तरह की प्रतियोगिताएं और सांस्कृतिक संध्याओं को आयोजन किया जा रहा है। इसमें भी लोग बढ़चढ़ कर हिस्सा लें।
** जानें क्या थी 'नो डिटेंशन पॉलिसी' केंद्र सरकार ने शिक्षा व्यवस्था में एक बड़े बदलाव का ऐलान किया है। शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक, अब कक्षा पांच और आठ में भी बच्चों को फेल किया जाएगा। कक्षा पांच और 8 की वार्षिक परीक्षा में फेल होने वाले छात्रों को दो महीने के भीतर दोबारा परीक्षा में बैठने का अवसर दिया जाएगा। अगर इसमें भी असफल रहते हैं तो उन्हें फेल कर दिया जाएगा और दोबारा उसी कक्षा में पढ़ना पड़ेगा। अभी तक आठवीं कक्षा तक बच्चों को फेल नहीं करने का प्रावधान था। साल 2010-11 से 8वीं कक्षा तक परीक्षा में फेल होने के प्रावधान पर रोक लगा दी गई थी। मतलब यह कि बच्चों के फेल होने के बावजूद अगली क्लास में प्रमोट कर दिया जाता था, लेकिन इससे देखा गया कि शिक्षा के लेवल पर धीरे धीरे गिरावट आने लगी, जिसका असर 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं पर पड़ने लगा। काफी लंबे समय से इस मामले पर विचार विमर्श के बाद नियमों में बदलाव कर दिया गया। केंद्र सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने इसके संबंध में नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है। अधिसूचना में कहा गया है कि अगर स्टूडेंट परीक्षा में फेल होता है तो उसे 2 महीने के अंदर दोबारा परीक्षा में बैठने का मौका मिलेगा लेकिन उसमें भी असफल होने पर अगली क्लास में प्रमोट नहीं किया जाएगा, लेकिन इस दौरान फिर फेल होने वाले छात्र को सुधार का मौका दिया जाएगा। टीचर उस फेल होने वाले स्टूडेंट पर खास ध्यान देंगे साथ ही समय-समय पर पेरेंट्स को भी गाइड करेंगे। नो डिटेंशन पॉलिसी शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 की एक अहम नीति थी। इस नीति के तहत कक्षा पांच और आठ के बच्चों को वार्षिक परीक्षा में फेल नहीं किया जाता था। इस नीति के तहत, सभी छात्र पारंपरिक परीक्षाओं का सामना किए बिना अपने आप अगली कक्षा में प्रमोट हो जाते थे। यह नीति बच्चों के सतत और व्यापक मूल्यांकन पर जोर देती थी।
हिमाचल में केंद्र की ओर से प्रायोजित योजनाएं अब समय पर पूरी होंगी। इसको लेकर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने केंद्र की ओर प्रायोजित योजनाओं की समीक्षा की। इस दौरान अधिकारियों को विभिन्न विभागों की ओर से क्रियान्वित की जा रही परियोजनाओं में तेजी लाने के निर्देश दिए, ताकि इन योजनाओं को समय पर पूरा किया जा सके, जिससे लोगों को इसका लाभ मिले। बैठक के दौरान प्रदेश के हितों को ध्यान में रखते हुए सीएम सुक्खू ने नई परियोजनाएं बनाने और इन्हें प्राथमिकता प्रदान करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने केंद्र की ओर से प्रायोजित समाज कल्याण, अन्य पिछड़ा वर्ग और जनजातीय एवं महिला कल्याण, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना और कृषि संबंधी योजनाओं के क्रियान्वयन और उनकी प्रगति की भी समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने लोगों को इन योजनाओं का अधिकतम लाभ सुनिश्चित करने के लिए इन्हें समयबद्ध पूर्ण करने की आवश्यकता पर बल दिया। इससे इन परियोजनाओं की लागत वृद्धि से बचा जा सकता है। इससे प्रदेश के विकास को भी गति मिलेगी. प्रदेश सरकार लोगों को घरद्वार पर सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए प्राथमिकता से कार्य कर रही है, जिसके लिए अधिकारियों को लक्षित समुदायों के कल्याण के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ कार्य करना चाहिए। सीएम सुखविंदर सिंह ने कहा कि पिछले दो सालों के दौरान प्रदेश ने हर क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति की है और राज्य के लोगों के कल्याण के लिए अनेक अभिनव योजनाएं शुरू की गई हैं। उन्होंने विभागों को राज्य सरकार की कल्याणकारी नीतियों के बारे में लोगों को जागरूक करने को कहा, ताकि संवेदनशील वर्गों के लोग इन योजनाओं का लाभ उठा सकें। इस समीक्षा बैठक में राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी, लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार चन्द शर्मा, प्रधान सचिव देवेश कुमार, सचिव सीपालरासू, राकेश कंवर, आशीष सिंघमार, राजेश शर्मा, राखिल काहलों, मुख्यमंत्री के ओएसडी गोपाल शर्मा बैठक में उपस्थित रहे।
** महापौर उतरे फील्ड में ,डलवाई जा रही रेत, लक्कड़ बाजार में फंसी गाड़ी राजधानी शिमला में पिछले दो घंटे से बर्फबारी का दौर जारी है करीब 2 से 3 इंच तक बर्फ गिर चुकी है, जिससे सड़कों पर फिसलन बढ़ गई है कुफरी फागु में 5 इंच बर्फ गिरने से वाहनों की आवाजाही बंद हो गई है। लक्कड़ बाजार संजौली की ओर वाहनों की आवाजाही बन्द हो गई है। नगर निगम द्वारा शहर के रास्तों और सड़को पर फिसलन कम करने के लिए नगर निगम द्वारा रेत डलवाई जा रही है। वही नगर निगम के महापौर सुरेंद्र चौहान भी फील्ड में उतरे और शहर में सड़कों का जायजा ले रहे हैं। महापौर लक्कड़ बाजार पहुचे जहा टक्का बैंच से लक्कड़ बाजार में गाड़ी स्किट हो कर सड़क के बीच मे फंस गई वही गाड़ी को निकालने के लिए मजदूर बुलाए गए और गाड़ी को वहां से निकाला गया। महापौर ने कहा कि शहर के अस्पतालों के रास्तों ओर सड़को को प्राथमिकता पर खोलने के निर्देश दिए है। इसके लिए मशीनरी तैनात कर दी है।
** कसौली में 90, शिमला में 80, मनाली में 70 फीसदी होटल पैक शिमला में होटलों की ऑक्यूपेंसी 80, जबकि मनाली और धर्मशाला में 70 फीसदी तक क्रिसमस और नए साल का जश्न मनाने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटकों ने हिमाचल प्रदेश का रुख करना शुरू कर दिया है। इस वीकेंड से ही शिमला, मनाली, धर्मशाला, डलहौजी, कुफरी, नारकंडा और कसौली सैलानियों से पैक हो गए हैं। शिमला में होटलों की ऑक्यूपेंसी 80, जबकि मनाली और धर्मशाला में 70 फीसदी तक पहुंच गई है। वीकेंड पर कसौली में 90 फीसदी तक होटलों के कमरे पैक रहे। मौसम विभाग की ओर से प्रदेश 27 और 28 दिसंबर को प्रदेश में बर्फबारी के पूर्वानुमान के बाद सैलानियों की संख्या में भारी इजाफा हो रहा है। पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश के अलावा अन्य राज्यों से सैलानी क्रिसमस और न्यू ईयर मनाने के लिए हिमाचल के पर्यटन स्थलों का रुख कर रहे हैं। अन्य पर्यटन स्थलों पर भी सैलानियों की भीड़ उमड़ रही है। राजधानी शिमला में सैलानियों की भीड़ बढ़ते ही ट्रैफिक जाम की समस्या गहरा गई है। बीते दो दिनों से शहर के कार्ट रोड पर लंबा ट्रैफिक जाम लग रहा है। रोहतांग में बर्फबारी के बाद मनाली में भी सैलानियों की संख्या में भारी इजाफा हुआ है। सैलानियों की भीड़ बढ़ने से पर्यटन कारोबारी खासे उत्साहित हैं। उधर, शिमला के रिज मैदान पर पहली बार 24 दिसंबर से विंटर कार्निवल का आयोजन हो रहा है। पहली बार यहां विंटर क्वीन भी चुनी जाएगी। सैलानियों के अलावा स्थानीय लोग भी कार्निवाल को लेकर खासे उत्साहित हैं। ऑफ हिमाचल होटल एंड रेस्टोरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष गजेंद्र सिंह ठाकुर का कहना है कि क्रिसमस से पहले ही वीकेंड पर बड़ी संख्या में सैलानी प्रदेश के पर्यटन स्थलों पर पहुंचने शुरू हो गए हैं। जनवरी के पहले सप्ताह तक सैलानियों की रौनक बनी रहने की उम्मीद है। मौसम विभाग ने बर्फबारी का भी पूर्वानुमान जारी किया है। अगर अच्छी बर्फबारी होती है तो न्यू ईयर बनाने रिकाॅर्ड सैलानी हिमाचल पहुंचेंगे।
सामरिक महत्व की बिलासपुर- मनाली- लेह रेललाइन को वित्त और रक्षा मंत्रालय से हरी झंडी मिल गई है। अब इसकी फाइल मंजूरी के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) के पास पहुंच गई है। एनएसए से चर्चा के बाद फाइल पीएमओ भेजी जाएगी। इसके बाद तय होगा कि रेललाइन के लिए कब और कहां से बजट दिया जाए और काम कब शुरू होगा। उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक का संचालन अगले महीने शुरू होने की संभावना है। उम्मीद जताई जा रही है कि इसके बाद केंद्र का पूरा ध्यान बिलासपुर-मनाली-लेह रेललाइन पर होगा। भानुपल्ली से बिलासपुर तक वर्ष 2027 तक ट्रेन पहुंचाने का लक्ष्य है। रेललाइन प्रोजेक्ट की डीपीआर वर्ष 2022 में तैयार की जा चुकी है। इसके मुताबिक प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत एक लाख करोड़ से अधिक आंकी गई थी, लेकिन अब संशोधन के बाद बढ़ गई है। रेल मंत्रालय ने एस्केप टनलों (सुरक्षा सुरंगों) का आकार बढ़ाया है, इसके कारण लागत बढ़ी है। ये टनलें रेललाइन की मुख्य टनलों के साथ बनेंगी ताकि आपात स्थिति में लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला जा सके। 2200 हेक्टेयर भूमि का होगा अधिग्रहण रेललाइन के लिए हिमाचल और लद्दाख में कुल 2200 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। इसमें 26 फीसदी यानी 572 हेक्टेयर भूमि वन क्षेत्र की होगी। भूमि अधिग्रहण पर 11,500 करोड़ खर्च होंगे। रेललाइन का काम चार चरणों में होगा। पहला बिलासपुर से मंडी, दूसरा मंडी से मनाली, तीसरा मनाली से उपशी और चौथा उपशी से लेह तक रहेगा। काम लेह की तरफ से शुरू करने की योजना है। सेना की जरूरतों को देखते हुए लेह से चीन सीमा तक करीब 13 किमी ट्रैक अलग से बिछाया जाएगा। ट्रैक पर पांच स्टेशन होंगे, जिसमें सामान उतारने व चढ़ाने की सुविधा होगी। डीपीआर के अनुसार, करीब 62,000 करोड़ रुपये रेललाइन के पुलों और टनलों पर ही खर्च होंगे।
केंद्र सरकार ने हिमाचल सरकार को पत्र लिखकर कर्मचारियों को यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) लागू करने को कहा है। अगर ऐसा किया जाता है तो केंद्र सरकार हिमाचल को 1600 करोड़ रुपये की विशेष सहायता देगी। केंद्र की ओर से जारी पत्र के अनुसार वर्ष 2022-23 और 2023-24 में अनुबंध पर नियुक्त सरकारी कर्मचारियों को यूपीएस में लाने से फायदा होगा। हालांकि, राज्य सरकार ने पत्र को लेकर अभी कोई जवाब नहीं दिया है। यह उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने हिमाचल में ओल्ड पेंशन स्कीम लागू की है। केंद्र ने हिमाचल के 9,000 करोड़ रुपये देने हैं। यह राशि एनपीएस कर्मियों का केंद्र के पास जमा हिस्सा है। राज्य सरकार लगातार मामले को केंद्र के समक्ष उठा रही है। अभी यह बजट नहीं मिला है। राज्य सरकार का मानना है कि हिमाचल में पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने के लिए केंद्र ने राज्य के लिए आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं। लोन लेने की लिमिट 6600 करोड़ तय की गई है। यही नहीं, बाहरी सहायता प्राप्त एजेंसियों के माध्यम से आर्थिक सहायता के नए प्रस्तावों के लिए भी सीमा तय की गई है। वित्तीय वर्ष 2025-26 के अंत तक हिमाचल केवल 2,944 करोड़ रुपए तक के प्रस्तावों की मंजूरी के लिए पात्र होगा। राज्य सरकार ने चुनावी गांरटी को पूरा करते हुए 1.36 लाख सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन बहाल की है। अब देखना यह है कि अब राज्य सरकार नए अनुबंध कर्मचारियों को यूपीएस के तहत लाने का निर्णय करती है या फिर उन्हें पुरानी पेंशन ही दी जाएगी।
** रोहतांग दर्रा के साथ ऊंची चोटियों पर बर्फबारी शुरू हिमाचल प्रदेश में मौसम ने करवट बदल ली है। सोमवार सुबह से रोहतांग दर्रा के साथ ऊंची चोटियों में बर्फबारी का दौर शुरू हो गया है। रोहतांग में 10 सेंटीमीटर तक ताजा बर्फबारी रिकार्ड की गई है। मौसम में आए बदलाव से कुल्लू व लाहौल प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है। वहीं, राजधानी शिमला में भी बर्फ के फाहे गिर रहे हैं। बर्फबारी होता देख पर्यटकों में खुशी की लहर है, क्योंकि पर्यटक मन में बर्फबारी के दीदार की इच्छा लिए ही हिमाचल पहुंचते हैं। सैलानियों को बर्फ वाले इलाकों में न जाने की हिदायत दी है। वहीं, क्रिसमस व नए साल के जश्न के लिए बड़ी संख्या में सैलानियों ने कुल्लू-मनाली का रुख कर दिया है। रविवार को भी अटल टनल रोहतांग से 11,322 वाहन आर-पार हुए हैं। बर्फबारी से पर्यटकों व पर्यटन कारोबारियों को व्हाइट क्रिससम की उम्मीद जगी है। मौसम विभाग के अनुसार हिमाचल में आज और कल ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हिमपात हो सकता है। निचले इलाकों में भीषण शीतलहर से लोगों को जूझना पड़ेगा। वहीं, 27 दिसंबर को पूरे प्रदेश में बारिश और कई इलाकों में बर्फबारी होने के आसार हैं। प्रदेश में अगले छह दिनों तक शीतलहर जारी रहेगी। मैदानी इलाकों में 24 और 25 को घने कोहरे का अलर्ट जारी किया गया है। मंडी, किन्नौर, लाहौल-स्पीति और चंबा के कई इलाकों में पारा शून्य से नीचे पहुंच गया है। सोमवार को ताबो में माइनस 10.2 डिग्री तापमान रिकॉर्ड किया गया है। ऊना, हमीरपुर और बिलासपुर में भी कोहरे के चलते जनजीवन प्रभावित हो रहा है। कड़ाके की ठंड पड़ रही है।
धर्मशाला हिमाचल प्रदेश में आजकल हिमाचल के मौसम का आनंद लेने के लिए बॉलिवुड से मनीष मिश्रा और भानु सूर्यम ठाकुर आएं है, भानु सूर्यम ठाकुर धर्मशाला के डडीयाला कॉलोनी धडम के रहने वाले हैं । भानू सूर्यम ठाकुर ने कई सीरियल और वेब सीरीज में काम किया है जिसमे "तारक मेहता का उल्टा चश्मा" व "अनुपमा" जैसी हैं इन्होंने बताया कि जैसे लोग हमे इतना आसान टीवी में देखते हैं उसका शूट टाईम उतना ही कठिन होता है और कभी कभी तो बिना कुछ खाए काम करना पड़ता है साथ में यह भी बताया कि अगर लगन हो तो मंज़िल मिल ही जाती हैं। उनके साथ आएबॉलिवुड एक्टर मनीष मिश्रा भी काफ़ी विज्ञापन में और कई सीरियल, तथा वेब सीरीज में काम कर रहें हैं, मनीष मिश्रा मशहुर कॉमेडियन मनमोजी के बेटे हैं आपको बता दें मनमौजी जी ने 1000 से ज्यादा फिल्मों में काम किया है और इनको लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्डस में उनका नाम हैं, उनका अभिनय हर फिल्म में अलग होता था। भानु सूर्यम ठाकुर और मनीष मिश्रा ने कलाकार लाइव से बात करके बताया कि आने वाले समय में बहुत ही बढ़िया प्रोग्राम सबके लिए लेकर आ रहे हैं तथा हिमाचल प्रदेश में भी बहुत अच्छे कलाकार हैं तो यहां पर भी हॉलीवुड होना चाहिए साथ में सभी नए नए कलाकारों को अच्छे सुझाव दिए। इस मौके पर मुनीष भाटिया, मनमोहन जैसवाल, राजकुमार डोगरा, मनीष शामिल थे।
** कहा, लोगों को अत्याधुनिक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने को प्रदेश सरकार वचनबद्ध हिमाचल प्रदेश सरकार राज्य के स्वास्थ्य संस्थानों में सभी प्रकार की स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए लगातार काम कर रही है। सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार और लोगों को बेहतर और आधुनिक सुविधाएं देने के लिए इस बार के बजट में 3,415 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।यह जानकारी स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धनीराम शांडिल ने कांगड़ा जिले के सिविल अस्पताल फतेहपुर, ज्वाली, नूरपुर और इंदौरा के दौरे के दौरान दी। उन्होंने इन अस्पतालों का निरीक्षण किया और वहां की व्यवस्थाओं की समीक्षा की। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि हर विधानसभा क्षेत्र में एक आदर्श स्वास्थ्य संस्थान स्थापित किया जा रहा है। राज्य में कुल 68 आदर्श स्वास्थ्य संस्थान बनाए जाएंगे, जिनमें से 45 पहले ही तैयार हो चुके हैं। इन संस्थानों में विश्वस्तरीय सुविधाएं दी जाएंगी और 6 विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती की जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि फतेहपुर अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट की नियुक्ति जल्द की जाएगी।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में वर्तमान राज्य सरकार ने समाज के वंचित वर्गों के उत्थान और उनके सम्मानजनक जीवन के लिए कई कल्याणकारी पहल की हैं। इस कड़ी में राज्य मंत्रिमंडल ने ‘महर्षि वाल्मीकि कामगार आवास योजना’ शुरू करने को मंजूरी दी। इस योजना का उद्देश्य वाल्मीकि समुदाय के सफाई कर्मचारियों को तीन लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करना है। इस योजना के तहत 2.5 लाख रुपये से कम वार्षिक आय और आवासीय सुविधा से वंचित लोग पात्र होंगे। योजना की जानकारी और आवेदन के लिए लोग संबंधित तहसील कल्याण अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं। प्रदेश सरकार ने कल्याणकारी कदम उठाते हुए ‘मुख्यमंत्री विधवा एवं एकल नारी आवास योजना’ के तहत वित्तीय सहायता में भी वृद्धि की है। योजना के तहत अब विधवा और एकल महिलाओं को मकान बनाने के लिए सहायता राशि 1.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर दी गई है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार वंचित वर्गों के कल्याण के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है और सरकार बेघर परिवारों को आश्रय प्रदान कर उनके जीवन स्तर में सुधार ला रही है। योजना के अंतर्गत बनाए गए घरों में पानी और बिजली कनेक्शन प्रदान करने को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके अलावा, हिमाचल प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड में पंजीकृत महिलाओं को भी मकान के निर्माण के लिए चार लाख रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी जिसमें घर के लिए तीन लाख रुपये और रसोई, शौचालय और बाथरूम जैसी आवश्यक सुविधाओं के लिए दिए जाने वाले एक लाख रुपये शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पहल हिमाचल प्रदेश में कल्याणकारी योजनाओं से वंचित वर्गों का समग्र विकास सुनिश्चित करने और जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने के सरकार के प्रयासों को प्रदर्शित करती है।
** नेता प्रतिपक्ष बोले, हमारे विरोध के बाबजूद सरकारी कर्मचारियों से जुड़े भर्ती और सेवा शर्तें विधेयक पास होने से अनुबंध कर्मचारियों की वरिष्ठता और इंक्रीमेंट को लगेगा झटका ** कहा, दो साल में एक डॉक्टर तक भर्ती नहीं कर पाई सरकार और दुहाई उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवाएं देने की दे रहे सुक्खू ** ओपीएस बहाल करने के नाम पर की वोट बैंक की राजनीति, अब कर्मचारियों को धोखा देने की तैयारी पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि झूठी गारंटियों के सहारे सत्ता में आई कांग्रेस सरकार का असली चेहरा अब सामने आ चुका है। पुरानी पेंशन बहाल करने के नाम पर वोट बैंक की राजनीति करने वाली ये सरकार अब ऐसे पेंच फंसाकर कर्मचारियों का गला घोंटने जा रही है, जिससे लाखों कर्मचारी प्रभावित हो चुके हैं। आज सरकार के दबाब में कर्मचारी संगठन ज्यादा बोल नहीं पा रहे हैं लेकिन ये लावा जल्द फूटने वाला है। कई संगठन विरोध जता चुके हैं और सरकार कई कर्मचारी संगठनों की मनाने में जुटी है। हमारे विरोध के बाबजूद कांग्रेस सरकार ने बहुमत के नाम पर सरकारी कर्मचारियों से जुड़े भर्ती और सेवा शर्तें विधेयक 2024 विधानसभा में पास कर दिया है इससे अब अनुबंध कर्मचारियों की सीनियोरिटी और इंक्रीमेंट को झटका लगेगा। जिन कर्मचारियों की सरकारी नियमित सेवा कम रही हो उनके वित्तीय लाभ कम हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि अनुंबध कर्मचारी भी पब्लिक सर्विस कमीशन और राज्य चयन आयोग का इंटरव्यू पास करके आते हैं। सरकार की पॉलिसी के तहत दो साल बाद इन्हें नियमित किया जाता है। इन कर्मचारियों का यह पीरियड सीनियोरिटी और अन्य लाभों के लिए कंसिडर हो इसका लाभ कर्मचारियों ने कोर्ट में जाकर लिया है, लेकिन आज इस संशोधन को लाकर सरकार उनके बेनिफिट को छीन रही है। ये बिल्कुल कर्मचारी विरोधी संशोधन है। इससे इस सरकार का कर्मचारी विरोधी चेहरा उजागर हो चुका है। जयराम ठाकुर ने कहा कि ये चाहे रेट्रोस्पेक्टिव हो या प्रोस्पेक्टिव, किसी भी स्तर पर संशोधन लाने की कोई आवश्यकता नहीं थी। कोर्ट से निर्णय होने के बाद आप संशोधन विधेयक लाये हैं, जो ठीक नहीं है। आप बहुमत में है इसलिए आपने इस संशोधन को पास कर दिया लेकिन वो कर्मचारी फिर कोर्ट जाएंगे। सरकार जो पैसा बचाने की बात कर रही है उससे ज्यादा पैसा वकीलों को दिया जाएगा। जयराम ठाकुर ने कहा कि कभी मुख्यमंत्री कहते हैं हमने 31 हजार सरकारी नौकरियां दे दी और विधानसभा में जबाब दिया कि इनका प्रोसेस चला है। सच्चाई तो ये है कि इनमें अधिकांश भर्तियां हमारे समय शुरू हुई थीं और परिणाम अब निकाले जा रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री ने दावा किया है कि इस सरकार ने दो साल के अपने कार्य में एक भी डॉक्टर की भर्ती नहीं की है जबकि दुहाई रोज़ स्वास्थ्य सेवाओं में बदलाब की दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो सरकार एक डॉक्टर तक भर्ती नहीं कर पाई हो वो कैसे स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत कर पाएगी ये चिंताजनक बात है।
** पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर दी थी दबिश राजधानी शिमला के सीमिट्री क्षेत्र में पुलिस ने किराए के मकान में चिट्टा तस्करी का मामला पकड़ा है। पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। स्पेशल सेल की टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर दबिश देकर आरोपियों को दबोचा।प्रारंभिक जांच में आरोपियों के कब्जे से 9.350 ग्राम चिट्टा बरामद किया गया है। पुलिस की दबिश के दौरान एक आरोपी मौके से भागने में कामयाब हो गया था जिसे बाद में पुलिस ने पकड़ लिया है। आरोपियों की पहचान त्रिलोक नेगी निवासी चिड़गांव रोहड़ू, सूरज प्रकाश निवासी मल्याणा शिमला और अनुपम निवासी रोहड़ू के रूप में हुई है। पुलिस के अनुसार स्पेशल सेल की टीम को शुक्रवार को शाम को गुप्त सूचना मिली की सीमिट्री क्षेत्र के एक मकान में चिट्टा बेचने का काम किया जा रहा है। इसी आधार पर पुलिस ने मौके पर दबिश दी। इस दौरान पुलिस ने दो आरोपियों को मौके पर ही पकड़ लिया, जबकि अनुपम मौके से भागने में कामयाब हो गया। पुलिस की टीम ने उसे कुछ समय के बाद ही दबोच लिया है। पुलिस अब मामले में यह पता करने की कोशिश कर रही है कि आरोपी चिट्टा कहां से लेकर आए थे और कितने समय से चिट्टा तस्करी के नेटवर्क से जुड़े हुए थे। एसपी शिमला संजीव कुमार गांधी ने बताया कि चिट्टा बेचने की सूचना मिली थी। मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
मोहाली के सोहाना में शनिवार शाम को एक चार मंजिला इमारत गिर गई। इमारत के गिरते ही वहां अफरा-तफरी मच गई। कड़ी मशक्कत के बाद एनडीआरएफ की टीम ने एक महिला का शव मलबे के नीचे से निकाला। वहीं रविवार सुबह एक पुरुष का शव बरामद किया गया। मृतक की पहचान अंबाला के रहने वाले अभिषेक धनवाल के रूप में हुई है। भारतीय सेना और एनडीआरएफ के जवान बचाव अभियान में जुटे हैं। सेना के अनुसार, अभी मलबे में दो और शव दबे होने की संभावना है। अभी तक मिली जानकारी के अनुसार इमारत के साथ दूसरी इमारत की बेसमेंट का काम चल रहा था। बेसमेंट के लिए खुदाई की गई है। खुदाई किए जाने की वजह से इमारत की नींव हिल गई, जिससे बिल्डिंग भरभराकर गिर गई। इमारत में जिम खोले गए थे। बताया जा रहा है कि मलबे के नीचे 10 से 15 लोगों के दबे होने की सूचना है। वहीं घटना की सूचना मिलते ही पंजाब पुलिस के डीजीपी गौरव यादव भी घटना स्थल पर पहुंचे हैं। वह स्थिति का जायजा ले रहे हैं। एनडीआरएफ की टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही हैं। मौके पर लोगों की खासी भीड़ लग गई है। पुलिस की तरफ से लोगों को आगे जाने से रोका गया है। घटना की सूचना मिलते ही मोहाली के विधायक कुलवंत सिंह भी घटना स्थल पर पहुंचे हैं। कुलवंत सिंह का कहना है कि अभी राहत व बचाव का कार्य चल रहा है। एनडीआरएफ की टीमों को बुलाया गया है। वहीं पुलिस प्रशासन की तरफ से भी बचाव कार्य चलाया जा रहा है। घटना स्थल पर जेसीबी मशीनों की मदद से मलबा हटाया जा रहा है। साहिबजादा अजीत सिंह नगर (मोहाली) के सोहाना के पास एक बहुमंजिला इमारत के हादसे का दुखद समाचार मिला है। पूरा प्रशासन और अन्य बचाव कार्यों वाली टीमें मौके पर तैनात हैं। मैं प्रशासन के साथ लगातार संपर्क में हूं। प्रार्थना करते हैं कि कोई जान-माल का नुकसान ना हुआ हो, दोषियों पर कार्रवाई भी करेंगे। लोगों से अपील है कि प्रशासन का सहयोग करें।
शिमला: राजधानी में ओल्ड बस स्टैंड के साथ लगते कृष्णा नगर में शनिवार देर शाम को एक मकान में आग लग गई। इस घटना में एक मकान जलकर राख हो गया है। शुरुआती जानकारी के अनुसार ये मकान लोअर बाजार में एक कारोबारी का बताया जा रहा है, लेकिन काफी समय से ये खाली था। घटना शनिवार देर शाम 6:00 बजे के आसपास की है। जब शिमला के कृष्णा नगर में एक पुराने मकान में देखते ही देखते आग भड़क गई और पूरा मकान आग की चपेट आकर जलकर राख हो गया। बताया जा रहा है कि मकान पुराना था और वर्तमान समय में मकान में कोई नही रहता था, जिसके कारण घटना में किसी तरह का कोई जानी नुकसान नहीं हुआ है। माना जा रहा है कि आग बिजली के शॉर्ट सर्किट के कारण लगी है। ये मकान पुरानी लकड़ी से बना हुआ था, जिसके कारण चंद मिनटों में आग पूरे मकान में फैल गई। आग की लपटें उठते ही लोगों ने इसकी सूचना विभाग को दे दी। दमकल विभाग की टीम मौके पर पहुंचते ही आग बुझाने में जुट गई। दमकल विभाग ने कड़ी मशक्कत के बाद मकान में लगी आग पर काबू पाया और आस पास के घरों को भी नुकसान से बचा लिया गया। बता दें कि इससे पहले शुक्रवार को मेहली में आग लगने की घटना सामने आई थी, जबकि इससे पहले भी बस स्टैंड के समीप आग लगने का मामला सामने आया था। अब कृष्णा नगर में आग लगने का मामला सामने आया है। एसपी शिमला ने बताया कि, कृष्णा नगर में आग लगने का मामला सामने आया है आग पर काबू पाया लिया गया। आसपास के घरों को बचा लिया गया है।
हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में क्रिसमस और नए साल के जश्न की तैयारियां की जा रही हैं। वहीं, क्रिसमस और नए साल का जश्न मनाने के लिए सैलानी अब मनाली का रुख कर रहे हैं। वहीं, अटल टनल रोहतांग के जरिए सैलानी लाहौल घाटी भी पहुंच रहे हैं। ऐसे में सैलानियों को मूलभूत सुविधाएं मिल सके, इसके लिए प्रदेश हाईकोर्ट ने जिला प्रशासन कुल्लू और लाहौल-स्पीति को निर्देश जारी किए हैं। हाईकोर्ट ने साफ तौर पर जिला प्रशासन कुल्लू और लाहौल-स्पीति को निर्देश दिए हैं कि अटल टनल के दोनों पोर्टल पर शौचालय की व्यवस्था की जाए और यहां पर सफाई कर्मचारी समेत अन्य कर्मचारियों के फोन नंबर भी दर्शाए जाएं, ताकि यहां पर सैलानियों को दिक्कत का सामना न करना पड़े। हाईकोर्ट ने जिला प्रशासन को निर्देश देते हुए कहा कि वो उत्तर पोर्टल अटल सुरंग, जंक्शन, कोकसर, विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण सिस्सू और एसएडीए केलांग में संबंधित शौचालय के बाहर सफाई कर्मचारियों के नाम और मोबाइल नंबर प्रदर्शित करने के निर्देश जारी करें। हिमाचल हाईकोर्ट ने उक्त शौचालयों के बाहर शिकायत संख्या के साथ-साथ वो दूरभाष नंबर प्रदर्शित करने के आदेश भी दिए गए, ताकि उस नंबर पर शिकायत दर्ज कराई जा सके। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने डीसी लाहौल-स्पीति को यह बताने का आदेश भी दिया कि मैटेरियल रिकवरी फैसिलिटी सेंटर को बिजली क्यों नहीं दी जा रही है? कोर्ट कहा कि इन सेंटरों को जनरेटर के लिए एसएडीए द्वारा नौ लाख रुपये की धनराशि प्रदान की गई है। जो निश्चित रूप से प्रदूषण का ही कारण बनने जा रही है। गौरतलब है कि अटल-टनल के पास गंदगी रोकने के लिए सरकार ने स्वयं एक कमेटी का गठन किया है। कोर्ट ने अटल टनल के आसपास गंदगी को रोकने के लिए बनाए गए अथवा बनाए जाने वाले प्रावधानों की जानकारी मांगी थी। इसमें चेतावनी बोर्ड, डस्टबिन, पुरुषों व महिलाओं के लिए शौचालय और क्षेत्र को साफ सुथरा बनाए रखने के लिए उठाए जा रहे उपाय शामिल हैं।
हिमाचल में प्रचंड ठंड पड़ रही है। ताबों में माइनस 14 डिग्री के साथ प्रदेश के पांच जिलों में पारा शून्य से नीचे चला गया है। मैदानी इलाकों में घना कोहरा पड़ रहा है। कोहरे के चलते कुल्लू में शनिवार को तीसरे दिन भी उड़ानें नहीं हो सकीं। मौसम विभाग के अनुसार हिमाचल में 23 और 24 दिसंबर को ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हिमपात हो सकता है, लेकिन 27 दिसंबर को पूरे प्रदेश में बारिश और कई इलाकों में बर्फबारी होने के आसार हैं। प्रदेश में अगले छह दिनों तक शीतलहर जारी रहेगी। मैदानी इलाकों में 24 और 25 को घने कोहरे का अलर्ट जारी किया गया है। मंडी, किन्नौर, लाहौल-स्पीति और चंबा के कई इलाकों में पारा शून्य से नीचे पहुंच गया है। शनिवार को ताबों में इस सीजन में सबसे कम माइनस 14 डिग्री तापमान रिकॉर्ड किया गया है। ऊना, हमीरपुर और बिलासपुर में भी कोहरे के चलते जनजीवन प्रभावित हो रहा है। कड़ाके की ठंड पड़ रही है। मनाली, कल्पा, नारकंडा और सिस्सू सहित ऊंचाई वाले कुछ क्षेत्रों में 23 और 24 दिसंबर को बारिश बर्फबारी हो सकती है।