मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश में भारी बारिश से बाढ़ एवं भूस्खलन के बाद राहत एवं बचाव कार्यों में तेजी लाई गई है। सबसे अधिक प्रभावित कुल्लू जिला तथा लाहौल-स्पिति में फंसे पर्यटकों एवं अन्य लोगों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए पिछले लगभग 60 घंटे से निरंतर बचाव अभियान चलाया गया। मुख्यमंत्री ने कुल्लू एवं मंडी में मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि वह गत तीन दिनों से कुल्लू, लाहौल-स्पिति तथा मंडी में प्रभावित क्षेत्रों का दौरे पर हैं। उन्होंने कहा कि कुल्लू एवं लाहौल-स्पिति जिला के विभिन्न स्थानों पर लगभग 70 हजार पर्यटक एवं अन्य लोग फंसे हुए थे, इनमें से 60 हजार लोगों की सुरक्षित वापसी की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि इस बचाव अभियान में एक हजार कर्मचारी एवं अधिकारियों ने चौबीसों घंटे युद्धस्तर पर कार्य करते हुए इसे संभव बनाया। उन्होंने कहा कि इस विपदा में सबसे चुनौतिपूर्ण बचाव अभियान के तहत लाहौल-स्पिति के चंद्रताल में फंसे पर्यटकों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की गई है। लैंडिंग स्थल उपलब्ध न होने के कारण यहां वायुसेना के लिए हैलीकाप्टर उतारना संभव नहीं था। प्रदेश सरकार की ओर से राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी तथा मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी बचाव अभियान की निगरानी के लिए भारी बर्फबारी के बीच शून्य से नीचे तापमान में तीन जेसीबी मशीनों के साथ तड़के सुबह दो बजे ग्राउंड जीरो (चंद्रताल) पर पहुंचे। इसके उपरान्त 57 वाहनों के माध्यम से लगभग 250 पर्यटकों को वहां से सुरक्षित काजा लाने के साथ ही यह अभियान पूरा हुआ। उन्होंने अभियान से जुड़े सभी लोगों का उनके सक्रिय सहयोग एवं अथक प्रयासों के लिए आभार भी व्यक्त किया। अपनी गाड़ियां छोड़कर जाने को तैयार नहीं कई पर्यटक मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी भी तीर्थन तथा कसोल क्षेत्र में काफी संख्या में पर्यटक हैं और उनमें से अधिकांश ने अपनी गाड़ियों सहित ही घर वापसी की इच्छा जताई है। उन्होंने कहा कि चूंकि भारी बारिश से सड़कों को व्यापक नुकसान पहुंचना है और ऐसे में इन पर यातायात सामान्य करने में समय लग सकता है। प्रदेश सरकार ने उन्हें गाड़ियां वहीं छोड़कर सार्वजनिक परिवहन सेवा के माध्यम से घर वापसी का विकल्प दिया है। पर्यटकों को उनकी गाड़ियों से संबंधित एक पावती भी जिला व पुलिस प्रशासन के माध्यम से दी जाएगी तथा इसी के आधार पर सड़क मार्ग बहाल होने पर उन्हें यह गाड़ियां वापस उपलब्ध करवाई जाएंगी। इन पर्यटकों से संवाद के लिए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रैंक के अधिकारी को भी कसोल भेजने के निर्देश दिए गए हैं। घाटी में सभी विदेशी पर्यटक सुरक्षित एक सवाल के जवाब में सुक्खू ने कहा कि तीर्थन तथा कसोल क्षेत्र में कुछेक इजरायली पर्यटक भी हैं और इजरायली दूतावास की ओर से उन्हें अपने स्तर पर हेलिकाप्टर के माध्यम से सुरक्षित निकालने का आग्रह किया गया है। उन्होंने कहा कि इस पर प्रदेश सरकार को कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने कहा कि घाटी में सभी विदेशी पर्यटक सुरक्षित हैं और उन्हें भोजन सहित सभी मूलभूत सुविधाएं सुनिश्चित करवाई जा रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुल्लू में इतनी बड़ी विपदा के बावजूद प्रदेश सरकार ने जनजीवन सामान्य बनाने के लिए पूरी तत्परता से कार्य किया है। क्षेत्र में 48 घण्टों में बिजली तथा पानी की आपूर्ति आंशिक तौर पर बहाल करने के साथ ही मोबाइल सेवा पुन: सुचारू करने में भी सफलता हासिल की है। इसके लिए उन्होंने जिला व पुलिस प्रशासन सहित सभी संबंधित विभागों के प्रयासों की सराहना भी की। बाढ़ प्रभावित परिवारों को 50 लाख की राहत राशि जारी मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा अभी तक बाढ़ प्रभावित परिवारों को 50 लाख रुपये की राहत राशि जारी की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा राहत राशि में बढ़ौत्तरी करते हुए सभी प्रभावितों को एक-एक लाख रुपये प्रदान किए जाएंगे। किन्नौर के कड़छम, कुप्पा और सांगला में लिया नुकसान का जायजा मुख्यमंत्री ने किन्नौर जिला के कड़छम, कुप्पा और सांगला घाटी का दौरा भी किया और वहां हुए नुकसान का जायजा लिया। उन्होंने टापरी उप-तहसील के चोलिंग में स्थित सेना के राहत शिविर में सांगला से सुरक्षित निकाले गए लोगों से संवाद किया। उन्होंने कहा कि किन्नौर जिला में बादल फटने की घटना के बाद वहां फंसे पर्यटकों को सुरक्षित निकालने के लिए बचाव दल ने बेहतरीन कार्य करते हुए 118 लोगों को हेलिकाप्टर की छह उड़ानों में सांगला से चोलिंग (कड़छम) सुरक्षित पहुंचाया गया है। इस अभियान को सफल बनाने के लिए उन्होंने जिला प्रशासन और भारतीय सेना की सराहना भी की। इस अवसर पर मंडी में मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर, एपीएमसी मंडी के अध्यक्ष संजीव गुलेरिया तथा किन्नौर में उपायुक्त तोरुल रवीश सहित सेना एवं विभिन्न प्रशासनिक व विभागीय अधिकारी भी उपस्थित थे।
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण और युवा एवं खेल मामलों के मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के अंतर्गत तीन दिवसीय लेह- लद्दाख यात्रा पर हैं। इस दौरान उन्होंने लेह से 211 किलोमीटर दूर, भारत- चीन सीमा से लगे गांव करजोक में रात बिताई। मंत्री ने 14000 फुट की ऊंचाई पर पुगा आवासीय विद्यालय के अपने दौरे के दौरान युवाओं संग वॉलीबॉल भी खेला और युवाओं के आमंत्रण रात्रि में मोबाइल फ़ोन की रोशनी में टेबल टेनिस में भी हाथ आजमाया। ठाकुर ने कहा कि लेह लद्दाख के युवा प्रतिभा से भरे हैं। 2014 से पहले इनकी प्रतिभा को देखने वाला कोई नहीं था। आज मोदी जी के नेतृत्व में इनकी प्रतिभा को तराशा जा रहा है। ठाकुर ने कारजोक व पुगा में खेल उपकरण भी वितरित किए। भारत चीन सीमा से सटे गावों के विकास के प्रति मोदी सरकार की प्रतिबद्धता जाहिर करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार भारत-चीन सीमा पर स्थित इलाकों में प्रसारण तथा नेटवर्क कनेक्टिविटी बढाने के लिये कृत संकल्पित हो कर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा, हम जल्द भारत-चीन सीमा पर सुदूरवर्ती क्षेत्रों में रहने वालों को दूरदर्शन फ्री डिश का कनेक्शन उपलब्ध कराएंगे। इसके अलावा बेहतर मोबाइल कनेक्टिविटी उपलब्ध कराने हेतु भी तेज़ी से कार्य किए जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि डीडी फ्री डिश प्लेटफार्म के जरिए सीमावर्ती और सुदूर क्षेत्रों में रहने वाले लोगों तक पहुंच बनाने का लक्ष्य हासिल करने के लिये सरकार ने सीमावर्ती इलाकों के गांवों में 1.5 लाख मुफ्त फ्री डिश वितरित करने का प्रस्ताव किया था। ठाकुर ने आगे कहा, 'हम लेह लद्दाख को विकास के मामले में बाकी भारत के समकक्ष लाने हेतु लगातार काम कर रहे हैं. फिजिकल कनेक्टिविटी जैसे सड़क, पुल, टनल इत्यादि के साथ साथ हम यहाँ डिजिटल कनेक्टिविटी भी सुनिश्चित कर रहे हैं। पर्यटन हो या खेल, मोदी सरकार लेह लद्दाख की सभी बुनियादी जरूरतों को जल्द से जल्द पूरा करेगी।
बीते दिनों भारी वर्षा के कारण आई बाढ़ व भूस्खलन जैसी त्रासदियों से प्रदेशभर के सभी वर्गों के लोगों को भारी नुकसान हुआ है। ऐसे में प्रदेश के प्रभावित क्षेत्रों सहित अन्य कई इलाकों के छात्र-छात्राओं को भी कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इस विषम स्थिति को मद्देनजर रखते हुए एनएसयूआई ने पीजी परीक्षाओं को स्थगित कर दस दिन बाद आयोजित करवाने की मांग प्रदेश विश्वविद्यालय प्रशासन से की है। इस संदर्भ में एनएसयूआई इकाई द्वारा हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक जेएस नेगी को ज्ञापन सौंपा। एनएसयूआई इकाई अध्यक्ष योगेश यादव ने कहा कि आज पूरा प्रदेश बाढ़ व भूस्खलन जैसी आपदा से जूझ रहा रहा है, जिससे प्रदेशभर में जान व माल का भारी नुकसान हुआ है। प्रदेश के कई जिलों में यातायात व्यवस्था पूरी तरह से ठप पड़ी है, जिससे प्रदेश के विभिन्न जिलों से हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं अपने घरों में फंसे हुए है। दूसरी ओर हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में पीजी की परीक्षा तिथि घोषित कर दी है जो कि 17 जुलाई से है। ऐसे में कई छात्र छात्राओं परीक्षा से वंचित रहना पड़ेगा। गौरतलब है कि मौसम विभाग द्वारा 14 से 17 जुलाई तक फिर से प्रदेश के कई जिलों में येलो अलर्ट घोषित किया गया है। ऐसे में एनएसयूआई ने छात्रों के हितों व सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए विवि प्रशासन से परीक्षा को स्थगित करने की मांग रखी है। इस मौके पर एनएसयूआई राज्य उपाध्यक्ष वीनू मेहता, राज्य महासचिव प्रवीण मिन्हास, यासीन भट, अरविंद ठाकुर, पवन नेगी, अक्षिता भरोटा, रमेश कुमार, रणदीप ठाकुर, चंदन महाजन, ईशान शर्मा, सचिन, राकेश सिंगटा, यशवंत ठाकुर, गिरीश, गौरव नेगी आदि कार्यकर्ता मौजूद रहे।
उपायुक्त किन्नौर तोरूल रवीश ने आज यहां जानकारी दी कि जिला प्रशासन किन्नौर द्वारा सांगला घाटी से 118 पर्यटकों को हेलीकॉप्टर के माध्यम से जिला के चोलिंग में भारतीय सेना के शिविर में स्थापित किए गए बाड़ राहत कैम्प में सुरक्षित पहुंचाया गया। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन ने भारतीय सेना, आईटीबीपी, जिला पुलिस व गृह रक्षा के सहयोग से इस बचाव अभियान को सफलतापूर्वक पूर्ण किया। उन्होंने बताया की हेलीकॉप्टर की 6 सोर्टिस के माध्यम से 118 व्यक्तियों को सांगला से निकाला गया, जिसमें 6 विदेशी पर्यटक और 112 भारतीय पर्यटक शामिल हैं। सुरक्षित निकाले गए पर्यटकों में से पश्चिम बंगाल की शोनाली चेटरजी ने कहा की वह 34 लोगों का समूह है जो हिमाचल प्रदेश के भ्रमण पर आए थे जिसमें किन्नौर जिला का सांगला भी शामिल था, परंतु भारी बारिश के कारण वह गत पांच दिनों से सांगला में हीं फंसे हुए थे। शोनाली चेटर्जी कहती हैं कि प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन को संपर्क करने के उपरांत उन्हे सांगला से सफलतापूर्वक हेलीकॉप्टर के माध्यम से निकाला गया और चोलिंग पहुंचाया गया। इसके उपरांत, उन्हें बस के मध्यम से चंडीगढ़ तक पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन के सहयोग से उन्हें चिकित्सीय सेवा के साथ-साथ मानसिक व भावनात्मक सहयोग भी प्रदान किया गया। जिला किन्नौर के बारंग गांव की दारा नेगी बताती हैं कि वह सांगला अपने रिश्तेदारों से अपने तीन रिश्तेदारों और दो अन्य व्यक्तियों के साथ मिलने गए थे, परंतु भारी बारिश के कारण रविवार से ही सांगला में फंसे हुए थे। उन्हें सूचना प्राप्त हुई की जिला प्रशासन द्वारा भारतीय सेना के हेलीकॉप्टर के माध्यम से लोगों को निकाला जा रहा है तथा जैसे ही उन्होंने प्रशासन से सम्पर्क साधा उन्हें त्वरित सहायता प्रदान की गई। उन्होंने प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन के प्रयासों की सराहना की और उनका आभार व्यक्त किया। इजरायल की ताली बोलीं- थैंैक्यू हिमाचल सरकार इजरायल की ताली ने इस आपदा की स्थिति में तत्परता एवं सत्यनिष्ठा से बचाव एवं राहत कार्य करने के लिए प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन का आभार व्यक्त किया। वहीं, जिला किन्नौर के रकच्छम गांव के निवासी पंकज नेगी गुजरात में काम करते हंै और अवकाश पर घर आए थे। उनका कहना है कि उनकी छुट्टियां खत्म हो रही थीं तथा उनका कार्य स्थल पर पहुंचना आवश्यक था, जिसके चलते उन्होंने जिला प्रशासन को संपर्क किया और जिला प्रशासन व भारतीय सेना की मदद से वह अब अपने कार्य स्थल समय पर पहुंच पाएंगे।
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने आज यहां जिला शिमला में भारी वर्षा के कारण हुए जान व माल के नुकसान की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार इस संकट की घड़ी में प्रदेशवासियों के साथ है तथा प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान करने तथा स्थिति को सामान्य बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। जिला शिमला की स्थिति के बारे में बताते हुए रोहित ने कहा कि जिले में पिछले पांच दिनों से भारी वर्षा के कारण विभिन्न स्थानों पर भूस्खलन, पेड़ गिरने, मकान ढहने तथा वाहन क्षतिग्रस्त होने की घटनाएं दर्ज की गई हैं। उन्होंने प्रशासन को मूलभूत सुविधाओं को शीघ्र बहाल करने के निर्देश दिए। उन्होंने इस अवसर पर उपायुक्त शिमला आदित्य नेगी को जिले में हुए नुकसान का आंकलन करने के निर्देश दिए ताकि राहत व बचाव कार्यों को शीघ्र पूरा किया जा सके। उन्होंने पुलिस अधीक्षक संजीव गांधी को लोगों तक सहायता पहुंचाने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि आगामी सेब सीज़न को सफल बनाने के लिए सभी व्यवस्थाओं को और पुख्ता किया जाए। शिक्षा मंत्री ने जिले में सभी सड़कों विशेषकर राष्ट्रीय उच्च मार्गों तथा मुख्य जिला सड़कों को शीघ्र बहाल करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने बाधित जलापूर्ति योजनाओं तथा बिजली की लाइनों की शीघ्र मरम्मत करने को कहा। उन्होंने लोगों को नदी, नालों तथा अन्य जल स्त्रोतों के पास न जाने को कहा। उन्होंने लोगों से अपील की है कि इस संकट के समय में जिला प्रशासन को सहयोग प्रदान करें तथा प्रशासन द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों और मौसम व अन्य संबंधित चेतावनियों की अनुपालना करें। उन्होंने लोगों से अति-आवश्यक स्थिति के अलावा यात्रा न करने की भी अपील की है। इस अवसर पर राज्य भूविज्ञानी पुनीत गुलेरिया, मुख्य अभियंता (शिमला जोन) जल शक्ति विभाग अंजू शर्मा, हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड के मुख्य अभियन्ता राकेश ठाकुर, अधीक्षण अभियड्डता लोक निर्माण विभाग अजय सोनी सहित व अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
आज एसएफआई की हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई ने छात्रों की समस्याओं को लेकर डीन ऑफ स्टडीज को ज्ञापन पत्र सौंपा। एसएफआई ने मुख्य रूप से मांग रखी कि पीजी प्रवेश परीक्षाओं का रिजल्ट जल्द से जल्द निकाला जाए और काउंसलिंग के शेड्यूल को बनाया जाए। बीते दिनों हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के द्वारा पीजी में प्रवेश के लिए प्रवेश परीक्षाएं करवाई गई थीं, लेकिन प्रशासन अभी तक प्रवेश परीक्षाओं का रिजल्ट निकालने में असमर्थ रहा है। इसका मुख्य कारण यह भी है जो यूजी की परीक्षाएं अप्रैल महीने में करवाई गई थी, उनका अभी तक रिजल्ट नहीं आया है, जो कि प्रवेश परीक्षा के काउंसलिंग का शेड्यूल जारी न होने का मुख्य कारण है। कोरोना काल से ही एचपीयू का सत्र काफी पीछे चला है, जिसे प्रशासन अभी तक ठीक नहीं कर पाया है। इस सत्र को सही से चलाने के लिए समय पर सभी रिजल्ट्स निकलने पड़ेंगे लेकिन प्रशासन इसमें कोई दिलचस्पी नहीं ले रहा है जिस वजह से आने वाला सत्र और भी लेट हो जायेगा जिससे सिर्फ छात्रों को मानसिक परेशानी होंगी। इसीलिए एसएफआई मांग कर रही है की जल्द से जल्द यूजी के रिजल्ट्स निकाले जाए, ताकि प्रशासन जल्द से जल्द प्रवेश परीक्षा की काउंसलिंग शेड्यूल जारी कर सके और समय पर कक्षाएं भी लग सकें और आने वाले अगले सत्र की परीक्षाओं में छात्रों को मानसिक परेशानी न हो। इसमें डीन ऑफ स्टडीज ने आश्वासन दिया है कि जैसे ही यूजी के रिजल्ट्स घोषित होंगे उसके बाद जल्द से जल्द काउंसलिंग का शेड्यूल जारी किया जाएगा। एसएफआई ने चेतावनी देते हुए कहा कि इन मांगों को जल्द से जल्द पूरा किया जाए। अगर जल्द छात्र मांगों को सकारात्मक रूप से सुलझाया नहीं गया तो आने वाले समय के अंदर एसएफआई विश्वविद्यालय में आंदोलन की रूपरेखा तैयार करेगी और प्रशासन का उग्र घेराव किया जाएगा।
उद्योग विभाग के एक प्रतिनिधिमंडल ने आज निदेशक राकेश प्रजापति के नेतृत्व में अतिरिक्त निदेशक तिलक राज शर्मा और एसडब्ल्यूसीए, परवाणू के अधिकारियों और लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के साथ भारी बारिश के कारण हुए नुकसान का जायज़ा लेने के लिए औद्योगिक क्षेत्र सेक्टर ५ और कमली-खादीम का दौरा किया, ताकि औद्योगिक गतिविधियों के सुचारू संचालन के लिए उचित कदम उठाए जा सकें। निदेशक उद्योग ने औद्योगिक संघों के प्रतिनिधियों और फैक्ट्री मालिकों के साथ विस्तृत चर्चा की और कहा कि उद्योग मंत्री ने विभाग को औद्योगिक क्षेत्र में नुकसान का आकलन करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने औद्योगिक गतिविधियों की बहाली के लिए समयबद्ध उचित कदम उठाने का आश्वासन दिया। औद्योगिक क्षेत्र के निरीक्षण के दौरान पाया गया कि मूसलाधार बारिश के कारण नाले में बाढ़ आने से औद्योगिक क्षेत्र की आंतरिक सड़कें क्षतिग्रस्त हो गईं हैं। बाढ़ के पानी के साथ मलबा फैक्ट्रियों के परिसर में आ गया है। निदेशक उद्योग ने तत्काल राहत का आश्वासन दिया और एसडब्ल्यूसीए अधिकारियों को सड़क साफ करने के लिए पर्याप्त मशीनें तैनात करने को कहा। उन्होंने नुकसान के आकलन व मरम्मत की लागत का आकलन तैयार करने के निर्देश भी दिए। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के हिमाचल चैप्टर के अध्यक्ष गगन कपूर ने जमीनी स्तर पर मूल्यांकन के लिए एक टीम भेजकर त्वरित कार्रवाई के लिए राज्य सरकार का आभार व्यक्त किया। उन्होंने औद्योगिक क्षेत्र कामली तक सड़क संपर्क बहाल करने के लिए तत्काल हस्तक्षेप का आग्रह किया। परवाणू इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (पीआईए) के अध्यक्ष सुनील तनेजा ने कहा कि परवाणू के सेक्टर ४ और ५ के बीच नाले के चैनलाइजेशन के साथ-साथ नाले में जल प्रवाह को सुचारू बनाने के लिए जरूरी कदम उठाने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने लगातार भारी बारिश से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए आज लाहौल-स्पीति जिला के सिस्सू, चंद्रताल और लोसर तथा कुल्लू जिले के मनाली क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण किया। मुख्यमंत्री ने सिस्सू और मनाली में विभिन्न क्षेत्रों में फंसे लोगों की सकुशल वापसी के बाद उनसे बातचीत की और कुशलक्षेम जाना। इस दौरान उन्होंने नेहरू कुंड के पास बाहंग स्थित हिमपात एवं हिमस्खलन अध्ययन प्रतिष्ठान (सासे) का भी दौरा कर वहां बारिश से हुए नुकसान की जानकारी ली। उन्होंने आश्वस्त किया कि घाटी में फंसे लोगों को जल्द से जल्द सुरक्षित निकालने के लिए सरकार की ओर से हरसंभव सहायता प्रदान की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि लाहौल घाटी के सिस्सू में फंसे मनाली के एक स्कूल के 52 बच्चों को सुरक्षित मनाली पहुंचाया गया है। इसके अतिरिक्त, कुल्लू तथा मनाली सहित विभिन्न स्थानों पर पिछले तीन दिनों से फंसे लगभग 25000 लोगों को आज सुरक्षित निकाल लिया गया है। उन्होंने बताया कि मनाली-चंडीगढ़ मार्ग पर यातायात धीमा है, लेकिन प्रारम्भिक सूचना के अनुसार बुधवार शाम 4 बजे तक लगभग 6552 वाहन कुल्लू को पार कर चंडीगढ़ की ओर जा चुके हैं और कसोल तथा आस-पास के क्षेत्रों से भी आज जिला प्रशासन द्वारा लगभग 3000 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। उन्होंने कहा कि ढुंखड़ा के पास भारी भूस्खलन के कारण कसोल भुंतर सड़क अभी भी अवरुद्ध है और जिला प्रशासन मलबे को हटाने के लिए लगातार काम कर रहा है। इन क्षेत्रों में फंसे हुए लोगों को विभिन्न वाहनों में ढुंखड़ा लाया जा रहा है और वहां से उन्हें भुंतर तक पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बचाव कार्यों की निगरानी के लिए जिला प्रशासन की एक टीम कसोल पहुंच गई है। जिभी-बंजार-औट से चंडीगढ़ की ओर जाने के लिए सड़क वाहनों के लिए खोल दी गई है। जिला प्रशासन को पर्यटकों और स्थानीय लोगों की शीघ्र निकासी के लिए कसोल, तीर्थन और सैंज सड़कों को साफ करने का निर्देश दिया गया है। यह सड़कें एक-दो दिनों के भीतर बहाल होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि राज्य में 100 से अधिक ट्रैकर्स को भी सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि अटल टनल वाहनों के आवागमन के लिए खुली है और आज शाम 4 बजे तक 300 से अधिक वाहन इस सुरंग से निकलकर गैमन ब्रिज से मंडी की ओर भेजे जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि पर्यटक चंडीगढ़ जाने के लिए इस रास्ते का इस्तेमाल कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि स्थानीय स्वयंसेवी संस्थाओं की मदद से रामशीला चौक के पास लोगों के लिए खाद्य सामग्री वितरण की व्यवस्था भी की गयी है। उन्होंने कहा कि मनाली में लोगों को 6000 से अधिक भोजन के पैकेट वितरित किए गये हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी और मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी को चंद्रताल झील में फंसे लोगों तक पहुंचने और बचाव कार्यों की निगरानी करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि चंद्रताल में स्थिति चुनौतीपूर्ण है लेकिन राज्य सरकार वहां विभिन्न कैम्पों में मौजूद सभी 293 लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित कर रही है। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार इस क्षेत्र में बाढ़ और भूस्खलन के कारण क्षतिग्रस्त सड़कों को फिर से बहाल करने के लिए त्वरित एवं ठोस कदम उठा रही है और सीमा सड़क संगठन के सहयोग से इसका कार्य पूरे जोरों पर है। उन्होंने कहा कि स्पिति घाटी में फंसे ज्यादातर पर्यटकों और आम लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है और शेष लोगों को भी वहां से शीघ्र ही सुरक्षित निकाल लिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार आपदा से प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए गंभीरता से प्रयास कर रही है और वह स्वयं स्थिति पर लगातार नजर रख रहे हैं। उन्होंने स्थिति को जल्द से जल्द सामान्य करने के लिए लोगों से प्रशासन का सहयोग करने की भी अपील की। इस अवसर पर विधायक भुवेनश्वर गौड़, उपायुक्त आशुतोष गर्ग और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज सोलन जिला के शामती में भारी वर्षा के कारण हुए नुकसान का जायजा लिया और जिला प्रशासन को इस संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। राज्यपाल ने शामती में भारी वर्षा के कारण हुए भूस्खलन से अवरूद्ध सोलन-राजगढ़ मार्ग का निरीक्षण किया। उन्होंने प्रभावित परिवारों से भेंट भी की। भारी वर्षा के कारण शामती में हुए भूस्खलन एवं चट्टानों के गिरने से सोलन-राजगढ़ मार्ग अवरूद्ध हो गया है तथा इस कारण कुछ आवासों को भी नुकसान पहुंचा है। राज्यपाल ने जिला प्रशासन को निर्देश दिए कि अवरूद्ध मार्ग को शीघ्र बहाल किया जाए तथा प्रभावित परिवारों को राहत एवं बचाव के लिए सभी प्रबंध सुनिश्चित किए जाएं। उन्होंने उपायुक्त तथा पुलिस अधीक्षक सोलन को सभी एहतियाती उपाय सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए। उपायुक्त सोलन मनमोहन शर्मा, पुलिस अधीक्षक सोलन गौरव सिंह और जिला के वरिष्ठ अधिकारी इस अवसर पर उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू लाहौल-स्पिति तथा कुल्लू जिला के हवाई सर्वेक्षण के बाद आज मण्डी पहुंचे तथा भ्यूली स्थित ब्यास सदन एवं मण्डी गुरूद्धारा साहिब में स्थापित राहत शिविरों में बाढ़ पीड़ितों से मिलकर उनका कुशलक्षेम जाना। इस अवसर पर उन्होंने शिविरों में रह रहे बाढ़ पीड़ितों को २५-२५ हजार रुपये प्रदान करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि मण्डी केे पंडोह में बाढ़ और बारिश से बड़े स्तर पर दुकानों और मकानों को काफी नुकसान पहुंचा है। मुख्यमंत्री ने इसके दृष्टिगत पंडोह में प्रभावित परिवारों को एक-एक लाख रुपये प्रदान करने की घोषणा भी की। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत के दौरान कहा कि जिला प्रशासन को राहत कार्यों में और तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में जनजीवन सामान्य बनाने के लिए थोड़ा समय आवश्य लगेगा। इस भीषण आपदा से प्रदेश में प्रथम दृष्टया लगभग ४ हजार करोड़ रुपये का नुकसान आंका गया है। उन्होंने कहा कि इसके दृष्टिगत प्रदेश सरकार ने केन्द्र से भी वित्तीय सहायता के लिए आग्रह किया है। इसके उपरान्त, मुख्यमंत्री आज भारी धुंध व मौसम खराब होने के कारण थुनाग क्षेत्र का दौरा नहीं कर पाए। उन्होंने थुनाग में बाढ़ पीड़ितों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त करते हुए हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है। इस अवसर पर स्थानीय विधायक एवं पूर्व मंत्री अनिल शर्मा, एपीएमसी मण्डी के अध्यक्ष संजीव गुलेरिया, कांग्रेस नेता पवन ठाकुर, जीवन ठाकुर, नरेश चौहान, लाल सिंह कौशल सहित अन्य पार्टी पदाधिकारी, मण्डलायुक्त मण्डी राखिल काहलों, पुलिस अधीक्षक सौम्य साम्बसिबन, अतिरिक्त उपायुक्त निवेदिता नेगी, अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी अश्वनी कुमार और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
ठियोग विधानसभा क्षेत्र के तहत भारी बारिश के चलते हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए विधायक कुुलदीप राठौर फील्ड में डट गए हैं। बुधवार को उन्होंने नारकंडा में अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में एसडीएम कुमारसैन, बीडीओ, लोक निर्माण विभाग, बिजली बोर्ड के एक्सियन व वन विभाग के डीएफओ सहित अन्य विभागों के अधिकारी शामिल थे। बैठक में बारिश से विधानसभा क्षेत्र में हुए नुकसान की पूरी रिपोर्ट तलब कर उस पर चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार इस आपदा की घड़ी में आम जनमानस के साथ खड़ी है। इस आपदा के समय में लोगों को सुरक्षा प्रदान करना प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सेब सीजन शुरू हो गया है बारिश व भू सख्लन से सड़के बंद हो गए हैं उन्हें जल्द खोले। प्राथमिक्ता के आधार पर सड़कों को खोलने का काम शुरू करें ताकि लोगों को सेब सीजन के दौरान किसी प्रकार की असुविधा न हो। उन्होंने बिजली बोर्ड के अधिकारियों को गांवों में बिजली व्यवस्था जल्द ठीक करने को कहा। साथ ही जल शक्ति विभाग के अधिकारियों को पेयजल व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस बारिश में सबसे अधिक पंचायत की सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं। सड़कों को सुरक्षित रखने के लिए आने वाले समय में जल निकासी की उचित व्यवस्था प्रदान की जाएगी। अधिकारियों ने बताया कि ज्यादातर सड़कों को बहाल किया जा चुका है। सड़कों को खोलने का काम युद्ध स्तर पर चला हुआ है। नारकंडा को जाने वाली एलपीजी गैस का सिलेंडर ओवर लोडिंग के चलते वैली ब्रिज पर फंस गया है। विधायक कुलदीप राठौर ने कहा कि नारकंडा के लिए पिकअप के माध्यम से गैस भेजी जाएगी ताकि लोगों को किसी तरह की दिक्कतें पेश न आए। उन्होंने फील्ड स्टाफ की पीठ भी थपथपाई कि वे पूरी निष्ठा से काम कर रहे हैं।
उपायुक्त किन्नौर तोरूल रवीश ने जानकारी दी कि जिला किन्नौर के भावा वैली के कारा क्षेत्र में लगभग 28 व्यक्तियों के फंसे होने की जानकारी प्राप्त हुई थी, जिसके उपरांत पुलिस, एनडीआरएफ, आईटीबीपी व होमगार्ड के बचाव दलों को शीघ्र भेजा गया। उन्होंने कहा कि कारा में 28 व्यक्ति मवेशियों सहित फंसे हुए थे, जिनमें से 8 व्यक्ति ज्यूरी प्रजनन केंद्र, 4 ककस्थल फॉर्म, 3 नाथपा के निवासी और 10 भावा घाटी के निवासी थे, जिन्हें सुरक्षित मूलिंग गांव पहुंचाया गया है तथा 3 व्यक्ति कारा में मवेशियों की देख-रेख के लिए रुके हैं, जिन्हें पर्याप्त मात्रा में खाद्य सामग्री उपलब्ध करवा दी गई है। इसके अतिरक्ति इंडिया हाईक्स की ट्रैकर टीम के 18 व्यक्तियों को भी काफनू बेस में सुरक्षित पहुंचाया जा चुका है।
एचआरटीसी ने प्रदेश के 224 रूटों पर बस सेवा को बहाल कर दिया है। बुधवार से शिमला से चंडीगढ़-दिल्ली के लिए बस सेवा फिर से शुरू कर दी गई है। मंगलवार शाम को शिमला-कालका हाईवे पर परवाणू के समीप चक्की मोड़ पर सड़क धंसने के कारण एचआरटीसी ने शिमला से चंडीगढ़ दिल्ली के लिए रात्रि सेवाएं बंद कर दी थीं। अब इन सेवाओं को दोबारा से बहाल कर दिया है। प्रदेश के अलग अलग क्षेत्रों में फंसी एचआरटीसी की 363 बसें अपने-अपने डिपो को लौट चुकी हैं। हालांकि एचआरटीसी 316 बसें अभी भी प्रदेश के कई क्षेत्रों में फंसी हुई है। प्रदेशभर में 1193 रूटों पर बस सेवा अभी तक बहाल नहीं हो पाई है। एचआरटीसी के प्रबंध निदेशक रोहन चंद ठाकुर ने बताया कि प्रदेश की जैसे जैसे सडक़ें बहाल होंगी, एचआरटीसी दोबारा से सभी रूटों पर बस सेवा फिर से शुरू कर देगा।
हिमाचल प्रदेश शिमला जिला के तहत रामपुर बुशहर में एक दिल दहलाने वाला हादसा हुआ है। यहां पर नोगली के समीप एक कार सतलुज में समा गई। इस कार में चार लोग सवार थे। इन चारों का अभी तक कोई पता नहीं चल पाया है। हादसा गत रात्रि सवा नौ बजे के आसपास पेश आया है। जानकारी के अनुसार ननखड़ी तहसील की खड़ाहन पंचायत के लाडू गांव के रहने वाले मेहर सिंह (37) शीतल (29), मेहर सिंह का चचेरा भाई राजीव(33) व एक अन्य महिला सुन्दला देवी(60) कार में सवार होकर रामपुर में खनेरी अस्पताल के लिए आ रहे थे। इसी बीच जब वे नोगली के समीप पहुंचे तो वहां पर क्षतिग्रस्त एनएच पर से इनकी कार सतलुज में गिर गई। उफ़नती सतलुज की लहरों में अभी तक चारों का कोई सुराग नहीं चल पाया है। इसी बीच पुलिस को सूचित कर दिया है। सतलुज के उफान के बीच लापता लोगों का सुराग लगा पाना कठिन है।
लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से प्रदेश में लगातार हो रही भारी बारिश से राष्ट्रीय राजमार्गों सहित अन्य सड़कों को काफी नुकसान पहुंचा है। प्रदेश सरकार एवं विभाग का प्रयास है कि सभी बंद पड़े राजमार्गों एवं मुख्य सड़कों को शीघ्रातिशीघ्र बहाल किया जाए। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्गों की बहाली के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से भी बात की गई है। प्रदेश सरकार के आग्रह पर केंद्र की ओर से एनएचएआई सचिव को स्थिति का जायजा लेने के लिए भेजा गया है। इसी क्रम में विक्रमादित्य सिंह की अध्यक्षता में आज यहां भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के अधिकारियों की एक बैठक आयोजित की गई। इसमें सचिव एनएचएआई मनोज कुमार विशेष रूप से उपस्थित रहे। बैठक के दौरान कीरतपुर-मनाली फोरलेन राष्ट्रीय राजमार्ग को हुए नुकसान पर विस्तृत चर्चा की गई। प्राधिकरण के अधिकारियों ने अवगत करवाया कि इस राजमार्ग को रायसन से मनाली के बीच सबसे अधिक नुकसान हुआ है। इस मार्ग को सभी प्रकार के वाहनों के लिए खोलने का कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। लोक निर्माण मंत्री ने कहा कि ब्यास नदी में आई बाढ़ ने पिछले अधिकतम बिंदू को पार कर लिया है और ऐसे में एनएचएआई को इस क्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग की ऊंचाई बढ़ाने की दिशा में विचार करना चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके। इस पर एनएचएआई ने आईआईटी रूड़की के साथ मिलकर विस्तृत अध्ययन करने का आश्वासन दिया। आईआईटी रूड़की चक्की पुल के मरम्मत कार्य में भी शामिल है और उसी दल को कुल्लू-मनाली अनुभाग की बहाली के लिए उपाय सुझाने के दृष्टिगत स्थल का दौरा करने को कहा गया है। उन्होंने शिमला-कालका फोरलेन मार्ग पर भी यातायात सुचारू करने के निर्देश दिए। प्राधिकरण ने अवगत करवाया कि फिलहाल इस मार्ग पर सिंगल लेन यातायात संचालित किया जा रहा है और शीघ्र ही यहां से डबललेन यातायात बहाल कर दिया जाएगा। उन्होंने पिंजौर-बद्दी-नालागढ़ सड़क मार्ग पर मदनवाला पुल क्षतिग्रस्त होने से वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था करने और इस मार्ग को जल्द बहाल करने के भी निर्देश दिए। बैठक में पठानकोट-मण्डी राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित चक्कीपुल की स्थिति पर भी चर्चा की गई। लोक निर्माण मंत्री ने इसकी मुरम्मत के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए। इसके अतिरिक्त प्राधिकरण ने शिमला-मटौर सड़क पर घंडल के समीप अस्थाई पुल की मुरम्मत तथा इसके सुदृढ़ीकरण के लिए आवश्यक धनराशि उपलब्ध करवाने का भी आश्वासन दिया। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि भारी बारिश व भूस्खलन के कारण उत्पन्न इस विपदा में सड़कों एवं पुलों के क्षतिग्रस्त होने से करोड़ों रूपये का नुकसान हुआ है। उन्होंने केन्द्र सरकार से राष्ट्रीय राजमार्गों की मरम्मत इत्यादि के लिए प्रदेश को उदार वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाने का भी आग्रह किया। एनएचएआई के सचिव ने आश्वस्त किया कि आगामी 48 घण्टों में कीरतपुर-मनाली फोरलेन सड़क मार्ग पर कुल्लू तथा मनाली के मध्य यातायात बहाल करने के प्रयास किए जाएंगे। इसके लिए आवश्यक मशीनरी एवं कर्मचारियों की तैनाती सुनिश्चित की गई है। अन्य राष्ट्रीय राजमार्गों को खोलने के भी हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। बैठक में लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियन्ता अजय गुप्ता, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के क्षेत्रीय अधिकारी अब्दुल बासित सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
हिमाचल प्रदेश में अत्याधिक बारिश के कारण अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन ने राज्य पर विनाशकारी प्रभाव डाला है और कृषि विभाग के प्रारंभिक अनुमान में फसलों को 83 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है। कृषि एवं पशुपालन मंत्री चंद्र कुमार ने कहा कि राज्य भर में हुई तबाही अभूतपूर्व है, इसलिए केंद्र को हिमाचल में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित कर बचाव एवं राहत कार्यों के लिए विशेष आर्थिक पैकेज जारी करना चाहिए। आज आयोजित एक बैठक में चंद्र कुमार ने कहा कि प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार राज्य में प्रभावित कुल 28,495 हेक्टेयर कृषि क्षेत्र में से 6,978 हेक्टेयर में सब्जी उत्पादन को लगभग 40 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। मक्का, धान, रागी, बाजरा और खरीफ दलहन को लगभग 21,517 हेक्टेयर पर करीब 17 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। मंत्री ने कहा कि इसके अलावा, खेती की जमीन बह जाने और खेतों में आई गाद के कारण फसलों को लगभग 26 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा नुकसान मंडी जिले में हुआ जोकि 23.38 करोड़ रुपये आंका गया है। इसके बाद शिमला में 17.63 करोड़ रुपये, सिरमौर में 13.29 करोड़ रुपये, सोलन में 8.16 करोड़ रुपये, लाहौल स्पिति में 5.74 करोड़ रुपये, कुल्लू में 4.38 करोड़ रुपये, कांगड़ा में 3.99 करोड़ रुपये, ऊना में 2.99 करोड़ रुपये, चंबा में 1.53 करोड़ रुपये, बिलासपुर में 1.01 करोड़ रुपये, किन्नौर में 59 लाख रुपये और हमीरपुर में 29 लाख रुपये का नुकसान हुआ। भविष्य में ऐसी प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए मृदा संरक्षण पर बल देते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि पूरे राज्य में मृदा संरक्षण की तकनीकों और तरीकों को बढ़ावा दिया जाएगा। मंत्री ने कहा कि कांगड़ा जिले के शाहपुर निर्वाचन क्षेत्र में गज खड्ड के उचित तटीकरण और राजोल, अवाड़ी, अनसुई और डेग गांवों के निवासियों द्वारा मिट्टी संरक्षण को अपनाने के कारण हाल ही में हुई भारी बारिश से न्यूनतम नुकसान दर्ज किया गया हैै। चंद्र कुमार ने कहा कि कृषि और पशुधन के नुकसान के संबंध में उप निदेशकों को अंतिम रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया गया है और शीघ्र ही इससे संबंधित बैठक की जाएगी। बैठक में शाहपुर के विधायक केवल सिंह पठानिया, निदेशक कृषि डॉ. राजेश कौशिक और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज कुल्लू, मण्डी तथा लाहौल स्पिति जिला में पिछले तीन दिनों में हुई भारी बारिश से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया। मुख्यमंत्री ने कुल्लू जिला के भुंतर, सैंज, कसोल तथा खीर गंगा सहित अन्य प्रभावित क्षेत्रों का दौरा भी किया। सैंज में बाढ़ प्रभावित लोगों से संवाद करते हुए मुख्यमंत्री ने जान-माल के नुकसान पर संवेदनाएं व्यक्त करते हुए आश्वस्त किया कि प्रदेश सरकार प्रभावितों को हरसंभव सहायता उपलब्ध करवाएगी। उन्होंने क्षेत्र के लिए एक करोड़ रुपये की त्वरित राहत राशि जारी करने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में फंसे पर्यटकों एवं स्थानीय नागरिकों को सुरक्षित निकलाने के लिए बचाव अभियान निरंतर जारी है और इसके लिए छह हैलीकाप्टर उपलब्ध करवाए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सैंज क्षेत्र में बेहतर संपर्क सुविधा के लिए स्थानीय पुलिस प्रशासन को मौके पर ही दो सैटेलाईट फोन भी उपलब्ध करवाए गए हैं। उन्होंने कहा कि बाढ़ से सम्पर्क व्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित हुई है और प्रदेश सरकार इसे बहाल करने के लिए त्वरित एवं ठोस कदम उठा रही है। भुंतर हवाई अड्डे पर मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि कुल्लू जिला में शीघ्रातिशीघ्र विद्युत आपूर्ति बहाल करने के प्रयास जारी हैं। उन्होंने कहा कि विद्युत आपूर्ति बहाल होते ही पेजयल आपूर्ति योजनाओं को भी क्रियाशील कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री, राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी और मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी मण्डी जिला में हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं और प्रदेश सरकार प्रभावितों को हरसंभव मद्द प्रदान करने की दिशा में सक्रियता के साथ कार्य कर रही है। विभिन्न स्थानों पर फंसे हुए पर्यटकों एवं स्थानीय लोगों को निकालने के लिए हवाई सेवाएं आरम्भ कर दी गई हैं और फंसे हुए शेष लोगों तक सभी आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने प्रदेश में हुए नुकसान पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा, वरिष्ठ कांग्रेस नेता राहुल गांधी सहित अन्य केन्द्रीय नेताओं से चर्चा की है और सभी ने उन्हें आपदा की इस घड़ी में आवश्यक सहायता उपलब्ध करवाने का आश्वासन दिया है। उन्होंने इसके लिए सभी का आभार भी व्यक्त किया। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि इस प्राकृतिक आपदा में प्रदेश में अभी तक 27 लोगों की मृत्यु दर्ज की गई हैं। उन्होंने कहा कि वृहद स्तर पर हुई इस तरह की आपदा से निपटने तथा राहत एवं पुनर्वास कार्यों के लिए समय की आवश्यकता रहती है। उन्होंने कहा कि चन्द्रताल में फंसे लोगों के बचाव के लिए पहली हैलीकाप्टर सेवा आज प्रात: शुरू की गई लेकिन खराब मौसम के कारण इसमें देरी हुई है। अभी तक सात लोगों को वहां से सुरक्षित भुंतर पहुंचाया जा चुका है। उन्होंने कहा कि प्रशासन को वृद्ध एवं रोगियों को चन्द्रताल से बाहर निकालने में प्राथमिकता प्रदान करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अतिरिक्त भूस्खलन के कारण बाधित हुई सड़कों को बहाल करने के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं और यातायात बहाल करने के लिए वैकल्पिक मार्ग भी चिन्हित किए जा रहे हैं। उन्होंने भुंतर में आपदा प्रभावितों से भी बातचीत की और आश्वस्त किया कि उन्हें सरकार की ओर से हरसंभव सहायता उपलब्ध करवाई जाएगी। इस अवसर पर मुख्य संसदीय सचिव सुन्दर सिंह ठाकुर तथा कांग्रेस नेता खिमी राम और विभिन्न प्रशासनिक अधिकारी भी उपस्थित थे।
नगर निगम शिमला के कृषि वार्ड में बारिश से नुकसान हुआ है मलबा रास्तों पर आया है अनेक रास्ते क्षतिग्रस्त होने से लोगों को दिक्कत आ रही है, कई पेड़ गिरने वाले हैं, पानी की पाइपों को क्षति हुई है, पानी की योजनाओं में मलवा आने से पानी नियमित रूप से नहीं आ रहा है, लोगों को राहत देने के लिए पार्षद रचना शर्मा फील्ड में है ।लोगों के सहयोग से जहां परेशानियों को कम करने का काम किया जा रहा है ।वही नगर परिषद के अधिकारियों के सहयोग से नगर निगम के आपदा प्रबंधन की टीम को फील्ड में काम पर लगाकर मलबे को हटाया जा रहा है ,जिससे लोगों की आवाजाही में दिक्कत ना आए। रचना शर्मा ने कहा कि बारिश बहुत अधिक हुई है, जिसके कारण नुकसान हुआ है, जिसे नगर निगम के सहयोग से ठीक करवाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि लोगों को जहां-जहां भी दिक्कत आई है हमने तुरंत कार्रवाई करने का प्रयास किया है ।उन्होंने कहा कि पानी की समस्या आ रही है ,पानी नहीं आ रहा है, जिसके कारण लोगों को दिक्कत है। उन्होंने कहा कि इस बारे भी नगर निगम में बात की गई है।पेयजल की योजनाओं में मलवा आया है, ऐसे में जल्द योजनाएं ठीक हो पानी नियमित हो इसका प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राहत कार्यों को और तेज करवाया जाएगा और जो पेड़ कटवाने हैं उसके लिए भी कार्रवाई की जाएगी।रचना शर्मा ने कहा जो सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं उन्हें भी ठीक करवाया जाएगा। इस अवसर पर उनके साथ पूर्व डिप्टी मेयर राकेश शर्मा, भाजपा कार्यकर्ता राजेश सैनी, जयराम गोल्डी, पारस जैन सहित अन्य स्थानीय निवासी भी उपस्थित रहे।
प्रदेश में भारी बारिश, अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन से सड़कों और अन्य बुनियादी ढांचा को भारी नुकसान हुआ है। इन सभी विपरीत एवं कठिन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए व विद्यार्थियों और कर्मचारियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए वर्तमान सत्र के लिए हिमाचल स्कूल शिक्षा बोर्ड से संबद्ध सरकारी, निजी स्कूलों में मानसून अवकाश को पुनर्निर्धारित और समय से पहले/समायोजित करने का निर्णय लिया है। छुट्टियों के दिनों की कुल संख्या समान रखने के लिए हरसंभव सावधानी बरती गई है, ताकि शिक्षण दिवस यथावत रहे। सरकार के आदेशों के अनुसार स्कूलों में मानसून ब्रेक 10 जुलाई से शुरू हो गया है। इस संबंध में उच्च शिक्षा निदेशालय की ओर से कार्यालय आदेश जारी किए गए हैं। स्कूलों में अब यह रहेगा मानसून ब्रेक का शेड्यूल कुल्लू जिले के स्कूलों में अब मानसून अवकाश 10 जुलाई से 1 अगस्त तक 23 दिन का रहेगा। पहले यह 23 जुलाई से 14 अगस्त तक होना था। इसी तरह लाहौल-स्पीति जिले के स्कूलों में समर अवकाश 10 जुलाई से 20 अगस्त तक 42 दिन का रहेगा। पहले ये छुट्टियां 17 जुलाई से 20 अगस्त तक होनी थीं। जनजातीय क्षेत्र किन्नौर, पांगी व भरमौर में मानसून अवकाश 10 से 15 अगस्त तक छह दिन का रहेगा। मौजूदा शेड्यूल के मुताबिक यह ब्रेक 22 से 27 अगस्त तक होना था। प्रदेश के अन्य शीतकालीन अवकाश वाले स्कूलों में मानसून ब्रेक अब 10 से 15 जुलाई तक छह दिन का रहेगा। मौजूदा शेड्यूल के तहत मानसून ब्रेक 22 से 27 जुलाई तक होना था।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता ठियोग से कांग्रेस विधायक कुलदीप सिंह राठौर ने प्रदेश सरकार से भारी बारिश व बाढ़ से ध्वस्त हुई सेब बहुल क्षेत्रों की संपर्क सड़कों की युद्ध स्तर पर मरम्मत करने व इन्हें बहाल करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा है कि प्रदेश में सेब बागवानों की आर्थिकी इसी पर निर्भर है और अगर इन क्षेत्रों में सड़कों को तुरंत ठीक नहीं किया गया तो बागवानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ेगा। आज प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में एक पत्रकार वार्ता में कुलदीप राठौर ने कहा कि हिमाचल में भारी बारिश व बाढ़ का कहर बरपा है। लोग सहमे हुए हैं। नुकसान का तत्काल सही आकलन नहीं हो सकता पर इतना जरूर है कि यह नुकसान हजारों करोड़ का हैं। उन्होंने केंद्र सरकार से विशेष आर्थिक पैकेज की मांग करते हुए कहा कि पहले ही प्रदेश की आर्थिक स्थिति विकट है और इस त्रासदी से प्रदेश पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ गया है। राठौर ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर व भाजपा के तीनों सांसदों से भी प्रदेश की मदद का आग्रह किया है। उन्होंने कहा है कि दलगत राजनीति से ऊपर उठ कर सभी नेताओं को इस आपदा की घड़ी में आगे आना चाहिए। वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष सांसद प्रतिभा सिंह ने इस दौरान पत्रकार वार्ता में केंद्र से इस आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से विशेष आर्थिक पैकेज की मांग की है। उन्होंने इस आपदा से हुए नुकसान के आकलन के लिए केंद्रीय टीम जल्द भेजने का भी आग्रह किया हैं। वहीं, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी व अखिल भारतीय कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य प्रदेश मामलों के प्रभारी राजीव शुक्ला ने भी प्रदेश में भारी बारिश बाढ़ से हुए नुकसान पर दुख व्यक्त किया हैं। उन्होंने इस आपदा में मारे गए लोगों के प्रति भी अपनी संवेदना व्यक्त की है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सांसद प्रतिभा सिंह ने प्रदेश में भारी बारिश व बाढ़ से प्रभावित लोगों की सहायता हेतु प्रदेश कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन में सूचना एवं समन्वय कक्ष स्थापित किया हैं। इसके अतिरिक्त जिला स्तर पर भी पार्टी महासचिवों व सचिवों को सहायता व समन्वय केंद्रों की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई हैं। कांग्रेस महासचिव सगंठन रजनीश किमटा ने कार्यालय आदेश जारी करते हुए बताया कि राजीव भवन में कांग्रेस महासचिव यशपाल तनाईक, जिला कांग्रेस अध्यक्ष शहरी जितेंद्र चौधरी के अतिरिक्त कैप्टन एस के सहगल,गुलाब सिंह ठाकुर मान सिंह ठाकुर,परम देव शर्मा व विराज शर्मा को नियंत्रण कक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई हैं। शिमला नियंत्रण कक्ष का दूरभाष नंबर 0177 2650169 व 0177 2805522 पर कोई भी व्यक्ति किसी भी सहायता के लिए संपर्क कर सकता हैं। जिला मंडी के नियंत्रण कक्ष की जिम्मेदारी कांग्रेस महासचिव चेतराम ठाकुर पवन ठाकुर,शशि शर्मा व जिलाध्यक्ष प्रकाश चौधरी को सौंपी गई हैं। कुल्लू जिला की जिम्मेदारी कांग्रेस महासचिव रोहित वत्स धामी व जिलाध्यक्ष सेस राम आजाद को सौंपी गई हैं। चंबा जिला की जिम्मेदारी कांग्रेस महासचिव डी एस पठानिया व जिलाध्यक्ष कमल ठाकुर को सौंपी गई हैं। शिमला जिला की जिम्मेदारी कांग्रेस महासचिव देवेंद्र बुशेहरी,जिलाध्यक्ष ग्रामीण अतुल शर्मा को सौंपी गई हैं। कांगड़ा जिला की जिम्मेदारी कांग्रेस उपाध्यक्ष संजय चौहान, महासचिव विक्रम शर्मा विक्की व जिलाध्यक्ष करण पठानिया को सौंपी गई हैं। ऊना जिला की जिम्मेदारी कांग्रेस महासचिव अविनाश कपिला व जिलाध्यक्ष रंजीत सिंह राणा को सौंपी गई हैं। बिलासपुर जिला की जिम्मेदारी कांग्रेस महासचिव विवेक कुमार व जिलाध्यक्ष अंजना धीमान को सौंपी गई हैं। हमीरपुर जिला की जिम्मेदारी जिलाध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया को सौंपी गई हैं। सिरमौर जिला की जिम्मेदारी गीता राम ठाकुर व जिलाध्यक्ष आनंद परमार को सौंपी गई हैं। लाहौल स्पीति जिला की जिम्मेदारी कांग्रेस सचिब प्यारेलाल शर्मा व जिलाध्यक्ष ग्यालछन ठाकुर को सौंपी गई हैं। सोलन जिला की जिम्मेदारी कांग्रेस महासचिव हरदीप सिंह बावा व जिलाध्यक्ष शिव कुमार को सौंपी गई हैं। किन्नौर जिला की जिम्मेदारी कांग्रेस सचिव प्रताप नेगी व जिलाध्यक्ष उमेश नेगी को सौंपी गई हैं।
उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि हिमाचल में सभी पर्यटक सुरक्षित हैं, सरकार सबका परिवार की तरह ख्याल रख रही है। उन्होंने मंगलवार को मंडी में अधिकारियों के साथ बैठक कर जिले के विभिन्न हिस्सों में अत्यधिक बारिश से पैदा हुई स्थिति की समीक्षा के बाद मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में यह बात कही। उन्होंने मीडिया के माध्यम से पर्यटकों के परिजनों को भरोसा देते हुए किसी प्रकार की चिंता न करने की अपील की। उन्होंने कहा कि हम अतिथि देवो भव की नीति पर चलने वाले लोग हैं। प्रदेश में आया हर सैलानी हमारा मेहमान है। हम सभी का उसी प्रकार ध्यान रख रहे हैं। उन्होंने कहा कि बारिश और बाढ़ से रास्ते बंद होने के कारण पर्यटक अलग अलग जगहों पर होटल और रिसॉर्ट में रुके हैं । बिजली सप्लाई बाधित होने और मोबाइल नेटवर्क डाउन होने के कारण उनसे बात न हो पाने के कारण परिवार जनों का चिंतित होना स्वाभाविक है। पर सभी धैर्य रखें, रास्ते बहाल करने का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है। रास्ते खुलते ही सभी को सुरक्षित उनके घरों को रवाना किया जाएगा। सभी होटल, रिसॉर्ट मालिकों को भी स्थिति सामान्य होने तक सहयोग को कहा गया है। 24 घंटे में बहाल कर ली जाएंगी पेयजल परियोजनाएं मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि प्रदेश में अगले 24 घंटे में पेयजल की 4 हज़ार परियोजनाएं बहाल कर ली जाएंगी। उन्होंने बताया कि बारिश और बाढ़ से प्रदेश में पानी की 5 हज़ार छोटी- बड़ी परियोजनाओं को नुकसान पहुंचा है। इनमें से 4 हज़ार को अगले 24 घंटे में रिस्टोर कर लिया जाएगा। इसके लिए जल शक्ति विभाग के तमाम अधिकारी पूरी मशीनरी के साथ फील्ड में डटे हैं। मंडी में जल्द सुचारू होगी पेयजलापूर्ति उन्होंने कहा कि मंडी शहर में भी अगले 24 से 48 घन्टों के भीतर पेयजल आपूर्ति को पूरी तरह बहाल कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि बाढ़ के कारण गाद भरने से मंडी शहर की दोनों बड़ी पेयजल परियोजनाएं फ़िलहाल बंद हैं। शहर में अन्य छोटी परियोजनाओं से पेयजल आपूर्ति की वैकल्पिक व्यवस्था की गयी है। जल्द ही पेयजल आपूर्ति सुचारू हो जाएगी। उन्होंने जल शक्ति विभाग के अधिकारियों को पेयजल योजनाओं के साथ साथ सीवरेज परियोजनाओं को भी यथाशीघ्र दुरुस्त करने के निर्देश दिए। बाढ़ पीड़ितों से मिले उप मुख्यमंत्री इस दौरान उपमुख्यमंत्री ने मंडी में बारिश और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर हालात का जायजा लिया। वे मंडी के ब्यास सदन और गुरुद्वारे में बनाए राहत शिविरों में रह रहे लोगों से भी मिले और उनका दुख दर्द जाना। उन्होंने बाढ़ पीड़ितों को सरकारी की ओर से हर सम्भव सहायता का भरोसा दिलाया और प्रशासन को सभी हर तरह से ख्याल रखने के निर्देश दिए। बता दें, प्रशासन ने बाढ़ के खतरे के चलते 200 के करीब लोगों को राहत शिविर बना कर ठहराया है। उनके ठहरने, भोजन,पानी, दवाओं की पूरी व्यवस्था की गयी है।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने भारी बारिश से कुल्लू, मंडी व लाहौल में हुए नुकसान का मंगलवार को हवाई सर्वेक्षण किया। इस दौरान उन्होंने हेलीकॉप्टर से कुल्लू, मंडी, औट व भुंतर क्षेत्र में बरसात से हुए नुकसान का जायजा लिया। चंद्रताल में फंसे 300 लोगों का आज सुबह 5:00 बजे से बचाव अभियान शुरू कर दिया था। पहली टीम मशीनरी के साथ लोसर से चंद्रताल के लिए रवाना हुई है, जबकि दूसरी टीम काजा से एडीसी राहुल जैन की अध्यक्षता में रवाना हुई है। करीब 40 लोगों का बचाव दल जिसमें पंगमो और लोसर गांव के युवा के अलावा स्पीति के अन्य गांव से युवा शामिल हैं। अब तक 10 से अधिक बुजुर्गों व छोटे बच्चों वाले परिवारों को भुंतर कुल्लू के लिए एयरलिफ्ट कर लिया गया है। सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने खुद यह जानकारी दी।
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने आज बाईपास ठियोग पर बने पुल का व रैई घाट में भारी बरसात से क्षतिग्रस्त सड़कों का जायजा लिया। उन्होंने अधिकारियों से बारिश से हुए नुकसान की जानकारी ली। गौर रहे कि भारी बरसात के चलते क्षतिग्रस्त हुए पुलों व सड़कों के कारण स्थानीय ग्रामीणों व स्थानीय लोगों को आने जाने में समस्या का सामना करना पड़ रहा है, इसी के मद्देनजर शिक्षा मंत्री ने उच्च अधिकारियों से बात की व शीघ्र ही जन जीवन को सुचारू रूप से पटरी पर लाने व क्षतिग्रस्त सड़कंो व पुलों को सुचारू रूप से बहाल करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आपदा की इस घड़ी में प्रदेश सरकार प्रदेशवासियों के साथ है। उन्होंने लोगों से अपील की कि अनावश्यक यात्रा करने से बचें, नदियों व जल स्त्रोतों के नजदीक न जाएं, जितना हो सके घरों में रहें। प्रदेश सरकार हरसंभव आपकी मदद के लिए हर क्षण तत्पर है। किसी भी आपात स्थिति के लिए हेल्पलाइन नंबर - 1100,1070,1077 पर संपर्क करें।
सिरमौर जिले में हरिपुरधार स्थित मानव हिल रिजॉर्ट के प्रबंध निदेशक मेलाराम शर्मा ने हरिपुरधार क्षेत्र में फंसे पर्यटकों और बाहरी लोगों के लिए अपने रिजॉर्ट में नि:शुल्क ठहराव और भोजन इत्यादि की व्यवस्था करने का निर्णय लिया है। यह निर्णय उन्होंने दुर्गम क्षेत्र हरिपुरधार और आसपास क्षेत्रों में फंसे पर्यटकों और सैलानियों को शोषण से बचाने और कठिनाई की घड़ी में उन्हें आवासीय और भोजन सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से लिया है। मानव हिल रिजॉर्ट के प्रबंध निदेशक मेलाराम शर्मा ने सार्वजनिक सूचना जारी कर क्षेत्र में फंसे पर्यटकों और सैलानियों से आग्रह किया है कि वे इस आपदा की घड़ी में परेशान ना हो और निशुल्क ठहराव एवं भोजन इत्यादि की व्यवस्था के लिए किसी भी समय मानव हिल रिजॉर्ट बड़याल्टा, हरिपुरधार के परिसर में पहुंच सकते हैं। उन्होंने बताया कि पिछले कुछ दिनों से पूरे क्षेत्र में भारी बरसात के कारण त्राहि-त्राहि मची है और सारी सड़कें अवरुद्ध होने के कारण आवाजाही पूर्णता ठप हो गई है। ऐसे में क्षेत्र में फंसे सैलानियों और पर्यटकों को भी भारी कठिनाइयों से दो चार होना पड़ रहा है। मेलाराम शर्मा ने बताया कि अतिथि देवो भव. की परिपाटी को आत्मसात करने के उद्देश्य से उन्होंने क्षेत्र में फंसे सैलानियों और पर्यटकों को निशुल्क सुविधा उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है और क्षेत्र के लोगों से भी आग्रह किया है कि यदि उन्हें क्षेत्र में किसी पर्यटक के फंसे होने की सूचना मिलती है तो वह मानव हिल रिजॉर्ट के प्रबंध निदेशक को मोबाइल नंबर 94180 86948 या फिर रिजोर्ट के प्रबंधक कमल शर्मा के मोबाइल नंबर 6230921899 पर सूचना देकर पर्यटकों को यहां भेज सकते हैं। उन्होंने बताया कि मानव हिल रिजॉर्ट द्वारा क्षेत्र में फंसे पर्यटकों और सैलानियों के लिए यह सुविधा तब तक जारी रहेगी जब तक यहां की सड़कें बहाल करके परिवहन सुविधा शुरू नहीं होती। उन्होंने बताया कि मानव हिल रिजॉर्ट द्वारा इस आशय की सूचना उपायुक्त सिरमौर, पुलिस अधीक्षक सिरमौर,आपदा प्रबंधन प्राधिकरण सिरमौर,उपमंडल अधिकारी नागरिक संगड़ाह व नायब तहसीलदार हरिपुरधार तथा डीएसपी संगड़ाह और पुलिस चौकी प्रभारी हरिपुरधार को भी पत्र भेजकर दी गई है ताकि क्षेत्र में फंसे पर्यटक मानव हिल रिजॉर्ट पहुंच सके।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज जिला हमीरपुर के नादौन से राज्य में भारी बारिश और भूस्खलन से हुए नुकसान की समीक्षा के लिए आयोजित राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की वर्चुअल बैठक की अध्यक्षता की और सभी संबंधित प्राधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस प्राकृतिक आपदा के कारण १७ लोगों की मृत्यु हो गई है और राज्य के विभिन्न हिस्सों में सड़कों, बिजली के ट्रांसफार्मरों व विद्युत उप-केंद्रों और जल आपूर्ति परियोजनाओं को भारी नुकसान पहुंचा है। इस आपदा के कारण लोगों का जनजीवन व्यापक रूप से प्रभावित हुआ है और प्रारम्भिक अनुमान के अनुसार प्रदेश को लगभग ३००० करोड़ से ४००० करोड़ रुपए तक का नुकसान आंका गया है। मुख्यमंत्री ने लगातार बारिश से हुए नुकसान का सटीक आकलन करने के लिए राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता में समिति की बैठक बुलाने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने सभी उपायुक्तों को आगामी १० दिनों तक सतर्क रहने और प्रभावित लोगों को हरसंभव सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने भूस्खलन और बाढ़ से हुई जान-माल की हानि पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए आश्वासन दिया कि राज्य सरकार इस विकट स्थिति से कुशलतापूर्वक निपटने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में त्वरित बचाव अभियान शुरू किए गए और समय पर आपदा प्रबन्धन कर, कई अमूल्य जीवन बचाए गए हैं। उन्होंने जिला प्रशासन से राहत और बचाव कार्यों के लिए पंचायती राज संस्थाओं के जन प्रतिनिधियों और स्थानीय लोगों को शामिल करने के लिए कहा। उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों में बिजली और पानी की आपूर्ति तत्काल बहाल करने के निर्देश दिए ताकि लोगों को दैनिक जीवन में किसी भी असुविधा का सामना न करना पड़े। उन्होंने विभिन्न जगहों पर फंसे हुए लोगों की सुविधा के लिए क्षतिग्रस्त पुलों के स्थान पर बेली ब्रिज के निर्माण के भी निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि मौसम ठीक होने पर हेलीकॉप्टरों का उपयोग करके लाहौल-स्पीति और कुल्लू जिलों में फंसे लगभग ३०० पर्यटकों और स्थानीय निवासियों को निकालने के प्रयास किए जायेंगे। उन्होंने प्रदेश में फंसे पर्यटकों की राज्यवार सूची तैयार करने के अलावा इन लोगों के ठहरने, भोजन और दवाओं इत्यादि सहित आवश्यक वस्तुओं की पर्याप्त व्यवस्था करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि लगातार हो रही बारिश के कारण राज्य में भारी तबाही और जान-माल को भारी नुकसान पहुंचा है। मुख्यमंत्री ने सभी उपायुक्तों को राहत कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने आश्वासन दिया कि राज्य सरकार प्रभावितों की सहायता के लिए पर्याप्त धनराशि सुनिश्चित करेगी। उन्होंने कहा कि वह शीघ्र ही प्रभावित इलाकों का दौरा कर नुकसान का जायजा लेंगे। मुख्यमंत्री ने सेब सीजन के दृष्टिगत इन उत्पादक क्षेत्रों में सड़कों की शीघ्र बहाली पर बल दिया ताकि सेब फसलों का सुचारू परिवहन सुनिश्चित कर, सेब उत्पादकों को नुकसान से बचाया जा सके। उन्होंने परवाणु-रोहड़ू, ठियोग से रामपुर, छैला से कुमारहट्टी सड़कों और अन्य सेब उत्पादन क्षेत्रों की सड़कों को खुला रखने और मलबा हटाने के लिए अतिरिक्त मशीनरी तैनात करने के निर्देश दिए। उन्होंने इन क्षेत्रों में तत्काल सड़क सुधार के लिए ४ करोड़ रुपए आबंटित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि श्रीखंड महादेव यात्रा के दौरान छह मौतों की सूचना के उपरांत इस यात्रा को शेष सीजन के लिए रोकने के निर्देश दिए गए हैं। इस वर्चुअल बैठक में राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी, शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, प्रधान सचिव राजस्व ओंकार चंद शर्मा सहित अन्य संबंधित अधिकारियों ने भाग लिया।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. कर्नल धनीराम शांडिल ने आज यहां विभागीय अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक में प्रदेश में भारी बारिश के कारण स्वास्थ्य संस्थानों को हुए नुकसान की स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बरसात के मौसम में होने वाले रोगों की रोकथाम तथा किसी भी आपात स्थिति में त्वरित स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए सरकार द्वारा सभी आवश्यक कदम उठाए गए हैं। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने भारी बारिश के कारण उत्पन्न हुई आपात स्थिति के दृष्टिगत स्वास्थ्य संस्थानों में कार्यरत सभी कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी है ताकि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को सुचारू रूप से संचालित किया जा सके। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को प्रदेश के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में आवश्यक दवाइयों के भंडारण व एम्बुलैंस सेवा की समुचित व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए। बैठक में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण (एसडीएमए) के प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि प्रदेश में भारी वर्षा के कारण हुए जान व माल के नुकसान की स्थिति का निरन्तर जायजा लिया जा रहा है, भारी बारिश के कारण उत्पन्न स्थिति पर मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू निरन्तर नज़र बनाए हुए हैं। प्रवक्ता ने बताया कि हिमाचल प्रदेश राज्य आपातकालीन ऑपरेशन केन्द्र से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश में पिछले ६० घण्टों में १० जुलाई, २०२३ को प्रातः ८ बजे तक कुल १७ लोगों की मृत्यु दर्ज की गई है। इस अवधि के दौरान एक होटल तथा ११ घर पूर्ण रूप से व २० घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। १०० से १२० पशुओं की हानि भी दर्ज की गई है। इस अवधि के दौरान भूस्खलन की २०, बाढ़ की १७, आग लगने की २ तथा जल भराव की २० घटनाएं हुईं हैं। प्रदेश में मंडी से कुल्लू राष्ट्रीय राजमार्ग-२१, लाहौल स्पीति में ग्राम्फू से लोकार राष्ट्रीय राजमार्ग-५०५, कुल्लू में कुल्लू से मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग-३ तथा औट से जलोड़ी राष्ट्रीय राजमार्ग-३०५, सिरमौर में शिलाई सड़क के समीप राष्ट्रीय राजमार्ग-७०७ तथा तांदी से काधूनाला राज्य राजमार्ग बाधित हैं। उन्होंने बताया कि २४ जून, २०२३ से लेकर ९ जुलाई, २०२३ तक प्रदेश में २९ भूस्खलन, एक बादल फटने तथा २४ बाढ़ की घटनाएं रिपोर्ट की गई हैं। अब तक लोगों को २.८४ करोड़ रुपये की अनुग्रह राशि प्रदान की गई है। प्रदेश में प्रातः १० जुलाई, २०२३ तक ८२५ सड़कें, ४५९७ बिजली की लाइनें (डॉयनामिक थर्मल रेटिंग) तथा ७९५ जलापूर्ति योजनाएं बाधित हैं।
उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने आज यहां जल शक्ति विभाग को सभी क्षतिग्रस्त जलापूर्ति योजनाओं को तुरंत बहाल करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि योजनाओं को बहाल करने की जानकारी नियमित रूप से दिन में दो बार सुबह १० बजे और शाम ४ बजे मुख्यालय को भेजी जाए। उन्होंने राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की आधिकारिक वैबसाइट पर समय पर सूचनाएं अपलोड करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने पेयजल की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए सभी जलापूर्ति योजनाओं में स्रोत स्तर के साथ-साथ आपूर्ति स्थलों पर व्यापक जल परीक्षण करने के निर्देश दिए। उप-मुख्यमंत्री ने सभी जलापूर्ति योजनाओं का क्लोरीनीकरण सुनिश्चित करने एवं आपूर्ति स्थलों पर न्यूनतम निर्धारित अवशिष्ट क्लोरीन भी सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने विभाग को निर्देश दिए कि सभी कनिष्ठ अभियंता विभिन्न टैंकों और वितरण स्थलों पर जांचे गए अवशिष्ट क्लोरीन का रिकॉर्ड रखना सुनिश्चित करें। उन्होंने जल जनित बीमारियों के प्रकोप से बचने के लिए पानी के नमूनों के परीक्षण के लिए जल स्रोतों और उपभोग्य सामग्रियों के क्लोरीनीकरण के लिए मण्डलीय और उप-मंडल स्तर पर ब्लीचिंग पाउडर, फिटकरी और अन्य रसायनों का पर्याप्त भंडार बनाए रखने के भी निर्देश दिए। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सभी नकारात्मक रिपोर्टिंग पर तत्काल प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए। राज्य में लगातार हो रही भारी बारिश को देखते हुए जल शक्ति विभाग ने एक एडवाइजरी भी जारी की है ताकि लाभार्थियों को पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके। फील्ड अधिकारियों और कर्मचारियों की सभी तरह की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वह सभी फील्ड अधिकारियों एवं कर्मचारियों की संबंधित मुख्यालय एवं फील्ड में उपस्थिति सुनिश्चित करें।
विधायक कुलदीप राठौर ने विगत 48 घंटे से हो रही मूसलाधार बारिश के चलते विधानसभा क्षेत्र में हुए नुकसान को लेकर और बचाव कार्यों को लेकर विभागीय अधिकारियों के साथ ठियोग में एक बैठक कर पूरी स्थिति का जायजा लिया और जरूरी दिशा निर्देश भी दिए। इस दौरान पत्रकारों को संबोधित करते हुए कुलदीप राठौर ने कहा कि लगातार हो रही बारिश के चलते पूरे प्रदेश में भयानक स्थिति उत्पन्न हो गई है और यदि विधानसभा क्षेत्र की बात की जाए तो यहां पर 8 लोगों की जान जा चुकी है। कहा कि कई रोड बह गए हैं और मकानों तथा बगीचों में भारी नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि क्षेत्र के 118 रोड है जिनमें से 49 के करीब बंद पड़े हैं जबकि बाकी के रोड खोल दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि विधानसभा क्षेत्र में सड़कों के नुकसान को लेकर 1 करोड़ 27 लाख के करीब का आकलन किया गया है जो अभी आगे और भी बढ़ सकता है जबकि राष्ट्रीय राजमार्ग 6 करोड़ के नुकसान का आकलन है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में 90त्न विद्युत आपूर्ति चालू कर दी गई है जबकि बाकी भी जल्द सुचारू हो जाएगी! उन्होंने कहा कि सभी विभाग मिलकर कार्य कर रहे हैं स्थिति पर पूरी नजर बनाए रखी गई है उन्होंने कहा कि इसी प्रकार की बैठक कुमारसैन में भी रखी गई है हां विभागीय अधिकारियों से क्षेत्र मे भारी बरसात के को लेकर किस तरह की तैयारियां की गई है उसका पूरा आकलन किया जाएगा और उचित कदम उठाए जाएंगे! इस दौरान क्षेत्र के सभी विभागों के अधिकारीगण मौजूद रहे। केंद्र सरकार से है पूरी उम्मीद, नुकसान की भरपाई करे केंद्र राठौर ने कहा कि विगत 48 घंटों से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के चलते पूरे प्रदेश में भयंकर तबाही का माहौल है और ऐसे में प्रदेश सरकार अपने संसाधनों के अनुसार नुकसान की भरपाई की जद्दोजहद में है। उन्होंने कहा कि ऐसी विकट परिस्थिति में केंद्र सरकार से पूरी उम्मीद है कि वह नुकसान की भरपाई करें। उन्होंने कहा कि प्रदेश के भाजपा भारतीय जनता पार्टी के सांसद भी है और राष्ट्रीय अध्यक्ष भी है और उनसे भी आग्रह किया जाएगा की केंद्र सरकार आर्थिक सहायता प्रदान करें।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सांसद प्रतिभा सिंह ने पार्टी नेताओं पदाधिकारियों ,अग्रणी संगठनों व कार्यकर्ताओं का आह्वान किया है प्रदेश में प्राकृतिक आपदा से प्रभावित लोगों की मदद के लिए आगे आएं। उन्होंने इस आपदा से हुए जानमाल के नुकसान पर दुख प्रकट करते हुए प्रभावित परिवारों के प्रति अपनी संवेदना भी जताई हैं। प्रतिभा सिंह ने पार्टी नेताओं को एक अपील जारी करते हुए प्रदेश के लोगों से भी इस आपदा की घड़ी में प्रभावित लोगों की हर संभव सहायता का आग्रह किया हैं। उन्होंने कहा है कि प्रदेश के लोगों ने हमेशा ही प्राकृतिक आपदाओं में राहत व बचाव कार्यो में बढ़चढ़ कर भाग लिया है और उन्हें उम्मीद है कि वह अब भी ऐसी ही मिसाल कायम रखेंगे। प्रतिभा सिंह ने कहा कि कांग्रेस का दूसरा नाम प्रेम व सेवाभाव है और सभी पार्टी नेताओं को इस कार्य मे आगे आना हैं। उन्होंने कहा कि इस बार भारी बारिश से प्रदेश में बहुत ही नुकसान हुआ है।
प्रदेश में लगातार हो रहे भारी बारिश के चलते हिमाचल प्रदेश राज्य को करोड़ों रूपयों का नुक्सान हुआ है। इस बारे जानकारी देते हुए उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने बताया कि भारी बारिश के चलते हिमाचल पथ परिवहन निगम की बसों के 1007 रूटों पर चलने वाली बसों के रूटों को सस्पेंड किया गया है। जबकि राज्य तथा राज्य से बाहर चलने वाली परिवहन निगम की 452 बसें विभिन्न स्थानों पर बारिश के कारण रूकी हुई हैं। उन्होंने परिवहन निगम के स्टाफ को निर्देश दिए हैं कि जहां पर भी जोखिम हो वहां पर बसों को न चलाएं तथा बस चालक पूर्णत: एहतियात बरतें ताकि किसी प्रकार का नुक्सान न हो। उप मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में अब तक भारी बारिश के कारण जल शक्ति विभाग की 4833 स्कीमें प्रभावित हो चुकी हैं जिससे 350.15 करोड़ रूपये के नुक्सान का आंकलन किया गया है। उन्होंने बताया कि ज्यादातर पेयजल स्कीमें नदी, नालों व खड्डो के किनारे होने के चलते प्रभावित हुई हैं। इसके अतिरिक्त सिंचाई, सीवरेंज व बाढ़ नियंत्रण की योजनाओं को भी भारी नुक्सान हुआ है। उन्होंने बताया प्रदेश में कुल 10067 वाटर सप्लाई स्कीमें हैं जिसमें 223.63 करोड़ की 3737 पेयजल आपूर्ति योजनाएं, 85.13 करोड़ रूपये की 983 सिंचाई योजनाएं, 30.70 करोड़ रूपये की सीवरेज़ तथा 10 करोड़ रूपये की 53 बाढ़ नियंत्रण योजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं। उन्होंने बताया कि भारी बारिश व बाढ़ में राज्य के लोगों का जानमाल के नुक्सान से बचाव करना प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसके साथ ही बिजली, पेयजल व अन्य जरूरी सेवाओं को सुचारू रूप से बहाल करने के संबंधित विभागों को निर्देश जारी किए गए हैं। उप मुख्यंत्री ने बताया कि प्रदेश में लोक निर्माण विभाग को लगभग 250 करोड़ रूपये की क्षति हुई है जिसमें सड़कों व पुलों को भारी नुक्सान पहुंचा है। उन्होंने बताया कि नदियों में जल का बहाव अत्याधिक होने के कारण पानी सड़कों के ऊपर से होकर बह रहा है।
भाजपा प्रदेश महामंत्री एवं विधायक त्रिलोक जम्वाल ने कहा बिलासपुर जिला में बरसात के कारण भारी नुकसान हुआ है और हो रहा है। मेरा बिलासपुर वासियों से विनम्र निवेदन रहेगा कि अपने घर पर रहें और सुरक्षित रहें। हम प्रशासन के साथ मिलकर पूरी स्थिति के ऊपर नजर गड़ाए हुए हैं, जहां भी कोई नुकसान हो रहा है हम प्रशासन के साथ मिलकर उसकी तुरंत भरपाई कैसे की जाए उसकी कोशिश कर रहे हैं। मेरा बिलासपुर वासियों से विनम्र निवेदन रहेगा कि अगर किसी को किसी भी प्रकार की कोई समस्या है, कोई बरसात के कारण नुकसान हो रहा है तो तुरंत मेरे से मेरे मोबाइल नंबर पर संपर्क करें ताकि मैं आप सब लोगों की सेवा कर सकूं। मेरा मोबाइल नंबर 9418069956 है।
जिला कुल्लू में थाना निरमंड के अंतर्गत केदस मार्ग पर पीपलहट्टी में एक गाड़ी के गहरी खाई में गिर जाने से पांच लोगों की मौत हो गई है। पुलिस ने मौके पर पहुंच कर मामले की छानबीन शुरू कर दी है। हादसा आज सोमवार सुबह निरमंड के केदस-देवढांक सड़क पर पेश आया, जहां एक मारुति सिलेरियो गहरी खाई में लुढ़क गई। हादसे में घायल कार चालक एवं मालिक कुलदीप की मौत निरमंड सिविल अस्पताल से रामपुर बुशहर अस्पताल ले जाते समय रास्ते में हुई, जबकि चार अन्य लोगों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। मृतकों की पहचान जुगत राम पुत्र हुक्मी राम गांव नाबा तहसील निरमंड, हरदयाल पुत्र चूडा राम गांव केदस निरमंड, सीमा नेगी पत्नी गणेश नेगी गांव कुमसू रामपुर और बर्षा पत्नी कुलदीप गांव केदस निरमंड जिला कुल्लू, कुलदीप वर्मा पुत्र हरदयाल गांव केदस जिला कुल्लू उम्र 40 साल के रूप में हुई है। निरमंड पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंच कर दुर्घटना के कारणों की जांच आरंभ कर दी है।
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने लगातार भारी बारिश के कारण प्रदेश में भूस्खलन और बाढ़ से हुई जान-माल की हानि पर दुख व्यक्त किया है। उन्होंने मृतकों के परिजनों एवं शोक संतप्त परिवारों के लिए गहरी संवेदनाएं व्यक्त करते हुए दिवंगतों की आत्मिक शांति की प्रार्थना की है। उन्होंने प्रभावित व्यक्तियों को तत्काल राहत उपलब्ध करवाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी लोगों को आपदा की इस विकट स्थिति का एक साथ मिलकर सामना करना चाहिए। इस स्थिति से निपटने के लिए हर स्तर पर प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार युद्धस्तर पर राहत एवं बचाव कार्य संचालित कर रही है और केंद्र सरकार की ओर से भी स्थिति की निगरानी की जा रही है। राज्यपाल ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से भी दूरभाष पर बात कर स्थिति की जानकारी हासिल की। उन्होंने अवगत करवाया कि अचानक आई बाढ़ के कारण फंसे लोगों को बचाने के लिए मंडी और कुल्लू में विभिन्न स्थानों पर बचाव दल युद्धस्तर पर काम कर रहे हैं। प्रदेश के जिला प्रशासन सतर्क है और आपात स्थिति में सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर 1100, 1070, 1077 जारी किए गए हैं। राज्यपाल ने प्रदेशवासियों से आग्रह किया है कि आपदा की इस स्थिति में घबराएं नहीं और अपनी सुरक्षा का विशेष ध्यान रखें। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे नदी-नालों के समीप न जाएं और इस संबंध में जारी निर्देशों का पालन करें। उन्होंने पर्यटकों से भी प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का गंभीरता से पालन करने का आग्रह किया है। राज्य में प्राकृतिक आपदा के दृष्टिगत राज्यपाल ने उत्तर प्रदेश का अपना दौरा रद्द कर दिया है। उन्होंने सभी उपायुक्तों को भारी बारिश और बाढ़ से राज्य में हुई जान-माल की हानि से भी उन्हें अवगत करवाने का निर्देश दिए। उन्होंने सभी जिला रेडक्रॉस सोसायटी से भी राहत एवं बचाव कार्यों में सहयोग करने की अपील की है।
प्रदेश में पिछले 48 घंटे से लगातार हो रही भारी बारिश से जन-जीवन व्यापक तौर पर प्रभावित हुआ है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू राहत एवं बचाव कार्यो की स्वयं निगरानी कर रहे हैं और प्रदेश तथा जिला प्रशासन के साथ निरन्तर सम्पर्क में हैं ताकि आपातकाल की स्थिति में लोगों को समय पर मदद पहुंचाई जा सके। रविवार को देर सायं मुख्यमंत्री ने सभी उपायुक्तों से बात की और संबंधित जिलों में हुए नुकसान का जायजा लिया तथा प्रभावितों को तुरन्त मदद पहुंचाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने तड़के सुबह चार बजे तक विभिन्न स्थानों में फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए बचाव कार्यों पर नज़र बनाए रखी और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश देते रहे। सुखविंदर सिंह सुक्खू से हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भी रविवार देर शाम फोन पर बात की और भारी बारिश के कारण प्रदेश के विभिन्न भागों में फंसे हरियाणा के लोगों को सहायता उपलब्ध करवाने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने मनोहर लाल खट्टर को आश्वस्त किया कि वह निजी तौर पर इस मामले को देखेंगे। उन्होंने स्थानीय प्रशासन को इस संबंध में तत्काल आवश्यक कदम उठाने के दिशा-निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री ने मंडी जिला के नगवाईं में फंसे छह लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए चलाए गए बचाव अभियान पर भी नज़र बनाए रखी। इन सभी छह लोगों को देर रात लगभग दो बजे सुरक्षित निकाल लिया गया। मुख्यमंत्री ने बचाव दल और स्थानीय प्रशासन के प्रयासों की सराहना भी की। सुखविंदर सिंह सुक्खू मनाली के आलू ग्राउंड में फंसे 29 लोगों और लाहौल स्थित चंद्रताल झील के पास फंसे लगभग दो सौ पर्यटकों के बारे में भी पल-पल की जानकारी लेते रहे। मनाली में फंसे 29 लोगों को आज सुबह आठ बजे सुरक्षित निकाल लिया गया। मुख्यमंत्री ने चंद्रताल झील के पास फंसे पर्यटकों के लिए खाने-पीने की सामग्री, दवाएं और अन्य आवश्यक सामान भेजने के निर्देश दिए और जिला प्रशासन से उनके बारे में पल-पल की जानकारी लेते रहे, ताकि समय पर राहत एवं बचाव कार्यों का संचालन किया जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य प्रशासन को विभिन्न स्थानों में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए हरसंभव कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि वह स्थानीय प्रशासन और जन प्रतिनिधियों के लगातार सम्पर्क में हैं और व्यक्तिगत रूप से स्थिति का जायजा ले रहे हैं। आपदा की इस कठिन घड़ी में राज्य सरकार सभी लोगों के साथ हैं। उन्होंने लोगों से अनावश्यक यात्राओं से बचने और नदी-नालों के नजदीक न जाने की अपील भी की है।
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष राजीव बिंदल से बात कर प्रदेश में भारी बारिश के कारण हुए नुकसान के बारे में जानकारी ली। हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश की वजह से पैदा हुए हालात और लोगों की परेशानी को देखते हुए नड्डा ने पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं को आगे बढ़कर प्रभावित लोगों की हरसंभव मदद का निर्देश दिया है। इसके लिए हिमाचल प्रदेश भाजपा ने सूचना एवं सहायता हेतु दो नंबर 9317221289 और 8580616570 भी जारी किया है जिस पर संपर्क किया जा सकता है। भाजपा ने लोगों से मदद के लिये जारी किए नंबर पर संपर्क करने का आग्रह किया है। साथ ही, सभी मंडल अध्यक्षों एवं जिला अध्यक्षों को भी इस नंबरों पर संपर्क करने के आदेश जारी किए, ताकि लोगों को अविलंब मदद पहुंचाने के लिए मदद की जा सके।
भारी बारिश से सड़कें बंद होने से प्रदेश भर में एचआरटीसी के 1007 रूट बंद हो गए हैं। वहीं, अलग-अलग क्षेत्रों में निगम की 452 बसें फंसी हुई हैं। इसके अलावा हिमाचल से बाहर भी कई बसें फंसी हुई हंै। एचआरटीसी प्रबंधन की ओर से जारी जानकारी के अनुसार प्रदेश में नाहन यूनिट की एक बस देहरादून पांवटा सड़क पर फंसी हुई है। वहीं एक बस सुंदरनगर यूनिट की सहारनपुर अंबाला के बीच फंस गई है। एचआरटीसी के प्रबंध निदेशक रोहन चंद ठाकुर ने बताया कि मंडी का धर्मपुर डिपो सुरक्षित है। सोशल मीडिया पर जो वीडियो वायरल हो रहा है, वीडिया 2015 का है। उन्होंने बताया कि रामपुर-रिकांगपिओ बस रूट बंद है। इसके कारण रिकांगपिओ में स्थानीय बसों का संचालन बंद हो गया है। रामपुर से रोहड़ू के रूट भी भूस्खलन के कारण बंद है। शिमला शहर के अंदर एचआरटीसी बसों की आवाजाही जारी है, लेकिन शहर के साथ लगते कई क्षेत्रों में बसों की आवाजाही बंद है। नाहन में मुख्य सडक़े अलावा सभी लिंक रूट बंद है। इसी तरह सोलन में भी मुख्य सडक़ के अलावा लिंक रूट बंद है। चंबा में एचआरटीसी की सभी बस सेवाएं प्रभावित है। कुल्लू जिला के भी सभी रूट बंद है। धर्मशाला डिपो के लोकल रूट बंद है। हमीरपुर में मुख्य रूट बहाल हैं, लेकिन लिंक रूट बंद है।
हिमाचल में तीन दिन से जारी बारिश प्रदेश को गहरे जख्म दे रही है। अब तक करीब 15 लोगों को यह बेरहम बरसात लील गई है। बरसात के कारण कई जगह लोगों के घर और अन्य भवन जमींदोज हो गए हैं तो कहीं पानी अपने साथ लोगों के आशियाने बहाकर ले गया है। मूसलाधार बारिश के चलते भूस्खलन, बादल फटने, घर ध्वस्त होने, पेड़ और बिजली गिरने से करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है। 6 नेशनल हाईवे समेत 828 सड़कें यातायात के लिए अवरुद्ध हैं। 4686 बिजली ट्रांसफार्मर ठप हैं। सबसे ज्यादा नुकसान कुल्लू और मंडी जिले में हुआ है। मनाली में चार लोग बहने से लापता हैं। वहीं, दो-तीन वोल्वो बसों के बहने की सूचना है। अखाड़ा बाजार में बैली ब्रिज को भारी नुकसान हुआ है। आवाजाही बंद कर दी गई है। मंडी में ब्यास नदी के उफान में 40 साल पुराना पुल बह गया है। जिला ऊना के उपमंडल बंगाणा क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों में रविवार देर रात तथा सोमवार सुबह को लगातार हो रही बारिश से यातायात प्रभावित है। वहीं कुछ स्थानों पर रिहायशी मकान तथा गोशालाएं गिर गई हैं। रौद्र रूप दिखा रही ब्यास बारिश से ब्यास नदी का रौद्र रूप देखने को मिल रहा है। नदी के तटीय इलाकों में भारी नुकसान हुआ है। ब्यास किनारे कई घर व होटल बह गए हैं। वहीं पार्वती व तीर्थन नदी व अन्य नदी नालों में बाढ़ जैसे हालात हैं। नदी किनारे बसें गांवों व घरों में पानी घुस गया है। लाहौल के तेलिंग नाला में तीन दिन से फंसे हैं 50 लोग जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति में बारिश ने तबाही मचा दी है। मनाली-लेह मार्ग के बीच आने वाले तेलिंग व पागलनाला में बाढ़ आने से सड़क मार्ग बंद है। यहां एचआरटीसी की चार बसों के साथ कुछ छोटे वाहन भी फंसे हैं। बसों में सवार करीब 50 लोग तीन दिनों से भूखे प्यासे हैं। इसमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। स्थानीय प्रशासन ने कोई भी मदद नहीं की है। किन्नौर की भावा खड्ड में तीन मकान बहे किन्नौर जिले की भावा खड्ड में रविवार रात बाढ़ आने से तीन मकान बह गए हैं, जबकि दो मकानों को आंशिक रूप से नुकसान हुआ है। एक टिप्पर, एक पिकअप और एक कार बाढ़ मे बह गई है। कई सेब के बागीचों को भी नुकसान पहुंचा है। वहीं भावा खड्ड पर बने पैदल पुल भी बाढ़ की चपेट में आने से बह गए हैं। जबकि कई मकान खतरे की जद में हैं। ऊना आने वाली सभी ट्रेनें रद्द ऊना आने वाली सभी ट्रेनें आज भी रद्द रहेंगी। बारिश की वजह से रेल सेवा पर सबसे बुरा असर पड़ा है। वंदे भारत, जनशताब्दी, हिमाचल एक्सप्रेस सहित पेसेंजर ट्रेने भी नहीं चलेंगी। ऊना, अंब, अंदौरा व दौलतपुर चौक रेलवे स्टेशन भी खाली पड़ हैं। ऊना में कुल नौ ट्रेने अवगमन करतीं हैं। सीएम ने की राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बारिश से हुई तबाही को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की है। सीएम सुक्खू रात भर मंडी, कुल्लू, सोलन जिलों में हो रही तबाही की जानकारी लेते रहे। फंसे हुए लोगों को सकुशल निकालने के लिए जिला प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं।
प्रदेश में फोरलेन निर्माण के दौरान मलबे के ढेर अब बर्दाश्त नहीं होंगे। एनएचएआई ने निर्माता कंपनी को सख्त निर्देश दिए हैं। चिन्हित जगह से बाहर कंपनियां मलबा फेंकती हैं, तो उन्हें ब्लैक लिस्ट किया जा सकता है। एनएचएआई ने बरसात को देखते हुए यह कदम उठाए हैं। जगह-जगह मलबा फेंकने की वजह से सडक़ से निचले क्षेत्रों में बाढ़ आने के हालात बने हुए हैं। इन्हें देखते हुए यह निर्देश जारी किए हैं। एनएचएआई के क्षेत्रीय अधिकारी अब्दुल बासित ने बताया कि फोरलेन पर मलबे के ढेर अब बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे। प्रदेश में कालका-शिमला, शिमला-मटौर, कीरतपुर-मनाली, पठानकोट मंडी और पिंजौर-नालागढ़ समेत अन्य एनएच पर यह आदेश लागू रहेंगे। उन्होंने कंपनियों को निर्देश दिए हैं कि वे पर्यावरण के प्रति अपनी भूमिका को बखूबी निभाएं। गौरतलब है कि केंद्रीय सडक़ परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने दो दिन पहले ही इंडियन रोड कांग्रेस अधिवेशन में पेड़ों को बचाने के आदेश दिए थे। इसमें उन्होंने पेड़ काटने की जगह उन्हें उखाड़ कर दूसरी जगह स्थापित करने के निर्देश दिए थे। केंद्रीय मंत्री ने देश भर के इंजीनियरों को यह आदेश दिए थे कि वे आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर सडक़ों के निर्माण को विश्वस्तरीय पहचान दें। उन्होंने नए एनएच निर्माण के दौरान काटे गए पेड़ों के एवज में 68 हजार पेड़ लगाने की बात कही है। एनएचएआई के क्षेत्रीय अधिकारी ने तमाम निर्माता कंपनियों की एक अहम बैठक ली है। इस बैठक के दौरान उन्होंने एनएच के किनारे लगे ढेर को हटाने की बात कही। फोरलेन निर्माण के दौरान जो मलबा निकल रहा है उसे डंप करने के लिए जगह चिन्हित की गई हैं। इन जगहों के अलावा दूसरे स्थानों पर ढेर नहीं लगाए जा सकते हैं। कंपनी प्रबंधकों को इस बात का ख्याल रखना होगा।
प्रदेश में लगातार जारी भारी बारिश के चलते प्रदेश उच्च न्यायालय व जिला न्यायपालिका के सभी न्यायालय में सोमवार को अवकाश घोषित किया गया है। इस संबंध में प्रदेश उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल ने आदेश जारी किए हैं। आदेशों में कहा गया है कि अवकाश के स्थान पर भविष्य में किसी अन्य गैर कार्य दिवस को प्रदेश उच्च न्यायालय में कार्य दिवस घोषित किया जाएगा। जिला एवं सत्र न्यायाधीश इसे हिमाचल प्रदेश राज्य के बार एसोसिएशन के माध्यम से आम जनता, वादिकरियों और अधिवक्ताओं के ध्यान में लाएंगे। लगातार हो रही बारिश के कारण वकीलों, कर्मचारियों और न्यायिक अधिकारियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। इसके बाद ही ये आदेश जारी किए गए हैं।
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने प्रदेश में हुई भारी पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने हिमाचल प्रदेश में हुई भारी बारिश को देखते हुए केंद्र सरकार से हर संभव मदद करने का आग्रह किया। पिछले दो दिन से लगातार हो रही बारिश से प्रदेश में जन-जीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त है। बारिश की वजह से प्रदेश में जान-माल की भारी क्षति हुई हैं। नेता प्रतिपक्ष ने बारिश की वजह से हुई मृत्यु पर अपनी शोक संवेदना प्रकट करते हुए कहा कि ईश्वर मृतक आत्माओं की शांति और उनके परिजनों को यह असह्य दु:ख सहन करने की क्षमता प्रदान करें। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि भारी बारिश की वजह से कई जगहों पर लोगों के फंसे होने की सूचनाएं मिल रही हैं। हम सरकार से आग्रह करते हैं कि जल्दी से जल्दी उन्हें सुरक्षित निकाला जाए। इसके साथ ही उन्होंने हिमाचल के लोगों से अपील की कि वे बरसात में अपने घर में सुरक्षित रहे, अत्यंत आवश्यक होने पर ही घर से बाहर निकलें। किसी भी संभावित बाढ़ वाली जगह से दूर रहें, अपना और अपने परिवार का ध्यान रखें। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि प्रदेश भर में बारिश से भारी नुक़सान हुआ है। इस बरसात में पंडोह और ऑट के पुल के भी बह जाने की सूचना मिली। दोनों ही पुल ऐतिहासिक थे। इन दोनों पुलों का भी बह जाना दु:खद है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि बारिश की वजह से प्रभावित हुए लोगों को सरकार हर संभव मदद करे। जिन लोगों के घर टूटे हैं, उन्हें तत्काल सहायता दी जाए। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सतर्कता बरतते हुए वहां पर टास्क फ़ोर्स की तैनाती की जाए जिससे किसी भी आपात स्थिति में त्वरित कार्रवाई की जा सके। नेता प्रतिपक्ष ने सरकार से आग्रह किया कि बारिश सी बंद पड़े रास्तों को को जल्दी से जल्दी खोला जाए, जिससे जन जीवन सुचारू रूप से बहाल हो सके।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज भारी बारिश के बीच राजकीय महाविद्यालय हमीरपुर में 94 लाख रुपये की लागत से निर्मित कैंटीन ब्लॉक तथा 25 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय के नए शैक्षणिक ब्लॉक का उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री ने इसके उपरान्त राजस्व 2.01 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाली कर्मचारी आवासीय कॉलोनी और ग्राम पंचायत उखली में 5.27 करोड़ की लागत से निर्मित होने वाले सम्पर्क मार्ग भगोट से फाफन की आधारशिला रखी। मुख्यमंत्री ने राजकीय महाविद्यालय हमीरपुर में एक कार्यक्रम के दौरान शिक्षा व्यवस्था में क्रान्तिकारी परिवर्तन लाने की सरकार की प्रतिबद्धता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि इस पहल के तहत चरणबद्ध तरीके से प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल स्थापित किए जाएंगे। इन स्कूलों के निर्माण के लिए हमीरपुर जिले के सुजानपुर, भोरंज और बड़सर विधानसभा क्षेत्रों में भूमि चिन्हित कर ली गई है। यह स्कूल विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान करने के लिए आधुनिक सुविधासम्पन्न स्मार्ट क्लास और खेल सुविधाएं प्रदान करेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार प्रदेश में मॉडल कॉलेजों की स्थापना पर भी विचार कर रही है। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार ने विद्यार्थियों की सुविधा के उद्देश्य से 10वीं और 12वीं के छात्रों के लिए वार्षिक मूल्यांकन प्रणाली आरम्भ की है। इसके अलावा सरकार युवाओं के लिए रोजगार के बेहतर अवसर पैदा करने के लिए तकनीकी शिक्षण संस्थानों में नए तकनीकी पाठ्यक्रम आरंभ कर रही है। उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग जैसे पाठ्यक्रमों को महाविद्यालय के पाठ्यक्रम में शामिल करने पर विचार किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 6,000 अनाथ बच्चों को 'राज्य के बच्चेÓ के रूप में गोद लिया गया है और प्रदेश सरकार उनके शैक्षिक खर्चों को भी वहन करेगी। उन्होंने कहा कि इन बच्चों को मासिक जेब खर्चे के रुप में 4,000 रुपये के साथ वर्ष में एक बार एक्सपोजर विजिट भी प्रदान करेगी। इसके अतिरिक्त मेधावी विद्यार्थियों मात्र एक प्रतिशत ब्याज दर पर 20 लाख रुपये तक का शिक्षा ऋण प्रदान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इन विद्यार्थियों के अविलम्ब प्रवेश के लिए संबंधित उपायुक्तों को प्रवेश शुल्क की पहली किश्त के भुगतान के लिए धन आवंटित किया गया है। उन्होंने राजकीय महाविद्यालय हमीरपुर में स्मार्ट कक्षाओं के कार्यान्वयन के लिए 2 करोड़ रुपये देने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में शैक्षिक बुनियादी ढांचे को बढ़ाने और छात्रों के लिए बेहतर अवसर प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री को राजकीय महाविद्यालय हमीरपुर के कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री सुख-आश्रय कोष के लिए 51,000 रुपये का चेक भेंट किया। इस अवसर पर विधायक इन्द्र दत्त लखनपाल, आशीष शर्मा और सुरेश कुमार के साथ-साथ कांग्रेस नेता डॉ. पुष्पिंदर वर्मा, कांगड़ा सहकारी बैंक के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया, उपायुक्त हेमराज बैरवा, पुलिस अधीक्षक आकृति शर्मा और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।
शिमला जिला के कोटगढ़ इलाके में मलबे में दबने से दंपती और बच्चे की मौत हो गई और दो अन्य चोटिल हुए। भूस्खलन की ये घटना ठियोग-कुमारसैन विधानसभा क्षेत्र की उप तहसील कोटगढ़ के ग्राम पंचायत मधावनी के पनेवली गांव में हुई। घटना की सूचना मिलने के बाद स्थानीय विधायक व कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता कुलदीप राठौर मौके पर पहुंचे। उनके साथ एसडीएम कुमारसैन व अन्य अधिकारी मौजूद रहे। भूस्खलन की घटना में एक ही परिवार के तीन लोगों की मृत्यु पर गहरा शोक व्यक्त किया व दिवंगत आत्माओं की शांति और शोक संतप्त परिजनों को इस अपूर्णीय क्षति को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की। राठौर ने परिवार के सदस्यों से बातचीत की व उन्हें सरकार की तरफ से हर संभव सहायता मुहैया करवाने का आश्वासन दिया। उन्होंने एच्छिक निधि से प्रभावित परिवार को 50 हजार रुपये जारी किए। वहीं राज्य सरकार की ओर से 1 लाख रुपये राहत राशि जारी की गई है। इसके अलावा तरपाल, राशन सहित अन्य सामान भी प्रभावित परिवार को मुहैया करवाया गया। बता दें कि बीती रात एक मकान भूस्खलन से क्षतिग्रस्त हुआ है। मकान में पांच लोगों का परिवार रह रहा था। भारी वर्षा के कारण चट्टान युक्त मलबा इस मकान पर गिर पड़ा। इस मकान में दंपती समेत छह लोग सो रहे थे। इसमें अनिल (32) पुत्र जयचंद, किरण (31) पत्नी अनिल और स्वप्निल (11) पुत्र अनिल की मलबे में दबने के कारण मौत हो गई है। तीनों के शवों को निकाल दिया गया है। परिवार के अन्य सदस्यों जयचंद और उनकी पत्नी बीना देवी को हल्की चोटें आई है। हादसे में वे बाल-बाल बच गए। इस घटना से परिवार में कोहराम मच गया है। तीनों शवों को पोस्टमार्टम के बाद उनके परिजनों, रिश्तेदारों को सौंप दिया गया है। राठौर ने ठियोग विधानसभा क्षेत्र में बारिश से हुए नुकसान व राहत कार्यों का भी जायजा लिया। उन्होंने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को बंद पड़ी सड़कों को तुरंत खोलने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिमला जिले की कुमारसैन तहसील में भूस्खलन की घटना में एक ही परिवार के तीन लोगों की मृत्यु पर गहरा शोक व्यक्त किया है। अपने शोक संदेश में मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्माओं की शांति और शोक संतप्त परिजनों को इस अपूर्णीय क्षति को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन को प्रभावित परिवार को तत्काल राहत उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए गए हैं। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बताया कि भारी वर्षा तथा विषम मौसमी परिस्थितियों के दृष्टिगत हिमाचल प्रदेश राज्य शिक्षा बोर्ड से संबद्ध सरकारी तथा निजी स्कूल और हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय तथा सरदार पटेल विश्वविद्यालय से संबंद्ध सरकारी व निजी महाविद्यालय 10 तथा 11 जुलाई, 2023 को बंद रहेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएससी), भारतीय माध्यमिक शिक्षा प्रमाणपत्र (आईसीएसई) तथा अन्य शिक्षा बोर्ड से संबद्ध संचालित निजी स्कूल परीक्षा तथा स्थानीय मौसमी परिस्थितियों के आधार पर इन दो दिनों में स्कूल बंद रखने का निर्णय अपने स्तर पर ले सकते हैं। इसके साथ ही परामर्श दिया गया है कि उपरोक्त शिक्षण संस्थानों के विद्यार्थियों तथा कर्मचारियों की सुरक्षा हर स्तर पर सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि खराब मौसम के पूर्वानुमान के दृष्टिगत राज्य सरकार ने सुरक्षा उपायों और आम जनता को इसके प्रति जागरूक करने के लिए संबंधित जिला प्रशासन को सतर्क कर दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मौसम विभाग की चेतावनी के अनुसार सतर्क रहने तथा लोगों से नदियों और नालों के पास न जाने की भी अपील की। उन्होंने प्रदेशवासियों से जिला प्रशासन के साथ सहयोग करने और प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों की अनुपालना करने का भी आग्रह किया।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शनिवार देर शाम हमीरपुर में एक बैठक की अध्यक्षता की और राज्य में निर्माणाधीन जल विद्युत परियोजनाओं के कार्य में तेजी लाने की आवश्यकता पर बल दिया। परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इन परियोजनाओं के निर्माण कार्य में देरी से राज्य को वित्तीय नुकसान होता है इसलिए ऊर्जा विभाग को इन परियोजनाओं को समय पर पूरा करना सुनिश्चित करना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य का लक्ष्य मार्च 2027 तक 628 मेगावाट की जलविद्युत परियोजनाओं को आरंभ करना है। इनमें जुलाई 2025 तक 450 मेगावाट की शोंगटोंग कड़छम परियोजना, मार्च 2027 तक 48 मेगावाट की चांजू चरण-3 जलविद्युत परियोजना और जून 2026 तक 130 मेगावाट की काशांग चरण-2 और चरण-3 परियोजनाओं को पूरा करना शामिल है। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य सरकार द्वारा सौर ऊर्जा के दोहन को बल देने पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि 30 मेगावाट की देओथल चांजू परियोजना को दिसंबर 2027 तक, 40 मेगावाट की रेणुका जी जलविद्युत परियोजना को दिसंबर 2028 तक और 190 मेगावाट की थाना प्लौन परियोजना को मार्च 2029 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने वर्ष 2030 तक 1000 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पन्न करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए राज्य ने 17 विभिन्न परियोजनाएं प्रस्तावित की हैं, जो पहले चरण में 200 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पन्न करेंगी। 32 मेगावाट क्षमता की पेखुबेला सौर ऊर्जा परियोजना दिसंबर 2023 तक पूरी होगी। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को इन सभी परियोजनाओं में तेजी लाने के निर्देश दिए ताकि राज्य के लोगों को इनका लाभ समय पर मिल सके। बैठक में मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर, विधायक इंद्र दत्त लखनपाल, आशीष शर्मा और सुरेश कुमार के साथ-साथ कांग्रेस नेता डॉ. पुष्पिंदर वर्मा, कांगड़ा सहकारी बैंक के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया, निदेशक ऊर्जा हरिकेश मीना, उपायुक्त हेमराज बैरवा, पुलिस अधीक्षक आकृति शर्मा और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।
हिमाचल प्रदेश में बीते दिन से बारिश का कहर जारी है। रविवार को प्रउेश में पांच लोगों की मौत हो गई। बारिश की वजह से शिमला में एक मकान गिर गया। हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई। कुल्लू में एक महिला और रामपुर में एक व्यक्ति की मौत हुई है। कुल्लू जिले के बाहंग में एक दुकान ढह गई। कुल्लू में ब्यास के साथ पार्वती और तीर्थन नदी भी उफान पर हैं। इसके अलावा, मंडी शहर में ब्यास नदी उफान पर है। भूस्खलन की वजह से कई हाईवे बंद हैं। मौसम की मार से वंदे भारत, अम्बाला से ऊना आने वाली ट्रेन प्रभावित हैं। लाहौल में ताजा बर्फबारी और मूसलाधार बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। रामशिमला से मनाली मार्ग यातायात के लिए बंद है। सांगरी बैग से बायां तट होते हुए नग्गर मनाली तक भी यातायात के लिए बंद है। कुल्लू के ब्यासा मोड़ में कार फंस गई।
भाजपा प्रदेश महामंत्री एवं विधायक त्रिलोक जम्वाल और पूर्व मंत्री बिक्रम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का हिमाचल प्रदेश में निवेश बढ़ाने का एजेंडा नहीं है, अपितु प्रदेश में आ रहे निवेशकों और स्थापित निवेशकों को दौड़ाने का एजेंडा है। उन्होंने कहा कि जो उद्योग हिमाचल प्रदेश की भूमि पर लग चुके हैं और जो उद्योगपति हिमाचल प्रदेश में आना चाहते हैं उनको कांग्रेस नेताओं ने तंग कर रखा है, जिसके कारण उनका मन हिमाचल प्रदेश में काम करने को नहीं हो रहा है। दो चार बड़े घरानों ने तो यह तक सोच लिया है कि हम हिमाचल प्रदेश से अपने चलते उद्योग बंद कर देंगे। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को अपना असली एजेंडा जनता के समक्ष रखना चाहिए। क्या वर्तमान कांग्रेस सरकार हिमाचल में निवेशकों को लाना चाहती है या यहां से भगाना चाहती। मुख्यमंत्री सुक्खू को बताना चाहिए कि पिछले 8 महीने में आप केंद्र से या अपनी शक्ति से हिमाचल प्रदेश के लिए क्या लेकर आए हैं। हिमाचल में चर्चा तो यह है कि पीएंडजी जैसी बड़ी कंपनियां हिमाचल से पलायन करने के लिए तैयार हंै। हिमाचल के उद्योग क्षेत्र में तो स्क्रैप के पीछे लड़ाई चल रही है। कांग्रेस के नेताओं में भी स्क्रैप को लेकर दो गुट बन गए हैं, जिसमें लड़ाई हो रही है कि यह स्क्रैच मेरा और यह खराब तेरा। ऐसे वातावरण में उद्योगपति काम कैसे करेंगे।
प्रदेश में भारी बारिश के कारण कई जगहों पर नुकसान की खबर है। नदी नाले उफान पर है। पहाड़ों,चट्टानों और पेड़ों के गिरने का डर है। यह क्रम अभी दो दिन तक और जारी रहेगा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने लोगों से अपील की है कि ज्यादा जरूरी काम न हो तो घर से बाहर न जाएं। जनता की सुविधा के लिए प्रशासन को हर संभव सहायता प्रदान करने और सतर्क रहने के आदेश दे दिए गए हैं। सरकार हर वक्त आपके साथ खड़ी है। अपना ख्याल रखें और सावधान रहें।
शिमला जिला में पिछले दो दिन से जारी मूसलाधार बारिश के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। राज्य के विभिन्न हिस्सों में भूस्खलन से भारी तबाही हुई है। शिमला जिला के कोटगढ़ इलाके में मलबे में दबने से दंपती और बच्चे की मौत हो गई और दो अन्य घायल है। भूस्खलन की ये घटना ठियोग-कुमारसैन विधानसभा क्षेत्र की उप तहसील कोटगढ़ के ग्राम पंचायत मधावनी के पानेवली गांव में हुई। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक यहां बीती रात एक मकान भूस्खलन से क्षतिग्रस्त हुआ है। मकान में पांच लोगों का परिवार रह रहा था। भारी वर्षा के कारण चट्टान युक्त मलबा इस मकान पर गिर पड़ा। इस मकान में दंपती समेत छह लोग सो रहे थे। इसमें अनिल (32) पुत्र जयचंद, किरण (31) पत्नी अनिल और स्वप्निल (11) पुत्र अनिल की मलबे में दबने के कारण मौत हो गई है। तीनों के शवों को निकाल दिया गया है। परिवार के अन्य सदस्यों जयचंद और उनकी पत्नी बीना देवी को हल्की चोटें आई हैं। हादसे में वे बाल-बाल बच गए। इस घटना से परिवार में कोहराम मच गया है। तीनों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।