स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा श्रम एवं रोज़गार मंत्री कर्नल डॉ. धनीराम शांडिल ने कहा कि भारी वर्षा से प्रभावित व्यक्तियों का उचित पुनर्वास करने के लिए प्रदेश सरकार युद्ध स्तर पर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रभावितों को समय पर राहत प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के निर्देशानुसार दिन-रात कार्य किया जा रहा है। डॉ. शांडिल गत सांय सोलन के शामती में भारी वर्षा से प्रभावित व्यक्तियों को राहत राशि एवं राशन किट प्रदान कर रहे थे। डॉ. शांडिल ने इस अवसर पर शामती में भारी वर्षा से प्रभावित परिवारों को प्रदेश सरकार द्वारा निर्धारित राशि के अनुसार लगभग 27.50 लाख रुपये की राशि वितरित की। उन्होंने कहा कि शामती में अभी तक 105 प्रभावित परिवारों को 65 लाख रुपये से अधिक की राहत राशि वितरित की गई है। उन्होंने कहा कि इसमें से 60 परिवारों को पूर्व में भी लगभग 37 लाख रुपये की राशि वितरित की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि सोलन ज़िला में अभी तक आपदा प्रभावित परिवारों को 1.18 करोड़ रुपये से अधिक की राहत राशि प्रदान की गई है। डॉ. शांडिल ने कहा कि ज़िला में भारी वर्षा के कारण हुए नुकसान का पूरा आकलन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा प्रभावितों को यथा संभव सहायता उपलब्ध करवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि दुर्गम क्षेत्रों में भारी वर्षा से हुए नुकसान का आकलन करने और प्रभावित क्षेत्रों को सहायता पहुंचाने के लिए ड्रोन तकनीक का उपयोग किया जाएगा। इस अवसर पर जोगिंद्रा सहकारी बैंक के अध्यक्ष मुकेश शर्मा, नगर निगम सोलन के पार्षद सरदार सिंह ठाकुर, नगर निगम सोलन के मनोनीत पार्षद रजत थापा, ग्राम पंचायत शामती की प्रधान जयवंती, खण्ड कांग्रेस समिति सोलन के अध्यक्ष संजीव ठाकुर, शहरी कांग्रेस समिति के अध्यक्ष अंकुश सूद, उपमण्डलाधिकारी सोलन कविता ठाकुर, पुलिस उपाधीक्षक अनिल धोल्टा, तहसीलदार सोलन मुल्तान सिंह बनियाल, रोगी कल्याण समिति के सदस्य विनेश धीर सहित अन्य गणमान्य तथा विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
कंडाघाट स्थित कृषि विज्ञान केंद्र सोलन द्वारा बुधवार को सेब दिवस का आयोजन किया गया जिसमें सोलन जिला के 70 किसानों ने भाग लिया। कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी डॉ जितेंद्र चौहान ने किसानों का स्वागत किया व उन्हें मध्य पर्वतीय क्षेत्र में उगाई जाने वाली सेब की किस्मों जैसे अर्ली रेड वन, जीरोमाइन, रेड वेलोक्स, स्कारलेट स्पर ढ्ढढ्ढ, रेड लम गाला, गेल गाला, शिंको गाला, डार्क बैरन गाला आदि के विषय में विस्तृत जानकारी दी। केंद्र के प्रधान कार्य मैनेजर डॉ. डीडी शर्मा ने सेब में कांट- छांट एवं क्लोनल रूट स्टाक के विषय पर प्रकाश डाला। वरिष्ठ पौध रोग विशेषज्ञ डॉ. आरती शुक्ला ने सेब में लगने वाले रोगों के प्राकृतिक प्रबंधन पर जानकारी दी व कीट रोग विशेषज्ञ डॉ. अनुराग शर्मा ने कीटों के पर्यावरणीय अनुकूल प्रबंधन के विषय में जानकारी दी। मृदा वैज्ञानिक डॉ. मीरा देवी ने सेब में प्राकृतिक कृषि के घटकों जैसे जीवामृत एवं घन जीवामृत तैयार करने व इस्तेमाल करने की जानकारी साझा की। कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा एक प्रदर्शनी का आयोजन भी किया गया जिसमें सेब की विभिन्न किस्मों तथा प्राकृतिक खेती में प्रयुक्त होने वाले घटकों जैसे जीवामृत घन जीवामृत, दशपर्णी अर्क, पौधास्त्र, सौंठास्त्र, ब्रह्मास्त्र, अग्निअस्त्र एवं खट्टी लस्सी को प्रदर्शनी के माध्यम से किसानों को दर्शाया गया।
हिमाचल में जल प्रलय से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए केंद्रीय टीम हिमाचल पहुुंच गई है। बुधवार को केंद्र की ओर से एक स्पेशल टीम परवाणु पहुंची। इस दौरान टीम ने परवाणु के सभी क्षेत्रों का दौरा किया और नुकसान का जायजा लिया, जिसमें मुख्यत: सेक्टर चार स्थित प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत बनाए गए मकानों को बने खतरे को देखा, सेक्टर पांच में कंपनियों को हुए भारी नुकसान का भी जायज़ा लिया और फिर कामली खड़ीण में कंपनियों को बने खतरे की जानकारी ली। साथ ही कौशल्या नदी पर बने चैक डेम का भी निरिक्षण किया, जिसको काफी नुकसान हुआ है। इस दौरान प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद रहे। जिला उपायुक्त मनमोहन शर्मा ने केंद्र से आई पूरी टीम के समक्ष बारिश के कारण हुए नुकसान की जानकारी साझा की और टीम से सहायता की मांग रखी। केंद्रीय टीम ने जिला उपायुक्त व उनके साथ सभी स्थानीय जनता व उद्योगपतियों को हर तरह की सहायता किए जाने का आश्वासन दिया। केंद्र से आई टीम ने भी माना कि, जो नुकसान हुआ है, वह बहुत गंभीर है और उसका हल निकाला जाना चाहिए।
हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के जिला सोलन की उप तहसील ईकाई ममलीग के चुनाव निरीक्षण कुटीर जल शक्ति विभाग ममलीग में चुनाव परिवेक्षक हरीश कुमार, सह परिवेक्षक सुनील दत्त की देख रेख व अध्यक्ष सुरेश कुमार पशुपालन विभाग की अध्यक्षता में सर्व सम्मति से सम्पन्न हुए। जिसमें विभिन्न विभागों के कर्मचारियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज की व विवेक कुमार को प्रधान, अनिल कुमार को वरिष्ठ उप-प्रधान, हरिंद्र ठाकुर को महासचिव व ललित कुमार को कोषाध्यक्ष चुना गया। नव नियुक्त प्रधान विवेक कुमार ने कहा है कि पहली बैठक के दौरान विभिन्न विभागों के कर्मचारियों से वार्तालाप करने के उपरान्त कार्यकारणी का विस्तार किया जायगा और सभी विभागों के कर्मचारियों को विशेष स्थान कार्यकारणी में दिया जाएगा। उन्होनें हाऊस में उपस्थित सभी कर्मचारियों का धन्यवाद करते हुए कहा कि जो विश्वास कर्मचारियों ने उन पर जताया है वह पूरी कोशिश करेगें कि वह कर्मचारियों के विश्वास पर खरा उतर कर कर्मचारियों की सभी समस्या का समाधान कर सके।
कालका-शिमला धरोहर रेलवे ट्रैक पर 6 अगस्त तक के लिए सभी ट्रेनें स्थगित कर दी गई हैं। सोलन और कालका के बीच रेल ट्रैक पर जगह-जगह भूस्खलन, पेड़ और पत्थर गिरने से ट्रैक प्रभावित होने के चलते यह निर्णय लिया गया है। हालांकि, शिमला से सोलन तक ट्रैक को ट्रेनों के संचालन के लिए दुरुस्त कर दिया गया है। उत्तर रेलवे की शिमला और सोलन के बीच लोकल ट्रेन चलाने की भी योजना है। बता दें कि 9 जुलाई से कालका-शिमला हैरिटेज रेल ट्रैक पर ट्रेनों का संचालन बंद है। रेल लाइन पर सोलन और कालका के बीच जगह-जगह हुए भूस्खलन के चलते गाड़ियों का संचालन शुरू नहीं हो पा रहा। रेल लाइन को गाड़ियों के संचालन के लिए ट्रैक को दुरुस्त करने का काम 9 जुलाई से चल रहा है और मौजूदा समय में शिमला से सोलन तक ट्रैक को गाड़ियों के लिए फिट घोषित कर दिया गया है। रेल सेवा बहाल करने के लिए शिमला और सोलन के बीच बकायदा इंजन का ट्रायल भी हुआ है। लेकिन, सोलन से कालका तक अभी भी ट्रैक गाड़ियों के लिए ठीक नहीं हुआ है। सोलन से धर्मपुर के बीच पेड़ गिरने, कोटी और सोलन के बीच दो जगह भूस्खलन, धर्मपुर और कुमारहट्टी के बीच भूस्खलन और जल जमाव, सोलन और धर्मपुर स्टेशनों के बीच जल जमाव और भूस्खलन, धर्मपुर सलोगड़ा और कोटी के बीच रेलवे ट्रैक पर भूस्खलन और पेड़ गिरने से रेल की आवाजाही बंद है। कुछ जगहों पर रेल ट्रैक को भी नुकसान पहुंचा है जिसके कारण रेल सेवा बहाल करने के लिए अगले 3 हफ्तों के लिए गाड़ियों की आवाजाही रोकने का फैसला लिया गया है। 21 दिन बाद 6 अगस्त को ट्रैक का निरीक्षण किया जाएगा। निरीक्षण में यदि ट्रैक गाड़ियों के संचालन के लिए सही पाया गया तो रेल सेवा बहाल की जाएगी। फिलहाल, शिमला और सोलन के बीच लोकल ट्रेन चलाने की योजना है। उत्तर रेलवे अंबाला मंडल को इस पर फैसला लेना है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा श्रम एवं रोज़गार मंत्री कर्नल डॉ. धनीराम शांडिल 18 व 19 जुलाई को सोलन विधानसभा क्षेत्र के प्रवास पर रहेंगे। डॉ. शांडिल 18 जुलाई को प्रात: 11.30 बजे सोलन विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत काहला, दोपहर 12.05 बजे ग्राम पंचायत सायरी तथा दोपहर 2.00 बजे ग्राम पंचायत कोट के विभिन्न क्षेत्रों का दौरा करेंगे। स्वास्थ्य मंत्री तदोपरांत सायं 03.30 बजे सोलन में भारी वर्षा के कारण प्रभावित लोगों को तत्काल राहत के रूप में चेक प्रदान करेंगे। डॉ. शांडिल 19 जुलाई को दोपहर 12.05 बजे सोलन विकास खंड की ग्राम पंचायत डांगरी की राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कोठी देवरा के भवन निर्माण कार्य का निरीक्षण करेंगे। स्वास्थ्य मंत्री तत्पश्चात दिन में 1.20 बजे ग्राम पंचायत डांगरी के बेरटी गांव का दौरा करेंगे। डॉ. शांडिल इसके उपरांत सांय 4.00 बजे उपायुक्त कार्यालय सोलन में रोगी कल्याण समिति की बैठक की अध्यक्षता करेंगे।
व्यवस्था परिवर्तन की ओर एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने राज्य में फील्ड दौरों के दौरान सामान्य तौर पर विभिन्न माननीयों को पुलिस द्वारा दिए जाने वाले 'गार्ड ऑफ ऑनरÓ (सलामी) को 15 सितंबर तक स्थगित कर दिया है। हालांकि 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर इन आदेशों में छूट रहेगी। यह निर्णय प्रदेश में हाल ही में आई आपदा से वृहद स्तर पर जारी राहत व बचाव कार्यों के दृष्टिगत लिया गया है। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में संचालित किए जा रहे राहत एवं बचाव कार्यों में पुलिस बल की तैनाती में वृद्धि पर बल देते हुए इस संबंध में आदेश जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस कर्मियों को गार्ड ऑफ ऑनर जैसे कार्यों में संलग्न करने के बजाए इस संकट के समय में प्रभावित लोगों को सहायता उपलब्ध करवाने के लिए प्रयास करने चाहिए। उन्होंने कहा कि यह निर्णय आपदा के प्रभावों से निपटने के लिए प्रदेश के संसाधनों के सही उपयोग के उद्देश्य से लिया गया है। बचाव कार्यों के दृष्टिगत पुलिस बल द्वारा प्रभावित लोगों को तुरंत सहायता सुनिश्चित करना बेहद महत्वपूर्ण है। सीएम सुक्खू ने कहा कि गार्ड ऑफ ऑनर स्थागित करने से सरकार प्रदेश में आपदा से प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने के लिए राज्य के संसाधनों तथा श्रम शक्ति का और बेहतर उपयोग करेगी। इस निर्णय से सरकार की आपदा प्रभावित क्षेत्रों को तुरंत राहत पहुंचाने तथा इस कठिन समय में प्रभावी प्रशासन की प्रतिबद्धता भी प्रदर्शित होती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में राहत तथा बचाव कार्य जारी है और प्रदेश सरकार इस आपदा से प्रभावित लोगों को आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए मज़बूती से कार्य कर रही है। यह निर्णय प्रदेश के लोगों की सुरक्षा को सर्वोच्च अधिमान देने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
कुनिहार क्षेत्र की प्राचीन शिव तांडव गुफा कुनिहार में सावन माह के पहले सोमवार को भक्तों की अटूट आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। सुबह से ही भक्तों की भीड़ गुफा में जुटने लगी। दोपहर तक अपने आराध्य शिव तांडव गुफा नाथ की प्राकृतिक पिंडी के दर्शन के लिये लोगो की तादात बढ़ने लगी व शिव भक्तों ने कतारबद्ध होकर अपने आराध्य के दर्शन किये। समिति अध्यक्ष राम रतन तनवर ने बताया कि आज दो दिवसीय राम चरित मानस कथा अखंड पाठ को हवन व पूर्णाहुति के साथ विराम दिया गया। शाम को भजन संध्या में रूहदार म्यूजिकल ग्रुप द्वारा एक से एक सुंदर भजनों से भोले का गुणगान किया गया। इस दौरान समिति व शम्भू परिवार की ओर से आयोजित भंडारे में हजारों लोगों ने भंडारे का प्रसाद ग्रहण किया।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश के प्रदेश मंत्री आकाश नेगी ने एक ब्यान जारी करते हुए कहा है कि देवभूमि हिमाचल को शर्मसार करने वाली घटनाएं दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। कोटखाई में हैवान चाचा द्वारा अपनी चार साल की भतीजी के साथ दुष्कर्म करने के बाद उस मासूम बच्ची की हत्या कर दी जाती है। ऐसे आपराधिक मामले हिमाचल प्रदेश में वर्तमान सरकार में बढ़ते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में वर्तमान सरकार के राज में ऐसी घटनाएं दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। हिमाचल प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह से चरमराई हुई है। उन्होंने कहा कि हैवानियत की सारी हदें पार करते हुए उस मासूम बच्ची से उसके चाचा ने पहले दुष्कर्म किया, फिर उसकी हत्या कर उसका शव बगीचे में छुपा कर रख दिया। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ऐसी निंदनीय घटना का कड़ा विरोध करती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ऐसी अपराधिक घटनाओं पर मौन धारण करके बैठी हुई है। उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद मांग करती है कि उस आरोपी को जल्द से जल्द कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। हिमाचल प्रदेश में कानून व्यवस्था को भी सुदृढ़ किया जाए।ताकि भविष्य में कोई ऐसी हरकत करने के बारे में सोच भी ना सके। अन्यथा विद्यार्थी परिषद उग्र से उग्र आंदोलन करेगी।
कंडाघाट ब्लॉक की ग्राम पंचायत ममलीग की पूर्व प्रधान सत्या ठाकुर को पार्टी ने प्रदेश महिला किसान कल्याण बोर्ड का सदस्य नियुक्त किया है, जिसके लिए सत्या ठाकुर ने प्रदेश मुख्यमंत्री सुखबिंदर सिंह सुक्खू व सोलन विधानसभा के विधायक व प्रदेश स्वास्थ्य मंत्री डॉ. कर्नल धनिराम शांडिल का धन्यवाद किया। सत्या ठाकुर ने कहा कि आज तक पार्टी ने उन्हें जो भी जिम्मेदारी दी है, उसे बखूबी निभाया है और वह इस नई जिम्मेदारी को भी वह बखूबी निभाएंगी। गौर रहे कि सत्या ठाकुर ने वर्तमान में प्रदेश कांग्रेस सेवादल में सचिव व महिला मोर्चा ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष का कार्य भी संभाला हुआ है।
पिछले दो-तीन दिनों से जारी भारी बारिश के बाद भी गिरि नदी व अश्वनी खड्ड में आई गाद फिलहाल जल शक्ति विभाग के लिए विलेन नहीं बन पाई है। जल शक्ति विभाग के अधिकारियों के मार्गदर्शन में कर्मचारी मुस्तैदी से कार्य कर रहे हैं और बिना किसी बड़ी रुकावट के पानी की लिफ्टिंग को सुचारू बनाए हुए हैं। जल शक्ति विभाग द्वारा नगर निगम सोलन को भी भरपूर मात्रा में पेयजल उपलब्ध करवाया जा रहा है। बावजूद इसके शहर के कई इलाकों में अभी भी लोगों को पानी की किल्लत से दो-चार होना पड़ रहा है। निगम की मानें तो हर क्षेत्र में प्रतिदिन पानी सप्लाई कर पाना मुनासिब नहीं, जिसे देखते हुए तयबद्ध तरीके से ही वार्डों में पेयजल सप्लाई की जा रही है। जल शक्ति विभाग सोलन के अधिशासी अभियंता ई. सुमित सूद के कुशल मार्गदर्शन में विभागीय कर्मचारी दिन-रात एक कर लिफ्टिंग को सुचारू बनाए रखने में प्रयासरत हैं। हालांकि अश्वनी खड्ड में आई गाद समय-समय पर दिक्कतें पेश कर रही है, लेकिन यह दिक्कत इतनी बड़ी नहीं है कि लिफ्टिंग को सुचारू न रखा जा सके। दोनों ही परियोजनाओं से रोजाना पानी लिफ्ट कर न केवल नगर निगम की मांग को पूरा किया जा रहा है बल्कि उन स्थानों पर भी सप्लाई की जा रही है जहां पेयजल वितरण का जिम्मा स्वयं विभाग के पास है। गौरतलब है कि सोलन शहरवासी पेयजल के लिए गिरि व अश्वनी खड्ड योजना पर निर्भर हैं। इन परियोजनाओं में पानी की लिफ्टिंग का जिम्मा जल शक्ति विभाग के पास है। जल शक्ति विभाग द्वारा पेयजल निगम को दिया जाता है, जिसके बाद शहर में पेयजल वितरण का जिम्मा नगर निगम देखती है। गाद आने के बावजूद पानी की लिफ्टिंग को सुचारू बनाने के लिए मुस्तैदी से कार्य किया जा रहा है।
जिला पेंशनर्ज एवं वरिष्ठ नागरिक कल्याण संगठन जिला सोलन की विशेष आपात बैठक जिलाध्यक्ष केडी शर्मा की अध्यक्षता में हुई। बैठक में सर्वप्रथम अर्की यूनिट की संगठन सचिव तुलसी देवी की लंबी बीमारी के बाद 13 जुलाई को निधन होने पर उनकी आत्मिक शांति के लिए दो मिनट का मौन रख कर प्रार्थना की गई तथा शोकाकुल परिवार के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त की गई। जिला पेंशनर्ज एवं वरिष्ठ नागरिक कल्याण संगठन के जिलाध्यक्ष केडी शर्मा ने बताया कि तुलसी देवी लगभग 68 वर्ष की थी। वह अपने पीछे भरापूरा परिवार छोड़ गई है। प्रेस सचिव डीडी कश्यप एवं पट्टाबरावरी-हरिपुर यूनिट के अध्यक्ष ने जिला की सभी यूनिटों की ओर से तुलसी देवी के निधन पर गहरा दुख प्रकट किया है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा श्रम एवं रोज़गार मंत्री कर्नल डॉ. धनीराम शांडिल ने कहा कि सोलन ज़िला में भारी वर्षा से अब तक 190 करोड़ रुपये से अधिक का नुक्सान हुआ है। प्रदेश सरकार एवं ज़िला प्रशासन युद्ध स्तर पर कार्य कर पीड़ितों को राहत पंहुचाने के लिए कार्यरत हैं। डॉ. शांडिल आज सोलन विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत कनैर, जधाणा तथा सतड़ोल में भारी वर्षा से हुए नुकसान का जायजा लेने के उपरान्त प्रभावित परिवारों से बातचीत कर रहे थे। स्वास्थ्य मंत्री ने इस अवसर पर कहा कि प्रदेश सरकार आपदा की इस घड़ी में प्रभावित लोगों के साथ है और प्रभावितों के नुकसान की भरपाई के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने प्रभावितों को ढांढस बंधाया और उन्हें आश्वस्त किया कि उनकी पीड़ा का समाधान प्रदेश सरकार की प्रतिबद्धता है। उन्होंने कुफरी धार माता मंदिर में माथा टेका और जन-जन की सुरक्षा की कामना की। डॉ. शांडिल ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के सभी आपदा प्रभावित क्षेत्रों में व्यापक राहत एवं बचाव कार्य शुरू किए गए हैं। उन्होंने कहा कि यह प्रयास सफल रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बिजली, पानी और मोबाइल नेटवर्क जैसी आवश्यक सेवाएं 48 घंटों के भीतर बहाल की गई हैं। प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से 70,000 से अधिक पर्यटकों को सुरक्षित निकाला गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों की सुविधा के लिए सड़कों एवं पुलों की बहाली को प्राथमिकता दे रही है। वह स्वंय सोलन विधानसभा क्षेत्र का निरीक्षण कर पीड़ितों की सहायता सुनिश्चित बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि आम नागरिक की जीवन अब धीरे-धीरे पटरी पर लौट रहा है और भविष्य मैं हमें ऐसी प्राकृतिक आपदा से सीख लेने की ज़रूरत है। डॉ. शांडिल ने भारी वर्षा से क्षतिग्रस्त डंगों, नालियों व गलियों को मनरेगा के तहत ठीक करवाने के संबंधित अधिकारियों को निर्देश भी दिए। उन्होंने लोक निर्माण विभाग को सड़कें, जल शक्ति विभाग को सिंचाई और पेयजल योजनाएं तथा विद्युत बोर्ड को बिजली व्यवस्था बहाली में और तेज़ी लाने के निर्देश भी दिए।
मुख्य संसदीय सचिव (लोक निर्माण, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्यण तथा सूचना एवं जन संपर्क) संजय अवस्थी ने कहा कि संकट की इस घड़ी में प्रभावितों के पुनर्वास के लिए प्रदेश सरकार युद्ध स्तर पर कार्य कर रही है। संजय अवस्थी ने गत सांय अर्की विधानसभा क्षेत्र के बाड़ी गावं के प्रभावितों से मुलाकात कर उन्हें समुचित सहायता का आश्वासन दिया। उन्होंने राजकीय माध्यमिक पाठशाला जुबला में बाड़ी गांव के पाड़ितों से मुलाकात कर उनका कुशलक्षेम जाना। उन्होंने कहा कि संकट के इस समय में प्रदेश सरकार का पहला प्रयास पीड़ितों का पुनर्वास सुनिश्चित बनाना है। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए मुख्यमन्त्री के निर्देशानुसार सभी स्तरों पर योजनाबद्ध कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बाड़ी गावं में प्रशासन द्वारा विभिन्न विभागों की संयुक्त टीम द्वारा निरीक्षण कर यह जांचा जाएगा कि आपदा उपरान्त यह स्थान सुरक्षित है अथवा नहीं। संजय अवस्थी ने कहा कि बाड़ी गांव सहित पूरे अर्की विधानसभा क्षेत्र में राहत एवं पुनर्वास में कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने लोक निर्माण, जल शक्ति सहित अन्य विभागों को राहत एवं पुनर्वास कार्यों में तेज़ी लाने और विभिन्न समस्याओं के शीघ्र निराकरण के निर्देश दिए। उन्होंने प्रभावितों को आश्वस्त किया कि इस संकट काल में प्रदेश सरकार उनके साथ है। लोगों ने मुख्य संसदीय सचिव से समस्या का समुचित निराकरण करने की मांग की। मुख्य संसदीय सचिव ने तदोपरान्त प्रभावित बाड़ी गांव का दौरा कर वास्तविक स्थिति जानी और उपमण्डल प्रशासन को उचित निर्देश जारी किए। इस अवसर पर खंड कांग्रेस अर्की के अध्यक्ष सतीश कश्यप, युवा कांग्रेस अर्की के अध्यक्ष हेमंत वर्मा, खंड कांग्रेस के कोषाध्यक्ष रोशन वर्मा, उपमण्डलाधिकारी यादविंद्र पाल सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी तथा स्थानीय निवासी इस अवसर पर उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज सोलन के समीप शामती क्षेत्र का दौरा किया और क्षेत्र में भूस्खलन से हुए नुकसान की समीक्षा की तथा प्रभावित परिवारों से बातचीत की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार इस प्राकृतिक आपदा से प्रभावित लोगों के साथ है और प्रभावितों को नुकसान की भरपाई के लिए हर संभव सहायता प्रदान करेगी। उन्होंने उपायुक्त सोलन को प्रत्येक प्रभावित परिवार को एक-एक लाख रुपये की अंतरिम राशि जारी करने और शेष धनराशि अंतिम मूल्यांकन रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद प्रदान करने के निर्देश दिए। उन्होंने जिला प्रशासन से बहाली कार्य में तेजी लाने और प्रभावित परिवारों के लिए पर्याप्त व्यवस्था करने को कहा। शामती क्षेत्र में भारी बारिश के कारण 30 घर पूरी तरह से नष्ट हो गए, जबकि 50 अन्य घरों को आंशिक क्षति हुई, जिससे क्षेत्र के लगभग 108 परिवार प्रभावित हुए है। प्रभावित परिवारों के लिए जटोली में राहत शिविर स्थापित किए गए हैं जिनमें वर्तमान में 50 परिवार परिवारों को आश्रय प्रदान किया गया है। इस अवसर पर मीडिया से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के सभी आपदा प्रभावित क्षेत्रों में व्यापक राहत एवं बचाव कार्य शुरू किए गए हैं। उन्होंने कहा कि इन प्रयासों से कई लोगों की जान बचाने में सफलता मिली और बिजली, पानी और मोबाइल नेटवर्क जैसी आवश्यक सेवाएं 48 घंटों के भीतर अस्थायी रूप से बहाल की गई है। उन्होंने कहा कि 70,000 से अधिक पर्यटकों को सुरक्षित निकाला गया। उन्होंने कहा कि एक चुनौतीपूर्ण बचाव अभियान में शून्य से चार डिग्री नीचे तापमान में लाहौल-स्पीति जिला के चंद्रताल से 250 व्यक्तियों को बचाया सुरक्षित निकाल गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार की एक टीम सोमवार को नुकसान का आकलन करेगी। लेकिन अभी तक कोई वित्तीय सहायता प्राप्त नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार राज्य के सेब बाहुल्य क्षेत्रों में सड़कों की बहाली को प्राथमिकता दे रही है और जिसके लिए लोक निर्माण विभाग को 50 करोड़ रुपये जारी किए हैं। इसके उपरांत मुख्यमंत्री ने शिमला-चण्डीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर धर्मपुर का भी दौरा किया जहां राष्ट्रीय राजमार्ग का बड़ा हिस्सा भूस्खलन में ढह गया है। उन्होंने राष्ट्रीय राजमार्ग से मलबे को शीघ्र हटाने के निर्देश दिए और अधिकारियों को सड़क के पुनर्निर्माण के लिए कहा ताकि यात्रियों को जल्द से जल्द राहत मिल सके। मुख्यमंत्री ने जटोली में राहत शिविरों का भी निरीक्षण किया और प्रभावित परिवारों को प्रदान की जा रही सुविधाओं के बारे में जानकारी ली। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल, विधायक विनोद सुल्तानपुरी, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार सुनील शर्मा, सोलन नगर निगम की महापौर पूनम ग्रोवर, उप महापौर राजीव कौड़ा, बघाट बैंक के अध्यक्ष अरुण शर्मा, जोगिन्द्रा सहकारी बैंक के अध्यक्ष मुकेश शर्मा, कांग्रेस नेता दयाल प्यारी, सुरेंद्र सेठी, शिव कुमार, राहुल ठाकुर, उपायुक्त मनमोहन शर्मा और अन्य गणमान्य व्यक्ति और अधिकारी भी मुख्यमंत्री के साथ उपस्थित थे।
मुख्य संसदीय सचिव (लोक निर्माण, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा सूूचना एवं जन सम्पर्क) संजय अवस्थी ने कहा कि प्रदेश सरकार जन-जन की सुरक्षा के लिए वचनबद्ध है। संजय अवस्थी आज सोलन ज़िला के अर्की विधानसभा क्षेत्र में भारी वर्षा के कारण हुई क्षति तथा समयबद्ध राहत प्रदान करने के विषय में आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। संजय अवस्थी ने कहा कि आपदा के वर्तमान समय में सभी के समन्वय से ही विपरीत परिस्थितियों पर विजय प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंन्त्री सुखविन्दर सिंह सुक्खू के संवेदनशील प्रयासों एवं ऊर्जावान नेतृत्व में राज्य सरकार न केवल त्वरित राहत एवं पुनर्वास सुनिश्चित बना रही है अपितु अब तक खराब मौसम के कारण राज्य में फंसे 70,000 से अधिक पर्यटकों को सुरक्षित बाहर निकाला जा चुुका है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में युद्धस्तर पर राहत एवं बचाव कार्य जारी हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार संकट की इस घड़ी में बेसहारों का सहारा बनी है। मुख्य संसदीय सचिव ने कहा कि इस आपदा में राज्य को 8000 करोड़ रुपए से अधिक का नुक्सान हुआ है। प्रदेश सरकार जन-जीवन को सामान्य करने की दिशा में कार्यरत है। उन्होंने कहा कि मुख्यमन्त्री न केवल स्वंय प्रभावित क्षेत्रों में प्रभावितों में आशा का संचार कर रहे हैं अपितु हालात का नियमित अनुश्रवण भी कर रहे हैं। सभी प्रभावित ज़िलों में योजनाबद्ध पुनर्वास की दिशा में कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अर्की विधानसभा क्षेत्र में भी भारी वर्षा से करोड़ों रुपए की क्षति हुई है। उन्होंने कहा कि उपमण्डल में अभी तक मानवीय क्षति का कोई समाचार नहीं है। संजय अवस्थी ने लोक निर्माण विभाग, जल शक्ति विभाग, प्रदेश विद्युत बोर्ड और अन्य विभागों को निर्देश दिए कि विधानसभा क्षेत्र में अभी तक अवरूद्ध विभिन्न सम्पर्क मार्गों, किसी कारणवश अभी बन्द पड़ी पेयजल एवं सिंचाई योजनाओं तथा क्षतिग्रस्त विद्युत लाईनों को शीघ्र बहाल करें। उन्होंने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को निर्देश दिए कि विधानसभा क्षेत्र में वर्षा के कारण होने वाले जल जनित रोगों एवं शवान तथा बन्दरों के काटे जाने की आवश्यक दवा एवं टीकाकरण की तैयारी भी रखें ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके। उन्होंने कहा कि ऐसी परिस्थिति में राहत एवं बचाव कार्य में किसी प्रकार की शिथिलता नहीं आनी चाहिए। उन्होंने निर्देश दिए कि भूस्खलन के कारण प्रभावित बाड़ी ग्राम के प्रभावितों को समुचित राहत उपलब्ध करवाई जाए। संजय अवस्थी ने आपदा, राहत एवं प्रगति की दैनिक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश भी दिए। बैठक में अवगत करवाया गया कि अर्की उपमण्डल में लोक निर्माण विभाग को लगभग 25 करोड़, जल शक्ति विभाग को लगभग 10 करोड़, विद्युत बोर्ड को लगभग 2 करोड़ का नुक्सान होने का आकलन है। इसके बाद उन्होंने बखालग, जहां भारी वर्षा के कारण आज बड़ी चट्टान के मार्ग पर आने के कारण सड़क मार्ग अवरूद्ध हो गया है, का दौरा किया और सम्पर्क मार्ग को शीघ्र दुरूस्त करने और क्षति का ब्यौरा देने के निर्देश दिए। उन्होंने इस कारण क्षतिग्रस्त दो आवास मालिकों से मिलकर उन्हें समुचित सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया। इस अवसर पर उपमंडलाधिकारी अर्की यादविन्दर पाल, उपपुलिस अधीक्षक सन्दीप शर्मा, जल शक्ति विभाग की अधिशाषी अभियन्ता कंचन शर्मा, लोक निर्माण विभाग के अधिशाषी अभियन्ता रवि कपूर, खण्ड चिकित्सा अधिकारी डॉ. तारा चन्द नेगी, अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी तथा कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारीउपस्थित थे।
शूलिनी विश्वविद्यालय प्रतिष्ठित इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ एग्रीकल्चर म्यूजियम द्वारा आयोजित भारत में कृषि संग्रहालय के पहले अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन की सह मेजबानी करेगा। यह कार्यक्रम 13 से 15 अक्टूबर तक हिमाचल प्रदेश के सोलन में शूलिनी विश्वविद्यालय परिसर में होगा। इसके बाद 16 से 18 अक्टूबर तक पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना में होगा। शूलिनी विश्वविद्यालय में सम्मेलन के पहले चरण के दौरान, प्रतिभागियों को हिमालय में कृषि और कृषि वानिकी के विकास में गहराई से जाने का अवसर मिलेगा, जिसमें वर्तमान पर्यावरणीय चुनौतियों के अनुकूलन और टिकाऊ मॉडल के विकास पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। सम्मेलन का यह खंड हिमाचल प्रदेश की कृषि पद्धतियों और कृषि वानिकी के गहन महत्व पर प्रकाश डालेगा, जिसमें क्षेत्र की कृषि विरासत का सार शामिल होगा। इस सम्मेलन के प्रमुख परिणामों में से एक हिमाचल प्रदेश में बागवानी और कृषि-वानिकी संग्रहालय की शुरुआत होगी, एक परिवर्तनकारी प्रयास जो न केवल भौतिक रूप से मौजूद होगा बल्कि एक शैक्षिक और जागरूकता पोर्टल के रूप में एक स्वतंत्र ऑनलाइन उपस्थिति भी होगी। अन्य क्षेत्रों में पहले से चल रही कृषि पद्धतियों की सफल मौखिक इतिहास परियोजना के आधार पर, इस पहल का विस्तार हिमाचल प्रदेश की अनूठी कृषि पद्धतियों को शामिल करने के लिए किया जाएगा। शूलिनी विश्वविद्यालय के चांसलर प्रोफेसर पीके खोसला ने कहा कि क्लास रूम शिक्षण के अलावा उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए संग्रहालय एक नई विधा है। उन्होंने यह भी बताया कि विश्वविद्यालय को इसके लिए भारत सरकार से अनुदान भी मिलेगा। समाज में कृषि के महत्व को प्रस्तुत करने के महत्व को पहचानते हुए, यह सम्मेलन खेती और कृषि वानिकी के लिए समर्पित संस्थानों के एक मजबूत नेटवर्क की शुरुआत का प्रतीक होगा। विश्वविद्यालयों से लेकर संग्रहालयों, कृषि संगठनों से लेकर सामूहिक और गैर-लाभकारी क्षेत्रों से लेकर वाणिज्यिक क्षेत्रों तक, यह नेटवर्क दक्षिण एशिया नेटवर्क ऑफ ग्रासरूट्स एग्रीकल्चर म्यूजियम के माध्यम से सहयोग करेगा। इसका उद्देश्य कृषि विषयों, विरासत, परंपरा, अनुकूलन और खोजों पर जानकारी साझा करने के पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देना है। हिमाचल प्रदेश सरकार इस प्रयास में सक्रिय भागीदार होगी। दुनिया भर से उद्योग विशेषज्ञ, विद्वान, शोधकर्ता, किसान और उत्साही लोग इस ऐतिहासिक सम्मेलन में भाग लेंगे, जो कृषि संग्रहालयों में वास्तव में परिवर्तनकारी घटना होने का वादा करता है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा श्रम एवं रोज़गार मन्त्री कर्नल डॉ. धनीराम शांडिल 16 जुलाई, 2023 को सोलन विधानसभा क्षेत्र के प्रवास पर आ रहे हैं। डॉ. शांडिल 16 जुलाई, 2023 को दिन में 12.05 बजे सोलन विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत कनैर, दिन में 02.00 बजे ग्राम पंचायत जधाणा तथा तदोपरान्त सांय 04.00 बजे ग्राम पंचायत सतड़ोल का दौरा करेंगे। स्वास्थ्य मन्त्री इसी दिन सांय 05.45 बजे ग्राम पंचायत ममलीग में जल शक्ति विभाग की निरीक्षण कुटीर में जन समस्याएं सुनेंगे।
प्रसिद्ध पर्वतारोही व हिमाचल की बेटी बलजीत कौर और एनआरएलएम यानी नेशनल रूरल लाइवलीहुड मिशन की अध्यक्ष सीमा हनोथ ने गांव के छोटे बच्चों के साथ मिल कर पौधरोपण किया। उन्होंने बच्चों के साथ मिलकर जिला सोलन के ममलिग क्षेत्र के प्लास्ट पंजडोल गांव के साथ लगते क्षेत्र में करीब 150 पौधे रोपित किए। बलजीत कौर ने कहा कि वह इससे पहले भी विभिन्न लोगों और संस्थाओं के साथ मिलकर इस तरह के कार्य करती रही है और आगे भी करती रहेगी। उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्यों से जहां पर्यावरण को लाभ होता है तो वहीं लोगों को भी जागरूकता मिलती है। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा 1000 पौधों को रोपित करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसके मद्देनजर पहले चरण में 150 पौधों को रोपित किया गया है और आगे भी यह क्रम जारी रहेगा। पौधरोपण के दौरान बलजीत कौर और सीमा हनोथ के साथ गांव के छोटे बच्चें माही, चारू, प्रिया, पिंकी, ईशिता, प्राची, अमन, श्रुति, अंशु, अदिति, शनेया, बलजीत कौर के भाई बहन गुरदीप सिंह और कमलजीत कौर भी उपस्थित रहे।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा श्रम एवं रोज़गार मंत्री कर्नल डॉ. धनीराम शांडिल ने आज लगातार तीसरे दिन सोलन विधानसभा क्षेत्र में भारी वर्षा से हुए नुकसान का जायज़ा लिया और अधिकारियों को निर्देश दिए कि मूलभूत अधोसंरचना को शीघ्र दुरूस्त करें तथा आम जन की समस्याओं का त्वरित निराकरण सुनिश्चित बनाएं। डॉ. शांडिल ने आज कण्डाघाट विकास खण्ड की ग्राम पंचायत सकोड़ी के गांव दोची में शान्ति देवी के भारी वर्षा से हुए क्षतिग्रस्त मकान का निरीक्षण किया और उपमण्लाधिकारी कंडाघाट को क्षतिग्रस्त मकान के मामले पर कार्यवाही कर शीघ्र मुआवज़ा देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार संकट के समय जन-जन के साथ है। उन्होंने कहा कि आपदा के ज़ख्मों को भरने में समय लगता है और विपरीत हालात में लोगों को सहायता पंहुचाने में कोई कोताही नहीं बरती जाएगी। स्वास्थ्य मंत्री ने इसके उपरांत ग्राम पंचायत बांजनी के थरोला नाला के समीप हुए भूस्खलन एवं नुकसान का जायजा भी लिया। उन्होंने इस अवसर पर स्थानीय निवासियों से बातचीत कर उनकी समस्याओं को जाना। स्थानीय निवासियों ने इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री को अवगत करवाया कि गांव के विभिन्न हिस्सों में बार-बार भूस्खलन की घटनाएं घट रही हैं। डॉ. शांडिल ने उपस्थित अधिकारियों को निर्देश दिए कि स्थानीय निवासियों की समस्याओं का त्वरित हल सुनिश्चित बनाया जाए तथा सड़क की सुरक्षा के लिए डंगे इत्यादि लगाने का कार्य मनरेगा के तहत करवाया जाए। उपमंडलाधिकारी कंडाघाट सिद्धार्थ आचार्य ने अवगत करवाया कि प्रशासन वर्षा के कारण उत्पन्न हालात के प्रति सजग है और पीड़ित परिवारों को त्वरित सहायता इत्यादि उपलब्ध करवाई जा रही है। इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस महासचिव रमेश ठाकुर, खंड कांग्रेस सोलन के अध्यक्ष संजीव ठाकुर, जोगिंद्रा सहकारी बैंक के निदेशक जितेन्द्र वर्मा, ग्राम पचांयत सकोड़ी के पूर्व प्रधान प्रेम कश्यप, ग्राम पचांयत बांजनी के पूर्व प्रधान मदन ठाकुर, विकास खंड अधिकारी कंडाघाट नरेश शर्मा सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी तथा ग्रामीण उपस्थित थे।
जिला प्रशासन ने आज शहर के शामती क्षेत्र के आपदा प्रभावितों को लगभग 20 लाख रुपए की राहत राशि प्रदान की। अतिरिक्त उपायुक्त अजय यादव ने यह जानकारी दी। अजय यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने जिला प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि भारी वर्षा से त्रस्त जन-जन को न केवल समयबद्ध राहत प्रदान की जाए अपितु आवश्यकतानुसार उनके भोजन एवं रहने की व्यवस्था भी सुनिश्चित बनाई जाए। उन्होंने कहा कि ज़िला प्रशासन मुख्यमंत्री के निर्देशों का पूर्ण पालन सुनिश्चित बना रहा है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन आपदा के कारण प्रभावितों को त्वरित सहायता प्रदान करने एवं उनकी सुरक्षा के लिए कृत संकल्प है। हाल ही में हुई भारी वर्षा के कारण जहां एक और क्षतिग्रस्त अधोसंरचना को युद्ध स्तर पर ठीक किया जा रहा है वहीं पीड़ित व्यक्तियों तक शीघ्र राहत भी पहुंचाई जा रही है। उन्होंने कहा कि 1-2 दिनों में सभी प्रभावितों को राहत राशि प्रदान कर दी जाएगी। अजय यादव ने कहा कि शामती में खतरे का आभास मिलते ही ज़िला प्रशासन ने त्वरित कार्यवाही कर न केवल संकटग्रस्त आवासों को खाली करवाया अपितु प्रभावित परिवारों के रहने-खाने की व्यवस्था भी की। उन्होंने कहा कि शामती में अभी तक कुल 45 भवन क्षतिग्रस्त हुए हैं। इनमें से 25 भवन पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हैं जबकि 20 भवनों में दरारें आई हैं। उन्होंने भू वैज्ञानिकों के साथ शामती क्षेत्र का दौरा कर एहतियाती उपाय सुनिश्चित किए। उन्होंने कहा कि भू वैज्ञानिकों के परामर्श के अनुसार शामती क्षेत्र की पहाड़ी में में आई दरारोंं को राख और चूने के मिश्रण के साथ भरा जा रहा है, ताकि दरारों को ठीक किया जा सके और मिट्टी को स्थाई पकड़ मिले। अजय यादव ने कहा कि शामती क्षेत्र में आम जन की सुरक्षा के लिए खतरा दर्शाने के लिए सूचना पट्ट स्थापित किए गए हैं। पूरे क्षेत्र में पुलिस द्वारा नियमित गश्त लगाई जा रही है। क्षेत्र में विभिन्न निर्माण कार्यों पर भी रोक लगाई है। उन्होंने कहा कि शामती में जल शक्ति विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि अत्यधिक भू-जल को 2-3 बोरवेल के माध्यम से बाहर निकाला जाए। कृषि विभाग द्वारा खेतों से अतिरिक्त जल को निकाला जा रहा है। अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि ज़िला प्रशासन यह प्रयास कर रहा है कि आम जन की सुरक्षा सुनिश्चित हो और अधोसंरचना को हुई क्षति की शीघ्र मुरम्मत हो ताकि जन-जीवन सामान्य हो सके।
अतिरिक्त उपायुक्त राहुल जैन ने बीआरओ और उनके निजी ऑपरेटर का चंद्रताल और बातल में फंसे लोगों के रेस्क्यू ऑपरेशन में सहयोग करने के लिए आभार जताया। अतिरिक्त उपायुक्त राहुल जैन ने बताया कि बीआरओ के निजी ऑपरेटर में गर्ग एंड गर्ग सनस एस्टेट प्रमोटर्स प्राइवेट लिमिटेड और न्यू इंडिया कांट्रेक्टर एंड डेवलपर के दो जेसीबी ऑपरेटर सहित बीआरओ की लेबर का योगदान रेस्क्यू ऑपरेशन में काबिल तारीफ है। अतिरिक्त उपायुक्त राहुल जैन ने बताया कि इतनी विषम परिस्थितियों के बाद भी बीआरओ की टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन को थमने नहीं दिया। उन्होंने कहा कि जेसीबी ऑपरेटर सुखदेव ने 47 घंटे जेसीबी चलाकर सड़क बहाल करने का कार्य किया है । इसके साथ ही बीआरओ की लेबर में नौरबू सैंफल उर्फ बुद्धा ने भी अहम भूमिका निभाई है। अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि आगामी कुछ दिनों में रेस्क्यू ऑपरेशन में हिस्सा रहे हर सदस्य को सम्मानित किया जाएगा और इन सबके लिए सम्मान समारोह आयोजित किया जाएगा। बीआरओ की लेबर में रेस्क्यू ऑपरेशन में विशेष तौर पर फूंचोक नेगी, जावेद खान, तेनजिन ज्ञालसन जेई ऋषिकेश मीणा, तेनजिन अंगदुई , छेरिंग तोपगे, सोनम लामा शामिल रहे । इस अवसर पर तसीलदार भूमिका जैन भी शामिल रहीं।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ. कर्नल धनीराम शांडिल ने कहा कि भारी वर्षा के कारण अभी तक सोलन जिला में 141 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान होने की संभावना है और यह आंकड़ा बढ़ रहा है। डॉ. शांडिल वर्षा से हुए नुकसान के बारे में गत देर सायं उपायुक्त कार्यालय सोलन के सभागार में अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सोलन जिला में गत कई दिनों से हो रही भारी वर्षा के कारण अभी तक सड़कों एवं पुलों के क्षतिग्रस्त होने, जल शक्ति विभाग की विभिन्न पेयजल एवं सिंचाई योजनाओं को हुए नुकसान, प्रदेश विद्युत बोर्ड की विद्युत लाईनें एवं विद्युत केंद्रों तथा उप केंद्रों के क्षतिग्रस्त होने, कृषि योग्य भूमि को नुकसान पहुंचने तथा अन्य कारणों से लगभग 141 करोड़ रुपये से अधिक के नुकसान की जानकारी प्राप्त हुई है। राजस्व विभाग द्वारा अन्य नुकसान का आकलन किया जा रहा है। डॉ. शांडिल ने कहा कि भारी वर्षा के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 05 शिमला-परवाणू पर भूस्खलन के कारण अनेक स्थानों पर यातायात बार-बार बाधित हो रहा है। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को निर्देश दिए गए हैं कि इस महत्वपूर्ण राजमार्ग पर वाहनों की निर्बाध आवाजाही के लिए सभी एहतियाती उपाय अपनाए जाएं। उन्होंने कहा कि सोलन जिला में 111 मार्ग अवरुद्ध हुए हैं और 40 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि ज़िला में अवरुद्ध 78 मार्ग खोल दिए गए हैं। स्वासथ्य मंत्री ने कहा कि जिला में अभी तक जल शक्ति विभाग की 113 सिंचाई एवं पेयजल योजनाओं को पुन: आरंभ कर दिया गया है। जिला में अन्य सिंचाई योजनाओं को शीघ्र आरम्भ करने का कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। उन्होंने कहा कि सोलन शहर की पेयजल आपूर्ति योजना को आरंभ कर दिया गया है। डॉ. शांडिल ने कहा कि पूरे जिला में विद्युत बोर्ड द्वारा हर सम्भव प्रयास कर विद्युत आपूर्ति सुचारू करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विद्युत बोर्ड को अभी तक लगभग 6 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि जिला सोलन में अभी तक किसानो को लगभग 8.28 करोड़ रुपये का तथा बागवानों को 90 लाख रुपये का नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि राजस्व विभाग द्वारा अन्य नुकसान का आकलन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ज़िला में भारी वर्षा के कारण हुए भूस्खलन से तीन व्यक्तियों की मृत्यु भी हुई है। डॉ. शांडिल ने कहा कि वर्षा के कारण हुई क्षति एवं आमजन को राहत पहुंचाने के संबंध में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू स्वयं दूर दराज कि इलाके में जाकर जायजा ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि विभिन्न विभागों के अधिकारी व कर्मचारी स्थिति से निपटने और क्षतिग्रस्त मार्गों, पुलों तथा योजनाओं को सुचारू बनाने के लिए निरंतर कार्यरत हैं और शीघ्र ही आवश्यक आपूर्ति शृंखला को सुचारू कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सोलन के शामती में 25 भवन क्षतिग्रस्त होने से लगभग 70 परिवार प्रभावित हुए हैं। उन्होंने कहा कि यह एक प्राकृतिक आपदा है। उन्होंने केंद्र सरकार से इसे राष्ट्रीय आपदा के रूप में घोषित करने तथा भारी वर्षा से हुए नुकसान के लिए भरपूर सहायता उपलब्ध करवाने की मांग की। उन्होंने कहा कि गांव की सड़कें किसानों की भाग्य रेखाएं हैं। उन्होंने गांव के अवरुठ्ठ मार्ग मनरेगा के तहत ठीक करवाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के प्रयासों के फलस्वरूप वीरवार सायं आवासीय आयुक्त द्वारा अन्तरराज्यीय बस अड्डा (आईएसबीटी) नई दिल्ली में फंसे 22 खिलाड़ियों व अन्य स्टाफ को सुरक्षित बचाया गया। ये खिलाड़ी कर्नाटक के शिमोगा में 7 से 9 जुलाई तक आयोजित 40वीं राष्ट्रीय जूनियर ताइक्वांडो चैंपियनशिप में भाग लेने के उपरांत वीरवार दोपहर रेलगाड़ी के माध्यम से नई दिल्ली लौटे थे। इस टीम में 9 लड़के, 10 लड़कियां, 2 कोच और एक मैनेजर शामिल हैं। क्षेत्र में जलभराव के कारण पूरी टीम आईएसबीटी नई दिल्ली में फंस गई। टीम के कोच अश्विनी कुमार ने मुख्यमंत्री से दूरभाष पर संपर्क किया। इसके तुरंत बाद मुख्यमंत्री ने आवासीय आयुक्त मीरा मोहंती को उन्हें सुरक्षित बचाने के निर्देश दिए। आवासीय आयुक्त एवं नई दिल्ली में मुख्यमंत्री के ओएसडी के.एस. बांश्टू ने हिमाचल भवन लाए गए खिलाड़ियों से भेंट की। राज्य सरकार द्वारा उन्हें सुरक्षित घर भेजने की व्यवस्था भी सुनिश्चित की गई है।
ग्रीनबेरी आरकेजी ग्रुप व ग्रीनबेरी वेलफेयर फाउंडेशन के संस्थापक राजेश कुमार गुप्ता ने परिवार सहित बागेश्वर पीठ आचार्य धीरेंद्र शास्त्री से उनके निवास स्थान एमपी के बागेश्वर धाम में शिष्टाचार भेंट की। यहां पर उनके साथ विशेष तौर से सनातन, धर्म और संस्कृति पर चर्चा हुई। इस अवसर पर राजेश कुमार ने आचार्य धीरेंद्र शास्त्री को हिमाचली टोपी, शॉल और डांगरू भेंट स्वरूप देकर हिमाचल प्रदेश आने का निमंत्रण भी दिया।
लगातार 6 दिन युद्ध स्तर पर काम करने के दौरान आज सातवें दिन लक्कड़ डिपो पुल को सभी छोटे-बड़े वाहनों के लिए पूरी तरह खोल दिया जाएगा। यह बात मुख्य संसदीय सचिव और दून विधानसभा हलके के विधायक चौधरी राम कुमार ने कही। उन्होंने कहा कि वे सभी बीबीएन व दून और नालागढ़ के निवासियों को बताता चाहते हैं कि उनके आग्रह पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखू ने नेशनल हाइवे अथॉरिटी को सख्त निर्देश देकर बद्दी, पिंजोर रोड पर गिर हुए पुलों के पास एक-मीटर के छोटे पाइपों द्वारा वैकल्पिक रास्ते बनाने के निर्देश दिए हंै, जिसका कार्य मढांवाला पुल से शुरू कर दिया गया है और शेष इलाके में बिजली पानी की बहाली के लिए वे खुद व विभाग युद्ध स्तर पर काम कर रहे हैं। दून के पहाड़ी क्षेत्र में लगभग १० जेसीबी मशीनें व निचले क्षेत्र में ४ जेसीबी मशीन और बद्दी से लेकर नालागढ़ तक सभी पुलों पर १-१ जेसीबी मशीन व पोकलेन बड़े पुलों को दुरुस्त करने में लगाई गई है। ५-६ दिन की मशक्कत के बाद बीबीएन के एरिया की पूरी स्थिति काबू में है। उन्होंने कहा कि इसमें पुलिस प्रशासन, जिला प्रशासन, लोकनि, जल शक्ति और बिजली विभाग के सभी कर्मचारियों और अधिकारियों का बहुत सहयोग रहा है। इस आपदा की घड़ी में सहयोग करने के लिए वे सभी अधिकारियों, कर्मचारियों व अपने इलाकावासियों का भी धन्यवाद करते हैं।
हिमाचल प्रदेश विद्युत बोर्ड से प्राप्त जानकारी के अनुसार आवश्यक रखरखाव के दृष्टिगत 15 जुलाई को परवाणु के विभिन्न क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति बाधित रहेगी। यह जानकारी वरिष्ठ अधिशाषी अभियंता परवाणु विकास गुप्ता ने दी। उन्होंने कहा कि 15 जुलाई को प्रात: 9 बजे से सायं 6 बजे तक सेक्टर-1, सेक्टर-1ए, सेक्टर-3, सेक्टर-4, सेक्टर-5, सेक्टर-6, खड़ीन गांव, जोधपुर, कामली, धागड़, टिपरा, अंबोटा, टकसाल, ऊंचा परवाणू, गुम्मा, पुरला, जाबली, कोटी, चक्की मोड़, बनासर, सोघी, दतयार, कसौली मार्ग, नरयाल, नाथ का पानी, बीसीआई बियरिंग, ईएसआई अस्पताल, नगर परिषद कार्यालय परवाणु, परवाणु बाजार, पुलिस थाना, गेबरियल मार्ग, मैसर्ज गेबियल (यूनिट-1 और 2), मैसर्ज एबी टूलज, मैसज़र् कोस्मो फेराईटस लिमिटिड (यूनिट 1 और 2), मैसज़र् माहले, मैसेर्ज पूरोलेटर एवं आस-पास के क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति बाधित रहेगी। उन्होंने कहा कि मौसम खराब होने की स्थिति में अथवा किसी अन्य अपरिहार्य कारणों के दृष्टिगत निर्धारित तिथि व समय में बदलाव किया जा सकता है। उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों के उपभोक्ताओं से सहयोग की अपील की है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ. कर्नल धनीराम शांडिल ने आज लगातार दूसरे दिन सोलन विधानसभा क्षेत्र में भारी वर्षा से हुए नुकसान का जायजा लिया और अधिकारियों को निर्देश दिए कि सड़क, पेयजल, विद्युत जैसी आधारभूत सुविधाओं को नियमित रूप से बहाल रखा जाए। डॉ. शांडिल ने आज सोलन से सलोगड़ा तक विभिन्न स्थानों पर राष्ट्रीय उच्च राजमार्ग पर भारी वर्षा के कारण हुए भूस्खलन एवं नुकसान का जायज़ा लिया। उन्होंने इस अवसर पर स्थानीय निवासियों से बातचीत कर उनकी समस्याओं को जाना। स्थानीय निवासियों से इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री को अवगत करवाया कि राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा उच्च मार्ग के फोर-लेन कार्य को पहाड़ों में किए जाने वाले कार्य के मानकों के अनुरूप नहीं किया गया है। लोगों ने अवगत करवाया कि इस कारण जहां राष्ट्रीय राजमार्ग पर बार-बार भूस्खलन एवं पत्थर गिरने की घटनाएं हो रही हैं वहीं अनेक प्राकृतिक जलस्त्रोत भी बंद हो गए हैं। लोगों ने मांग की कि राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को इस लापरवाही को ठीक करने के निर्देश दिए जाएं ताकि जनजीवन सामान्य हो सके। डॉ. शांडिल ने लोगों को विश्वास दिलाया कि राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की लापरवाही का मामला उच्च स्तर पर उठाया जाएगा। उन्होंने इस अवसर पर प्राधिकरण के उपस्थित अधिकारियों को निर्देश दिए कि स्थानीय निवासियों की समस्याओं का त्वरित हल सुनिश्चित बनाया जाए। उन्होंने ग्राम पंचायत पड़ग के डडोग गांव में भूस्खलन के कारण अवरुद्ध हुए राष्ट्रीय राजमार्ग का निरीक्षण किया और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों को इसे ठीक करने के निर्देश दिए। डॉ. शांडिल ने सलोगड़ा में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों को स्थानीय निवासी दीवान चंद और सुरेश शर्मा के घरों को सुरक्षित करने के लिए डंगा लगाने के उचित दिशा-निर्देश भी जारी किए। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार वह गत दो दिनों से सोलन विधानसभा क्षेत्र में हुए नुकसान का जायज़ा ले रहे है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू स्वयं दिन-रात जहां एक और सामान्य जन की पीड़ा को दूर कर रहे हैं वहीं देश-विदेश के पर्यटकों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के लिए देव दूत के रूप में कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस प्राकृतिक आपदा से सामान्य जन के बचाव के लिए सभी स्तरों पर अथक प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने आशा जताई कि शीघ्र ही सब कुछ सामान्य होगा। डॉ. शांडिल ने गत सांय सोलन विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत सन्होल के गांव क्यार में भारी वर्षा के कारण हुए नुकसान का जायज़ा लिया। डॉ. शांडिल ग्राम पंचायत सन्होल के गांव क्यार के निवासी देवदत्त, हेतराम, सुनील, दवेंद्र तथा शतानंद के घर पहुंचे और इनके आवासों को हुए नुकसान का जायज़ा लिया। उन्होंने सभी को आश्वासन दिया कि प्रदेश सरकार लोगों की हर संभव सहायता करेगी। स्वास्थ्य मंत्री ने तदोपरांत सोलन शहर के वार्ड नंबर 2 के आनंद रेज़िडेंस वेलफेयर सोसायटी के अवरुद्ध संपर्क मार्ग को संबंधित अधिकारियों को खोलने के निर्देश जारी किए। इस अवसर पर नगर निगम सोलन की पार्षद संगीता ठाकुर, सरदार सिंह ठाकुर, जोगिंद्रा सहकारी बैंक के अध्यक्ष मुकेश शर्मा, नगर निगम सोलन के मनोनीत पार्षद रजत थापा, पुनीत नारंग, विजय ठाकुर तथा गुरप्रीत, ज़िला कांग्रेस सोलन के अध्यक्ष शिव कुमार, खंड कांग्रेस सोलन के अध्यक्ष संजीव ठाकुर, शहरी कांग्रेस सोलन के अध्यक्ष अंकुश सूद, उपमण्डलाधिकारी सोलन कविता ठाकुर, उपमंडलाधिकारी कंडाघाट सिद्धार्थ आचार्य, सहायक पुलिस अधीक्षक सोलन अनिल धौलटा, मुख्य चिकित्सा अधिकारी सोलन डॉ. राजन उप्पल, तहसीलदार सोलन मुल्तान सिंह बनियाल, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के टीम लीडर देवश्री सरकार सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी सहित ग्रामीण उपस्थित थे।
हिमाचल और आसपास का क्षेत्र भारी बारिश के कारण गंभीर आपदा की चपेट में है। इस समय हर कोई किसी न किसी प्रकार से प्रभावित हुआ है। संकट की इस घड़ी में अपनी सामाजिक जिम्मेदारी को ध्यान में रखते हुए अटल शिक्षा कुंज स्थित प्रसिद्ध आईईसी यूनिवर्सिटी ने इस आपदा से प्रभावित छात्रों को मुफ्त शिक्षा या विशेष छात्रवृत्ति प्रदान करने की तैयारी कर ली है। आपदा प्रभावित परिवारों के छात्रों के लिए प्रवेश को आसान बनाने के लिए आईईसी विश्वविद्यालय के सभी विषयों में 10 फीसदी सीटें विशेष तौर पर आरक्षित की गई हैं। सर्वश्रेष्ठ प्लेसमेंट उपलब्धि हासिल करने वाले आईईसी विश्वविद्यालय ने अपने सभी कर्मचारियों और छात्र सुविधाओं की एहतियात के तौर पर मरम्मत भी कर ली है। विश्वविद्यालय सभी काम सुचारू रूप से शुरू करने की ओर अग्रसर है। इसके साथ ही सरकार द्वारा समय समय पर दिए जा रहे दिशानिर्देशों का भी पालन किया जा रहा है। आईईसी विश्वविद्यालय की मैनेजमेंट ने इस आकस्मिक प्राकृतिक आपदा के समय सभी को अपने सामाजिक दायित्व को समझते हुए एक साथ आकर सभी संभावित तरीकों से एक-दूसरे की मदद करने का आह्वान भी किया।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश में भारी बारिश से बाढ़ एवं भूस्खलन के बाद राहत एवं बचाव कार्यों में तेजी लाई गई है। सबसे अधिक प्रभावित कुल्लू जिला तथा लाहौल-स्पिति में फंसे पर्यटकों एवं अन्य लोगों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए पिछले लगभग 60 घंटे से निरंतर बचाव अभियान चलाया गया। मुख्यमंत्री ने कुल्लू एवं मंडी में मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि वह गत तीन दिनों से कुल्लू, लाहौल-स्पिति तथा मंडी में प्रभावित क्षेत्रों का दौरे पर हैं। उन्होंने कहा कि कुल्लू एवं लाहौल-स्पिति जिला के विभिन्न स्थानों पर लगभग 70 हजार पर्यटक एवं अन्य लोग फंसे हुए थे, इनमें से 60 हजार लोगों की सुरक्षित वापसी की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि इस बचाव अभियान में एक हजार कर्मचारी एवं अधिकारियों ने चौबीसों घंटे युद्धस्तर पर कार्य करते हुए इसे संभव बनाया। उन्होंने कहा कि इस विपदा में सबसे चुनौतिपूर्ण बचाव अभियान के तहत लाहौल-स्पिति के चंद्रताल में फंसे पर्यटकों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की गई है। लैंडिंग स्थल उपलब्ध न होने के कारण यहां वायुसेना के लिए हैलीकाप्टर उतारना संभव नहीं था। प्रदेश सरकार की ओर से राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी तथा मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी बचाव अभियान की निगरानी के लिए भारी बर्फबारी के बीच शून्य से नीचे तापमान में तीन जेसीबी मशीनों के साथ तड़के सुबह दो बजे ग्राउंड जीरो (चंद्रताल) पर पहुंचे। इसके उपरान्त 57 वाहनों के माध्यम से लगभग 250 पर्यटकों को वहां से सुरक्षित काजा लाने के साथ ही यह अभियान पूरा हुआ। उन्होंने अभियान से जुड़े सभी लोगों का उनके सक्रिय सहयोग एवं अथक प्रयासों के लिए आभार भी व्यक्त किया। अपनी गाड़ियां छोड़कर जाने को तैयार नहीं कई पर्यटक मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी भी तीर्थन तथा कसोल क्षेत्र में काफी संख्या में पर्यटक हैं और उनमें से अधिकांश ने अपनी गाड़ियों सहित ही घर वापसी की इच्छा जताई है। उन्होंने कहा कि चूंकि भारी बारिश से सड़कों को व्यापक नुकसान पहुंचना है और ऐसे में इन पर यातायात सामान्य करने में समय लग सकता है। प्रदेश सरकार ने उन्हें गाड़ियां वहीं छोड़कर सार्वजनिक परिवहन सेवा के माध्यम से घर वापसी का विकल्प दिया है। पर्यटकों को उनकी गाड़ियों से संबंधित एक पावती भी जिला व पुलिस प्रशासन के माध्यम से दी जाएगी तथा इसी के आधार पर सड़क मार्ग बहाल होने पर उन्हें यह गाड़ियां वापस उपलब्ध करवाई जाएंगी। इन पर्यटकों से संवाद के लिए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रैंक के अधिकारी को भी कसोल भेजने के निर्देश दिए गए हैं। घाटी में सभी विदेशी पर्यटक सुरक्षित एक सवाल के जवाब में सुक्खू ने कहा कि तीर्थन तथा कसोल क्षेत्र में कुछेक इजरायली पर्यटक भी हैं और इजरायली दूतावास की ओर से उन्हें अपने स्तर पर हेलिकाप्टर के माध्यम से सुरक्षित निकालने का आग्रह किया गया है। उन्होंने कहा कि इस पर प्रदेश सरकार को कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने कहा कि घाटी में सभी विदेशी पर्यटक सुरक्षित हैं और उन्हें भोजन सहित सभी मूलभूत सुविधाएं सुनिश्चित करवाई जा रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुल्लू में इतनी बड़ी विपदा के बावजूद प्रदेश सरकार ने जनजीवन सामान्य बनाने के लिए पूरी तत्परता से कार्य किया है। क्षेत्र में 48 घण्टों में बिजली तथा पानी की आपूर्ति आंशिक तौर पर बहाल करने के साथ ही मोबाइल सेवा पुन: सुचारू करने में भी सफलता हासिल की है। इसके लिए उन्होंने जिला व पुलिस प्रशासन सहित सभी संबंधित विभागों के प्रयासों की सराहना भी की। बाढ़ प्रभावित परिवारों को 50 लाख की राहत राशि जारी मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा अभी तक बाढ़ प्रभावित परिवारों को 50 लाख रुपये की राहत राशि जारी की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा राहत राशि में बढ़ौत्तरी करते हुए सभी प्रभावितों को एक-एक लाख रुपये प्रदान किए जाएंगे। किन्नौर के कड़छम, कुप्पा और सांगला में लिया नुकसान का जायजा मुख्यमंत्री ने किन्नौर जिला के कड़छम, कुप्पा और सांगला घाटी का दौरा भी किया और वहां हुए नुकसान का जायजा लिया। उन्होंने टापरी उप-तहसील के चोलिंग में स्थित सेना के राहत शिविर में सांगला से सुरक्षित निकाले गए लोगों से संवाद किया। उन्होंने कहा कि किन्नौर जिला में बादल फटने की घटना के बाद वहां फंसे पर्यटकों को सुरक्षित निकालने के लिए बचाव दल ने बेहतरीन कार्य करते हुए 118 लोगों को हेलिकाप्टर की छह उड़ानों में सांगला से चोलिंग (कड़छम) सुरक्षित पहुंचाया गया है। इस अभियान को सफल बनाने के लिए उन्होंने जिला प्रशासन और भारतीय सेना की सराहना भी की। इस अवसर पर मंडी में मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर, एपीएमसी मंडी के अध्यक्ष संजीव गुलेरिया तथा किन्नौर में उपायुक्त तोरुल रवीश सहित सेना एवं विभिन्न प्रशासनिक व विभागीय अधिकारी भी उपस्थित थे।
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण और युवा एवं खेल मामलों के मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के अंतर्गत तीन दिवसीय लेह- लद्दाख यात्रा पर हैं। इस दौरान उन्होंने लेह से 211 किलोमीटर दूर, भारत- चीन सीमा से लगे गांव करजोक में रात बिताई। मंत्री ने 14000 फुट की ऊंचाई पर पुगा आवासीय विद्यालय के अपने दौरे के दौरान युवाओं संग वॉलीबॉल भी खेला और युवाओं के आमंत्रण रात्रि में मोबाइल फ़ोन की रोशनी में टेबल टेनिस में भी हाथ आजमाया। ठाकुर ने कहा कि लेह लद्दाख के युवा प्रतिभा से भरे हैं। 2014 से पहले इनकी प्रतिभा को देखने वाला कोई नहीं था। आज मोदी जी के नेतृत्व में इनकी प्रतिभा को तराशा जा रहा है। ठाकुर ने कारजोक व पुगा में खेल उपकरण भी वितरित किए। भारत चीन सीमा से सटे गावों के विकास के प्रति मोदी सरकार की प्रतिबद्धता जाहिर करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार भारत-चीन सीमा पर स्थित इलाकों में प्रसारण तथा नेटवर्क कनेक्टिविटी बढाने के लिये कृत संकल्पित हो कर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा, हम जल्द भारत-चीन सीमा पर सुदूरवर्ती क्षेत्रों में रहने वालों को दूरदर्शन फ्री डिश का कनेक्शन उपलब्ध कराएंगे। इसके अलावा बेहतर मोबाइल कनेक्टिविटी उपलब्ध कराने हेतु भी तेज़ी से कार्य किए जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि डीडी फ्री डिश प्लेटफार्म के जरिए सीमावर्ती और सुदूर क्षेत्रों में रहने वाले लोगों तक पहुंच बनाने का लक्ष्य हासिल करने के लिये सरकार ने सीमावर्ती इलाकों के गांवों में 1.5 लाख मुफ्त फ्री डिश वितरित करने का प्रस्ताव किया था। ठाकुर ने आगे कहा, 'हम लेह लद्दाख को विकास के मामले में बाकी भारत के समकक्ष लाने हेतु लगातार काम कर रहे हैं. फिजिकल कनेक्टिविटी जैसे सड़क, पुल, टनल इत्यादि के साथ साथ हम यहाँ डिजिटल कनेक्टिविटी भी सुनिश्चित कर रहे हैं। पर्यटन हो या खेल, मोदी सरकार लेह लद्दाख की सभी बुनियादी जरूरतों को जल्द से जल्द पूरा करेगी।
हिमाचल परिवहन सेवानिवृत्त कर्मचारी कल्याण मंच अर्की इकाई अध्यक्ष बलबीर चौधरी ने जानकारी देते हुए बताया कि इकाई की मासिक बैठक 15 जुलाई को सुबह 10बजे पेंशनर भवन कुनिहार में आयोजित की जाएगी। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि बैठक में लंबे समय से लंबित वित्तीय लाभ व 1- 1- 16 के बाद सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों को नया वेतनमान का एरियर न मिलने व न्यायलयों द्वारा दिए गए निर्णय का पालन न करने के बारे में गंभीरता से चर्चा की जाएगी। साथ ही अगली रणनीति भी तय की जाएगी। उन्होंने क्षेत्र के सभी एचआरटीसी सेवानिवृत्त कर्मचारियों से बैठक में बढ़ चढ़कर भाग लेने की अपील की है।
भारी बारिश से प्रदेश में हुई तबाही के बाद अब पर्यटकों को रेस्क्यू करने और जन जीवन को पटरी पर लाने के लिए सरकार ने युद्ध स्तर पर काम शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री ख़ुद दो दिनों से कुल्लू, मनाली, लाहौल स्पीति और मंडी में राहत एवम बचाव कार्य की मॉनिटरिंग कर रहे हैं और मंत्रियो को भी अब सीएम सुक्खू ने जिम्मेदारियां सौंप दी है। प्रदेश में अब तक मॉनसून से 88 लोगों की मौत हो गई है जबकि 14 लोग लापता हैं। इस मानसून में प्रदेश को 4000 करोड़ के आसपास का नुकसान हो गया है जो आने वाले समय में और अधिक बढ़ने की आशंका है।
उद्योग विभाग के एक प्रतिनिधिमंडल ने आज निदेशक राकेश प्रजापति के नेतृत्व में अतिरिक्त निदेशक तिलक राज शर्मा और एसडब्ल्यूसीए, परवाणू के अधिकारियों और लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के साथ भारी बारिश के कारण हुए नुकसान का जायज़ा लेने के लिए औद्योगिक क्षेत्र सेक्टर ५ और कमली-खादीम का दौरा किया, ताकि औद्योगिक गतिविधियों के सुचारू संचालन के लिए उचित कदम उठाए जा सकें। निदेशक उद्योग ने औद्योगिक संघों के प्रतिनिधियों और फैक्ट्री मालिकों के साथ विस्तृत चर्चा की और कहा कि उद्योग मंत्री ने विभाग को औद्योगिक क्षेत्र में नुकसान का आकलन करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने औद्योगिक गतिविधियों की बहाली के लिए समयबद्ध उचित कदम उठाने का आश्वासन दिया। औद्योगिक क्षेत्र के निरीक्षण के दौरान पाया गया कि मूसलाधार बारिश के कारण नाले में बाढ़ आने से औद्योगिक क्षेत्र की आंतरिक सड़कें क्षतिग्रस्त हो गईं हैं। बाढ़ के पानी के साथ मलबा फैक्ट्रियों के परिसर में आ गया है। निदेशक उद्योग ने तत्काल राहत का आश्वासन दिया और एसडब्ल्यूसीए अधिकारियों को सड़क साफ करने के लिए पर्याप्त मशीनें तैनात करने को कहा। उन्होंने नुकसान के आकलन व मरम्मत की लागत का आकलन तैयार करने के निर्देश भी दिए। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के हिमाचल चैप्टर के अध्यक्ष गगन कपूर ने जमीनी स्तर पर मूल्यांकन के लिए एक टीम भेजकर त्वरित कार्रवाई के लिए राज्य सरकार का आभार व्यक्त किया। उन्होंने औद्योगिक क्षेत्र कामली तक सड़क संपर्क बहाल करने के लिए तत्काल हस्तक्षेप का आग्रह किया। परवाणू इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (पीआईए) के अध्यक्ष सुनील तनेजा ने कहा कि परवाणू के सेक्टर ४ और ५ के बीच नाले के चैनलाइजेशन के साथ-साथ नाले में जल प्रवाह को सुचारू बनाने के लिए जरूरी कदम उठाने की आवश्यकता है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा श्रम एवं रोज़गार मंत्री डॉ. कर्नल धनीराम शांडिल ने कहा कि आपदा के इस समय में प्रदेश सरकार प्रभावितों के साथ है और प्रदेशवासियों तथा पर्यटकों की सुरक्षा के लिए राज्य सरकार यथासम्भव प्रयास कर रही है। डॉ. शांडिल ने आज सोलन विधानसभा क्षेत्र की विभिन्न प्रभावित ग्राम पंचायतों और शामती में भारी वर्षा के कारण हुए नुकसान का जायज़ा लिया और प्रभावित परिवारों से मुलाकात कर उन्हें ढांढस बंधाया। डॉ. शांडिल ने ग्राम पंचायत डांगरी के गांव भाणत, हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर घट्टी तथा शामती में भारी वर्षा के कारण प्रभावित परिवारों से मुलाकात की। उन्होंने सभी स्थानों पर नुकसान का जायजा लिया और शामती के प्रभावित परिवारों के लिए जि़ला प्रशासन द्वारा जटोली में स्थापित आश्रय स्थल का निरीक्षण भी किया। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि आपदा का समय और स्थान कभी भी निश्चित नहीं होता। सही तैयारी, प्रबंधन और त्वरित कार्यवाही के माध्यम से आपदा से होने वाले नुकसान को न्यून किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश एवं सोलन जि़ला में गत ४-५ दिनों से हो रही भारी वर्षा ने न केवल जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है अपितु सम्पत्ति को भी भारी नुकसान पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि इस आपदा से सोलन जि़ला में तीन व्यक्ति असमय काल का ग्रास बने हैं। उन्होंने परमपिता परमात्मा से प्रदेश एवं सोलन जि़ला में असामायिक मृत्यु को प्राप्त हुए सभी जन की आत्मिक शांति की कामना की। डॉ. शांडिल ने कहा कि प्रदेश सरकार के निर्देशानुसार जि़ला प्रशासन प्रभावित परिवारों को राहत पहुंचाने के लिए तत्पर है और विभिन्न अवरूद्ध मार्गों, पेयजल योजनाओं, विद्युत योजनाओं इत्यादि को पुनः आरम्भ करने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य किया जा रहा है। उन्होंने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि जो चट्टान शामती मार्ग पर गिर गई है को तोड़कर हटाया जाए और बाधित सम्पर्क मार्गों को सुचारू बनाया जाए। उन्होंने शामती की प्रभावित निवासी आशा देवी और विद्या देवी को फौरी राहत के तौर पर १५ हजार-१५ हजार रुपये की राशि प्रदान की। उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार द्वारा सभी प्रभावितों को हर सम्भव सहायता प्रदान की जाएगी। उन्होंने शामती के निवासी सुरेश शर्मा, अशोक शर्मा, बाबू राम, अजय चंदेल को आश्वासन दिया कि सरकार द्वारा पूर्ण सहायता प्रदान की जाएगी। उन्होंने इससे पूर्व ग्राम पंचायत डांगरी के गांव भाणत के निवासी लीला दत्त को फौरी राहत के तौर पर १५ हजार रुपये की राशि प्रदान की। उन्होंने हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर के घट्टी स्थित भवन का निरीक्षण भी किया। उन्होंने देहूंघाट में हुए भारी वर्षा के कारण हुए नुकसान का जायजा भी लिया। उन्होंने भारी वर्षा के कारण अवरूद्ध हुई सड़कों, पेयजल आपूर्ति, विद्युत आपूर्ति को ठीक करने के सम्बन्धित अधिकारियों को उचित दिशा-निर्देश भी दिए। उन्होंने लोक निर्माण विभाग तथा राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों को यशा शीघ्र मार्ग ठीक करने के निर्देश दिए ताकि स्थानीय लोगों को आवाजाही में सुगमता मिल सके।
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज सोलन जिला के शामती में भारी वर्षा के कारण हुए नुकसान का जायजा लिया और जिला प्रशासन को इस संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। राज्यपाल ने शामती में भारी वर्षा के कारण हुए भूस्खलन से अवरूद्ध सोलन-राजगढ़ मार्ग का निरीक्षण किया। उन्होंने प्रभावित परिवारों से भेंट भी की। भारी वर्षा के कारण शामती में हुए भूस्खलन एवं चट्टानों के गिरने से सोलन-राजगढ़ मार्ग अवरूद्ध हो गया है तथा इस कारण कुछ आवासों को भी नुकसान पहुंचा है। राज्यपाल ने जिला प्रशासन को निर्देश दिए कि अवरूद्ध मार्ग को शीघ्र बहाल किया जाए तथा प्रभावित परिवारों को राहत एवं बचाव के लिए सभी प्रबंध सुनिश्चित किए जाएं। उन्होंने उपायुक्त तथा पुलिस अधीक्षक सोलन को सभी एहतियाती उपाय सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए। उपायुक्त सोलन मनमोहन शर्मा, पुलिस अधीक्षक सोलन गौरव सिंह और जिला के वरिष्ठ अधिकारी इस अवसर पर उपस्थित थे।
विधानसभा अर्की के उपमंडल कुनिहार के गांव बाड़ी में बीते दो दिन पहले मूसलाधार बारिश से हुए नुकसान के चलते गांव के लोगों को स्थानीय नवोदय विद्यालय परिसर में स्थानांतरित किया गया। इस बचाव कार्य की समीक्षा हेतु सीपीएस एवं विधायक अर्की संजय अवस्थी के आदेशानुसार ब्लॉक कांग्रेस अर्की के अध्यक्ष सतीश कश्यप और युवा कांग्रेस अर्की कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत वर्मा ने दौरा किया और प्रशासन द्वारा राहत बचाव हेतु स्थानीय जनता को उपलब्ध करवाई जा रही सुविधाओं के बारे में पता किया। नवोदय विद्यालय परिसर से अब राहत कैंप को दूसरे विद्यालय परिसर में बदला गया है और सरकार द्वारा भोजन आदि सुविधाओं को उपलब्ध करवाया जा रहा है। अध्यक्ष सतीश कश्यप द्वारा यह जानकारी दी गई और उन्होंने बाड़ी गांव का दौरा किया और मौके पर ही जल शक्ति विभाग अधिशाषी अभियंता को सूचित किया की गांव के ऊपर एक पानी की बहुत बड़ी बॉडी के पानी को विभाग द्वारा निकाला जाए। जिसके लिए विभाग के अधिकारियों ने काम करना भी शुरू कर दिया है। अध्यक्ष द्वारा इसके बाद ग्राम पंचायत डूमेहर के गांव घाट में नंदलाल के घर गिरने की सूचना पर भी मौके का जायजा लेकर नन्द लाल के परिवार से मिल कर फौरी राहत और प्रशासन की हर सुविधा उपलब्ध करवाने को कहा। इस अवसर पर ब्लॉक युवा कांग्रेस अध्यक्ष हेमंत वर्मा,कुनिहार कांग्रेस के प्रधान राजेंद्र शर्मा, विधायक अर्की कार्यालय निजी सचिव रविंद्र सिंह,बीडीसी सदस्य हेम राज ठाकुर,राजेश शांडील, प्रकाश चौधरी,जय पाल योगिराज,जगदीश गर्ग, अनिल तंवर,जगदीश ठाकुर, डूमेहार के दिनेश, तिलक राज, एडवोकेट खेम चंद आदि मौजूद रहे।
सोलन जिले में भारी वर्षा के कारण क्षतिग्रस्त सड़कों, पुलों, विद्युत योजनाओं तथा पेयजल योजनाओं को पुन: आरम्भ करने का कार्य युद्ध स्तर पर जारी है और अधिकांश योजनाओं को बहाल कर दिया गया है। यह जानकारी आज यहां उपायुक्त सोलन मनमोहन शर्मा ने दी। मनमोहन शर्मा ने कहा कि गत सांय तक सोलन ज़िला में भारी वर्षा के कारण लगभग 120 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि ज़िला में भारी वर्षा से उत्पन्न कारणों से तीन लोगों की दु:खद मृत्यु हुई है। उपायुक्त ने कहा कि सोलन ज़िला में भारी वर्षा के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग प्रभावित हुए हैं। ज़िला प्रशासन का यह प्रयास रहा है कि सभी राष्ट्रीय राजमार्गों को शीघ्र बहाल किया जाए। राष्ट्रीय राजमार्ग 05 पर सोलन से शिमला-सोलन की सीमा तक यातायात निर्बाध चल रहा है। सोलन से परवाणू के मध्य राष्ट्रीय राजमार्ग 05 पर परिस्थिति के अनुसार एक लेन को यातायात के लिए सुचारू किया गया है। इस लेन पर शिमला से परवाणू के मध्य यातायात चलाया जा रहा है। परवाणू से शिमला की ओर आने वाले वाहनों को जं़गेशू-कसौली होकर सोलन की ओर भेजा जा रहा है। मनमोहन शर्मा ने कहा कि सोलन के शामती में भारी वर्षा के कारण कुछ मकान क्षतिग्रस्त हुए है। प्रशासन ने पूर्व सूचना के अनुसार ही खतरे की ज़द में आए मकानों को खाली करवाकर प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया है। उन्होंने कहा कि शामती से कुछ परिवारों के लिए नगर निगम सोलन के रेन बसेरा में प्रबंध किया गया है। उपायुक्त ने कहा कि ज़िला के परवाणू में प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है। उन्होंने कहा कि अर्की उपमंडल के बाड़ी गांव के प्रभावितों के लिए जवाहर नवोदय विद्यालय कुनिहार में प्रबंध किया गया है। सभी प्रभावितों के रहने एवं खाने-पीने का पूर्ण प्रबंध सुनिश्चित बनाया गया है। मनमोहन शर्मा ने कहा कि ज़िला में भारी बारिश से फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है। विद्युत बोर्ड, जल शक्ति विभाग, लोक निर्माण विभाग सहित अन्य विभागों को भी काफी नुकसान पहुंचा है। पूर्ण नुकसान का आकलन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गत सांय इस सम्बन्ध में विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक कर स्थिति की समीक्षा की गई। ज़िला प्रशासन किसी भी प्रकार की स्थिति से निपटने के लिए तैयार है और प्रभावितों की हर सम्भव सहायता सुनिश्चित बनाई जा रही है।
ज़िला दंडाधिकारी सोलन मनमोहन शर्मा ने आमजन की सुरक्षा के दृष्टिगत आवश्यक आदेश जारी किए हंै। ये आदेश आपराधिक दंड संहिता 1973 की धारा 144 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए जारी किए गए हैं। इन आदेशों के अनुसार सोलन जिला की सीमा में अश्वनी खड्ड में, खड्ड के दोनों किनारों पर तथा इसके आस-पास के स्थानों और सोलन तहसील के राजस्व गांव सेर बनेड़ा में गिरीपुल पर गिरी नदी के किनारे स्थित शनि मंदिर के समीप एवं आस-पास के क्षेत्र में सभी प्रकार की अनाधिकृत पर्यटन और व्यवसायिक गतिविधियों को पूर्ण रूप से प्रतिबंधित कर दिया है। इन आदेशों के अनुसार अश्वनी खड्ड और गिरी नदी में स्नान करने तथा पिकनिक मनाने पर भी पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। ये आदेश तुरंत प्रभाव से लागू हो गए हैं और अगले दो माह तक प्रभावी रहेंगे। इन आदेशों में स्पष्ट किया गया है कि मॉनसून के समय में भारी वर्षा के कारण नदी, नालों के किनारे जाना खतरनाक सिद्ध हो सकता है। अधिकतर मौको पर पर्यटक नदी एवं खड्डों में नहाने के लिए जाते हैं। किसी भी कारण से नदी के जलस्तर में वृद्धि पर्यटकों के जीवन को खतरा पैदा कर सकती है। आदेशों के अनुसार स्थानीय पुलिस ज़िला पर्यटन अधिकारी के साथ सक्रिय समन्वय स्थापित कर इन आदेशों को अक्ष:रक्ष लागू करेगी। इन आदेशों का उल्लंघन करने पर विधि सम्मत कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।
परिवार कल्याण एवं स्वास्थ्य मंत्री कर्नल डॉ. धनीराम शांडिल ने आज डांगरी पंचायत के लावी घाट और गांव घट्टी का दौरा किया। उन्होंने यहां उस क्षतिग्रस्त मकान का दौरा किया, जहां पर बहुत बड़ा विशालकाय पत्थर बाथरूम पर अटका पड़ा है। मंत्री ने मौके पर अधिकारियों को जल्द से जल्द इसे तोड़ने के आदेश दिए। वहीं परिवार को फौरी तौर पर 15000 रुपये की नकद सहायता दी।
उपायुक्त किन्नौर तोरूल रवीश ने जानकारी दी कि जिला किन्नौर के भावा वैली के कारा क्षेत्र में लगभग 28 व्यक्तियों के फंसे होने की जानकारी प्राप्त हुई थी, जिसके उपरांत पुलिस, एनडीआरएफ, आईटीबीपी व होमगार्ड के बचाव दलों को शीघ्र भेजा गया। उन्होंने कहा कि कारा में 28 व्यक्ति मवेशियों सहित फंसे हुए थे, जिनमें से 8 व्यक्ति ज्यूरी प्रजनन केंद्र, 4 ककस्थल फॉर्म, 3 नाथपा के निवासी और 10 भावा घाटी के निवासी थे, जिन्हें सुरक्षित मूलिंग गांव पहुंचाया गया है तथा 3 व्यक्ति कारा में मवेशियों की देख-रेख के लिए रुके हैं, जिन्हें पर्याप्त मात्रा में खाद्य सामग्री उपलब्ध करवा दी गई है। इसके अतिरक्ति इंडिया हाईक्स की ट्रैकर टीम के 18 व्यक्तियों को भी काफनू बेस में सुरक्षित पहुंचाया जा चुका है।
एचआरटीसी ने प्रदेश के 224 रूटों पर बस सेवा को बहाल कर दिया है। बुधवार से शिमला से चंडीगढ़-दिल्ली के लिए बस सेवा फिर से शुरू कर दी गई है। मंगलवार शाम को शिमला-कालका हाईवे पर परवाणू के समीप चक्की मोड़ पर सड़क धंसने के कारण एचआरटीसी ने शिमला से चंडीगढ़ दिल्ली के लिए रात्रि सेवाएं बंद कर दी थीं। अब इन सेवाओं को दोबारा से बहाल कर दिया है। प्रदेश के अलग अलग क्षेत्रों में फंसी एचआरटीसी की 363 बसें अपने-अपने डिपो को लौट चुकी हैं। हालांकि एचआरटीसी 316 बसें अभी भी प्रदेश के कई क्षेत्रों में फंसी हुई है। प्रदेशभर में 1193 रूटों पर बस सेवा अभी तक बहाल नहीं हो पाई है। एचआरटीसी के प्रबंध निदेशक रोहन चंद ठाकुर ने बताया कि प्रदेश की जैसे जैसे सडक़ें बहाल होंगी, एचआरटीसी दोबारा से सभी रूटों पर बस सेवा फिर से शुरू कर देगा।
हिमाचल प्रदेश में अत्याधिक बारिश के कारण अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन ने राज्य पर विनाशकारी प्रभाव डाला है और कृषि विभाग के प्रारंभिक अनुमान में फसलों को 83 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है। कृषि एवं पशुपालन मंत्री चंद्र कुमार ने कहा कि राज्य भर में हुई तबाही अभूतपूर्व है, इसलिए केंद्र को हिमाचल में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित कर बचाव एवं राहत कार्यों के लिए विशेष आर्थिक पैकेज जारी करना चाहिए। आज आयोजित एक बैठक में चंद्र कुमार ने कहा कि प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार राज्य में प्रभावित कुल 28,495 हेक्टेयर कृषि क्षेत्र में से 6,978 हेक्टेयर में सब्जी उत्पादन को लगभग 40 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। मक्का, धान, रागी, बाजरा और खरीफ दलहन को लगभग 21,517 हेक्टेयर पर करीब 17 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। मंत्री ने कहा कि इसके अलावा, खेती की जमीन बह जाने और खेतों में आई गाद के कारण फसलों को लगभग 26 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा नुकसान मंडी जिले में हुआ जोकि 23.38 करोड़ रुपये आंका गया है। इसके बाद शिमला में 17.63 करोड़ रुपये, सिरमौर में 13.29 करोड़ रुपये, सोलन में 8.16 करोड़ रुपये, लाहौल स्पिति में 5.74 करोड़ रुपये, कुल्लू में 4.38 करोड़ रुपये, कांगड़ा में 3.99 करोड़ रुपये, ऊना में 2.99 करोड़ रुपये, चंबा में 1.53 करोड़ रुपये, बिलासपुर में 1.01 करोड़ रुपये, किन्नौर में 59 लाख रुपये और हमीरपुर में 29 लाख रुपये का नुकसान हुआ। भविष्य में ऐसी प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए मृदा संरक्षण पर बल देते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि पूरे राज्य में मृदा संरक्षण की तकनीकों और तरीकों को बढ़ावा दिया जाएगा। मंत्री ने कहा कि कांगड़ा जिले के शाहपुर निर्वाचन क्षेत्र में गज खड्ड के उचित तटीकरण और राजोल, अवाड़ी, अनसुई और डेग गांवों के निवासियों द्वारा मिट्टी संरक्षण को अपनाने के कारण हाल ही में हुई भारी बारिश से न्यूनतम नुकसान दर्ज किया गया हैै। चंद्र कुमार ने कहा कि कृषि और पशुधन के नुकसान के संबंध में उप निदेशकों को अंतिम रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया गया है और शीघ्र ही इससे संबंधित बैठक की जाएगी। बैठक में शाहपुर के विधायक केवल सिंह पठानिया, निदेशक कृषि डॉ. राजेश कौशिक और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
जिला लोक संपर्क अधिकारी कार्यालय सोलन के सरकारी वाहन (जिप्सी एवं बोलेरो) के 16 पुराने टायरों की नीलामी 22 जुलाई को सायं 3 बजे कार्यालय के प्रागंण में की जाएगी। यह जानकारी जिला लोक संपर्क अधिकारी सोलन ने दी। उन्होंने कहा कि इच्छुक उम्मीदवार 22 जुलाई तक नीलाम होने वाले टायरों को कार्यालय समयावधि में देख सकते है। उन्होंने कहा कि नीलामी की शर्ते उसी दिन उम्मीदवारों को बताई जाएंगी। उन्होंने कहा कि अधिक जानकारी के लिए किसी भी कार्य दिवस पर कार्यालय दूरभाष नंबर 01792-220089 पर सम्पर्क कर सकते हैं।
उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि हिमाचल में सभी पर्यटक सुरक्षित हैं, सरकार सबका परिवार की तरह ख्याल रख रही है। उन्होंने मंगलवार को मंडी में अधिकारियों के साथ बैठक कर जिले के विभिन्न हिस्सों में अत्यधिक बारिश से पैदा हुई स्थिति की समीक्षा के बाद मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में यह बात कही। उन्होंने मीडिया के माध्यम से पर्यटकों के परिजनों को भरोसा देते हुए किसी प्रकार की चिंता न करने की अपील की। उन्होंने कहा कि हम अतिथि देवो भव की नीति पर चलने वाले लोग हैं। प्रदेश में आया हर सैलानी हमारा मेहमान है। हम सभी का उसी प्रकार ध्यान रख रहे हैं। उन्होंने कहा कि बारिश और बाढ़ से रास्ते बंद होने के कारण पर्यटक अलग अलग जगहों पर होटल और रिसॉर्ट में रुके हैं । बिजली सप्लाई बाधित होने और मोबाइल नेटवर्क डाउन होने के कारण उनसे बात न हो पाने के कारण परिवार जनों का चिंतित होना स्वाभाविक है। पर सभी धैर्य रखें, रास्ते बहाल करने का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है। रास्ते खुलते ही सभी को सुरक्षित उनके घरों को रवाना किया जाएगा। सभी होटल, रिसॉर्ट मालिकों को भी स्थिति सामान्य होने तक सहयोग को कहा गया है। 24 घंटे में बहाल कर ली जाएंगी पेयजल परियोजनाएं मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि प्रदेश में अगले 24 घंटे में पेयजल की 4 हज़ार परियोजनाएं बहाल कर ली जाएंगी। उन्होंने बताया कि बारिश और बाढ़ से प्रदेश में पानी की 5 हज़ार छोटी- बड़ी परियोजनाओं को नुकसान पहुंचा है। इनमें से 4 हज़ार को अगले 24 घंटे में रिस्टोर कर लिया जाएगा। इसके लिए जल शक्ति विभाग के तमाम अधिकारी पूरी मशीनरी के साथ फील्ड में डटे हैं। मंडी में जल्द सुचारू होगी पेयजलापूर्ति उन्होंने कहा कि मंडी शहर में भी अगले 24 से 48 घन्टों के भीतर पेयजल आपूर्ति को पूरी तरह बहाल कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि बाढ़ के कारण गाद भरने से मंडी शहर की दोनों बड़ी पेयजल परियोजनाएं फ़िलहाल बंद हैं। शहर में अन्य छोटी परियोजनाओं से पेयजल आपूर्ति की वैकल्पिक व्यवस्था की गयी है। जल्द ही पेयजल आपूर्ति सुचारू हो जाएगी। उन्होंने जल शक्ति विभाग के अधिकारियों को पेयजल योजनाओं के साथ साथ सीवरेज परियोजनाओं को भी यथाशीघ्र दुरुस्त करने के निर्देश दिए। बाढ़ पीड़ितों से मिले उप मुख्यमंत्री इस दौरान उपमुख्यमंत्री ने मंडी में बारिश और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर हालात का जायजा लिया। वे मंडी के ब्यास सदन और गुरुद्वारे में बनाए राहत शिविरों में रह रहे लोगों से भी मिले और उनका दुख दर्द जाना। उन्होंने बाढ़ पीड़ितों को सरकारी की ओर से हर सम्भव सहायता का भरोसा दिलाया और प्रशासन को सभी हर तरह से ख्याल रखने के निर्देश दिए। बता दें, प्रशासन ने बाढ़ के खतरे के चलते 200 के करीब लोगों को राहत शिविर बना कर ठहराया है। उनके ठहरने, भोजन,पानी, दवाओं की पूरी व्यवस्था की गयी है।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने भारी बारिश से कुल्लू, मंडी व लाहौल में हुए नुकसान का मंगलवार को हवाई सर्वेक्षण किया। इस दौरान उन्होंने हेलीकॉप्टर से कुल्लू, मंडी, औट व भुंतर क्षेत्र में बरसात से हुए नुकसान का जायजा लिया। चंद्रताल में फंसे 300 लोगों का आज सुबह 5:00 बजे से बचाव अभियान शुरू कर दिया था। पहली टीम मशीनरी के साथ लोसर से चंद्रताल के लिए रवाना हुई है, जबकि दूसरी टीम काजा से एडीसी राहुल जैन की अध्यक्षता में रवाना हुई है। करीब 40 लोगों का बचाव दल जिसमें पंगमो और लोसर गांव के युवा के अलावा स्पीति के अन्य गांव से युवा शामिल हैं। अब तक 10 से अधिक बुजुर्गों व छोटे बच्चों वाले परिवारों को भुंतर कुल्लू के लिए एयरलिफ्ट कर लिया गया है। सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने खुद यह जानकारी दी।
भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री डॉ. राजीव सहजल ने परवाणू में मूसलाधार बारिश के कारण प्रभावित परिवारों से मुलाकात की। सहजल ने कहा कि जिस ब्लॉक का दौरा हमने परवाणू में किया, वहां पर 42 परिवार रहते थे और इन 42 परिवारों को जान का खतरा था, क्योंकि यह बिल्डिंग गिरने की स्थिति में पहुंच चुकी थी। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने उनको दूसरे ब्लॉक में शिफ्ट किया, जहां पर खाली जगह थी। इस मौके पर डॉ. राजीव सहजल ने लोकल अधिकारियों से भी बात की और राहत पहुंचाने का कार्य किया। रात को सभी परिवार सुरक्षित रहें, इसको निश्चित करने के लिए सभी परिवारों को मूलभूत सुविधाएं प्रदान करने का कार्य करते हुए सभी परिवारों की सुरक्षा को सुनिश्चित किया गया।
कार्यकारी जिला दंडाधिकारी एवं अतिरिक्त उपायुक्त सोलन अजय यादव ने भारी वर्षा से हुए भूस्खलन एवं अन्य कारणों से सोलन में डमरोग से पाजो तथा न्यायालय मार्ग से वार्ड नंबर 12 व 13 एवं वार्ड नंबर 12 स्थित पार्क से न्यायालय तक के मार्ग को सभी प्रकार के वाहनों की आवाजाही के लिए बंद कर दिया गया है। ये संपर्क मार्ग बहाल किए जाने तक बंद रहेंगे। ये आदेश मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 115 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए जारी किए हैं।
जिला सोलन के शामती के समीप मध्य रात्रि करीब 2 बजे बादल फटने से दो बिल्डिंग मलबे के नीचे दब गई हैं। विशालकाय चट्टान के साथ-साथ मलवा आने से पूरा रास्ता धंस गया है व राजगढ़ रोड सोलन से आने-जाने की आवाजाही बिल्कुल ठप हो गई है। घटना की सूचना स्थानीय लोगों ने पुलिस व प्रशासन को दी, जिसके बाद जेसीबी मशीन से मलवा हटाने का काम शुरू कर दिया है। बता जा रहा है कि पहाड़ी दरकने से आसपास के मकानों में भी दरारें आ गई हैं, जिसे देखते हुए एहतियातन लोगों ने शामती बाजार खाली दिया है व परिजनों ने रिश्तदारों के घर पनाह ले ली है। जिला में भारी वर्षा के कारण अब तक लगभग 77.50 करोड़ का नुकसान हो चुका है। ज़िला में लोक निर्माण विभाग के 158 विभिन्न मार्ग क्षतिग्रस्त हुए हैं। अतिरिक्त उपायुक्त सोलन अजय यादव ने कहा कि भारी वर्षा के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 05 शिमला-परवाणू पर अनेक स्थानों पर भूस्खलन के कारण यातायात बार-बार बाधित हो रहा है। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को निर्देश दिए गए हैं कि महत्वपूर्ण राजमार्ग पर वाहनों की आवाजाही के लिए सभी एहतियाती उपाय अपनाए जाएं। उन्होंने कहा कि सोलन से हरियाणा के पंचकूला ज़िला से होकर बद्दी-नालागढ़ के लिए जाने वाला राजमार्ग यातायात के लिए बंद कर दिया गया है।
सिरमौर जिले में हरिपुरधार स्थित मानव हिल रिजॉर्ट के प्रबंध निदेशक मेलाराम शर्मा ने हरिपुरधार क्षेत्र में फंसे पर्यटकों और बाहरी लोगों के लिए अपने रिजॉर्ट में नि:शुल्क ठहराव और भोजन इत्यादि की व्यवस्था करने का निर्णय लिया है। यह निर्णय उन्होंने दुर्गम क्षेत्र हरिपुरधार और आसपास क्षेत्रों में फंसे पर्यटकों और सैलानियों को शोषण से बचाने और कठिनाई की घड़ी में उन्हें आवासीय और भोजन सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से लिया है। मानव हिल रिजॉर्ट के प्रबंध निदेशक मेलाराम शर्मा ने सार्वजनिक सूचना जारी कर क्षेत्र में फंसे पर्यटकों और सैलानियों से आग्रह किया है कि वे इस आपदा की घड़ी में परेशान ना हो और निशुल्क ठहराव एवं भोजन इत्यादि की व्यवस्था के लिए किसी भी समय मानव हिल रिजॉर्ट बड़याल्टा, हरिपुरधार के परिसर में पहुंच सकते हैं। उन्होंने बताया कि पिछले कुछ दिनों से पूरे क्षेत्र में भारी बरसात के कारण त्राहि-त्राहि मची है और सारी सड़कें अवरुद्ध होने के कारण आवाजाही पूर्णता ठप हो गई है। ऐसे में क्षेत्र में फंसे सैलानियों और पर्यटकों को भी भारी कठिनाइयों से दो चार होना पड़ रहा है। मेलाराम शर्मा ने बताया कि अतिथि देवो भव. की परिपाटी को आत्मसात करने के उद्देश्य से उन्होंने क्षेत्र में फंसे सैलानियों और पर्यटकों को निशुल्क सुविधा उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है और क्षेत्र के लोगों से भी आग्रह किया है कि यदि उन्हें क्षेत्र में किसी पर्यटक के फंसे होने की सूचना मिलती है तो वह मानव हिल रिजॉर्ट के प्रबंध निदेशक को मोबाइल नंबर 94180 86948 या फिर रिजोर्ट के प्रबंधक कमल शर्मा के मोबाइल नंबर 6230921899 पर सूचना देकर पर्यटकों को यहां भेज सकते हैं। उन्होंने बताया कि मानव हिल रिजॉर्ट द्वारा क्षेत्र में फंसे पर्यटकों और सैलानियों के लिए यह सुविधा तब तक जारी रहेगी जब तक यहां की सड़कें बहाल करके परिवहन सुविधा शुरू नहीं होती। उन्होंने बताया कि मानव हिल रिजॉर्ट द्वारा इस आशय की सूचना उपायुक्त सिरमौर, पुलिस अधीक्षक सिरमौर,आपदा प्रबंधन प्राधिकरण सिरमौर,उपमंडल अधिकारी नागरिक संगड़ाह व नायब तहसीलदार हरिपुरधार तथा डीएसपी संगड़ाह और पुलिस चौकी प्रभारी हरिपुरधार को भी पत्र भेजकर दी गई है ताकि क्षेत्र में फंसे पर्यटक मानव हिल रिजॉर्ट पहुंच सके।