•   Tuesday Jul 01
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Red alert in Himachal: Three national highways and more than 129 roads blocked due to heavy rain
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हिमाचल में रेड अलर्ट: भारी बारिश के कारण तीन नेशनल हाईवे और 129 से अधिक सड़कें बाधित

हिमाचल में सोमवार को चार जिलों कांगड़ा, सोलन, सिरमौर और मंडी में रेड और अन्य क्षेत्रों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। रामपुर उपमंडल के अंतर्गत सरपारा पंचायत में रात करीब दो बजे अचानक बादल फटने से सिकासेरी गटूला जगह पर काफी नुकसान हुआ है। बादल फटने से राजेंद्र कुमार पुत्र पलस राम का दो कुटार, एक कमरा, एक किचन सहित अन्य सारा सामान मलबा आने से क्षतिग्रस्त हो गया है। वहीं, विनोद कुमार का एक खूड एक गाय और गोपाल सिंह का एक खूड और गाय बह गई है।  रेड अलर्ट के बीच शनिवार रात से रविवार तक बारिश से तीन नेशनल हाईवे और 129 से अधिक सड़कें बाधित रहीं। रविवार को कांगड़ा, शिमला और कुल्लू एयरपोर्ट से सभी उड़ानें रद्द रहीं। प्रदेश में 612 से अधिक ट्रांसफार्मर बंद हो गए और 6 पेयजल योजनाएं हांफ गईं। उधर, पहाड़ी से मलबा और पत्थर गिरने से कालका-शिमला हेरिटेज रेलवे ट्रैक बाधित रहा। इससे अप व डाउन की चार ट्रेनों को रद्द करना पड़ा और छह की आवाजाही हुई। सिरमौर के चिलोन के पास पांच घंटे पांवटा-शिलाई एनएच बंद रहा। नाहन-कुमारहट्टी के अलावा कालका-शिमला नेशनल हाईवे चक्कीमोड़ में पहाड़ियों से पत्थर गिरने से प्रभावित रहा।

Heavy rain wreaks havoc in Himachal: Red alert in four districts, instructions to keep schools closed
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हिमाचल में भारी बारिश का कहर: चार जिलों में रेड अलर्ट, स्कूल बंद रखने के निर्देश

हिमाचल प्रदेश के चार जिलों कांगड़ा, मंडी, सोलन, सिरमौर में मौसम विभाग ने भारी बारिश को लेकर रेड अलर्ट जारी किया है। ऐसे में लगातार हो रही बारिश से मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने डीसी को निर्देश जारी करते हुए कहा कि रेड अलर्ट वाले जिलों में स्कूल बंद रखें। यह निर्णय विद्यार्थियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए लिया गया है। मौसम विभाग ने जिला सोलन, सिरमौर, कांगड़ा एवं मंडी के लिए रेड अलर्ट जारी किया है।  विभाग ने लोगों से नदी नालों से दूर रहने की अपील की है। वही लगातार बारिश से शिमला में चमियाना अस्पताल जाने वाली सड़क मलबा गिरने से बंद हो गई है। वहीं, भट्टाकुफर में भी गाड़ियों पर पत्थर गिरे हैं। इसके साथ ही संजौली वार्ड के बॉथवेल इलाके में भारी बारिश के बाद हुए भूस्खलन से एक मकान पर मलबा गिर गया है। इसके चलते इस घर में रह रहे मां बेटी अंदर फंस गए हैं। मेयर पार्षद समेत प्रशासन की टीम मौके पर पहुंच गई है।

Heavy rain wreaks havoc in Himachal, Orange alert issued in seven districts
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हिमाचल में भारी बारिश का कहर, सात जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी

हिमाचल प्रदेश के कई हिस्सों में लगातार हो रही भारी बारिश ने जनजीवन प्रभावित कर दिया है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने रविवार और सोमवार के लिए सात जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। रविवार को ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, सोलन और सिरमौर जिलों में ऑरेंज अलर्ट घोषित किया गया है, जबकि सोमवार को सिरमौर, सोलन, शिमला और बिलासपुर जिलों के लिए यह चेतावनी जारी रहेगी। लगातार बारिश के कारण कई स्थानों पर भूस्खलन और मलबा गिरने की घटनाएं सामने आई हैं। शिमला में चमियाना अस्पताल जाने वाला मार्ग मलबा गिरने से बंद हो गया है, वहीं भट्टाकुफर क्षेत्र में चलती गाड़ियों पर चट्टानें गिरने की घटनाएं भी हुई हैं। मौसम विभाग ने 1 जुलाई से 4 जुलाई तक प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में बारिश का येलो अलर्ट भी जारी किया है। सोलन, कांगड़ा, मंडी और सिरमौर के कुछ क्षेत्रों में बाढ़ की आशंका जताई गई है। लोगों से अपील की गई है कि वे अनावश्यक यात्रा से बचें और प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन करें।

Heavy -rain- alert- in -Himachal- for -next- one- week
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हिमाचल में अगले एक सप्ताह तक भारी बारिश का अलर्ट

हिमाचल प्रदेश में मानसून सक्रिय हो गया है और मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने अगले एक सप्ताह तक राज्य के कई हिस्सों में भारी बारिश जारी रहने का अलर्ट जारी किया है। आपदा की आशंका को देखते हुए प्रशासन ने कमर कस ली है और लोगों से सतर्क रहने की अपील की है। मौसम विभाग के अनुसार 29 जून को राज्य के कई भागों में अत्यधिक भारी बारिश की संभावना है। 27, 28, 30 जून, और 1 से 3 जुलाई तक येलो अलर्ट जारी किया गया है।अगले 48 घंटों में अधिकतम और न्यूनतम तापमान में कोई बड़ी वृद्धि की संभावना नहीं है। इसके बाद, अगले 2-3 दिनों में राज्य के कई हिस्सों में तापमान में 2-3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आ सकती है। अगले 24 घंटों के दौरान शिमला और सिरमौर जिलों के कुछ जलग्रहण क्षेत्रों और आसपास के इलाकों में हल्की से मध्यम बाढ़ का खतरा है।मानसून सीजन में संभावित बाढ़ और भूस्खलन की आशंका को देखते हुए प्रशासन ने लोगो से संवेदनशील क्षेत्रों इलाको में न जाने की अपील की है। इस दौरान कोई भी व्यक्ति नदियों, नालों और भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में अनावश्यक रूप से न जाएं।  

Natures- fury- in -Himachal:- 7 -dead-, 6 -still- missing- due- to -cloudburst; -rescue -operation- underway
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हिमाचल में कुदरत का कहर: बादल फटने से 7 की मौत, 6 अभी भी लापता; रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

देवभूमि हिमाचल पर मानसून का कहर टूट पड़ा है। बुधवार को राज्य के पांच अलग-अलग स्थानों पर बादल फटने की घटनाओं ने विकराल रूप ले लिया, जिससे आई अचानक बाढ़ और भूस्खलन में अब तक सात लोगों की जान जा चुकी है, जबकि छह लोग अभी भी लापता हैं। धर्मशाला और कुल्लू जिले इस आपदा से सबसे ज़्यादा प्रभावित हुए हैं। धर्मशाला के खनियारा में मनूणी खड्ड में बहे श्रमिकों में से एक का शव आज सुबह बरामद कर लिया गया है, लेकिन अभी भी दो श्रमिक लापता हैं। इससे पहले गुरुवार को भी यहां तीन शव मिले थे। राहत की बात यह है कि मौसम के कहर के बीच एक पहाड़ी पर फंसे युवक को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया है। लापता लोगों की तलाश के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, हिमाचल प्रदेश पुलिस और स्थानीय लोगों की टीमें कुल्लू और धर्मशाला में युद्धस्तर पर जुटी हुई हैं। एडीएम कांगड़ा शिल्पी बेक्टा ने बताया, "हमारा मुख्य लक्ष्य आज लापता श्रमिकों का पता लगाना है। मौके पर 50 सदस्यीय पुलिस, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम मौजूद है, और होमगार्ड की एक टीम भी जल्द पहुंच रही है। कुल्लू के सैंज में एक ही परिवार के तीन सदस्यों - नंद लाल (72), उनकी बेटी मूर्ति देवी (15) और बहन यान दासी (67) - का अभी तक कोई सुराग नहीं मिल पाया है, जो बादल फटने से बह गए थे। इसके अलावा, तीर्थन नदी में एक और व्यक्ति के बहने की सूचना है। मंडी के धर्मपुर में जालपा मंदिर के पास ब्यास नदी से भी एक व्यक्ति का शव बरामद हुआ है। अच्छी खबर यह है कि सैंज में बादल फटने के कारण आई बाढ़ और भूस्खलन से फंसे सभी सैलानियों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। वहीं, खनियारा में बुधवार को बादल फटने से मनूणी खड्ड में आई बाढ़ के बीच सोकणी दा कोट में बने निजी बिजली प्रोजेक्ट में काम कर रहे नौ लोग लापता हो गए थे, जिनमें से अब तक पांच के शव मिल चुके हैं।  

Jaisinghpur: Lower Lambagaon's daughter Alisha becomes audit inspector
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जयसिंहपुर: लोअर लंबागांव की बेटी अलीशा बनी ऑडिट इंस्पेक्टर

जयसिंहपुर विधानसभा के अंतर्गत आने वाले लोअर लंबागांव की अलीशा ने हिमाचल प्रदेश एलाइड सर्विसेज की परीक्षा पास कर प्रदेश का नाम रोशन किया है । अलीशा का चयन ऑडिट इंस्पेक्टर के पद हुआ है। अलीशा ने बाहरवीं ऐम अकादमी सीनियर सेकेंडरी स्कूल जयसिंहपुर से की है। उसके बाद अलीशा ने गवर्नमेंट डिग्री कालेज धर्मशाला से ग्रेजुएशन की । अलीशा के पिता सुमन कुमार हिमाचल पुलिस में कार्यरत हैं और माता स्नेहलता गृहिणी हैं। अलीशा के पिता सुमन कुमार ने बेटी की उपलब्धि पर खुशी जताते हुए कहा कि यह परिवार के लिए गौरव का क्षण है। वही अलीशा ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता पिता व गुरुजनों को दिया है।

The Leader of Opposition expressed grief over the accidents in the state, appealed to the administration to speed up relief and rescue operations
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प्रदेश में हुए हादसों पर नेता प्रतिपक्ष ने प्रकट किया शोक, प्रशासन से राहत और बचाव कार्य तेज करने की अपील

  प्रदेश में हो रही भारी बारिश, भूस्खलन और बादल फटने की घटनाओं ने तबाही मचा दी है। कई क्षेत्रों से जनधन की भारी हानि की खबरें सामने आ रही हैं। विशेष रूप से कांगड़ा और बंजार क्षेत्रों में हालात गंभीर बने हुए हैं। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने इन घटनाओं पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि कांगड़ा के प्रियदर्शनी हाइडिल प्रोजेक्ट, सोकणी दा कोट (खनियारा), धर्मशाला में मणुणी खड्ड में पानी का बहाव अचानक बढ़ जाने के कारण कई मजदूरों के बहने की हृदय विदारक घटना सामने आई है। वहीं, बंजार विधानसभा क्षेत्र के विहाली गांव में बादल फटने से एक ही परिवार के तीन लोगों की दुखद मृत्यु हो गई है। ठाकुर ने इस दुखद घड़ी में पीड़ित परिवारों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट की है। उन्होंने ईश्वर से प्रार्थना की कि दिवंगत आत्माओं को शांति और उनके परिजनों को इस असहनीय दुख को सहने की शक्ति प्रदान करें। साथ ही उन्होंने प्रशासन से आग्रह किया है कि राहत और बचाव कार्यों में तेजी लाई जाए, ताकि आपदा ग्रस्त लोगों को जल्द से जल्द सहायता पहुंचाई जा सके। नेता प्रतिपक्ष ने प्रदेशवासियों और पर्यटकों से अपील की है कि वे खराब मौसम को ध्यान में रखते हुए जोखिम वाले स्थानों पर जाने से बचें, प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें, और जब तक बहुत आवश्यक न हो, घर से बाहर न निकलें। उन्होंने सभी से सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपील की है।  

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'चंद्र ग्रहण' नहीं, सियासी आसमान साफ है!

In Politics
No 'Chandra Grahan', the political sky is clear chandra kuma neeraj bharti

बेटा, पिता के कहने से बाहर या ‘गुड कॉप बैड कॉप’ गेमप्लान? चंद्र कुमार बोले: "बेटा नौजवान है, उसकी पोस्ट्स को ज़्यादा सीरियसली न लें"   कल खबर आई कि सुक्खू सरकार पर 'चंद्र ग्रहण' लग सकता है, आज मालूम हुआ सियासी आसमान बिल्कुल साफ है ! चौधरी चंद्र कुमार और नीरज भारती, हिमाचल की सियासत में बाप बेटे की ये जोड़ी अक्सर सुर्खियों में रहती है। बीती रात नीरज भारती ऐलान करते हैं कि उनके पिताजी कल मंत्री पद से इस्तीफ़ा देंगे, हालांकि बाद में आश्वासन मिलने का ऐलान भी कर देते हैं। सवाल उठे, बवाल मचा और आज खुद मंत्री चौधरी चंद्र कुमार मीडिया से मुखातिब हुए, डैमेज कंट्रोल किया गया और चौधरी साहब ने कहा कि "बेटा नौजवान है, आवेश में आकर बातें कह देता है.. उसकी पोस्ट्स को ज़्यादा सीरियसली न लें।" अब यहां थोड़ी असमंजस है। जनता और पार्टीजन सब कंफ्यूज हैं, सवाल उठना लाजमी है कि यह असली नाराज़गी है या कोई स्क्रिप्टेड सियासी प्लॉट ? क्या वाकई बाप बेटे के बीच संवाद की कमी है ? क्या वाकई बेटा पिता के कहने से बाहर है, या फिर ये सब एक सोची समझी 'प्रेशर पॉलिटिक्स' है? कुछ सियासी पंडितों को तो यह ‘गुड कॉप बैड कॉप’ का गेमप्लान लगता है, जहां एक नेता सरकार की नब्ज़ पर उंगली रखता रहता है और दूसरा सब बढ़िया है कहकर माहौल लाइट कर देता है। खैर जो भी है, ये तो ये दोनों बेहतर जानते हैं, लेकिन जो बात जहां तक पहुंचनी चाहिए, पहुंच ही जाती है। खैर, मौजूदा प्रकरण में क्या हुआ, अब आपको वो बताते हैं। रविवार शाम, पूर्व सीपीएस नीरज भारती ने फेसबुक पर ताबड़तोड़ पोस्टों की बौछार कर दी। पहली पोस्ट में उन्होंने लिखा: "कल चौधरी चंद्र कुमार इस्तीफ़ा देंगे। अगर काम दलालों के होंगे तो फिर मंत्री रहकर क्या फ़ायदा?" इसके कुछ घंटे बाद उन्होंने दूसरा पोस्ट किया: "फिलहाल चौधरी साहब को आश्वासन मिल गया है। कल मुख्यमंत्री से बातचीत होगी, फिर देखा जाएगा।" नीरज भारती यहीं नहीं रुके। अगली पोस्ट में उन्होंने तीखे लहजे में सवाल उठाया: "वो कहते हैं कि मैंने अपने पिता से कह दिया है कि भाजपाइयों के ही काम होने हैं तो आप इस्तीफ़ा दे दो मंत्री पद से, विधायक बेशक बने रहो। या फिर अपने विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस कार्यकर्ताओं से पूछ लो कि विधायक भी रहना है या नहीं। अगर हमारी ही सरकार में कुछ दलाल पैसे लेकर भाजपाइयों के काम करवा रहे हैं और आप चुप हैं... तो इस्तीफ़ा देना ही बेहतर है।" इन पोस्ट्स ने राजनीतिक गलियारों में हड़कंप मचा दिया, लेकिन खुद चौधरी चंद्र कुमार ने सभी अटकलों को सिरे से खारिज करते हुए कहा: "इस्तीफ़ा देने की कोई नौबत नहीं है। मामला केवल कुछ ट्रांसफरों को लेकर था, जिन्हें मैं व्यक्तिगत रूप से करने से परहेज़ करता हूं।" उन्होंने नीरज की पोस्ट्स पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा: "वो नौजवान हैं, कुछ बातें उन्हें आहत कर देती हैं। इन बातों को ज़्यादा सीरियसली न लें। मुख्यमंत्री से मेरी बातचीत होगी और मसले हल कर लिए जाएंगे।" वैसे आपको याद दिला दें कि वही चौधरी चंद्र कुमार हैं जिन्होंने संगठन गठन पर हो रहे विलंब को लेकर सबसे पहले पार्टी को आइना दिखाया था, संगठन को 'पैरालाइज़्ड' कहा था। अलबत्ता, इस बार मोर्चा नीरज ने संभाला हो लेकिन नाराज़गी तो चंद्र कुमार की भी झलकती रही है। लब्बोलुआब ये है कि भले ही सरकार की सेहत को इससे कोई खतरा न हो, लेकिन 'ऑल इज़ नॉट वेल इन कांग्रेस' ! कांग्रेस सरकार के रहते काम किसके हो रहे हैं और किसके नहीं,ये तो सवाल है ही।

मोदी की स्वास्थ्य गारंटी : आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन से जुड़े 56.67 करोड़ लोग

In Health
guarantee: 56.67 crore people connected to Ayushman Bharat Digital Mission

पीएम मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने साल 2021 में आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन की शुरुआत की थी। मोदी के नेतृत्व में ही 2021-2022 से 2025-2026 तक 5 वर्षों के लिए 1,600 करोड़ रुपये की डिजिटल स्वास्थ्य इकोसिस्टम बनाने के लिए आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन शुरू किया गया था। इसकी वजह से पीएम मोदी के गारंटी का भी असर देखने को साफ मिला और इस योजना के तहत 29 फरवरी, 2024 तक 56.67 करोड़ लोगों के आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाते बनाए जा चुके हैं। इसके अलावा आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन ने लैंगिक समानता हासिल करने की दिशा में भी प्रगति की है। 29 फरवरी, 2024 तक, 27.73 करोड़ महिलाएं और 29.11 करोड़ पुरुषों को आभा कार्ड से लाभ हुआ है। वहीं 34.89 करोड़ से अधिक स्वास्थ्य दस्तावेजों को इससे जोड़ा गया है। क्या है आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन  आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन का उद्देश्य देश में यूनिफाइड डिजिटल स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे की मदद करने के लिए जरूरी आधार तैयार करना है। इससे सीमित इंटरनेट कनेक्टिविटी वाले क्षेत्रों में आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता खोलने के लिए ऑफलाइन मोड को मदद पहुंचती है। इसके अलावा भारत सरकार ने स्वास्थ्य सुविधा के लिए आभा ऐप और आरोग्य सेतु जैसे विभिन्न एप्लिकेशन भी लॉन्च किए गए हैं, जो आम लोगों को मदद पहुंचाती है। आभा ऐप एक प्रकार का डिजिटल स्टोरेज है, जो किसी भी व्यक्ति के मेडिकल दस्तावेजों का रखने का काम आता है। इस ऐप के जरिए मरीज रजिस्टर्ड स्वास्थ्य पेशेवरों से संपर्क भी कर सकते हैं।    भारत में बीजेपी की मोदी सरकार ने बीते 10 सालों के अपनी सरकार में कई सारे मील के पत्थर हासिल किया है। इन 10 सालों में पीएम मोदी के विजन ने भारत को अगले 23 साल बाद यानी साल 2047 तक विकसित भारत बनाने के ओर मजबूती से कदम भी बढ़ा लिया है। पीएम मोदी के नेतृत्व में बीजेपी सरकार ने देश के हित में जो भी फैसले लिए है, उनमें से हेल्थ सेक्टर को सर्वोच्च प्राथमिकता देने का प्रयास किया गया है।        

जयसिंहपुर: लोअर लंबागांव की बेटी अलीशा बनी ऑडिट इंस्पेक्टर

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Jaisinghpur: Lower Lambagaon's daughter Alisha becomes audit inspector

जयसिंहपुर विधानसभा के अंतर्गत आने वाले लोअर लंबागांव की अलीशा ने हिमाचल प्रदेश एलाइड सर्विसेज की परीक्षा पास कर प्रदेश का नाम रोशन किया है । अलीशा का चयन ऑडिट इंस्पेक्टर के पद हुआ है। अलीशा ने बाहरवीं ऐम अकादमी सीनियर सेकेंडरी स्कूल जयसिंहपुर से की है। उसके बाद अलीशा ने गवर्नमेंट डिग्री कालेज धर्मशाला से ग्रेजुएशन की । अलीशा के पिता सुमन कुमार हिमाचल पुलिस में कार्यरत हैं और माता स्नेहलता गृहिणी हैं। अलीशा के पिता सुमन कुमार ने बेटी की उपलब्धि पर खुशी जताते हुए कहा कि यह परिवार के लिए गौरव का क्षण है। वही अलीशा ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता पिता व गुरुजनों को दिया है।

धर्मशाला को मिली 3 IPL मैचों की मेजबानी

In Sports
DHRAMSHALA-TO-HOST-THREE-IPL-MATCHES-IN-2025

 बीसीसीआई द्वारा इंडियन प्रीमियर लीग के 18वें सीजन आईपीएल-2025 के शैड्यूल का ऐलान कर दिया गया है।  एचपीसीए स्टेडियम धर्मशाला को 3 आईपीएल मैचों की मेजबानी करने का मौका मिला है।  धर्मशाला स्टेडियम में 4 मई को  पंजाब किंग्स की टीम लखनऊ सुपर जायंट्स के साथ अपना लीग मैच खेलेगी, जबकि 8 मई को पंजाब का मुकाबला दिल्ली कैपिटल्स के साथ होगा। ये दोनों ही मुकाबले शाम साढ़े 7 बजे शुरू होंगे। वहीं 11 मई को दोपहर साढ़े 3 बजे पंजाब की टीम मुंबई इंडियंस के खिलाफ स्टेडियम में उतरेगी। आईपीएल  चेयरमैन अरुण धूमल ने बीते दिनों बिलासपुर में आयोजित सांसद खेल महाकुंभ के शुभारंभ पर ही धर्मशाला स्टेडियम को आईपीएल के 3 मैचों की मेजबानी के संकेत दे दिए थे। अब इस पर आधिकारिक मुहर लग चुकी है। आईपीएल 2024 में धर्मशाला को मिले थे दो मैच वर्ष 2024 में धर्मशाला में पंजाब किंग्स की टीम के दो मैच चेन्नई सुपर किंग्स और रायल चैलेंजर बेंगलुरु से हुए थे। पहला मुकाबला पांच मई को भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की चेन्नई सुपर किंग्स के साथ हुआ था। नौ मई को पंजाब का मुकाबला आरसीबी के साथ खेला गया था।

स्टीव जॉब्स से विराट कोहली तक, नीम करोली बाबा के आश्रम में सब नतमस्तक

In First Blessing
NEEM-KARORI-BABA

  नीम करोली बाबा के आश्रम में स्टीव जॉब्स और मार्क जुकरबर्ग को मिली आध्यात्मिक शान्ति भारत में कई ऐसे पावन तीर्थ हैं, जहां पर श्रद्धा एवं भक्ति के साथ जाने मात्र से व्यक्ति के समस्त मनोरथ पूरे हो जाते हैं। ऐसा ही एक पावन तीर्थ देवभूमि उत्तराखंड की वादियों में है, जिसे लोग 'कैंची धाम' के नाम से जानते हैं। कैंची धाम के नीब करौरी बाबा (नीम करौली) की ख्याति विश्वभर में है। नैनीताल से लगभग 65 किलोमीटर दूर कैंची धाम को लेकर मान्यता है कि यहां आने वाला व्यक्ति कभी भी खाली हाथ वापस नहीं लौटता। यहां पर हर मन्नत पूर्णतया फलदायी होती है। यही कारण है कि देश-विदेश से हज़ारों लोग यहां हनुमान जी का आशीर्वाद लेने आते हैं। बाबा के भक्तों में एक आम आदमी से लेकर अरबपति-खरबपति तक शामिल हैं। बाबा के इस पावन धाम में होने वाले नित-नये चमत्कारों को सुनकर दुनिया के कोने-कोने से लोग यहां पर खिंचे चले आते हैं। बाबा के भक्त और जाने-माने लेखक रिचर्ड अल्बर्ट ने मिरेकल आफ लव नाम से बाबा पर पुस्तक लिखी है। इस पुस्तक में बाबा नीब करौरी के चमत्कारों का विस्तार से वर्णन है। इनके अलावा हॉलीवुड अभिनेत्री जूलिया राबर्ट्स, एप्पल के फाउंडर स्टीव जाब्स और फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग जैसी बड़ी विदेशी हस्तियां बाबा के भक्त हैं।  कुछ माह पूर्व स्टार क्रिकेटर विराट कोहली और उनकी पत्नी और अभिनेत्री अनुष्का शर्मा के यहां पहुंचते ही इस धाम को देखने और बाबा के दर्शन करने वालों की होड़ सी लग गई। 1964 में बाबा ने की थी आश्रम की स्थापना  नीम करोली बाबा या नीब करोली बाबा की गणना बीसवीं शताब्दी के सबसे महान संतों में की जाती है। इनका जन्म स्थान ग्राम अकबरपुर जिला फ़िरोज़ाबाद उत्तर प्रदेश में हुआ था। कैंची, नैनीताल, भुवाली से 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। बाबा नीब करौरी ने इस आश्रम की स्थापना 1964 में की थी। बाबा नीम करौरी 1961 में पहली बार यहां आए और उन्होंने अपने पुराने मित्र पूर्णानंद जी के साथ मिल कर यहां आश्रम बनाने का विचार किया। इस धाम को कैंची मंदिर, नीम करौली धाम और नीम करौली आश्रम के नाम से जाना जाता है। उत्तराखंड में हिमालय की तलहटी में बसा एक छोटा सा आश्रम है नीम करोली बाबा आश्रम। मंदिर के आंगन और चारों ओर से साफ सुथरे कमरों में रसीली हरियाली के साथ, आश्रम एक शांत और एकांत विश्राम के लिए एकदम सही जगह प्रस्तुत करता है। यहाँ कोई टेलीफोन लाइनें नहीं हैं, इसलिए किसी को बाहरी दुनिया से परेशान नहीं किया जा सकता है। श्री हनुमान जी के अवतार माने जाने वाले नीम करोरी बाबा के इस पावन धाम पर पूरे साल श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है, लेकिन हर साल 15 जून को यहां पर एक विशाल मेले व भंडारे का आयोजन होता है। यहां इस दिन इस पावन धाम में स्थापना दिवस मनाया जाता है। कई चमत्कारों के किस्से सुन खींचे आते है भक्त  मान्यता है कि बाबा नीम करौरी को हनुमान जी की उपासना से अनेक चामत्कारिक सिद्धियां प्राप्त थीं। लोग उन्हें हनुमान जी का अवतार भी मानते हैं। हालांकि वह आडंबरों से दूर रहते थे। न तो उनके माथे पर तिलक होता था और न ही गले में कंठी माला। एक आम आदमी की तरह जीवन जीने वाले बाबा अपना पैर किसी को नहीं छूने देते थे। यदि कोई छूने की कोशिश करता तो वह उसे श्री हनुमान जी के पैर छूने को कहते थे। बाबा नीब करौरी के इस पावन धाम को लेकर तमाम तरह के चमत्कार जुड़े हैं। जनश्रुतियों के अनुसार, एक बार भंडारे के दौरान कैंची धाम में घी की कमी पड़ गई थी। बाबा जी के आदेश पर नीचे बहती नदी से कनस्तर में जल भरकर लाया गया। उसे प्रसाद बनाने हेतु जब उपयोग में लाया गया तो वह जल घी में बदल गया। ऐसे ही एक बार बाबा नीब करौरी महाराज ने अपने भक्त को गर्मी की तपती धूप में बचाने के लिए उसे बादल की छतरी बनाकर, उसे उसकी मंजिल तक पहुंचवाया। ऐसे न जाने कितने किस्से बाबा और उनके पावन धाम से जुड़े हुए हैं, जिन्हें सुनकर लोग यहां पर खिंचे चले आते हैं। बाबा के दुनियाभर में 108 आश्रम  बाबा नीब करौरी को कैंची धाम बहुत प्रिय था। अक्सर गर्मियों में वे यहीं आकर रहते थे। बाबा के भक्तों ने इस स्थान पर हनुमान का भव्य मन्दिर बनवाया। उस मन्दिर में हनुमान की मूर्ति के साथ-साथ अन्य देवताओं की मूर्तियाँ भी हैं। यहां बाबा नीब करौरी की भी एक भव्य मूर्ति स्थापित की गयी है। बाबा नीब करौरी महाराज के देश-दुनिया में 108 आश्रम हैं। इन आश्रमों में सबसे बड़ा कैंची धाम तथा अमेरिका के न्यू मैक्सिको सिटी स्थित टाउस आश्रम है। स्टीव जॉब्स को आश्रम से मिला एप्पल के लोगो का आईडिया ! भारत की धरती सदा से ही अध्यात्म के खोजियों को अपनी ओर खींचती रही है। दुनिया की कई बड़ी हस्तियों में भारत भूमि पर ही अपना सच्चा आध्यात्मिक गुरु पाया है। एप्पल कंपनी के संस्थापक स्टीव जॉब्स 1974 से 1976 के बीच भारत भ्रमण पर निकले। वह पर्यटन के मकसद से भारत नहीं आए थे, बल्कि आध्यात्मिक खोज में यहां आए थे। उन्हें एक सच्चे गुरु की तलाश थी।स्टीव पहले हरिद्वार पहुंचे और इसके बाद वह कैंची धाम तक पहुंच गए। यहां पहुंचकर उन्हें पता लगा कि बाबा समाधि ले चुके हैं। कहते है कि स्टीव को एप्पल के लोगो का आइडिया बाबा के आश्रम से ही मिला था। नीम करौली बाबा को कथित तौर पर सेब बहुत पसंद थे और यही वजह थी कि स्टीव ने अपनी कंपनी के लोगों के लिए कटे हुए एप्पल को चुना। हालांकि इस कहानी की सत्यता के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है। जुकरबर्ग को मिली आध्यात्मिक शांति, शीर्ष पर पहुंचा फेसबुक  बाबा से जुड़ा एक किस्सा फेसबुक के मालिक मार्क जुकरबर्ग ने 27 सितंबर 2015 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बताया था, तब पीएम मोदी फेसबुक के मुख्यालय में गए थे। इस दौरान जुकरबर्ग ने पीएम को भारत भ्रमण की बात बताई। उन्होंने कहा कि जब वे इस संशय में थे कि फेसबुक को बेचा जाए या नहीं, तब एप्पल के फाउंडर स्टीव जॉब्स ने इन्हें भारत में नीम करोली बाबा के स्थान पर  जाने की सलाह दी थी। जुकरबर्ग ने बताया था कि वे एक महीना भारत में रहे। इस दौरान वह नीम करोली बाबा के मंदिर में भी गए थे। जुकरबर्ग आए तो यहां एक दिन के लिए थे, लेकिन मौसम खराब हो जाने के कारण वह यहां दो दिन रुके थे। जुकरबर्ग मानते हैं कि भारत में मिली अध्यात्मिक शांति के बाद उन्हें फेसबुक को नए मुकाम पर ले जाने की ऊर्जा मिली। बाबा की तस्वीर को देख जूलिया ने अपनाया हिन्दू धर्म  हॉलिवुड की मशहूर अदाकारा जूलिया रॉबर्ट्स ने 2009 में हिंदू धर्म अपना लिया था। वह फिल्म ‘ईट, प्रे, लव’ की शूटिंग के लिए भारत आईं थीं। जूलिया रॉबर्ट्स ने एक इंटरव्यू में यह खुलासा किया था कि वह नीम करौली बाबा की तस्वीर से इतना प्रभावित हुई थीं कि उन्होंने हिन्दू धर्म अपनाने का फैसला कर डाला। जूलिया इन दिनों हिन्दू धर्म का पालन कर रही हैं।    

पाताल भुवनेश्वर मंदिर: रहस्य, आस्था और आध्यात्मिकता का अद्भुत संगम

In Entertainment
Patal Bhuvaneshwar Temple: A wonderful confluence of mystery, faith and spirituality

  क्या आपने कभी कल्पना की है कि कहीं ऐसा स्थान भी हो सकता है, जहां सृष्टि के अंत का रहस्य छिपा हो? कोई ऐसा मंदिर, जहां चारों धामों के दर्शन एक ही स्थान पर संभव हों? उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में स्थित पाताल भुवनेश्वर मंदिर ऐसा ही एक रहस्यमयी और दिव्य स्थल है, जो हर भक्त को आस्था, रहस्य और आध्यात्मिकता की गहराइयों से जोड़ता है। यह मंदिर एक गुफा के भीतर स्थित है, जिसे प्राचीन काल से चमत्कारी और गूढ़ माना गया है। गुफा में प्रवेश करते ही ऐसा लगता है मानो आप किसी अद्भुत आध्यात्मिक संसार में प्रवेश कर चुके हों। मान्यता है कि यहां भगवान शिव के साथ-साथ 33 कोटि देवी-देवताओं का वास है। यहां स्थित भगवान गणेश का कटा हुआ मस्तक स्वयं में एक रहस्य है, जो इस स्थान की अलौकिकता को और भी गहरा बनाता है। यहां स्थित शिवलिंग के बारे में मान्यता है कि वह निरंतर बढ़ रहा है, और जिस दिन वह गुफा की छत से टकराएगा, उस दिन प्रलय होगा। यह धारणा श्रद्धालुओं को एक अकल्पनीय आध्यात्मिक अनुभव और चेतना की गहराई से जोड़ती है।गुफा के भीतर चार रहस्यमयी द्वार मानव जीवन के चार प्रमुख पड़ावों का प्रतीक माने जाते हैं। कहा जाता है कि रावण की मृत्यु के बाद पाप द्वार और महाभारत युद्ध के बाद रण द्वार बंद हो गए। अब केवल धर्म द्वार और मोक्ष द्वार खुले हैं, जो जीवन के सत्य और मोक्ष के मार्ग की ओर संकेत करते हैं। पौराणिक इतिहास की दृष्टि से इस मंदिर का उल्लेख त्रेता युग में मिलता है। सूर्य वंश के राजा ऋतुपर्ण ने सबसे पहले इस गुफा की खोज की थी। कहा जाता है कि पांडवों ने भी यहां भगवान शिव के साथ चौपड़ खेला था। बाद में 819 ईस्वी में जगत गुरु शंकराचार्य ने इस स्थल की पुनः खोज की और यहां पूजा आरंभ की। कैसे पहुंचे पाताल भुवनेश्वर? यह दिव्य स्थल पिथौरागढ़ से लगभग 90 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। निकटतम हवाई अड्डा पंतनगर है, जबकि सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन टनकपुर है। सड़क मार्ग से यह स्थान सुगम रूप से जुड़ा हुआ है और उत्तराखंड के खूबसूरत पर्वतीय रास्तों से होकर गुज़रता है, जो यात्रा को और भी आनंददायक बना देता है। यह मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि रहस्य और आध्यात्मिकता के अनूठे संगम के कारण भी यह स्थल भक्तों और शोधकर्ताओं के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। पाताल भुवनेश्वर की इस अद्भुत गुफा में जाकर आप स्वयं उस दिव्यता और रहस्यमय ऊर्जा का अनुभव कर सकते हैं, जो सदियों से लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती आ रही है।

हिमाचल में रेड अलर्ट: भारी बारिश के कारण तीन नेशनल हाईवे और 129 से अधिक सड़कें बाधित

In News
Red alert in Himachal: Three national highways and more than 129 roads blocked due to heavy rain

हिमाचल में सोमवार को चार जिलों कांगड़ा, सोलन, सिरमौर और मंडी में रेड और अन्य क्षेत्रों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। रामपुर उपमंडल के अंतर्गत सरपारा पंचायत में रात करीब दो बजे अचानक बादल फटने से सिकासेरी गटूला जगह पर काफी नुकसान हुआ है। बादल फटने से राजेंद्र कुमार पुत्र पलस राम का दो कुटार, एक कमरा, एक किचन सहित अन्य सारा सामान मलबा आने से क्षतिग्रस्त हो गया है। वहीं, विनोद कुमार का एक खूड एक गाय और गोपाल सिंह का एक खूड और गाय बह गई है।  रेड अलर्ट के बीच शनिवार रात से रविवार तक बारिश से तीन नेशनल हाईवे और 129 से अधिक सड़कें बाधित रहीं। रविवार को कांगड़ा, शिमला और कुल्लू एयरपोर्ट से सभी उड़ानें रद्द रहीं। प्रदेश में 612 से अधिक ट्रांसफार्मर बंद हो गए और 6 पेयजल योजनाएं हांफ गईं। उधर, पहाड़ी से मलबा और पत्थर गिरने से कालका-शिमला हेरिटेज रेलवे ट्रैक बाधित रहा। इससे अप व डाउन की चार ट्रेनों को रद्द करना पड़ा और छह की आवाजाही हुई। सिरमौर के चिलोन के पास पांच घंटे पांवटा-शिलाई एनएच बंद रहा। नाहन-कुमारहट्टी के अलावा कालका-शिमला नेशनल हाईवे चक्कीमोड़ में पहाड़ियों से पत्थर गिरने से प्रभावित रहा।

एअर इंडिया के विमान की थाईलैंड में इमरजेंसी लैंडिंग: बम होने की सूचना, 156 यात्री थे सवार

In National News
Air -India- plane- makes- emergency- landing- in -Thailand:- Bomb -reported, -156 -passengers -were -on- board

हाल ही में अहमदाबाद में हुए भीषण विमान हादसे के ठीक बाद, एअर इंडिया को एक और चुनौती का सामना करना पड़ा जब फुकेट से दिल्ली आ रही उसकी एक फ्लाइट (AI-379) में बम होने की सूचना के बाद फुकेट इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर आपात लैंडिंग कराई गई। विमान में सवार सभी 156 यात्री और चालक दल के सदस्य सुरक्षित बताए जा रहे हैं। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने फ्लाइट ट्रैकर 'फ्लाइट्रेडर24' के हवाले से बताया कि एअर इंडिया की इस फ्लाइट ने फुकेट एयरपोर्ट से भारतीय समयानुसार सुबह 9.30 बजे (स्थानीय समयानुसार दोपहर 2.30 बजे) उड़ान भरी थी। हालांकि, बम की धमकी मिलने के बाद विमान ने अंडमान सागर के ऊपर एक बड़ा चक्कर लगाया और लगभग 20 मिनट बाद सुरक्षित रूप से फुकेट में ही आपात लैंडिंग कर ली। सभी यात्रियों और क्रू सदस्यों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। 'नेशन थाईलैंड' की रिपोर्ट के अनुसार, बम की धमकी मिलते ही फुकेट एयरपोर्ट ने तुरंत अपना एयरपोर्ट कंटिन्जेंसी प्लान (ACP) सक्रिय कर दिया। एयरपोर्ट अधिकारियों ने कहा कि धमकी को लेकर सभी आवश्यक कदम उठाए गए हैं और विस्तृत जानकारी मिलने पर अपडेट दिया जाएगा। यह घटना ऐसे समय में हुई है जब एअर इंडिया पहले से ही अहमदाबाद में हुए दुखद विमान हादसे के बाद सुर्खियों में है। कल अहमदाबाद विमान हुआ था हादसा  यह उल्लेखनीय है कि एयर इंडिया का विमान AI-171, जो 12 जून को अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भर रहा था, टेक-ऑफ के दो मिनट बाद ही क्रैश हो गया था। यह विमान अहमदाबाद के बी.जे. मेडिकल कॉलेज हॉस्टल पर गिरा था, जहां उस समय 50 से अधिक लोग मौजूद थे। इस भीषण हादसे में अब तक 265 लोगों के शव बरामद किए जा चुके हैं। इनमें से 241 मृतक विमान में सवार यात्री और क्रू मेंबर्स थे, जबकि 5 शव उस मेडिकल हॉस्टल से मिले हैं जिस पर विमान गिरा था। हॉस्टल में मारे गए लोगों में 4 एमबीबीएस छात्र और एक डॉक्टर की पत्नी शामिल हैं। दुर्घटनाग्रस्त हुए बोइंग 787 ड्रीमलाइनर फ्लाइट AI-171 में 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली और एक कनाडाई नागरिक सहित कुल 230 यात्री सवार थे। इनमें 103 पुरुष, 114 महिलाएं, 11 बच्चे और 2 नवजात शामिल थे, जबकि 12 क्रू मेंबर्स थे। दुखद रूप से, इस हादसे में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी शामिल थे, जबकि चमत्कारिक रूप से केवल एक यात्री की जान बच पाई थी। 

पांगी - हिमाचल की सबसे खतरनाक सड़क से जुड़ा गांव

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पांगी - हिमाचल की सबसे खतरनाक सड़क से जुड़ा गांव **सड़क, बिजली, स्वास्थ्य, शिक्षा - यहाँ हर व्यवस्था बेहाल **आरोप : HRTC बस ड्राइवर करते है मनमर्ज़ी, डिपू से नहीं मिलता पूरा राशन **सड़क बंद हो तो कंधे पर उठा कर ले जाते है मरीज़ **मुख्यमंत्री के दौरे के बाद जगी उम्मीद

शायरी के बादशाह कहलाते है वसीम बरेलवी, पढ़े उनके कुछ चुनिंदा शेर

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  वसीम बरेलवी उर्दू के बेहद लोकप्रिय शायर हैं। उनकी ग़ज़लें बेहद मक़बूल हैं जिन्हें जगजीत सिंह से लेकर कई अजीज़ गायकों ने अपनी आवाज़ दी है। वसीम बरेलवी अपनी शायरी और गजल के जरिए लाखों दिलों पर राज करते हैं। कोई भी मुशायरा उनके बगैर पूरा नहीं माना जाता।     18 फरवरी 1940 को वसीम बरेलवी का जन्म बरेली में हुआ था।  पिता जनाब शाहिद हसन  के रईस अमरोहवी और जिगर मुरादाबादी से बहुत अच्छे संबंध थे। दोनों का आना-जाना अक्सर उनके घर पर होता रहता था। इसी के चलते वसीम बरेलवी का झुकाव बचपन से शेर-ओ-शायरी की ओर हो गया। वसीम बरेलवी ने अपनी पढ़ाई बरेली के ही बरेली कॉलेज से की। उन्होंने एमए उर्दू में गोल्ड मेडल हासिल किया। बाद में इसी कॉलेज में वो उर्दू विभाग के अध्यक्ष भी बने।  60 के दशक में वसीम बरेलवी मुशायरों में जाने लगे। आहिस्ता आहिस्ता ये शौक उनका जुनून बन गया। पेश हैं उनके कुछ चुनिंदा शेर   अपने चेहरे से जो ज़ाहिर है छुपाएँ कैसे तेरी मर्ज़ी के मुताबिक़ नज़र आएँ कैसे   जहाँ रहेगा वहीं रौशनी लुटाएगा किसी चराग़ का अपना मकाँ नहीं होता     आसमाँ इतनी बुलंदी पे जो इतराता है भूल जाता है ज़मीं से ही नज़र आता है   ऐसे रिश्ते का भरम रखना कोई खेल नहीं तेरा होना भी नहीं और तेरा कहलाना भी   ग़म और होता सुन के गर आते न वो 'वसीम' अच्छा है मेरे हाल की उन को ख़बर नहीं   जहाँ रहेगा वहीं रौशनी लुटाएगा किसी चराग़ का अपना मकाँ नहीं होता     जो मुझ में तुझ में चला आ रहा है बरसों से कहीं हयात इसी फ़ासले का नाम न हो     कुछ है कि जो घर दे नहीं पाता है किसी को वर्ना कोई ऐसे तो सफ़र में नहीं रहता                         उसी को जीने का हक़ है जो इस ज़माने में इधर का लगता रहे और उधर का हो जाए       दुख अपना अगर हम को बताना नहीं आता तुम को भी तो अंदाज़ा लगाना नहीं आता     वो मेरे सामने ही गया और मैं रास्ते की तरह देखता रह गया   अपने अंदाज़ का अकेला था इसलिए मैं बड़ा अकेला था  

जयसिंहपुर: लोअर लंबागांव की बेटी अलीशा बनी ऑडिट इंस्पेक्टर

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Jaisinghpur: Lower Lambagaon's daughter Alisha becomes audit inspector

जयसिंहपुर विधानसभा के अंतर्गत आने वाले लोअर लंबागांव की अलीशा ने हिमाचल प्रदेश एलाइड सर्विसेज की परीक्षा पास कर प्रदेश का नाम रोशन किया है । अलीशा का चयन ऑडिट इंस्पेक्टर के पद हुआ है। अलीशा ने बाहरवीं ऐम अकादमी सीनियर सेकेंडरी स्कूल जयसिंहपुर से की है। उसके बाद अलीशा ने गवर्नमेंट डिग्री कालेज धर्मशाला से ग्रेजुएशन की । अलीशा के पिता सुमन कुमार हिमाचल पुलिस में कार्यरत हैं और माता स्नेहलता गृहिणी हैं। अलीशा के पिता सुमन कुमार ने बेटी की उपलब्धि पर खुशी जताते हुए कहा कि यह परिवार के लिए गौरव का क्षण है। वही अलीशा ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता पिता व गुरुजनों को दिया है।

शिमला:जवाहर बाल मंच के स्टेट चीफ कॉडिनेटर बने महेश सिंह ठाकुर

In Banka Himachal
शिमला:जवाहर बाल मंच के स्टेट चीफ कॉडिनेटर बने महेश सिंह ठाकुर

हिमाचल प्रदेश यूथ कांग्रेस के महासचिव एवं सिस्को संस्था के अध्यक्ष महेश सिंह ठाकुर को जवाहर बाल मंच का राज्य मुख्य संयोजक नियुक्त किया गया है। चीफ स्टेट कॉडिनेटर बनाए जाने पर महेश सिंह ठाकुर ने कांग्रेस अध्यक्ष  मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी,प्रदेश के सीएम सुखविन्दर सिंह सूक्खु , राष्ट्रीय प्रभारी केसी वेणुगोपाल,जवाहर बाल मंच के राष्टीय अध्यक्ष जी.वी. हरि. सहित अन्य नेताओं के प्रति आभार जताया है।  महेश ठाकुर ने कहा कि जवाहर बाल मंच का मुख्य उद्देश्य 7 वर्षों से लेकर 17 वर्ष के आयु के लड़के लड़कियां तक भारत के पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के विचार को पहुंचना।  उन्होंने कहा कि जिस तरीके से मौजूदा सरकार के द्वारा देश के इतिहास के साथ छेड़छाड़ हो रहा है देश के युवाओं को भटकाया जा रहा है जो की देश के लिए एक बहुत बड़ा चिन्ता का विषय है कांग्रेस पार्टी ने इस विषय को गंभीरता से लिया और राहुल गांधी के निर्देश पर डॉ जीवी हरी के अध्यक्षता में देशभर में जवाहर बाल मंच के द्वारा युवाओं के बीच में नेहरू जी के विचारों को पहुंचाया जाएगा। उन्होंने कहा वर्ष 2024 के चुनाव में कांग्रेस भारी बहुमत हासिल कर केंद्र से भाजपा को हटाने का काम करेगी। इसमें हिमाचल प्रदेश राज्य की भी प्रमुख भुमिका रहेगी।  उन्होंने कहा कि पूरे देश में महंगाई के कारण आमलोगों का जीना मुश्किल हो गया है। गरीब व मध्यम वर्गीय परिवार पर इस महंगाई का व्यापक असर पड़ रहा है। ऐसे में केंद्र सरकार के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही है।  

क्या सत्ता में 'प्लस' रहने के लिए ज़िलों का आकार होगा 'माइनस' ?

In Siyasatnama
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छोटे-छोटे जिलों से सत्ता के खेल की तैयारी; अंदरखाते मंथन की सुगबुगाहट ! कांगड़ा के नूरपुर, पालमपुर और देहरा नए जिलों की दौड़ में ! शिमला, मंडी और सोलन के बंटवारे पर भी मंथन संभव !  हिमाचल में नए जिलों के गठन की चर्चा बीते कई वर्षों होती आ रही है, खासतौर से चुनाव से पहले नए ज़िलों का जिन्न बाहर आ जाता है। छोटे-छोटे जिले बनाकर सियासत की पिच को मुफीद बनाने की योजना पर धूमल से लेकर जयराम तक ने मंथन किया, हालांकि अमलीजामा कोई न पहना सका। अब फिर सुगबुगाहट है कि मौजूदा सरकार नए जिले बनाने की योजना पर आगे बढ़ सकती है। यानी मौजूदा ज़िलों के सियासी कद में कांट-छांट के आसार बन रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक इस पर अंदरखाते मंथन चला हुआ है कि छोटे-छोटे जिलों के मैदान में साल 2027 के लिए कोई बड़ा खेल खेला जाए। इसी कड़ी में चार ज़िलों का बंटवारा मुमकिन है; कांगड़ा, मंडी, सोलन और शिमला।      जिलों की मांग की सुगबुगाहट सबसे अधिक काँगड़ा में देखने को मिल रही है। यहां नूरपुर, पालमपुर और देहरा को जिला घोषित करने की मांग उठती रही है। नूरपुर से पूर्व विधायक व जयराम सरकार में मंत्री रहे राकेश पठानिया लम्बे वक्त से खुलकर इसके पक्ष में बोलते रहे है।   वहीँ भाजपा सरकार के कार्यकाल में पालमपुर विधायक आशीष बुटेल भी पालमपुर को जिला घोषित करने की मांग करते रहे है। हालाँकि अब वे चुप है, लेकिन सम्भवतः इसके पक्ष में ही रहेंगे। वहीं मौजूदा स्थिति में  देहरा का दावा भी नकारा नहीं जा सकता। वैसे भी देहरा पर सीएम सुक्खू की विशेष मेहरबानी है। यानी कांगड़ा को चार हिस्सों में बाँटने की मांग है। कांगड़ा, 15 विधानसभा क्षेत्रों वाला वो जिला है जो हिमाचल में सत्ता का रुख तय करता आया है। पर अगर नए जिलों का गठन होता है तो क्षेत्रफल के साथ -साथ कांगड़ा के सियासी बल का भी विभाजन होगा।      कांगड़ा की तरह ही  मंडी जिले के करसोग और सुंदरनगर क्षेत्र के लोग भी कठिन भौगौलिक परिस्थितियों का तर्क देकर इन दोनों क्षेत्रों को जिला बनाने की मांग करते रहे है। करसोग से जिला हेडक्वार्टर मंडी से कुल 120 किलोमीटर दूर है। छोटे बड़े कार्यों के लिए क्षेत्रवासियों को 120 किलोमीटर का लम्बा सफर तय करना पड़ता है। वहीं सुंदरनगर से मंडी की दूरी तो कम है मगर तर्क है की सुंदरनगर एकमात्र ऐसा स्थान है, जिसे जिला बनाने की सूरत में सरकार को कोई भी आर्थिक बोझ नहीं पड़ेगा। इसी तरह शिमला के रोहड़ू व रामपुर को भी जिला बनाने की मांग है। ये दोनों ही क्षेत्र भी जिला मुख्यालय से काफी दूर है। सोलन के बीबीएन क्षेत्र में भी लम्बे वक्त से अलग जिला बनाने की मांग उठती रही है।     अगर नए जिलों का गठन होता है कि कुछ लोगों को नए जिले की ख़ुशी होगा,तो कुछ को जिले के छोटा हो जाने का मलाल भी होगा। ऐसे में ज़ाहिर है सरकार 'पोलिटिकल रिस्क एस्सेसमेंट' के बाद ही इस पर कोई फैसला लेगी। इस बीच सवाल ये भी है की क्या प्रदेश सरकार नए जिलों के वित्तीय व्यय का प्रबंधन करने में सक्षम है या नहीं ? मौजूदा आर्थिक हालात में ये निर्णय मुश्किल है। ऐसे में माहिर मानते है कि चुनावी वर्ष में ही सरकार किसी निष्कर्ष पर पपहुंचेगी। वहीँ इसके सियासी लाभ को लेकर भी माहिरों की राय बंटी हुई है।   

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