•   Friday Oct 24
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हिमाचल प्रदेश: दिवाली पर धर्मशाला, ऊना की आबोहवा रही सबसे खराब, जानें कितना बढ़ा AQI

प्रदेश में इस साल दिवाली के दौरान वायु गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार देखने को मिला है। राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, इस बार प्रदेश के किसी भी शहर या कस्बे में वायु गुणवत्ता ‘खराब’ या ‘गंभीर’ श्रेणी में नहीं पहुंची। पिछले वर्ष की तुलना में प्रदूषण के स्तर में स्पष्ट गिरावट दर्ज की गई है। बोर्ड ने 13 से 19 अक्टूबर के बीच पूर्व-दिवाली अवधि और दिवाली के दिन विशेष निगरानी अभियान चलाया। इसके तहत शिमला, परवाणू, धर्मशाला, डमटाल, सुंदरनगर, पांवटा साहिब, कालाअंब, ऊना, बद्दी, बरोटीवाला, नालागढ़ और मनाली में परिवेशी वायु गुणवत्ता की जांच की गई। आंकड़े बताते हैं कि राज्य की हवा इस बार अपेक्षाकृत साफ और संतोषजनक रही। रिपोर्ट के अनुसार, परवाणू में इस बार दिवाली के दिन एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 118 दर्ज किया गया, जबकि पिछले साल यह 217 था। बद्दी में एक्यूआई 392 से घटकर 167 पर पहुंचा, और बरोटीवाला में 139 से घटकर 94 रहा। नालागढ़ में भी सुधार देखने को मिला, जहां एक्यूआई 128 से घटकर 79 रह गया। इसी तरह सुंदरनगर में पिछले वर्ष 104 से घटकर इस बार 68 दर्ज किया गया। हालांकि, धर्मशाला और ऊना में इस बार मामूली गिरावट दर्ज की गई। धर्मशाला का एक्यूआई पिछले साल 109 से बढ़कर 120 हुआ, जबकि ऊना में यह 122 से बढ़कर 140 पहुंचा। बोर्ड के सदस्य सचिव ने बताया कि 2024 की तुलना में 2025 में समग्र रूप से हिमाचल की वायु गुणवत्ता में सुधार दर्ज किया गया है।

Himachal_Robotic_surgery_to_begin_at_IGMC_Nerchowk_Medical_College_government_to_purchase_4 more_robots
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हिमाचल: IGMC, नेरचौक मेडिकल कॉलेज में शुरू होगी रोबोटिक सर्जरी, 4 रोबोट और खरीदेगी सरकार

इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आईजीएमसी) और नेरचौक मेडिकल कॉलेज में जल्द रोबोटिक सर्जरी शुरू होगी। प्रदेश सरकार द्वारा इसकी तैयारियां शुरू हो गई हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से 120 करोड़ की लागत से चार रोबोट की खरीद होगी। जिन्हें इन कॉलेजों में स्थापित किया जाना है। अभी हिमाचल में एम्स चम्याणा और टांडा मेडिकल कॉलेज में यह सर्जरी शुरू की गई है। चम्याणा में 40 जबकि टांडा में 10 से ज्यादा रोबोटिक सर्जरी की जा चुकी है। प्रदेश में मरीज रोबोट से सर्जरी करने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं। प्रदेश सरकार सभी मेडिकल कॉलेजों को आधुनिक चिकित्सा सुविधा से लैस करने में जोर दे रही है। दोनों कॉलेजों के बाद सरकार चंबा, हमीरपुर, नाहन मेडिकल कॉलेजों में भी यह सुविधा उपलब्ध कराएगा। आईजीएमसी और नेरचौक मेडिकल कॉलेज के डाक्टरों को सर्जरी करने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह प्रशिक्षण एम्स चम्याणा में दिया जाना है। हिमाचल में जिन लोगों के हिमकेयर कार्ड है उनकी यह सर्जरी निशुल्क की जा रही है जबकि अन्य मरीजों के लिए रोबोटिक सर्जरी का खर्चा 30 हजार के आसपास बैठ रहा है।  प्रदेश में डाॅक्टरों की कमी को भी दूर किया जा रहा है। प्रदेश सरकार ने एम्स चम्याणा सहित मेडिकल कॉलेजों के लिए 53 नए डाॅक्टर दिए हैं। मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल कांगड़ा के लिए सबसे ज्यादा 20 डाक्टरों की तैनाती दी गई है, जबकि इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज में 19, मेडिकल कॉलेज हमीरपुर को 8 और एम्स चम्याणा के लिए 9 डाक्टरों की तैनाती की है। इन डाक्टरों को सप्ताह के भीतर अपनी ज्वाइनिंग करने के आदेश दिए गए हैं। हाल ही में प्रदेश सरकार ने स्वास्थ्य संस्थानों में 600 नर्सों की तैनाती की है। स्वास्थ्य सचिव एम. सुधा ने बताया कि मेडिकल कॉलेजों, जोनल और आदर्श अस्पतालों में स्टाफ की कमी को दूर किया जा रहा है। इसके अलावा उपकरणों की भी खरीद की जा रही है।  

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हिमाचल: पंचायती चुनाव को लेकर कैबिनेट में हो सकती है चर्चा, जनवरी में पूरा होगा कार्यकाल

हिमाचल प्रदेश में पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव तय समय से आगे टलने के मामले को लेकर कैबिनेट में चर्चा हो सकती है। पंचायतीराज विभाग की ओर से इस मामले को कैबिनेट में लाया जा रहा है। सरकार ने पहले ही आपदा प्रबंधन अधिनियम में पंचायतीराज संस्थाओं के चुनाव पूरे राज्य में उचित सड़क संपर्क बहाल होने के बाद ही करने के निर्देश दिए हैं। यह इसलिए ताकि आम जनता और मतदान कर्मियों को कोई असुविधा न हो। क्षतिग्रस्त सड़कों और सार्वजनिक, निजी संपत्ति की प्रतिकूल स्थिति को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है। मंत्रिमंडल में इसको लेकर सबकी राय ली जानी है। हालांकि, जिलों में अभी तक व्यवस्था पटरी पर नहीं लौट पाई है। अभी भी कई जिलों में सड़कें और पैदल चलने वाले रास्ते खराब हैं। हिमाचल में जनवरी 2026 में जिला परिषद, बीडीसी सदस्य, प्रधान, उपप्रधान और सदस्यों का कार्यकाल पूरा होना है। अगर चुनाव आगे टाले जाते हैं तो पंचायतों में प्रशासक की तैनाती करनी पड़ेगी। हिमाचल में मानसून के दौरान भारी बारिश ने क्षति पहुंचाई है। भारी बारिश के दौरान बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है। राज्य के विभिन्न हिस्सों में 47 बादल फटने, 98 बाढ़ और 148 बड़ी भूस्खलन की घटनाएं दर्ज की गईं। विभिन्न घटनाओं में 270 लोगों की जान चली गई। इस अवधि में सड़क दुर्घटनाओं में 198 लोगों की मौत हुई। कुल 1817 घर पूरी तरह से और 8323 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए। 2025 के मानसून के दौरान कुल 5,426 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। अभी भी बहुत नुकसान का आकलन और रिपोर्ट किया जाना बाकी है।

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हिमाचल: प्रदेश में गिरा पारा, पहाड़ों ने ओढ़ी सफेद चादर, जानें मौसम अपडेट

हिमाचल प्रदेश के ऊंचे इलाकों में बुधवार को प्रकृति का मनमोहक रूप देखने को मिला, जब अचानक मौसम ने पलटा खाया और बर्फबारी शुरू हो गई। अटल टनल रोहतांग के दोनों सिरों के साथ-साथ लाहौल और पांगी की घाटियां बर्फ की सफेद चादर से ढक गईं। कुल्लू में जहां झमाझम बारिश हुई, वहीं लाहौल में इस सीज़न का दूसरा बड़ा हिमपात हुआ राजधानी शिमला में दिन भर बादल छाए रहे। बर्फबारी के चलते एनएच-505 कोकसर से लोसर, एनएच तीन कोकसर से रोहतांग और सचे जोत मार्ग पर वाहनों की आवाजाही बंद हो गई है। वीरवार से प्रदेश में मौसम साफ बना रहने का पूर्वानुमान है।    लाहौल की चंद्रा घाटी, रोहतांग दर्रा, बारालाचा, शिकुंला दर्रा, कुंजम दर्रा और अटल टनल का सौंदर्य बर्फबारी से कई गुना बढ़ गया है। रोहतांग दर्रा पर 15 सेंटीमीटर और बारालाचा, शिकुंला, कुंजम दर्रा पर भी 15 सेंटीमीटर तक ताज़ी बर्फ गिरी है। चंबा जिले में दोपहर बाद बारिश हुई, और पांगी की ऊंची चोटियों जैसे चस्क भटोरी, सुराल भटोरी और भरमौर की काली छौ, मणिमहेश में 7.62 सेंटीमीटर तक हिमपात दर्ज किया गया है। बारिश और बर्फबारी ने पूरे क्षेत्र में शीतलहर को बढ़ा दिया है। कांगड़ा में मंगलवार रात को गर्जन के साथ बारिश हुई, पर बुधवार को दिनभर धूप खिली रही।  मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार, गुरुवार 23 अक्तूबर से लेकर 27 अक्तूबर तक पूरे हिमाचल में मौसम साफ और शुष्क बने रहने की उम्मीद है। हालांकि, 27 अक्तूबर की रात से एक नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो सकता है, जिसके कारण राज्य में फिर से बारिश और बर्फबारी की संभावना है।

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हिमाचल: कुल्लू, लाहाैल में बर्फबारी, जरासू जोत में हिमस्खलन से 250 भेड़-बकरियों की मौ*त

हिमाचल प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों ने बर्फ की सफेद चादर ओढ़ ली है। बुधवार तड़के जिला कुल्लू और जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति में मौसम ने करवट बदली। जिला कुल्लू में जहां झमाझम बारिश हुई तो वहीं लाहौल में इस सर्दी का दूसरा हिमपात हुआ है। चंद्रा घाटी बर्फ से सफेद हो गई हैं। इसके अलावा रोहतांग दर्रा, बारालाचा, शिकुंला दर्रा, कुंजम दर्रा, अटल टनल क्षेत्र ने भी बर्फ की चादर ओढ़ ली। बर्फबारी से घाटी के पर्यटन कारोबारी के चेहरे भी खिल गए हैं। राजधानी शिमला में बुधवार सुबह से धूप खिली हुई है। वहीं, बड़ा भंगाल से होली होते हुए कांगड़ा की ओर 600 भेड़-बकरियों के साथ जा रहे भेड़पालकों पर चंबा के जरासू जोत में बर्फ कहर बनकर गिरी। हिमस्खलन और ठंड से लगभग 250 भेड़-बकरियों की मौत हो गई। दो भेड़पालक भी लंबे समय तक बर्फ के संपर्क में रहने के कारण आइस बर्न का शिकार हुए हैं। ये भेड़पालक जिला कांगड़ा के ग्वालटिक्कर के रहने वाले हैं। घटना शुक्रवार की बताई जा रही है और शनिवार को चंबा जिले के न्याग्रां के पंचायत प्रतिनिधि को इसकी सूचना मिली। इसके बाद पंचायत प्रधान अशोक कुमार ने शनिवार सुबह ग्रामीणों की टीम रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने के लिए रवाना की। जरासू जोत तक पहुंचने के लिए धारड़ी नामक स्थान पर रावी का जलस्तर बढ़ा था। इसके बाद ग्रामीणों ने जान जोखिम में डालकर लकड़ी की पुलिया बनाकर नदी को पार किया। ग्रामीणों ने कड़ी मशक्कत के बाद घायल भेड़पालक कृष्ण कुमार और जोगेंद्र के साथ ही उनकी शेष भेड़-बकरियों को सुरक्षित निकाला। दो भेड़पालकों को होली अस्पताल में प्राथमिक उपचार देने के बाद टांडा मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया है, जहां उन्हें आइस बर्न और अन्य चोटों से राहत देने के लिए उपचार दिया जा रहा है।

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हिमाचल: प्रदेश में बदला मौसम का मिजाज! जानें मौसम अपडेट

हिमाचल प्रदेश में एक बार फिर मौसम ने करवट ली है, और इस बार पहाड़ों ने बर्फ की सफ़ेद चादर ओड़ ली है।  मंगलवार की रात से ही राज्य के कई क्षेत्रों में बादलों की गड़गड़ाहट और बिजली की चमक के बीच वर्षा का सिलसिला शुरू हो गया। राज्य के प्रमुख पर्यटन स्थल कुल्लू और मनाली, साथ ही बर्फीले रेगिस्तान लाहौल-स्पीति और इसके आसपास के क्षेत्रों में मौसम बदलता नजर आया है। कुल्लू घाटी में देर रात हुई हल्की बौछारों ने मौसम को खुशनुमा बना दिया है, जिसके परिणामस्वरूप तापमान में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है। शिमला स्थित मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्वानुमान के अनुसार, 21 अक्टूबर को ही राज्य के अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बारिश और बर्फबारी की चेतावनी जारी कर दी गई थी। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि 22 और 23 अक्टूबर को भी हिमाचल के अलग-अलग हिस्सों में हल्की बरसात या हिमपात देखने को मिल सकता है। हालांकि, 24 अक्टूबर से मौसम के सामान्य होने की उम्मीद है। लाहौल-स्पीति, किन्नौर, चंबा और कुल्लू जिलों के ऊँचे पर्वतीय शिखरों पर हल्का हिमपात होने की पूरी संभावना है। दूसरी ओर, निचले और मध्यवर्ती क्षेत्रों जैसे कांगड़ा, मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर जिलों में बहुत हल्की फुहारें पड़ने के आसार हैं। राज्य के शेष मैदानी और निचले इलाकों में आसमान साफ रहने का अनुमान है। यह बदलाव एक संकेत है कि पर्यटक सीजन के लिए पहाड़ों ने अब सर्द मौसम का स्वागत करना शुरू कर दिया है।  

Bihar: Grand alliance fielded 254 candidates on 243 seats, contested against each other, know what is the whole matter
In Politics

बिहार : महागठबंधन ने उतारे 243 सीटों पर 254 उम्मीदवार, उतरे एक-दूसरे के खिलाफ, जानें क्या है पूरा मामला

  बिहार विधानसभा चुनाव में 6 नवंबर को पहले फेज का (121 सीट) तथा 11 नवंबर दूसरे फेज का (122 सीट) मतदान होना है। इस बीच गठबंधन के भीतर सीट बंटवारे को लेकर काफी खींचतान व बगावत देखने को मिल रही है। गठबंधन ने 243 सीटों पर 254 उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं। गठबंधन में RJD ने 143 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि कांग्रेस ने 61, सीपीआई (एम) ने 20, सीपीआई ने 9, सीपीएम ने 6 तथा मुकेश सहनी की पार्टी ने 15 उम्मीदवार उतारे हैं।  हालात ऐसी बन चुकी है कि NDA के खिलाफ चुनाव लड़ने की बातें कहने वाला महागठबंधन अब एक-दूसरे के खिलाफ ही उतर आए हैं। आपको बता दें कि 12 सीटों पर महागठबंधन के घटक दल-एक दूसरे के खिलाफ ही खड़े हो गए हैं। अब राजनीतिक गलियारे में इसकी चर्चा होनी शुरू हो गई है और कि कहां तो महागठबंधन NDA के खिलाफ चुनाव लड़ने की बातें कर रहा था पर अब ये एक-दूसरे के खिलाफ ही खड़े हैं। वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा ने महागठबंधन से किनारा कर लिया है।  सीएम फेस भी तय नहीं NDA और महागठबंधन ने खुलकर सीएम फेस कि घोषणा नहीं की है। महागठबंधन में सीएम फेस को लेकर खींचतान जारी है। हालांकि NDA नेता कह चुके हैं कि चुनाव में एनडीए का नेतृत्व नीतीश कुमार ही करेंगे।  इन 6 सीटों पर कांग्रेस-RJD आमने सामने  सिकंदरा - उदय नारायण चौधरी RJD VS विनोद चौधरी कांग्रेस कहलगांव - रजनीश भारती RJD VS प्रवीण कुशवाहा कांग्रेस  वैशाली - अजय कुशवाहा RJD VS संजीव कुमार कांग्रेस  लालगंज - शिवानी शुक्ला RJD VS आदित्य कुमार कांग्रेस वारिसलीगंज- अनिता देवी RJD VS सतीश कुमार कांग्रेस  सुल्तान गंज - चन्दन सिन्हा RJD VS ललन यादव कांग्रेस   

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बिहार : महागठबंधन ने उतारे 243 सीटों पर 254 उम्मीदवार, उतरे एक-दूसरे के खिलाफ, जानें क्या है पूरा मामला

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Bihar: Grand alliance fielded 254 candidates on 243 seats, contested against each other, know what is the whole matter

  बिहार विधानसभा चुनाव में 6 नवंबर को पहले फेज का (121 सीट) तथा 11 नवंबर दूसरे फेज का (122 सीट) मतदान होना है। इस बीच गठबंधन के भीतर सीट बंटवारे को लेकर काफी खींचतान व बगावत देखने को मिल रही है। गठबंधन ने 243 सीटों पर 254 उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं। गठबंधन में RJD ने 143 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि कांग्रेस ने 61, सीपीआई (एम) ने 20, सीपीआई ने 9, सीपीएम ने 6 तथा मुकेश सहनी की पार्टी ने 15 उम्मीदवार उतारे हैं।  हालात ऐसी बन चुकी है कि NDA के खिलाफ चुनाव लड़ने की बातें कहने वाला महागठबंधन अब एक-दूसरे के खिलाफ ही उतर आए हैं। आपको बता दें कि 12 सीटों पर महागठबंधन के घटक दल-एक दूसरे के खिलाफ ही खड़े हो गए हैं। अब राजनीतिक गलियारे में इसकी चर्चा होनी शुरू हो गई है और कि कहां तो महागठबंधन NDA के खिलाफ चुनाव लड़ने की बातें कर रहा था पर अब ये एक-दूसरे के खिलाफ ही खड़े हैं। वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा ने महागठबंधन से किनारा कर लिया है।  सीएम फेस भी तय नहीं NDA और महागठबंधन ने खुलकर सीएम फेस कि घोषणा नहीं की है। महागठबंधन में सीएम फेस को लेकर खींचतान जारी है। हालांकि NDA नेता कह चुके हैं कि चुनाव में एनडीए का नेतृत्व नीतीश कुमार ही करेंगे।  इन 6 सीटों पर कांग्रेस-RJD आमने सामने  सिकंदरा - उदय नारायण चौधरी RJD VS विनोद चौधरी कांग्रेस कहलगांव - रजनीश भारती RJD VS प्रवीण कुशवाहा कांग्रेस  वैशाली - अजय कुशवाहा RJD VS संजीव कुमार कांग्रेस  लालगंज - शिवानी शुक्ला RJD VS आदित्य कुमार कांग्रेस वारिसलीगंज- अनिता देवी RJD VS सतीश कुमार कांग्रेस  सुल्तान गंज - चन्दन सिन्हा RJD VS ललन यादव कांग्रेस   

मोदी की स्वास्थ्य गारंटी : आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन से जुड़े 56.67 करोड़ लोग

In Health
guarantee: 56.67 crore people connected to Ayushman Bharat Digital Mission

पीएम मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने साल 2021 में आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन की शुरुआत की थी। मोदी के नेतृत्व में ही 2021-2022 से 2025-2026 तक 5 वर्षों के लिए 1,600 करोड़ रुपये की डिजिटल स्वास्थ्य इकोसिस्टम बनाने के लिए आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन शुरू किया गया था। इसकी वजह से पीएम मोदी के गारंटी का भी असर देखने को साफ मिला और इस योजना के तहत 29 फरवरी, 2024 तक 56.67 करोड़ लोगों के आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाते बनाए जा चुके हैं। इसके अलावा आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन ने लैंगिक समानता हासिल करने की दिशा में भी प्रगति की है। 29 फरवरी, 2024 तक, 27.73 करोड़ महिलाएं और 29.11 करोड़ पुरुषों को आभा कार्ड से लाभ हुआ है। वहीं 34.89 करोड़ से अधिक स्वास्थ्य दस्तावेजों को इससे जोड़ा गया है। क्या है आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन  आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन का उद्देश्य देश में यूनिफाइड डिजिटल स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे की मदद करने के लिए जरूरी आधार तैयार करना है। इससे सीमित इंटरनेट कनेक्टिविटी वाले क्षेत्रों में आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता खोलने के लिए ऑफलाइन मोड को मदद पहुंचती है। इसके अलावा भारत सरकार ने स्वास्थ्य सुविधा के लिए आभा ऐप और आरोग्य सेतु जैसे विभिन्न एप्लिकेशन भी लॉन्च किए गए हैं, जो आम लोगों को मदद पहुंचाती है। आभा ऐप एक प्रकार का डिजिटल स्टोरेज है, जो किसी भी व्यक्ति के मेडिकल दस्तावेजों का रखने का काम आता है। इस ऐप के जरिए मरीज रजिस्टर्ड स्वास्थ्य पेशेवरों से संपर्क भी कर सकते हैं।    भारत में बीजेपी की मोदी सरकार ने बीते 10 सालों के अपनी सरकार में कई सारे मील के पत्थर हासिल किया है। इन 10 सालों में पीएम मोदी के विजन ने भारत को अगले 23 साल बाद यानी साल 2047 तक विकसित भारत बनाने के ओर मजबूती से कदम भी बढ़ा लिया है। पीएम मोदी के नेतृत्व में बीजेपी सरकार ने देश के हित में जो भी फैसले लिए है, उनमें से हेल्थ सेक्टर को सर्वोच्च प्राथमिकता देने का प्रयास किया गया है।        

देश के 45 शिक्षकों को मिला 'राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार', राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने किया सम्मानित

In Education
45 teachers of the country received 'National Teacher Award', honored by President Draupadi Murmu

  आज शिक्षक दिवस है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज शुक्रवार को शिक्षक दिवस के अवसर पर दिल्ली में विज्ञान भवन में देश के 45 शिक्षकों को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया। इस मौके पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्‍द्र प्रधान व केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी भी उपस्थित रहे।  आज के दिन ये वार्षिक अवार्ड उन शिक्षकों को दिया जाता है जिन्होंने विद्यार्थियों की पढ़ाई और समाज के लिए कुछ खास योगदान दिया हो। ये पुरस्कार केवल एक मेडल ही नहीं, बल्कि पूरे देश की ओर से इन शिक्षकों को दिया गया सम्‍मान है। ये शिक्षकों की मेहनत और समर्पण का प्रतिक है जो बच्चों का भविष्य बनाने के लिए अभूतपूर्व कार्य करते हैं।  पुरस्कारों दिए जाने से पहले, PM नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता शिक्षकों से बातचीत की। इस अवसर पर मोदी ने कहा कि राष्ट्र निर्माण में शिक्षकों का अहम भूमिका होती है। PM ने कहा कि शिक्षकों का सम्मान केवल एक परम्परा नहीं है, बल्कि उनके आजीवन समर्पण का सम्मान है।PM ने कहा कि शिक्षक सामान्यतः छात्रों को होमवर्क देते हैं। लेकिन मोदी उन्हें एक टास्क देना चाहते थे- स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने वाले अभियानों का नेतृत्व करने और "मेक इन इंडिया" और "वोकल फॉर लोकल" आंदोलनों को मजबूत करने के लिए।    आज शिक्षक दिवस है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज शुक्रवार को शिक्षक दिवस के अवसर पर दिल्ली में विज्ञान भवन में देश के 45 शिक्षकों को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया। इस मौके पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्‍द्र प्रधान व केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी भी उपस्थित रहे।  आज के दिन ये वार्षिक अवार्ड उन शिक्षकों को दिया जाता है जिन्होंने विद्यार्थियों की पढ़ाई और समाज के लिए कुछ खास योगदान दिया हो। ये पुरस्कार केवल एक मेडल ही नहीं, बल्कि पूरे देश की ओर से इन शिक्षकों को दिया गया सम्‍मान है। ये शिक्षकों की मेहनत और समर्पण का प्रतिक है जो बच्चों का भविष्य बनाने के लिए अभूतपूर्व कार्य करते हैं।  पुरस्कारों दिए जाने से पहले, PM नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता शिक्षकों से बातचीत की। इस अवसर पर मोदी ने कहा कि राष्ट्र निर्माण में शिक्षकों का अहम भूमिका होती है। PM ने कहा कि शिक्षकों का सम्मान केवल एक परम्परा नहीं है, बल्कि उनके आजीवन समर्पण का सम्मान है।PM ने कहा कि शिक्षक सामान्यतः छात्रों को होमवर्क देते हैं। लेकिन मोदी उन्हें एक टास्क देना चाहते थे- स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने वाले अभियानों का नेतृत्व करने और "मेक इन इंडिया" और "वोकल फॉर लोकल" आंदोलनों को मजबूत करने के लिए।   

Asia Cup 2025: आज दुबई में भारत-पाक के बीच होने वाले मैच को लेकर देशभर में विरोध

In Sports
 Asia Cup 2025: Protest across the country regarding the match between India and Pakistan in Dubai today

  एशिया कप में भारत-पाकिस्तान के बीच दुबई में आज मैच होने वाला है। भारत-पाकिस्तान के बीच मैच का मुकाबला हमेशा से रोमांचक रहा है। इसे देखने के लिए लोगों में बहुत उत्साह देखा जाता था। लेकिन इस बार इस मैच को लेकर देशभर में विरोध हो रहा है। विपक्षी राजनीतिक दलों के साथ-साथ आम लोग भी भारत-पाकिस्तान मैच को लेकर गुस्से में है। सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखकर इस मैच का जोरो से बहिष्कार किया जा रहा है। साथ ही पहलगाम हमले में मारे गए लोगों के परिवारों ने भी इस मैच पर कड़ा विरोध जताया है। अब तो भाजपा के कई सहयोगी भी इस मैच के विरोध में हैं। हालांकि क्रिकेट फैंस इसे लेकर अलग बंटे हुए हैं। इस मैच का कहीं विरोध किया जा रहा है, तो कहीं टीम इंडिया की जीत के लिए पूजा भी हो रही है।   नई खेल नीति के मुताबिक सरकार की नई खेल नीति के मुताबिक भारत ने फैसला किया है भारत पाकिस्तान के साथ कोई भी द्विपक्षीय मैच नहीं खेलेगा पर बहुपक्षीय टूर्नामेंट जैसे कि एशिया कप या ICC प्रतियोगिता में पाकिस्तान के खिलाफ खेलेगा।   विरोध की वजह  ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच यह पहला इंटरनेशनल मैच है। आपको बता दें कि 22 अप्रैल को आतंकवादियों द्वारा पहलगाम हमला हुआ था जिसमें कई भारतीय मरे थे और कहा जा रहा था कि इस हमले के पीछे पकिस्तान का हाथ है। इसके जवाब में भारत ने  7 मई को ऑपरेशन सिंदूर किया। इसी वजह से भारत के लोगों में भारत-पाकिस्तान मैच को लेकर नाराजगी और गुस्सा है।    ओवैसी की पार्टी AIMIM ने किया प्रदर्शन हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने सरकार से पूछा है कि क्या मैच से कमाया जाने वाला मुनाफ़ा पहलगाम हमले में मारे गए 26 लोगों की जान से ज्यादा कीमती है। अहमदाबाद में AIMIM ने भारत-पाकिस्तान मैच के खिलाफ प्रदर्शन किया।    AAP कार्यकर्ताओं ने किया बहिष्कार  चंडीगढ़ में AAP कार्यकर्ताओं ने भी 'BCCI शर्म करो' के नारे लगाए   शिंदे शिवसेना नेता ने किया विरोध शिंदे शिवसेना के नेता संजय निरूपम ने इस मैच के विरोध में कहा कि पाकिस्तान ने हमेशा भारत को क्षति पहुंचाने वाली नीति अपनाई है, पाकिस्तान ने आतंकियों को पाला पोषा है और इन आतंकियों ने भारत के निर्दोष लोगों पर हमले किए हैं। ऐसे में पाकिस्तान के साथ किसी भी तरह का रिश्ता नहीं रखना चाहिए।    शिवसेना उद्धव गुट ने मैच के विरोध में तोड़ डाले टीवी   पूर्व क्रिकेटर मनोज तिवारी ने किया बहिष्कार पश्चिम बंगाल के खेल मंत्री और पूर्व क्रिकेटर मनोज तिवारी ने कहा कि वे भारत-पाकिस्तान मैच के साथ पूरे एशिया कप का बहिष्कार कर रहे हैं हूं। उन्होंने कहा कि पुलवामा, पहलगाम, पठानकोट जैसे आतंकी हमलों को भुलाया नहीं जा सकता।     पीड़ित परिवारों ने जाहिर किया गुस्सा पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए पुणे के संतोष जगदाले की बेटी असावरी जगदाले ने कहा कि यह मैच नहीं होना चाहिए था। यह बहुत ही शर्मनाक है। अभी हाल में पहलगाम हमला हुआ और फिर ऑपरेशन सिंदूर हुआ। तो इसके बाद यह मैच नहीं होना चाहिए था। उन्होंने कहा यह भी कहा कि इन्हें परवाह नहीं कि कोई मर गया।    

आज भी अमावस्या, तो गोवर्धन पूजा कब ? जानें डेट व पूजा मुहूर्त

In First Blessing
Even today is Amavasya, so when is Govardhan Puja? Know the date and puja time

  गोवर्धन पूजा के दिन भगवान कृष्ण तथा गोवर्धन पर्वत की पूजा होती है। गोवर्धन पूजा कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को की जाती है। चूकि इस बार अमावस्या तिथि आज शाम 5 बजकर 54 मिनट तक है। इसके बाद ही शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि शुरु होगी। इसीलिए पंचांग के अनुसार, आज शाम 5 बजकर 54 मिनट तक अमावस्या तिथि के चलते गोवर्धन पूजा आज नहीं बल्कि कल 22 अक्टूबर को की जाएगी।   पूजा का शुभ मुहूर्त पूजा का शुभ मुहूर्त दोपहर 03:13 बजे से शाम 05:49 बजे तक है। इस दिन स्वाति नक्षत्र के साथ प्रीति का भी संयोग रहेगा। इस दिन ग्रहों के राजा यानि सूर्य तुला राशि में रहेंगे और साथ ही यहां चंद्रमा भी गोचर करेंगे। इस वजह से यह समय पूजा के लिए बहुत ही शुभ रहेगा। पूजा विधि गोवर्धन पूजा पर भगवान कृष्ण तथा गोवर्धन पर्वत की पूजा की जाती है। इस दिन सुबह उठकर घर को साफ कर लें। गाय के गोबर से गोवर्धन की आकृति बना कर, इसपर रोली व अक्षत रख लें। अब फूल, जल, घी, गुड़, दूध व खीर-पूरी का भोग लगाएं। इसके बाद वहां दीप जलाएं। अब गोवर्धन पर्वत के चारों ओर परिक्रमा करें और आखिर में आरती करें।   

पाताल भुवनेश्वर मंदिर: रहस्य, आस्था और आध्यात्मिकता का अद्भुत संगम

In Entertainment
Patal Bhuvaneshwar Temple: A wonderful confluence of mystery, faith and spirituality

  क्या आपने कभी कल्पना की है कि कहीं ऐसा स्थान भी हो सकता है, जहां सृष्टि के अंत का रहस्य छिपा हो? कोई ऐसा मंदिर, जहां चारों धामों के दर्शन एक ही स्थान पर संभव हों? उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में स्थित पाताल भुवनेश्वर मंदिर ऐसा ही एक रहस्यमयी और दिव्य स्थल है, जो हर भक्त को आस्था, रहस्य और आध्यात्मिकता की गहराइयों से जोड़ता है। यह मंदिर एक गुफा के भीतर स्थित है, जिसे प्राचीन काल से चमत्कारी और गूढ़ माना गया है। गुफा में प्रवेश करते ही ऐसा लगता है मानो आप किसी अद्भुत आध्यात्मिक संसार में प्रवेश कर चुके हों। मान्यता है कि यहां भगवान शिव के साथ-साथ 33 कोटि देवी-देवताओं का वास है। यहां स्थित भगवान गणेश का कटा हुआ मस्तक स्वयं में एक रहस्य है, जो इस स्थान की अलौकिकता को और भी गहरा बनाता है। यहां स्थित शिवलिंग के बारे में मान्यता है कि वह निरंतर बढ़ रहा है, और जिस दिन वह गुफा की छत से टकराएगा, उस दिन प्रलय होगा। यह धारणा श्रद्धालुओं को एक अकल्पनीय आध्यात्मिक अनुभव और चेतना की गहराई से जोड़ती है।गुफा के भीतर चार रहस्यमयी द्वार मानव जीवन के चार प्रमुख पड़ावों का प्रतीक माने जाते हैं। कहा जाता है कि रावण की मृत्यु के बाद पाप द्वार और महाभारत युद्ध के बाद रण द्वार बंद हो गए। अब केवल धर्म द्वार और मोक्ष द्वार खुले हैं, जो जीवन के सत्य और मोक्ष के मार्ग की ओर संकेत करते हैं। पौराणिक इतिहास की दृष्टि से इस मंदिर का उल्लेख त्रेता युग में मिलता है। सूर्य वंश के राजा ऋतुपर्ण ने सबसे पहले इस गुफा की खोज की थी। कहा जाता है कि पांडवों ने भी यहां भगवान शिव के साथ चौपड़ खेला था। बाद में 819 ईस्वी में जगत गुरु शंकराचार्य ने इस स्थल की पुनः खोज की और यहां पूजा आरंभ की। कैसे पहुंचे पाताल भुवनेश्वर? यह दिव्य स्थल पिथौरागढ़ से लगभग 90 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। निकटतम हवाई अड्डा पंतनगर है, जबकि सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन टनकपुर है। सड़क मार्ग से यह स्थान सुगम रूप से जुड़ा हुआ है और उत्तराखंड के खूबसूरत पर्वतीय रास्तों से होकर गुज़रता है, जो यात्रा को और भी आनंददायक बना देता है। यह मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि रहस्य और आध्यात्मिकता के अनूठे संगम के कारण भी यह स्थल भक्तों और शोधकर्ताओं के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। पाताल भुवनेश्वर की इस अद्भुत गुफा में जाकर आप स्वयं उस दिव्यता और रहस्यमय ऊर्जा का अनुभव कर सकते हैं, जो सदियों से लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती आ रही है।

बिहार : महागठबंधन ने उतारे 243 सीटों पर 254 उम्मीदवार, उतरे एक-दूसरे के खिलाफ, जानें क्या है पूरा मामला

In News
Bihar: Grand alliance fielded 254 candidates on 243 seats, contested against each other, know what is the whole matter

  बिहार विधानसभा चुनाव में 6 नवंबर को पहले फेज का (121 सीट) तथा 11 नवंबर दूसरे फेज का (122 सीट) मतदान होना है। इस बीच गठबंधन के भीतर सीट बंटवारे को लेकर काफी खींचतान व बगावत देखने को मिल रही है। गठबंधन ने 243 सीटों पर 254 उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं। गठबंधन में RJD ने 143 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि कांग्रेस ने 61, सीपीआई (एम) ने 20, सीपीआई ने 9, सीपीएम ने 6 तथा मुकेश सहनी की पार्टी ने 15 उम्मीदवार उतारे हैं।  हालात ऐसी बन चुकी है कि NDA के खिलाफ चुनाव लड़ने की बातें कहने वाला महागठबंधन अब एक-दूसरे के खिलाफ ही उतर आए हैं। आपको बता दें कि 12 सीटों पर महागठबंधन के घटक दल-एक दूसरे के खिलाफ ही खड़े हो गए हैं। अब राजनीतिक गलियारे में इसकी चर्चा होनी शुरू हो गई है और कि कहां तो महागठबंधन NDA के खिलाफ चुनाव लड़ने की बातें कर रहा था पर अब ये एक-दूसरे के खिलाफ ही खड़े हैं। वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा ने महागठबंधन से किनारा कर लिया है।  सीएम फेस भी तय नहीं NDA और महागठबंधन ने खुलकर सीएम फेस कि घोषणा नहीं की है। महागठबंधन में सीएम फेस को लेकर खींचतान जारी है। हालांकि NDA नेता कह चुके हैं कि चुनाव में एनडीए का नेतृत्व नीतीश कुमार ही करेंगे।  इन 6 सीटों पर कांग्रेस-RJD आमने सामने  सिकंदरा - उदय नारायण चौधरी RJD VS विनोद चौधरी कांग्रेस कहलगांव - रजनीश भारती RJD VS प्रवीण कुशवाहा कांग्रेस  वैशाली - अजय कुशवाहा RJD VS संजीव कुमार कांग्रेस  लालगंज - शिवानी शुक्ला RJD VS आदित्य कुमार कांग्रेस वारिसलीगंज- अनिता देवी RJD VS सतीश कुमार कांग्रेस  सुल्तान गंज - चन्दन सिन्हा RJD VS ललन यादव कांग्रेस   

बिहार : महागठबंधन ने उतारे 243 सीटों पर 254 उम्मीदवार, उतरे एक-दूसरे के खिलाफ, जानें क्या है पूरा मामला

In National News
Bihar: Grand alliance fielded 254 candidates on 243 seats, contested against each other, know what is the whole matter

  बिहार विधानसभा चुनाव में 6 नवंबर को पहले फेज का (121 सीट) तथा 11 नवंबर दूसरे फेज का (122 सीट) मतदान होना है। इस बीच गठबंधन के भीतर सीट बंटवारे को लेकर काफी खींचतान व बगावत देखने को मिल रही है। गठबंधन ने 243 सीटों पर 254 उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं। गठबंधन में RJD ने 143 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि कांग्रेस ने 61, सीपीआई (एम) ने 20, सीपीआई ने 9, सीपीएम ने 6 तथा मुकेश सहनी की पार्टी ने 15 उम्मीदवार उतारे हैं।  हालात ऐसी बन चुकी है कि NDA के खिलाफ चुनाव लड़ने की बातें कहने वाला महागठबंधन अब एक-दूसरे के खिलाफ ही उतर आए हैं। आपको बता दें कि 12 सीटों पर महागठबंधन के घटक दल-एक दूसरे के खिलाफ ही खड़े हो गए हैं। अब राजनीतिक गलियारे में इसकी चर्चा होनी शुरू हो गई है और कि कहां तो महागठबंधन NDA के खिलाफ चुनाव लड़ने की बातें कर रहा था पर अब ये एक-दूसरे के खिलाफ ही खड़े हैं। वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा ने महागठबंधन से किनारा कर लिया है।  सीएम फेस भी तय नहीं NDA और महागठबंधन ने खुलकर सीएम फेस कि घोषणा नहीं की है। महागठबंधन में सीएम फेस को लेकर खींचतान जारी है। हालांकि NDA नेता कह चुके हैं कि चुनाव में एनडीए का नेतृत्व नीतीश कुमार ही करेंगे।  इन 6 सीटों पर कांग्रेस-RJD आमने सामने  सिकंदरा - उदय नारायण चौधरी RJD VS विनोद चौधरी कांग्रेस कहलगांव - रजनीश भारती RJD VS प्रवीण कुशवाहा कांग्रेस  वैशाली - अजय कुशवाहा RJD VS संजीव कुमार कांग्रेस  लालगंज - शिवानी शुक्ला RJD VS आदित्य कुमार कांग्रेस वारिसलीगंज- अनिता देवी RJD VS सतीश कुमार कांग्रेस  सुल्तान गंज - चन्दन सिन्हा RJD VS ललन यादव कांग्रेस   

नेपाल: अंतरिम PM बनाने के लिए सेना-प्रदर्शनकारियों के बीच शुरू हुई बातचीत, कुलमान घिसिंग व सुशीला कार्की का नाम आगे

In International News
Talks started between army and protesters to make interim PM in Nepal, names of Kulman Ghisingh and Sushila Karki put forward.

  नेपाल में हुए हिंसक आंदोलन के बाद आज गुरुवार को हालात कंट्रोल में है। लेकिन फिर भी सेना ने एहतियातन राजधानी समेत कई इलाकों में  कर्फ्यू लगा रखा है। इस बीच, नेपाल में अंतरिम PM बनाने के लिए सेना-प्रदर्शनकारियों के बीच बातचीत शुरू हो गई है। जानकारी के अनुसार,आर्मी हेडक्वार्टर में सुबह 10:30 बजे बातचीत शुरू हो गई थी। आपको बता दें कि सेना ने सभी पार्टी और नेताओं को भी इसके लिए अपनी अपनी राय देने को कहा है।   मीडिया के कई रिपोर्ट्स के अनुसार, इस पद के लिए नेपाल के लाइट मैन कहे जाने वाले कुलमान घिसिंग और सुशीला कार्की का नाम आगे आ रहा है। हालांकि PM की रेस में कुलमान घिसिंग का नाम सुशीला कार्की से भी आगे चल रहा है। अंतिम फैसला देखना काफी दिलचस्प होगा कि किसे PM के नेतृत्व के लिए आगे किया जाता है।    सुशीला कार्की  सुशीला कार्की भ्रष्टाचार विरोधी शख्सियत के तौर पर जानी जाती हैं। इन्होनें भ्रष्टाचार के विरुद्ध कई बार सख्त बयान दिया है। आपको बता दें कि इन्होनें पॉलिटिकल साइंस में BHU से MA किया है। 2016 में वह नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश बनी।    कुलमान घिसिंग  कुलमान घिसिंग को नेपाल के 'लाइट मैन' भी कहा जाता है। उन्होंने जमशेदपुर, झारखण्ड से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की है। 1994 में नेपाल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी (NEA) से जुड़े और इसके बाद घाटे में चल रहे NEA को मुनाफे में बदल दिया। नेपाल की बिजली व्यवस्था, जो कि बहुत खराब थी, उसे भी सुधारने का श्रेय इन्हें ही जाता है।    नेपाल में इस तरह हुई हिंसक आंदोलन की शुरुआत सरकार ने 4 सितंबर को 26 सोशल मीडिया प्लेटफार्म को बैन किया था। ये कहकर कि इन प्लेटफॉर्म्स ने रजिस्ट्रशन नहीं करवाए हैं। इसके बाद 8 सितंबर को सरकार के भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया पर बैन के खिलाफ नेपाल के युवाओं ने सड़क पर उतर कर प्रदर्शन शुरू कर दिए। यह  प्रदर्शन धीरे धीरे हिंसा में प्रवर्तित हो गए और कई लोग इसमें मारे गए व कई ज़ख़्मी हुए। इसी बीच PM समेत कई मंत्रियों को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा। साथ ही इस दौरान प्रदर्शन कर रहे युवाओं ने सेना के सामने सामाजिक और राजनितिक सुधार को लेकर कई मांगे भी रखीं।    आगे क्या होगा  बहुमत वाली पार्टी को सरकार बनाने के लिए कहा जायेगा। विशेषज्ञ का मानना है कि 6 महीने में चुनाव कराने के लिए अंतरिम सरकार बन सकती है।   

शायरी के बादशाह कहलाते है वसीम बरेलवी, पढ़े उनके कुछ चुनिंदा शेर

In Kavya Rath
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  वसीम बरेलवी उर्दू के बेहद लोकप्रिय शायर हैं। उनकी ग़ज़लें बेहद मक़बूल हैं जिन्हें जगजीत सिंह से लेकर कई अजीज़ गायकों ने अपनी आवाज़ दी है। वसीम बरेलवी अपनी शायरी और गजल के जरिए लाखों दिलों पर राज करते हैं। कोई भी मुशायरा उनके बगैर पूरा नहीं माना जाता।     18 फरवरी 1940 को वसीम बरेलवी का जन्म बरेली में हुआ था।  पिता जनाब शाहिद हसन  के रईस अमरोहवी और जिगर मुरादाबादी से बहुत अच्छे संबंध थे। दोनों का आना-जाना अक्सर उनके घर पर होता रहता था। इसी के चलते वसीम बरेलवी का झुकाव बचपन से शेर-ओ-शायरी की ओर हो गया। वसीम बरेलवी ने अपनी पढ़ाई बरेली के ही बरेली कॉलेज से की। उन्होंने एमए उर्दू में गोल्ड मेडल हासिल किया। बाद में इसी कॉलेज में वो उर्दू विभाग के अध्यक्ष भी बने।  60 के दशक में वसीम बरेलवी मुशायरों में जाने लगे। आहिस्ता आहिस्ता ये शौक उनका जुनून बन गया। पेश हैं उनके कुछ चुनिंदा शेर   अपने चेहरे से जो ज़ाहिर है छुपाएँ कैसे तेरी मर्ज़ी के मुताबिक़ नज़र आएँ कैसे   जहाँ रहेगा वहीं रौशनी लुटाएगा किसी चराग़ का अपना मकाँ नहीं होता     आसमाँ इतनी बुलंदी पे जो इतराता है भूल जाता है ज़मीं से ही नज़र आता है   ऐसे रिश्ते का भरम रखना कोई खेल नहीं तेरा होना भी नहीं और तेरा कहलाना भी   ग़म और होता सुन के गर आते न वो 'वसीम' अच्छा है मेरे हाल की उन को ख़बर नहीं   जहाँ रहेगा वहीं रौशनी लुटाएगा किसी चराग़ का अपना मकाँ नहीं होता     जो मुझ में तुझ में चला आ रहा है बरसों से कहीं हयात इसी फ़ासले का नाम न हो     कुछ है कि जो घर दे नहीं पाता है किसी को वर्ना कोई ऐसे तो सफ़र में नहीं रहता                         उसी को जीने का हक़ है जो इस ज़माने में इधर का लगता रहे और उधर का हो जाए       दुख अपना अगर हम को बताना नहीं आता तुम को भी तो अंदाज़ा लगाना नहीं आता     वो मेरे सामने ही गया और मैं रास्ते की तरह देखता रह गया   अपने अंदाज़ का अकेला था इसलिए मैं बड़ा अकेला था  

जयसिंहपुर: लोअर लंबागांव की बेटी अलीशा बनी ऑडिट इंस्पेक्टर

In Job
Jaisinghpur: Lower Lambagaon's daughter Alisha becomes audit inspector

जयसिंहपुर विधानसभा के अंतर्गत आने वाले लोअर लंबागांव की अलीशा ने हिमाचल प्रदेश एलाइड सर्विसेज की परीक्षा पास कर प्रदेश का नाम रोशन किया है । अलीशा का चयन ऑडिट इंस्पेक्टर के पद हुआ है। अलीशा ने बाहरवीं ऐम अकादमी सीनियर सेकेंडरी स्कूल जयसिंहपुर से की है। उसके बाद अलीशा ने गवर्नमेंट डिग्री कालेज धर्मशाला से ग्रेजुएशन की । अलीशा के पिता सुमन कुमार हिमाचल पुलिस में कार्यरत हैं और माता स्नेहलता गृहिणी हैं। अलीशा के पिता सुमन कुमार ने बेटी की उपलब्धि पर खुशी जताते हुए कहा कि यह परिवार के लिए गौरव का क्षण है। वही अलीशा ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता पिता व गुरुजनों को दिया है।

कहते है चंबा के राजमहल में 17 साल बतौर शाही मेहमान रहा था एक भैंसा

In Banka Himachal
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नारियल की जगह भैसें को बहाने की थी प्रथा मिंजर मेले की मुख्य शोभायात्रा राजमहल अखंड चंडी से चौगान से होते हुए रावी नदी के किनारे तक पहुंचती है। फिर मिंजर के साथ लाल कपड़े में नारियल लपेट कर, एक रुपया और फल-मिठाई नदी में प्रवाहित किये जाते है। इस नारियल को प्रवाहित करने के पीछे एक रोचक प्रथा है। दरअसल कहा जाता है कि 1940 के दशक कि शुरुआत तक मिंजर मेले में भैंसे की बलि देने की प्रथा थी। तब जीवित भैंसे को नदी में बहा दिया जाता था , जो आने वाले साल में राज्य के भविष्य को दर्शाता था। अगर पानी का बहाव भैंसे को साथ ले जाता था और वह डूबता नहीं था तो उसे अच्छा माना जाता था। अगर भैंसा बच कर नदी के दूसरे किनारे चला जाए, तो उसे भी अच्छा माना जाता था। पर अगर भैंसा उसी तरफ वापस आ जाता था तो उसे बुरा माना जाता था। अब भैंसे की जगह सांकेतिक रूप से नारियल की बलि दी जाती है।    पुराने लोगों कि माने तो 19वीं सदी में एक भैंसे ने रावी नदी को पार कर लिया और करीब 17 साल तक यह भैंसा चंबा के राजमहल में बतौर शाही मेहमान रहा। उसकी खातिर के लिए बाकायदा सेवादारों की व्यवस्था भी  थी। कहते है उसने लगातार 17 साल तक रावी को पार किया और बाद में राजमहल में उसकी मौत हो गई। 

11 साल बाद हरियाणा कांग्रेस को मिले जिला अध्यक्ष, हिमाचल में भी 9 महीने से इन्तजार

In Siyasatnama
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बगैर संगठन के ही हरियाणा में कई चुनाव लड़ने और हारने के  बाद  आखिरकार 11 साल बाद मंगलवार देर रात कांग्रेस ने हरियाणा में 32 जिला अध्यक्षों के नामों की घोषणा की है। पानीपत शहरी के अलावा सभी अन्य 32 संगठनत्मक ज़िलों में अध्यक्षों की नियुक्ति हो गई है। माना जा रहा है की संगठन की शेष नियुक्तियां भी जल्द होगी। इन नियुक्तियों में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा का दबदबा रहा है। 32 में से 22 जिला अध्यक्ष हुड्डा गुट के बताए जा रहे हैं, जबकि सात सांसद कुमारी सैलजा, एक रणदीप सुरजेवाला और दो कैप्टन अजय यादव के समर्थक हैं।  इस सूचि में सिर्फ दो महिलाएं है। संतोष बेनीवाल को सिरसा और मेवात के शाहिदा खान, जो कि एकमात्र मुस्लिम नेता को कमान दी गई है। जबकि विधानसभा चुनाव लड़ चुके चार नेताओं को जिलाध्यक्ष बनाया है।  हरियाणा में हुई इन नियुक्तियों के बाद अब निगाहें हिमाचल पर टिकी है, जहँ नौ महीने से भी ज्यादा वक्त से राज्य, जिला और ब्लॉक इकाइयां भंग है। इस बीच  मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभग सिंह  का कार्यकाल भी पूरा हो चूका है और नए अध्यक्ष के एलान का इन्तजार भी जारी है।   ये 32 नेता बने, जिला अध्यक्ष  कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से सूची के अनुसार, अंबाला कैंट से परविंदर परी,  अंबाला सिटी से पवन अग्रवाल, अंबाला ग्रामीण से दुष्यंत चौहान, भिवानी ग्रामीण से अनिरुद्ध चौधरी, भिवानी शहरी से प्रदीप गुलिया, चरखी दादरी से सुशील धनक, फरीदाबाद से बलजीत कौशिक, फतेहाबाद से अरविंद शर्मा, गुरुग्राम ग्रामीण से वर्धन यादव, गुरुग्राम शहरी से पंकज दावर को जिला अध्यक्ष बनाया गया है। इसी तरह, हिसार ग्रामीण से बृज लाल खोवाल, हिसार शहरी से बजरंग दास गर्ग, झज्जर से संजय यादव, जींद से ऋषि पाल, कैथल से रामचंदर गुज्जर, करनाल ग्रामीण से राजेश वैद, करनाल शहरी से पराग गाबा, कुरुक्षेत्र से मेवा सिंह, महेंद्रगढ़ से सत्यवीर यादव, मेवात (नूंह) से शाहिदा खान, पलवल से नेत्रपाल अधाना, पंचकूला से संजय चौहान, पानीपत ग्रामीण से रमेश मलिक, रेवाड़ी ग्रामीण से सुभाष चंद चौवरी, रेवाड़ी शहरी से प्रवीण चौधरी, रोहतक ग्रामीण से बलवान सिंह रंगा, रोहतक शहरी से कुलदीप सिंह, सिरसा से संतोष बेनिवाल, सोनीपत ग्रामीण से संजीव कुमार दहिया, सोनीपत शहरी से कमल देवान, यमुनानगर ग्रामीण से नरपाल सिंह और यमुनानगर शहरी से देवेंद्र सिंह को जिम्मेदारी सौंपी गई है।  

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