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प्रदेश में इस साल दिवाली के दौरान वायु गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार देखने को मिला है। राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, इस बार प्रदेश के किसी भी शहर या कस्बे में वायु गुणवत्ता ‘खराब’ या ‘गंभीर’ श्रेणी में नहीं पहुंची। पिछले वर्ष की तुलना में प्रदूषण के स्तर में स्पष्ट गिरावट दर्ज की गई है। बोर्ड ने 13 से 19 अक्टूबर के बीच पूर्व-दिवाली अवधि और दिवाली के दिन विशेष निगरानी अभियान चलाया। इसके तहत शिमला, परवाणू, धर्मशाला, डमटाल, सुंदरनगर, पांवटा साहिब, कालाअंब, ऊना, बद्दी, बरोटीवाला, नालागढ़ और मनाली में परिवेशी वायु गुणवत्ता की जांच की गई। आंकड़े बताते हैं कि राज्य की हवा इस बार अपेक्षाकृत साफ और संतोषजनक रही। रिपोर्ट के अनुसार, परवाणू में इस बार दिवाली के दिन एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 118 दर्ज किया गया, जबकि पिछले साल यह 217 था। बद्दी में एक्यूआई 392 से घटकर 167 पर पहुंचा, और बरोटीवाला में 139 से घटकर 94 रहा। नालागढ़ में भी सुधार देखने को मिला, जहां एक्यूआई 128 से घटकर 79 रह गया। इसी तरह सुंदरनगर में पिछले वर्ष 104 से घटकर इस बार 68 दर्ज किया गया। हालांकि, धर्मशाला और ऊना में इस बार मामूली गिरावट दर्ज की गई। धर्मशाला का एक्यूआई पिछले साल 109 से बढ़कर 120 हुआ, जबकि ऊना में यह 122 से बढ़कर 140 पहुंचा। बोर्ड के सदस्य सचिव ने बताया कि 2024 की तुलना में 2025 में समग्र रूप से हिमाचल की वायु गुणवत्ता में सुधार दर्ज किया गया है।
हिमाचल: IGMC, नेरचौक मेडिकल कॉलेज में शुरू होगी रोबोटिक सर्जरी, 4 रोबोट और खरीदेगी सरकार
इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आईजीएमसी) और नेरचौक मेडिकल कॉलेज में जल्द रोबोटिक सर्जरी शुरू होगी। प्रदेश सरकार द्वारा इसकी तैयारियां शुरू हो गई हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से 120 करोड़ की लागत से चार रोबोट की खरीद होगी। जिन्हें इन कॉलेजों में स्थापित किया जाना है। अभी हिमाचल में एम्स चम्याणा और टांडा मेडिकल कॉलेज में यह सर्जरी शुरू की गई है। चम्याणा में 40 जबकि टांडा में 10 से ज्यादा रोबोटिक सर्जरी की जा चुकी है। प्रदेश में मरीज रोबोट से सर्जरी करने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं। प्रदेश सरकार सभी मेडिकल कॉलेजों को आधुनिक चिकित्सा सुविधा से लैस करने में जोर दे रही है। दोनों कॉलेजों के बाद सरकार चंबा, हमीरपुर, नाहन मेडिकल कॉलेजों में भी यह सुविधा उपलब्ध कराएगा। आईजीएमसी और नेरचौक मेडिकल कॉलेज के डाक्टरों को सर्जरी करने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह प्रशिक्षण एम्स चम्याणा में दिया जाना है। हिमाचल में जिन लोगों के हिमकेयर कार्ड है उनकी यह सर्जरी निशुल्क की जा रही है जबकि अन्य मरीजों के लिए रोबोटिक सर्जरी का खर्चा 30 हजार के आसपास बैठ रहा है। प्रदेश में डाॅक्टरों की कमी को भी दूर किया जा रहा है। प्रदेश सरकार ने एम्स चम्याणा सहित मेडिकल कॉलेजों के लिए 53 नए डाॅक्टर दिए हैं। मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल कांगड़ा के लिए सबसे ज्यादा 20 डाक्टरों की तैनाती दी गई है, जबकि इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज में 19, मेडिकल कॉलेज हमीरपुर को 8 और एम्स चम्याणा के लिए 9 डाक्टरों की तैनाती की है। इन डाक्टरों को सप्ताह के भीतर अपनी ज्वाइनिंग करने के आदेश दिए गए हैं। हाल ही में प्रदेश सरकार ने स्वास्थ्य संस्थानों में 600 नर्सों की तैनाती की है। स्वास्थ्य सचिव एम. सुधा ने बताया कि मेडिकल कॉलेजों, जोनल और आदर्श अस्पतालों में स्टाफ की कमी को दूर किया जा रहा है। इसके अलावा उपकरणों की भी खरीद की जा रही है।
हिमाचल: पंचायती चुनाव को लेकर कैबिनेट में हो सकती है चर्चा, जनवरी में पूरा होगा कार्यकाल
हिमाचल प्रदेश में पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव तय समय से आगे टलने के मामले को लेकर कैबिनेट में चर्चा हो सकती है। पंचायतीराज विभाग की ओर से इस मामले को कैबिनेट में लाया जा रहा है। सरकार ने पहले ही आपदा प्रबंधन अधिनियम में पंचायतीराज संस्थाओं के चुनाव पूरे राज्य में उचित सड़क संपर्क बहाल होने के बाद ही करने के निर्देश दिए हैं। यह इसलिए ताकि आम जनता और मतदान कर्मियों को कोई असुविधा न हो। क्षतिग्रस्त सड़कों और सार्वजनिक, निजी संपत्ति की प्रतिकूल स्थिति को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है। मंत्रिमंडल में इसको लेकर सबकी राय ली जानी है। हालांकि, जिलों में अभी तक व्यवस्था पटरी पर नहीं लौट पाई है। अभी भी कई जिलों में सड़कें और पैदल चलने वाले रास्ते खराब हैं। हिमाचल में जनवरी 2026 में जिला परिषद, बीडीसी सदस्य, प्रधान, उपप्रधान और सदस्यों का कार्यकाल पूरा होना है। अगर चुनाव आगे टाले जाते हैं तो पंचायतों में प्रशासक की तैनाती करनी पड़ेगी। हिमाचल में मानसून के दौरान भारी बारिश ने क्षति पहुंचाई है। भारी बारिश के दौरान बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है। राज्य के विभिन्न हिस्सों में 47 बादल फटने, 98 बाढ़ और 148 बड़ी भूस्खलन की घटनाएं दर्ज की गईं। विभिन्न घटनाओं में 270 लोगों की जान चली गई। इस अवधि में सड़क दुर्घटनाओं में 198 लोगों की मौत हुई। कुल 1817 घर पूरी तरह से और 8323 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए। 2025 के मानसून के दौरान कुल 5,426 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। अभी भी बहुत नुकसान का आकलन और रिपोर्ट किया जाना बाकी है।
हिमाचल प्रदेश के ऊंचे इलाकों में बुधवार को प्रकृति का मनमोहक रूप देखने को मिला, जब अचानक मौसम ने पलटा खाया और बर्फबारी शुरू हो गई। अटल टनल रोहतांग के दोनों सिरों के साथ-साथ लाहौल और पांगी की घाटियां बर्फ की सफेद चादर से ढक गईं। कुल्लू में जहां झमाझम बारिश हुई, वहीं लाहौल में इस सीज़न का दूसरा बड़ा हिमपात हुआ राजधानी शिमला में दिन भर बादल छाए रहे। बर्फबारी के चलते एनएच-505 कोकसर से लोसर, एनएच तीन कोकसर से रोहतांग और सचे जोत मार्ग पर वाहनों की आवाजाही बंद हो गई है। वीरवार से प्रदेश में मौसम साफ बना रहने का पूर्वानुमान है। लाहौल की चंद्रा घाटी, रोहतांग दर्रा, बारालाचा, शिकुंला दर्रा, कुंजम दर्रा और अटल टनल का सौंदर्य बर्फबारी से कई गुना बढ़ गया है। रोहतांग दर्रा पर 15 सेंटीमीटर और बारालाचा, शिकुंला, कुंजम दर्रा पर भी 15 सेंटीमीटर तक ताज़ी बर्फ गिरी है। चंबा जिले में दोपहर बाद बारिश हुई, और पांगी की ऊंची चोटियों जैसे चस्क भटोरी, सुराल भटोरी और भरमौर की काली छौ, मणिमहेश में 7.62 सेंटीमीटर तक हिमपात दर्ज किया गया है। बारिश और बर्फबारी ने पूरे क्षेत्र में शीतलहर को बढ़ा दिया है। कांगड़ा में मंगलवार रात को गर्जन के साथ बारिश हुई, पर बुधवार को दिनभर धूप खिली रही। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार, गुरुवार 23 अक्तूबर से लेकर 27 अक्तूबर तक पूरे हिमाचल में मौसम साफ और शुष्क बने रहने की उम्मीद है। हालांकि, 27 अक्तूबर की रात से एक नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो सकता है, जिसके कारण राज्य में फिर से बारिश और बर्फबारी की संभावना है।
हिमाचल प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों ने बर्फ की सफेद चादर ओढ़ ली है। बुधवार तड़के जिला कुल्लू और जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति में मौसम ने करवट बदली। जिला कुल्लू में जहां झमाझम बारिश हुई तो वहीं लाहौल में इस सर्दी का दूसरा हिमपात हुआ है। चंद्रा घाटी बर्फ से सफेद हो गई हैं। इसके अलावा रोहतांग दर्रा, बारालाचा, शिकुंला दर्रा, कुंजम दर्रा, अटल टनल क्षेत्र ने भी बर्फ की चादर ओढ़ ली। बर्फबारी से घाटी के पर्यटन कारोबारी के चेहरे भी खिल गए हैं। राजधानी शिमला में बुधवार सुबह से धूप खिली हुई है। वहीं, बड़ा भंगाल से होली होते हुए कांगड़ा की ओर 600 भेड़-बकरियों के साथ जा रहे भेड़पालकों पर चंबा के जरासू जोत में बर्फ कहर बनकर गिरी। हिमस्खलन और ठंड से लगभग 250 भेड़-बकरियों की मौत हो गई। दो भेड़पालक भी लंबे समय तक बर्फ के संपर्क में रहने के कारण आइस बर्न का शिकार हुए हैं। ये भेड़पालक जिला कांगड़ा के ग्वालटिक्कर के रहने वाले हैं। घटना शुक्रवार की बताई जा रही है और शनिवार को चंबा जिले के न्याग्रां के पंचायत प्रतिनिधि को इसकी सूचना मिली। इसके बाद पंचायत प्रधान अशोक कुमार ने शनिवार सुबह ग्रामीणों की टीम रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने के लिए रवाना की। जरासू जोत तक पहुंचने के लिए धारड़ी नामक स्थान पर रावी का जलस्तर बढ़ा था। इसके बाद ग्रामीणों ने जान जोखिम में डालकर लकड़ी की पुलिया बनाकर नदी को पार किया। ग्रामीणों ने कड़ी मशक्कत के बाद घायल भेड़पालक कृष्ण कुमार और जोगेंद्र के साथ ही उनकी शेष भेड़-बकरियों को सुरक्षित निकाला। दो भेड़पालकों को होली अस्पताल में प्राथमिक उपचार देने के बाद टांडा मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया है, जहां उन्हें आइस बर्न और अन्य चोटों से राहत देने के लिए उपचार दिया जा रहा है।
हिमाचल प्रदेश में एक बार फिर मौसम ने करवट ली है, और इस बार पहाड़ों ने बर्फ की सफ़ेद चादर ओड़ ली है। मंगलवार की रात से ही राज्य के कई क्षेत्रों में बादलों की गड़गड़ाहट और बिजली की चमक के बीच वर्षा का सिलसिला शुरू हो गया। राज्य के प्रमुख पर्यटन स्थल कुल्लू और मनाली, साथ ही बर्फीले रेगिस्तान लाहौल-स्पीति और इसके आसपास के क्षेत्रों में मौसम बदलता नजर आया है। कुल्लू घाटी में देर रात हुई हल्की बौछारों ने मौसम को खुशनुमा बना दिया है, जिसके परिणामस्वरूप तापमान में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है। शिमला स्थित मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्वानुमान के अनुसार, 21 अक्टूबर को ही राज्य के अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बारिश और बर्फबारी की चेतावनी जारी कर दी गई थी। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि 22 और 23 अक्टूबर को भी हिमाचल के अलग-अलग हिस्सों में हल्की बरसात या हिमपात देखने को मिल सकता है। हालांकि, 24 अक्टूबर से मौसम के सामान्य होने की उम्मीद है। लाहौल-स्पीति, किन्नौर, चंबा और कुल्लू जिलों के ऊँचे पर्वतीय शिखरों पर हल्का हिमपात होने की पूरी संभावना है। दूसरी ओर, निचले और मध्यवर्ती क्षेत्रों जैसे कांगड़ा, मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर जिलों में बहुत हल्की फुहारें पड़ने के आसार हैं। राज्य के शेष मैदानी और निचले इलाकों में आसमान साफ रहने का अनुमान है। यह बदलाव एक संकेत है कि पर्यटक सीजन के लिए पहाड़ों ने अब सर्द मौसम का स्वागत करना शुरू कर दिया है।
बिहार : महागठबंधन ने उतारे 243 सीटों पर 254 उम्मीदवार, उतरे एक-दूसरे के खिलाफ, जानें क्या है पूरा मामला
बिहार विधानसभा चुनाव में 6 नवंबर को पहले फेज का (121 सीट) तथा 11 नवंबर दूसरे फेज का (122 सीट) मतदान होना है। इस बीच गठबंधन के भीतर सीट बंटवारे को लेकर काफी खींचतान व बगावत देखने को मिल रही है। गठबंधन ने 243 सीटों पर 254 उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं। गठबंधन में RJD ने 143 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि कांग्रेस ने 61, सीपीआई (एम) ने 20, सीपीआई ने 9, सीपीएम ने 6 तथा मुकेश सहनी की पार्टी ने 15 उम्मीदवार उतारे हैं। हालात ऐसी बन चुकी है कि NDA के खिलाफ चुनाव लड़ने की बातें कहने वाला महागठबंधन अब एक-दूसरे के खिलाफ ही उतर आए हैं। आपको बता दें कि 12 सीटों पर महागठबंधन के घटक दल-एक दूसरे के खिलाफ ही खड़े हो गए हैं। अब राजनीतिक गलियारे में इसकी चर्चा होनी शुरू हो गई है और कि कहां तो महागठबंधन NDA के खिलाफ चुनाव लड़ने की बातें कर रहा था पर अब ये एक-दूसरे के खिलाफ ही खड़े हैं। वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा ने महागठबंधन से किनारा कर लिया है। सीएम फेस भी तय नहीं NDA और महागठबंधन ने खुलकर सीएम फेस कि घोषणा नहीं की है। महागठबंधन में सीएम फेस को लेकर खींचतान जारी है। हालांकि NDA नेता कह चुके हैं कि चुनाव में एनडीए का नेतृत्व नीतीश कुमार ही करेंगे। इन 6 सीटों पर कांग्रेस-RJD आमने सामने सिकंदरा - उदय नारायण चौधरी RJD VS विनोद चौधरी कांग्रेस कहलगांव - रजनीश भारती RJD VS प्रवीण कुशवाहा कांग्रेस वैशाली - अजय कुशवाहा RJD VS संजीव कुमार कांग्रेस लालगंज - शिवानी शुक्ला RJD VS आदित्य कुमार कांग्रेस वारिसलीगंज- अनिता देवी RJD VS सतीश कुमार कांग्रेस सुल्तान गंज - चन्दन सिन्हा RJD VS ललन यादव कांग्रेस
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