मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य के सभी विधानसभा क्षेत्रों में एक-एक स्वास्थ्य संस्थान को आदर्श स्वास्थ्य संस्थान के रूप में विकसित करेगी। संजय अवस्थी आज सोलन ज़िला के अर्की विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत दावटी में आयोजित मेला समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। मेले का शुभारंभ गण देवता कोटला, मंढोड़ देवता कराड़ा एवं मंढोड़ देवता कोलका के आगमन व देव नृत्य के साथ हुआ। संजय अवस्थी ने इस अवसर पर देवताओं के समक्ष शीश नवाया और सभी की सुख-समृद्धि की कामना की। मुख्य संसदीय सचिव ने इस अवसर पर कहा कि सभी 68 विधानसभा क्षेत्रों में एक स्वास्थ्य संस्थान को आदर्श स्वास्थ्य संस्थान के रूप में विकसित करने से क्षेत्रवासियों को उनके घर-द्वार के समीप बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्राप्त होंगी। उन्होंने कहा कि इन आदर्श स्वास्थ्य संस्थानों में विभिन्न चिकित्सा विशेषज्ञों और अन्य पैरामेडिकल कर्मियों सहित 134 तरह की प्रयोगशाला जांच सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इन संस्थानों में आवश्यकतानुसार एमआरआई, सीटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड और डिजिटल एक्स-रे सुविधा भी उपलब्ध होगी। संजय अवस्थी ने क्षेत्रवासियों को ग्राम पंचायत दावटी में आयोजित 19वें मेले की बधाई देते हुए कहा कि प्रदेश और क्षेत्र की समृद्ध संस्कृति को सुरक्षित रखना हम सब का उत्तरदायित्व है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के बुजुर्गों को अपने परिवार के युवाओं के साथ-साथ अन्य युवाओं को अपनी संस्कृति, लोक कला, हस्तशिल्प और संस्कारों की जानकारी देनी होगी। उन्होंने कहा कि अपने क्षेत्र की संस्कृति और इतिहास की जानकारी बेहतर भविष्य के निर्माण में सहायक होती हैं। उन्होंने कहा कि अर्की विधानसभा क्षेत्र के योजनाबद्ध विकास के लिए कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा सुविधाएं मिले इसके लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। छात्रों की सुविधा के लिए राजकीय महाविद्यालय अर्की में इस सत्र से अंग्रेजी तथा इतिहास विषय में स्नातकोत्तर कक्षाएं आरम्भ होंगी। उन्होंने कहा कि गुणवत्तायुक्त शिक्षा के लिए प्रदेश के सभी विधानसभा क्षेत्रों में राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल आरम्भ किए जा रहे है जिसके तहत अर्की विधानसभा क्षेत्र में भी राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल आरम्भ करने के लिए भूमि का चयन किया जा चुका है।संजय अवस्थी ने कम वोल्टेज तथा पेयजल आपूर्ति की समस्याओं के निपटारे के लिए संबंधित अधिकारियों को उचित दिशा-निर्देश भी जारी किए। इस अवसर पर दावटी के शिवनगर में कुश्ती का भी शुभारंभ किया। संजय अवस्थी ने खांगड गांव में स्नानागृह निर्मित करने के लिए 1.5 लाख रुपये प्रदान करने की घोषणा की। उन्होंने सावग गांव में खेल मैदान निर्माण के लिए 50 हजार रुपये तथा दाती ब्राहमणा और दाती घमराडुआ सड़क के लिए 50-50 हजार रुपये देने की घोषणा की। उन्होंने रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाले विद्यार्थियों के लिए अपनी ऐच्छिक निधि से 2100 रुपये तथा मेला आयोजन समिति को 21 हजार रुपये देने की घोषणा भी की। इस अवसर पर राजकीय प्राथमिक पाठशाला दाती के तथा सरस्वती विद्या मंदिर शिवनगर के विद्यार्थियों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए।
शूलिनी यूनिवर्सिटी में बेलेट्रिस्टिक लिटरेचर सोसाइटी ने 'माउंटेन लिटरेचर: ए मल्टी-थमैटिक एनालिसिस एंड एक्सप्लोरेशन ऑफ एसआर हरनोट्स स्टोरीज' पर एक सत्र आयोजित किया। सत्र की वक्ता डॉ. अभियुदिता गौतम थीं, जिन्होंने पहाड़ों से प्रेरित साहित्य की जटिलताओं में तल्लीन होकर इस विधा की गहन खोज की पेशकश की। पर्वतीय साहित्य के क्षेत्र में एक मान्यता प्राप्त विशेषज्ञ डॉ. गौतम सत्र में ज्ञान और विशेषज्ञता की बात की। डॉ. पूर्णिमा बाली हेड चित्रकूट स्कूल ऑफ लिबरल आर्ट्स ने बेलेट्रिस्टिक का संक्षिप्त परिचय दिया और अतिथि का परिचय भी दिया। डॉ. गौतम ने माउंटेन लिटरेचर: ए मल्टी-थमैटिक एनालिसिस एंड एक्सप्लोरेशन ऑफ एसआर हरनोट्स स्टोरीज विषय पर अपने विचार और प्रश्न साझा किए। प्रो. नासिर देश प्रेमा ने भी इस बात पर जोर देकर चर्चा में योगदान दिया कि लेखक केवल घटनाओं के रिपोर्टर होने के बजाय कहानीकार हैं। डॉ. गौतम ने प्रत्येक प्रश्न का वाक्पटुता से जवाब दिया, जिससे सत्र की गहराई और प्रतिध्वनि में वृद्धि हुई। सत्र का समापन नीरज पिजार की टिप्पणियों के साथ हुआ, जिन्होंने धन्यवाद प्रस्ताव भी दिया। उन्होंने डॉ. गौतम, पैनलिस्टों और उपस्थित लोगों का ध्यानवाद किया।
राजस्व, बागवानी एवं जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी ने आज यहां किन्नौर जिला के आईटीडीपी भवन में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान रिकांगपिओ द्वारा आयोजित वार्षिक पारितोषिक वितरण समारोह में बतौर मुख्य अतिथि, अध्यक्षता करते हुए कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार पूरे प्रदेश सहित जनजातीय जिलों में शिक्षा के क्षेत्र में व्यवस्था परिवर्तन की दिशा में कार्य कर रही है, ताकि विद्यार्थी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त कर उत्कृष्ट बनें व देश सहित प्रदेश का नाम रोशन करें। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को अक्षर का ज्ञान प्रदान करने के साथ-साथ जीवन जीने का ज्ञान देना भी आवश्यक है ताकि वह समाज के प्रति एक जिम्मेदान नागरिक बन सकें। राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि राज्य सरकार ने अपने पहले ही बजट में शिक्षा में सुधार एवं आवश्यक अधोसरंचना का विस्तार करने के दृष्टिगत अहम कदम उठाए गए हैं जिसके तहत गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने के लिए एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जा रही है। इसके अतिरिक्त प्रदेश के युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयार के लिए आवश्यक पुस्तकों सहित पुस्तकालयों का निर्माण व नेशनल लाईब्रेरी का एक्सेस भी उपलब्ध करवाया जाएगा। जनजातीय मंत्री ने कहा कि शिक्षा में सुधार के लिए यह आवश्यक है कि अध्यापक रूचि लेकर विद्यार्थियों को गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने की दिशा में कार्य करें तभी विद्यार्थी उत्कृष्ट शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं जिसका उद्धारण है राजकीय प्राथमिक पाठशाला काफनू में विद्यार्थियों को प्रदान की जा रही गुणवत्तापूर्ण शिक्षा जो जिला ही नहीं अपितु पूरे प्रदेश के लिए एक उत्कृष्ट मॉडल है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने तथा सूचना संचार प्रोद्यौगिकी उपयोग करने के लिए प्रत्येक वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला में लाईब्रेरी की स्थापना की जाएगी। इसके अलावा 10 हजार मेधावी छात्रों को टेबलेट, 762 स्कूलों में आईसीटी योजना के तहत डिजिटल हार्डवेयर तथा सॉफटवेयर की व्यवस्था की जाएगी। स्पोटर्स होस्टल में रह रहे विद्यार्थियों की डाईट मनी को बढ़ाकर 240 रुपये प्रतिदिन किया जाएगा। समारोह की अध्यक्षता करते हुए राजस्व, बागवानी एवं जनजातीय विकास मंत्री ने जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान रिकांग पिओ के अध्यापकों को उत्कृष्ट कार्य करने के लिए उनकी प्रशंसा की तथा भविष्य में भी इसी प्रकार से विद्यार्थियों को उत्तम गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने की दिशा में कार्य करने को कहा। उन्होंने कहा कि अपने-अपने क्षेत्र में उत्तम कार्य करने के लिए उत्कृष्ट प्राध्यापक व अध्यापकों को सम्मानित किया जाएगा।
राजस्व, बागवानी एवं जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी ने आज जिला किन्नौर स्थित रिकांगपिओ में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के विभिन्न कार्यक्रमों के तहत किए जा रहे कार्यों की समीक्षा बैठक की। राजस्व मंत्री ने कहा कि पंचायती राज विभाग स्थानीय स्वशासन का स्तंभ है, जिसका कार्य विकास को जमीनी स्तर पर पहुंचाना और पंचायतों को सुदृढ़ करना है। उन्होंने कहा कि मनरेगा के तहत प्रत्येक घर को कम से कम 100 दिन का अकुशल रोजगार उपलब्ध करवाना है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार का लक्ष्य मनरेगा को निचले स्तर पर सफलतापूर्वक लागू करना है। मनरेगा के तहत 65 प्रतिशत कार्य प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन पर किया जाना चाहिए। इसके अलावा उन्होंने अधिकारियों को समय-समय पर कर्मचारियों को प्रशिक्षण प्रदान करने के निर्देश दिए। बैठक में अवगत करवाया गया कि जिला किन्नौर में मनरेगा के तहत 20 हजार 77 जॉब कार्ड होल्डर व 23 हजार 06 सक्रिय कर्मचारी हंै। वित्तीय वर्ष 2023-24 में जिला किन्नौर में अब तक 150.65 लाख रुपए वव्य किए जा चुके है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत व्यक्तिगत घरों में शौचालय, प्लास्टिक कचरा प्रबंधन इकाई, सोक पीट, इत्यादि निर्माण के कार्य किए जा रहे है। बैठक में बताया गया कि वर्ष 2021 में नव गठित ग्राम पंचायत चोरा, क्राबा, बड़ा-कंबा, यांगपा-2, युवारंगी, अक्पा, डबलिंग व चुलिंग में पंचायत भवनों का निर्माण किया जाएगा। इसके अतिरिक्त आसरंग, जंगी और स्पिलो में भी पंचायत भवन का निर्माण किया जाना है। बैठक की कार्रवाई परियोजना अधिकारी ग्रामीण विकास अभिकरण विजय ब्रागटा ने की। बैठक में उपायुक्त किन्नौर तोरुल एस रवीश, एसडीएम कल्पा डॉ. मेजर शशांक गुप्ता, खंड विकास अधिकारी निचार, पूह व कल्पा, पंचायत सचिव, विभाग के कनिष्ठ अधिकारी और अन्य कर्मचारी उपस्थित थे।
उत्तर भारत की दुर्गम महादेव श्रीखंड यात्रा इस बार 7 जुलाई 20 जुलाई तक चलेगी। सोमवार को हुई श्रीखंड महादेव ट्रस्ट की मीटिंग कुल्लू में आयोजित की गई, जिसमें श्रीखंड ट्रस्ट से जुड़े पदाधिकारी व सदस्यों ने बरसात के मौसम को देखते हुए इस बार जुलाई के एक सप्ताह पहले शुरू करने की बात रखी, जिसमें निर्णय लिया गया कि इस बार 7 जुलाई से 20 जुलाई तक आधिकारिक तौर पर श्रीखंड यात्रा चलेगी। इसमें प्रशासन द्वारा अधिकारिक तौर पर श्रद्धालुओं को उचित सुविधा मुहैया कराएगी। जिला उपायुक्त कुल्लू आशुतोष गर्ग की अध्यक्षता में हुई ट्रस्ट की बैठक में यात्रा की अवधि अवधि और प्रशासनिक तैयारियों से जुड़े अन्य कई बिंदु पर विस्तार से चर्चा की गई। ट्रस्ट के संस्थापक सदस्य बुद्धि सिंह ठाकुर और गोविंद प्रसाद शर्मा ने बताया कि 18,570 फीट की श्रीखंड महादेव यात्रा को बरसात होने से पहले ही यात्रा हो और यात्रा में श्रद्धालुओं को हर प्रकार की सुविधा मिले इसकी तैयारी ,सस्ते की मुरम्मत का कार्य यात्रा से एक 1 सप्ताह पहले संपन्न हो और अधिक से अधिक संख्या में देश और विदेश देश के श्रद्धालु इस यात्रा में पवित्र शिवलिंग के दर्शन कर सकें।
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने आज यहां जारी प्रेस वक्तव्य में कहा कि राज्य सरकार डिनोटिफाई किए गए उन स्कूलों की समीक्षा करेगी और पुनः खोलने पर विचार करेगी, जिनमें विद्यार्थियों की निर्धारित संख्या है। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग ने माध्यमिक विद्यालय के लिए 15, उच्च विद्यालय के लिए 20 तथा वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों के लिए 25 छात्रों की संख्या का विशिष्ट मानदंड निर्धारित किया है। उन्होंने कहा कि शीतकालीन अवकाश वाले विद्यालयों के लिए विद्यार्थियों के नामांकन की अंतिम तिथि 31 मार्च, 2023 तथा ग्रीष्मकालीन अवकाश वाले विद्यालयों के लिए 15 अप्रैल, 2023 निर्धारित की गई थी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने उक्त मानदंडों के आधार पर स्कूलों को डी-नोटिफाई करने का निर्णय लिया है, लेकिन राज्य सरकार के ध्यान में यह आया है कि कुछ स्कूलों में अब विद्यार्थियों की निर्धारित संख्या पूरी हो गई है इसलिए समीक्षा करने का निर्णय लिया गया है ताकि ऐसे स्कूलों को फिर से खोलने के लिए उचित निर्णय लिया जा सके। शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य के विद्यार्थियों को विशेष रूप से दूरस्थ और दूर-दराज के क्षेत्रों में उनके घरों के निकट गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि वित्तीय चुनौतियों के बावजूद अध्यापकों की कमी को पूरा करने के लिए प्रदेश सरकार ने शिक्षा विभाग में विभिन्न श्रेणियों के लगभग 6000 पदों को भरने का निर्णय लिया है, जो शिक्षण संस्थानों को मजबूत करने के लिए राज्य सरकार की सकारात्मक सोच को दर्शाता है। इसके अतिरिक्त पिछली भाजपा सरकार ने अपने कार्यकाल के अंतिम छह महीनों में बिना किसी बजट प्रावधान के स्कूल और अन्य संस्थान खोले व स्तरोन्नत किए। इन संस्थानों को जारी रखने के लिए प्रतिवर्ष 5000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त बजट की आवश्यकता होगी। रोहित ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार ने राज्य के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में चरणबद्ध तरीके से एक-एक राजीव गांधी डे-बोर्डिंग आदर्श विद्यालय खोलने का भी निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि इससे छात्रों को उनके गृह क्षेत्र में विश्व स्तर की शिक्षा प्राप्त होगी। उन्होंने कहा कि पहले चरण में 13 स्थानों की पहचान की जा चुकी है जिनमें शीघ्र ही निर्माण गतिविधियां शुरू कर दी जाएंगी। यह स्कूल आधुनिक सुविधा सम्पन्न हाई-टेक स्मार्ट क्लास रूम, खेल के मैदान आदि से सम्पन्न होंगे। इसके अलावा प्री-प्राईमरी और प्राथमिक स्तर के बच्चों को एक खेल मैदान की सुविधा प्रदान करी जाएगी, जहां वे खेल सकें। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य के युवाओं को विश्व स्तरीय शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है और इस दिशा में गंभीर प्रयास किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू 31 मई को कांगड़ा जिले के फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र के दौरे पर रहेंगे। यह जानकारी देते हुए एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री फतेहपुर में करोड़ों रुपये की विकास योजनाएं जनता को सौंपने के साथ साथ क्षेत्र में पर्यटन विकास गतिविधियों को गति देने की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थलों का दौरा भी करेंगे। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री 31 मई को प्रातः सवा 11 बजे फतेहपुर के रैहन पहुचेंगे तथा साढ़े 11 बजे सकरी पुल का लोकार्पण करेंगे। उसके उपरांत के हराचौक में पूर्व मंत्री स्व. सुजान सिंह पठानिया की प्रतिमा पर माल्यार्पण करेंगे। मुख्यमंत्री पौने 1 बजे रामलीला मैदान में जलशक्ति विभाग की विभिन्न परियोजनाओं का शिलान्यास करने के उपरांत विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे। उसके बाद वे फतेहपुर विश्राम गृह में जनसमस्याएं सुनेंगे। मुख्यमंत्री सायं 4 बजे पौंग डैम पहुंच कर महाराणा प्रताप की प्रतिमा पर माल्यार्पण करेंगे। वहां से वे रैनसर के लिए रवाना होंगे तथा बटरफ्लाई विहार का दौरा करेंगे। वे साढ़े 6 बजे पौंग डैम पहुंचने के बाद शराईं मंदिर में माथा टेेकेंगे तथा हिमाचल पंजाब लिंक ब्रिज साईट का दौरा करेंगे। उनका रात्रि ठहराव लोक निर्माण विभाग के विश्राम गृह में होगा। उनका पहली जून को प्रातः सवा 9 बजे शिमला प्रस्थान का कार्यक्रम है।
हिमाचल प्रदेश विद्युत बोर्ड से प्राप्त जानकारी के अनुसार आवश्यक रखरखाव के दृष्टिगत 2 जून को सोलन के विभिन्न क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति बाधित रहेगी। यह जानकारी अतिरिक्त अधीक्षण अभियंता सोलन राहुल वर्मा ने दी। राहुल वर्मा ने कहा कि 2 जून को प्रातः 11.00 से सांय 05.00 बजे तक चम्बाघाट चैक, फोरेस्ट कालोनी, बसाल मार्ग के कुछ हिस्से, कुलजा उद्योग, डीआईसी कालोनी, करोल विहार, एनआरसीएम, मोक्षधाम, बेर खास, फ्रेन्डज कालोनी, बेर गांव, बेर पानी, बेर की सेर, दामकड़ी, जौणाजी, सेर चिराग, कोटला मशीवर, दरयाग बुखार, रोमी बस्सी, हदेची, शेरपा रिसोर्ट, बालूघाटी, बायला, चंगेर, शिल्ली, फशकना, अश्वनी खड्ड, बजलोग, जल शक्ति विभाग की शिल्ली, अश्वनी खड्ड, रिधीधर, कनाह बजनाल योजना एवं आस-पास के क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति बाधित रहेगी। उन्होंने कहा कि मौसम खराब होने की स्थिति में अथवा किसी अन्य अपरिहार्य कारणों के दृष्टिगत निर्धारित तिथि व समय में बदलाव किया जा सकता है। उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों के उपभोक्ताओं से सहयोग की अपील की है।
सभी अधिकारी अपने-अपने विभागों में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल तथा उच्च न्यायालय के आदेशों की अनुपालना सुनिश्चित करें। धर्मशाला स्थित डीआरडीए सभागार में मंगलवार को राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के तहत कार्यों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए अतिरिक्त उपायुक्त सौरभ जस्सल ने यह बात कही। बैठक में जिला में एनजीटी के तहत गठित कमेटियों द्वारा किए गए कार्यों की समीक्षा की गई। एडीसी ने कहा कि एनजीटी के नियमों को लेकर सभी अधिकारी अपने-अपने विभाग के कार्यों के प्रति जिम्मेदार रहें तथा इसकी अनुपालना के लिए अपने-अपने क्षेत्रों में तेजी से कार्यों का निर्वहन करें। उन्होंने कहा कि पर्यावरण में स्वच्छता बनाए रखने के दृष्टिगत नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की ओर से सॉलिड वेस्ट, प्लास्टिक वेस्ट, बायो मेडिकल वेस्ट, ई-वेस्ट तथा कंस्ट्रक्शन वेस्ट आदि के प्रबंधन के लिए जो नियम बनाए गए है, उनका सफल तरीके से क्रियान्वयन विभाग सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि जिला के नदी-नालों में प्रदूषण, अवैध डंपिंग और अवैध खनन को रोकने के लिए आवश्यक कदमों को उठाते हुए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाए। उन्होंने कहा कि जिला के ग्रामीण क्षेत्रों में भी स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत ठोस एवं तरल कचरे का सही निष्पादन सुनिश्चित किया जा सकता है, इस दिशा में भी विभागों को कार्य करना चाहिए। बैठक में बायो मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट के तहत जिला में स्वास्थ्य सुविधाओं, जिला में बायो मेडिकल वेस्ट की मात्रा व उनका प्रबंधन, बायो मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट के लिए ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित करने आदि बिंदुओं पर विस्तार पूर्वक चर्चा की गई। इसके अलावा जिला में चल रहे सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की कार्यप्रणाली, निर्माणाधीन प्लांटों की प्रगति आदि बिंदुओं पर चर्चा की गई। सौरभ जस्सल ने कहा कि जिला पर्यावरण योजना में सामाजिक सहभागिता भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि विभागों तथा अधिकारियों को व्यक्तिगत तौर पर जिम्मेदारी लेकर आम लोगों को इससे जोड़ना चाहिए। उन्होंने आह्वान किया कि आम नागरिक जिले को स्वच्छ बनाने में सहयोग करें। बैठक में पर्यावरण संरक्षण से जुड़े अन्य मुद्दों पर भी विस्तार से चर्चा की गई। इस अवसर पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एसडीओ वरूण गुप्ता ने बैठक का संचालन किया तथा विभिन्न मुद्दों का विस्तृत ब्यौरा पेश किया।
कांगड़ा जिले में बाढ़ आपदा प्रबंधन पर एक मेगा मॉक अभ्यास किया जाने वाला है। इसमें 6 जून को टेबल टॉप अभ्यास होगा और 8 जून को जिले में चिन्हित जगहों पर बाढ़ से प्रतीकात्मक नुकसान मानकर बचाव-राहत कार्यों का मॉक अभ्यास किया जाएगा। इसे लेकर मंगलवार को एक कार्यशाला आयोजित की गई, जिसमें राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के पदाधिकारियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कांगड़ा जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण से जुड़े सभी अधिकारियों को मेगा मॉक अभ्यास को लेकर जानकारी दी। इस कार्यशाला में अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी रोहित राठौर तथा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हितेश लखनपाल सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे। जिलाधीश डॉ. निपुण जिंदल ने मेगा मॉक अभ्यास को लेकर बताया कि इसका मकसद बाढ़ जैसी स्थिति में जिला प्रशासन की आपातकालीन प्रतिक्रिया योजना और मानक संचालन प्रक्रियाओं का मूल्यांकन करना है। साथ ही विभिन्न विभागों के आपातकालीन सहायता कार्यों के बीच समन्वय बढ़ाने और विभिन्न हितधारकों की भूमिकाओं और जिम्मेदारियों से अवगत कराने पर फोकस किया जाएगा। जिलाधीश ने कहा कि मेगा मॉक अभ्यास के जरिये जिला प्रशासन लोगों को तो शिक्षित करेगा ही बाढ़ की स्थिति में आपदा प्रबंधन की अपनी तैयारियों की समीक्षा और कमियों का विश्लेषण भी करेगा। बाढ़ आपदा प्रबंधन पर नकली अभ्यास के दौरान बाढ़ के दौरान खोज और बचाव कार्यों का व्यावहारिक प्रदर्शन किया जाएगा। उन्होंने कहा यह मॉक अभ्यास वास्तविक आपात स्थिति की तरह ही किया जाएगा। इससे जिला आपदा प्रबंधन योजना के अलावा विभागों की अपनी आपदा प्रबंधन योजना की भी समीक्षा होगी। हमें अपनी कमियों का अंदाजा होगा, साथ ही तैयारियों में अंतर का भी पता चलेगा। संसाधनों के उपयोग और संचार आदि की कमियों तथा तैयारियों का भी पता चलेगा। इससे सीख लेकर जिला आपदा प्रबंधन योजना को और पुख्ता बनाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा मॉक अभ्यास के माध्यम से जिला में आपदा प्रबंधन की तैयारियों व क्षमताओं का गहन आकलन एवं विश्लेषण किया जाएगा। इस दिन जिले में बाढ़ से प्रतीकात्मक नुकसान मानकर मॉक अभ्यास किया जाएगा, जिसमें सेना, अर्धसैन्य बल, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल जैसी केंद्रीय एजेंसियों के अलावा जिला के आपदा प्रबंधन से जुड़े सभी विभागों के अधिकारी एवं कर्मचारी हिस्सा लेंगे।
खेल मंत्रालय भारत सरकार द्वारा खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम का आयोजन उत्तर प्रदेश के लखनऊ में किया जा रहा है। इसमें पूरे देश की 209 विश्वविद्यालयों के लगभग 4900 खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं, जिसमें हिमाचल प्रदेश से शिवम शर्मा ने पंद्रह सौ मीटर की दौड़ 3 मिनट 54 सेकंड में पूरी करके अखिल भारतीय स्तर पर सिल्वर मेडल हासिल करके हिमाचल प्रदेश का नाम रोशन किया है। शिवम शर्मा धर्मशाला महाविद्यालय के सेकंड ईयर के छात्र हैं तथा पंचरुखी क्षेत्र के गांव बियाडा के रहने वाले हैं। शिवम शर्मा को सिल्वर पदक मिलने की खबर मिलते ही पंचरुखी क्षेत्र में खुशी की लहर चल पड़ी। एक बार पुनः से शिवम के पिता मनोज शर्मा के घर बधाई देने बालों का तांता लगना शुरू हो गया। मनोज शर्मा ने कहां की शिवम ने इस वर्ष अखिल भारतीय स्तर पर 4 पदक जीत कर हिमाचल प्रदेश का नाम रोशन किया है। इसका श्रेय में शिवम की कड़ी मेहनत तथा शिवम के कोच विरेंदर कुमार तथा डॉ. नरेश मनकोटिया जी को देता हूं, क्योंकि इन्हीं के मार्गदर्शन के चलते शिवम आगे बढ़ रहा है। इस खुशी के अवसर पर किसान नेता मंजीत डोगरा ने शिवम के आवास पर जाकर के शिवम के माता-पिता तथा दादी को बधाई दी तथा शिवम के उज्जवल भविष्य की कामना की तथा कहा कि शिवम ना केवल इस क्षेत्र का, बल्कि पूरे हिमाचल प्रदेश का गौरव है तथा आज युवाओं के लिए एक प्रेरणा का स्त्रोत बना है।
प्रदेश में स्वास्थ्य संस्थानों को विश्वस्तरीय सुविधाओं से लैस करने के लिए सरकार चरणबद्ध तरीके से कार्य करेगी। प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार और नागरिकों को सुलभ और अत्याधुनिक व्यवस्थाएं उपलब्ध करवाने के लिए बजट में 3 हजार 139 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। जिला कांगड़ा के सिविल अस्पताल देहरा का दौरा कर स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल ने यह बात कही। उन्होंने देहरा अस्पताल का निरीक्षण कर यहां व्यवस्थाओं का जायजा लिया। स्वास्थ्य मंत्री ने इस मौके उपचाराधीन मरीजों से बात-चीत कर उनका कुशलक्षेम जाना। उन्होंने देहरा अस्पताल में सभी जरूरी सुविधाओं को उपलब्ध करवाने की प्रतिबद्धता जाहिर की। उन्होंने अस्पताल प्रशासन को निर्देश दिए कि लोगों के उपचार में आ रही दिक्कतों और समस्याओं का शीघ्र समाधान किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार लोगों को बेहतर, सुगम और अत्याधुनिक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए वचनबद्ध है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के कुशल नेतृत्व में प्रदेश सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़े बदलाव लाने के लिए कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सभी बड़े मेडिकल कॉलेज में रोबोटिक सर्जरी की सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए 100 करोड़ रूपये व्यय किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक स्वास्थ्य संस्थान को ‘आदर्श स्वास्थ्य संस्थान’ के रूप में विकसित किया जाएगा, जहां पर विशेषज्ञ डॉक्टरों सहित सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी। उन्होंने कहा कि सुक्खू सरकार सभी वर्गों के उत्थान के लिए कार्य कर रही ही। उन्होंने कहा कि आम जनमानस को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए सरकार प्रयासरत है। प्रदेश के स्वास्थ्य संस्थानों में मरीजों की सुविधा और बेहतर उपचार के लिये को निरंतर कार्य किया जा रहा है।
एनपीए को लेकर डॉक्टर्स रोजाना डेढ़ से दो घंटे की पेनडाउन स्ट्राइक कर रहे हैं, जिससे मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसी मसले पर दिल्ली से शिमला पहुंचे मुख्यमंंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल में ऐसा पहली बार हुआ है कि जिन डाक्टरों को एनपीए मिल रहा है, वे भी हड़ताल कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि एनपीए को बंद नहीं किया गया है, बल्कि विड्रॉ किया गया है। एक नियम है, जिसके अनुसार डेंटल डॉक्टर्स के इंटरव्यू होने हैं। उनका एक प्रतिनिधिमंडल हमसे मिला और कहा कि पिछले दो-तीन साल से पोस्टें नहीं निकल रही हैं। ऐसे में आप कृपा करके दंत चिकित्सकों की पोस्टें निकालें। इस दौरान एक मसला हमारे ध्यान मे आया कि डेंटल डॉक्टर्स, आयुर्वेदिक डॉक्टर्स, वैटरिनरी डॉक्टर्स और एलोपैथिक डॉक्टर्स हो गए, इन सभी को एनपीए मिलता था। डेंटल डॉक्टर्स के प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि उन्हें एनपीए की जरूरत नहीं है, आप सिर्फ पोस्टें निकाल दीजिए। इसके चलते एक नियम के तहत बदलाव किया गया, उसमें सभी डॉक्टर्स आ गए। अब हमने दंत चिकित्सकों की 38 पोस्टें निकाली हैं। उसी समय एक नियम आया जिसमें कहा गया कि जो डेंटल डाक्टरों के इंटरव्यू हैं, वे एनपीए नहीं लेना चाहते, उसी के तहत बदलाव किया गया। इसलिए डॉक्टर्स को इस नियम को समझना चाहिए था, हमसे बात करनी चाहिए थी। सीएम ने कहा कि जब एलोपेथिक डॉक्टर्स की पोस्टें निकलेंगी, तब जो एनपीएम विड्रॉ किया गया है, उस पर पुनर्विचार किया जा सकता है, लेकिन यह गलत बात है कि जिन डॉक्टर्स को एनपीए मिल रहा है, वे हड़ताल कर रहे हैं। जब नए डॉक्टर्स की रिक्रूटमेंट होगी, तब वो एनपीए की मांग करेंगे तो उस पर विचार किया जा सकता है। डॉक्टर्स से गुजारिश है, आप अपना काम कीजिए आपको एनपीए मिल रहा है।
न्यायमूर्ति एमएस रामचंद्रा राव हिमाचल हाई कोर्ट के नए मुख्य न्यायाधीश बन गए हैं। मंगलवार सुबह राजभवन में राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर और हाई कोर्ट के न्यायाधीशों सहित कई मंत्री एवं विधायक तथा गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। न्यायमूर्ति एमएस रामचंद्रा राव इससे पहले पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट में थे। शपथ के बाद हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश का पद संभालने पर मुख्यमंत्री ने उन्हें बधाई एवं शुभकामनाएं दीं। शपथ लेने के बाद न्यायमूर्ति रामचंद्र राव ने कहा कि लोगों को जल्द और सस्ता न्याय मिले इसके लिए काम किया जाएगा। जो मामले लंबित पड़े हैं, उनको जल्द निपटाने की दिशा में काम किया जाएगा।
भाजपा प्रदेश सह प्रभारी संजय टंडन का शिमला पीटरहॉफ पहुंचने पर भाजपा सह मीडिया प्रभारी करण नंदा, भाजपा सोशल मीडिया संयोजक पुनीत शर्मा, जिला महामंत्री अंजना शर्मा और भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा स्वागत किया गया। भाजपा सह प्रभारी संजय टंडन आज नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर एवं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल के साथ पीटरहॉफ शिमला में सोशल मीडिया पर प्रभावकारी व्यक्तियों की बैठक को संबोधित करेंगे।
मुख्य संसदीय सचिव (लोक निर्माण, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा सूचना एवं जन सम्पर्क) संजय अवस्थी 30 मई को अर्की विधानसभा क्षेत्र के प्रवास पर रहेंगे। अवस्थी विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत शेरपुर के दावटी में आयोजित मेले में मुख्यातिथि होंगे।
ज्वालामुखी थाना के तहत शहर में पहले एक निजी होटल को बंद करने व उसके बाद व्यक्ति के ऊपर पिस्तौल तानकर उसे धमकाने का मामला सामने आया है। राजेश गोस्वामी निवासी बोहन ने ज्वालामुखी पुलिस थाने में इसकी शिकायत दर्ज करवाई है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार शिकायतकर्ता का कहना है कि उसने ज्वालामुखी में एक व्यक्ति से वर्ष 2021 में एक होटल लीज पर लिया था और उसका किराया भी वह चुकाता रहा है। संबंधित होटल के मालिक से उन्होंने पर्यटन की एनओसी और अन्य दस्तावेज मांगे थे जो उनके द्वारा उन्हें नही दिए गए ऐसे में उन्होंने उसे बीते महीने का होटल का किराया नहीं दिया। शिकायतकर्ता राजेश का कहना है की उसके बाद बीती 26 मई को उक्त होटल का मालिक गलत तरीके से उनका होटल जो उन्होंने उससे ही लीज पर लिया था उसे बंद कर दिया। इसके बाद बीती रात को वे दोनों उसके होटल के ही कॉमलेक्स में मौजूद थे तो पिस्तौल तान कर उक्त व्यक्ति द्वारा उसे धमकाया गया। मामले की शिकायत लेकर ज्वालामुखी थाना में पहुंचे और उक्त व्यक्ति के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई गई। डीएसपी ज्वालामुखी ने मामले की पुष्टि की है।
फतेहपुर तहसील के तहत कस्बा राजा का तालाब में दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां पर मामा के लड़के का जन्मदिन मनाने गए युवक की सड़क हादसे मौत हो गई। युवक की पहचान शिवांग चौधरी पुत्र जीवन चौधरी निवासी खेहर पंचायत वार्ड नम्बर ढसोली में अपने मामा के लड़के का जन्मदिन मनाने गया था। वहां से वो सामान लेने स्कूटी पर निकला था कि राजा का तालाब -ज्वाली रोड पर एचआरटीसी बस की चपेट में आ गया। युवक की मौके पर ही मौत हो गई । घटना की जानकारी मिलते ही रैहन पुलिस की टीम घटनास्थल पर पहुंची व शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम को भेज दिया गया। खेहर पंचायत प्रधान पवन शर्मा उर्फ पप्पू ने बताया करीब 19 वर्षीय शिवांग अभी पढ़ाई कर रहा था और परिवार का इकलौता सहारा था। युवक के पिता दिहाड़ी मजदूरी कर परिवार का पालन पोषण करते है। उन्होंने लोगों व प्रशासन से पीड़ित परिवार की आर्थिक मदद को गुहार लगाई है।
उत्तरी भारत की प्रसिद्ध श्री मणिमहेश यात्रा की अग्रिम तैयारियों को लेकर लघु सचिवालय पट्टी के सभागार में उपमंडल स्तरीय बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी नरेंद्र कुमार चौहान ने की। बैठक में श्री मणिमहेश यात्रा में डल झील तक श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु उचित व्यवस्था को सुनिश्चित बनाए रखने के लिए विस्तार पूर्वक चर्चा की गई। अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी ने लोक निर्माण विभाग को राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच 154-ए चंबा-भरमौर पर खड़ामुख से आगे चिन्हित स्थानों पर डगें व क्रैश बैरियर लगाने के निर्देश जारी किए। उन्होंने संबंधित विभागों को जल्द से जल्द सुरक्षित यात्रा मार्ग, वाहनों को पास देने वाले स्थान, सड़क किनारे पार्किंग, स्वच्छ पेयजल व पैदल मार्गों के कार्य पूर्ण कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा उन्होंने यह भी निर्देश दिए की यात्रा से संबंधित तैयारियों के उचित प्रबंधों को जल्द से जल्द अमलीजामा पहनाया जाए। नरेंद्र चौहान ने पुलिस विभाग को पार्किंग सुविधा के लिए विशेष कार्य योजना बनाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि श्री मणिमहेश यात्रा के दौरान उचित पेयजल आपूर्ति बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाए। बैठक में उन्होंने शौचालय और साफ-सफाई की व्यवस्था बनाए रखने संबंधित विभाग को निर्देश दिए। इसके अतिरिक्त उन्होंने विद्युत विभाग को यात्रा के दौरान विद्युत आपूर्ति की उचित व्यवस्था करने को भी कहा। उन्होंने विभिन्न पंचायतों से आए प्रतिनिधियों, अधिकारियों व कर्मचारियों को श्री मणिमहेश यात्रा के सफल आयोजन के लिए सहयोग करने का भी आग्रह किया। इस अवसर पर एसडीएम भरमौर कुलबीर सिंह राणा, नायब तहसीलदार देवेंद्र गर्ग, जिला आयुष अधिकारी डॉ किरण शर्मा, अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग राजीव कुमार, सहायक निदेशक पशुपालन विभाग राकेश भंगालिया, खंड चिकित्सा अधिकारी अंकित शर्मा, आयुष विभाग सुखविंदर सिंह, कार्यवाहक खंड विकास अधिकारी गोपाल सिंह, प्रधान भरमौर अनिल, प्रधान सचुंई संजीव ठाकुर सहित विभिन्न विभागों से संबंधित अधिकारी व और गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
उपमंडल ज्वालामुखी के अंतर्गत होने वाली गाड़ियों की पासिंग व ड्राइविग टेस्ट का स्थान परिवर्तन किया गया है। अब तक गंजू का बाग में स्थित उपसब्जी मंडी के प्रांगण में ड्राइविंग टेस्ट वा गाडियों की पासिंग की जाती थी। उपमंडल अधिकारी ज्वालामुखी डॉ.संजीव कुमार शर्मा ने बताया कि गंजू का बाग ड्राइविंग टेस्ट व गाड़ियों की पासिंग के लिए पर्याप्त स्थान नहीं है। सड़क के किनारे पर गाड़ियों को खड़ा किया जाता था जिस से बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को वा स्थानीय लोगों को परेशानी होती थी। हर समय दुर्घटना होने का डर लगा रहता था। उपमंडल अधिकारी ज्वालामुखी काफी दिनों से ज्वालामुखी के नजदीक स्थान देख रहे थे तो उन को चंबापतन मार्ग पर प्रस्तावित आउटडोर स्टेडियम खोलिया दरंग में उचित स्थान मिला। एसडीएम ने लोगों से आग्रह किया है कि अब अपनी गाड़ियों की पासिंग वा ड्राइविग टेस्ट के लिए उक्त स्थान पर आए। 31 मई को होने बाली गाड़ियों की पासिंग अब खोलिया दरंग चंबापतन मार्ग में प्रस्तावित आउटडोर स्टेडियम में होगी।
पुलिस थाना खुंडिया के अंतर्गत पड़ने वाले एक क्षेत्र की रहने वाली नाबालिग द्वारा गलती से जहरीले पदार्थ का सेवन करने का मामला सामने आया है। युवती की तबीयत बिगड़ने पर उसके परिजनों द्वारा उसे इलाज के लिए ज्वालामुखी अस्पताल ले जाया गया, जहां मौजूद डॉक्टर ने उसकी बिगड़ती हालत को देखते हुए टांडा मैडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। बताया जा रहा है की युवती ने स्कूल से आने के बाद गलती से किसी जहरीले पदार्थ का सेवन कर लिया था। उसके बाद उसकी तबीयत बिगड़ने पर उसके परिजनों को इस बात की भनक लगी। मामले की पुष्टि डीएसपी ज्वालामुखी विकास धीमान ने की है।
ज्वालामुखी के विधायक संजय रत्न ने सोमवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का नादौन के अमतर से सुधंदल व बड़ा के सथोड़ा पतन से पुल की स्वीकृति के लिए आभार व्यक्त किया है। संजय रत्न ने कहा कि हाल ही में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखु का नादौन विधानसभा क्षेत्र में दौरा था। इस दौरान उन्होंने इन पुल निर्माण की मांग की मुख्यमंत्री महोदय से की थी जिसकी स्वीकृति अब मिल गयी है। जल्द ही करोड़ो रुपये की लागत से इन पुलों का निर्माण कार्य शुरू होगा। आपको बता दें यह दोनों पुल के निर्माण से आपस में सटी ज्वालामुखी व नादौन विधानसभा क्षेत्रों को फायदा होगा,दोनो विधानसभा क्षेत्र के स्थानीय लोगो को आगमन के लिए दूरियां कम होंगी। बता दें 2012 में विधायक संजय रत्न ने सुधंगल पुल की प्रपोज़ल रखी थी उसके बाद इसका हाइड्रोलिक डाटा भी तैयार कर लिया था परंतु उसके बाद दूसरी सरकार आने की वजह से किसी ने इस प्लैन पर गौर नहीं कि अब सुखु सरकार ने इसकी स्वीकृति दी है जिससे क्षेत्र में खुशी की लहर दौड़ उठी है। ज्वालामुखी के विधायक संजय रत्न ने मुख्यमंत्री का इस बाबत आभार व्यक्त किया है।
बाल विकास परियोजना प्रागपुर के तहत राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला चनौर में “ विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस ” के अंतर्गत खंड स्तरीय जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम प्रधानाचार्य सुशील कुमार राजियल की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। शिविर में आयुष विभाग से डॉ. रुचि तथा स्वास्थ्य विभाग से डॉ. हिना शर्मा बतौर रीसोर्स पर्सन उपास्थित हुए। उन्होंने बच्चों को विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस के बारे मे जानकारी दी तथा बच्चियों को उनके खाने-पीने तथा महामारी के दिनों में किस चीज का ध्यान रखना चाहिए उसके बारे में अवगत करवाया। उन्होंने पोषण के ऊपर जोर देते हुए बच्चों को समझाया कि अगर हमारा खान-पान सही रहेगा तो बच्चों में एनीमिया की कमी दूर होगी। बाल विकास परियोजना अधिकारी अनिल कुमार ने कहा कि सुदृढ़ नींव के लिए उचित पोषण आवश्यक होता है। कुपोषण मुक्त भारत की परिकल्पना साकार करने के लिए सभी तक उचित पोषण पहुंचाना आवश्यक है। इस दिशा में महिला एवं बाल विकास के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की भूमिका अहम है। पोषण अभियान का मूल उद्देश्य किशोर, किशोरी, गर्भवती एवं धात्री महिलाओं को निर्धारित पोषण के विषय में जागरूक बनाना तथा उन्हें उचित पोषण उपलब्ध करवाना है। कुपोषण से लक्षित वर्गों को बचाने के लिए हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी महिला एवं बाल विकास द्वारा आंगनवाड़ी स्तर, पर्यवेक्षक वृत्त स्तर तथा परियोजना स्तर पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं जिनके माध्यम से लक्षित वर्गों को पौष्टिक आहार के संबंध में विस्तृत जानकारी दी जा रही है । सुशील कुमार, प्रधानाचार्य स्कूल चन्नौर ने अपने संबोधन में कहा कि इन कार्यक्रमों की सफलता के लिए जहां जन जन का सहयोग आवश्यक है वहीं जनप्रतिनिधियों, स्कूल प्रबंधन समितियों, सरकारी विभागों, सामाजिक संगठनों तथा समस्त सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र की समावेशी भागीदारी अपेक्षित है। जागरूकता शिविर में बच्चों के लिए क्विज क्म्पीटीशन , स्लोगन राइटिंग तथा रोल प्ले का भी आयोजन किया गया। क्विज प्रतियोगिता में प्रथम स्थान मलिका व पल्लवी , दूसरा स्थान साक्षी व आकृति तथा तीसरा स्थान दिव्यांशी व सेजल ने प्राप्त किया। पेंटिंग प्रतियोगिता में प्रथम स्थान अनुशिका कक्षा +2, दूसरा स्थान ईशा कक्षा +1 तथा तीसरा स्थान साक्षी कक्षा +1 ने प्राप्त किया। रोल प्ले में गार्गी व टीम, निकिता, रिधिमा व टीम ने प्रतिभागियों को जागरूक किया। इस अवसर पर पर्यवेक्षक संदीप कुमार, अजय कुमार, नीलम धीमान, सुषमा देवी, कमलेश कुमारी व रीता देवी, पोषण ब्लॉक कोऑर्डिनेटर राकेश चंद , आंगनबाड़ी कार्यकर्ता रजनी, रीनू, साक्षी आदि, आशा कार्यकर्ता व अन्य उपस्थित रहे।
करीब 2 महीने पहले एक पत्रकार अजय शर्मा का फोन कहीं रास्ते में गुम हो गया था। पत्रकार ने फोन के गुम होने की शिकायत इंदौरा थाना में दर्ज करवाई। थाना इंदौरा पुलिस ने आईएमआई नंबर को ट्रेस पर लगा दिया और उक्त फोन जो इंदौरा में गुम हुआ था, उसकी लोकेशन मध्यप्रदेश में मिली और उस फोन में जैसे ही दूसरी सिम को डाला गया उक्त आदमी को पुलिस ने फोन कर फोन वापिस करने की बात कही और वह आदमी मध्यप्रदेश से फोन को वापिस थाना में इंदौरा जमा करवा गया। वहीं पत्रकार अजय शर्मा ने हवलदार दविंद्र सिंह की तारीफ करते हुए कहा कि दविंद्र का फोन ढूंढने में अहम रोल रहा है। थाना के कर्मचारियों का बहुत बहुत आभार जो आम इंसान का हर गांव पहल के तौर पर करते हैं।
डाडासीबा पंचायत के वार्ड नंबर एक में रविवार शाम 8 बजे के करीब रिहायशी इलाके में बेख़ौफ़ घूम रहे तेंदुए से लोगों में खौफ का माहौल है। लोग डरे और सहमे हुए हैं। तेंदुए को खेतोंके करीब हर कोई देखकर सहम गया है। स्थानीय लोगों ने बताया वे सुबह-शाम सैर पर जाया करते थे, लेकिन इस तेंदुए ने सैर पर जाने से भी डरने लगे हैं। छोटे-छोटे बच्चों को स्कूल छोड़ने जाना पड़ता है। हर समय तेंदुए का डर रहता है। पूरे डाडासीबा में दहशत का महौल बना हुआ है। वहीं स्थानीय निवासी सुदर्शन कुमार का कहना है दिन-दिहाडे तेंदुआ रिहायशी इलाके में घूम रहा है। यह किसी ग्रामीण पर भी हमला बोल सकता है। उन्होंने वन विभाग से अनुरोध किया है कि इस तेंदुए को पकड़ कर कहीं भेजा जाए। डाडासीबा के पंचायत उप प्रधान परमेश्वरी दास ने प्रशासन से जल्द से जल्द तेंदुए को पकडऩे की मांग की है, ताकि यह तेंदुआ लोगों को नुकसान ना पहुंचाये। क्या कहते हैं अधिकारी इस संबंध के वन परिक्षेत्र अधिकारी डाडासीबा नरेंद्र सिंह से बात की गई उन्होंने बताया वर्ल्ड लाइफ बिंग टीम को अवगत करवाया गया तेंदुए को पकड़ने के लिए टीम भेजी जाए।
शिमला जिले के उपमंडल रोहड़ू में एक शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। कोर्ट रोड रोहड़ू में उपमंडल कार्यालय के समीप डाकघर के गेट पर सोमवार सुबह कूड़े में नवजात बच्चे का शव मिला है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर मामला दर्ज कर लिया है। नवजात बच्चे के शव को पोस्टमार्टम के लिए आईजीएमसी शिमला भेज दिया गया है। सोमवार सुबह करीब 7 बजे सैर करते वक्त एक स्थानीय व्यक्ति की नजर कूड़े के बीच पड़े नवजात के शव पर पड़ी। उसने तुरंत इसकी सूचना पुलिस को दी।
जिला रेडक्रॉस सोसायटी कांगड़ा ने जयसिंहपुर विधानसभा क्षेत्र के तलवाड़ में नि:शुल्क एकीकृत चिकित्सा शिविर का आयोजन किया। गवर्नमेंट पॉलीटेक्निक कॉलेज तलवाड़ में आयोजित शिविर का शुभारंभ विधायक यादविंद्र गोमा ने किया। जिला रेडक्रॉस सोसायटी के अध्यक्ष एवं जिलाधीश डॉ. निपुण जिंदल इस अवसर पर विशेष रूप से उपस्थित रहे। इस शिविर में करीब 700 लोगों ने विभिन्न सुविधाओं का लाभ लिया। जयसिंहपुर के विधायक यादविंद्र गोमा ने सभी को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि रेडक्रॉस का सेवाभाव सबके लिए अनुकरणीय है। उन्होंने कहा कि रेडक्रॉस पूरे विश्व में पीडि़त मानवता की सेवा व सहायता की प्रतीक है। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि ऐसी योजनाओं का हमें भरपूर फायदा उठाना चाहिए तथा बस चढ़कर इसमें हिस्सा लेने चाहिए। उन्होंने कहा की ऐसी योजनाओं के बारे में पंचायत स्तर तक जागरूकता होनी चाहिए। उन्होंने लोगों को डे बोर्डिंग स्कूल जोकि जयसिंहपुर विधानसभा क्षेत्र में झुंगादेवी पुल के पास स्थापित किया जाएगा। इस मौके जिलाधीश एवं अध्यक्ष रेडक्रॉस सोसायटी कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल ने लोगों से रेडक्रॉस गतिविधियों के लिए दिल खोलकर दान देने की अपील की। उन्होंने कहा की ऐसे शिविरों में सभी विभागों की सहभागिता सुनिश्चित की गई ताकि आमजन को सरकारी योजनाओं की जानकारी और लाभ मिल सके। डॉ. वंदना भारद्वाज ने नशामुक्त हिमाचल बनाने को लेकर अपने व्याख्यान से लोगों को जागरूक किया। वहीं, सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग धर्मशाला के कलाकारों , स्कूली बच्चों तथा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने गीत संगीत के माध्यम से सरकार की कल्याणकारी नीतियों एवं कार्यक्रमों को लोगों तक पहुंचाया। शिविर में रक्तदान, चिकित्सा जांच, आयुष विभाग द्वारा चिकित्सा जांच, महिला रोग जांच, दिव्यांग शिविर, दिव्यांगजनों के सहायतार्थ सहायक उपकरणों का वितरण तथा निशुल्क दवाईयां भी वितरित की गईं। पंजीकृत दिव्यांगजनों को निशुल्क सहायक उपकरण वितरण किए गए। शिविर में लोगों की जानकारी के लिए जागरूकता अभियान, स्वास्थ्य, आयुष, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता, आरसेटी, उद्योग इत्यादि विभागों ने अपने विभाग से सम्बंधित तथा विभिन्न स्वयं सहायता समूहों ने अपनी-अपनी गतिविधियों के स्टॉल लगाए। इस दौरान शिविर में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा 215 और आयुष विभाग द्वारा 165 लोगों की स्वास्थ्य जांच की गई। इस दौरान आयोजित रक्तदान शिविर में 50 लोगों ने रक्तदान किया। मेडिकल दिव्यांगता बोर्ड ने 100 लोगों की जांच की। इसके अलावा 20 लाभार्थियों को स्वच्छता किट, 10 को रसोई बर्तन सेट, 17 लोगों को दिव्यांगता सहायक उपकरण इनमें 12 को व्हील चेयर, 3 को श्रवण यंत्र तथा 2 सीपी चेयर व रोलेटर एवं अन्य सहायक उपकरण भेंट किए गए। प्रधानमंत्री किसान निधि में 4 लोगो ने पंजीकृत करवाया। इस अवसर पर एडीसी सौरभ जस्सल, एसडीएम सलीम आजम, रेडक्रॉस सोसायटी के सचिव ओपी शर्मा, डीपीओ अशोक शर्मा, जिला कल्याण अधिकारी नरेन्द्र जरयाल, बीडीओ सिकंदर कुमार, अतिरिक्त उपायुक्त सौरभ जस्सल, सीडीपीओ रोहित ठाकुर,तहसीलदार अभिषेक भास्कर, के एल कपूर, अशोक शर्मा, राजेश कुमार, ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष जसवंत धडवाल,परवीन मल्होत्रा, बिनता ठाकुर, सुनील राणा, केसर कटोच, विजय राणा, रमेश राणा, जन्म चंद कटोच, विभिन्न पंचायतों के प्रधान, उपप्रधान, बीडीसी सदस्य, विभिन्न विभागों के अधिकारी तथा चंगर क्षेत्र की विभिन्न पंचायतों के सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।
उप मुख्यमंत्री ने सोमवार को जिला ऊना के विभिन्न सहकारी समितियों के पदाधिकारियों व सचिवों के साथ बैठक की।इस दौरान सचिवों ने विभाग मिलने पर मुकेश अग्निहोत्री को बधाई दी। इस दौरान मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि सहकारिता विभाग को जन आंदोलन हिमाचल में बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि सहकारिता हिमाचल की शान है, जिला ऊना से सहकारिता का आंदोलन शुरू हुआ जो विश्व भर में फैला है। उन्होंने कहा कि किन्हीं कारणों से सहकारिता के क्षेत्र में कमियां हैं, उन कमियों को दूर करना होगा, सुधार की हर गुंजाइश को करते हुए आगे बढ़ना होगा ।उन्होंने कहा कि सहकारिता प्रदेश का अव्वल विभाग बने इसके लिए काम करने के लिए दिन-रात एक की जाएगी। उन्होंने कहा कि मेरे पास अन्य विभाग हैं उन विभागों में बेहतर काम करने का हम प्रयास कर रहे हैं, लेकिन सहकारिता विभाग आम जनता के साथ जुड़ा हुआ है, गांव के साथ जुड़ा हुआ है ,इस विभाग को बेहतर रूप से आगे बढ़ाना पहल है और इसके लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि जिला में मियां हीरा सिंह सहकारिता प्रबंधन व ट्रेनिंग सेंटर का निर्माण किया जाएगा ताकि सहकारिता के क्षेत्र में कार्यरत सचिव ,कर्मचारी निपुण हो सके ,अन्य राज्यों से भी प्रशिक्षण के लिए सहकारिता से जुड़े लोग यहाँ आये। उन्होंने कहा कि सहकारिता ऐसा विभाग है जिसके माध्यम से हम प्रदेश में क्रांतिकारी कदम उठा सकते हैं। उन्होंने कहा कि सहकारिता के क्षेत्र की विश्वसनीयता कायम करना हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि सहकारिता वित्त से जुड़ा हुआ मसला है इसलिए जहां फाइनेंशियल मैटर जुड़ा है वहां धांधली व भ्रष्टाचार की कोई जगह नहीं है ।उन्होंने कहा कि हमें भ्रष्टाचार मुक्त विभाग को बनाना है। धांधली मुक्त बनाना है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में करीब 5000 सोसाइटी में कार्यरत हैं, करोड़ों रुपए का कारोबार होता है ,हमारे पास सहकारिता के बैंक हैं। उन्होंने कहा कि हम लोगों के जीवन में परिवर्तन लाने का काम करें, लेकिन किसी भी स्तर पर घपला ना हो यह सरकारी समितियों को, कर्मचारियों को विभाग को नजर रखनी होगी। उन्होंने कहा कि सभी को मेरा कड़ा संदेश है कि सहकारिता विभाग में किसी भी प्रकार की वित्तीय अनियमितता सहन नहीं की जाएगी । उन्होंने कहा कि सहकारिता विभाग में जो परिवर्तन किए जाने हैं,जो भी बेहतर करना है उसे हम करेंगे, लेकिन कहीं भी लापरवाही सहन नहीं होगी। उन्होंने कहा कि सहकारिता के क्षेत्र में कार्यरत सोसाइटीओं के पास कितना लैंड बैंक है इसकी डिटेल बनाई जानी चाहिए। ताकि आने वाले समय में सहकारिता के क्षेत्र में और बेहतर काम किया जा सके। उन्होंने कहा कि हरोली विधानसभा क्षेत्र में हिम्केप्स संस्थान सहकारिता के क्षेत्र का एक आदर्श संस्थान है, जो बेहतरीन काम कर रहा है ,रोजगार उन्मुख शिक्षा दे रहा है, सहकारिता के क्षेत्र में रोजगार प्रदान कर रहा है । उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से यह संस्थान अपने आप में देश का एक बेहतरीन संस्थान है, जिसे देशभर से लोग देखने आते हैं। उन्होंने कहा कि इसका श्रेय सहकारी समितियों को जाता है ,जिन्होंने इसका वित्त पोषण किया और आज एक बहुत बड़े भूभाग के साथ बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ यह संस्थान हिमाचल का आदर्श संस्थान बना है। उन्होंने कहा कि मुझे गर्व है कि समय-समय पर इस संस्थान की बेहतरी के लिए काम करने का अवसर मुझे मिला है। उन्होंने कहा कि जब भी सस्थान की ओर से कोई भी काम बताया गया मैंने तुरंत किया है। उन्होंने कहा कि इस संस्थान को और विस्तार देने का प्रयास किया जाना चाहिए।
मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी ने कहा कि प्रदेश सरकार का प्रयास है कि युवाओं को बेहतर रोज़गार मिले, गांव-गांव सड़क से जुड़ें और सभी स्वास्थ्य संस्थानों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हों। संजय अवस्थी आज सोलन ज़िला के अर्की विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत दानोघाट में आयोजित मेला समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने सभी को मेले की बधाई देते हुए आशा जताई कि हमारे मेले एवं त्योहार प्रदेश की समृद्धि संस्कृति को संजोए रखने में सहायक बनेंगे। मेले का शुभारंभ क्षेत्र के चार देवताओं के मिलन और देव नृत्य के साथ हुआ। कुरगण प्रकाश देवता (मंडोढ़) कोलका, मांगू, कराड़ा, व संघोई देव का मिलन मेले का आकर्षण रहा। संजय अवस्थी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने चुनाव से पूर्व 10 गारंटियों के माध्यम से आमजन को आश्वस्त करने का प्रयास किया था कि कांग्रेस पार्टी की सरकार जन-जन के विकास में विश्वास रखती है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने लगभग 1.70 लाख कर्मचारियों को पुरानी पेंशन प्रदान करने का निर्णय कर इन कर्मचारियों और उनके परिजनों को बुढ़ापे का सहारा प्रदान किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार यह सुनिश्चित बनाएगी कि विभिन्न योजनाओं के माध्यम से लक्षित वर्गों को समयबद्ध लाभ मिलें। मुख्य संसदीय सचिव ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की स्पष्ट सोच है कि प्रदेश के सभी युवाओं को बेहतर गुणवत्तायुक्त शिक्षा प्राप्त हो। इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए प्रदेश के सभी 68 विधानसभा क्षेत्रों में स्थापित होने वाले राजीव गांधी डे-बोर्डिंग विद्यालयों में श्रेष्ठ शिक्षा प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा स्तर पर न केवल रोज़गारान्मुखी पाठ्यक्रम आरम्भ किए जा रहे हैं अपितु विभिन्न महाविद्यालयों में आवश्यकतानुसार स्नातकोत्तर स्तर की कक्षाएं भी शुरू की जा रही हैं। इसी शैक्षणिक स्तर से राजकीय महाविद्यालय अर्की में अंग्रेजी और इतिहास विषयों में स्नातकोत्तर कक्षाएं आरम्भ हो जाएंगी। उन्होंने इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाले बच्चों को अपनी ऐच्छिक निधि से 2100 रुपये तथा मेला आयोजन समिति को 21 हजार रुपये प्रदान करने की घोषणा की। उन्होंने महिला मंडल सेर गलोटिया को समान इत्यादि क्रय करने के लिए 11 हजार रुपये प्रदान करने की घोषणा भी की। उन्होंने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला दानोघाट के प्रवेश द्वार के लिए 1.50 लाख रुपये तथा ग्राम पंचायत दानोघाट में आवश्यकतानुसार इंटरलाॅकिंग टाईल्स लगाने के लिए 3 लाख रुपये प्रदान करने की घोषणा की। उन्होंने अन्य विभिन्न मांगों को समयबद्ध आधार पर पूरा करने के विभिन्न विभागों को निर्देश दिए।
हिमाचल प्रदेश के सोलन की रहने वाली विश्व प्रसिद्ध पर्वतारोही बलजीत कौर को राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज राजभवन में सम्मानित किया। उन्होंने पर्वतारोहण के क्षेत्र में उनकी असाधारण उपलब्धियों और जुनून की सराहना की। इस मौके पर बलजीत कौर की मां शांति देवी भी मौजूद थीं। राज्यपाल ने कहा कि यह राज्य के लिए गर्व की बात है कि बलजीत कौर ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर भारतीय तिरंगा फहराया है। उन्होंने एक महीने से भी कम समय में एवरेस्ट सहित आठ हजार मीटर से अधिक ऊंची पांच पर्वत चोटियों पर चढ़कर अपनी प्रतिभा साबित की है जो अन्य साहसिक उत्साही लोगों के लिए प्रेरणादायी थी। इस अवसर पर बलजीत कौर ने राज्यपाल के साथ अपने अभियान के अनुभवों को साझा किया। उसने कहा कि अन्नपूर्णा दुनिया की 10वीं सबसे ऊंची चोटी थी और उसने बिना ऑक्सीजन के समर्थन के इसे फतह कर लिया। उन्होंने इस दौरान हुई पूरी घटना से राज्यपाल को अवगत कराया। उन्होंने अस्पताल में फोन पर उनका हालचाल पूछने के लिए राज्यपाल का आभार व्यक्त किया।
राजस्व, बागवानी एवं जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि वर्तमान हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार प्रदेश को पूर्व सरकार द्वारा विरासत में दिए गए कर्ज व आर्थिक संकट से उभारने के लिए दिन-रात तत्परता से कार्य कर रही है। ऐसे में यह आवश्यक है कि प्रदेश के अधिकारी व कर्मचारी सत्यनिष्ठा व ईमानदारी से इस कार्य में अपना पूर्ण सहयोग प्रदान करें। हिमाचल सरकार में केबिनेट मंत्री जगत सिंह नेगी आज किन्नौर जिला के रिकांगपिओ स्थित आईटीडीपी भवन में परियोजना सलाहाकार समिति की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने इस दौरान जिला के अधिकारियों व कर्मचारियों को प्रदेश सरकार द्वारा आम जनता के लिए चलाई जा रही विभिन्न जन-कल्याणकारी नीतियों व योजनाओं के साथ-साथ जिला में चल रहे विभिन्न विकासात्मक कार्यों में शीघ्रता लाने के आदेश दिए ताकि जिला के प्रत्येक पात्र व्यक्ति को इन योजनाओं का लाभ प्राप्त हो सके व साथ ही जिला का समग्र विकास सुनिश्चित हो सके। राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों को लंबित पड़े विकासात्मक कार्यों की सूचि तैयार कर शीघ्र डीपीआर पस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिला में चल रहे निर्माण कार्यों की गुणवत्ता के मामले पर किसी भी प्रकार की कोताही स्वीकार्य नहीं होगी। उन्होंने विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न जनकल्याणकारी नीतियों व योजनाओं का प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करने को कहा ताकि आम लोगों तक इन योजनाओं की जानकारी पहुंच सके व जिला के लोग लाभान्वित हो सके। उन्होंने सभी अधिकारियों को जिला मे होने वाली ग्राम सभाओं में उपस्थित होने के निर्देश दिए। राजस्व, बागवानी एवं जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी ने लोक निर्माण विभाग किन्नौर के अधिकारियों को जिला में लंबित पड़े सड़कों, पुलों, भवनों इत्यादि के कार्य में शीघ्रता लाने के आदेश दिए। उन्होंने एकलव्य माॅडल स्कूल निचार के होस्टल निर्माण के कार्य को जल्द पूरा करने के आदेश दिए। इसके अलावा उन्होंने जिला के मूरंग, कानम, लाबरंग, ज्ञाबुंग, रोपा व नेसंग इत्यादि बाढ़ संभावित क्षेत्रों के सड़क किनारे क्रेट वाॅल लगाने के आदेश दिए। उन्होंने टापरी में गर्म पानी के चश्में किनारे हो रहे भू-स्खलन को रोकने के लिए उचित प्रबंध करने के निर्देश दिए। उन्होंने भावानगर बस स्टैंड में रिटेनिंग वाॅल के कार्य को दिसंबर 2023 तक पूर्ण करने व एक सामुदायिक भवन का निर्माण करने के आदेश दिए। उन्होंने जल शक्ति विभाग किन्नौर के अधिकारियों को पानी के स्टारेज टैंकों की नियमित रूप से साफ-सफाई करने के आदेश दिए तथा यदि आवश्यक हो तो स्टारेज टैंको की स्टोरेज कैपेस्टी को बढ़ाने के भी निदेश दिए।
हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिला की शिवालिक पहाड़ियों की आद्रभूमि में मानव निर्मित पौंग बांध जलाशय प्रवासी पक्षियों, विशेष रूप से साइबेरियाई क्रेन और रूस एवं ट्रांस अंटार्कटिक क्षेत्रों से सैकड़ों प्रजातियों की निवास स्थली के रूप में प्रसिद्ध है। प्रदेश सरकार इसे पर्यटकों की पसंदीदा सैरगाह के रूप में विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह महाराणा प्रताप सागर के नाम से भी विख्यात है। यह वन्यजीव अभयारण्य, रामसर कन्वेंशन द्वारा घोषित 25 अंतर्राष्ट्रीय आर्द्रभूमि स्थलों में से एक है। पौंग बांध झील को नवंबर, 2002 में राष्ट्रीय महत्व की आर्द्रभूमि (रामसर साइट) के रूप में घोषित किया गया है। इस पर्यटन स्थल में वर्ष भर सैलानियों को आकर्षित करने के लिए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के मार्गदर्शन में राज्य सरकार झील के आस-पास पर्याप्त अधोसंरचना बनाने और जल क्रीड़ा एवं अन्य संबद्ध गतिविधियों शुरू करने की संभावनाएं तलाश रही है। सरकार यहां आधुनिक बुनियादी ढांचे का विकास करने के लिए प्रयासरत है। यहां पर्यटकों को शिकारे के साथ-साथ अनेक साहसिक गतिविधियां आरम्भ करने की योजना तैयार की जा रही है। राज्य सरकार इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर सृजित करने के उद्देश्य से युवाओं को शिकारा खरीदने के लिए वित्तीय सहायता भी प्रदान करेगी। वर्तमान राज्य सरकार ने अधोसंरचना विकास के लिए 70 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पर्यटकों की सुविधा के लिए पौंग बांध में एक फ्लोटिंग होटल खोलने पर विचार कर रही है। इसके अलावा, साहसिक गतिविधियों में रूचि रखने वाले पर्यटकों के लिए हॉट एयर बैलूनिंग गतिविधियां भी शुरू की जाएंगी। पौंग जलाशय 24,529 हेक्टेयर क्षेत्र तक फैला हुआ है। पौंग जलाशय बड़े पैमाने पर मछुआरों की आवश्यकताओं की पूर्ति भी करता है और क्षेत्र के सैकड़ों परिवारों की आर्थिकी का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। प्रकृति से प्राप्त अपार संसाधनों के बावजूद, झील की पर्यटन क्षमता का पूरी तरह से दोहन नहीं किया जा सका है। सरकार इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त आर्द्रभूमि के रूप में और पक्षियों प्रेमियों के लिए विकसित करने की दिशा में प्रयासरत है। पौंग बांध में प्रवास पर आने वाले पक्षी, पक्षीविज्ञानियों और पर्यटकों के आकर्षण का मुख्य केंद्र है। उन्होंने कहा कि स्थानीय युवाओं की क्षेत्र के विकास में सहभागिता को बढ़ाने तथा उन्हें पर्यटन संबंधी गतिविधियों में शामिल करने पर बल दिया जाएगा।
ज्वालामुखी उपमंडल के तहत उम्मर पंचायत के डोल गांव में नरेश ठाकुर की भूमि से 7 चंदन के पेड़ काटने का मामला सामने आया है। यहां से 1 साल पहले 2 चंदन के पेड़ काटे गए थे और अब फिर वन काटुओं ने 7 पेड़ काटे हैं। जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंची ज्वालामुखी पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। मामले की पुष्टि करते हुए डीएसपी ज्वालामुखी विकास धीमान ने कहा कि पुलिस वन काटुओं पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
मुख्य संसदीय सचिव, शहरी विकास एवं शिक्षा आशीष बुटेल ने पालमपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पंचायत द्रोगणु में 20 लाख रुपए की लागत से निर्मित आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केंद्र भवन तथा 5 लाख से निर्मित सीएससी भवन का लोकार्पण किया। द्रोगणु में लोगों को संबोधित करते हुए आशीष बुटेल ने कहा कि मुख्यमंत्री, सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में वर्तमान सरकार प्रदेश में राज के लिए नहीं बल्कि जनता की सेवा के लिए है। उन्होंने कहा कि सरकार लोगों के हित के लिए संवेदनशीलता के साथ कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की दूरदर्शिता से प्रदेश निरंतर आत्मनिर्भरता की और आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि लोगों दी गई सभी गारंटियों पर सरकार गंभीरता से कार्य कर रही है और सरकार प्रदेश के 1 लाख 34 हजार अधिकारियों, कर्मचारियों को ओपीएस देकर पहली गारंटी को पूर्ण कर दिया है। सीपीएस ने कहा कि पालमपुर विधानसभा क्षेत्र का योजनात्मक और सर्वांगीण विकास उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। पूरे विधानसभा क्षेत्र में लोगों की मांग और जरूरतों के अनुरूप जनसहभागिता से विकास को आगे बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्ति के उत्थान और उसे मुख्य धारा में लाने के ध्येय से कार्य कर रही है। बुटेल ने कहा कि पालमपुर विधानसभा क्षेत्र विकास और सुविधाओं की दृष्टि में बेहतर है। उन्होंने कहा कि धौलाधार के साथ लगते कुछ ऊंचे क्षेत्रों में विकास कार्यों को लोगों के सहयोग से तीव्र गति से आगे बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि पालमपुर विधान सभा क्षेत्र के सकैडी और नानाहर पंचायतों में मोबाइल सिग्नल की समस्या को दूर करने के लिये मोबाइल टावर स्थापित किये जायेंगे। उन्होंने सकैडी गिरी क्लब को मैदान की चारदीवारी के लिये डेढ़ लाख, धरेहड और द्रोगणु शमशान घाट में शेड निर्माण के लिये 2-2 लाख, द्रोगणु शमशान घाट रास्ते मे टाइल कार्य के लिये 2 लाख, थला में प्राकृतिक स्त्रोत से पंचायत द्वारा पेयजल उपलब्ध करवाने के लिये तीन लाख तथा महिला मण्डलों द्वारा भवन के लिये जमीन उपलब्ध होने पर भवन के लिये धनराशी उपलब्ध करवाने का आश्वासन दिया। उन्होंने इस क्षेत्र में बंद पड़ी सरकारी बस सेवा को भी एक सप्ताह में बहाल करने की घोषण की। कार्यक्रम में द्रोगणु पंचायत के प्रधान बीना देवी, थला पंचायत प्रधान अंजू देवी, डॉक्टर मदन दीक्षित, पूर्व प्रधान सुरेश कुमार, ओंकार ठाकुर, कुलदीप कुमार, विजय कुमार, जगदीश, शशि कपूर, डीएफओ नितिन पाटिल, अधिशासी अभियंता अंकुर शर्मा, तहसीलदार सार्थक शर्मा, डॉ वनीता शर्मा, बीडीओ भानु प्रताप, एसडीओ अनिल धीमान सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी तथा गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
भाजपा हिमाचल प्रदेश द्वारा प्रेस मीट का आयोजन किया गया इस मीट में मुख्य रूप में केंद्रीय जल शक्ति एवं खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री प्रह्लाद पटेल मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। मीट में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल, शिमला से सांसद सुरेश कश्यप, विधायक बलबीर वर्मा, मुख्य प्रवक्ता रणधीर शर्मा, पूर्व मंत्री सुरेश भारद्वाज, संगठन मंत्री सिद्धार्थन, प्रदेश उपाध्यक्ष रतन पाल सिंह, पुरुषोत्तम गुलेरिया, संजय सूद, चेतन ब्रागटा, रवि मेहता और करण नंदा विशेष रूप में उपस्थित रहे। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल ने अपनी प्रस्तुति मीडिया के समक्ष रखते हुए कहा भारत वो दिन नहीं भूला है, जब ये कहा जाता था कि, हम तो दिल्ली से 1 रुपया भेजते हैं लेकिन गरीबों तक सिर्फ 15 पैसे पहुंचते हैं और देश ये दिन भी नहीं भूलेगा कि आज दिल्ली से 100 रुपया चलता है तो गरीब के पास पूरा का पूरा 100 रुपया पहुंचता है। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में देश हर आपदा में देशवासियों के साथ खड़ा है, उनकी सेवा में दिन-रात जुटा है। भारत ने वो दिन भी देखा है, जब पोलियो, टेटनस और बीसीजी जैसे टीकों को भारत आने में 50 से ज्यादा साल लग गए थे। ड्रोन से वैक्सीन डिलिवरी दुर्गम इलाकों में भारत सरकार ने सुनिश्चित कराई। मोदी सरकार ने रिकॉर्ड समय में लाखों लोगों का टीकाकरण करने का लगभग असंभव कार्य हासिल किया, और वह भी एक सदी में सबसे खराब ज्ञात वैश्विक महामारी के सामने। पहले भारत पश्चिम से दवाओं और टीकों के लिए निर्भर था, भारत ने दो स्वदेशी कोविड-19 टीके विकसित किए और कई देशों को जीवन रक्षक दवाओं की आपूर्ति की। पटेल ने कहा स्वतंत्र भारत के इतिहास में इससे पहले गरीबों के लिए आवास निर्माण की ऐसी क्रांति नहीं देखी गई। स्वतंत्र भारत में इससे पहले कभी भी महिलाओं ने घर के निर्णय लेने में इतनी सक्रिय भूमिका नहीं निभाई है। घर-घर जल पहुंचनेसे कितने लाभ हुए, पहले जो बेटियां दूर पानी लाने जाती थी अब वो अपनी पढ़ाई को समय दे पा रही हैं क्योंकि अब उन्हें पानी लाने नहीं जाना पड़ता। शौचालय के निर्माण से क्या हुआ? महिलाओं के प्रति अपराध घटे, बीमारियों से दूरी बढ़ी। मोदी सरकार ने 1121 लाख मीट्रिक टन अनाज गरीबों को निःशुल्क उपलब्ध करवाया । आज साथ ही वन नेशन वन राशन कार्ड से हर महीने 3.5 करोड़ से ज्यादा परिवार लाभ उठा रहे हैं। जयराम ठाकुर ने कहा हमारे लिए यह प्रसन्नता का विषय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केंद्रीय में भारत सरकार के 9 वर्ष 30 मई को पूर्ण होने जा रहे हैं। कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में भारत अपनी पहचान खो रहा था, पर पिछले 9 वर्षों में भारत ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विश्व के मानचित्र पर एक अलग पहचान बनाई है और यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की अटूट मेहनत का फल है। हिमाचल प्रदेश में एम्स , आईआईएम, अटल टनल, बल्क ड्रग पार्क, मेडिकल डिवाइस पार्क, जैसी बड़ी सौगात प्रधानमंत्री जी ने हमें दी है आज एम्स हिमाचल प्रदेश के लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। जल शक्ति विभाग की अगर हम बात करें तो पिछले 3 वर्ष में हिमाचल प्रदेश में हमारी सरकार ने 850000 नल घर घर लगाए हैं जिसके कारण आज पानी घर-घर पहुंचा है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने इस कार्यक्रम की भूमिका सभी के समक्ष रखते हुए कहा कि आज हमारे लिए गर्व की बात है जिस प्रकार से पिछले 9 वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे देश भर में काम किया है वह अतुल्य है। उन्होंने कहा की गरीब परिवार में जन्मे मोदी जी ने गरीबों के कष्ट को समझा। बीमारी और इलाज से होने वाली समस्याओं और उनके आर्थिक परिणामों से गरीब डरता था, त्रस्त था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में आयुष्मान भारत योजना शुरू करी जिससे हर गरीब को 5 लाख तक का इलाज करने के लिए पैसा केंद्र सरकार द्वारा दिया गया।
आखिरकार धर्मशाला के जदरांगल में हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के स्थायी कैंपस निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। केंद्र सरकार के पर्यावरण मंत्रालय ने करीब 57.10 हेक्टयर वन भूमि में भवन निर्माण को मंजूरी प्रदान कर दी है। केंद्र सरकार की ओर से दी गई इस मंजूरी पर जन चेतना मंच धर्मशाला ने केंद्र सरकार का आभार व्यक्त किया है। जन चेतना मंच धर्मशाला के पदाधिकारी और रिटायर्ड आईएएस अधिकारी कैप्टन जेएम पठानिया ने प्रेस वार्ता कर इस बाबत जानकारी साझा की है। जेएम पठानिया ने कहा कि उनका संघर्ष रंग लाया है, दरअसल उन्होंने जदरांगल में चिन्हित वन भूमि पर पेंच फंसने से धर्मशाला से देहरा शिफ्ट होते केंद्रीय विश्वविद्यालय के स्थायी कैंपस निर्माण का कार्य इसी भूमि पर करवाने के लिए भारत की केंद्र सरकार को वन भूमि क्लियरेंस के लिये प्रस्ताव भेजा था जिसे विधिवत मंजूरी मिल गई है। उन्होंने ने कहा कि अब इसके बाद एक और बड़ी कि चुनौती उनके सामने है और वो यह है कि यहां न केवल स्थायी कैंपस का निर्माण हो बल्कि जो धर्मशाला की लिहाज़ से केंद्रीय विश्वविद्यालय के जो प्रासांगिक (relevant) विभाग हैं वो यहीं से चलें और जिनकी प्रासांगिकता देहरा में है वो वहां से चलाए जाएं, ताकि इसका विश्वविद्यालय फैकल्टी और छात्रों को लाभ मिल सके, ख़ास तौर पर वो विभाग जो पहले से ही यहां चल रहे हैं, उन्हें तो बिल्कुल भी शिफ्ट न किया जाए, जिससे कि छात्र और फैकल्टी प्रभावित हो सकती है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय विश्वविद्लाय की मेडिकल सांइस विभाग को तो धर्मशाला से ही चलाया जाना चाहिए, इसलिये क्योंकि इसका विश्वविद्यालय दोहरा लाभ भी उठा सकता है क्योंकि जहां एक ओर धर्मशाला के नजदीक मेडिकल कॉलेज टांटा है तो वहीं दूसरी ओर जोनल हस्पताल धर्मशाला भी है जिसका लाभ छात्र और फैकल्टी दोनों ही उठा सकते हैं। जेएम पठानिया ने कहा कि जन चेतना मंच अपने संघर्षशील कार्यों से अपना स्तर अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक ले जाना चाहते हैं इसके लिये उन्हें जो करना पड़ा वो निश्चित तौर पर करेंगे।
केंद्र सरकार के पर्यावरण मंत्रालय की एडवाइजरी कमेटी द्वारा धर्मशाला के निकट जदरांगल में केंद्रीय विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश के लिए 57.0 हेक्टेयर भूमि के आवंटन की घोषणा की गई है। भूमि आवंटन के बाद जल्द ही विश्वविद्यालय के स्थाई परिसर के निर्माण का कार्य शुरू हो जाएगा। परिषद के प्रांत सह मंत्री अभिषेक ने बताया कि जद्रांगल में सीयूएचपी को भूमि मंजूरी मिलना विद्यार्थी परिषद के लंबे संघर्षों का परिणाम है। गौरतलब है कि 15 अगस्त, 2007 को तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा, 16 राज्यों में केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना की घोषणा की गई थी। इसी के अंतर्गत वर्ष 2009 में संसद अधिनियमित केंद्रीय विश्वविद्यालय अधिनियम 2009 के तहत हिमाचल प्रदेश को भी केंद्रीय विश्वविद्यालय की सौगात प्राप्त हुई थी। किंतु दुर्भाग्यवश 2009 से वर्ष 20023 तक 14 वर्ष बीत जाने के बाद भी केंद्रीय विश्वविद्यालय के स्थाई परिसर का निर्माण नहीं हो पाया। 14 वर्षों में इस विश्वविद्यालय के स्थाई परिसर के निर्माण के नाम पर सभी राजनीतिक पार्टियों ने अपना उल्लू सीधा करने का प्रयास किया। प्रदेश या देश में चुनाव प्रचार के समय सभी पार्टियों द्वारा विश्वविद्यालय निर्माण का वादा किया गया पोस्टर लगाया गया किंतु धरातल पर वास्तविकता कुछ और ही रही। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद छात्र हित को ध्यान में रखते हुए पिछले 14 वर्षों से ही लगातार इस विश्वविद्यालय के स्थाई परिसर निर्माण के लिए आंदोलनरत है। वर्ष 2009 से विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने विश्वविद्यालय प्रशासन व केंद्र तथा राज्य सरकारों के खिलाफ न जाने कितने ही आंदोलन किए हैं। इसी कड़ी में वर्ष 2020 में भी विद्यार्थी परिषद ने 48 दिन का अनिश्चित कालीन धरना प्रदर्शन व 44 दिन की भूख हड़ताल भी की। इसी दौरान परिषद के कार्यकर्ताओं द्वारा शव प्रदर्शन, मूक प्रदर्शन, नुक्कड़ नाटक जैसे अलग अलग प्रदर्शन कर सरकार को चेताने का प्रयास किया गया। इसी के साथ 2020 में परिषद का एक प्रतिनिधि दल तत्कालीन मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक से भी मिलता है और विश्वविद्यालय की समस्याओं को सामने लाता है। मंत्री द्वारा विद्यार्थी परिषद को जल्द ही इस मामले का समाधान करने का विश्वास भी दिलाया गया किंतु उसका भी कोई परिणाम नहीं निकला। कुछ समय पहले विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं की मेहनत रंग लाई व देहरा में विश्वविद्यालय के स्थाई परिसर निर्माण की अनुमति मिलने के बाद 115 हेक्टेयर भूमि पर भवन निर्माण का कार्य किया जा रहा है। किंतु बारिश व कम जमीन का हवाला देते हुए जद्रांगल में भवन निर्माण की अनुमति नहीं दी गई। आज विद्यार्थी परिषद के लंबे संघर्ष के बाद जद्रांगल में भी 57 हेक्टेयर भूमि को मंजूरी दे दी गई है। यह विद्यार्थी परिषद की यह जीत कार्यकर्ताओं, अन्य छात्र व छात्राओं सहित पूरे राज्य के वासियों के लिए हर्ष का विषय है। विश्वविद्यालय में छात्र हितों के लिए विद्यार्थी परिषद पिछले 14 वर्षों से संघर्ष करती आई है और आगे भी विद्यार्थियों को यदि कोई भी समस्या आती है तो अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का प्रत्येक कार्यकर्ता उन समस्याओं को समाप्त करने के लिए कार्य करता रहेगा।
शूलिनी विश्वविद्यालय ने एक बार फिर उत्कृष्टता अनुसंधान के लिए अपने समर्पण के लिए उल्लेखनीय पहचान हासिल की है। शूलिनी ने प्रतिष्ठित एजुकेशनवर्ल्ड ग्रैंड जूरी इंडिया हायर एजुकेशन रैंकिंग 2023-24 में वर्ष के अनुकरणीय शोधकर्ता की श्रेणी में प्रभावशाली दूसरा स्थान हासिल किया है। एजुकेशनवर्ल्ड ग्रैंड जूरी, जिसमें अच्छी तरह से सूचित शिक्षाविद शामिल हैं, ने 21 वीं सदी की शिक्षा उत्कृष्टता की 14 श्रेणियों में 400 से अधिक नामांकित उच्च शिक्षा संस्थानों का सावधानीपूर्वक मूल्यांकन किया और उन्हें स्थान दिया। शूलिनी विश्वविद्यालय की अनुसंधान के प्रति उत्कृष्ट प्रतिबद्धता और अकादमिक नवाचार की इसकी निरंतर खोज ने इसे इस प्रतिष्ठित रैंकिंग में एक अच्छी तरह से योग्य दूसरे स्थान पर पहुंचा दिया है। इस उपलब्धि पर चांसलर प्रो. पीके खोसला ने कहा कि यह अत्याधुनिक अनुसंधान, नवाचार के माहौल को बढ़ावा देने और प्रतिभाशाली शोधकर्ताओं के पोषण के लिए विश्वविद्यालय के समर्पण को दर्शाता है। प्रो. चांसलर विशाल आनंद ने कहा की अनुसंधान में उत्कृष्टता के लिए विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता इसकी अत्याधुनिक अवसंरचना, विश्व स्तरीय फैकल्टी और जीवंत पारिस्थितिकी तंत्र द्वारा अनुकरणीय है, जो अंतः विषय सहयोग को बढ़ावा देता है और अभूतपूर्व खोजों को प्रोत्साहित करता है। शूलिनी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अतुल खोसला ने संस्थान की उल्लेखनीय उपलब्धि पर आभार और गर्व व्यक्त किया। उन्होंने कहा, "यह मान्यता हमारे संकाय, शोधकर्ताओं और छात्रों के अथक प्रयासों का एक वसीयतनामा है, जो ज्ञान की खोज में उत्कृष्टता के लिए लगातार प्रयास करते हैं। शूलिनी विश्वविद्यालय में, हम अनुसंधान की परिवर्तनकारी शक्ति और आकार देने की क्षमता में दृढ़ता से विश्वास करते हैं। यह प्रतिष्ठित रैंकिंग सीमाओं को आगे बढ़ाने और हमारे शोध प्रयासों के माध्यम से महत्वपूर्ण प्रभाव डालने के लिए हमारी प्रेरणा को बढ़ावा देती है।" एक्सेम्पलरी रिसर्चर ऑफ द ईयर श्रेणी में अपने उल्लेखनीय प्रदर्शन के अलावा शूलिनी यूनिवर्सिटी की उच्च शिक्षा उत्कृष्टता के अन्य पहलुओं के प्रति प्रतिबद्धता को भी सराहा गया। एजुकेशनवर्ल्ड ग्रैंड जूरी इंडिया हायर एजुकेशन रैंकिंग में संस्थान के उत्कृष्ट पुस्तकालय संसाधनों, विविधता, समावेशन और इक्विटी के प्रति समर्पण, सर्वोत्तम कौशल विकास और शिक्षा पहल, और मजबूत शिक्षा-उद्योग गठजोड़ को मान्यता प्रदान करती है । EducationWorld भारत की प्रमुख शिक्षा पत्रिका और शिक्षा के क्षेत्र में नवीनतम विकास और उपलब्धियों को कवर करने के लिए समर्पित ऑनलाइन मंच है। एजुकेशनवर्ल्ड ग्रैंड जूरी इंडिया हायर एजुकेशन रैंकिंग भी एक सम्मानित वार्षिक रैंकिंग है, जो विभिन्न श्रेणियों में उच्च शिक्षा में उत्कृष्टता का आकलन करती है और उसे स्वीकार करती है।
केंद्र जल शक्ति एवं खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री प्रह्लाद पटेल शिमला स्थित होटल होलीडे होम पहुंच चुके हैं। उनका शिमला पहुंचने पर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप ने स्वागत किया।
हिमाचल सरकार भांग की खेती को कानूनी रूप से वैधता प्रदान करने पर विचार कर रही है। सरकार का उद्देश्य प्रदेश की खराब आर्थिक व्यवस्था को सुधारने के लिए राजस्व अर्जित करना है। सुक्खू सरकार का मानना है कि औषधीय और औद्योगिक क्षेत्र के लिए भांग की खेती कारगार साबित होगी। प्रदेश में भांग की खेती को वैध करने की सम्भावनाओ को तलाशने के लिए प्रदेश के राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता में गठित कमेटी उत्तराखंड और मध्य प्रदेश के दौरे पर है। इस दौरान दोनों राज्यों में भांग के इंडस्ट्रियल व गैर मादक उपयोग के लिए भांग की खेती शुरू करने के पहलुओं पर जहां चर्चा हुई है। कमेटी सभी पहलुओं पर अध्ययन करने के बाद अपनी रिपोर्ट तैयार कर सरकार को सौंपेगी और सुझाव देगी कि प्रदेश में किस तरह से इसकी खेती को वैध किया जा सकता है। विदित रहे कि भांग की खेती को वैध करने का मामला विधानसभा के बजट सत्र में खूब गूंजा। इस के पक्ष में द्रंग से विधायक पूर्ण चंद ठाकुर ने मुद्दे को विधानसभा में उठाया था। उनके अलावा मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर, विधायक हंसराज, सुरेंद्र शौरी, डॉ. जनक राज ने भी भांग के फायदे सदन में गिनाए थे। इसके बाद ही स्पीकर के कहने पर मुख्यमंत्री सुखविंद्र सुक्खू ने राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता में कमेटी गठित की। आर्थिक स्थिति भी होगी ठीक ! हिमाचल प्रदेश सेब उत्पादन के लिए जाना जाता है। यहां किसानों द्वारा सेब उत्पादन का करोबार बड़े स्तर पर किया जाता है। लेकिन पिछले कुछ सालों से सेब के कारोबार से क्षेत्रीय किसानों को खासा मुनाफा नहीं हो पा रहा है, जिसके राज्य का राजस्व प्रभावित हो रहा है और प्रदेश सरकार पर वित्तीय कर्ज भी बढ़ा है। सरकार का मानना है कि भांग की खेती को वैध करने से राज्य को सालाना 18000 करोड़ रुपए आय होने का अनुमान है, जिससे राज्य का राजस्व बढ़ेगा। भांग की खेती राज्य सरकार पर बढ़ रहे वित्तीय कर्ज को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। इन जिलों में होती है अवैध भांग की खेती सरकार मानती है कि प्रदेश में बढ़ रहे नशे का चलन और नशा तस्करों के नेटवर्क को खत्म करने के लिए यह निर्णय कारगार सिद्ध हो सकती है। भांग की खेती लीगल होने से भांग की अवैध खेती पूरी तरह से चौपट हो जाएगी, जिससे भांग के अवैध कारोबार पर लगाम लगेगी। एक रिपोर्ट के अनुसार हिमाचल में लगभग 2400 एकड़ भूमि पर भांग की अवैध खेती हो रही है, जिसमें शिमला, सिरमौर, चंबा, कुल्लू और मंडी के कुछ क्षेत्र शामिल है। क्या कहता है एक्ट? भारत में भांग की खेती करना प्रतिबंधित है. 1985 में भारत सरकार ने नार्कोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटेंसेज अधिनियम के तहत भांग की खेती करना प्रतिबंधित कर दिया था। मगर इसी NDPS अधिनियम के अंतर्गत राज्य सरकारों को बागवानी और औद्योगिक उद्देश्य के लिए भांग की खेती की अनुमति प्रदान करने का अधिकार देता है। एनडीपीएस अधिनियम के मुताबिक ‘केंद्र सरकार कम टीएचसी मात्रा वाली भांग की किस्मों पर अनुसंधान और परीक्षण को प्रोत्साहित कर सकती है। मगर केंद्र एक सतर्कता बरतेगा और बागवानी या औद्योगिक उद्देश्य के लिए ही भांग की खेती के सबूत आधारित अनुमति देगा और इसके अनुसंधान के नतीजों के आधार पर फैसला लेगा। उत्तराखंड में वैध है भांग की खेती उत्तराखंड में भांग की खेती वैध है। उत्तराखंड वर्ष 2017 में भांग की खेती को वैध करने वाला देश का पहला राज्य बना। उत्तराखंड में नियंत्रित और विनियमित तरीके से भांग की खेती की जागई है। यानी कि जिस व्यक्ति के नाम जमीन होगी, वह किसी वाणिज्यिक व औद्योगिक इकाई के साथ साझेदारी में ही भांग की खेती के लिए आवेदन कर सकता है। भांग की खेती करने के लिए किसी भी व्यक्ति को खेत विवरण, क्षेत्रफल व सामग्री भंडारण करने के परिसर की जानकारी के अलावा चरित्र प्रमाण पत्र के साथ डीएम के सामने आवेदन करना होता है। इसके अलावा लाइसेंस बनाने के लिए प्रति हेक्टेयर एक हजार रुपये का शुल्क देना होता है। एक जिले से दूसरे जिले में बीज खरीद जाने के लिए भी उपायुक्त की अनुमति की जरूरत पड़ती है। भारत में उत्तराखंड के अलावा गुजरात, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में भी औषधीय रूप में जरुरत अनुसार खेती की जा रही है। WHO के मुताबिक़ भांग के कई फ़ायदे विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक़ यदि भांग का सही तरीके से इस्तेमाल किया जाये तो भांग स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हो सकती है। भांग आपके सीखने और याद करने की क्षमता बढ़ाती है। अगर भांग का उपयोग सीखने और याद करने के दौरान किया जाता है तो भूली हुई बातें आसानी से याद की जा सकती है। भांग का इस्तेमाल कई मानसिक बीमारियों में भी की जाती है. जिन्हें एकाग्रता की कमी होती है, उन्हें डॉक्टर इसके सही मात्रा के इस्तेमाल की सलाह देते हैं। पहले करेंगे चर्चा, फिर लेंगे फैंसला नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट के तहत राज्यों को औषधीय उपयोग के लिए भांग की खेती को साधारण और विशेष आदेशों के तहत अनुमति देने का अधिकार दिया गया है। इस एक्ट के तहत राज्य सरकारें भांग की खेती के लिए कानून औषधीय क्षेत्र के लिए भांग की खेती के लिए नियम निर्धारित करती है। इन नियमों की पालन करते हुए औषधीय और औद्योगिक उद्देश्यों के लिए भांग की खेती की जा सकती है। वर्तमान में कई राज्य कानूनी नियमों का पालन करते हुए भांग की खेती कर रहे है, जिनमें गुजरात, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश राज्य शामिल है। सरकार अंतिम निर्णय लेने से पहले सभी पहलुओं पर विचार करेगी और भांग की खेती को वैध बनाने वाले अन्य राज्यों द्वारा अपनाए गए मॉडल का अध्ययन करेगी ताकि भविष्य में कोई परेशानी ना हो।फिलहाल कमेटी की रिपोर्ट का इंतज़ार है इसके बाद ही निर्णय लिया जायेगा। -सुखविंदर सिंह सुक्खू, मुख्यमंत्री, हिमाचल प्रदेश
*कांगड़ा को मिल सकता है विलम्ब का मीठा फल सुक्खू कैबिनेट में अब तक जिला कांगड़ा को मनमाफिक अधिमान नहीं मिला है। कांगड़ा संसदीय क्षेत्र के लिहाज से भी देखे तो अब तक हिस्से में सिर्फ एक मंत्री पद आया है। हालांकि विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी, दो सीपीएस और कई कैबिनेट रैंक जरूर मिले है, लेकिन जो वजन मंत्री पद में है वो भला और कहाँ ? बहरहाल सवाल ये है कि जिस संसदीय क्षेत्र ने कांग्रेस की झोली में 17 में से 12 सीटें डाली, क्या सत्ता में आने के बाद कांग्रेस उसे हल्के में ले रही है, या इस इन्तजार का मीठा फल मिलने वाला है। माहिर तो ये ही मान रहे है कि जल्द कांगड़ा के इस विलम्ब की पूरी भरपाई होगी। ऐसा होना लाजमी भी है क्यों कि लोकसभा चुनाव में ज्यादा से ज्यादा एक साल का वक्त है और यहाँ हार की हैट्रिक लगा चुकी कांग्रेस कोई चूक नहीं करना चाहेगी। अलबत्ता कांगड़ा को मंत्री पद मिलने में कुछ देर जरूर हो रही है लेकिन खुद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का ये कहना कि वे भी कांगड़ा के ही है, उम्मीद की बड़ी वजह है। कांगड़ा को टूरिज्म कैपिटल बनाने का सीएम का विज़न हो या आईटी पार्क जैसे अधर में लटके प्रोजेक्ट्स में तेजी लाना, ये दर्शाता है कि सीएम सुक्खू कांगड़ा को लेकर किसी तरह की चूक करना नहीं चाहते। सीएम का नौ दिन का कांगड़ा दौरा भी इसकी तस्दीक करता है। सरकार के पिटारे में कांगड़ा के लिए न योजनाओं की कोई कमी नहीं दिखती। ये ही कारण है कि 2024 से पहले कांगड़ा में कांग्रेस जोश में है। इस बीच मंत्री पद भरने को लेकर फिर सुगबुगाहट तेज हुई है। माना जा रहा है कि कुल तीन रिक्त मंत्री पदों में से दो कांगड़ा के हिस्से आएंगे। इनमें एक ब्राह्मण हो सकता है और एक एससी। ऐसे में एक युवा राजपूत चेहरा भी डार्क हॉर्स है। बहरहाल अंदर की बात ये बताई जा रही है कि सब लगभग तय है और जल्द कांगड़ा को दो मंत्री पद मिलेंगे। प्रदेश की सियासत अपनी जगह पर 2024 में कांग्रेस के लिए कांगड़ा फ़तेह करना आसान नहीं होने वाला है। कई चुनौतियों के बीच कांग्रेस के सामने सबसे बड़ी चुनौती है एक दमदार चेहरा। तीन चुनाव हार चुकी कांग्रेस को ऐसा चेहरा चाहिए जो जातीय, क्षेत्रीय और पार्टी की भीतरी राजनीति के लिहाज से संतुलन लेकर आएं। पिछले तीन चुनावों में पार्टी ने यहाँ से ओबीसी कार्ड खेला है, पर नतीजे प्रतिकूल रहे है। ऐसे में पार्टी को फिर सोचने की जरुरत जरूर है। बताया जा रहा ही कि पार्टी अभी से इस पर चिंतन -मंथन में जुटी है। खुद सीएम सुक्खू चाहते है कि जो भी चेहरा हो, उसे पर्याप्त समय मिले। चर्चा में कई वरिष्ठ नाम है जिनमें पूर्व सांसद और मंत्री चौधरी चंद्र कुमार, पूर्व मंत्री और विधायक सुधीर शर्मा, आशा कुमारी जैसे नाम शामिल है। पर संभव है कि इस बार पारम्परिक कास्ट डायनामिक्स को ताक पर रख पार्टी किसी युवा चेहरे को मैदान में उतारे। सुक्खू सरकार के आईटी सलाहकार गोकुल बुटेल भी ऐसा ही एक विकल्प हो सकते है। भाजपा से कौन होगा चेहरा ! 2009 से लेकर अब तक कांगड़ा लोकसभा सीट पर भाजपा लगातार जीत दर्ज करने में कामयाब रही है। पिछले लोकसभा चुनाव में न केवल हिमाचल में बल्कि पूरे देश में भी सबसे ज्यादा मत प्रतिशत हासिल करने का रिकॉर्ड कांगड़ा संसदीय क्षेत्र के सांसद किशन कपूर के नाम रहा था। 7,25,218 मत प्राप्त कर किशन कपूर लोकसभा पहुंचे, लेकिन इस बार सियासी समीकरण कुछ बदलते नज़र आ रहे है। दरअसल 2022 के विधानसभा चुनाव में भी कांगड़ा संसदीय क्षेत्र में भाजपा की परफॉरमेंस बेहद खराब रही है। इस संसदीय क्षेत्र की 17 में से सिर्फ पांच सीटें ही भाजपा जीत पाई है। ऐसे में क्या पार्टी चेहरा बदलेगी इसे लेकर कयासों का दौर जारी है। संभावित उम्मीदवारों की फेहरिस्त में मौजूदा सांसद किशन कपूर के अलावा कई और नाम चर्चा में है। इस लिस्ट में गद्दी समुदाय से धर्मशाला के पूर्व विधायक विशाल नेहरिया का नाम भी चर्चा में है। इसके अलावा कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए पवन काजल का नाम भी लिस्ट में है। अब देखना ये होगा कि भाजपा इस दफा कांगड़ा के दुर्ग को फ़तेह करने के लिए किस पर दांव खेलती है। कब कौन बना सांसद 1977 दुर्गा चंद भारतीय लोक दल 1980 विक्रम चंद महाजन कांग्रेस 1984 चंद्रेश कुमारी कांग्रेस 1989 शांता कुमार भाजपा 1991 डीडी खनौरिया भाजपा 1996 सत महाजन कांग्रेस 1998 शांता कुुमार भाजपा 1999 शांता कुमार भाजपा 2004 चंद्र कुमार कांग्रेस 2009 डॉ. राजन सुशांत भाजपा 2014 शांता कुमार भाजपा 2019 किशन कपूर भाजपा ReplyForward * कांगड़ा को मिल सकता है विलम्ब का मीठा फल सुनैना कश्यप। फर्स्ट वर्डिक्ट सुक्खू कैबिनेट में अब तक जिला कांगड़ा को मनमाफिक अधिमान नहीं मिला है। कांगड़ा संसदीय क्षेत्र के लिहाज से भी देखे तो अब तक हिस्से में सिर्फ एक मंत्री पद आया है। हालांकि विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी, दो सीपीएस और कई कैबिनेट रैंक जरूर मिले है, लेकिन जो वजन मंत्री पद में है वो भला और कहाँ ? बहरहाल सवाल ये है कि जिस संसदीय क्षेत्र ने कांग्रेस की झोली में 17 में से 12 सीटें डाली, क्या सत्ता में आने के बाद कांग्रेस उसे हल्के में ले रही है, या इस इन्तजार का मीठा फल मिलने वाला है। माहिर तो ये ही मान रहे है कि जल्द कांगड़ा के इस विलम्ब की पूरी भरपाई होगी। ऐसा होना लाजमी भी है क्यों कि लोकसभा चुनाव में ज्यादा से ज्यादा एक साल का वक्त है और यहाँ हार की हैट्रिक लगा चुकी कांग्रेस कोई चूक नहीं करना चाहेगी। अलबत्ता कांगड़ा को मंत्री पद मिलने में कुछ देर जरूर हो रही है लेकिन खुद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का ये कहना कि वे भी कांगड़ा के ही है, उम्मीद की बड़ी वजह है। कांगड़ा को टूरिज्म कैपिटल बनाने का सीएम का विज़न हो या आईटी पार्क जैसे अधर में लटके प्रोजेक्ट्स में तेजी लाना, ये दर्शाता है कि सीएम सुक्खू कांगड़ा को लेकर किसी तरह की चूक करना नहीं चाहते। सीएम का नौ दिन का कांगड़ा दौरा भी इसकी तस्दीक करता है। सरकार के पिटारे में कांगड़ा के लिए न योजनाओं की कोई कमी नहीं दिखती। ये ही कारण है कि 2024 से पहले कांगड़ा में कांग्रेस जोश में है। इस बीच मंत्री पद भरने को लेकर फिर सुगबुगाहट तेज हुई है। माना जा रहा है कि कुल तीन रिक्त मंत्री पदों में से दो कांगड़ा के हिस्से आएंगे। इनमें एक ब्राह्मण हो सकता है और एक एससी। ऐसे में एक युवा राजपूत चेहरा भी डार्क हॉर्स है। बहरहाल अंदर की बात ये बताई जा रही है कि सब लगभग तय है और जल्द कांगड़ा को दो मंत्री पद मिलेंगे। प्रदेश की सियासत अपनी जगह पर 2024 में कांग्रेस के लिए कांगड़ा फ़तेह करना आसान नहीं होने वाला है। कई चुनौतियों के बीच कांग्रेस के सामने सबसे बड़ी चुनौती है एक दमदार चेहरा। तीन चुनाव हार चुकी कांग्रेस को ऐसा चेहरा चाहिए जो जातीय, क्षेत्रीय और पार्टी की भीतरी राजनीति के लिहाज से संतुलन लेकर आएं। पिछले तीन चुनावों में पार्टी ने यहाँ से ओबीसी कार्ड खेला है, पर नतीजे प्रतिकूल रहे है। ऐसे में पार्टी को फिर सोचने की जरुरत जरूर है। बताया जा रहा ही कि पार्टी अभी से इस पर चिंतन -मंथन में जुटी है। खुद सीएम सुक्खू चाहते है कि जो भी चेहरा हो, उसे पर्याप्त समय मिले। चर्चा में कई वरिष्ठ नाम है जिनमें पूर्व सांसद और मंत्री चौधरी चंद्र कुमार, पूर्व मंत्री और विधायक सुधीर शर्मा, आशा कुमारी जैसे नाम शामिल है। पर संभव है कि इस बार पारम्परिक कास्ट डायनामिक्स को ताक पर रख पार्टी किसी युवा चेहरे को मैदान में उतारे। सुक्खू सरकार के आईटी सलाहकार गोकुल बुटेल भी ऐसा ही एक विकल्प हो सकते है। भाजपा से कौन होगा चेहरा ! 2009 से लेकर अब तक कांगड़ा लोकसभा सीट पर भाजपा लगातार जीत दर्ज करने में कामयाब रही है। पिछले लोकसभा चुनाव में न केवल हिमाचल में बल्कि पूरे देश में भी सबसे ज्यादा मत प्रतिशत हासिल करने का रिकॉर्ड कांगड़ा संसदीय क्षेत्र के सांसद किशन कपूर के नाम रहा था। 7,25,218 मत प्राप्त कर किशन कपूर लोकसभा पहुंचे, लेकिन इस बार सियासी समीकरण कुछ बदलते नज़र आ रहे है। दरअसल 2022 के विधानसभा चुनाव में भी कांगड़ा संसदीय क्षेत्र में भाजपा की परफॉरमेंस बेहद खराब रही है। इस संसदीय क्षेत्र की 17 में से सिर्फ पांच सीटें ही भाजपा जीत पाई है। ऐसे में क्या पार्टी चेहरा बदलेगी इसे लेकर कयासों का दौर जारी है। संभावित उम्मीदवारों की फेहरिस्त में मौजूदा सांसद किशन कपूर के अलावा कई और नाम चर्चा में है। इस लिस्ट में गद्दी समुदाय से धर्मशाला के पूर्व विधायक विशाल नेहरिया का नाम भी चर्चा में है। इसके अलावा कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए पवन काजल का नाम भी लिस्ट में है। अब देखना ये होगा कि भाजपा इस दफा कांगड़ा के दुर्ग को फ़तेह करने के लिए किस पर दांव खेलती है। कब कौन बना सांसद 1977 दुर्गा चंद भारतीय लोक दल 1980 विक्रम चंद महाजन कांग्रेस 1984 चंद्रेश कुमारी कांग्रेस 1989 शांता कुमार भाजपा 1991 डीडी खनौरिया भाजपा 1996 सत महाजन कांग्रेस 1998 शांता कुुमार भाजपा 1999 शांता कुमार भाजपा 2004 चंद्र कुमार कांग्रेस 2009 डॉ. राजन सुशांत भाजपा 2014 शांता कुमार भाजपा 2019 किशन कपूर भाजपा ReplyForward
वो लोग जो बेहतर की उम्मीद में साथ छोड़ कर गए थे, शायद आज वापस हाथ पकड़ने की सोचते होंगे। हम बात कर रहे है कांग्रेस के उन तमाम नेताओं की, जिनका पूर्वानुमान एक दम गलत साबित हुआ। वो नेता जो चुनाव से पहले सत्ता में आती हुई कांग्रेस का साथ छोड़ सत्ता से बाहर होती हुई भाजपा के खेमे में जा मिले थे। इस फेहरिस्त में काँगड़ा से विधायक पवन काजल, नालागढ़ से पूर्व विधायक लखविंदर राणा और हर्ष महाजन मुख्य तौर पर शामिल है। ये वो नेता है जिनका कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल होना पार्टी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा था, मगर परिणाम सामने आए तो झटका इन्हें ही लग गया। सर्विदित है कि अगर ऐसा न हुआ होता तो निजी तौर पर आज इनके लिए सियासी परिस्थितियां बेहतर हो सकती थी। हिमाचल प्रदेश में सत्ता की चाबी रखने वाले कांगड़ा जिले के ओबीसी नेता पवन काजल किसी समय कांग्रेस पार्टी की आंखों का 'काजल' माने जाते थे। मगर विधानसभा चुनाव से साढ़े 3 महीने पहले भाजपा ने कांग्रेस के इस 'काजल' को अपनी आंखों का 'नूर' बना लिया था। यूँ तो काजल भाजपा से ही कांग्रेस में आए थे, मगर काजल की ऐसे भाजपा में वापसी होगी ये किसी ने नहीं सोचा था। दरअसल पवन काजल ने वर्ष 2012 में भाजपा का टिकट नहीं मिलने पर बगावत करते हुए बतौर निर्दलीय कैंडिडेट चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। विधानसभा चुनाव में तब पवन काजल पहली बार जीते थे। पवन काजल के विधानसभा चुनाव जीतने के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह उन्हें कांग्रेस में ले आए। वीरभद्र सिंह ने ही वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में पवन काजल को कांगड़ा से कांग्रेस का टिकट दिया। पवन काजल भी वीरभद्र सिंह के भरोसे पर खरा उतरे और लगातार दूसरी बार विधायक चुने गए। काजल अक्सर ये कहा भी करते थे कि वे कांग्रेस के साथ नहीं वीरभद्र सिंह के साथ है। कांग्रेस ने उन्हें कार्यकारी अध्यक्ष भी बनाया, मगर काजल ने कांग्रेस को छोड़ जाना सही समझा। काजल तो चुनाव जीत गए, मगर भाजपा चुनाव हार गई। माना जाता है कि अगर काजल पार्टी न छोड़ते तो उनका मंत्री पद तय था। बात लखविंदर राणा की करें तो राणा तीन बार कांग्रेस टिकट पर चुनाव लड़ विधानसभा पहुंचे थे । वर्ष 2010-11 में नालागढ़ के तत्कालीन विधायक हरिनारायण सैणी के निधन के बाद हुए उपचुनाव में लखविंद्र राणा कांग्रेस के टिकट पर मैदान में उतरे और पहली बार विधायक चुने गए। वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में राणा हार गए। वर्ष 2017 में उन्होंने एक बार फिर नालागढ़ सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। मगर 2022 के विधानसभा चुनाव से साढ़े 3 महीने पहले वह कांग्रेस छोड़कर भाजपा में चले गए। भाजपा ने उन्हें टिकट दिया मगर भाजपा में बगावत के चलते राणा चुनाव हार गए। इन दो विधायकों के अलावा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कहे जाने वाले हर्ष महाजन भी चुनाव से पहले भाजपा के हो गए थे। शायद ही किसी ने सोचा हो कि वीरभद्र सिंह के हनुमान कहे जाने वाले हर्ष महाजन और कांग्रेस की राह अलग भी हो सकती है। हर्ष महाजन होलीलॉज के करीबी थे और वे कई बार वीरभद्र सिंह के चुनाव प्रभारी भी रह चुके थे। कहते है कि साल 2012 के विधानसभा चुनाव में वीरभद्र सिंह को मुख्यमंत्री बनाने में हर्ष महाजन का सबसे बड़ा योगदान रहा था। इस चुनाव से पहले भी कांग्रेस द्वारा इन्हें कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था, मगर कांग्रेस पर नज़रअंदाज़गी का आरोप लगाते हुए महाजन भाजपा में शामिल हो गए थे। हालंकि अब भाजपा में हर्ष महाजन को कितनी तवज्जो मिल रही है, ये वे ही जानते होंगे। अगर महाजन कांग्रेस में रहते तो शायद बात कुछ और होती।
प्रदर्शन और आभार कार्यक्रम तो बहुत हुए मगर इस तरह पहले कभी सरकार का आभार व्यक्त करने को कर्मचारियों का हुजूम नहीं उमड़ा। लाखों की संख्या में कर्मचारी सीएम सुक्खू का दिल की गहराईयों से आभार करने को पहुंचे और धर्मशाला का पुलिस ग्राउंड जय सुक्खू के नारो से गूँज उठा। ऐसा स्वागत या स्नेह, सरकार को कर्मचारियों से शायद ही पहले कभी मिला हो, और हो भी क्यों न सीएम सुक्खू के नेतृत्व की इस कांग्रेस सरकार ने कर्मचारियों की उस मांग को पूरा किया है जिसके लिए प्रदेश के लाखों कर्मचारी सालों तक नेताओं की दरों पर दस्तक देते रहे। सीएम सुक्खू ने कर्मचारियों के इस अनंत संघर्ष पर पूर्ण विराम लगाया है, जिसके लिए कर्मचारियों ने सीएम सुक्खू को सर माथे लगा लिया। कभी उन्हें नायक बताया तो कभी पेंशन पुरुष। आभार के जवाब में सीएम सुक्खू भी कह गए कि मैं आपका सेनापति हूँ और आप मेरी सेना हो। 11 दिसंबर को कर्मचारियों के आशीर्वाद से कांग्रेस सरकार बनी और आगे भी ऐसे ही हमारा साथ देते रहना। कर्मचारियों की ये मांग कोई आम मांग नहीं थी। ये वो मसला था जिससे प्रदेश के लाखों कर्मचारियों का भविष्य जुड़ा था, वो कर्मचारी जो एनपीएस के अंतर्गत आते थे और जिन्हें शायद सेवानिवृत होने के बाद अपने बुढ़ापे में किसी और का सहारा लेना पड़ता। एनपीएस के अंतर्गत आने वाले कर्मचारियों के ऐसे कई मामले सामने आए है, जब इन कर्मचारियों को सेवानिवृत होने के बाद नाम मात्र पेंशन मिली। पूरे जीवन सरकार की सेवा करने के बाद ये कर्मचारी बुढ़ापे में इतने लाचार हो गए की जीवन व्यापन कठिन हो गया। इसी के बाद से पुरानी पेंशन बहाली के लिए महासंघर्ष का आरम्भ हुआ। न जाने कितनी ही हड़तालें, प्रदर्शन, अनशन इन कर्मचारियों ने किये मगर एक लम्बे समय तक इनकी नहीं सुनी गई। अपने बुढ़ापे की सुरक्षा के लिए संघर्षरत इन कर्मचारियों पर एफआईआर भी हुई, इन पर वाटर कैनन्स भी दागी गई और इनकी आवाज़ दबाने की कोशीश भी की गई, मगर संघर्ष थमने के बजाए और उग्र होता गया। आखिर जिस सरकार ने कर्मचारियों की नहीं सुनी वो सरकार सत्ता से बाहर हुई और सीएम सुक्खू के नेतृत्व की कांग्रेस सरकार कर्मचारियों के लिए मसीहा बन गई। वादे अनुसार पहली कैबिनेट की बैठक में ही पुरानी पेंशन को बहाल कर दिया गया। सरकार के इस फैसले से कर्मचारियों में केसा उत्साह है ये एक बार फिर धर्मशाला के पुलिस ग्राउंड में देखने को मिल गया।
राजधानी शिमला में स्थित माश्वी आईआईटी मेडिकल अकादमी बीसीएस द्वारा दो भागों करवाई गई मेगा माइंडस ऑफ शिमला परीक्षा का परिणाम घोषित कर दिया गया है। अकादमी के निर्देशक विशाल गुप्ता और निर्देशिका ममता गुप्ता ने बताया कि परीक्षा में पूरे शिमला जिले से लगभग 250 स्कूलों के 1475 विद्यार्थियों ने भाग लिया। यह परीक्षा 8वीं से 12वीं कक्षा के छात्र-छात्राओं के लिए करवाई गई थी। इसका पुरस्कार का समारोह आयोजित करवाया गया, जिसमें पूरे जिले में प्रथम स्थान तारा हॉल स्कूल की छात्रा सेंजूल सूद ने हासिल किया। उसे प्रथम पुरस्कार ई. स्केट स्कूटर गोल्ड मेडल एक्सिलेंस सर्टिफिकेट से सम्मनित किया गया। दूसरा स्थान हिमालयन पब्लिक स्कूल रोहडू के छात्र प्रिंस प्रथम नेगी ने हासिल किया। उसे लैपटॉप स्क्विर मेडल एक्सिलेंस सर्टिफिकेट से सम्मानित किया गया। तीसरा स्थान विनायक पब्लिक स्कूल के छात्र ईशान ठाकुर ने हासिल किया। पुरस्कार में साईकिल ब्राउन के मेडल एक्सिलेंस सर्टिफिकेट से सम्मानित किया गया। पूरे जिले में आठवीं से बारहवीं कक्षा के टॉप स्थान में रहने वाले छात्र एवं छात्राओं को भी सम्मानित किया गया। 8वीं कक्षा में प्रथम स्थान तारा होल स्कूल की श्रेया गुप्ता, दूसरा स्थान हिमालयन पब्लिक स्कूल रोहडू के अखिलेश चौहान व तीसरा स्थान आश्वका झींगा तारा होल स्कूल की छात्रा ने प्राप्त किया। नौवीं कक्षा में प्रथम स्थान अथर्व शर्मा डीएवी न्यू शिमला स्कूल, दूसरा स्थान शिवेन राज शर्मा सेड एडवर्ड शिमला, तीसरा स्थान दक्ष बनी ज्ञान ज्योति स्कूल ठियोग के छात्र ने प्राप्त किया। 10वीं कक्षा में प्रथम रिकाश शमी सेन्ड एडवर्ड स्कूल शिंगला, तीसरा स्थान प्रिक्षित पतवान शिवालिक पब्लिक स्कूल चिडगाँव रोहडू की छात्रा ने प्राप्त किया। 10वीं कक्षा में प्रथम स्थान मेहक रोगरा JCB न्यू शिमला स्कूल, दूसरा स्थान आये तल वाक्स JCB न्यू शिमला स्कूल, तीसरा स्थान कशिश G. 85. स्कूल जुन्गा ने प्राप्त किया। बाहवीं कक्षा में प्रथम स्थान इशिता शमी केंद्रीय विद्यालय जाख, दूसरा स्थान यशवर्धन स्वागटा JCB न्यू शिमला, तीसरा स्थान रायत राज शमी संत एडवर्ड स्कूल ने हासिल किया। इसके साथ गावि इनस्टिीयर का सेन्टर टॉपर सिद्धद्धि को घोषित किया गया। प्रथम स्थान हासिल करने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कार के तौर पर ई-स्केट स्कूटर, गोल्ड मेडल और एक्सिलेंस सर्टिफिकेट, दूसरा स्थान प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को हेडफोन, सिल्वर मेडल एक्सिलेंस सर्टिफिकेट, तीसरा स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को बास्केटबॉल ब्राउन मेडल और एक्सिलेंस सर्टिफिकेट से सम्मानित किया गया। यह सभी पुरस्कार और सर्टिफिकेट मावियन के द्वारा दिए गए। जिसके गेस्ट ओनर के तौर पर 'श्रेया गुप्ता' सुरेने रागी, विनायक गेंगी, और सुजल नेगी को पुरस्कार द्वारा सम्मानित किया गया। हर स्कूल के टॉपर को पुरस्कार गोल्ड मेडल एक्सिलेन्ट सर्टिफिकेट से सम्मानित किया जाएगा। सभी प्रतिभागियों को को गंगा गोईड ऑफ शिमला सर्टिफिकेट और स्कॉलशिप भी प्रदान की जाएगी।
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ फाउंडेशन के संस्थापक प्रमोद कुमार भारद्वाज के दिशा-निर्देश में इंदौरा में एक विशेष बैठक फाउंडेशन की प्रदेश की अध्यक्ष सुमन कौशल की अध्यक्षता में हुई। इस बैठक में 40 वर्ष से ऊपर फाउंडेशन के पदाधिकारियों ने भाग लिया। बैठक में महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने व गरीब व जरूरतमंद परिवारों का हर तरह से सहयोग करने का भी प्रण लिया। इस मौके पर प्रदेश के वरिष्ठ उपाध्यक्ष जगमोहन उर्फ गोल्डी लंबरदार, प्रदेश के महासचिव नरेंद्र सिंह, प्रदेश प्रेस सचिब गगन ललगोत्रा,जिला से महासचिव मीनाक्षी नंदा, जिला सचिव मंजू देवी, रैक सोना, मीना कुमारी, आरती शर्मा, सुरेश बाला सहित 43 सदस्य मौजूद थे।
घगवां में बाबा कयालू महाराज का मेला बड़ी धूमधाम से मनाया गया। इस मेले में श्रद्धालुओं ने बाबा कयालू महाराज के दरवार में शीश नवाकर बाबा कयालू जी का आशीर्वाद प्राप्त किया। मेले में पंजाब से गायक रामू मज्जी, रानी अरमान, मिस अनु ने बाबा कयालू महाराज के दरबार में माथा टेका, उसके उपरांत अपने गायकी से श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। भक्तों के लिए भंडारे का आयोजन भी किया हुआ था। इस मौके पर जिला कांगड़ा के कांग्रेस के जिला उपाध्यक्ष ठाकुर जर्म सिंह मुख्य अतिथि के रूप में उन मेले में पहुंचे यहां मेला कमेटी द्वारा उनका जोरदार फूल मालाएं पहना कर स्वागत किया गया। मेले में बाबा कयालू महाराज मेला कमेटी घगवां के प्रधान जगन कुमार, गोपाल शर्मा,बंटी, तारा चंद, गणेश, रोहित, तिलक, वृज मोहन सहित गणमान्य लोग मौजूद रहे।
साई इंटरनेशनल स्कूल द्वारा आज होटल सिटी हाइट्स में मदर्स-डे मनाने के लिए एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। समारोह की शुरुआत दीप प्रज्जवलन के साथ हुई और उसके बाद मुख्य अतिथि और अन्य अतिथियों का बुके और मोमेंटो द्वारा स्वागत किया गया। शिक्षार्थियों ने अपनी प्यारी माताओं के लिए सुंदर नृत्य प्रदर्शन किए, जिसने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया एक विशेष मॉडलिंग सेशन पारंपरिक और इंडो वेस्टर्न का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में सोलन की बेटी प्रसिद्ध पर्वतारोही बलजीत कौर व अन्य अतिथि शांति देवी ( बलजीत कौर जी की आदरणीय माता जी), डॉ. अनिता सूद, रीता मैनी, कैलाश बाबा (साई बावा एजुकेशन सोसायटी के सचिव) रहे। मिस भारत आइकन, पारुल शर्मा व मिस सोलन 2022, महक चंदेल द्वारा रैंपवॉक के लिए माताओं को प्रोत्साहित करने के लिए एक प्रदर्शन दिया गया। माताओं के लिए फ्लावर अरेंजमेंट, हेल्दी स्नैक्स, सलाद डेकोरेशन आदि विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं। माताओं ने कुछ सुंदर एकल और समूह नृत्य भी प्रस्तुत किए। अंत में सभी विजेता माताओं को मोमेंटो द्वारा सम्मानित किया गया। इसमें सिस बेस्ट क्वीन मिसेज अंकिता शर्मा, सिस बेस्ट मॉम कौर, सिस बेस्ट मॉम एंड चाइल्ड मिसेज वर्षा, मिसेज मनप्रीत चुनी गयीं।
पुलिस ने गंबरपुल से बढलग सड़क पर नाका लगा रखा था। पुलिस आने-जाने वाले वाहनों को चेक कर रही थी। इस दौरान एक व्यक्ति ऊपर बढलग की तरफ से पैदल आ रहा था, जिसने अपने हाथ में कपड़ा उठाया हुआ था। पुलिस को उसके पास कोई संदिग्ध वस्तु होने का शक हुआ। जब इस व्यक्ति को रुकने को कहा तो वह घबरा गया और कपड़ा झाड़ियों में फेंक कर पीछे की ओर भागने लगा। पुलिस ने उसे पकड़ लिया, जिसने अपना नाम परमजीत गांव मनेशी बताया। उसके कपड़े को चेक किया गया तो उसमें से 440 ग्राम चरस बरामद हुई। पुलिस द्वारा मामला दर्ज कर अगली कार्रवाई की जा रही है। मामले की पुष्टि एएसआई केशव राम ने की है।
जिला कांगड़ा को पर्यटन राजधानी के रूप में विकसित करने के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के संकल्प को पूरा करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से कार्य किया जाएगा। इसी कड़ी में जिले में साहसिक खेलों को बढ़ावा देने की दिशा में सरकार गंभीर प्रयास करेगी। वर्ल्ड फिटनेस फेडरेशन इंडिया की हिमाचल प्रदेश इकाई द्वारा आज शाहपुर में आयोजित बॉडी बिल्डिंग प्रतियोगिता में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करते हुए हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष (कैबिनेट रैंक) आरएस बाली ने यह बात कही। ईस्ट जोन की इस बॉडी बिल्डिंग प्रतियोगिता में कांगड़ा, चंबा और उना जिलों के पुरुष और महिला प्रतिभागियों ने भाग लिया। उपस्थित प्रतिभागियों और आयोजकों को संबोधित करते हुए रघुबीर सिंह बाली ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की दूरगामी सोच टूरिज्म के क्षेत्र में कांगड़ा जिला सहित पूरे हिमाचल प्रदेश में एक नवक्रांति लाएगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने उन्हें टूरिज्म क्षेत्र में जो अहम जिम्मेदारी दी है उसको वे बड़ी निष्ठा से निभाएंगे। उन्होंने कहा कि जिला कांगड़ा को पर्यटन राजधानी के रूप में विकसित करने को लेकर उनके पास कईं आइडियाज़ हैं, जिन्हें वे योजनाबद्ध ढंग से लागू करेंगे। उन्होंने कहा कि जिला कांगड़ा को पर्यटन जिले के रूप में विकसित करने के लिए चिड़ियाघर, आइस स्केटिंग रिंक, गोल्फ मैदान, नगरोटा बगवां में भारत का सबसे बड़ा फाउंटेन, एडवेंचर टूरिज्म तथा साहसिक गतिविधियों और खेलों सहित अनेक कार्य जिला कांगड़ा में शुरू किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन सभी परियोजनाओं से निश्चित ही जिला कांगड़ा पर्यटन जिला के रूप में विकसित होगा। उन्होंने वर्ल्ड फिटनेस फेडरेशन अधिकारियों की इस बॉडी बिल्डिंग प्रतियोगिता करवाने के लिए प्रशंसा करते हुए आयोजन समिति को 21000 रुपये देन की घोषणा की। उन्होंने प्रतियोगिता में अच्छा प्रदर्शन करने वाले प्रतिभागियों को पुरस्कृत कर सम्मानित किया। उन्होंने इस अवसर पर युवाओं को नशे से दूर रहने की बात कही। उन्होंने कहा कि युवाओं को खेलकूद तथा बॉडीबिल्डिंग जैसी प्रतियोगिताओं में भाग लेते हुए रचनात्मक गतिविधियों में रूचि दिखानी चाहिए। उन्होंने अपने पिता स्वर्गीय जीएस बाली को याद करते हुए उनके पद चिन्हों पर चलने की बात दोहरायी। उन्होंने कहा कि वे हमेशा लोगों के कल्याण के लिए काम करते रहेंगे। इस अवसर में पूर्व विधायक सुरेंद्र काकू, रामा जिम रैत के सचिव अंकुश राठौर, आयोजन सचिव सुमित शर्मा, युवा नेता पंकू, एनएसयूआई सचिव विशाल शर्मा सहित प्रतिभागी उपस्थित रहे।
थाना क्षेत्र नादौन के अंतर्गत स्थानीय औद्योगिक क्षेत्र के निकट कोहला गांव में ब्यास नदी में नहाने उतरे पंजाब के तीन युवकों में से एक डूब गया, जबकि दो डूबने से बाल-बाल बचे। मृतक की पहचान 22 वर्षीय चेतन पुत्र दर्शन सिंह निवासी गांव कम्मोवाल माहलपुर होशियारपुर के तौर पर हुई है। मृतक के चचेरे भाई मनदीप पुत्र जरनैल सिंह ने बताया कि रविवार सुबह कम्मोवाल गांव से महिलाओं सहित करीब 25 लोगों का ग्रुप जिला के सीमावर्ती गांव भड़ोली क्षेत्र ज्वालामुखी थाना में स्थित अपनी जठेरी में माथा टेकने आए थे। इसी दौरान चेतन, उसका चचेरा भाई 28 वर्षीय मनदीप तथा 16 वर्षीय राहुल पुत्र गुरदयाल निवासी गांव कम्मोवाल व्यास नदी में नहाने उतर गए। तीनों को ही तैरना नहीं आता था और वे अनजाने में धीरे-धीरे गहरे पानी में पहुंच गए। तीनों पानी में करीब 2 किलोमीटर तक बहते हुए नदी के दूसरे किनारे नादौन की ओर बढ़ते गए। इनमें से राहुल और मनदीप कोहला गांव में जल शक्ति विभाग के स्टोर एवं पंप हाउस के निकट पानी के किनारे जैसे ही पहुंचे तो वहां उपस्थित कुछ स्थानीय लोगों ने इन्हें देख लिया और इन्हें बाहर निकालकर उनकी जान बचाई। वहीं, चेतन जिसका हाथ मनदीप ने पकड़ा हुआ था वह पानी में ही उसे छूट गया और बहता हुआ आगे चला गया। उसे स्टोर से थोड़ा आगे की ओर स्थानीय लोगों ने जब बाहर निकाला तो इसी दौरान उसने दम तोड़ दिया। सूचना मिलते ही थाना प्रभारी कुलदीप पटियाल ने पुलिस टीम सहित मौका पर पहुंचकर शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।