हिमाचल प्रदेश के बीते चौबीस घंटें हुई बारिश से जहां गर्मी से राहत मिली है। वहीं, परेशानी भी सामने आई है। जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति में बुधवार से ही बारिश के चलते जगह-जगह भूस्खलन हुआ। बुधवार शाम के समय काजा मार्ग पर भी पहाड़ी से पत्थर गिरने के चलते सड़क पर वाहनों की आवाजाही बाधित हो गई थी। काजा सड़क पर 3 बाइक और 11 एलएमवी भूस्खलन के कारण ग्राम्फू जंक्शन से 8 किमी आगे फंसे हुए थे। यह वाहन लोसर से आ रहे थे। जिसमें 5 बच्चों समेत करीब 30 यात्री सवार थे। इसके बाद बीआरओ की मशीनरी मौके पर भेजी गई। बता दें कि कुल तीन जगहों पर भूस्खलन की घटनाएं घटी है। दरसल लाहौल-स्पीति के ग्रांफू-काजा हाईवे 505 स्थित डोरनी नाला में हुए भूस्खलन से फंसे करीब 35 लोगों को बीआरओ, पुलिस तथा स्थानीय लोगों ने रात साढ़े 12 बजे रेस्क्यू किया है। इसमें कुछ यात्री मनाली गए और कुछ को कोकसर में लोनिवि के रेस्ट हाउस और आसपास के होटलों में ठहराया गया। करीब साढ़े छह घंटे तक यह लोग ठंड में गाडिय़ों में फंसे रहे। वहीं करीब 14 वाहनों के साथ चार लोग अभी भी डोरनी नाला में फंसे हैं, जिन्होंने आने से मना कर दिया है। इसके अलावा यात्रियों को जल्द से जल्द बचाने के लिए बीआरओ के टिप्पर, पांच जिप्सी और एक बोलेरो कैंपर सहित पुलिस कर्मियों और स्वयंसेवकों का एक दल भी घटनास्थल पर पहुंचा। बीआरओ हाईवे को बहाल करने में जुटा है।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने आज हाई कोर्ट में 12वीं कक्षा के नतीजे का फॉर्मूला पेश किया। फॉर्मूले के मुताबिक 12वीं का रिजल्ट 10वीं, 11वीं और 12वीं कक्षा में मिले नंबरों के आधार पर तय होगा। सीबीएसई ने कहा है कि 10वीं और 11वीं के तीन मुख्य विषयों के आधार पर 30-30 फीसदी अंक दिए जाएंगे। वंही, फॉर्मूले से याचिकाकर्ता और जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस दिनेश माहेश्वरी की खंडपीठ ने संतुष्टि जता दी है। सीबीएसई ने बताया है कि बारहवीं में यूनिट, टर्म और प्रैक्टिकल में मिले नंबरों को भी ध्यान में रखा जाएगा। सीबीएसई ने कहा है कि रिजल्ट के लिए जो फॉर्मूला बनाया गया है, उसके आधार पर 31 जुलाई तक रिजल्ट घोषित कर दिया जाएगा और जो बच्चे रिजल्ट से संतुष्ट नहीं होंगे, उनको स्थिति समान्य होने पर परीक्षा देने का मौका दिया जाएगा। गौरतलब है कि बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में पिछली सुनवाई में केंद्र सरकार ने बताया था कि कोरोना के मद्देनजर 12वीं की परीक्षा रद्द कर दी गई है। सीबीएसई और आईसीएसई ने अंक देने के ऑब्जेक्टिव क्राइटेरिया तय करने के लिए समय मांगा था। आज सीबीएसई ने अपना फॉर्मूला पेश कर दिया है। इसके बाद अब आईसीएसई बोर्ड की बारी है।
शिमला: भाजपा हिमाचल प्रदेश की बैठकों का दौर अपने तीसरे दिन में पहुंच चुका है। आज प्रातः प्रथम बैठक में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप, प्रदेश प्रभारी अविनाश राय खन्ना, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर , प्रदेश सह प्रभारी संजय टंडन, प्रदेश महामंत्री संगठन पवन राणा, महामंत्री त्रिलोक जम्वाल, राकेश जम्वाल एवं त्रिलोक कपूर ने भाजपा के सातों मोर्चों के अध्यक्ष, महामंत्री एवं आईटी के साथ की। जिसमें विभिन्न कार्यक्रमों पर चर्चा की गई। भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सौदान सिंह इस बैठक में विशेष रूप से उपस्थित रहे।
गलवान घाटी में चीन से हुए संघर्ष को पूरा एक साल बीत गया है। इस मौके पर लेह स्थित वॉर मेमोरियल पर चीन से लड़ते हुए सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। खुद थलसेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने भी बहादुर सैनिकों को याद करते हुए कहा कि उनका शौर्य और पराक्रम हमेशा देश के दिलों-दिमाग में अंकित रहेगा। पिछले साल आज ही के दिन यानि 15-16 जून की रात पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन की सेनाओं के बीच हिंसक झड़प हुई थी। इस झड़प में सेना की 16 बिहार यूनिट के कमांडिंग ऑफिसर, कर्नल संतोष बाबू सहित कुल 20 भारतीय सैनिकों ने अपनी जान देश की अखंडता और संप्रभुता के लिए न्यौछावर कर दिए थे। भारतीय सेना ने चीन के खिलाफ पूर्वी लद्दाख में चलाए गए इस अभियान को 'ऑपरेशन स्नो लैपर्ड' का नाम दिया था। खास बात ये है कि इस लड़ाई में एक भी गोली नहीं चली थी। लड़ाई में हाथा-पाई, डंडे और भालों का इस्तेमाल हुआ था। भारत ने वीरगति को प्राप्त हुए सैनिकों की याद में गलवान घाटी में एक वॉर मेमोरियल भी तैयार कराया। लेह स्थित 14वीं कोर के चीफ ऑफ स्टाफ, मेजर जनरल आकाश कौशिक ने कोर के सभी सैनिकों की तरफ से गलवान के बलवानों को फूलमाला अर्पित की। थलसेना प्रमुख जनरल नरवणे ने अपने संदेश में कहा कि "लद्दाख की गलवान घाटी मेअ देश की अंखडता और संप्रभुता की रक्षा करते हुए सर्वोच्च बलिदान देने वाले बहादुर सैनिकों को पूरी सेना श्रद्धांजलि देती है। उनकी वीरता सदैव राष्ट्र की स्मृति में अंकित रहेगी।' गौरतलब है कि कैलाश हिल रेंज पर हुई भारतीय सेना की कारवाई के बाद पर चीन बातचीत की टेबल पर झुक गया और इसी साल 24 जनवरी को कोर कमांडर स्तर की बातचीत पर दोनों देश पैंगोंग-त्सो झील से सटे इलाकों से डिसइंगेजमेंट के लिए तैयार हो गए। इसके मायने ये थे कि चीनी सेना पूरा फिंगर एरिया खाली कर अप्रैल 2020 की स्थिति पर चली जाएगी। उसी तरह भारतीय सेना भी कैलाश हिल रेंज खाली कर चुशुल के करीब पहुंच जाएगी। लेकिन पहले चरण के सफल डिसइंगेजमेंट के बाद चीन की पीएलए सेना अब पीछे हटने के लिए तैयार नहीं है। पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी पर पैंगोंग-त्सो झील के उत्तर में फिंगर एरिया और दक्षिण में कैलाश हिल रेंज पर तो डिसइंगेजमेंट हो गया है, लेकिन हॉट-स्प्रिंग, गोगरा, डेपसांग प्लेन इत्यादि इलाके अभी भी ऐसे हैए जहां तनाव बरकरार है। अभी भी दोनों देशों के करीब 50-50 हजार सैनिक, टैंक, तोप, मिसाइल, फाइटर जेट्स फॉरवर्ड लोकेशन पर तैनात हैं।
हिमाचल प्रदेश के बहुतचर्चित गुड़िया रेप और मर्डर केस में दोषी नीलू की सजा पर बहस को लेकर मंगलवार को शिमला जिला अदालत चक्कर में सुनवाई हुई, इस दौरान सीबीआई के वकील और बचाव पक्ष के वकील दोनों ने अपनी दलीलें रखी। अब मामले में 18 जून को सजा का ऐलान किया जाएगा। आज सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के वकील ने दलील दी कि दोषी ने इस घटना को प्लानिंग के तहत अंजाम नहीं दिया था ऐसे में सजा-ए-मौत की सजा नहीं सुनाई जाए। वहीं, सीबीआई के वकील ने कहा कि दोषी पेशेवर अपराधी है और इसे सजा-ए-मौत हो। सीबीआई के वकील ने इस संबंध में निर्भया केस का जिक्र किया और कहा कि दोषी को फांसी की सजा सुनाई जाए। वहीं बचाव पक्ष ने यह भी कहा कि दोषी की मां उस पर निर्भर है। जबकि सीबीआई के वकील ने कहा कि दोषी के दो और भाई है, वह मां की देखभाल कर सकते हैं। अब 18 जून को दोनों पक्षों को कोर्ट में बुलाया गया है और उस दिन ही सजा का एलान होना है। गौरतलब है कि बहुतचर्चित गुड़िया रेप और मर्डर केस में दोषी नीलू को 28 अप्रैल को दोषी करार दिया गया था। जिसके बाद मामले की पिछली पांच सुनवाईयां कोरोना कर्फ़्यु व बंदिशों के चलते टाल दी गई थी।
हिमाचल प्रदेश में धारा -144 के हटने के साथ ही कोविड-19 ई पास पोर्टल पर पंजीकरण से ज्यादा संख्या में सैलानी पहुंचने लगे हैं। पिछले तीन दिन में पोर्टल में दर्ज आंकड़ों के अनुसार ई-पास स्कैनिंग और आने वालों की संख्या कम हो गई है, जबकि शिमला समेत प्रदेश भर में हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, यूपी और चंडीगढ़ के रजिस्ट्रेशन वाली गाड़ियां सड़कों पर दौड़ती दिख रही हैं। सरकारी सिस्टम के दावों के अनुसार पंजीकरण के संबंधित जिले के एसडीएम से अप्रूव होने के बाद ही प्रवेश दिया जा रहा है। पास जारी होने, स्कैन होने और सड़कों पर दौड़ती गाड़ियों की संख्या इस दावे की हवा निकाल रहे हैं। 11 जून को पोर्टल के अनुसार प्रदेश में 3991 पास स्कैन किए गए, जबकि 9586 लोगों ने राज्य की सीमा में प्रवेश किया। 12 जून को यह संख्या घटकर 9278 हो गई। रविवार 13 जून को परवाणू बॉर्डर से एंट्री के लिए हजारों वाहनों के फोटो और वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुए, लेकिन आंकड़ों के अनुसार सिर्फ 7201 लोगों ने ही राज्य में प्रवेश किया। सरकारी सिस्टम के इस दावे और सोशल मीडिया पर सैकड़ों की संख्या में वाहनों के हिमाचल में प्रवेश के फोटो वीडियो वायरल होने के बाद लोगों ने खासी नाराजगी जताई है। कई लोगों ने फेसबुक और ट्विटर जैसे माध्यमों के जरिये सरकार से पूछा है कि कैसे हो सकता है कि सैकड़ों की संख्या में वाहन हिमाचल आ रहे हैं और आने वालों की संख्या कम हो रही है। लोगों ने पंजीकरण और ई-पास की चेकिंग पर सवाल उठाए। उधर, पुलिस मुख्यालय ने प्रदेश में आने वाले सैलानियों को लेकर एडवाइजरी जारी कर दी है। कहा गया है कि वह कोविड संबंधी सभी दिशा-निर्देशों का पालन करें। मास्क न लगाने पर पहली बार पांच सौ रुपये जुर्माना लगेगा, जबकि बार-बार पकड़े जाने पर पांच हजार का जुर्माना और 8 दिन की जेल भी हो सकती है।
हिमाचल प्रदेश के स्कूलों और कॉलेजों में जल्द चार हजार शिक्षकों की भर्ती की जाएगी। शिक्षा विभाग ने वित्त महकमे से मंजूरी लेने के लिए प्रस्ताव तैयार कर लिया है। इसके बाद प्रस्ताव मंत्रिमंडल की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। सरकार से स्वीकृति मिलने के बाद भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। सीधी भर्ती के अलावा कुछ पद बैचवाइज भी भरे जाएंगे। प्रारंभिक और उच्च शिक्षा विभाग में स्वीकृत रिक्त पद भरने के लिए शिक्षा विभाग ने चार हजार नए शिक्षक भर्ती करने का प्रस्ताव तैयार किया है। टीजीटी, जेबीटी, सीएंडवी, शास्त्री, भाषा अध्यापक, पैट, डीएम, तबला प्रशिक्षक और कॉलेज प्रवक्ताओं के पद भरे जाएंगे। पीईटी, ड्राइंग शिक्षकों और तबला प्रशिक्षकों की काफी समय के बाद भर्ती की जा रही है। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि प्रारंभिक शिक्षा के तहत टीजीटी, जेबीटी और सीएंडवी के करीब 2500 पद भरे जाएंगे। शेष पदों को उच्च शिक्षा के तहत भरा जाएगा। मंत्रिमंडल से मंजूरी मिलने के एक माह के भीतर भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर और लोकसेवा आयोग शिमला के माध्यम से पद भरे जाएंगे। शिक्षा सचिव राजीव शर्मा ने बताया कि शिक्षकों की विभिन्न श्रेणियों के पद भरने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। वित्त विभाग को इस बाबत प्रस्ताव भेजा जा रहा है। वहीं दूसरी ओर, आयुर्वेद विभाग में रोजगार के द्वार बंद पड़े हैं। प्रदेश के विभागों में विभिन्न श्रेणियों के पदों को भरा जा रहा है लेकिन आयुर्वेद में डाक्टरों और अन्य रिक्त पड़े पदों को नहीं भरा जा रहा है। इस विभाग में अभी भी 935 पद खाली चल रहे है। प्रदेश में कोरोना महामारी ने पांव पसार हैं। फील्ड में एमबीबीएस डॉक्टरों की सेवाएं ली जा रही हैं। प्रदेश में आयुर्वेद स्नातक बेरोजगार घूम रहे हैं लेकिन इनकी तैनाती नहीं की जा रही है। विधानसभा में भी इस बार इस मामले को उठाया गया है, बावजूद सरकार पद नहीं भर रहे हैं। प्रदेश में डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की कमी चल रही है। आयुर्वेद में रिक्त पदों को भरे जाने से इनकी सेवाएं फील्ड मे ली जा सकती है। बेरोजगार आयुर्वेद स्नातक ने रिक्त पदों को भरने के लिए राज्यपाल को भी ज्ञापन सौंपा है। बिलासपुर में डॉक्टरों समेत विभिन्न श्रेणियों के 26, चंबा 116, हमीपुर 20, कांगड़ा 130, किन्नौर 31, कुल्लू 64, लाहौल-स्पीति 40, मंडी 83, शिमला 158, सिरमौर 77, सोलन 30, ऊना 55 सहित अन्य आयुर्वेद चिकित्सा संस्थान में पद खाली है।
स्नातक डिग्री कोर्स के अंतिम वर्ष की परीक्षा करवाने के फैसले पर हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की परीक्षा विंग में 50 फीसदी स्टाफ बुलाकर तैयारियां शुरू हो गई हैं। विवि एक जुलाई से फाइनल ईयर की परीक्षा शुरू कर देगा। इसके साथ ही 15 दिनों के अंतराल के बाद यूजी द्वितीय वर्ष की परीक्षा शुरू करने की प्लानिंग की गई है। अंतिम वर्ष का परीक्षा शेड्यूल लगभग तय कर दिया गया है, जिसे विवि मंगलवार को जारी कर देगा। विश्वविद्यालय ने एक जुलाई से फाइनल ईयर की परीक्षा शुरू कर इसे अगस्त के पहले सप्ताह तक समाप्त करने की योजना बनाई है, जबकि फाइनल ईयर की परीक्षा शुरू होने के पंद्रह दिन के अंतराल के बाद यूजी द्वितीय वर्ष की परीक्षा भी शुरू कर देगा। फाइनल की परीक्षा समाप्त होने पर प्रथम वर्ष की परीक्षा शुरू कर दी जाएगी। सरकार के आदेश के बाद अब यह तय है कि यूजी डिग्री कोर्स में प्रमोट कोई नहीं किया जाएगा।
केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कोरोना वैश्विक आपदा के इस कठिन समय में भी मोदी सरकार के कुशल नीतियों चलते जून के पहले सप्ताह में निर्यात 52 प्रतिशत की बढ़ोतरी होने की जानकारी दी है, जोकि अर्थव्यवस्था के लिए काफ़ी अच्छा संकेत है। अनुराग ठाकुर ने कहा कि कोरोना वैश्विक आपदा की इस घड़ी में भी मोदी सरकार की कुशल नीतियों के चलते भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है। जून के पहले हफ्ते में निर्यात कारोबार में अच्छी वृद्धि देखने को मिली है। आंकड़ों के अनुसार रत्न-आभूषण, इंजीनियरिंग और पेट्रोलियम उत्पादों सहित विभिन्न क्षेत्रों में मांग के चलते देश का निर्यात जून के पहले सप्ताह के दौरान 52.39 प्रतिशत बढ़कर 7.71 अरब डॉलर हो गया। इंजीनियरिंग का निर्यात 59.7 प्रतिशत बढ़कर 74.11 करोड़ डॉलर, रत्न और आभूषण का निर्यात 96.38 प्रतिशत बढ़कर 29.78 करोड़ डॉलर और पेट्रोलियम उत्पादों का निर्यात 69.53 प्रतिशत बढ़कर 53.06 करोड़ डॉलर हो गया। पिछले तीन महीनों से भारतीय वस्तुओं के निर्यात का आंकड़ा उत्साहवर्धक रहा है। मार्च, अप्रैल और मई में क्रमशः 34, 30 और 32 अरब डॉलर मूल्य का निर्यात हुआ है। ये आंकड़े पिछले साल के इन तीन महीनों की तुलना में बड़ी छलांग हैं।हमारी अर्थव्यवस्था के बारे विपक्षी दलों द्वारा फैलाई गई नकारात्मकता और उनके दावों को ये आंकड़े ख़ारिज करते है। अनुराग ठाकुर ने कहा कि भारत का कृषि और संबद्ध उत्पादों का निर्यात वर्ष 2020-21 में 17.34 प्रतिशत बढ़कर 41.25 अरब डॉलर पर पहुंच गया जिसके चालू वित्त वर्ष में भी वृद्धि की गति बने रहने की उम्मीद है। भारतीय अर्थव्यवस्था में रिकवरी की रफ्तार जोर पकड़ती जा रही है। कोरोना संकट के कारण औद्योगिक गतिविधियों पर असर जरूर हुआ है, लेकिन यह पूरी तरह रुका नहीं है। आठ बुनियादी उद्योगों का उत्पादन इस साल अप्रैल में पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 56.1 प्रतिशत बढ़ा है। अप्रैल में प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पादों, इस्पात, सीमेंट और बिजली के उत्पादन में बढ़ोतरी हुई। अप्रैल 2021 में प्राकृतिक गैस का उत्पादन 25 प्रतिशत, रिफाइनरी उत्पादों का उत्पादन 30.9 प्रतिशत, इस्पात का उत्पादन 400 प्रतिशत, सीमेंट का उत्पादन 548.8 प्रतिशत और बिजली का उत्पादन 38.7 प्रतिशत बढ़ा है।
कोरोना महामारी के दौरान देश भर में बढ़ी गरीबी, बेरोजगारी व तंगहाली पर प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने चिंता जताई है। राणा ने कहा कि देश वर्तमान में बड़े आर्थिक संकट से गुजर रहा है। ऐसे समय में हमें भविष्य को देखते हुए रणनीति बनानी होगी। केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए राजेंद्र राणा ने कहा की सरकार को वैश्विक समस्याओं सहित बेरोजगारी व आर्थिक समस्याओं से निपटने के लिए अहंकार व भेदभाव छोड़कर सोच बदलनी होगी। राणा ने कहा कि कोरोना काल में हजारों बच्चे अनाथ हुए हैं, जबकि इससे पहले अन्य रोगों व विभिन्न कारणों से अभिभावकों को खोने के कारण अनाथ बच्चों की संख्या भी लाखों-करोड़ों में है। वहीं लाखों लोगों का रोजगार छिन जाने से उन्हें रोजी-रोटी के लिए तरस रहे हैं। ऐसी भयानक स्थिति में इन परिवारों व उनके बच्चों के हित में नीति बनाई जानी जरूरी है। कहीं ऐसा न हो कि भुखमरी का शिकार बनकर बच्चे परिवार को आर्थिक संबल बनाने के लिए बाल श्रम के गर्त में गुम हो जाएं। राणा ने चिंता जताई है कि बाल श्रम में पहले ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 10 बच्चों में से एक बच्चा हमारे देश का है। वर्ष 2011 के संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन की रिपोर्ट के अनुसार भारत में 1 करोड़ से ज्यादा बच्चे बाल श्रम से जुड़े हैं जोकि शर्मनाक है। उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय उच्च शिक्षा सर्वे में खुलासा हुआ है कि राष्ट्रीय स्तर के संस्थानों व व्यवसायिक कोर्सों में कन्याओं की कम संख्या भी कम हुई है तो उच्च शिक्षा के लिए बच्चों की संख्या में इजाफा तो हुआ है, लेकिन उनके अनुपात में शिक्षकों की संख्या बहुत कम हो गई है। देश के भावी भविष्य को देखते हुए इस पर भी आत्ममंथन की जरूरत है। विधायक राजेंद्र राणा ने कहा कि इस समय कोरोना महामारी सबसे बड़ी आपदा है, जिसे जड़ से खत्म करने के लिए बड़े स्तर पर नीति निर्धारण करने की जरूरत है, लेकिन इस मामले में भी वाहवाही लूटी जा रही है, जबकि कोई नीति स्पष्ट नहीं हो रही है। अगर महामारी से सही नियोजित नीति के तहत न निपटा गया तो गरीबी, बेरोजगारी आदि मसले हल कैसे होंगे। इसके लिए एम्स व कोरोना संबंधी राष्ट्रीय कार्यबल द्वारा बड़े पैमाने पर अंधाधुंध व अपूर्ण टीकाकरण पर दिए गए सुझावों पर केंद्र सरकार को अमल करना चाहिए, ताकि वैक्सीन की कमी भी न हो और टीकाकरण भी बेहद सरल तरीके से हो सके।
पूर्व मंत्री कौल सिंह ठाकुर ने एक बार फिर से जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार जो नियम बना रही है, उसे तोड़ने में उनके ही मंत्री लगे हुए हैं। ठाकुर कौल सिंह ने कहा कि जैसे पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने भी कहा है कि कोरोना संक्रमण के दौरान को सरकार के मंत्रियों को जनता के बीच में जाने से बचना चाहिए, क्योंकि नेताओं की जनसभा से कोरोना प्रदेश में बढ़ रहा है और लोगों की जान जा रही है। शांता ने यह भी कहा था कि मंत्रियों को ऑफिस में बैठकर कार्य करने चाहिए। पूर्व मंत्री ठाकुर कौल सिंह ने कहा कि बीते दिनों मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर जोगिंदर नगर में जगह-जगह 8 से 10 गाड़ियों के काफिले के साथ पुलिस एसएचओ की गाड़ी एस्कॉर्ट करते हुए चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोविड -19 के चलते प्रदेश में काेराेना कर्फ्यू लगा हुआ है और धारा 144 लागू होते हुए मंत्री महेंद्र सिंह 50-100 लोगों को इकठ्ठा कर जनसभा कर कोविड -19 प्रोटोकॉल के नियमों को धज्जियां उड़ाने लगे। कौल सिंह ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर की आशंका बनी हुई है, जिसमें ब्लैक फंगस जैसी बीमारी से बच्चों को भी खतरा बताया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार के यह मंत्री तीसरी लहर फैलाने का काम कर रहे हैं। कौल सिंह ठाकुर ने कहा कि उन्होंने जिला उपायुक्त व एसपी से फोन कर पूछा है कि क्या मंत्री महेंद्र सिंह को कोविड -19 प्रोटोकॉल में छूट की इजाजत दी है या जिला मंडी में धारा 144 हटा दी गई है ? उन्होंने डीसी व एसपी मंडी के ध्यान में यह मामला पहुंचाया है। जयराम से पूछा क्या कांग्रेस भी कर सकती हैं जनसभाएं? पूर्व मंत्री ठाकुर कौल ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से पूछा है कि क्या कांग्रेस भी ऐसी जनसभाएं कर सकते हैं? उन्होंने कहा कि कांग्रेस कोविड -19 प्रोटोकॉल नियमों का सख्ती से पालन कर रही है। सरकार को भी चाहिए कि कोविड -19 प्रोटोकॉल नियमों का सख्ती से पालन करें। उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की है कि कोविड -19 प्रोटोकॉल के नियमों का उल्लंघन करने पर सरकार के मंत्री पर कार्रवाई की जाए। पानी की स्कीम का झूठा श्रेय ले रहे महेंद्र सिंह ठाकुर पूर्व मंत्री ठाकुर कौल सिंह ने कहा कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार में 25 करोड़ रुपए की एक पानी की स्कीम पंजौड़ नाले में लगभग पूरी बनाई गई थी, लेकिन चौहार घाटी वाइल्ड लाइफ एरिया होने के कारण कुछ पाइप जोड़ने का काम बचा था। महेंद्र सिंह कोविड नियमों का उल्लंघन कर गांव-गांव जा कर उस पानी की योजना का झूठा श्रेय लेने की कोशिश कर रहे हैं।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद सुरेश कश्यप ने कोरोना महामारी से देशवासियों को बचाने के लिए टीकाकरण अभियान के तहत राज्यों को अब तक 24.65 करोड़ से ज़्यादा टीके निशुल्क दिए जाने की जानकारी दी है। कश्यप ने कहा कि कोरोना महामारी से देशवासियों को बचाने व राहत पहुँचाने के लिए केंद्र सरकार ने पूरी ताक़त झोंक रखी है। कोरोना से बचाव के लिए टीकाकरण सबसे प्रभावी उपाय है और इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान भारत में चल रहा है। पहली मई 2021 से कोविड-19 टीकाकरण की उदारीकृत एवं त्वरित चरण 3 रणनीति का क्रियान्वयन शुरू हो गया है जिसके अंतर्गत केंद्र सरकार ने अब तक राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को अब तक 24.65 करोड़ से ज़्यादा वैक्सीन ( 24,65,44,060) प्रदान की हैं। इसमें से अब तक उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार औसत आधार पर अपव्यय सहित कुल खपत 23,47,43,489 खुराकों का उपयोग हुआ हैI राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पास अब भी 1.19 करोड़ (1,19, 46,925) कोविड वैक्सीन की खुराक मौजूद हैं, जिन्हें अभी लगाया जाना है। यह कोरोना से लड़ने की दिशा में हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निर्देशानुसार केंद्र सरकार 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी भारतीय नागरिकों को मुफ्त टीका प्रदान करने जा रही है । केंद्र सरकार टीके के उत्पादों के कुल उत्पादन का 75 प्रतिशत खरीदेगी और राज्यों को मुफ्त मुहैया कराएगी। किसी भी राज्य सरकार को टीकों के लिए कुछ भी खर्च नहीं करना होगा। राज्यों के पास वैक्सीनेशन से जुड़ा अभी तक जो 25 प्रतिशत काम था, उसकी जिम्मेदारी भारत सरकार उठाएगी । प्रधानमंत्री मोदी के इस निर्णय से वैक्सीनेशन की प्रक्रिया में और तेजी आएगी जिससे जल्द से जल्द सभी देशवासियों के टीकाकरण के लक्ष्य को हासिल करने में बड़ी मदद मिलेगी।
प्रदेश भाजपा प्रवक्ता विनोद ठाकुर ने आपदा में अवसर ढूंढने वाले विपक्षी दलों की मौकापरस्ती पर कड़ा प्रहार किया है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक ऐलान ने कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के मानवता विरोधी एजेंडे को धराशायी कर दिया है। जिस विपक्ष ने जनता का हितैषी होने का ड्रामा रच कर अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के चलते लोगों की जान से खिलवाड़ किया, वह बेनकाब हो गया है। जारी वक्तव्य में उन्होंने कहा कि कांग्रेस या उसके सहयोगी दल जिस भी राज्य में शासन चला रहे हैं, वहां केवल मोदी सरकार की छवि खराब करने की मंशा से हालात की गंभीरता को दरकिनार करते गए। राज्यों में बढ़ते कोरोना के कहर को लगाम लगाने की बजाय मोदी को बदनाम करने की रणनीति ही आगे बढ़ाते रहे। लाखों लोगों की जान को दांव पर लगाने से भी परहेज नहीं किया। महाराष्ट्र, राजस्थान और पंजाब इसके बड़े उदाहरण हैं। राजनीतिक द्वेष में कांग्रेस यह भी भूल गई कि कोरोना किसी को नहीं बख्श रहा। उन्होंने कहा कि पंजाब समेत सभी केंद्र शासित राज्यों में पीएम केयर्स फंड से भेजे गए करोड़ों के स्वास्थ्य उपकरण धूल फांकते रहे, वैक्सीन डस्टबिन में फेंकी जाती रही। पहले केंद्र सरकार की टीकाकरण नीति पर सवाल उठाकर राज्यों को इसकी जिम्मेदारी देने की मांग की। जब टीकाकरण को संभाल नहीं पाए तो फिर केंद्र सरकार पर ही दोषारोपण करने लगे। शायद कांग्रेसी ये भूल गए कि जनता सब देख रही है। पंजाब में किसके इशारे पर बिकी वैक्सीन विनोद ठाकुर ने कहा कि पंजाब में केंद्र सरकार से मिली वैक्सीन की 80 हजार डोज मुनाफाखोरी के लिए निजी अस्पतालों को बेच दी गई। फिर जनता से एक डोज के हजारों रुपये वसूले गए। अब पोल खुली तो कोई जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं। सरकार के मंत्रियों की जानकारी के बिना गरीबों को लगने वाली वैक्सीन कैसे बिक गई इस पर भी कोई संतोषजनक जवाब न मिलना यह बताता है कि इस मुनाफाखोरी में मुख्यमंत्री से लेकर कांग्रेस के आला नेता तक शामिल थे।
हिमाचल के शिक्षा मन्त्री गोविन्द सिंह ठाकुर ने कांग्रेस शासित राज्यों में वैक्सीन को लेकर हो रही राजनीति, बर्बादी और अनियमितताओं पर चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा कि एक ओर देश का हर नागरिक वैश्विक महामारी से लड़ रहा है तथा जिम्मेदार सरकारें एवं नागरिक लोगों की मदद कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर गैर भाजपा शासित राज्य सरकारों द्वारा वैक्सीन पर राजनीति की जा रही है। गोविन्द सिंह ठाकुर ने पंजाब, दिल्ली और पश्चिम बंगाल की सरकारों की नीतियों एवं एजेंडे की घोर निन्दा की है। उन्होंने कहा कि पंजाब में जिस प्रकार सरकारी वैक्सीन को निजी अस्पतालों में बेचा जा रहा है वह मानवता के लिए शर्मसार करने वाली घटना है। एक रिपाेर्ट का हवाला देते हुए गोविन्द सिंह ठाकुर ने कहा कि पंजाब की कांग्रेस सरकार द्वारा 35 करोड़ रूपये की वैक्सीन निजी अस्पतालों में बेच दी गई और उन अस्पतालों ने इन्हें 1560 रुपये से लेकर 3200 रुपये में बेचा है, जबकि केन्द्र सरकार द्वारा राज्यों को यह आपूर्ति निशुल्क की जा रही है, जिसके लिए देश के प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी द्वारा एक मुश्त 35 हजार करोड़ रूपये का बजट प्रावधान किया है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार का यह कदम संवेदनहीनता एवं गैरजिम्मेदारी का प्रमाण है। गोविन्द सिंह ठाकुर ने पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार की दोहरी नीतियों की आलोचना की है। वह कुछ सप्ताह तक वैक्सीन पर हर प्रकार की राजनीति करते हुए वैक्सीन सर्टिफिकेट में प्रधानमन्त्री मोदी जी की तस्वीर का विरोध यह कह कर रही थी कि इसमें किसी राजनितिक नेता की तस्वीर लगाना वैक्सीनेशन का राजनीतिकरण है जबकि दो दिन पूर्व वहां की सरकार द्वारा प्रधानमन्त्री मोदी जी की फोटो हटाकर ममता बनर्जी का फोटो युक्त प्रमाण पत्र जारी करना शुरू किया है जो उनकी विभाजक सोच को प्रदर्शित करती है। गोविन्द सिंह ठाकुर ने कहा कि पश्चिम बंगाल की सरकार को लोगों के स्वास्थ्य एवं जीवन की कोई परवाह नहीं है वो केवल निचले दर्जे की राजनीति कर रही है जिसका उदाहरण प्रधानमन्त्री द्वारा बाढ़ के प्रभाव आंकलन की बैठक में वहां की सरकार का अनुपस्थित रहना था। केजरीवाल घर-घर पहुंचा रहे शराब दिल्ली में सीएम केजरीवाल द्वारा घर-घर शराब पहुँचाने के निर्णय पर भी गोविन्द सिंह ठाकुर ने तंज कसा कि स्वास्थ्य सुरक्षा जैसे निर्णय लेने में असमर्थ दिल्ली की सरकार का घर-घर शराब पहुंचाना दुखद एवं हास्यास्पद है। जब दिल्ली के मुख्यमंत्री को घर-घर राशन पहुंचाने के सवाल किये जाते हैं तो वही अपना रटा- रटाया जवाब देते हैं कि मोदी ने रोका है। उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री के उस बयान की निंदा की जिसमें उन्होंने कहा कि घर-घर राशन पहुंचाने की योजना को दिल्ली के उपराज्यपाल द्वारा राजनीतिक कारणों से रोका है, जबकि वास्तविकता यह है कि दिल्ली सरकार की यह योजना उच्च न्यायालय दिल्ली में विचाराधीन है। जयराम सरकार ने दूसरी लहर काे किया काबू शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नेतृत्व में कोरोना की दूसरी लहर पर काबू पा लिया गया है तथा प्रदेश में किसी प्रकार की भी स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि टीकाकरण कार्यक्रम में भी प्रदेश, देश के अग्रणी राज्यों में शामिल है।
जिला शिमला में रह रहे गरीब परिवारों के लिए पक्का मकान उपलब्ध करवाने की दृष्टि से जिला ग्रामीण विकास अभिकरण के तहत मुख्यमंत्री आवास योजना में आवास निर्माण का कार्य प्रगति पर है। इस योजना के तहत जिला के विभिन्न विकास खण्डों के तहत वर्ष 2020-21 के लिएनिर्धारित 113 आवासों के निर्माण को स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है। उल्लेखनीय है कि कोरोना संकटकाल में इस योजना के तहत गरीब लोगों को आवासीय सुविधा प्राप्त होने से अत्याधिक लाभ होगा। आवास निर्माण योजना के तहत निर्धारित 113 आवासों के निर्माण के लिए प्रथम तथा द्वितीय किस्तों में स्वीकृत 1 करोड़ 69 लाख रुपये की राशि से 57 आवासों का निर्माण जिला के विभिन्न क्षेत्रों में किया जा चुका है जबकि 56 आवासों का कार्य प्रगति पर है। पात्र व्यक्तियों का चयन ग्राम सभा द्वारा किया जाता है, जिनके पास घर की उपलब्धता न हो ऐसे बीपीएल परिवार के लोगों को प्राथमिक तौर पर इसके तहत चयनित कर आवासीय उपलब्धता सुनिश्चित की जाती है। मशोबरा खण्ड के तहत 11 आवासों में से 7 का कार्य पूर्ण कर लिया गया है तथा 4 आवासों का निर्माण किया जा रहा है, जिस पर 16 लाख 50 हजार रुपये की राशि खर्च की जा रही है। 10 लाख 50 हजार रुपये की राशि व्यय कर बसंतपुर विकास खंड में निर्धारित 7 आवासों में से 1 आवास का निर्माण किया गया है जबकि 6 आवासों का निर्माण जल्द किया जाएगा। ठियोग में 17 निर्माण कार्यों में से 14 को पूर्ण कर लिया गया है तथा 3 का कार्य किया जा रहा है, जिस पर 25 लाख 50 हजार रुपये की राशि खर्च की जा रही है। नारकण्डा खण्ड के लिए स्वीकृत 6 निर्माण कार्यों में से 3 का कार्य पूर्ण कर दिया गया है जबकि 3 निर्माण कार्य प्रगति पर है, जिस पर 9 लाख रुपये की राशि खर्च की जा रही है। रामपुर में निर्धारित 14 निर्माण कार्यों में से 6 को पूर्ण कर दिया गया है जबकि 8 का कार्य प्रगति पर है, जिस पर 21 लाख रुपये की राशि व्यय की जा रही है। ननखड़ी में 5 कार्याें के लिए प्रक्रिया जाेराें पर जिला के ननखड़ी में स्वीकृत 5 कार्यों को पूरा करने की प्रक्रिया जोरो पर है, जिस पर 7 लाख 50 हजार रुपये की राशि खर्च की जा रही है। चैपाल विकास खण्ड में 25 लाख 50 हजार रुपये की राशि व्यय कर 17 आवास निर्माण कार्य स्वीकृत किए गए हैं जिनमें से 15 आवास बनकर तैयार है जबकि 2 का कार्य प्रगति पर है। कुपवी में निर्धारित 4 निर्माण कार्य पूर्ण कर दिए गए हैं, जिस पर 6 लाख रुपये की राशि खर्च की गई है। जुब्बल में निर्धारित 10 निर्माण कार्यों में से 2 बनकर तैयार है जबकि 8 आवासों को जल्द निर्मित किया जाएगा, जिस पर 15 लाख रुपये खर्च किए जा रहे हैं। रोहडू विकास खण्ड में निर्धारित 8 निर्माण कार्यों में से 3 को पूर्ण कर लिया गया है जबकि 5 निर्माण कार्यों को जल्द पूरा कर लिया जाएगा, जिस पर 12 लाख रुपये की राशि व्यय की जाएगी। छौंहारा क्षेत्र में निर्धारित 12 निर्माण कार्यों में से 2 निर्माण कार्य पूर्ण कर लिए गए हैं जबकि 10 आवासों का निर्माण जल्द किया जाएगा, जिस पर 18 लाख रुपये की राशि व्यय की जा रही है। डोडरा क्वार में 2 निर्माण कार्य किए जाएंगे, जिस पर 3 लाख रुपये खर्च होंगे। लाभार्थी को डेढ़ लाख रूपए मिलते हैं सरकार से मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत लाभार्थी को 1 लाख 50 हजार रुपये की राशि आवास निर्माण के लिए स्वीकृत की जाती है। उल्लेखनीय है कि कोरोना संक्रमण की स्थिति के कारण निर्माण प्रक्रिया की गति में कमी आई है किंतु इस दौरान निर्माण की निरंतरता को जारी रखते हुए आवासीय निर्माणों की प्रक्रिया को पूर्ण करने के लिए युद्ध स्तर पर गति प्रदान की जा रही है ताकि पात्र व जरूरतमंद लोगों को इस योजना का भरपूर लाभ मिल सके।
हिमाचल प्रदेश आबकारी एवं कराधान विभाग ने मई, 2021 में कुल 500 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया है। यह राजस्व मई 2020 में अर्जित 310 करोड़ रुपये की तुलना में 61 प्रतिशत अधिक है। काेराेना महामारी की मौजूदा स्थिति के बावजूद मई 2021 में प्रदेश वस्तु एवं सेवा कर के अंतर्गत 185 करोड़ रुपये, बिक्री कर/वैट के अंतर्गत 234 करोड़ रुपये, राज्य कर के अंतर्गत 50 करोड़ रुपये, अन्य कर और ड्यूटी के अंतर्गत 25 करोड़ और यात्री और वस्तु कर के अंतर्गत छह करोड़ रुपये राजस्व के रूप में अर्जित किए गए हैं। जबकि मई 2020 में प्रदेश वस्तु एवं सेवा कर के अंतर्गत 118 करोड़ रुपये, बिक्री कर/वैट के अंतर्गत 65 करोड़ रुपये, राज्य कर के अंतर्गत 108 करोड़ रुपये, अन्य कर और अन्य कर व ड्यूटी के अंतर्गत 15 करोड़ और यात्री और वस्तु कर के अंतर्गत तीन करोड़ रुपये राजस्व अर्जित किया गया था। बताया गया कि प्रदेश सरकार ने लोगों के जीवन यापन में संतुलन बनाते हुए वर्तमान महामारी की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए ध्यानपूर्वक व्यापक कदम उठाए हैं। आबकारी व कराधान विभाग द्वारा एकत्र कुल राजस्व विभिन्न राजस्व मदों के तहत लागू किया गया है। मई माह में जीएसटी के अन्तर्गत अर्जित राजस्व गत माह की उपलब्धियों को दर्शाता है। विभागीय सूत्राें के मुताबिक मौजूदा महामारी के मद्देनजर करदाताओं को रिटर्न भरने में कुछ रियायतें दी गई हैं। इसके बावजूद विभाग ने मई 2021 में 185 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया, जो गत वर्ष के इसी माह में अर्जित राजस्व से 56 प्रतिशत अधिक है। शराब की दुकानों को खोलने सम्बंधी प्रतिबंधों के कारण इस वर्ष मई माह के दौरान राजस्व एकत्रीकरण करने में कमी आई है। मई महीने में 234 कराेड़ रुपये अर्जित आबकारी एवं कराधान विभाग ने आबकारी मद के तहत मई 2021 में 48 करोड़ रुपये और वैट मद के तहत 234 करोड़ रुपये अर्जित किए। राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा कि पैट्रोल पंपों की कार्य पद्धति में कोई प्रतिबंध नहीं लगाए गए हैं, इसलिए वैट राजस्व पर बहुत कम प्रभाव पड़ा है। उन्होंने कहा कि यदि अप्रैल और मई माह के कुल राजस्व 1147 करोड़ की तुलना गत वर्ष इन्हीं महीनों के 387 करोड़ से की जाए तो कुल अर्जित राजस्व में 197 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। ऐसे में आने वाले समय में राजस्व और अधिक हाेने की संभावनाएं हैं।
नगर निगम के जख्म अभी ताजा है और दस्तक दे रहे है उपचुनाव। दो विधानसभा और एक लोकसभा सीट के उपचुनाव ने जयराम सरकार के सामने अनचाही चुनौती खड़ी कर दी है। सरकार को इस लिटमस टेस्ट से गुजरना भी होगा और उठती हुई आवाज़ों को दबाएं रखने के लिए इस पर खरा भी उतरना होगा। लोकप्रियता की शुद्धता में कमी दिखी तो दोतरफा हमला तय है, विपक्ष का हौंसला तो बढ़ेगा ही भीतर से उठ रही आवाज़ें भी बुलंद होंगी। साथ ही 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले जनता के बीच भी सरकार के खिलाफ माहौल बनने का खतरा बढ़ेगा। 1993 से वीरभद्र सिंह और प्रेमकुमार धूमल के बीच स्थान्तरित होती रही हिमाचल की सत्ता में 2017 चुनाव में बड़ा ट्विस्ट आया, जब भाजपा के सीएम फेस प्रेम कुमार धूमल खुद चित हो गए। बतौर सीएम एंट्री हुई मिस्टर क्लीन एंड कूल जयराम ठाकुर की। तब से अब तक जयराम विरोधी उन्हें सेट करने का मौका तलाशते दिखे है, पर हर मौके पर जयराम ठाकुर बचते रहे है। उनके कार्यकाल में पहले भाजपा ने लोकसभा चुनाव में क्लीन स्वीप किया, फिर पच्छाद और धर्मशाला में हुए उपचुनाव में शानदार जीत दर्ज की। इसके बाद इसी साल जनवरी में हुए पंचायत और स्थानीय निकाय चुनाव में भी भाजपा का प्रदर्शन बेहतर रहा। पर इस जीत के उत्साह में सरकार ने पार्टी सिंबल पर नगर निगम चुनाव करवाने की सियासी भूल कर दी। भूल हुई तो खामियाजा भी भुगतना ही था, नगर निगम चुनाव में कांग्रेस भाजपा से इक्कीस साबित हुई। इस आंशिक जीत से जहां कांग्रेस में जान फूंक गई, वहीं जयराम विरोधियों को भी मौका मिल गया। दरअसल, नगर निगम चुनाव में खुद सीएम जयराम ठाकुर ने वार्ड -वार्ड घूमकर प्रचार किया था, पर नतीजा सिफर रहा। ऐसे सीएम की लोकप्रियता को लेकर सवालों के बाण तो चलने ही थे। साथ ही जयराम ठाकुर की निर्णय लेने की क्षमता को लेकर भी उन पर हमले होते रहे। हालाँकि जयराम ठाकुर की क्लीन इमेज का कवच उन्हें अब तक ऐसे सियासी बाणों से बचाता रहा है, पर निसंदेह आगामी उपचुनाव जयराम सरकार का अब तक का सबसे बड़ा इम्तिहान लेंगे। जयराम और अनुराग : झलकियों में दिखती तल्खियां जयराम कैबिनेट में धूमल गुट के कई बड़े चेहरों को जगह नहीं मिली। फिर निगम और बोर्डों की नियुक्ति में भी धूमल गुट हाशिये पर ही दिखा। बदलती सियासत में कुछ नेताओं ने तो निष्ठा बदल ली लेकिन अधिकांश तटस्थ रहे। जाहिर है इन तमाम नेताओं -कार्यकर्ताओं की निष्ठा पूर्व मुख्यमंत्री के लिए बरकरार है। हालाँकि, इस बीच खुद प्रो प्रेम कुमार धूमल शांत और सहज रहे है और उन्होंने कभी भी ऐसा कोई ब्यान नहीं दिया जिससे पार्टी या सरकार असहज हो, पर उनकी ताकत हमेशा दिखी। इस बीच उनके पुत्र अनुराग ठाकुर का कद भी केंद्र की सियासत में बढ़ता रहा। अनुराग केंद्र में मंत्री बन गए और उनके इस सियासी उदय ने धूमल गुट के निष्ठवानों की आस प्रबल कर दी। समर्थकों को अनुराग में भावी सीएम दिखने लगा। इस दरमियान कई मौके ऐसे भी आये जहां अनुराग ठाकुर और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के बीच की दूरी स्पष्ट दिखी। पहले डॉ राजीव बिंदल की बतौर प्रदेश अध्यक्ष ताजपोशी में सीएम हाथ बढ़ाते रह गए और जाने -अनजाने अनुराग आगे बढ़ गए। इसके बाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी धर्मशाला के मुद्दे पर एक समारोह में अनुराग ने खुलकर प्रदेश सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाये। यानी झलकियों में तल्खियां दिखती आ रही है। हवा - हवाई नहीं है सीएम के तेवर हिमाचल में सीएम फेस बदलने को लेकर तरह -तरह की चर्चाएं होती रही है। पिछले दिनों जब उत्तराखंड में सीएम बदले गए तो इन चर्चाओं ने और जोर पकड़ लिया। हालाँकि फिलवक्त इनका कोई ठोस आधार नहीं दिखता। बीते दिनों जब सीएम जयराम ठाकुर दिल्ली गए तो फिर दबी जुबान ऐसी बातें होने लगी। पर वापस लौटते ही सीएम ने दो टूक कह दिया कि 'मैं यहाँ हूँ और 2022 में भी रहूंगा।' सीएम इस तरह कम ही तेवर दिखाते है, अब दिखाया है तो जाहिर है वे आश्वस्त है। वैसे भी वर्तमान स्थिति में इस बात में कोई शक -और- शुबह नहीं है कि सीएम जयराम ठाकुर की कुर्सी इस कार्यकाल में सेफ है। उन्हें पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा का भी आशीर्वाद मिला हुआ है। 2017 में भी नड्डा के समर्थन से ही बतौर सीएम उनकी राह प्रशस्त हुई थी। ऐसे में वर्तमान राजनीतिक परिवेश में तो उन्हें बदले जाने के कोई आसार नहीं दिखते। बाकी राजनीति में हाल और हालात बदलते देर नहीं लगती। संगठन में भी 'जयराम' की ही 'जय' 2017 में सत्ता वापसी के बाद से अब तक तीन नेता प्रदेश भाजपा की सरदारी संभाल चुके है। सतपाल सिंह सत्ती का कार्यकाल 2019 में पूरा हुआ और उसके बाद जैसे - तैसे माननीय विधानसभा अध्यक्ष बनकर बैठे डॉ राजीव बिंदल प्रदेश अध्यक्ष बनने में कामयाब हुए। कमान सँभालते ही बिंदल एक्शन में आये और पुरे प्रदेश में उन्होंने अपनी टीम तैनात कर दी। पर बिंदल का विवादों से गहरा नाता है। कोरोना काल में स्वास्थ्य घोटाले में भी उनका नाम उछला और बिंदल को इस्तीफा देना पड़ा। बाद में क्लीन चिट जरूर मिली लेकिन बिंदल पूरी तरह साइडलाइन कर दिए गए और अब भी हाशिए पर ही है। बिंदल के बाद इंदु गोस्वामी को प्रदेश अध्यक्ष बनाने की खूब चर्चाएं रही। माना जाता है उनका नाम लगभग तय था लेकिन अंत में कमान मिली सांसद सुरेश कश्यप को। माहिर अब भी मानते है कि सुरेश कश्यप की नियुक्ति जयराम ठाकुर का मास्टर स्ट्रोक था। अब सरकार के साथ -साथ संगठन में भी जयराम ठाकुर की पकड़ है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर को साईकल चलानी नहीं आती। जब वे महंगाई के खिलाफ साईकल प्रदर्शन में हिस्सा लेने के लिए साईकल पर बैठे तो सहारे की जरुरत पड़ गई। ऐसे में भाजपा और विरोधियों को मौका मिल गया। पर देखने वाली बात ये है कि असहजता के साथ ही सही सबके सहयोग से राठौर ने साईकल भी बैलेंस कर ली और संगठन भी चल ही रहा है। अच्छी बात ये है कि उन्हें गिराने की कोशिश करने वाले कम ही दिखते है।
कोरोना कर्फ्यू में ढील के बाद प्रदेश में रविवार को हज़ारों सैलानियों ने हिमाचल का रुख किया। वीकेंड पर सोलन के चायल में 80, शिमला और डलहौजी में 30 फीसदी होटल पैक हो गए हैं। मनाली में ऑक्यूपेंसी 10 फीसदी रही। इससे होटल कारोबारियों के चेहरे खिल गए हैं। मनाली में सोमवार को 2500 होटलों में से 50 फीसदी होटल खुलने का अनुमान था, लेकिन रोहतांग दर्रा पर्यटकों के बहाल होने के कारण 500 होटल रविवार को ही खुल गए। हिमाचल में सरकारी और निजी करीब 20 हजार होटल हैं। इनमें चार पंजीकृत, 6 हजार गैर पंजीकृत और 10 हजार होम स्टे और ब्रेड एंड ब्रेकफास्ट इकाइयां हैं। गौरतलब है कि सोलन जिले में रविवार को एक दिन में 4500 वाहनों ने किया प्रवेश। कांगड़ा जिले के बॉडरों से 227 लोगों ने आवागमन किया। बिलासपुर के स्वारघाट बॉर्डर से 1704 पर्यटकों ने प्रवेश किया। पांवटा बैरियर से रविवार को 646 लोगों ने प्रवेश किया। हालांकि, सूबे के प्रवेश द्वारों पर वाहनों की चेकिंग के दौरान ज्यादा सख्ती भी नहीं दिखाई गई।
प्रदेश में आज 25 हज़ार 951 लोगों को वैक्सीन कि डोज़ दी जाएगी। इसके लिए हिमाचल सरकार ने प्रदेश में 266 टीकाकरण केंद्र स्थापित किए है। इन सभी टीकाकरण केंद्रों में टीका लगवाने के लिए 12 जून को स्लॉट बुक कर दिया गया था। गौरतलब है कि प्रदेश में पहले वैक्सीनेशन के लिए स्लॉट बुकिंग का समय 2:50 से 3:00 बजे का था जोकि अब बदल कर दोपहर 12 बजे कर दिया गया है। वैक्सीनेशन के लिए सभी सेशन एक दिन पहले बुक किए जाएगा। राज्य सरकार द्वारा सीरम इंस्टीट्यूट पुणे से 18 से 44 वर्ष के आयु वर्ग के लिए खरीदी गई वैक्सीन कि खेप हिमाचल पहुंच गई है। हिमाचल पहुंची वैक्सीन की सभी खुराकें 21 जून से पहले 18 से 44 वर्ष के आयु वर्ग को लगाई जानी है। इसके बाद 18 वर्ष व इससे अधिक आयु वर्ग के लाभार्थियों के लिए टीकाकरण का चौथा चरण भारत सरकार से वैक्सीन की आपूर्ति होने के बाद शुरू किया जाएगा। प्रदेश में इस आयु वर्ग के लाभार्थियों के लिए टीकाकरण सत्र 14, 15, 16, 17 और 18 जून को होंगे।
बीते शुक्रवार को हुई कैबिनेट की बैठक में जयराम सरकार ने परिवहन सेवा को हर झंडी दिखा दी थी। जिसके बाद आज सुबह 6 बजे से हिमाचल प्रदेश में बसों का संचालन शुरू हो गया। बरहाल परिवहन निगम केवल 1004 रूटों पर अपनी बसों का संचालन करेगा। बता दें कि कोरोना कर्फ्यू की बंदिशे परिवहन सेवा पर लागू नहीं होगी। वंही, बसों में सवारियों की डिमांड के अनुसार निगम रूटों की संख्या को बढ़ाएगा। कैबिनेट के फैसले के अनुसार आज से बाजारों में सुबह नौ से शाम पांच बजे तक रौनक रहेगी। सभी तरह की दुकानें सोमवार से शुक्रवार तक खुलेंगी। सरकारी कार्यालय भी सोमवार से शुक्रवार तक 50 फीसदी स्टाफ के साथ काम करेंगे। शनिवार और रविवार को सिर्फ जरूरी सामान की दुकानें खुलेंगी। टैक्सी व मैक्सी में व निजी वाहन सौ फीसदी सवारियों के साथ चल सकेंगे। गौरतलब है कि प्रदेश में शाम पांच बजे से सुबह पांच बजे तक कोरोना कर्फ्यू जारी रहेगा। उधर, कोरोना कर्फ्यू में ढील के बाद हिमाचल तीन हजार से ज्यादा होटलों के ताले भी खुल गए हैं। राज्य में दाखिल होने वाले देश के किसी भी राज्य के पर्यटक को कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट नहीं लानी होगी। पर्टकों को केवल प्रदेश में प्रवेश के लिए कोविड-19 ई पास पोर्टल पर पंजीकरण जरूर कराना होगा। उसे देखने के बाद ही सीमा पर तैनात पुलिस पर्यटकों को प्रवेश करने देगी।
तेलंगाना के 3 साल के एक बच्चे को ‘जीन’ से संबंधित एक दुर्लभ और जानलेवा बीमारी होने पर लगभग 65,000 लोगों ने इलाज के लिए डोनेशन दिया. हैदराबाद के एक प्राइवेट अस्पताल में अयांश गुप्ता नाम के के 3 साल के बच्चे को बुधवार को दुनिया की सबसे महंगी दवा ‘जोलगेंसमा’ दी गई, जिसे दान के पैसों से अमेरिका से मंगवाया गया था. दरअसल, बच्चा जब एक साल का था तब उसे ‘स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी’नामक बीमारी होने का पता चला. अयांश के पिता योगेश गुप्ता यहां एक प्राइवेट कंपनी में काम करते हैं. उन्होंने कहा, 'यह एक अत्यंत दुर्लभ बीमारी है जिससे मांसपेशियों में कमजोरी आ जाती है. इससे बच्चा अपने हाथ पैर नहीं हिला सकता, बैठ नहीं सकता, खड़ा नहीं हो सकता और चल भी नहीं सकता. खाना खाने में भी दिक्कत होती है.' अयांश के पिता ने कहा कि यह बीमारी जानलेवा भी है और डॉक्टरों ने कहा था कि उनका बच्चा तीन से चार साल से अधिक समय तक जीवित नहीं रहेगा इसलिए उसे समय पर इलाज की जरूरत है. दवा की एक खुराक के लिए 16 करोड़ रुपये एकत्र करना पहले तो असंभव लगा लेकिन बाद में बच्चे के माता पिता ने सोशल मीडिया पर अपील करने का फैसला लिया. इस साल फरवरी में उन्होंने अपने बच्चे का जीवन बचाने के लिए चंदा इकट्ठा करने का अभियान चलाया जिसमें उनके दोस्तों और परिवार वालों ने भी सहायता की. इलाज के लिए उन्होंने 3 महीने में पर्याप्त फंड जुटा लिया. विराट कोहली, अनुष्का शर्मा, अनिल कपूर, अजय देवगन और टीवी इंडस्ट्री की कई हस्तियों ने आगे आकर दान दिया. योगेश गुप्ता ने कहा कि लगभग 65,000 लोगों ने दान दिया. बच्चे को दवा दिए जाने के बाद गुप्ता ने उम्मीद जताई कि आने वाले समय में उसकी हालत में और सुधार होगा. उन्होंने बताया कि अयांश को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है और आगे इलाज चलता रहेगा. बच्चे के पिता ने सभी 65,000 डोनर्स को धन्यवाद दिया है.
1999 को कारगिल युद्ध के दौरान आज के दिन यानी 13 जून को भारत ने युद्ध में एक बड़ी जीत हासिल की थी। 22 साल पहले पाकिस्तान से कारगिल को आजाद कराने के लिए तोलोलिंग चोटी को फतह करने के अभियान में विजय या वीरगति का नारा गूंज उठा था और इस बेहद कठिन चोटी पर भारतीय सेना ने कब्जा कर लिया था। इस जीत ने जंग का रुख मोड़ दिया था। कारगिल चोटी भारतीय सेना की गोद में आ गई थी। और पहली चोटी तोलोलिंग और सबसे ऊंची चोटी टाइगर हिल पर जीत का झंडा फहराने का सौभाग्य प्राप्त हुआ हिमाचल के मंडी जिले के नगवैन के खुशाल ठाकुर और उनकी यूनिट 18 ग्रेनेडियर को। खुशाल ठाकुर बताते है कि वो इस बात को कभी नई भूलते कि उनके नेतृत्व में 18 ग्रेनेडियर्स के वीर जवानों ने इस लड़ाई में अपनी काबिलियत कैसे साबित की थी। तोलोलिंग चोटी पर कब्जा करने की कोशिश में 18 ग्रेनेडियर्स के 4 अधिकारियों समेत 25 जवान शहीद हो गए थे। राजपुताना राइफल्स के 3 अधिकारियों समेत 10 जवान भी हीद हुए थे। 13 जून 1999 की रात को 18 ग्रेनेडियर्स और 2 राजपुताना राइफल्स ने 24 दिनों के रात-दिन के संघर्ष के बाद तोलोलिंग पर कब्जा कर लिया, लेकिन तोलोलिंग की सफलता बहुत महंगी साबित हुई। इस संघर्ष में लेफ्टिनेंट कर्नल विश्वनाथन बुरी तरह घायल हो गए और अंततः कर्नल खुशाल ठाकुर की गोद में उनकी मृत्यु हो गई। भारत के महामहिम राष्ट्रपति ने इस विजय और ऐतिहासिक अभियान के लिए 18 ग्रेनेडियर को 52 वीरता सम्मानों से नवाजा, जोकि भारत के सैन्य इतिहास में एक रिकॉर्ड है। हवलदार योगेंद्र यादव को देश के सर्वोच्च वीरता सम्मान ‘परमवीर चक्र’ से सम्मानित किया गया। इसके अलावा 2 महावीर चक्र, 6 वीर चक्र, 1 शौर्य चक्र, 19 सेना पदक और दूसरे वीरता पुरस्कारों से नवाजा गया। साथ ही कारगिल थियेटर ऑनर और टाइगर हिल व तोलोलिंग बैटल ऑनर 18 ग्रेनेडियर को दिए गए। कर्नल खुशाल ठाकुर को युद्ध सेवा मेडल से नवाजा गया।
बीते कई महीनों से चल रहे लॉकडाउन के बाद अब दिल्ली को अनलॉक करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसके तहत कई एहतियातों के साथ दिल्ली को फिर से पटरी पर लाने का प्रयास किया जा रहा है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को प्रेस कांफ्रेंस कर दिल्ली को अनलॉक किए जाने को लेकर कई बातें बताईं। उन्होंने कहा कि फिलहाल दिल्ली में सारे स्कूल और शैक्षणिक संस्थाएं बंद रहेंगी। किसी भी तरह की गैदरिंग की अनुमति नहीं होगी। स्विमिंग पूल समेत स्पा, पार्क और गार्डन बंद रहेंगे। दिल्ली में कल से सारी दुकानें पूरी तरह से खुल सकती हैं, लेकिन उनका समय सुबह 10 से रात के 8 बजे तक रहेगा। रेस्टोरेंट खोलने की इजाजत होगी, लेकिन अभी सिर्फ 50% सिटिंग कैपेसिटी ही होगी। सरकारी दफ्तर में 100% अधिकारी और बाकी कर्मचारी 50% क्षमता के साथ काम करेंगे। प्राइवेट ऑफिसेस में 50% कैपेसिटी के साथ 9 से 5 बजे तक काम करेंगे। हालांकि, ज्यादा से ज्यादा वर्क फ्रॉम होम की ही कोशिश होगी। वीकली मार्केट खुल सकेंगे, लेकिन एक जोन में एक ही दिन में एक ही वीकली मार्केट को खोलने की इजाज़त होगी। हालांकि, ये एक हफ्ते के ट्रायल बेसिस पर है। अगर मामले बढ़े तो फिर पाबंदी लग जाएगी।
सोनू सूद के मदद का दायरा प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है. कोरोना काल में सोनू ने आम आदमी से लेकर सेलिब्रिटीज तक हर किसी की पूरी मदद की है। उन्होंने इस बुरे दौर से प्रभावित छात्रों की भी सहायता की और अब उनकी मदद करने का यह सिलसिला एक कदम और बढ़ गया है। सोनू ने सिविल सर्विस की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों को कोचिंग स्कॉलरशिप देने का फैसला किया है। सोनू ने ट्वीट किया- 'करनी है IAS की तैयारी, हम लेंगे आपकी जिम्मेदारी. 'SAMBHAVAM' को लॉन्च करते हुए रोमांचित महसूस कर रहा हूं, यह @SoodFoundation और और @diyanedelhi की पहल है।' आईएएस की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों के लिए सोनू का यह ऐलान किसी वरदान से कम नहीं है। कई लोगों ने सोनू की इस मदद पर आभार जताया है।
आईआईटी मंडी इस सीजन में सेब और अन्य गुठलीदार फलों की पैकिंग को लेकर अध्ययन करेंगे। अगले सीजन में फलों की आधुनिक तकनीक का ट्रायल आरंभ कर दिया जाएगा। पैकिंग क्षमता कितनी होनी चाहिए, इसे लेकर भी अध्ययन होगा। आईआईटी से आधुनिक पैकिंग तकनीक मिलने के बाद प्रदेश सरकार पैकिंग सामग्री का कंपनियों से बातचीत करके उत्पादन कराएगी। बागवानों और किसानों को आधुनिक पैकिंग तकनीक उपलब्ध कराने के लिए आईआईटी मंडी को 18.50 लाख रुपये का प्रोजेक्ट दिया गया है। पैकिंग तकनीक मिलने से विपणन के समय होने वाले नुकसान से बचा जा सकेगा।
प्रदेश में अब फल सब्ज़ियों की पैकिंग के लिए नई तकनीक का प्रयोग किया जाएग। पुरानी पैकिंग टेक्नोलॉजी बदलने से अब फल और सब्जियों की बर्बादी रुकेगी। इससे किसानों और बागवानों की आमदनी भी बढ़ेगी। आईआईटी मंडी द्वारा आधुनिक पैकिंग टेक्नोलॉजी प्रदेश के बागवानों और किसानों की मिलेगी। अभी तक प्रदेश में फलों और सब्जियों के विपणन के समय करीब तीस फीसदी फसलें बर्बाद होती हैं। नई तकनीक से किसान और बागवान इस आर्थिक नुकसान से बच सकेंगे। जानकारी के मुताबिक प्रदेश सरकार ने आईआईटी मंडी को फलों और सब्जियों की पैकिंग के लिए नई तकनीक विकसित करने को 18.50 लाख रुपये का प्रोजेक्ट सौंप दिया है। आईआईटी के छात्र इस साल फलों के विपणन के समय पेश आने वाली दिक्कतों का अध्ययन करेंगे। पैकिंग के दौरान आने वाली समस्याओं का पता लगाया जाएगा। वर्तमान में फलों और सब्जियों की पैकिंग क्षमता से होने वाले नुकसान का सही आकलन भी किया जाना है। प्रदेश से बाहर ऑफ सीजन में सब्जियों को चालीस किलो की बोरियों में भरकर किसान बेचते रहे हैं। अब किसान सेब कार्टन में भी फूल गोभी भर कर मंडियों में पहुंचा रहे हैं। किसानों को पैकिंग की आधुनिक तकनीक मिलने से नुकसान कम होगा और दाम अच्छे मिलेंगे।
शुक्रवार को कैबिनेट की बैठक में प्रदेश में बसें चलाने को मजूरी मिल गई है। हिमाचल प्रदेश में सोमवार से करीब 1004 रूटों पर हिमाचल पथ परिवहन निगम बसें चलाने की तैयारी है। इसके बाद सवारियों का रिस्पांस देखकर एचआरटीसी बसों की संख्या बढ़ाई जाएगी। इसके लिए चालकों-परिचालकों से रविवार तक डिपो या अड्डा में रिपोर्ट करने के लिए कहा गया है। निजी ऑपरेटरों की सहमति नहीं बनी तो एचआरटीसी बसों की संख्या बढ़ाई जाएगी। प्रदेश में चलाए जाने वाले रूटों के हिसाब से चालकों-परिचालकों की रोटेशन में ड्यूटियां लगाई जाएंगी। सोमवार सुबह से 24 घंटे निगम की बसें सड़कों पर दौड़ेंगी। बसों में सवारियों की ऑक्यूपेंसी जांचने के लिए इंस्पेक्टर फील्ड में सेवाएं देंगे। 50 फीसदी ऑक्यूपेंसी के साथ हिमाचल में बसें चलेंगी। बसों में मास्क पहनना अनिवार्य किया गया है। सवारियों के पास सैनिटाइजर होना जरूरी है। तीन वाली सीट पर दो और 2 वाली सीट पर एक सवारी बैठेगी।
आईजीएमसी में दाखिल पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह दोबारा कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। आईजीएमसी के कॉलेज प्राचार्य डॉ. रजनीश पठानिया ने इस बात की पुष्टि की है। बताया जा रहा है कि उन्हें अब अस्पताल के मेक शिफ्ट वार्ड में शिफ्ट किया जा सकता है। हालांकि इसको लेकर अभी डॉक्टर परामर्श कर रहे है। बता दें कि पहले भी कोरोना संक्रमित होने के बाद वे चंडीगढ़ इलाज करवाने गए थे। चंडीगढ़ से लौटने के बाद पूर्व सीएम आईजीएमसी में दाखिल हैं। यहां पर कार्डियोलॉजी विभाग मैं उन्हें दाखिल किया गया है। जहां पर चिकित्सक उन पर निगरानी बनाए हुए हैं।
हिमाचल प्रदेश में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा अब गिरने लगा है। वंही हिमाचल में कोरोना कर्फ्यू में ढील के बाद अब इसका असर प्रदेश के पर्यटन विभाग में भी दिखने लगा है। सूबे के पर्यटक शहरों शिमला, मनाली, धर्मशाला और डलहौजी में पर्यटकों की आमद बढ़ गई है। पिछले एक हफ्ते के दौरान अकेले राजधानी शिमला में ही 2500 से ज्यादा पर्यटकों ने दस्तक दी। कर्फ्यू में सुबह नौ से दोपहर दो बजे तक ढील और वाहनों से घूमने वालों से पुलिस की ज्यादा रोक-टोक न होने की वजह से अब होटल, टैक्सी व ढाबा संचालकों के पुराने दिन लौटने शुरू हो गए हैं। पर्यटकों की संख्या बढ़ने की वजह से न सिर्फ व्यवसायिक संस्थानों में रौनक बढ़ गई है, बल्कि सभी की आमदनी में भी इजाफा होने लगा है। बरहाल प्रदेश में आज होने वाली मंत्रिमंडल की बैठक में रियायतें बढ़ने की संभावना के साथ ही अब राहत की उम्मीद भी जग गई है।
हिमाचल प्रदेश में डिग्री कॉलेजों में होने वाली परीक्षाओं को लेकर आज कैबिनेट की बइठल में फैसला होगा। शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह ठाकुर ने कॉलेज के प्रिंसिपल, शिक्षकों, विवि प्रबंधन, छात्रों और अभिभावकों के साथ वीडिओ कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कॉलेज में होने वाली परीक्षाओं को लेकर चर्चा की थी। इस दौरान अधिकांश लोगों ने फाइनल ईयर की परीक्षाएं करवाने पर सहमति दर्ज की थी। इसी बाबत 25 जून के बाद फाइनल ईयर की परीक्षाएं करवाने की संभावना बढ़ गई है। उधर, फर्स्ट ईयर में दाखिलों के लिए बारहवीं के विद्यार्थियों को अभी इंतजार करना होगा। सीबीएसई की ओर से अंक निर्धारण का फार्मूला अभी तैयार नहीं किया गया है। सीबीएसई का फार्मूला तय होने के बाद प्रदेश सरकार उसमें कुछ संशोधन कर अपना नया फार्मूला तय करेगी। परीक्षा परिणाम जारी होने के बाद ही दाखिलों की प्रक्रिया शुरू होगी।
भारत में कोरोना वायरस के नए मामलों में लगातार कमी आ रही है, लेकिन मौत के आंकड़ों में उतार-चढ़ाव जारी है। पिछले 24 घंटे में देशभर में कोविड-19 की वजह से एक बार फिर 3402 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है, जबकि इस दौरान 91 हजार 226 नए केस सामने आए हैं। इससे पहले गुरुवार यानी 10 जून को जारी आंकड़ों के अनुसार देशभर में 94 हजार नए मामले दर्ज किए गए थे, जबकि 6148 लोगों ने अपनी जान गंवाई थी। इसके बाद भारत में कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या 2 करोड़ 92 लाख 73 हजार 338 हो गई है, जबकि 3 लाख 63 हजार 97 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। वंही स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, देशभर में पिछले 24 घंटे में 1.33 लाख से ज्यादा लोग ठीक हुए है। इसके बाद भारत में कोविड-19 से ठीक होने वाले लोगों की संख्या 2 करोड़ 77 लाख 78 हजार 894 हो गई है। इसके साथ ही देशभर में एक्टिव मामलों में लगातार गिरावट आई है और 11 लाख 31 हजार 347 लोगों का इलाज चल रहा है।
हिमाचल प्रदेश कैबिनेट की बैठक शुक्रवार को राज्य अतिथि गृह पीटरहॉफ शिमला में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में होगी। इसमें कोविड-19 के मामले घटने के बाद कोरोना कर्फ्यू में कई रियायतें देने की तैयारी चल रही है, जिनमें राज्य में बसें चलाने को हरी झंडी देना शामिल है। पर्यटकों को भी प्रदेश में आसानी से प्रवेश देने और कुछ राज्यों के लिए आरटीपीसीआर की अनिवार्यता खत्म करने का मामला बैठक में जाएगा। कोरोना कर्फ्यू का समय घटाने के बारे में भी निर्णय होगा। दुकानों और अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठानों को अधिक समय तक खोलने की इजाजत मिल सकती है। हालांकि बैठक में कोरोना का पाजिटिविटी रेट 5 फीसदी तक उतर आने के बावजूद स्वास्थ्य विभाग ज्यादा ढील देने के पक्ष में नहीं है। बैठक में कॉलेज परीक्षाओं को करवाने पर भी निर्णय होगा। 25 जून के बाद फाइनल ईयर की परीक्षाएं करवाने की तैयारी है। निजी बसों पर टैक्स माफ करने का मुद्दा भी बैठक में जाएगा। निजी बस ऑपरेटरों की इस मांग पर सरकार राहत दे सकती है। मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना का दायरा बढ़ाने का एजेंडा और कई अन्य विषय भी बैठक में जाएंगे।
महाराष्ट्र के नासिक में रहने वाले एक शख्स ने अनोखा दावा किया है कि कोविशील्ड वैक्सीन की दोनों डोज लेने के बाद उसके शरीर में चुंबक की शक्ति आ गई है। स्टील का बना सामान उसकी बॉडी पर चिपक रहा है। शख्स ने स्टील के सामान के अपनी बॉडी पर चिपकने का वीडियो बनाया और सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया। इस शख्स का नाम अरविंद सोनार है। इनकी उम्र 71 साल है। अरविंद ने दावा किया है कि कोविशील्ड वैक्सीन की दूसरी डोज लगने के बाद उनकी बॉडी में मैग्नेटिक पावर आ गई है। सोशल मीडिया पर अपलोड किए गए वीडियो में दिख रहा है कि एक शख्स अरविंद की बांह पर स्टील का चम्मच और सिक्के लगा रहा है और वो अरविंद की बांह पर चिपक रहे हैं। इस मामले पर नासिक के जिला स्वास्थ्य अधिकारी का कहना है कि हम मामले की जांच कर रहे हैं। बिना फैक्ट्स के अभी कुछ भी कहना ठीक नहीं है। वंही, सेंटर्स फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन की रिपोर्ट के मुताबिक, वैक्सीनेशन के बाद शरीर में मैग्नेटिक पावर नहीं आती है। ऐसा दावा करना सिर्फ झूठ है। वैक्सीन में ऐसे इंग्रेडिएंट नहीं होते हैं जिनसे इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इफेक्ट पैदा हो। वैक्सीन में आयरन, निकिल, कोबॉल्ट, लीथियम जैसा कोई मेटल नहीं होता है। इस वजह से वैक्सीनेशन के बाद बॉडी में मैग्नेटिक पावर आने का दावा गलत है।
दिल्ली में बढ़ती गर्मी की तपिश से राहत पाने के लिए कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका वाड्रा शिमला पहुंच गई हैं। प्रियंका गांधी वाड्रा चंडीगढ़ से सड़क मार्ग होते हुए बुधवार शाम को शिमला के समीप छराबड़ा स्थित अपने आशियाने में पहुंचीं। शाम को प्रियंका ने मौसम और अपने आशियाने के आसपास सैर की। वहीं, पूर्व प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष केहर सिंह खाची और उनका बेटा मनजीत भी यहां उनसे मुलाकात के लिए पहुंचे थे। गौरतलब है कि प्रियंका गांधी का घर शिमला से 13 किलोमीटर दूर और समुद्र तल से 8 हजार फीट की ऊंचाई पर है। घर को पहाड़ी शैली में बनाया गया है। इंटीरियर में देवदार की लकड़ी से सजावट की गई है। मकान के चारों तरफ हरियाली और पाइन के खूबसूरत पेड़ हैं। सामने हिमालय के बर्फ से ढके पहाड़ नजर आते हैं। छराबड़ा एक टूरिस्ट प्लेस है। प्रियंका के घर पर स्लेट मंडी का ही लगा है। इससे पहले, शैली पसंद न आने पर निर्माणाधीन मकान को तुड़वाया भी गया था। जंजैहली घाटी के मुरहाग निवासी ठेकेदार प्यारे राम ने प्रियंका के मकान के निर्माण का ठेका लिया था।
हिमाचल प्रदेश के जिला हमीरपुर से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। बेटी की लव मैरिज से खफा उसके परिजनों ने ससुराल वालों की जमकर पिटाई की है । बेटी के घरवालों ने पंजाब से आकर हमीरपुर में परिवार पर यह कहर बरपाया है। ससुराल के तीन लोगों के सिर फोड़ दिए और पूरे शरीर पर बुरी से तरह से जख्म दिए। जानकारी के अनुसार, हमीरपुर के वार्ड-5 के युवक ने लुधियाना की लडकी से लव मैरिज की। इसके बाद दोनों घर आ गए। लडकी के परिजनों को इनकी शादी पर एतराज था। इस वजह से आधी रात को परिजनों ने हमीरपुर आकर ससुरालियों से मारपीट की। घायलों में पिता प्रेम चंद, भाई सुमित कुमार, बहन ज्योति कुमारी का उपचार टांडा मेडिकल कालेज में चल रहा है। वहीं, नवविवाहित युवती को वह साथ ले गए हैं। प्रत्यषदर्शियों के अनुसार, रात करीब ढाई बजे पंजाब के लुधियाना से बीस लोगों ने पहुंच कर मारपीट की है। लोगों ने डडे लिए थे और दरवाजा नहीं खोलने पर दरवाजा और खिडकियां भी तोड़ डाली। बाद में परिवार वालों से मारपीट की, गंभीर रूप से घायल हुए तीनों लोगों को हमीरपुर मेडिकल कालेज में भर्ती करवाया गया। जहां से उन्हें हालत बिगडने पर टांडा मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया है। हमीरपुर पुलिस ने भी मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। हमीरपुर एचएचओ प्रशांत ठाकुर ने बताया कि आधी रात को मारपीट की घटना हुई है और इस घटना में तीन लोगों को गंभीर रूप से चोटें पहुंची है, जिनका इलाज चल रहा है। आरोप है कि मायका पक्ष के लोगों ने मारपीट की है और लडकी को साथ ले गए हैं। पुलिस ने 452,323 और 147,149, 427 आइ्रपीसी धारा के तहत मामला दर्ज किया है। जल्द ही आरोपियों की गिरफ्तारी होगी।
पंजाब नेशनल बैंक घोटाले का आरोपी और भगोड़ा कारोबारी मेहुल चोकसी को एक और बड़ा झटका लगा है। डोमिनिका की सरकार ने मेहुल चोकसी को अवैध अप्रवासी घोषित किया है। डोमिनिका के राष्ट्रीय सुरक्षा और गृह मामलों के मंत्री रेबर्न ब्लैकमूर ने पुलिस प्रमुख को आदेश जारी किया है कि चोकसी को देश से बाहर करने के लिए कानून के मुताबिक जल्द से जल्द कदम उठाए जाएं। जानकारी के मुताबिक, डोमिनिका प्रशासन ने इस आदेश को अदालत के सामने रखा। साथ ही अपील की कि मेहुल चोकसी की याचिकाएं खारिज कर उसे भारत भेज दिया जाए। सरकार का ये आदेश मेहुल चोकसी के लिए यह बड़ा झटका है। बता दें कि मेहुल चोकसी और उसके भांजे नीरव मोदी ने पंजाब नेशनल बैंक से कथित तौर पर 13,500 करोड़ रुपये की जालसाजी की थी। नीरव मोदी अभी लंदन की एक जेल में है और अपने प्रत्यर्पण के खिलाफ मुकदमा लड़ रहा है। चोकसी ने निवेश द्वारा नागरिकता प्राप्त करने के कार्यक्रम का इस्तेमाल करते हुए वर्ष 2017 में एंटीगुआ और बारबुडा की नागरिकता ले ली थी और जनवरी 2018 के पहले सप्ताह में भारत से फरार होकर वहां चला गया था। बैंक से जालसाजी का मामला बाद में सामने आया था। चोकसी और नीरव दोनों सीबीआई जांच का सामना कर रहे हैं।
मानसून ने महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में समय से पहले दस्तक दे दी और पहली बारिश में ही मुंबई का बेहाल हो गया। भारी बारिश के बाद सड़कों पर पानी भर गया और ट्रेनों के पहिए भी थम गए। इस बीच मुंबई में हाई टाइड को लेकर चेतावनी जारी की गई है। मौसम विभाग के अनुसार, आज दोपहर 12.17 बजे हाई टाइड की संभावना जताई है और इस दौरान समुद्र में 4.26 मीटर की लहरें उठेंगी। मौसम विभाग ने चेतावनी जारी करते हुए कहा कि मुंबई में भारी बारिश की आशंका है। वहीं, अगर हाई टाइड के वक्त भी बारिश हुई तो मुंबईकरों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। मुंबई के कई इलाकों में बुधवार से ही भारी बारिश हो रही है और इस बीच मलाड के मालवणी इलाके में एक 4 मंजिला इमारत अचानक ढह गई। हादसे में 11 लोगों की मौत हो गई, जबकि 7 अन्य गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं। इस घटना की वजह से पास की 2 अन्य आवासीय इमारतों को भी नुकसान हुआ है, जिन्हें खाली करा लिया गया है।
एलोपैथी को लेकर टिप्पणी करके बाद विवादों में घिरे योगगुरू बाबा रामदेव भी अब कोरोना वायरस की वैक्सीन लगवाएंगे। इसके साथ ही स्वामी रामदेव ने अन्य लोगों से भी कोरोना वैक्सीन लगवाने की अपील की है। हालांकि उन्होंने इस बात की जानकारी नहीं दी है कि उन्होंने वैक्सीन लगवाने का फैसला क्यों लिया है। बता दें कि इससे पहले बाबा रामदेवने कहा था कि वह योग और आयुर्वेद का डबल डोज ले रहे हैं और उन्हें कोरोना वैक्सीन लगवाने की कोई जरूरत नहीं है। बाबा रामदेव ने दावा किया था कि वायरस के कितने भी वेरिएंट आ जाएं, उन्हें संक्रमण से कोई खतरा नहीं होने वाला है, क्योंकि उन्हें योग संभाल लेगा। उन्होंने कहा था कि कोरोना को मात देने के लिए लोगों को अपनी-अपनी इम्युनिटी सिस्टम को मजबूत करना होगा ताकि संक्रमण से बचा जा सके। स्वामी रामदेव ने ड्रग माफियाओं पर टिप्पणी करते हुए कहा कि हमारी किसी संगठन के साथ दुश्मनी नहीं है और सभी अच्छे डॉक्टर इस धरती पर भगवान द्वारा भेजे गए दूत हैं। लड़ाई देश के डॉक्टरों से नहीं है, जो डॉक्टर हमारा विरोध कर रहे हैं, वह किसी संस्था के जरिए नहीं कर रहे हैं। वंही, बाबा रामदेव ने एक बार फिर एलोपैथी को लेकर बयान दिया है और कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि एलोपैथी और सर्जरी आपातकालीन मामलों के लिए बेहतर हैं। वे चाहते हैं कि दवाओं के नाम पर किसी को परेशान न किया जाए और लोगों को ड्रग माफियाओं से छुटकारा मिले।
दसवीं और बारहवीं कक्षा सहित कॉलेजों के मेधावी विद्यार्थियों को अब सरकार लैपटॉप की जगह टैब देगी। शैक्षणिक सत्र 2020-21 के मेधावियों के लिए शिक्षा विभाग ने टैब खरीदने का फैसला लिया है। मंत्रिमंडल से मंजूरी लेने के लिए प्रस्ताव बनाया जा रहा है। ऑनलाइन पढ़ाई को देखते हुए शिक्षा विभाग ने यह फैसला लिया है। उधर, शैक्षणिक सत्र 2018-19 और 2019-20 के विद्यार्थियों के लिए लैपटॉप खरीद की प्रक्रिया अभी जारी है। इलेक्ट्रानिक कारपोरेशन इसकी खरीद कर रहा है। तीन बार कंपनियों की ओर से टेंडर प्रक्रिया में शामिल नहीं होने के चलते इसकी तारीख को दोबारा से बढ़ा दिया गया है। अब 22 जून को इस बाबत टेंडर खोले जाने हैं।
प्रदेश में 25 जून के बाद हो सकती है कॉलेजों में फाइनल ईयर की परीक्षा, कैबिनेट की बैठक में होगा फैसला
हिमाचल प्रदेश के डिग्री कॉलेजों में 25 जून के बाद फाइनल ईयर की परीक्षाएं शुरू हो सकती हैं। शिक्षा विभाग ने कैबिनेट की मंजूरी के लिए यह प्रस्ताव भेज दिया है। 11 जून को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में इस पर फैसला लिया जाएगा। कॉलेजों के अधिकांश शिक्षकों, बच्चों के अभिभावकों और विश्वविद्यालय प्रबंधन ने फाइनल ईयर की परीक्षाएं करवाने की मांग की है। मंगलवार को शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने विद्यार्थियों, अभिभावकों, शिक्षकों, प्रिंसिपलों और विवि प्रबंधन के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस की थी। इस दौरान अधिकांश ने फाइनल ईयर की परीक्षाएं करवाने की पैरवी की। इसको लेकर बुधवार को शिक्षा विभाग ने सरकार को 25 जून के बाद परीक्षाएं करवाने के लिए मंजूरी देने को प्रस्ताव भेजा है। विश्वविद्यालय प्रबंधन का कहना है कि हम परीक्षाएं करवाने के लिए तैयार हैं। उधर, शिक्षा मंत्री ने बताया कि 11 जून की कैबिनेट बैठक में इस बाबत प्रस्ताव लेकर जाएंगे। सरकार की मंजूरी के बाद अंतिम फैसला लेंगे।
हिमाचल प्रदेश में किसानों और बागवानों को अब तरल नैनो यूरिया खाद भी मिलेगी। अब खेतों और बगीचों में यूरिया की बोरी नहीं, बल्कि बोतल में भर कर तरल खाद पहुंचाई जाएगी। 40 किलो बोरी की जगह अब 500 एमएल यानी आधा लीटर तरल खाद बोतल में मिलेगी। जहां 40 किलो की बोरी एक एकड़ जमीन में इस्तेमाल होती है, वैसे ही एक बोतल नैनो यूरिया 215 लीटर पानी में मिलाकर भी एक एकड़ जमीन में डाली जाएगी। इससे फसल पैदावार तो बढ़ेगी ही, प्रदूषण से भी बचेंगे और मालभाड़ा भी सरकार और किसानों का कम होगा। एक माह के भीतर किसानों-बागवानों को तरल यूरिया खाद मिलनी भी शुरू हो जाएगी। गौरतलब है की प्रदेश में हर साल करीब 42 हजार टन इफ्को यूरिया खाद की आपूर्ति करती है। इफ्को के क्षेत्रीय अधिकारी विशाल शर्मा ने बताया कि हिमाचल प्रदेश के कृषि और बागवानी विश्वविद्यालयों सहित फील्ड में नैनो यूरिया के कुल 312 सफल परीक्षण हो चुके हैं। इनके सुखद परिणाम भी सामने आए हैं। प्रदेश के किसानों और बागवानों को एक माह के भीतर नैनो यूरिया की आपूर्ति शुरू कर दी जाएगी। इस यूरिया से सात फीसदी अतिरिक्त फसल हासिल की जा सकती है।
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत आज पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से कोलकाता में मुलाकात करेंगे। दोनों नेताओं के बीच केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन को तेज करने और सरकार को घेरने की रणनीति पर चर्चा होगी। मुलाकात से पहले किसान नेता राकेश टिकैत ने मीडिया से कहा कि आज वो तीन बजे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात करेंगे। इस दौरान उनकी बात कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा और स्थानीय किसानों के मुद्दे पर होगी। भारतीय किसान यूनियन के नेता ने कहा कि बंगाल सरकार को राज्य के किसानों से नियमित तौर पर बात करनी चाहिए। टिकैत ने यूपी में किसानों की हर महीने जिलाधिकारियों के साथ होने वाली बैठक की चर्चा करते हुए कहा कि यह नीति पूरे देश में लागू होनी चाहिए।
मानसून ने महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में आज बुधवार को अपनी दस्तक दी है। मानसून की पहली बारिश में ही मुंबई का बेहाल हो गया। सड़कों के जलमग्न होने से भारी ट्रैफिक लग गया। वहीं पटरियों पर पानी भरने के चलते कई ट्रेनें लेट चल रही हैं तो कई के पहिए थम गए। भारत विज्ञान मौसम विभाग (आईएमडी) के मुताबिक आने वाले 48 घंटे तक मुंबई में इसी तरह से तेज बारिश होती रहेगी। मुंबई में हाई टाइड की चेतावनी जारी की गई है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक, मुंबई में 11.43 बजे हाई टाइड के आने की संभावना है। इस दौरान समुंद्र की लहरें 4.16 मीटर की ऊंचाई तक पहुंच सकती हैं। ऐसे में एहतियातन समुंद्र के किनारे के इलाकों को खाली करवा लिया गया है। साथ ही कई टीमें नजर बनाए हुए हैं। रेलवे ने जारी किया अलर्ट मुंबई में भारी बारिश के चलते रेलवे ट्रैक पर पानी भर गया है। मध्य रेलवे के सायन स्टेशन के ट्रैक पर भरी पानी जमा हो गया है। आगे में भारी बारिश की संभावना को देखते हुए रेलवे ने सभी रिलीफ ट्रेनों और कर्मचारियों को अलर्ट पर रहने को कहा है। बता दें कि भारी बारिश होने पर ट्रैक पर पानी भरने की स्थिति में उससे निपटने और लोकल सेवा को सुचारू रूप से चलाने के लिए रेलवे की ओर से अलर्ट जारी किया है।
बढ़ती महंगाई ने आम आदमी की कमर तोड़ दी है। ऐसे में विपक्ष भी महंगाई के मुद्दे को भुनाकर सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा। हिमाचल प्रदेश की बात करें तो यहां नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने खुद मोर्चा संभाला हुआ है। कोरोना काल में सड़क पर उतर सरकार को घेरना मुमकिन नहीं है सो अग्निहोत्री ने मीडिया बयानों और सोशल मीडिया को विरोध का मंच बनाया है और वे लगातार सरकार पर हमलावर है। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहाेत्री ने कहा कि महंगाई ने तमाम रिकार्ड तोड़ डाले हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा ने सात साल पहले केंद्र की सत्ता में आने के समय महंगाई नियंत्रित करने का वादा किया था। पेट्रोल-डीजल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बहुत वीडियो क्लिप हैं। हालांकि उस वक्त कच्चे तेल के रेट उफान पर थे। पर आज तो कच्चा तेल 32-33 रुपये है। बावजूद इसके जनता को राहत देने की बजाय सरकार जनता का ही तेल निकालने में लगी है। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि भारी भरकम इक्साइज़ ड्यूटी ने पेट्रोल की दरों में आग लगा रखी है। बीते साल केंद्र ने इस से चार लाख करोड़ के आसपास की कमाई की, जो इससे पिछले साल के मुकाबले 77 फीसदी अधिक बताई जाती है। इसलिए कच्चे तेल के दाम कम होने के बावजूद उपभोक्ता को फायदा नहीं दिया गया। एक साल पेट्रोल का रेट 25 रुपये बढ़ा है। अग्निहोत्री ने कहा कि तेल का रेट निर्धारण करने के लिए कच्चे तेल का रेट में तेल शुद्ध करने की लागत, इक्साइज़ डयूटी, डीलर मुनाफ़ा, सेंट्रल इक्साइज़ व राज्यों का टैक्स जोड़ा जाता है। वर्तमान में केंद्र सरकार करीब 33-34 रुपये प्रति लीटर सेंट्रल इक्साइज़ ले रही है। तेल शुद्ध करने के दाम तो अढ़ाई रुपये के आसपास है, डीलर की कमीशन पेट्रोल पर पौने चार और ड़ीजल पर अढ़ाई रुपये बताई जाती है। बाक़ी राज्य के टैक्स है। अग्निहोत्री का कहना है कि हिमाचल सरकार पेट्रोल पर 15 रुपये 50 पैसे और डीजल पर 9 रुपये टैक्स लगा रही है। इसलिए पेट्रोल 90 और डीजल 82 रुपये प्रति लीटर के आसपास चल रहा है। केंद्र और राज्य दोनों आम जनता पर महंगाई का बोझ डाल रहे है। अग्निहोत्री का कहना है कि कोरोना के इस मुश्किल समय में आम आदमी को रहत देने की आवश्यकता है, पर महंगाई आफत बन चुकी है। रोजगार रहे नहीं और बढ़ती महंगाई से जीवन यापन मुश्किल हो गया है। न सिर्फ पेट्रोल डीजल बल्कि खाद्य तेल, दालें और आटे तक के दाम आसमान छू रहे है। झूठे थे वादे, प्रदर्शन करने वाले मौन क्यों ? नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री का कहना है कि विपक्ष में रहते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जनसभाओं में चिल्ला -चिल्ला कर नारे देते थे "सस्ता पेट्रोल-डीजल चाहिए कि नहीं चाहिए, बहुत हुई महंगाई की मार, और भी बहुत कुछ। पर वो सब झूठ था और सत्ता मिलने के बाद मोदी ने आम जनता को कोई रहता नहीं दी। आज आम आदमी त्रस्त ही। जो भाजपाई सड़कों पर महंगाई के खिलाफ प्रदर्शन करते थे, अब मौन क्यों है ?
स्टूडेंट्स पाेलिटिक्स में जीवन खपाने वाले प्रदेश भाजपा प्रवक्ता उमेश दत्त हिमाचल की सियासत में बड़ा किरदार निभाने को तैयार है। वे 1994 से लेकर 2015 तक छात्र राजनीति में रहे और 2016 से भारतीय जनता पार्टी के लिए सेवा कर रहे हैं, लेकिन आज तक उन्होंने विधानसभा चुनाव के लिए टिकट की मांग नहीं की। हालांकि 2019 के धर्मशाला उपचुनाव में उमेश दत्त काे टिकट मिलने की पूरी उम्मीद जताई जा रही थी, लेकिन पार्टी हाईकमान ने विशाल नैहरिया पर भरोसा जताया। ऐसे में अब उमेश दत्त 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते दिख सकते है। फर्स्ट वर्डिक्ट मीडिया से विशेष बातचीत में उन्होंने छात्र राजनीति से लेकर संगठन में अपनी वर्तमान भूमिका पर विस्तार से चर्चा की... सवाल: आप छात्र राजनीति से लेकर लगातार संगठन की सेवा कर रहे हैं, कैसा रहा है छात्र राजनीति से मुख्यधारा की राजनीति तक का सफर ? जवाब: मैंने 1994 से लेकर 2015 तक एबीवीपी छात्र राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। छात्र आंदोलन में भी जी जान से काम किया। वहीं से ही व्यक्तिगत पहचान भी बनी और छात्रों की हरेक समस्या काे प्रशासन और सरकार के समक्ष पहुंचाया और सफलता भी मिली। छात्र राजनीति ने ही मेरी पहचान प्रदेश से लेकर पूरे देश में बनाई। मुझे गर्व है कि मैं 2000 से 2015 तक एबीवीपी में पूर्णकालिक कार्यकर्ता रहा। यही वजह है कि छात्र जीवन के परिचय से ही आज भी जनता में प्रभाव बना हुआ है। सवाल: क्या आपने कभी विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए टिकट की मांग नहीं की? जवाब: मैंने आज तक कभी भी विधानसभा चुनाव के लिए टिकट की मांग नहीं की। मेरी मूल उद्देश्य चुनाव लड़ने का नहीं रहा, बल्कि सिर्फ संगठन की सेवा करना है। संगठन में रह कर जनता की आवाज काे सरकार तक पहुंचाने का हर संभव प्रयास किया और उसमें सफलता भी मिली। आज तक संगठन में जो भी दायित्व सौंपा गया उसे पूरी तरह से निभाया, भविष्य में भी ऐसा ही संकल्प बना रहेगा। सवाल: केंद्रीय नेतृत्व के साथ आपकी खासी पहचान है, ताे प्रदेश सरकार में किसी बोर्ड या निगम में पद क्यों नहीं मिला ? जवाब: बोर्ड और निगम में नियुक्ति देना सीएम का विशेषाधिकार है। मैंने कभी भी कुर्सी की लालच नहीं की। सरकार और संगठन यदि नियुक्ति दे तो वह बात अलग हाेगी। फिलहाल इस तरह की इच्छा मेरे मन में नहीं है। सवाल: धर्मशाला विधानसभा उपचुनाव में आपका टिकट कहां पर कटा? कहां फंसा है पेंच? जवाब: ऐसा कुछ भी नहीं था और न ही मैंने टिकट की मांग की। पार्टी हाईकमान कुछ सोच कर ही टिकट का फैसला करता है। धर्मशाला उपचुनाव में सिर्फ ऐसी चर्चाएं ही थी। मेरा विधानसभा क्षेत्र पालमपुर है। ऐसे में मैं दूसरी सीट पर कैसे जा सकता हूं। हां यह बात सही है कि मेरी छात्र राजनीति धर्मशाला कॉलेज से ही शुरू हुई, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि मुझे ही टिकट मिले। टिकट के मामले में संगठन सोच समझ कर ही फैसला करता है। सवाल: अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में क्या टिकट मांगेंगे? जवाब: पार्टी हाईकमान जो भी दायित्व सौंपे उसे मैं बखूबी निभाउंगा। मैं टिकट की राजनीति से बहुत दूर रहता हूं। संगठन के साथ-साथ जनता की सेवा करता रहूंगा। पार्टी हाईकमान कहे ताे अगले साल चुनावी मैदान उतर सकता हूं, मगर मैं टिकट के लिए राजनीति नहीं करूंगा। अगले साल यानी 2022 में एक बार फिर हिमाचल प्रदेश में जयराम ठाकुर की सरकार रिपीट करेगी। हिमाचल में हम एक बार भाजपा और एक बार कांग्रेस की परंपरा को ही समाप्त कर देंगे। सवाल: काेराेना संकट में पिछले साल से लेकर अब तक भाजपा संगठन और सरकार की भूमिका को किस तरह देखते है ? जवाब: सरकार और संगठन द्वारा पूरे प्रदेश में कोरोना के समय किसी भी प्रकार की कमी नहीं आने दी है चाहे वो बेड कैपेसिटी हो, ऑक्सीजन, ऑक्सीमीटर, वेंटिलेटर, कॉन्सेन्ट्रेटर हो। आज हमारी युद्ध किसी और प्रकार है, आज हम आईसीयू , ऑक्सीजन बेड चाहिए जो कि हमारे पास पर्याप्त मात्रा में है। सभी मंत्री व विधायक संगठन के साथ अच्छा तालमेल बना कर कार्य कर रहे है। केंद्र में भी हमारे पास कुशल नेतृत्व है, जहां हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा है वहीं केंद्र वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर है। हाल ही में हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने अपने एमपी लैड फंड से हिमाचल प्रदेश कोविड 19 सेलिब्रिटी फण्ड में 2 करोड़ की राशि दी है। जयराम सरकार प्रदेश में इस संकट की घड़ी में उत्तम कार्य कर रही है। जो भी निर्णय लिए जाते हैं उसमें संगठन और सरकार तय करती है कि किस प्रकार से कार्य करने हैं। कोरोना संकट में अभी तक संगठन और सरकार ने मिलकर अच्छा कार्य किया है। सवाल: आरोप लगते है कि प्रदेश सरकार और संगठन में तालमेल की कमी है, इस पर क्या कहेंगे ? जवाब: सरकार और संगठन में बेहतरीन तालमेल है और समूचे प्रदेश में एक समान विकास कार्य हो रहे हैं। कांग्रेस और अन्य राजनीतिक दल जयराम ठाकुर सरकार के विकास कार्यों काे पचा नहीं पा रहे हैं। पूरी दुनियां जहां काेराेना महामारी से लड़ रही है, वहीं कांग्रेस समेत दूसरे विपक्षी दल सिर्फ राजनीति कर रहे हैं। जहां तक भाजपा की बात है तो सरकार और संगठन में शानदार तालमेल है और इसके चलते अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव में विपक्ष का सूपड़ा साफ़ होने जा रहा है। सवाल: प्रदेश के कॉलेज और यूनिवर्सिटी के छात्राें काे क्या संदेश देना चाहेंगे? जवाब: कॉलेज और यूनिवर्सिटीज के छात्राें से मेरी अपील है कि वे काेराेना महामारी के दौरान राजनीति से उठ कर समाज सेवा करें। आज के इस दौर में सभी छात्राें काे एकजुट होकर जन सेवा करनी चाहिए। ये वक्त सकारात्मक सोच के साथ संगठित रहकर सृजनात्मक कार्य करने का है।
सामाजिक आर्थिक विकास के कार्यों तथा योजनाओं के क्रियान्वयन में अपना सतत सहयोग प्रदान कर समुदाय के कल्याण के प्रति अपने दायित्व की पूर्ति करते हुए जिला शिमला में पंचायती राज संस्थाओं के विभिन्न स्तरों के पदाधिकारियों और सदस्यों ने कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान लोगों के जीवन को बचाने और संक्रमितों को निरंतर सहायता प्रदान करने के लिए अपना सक्रिय योगदान दिया है। समाज के विभिन्न वर्गों के साथ-साथ जिला शिमला में पंचायती राज संस्थाओं के विभिन्न स्तरों पर चुनकर आए सदस्यों व प्रतिनिधियों ने कोरोना की दूसरी लहर में जिला के बसंतपुर, मशोबरा, ठियोग, नारकंडा, ननखड़ी, रामपुर, जुब्बल, चैपाल, रोहड़ू, छौहारा कुपवी और टुटू समेत 407 पंचायतों में संक्रमण से बचाव और संक्रमित रोगियों की देखभाल के लिए सहयोग व सहायता प्रदान कर कार्य किया गया। विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ-साथ पंचायती राज संस्थाओं के सदस्यों व प्रतिनिधियों द्वारा क्वारंटाइन में रह रहे लोगों की निरंतर निगरानी का कार्य किया जा रहा है होम क्वॉरेंटाइन में रहकर स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर रहे रोगियों को आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ समन्वय स्थापित कर कार्य किया जा रहा है। बाहर से आए व्यक्ति जिला के इन क्षेत्रों की विभिन्न पंचायतों में क्वॉरेंटाइन हैं जिनकी निगरानी व जांच कार्य निरंतर किया जा रहा है। जिनमें उस क्षेत्र के पंचायत सदस्यों पंचायती राज प्रतिनिधियों द्वारा सहयोग मिल रहा है। पंचायती राज सदस्य व प्रतिनिधियों के सहयोग से जिला के विभिन्न पंचायतों में लक्षण प्राप्त 2710 लोगों की जांच का कार्य किया गया। प्रदेश सरकार के आदेशों की अनुपालना सुनिश्चित करने के उद्देश्य से जिला में 635 विभिन्न विवाह व धार्मिक अनुष्ठान कार्यों का निरीक्षण इनके द्वारा किया गया तथा इनमें भीड़ इकट्ठी ना होने देना की प्रतिबद्धता के प्रति जिम्मेदारी का निर्वाहन किया गया। होम आइसोलेशन रह रहे 1766 कोरोना संक्रमित रोगियों की जांच की गई। सभी विकास खंडों में सेनेटाइजेशन शिमला जिला की सभी विकास खंडों के विभिन्न क्षेत्रों में जाकर कोरोना संक्रमण की जंग लड़ने में इनका सहयोग सार्वजनिक क्षेत्रों को सैनिटाइज करने में भरपूर रूप से प्राप्त हुआ है जगह जगह गली मोहल्लाें, बाजाराें और पगडंडियों के सैनिटाइज के कार्यों को पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के सहयोग के साथ इन पदाधिकारियों, सदस्यों ने अंजाम दिया। इसके अतिरिक्त जागरूकता गतिविधियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कोविड-19 सकारात्मक व्यवहार और कोविड-19 से बचाव के लिए विशेष मानक संचालन की अनुपालना के प्रति जागरूकता प्रदान की गई। विभिन्न प्रचार सामग्रियों को लोगों तक पहुंचाने और उस पर अमल कर कोरोना से बचाव के प्रति सचेत किया गया। मास्क वितरण कार्य तथा लोगों को मास्क बना कर समाज को प्रदान करने के लिए प्रेरित किया गया, विशेष रुप से स्वयं सहायता समूह का योगदान इसमें लेकर उन्हें सेवा की मुख्यधारा से जोड़ा गया। हाेम आइसोलेशन के लाेगाें काे दी दवाई होम आइसोलेशन में रह रहे लोगों को राशन, सब्जी, दवाइयां आदि की उपलब्धता पंचायतों द्वारा भी सुनिश्चित की जा रही है। जिला में 129 होम क्वारंटाइन में रह रहे लोगों को राशन उपलब्ध करवाया गया। पंचायत प्रतिनिधि,पंचायत सचिव तथा पंचायती राज ग्रामीण विकास विभाग के कर्मचारियों द्वारा कोविड 19 जांच के लिए परस्पर जानकारी जुटाने का कार्य निरंतर किया जा रहा है तथा टीकाकरण के लिए सभी विकास खण्डों में आवश्यक सहयोग प्रदान किया जा रहा है। विभिन्न क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण से मरने वाले व्यक्ति के दाह संस्कार आदि कार्यो में भी पंचायत प्रतिनिधि व पंचायती राज संस्थाओं के सदस्य अपना सहयोग प्रदान कर रहे है।
आयुष विभाग हिमाचल प्रदेश द्वारा आर्ट ऑफ लिविंग व योग भारती की सहभागिता से कोविड-19 रोगियों के लिए आयुष के माध्यम से कल्याणकारी कार्यक्रम स्वास्थ्य परिवार, कल्याण व आयुष मंत्री डॉ. राजीव सहजल द्वारा संपूर्ण प्रदेश के लिए आरंभ किया गया है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य कोविड-19 से संक्रमित रोगियों को आयुष पद्धतियों के समग्र स्वास्थ्य जीवन शैली दृष्टिकोण के माध्यम से शीघ्र स्वास्थ्य लाभ पहुंचाना है। आयुष विभाग के इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में रोगियों को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ के लिए मंत्री स्वयं लाइव योग सत्रों में वर्चुअल माध्यम से जुड़कर संक्रमितों से संवाद स्थापित कर उनका कुशल क्षेम जान रहे हैं तथा उन्हें आयुष चिकित्सा पद्धति अपनाकर स्वास्थ्य जीवन शैली जीने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य परिवार कल्याण एवं आयुष मंत्री राजीव सहजल अपने इस महत्वाकांक्षी कार्यक्रम के माध्यम से कोविड-19 के विरुद्ध इस युद्ध में जुटे आयुष चिकित्सा प्रदाताओं का उत्साहवर्धन व मार्गदर्शन कर रहे हैं एवं आयुष चिकित्सा प्रदाताओं के साथ स्वयं कोविड संक्रमित के घर जाकर हाल-चाल जान रहे हैं तथा उनका हौंसला बढ़ा रहे हैं। मंत्री व्यक्तिगत तौर पर संक्रमित रोगियों के घर जाकर कोविड केयर किट का वितरण कर रहे हैं, जिसमें संक्रमितों को अन्य सामग्रियों के साथ-साथ आयुष काढ़ा, चवनप्राश तथा कबाशीर कुडिनीर आयुष दवा प्रदान की जा रही है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक आयुष घरद्वार कार्यक्रम का दृष्टिकोण आयुष के सिद्धांतों के अनुरूप स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर रिकवरी दर को बढ़ाना, रोगियों के जीवन स्तर में सुधार करना तथा अस्पताल में भर्ती की जरूरत दर को घटाना है। इसके साथ-साथ कोविड-19 से मृत्यु दर को कम करना तथा संक्रमण दर को भी कम करना है तथा कोविड-19 के गंभीर दुष्प्रभावों को रोकने व शीघ्र स्वास्थ्य लाभ प्रदान कर बीमारी से उभरने के बाद बेहतर पुनर्वास सुनिश्चित करना है। कोविड-19 महामारी के इस दौर में मानव सेवा में आयुष चिकित्सा पद्धति महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। बताया गया कि अपने दृष्टिकोण के अनुरूप आयुष विभाग द्वारा मई माह में लगभग एक हजार वर्चुअल समूह बनाकर 20 हजार से ज्यादा कोविड-19 रोगियों को इस कार्यक्रम के माध्यम से सेवाएं प्रदान की है। आयुष विभाग का यह महत्वाकांक्षी तथा जन कल्याणकारी कार्यक्रम प्रदेश में पिछले कुछ समय से लगातार घट रही कोविड संक्रमण दर को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहा है। मरीजाें काे सोशल मीडिया से जोड़ा गया आयुष विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक आयुष चिकित्सा अधिकारियों तथा आयुष स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा विभिन्न सोशल मीडिया में जिसमें व्हाट्सएप, जूम इत्यादि पर वर्चुअल समूह बनाए गए हैं तथा गृह एकांतवास, समर्पित कोविड केयर सेंटर, समर्पित कोविड स्वास्थ्य केंद्र आदि में रह रहे रोगियों को पूरे प्रदेश में इससे जोड़ा गया है। आर्ट ऑफ लिविंग तथा योग भारती के लगभग 300 प्रशिक्षकों की सहायता से इन वर्चुअल समूहों में लाइव सेशन अथवा ऑडियो विजुअल उपकरणों के माध्यम से योग, प्राणायाम, स्वास्थ्य क्रियाओं व अभ्यास, ध्यान, योग व निद्रा आदि का अभ्यास रोगियों को करवाया जा रहा है। कार्यक्रम के तहत तनाव को कम करने, मन को शांत रखने तथा भय को कम करने के तरीके से रोगियों को अवगत करवाया जा रहा है। रोगी कोविड संक्रमण के पश्चात क्या करें, क्या न करें इस संबंध में भी जानकारी प्रदान की जा रही है। आयुष चिकित्सकों तथा आयुष स्वास्थ्य प्रदाताओं द्वारा रोगियों के स्वास्थ्य की निरंतर देखभाल की जा रही है तथा आवश्यक होने पर शारीरिक या मानसिक स्वास्थ्य परामर्श भी प्रदान किया जा रहा है। इसके साथ-साथ आहार-विहार संबंधित दिशा-निर्देश भी रोगियों को दिए जा रहे हैं ताकि वे शीघ्र स्वास्थ्य लाभ पा सके। आयुष सिद्धांतों के अनुरूप खुशहाल व समग्र स्वास्थ्य जीवन शैली अपनाकर सुखी स्वस्थ जीवन जीने व आयुष चिकित्सा पद्धति एवं घरेलू उपचारों को अपनाकर प्रकृति से जुड़े रहने के लिए लोगों को प्रेरित किया जा रहा है। काेराेना पाॅजिटिव मरीज उत्साह के साथ जुड़ रहे कोविड संक्रमण से जूझ रहे रोगी भरपूर उत्साह के साथ इस कार्यक्रम के विभिन्न सत्रों में बढ़-चढ़कर भाग ले रहे हैं तथा विभिन्न जानकारियों से लाभ अर्जित कर अपने रोग के प्रति सचेत हो कर स्वस्थ जीवन शैली अपनाने के लिए प्रेरित हो रहे हैं। कोविड के विरुद्ध इस लड़ाई में आयुष विभाग संपूर्ण तत्परता और निरंतरता के साथ मानव सेवा में जुड़ा रहेगा। आयुर्वेद विभाग में तैनात चिकित्सक व अन्य कर्मचारी सक्रिय तौर पर अपनी सेवाएं समर्पित कोविड केयर केन्द्रों एवं कोविड केयर स्वास्थ्य केन्द्रों में प्रदान कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त आयुर्वेद चिकित्सकों द्वारा होम आईसोलेशन में रह रहे रोगियों का स्वास्थ्य परीक्षण तथा स्वास्थ्य स्थिति को जांचा जा रहा है। सैंपल लेने तथा एक्टिव केस फाइंडिंग में आयुर्वेद चिकित्सक कार्य कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त गत वर्ष के दौरान विभिन्न बैरियर पर कोविड जांच के लिए आयुर्वेद विभाग का स्टाफ तैनात किया गया था वहीं काॅन्टैक्ट ट्रैसिंग टीम ने भी आयुर्वेद के अधिकारी व कर्मचारी अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। आयुर्वेद विभाग द्वारा राजकीय राजीव गांधी स्नातकोत्तर आयुर्वेद महाविद्यालय पपरोला जिला कांगड़ा को समर्पित कोविड स्वास्थ्य केन्द्र बनाया गया है, जिसमें कोविड रोगियों के लिए 100 बिस्तरों की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। इसके अतिरिक्त शिमला स्थित क्षेत्रीय आयुर्वेद अस्पताल को समर्पित कोविड स्वास्थ्य केन्द्र बनाया गया है, जिसमें 50 बिस्तरों की उपलब्धता है, जिसे शत-प्रतिशत रूप से आयुर्वेद विभाग के स्टाफ द्वारा संचालित किया जा रहा है।
पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में ई-पंचायत से ग्रामीण संसद यानी पंचायतों में औद्योगिक क्रांति आई है। पंचायती राज विभाग को पंचायतों के कार्यों की निगरानी के लिए सूचना प्रौद्योगिकी का अधिक से अधिक उपयोग सुनिश्चित करने के लिए ई-पंचायत के अंतर्गत राष्ट्रीय स्तर पर वर्ष 2020 में प्रथम और वर्ष 2021 में द्वितीय पुरस्कार प्राप्त हुआ है। ई-पंचायत के अंतर्गत प्रदेश की ग्राम पंचायतों में प्लान प्लस, एलजीडी, जियो टैगिंग, एरिया प्रोफाइल, प्रिया साॅफ्टवेयर और नेशनल एसेट डायरेक्ट्री एप्लीकेशन के माध्यम से ऑनलाइन कार्य किया जा रहा है। सभी पंचायतों में ऑनलाइन साॅफ्टवेयर के माध्यम से ग्रामीणों को परिवार रजिस्टर की प्रतियां ऑनलाइन उपलब्ध हो रही हैं। इस सुविधा से पंचायतों के कामकाज में पारदर्शिता एवं दक्षता सुनिश्चित होने के अलावा जवाबदेही तय करने में भी सहायता मिली है। राज्य को 14 वें व 15वें वित्त आयोग की सिफारिशों के तहत केंद्र से मिली धनराशि से पंचायतों को सीधे तौर पर लाभ पहुंचा है। इस राशि से पिछले तीन वर्षोंं की अवधि में 671 पंचायत घरों के निर्माण व मरम्मत कार्यों पर 35.74 करोड़ रुपये की राशि खर्च की गई है और अब तक 1339 मोक्ष धामों का निर्माण किया गया है। ग्राम पंचायतों में विकास कार्यों को गति प्रदान करने के उद्देश्य से 15वें वित्त आयोग ने वर्ष 2020-21 में ग्राम पंचायतों के लिए 1600 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है, जिसमें 214 करोड़ रुपये की पहली किस्त प्राप्त हो चुकी है। नवगठित पंचायतों में भी चरणबद्ध तरीके से पंचायत घरों का निर्माण किया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए राज्य स्तर पर सचिव पंचायती राज, जिला कार्यकारी अधिकारी (जिला परिषद) तथा खंड स्तर पर मुख्य कार्यकारी अधिकारी (पंचायत समिति) के संपूर्ण पर्यवेक्षण और निरीक्षण में पंचायती राज संस्थाओं के लिए एक अलग तकनीकी विंग का गठन भी किया गया है, जिसके लिए विभिन्न श्रेणियों के 1409 पद सृजित किए गए हैं। ग्रामीणों को घर-द्वार पर रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए वर्तमान सरकार के कार्यकाल के दौरान लगभग 6.06 करोड़ कार्य दिवस अर्जित किए गए, जिसमें महलिाओं की भागीदारी 63 प्रतिशत रही। इस दौरान 1.32 लाख परिवारों ने 100 दिन से अधिक रोजगार प्राप्त किया जिस पर 1780.43 करोड़ रुपये व्यय किए गए। ग्रामीण विकास योजना के तहत पिछले तीन वर्षों मे 7135 मकान निर्मित किए गए तथा मुख्यमंत्री आवास मरम्मत योजना के तहत दो हजार लाभार्थियों को 5.68 करोड़ रुपये की सहायता प्रदान की गई। इसके अतिरिक्त राज्य के 12 जिलों के 80 विकास खण्डों में आजीविका मिशन चलाया जा रहा है। मुख्यमंत्री रोशनी योजना के तहत गरीब परिवारों को 17,550 मुफ्त विद्युत कुनेक्शन भी प्रदान किए गए हैं। 3 साल में पंचायत प्रतिनिधियाें के मानदेय में उल्लेखनीय वृद्धि जयराम सरकार ने पिछले तीन वर्षों के दौरान पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों के मानदेय में भी उल्लेखनीय वृद्धि की है। जिला परिषद अध्यक्ष का मानदेय आठ हजार से 12000 रुपये और पंचायती समिति के अध्यक्ष के मानदेय को पांच हजार रुपये से बढ़ाकर सात हजार रुपय किया गया है। ग्राम पंचायत प्रधानों के मानदेय को तीन हजार से बढ़ाकर 4500 रुपये प्रति माह और ग्राम पंचायत सदस्यों का बैठक भत्ता बढ़ाकर 250 रुपये प्रति बैठक किया गया है। इसके अलावा ग्राम पंचायतों में कार्यरत सिलाई शिक्षकों के मासिक पारिश्रमिक को बढ़ाकर 6800 रुपये किया गया है। पंचायत चाैकीदारों को अब 5300 रुपये प्रति माह वेतन प्रदान किया जा रहा है। राज्य सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के सशक्तीकरण की दिशा में भी कारगर प्रयास किए है। महिलाओं के लिए पंचायती राज संस्थाओं में 50 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया है ताकि महिलाओं के सशक्तिकरण के साथ-साथ ग्रामीण स्तर पर किए जा रहे विकास कार्यों में उनकी भागीदारी बढ़ाई जा सके। राज्य में हाल ही में संपन्न पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव में 124 जिला परिषद सदस्य, 873 पंचायत समिति सदस्य, 12422 पंचायत सदस्य और 1828 महिला प्रमुख सहित विभिन्न पदों पर 15,249 महिलाएँ चुनी गई हैं। काेराेना संकट में पंचायताें की भागीदारी हुई सुनिश्चित राज्य सरकार ने कोविड-19 महामारी से निपटने में भी पंचायती राज संस्थाओं की भागीदारी सुनिश्चित की है। पंचायती राज संस्थाओं को स्थानीय निवासियों को कोविड-19 महामारी के प्रसार को रोकने के लिए राज्य सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करने और अग्रिम पंक्ति के स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं तथा कोरोना योद्धाओं का सहयोग करने के लिए भी प्रेरित किया। राज्य में कोविड-19 महामारी की शुरुआत से ही पंचायती राज संस्थाओं ने अहम भूमिका निभाई। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में क्वारन्नटीन केंद्र स्थापित करने में सहायता प्रदान करने के अतिरिक्त स्वच्छता जागरुकता और कोविड-19 बचाव संबंधी उपायों के बारे में प्रचार सामग्री वितरित की। सरकार द्वारा पंचायती राज संस्थाओं और स्वयं सहायता समूहों की भागीदारी से बड़े पैमाने पर मास्क उत्पादन के लिए अभियान चलाया गया और प्रवासी श्रमिकों को रोजगार के साधन उपलब्ध करवाए गए। प्रतिनिधियाें काे दी गई ट्रेनिंग, ताकि तेज हाे विकास की रफ्तार ग्रामीण क्षेत्रों मे विकास कार्यों का प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों को ट्रेनिंग दी गई। जिसके लिए पांच जिलों कांगड़ा, हमीरपुर, सोलन, मंडी और बिलासपुर में जिला संसाधन केंद्र स्थापित किए गए हैं, जबकि किन्नौर, सिरमौर और शिमला संसाधन केंद्रों का निर्माण कार्य प्रगति पर है। पंचायत स्तर पर सूचना प्रौद्योगिकी सम्बंधित सेवाएं एक छत के नीचे प्रदान करने के लिए राज्य में 598 सामान्य सेवा केंद्र भी स्थापित किए गए हैं और वर्ष 2021-22 में 2982 अतिरिक्त केंद्र स्थापित किए जाएंगे। पिछले तीन वर्षों में पंचायती राज संस्थाओं के 26500 प्रतिनिधियों और ग्राम पंचायत सचिवों को ट्रेनिंग दी गई। पंचायतों का पर्यावरण, जल संरक्षण तथा सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ लोगों को जागरूक करने में सहयोग लिया जा रहा है। प्रदेश सरकार द्वारा कार्यान्वित की जा रही विभिन्न विकासात्मक योजनाओं और कार्यक्रमों से न केवल ग्रामीण क्षेत्रों का चहुंमुखी विकास सुनिश्चित हुआ है, बल्कि इन क्षेत्रों के लोग विकास की मुख्यधारा से भी जुड़े हैं, हरेक पंचायताें काे ऑनलाइन किया गया। हमारी सरकार ने तीन वर्षाें के दाैरान पंचायत प्रतिनिधियाें के मानदेय में हर साल बढ़ाैतरी की।
सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग के राज्य नाट्य दल द्वारा प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर प्रचार-प्रसार के माध्यमों द्वारा लोगों को कोरोना महामारी से बचाव व सावधानियों के बारे जागरूक किया जा रहा है। इस अभियान में कलाकारों ने कोरोना महामारी से बचाव के विभिन्न उपायों जैसे साबुन से बार-बार हाथ धोनें, परस्पर दूरी बनाए रखने, ज्यादा भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर न जाने, सेनिटाइजर का उपयोग करने इत्यादि के बारे में जानकारी प्रदान की जा रही है। जागरूकता कार्यक्रमों के दौरान कलाकार लोगों को पारम्परिक लोक नाट्य और लोक गीतों के माध्यम से कोरोना महामारी के दौरान सरकार द्वारा जारी किए गए विभिन्न दिशा-निर्देशों के बारे में भी अवगत करवा रहे हैं। सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग के निदेशक हरबंस ब्रेसकाॅन ने बताया कि लोगों को कोरोना महामारी के बारे में जागरूक करने के लिए राज्यव्यापी जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत विभिन्न जिलों के दूर-दराज क्षेत्रों में विशेष जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे हैं।


















































