हिमाचल में आज मौसम विभाग शिमला ने प्रदेश में मौसम साफ रहने की संभावना जताई है। जबकि 18 फरवरी से प्रदेश में फिर से मौसम करवट लेने वाला है। मौसम विभाग शिमला के मुताबिक फिर प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने वाला है, जिसके चलते 18 फरवरी को प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों में बारिश और बर्फबारी की संभावना है। वहीं, 19 और 20 फरवरी को प्रदेश के ऊंचे व मध्य पहाड़ी इलाकों में बारिश-बर्फबारी, जबकि निचले व मैदानी इलाकों में बारिश की संभावना जताई गई है। इसके अलावा 21 फरवरी को ऊंचे पहाड़ी इलाकों में और 22 फरवरी को ऊंचे और मध्य पर्वतीय इलाकों में बारिश-बर्फबारी हो सकती है। मौसम विभाग के अनुसार 19 और 20 फरवरी को प्रदेश में कुछ जगहों पर गरज के साथ बारिश और बिजली गिरने की संभावना है।
हिमाचल के मंडी जिला का एक और लाल देश पर कुर्बान हो गया है। जिला के बल्ह उपमंडल के तहत पड़ने वाली ग्राम पंचायत हल्यातर के 26 वर्षीय जवान बसंत सिंह का हृदय गति रूकने से आकस्मिक निधन हो गया है। सैनिक बसंत सिंह उत्तराखंड के देहरादून में तैनात थे, जहां ड्यूटी के दौरान बसंत को अचानक हार्ट अटैक आया जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया। पर तमाम कोशिशों के बाद भी डॉक्टरों की टीम द्वारा उन्हें बचाया जा नहीं सका। सैनिक के निधन का समाचार मिलने के बाद पूरे क्षेत्र में माहौल गमगीन है, वहीं परिजनों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। सैनिक बसंत सिंह की पार्थिव देह पैतृक गांव बुरहाली में सोमवार सुबह पहुंचने का अनुमान है। सैनिक अपने पीछे अपनी पत्नी व डेढ़ वर्षीय बेटे शौर्य को छोड़ गए हैं। बता दें कि सैनिक बसंत सिंह 10 डोगरा रेजिमेंट देहरादून में तैनात थे। एक सप्ताह पहले ही अपनी छुट्टियां काटकर जल्द परिवार से मिलने का वादा कर बसंत सिंह ड्यूटी के लिए देहरादून गए थे, लेकिन परिजनों को क्या मालूम था कि एक सप्ताह बाद बसंत सिंह की पार्थिव देह तिरंगे में लिपटकर घर पहुंचेगी। सोमवार को जवान का पार्थिव देह पैतृक गांव पहुंचने की संभावना है, जहां सैन्य सम्मान के साथ सैनिक का अंतिम संस्कार किया जाएगा।
प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक शनिवार को राज्य सचिवालय शिमला में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आयोजित की गई। मंत्रिमंडल ने छह पोस्ट कोडों में 699 पदों के लिए लंबित परिणामों की घोषणा को मंजूरी दे दी। इनमें मार्केट सुपरवाइजर (पोस्ट कोड-977), फायरमैन (पोस्ट कोड-916), ड्राइंग मास्टर (पोस्ट कोड-980), एचपी सचिवालय क्लर्क (पोस्ट कोड-962), बिजली बोर्ड लाइनमैन (पोस्ट कोड-971) और स्टेनो टाइपिस्ट (पोस्ट कोड-928) शामिल हैं।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आयोजित हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में विभिन्न विभागों में कई पदों को सृजित कर भरने को मंजूरी दी गई है। संजौली पुलिस चौकी को पुलिस स्टेशन में स्तरोन्नत करने सहित विभिन्न श्रेणियों के 20 पद सृजित कर भरने की स्वीकृति प्रदान। जिला शिमला के नेरवा में अग्निशमन चौकी खोलने तथा इसमें विभिन्न श्रेणियों के 17 पद सृजित कर भरने को स्वीकृति। राजस्व विभाग में तहसीलदार के 09 पद सृजित कर भरने की स्वीकृति। जिला शिमला में बागी पुलिस चौकी में विभिन्न श्रेणियों के छः पद सृजित कर भरने को स्वीकृति योजना विभाग में विभिन्न श्रेणियों के तीन पद भरने की स्वीकृति। कोषागार, लेखा एवं लॉटरी विभाग में कोषागार अधिकारियों के तीन पद भरने का निर्णय। सोलन जिले के बशील में नया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोलने तथा विभिन्न श्रेणियों के तीन पदों को सृजित कर भरने को मंजूरी। कांगड़ा में जल शक्ति विभाग का नया मंडल खोलने तथा आवश्यक पदों को सृजित कर भरने का निर्णय । बिलासपुर के श्री नयना देवी जी विधानसभा क्षेत्र के जगातखाना में जल शक्ति विभाग का नया मंडल खोलने तथा आवश्यक पदों को सृजित कर भरने का निर्णय। सोलन जिले के लोहारघाट में नई उप-तहसील खोलने तथा आवश्यक पदों को सृजित कर भरने को मंजूरी। हिमाचल प्रदेश राजकीय दंत महाविद्यालय शिमला के विभिन्न विभागों में सहायक प्रोफेसर के 16 स्वीकृत पदों को एसोसिएट प्रोफेसर में स्तरोन्नत करने को मंजूरी। कांगड़ा जिले के नगरोटा बगवां में राजीव गांधी राजकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालय में विभिन्न श्रेणियों के आठ पदों को सृजित करने और भरने को मंजूरी। शिमला जिले के प्रगतिनगर स्थित अटल बिहारी वाजपेयी राजकीय इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी संस्थान में बी.टेक (सिविल इंजीनियरिंग) पाठ्यक्रम शुरू करने के साथ-साथ विभिन्न श्रेणियों के सात पदों को सृजित कर भरने की मंजूरी। मंडी जिला के श्री लाल बहादुर शास्त्री चिकित्सा महाविद्यालय नेरचौक में प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर, सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर, न्यूक्लियर मेडिसन टेक्नोलॉजिस्ट और रेडिएशन सेफ्टी अधिकारी जैसे पदों को सृजित कर भरने को स्वीकृति। जिला सिरमौर के डॉक्टर वाई.एस. परमार राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय के पैथोलॉजी विभाग के अंतर्गत इम्यूनोहेमेटोलॉजी और ब्लड ट्रांसफ्यूज़न विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद को भरने को स्वीकृति।
699 पदों का भर्ती परिणाम जारी करने की मंजूरी तहसीलदार के नाै पद भरे जाएंगे पुलिस चौकी संजौली को पुलिस स्टेशन में स्तरोन्नत करने की मंजूरी हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक शनिवार को राज्य सचिवालय शिमला में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए हैं। राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में राज्यपाल को हिमाचल प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र 10 से 28 मार्च 2025 तक आयोजित करने की सिफारिश करने का निर्णय लिया गया। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू 17 मार्च को हिमाचल का बजट पेश करेंगे। बजट सत्र में 15 बैठकें होंगी। 10 मार्च को राज्यपाल का अभिभाषण होगा। उसके बाद इस पर चर्चा होगी। 13 मार्च को सीएम चर्चा का जवाब देंगे। 699 पदों का भर्ती परिणाम जारी करने की मंजूरी मंत्रिमंडल ने छह पोस्ट कोडों में 699 पदों के लिए लंबित परिणामों की घोषणा को मंजूरी दे दी। इनमें मार्केट सुपरवाइजर (पोस्ट कोड-977), फायरमैन (पोस्ट कोड-916), ड्राइंग मास्टर (पोस्ट कोड-980), एचपी सचिवालय क्लर्क (पोस्ट कोड-962), बिजली बोर्ड लाइनमैन (पोस्ट कोड-971) और स्टेनो टाइपिस्ट (पोस्ट कोड-928) शामिल हैं। कैबिनेट बैठक में राजस्व विभाग में तहसीलदार के नौ पदों को सृजित करने तथा भरने का निर्णय लिया गया। बैठक में शिमला जिले के कोटखाई पुलिस स्टेशन के अंतर्गत नवनिर्मित पुलिस चौकी बाघी के लिए विभिन्न श्रेणियों के छह पदों को सृजित करने तथा भरने का भी निर्णय लिया गया। बैठक में योजना विभाग में विभिन्न श्रेणियों के तीन पदों को भरने को भी मंजूरी प्रदान की गई। मंत्रिमंडल ने कोषागार, लेखा एवं लॉटरी विभाग में कोषागार अधिकारियों के तीन पदों को भरने का निर्णय लिया। मंत्रिमंडल ने पुलिस चौकी संजौली को पुलिस स्टेशन में स्तरोन्नत करने के साथ विभिन्न श्रेणियों के 20 पदों के सृजन व भरने को स्वीकृति प्रदान की। बैठक में शिमला जिले के नेरवा में एक नई अग्निशमन चौकी खोलने तथा विभिन्न श्रेणियों के 17 पदों के सृजन व भरने को मंजूरी दी गई। मंत्रिमंडल ने मृत शिशु के जन्म या जन्म के तुरंत बाद शिशु की मृत्यु की स्थिति में महिला सरकारी कर्मचारियों के लिए 60 दिन के विशेष मातृत्व अवकाश को मंजूरी दी। बैठक में सोलन जिले के लोहारघाट में आवश्यक पदों के सृजन व भरने सहित नई उप तहसील खोलने को मंजूरी प्रदान की गई। मंडी जिले के नेरचौक स्थित श्री लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज में न्यूक्लियर मेडिसिन विभाग की स्थापना करने का निर्णय लिया गया। बैठक में प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर, सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर, न्यूक्लियर मेडिसिन टेक्नोलॉजिस्ट और रेडिएशन सेफ्टी ऑफिसर सहित अन्य 12 पदों के सृजित कर भरने को भी मंजूरी दी गई। सिरमौर जिले के डॉ. वाईएस परमार राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय नाहन में पैथोलॉजी विभाग के अंतर्गत इम्यूनोहेमेटोलॉजी एवं रक्त आधान विभाग में सहायक प्रोफेसर का पद भरने का भी निर्णय लिया गया। बैठक में एलोपैथिक चिकित्सकों को भारत में या देश के बाहर अध्ययन अवकाश के दौरान पूर्ण वेतन लेने की अनुमति देने को भी स्वीकृति प्रदान की गई। मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश राजकीय दंत महाविद्यालय शिमला के विभिन्न विभागों में सहायक प्रोफेसर के 16 स्वीकृत पदों को एसोसिएट प्रोफेसर में स्तरोन्नत करने को मंजूरी प्रदान की। इसके अतिरिक्त कांगड़ा जिले के नगरोटा बगवां में राजीव गांधी राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज में बीटेक (कृत्रिम बुद्धिमत्ता और डेटा विज्ञान) और बीटेक (कंप्यूटर विज्ञान) पाठ्यक्रम शुरू करने के साथ विभिन्न श्रेणियों में आठ पदों को सृजित कर भरने को भी मंजूरी दी। बैठक में शिमला जिले के प्रगतिनगर स्थित अटल बिहारी वाजपेयी राजकीय इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी संस्थान में बीटेक (सिविल इंजीनियरिंग) पाठ्यक्रम शुरू करने के साथ विभिन्न श्रेणियों में सात पदों के सृजित कर भरने को भी मंजूरी दी। मंत्रिमंडल ने मंडी जिले के सुंदरनगर स्थित राजकीय पॉलिटेक्निक महाविद्यालय में कंप्यूटर विज्ञान एवं इंजीनियरिंग (कृत्रिम बुद्धिमत्ता एवं मशीन लर्निंग) नामक एक नया डिप्लोमा पाठ्यक्रम शुरू करने का निर्णय लिया है। मंत्रिमंडल ने जनसंख्या, क्षेत्रफल, प्रमुख अपराध, यातायात, अंतरराज्यीय सीमाओं और पर्यटकों के प्रवाह के मानदंडों के आधार पर सभी 135 मौजूदा पुलिस स्टेशनों को छह श्रेणियों में वर्गीकृत करने का निर्णय लिया। यह भी निर्णय लिया गया कि क्षेत्रीय कार्यालयों को मजबूत करने और लोगों को बेहतर सेवाएं सुनिश्चित करने के लिए पुलिस स्टेशनों में कर्मचारियों की पोस्टिंग को उनकी श्रेणी के आधार पर संशोधित किया जाएगा। इसके अतिरिक्त मंत्रिमंडल ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए प्रवेश कर संग्रहण के लिए नीलामी-सह-निविदा प्रक्रिया को मंजूरी दी, जिससे वर्ष 2024-2025 की तुलना में 11.56 करोड़ रुपए का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होने का अनुमान है। इसके अतिरिक्त मंत्रिमंडल ने चरणबद्ध तरीके से सभी प्रवेश टोल बैरियरों पर फास्टैग सुविधा लागू करने का भी निर्णय लिया। पहले चरण में गरामौरा (बिलासपुर), परवाणू (मेन) और तियारा बाईपास (सोलन), गोविंदघाट (सिरमौर), कंडवाल (नूरपुर), मैहतपुर (ऊना) और बद्दी (सोलन) में टोल बैरियरों पर फास्टैग शुरू किया जाएगा। बैठक में बिलासपुर जिले की सदर तहसील से आठ पटवार सर्किलों को शामिल करके नम्होल उप तहसील का पुनर्गठन करने का भी निर्णय लिया गया।
कांग्रेस आलकमान ने राजीव शुक्ला को हटाकर रजनी पाटिल को हिमाचल का प्रभारी नियुक्त कर दिया है। शुक्रवार देर रात इसको लेकर अधिसूचना जारी कर दी है। पाटिल इससे पहले भी ये ज़िम्मेदारी संभल चुकी है। वह मई 2018 से 11 सितंबर 2020 तक हिमाचल की प्रभारी थी, तब कुलदीप राठौर पीसीसी चीफ थे। राजीव शुक्ला को कांग्रेस पार्टी आला कमान ने वर्ष 2020 में हिमाचल कांग्रेस की बतौर प्रभारी नियुक्ति किया था। 2 साल बाद यानी वर्ष 2022 में हुए विधानसभा के चुनाव में कांग्रेस ने प्रदेश की सत्ता में वापसी की थी। हालांकि, इसके बाद लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रदेश की चारों सीटों पर चुनाव हार गई थी। इसी बीच कांग्रेस पार्टी में आपसी गुटबाजी भी खुलकर सामने आती रही। मौजूदा समय में हिमाचल कांग्रेस पार्टी की सभी कमेटियां चाहे वह प्रदेश कांग्रेस कमेटी हो या जिला वह ब्लॉक कमेटी या सभी भंग है। ऐसे में रजनी पाटिल के समक्ष नए सिरे से कमेटियों का गठन करना सबसे पहली चुनौती होगी। वहीँ इस साल के अंत में पंचायती राज चुनाव होने हैं वह अगले वर्ष कुछ नगर निगम के चुनाव है। रजनी पाटिल हिमाचल कांग्रेस की पहले भी प्रभारी रह चुकी है। वह प्रदेश कांग्रेस पार्टी व यहां के पदाधिकारी से लेकर आम कार्यकर्ताओं तक को जानती है। माहिर मानते है कि पार्टी हाई कमान ने उनके इसी अनुभव को देखते हुए दोबारा से उन्हें प्रदेश प्रभारी की कमान सौंपी है।
शिमला: हिमाचल सरकार में लोक निर्माण विभाग के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने रोजगार के मुद्दे पर विपक्ष पर निशाना साधा है. विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि 2 साल के कार्यकाल में प्रदेश सरकार ने 42 हजार रोजगार के अवसर युवाओं को प्रदान किए. वहीं पूर्व भाजपा सरकार ने 5 साल के कार्यकाल में केवल 55 हजार सरकारी नौकरियां दी. इस दौरान विक्रमादित्य सिंह ने नेता प्रतिपक्ष और भाजपा पर केंद्र से हिमाचल को मिलने वाली मदद रोकने का भी आरोप लगाया है. विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के प्रदेश में विकास कार्य किए जा रहे हैं. प्रदेश सरकार युवाओं को रोजगार देने के लिए प्रतिबद्ध हैं और सरकार इसके लिए काम कर रही है. लेकिन पिछले कुछ समय से विपक्ष और मुख्य रूप से नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर लगातार तथ्यहीन हैं और बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि सरकार ने दो साल के कार्यकाल में 42 हजार युवाओं को रोजगार का अवसर दिया. वहीं पूर्व भाजपा सरकार ने पांच साल के कार्यकाल में केवल 20 हज़ार नौकरियां दी गई. विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार ने दो सालों में 12 हज़ार 500 सरकारी क्षेत्र में नौकरियां दी गई. पूर्व सरकार के घोटालों के चलते जो भर्तियां लटकी हुई थीं उन्हें भी बहाल करने का काम सरकार ने किया. वर्तमान सरकार ने 2 हज़ार 273 ऐसे पदों पर भर्ती प्रक्रिया को शुरू किया. विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि 25 हजार नए पद भरने की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी जिसमें प्रदेश के युवाओं को रोज़गार का अवसर मिलेगा.विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि भाजपा की सरकार प्रदेश पर 75 हज़ार करोड़ का कर्ज छोड़ कर गई. उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने प्रदेश आर्थिक रूप से मज़बूत करने के लिए काम किया. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह के नेतृत्व में 443 औद्योगिक प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई. साथ ही राजीव गांधी स्वरोजगार योजना के माध्यम से युवाओं को रोज़गार दिया जा रहा है. इसके अलावा बागवानों के लिए यूनिवर्सल कार्टन लाया गया और नींबू प्रजाति के फलों का समर्थन मूल्य भी बढ़ाया गया. वर्तमान सरकार ने मनरेगा का दिहाड़ी बढ़ाई गई आपदा में क्षतिग्रस हुई सड़कों को मनरेगा के माध्यम से किया गया. इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने का काम किया गया. विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि जहां पूर्व भाजपा सरकार ने 5 साल के कार्यकाल में 55 हजार सरकारी नौकरियां दी. वहीं वर्तमान कांग्रेस सरकार ने 2 साल के कार्यकाल में युवाओं को 20 हज़ार सरकारी नौकरी देने का काम किया . इस दौरान लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर को निशाने पर लिया. विक्रमादित्य सिंह ने नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर पर आरोप लगाते हुए कहा कि जयराम ठाकुर लगातार केन्द्र से हिमाचल को मिलने वाली मदद को रोकने का काम कर रहे हैं. केंद्र की हर फंडिंग में हिमाचल की आवाज़ दबाने का काम किया जा रहा है. हिमाचल आर्थिक रूप से वाइबल राज्य नहीं है और केंद्र पर निर्भर है. जम्मू कश्मीर को बजट में स्पेशल पैकेज दिया गया. लेकिन हिमाचल में आपदा से भारी नुकसान हुआ. करीब 9 हजार करोड़ के नुकसान का आंकलन किया गया लेकिन एक पैसा नहीं मिला. मगर क्या विपक्ष के नेता और भाजपा के पार्टी प्रदेश अध्यक्ष ने केंद्र के सामने बात रखी यह सवाल है. विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि राजनीति केवल राजनीतिक के लिए नहीं होनी चाहिए. विपक्ष को प्रदेश के हित के लिए राजनीति करनी चाहिए.
**जाती या संप्रदाय के आधार पर नहीं दिया जाएगा काम अब हिमाचल प्रदेश की जेलों में कैदियों को जाती के आधार पर काम नहीं दिया जाएगा और न ही उनके रिकॉर्ड में हिंदू, मुसलमान, सिक्ख, ईसाई यानी समुदाय या संप्रदाय का उल्लेख होगा...हिमाचल प्रदेश जेल मैनुअल 2021 में अब संशोधन करते हुए राज्य सरकार ने कई नए प्रावधान किए हैं। इसको लेकर अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह ओंकार शर्मा ने अधिसूचना भी जारी की है। कैदियों में जातीय आधार पर कोई भेदभाव, वर्गीकरण और पृथक्करण नहीं किया जाएगा। मैला ढोने, सीवरेज प्रणाली और सैप्टिक टैंक की सफाई भी कैदियों से नहीं करवाई जाएगी। कैदियों के साथ जाति आधारित भेदभाव पर सुप्रीम कोर्ट के तीन अक्टूबर, 2024 के आदेश के मद्देनजर ये बदलाव किए गए हैं. कारागार नियमावली में किए गए नए संशोधन के अनुसार, जेल अधिकारियों को सख्ती से यह सुनिश्चित करना होगा कि कैदियों के साथ उनकी जाति के आधार पर कोई भेदभाव, वर्गीकरण या अलगाव न हो और अब हिमाचल प्रदेश की जेलों में रहने वाले कैदियों के साथ भी किसी प्रकार का कोई भेदभाव नहीं होगा।
हिमाचल: बिजली बोर्ड में 706 पद खत्म करने पर इंजीनियर-कर्मचारी नाराज, आज काले बिल्ले लगाकर देंगे सेवा
हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड में 706 पदों को समाप्त करने का आदेश जारी किया है, जिससे कर्मचारियों में गहरी नाराजगी फैल गई है। इस निर्णय के विरोध में बिजली बोर्ड के कर्मचारी आज से काले बिल्ले पहनकर काम करने का निर्णय लिया है। शिमला स्थित मुख्य कार्यालय सहित राज्य के अन्य विद्युत मंडल और उप मंडल में कार्यरत इंजीनियर, तकनीकी कर्मचारी और अन्य कर्मचारी भी इस विरोध में शामिल होंगे।यह निर्णय कर्मचारियों के लिए एक बड़ा झटका साबित हो रहा है, क्योंकि बोर्ड पहले ही कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा था। अब, 706 पदों की समाप्ति के कारण कार्यभार बढ़ने से कर्मचारियों पर दबाव और अधिक बढ़ गया है। इसी कारण, कर्मचारियों ने वर्क-टू-रूल आंदोलन शुरू करने का ऐलान किया है, जिसमें वे केवल निर्धारित समय तक ही काम करेंगे।अगर सरकार ने अपने फैसले को वापस नहीं लिया, तो कर्मचारियों ने राज्यभर में बड़े पैमाने पर विरोध और हड़ताल की चेतावनी दी है। इस मुद्दे पर 11 फरवरी को हमीरपुर में पंचायत आयोजित की जाएगी, और इसके बाद अन्य जिलों में भी विरोध प्रदर्शन किए जाएंगे।
हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में अब शिक्षकों के लिए ड्रेस कोड लागू करने की योजना तैयार हो रही है। नए शैक्षणिक सत्र से इसे लागू किया जा सकता है, और इससे पहले कुछ स्कूलों ने अपने स्तर पर शिक्षकों के लिए यह कोड शुरू भी किया है। शिक्षा सचिव राकेश कंवर का कहना है कि शिक्षक विद्यार्थियों के रोल मॉडल होते हैं, और उनके पहनावे तथा व्यवहार का बच्चों पर सीधा असर पड़ता है। यही वजह है कि कई स्कूलों में इस दिशा में बदलाव देखा गया है। बीते साल प्रदेश में स्वैच्छिक ड्रेस कोड लागू किया गया था, जिसे शिक्षकों के आग्रह पर शुरू किया गया था। अब इसे सभी स्कूलों में अनिवार्य करने की योजना बन रही है। इस ड्रेस कोड में शिक्षकों के लिए फॉर्मल ड्रेस और शिक्षिकाओं के लिए साड़ी या साधारण सूट-सलवार का चयन हो सकता है। इसके तहत, शिक्षकों को स्कूल में फैशनेबल कपड़े पहनकर आने से भी रोका गया है, जो पहले से ही लागू है। राज्य सरकार ने इस पहल को लेकर अन्य राज्यों के ड्रेस कोड का अध्ययन करना शुरू कर दिया है और विशेषज्ञों से राय ली जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश में आउटसोर्स के माध्यम से होने वाली भर्तियों पर एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है, जिससे राज्य सरकार को फिलहाल राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेशों पर अंतरिम रोक लगा दी है और सरकार को इस मामले में जवाब देने के लिए चार सप्ताह का समय दिया है। इस आदेश का सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश संजय करोल और न्यायाधीश केवी विश्वनाथन की खंडपीठ ने की। हिमाचल सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने इस मामले में अदालत में अपनी बात रखी। उन्होंने बताया कि हिमाचल हाईकोर्ट ने 7 नवंबर 2024 को प्रदेश में आउटसोर्स पॉलिसी के तहत होने वाली भर्तियों पर रोक लगा दी थी। कोर्ट ने सरकार से यह भी कहा था कि भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए उचित नियम बनाए जाएं। इसके बाद, राज्य सरकार ने इस रोक को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की और अदालत के आदेशों के पालन के लिए एक हलफनामा प्रस्तुत किया। हालांकि, 8 जनवरी 2025 को उच्च न्यायालय ने सरकार की अर्जी को खारिज कर दिया, जिसमें रोक हटाने की मांग की गई थी। कोर्ट ने बताया कि वेकेशन के कारण केवल अति महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई हो रही है। इसके बाद, सरकार ने इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। यह मामला वर्ष 2022 में दायर एक याचिका से जुड़ा हुआ है, जिसमें आउटसोर्स भर्तियों की प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी पर सवाल उठाए गए थे। याचिका में यह आरोप लगाया गया था कि राज्य के विभिन्न विभागों में आउटसोर्स के तहत भर्तियां बिना पारदर्शिता के की जा रही हैं और कारपोरेशन के तहत रजिस्टर्ड कंपनियां भी कटघरे में हैं। उच्च न्यायालय ने यह भी आदेश दिया कि स्वास्थ्य विभाग में आउटसोर्स के तहत नियुक्तियां स्वीकार नहीं की जाएं और विभाग को स्थायी नियुक्तियों के लिए प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए।
शनिवार की सुबह महाकुंभ से स्नान करके लौट रहे हिमाचल प्रदेश के श्रद्धालुओं से भरी एक मिनी टूरिस्ट बस बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे में ट्रक से टकरा गई। इस दर्दनाक हादसे में दो श्रद्धालुओं की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 11 अन्य घायल हो गए, जिनमें दो की हालत नाजुक बताई जा रही है। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर सभी घायलों को राठ सीएचसी में भर्ती कराया और मृतकों के शवों को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है। यह हादसा शनिवार की सुबह लगभग 6 बजे हुआ, जब मिनी बस, जो कांगड़ा जिले के थाना बैजनाथ क्षेत्र के श्रद्धालुओं से भरी हुई थी, एक्सप्रेसवे में खराब खड़े ट्रक से टकरा गई। ट्रक में मौरंग भरी हुई थी। इस हादसे में मिनी बस का अगला हिस्सा बुरी तरह से चकनाचूर हो गया। मृतकों में 60 वर्षीय निर्मला उर्फ गुड्डी देवी पत्नी प्रीतम राणा और 55 वर्षीय सुरेंद्र राणा शामिल हैं। वहीं, 11 घायल श्रद्धालुओं में 62 वर्षीय सुदर्शन, 45 वर्षीय विपुल शर्मा, 50 वर्षीय जीवना देवी, 60 वर्षीय सुदेश कुमारी, 65 वर्षीय सुनील कुमारी, 56 वर्षीय कुसुम लता, 60 वर्षीय चंदी, 50 वर्षीय अंजूबाला, 43 वर्षीय अंजना कुमारी, 55 वर्षीय रक्षा देवी, और 68 वर्षीय शीलारानी तथा 65 वर्षीय तंबो देवी शामिल हैं। इनमें शीलारानी और तंबो देवी की हालत गंभीर है, जिन्हें मेडिकल कॉलेज उरई रेफर किया गया है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि हादसा ड्राइवर को झपकी लगने के कारण हुआ। हादसे की सूचना मिलते ही थाना राठ पुलिस और 108 एम्बुलेंस मौके पर पहुंचे और घायलों को राठ सीएचसी में भर्ती कराया। एसडीएम राठ अभिमन्यु कुमार ने सीएचसी पहुंचकर घायलों के उपचार का जायजा लिया और प्रशासन ने मामले की गंभीरता से जांच शुरू कर दी है।
हिमाचल प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ (WD) के सक्रिय होने से होने वाला है । मौसम विभाग ने आगामी पांच दिनों तक अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हल्की बारिश और बर्फबारी की संभावना जताई है। लाहौल स्पीति, किन्नौर, कुल्लू, कांगड़ा और मंडी के ऊंचे इलाकों में 8 और 10 फरवरी को बारिश-बर्फबारी का अधिक प्रभाव रहेगा। मौसम विभाग का कहना है कि इस दौरान इन क्षेत्रों की ऊंची चोटियों पर बर्फबारी हो सकती है, जिससे तापमान में और गिरावट आएगी। हालांकि, प्रदेश के मैदानी इलाकों में मौसम सामान्य रहेगा। हिमाचल के कई इलाकों में ठंड बढ़ी प्रदेश के मैदानी इलाकों में भी सर्दी बढ़ी है। शिमला में न्यूनतम तापमान 7.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया है, जबकि प्रदेश का सबसे गर्म शहर ऊना का तापमान गिरकर 2.1 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। अन्य क्षेत्रों में भी तापमान में गिरावट आई है, जैसे कि भुंतर (2.0 डिग्री), धर्मशाला (4.8 डिग्री), पालमपुर (3.5 डिग्री), सोलन (2.6 डिग्री) और बिलासपुर (3.9 डिग्री)। इस सर्द मौसम के बीच, हिमाचल प्रदेश के उच्च क्षेत्रों में बर्फबारी के कारण ठंड और बढ़ सकती है। विंटर सीजन में कम बारिश-बर्फबारी विंटर सीजन के दौरान हिमाचल प्रदेश में सामान्य से 72 प्रतिशत कम बारिश-बर्फबारी हुई है। 1 जनवरी से 7 फरवरी तक 29.5 मिलीमीटर बारिश हुई है, जबकि सामान्य रूप से 104.7 मिलीमीटर बारिश होती है। इस वर्ष बर्फबारी और बारिश का स्तर काफी कम रहने से प्रदेश में सूखा और ठंड बढ़ने का असर देखा गया है।
**राज्यपाल ने कर्मचारी भर्ती विधेयक 2024 को दी मंजूरी हिमाचल प्रदेश सरकार ने 2003 के बाद अनुबंध पर नियुक्त कर्मचारियों को बैकडेट से सिनियरिटी और वित्तीय लाभ देने पर रोक लगा दी है। राज्यपाल शिव प्रताप की मंजूरी के बाद, राज्य सरकार ने हिमाचल सरकारी कर्मचारी भर्ती और सेवा शर्तें विधेयक 2024 को ई-गजट में प्रकाशित कर दिया है। यह विधेयक विधानसभा में विपक्ष के विरोध के बावजूद सुक्खू सरकार द्वारा पारित किया गया था। अब राज्यपाल की मंजूरी मिलने के बाद, इस संशोधित विधेयक के तहत कर्मचारियों को उनके नियमित नियुक्ति की तिथि से ही सिनियरिटी और वित्तीय लाभ मिलेंगे। इससे पहले, उच्च न्यायालय के आदेशों के कारण अनुबंध कर्मचारियों को बैकडेट से सिनियरिटी और वित्तीय लाभ दिए जा रहे थे, जिससे राज्य सरकार पर आर्थिक बोझ बढ़ रहा था। क्यों किया गया यह बदलाव? सालों तक अनुबंध कर्मचारियों को बैकडेट से वित्तीय लाभ और सिनियरिटी देने के आदेशों के चलते राज्य सरकार को भारी वित्तीय दबाव का सामना करना पड़ रहा था। उच्च न्यायालय ने कुछ कर्मचारियों को बैकडेट से वित्तीय लाभ देने का आदेश दिया था, और इसके कारण सरकार पर करोड़ों रुपये का वित्तीय बोझ पड़ रहा था। इसके साथ ही, कर्मचारियों की सिनियरिटी लिस्ट में पिछले 21 वर्षों के आंकड़ों को भी संशोधित करना पड़ रहा था। यह स्थिति विशेष रूप से कांग्रेस सरकार के लिए चुनौतीपूर्ण हो गई थी, क्योंकि राज्य की आर्थिक स्थिति पहले ही गंभीर संकट का सामना कर रही थी। इन कारणों से, राज्य सरकार ने इस बदलाव की जरूरत महसूस की और हिमाचल सरकारी कर्मचारी भर्ती और सेवा शर्तें विधेयक 2024 में संशोधन किया। अब इस विधेयक के तहत कर्मचारियों को केवल उनकी नियमित सेवा की तिथि से ही सिनियरिटी और वित्तीय लाभ मिलेंगे, अनुबंध सेवाकाल को इसमें शामिल नहीं किया जाएगा। विधेयक में संशोधन के बाद क्या बदलेगा? इस संशोधन से, कर्मचारियों को बैकडेट से लाभ और सिनियरिटी नहीं मिलेगी, जो पहले उच्च न्यायालय के आदेशों के कारण मिल रही थी। सरकार के लिए यह बदलाव एक बड़ी राहत मानी जा रही है, क्योंकि इससे सरकार को आने वाले वर्षों में वित्तीय बोझ से बचने में मदद मिलेगी। अब कर्मचारियों को नियमित होने की तिथि से लाभ मिलेगा, और इस नए बदलाव के बाद यह भी सुनिश्चित किया गया है कि अनुबंध सेवाकाल को सिनियरिटी और वित्तीय लाभ के लिए नहीं जोड़ा जाएगा। राज्यपाल से मिली मंजूरी बीते गुरुवार को शाम मुख्यमंत्री सुक्खू अचानक राजभवन पहुंचे और विधेयक को मंजूरी दिलाने का आग्रह किया। गुरुवार को, मुख्यमंत्री सुक्खू अचानक राजभवन पहुंचे और राज्यपाल से इस विधेयक की मंजूरी के लिए आग्रह किया, जिसके बाद राज्यपाल ने 24 घंटे के भीतर विधेयक को मंजूरी दे दी। इसके बाद राज्य सरकार ने देर शाम इसे राजपत्र में प्रकाशित किया।
पांच साल बाद रेपो रेट में कटौती, 6.50% से घटकर 6.25% हुई, नए गवर्नर संजय मल्होत्रा ने किया एलान भारतीय रिजर्व बैंक ने कर्ज लेने वालों को बड़ी सौगात दी है। आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की बैठक के बाद एलान किया कि रेपो में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती की गई है। इसे 6.5% से घटाकर 6.25% कर दिया गया है। आरबीआई गवर्नर ने बताया कि एमपीसी के सभी सदस्यों ने दर कटौती के पक्ष में अपना मत दिया है। सेंट्रल बैंक के इस फैसले के बाद बैंकों के लिए होमलोन, कारलोन, एजुकेशन लोन, कॉरपोरेट लोन से लेकर पर्सनल लोन के ब्याज दरों में कटौती करने का रास्ता साफ हो गया है। इससे पहले मई 2020 में कोरोना महामारी के चलते देश में लॉकडाउन लगा था जब आरबीआई ने ब्याज दरों को घटाने का फैसला लिया था। अब 5 सालों के बाद आरबीआई ने ब्याज दरों में कटौती की है। आरबीआई गवर्नर ने कहा, जब से महंगाई दर का टोलरेंस बैंड फिक्स किया गया है औसत महंगाई दर लक्ष्य के मुताबिक रहा है। खुदरा महंगाई दर ज्यादातर समय कम रहा है, केवल कुछ मौकों पर ही खुदरा महंगाई दर आरबीआई के टोलरेंस बैंड के ऊपर रहा है। गवर्नर ने कहा, अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए काम करते रहेंगे। संजय मल्होत्रा ने कहा, वैश्विक अर्थव्यवस्था के हालात चुनौतीपूर्ण बने हुए हैं। भारतीय अर्थव्यवस्था में मजबूती बनी हुई है लेकिन वैश्विक हालात का असर भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी पड़ा है।
पुलिस को नहीं मिले साक्ष्य, इसलिए चार्जशीट फाइल नहीं कर पाई हरियाणा बीजेपी अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली और गायक रॉकी मित्तल पर दुष्कर्म मामले में पुलिस ने क्लोसर रिपोर्ट तैयार कर अदालत में दायर कर दी है। इसमें पुलिस ने इस मामले को रद्द करने की सिफारिश की है। पुलिस जांच में महिला की ओर से लगाए आरोपों का कोई सबूत पुलिस को नहीं मिला है। आज नलगढ़ कोर्ट में क्लोसर रिपोर्ट फाइल की जाएगी और अब आगामी कार्रवाई अदालत की ओर से की जाएगी। दरअसल 13 दिसंबर को एक महिला ने हरियाणा के भाजपा प्रदेशाध्यक्ष और गायक रॉकी मित्तल पर दुष्कर्म का मामला दर्ज करवाया था। उसने कसौली के एक होटल में दुष्कर्म के आरोप लगाए थे। महिला ने वर्ष 2023 में दुष्कर्म की बात कही थी। ऐसे में डेढ़ साल पुराने मामले में पुलिस को जांच करना मुश्किल हो गया। इसके बाद भी पुलिस ने इस मामले की अपनी स्टेटस रिपोर्ट तैयार कर ली है, जिसमें महिला की ओर से लगाए गए आरोप पर कोई भी ठोस सबूत नहीं मिले हैं। एसपी सोलन गौरव सिंह ने बताया कि शिकायत के आधार पर पुलिस ने मामले की जांच की है। आरोप की पुष्टि नहीं हो पाई है, इसमें कई लोगों के बयान भी दर्ज किए गए।
"हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड में कोई भी पद समाप्त नहीं किया गया है। " हिमाचल प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड लिमिटेड के प्रवक्ता अनुराग पराशर ने ये जानकारी दी है। 700 पद समाप्त करने के कर्मचारी संगठनों के आरोपों को नकारते बोर्ड के प्रवक्ता ने कहा कि बोर्ड केवल स्वतंत्र एजेंसी, हिमाचल प्रदेश विद्युत नियामक आयोग के निर्देशों का पालन कर रहा है। आयोग ने बिजली बोर्ड से अपने कर्मचारियों और पेंशनर्स को मिलने वाली सैलरी और पेंशन का खर्च कम करने को कहा है। हिमाचल प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड का यह खर्च पूरे देश में सबसे अधिक 2.50 रुपए प्रति यूनिट है। अनुराग पराशर ने कहा, "आयोग बिजली दरें निर्धारित करता है और बार-बार बोर्ड की आर्थिक समीक्षा कर अपनी कर्मचारी लागत कम करने के निर्देश दे रहा है, क्योंकि बोर्ड की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है? इसलिए कुछ श्रेणियों के पदों का युक्तिकरण किया जा रहा है, न कि उन्हें समाप्त किया जा रहा है। आवश्यकता पड़ने पर इन पदों पर दोबारा भर्ती की जाएगी।" अनुराग पराशर ने कहा कि कर्मचारी और अधिकारी बोर्ड की रीढ़ हैं, जो अपनी बहुमूल्य सेवाएं कर्मठता से दे रहे हैं। उनकी सेवाओं के देखते हुए ही बोर्ड ने अपने कर्मचारियों एवं पैंशनरों को डीए और संशोधित वेतनमान के एरियर के रूप में पिछले दो महीने में 134 करोड़ रुपये जारी किए हैं। पिछले कई सालों में इतनी बड़ी धनराशि कभी जारी नहीं की गई। अगर सुधार नहीं किए गए तो बिजली बोर्ड की वित्तीय स्थिति गंभीर हो जाएगी और भविष्य में एरियर देने में भी बोर्ड सक्षम नहीं होगा। कई पदों की नहीं जरूरत, इसकी जगह भरे जाएंगे टी मेट अनुराग पराशर ने कहा कि बोर्ड के जेनरेशन विंग में वर्तमान में 2161 पद हैं। इनमें जेई के 148 पद, एसडीओ के 102 पद, एक्जीक्यूटिव इंजीनियर के 19 पद, सुपरिटेंडेंट इंजीनियर के 6 पद और चीफ इंजीनियर का एक पद शामिल है। वहीं, कंपनी का मुख्य काम अब बिजली उत्पादन नहीं रह गया है। इनमें सिविल एसडीओ (सिविल) के 7 पद, जेई (सिविल) के 30 पद और एसडीओ (इलेक्ट्रिक) के 15, जेई (इलेक्ट्रिकल) के 16, एक्सन (इलेक्ट्रिक) और एसई (इलेक्ट्रिक) के एक-एक पद का समायोजन किया गया है। इसके अलावा मिस्त्री, डीजी ऑपरेटर, वेल्डर, टेलीफोन एटेंडेंट, गेज रीडर, कुक, फैरो प्रिंटर जैसे पदों की आज कोई आवश्यकता नहीं रह गई है।इन पदों की जगह टी-मेट के पद भरे जाएंगे और यह फैसला बिजली बोर्ड के हित में है।
टेलर स्विफ्ट कई देशों को मंदी के दौर से उबार रही हैं... यह सुनने में काफी अजीब लग रहा है... मगर बिल्कुल सच है। दरअसल, टेलर स्विफ्ट की लोकप्रियता का आलम यह है कि वह जिस भी शहर या देश में परफॉर्म करती हैं, वहां की जीडीपी को एकदम से बूस्ट कर देती हैं। यह कहानी शुरू हुई दक्षिण-पूर्व एशिया के छोटे से देश सिंगापुर से, जिसे 2023 में मंदी का खतरा नजर आने लगा था। यह वह समय था जब टेलर स्विफ्ट अपने वर्ल्ड टूर की योजना बना रही थीं। जब सिंगापुर की सरकार को पता चला कि टेलर स्विफ्ट कॉन्सर्ट के लिए एशिया के किसी ऐसे देश की तलाश कर रही हैं, तो सिंगापुर के प्रधानमंत्री ने टेलर स्विफ्ट के साथ छह शो को लेकर एक एग्रीमेंट साइन किया। इस एग्रीमेंट के तहत सिंगापुर में एक शो के बदले स्विफ्ट को लाखों डॉलर दिए गए, लेकिन साथ ही शर्त रखी गई कि वह अपने Eras Tour को सिंगापुर के अलावा किसी अन्य दक्षिण-पूर्व एशियाई देश में लेकर नहीं जाएंगी। स्विफ्ट मान गईं। सिंगापुर में टेलर स्विफ्ट के छह शो ने कमाल कर दिया और हिचकोले खा रही सिंगापुर की अर्थव्यवस्था को इससे 375 मिलियन डॉलर (37.5 करोड़ डॉलर) का सीधा फायदा हुआ। कैसे? वह भी समझते हैं। कई सालों से मंदी की आशंका से घिरे देश में लोग कंजूस बन बैठे थे। बाजार वीरान पड़े थे, लोग खरीदारी करने से परहेज कर रहे थे। लेकिन जैसे ही टेलर स्विफ्ट के कॉन्सर्ट की खबर सार्वजनिक हुई, लोग टिकट खरीदने के लिए उमड़ पड़े। आसपास के देशों से पर्यटक सिंगापुर पहुंचने लगे। होटलों की बुकिंग में तेजी से इजाफा हुआ। तीन लाख से ज्यादा लोग इस कॉन्सर्ट में शामिल हुए थे। अकेले मार्च 2024 में सिंगापुर में 14 लाख से ज्यादा पर्यटक पहुंचे थे। फूड और ड्रिंक्स पर खर्च 30% बढ़ गया। होटलों के किराए में 10% तक की वृद्धि हुई थी। टेलर स्विफ्ट का The Eras Tour अब तक पांच महाद्वीपों की यात्रा कर चुका है और टेलर अलग-अलग देशों में 149 शो कर चुकी हैं। स्विफ्ट की इसी लोकप्रियता को दुनियाभर में Swift-Effect और Swiftonomics का नाम दिया गया है। इसे कॉन्सर्ट इकोनॉमी भी कहा जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हाल ही में 'कॉन्सर्ट इकोनॉमी' का जिक्र किया था। उन्होंने यह जिक्र भारत में कोल्डप्ले बैंड के कॉन्सर्ट की शानदार सफलता के बाद किया था और कॉन्सर्ट इकोनॉमी में जबरदस्त संभावनाओं पर जोर दिया था। यह कॉन्सर्ट इकोनॉमी भारत की जीडीपी के लिए भी बूस्टर का काम कर सकती है। उदाहरण के तौर पर, भारतीय कलाकार दिलजीत दोसांझ के कॉन्सर्ट्स से भी इकोनॉमी को बढ़ावा मिला है। इसी तरह, यह छोटे राज्यों के लिए भी फायदेमंद साबित हो सकता है। अगर हिमाचल प्रदेश जैसे राज्य में भी इस तरह के कॉन्सर्ट्स आयोजित किए जाएं, तो यहां भी पर्यटन और अर्थव्यवस्था दोनों का विकास होगा।
हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले के सनेड गांव के सुरेंद्र का प्यार दुबई की मरियन को इस कदर भा गया कि वह सात समंदर पार आकर उससे शादी कर बैठी। दोनों ने भराड़ी माता मंदिर में हिंदू रीति-रिवाज से सात फेरे लिए और सात जन्मों तक साथ निभाने का वादा किया। मरियन के परिवार को भी इस शुभ अवसर में शामिल होना था, लेकिन वीजा न मिलने के कारण वे भारत नहीं आ सके। हालांकि, शादी के बाद सुरेंद्र के घर में पारंपरिक धाम का आयोजन किया गया, जिसमें रिश्तेदारों और गांववालों ने खुशी-खुशी भाग लिया। विदेशी बहू के आगमन से घर में जश्न का माहौल बना रहा। 27 वर्षीय सुरेंद्र और 26 वर्षीय मरियन की पहली मुलाकात दुबई में हुई थी। दोनों होटल इंडस्ट्री में कार्यरत हैं और वहीं एक-दूसरे के करीब आए। धीरे-धीरे यह दोस्ती गहरे प्रेम में बदल गई, जिसकी भनक उन्हें खुद भी नहीं लगी। जब दोनों ने अपने-अपने परिवारों को इस रिश्ते के बारे में बताया, तो बातचीत के बाद परिजनों ने शादी को अपनी स्वीकृति दे दी। दो दिनों तक शादी की धूमधाम के बाद नवविवाहित जोड़ा कुछ समय के लिए हमीरपुर में रहेगा और फिर दोनों एक साथ अपनी ड्यूटी पर लौट जाएंगे। इस अनोखी प्रेम कहानी ने गांव में खूब सुर्खियां बटोरीं और लोग इस जोड़ी को आशीर्वाद देने उमड़ पड़े।
हिमाचल के पहाड़ों पर ताजा हिमपात के बाद फिर मौसम ने करवट ली है और तापमान में गिरावट आई है। मंगलवार को कुल्लू, लाहौल-स्पीति, किन्नौर, चंबा, कांगड़ा और सिरमौर जिलों के पर्वतीय इलाकों में बर्फबारी हुई। अटल टनल रोहतांग सहित पांगी, भरमौर, धौलाधार, सिरमौर के चूड़धार और किन्नौर की चोटियों पर बर्फबारी हुई। वहीं, राजधानी शिमला, धर्मशाला, कांगड़ा, मंडी, चंबा, हमीरपुर, ऊना, सिरमौर और कुल्लू के कई क्षेत्रों में हल्की बारिश हुई है। मौसम विभाग के अनुसार बुधवार को भी प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में बारिश-बर्फबारी के आसार हैं। जबकि वीरवार से मौसम साफ साफ रहने का अनुमान है। बर्फबारी के चलते अटल टनल होकर केलांग जाने वाली निगम की बस सेवा बंद हो गई है। रोहतांग और कुंजम दर्रा में 10 सेंटीमीटर ताजा बर्फबारी हुई है। वहीँ, वर्षा व हिमपात गेहूं व सेब की फसल के लिए लाभदायक हैं। प्रदेश में काफी समय से वर्षा न होने से रबी की फसल पर संकट गहरा गया है। ऐसी ही स्थिति सेब बहुल क्षेत्रों में भी है। ताजा वर्षा व हिमपात से अब किसानो और बागवानों को भी राहत मिलेगी।
'येन केन प्रकारेण' बीजेपी जीतना चाहेगी तीनों दिग्गजों की सीटें कांग्रेस के संदीप दीक्षित और अलका लाम्बा ने भी बना दिया है चुनाव ! ये चुनाव नहीं आसाँ बस इतना समझ लीजिए, एक आग का दरियाँ है और डूब के जाना है। कुछ ऐसी ही स्थिति इस बार दिल्ली में आम आदमी पार्टी की नज़र आ रही है। इस बार दिल्ली में आप की राह आसान नहीं है और दिलचस्प बात ये है कि पार्टी के तीनों मुख्य चहेरे, यानी सीएम आतिशी, पूर्व व प्रोजेक्टेड सीएम अरविन्द केजरीवाल और पूर्व डिप्टी व प्रोजेक्टेड डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया भी अपनी -अपनी सीटों पर फंसे देख रहे है । इन तीनों दिग्गजों की सीटों पर इस बार मुकाबला टक्कर का है। 'येन केन प्रकारेण' बीजेपी इन सीटों को जीतना चाहती है और जमीनी स्तर पर इसका असर दिख भी रहा है। सिलसिलेवार बात करें तो नई दिल्ली से, अरविन्द केजरीवाल के सामने बीजेपी और कांग्रेस, दोनों ने पूर्व मुख्यमंत्रियों के पुत्रों को मैदान में उतारा है। बीजेपी से पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे प्रवेश वर्मा है तो दूसरी तरफ कांग्रेस से पूर्व सीएम शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित। ये दोनों ही दो -दो मर्तबा सांसद भी रहे है और दोनों ने ही पूरी ताकत झोंकी है। ऐसे में इस सीट पर केजरीवाल की राह आसान जरा भी नहीं है। वहीं कालका जी सीट में भी आतिशी और भाजपा प्रत्याशी रमेश बिधूड़ी तो आमने-सामने थे ही, लेकिन इस सीट पर अब कांग्रेस प्रत्याशी अलका लाम्बा भी मजबूती से लड़ रही है। यहाँ भी मुकाबला त्रिकोणीय है और माहिर भविष्यवाणी करने से बचते दिख रहे है। बात मनीष सिसोदिया की करें तो इस बार आप ने उन की सीट बदल दी है और उन्हें पटपड़गंज की जगह जंगपुरा से मैदान में उतारा है। इस सीट पर बीजेपी के तरविंदर सिंह तो बेहद मजबूती के साथ चुनाव लड़ ही रहे है, कांग्रेस के फरहाद सूरी को भी हल्का नहीं लिया जा सकता। माहिर मान रहे है कि सूरी इस सीट पर सिसोदिया संकट में है। चर्चा सिसोदिया की पटपड़गंज सीट की भी करते है जहाँ से इस बार आप ने अवध ओझा को मैदान में उतारा है। यहाँ मुख्य रूप से यहाँ मुकाबला अवध ओझा और बीजेपी से रविंद्र नेगी के बीच माना जा रहा है। पिछले चुनाव में भी नेगी ने सिसोदिया को कड़ी टक्कर दी थी और इस बार भी ओझा यहाँ उलझे दिखे है। बहरहाल कल मतदान है और आठ फरवरी को नतीजा सामने होगा। अब आप के ये तीन दिग्गज इस चुनावी अग्नि परीक्षा को पास करते है या नहीं, ये जनता तय करेगी।
हिमाचल प्रदेश में अब शहरों की तर्ज पर गांवों में भी व्यावसायिक भवनों पर टैक्स लगाया जाएगा। सरकार ने पंचायतों को सशक्त बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए ग्राम पंचायत क्षेत्रों में स्थित होटलों, दुकानों, रेस्तरां, मैरिज पैलेस और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठानों से प्रति वर्ग फीट टैक्स वसूलने का फैसला लिया है। पंचायतीराज विभाग ने इस योजना की पूरी रूपरेखा तैयार कर ली है और इसे मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के समक्ष प्रस्तुत भी किया जा चुका है। प्रस्तावित योजना वित्तीय वर्ष 2025-26 से प्रभावी होगी। पंचायतों को आर्थिक मजबूती देने की पहल राज्य सरकार लंबे समय से पंचायतों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रयासरत है। इसी कड़ी में, पिछले वर्ष ग्रामीण क्षेत्रों में पीने के पानी के बिलों की वसूली शुरू की गई थी और अब व्यावसायिक कर लागू करने की तैयारी है। यह कर विशेष रूप से व्यवसायिक गतिविधियों पर केंद्रित होगा, जिससे घरेलू उपभोक्ताओं को किसी प्रकार की अतिरिक्त वित्तीय बोझ नहीं उठाना पड़ेगा। कितना होगा टैक्स, जल्द होगा निर्णय टैक्स की दरें निर्धारित करने को लेकर अभी विभागीय स्तर पर मंथन चल रहा है। संभावित है कि मंत्रिमंडल की आगामी बैठक में इस संबंध में अंतिम निर्णय लिया जाएगा और बजट भाषण में इसकी औपचारिक घोषणा हो सकती है। पंचायतीराज एक्ट के तहत पंचायतों को विभिन्न प्रकार के कर लगाने का अधिकार प्राप्त है, और कई पंचायतें पहले से ही कुछ टैक्स वसूल रही हैं। उदाहरण के लिए, प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में ‘चूल्हा टैक्स’ लागू है, जिसमें प्रत्येक परिवार से सालाना 30 रुपये लिए जाते हैं। कांगड़ा जिले की कुछ पंचायतों में आठ साल का एकमुश्त चूल्हा टैक्स भी लिया जा रहा है। 3615 ग्राम पंचायतों को मिलेगा लाभ प्रदेश की 3615 ग्राम पंचायतों में इस नए कर से अतिरिक्त राजस्व जुटाया जा सकेगा, जिससे स्थानीय विकास कार्यों को गति मिलेगी। हालांकि, इस फैसले का राजनीतिक और सामाजिक असर आगामी पंचायत चुनावों में भी देखने को मिल सकता है।
**क्या संगठन की सरदारी को हो रही है प्रेशर पॉलिटिक्स ? **लगातार बगावत थामने में नाकाम हिमाचल भाजपा के सर्वेसर्वा ! वीरेंद्र कँवर, रमेश चंद ध्वाला, डॉ राम लाल मारकंडा, राजेश ठाकुर, बलदेव शर्मा, प्रवीण शर्मा, कृपाल परमार, तेजवंत नेगी, ये फेहरिस्त लम्बी है। इन नेताओं में से कुछ पूर्व विधायक रहे कुछ तो मंत्री भी रहे......मगर अधिकांश धूमल गुट से माने जाते है। कोई अब भी भाजपा में है तो कोई बागी हो चुका है। कोई खुलकर नाराजगी व्यक्त कर रहा है, कोई अनुशासन की सीमा में रहकर, तो किसी का मौन भी बहुत कुछ बयां कर रहा है। ये सब, या इनमें से कुछ भी एकसाथ आ जाये तो क्या होगा ? क्या इनका साथ आना मुमकिन है ? कहते है जो सोचा जा सकता है वो सियासत में किया जा सकता है। गजब सियासत है और गजब है हिमाचल में भाजपा का हाल ! 2022 के विधानसभा चुनाव में एक तिहाई सीटों पर भाजपा के बागी चुनाव लड़े और हिमाचल भाजपा के सर्वेसर्वा जाती हुई सत्ता को तकते रह गए। फिर 2024 में भाजपा का मिशन लोटस भी हिमाचल में फेल हो गया। तब नेताओं के अतिउत्साह और उतावलेपन को लेकर भी सवाल उठे। तीन निर्दलीयों से इस्तीफा क्यों दिलवाया गया ये अब भी रहस्य बना हुआ है। उपचुनाव हुए तो भाजपा के दो नेता कांग्रेस से लड़कर विधानसभा पहुंच गए, तो तीन ने बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ा। नतीजन 9 में से 6 सीटों पर हार मिली और एक सीट पर तो जमानत तक नहीं बची। नए नए पार्टी में आये नौ नेता चुनाव लड़ रहे थे और वर्षों पुराने निष्ठावान मुँह तक रहे थे। इतना होने पर भी सत्ता मिल जाती, तो कुछ और बात होती ..मगर भाजपा के हिस्से आई सिर्फ तोहमत और कार्यकर्ताओं की हताशा ! अब मंडल नियुक्तियों में उपेक्षा के आरोप लगते हुए पूर्व मंत्री रमेश चंद ध्वाला ने तेवर दिखाएँ है, नाराज कार्यकर्ताओं की सभा बुलाई है। तीसरे मोर्चे के संकेत देते हुए ध्वाला भाजपा की चिंता बढ़ाते दिख रहे है। संभव है ध्वाला भाजपा के तमाम नाराज नेताओं को एकसाथ लाने की मुहीम में जुटेंगे और यदि ऐसा कर पाए, तो भाजपा में नया बखेड़ा तय है। विशेषकर उन हलकों में जहां भाजपा ने आयातित नेताओं को पुराने निष्ठावानों पर तवज्जो दी है। हालांकि उनके साथ कौन हाथ मिलाता है और कौन इस सब के बाद भी भाजपा में डटा रहता है ये बाद की बात है। वैसे इसको लेकर एक सुगबुगाहट और भी है। एक वर्ग इसे प्रेशर पॉलिटिक्स का पैंतरा भी मानता है, ताकि संगठन की सरदारी उसी गुट के हिस्से आएं जो उपेक्षा का दर्द बयां कर रहा है। क्या ऐसा हो सकता है, ये सियासत है यहाँ कुछ भी मुमकिन है !
आज यानी 30 जनवरी को सोने की कीमत ने नया रिकॉर्ड बना लिया है। इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के मुताबिक, 10 ग्राम 24 कैरेट सोना पहली बार 81,006 रुपए के स्तर को पार कर गया। पिछले 30 दिनों में सोने के दाम में 4,844 रुपए की बढ़ोतरी हुई है। वहीं, चांदी की कीमत भी 920 रुपए बढ़कर 91,600 रुपए प्रति किलोग्राम हो गई। सोने-चांदी की कीमतों में जबरदस्त उछाल 31 दिसंबर 2024 को 10 ग्राम 24 कैरेट सोने का भाव 76,162 रुपए था, जो अब बढ़कर 81,006 रुपए हो गया है। इसी तरह, चांदी की कीमत 86,017 रुपए प्रति किलो से बढ़कर 91,600 रुपए प्रति किलो पहुंच गई है। चांदी ने 23 अक्टूबर 2024 को अपना ऑल-टाइम हाई 99,151 रुपए प्रति किलो पर बनाया था। क्यों बढ़ रहे हैं सोने के दाम? अमेरिका और UK में ब्याज दरों में कटौती से गोल्ड ETF की खरीदारी बढ़ी। डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर होने से सोना महंगा हुआ। महंगाई में वृद्धि से सोने की कीमतों को सपोर्ट मिला। शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव के चलते निवेशक गोल्ड में निवेश बढ़ा रहे हैं। वैश्विक आर्थिक और राजनीतिक अनिश्चितताओं के चलते सोने की मांग बढ़ी। कहां कितने में मिल रहा सोना? दिल्ली: 22 कैरेट – ₹76,250, 24 कैरेट – ₹83,170 मुंबई: 22 कैरेट – ₹76,100, 24 कैरेट – ₹83,020 कोलकाता: 22 कैरेट – ₹76,100, 24 कैरेट – ₹83,020 चेन्नई: 22 कैरेट – ₹76,100, 24 कैरेट – ₹83,020 भोपाल: 22 कैरेट – ₹76,150, 24 कैरेट – ₹80,070
हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग में सिंगल विंडो सिस्टम और वन टाइम रजिस्ट्रेशन (ओटीआर) परियोजना को सरकार से व्यय स्वीकृति मिल गई है। इस प्रोजेक्ट पर 13.33 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। सरकार की मंजूरी के बाद, यह कार्य हिमाचल प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन को सौंप दिया गया है, जो अब इस सिस्टम को डिजाइन और विकसित करेगा। सुविधाओं में बड़ा बदलाव इस पहल से आयोग की भर्ती प्रक्रिया में डिजिटलीकरण और पारदर्शिता बढ़ेगी। सिंगल विंडो सिस्टम के तहत विभिन्न विभागों, निगमों और बोर्डों की भर्ती संबंधी रिक्विजिशन (डिमांड) को सीधे ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड किया जा सकेगा। इससे भर्ती प्रक्रिया के दौरान होने वाले लंबे पत्राचार की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी। अभ्यर्थियों के लिए राहत बार-बार दस्तावेज अपलोड करने की झंझट खत्म होगी। आवेदन से लेकर परीक्षा और भर्ती तक की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन मोड में पारदर्शी तरीके से संचालित होगी। भर्ती प्रक्रिया में तेजी और दक्षता आएगी। पोर्टल की डिजाइन और तकनीकी औपचारिकताएं लगभग पूरी कर ली गई हैं। विस्तृत रिपोर्ट को कार्मिक विभाग से मंजूरी मिल चुकी है, और जल्द ही इसे लागू कर दिया जाएगा।
क्या संगठन की सरदारी को हो रही है प्रेशर पॉलिटिक्स? लगातार बगावत थामने में नाकाम हिमाचल भाजपा के सर्वेसर्वा! वीरेंद्र कँवर, रमेश चंद ध्वाला, डॉ राम लाल मारकंडा, राजेश ठाकुर, बलदेव शर्मा, प्रवीण शर्मा, कृपाल परमार, तेजवंत नेगी, ये फेहरिस्त लंबी है। इन नेताओं में से कुछ पूर्व विधायक रहे, कुछ तो मंत्री भी रहे... मगर अधिकांश धूमल गुट से माने जाते हैं। कोई अब भी भाजपा में है तो कोई बागी हो चुका है। कोई खुलकर नाराजगी व्यक्त कर रहा है, कोई अनुशासन की सीमा में रहकर, तो किसी का मौन भी बहुत कुछ बयां कर रहा है। ये सब, या इनमें से कुछ भी एकसाथ आ जाए तो क्या होगा? क्या इनका साथ आना मुमकिन है? कहते हैं, जो सोचा जा सकता है, वो सियासत में किया जा सकता है। गजब सियासत है और गजब है हिमाचल में भाजपा का हाल! 2022 के विधानसभा चुनाव में एक तिहाई सीटों पर भाजपा के बागी चुनाव लड़े और हिमाचल भाजपा के सर्वेसर्वा जाती हुई सत्ता को तकते रह गए। फिर 2024 में भाजपा का मिशन लोटस भी हिमाचल में फेल हो गया। तब नेताओं के अतिउत्साह और उतावलेपन को लेकर भी सवाल उठे। तीन निर्दलीय से इस्तीफा क्यों दिलवाया गया, ये अब भी रहस्य बना हुआ है। उपचुनाव हुए तो भाजपा के दो नेता कांग्रेस से लड़कर विधानसभा पहुंचे, तो तीन ने बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ा। नतीजतन 9 में से 6 सीटों पर हार मिली और एक सीट पर तो जमानत तक नहीं बची। नए-नए पार्टी में आए नौ नेता चुनाव लड़ रहे थे और वर्षों पुराने निष्ठावान मुँह तक रहे थे। इतना होने पर भी सत्ता मिल जाती, तो कुछ और बात होती... मगर भाजपा के हिस्से आई सिर्फ तोहमत और कार्यकर्ताओं की हताशा! अब मंडल नियुक्तियों में उपेक्षा के आरोप लगते हुए पूर्व मंत्री रमेश चंद ध्वाला ने तेवर दिखाए हैं, नाराज कार्यकर्ताओं की सभा बुलाई है। तीसरे मोर्चे के संकेत देते हुए ध्वाला भाजपा की चिंता बढ़ाते दिख रहे हैं। संभव है ध्वाला भाजपा के तमाम नाराज नेताओं को एकसाथ लाने की मुहिम में जुटेंगे और यदि ऐसा कर पाए, तो भाजपा में नया बखेड़ा तय है। विशेषकर उन हलकों में, जहाँ भाजपा ने आयातित नेताओं को पुराने निष्ठावानों पर तवज्जो दी है। हालांकि, उनके साथ कौन हाथ मिलाता है और कौन इस सब के बाद भी भाजपा में डटा रहता है, ये बाद की बात है। वैसे इसको लेकर एक सुगबुगाहट और भी है। एक वर्ग इसे प्रेशर पॉलिटिक्स का पैंतरा भी मानता है, ताकि संगठन की सरदारी उसी गुट के हिस्से आए, जो उपेक्षा का दर्द बयां कर रहा है। क्या ऐसा हो सकता है? ये सियासत है, यहाँ कुछ भी मुमकिन है!
**कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते मुख्यमंत्री **नेताओं की नाराज़गी बनी भाजपा की चुनौती कांगड़ा... 15 विधानसभा क्षेत्रों वाला यह जिला वह तोता है जिसमें राजनीतिक दलों की जान अक्सर अटकी रहती है। हिमाचल की सत्ता पर काबिज़ होना है तो कांगड़ा की सियासी फ़िज़ाओं का रुख अपनी तरफ़ मोड़ना ही होगा। यही वजह है कि अक्सर भाजपा और कांग्रेस इस जिले और यहां की जनता को अपने पाले में लाने की जद्दोजहद में रहते हैं और एक-दूसरे पर इसकी अनदेखी के आरोप भी लगाते हैं। फिलहाल कांग्रेस सत्ता में है, तो ज़्यादातर कटघरे में खड़ी भी वही दिखती है। सवाल पूछा जाता है कि आखिर सरकार ने कांगड़ा के लिए किया क्या... पिछले दो वर्षों से भाजपा ने इस सवाल को अपना हथियार बना लिया है। सुक्खू कैबिनेट में कांगड़ा के मंत्रियों की संख्या अपेक्षाकृत कम होना भी कांग्रेस के खिलाफ ही गया। हालांकि, बीते दिनों मुख्यमंत्री के शीतकालीन प्रवास ने काफी हद तक भाजपा के इस सवाल का जवाब दे दिया है। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री का यह दौरा कांगड़ा में कांग्रेस की स्थिति को बेहतर करने में कारगर साबित हो सकता है। दरअसल, मुख्यमंत्री पूरी सरकार को लेकर कांगड़ा पहुंच गए थे। उन्होंने पूरे 10 दिनों तक सरकार कांगड़ा से चलाई। धर्मशाला में अधिकारियों के साथ ज़रूरी चर्चाएं हुईं, बैठकें हुईं, यहाँ तक कि कैबिनेट की बैठक भी धर्मशाला में आयोजित हुई। मुख्यमंत्री कांगड़ा के अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में गए, लोगों की समस्याएं सुनीं और मौके पर ही उनका निपटारा किया। करोड़ों रुपए के विकास कार्यों का उद्घाटन व शिलान्यास भी किया गया। यहाँ तक कि इस बार राज्य स्तरीय पूर्ण राज्यत्व दिवस का आयोजन भी कांगड़ा के बैजनाथ में किया गया। जिन सरकारी कामों के लिए कांगड़ा की जनता को शिमला के चक्कर काटने पड़ते थे, मुख्यमंत्री ने उन्हें कांगड़ा में ही करवाने की कोशिश की। साफ़ शब्दों में कहें तो मुख्यमंत्री का यह शीतकालीन प्रवास सरकारी तो था, लेकिन इसकी राजनीतिक छाप गहरी होगी, यह तय है। अब यह कांग्रेस के लिए कारगर कैसे होगा, वह आपको बताते हैं। धर्मशाला में शीतकालीन प्रवास की यह परंपरा हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने शुरू की थी। तब विधानसभा का शीतकालीन सत्र धर्मशाला में आयोजित होता था और मुख्यमंत्री का कार्यालय पूरे एक महीने के लिए शहर में शिफ्ट कर दिया जाता था। इस पहल का उद्देश्य था कि दूरदराज़ के वे लोग, जो शिमला नहीं आ सकते थे, उनकी समस्याओं का समाधान स्थानीय स्तर पर ही हो सके। मगर पिछले 15 सालों से यह परंपरा मानो ठंडे बस्ते में चली गई थी। विधानसभा का शीतकालीन सत्र तो धर्मशाला में होता रहा, मगर मुख्यमंत्री कार्यालय यहाँ शिफ्ट नहीं किया गया। आखिरी बार वीरभद्र सिंह ने ही धर्मशाला में कैबिनेट की बैठक की थी। अब मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने एक बार फिर इस परंपरा को शुरू किया है। भले ही बहुत कम दिनों के लिए, लेकिन धर्मशाला को वास्तव में शीतकालीन राजधानी जैसा रूप दिया गया। 10 दिनों तक कांगड़ा प्रवास पर रहकर मुख्यमंत्री ने यह साबित कर दिया कि कांगड़ा उनके लिए कितना महत्वपूर्ण है। इससे पहले कि भाजपा कुछ समझ पाती, मुख्यमंत्री आए और कांगड़ा को अपना बताकर निकल गए। वैसे देखा जाए तो यह एकमात्र घटना नहीं है जिससे कांगड़ा में कांग्रेस की जड़ें मज़बूत होती दिख रही हैं। उपचुनावों में मुख्यमंत्री ने अपनी धर्मपत्नी कमलेश ठाकुर को देहरा से चुनावी मैदान में उतारा और वह चुनाव जीत भी गईं। इसके बाद देहरा को खूब सौगातें मिलीं... देहरा में मुख्यमंत्री कार्यालय तक खोला गया। बता दें कि यह सौभाग्य तो मुख्यमंत्री के अपने विधानसभा क्षेत्र नादौन को भी प्राप्त नहीं हुआ। कांगड़ा को 'टूरिज्म कैपिटल' बनाना भी घोषित किया गया है । स्पष्ट है कि कांग्रेस सरकार कांगड़ा पर खूब प्यार बरसा रही है। हालांकि, अब भाजपा के लिए समस्या जरूर खड़ी हो गई है। अब तमाम सवाल भाजपा पर दागे जाएंगे कि आखिर भाजपा ने कांगड़ा को क्या दिया? भले ही भाजपा विपक्ष में है, मगर भाजपा संगठन में कांगड़ा को कितनी तवज्जो दी जा रही है, यह बात मायने रखती है। दरअसल, जल्द ही भाजपा भी प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति करने वाली है। मांग उठ रही है कि इस बार कांगड़ा से किसी नेता को यह पद दिया जाए। यदि भाजपा ऐसा करती है, तो यह कांगड़ा में उसकी जड़ों को मजबूत कर सकता है, लेकिन यदि ऐसा नहीं हुआ, तो आगामी चुनावों में उसे इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। वैसे बता दें कि इन दिनों कांगड़ा में भाजपा की तरफ़ दबे पांव एक और बड़ी चुनौती भी आती दिख रही है। भाजपा के वरिष्ठ नेता रमेश चंद ध्वाला की नाराजगी और अन्य असंतुष्ट नेताओं के साथ उनकी गुप्त बैठकों की खबरें पार्टी के लिए एक और सिरदर्द बन रही हैं। यदि भाजपा इन अंतर्विरोधों को समय रहते सुलझाने में नाकाम रहती है, तो कांग्रेस का बढ़ता प्रभाव कांगड़ा में भाजपा को और कमजोर कर सकता है।
नशे के खिलाफ कार्रवाई करते हुए जिला सिरमौर पुलिस थाना नाहन के तहत पुलिस ने चिट्टे और नकदी समेत 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इस मामले में एक आरोपी ने अपने घर की दीवारों पर पुलिस के खिलाफ अपशब्द में भी लिखे हुए थे। जिला पुलिस की एसआईयू टीम गश्त के दौरान नाहन में मौजूद थी। इस बीच पुलिस टीम को गुप्त सूचना मिली कि साहिल वर्मा (22) और आर्यन तोमर (22), निवासी मोहल्ला ढाबों नाहन अपने आवासीय मकान में नशे का कारोबार करते हैं। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए घर में दबिश दी और दोनों आरोपियों के कब्जे से कुल 8.5 ग्राम चिट्टा के साथ 3,050 रुपये के करेंसी नोट भी बरामद किए। पुलिस ने पाया कि आरोपी आर्यन तोमर के घर की दीवारों पर पुलिस के लिए अपशब्द भी लिखे थे। एसएसपी सिरमौर रमन कुमार मीणा ने बताया कि आरोपी साहिल वर्मा व आर्यन तोमर को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया है। पुलिस मामले की जांच में जुटी है। तफ्तीश के दौरान एक आरोपी आर्यन के घर की दीवारों पर पुलिस के लिए लिखे गए अपशब्दों को साझा नहीं किया जा सकता है और इस मामले में पुलिस उचित कार्रवाई कर रही है।
सूरज कस्टोडियल डेथ मामले में नप गए कानून के आठ रखवाले हिमाचल प्रदेश के पूर्व आईजी जहूर जैदी अब कैदी है, उम्र कैद की सजा काट रहे है। ये साबित करता है कि कानून सबको एक निगाह से देखता है। भले ही अपराधी कितना ही बड़ा ओहदेदार हो और पीड़ित कितना भी आम। सूरज कस्टोडियल डेथ मामले में कानून के आठ रखवाले अब उम्रकैद काटेंगे। हिमाचल की एक नाबालिग बेटी गुड़ियाँ के रेप एंड मर्डर केस में निर्दोष लोगों को फसाना और फिर लॉकअप में पुलिस की पिटाई से एक नेपाली युवक सूरज की कस्टडी में मौत होने के मामले ने आईजी रैंक के अफसर जहूर जैदी सहित आठ दोषी पुलिस वालों का करियर बर्बाद कर दिया। आईजी जहूर जैदी के नेतृत्व में गुड़ियाँ को इन्साफ दिलवाने का जिम्मा जिस एसआईटी को दिया गया था, उसने पुलिस के मुँह पर ऐसी कालिख पोती कि हिमाचल में जब भी पुलिस के काले कारनामो की बात होगी, इस मामले का जिक्र किया जायेगा। पुलिस पदक से भी सम्मानित हैं जहूर जैदी आईजी जहूर जैदी 1994 बैच के हिमाचल कैडर के आईपीएस ऑफिसर हैं। उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग और पुलिस मैनेजमेंट में मास्टर डिग्री की है। 2010 में उन्हें उत्कृष्ट सेवाओं के लिए पुलिस पदक से भी सम्मानित किया है। अपने सेवाकाल के दौरान उन्होंने आईजी ट्रैफिक का पदभार भी संभाला था। इसके अलावा 2017 में उन्हें आईजी लॉ एंड ऑर्डर बनाया गया था। गुड़िया रेप एंड मर्डर केस के दौरान गठित एसआईटी का हेड उन्हें नियुक्त किया गया था। गुड़िया रेप एंड मर्डर केस से जुड़ा है मामला चार जुलाई 2017 को शिमला के कोटखाई इलाके में दसवीं की एक छात्रा स्कूल से घर के लिए चली, लेकिन रास्ते में उसके साथ दरिंदगी की गई। दुष्कर्म के बाद उसकी बेरहमी से हत्या कर दी गई। दो दिन बाद उसकी लाश मिली। इस घटना को गुड़िया रेप एंड मर्डर केस का नाम दिया गया। तत्कालीन वीरभद्र सिंह पर दबाव पड़ा तो तुरंत आईजी रैंक के अफसर की अगुवाई में एसआईटी गठित की गई, जिसका मुख्या आईजी जहूर जैदी को बनाया गया किया। इस बीच 12 जुलाई को राज्य के सीएम के ऑफिशियल फेसबुक पेज पर तथाकथित आरोपियों के फोटो शेयर हुए, जिन्हें कुछ ही देरी में हटा लिया गया। इसके बाद 13 जुलाई 2017 को एसआईटी ने आरोपियों को पकड़ने का दावा किया और डीजीपी के साथ प्रेस वार्ता में जांच का खुलासा किया। उस समय आईजी जहूर जैदी ने गुड़िया रेप एंड मर्डर केस को निर्भया से जटिल केस बताया था, लेकिन बाद में कथित आरोपी सूरज की कोटखाई थाने के लॉकअप में हत्या हो गई। 14 जुलाई को पुलिस जांच के तरीके से नाराज लोगों ने ठियोग में विरोध प्रदर्शन किया, घबराई राज्य सरकार ने अगले ही दिन सीबीआई जांच के लिए सिफारिश की। जनवरी 2023 में हुई थी जैदी की सेवाएं बहाल 29 अगस्त 2017 को सीबीआई ने आईजी जैदी व आठ अन्य पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया था। इसके बाद 16 नवंबर 2017 को सीबीआई ने शिमला के एसपी रहे डीडब्ल्यू नेगी को कस्टोडियल डैथ मामले में गिरफ्तार किया। जहूर जैदी को सुप्रीम कोर्ट से 5 अप्रैल 2019 को जमानत मिली थी। ट्रायल कोर्ट से जमानत रद्द होने के बाद वे फिर से न्यायिक हिरासत में रहे। जैदी कुल 4 साल 3 महीने हिरासत में रहे। अक्टूबर 2022 में जहूर जैदी को पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट ने नियमित जमानत दी थी। वर्ष 2019 में कस्टोडियल डेथ मामले में ट्रायल के दौरान जैदी सहित दो अन्य अफसरों का निलंबन बहाल किया गया था। तब राज्य में जयराम ठाकुर के नेतृत्व में भाजपा सरकार थी। iske bad 27 जनवरी 2023 को सुखविंदर सरकार के कार्यकाल में जैदी की सेवाएं बहाल की गई थी। जबकि शिमला के पूर्व एसपी डीडब्ल्यू नेगी को 18 अप्रैल 2019 को 17 महीने जेल में बिताने के बाद जमानत मिली थी और अब सीबीआई की चंडीगढ़ अदालत ने उन्हें इस मामले में बरी कर दिया है।
हिमाचल प्रदेश में 1088 पुलिस कांस्टेबलों की भर्ती के लिए साउथ रेंज शिमला और सेंट्रल रेंज मंडी के नौ जिलों में फिजिकल स्टैंडर्ड टेस्ट (PST) और फिजिकल एफिशिएंसी टेस्ट (PET) का शेड्यूल जारी कर दिया गया है। यह प्रक्रिया 6 फरवरी से शुरू होकर 28 मार्च तक चलेगी। कांगड़ा, चंबा और ऊना जिलों का शेड्यूल बाद में जारी किया जाएगा। जिलावार ग्राउंड टेस्ट की तिथियां मंडी: 6 से 16 फरवरी (थर्ड IRBN पंडोह) बिलासपुर: 20 से 24 फरवरी (लुहणू मैदान) हमीरपुर: 28 फरवरी से 5 मार्च (सिंथेटिक ट्रैक अणु) कुल्लू: 7 से 11 मार्च (पुलिस लाइन कुल्लू) लाहौल-स्पीति: 12 मार्च (पुलिस लाइन कुल्लू) सिरमौर: 11 से 20 फरवरी (चंबा ग्राउंड, नाहन) सोलन: 25 फरवरी से 6 मार्च (पुलिस लाइन सोलन, 26 फरवरी को अवकाश) शिमला: 11 से 22 मार्च (पुलिस लाइन भराड़ी, 14 मार्च को अवकाश) किन्नौर: 27 और 28 मार्च (मिनी स्टेडियम, कल्पा) टेस्ट सुबह 7 बजे से शुरू होंगे। पहले महिला अभ्यर्थियों का परीक्षण होगा, उसके बाद पुरुषों की बारी आएगी। कुल 1,27,770 आवेदन प्राप्त पुलिस कांस्टेबल के 1088 पदों के लिए 1,27,770 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है, जिनमें 88,202 पुरुष और 39,568 महिलाएं शामिल हैं। इन पदों में 708 पुरुष और 380 महिलाओं के लिए आरक्षित हैं। ग्राउंड टेस्ट की प्रक्रिया ग्राउंड टेस्ट में 100 मीटर की दौड़, ऊंची कूद, लंबी कूद, और अन्य शारीरिक दक्षता परीक्षण होंगे। अभ्यर्थियों की लंबाई और दस्तावेजों की जांच भी होगी, जिसे कैमरों में रिकॉर्ड किया जाएगा। डोप टेस्ट भी अनिवार्य होगा। लिखित परीक्षा और वेतनमान ग्राउंड टेस्ट के बाद 90 अंकों की लिखित परीक्षा होगी, जिसमें निगेटिव मार्किंग भी लागू होगी। चयनित अभ्यर्थियों को लेवल-3 के 20,200 से 64,000 रुपये वेतनमान में नियुक्त किया जाएगा।यह
कौशाम्बी-फतेहपुर बॉर्डर के पास कनवार क्षेत्र में सोमवार शाम को एक दर्दनाक सड़क हादसा हो गया। हिमाचल प्रदेश से प्रयागराज महाकुंभ के लिए जा रहे श्रद्धालुओं की मिनी बस हाइड्रा वाहन से टकरा गई। इस हादसे में 25 श्रद्धालु घायल हो गए, जिनमें से एक महिला की हालत गंभीर बताई जा रही है। हादसे के बाद मौके पर चीख-पुकार मच गई और स्थानीय लोग मदद के लिए दौड़ पड़े। हिमाचल प्रदेश के अर्की थाना क्षेत्र के स्लैट गांव से 32 श्रद्धालुओं का दल मिनी बस में सवार होकर प्रयागराज के लिए निकला था। शाम करीब 7 बजे नेशनल हाईवे पर कनवार के पास, हाइड्रा वाहन के चालक ने अचानक ब्रेक लगा दी। मिनी बस का ड्राइवर नियंत्रण खो बैठा और बस हाइड्रा से टकरा गई. हादसे के बाद अजुहा चौकी पुलिस और प्रशासन की टीम तुरंत मौके पर पहुंची। छह एंबुलेंस की मदद से सभी घायलों को सिराथू के सीएचसी और फिर मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया। प्रशासन ने रेस्क्यू ऑपरेशन तेजी से चलाया और दुर्घटनाग्रस्त वाहनों को क्रेन की मदद से हाईवे से हटाकर यातायात बहाल किया। घायलों की पूरी सूची: बविता पत्नी सुरेंद्र (45) नीला देवी पत्नी विंध्यसागर (60) चंद्रकला पत्नी बाबूराम शास्त्री (60) पार्वती पत्नी नंदलाल (62) सीता देवी पत्नी तेजराम (55) कविता पत्नी मनोहर शर्मा (47) विमला देवी पत्नी सालिगराम (58) दयापति पत्नी देवीचंद्र (54) ममता पुत्री देवीचंद्र (30) आषवी पुत्री अंकितराज (25) बाबूराम पुत्र दयाराम (65) मीना शर्मा पत्नी महेंद्र शर्मा (48) महेंद्र शर्मा पुत्र लेखराज (50) रूपराम पुत्र राजकुमार (40) लेखराज पुत्र दिलकराम (51) बब्लू पुत्र दिलेर राम (39) लीला देवी पत्नी विद्यासागर (60) ममता शर्मा पत्नी नरेश कुमार (50) नर देवी शर्मा पत्नी गुच्ची राम (45) गोदावरी देवी पत्नी किशन लाल (70) धनपति देवी पत्नी देवी लाल (65) पविता देवी पुत्री सुरेंद्र कुमार (20) तुलसीराम पुत्र कुंतराम (75) रूपराम पुत्र राजकुमार (40) अन्य एक महिला (नाम अज्ञात) प्रशासन की तत्परता घटना की जानकारी मिलते ही डीएम मधुसूदन हुल्गी और एसपी बृजेश श्रीवास्तव मौके पर पहुंचे। दोनों अधिकारियों ने घायलों का हालचाल लिया और अस्पताल प्रबंधन को हर संभव सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए। सीएमओ डॉ. संजय कुमार ने सिराथू सीएचसी और आसपास के अस्पतालों में डॉक्टरों की अतिरिक्त टीम भेजकर बेड और फर्स्ट एड की व्यवस्था सुनिश्चित की। गंभीर रूप से घायल एक महिला को मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया है। एसपी बृजेश श्रीवास्तव ने बताया कि हादसे में शामिल सभी घायलों का इलाज चल रहा है। उन्होंने कहा, "घायलों के रहने-खाने की व्यवस्था अस्पताल में ही की गई है। प्रशासन घायलों की हरसंभव मदद कर रहा है।"
सभी पर एक -एक लाख का जुर्माना भी लगाया गया हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले के कोटखाई में हुए बहुचर्चित गुड़िया दुष्कर्म और हत्याकांड के संदर्भ में गिरफ्तार आरोपी सूरज की लॉकअप में हत्या के मामले में चंडीगढ़ की सीबीआई अदालत आज दोषी पुलिसकर्मियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। सभी आठ आरोपी पुलिस कर्मियों पर एक-एक लाख का जुर्माना भी लगाया गया है। अदालत ने 18 जनवरी को प्रदेश के IG जहूर एच जैदी सहित 8 पुलिस अधिकारियों को दोषी करार दिया था। सीबीआई अदालत ने गवाहों के बयान और सबूतों के आधार पर आईजी जैदी, तत्कालीन डीएसपी मनोज जोशी, पुलिस सब इंस्पेक्टर राजिंद्र सिंह, एएसआई दीप चंद शर्मा, मानक मुख्य आरक्षी मोहन लाल, सूरत सिंह, मुख्य आरक्षी रफी मोहम्मद और कांस्टेबल रनीत सटेटा को दोषी ठहराया था। ये सभी आरोपी वर्तमान में बुड़ैल जेल में बंद हैं। साल 2017 में शिमला जिले के कोटखाई में गुड़िया नामक 16 वर्षीय छात्रा का बलात्कार और हत्या हुई थी। पुलिस ने आरोपी सूरज को हिरासत में लिया, लेकिन लॉकअप में प्रताड़ना के कारण उसकी मौत हो गई। पुलिस ने सूरज की मौत का आरोप दूसरे आरोपी राजू पर मढ़ दिया। सूरज की लॉकअप में हत्या के बाद गुस्साई भीड़ ने कोटखाई पुलिस थाना जलाने की कोशिश की। इस घटनाक्रम के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी। गौरतलब है कि 4 जुलाई 2017 को कोटखाई में 16 वर्षीय छात्रा का शव निर्वस्त्र अवस्था में तांदी के जंगल में पाया गया था। शिमला के तत्कालीन IG जहूर एच जैदी की अध्यक्षता में एसआईटी गठित की गई थी, जिसने सात आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इनमें से एक आरोपी, नेपाली युवक सूरज की पुलिस हिरासत में लॉकअप में मौत हो गई थी। सीबीआई जांच में यह सामने आया कि सूरज की मौत पुलिस की प्रताड़ना के कारण हुई थी। इसके बाद सीबीआई ने आईजी जैदी और अन्य पुलिस अधिकारियों के खिलाफ हत्या (धारा 302), सुबूत नष्ट करने (धारा 201) और अन्य गंभीर आरोपों के तहत केस दर्ज किया। यह मामला शिमला जिला अदालत से चंडीगढ़ सीबीआई अदालत में स्थानांतरित कर दिया गया था। 1994 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं जैदी जहूर जैदी 1994 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। जैदी 582 दिन तक शिमला के कंडा जेल में रहे। अप्रैल 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी। जमानत के बाद भी उनके खिलाफ ट्रायल जारी रहा। जनवरी 2020 में तत्कालीन भाजपा सरकार ने उन्हें फिर सस्पेंड कर दिया। उन पर गवाह को प्रभावित करने के आरोप लगे थे। 3 साल के निलंबन के बाद जनवरी 2023 में कांग्रेस सरकार ने उनकी सेवाएं बहाल कर दीं गई। सितंबर 2023 में उन्हें दोबारा मुख्यालय में तैनाती दी गई। अब उन्हें उम्र कैद की सज़ा सुनाई गई है।
160 रुपये से डीजल से जला दिया सूटकेस में रखा शव रिश्ते में दोनों कजिन लगते थे, शादी का दबाव बना रही थी शिल्पा आज ही उत्तराखंड सरकार ने लागू किया कानून आज लिव-इन रिलेशन को लेकर दो बड़ी खबरें आई है, एक दिल्ली से और एक उत्तराखंड से। पहले आपको दिल्ली वाली खबर बताते है। दिल्ली में लिव-इन पार्टनर ने युवती का मर्डर कर दिया। फिर लाश सूटकेस में रखकर जला दी। 22 साल का कैब ड्राइवर अमित तिवारी गाजियाबाद में रहता था और 22 साल की अपनी कजिन शिल्पा पाण्डेय के साथ रिलेशनशिप में था और अक्टूबर से वे दोनों साथ रह रहे थे। शिल्पा उससे शादी करना चाहती थी, लेकिन वह रिश्ता खत्म करने की कोशिश कर रहा था। शनिवार रात अमित नशे में था। उसका शिल्पा से झगड़ा हुआ और उसने गुस्से में शिल्पा का गला घोंटकर उसे मार डाला। फिर शिल्पा की बॉडी सूटकेस में डाली और अपने दोस्त अनुज को बुलाया ताकि बॉडी को ठिकाने लगा सके। दोनों ने एक पेट्रोल पंप से 160 रुपए का डीजल लिया और एक सुनसान इलाके में पहुंचकर सूटकेस को आग लगा दी। रविवार को पुलिस को गाजीपुर में सुनसान जगह पर एक सूटकेस मिलने की खबर दी गई थी। वहां पहुंचकर पुलिस को सूटकेस के अंदर जली हुई बॉडी मिली। इसके बाद सीसीटीवी ने पुलिस को अमित तक पंहुचा दिया। दूसरी खबर उत्तराखंड से है जहाँ आज से यूसीसी लागू हो गया है और इसके दायरे में लिव-इन को भी लाया गया है। राज्य में अब लिव -इन रिलेशन का रजिस्ट्रेशन भी अनिवार्य है। पंजीकरण प्रक्रिया के दौरान, जोड़ों को अपनी पहचान, उम्र, धर्म और आधार कार्ड जैसी जानकारी देनी होगी। वहीँ, लिव -इन में रहने वाले जोड़े अब अपने माता-पिता या अभिभावकों से इसे छुपा नहीं पाएंगे। माता पिता की अनुमति अनिवार्य होगी और रजिस्ट्रेशन के बाद रजिस्ट्रार द्वारा इसकी सुचना उनके माता -पिता को दी जाएगी। साथ ही लिव-इन से पैदा हुए बच्चों को वैध माना जायेगा और संपत्ति में समान अधिकार मिलेगा। अगर रिश्ता समाप्त होता है,तो महिला को गुजारा भत्ते का अधिकार भी मिलेगा। समान नागरिक सहिंता से जुड़े अन्य विषयों पर बेशक सबकी राय बंटी हुई हो सकती है किन्तु ये कहना गलत नहीं होगा कि लिव-इन रिलेशन को लेकर उत्तराखंड सरकार ने जो कानून बनाये है, वो मौजूदा समय में वक्त की जरुरत है। हालांकि कुछ लोग इसे निजता के अधिकार का हनन कह सकते है, लेकिन श्रद्धा से लेकर शिल्पा तक, लिव-इन रिलेशन में रह रही लड़कियों की निर्मम हत्या के मामले सामने आ रहे है। ऐसे में उत्तराखण्ड सरकार ने लिव-इन को लेकर जो कानून लागू किया है उसकी जरुरत आज पुरे देश में महसूस हो रही है, ताकि इस तरह के अपराधों को रोका जा सके।
मिनर्वा स्टडी सर्कल के सीएमडी राकेश चंदेल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी कि संस्थान की एक नई शाखा 2 फरवरी, 2025 को धर्मशाला में शुरू की जाएगी। इस शाखा का उद्घाटन धर्मशाला नगर निगम के कमिश्नर ज़फर इकबाल करेंगे। इस अवसर पर एएसपी धर्मशाला हितेश लखनपाल भी मौजूद रहेंगे। मिनर्वा स्टडी सर्कल, जो 2014 में प्रवेश चंदेल और राकेश चंदेल की अगुवाई में शुरू हुआ था, पिछले 10 वर्षों से छात्रों को विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। संस्थान ने अब तक 350 से अधिक छात्रों को एमबीबीएस में दाखिला दिलाने में मदद की है, जबकि 250 से अधिक छात्रों ने प्रतिष्ठित आईआईटी और एनआईटी संस्थानों में प्रवेश पाया है। मिनर्वा स्टडी सर्कल के उद्देश्य को बताते हुए राकेश चंदेल ने कहा कि संस्थान का मकसद युवाओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है ताकि वे अपने चुने हुए करियर के लक्ष्य को निर्धारित समय में हासिल कर सकें। गुम्मरविन में स्थापित इस संस्थान ने अब तक 150 से अधिक छात्रों को डॉक्टर और 100 से अधिक छात्रों को इंजीनियर बनाने में मदद की है। 2022 में, संस्थान के 41 छात्रों ने नीट (NEET) परीक्षा और 14 छात्रों ने जेईई (JEE) परीक्षा में सफलता हासिल की। इनमें से कुछ छात्रों ने आईजीएमसी शिमला और एम्स बिलासपुर जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में राज्य रैंक हासिल की। इसके अलावा, कई छात्रों ने किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना (KVPY) और राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा (NTSE) में भी अपनी सफलता का परचम लहराया। राकेश चंदेल ने सभी इच्छुक छात्रों और अभिभावकों से अपील की कि वे धर्मशाला में खुल रही इस नई शाखा का लाभ उठाएं और अपने करियर की मजबूत नींव रखने के लिए इस अवसर का अधिकतम उपयोग करें।
शिमला पुलिस ने 11 तस्कर धरे, लगभग सभी 'पुराने पापी' एसपी शिमला संजीव गाँधी ने दी जानकारी शिमला पुलिस ने कोलकाता से संदीप शाह नाम के एक चिट्टा तस्कर को गिरफ्तार किया है जो 200 लोगों के गिरोह का सरगना है। इस गिरोह के 11 तस्करों को पुलिस ने धरा है और सभी चिट्टे की तस्करी के पुराने पापी है। करीब छ महीने से शिमला पुलिस इस अभियान में जुटी थी और आखिरकार रविवार को उसे सफलता मिली है। ये शिमला पुलिस की बड़ी कामयाबी है। एसपी शिमला संजीव गाँधी ने इस बाबत जानकारी साझा की। हिमाचल प्रदेश में ड्रग माफिया बेहद नियोजित तरीके से काम कर रहा है। ड्रग तस्करी एक आर्गनाइज्ड क्राइम का रूप ले चुकी है और तस्कर तकनीक का भी खूब इस्तेमाल कर रहे है। इस गिरोह का भी अपना ऑनलाइन सप्लाई मैकेनिज्म था, ये ऑनलाइन आर्डर लेते थे और ग्राहक द्वारा भुगतान भी ऑनलाइन किया जाता था। बहरहाल शाही महात्मा गैंग पर कार्रवाई के बाद शिमला पुलिस ने एक और बड़े रैकेट को एक्सपोज़ किया है।
लिव-इन रिलेशनशिप से पैदा बच्चे वैध, महिला को मिलेगा गुजारे भत्ते का अधिकार उत्तराखंड में आज से यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) लागू हो गया। इसमें कई बड़े बदलाव हुए है और राज्य में अब लिव -इन रिलेशन का रजिस्ट्रेशन भी अनिवार्य है। पंजीकरण प्रक्रिया के दौरान, जोड़ों को अपनी पहचान, उम्र, धर्म और आधार कार्ड जैसी जानकारी देनी होगी। इस कदम को व्यक्तिगत संबंधों को कानूनी मान्यता और जवाबदेही देने के रूप में देखा जा रहा है। वहीँ, लिव -इन में रहने वाले जोड़े अब अपने माता-पिता या अभिभावकों से इसे छुपा नहीं पाएंगे। माता पिता की अनुमति अनिवार्य होगी और रजिस्ट्रेशन के बाद रजिस्ट्रार द्वारा इसकी सुचना उनके माता -पिता को दी जाएगी। साथ ही लिव-इन से पैदा हुए बच्चों को वैध माना जायेगा और संपत्ति में समान अधिकार मिलेगा। अगर रिश्ता समाप्त होता है,तो महिला को गुजारा भत्ते का अधिकार भी मिलेगा। यूसीसी के तहत, यदि लिव-इन रिलेशनशिप एक महीने से अधिक समय तक चलता है और उसका पंजीकरण नहीं कराया जाता है, तो इसके लिए जुर्माना हो सकता है, जिसमें तीन महीने की कैद या 10,000 रुपये तक का जुर्माना शामिल है।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की एक पोस्ट पर विवाद खड़ा हो गया है, जिसके बाद उनके खिलाफ दक्षिण कोलकाता के भवानीपुर थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है। यह विवाद 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर किए गए एक ट्वीट को लेकर उत्पन्न हुआ। राहुल गांधी ने इस पोस्ट में नेताजी की मौत की तारीख का जिक्र किया था, जो कई लोगों के अनुसार विवादास्पद था। राहुल गांधी के इस बयान को लेकर अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने कड़ी आपत्ति जताई और एफआईआर दर्ज कराने की मांग की। इसके बाद संगठन के कार्यकर्ताओं ने कोलकाता के एल्गिन रोड स्थित नेताजी के पैतृक घर के पास प्रदर्शन भी किया, जिसमें उन्होंने राहुल गांधी के बयान को लेकर अपना विरोध जताया। हिंदू महासभा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रचूड़ गोस्वामी ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी और उनके परिवार ने हमेशा नेताजी की विरासत को नजरअंदाज किया है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की यह पोस्ट नेताजी के बारे में गलत जानकारी देने की एक और कोशिश है, जिसे देश के लोग स्वीकार नहीं करेंगे। यह विवाद और गहरा हुआ जब राहुल गांधी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर 18 अगस्त 1945 को नेताजी की मौत की तारीख बताई। हालांकि, नेताजी की मृत्यु की सही तारीख को लेकर कई सवाल हैं, क्योंकि इस संबंध में अब तक कोई स्पष्ट प्रमाण नहीं मिल सका है। इस विवाद के बाद, ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक, तृणमूल कांग्रेस और भाजपा जैसे राजनीतिक दलों ने भी राहुल गांधी के बयान की आलोचना की है। जानिए क्या है पूरा मामला यह विवाद इस सप्ताह के शुरुआत में हुआ था, जब राहुल गांधी ने अपने एक्स अकाउंट पर एक पोस्ट में नेताजी की मृत्यु की तारीख 18 अगस्त 1945 बताई। यह वही तारीख थी जब नेताजी का विमान ताइहोकू (जो अब ताइपे में है) में दुर्घटनाग्रस्त हुआ था। हालांकि, नेताजी की मृत्यु की सही तारीख की कभी भी पुष्टि नहीं हो पाई और उनके गायब होने के बाद बने आयोगों ने भी इसकी पुष्टि नहीं की। ऐसे में राहुल गांधी नेताजी की मृत्यु की तारीख कैसे तय कर सकते है।
हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले के कोटखाई में हुए बहुचर्चित गुड़िया दुष्कर्म और हत्याकांड के संदर्भ में गिरफ्तार आरोपी सूरज की लॉकअप में हत्या के मामले में चंडीगढ़ की सीबीआई अदालत आज दोषी पुलिसकर्मियों की सजा पर अपना फैसला सुनाएगी। अदालत ने 18 जनवरी को प्रदेश के IG जहूर एच जैदी सहित 8 पुलिस अधिकारियों को दोषी करार दिया था। जानकारी के अनुसार, इन दोषियों को आज शाम 4 बजे सजा सुनाई जाएगी। सीबीआई कोर्ट ने सोमवार को दोषियों से उनकी अंतिम अपील भी सुनी थी। 18 जनवरी को सीबीआई अदालत ने गवाहों के बयान और सबूतों के आधार पर आईजी जैदी, तत्कालीन डीएसपी मनोज जोशी, पुलिस सब इंस्पेक्टर राजिंद्र सिंह, एएसआई दीप चंद शर्मा, मानक मुख्य आरक्षी मोहन लाल, सूरत सिंह, मुख्य आरक्षी रफी मोहम्मद और कांस्टेबल रनीत सटेटा को दोषी ठहराया था। ये सभी आरोपी वर्तमान में बुड़ैल जेल में बंद हैं। साल 2017 में शिमला जिले के कोटखाई में गुड़िया नामक 16 वर्षीय छात्रा का बलात्कार और हत्या हुई थी। पुलिस ने आरोपी सूरज को हिरासत में लिया, लेकिन लॉकअप में प्रताड़ना के कारण उसकी मौत हो गई। पुलिस ने सूरज की मौत का आरोप दूसरे आरोपी राजू पर मढ़ दिया। सूरज की लॉकअप में हत्या के बाद गुस्साई भीड़ ने कोटखाई पुलिस थाना जलाने की कोशिश की। इस घटनाक्रम के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी। गौरतलब है कि 4 जुलाई 2017 को कोटखाई में 16 वर्षीय छात्रा का शव निर्वस्त्र अवस्था में तांदी के जंगल में पाया गया था। शिमला के तत्कालीन IG जहूर एच जैदी की अध्यक्षता में एसआईटी गठित की गई थी, जिसने सात आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इनमें से एक आरोपी, नेपाली युवक सूरज, को पुलिस हिरासत में लॉकअप में मौत का सामना करना पड़ा था। सीबीआई जांच में यह सामने आया कि सूरज की मौत पुलिस की प्रताड़ना के कारण हुई थी। इसके बाद सीबीआई ने आईजी जैदी और अन्य पुलिस अधिकारियों के खिलाफ हत्या (धारा 302), सुबूत नष्ट करने (धारा 201) और अन्य गंभीर आरोपों के तहत केस दर्ज किया। यह मामला शिमला जिला अदालत से चंडीगढ़ सीबीआई अदालत में स्थानांतरित कर दिया गया था।
हिमाचल प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों में मौसम फिर करवट ले सकता है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने अगले पांच दिनों तक हल्की बारिश और बर्फबारी का पूर्वानुमान जारी किया है। साथ ही, 27 और 28 जनवरी को राज्य के कुछ हिस्सों में शीतलहर के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग के अनुसार, 29 जनवरी से 2 फरवरी तक पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता के चलते ऊंचाई वाले कुछ क्षेत्रों में बारिश और बर्फबारी हो सकती है। हालांकि, 27 और 28 जनवरी को पूरे प्रदेश में मौसम साफ रहने की संभावना है। जनवरी में सामान्य से 79% कम बारिश राज्य में जनवरी में सामान्य से 79% कम बारिश हुई है। 1 से 27 जनवरी के बीच केवल 14.7 मिमी बारिश दर्ज की गई, जबकि इस अवधि के लिए 70.8 मिमी को सामान्य माना जाता है। कहां कितनी कमी हुई? बिलासपुर: 93% कम चंबा: 82% कम हमीरपुर: 93% कम कांगड़ा: 92% कम किन्नौर: 91% कम कुल्लू: 72% कम लाहौल-स्पीति: 69% कम मंडी: 81% कम शिमला: 77% कम सोलन: 91% कम ऊना: 95% कम तापमान का हाल प्रदेश में न्यूनतम तापमान में भी काफी उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है। केलांग: -7.9°C शिमला: 9.6°C सुंदरनगर: 1.8°C भुंतर: 0.3°C कल्पा: 0.0°C धर्मशाला: 5.0°C मनाली: 1.9°C
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू, उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह 27 जनवरी को मध्य प्रदेश के महू जाएंगे। महू से कांग्रेस संविधान बचाओ अभियान की शुरुआत करेगी। इस कार्यक्रम में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, नेता विपक्ष राहुल गांधी और पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी भी शामिल होंगे। इससे पहले मुख्यमंत्री सुक्खू 26 जनवरी को राजधानी शिमला में आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह में भाग लेने के बाद मध्य प्रदेश के लिए रवाना होंगे। कांग्रेस 27 जनवरी को डॉ. भीमराव आंबेडकर की जन्मस्थली महू में एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित कर रही है, जिसमें पार्टी संविधान को बचाने और जागरूकता फैलाने का आह्वान करेगी। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के डॉ. आंबेडकर पर दिए गए बयान के विरोध में कांग्रेस देशभर में संविधान बचाओ यात्रा शुरू कर रही है। महू में आयोजित इस कार्यक्रम में कांग्रेस कार्यसमिति के सभी सदस्य, कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री, प्रदेश अध्यक्ष, वरिष्ठ नेता और सांसद शामिल होंगे। इस यात्रा के दौरान कांग्रेस नेता जनता के बीच जाकर संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों के महत्व पर चर्चा करेंगे। इसके अलावा, मुख्यमंत्री सुक्खू 1 से 3 फरवरी तक दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रचार में भी भाग लेंगे। कांग्रेस इस यात्रा और अभियान के माध्यम से अपने विचारधारा और संविधान की रक्षा के लिए जनता को जागरूक करने का प्रयास कर रही है
दिल्ली-पंजाब-हरियाणा-यूपी को जाने वाली बसें होंगी कम हिमाचल प्रदेश से चंडीगढ़, दिल्ली व हरिद्वार को जाने वाली बसों का पहले चरण में युक्तिकरण होगा। इसकी फाइल तैयार कर ली गई है और एचआरटीसी ने इसका प्लान बना लिया है। आठ से दस रूटों को अभी फिलहाल चिन्हित किया गया है, जहां पर प्रदेश के अलग-अलग शहरों से एक जैसे समय पर बसों को भेजा जाता है। आगे जाकर यह बसें मिल जाती हैं और फिर इनकी सवारियां बंट जाती है। इसका नुकसान पथ परिवहन निगम को हो रहा है, जिसे अब एचआरटीसी प्रबंधन दुरुस्त करने की तैयारी में है। एचआरटीसी प्रबंधन ने इसका प्रारूप तैयार कर लिया है। इसकी शुरुआत बाहरी राज्यों यानी अंतर राज्यीय रूटों से की जाएगी। यदि यह प्रयोग सफल रहा, तो प्रदेश में प्रदेश के भीतर भी इसे लागू किया जाएगा। मुख्यमंत्री से इस मामले में एचआरटीसी की बातचीत हुई है और सीएम ने कहा है कि निगम को घाटे से उभारने के लिए ऐसे अलग और कड़े कदम उठाए जाने चाहिए। एचआरटीसी प्रबंधन ने इसका पूरा प्लान तैयार कर लिया है, जिसे अब निदेशक मंडल की बैठक में रखा जाएगा। बीओडी की मंजूरी मिलने के बाद इसे लागू कर दिया जाएगा। निगम प्रबंधन के मुताबिक प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों से दिल्ली, चंडीगढ़ व पंजाब इत्यादी के लिए जाने वाली बसों के रूटों की पूरी सूची तैयार की गई है। इसमें देखा जा रहा है कि ऐसे कितने जिले हैं जहां से एक ही समय में बसें चलती है। इन बसों को क्लब कर दिया जाएगा। धर्मशाला, पालमपुर, कांगड़ा से एक ही समय में दिल्ली के लिए कई बसें चलती हैं। इन बसों में सवारियों की संख्या कुल सीटों के मुकाबले आधी भी नहीं होती। अब इन बसों को क्लब कर एक ही बस चलाई जाएगी। वहीं दिल्ली, चंडीगढ़, हरिद्वार,अमृतसर, लुधियाना, पठानकोट व अंबाला सहित कई अन्य स्थानों को निगम की बसें निरंतर अंतराल में चल रही हैं। इसमें रूटों का परिवर्तन भी हो सकता है। पथ परिवहन निगम का कुल घाटा 1650 करोड़ है। इसको कैसे कम किया जा सकता है इस पर विस्तृत चर्चा की गई है। इससे पहले एचआरटीसी के 275 के करीब घाटे के रूट निजी आपरेटरों को देने का निर्णय लिया था। हालांकि अभी इनमें आधे से ज्यादा रूटों पर फैसला नहीं हो पाया है। वर्तमान में प्रदेश सरकार एचआरटीसी को 700 करोड़ रुपए का सालाना अनुदान दे रही है। एचआरटीसी में 27 श्रेणियों के लोगों को नि:शुल्क यात्रा दी जा रही है। एचआरटीसी के 31 डिपो और चार मंडल हैं। 3180 बसें हैं जो प्रतिदिन 5.60 लाख किलोमीटर की दूरी तय करती हैं। 2684 रूट पर निगम की बसें सेवाएं देती हैं। निगम की दैनिक आय 2.25 करोड़ रुपए है। एचआरटीसी के प्रबंध निदेशक रोहन चंद ठाकुर ने बताया कि पहले चरण में प्रदेश से बाहर जाने वाली बसों का युक्तिकरण करने की तैयारी है। इसकी योजना बन चुकी है और अभी कुछ ऐसे रूट चिन्हित किए हैं, जहां के लिए अलग-अलग स्थानों से एक जैसे समय पर बसें जाती हैं। इनको क्लब किया जाएगा क्योंकि अभी लांग रूट की बसों में कमाई नहीं हो पा रही है। अपेक्षाकृत इनकम को सुनिश्चित करने के लिए इस तरह की नीतियों को अपनाया जा रहा है, लेकिन इससे आम जनता को परेशानी नहीं होगी।
हरियाणा भाजपा अध्यक्ष व हरियाणवी गायक के खिलाफ गैंगरेप के आरोप के मामले में नया मोड़ आ गया है। मंगलवार को सार्वजनिक हुए इस हाई-प्रोफाइल केस में पीडि़ता की सहेली व मामले में अहम गवाह महिला ने बुधवार को प्रेस कान्फ्रेंस की है। पंचकूला में आयोजित इस प्रेस कान्फ्रेंस में महिला ने पूरे केस को ही झूठा करार दे दिया है। उसने मीडिया के सामने कहा कि उसे झूठा गवाह बनाया गया है, जबकि उसके सामने ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। महिला के इस बयान के बाद पहले से ही उलझा हुआ मामला अब और अधिक उलझता हुआ नजर आ रहा है। पीडि़ता की सहेली ने बुधवार को मीडिया से रू-ब-रू होकर कहा कि वह दिल्ली की रहने वाली है और वह अपनी सहेली व उसके बॉस के साथ मनाली घूमने गए थे। इसके बाद वह कसौली होटल में पहुंचे, जहां पर उन्हें रॉकी मित्तल मिला। चर्चित गायक होने के चलते वह उसे पहले से ही जानते थे, जबकि मोहन लाल बड़ौली को वो नहीं पहचानती थी। इस दौरान चर्चित चेहरा होने के कारण रॉकी मित्तल से उन्होंने कुछ समय के लिए बात की और उसके बाद कोई बात नहीं हुई। सहेली ने बताया कि इसके पश्चात वह अपनी सहेली और उसके बॉस के साथ कमरे में चली गई और कुछ देर बाद वहीं सो गए व अगले दिन सुबह वहां से वापस आ गए। उसने मीडिया को बताया कि वहां ऐसा कुछ नहीं हुआ था। इतने बड़े होटल में यदि गैंगरेप या इस तरह की कोई घटना होती तो उसके चीखने चिल्लाने की आवाज तो किसी ने सुनी होती। जब मुझे पता चला कि इस तरह की कोई एफआईआर दर्ज हुई है और उसमें मुझे गवाह बनाया गया है, तो मैं सकते में आ गई। इस पर मैंने साफ मना कर दिया तो पीडि़ता ने कहा कि उनका कुछ मसला है। पैसे भी मिलेंगे और उसके बॉस को टिकट या चेयरमैनशिप दी जाएगी। उसने कहा कि वह जॉब करती है और इस सबसे उसका कुछ लेना देना नहीं है। मामले को लेकर पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी कथित तौर पर सवाल खड़े होने लगे हैं। मामले में एफआईआर को एक माह से अधिक का समय हो गया है, लेकिन अभी तक इसमें कोई भी गिरफ्तारी न होने से प्रश्न चिन्ह खड़े हो रहे हैं। पुलिस के सूत्रों की मानें तो मामला करीब डेढ़ वर्ष पुराना है और पीडि़ता ने भी मेडिकल नहीं करवाया है। ऐसे में पुलिस को मामले में पुख्ता सुबूत मिल पाना भी एक टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। न तो उस समय की सीसीटीवी फुटेज मिल पाई है और न ही अन्य कोई सुबूत। इस हाई-प्रोफाइल केस में हरियाणा के ही अमित बिंदल का नाम भी जुड़ गया है। बताया जा रहा है कि पीडि़ता की सहेली जिस बॉस की बात कर रही है, वह और कोई नहीं बल्कि अमित बिंदल ही हैं। उनके साथ ही यह कसौली घूमने के लिए आई थी। अमित बिंदल सोनीपत के रहने वाले हैं और वर्ष 2022 में वे जेजेपी को छोडक़र भाजपा में शामिल हो गए थे। 2024 में लोकसभा चुनाव में वे सोनीपत से भाजपा की टिकट मांग रहे थे, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला। बताया जा रहा है कि वह वर्ष 2022 में जीएसटी गबन केस में तिहाड़ जेल में भी रहे हैं। इस पूरे हाई-प्रोफाइल मामले को लेकर सोलन पुलिस के अधिकारियों ने भी चुप्पी साधी हुई है। वह मामले को लेकर कुछ भी बताने से कतरा रहे हैं और कुछ मीडिया कर्मियों के फोन तक उठाने से परहेज कर रहे हैं।
मुंबई में फिल्म अभिनेता सैफ अली खान के बांद्रा पश्चिम स्थित घर में गुरुवार तडक़े हुई चोरी की घटना में सैफ अली घायल हो गए। पुलिस ने बताया कि आज तडक़े करीब साढ़े तीन बजे सैफ अली खान और उनकी पत्नी अभिनेत्री करीना कपूर के बांद्रा पश्चिम वाले घर में चोरी की बड़ी घटना हुई। चोरी के दौरान सैफ अली खान पर चाकू से हमला भी किया गया। उन्होंने बताया कि सैफ अली खान को इलाज के लिए लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि अभिनेता को पहले चाकू मारा गया है या चोर के साथ हुई झड़प में वह घायल हुए हैं। मुंबई पुलिस और क्राइम ब्रांच दोनों ही इस मामले की जांच में जुटी हुई हैं। लीलावती अस्पताल के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर डॉक्टर नीरज उत्तमानी ने बताया सैफ अली को अस्पताल में रात 3.30 बजे लाया गया था। सैफ को हमले में छह चोटें आई हैं, जिसमें से दो घाव काफी गहरे है। हम उसका ऑपरेशन कर रहे है। यह आपरेशन न्यूरोसर्जन नितिन डांगे और कॉस्मेटिक सर्जन लीना जैन कर रहे है। भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया की चोरों का पता लगाने के लिए पुलिस की कई टीम बनाई गई हैं और प्राथमिकी भी दर्ज की जा रही है। यह वारदात उस समय हुई जब सैफ अपनी पत्नी करीना के बांद्रा पश्चिम वाले घर सतगुरु शरण में परिवार के साथ सो रहे थे। अब अस्पताल में घर के सभी लोगों के साथ उनके दो बेटे तैमूर और जेह है। सैफ अली पूर्व क्रिकेटर मंसूर अली खान और अभिनेत्री शर्मिला टैगोर के पुत्र हैं।
बीजेपी हरियाणा के अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली और सिंगर रॉकी मित्तल के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज किया गया है। ये केस हिमाचल के कसौली पुलिस थाना में 13 दिसंबर को दर्ज हुआ है। केस दर्ज कराने वाली महिला का आरोप है कि 7 जुलाई 2023 को उसके साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया गया। केस में आरोप लगाया गया है कि रॉकी मित्तल ने अभिनेत्री बनवाने और मोहन लाल बड़ौली ने सरकारी नौकरी दिलाने का झांस देकर दुष्कर्म किया। पुलिस के मुताबिक मामला दर्ज कर लिया गया है और इसकी जांच जारी है। महिला ने यौन शोषण के आरोप लगाए हैं। इसमें बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली पर भी आरोप लगाए गए हैं। हालांकि रेप के आरोप पर मोहन लाल बड़ौली ने कहा है कि यह महज राजनीतिक स्टंट है और पूरा मामला झूठा है। इसका सच्चाई से कोई लेना-देना नहीं है। पुलिस मामले की जाँच कर रही हैं।
राज्य की सांस्कृतिक विरासत, शिल्प और व्यंजनों का भव्य जश्न मनाने वाला 15 दिवसीय हिमाचल प्रदेश हिम महोत्सव कल देर शाम दिल्ली हाट में अपार सफलता के साथ संपन्न हुआ। हिम महोत्सव का आयोजन हिमाचल प्रदेश सरकार ने केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई) के सहयोग से किया गया। महोत्सव में न केवल राज्य की कलात्मक विरासत को प्रदर्शित किया गया, बल्कि स्थानीय कारीगरों को 2 करोड़ रुपये का कारोबार भी दिया गया। महोत्सव से जहां कारीगरों के उत्पादों को व्यापक स्तर पर पहचान मिली वहीं सांस्कृतिक संरक्षण के साथ-साथ आर्थिक प्रगति भी सुनिश्चित हुई। उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करते हुए कहा कि हिम महोत्सव ने हिमाचल प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं और आधुनिक व्यावसायिक दुनिया में अलग पहचान बनाई है। हिम महोत्सव ने राज्य के विविध हस्तशिल्प, पारंपरिक परिधानों और व्यंजनों को पहचान दिलाने के साथ-साथ कारीगरों के लिए सफलतापूर्वक नए व्यावसायिक अवसर सृजित किए हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह की पहल से पारंपरिक शिल्पकला को समसामयिक व्यापार गतिविधियों के साथ-साथ आगे बढ़ने में मदद मिलेगी। उद्योग विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आर.डी. नजीम ने आगंतुकों से मिली प्रतिक्रिया की सराहना करते हुए कहा कि इससे हिमाचली शिल्प में देश की बढ़ती रुचि की झलक दिखती है। उन्होंने कहा कि इस सफलता से कारीगरों के लिए नए अवसर सृजित होंगे और राष्ट्रीय मंच पर हिमाचल की उपस्थिति और मजबूत होगी। महोत्सव में विभिन्न प्रकार के 60 स्टॉल लगाए गए जहां कारीगरों ने ऊनी शॉल, चंबा रूमाल, कांगड़ा पेंटिंग और पारंपरिक आभूषणों सहित हस्तनिर्मित उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदर्शित की। इसके अतिरिक्त राज्य के प्रसिद्ध व्यंजन हिमाचली धाम के जायके ने आगंतुकों को आकर्षित किया जिससे प्रदेश की संस्कृति का अनुभव और समृद्ध हुआ। हिमाचल की जीवंत सांस्कृतिक परंपराओं का जश्न मनाते हुए कार्यक्रम में कांगड़ा के गद्दी नृत्य और सिरमौर की नाटी भी शानदार प्रस्तुित दी गई। ग्रैंड फिनाले में हिमाचली फैशन शो भी हुआ जिसमें पारंपरिक परिधानों का प्रदर्शन किया गया जो इस उत्सव का मुख्य आकर्षण रहा। उत्सव में दो करोड़ रुपये का कारोबार हुआ जिससे हिमाचल प्रदेश के दूर-दराज के क्षेत्रों के कारीगरों की आर्थिकी सुदृढ़ हुई। आगंतुकों के साथ सीधे संपर्क ने कारीगरों को उन्हें अपने बाजार की पहुंच बढ़ाने, वित्तीय स्थिरता बढ़ाने और व्यापक स्तर पर पहचान बनाने में मदद की। हिम महोत्सव प्रदेश के कारीगरों के लिए एक उम्मीद की किरण बन गया है, जिसमें पारंपरिक कला को आधुनिक व्यवसायिक गतिविधियों के साथ जोड़ा गया है। महोत्सव ने हिमाचल की समृद्ध विरासत के लिए एक राष्ट्रीय मंच प्रदान किया है और भविष्य की पीढ़ियों के लिए संस्कृति के संरक्षण तथा विकास को सुनिश्चित करने में मदद की है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के ओएसडी केएस बांशटू, आवासीय आयुक्त मीरा मोहंती, प्रबंध निदेशक हिमक्राफ्ट्स कॉरपोरेशन गंधर्व राठौर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू, उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह मंगलवार को दिल्ली रवाना होंगे। बुधवार को नई दिल्ली में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के नए कार्यालय का शुभारंभ होना है। हाईकमान ने सभी वरिष्ठ नेताओं को समारोह में मौजूद रहने के निर्देश जारी किए हैं। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, प्रदेश अध्यक्ष सहित कई कैबिनेट मंत्री और कांग्रेस विधायक भी दिल्ली जा रहे हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय के अनुसार मुख्यमंत्री सुक्खू 15 या 16 जनवरी को दिल्ली से ही कांगड़ा प्रवास के लिए धर्मशाला रवाना होंगे। 25 जनवरी तक मुख्यमंत्री सुक्खू जिला कांगड़ा के दौरे पर रहेंगे। पूर्ण राज्यत्व दिवस का राज्य स्तरीय समारोह भी इस बार जिला कांगड़ा के बैजनाथ में हो रहा है। 25 जनवरी को इसकी अध्यक्षता मुख्यमंत्री सुक्खू करेंगे। समारोह के बाद मुख्यमंत्री शिमला लौटेंगे और 26 जनवरी को ऐतिहासिक रिज मैदान पर आयोजित होने वाले गणतंत्र दिवस में शामिल होंगे।
चंडीगढ़ में सनातन धर्म शक्ति दल मंदिर सेक्टर 16 में आज अंजना गुप्ता प्रधान की अध्यक्षता में बैठक आयोजित हुई, जिसमें संगठन का विस्तार करते हुए बाबा देवनाथ को संरक्षक, मनीष भसीन को चेयरमैन, सुरेश राणा को सीनियर उपाध्यक्ष, अंकुश गुप्ता को महामंत्री, डॉ गिरीश सचदेवा को संयुक्त मंत्री, अयनर ठाकुर को मंत्री, दविंदर सिद्धू को कोषाध्यक्ष , रचित कौशल को कानूनी सलाहकार का सर्व सहमति से दायित्व दिए गए और बाकी कार्यकारिणी अधिकारी चांद बयाना,अचला भल्ला, सुरेंद्र ठाकुर,जया जैन, नीना चौहान, सुशीला, कमलेश शर्मा, सबीना बंसल ,एवं कार्यकारणी सदस्य से अनुज कुमार सहगल, जीत बंसल, सागर द्रविड़ , डॉ अश्वनी कुमार बयाना, मनजीत कुमार, पंकज शर्मा एवं सुनील बागड़ी मुख्य रूप से उपस्थित रहे। सभी सदस्यों की सर्व सहमति से यह दायित्व दिए गए इसके बाद ओम का उच्चारण करके उनकी सभी सदस्यों ने सहमति दी।
नेता प्रतिपक्ष ने भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केंद्रीय स्वास्थ्य-परिवार कल्याण और रसायन एवं उर्वरक मंत्री जगत प्रकाश नड्डा से दिल्ली में शिष्टाचार भेंट की। इन दौरान जगत प्रकाश नड्डा हिमाचल प्रदेश के विकास संबंधी विषयों पर चर्चा हुई।
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब नई दिल्ली स्थित हिमाचल भवन अटैच नहीं होगा। प्रदेश सरकार की ओर से हाईकोर्ट की रजिस्ट्री में 93.96 करोड़ रुपये जमा करा दिए हैं। हाईकोर्ट की डबल बेंच ने 13 जनवरी 2023 के न्यायाधीश संदीप शर्मा की ओर से पारित फैसले पर पूर्ण रोक लगा दी है। प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर और सुशील कुकरेजा की खंडपीठ ने कहा कि जब तक मुख्य याचिका लंबित है, तब तक 13 जनवरी 2023 के न्यायाधीश संदीप शर्मा के दिए गए फैसले पर पूर्ण रोक रहेगी। अब जो एलपीए (लेटर पेटेंट अपील) विशेष खंडपीठ के पास लंबित है, उस पर सरकार और सेली कंपनी की ओर से 24 मार्च को बहस होगी। राज्य सरकार की तरफ से हिमाचल हाईकोर्ट में जनवरी 2023 के आदेशों को परिवर्तन करने की गुहार लगाई थी, जिसमें अदालत ने सरकार को अपफ्रंट प्रीमियम के तौर पर 64 करोड़ रुपये 7 फीसदी ब्याज सहित जमा करने के आदेश दिए थे। वहीं, हाईकोर्ट के आदेश के बाद सेली कंपनी अब रजिस्ट्री में जमा पैसे नहीं निकाल सकेगी, क्योंकि हाईकोर्ट ने एकल जज के फैसले पर ही रोक लगा दी है। यह उल्लेखनीय है कि सेली हाइड्रो कंपनी की ओर से वर्ष 2018 में सरकार के खिलाफ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें सरकार पर आरोप लगाए हैं कि कंपनी की ओर से अपफ्रंट प्रीमियम के तौर पर जमा किए गए 64 करोड़ रुपये वापस नहीं किए गए। एकल जज की पीठ ने याचिका का निपटारा करते हुए सरकार को कंपनी का 64 करोड़ रुपये अपफ्रंट प्रीमियम 7 फीसदी ब्याज सहित वापस करने के निर्देश दिए। सरकार ने एकलपीठ के फैसले को डबल बैंच में चुनौती दी। खंडपीठ ने भी सरकार को पैसे जमा करने के निर्देश दिए और साथ ही कंपनी को प्रीमियम रिलीज करने पर रोक लगा दी। बार-बार समय देने के बाद भी सरकार ने जब यह पैसा जमा नहीं किया, तब अदालत ने फैसले पर लगी रोक को हटा दिया। उसके बाद सेली हाईड्रो कंपनी की ओर से ऊर्जा विभाग के खिलाफ अनुपालना याचिका दायर की गई। उसी के एवज में एकल न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की अदालत ने नवंबर में हिमाचल भवन को अटैच करने के आदेश पारित किए। साथ ही उन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश दिए, जिनकी वजह से समय पर यह पैसा अदालत में जमा नहीं किया गया। अदालत ने कहा कि अगर समय पर पैसा जमा किया होता, तो सरकार को ब्याज के रूप में 29 करोड़ रुपये अतिरिक्त जमा नहीं करने पड़ते। अदालत ने सरकार से अगली सुनवाई में दोषी अधिकारियों के खिलाफ की जांच रिपोर्ट को प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं। न्यायाधीश गोयल के आदेशों के बाद ही सरकार ने यह पैसा ब्याज सहित हाईकोर्ट में जमा किया।
कोलकाता में अंडर-23 वनडे क्रिकेट टूर्नामेंट में हिमाचल प्रदेश और गुजरात की टीमें मंगलवार को सेमीफाइनल में आमने-सामने होंगी। अगर हिमाचल की टीम सेमीफाइनल में गुजरात को हरा देती है तो यह पहला मौका होगा जब सूबे की अंडर-23 टीम फाइनल में जगह बनाएगी। हिमाचल की टीम में क्वार्टर फाइनल मैच में तमिलनाडु को आठ रन से हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश किया है। जबकि गुजरात ने छत्तीसगढ़ को हराकर फाइनल में जगह बनाई है। अंडर-23 टूर्नामेंट में अपने पूल में हिमाचल की टीम ने कुल सात मुकाबलों में छह में जीत हासिल की। एक मैच गुजरात से हारा। इसके बाद टीम ने अपने पूल में टॉप दो में जगह बनाकर क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया। बडोदरा में 21 दिसंबर को खेले गए वनडे मैच में गुजरात ने हिमाचल को 17 रन से पराजित किया। इसमें गुजरात की टीम ने 50 ओवरों में आठ विकेट खोकर 308 रन बनाए। जबकि हिमाचल की टीम 50 ओवर में 291 रन पर ही आलआउट हो गई। इस मैच में हिमाचल से इनेश महाजन ने 92 रन और कप्तान मृदुल सरोच ने 68 रन की अर्धशतकीय पारी खेली। इसके अलावा गेंदबाजी में अनिकेत ने चार विकेट हासिल किए था। वहीं, क्वार्टर फाइनल मुकाबले में तमिलनाडु के खिलाफ हिमाचल के इनेश महाजन शतकीय पारी खेली थी और अनिकेत ने चार विकेट चटकाए थे। एचपीसीए के सचिव अवनीश परमार ने कहा कि उम्मीद है कि हिमाचल की अंडर-23 टीम सेमीफाइनल में गुजरात को मात देकर फाइनल में जगह बनाएगी। क्वार्टर फाइनल में तमिलनाडु को हराने के बाद हिमाचल की टीम पूरे जोश में है।