नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने एक बार फिर सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने प्रदेश में बढ़ रहे खुदकुशी के मामलों को लेकर प्रदेश सरकार को घेरने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में कोरोना के कहर से खुदकुशी का तांडव मचा हुआ है और प्रदेश सरकार के मंत्री जश्न मना रहे है। रिकोर्ड तोड़ खुदकुशियों से बेपरवाह जयराम सरकार के मंत्री अपने स्वागतों में डटे हैं। लोग मर रहे हैं और भाजपा के लोग मंत्रीयों को को कंधो पर उठा कर झूम रहे हैं। मुक़ेश अग्निहोत्री ने सवाल किया कि क्या कोरोना का कानून सिर्फ़ विपक्ष के लिए ही है? क्या सत्ता में विराजमान लोगों को उसे में छूट दे रखी है। विपक्ष विरोध प्रदर्शन करे तो मामले दर्ज, मगर सरकार सारे में नाचती रहे। यह दोहरा कानून नहीं चलेगा। मुख्यमंत्री भी सारे प्रदेश में पट्टिकाएं लगा कर दिल बहला रहे है। उन्होंने कहा, सरकारी आंकड़े गवाह हैं कि जयराम सरकार के कार्यकाल में 2000 खुदकुशी के मामले आ चुके हैं। किसी सरकार के समय में भी इतना कहर नहीं बरपा। 2018 में 780 और 2019 में 710 लोगों ने खुदकुशी की, मगर कोरोना में 466 खुदकुशियाँ चिंताजनक है और सरकार के दावों की पोल खोलता है। देव भूमि में जुलाई में 101 और जून में 112 व मई में 89 खुदकुशी के मामले आए हैं। ऐसे में यह सरकार विकास के लिए नहीं खुदकुशियों के लिए जानी जाएगी। उन्होंने कहा कि हर वार सरकारी आंकड़ों को सरकार यह कह कर नाकार देती है कि न जाने मुकेश अग्निहोत्री आंकड़े कहाँ से लाए? अबकी बार तो पुलिस ने बाकायदा पत्रकार सम्मेलन कर जारी किए हैं। उन्होंने कहा लोगों कि नौकरियाँ छिन गई, बेरोजगारी बढ़ गई मगर सरकार आलोकप्रिय निर्णय लेती जा रही। अब बिजली के दाम भी बढ़ा दिए। राशन और सफर भी महँगा कर दिया है। जनता में हाहाकार से बेपरवाह सरकार राजनीति में डटी है जबकि खुदकुशियों के अलावा बलात्कार के आँकड़े भी चौंकाने वाले हैं।
राम मंदिर का शिलान्यास हो गया है। भारत का अधिकतर वर्ग गौरवान्वित महसूस कर रहा होगा परन्तु क्या जिस प्रकार या जिस उद्देश्य से और जिस तरह से शिलान्यास करवाया गया यदि चार मठों के मठाधीशों, शंकराचार्य या फिर अन्य मठाधीशों को बुलाया जाता तो कितना अच्छा रहता। यह बात पूर्व प्रदेश कांग्रेस सचिव एवं सह संयोजक पंचायती राज संगठन हीरा पाल सिंह ठाकुर ने कही। उन्होंने कहा कि यह भूमि पूजन राष्ट्र के मुखिया राष्ट्रपति से करवाया जाता या फिर इस कार्यक्रम में उन्हें भागीदार बनाया जाता तो कितना बेहतर होता। हीरा पाल सिंह ने कहा कि इनको संघ के मुखिया चाहिए थे क्योंकि संघ के बगैर इनकी कुर्सी कभी भी डगमगा जाती है परन्तु वर्तमान सरकार के मुखिया को इस शिलान्यास की जल्दी क्यों थी, क्या इस कार्यक्रम के बहाने बिहार और बेस्ट बंगाल का चुनाव भी जीतना चाहते थे। उन्होंने कहा कि आज कोरोना का आंकड़ा 19 लाख से अधिक हो गया है। रोजाना हजारो लोग मर रहे हैं। अब तक 50 हजार से ज्यादा लोग राष्ट्र में मौत के ग्रास बन गए हैं परंतु केंद्र सरकार राज्य सरकार के कानों में जूं तक नही रेंग रही है। हर दिन 50 हजार के लगभग नए कोरोना संक्रमित लोग आ रहे हैं। आज भारत विश्व में प्रथम पायदान पर आ गया है लेकिन केंद्र सरकार सिर्फ मन्दिर मूर्ति स्थापना तक सीमित है।
कोरोना संकट के बीच के बीच और लंबे इंतजार के बाद हिमाचल प्रदेश में जयराम कैबिनेट का विस्तार हो गया है। कैबिनेट में पांवटा साहिब से सुखराम चौधरी, नूरपुर से राकेश पठानिया व घुमारवीं से राजेंद्र गर्ग को शामिल किया गया है। ये तीनों ही पहली मर्तबा कैबिनेट में शामिल किए गए हैं, इनमें राजेंद्र गर्ग तो विधायक भी पहली ही मर्तबा बने थे। राजभवन में आयोजित हुए शपथ ग्रहण समारोह को सादे तौर पर आयोजित किया गया, कोविड-19 के चलते इसमें कुछ लोगों को ही आने का निमंत्रण था। तीनों को राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने शपथ दिलवाई। तीनों ने शपथ लेने के बाद सीएम जयराम ठाकुर का अभिवादन किया। याद रहे कि कैबिनेट में तीनों पद खाली चल रहे थे। सिरमौर जिला कांग्रेस का गढ़ रहा है लेकिन कांग्रेस की परंपरागत सीट पांवटा साहिबसीट को पहली बार बीजेपी की झोली में वर्ष 2003 में डालने वाले सुखराम चौधरी का दावा कैबिनेट के लिए पहले भी मजबूत था, लेकिन सिरमौर जिले से डाॅ राजीव बिंदल के विधानसभा अध्यक्ष बनते ही सुखराम को जगह नहीं मिल पाई। डॉ. बिंदल के इस्तीफा देने के बाद अब जब कैबिनेट विस्तार हुआ तो सिरमौर के हिस्से से कैबिनेट की खाली जगह पर सुखराम की ताजपोशी पहले से ही तय मानी जाने लगी थी। सुखराम सिरमौर जिले में पुरुल्ला तहसील के निवासी हैं। सुखराम ने 12 वीं कक्षा तक पढ़ाई की है। 2012 के हिमाचल प्रदेश के चुनाव में सुखराम निर्दलीय उम्मीदवार किरणेश जंग से 790 के मामूली अंतर से हार गए थे। सत्ता के संतुलन का केंद्र कहे जाने वाले कांगड़ा जिले से राकेश पठानिया का ताल्लुक और जयराम कैबिनेट में इस जिले से खाली हुई किशन कपूर व विपिन परमार की जगह भरने को शुरू से ही नूरपुर के पठानिया सबसे परफेक्ट दावेदार माने जा रहे थे। पठानिया बीजेपी की राजनीति में हमेशा तेज-तर्रार नेताओं में से एक है और सदन के अंदर और बाहर भी पार्टी और सरकार के समर्थन में हमेशा फ्रंट पर खडे दिखे हैं। राकेश पठानिया के पिता का नाम कहन सिंह सिंह पठानिया है। उन्होंने अपनी इंटरमीडियट की पढ़ाई 1981 में पूरी की। वह पेशे से कृषक और खेती उनका व्यवसाय है। राकेश पठानिया नूरपुर विधानसभा के काफी अनुभवी राजनेता रहे हैं। इसके पहले वह एक बार निर्दलाीय जबकि दो बार बीजेपी से चुनाव लड़ चुके हैं। वह 2007 में तो जीते थे लेकिन 2012 में निर्दलीय चुनाव लड़ने की वजह से हार का मुंह देखना पड़ा था। 1998 में विधानसभा चुनाव जीता जबकि 2003 के चुनाव में हार गए थे। उन्हें चुनाव में 23179 वोट मिले थे। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में राजेंद्र गर्ग ने ना सिर्फ टिकट लेकर सबको चौंका दिया बल्कि कांग्रेस में मुखर रहने वाले राजेश धर्माणी को भी अपने पहले ही चुनावी समर में परास्त कर दिया था। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के गह जिला बिलासपुर से ताल्लुक रखने वाले धर्माणी को अपने विधानसभा क्षेत्र घुमारवीं में मिलनसार माना जाता है। राजेंद्र गर्ग का बिलासपुर जिले में लोगों से जुड़ाव और संगठन के अंदर लंबी पारी कैबिनेट तक पहुंचाने में मददगार रही है। राजेंद्र गर्ग स्नातकोत्तर है, उन्होंने जिवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर से 1990 में एमएससी की डिग्री ली है।
सीएम जयराम ठाकुर की कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आ गई है। इस बात की जानकारी उन्होंने स्वयं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से नाहन विधानसभा के विभिन्न विकास कार्यों का शुभारंभ व शिलान्यास करते हुए दी। उन्होंने कहा कि अभी-अभी जो रिपोर्ट आई है, उसमें बताया गया है कि ये नेगिटिव है। सेल्फ क्वारंटाइन चल रहे सीएम जयराम ठाकुर का सप्ताहभर के भीतर दूसरी मर्तबा कोरोना टेस्ट हुआ है। इससे पहले बुधवार को सीएम जयराम ठाकुर व परिजनों की कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव पाई गई थी। सीएम ऑफिस के कोरोना की चपेट में आने के बाद ही उनका व परिजनों का कोरोना टेस्ट करवाया गया था। याद रहे कि बीते बुधवार को मंडी में पॉजिटिव पाया गया बीजेपी का युवा नेता शिमला में सीएम जयराम ठाकुर से मिलने के साथ-साथ उनके दफ्तर व आवास में भी गया था। उसके बाद से ही सीएम जयराम ने स्वयं को सेल्फ क्वारंटाइन कर लिया था। इस बीच, हिमाचल प्रदेश सचिवालय में सीएम कार्यालय के उप सचिव के कोरोना पॉजिटिव आने के बाद शिमला के ब्रॉकहास्ट में चार सरकारी कॉलोनियां सील कर दी गई हैं। यहां सीएम के कोरोना पॉजिटिव पाए गए उप सचिव और अन्य अफसरों के सरकारी आवास हैं। सचिवालय के पुराने भवन में किसी बाहरी व्यक्ति को प्रवेश की अनुमति नहीं है। अधिकारी भी नए भवन से कामकाज निपटा रहे हैं।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। यह जानकारी उन्होंने खुद ट्वीट करके दी है। अपने ट्वीट में उन्होंने कहा कि उन्हें कोविड-19 के लक्षण आ रहे थे और उनका कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आया है। उन्होंने अपील की कि उनके सम्पर्क में आए सभी लोग कोरोना का टेस्ट करवा लें और साथ ही उनके निकट सम्पर्क वाले क्वारंटाइन में चले जाएं। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने शिवराज सिंह चौहान के ट्वीट पर ट्वीट करते हुए कहा कि हमारे साथी और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कोरोना पॉजिटिव होने की खबर चिंताजनक है। उन्होंने ईश्वर से शिवराज सिंह चौहान के जल्द स्वस्थ होने के कामना की है।
कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के कार्यालय में कोरोना संक्रमित भाजपा नेता के आने पर हैरानी जताते हुए उसके खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज करने की प्रशासन से मांग की है। उन्होंने कहा है कि यह जानबूझकर किया गया अक्षम्य अपराध है जिसे हल्के से नही लिया जा सकता। विक्रमादित्य सिंह ने कहा है कि प्रदेश में कोविड 19 के बढ़ते मामलों से आम लोगों की चिंताओं पर गौर किया जाना चाहिए।उनका कहना है कि सरकारी स्तर पर सोशल डिस्टेसिंग की धज्जियां उड़ाई जा रही है। भाजपा के नेता अपने कार्यकर्ताओं के साथ इसके नियमों को तार तार कर रहें है। उनका कहना है कि कांग्रेस के नेताओं पर तो इस नियम को तोड़ने पर पुलिस मामले बनाए जा रहें है पर भाजपा के किसी भी नेताओं को इसकी पूरी छूट दी गई लगती है। विक्रमादित्य सिंह ने सरकार के दोहरे मापदंड की आलोचना करते हुए कहा है कि महिला मोर्चा के महायज्ञ में शामिल हो कर मुख्यमंत्री सहित महिला मोर्चा व अन्य भाजपा नेताओं पर भी एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए थी जहां 200 से अधिक लोग मुख्यमंत्री की मौजूदगी में जुटे थे। उनका कहना है कि कानून सबके लिए एक समान है,जिसका पालन सबको करना चाहिए। विक्रमादित्य सिंह मुख्यमंत्री से जानना चाहा है कि वह प्रदेश को बताए कि कोविड 19 के चलते अब तक उन्हें केंद्र से कितनी आर्थिक मदद मिली है और प्रदेश में मुख्यमंत्री राहत कोष में अबतक कितनी राशि इकठ्ठा हुई और यह कहा और कैसे खर्च की जा रही है। उन्होंने प्रदेश सरकार द्वारा बिजली, पानी, बस किराया बढ़ाने के फेंसलो को पूरी तरह जनविरोधी बताते हुए कहा है कि कांग्रेस इस अन्याय के खिलाफ आम लोगों का आवाज बनकर भाजपा सरकार का हर स्तर पर डट कर विरोध करेगी।
भाजपा हमीरपुर के जिलाध्यक्ष बलदेव शर्मा, महामंत्री हरीश शर्मा, अभयवीर लवली, कोषाध्यक्ष तेज प्रकाश चोपड़ा व ज़िला मीडिया प्रभारी अंकुश दत्त शर्मा ने कांग्रेस की देश का मनोबल गिराने की साजिश का पर्दाफाश करने के लिए केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट अफ़ेयर्स राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर का आभार व्यक्त किया है। ज़िला भाजपा ने अनुराग ठाकुर का समर्थन करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री सेना का हौंसला बढ़ाने के लिए 11 हज़ार फुट की ऊंचाई पर बॉर्डर के पास जाकर सेना से मिलते हैं, उनकी माताओं को नमन करते हैं, लेकिन राहुल गाँधी देश का मनोबल गिराने की साजिश कर रहें है। ज़िला भाजपा ने कहा कि गलवान हिंसक झड़प और एलएसी पर तनावपूर्ण माहौल में जब विश्व के सभी शक्तिशाली देश भारत के साथ खड़े हैं तब राहुल गांधी और उनकी पार्टी चीनी मिट्ठू बन देश विरोधी भाषा क्यों बोल रहे हैं। कांग्रेस, कम्युनिस्ट और चीनियों का आपस में क्या गठबंधन हैं यह राहुल गांधी को बताना चाहिए।
On Thursday a meeting of The Group of Minister for COVID-19 was held. The agenda was to review the actions taken and preparedness of States/UT's for containment and management of coronavirus. The Union Minister of Health and Family Welfare, Dr Harsh Vardhan chaired the high level review meeting. The status of COVID-19 was presented to the group of ministers. The actions taken for prevention and management of COVID-19 in India were presented. The group of ministers discuss elaborately on the various measures and precautions which may be considered in the interest of citizens of India. According to the latest updates by the Health Ministry the total number of cases in India rose to 5734 on Thursday morning, with 166 reported deaths. Reports show it to be a slower increase compared to previous 48 hours. Cases in India rose 23 percent in last two days to 5274 whereas it was 39 percent to 4281 previously. So far, Maharashtra Tamil Nadu and Telangana have seen the highest increase in COVID-19 cases. Maharashtra has the highest number of cases at 875, while Tamilnadu has second most highest number of active cases at 664. It is closely followed by Delhi with 546 cases. Telangana has 385 cases, while Uttar Pradesh on the fifth place has 314 active cases. These top five states together account for a total 59 % of active cases nationally. Himachal Pradesh recorded one positive case of coronavirus in last 24 hours. With this, the total number of COVID-19 cases in state rose to 28. While the total number active cases in the hill state is at 21.
-BJP GOES TO SUPREME COURT AS KAMAL NATH GETS 10 DAY BREAK OVER CORONAVIRUS Congress government led by Kamal Nath, got a 10-day reprieve on Monday as the assembly session was adjourned, after the address by governor Lalji Tandon, till March 26 over coronavirus. The opposition BJP is now confident as it has the majority to take power. BJP MLAs have submitted a list of names of 106 MLA’s before the governor BJP leader Shivraj Singh Chauhan demanded the governor to get a test of strength done soon and accused the ruling Congress for not having a majority and still clinging on to power. Shiv Raj Chauhan has filed a petition in the supreme court against the adjournment of the assembly and demanding a test of strength. The supreme court will tomorrow take up the BJP MLAs petition within 12 hours. Governor Lalji Tandon has written to the speaker to hold a test of strength today for the 15-month-old Kamal Nath government, which is in huge trouble after the resignation of 22 Congress MLAs. The terror of coronavirus has been cited as the reason behind the adjournment of the assembly, however, the Congress is yearning for its survival, under the guise of coronavirus the Congress has asked for the assembly to be suspended. Most of its MLAs entered the house wearing masks. Reacting to this BJPs three-term chief minister Shiv Raj Chauhan said, ‘’corona won’t save Kamal Nath’s government. He has clearly lost his majority, so he avoided a trust vote today’’. The resignation of 22 congress MLA’s might result in the collapse of the state government. MLAs, who flew to Bengaluru in BJP ruled Karnataka, are expected to move towards BJP and might follow Jyotiraditya Scindia. Only six of the 22 resignations have been accepted by the speaker. Congress considered these rebels as kidnapped and kept captive in Bengaluru who are waiting for help. The assembly currently has 222 MLA’s including 16 rebellion MLA’s. If the resignations of 16 MLA’s is accepted by the speaker then assembly strength will be 206 with the majority figure of 104. In that case, it is almost certain that Shivraj Singh Chauhan led BJP government will be back in power. Corona saved Kamalnath government on Monday, what’s next? Rebellion 16 MLA’ s will decide the future of Kamalnath Government.
200 सांसद, 70 केंद्रीय मंत्री, भाजपा शासित प्रदेशों के तमाम मुख्यमंत्री और नतीजा सिफर ... नहीं चला हिन्दू- मुस्लमान : दिल्ली चुनाव में भाजपा ने पूरी ताकत झोंक दी, तमाम साधन- संसाधन झोंक दिए, बावजूद इसके जनता ने भाजपा को नकार दिया। हिन्दू- मुस्लमान और शाहीन बाग़ के मुद्दे केजरीवाल की विकास की राजनीति के आगे गौण हो गए। ब्यानवीरों को जनता ने आईना दिखाया: दिल्ली विधानसभा चुनाव में अनुराग ठाकुर, प्रवेश वर्मा, कपिल मिश्रा और मनोज तिवारी के विवादस्पद बयानों को नकार जनता ने भाजपा को आईना दिखाया है। हिमाचली भाजपा कार्यकर्ता मायूस : यदि हिमाचल के सन्दर्भ में बात करें तो बूथ कार्यकर्ताओं से लेकर सीएम जयराम ठाकुर तक दिल्ली में डेरा जमाये रहे लेकिन छाप छोड़ने में सभी विफल रहे। इससे बेहतर होता जयराम और उनके मंत्री प्रदेश के कामकाज में ध्यान देते। पहले इम्तिहान में नड्डा फेल: जेपी नड्डा के भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद ये पहला चुनाव था। हालाँकि दिल्ली में पार्टी की भागदौड़ अमित शाह के हाथ में दिखी लेकिन हार तो नड्डा के खाते में ही दर्ज होगी। सोशल मीडिया से गायब दिखे भाजपाई: वहीँ सोशल मीडिया पर छाए रहने वाले भाजपाई मंगलवार को मानो मिस्टर इंडिया हो गए। थोड़े बहुत जो हिम्मत करके एक्टिव रहे वो ये कहकर मन बहलाते दिखे कि 2015 में तो पार्टी को महज 3 सीट मिली थी। भाजपा को हराने के लिए लड़ी कांग्रेस ! देश की सबसे बुजुर्ग पार्टी कांग्रेस दिल्ली चुनाव में ताकत के साथ लड़ती नहीं दिखी। आधे मन से चुनाव लड़ा तो नतीजा भी वैसा ही मिला। यदि कांग्रेस दमखम से चुनाव लड़ती तो आम आदमी पार्टी को इसका नुक्सान उठाना पड़ सकता था। माना जा रहा कांग्रेस ने चुनाव जीतने के लिए नहीं बल्कि भाजपा को हराने के लिए लड़ा। भारी पड़े केजरीवाल पर निजी हमले: मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल पर निजी हमले करना भाजपा को भारी पड़ा। वहीँ दिल्ली के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी भी पार्टी के लिए पूर्वांचल वोट नहीं खींच सके। वहीं केजरीवाल ने खुद को दिल्ली का बीटा बताया और भाजपा के हर वार का मुकम्मल जवाब दिया। दिल्ली में भाजपा के पास चेहरा नहीं: दिल्ली में भाजपा के पास मदन लाल खुराना और साहिब सिंह वर्मा के बाद से ऐसा कोई चेहरा नहीं है जिस पर चुनाव लड़ा जा सके। यही कमी दिल्ली में भाजपा को भारी पड़ रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर विधानसभा चुनाव जीतना भाजपा के लिए आसान नहीं है।
दो साल पहले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने जनता से स्वर्णिम हिमाचल बनाने का जो वादा किया था, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने दो साल में उसे पूरा करके दिखाया है। इस समय केंद्र सरकार का प्रदेश को भरपूर सहयोग मिल रहा है। डबल इंजन की सरकार ने दो साल के भीतर हिमाचल की तस्वीर और तकदीर बदल दी है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को प्रदेश की जनता का जो सहयोग मिला है वह अद्वितिय है। जयराम ठाकुर के नेतृत्व वाली प्रदेश सरकार ने दो साल के भीतर हर वर्ग को लाभ पहुंचाने वाले योजनाएं शुरू की हैं। प्रदेश के ऐसे परिवार, जिनके पास गैस कनेक्शन नहीं थे, उन्हें मुफ्त में यह सुविधा देकर उनका जीवन स्तर सुधारा है। जनता की समस्या का मौके पर समाधान करने के लिए जनमंच कार्यक्रम, हिमकेयर, जन समस्याएं सुनने के लिए मुख्यमंत्री हेल्पलाइन सेवा जैसी योजनाएं शुरू की हैं। इससे हिमाचल के हर वर्ग को लाभ मिला है। युवाओं को रोजगार मिले, इसके लिए ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट का सफल आयोजन कर करोड़ों रुपये का निवेश लाने में सरकार सफल रही है। सरकार ने ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट का सफल आयोजन कर इतिहास रचा है। दो माह के भीतर 13 हजार करोड़ रुपये के निवेश को जमीन पर उतारा जा रहा है।इसके परिणाम भी सामने आने लग पड़े हैं। लोगों का मानना है कि अगले तीन साल भी सरकार प्रदेश की बेहतरी के लिए काम करेगी। वैसे भी यह सम्भव तभी हो पाया है जब केंद्र और प्रदेश की दोनों सरकारों में बेहतर तालमेल से ही हिमाचल के विकास को तेज गति मिली है। अगर बात करें बुढ़ापा पेंशन की तो इसकी आयु सीमा में कमी करने से हजारों लोगों को लाभ मिला है। हिमाचल ऐसा पहला राज्य बन गया है जहां हर परिवार के पास गैस कनेक्शन है। जयराम ठाकुर हिमाचल प्रदेश के 13 वें मुख्यमंत्री हैं।वे हिमाचल प्रदेश विधानसभा के लिए मंडी जिला की सिराज नामक विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित हुए हैं। वह 24 दिसंबर 2017 को भाजपा विधायक दल के सदस्य चुने गए थे। वह 1998 से हिमाचल प्रदेश विधानसभा में विधायक रहे हैं और हिमाचल प्रदेश की भाजपा सरकार में वह 2009-2012 कार्यकाल में ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री थे।
अनुराग ठाकुर द्वारा पैन्शनरो की मागो और समस्याओं को केन्द्र सरकार से उठाये जाने का आश्वासन दिया है \। यंहा जारी प्रेस विज्ञप्ति में भाजपा पुर्व कर्मचारी प्रकोष्ठ जिला सोलन के अध्यक्ष इंद्र पाल शर्मा ने कहा कि मुख्य मंत्री जय राम ठाकुर द्वारा प्रदेश के पैन्शनरो की समस्याओं और मांगो के लिए शीघ्र ही राज्य सयुंक्त सलाहकार समिति का गठन किया जाएगा तथा कर्मचारी कल्याण बोर्ड के गठन हेतू कारगर कदम उठाए जाने,चिकित्सा बिलों के भुगतान के लिए कैश लैश प्रावधान किये जाने, 65, 70, 75 बर्ष की आयु पर मिलने वाली राशि को मूलवेतन में मिलायें जाने, और पथ परिवहन निगम के सेवा निवृत कर्मियों की नियमित पैन्शन भुगतान के लिए स्थायी प्रबंध करने के प्रयास काआस्वासन दिए जाने के लिये पुर्व कर्मचारी प्रकोष्ठ उनका आभार व्यक्त करता है। इंद्र पाल शर्मा ने कहा कि प्रदेश की वर्तमान सरकार ने कर्मचारीयो को जहा करोड़ों रुपये के वितिय लाभ प्रदान किये हैं ।उन्होंने कहा कि जय राम ठाकुर की सरकार उपरोक्त मांगो को अवश्य पुरा करेगी ।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सत्ती ने जयराम सरकार द्वारा कैबिनेट के फैसलों का स्वागत करते हुए कहा जयराम सरकार ने देवभूमि की लाखों महिलाओं को नए साल की सौगात दी है। राज्य लोकसेवा आयोग और राज्य कर्मचारी अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की भर्ती परीक्षाओं के लिए महिलाओं की फीस माफ कर दी गई है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में शनिवार को आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में फैसला लिया गया कि भर्ती परीक्षा के लिए अब महिलाओं से शुल्क नहीं लिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने महिला सशक्तीकरण के लिए इस साल 15 अगस्त पर यह घोषणा की थी। सत्ती ने कहा बैठक में यह भी फैसला लिया गया कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले नौवीं और दसवीं कक्षा के सामान्य श्रेणी के करीब 65 हजार विद्यार्थियों को भी पाठ्यक्रम की किताबें मुफ्त दी जाएंगी। अभी तक पहली से आठवीं तक के सभी बच्चों को सरकार मुफ्त किताबें उपलब्ध करवाती थी। नौवीं-दसवीं के आरक्षित श्रेणी के विद्यार्थियों को ही मुफ्त किताबें दी जाती रही हैं। नौवीं कक्षा में करीब 84 हजार और दसवीं में 80 हजार विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण और मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत पात्र परिवारों को दी जा रही वित्तीय सहायता में 20 हजार रुपये की बढ़ोतरी करने का फैसला लिया गया है। लाभार्थियों को अब 1.30 लाख रुपये के बजाय 1.50 लाख रुपये मिलेंगे। मुख्यमंत्री आवास मरम्मत योजना के तहत 25 हजार के बजाय 35 हजार रुपये की आर्थिक सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की शिमला में हुई बैठक में 350 से अधिक पदों को भरने की मंजूरी दी गई। एचएएस अधिकारियों के 10, पुलिस विभाग में विभिन्न श्रेणियों के 174, आबकारी निरीक्षकों (एक्साइज इंस्पेक्टर) के 50, जेएओ के 25, पर्यटन विभाग में विभिन्न श्रेणियों के 23 पदों समेत कई पद भरे जाएंगे। सतपाल सत्ती ने कहा हिमाचल प्रदेश में जयराम सरकार चौतरफा विकास कार्य कर रही है उन्होंने कहा हर वर्ग के लिए योजनाएं बन रही है और इन योजनाओं पर धरातल पर काम हो रहा है जयराम सरकार बारीकी से सभी समस्याओं का हल निकालने पर तत्पर है।
कॉरपोरेट मामलों के राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि केंद्र से मिलने वाली धनराशि का भरपूर उपयोग जन कल्याण कार्यों में होना चाहिए। विभागों के अधिकारियों को आगे बढ़कर योजनाओं को सही ढंग से लागू कर लोगों को इनका लाभ पहुंचाना सुनिश्चित करेंगे । उन्होने सभी विभागों के अधिकारियों को 31 मार्च से पहले अपने भौतिक व वित्तीय लक्ष्य निर्धारित करने के निर्देश दिए, ताकि अप्रैल के प्रथम सप्ताह में आयोजित होने वाली बैठक में इस बारे समीक्षा की जा सके। उन्होने कहा कि जिला में दस बच्चों से कम कितने विद्यालय है उनके लिए भवन, शौचालय, पेयजल, भूमि, अध्यापक पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है एक सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिला बिलासपुर में विकास की क्या-क्या सम्भावनाएं है इसके लिए जिला के चुने हुए प्रतिनिधि, बुद्धिजीवियों, समाजसेवी, सेवानिवृत अधिकारियों की एक कमेटी गठित की जाए, ताकि उनसे इस बारे में सुझाव लेकर जिला के विकास के लिए कार्य योजनाएं तैयार की जा सके। उन्होने कहा कि सभी अधिकारी ग्राम सभाओं की बैठक में अपने-अपने विभाग से सम्बन्धित योजनाओं की जानकारी लोगों तक पहुँचाना सुनिश्चित करें। उन्होने कहा कि सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान के तहत जिला में जितने भी मुख्य बाजार है उनके नज़दीक शौचालय बनवाना सुनिश्चित करें। उन्होने कहा कि जितने भी नैशनल हाईवे स्वीकृत किए गए है उनमें से कितनों की डीपीआर तैयार की गई है दस दिनों के भीतर इसकी विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करना सुनिश्चित करें तथा जिला में चिन्हित ब्लैक स्पाॅटों को शीघ्र दुरूस्त करना सुनिश्चित करें। उन्होने वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे वन विभाग से सम्बन्धित विकास कार्यों की रूकावट शीघ्र दूर करने के लिए सम्बन्धित अधिकारियों के साथ तालमेल बिठाकर इन कार्यों को अमलीजामा पहनाएं। उन्होने आगे कहा कि उद्योग विभाग झण्डुता तथा घुमारवीं में निर्माणाधीन उद्योगों को तीव्रगति प्रदान करें। उन्होने कहा कि जल जीवन मिशन पर हर घर तक नल पहुंचाने के लिए तीव्र गति प्रदान करें। अनुराग ठाकुर ने कहा कि अधिकारी अपने लिए लक्ष्य निर्धारित करें और योजनाओं के क्रियान्वयन में पाई जाने वाली कमियों को चिन्हित कर अच्छे काम को जनता के बीच लेकर जाएं। उन्होंने कहा कि सरकार और अधिकारियों का उद्देश्य जनहित के कार्य करना है। जिसके लिए सभी को आपसी समन्वय तथा बेहतर तालमेल के साथ विकास कार्यों में प्रगति लानी होगी। उन्होने कहा कि विभागों में तालमेल की वजह से कई बार योजनाएं सही ढंग से लागू नहीं हो पाती, ऐसे में बेहतर तालमेल आवश्यक है। उन्होने जिला में निर्माणाधीन एम्स के कार्यों की प्रगति पर संतोष व्यक्त किया और आईपीएच और विद्युत विभाग को पेयजल व विद्युत आपूर्ति समयबद्ध सुनिश्चित बनाने के निर्देश दिए। उन्होने कहा कि हिमाचल प्रदेश को वर्ष 2021 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, लेकिन जिला इससे पहले ही टीबी मुक्त जिला बने। इसके लिए जागरूकता कैंप लगाकर नए मरीजों की पहचान की जाए। उन्होने कहा कि टीबी उन्मूलन के लिए जिला प्रशासन तथा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मिलकर रणनीति तैयार करें। उन्होंने एचआईवी पर भी जन जागरूकता लाने के लिए शिक्षण संस्थानों, निजि संस्थानों, वाहन चालकों व झुग्गी झोंपड़ियों इत्यादि स्थानों पर कैंप लगाने के निर्देश दिए। उन्होने विद्युत विभाग के अधिकारियों को जिला में लो वोल्टेज की समस्या पर सर्वे करवाने के निर्देश दिए तथा दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत कम वोल्टेज की समस्या से निपटने के लिए पंचायतें प्रस्ताव पारित करें ताकि हर घर तक बिजली पंहुच सके। उन्होने परियोजना अधिकारी को निर्देश देते हुए कहा कि खुले में शौच मुक्त का कड़ाई से पालन हो। पंचायतें इस बारे में प्रस्ताव पारित करें। इसकी अनुपालना का सर्वेक्षण भी कराया जाए। उन्होने कहा कि मनरेगा के तहत गांव का पानी गांव में हो इसके लिए सम्भावनाएं तलाशने के निर्देश दिए। उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत किसानों की फसलों की आय में कितनी वृद्धि हुई, इसकी विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर विधायक सदर सुभाष ठाकुर, झण्डुता जेआर. कटवाल, घुमारवीं राजेन्द्र गर्ग, उपायुक्त राजेश्वर गोयल, एएसपी. भागमल ठाकुर, एसडीएम.सदर रामेश्वर, घुमारवीं शशिपाल शर्मा, झण्डुता विकास शर्मा, स्वारघाट सुभाष गौतम, पीओ. डीआरडीए. संजीत सिंह के अतिरिक्त सभी विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
सिटीजनशिप एमेंडमेंट एक्ट के नाम पर मुस्लिम समाज को ढाल बनाकर देश में अराजकता का माहौल बना रही कांग्रेस कितनी मुस्लिम समाज की हितैषी रही है, उसे मुस्लिम समाज को समझना होगा। मुस्लिम समाज को भ्रमित कर अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने वाली कांग्रसे पार्टी ने मुस्लिम समाज को शिक्षित करने में कितना योगदान दिया है, यह स्वयं मुस्लिम समाज जानता है। यह बात हिंदू जागरण मंच जिला महामंत्री आंचल रणौत ने बुधवार को सीएए और एनआरसी पर हिंदू जागरण मंच बिलासपुर इकाई द्वारा आयोजित जागरूकता अभियान के दौरान कही। आंचल रणौत ने कहा कि भारत में सभी धर्मों का सम्मान किया जाता है, जबकि कांग्रेस द्वारा विशेष समुदाय को ढाल बनाकर देश का माहौल बिगाडऩे का प्रयास किया जा रहा है, जो कि देश हित में नहीं है। उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज को कांग्रसे की भ्रमित करने वाली राजनीति से बचना होगा, अन्यथा कांग्रेस की वजह से देश में माहौल बिगड़ेगा और जनता को भी परेशानी होगी। इस दौरान बस स्टैंड बिलासपुर, मेन मार्केट बिलासपुर, गुरुद्वारा मार्केट, घौलरा मार्केट और जामा मस्जिद बिलासपुर में सभी लोगों को सीएए और एनआरसी बारे जागरूक किया गया। इस दौरान जामा मस्जिद के मौलवी व मुस्लिम समाज ने यह आश्वासन जताया कि आज का मुस्लिम समाज शिक्षित है और सीएए को लेकर जो भ्रांतियां फैलाई जा रही हैं, उनसे भी परिचित है। हिंदू जागरण मंच के प्रांत संपर्क प्रमुख राजेश ठाकुर व कमल गौतम, बेटी बचाओ प्रमुख विक्रांत, बंटी व अन्य ने आम जनता को सीएए के प्रति जागरूक किया।
हमीरपुर के परिधिगृह में आयोजित पत्रकार वार्ता को सम्बोधित करते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सत्ती ने कहा कि विपक्ष नागरिक संशोधन विधेयक के मुद्दे पर जनता को गुमराह कर रहा है। देश में अराजकता फैलाने के लिए कांग्रेस व विपक्षी दल जिम्मेवार हैं। कहां की विपक्षी दल जान माल की हानि पर उतर आए हैं इसकी भाजपा कड़े शब्दों में निंदा करती है। उन्होंने कहा कि भारत में रहने वाले पड़ोसी देशों के लोगों को भी नागरिकता का अधिकार है, जो देश में शरणार्थी बनकर रह रहे हैं। घुसपैठियों को देश से बाहर किया जाएगा । यह एक्ट नागरिकता देने के लिए है ना कि छीनने के लिए। विपक्ष के बारे में भ्रामक प्रचार कर रहा है जिसकी वजह से लोगों के जान-माल को संपत्ति को नुकसान हुआ है। सतपाल सत्ती ने कहा कि नागरिक संशोधन विधेयक के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए जिला स्तर पर बुद्धिजीवी सम्मेलन आयोजित किए जा रहे हैं। 31 दिसंबर तक हर जिला में यह सम्मेलन आयोजित होंगे। इसके बाद भाजपा की जिला और ब्लाक कार्यकारिणी भाजपा की जिला व मंडल कार्यकारिणी यों के गठन के बाद मंडल सर पर बुद्धिजीवी सम्मेलन आयोजित होंगे और लोगों को पर्चे बांटकर इसके बारे में जानकारी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि भाजपा का 2 साल का कार्यकाल पूरा होने जा रहा है। इस अवसर पर 27 दिसम्बर को शिमला में भव्य रैली का आयोजन किया जाएगा। सरकार की उपलब्धियों को इस रैली में जनता के समक्ष रखा जाएगा तथा विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों को सम्मानित किया जाएगा। रैली में गृह मंत्री अमित शाह व भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा, पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार व पूर्व मुख्यमंत्री प्रोफेसर प्रेम कुमार धूमल मौजूद रहेंगे। इसके साथ ही केंद्रीय राज्य वित्त मंत्री अनुराग ठाकुर विशेष रूप से उपस्थित होंगे।इस अवसर पर भाजपा जिलाध्यक्ष बलदेव शर्मा, पार्टी के सचिव विजय पाल सोहारू सहित तेजप्रकाश चोपड़ा, अनिल कौशल, नवीन शर्मा, अंकुश शर्मा, हरीश शर्मा, अजय रिंटू, विशाल पठानिया, तेन सिंह, मौजूद रहे।
देवभूमि क्षत्रिय संगठन के प्रदेश अध्यक्ष रुमित सिंह ठाकुर ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए बताया कि केंद्र सरकार द्वारा लिए गए ऐतिहासिक फैसलों की कड़ी में हुए सीएए, सीएबी,एनआरसी पर आए फैसले का हम समर्थन करते हैं। आजादी के बाद आज दिन तक ना जाने कितनी सरकारें आई और चली गई, लेकिन बात अगर राष्ट्रवाद की ही हो तो सबसे पहले मोदी सरकार का नाम ही सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा। अब से किसी भी भारतीय नागरिक की नागरिकता को कोई खतरा नहीं है। एनआरसी में किसी भी धर्म को कोई खतरा नहीं और ना ही किसी भी धर्म से कोई भेदभाव किया जा रहा है । आज पूरे प्रदेश का माहौल बिगाड़ने की लगातार साजिश रची जा रही है। कई जगह आगजनी की जा चुकी है।पुलिस को निशाना बनाया जा रहा है। पथराव किया जा रहा है। सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जा रहा है । कई राजनीतिक दलों व संगठनों द्वारा लोगों को भड़काया जा रहा है। इसी एवज में हिमाचल प्रदेश में भी कुछ देश विरोधी ताकते झूठी अफवाहें फैलाकर प्रदेश का माहौल खराब करने में लगी हैं। हम प्रदेश की प्रबुद्ध जनता से अपील करते हैं कि सीएए,cab व एनआरसी का समर्थन करें और देश विरोधी ताकतों को देश के भीतर न पनपने दें।साथ ही प्रदेश में आने वाले ऐसे लोगों पर नजर रखें, जो प्रदेश का माहौल खराब करने की नियत से प्रदेश में दाखिल हो रहे हैं।हम अपना पूरा समर्थन देश की सरकार द्वारा लिए गए फैसलों को देते हैं व प्रदेश की सरकार और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से भी अपील करते हैं कि अगर हिमाचल प्रदेश में माहौल खराब की स्थिति कोई उत्पन्न करता है या दंगा फसाद करता है तो उसके खिलाफ शूटआउट ऑन द स्पॉट के आदेश दिए जाए। प्रदेश की सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की एवज में दोषियों की संपत्ति को सीज किया जाए। पुलिस प्रशासन को शक्ति से निपटने के आदेश खुले तौर पर दिया जाए हमारा संगठन प्रदेश की पुलिस के साथ कंधे से कंधा मिला कर खड़ा है। अंत में देश विरोधी लोगों,दलों व ताकतों को हम खुली चेतावनी देते हैं कि आपको जो भी भाषा पसंद है हमारा राजपूत संगठन उसी भाषा में जवाब देगा और प्रदेश को सुरक्षित रखने के लिए हम राजपूत अपनी तलवार उठाने से भी गुरेज नहीं करेंगे। इसके साथ हमारा संगठन प्रांत स्तर जिला स्तर व ग्राम स्तर पर का CAA कैब व NRC के फायदों से जनता को जागरूक करेंगे। देवभूमि क्षत्रिय संगठन के प्रदेश अध्यक्ष रुमित सिंह ठाकुर ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए बताया कि केंद्र सरकार द्वारा लिए गए ऐतिहासिक फैसलों की कड़ी में हुए सीएए, सीएबी,एनआरसी पर आए फैसले का हम समर्थन करते हैं। आजादी के बाद आज दिन तक ना जाने कितनी सरकारें आई और चली गई, लेकिन बात अगर राष्ट्रवाद की ही हो तो सबसे पहले मोदी सरकार का नाम ही सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा। अब से किसी भी भारतीय नागरिक की नागरिकता को कोई खतरा नहीं है। एनआरसी में किसी भी धर्म को कोई खतरा नहीं और ना ही किसी भी धर्म से कोई भेदभाव किया जा रहा है । आज पूरे प्रदेश का माहौल बिगाड़ने की लगातार साजिश रची जा रही है। कई जगह आगजनी की जा चुकी है।पुलिस को निशाना बनाया जा रहा है। पथराव किया जा रहा है। सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जा रहा है । कई राजनीतिक दलों व संगठनों द्वारा लोगों को भड़काया जा रहा है। इसी एवज में हिमाचल प्रदेश में भी कुछ देश विरोधी ताकते झूठी अफवाहें फैलाकर प्रदेश का माहौल खराब करने में लगी हैं। हम प्रदेश की प्रबुद्ध जनता से अपील करते हैं कि सीएए,cab व एनआरसी का समर्थन करें और देश विरोधी ताकतों को देश के भीतर न पनपने दें।साथ ही प्रदेश में आने वाले ऐसे लोगों पर नजर रखें, जो प्रदेश का माहौल खराब करने की नियत से प्रदेश में दाखिल हो रहे हैं। हम अपना पूरा समर्थन देश की सरकार द्वारा लिए गए फैसलों को देते हैं व प्रदेश की सरकार और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से भी अपील करते हैं कि अगर हिमाचल प्रदेश में माहौल खराब की स्थिति कोई उत्पन्न करता है या दंगा फसाद करता है तो उसके खिलाफ शूटआउट ऑन द स्पॉट के आदेश दिए जाए। प्रदेश की सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की एवज में दोषियों की संपत्ति को सीज किया जाए। पुलिस प्रशासन को शक्ति से निपटने के आदेश खुले तौर पर दिया जाए हमारा संगठन प्रदेश की पुलिस के साथ कंधे से कंधा मिला कर खड़ा है। अंत में देश विरोधी लोगों,दलों व ताकतों को हम खुली चेतावनी देते हैं कि आपको जो भी भाषा पसंद है हमारा राजपूत संगठन उसी भाषा में जवाब देगा और प्रदेश को सुरक्षित रखने के लिए हम राजपूत अपनी तलवार उठाने से भी गुरेज नहीं करेंगे।इसके साथ हमारा संगठन प्रांत स्तर जिला स्तर व ग्राम स्तर पर का CAA कैब व NRC के फायदों से जनता को जागरूक करेंगे।
आगामी 27 दिसंबर को प्रदेश की राजधानी शिमला में सरकार अपने दो सालों का रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत करेगी तथा इस कार्यक्रम में गृहमंत्री अमित शाह तथा कार्यकारी भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के साथ केंद्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर व अन्य सांसद व पूरा मंत्री मंडल जुटेगा। कार्यक्रम की तैयारियों को लेकर बिलासपुर में खाका तैयार किया गया। इस विशाल रैली में 25 हजार लोगों के आने के साथ वे लोग भी आएंगे जो सरकार की योजनाओं के लाभार्थी है। यह खुलासा बिलासपुर में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतपाल सत्ती ने मंडलों के प्रभारियों व जिलाध्यक्षों के साथ हुई बैठक के बाद आयोजित पत्रकारवार्ता में किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नेतृत्व में सरकार ने दो सालों में भ्रष्टाचार मुकत विकास का लंबा सफर तय किया है। उन्होंने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर मीट के बाद देश और विदेश के उद्योगपतियों को हिमाचल में उद्योग स्थापित करने का खुला अवसर दिया है। उन्होंने कहा कि दस हजार करोड़ के प्रोजेक्टस की स्वीकृति भी 27 दिसंबर को होगी। जिससे यहां के शिक्षित और प्रशिक्षित बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा। सत्ती ने कहा कि कांग्रेस का काम केवल विरोध करना ही रह गया है। कांग्रेस नीति और नेता विहीन पार्टी है। अध्यक्ष बनने के चक्कर में कई नेता दिल्ली में डेरा जमाए बैठे हैं। उन्होंने कहा कि देश में कांग्रेस, वामपंथी बिना सोचे समझे अल्पसंख्यकों के मन में भय बिठा रहे हैं, लेकिन नागरिकता बिल किसी के लिए भी कोई खतरा नहीं है। ऐसे किसी को डरने की भी आवश्यक्ता नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा बुद्धिजीवी लोगों के साथ मुख्यालय पर बैठकें कर इस बिल को लेकर जागरूकता फैलाएंगे तथा यह कार्यक्रम शिमला से शुरू हो चुका है। इस कार्यक्रम में जनता के बीच जाकर बताया जाएगा कैसे देश विरोधी ताकतें मोदी को रोकने के लिए एकजुट हो रही है जबकि देश के हित में काम करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ पूरा भारत एकजुटता के साथ खड़ा है। पत्रकारवार्ता में पशु पालन एवं मत्स्य पालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ,भाजपा के मुख्य प्रवक्ता एवं पूर्व विधायक रणधीर शर्मा, जिला प्रभारी पायल वैद्य, बलदेव सिंह, बिलासपुर जिलाध्यक्ष स्वतंत्र सांख्यान, रोशन ठाकुर, सोनल शर्मा, अनिरूद्ध शर्मा सहित कई नेता शामिल थे।
हिमाचल प्रदेश विद्युत बोर्ड लिमिटिड द्वारा उन उपभोक्ताओं के विद्युत कुनैक्शन काट दिए जाएंगे, जिन्होंने नवम्बर, 2019 में अपने बिजली के बिल जमा नहीं करवाए हैं। यह जानकारी आज यहां प्रदेश विद्युत बोर्ड निगम लिमिटिड के सहायक अभियंता रमेश कुमार शर्मा ने दी। उन्होंने कहा कि काटे जाने वाले कुनैक्शन की कुल संख्या 748 है। उपभोक्ताओं द्वारा जमा न करवाई गई कुल राशि 26,27,036.04 रुपये है। इनमें 450 घरेलू उपभोक्ता हैं। इनकी कुल राशि 11,28,558.97 रुपये है। कुल उपभोक्ताओं में से 274 व्यवसायिक उपभोक्ता हैं। इनकी कुल राशि 13,06,746.95 रुपये है। अन्य 24 उपभोक्ताओं की राशि 1,91,730.12 रुपये है। उन्होंने सभी उपभोक्ताओं से आग्रह किया है कि वे अपने बिल 24 दिसम्बर, 2019 तक जमा करवा दें। उन्होंने कहा कि बिल जमा करने के लिए इस दिन एक काउंटर सेर चिराग (जौणाजी) तथा दूसरा काउंटर ब्रूरी में लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि उपभोक्ता अपने बिल पेटीएम, गूगल पे, अमेजॉन, भीम ऐप, फोन पे अथवा वैबसाईट www.hpsebl.in द्वारा भी जमा करवा सकते हैं। उन्होंने सभी उपभोक्ताओं से अनुरोध किया वे अपने बिजली तुरंत जमा करवा दें ताकि उनकी विद्युत आपूर्ति यथावत रहे।
उपायुक्त सोलन केसी चमन ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि शीत ऋतु के दृष्टिगत जिला में विभिन्न व्यवस्थाएं सुचारू बनाए रखी जाएं ताकि लोगों को कठिनाई का सामना न करना पड़े। केसी चमन आज यहां जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के तत्वावधान में शीत ऋतु के दृष्टिगत विभिन्न तैयारियों को लेकर आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। केसी चमन ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सर्दी के मौसम में विद्युत आपूर्ति, पेयजल, सड़क एवं स्वास्थ्य जैसी विभिन्न सेवाओं को सुचारू रखा जाए। उन्होंने कहा कि इस दिशा में विभिन्न विभाग सदैव अत्यन्त परिश्रम एवं कर्मठता के साथ कार्य करते हैं और सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को यह सुनिश्चित बनाना होगा कि आवश्यक सेवाओं की कार्यप्रणाली में कोई व्यवधान न आए। उन्होंने लोक निर्माण विभाग को निर्देश दिए कि सोलन जिला के चायल सहित बर्फबारी वाले कुछ अन्य क्षेत्रों में विभिन्न सड़क एवं सम्पर्क मार्गों को बंद होने पर तुरंत बहाल किया जाए। उन्होंने प्रदेश विद्युत बोर्ड को निर्देश दिए कि शीत ऋतु के दृष्टिगत पूरे जिला में निर्बाध विद्युत आपूर्ति प्रदान का प्रयास किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश विद्युत बोर्ड यह सुनिश्चित बनाए कि विद्युत आपूर्ति बाधित होने के समय में विभिन्न स्थानों पर स्थापित उनके शिकायत कक्षों से लोगों को सही जानकारी प्राप्त हो और लोगों की शिकायत पर शीघ्र कार्रवाई करने का प्रयास किया जाए। उपायुक्त ने सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए कि आवश्यकतानुसार पेयजल आपूर्ति बनाए रखी जाए। उन्होंने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को निर्देश दिए कि आवश्यकतानुसार विभिन्न प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों एवं अस्पतालों में आवश्यक दवाआंे का भंडारण किया जाए। केसी चमन ने कहा कि जिला आपात संचालन केंद्र सोलन में किसी भी आपात स्थिति के संबंध में जानकारी देने के लिए टोल फ्री नम्बर 1077 कार्यरत है। यह नंबर 24x7 काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण नियमित रूप से मौसम विभाग से प्राप्त सूचना का अनुश्रवण कर रहा है और मौसम खराब होने की स्थिति में सभी विभागों को अवगत करवाया जा रहा है। उन्होंने लोक निर्माण विभाग को निर्देश दिए कि जिला में क्षेत्रवार तैनात श्रमशक्ति एवं जेसीबी मशीनों इत्यादि की पूरी जानकारी जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को उपलब्ध करवाई जाए। उन्होंने कहा कि विभाग विशेष रूप से चायल क्षेत्र में ऐसे मार्गों को चिन्हित करें जहां सड़कों को विभिन्न कारणांे से लगातार नुकसान पहुंचता है। इससे ऐसे मार्गों को शीघ्र ठीक करने में सहायता मिलेगी। उन्होंने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को निर्देश दिए कि आपात स्थिति के लिए विभाग डीजल इत्यादि का भण्डारण करे ताकि कम से कम 36 घंटे निर्बाध विद्युत आपूर्ति की जा सके। केसी चमन ने पुलिस विभाग को निर्देश दिए कि क्षेत्रीय अस्पताल सोलन सहित जिला के अन्य अस्पतालों को जाने वाले मार्गों पर यातायात सुचारू रहे और पार्किंग के अतिरिक्त किसी अन्य स्थान पर वाहन खड़े न होने दिए जाएं। अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी सोलन विवेक चंदेल ने बैठक की कार्यवाही का संचालन किया। उपमंडलाधिकारी नालागढ़ प्रशांत देष्टा, उपमंडलाधिकारी सोलन रोहित राठौर, उपमंडलाधिकारी अर्की विकास शुक्ला सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।
प्रदेश सरकार हर मोर्चे पर फेल हो चुकी है। प्रचंड मंहगाई के इस दौर में नाकाम सत्तासीन सरकार अब गरीबों का दिवाला निकालने पर आमादा है। डिपुओं में मिलने वाली दाल का दाम 15 से 20 रुपए किलो बढ़ चुका है। साग-सब्जी और प्याज के दाम आसमान छू रहे हैं। आम बाजार में खाने-पीने की चीजों को आग लगी हुई है और प्रचंड जनादेश से जीती बीजेपी सरकार बेबस और लाचार लग रही है। जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित प्रदेश के कई बड़े नेताओं ने प्रदेश के विकास को डबल इंजन से गति देने के जुमले गढ़े थे, वो जुमले मात्र जुमले साबित हुए हैं। डबल इंजन तो क्या, एक इंजन भी सेल्फ उठा नहीं रहा है। यह बात कांग्रेस के विधायक राजेंद्र राणा ने कही। राजेंद्र राणा ने कहा कि सीधे तौर पर अब डिपुओं में हुई मंहगाई के कारण 18 लाख राशन कार्ड धारक प्रभावित हो रहे हैं। कभी खाने-पीने की चीजों के कोटे की कमी तो कभी डिपुओं में एकाएक दामों का बढ़ जाना, आम आदमी को सताने जैसा है। उधर शिक्षा के क्षेत्र में नाकाम बीजेपी सरकार को अब हाईकोर्ट ने फटकार लगाई है। प्रदेश हाईकोर्ट ने सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के खाली पदों को व स्कूलों में मूलभूत सुविधाओं को मुहैया कराने के लिए सरकार को कटघरे में खड़ा किया है। शायद यही कारण है कि सरकार की नाकाम शिक्षा प्रणाली के चलते आम आदमी भी प्राइवेट स्कूलों में अपने बच्चों को मंहगी शिक्षा दिलाने के लिए मजबूर है। सड़कों पर गड्ढों का राज है। गांव की सड़कों की दशा तो बद से बदतर हो चुकी है। मंहगाई, बेरोजगारी व अराजकता के बोलबाले में सरकार और सिस्टम पूरी तरह नाकाम साबित हुआ है। राणा बोले कि जो गलती लोगों ने पिछले विधानसभा चुनावों में की थी, उस गलती को अब प्रदेश की जनता हरगिज दोहराने वाली नहीं है। सरकार के घोर उदासीन रवैये के कारण अब आम आदमी के साथ बीजेपी कार्यकत्र्ता भी अपने आप को लुटा-पिटा महसुस कर रहा है। प्रदेश सरकार केन्द्र सरकार की कठपुतली बन कर रबड़ स्टैम्प साबित हो रही है। जो सांस लेने के लिए भी केन्द्र के रहमो-करम पर आश्रित है।प्रदेश सरकार हर मोर्चे पर फेल हो चुकी है। प्रचंड मंहगाई के इस दौर में नाकाम सत्तासीन सरकार अब गरीबों का दिवाला निकालने पर आमादा है। डिपुओं में मिलने वाली दाल का दाम 15 से 20 रुपए किलो बढ़ चुका है। साग-सब्जी और प्याज के दाम आसमान छू रहे हैं। आम बाजार में खाने-पीने की चीजों को आग लगी हुई है और प्रचंड जनादेश से जीती बीजेपी सरकार बेबस और लाचार लग रही है। जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित प्रदेश के कई बड़े नेताओं ने प्रदेश के विकास को डबल इंजन से गति देने के जुमले गढ़े थे, वो जुमले मात्र जुमले साबित हुए हैं। डबल इंजन तो क्या, एक इंजन भी सेल्फ उठा नहीं रहा है। यह बात कांग्रेस के विधायक राजेंद्र राणा ने कही। राजेंद्र राणा ने कहा कि सीधे तौर पर अब डिपुओं में हुई मंहगाई के कारण 18 लाख राशन कार्ड धारक प्रभावित हो रहे हैं। कभी खाने-पीने की चीजों के कोटे की कमी तो कभी डिपुओं में एकाएक दामों का बढ़ जाना, आम आदमी को सताने जैसा है। उधर शिक्षा के क्षेत्र में नाकाम बीजेपी सरकार को अब हाईकोर्ट ने फटकार लगाई है। प्रदेश हाईकोर्ट ने सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के खाली पदों को व स्कूलों में मूलभूत सुविधाओं को मुहैया कराने के लिए सरकार को कटघरे में खड़ा किया है। शायद यही कारण है कि सरकार की नाकाम शिक्षा प्रणाली के चलते आम आदमी भी प्राइवेट स्कूलों में अपने बच्चों को मंहगी शिक्षा दिलाने के लिए मजबूर है। सड़कों पर गड्ढों का राज है। गांव की सड़कों की दशा तो बद से बदतर हो चुकी है। मंहगाई, बेरोजगारी व अराजकता के बोलबाले में सरकार और सिस्टम पूरी तरह नाकाम साबित हुआ है। राणा बोले कि जो गलती लोगों ने पिछले विधानसभा चुनावों में की थी, उस गलती को अब प्रदेश की जनता हरगिज दोहराने वाली नहीं है। सरकार के घोर उदासीन रवैये के कारण अब आम आदमी के साथ बीजेपी कार्यकत्र्ता भी अपने आप को लुटा-पिटा महसुस कर रहा है। प्रदेश सरकार केन्द्र सरकार की कठपुतली बन कर रबड़ स्टैम्प साबित हो रही है। जो सांस लेने के लिए भी केन्द्र के रहमो-करम पर आश्रित है।
वर्तमान में सोलन जिला में कुल 384924 मतदाता हैं। यह जानकारी आज मतदाता केंद्रों के युक्तिकरण एवं मतदाता सूचियों के संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम के संबंध में आयोजित बैठक में प्रदान की गई। बैठक की अध्यक्षता उपायुक्त सोलन केसी चमन ने की। बैठक में जानकारी दी गई कि सोलन जिला के पांचों विधानसभा क्षेत्रों में कुल मतदाताओं में से 198178 पुरूष तथा 186741 महिला मतदाता हैं। 05 अन्य मतदाता हैं। जिला में अब कुल 573 मतदान केंद्र हो गए हैं। जिला के 50-अर्की विधानसभा क्षेत्र में कुल 88576 मतदाता हैं। इनमें 44792 पुरूष, 43783 महिला तथा एक अन्य मतदाता है। अर्की विधानसभा क्षेत्र में कुल 132 मतदान केंद्र हैं। 51-नालागढ़ विधानसभा क्षेत्र में 41340 महिला, 43872 पुरूष मतदाताओं के साथ कुल 85213 मतदाता हैं। इस विधानसभा क्षेत्र में एक अन्य मतदाता भी हैं। यहां 115 मतदान केंद्र हैं। 52-दून विधानसभा क्षेत्र में कुल 64899 मतदाता हैं। इनमें 33808 पुरूष तथा 31091 महिला मतदाता हैं। दून विधानसभा क्षेत्र में 95 मतदान केंद्र हैं। 53-सोलन (अनुसूचित जाति) विधानसभा क्षेत्र में कुल 128 मतदान केंद्र हैं। यहां 42581 पुरूष, 39910 महिला तथा 03 अन्य मतदाताओं के साथ कुल 82494 मतदाता हैं। 54-कसौली(अनुसूचित जाति) विधानसभा क्षेत्र में कुल 63742 मतदाता हैं। इनमें 30617 महिला तथा 33125 पुरूष मतदाता हैं। कसौली विधानसभा क्षेत्र में कुल 103 मतदान केंद्र हैं। बैठक में विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से आग्रह किया गया कि मतदाता सूचियों को शत-प्रतिशत त्रुटिरहित बनाने के लिए यह आवश्यक है कि सभी राजनीतिक दल बूथ स्तर पर अपने ऐजेंट नियुक्त करें। वर्तमान में जिला में भाजपा के कुल 544 तथा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 468 बूथ स्तर के ऐजेंट नियुक्त हैं। बसपा, सीपीआई(एम), सीपीआई, एनसीपी तथा एआईटीसी द्वारा अभी तक कोई भी बूथ स्तर का ऐजेंट नियुक्त नहीं किया गया है। बैठक में सभी से आग्रह किया गया कि बूथ स्तर के ऐजेंट शीघ्र नियुक्त करें। बैठक में जिला निर्वाचन अधिकारी सोलन ने राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वे मतदाता सूचियों को अद्यतन करने और इन्हें त्रुटिरहित बनाने में सहयोग प्रदान करें। बैठक में भाजपा सोलन मंडल के उपाध्यक्ष चंद्रकात शर्मा, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के जिला सचिव शिवदत्त ठाकुर, भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी के जिला सचिव अनूप पराशर, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की सावित्री सांख्यान, तहसीलदार निर्वाचन राजेंद्र शर्मा एवं नायब तहसीलदार मोहिंद्र ठाकुर सहित निर्वाचन विभाग के अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।
जिला निर्वाचन अधिकारी एवं उपायुक्त सोलन केसी चमन ने सोलन जिला के सभी राजनीतिक दलों एवं नागरिकों से आग्रह किया है कि वे 15 जनवरी, 2020 तक अपने मतदान केंद्र में जाकर मतदाता सूचियों का निरीक्षण अवश्य करंे ताकि भारत के निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार मतदाता सूचियों को अद्यतन किया जा सके। केसी चमन आज यहां फोटोयुक्त मतदाता सूचियों के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण-2020 एवं मतदान केन्द्रों के युक्तिकरण के संबंध में राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ आयोजित एक बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। जिला निर्वाचन अधिकारी ने फोटोयुक्त मतदाता सूचियों को त्रुटिरहित व अद्यतन रखने के लिए सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों व कार्यकर्ताओं से इस दिशा में सहयोग प्रदान करने का आग्रह किया। केसी चमन ने कहा कि विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण का कार्य 15 जनवरी, 2020 तक किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि फोटोयुक्त मतदाता सूचियों का प्रारूप प्रकाशन 16 दिसम्बर, 2019 को कर दिया गया है। यह सभी मतदान केंद्रों तथा निर्वाचक पंजीकरण अधिकारियों एवं सहायक निर्वाचक पंजीकरण अधिकारियों के कार्यालय में उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि फोटोयुक्त मतदाता सूचियों के संबंध में दावे एवं आक्षेप 15 जनवरी, 2020 तक सभी मतदान केंद्रों एवं निर्वाचक पंजीकरण अधिकारियों तथा सहायक निर्वाचक पंजीकरण अधिकारियों के कार्यालय में दाखिल किए जा सकेगें। 27 जनवरी, 2020 तक इनका निपटारा किया जाएगा। फोटोयुक्त मतदाता सूचियों का अंतिम प्रकाशन 07 फरवरी, 2020 तक किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मतदाता सूचियों का प्रारूप मतदान केंद्रों पर नियुक्त अभिहित अधिकारियों तथा अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी, संबंधित उपमंडलाधिकारी, तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार के कार्यालय में निरीक्षण के लिए निःशुल्क उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि मतदाता सूची में नाम सम्मिलत करने के लिए फॉर्म नम्बर-6, अप्रवासी मतदाताओं के नाम सम्मिलत करने के लिए फार्म नम्बर-6क, मतदाता सूची में दर्ज किसी नाम पर आपत्ति तथा हटाए जाने के लिए फार्म नम्बर-7, दर्ज नाम की प्रविष्टि में शुद्धि के लिए फार्म नम्बर-8 तथा मतदाता सूची में दर्ज नाम को किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरित करने के लिए फार्म नम्बर-8क का प्रयोग किया जा सकता है। यह सभी फार्म मतदान केंद्र पर नियुक्त भिहित अधिकारियों एवं निर्वाचक तथा सहायक निर्वाचक पंजीकरण अधिकारियों के कार्यालय में उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि इस अवधि में प्रथम जनवरी, 2020 को 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने वाले नए मतदाताओं के नाम भी मतदाता सूची में जोड़े जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस अवधि में उन अप्रवासी भारतीय नागरिकों का नाम भी मतदाता सूची में शामिल किया जाएगा जो किसी कारणवश अन्य देश में निवास कर रहे हैं परंतु उन्होंने अन्य देश की नागरिका प्राप्त नहीं की है और उनका नाम मतदाता सूची में सम्मिलत नहीं हैं। इसके लिए उन्हें फॉर्म नम्बर-6क भरकर प्रस्तुत करना होगा। बैठक में राजनीतिक दलों ने जिला में 16 नए मतदान केंद्र स्थापित करने तथा 20 मतदान केंद्रों के स्थान परिवर्तन के लिए भी जिला निर्वाचन अधिकारी का आभार प्रकट किया। सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को बैठक में सोलन जिला के पांचों विधानसभा क्षेत्रों की मतदाता सूचियों की एक-एक सीडी भी सौंपी गई। तहसीलदार निर्वाचन राजेंद्र शर्मा ने बैठक एवं भारत के निर्वाचन आयोग के निर्देशों की विस्तृत जानकारी प्रदान की। बैठक में भाजपा सोलन मंडल के उपाध्यक्ष चंद्रकात शर्मा, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के जिला सचिव शिवदत्त ठाकुर, भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी के जिला सचिव अनूप पराशर, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की सावित्री सांख्यान एवं नायब तहसीलदार मोहिंद्र ठाकुर सहित निर्वाचन विभाग के अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।
धर्मशाला से शीत सत्र से लौटते ही सुजानपुर के कांग्रेस विधायक राजेंद्र राणा ने पटलांदर के रैस्ट हाऊस में बैठक का आयोजन किया, जिसमें लगभग 3 दर्जन लोग भाजपा का दामन छोड़ते हुए कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए। कांग्रेस की इस सर्जिकल स्ट्राइक में पटलांदर भाजपा ग्राम केंद्र के अध्यक्ष एवं भाजपा के पूर्व कर्मचारी प्रकोष्ठ के सह-संयोजक कांशी राम ने भी कमल का दामन छोड़कर हाथ में विश्वास दिखाते हुए कांग्रेस को अपनाया।इस दौरान कांग्रेस पार्टी में कांशी राम सहित कंचन देवी, विजय कुमार, रीना कुमारी, वीना देवी, रेखा देवी, सोनिका, नायब सूबेदार राज कुमार, अमरदीप कुमार, अश्वनी कुमार, सुनील कुमार, आकाश कुमार, संजीव कुमार, रिटायर रेलवे से पुरषोत्तम दास, चंदू राम, जग्गो राम, कैप्टन प्रकाश चंद, रजत, रोहित चौधरी, आशीष कुमार व हवलदार विजय कुमार आदि शामिल हुए। विधायक राजेंद्र राणा ने सबको विधिवत रूप से पार्टी में शामिल कर उन्हें पूरा मान-सम्मान देने का आश्वासन दिया। इस मौके पर पूर्व भाजपा नेता कांशी राम ने कहा कि भाजपा केवल लारे-लप्पे ही लगाती है न तो गांव-गांव पार्टी का काम करने वालों की सुनवाई होती है और न ही विकास कार्य करवाती है। भाजपा की गलत नीतियों से तंग आकर उन्होंने कांग्रेस का दामन थामा है, क्योंकि यही पार्टी ऐसी है जिस पर भरोसा किया जा सकता है।इस मौके पर विधायक राजेंद्र राणा ने कांग्रेस में शामिल सभी लोगों का स्वागत करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी बिना किसी भेदभाव के हर व्यक्ति की बात सुनती भी है और बिना किसी भाई-भतीजावाद के जनता की समस्याओं को भी हल करती है। उन्होंने कहा कि भाजपा हमेशा विकास कार्यों में अडंगा डालती है, लेकिन सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र में ऐसी ओच्छी राजनीति खेलने वालों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।उन्होंने कहा कि सदन के भीतर भी उन्होंने क्षेत्र की जनहित समस्याओं को जोरशोर से उठाया है तथा आगे भी इसी तरह अपने विस क्षेत्र की आवाज बुलंद की जाएगी। उन्होंने कहा कि 15 जनवरी को पूर्व सैनिकों का बड़ा सम्मेलन सुजानपुर में आयोजित किया जा रहा है जिसमें वर्ष 1962, 1965 व 1971 के युद्ध में अदम्य साहस दिखाने वाले जीवित शूरवीरों को सम्मानित किया जाएगा।इस समारोह में पूरे विस क्षेत्र के पूर्व सैनिक शामिल होंगे।इस अवसर उन्होंने क्षेत्र की जनता की समस्याएं भी सुनीं तथा जनता की मांग पर ग्राम पंचायत स्वाहल के गांव डूहक से रच्छेड़ तक संपर्क मार्ग के लिए 5 लाख रूपए देने की घोषणा भी की।साथ ही, सोलर लाइटों सहित अन्य कार्यों के लिए भी धनराशि स्वीकृत की।
सोलन जिला परिषद के कुनिहार वार्ड नंबर 4 में हुए उपचुनाव पूर्व मंत्री तथा विधायक धनीराम शांडिल बनाम मंत्री डॉ राजीव सहजल की प्रतिष्ठा के इस चुनाव में डॉ राजीव सहजल ने फ्रंटफुट पर खेलते हुए धनीराम शांडिल की कांग्रेस प्रत्याशी को बोल्ड कर दिया। यह बात एक प्रैस विज्ञप्ति के माध्यम से जिला मीडिया प्रभारी इन्द्रपाल शर्मा ने कही है शर्मा ने कहा कि इस उपचुनाव में मंत्री राजीव सैजल के दिशा निर्देश तथा मार्गदर्शन में भाजपा समर्थित कंचनमाला ने 1462 मतों से जीत दर्ज की।शर्मा ने कहा कि इस जीत का श्रेय मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ,मंत्री राजीव सैजल सोलन कसौली, अर्की मंडलों के सभी प्रदेश जिला व मंडल के वरिष्ठ नेताओं व कार्यकर्ताओं को जाता है। जिन्होंने कड़ी मेहनत से प्रत्याशी के लिए कार्य किया ।प्रत्याशी को लेकर मंत्री राजीव सहजल के नेतृत्व में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने मुख्यमंत्री से सचिवालय में भेंट कर उन्हें बधाई दी।इस अवसर पर पूर्व विधायक गोविंदराम शर्मा, प्रदेश सचिव रतन सिंह पाल ,रविंद्र परिहार ,संजीव कश्यप, राजेश कश्यप,मंडल अध्यक्ष मदन ठाकुर,कपूर सिंह, डीके शर्मा ,इंद्रपाल शर्मा, अमर सिंह परिहार,श्यामानंद, राजीव शर्मा, सुरेश जोशी ,ओमप्रकाश, मोहनलाल, दिलीप पाल, राजेंद्र ,हंसराज, सुनीता ठाकुर,सीमा महंत सहित कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर द्वारा प्रदेश के युवाओं को परामर्श देने के संबंध में की गई घोषणा के विषय में 20 नवम्बर, 2019 को एक बैठक आयोजित की जाएगी। यह जानकारी जिला रोजगार अधिकारी गुमान सिंह वर्मा द्वारा दी गई गुमान सिंह वर्मा ने कहा कि बैठक की अध्यक्षता उपायुक्त सोलन केसी चमन करेंगे। उन्होंने कहा कि बैठक सांय 3.30 बजे मिनी सचिवालय सोलन में आयोजित की जाएगी
धर्मशाला और पच्छाद में होने वाले उपुचनाव के लिए प्रचार का शोर 19 अक्तूबर को सायं पांच बजे थम जाएगा। उसके बाद प्रत्याशी 20 अक्तूबर को डोर-टू-डोर वोट मांगेंगे। प्रदेश के दोनों प्रमुख राजनीतिक दल करीब एक माह से प्रचार कर रहे हैं, ऐसे में अब अंतिम चरण के प्रचार में पूरी ताकत झोंकने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। अब तक हुए प्रचार के दौरान कांग्रेस और भाजपा के दुरंधरों ने खूब पसीना बहाया। हालांकि जीत और हार का फैसला 24 अक्तूबर को सामने आएगा, लेकिन भाजपा इस उम्मीद में है कि दोनों सीटें पार्टी की झोली में ही आएंगी। विपक्षी दल कांग्रेस भी उपचुनाव पर कब्जा जमाने की आस लगाए बैठी है। पच्छाद में कांग्रेस के पास पुराने उम्मीदवार के रूप में गंगूराम मुसाफिर मैदान में हैं, जबकि भाजपा ने महिला नेता पर भरोसा जताया है। धर्मशाला सीट पर दोनों दलों ने युवाओं पर दांव खेला है। धर्मशाला और पच्छाद में होने वाले उपचुनाव में 12 प्रत्याशियों में जंग होगी। हालांकि असली लड़ाई कांग्रेस और भाजपा में है, लेकिन कुछ निर्दलीय उम्मीदवार भी खेल बिगाड़ने में कोई कसर नहीं छोडेंगे। पच्छाद में पांच उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि धर्मशाला विधानसभा क्षेत्र से कुल सात उम्मीदवारों में जंग होगी।
हिमाचल प्रदेश कांग्रेस सोशल मीडिया के चेयरमैन अभिषेक राणा ने केंद्र सरकार पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा है कि काठ की हांडी अब टूटने लगी है। केंद्रीय वित्त मंत्री के पति ने भी पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की नीतियों की सराहना करते हुए उनसे सीखने की सलाह देकर केंद्र को आइना दिखाया है। अब उससे सबक लेकर सरकार को जनहित में ऐसे सकारात्मक कदम उठाने चाहिए, जिनसे देश व जनता का भला हो। उन्होंने कहा कि खुद को सर्वेसर्वा समझकर गलतियों पर पर्दा डालना व दूसरों पर दोषारोपण करते रहना कोई समझदारी का काम नहीं है। उन्होंने कहा कि देश को अगर विकसित देशों की श्रेणी में ले जाना है तो सरकार को लच्छेदार बयानबाजी से बाहर निकलकर देश पर आए संकट से निपटने के लिए रोडमैप तैयार कर उस पर काम करना ही होगा। उन्होंने कहा कि 1991 में भी ऐसी परिस्थिति से देश गुजरा है लेकिन उस समय तत्कालीन प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिम्हा राव व तत्कालीन वित्त मंत्री मनमोहन सिंह ने आर्थिक चुनौतियों को संभाला भी और देश को उबारा भी था। उन्होंने कहा कि पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक में हुई वित्तीय अनियमितताओं के चलते बैंक उपभोक्ताओं को उनका पैसा देने पर ही रोक लगा दी है तथा गत दिवस एक उपभोक्ता का इसी गम में हृदयगति रूकने से निधन होना सरकार के लिए शर्मनाक बात और पूरे देश के लिए चिंतनीय विषय है। उन्होंने कहा कि वर्तमान केंद्र सरकार ने देश को पिछड़े देशों की श्रेणी में लाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है तथा हर वर्ग त्राहिमाम-त्राहिमाम कर रहा है।छोटे उद्योग बंद हो रहे है और बेरोजगार नौजवानों की बड़ी फौज खड़ी हो ग्ई है।
14 अक्तूबर : सुजानपुर के विधायक श्री राजेंद्र राणा ने केंद्र सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा है कि वर्तमान सरकार के हाथों देश सुरक्षित नहीं रह गया है। ऐसी ताकतें देश में हावी हो गई है, जोकि देश को निचोडऩे के साथ आने वाले समय में देश को सबसे बुरे दौर में ले जाएंगी। जी.एस.टी. को लेकर सरकार को घेरते हुए उन्होंने हैरानी जताई कि मौजूदा समय में हर महीने जी.एस.टी. कलेक्शन में गिरावट दर्ज की जा रही है और अब सरकार ने 12 सदस्यीय टीम को जी.एस.टी. की खामियों को लेकर समीक्षा करने के लिए गठन किया है, जबकि 2 साल से ही जी.एस.टी. को लेकर कांग्रेस सवाल उठाती आई है, तो यही लोग हंसते थे जबकि अब केंद्रीय वित्त मंत्री बोल रही हैं कि जी.एस.टी. में खामियां हो सकती है। सोमवार को जारी प्रेस ब्यान में उन्होंने आरोप लगाया कि हर नया कानून बनाने में सरकार ने हर बार हड़बड़ाहट ही दिखाई है जिसके परिणाम अब जनता को भुगतने पड़ रहे हैं। मंदी से गुजर रहे उद्योगों से लाखों कर्मचारी पलायन कर रहे हैं, उन्हें बेरोजगार बनाया जा रहा है। जी.डी.पी. दर गिरती जा रही है। ऐसे समय में भी केंद्र सरकार के मंत्रियों के सब कुछ कंट्रोल में होने के ऐसे बयान आते हैं, जिससे पता चलता है कि सरकार किस तरह दोहरे चेहरे व चरित्र के साथ जनता को अभी अपनी मीठी-मीठी बातों से लुभावने सपने दिखा रही है जबकि गरीब व मध्यमवर्गीय तबके तथा बेरोजगार युवाओं पर इस मंदी व बिगड़ी अर्थव्यवस्था की सबसे ज्यादा मार पड़ी है। उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था पटरी से उतर चुकी है और औद्योगिक घराने मंदी के दौर से गुजर रहे हैं। ऐसे में वो कौन से चहेते बड़े उद्योगपति हैं जिनके लिए पर्दे के पीछे से बैंक भी खुले छोड़ रखे हैं और प्रदेश के संसाधनों को भी लुटाए जाने की तैयारी है। राजेंद्र राणा ने कहा कि बैंकों में जमा जनता के पैसे को ही चहेते उद्योगपतियों को ऋण की एवज में देकर सरकारी उपक्रमों को बेचने की तैयारी भी शुरू हो गई है। ऐसे में केंद्र सरकार बताए कि देश की अर्थव्यवस्था का बेड़ा गर्क कैसे हुआ।
पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी का दूसरा घर माने जाने वाले जिला कुल्लू में इनकी प्रतिमा बनाई जा रही है। हालांकि स्व. अटल का घर मनाली के प्रीणी में है, लेकिन प्रतिमा जिला मुख्यालय कुल्लू स्थित अटल सदन के पास बनेगी। अटल के साथ कुल्लू का गहरा रिश्ता रहा है। रविवार को अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव के मौके पर कुल्लू पधारे मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अटल सदन कुल्लू में भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा की आधारशिला रखी, जिस पर 22 लाख रुपए खर्च होंगे। बाकायदा मंत्रोच्चारण के साथ शिलान्यास करने की रिवायत को निभाया गया और मुख्यमंत्री ने ईंट लगाई। अब जल्द इसका निर्माण कार्य आरंभ करने के लिए प्रशासन और विभाग को निर्देश दिए हैं। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने नागुझौर-मशना-थाच सड़क का उद्घाटन किया और पीएमजीएसवाई स्टेज के तहत 6.31 करोड़ तथा इस मार्ग पर ऑनलाइन बस को हरी झंडी दिखाई। वहीं, निर्मित कुल्लू के पॉलिटेक्नीक भवन के शैक्षणिक ब्लॉक का उद्घाटन किया। कुल्लू में लगभग 83 लाख रुपए से 5.75 करोड़ और उपायुक्त कार्यालय का पुनर्निर्मित भवन का उद्घाटन किया। अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव के पहले दिन मुख्यमंत्री ने जिला कुल्लू को करोड़ों की सौगात दी। इस अवसर पर सांसद राम स्वरूप शर्मा, विधायक सुंदर सिंह ठाकुर, उपाध्यक्ष एचपीएमसी राम सिंह, उपायुक्त डा. ऋ चा वर्मा, एसपी गौरव सिंह भी उपस्थित रहे। देव समाज के लोगों में उम्मीद है कि अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव के मौके पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर बजंतरी वर्ग के साथ-साथ देवी-देवताओं की नजराना राशि पर भी बड़ी सौगात दे सकते हैं। देवधुन कार्यक्रम के दौरान वन, परिवहन और युवा सेवाएं तथा खेल मंत्री गोविंद ठाकुर ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा के अवसर पर खेली जाने वाली देवधुन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर द्वारा सुझाई गई एक अवधारणा थी, जो देव समाज और राज्य की संस्कृति के लिए उनकी रुचि और प्रेम को दर्शाती है। कारदार संघ के अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री को संघ की विभिन्न मांगों से अवगत करवाया।
धर्मशाला व पच्छाद उप चुनाव में भाजपा उमीदवार भारी अन्तर से जीत हासिल करेंगे। यह बात पूर्व मुख्यमंत्री प्रो प्रेम कुमार धूमल ने कुनिहार के लोक निर्माण विश्राम गृह में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कही। प्रो प्रेम कुमार धूमल पच्छाद विधानसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार कर हमीरपुर वापसी पर कुछ समय के लिए कुनिहार रुके जँहा कार्यकर्ताओं ने उनका फूलमालाओं से जोरदार स्वागत किया। अपनी ही पार्टी के खिलाफ रुष्ट हुए नेताओं के बारे में उन्होंने कहा कि हर पार्टी व परिवार में मन मुटाव चलता रहता है नाराज नेताओं व कार्यकर्ताओं को मनाने का काम चल रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश सही दिशा में जा रहा है व नये नये आयाम छु रहा है। पूरा देश भाजपा व नरेंद्र मोदी की नीतियों को समझ रहा है व सराहना कर रहा है।भाजपा सरकार द्वारा लोगो के उत्थान के लिए चलाई जा रही विभिन्न कल्याण कारी नीतियों व योजनाओं बारे लोगो को बताया जा रहा है। इस मौके पर पी एम सी के निदेशक अमर सिंह ठाकुर,मण्डल उपाध्यक्ष सुरेश जोशी, मण्डल महामंत्री देवेन्द्र शर्मा,मण्डल युवा मोर्चा अध्यक्ष योगेश गौतम,सोनिया ठाकुर,कौशल्या कँवर,विजय ठाकुर,इंद्रपाल शर्मा,गोपाल कृष्ण शर्मा,स्यामानंद,हीरा लाल चन्देल सहित कई कार्यकर्ता मौजूद थे।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने धर्मशाला के मतदाताओं से भाजपा प्रत्याशी विशाल नेहरिया को विधानसभा उप-चुनाव में भरपूर समर्थन देने का आग्रह किया है ताकि राज्य में विकास की गति निर्बाध जारी रह सके। वह आज धर्मशाला विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत सिद्धपुर के राम लीला ग्राउंड में एक चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा स्पष्ट नीति, मजबूत नेतृत्व और विकासोन्मुखी नीतियों वाली पार्टी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गतिशील नेतृत्व में यह सुनिश्चित हो रहा है कि भारत जल्दी की विश्व शक्ति बनकर उभरेगा। यह प्रधानमंत्री की राजनीतिक इच्छा शक्ति के कारण ही है कि आज धारा 370 हटाए जाने से एक राष्ट्र और एक संविधान सुनिश्चित हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई कई योजनाएं आम आदमी के जीवन में आशातीत परिवर्तन लाने में सफल रही हैं। उन्होंने कहा कि हिम केयर, गृहिणी सुविधा योजना, पेंशन योजना आदि ने राज्य के लाखों लोगों को लाभान्वित किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने जन मंच की शुरुआत की है, जिसने जनता की शिकायतों का त्वरित निवारण हो रहा है। जन मंच की उपयोगिता के पूरक के तौर पर अब राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री सेवा संकल्प हेल्पलाइन 1100 भी शुरू की है। सभी मंत्रियों, चुने हुए प्रतिनिधियों और अन्य पदाधिकारियों को मुख्यमंत्री सेवा संकल्प हेल्पलाइन 1100 को लोकप्रिय बनाने के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा कि यह हेल्पलाइन सप्ताह में छह दिन सुबह 7 बजे से रात 10 बजे तक काम कर रही है। जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार धर्मशाला में निवेशकों का सम्मेलन आयोजित करने जा रही है, जिेससे यह शहर विश्व पर्यटन मानचित्र पर उभरेगा क्योंकि हजारों निवेशक और कई देशों के राजदूत यहां आएंगे। इसके अलावा, प्रधान मंत्री, केंद्रीय गृह मंत्री और कई केंद्रीय मंत्री भी इस अवसर पर उपस्थित होंगे। उन्होंने कहा कि अब तक विभिन्न क्षेत्रों में 75,776 करोड़ रुपये के 570 एमओयू पर राज्य सरकार हस्ताक्षर कर चुकी है। उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों ने लोकसभा चुनाव में सभी भाजपा उम्मीदवारों को अपना पूरा समर्थन देकर उनकी शानदार जीत सुनिश्चित की। भाजपा ने लोकसभा चुनावों में राज्य के सभी 68 विधानसभा क्षेत्रों में जीत दर्ज करएक कीर्तिमान स्थापित किया और लोकसभा चुनाव में भाजपा का वोट प्रतिशत भी हिमाचल में सबसे अधिक था। उन्होंने कहा कि वोट प्रतिशतता के आधार पर सबसे ज्यादा जीत का अंतर भाजपा सांसद किशन कपूर का था। जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, राज्य को आत्मनिर्भर बनाने और समावेशी विकास सुनिश्चित करने के उद्देश्य से औद्योगीकरण को बढ़ावा देने पर विशेष जोर दे रही है। उन्होंने कहा कि राज्य का संतुलित और न्यायसंगत विकास राज्य सरकार का मुख्य ध्येय है। भाजपा प्रत्याशी विशाल नेहरिया ने भी इस अवसर पर सभा को संबोधित किया और लोगों से समर्थन देने का आग्रह किया।
पच्छाद विधानसभा क्षेत्र को पहली बार महिला विधायक मिल सकती है। भाजपा ने पच्छाद उप चुनाव के लिए रीना कश्यप को टिकट दिया है। ऐसा भी पहली बार हुआ है की भाजपा ने पच्छाद के गिरिपार क्षेत्र से किसी प्रत्याशी को टिकट दिया हो। यदि रीना कश्यप ये चुनाव जीत जाती है तो वे प्रदेश को पहला मुख्यमंत्री देने वाले पच्छाद विधानसभा क्षेत्र की प्रथम महिला विधायक होगी। विदित रहे कि सोमवार 30 सितम्बर नामांकन के लिए आखिरी तारीख है और अंतिम समय तक चली माथापच्ची के बाद भाजपा ने रीना कश्यप पर दांव खेला है। रविवार दोपहर तक दयाल प्यारी, बलदेव कश्यप तथा रीना कश्यप के नाम पर काफी गहन मंथन चला हुआ था। जातिगत समीकरणों तथा इस बार गिरी पार से उठी प्रत्याशी की मांग को लेकर हाईकमान ने एक महिला को अधिमान देते हुए गिरी पार क्षेत्र की भावनाओं को परवान चढ़ाया है। ऐसे में भाजपा को संभवतः गिरिपार से अच्छा समर्थन मिल सकता है। रीना कश्यप का माईका यानि पैतृक क्षैत्र कोटखाई है और इससे पहले वह जिला परिषद की सदस्या रही है। पच्छाद के गिरी पार से रीना कश्यप के नाम के बाद क्षेत्र में खुशी का माहौल है। भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पहले 36 विधानसभा सीटों की लिस्ट जारी करते हुए हिमाचल के 2 जिलों में होने वाले उपचुनाव के लिए प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। इसमें पच्छाद रीना कश्यप तथा धर्मशाला से विशाल के नाम पर मुहर लगाई है। उधर जिला सिरमौर भाजपा अध्यक्ष विनय गुप्ता ने जिला भाजपा की ओर से राष्ट्रीय भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा प्रदेश मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का आभार व्यक्त करते हुए रीना कश्यप को भारी मतों से जिताने का आश्वासन भी दिया है।
जिला सिरमौर के पच्छाद विधानसभा क्षेत्र में पहली बार होने जा रहे उप चुनाव के लिए जहा कांग्रेस ने अपने पुराने उम्मीदवार व सात बार क्षेत्र के विधायक रहे जी आर मुसाफिर पर एक बार फिर दांव खेला है, वही भाजपा ने अभी तक पत्ते नहीं खोले है। सोमवार 30 सितम्बर नामांकन की आखिरी तारीख है और भाजपा अभी तक गिरी आर और गिरी पार के पशोपेश में उलझी है। दरअसल, भाजपा में गिरिपार के प्रत्याशी को टिकट देने की मांग उठ रही है। यदि गिरिपार के किसी उम्मीदवार को टिकट नहीं मिलता है तो भाजपा को अंतर्कलह का सामना करना पड़ा सकता है, जिसका फायदा कांग्रेस को मिल सकता है। वहीँ, गिरिआर से दयालप्यारी की दावेदारी पार्टी के लिए संकट खड़े किये हुए है। जगजाहिर है दयालप्यारी पार्टी के कई नेताओं को फूटी आँख नहीं सुहाती, पर करीब 30 पंचायतों में उनका प्रभाव पार्टी दरकिनार भी नहीं कर सकती। सिक्टा के समर्थक उत्साहित ... भले ही भाजपा ने अपना उम्मीदवार मैदान में ना उतारा हो मगर भाजपा ने नामांकन के लिए सभी तैयारियां पूर्ण कर ली है। ऐसी सुचना मिल रही है कि सोमवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी राजगढ आ सकते है और वे भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करेंगे। हालांकि जयराम के राजगढ आने का कोई आधिकारिक प्रोग्राम अभी तक नही आया है। बावजूद इसके भाजपा कार्यकर्ता खराब मौसम में भी इस रैली को सफल बनाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहै है। सीएम के राजगढ़ आने के कयासों से आशीष सिक्टा के समर्थक उत्साहित है। सिक्टा भी राजगढ़ से ही ताल्लुख रखते है, ऐसे में समर्थक मान रहे है कि पार्टी सिक्टा को टिकट देने का मन बना चुकी है। गिरिपार को टिकट न मिला तो उतरेगा बागी उम्मीदवार ! माना जा रहा है कि आखिरी दिन भाजपा से ही 4 नेता नामांकन भरने की तैयारी में है। समर्थकों की ब्रिगेड के अतिरिक्त ढोल-नगाड़े सहित अन्य तैयारियां भी कर ली गई है। ये सभी आलाकमान से टिकट की उम्मीद लगाए बैठे है। वहीँ टिकट न मिलने की स्थिति में इन पर समर्थकों का आज़ाद चुनाव लड़ने का दबाव भी है। खासतौर से गिरिपार को यदि टिकट नहीं मिलता है तो भाजपा से कोई बागी भी मैदान में हो, इसके प्रबल आसार है।
हिमाचल प्रदेश में 2017 विधानसभा चुनाव का प्रचार चरम पर था। कांग्रेस मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के नेतृत्व में चुनाव लड़ रही थी, पर भाजपा ने अभी सीएम फेस डिक्लेअर नहीं किया था। भाजपा की सारी राजनीति धूमल बनाम नड्डा के नाम के कयासों के इर्दगिर्द घूम रही थी। इसका असर भी दिख रह था। भाजपा का कंफ्यूज कार्यकर्ता वीरभद्र के आगे कुछ हल्का दिख रहा था। 9 नवंबर को वोटिंग होनी थी और 30 अक्टूबर तक भाजपा ने सीएम फेस की घोषणा नहीं की थी। कांग्रेस भी भाजपा को बिना दूल्हे की बरात कहकर खूब चुटकी ले रही थी। माना जाता है कि प्रो प्रेम कुमार धूमल भाजपा आलाकमान की पसंद नहीं थे, लेकिन वीरभद्र की कांग्रेस को टक्कर देने वाला कोई और दिख भी नहीं रहा था। सो, सारे गुणा भाग करके आखिरकार 31 अक्टूबर को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने सिरमौर के पच्छाद में हुई रैली में प्रो प्रेम कुमार धूमल को सीएम फेस घोषित कर दिया। धूमल के नाम की घोषणा होते ही मानो भाजपा में जान सी आ गई, देखते-देखते समीकरण बदले और भाजपा ने बेहद मजबूती से चुनाव लड़ा। 18 दिसंबर को जब नतीजे आये तो भाजपा ने 44 सीटों पर जीत दर्ज कर सत्ता में शानदार वापसी की। पर इन 44 सीटों में सुजानपुर की सीट नहीं थी, इन 44 सीटों में प्रो प्रेम कुमार धूमल की सीट नहीं थी। भाजपा तो जीत गई थी, पर भाजपा को जीताने वाले धूमल खुद चुनाव हार बैठे। एक कहावत है... हाथ में आया, पर मुँह न लगा ! हिंदुस्तान की राजनीति में प्रो. प्रेम कुमार धूमल से बेहतर ये कहावत शायद ही किसी पर सटीक बैठती हो। क्या सुजानपुर से टिकट देना सिर्फ इत्तेफ़ाक़ था ! प्रो प्रेम कुमार धूमल का चुनाव हारना आसान नहीं था और ये यूँ ही नहीं हो गया था। दरअसल प्रो धूमल की सीट थी हमीरपुर, पर पार्टी ने उन्हें टिकट दिया सुजानपुर से। उसी सुजानपुर से जो जहाँ कभी उनके करीबी रहे राजेंद्र राणा का ख़ासा प्रभाव था। पर राणा की निष्ठा अब वीरभद्र सिंह और कांग्रेस में थी। कहते है राणा से बेहतर धूमल की कमजोरियों को कोई नहीं जानता, आखिर राणा ने राजनीति भी तो धूमल से ही सीखी थी। भाजपा में धूमल विरोधी भी इस बात से वाकिफ थे और चाहते थे कि धूमल को घर में ही ठिकाने लगा दिया जाए। हुआ भी यही। धूमल 1919 वोट से चुनाव हार गए और उनका तीसरी बार सीएम बनने का स्वप्न पूरा नहीं हो सका। प्रोफेसर से मुख्यमंत्री तक का सफर राजनीति में प्रो धूमल का कद रातों रात नहीं बढ़ा था और यूँ ही कोई धूमल बन भी नहीं सकता। सियासत में आने के लिए धूमल ने प्रोफेसर की नौकरी छोड़ी और शुरुआत की भाजपा के युवा संगठन से। 1980-82 में धूमल भाजयुमो के प्रदेश सचिव रहे। पर चर्चा में आये 1989 में जब उन्होंने हमीरपुर सीट पर हुए उपचुनाव में जीत दर्ज की और लोकसभा पहुँच गए। इससे पहले 1984 का चुनाव वे हार चुके थे। इसके बाद 1993-98 में वो हिमाचल प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष रहे। इस बीच 1996 के लोकसभा चुनाव में भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। पर धूमल ने लम्बी छलांग लगाईं और इसके बाद वो दो बार हिमाचल के मुख्यमंत्री बने। 1998 में सरकार बनाने के लिए सुखराम के पांचो विधायकों को बनाया मंत्री 1998 का चुनाव आते-आते भाजपा बदली चुकी थी और प्रदेश के समीकरण भी। नरेंद्र मोदी प्रदेश के प्रभारी थे, जो इस बात को समझ चुके थे कि 'नो वर्क नो पे वाले' सीएम रहे शांता कुमार के नाम पर चुनाव लड़ना और जीतना बेहद मुश्किल है। धूमल तब मोदी के करीबी थे और प्रदेश की राजनीति में भी उनका ठीक ठाक कद था। सो, मोदी ने पार्टी आलाकमान को मनाया और चुनाव से पहले ही धूमल को सीएम फेस घोषित कर दिया। हालांकि नतीजों के बाद कांग्रेस और भाजपा दोनों 31-31 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरे लेकिन बहुमत किसी के पास नहीं था। कांग्रेस में अपनी उपेक्षा से नाराज़ पंडित सुखराम ने तब नई पार्टी बना कर चुनाव लड़ा था, जिसका नाम था हिमाचल विकास कांग्रेस। पंडित सुखराम की पार्टी के खाते में पांच सीटें आई थी और सरकार किसकी बनेगी, ये उन्हें ही तय करना था। वीरभद्र से मतभेद के चलते सुखराम ने धूमल को समर्थन दिया और धूमल ने पुरे पांच साल सरकार चलाई। हालांकि इसके बदले सुखराम के पांचो विधायकों को मंत्री बनाया गया। भाजपा के कई नेता, खासतौर से शांता गुट के कई नेता अब भी इसे गलत करार देते है। बने सड़क वाले मुख्यमंत्री जब प्रो धूमल पहली बार सीएम बने तो केंद्र में एनडीए की सरकार थी और प्रधानमंत्री थे अटल बिहारी वाजपेयी। उस दौर में देशभर में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के माध्यम से सड़कों का जाल बिछाया गया था और हिमाचल भी इससे अछूता नहीं रहा। पहाड़ी राज्य होने के चलते हिमाचल में ये ये कार्य आसान नहीं था लेकिन धूमल सरकार ने इसमें कोई कसर नहीं छोड़ी। इसीलिए धूमल सड़क वाले मुख्यमंत्री के तौर पर भी जाने जाते है। 2007 में बने दूसरी बार सीएम 2003 के विधानसभा चुनाव में प्रो धूमल एक बार फिर भाजपा के सीएम फेस थे लेकिन भाजपा सत्ता में वापसी नहीं कर पाई। इसके बाद उनके नेतृत्व में 2007 का चुनाव लड़ा गया जिसमें भाजपा ने फिर सत्ता कब्जाई और धूमल दूसरी बार सीएम बने। दूसरी बार वे एक जनवरी 2008 से 25 दिसंबर 2012 तक हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं। प्रेम सिंह धूमल के दो बेटे हैं- अरुण ठाकुर और अनुराग ठाकुर। अनुराग ठाकुर राजनीति में काफी सक्रिय हैं। वे बीसीसीआई के चेयरमैन भी रह चुके है। इसके अलावा मौजूदा समय में हमीरपुर लोकसभा से सांसद हैं और केंद्र सरकार में वित्त राज्य मंत्री भी। उपचुनाव लड़ने की चर्चा मात्र से सियासी खलबली : इन दिनों प्रो प्रेम धूमल फिर चर्चा में है। दरअसल, लोकसभा चुनाव 2019 के बाद अब हिमाचल प्रदेश में कांगड़ा जिला के धर्मशाला तथा सिरमौर जिला के पच्छाद विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव होने हैं। धूमल की धर्मशाला सीट से विधानसभा उपचुनाव लड़ने की चर्चाओं ने सभी के कान खड़े कर दिए हैं। धूमल के चुनाव लड़ने की चर्चा मात्र से ही भाजपा के अंदर गुणा-भाग शुरू हो गया है। माना जाता है कि अब भी धूमल की इतनी कुव्वत है कि भाजपा उन्हें हलके में नहीं ले सकती। वहीँ बीते दिनों धूमल का पीएम मोदी से मिल कर लम्बी चर्चा करना, रमेश धवाला और पवन राणा प्रकरण, इन्दु गोस्वामी का इस्तीफ़ा, पत्र बम जैसे कई तथाकथित सियासी इत्तेफाकों ने धूमल नाम को फिर सुर्ख़ियों में ला दिया है। प्रदेश में 21 अक्टूबर को उपचुनाव होने है। भाजपा का एक वर्ग धूमल को टिकट देने की मांग कर रहा है। कांगड़ा हमेशा हिमाचल की राजनीति का भविष्य तय करता रहा है और धूमल का क्षेत्र हमीरपुर भी कभी कांगड़ा जिला की तहसील हुआ करती थी। ऐसे में पुराने कांगड़ा के धूमल कोई सियासी गुल खिला पाते है या नहीं, देखना दिलचस्प होगा।
सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सोमवार को दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम से मुलाकात की। गौरतलब है कि आईएनएक्स मीडिया मामले में पी. चिंदबरम को पिछले दिनों अदालत ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। इससे पहले 18 सितंबर को कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं अहमद पटेल और गुलाम नबी आजाद ने जेल में चिदंबरम से मुलाकात की थी। बताया जा रहा है कि इस मुलाकात में कांग्रेस सांसद कार्तिक चिदंबरम भी मौजूद थे। कांग्रेस के नेताओं ने चिदंबरम के साथ कश्मीर, आगामी विधानसभा चुनावों, अर्थव्यवस्था और मौजूदा राजनीतिक हालात पर चर्चा की है। यह मुलाकात करीब आधे घंटे चली थी। बता दें कि गुरुवार को पी चिदंबरम के वकील ने कोर्ट को बताया था कि जेल में पूर्व वित्त मंत्री को न तकिया और न ही कुर्सी दी गई है। इस वजह से उन्हें कमर दर्द होना शुरू हो गया है। हालांकि, कोर्ट ने सरकार का पक्ष जानने के बाद इस दावे पर ज्यादा गौर नहीं किया और कहा कि जेल में ऐसी छोटी चीजें होती रहती है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को कहा कि पूरी दुनिया इस वक्त आर्थिक मंदी से जूझ रही है। ऐसे में मोदी सरकार ने कॉरपोरेट टैक्स में कटौती कर साहसिक फैसला लिया है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इससे अर्थव्यवस्था को नई ताकत मिलेगी और निर्यात में इजाफा होगा। सीएम योगी ने कहा कि दुनिया के अन्य देशों की अपेक्षा भारत मे टैक्स रेट अधिक होने के चलते भारत पिछड़ जाता था। अब साउथ एशिया में सबसे आकर्षक टैक्स रेट भारत का हो गया है। यूएस, चीन ट्रेड वॉर से उपजे हालात भी भारत के लिए अवसर बनेंगे। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जिन कंपनियों ने चीन से निकल दूसरा ठिकाना तलाशना शुरू किया है वह भारत आएंगी।
यूथ इंटक के साथ साथ कांग्रेस को भी करेंगे जमीनी स्तर पर मजबूत: राहुल तनवर हिमाचल प्रदेश यूथ इंटक ने पूरे प्रदेश में सदस्यता अभियान की शुरूआत कर दी है। हिमाचल प्रदेश यूथ इंटक प्रदेश भर में 2.5 लाख नये सदस्यों को जोड़ेगी। यूथ इंटक ने इस बद्दी में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए यूथ इंटक अध्यक्ष राहुल तनवर ने बताया कि संगठन ने सदस्यता अभियान की शुरूआत कर दी गई है। जिसके तहत सर्वप्रथम पहले चरण में सोलन जिला और बीबीएन में सदस्यता अभियान की शुरूआत की जाएगी। 2.5 लाख सदस्यों को जोडऩे का लक्ष्य निर्धारित किया है जिसे 1 वर्ष के भीतर पूरा किया जाएगा। इस दौरान राहुल तनवर ने कहा कि प्रदेश में मजदूर हितों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। प्रदेश के उद्योगों में ठेकेदारी प्रथा हावी है और कामगर वर्ग का जमकर शोषण हो रहा है। राहुल ने कहा कि प्रदेश में दर्जनों उद्योग गुपचुप तरीके से बंद हो रहे हैं जिसकी आड़ में हिमाचली व बाहरी राज्यों के कामगारों का शोषण हो रहा है जिसे यूथ इंटक बर्दाश्त नहीं करेगी।
Unity in diversity was the uniqueness of our nation which was a plural society and repository of multiplicity of cultures. Sarsanghchalak (Chief) of Rashtriya Swayamsevak Sangh (RSS) Mohan Bhagwat said this while addressing the gathering after he inaugurated the Krishna Temple on the Mall Solan today. Shri Bhagwat said that Indian civilization, stretching over five thousand years, provides the most distinctive feature in the coexistence of unity in diversity. He said that religion offer a unified vision of reality because God is one and the reality which he created must have unity and integrity. He said that region aims at uniting the humanity and the service of mankind was the service of God. He said that each one of us should work with sincerity and dedication towards the development of our society and the nation. He said that it was the ‘Karma’ that motivate us towards ‘Dharma’. Sarsanghchalak of Rashtriya Swayamsevak Sangh said that Shri Bhagwat Geeta preaches us to work with dedication for whatever duty has been assigned to us without worrying for the results and fruits of our hard work. He expressed hope that the Shri Krishna Temple constructed in Solan would emerge as a place not only for worship but also a place for pondering for the welfare of the society. Chief Minister Jai Ram Thakur while welcoming Shri Bhagwat to the State said that India was a grand synthesis of cultures, religions and language of the people belonging to different castes and communities has upheld its unity and cohesiveness despite several hardships. Jai Ram Thakur said that religion was the binding force uniting every section of the society. He said that it was important that in the modern era of cut throat competition, we all uphold our religion and culture. Only those societies progress that gives due respect to its tradition and culture, he added. Chief Minister said that no one can achieve success by abandoning our values and culture. He said that science and religion should coexist for a strong and vibrant Nation. He said that today India was fast forging ahead on the path of becoming Vishav Guru under that dynamic leadership of Prime Minister Shri Narendra Modi. He said that it was under this leadership that the Country has gained its old glory and even the most powerful countries of the world were acknowledging the power of India. Jai Ram Thakur said that Himachal Pradesh was known as the Dev Bhoomi throughout the world for its peace loving and God fearing people. He said that the Shri Krishna Temple at Solan would go a long was in quenching the religious thirst of the people of the area. Chief Minister assured the members of the Sri Krishna Vrindavan Trust of all possible help from the Government side for expansion of it activities in the State. Rajiv Kohli President Sri Krishna Vrindavan Trust welcomed Sarsanghchalak (Chief) of Rashtriya Swayamsevak Sangh (RSS) Shri Mohan Bhagwat, Chief Minister Jai Ram Thakur and other dignitaries present on the occasion. He also detailed various activities of the Trust. State BJP President Satpal Satti, Social Justice and Empowerment Minister Dr. Rajiv Saizal, Political Advisor to the Chief Minister Trilok Jamwal, Former MP Virender Kashyap were present on the occasion among others.
पूर्व विधायक बम्बर ठाकुर ने नडडा के खिलाफ खोला मोर्चा बिलासपुर के कोठीपुरा में एम्स में चल रहे निर्माण कार्य में स्थानीय लोगों को काम न दिए जाने को लेकर पूर्व विधायक बंबर ठाकुर ने संघर्ष का बिगुल बजा दिया है। बिलासपुर में पत्रकारों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि नागार्जुन कंपनी द्वारा इस एम्स का निर्माण किया जा रहा है जिसने मजदूर से लेकर अधिकारी तक लगभग 4000 कर्मी बाहर से लाकर बिलासपुर में रखें और स्थानीय लोगों को कार्य नहीं दिया। उन्होंने भाजपा के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष से प्रश्न किया है कि उन्होंने इस एम्स का शिलान्यास होने के बाद फिर से बजरी पूजन किया था, उस समय उन्होंने बिलासपुर के लगभग 16000 बेरोजगारों को रोजगार देने की बात कही थी। लेकिन हैरानी इस बात की है कि इस एम्स के निर्माण में किसी भी स्थानीय व्यक्ति को कार्य नहीं दिया जा रहा। उन्होंने कहा कि हैरानी तो इस बात की है की इन कर्मचारियों और अधिकारियों को दूध सप्लाई करने वाले ग्रामीणों से भी काम छीन कर एक बड़े ठेकेदार को यह कार्य सौंप दिया गया है जिसके पास पहले ही करोड़ों के कार्य हैं और अरबों की सम्पति है। वहीं एक अन्य बड़ा ठेकेदार एक और कार्य कर रहा है। बंबर ठाकुर ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा द्वारा एम्स निर्माण में हजारों स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाने के वादे को याद दिलाते हुए केवल दो ही स्थानीय ठेकेदारों को ठेके देने और अन्य लोगों की अनदेखी करने का आरोप लगाया। साथ ही उन्होंने कहा कि एम्स निर्माण कार्य में चल रही ओस धांधली को बंद न किया गया तो बिलासपुर शहर में एक विशाल रैली आयोजित की जाएगी। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि जिन दो बड़े गरीबों को काम दिया गया है, उनके होर्डिंग लगाए जाएंगे जिसमें नडडा का आभार प्रकट किया जाएगा। पत्रकार वार्ता में ननावां के पूर्व प्रधान तथा मार्कण्ड की वर्तमान प्रधान तृप्त देवी भी उपस्थित रहे।
पूर्व मंत्री तथा नैना देवी के विधायक रामलाल ठाकुर ने आरोप लगाया है कि भाजपा सरकार के इशारों पर जिले के उच्चाधिकारी विपक्षी विधायकों द्वारा बुलाई गई बैठक में भाग नहीं ले रहे। बिलासपुर में पत्रकारों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इन अधिकारियों को यह भय सता रहा है कि अगर वह विपक्ष के विधायक द्वारा बुलाई गई बैठक में भाग लेने गए तो उनका स्थानांतरण कहीं दूर पार कर दिया जाएगा। ठाकुर ने बताया कि उन्होंने नैना देवी विधानसभा क्षेत्र में विकास संबंधी कार्य चलाने के लिए अधिकारियों की बैठक दूसरी बार बुलाई लेकिन लगातार दो बैठकों में यह अधिकारी अनुपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि इसे चुने गए प्रतिनिधियों की उपेक्षा कहीं जा सकते हैं। उन्होंने बताया कि इस बैठक में उच्चाधिकारियों ने अपने अधीनस्थ अधिकारियों को भेज दिया जिनके पास किसी भी संबंध में कोई भी जवाब उपलब्ध नहीं थे।ठाकुर ने कहा कि विपक्ष के विधायकों के साथ ऐसा व्यवहार करके हिमाचल सरकार और उसके यह अधिकारी संबंधित विधान सभा क्षेत्रों के हजारों मतदाताओं का अपमान कर रहे हैं। रामलाल ठाकुर ने कहा कि इस प्रथा पर सरकार को तुरंत अंकुश लगाना चाहिए और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि विधायक चाहे किसी भी दल का हो, जब वह अपने क्षेत्र के विकास , प्रगतिके हित में ऐसी बैठकें आयोजित करे तो उच्चाधिकारियों का उन बैठकों में आना सुनिश्चित बनाया जाना चाहिए, ताकि निचले स्तर के अधिकारी भेज कर खानापूर्ति किए जाने का खेल पूरी तरह से बंद हो। रामलाल ठाकुर ने चेतावनी दी कि यदि इस संदर्भ में सभी उच्चाधिकारियों की उपस्थिति सुनिश्चित बनाने बारे सभी विभागों को उचित आदेश नहीं दिएं, तो उनके विधानसभा क्षेत्र नयना देवी जी के हजारों ग्रामीण 15 अक्तूबर के बाद स्वार घाट और बिलासपुर नगर में ऐसे उच्चाधिकारियों का घेराव किया जाएगा। रामलाल ने कहा कि इस क्षेत्र में अभी तक भी 59 सड़कें बंद पड़ी हैं। जबकि पेयजल, सिंचाई व अधिकांश सड़कों की स्थिति दयनीय है। इस कारण क्षेत्र के हजारों लोग बुरी तरह से परेशान है। उन्होंने कहा कि सरकार ने उनके क्षेत्र की सड़कों के रखरखाव के लिए मात्र 80 लाख रुपए दिये जो मजाक ही है।
पच्छाद और धर्मशाला में कभी भी उपचुनाव का औपचारिक बिगुल बज सकता है। दोनों ही मुख्य राजनैतिक दलों के लिए ये चुनाव प्रतिष्ठता का प्रश्न है, किन्तु दोनों की ही डगर मुश्किल है। भाजपा के पास सत्ता है, संसाधन है और कुछ हद तक समीकरण भी। पर पार्टी की अंदरूनी खींचतान इन सब पर भारी पड़ सकती है। विशेषकर धर्मशाला में। कांग्रेस की बात करें तो 2017 में प्रदेश की सत्ता गवाने के बाद से पार्टी के लिए कुछ भी ठीक नहीं घटा है। 2019 लोकसभा में पार्टी की दुर्गति के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं के हौंसले पस्त है और कंधे झुके हुए। पार्टी का संगठन खेतों में लगाए जाने वाले स्केरी क्रो सा हो चूका है जो सिर्फ दिखाने को है, पर करता कुछ नहीं है। बावजूद इसके पार्टी गहरी जड़ें भाजपा के लिए परेशानी का सबब बन सकती है। बहरहाल, आज बात करते है कांग्रेस की। पच्छाद में मुसाफिर या आर्य ! पार्टी कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए कांग्रेस को एक अदद जीत की सख्त दरकार है। ऐसे में कांग्रेस उप चुनाव को हलके में नहीं ले रही है। पच्छाद की बात करें तो कांग्रेस नेता अनुभवी नेता और सात बार इस सीट से विधायक रहे गंगूराम मुसाफिर पर एक बार फिर दाव खेल सकती है। हालांकि पिछले दो चुनाव में पच्छाद की जनता ने गंगूराम को पछाड़ा है किन्तु फिर भी टिकट के लिए मुसाफिर की दावेदारी मजबूत है । मुसाफ़िर के अतिरक्त एक और नाम जो टिकट की दौड़ में है, वो है दिनेश आर्य। दिनेश राजगढ़ क्षेत्र से नगर पंचायत राजगढ़ के पूर्व चेयरमैन व पच्छाद कांग्रेस मंडल के महासचिव है। साथ ही दिनेश आर्य प्रदेश के सबसे कम आयु के नगर पंचायत के चेयरमैन भी रहे हैं। खासतोर से युवा वर्ग को लुभाने के लिए कांग्रेस आर्य पर दांव खेल सकती है। बीते दो चुनाव में जीआर मुसाफिर लगातार हार का सामना कर चुके हैं, ये समीकरण भी आर्य का पक्ष मजबूत करता है। धर्मशाला: सुधीर इज बैक, कांग्रेस ऑन फ्रंट फुट धर्मशाला में कांग्रेस टिकट के लिए सुधीर शर्मा के ताल ठोकने के बाद टिकट को लेकर कोई संशय नहीं बचा है। संभवतः एकाध दिन में कांग्रेस सुधीर के नाम का औपचरिक एलान कर दे। इसमें कोई संशय नहीं है कि मंत्री रहते सुधीर ने धर्मशाला में खूब विकास किया है। पर चुनाव काम के आधार पर कम और समीकरणों के आधार पर ज्यादा जीते जाते है। 2017 में समीकरण सुधीर के काम पर भारी पड़े थे और जनता ने सुधीर को हरा दिया। पर तब से अब तक समीकरण भी बदले है और विकास के नाम पर भी वर्तमान सरकार के खाते में कुछ ख़ास नहीं है। ऐसे में गुट-गुट में बंटी भाजपा के सामने अब कांग्रेस फ्रंट फुट पर दिख रही है।
83 की उम्र में कांग्रेस को बनाना पड़ा सीएम फेस साल था 2017 का। हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चूका था। भाजपा में सीएम फेस को लेकर दुविधा थी और अंतिम क्षण तक पार्टी सीएम फेस घोषित करने से बचती रही। उधर, कांग्रेस के सामने कोई दुविधा नहीं थी। 83 वर्ष के वीरभद्र सिंह पार्टी के सीएम कैंडिडेट थे और अकेले भाजपा से लोहा ले रहे थे। संभवतः इससे पहले और इसके बाद भी इतने उम्रदराज नेता को हिंदुस्तान में कभी भी, किसी भी चुनाव में सीएम फेस नहीं घोषित किया गया। दिलचस्प बात ये है कि इस निर्णय को लेकर शायद ही कांग्रेस आलाकमान के मन में कोई दुविधा रही हो, क्यों कि हिमाचल में कांग्रेस की जड़ें उतनी गहरी नहीं है, जितनी वीरभद्र सिंह की है। खेर, कांग्रेस चुनाव हार गई पर हिमाचल में वीरभद्र का जलवा अब भी बरकरार है। अब उम्र 85 की हो चुकी है, सेहत भी नासाज रहती है पर वीरभद्र का जुनून कायम है। 1962 में हुई चुनावी राजनीति में एंट्री : प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की प्रेरणा से वीरभद्र सिंह ने राजनीति में आने का निर्णय लिया। नेहरू की बेटी और तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष इंदिरा गाँधी भी तब वीरभद्र से खासी प्रभावित थी। इंदिरा के कहने पर 1959 में वीरभद्र सिंह दिल्ली से हिमाचल लौटे और लोगों के बीच जाकर उनके लिए काम करना शुरू किया। वीरभद्र का ताल्लुख तो रामपुर- बुशहर रियासत से है लेकिन जल्द ही वे शिमला क्षेत्र में कांग्रेस का सबसे बड़ा चेहरा बन गए। नतीजन 1962 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने उन्हें महासू ( वर्तमान शिमला ) सीट से उम्मीदवार बनाया। 28 वर्ष के वीरभद्र आसानी से चुनाव जीत गए और पहली मर्तबा लोकसभा पहुंचे। इसके बाद 1967 और 1972 में वीरभद्र मंडी से चुनाव लड़ लोकसभा पहुंचे। हालांकि इमरजेंसी के बाद 1977 के लोकसभा चुनाव में वीरभद्र को हार का मुँह देखना पड़ा। पर उन्होंने अपनी निष्ठा नहीं बदली और इंदिरा गाँधी के वफादार बने रहे। 1980 में फिर चुनाव हुए और वीरभद्र सिंह एक बार फिर जीत कर लोकसभा पहुँच गए। 1982 में इंदिरा सरकार में उन्हें उद्योग राज्य मंत्री भी बना दिया गया। 1983 में हुई हिमाचल की सियासत में एंट्री : वीरभद्र वर्ष 1962 से चुनावी राजनीति में है पर हिमाचल प्रदेश की सियासत में उनका आगमन हुआ वर्ष 1983 में। तब टिम्बर घोटाले के आरोप के चलते ठाकुर रामलाल को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा और बतौर मुख्यमंत्री एंट्री हुई वीरभद्र सिंह की। वहीँ वीरभद्र सिंह जो 6 बार सीएम बने और जिनके बगैर हिमाचल की हर राजनैतिक चर्चा अधूरी है। वहीँ वीरभद्र सिंह, हिमाचल में जिनका मतलब कांग्रेस है और कांग्रेस का पर्याय वीरभद्र।1983 से अब तक यानी 2019 तक तक 36 वर्षों में वीरभद्र सिंह करीब 22 वर्ष सीएम रहे है। वीरभद्र के बाद कोई नहीं कर पाया रिपीट: हिमाचल में हर पांच वर्ष में सत्ता परिवर्तन का रिवाज सा है। पर 1983 में सत्ता में आये वीरभद्र सिंह 1985 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद एक बार फिर सत्ता में लौटे और दूसरी बार सीएम बने। इसके बाद से हिमाचल में कभी सरकार रिपीट नहीं हुई। 1993 में फिर की वापसी : 1990 के विधानसभा चुनाव में वीरभद्र सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा। खुद वीरभद्र सिंह भी जुब्बल कोटखाई से चुनाव हार गए थे। ऐसा लगने लगा था कि शायद ही वीरभद्र इसके बाद कभी सीएम बने। ऐसा इसलिए भी था क्योकि तब पंडित सुखराम और विद्या स्ट्रोक्स का भी हिमाचल और कांग्रेस में ख़ासा दबदबा था। पर जो आसानी से हार मान ले, वो वीरभद्र सिंह नहीं बनते। हार के बाद वीरभद्र ने संगठन में अपनी जड़े और मजबूत की और विपक्ष का सबसे बड़ा चेहरा बने रहे। शांता सरकार की गिरती लोकप्रियता को भी उन्होंने जमकर भुनाया। 1993 में शांता सरकार गिरने के बाद जब चुनाव हुए तो वीरभद्र सिंह तीसरी बार प्रदेश के सीएम बने। 1998 में भी कांग्रेस प्रदेश में सबसे बड़ी पार्टी बनकर सामने आई लेकिन पंडित सुखराम के सहयोग से सरकार भाजपा की बनी। 2003 में फिर वीरभद्र सिंह की वापसी हुई और वे दिसंबर 2007 तक हिमाचल के मुख्यमंत्री रहे। 2007 में सत्ता से बहार होने के बाद वीरभद्र सिंह ने केंद्र का रुख किया और 2009 से 2012 तक केंद्र में मंत्री रहे। 2012 में कई नेताओं के मंसूबों पर फेरा पानी: 2012 विधानसभा चुनाव के वक्त वीरभद्र सिंह की आयु 78 के पार थी। केंद्र में मंत्री होने के चलते शायद ही किसी को वीरभद्र के लौटने की उम्मीद रही हो। कांग्रेस में भी कई चाहवान सीएम की कुर्सी पर आँखें गड़ाए बैठे थे। पर वीरभद्र को तो अभी दिल्ली से शिमला वापस लौटना था। चुनाव से पहले वीरभद्र ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और हिमाचल लौट आये। कहते है कि वीरभद्र ने दिल्ली दरबार को स्पष्ट कर दिया था कि सीएम तो वे ही होंगे, चाहे पार्टी कोई भी हो। तब भी हिमाचल में माइनस वीरभद्र कांग्रेस की ख़ास हैसियत नहीं थी। सो आलाकमान झुका और वीरभद्र सिंह की लीडरशिप में चुनाव लड़ा गया। सत्ता परिवर्तन का सिलसिला भी बरकरार रहा और वीरभद्र सिंह रिकॉर्ड छठी बार सीएम बन गए। इतिहास पढ़ाना चाहते थे, इतिहास बना दिया: शिमला का बिशप कॉटन स्कूल हिमाचल का ही नहीं अपितु देश के प्रतिष्ठित स्कूलों में शुमार है। स्कूल के दाखिला रजिस्टर में नंबर 5359 के आगे नाम लिखा है वीरभद्र सिंह। उस दौर में जब रामपुर- बुशहर रियासत के राजकुमार वीरभद्र ने बिशप कॉटन स्कूल में दाखिला लिया था तो किसी ने नहीं सोचा होगा कि स्कूल का नाम उस शख्सियत से जुड़ने जा रहा है जो आगे चलकर 6 बार हिमाचल का सीएम बनेगा। स्कूल पास आउट करने के बाद वीरभद्र ने दिल्ली के सैंट स्टीफेंस कॉलेज में हिस्ट्री होनोर्स में बीए और एमए की। हसरत थी हिस्ट्री का प्रोफेसर बन छात्रों को पढ़ाने की। पर देश के प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने उनके लिए कुछ और ही सोच रखा था। जो वीरभद्र छात्रों को इतिहास पढ़ाना चाहते थे, उन्होंने खुद इतिहास बना दिया। सबसे अधिक समय तक हिमाचल का सीएम रहना का रिकॉर्ड वीरभद्र सिंह के ही नाम है। वे करीब 22 वर्ष और कुल 6 बार हिमाचल के सीएम रहे है। श्री कृष्ण परिवार की 122 वीं पीढ़ी होने का दावा वीरभद्र सिंह का परिवार बागवान श्री कृष्ण के वंशज होने का दावा करता है। दरअसल,रामपुर बुशहर रियासत में एक स्थान आता है सराहन। राज परिवार का दावा है कि ये सराहन पहले सोनीपुर के नाम से जाना जाता था और भगवान् श्री कृष्ण के पुत्र प्रद्युमन की रियासत का हिस्सा था। वीरभद्र सिंह का विवाह दो बार हुआ। 20 साल की उम्र में जुब्बल की राजकुमारी रतन कुमारी से उनकी पहली शादी हुई। किन्तु कुछ वर्षों बाद ही रतन कुमारी का देहांत हो गया। इसके बाद 1985 में उन्होंने प्रतिभा सिंह से शादी की। प्रतिभा सिंह भी मंडी से सांसद रह चुकी है। वीरभद्र और प्रतिभा के पुत्र विक्रमादित्य सिंह भी वर्तमान में शिमला ग्रामीण से विधायक है।
फर्जी जाति प्रमाणपत्र मामले में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के पुत्र अमित जोगी की मुश्किलें बढ़ गई हैं। पुलिस ने मंगलवार को अमित जोगी को बिलासपुर स्थिति उनके आवास से गिरफ्तार कर लिया। अमित जोगी पर जन्म स्थान,जन्म तिथि और जाति के बारे में गलत जानकारी देने का आरोप है। अमित जोगी के खिलाफ इसी साल फरवरी में भारतीय दंड संहिता की धारा 420 के तहत मामला दर्ज किया गया था। सूत्रों की मानें तो अब उन्हें अदालत में पेश किया जाएगा। बता दें कि साल 2013 के विधानसभा चुनाव में मरवाही विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी रहीं समीरा पैकरा की शिकायत के मुताबिक, अमित जोगी ने शपथपत्र में अपना जन्मस्थान और जाति गलत जिसके बाद उनके खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया था।
अच्छे दिनों का ढिंढोरा पीटने वाली मोदी सरकार में पिछले 6 साल के दौरान वर्तमान में जी.डी.पी. दर 5 प्रतिशत कैसे पहुंच गई है। 4 लाख करोड़ का कर्जा लेने वाली केंद्र सरकार अब दोबारा 2 लाख करोड़ रुपए कर्ज लेने की तैयारी कर रही है। सरकार बताए कि इतने ज्यादा हालात कैसे खराब हो गए हैं। यह बात हिमाचल कांग्रेस सोशल मीडिया एवं आई.टी. विभाग के प्रभारी अभिषेक राणा ने जारी प्रैस विज्ञप्ति में कही। उन्होंने कहा कि केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा यह आंकड़े सार्वजनिक किए गए हैं। इसी को लेकर भाजपा नेता एवं राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने भी चिंता व्यक्त करते हुए नई आर्थिक नीति लागू करने की वकालत की है। हैरानी जताते हुए उन्होंने कहा कि फिर भी अर्थव्यवस्था को लेकर सरकार नहीं जाग रही है। उन्होंने कहा कि बड़ी कार निर्माता कंपनियां भारत में निवेश करने से कतराने लगी हैं। हीरो मोटर,टाटा स्टील्स,मारूति व महिंद्रा जैसे बहुराष्ट्रीय कंपनियों में प्रोडक्शन पर गहरी मार पड़ी है, तो रेलवे व बी.एस.एन.एल. में भूखे मरने की नौबत आन पड़ी है। ऐसे हालात कैसे बन गए हैं। अभिषेक राणा ने सेंटर फॉर मानीटरिंग इंडियन इकॉनोमी (सी.एम.आई.ई.) की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि सी.एम.आई.ई. के मुताबिक वर्ष 2018 में असंगठित क्षेत्र में 1 करोड़ से अधिक लोगों ने नौकरियां गंवाई हैं। कृषि व कृषि आधारित व्यवसाय पर सबसे अधिक मार पड़ी है। वाहन कलपुर्जा उद्योग विर्निमाताओं के अखिल भारतीय संगठन एक्मा ने जी.एस.टी. की दर एक समान 18 प्रतिशत करने की मांग उठाई है। अभिषेक राणा ने कहा कि कैग ने स्वयं माना है कि 2 साल भी जी.एस.टी. की खामियां दूर नहीं हो पाई हैं। नोटबंदी व जी.एस.टी. के कारण देश की आर्थिक हालात खराब हो चुकी हैं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के मीठे बोल की कीमत अब देश की जनता को भुगतनी पड़ रही है। जिससे देश पिछडने लगा है लेकिन अंधभक्ति में पड़े कुछ चाटुकारों को देशहित की बजाए केंद्र सरकार की झूठी वाहवाही करने से ही फुर्सत नहीं है। उन्होंने कहा कि उन्नाव प्रकरण में यू.पी.सरकार की जमकर फजीहत हुई है। तथा देश की सबसे बड़ी अदालत ने भी सरकार की खिंचाई की गई है। इसके बावजूद कानून व्यवस्था का बुरा हाल हो चुका है। उन्होंने कहा कि पूर्व कांग्रेस सरकारों में भी मंदी का दौर आया था लेकिन तत्कालीन सरकारों ने उस दौर में भी देश की अर्थ व्यवस्था को संभाले रखा।
किसी महानुभव ने कहा है कि विपक्ष को नसीहत देना सत्ता पक्ष का जन्मजात गुण होता हो और उसे न मानना ही विपक्ष को विपक्ष बनाता है। सही या गलत, पर भई हिंदुस्तान की राजनीति तो ऐसे ही चलती है। यहाँ विपक्ष का काम विरोध करना है और ये विरोध सिर्फ विरोध करने के लिए ही होता है, और सत्ता पक्ष अक्सर उन्हें बेवजह विरोध न करने की नसीहत देता है। पर बेचारा विपक्ष भी क्या करें, आखिर धरना-प्रदर्शन और सत्ता विरोधी स्वर उठाकर ही नेता का पोर्टफोलियो मजबूत जो होता है। पर लगता है अपनी दुर्गति से तंग आ चुकी कांग्रेस अब इस परिपाटी को बदलना चाहती है। पार्टी की हालत वैसे भी डायनासौर की आखिर पीढ़ी जैसी है, ऐसे में कोंग्रेसियों ने निर्णय लिया है कि विकास के लिए वे सत्ता के कंधे से कन्धा मिलाकर आगे बढ़ेंगे। देर आयद दुरुस्त आयद ! इस बदलाव के नायक हिमाचल के कांग्रेसी विधायक है और दिलचस्प बात ये है इसकी शुरुआत भी उन्होंने अपने घर से की है। जब जयराम सरकार विधानसभा सदस्यों के भत्ते और पेंशन संशोधन विधेयक, विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष वेतन संशोधन विधेयक और मंत्रियों के वेतन और भत्ता संशोधन विधेयक सदन में लाई, तो बेवजह गरजने वाले कांग्रेसी शेरों ने चू तक नहीं की।आवाज निकली जरूर पर ध्वनि मत से बिल पास करने के लिए और विधानसभा में मंत्रियों, विधायकों और पूर्व विधायकों के यात्रा भत्ता बढ़ाने को लेकर तीनों बिल फटाक से पास हो गए। पर एक आदमी इस बात को नहीं समझ रहा, पता नहीं क्यों हल्ला मचाया हुआ है ? ठियोग के विधायक राकेश सिंघा ने को पता नहीं आपत्ति क्यों है ? सिंघा को समझना चाहिए कि भई जनता के टैक्स से इन जनता के सेवकों के लिए इतना तो किया ही जा सकता है। खेर राकेश सिंघा कर भी क्या लेंगे ! अकेला चना भाड़ नहीं भोड़ता। कितना भी चिल्ला लो सिंघा महोदय पर अब इन जनसेवकों का यात्रा भत्ता मौजूदा 2.50 लाख रुपये वार्षिक से बढ़ाकर 4 लाख होने जा रहा है। इस व्यवस्था से राजकोष पर वार्षिक 2.20 करोड़ का अतिरिक्त भार जरूर पड़ेगा, पर आखिर जनता भी कोई फर्ज होता है !
पूर्व मंत्री व विधायक श्री नैना देवी जी विधानसभा क्षेत्र रामलाल ठाकुर ने शनिवार को विधानसभा में मुख्यमंत्री पर सदन को गुमराह करने का आरोप लगाया और कहां की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश में नेशनल हाईवे बनाने के कार्य को बंद करने के आदेश नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया को दे रहे हैं। वही सदन में मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि हिमाचल में नेशनल हाईवे बनाने का कार्य जोरों पर चला है। उन्होंने कहा कि वह मुख्यमंत्री को याद दिलाना चाहते हैं कि विधानसभा व देश की संसद लोकतंत्र का मंदिर होते है, तो कम से कम मंदिर में झूठ नहीं बोला जाता है। उन्होंने कहा जितने भी फोरलेन का काम हिमाचल प्रदेश में चल रहे है उनमें सेंट्रल डेविएशन की भारी कमी पाई जा रही है और जब भूमि अधिग्रहण हुआ तब भी यह अटैंडीफाई नहीं किया गया की रोड की सेंट्रल लाइन कौन होगी और कहां से होगी। इतने बड़े पैमाने पर किसानों की जमीनों को लेकर जो धांधलिया भूमि अधिग्रहण कार्यालय के माध्यम से की गई है उनकी भी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। रामलाल ठाकुर ने कहा कि जो कंपनियां फोरलेन का कार्य पूर्व में छोड़कर गई है उन्होंने पुराने ठेकेदारों के भुगतान नहीं किए। सिर्फ बिलासपुर में 40 से 42 करोड़ की देनदारी संभावित मानी जा रही है। अब जो नई कंपनी काम करने आ रही है वह पैसा कहां से लाएगी? इसका नेशनल हाईवे अथॉरिटी ने अभी तक कोई प्रावधान नहीं किया है।